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नौसेना का मिग -29 विमान दुर्घटनाग्रस्त

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, नौसेना का एक मिग -29 के लड़ाकू विमान आज गोवा के हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन सौभाग्य से पायलट समय रहते विमान से छलांग लगाने में सफल रहा। नौसेना के अनुसार यह हादसा उस समय हुआ जब एक ट्रेनी पायलट विमान को नियमित प्रशिक्षण उडान के लिए ले जा रहा था। विमान उडान भरने से पहले ही रन वे पर फिसल गया और इसमें आग लग गयी। पायलट ने समय रहते विमान से छलांग लगा कर जान बचा ली। अग्निशमन दल के कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। इस दुर्घटना के कारण रनवे को अन्य उडानों के लिए बंद कर दिया गया। मिग 29 के विमान की यह पहली दुर्घटना है।

डब्ल्यूटीओ में भारत के रुख को मंत्रिमंडल की मंजूरी

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में पिछले महीने अायोजित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 11 वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत के रुख का आज अनुमोदन कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वाणिज्य मंत्रालय के इस आशय के एक ‘नोट’ को आज पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी गयी। इस नोट में मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत के हितों की रक्षा, प्राथमिकता और सरोकारों का जिक्र किया गया है।  डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक में बाली एवं नैरोबी के संकल्प के अनुसार खाद्य सुरक्षा के लिए भंडारण और कृषि मुद्दों पर स्थायी समाधान तलाशना था। कुछ सदस्य देश सेवा के घरेलू नियमन, मछली पालन पर सब्सिडी, ई. काॅमर्स, निवेश सुविधा और छोटे कारोबार से संबंधित मुद्दों का समाधान चाहते थे। हालांकि इस बैठक में खाद्य सुरक्षा के लिए भंडारण और कृषि से संबंधित मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन सकी और कोई फैसला नहीं हो सका।  वर्ष 2014 और वर्ष 2015 में किए गए फैसलों के अनुसार खाद्य सुरक्षा के लिए भंडारण और कृषि से संबंधित मुद्दों का स्थायी समाधान होने तक इनके लिए अंतरिम व्यवस्था कायम रहेगी।

मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य जिलों में बंद के कारण जनजीवन प्रभावित

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मुंबई 03 जनवरी, भीमा कोरेगांव में विजय पर्व के समय सोमवार को एक दलित की मौत के बाद कुछ दलित संगठनों के महाराष्ट्र बंद के आह्वान के कारण मुंबई समेत राज्य के अन्य जिलों में आज जनजीवन प्रभावित हुआ। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की जीवन रेखा लोकल ट्रेन को विरार, मालाड, गोरेगांव और ठाणे में कुछ समय के लिए रोक दिया गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ा। मुंबई के कार्यालयों में लाखों लोगों को खाना पहुंचाने वाले डिब्बा वाले ने आज अपने सेवाएं बंद रखी। मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) अधिकारियों के अनुसार दलित कार्यकर्ताओं ने ‘बीईएसटी’ बेस्ट की 13 बसों को बान्द्रा के कलानगर, धारावी, कामराज नगर, गोरेगांव के संतोष नगर, मालाड के दिंडोसी और कांदीवली के हनुमान नगर में रोककर क्षति पहुंचाई। चेंबूर में स्कूल बसों को भी क्षति पहुंचाई गयी। बंद के कारण ओला और उबेर टैक्सी की भी सेवा प्रभावित हुयी। बेस्ट ने सुरक्षा कारणों से कई स्थानों पर बसों का संचालन बंद कर दिया। मुंबई से पुणे और कर्नाटक की ओर जाने वाली बसों को सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक रोक दिया गया है। दलित संगठनों ने अपराह्न ढाई बजे बान्द्रा में जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। घाटकोपर और अंधेरी के बीच चलने वाली मेट्रो ट्रेन को एहतियात के तौर पर रोक दिया गया है। मुंबई में बंद के आह्वान के कारण पुलिस ने चाकचौबंद बंदोबस्त किये हैं। मुंबई में स्कूल और कालेज खुले हुए हैं लेकिन स्कूल बसों को बंद कर दिया गया है। घाटकोपर के रमाबाई कालोनी और पूर्वी राजमार्ग पर पुलिस बल तैनात है। एमएसआरटीसी सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में कम से कम 144 बसों को नुकसान पहुंचाया है जिनमें 26 बसें औरंगाबाद डिपो की है। विश्व प्रसिद्ध अंजता और एलोरा गुफाओं के दीदार के लिए आये पर्यटक वहां फंसे हुए हैं। इनमें ज्यादातर पर्यटक जापान के हैं। सभी दुकानें, स्कूलों और व्यावसायिक प्रतिष्ठान को एहतियातन तौर पर बंद किया गया है। वामपंथी संगठनों ने बंद का समर्थन किया है। औरंगाबाद शहर में निषेधाज्ञा लगायी गयी है तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।

पुणे हिंसा भड़काने के आरोपियों के मोदी से सम्बन्ध : कांग्रेस

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, कांग्रेस ने आज अारोप लगाया कि महाराष्ट्र के भीमा -कोरेगांव में हिंसा भड़काने के जिम्मेदार लोगों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के साथ सम्बन्ध हैं । कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोईली ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में अपने इस आरोप के समर्थन में कुछ फोटो दिखाये और कहा कि जिन लोगों ने हिंसा भड़काई है उनके श्री माेदी और श्री फणनवीस के साथ फोटो हैं। श्री मोईली ने कहा कि यह कहना गलत है कि इस हिंसा के पीछे मराठा लोगों का हाथ है । राज्य में मराठा और दलित समुदाय के बीच हमेशा से सौहार्द्रपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा के पीछे फासीवादी सांप्रदायिक ताकतों का हाथ है जो दोनों समुदायों के बीच फूट डालकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के किसी सदन में आकर दोनों समुदाय के लोगों से एकजुट रहने की अपील करनी चाहिए थी लेकिन दिल्ली में होने के बावजूद वह सदन में नहीं आये । उन्होंने कहा कि पिछले 200 वर्षाें से दलित समुदाय भीमा कोरेगांव में ‘शौर्य दिवस ’मना रहा है और महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार इसमें हिंसा हुई है। श्री मोईली ने कहा कि इसकी बकायदा साजिश रची गयी और शांति बाधित करने के लिए लोगों को उकसाया गया । स्थानीय प्रशासन इसे टालने में नाकाम रहा ।  भारतीय जनता पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि उसके शासन वाले पांच राज्यों उत्तर प्रदेश ,बिहार ,राजस्थान ,मध्यप्रदेश और गुजरात में दलितों पर अत्याचार के सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं ।

हंगामे के बीच तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में पेश, विपक्ष इसे प्रवर समिति को भेजने पर अड़ा

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, राज्यसभा में आज जबरदस्त हंगामे के बीच तीन तलाक से संबंधित विधेयक पेश कर दिया गया लेकिन विपक्षी सदस्य इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग पर अड़ गये जिसके कारण सदन में अव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। महाराष्ट्र के पुणे में जातीय हिंसा के मुद्दे पर तीन बार स्थगन के बाद जब तीन बजे कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर फिर से जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच उप सभापति पी जे कुरियन ने विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद को तीन तलाक से संबंधित विधेयक सदन में पेश करने को कहा। इस पर विपक्षी सदस्यों ने गहरी आपत्ति व्यक्त की और वे सरकार को दलित विरोधी बताते हुए हंगामा करने लगे। श्री प्रसाद ने हंगामे के बीच ही मुस्लिम महिला (विवाह) अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 पेश कर दिया।

