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2019 में मोदी के खिलाफ 'संयुक्त नेतृत्व'विपक्ष के लिए अच्छा : डेरेक

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नई दिल्ली, 3 दिसम्बर, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन का कहना है कि विपक्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अगला लोकसभा चुनाव राष्ट्रपति चुनाव की तरफ नहीं लड़ना चाहिए।   उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को संयुक्त नेतृत्व के रूप में उभरकर आना चाहिए, क्योंकि संयुक्त व सामूहिक नेतृत्व ही प्रत्येक राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सभी पार्टियों को एकजुट कर उसे चुनौती दे सकता है। डेरेक ने तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी का संदर्भ देते हुए कहा कि बंगाल विपक्षी पार्टियों के 'सामूहिक नेतृत्व'बनने का सपना साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।  राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता ने कहा, "2019 में विपक्ष को एक रणनीति तैयार करनी होगी, जो सभी 29 राज्यों में उनकी क्षमता को मजबूत करेगी। मैं यह बात राजनीति के छात्र के रूप में कह रहा हूं। उदाहरण के लिए बंगाल में चुनाव लड़ने की बात होगी तो जाहिर है कि वह ममता दीदी पर आधारित होगा, क्योंकि वह बंगाल की राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं।"  डेरेक के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी दल को एक साथ लाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं। डेरेक ने कहा, "उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस है। इन तीनों को एकसाथ लाने के लिए सबसे विश्वसनीय शख्स कौन होगा? चूंकि कांग्रेस, सपा और बसपा दोनों ही प्रदेश की राजनीति के अलग-अलग खिलाड़ी हैं, ऐसे में इन्हें एकजुट करने का काम ममता दीदी बहुत ही अच्छे से कर सकती हैं। ये सभी ममता दीदी की बात सुनेंगे।"डेरेक ने कहा कि ममता बनर्जी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं हैं और उनके पास राजनीति में चार दशकों का अनुभव है।

डेरेक ने कहा, "उनके पास जन आंदोलन व संघर्षो का लंबा रिकॉर्ड है। यह केवल कोई पांच-छह सालों की घटना नहीं है, वह सालों तक राजनीति की धुंरधर रही हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेकिन सबसे जरूरी भूमिका सामूहिक नेतृत्व की ही होगी।"क्या ममता बनर्जी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार हो सकती है? डेरेक के कहा, "मैंने आपसे कहा है कि सामूहिक नेतृत्व ही प्रमुख है। बंगाल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, लेकिन मुझसे व्यक्ति विशेष के बारे न पूछें।"तृणमूल की कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को एकजुट करने की इच्छा जताते हुए डेरेक ने कहा कि टीएमसी कांग्रेस और दिल्ली की आम आदमी पार्टी के बीच एक पुल की भूमिका निभा सकती है और ठीक इसी तरह कांग्रेस पश्चिम बंगाल में टीएमसी और वामपंथी दलों के बीच मध्यस्थ का किरदार अदा कर सकती है। विपक्ष के प्रधानमंत्री पद को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त विपक्ष में से जिस पार्टी के पास संसद में सबसे अधिक सीटें होंगी, उसी पार्टी से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना जाएगा। डेरेक ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का हवाला दिया, जहां चुनाव पार्टी के किसी खास चेहरे पर केंद्रित होते हैं। उन्होंने कहा, "यह राष्ट्रपति चुनाव नहीं है। लोक सभा चुनाव को आखिरकार क्यों इस तरह देखा जा रहा है। यह चुनाव ट्रंप (2016 के राष्ट्रपति चुनाव के रिपल्बिकन उम्मीदवार) बनाम क्लिंटन (2016 के राष्ट्रपति चुनाव की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार) नहीं है।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की संभावना पर डेरेक कहते हैं, "फिलहाल ऐसा ही नजर आ रहा है। लेकिन यह अधिक आसान है कि मोदी को टक्कर देने के लिए प्रत्येक राज्य में एक मजबूत चेहरा खड़ा किया जाए।"उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पार्टी का अध्यक्ष बनेंगे और तृणमूल कांग्रेस उन्हें बहुत शुभकामनाएं देगी। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका सुझाव है कि मोदी के खिलाफ कोई भी एकल उम्मीदवार नहीं होना चाहिए? डेरेक ने कहा कि वह उन 18 पार्टियों के प्रवक्ता नहीं हैं, जो केंद्र सरकार के खिलाफ खुद को एकजुट कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी 29 राज्यों में विपक्ष को अपनी पूरी ताकत झोंकनी चाहिए। क्या विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है? इस पर डेरेक कहते हैं, "कौन कहता है कि विपक्ष के पास चेहरा नहीं है? कर्नाटक में सिद्धारमैया भाजपा के खिलाफ प्रमुख चेहरा बन सकते हैं।"राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बनाए जाने पर डेरेक ने कहा कि राहुल की पदोन्नति कांग्रेस का आंतरिक निर्णय है।

डेरेक कहते हैं, "मैंने जो कुछ देखा है वह मैं आपको राजनीति के छात्र के रूप में बता सकता हूं। अमेरिकी टाउनहॉल की बैठकों और गुजरात अभियान से पार्टी की गतिविधि में तेजी आई है। जाहिर है अगर वह इस गति को जारी रखते हैं तो विपक्ष के लिए अच्छा होगा। एक मजबूत कांग्रेस विपक्ष को मजबूत कर सकती है।"ममता बनर्जी जैसे नेताओं का कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कुछ खास तरह समन्वय है। इस पर डेरेक ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी को कुछ समय तो दीजिए।"उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए विपक्ष को मजबूत बनाने के लिए काम करेगी। पश्चिम बंगाल में सभी 42 लोकसभा सीटें जीतने को पार्टी का लक्ष्य बताते हुए डेरेक ने कहा, "दो कारणों से लोग हमारे लिए मतदान करेंगे और वह है विकास और सांप्रदायिक सौहार्द्र।"डेरेक कई किताबें लिख चुके हैं, लेकिन राजनीति पर आधारित उनकी पहली किताब 'इनसाइड पार्लियामेंट : व्यूज फ्रॉम द फ्रंट रो'पिछले सप्ताह रिलीज हुई है, जिसके एक अध्याय का नाम है 'बीजेपी इज बीटेबल इन 2019'। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल संसद के अंदर और बाहर समन्वय बना रहे हैं और वे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अच्छे उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा कर एक उदाहरण पेश कर चुके हैं।

कांग्रेस ने मनमोहन का सम्मान नहीं किया, अब इस्तेमाल कर रही : रिजीजू

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नई दिल्ली, 3 दिसम्बर, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने रविवार को आरोप लगाया कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब कांग्रेस ने उनका सम्मान नहीं किया, लेकिन अब गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राजनैतिक बयान जारी करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है।   गृह राज्य मंत्री ने ट्वीट किया, "कांग्रेस क्यों मनमोहन सिंह को राजनीतिक बयान देने के लिए मजबूर कर रही है? उन्होंने सभी भ्रष्टाचार उनके अधीन किए, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में कभी सम्मान नहीं दिया।"रिजीजू की यह प्रतिक्रिया मनमोहन द्वारा नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के एक दिन बाद आई है। सिंह ने शनिवार को सूरत में कहा था, "जीएसटी को बुरी तरह से डिजाइन किया गया और जल्दबाजी में लागू किया गया। नोटबंदी काला धन के खिलाफ बिना किसी तैयारी के छेड़ा गया अधकचरा युद्ध था, जहां उन्होंने (मोदी) हर किसी को चोर के रूप में चित्रित किया, जबकि असली अपराधी इससे अछूते रहे।" 14वें गुजरात विधानसभा के लिए मतदान नौ और 14 दिसंबर को होना है।

बुंदेलखंड से 10 हजार लोग अन्ना आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली जाएंगे

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खजुराहो (मध्य प्रदेश), 3 दिसंबर, मध्य प्रदेश के खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न संगठनों ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में हिस्सा लेने का ऐलान किया है।  अन्ना किसानों की समस्याओं और लोकपाल को कमजोर किए जाने के विरोध में 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठने वाले हैं। जल-जन जोड़ो द्वारा आयोजित सम्मेलन के दूसरे दिन पहले सत्र में विभिन्न समूहों द्वारा समस्याओं पर की गई चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष का ब्योरा दिया गया। इस मौके पर अन्ना ने वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बने लोकपाल कानून को मोदी सरकार ने और कमजोर करने का काम किया है। अन्ना ने कहा, "अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग आंदोलन करने से सरकारें मांगों को अनसुना कर देती हैं। इसलिए जरूरी हो गया है कि सभी मिलकर एक साथ आंदोलन करें।"उन्होंने कहा कि वह 23 मार्च से रामलीला मैदान में अनशन पर बैठ रहे हैं, और इस बार का आंदोलन वर्ष 2011 से ज्यादा समय तक चलेगा। वह आंदोलन 17 दिनों में पूरा हो गया था, अब हो सकता है कि इस बार आंदोलन 20 दिन से ज्यादा चले। इस मौके पर एकता परिषद के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अन्ना को भरोसा दिलाया कि उनके आंदोलन में 10 हजार से ज्यादा लोग इस इलाके से पहुंचेंगे। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा, "यह आंदोलन किसी सरकार के विरोध और किसी दल के समर्थन में नहीं है, बल्कि लोगों की समस्याओं को हल कराने के लिए हो रहा है। अन्ना एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं, सरकार को उनकी बात माननी होगी।"

