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विशेष आलेख : जोखिम भरा बचपन सभ्य समाज की त्रासदी

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इक्कीसवीं सदी का सफर करते हुए तमाम तरह के विकास के वायदें तब खोखले साबित हो रहे हैं जब हम अपने बचपन को उपेक्षित होते एवं कई  तरह के खतरों से जूझते देखते हैं। निश्चित रूप से यह चिंताजनक है और हमारी विकास-नीतियों पर सवाल भी उठाती है। बड़ा सवाल तो तब खड़ा हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में पेश आंकड़ों के मुताबिक 2016 में ही देश भर में करीब एक लाख बच्चे यौन अपराधों के शिकार हुए। समाज के सभ्य होने की उम्मीद तभी संभव है जब अपने बीच के उन तबकों के जीवन की स्थितियां सहज और सुरक्षित हो, जो कई वजहों से जोखिम या असुरक्षा के बीच जीते हैं। लेकिन बच्चों का उजड़ता, उपेक्षित होता, शोषित होता जीवन अनेक सवाल खड़े कर रहा है, जिनका समाधान वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध लंबे समय से सामाजिक चिंता का विषय रहे हैं। लेकिन तमाम अध्ययनों में इन अपराधों का ग्राफ बढ़ने के बावजूद इस दिशा में शायद कुछ ऐसा नहीं किया जा सका है, जिससे हालात में सुधार हो। इन जटिल एवं संकटग्रस्त होती स्थितियों का समाधान न होना, सरकार की असफलता को भी उजागर करता है। भले ही सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अनेक बार चिंता जताई गई, समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के दावे किए गए। मगर इस दौरान आपराधिक घटनाओं के शिकार होने वाले मासूमों की संख्या में कमी आने के बजाय और बढ़ोतरी ही होती गई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2015 के मुकाबले 2016 में बच्चों के प्रति अपराध के मामलों में ग्यारह फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इनमें भी कुल अपराधों के आधे से ज्यादा सिर्फ पांच बड़े राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में हुए। सबसे ज्यादा मामले अपहरण और उसके बाद बलात्कार के पाए गए। बच्चों के खिलाफ अपराधों में यौन शोषण एक ऐसा जटिल पहलू है, जिसमें ज्यादातर अपराधी पीड़ित बच्चे के संबंधी या परिचित ही होते हैं।
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यह बचपन रूपी भविष्य न केवल यौन शोषण एवं अपराधों का शिकार है बल्कि  आज वह नशे एवं अपराध की दुनिया में धंसता चला जा रहा है। बचपन इतना डरावना एवं भयावह हो जायेगा, किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। आखिर क्या कारण है कि बचपन अपराध की अंधी गलियों में जा रहा है? बचपन इतना उपेक्षित क्यों हो रहा है? बचपन के प्रति न केवल अभिभावक, बल्कि समाज और सरकार इतनी बेपरवाह कैसे हो गयी है? ये प्रश्न हमें झकझोर रहे हैं। जब हम किसी गली, चैराहे, बाजार, सड़क और हाईवे से गुजरते हैं और किसी दुकान, कारखाने, रैस्टोरैंट या ढाबे पर 4-5 से लेकर 12-14 साल के बच्चे को टायर में हवा भरते, पंक्चर लगाते, चिमनी में मुंह से या नली में हवा फूंकते, जूठे बर्तन साफ करते या खाना परोसते देखते हैं और जरा-सी भी कमी होने पर उसके मालिक से लेकर ग्राहक द्वारा गाली देने से लेकर, धकियाने, मारने-पीटने और दुव्र्यवहार होते देखते हैं तो अक्सर ‘हमें क्या लेना है’ या ज्यादा से ज्यादा मालिक से दबे शब्दों में उस मासूम पर थोड़ा रहम करने के लिए कहकर अपने रास्ते हो लेते हैं। लेकिन कब तक हम बचपन को इस तरह प्रताड़ित एवं उपेक्षा का शिकार होने देंगे। बच्चे पहले ही आपराधिक मानसिकता के लोगों के निशाने पर ज्यादा होते हैं। फिर व्यवस्थागत कमियों का फायदा भी अपराधी उठाते हैं। विडंबना यह है कि चार से पंद्रह साल उम्र के जो मासूम बच्चे अभी तक समाज और दुनिया को ठीक से नहीं समझ पाते, वे आमतौर पर मानव तस्करों के जाल में फंस जाते हैं। इनमें भी लड़कियां ज्यादा जोखिम में होती हैं। एक आंकड़े के मुताबिक गायब होने वाले बच्चों में सत्तर फीसद से ज्यादा लड़कियां होती हैं। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बच्चों को मानव तस्करी का शिकार बनाने वाले गिरोह छोटी बच्चियों को देह व्यापार की आग में धकेल देते हैं। घरेलू नौकरों से लेकर बाल मजदूरी के ठिकानों पर बेच दिए जाने के अलावा यह लड़कियों के लिए दोहरी त्रासदी का जाल होता है। इन अपराधों की दुनिया और उसके संचालकों की गतिविधियां कोई दबी-ढकी नहीं रही हैं। लेकिन सवाल है कि हमारे देश में नागरिकों की सुरक्षा में लगा व्यापक तंत्र अबोध बच्चों को अपराधियों के जाल से क्यों नहीं बचा पाता! आपराधिक मानसिकता वालों के चंगुल में फंसने से इतर मासूम बच्चों के लिए आसपास के इलाकों के साथ उनका अपना घर भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता। जाहिर है, बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के कई पहलू हैं, जिनसे निपटने के लिए कानूनी सख्ती के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता के लिए भी अभियान चलाने की जरूरत है। अक्सर हम देश के विकास को आंकड़ों की चकाचैंध से आंकते हैं। लेकिन अगर चमकती तस्वीर के पर्दे के पीछे अंधेरे में अपराध के शिकार बच्चे कराह रहे हों, तो उस विकास की बुनियाद मजबूत नहीं हो सकती!
किसी भी राष्ट्र का भावी विकास और निर्माण वर्तमान पीढ़ी के मनुष्यों पर उतना अवलम्बित नहीं है जितना कि आने वाली कल की नई पीढ़ी पर। अर्थात् आज का बालक ही कल के समाज का सृजनहार बनेगा। बालक का नैतिक रूझान व अभिरूचि जैसी होगी निश्चित तौर पर भावी समाज भी वैसा ही बनेगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि बालक नैतिक रूप से जिसे सही समझेगा, आने वाले कल के समाज में उन्हीं गुणों की भरमार का होना लाजिमी है। ऐसी स्थितियों में हम बचपन को शिक्षा की ओर अग्रसर न करके उनसे बंधुआ मजदूरी कराते हैं, उनका यौन शोषण करते हैं, उन्हें अपराध की अंधी गलियों में धकेलते हैं, इन स्थितियों का उन पर कितना दुष्प्रभाव पड़ता है, और इन कमजोर नींवों पर हम कैसे एक सशक्त राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं? बचपन को लेकर सरकार और समाज का नजरिया कितना विडम्बनापूर्ण है, इसे हमें समझना होगा। पारिवारिक काम के नाम पर अब बचपन की जरूरतों को दरकिनार कर संशोधित कानून के अनुसार खुलेआम बच्चों से काम कराया जा सकता है। कुछ बच्चे अपनी मजबूरी से काम करते हैं तो कुछ बच्चों से जबरन काम कराया जाता है। यदि गौर करें तो हम पाएंगे कि किसी भी माता-पिता का सपना अपने बच्चों से काम कराना नहीं होता। हालात और परिस्थितियां उन्हें अपने बच्चों से काम कराने को मजबूर कर देती हैं। पर क्या इसी आधार पर उनसे उनका बचपन छीनना और पढने-लिखने की उम्र को काम की भट्टी में झोंक देना उचित है? ऐसे बच्चे अपनी उम्र और समझ से कहीं अधिक जोखिम भरे काम करने लगते हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसी जगह काम करते हैं जो उनके लिए असुरक्षित और खतरनाक होती है जैसे कि माचिस और पटाखे की फैक्टरियां जहां इन बच्चों से जबरन काम कराया जाता है। इतना ही नहीं, लगभग 1.2 लाख बच्चों की तस्करी कर उन्हें काम करने के लिए दूसरे शहरों में भेजा जाता है। 
इतना ही नहीं, हम अपने स्वार्थ एवं आर्थिक प्रलोभन में इन बच्चों से या तो भीख मंगवाते हैं या वेश्यावृत्ति में लगा देते हैं। देश में सबसे ज्यादा खराब स्थिति है बंधुआ मजदूरों की जो आज भी परिवार की समस्याओं की भेंट चढ़ रहे हैं। चंद रुपयों की उधारी और जीवनभर की गुलामी बच्चों के नसीब में आ जाती है। महज लिंग भेद के कारण कम पढ़े-लिखे और यहां तक कि शहरों में भी लड़कियों से कम उम्र में ही काम कराना शुरू कर दिया जाता है या घरों में काम करने वाली महिलाएं अपनी बेटियों को अपनी मदद के लिए साथ ले जाना शुरू कर देती हैं।  कम उम्र में काम करने वाले बच्चे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं। साथ ही उनकी सेहत पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। उनसे न केवल मजदूरी करायी जाती है बल्कि उनका यौन शोषण भी किया जाता है। इन त्रासद स्थितियों में उनका शारीरिक विकास समय से पहले होने लगता है जिससे उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों को न पारिवारिक सुरक्षा दी जाती है और न ही सामाजिक सुरक्षा। बाल मजदूरी से बच्चों का भविष्य अंधकार में जाता ही है, देश भी इससे अछूता नहीं रहता क्योंकि जो बच्चे काम करते हैं वे पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर हो जाते हैं और जब ये बच्चे शिक्षा ही नहीं लेंगे तो देश की बागडोर क्या खाक संभालेंगे? इस तरह एक स्वस्थ बाल मस्तिष्क विकृति की अंधेरी और संकरी गली में पहुँच जाता है और अपराधी की श्रेणी में उसकी गिनती शुरू हो जाती हैं। महान विचारक कोलरिज के ये शब्द-‘पीड़ा भरा होगा यह विश्व बच्चों के बिना और कितना अमानवीय होगा यह वृद्धों के बिना?’ वर्तमान संदर्भ में आधुनिक पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन शैली पर यह एक ऐसी टिप्पणी है जिसमें बचपन की उपेक्षा को एक अभिशाप के रूप में चित्रित किया गया है। सच्चाई यह है कि देश में बाल अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बच्चे अपराधी न बने इसके लिए आवश्यक है कि अभिभावकों और बच्चों के बीच बर्फ-सी जमी संवादहीनता एवं संवेदनशीलता को फिर से पिघलाया जाये। फिर से उनके बीच स्नेह, आत्मीयता और विश्वास का भरा-पूरा वातावरण पैदा किया जाए। श्रेष्ठ संस्कार बच्चों के व्यक्तित्व को नई पहचान देने में सक्षम होते हैं। अतः शिक्षा पद्धति भी ऐसी ही होनी चाहिए। सरकार को बच्चों से जुड़े कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए एवं बच्चों के समुचित विकास के लिये योजनाएं बनानी चाहिए। ताकि इस बिगड़ते बचपन और भटकते राष्ट्र के नव पीढ़ी के कर्णधारों का भाग्य और भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। 