जगन मोहन रेड्डी की 117.74 करोड़ की संपत्ति जब्त

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हैदराबाद 03 जनवरी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने काले धन को सफेद बनाने के मामले में वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी की 117.74 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी ने बताया कि धन शोधन निवारण कानून के तहत श्री रेड्डी की 117.74 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गयी है। जांच एजेंसी की यहां स्थित क्षेत्रीय शाखा ने श्री रेड्डी की संपत्ति के अस्थायी जब्ती का आदेश जारी किया। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से दायर प्राथमिकी के आधार पर श्री रेड्डी और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की है। इस प्राथमिकी के मुताबिक श्री रेड्डी ने मई 2004 में कई कंपनियां शुरू की जिनमें विशेष आर्थिक क्षेत्र, सिंचाई अनुबंध, रियल स्टेट उपक्रम शामिल हैं और इन कंपनियों में राज्य सरकार के फैसलों से लाभान्वित लोगों से रिश्वत के तौर पर ली गयी रकम निवेश करवाया था।

आईएएस अधिकारी दीपंक आनंद के चार ठिकाने पर निगरानी का छापा

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पटना 03 जनवरी, बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी दीपक आनंद के राजधानी पटना और झारखंड समेत चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर करीब दो करोड़ तीस लाख रुपये से ज्यादा की सम्पत्ति का खुलासा किया है। एसवीयू के पुलिस महानिरीक्षक रत्न संजय ने यहां बताया कि पदस्थापन की प्रतीक्षा में चल रहे 2007 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक आनंद के खिलाफ एसवीयू थाने में आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया गया था। इसी को लेकर श्री आनंद के पटना, सीतामढ़ी, कटिहार और झारखंड के गोड्डा जिला स्थित ठिकाने पर एक साथ छापेमारी की गयी। झारखंड के गोड्डा में श्री आनंद का ससुराल है। श्री संजय ने बताया कि छापेमारी के दौरान निवेश से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ ही बैंक खाते भी बरामद किये गये हैं। बरामद दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। प्रारंभिक जांच से यह पता चलता है कि आईएएस अधिकारी ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि कटिहार में छापेमारी के दौरान अबतक 77 लाख रुपये की सम्पत्ति का अबतक पता चला है। 

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि सभी ठिकानों पर छापेमारी अभी भी जारी है और इसके समाप्त होने के बाद ही सही आकलन कर कुछ भी बताया जा सकेगा। श्री आनंद सारण और बांका में जिलाधिकारी रहने के साथ ही प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग दो करोड़ तीस लाख रुपये की सम्पत्ति का खुलासा हो सका है। इसबीच गोड्डा से यहां प्राप्त सूचना के अनुसार, एसवीयू की टीम ने श्री आनंद के गोड्डा जिले के महागामा, बलबड्डा, ललमटिया, हनवारा और नयानगर स्थित ठिकाने पर भी छापेमारी की। श्री आनंद के महागामा स्थित कृष्णानंद भगत कॉम्पलेक्स में करीब पांच घंटे तक छापेमारी की गयी। इस दौरान किसी को भी घर के अंदर और बाहर आवाजाही नहीं करने दिया गया। एसवीयू के साथ ही स्थानीय पुलिस की टीम ने भी श्री आनंद के ससुराल के घर को घेरे में ले रखा था। बाद में श्री आनंद के ससुर ने बताया कि छापेमारी करने आयी टीम ने कई दस्तावेज, बैंक पासबुक, लैपटॉप और प्रिंटर को भी जब्त कर लिया है। छापेमारी करने आयी टीम अपने साथ गोड्डा के हनवारा के रहने वाले मोहम्मद जब्बार और करीम को साथ लेकर आयी थी। 

बिहार में बर्फीली हवा से लोग बेहाल, पटना में दूसरे दिन भी सर्वाधिक ठंड

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पटना 03 जनवरी, बिहार में पश्चिमी विक्षोभ एवं बर्फीली हवा के कारण पटना में आज दूसरे दिन भी सबसे अधिक ठंड रहने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार पटना, गया समेत मध्य बिहार के कई जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है। इसके अलावा सीमांचल एवं कोसी के जिलों में भी इसका प्रभाव बना रहेगा। इसी तरह अगले 48 घंटे में सुबह के समय घना कोहरा रहेगा लेकिन धूप निकलने के बाद सर्द हवा के थपेड़ों से कड़ाके की ठंड भी रहेगी। विभाग के अनुसार शाम के बाद कोहरा छाये रहने एवं रात के समय तापमान में गिरावट होने की संभावना है। पांच एवं छह जनवरी को मौसम का सबसे ठंडा दिन रहने की चेतावनी भी दी गयी है। पश्चिमी विक्षोभ एवं बर्फीली हवा के कारण बिहार के मैदानी इलाकों में ठंड की संभावना जतायी गयी है। इसी तरह सुबह के समय कोहरे के कारण दृश्यता भी कम आंकी गयी है। हालांकि इस दौरान आसमान साफ रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

पिछले दो दिनों से जारी हाड़ कंपाने वाली ठंड के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। सर्द हवा के कारण दिन चढ़ने के बाद भी लोग घरों में दुबके रहे । हालांकि आज दिन चढ़ने के बाद कुछ देर के लिये धूप निकलने से लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की लेकिन कनकनी में कमी नहीं हुयी। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया । कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने 07 जनवरी तक के लिये सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों को बंद रखने का आदेश दिया है। प्रशासन की ओर से प्रमुख चौक-चौराहों पर पर्याप्त अलाव की व्यवस्था नहीं किये जाने से सड़क किनारे गुजर बसर करने वाले लोगों को काफी कठिनाई हो रही है । ऐसे में लोग टायर जलाकर भीषण ठंड का सामना करते हुए देखे जा रहे हैं। बिहार में कोहरा छंटने के बाद तापमान में आयी गिरावट से पटना आज सर्वाधिक ठंडा स्थान रहा वहीं दृश्यता बेहतर होने से हवाई सेवाओं में धीरे-धीरे सुधार होने लगा है लेकिन ट्रेन सेवाओं की हालत अभी भी खस्ता बनी हुयी है। पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से अधिकांश विमानों ने आज भी उड़ाने भरी।

वहीं, कोहरे का प्रभाव ट्रेनों के परिचालन पर अभी भी बना हुआ है। निर्धारित समय से चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों के साथ ही कई सवारी गाड़ियां अभी भी कई घंटे विलंब से चल रही हैं। ट्रेनों के निर्धारित समय से नहीं चलने के कारण ठंड के इस मौसम में स्टेशनों पर यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मौसम विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि पटना का अधिकतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 07.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो इस मौसम में लगातार दूसरे दिन अबतक का सबसे कम तापमान है। वहीं, गया का अधिकतम 17.5 डिग्री एवं न्यूनतम 05.8 डिग्री, भागलपुर का अधिकतम 17.3 डिग्री और न्यूनतम 05.6 डिग्री तथा पूर्णिया का अधिकतम 16.6 तथा न्यूनतम तापमान 07.1 डिग्री सेल्सियस रहा। विभाग में ने अपने 48 घंटे के पूर्वानुमान में कहा है कि सुबह के समय घना कोहरा रहेगा लेकिन दिन चढ़ने के साथ आकाश साफ रहेगा। चार और पांच जनवरी को फिर से शीतलहर चलने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा

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नई दिल्ली, 3 जनवरी, संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के मुद्दे पर लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कांग्रेस नेता शशि थरूर के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। थरूर ने इसकी जरूरत पर सवाल उठाए, वहीं मंत्री ने अपने जवाब में उन्हें 'अज्ञानी (इग्नोरेंट)'कहा। सुषमा स्वराज ने एक सवाल के जवाब में कहा, "यह प्राय: पूछा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी एक अधिकारिक भाषा क्यों नहीं है। आज, मैं सदन से कहना चाहूंगी कि इसके लिए सबसे बड़ी समस्या नियम है।"मंत्री ने बताया कि नियम के अनुसार, "संगठन के 193 सदस्य देशों के दो तिहाई सदस्यों यानी 129 देशों को हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के पक्ष में वोट करना होगा और इसकी प्रक्रिया के लिए वित्तीय लागत भी साझा करने होंगे।"उन्होंने कहा, "इसके संबंध में मतदान के अलावा, देशों के ऊपर राशि का अतिरिक्त भार भी है। हमें समर्थन करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर देश इस प्रक्रिया से दूर भागते हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं, हम फिजी, मॉरिशस, सुरीनाम जैसे देशों से समर्थन लेने की कोशिश कर रहे हैं, जहां भारतीय मूल के लोग रहते हैं।"

उन्होंने कहा, "जब हमें इस तरह का समर्थन मिलेगा और वे लोग वित्तीय बोझ को भी सहने के लिए तैयार होंगे, यह अधिकारिक भाषा बन जाएगी।"मंत्री ने कहा कि सरकार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने के लिए किसी भी तरह की राशि खर्च करने के लिए तैयार है लेकिन राशि खर्च करने से उद्देश्य की प्राप्ति नहीं होगी। सुषमा स्वराज ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि उन्होंने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया था। स्वराज ने कहा, "जब हमारे यहां विदेशी मेहमान आते हैं, और अगर वह अंग्रेजी में बोलते हैं तो हम भी अंग्रेजी में बोलते हैं। अगर वह अपनी भाषा में बोलते हैं, तो हम हिंदी में बोलते हैं। जहां तक भाषा की गरिमा का सवाल है, विदेश मंत्रालय ने अबतक हिंदी में ज्यादा काम नहीं किया है।"

संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके और संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए वर्ष 2006 में हुए चुनाव में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले थरूर ने हिंदी को आगे बढ़ाने पर सवाल उठाए और कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा भी नहीं है। उन्होंने कहा, "हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं हैं, यह अधिकारिक भाषा है। हिंदी को आगे बढ़ाने पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न उभरता है। हमें संयुक्त राष्ट्र में अधिकारिक भाषा की क्या जरूरत है? अरबी, हिंदी से ज्यादा नहीं बोली जाती है, लेकिन यह 22 देशों में बोली जाती है। हिंदी केवल एक देश(हमारे देश) की आधिकारिक भाषा के तौर पर प्रयोग किया जाता है।"थरूर ने कहा, "प्रश्न यह है कि इससे क्या प्राप्त होगा। अगर इसकी जरूरत है तो हमारे पास प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री हैं, जो हिंदी में बोलना पसंद करते हैं, वे ऐसा करते हैं और उनके भाषण को अनुवाद करने के लिए राशि अदा कर सकते हैं। आने वाले समय में हो सकता है कि भविष्य के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री तमिलनाडु से हो।"

उन्होंने कहा, "सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी है। मैं हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों के गर्व को समझ सकता हूं, लेकिन इस देश के लोग जो हिंदी नहीं बोलते हैं, वह भी भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं।"

थरूर के बयान पर सत्ता पक्ष ने विरोध किया।

सुषमा स्वराज ने थरूर के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हिंदी को कई देशों में भारतीय प्रवासी भी बोलते हैं। यह कहना कि हिंदी केवल भारत में बोली जाती है, यह आपकी 'अज्ञानता'है।"

उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा कि भारत हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए 129 देशों के संपर्क में है।

जिग्नेश, खालिद पर हिंसा भड़काने का मामला दर्ज

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mewani-and-khalid-accused-of- inciting-violence पुणे 04 जनवरी, महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय,दिल्ली के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए 505 और 117 के तहत मामला दर्ज किया है।मेवानी और खालिद पर हिंसा भड़काने का आरोप है। मामला पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। इस बीच पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का हावला देकर मुंबई में दोनों के कार्यक्रम को अनुमति देने से मना कर दिया है। दोनों के कार्यक्रम को अनुमति नहीं मिलने के बाद मेवानी के समर्थकों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। पुलिस ने मेवानी के कई समर्थकों को हिरासत में भी लिया है। दलित नेता मेवानी ने 31 दिसंबर को भीमा.कोरेगांव में एक कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमले किए थे। भीमा कोरेगांव में एक जनवरी 1818 को अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने पेशवा को हरा दिया था। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में बड़ी संख्या में दलित भी शामिल थे। युद्ध में हुई उस जीत का जश्न मनाने के लिए दलित समुदाय ने पुणे में एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसके बाद हिंसा भड़क गयी। दलित और मराठा समुदाय के लोग आमने सामने आ गये। इस कार्यक्रम में मेवानी और खालिद ने भाषण दिए थे। सोमवार को पुणे में भड़की हिंसा बाद में मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई जिलों में फैल गयी थी।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठिया मारा गया

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 जम्मू 04 जनवरी, जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आरएस पुरा सेक्टर में आज घुसपैठ का प्रयास नाकाम कर दिया और इस दौरान एक घुसपैठिया मारा गया।आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार सुबह करीब पौने छह बजे घने कोहरे के बावजूद सुरक्षा बलों ने आर एस पुरा में घुसपैठ के प्रयास को भांप लिया। इसके बाद पूरे इलाके में नाकेबंदी के बाद करीब सात बजे घुसपैठिया मारा गया। उन्होंंने बताया सांबा सेक्टर में कल पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बगैर उकसावे के की गयी गोलीबारी में बीएसएफ के हवलदार आर पी हजारे घायल हो गये। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई देर रात तक चलती रही। घायल हवलदार को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी लेेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रवक्ता के अनुसार पाकिस्तान की अाेर से शुरू में छोटे हथियारों से गोलीबारी की गयी लेकिन बाद में मोर्टार दागे गये। जवाबी कार्रवाई करते हुए बीएसएएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला और घुसपैठियों के ठिकानों काे निशाना बनाते हुए मोर्टार दाग कर उन्हें नष्ट कर दिया।


