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लोया मामले की सुनवाई दीपक मिश्रा की पीठ करेगी

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नयी दिल्ली 20 जनवरी, न्यायाधीश बी एच लोया की मृत्यु की विशेष जांच दल से विस्तृत तहकीकात कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई अब सोमवार को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ करेगी। इससे पहले, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ न्यायाधीश लोया की मृत्यु की जांच संबंधी याचिका की सुनवाई कर रही थी। न्यायाधीश लोया की मृत्यु उस समय हुई थी जब वह शेख सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने इससे पहले कहा था कि इस याचिका की सुनवाई उपयुक्त पीठ करेगी। अनिता शेनॉय, तहसीन पूनावाला और बंधुराज संभाजी लोन ने याचिका दायर कर न्यायाधीश बी एच लोया की संदिग्ध मृत्यु की जांच की मांग है।

दुमका : छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी को सात साल की सजा

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दुमका 20 जनवरी, झारखंड में दुमका की एक अदालत ने शादी का झांसा देकर छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आज दोषी को सात साल कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) सुरेंद्र नाथ मिश्रा की अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपी राजेंद्र मुर्मू को दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।  आरोप के अनुसार, राजेंद्र ने विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा को शादी का झांसा देकर उसके साथ लगातार दुष्कर्म किया। लेकिन, शादी नहीं की। इस दौरान पीड़िता गर्भवती हुई और उसे एक बच्ची भी हुई। इस मामले में 04 अप्रैल 2009 को पीड़िता के परिजनों ने जिले के सरैयाहाट थाने में राजेंद्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।

भारत की विशेषता अनेकता में एकता : सुशील मोदी

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पटना 20 जनवरी, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि भारत की विशेषता एकरूपता नहीं बल्कि अनेकता में एकता है। श्री मोदी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से विद्यापति भवन में अन्तर राज्य छात्र-जीवन दर्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वोत्तर के छात्र-छात्राओं के पटना आगमन पर आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की विशेषता अनेकता में एकता है । इसीलिए हम कहते हैं ,‘ अलग भाषा, अलग वेश, फिर भी अपना एक देश’ तथा ‘पटना हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी’। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य से लेकर रामकृष्ण और विवेकानंद तथा अन्य ऋषि-मुनियों ने भी देश को हमेशा सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का काम किया। इसी का परिणाम है कि दुनिया की कोई भी ताकत पूर्वोत्तर को देश से अलग नहीं कर पाई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की खासियत सहिष्णुता है। हमारी मान्यता है कि ईश्वर एक है, उसे प्राप्त करने के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। यहां के लोग तलवार के बल पर धर्म परिवर्तन को कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने पिछले 52 वर्षों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित होने वाले अन्तर राज्य छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि इसके तहत पूर्वोत्तर के छात्र-छात्राओं को भारत के अन्य राज्यों में तथा शेष भारत के छात्र-छात्राओं को पूर्वोत्तर के राज्यों में भ्रमण कराया जाता है। इसका मकसद भारत के प्रति एकात्म भावबोध उत्पन्न करना है। श्री मोदी ने कहा कि लम्बे समय तक पूर्वोत्तर के राज्यों के लोग शेष भारत से अलग-थलग पड़े थे लेकिन अन्तर राज्य छात्र जीवन दर्शन के माध्यम से उन्हें भारतीयता का अहसास कराने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने आम लोगों से एक बार पूर्वोत्तर के राज्यों के भ्रमण की अपील की और कहा कि दिल्ली-मुम्बई में बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के छात्र-छात्रा पढ़ते हैं, लेकिन भ्रमवश लोग उन्हें विदेशी समझ लेते हैं। जिस प्रकार पूर्वोत्तर के छात्र-छात्रा देश के अन्य राज्यों में आकर भारतीयता और एकता के भाव को समझते हैं उसी प्रकार अन्य राज्यों के लोगों को भी पूर्वोत्तर के राज्यों में जा कर वहां के प्राकृतिक-सांस्कृतिक सौन्दर्य को देखना समझना चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के प्रयास का ही नतीजा है कि आज पूर्वोत्तर के राज्यों में भी वहां के लोग ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ का बेझिझक उद्घोष करते हैं।

महाबोधि मंदिर दहलाने की साजिश की जांच के लिए पहुंची एनआईए की टीम

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गया 20 जनवरी, बिहार के प्रमुख बौद्ध पर्यटक स्थल बोधगया में विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर के पीछे एक कम शक्ति के विस्फोट और उसके बाद दो बमों की बरामदगी के बाद आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की टीम इस मामले में आतंकी साजिशों की पड़ताल के लिए बोधगया पहुंच गयी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कल देर शाम मंदिर परिसर की सफाई के क्रम में महाबोधि मंदिर के गेट संख्या-4 के पास से एक लावारिस थैला मिला। जब वहां तैनात बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) के हवलदार उपेंद्र प्रसाद राय ने संदिग्ध थैले को देखा तो स्कैनर से उसकी जांच कराई। जांच में उस थैले में विस्फोटक होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद परिसर में गहनता से जांच की गयी तब श्रीलंका के मठ के पास से एक अन्य विस्फोटक बरामद हुआ । केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटकों को अपने कब्जे में लेते हुए उसे वहां से तत्काल हटा दिया। जांच के क्रम में ही पता चला कि महाबोधि मंदिर परिसर के पीछे चाय की दुकान में कम शक्ति का विस्फोट हुआ था जिसे पहले पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। दो विस्फोटक बरामद होने के बाद चाय दुकान में हुए विस्फोट की जांच की गयी तब पता चला कि वह भी कम शक्ति का विस्फोटक था जिसमें तार लगे थे। इस बीच राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस.के.सिंघल ने यूनीवार्ता से बातचीत में बताया कि पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एनआईए की तीन सदस्यीय जांच टीम बोधगया पहुंच गयी है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल है। उन्होंने बताया कि एनआईए के दो और अधिकारी बोध गया के रास्ते में हैं। एनआईए के सदस्य नई दिल्ली और लखनऊ से पहुंचे हैं।

श्री सिंघल ने बताया कि बरामद विस्फोटकों को फल्गू नदी के बालू पर सुरक्षित रखा गया है ताकि एनआईए की टीम विस्फोटक की जांच कर सकें । उन्होंने बताया कि एनआईए टीम इस बात का भी पता लगायेगी कि इसके पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ तो नहीं है। उधर बरामद विस्फोटकों की जांच करने पहुंची एनआईए की टीम ने बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खां, मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेन्द्र श्रीवास्तव, पुलिस उप महानिरीक्षक विनय कुमार, गया के जिलाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक समेत कई पुलिस पदाधिकारी शामिल थे। पटना प्रक्षेत्र के आईजी नैयर हसनैन खान ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बोधगया में दो जगहों से विस्फोटक बरामद हुआ है। एनआईए की टीम जब विस्फोटकों की जांच कर लेगी तब उसके बाद उसे निष्क्रिय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि विस्फोटक को किसके द्वारा रखा गया था । इसके लिए महाबोधि मंदिर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच की जाएगी। इस घटना के पीछे जो लोग भी हैं उन्हें पुलिस जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी। 

एनआइए टीम के सदस्य महाबोधि मंदिर गए। जहां उन्होंने महाबोधि मंदिर में विस्फोटक रखे गये स्थल की जांच की। इससे पूर्व कोबरा डॉग स्क्वायड की टीम भी महाबोधि मंदिर पहुंची थी और वहां छानबीन की थी। उधर इस घटना के बाद से महाबोधि मंदिर की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसके अलावा दलाईलामा के आवासन स्थल एवं कालचक्र मैदान, जहां दलाई लामा प्रवचन देते हैं दोनों स्थलों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बोधगया प्रवेश करने वाले सभी मुख्य सड़क पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और आने जाने वाले सभी लोगों की गहन जांच की जा रही है।  इस बीच मौके का मगध प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक विनय कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक ने भी जायजा लिया। सुश्री मलिक ने लोगों से किसी भी संदिग्ध वस्तु को नहीं छूने की अपील की और कहा कि यदि कोई संदिग्ध वस्तु दिखता है तो वे तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें । गौरतलब है कि विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर समेत बोधगया के कई हिस्सों में 07 जुलाई 2013 को सीरियल ब्लास्ट हुए थे। सीरियल धमाकों को इंडियन मुजाहिदीन आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था। बम धामकों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी।

वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी : राधामोहन

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बेगूसराय 20 जनवरी, केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है और पूरा विश्वास है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। श्री सिंह ने आज यहां देशरत्न डा.राजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहकारी सहयोग समिति रतनमन बभनगामा के 27 वें बोनस वितरण समारोह का उदघाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का किसान और खेती पर विशेष ध्यान है । केन्द्र सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास भी कर रही है। विश्वास है कि इन प्रयासों के कारण वर्ष 2022 तक किसानों की निश्चित तौर पर दोगुनी हो जायेगी । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन में रिकार्ड वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय दुधारू पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाओं को जाता है। देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पहली बार राष्ट्रीय गौकुल मिशन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि डेयरी किसान की आमदनी वर्ष 2011-14 की तुलना में वर्ष 2014-17 में 23.77 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम से बढ़कर वर्ष 2016-17 में बढ़कर 355 ग्राम हो गयी है जो कि 15.6 प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने कहा कि 1960 के दशक में करीब 17.22 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था जो बढ़कर 2016-17 में 165.4 मिलियन टन हो गया है। विशेषकर 2013-14 की तुलना में 2016-17 में 20.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केन्द्रीय मंत्री ने बोनस वितरण कार्यक्रम के संयोजक अजय कुमार की मांग पर बेगूसराय में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्र खोले जाने की घोषणा की । इसके साथ ही पशु अस्पताल के लिए भी प्रयास करने की बात कही। इस दौरान मंत्री ने दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के किसानों के बीच बोनस का वितरण भी किया।  इससे पूर्व समारोह को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. भोला सिंह ने कहा कि इस गांव के साथ-साथ आस-पास के अन्य गांव के लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि है। उन्होंने कहा कि किसानों को यदि पर्याप्त सुविधाएं मिल जाये तो वह देश को ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। विधान पार्षद रजनीश कुमार ने कहा कि यहां के किसानों के विकास में डेयरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसे और आगे बढ़ाने की संभावना है। उन्होंने पढ़े-लिखे युवाओं से नई तकनीक से खेती करने का अनुरोध भी किया।

सरकार आरक्षण को समाप्त करना चाहती है : तेजस्वी यादव

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भभुआ 20 जनवरी, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक साजिश के तहत पिछड़ों और दलितों को दी जा रही आरक्षण की सुविधा को समाप्त करना चाहते हैं । श्री यादव ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को साजिश के तहत जेल भेजा गया है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने साजिश कर उन्हें जेल भेजवा दिया ताकि आरक्षण को समाप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हो । प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि श्री कुमार और भाजपा को यह पूरा विश्वास है कि जब तक राजद अध्यक्ष श्री यादव लोगों से मिलते जुलते रहेंगे तब तक पिछड़ों और दलितों के लिये आरक्षण समाप्त किया जाना संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि राजद किसी भी हालत में आरक्षण को समाप्त नहीं होने देगा । 

श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद यह कहा था कि अब बिहार में ..डबल इंजन.. की सरकार है और इससे राज्य का विकास तेजी से होगा । उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार विकास में तेजी लाने की बजाये गरीबों और दलितों पर लाठियों से प्रहार करा रही है । वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दलित और गरीब बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं । प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि यह अजीब विडम्बना है कि वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा के चुनाव में जनता ने जिस दल को समर्थन दिया उसके नेता जेल में हैं और जिन्हें नकार दिया गया वह अब चोर दरवाजे से सत्ता में आ गये हैं । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर जनादेश का अपमान किया है जिसे बिहार की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी । श्री यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव एक साथ इसी वर्ष दिसम्बर में करा सकती है । यदि ऐसा हुआ तो लोग राजद के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) का बटन दबाकर श्री कुमार को सबक सिखायेंगे । उन्होंने शराबबंदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून तोड़ने वाले के साथ मुख्यमंत्री सेल्फी ले रहे हैं । 

बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ कल चार करोड़ से अधिक लोग बनायेंगे मानव श्रृंखला

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पटना 20 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर नशा, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागृति लाने के लिये कल प्रदेश में चार करोड़ से भी अधिक लोग मानव श्रृंखला बनायेंगे। राज्य के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री के आह्वान पर नशा, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागृति लाने के लिये बनाये जाने वाली मानव श्रृंखला में लगभग चार करोड़ 20 लाख लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है । उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को इसके लिये उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है । श्री महाजन ने कहा कि मानव श्रृंखला करीब 14 हजार किलोमीटर लंबी होगी । उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी संबंधित जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्र में रूट चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है । 

प्रधान सचिव ने कहा कि मानव श्रृंखला बनाये जाने वाले रूट पर कल आवश्यक सेवा, चिकित्सा से जुड़े वाहन , एम्बुलेंस और प्रशासनिक तंत्र के उपयोग में लाये जाने वाले वाहन के अलावा किसी अन्य वाहन के परिचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी । अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आने-जाने के लिये वैकल्पिक रूट पर वाहन के परिचालन को मानव श्रृंखला बनाये जाने की अवधि के दौरान सुनिश्चित करेंगे ।  श्री महाजन ने कहा कि पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री श्री कुमार मानव श्रृंखला में हिस्सा लेंगे । उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष शराबबंदी और नशा मुक्ति के लिये आयोजित मानव श्रृंखला के अनुभव का लाभ उठाते हुए इस बार बेहतर व्यवस्था का प्रयास किया गया है । प्रधान सचिव ने कहा कि मानव श्रृंखला में हिस्सा लेना पूरी तरह से स्वैच्छिक है । उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को मानव श्रृंखला में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जायेगा । सभी जिलाधिकारियों को और संबंधित शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे हर हाल में यह सुनिश्चत करें कि किसी भी व्यक्ति को मानव श्रृंखला में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जाये । 

झारखंड का तृतीय अनुपूरक बजट बिना बहस के ही पारित

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रांची 20 जनवरी, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही आज चौथे दिन भी हंगामे के कारण बाधित रही। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पहली पाली में हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा जबकि भोजनावकाश के बाद दूसरी पाली में भी हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी और तृतीय अनुपूरक बजट को बिना बहस के ही पारित कर दिया गया। विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने पर झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव समेत झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के कई सदस्यों ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी.के.पांडेय और अपर पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता के विरुद्ध पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने तथा उनके कार्यकाल के दौरान लिये गये फैसलों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। सत्ता पक्ष के कई सदस्य विपक्षी दलों पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर दिन एक ही मुद्दे को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित करने का तरीका सही नहीं है। विधानसभा श्री उरांव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अमित कुमार की ओर से लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया। विधायक श्री कुमार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित छठी संयुक्त असैनिक परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किये जाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया था । इस बीच नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही ने नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर कराए जाने के निर्णय की चर्चा करते हुए कहा कि कई छोटे राजनीतिक दल निकाय चुनाव दलीय आधार पर कराये जाने के कारण चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। श्री शाही ने बताया कि इसके कारण झारखंड पार्टी , भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले), जय भारत समानता पार्टी और नौजवान संघर्ष मोर्चा जैसे छोटे राजनीतिक दल नगर निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा कर सकेंगे । उन्होंने कहा कि यदि ये छोटे दल चुनाव में उम्मीदवार नहीं खड़ा कर सकेंगे तो ऐसी पार्टियां कहां जाएंगी ।

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन में तीन दिनों से जो मुद्दा उठ रहा है वह विषय किसी विपक्षी सदस्य का व्यक्तिगत मसला नहीं बल्कि राज्य हित से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चाहे भानु प्रताप शाही द्वारा उठाया गया मसला हो या बोकारो के ललपनिया में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में स्थानीय लोगों की बहाली का मुद्दा हो, सदन के अंदर ही मुख्यमंत्री ने इस मसले पर आश्वासन दिया था। लेकिन बाद में वे खुद नियुक्ति पत्र बांट कर आ गए । श्री सोरेन ने कहा कि जेपीएससी परीक्षा में आरक्षण नियमों का अनुपालन नहीं होने पर विरोध कर रहे अभ्यर्थियों को लाठी डंडे से पीटा जाता है । यदि विपक्ष इन मुद्दों को सदन में नहीं उठाएगा तो विपक्ष का सदन में बैठने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे पदाधिकारी जिनपर एक भी व्यक्ति की मौत के लिए जिम्मेदार होने का आरोप है यदि उनपर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर जनता के सवाल को सदन में नहीं तो कहां उठाया जाएगा । नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि यह बात सामने आ गयी है कि लिखित रुप से जांच को धीमी करने का आदेश दिया गया था और विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होना दुखद है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य के लोगों को यह लग रहा है कि यह सदन नहीं है बल्कि यहां प्रपंच रचा जा रहा है। झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने कहा कि एक और नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, वहीं दूसरी ओर मुख्य सचिव द्वारा पद का दुरुपयोग कर एक बैंक के अधिकारी पर अपने बेटे के व्यापार में निवेश का दबाव डाला जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भानु प्रताप शाही ने जो मुद्दा उठाया है उसपर नगर विकास मंत्री जवाब देंगे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और झाविमो के प्रदीप यादव द्वारा मुख्य सचिव पर बैंक अधिकारी पर दबाव डालने का जो आरोप लगाया गया है उस मामले की जांच स्पेशल बेंच द्वारा करायी जाएगी। मुख्यमंत्री के वक्तव्य से भी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर शोरगुल करने लगे । हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही दोपहर 12:45 तक के लिए स्थगित कर दी ।

