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त्रिपुरा में ‘माणिक’ नहीं ‘हीरा’ सरकार की जरूरत : प्रधानमंत्री

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सोनामुरा 08 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा के लोगों से ‘भ्रष्टाचार में लिप्त’ वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंकने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘हीरा’ सरकार को चुनने का आज आह्वान किया। श्री मोदी ने अगरतला से 70 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम सोनामुरा में चुनावी रैली में कहा, ‘अब तक आपने ‘माणिक’ सरकार को देखा है लेकिन आपको ‘हीरा’ सरकार की जरूरत है। हीरा में एच का मतलब सर्वोत्तम राजमार्ग, आई का मतलब सर्वोत्तम इंटरनेट संपर्क, आर का मतलब सर्वाधिक आधुनिक परिवहन व्यवस्था और ए का मतलब फुर्तीला वायु मार्ग संपर्क है। त्रिपुरा में इन सबको लाने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है।” प्रधानमंत्री ने अपने 45 मिनट के भाषण में लोगों से त्रिपुरा में वाम मोर्चा नीत माणिक सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा, “हमने देखा है कि जब जनता जनार्दन नापसंद करती है तो अच्छी-अच्छी सरकारें भी सत्ता से बेदखल हो जाती हैं। समय आ गया है कि 25 वर्षों से सत्ता संचालन में असफल रही माणिक सरकार को उखाड़ फेंका जाए।” उन्होंने अपने संबोधन के दौरान राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोप लगाये। उन्होंने त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के लिए उनकी सरकार की विकास योजनाओं का विशेष तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में न्यूनतम मजदूरी से कम पारिश्रमिक दिहाड़ी श्रमिकों को मिलता है। कर्मचारियों को अभी तक चतुर्थ वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप ही वेतन मिल रहे हैं और वाम दलों के कुशासन की वजह से लोग भय में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। भाजपा त्रिपुरा को तीन टी-- टी, टूरिज्म और ट्रेनिंग के साथ विकसित करना चाहती है। श्री मोदी ने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यालय से जब तक निर्देश नहीं मिलता तब तक पुलिस किसी मामले को दर्ज नहीं करती। राज्य में जब तक माकपा नेता अनुशंसा न करें तब तक किसी पात्र व्यक्ति को भी राशन कार्ड जारी नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि इस सरकार को लोगों से वोट मांगने का हक नहीं है। त्रिपुरा में माकपा शासन के दौरान सरकार और पार्टी एक ही हो गये हैं। वाम दलों के नेताओं ने राज्य को गरीबी और पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों के कम्युनिस्टों के शासन के दौरान त्रिपुरा में लोगों काे जीने के अधिकार से वंचित कर दिया गया। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं और कर्मचारियों को बेहतर वेतन और भत्ते नहीं दिये जा रहे हैं। साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव के लिए 18 फरवरी को मतदान होंगे।

लोकतांत्रिक परंपरा, सामाजिक ढांचे को तोड़ रही है मोदी सरकार : सोनिया

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नयी दिल्ली, 08 फरवरी, कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर पिछले चार साल के दौरान देश की लोकतांत्रिक परंपरा और सामाजिक ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उसने भय का माहौल पैदा किया है और देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। श्रीमती गांधी ने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस दौरान देश के लोकतंत्र की बुनियाद संसद, न्यायपालिका, मीडिया तथा सामाजिक संगठनों पर सोची समझी रणनीति के तहत हमले हुए हैं। जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ किया गया और समाज में भय तथा डर का माहौल पैदा किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में यह सरकार सिर्फ खोखले दावे करती रही । देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भी वह लम्बे चौड़े दावे कर रही है लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। कृषि क्षेत्र में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा लघु एवं मझौले उद्योग खत्म हो रहे हैं। देश के युवा बेरोजगारी से पीडित हैं और सरकार की नीतियों से नौकरीपेशा लोगों का भी रोजगार छिन रहा है। उन्होंने कहा कि नया निवेश नहीं हो रहा है और इसके बिना रोजगार का सृजन संभव नहीं हैं।

उच्च न्यायालय का निर्देश, आश्रम के नाम से विश्वविद्यालय शब्द हटाए

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नयी दिल्ली, आठ फरवरी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोहिणी स्थित संस्थान को आज निर्देश दिया कि वह अपने नाम से विश्वविद्यालय शब्द तत्काल हटाये। आश्रम में लड़कियों और महिलाओं को कथित तौर पर बंद करके रखा गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि आश्रम ने अपने नाम में विश्वविद्यालय शब्द का इस्तेमाल किया है जो कानून के अनुरूप नहीं है और यूजीसी के पैमाने के दायरे में नहीं आता है। पीठ ने कहा कि आश्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम के तहत परिभाषित कोई विश्वविद्यालय या यूनिवर्सिटी नहीं है इसलिए वह खुद को विश्वविद्यालय के तौर पर पेश नहीं कर सकता। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कानून के तहत हरसंभव कदम उठाए। दीक्षित जनवरी से जांच में शामिल नहीं हुआ है। पीठ ने कहा, ‘‘ संस्थान का प्रमुख बताए जा रहे वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के कामकाज में आपराधिक गतिविधियों के भी संकेत मिले हैं।’’  पीठ ने यह भी कहा कि उपरोक्त को देखते हुए विश्वविद्यालय शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तत्काल जरूरत है। आश्रम को निर्देश दिया जाता है कि वह विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी का आभास देने वाले शब्द को तत्काल हटाए। सीबीआई ने उच्च न्यायालय को बताया था कि दीक्षित के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। अदालत एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इस आश्रम के खिलाफ अनेक गंभीर आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के मामले में पांच साल की कठोर कैद

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ढाका, आठ फरवरी, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को आज भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल कठोर कैद की सजा सुनायी गयी। यह 72 वर्षीय मुख्य विपक्षी नेता के लिए एक झटका है क्योंकि उन्हें दिसंबर में होने वाला अगला आम चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। ढाका की विशेष अदालत ने तीन बार प्रधानमंत्री रहीं जिया को 2.1 करोड़ टका (250,000 डालर) के विदेशी चंदे के गबन के सिलसिले में यह सजा सुनायी। यह राशि जिया ओरफनेज ट्रस्ट के वास्ते थी। इस ट्रस्ट का नाम उसके दिवंगत पति जियाउर रहमान के नाम पर रखा गया था।  इसी फैसले में जिया के ‘भगोड़े’ बड़े बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान को भी सजा सुनायी गयी है, उन पर उनकी गैर मौजूदगी में मुकदमा चला। रहमान और चार अन्य को 10-10 साल कैद की सजा सुनायी गयी है। न्यायाधीश मोहम्मद अख्तरजुम्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘आरोपियों के खिलाफ यह मामला बिना किसी संदेह के साबित हुआ। ’’  जिया अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुईं। वह सफेद साड़ी में थीं। जिया को सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि कम अवधि की कैद की सजा उनके स्वास्थ्य और सामाजिक दर्जे को ध्यान में रखकर सुनायी गयी है। उन्होंने 632 पन्ने के अपने फैसले का संक्षिप्त संस्करण पढ़कर सुनाया। उस वक्त अदालत में बीएनपी के कई नेता मौजूद थे।  अदालत ने यह भी कहा कि बचाव पक्ष ने सुनवाई में बाधा डालने का यथासंभव प्रयास किया और उसने 35 मौकों पर अदालत बदलने की मांग की।

अन्य मुजरिम पूर्व सांसद काजी सलीमुल हक कमाल, व्यापारी शरफुद्दीन अहमद , प्रधानमंत्री की पूर्व सचिव कमाल उद्दीन सिद्दिकी और उनके भतीजे मोमिनुर रहमान हैं। जिया पूर्व सैन्य तानाशाह से नेता बने एच एम इरशाद के बाद भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहरायी गयी दूसरी शासनाध्यक्ष हैं। कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि इस फैसले के बाद ऐसी आशंका है कि जिया को दिसंबर में होने वाला चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। यह फैसला जिया और अन्य को इस मामले में अभ्यारोपित किये जाने के चार साल बाद आया है। जिया के मुख्य वकील खोंडकर महबूब हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देंगे। इंशा अल्लाह हमें वहां इंसाफ मिलेगा।’’  अदालत के फैसला सुनाये जाने के तत्काल बाद जिया को सुरक्षा कर्मी उन्हें जीप तक ले गये और फिर जीप से वह ढाका की केंद्रीय जेल रवाना हो गयीं। गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा, ‘‘उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के तौर पर सेवा की और वह एक बड़े राजनीतिक दल की अध्यक्ष हैं....... उनकी उम्र और दर्जे को ध्यान में रखकर उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी जिनकी वह हकदार हैं। ’’ टेलीविजन पर दिखाया गया कि जिया बेहद मायूसी के आलम में खड़ी हैं। उनकी आंखों पर गहरे रंग का चश्मा था। सुरक्षा बल उन्हें सुरक्षा घेरे में वाहन तक ले गए जहां से उन्हें निकटवर्ती जेल ले जाया गया।  इससे पूर्व ढाका की सड़कों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच जिया अपने आवास गुलशन से अदालत के लिए निकलीं। उस समय सशस्त्र पुलिस के अलावा उनके निजी सुरक्षा कर्मी भी उनके साथ थे। 

चश्मदीदों के अनुसार जिया के सैंकड़ो समर्थक अदालत जाने वाली सड़कों पर चले आए और उनकी कई स्थानों पर पुलिस से झड़प हुई। ककरैल इलाके में पथराव कर रहे बीएनपी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आसूंगैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां भी चलायीं। इससे पूर्व कल एक संवाददाता सम्मेलन में जिया ने सत्तारुढ़ (प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली बांग्लादेश आवामी लीग) पर आतंक का शासन कायम करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। इस बीच आवामी लीग के महासचिव और सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कुआदर ने कहा कि पिछली सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार ने 2008 में जिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था और वर्तमान सरकार का इस प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के बाद जिया को शायद दिसंबर में होने वाला चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि बीएनपी विभाजित हो सकता है क्योंकि कई वरिष्ठ नेता जिया से अपना नाता तोड़ सकते हैं और उसकी वजह है कि उनके बेटे और वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहमान कद्दावर नेताओं की अनदेखी कर लंदन से पार्टी पर वर्चस्व बनाये हुए हैं। समझा जाता है कि रहमान ने कानून के कठघरे से बचने के लिए ब्रिटेन में शरण मांगी है । उन पर आवामी लीग की एक रैली पर हमले समेत कई आरोपों पर सुनवाई चल रही है। वर्ष 2004 में 21 अगस्त को रैली पर हमला हुआ था और उसमें 23 लोग मारे गये थे। हसीना बाल बाल बच गयी थीं।

भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई से बचने की जिया की अंतिम कोशिश भी 30 नवंबर, 2014 को तब नाकाम हो गई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने उनके अभ्यारोपण को चुनौती देने वाली उनकी अपील को स्वीकार नहीं किया था और उनसे निचली अदालत में सुनवाई का सामना करने को कहा था। उससे पहले 19 मार्च, 2014 को हाईकोर्ट ने निचली अदालत में उस सुनवाई को सही ठहराया था। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) ने उन पर भ्रष्टाचार के दो आरोप लगाये थे। जिया और उनके खास सहयोगियों पर अकेले जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से 400,000 डालर की हेराफेरी का आरोप है। उन पर अन्य 277,000 डालर के गबन में अपने सबसे बड़े बेटे समेत पांच लोगों की अगुवाई करने का आरोप है। बाद की धनराशि अनाथालय के वास्ते थी। उनके पति जियाउर सैन्य शासक से नेता बने थे और बीएनपी के संस्थापक थे । वर्ष 1981 में तख्तापलट में उनकी हत्या कर दी गयी थी।

अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया

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वाशिंगटन, आठ फरवरी, अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित लश्करे तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों के साथ जुड़ाव के लिए आज तीन आतंकियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया और इस्लामाबाद को ‘‘खतरनाक’’ लोगों और संगठनों को पनाहगाह नहीं देने को कहा । इस घोषणा से अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में रहमान जेब फकीर मुहम्मद , हिजाब उल्लाह अस्तम खान और दिलावर खान की सभी संपत्ति पर रोक लग गयी और अमेरिकी नागरिकों को उनके साथ लेन-देन से मना किया गया है । अमेरिकी कोष विभाग ने तीनों को लश्करे तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से उनके जुड़ाव के लिए ‘‘वैश्विक आतंकवादी’’ करार दिया है । दक्षिण एशियाई आतंकियों को समर्थन करने वाले नेटवर्क को बाधित करने की दिशा में अमेरिकी प्रयासों का यह हिस्सा है । आतंकवाद और वित्तीय खुफिया विभाग के अवर सचिव (अंडर सेक्रेटरी) सिगल मंडेलकर ने बताया, ‘‘सरकारी कोष विभाग आतंकी संगठन का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों और समूचे दक्षिण एशिया में अवैध वित्तीय नेटवर्क चलाने वालों का पर्दाफाश करना जारी रखेगा।’’ उन्होंने कहा कि वे अलकायदा, लश्करे तैयबा, तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को साजोसामान, विस्फोटक उपकरण और अन्य तकनीकी सहायता प्रदान करने वालों को निशाना बना रहे हैं । मंडेलकर ने कहा, ‘‘यह आतंकवादियों के कोष संग्रह को नाकाम करने के लिए इस प्रशासन की व्यापक कोशिशों का हिस्सा है। हम पाकिस्तानी सरकार और क्षेत्र में अन्य से इन खतरनाक लोगों और संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह देने से मना करते हुए हमारे साथ काम करने का आह्वान करते हैं।’’ रहमान जेब फकीर मुहम्मद (रहमान जेब) को लश्करे तैयबा को वित्तीय, सामग्री या अन्य तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए इस सूची में रखा गया है। हिजाब उल्लाह अस्तम खान (हिजाब उल्लाह ) को अमिनुल्लाह के इशारे पर काम करने के लिए इस सूची में रखा गया है। दिलावर खान नादिर खान (दिलावर ) को भी अमीनुल्ला के इशारे पर काम करने के लिए आतंकी घोषित किया गया है ।

अयोध्या: उच्च्तम न्यायालय ने पक्षकरों से दस्तावेजों का अंग्रेजी रूपांतर मांगा

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नयी दिल्ली, आठ फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रहे सभी पक्षकारों से आज कहा कि वे उनके द्वारा अपील के साथ दाखिल दस्तावेजों का अंग्रेजी रूपांतरण दो सप्ताह के भीतर दाखिल करें। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भान और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर 14 मार्च को सुनवाई की जायेगी। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा इस मामले को कभी भी रोजाना सुनने का नहीं रहा है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले को विशुद्ध रूप से ‘‘भूमि विवाद’’ के रूप में सुनेगी और उसने संकेत दिया कि उच्च न्यायालय के समक्ष जो लोग नहीं थे उनकी इसमें पक्षकार बनने के लिये दायर अर्जियों को बाद मे देखा जायेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि उन भाषाई पुस्तकों का, जिन्हें इस मामले में आधार बनाया गया है,अंग्रेजी में रूपांतरण कराया जाये और इन्हें आज से दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाये। पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के रिकार्ड का हिस्सा रहे वीडियो कैसेट की प्रतियां संबंधित पक्षकारों को वास्तविक लागत पर उपलब्ध कराई जाये। विशेष पीठ के समक्ष मालिकारना हक को लेकर चार वादों में सुनाये गये फैसले के खिलाफ 14 अपील विचारार्थ हैं। उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2010 में बहुमत के फैसले में विवादित भूमि को तीन समान भागों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में विभक्त करने का आदेश दिया था।

बजट: भाजपा ने बताया विकास को आगे ले जाने वाला, विपक्ष ने कहा जुमलों के अलावा कुछ ठोस नहीं

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नयी दिल्ली, आठ फरवरी, भाजपा ने वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक और विकास को आगे ले जाने वाला बताते हुए आज जोर दिया कि कांग्रेस ने वादे करके वोट लिये और फिर उन वादों को भूल गयी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावों से पहले किया गया हर वादा पूरा कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने बजट को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हुए कहा कि इसमें जुमलों के अलावा ठोस कुछ भी नहीं है। सरकार को सहकारी संघवाद की भावना का सही अर्थों में पालन करना चाहिए वरना सबका साथ, सबका विकास का सपना साकार नहीं होगा । लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये बजट पर सदन में कल शुरू हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए भाजपा के गणेश सिंह ने कहा कि यह बजट ऐतिहासिक और देश के विकास को आगे ले जाने वाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के विकास के कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए आरोप लगाते रहते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने वादे करके वोट लिये और फिर उन वादों को भूल गयी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चुनावों से पहले किया गया हर वादा पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री से राफेल सौदे पर सवाल कर रहे हैं लेकिन पहले वह बताएं कि बोफोर्स सौदे में हुए घोटाले का जवाब कौन देगा। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के समय देश से किये गये उन वादों पर जवाब कौन देगा जो पूरे नहीं हुए।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि यह बजट उम्मीद का है लेकिन यह उम्मीद सच और ईमानदारी वाली होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में जुमलों के अलावा कुछ ठोस नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की निष्ठा पर कोई संदेह नहीं कर सकता लेकिन सहकारी संघवाद की भावना का सही अर्थो में पालन करना होगा वरना सबका साथ, सबका विकास का सपना साकार नहीं होगा । त्रिवेदी ने कहा कि आज देश में कड़वाहट काफी बढ़ रही है, हमें इसे दूर करने के उपाए करने होंगे । हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए । भाजपा के गणेश सिंह ने कहा कि देश की निगाह आज प्रधानमंत्री मोदी पर है। पहले की सरकारों ने कभी किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय करके उस ओर काम शुरू कर दिया है। किसानों की हर जरूरत को पूरा करने का काम सरकार ने किया है। भाजपा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया लेकिन गरीबों को गरीब ही रहने दिया। वहीं मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है और बेघरों को 2022 तक आवास देने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश में कुछ योजनाओं के लिए धन जारी करने की मांग की।

राहुल मेरे भी बॉस, समान विचार वाले दलों के साथ काम करेंगे : सोनिया गांधी

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नयी दिल्ली, आठ फरवरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना भी बॉस बताते हुए कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि पार्टी की किस्मत बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है तथा वह अगले चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए समान विचारों वाले राजनीतिक दलों के साथ काम करेंगी । उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की साजिश कर रही है ताकि राजनीतिक लाभ के लिए समाज का ध्रुवीकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक में दिखायी देगा जहां कुछ माह में चुनाव होने वाला है। सोनिया ने अध्यक्ष के तौर पर 19 साल तक कांग्रेस की कमान संभालने के बाद पिछले साल ही यह जिम्मेदारी छोड़ी थी।  सोनिया ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उत्साह, प्रतिबद्धता और वफादारी के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि राहुल उनके भी ‘बॉस’ हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘हमने नये कांग्रेस अध्यक्ष का निर्वाचन किया है तथा मैं आपकी तरफ से और अपनी तरफ से उन्हें शुभकामनाएं देती हूं। अब वह मेरे भी बॉस है..इस बारे में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए और मैं यह जानती हूं कि आप सभी उनके साथ उसी उत्साह, प्रतिबद्धता एवं वफादारी के साथ काम करेंगे जैसा आपने मेरे साथ किया।’’  पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि हम पार्टी के पुनरूद्धार और बेहतर भविष्य के लिए उनके नेतृत्व में मिलकर काम करेंगे। प्रक्रिया शुरू हो गयी है।’’  उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सच्चाई का सामना नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बात कल लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से स्पष्ट हो जाती है।  उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष एवं अन्य सहयोगियों के साथ काम करेंगे और समान विचारों वाली राजनीतिक पार्टियों के साथ विचार विमर्श कर यह सुनिश्चित करेंगी कि अगले आम चुनाव में भाजपा की हार हो तथा भारत लोकतांत्रिक, सर्वसमावेशी, धर्मनिरपेक्षता, सहनशीलता ओर आर्थिक विकास के पथ पर चल सके।  उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भयभीत महसूस कर रहे हैं तथा उन पर बर्बरतापूर्ण हमले हो रहे हैं, वहीं दलितों एवं महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है।  सोनिया ने कहा, ‘‘कई मामलों में यह हिंसा विशेषकर अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ, अनायास या छिटपुट नहीं बल्कि सुनियोजित है ताकि समाज का ध्रुवीकरण कर संकीर्ण राजनीतिक लाभ लिया जा सके।’’  उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश एवं गुजरात में देखा गया और कोई संदेह नहीं है कि यह कर्नाटक में भी देखा जाए।  उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का ध्रुवीकरण लोकतंत्र के लिए अपराध है किंतु सरकार इसे अन्य तरीके से देख रही है।’’