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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

विचार : कानून के दुरुपयोग की आशंका में न्यायिक शक्तियों का दुरुपयोग कितना जायज?

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प्रधानमंत्री जी आपको ज्ञात हो ही चुका है कि अजा एवं अजजा वर्गों के नेतृत्व से विहीन सुप्रीम कोर्ट ने अजा एवं अजजा वर्गों के संरक्षण के लिये संसद द्वारा निर्मित कानून को दुरुपयोग की आशंका बताकर निष्प्रभावी कर दिया है! जिसके चलते देशभर के अजा एवं अजजा वर्गों के आम लोग भयंकर रूप से डरे, सहमे और आतंकित महसूस कर रहे हैं। इसके बावजूद आपकी ओर से इस अत्यंत गम्भीर विषय पर प्रधानमंत्री के रूप में आपकी चुप्पी हालातों को और भी खतरनाक बना रही है। यह स्थिति स्वस्थ एवं परिपक्व लोकतांत्रिक व्यवस्था की परिचायक नहीं कही जा सकती। अत: इस खुले खत के मार्फत आपको हालातों से सार्वजनिक रूप से अवगत करवाना अपरिहार्य हो गया है।

प्रधानमंत्री जी सबसे पहला विचारणीय तथ्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 को संसद द्वारा क्यों अधिनियमित किया गया? निश्चय ही इन दोनों वर्गों के साथ होने वाले अत्याचारों को तत्कालीन प्रभावी कानूनों और नियमों से रोकना संभव नहीं था। इसलिये यह नया कानून बनाया गया था। यह सर्वज्ञात तथ्य है कि जब भी किन्हीं उत्पीड़ित या कमजोर या अशक्त या निशक्त समुदायों को अतिरिक्त या विशेष संरक्षण सहयोग की वास्तविक जरूरत होती है तो किसी भी लोक कल्याणकारी राज्य में, लोकतंत्रीय सरकारों का संवैधानिक दायित्व होता है कि उन समुदायों को कानून का विशेष/अतिरिक्त संरक्षण प्रदान किया जाये।

प्रधानमंत्री जी आप जानते हैं कि 1950 से 1989 तक भारत में अजा एवं अजजा वर्गों के विरुद्ध जारी अत्याचारों तथा अपराधों के आंकड़ों तथा घटनाओं का अध्ययन एवं विचारण करने के बाद निर्वाचित संसद ने यह उचित समझा कि इन दोनों वर्गों को शेष वर्गों से विशेष कानूनी संरक्षण की जरूरत है। इसीलिये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 को अधिनियमित किया गया। इसके लागू होने के बाद भी अजा एवं अजजा के विरुद्ध अपराधों और अत्याचारों में पूरी तरह से रुकावट नहीं आयी। अत: इस अधिनियम में संसद द्वारा उचित संशोधन भी किये गये। इसके उपरांत भी सरकारी आंकड़े बताते हैं कि आपकी सरकार के पदासीन होने के बाद पिछले कुछ वर्षों में अजा एवं अजजा वर्गों के निरपराध आम लोगों के विरुद्ध अत्याचार तथा अपराध की घटनाओं में लगातार एवं उत्तरोत्तर वृद्धि होती रही है।