हार्दिक का रोड शो, रूपाणी का शक्ति प्रदर्शन

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सूरत, 03 दिसंबर, गुजरात चुनाव में सत्तारूढ भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) नेता हार्दिक पटेल के आज सूरत शहर में अायोजित रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी और इस दौरान एक स्थान पर भाजपा का पोस्टर पास समर्थकों के फाड़े जाने पर स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। हार्दिक ने इस दौरान पत्रकारों से कहा कि लोगों में बहुत आक्रोश है। उन्हें उनके अधिकार चाहिए। इसीलिए उन्हें ऐसा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जीतेगी तो जरूर पाटीदारों को आरक्षण देगी। राहुल गांधी को हिन्दुस्तानी बताते हुए हार्दिक ने कहा कि उन्हें हिन्दू अथवा गैर हिन्दू का सर्टिफिकेट देने वाले कौन हैं। गुजरात की जनता इस बार सत्ता परिवर्तन जरूर करेगी।  मजे की बात यह रही कि भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस शहर के ही एक अन्य इलाके मजूरा में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी भाजपा प्रत्याशी हर्ष सांघवी के साथ एक रोड शो किया और इसमें भी खासी भीड़ जुटी। एक स्थान पर मुस्लिम महिलाओं के समूह ने भी श्री रूपाणी का अभिवादन किया। कतारगाम के हाथी मंदिर से शुरू हुए हार्दिक रोड शो में बड़ी संख्या में युवक दिखायी पड़े। इस दौरान सफेद टी शर्ट और जय सरदार, जय पाटीदार लिखी पीली गांधी टोपी पहने पास के कार्यकर्ताओं को बड़ा हुजूम भी इसमें मौजूद था। शहर के विभिन्न इलाके में करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय कर पाटीदार बहुल योगी चौक के निकट एक सभा के तौर पर समाप्त होने वाले इस रोड शो के लिए प्रशासन ने कल सशर्त मंजूरी दे दी थी। खुले वाहन में खड़े हार्दिक ने किसान बहुल पाटीदार समुदाय को रिझाने के लिए कुछ समय तक एक विशाल हल की प्रतिकृति भी ले रखी थी। हार्दिक के करीबी साथी तथा पास नेता दिनेश बांभणिया ने कहा कि उनका संगठन पाटीदारों पर हुए अन्याय तथा भाजपा के अहंकारपूर्ण बर्ताव के चलते लाेगों से इसके खिलाफ मतदान करने की अपील कर रहा है।  रोड शो के दौरान कतारगाम के भाजपा विधायक सह प्रत्याशी कुमार कानाणी के हीराबाग के चुनाव कार्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिस और भाजपा के कार्यकर्ता एहतियात के तौर पर तैनात थे। उधर शहर के मजूरा इलाके में सरगम शापिंग सेंटर से बंबागेट तक अपनी रोड शो के दौरान श्री रूपाणी ने पत्रकारों से कहा कि हार्दिक की आरक्षण के मुद्दे में अब कोई रूचि नहीं है। अपने ही समाज को धोखा देने वाले हार्दिक को पाटीदार समुदाय पहचान गया है। पाटीदार भाजपा के साथ हैं। हार्दिक के रोड शो में जहां जय सरदार जय पाटीदार के नारे लग रहे थे वहीं भाजपा के रोड शो सरदार लड़े थे गोरों से हम लड़ेंगे चोरों से का नारा लगा कर पास पर परोक्ष हमला किया जा रहा था।

श्रीलंका ने प्रदूषण के बहाने विराट को तिहरे शतक से रोका

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नयी दिल्ली, 03 दिसंबर, भारत और श्रीलंका के बीच यहां फिरोजशाह कोटला मैदान में दूसरे दिन रविवार को जहां भारतीय कप्तान विराट कोहली (243) का रिकॉर्डतोड़ छठा दोहरा शतक देखने को मिला तो वहीं श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने दूसरे सत्र में बार बार दिल्ली के प्रदूषण को लेकर आपत्ति उठाते हुए अचानक से विवाद पैदा कर दिया।  भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दूसरे सत्र में श्रीलंकाई खिलाड़ियों के प्रदूषण के कारण बार बार खेल रोके जाने से तंग आकर भारत की पहली पारी सात विकेेट पर 536 रन पर घोषित कर दी। श्रीलंका ने इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 44.3 ओवर में तीन विकेट पर 131 रन बना लिए हैं और वह अभी भारत के स्कोर से 405 रन पीछे है।  प्रदूषण की बात उठाकर दूसरे सत्र में तीन-चार बार खेल रूकवाने वाली श्रीलंकाई टीम को उसकी पारी की पहली ही गेंद पर झटका लगा जब दिमुथ करूणारत्ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए। पारी के छठे आेवर में इशांत शर्मा ने धनंजय डी सिल्वा (1) को पगबाधा कर दिया। श्रीलंका का दूसरा विकेट 14 के स्कोर गिर गया। दिलरुवान परेरा (42) और एंजेलो मैथ्यूज (नाबाद57) ने तीसरे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी की।  परेरा को लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने पगबाधा किया। मैथ्यूज ने इसके बाद कप्तान दिनेश चांडीमल के साथ शेष खेल सुरक्षित निकाल लिया। मैथ्यूज ने आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पर लगातार दो छक्के मारकर अपना अर्धशतक पूरा किया। विराट और शिखर धवन ने स्लीप में दो आसान कैच टपकाए वरना श्रीलंका की हालत और ज्यादा खराब हो सकती थी। स्टंप्स के समय मैथ्यूज आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 57 और चांडीमल तीन चौकों के सहारे 25 रन बनाकर क्रीज पर थे। दोनों ने चौथे विकेट की नाबाद साझेदारी में 56 रन जोड़ दिये।  मैच का दूसरा दिन बड़ा ही दिलचस्प रहा। पहले और आखिरी सत्र में प्रदूषण की कोई शिकायत नहीं हुई लेकिन दूसरे सत्र में सात श्रीलंकाई खिलाड़ी मास्क पहनकर मैदान में उतरे और उन्होंने तीन-चार बार प्रदूषण को लेकर अपनी परेशानी बताते हुए मैच रूकवाया। इसी चक्कर में भारतीय कप्तान विराट की एकाग्रता भंग हुई और वह 243 रन बनाकर पगबाधा हो गए। वरना वह जिस तरह से खेल रहे उससे अपना तिहरा शतक पूरा कर सकते थे।  विराट ने न केवल अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया बल्कि कोटला मैदान पर 62 साल पुराना न्यूजीलैंड के बर्ट सटक्लिफ का नाबाद 230 रन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। विराट ने भारतीय पारी घोषित करने के बाद चायकाल तक के खेल और दिन के बाकी खेल में यह साबित करने की कोशिश की कि प्रदूषण उतनी बड़ी समस्या नहीं है जितना कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने इसे बना दिया।  जो श्रीलंकाई खिलाड़ी क्षेत्ररक्षण करते समय बार बार हांफते नजर आ रहे थे वही खिलाड़ियों को बल्लेबाजी के समय कोई परेशानी नहीं हुई। विराट के तिहरे शतक के लिए मौजूद दर्शकों ने उनके आउट होने के बाद श्रीलंकाई खिलाड़ियों की काफी हूटिंग भी की।

निजी क्षेत्र, न्यायपालिका और पदोन्नति में वंचित वर्ग को मिले आरक्षण : रामविलास

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पटना 03 दिसंबर, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आज कहा कि निजी क्षेत्र के साथ ही न्यायपालिका एवं पदोन्नति में भी वंचित एवं पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाना चाहिए और इसके लिए उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेगी। श्री पासवान ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस तरह से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में वंचित एवं पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान है उसी तरह उन्हें निजी क्षेत्र एवं न्यायपालिका में भी आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में भी इस वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही इसकी पक्षधर रही है और इसके लिए प्रधानमंत्री को शीघ्र ही पत्र लिखा जायेगा। पार्टी की ओर से एक विशेषज्ञ कमेटी बनायी गयी है जो आरक्षण को लेकर एक प्रारूप तैयार कर रही है। प्रोन्नति में आरक्षण का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और इसमें काफी देर हो रही है इसलिए संविधान में संशोधन होना चाहिए।

बिहार में राजेंद्र प्रसाद मेधा छात्रवृत्ति शुरू : नीतीश

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पटना 03 दिसंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शिक्षा के प्रसार की गति और तेज करने तथा मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आज उन्हें चालू वित्त वर्ष से ही देशरत्न राजेंद्र प्रसाद मेधा छात्रवृत्ति दिये जाने की घोषणा की। श्री कुमार ने यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती को मेधा दिवस के रूप में मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, “आज जब मैं बच्चों को पुरस्कृत कर रहा था तभी एक छात्र ने मुझे कागज का टुकड़ा दिया, जिसे पढ़ने के बाद आज से ही यह फैसला लागू कर दिया कि श्री प्रसाद के नाम पर देशरत्न राजेंद्र प्रसाद मेधा छात्रवृत्ति शुरू की जायेगी।” उन्होंने कहा कि आज जो विद्यार्थी पुरस्कृत हुए हैं उनको वित्त वर्ष 2017-18 से ही इस छात्रवृत्ति का लाभ मिलने लगेगा। राज्य के छात्र-छात्राओं की मेधा ऐसे ही बढ़ती रहे। उन्होंने कहा कि देशभर में नौकरी या उत्कृष्ट संस्थानों में नामांकन के लिए परीक्षा हो, सबसे अधिक संख्या में बिहार के छात्र ही सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में उतना बेहतर काम नहीं हुआ है फिर भी बिहार में उत्कृष्ट मेधा है। विद्यार्थियों की मेधा और विकसित हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावियों को पुरस्कृत करने का काम तो पहले से ही किया जा रहा है। उन्होंने इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री राहत कोष से कराई थी लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति ठीक है और वर्ष 2010 से ही समिति के द्वारा मेधावी छात्रों को पुरस्कार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी तौर पर अनेक काम किये गए। 12.5 प्रतिशत बच्चे जो स्कूलों से बाहर रहते थे उनको लाने के लिए ध्यान केन्द्रित किया गया। उसके बाद मध्य विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए बालिका पोशाक योजना शुरू की गयी। वहीं, नौवीं कक्षा में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए साइकिल योजना शुरू की गयी। पहले नौवीं कक्षा में लड़कियों की उपस्थिति एक लाख 70 हजार थी जो अब बढ़कर नौ लाख से अधिक हो गयी है।

अयोध्या मामले से जुड़े दो मामलों की पांच दिसम्बर को सुनवाई

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नयी दिल्ली, 03 दिसम्बर, अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने की 26वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले यानी पांच दिसम्बर को उच्चतम न्यायालय इस संबंध में दो मामलों की सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की विशेष पीठ विवादित स्थल के मालिकाना हक के लिए जहां दीवानी अपील की सुनवाई करेगी, वहीं उसे 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने को लेकर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा शुरू करने के अनुरोध पर भी विचार करना है। दोनों याचिकाएं विशेष पीठ के समक्ष पांच दिसम्बर को अपराह्न दो बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। याचिकाकर्ता राणा संग्राम सिंह ने अपने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये याचिका दाखिल करके श्री यादव के 2014 में एक जनसभा में दिये गये भाषण को आधार बनाया है। यह याचिका न्यायालय में पहली बार पांच दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई है। दूसरी अपील इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के 30 सितम्बर 2010 के उस फैसले के खिलाफ दायर की गयी है, जिसमें अयोध्या की विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने नौ मई 2011 को लखनऊ पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी। राणा संग्राम सिंह की याचिका में कहा गया है कि छह फरवरी, 2014 को राज्य के मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में श्री यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोलियां चलाई थी। शीर्ष अदालत को इस कानूनी सवाल का निर्णय करना है कि क्या कोई मुख्यमंत्री भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे सकता है? अगर हां, तो किस कानूनी प्रावधान के तहत? क्या पुलिस को भीड़ पर गोली चलाने का अधिकार हैं?  गौरतलब है कि तीस अक्टूबर, 1990 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों कारसेवक जमा हुए थे। पुलिस ने निहत्थे कारसेवकों पर गोलियां चलाई थी, जिसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई थी।  याचिकाकर्ता ने लखनऊ पुलिस में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया था। बाद में याचिकाकर्ता ने लखनऊ की निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। निचली अदालत के बाद उन्हें लखनऊ उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली थी।

