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जब बेटियां आगे बढ़ती हैं तो देश आगे बढ़ता है : कोविंद

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आगरा 05 दिसम्बर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बेटियों को शिक्षित बनाने का आह्वान करते हुये कहा कि जब बेटियां आगे बढ़ेंगी तो देश आगे बढेगा। श्री कोविंद ने आज यहां डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 83वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। दीक्षांत समारोह में सबसे अधिक छात्राओं ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए। उन्होने कहा कि जब बेटियां आगे बढ़ती हैं तो देश आगे बढ़ता है। राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में कुल 80 मेधावी छात्र-छात्राओं को पदक दिये। रमा देवी मेडिकल कॉलेज की छात्रा अपर्णा को सर्वाधिक आठ गोल्ड मेडल मिले। पदक पाने वाले मेधावियों में 62 छात्राएं तथा 18 लड़के हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को बाबा साहिब के जीवन से प्रेरित होकर पढ़ना और आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने कहा कि भारत के इतिहास और विश्व पर्यटन में अपनी खास पहचान रखने वाले इस आगरा शहर में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। हम लोग सेवा करते हुए वह चाहे सामाजिक क्षेत्र हो या सार्वजवनिक जीवन हो, काम करते-करते काफी आगे निकले हैं। अभी जो आप सब की पीढ़ी है नवयुवकों और नवयुवतियों की पीढ़ी है।

कमजोर पड़ा ओखी, कल तक गुजरात पहुंचने की संभावना

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गांधीनगर/सूरत, 05 दिसंबर, दक्षिण भारत में व्यापक तबाही मचाने के बाद गुजरात की ओर बढ़ रहा समुद्री तूफान ओखी कमजोर होकर अब गहरे ‘निम्न दबाव के क्षेत्र’ (डीप डिप्रेशन) में बदल गया है और अब इसके संभवत: सामान्य निम्न दबाव के तौर पर कल गुजरात से गुजरने की संभावना है। इसके बावजूद राज्य तंत्र ने एहतियाती तौर पर इसके चलते किसी तरह के नुकसान की आशंका से निपटने के लिए व्यापक कदम उठाये हैं। राज्य आपात संचालन केंद्र से मिली सूचना के अनुसार शाम छह बजे जब ओखी सूरत तट से 310 किमी दक्षिण दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित था तभी यह तूफान की बजाय गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल गया इसके आगे बढने की गति 21 किमी प्रति घंटे से घट कर 15 किमी प्रति घंटा हो गयी है।  हालांकि इसके असर से राज्य के तटीय इलाकों में हो रही वर्षा के चलते सूरत समेत कई स्थानों पर स्कूलों में आज और कल छुट्टी की घोषणा कर दी गयी है। सूरत हवाई अड्डे से आने जाने वाली सभी नौ उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल सूरत के लिंबायत में प्रस्तावित चुनावी सभा को भी रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सूरत में डेरा डाल दिया है। वहां समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि 1600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। समुद्र में गयी लगभग सभी नौकाएं वापस लौट आयी हैं। उन्होंने भी तूफान के कमजोर पड़ जाने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं भी स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए हैं।

वैसे सेना, नौसेना, वायुसेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत प्रतिक्रिया बल यानी एसडीआरएफ तथा राज्य पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। अहमदाबाद मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने बताया कि दोपहर तक ओखी सूरत से दक्षिण दक्षिण पश्चिम में 350 किमी की दूरी पर था और 21 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ रहा था। गुजरात तट से टकराने तब तक इसके कमजोर पड़ कर सामान्य दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाने की संभावना है और हवा की रफ्तार घट कर 60 से 65 किमी प्रति घंटा या इससे भी कम रह जायेगी। उधर राज्य के मुख्य सचिव जे एन सिंह ने आज गांधीनगर के राज्य आपात संचालन केंद्र में एक बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद राजस्व विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 6 टीमे तैनात की गयी हैं जिनमें से 2 सूरत तथा नवसारी, भावनगर, अमरेली और वलसाड में एक एक हैं। समुद्र में गयी लगभग सभी 13 हजार नौकाएं वापस तटों पर आ गयी हैं। मूंगफली समेत अन्य कृषि उत्पाद को बचाने के लिए उपाय किये गये हैं। सूरत में तटवर्ती 145 गांवों में पुलिस तैनात कर दी गयी है। वहां स्कूलों में आज और कल छुट्टी भी घोषित कर दी गयी है। 13 लाख लोगों को एसएसएस अलर्ट भेजे गये हैं। 29 गांवों के लोगों को जरूरत पड़ने पर उन्हीं गांवों में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जायेगा। भरूच में सात हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। बारिश का जोर कल के बाद घट जाने की पूरी संभावना है। एहतियाती उपायो में कोई ढील नहीं दी जा रही है।

सूरत के कलेक्टर महेन्द्र पटेल ने तटीय क्षेत्राें में सरकारी क्षेत्र की ओएनजीसी समेत तेल, गैस और रासायनिक क्षेत्र की 11 कंपनियों समेत अन्य को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। समझा जाता है कि इनमें से पांच में 24 घंटे तक उत्पादन बंद रहेगा। उन्होंने बताया कि इनमें गैस के रिसाव और आग की आशंका को टालने के लिए विशेष निर्देश दिये गये हैं। ओएनजीसी के समुद्र के भीतर के काम को कुछ समय तक रोका जा सकता है। केरल से भटक कर इधर आयी 50 नौकाएं भी वेरावल तट पर हैं। उधर सौराष्ट्र में वेरावल तट के नजदीक कल रात वापस लौट रही एक नौका डूब गयी पर इसमें सवार 8 मछुआरों को बचा लिया गया। ओखी के प्रभाव से राज्य के सूरत, नवसारी, गिर सोमनाथ, भरूच, तापी, भावनगर, वलसाड समेत नौ तटीय जिलों के 85 तालुका में बरसात दर्ज की गयी इनमें से आज 52 तथा कल 33 में हुई थी। सर्वाधिक वर्षा 36 मिमी वलसाड के धर्मपुर में हुई है। मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात और तटीय सौराष्ट्र में आज कई स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की है। अहमदाबाद, पंचमहाल समेत कई गैर तटीय जिलों में भी बादल वाले मौसम और वर्षा का दौर जारी है। प्रत्येक तटीय जिले और तालुका में विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। ओखी के कारण गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों गत 22 अक्टूबर को शुरू हुई घोघा-दहेज रो रो फेरी सेवा (खंभात की खाड़ी में स्टीमर सेवा) तथा ओखा और तीर्थ स्थल बेट द्वारका के बीच चलने वाली नौकाओं को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। मौसम विभाग ने समुद्र के बहुत उथल पुथल भरा रहने तथा इसमे एक से दो मीटर तक ऊंची लहरे उठने की बात कही है।

