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सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर शेयर बाजार

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मुंबई 05 जनवरी, मजबूत निवेश धारणा और विदेशों से मिले सकारात्मक संकेतों के दम पर शुरुआती कारोबार में आज घरेलू शेयर बाजार सर्वकालिक रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुँच गये।बीएसई का सेंसेक्स गत दिवस के 33,969.64 अंक की तुलना में 51.63 अंक ऊपर 34,021.27 अंक पर खुला। पहले घंटे के कारोबार में ही यह 34,175.21 अंक के अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। यस बैंक, अदानी पोर्ट्स, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और टाटा स्टील सेंसेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त बनाने वाली कंपनियों में रहीं। समाचार लिखे जाने तक सेंसेक्स 0.39 प्रतिशत की बढ़त में 34,100.65 अंक पर था। निफ्टी भी गत दिवस की तुलना में 10,504.80 अंक के मुकाबले 10,534.25 अंक पर खुला और एक समय 10,562.80 अंक पर पहुँच गया जो इसका भी अब तक का उच्चतम स्तर है। समाचार लिखे जाते समय यह 0.33 प्रतिशत की बढ़त में 10,539 अंक पर रहा। 


क्लिंटन फाउंडेशन पर लगे अनियमितता संबंधी आरोपों की जांच शुरू

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वाशिंगटन 05 जनवरी, अमेरिका के विधि विभाग ने हिलेरी क्लिंटन के विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान उनके पति और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की संस्था क्लिंटन फाउंडेशन पर लगे अनियमितता संबंधी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। समाचार पत्र द हिल के अनुसार अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) ने फाउंडेशन के शुरुआती स्थान अरकांसस से जांच शुरू करते हुए पिछले महीने कम से कम एक गवाह से पूछताछ की थी। प्रवर्तन विभाग के अधिकारियाें के मुताबिक मामले की अगली कार्रवाई आगामी सप्ताहों में होने की उम्मीद है। इस बीच क्लिंटन फाउंडेशन के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले इस संस्था ने कहा था कि संस्थान ने अपनी नीतियों को लेकर कभी कोई समझौता नहीं किया । समाचार पत्र ने गुप्त सूत्रों के हवाले से बताया कि जांच दल यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि जिन लोगों या कंपनियों ने इस फाउंडेशन को चंदा दिया था क्या श्रीमती क्लिंटन ने इसके बदले में उन्हें कोई फायदा पहुंचाया था अथवा यह चंदा इस उम्मीद में दिया गया था कि अगली राष्ट्रपति वही बनेंगी। जांच दल यह भी पता लगा रहा है कि किसी संपत्ति पर कर से राहत पाने के लिए इसे निजी या राजनीतिक उपयोग में तो नहीं लाया गया और क्या फाउंडेशन ने कानूनी प्रावधानों का पालन किया है।

लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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नई दिल्ली 5 जनवरी, लोकसभा शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही जिससे शीतकालीन सत्र का भी समापन हो गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन ने 13 बैठकों में 61 घंटे काम किया। शीतकालीन सत्र की शुरुआत 15 दिसंबर से हुई थी।


कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय कर रही : अनंत कुमार

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नई दिल्ली, 5 जनवरी  संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को तीन तलाक विधेयक का विरोध करने को लेकर कांग्रेस पर मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अतीत से सीख लेना चाहिए व विधेयक को पारित होने देना चाहिए।अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, "वे मुस्लिम बहनों के साथ न्याय सुनिश्चित करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। वे शाह बानो मामले की तरह इस मामले में भी अन्याय कर रहे हैं।" कांग्रेस के विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की निंदा करते हुए कुमार ने कहा, "हर दिन वे एक नया बहाना करते हैं और उनकी विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग सभी को गुमराह करने की चाल है। मैं इसकी निंदा करता हूं।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस को इतिहास से सीखना चाहिए और तीन तलाक विधेयक को पारित होने देना चाहिए।" भाजपा नेता की यह टिप्पणी गुरुवार को राज्य सभा में तीन तलाक विधेयक पर जारी गतिरोध के मद्देनजर आई है। सरकार ने विधेयक की विस्तृत जांच के लिए विपक्ष द्वारा विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विचार के लिए रखने का निर्णय किया है। यह विधेयक तत्काल तीन तलाक दिए जाने को आपराधिक बनाता है।








बिहार में कड़ाके की ठंड, पारा 3.8 डिग्री तक लुढ़का

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पटना 5 जनवरी, बिहार की राजधानी पटना तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह कोहरा छाया रहा। राज्य में पछुआ हवा ने जहां गलन बढ़ा दी है, जिससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की हुई है। गया का शुक्रवार को न्यूनतम तापमान लुढ़ककर 3.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे कम है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, पटना का शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री, भागलपुर का 4.9 डिग्री तथा पूर्णिया का 5.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है, "अगले एक-दो दिनों में मौसम में कोई खास परिवर्तन की संभावना नहीं है। राज्य के करीब सभी क्षेत्र रात ढलते ही कोहरे की चादर से ढंक जाएंगे। इस दौरान ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे गलन बनी रहेगी।" पटना में गुरुवार के अधिकतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस तथा भागलपुर का 16.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। राजधानी पटना का शुक्रवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने 3 को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया

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वाशिंगटन 5 जनवरी, अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को तीन लोगों को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया।समाचार एजेंसी के मुताबिक, मोहम्मद अल-गजाली, अबुकर अली अदन और वनास अल-फकीह पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। विदेश विभाग ने कहा कि वे "अल-कायदा के सहयोगी संगठनों से जुड़े हुए हैं"जिन्हें अमेरिका द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है।इन्हें वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने से अमेरिकी न्यायाधिकार क्षेत्र में आने वाली इनकी सारी संपत्ति और लाभ के हित अवरुद्ध हो गए हैं और अमेरिकी नागरिकों पर इनके साथ किसी प्रकार की लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।

लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पेश हुआ

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नई दिल्ली 5 जनवरी , उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पेश किया। यह विधेयक उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए हैं, जिसमें भ्रामक विज्ञापनों और खाद्य पदार्थो के खिलाफ कठोर कदम उठाने का प्रस्ताव है।उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पासवान द्वारा एक पुराने विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2015 को वापस लिए जाने के बाद पेश किया गया। विधेयक में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को संशोधित किया जाएगा।

विशेष : बाघ संरक्षण की चुनौतियां और समाधान

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देश में बाघों की लगातार कम होती संख्या सरकार और पशुप्रेमियों के लिए चिंता का विषय है। कभी लोगों के बीच अपनी दहाड़ से दहशत पैदा कर देने वाले बाघ आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज केवल बाघों की आठ में से पांच प्रजाति ही बची है। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ नानक संस्था का कहना माने तो 2022 तक बाघ जंगल से विलुप्त हो जाएंगे। बढ़ते शहरीकरण और सिकुड़ते जंगलों ने जहां बाघों से उनका आशियाना छीना है, वहीं मानव ने भी बाघों के साथ क्रूरता बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिसका परिणाम हमारे सामने है। 

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 115 बाघों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हैं। इनमें 32 फीमेल और 28 मेल हैं। बाकी बाघों की पहचान नहीं हो सकी। 2017 में बाघों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश अव्वल रहा है। वहां 29 बाघों की मौत हुई। इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और असम है। 84 प्रतिशत बाघों की मौत इन्हीं 5 राज्यों में हुई। आंकड़ों के अनुसार देखें तो साल 2016 में 120 बाघों की मौतें हुईं थीं, जो साल 2006 के बाद सबसे अधिक थी। साल 2015 में 80 बाघों की मौत की पुष्टि की गई थी। इससे पहले साल 2014 में यह संख्या 78 थी। आज दुनिया में केवल 3,890 बाघ ही बचे हैं। अकेले भारत में दुनिया के 60 फीसदी बाघ पाये जाते हैं। लेकिन भारत में बाघों की संख्या में बीते सालों में काफी गिरावट आई है। एक सदी पहले भारत में कुल एक लाख बाघ हुआ करते थे। यह संख्या आज घटकर महज 15 सौ रह गई है। ये बाघ अब भारत के दो फीसदी हिस्से में रह रहे हैं। 

गति और शक्ति के लिए पहचाने जाने इन बाघों की संख्या में आने वाली इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। इसमें पहला कारण तो निरंतर बढ़ती आबादी और तीव्र गति से होते शहरीकरण की वजह से दिनोंदिन जंगलों का स्थान कंकरीट के मकान लेते जा रहे हैं। यूं कहे कि जंगल में जबरन घुसे विकास ने जानवरों के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वनोन्मूलन के कारण बाघों के रहने के निवास में कमी आ रही हैं। जिससे बाघों की संख्या घटती जा रही हैं। तो वहीं दूसरा कारण बाघों की होने वाली तस्करी हैं। बाघों के साम्राज्य में डिजिटल कैमरे की घुसपैठ और पर्यटन की खुली छूट के कारण तस्कर आसानी से बाघों तक पहुंच रहे हैं और तस्करी की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। चीन में कई देसी दवा, औषधि और शक्तिवर्द्धक पेय बनाने में बाघ के अंगों के इस्तेमाल के बढ़ते चलन के कारण भी बाघों की तस्करी की जा रही हैं। अन्य देशों के लोग अपने निजी स्वार्थपूर्ति के कारण बाघों की तस्करी और शिकार करके उनके अंगों को चीन भेंज रहे हैं। जिसके कारण बाघों की संख्या घट रही हैं। वैज्ञानिक ने एशिया में बाघों की आबादी की बढ़ोतरी के लिए 42 वनक्षेत्रों कीे मुफीद पाया हैं, लेकिन कई देशों में इन वनक्षेत्रों की हालत में सुधार नहीं आने के कारण बाघों की वंशवृद्धि नहीं हो पा रही हैं। इसी के साथ इन वनक्षेत्रों पर भूमाफियों की कुदृष्टि भी बाघों की घटती संख्या के लिए बड़ा कारण साबित हो रही हैं। बाघों को खतरनाक बीमारियों से भी खतरा बढ़ रहा है। वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि अभयारण्यों के आसपास रहने वाले कुत्ते संक्रामक बीमारी फैला रहे हैं, जो बाघों से स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इसके अलावा करंट, आपसी संघर्ष, रेल-रोड एक्सीडेंट, और जहर देकर मारने के कारण भी सामने आ रहे हैं। गौर करने वाली बात तो यह भी है कि अधिकतर बाघों की मौत इंसानी बस्तियों में बाघों के घुसने पर और शिकारियों के हाथों हुई हैं और हो रही  हैं। जंगलों में पानी के अभाव के कारण अक्सर बाघ मानव बस्तियों तक आने के लिए विवश हो रहे हैं। जिसके चलते कई बार बाघों के सिर पानी के बर्तन में फंसने की खबरे सुर्खियों में रहती है।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बाघ परिस्थिति के लिए भी महत्व रखता है। पारिस्थितिकी पीरामिड तथा आहार श्रृंखला में बाघ सबसे बड़ा उपभोक्ता है। आज बाघ संरक्षण देश ही दुनिया के समक्ष भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। संरक्षण के अभाव में बाघ से मिलने वाले लाभ से भी हमें वंचित रहना पड़ रहा है। भारत में भारतीय वन्यजीवन बोर्ड द्वारा 1972 में शेर के स्थान पर बाघ को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाया गया था। देश के बड़े हिस्सों में इसकी मौजूदगी के कारण ही इसे भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना गया था। इसके बाद सरकार ने बाघों की कम होती संख्या को देखते हुए 1973 में ”बाघ बचाओ परियोजना” शुरू की थी। जिसके तहत चुने हुए बाघ आरक्षित क्षेत्रों को विशिष्ट दर्जा दिया गया और वहाँ विशेष संरक्षण प्रयास किए गए। इसी परियोजना को अब ”नेशनल टाइगर अथॉरिटी” बना दिया गया है। बाघों की चिंता के लिए 29 जुलाई को ”विश्व बाघ दिवस” भी मनाया जाता है। बाघ को बचाने के लिए सरकार ने योजना व नीतियां बनाने में कोई कसर नहीं रखी है। लेकिन इतने इंतजाम के बाद भी बाघों की संख्या निरतंर कम क्यों होती जा रही हैं ? यह बड़ा सवाल है। सच तो यह है कि राज्य सरकारों का उदासीन रवैया और घूस की प्रवृत्ति ने संरक्षण के नाम पर बाघों तक पहुंचने वाले लाभ को बीच में ही निगल दिया है। इस कारण बाघ संरक्षण के सरकारी इंतजाम ”सफेद हाथी” साबित हो रहे हैं। सरकार ने वन्य जीव संरक्षण के नाम पर कई बड़े कानून बना रखे हैं। वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत राष्ट्रीय पशु बाघ को मारने पर सात साल की सजा प्रावधान है। लेकिन लचर स्थिति के कारण विरले लोगों को ही सजा हो पाती हैं। 

