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अशोक चौधरी का गुट कांग्रेस से हुआ अलग, जदयू में होंगे शामिल

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पटना 28 फरवरी, बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत चार विधान पार्षदों ने आज कांग्रेस से नाता तोड़कर सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल होने का फैसला ले लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि श्री चौधरी के साथ विधान पार्षद् रामचन्द्र भारती, दिलीप कुमार चौधरी और तनवीर अख्तर ने कांग्रेस छोड़कर जदयू में शामिल होने का फैसला लिया है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा श्री चौधरी साढे़ आठ बजे संवाददाता सम्मेलन में करेंगे। सूत्रों ने बताया कि श्री भारती ने परिषद् के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद को दल में टूट के संबंध में पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। हालांकि कार्यकारी सभापति ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। विधान परिषद् में कांग्रेस के कुल छह सदस्य थे जिसमें श्री अशोक चौधरी, श्री रामचन्द्र भारती, दिलीप चौधरी और तनवीर अख्तर के अलग होने के बाद अब श्री मदन मोहन झा और राजेश राम ही पार्टी के दो सदस्य रह जायेंगे ।

पीएनबी घोटाला में नीरव मोदी का जांच में सहयोग से इन्कार

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी, कम से कम 11 हजार 400 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच में सहयोग से इन्कार कर दिया है। सीबीआई सूत्रों ने आज यहां बताया कि नीरव को इस घोटाला मामले में जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया था, लेकिन नीरव मोदी ने अपनी कामकाजी व्यस्तता का हवाला देते हुए पेश होने में असमर्थता जताई है। इसके बाद एजेंसी ने मोदी को और अधिक कड़ा पत्र जारी करके अगले सप्ताह उसके समक्ष पेश होने को कहा है। एक पत्र में सख्त लहजे में सीबीआई ने नीरव मोदी को निर्देश दिया है कि वह जिस देश में है, वहां भारतीय दूतावास से संपर्क करे, जिससे उसकी भारत यात्रा के लिए व्यवस्था की जा सके। सीबीआई ने नीरव मोदी से यह भी कहा है कि किसी भी आरोपी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाने पर पेश होना अनिवार्य है।  उधर, सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी के मुख्य प्रबंधक स्तर के अधिकारी एवं आंतरिक मुख्य अंकेक्षक एमके शर्मा को गिरफ्तार किया है। पीएनबी घोटाला मामले में बैंक के किसी अंकेक्षक की पहली गिरफ्तारी है। इन पर बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा की प्रणालियों और कामकाज के तौर-तरीकों की आॅडिट की जिम्मेदारी थी। इसी शाखा से साख पत्र (एलओयू) जारी किये गये, जिससे नीरव मोदी ने अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लिया।

बिहार : राजग से नाता तोड़ मांझी महागठबंधन में शामिल

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पटना 28 फरवरी, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आगामी उप चुनाव से पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बड़ा झटका देते हुये आज राजग से नाता तोड़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस नीत महागठबंधन में शामिल होने की औपचारिक घोषणा कर दी। श्री मांझी ने यहां राजद के युवा नेता एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, “मुझे खुशी है कि उनकी पार्टी हम (सेक्युलर) के जिला अध्यक्षों और कोर कमेटी के फैसले के मद्देनजर हम ने महागठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है। मुझे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं राजद के अन्य नेताओं की उपस्थिति में राज्य के दलितों, महादलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और वंचितों के हित में आज से महागठबंधन का घटक बनने की खुशी है।” हम के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में जब से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग की सरकार बनी है तबसे प्रदेश के गरीबों का बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “जब श्री कुमार के सामने नशाबंदी और बालूबंदी से गरीबों लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया तो उन्होंने हमारा मजाक उड़ाया। शराबबंदी के कारण 80 से 90 हजार लोग जेल में बंद है, जिनमें से 99 प्रतिशत गरीब हैं। इससे उनके बच्चे भूखे मर रहे हैं। इसी तरह बालूबंदी से गरीब मजदूरों का रोजगार तो छिना ही विकास के कार्य भी ठप पड़ गये। वहीं, इस सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। साथ ही महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। इन मामलों पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।” श्री मांझी ने आज सुबह राजग से नाता तोड़ने का ऐलान करने के बाद उन्हें मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा संपर्क किये जाने की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं हैं। भाजपा के किसी नेता से उनका पिछले एक सप्ताह से कोई संपर्क नहीं हुआ है।

बिहार : अशोक चौधरी गुट कांग्रेस छोड़ जदयू में हुआ शामिल

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पटना 28 फरवरी, बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत चार विधान पार्षद आज कांग्रेस से नाता तोड़कर सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गये। श्री चौधरी ने विधान पार्षद् रामचन्द्र भारती, दिलीप चौधरी और तनवीर अख्तर के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस में पिछले छह माह से उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हो रहा था जिसके कारण उनके साथ तीन अन्य विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ने और जदयू में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि आज ही वह तीनों विधान पार्षदों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे और उन्हें अपने फैसले की जानकारी देते हुए आग्रह किया था कि वे उनके साथ आये विधान पार्षदों को अपनी पार्टी में जगह दें। पूर्व मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके आग्रह को स्वीकार कर लिया, इसके लिए वह उनके शुक्रगुजार हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद शाम करीब पांच बजे विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद को कांग्रेस में टूट के संबंध में पत्र लिखकर अवगत करा दिया और अलग हुए विधान पार्षदों को विधान परिषद् में जदयू के सदस्य के तौर पर मान्यता देने का अनुरोध किया।गौरतलब है कि विधान परिषद् में कांग्रेस के कुल छह सदस्य थे। इनमें से चार विधान पार्षदों के जदयू में शामिल हो जाने के बाद अब श्री मदन मोहन झा और राजेश राम ही कांग्रेस के दो सदस्य रह गये हैं।

बिजली, आवास, नमोकेयर, फसल डेढ़ गुना एमएसपी को मिशन मोड में लागू करेगी भाजपा

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power-housing-nomocare-and-crop-related-schemes-will-be-implemented-in-bjp-ruled-statesनयी दिल्ली 28 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व ने पार्टी शासित 19 राज्यों में आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना के क्रियान्यन के लिए मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों को जी जान से जुटने का आज आह्वान किया तथा किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान की रूपरेखा तैयार करने और देश में संसद से लेकर पंचायत तक सारे चुनाव एक साथ कराने के लिए जनजागृति अभियान चलाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक हुई जिसमें असम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, मणिपुर, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री तथा जम्मू कश्मीर, बिहार, उत्तरप्रदेश एवं गुजरात के उपमुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ सके। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज, भाजपा के संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव भूपेन्द्र यादव भी उपस्थित थे। बैठक में प्रारंभिक चर्चा के बाद श्री यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में सुशासन के फल को जनता के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचाने के उपायों पर चर्चा हुई जिसमें केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की सामाजिक कल्याण की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ साथ लोकतंत्र की मज़बूती के लिए लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के बारे में भी विचार विमर्श किया गया। इनके अलावा देश के सर्वाधिक पिछड़े सौ जिलों में विकास को तेज करने के बारे में चर्चा हुई। डॉ. सिंह ने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने राज्याे में विभिन्न योजनाओं के तय समय सीमा के अंदर क्रियान्वयन के लिए लक्ष्य निर्धारित करके उन्हें पूरा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के जिम्मेदार होते हैं। इसलिए राज्य सरकारों के साथ उनके क्रियान्वयन के बारे में परामर्श एवं प्रोत्साहन जरूरी है।