प्रधानमंत्री जी उक्त पृष्ठभूमि में इंसाफ-पसंद विधिवेत्ताओं द्वारा उक्त अधिनियम को पर्याप्त नहीं समझा जा रहा था तथा अजा एवं अजजा वर्गों को अतिरिक्त वैधानिक संरक्षण की जरूरत अनुभव की जा रही थी। ऐसे विकट समय में आपकी सरकार की ओर से कोर्ट में कमजोर एवं औपचारिक पैरवी की जाती है तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय सुनाता है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 का दुरुपयोग होने की आशंका या दुरुपयोग हो रहा है और इसी अप्रमाणिक, संदेहास्पद एवं काल्पनिक आधार पर संसद द्वारा निर्मित इस कानून के प्रावधानों को लगभग निरस्त कर दिया गया है। मगर आपकी चुप्पी नहीं टूटी है!

प्रधानमंत्री जी यहां य​ह तथ्य विचारणीय है कि इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि अजा एवं अजजा के उत्थान और संरक्षण हेतु उपबन्धित संवैधानिक प्रावधानों की संकीर्ण और नकारात्मक व्याख्या करके सुप्रीम कोर्ट ने 1950 से लगातार हर बार उन्हें कमजोर किया है। सुप्रीम कोर्ट के ऐसे संकीर्ण व्याख्या करने वाले निर्णयों को निष्प्रभावी करने हेतु तत्कालीन संसद द्वारा संविधान में संशोधन करके सुप्रीम कोर्ट को बार-बार संकेत दिया गया कि न्यायपालिका द्वारा कानूनों का निर्वचन अजा एवं अजजा वर्गों के हितों के विरुद्ध किया जा रहा है। इसके बावजदू सुप्रीम कोर्ट द्वारा संकीर्ण एवं नकारात्मक व्याख्या किये जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आपकी सरकार के कार्यकाल में इसमें तेजी आयी है।

प्रधानमंत्री जी इन हालातों में न केवल अजा एवं अजजा वर्गों के लिये, बल्कि देश की 90 फीसदी वंचित आबादी के लिये न्यायपालिका का यह दृष्टिकोंण गंभीर चिंता का विषय बन चुका है! क्योंकि केवल मात्र किसी कानून के दुरुपयोग की आशंका को आधार बनाकर वंचित वर्गों के संरक्षण के लिये संसद द्वारा निर्मित कानून को एक झटके में निरस्त कर देना, लोकतंत्र सबसे बड़े आधार संसद को कमजोर करने और अति न्यायिक सक्रियता का जीता जागता प्रमाण है। यह इसलिये भी विशेष चिंता का कारण है कि बिना किसी निष्पक्ष जांच और बिना किन्हीं आधिकारिक आंकड़ों के सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने देश के निर्वाचित सांसदों द्वारा निर्मित कानून को निष्प्रभावी कर दिया है! क्या यह न्यायिक शक्तियों का दुरुपयोग नहीं है?

प्रधानमंत्री जी इन हालातों में केन्द्र सरकार को चाहिये कि यदि किन्हीं कानूनों का दुरुपयोग होता है तो ऐसे कानूनों का दुरुपयोग रोकने के लिये अधिक कठोर कानून बनाकर, उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जावे और दुरुपयोगों को रोकने में विफल/जिम्मेदार संस्थानों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक प्रावधान लागू किये जाना सुनिश्चित किया जावे। अन्यथा कानूनों के दुरुपयोग के बहाने, कानूनों को निरस्त/निष्प्रभावी किया जाना शुरू हो गया तो ऐसे सैकड़ों कानूनों तथा हजारों प्रावधानों को निरस्त करना होगा। जिनका हर पल दुरुपयोग होते रहने की आशंका बनी रहती है और अनेक बार दुरुपयोग होता भी है। ऐसे कुछ ज्वलंत उदाहरण आपके विचारण हेतु पेश हैं:—

1—कॉलेजियम द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय कुछ गिने—चुने परिवारों के लोगों को ही सुप्रीम कोर्ट एवं होई कोर्टों में जज नियुक्त किये जाते रहे हैं। क्या कॉलेजियम से जजों की नियुक्ति का अधिकार छीन लिया जाना चाहिये?
2—उच्च न्यायपालिका में 67 फीसदी पदों पर सीधे जजों की नियुक्ति करने में वंचित वर्गों के योग्य तथा पात्र लोगों की 67 साल से सरेआम अनदेखी की जाती रही है। क्या इन 67 फीसदी पदों पर जजों की सीधी नियुक्ति का संवैधानिक प्रावधान निरस्त कर दिया जाना चाहिये?
3—विज्ञापन के नाम पर सरकारों द्वारा जनता की गाढी कमाई से संग्रहित राजस्व को मीडिया को लुटाया जाता रहता है। क्या सरकार से विज्ञापन प्रदान करने के विशेष विवेकाधिकार को प्रतिबन्धित कर दिया जाना चाहिये?
4—शासकीय अधिकारियों को मिले वित्तीय एवं प्रशासकीय विवेकाधिकारों का हमेशा से जमकर दुरुपयोग होते रहने के आरोप लगते रहे हैं। क्या विवेकाधीन अधिकार सामाप्त कर दिये जाने चाहिये?
5—सांसदों और विधायाकों को मिले बस—रेल यात्रा पासों का दुरुपयोग होता रहता है। क्या सांसदों और विधायकों को बस—रेल यात्रा पास बंद कर दिये जाने चाहिये?
6—जनहित में उपयोग करने हेतु आवंटित सरकारी वाहनों का निजीहित में उपयोग होता रहता है। क्या सभी सरकारी वाहनों का संचालन बंद कर दिया जाना चाहिये?
7—यातायात पुलिस द्वारा यातायात नियमों का जमकर दुरुपयोग किया जाता है। क्या यातायात नियमों को निरस्त कर देना चाहिये?
8—बैंकों द्वारा प्रदान स्वीकृत किये जाने वाले लोन में मनमानी और भेदभाव के आरेप लगते रहते हैं। क्या बैंकों को लोन स्वीकृत करने पर पाबंदी लगा देनी चाहिये?
9—सरकारी बसों में परिचालों द्वारा टिकिट जारी किये बिना यात्रियों को बिठाकर सरकारी खजाने को चूना लगाया जाता है। क्या सरकारी बस संचालन बंद कर देना चाहिये?
10—सरकारी सेवाओं में भर्ती की प्रक्रियाओं में जमकर भ्रष्टाचार होता है। क्या भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी जानी चाहिये?
11—आधे से अधिक विभागीय अनुशासनिक मामले उच्चाधिकारियों की तानाशाही और मनमानी का भय बनाये रखने के लिये बनाये जाते हैं। क्या अनुशासनिक नियमों को रद्द कर दिया जाना चाहिये?
12—टेलीफोन मोबाईल पर बात करते समय टैपिंग करके व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया जाता है। क्या टेलीफोन पर बात करना प्रतिबन्धित/बंद कर देना चाहिये?
13—​हाई टेंसन बिजली की लाइनों से आयेदिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोगों की जानमाल को खतरा होता रहता है। क्या हाई टेंसन बिजली की लाइनों को हटा दिया जाना चाहिये?
14—आदर—सत्कार और शिष्टाचार के नाम पर शासकीय अधिकारियों, जजों और मंत्रियों को मिलने वाले बजट का जमकर निजीहित में दुरुपयोग होता है। क्या आदर—सत्कार और शिष्टाचार के नाम पर मिलने वाले बजट को समाप्त कर दिया जाना चाहिये।
15—सुप्रीम कोर्ट सहित अनेक हाई कोर्ट अनेकों मामलों में इस बात को स्वीकार चुके हैं कि हत्या, बलात्कार, चोरी, डकैती जैसे गंभीर अपराधों के कानून का जमकर दुरुपयोग होता है। क्या इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाना चाहिये? इत्यादि!