मोदी ने विरोध के लिए पत्र लिखने वाले ईसाई धर्मगुरू पर किया तंज

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अहमदाबाद, 03 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान ईसाई समुदाय को राष्ट्रवादी ताकतों को हराने के लिए पत्र जारी करने वाले गांधीनगर के आर्चबिशप फादर थॉमस मैक्वॉन का नाम लिये बिना आज इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। श्री मोदी ने यहां स्वामीनारायण संप्रदाय के जोगीस्वामी एसजीवीपी होलिस्टिक अस्पताल, जहां आयुर्वेद, एलोपैथी और योग तीनों के मिश्रण से इलाज होगा, के लोकार्पण के मौके पर अपने संबोधन में फादर मैक्वॉन का नाम लिये बिना कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज धर्मगुरू राष्ट्रभक्त लोगों के खिलाफ फतवा जारी कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी देशभक्ति के संस्कारों के चलते ही बिना धर्म जाति का भेदभाव देखे आतंकियों के चंगुल से दो ईसाई पादरियों को और इराक में आतंकियों के कब्जे में आयी ईसाई धर्मावलंबी नर्सो को बचा कर वापस उनके परिजनों तक पहुंचाया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के लोगों के ट्विटर पर आग्रह पर ही उन्हें इलाज के लिए वीजा दिला देती हैं। श्री मोदी ने ऐसे कई और उदाहरण भी दिये और कहा कि राष्ट्रभक्ति से धर्म, संप्रदाय, जाति और भाषा की संकीर्णता से ऊपर उठ कर अपने देश के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है। ज्ञातव्य है कि गुजरात में इसी माह हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले फादर मैक्वॉन का पत्र पिछले माह सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर उन्हें नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया गया था।

ओखी चक्रवात में 35 लोगों की मौत

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तिरुअनंतपुरम, 03 दिसंबर, केरल तथा तमिलनाडु में ओखी चक्रवात से अब तक 35 लोगों की मौत हो गयी है। केरल तट तथा कन्याकुमारी में गुरुवार को आये ओखी चक्रवात में एक सौ से अधिक मछुआरे लापता हो गये हैं। मरने वालों में केरल के 25 तथा तमिलनाडु के दस लोग हैं। चक्रवात में कई लोग घायल हुए हैं तथा करोड़ों रुपये की संपत्ति तथा फसलों को नुकसान पहुंचा है।  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कन्याकुमारी में प्रभावित इलाकों का दौरा किया तथा केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फांसो कन्नाथनम ने तिरुअनंतपुरम के तटीय इलाकों में दौरा किया तथा राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया।  वायु सेना, नौसेना तथा तटरक्षक बल लगातार राहत अभियान में जुटी है। इस अभियान के तहत 72 घंटे से फंसे 35 मछुआरों को बचाया गया है। दस जहाजों, तीन विमानों को तलाशी अभियान ने आज लगाया गया है।  केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन के साथ उच्चस्तरीय बैठक में बताया कि केंद्र राहत एवं बचाय कार्यो के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा, “ हम लोगों ने राहत एवं बचाव कार्यों को जारी रखा है क्योंकि केरल में अभी भी 92 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट है।”  मौसम विभाग के मुताबिक ओखी चक्रवात पिछले छह घंटे में 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण पूर्व अरब सागर से पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ रहा है और अभी यह दक्षिण-पूर्व तथा मध्य अरब सागर के पूर्व के आस-पास केंद्रित है।

भारत-ईरान-अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को दरकिनार किया

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तेहरान, 02 दिसंबर, ईरान के दक्षिण पूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह के प्रथम चरण के उद्घाटन के साथ भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान को दरकिनार करके ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए व्यापार के मार्ग को खाेलने में कामयाबी हासिल कर ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने केन्द्रीय जहाज़रानी राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन और अफगानिस्तान के वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री हुमायूं रासव की मौजूदगी में चाबहार बंदरगाह परियोजना के पहले चरण को शाहिद बेहेश्टी का उद्घाटन किया। भारत से अफगानिस्तान के लिए 15 हज़ार टन गेहूं की तीसरी खेप लेकर आये भारतीय पोत ने कल ही चाबहार के पास पहुंचकर लंगर डाल दिया था, जो आज बंदरगाह पहुंचा। इस मौके पर ईरान के परिवहन मंत्री अब्बास अखुंदी सहित तीनों देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों के अलावा क्षेत्र के अन्य देशों के मंत्री, राजदूत एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। श्री राधाकृष्णन ने चाबहार बंदरगाह विकास पर दूसरी भारत ईरान अफगानिस्तान मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया। पहली बैठक सितंबर 2016 में नयी दिल्ली में हुई थी। बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया, जिसमें तीनों पक्षों ने इस परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इसे जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प जताया। इस बंदरगाह का निर्माण भारत के सहयोग से किया गया है, जिसे बाद में भारत, ईरान एवं रूस की एक महत्वाकांक्षी साझी परियोजना अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) से जोड़ा जाएगा। 

इसे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन के निवेश से निर्माणाधीन ग्वादर बंदरगाह एवं चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की चुनौती से मुकाबले के लिए भी अहम् माना जा रहा है। पाकिस्तान ने ग्वादर बंदरगाह का संचालन चीन को सौंप दिया है जबकि ईरान ने चाबहार बंदरगाह का प्रबंध संचालन भारत को सौंपने का प्रस्ताव किया है।  गत अगस्त में ईरानी विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ ने नयी दिल्ली की यात्रा के दौरान भारत को चाबहार बंदरगाह के दूसरे चरण के निर्माण करने और पूरे बंदरगाह का प्रबंध संचालन सौंपने का प्रस्ताव किया था। भारत पहले ही चाबहार परियोजना में बंदरगाह पर एक कंटेनर टर्मिनल और दो बर्थों पर एक बहुउद्देश्यीय कार्गाे टर्मिनल बनाने का वादा कर चुका है। भारत ने ईरान के नये प्रस्ताव को बहुत आकर्षक और अत्यंत लाभकारी परियोजना के रूप में लिया है, जिस पर जल्द ही फैसला किया जाएगा। भारत और ईरान दोनों का मानना है कि चाबहार परियोजना से न केवल दोनों देशों, बल्कि अफगानिस्तान एवं समूचे मध्य एशियाई क्षेत्र को बड़े एवं दीर्घकालिक लाभ होंगे।

दल-बल के साथ कल नामांकन दायर करेंगे राहुल

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नयी दिल्ली 03 दिसम्बर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका समर्थन करने के लिए मौजूद रहेंगे। अध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हुई थी और अब तक किसी ने भी इस पद के लिए नामांकन पत्र दायर नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार श्री गांधी की उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन पत्रों के 75 से अधिक सेट दायर किये जायेंगे। इस दौरान कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित पार्टी के लगभग सभी बड़े नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है। नामांकन पत्रों की जांच पांच दिसंबर को होगी, जबकि 11 दिसंबर तक नाम वापस लिये जा सकते हैं। अगर जरूरी हुआ तो अध्यक्ष पद के चुनाव लिए 16 दिसंबर को मतदान होगा और 19 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज ही श्री गांधी के समर्थन में नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किये हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार कई अन्य राज्यों से भी श्री गांधी के समर्थन में नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये हैं।  पार्टी नेताओं का कहना है कि चुनाव में श्री गांधी एकमात्र उम्मीदवार होंगे इसलिए पांच दिसंबर को ही उन्हें पार्टी अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है। श्री गांधी को लंबे समय से पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने की जोर शोर से मांग की जाती रही है। उन्हें वर्ष 2013 में पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया था।  कांग्रेस कार्य समिति ने 20 नवंबर को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कार्यक्रम अनुमोदित किया था। श्रीमती सोनिया गांधी लगातार 19 वर्ष से पार्टी अध्यक्ष हैं। कांग्रेस कार्यसमिति कुछ माह पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर श्रीमती गांधी से अनुरोध कर चुकी है कि श्री गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपने पर विचार किया जाये।

राहुल के आरोप पर मोदी ने किया व्यंग्य

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राजकोट, 03 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से हाल में गुजरात की एक चुनावी रैली में उन पर अडानी समूह को 48 हजार करोड़ एकड़ यानी धरती के कुल क्षेत्रफल से तीन गुना जमीन दिये जाने के आरोप को लेकर ‘वामन अवतार’को याद करते हुए श्री गांधी पर हमला बोला। श्री मोदी ने यहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के चुनाव क्षेत्र राजकाेट पश्चिम में चुनावी सभा में कहा कि पूरी दुनिया में आज भारत का डंका बज रहा है। विश्व बैंक ने कारोबारी सहूलियत के मामले में भारत की स्थिति को 42 स्थान बेहतर कर दिया। साख निर्धारण संस्था मूडीज ने लंबे समय के बाद भारत की स्थिति को बेहतर बताया है पर कांग्रेस इस सब को झूठ साबित करने में जुटी थी। दो दिन पहले आये उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम ने उसके प्रयासों को नेस्तनाबूद कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उसकी ऐसी दुर्दशा क्यों हो गयी। हम जीत का रिकार्ड बना रहे हैं और यह पराजय का। यह सफेद झूठ बोल रही है। इसे कोई नहीं बचा सकता। इसके नेता (राहुल गांधी) ने हाल में ऐसा बयान दिया कि मुझे वामन भगवान की याद आ गयी जिन्होंने तीन डग में पूरी धरती नाप दी थी और लगा कि भारत के प्रधानमंत्री में भी इतनी ही ताकत है। कांग्रेस नेता ने भाषण किया कि मोदी ने एक उद्योगपति ने 48 हजार करोड एकड़ जमीन दे दिया जो असल में पृथ्वी के माप से तीन गुनी है। अब मुझे बताओ कि यह क्या बीमारी है। मै हंसू की रोऊं। इसमें कोई मनोवैज्ञानिक बात है। इसी पार्टी ने आज यह पोस्टर लगा दिया कि राजकोट से तीन तीन मुख्यमंत्री होने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं आया। अब इन्हें यही पता नहीं कि हवाई अड्डा केंद्र सरकार के अधिकार में आता है और दस साल तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।  ज्ञातव्य है कि श्री गांधी की हाल में थोड़े अंतराल पर गुजरात में दो चुनावी सभाओं में बेरोजगारी का आंकड़ा 50 लाख और 30 लाख बताने पर भी भाजपा ने खासी आलोचना की थी।