इन हालातों में आवश्यकता है कि जंगल टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए और उसे पुलिस के समकक्ष अधिकार दिए जाने चाहिए। वन्य जीवों व जंगल से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए विशेष ट्रिब्यूनल की स्थापना और सूखे व किसी भी आपदा जैसे कि आग वगैरह पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई के लिए आपदा प्रबंधन टीमों का गठन होना चाहिए। वन विभाग को बेहतर और आधुनिक साजो-सामान और अधिक अधिकार दिए जाएं। जिससे वे अवैध शिकारियों व लकड़ी तस्करों का मुकाबला कर पाएं। कानून का पालन और खुफिया तंत्र को विकसित किये जाने की जरूरत है। वनों और उसमें रहने वाले प्राणियों के बारे में लोगों को जागरुक करना पड़ेगा। अगर सभी लोगों को इस समस्या के दूरगामी परिणाम पता होंगे तो निश्चित रूप से राजनैतिक पार्टियों के घोषणा-पत्रों में इस मुद्दे को भी प्रमुखता से स्थान मिलेगा और सत्ता में आने पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। साथ ही जन-सामान्य को चाहिए कि वे वन्य प्राणियों को दया व सहानुभूति की दृष्टि से देखें और ऐसे उत्पादों का बहिष्कार करें जिन्हें बनाने में वन्य जीवों के अंगों का इस्तेमाल किया जाता है। गाहे-बगाहे शहरी क्षेत्र में घुस आए किसी भी जंगली जानवर को जान से न मारें। बरसों से चली आ रही योजनाओं और घोषणाओं के हाल देखकर लगता है कि सघन वनों से इंसानी दखल बिलकुल समाप्त कर देना चाहिए। बाघों ने प्राचीनकाल से जंगलों पर राज किया है अगर उन्हें उनके हाल पर भी छोड़ दिया जाए तो शायद सब अपने-आप ही ठीक होने लगेगा पर इसके लिए हमें भी जंगलों पर से अपने पैर वापस खींचने होंगे। अब प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए कहीं कुछ हिस्सा तो हमें भी प्रकृति को वापस देना ही होगा। अंतोगत्वा हमें समझना होगा कि विकास यदि साझी विरासत जल, जंगल और जमीन को नुकसान पहुंचा रहा है तो वो विकास नहीं है, अपितु विनाश है। 




liveaaryaavart dot com

देवेंद्रराज सुथार
जिला-जालोर, राजस्थान
मोबाइल - 8107177196
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में अध्ययनरत।

विशेष आलेख : बढ़ती दुर्घटनाओं की नृशंस चुनौतियां

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घने कोहरे के कारण आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक और हादसा हुआ। जिसमें छह लोगों की जान चली गई। गलत साइड से आ रही ट्रक सामने से आ रही कार से भिड़ गई। हादसे में मरने वाले सभी एक ही परिवार के सदस्य थे। तीन लोगों की हालत बेहद गंभीर है। एक और हादसा मुम्बई के पब में हुआ, जहां पन्द्रह लोगों की जान चली गयी है। ‘दुर्घटना’ एक ऐसा शब्द है जिसे पढ़ते ही कुछ दृश्य आंखांे के सामने आ जाते हैं, जो भयावह होते हैं, त्रासद होते हैं, डरावने होते हैं। किस तरह जन्म दिन की पार्टी मरण दिन में बदल जाती है और किस तरह नशा नाश का कारण बन जाता है-हादसों की जीवनशैली में यह आम होता जा रहा है। अगर पब में मौजूद लोगों पर शराब और सेल्फी का नशा सवार न होता तो बहुत लोगों की जान बचायी जा सकती थी। विडम्बना तो देखिये कि वहां कुछ लोग ऐसे भी थे जो बाहर निकलने की बजाय घटना का विडियो बना रहे थे। इस कारण लोगों को बाहर निकालने में देरी हुई और नुकसान बढ़ता गया। बात चाहे पब हादसे की हो या सड़क दुर्घटनाओं की, रेल्वे का पटरी से उतरना हो या हवाई सफर में हवा हो जाना, मिलावट की त्रासदी हो या प्रदूषण की महामारी - जीवन का हर पल दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है। दुर्घटनाओं को लेकर आम आदमी में संवेदनहीनता की काली छाया का पसरना हो या सरकार की आंखों पर काली पट्टी का बंधना-हर स्थिति में मनुष्य जीवन के अस्तित्व एवं अस्मिता पर सन्नाटा पसर रहा है। इन बढ़ती दुर्घटनाओं की नृशंस चुनौतियों का क्या अंत है? बहुत कठिन है दुर्घटनाओं की उफनती नदी में जीवनरूपी नौका को सही दिशा में ले चलना और मुकाम तक पहुंचाना, यह चुनौती सरकार के सम्मुख तो है ही, आम जनता भी इससे बच नहीं सकती। 

आधुनिकता एवं विकास की यह कैसी विडम्बना है कि रोज के समाचारों में दुर्घटना शब्द इतना आम हो गया है कि लोगों के हृदय पर कोई असर ही नहीं पैदा करता, टी.वी.-रेडियो के समाचार वाचक भी बिना भावभंगिमा बदले वैसे ही पढ़ते हैं जैसे खुशी के समाचार पढ़ते हैं, बिना अर्द्धविराम और बिना पूर्णविराम के। हम प्रायः सुनते हैं और पढ़ते हैं, रोज कहीं-न-कहीं अनेक छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। रेल, बस, ट्रक, जीप, कार आदि की। जैसे-जैसे जीवन तेज़ होता जा रहा है, सुरक्षा उतनी ही कम हो रही है, मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। सरकार और सरकारी विभाग जितनी तत्परता मुआवजा देने में और जांच समिति बनाने में दिखाते हैं, अगर सुरक्षा प्रबंधों में इतनी तत्परता दिखाएं तो दुर्घटनाओं की संख्या घट सकती है। आवश्यक है ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया में सुधार हो, शराब पीकर चलाने वालों के लाइसेंस रद्द हों, ट्रैफिक नियमों की चालकांे को जानकारी हो तथा तेज लाइटों का उपयोग बन्द हो। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का प्रयोग वर्जित हो। हर दुर्घटना में गलती आदमी की ही होती है पर कारण बना दिया जाता हैं पुर्जों व उपकरणों की खराबी को। ”बे्रक फेल हो गए“ यह एक कारण देकर कानून की धारा बदल देते हैं और बच जाते हैं।

सड़क दुर्घटनाओं ने कहर बरपा रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2009 में सड़क सुरक्षा पर अपनी पहली वैश्विक स्थिति रिपोर्ट में सड़क दुर्घटनाओं की दुनिया भर में ‘सबसे बड़े कातिल’ के रूप में पहचान की थी। भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 78.7 प्रतिशत हादसे चालकों की लापरवाही के कारण होते हैं। इसकी एक प्रमुख वजह शराब व अन्य मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन चलाना है। ‘कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकन ड्राइव’ (कैड) द्वारा सितंबर से दिसंबर 2017 के बीच कराए गए ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है कि दिल्ली-एनसीआर के लगभग 55.6 प्रतिशत ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। राजमार्गों को तेज रफ्तार वाले वाहनों के अनुकूल बनाने पर जितना जोर दिया जाता है उतना जोर फौरन आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराने पर दिया जाता तो स्थिति कुछ और होती। विडंबना यह है कि जहां हमें पश्चिमी देशों से कुछ सीखना चाहिए वहां हम आंखें मूंद लेते हैं और पश्चिम की जिन चीजों की हमें जरूरत नहीं है उन्हें सिर्फ इसलिए अपना रहे हैं कि हम भी आधुनिक कहला सकें। एक आकलन के मुताबिक आपराधिक घटनाओं की तुलना में पांच गुना अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। कहीं बदहाल सड़कों के कारण तो कहीं अधिक सुविधापूर्ण अत्याधुनिक चिकनी सड़कों पर तेज रफ्तार अनियंत्रित वाहनों के कारण ये हादसे होते हैं। दुनिया भर में सड़क हादसों में बारह लाख लोगों की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है। इन हादसों से करीब पांच करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। भारत में 2015 में 2014 की तुलना में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। बात केवल राजमार्गों की ही नहीं है, गांवों, शहरों एवं महानगरों में सड़क हादसों पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिये हैं। सरकार की नाकामी इसमें प्रमुख है। 