प्रधानमंत्री जी आप भूले नहीं होंगे कि 6 फरवरी, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि 'अगर किसी तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है तो इसका मतलब ये नहीं किसी कानून को ही रद्द कर दिया जाए। ऐसे कोर्ट के फैसलों की लंबी कतार है जिनमें कहा गया है कि सिर्फ मिसयूज होने की संभावना से कानून को रद्द नहीं किया जा सकता।'इसके बावजूद दो जजों की पीठ ने पांच जजों की राय को दरकिनार करते हुए अजा एवं अजजा वर्गों के विरुद्ध निर्णय सुनाते हुए सीधे—सीधे 1989 से पहले की स्थिति ला दी है। सबसे दु:खद पहलु तो यह है कि आपराधिक मामलों में विचारण का अधिकार न्यायपालिका का होता है, जहां पक्ष एवं विपक्ष की उपस्थिति में विचारण किया जाता है, लेकिन सु्प्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने विचारण का हक पुलिस के उन उच्चाधिकारियों को सौंप दिया है, जिनकी अनदेखी, सहमति, संरक्षण या चुप्पी के कारण अजा एवं अजजा वर्गों के लोगों के विरुद्ध बेरोकटोक अत्याचार एवं अपराध किये जाते रहते हैं।

प्रधानमंत्री जी वंचित वर्गों के हित संरक्षण तथा संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा हेतु देशभर में सेवारत हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन के लाखों समर्थकों एवं सदस्यों की ओर से आपको याद दिलाया जाता है कि प्रधानमंत्री के रूप में वंचित वर्गों की हिफाजत करना आपका संवैधानिक दायित्व है। आप विचार कीजिये कि कानून के दुरुपयोग की आशंका में न्यायिक शक्तियों का दुरुपयोग कितना जायज है? आशा है आप अपने दायित्वों का निर्वाह करेंगें, अन्यथा लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठ जायेगा और वंचित वर्गों के विरुद्ध सुनाये जाने वाले इस प्रकार के न्यायिक निर्णय कानून—व्यवस्था एवं आपकी राजनीतिक पार्टी तथा सरकार के अस्तित्व के लिये चुनौती बन सकते हैं! उम्मीद है आप इस पर ध्यान देंगे! प्रधानमंत्री जी अंत में यह और कि 'हमारा मकसद साफ! सभी के साथ इंसाफ!'जय भारत! जय संविधान! नर, नारी सब एक समान! इस खुले खत को वंचित समुदायों के देश के हर एक नागरिक का समर्थन मिले बिना न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। क्योंकि वंचित वर्गों के राजनीतिक प्रतिनिधियों की जबान को तो लकवा मार गया लगता है? अत: आम लोगों को खुद ही अपनी आवाज उठानी होगी और जनप्रतिनिधियों से सवाल करने की हिम्मत जुटानी होगी।



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डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', 
राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन, 
संपर्क : 9875066111

आलेख : शिक्षा अब रंजीता के रास्ते में बाधा है

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छत्तीसगढ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर ब्लाॅक के असोला गांव की रंजीता मुंडा ने जीवन के 30 बसंत देखे हैं। रंजीता ने कक्षा छह तक की शिक्षा हासिल की है। रंजीता विवाहित हैं व परिवार में कुल छह सदस्य हैं। इनका मायका अम्बिकापुर ब्लाक के वार्ड नमना का है। शादी के बाद रंजीता पति के साथ असोला ग्राम पंचायत में रहती हैं। रंजीता के पिता मज़दूरी करके अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं। गरीबी व जागरूकता की कमी के चलते रंजीता अपनी आगे की पढ़ाई नहीं कर सकीं। परिवार की आय का मुख्य साधन उनकी दो एकड़ ज़मीन है जिसकी उपज से परिवार के रोज़मर्रा की ज़रूरते पैदा होती हैं। 
             
रंजीता ने 2015 में पहली बार सरपंच का चुनाव में प्रतिभागिता की। उनके मुकाबले में छह अन्य लोग इसी क्षेत्र से चुनाव में प्रतिभागी थे। सरपंच की सीट रंजीता को मिली। सरपंच के तौर पर यह उनका पहला सत्र है। 2010 के चुनाव में असोला ग्राम पंचायत की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गयी थी। 2010 में कयासो बाई सरपंच बनीं थी। कयासो बाई ने सरपंच के पद रहते हुए बहुत ज़्यादा काम नहीं किया था। इस बारे में रंजीता मुण्डा के पति अवश मुंडा से बात करने पर पता चला कि पूर्व सरपंच कयासो बाई ने पंचायत में सिर्फ दो सीसी रोड का निर्माण कराया था। इसके अलावा उन्होंने मिडिल स्कूल में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कार्य शुरू किया था मगर उसको बीच में ही छोड़ दिया था, जिसको रंजीता मुंडा ने सरपंच बनने के बाद पूरा कराया। 
        
रंजीता अधिक पढ़ी लिखी नहीं हैं, उन्हें पंचायत संबंधी दस्तावेजों को पढ़ने समझने में दिक्कत होती है। लेकिन इस काम में उन्हें अपने पति का सहयोग मिलता है। वह 8 वीं कक्षा तक पढ़े हैं और सभी दस्तावेजों को सही से पढ़ पाते हैं। शुरू में रंजीता को पंचायत के कामों के बारे में भी ज़्यादा जानकारी नहीं थी। पंचायत की बैठकों में जाने में भी वह संकोच महसूस करती थीं। लेकिन धीरे-धीरे पति के सहयोग से वह बैठकों का आयोजन करने लगीं। रंजीता को सरपंच के तौर पर सभी वर्गों के लोग पसंद करते हैं। क्रमशः उनका आत्मविश्वास बढ़ा और आज वह पंचायत के काम-काज स्वयं करती हैं।