सुशील गुप्ता ने भेजी तीन को मानहानि नोटिस

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नयी दिल्ली 04 जनवरी, आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से राज्यसभा की सीट के लिए दिल्ली से घोषित उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने पैसा देकर टिकट खरीदने के आरोप लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश वर्मा, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा और भाजपा के स्थानीय नेता हरीश खुराना को मानहानि का नोटिस भेजा है। आप ने कल दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी जिसे लेकर राजनीतिक क्षेत्र में काफी आलोचना हुई थी और टिकट में मोटी रकम के लेन-देन के आरोप लगाये गए थे।श्री गुप्ता ने नोटिस में पैसे से टिकट खरीदने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। आप के करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने श्री गुप्ता की नोटिस पर कहा है कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने श्री गुप्ता के टिकट पर कहा था कि पार्टी को लीडर और डीलर में से किसी एक को चुनना था तो डीलर को चुन लिया गया। टिकट बंटवारे से आहत और राजघाट पर धरने पर बैठे श्री मिश्रा ने पार्टी की ओर से आप के दिवंगत कार्यकर्ता संतोष कोली की मां श्रीमती कलावती को उम्मीदवार घोषित किया है और आप विधायकों से उनके नाम के समर्थन और कल पर्चा भरने के समय उपस्थित रहने की अपील की है। श्री मिश्रा ने ट्वीट कर कहा,“ अगर सच कहने में इनके मान की हानि होती है तो सौ बार करूंगा, मानहानि। वह मानहानि के मुकदमे से डरने वाले नहीं हैं। पूरा देश जानता है ऐसे लोग राज्यसभा में कैसे जाते हैं। किसी मुकदमे से नहीं डरता। इनकी एकमात्र योग्यता है “पैसा” इनके राज्यसभा में जाने से असली मानहािन दिल्ली वालों की हुई है। सांसद वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नार्को टेस्ट की मांग करते हुए कहा था कि यदि वह इसमें 50 करोड़ रुपए में टिकट बेचने की बात को स्वीकार नहीं कर लें तो वह परिवार के साथ देश छोड़कर चले जायेंगे। श्री खुराना ने आरोप लगाया था की श्री गुप्ता को राज्यसभा भेजने के लिए 70 करोड़ रुपए में सौदा हुआ है। उनका कहना था कि वह श्री गुप्ता से अच्छी तरह परिचित हैं और मेरी जानकारी के मुताबिक टिकट का सौदा करीब 70 करोड़ रुपए में हुआ है।

तीन तलाक पर राज्यसभा में आज भी बना रहा गतिरोध

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नयी दिल्ली 04 जनवरी, तीन तलाक विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने के मुद्दे पर आज भी राज्यसभा में गतिरोध बना रहा है और विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। भाेजनावकाश के बाद ‘ देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर’ अल्पकालिक चर्चा संपन्न होने के बाद कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदू शेखर राय ने तीन तलाक विधयेक को प्रवर समिति को भेजे जाने के प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया शुरू करने और इस पर मतदान कराने की मांग की। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन में गतिरोध बन गया है और इसका समाधान यह है कि विपक्ष के सुझाव को सरकार मान ले तथा तीन तलाक के मामले में जेल जाने वाले व्यक्ति की पत्नी और उसके बच्चों के गुजारे के लिए सरकार व्यवस्था करे तो विपक्ष मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 का समर्थन करने के लिए तैयार है। विपक्ष की सामान्य सी मांग है कि इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। उन्होेंने कहा कि विपक्ष इस विधेयक के समर्थन में हैं और तीन तलाक प्रथा के पूरी तरह से खिलाफ है लेकिन मुस्लिम महिलाओं के हितों का संरक्षण होना चाहिए। इस पर सदन के नेता अरुण जेटली ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को सदन में रखे जाने में नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। इसलिए ये प्रस्ताव वैध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में समिति में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम घोषित किए गए और इनमें सत्ता पक्ष का एक भी सदस्य नहीं है। इस तरह से समिति का गठन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हाेंने कहा कि जो लोग विधेयक में अडंगा डालते हो उन्हें समिति में शामिल नहीं किया जा सकता। श्री जेटली ने उप सभापति पी जे कुरियन से इस मामले में व्यवस्था देने का अनुरोध किया तो श्री कुरियन ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को वैध बताया और कहा कि यह अब सदन की संपत्ति है और सत्ता पक्ष और विपक्ष को इस पर फैसला लेना है तथा इसमे सभापति की कोई भूमिका नहीं है। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने श्री कुरियन से अनुरोध किया कि अब वे कार्यसूची के अनुरूप कार्यवाही चलाए। इसका विपक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और कहा कि पहले अधूरे कार्य को पूरा किया जाना चाहिए। विपक्ष के सभी सदस्य अपने स्थानाें पर खड़े हो गए और जोर जोर से बोलने लगे। सदन में जारी हंगामे को शांत करने का प्रयास करते हुए श्री कुरियन ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष अौर विपक्ष के बीच कामकाज को लेकर सहमति नहीं हो तो उन्हें कार्यसूची के अनुरूप चलना पड़ेगा। उन्होंने वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) संशोधन विधेयक 2017 पर चर्चा शुरू करने लिए कांग्रेस के टी सुब्बारामी रेड्डी का नाम पुकारा तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी , समाजवादी पार्टी के सदस्य नारे लगाते हुए सभापति के आसन के समक्ष बढ़ने लगे। स्थिति को देखते हुए श्री कुरियन की सदन की कार्यवाही कल तक लिए स्थगित कर दी। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कल इस विधेयक को हंगामे के बीच सदन में पेश किया था और विपक्ष ने इसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने की मांग की थी तथा इस संबंध में श्री शर्मा और श्री रॉय ने सदन में प्रस्ताव भी पेश किया था। इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग की थी। लेकिन श्री जेटली ने इन प्रस्तावों को यह कहते हुये खारिज कर दिया था कि इसमें नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था। लेकिन विपक्ष उसे प्रवर समिति को भेजने पर अड़ा रहा और भारी हंगामा किया जिसके कारण कल भी सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी।

आप रास उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए

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नयी दिल्ली 04 जनवरी, दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से आज उसके तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए।पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, चार्टर्ड एकाउटेंट नारायण दास गुप्ता और और सुशील गुप्ता को कल उम्मीदवार घोषित किया था। पूर्व कांग्रेसी सुशील गुप्ता की उम्मीदवारी का पार्टी के प्रमुख नेता कुमार विश्वास और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने खुलकर विरोध किया है।नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले तीनों उम्मीदवार पार्टी के राउस एवेन्यू स्थित कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख पांच जनवरी है। विधानसभा में आप के प्रचंड बहुमत को देखते हुए तीनों उम्मीदवारों का चुना जाना निश्चित है। संजय सिंह खुली गाड़ी में परिवार के सदस्यों और पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष के साथ नामांकन करने पहुंचे। तीनों ने दरियागंज में डी एम निधि श्रीवास्तव के कार्यालय में पर्चे दाखिल किए।

जाधव के नये वीडियो की कोई विश्वसनीयता नहीं-भारत

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नयी दिल्ली 04 जनवरी, भारत ने पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के नये वीडियो को अविश्वसनीय बताते हुए आज खारिज कर दिया तथा कहा कि वह ऐसे हथकंडों को अपनाने की बजाए अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का अनुपालन करे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस वीडियो से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई है। पाकिस्तान इस वीडियो को लेकर बड़बोले बयान देने की पुरानी आदत पर चल रहा है। उन्हें सोचना चाहिए कि ऐसे दुष्प्रचार के हथकंडों की कोई विश्वसनीयता नहीं है। एक बंधक द्वारा दबाव में आकर अपनी खैरियत की तस्दीक करने और उसे बंधक बनाने वालों के आरोपों को अपने मुंह से कहलवाने पर कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को सही सलाह यही है कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का निर्वाह करे, चाहे राजनयिक संबंधों का मामला हो या संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1267 और 1373 (आतंकवाद) के अनुपालन अथवा एक भारतीय नागरिक के मानवाधिकारों के उल्लंघन काे रोकने का विषय हो।
 

विशेष आलेख : कोई देख रहा है !

