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बब्बर और आजाद को मौजूदा दायित्व से किया जा सकता है मुक्त

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लखनऊ 01 मार्च, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभाल रहे राजबब्बर और प्रभारी गुलाम नबी आजाद को उनके मौजूदा दायित्व से मुक्त किया जा सकता है।  पार्टी सूत्रों ने आज यहां बताया कि नई दिल्ली में 16 मार्च से शुरू होने वाले कांग्रेस के तीन दिवसीय सत्र के समापन के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी दोनो नेताओं को उनके पद से हटाकर उन्हें नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।सूत्रों ने बताया कि हाल ही में राज्य में सम्पन्न निकाय चुनाव में कांग्रेस के लचर प्रदर्शन से पार्टी गोरखपुर और फूलपुर संसदीय क्षेत्र में 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव को जीतने की उम्मीद खो चुकी है,हालांकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रभाव वाले गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कांग्रेस यदि अपनी स्थिति में सुधार कर सकती है तो उत्तर प्रदेश में ऐसा क्यों नही हो सकता। पिछले चुनावों में हालांकि भाजपा ने सपा और बसपा जैसी बड़े जनाधार वाले दलों को भी किनारे लगा दिया था मगर कांग्रेस इन दलों के बड़े नेताओ की मदद से अपनी हालत को मजबूती प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव गुलाम नवी आजाद को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाये जाने और राजबब्बर को प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कांग्रेस की हालत में सुधार नही ला सकी। वर्ष 2014 में हुये लोकसभा चुनाव में पार्टी 22 सीटों से खिसक कर मात्र दो में सिमट गयी। केवल तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही अपनी सीट बचाने में सफल रहे। पिछले साल सम्पन्न विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की हालत पतली रही। इस चुनाव को कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन कर लडा। इसके बावजूद उसके मात्र सात विधायक ही विधानसभा की देहरी लांघने में सफल रहे। सूत्रों ने दावा किया कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर लगातार दो चुनावों में पार्टी को जोरदार शिकस्त का सामना करना पडा जिसके बाद श्री बब्बर ने श्री राहुल गांधी के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी मगर श्री गांधी ने उसे ठुकरा कर एक और मौका दिया था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य मे पिछले साल हुये नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से हाईकमान चिंतित है। उसका मानना है कि बब्बर की टीम इस चुनाव में उचित प्रत्याशियों का चयन करने में पूरी तरह फ्लाप साबित हुयी। इससे आहत होकर पार्टी नेतृत्व श्री बब्बर और श्री आजाद की छुट्टी कर सकती है।

युवा पीढ़ी को इंटरनेट पर नफ़रत के दुष्प्रचार से बचाना ज़रूरी : सुल्तान अब्दुल्ला

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नयी दिल्ली 01 मार्च, जॉर्डन के सुल्तान अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ जारी विश्वव्यापी संघर्ष को केवल नफ़रत और कट्टरवाद फैलाने वाली ताकतों के विरुद्ध लड़ाई करार देते हुये आज कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को इंटरनेट पर घृणा को बढ़ावा देने वाले प्रचार से बचाने की जरूरत है। इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के प्रथम परिवार के 41वीं पीढ़ी के वंशज शाह अब्दुल्ला ने यहां विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में ‘इस्लामिक विरासत : सद्भावना एवं उदारत’ विषय पर अपने व्याख्यान में भारत के वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र की सराहना की और कहा कि जो लोग मज़हब को नहीं जानते, वही नफरत फैलाते हैं, टकराव पैदा करते हैं तथा आतंकवाद के रास्ते को बढ़ावा देते हैं।  उन्होंने कहा कि हम सबको दुनिया के सामने खड़े इस खतरे को बहुत गंभीरता से लेना होगा और मज़हब काे समझना होगा। इस्लाम की शिक्षाओं को समझना जरूरी है। उसमें लिखा है कि पड़ाेसी से प्रेम करना चाहिए। उन्होंने मज़हब के बहाने टकराव के रास्ते को बढ़ावा देने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुये कहा कि मज़हब अलग-अलग संस्कृतियों एवं सभ्यताओं को जोड़ता है। यह मानवीय विविधता का पोषक है। खुदा की निगाह में सबका महत्व है और यही साझी मानवीय विरासत हमारा मजहब है।  जॉर्डन के शाह ने कहा कि पूरी दुनिया में 1.8 अरब मुसलमान हैं जो समूची मानव जाति का एक चौथाई हैं। यह सहिष्णुता पर आधारित मज़हब है जो मोहम्मद के संदेश को लेकर आगे बढ़ा है कि अन्य लोगों के प्रति दयालु एवं कृपालु बनो। मुसलमान का फर्ज है कि जिनकी सुरक्षा कोई न करे, वे उसकी सुरक्षा करें। किसी अनजान व्यक्ति को उसी प्रकार से पनाह दे, जैसे किसी अपने को कठिनाइयों में दी जाती है।  उन्होंने कहा कि इस्लाम विश्व में संवाद एवं शांति का संदेश फैलाने के लिए है। हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम हर किसी के लिए सर्वसमावेशी अौर सद्भावपूर्ण बने चाहे वे हिन्दू हों या कोई और। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् एक बहुत बुद्धिमानी भरी बात है और इस्लाम के मूल्यों के अनुरूप है।

बिहार में भारी मात्रा मे शराब बरामद, आठ गिरफ्तार

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पटना 01 मार्च, बिहार में होली त्योहार में मद्देनजर शराब माफियाओं के खिलाफ चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस ने आज अलग-अलग जिलों से भारी मात्रा में शराब बरामद कर आठ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। खगड़िया से प्राप्त सूचना के अनुसार, जिले के चौथम थाना क्षेत्र के पितरा गांव के निकट से पुलिस ने आज विदेशी शराब के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूचना के आधार पर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 107 पर पितरा गांव के निकट दो मोटरसाइकिलों पर सवार कुछ संदिग्ध युवकों को रोक कर उनकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान युवकों के पास से 40 बोतल विदेशी शराब जप्त की गयी जिसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार युवकों से पुलिस पूछताछ कर रही है ।  वहीं, जिले के पसराहा थाना क्षेत्र के पीपरपाती गांव में पुलिस ने मंगल सिंह के घर पर छापा मारकर 93 बोतल विदेशी शराब बरामद की। इस दौरान मंगल के दामाद राजेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। राजेश भागलपुर जिले के जयरामपुर गांव का रहने वाला है।