रंजीता ने अपनी पंचायत के विकास के लिए काफी काम किया है। अपने कार्यकाल में उन्होंनेे पीने के पानी और दैनिक जीवन की आवश्यकताओं के लिए 4 हैंडपंप लगवाए जिससे पंचायत में पानी की समस्या का समाधान हो सका। पानी की टंकी लगवाने के लिए उन्होंने शासन को प्रस्ताव भेजा हुआ है। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही पंचायत में पानी की समस्या दूर होगी और सभी को पानी उपलब्ध होगा। वह अपनी पंचायत में बच्चों के लिए खेल का मैदान बनवा रही हैं। उन्होंने ज़िला पंचायत सदस्य की मदद से हाईस्कूल के लिए भवन का निर्माण कराया। पंचायत में दो सी सी रोड के निर्माण के लिए प्रस्ताव जा चुका है। पानी की निकासी के लिए नरेगा के तहत नालियों का निर्माण कराया। पुराने कुएं की मरम्मत कराने के साथ-साथ वह दो आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण करा रही हैं। पंचायत के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने पर प्राथमिक स्कूल में एक व मिडिल स्कूल में दो अतिरिक्त कमरे बनवाये गए हैं। एक महिला प्रधान के तौर पर रंजीता मुंडा चाहती है कि गांव की सभी बालिकाएं शिक्षा हासिल करें। इसके अलावा वह चाहती हैं कि महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनें। रंजीता नियमित रूप से ग्राम सभा व बैठकों का आयोजन करती हैं। रंजीता समय-समय पर लोगों की समस्याएं सुनने के लिए आम सभा का भी आयोजन करती हैं। गांव में विकास से जुड़े काम करने के लिए सभी वार्ड पंचों की सर्वसम्मति से निर्णय लेकर प्रस्ताव शासन को भेजती हैं। इनके इस काम में इनके पति इनका सहयोग करते हैं। कम पढ़ा लिखा होने की वजह से अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने में महिला सरपंच को थोड़ी दिक्कत होती है।  
        
पिछली बार छठी पास होने के बावजूद भी रंजीता पंचायत का चुनाव लड़ी और जीती भी। रंजीता के गांव वाले एक सरपंच के तौर पर उन्हें पसंद भी करते हैं। वह अपने गांव में लोकप्रिय हैं। मगर अगले पंचायती राज चुनाव में सरपंच के लिए आठवीं पास होने की बात चल रही है। यह नियम रंजीता जैसी बहुत सी महिलाओं को आठवीं पास शैक्षिक योग्यता न होने के चलते चुनाव लड़ने से रोक देगा। यह बात रंजीता को निराश करती है। वह कहती हैं कि ‘‘शैक्षिक योग्यता की सीमा की वजह से शायद मैं और मेरी जैसी बहुत सी महिलाएं चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगी।’’ रंजीता का मानना है कि इस नियम में संशोधन करना चाहिए। इससे बहुत सी कम पढ़ी लिखी लेकिन योग्य महिलाएं पंचायत में आ सकेंगी और शायद फिर पंचायतों की सूरत भी बदल सके। 
        
पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता पर गांव के एक नौजवान मोनू यादव कहते हैं कि ‘‘गांव के ज़्यादातर पुराने लोग अशिक्षित हैं लेकिन गांव में नई पीढ़ी का शिक्षा के प्रति रुझान काफी बढ़ा है। पंचायत के अशिक्षित लोगों को साक्षर भारत मिशन के तहत भी साक्षर किया जा रहा है। मुझे लगता है कि अगले पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता बहुत कम लोगों के सामने ही बाधा बनेगी। अगले पंचायत चुनाव में नौजवान तबके खासतौर से नौजवान लड़कियों की हिस्सेदारी ज़्यादा होगी क्योंकि वह काफी पढ़ लिख रही हैं। हां, पंचायत की पुरानी महिलाएं जो आठवीं से कम पढ़ी लिखी हैं, शायद चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएं।’’  शैक्षिक योग्यता का यह प्रस्तावित नियम हालांकि शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा पर यह भी सच है कि एक बड़ी संख्या में महिलाओं की प्रतिभागिता को बाधित करेगा और यह तकरीबन एक पूरी पीढ़ी होगी जो अपने इस लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग नहीं कर पाएगी। 




(गौहर आसिफ)

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 04 अप्रैल

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समर्थन मूल्य पर 487958 क्ंिवटल की खरीदी

जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य बीस मार्च से शुरू हुआ है जो बीस मई तक जारी रहेगा। पंजीकृत किसानांे से गेहूं खरीदी के लिए उन्हें एसएमएस प्रेषित किए जा रहे है तदोपरांत उनसे समर्थन मूल्य पर गेहूं 136 उपार्जन केन्द्रों पर क्रय किये जा रहे है। अब तक संबंधित किसानों से 487958 क्ंिवटल गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है।  कृषकों से आग्रह किया गया कि एसएमएस प्राप्ति में उल्लेखित तारीख को ही संबंधित उपार्जन केन्द्र पर फसल विक्रय हेतु आएं ताकि किसी भी प्रकार की असुविधाओं का सामना ना करना पडे़। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि उपार्जन नीति के तहत सोमवार से शुक्रवार तक एसएमएस प्राप्त किसानों से ही खरीदी कार्य किया जाएगा। शनिवार तथा रविवार को खरीदी कार्य नही किया जाएगा। उक्त दिवसों में परिवहन संबंधी कार्य सम्पादित किए जाएंगे। उक्त प्रक्रिया स्टील सायलो केन्द्र के साथ-साथ अन्य केन्द्रों पर प्रभावशील रहेगी। 

नगरीय निकायों एवं पंचायतों के फोटो मतदाता सूची पुर्नरीक्षण कार्य हेतु रजिस्ट्रीकरण, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय एवं पंचायतों की फोटो मतदाता सूची हेतु पुर्नरीक्षण कार्यक्रम जारी किया गया है। जारी कार्यक्रम की अवधि अनुसार कार्यो का सम्पादन समय सीमा में हो इसके लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल सुचारी के द्वारा नगरीय निकायों और पंचायतों के लिए पृथक-पृथक रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त किए गए है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुचारी के द्वारा नगरीय निकायों एवं पंचायतों के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्थानीय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को तथा सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी संबंधित तहसील के तहसीलदार को दायित्व सौंपा गया है। जिले की तीन नगर परिषद क्रमशः कुरवाई, लटेरी, शमशाबाद में फोटोयुक्त मतदाता सूची के कार्यो हेतु रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्थानीय तहसीलदार को तथा सहायक रजिस्ट्रीकरण का दायित्व नायब तहसीलदारों को सौंपा गया है। 

आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक सम्पन्न

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आत्मा परियोजना के तहत सम्पादित किए जाने वाले कृषि कार्यो की समीक्षा आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई जिसमें स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आत्मा परियोजना के तहत सम्पादित किए गए कार्यो की बिन्दुवार जानकारियां प्राप्त की। विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि पट्टेधारी हितग्राहियों को उन्नत किस्म के बीज प्रदाय किए जाए ताकि वे कम भूमि पर अधिक उपज ले सकें। इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में धान लगाई जा रही है वहां आधुनिक तकनीकी और उन्नत बीजों की जानकारी पूर्व में दी जाए जिसका उपयोग किसान अधिक से अधिक कर सकें। कलेक्टर श्री सुचारी ने आत्मा परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में परियोजना के तहत जो भी नवाचार किया जा रहा है कि जानकारी जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ किसानों को अनिवार्यतः दी जाए। जिले के किसानों की आय दुगनी हो इस कार्य में आत्मा परियोजना की महती भूमिका है। उन्होंने जिले में पशुपालन और मत्स्यपालन की अपार संभावना को देखते हुए इस ओर किसानों का भी झुकाव हो इसके लिए उन्हें बकायदा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाए और अद्यतन योजनाआंे की जानकारी दी जाए। जिले के सभी बडे़ छोटे जलाश्य जिनमें 12 माह पानी रहता है उनमें मत्स्यपालन के कार्यो को सर्वोच्च प्राथमिकता से कराया जाए। आत्मा परियोजना प्रभारी अधिकारी श्री पीके चैकसे ने बताया कि विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) के तहत विभिन्न ऐजेन्सी एवं अशासकीय संगठनों को कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम हेतु प्रोत्साहित करना है। इसके साथ-साथ कृषि से संबंद्व विभाग क्रमशः पशुपालन, उद्यानिकी, रेशम एवं मत्स्य पालन कार्यक्रमों में कन्वर्जन्स के द्वारा कार्यक्रमों का निर्धारण कर क्रियान्वयन करना है। जिले के कृषकों को कृषि संबंधी मुख्य गतिविधियों से अवगत कराने हेतु प्रशिक्षण मुख्यतः राज्य के अन्दर, बाहर मुहैया कराया गया है। कृषको को बढावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर पुरस्कार प्रदाय किए जा रहे है। आत्मा परियोजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 हेतु फसल प्रदर्शन के प्रस्तावित कार्यक्रम, नवाचार का निर्धारण के अलावा परम्परागत कृषि विकास योजना में बदलाव, सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर प्रचार-प्रसार एवं अन्य कार्यो पर व्यय की गई राशियों की जानकारी इस दौरान दी गई। कृषि को बढावा देने के लिए हितग्राहियों द्वारा किए गए नवाचार के तहत सोलर नैपसेक स्प्रेयर, फसल प्रदर्शन और विभिन्न अवसरों पर आयोजित कार्यक्रमों से अवगत कराया गया।

स्वास्थ्य कार्यो की समीक्षा बैठक सम्पन्न

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आज जिला टाॅस्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीएल आर्य ने बताया कि निमोनिया और दिमागी बुखार से बचाव करने वाला पीसीव्ही वैक्सीन का टीका अब नियमित टीकाकरण के साथ निःशुल्क उपलब्ध रहेगा ताकि संबंधितों को पीसीव्ही का टीका लगाया जा सकें।  जिले में पीसीव्ही वैक्सीन का शुभारंभ सात अपै्रल से जिले में किया जा रहा है इसके लिए पूर्व में किए जाने वाले तमाम प्रबंधों को अंतिम रूप देने के उद्वेश्य से उक्त समीक्षा बैठक आहूत की गई थी। जिसमें तमाम बीएमओ चिकित्सक मौजूद थे। 

लक्ष्य पूरा नही करने वालो की सीआर में अंकित की जाएगी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि हितग्राहीमूलक योजनाओं और कार्यक्रमों का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल नही करने वाले अधिकारियों की सीआर में इस बात का उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने जिन अधिकारियों के द्वारा लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल की है उनके प्रति प्रसन्नता जाहिर की है। कलेक्टर श्री सुचारी ने विभिन्न स्तरों पर प्राप्त होने वाले आवेदनों के निराकरण की भी इस दौरान समीक्षा की। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के प्रकरणों में वृद्वि होने पर असंतोष जाहिर करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर रोज आवेदनों की समीक्षा करें। एल-वन स्तर पर ही आवेदनों का निराकरण संभव हो सकें के सार्थक प्रयास किए जाएं। टीएल बैठक में आधार पंजीयन, उपार्जन कार्यो और भावांतर भुगतान की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।  

सफलता की कहानी : जैविक खेती से आमदनी बढी

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कृषक राजेन्द्र सिंह दांगी ने जैविक खेती से कृषि को लाभ का धंधा बनाया है। बासौदा विकासखण्ड के ग्राम जरौद के राजेन्द्र सिंह दांगी ने बताया कि पहले रासायनिक उर्वरक और दवाईयों का प्रयोग कर खेती करता आ रहा था। जिसमें लागत अधिक आ रही थी और मुनाफा कम हो रहा था। आत्मा परियोजना के अधिकारी सूर्यभान सिंह थानेश्वर के सम्पर्क में आने पर उनके द्वारा मुझे जैविक खेती करने की सलाह दी गई। मैंने शुरूआत में एक एकड़ में जैविक खेती का प्रयोग करते हुए गेहूं एचआई 1544 बोया। जिसमें जैविक खादों एवं दवाईयों का प्रयोग किया। जिसमें मुख्य रूप से नीम आइल$गौमूत्र से बीज उपचार, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर गैस खाद तथा वर्मी वास और एफबायएम शामिल है।  कृषक राजेन्द्र सिंह दांगी का कहना है कि मुझे गेहूं का उत्पादन पौने 17 क्ंिवटल प्राप्त हुआ और गेहूं की कीमत बाजार में 2950 रूपए बाजार में प्राप्त हुई। इस हिसाब से मुझे शुद्व आय 49 हजार 412 रूपए की प्राप्त हुई है जैविक खेती में खाद व दवा का खर्च भी शून्य हो गया। मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ी है। जहां पहले रासायनिक खादो का उपयोग करता था तो आमदनी 35245 रूपए हो रही थी जबकि जैविक खाद ने यही आमदनी 49412 रूपए कर दी है। कृषक राजेन्द्र सिंह दांगी का कहना है कि जैविक खेती के मुनाफे को मैंने देखा है वही जैविक खेती के उपयोग में लाए जाने वाले तत्व सुगमता से प्राप्त किए जा सकते है बशर्त हमें जागरूकता का परिचय देना होगा। रासायनिक खादों पर अनाप-शनाप राशि व्यय होती है वही शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जैविक खेती कृषि को लाभ का धंधा बना रही है वही पर्यावरण को संतुलित करने में भी योगदान दे रही है। आस-पास क्षेत्र के कृषकों ने जैविक खेती से हुए फायदे को अपनी आंखो से देखा है और जैविक खेती के संबंध में कृषक श्री राजन सिंह दांगी के मोबाइल नम्बर 9893587673 पर सम्पर्क कर रहे है। श्री दांगी का कहना है कि किसानों को बताकर मुझे अंदर से सुख की अनुभूति हो रही है।

कलेक्ट्रेट पर आज 11 बजे से जंगी प्रदर्षन

विदिषाः जिला प्रषासन द्वारा विदिषा जिले को खुले में शौच मुक्त करने की झॅूठी रिर्पोट के विरोध में एवं गरीब, मेहनतकष लोगों की साजिषन तरीके से शौचालय की अनुदान राषि से बंचित करने के विरोध में आम जनता द्वारा दिनांक 5 अप्रैल को 11 बजे स्थानीय कलेक्ट्रेट कार्यालय पर जंगी प्रदर्षन किया जायेगा।  ब्लाॅक कंाग्रेस शहर अध्यक्ष वीरेन्द्र पीतलिया, ग्रामीण अध्यक्ष दीवान किरार, गुलाबगंज अध्यक्ष अनुज लोधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं शौचालय विहीन परिवारों से शौच के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लौटा/डिब्बा/बोतल सहित कलेक्ट्रेट पहुॅचने की अपील की है। ताकि जिला प्रषासन की बंद आॅखे खुल सकें। इस अवसर पर जिला प्रषासन को शौचालय विहीन परिवारों की सूची भी सौंपी जाएगी। 