दिल्ली में प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की माैत

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नयी दिल्ली 20 जनवरी, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बवाना औद्याेगिक क्षेत्र स्थित दो प्लास्टिक फैक्टरी तथा एक पटाखा गोदाम में आज दोपहर बाद आग लगने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए मामले की जांच का आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों पर पूरी नजर रखे हुए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि उनका विभाग भी स्थिति पर नरजर रखे हुए हैं। दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक डी सी मिश्रा ने बताया कि बवाना सेक्टर एक तथा पांच से फैक्टरियों तथा गोदामाें में आग लगने की सूचना मिली जिसके बाद दमकल की 10 गाड़ियों को तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया। तीन घ्ंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।  डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने बताया है कि राहत बचाव कार्य जारी है।  बाहरी जिला के पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता ने बताया कि शवों को निकाल लिया गया है तथा खोजबीन जारी है।  आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है।

साथ आएं युवा, चाय बेचने वालों को भी प्रधानमंत्री बनाती है भाजपा : शाह

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वाराणसी, 20 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश को आगे बढ़ाने वाला ‘नेतृत्व’ बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने आज युवाओं से 11 करोड़ सदस्यता वाली दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ने का आह्वान किया है। श्री शाह ने मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘युवा उद्घोष’ कार्यक्रम में 17-35 आयु वर्ग के लगभग 17000 युवाओं को आज सम्बोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 320 से अधिक सांसद, 1400 से अधिक विधायक एवं 11 करोड़ से अधिक सदस्य संख्या के साथ भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। देश के 19 राज्यों सरकारें बनाने के साथ ही 80 फीसदी भू-भाग पर भाजपा का शासन है। उन्होंने नव निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बिना नाम लिये हुए चुटकी ली और युवाओं को भाजपा की विशेषताएं गिनाते हुए कहा, “ मैं बूथ स्तर के कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में शामिल हुआ था और आज राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। मेरी पार्टी चाय बेचने वाले को भी प्रधानमंत्री बनने का मौका देती है।” उन्होंने दावा किया उनकी पार्टी में वंशवाद एवं जातिवाद का कोई स्थान नहीं है, सिर्फ “सबका साथ सबका विकास” उनकी पार्टी का एजेंडा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा तीन तलाक का कानून के सहारे मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार बंद करवाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उसका कानून का विरोध कर रही है। श्री शाह ने केंद्र सरकार की विकास योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि जन धन, स्टार्टअप, स्कील इंडिया, सुकन्या समृद्धि योजना सहित अनेक योजनाओं के माध्यम से भाजपा नेतृत्व वाली सरकार देश को विकास के रास्ते आगे बढ़ाना चाहती है। किसानों को विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे उनके खातों तक पहुंचाने के अलावा महिलाओं के लिए “मातृत्व अवकाश” 23 सप्ताह करके उन्हें राहत देने का काम किया है।

उत्तर प्रदेश सरकार लाखों युवाओं को रोजगार मुहैया करायेगी : योगी

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वाराणसी, 20 जनवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने “ लोक कल्याण संकल्प पत्र” के वादे पर अमल करते हुए लाखों युवाओं को रोजगार मुहैया करायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित “युवा उद्घोष” कार्यक्रम में हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आने वाले समय में एक लाख 68 हजार शिक्षकों एवं 42 हजार सिपाही सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की नियुक्ति करेगी। श्री योगी ने कहा कि 2017 में विधान सभा चुनाव के बाद यहां से ‘जातपात’ की राजनीति समाप्त हो गई है। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को “उत्तम प्रदेश” बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है। यही वजह है कि कानून व्यवस्था के मामले में बड़ी सफतला हासिल की और अब किसी को डरने की जरूरत नहीं रही।

हमारी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि : मोदी

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नयी दिल्ली, 20 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हाल में प्रतिष्ठित परमाणु समूहों में भारत को शामिल किये जाने से सख्ती के साथ अप्रसार की देश की प्रतिबद्धता की एक बार फिर से पुष्टि हुई है। भारत के ऑस्ट्रेलिया समूह (एजी) के सदस्य बनने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर यह बात कही। इससे परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत का कद बढ़ने की संभावना और इससे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हासिल करने में मदद मिल सकती है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया और निर्यात नियंत्रण से जुड़े ऑस्ट्रेलिया समूह के अन्य सदस्य देशों को इसमें भारत के प्रवेश में समर्थन देने के लिए धन्यवाद देता हूं।’’  उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष में एमटीसीआर, वासेनार समझौता और ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत की सदस्यता से एक बार फिर ‘परमाणु अप्रसार को लेकर हमारी साख एवं वैश्विक शांति एवं सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई है।’

किसानों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी

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भोपाल, 20 जनवरी, दूध देना बंद कर चुकी गायों को आवारा छोड़ने वाले पशुमालिकों पर आपराधिक मामला दर्ज कराने सहित अपनी अन्य मांगों के समर्थन में प्रदेश के विभिन्न भागों से आये किसान यहां अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। किसान यहां भेल दशहरा मैदान पर 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। इससे पहले इनमें से कई किसान रायसेन जिले के भौरा गांव से 170 किलोमीटर की साष्टांग दंडवत यात्रा कर यहां पहुंचे हैं। आंदोलनरत किसानों के नेता सुनील दीक्षित कहा, ‘‘दूध देना बंद कर चुकी गायों को आवारा छोड़ने वाले पशुमालिकों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने सहित अपनी अन्य अहम मांगों के समर्थन में हम यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। इसके साथ ही हर गांव में गौशाला शुरू करने की भी मांग है।’’ उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी मिलना चाहिये। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को भी आरक्षण सुविधा दी जाये, ताकि मजदूर किसानों और छोटे व गरीब किसानों को इसका फायदा मिल सके। दीक्षित ने दावा किया कि प्रदेश के सभी इलाकों से आये किसान इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी आंदोलनकारी किसानों का समर्थन किया है। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कल यहां आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की 33 सूत्रीय मांगों पर संज्ञान लेना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा किसानों से किये गये वादे खोखले निकले हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम भी हासिल नहीं हो पा रहा है। भाजपा सरकार केवल यात्राओं में ही सरकारी धन का दुरूपयोग कर रही है।’’ आप के प्रदेश नेता भी आज शाम यहां आंदोलनकारी किसानों से मिले। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही किसानों के लिये कई योजनाएं लागू कर चुकी है। इसमें से आंदोलनकारी किसानों की कई मांगे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी उचित मांगों पर विचार किया जा रहा है।

आप ने लाभ का पद मामले पर बैठक बुलाई

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नयी दिल्ली, 20 जनवरी, दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने अपने 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश के बीच आज इस विषय पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई, जबकि भाजपा और कांग्रेस इन निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव की संभावनाएं तलाश रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाई गई बैठक से बाहर निकलते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करने के लिए उनसे मुलाकात करने का समय मांगा गया है।  केजरीवाल, सिसोदिया और आप के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में ये 20 विधायक भी शामिल हुए और उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि इस मामले में अगला कदम क्या उठाया जाए।  सिसोदिया ने कहा, ‘‘विधायक राष्ट्रपति से अनुरोध करेंगे कि वह निर्वाचन आयोग की सिफारिश को लौटा दें और विधायकों की बात सुनें तथा उन्हें इस बात के सबूत प्रस्तुत करने का मौका दें कि उन्होंने लाभ का पद हासिल नहीं किया।’’

अमेरिका : अल्पकालिक व्यय विधेयक सीनेट में नामंजूर, सरकार ठप

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वाशिंगटन, 20 जनवरी, सीनेट में डेमोक्रेट सांसदों ने अल्पकालिक व्यय विधेयक पारित नहीं होने दिया, जिसके कारण अमेरिका में चार साल से ज्यादा समय बाद पहली बार सरकार का कामकाज शनिवार को ठप होना शुरू हो गया है। इस संकट के कारण हजारों कर्मचारियों को अवैतनिक छुट्टी पर जाना पड़ेगा। समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सरकार के सामने यह संकट ऐसे समय में आ खड़ा हुआ है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला साल पूरा कर रहे हैं। यह बंदी पक्षपातपूर्ण असहमति के एक नए दौर की वजह बना है और दोनों पक्षों के लिए जोखिम पैदा करता है। अमेरिका के इतिहास में यह पहली ऐसी आधुनिक सरकार है, जिसकी पार्टी का कांग्रेस के दोनों सदनों और व्हाइट हाउस पर नियंत्रण है, लेकिन इसके बावजूद उसे इस संकट का सामना करना पड़ा है। यह परिणाम व्हाइट हाउस में ट्रंप और सीनेट में अल्पमत के नेता चक शूमर के बीच आखिरी मिनट के दौरान बातचीत बेनतीजा रहने के बाद सामने आया है। व्हाइट हाउस ने हालांकि इस बंदी के लिए फौरन ही डेमोक्रेट सांसदों को जिम्मेदार ठहरा डाला।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने शुक्रवार को कहा, "आज रात उन लोगों ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य परिवारों, मासूम बच्चों और सभी अमेरिकी लोगों की सेवा करने की हमारे देश की क्षमता पर राजनीति को ऊपर रख दिया।"डेमोक्रेट युवा आप्रवासियों के लिए बजट समझौते की मांग कर रहे हैं। लेकिन रिपब्लिकन ने विधेयक में 'ड्रीमर्स'के संरक्षण को लेकर कोई संकेत नहीं दिए हैं। इन युवा आप्रवासियों को 'ड्रीमर्स'के रूप में जाना जाता है। सैंडर्स ने कहा, "जब डेमोक्रेट ने अपनी बेकार की मांगों को लेकर हमारे वैध नागरिकों को बंधक बना डाला है, तो ऐसे में हम अवैध आप्रवासियों की स्थिति पर कोई बातचीत नहीं करेंगे।"शूमर द्वारा समर्थन नहीं दिए जाने से खफा ट्रंप और उनके प्रतिनिधियों ने इस घटना को 'शूमर शटडाउन'कहा, लेकिन न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट नेताओं ने इसे 'द ट्रंप शटडाउन'करार दिया। शूमर ने कहा, "यह लगभग ऐसा है जैसे आप एक बंदी के पक्ष में थे। और अब हमारे सामने एक बंदी होगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कंधों पर डाली जानी चाहिए।"