बॉलीवुड की चांदनी पंचतत्व में विलीन

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मुंबई 28 फरवरी, बॉलीवुड की चांदनी श्रीदेवी आज पंचतत्व में विलीन हो गयीं। उनके असंख्य चाहने वालों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदायी दी। तमिलनाडु से आए पंडितों ने विले पार्ले सेवा समाज श्मशानगृह में अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करवाईं। श्रीदेवी के पति बोनी कपूर ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर श्रीदेवी की दोनों पुत्रियां जाह्नवी और खुशी समेत पूरा कपूर परिवार तथा बॉलीवुड की अनेक नामचीन हस्तियां मौजूद थी। पद्श्री से सम्मानित श्रीदेवी को राजकीय सम्मान के विदायी दी गयी। शमशानगृह के बाहर मौजूद भारी भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बहुत से लोगों को पुलिस ने शमशानगृह के भीतर नहीं जाने दिया। अपनी साथी कलाकार को अंतिम विदायी देने मशहूर बॉलीवुड कलाकारों के साथ ही राजनीति और उद्योगजगत की महत्वपूर्ण हस्तियां वहां मौजूद थी। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, अनिल अंबानी , शबाना आजमी, जावेद अख्तर , सुष्मिता सेन, ऐश्वर्य राय बच्चन, कमल हासन, रिषी कपूर, माधुरी दीक्षित, सोनम कपूर (श्रीदेवी की भतीजी), तबू, काजोल, सुनील शेट्टी, प्रसून जोशी, लॉरा दत्ता, महेश भूपति, फरदीन खान, डैनी, दीया मिर्जा, शक्ति कपूर, मीका सिंह ने नम आंखों से श्रीदेवी को विदायी दी।  इससे पहले यहां सेलेब्रेशन स्पोर्ट क्लब से श्रीदेवी की अंतिम यात्रा शुरू हुयी। दुल्हन की तरह सजायी गयी श्रीदेवी के श्वेत पुष्पों से सुसज्जित वाहन को विले पारले के श्मशान गृह के लिए रवाना किया गया। वाहन में बोनी कपूर , बेटी जाह्नवी, श्रीदेवी के देवर अनिल और संजय कपूर के अलावा बोनी के पुत्र अर्जुन कपूर भी सवार थे। करीब पांच दशकों से बॉलीवुड एवं दक्षिण भारतीय फिल्मों में अपनी शोख और गंभीर भूमिकाओं की बदौलत दर्शकों और प्रशंसकों के दिलों में घर कर चुकी रूप की रानी की उपमा से भी अलंकृत श्रीदेवी के अंतिम दर्शन के लिए कर्नाटक और चेन्नई से भी लोग यहां पहुंचें। श्रीदेवी का गत शनिवार की रात दुबई में निधन हो गया था। वह अपने भतीजे मोहित मारवाह के विवाह समारोह में शामिल होने सपरिवार दुबई गयी थी ।

आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति एक दिन की पुलिस हिरासत में

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी, राजधानी की एक निचली अदालत ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े काले धन को वैध करने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम को एक दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में आज भेज दिया। विशेष न्यायाधीश सुमीत आनंद ने दोनों पक्षों की लंबी जिरह के बाद कार्ति को एक दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजना का आदेश दिया। सीबीआई के वकील ने जहां अदालत को दलील दी कि कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, वहीं जूनियर चिदम्बरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया। सीबीआई ने कार्ति को लंदन से चेन्नई हवाई अड्डे पर सुबह उतरते ही हिरासत में ले लिया था। कुछ देर हवाईअड्डे पर ही पूछताछ किये जाने के बाद कार्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। सीबीआई कार्ति को चेन्नई से दिल्ली मुख्यालय लेकर आई और शाम को उसने उन्हें पटियाला हाउस अदालत में विशेष जज के समक्ष पेश किया।  सीबीआई ने कार्ति के लिए 15 दिनों की पुलिस हिरासत मांगी थी, लेकिन उसे फिलहाल केवल एक दिन की मोहलत ही मिल सकी।  अदालत में सुनवाई शुरू होने से पहले श्री सिंघवी ने कार्ति से अकेले में बातचीत की मोहलत मांगी, जिसे जज ने स्वीकार कर लिया। श्री सिंघवी को कार्ति से अकेले में बातचीत के लिए महज 10 मिनट का समय मिला। उसके बाद सुनवाई शुरू हुई।  पिछले वर्ष 15 मई को सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, भ्रष्ट और अवैध काम के लिए धन लेने, सरकारी कर्मचारी को निर्णय बदलने के लिए प्रभावित करने और आपराधिक कदाचार के मामले दर्ज किए थे। कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 3.5 करोड़ रुपये लिये थे। उस वक्त कार्ति के पिता श्री पी चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। आईएनएक्स मीडिया को तब इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड मामले में भी आरोपी हैं। उल्‍लेखनीय है कि दो दिन पहले ही दिल्ली की एक अदालत ने कार्ति के चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) एस भास्कररमन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। भास्कररमन को भी आईएनएक्स मीडिया से जुड़े काले धन को वैध करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस बीच ऐसी खबर है कि इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को पूछताछ के दौरान बताया था कि कार्ति ने एफआईपीबी की मंजूरी के लिए करीब साढ़े छह करोड़ रुपये की मांग की थी। समझा जाता है कि सीबीआई ने इसी बयान को आधार बनाकर कार्ति को गिरफ्तार किया है।

वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी, वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है। मूडीज का कहना है, ‘‘ भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं जो वर्ष 2016 में नोटबंदी के निर्णय से नकारात्मक तौर पर प्रभावित हुई थी और पिछले साल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किए जाने से उसकी वृद्धि में बाधा आई थी।’’  इसके अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट में कुछ कदम उठाए गए हैं जो आर्थिक अर्थव्यवस्था को स्थिरता दे सकते हैं। नोटबंदी से सबसे ज्यादा यही क्षेत्र प्रभावित हुआ था जिसका अभी भी उबरना बाकी है। मूडीज ने कहा, ‘‘जैसा हमने पहले कहा था कि बैंकों में फिर से पूंजी डालने की योजना से एक समय के बाद ऋण वृद्धि में मदद मिलेगी और यह आर्थिक वृद्धि को सहारा देगा।’’ 

बिहार : नीतीश ने बिहार विधानसभा में राजद पर जम कर प्रहार किया

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पटना, 28 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर करारा प्रहार किया और उसे महागठबंधन से निकलने के लिए जिम्मेदार ठहराया एवं उस पर संपत्ति अर्जित करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में उनके बने रहने से चारा घोटाला मामलों में लालू प्रसाद की दोषसिद्धि की स्थिति में उनके लिए असहज स्थिति पैदा हो जाती। उन्होंने एक घंटे से अधिक समय के अपने भाषण में कहा, ‘‘हमने सेवा के लिए, न कि मेवा के लिए महागठबंधन बनाया था । मुझ पर जनादेश के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया गया। क्या जनादेश बेनामी लेन-देन के माध्यम से जमीन हथियाने के लिए था।’’ उनके भाषण में पहले 45 मिनट तक विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में राजद सदस्यों ने व्यवधान डाला। उसके बाद एक राजद सदस्य को छोड़कर बाकी विपक्षी विधायक बहिर्गमन कर गये। कुमार ने कहा, ‘‘विकास और न्याय के साथ सुशासन 2005 से मेरा उद्देश्य रहा। मैंने 20 महीने (जब महागठबंधन सत्ता में था) के दौरान भी इन आदर्शों से समझौता नहीं किया। ’’  मुजफ्फरपुर में पिछले हफ्ते सड़क हादसे में नौ बच्चे की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कुमार ने कहा कि मद्यनिषेध से दुर्घटनाओं में कमी आयी है। उन्होंने राजद पर सत्ता में रहने के दौरान मद्यनिषेध का समर्थन करने और अब पीछे हट जाने का आरोप लगाया। प्रस्ताव पर कुमार के जवाब को सदन ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया।

