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भारत की एक और उपलब्धि, वासेनार अरेंजमेंट में जगह मिली

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नयी दिल्ली 08 दिसंबर, भारत के परमाणु अप्रसार को लेकर बेदाग़ रिकॉर्ड को देखते हुए उसे एक और महत्वपूर्ण निर्यात नियंत्रण व्यवस्था “वासेनार अरेंजमेंट” में शामिल कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में बताया कि छह-सात दिसंबर को विएना में वासेनर अरेंजमेंट की महासभा की बैठक हुई जिसमें भारत काे सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया। भारत इस व्यवस्था में 42वां सदस्य होगा। भारत की सदस्यता की प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी। प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था का अंग बन जाने पर भारत को रक्षा एवं अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए अत्याधुनिक एवं संवेदनशील प्रौद्योगिकी का आदान प्रदान करने तथा संयुक्त उत्पादन उपक्रम करने की छूट मिल सकेगी।  इस व्यवस्था में शामिल होने वाले देशों को वैश्विक अप्रसार संधियों के दायरों का अनुपालन करना होगा जिसमें परमाणु अप्रसार संधि शामिल है। भारत ने हालांकि परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। लेकिन उसके बेदाग़ रिकॉर्ड को देखते हुए उस संधि पर हस्ताक्षर करने की कोई नयी शर्त नहीं लागू की गयी है। गौरतलब है कि भारत गत वर्ष एक अन्य महत्वपूर्ण मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में शामिल हुआ है जिसमें चीन को भी जगह नहीं मिल पायी है।

शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल का लाइसेंस निरस्त

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नयी दिल्ली. 08 दिसम्बर, जिंदा शिशु को मृत बताये जाने के मामले में उत्तर पश्चिम दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लाइसेंस दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि नवजात शिशु को मृत बताने वाले शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और इस तरह की लापरवाही कतई स्वीकार्य नहीं है । यह मामला 30 नवम्बर का है अौर इसके सामने आने के बाद सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था जिसकी दो दिन पहले प्रारंभिक रिपोर्ट में अस्पताल की लापरवाही सामने आई थी । श्री जैन ने बताया कि इस मामले की अंतिम रिपोर्ट आ गई है जिसमें अस्पताल की लापरवाही पाई गई है। आपराधिक लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा । अस्पताल को पहले भी नोटिस भेजे गए और इसकी तीन गलतियां पाई गई थी। अस्पताल को “अादतन अपराधी बताते ” बताते हुए श्री जैन ने कहा कि यहां अब नये मरीज भर्ती नहीं किए जायेंगे ,अस्पताल चाहे तो पुराने मरीजों का उपचार जारी रख सकता है या उन्हें और कहीं शिफ्ट कर सकता है ।

मोदी ने फिर उठाया अय्यर का मुद्दा, कहा- मुझे नहीं पूरे देश को दी गाली

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भाभर (गुजरात), 08 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके लिए ‘नीच’ जैसे अपशब्द का इस्तेमाल करने के कारण कांग्रेस से निलंबित पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर के मुद्दे को आज एक बार फिर अपने गृहराज्य गुजरात के चुनाव प्रचार में उठाया और आरोप लगाया कि उन्होंने केवल उन्हें ही नहीं बल्कि पूरे गुजरात और देश के सभ्य समाज को गाली दी है। श्री मोदी ने कांग्रेस से उनके निलंबन पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि श्री अय्यर ने तीन साल पहले जब पाकिस्तान जाकर उनको रास्ते से हटाने वाला बयान दिया था तब से लेकर अब तक कांग्रेस क्यों इस बात को दबा कर चुप बैठी थी। श्री मोदी ने यह भी दावा किया कि उन्हें गाली देने का हिसाब गुजरात की जनता चुनाव में चुकता कर देगी। प्रधानमंत्री ने इस साल भयावह बाढ़ का शिकार हुए बनासकांठा जिले के भाभर में एक चुनावी सभा में उस दौरान कांग्रेस के स्थानीय विधायकों समेत अन्य विधायकों को राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर बेंगलूर के रिसार्ट में रखने पर भी तंज कसा और कहा कि जब जनता बाढ़ के पानी में डूब रही थी तब वे बेंगलोर के रिसार्ट के स्विमिंग पुल में डुबकी लगा कर मौज कर रहे थे जबकि भाजपा के नेता लोगों की सेवा मेे जुटे थे। उन्होंने स्वयं क्षेत्र का हवाई दौरा किया था और राहत की घोषणाएं की थी। इस सिलसिले में उन्होंने एक बार फिर कच्छ के मच्छू बांध के ध्वस्त होने की घटना का जिक्र किया और तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के वहां बचाव कार्य के दौरान मुंह पर रूमाल रखने की घटना पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

श्री मोदी ने भीड़ से सवालिया लहजे में पूछा कि अय्यर ने मुझे गाली दी कि आपको, तो लोगों ने जवाब दिया सबको। उन्होंने कहा कि यह गाली गुजरात को देश के हर सभ्य समाज को दी गयी है। गुजरात की जनता इसका हिसाब चुनाव में चुकता कर देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री अय्यर ने पाकिस्तान में एक बैठक की थी जिसमें भारत पाकिस्तान के संबंध सुधारने के लिए उन्हें (श्री मोदी) को रास्ते से हटाने की बात कही गयी थी। वैसे तो वह जान हथेली में लेकर घूमते हैं पर अय्यर क्या पाकिस्तान में लोकतांत्रिक रूप से चुने गये एक प्रधानमंत्री की सुपारी देने गये थे। सोशल मीडिया में यह प्रकरण आया था ।कांग्रेस ने इतने समय तक यह बात दबा कर क्यों रखा था। पूरे दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाने वाले सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस की मानसिकता ही ऐसी है।

पंढेर और कोली को फांसी की सजा

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गाजियाबाद, 08 दिसम्बर, गाजियाबाद की केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की विशेष अदालत ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के नौंवे मामले में कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेन्द्र कोली को आज फांसी की सजा सुनाई। विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने पंढेर और कोली पर क्रमश 25 हजार और 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कल दोनों को दोषी करार दिया था। दोनों को अदालत में कडी सुरक्षा में आज पेश किया गया जहां उन्हें सजा सुनाई गई । यह मामला घरेलू नौकरानी अंजलि का है । अंजलि की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी और उसके खून से सने कपडे कोठरी से बरामद किए गए थे। अदालत ने दोनों को 302,376 और 201 आदि धाराओं के तहत दोषी पाया  गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में वर्ष 2006 के दौरान हुए बहुचर्चित निठारी कांड में पहले आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है । इसके अलावा छह मामले अभी भी अदालत में लंबित है । सीबीआई 19 में से 16 मामलों में आरोपपत्र दािखल कर चुकी है ।