उधर, ओखी के चलते मौसम में बदलाव के कारण दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव प्रचार भी प्रभावित हुआ है। इसके चलते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज होने तीन-तीन सभाएं, राजस्थान की मुख्यमंत्री विजयराजे सिंधिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सूरत की तथा कांग्रेस के राजबब्बर की जूनागढ़ की एक सभा समेत कई सभाएं रद्द की गयी हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अभिनेता सह सांसद परेश रावल की सभाएं भी रद्द की गयी है। खराब मौसम के चलते श्री गांधी का विमान भी आज कंडला की जगह भुज हवाई अड्डे पर उतरा। वह आज केवल एक ही सभा कर सके। उनके कल के कार्यक्रमों को भी एहतियाती तौर पर रद्द किया गया है। वह दौरा रद्द कर दिल्ली लौट गये। अब वह 8 दिसंबर से फिर 4 दिन के दौरे पर गुजरात आयेंगे। उधर श्री माेदी की कल सूरत की लिंबायत सभा को रद्द कर दिया गया है जबकि धंधुका, नेत्रंग और दाहोद की सभाओं को फिलहाल रद्द नहीं किया गया है। सूरत की सभा सात दिसंबर को हाेगी। गुजरात में पहले चरण में नौ दिसंबर को दक्षिणी और सौराष्ट्र क्षेत्र में ही चुनाव होना है। इसके लिए प्रचार की आखिरी तिथि सात दिसंबर तक ही है।

वित्त मंत्री की बजट पूर्व चर्चा शुरू

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नयी दिल्ली 05 दिसंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों से बातचीत के साथ बजट पूर्व चर्चा का दौर शुरू करते हुये आज कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि उत्पादों के विपणन और भंडारण सुविधाओं को बेहतर बनाने की जरूरत है। बजट से पहले वित्त मंत्री विभिन्न क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हैं और उन्हें विश्वास में लेते हैं। वे उनकी राय और शिकायतें सुनते हैं तथा उनकी उचित अपेक्षाओं को बजट में स्थान देने की कोशिश की जाती है। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट से पहले चर्चा की शुरुआत आज कृषि क्षेत्र के साथ हुई। श्री जेटली ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल करना चाहिये तथा कृषि प्रसंस्करण के दौरान पानी की बचत पर ध्यान दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण और विपणन की सुविधाओं में सुधार से किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा तथा वर्ष 2022 तक उनकी आय दुगुणी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। चर्चा के दौरान वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन पी. और शिव प्रताप शुक्ला, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, वित्त सचिव हसमुख अधिया, व्यय सचिव ए.एन. झा, वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, कृषि सचिव एस.के. पटनायक तथा कृषि और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। चर्चा में शामिल प्रतिनिधियों ने खेती के अलावा अन्य रोजगारों का सृजन कर जमीन पर बोझ कम करने की सलाह दी। उन्होंने पूरे देश के लिए ‘कृषि ऋण राहत पैकेज’ की भी माँग की और कहा कि इसका बोझ केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर उठाना चाहिये। उन्होंने सस्ते ऋण के लिए इन ऋण खातों को आधार से जोड़ने की भी सलाह दी।

कांग्रेस की कमान राहुल के हाथ, औपचारिक घोषणा बाकी

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नयी दिल्ली, 05 दिसम्बर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक तरह से निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुन लिए गए हैं और अब इसकी औपचारिक घोषणा का इंतजार है। अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्रों की जांच के बाद चुनाव अधिकारी एम रामचंद्रन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस पद के लिए कुल 89 नामांकन पत्र दाखिल किये गये और सभी वैध पाये गये हैं । ये सभी नामांकन पत्र श्री गांधी के पक्ष में हैं। कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है। श्री गांधी की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी अब मात्र औपचारिकता रह गयी है। उनके निर्विरोध चुने जाने की विधिवत घोषणा 11 दिसम्बर को किये जाने की उम्मीद है जो नाम वापसी का आखिरी दिन है। वह पिछले 19 वर्षों से अध्यक्ष पद संभाल रही अपनी मां सोनिया गांधी की जगह लेंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने की कल अंतिम तिथि थी और सभी नामांकन पत्र कल ही दाखिल किये गये। पार्टी चुनाव समिति की ओर से कल यह नहीं बताया गया था कि सभी नामांकन पत्र श्री गांधी की ओर से दाखिल किये गये हैं या किसी अन्य नेता ने भी पर्चा भरा है।

मधुबनी : जिला परिवहन विभाग की लालफीताशाही से माफिया मालामाल, सरकार कंगाल !

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मधुबनी के जिला परिवहन कार्यालय में सबकुछ ठीक नही चल रहा है । दरअसल यहां पदाधिकारी की मनमानी से सरकारी आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, कई ऐसे मामले हैं जिसपर अगर वरीय पदाधिकारी संज्ञान लें तो जिला परिवहन पदाधिकारी पे गाज गिड़नी तय है । 

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पहला मामला - मधुबनी से दिल्ली(आनंद विहार) के लिए मधुबनी से पांच बसें चलती है जो कि उत्तर प्रदेश सरकार से निबंधित है । ये बसें उत्तर प्रदेश से टूरिस्ट परमिट लेकर मधुबनी से आनंद विहार और आनंद विहार से मधुबनी के लिए यात्री सेवा चालू कर रखी है और इसके लिए बतौर भाड़ा प्रति सीट 1000 और प्रति स्लिपर 1500 रुपया लिया जा रहा है । ये गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है और इसकी ऑनलाईन बुकिंग भी होती है । जबकि परिवहन आयुक्त का बिहार के सभी परिवहन पदाधिकारियों को स्पष्ट आदेश है की दूसरे राज्यों से परमिट लेकर यात्री बस जो दूसरे राज्यों के लिए यात्री सेवा देती है ऐसी बसों के परिचालन पर रोक लगाए । इस सब बावजूद ये गोराखधंदा बदस्तूर जारी है और ऐसी बस सेवा का उद्घाटन भी एक केबिनेट मंत्री महोदय करते हैं ऐसे में स्पष्ट होता है कि इस मामले में परिवहन पदाधिकारी और रसूखदारों की मिलीभगत से सारा खेल चल रहा है ।

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दूसरा मामला - एक नामी परिवहन कंपनी "शाही तिरुपति"जो मधुबनी जिले के अलग-अलग इलाकों से दरभंगा,मुजफ्फरपुर और पटना के लिए यात्री बसें चलती है,दरअसल इस परिवहन कंपनी के एक दर्जन से जय बसें मधुबनी से यात्री सेवा देती पर मात्र 7 बसों को ही परमिट निर्गत है । चूंकि यह परिवहन कंपनी भी रसूखदार लोगों की है इसिलिए जिला परिवहन पदाधिकारी की मिलीभगत से लाखों का वारा न्यारा हो रहा है ।

तीसरा मामला - मधुबनी जिले में जितनी भी दो पहिया वाहन की एजेंसी/शोरूम है वो मोटरयान कानून को ताख पर रखकर मालवाहक वाहनों का स्वरूप बदलकर दो पहिया वाहनों को ढ़ोने काम करती है जो पूरी तरह गैरकानूनी है और ये सब परिवहन पदाधिकारी की मिलीभगत से हो रहा है ।

ये सारा खेल खुलेआम चल रहा है,ये तीन मामले तो सिर्फ बानगी है क्रमवार और भी मामलों से आप सब रूबरू होते रहेंगे !!