श्रीदेवी की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा

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मुंबई, 28 फरवरी,दिग्गज  अभिनेत्री श्रीदेवी का पार्थिव शरीर लिये सफेद फूलों से सजा ट्रक आज दोपहर यहां जब विले पार्ले श्मसान घाट की ओर बढ़ा तो हजारों लोगों की भीड़ उन्हें एक नजर देखने के लिए उमड़ पड़ी। चाहे वृद्ध हो, या युवा या गृहिणी, सभी उम्रवर्ग और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी प्रिय अदाकारा को अंतिम श्रद्धांजलि देने सड़कों पर उमड़ पड़े। कुछ लोग तो ट्रक के पीछे पीछे चलने लगे जबकि कुछ उनकी एक झलक पाने की आस में जद्दोजेहद करने लगे। लोखंडवाला से श्मसान घाट जाने वाली सड़क के डिवाइडर पर बड़ी संख्या में लोग खड़े गये। लोग अपने घरों की बालकनी और छज्जों पर भी खड़े थे। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रक को आसानी से गुजरने देने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटा 45 मिनट लगे। आतुर भीड़ श्मसान घाट पर ऊंचाई वाली जगह पर पहुंच गयी और वहां पहुंच रहे फिल्मी बिरादरी के सदस्यों की एक झलक पाने को बेताब रही। श्मसान घाट जाने वाली सड़क पर बैरीकेड लगाने के बाद भी लोग वहां पहुंच गये। पुलिस को उन्हें वहां से चले जाने के लिए माइक्रोफोन पर बार बार अपील करनी पड़ी। एक बार को विले पार्ले रेलवे स्टेशन को जाने वाले फुटओवर ब्रिज पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रीदेवी की अंतिम फिल्म ‘मॉम’ में उनके साथ छोत्रा सा पात्र कर चुके अतुल ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि मेरी मां चल बसीं। वह हमारा ख्याल रखती थीं और हमें वित्तीय रुप से भी सहयोग करती थीं।’’ मध्यप्रदेश के उज्जैन से यहां पहुंचे नाट्य कलाकार जय किशन ने कहा, ‘‘मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मध्यप्रदेश से यहां आया हूं।’’  ठाणे के निवासी बाबू पवार ने कहा, ‘‘(शनिवार को उनकी मौत की खबर सुनकर) मैंने सोचा कि यह मजाक है। लेकिन जब मैंने टीवी पर खबर देखी तो मैं सन्न रह गया और अपने आंसू नहीं रोक पाया।’’ डोम्बिवली के अमोल पवार ने कहा कि वह और उनकी पत्नी इसलिए आए हैं क्योंकि उनकी पत्नी आखिरी बार उन्हें देखना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी श्रीदेवी की बहुत बड़ी प्रशंसक है। उसने करीब करीब उनकी सारी फिल्में देखी हैं।’’

अपने कैरियर पर फैसला 2019 के बाद लूंगा : युवराज

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मोनाको, 28 फरवरी, काफी अर्से से भारतीय टीम से बाहर हरफनमौला युवराज सिंह ने कहा है कि वह 2019 तक क्रिकेट खेलते रहेंगे और उसके बाद संन्यास पर फैसला लेंगे । युवराज ने भारत के लिये आखिरी वनडे जून 2017 में खेला था । उन्होंने कहा कि आईपीएल का आगामी सत्र उनके लिये काफी अहम है क्योंकि इसमें अच्छे प्रदर्शन से विश्व कप 2019 खेलने का उनका दावा पुख्ता हागा । उन्होंने यहां 18वें लारेस विश्व खेल पुरस्कारों से इतर प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘‘ मैं आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं । मेरे लिये यह काफी अहम टूर्नामेंट है क्योंकि इससे 2019 तक खेलने की दिशा तय होगी । मैं 2019 तक खेलना चाहता हूं और उसके बाद आगे के लिये फैसला लूंगा ।’’  विश्व कप 2011 में भारत की खिताबी जीत के सूत्रधार रहे युवराज कैंसर से जंग जीतकर फिर मैदान पर लौटे । उन्होंने कहा कि उनके कैरियर में एकमात्र मलाल यह रहेगा कि वह टेस्ट टीम में जगह पक्की नहीं कर सके । उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे कैरियर के पहले छह सात साल में मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले क्योंकि उस समय टेस्ट टीम में बेहतरीन खिलाड़ी थे । जब मौका मिला तो मुझे कैंसर हो गया तो यह मलाल तो हमेशा रहेगा लेकिन चीजें आपके हाथ में नहीं होती ।’’  युवराज ने भारतीय कप्तान विराट कोहली और टीम की तारीफ की जिसने दक्षिण अफ्रीका में वनडे और टी20 श्रृंखलायें जीती है । उन्होंने कहा ,‘‘ यह बेहतरीन प्रदर्शन रहा । टेस्ट श्रृंखला हारने के बाद भारत ने शानदार वापसी की और कोहली ने मोर्चे से अगुवाई की ।’’  युवराज ने कहा ,‘‘ स्पिनरों का प्रदर्शन शानदार रहा खासकर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव का । विदेश दौरे पर तीन श्रृंखलायें खेलना और उनमें से दो जीतना बताता है कि भारतीय टीम का कितना दबदबा रहा ।’’  उन्होंने कहा ,‘‘ अब टीम का लक्ष्य इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में जीतना होगा । अगर लगातार यही प्रदर्शन करते रहे तो खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढेगा ।’’ 

चिदंबरम ने ‘परेशान किये जाने’ की आशंका में सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी, ऐसा लगता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदबंरम को बेटे की गिरफ्तारी के बारे में पहले ही आभास हो गया था। यही वजह है कि अपने और अपने परिवार को ‘सतत् परेशान’ किये जाने की आशंका को लेकर उन्होंने उच्चतम न्यायालय में पहले ही याचिका दायर कर दी थी। चिदंबरम की याचिका शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिये सूचीबद्ध होने से पहले ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कार्ति चिदबंरम को लंदन से चैन्ने पहुंचने पर आज गिरफ्तार कर लिया। चिदबंरम, जो उच्चतम न्यायालय में अपने बेटे के मामले पर पैनी नजर रखे हुये हैं, ने पिछले सप्ताह ही अपने आप ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय पर राजनीतिक विद्वेष से उनके और उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाते हुये याचिका दायर करके आश्चर्यचकित कर दिया था। इस याचिका में चिदबंरम ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को अपनी ‘‘गैरकानूनी जांच’’ और उन्हें तथा उनके बेटे सहित परिवार को बार बार परेशान करने से रोकने का निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया था। पेशे से वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदबंरम ने याचिका मे कहा है कि हालांकि सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन जांच एजेन्सियों ने अभी तक यह निष्कर्ष निकालते हुये एक भी रिपोर्ट दाखिल नहीं की है कि क्या इस प्रकरण में कोई आपराधिक अपराध हुआ है या इस अपराध से किसी प्रकार का लाभ होने का मामला बना है।