गुजरात चुनाव के पहले चरण का मतदान कल

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गांधीनगर, 08 दिसंबर, गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण में दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के 19 जिलों की 89 सीटों पर कल चुनाव होगा जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 22 साल से राज्य में सत्तारूढ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होगी। 2012 के पिछले चुनाव में (बीच में हुए कुछ उपचुनावों को छोड़) भाजपा ने इनमें से 63, कांग्रेस ने 22, बाद में भाजपा में विलय करने वाली केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी ने दो, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा जदयू ने एक एक पर जीत हासिल की थी। सौराष्ट्र क्षेत्र के 11 जिलों की 49 सीटों में से भाजपा ने 31 कांगेस ने 15, राकांपा ने एक और गुपपा ने दो, दक्षिण गुजरात के सात जिलों की 34 में से 27 पर भाजपा, छह पर कांग्रेस और एक पर जदयू तथा कच्छ जिले की छह में से पांच पर भाजपा और एक पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस गृह राज्य में हो रहे चुनाव को इस बार श्री मोदी और राज्य के ताबड़तोड़ चुनावी दौरे कर रहे तथा कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बनने जा रहे निवर्तमान उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच प्रतिष्ठा की सीधी जंग माना जा रहा है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी बी स्वैन ने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के लिए अर्धसैनिक बलों समेत कुल मिला कर पौने दो लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। सभी साढे 26 हजार से अधिक मतदान केंद्रो पर वीवीपैट के जरिये मतदान होगा। पहले चरण में57 महिलाओं समेत कुल 977 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ भाजपा ने सभी 89 सीटों पर जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने 87 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा ने 64, सपा ने चार, श्री वाघेला के जन विकल्प मोर्चा ने 48, आप ने 21, जदयू ने 14, राकांपा ने 30 और शिवसेना ने 25 प्रत्याशी उतारे हैं। 443 निर्दलीय हैं। पहले चरण में प्रमुख चेहरों में राजकोट पश्चिम सीट से मुख्यमंत्री श्री रूपाणी, भावनगर पश्चिम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी, पोरबंदर से भाजपा के बाबू बोखिरिया तथा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया तथा मांडवी से कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल शामिल हैं। कुल 182 सीटों वाली विधानसभा की शेष 93 सीटों (उत्तर और मध्य गुजरात के 14 जिलों की) पर दूसरे और अंतिम चरण में 14 दिसंबर को चुनाव होगा। मतगणना 18 दिसंबर को होगी। मतदान सुबह आठ बजे से पांच बजे तक होगा। क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा क्षेत्र कारंज जबकि सबसे बड़ अब्डासा है। वोटरों की संख्या के लिहाज से सूरत उत्तर सबसे छोटा तथा कामरेज सबसे बड़ा है। कुल 2़ 12 करोड मतदाताओं में 1़ 11 करोड़ पुरूष हैं। पचास प्रतिशत वोटर 40 प्रतिशत से कम उम्र के हैं।

भारत का सपना तोड़ अर्जेंटीना फाइनल में

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भुवनेश्वर, 08 दिसंबर, ओलंपिक चैंपियन और नंबर एक टीम अर्जेंटीना ने मेजबान भारत की कड़ी चुनौती पर शुक्रवार को 1-0 से काबू पाते हुए पहली बार एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स के खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया। यहां कलिंगा स्टेडियम में लगातार होती रही बारिश के बीच खेले गये सेमीफाइनल का एकमात्र महत्वूपर्ण गोल ड्रैग फ्लिकर गुंजालो पीलेट ने 17वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर किया। अर्जेंटीना का रविवार को हाेने वाले फाइनल में विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया और जर्मनी के दूसरे सेमफाइनल के विजेता से मुकाबला होगा। भारतीय टीम अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी।

राहुल का मोदी से 10वां सवाल ,आदिवासी क्यों है बदहाल

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नयी दिल्ली 08 दिसंबर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में आदिवासियों के पलायन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि उनके कल्याण के लिए बनी वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़ रूपये कहां गये । श्री गांधी ने गुजरात विधान सभा चुनाव के मद्देनजर ट्विटर पर श्री मोदी के लिए आज दसवां सवाल दागते हुए उनसे आदिवासियों के पलायन के लिए जवाब मांगा । उन्होंने कहा कि गुजरात पिछले 22 सालों का हिसाब मांग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब।” श्री गांधी ने कहा कि आदिवासियों से जमीनें छीन ली गयीं और उन्हें जंगल पर अधिकार नहीं दिया गया। जमीन के लाखों पट्टे अटके पड़े हैं । उनके लिए स्कूल और अस्पताल तक नहीं हैं । युवाओं को रोजगार नहीं मिला और बेघरों को घर भी नहीं मिला। इस बदहाली के कारण आदिवासियों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है जिससे उनकी कमर टूट गयी है ।  कांग्रेस उपाध्यक्ष गुजरात विधानसभा चुनावों में राज्य की बदहाली के लिए भाजपा सरकार पर आरोप लगा रहे हैं तथा प्रधानमंत्री से स्वास्थ्य ,शिक्षा ,मंहगाई और किसानों जैसे गुजरात से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर रोज एक सवाल पूछ रहे हैं।

मधुबनी : शिवगंगा स्कूल में इप्टा ने दी प्रस्तुति

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मधुबनी, भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) मधुबनी द्वारा राष्ट्रीय इप्टा के 75वें वर्ष के आलोक में "आवाज़ दो....भोगेन्द्र झा रंगभूमि नाट्य जमघट-2017"कार्यक्रम की शुरुआत रामकृष्ण महाविद्यालय से की गई थी। इसी क्रम में आज तीसरे दिन शिवगंगा उच्च विद्यालय में मधुबनी इप्टा इकाई द्वारा शिवगंगा बालिका उच्च विद्यालय में 'महाभारत एक्सटेंशन'नाटक की प्रस्तुति दी गयी। प्रधानाध्यापक ने प्रस्तुति के बाद कहा कि सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज मे परिवर्तन आनी चाहिए। इस अवसर पर बिहार इप्टा के राज्यसचिव इंद्र भूषण रमण बमबम, मैथिली सिने अभिनेता अनिल मिश्रा, मधुबनी इकाई के साक्षी, अभिषेक, रमेश, पंचम, प्रभात, अर्जुन, रंजीत, मिथिलेश, रौशन आदि उपस्थित थे। बालिकाओं और अध्यापकों ने इस पहल की काफी सराहना की।

