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लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहन गंगोत्री देवी का निधन

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पटना 07 जनवरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिलने की सूचना से सदमे में आयी उनकी इकलौती बड़ी बहन गंगोत्री देवी का आज सुबह निधन हो गया । वह 75 वर्ष की थी । श्रीमती गंगोत्री देवी के परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं। पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी और इसके बावजूद श्री यादव के चारा घोटाले के एक मामले में रिहाई के लिए कल उपवास भी रखा था । तभी उन्हें श्री यादव को लम्बी सजा दिये जाने की सूचना मिली जिससे वह सदमे में आ गयी । इसके बाद वह किसी से भी बातचीत नहीं कर रही थी और आज सुबह उनका यहां निधन हो गया । श्रीमती गंगोत्री देवी राजद अध्यक्ष के छह भाईयों में एक इकलौती बहन थी जो यहां के बेटनरी कॉलेज स्थित सर्वेंट क्वाटर में अपने दो पुत्रों के साथ रहती थी । अंतिम संस्कार के लिए शव को उनके ससुराल गोपालगंज ले जाया गया है। राजद अध्यक्ष की बड़ी बहन के निधन की जानकारी मिलते ही विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ,पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ ही बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक अंतिम दर्शन के लिए आवास पर पहुंचे । 

मधुबनी : शौंडिक समिति का वार्षिक उत्सव मुम्बई में

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मुंबई, 07 जनवरी, आज मुम्बई शौंडिक समिति का वार्षिक उत्सव नवी मुंबई के सभागार में आयोजित की गई   जिसमें विधान पार्षद मधुबनी श्री सुमन महासेठ और विधायक मधुबनी समीर कुमार महासेठ मुख्य अतिथि थे वहीँ मधुबनी से सूड़ी युवा शक्ति के अध्यक्ष प्रहलाद कुमार पूर्वे बतौर  अतिथि के रूप में  शामिल हुए! ये सभी वहाँ शौण्डिक पत्रिका का विमोचन भी किए। संगठन सभी मेहमानों का गुलदस्ता और सौल देकर सम्मानित भी की। सभी को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। सभी ने समाज हित और उत्थान  की बात किए। आज इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओ में से मुंबई शौंडिक के अध्यक्ष श्री रमेश राउत जी, अखिल भारतीय शौंडिक संघ के राष्ट्रीय सचिव श्री शयमसुन्दर प्रसाद जी ने हमारे संगठन द्वारा चलाए जारहे मुक्ति धाम सौंदर्यीकरण का जिक्र बड़े ही गर्म जोशी से किए ,यहाँ उपस्थित लोगों ने खूब सराहना किए।

बहरीन रवाना हुए राहुल गांधी

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नयी दिल्ली, सात जनवरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज बहरीन की यात्रा पर रवाना हुए। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। इस दौरान वह अनिवासी भारतीयों के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे और इस खाड़ी देश के प्रधानमंत्री शहजादे सलमान बिन हमद अल-खलीफा से मुलाकात करेंगे। राहुल बहरीन के राजकीय अतिथि होंगे। उनके शाह हमद बिन इसा अल खलीफा से भी मुलाकात की संभावना है। कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गांधी ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया ओरिजिन (जीओपीआईओ) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के विदाई सत्र में कल हिस्सा लेंगे। बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम में 50 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। वह भारतीय मूल के कारोबारियों से भी कल बातचीत करेंगे। राहुल ने अपनी यात्रा शुरू करने से पहले एक ट्वीट में कहा, ‘‘अनिवासी भारतीय हमारी सौम्य ताकत के वास्तविक प्रतिनिधि एवं विश्व में हमारे देश के दूत होते हैं। बहरीन में अपने देशवासियों के साथ मुलाकात और उन्हें संबोधित करने को लेकर आशान्वित हूं।’’ राहुल के नौ जनवरी को भारत लौटने की संभावना है।

बहन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल की मांग कर सकते हैं लालू

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पटना, सात जनवरी, चारा घोटाले के बहुचर्चित मामले में साढे तीन साल के कारावास की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद अपनी एकलौती बहन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए संभवत: पैरोल की मांग कर सकते हैं । लालू की बहन गंगोत्री देवी का आज यहां निधन हो गया । लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने बताया कि परिवार ने झारखंड की राजधानी रांची में कारा अधिकारियों के माध्यम से गंगोत्री देवी के निधन की सूचना राजद अध्यक्ष को देने की कोशिश कर चुकी है । तेजस्वी ने हालांकि, आशंका जतायी कि आज रविवार होने और कानूनी प्रक्रिया के चलते उनके पिता को समय पर पैरोल नहीं मिल पाएगा । मां राबडी और बड़े भाई तेज प्रताप के साथ अपनी बुआ के घर पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘अब हम उनके (बुआ) शव को उनके गांव ले जाने की व्यवस्था कर रहे हैं जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा ।’’ बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी राबड़ी ने संवाददाताओं को बताया कि गंगोत्री देवी लालू प्रसाद से लगभग चार साल बड़ी थी और पिछले कुछ समय से वह बीमार थी । राबड़ी ने कहा, ‘‘जब उन्हें पता चला कि राजद अध्यक्ष लंबे समय तक जेल चले गए हैं तो वह बहुत दुखी थी और कल पूरे दिन वह अपने भाई की रिहाई के लिए प्रार्थना करती रही ।’’ चारा घोटाले के मामले में राजद अध्यक्ष को कल साढे तीन साल की सजा सुनाई गयी थी ।

अधिकांश पार्टियां चुनावी बांड की राह में रोड़ा : जेटली

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नई दिल्ली, 7 जनवरी, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि अधिकांश राजनीतिक दल राजनीतिक चंदे (पॉलिटिकल फंडिंग) की मौजूदा प्रणाली से 'पूरी तरह संतुष्ट'हैं और वे चुनावी बांड जैसी पारदर्शी प्रणाली की तरफ नहीं बढ़ना चाहेंगी।   जेटली ने एक विश्लेषण में लिखा, "भारत में एक पारदर्शी राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था नहीं हो सकती, क्योंकि ज्यादातर राजनीतिक समूह मौजूदा व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट दिख रहे हैं। इसलिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने के लिए वैकल्पिक प्रणाली लाने पर अडं़गा डालने की कोशिश हो रही है।"वित्तमंत्री ने वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में चुनावी बांड की संकल्पना की घोषणा की थी और दो जनवरी को इसे लोकसभा में उन्होंने प्रस्तुत भी किया। उन्होंने कहा कि वर्षो से कई सुधार किए गए, लेकिन उन सुधारों से राजनीतिक दलों को दिए जा रहे चंदे का सिर्फ छोटा अंश चेक में आ रहा है। उन्होंने कहा, "इस सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के क्रम में मैंने 2017-18 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि राजनतिक दलों को सफेद धन कई प्रकार से दिए जा सकते हैं। चेक में दिए गए धन पर दानदाता को कर में छूट मिल सकती है। दानदाताओं को ऑनलाइन राजनीति दलों को दान देने की भी आजादी दी गई।"

वित्तमंत्री ने कहा, "इसके अतिरिक्त, राजनीतिक दलों को दिए जा रहे चंदे की प्रणाली में सफेद धन व पारदर्शिता लाने के मकसद से चुनावी बांड की घोषणा की गई।"उन्होंने कहा कि इस योजना में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की प्रणाली में पूरी तरह से सफेद धन और पूरी पारदर्शिता बरतने पर विचार किया गया है। दानदाता सिर्फ एक विशेष बैंकिंग उपकरण के जरिए निर्दिष्ट बैंक से ही चुनावी बांड खरीद सकते हैं। उनको अपने खाते में उनके द्वारा खरीदे गए राजनीतिक बांड का खुलासा करना होगा। बांड की अवधि सिर्फ 15 दिन होगी। बांड को राजनीतिक दल के पूर्व घोषित खाते में भुनाया जा सकता है। प्रत्येक राजनीतिक दल को इसके अपने रिटर्न में चुनावी बांड से प्राप्त धन के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देनी होगी।