जांच ब्यूरो ने इस प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि 2007 में, जब चिदबंरम वित्त मंत्री थी, आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपए प्राप्त करने की मंजूरी देने में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने अनियमित्तायें की थीं। जांच ब्यूरो का आरोप है कि इस मामले में कार्ति को दस लाख रूपए मिले थे । प्रवर्तन निदेशालय ने इस प्रकरण में धन शोधन का मामला दर्ज किया है। चिदबंरम ने कहा है कि वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने आईएनएक्स मीडिया प्रकरण और एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण मे ‘सामान्य सरकारी कामकाज के दौरान’ विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी दी थी। अपने कार्यो का निर्वहन करने के दौरान उन्होंने कभी भी अपने परिवार के किसी सदस्य को या किसी अन्य व्यक्ति को सरकारी कामकाज को प्रभावित करने या उसमे हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी। चिदबंरम ने यह भी कहा है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनके बेटे और दूसरों को, जिनका विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से कोई लेना देना नहीं है, बार बार समन भेजकर परेशान नहीं कर सकती है। याचिकाकर्ता चिदबंरम दुखी महसूस करते हैं कि उनके पुत्र और उसके कारोबारी मित्रों को निशाना बनाया जा रहा है और जांच ब्यूरो तथा प्रवर्तन निदेशालय की पूरी जांच दिखावा और यह जनता की नजरों में उन्हें और उनके पुत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।

विशेष आलेख : होली कोरा पर्व ही नहीं, संस्कृति भी है

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भारत जैसे धर्मप्रधान और तीज-त्योहारों वाले देश में होली अनूठा एवं अलौकिक त्योहार है, यह लोक पर्व है, मनुष्यता का पर्व है, समाज का पर्व है, संस्कृति का पर्व है एवं यह बंधनमुक्ति का पर्व है। इसमें आप समाज को सर्वोपरि मनाने की घोषणा करते हैं। यह विशुद्ध मौज-मस्ती व मनोरंजन का सांस्कृतिक त्योहार है। रंगों का त्योहार होली समस्त त्योहारों का शिरोमणि है। यह हर्षोल्लास, उमंग, उत्साह, एकता, प्रेम और मेल-मिलाप का अनुपम उपहार लेकर आता है। आनन्द एवं उल्लास की अनुपम छटा बिखेरते इस अनूठे, चमत्कारी पर्व पर सभी प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देते हैं। चारों ओर रंग, अबीर, गुलाल की फुहार उड़ती दिखाई देती है। सभी हिंदूजन इसे बड़े ही उत्साह व सौहार्दपूर्वक मनाते हैं। होली अन्य सभी त्योहारों से थोड़ा हटकर है। इसका संदेश मौज-मस्ती से परिपूर्ण है। मानव समुदाय अपने समस्त दुःखों, उलझनों एवं संतापों को भुलाकर ही इस त्योहार को उसकी संपूर्णता के साथ मनाते हैं। फाल्गुन की पूर्णिमा ही नहीं अपितु पूरा फाल्गुन मास होली के रंगों से सराबोर हो जाता है। होली का त्योहार ज्यों-ज्यों निकट आता जाता है त्यों-त्यों हम नए उत्साह से ओत-प्रोत होने लगते हैं ।

होली पर्व का विशेष धार्मिक, पौराणिक व सामाजिक महत्व है। इस त्योहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। प्राचीनकाल में हिरण्यकश्यप नामक असुर राजा ने ब्रह्मा के वरदान तथा अपनी शक्ति से मृत्युलोक पर विजय प्राप्त कर ली थी। अभिमान वश वह स्वयं को अजेय समझने लगा। सभी उसके भय के कारण उसे ईश्वर के रूप मे पूजते थे परंतु उसका पुत्र प्रह्लाद ईश्वर पर आस्था रखने वाला था। जब उसकी ईश्वर भक्ति को खंडित करने के सभी प्रयास असफल हो गए तब हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को यह आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर जलती हुई आग की लपटों में बैठ जाए क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। परंतु प्रह्लाद के ईश्वर पर दृढ़-विश्वास के चलते उसका बाल भी बांका न हुआ बल्कि स्वयं होलिका ही जलकर राख हो गई। उसी समय से होलिका दहन और होलिकोत्सव इस रूप में मनाया जाने लगा कि वह अधर्म के ऊपर धर्म, बुराई के ऊपर भलाई और पशुत्व के ऊपर देवत्व की विजय का पर्व है। एक कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का दमन कर गोपबालाओं के साथ रास रचाया, तब से होली का प्रचलन शुरू हुआ।यह पर्व विभिन्न संस्कृतियों को एकीकृत कर आपसी एकता, सद्भाव तथा भाईचारे का परिचय देता है। होली का पावन पर्व यह संदेश लाता है की मनुष्य अपने ईष्र्या, द्वेष, नफरत तथा परस्पर वैमनस्य को भुलाकर समानता व प्रेम का दृष्टिकोण अपनाएँ। 

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होली का आगमन इस बात का सूचक है कि अब चारों तरफ वसंत ऋतु का सुवास फैलनेवाला है। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ रंगों की फुहार फूट पड़ती है, जो मनुष्य के जीवन को आनंद और उल्लास से प्लावित कर देता है। जिससे सम्पूर्ण सृष्टि में उन्मादी माधुर्य छा जाता है। प्रकृति की मन मोहकता को देखकर वसुन्धरा खिल उठती है, उसका रोम-रोम आनन्दातिरेक की सिहरन से भर उठता है। अर्ध मुकुलित नाना वर्णों के पुष्प प्रकृति की नाना इच्छाओं के रूप में विकसित हो उठते हैं एवं फलों में भी गुणवृध्दि हो जाती है, प्रकृति मानव की सदैव चिरसहचरी रही है। वह हमारे सुख-दुख की सहभागिनी है। जिंदगी जब सारी खुशियों को स्वयं में समेटकर प्रस्तुति का बहाना माँगती है तब प्रकृति मनुष्य को होली जैसा त्योहार देती है। यही कारण है कि होली के प्रति उदासीन नहीं रहा जा सकता। यह त्योहार आपसे दो टूक सवाल करता है-आपको आनन्द बटोरना है या उदासीन होकर कमरे में बन्द रहना है। यह ऊपर से ओढ़ी हुई गंभीरता को चीर कर फेंक देता है और आपको आपके असली रूप में उजागर करता है। इसीलिए इसे व्यक्ति के विवेचन का पर्व कहा जाता है। हमारी दमित इच्छाएं और कुंठाएं विमुक्त हो जाती है। इस दिन हम देख पाते हैं कि किस तरह समाज ने हमारी कुरूपता देखकर भी हमें खारिज नहीं किया। यह बोध व्यक्ति के विरेचन से कहीं आगे ले जाता है।