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big boss
ताकझांक करना स्वाभाविक मानवीय कमजोरी है। किसी पर नजर रखना रोमांचक होता है। परन्तु दूसरों की जिंदगी में झांकना एक अशिष्ट आचरण माना जाता है। आवरण के पीछे का सच जानना कौतुहल पैदा करता है।  किसी के निजी पलों की तहकीकात करने का स्वभाव लगभग हर तीसरे व्यक्ति की आदत होती है। शिक्षा , संस्कृति ,और भौगोलिक विभिन्नताओं के बावजूद यह मनोविकार हर आयु वर्ग के लोगों में पाया जाता है।  कही थोड़ा - कही ज्यादा। रियलिटी टीवी शोज ने दर्शक के मन में खींची निजता लांघने की लक्ष्मण रेखा को विलीन कर दिया है। यह अब सहज स्वीकार्य संस्कृति बन चुकी है। हिंदी अंग्रेजी के प्रमुख अख़बारों ने एक नए चलन की शुरुआत की है। फ़िल्मी गपशप के साथ ये अखबार अब सेलिब्रिटी के एयरपोर्ट पर आने जाने के फोटो प्रकाशित करने लगे है। सुचना और समाचार का कौनसा उद्देश्य इस निजता के उल्लंघन से सार्थक हो रहा है ? शायद वे ही इसका बेहतर जवाब दे सकते है। लोकप्रिय और प्रसिद्ध व्यक्ति के छुप कर लिए फोटो अखबार के पाठक के अवचेतन में सुप्त पड़े ताका झांकी के भाव को हवा देने का ही काम करते है।  हॉलीवुड ने इस मानवीय कमजोरी को अवसर में बदलने का काम किया है। ताकझांक ने टेलीविज़न और वेबसाइट के पोर्टल्स को एक नए बाजार से परिचित कराया है। अमेरिका का टी एम् जी टीवी चैनल सिर्फ ताकझांक और गॉसिप के बल पर इस विधा का सिरमौर बना हुआ है। पॉप स्टार माइकल जैकसन की मृत्यु की खबर सबसे पहले इसी ने प्रसारित कर दुनिया में हंगामा मचा दिया था। 

1949 में ब्रिटिश लेखक जॉर्ज ऑरवेल ने अपने राजनैतिक उपन्यास '1984  ' ( नाइनटीन एटी फोर ) में एक ऐसे देश का व्यंगात्मक वर्णन किया था जहाँ शासक अपनी अवाम की हरेक गतिविधि पर नजर रखता है। शासक को लोग 'बिग ब्रदर 'के नाम से जानते है। देश का कोई भी व्यक्ति अपने तय शुदा व्यवहार से भटकता है तो उसके साथी उसे सचेत करते है ''सावधान ! बिग ब्रदर तुम्हे देख रहा है ' . इस उपन्यास से प्रेरित होकर अमेरिकी टीवी चैनल सी बी एस ने सन 2000 में पहला रियलिटी टीवी शो 'बिग ब्रदर 'प्रसारित किया था। शो के प्रतियोगियों को एक घर में रखा जाता है। इस घर में अखबार , टीवी , इंटरनेट और फ़ोन जैसी सुविधाए नहीं होती। घर के हरेक हिस्से को हाई रिजोलुशन केमेरे की जद में ला दिया जाता है। प्रतियोगियों की समस्त हरकत - चीखना चिल्लाना , गाली , गुस्सा ,साजिश कैमरे पर रेकॉर्ड होती रहती है जिसे बाद में टीवी पर प्रसारित कर दिया जाता है। 'बिग ब्रदर 'सत्रह वर्षों में उन्नीस बार टेलीविज़न पर दिखाया जा चूका है।  इसका 20 वां सीजन 2018 में आरम्भ होगा। बिग ब्रदर की प्रेरणा से भारत में 'बिग बॉस 'अस्तित्व में आया है। बिग बॉस की लोकप्रियता में समय समय पर उतार चढ़ाव आते रहे है। वर्तमान में इसका ग्यारवां सीजन 'कलर टीवी 'पर चल रहा है। मौजूदा समय में 'नकारात्मकता 'की मांग कुछ इस कदर बढ़ रही है कि बिग बॉस को क्षेत्रीय भाषाओ में भी बनाया जा रहा है। यह अकेला ऐसा शो है जहाँ प्रतियोगी जितनी घटिया और निम्न स्तरीय हरकत करते है उतना ज्यादा बिग बॉस की लोकप्रियता में  उछाल आता है !

ताकझांक को केंद्र में रखकर 'मास्टर ऑफ़ सस्पेंस 'अल्फ्रेड हिचकॉक ने एक मास्टरपीस फिल्म 'रियर विंडो 'बनाई थी।  1954 में बनी इस टेक्नीकलर फिल्म का नायक जेफ़ ( जेम्स स्टुअर्ट )  प्रोफेशनल फोटोग्राफर है। एक दुर्घटना में वह अपनी टांग तुड़वा बैठा है। फिलवक्त प्लास्टर बंधा होने से वह अपने अपार्टमेंट में कैद है। जेफ़ की सुंदर प्रेमिका लिसा ( ग्रेस केली ) उससे अक्सर मिलने आती है। जेफ़ खाली वक्त में अपने कैमरे से सामने वाले अपार्टमेंट में ताकझांक करता रहता है। रोज रोज यही करते हुए वह एक अपराध के होने की संभावना भांप लेता है। 1942 में एक जासूसी पत्रिका में छपी इस कहानी ने हिचकॉक को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने इसके लेखक को ढूंढकर पंद्रह हजार डॉलर में कहानी खरीद ली। 'रियर विंडो 'आज भी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 100 फिल्मों में 42 वे क्रम पर आती है। भले ही सभ्य समाज में ताका झांकी अब भी निम्न स्तरीय आदत मानी जाती हो परन्तु इस तथ्य को भी स्वीकारना ही पड़ेगा कि इसकी वजह से सिनेमा , साहित्य और टेलीविज़न को एक अनूठा विषय मिला है। 



