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सामरिक दृष्टिकोण से चीन बड़ी चुनौतियां पेश कर रहा : रविशंकर

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डेहरी आॅन सोन 17 दिसंबर, केंद्रीय कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि देश को जहां सामरिक दृष्टिकोण से चीन बड़ी चुनौतियां पेश कर रहा है वहीं हमारी एकता, अखंडता एवं अर्थव्यवस्था पर पाकिस्तान लगातार चोट कर रहा है। श्री प्रसाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार दिवसीय प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग के समापन पर यहां कहा कि देश बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण, भ्रूण हत्या और गरीबी जैसी आतंरिक चुनौतियों से जहां जूझ रहा है वहीं बाहरी चुनौतियां भी कम नहीं है। बाहरी चुनौतियां पड़ोसी देश खासकर चीन और पाकिस्तान से मिल रही है। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण से चीन बड़ी चुनौतियां पेश कर रहा है वहीं हमारी एकता अखंडता एवं अर्थव्यवस्था पर पाकिस्तान लगातार चोट कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पड़ोस के देशों से अवैध घुसपैठिये भी हमारी राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बने हुये हैं। यूरोप में जिस तरह से शरणार्थियों के नाम पर तेजी से घुसपैठ हो रहा है उससे हम सबक लेते हुए संभले हुए हैं।” उन्होंने कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के सामने तीन वर्षों के कार्यकाल में सबसे ज्यादा पूंजी निवेश हुआ है। 

श्री प्रसाद ने कहा कि देश की विकास दर अगले वर्ष आठ प्रतिशत तक हो जाएगी। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में नोटबंदी को बड़ी उपलब्धि बताई और कहा कि दो लाख 24 हजार कालेधन को सफेद करने वाली कंपनियों को बंद करा दिया गया है। उन्होंने तीन तलाक विधेयक को नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी सम्मान से जुड़ा मामला बताते हुए कहा कि भाजपा उन पीड़ित महिलाओं के साथ है। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद गोपाल नारायण सिंह ने अर्थ आयाम विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सुख धर्म मूलक है तो धर्म अर्थ मूलक। अर्थ के बिना धर्म नहीं टिकता। उन्होंने कहा कि धर्म से अभिप्राय समाज की उस धारणा से है जो लौकिक उन्नति में सहायक हो, जिसके कारण मानव के कर्मों का निर्धारण होकर वह कर्तव्य की संज्ञा प्राप्त कर ले। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानवतावाद की चर्चा करते हुये कहा कि आज राष्ट्रीय और मानवीय दृष्टिकोण से आवश्यक हो गया है कि भारतीय संस्कृति के तत्वों पर विचार किया जाये। श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टि से अपनी संस्कृति का विचार करना ही होगा क्योंकि वह हमारी अपनी प्रकृति है। उन्होंने कहा कि स्वराज तभी साकार और सार्थक होगा, जब वह अपनी संस्कृति की अभिव्यक्ति का साधन बन सकेगा। नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन के सदस्य धनंजय कुमार सिंह ने सहकारिता पर अपना विचार रखते हुए कहा कि बिहार महत्वपूर्ण प्रदेश है जहां इस आंदोलन को और विकसित करने की आवश्यकता है । भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने चुनाव प्रबंधन पर प्रशिक्षण वर्ग में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बूथ स्तर तक केंद्रित योजनाएं बनाई चाहिए। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर पर पार्टी सशक्त हो इसके लिए कार्यकर्ताओं को तैयार रहना होगा। 

झारखंड : 15 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी कट्टर नक्सली गिरफ्तार

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बोकारो 17 दिसम्बर, झारखंड में बोकारो जिले की पुलिस ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उग्रवादी और 15 पुलिसकर्मियों समेत कई हत्याओं का आरोपी कोबाड गांधी उर्फ अरविंद उर्फ सलीम को हैदराबाद से गिरफ्तार कर बोकारो लाई है। बेरमो के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) सुभाष चंद्र जाट ने आज यहां बताया कि पुलिस ने कोबाड गांधी को कल हैदराबाद में गिरफ्तार किया था जिसे आज यहां लाया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार माओवादी झारखंड में बोकारो जिले के नावाडीह थाना क्षेत्र के कंचकिरो गांव और बोकारो थर्मल के बीच 02 दिसम्बर 2016 को सड़क पर बारुदी सुरंग विस्फोट किया था जिसमें 13 पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी।  श्री जाट ने बताया कि इसके अलावा 07 अप्रैल 2007 को बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कैंप पर हुये हमले के मामले में भी वह आरोपी है। इस हमले में दो जवान शहीद हुये थे वहीं चार ग्रामीण की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि इन दोनों मामलों के अलावा उसपर हत्या और अपहरण के कई अन्य मामले दर्ज हैं। वह फरार चल रहा था। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार माओवादी को आज न्यायिक हिरासत में तेनुघाट जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह उग्रवादी उपर्युक्त नामों के अलावा राजन उर्फ किशोर उर्फ सुमन उर्फ गुप्ता उर्फ अकबर उर्फ प्रशांत उर्फ दिलीप पटेल उर्फ नरसिंह पटेल आदि नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि पुलिस उसे जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

बजट में साहेबगंज और पाकुड़ के लिए होगा विशेष प्रावधान : रघुवर दास

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दुमका 17 दिसंबर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि राज्य के अति पिछड़े जिले के रूप में चिन्हित साहेबगंज और पाकुड़ जिले के विकास के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में विशेष राशि का प्रावधान किया जायेगा। श्री दास ने यहां भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तत्वावधान में हम चलें गांव की ओर कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी झारखंड का साहेबगंज और पाकुड़ अति पिछड़े जिले के रूप में चिन्हित है। शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां के आदिवासी एवं दलित समाज के लोग जीवन गुजराने को विवश है। उन्होंने कहा कि लंबे अर्से तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले दलों ने आदिवासी और दलितों के विकास और कल्याण के नाम पर केवल लोगों का शोषण करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास उनकी सरकार का मूल मंत्र है इसलिए अगले वर्ष फरवरी महीने से वह स्वयं संतालपरगना के साहेबगंज और पाकुड़ सहित सभी छह जिलों का दौरा कर उन्हें विकास योजनाओं से जोड़ने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आदिम जनजाति और आदिवासी समाज का तेजी से विकास कर मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2017-18 के बजट 43 हजार 20 करोड़ में से करीब 18 हजार 26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जो पूरे बजट का 51 प्रतिशत से अधिक था।