दरभंगा : एलएनएमयू में छात्र संघ चुनाव अब 25 फरवरी को

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  • संयुक्त छात्र संगठन के आंदोलन के बाद तिथि में हुआ परिवर्तन

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दरभंगा : इंटरमीडिएट परीक्षा को देखते हुए ललित नारायण मिथिला श्विविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव की तिथि बढ़ा दी है. अब 18 फरवरी की जगह 25 फरवरी को चुनाव होगा. तिथि बढ़ाने को लेकर संयुक्त छात्र संगठन की ओर से आज विश्वविद्यालय का घेराव किया गया और छात्रों ने प्रदर्शन किया. बाद में छात्रों का शिष्टमंडल कुलपति से उनके आवासीय कार्यालय में मिला और छात्र संघ चुनाव की तिथि बढ़ाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन तैयार हुआ और घोषणा की. विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. एन.के. अग्रवाल ने खबर की पुष्टी की है. छात्र आंदोलन में एआईएसएफ आर के डॉ. सुमन कुमार झा, शंकर सिंह, राहुल राज, प्रेम सिंहानियां, दीपक स्टार, जन अधिकार छात्र परिषद के दीपक झा, विनय मिश्रा, नौशाद अहमद, इसमाइल अख्तर, विक्की कासिफ, गणेश कुमार, साई कुमार निरूपम, एनएसयूआई के डॉ. जमाल हसन, त्रिभूवन यादव, ऐजाज अनवर, एआईएसएफ के मृत्युंजय मृणाल, चुन्नु ठाकुर, शरद सिंह, शशि रंजन प्रसाद, एआईडीएसओ के लाल कुमार, छात्र जदयू के निजामुल होदा, मो. कलाम, मो. असलम, मो. इमामुल हक, मो. तारिक रहमानी, मो. चांद, एआईएसए के संदीप चौधरी, छात्र राजद के अरूण कुमार यादव, प्रवीण प्रशांत, सुमन जी कुमार सिंह आदि शामिल थे.

विशेष आलेख : संसद में तकरार नहीं, संवाद होना चाहिए

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक राष्ट्रीय यौद्धा का आक्रामक स्वरूप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन पर संसद में हुई चर्चा के दौरान देखने को मिला। अक्सर उनके इस तरह के आक्रामक एवं जोशीले स्वर चुनावी सभाओं में होने वाले भाषणों में सुनते और देखते मिलते रहे हैं, पहली बार उनका संसद के पटल पर ऐसा संवेदनशील एवं जीवंत स्वरूप देखने को मिला, जिसमें उन्होंने विपक्ष विशेषतः कांग्रेस के आरोपों का तथ्यपरक जबाव दिया। शायद यह भारत के संसदीय इतिहास का पहला अवसर है जब कांग्रेस को न केवल नेहरु-गांधी परिवार को लेकर तीखे प्रहार झेलने पडे बल्कि कांग्रेस के़ शासन की विफलताओं के इतिहास से भी रू-ब-रू होना पड़ा। उसने जिस तरह की अलोकतांत्रिक स्थिति खड़ी की और इस स्थिति को भारतीय लोकतंत्र के लिये किसी भी कोण से उचित नहीं कहा जा सकता। संसद में तकरार नहीं,संवाद होना चाहिए। सिर्फ विरोध के लिये विरोध करना लोकतंत्र के लिये युक्तिसंगत नहीं है। संसद भारत के सवा सौ करोड़ लोगों की आवाज को स्वर देने का मंच है, जहां का प्रतिक्षण न केवल मूल्यवान है बल्कि इस मूल्यवान समय को अपनी प्रतिभा से चुने हुए प्रतिनिधि नया आयाम देते हैं, भारत के विकास का आगे बढ़ाते हैं। जब-जब इस सर्वोच्च मंच पर राजनीति करने के प्रयास हुए, तब-तब भारतीय लोकतंत्र न केवल शर्मसार हुआ बल्कि उसके उज्ज्वल अस्तित्व पर दाग भी लगे हैं। इसलिये संसद के पटल पर बहस को शालीन एवं संयमित किये जाने की अपेक्षा की जाती है। अक्सर ऐसा होता रहा है जब यहां होने वाली कार्रवाई एवं बहस में राजनीति कहीं दूर पीछे छूट जाती है और दोनों ही सदनों में सिर्फ मजबूत और पुख्ता तथ्यों के आधार पर शालीन तरीकों से सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे को घेरते हैं, स्वस्थ चर्चा करते हैं और देश के विकास के मुद्दों को जगह देते हैं। संसद में इस तरह का सकारात्मक वातावरण बनने की जगह यदि किसी चुनावी सभा का वातावरण बन जाता है तो हमें सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा कि हम उस लोकतन्त्र को लज्जित कर रहे हैं जिसने हमें इन महान सदनों में बैठने के काबिल बनाया है। बुधवार को जैसे असंसदीय माहौल में प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन देने को विवश होना पड़ा, वैसा अवसर दुबारा संसद के इतिहास में न आये, इस पर चिन्तन जरूरी है।

आग्रह, पूर्वाग्रह और दुराग्रह- ऐसे लोग गिनती के मिलेंगे जो इन तीनों स्थितियांे से बाहर निकलकर जी रहे हैं। पर जब हम आज राष्ट्र की राजनीति संचालन में लगे अगुओं को देखते हैं तो किसी को इनसे मुक्त नहीं पाते। कोई गांधी, नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, मौलाना आज़ाद, विधानचन्द राय, राधाकृष्णन नहीं है। तब ऐसे लोगों की एक लंबी पंक्ति थी। आजादी के बाद सात दशक बीत चुके हैं, पर साफ चरित्र जन्म नहीं ले सका, लोकतंत्र को हांकने के लिये हम प्रशिक्षित नहीं हो पाये हैं। उसका बीजवपन नहीं हुआ या खाद-पानी का सिंचन नहीं हुआ। आज आग्रह पल रहे हैं-पूर्वाग्रहित के बिना कोई विचार अभिव्यक्ति नहीं और कभी निजी और कभी दल स्वार्थ के लिए दुराग्रही हो जाते हैं। कल्पना सभी रामराज्य की करते हैं पर रचा रहे हैं महाभारत। महाभारत भी ऐसा जहां न श्रीकृष्ण है, न युधिष्ठिर और न अर्जुन। न भीष्म पितामह हैं, न कर्ण। सब धृतराष्ट्र, दुर्योधन और शकुनि बने हुए हैं। न गीता सुनाने वाला है, न सुनने वाला। विपक्ष और खासकर कांग्रेस के प्रति प्रधानमंत्री के तीखे तेवरों से यह भी साफ हो गया कि अगर विपक्षी दल अनावश्यक आक्रामकता का परिचय देंगे तो सरकार उन्हें उसी की भाषा में जवाब देगी। इसके चलते अब संसद के शेष सत्र के दौरान कहीं अधिक शोर-शराबा होने और साथ ही आगामी सत्रों में भी हंगामा होते रहने की संभावनाएं प्रबल हैं। ऐसा होने का सीधा मतलब है कि संसद में विधायी कामकाज कम, हल्ला-गुल्ला ज्यादा होगा। कायदे से इस अप्रिय स्थिति से बचा जाना चाहिए, लेकिन ताली तो दोनों हाथ से बजती है। यह सत्तापक्ष की जिम्मेदारी है कि संसद चले, लेकिन अगर विपक्ष उसे न चलने देने पर अड़ जाए तो फिर कोई कुछ नहीं कर सकता। जब विपक्ष संसद की कार्यवाही बाधित करने पर आमादा हो तो फिर हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ सख्ती भी काम नहीं आती, क्योंकि तब वे खुद को सताए जाने का रोना रोने लगते हैं। विचार और मत अभिव्यक्ति के लिए देश का सर्वाेच्च मंच भारतीय संसद में भी आग्रह-दुराग्रह से ग्रसित होकर एक-दूसरे को नीचा दिखाने की ही बातें होती रहे तो यह दुर्भाग्यपूर्ण ही हैं। दायित्व की गरिमा और गंभीरता समाप्त हो गई है। राष्ट्रीय समस्याएं और विकास के लिए खुले दिमाग से सोच की परम्परा बन ही नहीं रही है। निःसंदेह कम ही होता है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हों तो विपक्ष नारेबाजी पर उतर आए। दुर्भाग्य से गत बुधवार को ऐसा ही हुआ और वह भी दोनों सदनों में। यह मानने के अच्छे-भले कारण हैं कि विपक्षी दल पहले से इस तैयारी में थे कि बजट के बाद संसद को न चलने देने के जतन करना है। जब मानसिकता दुराग्रहित है तो ”दुष्प्रचार“ ही होता है। कोई  आदर्श संदेश राष्ट्र को नहीं दिया जा सकता।

राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस की आपत्ति यही बता रही है कि वह महज सवाल करने के लिए सवाल कर रही है। मंशा यह भी सामने आ रही है कि संसद की कार्रवाई को येन-केन-प्रकारेण बाधित करना। अगर कांग्रेस को लगता है कि लड़ाकू विमानों के इस सौदे में कोई गड़बड़ी हुई है तो फिर वह इसके कुछ प्रमाण क्यों नहीं सार्वजनिक करती? कांग्रेस को सरकार की घेरेबंदी करने के लिए ऐसे सवाल करने से बचना चाहिए जिनके लिए वह खुद भी जवाबदेह है। आखिर सत्ता में रहते समय चुनिंदा उद्यमियों को बैंकों से बड़े-बड़े लोन दिलाने वाली कांग्रेस एनपीए पर मोदी सरकार को घेरने का काम कैसे कर सकती है? जिनके घर शीशे के बने होते हैं वे दूसरों पर पत्थर नहीं फैंका करते। संसद के पटल पर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा और कभी अन्य दल की सरकारें काबिज हो सकती है। मगर इससे लोकतन्त्र के मूल स्वभाव और चरित्र पर कोई अन्तर नहीं पड़ना चाहिए, अतः विपक्षी पार्टी कांग्रेस को पूरा अधिकार है कि वह सरकार से बुनियादी स्थितियों के बारे में पूछ, सरकार के किये वायदों के अधूरे रहने पर भी प्रश्न करें, भ्रष्टाचार समाप्त करने और शासन में पारदर्शिता लाने से जुड़े सवाल हो, कश्मीर समस्या की चर्चा हो और पाकिस्तान को सबक सिखाने के मुद्दे हो, देशभर में सामाजिक समरसता बढ़ाने की बात हो - यह सब सार्थक चर्चाएं होनी चाहिए, लेकिन इन चर्चाओं की जगह देश में हो रहे बुनियादी कामों की टांग खींचाई कैसे लोकतंत्र को सुदृढ़ कर पायेंगी। जब नया भारत निर्मित करने की बात हो रही है, जब सबका साथ-सबका विकास की बात हो रही है, तो उनमें खोट तलाशने की मानसिकता कैसे जायज हो सकती है? 

विपक्ष की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन लगता है कि आज वह जीवन नहीं, मजबूरियां जी रहा है। अपने होने की सार्थकता को वह सिद्ध नहीं कर पा रहा है। अच्छे-बुरे, उपयोगी-अनुपयोगी का फर्क नहीं कर पा रहा है। मार्गदर्शक यानि विपक्ष शब्द कितना पवित्र व अर्थपूर्ण था पर वह अब कोरा विवाद खड़े करने का सबब बन गया है। विपक्ष तो पिता का पर्याय था। उसे पिता का किरदार निभाना चाहिए था। पिता केवल वही नहीं होता जो जन्म का हेतु बनता है अपितु वह भी होता है, जो अनुशासन सिखाता है, विकास की राह दिखाता है। आगे बढ़ने का मार्गदर्शक बनता है। अब यह केवल तथाकथित नेताओं के बलबूते की बात नहीं रही कि वे गिरते मानवीय मूल्यों को थाम सकें, समस्याओं से ग्रस्त सामाजिक व राष्ट्रीय ढांचे को सुधार सकें, तोड़कर नया बना सकें। सही वक्त में सही बात कह सके। विपक्ष यदि बुनियादी मुद्दों पर सरकार से सबूतों के साथ पुख्ता सबूत संसद के भीतर मांगता है तो सरकार को इनका जवाब देना ही चाहिए और इस तरह देना चाहिए कि विपक्ष निस्तेज हो जाये। ऐसा ही प्रधानमंत्री ने करके दिखाया है, उन्होंने यही भूमिका बहुत दमदारी के साथ निभायी है। उनकी चेतावनियां लोकतंत्रिय चेतना को जगाने वाली है। ऐसे सद्प्रयासों के खिलाफ बवेला मचाने वाले, इनकी जड़ों में मट्ठा डालने वाले हर कदम पर मिलेंगे। मोदी जैसी जागृत चेतना ही इनके प्रहार झेलने की ढाल बन सकती है। संसद के दोनों पटलों पर जैसे आग्रह, पूर्वाग्रह और दुराग्रह दिखाई दिये, वे राष्ट्रीय जीवन के शुभ को आहत करने वाले हैं।



liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

विशेष : सोशल मीडिया में गैर क़ानूनी यू टीयूब चैनलों की भरमार,आखिर कौन रोकेगा मनमानी

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नई दिल्ली।  बहुत दिनों से एक विचार मन में था किस प्रकार मीडिया और वह भी ऑनलाइन मीडिया के नाम पर यू टीयूब चैनलों की बाढ़ सोशल मीडिया में आ गयी है। देखा जाये तो प्रथम दृष्टया यह आपरधिक गतिविधियों को अंजाम देने का माध्यम बन चूका है जिसपर ना सरकार ही रोक लगा रही है और ना ही भारतीय पुलिस महकमा पता नहीं क्यों ? शायद हो सकता है उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है। आज इस लेख में यही उजागर करूँगा की किस प्रकार समाज,राष्ट्र और मानवजाति के लिए लिए कुकरमुते की तरह जन्म ले रहे ऑनलाइन वेब साईट बनाकर चैनलों के नाम पर उगाही का धंधा चल पड़ा है और जो असली पत्रकार हैं वह पुलिस और जनता का शिकार बन रहे हैं। सबसे पहले बता देता हूँ भारतीय संविधान में किसी भी प्रचार-प्रसार को करने की अनुमति सूचना और प्रसारण मंत्रालय ही देता है लेकिन  यू टीयूब चैनलों के पास अनुमति तो दूर की बात है राज्यों में डी.एम और केंद्र शाशित प्रदेशों में डी सी पी लाइसेंसिंग की अनुमति आवशयक है। अफ़सोस इस बात का है की कोई भी सरकारी अधिकारी इस बेलगाम यू टीयूब चैनलों को रोकने और उनपर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रहा है ? बीएसए नेशनल काउंसिल के माध्यम से सभी को अनुमति लेनी होती है लेकिन किसी को नहीं मालूम की अनुमति होती क्या है ? इसका सपष्ट सन्देश है जो भी सोशल मीडिया में बीएसए नेशनल काउंसिल की अनुमति के बगैर  यू टीयूब चैनल चलाया जा रहा है वह वह गैर क़ानूनी है और भारतीय संविधान के खिलाफ है ऐसे में पुलिस का दायित्व बनता है की वह ऐसे गैर क़ानूनी  यू टीयूब चैनलों पर रोक लगाकर उनके मालिकों और संचालकों के खिलाफ संविधान के अनुरूप सख्त कार्रवाई करे क्योंकि यही देश में अराजकता और देश,समाज के खिलाफ जहर घोल रहे हैं ?  आपको यह स्पष्ट होना चाहिए कि यह एक आधिकारिक बीएसए द्वारा प्रमाणितसोशल मीडिया चैनल नहीं है बल्कि इसके बदले आपकी निजी चैनल है जो बिना किसी सरकारी अनुमति के देश के संविधान के खिलाफ चलाया जा रहा है। मेरे कई जानकारों के बड़े सरकारी चैनलों,प्राईवेट निजी चैनलों से मिलते जुलते नामों से चैनल खोल कर जनता और सरकार की आँखों में धूल झोंकना शुरू किया हुआ है लेकिन अफ़सोस इस बात का का है की स्थानीय पुलिस और सम्बंधित विभाग उनके इस अनैतिक कार्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे जबकि सूचना प्रसारण अधिनियम के तहत सरकार की अनुमति के बगैर किसी भी प्रकार की सूचना अथवा खबर प्रकाशित अथवा दिखाना गैर क़ानूनी और देश के खिलाफ देश द्रोह की श्रेणी में आता है लेकिन यहाँ खुद ही स्वम्भू पत्रकार बनकर आज बिना किसी योग्यता के लोग पत्रकार बनाकर पत्रकारिता को बदनाम करने पर अमादा हैं और कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है ? यह कौन से और कैसी मज़बूरी है सरकार की यह सोचने का विषय है ? एक बात और स्पष्ट कर देता हूँ इंटर नेट पर जो भी प्रचार सामग्री किसी भी माध्यम दे डाली जाती है उसपर आई टी एक्ट लागू होता है इसलिए सूचना प्रोधोगिकी मंत्रलाय की अनुमति के भी सभी   यू टीयूब चैनल गैर क़ानूनी हैं लेकिन भारत सरकार या राज्य सरकार कोई कदम इन गैर क़ानूनी यू टीयूब चैनल जो सोशल मीडिया के नाम से चलाये जा रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है पता नहीं क्या मज़बूरी है। बहराल  सोशल मीडिया के नाम  से  यू टीयूब चैनल का ब्लैक मेलिंग का धंधा जोर पकड़ चूका है जिसका खामियाजा असली पत्रकारों और सम्पादकों को भोगना पड़ रहा है जिन्होंने पूरा जीवन पत्रकारिता के मूल्यों को निभाने में लगा दिया। आज फ़र्ज़ी देश विरोधी कार्यों में संलिप्त  फ़र्ज़ी रूप से कार्य कर रहे यू टीयूब चैनल के पत्रकार और संपादक भीड़ तंत्र का फायदा उठाकर अपना कारोबार और गैर क़ानूनी धंधा करने में जुटे हैं और सभी सरकारें मूक दर्शक बनी हैं ? 