जेटली ने कहा, "वस्तुत: मौजूदा प्रणाली और नई प्रणाली के बीच चयन समझदारीपूर्वक करना होगा। मौजूदा प्रणाली जिसमें ज्यादातर दान नकदी में दिए जाते हैं और वह सफेद धन नहीं होता है, साथ ही यह पारदर्शी भी नहीं है। दूसरी ओर नई प्रणली में दानदाताओं को चेक के जरिए पूरी तरह पारदर्शी तरीके से धन देने का विकल्प है और वे चुनावी बांड के जरिए ऑनलाइन लेन-देन भी कर सकते हैं।"हालांकि, वित्तमंत्री ने कहा कि किसी राजनीतिक दल को दिए गए चंदे की जानकारी सिर्फ दानदाता तक सीमित होगी। वहीं, विपक्ष इस दावे से सहमत नहीं हैं। कांग्रेस ने कहा कि दानदाता का नाम छिपाना एक प्रतिगामी कदम है। कांग्रेस ने इस बात की चिंता जाहिर की है कि इस तरीके से पारदर्शिता नहीं रहेगी और सत्ताधारी दल को सूचनाओं का गलत इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। साथ ही, सरकारी तंत्र दानदाताओं पर बल प्रयोग कर सकता है। वित्तमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले धन के शोधन के लिए सरकार सभी सुझावों पर विचार करने को इच्छुक है, लेकिन अव्यवहारिक सुझावों से फायदा नहीं मिलेगा।

कर्नाटक के तीव्र विकास के लिए भाजपा को वोट दीजिए : आदित्यनाथ

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बेंगलुरू, 7 जनवरी, केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार के शासन पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मतदाताओं से राज्य के तीव्र विकास के लिए आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को फिर से वोट देने का आग्रह किया।  यहां पार्टी की एक रैली में उन्होंने कहा, "यदि यहां भाजपा का शासन होगा तो कर्नाटक को गुजरात व हिमाचल की तरह फायदा होगा, जो केंद्र की राजग सरकार व प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं।"आदित्यनाथ ने भाजपा के 90 दिनों के राज्यव्यापी 'नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन यात्रा'के तहत लगभग 50,000 लोगों की एक सभा को संबोधित किया। आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस के शासन के तहत बीते चार साल से कर्नाटक का विकास रुक गया है, जो मोदी सरकार की कई योजनाओं को लागू करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने राज्य के बेंगलुरू व अन्य नौ शहरों को अपनी महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया है, फिर भी राज्य सरकार ने इस राशि के इस्तेमाल या राज्य में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई कार्य नहीं किया है।"

आदित्यनाथ ने कहा, "कांग्रेस सरकार लोगों को जाति व धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करने में व्यस्त है और कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति को रोकने में विफल रही है। इनके पास राज्य के विकास के लिए समय नहीं है, जो ज्ञान के क्षेत्र खास तौर से आईटी व बॉयोटेक में अभूतपूर्व विकास के लिए जाना जाता है।"उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से सत्ता हासिल की और गुजरात में रिकॉर्ड छठीं बार जीत दर्ज की है। भाजपा 2008 में पहली बार कर्नाटक में सत्ता में आई और तीन मुख्यमंत्रियों के साथ पांच साल के बाद कांग्रेस के हाथों 2013 के चुनाव में हार गई। बीते साल 21 दिसंबर को हुबली में भाजपा की रैली को संबोधित करने के बाद आदित्यनाथ राज्य में दूसरी बार सभा को संबोधित कर रहे हैं। कर्नाटक राज्य इकाई के अध्यक्ष बी.एस. येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार व डी.वी. सदानंद गौड़ा, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व राज्य के पार्टी प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर व राज्य इकाई के नेता जगदीश शेट्टार, के.एस. ईश्वरप्पा व ए.आर. अशोक ने भी रैली को संबोधित किया।

उमा भारती ने खुद को राजनीति का 'मोगली'बताया

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उज्जैन, 7 जनवरी , केंद्रीय स्वच्छता एवं जल संरक्षण मंत्री उमा भारती ने यहां रविवार को कहा कि वह वर्तमान दौर की राजनीति में 'मोगली'हैं। यहां आयोजित तीन दिवसीय शैव महोत्सव के समापन अवसर पर मंच संचालक ने जब साध्वी उमा भारती का परिचय 'प्रखर वक्ता'के रूप में दिया, तो उमा ने मोगली का किस्सा सुना डाला। उन्होंने कहा, "मोगली नाम का बच्चा जंगल में पैदा हुआ था, जिसे भेड़िए उठा ले गए, बाद में वह मिल गया। मैं सोचती हूं कि अगर मोगली राजनीति में आ जाए तो वह क्या-क्या करेगा, वही कुछ मैं भी करती हूं।"उमा भारती ने कहा, "किसी के बारे में ऐसी चर्चा हो जाती है कि वह ऐसा है और यह बात आगे चलती रहती है, इसी तरह मेरे साथ हुआ। कहीं प्रवचन दिए तो लोगों ने प्रखर वक्ता कह दिया और आज भी वह कहा जा रहा है। वास्तव में मैं प्रखर वक्ता हूं नहीं।"उन्होंने आगे कहा, "मैं तीन-चार दिन पहले अपने बारे में सोच रही थी, तभी मुझे मोगली की कहानी याद आ गई। यह मनगढं़त कहानी नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की ही घटना है। मोगली भेड़ियों के पास से वापस आ जाता है। मैं सोचती हूं कि अगर मोगली राजनीति में आ जाए तो वह क्या क्या करेगा, वही मैं भी करती हूं। कभी कुछ कह दिया, बाद में लगता है कि अरे यह क्या कह दिया।"शैव महोत्सव में भारतीय डाक विभाग द्वारा बारह ज्योतिर्लिगों और शैव महोत्सव के कवर पेज पर आधारित पोस्टकार्ड और डाक टिकट भी जारी किए गए। प्राचीन सनातन संस्कृति, भगवान शिव के स्वरूप, उनकी पूजन पद्धति और देवस्थानों के संरक्षण और प्रबंधन पर चार विशिष्ट सत्रों में वैचारिक संगोष्ठियों का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रांतों से आए विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएसएस के सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, "हम सभी बड़े भाग्यशाली हैं कि पवित्र भारतभूमि में हम सबका जन्म हुआ। यह भूमि देवताओं, पुण्य और मोक्ष की भूमि है। यहां हर कंकड़ में भी शंकर विद्यमान हैं। नमस्कार करने की परम्परा भारत के अलावा और किसी अन्य देश में नहीं है, क्योंकि हमारे यहां प्रत्येक जीव में परमात्मा का निवास माना जाता है, इसलि, हम सभी को आदरपूर्वक नमस्कार करते हैं।"उन्होंने आगे कहा, "यही बात भारतीयों को औरों से अलग करती है। यह संस्कृति हमें विरासत में प्राप्त हुई है। संपूर्ण मानव जाति को हम अपना मानते हैं। पिछले कुछ समय से हमारी सनातन संस्कृति की विस्मृति हो रही है, अत: इसे बचाने की और अनंतकाल तक बनाए रखने का प्रयास हम सभी को करना है।"माखनसिंह चौहान ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शैव महोत्सव का आयोजन अद्भुत और अकल्पनीय है। भगवान महाकालेश्वर की कृपा से यह आयोजन सफलतापूर्वक संभव हो सका है।