होली हमारे देश का एक विशिष्ट सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक त्यौहार है। अध्यात्म का अर्थ है मनुष्य का ईश्वर से संबंधित होना है या स्वयं का स्वयं के साथ संबंधित होना। इसलिए होली मानव का परमात्मा से एवं स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है। असल में होली बुराइयों के विरुद्ध उठा एक प्रयत्न है, इसी से जिंदगी जीने का नया अंदाज मिलता है, औरों के दुख-दर्द को बाँटा जाता है, बिखरती मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा जाता है। आनंद और उल्लास के इस सबसे मुखर त्योहार को हमने कहाँ-से-कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है। कभी होली के चंग की हुंकार से जहाँ मन के रंजिश की गाँठें खुलती थीं, दूरियाँ सिमटती थीं वहाँ आज होली के हुड़दंग, अश्लील हरकतों और गंदे तथा हानिकारक पदार्थों के प्रयोग से भयाक्रांत डरे सहमे लोगों के मनों में होली का वास्तविक अर्थ गुम हो रहा है। यद्यपि आज के समय की तथाकथित भौतिकवादी सोच एवं पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव, स्वार्थ एवं संकीर्णताभरे वातावरण से होली की परम्परा में बदलाव आया है। परिस्थितियों के थपेड़ों ने होली की खुशी और मस्ती को प्रभावित भी किया है, लेकिन आज भी बृजभूमि ने होली की प्राचीन परम्पराओं को संजोये रखा है। यह परम्परा इतनी जीवन्त है कि इसके आकर्षण में देश-विदेश के लाखों पर्यटक ब्रज वृन्दावन की दिव्य होली के दर्शन करने और उसके रंगों में भीगने का आनन्द लेने प्रतिवर्ष यहाँ आते हैं। होली को सम्पूर्णता से आयोजित करने के लिये मन ही नहीं, माहौल भी चाहिए और यही होली पर्व की उन्मुक्तता में देखने को मिलता है।

होली में भारत का सांस्कृतिक मानस छुपा है। उस मानस में क्या है? इसे आप हुल्लड़ और रंगपाशी के रिवाजों में समझिए। आप सजे-संवरे बैठे हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों का हुजूम आता है और आपको बदशक्ल बना देता है। आप के काले बालों में लाल गुलाल, गोरे चेहरे पर हरा रंग, सफेद कुर्ते पर कीचड़-मिट्टी पोत देता है। और आप हंसते हैं, नाराज नहीं होते। यही ऐसा त्योहार है जो आपको किसी के अशालीन और असभ्य होने पर भी आपको गुस्सा नहीं दिलाता, बल्कि इन स्थितियों में भी आनन्द देता है। ऐसा होना जीवन की अनिवार्यता है। क्योंकि मनुष्य का जीवन अनेक कष्टों और विपदाओं से भरा हुआ है। वह दिन-रात अपने जीवन की पीड़ा का समाधान ढूंढने में जुटा रहता है। इसी आशा और निराशा के क्षणों में उसका मन व्याकुल बना रहता है। ऐसे ही क्षणों में होली जैसे पर्व उसके जीवन में आशा का संचार करते हैं। जर्मनी, रोम आदि देशों में भी इस तरह के मिलते-जुलते पर्व मनाए जाते हैं। गोवा में मनाया जाने वाला ‘कार्निवाल’ भी इसी तरह का पर्व है, जो रंगों और जीवन के बहुरूपीयपन के माध्यम से मनुष्य के जीवन के कम से कम एक दिन को आनंद से भर देता है। 

आज की तनाव भर जिंदगी में तो होली जादू की झप्पी की तरह है, इसलिए आज तो होली पहले से कहीं ज्यादा प्रिय होनी चाहिए, क्योंकि आज हर कोई व्यस्त है, हर कोई कहीं पहुंचने, कहीं जाने की जल्दी में है, सबके लक्ष्य अधूरे है क्योंकि हर कोई बहुत महत्वाकांक्षी है, जाहिर है ऐसी जीवनशैली तनाव और तनाव ही देगी। तनाव की इस जिंदगी में जरूरी है हम होली जैसे त्योहारों को वरदान समझें और टीवी, इंटरनेट और मोबाइल से उलझ कर रह गई अपनी जिंदगी को थोड़े उल्लास और उमंगों से सराबोर करे, वास्तव में होली आज की जीवनशैली में वैसी ही है जैसे तपते रेगिस्तान में ठंडी, शीतल बयार, होली दिल से गुबार निकालने का भी एक जरिया है, लोग वैयक्तिक रूप से विपश्यना और विरेचन से गुजरते हैं ताकि तनावमुक्त हो सकें, ताजगी से ओतप्रोत हो सके। होली तो पूरे समाज का सामूहिक विरेचन है। अब तो मनोवैज्ञानिक अपने क्लिनिक में होली जैसा माहौल बनाकर तमाम लोगों को डिप्रेशन से बाहर निकालते हैं, कुदरत ने या कहिए हमारे पुरखों ने हमें यह सौगत मुफ्त में दी है। इसलिए होली के दिन इंटरनेट में मेल भेजकर होली की मुबारकवाद देने के बजाय घर से निकलिए, मुहल्ले में धमाल मचाइए और अपनी ठहरी हुई जिंदगी में भी कुछ हलचल करते हुए कुछ रंगों को जगह दीजिए।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक पैट्रिक जौन नहीं रहे

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पटना. न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी में रहते हैं पैट्रिक जौन.जो कुर्जी पल्ली में है.वास्तव में उनका पैतृक स्थान बरबीघा में है.जो बरबीघा पल्ली में है.इनका विवाह बेतिया धर्मप्रांत में हुई थी. उनका निधन  84 वर्ष की अवस्था  में बुधवार को 1:00 बजे रात में सहयोग हॉस्पिटल में हो गया. आईजीआईएमएस में सेवारत जौन एब्रोस ने बताया कि सिरोसिस ऑफ लीवर से पीड़ित थे.इस बीच डायरिया की चपेट में पड़ गये.एक दिन गिर गये तो सहयोग हॉस्पिटल में बेहोशी की हालात में भर्ती हुए. बेहोशी हालात से नहीं निकले.कभी फिर से उठे ही नहीं.  पार्थिव शरीर को उक्त कॉलोनी में लाया गया. इसके बाद पार्थिव शरीर को कफन बॉक्स में डालकर उर्सुलाइन चर्च में लाया गया.पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने अंतिम मिस्सा पूजा शव के साथ किये.मौके पर कई दर्जन लोग उपस्थित रहे.मिस्सा पूजा समाप्त होने के बाद पार्थिव शरीर शव वाहन रथ पर रखकर कुर्जी कब्रिस्तान लाया गया.कुर्जी पल्ली के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन ने पार्थिव शव का दफन किया.

पैट्रिक जौन के बारे जाने
पैट्रिक जौन का मुख्य कार्यक्षेत्र रहा है गव्य विकास.वे लगभग 15 वर्षों  तक बिहार सरकार के गव्य विभाग  में एवं 1971 से 1986 तक जाम्बिया ( सेंट्रल अफ्रीका) सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय में 'प्रोजेक्ट डिविजन'के अंतर्गत कई उच्च पदों पर कार्यरत रहे.जाम्बिया में महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बड़ी कुशलता एवं गरिमा के साथ सफल बनाया.  इनके द्वारा लिखित टेक्नोलोजी, डेरी फार्मिंग और डेरी इकोनोमिक्स की पुस्तके 1970 के दशक में काफी लोकप्रिय हुई जिनके लिए बिहार के      भूतपूर्व राज्यपाल नित्यानन्द कानूनगों ने 1970 में इन्हें एक प्रशंसा पत्र दिया.इन पुस्तकों के अतिरिक्त इन्होंने महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी और अंग्रेजी में दर्जनों लेख प्रकाशित किये है. देश लौटने के बाद बिहार सरकार,यूनिसेफ एवं ई.ई.सी.प्रोजेक्ट सेल के सहयोग से राज्य की ग्रामीण महिलाओं के विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े है. इसके अलावे पटना धर्मप्रांत के लिये बहुत कार्य किये हैं.मासिक पत्रिका 'संदेश'में लेखक की हैसियत से लिखते थे. गैर सरकारी संस्था भी संचालित  करते थे.आज हमलोगों के बीच में पैट्रिक जौन नहीं हैं.मगर व्यक्तित्व व कृतित्व मौजूद है.उससे प्रेरणा लेने की जरूरत है.