अंतिम क्षण में भी इस मुद्दे पर दोनों दलों ने बैठक की, लेकिन 16 फरवरी तक के लिए सरकार को धन मुहैया कराने वाले विधेयक के लिए आवश्यक 60 मत नहीं मिल सके। रिपब्लिकन के पास सिर्फ 51 सीटें हैं। इसलिए उन्हें डेमोक्रेट नेताओं के वोट की जरूरत थी, लेकिन आवश्यक आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया। बजट प्रस्ताव शुक्रवार रात रिपब्लिकन ने पेश किया और इसके पक्ष में 50 मत पड़े, जबकि विरोध में 48 मत पड़े। लेकिन ये मत निधि को मंजूरी देने के लिए अपर्याप्त थे। चार रिपब्लिकन नेताओं ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया, जबकि पांच डेमोक्रेट सदस्यों ने इसका समर्थन किया। इससे पहले गुरुवार रात प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने फरवरी तक के सरकारी खर्च के लिए विधेयक को 197 के मुकाबले 230 मतों से पारित कर दिया था। अधिकारियों ने कहा कि अब एक लाख से ज्यादा सक्रिय सैन्यकर्मी अपनी सेवाएं जारी रखेंगे, लेकिन बंदी समाप्त होने तक उन्हें भुगतान नहीं किया जा सकता। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने इस संकट के कारण अपनी रिजॉर्ट यात्रा की योजना रद्द कर दी है। ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "वे हमारी महान सेना या अत्यंत खतरनाक दक्षिणी सीमा की सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं सोच रहे। डेमोक्रेट कर कटौती की बड़ी सफलता को बेकार करने में मदद के लिए यह बंदी चाहते हैं।"इस तरह की पिछली बंदी 2013 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान हुई थी, जो 16 दिनों तक चली थी। तमाम संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर जाना पड़ा था।

आलेख : शिक्षा के मन्दिरों में बच्चे हिंसक क्यों बन रहे हैं?

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नये भारत के निर्माण की नींव में बैठा इंसान सिर्फ हिंसा की भाषा में सोचता है, उसी भाषा मेें बोलता है और उससे कैसे मानव जाति को नष्ट किया जा सके, इसका अन्वेषण करता है। बदलते परिवेश, बदलते मनुज-मन की वृत्तियों ने उसका यह विश्वास और अधिक मजबूत कर दिया कि हिंसा हमारी नियति है, क्योंकि हमने इसे चाहा है। इस चाह के तहत ही आज बड़े ही नहीं, बल्कि हमारे बच्चों का ऐसा व्यक्तित्व उभरकर सामने आया है कि कभी गुरुग्राम तो कभी हैदराबाद और कभी लखनऊ तो अब यमुनानगर की त्रासद एवं बर्बरतापूर्ण घटनाएं। गुरुग्राम में एक किशोर स्कूल के बाथरूम में किसी जूनियर मासूम का गला रेत देता है, हायतौबा मचती है। आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाकर वकीलों और अदालतों के भरोसे सौंपकर समाज खामोश हो जाता है। हैदराबाद में एक किशोर दसवीं क्लास के अपने सहपाठी को मामूली विवाद में चाकू मार देता है। तीसरी घटना लखनऊ के एक स्कूल में घटी है जहां आठवीं की छात्रा ने स्कूल के पहली में पढ़ने वाले मासूम को चाकू से मरणासन्न कर दिया। सिर्फ इसलिये ताकि जल्दी छुट्टी हो। एक किशोरी मामूली वजह हेतु किसी मासूम को बाथरूम में ले जाकर पेट और सीने पर किसी धारदार हथियार से वार करे या फिर अब यमुनानगर के एक निजी स्कूल में 12वीं में पढ़ने वाला एक छात्र स्कूल से निष्कासित किए जाने से इतना नाराज और क्रूर हो जाता है कि वह अपनी प्रिंसिपल को ही गोली से मार देता है। स्कूलों में बढ़ रही हिंसा की ये डरावनी, खौफनाक, बर्बरतापूर्ण एवं क्रूर घटनाएं साफ चेतावनी है कि हम किस समाज में जी रहे हैं? हम कैसा समाज निर्मित कर रहे हैं? कैसे संस्कार हम अपने बच्चों को दे रहे हैं? कैसी हिंसक एवं क्रूर सोच पनप रही है? शिक्षा के मन्दिर जहां अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है किस तरह हिंसा के केन्द्र बनते जा रहे हैं। भारत के शिक्षा के केन्द्र अपने हाथों अपनी भाग्यलिपि में कौन-से रंग भर रहे हंै, इसे आज पढ़ना और समझना न केवल अभिभावकों, स्कूलों के लिये बल्कि सरकार के लिये भी जरूरी हो गया है।

वैसे तो हमारा रोजाना अच्छी और बुरी खबरों से सामना होता हैं लेकिन इन दिनों समाचारपत्रों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि खबरें आग उगल रही हैं, आए दिन भीषण नरसंहार, अत्याचार, आतंकवाद, आक्रमण, अन्याय की संगीन बातें, छोटी-छोटी बातों पर हत्याएं, मारकाट, आगजनी, हिंसा को आंखें पढ़ती है, सुनती है और देखती है, मन सोचता है कि मनुष्य मनुष्य का शत्रु कैसे बन गया? अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षा के मन्दिर हिंसा के केन्द्र कैसे बन गये? समाज में जो कुछ हो रहा है, वह भयानक तो है ही साथ ही चिन्ताजनक भी है। लखनऊ एवं यमुनानगर की हिंसक घटनाएं अपने आप में ऐसी भयानक एवं बर्बरतापूर्ण त्रासदियां हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। गुरुग्राम के स्कूल में अपराध करने वाला छात्र तो बालिग होने की दहलीज पर था लेकिन सातवीं कक्षा की छात्रा से ऐसे वहशीपन की तो उम्मीद ही नहीं की जा सकती। बारहवीं के छात्र शिवांश में बदले की भावना इतनी प्रबल हुई कि वह अपनी प्रिंसिपल ऋतु छाबड़ा को अपने पिता की रिवॉल्वर की गोलियों से छलनी कर दिया। यमुनानगर के एक निजी स्कूल परिसर के अंदर पैरेंट्स मीटिंग के दौरान शनिवार को घटी इस दर्दनाक घटना में प्रिंसिपल को अस्पताल पहुंचने के बाद मृत घोषित कर दिया गया। आरोपी छात्र शिवांश छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। बीतों दिनों में स्कूल परिसर के अंदर छात्रों द्वारा अपराध की इस तरह की कई घटनाएं लगातार सामने आई हैं। आज दादा-दादी से शिकायत करने पर मां अपने बेटे को मार डालती है। लखनऊ में एक महिला ने इसलिए आत्महत्या कर ली कि उसके पति ने उसे शापिंग कराने से इंकार कर दिया था। एक डाक्टर इसलिए आत्महत्या कर लेता है क्योंकि नॉनवेज खाने पर उसकी पत्नी ने काफी गुस्सा जताया था। इसके अलावा माता-पिता की डांट से क्षुब्ध होकर बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें लगातार आती रहती हैं। 