विशेष आलेख : क्रांति के साथ शांति के प्रवर्तक "अरविन्द"

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एक सार्थक प्रश्न कि क्या इंसान सामथ्र्यवान ही जन्म लेता है या उसे समाज और परिस्थितियां गढ़ती है? मनुष्य जीवन की उपलब्धि है चेतना, अपने अस्तित्व की पहचान। इसी आधार पर वस्तुपरकता से जीवन में आनन्द! यह बात छोटी-सी उम्र में महर्षि अरविन्द ने समझ ली थी। उनका व्यक्तित्व विरोधी युगलों से गुंथा हुआ व्यक्तित्व है। उनकी जीवन-गाथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय चेतना, दर्शन एवं अध्यात्म का एक अभिनव उन्मेष है। इतना लंबा व्यापक संघर्ष, इतना जन-जागरण का प्रयत्न, इतना पुरुषार्थ, इतना आध्यात्मिक विकास, इतना साहित्य-सृजन, इतने व्यक्तियों का निर्माण वस्तुतः ये सब अद्भुत हैं। उन्हें हम क्रांति के साथ शांति के प्रवर्तक कह सकते हैं। उनकी जीवन-गाथा आश्चर्यों की वर्णमाला से आलोकित एक महालेख है। उसे पढ़कर मनुष्य एक उच्छ्वास, नई प्रेरणा, राष्ट्रीयता और नई प्रकाश-शक्ति का अनुभव करता है। महर्षि श्री अरविन्द एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी, महान् स्वतंत्रता सेनानी, कवि, प्रकांड विद्वान, योगी और महान दार्शनिक थे। उन्होंने अपना जीवन भारत को आजादी दिलाने, नये मानव का निर्माण और पृथ्वी पर जीवन के विकास की दिशा में समर्पित कर दिया। उनका 15 अगस्त 1872 को कलकत्ता में जन्म हुआ। उनके पिता डॉक्टर कृष्णधन घोष उन्हें उच्च शिक्षा दिला कर उच्च सरकारी पद दिलाना चाहते थे, अतएव मात्र 7 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने इन्हें इंग्लैण्ड भेज दिया। उन्होंने केवल 18 वर्ष की आयु में ही आई० सी० एस० की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, ग्रीक एवं इटैलियन भाषाओं में भी निपुणता प्राप्त की थी। इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थों पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में दर्शन शास्त्र पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में हैं। वे कवि भी थे और गुरु भी।

अन्तर्जगत् में महर्षि श्री अरविन्द आत्मवान थे। आत्मा को समाहित कर वे आत्मवान् बने। जो आत्मवान् होता है, वही दूसरों का हृदय छू सकता है। उन्होंने जन-जन का मानस छुआ। प्रसन्न मन, सहज ऋजुता, सबके प्रति समभाव, आत्मीयता की तीव्र अनुभूति, राष्ट्रीयता एवं हिन्दुत्व का दर्शन, विशाल चिंतन, जातीय, प्रांतीय, साम्प्रदायिक और भाषाई विवादों से मुक्त-यह था उनका महान व्यक्तित्व, जो अदृश्य होकर भी समय-समय पर दृश्य बनता रहा। उन्होंने धर्म के शाश्वत सत्यों से युग को प्रभावित किया, इसलिए वे युगधर्म के व्याख्याता बन गए। उन्होंने नैतिक क्रांति एवं स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, इसलिए वे युगपुरुष और क्रांतिकारी कहलाए। वे संघर्षों की दीवारों को तोड़-तोड़ कर आगे बढ़े, इसलिए वे प्रगतिशील थे। सब वर्ग के लोगों ने उन्हें सुना, समझने का यत्न किया। वे सबके होकर ही सबके पास पहुंचे, इसलिए वे विशाल-दृष्टि थे। 

देशभक्ति से प्रेरित महर्षि श्री अरविन्द ने जानबूझ कर घुड़सवारी की परीक्षा देने से इनकार कर दिया और राष्ट्र-सेवा करने की ठान ली। इनकी प्रतिभा से बड़ौदा नरेश अत्यधिक प्रभावित थे अतः उन्होंने इन्हें अपनी रियासत में शिक्षाशास्त्री के रूप में नियुक्त कर लिया। बडौदा में ये प्राध्यापक, वाइस प्रिंसिपल, निजी सचिव आदि कार्य योग्यतापूर्वक करते रहे और इस दौरान हजारों छात्रों को चरित्रवान एवं देशभक्त बनाया। रियासत की सेना में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षण भी दिलाया था। हजारों युवकों को उन्होंने क्रान्ति की दीक्षा दी थी। पुरुषार्थ की इतिहास परम्परा में इतने बड़े पुरुषार्थी पुरुष का उदाहरण कम ही है, जो अपनी सुख-सुविधाओं को गौण मानकर जन-कल्याण के लिए जीवन जीए। लार्ड कर्जन के बंग-भंग की योजना रखने पर सारा देश तिलमिला उठा। बंगाल में इसके विरोध के लिये जब उग्र आन्दोलन हुआ तो अरविन्द ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। नेशनल लाॅ कॉलेज की स्थापना में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। मात्र 75 रुपये मासिक पर इन्होंने वहाँ अध्यापन-कार्य किया। पैसे की जरूरत होने के बावजूद उन्होंने कठिनाई का मार्ग चुना। उन्होंने किशोरगंज (वर्तमान में बंगलादेश में) में स्वदेशी आन्दोलन प्रारम्भ किया। अब वे केवल धोती, कुर्ता और चादर ही पहनते थे। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय विद्यालय से भी अलग होकर अग्निवर्षी पत्रिका वन्देमातरम् का प्रकाशन प्रारम्भ किया। ब्रिटिश सरकार इनके क्रन्तिकारी विचारों और कार्यों से अत्यधिक आतंकित थी अतः 2 मई 1908 को चालीस युवकों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इतिहास में इसे ‘अलीपुर षडयन्त्र केस’ के नाम से जानते है। उन्हें एक वर्ष तक अलीपुर जेल में कैद रखा गया। अलीपुर जेल में ही उन्हें हिन्दू धर्म एवं हिन्दू-राष्ट्र विषयक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति हुई। इस षड़यन्त्र में अरविन्द को शामिल करने के लिये सरकार की ओर से जो गवाह तैयार किया था उसकी एक दिन जेल में ही हत्या कर दी गयी। घोष के पक्ष में प्रसिद्ध बैरिस्टर चितरंजन दास ने मुकदमे की पैरवी की थी। उन्होने अपने प्रबल तर्कों के आधार पर अरविन्द को सारे अभियोगों से मुक्त घोषित करा दिया। इससे सम्बन्धित अदालती फैसला 6 मई 1909 को जनता के सामने आया। 30 मई 1909 को उत्तरपाड़ा में एक संवर्धन सभा की गयी वहाँ अरविन्द का एक प्रभावशाली व्याख्यान हुआ जो इतिहास में उत्तरपाड़ा अभिभाषण के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने अपने इस अभिभाषण में धर्म एवं राष्ट्र विषयक कारावास-अनुभूति का विशद विवेचन किया।

महर्षि श्री अरविन्द का प्रमुख साहित्यिक काम जीवन को सुन्दर बनाना था, सावित्री- उनके जीवन की अद्भुत एवं महान् रचना है। सावित्री एक महाकाव्य की कविता है जिसमे महाराष्ट्र को परिभाषित किया गया है, जहां उनके चरित्र को सम्पूर्ण योग करते हुए दर्शाया गया है। 1943 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए उनका नाम निर्देशित किया गया था और 1950 के शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए भी उनका नाम निर्देशित किया गया था। महात्मा गांधी के अहिंसा के तत्व का पालन करते हुए वे भारत में मानवी जीवन का विकास और लोगांे की आध्यात्मिकता को बदलना चाहते थे। 1900 के आसपास उन्होंने आध्यात्मिक जीवन एंव योगाभ्यास में भी रूचि लेना प्रारम्भ कर दिया था। राजनीति और भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन उस समय बड़ी निराशा व विषाद की स्थिति से गुजर रहा था इस कारण वे एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना चाहते थे जो उन्हें सहारा दें व उनका पथ प्रदर्शन करें। सन 1904 के आसपास उन्होंने विभिन्न धार्मिक गुरुओं एवम् समकालीन योगियों से संपर्क परामर्श किया जिनमें ब्रह्मानन्दजी, इन्द्रस्वरूपजी, माधवदासजी आदि थे। सन् 1893 से 1906 तक वे नौकरी, योग साधना, राजनीति -स्वतन्त्रता आन्दोलन तीनों कार्य करते रहें। सन 1906 से 1910 तक वे भारतीय राजनीति में सक्रिय रूप से भारतीय राष्ट्रीयता के नायक बनकर उभरें। सन् 1901 मे उनका विवाह रॉंची (बिहार) के निवासी श्री भूपालचन्द्र की सुपुत्री मृणालिनी देवी से हुआ। यद्यपि अपनी पत्नी के साथ श्री अरविन्द का व्यवहार सदैव प्रेम पूर्ण रहा, पर ऐसे असाधारण व्यक्तित्व वाले महापुरुष की सहधर्मिणी होने से उसे सांसारिक दृष्टि से कभी इच्छानुसार सुख की प्राप्ति नहीं हुई। प्रथम तो राजनीतिक जीवन की हलचल के कारण उसे पति के साथ रहने का अवसर ही कम मिल सका, फिर आर्थिक दृष्टि से भी श्री अरविन्द का जीवन जैसा सीधा-सादा था, उसमें उसे कभी वैभवपूर्ण जीवन के अनुभव करने का अवसर नहीं मिला, केवल जब तक वे बड़ोदा में रहे, वह कभी-कभी उनके साथ सुखपूर्वक रह सकी। फिर जब वे पांडिचेरी जाकर रहने लगे, तो उनकी बढी हुई  योग-साधना की दृष्टि से पत्नी का साथ रहना निरापद न था तो भी कर्तव्य-भावना से उसे पांडिचेरी आने को कह दिया। इसी दौरान 5 दिसंबर, 1950 को इन्फ्रलुऐंजा महामारी के आक्रमण से उनका देहावसान हो गया।
स्वतंत्रता संग्राम, योग, दर्शन, राष्ट्रीयता के अलावा अध्ययन, अध्यापन, स्वाध्याय और साहित्य-निर्माण- ये उनकी सहज प्रवृत्तियां थी, इसलिए वे जंगम विद्यापीठ थे। अनेक मानवीय अल्पताओं के होते हुए भी वे महान थे। उनकी गति महान लक्ष्य की ओर रही। वे अपने को सिद्ध नहीं मानते थे। उनमें साध्य के प्रति अनुराग था, साधना के प्रति आस्था थी और सिद्धि में विश्वास था। आस्था ने ही उन्हें विलक्षण बनाया। उनकी जीवन-कहानी आस्था की ही कहानी है। 
    



