अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी। रविवार को हररी चन्देश्वर स्थान में साहित्याड़्गन के 26वेँ मासिक समारोह का आयोजन किया गया। साहित्याड़्गन कीर्तिकुम्भ का यह समारोह कविशेखर बदरीनाथ झा और बिलट पासवान विहंगम पर केन्द्रित था। डॉ सुरेश पासवान ने कहा कि मैथिली के विद्वान बिलट पासवान विहंगम साहित्य एवं राजनीति दोनो ही क्षेत्र मे समान रुप से प्रखर, ओजस्वी तथा यशस्वी थे । उनको राजनीति ईमान थी और कविता धर्म । राजनीति जिनका श्रम-रत-तन तो कविता साधना-रत-मन, जिन्होंने युग के मर्म को जाना और सांसारिक व्यापकताओं का विशद वर्णन किया एवं पर्दे में छुपा आमजनो की पीड़ा, दर्द तथा जीजिविषा को अपनी रचनाओं के माध्यम से उजागर किया। डॉ सती रमण झा ने अपने उदबोधन में कहा कि कविशेखर बदरीनाथझा का स्थान मात्र मिथिला में नहीं, भारत में नहीं, अपितु विश्व संस्कृत साहित्य सेवियों में समादरणीय है । कविशेखर बदरीनाथझा मात्र एक सिद्धहस्त कवि ही नहीं अपितु एक सर्वशास्त्रतत्वज्ञ प्रकाण्ड पण्डित तथा लौकिक व्यवहार में भी आचार्य थे । कविशेखर का संस्कृत भाषामें राधापरिणय तथा मैथिली भाषामें एकावली परिणय - दोनो महाकाव्य विश्वविख्यात महाकाव्य की श्रेणी में परिगणित है । इनकी मौलिक तथा वृहद व्याख्यात्मक कुल 26 ग्रंथ प्रकाशित हैं । मैथिली साहित्य में "कविशेखर "उपाधि पहिले ज्योतिरीश्वर , दूसरे यशोधर उपाध्याय तथा सोलहवी शताब्दी के बाद आजतक तीसरे कविशेखर बदरीनाथझा को ही इतिहासकारों नें माना है ।
मैथिली में इनका एकावलीपरिणय महाकाव्य, काव्यविवेक , संस्कृत - मैथिलीकोश, मैथिली गीत रत्नावली , मैथिली पद्यमाला आदि उत्कृष्टतम ग्रन्थ अक्षयकीर्तिका स्थायीस्तम्भ है । कवि शेखरजी साहित्य, व्याकरण ,दर्शन, धर्मशास्त्र ,ज्यौतिष, पुराण , आयुर्वेद आदि विभिन्न शास्त्रों का आधिकारिक विद्वान थे। सहित्यांगन के दंस्थापक मलय नाथ मंडन ने कहा इस कीर्तिकुम्भ मे कवीश्वर चन्दा झा, कविवर सीताराम झा,बाबू भोलाल दास,श्यामानन्द ठाकुर,गौरीकान्त चौधरी कान्त,प्रभाष कुमार चौधरी, साकेतानन्द,गोपालजी झा गोपेश,रामकृष्ण झा किसून,प्रो0 उमानाथ झा,रमानन्द रेणु,ललन प्रसाद ठाकुर,डाॅ0 शैलेन्द्र मोहन झा,पूण्यनाथ मिश्र,फजलुर रहमान हाशमी,गौरीकान्त चौधरी,नगेन्द्र कुमार,पद्मश्री गंगा देवी,डाॅ0 श्रीकृष्ण मिश्र,धूमकेतु,जानकीनन्दन सिंह के व्यक्तित्व कृतित्व को स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। कवि गजलकार आनन्द मोहन झा के संयोजन एवं प्रो ईश नाथ झा के संचालन में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि थे डाॅ0 एम एन झा। समारोह में राम चन्द्र मिश्र मधुकर,अमरनाथ झा,विद्यानाथ झा,अमर नाथ झा,चन्द्रमोहन झा,अरबिन्द झा योगी झा,प्रेम झा,हर्ष नारायण झा,नथुनी राम,रामविलास साहु,उदयनाथ मिश्र,अक्षयनाथ मिश्र,सनातन मिश्र ,पंजीकार विभूति नाथ झा ,सुमित सुमन, इन्द्रदेव झा आदि उपस्थित थे।