स्कूलों में बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को लेकर अभिभावक, टीचर, स्कूल के संचालक, पुलिस-प्रशासन सबके हाथ-पांव फूले हुए हैं। इस समस्या से कैसे निपटा जाए? स्कूल के संचालकों को एक ही रास्ता सूझता है कि सिक्यॉरिटी बढ़ा दी जाए, बाउंसर खड़े कर दिए जाएं, सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएं। लेकिन ये उपाय समस्या के समाधान की दिशा में औचित्यपूर्ण नहीं है। यह तो जड़ों की बजाय पत्तों को सींचने वाली बात हैं। लखनऊ के स्कूल में तो लड़कियों के कपड़े उतारकर तलाशी ली जाने लगी। इससे बच्चियों और उनके मां-बाप के भीतर भारी रोष फैला, जो कि स्वाभाविक है। ऐसे पहरे के बीच पढ़ाई-लिखाई का क्या मतलब रह जाएगा? देखते-देखते हमारे स्कूल क्या से क्या बन गए हैं? क्या शिक्षा पाना भी अब कोई युद्ध लड़ने जैसा हो जाएगा? हमें समस्या की मूल को पकड़ना होगा। ‘औरों ने मेरे साथ ऐसा किया, इसलिए मैं भी उससे बदला लूं’ यह प्रतिशोध की भाषा प्रतिहिंसा की जंजीर है जिसमें बंधनें के बाद बुराइयों का प्रायश्चित्त कभी संभव नहीं। कभी कभार यदि ऐसा हो भी जाए मगर निर्दोष प्राणियों की मासूमियत को निर्दयता से कुचलते समय, मां-बेटियों के साथ दुराचार करते समय, धर्म और जाति के नाम हिंसा को आग देते समय कहां खो जाती है मानवीय संवेदना, मनुष्य होने का अहसास, समाज और देश के प्रति दायित्वबोध, न्याय-अन्याय के बीच खींची लक्ष्मणरेखा और कानून की दण्ड संहिता? इस सदी का असंतोष, आक्रोश असहमति, हिंसा और भय का दौर सोचने को विवश करता है कि मन इतना क्रूर कैसे बनता है? बिना गुनाह दण्ड कैसा? वह कौन-सी भाव संवेदना है जो मनुष्य को पागल बना देती है?

क्या हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बच्चों के मन में क्या चल रहा है? घर-परिवार, स्कूल और समाज को कहीं वे अपने शत्रु की तरह तो नहीं देखने लगे हैं? अगर वे ऐसा करते हैं तो इसके लिये उन्हें ही दोषी नहीं माना जा सकता है, कहीं-न-कहीं हमारे अभिभावक, वर्तमान शिक्षा प्रणाली एवं स्कूली परिवेश भी इसके जिम्मेदार है। स्कूलों में हिंसक अथवा यौन विकृतियों को समय रहते पहचानने और बच्चों के साथ हिंसक घटनाएं रोकने के बाबत चिंता समाज और सरकारों को करनी होगी। जरूरत है मूल कारणों पर गौर करने और यथाशीघ्र स्वस्थ समाज की खोयी कड़ियों को पहचान कर उन्हें पुनः दुरुस्त करने की। प्रगति और विकास के तमाम दावों के बीच बढ़ता तनाव आज के समाज में लम्बे समय से प्रमुख जगह बनाता जा रहा है। वजह आम भी होती है और खास भी होती है। जीवन तो संघर्ष है और संघर्ष करने की क्षमता अपने भीतर पैदा करना बहुत जरूरी है। न तो अभिभावक और न ही समाज बच्चों में ऐसी क्षमता पैदा करने के लिए प्रेरक बन रहा है और न ही हमारी शिक्षा यह जिम्मेदारी उठाने में सक्षम दिखाई दे रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्यों हम बच्चों की मानसिकता नहीं समझ पा रहे हैं? क्यों बच्चों पर तरह-तरह के बोझ लाद कर उन्हें असन्तुलित एवं असहनशील बना रहे हैं? हम सही अर्थों में जीना सीखें। औरों को समझना और सहना सीखें। जीवन मूल्यों की सुरक्षा के साथ सबका सम्मान करना भी जानें। इस अर्थ में कही-न-कही चूक तो हो रही है, उसी की निष्पत्ति है बच्चों में बढ़ रही हिंसा की प्रवृत्ति। कभी-कभी कुछ ऐसी विवशताएं होती हैं जो बच्चों को मजबूर कर देती हैं हिंसक बनने के लिए। उसके भीतर की करुणा सूख जाती है, प्रेम मिट जाता है, कृतज्ञताएं चुक जाती हैं। आखिर हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसे बच्चों का निर्माण क्यांे कर रही है? यह एक ज्वलंत प्रश्न है, जिसका समाधान ही इन बढ़ती स्कूली हिंसा की घटनाओं पर रोक लगा सकेंगी।




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(ललित गर्ग)
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विशेष : ‘आप’ विधायकों की अयोग्यता के साथ ही बढ़ा दिल्ली का राजनीतिक ताप

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‘जैसी करनी वैसा फल, आज नहीं तो निश्चय कल।’ कर्म का प्रभाव तो होता ही है। आम आम आदमी पार्टी के साथ भी दिल्ली में वैसा ही कुछ हो रहा है। पार्टी में सबको जोड़कर चलना बेहद कठिन है। यह बात अरविंद केजरीवाल को तभी समझ में आ गई थी जब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने उन्हें अपनी मित्रता के दायरे से बाहर किया था। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र के विलक्षण विद्वान हैं, उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि अरविंद केजरीवाल के साथ रहकर वे अपनी छवि को निर्मल बनाए नहीं रख सकते। कोई भी सज्जन व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं रहना चाहता जिसकी भूमिका संदिग्ध हो।

मार्च, 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। वकील प्रशांत पटेल ने इसे लाभ का पद बताया था और इसकी शिकायत राष्ट्रपति से की थी। संसदीय सचिव बनाए गए सभी 21 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। राष्ट्रपति ने यह मामला विचार हेतु चुनाव आयोग को भेज दिया था और चुनाव आयोग ने मार्च 2016 में 21 आप विधायकों को नोटिस भेजकर सुनवाई आरंभ की थी। चुनाव आयोग ने कार्रवाई करने में लगभग दो साल लगा दिया लेकिन देर आयद-दुरुस्त आयद। अब तो राष्ट्रपति ने भी चुनाव आयोग की संस्तुति पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी है। इसी के साथ आम आदमी पार्टी के 20 विधायक अयोग्य घोषित हो गए हैं। इसी के साथ इन बीस सीटों पर उपचुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है। केजरीवाल सरकार को खतरा इसलिए भी नहीं है क्योंकि उनके पास 70 में से 66 सीटें थीं। 20 विधायकों के अयोग्य होने के बाद भी उसके बहुमत के आंकउ़े पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। केजरीवाल द्वारा हटाए गए मंत्री अगर बगावत कर जाएं और अपने समर्थक विधायकों को बगावत के लिए सहमत कर ले जाएं तो और बात है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि राज्यसभा में खुद को न भेजे जाने से नाराज कुमार विश्वास की पार्टी के दस विधायकों पर सीधी पकड़ है। वे केजरीवाल के विरुद्ध बगावत कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो केजरीवाल सरकार जरूर संकट में आ सकती है। वैसे भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियां आरंभ कर दी है। आम आदमी पार्टी भी इस बात को बेहतर समझती है कि उसके लिए सत्ता में बने रहना बहुत निरापद नहीं है। शायद यही वजह रही होगी कि उसके नेताओं ने इस बात का ऐलान करने में देर नहीं लगाई कि आम आदमी पार्टी चुनाव में जाने से डरती नहीं है। 
   
चुनाव आयोग के इस निर्णय से बौखलाई आम आदमी पार्टी ने जहां आयोग पर केंद्र सरकार का कर्ज उतारने का आरोप लगाया है बल्कि यह भी कहा है कि चुनाव आयोग इतना कभी नहीं गिरा था। मतलब आप ने एक ही तीर से चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर एक साथ निशाना साधा है। उसने राष्ट्रपति के निर्णय लेने से पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां भी उसे फटकार ही हाथ लगी। कोर्ट ने उससे यहां तक पूछ लिया था कि जब पार्टी चुनाव आयोग के पास गई ही नहीं तो वह यह बात कैसे कह सकती है कि उसकी सुनवाई नहीं हुई। आम आदमी पार्टी ने अपना पक्ष इस तर्क के साथ पेश किया था कि उसका पक्ष सुने बिना ही आयोग ने फैसला ले लिया है। जब हाईकोर्ट काफी पहले यह मान चुका है कि उनके विधायक संसदीय सचिव नहीं हैं, ऐसे में उन पर कोई भी कार्रवाई कैसे मुमकिन है? 

