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मधुबनी : हररी चन्देश्वर स्थान में साहित्याड़्गन समारोह का आयोजन।

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी। रविवार को हररी चन्देश्वर स्थान में साहित्याड़्गन के 26वेँ मासिक समारोह का आयोजन किया गया। साहित्याड़्गन कीर्तिकुम्भ का यह समारोह कविशेखर बदरीनाथ झा और बिलट पासवान विहंगम पर केन्द्रित था। डॉ सुरेश पासवान ने कहा कि मैथिली के विद्वान बिलट पासवान विहंगम साहित्य एवं राजनीति दोनो ही क्षेत्र मे समान रुप से प्रखर, ओजस्वी तथा यशस्वी थे । उनको राजनीति ईमान थी और कविता धर्म ।  राजनीति जिनका श्रम-रत-तन तो कविता साधना-रत-मन, जिन्होंने युग के मर्म को जाना और सांसारिक व्यापकताओं का विशद वर्णन किया एवं पर्दे में छुपा आमजनो की पीड़ा, दर्द तथा जीजिविषा को अपनी रचनाओं के माध्यम से उजागर किया। डॉ सती रमण झा ने अपने उदबोधन में कहा कि कविशेखर बदरीनाथझा का स्थान मात्र मिथिला में नहीं, भारत में  नहीं, अपितु विश्व संस्कृत साहित्य सेवियों में समादरणीय है । कविशेखर बदरीनाथझा मात्र एक सिद्धहस्त कवि ही नहीं अपितु एक सर्वशास्त्रतत्वज्ञ प्रकाण्ड पण्डित तथा लौकिक व्यवहार में भी आचार्य थे । कविशेखर का संस्कृत भाषामें राधापरिणय तथा मैथिली  भाषामें  एकावली परिणय - दोनो महाकाव्य विश्वविख्यात महाकाव्य की श्रेणी में परिगणित है । इनकी मौलिक तथा वृहद व्याख्यात्मक कुल 26 ग्रंथ प्रकाशित हैं । मैथिली साहित्य में "कविशेखर "उपाधि पहिले ज्योतिरीश्वर , दूसरे यशोधर उपाध्याय तथा  सोलहवी शताब्दी के बाद आजतक तीसरे कविशेखर बदरीनाथझा को ही इतिहासकारों नें माना है । 

मैथिली में इनका एकावलीपरिणय  महाकाव्य,  काव्यविवेक , संस्कृत  - मैथिलीकोश,  मैथिली गीत रत्नावली , मैथिली पद्यमाला आदि उत्कृष्टतम ग्रन्थ अक्षयकीर्तिका स्थायीस्तम्भ है । कवि शेखरजी साहित्य, व्याकरण ,दर्शन, धर्मशास्त्र ,ज्यौतिष, पुराण , आयुर्वेद  आदि विभिन्न शास्त्रों का आधिकारिक विद्वान थे। सहित्यांगन के दंस्थापक मलय नाथ मंडन ने कहा इस कीर्तिकुम्भ मे कवीश्वर चन्दा झा, कविवर सीताराम झा,बाबू भोलाल दास,श्यामानन्द ठाकुर,गौरीकान्त चौधरी कान्त,प्रभाष कुमार चौधरी, साकेतानन्द,गोपालजी झा गोपेश,रामकृष्ण झा किसून,प्रो0 उमानाथ झा,रमानन्द रेणु,ललन प्रसाद ठाकुर,डाॅ0 शैलेन्द्र मोहन झा,पूण्यनाथ मिश्र,फजलुर रहमान हाशमी,गौरीकान्त चौधरी,नगेन्द्र कुमार,पद्मश्री गंगा देवी,डाॅ0 श्रीकृष्ण मिश्र,धूमकेतु,जानकीनन्दन सिंह के व्यक्तित्व कृतित्व को स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।  कवि गजलकार आनन्द मोहन झा के संयोजन एवं प्रो ईश नाथ झा के संचालन में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि थे डाॅ0 एम एन झा। समारोह में राम चन्द्र मिश्र मधुकर,अमरनाथ झा,विद्यानाथ झा,अमर नाथ झा,चन्द्रमोहन झा,अरबिन्द झा योगी झा,प्रेम झा,हर्ष नारायण झा,नथुनी राम,रामविलास साहु,उदयनाथ मिश्र,अक्षयनाथ मिश्र,सनातन मिश्र ,पंजीकार विभूति नाथ झा ,सुमित सुमन, इन्द्रदेव झा आदि उपस्थित थे।