गोपालगंज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने आज दो वाहनों से 45 कार्टन विदेश शराब जब्त कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सूचना के आधार पर जगन्नाथपुर गांव के समीप वाहन जांच के क्रम में दो कार से 45 कार्टन शराब जप्त की गयी है। इस सिलसिले में वाहनों में मौजूद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के राजकिशोर गिरी और सुशील कुमार के अलावा गोपालपुर का राजू कुमार भी शामिल हैं। बरामद शराब का मूल्य लाखों रुपये है। इस बीच पुलिस अधीक्षक रविरंजन का कहना है कि होली के मद्देनजर अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ सघन तलाशी अभियान जारी है। उत्तर प्रदेश की सीमा लगे होने के कारण सीमा पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। साथ ही सभी थानों को शराब तस्करी रोकने का सख्त निर्देश दिया गया है।

नीतीश की मौजूदगी में अशोक चौधरी समेत चार विधान पार्षद् जदयू में शामिल

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पटना 01 मार्च, बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी और तीन अन्य विधान पार्षदों ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में आज जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। श्री कुमार के आवास पर सादे समारोह में श्री चौधरी के साथ ही कांग्रेस के तीन अन्य विधान पार्षद् रामचंद्र भारती, दिलीप चौधरी और तनवरी अख्तर ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस के इन चार नेताओं ने कल ही संवाददाता सम्मेलन में पार्टी छोड़ने की औपचारिक घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इन चार विधान पार्षदों का जदयू में स्वागत किया और विश्वास जताया कि वे पार्टी को और मजबूत बनाने के लिए समर्पण से काम करेंगे। इस मौके पर जदयू नेता एवं राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, विधान पार्षद् संजय सिंह उर्फ गांधीजी एवं अन्य नेता उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि श्री चौधरी समेत चार विधान पार्षदों ने कल रात कांग्रेस छोड़ जदयू में शामिल होने की घोषणा की थी। इससे पूर्व उन्होंने बुधवार शाम करीब पांच बजे विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद को कांग्रेस में टूट के संबंध में पत्र लिखकर अवगत करा दिया था और अलग हुए विधान पार्षदों को विधान परिषद् में जदयू के सदस्य के तौर पर मान्यता देने का अनुरोध किया था। श्री चौधरी ने विधान पार्षद् रामचन्द्र भारती, दिलीप चौधरी और तनवीर अख्तर के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस में पिछले छह माह से उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हो रहा था जिसके कारण उनके साथ तीन अन्य विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ने और जदयू में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा था कि वह तीनों विधान पार्षदों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे और उन्हें अपने फैसले की जानकारी देते हुए आग्रह किया था कि वे उनके साथ आये विधान पार्षदों को अपनी पार्टी में जगह दें। 

विशेष आलेख : धर्मगुरुओं की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं से मुक्ति मिले

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आज धर्म एवं धर्मगरुओं का व्यवहार एवं जीवनशैली न केवल विवादास्पद बल्कि धर्म के सिद्धान्तों के विपरीत हो गयी है। नैतिक एवं चरित्रसम्पन्न समाज बनाने का नारा देकर तथाकथित धर्मगुुुरुओं ने अपने भौतिक एवं आर्थिक साम्राज्य के विस्तार के लिये अशांति, अपवित्रता, असन्तलन एवं अंधकार को फैलाया है। राजनीति की ओर उनकी रवानगी, उनका व्यवसायी हो जाना, उनके सैक्स स्कैंडल का उछलना, उनके द्वारा महिलाओं का शोषण किया जाना गहरी सामाजिक बहस की मांग करता है। हाल में हमारे देश में ऐसे ही अनेक धर्मगुरुओं का उभार हुआ है। उनके प्रशंसकों की संख्या अब करोड़ों में है, उनका करोडों-अरबों का साम्राज्य है। इन तथाकथित बाबाओं एवं धर्मगुरुओं की अंध-भक्ति और अंध-आस्था कहर बरपाती रही है और उनसे जन-जीवन आहत है। इन विडम्बनापूर्ण स्थितियों ने अनेक प्रश्न खड़े किये हैं, मुख्य प्रश्न है कि कब तक इन धर्मगुरुओं एवं बाबाओं के स्वार्थों के चलते जनजीवन गुमराह होता रहेगा? कब तक इनकी विकृतियां से राष्ट्रीय अस्मिता घायल होती रहेगी? कब तक सरकारें इनके सामने नतमस्तक बनी रहेगी? कब तक कानून को ये अंगूठा दिखाते रहेंगे? कब तक जनता सही-गलत का विवेक खोती रहेगी? ये ऐसे प्रश्न है जिनका समाधान खोजे बिना इन धर्मगुरुओं एवं बाबाओं के त्रासद एवं विडम्बनापूर्ण अपराधों एवं महत्वाकांक्षाओं से मुक्ति नहीं पा सकेंगे। कई कथित धर्मगुरुओं का व्यवसायी हो जाना तो आम बात है, लेकिन इन पर आपराधिक गतिविधियों के आरोप भी लगते रहे हैं। जमीन हड़पने और अवैध संपत्ति अर्जित करने के ही नहीं, हत्या और यौन शोषण के आरोप भी उन पर लगते रहे हैं। हैरानी की बात है कि इसके बावजूद ऐसे धर्मगुरुओं के पास भी लाखों लोग अंधभक्ति के साथ जाते हैं। इस तरह के लाखों अंधभक्त आज मौजूद हैं जिनसे तार्किक बहस करना लगभग असंभव है। जो धर्मगुरु अपराधों के आरोप से मुक्त हैं वे भी अपने संस्थानों के लिए तेजी से संपत्ति व भूमि जमा करने की प्रवृत्ति से मुक्त नहीं हो सके हैं। उनमें भी वैभव प्रदर्शन एवं अपनी ताकत दिखाने की हौड लगी है। उनके आयोजन एवं संस्थाएं कानून को सरेआम नजरअंदाज करती है, इस संबंध में पारदर्शिता भी प्रायः उन्होंने नहीं अपनाई है। अब चंूकि ये धर्मगुरु राजनीति में असरदार भूमिका भी निभाना चाहते हैं अतः उनकी पारदर्शिता की जरूरत और बढ़ गई है।
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न केवल सरकारें बल्कि प्रशासन भी इन धर्मगुरुओं के आभामंडल में जी रहा है और इन और इनके समर्थकों की नाराजगी से बचना चाहता है? इन मामलों में हमारे राजनीतिक नेतृत्व के नकारेपन एवं वोट की राजनीति भी उभारती हुुई देखी गयी है। हमारे नेतागण किसी समुदाय विशेष का समर्थन हासिल करने के लिए उसका सहयोग लेते हैं और बदले में उसे अपना संरक्षण देते हैं। इसी के बूते ऐसे समुदायों के प्रमुख अपना प्रभाव बढ़ाते चले जाते हैं। प्रभाव ही नहीं अपना पूरा साम्राज्य बनाते जाते हैं। बात चाहे रामपाल की हो, आसाराम बापू की हो या फिर राम रहीम की- ऐसे धर्मगुरुओं की एक बड़ी जमात हमारे देश में खड़ी है। धर्म के नाम पर इस देश में ऐसा सबकुछ हो रहा है, जो गैरकानूनी होने के साथ-साथ अमानवीय एवं अनैतिक भी है। इन धर्मगरुओं के मामलों में जहां कानून-व्यवस्था की भयानक दुर्गति और सरकार की घोर नाकामी आदि के अलावा भी अनेक सवालों पर हमें सोचने को विवश करता है। यह धर्म या अध्यात्म का कौन-सा रूप विकसित हो रहा है जिसमें बेशुमार दौलत, तरह-तरह के धंधे, अपराध, प्रचार की चकाचैंध और सांगठनिक विस्तार का मेल दिखाई देता है। इसमें सब कुछ है, बस धर्म या अध्यात्म का चरित्र नहीं है। इस तरह के धार्मिक समूह अपने अनुयायियों या समर्थकों और साधनों के सहारे चुनाव को भी प्रभावित कर सकने की डींग हांकते हैं, और विडंबना यह है कि कुछ राजनीतिक उनके प्रभाव में आ भी जाते हैं। यह धर्म और राजनीति के घिनौने रूप का मेल है। फटाफटा बेसूमार दौलत एवं सत्ता का सुख भोगने की लालसा एवं तमाम अपराध करते हुए उनपर परदा डालने की मंशा को लेकर आज अनेक लोग धर्म को विकृत एवं बदनाम कर रहे हैं, स्वार्थान्ध लोगों ने धर्म का कितना भयानक दुरुपयोग किया है, राम रहीम का प्रकरण इसका ज्वलंत उदाहरण है। 