मधुबनी : गिलेशन के विलुप्त पोखर के लिए जागरूक हुए लोग, माफिया के खिलाफ होगा आन्दोलन

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मधुबनी, आज नगर के लोहापट्टी चूड़ी बाजार और गिलेशन बाजार के समाज की बैठक गिलेशन दुर्गा मंदिर में किया गया जिसमे सराय पोखड़ को बनाने और उसका सौन्द्रीयकरण करने का फैसला लिया गया नगर प्रशासन को 48 घँटे का वक्त दिया गया है अन्यथा नगर के समाज खुद पोखड़ खुदाई करना शुरू करेगा और पोखड़ को फिर से जीवंत किया जाएगा ! 12 कट्ठा 10 धुर 98 धुरकी में फैला ये सराय पोखड़ है जिसमे भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने की कोशिश किया जाता है गिलेशन बाजार के बीचोबीच ये पोखड़ है और ठीक इसी पोखड़ के सामने नगर विधायक का आवास भी है अभी इस पोखड़ मे गिलेशन बाजार की सड़ी सब्ज़ियों और मछलियों की खुलचा फेका जाता है !जिससे गन्दी बदबूदार महक आसपास के लोगो का जीना हराम किये हुए है ! उस गंदगी के वजह से वहाँ के बच्चों और बड़ो को एलर्जी और कई किस्म की बीमारी होती है अभी हाल ही में वहां के निवासी मुकेश पँजियार की बेटी को एलर्जी हुई थी जो एक हफ्ते DMCH में इलाज होने के बाद उसकी तबियत में सुधार आया था और ना जाने कितनी बीमारियों का ये फैक्ट्री बनती जा रही है जो जान माल की भरपूर नुकसान करती है ! आज वहाँ के समाज मे ये जागरूकता आयी कि उस कचड़े की डंपिंग को ही हटाकर उसे स्वच्छ सुंदर पोखड़ बनाया जाए जिससे पानी भी सुरक्षित होगी और पोखड़ भी वहाँ उपस्थित महिला वृद्ध ने बताया कि ये पोखड़ का इसलिए निर्माण किया गया कि गिलेशन बाजार में कहीं आगलगी जैसी घटना हो तो उस पोखड़ के पानी से बचाव कार्य किया जाएगा और उसमें मछली पालन भी होगा ! मिथिला स्टूडेंट यूनियन भी चाहती है कि वहाँ पोखड़ बने और मछली पालन भी हो जिससे पोखड़ बचाओ और पानी बचाओ जीवन बचाओ अभियान को सफलता मिलेगा आज के इस प्रेस कांफ्रेंस में विजय चौधरी अशोक साह मुकेश पँजियार नेता जी और सावन क्लब के सदस्य समेत नगर समाज मौजूद थे !

बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी का गोल्डन जुबली

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बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी का गोल्डन जुबली
पटना : आज राजधानी पटना में चहलपहल रही. ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करने वाले आर्क बिशप,बिशप,फादर,सिस्टर तथा लोग सेवा केंद्र,कुर्जी की तरफ आ रहे थे. इसका खास मकसद रहा. सूबे में भयंकर सूखाड़ के समय 1967 में बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी गठित की गयी. आज गोल्डन जुबली मनायी गयी.  इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर्क बिशप थेयोडोर मसकरेनस थे. मौके पर आर्क बिशप थेयोडोर मसकरेनस ने कहा कि आज 6 दिसम्बर है.संत निकोलस का पर्व है. इनको सांता क्लॉज भी कहा जाता है.गरीब बच्चों को उपहार दिया करते थे. उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी क्रिसमस के मौके पर  जिंगल्स बेल्स की आवाज के साथ हमें अपने प्यारे सांता क्लॉज का इंतजार किया. आखिर उत्तरी ध्रुव पर रहने वाले यह सांता क्लॉज कौन है? आइये जानें सांता क्लॉज के इतिहास के बारे में. सांता क्लॉज से जुड़ी किंवदंतियों का सच संत निकोलस नाम के एक दरियादिल व्यक्ति से जुड़ा है. संत निकोलस को सांता क्लॉज का जनक माना जाता है. इनका जन्म तीसरी सदी में ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद उस समय के ग्रीक और वर्तमान में तुर्की के दक्षिणी हिस्से में मायरा नामक स्थान पर हुआ था. वे एक अमीर परिवार से थे.  उनके माता-पिता की मृत्यु महामारी में हो गयी और वे बचपन में ही अनाथ हो गये. उनका प्रभु यीशु में गहरा विश्वास था. ईसा मसीह के जीवन और उनके उपदेशों से वे काफी प्रभावित थे. उनसे प्रेरणा लेते हुए उन्होंने अपना जीवन जरूरतमंदों और दुखी लोगों की सेवा में लगा दिया. वे अपनी नौजवानी में ही पादरी और बाद में बिशप बनें. बच्चों के लिए उनके मन में असीम प्यार था. अपने दयालु और हंसमुख मिजाज के कारण वे बच्चों में काफी लोकप्रिय थे. कहा जाता है कि एक बार एक व्यक्ति  को पैसे की कमी के कारण अपनी तीन बेटियों का विवाह करने में परेशानी आ रही थी.  स्थिति ऐसी थी कि उन लड़कियों को दासी के रूप में काम करने की नौबत आ गयी. तब निकोलस ने चुपके से उनकी तीनों बेटियों की सूखने के लिए डाले गये मोजे में सोने के सिक्कों की थैलियां रख दी. इस तरह उन्होंने उस परिवार को लाचारी की जिंदगी जीने से बचा लिया. तब से बच्चे क्रिससम की रात अपने मोजे को घर के बाहर लटकाने लगे.  

हंसमुख बुजुर्ग हैं सांता क्लॉज : आधुनिक सांता क्लॉज को सामने लाने का श्रेय क्लेमेंट क्लॉर्क मूर नामक व्यक्ति को जाता है. क्लेमेंट मूर बिशप समूह के मंत्री थे. सन 1822 में क्लेमेंट क्लार्क मूर ने अपनी तीन बेटियों के लिए क्रिसमस के अवसर पर एक कविता लिखी. अकाउंट ऑफ द विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस शीर्षक से लिखी गयी इस कविता में सांता की रूपरेखा खींची गयी. इस कविता में लाल परिधान में सफेद दाढ़ी वाले एक हंसमुख बुजुर्ग का चरित्र-चित्रण किया गया जो रेंडियर स्लेज पर सवार होता है और चिमनियों के रास्ते घरों में चुपके से आता है. दीवार पर टंगी जुराबों में बच्चों के लिए तोहफा डाल जाता है.  इस कविता के प्रकाशन के बाद सांता क्लॉज को पूरे अमेरिका में काफी प्रसिद्धि मिली. इसके बाद 1881 में जर्मन मूल के कार्टूनिस्ट थॉमस नेल ने मूर की कविता के आधार पर सांता क्लॉज की एक छवि तैयार की.  सांता क्लॉज के रूप में तैयार इस छवि का प्रकाशन हार्पर वीकली नामक पत्रिका में किया गया़  इसमें सांता क्लॉज को एक हंसमुख इंसान के रूप में दिखाया गया जिसकी बर्फ जैसी उजली दाढ़ी है और तोहफों से भरा बड़ा थैला रखता है. उन्होंने सांता को लाल रंग के फर वाले सूट में दिखाया जो नार्थ पोल में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं.  सांता क्लॉज के बिना क्रिसमस अधूरा : सांता क्लॉज से बिना क्रिसमस अधूरा है. निकोलस के डच नाम सिंटर क्लास ही बाद में सांता क्लॉज बन गया. ईसा मसीह के जन्म दिन पर वे सभी को खुश देखना चाहते थे. इसलिए वे लोगों को खुश करने के लिए उस दिन से पहले की रात में लोगों के घरों में चुपके से जाते और तोहफे रख आते. उनकी उदारता के कारण लोग उन्हें संत कहने लगे. उनकी मृत्यु के बाद ऐसे लोग जो दूसरों की जिंदगी में खुशी देखना चाहते थे, उनका वेश बदलकर सांता बनने लगे. धीरे-धीरे यह एक प्रथा बन गयी. छह दिसंबर को संत निकोलस  हमसे हमेशा के लिए विदा हो गये. उनके निधन के बाद फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों में इस दिन को  संत निकोलस डे के रूप में मनाया जाता है.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 06 दिसंबर