हड्डी एंव जोडरोग उपचार षिविर 8 अप्रैल को
सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 8 अप्रैल को सुबह 10 बजे से हड्डी, जोड रोग से पीड.ीत मरीजों के उपचार के लिये षिविर आयोजित किया गया हैं। इस षिविर मे भोपाल के चिकित्सा विषेषज्ञ डाॅ, विषाल बंसल दृारा किया जायेगा। सेवा भारती के अध्यक्ष डाॅ प्रकाष पीतलिया ने ऐसे मरीज जो हड्डी के सभी प्रकार के रोगों से पीड.ीत हो, जोडो मेें दर्द रहता हो या घुटनो मे सूजन रहती हो कंधे मे दर्द साइटिका कमर दर्द बाले मरीज  षिविर का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन 8 अप्रैल को सुबह 10बजे से 11 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। विदिषा से बाहर के मरीज अपना पंजीयन मोबाइ्रल नं.9827720892 पर करा सकते हैं।

जमशेदपुर : अब बस्तीवासी सीधे सरकारी लीज के अधीन : रघुवर

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर ,4 अप्रैल ,2018, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर में बस्तियों को लीज दिए जाने के सम्बन्ध में कहा कि अन्य राज्यों में प्रचलित दरों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद सर्वाधिक सरलीकृत प्रणाली और न्यूनतम मूल्य को झारखंड के लिए अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि गैर कंपनी क्षेत्र में बरसों से अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई से निर्मित घरों में रहने वाले बस्तीवासियों के लिए ,जिन्हे आज तक अनधिकृत बस्ती के रूप में संबोधित किया जाता था,सरकार का यह फैसला अविस्मरणीय होगा. झारखंड की तमाम वैसी बस्तियां जो 1/1/85 के पूर्व या 30 वर्षों के पूर्व से बसी हुई है उन्हें अधिकृत करने के सरकार के निर्णय की शुरूआत आवेदन पत्र वितरण के साथ हो रही है. जमशेदपुर के बिरसानगर में बस्तीवासियों के लीज प्रदत्त कैंप समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने उन्हें राज्य का मुख्य सेवक बनाया है  तो जनता को सर्व सुविधा उपलब्ध करना उनका दायित्व है.  राज्य में बरसों से लंबित समस्याएं और जटिल मुद्दों पर  सरकार ने प्रतिबद्ध होकर जन हित को सर्वोपरि रखते हुए प्रगतिगामी निर्णय लिए हैं.  स्थानीय नीति को परिभाषित करना, खास महल के लीज नवीकरण को सुलझाना और सरलीकृत करना, ग्रामीण क्षेत्र में गरीब भूमिहीन किसानों को 12.5 डिसमिल जमीन देना, भूमिहीन किसानों को 5 एकड़ जमीन खेती हेतु देने जैसे कुछ महत्वपूर्ण निर्णय सरकार ने लिए हैं.उन्होंने कहा कि वर्षों से क्षेत्रवासियों के अधिकृत बस्तियों की मांग को पूरा करते हुए वे हर्षित हैं. अब बस्तीवासी सीधे सरकार की लीज अंतर्गत रहेंगे यह सबसे बड़ी उपलब्धि है. लीज बंदोबस्ती कैंप समारोह को पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त अमित कुमार ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर  तमाम बस्तीवासियों के साथ भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग पदाधिकारी धर्मेंद्र पांडे, पूर्वी सिंहभूम के वरीय आरक्षी अधीक्षक अनूप बिरथरे, उप विकास आयुक्त बी. माहेश्वरी, बस्ती विकास समितियों के पदाधिकारी, सदस्यगण उपस्थित थे.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 04 अप्रैल

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मुख्यमंत्री श्री चौहान आज जिले के भ्रमण पर

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प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 5 अप्रैल,2018 को जिले के नसरूल्लागंज के ग्राम अम्बाकदीम, वासुदेव एवं ग्राम सेमलपानी कदीम पहुंचेंगे और यहां स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 5 अप्रैल को प्रात: 10.45 बजे भोपाल से हैलीकाप्टर द्वारा प्रात: 11.5 बजे ग्राम अम्बाकदीम, दोपहर 12.20 बजे ग्राम वासुदेव तथा दोपहर 1.30 बजे ग्राम सेमलपानी कदीम पहुंचेंगे और यहां स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। वे दोपहर 3.05 बजे हैलीकाप्टर द्वारा ग्राम सेमलपानी कदीम से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।

भावांतर राशि के भुगतान की कार्यवाही जारी

कृषि उपज मंडी समिति सीहोर के सहायक संचालक / सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत 16 अक्टूबर,2017 से 31 जनवरी,2018 की अवधि में जिन पंजीकृत कृषकों द्वारा अपनी कृषि उपज विक्रय की गई है उनको भावांतर राशि का भुगतान कर दिया गया है। यदि किन्ही कारणों से किसी कृषक को भावांतर राशि का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ हो तो वे पंजीयन, बैंक पास बुक व कृषि उपज विक्रय संबंधी अभिलेखों की छायाप्रति सीहोर जिले की नजदीकी कृषि उपज मंडी समिति में प्रस्तुत करें ताकि परीक्षण कर शेष भावांतर राशि का भुगतान की कार्यवाही की जा सके।

आदतन अपराधी जिला बदर

सीहोर जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरूण कुमार पिथोडे द्वारा एक आदतन अपराधी को छ: माह के लिए जिला बदर करने के आदेश प्रसारित किए हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरूण कुमार पिथोडे  ने पुलिस अधीक्षक सीहोर से प्राप्त प्रतिवेदन से पूर्णत: संतुष्ट होकर मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क) (ख) के अंतर्गत शुभम उर्फ चुगली वल्द सुनील राठौर उम्र 20 साल निवासी दुर्गा कालोनी गंज थाना कोतवाली सीहोर जिला सीहोर को जिला सीहोर एवं उसके सीमावर्ती जिले भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास, शाजापुर एवं राजगढ जिलों की राजस्व सीमाओं से छ: माह के लिए निष्कासित किया है। उल्लेखनीय है कि यह आदतन अपराधी क्षेत्र में कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित कर सकते है। इनका समाज में इतना आतंक है कि लोग इनके विरूद्ध रिपोर्ट लिखवाने एवं गवाही देने से कतराते हैं। इन्ही सब बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरूण कुमार पिथोडे ने जिला बदर की कार्यवाही की है।   