श्री दास ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों के अनुरूप राज्य के सभी घरों में दोनों शाम चूल्हा जले और कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे इस नीति को कार्यान्वित करने के लिए उनकी सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संतालपरगना सहित पूरे राज्य में गरीबी उन्मूलन के लिए कार्यान्वित मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना,जोहार योजना, पेयजल, आवास, शिक्षा और रोजगार जैसी योजनाओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2018 तक राज्य के सभी गांवों और पहाड़ों में बिजली पहुंचाने, 2020 तक सभी गांवों में पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल और सभी गृहविहीन गरीब आदिवासी और दलितों को आवास मुहैया कराने का संकल्प लिया है और इस दिशा में तेजी से कार्य प्रारम्भ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की तलाश में आदिवासी समाज के बच्चे-बच्चियों का पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है ताकि यहां के बच्चों को उनके इलाके में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं के विकास के बिना किसी भी समाज अथवा राज्य का अपेक्षित विकास सम्भव नहीं है। इसलिए उनकी सरकार ने आधी आबादी को उनका हक और अधिकार दिलाने तथा उनके आय के स्रोत में वृद्धि लाने के उद्धेश्य से श्वेतक्रांति और मीठा क्रांति शुरू करने के साथ ही छोटे-छोटे उद्योगों के माध्यम से रोजगार सृजन का कार्य प्रारम्भ किया गया है। श्री दास ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2022 तक पूर्ण हरित क्रांति लाकर किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने आदिवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगाें से शिक्षा का तेजी से प्रसार करने की अपील करते हुए कहा कि अशिक्षा के कारण अभी भी लोग अंधविश्वास में पड़कर निर्दोष महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं। डायन-बिसाही के नाम पर कई निर्दोष महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा झारखंड में सामर्थ्य के साथ ही संभावनाएं भी हैं लेकिन अलग राज्य बनने के बाद संतालपरगना ने झारखंड को तीन-तीन मुख्यमंत्री दिये इसके बावजूद यह इलाका अभी तक पिछड़ा हुआ है। लोगों को इस पिछड़ेपन का कारण ढुंढने की आवश्यकता है।

भाजपा अगला चुनाव भी राजग के घटक दलों के साथ लड़ेगी : नित्यानंद राय

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डेहरी ऑन सोन, 17 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने आज कहा कि उनकी पार्टी देश और राज्यों में होने वाला अगला चुनाव भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के साथ लड़ेगी। श्री राय ने यहां के आयोजित चार दिवसीय भाजपा के प्रदेश प्रशिक्षण वर्ग के समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ है और बिहार में श्री नीतीश कुमार हमारे मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि राजग के सभी घटक दल श्री कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के निर्माण में राजग जुटा है। देश को मजबूत बनाने के अपने अभियान में प्रधानमंत्री दिन रात एक कर रहे हैं और उन्होंने संकल्प लिया है कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच भ्रष्टाचार समेत तमाम बुराई एवं कमियों को देश से समाप्त कर एक नए युग की शुरुआत की जाएगी।

श्री राय ने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुये विधानसभा चुनाव का कल परिणाम आयेगा जिसमें पार्टी की जीत होगी और वहां भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि देश से जातीवाद और आतंकवाद समाप्त हो रहा है। सरकार गरीबों के लिए दिन-रात काम कर रही है। कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं जिसके कारण आने वाले दिनों में लोगों को और बदलाव दिखेगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रशिक्षण वर्ग के माध्यम से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को श्री मोदी के संकल्प से जन-जन को जोड़ने का प्रशिक्षण दिया गया है और सभी की सहभागिता से ही इस लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि देश से भ्रष्टाचार और गरीबी को मिटाने का पार्टी का संकल्प है जिस पर सरकार तेजी से काम कर रही है। श्री राय ने कहा कि राज्य से बालू संकट जल्द ही दूर होगा। उन्होंने कहा कि माफियाओं के चंगुल से बालू को मुक्त कराया जाएगा ताकि सरकारी दर पर लोगों को बालू उपलब्ध हो सके। राज्य में बालू संकट को लेकर सरकार गंभीर है । इस मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष निवेदिता सिंह, पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन, संजय टाइगर, जिला अध्यक्ष राधा मोहन पांडे भी मौजूद थे। 

ममता ने एफआरडीआई विधेयक का विरोध किया

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कोलकाता 17 दिसंबर, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से प्रस्तावित वित्तीय संकल्प और जमा बीमा(एफआरडीआई) विधेयक -2017 को वापस लेने की अपील की है। तृणमूल कांग्रेस ने इस सख्त विधेयक का संसद के भीतर और बाहर विरोध करने का फैसला किया है। सुश्री बनर्जी ने श्री जेटली को लिखे पत्र में कहा कि प्रस्तावित विधेयक के प्रावधान के तहत आम लोगों की जमाराशि को बैंक इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर देगा अथवा जमा की प्रकृति एक से दूसरे वर्ग में बदल सकती है जिससे ब्याज दरों में बदलाव या जमा अवधि में परिवर्तन हो सकता है। इसके अलावा जमा के परिपक्वता से पहले निकासी के अधिकार पर रोक लगाया जा सकता है। 

श्रीराम मंदिर मामले को राजनेताओं ने जटिल बनाया : किशोर कुणाल

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पटना, 17 दिसंबर., बिहार राज्य धार्मिक न्याय परिषद के अध्यक्ष रहे और श्रीरामजन्म भूमि पुनरोद्धार समिति की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे अयोध्या विवाद के मुकदमे में पक्षकार आचार्य किशोर कुणाल का कहना है कि श्रीराम मंदिर विवाद का मामला पूरी तरह धार्मिक मामला है, राजनेताओं ने इसे जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है उम्मीद है कि इस पर अक्टूबर के पूर्व फैसला आ जाएगा। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे कुणाल ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले को लेकर सुलह की बात को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि जितने भी लोग इस मुद्दे को लेकर सुलह की कोशिश कर रहे हैं, वह सिर्फ खुद 'पब्लिसिटी'के लिए कर रहे हैं। बिहार में सैकड़ों प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धारा कराने वाले कुणाल कहते हैं, "इस मुद्दे को लेकर समझौता और सुलह संभव ही नहीं है, इस पर विचार करना सार्थक नहीं है।"इस मामले में एक अक्टूबर तक फैसला आने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा जी अक्टूबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इस कारण मुझे उम्मीद है कि एक अक्टूबर तक इस मामले में फैसला आ जाएगा।"

कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा इस मामले की सुनवाई को वर्ष 2019 के संभावित चुनाव के बाद करने की बात को असंगत बताते हुए कुणाल ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। इस मामले की सुनवाई फरवरी से प्रारंभ होगी और उम्मीद है फैसला अक्टूबर के पहले आ जाए। अयोध्या मंदिर को लेकर शोध कर चुके कुणाल ने अगले साल श्रीराम मंदिर निर्माण प्रारंभ होने के प्रश्न पर कहा कि हम लोगों के क्षेत्र में एक कहावत है 'जल में मछली और अभी से बंटवारा।'अभी इस पर कहना कुछ भी जल्दबाजी है। आगे फैसला तो आने दीजिए।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, "इस मसले को लेकर टेलीविजन पर किए जाने वाली बहस के दौरान ज्यादा लोग बकवास ही करते हैं। बहुत कम लोग हैं, जो ज्ञान की बात करते हैं। किसी के कहने और विरोध करने से कुछ नहीं होने वाला है, अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है, फैसले का इंतजार कीजिए। मैने तो पांच महीने से टेलीविजन देखना तक छोड़ दिया है।"मनसा-वाचा-कर्मणां में विश्वास करनेवाले आचार्य किशोर कुणाल को बिहार के मंदिरों, मठों और अन्य धार्मिक स्थलों के उद्धारक के रूप में देखा जाता है।

श्रीराममंदिर के पक्ष में फैसला आने का दावा करते हुए 'महावीर पुरस्कार'सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किए गए कुणाल कहते हैं, "यह मामला जब 1990 में प्रारंभ हुआ था तो काफी कम प्रमाण थे। वर्ष 2010 में जब हम लोगों ने उसमें अदालत में बहस कराई थी, तब काफी प्रमाण जुटाए गए थे, जब बराबरी का फैसला हुआ। आज 2017 में मंदिर के पक्ष में काफी प्रमाण जुटाए गए हैं, मुझे लगता है कि मंदिर के पक्ष में पलड़ा भारी रहेगा।"सरकार द्वारा कानून बनाकर फैसले करने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब समय था, तब सरकार यह पहल नहीं कर सकी। अब तो सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हो गई है। मंदिरों में दलित पुरोहितों की नियुक्ति को लेकर चर्चा में रहे कुणाल ने हालांकि यह भी कहा कि सरकार कभी भी कानून बनाकर इस मामले को निपटा सकती है, इसमें रोक नहीं है, परंतु अब इस स्थिति में सरकार ऐसा नहीं करेगी। अमेरिकी भूगर्भ वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा रामसेतु के अस्तित्व पर मुहर लगाने के संदर्भ में समाजसेवी कुणाल कहते हैं कि प्रारंभ से ही रामसेतु की प्रमाणिकता स्पष्ट है। इस पर कई लोग भ्रम फैलाते रहते हैं।

स्वास्थ्य : कैंसर की रोकथाम में जीवनशैली में बदलाव की अहम भूमिका

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर, एक हालिया शोध ने संकेत दिया है कि लगभग 40 प्रतिशत कैंसर मौतों को जीवनशैली में आसान बदलावों से रोका जा सकता है।  इस रोग के अधिक जोखिम वाले कारकों के आठ समूहों में तंबाकू का धुआं, अनुचित आहार, शराब, अधिक वजन या मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, पराबैंगनी (यूवी) किरणें, संक्रमण और हार्मोन संबंधी कारक शामिल हैं। यह भी बताया गया है कि कैंसर हमेशा आनुवंशिक नहीं होता है, लेकिन अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण यह रोग लग सकता है। धूम्रपान और तंबाकू चबाने से कैंसर अधिक होता है। अकेले तंबाकू ही हर साल 12 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनती है। तंबाकू की खपत कम करके फेफड़े, मुंह सहित 13 विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोका जा सकता है। शराब के अधिक सेवन से मुंह, फेरिंक्स, लेरिंक्स, ईसोफेगस, आंत, लिवर और स्तन कैंसर हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "कैंसर कई रोगों का एक समूह है। कैंसर शरीर के सभी जीवित कोशिकाओं में हो सकता है और विभिन्न कैंसर के विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक इतिहास हैं। हालांकि, कुछ दुर्लभ कैंसर आनुवांशिक उत्परिवर्तनों से प्रेरित हो सकते हैं। सबसे अधिक प्रचलित बीमारियां पर्यावरणीय और जीवनशैली के कारकों के कारण होती हैं।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि यदि प्रारंभिक चरण में पता लग जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए तो उस पर कम लागत आती है। अगर लोग स्क्रीनिंग के लिए रिपोर्ट करते हैं तो इलाज में आसानी होती है। दुर्भाग्य से, लगभग दो-तिहाई कैंसर मामलों का लास्ट स्टेज में ही इलाज होता है। ऐसे मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है।"उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के कैंसर हैं। कैंसर के उपचार के विकल्प में कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा और सर्जरी शामिल हो सकती है। हालांकि, जीवनशैली में परिवर्तन करके इस हालत को काबू में किया जा सकता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया, "कैंसर को समाप्त करने के लिए रोकथाम और जागरूकता महत्वपूर्ण उपाय है। कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करने के लिए जीवन में और हमारे चारों ओर बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि जीवनशैली में कुछ बुनियादी परिवर्तनों से शुरुआत करनी चाहिए।"