इस बात पर जोरदार बहस की जरूरत है कि धर्मगुरुओं और राजनीति का गठबंधन देश के हितों के अनुकूल है या नहीं। दूसरा सवाल यह है कि कहीं इस गठबंधन से कुछ संवैधानिक सिद्धांतों, जैसे धर्म-निरपेक्षता का उल्लंघन होने का खतरा तो नहीं है। जब धर्मगुरु राजनीति की ओर आने की बात करते हैं, तो उनका सबसे बड़ा संदेश भ्रष्टाचार विरोध और नैतिकता का होता है। वे कहते है कि मौजूदा राजनीति की मुख्य समस्या भ्रष्टाचार है और वे उसे दूर करेंगे। राष्ट्र निर्माण के लिये यह बहुत अच्छा कार्य है पर क्यों न इसकी शुरूआत स्वयं धर्मगुरुओं के नाम पर ही हो रहे तरह-तरह के भ्रष्टाचार, धांधली एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों को दूर करके की जाए? दुुुनिया को सुुधारने से पहले अपने आंगन को बुहार लिया जाए, ऐसा होने पर ही इन धर्मगरुओं की बातों पर लोगों को यकीन होगा। इस तरह की सार्थक पहल न कर प्रायः ये धर्मगुरु पूरे देश को अपनी नैतिक शक्ति के बल पर सुधारने का दावा करते हैं। वे जो कार्यक्रम लोगों के सामने रखते हैं वे अति सरलीकृत लोक-लुभावने कार्यक्रम होते हैं। करोड़ों रूपये खर्च करके वे लोगों को बड़े पैमाने पर एकत्र कर सकते हैं और ताली बजवा सकते हैं, पर ऐसे कार्यक्रमों में देश व दुनिया को बदलने की क्षमता प्रायः नगण्य ही होती है। इन बड़े-बड़े आयोजनों से कौनसा देशहित या समाजनिर्माण का कार्य होता है, कहना मुश्किल है। यह कैसी धार्मिकता है, यह कैसा समाज निर्मित हो रहा है जिसमें अपराधी महिमामंडित होते हैं और निर्दोष सजा एवं तिरस्कार पाते हैं। धर्म के ठेकेदारों का राष्ट्र में कैसा घिनौना नजारा निर्मित हुआ है। धर्म की आड में अपराध का साथ देने, दोषी को बचाने की यह मुहिम सम्पूर्ण मानवता एवं धार्मिकता पर भी एक कलंक है। यह देखा जाना भी समय की मांग है कि तथाकथित धर्मगुरु धर्म का पाठ पढ़ाते हैं या फिर अपने समर्थकों की फौज को धर्मांध बनाते हैं? धर्म एवं धर्मगुरुओं में व्याप्त विकृतियों एवं विसंगतियों से राष्ट्र को मुक्ति दिलाना वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।