यह पहला मौका है जब अपनी सुविधा का संतुलन देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर अंगुली नहीं उठाई और यह कहा कि लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग का निर्णय ही संविधान सम्मत होता है। पहले भी इस तरह के मामलों में प्रेसिडेंट चुनाव आयोग के निर्णय पर मुहर लगाते रहे हैं। इस बार भी ऐसा ही कुछ होना चाहिए। कांग्रेस को यकीन है कि अगर ऐसा होता है तो उपचुनाव में जीत कांग्रेस की ही होगी। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में संसदीय सचिव बनाए गए कुछ विधायकों को भी अयोग्य ठहराने का मामला उठाया है। आप नेता संजय सिंह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही इस्तीफा मांग रहे हैं। उनका तर्क है कि सबसे पहले संसदीय सचिव नियुक्त करने का प्रयोग उन्होंने ही गुजरात में शुरू किया था। इस प्रयास को हमारी आंख नहीं तो तुम्हारी सलामत क्यों वाले नजरिए से देखना ही ज्यादा मुनासिब होगा।  अगर यह कहा जाए कि अरविंद केजरीवाल सरकार, आम आदमी पार्टी और विवादों का चोली-दामन का रिश्ता रहा है तो कदाचित गलत नहीं होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पार्टी में तानाशाही के आरोप लगते रहे हैं। जिस तेजी के साथ आम आदमी उभरी थी, अगर अरविंद केजरीवाल ने सूझ-बूझ के साथ काम किया होता तो आम आदमी पार्टी देश भर में तीसरे विकल्प की भूमिका में होती लेकिन राजमद में इतराए अरविंद केजरीवाल ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के बीच जनादेश के संदेश को समझने में निरंतर गलती की। पार्टी के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जब पार्टी से अलग हुए थे तब भी अरविंद यादव नहीं संभले। पार्टी अक्सर बाह्य और आंतरिक मोर्चों पर टकराव झेेलती रही। यह सिलसिला आज भी बदस्तूर कायम है। इसके लिए अरविंद केजरीवाल की हठधर्मिता ही बहुत हद तक जिम्मेदार है।

आप विधायक और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा तो सरकार के खिलाफ आमरण अनशन पर भी बैठे। बेहोश होकर अस्पताल तक पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया था कि 10 हजार गाड़ियों में नकली सीएनजी किट लगी है जो कभी भी हादसे का सबब बन सकती है। मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कपिल मिश्रा ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और लोकायुक्त कार्यालय में सबूत के तौर पर 16 हजार पेज पेश किए थे। सार्वजनिक लोक कल्याण विभाग ने कार्यालय खाली न करने पर आम आदमी पार्टी पर 27 लाख 73 हजार का जुर्माना ठोंका था। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रैल 2017 में आम आदमी पार्टी के कार्यालय का आवंटन रद करते हुए कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया था लेकिन अरविंद केजरीवाल जिद पर अड़े रहे और उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को अनदेखा कर दिया था।  संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाने का आम आदमी पार्टी का पुराना इतिहास रहा है। प्रवर्तन निदेशालय से लेकर केंद्रीय जांच आयोग पर वह निरंतर हमलावर होती रही है। उनकी हर कार्रवाई में उसे मोदी सरकार का षड़यंत्र नजर आता रहा है। जब केंद्रीय जांच आयोग ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ की थी तब भी आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार सीबीआई के जरिए आप नेताओं को परेशान कर रही है। उनकी पार्टी की छवि खराब कर रही है। दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने एलजी से शिकायत की थी कि बिना किसी निविदा के दिल्ली सरकार ने ‘टॉक टू एके’ प्रोगाम का प्रमोशन एक विशेष कंपनी को दे दिया है। उप राज्यपाल ने इस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया था।

पार्टी में टकराव तब और तेज हुआ जब ओखला विधायक अमानतुल्ला खान ने आप के बड़े नेता कुमार विश्वास को भाजपा और संघ का एजेंट बता दिया था। कुमार विश्वास इससे खासे नाराज हुए थे और अरविंद केजरीवाल ने उन्हें खुश करने के लिए अमानतुल्ला खान को पार्टी से निलंबित कर दिया था लेकिन बाद में कुमार विश्वास को पार्टी में अपनी औकात बताने में भी केजरीवाल पीछे नहीं रहे। उन्होंने निलंबित विधायक अमानतुल्ला खान को विधानसभा की समितियों में अहम जिम्मेदारी सौंप दी। विश्वास और केजरीवाल के बीच दूरियां बढ़ाने में यह प्रयोग विशेष सहायक साबित हुआ। गत वर्ष दिल्ली सरकार द्वारा बुलाए विधानसभा के विशेष सत्र में सदन की कार्रवाही देख रहे दो लोगों ने सदस्यों पर कागज फेंक दिए। विधायकों ने उनकी पिटाई भी की। युवकों ने इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी लगाए। विवाद तो तब बढ़ा जब यह पता चला कि दोनों युवक ‘आप’ के ही कार्यकर्ता हैं। दिल्ली नगर निगम चुनावों में आप की करारी हार के बाद ईवीएम को वैरिन घोषित किया गया। यह और बात है कि इस ईवीएम विवाद में आम आदमी पार्टी दो खेमों में बंट गई। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जहां दिल्ली में ईवीएम की लहर देखी, वहीं कुमार विश्वास और कपिल मिश्रा ने दिल्ली नगर निगम में हार के लिए केजरीवाल सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था। दिल्ली में हाई कोर्ट की ‘गैस चैंबर बनी राजधानी’ वाली टिप्पणी से केजरीवाल सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। तिलमिलाई सरकार ने दिल्ली में ऑड-ईवन योजना लागू की लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। आप सरकार चाहती थी कि सम-विषम फार्मूले से वीआईपी, महिलाओं और बाइक को अलग रखा जाए लेकिन एनजीटी इससे सहमत नहीं हुई। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद भी सम-विषम फार्मूले को लागू कर पाना सरकार के लिए मुमकिन नहीं हो सका। 

आम आदमी पार्टी ने हाल ही में राज्यसभा के तीन उम्मीदवार तय किए। आप नेता संजय सिंह के अलावा एनडी गुप्ता व सुशील गुप्ता का नाम सामने आने के बाद एक बार फिर सियासी बवाल तेज हो गया। कुमार विश्वास को धता बता दिया गया। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने सुशील गुप्ता के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता कलावती कोली को मैदान में उतारने की कोशिश की। पार्टी ने दो बाहरी व्यक्तियों को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया जिससे कार्यकर्ता आज भी निराश हैं और इसका सियासी असर विधायकों की सदस्यता भंग होने के बाद के हालात पर पड़ना स्वाभाविक है।  आप के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार करते हुए ट्वीट किया है कि एक आदमी के लोभ के कारण 20 विधायकों की सदस्यता खत्म हुई है। केजरीवाल पैसों के लोभ में अंधे हो चुके थे। अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री के विरुद्ध एकतरफा मोर्चा खोल रखा था। अपनी पार्टी में भी लोग उनसे बहुत खुश नहीं हैं। केजरीवाल दरअसल किसी को भी खुश नहीं कर पाए। यही वजह है कि उनकी पार्टी दिल्ली के बाहर न तो पंजाब और गोवा में बेहतर प्रदर्शन कर पाई और न ही अब किसी राज्य में उसे 2015 जैसा राजनीतिक माइलेज मिलने की उम्मीद है।   अन्ना लहर पर सवार होकर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन अन्ना जैसे समाजसेवी की नजरों से वे गिर गए। ऐसे में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी अगर उनसे नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र मांग रहे हैं तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है। आम आदमी का भविष्य क्या होगा, यह तो अब जनता को ही सही मायने में तय करना है लेकिन सत्ता मद में राजनीतिक पराभव की शुरुआत तो हो ही चुकी है। ?




सियाराम पांडेय ‘शांत’ 
 संपर्क- एल-3/480, विनीतखंड, 
गोमतीनगर, लखनउ, उत्तर प्रदेश।  

व्यंग्य : 'बागों में बहार है, कलियों पे निखार है'