अशोक कुमार निर्भय  
पत्रकार एवं स्तम्भ लेखक 
संपर्क : 9540444761 

बैंक में महिला ग्राहक के साथ दुर्व्यवहार,प्रबंधन से शिकायत

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बेंगलुरु,आर्यावर्त डेस्क ,9 फरवरी ,2018, देश के बड़े बैंकों में शामिल आई सी आई सी आई बैंक के कोरमंगला ब्रांच ,बैंगलोर में विगत 6 जनवरी 2018  को कोरमंगला निवासी रूचि अग्रवाल ने बैंक कार्यावधि के दौरान बैंक अधिकारी उदालय अधिकारी द्वारा दुर्वयवहार करने और गलत अकाउंट नंबर देकर आर्थिक नुकसान करने की शिकायत बैंक प्रबंधन से की थी ,लेकिन एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी आई सी आई सी आई बैंक प्रबंधन ने कोई कार्यवाई नहीं की है. "लाइव आर्यावर्त"को इस घट्न से आहत भुग्तभोगी बैंक ग्राहक रूचि अग्रवाल से मिली शिकायत की कॉपी के आधार पर हमने बैंक प्रबंधन से इस सन्दर्भ में स्पष्टीकरण जानना चाहा,जिसके जवाब में 23 जनवरी को बैंक ग्राहक सेवा ने जानकारी दी कि दर्ज शिकायत के सन्दर्भ में मामले में संज्ञान लेते हुए शिकायत का निपटारा कर दिया गया है.लेकिन रूचि अग्रवाल कहती हैं कि बैंक की तरफ से मिले जवाब से वे संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि उनकी शिकायत के आधार पर न तो सम्बंधित अधिकारी पर कार्यवाई की गयी ,न ही गलत ट्रांज़ैक्शन और आर्थिक क्षति तथा दुर्व्यवहार के लिए क्षमा मांगी गयी. रूचि ने इस सन्दर्भ में बैंक के शीर्ष प्रबंधन को पत्र लिखा है और आई सी आई सी आई  बैंक से सार्वजनिक माफी की मांग की है.

बिहार : भाकपा-माले ने किया केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा जमीन कब्जा मामले की जांच.

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  • पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद व खेग्रामस राज्य सचिव गोपाल रविदास ने किया घटनास्थल का दौरा.
  • गिरिराज सिंह की बर्खास्तगी की मांग पर 10 फरवरी को राज्यव्यापी विरोध दिवस.

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पटना 9 फरवरी 2018, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दानापुर में श्री रामनारायण राम की जमीन पर कब्जा जमाने व गिरिराज पर हुए मुकदमे के सिलसिले में भाकपा-माले की एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने आज घटनास्थल का दौरा किया. इस जांच टीम में पार्टी के पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, राज्य कमिटी सदस्य व खेग्रामस के राज्य सचिव काॅ. गोपाल रविदास तथा पटना नगर कमिटी के नेता काॅ. बीके शर्मा शामिल थे. जांच टीम ने पीड़ित श्री रामनारायण राम के घरवालों से मुलाकात करके पूरे मामले की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की. जांच टीम ने श्री रामनारायण राम की अनुपस्थिति में उनके पौत्र कार्तिक कुमार से बात की. जांच टीम को पता चला कि आजादी के पहले ही स्व. कोमल राम द्वारा बबक्करपुर में (आशोपुर के बगल का गांव) 2.66 एकड़ जमीन बालकुंवर देवी को उपहारस्वरूप प्रदान किया गया था. बालकुंवर देवी स्व. कोमल राम की नतिनी थीं. उनके चार पुत्र हैं - स्व. शिव प्रसाद, हरिनारायण राम, रामनारायण राम व श्याम नारायण राम. रामनारायण राम के तीन भाइयों ने अपनी जमीन बेच दी, जबकि रामनारायण राम सरकारी सेवा में थे और वह इलाका डूब क्षेत्र था, इसलिए वर्षों तक उन्होंने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया. हाल के दिनों में उन्हें पता चला कि तत्कालीन सीओ की मिलीभगत से उनकी जमीन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित अन्य 33 लोगों ने जबरन हथिया ली है तो उन्होंने थाने में मुकदमा किया. जमीन के कुछ हिस्से पर ब्लू व्हेल स्कूल व एक अपार्टमेंट खड़ा है. शेष परती जमीन है. रामनारायण राम के हिस्से कुल 77 डिसमिल जमीन है. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि इस प्रकरण ने साबित कर दिया है कि गिरिराज सिंह पूरी तरह भ्रष्ट हैं और सार्वजनिक पद पर बने रहने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का दिखावा करती है. अपने विरोधियों के दमन के लिए तो सीबीआई से लेकर हर प्रकार की स्वायत्त संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अपने मंत्रिमंडल में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती है. जांच टीम को यह भी पता चला कि स्थानीय थाना ने इस घटना के मामले में किसी भी प्रकार के संज्ञान लेने से इंकार कर दिया, तब जाकर श्री रामनारायण राम ने द्वितीय सत्र न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट पटना में गिरिराज सिंह सहित 33 लोगों पर प्रतिवाद पत्र दर्ज कराया. विदित हो कि श्री रामनारायण राम सरकारी नौकरी मंे थे. वे लंबे समय तब फूड इंसपेक्टर थे. माले ने कहा है कि जब सरकारी पदों पर बैठे हुए दलित समुदाय के लोगों के साथ भी ऐसा अत्याचार हो रहा है, तो भाजपा-जदयू सरकार में आम दलित-गरीबों की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. गिरिराज सिंह की बर्खास्तगी की मांग पर कल दिनांक 10 फरवरी को माले ने पूरे बिहार में विरोध दिवस आयोजित करने का फैसला किया है.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 09 फ़रवरी

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कृमिनाश्क गोलियां बच्चों को खिलाई गई

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विदिशा जिले में भी शुक्रवार को कृमिनाश्क दिवस का आयोजन किया गया था। इस दिन जिले के सभी शासकीय, अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं और आंगनबाडी केन्द्रों में दर्ज बच्चों को कृमिनाश्क गोली एल्बेण्डाजोल खिलाई गई है। जिला मुख्यालय पर उक्त कार्यक्रम शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला माधवगंज क्रमांक-दो में आयोजित किया गया था। यहां कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने स्कूली छात्र, छात्राओं को कृमिनाश्क गोलियां अपने हाथो से खिलाई। कलेक्टर श्री सुचारी ने स्कूली विद्यार्थियों से कहा कि वे साफ सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने भोजन के पूर्व और शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोने तथा नाखून काटने की सलाह दी। इससे पहले कलेक्टर श्री सुचारी ने बच्चों से संवाद स्थापित कर कृमिनाश्क गोली क्यों खिलाई जा रही है पर चर्चा की और बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से मन लगाकर पढाई करने की बात कही और शैक्षणिक कार्यो में कोई भी तकलीफ हो तो अविलम्ब जानकारी में लाएं। कलेक्टर श्री सुचारी को विद्यालय के विद्यार्थियों ने स्कूल प्रागंण में छात्रों के लिए शौचालय नही होने की जानकारी से अवगत कराया। कलेक्टर श्री सुचारी ने विद्यार्थियों को आश्वस्त कराते हुए कहा कि सात दिवस के भीतर शौचालय का कार्य पूर्ण कराया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर सिविल सर्जन सह अधीक्षक डाॅ संजय खरे, मेडीकल आफीसर डाॅ केएस अहिरवार, समेत अन्य ने भी बच्चों को कृमिनाश्क दवा अपने हाथो से खिलाई है।

राष्ट्रीय वयो श्री योजना के तहत शिविरों का आयोजन

जिले के ऐसे बीपीएलधारी वयोवृद्व जिनकी उम्र साठ वर्ष से अधिक है उन सभी को राष्ट्रीय वयो श्री योजना के अंतर्गत आठ प्रकार के सहायक उपकरणों के प्रदाय हेतु जिले के सभी विकासखण्ड एवं निकाय क्षेत्रों में एक साथ शिविरों का आयोजन किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने संबंधितों को निर्देश दिए है कि कार्य क्षेत्रों के बीपीएलधारी हितग्राही लाभांवित होने से वंचित ना हो जिन्हें राष्ट्रीय वयो श्री योजना का लाभ दिलाया जाना है। उन्होंने बताया कि शिविरों मेें प्रथम दृष्टया चिन्हांकन करने के लिए आयोजित शिविरों में सभी वयोवृद्वजनों की आंखो, दांतो, कानो के अलावा अस्थिबाधितों का परीक्षण चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा। निकाय एवं जनपदो के लिए संयुक्त राष्ट्रीय वयो श्री योजना के अंतर्गत आयोजित होने वाले शिविरों की जानकारी से अवगत कराया गया कि नियत स्थल एवं तारीख को शिविर प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगे। तदानुसार जनपद सिरांेज एवं निकाय सिरोंज का संयुक्त शिविर 16 फरवरी को, इसी प्रकार कुरवाई में 17 में, लटेरी में 18 को, बासौदा मंें 19 को, नटेरन में 20 को, ग्यारसपुर में 21 को तथा विदिशा जनपद पंचायत एवं नगरपालिका का संयुक्त शिविर 22 फरवरी को आयोजित किया गया है।

प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट 

अनुसूचित जाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को विशेष गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम  कौशल उन्नयन के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने एवं शासकीय तथा निजी क्षेत्रों के उपकरणों में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं उन्हें अवसर प्रदान करने के उद्वेश्य से मध्यप्रदेश कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट हुआ है। अन्त्यावसायी के जिला कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि विदिशा जिले में उक्त योजना के तहत जिले के 78 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न संस्थाओं में नियुक्त कराया गया है। तदानुसार नर्सिंग (हेल्थ केयर बेड साईड अटेण्डर) पर 32 प्रशिक्षणार्थी, बैंकिंग (बीएफएसआई) में 46 प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट हुआ है। 

नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज 

जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री बीबी शुक्ला के मार्गदर्शन में 10 फरवरी शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। उक्त लोक अदालत विदिशा के साथ-साथ तहसील स्तरीय न्यायालय बासौदा, सिरोंज, लटेरी एवं कुरवाई में एक साथ आयोजित की गई है। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अनीसउद्दीन अब्बासी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि लोक अदालत के लिए कुल 22 खण्ड पीठो का गठन किया गया है जिसमें विदिशा न्यायालय में दस, गंजबासौदा में छह, सिरोंज में तीन, कुरवाई में दो एवं लटेरी में एक खण्ड पीठ का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में जिले के न्यायिक न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से 710 फौजदारी, 145 चैक अनादर, 61 बैंको की ऋण वसूली से संबंधित, तथा 220 मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, 210 विद्युत चोरी, 112 वैवाहिक तथा 527 अन्य मामले सहित कुल 1985 प्रकरण समझौते हेतु रैफर्ड किए गए है। प्रीलिटीगेशन (मुकदमा पूर्व) के रूप में बैंको के ऋण वसूली से संबंधित 3653 प्रकरण, विद्युत अधिनियम के 5300 व जलकर से संबंधित 2610 प्रकरण सहित कुल 11563 प्रीलिटीगेशन हेतु रखे गए।  लोक अदालत ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा समझौता योग्य किसी भी मामले का निराकरण पूर्ण रूप से हो जाता है। यदि कोई प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किया जाता है तो उसकी अपील नही होती है। साथ ही न्याय शुल्क भी वापिस हो जाता है जिसके पक्षकारों के मध्य वैमन्स्य समाप्त होकर सदा के लिए विवाद का अंत होता है।