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ट्रैफिक व्यवस्था कुछ अंशों मंे महानगरों को छोड़कर कहीं पर भी पर्याप्त व प्रभावी नहीं है। पुलिस ”व्यक्ति“ की सुरक्षा में तैनात रहती है ”जनता“ की सुरक्षा में नहीं। प्रायः दुर्घटनाओं में एक तरफ भारी वाहन होता है। छोटे वाहन आपस में बहुत कम टकराते हैं। भारी वाहनों के चलन को रोका नहीं जा सकता। वे राष्ट्र की वस्तु आपूर्ति का प्रमुख साधन हैं। अगर ये नहीं हों तो रेल से दवा भी नहीं पहुँचाई जा सकती। सड़कें इनकी रोटी हैं तथा राष्ट्र को रोटी ये पहुंचाते हैं। ये चलंेगे पर इनके लिए भी कुछ नियमों की पालना आवश्यक है। हजारों वाहन प्रतिमास सड़कों पर नए आ रहे हैं, भीड़ बढ़ रही है, रोज किसी न किसी को निगलनेवाली ”रेड लाइनें“ बढ़ रही हंै। दुर्घटना में मरने वालांे की तो गिनती हो जाती है पर वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएँ से प्रतिदिन मौत की ओर बढ़ने वालों की गिनती असंख्य है। वाहनों में सुधार हो रहा है पर सड़कों और चालकों में कोई सुधार नहीं। सन् 2020 तक वाहनों का उत्पादन और मांग दोगुने हो जाएंगे। सड़कें दुगुनी नहीं होंगी। रेलों की पटरियां दुगुनी नहीं होंगी। अतः यातायात-अनुशासन बहुत जरूरी है।

नया भारत निर्मित करने, औद्योगिक विकास और पूंजी निवेश के लिए सरकार सभी प्रकार के गति-अवरोधक हटा रही है। लगता है सड़कों पर भी गति अवरोध हटा रही है। कोई चाहिए जो नियमों की सख्ती से पालना करवा के निर्दोषों को मौत के मुंह से बचा सके। सड़क दुर्घटनाओं  पर नियंत्रण के लिये जरूरी है कि सड़क सुरक्षा के लिये व्यापक कानूनी ढांचे को बनाना। 1988 में बने मोटर वाहन अधिनियम का व्यावहारिकता से परे होना भी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। पिछले तीन दशकों में सड़क परिवहन में आए बदलाव के अनुरूप मोटर अधिनियम में व्यापक बदलाव की दरकार है। न मौजूदा न पूर्ववर्ती सरकारें सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने की दिशा में गंभीर नजर्र आइं। इसी का नतीजा है कि कोई सुस्पष्ट प्रणाली हमारे सामने नहीं है। अगर सरकार नए वाहनों को लाइसेंस देना बंद नहीं कर सकती तो कम से कम राजमार्गों पर हर चालीस-पचास किलोमीटर की दूरी पर एक ट्रॉमा सेंटर तो खोल ही सकती है ताकि इन हादसों के शिकार लोगों को समय पर प्राथमिक उपचार मिल सके। 

सड़क हादसों में मरने वालों की बढ़ती संख्या ने आज मानो एक महामारी का रूप ले लिया है। इस बारे में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकडे दिल दहलाने वाले हैं। पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में औसतन हर घंटे सोलह लोग मारे गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया के अट्ठाईस देशों में ही सड़क हादसों पर नियंत्रण की दृष्टि से बनाए गए कानूनों का कड़ाई से पालन होता है। बात चाहे पब की हो या रेल की, प्रदूषण की हो या खाद्य पदार्थों में मिलावट की-हमें हादसों की स्थितियों पर नियंत्रण के ठोस उपाय करने ही होंगे। तेजी से बढ़ता हादसों का हिंसक एवं डरावना दौर किसी एक प्रान्त या व्यक्ति का दर्द नहीं रहा। इसने हर भारतीय दिल को जख्मी किया है। नये साल में इंसानों के जीवन पर मंडरा रहे मौत के तरह-तरह की डरावने हादसों एवं दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिये प्रतीक्षा नहीं, प्रक्रिया आवश्यक है।





(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : पटना में कारगिल चौक पर हुई सभा, हमलावरों को भाजपा सरकार ने दे रखा है संरक्षण.

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  • महाराष्ट्र में दलित-बहुजनों पर हिंसा के खिलाफ भाकपा-माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद.
  • हमलावरों के सरगना संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को अविलंब गिरफ्तार करो!

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पटना 5 जनवरी, महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में दलितों पर आरएसएस व हिंदुवादी संगठनों द्वारा किए गए बर्बर हमले के खिलाफ भाकपा-माले द्वारा आज राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन किया गया. राजधानी पटना सहित पटना ग्रामीण के धनरूआ, दुल्हिनबाजार, मसौढ़ी; सिवान, समस्तीपुर, दरभंगा, पूर्णिया, आरा, अरवल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद आदि जगहों पर प्रतिरोध मार्च निकाला गया और कुछेक स्थानों पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. राजधानी पटना में कारगिल सभा पर आयोजित प्रतिरोध सभा में पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चैबे, शशि यादव, राज्य कमिटी सदस्य रणविजय कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया. जबकि इस मौके पर माले नेता मुर्तजा अली, नसीम अंसारी, राजेन्द्र पटेल, जितेंन्द्र यादव, पन्नालाल, दिलीप सिंह, अशोक कुमार, अनय मेहता, अनुराधा देवी, चंद्रकिशोर, तारिक अनवर आदि नेता भी उपस्थित थे. संचालन पार्टी की बिहार राज्य कमिटी के सदस्य काॅ. नवीन कुमार ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि सहारनपुर, ऊना के बाद भीमा-कोरेगांव की घटना ने एक बार फिर से आरएसएस व भाजपा के दलित प्रेम के ढोंग की पोल खोल दी है. महाराष्ट्र की भाजपा सरकार नया-पेशवा राज चला रही है. भीमा-कोरेगांव की घटना के असली दोषियों को गिरफ्तार करने की बजाए महाराष्ट्र की भाजपा सरकार उलटे दलित समाज से आने वाले जुझारू नेता जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद व अन्य को निशाना बना रही है. यह बेहद शर्मनाक है. माले नेताओं ने प्रधानमंत्री पर भी तंज कसा. कहा कि दिन में कई ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बर्बर घटना पर अब तक बिलकुल मौन हैं. यह बेहद शर्मनाक है कि देश का प्रधानमंत्री मौन है. उन्होंने कहा कि दलितों-बहुजनों पर यह बर्बर फासीवादी-जातिवादी हमला बहुत सोच-समझकर किया गया है और इसे भाजपा की फड़णवीस सरकार संरक्षण दे रही है. हिंदुवादी संगठनों के नेता मिलिंद एकबोटे और सिंभाजी भिडे के नेतृत्व में दलितों पर हमला किया गया. एकबोटे भाजपा के पूर्व नगरसेवक हैं और भिडे भी भाजपा और शिवसेना के नेताओं के करीब हैं.

माले नेताओं ने कहा कि एक तरफ दलितों पर हमले हो रहे हैं, तो दूसरी ओर यह बेहद शर्मनाक है मीडिया का एक हिस्सा इसे ‘जाति संघर्ष’ के रूप में प्रचारित कर रहा है तथा इसके लिए दलितों को ही दोषी बता रहा है. भाकपा-माले मांग करती है कि हमलावरों के सरगना संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने जिग्नेश मेवाणी व उमर खालिद पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने की भी मांग की. आरा में स्टेशन परिसर पर भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया. जिसमें भाकपा-माले के तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, आइसा के बिहार राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन सहित दर्जनों नेताओं ने हिस्सा लिया. सिवान में पार्टी जिला सचिव नईमुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में प्रतिरोध मार्च निकला. मसौढ़ी में कमलेश कुमार, विनेश कुमार आदि ने मार्च का नेतृत्व किया. जहानाबाद में पार्टी नेता श्री निवास शर्मा, रामबली सिंह, संतोष कुमार केसरी आदि ने मार्च निकाला. समस्तीपुर में माले जिला कार्यालय से आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला गया, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए स्टेशन चैराहा पर पहुंचा और वहां पर एक विशाल सभा आयेाजित की गयी.

दुमका : जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक का विरोध

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, दुमका में दिन शुक्रवार (05 .01. 2018) को झारखंड जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक का विरोध करते हुए झामुमों विधायक नलिन सोरेन की अगुवाई में सरकार के विरुद्ध आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि सरकार आम नागरिकों को लाॅलीपाॅप दिखला रही है। झारखण्ड में विकास का कार्य पूर्ण रुप से अवरुद्ध हो चुका है। न तो सरकार बेरोजगारों को रोजगार दे पा रही है और न ही आधारभूत संरचनाओं में कोई आशातीत सफलता देखने को मिल रही है। श्री सिंह ने कहा आदिवासियो के हित में कार्य करने का दंभ भरने वाली सरकार जनता को भ्रमित कर रही है। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के समीप सैकड़ों झामुमों कार्यकर्ताओं ने झामुमांे के झंडा-बैनर तले झारखंड जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक का विरोध किया। इस अवसर पर दुमका शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कई सक्रिय कार्यकर्ता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। मालूम हो, प्रातः 11 बजे बैठक रखी गई थी किन्तु दोपहर 12 बजे के आसपास बैठक प्रारंभ हो पायी। ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों से इस दौरान हल्की बहसबाजी भी हुई।  

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 05 जनवरी

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चालीस लाख से अधिक के निर्माण कार्यो का लोकार्पण, आमखेडा सूखा की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान शीघ्र
  • शिविर में पांच दर्जन से अधिक हितग्राही लाभांवित हुए