पदम् पुरस्कारों में पारदर्शिता आयी है : प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली 28 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पदम् पुरस्कारों को प्रदान करने में पूरी तरह से पारदर्शिता आ गयी है और इनसे आम आदमी को सम्मानित किया जा रहा है। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 40 वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में महान लोग मौजूद हैं और चुपचाप समाज को बदलने का कार्य कर रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है और उनको पदम् पुरस्कार दिए जा रहे हैं। देश में सामान्य व्यक्ति बिना किसी सिफ़ारिश के ऊँचाइयों तक पहुँच रहे हैं। उन्होेंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पदम् पुरस्कार प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया बदल गई है। कोई भी नागरिक किसी को भी नामित कर सकता है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने से इसमें पारदर्शिता आ गई है। इन पुरस्कारों की चयन-प्रक्रिया का पूरा बदलाव हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत सामान्य लोगों को पद्म-पुरस्कार मिल रहे हैं। ऐसे लोगों को पद्म-पुरस्कार दिए गए हैं, जो बहुत प्रसिद्ध नहीं है। पुरस्कार देने के लिए व्यक्ति की पहचान नहीं, काम का महत्व बढ़ रहा है। श्री मोदी ने इसके लिए विज्ञान संबंधी खिलौने बनाने वाले महाराष्ट्र के अरविंद गुप्ता, महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली कर्नाटक की सितावा जोद्दती, आदिवासी पेंटिंग बनाने वाले मध्य प्रदेश के भज्जू श्याम, जड़ी बूटियों से दवा बनाने वाली केरल की आदिवासी महिला लक्ष्मीकुट्टी और गरीबों के लिए अस्पताल बनाने वाली पश्चिम बंगाल की 75 वर्षीय सुभासिनी मिस्त्री का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के लिए काम करने वाले लोगों के अनुभवों का लाभ लेने के लिए उन्हें स्कूलों और काॅलेजों में बुलाना चाहिए।

आईपीएल : सबसे महंगे भारतीय बने जयदेव, पंजाब के हो गए गेल

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बेंगलुरु, 28 जनवरी, आईपीएल नीलामी में कीमतों में बाउंसर, गुगली और बीमर का दौर दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा और बाएं हाथ के युवा तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को राजस्थान रॉयल्स ने 11.50 करोड़ रुपये की अविश्वसनीय कीमत पर खरीद कर उन्हें सबसे महंगा भारतीय खिलाड़ी बना दिया जबकि ट्वंटी 20 फॉर्मेट में दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी क्रिस गेल को आखिरकार पंजाब टीम ने खरीद लिया। अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी के लिये मशहूर क्रिस गेल को उनके आधार मूल्य 2 करोड़ पर ही प्रीति जिंटा के स्वामित्व वाली किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने खरीद लिया। पंजाब ने जैसे ही गेल को चुना सभी फ्रैंचाइज़ी ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। गेल को नीलामी के पहले दिन कोई भी खरीददार नहीं मिला था और नीलामी के दूसरे दिन भी पहले सत्र में उन्हें निराशा हाथ लगी थी। एक समय तो ऐसा लगने लगा था कि आईपीएल-11 बिना गेल के खेला जाएगा लेकिन प्रीति ने तीसरे सत्र में गेल को खरीद कर रोमांच ला दिया। दूसरे मौके का फायदा मुरली विजय को भी मिला जिन्हे चेन्नई ने दो करोड़ में, विकेटकीपर पार्थिव पटेल को बेंगलुरु ने 1.7 करोड़ में और ऑस्ट्रेलिया के मिशेल जॉनसन को कोलकाता ने दो करोड़ रुपये में खरीद लिया जबकि श्रीलंका के लसित मलिंगा, ऑस्ट्रेलिया के शान मार्श, इंग्लैंड के इयोन मॉर्गन, वेस्ट इंडीज के लेंडल सिम्मंस, दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन और न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल को कोई खरीददार नहीं मिला।  नीलामी के दूसरे और अंतिम दिन की सनसनी 26 वर्षीय उनादकट रहे जिन्हे खरीदने के लिए राजस्थान रॉयल्स को कोलकाता नाइटराइडर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स से कड़ी टक्कर मिली। भारत के मनीष पांडे और लोकेश राहुल को शनिवार को 11 करोड़ रुपये में खरीदा गया था लेकिन उनादकट को मिली कीमत ने सबको हैरान कर दिया। पांडे को सनराइजर्स हैदराबाद जबकि राहुल को पंजाब ने खरीदा। इंग्लैंड के बेन स्टोक्स पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी बने। उन्हें 12.50 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने ही खरीदा था। गुजरात के तेज गेंदबाज उनादकट का बेस प्राइस 1.50 करोड़ रुपये था लेकिन उन्हें खरीदने के लिए टीमों के बीच जमकर होड़ लगी और आखिरकार उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने रिकॉर्ड 11.50 करोड़ रुपये कीमत में खरीद लिया। पिछले साल उनादकट को उनकी 30 लाख की बेस प्राइस पर ही नयी टीम पुणे ने खरीदा था।

भाजपा ने लगा रखा ‘सांप्रदायिक चश्मा': सिद्दारमैया

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बेंगलुरु 28 जनवरी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके नेताओं की खिंचायी करते हुए आज कहा कि 'सांप्रदायिक चश्मा'लगाये और एक या दो समुदाय को छोड़कर अन्य को देख नहीं सकने वाले ये नेता समाज के अन्य वर्ग की उपेक्षा कर रहे हैं।  श्री कर्नाटक में अपने सरकारी अावास पर पल्स पोलिया टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने भाजपा के उस आरोप को भी खंडन किया जिसमें कहा गया कि सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के मद्देनजर बहुत से लोगों के खिलाफ सामुदायिक अशांति फैलाने संबंधी मामले सांप्रदायिक मामला वापस लिये जाने के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को इसे सांप्रदायिक रंग देने की आवश्यकता नहीं है।  उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रव्यापी पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है , लेकिन क्या इसमें सभी समुदाय के बच्चाें को लाभ नहीं होगा। भाजपा को चाहिए कि अपना सांप्रदायिक चश्मा हटाये और समाज के लिए महत्वपूर्ण है।