विशेष आलेख : छत्तीसगढ़ में क्राउडफंडिंग की सुबह

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तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग क्राउडफंडिंग का सहारा ले रहे हैं। यह भारतीय चन्दे का आयात किया हुआ एक स्वरूप है, एक प्रक्रिया है। इसमें जहां पारदर्शिता होती है वही जनता के घन के दुरुपयोग होने की संभावनाएं नगण्य हो जाती है। आज जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार को समाप्त करने एवं सार्वजनिक क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिये कमर कसे हुए है, ऐसे समय में सरकारी स्तर पर क्राउडफंडिंग को बढ़ावा मिल सकता है। इस बात के संकेत दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में छतीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित सीएसआर के राष्ट्रीय सम्मेलन में तब मिले जब देश के सबसे बड़े क्राउडफंडिंग मंच इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना एवं कार्यप्रणाली को सुनने के बाद समारोह के मुख्य अतिथि युवा सांसद अभिषेक सिंह ने छत्तीसगढ़ में सरकारी स्तर पर इसे लागू करने की बात कही और इसके लिये इम्पैक्ट गुरु के कार्यकारी अधिकारी पीयूष जैन को आमंत्रित किया। 

भारत में ‘क्राउडफंडिंग’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है। तमाम सार्वजनिक योजनाओं और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। अनेक हिन्दी फिल्में क्राउडफंडिंग के सहारे बनी हंै। अब विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है। विशेषतः चिकित्सा के लिये लोग इसका सहारा बढ़-चढ़कर ले रहे हैं। पुणे के कुछ युवाओं ने इसके लिए ‘इग्नाइट इंटेंट’ नाम की वेबसाइट बनाई है। लेकिन अनेक क्षेत्रों में प्रभावी प्रस्तुति एवं हिस्सेदारी के लिये क्राउडफंडिंग मंच इम्पैक्ट गुरु का लोकार्पण करते हुए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने कहा था कि वे भी चाहती हैं कि सरकार के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों और आम नागरिक को सेवा और जनकल्याण के कार्यों के लिये क्राउडफंडिंग को बढ़ावा देना चाहिए। इम्पैक्ट गुरु की भावी योजनाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में क्राउडफंडिंग न केवल जीवन का हिस्सा बनेगा बल्कि अनेक बहुआयामी योजनाओं को आकार देने का आधार भी यही होगा।

सरकारी स्तर पर क्राउडफंडिंग को अपनाने एवं लागू करने के अनेक फायदें हैं। पीयूष जैन का मानना है कि क्राउडफंडिंग भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दिलायेगी। इसको गति देने के लिए वे इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना को आकार देने के लिये सक्रियता से जुटे हैं। इम्पैक्ट गुरु जागरूकता लाकर लोगों में दान की एक नई परम्परा को विकसित करेगा। दान देने के लिए हमें लोगों को प्रेरित करना है। पीयूष जैन का मानना है समाज में जो सुविधासंपन्न लोग हैं उनकी भी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है अतः अपनी आय का कुछ हिस्सा इन गरीबों के उत्थान एवं उन्नयन में खर्च करना चाहिए। जैन कहते हैं कि बड़े दानदाता ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन किया जायेगा। लोगों में भी दान देने का प्रचलन बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेषतः नवयुवकों मंे जनकल्याण एवं सामाजिक भागीदारी के लिए दान की परम्परा के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाएगा, जिसके माध्यम से सेवा और जनकल्याण के नये उपक्रम संचालित हो सकेंगे।

राजनीति से देश को नयी पहचान दिलाने के लिये तत्पर युवा सांसद अभिषेक सिंह अपने संसदीय क्षेत्र राजनांदगांव के लिये विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये देश के बड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक घरानों को आकर्षित एवं आमंत्रित करने के लिये दिल्ली में सीएसआर का आयोजन करके यह जाहिर किया है कि कोरी सरकार पर निर्भरता से विकास नहीं होगा, जनभागीदारी जरूरी है। उन्हें क्राउडफंडिंग की प्रक्रिया उपयोगी लगी और वे इस छत्तीसगढ़ में लागू करने के लिये उत्साहित दिखे। संभवतः छत्तीसगढ़ देश का पहला प्रांत होगा जहां क्राउडफंडिंग को लागू करने का अवसर प्राप्त होगा। ‘चंदा’ हमारे देश की बहुप्रचलित एवं अति प्राचीन परंपरा है. हिंदू धर्म में सत्संग, दुर्गा पूजा, कांवड यात्रा, अनुष्ठान, यज्ञ जैसे कार्यक्रमों के सफल आयोजन का आधार चंदा ही रहा है। साथ-ही-साथ शिक्षा संस्थान, अस्पताल, धर्मशाला, वृद्धाश्रम, महिला आश्रम आदि भी चन्दे की सहायता से पूरे होते रहे हंै। इसके अलावा दूसरे धर्मों में भी चंदा मांगकर सार्वजनिक एवं आस्था के कार्य पूरे किए जाते रहे हैं। भारत में प्रचलित किसी सार्वजनिक आयोजन को लेकर लिए और दिये जाने वाले ‘चंदे’ का चलन विदेशों में ‘क्राउडफंडिंग’ के रूप में तेजी से बढ़ा। चंदे एवं क्राउडफंडिंग में जो मूल फर्क देखने को मिलता है, वह यह है कि चन्दा प्रायः धार्मिक कार्यों के लिये ही दिया जाता रहा है जबकि क्राउडफंडिंग का क्षेत्र व्यापक है और इसमें धार्मिक कार्यांे के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक कार्य या व्यावसायिक कार्य जैसे पुल बनवाना, मोहल्ले की सफाई कराना, सड़क बनवाना या फिर फिल्म बनाने का काम हो, या पत्रकारिता से जुड़ा उपक्रम हो, किसी की असाध्य बीमारी का इलाज हो या ऊंच शिक्षा, इनमें क्राउंडफंडिंग का इस्तेमाल अब आम हो गया है। छत्तीसगढ़़ सरकार अपनी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लिये क्राउडफंडिंग का सहारा लेना चाहती है। सरकारी फण्ड से जनता का भला एवं विकास की योजनाओं को लागू करना जटिल होता जा रहा है, इसलिये सरकारे भी चंदा जुटाकर विकास को तीव्र गति देना चाहती है और इसके लिये वह क्राउंडफंडिंग जैसे आधुनिक दान जुटाने के रास्तों का इस्तेमाल करने का मन बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी क्राउडफंडिंग के जरिये सार्वजनिक उपक्रमों को अधिक सशक्त बनाने के लिये उत्साहित दिखाई देते हैं। आनलाइन के इस युग में क्राउडफंडिंग का भविष्य उज्ज्वल ही दिखाई दे रहा है। नेपाल में आए भूकंप पीड़ितों के लिए एक आठ साल के बच्चे ने 26 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 26 लाख नेपाली रुपये) जुटाने का कारनामा कर दिखाया है। उसने यह काम लोगों से चंदा एकत्रित (क्राउडफंडिंग) करके किया है। मैरीलैंड के रहने वाले नीव सराफ ने इसके लिए अपने मित्रों समेत उनके परिजनों से संपर्क किया। हरियाणा के सिरसा जिले के एक गांव में गांववाले क्राउडफंडिंग के जरिए 1 करोड़ रुपये इकट्ठा कर एक पुल का निर्माण करा रहे हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हंै जो क्राउडफंडिंग की उजली सुबह की आहट कहे जा सकते हैं। पीयूष जैन के इस कथन में सच्चाई है कि ‘सरकार हमारे तमाम मसले नहीं सुलझा सकती और जनता अपने बीच की समस्याओं के समाधान के लिये खुद ही आगे आना चाहती है। मध्य और उच्च वर्ग के लोग न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र बल्कि जनकल्याण से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिये दान करना चाहते हैं। लोग एक-दूसरे की मदद भी करना चाहते हैं। लगता है आने वाले समय में छोटे-छोटे दान बड़ी योजनाओं को आकार देने के माध्यम बनेंगे।