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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना : जगन्नाथपुरी, तिरूपति और पटना साहिब तीर्थ दर्शन हेतु रवाना होंगे  

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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत जिले के तीर्थ यात्री जगन्नाथपुरी के लिए दो जनवरी 2018 तिरूपति बालाजी के लिए 10 जनवरी को तथा पटना साहिब तीर्थ दर्शन के लिए 15 मार्च 2018 को रवाना होंगे। तीनो तीर्थ दर्शन के लिए पात्रताधारी अपने आवेदन पत्र नजदीक के नगरीय निकाय एवं जनपद कार्यालय में नियत तिथि तक जमा कर सकते है। विदिशा जिले के तीर्थ यात्री जगन्नाथपुरी तीर्थ दर्शन हेतु आवेदन पत्र 20 दिसम्बर 2017 तक, तिरूपति बालाजी तीर्थ दर्शन हेतु 27 दिसम्बर तक और पटना साहिब तीर्थ दर्शन हेतु आवेदन एक मार्च 2018 तक जमा कर सकते है।  मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजन के नोड्ल अधिकारी ने बताया कि जगन्नाथपुरी के लिए जिले से 204, तिरूपति बालाजी हेतु 215 तीर्थ यात्री और पटना साहिब के लिए आठ तीर्थ यात्री स्पेशल टेªन से नियत तिथि को रवाना होंगेे। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत किसी भी एक यात्रा का लाभ उठा चुके वे तीर्थ यात्री पुनः आवेदन प्रस्तुत ना करें। तीर्थ यात्रियों के लिए अपने आवेदन पत्र में समग्र आईडी एवं आधार कार्ड क्रमांक को अंकित करना होगा। संबंधित तीर्थ दर्शन के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होते है तो तीर्थ यात्रियों का चयन कम्प्यूटर रेण्डमाइजेशन प्रणाली से किया जाएगा।

सेवा पुस्तिका नियत अवधि में जमा नही करते है तो एफआईआर दर्ज कराएं 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीएल आर्य ने जिला मलेरिया अधिकारी को आदेशित किया है कि जिला मलेरिया कार्यालय से सेवानिवृत्त लेखापाल श्री ओमप्रकाश चतुर्वेदी को सात दिवस में स्वंय की सेवा पुस्तिका जमा कराने का नोटिस दें। नियत अवधि में संबंधित के द्वारा सेवा पुस्तिका जमा नही की जाती है तो उनके विरूद्व प्रथम सूचना प्रतिवेदन (एफआईआर) दर्ज कराने की कार्यवाही करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को अवगत कराएं। निर्देशो का पालन समयावधि में पूर्ण ना होने पर जिला मलेरिया अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। 

शुक्रवार को नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन

जिला परिवहन अधिकारी श्री बृजेश वर्मा ने बताया कि जिले में वाहन चालक, परिचालको के लिए निःशुल्क नेत्र परीक्षण हेतु विशेष शिविर का आयोजन आठ दिसम्बर शुक्रवार की प्रातः दस बजे से बस स्टेण्ड विदिशा के प्रागंण में आयोजित किया गया है। नेत्र शिविर में श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट आनंदपुर के सहयोग से आयोजित होने वाले उक्त शिविर का अधिक से अधिक लाभ वाहन चालक, परिचालकों से उठाने का आग्रह किया गया है। 

आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आर्थिक सहायता के प्रकरणों में पीड़ितों एवं उनके परिजनों को आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। सर्पदंश के दो प्रकरणों में मृत्यु उपरांत निकतटतम परिजनों को चार-चार लाख रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है उनमें नटेरन तहसील के ग्राम मरखेडा निवासी श्रीमती हल्कीबाई की मृत्यु उपरांत श्री बुदंेल सिंह दांगी को, ग्राम पड़रिया जागीर के अरूण की मृत्यु उपरांत मृतक के पिता श्री मटरू चिडार को मदद जारी की गई है। आकाशीय बिजली गिरने से शमशाबाद के ग्राम पीपलधार निवासी आशीष मालवीय की मृत्यु हो जाने पर मृतक के पिता श्री पप्पू मालवीय को चार लाख रूपए की तथा पानी में डूबने से कुरवाई तहसील के ग्राम इकौदा निवासी श्रीमती जहीन खानम की मृत्यु उपरांत मृतिका के पति श्री अब्दुल आमिर कुरैशी को चार लाख रूपए की तथा अज्ञात वाहन से सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने पर करैयाखेडा निवासी श्री दीपक यादव को साढे बारह हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है।

बिहार : भाजपा की सांप्रदायिक व नफरत की राजनीति को वामपंथ ही दे सकता है शिकस्त.

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  • डाॅ. अंबेडकर की पुण्यतिथि व बाबरी मस्जिद की शहादत की बरसी पर वाम दलों का कन्वेंशन संपन्न.
  • राजधानी पटना में निकाला गया शांति व सद्भावना मार्च.
  • 20 दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर होगा सांप्रदायिकता विरोधी संयुक्त मार्च.