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रजनीश जैन
सुजालपुर 

सामयिकी : नवल चाह, नवल राह, जीवन का नव प्रवाह

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बेंजामिन फ्रैंकलिन का कथन है - “बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता।“ समय का इंतजार इंसान तो कर सकता है लेकिन समय इंसान का इंतजार नहीं कर सकता। समय का प्रवाह अविरल है। यह न रुकता है और न थकता है, यह तो सतत चलता है। इंसान के पास सीमित समय हैं। यह इंसान के विवेक और बुद्धि पर निर्भर करता है कि वो इस समय का सदुपयोग करे है या दुरुपयोग। समय मुट्ठी में बंद रेत की तरह फिसलता जाता है। दरअसल, वक्त को जाते वक्त नहीं लगता। दीगर, यह भी सच्चाई है कि हर इंसान को अपना अतीत सुहाना लगता है। बहरहाल, बातों ही बातों में एक ओर साल 2017 हमसे अलविदा हो गया। और नववर्ष 2018 हर्षोल्लास के साथ दस्तक दे चुका है। 

किन्ही के लिए साल 2017 जल्दी-जल्दी गुजरा होगा तो किन्ही के लिए विलंब से बीता होगा। जिनके लिए बुरा रहा है। उन्हें अपना यह अतीत भूलकर आने वाले कल के बारे सोचना होगा। क्योंकि यह नववर्ष नये उत्साह, उमंग, हर्ष, नव निर्माण व नूतन संकल्पों का पावन प्रसंग है। यह हमें बीते साल की गलतियोें व भूलों को सुधारकर जीने का एक नया अवसर प्रदान करता है। बेशक, नववर्ष खूब से कई बेहतर की तलाश करने का माध्यम है। नववर्ष अपने आलिंगन में हरेक के लिए कुछ न कुछ नयी सौगातें, सपने एवं अवसर समेटकर लाता है। जिन्हें पूरा करने का हमें इस दिन संकल्प लेना होता है। ऐसे में नववर्ष की इस वेला पर केवल हम घर की खिड़कियों और दरवाजे के पर्दे, बिस्तर-तकिये के कुशन कवर ही न बदले अपितु स्वयं भी परिवर्तन का एक प्रतीक बनकर उभरे। ध्यान रहे नववर्ष महज महंगी-महंगी होटलों में शराब के नाम पर बेशुमार पैसों का अपव्यय करने का दिन मात्र नही हैं अपितु ये तो पुराने साल का विश्लेषण व आने वाले साल के इस्तक़बाल का अहम समय है। जहां इंसान को सोच-समझकर नववर्ष में अपने को बेहतर तरीके से दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करना है। या यूं कहे तो नववर्ष सपनों व आशाओं का आशियाना है। जहां गरीब से लेकर अमीर तक नये सपने और नयी आशाओं को अपने उर में पालते है। 

चूंकि नववर्ष आशा और उमंग का वर्ष है तो इस अवसर पर आशा की जानी चाहिए कि आने वाले समय में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में शीर्ष पायदान पर पहुंच जाएं। साथ ही, बेरोजगारी खत्म हो जाएं, प्रत्येक बच्चे के हाथ में किताब हो, देश में गरीबी का कीचड़ साफ हो जाएं, भ्रष्टाचार का भूत शिष्टाचारियों को सताना बंद कर दे, महंगाई डायन सरकार के काबू में आ जाएं, आतंकवादियों का हृदय परिवर्तन हो जाएं और वे आतंक का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दे, नेता वायदों की कबड्डी खेलना बंद करें और देश के उत्थान का संकल्प लें, युवापीढ़ी फैशन और व्यसन से हाय-तौबा करके आदर्श नागरिक बनकर देश के नव निर्माण में अपनी किंचित मात्र ही सही आहुति प्रदान करें, बाबागिरी पर ब्रेक लग जाएं, घरेलू हिंसा का दौर थमे, कोई फुटपाथ पर सोने को मजबूर न हो और किसी का आत्मगौरव व आत्मविश्वास शर्मिंदा न हो, सबके भुजबलों में इतनी शक्ति व सामर्थ्य जगे कि वे जीवन कि हर परिस्थिति का पूरे जोश के साथ मुकाबला कर सकें, बुजुर्गो का हर घर में सम्मान हो और बहुओं को दहेज के नाम पर नहीं जलाया जाएं। हर समस्या का समाधान हो और हर कोई जीवन के प्रति बेहद ही सकारात्मक व आशावादी दृष्टिकोण से सोचना-देखना शुरु कर दें। 

ज़िंदगी का मतलब दुःखों का घर है। यहां महज गरीब ही नही अमीर भी अपने-अपने दुःखों से परेशान है। ऐसे में हालातों और जीवन की विषमता से घबराकर नही अपितु साहस और हिम्मत से लड़कर-भिड़कर हाथों की तकदीर और माथे के मुकद्दर को परिवर्तित करने का संकल्प लेना होगा। कुछ छ्द्म राष्ट्रवादी और कट्टरपंथी यह भी कहते और सुने जा सकते है कि यह नववर्ष अंग्रेजों का दिन है। इसे भारतीयों को मनाने से बचना चाहिए। हाँ, यह सच है कि यह नववर्ष अंग्रेजों का ही है। क्योंकि यह ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। लेकिन, यहां विरोधाभास यह भी है कि अंग्रेजों का तो हमारे पास बहुत कुछ है हम उसको त्यागने की कभी जरुरत महसूस नही करते। और वैसे भी इंसान को जहां कई से भी अच्छी व सच्ची बातें सिखने को मिलें उसे अपने व्यावहारिक जीवन में अंगीकार करते जाना चाहिए। जहां एक दिन पूरी दुनिया नववर्ष को लेकर खुशियां का उत्सव मना रही हो तो वहां हमें भी पीछे नही रहना चाहिए। नववर्ष ऐसे समय में दस्तक देता है जहां शीतलहर व समुन्द्र के ठंडे होते जल के कारण कई जीव-जंतु बेमौत मर रहे होते है। लेकिन, इसी विषम व दुःख की घड़ी से निकलकर हर परिस्थितियों से लड़ने का साहस बांधने के लिए विश्व के हर कोने में नववर्ष मनाया जाता है। 

जहां संयुक्त राज्य अमेरिका में लोग 31 दिसंबर की पूर्व संध्या पर देर रात तक पार्टियां करके नववर्ष के आगमन का उत्सव मनाते हैं तो वहीं चीन के लोग 17 जनवरी और 19 फ़रवरी के बीच में नया चाँद देखकर नववर्ष का स्वागत करते हैं। चीन में समारोह के रुप में मनाये जाने वाले इस नववर्ष को “युआन टैन“ कहा जाता है। इस दौरान वे सड़कों पर लालटेन की रोशनी करते हैं ताकि मार्ग को प्रकाशित किया जा सके। स्कॉटलैंड में, नया साल “होगमनी“ कहलाता है। स्कॉटलैंड के गांवों में, तारकोल के बैरल में आग लगा कर सड़कों पर नीचे लुढ़का दिया जाता है। इस अनुष्ठान के प्रतीक का अर्थ है कि पुराने साल को जला कर नए साल को प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। नए साल के दिन को ग्रीस में सेंट बासिल के महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बच्चे इस आशा से अपने जूते छोड़ देते है ताकि संत बासिल, जो अपनी दया के लिए प्रसिद्ध थे आएंगे और उनके जूतों को तोहफों से भर देंगे। यहूदी नव वर्ष को “रोश हशानाह“ कहा जाता है। यह एक पवित्र समय है जब यहूदी अतीत में किए गए गलत कार्यों को याद करते हैं, और फिर भविष्य में बेहतर करने का वादा करते हैं। विशेष सेवा सभाओं आयोजित की जाती हैं, बच्चों को नए कपड़े दिए जाते हैं और फसल के समय को लोगों को याद दिलाने के लिए नववर्ष की रोटियां पकाई जाती हैं। ईरान का नया वर्ष मार्च में मनाया जाता है। ये न केवल सौर कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत है, वरन, "बसंत की शुरुआत भी होती है।"जापान में नए साल के दिन सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं और घरों को पाइन की शाखाओं और बांस के साथ सजाया जाता है जो लंबे जीवन का प्रतीक है। यूरोपियन देशों जैसे इटली, पुर्तगाल और नीदरलैण्ड में परिवारों पहले चर्च सेवाओं में भाग लेने के साथ नये साल की शुरूआत करते हैं। बाद में, वे अपने मित्रों और रिश्तेदारों के यहां जाते हैं। इटली में, लड़कों और लड़कियों को नववर्ष दिवस पर पैसे का उपहार दिया जाता हैं।