पहले भारत में ऑफलाइन क्राउडफंडिंग होती थी पर अब समय बदल रहा है लोग ऑनलाइन क्राउडफंडिंग को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। चंदे से हुई शुरुआत भले ही आज के समय में क्राउडफंडिंग के रूप में विकसित एवं लुभावनी हो गई है, लेकिन भारत जैसे देश में बिना जागरूकता इसकी राह अभी बहुत आसान नजर नहीं आ रही है। इसीलिये पीयूष जैन भारत सरकार को क्राउडफंडिंग के लिए नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि सरकार को क्राउडफंडिंग के लिए योजना बनानी चाहिए। क्राउडफंडिंग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लोग जिन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते उनके लिए दान करना नहीं चाहते हैं। इस स्थिति में लोगों को दान कराने के लिए राजी करना चुनौती भरा होता है। जब सरकार की ओर से इसको प्रोत्साहन मिलेगा और इसकी सुनियोजित योजना सामने आएगी तो लोगों का विश्वास जागेगा। क्राउडफंडिंग भारत में काफी सफल होगा। यहां अमीर-गरीब के बीच गहरी खाई है। यह उसे पाटने में अहम भूमिका निभा सकता है, इसके जरिए अमीर मिलकर गरीबों की मदद कर सकते हैं। इससे उन लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, जो पैसों की कमी की वजह से बुनियादी जरूरतों से महरूम रह जाते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तकनीक के मामले में भारत की दुनिया में अलग पहचान है। भारत के सुनहरे भविष्य के लिए क्राउडफंडिंग अहम भूमिका निभा सकती है। क्योंकि क्राउडफंडिंग से भारत में दान का मतलब सिर्फ गरीबों और लाचारों की मदद करना समझते आ रहे हैं जो कि अब कला, विज्ञान और मनोरंजन को समृद्ध करने एवं सरकार की योजनाओं के लिये भी धन जुटाने का जरिया हो जायेगी। ऐसा होने से क्राउडफंडिंग की उपयोगिता एवं महत्ता सहज ही बहुगुणित होकर सामने आयेंगी। हम जहां रहते हैं वहां एक-दूसरे की मदद के बिना समाज नहीं चल सकता. अगर लोग इस तरह की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे तो पैसों की कमी के चलते अनेक सामाजिक और सार्वजनिक इकाइयां मरनासन्न होकर रसातल में चली जायेगी। छत्तीसगढ़ प्रांत की सरकार यदि क्राउडफंडिंग के लिये जागरूक हुयी है तो यह शुभ भविष्य का सूचक है। इसके लिये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह बधाई के पात्र होंगे।  





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(ललित गर्ग)
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गंगासागर पर विशेष : चलो चलें मोक्षनगर

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कोलकाता। अंग्रेजों ने भी इस देश को साधु-संतों का देश कहा है। भारत की धरती ही एक मात्र जगह है जहां आस्था सिर चढ़कर बोलती है। यहां डुबते सूर्य को भी अर्घ्य प्रदान किया जाता है। पश्चिम बंगाल की जिस पावन भूमि में गंगा व सागर का संगम होता है उसे गंगासागर कहते हैं। जिसे सागरद्वीप भी कहा जाता है। गंगासागर मेला देश में आयोजित होने वाले तमाम बड़े मेलों में से एक है। सागरद्वीप यानी गंगासागर में स्थित कपिलमुनि मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आज से पांच हजार वर्ष पहले ही आमलोगों को उक्त धर्म स्थली की जानकारी मिल गयी थी। विभिन्न दस्तावेज पुस्तकों व लोगों से मिली जानकारी में पता चलता है कि कभी यह क्षेत्र जल डकैतों के लिये उत्तम क्षेत्र था और यहां उनका दबदबा था। वैसे इस बात की पुष्टी 95 वर्ष के वयो वृद्ध सामजसेवी हीरा प्रसाद दुबे भी करते हैं। उन्होंने पुराने दिनों की याद करते हुए बताया कि वह लोग गंगासागर एक सौ वर्ष प्राचीन सेवा संस्था बजरंग परिषद की ओर से वहां जाते थें। तब वह लोग हाथों में भला, डंडा व अन्य हथियार लेकर चलते थें। दुर्गम रास्ते पर वह लोग हारकिन की रौशनी में चलते थें और यही हारकिन वहां प्रकाश की व्यवस्था करती थी। तब कई लोग यहां आने से पहले अपना श्राद्ध करके आते थें कि पता नहीं वह घर वापस जा सकेगें की नहीं। बजरंग परिषद के सेवामंत्री प्रेमनाथ दुबे की माने तो बजरंग परिषद हर वर्ष तीन से चार हजार पुण्यार्थी यहां अपने स्वजनों से अलग होकर बिछड़ जाते हैं और संस्था उनकी देखभाल कर उन्हें उनके घर भेजती है। विभिन्न दस्तावेज पुस्तकों व लोगों से मिली जानकारी में पता चलता है कि कभी यहां स्वामी विवेकानंद भी आ चुके हैं। गंगासागर क्षेत्र सागर, सुपरीडांगा, अंगूनबाड़ी, घोड़ामारा, लोहाचड़ा जैसे कथित द्वीपों से बना है। ऋंगवेद, भागवद, रामायण, महाभारत व पुराणों में गंगासागर स्थित कपिलमुनि ऋषि का उल्लेख मिलता है। यह यही जगह है जहां धर्ममराज युधिष्ठिर भी यहां स्नान के लिये आये थें। एक ऐसा भी दौर था जब धार्मिक कारणों से लोग यहां सागर व गंगा की संगम स्थली में अपने संतान का विसर्जन भी कर देते थें । लेकिन मार्कस वायलेसी ने वर्ष 1802 में उक्त परम्परा पर सख्ती से रोक लगा दिया। संतान का विसर्जन की बात का उल्लेख कवि गुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविता ‘विसर्जन’ में है। स्थानीय लोगों व दस्तावेजों से पता चलता है कि पाल, गुप्त व सेन राजाों ने यहां राज किया था। महाकवि कालीदास से लेकर कवि गुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाओं में गंगासागर का उल्लेख मिलता है।