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राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने शुक्रवार को नटेरन विकासखण्ड के ग्राम आमखेडा सूखा में आयोजित जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर में चालीस लाख 13 हजार की लागत से पूर्ण कराए गए पांच निर्माण कार्यो का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं से लाभांवित होने वाले हितग्राहियों को मौके पर सामग्री, चेक प्रदाय कर उन्हें लाभांवित किया। राज्यमंत्री श्री मीणा ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्राम आमखेडा सूखा की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने ग्राम में नवीन हेण्ड पंप शीघ्र खनन कर जल आपूर्ति के प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को दिए। श्री मीणा ने कहा कि शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के 106 गांवों को नलों से पानी प्रदाय करने हेतु विशेष कार्ययोजना पर कार्य चल रहा है जिसके तहत लगभग डेढ सौ करोड की लागत से सगड़ बांध से गांव-गांव, घर-घर तक नलों से पानी पहुंचाने का कार्य क्रियान्वित है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने हर वर्ग को ध्यानगत रखते हुए योजनाओं का सूत्रपात किया है। हम जागरूक होकर उन योजनाओं का लाभ अवश्य लें। राज्यमंत्री ने कहा कि ग्रामवासियों की समस्याएं ग्रामों मंे ही हल हो इसके लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा सदैव नवाचार किया जा रहा है। अब लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत एक दिवस में सेवाएं देने का प्रावधान किया गया है। राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि न्यूनतम पेंशन डेढ सौ रूपए से बढाकर तीन सौ रूपए कर दी गई है। वही प्रदेश के आदिवासियों को खाद्य सामग्री क्रय करने के लिए एक हजार रूपए देने का भी निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि कच्चे मकान से पक्के मकान बनाने हेतु भी डेढ़ लाख रूपए की राशि हितग्राहियों को दी जा रही है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्ति तक निर्भय ना रहें, बल्कि उनका लाभ लेने का प्रयास करें कि अपेक्षा व्यक्त करते हुए राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि हम अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेंजे। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्वंय जागरूक होना भी अति आवश्यक है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि अब हमें नए स्वरूप से सोचना होगा। खेती के क्षेत्र में नई विधियों को अपनाना होगा। ऐसे प्रगति कृषक जिन्होंने नवीन विधियों का उपयोग किया है वे सामान्य कृषकों की तुलना में आगे बढ गए है। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अनिवार्यतः बीमा कराने की अपेक्षा व्यक्त की। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि आमजन स्वंय शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की माॅनिटरिंग में अपना योगदान दे सकते है मात्र उन्हें ग्राम में क्रियान्वित योजनाओं पर नजर रखनी है एवं ग्राम स्तरीय अमले के द्वारा दी जाने वाली सेवाएं समय पर दी जा रही है कि नही पर नजर रखना है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में समय पर अध्यापन कार्य शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है कि नही, बच्चों को जिन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए वह मिल रहा है कि नही। इसी प्रकार आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं को उन्होंने रेखांकित किया। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम आमखेडासूखा में जल संकट की स्थिति से उभरने के लिए जल संचय पर विशेष बल देते हुए कहा कि हम बहते हुए पानी को बहने ना दें उसे अधिक से अधिक जमीन के भीतर जाने के प्रबंध करें। उन्होंने राजगढ़ जिले के ग्र्राम आमखेडा सूखा में जल प्रबंध के संबंध में किए गए कार्यो को रेखांकित करते हुए बताया कि वर्षारूपी जल बह ना पाए इसके लिए ग्राम में खोदे गए कुओं, तालाब, खंती इत्यादि में जल भरे के प्रबंध किए गए थे। इस कारण से राजगढ का उक्त ग्राम जल संकट से निजात पा चुका है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि ग्रामवासियों में रोको-टोको की भावना जागृत होना अति आवश्यक है समय पर जिन विभागों के कर्मचारियों द्वारा सेवाएं नही दी जा रही है उनकी शिकायत अवश्य वरिष्ठ अधिकारियों को करें। आमजनों की मानिटरिंग से स्थानीय व्यवस्थाओं में सुधार परलिक्षित होने लगते है। उन्होंने ग्रामवासियों से कहा कि वे अपने बच्चों को हर रोज स्कूल जरूर भेेजे। जागरूकता पर बल देते हुए उन्होने कहा कि आमजन शिक्षा और स्वास्थ्य के महत्वों से अवगत हो जाए तो स्वयमेव आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत रहेगे। 

घोषणा
राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कार्यक्रम के दौरान ग्राम आमखेडा सूखा की तीन भजन मंडली क्रमशः सुन्दरकांड, कीर्तन और प्रभातफेरी भजन मंडली को दस-दस हजार रूपए की राशि वाद्य यंत्र क्रय करने हेतु अपनी विधायकनिधि से देने की घोषणा की। 

लोकार्पण
राज्यमंत्री श्री मीणा ने शिविर स्थल पर जिन पांच निर्माण कार्यो का लोकार्पण किया उनमें ग्राम आमखेडा में मनरेगा एवं 14वें वित्त की राशि एक लाख पचपन हजार से बनाई गई सीसी रोड, परफारमेन्टस ग्रांट की राशि 12 लाख 85 हजार से बनाया गया ग्राम पंचायत भवन, मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत ग्राम में 14 लाख 83 हजार से बनाए गए हाट बाजार तथा ग्राम में लालाराम कोरी के घर से हाई स्कूल तक छह लाख से लागत से बनाया गया सीसी रोड एवं दिमान अहिरवार के घर से होली तरफ 14 लाख 90 हजार की लागत से पूर्ण कराया गया सीसी रोड़ शामिल है।

हितग्राही लाभांवित
राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने मौके पर 63 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभांवित करने हेतु उन्हें सामग्री एवं चेक तथा स्वीकृत पत्र प्रदाय किए है जिसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, बीपीएल की पात्रता सूची में नाम दर्ज करने, भू-अधिकार प्रमाण पत्र, लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभांवित हितग्राहियों को राशि के चेक तथा कर्मकार मण्डल योजना के तहत हितग्राहियों को सहायता राशि एवं सामग्री का वितरण इसके अलावा सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से ट्रायसाइकिल, वैशाखी, व्हीलचेयर एवं श्रवण यंत्र इत्यादि सामग्री हितग्राहियों को प्रदाय की। 

स्टाॅलांे का निरीक्षण
राज्यमंत्री श्री मीणा ने शिविर स्थल पर विभिन्न विभागों के द्वारा शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार हेतु लगाए गए स्टाॅल का मौके पर निरीक्षण किया। शिविर स्थल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 322 मरीजों का परीक्षण कर उन्हें रोगोपचार दवाईयां प्रदाय की गई है। उद्यानिकी विभाग के द्वारा कृषकों को विभागीय योजनाओं के तहत उपकरणों का वितरण कराया गया है। शिविर स्थल पर विभिन्न विभागों के कुल 208 आवेदन प्राप्त हुए थे जो शिकायत, मांग पत्र संबंधी थे इनमें से 164 आवेदनों का निराकरण विभागों के अधिकारियों द्वारा किया गया है शेष लंबित आवेदनों को समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय परिसर में सम्पन्न हुए जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर में जनप्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय एसडीएम श्री मकसूद अहमद, जनपद सीईओ श्री शंकर पांसे, तहसीलदार श्री संजय जैन के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।  

भावांतर भुगतान योजना का जिला स्तरीय सम्मेलन आज

मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत अधिसूचित फसलों को अधिसूचित मंडियों में एक नवम्बर से तीस नवम्बर तक विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर की राशि आरटीजीएस, एनईएफटी द्वारा बैंक खातों जमा कराए जाने के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम छह जनवरी को आयोजित किया गया है। राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में शामिल मुख्यमंत्री जी के लाइव भाषण का प्रसारण टीकमगढ़ जिले से जिला स्तरीय सम्मेलनों में प्रसारण की व्यवस्था एलईडी के माध्यम से की गई है। आयोजन स्थल पर अपरान्ह एक से दोपहर दो बजे के मध्य लाइव प्रसारण प्रसारित किया जाएगा। सीधा प्रसारण क्षेत्रीय टीव्ही चैनलों पर भी देखा जा सकता है। विदिशा जिले में उक्त कार्यक्रम राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा के मुख्य आतिथ्य में पुरानी कृषि उपज मंडी प्रागंण में दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है कि जानकारी देते हुए कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को तमाम व्यवस्थाएं एवं जानकारियां समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश प्रसारित किए है। कार्यक्रम स्थल पर योजना के तहत पंजीकृृत किसानों को भावांतर स्वीकृत राशि के प्रमाण पत्र प्रदाय किए जाएंगें 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 05 जनवरी

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सांसद भूरिया ने केन्द्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की निर्माणधीन रेल लाईन को पूर्ण करने की मांग दोहराई
  • रतलाम संसदीय क्षेत्र में एयर टैक्सीे प्रारंभ करने की बात भी कही

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झाबुआ । दिनांक 04 जनवरी को सांसद कांतिलाल भूरिया द्वारा केन्द्रीय रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल से संसद भवन नई दिल्ली में भेंट कर उनके संसदीय क्षेत्र की रेल परियोजनाओं की जानकारी से अवगत कराया। संसदीय क्षेत्र रतलाम-झाबुआ की महत्वपूर्ण नई रेल लाईन इंदोर-गोधरा व्हाया धार-सरदारपुर का शिलान्यास वर्ष 2008 में तत्कांलिन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा झाबुआ में किया गया था तथा घोषणा की गई थी कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से गुजरने वाली इस रेल लाईन को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाएगा। इंदोर-धार-सरदारपुर तक इस रेलवे लाईन का निर्माण कार्य हो रहा है तथा गोधरा की ओर से पिटोल तक निर्माण कार्य अनवरत जारी है। लेकिन झाबुआ में निर्माण कार्य नहीं के बराबर होने से इस रेल मार्ग को पूरा किए जाने में अत्यधिक विलंब की आशंका प्रति‍त हो रही है। इस रेल लाईन के निर्माण से गुजरात के दाहोद एवं गोधरा तथा मध्यप्रदेश के झाबुआ एवं धार जिलों के आदिवासी क्षेत्र को रेल सुविधा के साथ-साथ रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। जिससे की इस क्षेत्र के पिछडे आदिवासी बाहुल्या क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक विकास तेज गति से होगा। छोटा उदयपुर-धार नई रेलवे लाईन का निर्माण कार्य भी अत्यंत धीमी गति से चल रहा है इस नई रेल लाईन के निर्माण से भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी। रतलाम-बांसवाड़ा-डुंगरपुर नई रेल लाईन के निर्माण में भी भूमि अधिग्रहण की विषमताओं के कारण मामला अटका पड़ा है। राजस्थान सरकार द्वारा रेल लाईन हेतु रेलमंत्रालय को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराए जाने का वादा किया गया था लेकिन बाद में वह अपने वादे से मुकर गई जिसके परिणाम स्वरूप रेल लाईन का भविष्य अधर में लटक गया। छोटा-उदयपुर नई रेल लाईन के संबंध में रेलमंत्री को बताया कि इस रेलमार्ग पर अलीराजपुर में जो रेलवे स्टेशन का निर्माण होना है वह शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि अलीराजपुर रेलवे स्टेशन का शहर में ही एक ओर स्टेशन बना दिया जाता है तो यह अत्यंजत सुविधाजनक होगा। श्री भूरिया ने उल्लेख किया कि मेन स्टेेशन और उपस्टेशनों के बीच की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है यात्री सुविधा की दृष्टि से यह आवश्यक है कि अलीराजपुर में एक उपस्टेशन का निर्माण किया जाए। श्री भूरिया ने प्रश्नकाल के दौरान पुरक प्रश्न के उत्तंर में श्री अशोक गजपति राजु केन्द्रीय विमानन एवं उड्यन मंत्री जी से आग्रह किया की उनके संसदीय क्षेत्र रतलाम-झाबुआ में भी हवाई पट्टी उपलब्ध है तथा वहां से एयर टैक्सी की सुविधा कराई जानी चाहिए जिससे की रतलाम-झाबुआ-अलीराजपुर संसदीय क्षेत्र को इसका लाभ मिल सके। उक्त जानकारी जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने दी।