बिहार : स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल

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नालंदा.सिस्टम को दुरूस्त करने की जरूरत है.ऐसा नहीं करने से खटिया पर रोगी को लाना ही पड़ेगा.जिस प्रकार खटिया पर सुषमा देवी को लाया गया.यह यक्ष सवाल है कि कबतक साधन बिन महिला तड़पती रहेगी? बिंद प्रखंड के नौरंगा गांव.इस गांव में रहते हैं शिवचरण पासवान.उनकी धर्मपत्नी है सुषमा देवी.दोनों को संतान है.तीसरा गर्भधारण है.जब प्रसव पीड़ा तेज हुई तो आशा दीदी को बुलाया गया.आशा दीदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल से एम्बुलेंस भेजने का आग्रह किया .जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एम्बुलेंस शिवचरण पासवान के घर नौरंगा की और नहीं आयी तो सुषमा देवी के परिजनों को चिंता सताने लगी. गांव के लोगों के सहयोग से गर्भवती सुषमा     को खटिया पर लिटा दिया गया. तब के साधनहीन बिहार की तरह अब के साधनपूर्ण बिहार में दुरूस्त व्यवस्था नहीं रहने के कारण खटिया पर गर्भवती को खटिया पर लांधकर हॉस्पिटल पहुंचायी जाती है.  श्री पासवान कहते हैं घर से वेनार-सकसोहरा मेनरोड की दूरी 3 किलोमीटर है. इसको तय करके वेनार-सकसोहरा रोड पर हैं.उक्त से आने वाले एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे हैं.इस तरह स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गयी. इस बीच सुषमा देवी प्रसव पीड़ा से सुषमा बेहाल है.    मैन रोड पर सुषमा देवी की हालात व कहराते देख गृह प्रसव को उत्तम महिलाएं सोचती हैं.वहीं मातृ-शिशु अनुदान पाने की चाहत में हॉस्पिटल की ओर रूख करते हैं.  मौके पर उपस्थित आशा दीदी कहती हैं कि हमलोगों की देखरेख में 9 माह गर्भवती रहती हैं.ऐसा लोगों को सुरक्षित प्रसव कराना कर्तव्य है.एम्बुलेंस को कॉल किया गया.

आलेख : प्रेम, आनंद, मस्ती और ठिठोली का त्योहार होली

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होली उमंग, उल्लास, मस्ती, रोमांच और प्रेम आह्वान का त्योहार है। कलुषित भावनाओं का होलिका दहन कर नेह की ज्योति जलाने और सभी को एक रंग में रंगकर बंधुत्व को बढ़ाने वाला होली का त्योहार आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे जोश के साथ जोरों-शोरों से मनाया जाता है। भले विदेशों में मनाई जाने वाली होली का मौसम के हिसाब से समय और मनाने के तरीके अलग-अलग हो पर संदेश सभी का एक ही है - प्रेम और भाईचारा।  होली शीत ऋतु की विदाई और ग्रीष्म ऋतु के आगमन का सांकेतिक पर्व है। प्रकृति के पांवों में पायल की छमछम बसंत के बाद इस समय पतझड़ के कारण साख से पत्ते टूटकर दूर हो रहे होते हैं ऐसे में परस्पर एकता, लगाव और मैत्री को एक साथ एक सूत्र में बांधने का संदेशवाहक होली का त्योहार वातावरण को महुए की गंध की मादकता, पलाश और आम की मंजरियों की महक से चमत्कृत कर देता है। फाल्गुन मास की निराली बासंती हवाओं में संस्कृति के परंपरागत परिधानों में आन्तरिक प्रेमानुभूति सुसज्जित होकर चहुंओर मस्ती की भंग आलम बिखेरती है, जिससे दुःख-दर्द भूलकर लोग रंगों में डूब जाते हैं। 
     
जब बात होली की हो तो ब्रज की होली को भला कैसे बिसराया जा सकता है। ढोलक की थाप और झांझतों की झंकार के साथ लोक गीतों की स्वर लहरियों से वसुधा के कण-कण को प्रेममय क्रीङाओं के लिए आकर्षित करने वाली होली ब्रज की गलियों में बड़े ही अद्भूत ढंग से मनायी जाती है। फागुन मास में कृष्ण और राधा के मध्य होने वाली प्रेम-लीलाओं के आनंद का त्योहार होली प्रकृति के साथ जनमानस में सकारात्मकता और नवीन ऊर्जा का संचार करने वाला है। यकीनन ! होली के इस माहौल में मन बौरा जाता है। नायक और नायिका के बीच बढ़ रही इसी उत्तेजना, उत्कंठा और चटपटाहट को हिन्दी के कई रचनाधर्मी कवियों ने अपनी रचनाओं में ढाला है, वो वाकई अद्भूत है। अनुराग और प्रीति का त्योहार होली का भक्तिकालीन और रीतिकालीन काव्य में सृजनधर्मा रचना प्रेमियों ने बेखूबी से चित्रण किया हैं। आदिकालीन कवि विद्यापति से लेकर भक्तिकालीन कवि सूरदास, रहीम, रसखान, पद्माकर, जायसी, मीरा, कबीर और रीतिकालीन कवि बिहारी, केशव, घनानंद सहित सगुन साकार और निर्गुण निराकर भक्तिमय प्रेम और फाल्गुन का फाग भरा रस सभी के अंतस की अतल गहराईयों को स्पर्श करके गुजरा हैं। सूफी संत अमीर खुसरो ने प्रेम की कितनी उत्कृष्ट व्याख्या की है - ‘खुसरो दरिया प्रेम का, सो उल्टी वाकी धार। जो उबरा सो डूब गया जो डूबा हुआ पार।।’  
      
बेशक, होली का त्योहार मन-प्रणय मिलन और विरह वेदना के बाद सुखद प्रेमानुभूति के आनंद का प्रतीक है। राग-रंग और अल्हड़पन का झरोखा, नित नूतन आनंद का अतिरेकी उद्गार की छाया, राग-द्वेष का क्षय कर प्रीति के इंद्रधनुषी रंग बिखेरने वाला होली का त्योहार कितनी ही लोककथाओं और किंवदंतियों में गुंथा हुआ है। प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की कथा जनमानस में सर्वाधिक प्रचलित है। बुराई का प्रतीक होलिका अच्छाई के प्रतीक ईश्वर श्रद्धा के अनुपम उदाहरण प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं कर सकीं। बुराई भले कितनी ही बुरी क्यों न हो पर अच्छाई के आगे उसका मिटना तय है। लेकिन, इसके विपरीत आज बदलते दौर में होली को मनाने के पारंपरिक तरीकों की जगह आधुनिक अश्लील तरीकों ने ले ली हैं। जिसके फलस्वरुप अब शरीर के अंगों से केसर और चंदन की सुगंध की बजाय गोबर की दुर्गंध आने लग गई है। लोक गीतों में मादकता भरा सुरमय संगीत विलुप्त होने लगा है और अब उसकी जगह अभद्र शब्दों की मुद्राएं भी अंकित दिखलाई पड़ने लगी हैं। फाल्गुन के प्राचीन उपमा-अलंकार कहां गये ? मदन मंजरियों का क्या हुआ ? पावों में महावर लगाई वे सुन्दरियां कहां गई जो बसन्त के स्वागत में फागुनी गीत गाती संध्या के समय अभिसार के लिए निकला करती थीं ? चंग-ढफ की थाप और ढोलक की गूंज के साथ फाग गायन को सुनने के लिए अब कान तरस रहे है। 
      