इस तरह पूरे विश्व में अलग-अलग तरीको और तारीखों के साथ नववर्ष मनाया जाता है। नववर्ष को लेकर साहित्य जगत के कवियों व लेखकों ने भी नये साल को नये उत्सव के विशेषणों से सुशोभित किया है। हालावादी कवि हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां जीवन में नव चेतना का संचार करने वाली हैं - नव वर्ष, हर्ष नव, जीवन उत्कर्ष नव। नव उमंग, नव तरंग, जीवन का नव प्रसंग। नवल चाह, नवल राह, जीवन का नव प्रवाह। गीत नवल, प्रीति नवल, जीवन की रीति नवल, जीवन की नीति नवल, जीवन की जीत नवल ! अभी तो मीलों चले हम और हमें मीलों चलना है। क्योंकि चलना ही नियति है।



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---देवेंद्रराज सुथार---
जालोर, राजस्थान। 
मोबाइल - 8107177196
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में अध्ययनरत। 

आलेख : अन्यथा सारी प्रगति को भ्रष्टाचार खा जाएगा

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देश में भ्रष्टाचार पर जब भी चर्चा होती है तो राजनीति को निशाना बनाया जाता है। आजादी के सत्तर साल बीत जाने के बाद भी हम यह तय नहीं कर पाये कि भ्रष्टाचार को शक्तिशाली बनाने में राजनेताओं का बड़ा हाथ है या प्रशासनिक अधिकारियों का? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार को समाप्त करने की योजनाओं को लेकर सक्रिय है, लेकिन वे इसके लिये अब तक राजनेताओं को ही निशाना बनाते रहे हैं, यह पहली बार हो रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। रिश्वत और सुविधा शुल्क लेने वाले अफसरों का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और सख्त कदम उठाया है। मेरी दृष्टि में यह एक सही दिशा में सही शुरुआत है। सरकार ने आईएएस अधिकारियों से कहा है कि वे 31 जनवरी 2018 तक अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा करा दें। ऐसा न करने वाले अधिकारियों के प्रमोशन या उनकी फॉरेन पोस्टिंग पर विचार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि एक अर्से से सरकार प्रशासनिक अधिकारियों से अपनी संपत्ति का ब्योरा देने की अपील कर रही है, लेकिन अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं। आखिरकार सरकार ने यह सख्त रुख अपनाया है जो निश्चय ही सही दिशा में उठाया गया कदम है। निःसंदेह, इससे प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सकेगा। यह एक शुरुआत है, इसमें अभी कठोर निर्णय लेने होंगे। न केवल कठोर निर्णय लेने होंगे, बल्कि उनको सख्ती से लागू भी करना होगा। अब कितनी सख्ती बरती जायेगी और कितनी पारदर्शिता को अपनाया जायेगा, यह जानकारी 1 फरवरी 2018 को या इसके बाद ही मिल पाएगी, बशर्ते सरकार इसे सार्वजनिक करे। प्रमोशन और फॉरेन पोस्टिंग में आईएएस अधिकारियों की दिलचस्पी होती ही है, लेकिन संपत्ति का ब्योरा देकर फंसने की आशंका हो तो ऐसे कितने अधिकारी इस फेरे में आएंगे, कहना मुश्किल है। अधिकारियों ने सही ब्यौरा दिया भी है या नहीं, इसकी क्या गारंटी? जो अधिकारी ब्योरा देंगे भी, उनका ब्योरा कितना सही या गलत है, यह कैसे जाना जा सकेगा, ताजा सरकारी निर्देश इस बारे में कुछ नहीं कहता। पहली नजर में ऐसा लग सकता है कि गलत आंकड़े देकर कोई भी अपने लिए मुसीबत क्यों मोल लेगा? लेकिन यह तय है कि अधिकारियों की सही स्थितियों एवं उनकी आर्थिक स्थितियों को उजागर करके ही भ्रष्टाचार का सही-सही आकलन किया जा सकता है।

सवाल यहां नौकरशाहों पर विश्वास करने का नहीं है, सवाल यहां नौकरशाहों की अपने कर्तव्य परायणता और मोदी सरकार द्वारा बनाई गई नीति को बिना किसी संशय के क्रियान्वित करने का है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ की रणनीति के साथ पिछले 20 महीनों में बनाई गई कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी से प्रधानमंत्री मोदी की निगाहें टेढ़ी होना स्वाभाविक है, लेकिन इन टेढ़ी निगाहों से कहीं  प्रशासन में भ्रष्टाचार के भूत को समाप्त करने की दिशा में भी कोई ठोस कार्यवाही होती है तो यह राष्ट्र के लिये शुभता का सूचक है। मोदी के कड़े होते रुख का प्रभावी और सीधा-सीधा असर सरकार के कार्यो पर दिखेगा, इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। अन्यथा हमारी सारी प्रगति को भ्रष्टाचार की महामारी खा जाएगी। कार्यपालिका शहंशाह-तानाशाही की मुद्रा में है, वह कुछ भी कर सकता है, उसको किसी से भय नहीं है, उसका कोई भी बाल भी बांका नहीं कर सकता- इसी सोच ने उसे भष्टाचारी बनाया है। जहां नियमों की पालना व आम जनता को सुविधा देने में अफसरशाही ने लाल फीतों की बाधाएं बना रखी हैं। प्रशासकों की चादर इतनी मैली है कि लोगों ने उसका रंग ही काला मान लिया है। अगर कहीं कोई एक प्रतिशत ईमानदारी दिखती है तो आश्चर्य होता है कि यह कौन है? पर हल्दी की एक गांठ लेकर थोक व्यापार नहीं किया जा सकता है। नौकरशाह की सोच बन गई है कि सरकारी तनख्वाह तो केवल टेबल-कुर्सी पर बैठने के लिए मिलती है, काम के लिए तो और चाहिए।