कासगंज दंगा में न्यायिक जांच की कांग्रेस ने की मांग

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नयी दिल्ली 28 जनवरी, कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश के कासगंज में साम्प्रदायिक दंगों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इनकी जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि पिछले तीन दिन से कासगंज में हिंसा जारी है और इसका प्रभाव राज्य के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन स्थिति से निपटने मे पूरी तरह से नाकाम रहा है। हिंसा को राेकने में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि कासगंज में दंगे भड़काने वाले लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि पूरी घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच करायी जानी चाहिए और इसके लिए उच्च न्यायालय के माैजूदा न्यायाधीश को नियुक्त किया जाना चाहिए।

कासगंज में स्थिति नियंत्रण में, उपद्रवियों पर रखी जा रही है ड्रोन कैमरों से नजर

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कासगंज, 28 जनवरी, उत्तर प्रदेश के कासगंज में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और ड्रोन कैमरों से उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही है। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने आज यहां देर शाम संवाददाताअों को बताया कि कासगंज का माहौल तेजी से सामान्य हो रहा है और लोग अपने घरो से निकल रहे हैं। पूरे शहर में धारा 144 लागू है । आरएएफ, पीएसी के अलावा सिविल पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार गश्त कर रही है। इसके साथ ही उपद्रवियों पर ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया आज सुबह एक दुकान में आगजनी की घटना के बाद से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। पुलिस अब तक करीब 80 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। इस दौरान पुलिस ने कुछ घरों में तलाशी ली। मौके से हथियार और एक देशी बम भी बरामद किया गया है। श्री आनंद ने बताया कि उपद्रवियों की सूची बना ली गई है और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। कासगंज में कुछ मेडिकल स्टोर, सब्जी, मिठाई और अन्य दुकानें खुली हैं लेकिन मुख्य बाजार अभी भी बंद है। इस बीच, पुलिस का फ्लैग मार्च जारी है।

संसद चलाने में सरकार ने मांगा विपक्ष का रचनात्मक सहयोग

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नयी दिल्ली, 28 जनवरी, सरकार ने संसद के बजट सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक आयोजित की और सभी दलों से रचनात्मक एवं प्रभावी सहयोग की अपील की। संसदीय कार्यमंत्री अनंतकुमार ने लगभग सवा दो घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि बैठक में सद्भावपूर्ण माहौल में विचार विमर्श किया गया। इसमें संसद के दोनों सदनों का कामकाज सुचारू रुप से चलाने पर चर्चा की गयी। सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए सुझाव दिये, जिनपर गंभीरता से विचार किया गया।  उन्होेंने कहा कि सरकार ने विपक्ष से रचनात्मक एवं प्रभावी सहयोग की अपील की है। विपक्ष ने भी सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार विपक्ष के सुझावों को गंभीरता से लेगी।

विपक्ष के सुझावों पर गम्भीरता से विचार करेगी सरकार

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नयी दिल्ली, 28 जनवरी, सरकार ने कल से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में जहां विपक्षी दलों को उनके सुझावों पर गम्भीरता से विचार करने का भरोसा दिलाया वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया है।  बजट सत्र से ऐन पहले आज दो सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी। पहली बैठक संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दिन में बुलायी थी, जबकि श्रीमती महाजन ने शाम साढ़े सात बजे यह बैठक रखी थी। श्रीमती महाजन ने लगभग दो घंटे से ऊपर चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “कल से प्रारंभ होने वाले बजट सत्र की पूर्व संध्या पर आज सभी दलों के नेताओं से मुलाकात हुई। सबके सहयोग से यह सत्र भी सुचारू रूप से चलेगा, ऐसी आशा है।” उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस सत्र में भी विधायी कार्य और जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र के दो हिस्से होंगे। पहले भाग में आठ और दूसरे भाग में 23 बैठकें होंनी हैं। उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और वह सभी मसलों पर चर्चा कराने का प्रयास करेंगे।  श्रीमती महाजन की ओर से आयोजित बैठक में सदन के उपाध्यक्ष एवं अन्नाद्रमुक नेता एम. थम्बीदुर्रई, संसदीय कार्य मंत्री के अलावा उनके सहयोगी अर्जुन मेघवाल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप्त बंद्दोपाध्याय प्रमुख रूप से शामिल थे। 

इससे पहले सरकार की ओर से आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आम बजट के लिए यह सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे सफल बनाने के लिए विपक्षी दलों ने जो सुझाव दिये हैं, उन पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिए व्यवस्था बदलने की जरूरत है। उन्होंने सभी दलों से अपील भी की कि वे विकास के मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा करें। संसदीय कार्य मंत्री ने भी संवाददाताओं को बताया कि सभी दलों ने सत्र को सफल बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिये हैं। सरकार इन सुझावों पर गम्भीरता से विचार करेगी। तीन तलाक विधेयक के संदर्भ में पूछे जाने पर श्री कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस सत्र में तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि वह खुद और उनके सहयोगी राज्य मंत्री इस मुद्दे पर पार्टियों को समझाने का भरपूर प्रयास करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तरह यह विधेयक भी सर्वसम्मति से सदन में पारित हो जायेगा। उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी विपक्ष से रचनात्मक एवं प्रभावी सहयोग की अपील की है और विपक्ष ने भी उन्हें सहयोग का भरोसा दिया है।