सफलता की कहानी : हस्तचलित उड़ावनी पंखा से होगा लाभ 

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किसानों के हितार्थ हेतु राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने गुरूवार को जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर में हितग्राहियों केा हस्तचलित उड़ावनी पंखा प्रदाय किए। ग्राम धमनौदा के दोनो हितग्राही श्री सुरेश पाल और श्री सेवाराम मीणा ने बताया कि हस्तचलित उड़ावनी पंखा उन्होंने राजगढ़ जिले में कार्य करते हुए देखा था। उसकी उपयोगिता से कम समय में ही उडावनी कर गेहूं और भूसा को अलग किया जा रहा था। छोटे किसानों के लिए हार्वेस्टर का काम कर रहा था। द्वय हितग्राही ने बताया कि उन्होेंने एक फरवरी को कृषि विभाग कार्यालय में जानकारी प्राप्त कर हस्तचलित उड़ावनी पंखा मुहैया कराए जाने हेतु आवेदन दिया था। हमें उम्मीद नही थी कि आठ दिन में हमारे हाथो में उपकरण आ जाएगा। राज्य सरकार द्वारा हमारे हाथो में उड़ावनी पंखा नही हार्वेस्टर सौंपा है। जिसका लाभ हमें मिलेगा और अन्य किसानों को देने का प्रयास करेगे। विभाग के अधिकारी ने बताया कि यंत्र की कीमत 4936 रूपए है जिसमें अनुदान 3702 रूपए का तथा कृषक अंश की राशि 1234 शामिल है। जिले में इस प्रकार के बड़ी साइज के उडावनी पंखा की मांग पहली बार प्राप्त हुई थी।  

सफलता की कहानी : छोटी बचत ने योजना का लाभ दिलाया

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आजीविका मिशन के तहत गांव में समूह का गठन कर उन्हें छोटी-छोटी बचत करने के उपायों और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से स्वरोजगारी कैसे बने की शिक्षा दी जा रही है। विदिशा तहसील के ग्राम छीरखेडा की श्रीमती ममता सक्सेना अपने दो बच्चों के साथ विषम परिस्थितियो में जीवनयापन कर रही थी। बारहवीं तक शिक्षित ममता को जब आजीविका मिशन के द्वारा समूह गठन और बचत की जानकारी दी गई तो वह मिशन से जुड़ी। ममता ने दस रूपए प्रति सप्ताह की बचत करना शुरू किया और समूह से पांच हजार रूपए की मदद लेकर सिलाई मशीन खरीदी और गांव में सिलाई का काम करने लगी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ने ममता के सपनों को साकार किया है। ममता की मेहनत का परिणाम रहा कि बैंक द्वारा एक लाख रूपए का ऋण किराना स्टोर चलाने हेतु मुहैया कराया गया है। हितग्राही ने गांव में ही किराना स्टोर खोला जहां हर रोज बच्चों से लेकर बुजुर्ग आवश्यक सामग्री खरीदने आने लगे और हितग्राही को किराना स्टोर से लाभ होने लगा। हितग्राही ममता ने बताया कि आजीविका मिशन का सहयोग परिवार के लिए सहारा बना।
  
त्रुटि में सुधार आॅन लाइन 28 तक

माध्यमिक शिक्षा मण्डल के द्वारा कक्षा नवमीं के नामांकन आवेदन में त्रुटिसुधार के लिए आॅन लाइन सुविधा 28 फरवरी तक उपलब्ध कराई गई है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने बताया कि संस्था के प्राचार्य के माध्यम से नामांकन कार्य में त्रुटिसुधार में संशोधन आॅन लाइन नियत अवधि तक किया जाएगा। इसी प्रकार कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होेने वाले नियमित एवं स्वाध्यायी छात्रों को संस्था प्राचार्य के माध्यम से आॅन लाइन संशोधन प्रवेश पत्र जारी होने के उपरांत 28 फरवरी तक संशोधन की सुविधा मुहैया कराई गई है। जैसे की छात्र का नाम, माता, पिता के नाम में स्पेलिंग त्रुटि, सरनेम मे संशोधन, जन्मतिथि, फोटो संशोधन, विषय परीक्षा के माध्यम में संशोधन इत्यादि उपलब्ध रहेगा। 

नीलामी 15 को

जिले की भांग एवं भांग घोंटा फुटकर बिक्री की दुकानों के लायसेंस पृथक-पृथक अथवा समूह में वर्ष 2018-19 के लिए आमंत्रित टेण्डरों का निष्पादन कार्य 15 फरवरी को कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से किया जाएगा। टेण्डर प्रक्रिया में शामिल होने के इच्छुकगण 15 फरवरी की प्रातः 11 बजे तक अपने टेण्डर जिला आबकारी कार्यालय में जमा करा सकते है। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला आबकारी कार्यालय विदिशा से एवं कार्यालयीन दूरभाष क्रमांक 07592-232818 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 फ़रवरी

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सफलता की कहानी : स्वच्छ भारत का मजबूत इरादा के चलते सीईओ ने किया शौचालय का टेंक साफ, सफल रहे जनजागृति लाने मे
 
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सीहोर जिला मुख्यालय से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गाँव  जहांगीरपुरा समय दोपहर का ,मंगलवार 12दिसम्बर2017को पूजा के घर पर गाँव को स्वच्छ रखने के लिए कचरा प्रंबधन की बैठक चल रही है;बीस से अधिक ग्रामीण महिलाएं उपस्थित हैं,सभी सहमत हैं कचरा -कचरा एकत्रित करने वाले भैया को ही दिया जाएगा घर के बाहर/घूड़े पर नहीं डालेंगे, साथ ही पूरे गाँव को भी इसके लिए जागरूक करेंगे क्योंकि गंदगी ही बीमारी की जड़ है। बैठक मे ही उपस्थित चँदा बाई ने अपनी समस्या बताते हुए कहा मेरे घर लगभग ग्यारह साल पहले बने शौचालय का गड्ढा पिछले एक साल से भर  गया है पंचायत को भी बताया था किन्तु उन्होंने भी नया गड्ढा बगल मे ही बना दिया है,इससे शौचालय तो चालू है पर पुराना भरा गड्ढा....... मिट्टी छाप दूँ क्या.....?उपस्थित महिलाओं ने सलाह दी स्वयं ही साफ करलो....चँदा बाई ने नाक-भौं सिकोड़ते इन्कार किया।  समस्या चलते-चलते मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत (अपर कलेक्टर) डा.केदार सिंह तक पहुंची।स्वच्छ भारत का मजबूत इरादा रखने वाले डा.सिंह ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और इसके बहुआयामी दुष्प्रभाव को देखते हुए विचार किया कि *केवल शौचालय बनाने से ही स्वच्छ भारत नहीं बनेगा लोगों की सोच भी बनानी होगी।*  वे इस बात से भलीभाँति अवगत थे कि सन्1998,99तथा2005मे भी कई हितग्राहियों के यहाँ शौचालय निर्माण हुए थे जो भर गये होंगे या भरने की कागार पर होंगे।उन्होंने ठाना लोगों की भ्रांतियां दूर करनी होगी, मै अपनी टीम के साथ स्वयं इस गड्ढे को खाली करुंगा।  डा. केदार सिंह के नेतृत्व मे 28जनवरी2018को सीईओ जनपद,ब्लाक क्वाडिनेटर समग्र स्वच्छता, समर्थन के सदस्य और यैलो गैंग उपस्थित है ,जहांगीरपुरा मे चँदा बाई के शौचालय के भरे हुए टेंक के पास.....पूरे गाँव मे कौतूहल का माहौल...इतने बडे-बडे अधिकारी मानव मल से भरा गड्ढा साफ करेंगे वो भी बिना किसी सफाई कर्मी को साथ लिए। डा.सिंह के निर्देश पर अनिरुद्ध गड्ढे से पट्टियां हटाते हैं ...आसपास खडी भीड मुंह पर रुमाल रख दूर हो जाती है...छतों से नजरा देख रहे बच्चे और महिलाएं नाक-भौं सिकोड़ते दिखाई देते हैं.....डा. सिंह चँदा बाई से मजाक मे पूछते हैं कितने रुपये दोगी...चँदा हतप्रभ... आश्चर्यचकित..किंकर्तव्यविमूढ़... निशब्द... उत्तर का इन्तजार किये बिना फावड़ा और तगारी लिए डा.सिंह गड्ढा साफ करने जुट जाते हैं लोकसेवक की परिभाषा को नवीन आयाम देते ....अपशिष्ट को हाथ मे लेकर लोगों को दिखाते हैं देखो यह तो खाद हो गया...न तो बदबु है और न ही गंदा...फिर तो जनपद सीईओ दिलीप जैन,ब्लाक समन्वयक ब्रजमोहन, समर्थन की संतोषी तिवारी सीमा,अनिरुद्ध, येलो गैंग के सदस्यों और खुद चँदा बाई तथा उनके परिजनों ने कुछ ही मिनिटों मे गड्ढा साफ कर दिया। गड्ढे से निकले खाद को डा. सिंह ने चार सौ रुपये नगद देकर खरीदा और पंचायत सामुदायिक वृक्षारोपण मे लगे सौ से अधिक पौधों मे डाला। लोगों को स्वच्छता हेतु प्रेरित करने के लिए इस पूरी गतिविधि का दस्तावेजीकरण(फोटो,वीडियोग्राफी)आदि कराया गया है ताकि सभी पंचायतों मे दिखाया जा सके कि यह बुरा नहीं अच्छा काम है। 1996बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डा. केदार सिंह अपनी पदस्थापना के दौरान जहाँ भी रहे अपनी अनूठी कार्यशैली से पहचाने गये। पूछने पर सहज मुसकान के साथ कहते हैं लोकतंत्र तभी सार्थक होगा जब जनता जागरूक होगी.शासन की योजनाएं... सभी कल्याणकारी कार्यक्रम तभी सफल होंगे जब जनता सक्रियता से साथ होगी।