आधुनिकता और संचार क्रांति के युग में उपकरणों के बढ़ते उपयोग ने होली को खुले मैदान, गली-मोहल्लों से मोबाइल के स्क्रीन पर लाकर रख दिया है। अब लोग होली वाले दिन भी घर में डूबके बैठे रहते हैं। ये कहे कि आधुनिक होली वाट्सएप और फेसबुक के संदेशों तक सिमट कर रह गई है। होली को बिंदास, मस्ताने और अल्हड़ तरीके से मनाने की पारंपरिक पद्धति के खंडन ने होली को कईयों के लिए हानिकारक भी बना दिया है। मदिरा पीकर नाली का कीचड़ मुंह पर लगाकर गाली-गलौच के साथ ही कईयों ने तेजाब तक उछालकर होली के जरिए अपनी दुश्मनी निकालने के भरसक प्रयत्न किये हैं। इसी कारण मस्ती और खुशियों की सौगात देना वाला होली का त्योहार घातक सिद्ध होने लगा है। होली के रंगों का केवल भौतिक ही नहीं बल्कि आत्मिक महत्व भी है। रंग हमारी उमंग में वृद्धि करते है और हर रंग का मानव जीवन से गहरा अंर्तसंबंध जुड़ा हुआ है। लेकिन आज प्राकृतिक रंगों की जगह केमिकल रंगों के प्रयोग ने मानव त्वचा को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है। तो वहीं बढ़ती महंगाई और मिलावट ने पारंपरिक मिष्ठान का स्वाद भी बिगाड़ने का काम किया है। साल दर साल होली के गुणों में न्यूनता आती जा रही हैं। होली के फीके होते रंगों में रौनक लौटाकर जनमन में आस्था और विश्वास जगाने की आज बेहद जरुरत है। केवल होलिका दहन के नाम पर घास-फूस को ही नहीं जलायें अपितुु मानव समाज की उन तमाम बुराईयों का भी दहन करें जो हमारे भीतर अलगाव और आतंक को फैला रही है। दरअसल, असली होली तो तब मनेंगी जब हमारे देश के राजनेता अपने चेहरों पर लगे बेमानी, स्वार्थ और रिश्वतखोरी के रंगों को उतारकर भ्रष्टाचार की होली का दहन करेंगे। तब तक आम आदमी की होली सूखी ही है। चलते-चलते, किसी ने क्या खूब कहा है - ‘वक्त बदल गया है, हालात बदल गए, खून का रंग नहीं बदला, पर खून के कतरे बदल गए हैं। दिन रात नहीं बदले, मगर मौसम बदल गए, होली तो वही है, पर होली के रंग बदल गए।



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--देवेंद्रराज सुथार--
जालोर, राजस्थान
मोबाइल - 8107177196

मधुबनी : प्रखंड विकास पदाधिकारी ने होली मिलन समारोह मनाया गया

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी। प्रखंड मुख्यालय में होली मिलन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर एक दुसरे को रंग अबीर लगाकर गले लगाया। बिडीओ  आलोक कुमार शर्मा एवं सीओ विष्णुदेव सिंह और अंधराठाढ़ी थानाध्यक्ष रामचन्द्र मंडल, रुद्रपुर थानाध्यक्ष कुणाल कुमार, मनरेगा प्रोग्राम पदाधिकरी, जनप्रतिनिधि के साथ मनाया गया होली। मुखिया राजेश कुमार मिश्र, मुखिया महिंद्र राय ,सज्जन ठाकुर, मुखिया संघ के अध्यक्ष अरविंद चौधरी , जिला पार्षद हरीशंकर , वार्ड सदस्य संघ प्रखंड अध्यक्ष मोo आलम , जिला पार्षद आशा देवी . तिलेशवर राय , पंचायत समिति देव चन्द्र कामत ,विक्रम कुमार ,  श्रवण कुमार महतो , राजद   प्रखंड अध्यक्ष कमरूजम्मा   , सरपंच जियाउद्दीन अंसारी , फूल हशन , विक्रम मंडल , मोo शाबिर, मोo शाकिर , छोटू राय ,आदि मौजूद थे ।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 01 मार्च

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सफलता की कहानी : स्ट्रारिपर से हुई आय मे वृ‍ध्दि साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी

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सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम बड़ोदिया निवासी कृषक श्री जीवन सिंह के पास 12 एकड़ सिंचित कृषि भूमि है। जिस पर गेहूँ की फसल मजदूरों का अभाव होने से हार्वेस्टर से निकलाते थे। उनके खेत की नरवाई को जला देते थे। पालतू पशुओं के लिए 30 ट्राली भूसा किराये की मशीन से बनवाते थे जिसमे 30 हजार रूपये का खर्च आता था। उन्हें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत स्ट्रारीपर क्रय कर 80 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त किया । अब अपना भूसा खुद ही बनाते हैं। नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो रहा है। व बताते हैं स्ट्रारीपर से जहाँ स्वयं का भूसा बनाकर 30 हजार रूपये की बचत हो रही हैं वहीं पड़ोसी खेतों मे स्ट्रारिपर चलाकर लगभग 50 हजार की अतिरिक्त आय प्राप्त की है। जीवन सिंह कहते हैं इससे मेरी आर्थिक स्थिति ठीक हुई है साथ ही नरवाई न जलाने से पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है। वे अन्य कृषकों से भी आग्रह करते हैं कि शासन की इस योजना का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें साथ ही पर्यावरण संरक्षण मे भी अपना योगदान दें।

राष्ट्रीय बालिका दिवस द्वितिय चरण के अवसर पर पंचायत स्तर पर  कार्यक्रम का आयोजन 
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म0प्र0षासन द्वारा महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान हेतु कई प्रकार की अभियान एंव योजनाएं संचालित कि जा रही है ताकि समाज में महिलाओ एवं बालिकाओ को सम्मान जनक स्थान प्राप्त हो सके प्रदेष सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 24 जनवरी 2018 से 08 मार्च 2018 तक महिलाओ के लिये सम्मान, सुरक्षा, स्वारक्षा थीम के साथ अभियान चलाया जा रहा है जिसमें प्रथम चरण में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पुलिस विभाग के समन्वयक से पूरे प्रदेष के साथ साथ सीहोर जिले के समस्त थानो में यह अभियान संचालित किया गया । द्वितिय चरण में ग्राम पंचायम स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इसी क्रम में सीहोर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत जानपुर बावडिया में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें महिला सषक्तिकरण विभाग के परामर्षदाता सुरेष पांचाल, बाल कल्याण समिति सदस्य अनिल सक्सैना, पर्यवेक्षक रजनी जयसवाल, श्रद्धा मेहता, सरपंच सुरेष वर्मा, सचिव हकिम खान रोजगार सहायक रोहित वर्मा आंगनवाडी कार्यकर्ताओ के साथ ग्राम के महिलाए बालिकाए प्रतिभागी के रूप में  सम्मिलीत हुये परामर्षदाता सुरेष पांचाल द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये संचालित शासन की लाडली लक्ष्मी योजना उषा किरण योजना , साथ ही महिलाओं की  सुरक्षा हेतु संचालित हेल्प लाईन नम्बर 1090, 1098, 108,100 आदि महत्वपूर्ण नम्बरो की जानकारी दी गई। बाल कल्याण समिति सदस्य अनिल सक्सैना द्वारा बच्चो की सुरक्षा के लिये बनाये गये पाक्सो एक्ट की जानकारी देते हुये बताया गया कि बच्चो के षरीर के चार अंगो को केवल उनके माता पिता ही छु सकते एवं डाक्टर भी अपने माता पिता की उपस्थिति में छु सकते है । यदि ओर कोई छूता है तो शोर मचाये। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियो षासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ व अधिनियमो से संबंधित जानकारी की सामग्री उपलब्ध कराई गई।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 मार्च