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा मंडल कल्याणपुरा की मंडल पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी की घोषणा भाजपा जिलाध्यक्ष ने की।

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार द्वारा भाजपा महिला मोर्चा मंडल कल्याणपुरा के पदाधिकारीयो व कार्यकारिणी सदस्य की आज विधिवत रुप से घोषणा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानुपरिया से विचार विमर्श व अनुसंसा के बाद कर दी है। कल्याणपुरा महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष पद पर श्रीमती  गोराबाई मालीवाड जिला उपाध्यक्ष  -श्रीमती सीता नेगजी अमलियार, श्रीमती शांता चेनिया झणिया, जिला महामंत्री - श्रीमती सुनिता अल्केश नायक, मंत्री - श्रीमती शब्बु खुशाल डोडियार, पप्पु पांगला मावी, श्रीमती मथिल रुमाल अमलियार, श्रीमती दीतु अजयसिंह गुंडिया, कोषाध्यक्ष - श्रीमती सन्नु खुशाल झणिया, सदस्य  - श्रीमती गुडडी लालसिंह परमार, श्रीमती हुरा राठौर,श्रीमती सुकली महेश खपेड, श्रीमती काली अमलियार,श्रीमती मेता शंकर भाबोर, श्रीमती तोला जोगडा डामोर,  श्रीमती रंगा जोेगडा हिलोता,श्रीमती  भुन्दरी बाबु अमलियार, श्रीमती काली बसना भाबोर, श्रीमती सेदली कालिया परमार, श्रीमती दोली पालु मैडा,  श्रीमती कसनी जोगी माव । उक्त जानकारी जिला भाजपा मिडिया प्रभारी अंबरीष भावसार ने दी ।

जैन आचार्यों का म.प्र. प्रदेश में प्रवेश पर पिटोल में हुआ स्वागत....
  • नवीन श्री लीला-शांति जयंत विहार धाम का हुआ लोकार्पण

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पिटोल । शुक्रवार सुबह गुजरात से आकर पिटोल के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करने पर श्वेताम्बर जैन समाज के सबसे प्रभावी संतो मे जाने जाने वाले  आचार्य श्री जयन्तसेनसूरीश्वर जी के शिष्य सप्तम पट्टधर गच्छाधिपति श्री नित्यसेनसूरीश्वर जी एवं आचार्यदेव जयरत्नसूरीश्वरजी का पिटोल पहुंचनें पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या में आसपास के शहरों से समाज जन एकत्रित हुवे। गुजरात एवं म.प्र. की सीमा पर स्थित पिटोल के श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पर एकत्रित भक्तों ने गुरुद्वय की आगवानी की एवं बैंड बाजों के साथ नगर प्रवेश कर हाईवे स्थित भण्डारी पंप के समिप नव निर्मित श्री लीला-शांति जयंत विहार धाम का लोकार्पण किया। उल्लेखनिय है कि आचार्य पद्वी मिलने के बाद वे पहली बार झाबुआ जिले में प्रवेश कर रहे है इसके बाद वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में भ्रमण करेंगें।
               
लोकार्पण से गद् गद् थे संत ....
पिटोल में जैन संतो ंके विहार के लिये लम्बे समय से किसी धर्मशाला के होने की प्रतिक्षा थी जो कि एक अर्से से प्रस्तावित थी किन्तु मुर्तरुप नहीं ले पा रही थी हाल ही में झाबुआ के भण्डारी परिवार जिनमें मनोहरलाल,राजेन्द्र व प्रदीप नें अपनी निजी जमीन पर निजी खर्च से जैन संतो ही नहीं अपितु यहां आने वाले सभी समाज के संतो के लिये इसे अर्पित किया जिसका लोकार्पण आचार्य श्री नित्यसेनसुरीश्वर जी के हाथों सम्पन्न हुआ। गोरतलब है कि इस धर्मशाला के पास मंदिर का निर्माण कार्य भी चल रहा है जिसको लेकर भी समाजजनों में खासा उत्साह है। आचार्यद्वय के साथ श्रमण संघ के मंगल प्रवेश पर ग्रामीणजनों ने हर्ष व्यक्त किया।
                 
लगी लाभार्थी बोली व हुवे प्रवचन......
इस अवसर पर जैन समाज में प्रचलित विभिन्न कार्यो का लाभार्थी होने के लिये 7 जनवरी को झाबुआ में होने वाले भव्य मंगल प्रवेश पर आचार्य श्री के स्वागत में होने वाली विभिन्न गतिविधियों हेतु बोलियां लगाई गई। उपस्थित संतजनों ने अपने मुखारविन्द से उपस्थित जनसमुदाय को अपने प्रवचनों से मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का गुरुद्वय के साथ उपस्थित अभिभाषक बाबुलालजी संघवी, ठाकुर जोरावरसिंह, सुरेश तांतेड ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। भण्डारी परिवार में मनोहर,राजेन्द्र व प्रदीप भण्डारी ने संतों को काम्बली ओढाकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन मनोहर भण्डारी नें किया। इस अवसर पर भोजन प्रसादी का कार्यक्रम भी आयोजित था।

 35 दिन कि धार्मिक यात्रा के लिए लबाना समाज के लोग रवाना

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पिटोल  । आज सुबह 10 बजे श्री लबाना यात्रा संघ के द्वारा आयोजित यात्रा में पिटोल गाॅव के भी 15 लोग सामील हुए। यह यात्रा संघ में रम्भापूर पिटोल गुजरात एवं राजस्थान के लबाना समाज के लोग सामील हुए यह यात्रा मध्यप्रदेश के अलावा देश के दश राज्य एवं विदेश के नेपाल के काठ़माण्ड़ु में भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करायेगी। यह यात्रा कि अवधी 35 दिन के होगी। यह यात्रा लबाना यात्रा संघ रम्भापूर द्वारा आयोजित कि जाती है।

गौ भक्तो द्वारा श्री कृष्ण गौ सेवा सदन समिति देवझरी को सहायता राषि देने पर गौ भक्तों का किया आभार

झाबुआ । गीता जयंती समिति झाबुआ के तत्वाधान में सम्पादित भागवत कथा के दौरान नगरवासियांे द्वारा श्रीकृष्ण गोसवा सदन देवझिरी को राशि रूपये 26,380/- की राशि एकत्र कर प्रदाय की गई है। गौशाला देवझिरी के समस्त गौभक्तों द्वारा गीता जयंती समिति एंव झाबुआ के नगरवासियों के प्रति अत्यन्त आभार व्यक्त करते हुए अनवरत सहयोग का अनुरोध किया गया है। समिति के सदस्यों ने गौ सेवा करने वाले भक्तों से आव्हान किया कि वे समय निकालकर देवझरी स्थित गौ शाला में पधारकर गौ सेवा का कार्य करें तथा धर्म का लाभ लेवे । उक्त जानकारी समिति के सदस्य सुधीर तिवारी, ने दी ।

सकारात्मकता अपनाये, संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण में दे अपना योगदान
  • एकात्म यात्रा का झाबुआ से धार जिले में हुआ प्रवेश, तारखेडी में स्वागत के बाद जिले से सम्मान पूर्वक संतजनों को दी गई विदाई

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झाबुआ । आदि गुरू शंकराचार्य की अष्टधातु की प्रतिमा निर्माण के लिए धातु संग्रहण के लिए आयोजित की गई एकात्म यात्रा ने विगत 2 जनवरी को झाबुआ जिले में प्रवेश किया। एकात्म यात्रा ने जिले के राणापुर, झाबुआ, मेघनगर, थांदला, पेटलावद एवं तारखेडी में भ्रमण करते हुए आज 5 जनवरी को धार जिले में प्रवेश किया। यात्रा का जिले में यात्रा मार्ग पर भव्य स्वागत किया गया। एकात्म यात्रा के तारखेडी में प्रवेश पर भव्य स्वागत किया गया एवं संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एकात्म यात्रा में सम्मिलित संत संवित सोमगिरी जी महाराज, भूमानंद सरस्वती महाराज एवं म.प्र. गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष नारायण व्यास एवं अन्य यात्रा दल सदस्यों का स्वागत विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, एसपी श्री महेशचन्द्र जैन, सहित बडी संख्या में ग्रामीणजनो ने पारंपरिक नृत्य के साथ पुष्पमाला व पुष्पवर्षा कर किया। यात्रा में ध्वज, चरण पादुकांए, कलश का पूजन करके तारखेडी में यात्रा की अगवानी की गई। महिलाएं एवं बालिकाएं कलश सिर पर उठाए यात्रा में सम्मिलित हुई। इस अवसर साधु संतो का पुष्पमाला एवं शाल श्रीफल भेंट  कर स्वागत किया गया। संतजनों ने कन्या पूजन किया। म.प्र. गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष व्यास ने एकात्म यात्रा के आयोजन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने आदि गुरू शंकराचार्य के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उक्त यात्रा के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। संगोष्ठी कार्यक्रम में संत संवित सोमगिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति के महत्व और दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के सिद्धातो का आव्हान किया। उन्होने सौर उर्जा उत्पादन एवं उपयोग का भी आव्हान किया। संत श्री सोमगिरी महाराज ने जीवन में सकारात्मकता अपनाने एवं प्रकृति के अनमोल खजाने भारतीय संस्कृति एवं पर्यावरण का सरंक्षण करने की बात कहीं। संत सोमगिरी ने कहा, मनुष्य को जीवन में सद्कर्म करना चाहिए। उन्होंने बुराईयों को त्यागने और अच्छाईयों को आत्मसात करने का आव्हान किया। उन्हांेने बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए भ्रूण हत्या महिला अत्याचार के विरोध में खडे होने की बात कही। संत भूमानंद सरस्वती महाराज ने भी आम जन से जीवन दर्शन के बारे में संवाद किया। कार्यक्रम में बडी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। एकात्म यात्रा के स्वागत अभिनंदन हेतु यात्रा मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार बनाये गये एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों के द्वारा धातु के कलश में ग्राम पंचायत की मिट्टी का संग्रहण कर यात्रा में भेंट किये गये।