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गंगासागर मेला की ख्याती यहां वर्ष में एक बार लगने वाले मेले के तौर पर कम बल्कि मोक्षनगरी के तौर पर ही है जहां दुनिया भर से श्रद्धालु एक डुबकी में मोक्ष की कामना लेकर आते हैं। भगवान विष्णु के अवतारों में एक कपिल मुनि का यहां आश्रम है जो अब भव्यता के साथ संस्कार-निर्माण की ओर है। लगभग चार वर्ष से मंदिर के संस्कार का काम चल रहा था जो कि लगभग समापन की ओर ही है। यह मेला विक्रम संवत के अनुसार प्रतिवर्ष पौष माह के अन्तिम दिन लगता है। जिसे हम मकर संक्राति का दिन कहते हैं। बर्फ से धके हिमालय से आरम्भ होकर गंगा नदी धरती पर नीचे उतरती है और कलकल करती मां गंगा हरिद्वार से मैदानी स्थानों पर पहुँचती है। जो कि क्रमशा आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश के बनारस, प्रयाग से प्रवाहित होती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। यहीं पवित्र पावनी गंगा सागर से मिल जाती है। इस जगह को गंगासागर यानी 'सागर द्वीप'कहा जाता है। sagarयह क्षेत्र दक्षिण चौबीस परगना जिले में है और यहां जिला प्रशासन के द्वारा गंगा सागर मेले का आयेजन किया जाता है। प्रतिवर्ष इस मेले में लगभग दस लाख श्रद्धालु पुण्यस्नान के लिये आते हैं।वैसे जिले के अधिकारियों और कपिलमुनि मंदिर के के मंहत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संजय दास ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल संगम में मकर संक्रांती के अवसर पर कम से कम 19 से 20 लाख पुण्यार्थी पुण्य स्नान करेंगे। उन्होंने गंगा सागर मेला पर सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हर तरह की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार हाजरों की संख्या में लोग सागरद्वीप में आकर भीड़ से बचने के लिये पुण्य स्नान कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी की सुबह 4 बजे लेकर दोपहर के 12 बजे तक मकारसंक्रांति का पुण्य स्नान काल है। सागर में उदय कुम्भ के एक सवाल पर संजय दास ने कहा कि फिलहाल अगर यहां सेतू बन जाये तो उदय कुम्भ के आयोजन पर सोचा जाएगा। उन्होंने कहा कि पु्ण्यार्थियों को किसी बात से डरने की जरुरत नहीं हैं और वह लोग बे खौंफ होकर यहां पउण्य स्नान करें लेकिन वह लोग किसी लावारिस सामान को हाथ नहीं लगाये। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यहां वीआईपी वीवीआईपी आते हैं लेकिन उनके कारण आम लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की व्यवस्था व सुरक्षा चुस्त व चाक चौबंद है। संजय दास ने कहा कि इस वर्ष मकर संक्राति पर कम से कम 20 लाख श्रद्धालु पुण्यस्नान कर सकते हैं। यह स्थान हिन्दुओं के एक विशेष पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि कि, गंगासागर की पवित्र तीर्थयात्रा सैकड़ों तीर्थ यात्राओं के समान है। शायद इसलिये ही कहा जाता है कि "हर तीर्थ बार–बार, गंगासागर एक बार।"लेकिन अब सागर तीर्ययात्रा काफी सुगम हो गई जिससे कहा जा सकता है कि, गंगा सागर तीर्थ यात्रा अब बार-बार। मान्यता है कि गंगासागर का पुण्य स्नान अगर विशेष रूप से मकर संक्राति के दिन किया जाए तो उसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है और पुण्यार्थी को इस स्नान का विशेष पुण्य मिलता है। कारण मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिसका वैज्ञानिक आधर भी है। गंगासागर में हर देश के तामम जगहों से तीर्य यात्रियों के साथ ही साधु-सन्न्यासी आते हैं और संगम में स्नान कर ये लोग सूर्य देव को अर्ध्य देते हैं। कपिल मुनि के साथ ही विशेष रुप ये यहां सूर्य देव की पूजा की जाती है। तिल और चावल सह यहां तेल का इस त्यौहार पर विशेष महत्व है जिसका दान किया जाता है। यहां साधु समाज की एक अलग दुनिया ही बस जाती है और नगा से लेकर बाल व महिला सन्यसियों के संसार व माहौल को देख कुंभ मेले का भान होता है। गंगासागर के संगम पर श्रद्धालु जहां समुन्द्र देवता को नारियल अर्पित करते हैं वहीं गउदान भी करते हैं। कहते हैं कि भवसागर को पार करने के लिये गउ की पूंछ का ही सहारा आत्मा को लेना पड़ता है तभी मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि यहां पंडे भाड़े की गाय लेकर उसे श्रद्धालु को बेचते है और फिर उसी गउ को वापस दान में लेते हैं। इसके उपरांत ही बाबा कपिल मुनि के दर्शन व पूजा- अर्चना की जाती है। गंगासागर में स्नान–दान का महत्व शास्त्रों में विस्तार से बताया गया है।इसे जनश्रुति कहे या फिर मान्यता। कहते है कि जो युवतियाँ यहाँ पर स्नान करती हैं, उन्हें अपनी इच्छानुसार वर तथा युवकों को इच्छित वधु प्राप्त होती है। अनुष्ठान आदि के पश्चात् सभी लोग कपिल मुनि के आश्रम की ओर प्रस्थान करते हैं तथा श्रद्धा से उनकी मूर्ति की पूजा करते हैं। मन्दिर में गंगा देवी, कपिल मुनि तथा भागीरथी की मूर्तियाँ स्थापित हैं।अभी से ही वहां सुरक्षा व्यवस्था के तहत सेना के जवान तैनात हैं। साथ ही तीर्थ यात्रियों का रेला लगने लगा है।

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तमाम ग्रंथों सह पुराणों में मां गंगा के धरती पर अवतरण की जानकारी मिलती है। भगवान श्री राम के कुल के राजा सगर ने अश्वमेघ यज्ञ कर घोड़ा छोड़ा। अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े की सुरक्षा का जिम्मा उन्होंने अपने 60 हज़ार पुत्रों को दिया। देवराज इंद्र ने वह घोड़ा चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में बाँध दिया। घोड़े को खोजते हुए जब राजकुमार वहाँ पर पहुँचे तो कपिल मुनि को भला–बुरा कहने लगे और घोड़ा चोर समझा। मुनि को राजपुत्रों के इस क्रिया कलाप पर क्रोध आ गया और सभी 60 हज़ार सगर पुत्र मुनि की क्रोधाग्नि में जलकर भस्म हो गये। ऐसे में सगर के पुत्र अंशुमान ने मुनि से क्षमा–याचना की तथा राजकुमारों की मुक्ति का उपाय पूछा। मुनि ने कहा-स्वर्ग से मां गंगा को धरती पर लाना होगा और गंगा की जलधारा के स्पर्श भष्मिभूत 60 हज़ार सगर पुत्रो का उद्धार होगा। राजपुत्र अंशुमान को तप में सफलता नही मिली। फिर उन्हीं के कुल के भगीरथ ने तप करके स्वर्ग से गंगा को पृथ्वी पर उतारा। भगीरथ जैसे-जैसे जिस रास्ते से होकर गुजरे मां गंगा की अविरल धारा भी गुजरी। चुकि राजपुत्रों को ऋषि के श्राप से मुक्त करना था अतएवं भगीरथ के साथ गंगा सागरद्वीप में आई। कपिल आश्रम श्रेत्र में आयीं गंगा का स्पर्श जैसे ही सागर के साठ हजार मृत मृत पुत्रों की राख से हुआ सभी राजकुमार मोक्ष को प्राप्त हुए। कहते हैं कि राजपुत्रों को मकर संक्राति के दिन ही मुक्ति मिली थी।

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 भगवान विष्णु के छठे अवतार कपिल मुनि
भागवत पुराण में वर्णन है कि कपिलमुनि भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। कपिलमुनि की माता का नाम देवहूति व पिता का नाम कर्दम ऋषि था। देवहूति को ब्रह्म जी की पुत्री बताया जाता है।कपिलमुनि ने अपनी मां देवहूति को बाल्यावस्था में सांख्य-शास्त्र का ज्ञान दिया था। उनकी मां मनु व शतरूपा की पुत्री भी कहा जाता है। शास्त्र ग्रंथ बताते हैं कि जब प्रजापति ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तो उन्होंने अपने शरीर के आधे हिस्से से नारी का निर्माण किया। इन्हें मनु तथा शतरूपा कहा गया। देवहूति के पति थे ऋषि कर्दम। कपिल मुनि अपने माता-पिता की दसवीं संतान थे। उनसे पहले उनकी नौ बहनें थीं। कपिल मुनि महाराज ने जब सांख्य शास्त्र की रचना की थी तब बाल्यावस्था में ही कपिल मुनि महाराज ने अपनी माता को सृष्टि व प्रकृति के चौबीस तत्वों का ज्ञान प्रदान किया था।कहते हैं कि सांख्य दर्शन के माध्यम से जो तत्व ज्ञान मुनि महाराज ने अपनी माता देवहूति के सामने रखा था वही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश के रूप में सुनाया था। कपिलमुनि का श्रीमद्भगवत गीता में वर्णन इस प्रकार से है

अक्षत्थ: अश्रृत्थ: सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारद:। गन्धर्वाणां चित्ररथ: सिद्धानां कपिलो मुनि:॥

अर्थात् भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को बता रहे हैं कि हे अर्जुन जितने भी वृक्ष हैं उनमें सबसे उत्तम वृक्ष पीपल का है और वो मैं हूं, देवों में नारद मैं हूं, सिद्धों में कपिल मैं हूं,ये मेरे ही अवतार हैं।मुनि महाराज ने माता को बताया था कि मनुष्य का शरीर देवताओं की भांति ही होता है।

कैसे जाये सागरद्वीप
महानगर कोलकाता के हावड़ा, सियालदा, आउटराम घाट और इस्पालानेड से 98 किलो मिटरी की दूरी बस द्वारा लाट न. 6 तक तय की जा सकती है।वैसे आप सियालदा से ट्रेन द्वारा काकद्वीप स्टेशन जा सकते हैं। लेकिन बाकी का सफर मुड़़ीगंगा नदी को पार करना होगा। नदी पार करने के बाद भी बसे से सागरद्वीप की ओर रवाना होना पड़ेगा।

यात्रा में क्या नहीं करें
खुले में शौंच या लघुशंका नहीं करें। कारण लगभग 10 हजार शौचालय बनाये जाते हैं। मेले को स्वच्छ रखना ही सरकार की प्राथमिकता है इसलिये खुद गंदगी नहीं फैलाए और ना ही दुसरों को मेला परिसर गंदा करने दें। सागर तट पर कपड़े नहीं धोएं और पूजन सामग्री संगम में नहीं फेंके। किसी भी रुप में प्लास्टीक को निषेध किया गया है अतएवं इसका ध्यान रखें। हुगला सह अन्य अस्थायी यात्री निवास में आग नहीं जलाएं। किसी अंजान का खाना नहीं खायें और अपने सामानों के प्रति सतर्क रहे.