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बसंत मतलब कवियों और साहित्यकारों के लिए थोक में रचनाएं लिखने का सीजन। बसंत मतलब तितलियों का फूलों पर मंडराने, भौंरे के गुनगुनाने, कामदेव का प्रेमबाण चलाने, खेत में सरसों के चमकने और आम के साथ आम आदमी के बौरा जाने का दिन। बसंत मतलब कवियों व शायरों के लिए सरस्वती पूजन के नाम पर कवि सम्मेलन व मुशायरों के आयोजन का  ख़ास बहाना। बसंत मतलब 'बागों में बहार है, कलियों पे निखार है, हाँ है तो, तो तुमको मुझसे प्यार है'हर दिल फेंक आशिक़ का ये कहना। बसंत मतलब पत्नियों के भाव में अचनाक वृद्धि होना और पतियों को मयाके जाने की 'खुल्लम खुल्ला'धमकी देना। बसंत मतलब 'कुछ कुछ होता है'की जगह अब 'बहुत कुछ'होना। और फिर इस 'बहुत कुछ'को पाने के लिए प्रेमी का घर के बर्तन और कपड़े तक धोना। जिस तरह सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखता है उसी तरह बसंत के अंधे को पीला ही पीला नज़र आता है। बसंत मतलब फेसबुक पर फेसबुकियों के द्वारा कृत्रिम प्रेम दिखाने के लिए रंगीन स्टेटस चिपकाने और खुद को अपने प्रिये की स्मृति में घनानंद घोषित करने का अवसर। बसंत मतलब बजरंग दल और पिंक स्क्वाड जैसे संस्कृति रक्षक दलों के मुखियाओं के लिए अपनी छवि में चार चाँद लगाने का सुनहरा मौका। बसंत मतलब पतझड़ के भूने हुए के लिए शीतल समीर का झोंका। बसंत मतलब जीवन का श्रेष्ठतम अहसास। इसलिए बसंत न केवल युवाओं के लिए अपितु बुजुर्गों के लिए भी हैं ख़ास। क्योंकि सयाने लोग कहे गये हैं कि आदमी उम्र से नहीं, मन से बूढ़ा होता है। बसंत में महुआ, केवड़ा और टेसू के फूलों की गंध से अभिभूत होकर मन हिलोरे मारने लगता है। सोये हुए अरमान जागने लगते हैं। इस प्यार करने के मौसम में दिल के भीतर से फीलिंग ऑसम वाली आने लगती है। सचमुच ये बासंती बहार तो खुशियों का त्योहार हैं। बसंत में चलने वाली इन हवाओं में लगता है किसी ने भांग मिला दी हैं। जो सबको मदहोश किये जा रही हैं। इसके ऊपर से कोयल की कुहू कुहू और पपिये की पिहू पिहू सुनकर किसका मन बहका नहीं जायेगा आधी रात को ? इस बसंत ने महंगाई की तरह किसी को शेष नहीं छोड़ा हैं। सबको इसने अपनी गिरफ्त में ले रखा हैं। कालिदास, भारवि, विद्यापति, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, रामधारी सिंह दिनकर, विद्यानिवास मिश्र सहित कई बड़े-बड़े साहित्य के सूरमा और धुरंधरों को इसने अपने जादू से वश में कर रखा हैं। बिलकुल इसी तरह जिस तरह वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने सभी को ’भाईयों और बहनों’ कहकर अपने जाल में जकड़ रखा है। इन साहित्यजीवियों और रचना धर्मियों ने बसंत की प्रसन्नता में सारे कीर्तिमान भंग कर दिए हैं। इनके मुंह से बसंत की इतने तारीफें सुनकर बाकि की ऋतुओं को बसंत से ’हिस्टीरिया’ होने लग गया हैं। बसंत तो चार दिन की चाँदनी और फिर अंधेरी रात है। क्षण भर का मज़ा है और फिर ज़िंदगी भर सजा है। आदमी को बसंत के आवेश में अपनी औकात नहीं भूलनी चाहिए। बसंत के चक्कर में यह नही भूलना चाहिए कि इसके बाद गर्मी के गर्म होते तेवरों में तवे पर सेंकी जाने वाली रोटी की तरह तपना ही है। अब भले ही भंवरों की गुनगुन सुनकर खुश हो लो, प्यारे ! फिर बाद में तो मच्छरों की टें-टें सुननी ही है। और अपना रक्त मच्छरों को दान करना ही है। बसंत को लेकर सभी के अलग-अलग मयाने हैं। नेताओं के लिए चुनाव बसंत है। इस बसंत में कई नेता पुष्प (कांटे) की भांति प्रस्फुटित होते हैं और चुनाव के बाद परिणाम जानकर कई नेता बौरा जाते है। इस चुनावी रण में बहुतों की हवा निकल जाती है और बहुतों में हवा भर भी जाती है। चुनावी समय में ये नेता कुर्सी के इर्द-गिर्द भौंरे और तितलियों की तरह मंडराते हैं। फूलों के रस का आस्वादन लेने के बाद ये भौंरे विरह की आग में जनता को अकेले छोड़ जाते हैं। और तो और कुछ तो बसंत में अपने वर्चस्व को चमकाने के आस में उल्टा चारा और कोयला खाकर जेल की सलाखों में पतझड़ भोगते है। इसी तरह यदि बेरोजगारों के हाथों में नौकरी आये तो उनका बसंत हो। बिना नौकरी के छोकरी तक जाने के सारे रास्ते बंदहो जाते है। यूं कहिए कि नौकरी के बिना जीवन में पतझड़ ही पतझड़ ही है। कुछ लोगों का इस नौकरी से भी मन नहीं भरता। उनके लिए नौकरी से मिलने वाली तनख्वाह पूर्णिमा का चाँद है। जो महीने के पहले दिन बढ़ी हुई नज़र आती है और फिर धीरे-धीरे छूमंतर होती जाती है। ऐसे असंतुष्ट लोगों के लिए ऊपरी कमाई ही बसंत है। सच तो यह है कि यदि जेब में विटामिन एम हो तो हर दिन बसंत ही बसंत है। इस विटामिन एम के आगे तो पतझड़ भी मारा जाता है। इसलिए बसंत ! तू भी पूंजीपतियों का पर्व कहलाता है।



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---देवेंद्रराज सुथार---
बागरा, जिला-जालोर, राजस्थान।  
मोबाइल - 8107177196
(लेखक जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में अध्ययनरत है और साथ में स्वतंत्र पत्रकारिता करते है।)

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 21 जनवरी

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सफलता की कहानी : बोरीबंधान जल संचय का संदेश दे रहे है 

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जल संचय एवं बचाव की पे्ररणा देने हेतु जिले मंे बोरीबंधान का कार्य दु्रतगति से क्रियान्वयन है। विदिशा विकासखण्ड के ग्राम पीपरहूंठा में नाले के उपर बनाया गया बोरीबंधान जल संचय का संदेश ग्रामीणजनों को दे रहा है जिसकी उपयोगिता और महत्वता से ग्रामीणजन अवगत हो रहे है। बोरीबंधान से अब नाले में जल भरा हुआ है वही इन दिनों नाला पूरी तरह सूख जाता था। ग्राम पंचायत पीपरहूंठा के आश्रित ग्राम पीपरहूंठा और अबेला में आमजनों के सहयोग से तीन नालो पर बोरीबंधान का कार्य किया गया है। जिसमें पुलिया पर, श्री अरविन्द एवं वीरेन्द्र के खेत के पास तथा ग्राम अबेला में तूमेन नदी पर बोरीबंधान का कार्य किया गया है इस कार्य में ग्रामीण विकास विभाग के उपयंत्रियों का मार्गदर्शन प्राप्त हो जाने से ग्रामीणों ने सहज और सरलता से बोरीबंधान का कार्य किया है। बोरीबंधान का परिणाम यह निकला कि जल सहजता से भरा हुआ है और सिंचाई के रूप में काम आ रहा है। वही आसपास क्षेत्र के हेण्ड पंपो का वाटर लेबल बढा है। 

युवाजन प्रशिक्षित हुए

ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले के युवाओं को विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षण मुहैया कराया जा रहा है। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र आरसेठी में 30 ग्रामीण युवाजनों को एक माह का मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण समापन के दौरान आजीविका मिशन के अधिकारियों ने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत वित्त फायनेंस कराया जाएगा ताकि वे अपने गांव में ही मोबाइल रिपेयरिंग का कार्य सुगमता से कर सके। 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बताया गया कि 25 जनवरी की प्रातः साढे नौ बजे से रैली जो नीमताल से शुरू होगी और एसएटीआई परिसर तक पहुंचेगी। जबकि साढे दस बजे से मैराथन रैली का आयोजन किया गया है। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए 23 जनवरी की प्रातः दस बजे अहमदपुर चैराहे से मानव श्रृंखला बनाई जाएगी तो एसएटीआई परिसर तक होगी। जबकि 22 जनवरी की प्रातः दस बजे से साइकिल रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जो नीमताल से शुरू होकर जिला शिक्षा केन्द्र परिसर तक पहुंचेगी। 

महिला बाल विकास और सशक्तिकरण

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केंद्र के द्वारा प्रत्येक आंगनवाड़ी में शौर्य दल का गठन किया गया जिसमें नियम निर्धारित किए गए थे और  सदस्यों की  उम्र 18 वर्ष तय की गई थी मनीष शर्मा  के द्वारा सौर्य दल के पुराने सदस्यों को शौर्य दल से बिना सूचना दिए हटा दिए गए तथा मनीष शर्मा के द्वारा शौर्य दल के सदस्यों के साथ  गलत व्यवहार रानी सोनी और सरिता यादव  के द्वारा शौर्य दल के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया गया तथा शौर्य दल  के सदस्यों को परेड ग्राउंड से अपमानित करके वहां से उन्हें भगा दिया गया 15 अगस्त और 26 जनवरी  को परेड का आयोजन किया जाता है तथा 26 जनवरी की परेड मैं मनीष शर्मा के द्वारा परेड के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया गया तथा सदस्यों से आ शब्दों का प्रयोग किया गया बिना परियोजना अधिकारी के ड्यूटी पत्र जारी नहीं किए गए इसके बावजूद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मैडम रानी सोनी  मैडम और मनीष शर्मा  के द्वारा 4 वर्ष से जो बच्चे परेड कर रहे थे बिना सूचना दिए शौर्य  दल के सदस्यों को हटा दिया गया जब वह लोग परेड ग्राउंड पहुंचे तो वहां पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया तथा उनको अपमानित भी किया गया इसके बाद   नए सदस्यों को जोड़कर उन्हें ट्रैक सूट का लालच देकर मनीष शर्मा ने परेड में लगाया जो कि अभी शौर्य दल के सदस्य भी नहीं है शौर्य  दल के नियम अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की आयु 18 वर्ष और शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी गई थी जिसका की मनीष शर्मा के द्वारा नियमों का उल्लंघन कर नए सदस्यों को परेड में जोड़ा गया इस संबंध में  शौर्य  दल के पुराने सदस्यों के द्वारा जो परेड में लगते थे उनके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सोमवार को शौर्य दल में आने वाले 4 साल का बजट की जानकारी लेने के संबंध में महिला सशक्तिकरण अधिकारी बृजेश जैन और विदिशा के माननीय कलेक्टर साहब को ज्ञापन  शौर्य दल  के पुराने सदस्यों के द्वारा सौंपकर पावती ली जाएगी