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(ललित गर्ग)
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उत्तरप्रदेश : छोटे चुनाव से बड़ा संदेश

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देश में जबसे नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तबसे राजनीति में एक परिवर्तन सा दिखाई दे रहा है. वह परिवर्तन किस प्रकार का है, वह तो हम आगे बात करेंगे, लेकिन उसका प्रभाव साढ़े तीन वर्ष बाद भी देश की राजनीति में दिखाई दे रहा है. उत्तरप्रदेश के लोकसभा के बाद विधानसभा और अब स्थानीय निकाय के चुनाव में भाजपा की अप्रत्याशित विजय ने यह तो प्रमाणित कर ही दिया है कि लोकसभा में उनकी विजय अल्पकालीन नहीं थी. उत्तरप्रदेश के स्थानीय निकाय के परिणामों ने यह भी साबित किया है कि भारतीय जनता पार्टी जमीनी स्तर पर जनता के दिलों को जीतने का काम किया है. अब तो यह भी कहा जाने लगा है कि भाजपा देश में एक मात्र राजनीतिक विकल्प के रुप में सामने आ रहा है. देश के अन्य राजनीतिक दलों के पास न तो जनता को प्रभावित करने वाली नीतियां हैं और न ही कोई स्पष्ट विचार संकल्पना. इसी के कारण ही विपक्षी राजनीतिक दल अपने प्रचार को केवल भाजपा के इर्द गिर्द ही रखते दिखाई दे रहे हैं. वर्तमान में देखा जाए तो हर राजनीतिक दल का चुनाव प्रचार केवल भाजपा और नरेन्द्र मोदी पर ही केन्द्रित  हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रचार में नरेन्द्र मोदी का नाम लिया जाता है तो विपक्षी दल भी विरोध के रुप में मोदी के नाम का सहारा लेते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो आज भारतीय जनता पार्टी को जन जन तक पहुंचाने के लिए विपक्षी दलों का भी बहुत बड़ा योगदान है. विपक्षी राजनीतिक दलों ने नोटबंदी के मुद्दे पर उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान मुंह की खाने के बाद भी कोई सबक नहीं लिया. नोटबंदी पर जनता की मुहर लगने के बाद विपक्षी दलों ने किसी प्रकार का कोई मंथन ही नहीं किया.

इसी के कारण एक बार फिर उत्तरप्रदेश में भाजपा के साथ जनमत दिखाई दिया. उत्तरप्रदेश के नगरनिगमों की बात की जाए तो राजनीतिक तौर बहुजन समाज पार्टी लोकसभा की हार को भूलकर आगे बढ़ती हुई दिखाई दी है. भले ही उसे मात्र दो नगर निगम मिले हैं, लेकिन कई स्थानों पर वह दूसरे स्थान पर रही है. लेकिन कांगे्रस और समाजवादी पार्टी को एक भी नगर निगम नहीं मिलना यही संकेत करता है कि आज इन दोनों दलों को फिर से गंभीरता पूर्वक विचार मंथन करना होगा. उत्तरप्रदेश के स्थानीय निकायों की जीत के साथ भाजपा का मनोबल तो बढ़ा ही है, साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक प्रभाव में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है. जहां पूर्व में योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ आशंकाएं जताई गर्इं, वह सब निरर्थक ही साबित होती हुई दिखाई दे रही है. इस चुनाव की सबसे खास बात यह भी है कि पूरे प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही संभाली थी. इस चुनाव से यह भी प्रमाणित हुआ है कि भाजपा के पास चुनाव जिताने के लिए और भी चेहरे हैं, जबकि अन्य राजनीतिक दलों का अध्ययन किया जाए तो वह सभी भाजपा से काफी पीछे ही दिखाई देते हैं. उत्तरप्रदेश में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले चार दल हैं. जिनमें भाजपा, कांगे्रस, सपा और बसपा हैं. भाजपा को छोड़कर सभी के पास प्रचार करने वाले प्रभावी नेताओं का अभाव ही दिखाई देता है.

कांगे्रस की खानदानी सीट का तमगा हासिल करने वाली सीट पर कांगे्रस चारों खाने चित हो गई. इससे यही संदेश जाता है कि अमेठी की जनता में कांगे्रस के प्रति लगाव लगभग समाप्त ही होता जा रहा है. यही हाल विधानसभा के चुनावों में भी दिखाई दिया. विधानसभा चुनावों में कांगे्रस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा. अमेठी की जनता के इस प्रकार के व्यवहार को देखते हुए ऐसा भी लगने लगा है कि अबकी बार राहुल गांधी के सामने भी बहुत बड़ी चुनौती स्थापित हो सकती है. उत्तरप्रदेश की जीत का संदेश गुजरात की जनता के पास भी गया होगा. इस चुनाव ने यह भी संकेत दिया है कि देश में भाजपा सरकार के पक्ष में वातावरण है और यह गुजरात में होगा. क्योंकि केन्द्र सरकार की योजनाएं केवल उत्तरप्रदेश के लिए ही नहीं थी, बल्कि गुजरात के लिए भी हैं. इसलिए स्वाभाविक रुप से यही कहना तर्कसंगत होगा कि गुजरात के चुनाव में विपक्षी दल कितना भी जोर लगा लें, भाजपा को पराजित करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन भी है. इसी प्रकार जिस प्रकार से अमेठी में कांगे्रस पराजित हुई है, उससे भी यही संदेश जाएगा कि राहुल गांधी अमेठी में कांगे्रस को जिता पाए तो गुजरात में कितना प्रभाव छोड़ पाएंगे. और फिर सबसे बड़ी बात यह भी है कि गुजरात में कांगे्रस के कार्यकर्ताओं के पास मनोबल की कमी है. उत्तरप्रदेश के परिणामों ने भी इस मनोबल को और कम किया होगा. जिसका सीधा प्रभाव कांगे्रस पर हो सकता है.

राजनीतिक दृष्टि से आंकलन किया जाए तो यह स्वाभाविक रुप से परिलक्षित होता है कि देश की राजनीति भाजपा का विजय रथ अभी भी सरपट दौड़ रहा है. और विपक्षी राजनीतिक दल सहारे की तलाश कर रहे हैं. उत्तरप्रदेश के स्थानीय निकाय परिणामों ने देश को बहुत बड़ा राजनीति संदेश दिया है. इसके अलावा गुजरात चुनाव में भी राजनीतिक चुनाव प्रचार का जो स्वरुप दिखाई दे रहा है, वह यह तो सिद्ध करता ही है कि आज पूरा देश राष्ट्रवादिता की तरफ अपने कदम बढ़ा चुका है. स्पष्ट रुप से कहा जाए तो हिन्दुत्व की चिन्ता सभी दल करने लगे हैं. जो कांगे्रस पहले हिन्दुत्व से दूर भागती थी, उसके नेता मंदिरों के चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि यह केवल राजनीति भर ही है, लेकिन आज पूरी राजनीति धु्रवीकरण के मुहाने पर खड़ी होती दिखाई दे रही है.



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सुरेश हिन्दुस्तानी
संपर्क : 09770015780

वाराणसी : मोदी-योगी के सपनों जैसा होगा काशी

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निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी के विकास का जो सपना देखा है उस पर जनता ने अपनी मुहर लगा दी है। केन्द्र व राज्य में अपनी सरकार होने के कारण नगर निगम के कामों में बदलाव दिखेगा। वैसे भी इस चुनाव में विकास का मुद्दा प्रभावी था। लोगों ने भाजपा पर विश्वास जताया है। लंबे समय बाद केन्द्र व प्रदेश के बाद शहर की सरकार भी अपनी होगी। विकास का जो सपना सीएम व पीएम ने देखा है वह पूरा होगा 
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महापौर पद पर निर्वाचित मृदुला जायसवाल काशीवासियों का दिल एवं विश्वास जीतने में सफल रही। वह बनारस नगर निगम में भाजपा की पांचवीं मेयर होंगी। करीब 86 हजार मतों से मिली जीत ने साबित कर दिया है कि काशी में केसरिया क्रेज बरकरार है। उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को पूरी होने की आशा किस कदर है, इसका अंदाजा इसी से बात से लगाया जा सकता है कि काशीवासियों ने उन्हें भारी अपना प्रथम नागरिक के रूप में चुना। मिनी सदन में पार्षदों की संख्या बढ़ना भी भाजपा के लिए सुखद संदेश है। पिछली बार भाजपा के पास 22 पार्षद थे। इस बार यह संख्या 37 हो गयी है। खास यह है कि पीएम संसदीय क्षेत्र के नाते नवनिर्वाचित मेयरों में मृदुला जायसवाल की पहचान सबसे विशिष्ठ होगी। लेकिन साथ ही उनके सामने शहरी समस्याओं से निपटने की चुनौती भी होगी क्योंकि अगला एक साल चुनावी होगा। उनको बुनियादी सुविधाओं के विकास पर ध्यान देना होगा। यह अलग बात है कि केन्द्र व राज्य में अपनी पार्टी की सरकार होने से नयी मेयर को काम करने में दिक्कत नहीं होगी और फंड भी मिलेगा। नवनिर्वाचित दुसरी महिला मेयर मृदुला जायसवाल का कहना है कि जनता ने मौका दिया है, इसलिए वह हमेशा सिर-आंखों पर रहेगी। सीनियर रिर्पोटर सुरेश गांधी से शहर की समस्याओं के बाबत पूछे गए सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए श्रीमती मृदुला ने कहा कि इस बार बनारस मेयर महिला आरक्षित होने से उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिला। पूरा शहर मेरे परिवार जैसा है। एक महिला जिस तरह से अपने घर को पूरी तरह से संभालकर रखती है और सबकी जरूरत के हिसाब से काम करती है, उसी तरह मैं शहर में काम करूंगी। उन्होंने जीत का श्रेय काशी की जनता, पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। कहा, केंद्र में मोदी सरकार और प्रदेश में योगी सरकार ने जनता के हित में जो फैसले लिये हैं, उनसे आम लोगों का पार्टी पर विश्वास बढ़ा है। मैं इस विश्वास को बनाये रखूंगी। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना उनका लक्ष्य होगा। इसकी शुरुआत वॉर्ड में मोहल्ला क्लीनिक खुलवाकर होगी। इसके साथ रोजाना एक गली में जाकर लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक करेंगी। 
आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?