यहां जीवनशैली में बदलाव के कुछ उपाय -
1. शरीर का वजन कम ही रखें। , 2. सुनिश्चित करें कि प्रत्येक दिन लगभग 30 मिनट के लिए शारीरिक गतिविधि करें।, 3.  मीठे से बचें और उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थो की खपत को सीमित करें।, 4. सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियां अधिक खाएं।, 5.  शराब का सेवन सीमित करें।, 6.  नमक (सोडियम) का सेवन कम से कम करें।

स्मिता पाटिल मेरे मुकाबले ज्यादा बेहतर थीं : रेखा

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मुंबई, 17 दिसंबर, स्मिता पाटिल मेमोरियल पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं दिग्गज अभिनेत्री रेखा अपने मुकाबले स्मिता पाटिल को कहीं ज्यादा बेहतर अभिनेत्री मानती हैं।  रेखा को शनिवार की रात सिनेमा क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मुझे स्मिता के नाम पर पुरस्कार प्राप्त हुआ। मैं यही कहना चाहती हूं कि आप सभी ने यह बहुत अच्छा किया है कि आपने पहला स्मिता पाटिल मेमोरियल पुरस्कार मुझे देने का फैसला किया है, क्योंकि मुझे लगता है कि सिर्फ मुझे यह पुरस्कार पाने का अधिकार है।"अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए रेखा ने कहा, "यह पुरस्कार उनकी (स्मिता पाटिल) उत्कृष्टता का प्रतीक है, जिसमें उनकी अभिनय क्षमता, नृत्य क्षमता या कैमरे के सामने बेखौफ आने की क्षमता या भूमिकाओं को चुनना या जिस तरह से वह हर क्षण जीती थीं और जिस तरह एक शब्द कहे बिना वह अपनी खूबसूरत आंखों से बोलती थीं।"उन्होंने कहा, "मैं यह इसलिए नहीं कह रही कि मैंने उनके नाम का पुरस्कार जीता है, बल्कि वह मुझे बेहतरीन और शानदार अभिनेत्री लगती थीं। मुझे यह 30 वर्ष पहले ही महसूस हो गया था, जब मैंने उनकी सभी फिल्में देखने का निर्णय लिया। आज, मैं कह सकती हूं कि वह मेरी तुलना में और किसी और की तुलना में बेहतर अभिनेत्री थीं।"इस कार्यक्रम में अमृता सुभाष, प्रतीक बब्बर और महान संगीतकार आनंदजी वीरजी शाह भी उपस्थित हुए।

आर्थिक फैसलों पर होगा राजनीतिक वास्तविकता का असर : एसोचैम

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नई दिल्ली, 17 दिसम्बर, प्रमुख उद्योग संगठन, एसोसिएटेड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने रविवार को कहा कि भारतीय कॉरपोरेट (इंडिया इंक) को यह समझने की जरूरत है कि सरकार के आर्थिक फैसलों पर राजनीतिक वास्तविकताओं का असर होगा, क्योंकि एक तो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी नई व्यवस्था अभी तक व्यापारियों को पूरी तरह गले नहीं उतर पाई है और 2018 में कई प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।  गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन पहले एसोचैम की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्रम कानून जैसे सुधार के सख्त कदम से भारतीय कॉरपोरेट को कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि जनता के गले यह नहीं उतरेगा, वह भी ऐसे समय में जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उद्योग चैंबर ने अपने आंतरिक आकलन के आधार पर कहा है, "श्रम कानूनों में लचीलापन जैसे सख्त सुधार का कोई भी कदम जन भावना के विपरीत होगा हो सकता है। इसलिए इस मोर्चे पर इंडिया इंक को अपनी उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।"एसोचैम ने कहा है, "2019 में लोकसभा चुनाव, और 2018 में राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसलिए मतदाताओं की भावना का असर केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों में अनिवार्य रूप से देखने को मिलेगा।"

हालांकि एसोचैम का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक व आर्थिक माहौल का ही नतीजा है कि जीएसटी को फिर से सरल व कारगर बनाने की उम्मीद की जा रही है। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाया जा सकता है। एसोचैम ने कहा कि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली व्यापारियों के गले नहीं उतरी है, जो राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी राजनीतिक ताकत है और गुजरात चुनाव के दौरान यह अहम मसला था। इसके अलावा बजटीय प्रस्तावों से छोटे व मझौले कारोबारियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उद्योग संगठन ने आगे कहा, "अल्पावधि में रोजगार पैदा करने में उनकी भूमिका देखी जा रही है और 2019 के आम चुनाव से पहले सरकार के लिए नौकरियां पैदा करना एक बड़ा मसला है।"एसोचैम के मुताबिक, अन्य कारकों में खासतौर से महंगाई पर नजर रखनी होगी, जोकि अब सरकार की भी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल होगी। इसके अलावा 2018 में मॉनसून भी ग्राणीण क्षेत्र की मांग पर असर डालने वाला एक महत्वपूर्ण कारक होगा। उधर, बैंक व कंपनियां अपने बैलेंस शीट को सुधारने में जुटी हैं।

गुजरात की जनता बदलाव के पक्ष में : ज्योतिरादित्य सिंधिया

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भोपाल, 17 दिसंबर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भरोसा है कि गुजरात विधानसभा के चुनाव नतीजे कांग्रेस के पक्ष में होंगे, क्योंकि वहां की जनता बदलाव चाहती है। अपने संसदीय क्षेत्र गुना जाने से पहले सिंधिया ने यहां रविवार सुबह पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "गुजरात की जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है, उसके सामने वहां की सरकार की विफलताएं हैं, वहीं कांग्रेस ने हर वर्ग महिला, युवा, छात्र, किसान, मजदूर के लिए अपनी योजना सामने रखी है। लिहाजा वहां कांग्रेस के पक्ष में जनता का समर्थन है।"सिंधिया ने गुजरात चुनाव में पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी की सक्रियता की सराहना की। साथ ही कहा कि राहुल गांधी ने हर वर्ग के लिए काम करने का भरोसा दिलाया है। वहां के लोग भी चाहते है कि सरकार बदले। सिंधिया ने राज्य सरकार के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग द्वारा लगाए गए सांसद निधि का उपयोग नहीं करने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में तीन जिलाधिकारी हैं, उनसे वह ब्योरा ले सकते हैं। मगर दिक्कत यह है कि भाजपा के लोगों की एक ही धारणा है कि 'झूठ बोलो, बार-बार बोलो और जोर से बोलो'। उनकी इस कोशिश से सच्चाई के सामने आने में परेशानी हो सकती है, लेकिन सच्चाई परास्त नहीं हो सकती।