यात्रा में क्या करें
पीले रंग के शौचालय का इस्तेमाल करें। कूड़े के लिये कूड़ेदान का उपयोग करें। प्लास्टीक को निषेध किया गया है इसलिये प्लास्टीक के कप और कैरी बैग का इस्तेमाल आपके परेशानी का कराण बन सकता है। परेशानी पर स्वंयसेवकों की मदद लें और किसी के गुम होने पर बजरंग परिषद की मदद लें। बीमार होने पर सागर मेला ग्राउण्ड अस्थायी अस्पताल (03210-213997), चेमागुड़ी अस्थायी अस्पताल( 03210-222411), कचुबेरिया अस्थायी अस्पताल ( 03210-247108), लाट न.8 अस्थायी अस्पताल (03210-257984), नामखाना अस्थायी अस्पताल( 03210-244985), रुद्रनगर ब्लाक अस्पताल( 03210-242301) को फोन किया जा सकता है या फिर खुद जाएं।




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--जगदीश यादव--

विशेष : बेलगाम हवाई टिकटों की पटरी पर चल पड़ी रेल,संसद समिति गंभीर

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आर्यावर्त डेस्क,8 जनवरी,2018 (विजय सिंह) हम सब ने सप्लाई और डिमांड (मांग एवं आपूर्ति ) के सन्दर्भ में स्कूल कॉलेज में पढ़ा है. व्यापारिक नियमों के तहत मांग बढ़ने से कीमतें बढ़ती हैं,किताबों में पढ़ा है.परन्तु मांग के अनुरूप कीमत कितनी बढ़े,इस पर कहीं नहीं लिखा देखा.यानि लोकतंत्र के नाम पर उपभोक्ता हमेशा बेचारा ही रहा और व्यापारी शहंशाह. मुनाफा कमाने की भूख के अनुरूप व्यापारी उद्योगपति कीमतें बढ़ा सकते है,क्या हम यह मान कर चलें. अब इस मांग और आपूर्ति के खेल में सरकार भी सहभागी बन जाये तो उपभोक्ता किस दरवाजे जाये ? समिति ने माना है कि पर्व त्योहारों या नजदीक यात्रा तिथि में विमान कपनियां मूल भाड़े से 10 गुना से भी ज्यादा कीमतें वसूलती हैं. समिति के मुताबिक नियंत्रण मुक्त वातावरण को अनियंत्रित मनमानी किराया लूटने की आज़ादी नहीं दी सकती. निजी विमान कंपनियों के साथ साथ सरकारी एयर इंडिया भी भारी कीमत वसूलने में पीछे नहीं है.  कल्पना कीजिये कि आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं. आप वहां कहते हैं कि भाई बहुत भूख  लगी है ,जल्दी से एक प्लेट इडली ले आओ. बिल देते वक्त आपसे 20 रुपये प्लेट इडली के बदले मांग बढ़ने की वजह से 100 रुपये का भुगतान करने को कहा जाये,तो आप क्या करेंगे ?

उपभोक्ता संतुष्टि सुधार संबंधी संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से देश में हवाई यात्रा टिकट की कीमतें और टिकट रद्द दर की सीमा तय करने की सिफारिश की है. पर्व त्योहारों और नजदीक यात्रा तिथि के वक्त विमान कंपनियों द्वारा दस गुना से भी ज्यादा टिकट कीमत वसूले जाने को अनैतिक और ग्राहकों के साथ नाइंसाफी बताते हुए इस पर रोक लगाने की अनुशंसा की है.समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को उपभोक्ताओं के हित में अधिक क्रियाशील होने का भी सुझाव रखा है. अब विमान सेवा के साथ ही आम  सवारी कही जाने वाली रेल यातायात भी काफी मंहगी हो गयी है."डायनामिक फेयर"के नाम पर स्लीपर क्लास का भाड़ा ही आम जन की पहुँच से बाहर  है. ऐसे में मजबूरी में उपभोक्ता अधिक कीमत देने को मजबूर हैं.उस पर भी ज्यादातर समय कन्फर्म टिकट नहीं मिलने की परेशानी से आम आदमी कीमत देकर भी परेशानी में सफर करने को मजबूर है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे बेलगाम विमान टिकटों की पटरी पर अब भारतीय रेल भी चल पड़ी है. उम्मीद है उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए बनी संसद की स्थायी समिति हवाई यात्रियों के हितों के साथ रेल यात्रियों की भी सुध लेगी और सरकार को जनोपयोगी कदम क्रियान्वित करने की सिफारिश करेगी.        

सरकार प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध : कानून मंत्री

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नई दिल्ली 8 जनवरी, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार मीडिया की स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, "सरकार प्रेस की स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और साथ ही भारत के विकास के लिए 'आधार'की सुरक्षा व पवित्रता बनाए रखने के लिए भी प्रतिबद्ध है।" प्रसाद ने यह ट्वीट ऐसे समय किया है जब एक दिन पहले आधार डाटा लीक के संबंध में अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून'के रिपोर्टर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद कई प्रेस संगठनों की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है। कानून मंत्री ने कहा, "एफआईआर अज्ञात (लोगों) के खिलाफ किया गया है। मैंने यूआईडीएआई को सलाह दिया है कि वह ट्रिब्यून और इसके पत्रकार को वास्तविक अपराधी को पकड़वाने के लिए सभी सहायता देने का आग्रह करे।" प्रेस क्लब और पत्रकार संगठनों ने रविवार को्र एफआईआर को 'प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया'और इस मामले को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की। ट्रिब्यून अखबार ने 3 जनवरी को एक न्यूज रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें आधार डाटा की जानकारी आसानी से उपलब्ध होने के बारे में बताया गया था। यूआईडीएआई ने अखबार और रिपोर्टर रचना खरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यूआईडीएआई ने 4 जनवरी को कहा था कि शिकायत निवारण के लिए इसकी सर्च सुविधा का 'गलत इस्तेमाल'किया गया होगा लेकिन कोई आधार डाटा लीक नहीं हुआ है।

तूतिंग मसला सुलझा लिया गया है : रावत

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नयी दिल्ली, आठ जनवरी, भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने आज बताया कि अरुणाचल प्रदेश का ‘‘तूतिंग मसला” सुलझा लिया गया है। कुछ दिन पहले ही भारतीय सीमा के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में चीनी सड़क निर्माण दल के सडक बनाने के प्रयासों को भारतीय सेना ने विफल कर दिया था। रावत ने बताया कि अरुणाचल में दो दिन पहले दोनों पक्षों के बीच हुई एक सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) में इस मुद्दे को सुलझा लिया गया। उन्होंने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया, “तूतिंग मुद्दा सुलझा लिया गया है।” उन्होंने बताया कि यह बैठक दो दिन पहले हुई थी। सेना प्रमुख के मुताबिक सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सैन्य टुकड़ियों की तैनाती में भी काफी कमी देखी गई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सड़क निर्माण दल, तूतिंग में भारतीय क्षेत्र में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे। उन्होंने बताया कि वह रास्ता बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में घुसे थे। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैन्य दलों से सामना होते ही ये दल वापस लौट गए और पीछे सड़क निर्माण के बहुत सारे उपकरण छोड़ गए। सिक्किम सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच 73 दिन तक चले डोकलाम विवाद के खत्म होने के चार महीने बाद इस तरह की कोई घटना सामने आई थी।