भोपाल : साहित्य संस्था निर्भया की कार्यकारिणी का गठन

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  • प्रमिला बनीं सर्वसम्मति से अध्यक्ष

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भोपाल (आर्यावर्त डेस्क) 28 जनवरी ।नवसृजित निर्भया साहित्य संस्था की कार्यकारिणी का गठन कर लिया गया है। बरखेड़ा स्थित व्यायाम शाला में हुई एक साहित्यिक बैठक में 13 सदस्यीय समिति के नाम सर्वसम्मति से तय किये गए, जिसमें कवयित्री प्रमिला झरबड़े को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। निर्भया साहित्य संस्था की नवगठित कार्यकारिणी में मनोरमा मनु सचिव, चरण सिंह कुकरेजा उपाध्यक्ष, प्रचार सचिव टी.एस. ठाकुर तेज और संरक्षक अशोक निर्मल होंगे। कार्यकारिणी सदस्यों में हरिकृष्ण चतुर्वेदी, विनीता भारती, प्रियंका राजपूत, अभिषेक अरजरिया, कमलेश वर्मा, आशीष श्रीवास्तव, अशोक विश्वकर्मा व्यग्र बिहारी लाल सोनी और सीमा हरि शर्मा भी सम्मिलित किये गए हैं। उपनगर भेल क्षेत्र में निर्भया साहित्य संस्था की कार्यकारिणी समिति के गठन पर सुधि साहित्यकारों और काव्य मनीषियों ने प्रसन्नता व्यक्त की और शुभकामनाएं प्रेषित कीं। नवनियुक्त अध्यक्ष प्रमिला ने बताया कि नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करने और मंच उपलब्ध कराने के लिए निर्भया साहित्य संस्था का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि समाज में ऐसे बहुत से रचनाकार हैं जो लिख तो बहुत अच्छा लेते हैं परंतु मंच पर प्रस्तुत नहीं कर पाते। कुछ काव्य लेखन कला को सीखना भी चाहते हैं। ऐसे सभी इच्छुक रचनाकारों के लिए कार्यक्रम एवं मार्गदर्शन प्रदान करने का काम भी करेगी।

अन्ना हजारे 23 मार्च से शुरू करेंगे आंदोलन

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कलबुर्गी 28 जनवरी, प्रसिद्ध समाज सेवी अन्ना हजारे ने आज कहा कि किसानों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कराने तथा इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की मांग को लेकर केंद्र तथा राज्य सरकारों पर दबाव बनाने के लिए वह देशव्यापी आंदोलन करेंगे।  श्री हजारे ने हैदराबाद-कर्नाटक रैथ संघ द्वारा आयोजित किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों तथा जन लोकपाल के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन का अाह्वान किया है। आंदोलन की शुरुआत 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान से होगी।  उन्होंने कहा कि देश के किसान संकट में हैं तथा उन्हें सभ्य जीवन जीने के लिए सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को भी 60 वर्ष की उम्र के बाद पांच हजार रुपये पेंशन मिलना चाहिए। 

रालोसपा ने शिक्षा सुधार,मानव कतार में सभी दलों से शामिल होने की अपील की

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पटना 28 जनवरी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने 30 जनवरी को पार्टी की ओर से आयोजित ‘शिक्षा सुधार, मानव कतार’ में बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) समेत सभी राजनीतिक दलों को शामिल होने की अपील की है।  रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 21 जनवरी को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ मानव श्रृंखला में वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को पार्टी की ओर से शिक्षा सुधार, मानव कतार का आयोजन किया गया है जिसमें जदयू समेत सभी राजनीतिक दलों को दलगत भावना से उपर उठकर शामिल होना चाहिए। श्री कुशवाहा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह मानते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश पिछड़ गया है और ऐसे में शिक्षा में सुधार की जरुरत है। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को राज्य में 7280 विद्यालयों के बाहर 1130 बजे से 1200 बजे तक शिक्षा सुधार, मानव कतार का आयोजन किया गया है जिसमें बढ़-चढ़ कर जन भागीदारी होगी । बगैर जन भागीदारी के शिक्षा में सुधार संभव नहीं है यह सिर्फ सरकार की जिम्मेवारी नहीं बल्कि इसमें समाज के सभी लोगों का सहयोग जरुरी है। रालोसपा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों द्वारा शिक्षा सुधार,मानव कतार का अबतक समर्थन नहीं किये जाने के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि इसका तो जवाब उसी दल के नेता ही दे सकते हैं। पार्टी की ओर से 30 जनवरी को मानव कतार में शामिल होने का आग्रह सभी दलों से नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया के माध्यम से उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी मिल गयी होगी। 

तेजस्वी ने प्रत्येक बूथ पर राजद का 15 सक्रिय सदस्य बनाने का दिया लक्ष्य

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पटना 28 जनवरी, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से नेताओं को प्रत्येक मतदान केन्द्र पर कम से कम 15 सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है।  राजद के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री यादव ने यहां अपने सरकारी आवास पर मुंगेर प्रमंडल के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के सभी प्रकोष्ठों को बूथ स्तर तक ले जाने की जरुरत है। इसके लिए पार्टी के कम से कम 15 सक्रिय सदस्यों का होना जरुरी है जो प्रत्येक बूथ पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जो भी कार्यकर्ता बूथ स्तर की जिम्मेवारी संभालते हैं उनका मोबाइल नम्बर के साथ ही आवासीय पता प्रदेश कार्यालय में उपलब्ध कराये जायें।  श्री यादव ने पंचायत से बूथ स्तर तक संगठन को और धारदार बनाने की जरुरत है। पार्टी के कार्यकर्ता गांव, टोला और पंचायत स्तर तक राजद का कार्यालय खोलें जिससे कि लोगों को किसी तरह की परेशानी होने पर उसका समाधान कर सकें। राजद का एक-एक कार्यकर्ता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है और बिना उनके पार्टी का जनाधार मजबूत नहीं हो सकता। 