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पटना 6 दिसंबर 2017, सांप्रदायिक उन्माद व उत्पात और जनाधिकारों पर बढ़ते हमले के खिलाफ बिहार के 6 वाम दलों का आज राज्यस्तरीय संयुक्त कन्वेंशन अवर अभियंता भवन में आयोजित किया गया, जिसमें सूबे से हजारों की संख्या में वामपंथी कार्यकर्ता शामिल हुए. कन्वेंशन का आयोजन सीपीआई, सीपीआई (एम), भाकपा-माले, एसयूसीआईसी, अखिल हिंद फारवर्ड ब्लाॅक व आरएसपी ने संयुक्त रूप से किया था. कन्वेंशन की समाप्ति के उपरांत फुलवारी सहित राज्य के विभिनन जिलों में संघ गिरोह द्वारा फैलाये जा रहे उन्माद-उत्पात के खिलाफ अवर अभियंता भवन से डाकबंगला चैराहा तक शांति व सद्भाव मार्च निकाला गया. इसके पूर्व इन तमाम वाम दलों के सचिवों के नेतृत्व में कन्वेंशन की शुरूआत हुई. अध्यक्षमंडल में सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, एसयूसीआईसी के राज्य सचिव अरूण कुमार व फारवर्ड ब्लाक के महासचिव अशोक प्रसाद शामिल थे. सबसे पहले अध्यक्षमंडल के सदस्यों ने संविधान निर्माता डाॅ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि किया और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया. तत्पश्चात सांप्रदायिक दंगों में अब तक मारे गये तमाम लोगों के प्रति एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी. वक्ताओं में भाकपा-माले के पूर्व सांसद व अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद, भाकपा के पूर्व सांसद व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री नागेन्द्र नाथ ओझा, सीपीआइ (एम) के राज्य सचिव मंडल सदस्य सर्वोदय शर्मा, फारवर्ड ब्लाक के राज्य सचिव टी एन आजाद, सीपीआई के राज्य सचिव मंडल सदस्य जब्बार आलम, भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन््रद झा, एसयूसीआईसी के राज्य सचिव अरूण कुमार, प्रख्यात अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर, आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पीएनपी पाल आदि शामिल थे. सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कन्वेंशन का आधार पत्र प्रस्तुत किया और धीरेन्द्र झा ने राजनीतिक प्रस्ताव का पाठ किया. इन नेताओं के अलावा कन्वेंशन में सीपीआई के रामबाबू कुमार, रामनरेश पांडेय, सुशीला सहाय, रामचंद्र महतो, जानकी पासवान; सीपीआई (एम) के अरूण कुमार मिश्रा, गणेश प्रसाद सिंह, मनोज चंद्रवंशी; भाकपा-माले के राजाराम सिंह, अमर, केडी यादव, राजाराम, रामजतन शर्मा, शशि यादव, रामबलि प्रसाद, अभ्युदय, मीना तिवारी; इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो. इकबालू जफर, प्रख्यात चिकित्सक डाॅ. अलीम अख्तर आदि उपस्थित थे. वक्ताओं ने कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा डाॅ. अंबेडकर हिंदू वादी ताकतों के पूरी तरह खिलाफ थे, लेकिन संघ गिरोह आज उन्हें भी हड़प लेने की कोशिश कर रहा है. संघ गिरोह न केवल अल्पसंख्यक समुदाय पर बल्कि दलितों-महिलाओं व समाज के प्रबुद्ध नागरिकों पर लगातार हमले कर रहा है. जिन ताकतों की उन्मादी भीड़ ने 1992 में बाबरी मस्जिद को ढाहकर संविधान व लोकतंत्र की हत्या की थी, उन्हीं ताकतों ने दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश जैसे अनेक तर्कवादियों, विद्वानों व पत्रकारों की हत्या की है. दादरी, ऊना, जयपुर, हरियाणा समेत पूरे देश में उन्मादी भीड़ आतंक बरपा रही है और उन्हें संघी-सरकारों के खुले संरक्षण प्राप्त हैं. उन्माद-उत्पात की अविवेकी हिंसक भीड़ को मोदी शासन से ऐसी संजीवनी मिली है कि वे शिक्षण संस्थानों, ज्ञान-विज्ञान के केंद्रों, साहित्य-संस्कृति, सिनेमा, सृजन व अभिव्यक्ति के सारे उपादानों पर हमले बोल रहे हैं और नाक-कान-हाथ काटने और जिंदा जलाने के फतवे जारी कर रहे हैं. नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से सांठ-गांठ कर महागठबंधन को मिले जनादेश के अपहरण के बाद सांपद्रायिक उन्माद-उत्पात की घटनाओं में बाढ़ सी आ गयी है. सत्ता अपहरण के चंद दिनों बाद ही बीफ के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले जगह-जगह शुरू हो गये.  आज जहां देश में एक ओर अरबपतियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, तो दूसरी ओर हंगर इंडेक्स में भारत निकृष्टम सौवंे पायदान पर है. सांप्रदायिक उन्माद और कारपोरेट गुलामी की भाजपाई राजनीति का मुकम्मल व सुसंगत जवाब वामपंथी आंदोलन की अग्रगति और मजबूती में निहित है. समय का तकाजा है कि वामपंथी आंदोलन को तेज करने में पूरी ताकत लगाई जाए. वर्गीय दावेदारी की राजनीति को मजबूत करते हुए ही सांप्रदायिक व कारपोरेटी एजेंडा को परास्त किया जा सकता है.

बिहार : वाम दलों के संयुक्त राज्यस्तरीय कन्वेंशन का प्रस्ताव

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 पटना, 6 दिसंबर 2017, राजधानीे पटना की नाक के ठीक नीचे फुलवारी शरीफ में पिछले 2 दिसंबर से सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बरकरार है. 2 दिसंबर को मोहम्मद साहब के जन्म दिन के मौके पर गोनपुरा से करीब 150 की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ईशोपुर मजार पर चादर चढ़ाने जा रहे थे. इसी बीच राय चैक के पास बजरंग दल के प्रखंड अध्यक्ष उदय यादव के पुत्र संजीव यादव के ग्रुप ने चादर चढ़ाने जा रहे लोगों के साथ बदतमीजी की और पेट्रोल छीड़ककर चादर जला दी. उसके बाद उन लोगों ने फायरिंग भी की, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोग बुरी तरह घायल हो गये. इतना कुछ होने के बाद पुलिस पहुंची, लेकिन उसने बलवाइयों को गिरफ्तार करने की कोई कोशिश नहीं की.  फुलवारी में आग लगाने के उपरांत बजरंग दल वाले छोटे-छोटे गु्रप बनाकर अगल-बगल के गांवों में उन्माद फैलाने लगे. गोनपुरा लहियारचक में मुस्लिम समुदाय के 10 से अधिक घरों को जला दिया. गाय को माता कहने वाले बजरंगियों ने गायों को भी घायल कर दिया. एक मोटरसाइकिल की दुकान में आग लगा दी. मो. लालू, मो. रफीक, मो. मोहइद्दीन, मो. मिनाज आदि के घरों मे ंलूटपाट की गयी. निहुरा में भी मुस्लिम समुदाय के घरों पर हमला किया गया और पूरे इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश की गयी. 3 दिसंबर को वाम दलों ने इस सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ शंाति व सद्भाव के लिए शांति मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उसपर रोक लगा दी. बलवाइयों को गिरफ्तार करने की बजाए प्रशासन ही उल्टे शांति मार्च निकालने में व्यस्त रहा. अभी भी पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बरकरार है और अल्पसंख्यक लोग भय के माहौल में जी रहे हैं. फुलवारी की घटना बिहार में भाजपा-संघ गिरोह द्वारा सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की लगातार चल रही साजिशों का जीता-जागता उदाहरण है. आरएसएस गिरोह के सामने नीतीश सरकार ने पूर्ण आत्मसमर्पण कर दिया है. यह कन्वेंशन नीतीश कुमार की इस समर्पणवादी राजनीति की कड़ी निंदा करता है. साथ ही, फुलवारी में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात फैलाने वालेे लोगों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग करता है.  यह कन्वेंशन तमाम प्रगतिशील, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष व अमनपसंद आवाम से सांप्रदायिक ताकतों की नफरत की सियासत को करारा जवाब देने तथा शांति व सद्भाव बनाए रखने की भी अपील करता है.