विधायक श्री सुदेश राय ने एल्बेंडाजाॅल की गोली खिलाकर किया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सीहोर विधायक श्री सुदेश राय ने लुर्दमाता स्कूल के बच्चों को एल्बेंडाजाॅल की गोली खिलाकर समारोहपूर्वक आज शुभारंभ किया। कृमिनाशन दिवस के शुभारंभ अवसर को संबोधित करते हुए विधायक श्री राय ने कहा कृमिनाशन से संपूर्ण स्वास्थ्य पोषण स्तर, एनीमिया की रोकथाम, बौद्धिक विकास तथा शालाओं की उपस्थिति में सुधार देखा गया है। विधायक श्री राय ने कहा 1 गोली चबाकर सेवन कराने से बच्चों को कृमिमुक्त कर सकते हैं। इस अवसर पर लूर्दमाता विद्यालय के करीब 1410 बच्चों ने गोली खाकर कृमिमुक्ति दिवस का आगाज किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसपी त्रिपाठी, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.के.चंदेल, सिविल सर्जन डाॅ.ए.ए.कुरैशी, विद्यालय के प्रबंधक फादर श्री अजय एक्का, प्राचार्य सुश्री सिस्टर टेस्सी, शहरी टीकाकरण अधिकारी डाॅ.दिलीप चैरसिया एवं मेडिसिन विशेषज्ञ डाॅ.आरके वर्मा सहित बडी संख्या में विद्यालय का स्टाफ एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर अध्ययनरत छात्रों ने उत्साहपूर्वक राष्ट्रगीत, स्वागत गीत की प्रस्तुति दी तथा देशभक्ति गीतों पर मनमोहक नृत्य भी प्रस्तुत किया। कृमिनाशन गोली एल्बेंडाजाॅल खाने के लिए सभी छात्रों में खासा उत्साह था। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती कामीनी राठौर द्वारा किया गया। विद्यालय के बेंड दल द्वारा शानदार धून बजाकर ट्रामा सेंटर से अतिथियों केा कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डीआर अहिरवार ने बताया कि आज स्कूल समय में प्रायमरी, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं में यह आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। डाॅ.अहिरवार ने बताया कि संपूर्ण सीहोर जिले में करीब 5 लाख 60 हजार 639 बच्चों किशोर/किशोरियों कांे एल्बेंडाजाॅल की गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें आष्टा से 1 लाख 62 हजार 812 बच्चे,बुदनी 58 हजार 842,इछावर 67 हजार 819,नसरूल्लागंज 92 हजार 143 तथा सीहोर में 1 लाख 79 हजार 3 बच्चों तथा किशोरों को एल्बेंडाजाॅल गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आज आयोजित शुभारंभ समारोह में जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.के.चंदेल ने संबोधित करते हुए कहा कि 1 से 2 वर्षीय बच्चों को एल्बेंडाजाॅल की आधी गोली(200 मि.ग्रा.) तथा 2 से 19 वर्षीय बच्चों को एल्बेंडाजाॅल की 1गोली (400 मि.ग्रा.) का सेवन शिक्षक/आंगनबाडी की उपस्थिति में कराई जाएगी। कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.टीआर उइके,जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री धीरेन्द्र आर्य,जिला मीडिया सलाहकार श्री शैलेश कुमार,अस्पताल प्रबंधक श्रीमती संजूलता भार्गव, डिप्टी एमईआईओ सुश्री उषा अवस्थी, मूल्यांकन अधिकारी श्री नीलेश गर्ग, जिला लेखा अधिकारी श्री रमाकांत द्विवेदी, मेट्रन टेªसा सिस्टर, डीसीएम श्रीमती वंदना कुशवाहा, शहरी स्वास्थ्य से श्री हरिओम मेवाड़ा सहित समस्त स्कूल स्टाफ का विशेष योगदान रहा। 

विभागीय अधिकारियो/जनप्रतिनिधियों द्वारा  अतिकम वजन के बच्चों को गोद लिया गया  

कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथौड़े के निर्देशानुसार जिला स्तर पर महिला एवं  बाल विकास तथा महिला सशक्तिकरण की संयुक्त विभागीय समीक्षा बैठक में महिला बाल विकास विभाग की लाडली लक्ष्मी योजना विशेष वजन अभियान, लालिमा अभियान, सी.एम. हेल्पलाईन, पोषण आहार वितरण, उदिता अभियान, ई-निरीक्षण सहित सभी विभागीय योजनाओ की समीक्षा की गई। विगत समीक्षा बैठक 21 दिसम्बर.2017 को जिले में चिन्हित अतिकम वजन के 1500 बच्चों को विभिन्न विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों/ सरपंच/सचिव आदि को उनकी सहमति व स्वेच्छा अतिकम वजन के बच्चों कीे देखभाल तथा परामर्श हेतु गोद दिये जाने हेतु निर्देश दिये गये थे। अभिभावको से गृहभेंट कर देखभाल एवं परामर्श द्वारा इन बच्चों के वजन में वृद्धि तथा शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु चिन्हित अनुसार प्रतिमाह ग्राम में भ्रमण पर अपने दायित्वों के अलावा समय निकालकर ऐसे बच्चों के कुपोषण को दूर करने के प्रयास करेंगें जिससे कि जो बच्चें अतिकम वजन में है वे पूरी तरह से स्वस्थ होकर समाज में एक स्वस्थ पीढी का नेतृत्व कर ग्राम के अपने क्षेत्र के विकास में सहयोगी सहायक सिद्ध होगें इस हेतु सीहोर जिले की 09 परियोजनाओ में गोद लेने वाले अधिकारी/कर्मचारियों में, पटवारी, उपयंत्री, कृषि विस्तार अधिकारी, थाना प्रभारी, मण्डी सचिव, वन विभाग एवं पशु विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों, शिक्षक एवं जनप्रतिनिधि/समाज सेवक आदि शामिल है का एक स्वस्थ्य समाज बनाने के प्रयास में आंशिक योगदान भी होगा ऐसी जिला प्रशासन की मंशा है तथा सीहोर जिले को शत-प्रतिशत कुपोषण से मुक्त करने के प्रयास भी सफल होगें। इस समीक्षा बैठक में श्री संजय प्रताप सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी, श्रीमती रंजिता पटेल, महिला सशक्तिकरण अधिकारी, सहायक संचालक, समस्त परियोजना अधिकारी व विकासखण्ड अधिकारी उपस्थित रहें। 

अग्रिम कर एवं अन्य आयकर प्रावधानों सेमिनार संपन्न

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श्री ए0 आर0 रेवार,  संयुक्त आयकर आयुक्त, परिक्षे़त्र-3, भोपाल, एवं श्री डी0 के0 गुंटीवार, आयकर अधिकारी श्री आर0 एन0 सिंह, आयकर अधिकारी एवं श्री आर0 एस0 सिसोदिया, आयकर निरक्षक ने आज दिनांक 09/02/2018 को दोपहर 4.00 बजे  आयकर कार्यालय, सीहोर में अग्रिम कर, अन्य आयकर प्रावधानों एवं आयकर के कर विस्तार संबंधित विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें सीहोर षहर के सभी सम्मानीय व्यापारीगण एवं करदाता  ने उपस्थित होकर अग्रिम कर एवं अन्य जिज्ञासाओं पर अपने विचार माननीय श्री ए0 आर0 रेवार,  संयुक्त आयकर आयुक्त, परिक्षे़त्र-3, भोपाल, एवं श्री डी0के0गुंटीवाऱ,आयकर अधिकारी सीहोर एवं श्री आर0एन0 सिंह आयकर अधिकारी,रायसेन के साथ साझा किया  तथा व्यापारीगण एवं करदाता  द्वारा पूछे गये सवालों को  दूर किया गया। अंत में मंचासिन गणमान्य अधिकारीयों का आयकर कार्यालय सीहोर के आयकर निरीक्षक श्री आर0एस0सिसोदिया ने सभी पधारे व्यापारीगण एवं करदाताओ  का आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की। इसी तरह भोपाल कार्यालय की श्रीमती भावना सिंह, आयकर उपायुक्त, सीहोर के श्री डी0 के0 गुंटीवार, आयकर अधिकारी, श्री आर0 एन0 सिंह, आयकर अधिकारी रायसेन एवं श्री आर0 एस0 सिसोदिया, आयकर निरीक्षक,सीहोर ने आज दिनांक 09/02/2018 को दोपहर 12.10 बजे स्वामी विवकेानंद कालेज, सीहोर में आयकर जागरूकता एवं स्कूल में विघार्थियों को आयकर कार्य प्रणाली संबंधित विषयों पर सेमिनार आयोजित किया जिसमें कालेज के संस्थापक श्री हरीष राठौर, प्रिंसिपल, प्राचार्य एवं स्कूल के षिक्षिका/ षिक्षिक एवं विघार्थि उपस्थित हुये तथा उन्हंे आयकर संबंधित जानकारी पावर प्रेजेन्टेषन द्वारा दिया गया तथा आयकर संबंधित जानकारी पेन, आय के स्त्रोत, सर्वे धारा 133।/तालाषी  एवं जप्ती कार्यवाही धारा 132 के प्रावधानों एवं पेपर फाइलिंग/म्.थ्पससपदह तथा आायकर के कठोर नियम, षास्ति एवं अभियोजन संबंधित अनेक जानकारियों से अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया तथा विघार्थियों एवं षिक्षिको द्वारा पूछे गये सवालों/जिज्ञासा को  दूर किया गया ।  अंत में मंचासिन गणमान्य आयकर अधिकारीयों का कालेज के संस्थापक श्री हरीष राठौर ने आभार व्यक्त किया ।