बिहार की जनता तय करती है देश की राजनीति की दिशा : पूनम महाजन

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पटना 28 जनवरी, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन ने आज कहा कि बिहार की जनता देश की राजनीति की दिशा हमेशा से तय करती रही है और आगे भी तय करेगी। भाजपा की मुम्बई उत्तर-मध्य से सांसद एवं भाजयुमो की अध्यक्ष सुश्री महाजन ने यहां बिहार भाजयुमो की ओर से आयोजित जन प्रतिनिधि सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश की राजनीति की दिशा हमेशा से ही राज्य की जनता तय करती रही है जिसका प्रमाण कई बार देखने को मिला है। उन्हें उम्मीद है कि आगे भी यहां की जनता राजनीति की दिशा तय करेगी। चंपारण सत्याग्रह, लोकनायक जय प्रकाश नारायण का आंदोलन और वर्ष 2013 में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित नरेन्द्र मोदी की रैली से देश में राजनीतिक परिवर्तन हुआ । भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार की जनता जिस रूप में राजनीति को ढालती है, इसका प्रभाव दूरगामी होता है। अब बिहार के लोग प्रदेश को आगे ले जाना चाहते हैं। भाजयुमो की ओर से आज पंचायती राज और नगर निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों को सम्मान दिया गया जो एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सपना था कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक विकास पहुंचे जिसे उनकी पार्टी पूरा करने में लगी है। भाजयुमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 14वीं वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अब सीधा पैसा मिल रहा है। इससे पंचायतों में तेजी से विकास के कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं और पंचायतों को सीधा पैसा दिया जाना इसका प्रमाण है। इससे देश आगे बढ़ेगा। भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में वर्ष 2007 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी तब देश में पहली बार पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्रामीण महिलाओं की पीड़ा को बेहतर ढंग से समझते हैं, इसलिए उज्ज्वला योजना के तहत प्रत्येक घर को रसोई गैस का क्नेकशन दिया गया। उन्होंने कहा कि संकल्प तो कई पार्टियां लेती हैं लेकिन भाजपा संकल्प लेने के साथ इसकी सिद्धि भी करती है। भाजयुमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब वह लोकसभा के चुनाव में उत्तर-मध्य मुंबई से चुनाव मैदान में थी तब कई लोगों ने उनसे कहा था कि वह चुनाव हार जायेगी,लेकिन वह भाजपा नेता प्रमोद महाजन की बेटी होने के नाते किसी भी तरह हार मानने को तैयार नहीं थीं। उनके लोकसभा क्षेत्र में रहने वाले बिहार के लोगों का मत निर्णायक होता है और इनके सहयोग से ही वह चुनाव रिकार्ड मतों से जीती हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई को आगे बढ़ाने में जितना योगदान मराठियों का है उतना ही उत्तर भारतीयों का भी है।

दरभंगा : देश की जिम्मेवारी युवाओं के कंधे पर : पद्मश्री मानस

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दरभंगा 28 जनवरी, लड़ाकू विमान तेजस के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से नवाजे गये वैज्ञानिक डॉ. मानस बिहार वर्मा ने आज कहा कि देश को ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेवारी युवाओं पर है। डॉ. वर्मा ने कहा, “हम खुद को विश्व शक्ति के तौर पर पेश करने जा रहे हैं। ऐसे में युवाओं के कंधे पर काफी भार है। उन्होंने कहा कि चूंकि हमलोग युवा राष्ट्र की श्रेणी में आते हैं इसलिए यह जरूरी है कि प्रत्येक क्षेत्र में विकास का काम हो। देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेवारी अब युवाओं पर है।” पद्मश्री ने कहा कि इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि इस वर्ष उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। यह सम्मान टीमवर्क से मिला है और इसके लिए वह अपने तमाम सहयोगियों के आभारी हैं। उन्होंने अपने उच्च विद्यालय के शिक्षक रहे वनखंडी झा, लक्ष्मीनारायण झा, शम्सुल साहेब और अपने अग्रज क्रांति बिहारी वर्मा को विशेष रूप से याद करते हुए कहा, “मैं हर किसी से प्रेरणा ग्रहण करता हूं। मेरी सीखने की प्रक्रिया अभी तक जारी है। मेरा जीवन पूर्व राष्ट्रपति एंव सहयोगी रहे डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, डाॅ. कोटा हरिनारायण, डाॅ. टी. जी. पाई, डाॅ. के. वी. राय, डाॅ पी. एन. ए. पी राय, मिस्टर कटी एवं श्रीवत्स से प्रेरित रहा है।” उल्लेखनीय है कि डॉ. वर्मा का जन्म दरभंगा जिले में घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव में वर्ष 1946 में हुआ था। उन्होंने वायुसेना में शामिल लड़ाकू विमान तेजस के विकास की नींव रखी थी। वह आज भी गांव-गांव जाकर बच्चों में विज्ञान का अलख जगा रहे हैं। दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में स्थापित बिहार के पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज खुलवाने का श्रेय तात्कालीन कुलपति डाॅ. राजमणि प्रसाद सिन्हा एवं श्री वर्मा को ही जाता है। 