हमारा सरकारी तंत्र जैसा रूप ले चुका है, उसे देखते हुए यह आशंका बनी हुई है कि अधिकारियों द्वारा दिए गए संपत्ति के ब्योरे का इस्तेमाल ऊपर बैठे लोगों की पसंद या नापसंद के आधार पर किया जाए। नौकरशाही में फैले भ्रष्टाचार की समस्या गंभीर है, इस बात से तो कोई भी इनकार नहीं कर सकता, लेकिन इससे लड़ने के लिए अफसरशाही को प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका यह था कि राजनीतिक नेतृत्व इस तरह की बंदिशें खुद पर लागू करके उसके सामने उदाहरण प्रस्तुत करती। मगर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। जाहिर है, खुद को पारदर्शिता के दायरे में लाने को लेकर राजनीतिक नेतृत्व की कोई दिलचस्पी नहीं है। बावजूद इसके, संपत्ति के खुलासे से नौकरशाही के भ्रष्टाचार पर जितनी भी लगाम लग सके, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। अधिकारी अंततः लोकसेवक हैं। उन पर राष्ट्र को निर्मित करने की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में यदि वे भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाते हैं या किसी गंभीर लापरवाही को अंजाम देते हैं, तो उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए और इसका अहसास भी उन्हें रहना चाहिए। अधिकारियों का भ्रष्टाचार इस लिहाज से भी एक बड़ा अपराध है कि इस कारण से इसकी जड़ें प्रशासन के निचले स्तर तक जाती हैं। प्रशासनिक भ्रष्टाचार का एक सिरा राजनीतिक भ्रष्टाचार से भी जुड़ता है। यही कारण है कि ऐसे अधिकारियों को राजनेताओं का संरक्षण भी प्राप्त होता है और इसी कारण आज तक प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाही नहीं हुई है।

प्रशासनिक सुधार के साथ भ्रष्टाचार पर नकेल मोदी सरकार की प्रमुख प्रतिबद्धताओं में है। उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में उठाये जा रहे कदमों में सख्ती और तेजी लायेगी। देश की शासन-व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए सक्षम और ईमानदार नौकरशाही का होना जरूरी है। इसी कारण से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) को ‘स्टील फ्रेम’ यानी लौह ढांचा कहा जाता है, लेकिन भ्रष्टाचार से इस लौह ढांचे में जंग लग चुकी है जो देश के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। अक्सर ऐसी खबरें आती हैं कि अमुक अधिकारी से अकूत धन-संपत्ति बरामद हुई है। प्रशासनिक भ्रष्टाचार के कारण सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पाता है तथा देश के सर्वांगीण विकास की राह बाधित होती है। कहा जाता है कि भ्रष्टाचार तो भारत की आत्मा में रच-बस गया है। इसे सख्त कानून से नहीं बल्कि नैतिक शिक्षा से ही समाप्त किया जा सकता है। नैतिक शिक्षा के तो दर्शन ही दुर्लभ हो गये हैं। कानून का मौजूदा स्वरूप तो ऐसा है कि ईमानदारी से कमाने वाले लोग ही सर्वाधिक उसकी चपेट में आते हैं। अगर तमाम तरह के करों से बचने के लिए ये लोग अपनी आय का कुछ हिस्सा छिपाकर रखते हैं तो उन पर सरकारी विभाग और प्रशासनिक अधिकारी पुरजोर ताकत का इस्तेमाल करते हैं। जहां तक अपराधियों के कालेधन का सवाल है तो सरकार उनके प्रति उतना बलपूर्वक कदम नहीं उठाती है। इनमें से बहुतों को ऊपर से संरक्षण मिला होता है और कुछ तो चुनाव लड़कर सांसद-विधायक बन जाते हैं। अपवाद स्वरूप अनैतिक तरीके से करोड़ों कमाने वाले कारोबारियों पर नकेल कसी जाती है तो वे विदेश भाग जाते हैं। ईमानदार छवि वाले प्रधानमंत्री मोदी अगर सचमुच चाहते हैं कि करारोपण से बचने के चक्कर में पैदा होने वाले कालेधन पर रोक लगाई जाए तो उन्हें सरकार की जेब भरने वाले तरीकों पर निश्चित तौर पर गौर करना होगा। नामुमकिन निशानों की तरफ दौड़ाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। क्योंकि ऐसी दौड़ आखिर जहां पहुंचती है वहां कामयाबी की मंजिल नहीं, बल्कि मायूसी का गहरा गड्ढा है। ईमानदारी और नैतिकता शतरंज की चालें नहीं, मानवीय मूल्य हैं। इस बात को समझकर ही हम प्रशासन में पारदर्शिता, जबावदेही एवं ईमानदारी को स्थापित कर सकेंगे। 




development-nd-corruption

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
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हल्दिया से वाराणसी राष्ट्रीय जलमार्ग मंजूर

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नई दिल्ली, आर्यावर्त डेस्क ,4 जनवरी, राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर पश्चिम बंगाल के हल्दिया से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक देश के पहले राष्ट्रीय जलमार्ग -एक  (नेशनल वाटर वे - वन) को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. 5369 करोड़ रूपये की यह जल मार्ग विकास परियोजना के तहत वाराणसी, गाजीपुर, बलिया ,बक्सर छपरा, वैशाली ,पटना, बेगूसराय ,खगड़िया ,मुंगेर, साहिबगंज, भागलपुर, पाकुड़, मुर्शिदाबाद, हुगली और कोलकाता जिले लाभान्वित होंगे. वर्ष 2023 वित्तीय वर्ष समाप्ति तक अनुमानित पूर्ण वाली इस परियोजना से 45000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होने का अनुमान सरकार ने बताया है

बिहार : 5 जनवरी को भीमा-कोरेगांव हिंसा के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद.

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  • भाकपा-माले की बिहार राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक पटना में.
  • पार्टी महाधिवेशन की तैयारी को लेकर हुई चर्चा.

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पटना 4 जनवरी, भाकपा-माले की बिहार राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक आज पटना स्थित राज्य कार्यालय में संपन्न हो गयी. बैठक में मुख्य रूप से पार्टी की बिहार राज्य कमिटी के सदस्य कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य  अमर व धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, केडी यादव,  रामजतन शर्मा, महबूब आलम,  मीना तिवारी, शशि यादव, सरोज चैबे, निरंजन कुमार, नईमुद्दीन अंसारी, महानंद, पूर्व विधायक अरूण सिंह, जवाहर लाल सिंह, इंद्रजीत चैरसिया, संतोष सहर, रामाधार सिंह आदि नेता उपस्थित थे. बैठक में मार्च महीने में आयोजित पार्टी महाधिवेशन को लेकर चर्चा हुई. पार्टी का 10 वां महाधिवेशन 23 से 28 मार्च तक पंजाब के मानसा में आयोजित है. भाकपा-माले ने कहा है कि इसके पूर्व पूरे देश में ‘फासीवाद को हराओ - जनता का भारत बनाओ’ नारे के साथ अभियान चलाएगी, जिसका समापन मानसा में होगा. बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी महाधिवेशन को देखते हुए कम्युनिस्ट पार्टी सदस्यता भर्ती अभियान चलाया जाएगा. फासीवाद के बढ़ते खतरे को एक संगठित-सुगठित कम्युनिस्ट पार्टी और उसके नेतृत्व में चलने वाले जनांदोलन ही मजबूत चुनौती दे सकता है. बैठक में भीमा-कोरगंाव में दलितों के ऊपर भाजपा-संघ व महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के संरक्षण में किए गए ब्राह्मणवादी-जातिवादी हमले की कड़ी निंदा की गयी और 5 जनवरी को राज्यस्तरीय विरोध दिवस को सफल बनाने का आह्वान किया गया.
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