विधायक, कलेक्टर, एसपी ने प्रतीक चिन्ह भंेट कर भावाभीनी विदाई दी
आज ग्राम तारखेडी में विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री महेशचन्द्र जैन, एडीएम श्री एसपीएस चैहान एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने यात्रा में आये संतो को जिले की संस्कृति से जुडे गुड्डे, गुडिया एवं तीर-कमान एवं विश्वमंगल हनुमान का चित्र प्रतीक स्वरूप भेंट कर एकात्म यात्रा को धार जिले में प्रवेश के लिए विदाई दी।

प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग जिले के भ्रमण पर

झाबुआ । जिले के प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन 7 जनवरी को जिले के भ्रमण पर रहेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री श्री सांरग 7 जनवरी को प्रातः 11.00 बजे झाबुआ पहुंचकर कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों से भेट करेगे, प्रातः 11.30 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति, भावान्तर भुगतान योजना, रोगी कल्याण समिति, पर्यटन संवर्धन, ई.गर्वेन्स सामान्य सभा तथा खाद्य सुरक्षा समिति की बैठक लेगे। दोपहर 1.30 बजे कलेक्टर कार्यालय में सोलर पेनल सिस्टम का शुभारंभ करेगे, अपरान्ह 2.00 बजे दिलीप क्लब का जीर्णोधार एवं जनजाति संग्रहालय का शिलान्यास करेगे। तत्पश्चात झाबुआ से थांदला पहुचकर 2.45 बजे खेल महोत्सव का शुभारंभ करेगे एवं हितग्राही सम्मेलन को संबोधित करेगे। उसके बाद थांदला से भोपाल के लिए प्रस्थान करेगे।

श्री विजेन्द्रसिह सिसौेदिया अध्यक्ष ऊर्जा विकास निगम जिले के भ्रमण पर

झाबुआ ।  अध्यक्ष म.प्र. ऊर्जा विकास निगम श्री विजेन्द्रसिह सिसौेदिया कैबीनेट मंत्री दर्जा प्राप्त 7 जनवरी को जिले के भ्रमण पर रहेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, 7 जरवरी को दोपहर 12.00 बजे झाबुआ पहुॅचकर अपरान्ह 01.30 बजे कलेक्टर कार्यालय में स्थापित रूफटाॅप सोलर पावर प्लांट का उदघाटन करेगे एवं रात्रि विश्राम करेगे। दिनांक 8 जनवरी 2018 को प्रातः 10.00 बजे झाबुआ से शुजालपुर के लिए प्रस्थान करेगे।

भावांतर भुगतान योजना कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण

झाबुआ । भावान्तर भुगतान योजनान्तर्गत 6 जनवरी 2018 को जिला झाबुआ में अपरान्ह 12.30 बजे से 2.00 बजे के मध्य सभी मण्डी प्रांगणो में किसान सम्मेलन आयोजित किये जाएगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के टीकमगढ जिले में अपरान्ह 1.00 बजे से 2.00 बजे के मध्य भावांतर भुगतान योजना के प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने के कार्यक्रम  तथा उसमें दिए गए उदृदेश्य के सीधे प्रसारण को किसान देख एवं सुन पाये इसलिए एलईडी की व्यवस्था भी की जावेगी। 

डिजीटल इण्डिया मिशन के तहत प्रशिक्षण आयोजित

झाबुआ । ग्राम पंचायत अगराल जनपद पंचायत मेघनगर में शासकीय उचित मूल्य दुकान पर राशन लेने आये हितग्राहियो को आज कैशलेस ट्रांजेक्शन का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी श्री एस.एस गामड, श्री साहू विजनटेक इंजीनियर, सेल्समेन जीनू डामोर सहित हितग्राही उपस्थित थे।

युवा दिवस‘‘ के उपलक्ष्य मे 12 जनवरी को सामूहिक सूर्य नमस्कार होगा

झाबुआ । राज्य षासन के निर्देषानुसार स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस 12 जनवरी युवा दिवस के उपलक्ष्य में जिले की सभी षैक्षणिक संस्थाओं महाविद्यालयों, पंचायतों तथा आश्रम शालाओं आदि में 12 जनवरी को प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में स्वयंसेवी संगठनों तथा आम लोंगों भी सहभागिता रहेगी। इस संबंध में कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने बैठक आयोजित कर संबंधित अधिकारियो को व्यवस्था के लिये आवश्यक निर्देश दिये।

रेडियो पर होगा प्रसारण
सामुहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था रेडियों के सभी प्राईमरी चेनल एवं विविध भारती से होगी।  मुख्यमंत्री जी का प्री-रिकार्डेड संदेश कार्यक्रम प्रसारित किया जायेगा। सामूहिक सूर्य नमस्कार के पूरे समय तक जिले के सभी आयोजन स्थलों पर रेडियों चलाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु संबंधित संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया गया।

ये रहेगा कार्यक्रम
सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए 12 जनवरी को प्रातः 9 बजे से एकत्रीकरण तथा उद्घोषक द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम की भूमिका का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। प्रातः 9.20 बजे राष्ट्रीयगीत -वन्देमात्रम का सामूहिक गायन होगा। मुख्यमंत्रीजी का संदेश प्रातः 9.30 बजे, प्रसारित होगा। सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम प्रातः 9.45 बजे से प्रांरभ होगा एवं 10.30 बजे तक चलेगा।

स्कूल एवं महाविद्यालय के छात्र होगे शामिल
इस आयोजन में स्कूली तथा महाविद्यालयीन विद्यार्थी शामिल होगे। इसमें किसी भी संस्था अथवा छात्र/छात्रा का भाग लेना पूर्णतः स्वैच्छिक होगा और इस हेतु किसी प्रकार की बाध्यता नही है। किन्तु स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार बहुत लाभदायक है। अतः विद्यार्थी सहित आमजन भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वास्थ्य लाभ ले।

5,000/-रू. ईनामी कुख्यात डकैत को पुलिस ने किया गिरफ्तार

झाबुआ । पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन ने बताया कि झाबुआ, सीहोर, रतलाम एवं सीमांत राज्य राजस्थान के विभिन्न अपराधों में ईनामी कुख्यात डकैत सरदार पिता कुम्भा जाति मुणिया, निवासी रूनखेड़ा, थाना कल्याणपुरा के अपराध क्रं. 255/16 धारा 395 भादवि, 73/17 धारा 399, 402 भादवि एवं 25,27 आम्र्स एक्ट, थाना आष्टा, जिला सीहोर के अपराध क्रं. 460/17 धारा 394,395 भादवि, थाना रावटी, जिला रतलाम के अपराध क्रं. 117/17 धारा 379 भादवि, 116/17 धारा 379 भादवि, में फरार चल रहा था। आरोपी सरदार के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक झाबुआ द्वारा 5,000/-रू. का ईनाम उद्घोषित किया गया था। फरार आरोपी को पकड़ने हेतु पुलिस अधीक्षक झाबुआ द्वारा क्राईम ब्रांच एवं चैकी अंतरवेलिया, थाना कल्याणपुरा के पुलिस अधि./कर्म. की एक टीम गठित की गई थी। मुखबिर से प्राप्त सूचना पर आरोपी सरदार पिता कुम्भा जाति मुणिया निवासी रूनखेड़ा को घेराबंदी कर अनास नदी पुल पर चोरी की मोटर साईकल से जाते गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। आरोपी सरदार खुंखार होकर वह कुख्यात अपराधी मलखान का खास सहयोगी है तथा जिले के एवं सीमा से लगे राज्यों में भी इस गैंग द्वारा कई लूट, डकैती, हत्या जैसे गंभीर अपराध किये हैं। ईनामी कुख्यात डकैत सरदार की गिरफ्तारी पर क्षेत्र की जनता में हर्ष व्याप्त है। उक्त सराहनीय सफलता पर पुलिस अधीक्षक, जिला झाबुआ श्री महेश चंद जैन ने पुलिस टीम को नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

अज्ञात लुट का पर्दाफाश

झाबुआ ।   गत 4 जनवरी18 को फरियादी प्रियंका पिता मोहरसिंह जादोन, उम्र 20 साल, नि. कालीदेवी अपने कजीन विजय गवली के साथ अल्टो कार सीखने के लिए हवाई पटी ग्राम मोहनपुरा झाबुआ में गयी थी, दिन के करीबन 02ः30 बजे दो अज्ञात व्यक्तीयो ने प्रियंका के गले की सोने की चेन व पर्स में रखे 2 हजार रूपये व 01 विवो कंपनी का मोबाईल वी-7 व विजय गवली का मोबाईल विवो कंपनी का मॉडल वी-3 लुट कर भाग गये थे, जिस पर थाना कोतवाली झाबुआ पर अज्ञात आरोपीयों के विरूध्द अपराध क्रमांक 13/18 धारा 392 भादवि का पंजीबद्ध किया। पुलिस अधीक्षक झाबुआ, श्री महेश चंद जैन के मार्गदर्शन पर थाना कोतवाली झाबुआ की टीम द्वारा मुखबीर की सुचना पर अज्ञात आरोपी नारू पिता तोलिया पारगी, निवासी आम्बाखोदरा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से फरियादीया की सोने की चेन व नगदी 2 हजार रूपये बरामद किये। आरोपी नारू से पुछताछ करने पर साथी आरोपी राजु पिता सकरिया मावी, निवासी आम्बाखोदरा के साथ मिलकर लूट को अंजाम देना स्वीकार किया। उक्त सराहनीय सफलता पर पुलिस अधीक्षक, जिला झाबुआ श्री महेश चंद जैन द्वारा पुलिस टीम को 2,000/-रू. के नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया।

दुमका : झारखंड जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक आयोजित

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  • झारखंड जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक में भूमि हस्तांतरण के मुद्दे पर समाज के विभिन्न तबकों के लोगों ने दी अपनी-अपनी राय