इंटरपोल ने जाकिर नाईक पर रेड कार्नर नोटिस को रद्द किया

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नई दिल्ली, 17 दिसम्बर, इंटरपोल ने शनिवार को विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने से इनकार करने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि वह इसके लिए फिर से इंटरपोल से आग्रह करेगी। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, "एनआईए की जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस के आग्रह को इंटरपोल ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि इंटरपोल मुख्यालय को आग्रह जमा किए जाने के दौरान आरोप पत्र दाखिल नहीं किए गए थे।  अब एनआईए इंटरपोल से फिर से आग्रह करेगा, क्योंकि मुंबई की एनआईए अदालत में पहले ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।"नाईक के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "इंटरपोल ने नाईक पर रेड कार्नर नोटिस को रद्द कर दिया है और दूसरे कारणों सहित राजनीतिक व धार्मिक पूर्वाग्रहों का हवाला देते हुए दुनिया भर में अपने कार्यालयों के सभी फाइलों से उनके डाटा को हटाने के लिए कहा है।"इसमें यह भी कहा गया, "इंटरपोल आयोग ने गहन जांच में पाया कि भारतीय एजेंसी का आग्रह इंटरपोल के नियमों के अनुरूप नहीं था और इस तरह से भारत सरकार के रेड कार्नर नोटिस जारी करने के आग्रह को रद्द कर दिया।"भारत सरकार ने नाईक व उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है और इसे गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। नाईक पर अपने भाषणों के जरिए घृणा फैलाने, आतंकी समूहों का वित्तपोषण करने व धनशोधन का आरोप है। एनआईए ने बीते साल नाईक पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

मोदी, भाजपा के खिलाफ शिकायतों पर आयोग अभी मौन

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गांधीनगर, 17 दिसंबर, गुजरात चुनाव के परिणाम सोमवार को आएंगे, लेकिन निर्वाचन आयोग अभी भी सत्तारूढ़ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सका है, बल्कि अभी जांच कर रहा है।  कांग्रेस का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ उसके द्वारा की गई शिकायतों पर आयोग तेजी से कार्रवाई नहीं कर रहा है। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने सभी प्रश्नों के जवाब में सिर्फ एक वाक्य कहा, "हम जांच कर रहे हैं।"सीईओ के कार्यालय ने आईएएनएस को दो दिनों तक यह नहीं बाताया कि आचार संहिता के उल्लंघन पर उनके पास कितनी शिकायतें आई हैं। कांग्रेस का दावा है कि वह 20 आवेदन दे चुकी है। राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता 25 अक्टूबर को गुजरात चुनाव की घोषणा के बाद लागू हुई। यह संहिता सरकार को नई योजनाओं से संबंधित नीति की घोषणा करने और सभी दलों को सांप्रदायिक एवं जातीय तनाव बढ़ाने से रोकती है। राजनीतिक पार्टियों पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए आधिकारिक मशीनरी का उपयोग करने पर भी प्रतिबंध था। आचार संहिता उल्लंघन के मुख्य आरोप मोदी के खिलाफ थे। उन्होंने 29 नवंबर को भावनगर जिले के पलिताना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 30 साल से भी पहले हुए संघर्ष की याद दिलाते हुए पाटीदार और राजपूत समुदायों के बीच कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला बयान दिया। मंगध के पास स्थित चोमल गांव में 1982 में राजपूत समुदाय के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी और 19 पटेलों को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें बाद में बरी कर दिया गया। राजपूतों ने कथित तौर पर बदला लेने के लिए 1984 में मंगध में नौ पाटीदारों को मार डाला था। इस घटना के बाद मंगध गांव जातीय संघर्ष में उलझा रहा। लेकिन समय के साथ मामला शांत हो गया और तब से इस क्षेत्र में शांति बनी हुई है। बशर्ते उन्हें शांत रहने दिया जाए।

मोदी ने लोगों को उकसाया और कहा, "गुजरात उन दिनों को नहीं भूल सकता, जब (पाटीदार) किसानों को कुछ मुट्ठीभर राजपूतों द्वारा लूट लिया गया, जिनके पास कांग्रेस का आशीर्वाद था। अब लोगों को यह तय करना है कि क्या वह उस दिन को वापस लाना चाहते हैं या नहीं। आप उन लोगों को आशीर्वाद देना चाहते हैं, जिन्होंने मंगध में निर्दोष लोगों की हत्या करवाई?"उन्होंने बार-बार इन सवालों का जवाब मांगा। गुजरात खेदुत समाज ने भावनगर के जिलाधीश के जरिए मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आयोग से आग्रह किया कि उन्हें आगे चुनाव प्रचार न करने दिया जाए, क्योंकि वह समाज में नफरत फैला रहे हैं। गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी बी.बी. स्वेन ने कहा, "हम इसकी जांच कर रहे हैं।"नियमों के तहत चुनाव प्रचार के लिए मस्जिद, चर्च, मंदिर और पूजा के अन्य स्थानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन वडताल स्वामीनारायण पंथ मंदिर में 4 नवंबर को मोदी और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की उपस्थिति में मंदिर के मुख्य प्रशासक महाराज घनश्याम प्रसाद दास ने भक्तों से भाजपा के लिए वोट डालने की अपील की। इसके बारे में पूछे जाने पर भी स्वेन ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं।"