मधुबनी : इंटरमीडिएट परीक्षा में चौथे दिन 521 छात्र रहे अनुपस्थित

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मधुबनी, 09,फरवरी, , इंटरमीडिएट परीक्षा-2018 के चौथे दिन शुक्रवार को जिले में प्रथम पाली में कुल 23149 परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। जिसमें से प्रथम पाली में 22699 परीक्षार्थी उपस्थित हुए, 450 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।  द्वितीय पाली में कुल 5806 परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। जिसमें से 5735 परीक्षार्थी उपस्थित हुए, 71 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। जिले में चैथे दिन भी परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। 

मधुबनी : जयनगर के टेढ़ा गाँव का दीपक पीयू में कर रहा है जिले को रोशन

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  • जयनगर के टेढ़ा गाँव निवासी दीपक कुमार यादव पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2018 में लड़ रहे हैं चुनाव, कर रहे मधुबनी जिले का नाम रोशन।


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जयनगर (सुरेश गुप्ता) जयनगर के कोरहिया पंचायत अंतर्गत टेढ़ा गाँव के निवासी पूरन यादव के पुत्र दीपक पटना यूनिवर्सिटी के दरभंगा हाउस से कॉलेज/यूनिवर्सिटी प्रत्याशी के रूप में छात्र राजद की ओर से छात्रसंघ चुनाव 2018 में उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। पटना विवि में छात्रसंघ चुनाव 18 फरवरी 2018 को निर्धारित है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पटना विश्वविद्यालय की देशभर में ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप मेंअलग पहचान है, अलग साख है और हो भी क्यों न, यह भारतीय उपमहाद्वीप के 7 पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। इस विश्विद्यालय का छात्र होना ही गौरव की बात होती थी, आज भले ही गुणवत्ता और साख में उल्लेखनीय कमी आयी हो, फिर भी इसका अलहदा महत्व है। पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस, विभिन्न विभागों, पटना कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, बिहार नेशनल कॉलेज की आज भी राज्य में सर्वाधिक प्रतिष्ठा है। बिहार में आज के अधिकतर विधायक, सांसद, मंत्री इसी विश्विद्यालय से रहे हैं। पटना विश्विद्यालय में छात्रसंघ चुनाव 2012 के बाद 6 वर्षों के अंतराल पर लिंगदोह कमिटी के आधार पर 2018 में हो रहा है। विभिन्न छात्र संगठनों ने अपने उद्देश्यों के साथ इस लड़ाई को रोचक बना दिया है। पिछली बार 2012 में यहाँ चुनाव हुए थे, तब 1984 के 28 वर्षों बाद चुनाव से छात्रों में एक आशा जगी थी, लेकिन सरकार की उदासीनता से फिर यह निरन्तर नहीं हो पाया। दीपक कुमार पढ़ाई, अनुशासन, उपस्थिति हरेक मायनों में अपने विभाग में बेहतरीन रिकॉर्ड कायम किये हुए हैं, इनके इन्हीं गुणों के आधार पर छात्र राजद ने इस चुनाव में दरभंगा हाउस से कॉलेज काउंसेलर हेतु अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राजद की स्क्रीनिंग कमिटी को स्वच्छ छवि के निरन्तर और पढ़ाई में होशियार, जागरूक छवि के उम्मीदवार की तलाश थी, जो दीपक कुमार के जरिये उनकी खोज पूरी हुई।

कौन हैं दीपक कुमार?
जयनगर के कोरहिया पंचायत अंतर्गत टेढ़ा(हनुमाननगर के बगल में) गाँव निवासी पुरन यादव के पुत्र दीपक कुमार बचपन से ही मृदु स्वभाव और मिलनसार छात्र रहे हैं। वर्तमान में पटना यूनिवर्सिटी के दरभंगा हाउस से राजनीति शास्त्र में परास्नातक की पढ़ाई कर रहे दीपक ने मैट्रिक बासोपट्टी हाई स्कूल से 2009 में, इंटरमीडिएट मधुबनी से 2011 में और मधुबनी के डीएनवाई कॉलेज से 2015 में राजनीति शास्त्र विषय से स्नात्तक प्रतिष्ठा की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं।

न्यायालय ने मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधनों पर दिल्ली सरकार और डीडीए से पूछे सवाल

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नयी दिल्ली, नौ फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण को उसे इस तथ्य से अवगत कराने का निर्देश दिया कि क्या दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 मे संशोधन का प्रस्ताव करने से पहले इसके पर्यावरण प्रभाव के पहलू का कोई अध्ययन किया गया है। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण और स्थानीय प्राधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मास्टर प्लान में संशोधन का प्रस्ताव करते समय यदि इमारतों की सुरक्षा, यातायात की भीड़, पार्किंग और नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता आदि के पहलुओं पर यदि गौर किया गया हो तो उसका पूरा विवरण हलफनामे में देना होगा। पीठ ने 2007 से दिल्ली में प्रदूषण स्तर के बारे में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के पास उपलब्ध आंकडों से भी उसे अवगत कराने का निर्देश दिया है। पीठ ने न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति की इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है कि दिल्ली में सीलिंग अभियान के दौरान शाहदरा जोन में विधायक ओ पी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता ने उनके सदस्यों के कार्यो में बाधा डाली। पीठ ने शर्मा और गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों नहीं उनके विरूद्ध समिति के कामकाज में हस्तक्षेप करने की वजह से अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाये। शीर्ष अदालत ने इन दोनों को सुनवाई की अगली तारीख पर न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया। इस मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि निगरानी समिति के सदस्यों के लिये समुचित सुरक्षा सुनिश्चत की जाये ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।  राजधानी में फिर से शुरू हुये सीलिंग अभियान से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर कारोबारियों को राहत प्रदान करने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2021 में संशोधन करके इमारत के एफएआर क्षेत्र को उस भूखण्ड के आकार का करने का प्रस्ताव किया था जिस पर उसका निर्माण हुआ है। न्यायालय ने इससे पहले दिल्ली में गैरकानूनी निर्माण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुये टिप्पणी की थी कि इमारतों के निर्माण के लिये मंजूरी से संबंधित कानून का शासन पूरी तरह चरमरा गया है। न्यायालय ने 2006 में गठित निगरानी समिति को बहाल करते हुये उसे अनधिकृत निर्माण वाली इकाईयों की पहचान करके उन्हें सील करने का निर्देश दिया था।

भाजपा के नेता की तरह बोलते हैं मोदी : कांग्रेस

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अगरतला, नौ फरवरी, नरेंद्र मोदी की ओर से त्रिपुरा की वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंकने के आह्वान के एक दिन बाद कांग्रेस ने आज उन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री की तरह नहीं, भाजपा के नेता की तरह बोलते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और त्रिपुरा मामलों के प्रभारी महासचिव सी पी जोशी ने मोदी पर पलटवार करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री की तरह नहीं बल्कि भाजपा के नेता की तरह बात की।’’ मोदी ने कल सिपाहीजाला जिले के सोनामुरा और उनाकोटी जिले के कैलाशहर में रैली की थी। सिपाहीजाला में मोदी ने लोगों से अपील की, ‘‘आगामी चुनाव में माणिक (सरकार के शासन) को उखाड़ फेंके और राज्य की समृद्धि एवं विकास के लिए ‘हीरा’ को अपनाएं।’’ मोदी ने स्पष्ट किया कि ‘हीरा’ का मतलब एच से हाईवे (राजमार्ग), आई से इंटरनेट वे, आर से रोडवेज (सड़क) और ए से एयरवेज (विमान सेवा) है। जोशी ने कहा कि कांग्रेस त्रिपुरा में पहली बार किसी पार्टी से चुनावी तालमेल किए बगैर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले के चुनावों में हमने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया, लेकिन इस बार हम अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। हम चुनावों में माकपा और भाजपा के खिलाफ भरपूर प्रयास करेंगे।’’ जोशी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 16 फरवरी को यहां रैली करेंगे, लेकिन कार्यक्रम का ब्योरा अभी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों तक अपनी पहुंच कायम करने के लिए कांग्रेस बड़ी-बड़ी रैलियां नहीं करेगी बल्कि छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करेगी। पार्टी में फूट और पूर्व कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर जोशी ने कहा, ‘‘भाजपा में शामिल हुए लोगों में नैतिकता नहीं है। उतार-चढ़ाव तो राजनीति का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि कांग्रेस फिर से उभर कर सामने आएगी और देश की राजनीति पर वर्चस्व कायम करेगी।’’

उत्तर प्रदेश : विधायक के वाहन की चपेट में आकर छात्र की मौत

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जौनपुर, नौ फरवरी, मड़ियाहूं थानाक्षेत्र के उन्चनी कला गांव के पास आज एक विधायक के वाहन की चपेट में आकर बाइक सवार एक छात्र की मौत हो गयी ।  पुलिस ने बताया कि वाहन मड़ियाहूं की विधायक लीना तिवारी  का था, जिसकी चपेट में आकर हाईस्कूल के छात्र की मौत हुई । पुलिस अधीक्षक :नगर: अनिल पांडेय ने बताया कि कैलावर गांव निवासी शुभम यादव :16: हाईस्कूल का छात्र था। आज वह पहली पाली में रामदयालगंज बाजार स्थित महाराणा प्रताप इण्टर कालेज में परीक्षा देने के बाद अपने एक रिश्तेदार के घर पर रुक गया।  पांडेय ने बताया कि उसके बाद बाइक से वह घर के लिए निकला था। जैसे ही वह उंचनी कला गांव के पास पहुंचा कि तभी विपरीत दिशा से आ रहे विधायक के वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। शुभम की मौके पर ही मौत हो गयी।  उन्होंने बताया कि हादसे के बाद वाहन पर सवार विधायक पुत्र सात्विक तिवारी, उनके चार साथी और चालक वाहन छोड़कर फरार हो गये । उधर, आक्रोशित गांववालों ने उनके वाहन को तोड़ डाला और सड़क जाम कर दी ।
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