चंद्रपुरा रेल लाईन बंद कर ही कोयला खदानों की आग बुझाई जा सकती

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धनबाद 08 दिसम्बर, केन्द्रीय कोयला सचिव सुशील कुमार ने आज कहा कि झारखंड के धनबाद रेल मंडल के बंद हो चुके कुसुंडा से कतरास के बीच चंद्रपुरा रेल लाईन को उखाड़े जाने के बाद ही कोयला खदानों में लगी आग बुझाई जा सकती है। श्री कुमार ने यहां भारतीय खनि विद्यापीठ विश्वविद्यालय (आईएसएम) में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस रेल लाईन को उखाड़े बिना कोयला खदानों में लगी आग पर काबू पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जानमाल की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेल लाईन पर ट्रेनों का परिचालन बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रेन परिचालन के दौरान यदि रेलवे ट्रैक धस जाए तो लोगों की जान चली जायेगी। सचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि धनबाद-चन्द्रपुरा रेल लाईन पर कुछ दूरी तक ट्रेन परिचालन फिर से शुरू करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए 13 दिसंबर को नई दिलली में बैठक बुलाई गई है। बैठक में मुख्य सचिव, कोल इंडिया, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल), डीजीएमएस और जिला प्रशासन के अधिकारी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में रेल लाईन की वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार होगा। 

शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना जरूरी : राज्यपाल

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पटना 08 दिसंबर, बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि किसी देश की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की शिक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। श्री मलिक ने यहां पटना विश्वविद्यालय में आयोजित ‘शताब्दी प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि किसी देश की शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी देश की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की शिक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। कोई भी मुल्क बड़ी-बड़ी इमारतों, कल-कारखानाें, पुलों के नष्ट होने से उतना तबाह नहीं होता, जितना वहां की शिक्षा-व्यवस्था के नष्ट होने से खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएंगे और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सामूहिक प्रयासों से कामयाबी भी मिलेगी। राज्यपाल ने कहा, “बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त गौरवमय रही है। भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। पटना विश्वविद्यालय, जिसे कभी ‘पूरब का आॅक्सफोर्ड ’ कहा जाता था, का पिछले सौ वर्ष का इतिहास भी काफी गौरवमय रहा है। इस विश्वविद्यालय से निकलनेवाली अनगिनत प्रतिभाओं ने सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और प्रशासनिक हर क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।” श्री मलिक ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को कुलाधिपति कार्यालय का हरसंभव सहयोग मिलता रहेगा और वे भी समय-समय पर विश्वविद्यालय आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपनी प्राचीन गौरवमय विरासत और प्रतिष्ठा की पुनप्र्राप्ति के लिए तेजी से आगे बढ़े।

राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि जिन नये महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए ‘गर्ल्स काॅमन रूम’ और ‘वाॅश रूम’ न हों, उन्हें प्रस्वीकृति प्रदान न किया जाये। साथ ही पुराने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भवनों में भी गर्ल्स काॅमन रूम एवं वाॅश रूम की व्यवस्था अनिवार्यतः सुनिश्चित करायी जाए। श्री मलिक ने छात्र-संघ चुनाव को विश्वविद्यालयों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे विश्वविद्यालय की समस्याओं पर छात्रों से विमर्श के लिए एक समुचित ‘फोरम’ तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि छात्र संघों से विद्यार्थियों का व्यक्त्वि भी विकसित होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में छात्रसंघ चुनाव शीघ्र कराने के लिए सभी कुलपतियों को कहा गया है। राज्यपाल ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय परिसर में आयोजित प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां विश्वविद्यालय के सौ साल के गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी के विभिन्न प्रदर्शों को घूम-घूम कर देखा। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी ‘स्पेशल पोस्टल कवर’ का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों डाॅ. जयश्री मिश्रा, डाॅ. सुरेन्द्र कुमार एवं डाॅ. जयदेव मिश्र द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ पटना यूनिवर्सिटी (1917-2017)’ का भी विमोचन किया।

दरभंगा : आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है यूक्रेन : पोलिखा

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दरभंगा 08 दिसंबर, यूक्रेन ने विश्व में आतंकवाद के बढ़ते खतरे के मद्देनजर आज कहा कि इसके खिलाफ शुरू की गई मुहिम में वह भारत के साथ है और इसके लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगा। भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने यहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “दुनिया में आतंकवाद का खतरा काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में यूक्रेन भारत के साथ है और वह हरसंभव सहायता भी उपलब्ध कराएगा।”  श्री पोलिखा ने कहा कि आर्थिक सुधार को लेकर भारत की ओर विश्व आशा भरी नजरों से देख रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और स्टार्टअप कार्यक्रम के प्रति यूक्रेन काफी उत्साहित है। उनके देश की कई कंपनियां भारत के आधारभूत संरचना, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं उर्जा के क्षेत्र में कार्य करने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि असाधारण ढंग से बढ़ रही है। कुछ दिनाें पूर्व तक आर्थिक क्षेत्र में भारत विश्व में चैदहवें पायदान पर था लेकिन आज वह सातवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि यहां का बाजार काफी समृद्ध है। सिर्फ जनसंख्या वृद्धि ही निराशाजनक है।  राजदूत ने कहा कि कहा कि बिहार तथा दरभंगा में पर्यटन की काफी सम्भावनाएं हैं। पहली बार बिहार आये श्री पोलिखा ने यहां की मेजबानी की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि पर्यटन की दिशा में काफी कुछ करने की जरूरत है। 

वहीं, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. के. सिंह ने कहा कि यूक्रेन के राजदूत का हिन्दी में प्रारंभिक सम्बोधन उनके देश का भारत की संस्कृति के प्रति लगाव को दर्शाता है। इस तरह के आयोजन से ज्ञान का आदान-प्रदान होता है। उन्होंने कहा कि लगातार कई वर्षों से भारत की आर्थिक दर में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020 तक भारत विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रहेगा। इस मौके पर वरिष्ट वाणिज्य शास्त्री एवं दिल्ली स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स के वाणिज्य विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. जे. पी. शर्मा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से देश का काफी विकास हुआ है। लेकिन, इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्यम के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं लेकिन अन्य विकसित देशों के मुकाबले भारत में उद्यम लगाना काफी मंहगा सौदा है।  श्री शर्मा ने कहा कि अमेरिका में पांच दिन में तो आस्ट्रेलिया में केवल दो दिन में ही उद्यमी अपना उद्यम शुरू कर लेता है जबकि भारत में कोई भी उद्यम लगाने में 89 दिन का समय लगता है। उन्होंने इसके लिए देश की नौकरशाही, नियम-परिनियम एवं कागजातों की खानापूर्ति की दोषपूर्ण व्यवस्था को जिम्मेवार बताते हुए इसमें शीध्र सुधार की आवश्यकता बतायी।  विशिष्ट अतिथि लिथुवानिया के वैज्ञानिक डाॅ. जिटा क्रिएसियोनाइन ने कहा कि उनके देश और भारत में काफी निकटता है। दोनों देशों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान होता रहता है। वहीं, नेपाल के पोखरा विश्वविद्यालय के डॉ. डी. वी. भंडारी ने कहा कि उद्यमिता किसी भी देश की रीढ़ होती है, जिसकी देश की अर्थव्यवस्था के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में भारत समेत पांच देश यूक्रेन, लिथुवानिया, नेपाल और भूटान के 325 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