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विदिशा एक पहल  : छात्राओं को जागरूक करने हेतु निःशुल्क मिलेंगे पेड

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के मार्गदर्शन में विदिशा एक पहल कार्यक्रम का शुभांरभ शीघ्र ही होने वाला है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर व्यापक तैयारियांे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 

विदिशा एक पहल
विदिशा एक पहल के अंतर्गत जिले की शैक्षणिक संस्थाओं खासकर शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं में सेनेटरी के प्रति जागरूक करने के उद्वेश्य से नवाचार किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सुचारी की पहल पर जिले में पदस्थ सभी अधिकारी एवं क्लास थ्री तक के कर्मचारियों के द्वारा स्वेच्छा से राशि जमा की जा रही है। जिससे छात्राओं को निःशुल्क पेड प्रदाय करने का विशेष अभियान क्रियान्वित किया जाएगा। 

बैंक में खाता खुला
विदिशा एक पहल के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा संग्रहित की जाने वाली राशि के सुरक्षित रख-रखाव हेतु जिला मुख्यालय के काॅ-आपरेटिव बैंक में करंट एकाउंट खोला गया है जिसमें अधिकारी, कर्मचारी चाहे तो सीधे राशि जमा कर सकते है। प्रथम श्रेणी के अधिकारी पांच सौ, द्वितीय श्रेणी के तीन सौ और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी सौ रूपए स्वेच्छा से प्रतिमाह जमा करेंगे। कलेक्टर श्री सुचारी ने सभी अधिकारी, कर्मचारियों से स्पष्ट कहा कि यह राशि स्वेच्छा से जमा करानी है अधिकारी, कर्मचारी चाहे तो इससे कम या अधिक भी जमा कर सकते है। किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को राशि जमा करने हेतु किसी भी प्रकार का दबाव नही होगा। वे चाहे तो दें अथवा ना दें। बैंक से राशि आहरण हेतु जिला पंचायत सीईओ और अपर कलेक्टर के संयुक्त हस्ताक्षर उपरांत ही राशि आहरण होगी। 

पेड
जिले के स्कूलों में अध्ययनरत लगभग तीस हजार छात्राओं को निःशुल्क पेड मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा छात्राओं में जागरूकता लाने के उद्वेश्य से महिला चिकित्सकों और अधिकारी, कर्मचारियों के द्वारा सतत सम्पर्क कर माहवारी के समय होने वाले संक्रमण रोगो के बारे में विस्तार से बताकर उनके बचाव से अवगत कराते हुए सुझाव देंगे। 

उपलब्धता
छात्राओं को निःशुल्क प्रदाय किए जाने वाले पेड आजीविका मिशन के समूहों द्वारा तैयार किए जाएंगे इसके लिए बकायदा उन्हें थोक सस्ती दर पर सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक श्री एएल उईके ने बताया कि वर्तमान में चार समूहों के द्वारा सेनेटरी के तहत पेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है आवश्यकता पडी तो अन्य समूह को भी इस कार्य से जोडा जाएगा। कलेक्टर श्री सुचारी ने जिले में किए जा रहे नवाचार के संबंध में बताया कि हर माह सामाजिक सरोकार कार्यक्रम के तहत जिले में नवाचार किए जाएंगे। प्रथम चरण में स्कूली छात्राओं को जागरूक करने हेतु पेड वितरण का कार्यक्रम अधिकारी कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। अब तक बैंक खाते में 84 हजार की राशि स्वेच्छा से अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा जमा की जा चुकी है। सामाजिक सरोकार के पीछे छात्राओं को संक्रमण के दुष्परिणामों से बचाने का प्रयास करना है। इसके साथ-साथ महिला स्वसहायता समूहों को अधिक से अधिक रोजगार मिलेगा।  
वन्दे मातरम् का गायन

प्रत्येक माह की एक तारीख को शासकीय कार्यालयों में वन्दे मातरम्् गायन के उपरांत शासकीय कार्यो का सम्पादन किया जाता है। आज एक मार्च को कलेक्टेªट प्रागंण में वंदे मातरम् का गायन हुआ जिसमें कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से वन्दे मातरम् गान का गायन किया।

ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने एवं नए घरेलू विधुत ट्रांसफार्मर लगाने को लेकर डी.ई. को सौंपा ज्ञापन

विदिषाः वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव, ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी गुलाबगंज के अध्यक्ष अनुज लोधी एवं ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी विदिषा ग्रामीण के अध्यक्ष दीवान किरार सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित विधुत विभाग के डी.ई. श्री अंकुर सेठ को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर खराब पडे है इन्हे जल्द से जल्द बदले जाएं जिससे ग्रागीण क्षेत्र के स्कूली बच्चों को पढाई करने में मुसीबत का सामना न करना पडे। गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट भी बड गया है ग्रामों में सुचारू विधुत व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीणों को संकट का सामना करना पड रहा है। इस दौरान विधुत विभाग के डी.ई. अंकुर सेठ ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव को आष्वासन दिया कि 4 से 8 दिन में इन सभी ग्रामों में सुचारू रूप से विधुत व्यवस्था की जायेगी। 

बिहार : पंचायत शिक्षिका कुमारी अम्ब्रिका है गॉल ब्लाडर से पीड़ित

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  • स्कूल में शौचालय नहीं रहने का कारण गढ़ा

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नालंदा.इस जिले में है बिन्द प्रखंड . इस प्रखंड में ताजनी ग्राम पंचायत में है मकनपुर गांव.इस गांव में  है एक विघालय है. इस विघालय का नाम है प्राथमिक विघालय, मकनपुर.यहां पर चार शिक्षक हैं.दो पुरूष और दो महिला.  विडम्बना है कि इस विघालय में एक भी शौचालय  नहीं है. इसका खामियाजा टीचर और स्टूडेंट्स भुगत रहे हैं.स्टूडेंट्स तो एक नम्बर (सू सू ) के लिये मैदान में और दो नम्बर (शौच) के लिये खड्डा में चले जाते हैं.रही बात 4 शिक्षकों की . इनमें 2 महिला शिक्षक हैं.उसमें कुमारी अम्ब्रिका हैं. जो तीन साल से प्राथमिक विघालय में पंचायत शिक्षका के रूप में      पदस्थापित हैं. उनका स्पष्ट रूप से कहना है कि स्कूल में शौचालय नहीं रहने के कारण शौचक्रिया नहीं कर पाती.उसके कारण गॉल ब्लाडर हो गया है.जानकार लोगों का कहना है कि उनका आरोप निराधार है.शौच नहीं करना गॉल ब्लाडर का कारक नहीं है. पंचायत शिक्षिका कुमारी अम्ब्रिका का कहना है कि पंचायत शिक्षिका पद पर तीन साल से कार्यरत हैं. आजतक वेतनादि नहीं मिला है. इसके कारण गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन नहीं कर पा रही है.काफी परेशानी का सामना करने वाली शिक्षका का कहना है कि नाजायज ढंग से बहाली की गयी थी. कम अंक वालों को बहाल कर लिया गया.इसके खिलाफ 9 प्रभावितों ने मसला को माननीय पटना उच्च न्यायालय में लिया.कार्य बहाल  है मगर वेतनादि नहीं मिल रहा है.
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