बिहार में भारी मात्रा में शराब बरामद, सात गिरफ्तार

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पटना 28 जनवरी, बिहार में शराबबंदी के मद्देनजर पुलिस की ओर से लगातार जारी अभियान की बदौलत आज अलग-अलग जिलों से भारी मात्रा में शराब बरामद कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने खगड़िया जिले में 138 बोतल विदेशी शराब के साथ चार, सारण जिले में 14 लीटर देशी शराब के साथ दो और पश्चिम चंपारण जिले में 21 कार्टन विदेशी शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। खगड़िया से प्राप्त सूचना के अनुसार, जिले में चित्रगुप्तनगर थाना क्षेत्र के सनहौली गांव में सूर्य मंदिर के निकट एक मारुति कार और मोटरसाइकिल की डिक्की से पुलिस ने 138 बोतल विदेशी शराब बरामद की। इस कार्रवाई में चार तस्करों सनहौली के गणेश झा एवं बलवंत झा, भरतौं के कुंदन कुमार तथा परवत्ता थाना क्षेत्र में डुमरिया खुर्द गांव के शिवेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। वहीं, सारण से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में सोनपुर थाना क्षेत्र के दामोदरपुर गांव में पुलिस ने छापेमारी कर भारी मात्रा में देशी शराब बरामद की और इस कार्रवाई में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दामोदरपुर गांव के एक मकान में अवैध शराब की बिक्री की जाती है। इसके मद्देनजर कल देर रात की गई छापेमारी में 14 लीटर देशी शराब बरामद की गई। इस दौरान अवैध शराब के कारोबार में लिप्त दो लोगों राहुल पासवान और देवी पासवान को गिरफ्तार किया गया है। वहीं कार और बाइक को जब्त कर लिया है। पश्चिम चंपारण से प्राप्त सूचना के अनुसार, पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुये आज जिले के सिकटा थाना क्षेत्र में एक बोलेरो से 21 कार्टन विदेशी शराब बरामद कर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार युवक की पहचान बैरिया थाना क्षेत्र में तधवानंदपुर गांव निवासी कामता लाल साह के रूप में की गई है। पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया है।

आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए बना था सीएनटी-एसपीटी अधिनियम

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रांची 28 जनवरी, समाज की मुख्यधारा से कटे और शोषण का शिकार रहे आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए ही छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संतालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम बनाया गया था लेकिन इन कानून की कुछ खामियों के कारण उनकी जमीन सुरक्षित नहीं रही। ‘सीएनटी-एसपीटी एक्ट के परिप्रेक्ष्य में झारखंड’ के लेखक उमाकांत महतो ने आज यहां बताया कि 1908 में बने सीएनटी और 1949 में बने एसपीटी अधिनियम का उद्देश्य भोलेभाले आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित रखना था ताकि उनका अवैध हस्तांतरण न हो पाए और वे ठगे न जाएं। लेकिन, की कुछ खमियों के चलते अवैध हस्तांतरण लगातार होता रहा और उनकी जमीन औने-पौने दाम पर बिकती रही। उन्होेने अपनी पुस्तक में विस्तार से लिखा है कि सरकार को जब भी किसी विकास कार्य के उद्देश्य से जमीन की जरूरत हुई तब यह अधिनियम जमीन के अधिग्रहण में बाधक भी बना। हालांकि समय-समय पर इसमें संशोधन होते रहे और अबतक इसमें 26 संशोधन हो चुके हैं। इसी क्रम में रघुवर सरकार ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम की कुछ धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव रखा। संशोधन के प्रस्ताव के पीछे सरकार की मूल मंशा थी कि आदिवासियों को उनकी जमीन की सही कीमत औरउपयोग का मौका मिले। साथ ही सरकार को विकास योजनाओं के लिए जरूरत के अनुसार जमीन उपलब्ध हो सके। लेकिन, सरकार के इस निर्णय ने राज्य में भूचाल ला दिया। कुछ आदिवासी संगठनों और खास कर वैसी संगठनों, जिनकी बागडोर चर्च के हाथों में थी खुलकर विरोध में सामने आ गए। इन्होंने ऐसा प्रचार किया, मानो सरकार इस संशोधन की आड़ में उनकी जमीन जबरन छीन रही हो। 