ईडी की लालू परिवार की संपत्ति जब्ती बदले की कार्रवाई : तेजस्वी

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पटना 08 दिसंबर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के उनके और परिवार के अन्य सदस्यों की संपत्ति जब्ती को बदले की कार्रवाई बताया और सवालिया लहजे में कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की कंपनी का मुनाफा 16 हजार गुना बढ़ने पर भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। श्री यादव ने यहां प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि वह और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत परिवार के अन्य सदस्यों के मामले की जांच में पूर्ण सहयोग देने के बावजूद ईडी ने लारा प्रोजेक्ट से जुड़ी संपत्ति जब्त कर ली। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा संपत्ति की जब्ती बदले की कार्रवाई है। केंद्र सरकार को जनता के बीच जाकर बताना चाहिए कि श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की कंपनी टेंपल इंटरप्राइजेज का मुनाफा 16 हजार गुना बढ़ने पर भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री जय शाह की कंपनी टेंपल इंटरप्राइजेज का मुनाफा 16 हजार गुना बढ़ गया। लेकिन, मीडिया में इसका खुलासा होने के बावजूद इस कंपनी और श्री अमित शाह के पुत्र के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।” उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के इशारे पर सभी केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित कर रही हैं। श्री यादव ने कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित कार्यालय में स्वयं उपस्थित होकर पूछताछ के दौरान सभी प्रश्नों का जवाब दिया। मामले की जांच के दौरान उनकी मां श्रीमती राबड़ी देवी एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने ईडी को पूर्ण सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि केंद्रीय जांच एजेंसी को सहयोग देने के बावजूद भी उसने संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ईडी ने राजधानी पटना के दानापुर में जिस तीन एकड़ जमीन को जब्त किया है उसे आयकर विभाग पहले ही जब्त कर चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) देश में सांप्रदायिक ताकतों को हमेशा विरोध करती रहेगी। उल्लेखनीय है कि ईडी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी)के दो होटलों के टेंडर में हुई अनियमितता से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। आरोप है कि झारखंड के रांची और ओडिशा के पुरी में रेलवे के दो होटलों को 15 वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को दे दिया गया, जिसके एवज में राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के जरिये लालू परिवार को दानापुर में कीमती जमीन मिली। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस वर्ष 05 जुलाई को राजद अध्यक्ष एवं उनके परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। वहीं, 07 जुलाई को आयकर विभाग ने श्री लालू प्रसाद यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने राजद अध्यक्ष एवं उनके परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट की उस तीन एकड़ जमीन को जब्त कर लिया है जिस पर शॉपिंग मॉल बन रहा था। सरकारी दर के अनुसार जब्त संपत्ति की कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है।

तिलकामांझी विवि के 133 अतिथि व्याख्याता बर्खास्त

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भागलपुर, 08 दिसंबर, राजभवन के निर्देश पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन. के. झा ने आज विभिन्न विभागों में पदस्थापित 133 अतिथि व्याख्याताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। विश्वविद्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पूर्व प्रभारी कुलपति प्रोफेसर नीलाबुंज वर्मा के कार्यकाल में बिना विज्ञापन के उक्त 133 अतिथि व्याख्याताओं की हुई नियुक्ति की शिकायत राजभवन से कुछ लोगों ने की थी और वहां से इस मामले की जांच के लिए न्यायाधीश अखिलेश चंद्रा के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी। जांच कमेटी ने उक्त शिकायतो को सही पाते हुए अपनी रिपोर्ट राजभवन को सौंप दिए जाने के बाद वहां से आये निर्देश के बावत विश्वविद्यालय के कुलपति ने आज विभिन्न विभागों में कार्यरत 133 व्याख्याताओं की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की है। सूत्रों ने बताया कि नियमों के विरुद्ध पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. वर्मा द्वारा 17 संविदाकर्मियों की सेवा स्थायी किये जाने के मामले में भी राजभवन गंभीर है और शीध्र उन स्थायीकर्मियो को हटाने की कार्रवाई की जायेगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व कुलपति प्रो. नीलाबुंज वर्मा को केवल दैनिक कार्य के लिए प्रभारी कुलपति बनाया गया था लेकिन उनके द्वारा नियमों के विरुद्ध कुछ काम किये जाने के बाद विश्वविद्यालय के सिंडिकेट और कुछ लोगों ने इसकी शिकायत राजभवन से की थी। तत्पश्चात राजभवन के कड़े निर्देश पर आज हुई इस कार्रवाई के बाद अब पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. वर्मा और पूर्व कुलसचिव के विरुद्ध भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

क्या अय्यर मेरी सुपारी देने पाकिस्तान गए थे : मोदी

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गांधीनगर, 8 दिसम्बर, कांग्रेस से निलंबित नेता मणि शंकर अय्यर पर लगातार अपने हमले जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद अय्यर पाकिस्तान गए थे और वहां उन्होंने कहा था कि अगर मोदी को हटाया नहीं गया तो, भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध अच्छे नहीं होंगे।  उन्होंने अय्यर के पाकिस्तान जाने पर सवाल उठाया और कहा कि क्या वह वहां मेरी सुपारी देने गए थे? प्रधानमंत्री ने बनासकांठा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा, "मणिशंकर अय्यर ने गुरुवार को एक बयान दिया था। मैं आप लोगों से पूछता हूं, क्या यह मेरा अपमान है कि आपका अपमान है?"उन्होंने लगातार सात-आठ बार लोगों से पूछा, "क्या इस अपमान के लिए सजा देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए?"अय्यर ने गुरुवार को मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मोदी 'बहुत नीच किस्म का आदमी है', जो गंदी राजनीति करते हैं। इसके बाद राजनीतिक भूचाल आ गया था। कांग्रेस ने उनके इस बयान के लिए गुरुवार रात ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उन्हें निलंबित कर दिया था। मोदी ने कहा, "मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद, यह मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान गए थे और वहां लोगों से बातचीत की थी। उन्होंने वहां कहा था कि जबतक इस नरेंद्र मोदी को हटाया नहीं जाएगा, भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध अच्छे नहीं हो सकते। मैं आपसे पूछता हूं कि वह पाकिस्तान क्यों गए थे? क्या मोदी की सुपारी देने के लिए गए थे?"