कश्मीर : मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर

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श्रीनगर 8 जनवरी, जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में कम से कम दो आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ अभी जारी है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "अभी तक मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं। उनके शव मुठभेड़ स्थल पर पड़े हुए हैं, जबकि तीसरा आतंकी इलाके के एक अन्य घर में घुस गया है। अभियान जारी है।" पुलिस अधिकारी ने कहा कि सेना के राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर कनीरा गांव को घेर लिया।

25 जनवरी को प्रदर्शित होगा ‘पद्मावत’

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मुंबई, आठ जनवरी, कई रूकावटों को पार करने के बाद संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। ‘पद्मावती’ फिल्म का नाम बदल कर ‘पदमावत’ किया गया है। यह जानकारी आज वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सूत्रों ने दी। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पटकथा को लेकर विवाद में फंस गयी फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। सीबीएफसी ने निर्माताओं से फिल्म का नाम बदलने और कुछ अन्य बदलाव करने को कहा था। पहले यह फिल्म एक दिसंबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली थी। हालांकि, वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स और संजय लीला भंसाली ने अभी तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। प्रोडक्शन हाउस के सूत्रों ने पुष्टि की है कि फिल्म गणतंत्र दिवस से एक दिन पूर्व 25 जनवरी को प्रदर्शित होगी। वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने ‘पीटीआई भाषा’को बताया, ‘‘यह फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित होगी। इस बारे में अधिकारिक बयान कब जारी किया जाएगा इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।’’ ट्रेड विश्लेषक तरण आदर्श ने ट्वीटर पर फिल्म के प्रदर्शन तारीख की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पद्मावत 25 जनवरी 2018 को प्रदर्शित होगी।’’ 

निर्माता शुक्रवार (26 जनवरी को) को फिल्म प्रदर्शित ना करके 25 जनवरी को ही फिल्म को रिलीज करके कुछ अधिक आमदनी करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यह फिल्म अक्षय कुमार की ‘पैडमैन’ के साथ प्रदर्शित हो रही है। हालांकि, फिल्म प्रदर्शित करने को लेकर कोई एक भी अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है लेकिन फिल्म जगत में 25 जनवरी को फिल्म प्रदर्शित करने को लेकर तैयारी चल रही है। ‘पद्मावत’ के साथ एक संभावित मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर अक्षय ने कहा कि वह चिंतित नहीं हैं। अक्षय कुमार ने कहा, ‘‘मुझे इसमें किसी तरह की प्रतियोगिता नजर नहीं आती। यह एक बहुत बड़ा दिन (26 जनवरी) है और हफ्ता भी बड़ा है, ऐसे में सभी फिल्में आ सकती हैं। उस दिन दोनों फिल्में प्रदर्शित हो सकती हैं। हर फिल्म का जब भी चाहें तब प्रदर्शित करने का अधिकार है। मैं पद्मावत के लिए खुश हूं।’’ ‘पैडमैन’ की निर्माता प्रेरणा अरोड़ा ने भी इसी तरह की कुछ बातें कहीं। पहले मनोज वाजपेयी के अभिनय वाली ‘अय्यारी’ फिल्म भी 26 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली थी लेकिन अब यह नौ फरवरी को सिनेमा घरों में आएगी। ‘पद्मावत’ फिल्म में शाहिद कपूर, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।

एयर इंडिया की दक्षता बढ़ाने का लक्ष्य : सीएमडी

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नई दिल्ली 8 जनवरी, राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के नए प्रमुख प्रदीप सिंह खरोला ने सोमवार को कहा कि उनकी प्राथमिकता एयरलाइन की दक्षता बढ़ाने के साथ ही लागत को नियंत्रित करना है। एयर इंडिया के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय एयरलाइन हाउस में खरोला ने कहा, "मुझे एयरलाइन के प्रबंधन, अच्छी सेवा मुहैया कराने, दक्षता में सुधार करने और लागत पर नजर रखने के लिए अधिकृत किया गया है।" खरोला के मुताबिक, एयरलाइन 'बिजनेस क्लास'के यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान देगा, साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लिए सीधी विमान सेवा शुरू करेगा।


कोर्ट ने समलैंगिकता के खिलाफ याचिका संविधान पीठ को सौंपी

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नयी दिल्ली, आठ जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने दो वयस्कों के बीच परस्पर सहमति से होने वाले यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिये दायर याचिका आज संविधान पीठ के पास भेज दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहित की धारा 377 से उठे इस मुद्दे पर वृहद पीठ द्वारा विचार करने की आवश्यकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 377 ‘अप्राकृतिक अपराधों’ का हवाला देते हुये कहती है कि जो कोई भी किसी पुरूष, महिला या पशु के साथ प्रकृति के विपरीत यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिये उसे उम्र कैद की सजा होगी या एक निश्चित अवधि जो दस साल तक बढ़ाई जा सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जायेगा। पीठ धारा 377 को उस सीमा तक असंवैधानिक घोषित करने के लिये नवतेज सिंह जौहर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमे परस्पर सहमति से दो वयस्कों के यौनाचार में संलिप्त होने पर मुकदमा चलाने का प्रावधान है। जौहर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार ने कहा कि यह दंडनीय प्रावधान असंवैधानिक है क्योंकि इसमें परस्पर सहमति से यौन संबंध बनाने वाले वयस्कों पर मुकदमा चलाने और सजा देने का प्रावधान है। दातार ने कहा, ‘‘आप परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित करने वाले दो वयस्कों को जेल में बंद नहीं कर सकते।’’ इसके साथ ही उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में नौ सदस्यीय संविधान पीठ की उस व्यवस्था का भी हवाला दिया जिसमे निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया है। उनका तर्क था कि यौनाचार के लिये अपने साथी का चयन करना मौलिक अधिकार है। उन्होंने गैर सरकारी संगठन नाज फाउण्डेशन की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के 2009 के फैसले का भी हवाला दिया जिसमे इस प्रावधान को असंवैधानिक करार दिया गया था। हालांकि बाद में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त करते हुये इस प्रावधान को संवैधानिक बताया था। शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिका भी खारिज होने के बाद सुधारात्मक याचिका दायर की गयी थी जिसे वृहद पीठ को सौंप दिया गया था। जौहर और अन्य की इस नयी याचिका पर भी अब संविधान पीठ ही विचार करेगी।

अरुणाचल की घटना सुलझ गई : सेना प्रमुख

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नई दिल्ली 8 जनवरी, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में अतिक्रमण की घटना सुलझा ली गई है। अरुणाचल में चीन के श्रमिक भारतीय क्षेत्र में रास्ता बनाने के लिए दाखिल हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि डोकलाम इलाके में चीन के सैनिकों की संख्या में खासा कमी हुई है। यहां एक कार्यक्रम से इतर सेना प्रमुख ने कहा कि अरुणाचल की घटना को सुलझा लिया गया है। जनरल रावत ने कहा कि इस मुद्दे पर दो दिन पहले सीमा कर्मचारियों की बैठक (बीपीएम) हुई थी।सिक्किम क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर हालात के बारे में उन्होंने कहा कि वहां चीन की तरफ सैनिकों की संख्या में भारी कमी हुई है। सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में दोनों देश 73 दिन चले गतिरोध में आमने-सामने रहे हैं। चीन का एक सड़क निर्माण दल भारत में 26 दिसंबर 2017 को दाखिल हुआ था और नजदीकी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस चौकी से करीब दो किमी दूर एक रास्ते का निर्माण कर रहा था। जब चीन के दल को रोका गया तो करीब 600 मीटर लंबी व 12 फुट चौड़ा रास्ता भारतीय क्षेत्र में बनाया गया था। घटना पर सरकारी रपट के मुताबिक, चीनी मजदूर अनजाने में भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान इस घटना में शामिल नहीं थे। भारतीय सैनिकों ने मजदूरों को खदेड़ दिया और उनका उपकरण जब्त कर लिया। यह मामला डोकलाम विवाद के समाप्त होने के करीब चार महीने बाद सामने आया है। डोकलाम विवाद 16 जून से 28 अगस्त, 2017 तक चला। इससे पहले यहा सेना तकनीकी शिखर सम्मेलन में सेना प्रमुख ने बल के आधुनिकरण पर जोर दिया और कहा कि भारत को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "प्रत्येक क्षेत्र में हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की व्यापक जरूरत है।" उन्होंने कहा, "भविष्य के युद्ध मुश्किल क्षेत्रों व परिस्थितियों में लड़े जाएंगे और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।" उन्होंने कहा, "हमें धीरे-धीरे आयातित (रक्षा प्रौद्योगिकी) से दूर होना होगा, क्योंकि हमारे जैसे राष्ट्र के लिए यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि हम अगला युद्ध स्वदेशी साधनों से लड़ें।"