धर्मगुरुओं के उभार का कोरा नकारात्मक प्र्र्र्रभाव ही नहीं है, कुछ संतुलित एवं वास्तविक धर्मगुरुओं का अच्छा असर भी देखा गया है। उनके प्रयासों से  बहुत से लोगांे ने योग को अपनाया है, स्वास्थ्य व जड़ी-बूटियों संबंधी बहुत से अमूल्य परम्परागत ज्ञान को भी करोड़ों लोगों तक पहुंचाया गया है। नशामुक्ति की प्रेरणा एवं सकारात्मक वातावरण भी बना है, सामाजिक कुरीतियों एवं रूढ़ियों के खिलाफ भी जनजागृति का माहौल बना है, लोकतंत्र के प्रति जागरूकता के प्रयत्न भी हुए है। बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य रक्षा के कुछ बुनियादी नियमों के प्रति सचेत हुए हैं। लेकिन धर्म की आड़ में जितनी बुराइयां फैल रही है, उसकी तुलना में यह बहुत कम है। जरूरत धर्मगुरुओं को वास्तविक धर्मगुरु बनने की है, एक संतुलित, आदर्श एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की है, पर धर्मगुरुओं की बढ़ती आकांक्षाएं, भौतिक साम्राज्य स्थापित करने एवं देश-दुनिया में अपनी यशकीर्ति बढ़ाने की अतिशयोक्तिपूर्ण इच्छाएं कई बार इस संतुलन को बिगाड़ देता है और लोग भ्रमित हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कुछ धर्मगुरुओं ने अपने अनुयायियों की संख्या बढ़ाने के लिए चमत्कारों का सहारा भी लिया है, हालांकि छोटे-मोटे जादूगर भी यह बता देते हैं कि ये चमत्कार वास्तव में हाथ की सफाई भर होते हैं। अंधविश्वासों व अंधभक्ति का सहारा लेकर लोकप्रियता प्राप्त करना अनुचित है। जो धर्मगुरु स्वयं इस राह को नहीं अपनाते हैं, वे भी अपने साथी धर्मगुरुओं के इस तरह के पाखंडों का पर्दाफाश करने का प्रयास नहीं करते। इन धर्मगुरुओं के बढ़ते पाखंड एवं आपराधिक गतिविधियों को समय रहते नहीं रोका गया तो यह ऐसा अंधेरा फैलायेगा, जिसमें बहुत कुछ स्वाहा हो जाना है।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

चर्चा : शारजाह की सब्जी मंडी

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जब भी मैं यूएई आता हूँ तो शारजाह की नयी सब्जी मंडी को दुबारा देखना नहीं भूलता। सचमुच अद्भुत और दर्शनीय! कह नहीं सकता कि विश्व में ऐसी भव्य,विशालकाय और मनोरम सब्जीमंडी कहीं और होगी क्या?इस सब्जी मंडी का नाम है ‘सौक अल-जुबैल’। सैंतीस सौ वर्ग मीटर पर फैले इस विशालकाय वातानुकूलित परिसर में मुख्यतया तीन मार्किट अवस्थित हैं। एक में फल-फ्रूट और सब्जियाँ,दूसरे में मीट और मछली और तीसरे में सूखे मेवे आदि की दुकानें हैं। कुलबिल ३७० दुकानें हैं जिन में २१२ सब्जी और फल-फ्रूट की और शेष दुकानें मांस-मछली आदि की।पहले यह मंडी दूसरी जगह पर हुआ करती थी।नया परिसर बनने पर पुरानी मंडी की सारी दुकानें यहाँ पर शिफ्ट कर दी गयीं। व्यवस्था और साफ-सफाई अपने चरम पर। कहीं कोई गिचपिच नहीं,कोई चख-चख नहीं।कहीं कोई कोई हो-हुल्लड़ भी नहीं।एक दाम। कोई चुकाव-मुकाव भी नहीं।अनुशासन और शांति भी अपने चरम पर। यूएई चूंकि-कृषि प्रधान देश नहीं है,अतः फल,सब्जी आदि खाने-पीने की चीज़े मुख्यतया ओमान,भारत,पाकिस्तान,इटली,अमेरिका,श्रीलंका,ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से यहाँ आती हैं।  सब्जी मंडी की विशालकायता का अंदाज़ इस बात से लगाया जा सकता है कि परिसर के बाहर ७५० कारों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है। ८०० ट्रोलियों से लैस परिसर में एटीएम के साथ-साथ वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है। पूरा परिसर चौबीस घंटे सीसी कैमरों की निगरानी तले रहता है।परिसर की ऊपरली मंजिल पर ‘सौक अल-जुबैल’ का प्रशासनिक ऑफिस स्थित है। 



--डॉ० शिबन कृष्ण रैणा--

बिहार : 'वास'का स्वच्छता क्रांति रथ

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बिंद (नालंदा). सामाजिक व्यक्तित्व का परिचय दिया है, जमसारी पंचायत की पंचायत समिति की सदस्या रिंकु देवी ने. 'वास'का स्वच्छता क्रांति रथ से संध्याकालीन कार्यक्रम बरहोग गांव में चल रहा था. उन्होंने खुद ही निर्णय लेकर अपने देवर चंद्रदीप कुमार को बुलाकर कहा कि कार्यक्रम स्थल पर समुचित  प्रकाश का प्रबंध कर दें.  बताते चले कि परमार्थ निकेतन के संचालक स्वामी चिंदानंद सरस्वती के द्वारा देश के प्रमुख धर्मों हिंदु, मुस्लिम,सिख, ईसाई आदि के धर्मगुरूओं के सहयोग से ग्लोबल इंटरफेथ वास एलायंस गठित किया है.इसे सुगमता से जीवा कहते हैं. जल और स्वच्छता के केंद्र बिंदु पर जीवा का 'वास'कार्यक्रम पटना जिले के शहरी क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने के बाद मोकामा प्रखंड के पंचायतों में स्वच्छता क्रांति रथ के माध्यम से खुले में शौच नहीं करने का आग्रह करते-करते सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में गये.सीएम के जन्म स्थली हरनौत प्रखंड के पंचायतों के राजगीर प्रखंड के बिंद प्रखंड के पंचायतों में लिच-पिट पद्धति से शौचालय बनाकर खुले में शौच नहीं करने का रिक्वेस्ट किये. बरहोग गांव में कार्यक्रम पेश किया गया.काफी संख्या में देखने लोग पहुंचे. वीडियों के माध्यम से स्वच्छता के बारे में जानकारी दी गयी. छलछल-कलकल आने वाली पवित्र गंगा की दुर्गति,एशियाभर  मेंं स्वच्छ गांव, छोटी सी लड़की 'इच्छ'आदि पर निर्मित वीडियों दिखायी गयी. 'वास'कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कठपुतली है. भगवान शंकर,सरस्वती माता और गंगा मइया की कार्य भूमिका है.ऑडियो टेप से कहानी प्रस्तुति की जाती है. कठपुतलियों द्वारा मूक अभिनय किया जाता है.अंत में हाथ उठाकर सामूहिक शपथ दिलाकर जल,थल और वायु को स्वच्छ रखने और स्वच्छताग्रही बनने का आग्रह किया जाता है. जो सफल संदेश साबित हो रहा है.