इस सिलसिले में कार्डिनल स्तर के इसाई धर्मगुरू राष्ट्रपति से मिलकर इन अधिनियमों में संशोधन के प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया। ईसाई शैक्षणिक संगठन के लोग भी सड़क पर विरोध में उतर गए और आदिवासियों की एक बडी जनसंख्या को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे कि संशोधन होने से सरकार उनकी जमीन उद्योगपतियों के लिए छीन लेगी। परिणामस्वरूप, मुखर विरोध को देखते हुए राज्य की रघुवर सरकार ने संशोधन विधेयक वापस ले लिया। इसी पृष्ठभूमि में श्री महतो की लिखी पुस्तक बड़े ही साहस से इन अधिनियम के संशोधन से उपजे भ्रम को दूर करने की कोशिश की गई है। इस लघु पुस्तक के माध्यम से लेखक ने यह स्थापित किया है कि झारखंड और आदिवासियों की भलाई संशोधन में ही है और अपनी स्थापना के पक्ष में लेख ने अकाट्य तर्क और परिस्थितियों का जिक्र किया है। पुस्तक में इसकी भी विस्तार से चर्चा है कि कैसे भूमाफिया, पत्रकार समाज के बडे ओहदेदार और राजनीतिज्ञों ने इन अधिनियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध रूप से जमीनों का हस्तांतरण अपने हित में किया है। लेख का स्पष्ट विचार है कि संशोधन से ही आदिवासियों को जमीन का उचित लाभ मिलेगा। अपनी इस धारणा के पक्ष में पुस्तक में सीएनटी और एसपीटी अधिनियम के जरूरी प्रावधानों का उल्लेख तो किया ही गया है साथ ही उससे होने वाले लाभ-हानि का भी तार्किक विवेचन किया गया है। लेखक ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है कि क्या हर कालखंड में एक ही कानून प्रासंगिक है। क्या इनका संशोधन-परिमार्जन आवश्यक नहीं है। पुस्तक की सबसे बडी उपलब्धि यह है कि इसमें संशोधन का विरोध करने वाले तत्वों को और इसमें छिपे निहितार्थ को उसने पूरे साहस से उद्घाटित किया है। इस पुस्तक में वह सब है जो कोई जानना चाहता है, जैसे प्रमुख धाराएं, जमीन की प्रकृति, स्वामित्व का प्रकार,  पूर्व संशोधन की चर्चा, कौन और क्यों कर रहे हैं विरोध, झारखंड आंदोलन का इतिहास और आंदोलन के कारण  सभी पर विश्वसनीय और तार्किक ढंग से प्रकाश डाला गया है। 

एक बेटी दस बेटों के बराबर: प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली 28 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक एकता, सद्भाव,बदलाव और विकास में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को पुरातन समय से ही स्वीकार किया गया है अौर एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में आकाशवाणी पर अपने पहले रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति ने पुरातन समय से ही अग्रणी भूमिका निभायी है। ‘मन की बात’ का यह 40 वां संस्करण था। पदम् पुरस्कारों से सम्मानित महिलाओं का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ये महिलाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो माैन रहकर सामाजिक बदलाव में जुटे हुए हैं। ऐसे लोग आम आदमी का जीवन आसान बनाने में लगे हुए हैं।  प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कल्पना चावला का जिक्र करते हुए कहा कि वह विश्व और भारत में करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। उन्होेंने छतीसगढ़ में माआेवाद प्रभावित दंतेवाडा की एक महिला का उल्लेख किया जो इस क्षेत्र में ई. रिक्शा चलाती है। उन्हाेंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है और इलाके में बदलाव अाया है।

सोलहवीं लोकसभा की शेष अवधि का वेतन छोड़ें सम्पन्न सांसद : वरुण गांधी

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नयी दिल्ली, 28 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता तथा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर सांसदों के वेतन में बढोतरी पर रोक लगाने और आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों को सोलहवीं लोकसभा के शेष कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने की अपील की है। श्री गांधी ने श्रीमती महाजन को लिखे पत्र में कहा है कि भारत में सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है। इसलिए यह जरूरी है कि सांसद इसे कम करने के लिए पहल करें। उन्होंने लिखा है कि भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है और एक प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं। 1930 में इतनी संपदा 21 प्रतिशत लोगों के पास थी। उन्होंने लिखा है, “हमें जन प्रतिनिधि के तौर पर देश की सामाजिक अौर आर्थिक हकीकत के प्रति सजग होना चाहिए। वह हालांकि समझते हैं कि सभी सांसद ऊंची आर्थिक स्थिति नहीं रखते हैं और कई अपनी आजीविका के लिए वेतन पर ही निर्भर करते हैं। इसलिए अध्यक्ष महोदया से मेरा निवेदन है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए वह आंदोलन शुरू करें।” उन्होंने कहा कि ऐसी स्वैच्छिक पहल से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की संवेदनशीलता को लेकर देशभर में एक सकारात्मक संदेश जायेगा।”

श्री गांधी ने लिखा है कि अगर वेतन छोड़ने को कहना बहुत बड़ी मांग है तो अपनी मर्जी से अनाधिकार खुद का वेतन बढ़ा लेने की जगह वैकल्पिक तरीके को लेकर अध्यक्ष महोदया एक नया विमर्श पेश कर सकती हैं और 16वीं लोकसभा के बचे हुए कार्यकाल में वेतन को जस का तस रखने का फैसला भी इस दिशा में एक स्वागत-योग्य कदम हो सकता है। उन्होंने ब्रिटेन की ‘रिव्यू बॉडी ऑन सीनियर सैलरी’ की तरह एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना किये जाने की आवश्यकता भी जतायी, जो ऐसे फैसले लागू करने और सांसदों की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच कर सकेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम से कुछ लोगों को भले ही असुविधा होगी, लेकिन इससे समग्र रूप से प्रतिष्ठान के प्रति लोगों का भरोसा पैदा होगा।