रेयान स्कूल हत्या : आरोपी किशोर छात्र की जमानत याचिका खारिज, लगा जुर्माना

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गुड़गांव, आठ जनवरी, गुड़गांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में आरोपी 16 वर्षीय छात्र की जमानत याचिका आज यहां एक सत्र अदालत ने खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडू ने अभी हिरासत में चल रहे आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने निराधार याचिका लगाकर ‘‘अदालत का समय खराब करने के लिये’’ 21 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया और आरोपी के पिता को रकम जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (आरोपी) का आचरण संकेत देता है कि वह अदालत की कार्यवाही का दुरूपयोग कर रहा है। वह निराधार याचिकाओं के जरिये अदालत के कीमती समय को बर्बाद करने में लगा है जिसके चलते अदालत की सात सुनवाई जाया हो गईं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस अदालत को 15 दिसंबर 2017 को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित आदेश में कोई अनियमितता, अवैधानिकता या अनौचित्य नहीं मिला है जिसमें जमानत याचिका को खारिज किया गया था।’’ इससे पहले अदालत ने आरोपी, सीबीआई और शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि मौजूदा याचिका दायर करने के पीछे आरोपी का उद्देश्य मौजूदा जांच को भटकाने या जमानत के ‘‘नाम पर’’ जांच में विलंब करना है। न्यायाधीश ने इस मामले में अपने चैंबर में सुनवाई करने और मीडिया से किसी भी रिपोर्ट में किशोर का नाम नहीं लेने का निर्देश दिया। पीटीआई -भाषा से बात करते हुये मृतक सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के पिता बरून ठाकुर ने आदेश का स्वागत करते हुये कहा कि वह फैसले और अब तक की जांच से संतुष्ट है।

अदालत ने इससे पहले आरोपी के वकील, सीबीआई और शिकायतकर्ता की जिरह सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि इस मामले में एक महीने के अंदर आरोप पत्र दायर नहीं किया गया जैसा कि किशोर न्याय अधिनियम में निर्धारित है और उसे जरूरी दस्तावेज भी नहीं दिये गये। इसका विरोध करते हुये सीबीआई ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने आरोपी को वयस्क घोषित किया है ऐसे में सीआरपीसी के प्रावधानों में आरोप पत्र दायर करने के लिये 90 दिन का समय होता है। पिछले साल आठ सिंतबर को स्कूल के शौचालय में प्रद्युम्न का गला रेता हुआ शव मिला था। गुड़गांव पुलिस ने दावा किया था कि इस अपराध को स्कूल बस के कंडक्टर ने अंजाम दिया है जिसे बाद में सीबीआई ने खारिज कर दिया था। जांच एजेंसी ने दावा किया कि किशोर ने पैरेंट-टीचर मीटिंग और परीक्षा टालने के लिये स्कूल बंद करवाने के उद्देश्य से प्रद्युम्न को मारा था। आरोपी ने जमानत नहीं देने के किशोर न्याय बोर्ड के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी।

बोर्ड ने 20 दिसंबर को कहा था कि आरोपी किशोर के मामले में एक वयस्क की तरह सुनवाई की जाये। साथ ही बोर्ड ने उसे गुड़गांव सत्र अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। बोर्ड ने कहा था कि आरोपी इतना परिपक्व है कि उसे अपने कृत्यों का परिणाम का पता हो। बोर्ड ने कहा कि अगर दोषी पाया जाता है तो आरोपी 21 वर्ष का होने तक सुधार गृह में रहेगा जिसके बाद अदालत उसे जेल भेज सकती है या उसे जमानत दे सकती है। इससे पहले बोर्ड ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

चीन में बीबीसी की संपादक ने वेतन में लैंगिक भेदभाव को लेकर इस्तीफा दिया

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बीजिंग, आठ जनवरी, चीन में बीबीसी की संपादक ने संस्था में पुरूष और महिला कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता को खत्म कर पाने में असफल रहने को आधार बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीबीसी की 30 वर्षीय अनुभवी पत्रकार कैरी ग्रेसी ने बीबीसी दर्शकों के अपने संबोधन में अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वह बॉस से वेतन असमानता को लेकर लड़ाई करते हुए अपना काम करने में अब समर्थ नहीं हैं। ग्रेसी ने कहा, उन्हें पता चला है कि कैसे बीबीसी के चार अंतरराष्ट्रीय संपादकों में शामिल दो पुरूषों को उनकी महिला समकक्षों के मुकाबले कम से कम 50 प्रतिशत ज्यादा वेतन मिलता है।

चीन का पाकिस्तान पर अमेरिका को दो टूक जवाब

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बीजिंग 8 जनवरी, चीन ने सोमवार को अमेरिका से कहा कि पाकिस्तान पर अंगुली उठाने से आतंकवाद से लड़ने में मदद नहीं मिलेगी। अमेरिका ने सुझाव दिया था कि चीन, पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने के लिए राजी करे। इस पर चीन ने अपने हर मौसम और अवसर के साथी का बचाव करते हुए दो टूक कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवाद के साथ जोड़ना 'हितकर'नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, "हमने कई बार कहा है कि पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ कई महत्वपूर्ण त्याग और योगदान दिया है और देशों को एक दूसरे पर अंगुली उठाने के बजाए समान हितों के आधार पर आतंक रोधी सहयोग को मजबूती देनी चाहिए।" लु ने मीडिया से कहा, "यह वैश्विक आतंकरोधी प्रयासों के लिए हितकारी नहीं है।" पिछले सप्ताह एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि चीन, पाकिस्तान में आतंकियों के सुरक्षित आश्रयों को उखाड़ फेंकने में मददगार साबित हो सकता है। लु ने कहा, "चीन हमेशा से किसी देश विशेष को आतंकवाद से जोड़ने का विरोध करता रहा है और हम किसी एक देश पर आतंकरोधी गतिविधियों की जिम्मेदारी नहीं थोप सकते।" उन्होंने कहा, "वास्तव में, चीन उन देशों का बचाव करता है जो आतंकरोधी प्रयासों का सही तरीके से निर्वहन करते हैं। चीन आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर आतंकवाद के मामले पर सभी वैश्विक संयुक्त प्रयासों का भी स्वागत करता है।" चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर अपने 'मजबूत भाई'पाकिस्तान का बचाव किया। बीजिंग का कहना रहा है कि इस्लामाबाद ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बहुत बलिदान दिया है और शानदार काम किया है अमेरिकी राष्ट्रपति के सभी सहायता को रोके जाने वाले ट्वीट के बाद चीन ने पाकिस्तान के बचाव में कूदने में देर नहीं की। ट्रंप ने ट्वीट में कहा था कि उनका प्रशासन पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता पर रोक लगा रहा है क्योंकि उसने धन का इस्तेमाल आतंकवाद को खत्म करने के लिए नहीं किया। ट्रंप की घोषणा के कुछ दिन बाद वाशिंगटन ने इस्लामाबाद को दी जानी वाली सुरक्षा मदद रद्द कर दी। चीन ने पाकिस्तान में भारी मात्रा में निवेश किया हुआ है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में पचास अरब डालर का चीन ने निवेश किया हुआ है।

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