सदन में महिला पार्षदों की भूमिका बढ़े। स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को बेहतर रैंक हासिल हो। प्रॉजेक्ट समय से पूरे हों। मोदी के सपनों या यूं कहे उनकी योजनाओं को वास्तविकता के धरातल पर लाना प्राथमिकता होंगी। काशी की प्राचीनता से छेड़छाड़ नहीं होगा। शहर का विकास युद्धस्तर पर कराया जायेगा। हम बेहतर काम करेंगे। को-ऑर्डिनेशन के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाएगी। मोदी एवं योगी के मुताबिक तमाम योजनाएं हैं, जिन्हें लागू किया जाना है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्ट्रीट लाइटों में एलईडी, गड्ढामुक्त सड़क समेत कई योजनाओं का प्रभावी असर दिखाई देगा। सफाई, ट्रैफिक व सड़क खास ध्यान देंगी। पहला अभियान इन्हीं पर चलाना है।

काशी को क्योटो कैसे बनायेंगी? 
‘काशी को काशी के पहचान एवं काशीवासियों की भावनाओं के मुताबिक विकास होगा। काशी की अपनी विरासत है, संस्कृति है जिसका संरक्षण हरहाल इमें किया जायेगा। आधारभूत एवं मूलभूत समस्याओं को ध्यान में रखते हुए काशी का विकास किया जायेगा। सड़कें क्यों खस्ताहाल हैं, जाम से आखिर कब छुटकारा मिलेगा, सीवर का मलजल सड़कों व गलियों में क्यों पसरा रहता है, स्ट्रीट लाइटें क्यों दिन में जलती और रात में टिमटिमा भी नहीं पातीं, नियमित सफाई क्यों नहीं हो पाती है, घाटों का जीर्णोद्धार क्यों नहीं हो पा रहा है, नगर निगम के दफ्तरों में बगैर लेन-देन के आम लोगों का काम क्यों नहीं होता, जैसे समस्याओं पर वह विशेष ध्यान देंगी। स्वच्छ काशी- सुंदर काशी, स्वच्छ प्रशासन आदि वादों को पूरा करेंगी।  74वां संशोधन लागू नहीं किया जा सका है। मेयर और कमजोर हो चुके हैं? मेयर सशक्त हों, इसके लिए क्या करेंगी?  हमारी पार्टी शुरू से ही नगर निगमों की स्वायत्तता की पक्षधर रही है। हम पार्टी के मंच पर इस मुद्दे को उठाएंगे, सरकार के सामने भी रखेंगे। संशोधन जल्द से जल्द लागू करवाएंगे। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से 54वां संविधान संशोधन लागू किए जाने की मांग करेंगी। अब हर जगह अपनी सरकार है। जनता के हित में जो भी उचित होगा उस पर पार्टी और सरकार काम करेगी। शपथ ग्रहण और सदन की तारीख पार्टी पदाधिकारियों से बातकर तय की जाएगी।  नगर निगम पर 25 वर्षों से भाजपा का कब्जा है, लेकिन लोगों का आरोप है कि प्रदर्शन खास नहीं रहा है।  भाजपा ने अच्छा काम नहीं किया होता तो जनता सिर-माथे पर क्यों बैठाती। पहले की सरकारों में मेयर नहीं मंत्री फैसले थोपते थे। अब सब जगह भाजपा की सत्ता है, इसलिए विकास तेजी से होगा। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए उन्होंने चुनौती के रुप में लिया है। अब वार्डवार समस्या निवारण शिविर लगाकर कार्य किए जाएंगे। अब तक हमारे पास नगर निगम तो रहता था लेकिन प्रदेश या केंद्र में सरकार नहीं होती थी। इस बार नीचे से उपर तक अपनी सरकार है तो बिना किसी विघ्न बाधा के विकास कार्य पूरे किए जा सकेंगे। इसके लिए निचले स्तर तक प्रतिनिधि जुटेंगे। 

पीएम के सफाई मिशन में नगर निगम फेल है। टॉप 10 में कैसे पहुंचेंगे? 
सफाई में हीला-हवाली नहीं चलेगी। बदलाव खुद ही दिख जाएगा। यह सही है कि अब तक शहर में सीवर प्रबंधन पर कोई कार्य नहीं किया, इसी वजह से सीवर सड़क पर बह रहा है। इस समस्या से जनता को निजात दिलवाना उनकी प्राथमिकता होगी। उधर कूड़ा निस्तारण को और बेहतर ढंग से धरातल पर उतारने की पुरजोर कोशिश होगी। इस संबंध में शपथ लेने के बाद बहुत जल्द ही अधिकारियों की बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। शहर को टॉप-10 में लाने के अभियान में पार्षदों की अहम भूमिका होगी। हर इलाके में साफ-सफाई करवाने के लिए पार्षदों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

पिछले 10 साल में सदन में ज्यादातर फैसले आम सहमति से होते थे। क्या इस परंपरा को कायम रखेंगी? 
पूर्व मेयर का सहयोग हमेशा मिलता रहेगा। हमारा तो नारा ही सबका साथ सबका विकास है। कोशिश रहेगी कि आम सहमति से ही सब फैसले हों। जनता को मूल सुविधाएं मिल सकें और प्राचीनता को बनाए रखते हुए विकास हो, इसपर ही जोर होगा। हम चाहते हैं कि सभी को साफ पानी मिले, साफ सड़कों पर लोग चलें और साफ हवा मिले, पूरा प्रयास होगा। उनका लक्ष्य महिलाओं की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने पर होगा। इसके अलावा छूटे क्षेत्रों में अधूरे विकास कार्य भी पूरे करवाने की पूरी कोशिश होगी। 
जीवन परिचय 
नाम: मृदुला जायसवाल। 
जन्मतिथि: 16.11.1978 
पति: राधाकृष्ण जायसवाल 
शैक्षिक योग्यता: एमएससी (रसायन शास्त्र) 
राजनीतिक पृष्ठभूमि: पूर्व सांसद स्व.शंकर प्रसाद जायसवाल की पुत्रवधू, विहिप की दुर्गावाहिनी की सदस्य व जिला उद्योग व्यापार मंडल की उपाध्यक्ष 
निवास: अंबालिकापुरी कॉलोनी, घंटी मिल काशी विद्यापीठ 

74वें संशोधन से पूरी व्यवस्था होंगी एक छतरी तले 
बेतरतीब होते शहरी विकास की असल दिक्कत यही है कि निर्माण और उनकी व्यवस्था के लिए अलग-अलग विभाग हैं। नई बस्तियों की प्लानिंग विकास, शहरी इलाकों की पूरी प्लानिंग और रखरखाव, भू-उपयोग की निगरानी, उन्हें बदलने का अधिकार और इमारतों का निर्माण, शहरी इलाकों में आर्थिक और सामाजिक विकास की नीति बनाना, सड़क और पुल का निर्माण और उनकी प्लानिंग, घरेलू, औद्योगिक और व्यापारिक इस्तेमाल के लिए जल आपूर्ति, जन स्वास्थ्य, स्वच्छता और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, अग्निशमन, शहरी वन क्षेत्रों का रख-रखाव, झुग्गी झोपड़ी का विकास, शहरी गरीबों के लिए योजनाएं, पार्क, गार्डन और खेल के मैदान समेत अन्य शहरी सुविधाओं पर पूरा कंट्रोल, सांस्कृतिक, शैक्षिक क्षेत्रों का विकास, श्मशान और कब्रिस्तान का विकास, कांजी हाउस बनवाना, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का लेखाजोखा रखना आदि प्रमुख हैं। 

शहर को संवारने के लिए योजनाएं चलेंगी
सफाई को लेकर शहर का मिजाज बदला है, लेकिन अभी इस पर मुहिम का रंग चढ़ाने की जरूरत है। आध्यत्मिक शहर में सफाई व्यवस्था को इसलिए भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि लाखों पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। खासकर धार्मिक और हेरिटेज स्थल हों तो निश्चित रुप से कोई बात बने। वैसे नई नगर सरकार के लिए कूड़ा प्रबंधन पर खास तौर पर ध्यान देने की जरुरत होगी। वैसे मुख्य मार्ग और घाटों में सफाई की स्थिति में पहले की अपेक्षा बदलाव आया है लेकिन अभी धार्मिक स्थलों पर और प्रयास करने की जरुरत है। 

पीएम व सीएम ने दी बधाई 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापौर बनने पर मृदुला जायसवाल को फोन करके बधाई दी। योगी ने फोन पर बधाई देते हुए शहर के विकास में राज्य सरकार से हर संभव सहयोग का वादा किया। कहा कि शहर के विकास का खाका नगर निगम खींचे। सरकार से जो मदद की जरूरत होगी, वह पूरी की जाएगी। 

शीघ्र होगा नई टीम का शपथ ग्रहण
नगर निगम की नई टीम भव्य समारोह में शपथ लेगी। निगम प्रशासन का अनुमान है कि अगले हफ्ते ही शपथ ग्रहण हो सकता है। वैसे इसके पहले निगम अफसरों को शासनादेश का इंतजार है। हालांकि तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शपथ ग्रहण के दौरान ही सदन की पहली बैठक की तारीख मुकर्रर हो जाएगी। निगम के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें मंडलायुक्त नवनिर्वाचित महापौर को शपथ दिलाएंगे। बाद में महापौर सभी वार्डो के नवनिर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलाने की प्रक्रिया पूरी करेंगी। संभावना जताई जा रही है कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के साथ केंद्र के भी कुछ मंत्री शामिल हो सकते हैं। बशर्ते, प्रदेश के सभी नगर निगमों के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख एक ही दिन न हो। 

उप समितियों का गठन 
नगर निगम चुनाव के बाद एक बार फिर लंबे समय से ठिठका विकास का पहिया घूमना शुरू होगा। सदन में नव निर्वाचित टीम पहुंचेगी। निर्वाचित सदस्यों एवं महापौर के शपथ ग्रहण के बाद सदन शुरु हो जाएगी। नगर निगम की नई टीम पहुंचने के साथ ही अब पार्षदों के साथ दस नामित पार्षदों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि इसके पूर्व 12 सदस्यों की एक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इस कार्यकारिणी के गठन के लिए इन्हीं पार्षदों की अहम भूमिका होगी। सदन को चलाने के लिए उप समितियों के गठन की भी एक अनिवार्य प्रक्रिया अपनानी होगी। इस प्रक्रिया में जलकल, सफाई, स्वास्थ्य समेत अनेक समितियों का गठन किया जाएगा। सदन के नियमों के अनुसार कोई भी प्रस्ताव सदन में तब चर्चा के लिए लाया जाता है, जब कार्यकारिणी उस प्रस्ताव पर पूर्व ही चर्चा कर चुकी हो। कार्यकारिणी की मुहर लगने के बाद उक्त प्रस्ताव को सदन में लाया जाता है। जब कि नगर निगम के सदन का मुख्य काम नीतियों को बनाने और उसको क्रियान्वयन की होती है। नीतिगत निर्णय लेने का काम सदन का होता है। बजट की स्वीकृति भी सदन का ही कार्य होता है। 






(सुरेश गांधी)

बिहार : सुनील महतो ने करके दिखाया

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मोकामा(पटना). वह 8 साल पहले शौचालय किया था निर्माण.उसका एक खंड वाला शौचालय है.मरांची में रहने वाले सुनील महतो और सारो देवी के 4 बच्चेे हैं.इस तरह परिवार में 6 सदस्य हैं. शौचालय के खंड 5 साल के बाद भरा और 14 सौ रू.देकर साफ कराया. जीवा संस्था से जुड़े डा.साकेत कुमार ने कहा कि 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को स्वच्छ भारत बनाना है.इसको लेकर शौचालय विहिन परिवारों में शौचालय निर्माण करवााना है. स्वच्छ भारत मिशन द्वारा प्रोत्साहन के तौर पर बतौर 12 हजार रू.दिया जा रहा है.इस बात की जानकारी लोगों को दी जा रही है. लोग मानकर चल रहे है कि शौचालय बना ही लिया जाये. जो शौचालय बन रहा है वह कम से कम   5  साल चलेगा.वह सुनील महतो जी करके दिखाया है.