कांग्रेस पर लगातार हमलावर रुख अख्तियार किए हुए मोदी ने कहा, "आप बनासकांठा के लोग बाढ़ के समय यहां थे, पीड़ा और समस्या से गुजर रहे थे। तब कांग्रेस के विधायक कहां थे और भाजपा के लोग कहां थे। क्या मुख्यमंत्री विजय रुपानी, शंकरभाई चौधरी ने आपके संकट के समय आपकी मदद नहीं की थी? जबकि उस समय कांग्रेस विधायक बेंगलुरू के रिसॉर्ट में आराम फरमा रहे थे।"प्रधानमंत्री ने कहा, "यहां आप बाढ़ में डूब रहे थे, वहां वे लोग बेंगलुरू के स्वीमिंग पूल में मजा ले रहे थे। यहां भाजपा आपके लिए राहत शिविर बना रही थी, वे लोग रिसॉर्ट शिविर में रह रहे थे। क्या आप उन लोगों को सजा नहीं देंगे?"उन्होंने मोरबी हादसे का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला किया और कहा, "मैं 1979 में मोरबी हादसे के समय राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के साथ था और लोगों की मदद कर रहा था। आरएसएस के कार्यकर्ता बदबूदार पानी से शवों को निकाल रहे थे, वहीं इंदिरा गांधी अपने मुंह को रुमाल से ढके खुद को खराब हवा से बचा रही थीं। यह भाजपा और कांग्रेस की संस्कृति में अंतर है।"सूरत बाढ़ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, "बाढ़ के दौरान, मैं सड़क साफ करने के लिए वहां गया था, राज्य का मुख्यमंत्री होने के बावजूद स्थानीय लोगों की सहायता करने गया था। हाल ही में आए बाढ़ के दौरान, मैं खुद यहां आया था और हवाई सर्वेक्षण किया तथा आपकी सुरक्षा सुनिश्चित की।"

उन्होंने कहा, "इन सब वजहों से, कांग्रेस के लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं। हमने पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। मैं आपसे पूछता हूं, क्या आप इससे अच्छा महसूस नहीं करते हैं? क्या आप इसपर गर्व नहीं करते हैं? क्या आप भारतीय सेना पर गर्व नहीं करते हैं? लेकिन सिर्फ कांग्रेसी इसे पसंद नहीं करते हैं। वे कहते हैं कि पाकिस्तान ने स्ट्राइक से इंकार किया है।"गांधीनगर के कालोल विधानसभा क्षेत्र में जहां 14 दिसंबर को चुनाव होने हैं, में भी मोदी अपने रंग में दिखे। उन्होंने यहां कहा, "विकास का रास्ता जारी रहना चाहिए। मैं नौ और 14 दिसंबर को वोट करने वाले मतदाताओं से अपील करता हूं कि ऐसे व्यक्ति को मत दीजिए, जो आपके लिए जीता है। आप मेरे परिवार हैं। 1.25 करोड़ लोग मेरे परिवार हैं।"