अनुकरणीय : मधुबनी में सामूहिक संस्कार कर कायम की नई मिशाल

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  • - पारंपरिक और धार्मिक रीति रिवाज से इतर एक साथ कई लोगों ने दी मुखाग्नि
  • - मुखाग्नि देने वालों में विभिन्न सम्प्रदाय के पुरूष और महिलाएं थी शामिल

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मधुबनी (राम शरण साह) रामपट्टी लोहिया कर्पूरी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर में समाजसेवी पंचदेव का सामुहिक रूप से अंतिम संस्कार कर लोगों ने नई मिशाल कायम की है। जात- पात और समुदाय से लेकर क्रियाकर्म में पुरुषों की एकाअधिकार सब मिथ्या साबित हो गया। रविवार दोपहर जब समाजसेवी पंचदेव के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी जा रही थी वह दृश्य बिल्कुल अद्भुत था। हिन्दु, मुसलमान, पुरुष और महिलाएं सब साथ मिलकर न केवल अर्थी को कंधा दिया। बल्कि एक साथ मिलकर मुखाग्नि भी दी। वैसे मधुबनी में कुछ वर्ष पूर्व हीरा देवी यादव के निधन पर सभी बच्चों ने एक साथ मुखाग्नि दी थी लेकिन यह घटना अपने आप में अलग है। अधिवक्ता दीनानाथ यादव बताते हैं कि जब जीवित होने पर सबका अधिकार सामान होता है तो मरने के बाद किसी का एकाधिकार क्यों। पंचदेव के मुखाग्नि में शामिल, रामेश्वर निशांत, उर्मिला देवी, भारत भूषण मंडल, देवनाथ देवन और मो. अजीज बताते हैं कि पंचदेव मानवता के पुजारी थे। वह जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे। उनपर सबका समान अधिकार था।

---सुप्रीम कोर्ट से पीआर बॉन्ड पर करायी थी सात मजदूरों की रिहाई 
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पंचदेव के निधन से उधवा मुसहरी में बिरानगी छाया है। 1985 में मधेपुर प्रखंड के सुंदर बिराजित गांव स्थित उधवा मुसहरी के सात मजदूर बनारस में एक ईंट भट्ठा में काम कर रहे थे। उसी क्रम में वहां दो गुटों की भिड़ंत में एक व्यक्ति की मौत हो गई। हत्या के आरोप में सभी सातों जगदीश सदाय, मुन्ना सदाय, योगेन्द्र सदाय, रामबहादुर सदाय, रामा सदाय, रामगुलाम सदाय एवं गंगा सदाय को वहां जेल में बंद कर दिया गया। पंचदेव के साथ रहे प्रियदर्शी ने बताया कि जब इसकी जानकारी पंचदेव को हुई तो वह इलाहाबाद हाईकोर्ट से सभी लोगों का जमानत कराया। लेकिन स्थानीय जमानतदार नहीं होने के कारण सातों की रिहाई नहीं हो सकी। तब पंचदेव सुप्रीम कोर्ट गये। वहां याचिका दाखिल कर कहा कि स्थानीय जमानतदार नहीं हो रहा है तो इसमें गरीबों की क्या कसूर है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय हैं । कोर्ट चाहे तो इनकी नागरिकता गिरबी रख लें लेकिन मजदूरों को आजाद कर दें। बाद में कोर्ट ने निजी मुचलका पर सभी को जेल से रिहा कर दिया। मुन्ना, रामबहादुर और योगेन्द्र सदाय आज भी जिंदा हैं। उन्होंने पंचदेव को मुखाग्नि भी दी।

मध्य प्रदेश : गेज कन्वर्शन के बाद रतलाम-इंदौर के बीच रेल यात्रियों की मुसीबते और बड़ी

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  • - यात्रियों को 8 डिब्बे की ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है 

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रतलाम। रतलाम से इंदौर के बीच का रेल यात्री इतना परेशान हो गया है कि उसकी गुहार कोई सुनने वाला नहीं। आठ डब्बे की गाड़ी डेमू के नाम से चलाई जा रही है, जिसमें भेड़-बकरी की तरह यात्रियों को यात्रा करने पर मजबूर किया जा रहा है और इस पर भी अब इस ट्रेन को अम्बेडकर नगर से भीलवाड़ा तक बड़ा दिया गया है। इस ट्रेन की स्थिति इतनी खराब है कि सवा सौ किलोमीटर की यात्रा तीन से साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा रही है, जबकि इस रूट पर अब 20-22 डिब्बे की ट्रेन चलाई जाना चाहिए और जहां 110 की स्पीड से गाड़ी चलाई जा रही है, ऐसे में इस ट्रेक पर मामा गाड़ी की तरह ट्रेन का संचालन कहां तक न्यायौचित है। अपडाउन करने वाले यात्री भी परेशान है। उन्हें समय पर गाड़ी उपलब्ध नहीं है। उन्हें डेढ़ से दो घंटे रेलवे स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ता है। रतलाम से 6 बजे चलने वाली गाड़ी करीब 8.30 बजे इंदौर पहुंच जाती है, जबकि अपडाउनर्स ने मांग की थी कि यह ट्रेन 7 से 8 के बीच चलाई जाना चाहिए और वापसी में यह ट्रेन इंदौर से शाम 6 से 7 के मध्य चले ताकि अपडाउन यात्रा  करने वाले यात्रियों और नौकरीपेशा लोगों को सुविधा हो सके। 

दूरी बड़ी लेकिन कोच नहीं 
अपडाउनर्स के प्रतिनिधि राहुल दुबे का कहना है कि डेली अपडाउन करने वाले यात्री रेल प्रशासन की अव्यवस्था को कोस रहे है। इंदौर से रतलाम की ओर अपडाउन वालों की समस्याओं का निराकरण मात्र 17 दिन मेें कर दिया गया, जबकि हमारे साथ यह सौतेला व्यवहार प्रतित हो रहा है, जो समझ से परे है। इसके अतिरिक्त इंदौर से जो रात्री में 8.15 बजे रतलाम ट्रेन आती थी उसे 8.10 किया गया। उसके बावजूद उसका रतलाम पहुंचने का समय 23.10 बजे है। 20 मिनिट अतिरिक्त समय बड़ा दिया गया जो अनावश्यक है। इस ट्रेन का गौतमपुरा में अनावश्यक लम्बा ठहराव दिया गया है।   डेमू ट्रेन कम दूरी के लिए चलाई जाती है,लेकिन इसे आठ डिब्बों के साथ भिलवाड़ा तक बढ़ाया जाना कहा तक उचित है। यदि इसे बढ़ाना ही था तो इसके कोचस में वृद्धि करना थी, साथ ही ट्रेन  की गति भी बढ़ाना थी।  आज के समय में लोग कम समय में गंतव्य तक पहुंचना चाहते है। रेलवे को चाहिए कि पूर्व की टे्रनों की खिंचतान की जगह अतिरिक्त ट्रेने चलाई जाए, जिससे जनसमस्या का निराकरण जमीनी स्तर तक हो सके। पूर्व में भी पश्चिम रेलवे मुख्यालय को पत्र लिखा गया था, जिसमें रतलाम प्रात: 6 बजे के पश्चात 7 से 8 के मध्य एवं इंदौर से रात्री 8.15 के पूर्व ट्रेन चलाने के लिए रेक उपलब्ध करवाने का आग्रह मुख्य यात्री परिचालन प्रबंधक से किया गया था, जिस पर उन्होंने लिखा था कि यह मामला रेलवे बोर्ड के अधिकार क्षेत्र का है। वहीं इस संबंध में निर्णय कर सकते है। 