गांधीनगर के प्रधान पादरी ने एक पत्र लिखकर ईसाइयों से अपील की थी कि वे प्रभु यीशु से प्रार्थना करें कि गुजरात भारतीय संविधान के प्रति निष्ठावान रहे, जिस पर आयोग ने जिलाधीश के माध्यम से उन्हें एक नोटिस जारी किया और इस पत्र को लिखने के पीछे उनके उद्देश्य की व्याख्या करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने विवादित फिल्म 'पद्मावती'पर प्रतिबंध लगाया था। यह पूछे जाने पर कि क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है, स्वेन ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं।"चुनाव अभियान के अंतिम दिन 12 दिसंबर को मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा सामुद्रिक वायुयान सेवा शुरू करने की घोषणा करने के लिए साबरमती नदी के किनारे से धरोई बांध जलाशय तक सामुद्रिक वायुयान में उड़ान भरी। इस मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर स्वेन ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं।"कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 14 दिसंबर को दूसरे और आखिरी चरण के लिए होने वाले मतदान की पूर्व संध्या पर एक गुजराती टीवी चैनल को साक्षात्कार दिया था, जिसे दिखाए जाने पर आयोग ने चैनलों को नोटिस भेजा। मतदान के दिन मोदी ने अहमदाबाद में वोट डालने के बाद अपनी स्याही लगी उंगली दिखाते हुए रोड शो किया। कांग्रेस ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए आयोग में शिकायत दर्ज कराई, इस बावत पूछे जाने पर भी स्वेन ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं।"

आचार संहिता के अनुसार, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर पार्टियों और उम्मीदवारों का प्रचार करना प्रतिबंधित है। कांग्रेस ने एक वीडियो के आधार पर निर्वाचन आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई। वीडियो में एक भाजपा विधायक को मतदान केंद्र से बाहर जाते वक्त मातदाताओं को पैसे देते हुए देखा जा सकता है। स्वेन ने इस पर भी कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं।"कांग्रेस ने आयोग से तीन दागी अधिकारियों को चुनाव की ड्यूटी से हटाने की मांग की थी। इनमें से एक थे महेंद्र पटेल, जिन्होंने अपने फेसबुक पेज पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की थी। अन्य दो दागी व्यक्ति पुलिस अधिकारी थे, जो विवादास्पद मुठभेड़ में हुई हत्याओं में शामिल थे और जमानत पर बाहर हैं। ये हैं राजकुमार पंडियन और अभय चूड़ासमा। आयोग ने इनके खिलाफ शिकायतों पर भी कुछ नहीं किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और निर्वाचन आयोग की पुलिस तैनाती योजना के नोडल अधिकारी मोहन झा ने कहा, "चूंकि इन अधिकारियों के खिलाफ कोई विभागीय जांच नहीं चल रही है, इसलिए इन्हें मतदान कराने की ड्यूटी देकर किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।"

पंजाब नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत

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चंडीगढ़, 17 दिसम्बर, पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस ने रविवार को नगर निकाय चुनाव में भारी जीत हासिल की, जबकि विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने बूथ कैप्चरिंग और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पटियाला नगर निगम में 58 वार्डो पर जीत हासिल की, जबकि विपक्ष यहां खाता भी नहीं खोल पाया। जालंधर में कांग्रेस ने 66 वार्डो में जीत हासिल की, जबकि अकाली दल-भाजपा ने 12 सीटें जीती। अमृतसर में कांग्रेस ने 69 सीटों पर जीत दर्ज की और अकाली दल-भाजपा ने मिलकर 12 वार्डो पर जीत हासिल की। अमृतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगमों और 29 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान रविवार को हुआ। पटियाला शहर और कुछ अन्य स्थानों पर अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़पें हुईं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृहनगर पटियाला में पुलिस को दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। अकाली दल ने सभी वार्डो में चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए चुनाव को तत्काल रद्द करने की मांग की। अकाली दल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच कराने और कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करने वाले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की।

अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) पर निकाय चुनाव में जनता की आवाज को हराने के लिए कांग्रेस की साजिश का हिस्सा बनने का आरोप लगाया। उन्होंने परिणाम घोषित होने के बाद कहा, "हम उच्च न्यायालय जाएंगे और एसईसी, सत्ताधारी कांग्रेस और पुलिस अधिकारियों की साजिश को बेनकाब करेंगे।"दूसरी तरफ अमरिंदर सिंह ने चुनाव परिणाम को कांग्रेस की नीतियों पर जनता की स्पष्ट मुहर और विपक्ष के कुप्रचार की करारी हार बताया। उन्होंने एक बयान में कहा, "में पंजाब के लोगों को विपक्ष के दबाव के हथकंडे के आगे न झुकने के लिए बधाई देता हूं।"अकाली दल और भाजपा के नेताओं ने सत्ताधारी कांग्रेस पर धांधली करने के आरोप के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय के सामने अपराह्न् में विरोध प्रदर्शन किया। अकाली नेता और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने यहां मीडिया से कहा, "हमने लोकतंत्र की ऐसी हत्या पहले कभी नहीं देखी, जैसी कि आज हुई है।"इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, मुख्य विपक्ष आम आदमी पार्टी आप और शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बीच था। पंजाब के सबसे बड़े शहर लुधियान के नगर निगम के लिए चुनाव नहीं हो सका, क्योंकि यहां मतदाता सूची को अद्यतन नहीं किया जा सका था।

झारखंड में एक ही परिवार के 3 सदस्यों को पीट कर मार डाला

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रांची, 17 दिसम्बर, झारखंड के गुमला जिले में कुछ लोगों ने एक परिवार के तीन सदस्यों को रविवार को पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस के मुताबिक जिले के खटगांव नामक गांव में घटना से पहले तहलू राम (65), उनकी पत्नी लखपती देवी (55) और उनकी बेटी रुनी कुमारी के साथ (19) के साथ गांव वालों झपड़ हुई थी। 23 वर्षीय युवक नंदलाल केरेकेटा की मौत को लेकर कहासुनी कर रहे थे। दरअसल तहलू राम की बेटी के साथ नंदलाल लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था। पुलिस ने बताया कि तीनों को पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गई। घटना में दो लड़कियां गंभीर रूप से घायल हो गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दोनों घायल लड़कियों की पहचान नहीं हो पाई। इससे पहले पुलिस में शिकायत दर्ज किए जाने पर नंदलाल को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। थाने से भागने पर वह कुएं में गिर गया था जहां उसकी मौत हो गई थी। गांव के लोग नंदलाल की मौत को लेकर गुस्से में थे।

देश के हर नागरिक की सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता : नकवी