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, दुमका में समाज कल्याण मंत्री डा0 लुईस मरांडी की अध्यक्षता में दिन शुक्रवार (05. 01. 2018) को झारखंड जनजातीय परामर्शदात्री समिति की उप समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य रुप से गैर आदिवासियों की जमीन के हस्तांतरण के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस अवसर पर मंत्री डा0 लुईस मरांडी ने कहा कि राज्य व समाज का विकास तभी संभव है जब सबका सहयोग प्राप्त हो। उन्होंने कहा राज्य विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है। समाज व राज्य के विकास में आपका सुझाव महत्वपूर्ण है, इसलिए मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में लोग एकत्रित हुए हैं। आगे कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के मार्गदर्शन में दो कमिटि बनाई गई है। पहली कमिटि राज्य में आदिवासियों की घटती संख्या पर विचार विमर्श कर रही है। जिसके अध्यक्ष ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा है। उनके साथ कई सदस्य हैं जो इस गंभीर मुद्दे पर कार्य कर रहे हैं। दूसरी कमिटि जमीन के मुद्दे पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में राज्य में जो विकास हुआ है वह सबके सामने है। सरकार ने विकास की एक नई लंबी लकीर खींची है। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आदिवासियों की जमीन को कोई उनसे छिन नहीं सकता। कुछ लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं। आदिवासियों की जमीन को छिन कर उन्हें बेघर कर सरकार विकास नहीं कर सकती। इस अवसर पर टीएसी के उप समिति के सदस्य जे बी तुबिद ने कहा कि कानून ऐसा हो जो जनोपयोगी हो और इसके लिए कानून को समय के साथ परिवर्तनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के हितों में लगातार कार्य कर रही है। सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा संताल परगना टेंनेसी एक्ट के तहत अगर कोई गैर आदिवासी अपनी जमीन को अपनी बेटी या किसी को स्थानांतरित करना चाहता है तो नहीं कर सकता है। जिससे लोगों को परेशानी होती है। इसे ध्यान में रखते हुए लोगों के विचार को जानने के लिए यह समिति बनाई गई है जो सबके बीच है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र से सरकार के समक्ष कई अनुरोध ज्ञापन पहुँचे, जिनमें गैर जनजातीय समुदाय के जमाबंदी रैयतों के द्वारा यह अनुरोध किया गया कि एसपीटी एक्ट के प्रावधानों के तहत वे भी अपनी जमीन को न तो बेच सकते हैं न ही खरीद सकते हैं। सरकार व टीएसी के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास  मूल मंत्र के साथ सरकार कार्य कर रही है। अधिवक्ता गोपेश्वर झा ने कहा सरकार सेक्शन  53 को वेलिडेट (मान्य) करे। उन्होंने कहा कि सबके हित को ध्यान में रखते हुए कानून बनाया जाय। राधेश्याम वर्मा ने कहा  कहा कि समाज के किसी व्यक्ति के जमीन को कोई ठग नहीं सकता सभी लोग जागरूक हो चुके हैं सच और झूठ का पता उन्हें लगाना आता है। उन्होंने कहा कि गैर जानजातियों को उनकी जमीन के क्रय-विक्रय का अधिकार मिले। जवाहर मिश्रा ने कहा कि सरकार को सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कानून बनाने का कार्य करना चाहिये। अधिवक्ता शैलेन्द्र नारायण ने कहा कि सेक्शन 21 को बिना छेड़छाड़ के अपनाया जाय। विजय कुमार सोनी ने कहा समिति को विचार करना चाहिये कि यहां के लोगों का भला हो व नई नीति बनायी जाय।  सरकारी वकिल अरूण कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार कानून में संशोधन करे ताकि संताल परगना का चहुमुखी विकास हो सके। मनोज घोष ने कहा कि संताल परगना का विकास उद्योग से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कानून बनाये जायें कि यहां के लोग अपनी जरूरत के अनुसार जमीन की खरीद-बिक्री कर सकें।  पूर्व विधायक कमलाकान्त प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नियम में कुछ बदलाव होना चाहिये ताकि यहां के लोग अपनी जमीन को हस्तांतरित कर सकें। उन्होंने कहा कि आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों को फायदा हो सरकार ऐसा कार्य करे। गैर आदिवासी को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका भी ध्यान सरकार रखे। बार एसोसिएशन, दुमका के सचिव राघवेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि ऐसा कोई नियम बनाया जाय कि गैर आदिवासी अपनी जमीन को गैर आदिवासी को हस्तांतरित कर सके। जोनाथन सोरेन ने कहा कि सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर कुछ निर्णय लेना आवश्यक है। कानून से ही सरकार को रास्ता निकालने की जरूरत है। प्रभात चंद्र ने कहा कि कुछ लोग समाज के रक्षक के रूप में अपनी छवि प्रस्तुत करते है लेकिन वे समाज के रक्षक नहीं हैं। उन्होने कहा कि ऐसे लोग समाज को गुमराह करते हैं। सरकार कोई कानून बनाये जिसके माध्यम से गैर आदिवासी वर्ग अपनी जमीन को बेच सके। कुमार प्रभात ने कहा कि टीएसी के द्वारा रसेल कमिटि के रिर्पोट का अवलोकन किया जाय। विकास के लिए जरूरी है जमीन का हस्तांतरण। उन्होंने कहा कि जबतक उद्योग नहीं लगेंगे तबतक विकास संभव नहीं है। गैर आदिवासी के बीच जमीन हस्तांतरण हो सके ऐसा कोई कानून सरकार के द्वारा बनाया जाना चाहिये। रामनारायण भगत ने कहा कि गैर आदिवासियों की जमीन हस्तांतरित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिये। डा0 संजय मरांडी ने कहा कि सरकार को नियम बनाने का अधिकार है कोई नियम बनाया जाय जिससे सबका भला हो। गौरवकांत झा ने कहा कि औद्योगिक क्रांति लाने की जरूरत है। सरकार गैर आदिवासियों की जमीन हस्तांतरित करने के लिए कानून बनाए। 

बिहार : 20 जनवरी को पटना में किसान संगठनों का राज्यस्तरीय किसान मुक्ति सम्मेलन

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  • समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, जय किसान आंदोलन के प्रो. योगेन्द्र यादव, आशीष मितल, सत्यवान सहित भाग लेंगे कई किसान नेता.

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पटना 5 जनवरी, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की एक दिवसीय बैठक आज पटना में संपन्न हुई. बैठक में 20 जनवरी को पटना में किसान संगठनों द्वारा राज्यस्तरीय किसान मुक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस सम्मेलन में समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव व समन्वय समिति के बिहार राज्य प्रभारी राजाराम सिंह, जय किसान आंदोलन के संस्थापक प्रो. योगेन्द्र यादव, आॅल इंडिया किसान मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव आशीष मितल, आॅल इंडिया किसान खेत मजदरू संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान आदि नेता भाग लेंगे. आज की बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह ने की. समन्वय समिति की ओर से बिहार के प्रभारी राजाराम सिंह ने बताया कि दिल्ली में 20-21 नवम्बर 2017 को किसान संसद का आयोजन किया गया था. किसान संसद में कई प्रस्ताव पारित किए गए थे. उसी आलोक में यह सम्मेलन हो रहा है. किसान संसद में पारित प्रस्तावों में फसलों के लागत मूल्य से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने से संबंधित पहला प्रस्ताव था. इस सवाल को पूरे देश में किसान मुक्ति सम्मेलनों का आयोजन करके किसानों के बीच ले जाना है और व्यापक जनसमर्थन हासिल करते हुए किसानों की व्यापक गोलबंदी करनी है.

बैठक में उक्त मुद्दा के अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 5 हजार रु. प्रति माह वृद्धा पेंशन, बटाईदारों को पहचान पत्र व किसानों को मिलने वाली सारी सुविधायें मुहैया कराने, बाढ़-सुखाड़ का स्थायी निदान, कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली, बंद पड़े नलकूपों को चालू कराने, बेघर परिवारों को आवास के लिए 5 डिसमिल जमीन देने आदि जैसी मांगों पर भी चर्चा की गयी. बैठक में बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के राज्य सचिव विनोद कुमार, बिहार राज्य किसान सभा (केदार भवन) के राज्य सचिव अशोक प्रसाद सिंह,  किसान मजदूर विकास संगठन के महासचिव अनिल कुमार, जय किसान आंदोलन के नेता शिवजी सिंह,  आॅल इंडिया किसान मजदूर संगठन के इंद्रदेव राय, शंभू प्रसाद सिंह, ललित कुमार घोष के अलावा किसान नेता रामवृक्ष राम, जर्मन सिंह, रामाधार सिंह, तपेष्वर सिंह, रामजीवन प्रसाद, रवीन्द्र नाथ राय, डाॅ. रणजीत कुमार, मनोज मिश्र, जितेन्द्र कुमार, डाॅ. उमेश यादव, सिकन्दर पासवान, सुनील कुमार आदि किसान नेताओं ने भाग लिया.

63 वें राष्ट्रीय स्कूली खेलों में रोप स्किपिंग में दिल्ली का दबदबा कायम

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  • रोप स्किपिंग खिलाडी बच्चे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव अवश्य बढ़ायेंगे : प्रो.अरुण भगत


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नई दिल्ली। त्यागराज स्टेडियम में चल रहे 63 वें राष्ट्रीय स्कूली खेलों में रोप स्किपिंग (रस्सी कूद) स्पर्धा के  फ्री स्टाईल मुकाबलों में दिल्ली के अंडर -17 बालक बालिका वर्ग और अंडर -19 बालक बालिका वर्ग में दिल्ली के बच्चों ने इस वर्ष भी अपना दबदबा कायम रखते हुए लगभग सभी स्वर्ण पदक जीत लिए हैं। पुरस्कार वितरण समारोह में दिल्ली विश्वविधायल पत्रकारिता विभाग परामर्श समिति के सदस्य एवं माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्विधालय के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.अरुण कुमार भगत ने बच्चों को मैडल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रोफेसर डॉ.अरुण कुमार भगत ने कहा कि गांव से निकली यह रस्सी कूद खेल आज इतना आधुनिक रूप लेगा इसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। भारत में इस खेल को बढ़ावा देने के लिए रोप स्किपिंग फेडरेशन का काम बहुत अच्छा और सार्थक है। आज रस्सी कूद खेल बना है वैसे हमेशा से रस्सी कूदना सेहत और सेटमिना बढ़ाने में सहायक और उपयोगी होता है। आज इस खेल को देखकर लगा की इस खेल के माध्यम से हमारे भारत देश के यह खिलाडी बच्चे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव अवश्य बढ़ायेंगे ऐसी मेरी आशा है। इस मौके पर अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिशनर (खेल) वाई.पी. सिंह ने विजेता बच्चों को मैडल प्रदान करते हुए अपनी बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है की केंद्रीय विद्यालय खेलों में अपना नाम रोशन कर रहा है और इसके लिए हमारे कोच और स्टाफ और बच्चों का यह श्रेय जाता है। हम आभारी हैं रोप स्किपिंग को बढ़ावा देने में योगदान दे रही फडरेशन के जो यह खेल बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है।  इस मौके पर रोप स्किपिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव निर्देश शर्मा, मीडिया सलाहकार एवं स्किप -एन -फिट इंडिया के महासचिव अशोक कुमार निर्भय,सुभानपुर डी पी एस वर्ल्ड स्कूल के अध्यक्ष हरिओम त्यागी,केंद्रीय विधयालय संगठन के सहायक एजुकेशन ऑफिसर (खेल)एच एस कुशवाह,खेल संयोजक सुधाकर दुबे,रोप स्किपिंग फेडरेशन के तकनीकी प्रशिक्षक विवेक सोनी,खेल प्रभारी देवेश मांडोतिया,कोच हरीश कुमार सैनी,रामकुमार शर्मा समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।  