विशेष आलेख : मोदी को कोई गाली कमजोर नहीं कर सकती

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पिछले लम्बे दौर से हमारे नेता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दर्शन, उनके व्यक्तित्व, उनकी बढ़ती ख्याति व उनकी कार्य-पद्धतियांे पर कीचड़ उछाल रहे हैं अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें गालियां देकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस तरह कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना कोई नई बात नहीं है। आए दिन कोई-न-कोई कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द कहता ही रहता है। ताजा मामला कांग्रेस के पूर्व केबिनेट मंत्री मणिशंकर अय्यर से जुड़ा है जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ‘नीच’ तक कह डाला है। इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी की न केवल फजीहत हो रही है, बल्कि उसकी बौखलाहट को दर्शा रही है। 
ये वे ही मणिशंकर अय्यर जो अपने बड़बोलेपन, अशिष्ट एवं अशालीन भाषा के लिये चर्चित है। इस तरह के लोग राजनीति में जगह बनाने के लिये ऐसी अनुशासनहीनता एवं अशिष्टता करते हैं। यह पहला अवसर नहीं है जब अय्यर इस तरह के ओछे, स्तरहीन एवं अशालीन शब्दों का प्रयोग किया है। इससे पहले उन्होंने 3 मार्च, 2013 को  नरेंद्र मोदी को सांप, बिच्छू और गंदा आदमी कहा था। उन्होंने नवंबर, 2012 की एक चुनावी रैली में नरेंद्र मोदी को लहू पुरुष, पानी पुरुष और असत्य का सौदागर भी बताया। सत्ता के शीर्ष पर बैठकर यदि इस तरह जनतंत्र के आदर्शों को भुला दिया जाता है तो वहां लोकतंत्र के आदर्शों की रक्षा नहीं हो सकती। राजनैतिक लोगों से महात्मा बनने की आशा नहीं की जा सकती, पर वे अशालीनता एवं अमर्यादा पर उतर आये, यह ठीक नहीं है। महात्मा गांधी ने कहा था कि मेरा ईश्वर दरिद्र-नारायणों में रहता है।’ आज यदि उनके भक्तों- कांग्रेसजनों से यही प्रश्न पूछा जाये तो संभवतः यही उत्तर मिलेगा कि हमारा ईश्वर कुर्सी में रहता है, सत्ता में रहता है। तभी उनमें अच्छाई-बुराई न दिखाई देकर केवल सत्तालोलुपता दिखती है।  
बात केवल अय्यर ही नहीं है, कौन भूल सकता है सोनिया गांधी का वह बयान, जिसने वास्तव में गुजरात की जनता को झकझोर कर रख दिया था। तब सोनिया ने गुजरात के तत्कालीन और बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था। सोनिया ने कहा था, “मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं।“ ‘मौत का सौदागर’ के बाद ‘जहर की खेती’ के इस बयान ने गुजरात ही नहीं, देश की जनता की भावना को जगा दिया। नतीजा लोकसभा चुनाव के परिणाम के रूप में सामने आया, जिसमें बीजेपी को 278 और कांग्रेस को 45 सीटें मिली। जनता को बेवकूफ एवं नासमझ समझने की भूल कांग्रेस बार-बार करती रही है और बार-बार मात खाती रही है। 
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गुजरात चुनाव के ठीक पहले अय्यर का बयान क्या रंग लायेगा, यह भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन स्वस्थ एवं आदर्श लोकतंत्र के लिये देश के प्रधानमंत्री के लिये इस तरह के निम्न, स्तरहीन एवं अमर्यादित शब्दों का प्रयोग होना, एक विडम्बना है, एक त्रासदी है, एक शर्मनाक स्थिति है। केवल कांग्रेस ही नहीं, अन्य राजनीतिक दल के नेता भी ऐसी अपरिपक्वता एवं अशालीनता का परिचय देते रहे हैं। बात 6 अक्टूबर, 2016 की है जब देश सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय-जयकार कर रहा था। विरोधी भी चुप रहने को मजबूर थे। हां, केजरीवाल जरूर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। तभी यूपी चुनाव की तैयारी कर रहे राहुल गांधी किसान यात्रा से लौटने के बाद आत्मघाती हमला कर बैठे उस सर्जिकल स्ट्राइक पर, जिसमें पहली बार पाकिस्तान में घुसकर हिन्दुस्तान ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसकी दुनिया में सबने सराहना की, पाकिस्तान उफ तक नहीं कर पाया। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘खून की दलाली’ करने का आरोप लगा डाला। असमय दिये गये इस तरह के बयानों के कारण ही लोगों ने राहुल को पप्पू कहना शुरु कर दिया। 
ये तथाकथित लेता गाली ही नहीं देते रहे, बल्कि गोली तक की भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं। लेकिन कोई गाली या गोली मोदी का बाल भी बांका नहीं कर सकेंगी क्योंकि वे जनसमर्थन इन ऊंचाइयों को पाया है। बात तब की है जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार थे, उस समय उन्हें बोटी-बोटी काट देने की धमकी खुलेआम दी गयी। लोकसभा चुनाव के दौरान सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद ने 28 मार्च, 2014 को यह बयान देकर यूपी ही नहीं पूरे देश में नफरत की सियासत को हवा देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने तो इस बयान का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन जनता ने इसका जवाब दिया। नरेन्द्र मोदी को न सिर्फ भारी बहुमत से देश का प्रधानमंत्री बनाया, बल्कि इमरान मसूद की रखवाली कर रही कांग्रेस को धूल चटा दी। खुद इमरान की हार तो जिक्र करने वाली बात भी नहीं। कांग्रेस फिर भी जनता के फैसले से सबक लेने को तैयार नहीं दिखती। बिहार कांग्रेस के नेता जलील मस्तान ने अभद्रता की सारी हदें ही पार कर दी। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर जूते मरवाए और जब इस कांग्रेसी मंत्री का मन नहीं भरा तो उन्होंने प्रधानमंत्री को नक्सली, उग्रवादी और डकैत तक कह डाला। आखिर जलील की जुबां पर ताला लगता भी कैसे जब खुद पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी प्रधानमंत्री को मौत का सौदागर कह चुकी थी।
नोटबंदी को लेकर जहां पूरा देश नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा, विपक्ष को काले कारोबारियों के साथ खड़ा होने में जरा भी शर्म नहीं आई। विपक्ष ने दुनिया के कुख्यात रहे तानाशाह हिटलर, मुसोलिनी, कर्नल गद्दाफी से प्रधानमंत्री की तुलना कर डाली। राज्यसभा में प्रमोद तिवारी ने ये शर्मनाक बयान दिया जिस पर खूब हंगामा मचा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता की फिक्र थी, चंद विरोधियों की नहीं। हर सर्वे में लोगों ने पीएम के एक्शन को सही ठहराया और ‘थोड़ी परेशानी बड़ा मकसद’ से जुड़े रहे। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने एक निजी समाचार चैनल इंडिया टीवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक बात कह दी। 16 मई, 2016 को टीवी कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोस्ट स्टूपिड प्राइम मिनिस्टर बता दिया। अल्वी के इस विवादित कमेंट के बाद वहां मौजूद लोग बुरी तरह भड़क गए। कांग्रेस नेता के खिलाफ लोगों ने ‘शर्म करो’, ‘शर्म करो’ के नारे लगाए। किसी ने मोदी को रैबिज से पीड़ित बताया तो किसी ने उन्हें केवल चूहे मात्र माना। चायवाले से तो वे चर्चित हैं। लेकिन मोदी के व्यक्तित्व की ऊंचाई एवं गहराई है कि उन्होंने अपने विरोध को सदैव विनोद माना। ये मणिशंकर, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अरविन्द केजरीवाल, राशिद अल्वी, दिग्विजय सिंह, इमरान मसूद, प्रमोद तिवारी सभी राजनीति कर सकते हैं और उसके लिए वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। उनका लक्ष्य ”वोट“ है। सस्ती लोकप्रियता है। मोदी किसी मणिशंकर, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अरविन्द केजरीवाल के प्रमाणपत्र के मोहताज नहीं है। उनको कितने बार कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है। चुनाव का समय हो या सामान्य कार्य के दिवस मोदी ने कम गालियां नहीं खाईं। उनके विचारों को, कार्यक्रमों को, देश के लिये कुछ नया करने के संकल्प को बार-बार मारा जा रहा है। 
मोदी को गाली देने की जो परिपार्टी बड़े नेताओं ने शुरू की है, उसका असर यह है कि छोटे स्तर पर भी मर्यादा टूट रही है। अय्यर अंतिम नहीं है। यह चलता रहेगा। चलना चाहिए भी। कभी-कभी प्रशंसा नहीं गालियां मोदी को ज्यादा प्रतिष्ठा देती हैं, ज्यादा जनप्रिय बनाती है, जनता का समर्थन देती है। पर अय्यर भी जाने कि बिना श्रद्धा, प्रेम, सत्य, त्याग, राष्ट्रीयता के कोई विचार, आन्दोलन या पार्टी नहीं चल सकती। जो मानसिकता बोटी-बोटी कर सकती है, वह गाली दे तो क्या आश्चर्य? पर नरेन्द्र मोदी भारत की आजादी के बाद बनी सरकारों के अकेले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हंे कोई गोली या गाली नहीं मार सकती। क्योंकि मोदी की राजनीति व धर्म का आधार सत्ता नहीं, सेवा है। जनता को भयमुक्त व वास्तविक आजादी दिलाना उनका लक्ष्य है। वे सम्पूर्ण भारतीयता की अमर धरोहर हैं। भ्रष्टाचार उन्मूलन, कालेधन पर शिकंजा कसने, वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने, नया भारत निर्मित करने, स्वच्छता अभियान, दलितों के उद्धार और उनकी प्रतिष्ठा के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर रखा है। उनके जीवन की विशेषता कथनी और करनी में अंतर नहीं होना है। ये आज के तथाकथित ”नव मनु“ बड़ी लकीर नहीं खींच सकते। वे दूसरी को काटकर झूठी हुंकार भरते हैं। आज जैसे बुद्धिमानी एक ”वैल्यू“ है, वैसे बेवकूफी भी एक ”वैल्यू“ है और मूल्यहीनता के दौर में यह मूल्य काफी प्रचलित है। आज के माहौल में इस ”वैल्यू“ को फायदेमंद मानना राजनीति की एक अपरिपक्वता एवं नासमझी ही कही जायेगी। ऐसा अय्यर के साथ जो हुआ, उसे देखते हुए कहा जा सकता है। अय्यर की फिसली जुबान ने बीजेपी को संजीवनी ही दी है और गुजरात में कांग्रेस के जीत का जायका बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : जब हरनौत प्रखंड के बीडीओ रोक नहीं पायें.....