होली विशेष : जापान वाला ‘सूट’ बिहार म्‍यूजियम में रखेंगे नीतीश

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मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का नालंदा प्रेम जगजाहिर है। राजगीर की वादियों में उनकी ‘राजनीतिक आत्‍मा‘ बसती है। आत्‍मा को सुलाने या जगाने की इच्‍छा होती है तो राजगीर पहुंच जाते हैं। राजगीर का संबंध जापान से भी रहा है। यह संबंध बौद्ध धर्म की वजह से है। इस कारण पिछले दिनों नीतीश कुमार जापान की यात्रा भी कर आये। पूरा काफिला साथ में था- मुख्‍य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव।

कुर्ता-पैजामा में दिखने वाले नीतीश का जापान में पहनावा बदला हुआ था। सफारी ‘सूट’। इंजीनियर रहे हैं। कपड़ों की पसंद का कोई जवाब नहीं। ‘महानायक’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार विदेश जाते हैं तो नीतीश कुमार एकाध-बार विदेश चले ही गये तो कौन-सी आफत आ गयी। आफत नीतीश की यात्रा को लेकर नहीं, बल्कि सूट को लेकर आयी हुई है। भारत में किसी शराबबंदी अभियान के बुलावे में सूट पहनकर तो जाएंगे नहीं। बिहारियों को यह ड्रेस पंसद नहीं आयेगा तो आखिर जापान वाले सूट का क्‍या होगा?

हमारे लिए यही सबसे बड़ी समस्‍या थी। आखिर विधानसभा के सीएम चैंबर में हमने पूछ ही लिया। जापान वाले सूट का अब क्‍या करेंगे। हमारे इस सवाल पर मुस्‍कुराए। फिर कुछ सोचा और बोले- इसको बिहार म्यूजियम के किसी दीर्घा में टंगवा देंगे। महात्‍मा गांधी के कपड़े, राजेंद्र प्रसाद के कपड़े से लेकर किन-किन के कपड़े अलग-अलग म्‍यूजियमों में प्रदर्शित किये गये हैं। जापान वाले सूट को भी म्‍यूजियम देखने वाले देखेंगे, इसका इतिहास पूछेंगे। इतिहास हमारा पंसदीदा विषय रहा है। इन सूटों का भी इतिहास होगा।

उन्‍होंने अपनी बात जारी रखी- बिहार म्‍यूजियम के निर्माण में कई तरह की अड़चन व बाधा आयी। मामला कोर्ट में भी गया। लेकिन जीत हमारी हुई। अड़चन पैदा करने वालों के नाम और करतूतों को भी म्‍यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा। ताकि इतिहास हमारे संघर्ष को याद करे। हमारे सूटों का अवलोकन कर सके। हमने एक सवाल और पूछ दिया- कितना सूट लेकर गये थे। इसको बनवाने में कितनी लागत आयी होगी। इस सवाल पर नाराज हो गये- प्रधानमंत्री से कोई पूछता है कितने का सूट लेकर गये थे। अब हम प्रधानमंत्री के रेस से बाहर हो गये तो क्‍या हुआ, हम हारे नहीं हैं। तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी, सुशील मोदी से लेकर अशोक चौधरी तक हमने सबकी संभावनाओं को नाप लिया है। कुर्सी से बडी संभावना किसी की नहीं है और कुर्सी पर तो फिलहाल हमही रहेंगे।






--वीरेंद्र यादव --

2019 में चांद का भी होगा अपना 4जी नेटवर्क

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बर्लिन, 2 मार्च, नेटवर्क निर्माता कंपनी वोडाफोन ने कहा कि 2019 में चांद का अपना 4जी सेलफोन नेटवर्क होगा। लंदन मुख्यालय वाली कंपनी वोडाफोन ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा है कि बहुराष्ट्रीय दूरसंचार कंपनी की जर्मन शाखा ने इस मिशन को हासिल करने के लिए नोकिया के साथ टीम बनाई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक, नेटवर्क बर्लिन की एक निजी अंतरिक्ष कंपनी पीटीएस साइंटिस्ट्स द्वारा एक निजी चांद रोवर मिशन को समर्थन देगा। कंपनी स्पेसएक्स फॉल्कोन रॉकेट के माध्यम से चांद पर एक लैंडर और दो छोटे रोवर भेजने की योजना बना रही है। पीटीएस साइंटिस्ट्स ने कहा कि उनकी टीम अंतरिक्ष की खोज में आने वाली कीमत को कम करने और चांद तक आसान पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। चांद रोवर योजना का लक्ष्य दिसंबर 1972 में चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग के दौरान अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा इस्तेमाल किए गए उनके चांद नित्यक्रम योजना का अध्ययन करना है। बयान के मुताबिक, नोकिया एक अंतरिक्ष-ग्रेड अल्ट्रा कॉम्पैक्ट नेटवर्क की रचना करेगा, जिसे अब तक का सबसे हल्का नेटवर्क बताया जा रहा है। इसका वजन करीब एक किलो होगा और यह चीनी की एक बोरी के बराबर होगा।