मधुबनी : पेंशन लाभार्थी के लिए टीपीसी भवन में निर्धारित विशेष शिविर की शुरुआत हुई।

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी  (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी। पेंशन लाभार्थी के समस्याओ के निपटारे के लिए शुक्रबार को प्रखंड के टीपीसी भवन में निर्धारित विशेष शिविर की शुरुआत हुई। इस शिविर के बारे में जानकारी देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा के ऐसे पुराने पेंसनधारियों जिनको अबतक पेंसन नही मिला है उनका भुगतान सुनिश्चित करने के लिये इस शिविर का आयोजन किया गया है। ये शिविर दो चरणों मे आयोजित की जाएगी। पहले चरण में 5 जनवरी से 14 जनवरी तक दूसरे चरण में  27 जनवरी से लेकर 17 फरबरी तक विशेष शिविर का आयोजन किया जाना है। शिविर के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए प्रखंड आईटी सहायक अरविंद कुमार ने बताया कि जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार सामाजिक सुरक्षा पेंसन योजना के पुराने पेंसनधारक जिन्हें अभी तक भुगतान नहीं मिल रहा है उनका भुगतान सुनिश्चित करने हेतु इस विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। ये शिविर पंचायतवार दिनांक 5 जनवरी से 13 जनवरी तक रखा गया है। अरविंद कुमार ने बताया कि शिविर में हर पंचायत के लिए अलग अलग तारीख निर्धारित है ताकि घालमेल की समस्या उत्पन होने से रोक जाए। इसजे तहत 5 जनवरी को ठाढ़ी उत्तर- दक्षिण पंचायत, 6 जनवरी को शिवा, जलसैन, डुमरा, 8 जनवरी को मरुकिया, रखवारी एवं गौड़ अंधरा, 9 जनवरी को गंगद्वार और मैलाम, 10 जनवरी को गनौली और देवहार, 11 जनवरी को ननौर और हररी, 12 जनवरी को मदना और हैरना और 13 जनवरी को कर्णपुर और महरैल पंचायत के लाभुकों के लिए दिन निर्धारित किया गया है। सभी पंचायतो के छूटे लाभार्थी को प्रखंड में आकर अपने अपने आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ पंचायत सचिव से मुलाकात कर अपने समस्याओ का निष्पादन करवाना है।

मधुबनी : मानव श्रृंखला बनाकर माॅक ड्रिल का आयोजन

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मधुबनी, 5, जनवरी, राज्य व्यापी बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान के प़क्ष में दिनांक 21 जनवरी 2018 को आयोजित मानव श्रृंखला के वातावरण निर्माण हेतु शुक्रवार को समाहरणालय के समीप जिला पदाधिकारी  मधुबनी के नेतृत्व में सदर थाना  मधुबनी से वाट्सन उच्च विद्यालय मधुबनी तक मानव श्रृंखला बनाकर माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें अपर समाहर्ता, विनोद कुमार पंकज, पंकज कुमार , विभिन्न संभाग के वरीय लिपिक, सभी प्रखंड के सेक्षन पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता श्री संजय कुमार, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक श्री रंजीत कुमार, मुख्य साधन देवी, श्री उमेष कुमार, प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी रहिका, श्री कृष्ण मोहन ठाकुर, प्र0अ0 राजीव कुमार, सतीष कुमार सिंह सुनील कुमार आदि ने मुख्य भूमिका निभाकर मानव श्रृंखला उत्साह पूर्वक वनाये। इस मानव श्रृंखला माॅक ड्रिल में रहिका प्रखंड के सभी टोला सेवक, तालिमी मरकज स्वंयसेवक, मुख्यालय स्थित सभी उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय के सभी षिक्षिका/षिक्षक पूरे मनोयोग एवं उत्साव से भाग लिया। बाल विवाह एव ंदहेज उन्मूलन के प़क्ष में व्यापक जन समर्थन तथा उत्साह आम लोगों देखा गया। इस मानव श्रृंखला में डिस्ट्रीक्ट कमांडेंट होमगार्ड डा0 अषोक कुमार भी भाग लियंे। जिला पदाधिकारी मधुबनी, के कुषल नेतृत्व में सभी उपस्थित पदाधिकारी तथा कर्मी ने पूरे में मानव श्रृंखला में भाग लेने तथा इस सामाजिक बुराई को दूर करने का संकल्प लिया गया।  मानव श्रृंखला आयोजन के सफल आयोजन तथा वातावरण निर्माण एवं निगरानी हेतु शुक्रवार दिनांक 05.01.18 से समाहरणालय, मधुबनी स्थित सभाकक्ष में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है। जिसका दूरभाष सं0 06276-224425 है। इस नियंत्रण कक्ष में  षिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

मधुबनी : इंद्रधनुष अभियान के जिला टास्क फोर्स की बैठक

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मधुबनी 5, जनवरी : सघन मिषन इंद्रधनुष अभियान के जिला टास्क फोर्स की बैठक शुक्रवार को जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में  सिविल सर्जन  मधुबनी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई.सी.डी.एस.  मधुबनी, ए.सी.एम.ओ., सभी चिकित्सा पदाधिकारी, एस.आ.सी., यूनिसेफ, एस.आर.टी.सी, यूनिसेफ, एस.एम.सी. प्रमोद कुमार झा  एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा सभी शत-प्रतिषत चिन्हित आई0एम0आई0 सत्रों के लिए सर्वे पंजी तथा ड्युलिस्ट की तैयारी करने का निदेष दिया गया। उन्होने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को आंगनवाड़ी सेविकाओं की मदद से सर्वे तथा ड्युलिस्ट की तैयारी करवाने को सुनिष्चित करने को कहा। सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी,सभी आषा कार्यकत्र्ता का सभी प्रकार की लंबित बकाया प्रोत्साहन राषि का भुगतान 10 दिनों के अंदर करने का निदेष दिया गया। तथा जिला पदाधिकारी द्वारा यह भी निदेष दिया गया कि जब तक शत-प्रतिषत आषा और आंगनवाड़ी सेविका को प्रोत्साहन राषि का भुगतान नहीं हो जाता है, तब तक सभी हेल्थ मैनेजर,बीसीएम एवं एकाउंटेंट के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि अगर निदेष के बावजूद किसी का भुगतान होता है, तो संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। शत-प्रतिषत सत्रों के लिए प्रभावी पर्यवेक्षक की नियुक्ति प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे तथा उसकी एक प्रति मोबाईल नं0 सहित जिला पदाधिकारी को भी उपलब्ध कराने का निदेष दिया। लौकही प्रखंड के लेखापाल विवके राम के विरूद्ध आवष्यक जांच कर संचिका उपस्थापित करने का निदेष डीपीएम/डीएएम को दिया गया। पंडौल के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को पूर्व से कार्यरत सक्षम कर्मी को ही कार्यक्रम का प्रभार देने का निदेष दिया गया। जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी को सघन मिषन इंद्रधनुष कार्यक्रम का पर्यवेक्षण कर ओडीसी. एप्प के माध्य से रिपोर्ट करने का निदेष दिया गया। यूनिसेफ/डब्ल्यूएचओ/केयर को सभी स्तर पर सहयोग करने का निदेष दिया गया। सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक तथा बीसीएम को आईएमआई के लिए प्रखंड स्तर से लेकर सत्र स्तरीय मोबलाईजेषन गतिविधि को करने का निदेष दिया गया।  घोघरडीहा के बीसीएम तथा खुटौना के बीसीएम को चेतावनी दी गयी कि वे अपने कार्य को सुचारू रूप से संपादित करें अन्यथा सेवा समाप्त कर दी जायेगी। जिला पदाधिकारी द्वारा जिला मुख्यालय में सघन मिषन इंद्रधनुष कार्यक्रम की निगरानी हेतु एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निदेष जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दिया गया। 

हिमाचल : बड़ा प्रशासनिक फेरबदल

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शिमला (विकास): सत्ता संभालने के बाद जयराम सरकार ने पहला बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। प्रदेश सरकार ने 10 जिलों के डीसी बदल दिए हैं। आईए जानते हैं कौन-कहां गया। 1. मंडी जिला के डिप्टी कमिश्नर मदन चौहान को खाद्य आपूर्ति विभाग में डायरेक्टर लगाया गया है। उनकी जगह रुग्देव मिलिंद ठाकुर जिला के नए डीसी होंगे। 2. शिमला में उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर को शहरी विकास विभाग का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। अब शिमला जिला की जिम्मेदारी अमित कश्यप को दी गई है। 3.सोलन जिला के डीसी राकेश कंवर को पंचायती राज विभाग में डायरेक्टर लगाया गया है। हंसराज शर्मा अब डीसी सोलन होंगे। 4. सिरमौर जिला के डीसी बलबीर बडालिया को परिवहन महकमे में डायरेक्टर बनाकर भेजा गया है। उनकी जगह पर ललित जैन सिरमौर के नए डीसी होंगे। 5. हमीरपुर के डीसी संदीप कदम का भी तबादला हो गया है। उन्हें आईटी विभाग में डायरेक्टर लगाया गया है। राकेश कुमार प्रजापति अब हमीरपुर के उपायुक्त होंगे। 6. कांगड़ा के उपायुक्त सीपी वर्मा भी बदल दिए गए हैं। उन्हें वन विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी बनाया गया है। संदीप कुमार कांगड़ा जिला के नए डीसी होंगे। 7. बिलासपुर जिला के डीसी रुग्देव मिलिंद ठाकुर मंडी भेज दिए गए हैं। उनकी जगह विवेक भाटिया बिलासपुर के नए उपायुक्त होंगे। 8. चंबा के डिप्टी कमिश्नर सुदेश मोख्टा का तबादला पर्यटन विभाग में बतौर निदेशक किया गया है। हरिकेश मीणा को चंबा जिला की जिम्मेदारी दी गई है। 9. लाहौल के डीसी देवा सिंह नेगी को शिमला में सेटलमेंट ऑफिसर लगाया गया है। लाहौल स्पिति में अब अश्विनी कुमार चौधरी उपायुक्त होंगे। 10. किन्नौर जिला के डीसी एनके लट्ठ को भी हटा दिया गया है। उन्हें एससी और ओबीसी विभाग में डायरेक्टर लगाया गया है। गोपाल चंद को किन्नौर का नया उपायुक्त बनाया गया है।
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