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हरनौत(नालंदा). नालंदा जिले में है हरनौत प्रखंड. हरनौत  प्रखंड में ही है सूबे के सीएम नीतीश कुमार का जन्मस्थल.उनका पैतृक स्थल है कल्याण बीघा में. सीएम का पैतृक स्थल रहने से हरनौत प्रखंड वीवीआईपी ब्लॉक है. तो वीवीआईपी ब्लॉक में पदस्थापित हैं बीडीओ देवेंद्र कुमार. पूर्णत:कर्तव्यनिष्ट हैं. इन दिनों स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में जूटे हैं.  ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस जीवा की टीम हरनौत प्रखंड में है. वाश ऑन व्हील के कार्यकर्ता मॉर्निंग और इंवनिंग फोलोअप करते गांधीगीरी करके खुले में शौच नहीं करने का आग्रह करते हैं. आज जीवा टीम के नेतृत्वकर्ता रंजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में इंवर्निंग फोलोअप पर निकले थे.सैकड़ों की संख्या में बच्चे और टीम के सदस्य उपस्थित होकर नारा बुलंद कर रहे.नारा लगाते लगाते गोकुलपुर थाने के सामने आये तो बीडीओ देवेंद्र कुमार को देखकर बच्चे और टीम के सदस्य उत्साहित हो गये. मौके पर सुबोध कुमार,    मंजू डुंगडुंग, पंकज कुमार,मुकेश कुमार आदि  जोरजोर से नारा लगाने लगे 'मामा-मामी शर्म करो खुले में हघना बंद करों... बच्चों और टीम के उत्साहितों से बीडीओ देवेंद्र कुमार ने कहा कि आपलोगों के सार्थक प्रयास को प्रणाम करते हैं. इस तरह के प्रयास करने वालों को सम्मानित करवाने का प्रयास डीएम महोदय से करेंगे.

मिशनरी एनजीओ के बंधन से मुक्त होना चाहते हैं ईसाई समुदाय

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पटना.क्या ईसाई समुदाय मुक्त होना चाहते हैं मिशनरी एनजीओ संस्थाओं से.इसका टका का जवाब है हां.बड़े पैमाने पर पुरोहित और सिस्टरों द्वारा संस्था खोलकर कार्य किया जा रहा है.स्कूल,कॉलेज,हॉस्पीटल आदि खोलकर चांदी काट रहे हैं. वहीं ईसाई समुदाय पस्त हैं. ऐसे लोग बेहतर जिंदगी जीना चाहते हैं. सिस्टरों और फादरों द्वारा निर्मित पॉकेट संस्थाओं को ठेंगा दिखा राजनीतिक दलों में दनादन में प्रवेश कर रहे हैं. चश्मा सेंटर कुर्जी में रहने वाले स्टेला साह और स्व.अनिल साह के पुत्र सिसिल साह कांग्रेस के दामन पकड़े हुए हैं. बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक विभाभ के उपाध्यक्ष हैं. पटना सिटी हैं बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एम्ब्रोस पैट्रिक. एम्ब्रोस जदयू में हैं. वहीं कुर्जी निवासी अनिल साह के द्वितीय पुत्र बीजेपी को पकड़ रखा है. बिहार प्रदेश बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री हैं.  पश्चिमी चंपारण के बेतिया निवासी रवि माइकल बीजेपी में हैं. पश्चिमी चम्पारण जिला के बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष और चनपटिया के प्रभारी है रवि माइकल. अभी अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं गोडेन अन्तोनी.विधायक मदनमोहन तिवारी की उपस्थिति में पश्चिमी चम्पारण के जिलाध्यक्ष गोडेन अन्तोनी को बनाया गया है.    

बिहार : सवालों के घेरे में मॉडल शौचालय हरनौत प्रखंड में छी छी

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सूधी पाठक आप स्वयं निर्णय करें. इस समय जो  स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण करवाया जा रहा है. क्या वह बेहतर ढंग से बनाया जा रहा है? क्या वह गुणवर्ता पूर्ण है? अब वह जांच का विषय बन गया है. सर्वविदित है कि केंद्र व राज्य सरकार चाहती है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेहतर से बेहतर ढंग से घर-घर में शौचालय निर्माण कराया जाये.इसमें सरकार प्रयासरत है और कृतसंकल्प भी है.इसके आलोक में सरकार ने लाभान्वितों को 12 हजार रू.प्रोत्साहन के रूप  राशि दे रही है. बहरहाल नालंदा जिले के डीएम पी.त्यागराजन  और हरनौत प्रखंड के बीडीओ देवेंद्र कुमार मिलकर नालंदा को ओडीपी जिला घोषित करने की फिराक में है.चर्चा है कि हरनौत प्रखंड के पांच पंचायत को 15 दिसम्बर को ओडीएफ कर दिया जाएगा.अगर ऐसा नहीं होगा तो साल के अंतिम दिन 31  दिसम्बर को ओडीएफ घोषित कर दिया जाएगा. इस बीच  बेहतर से बेहतर परिणाम़ देने के सिलसिले में नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड में मॉडल शौचालय निर्माण करवाया है. मॉडल शौचालय बनाने पीछे उद्देश्य यह है कि इस प्रखंड में आने और जाने वाले लोगों को मॉडल शौचालय के बारे में जानकारी देना. लोग मॉडल शौचालय का ब्लू प्रिंट लेकर यहां से गांव जाये और वहां पर जाकर घर-घर शौचालय निर्मीण करें. यहां बता दें कि सीएम नीतीश कुमार का सात निश्चय का दम दिखता है. हर घर में शौचालय और हर घर नल का जल असर खास है.   2 अक्टूबर 2018 को भारत को स्वच्छ भारत बना देना है. प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया के माध्यम से खुले में शौचक्रिया न किया जाये. जमकर खूब प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इसमें एनजीओ ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस जीवा द्वारा जीवा के  वाश ऑन व्हील्स अभियान की बदौसत नवम्बर माह  में मोकामा प्रखंड के 15 पंचायतों में जन जागरण पैदा किया गया. अब दिसम्बर माह  से सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड की  17 पंचायतों में  स्वच्छता अभियान जारी है.     ऐसा ही अभियान जनवरी 2018 में राजगीर में अभियान संचालित होगा है. हरनौत प्रखंड में मॉडल शौचालय बनाया गया है. खुले में शौचक्रिया न करने की जानकारी मिलने से लोग खुले में शौचक्रिया नहीं कर रहे हैं. बतौर प्रदर्शित मॉडल शौचालय में शौच कर दिये.वहां पर नल भी चालू नहीं है. इसके कारण गंदगी को नीचे ढकेला नहीं जा सका.गंदगी को देखा जा सकता है. इस तरह मॉडल शौचालय  ही सवालों के घेरे में आ गया है.  