स्टील, एल्यूमिनियम पर लगेगा आयात शुल्क : ट्रंप

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वाशिंगटन, 2 मार्च, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहां गुरुवार को कहा कि वे स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाएंगे। उनका कहना है कि ऐसा वह अमेरिकी उद्योग की सुरक्षा के लिए करेंगे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिकी निर्माताओं को हानि होगी और वे व्यापारिक भागीदारों से कानूनी चुनौतियों का भी सामना कर सकते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रंप ने उद्योग कार्यकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि अमेरिका स्टील के आयात पर 25 फीसदी और एल्यूमीनियम पर 10 फीसदी का आयात शुल्क लगाएगा। ट्रंप ने कहा, "हम अगले हफ्ते इस पर हस्ताक्षर करेंगे, जिससे आपको लंबे समय तक सुरक्षा मिलेगी।"आयात शुल्क लगाने की खबरों पर अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में तुरंत गिरावट शुरू हो गई और कारोबारी सत्र के अंत में डाओ 500 से ज्यादा अंक फिसल गया, जो कि दो फीसदी से अधिक की गिरावट है।

वालमार्ट 21 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं बेचेगी बंदूक

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वाशिंगटन, 2 मार्च, अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने बंदूक खरीदने के लिए न्यूनतम उम्रसीमा बढ़ाकर 21 साल कर दी है। समाचार एजेंसी 'एफे'के अनुसार वालमार्ट ने हालिया घटनाओं के बाद बंदूक खरीदने की न्यूनतम उम्रसीमा बढ़ाने के अलावा अपनी वेबसाइट से असॉल्ट राइफल से मिलती जुलती चीजें हटा ली है। वर्ष 2015 में वालमार्ट ने असॉल्ट राइफल बेचना बंद कर दिया था। इस राइफल का इस्तेमाल फरवरी 2014 में फ्लोरिडा के एक स्कूल में हुए जनसंहार समेत कई घटनाओं में हुआ था। कंपनी ने एक बयान में कहा, "एक कंपनी के तौर पर खिलाड़ियों और शिकारियों की सेवा करना हमारी परंपरा रही है और हम जिम्मेदारी के साथ यह कार्य करते रहेंगे।"

अयोध्या में 5 मार्च को मुस्लिम महिला सम्मेलन

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फैजाबाद, 2 मार्च, आगामी पांच मार्च को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुस्लिम महिला सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में प्रदेश भर से करीब 500 मुस्लिम महिलाएं शामिल होगी। राष्ट्रीय मुस्लि  मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक मुरारी दास ने बताया कि पांच मार्च को अयोध्या तुलसी स्मारक सभागार में मुस्लिम महिलाओं के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुस्लिम महिलाएं राममंदिर निर्माण के समर्थन में अपील करेंगी। राममंदिर का दर्शन भी करेंगी। उन्होंने बताया कि सम्मलेन में तीन तलाक समेत लेकर 11 मुद्दों पर महिलाएं अपनी मांगे रखेंगी। जिसमें मुस्लिम महिलाओं के समान हक के लिए तालीम, पिता व पति की जायदाद में हक, दुनिया की हर जगह पर नौकरी पेशा का अधिकार, तीन तलाक में सजा तीन साल से दस साल करना, तीन तलाक के समय से मुआवजा और जब मुआवजा न मिले तो विधवा पेंशन की तरह तलाक पीड़ित महिला पेंशन की मांग प्रमुख है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक महिरध्वज उर्फ मुरारी दास, नादिरा हुसैन, ठाकुर राजा रईस, सैयद हसन कौसर मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि 61 संगठनों से जुड़े सुन्नी सोशल फोरम ने राममंदिर के प्रति अपना समर्थन जताया है। यह सभी अपना सहमति पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे। सम्मेलन की आयोजकों में नजरा हुसैन ने बताया कि हिन्दुस्तान की जनता अमन चाहती है। श्रीराम का मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा। इसके लिए मुस्लिम महिलाएं अभियान भी चलाएंगी।

होली के बाद चलेगी तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेन

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लखनऊ, 2 मार्च, होली के बाद वापसी के लिए बढ़ती वेटिंग लिस्ट और यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलाने जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्र्पक अधिकारी संजय यादव ने बताया कि होली त्योहार पर बढ़ती वेटिंग लिस्ट और उससे परेशान यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे प्रशासन ने दरभंगा-आनन्द विहार टर्मिनस, सहरसा-अम्बाला तथा दरभंगा-अम्बाला स्टेशनों के मध्य तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाये जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि 05527 दरभंगा-आनन्द विहार टर्मिनस स्पेशल ट्रेन 4 मार्च दिन रविवार को दरभंगा से 09.30 बजे चल कर सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, सगौली जं., बेतिया, नरकटियागंज, बगहा स्टेशनों पर रुकते हुए गोरखपुर से 18.05 बजे, दूसरे दिन लखनऊ, तथा कानपुर सेन्ट्रल से होते हुए आनन्द विहार टर्मिनस 08.30 बजे पहुंचेगी। वापसी यात्रा में 05528 आनन्द विहार टर्मिनस-दरभंगा स्पेशल ट्रेन 5 मार्च दिन सोमवार को आनन्द विहार टर्मिनस से 10.30 बजे चलकर दूसरे दिन दरभंगा 9 बजे पहुंचेगी। इस ट्रेन में जनरेटर सह लगेज यान के 2, साधारण श्रेणी के 3, शयनयान के 15, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का 1 तथा वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का 1 कोच सहित कुल 22 कोच लगाए जाएंगे। 05533 सहरसा- अम्बाला जनसाधारण स्पेशल ट्रेन 4 एवं 8 मार्च दिन रविवार एवं बृहस्पतिवार को सहरसा से 19.00 बजे प्रस्थान कर सिमरी बख्तियारपुर, मानसी, खगड़िया, हसनपुर रोड, समस्तीपुर, दरभंगा, कमतौल, दूसरे दिन जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, सगौली, बेतिया, नरकटियागंज, बगहा स्टेशनों पर रुकते हुए गोरखपुर से 08.05 बजे छूटकर बस्ती, गोण्डा, सीतापुर कैंट, बरेली, मुरादाबाद तथा सहारनपुर स्टेशनों पर रुकते हुए तीसरे दिन अम्बाला 00.15 बजे पहुंचेगी।