गेज कन्वर्शन से यात्री ओर परेशान
आश्चर्य है कि मीटर गेज से ब्राडगेज का गेज कन्वर्शन हुए महिनों हो गए, लेकिन अभी तक इस ट्रेक पर यात्री सुविधा के नाम पर मात्र दो जोड़ी गाड़ी ही चल रही है, जिसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता, जबकि मीटरगेज के समय रेल यात्रियों को इंदौर आने-जाने में काफी सुविधा होती थी। यही स्थिति अजमेर तक के यात्रियों के लिए थी, लेकिन अब इस ट्रेक पर ट्रेन में यात्रा करना दुभर हो गया है। लगता है प्रभावित जनप्रतिनिधियों की बस मालिकों से सांठगांठ है, जिसके चलते ेवे इस ट्रेक पर अतिरिक्त ट्रेन चलाने में रूचि नहीं रखते। रतलाम से इंदौर यात्रा करने वाले यात्रियों को 125 से 220 रुपए तक का किराया अदा करना पड़ता है, जबकि ट्रेन में मात्र 30 रुपए लगते है। 

तेज गति की गाड़ी चलाई जाए
रेल प्रशासन को चाहिए कि नीमच से इंदौर नहीं तो कम से कम रतलाम से इंदौर के बीच तेज गति की एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाए, जो सवेरे रतलाम और इंदौर से चले और शाम को इंदौर से रतलाम के लिए चले। इससे व्यवसायिक राजधानी इंदौर जाने वालों को सुविधा हो सके। 

पोस्टकार्ड अभियान चलेगा यदि
रतलाम जागरूक मंच के अध्यक्ष शरद जोशी ने कहा कि यदि रेल प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो नीमच से लगाकर इंदौर तक के नागरिकों एवं पत्रकारों से आग्रह करके पोस्टकार्ड अभियान चलाकर रेल मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष तथा क्षेत्रीय सांसदों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।।

मधुबनी : अभाविप ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

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झंझारपुर/मधुबनी , आज दिनांक 6/दिसंबर को  बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के 62वीं पुण्यतिथि पर झंझारपुर अनुमण्डल परिसर में अवस्थित प्रतिमा पर अनुमंडलाधिकारी विमल कुमार मंडल तथा अभाविप के जिला संयोजक गीतेश झा ने माल्यार्पण कर बाबा साहब के भारत के प्रति अवदान पर चर्चा की तथा वहाँ मौजूद अभाविप के संघटकों को संबोधित किया मौके पर एसडीओ विमल कुमार मंडल,अभाविप के जिला संयोजक गीतेश झा,चेकितान कौण्डिन्य,जितेन्द्र कुमार राम,रंजन वर्णवाल, रंजन कुमार झा,रोहित आनन्द,धमेंद्र कुमार,आनंद झा,श्याम भजन कामत,रजनीश कुमार,संदीप विपुल,इत्यादि दर्जनों परिषद के कार्यकर्त्ता मौजूद थे।

मधुबनी : कल लगेगा रोजगार मेला

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मधुबनी , राज्य नियोजन एवं श्रम प्रशिक्षण विभाग के निर्देश पर कल जिले के वाटसन उच्च विद्यालय में जिला स्तर नियोजन सह मार्गदर्शन मेला का आयोजन किया जा रहा है. मेले में दसवीं, बारहवीं, आई टी आई पास एवं स्नातक उत्त्तीर्ण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलध होंगे. मेले में निजी क्षेत्र की कम्पनियां, विनिर्माण, कृषि विपणन, सुरक्षा, बीमा, एवं मार्केटिंग इत्यादी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी. मेले में सम्मिलित होने के लिए आवेदकों को आवेदन के साथ अपना बायोडाटा और दो प्रति फोटो, परिचय पत्र के साथ साथ अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र लाना होगा. रोजगार मेला साढ़े दस से शाम चार बजे तक रहेगा !!

मधुबनी : इप्टा के 75वें वर्ष के आलोक में आर के कालेज में नुक्कड़ नाटक

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मधुबनी, आज भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) मधुबनी द्वारा राष्ट्रीय इप्टा के 75वें वर्ष के आलोक में "आवाज़ दो....भोगेन्द्र झा रंगभूमि नाट्य जमघट-2017"कार्यक्रम की शुरुआत रामकृष्ण महाविद्यालय से की गई। इसके अंतर्गत 06 दिसम्बर से 10 दिसंबर तक शहर के विभिन्न स्थलों पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की जाएगी । इसका उद्घाटन रामकृष्ण महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा किया गया। उद्घाटन के पश्चात रामकृष्ण महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक लोकगीत की भी प्रस्तुति दी गयी। उसके बाद मधुबनी इप्टा इकाई द्वारा 'महाभारत एक्सटेंशन'नाटक की प्रस्तुति दी गयी। इस अवसर पर बिहार इप्टा के राज्यसचिव इंद्र भूषण रमण बमबम, मैथिली सिने अभिनेता अनिल मिश्रा, मधुबनी इकाई सचिव श्रीप्रसाद दस,प्राध्यापक डॉ राहुल मनहर, डॉ कंकाभ,  कौशल नायक, साक्षी, अभिषेक, रमेश, पंचम, प्रभात, अर्जुन, रंजीत, मिथिलेश, रौशन आदि उपस्थित थे।