भाजपा सरकार से जनता का मोहभंग हो चुका : शषांक भार्गव

विदिशाः मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम के तहत् 27वें दिन ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी विदिषा ग्रामीण के कार्यकर्ता ग्राम सेमरा, देहरी, तिलक, भदौरा, निटर्री, मूडरा ठर्र की जनता के बीच पहुॅचे। जहाॅ प्रत्येक ग्राम की जनता के दुख दर्द को समझा वहीं प्रत्येक ग्राम के कार्यकर्ताओं का सम्मान कर मतदान केन्द्र कार्यकर्ताओं की तैनाती की।  इस अवसर पर ग्राम तिलक में आयोजित नुक्कड सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव ने कहा कि कल आए नगरीय निकाय चुनाव नतीजों ने ये साबित कर दिया है कि मध्यप्रदेष की जनता का भाजपा सरकार से मोहभंग हो चुका है। कल घोषित हुए 19 परिणामों में से पिछली बार 12 निकायों पर भाजपा का कब्जा था जिनमें से 7 पर और कुल 9 निकायों पर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, भाजपा अध्यक्ष और मंत्रियों सहित पूरे धन बल, सत्ता बल के साथ भाजपा ने यह चुनाव लडा था। लेकिन यह जीत बतलाती है कि मुख्यमंत्री की जुमलेबाजी का असर जनता के बीच खत्म हो गया है। मध्यप्रदेष का मतदाता बदलाव का मन बना चुका है। आज के कार्यक्रम में दरबारसिंह राजपूत, नारायणप्रसाद शर्मा, दीवान किरार, अनुज लोधी, अब्दुल हक, रामस्वरूप शर्मा, डाॅ. अमित दांगी, मनोज जैन, रामनारायण शर्मा, डाॅ. राजेन्द्र दांगी, राजकुमार डिडोत, निरंजनसिंह दांगी, संतोष गुर्जर, देवेन्द्र वैष्णव, पहाडसिंह रघुवंषी, जसवीर किरार, जगदीष किरार, सुरेन्द्र किरार, शंकरसिंह तोमर, राजकुमार आचार्य, नरेन्द्रसिंह दांगी सहित अनेकों कार्यकर्ता एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 21 जनवरी

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ब्राहम्ण महिला मंडल ने किया पंडित व्यास का सम्मान 

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सीहोर। पुरानी निजामत कस्बा में दुर्गा चोक समिति द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान जिला ब्राहम्ण समाज महिला मंडल अध्यक्ष अलका शर्मा के सानिध्य में महिलाओं के द्वारा कथा वाचक पंडित अरविंद व्यास का पुष्प माला श्रीफल एवं शॉल भेंटकर सम्मान किया गया। जिलाध्यक्ष श्रीमति शर्मा ने विधिवत गीता ग्रन्थ और समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर घर परिवार सहित समाजजनों के लिए सुख समृद्धी की कामना की। इस शुभासर पर ममता दुबे, पूजा शर्मा, कोमल शुक्ला, पिंकी तिवारी, इंदिरा शर्मा, विनिता तिवारी, श्रद्धा तिवारी, सूर्यप्रभा शर्मा सहित बड़ी संख्या में मंडल सदस्य एवं श्रद्धालुगण मौजूद थे। 

दलित नेता नरेंद्र खंगराले के नेतृत्व में दिग्यविजय सिंह का भव्य स्वागत

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सीहेार। मां नर्मदा परिक्रमा पर निकले मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्यविजय सिंह की यात्रा बुधनी घाट पहुंचने पर डॉ अम्बेडकर सर्वहारा दलित पिछड़ा वर्ग अधिकारिता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र खंगराले सीहेार जिला महिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पार्षद आरती नरेंद्र खंगराले के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति आरती खंगराले के द्वारा जिले की राजनीति से पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत कराया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्यविजय सिंह ने कहा की सभी कांग्रेसी एकजुट हो कर कांग्रेस का कार्य करें। मेरी यात्रा का उददेश्य है यह है की मां नर्मदा से हमारी प्रार्थना है वह मध्य प्रदेश और हमारे देश की जनता को सुख समृद्धी, स्वास्थ्य और वैभव प्रदान करते हुए जन जन का कल्याण करें। इस अवसर पर पूर्व सासंद रामेश्वर निखरा, पूर्व विधायक राजकुमार पटेल, पूर्व महापोर विभा पटेल, वारिष्ठ कांग्रेस नेता महेश राजपूत, हरीश राठौर केशव चौहान, आशीष गेहलोत, आमिर पटेल, पूर्व नपाध्यक्ष मीना वर्मा, रजनी वर्मा, अनोखी राजोंरिया, राधा किशन नागर प्रदीप भदौरिया, संतोष शर्मा, फरूख खान, गोपाल शर्मा, विमलेश अहिरवार, मोहिनी काश्यव, किशनलाल अहिरवार, इत्यादि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 

मोर्चा ने चौराह पर एकात्म यात्रा का स्वागत 

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सीहेार। भाजपा अनुसुचित जाति मोर्चा कार्यकर्ताओं ने रवि नागले के नेतृत्व में कोतवाली चौराहा पर एकात्म यात्रा का फूलों से भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार प्रदेश में आपसी भाई चारा और समरसता के उददेश्य से निकाली जा रहीं आदि शंकराचार्य की एकात्म यात्रा का श्री नागले ने स्वागत कर संतों गुरूजनों का आशीष प्राप्त किया। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष मुकेश कोली ने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। नसरूललागंज से पहुंचे वारिष्ठ नेता उमराव सिंह बगाना ने भव्य यात्रा को भाजपा की जीत हीं करारा दिया। इस अवसर  भाजपा पार्षद गोपाल बिसोरिया, संतोष शाक्य, गुलाब मालवीय, राहुल ठाकुर संतोष मालवीय ,जगराज सिंह, राहुल सिंह, श्रवण कुमार, सोनू मालवीय, राजेश सेन आनंद, राम सिंह, देवेंद्र, आदि मौजूद थे। 

ग्राम्य सुख समृद्धी की कामना, एकात्म यात्रियों का अभिनंदन 
  • सरपंच के नेतृत्व में तीन किलो मीटर पैदल चल नापलाखेड़ी हाईवे पहुंचे ग्रामीण

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सीहेार। आदि शंकाराचार्य की एकात्म यात्रा के प्रति मोगराराम के ग्रामीणें में गजब का उत्साह बना रहा। सेकड़ों ग्रामीण महिला पुरूष सरपंच संतोष बाई मालवीय के नेतृत्व में तीन किलो मीटर दूर ग्राम नापलाखेड़ी हाईवे पहुंच गए। यह पर पंचों और ग्रामीणों ने पुष्पों की वर्षा कर समरसता एकात्म यात्रा का भव्य स्वागत अभिनंदन किया।सरपंच और पंचों ने शंकाराचार्य सहित यात्रा में शामिल संतों श्रद्धालुओं का आशिर्वाद प्राप्त किया। जनप्रतिनिधियों  ने ग्राम सहित जिले में सुखशांति एवं वैभव की कामना की। इस अवसर पर वारिष्ठ भाजपा नेता समाजसेवी करण सिंह सेठी, सरपंच प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद मालवीय, जनपद सदस्य डीपी परिहार, हसनाबाद सरपंच कृष्णा बाई सरपंच प्रतिनिधि राधेश्याम वर्मा, इंजीनियर सुप्रिया दुपारे, सचिव दिनेश जालोदिया,दौलत सिंह वर्मा तेजपाल सिंह, बदरी प्रसाद पटेल, देवबगस वर्मा, करण सिंह जागड़े, देवकरण परिहार, मुकेश वर्मा, नंदरामवर्मा आदि ग्रामीणजन मौजूद थे। 

नरसिंह मंदिर में हुआ हल्दी कुमकुम कार्यक्रम, गुर्जर गौड़ बाहम्ण महिला मंडल का आयोजन 

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सीहोर। कस्बा ब्राहम्णपुरा नरसिंह मंदिर में गुर्जर गौड़ ब्राहम्ण समाज महिला मंडल अध्यक्ष अलका शर्मा के नेतृत्व में महिलाओं ने हल्दी कुमकुम कार्यक्रम का आयोजन किया।  रविवार को श्रीमति शर्मा ने बताया की मकर संक्रांति त्यौहार के उपलक्ष में महिलाओं के द्वारा भगवान नरसिंह जी को सुबह गुड़तिल का भोग लगाया गया। हल्दी कुमकुम से विधिवत भगवान की पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया। महिलाओं ने एक दूसरे को तिलक किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्राहम्ण समाज की महिलाएं सम्मिलित हुई। 
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