वापसी यात्रा में 05534 अम्बाला-सहरसा जनसाधारण स्पेशल ट्रेन 06 एवं 10 मार्च दिन मंगलवार एवं शनिवार को अम्बाला से 03.10 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन सहरसा 09.15 बजे पहुंचेगी। इस ट्रेन की संरचना एस.एल.आर. के 2 तथा साधारण श्रेणी के 16 कोचों सहित कुल 18 कोच लगाये जाएंगे। इसी प्रकार 05541 दरभंगा-अम्बाला जनसाधारण स्पेशल ट्रेन 06 एवं 10 मार्च दिन मंगलवार एवं शनिवार को दरभंगा से 23.15 बजे चल कर कमतौल, दूसरे दिन जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, सगौली जं., बेतिया, नरकटियागंज, बगहा, गोरखपुर, बस्ती, गोण्डा, सीतापुर कैंट, बरेली, मुरादाबाद तथा सहारनपुर स्टेशनों पर रुकते हुए तीसरे दिन 00.15 बजे अम्बाला पहुंचेगी। वापसी यात्रा में 05542 अम्बाला-दरभंगा जन साधारण 08 एवं 12 मार्च दिन वृहस्पतिवार एवं सोमवार को अम्बाला से 03.10 बजे चल कर दूसरे दिन दरभंगा 05.00 बजे पहुंचेगी। इस में एस.एल.आर. के 02 तथा साधारण श्रेणी के 16 कोचों सहित कुल 18 कोच लगाये जाएंगे।

भारत सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक : सुरेश प्रभु

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सिंगापुर, दो मार्च, भारत एक "बहुत खुली अर्थव्यवस्था"है और सभी देशों के साथ बेहतर व्यापारिक संबंध और समझौते चाहता है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज यहां क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक सहयोग (आरसीईपी) की बैठक से पहले व्यावसायिक समुदाय को संबोधित करते हुये यह बात कही। प्रभु ने अधिक गतिशील वैश्विक व्यापारिक प्रणाली की वकालत करते हुए कहा कि भारत एक वृहद मुक्त व्यापार समझौते- आरसीईपी के मुद्दे पर दस सदस्यीय दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रभु ने भारत के आर्थिक सुधार और वैश्विक एकीकरण शीर्षक से आयोजित एक व्याख्यान में कहा, "भारत एक बहुत ही खुली अर्थव्यवस्था है। हम व्यापारिक संबंधों और व्यापारिक समझौतों को यथासंभंव निरंतर बनाये रखना चाहते हैं, खासकर आसियान देशों के साथ, जिनके साथ हमारा पहले से करार है।"उन्होंने कहा कि रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था "सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं"में से एक है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम आरसीईपी पर आसियन और अन्य पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जिसके लिये मैं यहां पहुंचा हूं। हमारा विचार है कि कई देशों का लाभ और अपना लाभ सुनिश्चित करने के लिये जितना संभंव हो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों में शामिल हों। उन्होंने कहा कि यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौते "बहुत मुश्किल बातचीत"वाले हैं लेकिन भारत हमेशा इसमें शामिल होने के लिये तैयार है और यह सकरात्मक कदम है। प्रभु ने कहा कि "बहुपक्षीय समझौते को लेकर, हम बहुत उत्सुक हैं कि हमारे पास एक वैश्विक व्यापार प्रणाली होगी जो कि अधिक गतिशील होगी।"आरसीईपी के मंत्री इस समय सिंगापुर में हैं जहां वह आपसी बैठक करेंगे। आरसीईपी में क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। यह दुनिया में सबसे बड़ा क्षेत्रीय गुट होगा। वर्तमान में इसके तहत आसियन के दस सदस्य देशों-- ब्रुनेई, दारुसलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, वियतनाम-- के अलावा आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के बीच बातचीत चल रही है।

धोनी और ब्रावो से सीखना चाहता हूं: वुड

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चेन्नई, दो मार्च, इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने आज कहा वह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और वेस्टडंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो की तरह सोच विकसित कर अगले महीने से शुरू हो रही इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए ‘मैच विजेता’ बनना चाहते है। चेन्नई सुपर किंग्स की वेबसाइट पर पोस्ट खबर में वुड ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि दबाव की परिस्थितियों का सामना और दिग्गजों के दिमाग का अध्ययन कर सीखा जा सकता है। कप्तान के रूप में धोनी से मुझे मार्ग दर्शन मिलेगा और ब्रावो के साथ से मैं धीमी गेंद फेंकने की कला सीखना चाहूंगा।’’  वुड ने कहा कि आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा होकर गौरवान्वित महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा, ‘‘ आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलना उनके लिए बेहद गर्व की बात है। आईपीएल में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा है, इसके साथ ही मैं इसकी सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक का प्रतिनिधित्व करूंगा! कौन ऐसा नहीं चाहेगा? मैं बहुत भाग्यशाली हूं और उम्मीद है कि अपनी टीम का ‘मैच विजेता’ बनूंगा। ’’ 

नीरव मोदी की मौजूदगी की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं अमेरिका

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वाशिंगटन, दो मार्च, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि सरकार हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अमेरिका में होने से जुड़ी खबरों से अवगत है, लेकिन इनकी पुष्टि नहीं कर सकता है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ हम हालिया मीडिया रपटों से अवगत हैं कि नीरव मोदी अमेरिका में है लेकिन इनकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं।’’  यह पूछे जाने पर कि क्य नीरव मोदी का पता लगाने के लिए विदेश विभाग भारत सरकार को सहयोग प्रदान कर रहा है तो प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्री मोदी (नीरव) की जांच के संदर्भ में भारतीय अधिकारियों को कानूनी सहयोग प्रदान करने करने को लेकर आप विधि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।’’  अमेरिकी विदेश विभाग ने मोदी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी के मामले में मोदी और उसके मामा मेहुल चोक्सी तथा कुछ अन्य लोग जांच का सामना कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया

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इस्लामाबाद, दो मार्च, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों की ‘अकारण गोलीबारी’ को लेकर आज लगातार दूसरे दिन भारत के उप उच्चायुक्त जेपी सिंह को तलब किया। पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं दक्षेस) मोहम्मद फैसल ने सिंह को सम्मन किया और गत एक मार्च को भीमबेर/समाहिनी सैक्टरों में भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से की गई ‘अकारण गोलीबारी’ की निंदा की। उसने कहा कि गोलीबारी में एक आम नागरिक की मौत हो गई और उसकी पत्नी व बेटा घायल हो गए। फैसल ने कहा कि संयम के आह्वान के बावजूद भारत संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि साल 2018 में भारतीय सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा और कार्यकारी सीमा पर संघर्ष विराम का 415 बार उल्लंघन किया है जिनमें 20 आम नागरिक मारे गए और 71 अन्य घायल हो गए। फैसल ने कहा कि ‘भारत की ओर से 2017 से इस स्तर पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है। पिछले साल 1970 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया।’  उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है और यह निश्चित तौर पर निंदनीय है और मानवीय गरिमा, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय कानूनों के विपरीत है। पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कल भी इसी विषय को लेकर जेपी सिंह को तलब किया था। इससे पहले उसने भारतीय उप उच्चायुक्त को पांच, 15, 20, 22, 24 और 27 फरवरी को भी सम्मन किया था।

बेहतर नतीजे के लिए लीक से हटकर सोचें : अश्वनी लोहानी

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नयी दिल्ली, दो मार्च, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने रेल अधिकारियों से कहा है कि वे बेहतर नतीजे, कमाई बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए लीक से हट कर सोचें। उन्होंने बीते 26 फरवरी को भारतीय रेल के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे पत्र में यह कहा है। लोहानी ने कहा कि हर एक गतिविधि के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की बहुलता वाली स्थिति को बदलने की जरूरत है ताकि सेवा में सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि सेवा मुहैया कराने के रास्ते में बेवजह की बाधाएं आड़े नहीं आनी चाहिए। लोहानी ने कहा कि चीजों को दुरूस्त करने की जरूरत है और अधिकारियों को चाहिए कि वे ऐसे निर्णय करें जो बेहतर नतीजे, कमाई बढ़ाने, कार्यबल को संतुष्ट करने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए हों।

अयोध्या : सलमान नदवी ने रुख पलटा, कहा अदालत के फैसले का इंतजार

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लखनऊ, दो मार्च, अयोध्या विवाद पर समझौते का नया फॉर्मूला सुझाने वाले और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित किए गए मौलाना सलमान नदवी ने अपना रूख पलटते हुए आज कहा कि वह इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे। नदवी ने कहा कि अयोध्या का मामला उसके पक्षकार ही सुलझायें तो बेहतर है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही। गौरतलब है कि वह पहले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के साथ मिलकर कोर्ट के बाहर मसले का हल तलाश करने की बात कर रहे थे। नदवी ने आज कहा कि 'अयोध्या मसले में हम कोई पक्षकार नहीं हैं। राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को हमने अपने एजेंडे से निकाल दिया है, अयोध्या मसले के जो पक्षकार हैं वो इसे खुद सुलझाएं। इस मसले को बाहर सुलझाने के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड तैयार नही है, न ही कोई अन्य पक्ष फिर बाहरी लोगो से बात करने से क्या फायदा। मैं इस मामले में पक्षकार नही हूं इसलिये अब मै इस मामले से मै अपने को अलग कर रहा हूं। 'उन्होंने कहा कि अब वह इस मामले पर नही बोलेंगे और अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे । गौरतलब है कि कल श्री श्री रविशंकर ने लखनऊ में मौलाना से मुलाकात की थी। रविशंकर ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि 'हमारा प्रयत्न जारी है, सफलता की ओर चल रहे है सब तरफ से बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, आगे और कार्यक्रम करेंगे । देश में दोनो समुदायों के बीच सौहार्द बना रहे, प्रेम बना रहे और भव्य रूप से राम मंदिर का निर्माण हो, इस बारे में हम लोग बात कर रहे है । 'उनसे कल जब पूछा गया था कि उनकी आज क्या बात हुई इस पर उन्होंने कहा कि 'हम और लोगों से भी बात कर रहे हैं। इस लिये हम यहां हैं। यह ठीक दिशा है। ​हम लोगों को साथ ला रहे हैं ताकि आम सहमति बन सके। मुस्लिम समुदाय से हमें भरपूर समर्थन मिल रहा है जो कि काफी उत्साहवर्धक है।'मदनी से आज जब पूछा गया कि रविशंकर तो लोगों के समर्थन की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों से समर्थन की बात कही जा रही है वे न तो पक्षकार हैं न ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य। ऐसे लोगों से बात करने से क्या फायदा। अयोध्या मामले को अदालत से बाहर सुलझाने की पहल करने वाले नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले नदवी ने बेंगलुरु में रविशंकर से मुलाकात की थी।

छत्तीसगढ़ में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए

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हैदराबाद/रायपुर, दो मार्च, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस ने मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं तेलंगाना पुलिस का एक जवान घायल हुआ है। राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने आज बताया कि जिले के उसूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पामेड़ और उसूर के मध्य पुजारी कांकेर गांव के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है। सुंदरराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस को सीमावर्ती बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में बड़े नक्सली जमावड़े की जानकारी मिली थी। जानकारी के बाद क्षेत्र में तेलंगाना के ग्रेहाउंड बल तथा बीजापुर जिले के डीआरजी, एसटीएफ और जिला बल के जवानों को गस्त में रवाना किया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब ग्रेहाउंड का दस्ता पुजारी कांकेर गांव के जंगल में पहुंचा तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की। कुछ देर तक दोनों ओर से गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। इस घटना में ग्रेहाउंड का एक जवान भी घायल हो गया है। सुंदरराज ने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद पुलिस दल ने क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया है। अभी तक 10 नक्सलियों का शव बरामद किया गया है। अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान कराई जा रही है तथा अभी इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा रही है। घायल जवान को जंगल से बाहर निकाला जा रहा है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा, ‘‘यह छत्तीसगढ और तेलंगाना पुलिस का संयुक्त अभियान था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 6.30 बजे हुई मुठभेड़ में 10 माओवादी मारे गए हैं।’’
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