बिहार : दाहिने पटना जिला है और बायीं और बेगूसराय

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  • पटना जिले में रहने वाले चाहते हैं विकास हो

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मोकामा(पटना).आजादी के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं कसहा दियारा ग्राम पंचायत केदियारावासी. सीएम के 7 निश्चय का ओर न शोर है.इसके कारण बेगूसराय और पटना के कोर पर रहने वाले दलित और पिछड़ी जाति के लोग बदहाल जिंदगी जीने को बाध्य हैं.दो जिलों  के बीच में अंतर करने को कहने पर लोगों का कहना है कि बेगूसराय जिला इज बेस्ट. पटना को बेस्ट करवाने में पंचायत की मुखिया नहीं वरण पंचायत समिति की सदस्य शैल देवी लगी हैं. जी हां रहते हैं पटना जिले में और पढ़ने जाते हैं बेगूसराय जिले में . बेगूसराय में गुलजार है और पटना जिले में अंधकार है. बेगूसराय में घर-घर शौचालय बना है.पटना में गड्डा खोंदकर 6 रिंग डालकर छोड़ दिया है. 1साल के बाद भी शौचालय निर्माण नहीं हुआ है. आदमी और जानवरों को गड्डे में गिरने से बचने के लिये खर-पुआल से ढंक दिये है. मौकामा प्रखंड के अंचलाधिकारी महोदय को 15 सितम्बर 2016 को आवेदन दिया गया.पंचायत समिति और कसहा दियारा के लोग और शिवनगर के लोग सर्वसम्मति से निर्णय लिये कि स्कूल का सृजन हो और स्कूल भवन बने. स्कूल की जमीन नया कसहा में है.खाता न०191/खेसरा न०18/599 है.एक एकड़ विकास के नाम पर कर दिया गया है. मौजा कसहा दियारा  तौजी नं.8084  खाता नं.191/  खेसरा नं.18/599 से 344 बीघा जमीन में  से 17 बीघा  94 डिसमिल पर को दिया गया है 598 व्यक्तियों को मोजा तहत दिया गया है जिसका दखल कब्जा है उसी पर स्कूल का  निर्माण करने की कृपा करें.पटना जिले वालों को बेगूसराय के स्कूलों नाम लिखवाना मुश्किल होता है. यहां की मंजू देवी, भोला निषाद,सुलेखा देवी आदि ने बीडीओ नीरज कुमार से आग्रह किया है कि विकास की गंगा बहाये.

बिहार : मोकामा प्रखंड के 15 पंचायतों में स्वच्छता अभियान खत्म

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  • ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस जीवा द्वारा मोकामा प्रखंड के 15 पंचायतों में स्वच्छता अभियान खत्म कर दिया है. 

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अगला चरण सीएम नीतीश कुमार के गृह स्थल नालंदा है. इस जिले के हरनौत और राजगीर प्रखंड में स्वच्छता अभियान चलाना है. इसके आलोक में स्वच्छता अभियान का उद्घाटन हरनौत प्रखंड से किया गया. इसका संचालन बीडीओ देवेद्र कुमार ने किया. जीवा की निदेशक कार्यक्रम  स्वामिनी आदित्यनंद सरस्वती, टॉयलेट यूर्निवर्सिटी के संस्थापक रवींद्र वोरा, हरनौथ प्रखंड की प्रखंड प्रमुख रेखा देवी, संत जोसेफ स्कूल की सिस्टर टेसी, अलेक्जांडर ऐश्वर्य, ऋतिक जी और बीडीओ देवेंद्र कुमार ने मिलकर स्वच्छता दीप को जलाकर स्वच्छता अभियान को शुरू किया.  ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस जीवा के द्वारा संचालित  वाश एण्ड व्हील अभियान से जुड़े  साकेत कुमार ने कहा कि बिहार के  नालंदा जिले में स्वच्छता क्रांति का अभियान संचालित है. बीडीओ देवेंद्र कुमार ने कहा कि 31 दिसम्बर 2017 तक नालंदा जिला ओडीएफ हो जाएगा. इसको त्वरित जानकारी देने जीवा की टीम  हरनौत पहुंच गयी है. रवींद्र वोरा ने कहा कि नालंदा जिले  दिसम्बर माह में ओडीएफ होगा तो जनवरी माह में जोरदार जश्न संदेश समारोह होगा जिससे शेष 37 जिले भी जल्द से जल्द ओडीएफ हो सके.  हरिजन सेवक संघ की ओर से शांति एवं सेवा के लिए दिया जाने वाला लाइफ टाइम महात्मा गांधी पीस एंड सर्विस पुरस्कार परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज और स्वामिनी  अदित्यनंद सरस्वती जी का प्रयास है कि भारत स्वच्छ भारत बन सके. मौके पर स्वामिनी अदित्यनंद ने कहा कि आज भी बच्चे पांच वसंत देख नहीं पाते. जल और मल से उत्पन्न बीमारियों से मर जाते है.इसके आलोक में शौचालय निर्माण करवाने पर बल दिया. मौके पर कठपुतली खेल दिखाया.रंजीत कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक दर्शनीय और  प्रशंसनीय रहा.प्रशंसा व्यक्त करने वालों में प्रदीप प्रियदर्शी,   मंजू डुंगडुंग, अवधेश कुमार वर्मा, पंकज कुमार पांडेय, उदय कुमार समेत साकेत सिंह, रंजीत कुमार सिंह, अरविंद कुमार, सुबोध कुमार, रामरूप मांझी आदि हैं।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 04 दिसंबर

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ग्रामीण मंडल किसान मोर्चे के पदाधिकारी व कार्यकारिणी घोषित

झाबुआ। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दौलत भावसार द्वारा किसान मोर्चे के जिलाध्यक्ष श्री छगनलाल जायसवाल से विचार विमर्श करने के बाद मदरानी मंडल के पदाधिकारी व कार्यकारिणी की घोशणा विधिवत रुप से आज कर दी है। किसान मोर्चे के मंडल मदरानी के पदाधिकारी व कार्यकारिणी इस प्रकार रहेगे, अध्यक्ष - श्री पांगला चारेल, उपाध्यक्ष - श्री बदिया बारीया, धारु भूरिया, कसना भूरिया, बच्चु निनामा, रणछोड बारीया, महामंत्री - श्री नटवरलाल गारी, जगु भुरिया, मंत्री - श्री मकन डामोर, भावसिंह भूरिया, हुका दाहमा, हुरसिंह गरवाल,नुरा बारिया, कोशाध्यक्ष - सुश्री रेषमा भूरिया, सदस्य - श्री अर्जुन कटारा, बाबु भूरिया, कल्ला गजिया मेडा, मोहन मैडा, जामु भूरिया, सोमेश भूरिया, नरसिंह खराडी, चंदुभाई माना, भारत गारी, पुनिया भूरिया, गोरसिंह डामोर, रालु सुरसिंग, धारु सुरसिंह,मुलिया परमार, रमीया मावी, मानसिंह पारगी, बसुभाई पारगी, रमसु परमार, रसीया डामोर, सांतु मुणिया, खीमा डामोर, रामा कटारा, राकु नरसिंह, रमेष डामोर, महिला सदस्य - तोला गालिया, होमली अपसिंह, बचुडी रमसु, नुरा खुषाल, कांता चारेल, उक्त जानकारी भाजपा किसान मोर्चा मिडिया प्रभारी आषिश षर्मा द्वारा हमारे प्रतिनिधि को दी गई।

विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर काॅलेज ग्राउण्ड पर हुआ निःशक्तजनों के खेलकूद एवं विकलांग पुनर्वास केन्द्र में हुआ सामथ्र्य एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
  • उत्साह और उमंग से दिव्यांगजनों ने भाग लिया