मधुबनी : आम आदमी पार्टी का नगर कमिटी का गठन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 28 जनवरी, आज दिनांक 28 जनवरी 2018 को आम आदमी पार्टी के जिला कार्यालय में आम आदमी पार्टी के नगर कमिटी का गठन किया गया| सर्वसम्मति से नगर अध्यक्ष पद के लिए  फणीन्द्र झा को चयनित किया गया| नगर सचिव के पद पर दयाशंकर ठाकुर को चयनित किया गया एवं नगर के कोषाध्यक्ष के रूप में धीरज भगत को चयनित किया गया| पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अभयानंद झा की उपस्थिति रही| साथ ही इस समारोह में जिला कमिटी के उपाध्यक्ष गणपति चौधरी, एहतेशाम अहमद, जिला कोषाध्यक्ष ललित राज यादव, जिला कमिटी के संगठन सचिव मोहम्मद जावेद, जिला प्रवक्ता सह मिडिया प्रभारी मुकेश पंजियार भी उपस्थित थे| अभयानंद झा ने कहा की भारत वर्तमान में युवाओं का देश है| लेकिन युवाओं के लिए सरकार कोई प्रयास नहीं कर पा रही है| सारी घोषणा सिर्फ कागजों में कैद है| जमीनी हकीकत सर्वथा भिन्न है| ऐसे में जरुरत है की युवा इस देश के सक्रीय राजनीति में अपनी सहभागिता दे| युवाओं के लिए युवाओं की ही लड़ना होगा| चाहे वो शिक्षा हो, रोजगार हो, स्वास्थ्य हो या अन्य विषय हो मधुबनी के युवा वर्ग पलायन करने को अभिशापित हैं| इस तस्वीर को बदलने की आवश्यकता है| जिसमें युवाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है| नवनिर्वाचित नगर अध्यक्ष  फणीन्द्र झा ने कहा की चाहे वो नगर परिषद् में व्याप्त भ्रष्टाचार की समस्या हो या फिर राशन किरासन की समस्या हो| आम आदमी पार्टी हर सामाजिक मुद्दे पर गंभीर है और हम जनता के लिए सदैव उपस्थित रहेंगे| देश के वर्तमान हालत को देखते हुए हम संकलिप्ती हैं की भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार के लिए हम सदैव संघर्ष करेंगे| नगर सचिव दयाशंकर ठाकुर ने कहा की आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नगर में संगठन को मजबूत किया जायेगा एवं बूथ स्तर तक कमिटी का निर्माण किया जायेगा|

आरक्षण से स्वयं हित साधने वालों को क्रिमिलियर से करेंगे बाहर : मालवीय

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  • समाज को सशक्त एवं मजबूत बनाना ही हमारा लक्ष्य
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सीहेार। अनुसुचित जाति वर्ग में आरक्षण के बल पर बढ़े पदों पर बैठकर मात्र अपना हित साध रहे है अधिकारियों को क्रिमिलियर के माध्यम से आरक्षण से बाहर करना ही मध्य प्रदेश बलाई समाज विकास परिषद का मूल उददेश्य है उक्त विचार जिला मुख्यालय स्थित सीवन नदी चौराहा माता मंदिर परिसर में आयोजित बलाई समाज विकास परिषद के नव नियुक्त जिला पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश मालवीय ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ अम्बेडकर के चित्र पर श्री मालवीय के द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। श्री मालवीय ने कहा कि समाज में शिक्षा का प्रचार प्रसार कर समाज को राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से मजबुत करना ही हमारा मूल लक्ष्य है, ताकी हम मध्य प्र्रदेश में राजनीतिक रूप से मजबूत हो सकें साथ ही जो भी व्यक्ति आरक्षण के कारण बढ़े पदों पर पहुंचकर अपनी जाति की पहचान ही छुपा लेता है जिस से समाज को सहयोग मिलना चाहिए पर वह नही मिल पाता है। यही राजनीति में भी हो रहा है जो अनुसुचित जाति का व्यक्ति बढ़े पदो पर पहुंचकर वह अनुसुचित जाति के लोगों को सहयोग ही नही करता है, तो फिर एैसे राजनीतिक आरक्षण का क्या फायदा। यही नही आरक्षण वाला नेता अपने अपने बेटे बेटियों और पोते पोतियों को टिकिट दिलाकर स्वयं का हित साधने में लगा हुआ है, लेकिन वह समाज का गरीब जो अंतिम छोर पर बैठा है उस की कोई सुध नही ले रहा है, तो फिर एैसे राजनीतिक आरक्षण का क्या ओचित्य है। इस अवसर पर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष चतुर्भुज मालवीय का सम्मान किया गया तथा भोपाल जिलाध्यक्ष पद पर धर्मेंद्र मालवीय को सर्वसहमति से मनोनित किया गया, इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष लाड़ सिंह मालवीय, प्रदेश महामंत्री डॉ फूल सिंह मालवीय, कार्यक्रम संयोजक जितेंद्र मालवीय, प्रदेश महामंत्री सुरेश मालवीय, ब्लाक समन्वयक संतोष गुणवान, जनपद सदस्य धन सिंह मालवीय, हर्देश मालवीय, इमरत लाल मालवीय, राकेश मालवीय, सचिन मालवीय, अशोक मालवीय, मंदिर समिति अध्यक्ष रामकिशन मालवीय, बाबूलाल मालवीय, राजेश मालवीय, पार्षद गुलाब मालवीय, कमल सिंह, लीलाधर, त्रिलोकचंद मालवीय सहित ग्रामीण अंचल के समाजजनों ने भग लिया। 
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