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किशनगढ़ बास (अलवर )17 दिसंबर, राजस्थान में कथित रूप से गोरक्षकों द्वारा हत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीय अल्संख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि मोदी सरकार ‘तुष्टीकरण’ की राजनीति के बगैर देश के हर नागरिक की सुरक्षा करना चाहती है लेकिन कुछ ताकतें धर्म के नाम पर देश को बांटकर सौहार्द का माहौल खराब करना चाहती हैं। श्री नकवी ने राजस्थान के अलवर जिले के किशनगढ़ बास के गजानंद गार्डेन में आयोजित ‘प्रोग्रेसिव पंचायत ’ को संबोधित करते हुए कहा ,‘हम यह यकीन दिलाना चाहते हैं कि देश के हर नागरिक की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है ।’ कुछ ताकतें लोगों का राजनीतिक शोषण करने के लिए धर्म के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी करके देश के लोगों में बंटवारा चाहती हैं ।’ ऐसे तत्वों को कड़ा संदेश देते हुए श्री नकवी ने कहा कि उन्हें इसतरह लोगों से निपटना आता है । उन्होंने कहा कि हम सब भारत मां की सन्तान हैं,इसलिए सौहार्द एवं तरक्की के माहौल को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ सबको एकजुट होना चाहिए । उल्लेखनीय है कि अलवर जिले में अप्रैल में कथित गोरक्षकों ने पहलू खान पर गोवंश की तस्करी का आरोप लगाकर उसकी पीट-पीट कर तथा नवंबर में उमर मोहम्मद नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गयी। इसके अलावा हाल ही में राजसमंद में कथित रूप से लव जेहाद के नाम पर पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी । इन घटनाओं से अल्पसंख्यकों में भय का माहौल है ।

कानून का शासन स्थापित करने में न्यायपालिका की अहम भूमिका : नीतीश

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पटना 17 दिसंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि यदि राज्य में विधि का शासन स्थापित हुआ है तो उसमें न्यायपालिका की अहम भूमिका है। श्री कुमार ने यहां इफेक्टिव इन्वेस्टिगेशन, स्पीडी ट्रायल एवं टाइमली जस्टिस विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुये कहा कि उनकी सरकार में यदि राज्य में कानून का शासन स्थापित हुआ है तो इसमें न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि समय पर सजा नहीं होगी, तो भय व्याप्त नहीं होगा। इसमें न्यायालय की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि लोगों में भय का नहीं, भरोसे का भाव पैदा होना चाहिए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान कहता है कि विधि का शासन कायम होना चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति लोगों को भरोसा और विश्वास रहना चाहिए। इसके लिए व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करते हैं, जिससे कानून का शासन कायम रख पाना संभव होता है। उन्होंने राज्य की किसी पूर्ववर्ती सरकार का नाम लिये बगैर कहा कि उस समय बिहार की जो स्थिति थी, सबको मालूम है। समय पर ट्रायल नहीं होता था, अपराधी छूट जाते थे, कानून का डर नहीं था। उनकी सरकार ने जल्द से जल्द मुकदमों के ट्रायल पर जोर दिया। खासकर आर्म्स एक्ट के मुकदमे क्योंकि इसमें दो-तीन ही गवाह होते थे और ज्यादातर सरकारी होते थे। 

श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2000 में जब राज्य का बंटवारा हुआ था तो यहां के कुछ अधिकारी झारखंड चले गए, उनका कैडर बदल गया। उन्होंने निर्देश दिया कि जितने भी अधिकारी गवाह हैं उनकी सूची अपडेट की जाए। इसके बाद प्रभावकारी परिणाम सामने आये। ट्रायल तेजी से हुये और समय सीमा के अंदर अपराधियों को सजा मिली। नियमित ट्रायल में भी तेजी आयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में राज्य में कुल दोषी करार दिये गये अपराधियों की संख्या 6839, वर्ष 2007 में 9853, वर्ष 2008 में 12007, वर्ष 2009 में 13146 और वर्ष 2010 में 14311 रही, जो शुरु में बढ़ते क्रम को दर्शाता है लेकिन बाद में यह संख्या घटने लगी और वर्ष 2016 में यह आंकड़ा घटकर मात्र 5508 रह गया। मुख्यमंत्री ने राज्य में विधि का शासन कायम रखने में सरकार की ओर से किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुये कहा कि उस समय थानाें में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कागज नहीं होते थे, गाड़ियां खराब थीं, पुराने हथियार थे और अन्य संसाधनों की कमी थी। उनकी सरकार ने इन समस्याओं से निजात पाने के लिए थानों को तीन श्रेणियों में बांट दिया। फंड की व्यवस्था की गई, जो रोटेटिंग था। इस राशि के खर्च होने पर कोष में फिर से उतने पैसे आ जाते थे। श्री कुमार ने कहा कि इसके अलावा दारोगा को किसी काम के लिए बाहर जाना हो, किसी को हाजिर कराना हो, इन सब पर खर्च के लिए पैसे दिये गये। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में बिहार पुलिस अधिनियम बना। उच्चतम न्यायालय में भी कहा गया कि कानून व्यवस्था और जांच के लिए अलग विंग होने चाहिए, इसके लिए अलग-अलग पुलिस निरीक्षकों को जिम्मा दे दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक अकादमी में पुलिस अधीक्षक को प्रशिक्षण तो दिया ही जाना चाहिए और साथ ही दारोगा के लिए भी छोटे पाठ्यक्रम की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हरसंभव सहायता करती है। न्यायपालिका की ओर से जो भी पद की मांग की जाती है, उसे शीघ्र पूरा कर दिया जाता है। जितने स्वीकृत पद हैं, वो भर नहीं पा रहे हैं। पदों पर नियुक्ति न्यायपालिका को करनी है जबकि पद का सृजन सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि यदि पद का सृजन करना हो, प्रौद्योगिकी स्वीकार करनी हो या संसाधन उपलब्ध कराना हो, सरकार सबकुछ उपलब्ध करायेगी। श्री कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और विशेष न्यायालय अधिनियम बनाये गये हैं। इसके तहत जो लोक सेवक भ्रष्ट तरीके से धन अर्जित करेंगे उनकी संपत्ति जब्त होगी। शासन के अधिकार का दुरुपयोग करके धन अर्जन न करें। उन्होंने कहा कि ससमय कानून के मुताबिक कार्रवाई होने से भ्रष्ट लोगों पर भी बड़ा असर पड़ेगा। इस अवसर पर सभी छह समूह के सदस्यों ने अपने-अपने विचार एवं सुझाव रखे। इस मौके पर विधि मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, बिहार न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार मंडल, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह, पटना उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, महाधिवक्ता ललित किशोर, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार न्यायिक अकादमी के निदेशक नवदीप कुमार पांडेय, बिहार विधि सेवा प्राधिकार के पदाधिकारी, बिहार पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी, सभी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