jhabua news
विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर के अवसर पर जिला स्तर पर कलेक्टर श्री आषीष सक्सैना के मार्गदर्शन में जिला स्तर पर विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर 2017 के अवसर आयोजन किया गया कार्यøम में अमिथि के रूप् में सम्मिकलत थे झाबुआ विधानसभा के लोकप्रिय विधायक शांतिलाल बिलवाल, जिलाध्यक्ष भाजपा दौलत भावसार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमति जमना भिड़े, महिला आयोग सखी श्रीमति अर्चना राठौर, उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं निःषक्तजन कल्याण श्री अषफाक अली सैयद । प्रातः 11 बजे से स्थानीय महाविद्यालय प्रांगण में खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें निःषक्तजनों में उत्साह देखा गया प्रातः से ही विभिन्न विकासखण्डों से निःशक्तजनों ने शासकीय महाविद्यालय खेल प्रांगण में आयोजित निःशक्तजनों के सामथ्र्य प्रदर्शन प्रतियोगिताओं में शामिल होकर आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं जलेबी दौड़, निम्बु दौड़, थैला रेस, चेयर रेस, 50 मीटर, 100 मीटर 200 मीटर दौड़ बैसाखी दौड़ गोला फेंक भाला फेंक, लम्बी एवं उॅची कूद में मुक बधिर, अस्थिबाधित दृष्टिबाधित, एवं मानसिक स्प से निःषक्तजन बड़ी संख्याॅं में महाविद्यालय प्रांगण में पहुॅचेे और बढ़ चढ़ कर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया । उपरान्त दोपहर 3.30 बजे से जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र कल्याणपुरा रोड़ रंगपुरा झाबुआ में जिला स्तरीय चित्रकला,एकल समूह गायन, एकल समूह नृत्य मोनोएक्टिंग ,इत्यादि ,का आयोजन किया गया जिसमें दिव्रूांग बच्चों ने बड़े उत्साह एवं उमंग से भग लिया और अपनी विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से अतिथियों व उपस्थित जनमानस को दाॅंतो तले अंगुलियाॅं दबाने पर मजबुर कर दिया । खेलकूद एवं सांस्कृतिक व सामथ्र्य प्रतियोगिता में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र में संचालित अनुभूति सी डब्ल्यू एसन छात्रावास के बालक-बालिका, श्रुति मूक बधिर संस्था अंतरवेलिया, आज़ाद विकलांग कल्याण समिति मेघनगर, समन्वय सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था झाबुआ, पेरेन्ट्स सोसायटी फाॅर वेल्फेयर आॅफ पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज़ शासकीय व अषासकीय विद्यालयों के निःषक्त छात्र-छात्राओं ने भाग लिया । उक्त समस्त प्रतियोगिताएॅ सम्पन्न करवाने हेतु सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने खेल शिक्षकों की प्राथमिकता से व्यवस्था की थी जिसमें कुलदीप धाबाई, ए एस खान योगेश गुप्ता और नरेष राजपुरोहित ने पुरे मनोयोग से समस्त प्रतियोगिताओं के लिए एक दिवस पूर्व विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के लिए मैदान बनाया, और जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र व सी डब्ल्यू एस एन छात्रावास में अरूण महाकुड मयूर  वैंषम्पायन, प्रवीण भाबोर, मुकेष बुन्देला, एलिजाबेथ रावत, सरिता डांेडियार, संगीता परमार, बी एल अहिर, रामसिंह मोहनिया, महेष देवदा की सहायता से खेलकूद प्रतियोगिताए सम्पन्न करवाई । साथ ही सर्व षिक्षा अभियान के जिला समन्वयक एल एन प्रजापति, खण्ड स्त्रोत समन्वयक झाबुआ मानसिंह हटीला, मनीष पंवार, दिलीप जोषी एम आर श्रीमति दीप्ती अग्रवाल, राजेष्वर शरणागत, दीपक साहु, मुबीन खान, सुभाष पाटीदार, इलियास खान एम एस डब्ल्यू विद्याार्थी बच्चुसिह भूरीया, दूलेसिंह मोरी, राकेष डामोर, हंसा भूरीया ने उपस्थित रहकर विषेष सहयोग प्रदान किया । उसके उपरान्त खेलकूद सामथ्र्य एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीस स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगी निःषक्तजनों को अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत किया गया, साथ ही अतिथियों ने बच्चें को आषिर्वाद स्वरूप् उद्बोधन दिया कहा कि नर सेवा नारायण सेवा का रूप है दिव्यांगजनों की सेवा में रत सेवक जनो का सौभाग्य है कि उन्हे इन दिव्य आत्माओं की सेवा करने का सौभग्य प्राप्त हुआ है और आपकी सेवा प्रत्यक्ष रूप से इन बच्चों की प्रस्तुतियों में दृष्टिगोचर हो रही है । बच्चों से पहले उनके षिक्षकों उनके अभिभावकों का   साधुवाद । इस हेतु जिले की समस्त जनपद मुख्यालयों से निःशक्तजनों के आवागमन की व्यवस्था हेतु खण्ड स्त्रोत समन्वयक, एवं जिला परियोजना समन्वयक सर्व षिक्षा अभियान एवं विकलांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं से इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सहयोग कर कार्यक्रम के सफल आयोजन में पूर्ण सहयोग किया । कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र सिंह राठौर व प्रवीण भाबोर ने एवं उपसंचालक सामाजिक न्याय सैयद अषफाक अली ने आभार माना ।

विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर हुआ अनुभूति छात्रावास एवं प्राथमिक षाला रंगपुरा के बालक-बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण

झाबुआ । विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर के अवसर पर जिला स्तर पर कलेक्टर श्री आषीष सक्सैना के मार्गदर्शन में जिला स्तर पर विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर 2017 के अवसर पर दो दिवसीय (दिनांक 3 व 4 दिसम्बर 2017) आयोजन किया गया । आयोजन के द्वितीय दिवस 4 दिसम्बर 2017 को प्रातः 10.30 बजे से निःषक्तजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें कुल 51 बाहरी निःषक्तजनों का परीक्षण कर उनके प्रमाण पत्र बनाये गये साथ ही अनुभूति सी डब्ल्यू एस एन छात्रावास एवं प्राथमिक शाला रंगपुरा केन्द्र के 68 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया षिविर में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन एवं नाक कान गला रोग विषेषज्ञ डाॅ आर एस प्रभाकर, डाॅ0 विजय सिंह निनामा अस्थिरोग विषेषज्ञ डाॅ जी एस आवासिया नेत्र रोग विशेषज्ञ, डाॅ आय एस चैहान बाल रोग विषेषज्ञ, ने निःषक्तजनों एवं छात्रावासी व शालेय बालक-बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवष्यकतानुसार परामर्ष प्रदान किया और जिला चिकित्सालय से आवष्यक दवाए प्राप्त करने हेतु उपस्थित स्टाफ एवं पालकों को निर्देषित किया । सिविल सर्जन एवं डाॅक्टर आर एस प्रभाकर ने उपस्थित निःषक्तजनों व बच्चों को नाक-कान व गला के असम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि शरीर के तीनों अंग एक दूसरे से मिले हुए है और इन पर शीघ्र ही इंन्फेषन होने की संभावना होती है उन्होने बच्चों को सर्दी से बचने के उपाय के बारे में बताया कि इन दिनों हमें अपने कान व शरीर उनी कपड़ो से ढॅंकना आवष्यक है जिससे शरीर व उक्त अंगों को संक्रमण से बचाया जा सके । डाॅ अवासिया ने बालक-बालिकाओं को आॅखों की देखभाल के प्रति आवष्यक जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि हमें हरी सब्जीयाॅ अपने भोजन में अवष्यक शामिल करना चाहिए । डाॅ निनामा ने बालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, हमें प्रतिदिन दूध व उससे बने हुए पदार्थो का सेवान करना चाहिए जिससे हमारी हड्डीया मजबुत हो । कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र व सी डब्ल्यू एस एन छात्रावास में अरूण महाकुड मयूर वैषंपायन, प्रवीण भाबोर, मनोज वसुनिया, सरिता डोडियार, संगीता परमार एलिजाबेथ रावत, जीवन परमार कसरा डोडवा, महेष देवदा धनसिंह कमलेष नायक, ने पूर्ण सहयोग प्रदान किया । कार्यक्रम का संचालन संस्था के मैनेजर शैलेन्द्र सिंह राठौर ने किया । अंत में प्रवीण भाबोर उपस्थित डाॅक्टर्स एवं स्टाफ का आभार माना ।

एकात्म यात्रा के लिए अपर कलेक्टर नोडल अधिकारी नियुक्त
    
झाबुआ । जिले मे आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए धातु संग्रहण और जन जागरण अभियान के लिए एकात्म यात्रा 2 से 4 जनवरी 2018 तक निकाली जाएगी। इसके लिए जिले के अपर कलेक्टर श्री एस.पी.एस.चैहान को कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। एकात्म यात्रा के दौरान ओंकारेष्वर में आदि शंकराचार्य की धातु की 108 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए धातु इकठ्ठा की जानी है। जागरूकता फैलाने के लिए निकाले जाने वाली इस यात्रा को एकात्म यात्रा नाम दिया गया है। यह यात्रा झाबुआ जिले में दिनांक 02 जनवरी 2018 को, जोबट अलिराजपुर से रानापुर होते हुए झाबुआ जिले में प्रवेष करेगी। यात्रा 04 जनवरी 2018 तक जिले में रहेगी। इसके संबंध में अधिकारियों को आवष्यक दायित्व भी सौंपे गए है। धातु पात्र में ग्राम की मिट्टी जनसंवाद स्तर पर ले जाए जाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक प्रतिनिधि नामांकित किया गया है। एकात्म यात्रा के लिए गठित जिला आयोजन समिति की बैठक 6 दिसम्बर को सायं 4 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे आयोजित की जाएगी।

किसान कपास में डेण्डू की तुडाई करे

झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि किसान रबी फसलों चना व सरसो के उपरी तने की कोपलो की हल्की तुडाई शीघ्रता से पूर्ण करे,ताकि अधिक शाखाए निकल सके और फसल का उत्पादन बडे। बीज व उर्वरक को मिश्रित कर बुआई नहीं करे। कपास की फसल में रसचूसक कीट के नियंत्रण के लिये इमिडाक्लोप्रिड या थायोमिथाक्सिन दवा 0.35-0.45 ग्राम/ली की दर से छिडकाव करे। कपास में डेण्डू खिलने की अवस्था को देखते हुए खेत की सफाई करे तथा कपास की चुनाई करे, अरहर की फसल में फूल व फली लगने की अवस्था को देखते हुए छेदक इल्ली की रोकथाम के लिए ट्रायजोफास दवा 2.0 मिली/ली का छिडकाव करे।

स्वच्छ भारत मिशन अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण जनवरी तक पूर्ण करे
  • कलेक्टर ने कहा ग्रामीणो को शौचालय का उपयोग करने के लिए समझाये

झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने आज स्वच्छ भारत मिशन अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए प्रेरको, सीईओ जनपद एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शौचालय निर्माण कार्य मे ग्रामीणो का सहयोग लेते हुए जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करवाने के लिए आर सेटी प्रशिक्षण केन्द्र पर आयोजित कार्यक्रम मे निर्देशित किया। कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कहा कि ग्रामीणो से चर्चा कर शौचालय का निर्माण एवं उपयोग करने के लिए समझाईश दे।
  ग्रामीणो को शौचालय का उपयोग करने के फायदे बताते हुए समझाये कि बाहर शौच करने जाने से जहरीले जानवरो के काटने का खतरा बना रहता है । वर्षा काल में बहुत परेशानी होती है एवं गाव के आसपास गंदगी बने रहने से डायरिया टायफाइड इत्यादि घातक बीमारियो हो सकती है। इसलिए आप लोग शौच के लिए शौचालय का ही उपयोग करे । शौचालय का उपयोग करने में आप कई बीमारियो से बचे रहेगे और बीमार होने के कारण दवाईयो एवं ईलाज पर होने वाला खर्च भी बचेगा । शौचालय के फायदे ही फायदे है नुकसान कुछ भी नही । अतः सभी ग्रामीण जन शौच के लिए शौचालय का उपयोग करे एवं अपने गाव को स्वच्छ बनाये तथा परिवार के सभी सदस्यो का मान बढाये 
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