दिल्ली : बदहाली पर आंसू बहता खेलों के लिए बना लाला लाजपत राय दशहरा स्टेडियम

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  • टेंट माफिया और बस ट्रांसपोर्टरों का कब्ज़ा, अफसरों की चांदी 

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खेलों को बढ़ावा देने के लिए बना पंजाबी बाग़ स्थित लाला लाजपत राय दशहरा स्टेडियम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह स्टेडियम तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में जनता को समर्पित किया था। बावजूद इसके ,कहने को और सरकारी रिकार्ड में यह बच्चों के खेलने के लिए क्रीड़ा स्थल है जहां खेल के नाम पर रत्ती भर भी सुविधाएं नहीं है। ना कभी यहाँ ट्रैक बन सका। कभी यहाँ कोई क्रिकेट खेलने के पिच तक नहीं बनी। यहाँ किसी और खेल जैसे हॉकी,फुटबॉल,बैडमिंटन,टेनिस,एथलेटिक्स,रोप स्किपिंग आदि अनेक खेल ऐसे हैं जो यहाँ सुविधाएं बहाल नहीं होने के कारण कभी खेले नहीं जा सके हैं।  

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प्राप्त जानकारी के अनुसार मोतीनगर के खेल प्रेमी और समाजसेवी राजिंदर सिंह बबलू के प्रयास और अनुरोध पर तत्कालीन युवा मामले एवं केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने भी मेहरा निगमायुक्त को पत्र लिखकर खेल सुविधा बहाल करने और अन्य किसी गतिविधियों को नहीं चलाने के लिए अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में लिखा था की खेल अलावा कोई और गतिविधि यहाँ नहीं हो उसे आप सुनिश्चित करें। गौरतलब यह है की जब से यह स्टेडियम बना तब से इसकी देखरेख जिम्मेदारी और खेल करने के लिए इसे शिक्षा निदेशालय को हैंड ओवर किया गया था किन्तु आज तक खुद शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है। वर्तमान में यह स्टेडियम उद्यान विभाग पश्चिमी जोन देख रहा है। 2008 में सूचना अधिकार के तहत मांगी सूचना के आधार पर पता चला की इस स्टेडियम से सम्बंधित सभी निर्णय और आदेश उद्यान विभाग ही करता है। जबकि आर टी आई मुताबिक उद्यान विभाग ने वर्ष 2000 से लेकर 2008 तक इस स्टेडियम की कोई मेन्टेन्स नहीं की। यहाँ तक की भू माफिया ने यहाँ स्टेडियम में बनी दुकानों पर अवैध कब्ज़ा करके रहना शुरू कर दिया है। मजेदार बात यह है इन्ही एक दुकान में स्थानीय पुलिस ने अपनी बीट बना ली है जिसका कोई ऑफिशियल रिकार्ड कहीं किसी खाते में नहीं है। वहीँ उपराज्यपाल 19 दिसंबर 1996 के एक निर्णय के अनुसार तत्कालीन निगमायुक्त वी के दुग्गल ने 13 सितम्बर 1997 को आदेश उपायुक्त पश्चिमी जिला दिल्ली नगर निगम और निदेशक (उद्यान) पश्चिमी जिला को कहा कि खेल के अलावा किसी अन्य गतिविधि के लिए स्टेडियम तभी दिया सकता है तब निगमायुक्त से अप्रूव होकर जाये। निगमायुक्त ने यह भी पालन करने के लिए कहा था कि किसी भी परिस्थिति में चार या पांच दिन ज्यादा यहाँ अन्य गतिविधि नहीं होनी चाहिए किंतु उद्यान विभाग अफसरों ने टेंट माफियाओं से सांठ गांठ करके पुरे साल इस स्टेडियम को निजी हाथों में सौंप दिया है। 

यहाँ तक की शादी पार्टी लिए यह स्टेडियम नियमानुसार किसी को भी दिया ही नहीं जा सकता। यहाँ केवल सामाजिक कार्यों,सांस्कृतिक गतिविधियों,धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों के लिए अनुमति लेकर पुरे महीने में सिर्फ चार पांच दिनों तक ही बुक कराया सकता है। लेकिन यहाँ शादी पार्टी के अलावा कुछ होता जो आदेशों का खुल्लम खुल्ला उलंघन है। जानकारी मुताबिक आयोजकों को स्टेडियम की यथास्थिति बरक़रार रखनी होगी लेकिन बाउंड्री तोडना रेलिंग हटाना यहाँ रोजाना टैंट माफिया करता है जिसपर निगम अपनी आँखे बंद किये रहता है। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर खेल गतिविधियाँ चल रही हैं किसी भी हिस्से को बुक नहीं किया सकता किन्तु स्टेडियम सभी हिस्से हमेशा बुक रहते हैं सूत्रों के मुताबिक जब बुक नहीं भी होते तो यहाँ बसों की पार्किंग बनवा कर उद्यान विभाग अधिकारी मोटी रकम अवैध रूप से वसूलते हैंजिसका हिस्सा सहायक आयुक्त और निदेशक तक भी जाता है। निदेशक उद्यान भी अपने आदेश संख्या डी ओ एच /पी ए /97 /1577 दिनांक 11 नवम्बर 1997 को यही आदेश जो निगमायुक्त दिया था उसका पालन करने के लिए उपायुक्त दिल्ली नगर निगम पश्चिमी ज़ोन,उपनिदेशक सहायक निदेशक उद्यान के अलावा अतिरिक्त आयुक्त (इंजीनियरिंग) मुख्यमंत्री मुख्य सचिव और सूचना देते हुए लिखा था। किंतु पैसे चमक आगे निगम अधिकारीयों अपना ईमान,जमीर सब बेच दिया और बच्चों के खेलने लिए बनाये स्टेडियम को टैंट माफिया के हाथों गिरवी रख दिया। खेल प्रेमी और समाजसेवी राजिंदर सिंह बबलू ने मांग की है कि यह स्टेडियम बच्चों के खेलने के लिए ही हो यहाँ खेल सुविधाएं बहाल हो और अन्य कोई गतिविधि नहीं हो। अब देखना होगा की निगम इसपर क्या कार्रवाई है।

स्वास्थ्य : राई का तेल दिमाग के लिए हानिकारक

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न्यूयार्क, 9 दिसंबर, रोजाना दो चम्मच राई का तेल खाने से आपकी याददाश्त और सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है, साथ ही अल्जाइमर्स रोग से पीड़ित लोगों का इससे वजन भी बढ़ सकता है।   एक शोध में यह दावा किया गया है। चूहों पर किए गए इस अध्ययन में कहा गया कि वेजिटेबल ऑयल के लंबे समय तक सेवन से दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि राई के तेल को स्वास्थ्यकारी खाद्य तेल माना जाता है। जिन चूहों को राई के तेल में पकाए गए खाद्य पदार्थ दिए गए, उनका वजन सामान्य भोजन करनेवाले चूहों की तुलना में ज्यादा पाया गया। राई के तेल में अक्सर सब्जियां तली जाती हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि लगातार छह महीनों से अधिक समय तक राई के तेल का सेवन करने से कामकाजी लोगों के याददाश्त को नुकसान पहुंचता है, साथ ही अल्पकालिक याददाश्त के साथ ही सीखने की क्षमता को भी नुकसान पहुंचता है। अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में स्थित टेंपल विश्वविद्यालय के प्रोसेसर डोमेनिको प्रेटिको ने कहा, "हालांकि राई का तेल एक वेजिटेबल तेल है, फिर भी हमें इसे स्वास्थ्यवर्धक कहने से पहले थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।"प्रेटिको ने कहा, "शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि राई के तेल को अन्य तेलों जितना गुणकारी नहीं माना जाना चाहिए।"
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