समस्तीपुर : अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस पर पथराव, लाठी चार्ज

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समस्तीपुर 17 दिसम्बर, बिहार में समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना क्षेत्र में आज अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस टीम पर उग्र ग्रामीणों ने हमला कर दिया जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि मालती गांव में अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस दल पर मोहम्मद जुबैर और उसके समर्थकों ने पथराव कर दिया जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये। जुबैर ने एक व्यक्ति के घर पर कब्जा कर मकान बना लिया था जिसे न्यायालय के आदेश पर पुलिस हटाने गयी थी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उग्र लोगों को खदेड़ दिया। पुलिस द्वारा की गई कथित पीटाई में तीन लोगों के घायल होने की सूचना पर उग्र लोगों ने पुलिस की एक जीप में भी आग लगा दी। पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की सूचना है। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। इसबीच भाकपा माले के जिला सचिव उमेश कुमार, जिला कमेटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह और प्रखंड सचिव फूलबाबू सिंह ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने एक पक्ष के सर्मथन मे निर्दोष लोगों की पिटाई की। भाकपा माले नेताओं ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस घटना के विरोध में उनकी पार्टी आन्दोलन करेगी।

राजद का बिहार बंद 21 दिसंबर को, सिख श्रद्धालुओं को नहीं होगी परेशानी : लालू

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पटना 17 दिसंबर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज कहा कि नीतीश सरकार की लघु खनिज नीति से राज्य में बालू और गिट्टी की किल्लत के कारण आम लोगों को हाे रही परेशानी के विरोध में उनकी पार्टी ने 21 दिसंबर को बिहार बंद की घोषणा की है। श्री यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नीतीश सरकार लघु खनिज नीति वापस नहीं लेने पर अड़ी हुई है, जिससे राज्य को बालू और गिट्टी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के इस नीति पर रोक लगाने के निर्णय का राज्य सरकार उल्लंघन कर रही है, जो अदालत की अवमानना है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से यहां आने वाले सिख श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये उनकी पार्टी ने फैसला किया है कि पूर्वी पटना को बंद के दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राजद गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वाले गुरू गोविंद सिंह का सम्मान करता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बंद के दौरान सिख श्रद्धालुओं को किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। श्री यादव ने कहा कि 21 दिसंबर को बिहार बंद के दौरान अवश्यक सेवाओं जैसे कि एंबुलेंस के परिचालन तथा चिकित्सा सुविधाओं पर कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व का आयोजन राजधानी पटना में 23 से 26 दिसंबर तक होगा। गुरू गोविंद सिंह की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर साहिब पूर्वी पटना में है।

ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को नीतीश का करारा जवाब

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पटना 17 दिसंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मशीन में गड़बड़ी होने की आशंका जताने वालों को करारा जवाब देते हुये आज कहा कि चुनाव में हार से डरे दल ऐसे सवाल उठा रहे हैं। श्री कुमार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपने ट्विट में इशारा किया कि कुछ पार्टियां गुजरात विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीन को लेकर सवाल उठा रही हैं। यह वैसे दल हैं जो हार के डर से ईवीएम में गड़बड़ी होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं और वे केवल हार के डर से ऐसा कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “अब मतदान के अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है।”  उल्लेखनीय है कई मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल में गुजरात में भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। इस पर कांग्रेस सहित कई राजनीति दल चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं।

हितेन तेजवानी ‘बिग बॉस’ से बाहर

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मुम्बई, 17 दिसम्बर, लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेता हितेन तेजवानी आज रात ‘‘बिग बॉस’’ के घर से बाहर हो गए जो कि इस रिएलिटी टेलीविजन शो के वर्तमान सीजन की सबसे बड़ी हैरानियों में से एक है। नामिनेटेड प्रतिभागियों शिल्पा शिंदे, प्रियंक शर्मा, लव त्यागी और हितेन में से 43 वर्षीय हितेन शो के 11वें सीजन से बाहर हो गए। हितेन ने कहा, ‘‘ यह :घर से बाहर होना: मेरे लिए सबसे बड़ी हैरानी के तौर पर आया। कुछ लोगों जैसे प्रियंक और लव की तुलना में मैं घर में रहने लायक था। मेरा मानना है कि मैं अन्य प्रतिभागियों के लिए एक खतरा था। मैं महसूस करता हूं कि लोग मजबूत प्रतिभागियों को बाहर करने के इंतजार में थे। हम 12वें सप्ताह में थे और अब खेल गंदा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि मौका मिलता है ते मैं शो में फिर से वापस जाना चाहूंगा लेकिन मैं अपने दिमाग में बदले की भावना से नहीं जाऊंगा। मुझे पता होगा कि मेरे पीछे कौन अच्छा था और कौन बुरा। मैं यही कहूंगा कि मैंने असली चेहरे देखे।’’ आज के रात ‘‘वीकेंड के वार’’ एपिसोड में घर से बाहर होने की प्रक्रिया थोड़ी अलग थी क्योंकि मेजबान सलमान खान ने नामिनेटेड प्रतिभागियों हितेन और प्रियंक को एक गुप्त कक्ष में प्रवेश करने और वहां इंतजार करने के लिए कहा। वहीं बाकी बचे प्रतिभागियों विकास गुप्ता, अरशी खान, हिना खान, आकाश डडलानी, लव त्यागी और पुनीश शर्मा को सर्वसम्मति से यह फैसला करना था कि घर से बाहर किसे किया जाना चाहिए।’’ हितेन ने कहा,‘‘मेरा मानना है कि बहुसंख्यक ने प्रियंक को घर में रहने के लिए चुना। मेरा मानना है कि विकास, अरशी और पुनीश ने मेरे पक्ष में मतदान किया। चौंकाने वाली बात है कि शिल्पा ने मुझे वोट नहीं किया।’’
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