रिजर्व बैंक के बयान के बाद सेंसेक्स 205 अंक टूटा

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मुंबई 07 दिसंबर, रिजर्व बैंक (आरबीआई) के महँगाई बढ़ने की आशंका जताने और वैश्विक स्तर से मिले नकारात्मक संकेतों से आज घरेलू शेयर बाजारों में चौतरफा बिकवाली रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 205.26 अंक लुढ़ककर डेढ़ महीने के निचले स्तर 32,597.18 अंक पर आ गया।  नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 74.15 अंक टूटकर करीब दो महीने के निचले स्तर 10,044.10 अंक पर आ गया। लागातार सात कारोबारी दिवसों में से छह में शेयर बाजार लुढ़का है।  रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पाँचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में उम्मीद के अनुरूप ब्याज दरें यथावत रखी हैं। लेकिन, उसने आने वाले समय में महँगाई का दबाव बढ़ने का भी पूर्वानुमान जताया है। वैश्विक दबाव में बाजार पहले से ही लाल निशान में था। रिजर्व बैंक की नीति जारी होने के बाद इसकी गिरावट और बढ़ गयी। चौतरफा बिकवाली के बीच मझौली और छोटी कंपनियों में भी गिरावट रही। बीएसई का मिडकैप 0.89 प्रतिशत लुढ़ककर 16,662.88 अंक पर आ गया। स्मॉलकैप 0.66 प्रतिशत की गिरावट में 17,800.83 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,799 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें 1,644 में बिकवाली और 978 में लिवाली का जोर रहा जबकि 177 के शेयरों के भाव अपरिवर्तित बंद हुये। सेंसेक्स 3.94 अंक की गिरावट के साथ 32,798.50 अंक पर खुला। शुरुआती कारोबार में 32,804.75 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुँचने के बाद इसमें लगातार गिरावट देखी गयी। मौद्रिक नीति बयान जारी होने से पहले इसकी गिरावट करीब सवा सौ अंक के आसपास थी। बयान जारी होने के बाद यह 32,565.16 अंक के दिवस के निचले स्तर तक उतर गया। कारोबार की समाप्ति पर यह गत दिवस के मुकाबले 0.63 प्रतिशत यानी 205.26 अंक लुढ़ककर 32,597.18 अंक पर बंद हुआ जो 23 अक्टूबर के बाद का इसका निचला स्तर है। आईटी, टेक और एनर्जी समूह को छोड़कर अन्य में गिरावट रही। धातु समूह में सबसे ज्यादा दो प्रतिशत की गिरावट रही। सेंसेक्स की कंपनियों में सनफार्मा और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर सर्वाधिक दो प्रतिशत से ज्यादा टूटे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा करीब पौने दो प्रतिशत की तेजी रही।

कृतज्ञ राष्ट्र ने डा. अंबेडकर को किया याद

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नयी दिल्ली 06 दिसंबर, कृतज्ञ राष्ट्र ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवायी में संविधान निर्माता बाबा सहेब भीमराव अंबेडकर को आज उनके 62वें महापरिनिर्वाण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह संसद भवन परिसर में डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरै, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, राज्य मंत्री रामदास आठवले, कई अन्य मंत्रियों, सांसदों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी सामाजिक न्याय के पुरोधा रहे डा. अंबेडकर को पुष्प अर्पित कर याद किया।  देश भर में उनकी स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया जा रहा है।  चौदह अप्रैल 1891 को जन्मे डा. अंबेडकर ने 1956 में आज ही के दिन महापरिनिर्वाण लिया था। स्वतंत्र भारत का संविधान बनाने में उनकी अहम भूमिका रही। वह जीवन पर्यन्त सामाजिक न्याय तथा दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए काम करते रहे। देश के पहले कानून मंत्री के तौर पर भी उन्होंने पिछडों और महिलाओं की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

राहुल ने गुजरात के जन स्वास्थ्य पर मोदी से किये सवाल

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नयी दिल्ली, 06 दिसंबर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में जन स्वास्थ्य की लचर हालत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आज सवाल किया कि राज्य में जन स्वास्थ्य की खराब हालत क्यों हैं। श्री गांधी ने ट्विटर पर आठवां सवाल दागते हुए श्री मोदी पर तीखे तंज किये और कहा कि गुजरात पिछले 22 सालों का हिसाब मांग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब।” कांग्रेस नेता ने गुजरात के जन स्वास्थ्य के आंकड़े ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि 39 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से ग्रस्त है। प्रति 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार हो जाते हैं।  राज्य में महंगी स्वास्थ्य सेवा पर श्री गांधी ने कहा, “चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव डाक्टरों का घोर अभाव। भुज में एक 'मित्र'को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल, क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?” कांग्रेस उपाध्यक्ष गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रचार करते हुए राज्य के संबंध में प्रधानमंत्री से प्रतिदिन एक सवाल पूछ रहे हैं। कल श्री गांधी ने आवश्यक वस्तुओं के दामों को लेकर श्री मोदी से सवाल किये थे।

ओखी तूफान के बहाने मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

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धंधुका (गुजरात), 06 दिसंबर, प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने गृहराज्य गुजरात तक समुद्री तूफान ओखी के नहीं पहुंच पाने की घटना की आड़ लेकर भी आज कांग्रेस पर हमला बोला। श्री मोदी ने आज यहां एक चुनावी सभा में कहा कि तीन दिन से सुना जा रहा था कि तूफान आ रहा है पर कुछ नहीं हुआ। यह गांधी की धरती है यहां अच्छे अच्छे तूफान पहुंचने से पहले ही शांत हो जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस के चुनावी सूत्रवाक्य कांग्रेस आवे छे यानी कांग्रेस आ रही है, पर हमला बाेलते हुए कहा कि जैसे इस तूफान के लिए आवे छे आवे छे आवे छे (आ रहा है, आ रहा है, आर रहा है) की रट लगी थी पर कुछ नहीं आया। ऐसे ही कुछ नहीं आयेगा (कांग्रेस गुजरात में नहीं आयेगी।) यह बनारस से जा चुकी है, उत्तर प्रदेश से चली गयी है। कांग्रेस ने गुजरात में पानी के टैंकरों की दलाली को बढ़ावा दिया था। कन्या शिक्षा को आगे नहीं बढ़ने दिया था। उन्होंने इस मौके पर गुजरात में भाजपा के शासन में पानी, बिजली की उपलब्धता, कन्या शिक्षा आदि के लिए किये गये काम की विस्तार से चर्चा भी की। श्री मोदी ने विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने की एक बार फिर वकालत की। उन्होंने कहा कि इससे खर्च और संसाधन की बचत होगी और आये दिन देश में होते रहने वाले चुनाव से भी मुक्ति मिलेगी।

सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: राजनाथ

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नयी दिल्ली 06 दिसम्बर, बंगलादेश से रोहिंग्या सहित अन्य अवैध आव्रजकों की घुसपैठ पर रोक लगाने की बड़ी चुनौती के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार पड़ोसी देशों से लगती सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री बंगलादेश से लगते राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों के साथ सीमाओं से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए कल कोलकाता में आयोजित एक बैठक में हिस्सा लेंगे । इस बैठक में शामिल होने के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा , “ देश के पूर्वी हिस्से की तीन दिन की यात्रा के लिए कोलकाता रवाना हो रहा हूं। बंगलादेश की सीमा से लगते राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लूंगा। केन्द्र सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ” बैठक में पश्चिम बंगाल, असम,मेघालय,त्रिपुरा और मिजोरम के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्य रूप से बंगलादेश से लगती सीमा पर बाड़ लगाने , अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने और अन्य मुद्दों की समीक्षा की जायेगी। इसके साथ ही जाली मुद्रा तथा मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के उपायों पर भी चर्चा होगी। विशेष रूप से रोहिंग्या समुदाय के लोगों की घुसपैठ सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है अौर उन्हें वापस भेजने के लिए सरकार को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। म्यांमार से लाखों की संख्या में रोहिंग्या बंगलादेश में घुसपैठ कर रहे हैं जहां से इनका लक्ष्य भारत आना होता है। श्री सिंह विभिन्न देशों से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से संबंधित मुद्दों के स्थायी समाधान के लिए समय -समय पर इन राज्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। अब तक इस तरह की चार बैठकें हो चुकी हैं जिनमें पाकिस्तान, चीन और म्यांमार की सीमाओं से लगते राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें आयोजित की गयी हैं। अभी भूटान और नेपाल से लगते राज्यों के साथ बैठकें होनी बाकी है। 
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