कलेक्टर व्दारा आपत्ति संबंधी दो अधिसूचना जारी

कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे द्वारा सर्वसाधारण को सूचित किया गया है कि 18 अप्रैल, 2008 को श्री बाबूलाल आत्मज श्री रामगोपाल राठौर को ग्राम मुंगावली तहसील एवं जिला सीहोर में ट्रेक्टर से खेत में पिलाउ चलाते समय चांदी के 12 सिक्के जिसमें उर्दू या अरबी भाषा में लिखा हुआ प्राप्त हुए है। उक्त सिक्कों को धारा 25 पुलिस एक्ट के अंतर्गत नजारत में मालखाना नं. 2/2008 दिनांक 26 दिसम्बर,2008 को जमा किये गये है। इसी तरह 9 मार्च,2011 को श्री दीपक सिंह आत्मज      श्री रघुनाथ सिंह निवासी ग्राम नांदनेर तहसील बुधनी जिला सीहोर को ग्राम नांदनेर में घर में आवास निर्माण के लिए खुदाई के दौरान तॉबे के पात्र में गहने प्राप्त हुए है जो अत्यन्त पुराने प्रतीत होते है। उक्त आभूषण पात्र सहित जप्त कर स्थानीय कोषालय बुधनी में रखे गये है। उक्त के संबंध में जिस किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति हो तो वह 1 मई,2018 तक अपनी आपत्ति कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है। म्याद गुजरने के बाद किसी की कोई आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

प्रमुख सचिव श्री कान्ता राव आज बुधनी आएंगे

मध्यप्रदेश शासन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव श्री व्ही.एल. कान्ता राव 5 अप्रैल,2018 को बुधनी आएंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार प्रमुख सचिव श्री व्ही.एल. कान्ता राव 5 अप्रैल को प्रात: 8.30 बजे भोपाल से कार द्वारा प्रस्थान कर 10 बजे बुधनी पहुंचेंगे तत्पश्चात वे बुधनी औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण करने के उपरांत प्रात: 10.30 बजे इटारसी के लिए प्रस्थान करेंगे।

दो फरार आरोपियों पर नगद पुरस्कार की उद्घोषणा

पुलिस अधीक्षक श्री सिद्वार्थ बहुगुणा ने उद्घोषणा जारी की है कि जो व्यक्ति थाना रेहटी के दो अज्ञात फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में सहायक होगा, या गिरफ्तार करायेगा अथवा ऐसी उर्पयुक्त सूचना देगा जिससे आरोपी को गिरफ्तारी संभव हो सकेगी उसे प्रति आरोपी तीन - तीन हजार रूपये का नगद पुरस्कार से पुरूस्कृत किया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम सर्वथा गोपनीय रखा जाएगा। उक्त पुरस्कार वितरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला सीहोर का निर्णय अंतिम होगा। अपहृता कु. आरती पुत्री कैलाश कोरकू उम्र 17 साल निवासी आमडोह थाना रेहटी एवं अपहृता कु. वर्षा  कोरिया आत्मजा जयनारायण बकोरिया उम्र 17 साल निवासी बोरदी थाना रेहटी की दस्तयाबी के अथक प्रयास किये जा रहे है। अभी तक आरोपियों का कोई पता नहीं चल सका है। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु जनसहयोग की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा द्वारा जारी उद्घोषणा अनुसार थाना रेहटी के दो अज्ञात फरार आरोपी पर 363, अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।

जमशेदपुर : सरयू ने सुनी मानगो वासियों की समस्याएं

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर,4 अप्रैल,2018,  भाजपा महिला मोर्चा आजाद नगर द्वारा मानगो जवाहर नगर रोड न.६ में जन समस्याओं के समाधान हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने लोगों की समस्याएं सुनी और उनका जल्द से जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया.मंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को आश्वस्त किया कि वह किसी भी तरह की समस्याओं को लेकर सीधे उनसे, उनके प्रतिनिधि या फिर स्थानीय भाजपा  मंडल अध्यक्षों से मिलकर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करा सकते हैं,ताकि क्षेत्र की समस्याओं का त्वरित निष्पादन किया जा सके. इस अवसर पर आजाद नगर व मानगो के काफी संख्या में स्थानीय वासी मौजूद रहे।

मधुबनी : 7 निश्चय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित सभागार में 7 निष्चय के योजनाओं की समीक्षा की गयी। यथा हर-घर,नल-जल, नली-गली,स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, शौचालय निर्माण, हर-घर बिजली, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता, कुषल युवा कार्यक्रम आदि के कार्यो की समीक्षा की गयी।  बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी बेनीपट्टी एवं कार्यपालक पदाधिकारी,नगर पंचायत,घोघरडीहा के बिना सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण पूछने एवं एक दिन का वेतन स्थगित करने का निदेष दिया गया।  समीक्षा के दौरान डी.आर.सी.सी के तीनों निष्चयों की प्रगति अत्यंत ही असंतोषजनक पायी गयी। जिसके लिए प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. एवं सहायक प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 दिनों के अंदर कार्य में प्रगति लाने का निदेष दिया गया। जिला योजना पदाधिकारी,मधुबनी,श्रम अधीक्षक,मधुबनी,डी.पी.ओ.,षिक्षा(तीनों नोडल पदाधिकारी) को अपने स्तर से नियमित रूप से समीक्षा कर प्रगति लाने का निदेष दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निदेष दिया गया कि वे सभी प्रखंडों में 7 निष्चय की योजना यथा नली-गली,हर-घर नल-जल, शौचालय निर्माण, का नियमित रूप से अनुश्रवण कर कार्य में प्रगति लाना सुनिष्चित करेंगे। जिला पदाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी,मधुबनी को मधवापुर एवं जयनगर प्रखंड का भ्रमण कर 7 निष्चय के योजनाओं की समीक्षा करने का निदेष दिया।  बैठक में समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी की प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी एवं बाल विकास पदाधिकारी नियमित रूप से कार्यालय नहीं आती है। एवं क्षेत्र भ्रमण के नाम पर अनुपस्थित रहते है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया कि सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी/महिला पर्यवेक्षिका/प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी प्रखंड/अंचल कार्यालय में स्थापित बायोमैट्रिक मषीन में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। तत्पष्चात वे क्षेत्र भ्रमण पर जायेंगे। साथ ही प्रतिमाह वे अपना भ्रमण कार्यक्रम जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारी,जिला प्रोगाम पदाधिकारी(आई.सी.डी.एस.),जिला षिक्षा पदाधिकारी को अपने-अपने स्तर से समय-समय पर जांच कर अनुपालन सुनिष्चित कराने का निदेष दिया गया।

मधुबनी : सरकारी/निजी भवनों पर मधुबनी चित्रकला संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित प्रकोष्ठ में सरकारी/निजी भवनों पर मधुबनी पेंटिंग संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में समाहरणालय स्थित उपरी मंजिल पर मिथिला पेंटिंग के संदर्भ में कलाकारों एवं पदाधिकारियों से विचार-विमर्ष किया गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपरी मंजिल पर पुरूष कलाकारों द्वारा ही मधुबनी चित्रकला का कार्य किया जायेगा। जिला पदाधिकारी ने अनुश्रवण टीम के पदाधिकारियों को निदेष दिया कि चित्रकला थीम का चयन कर एवं कलाकारों की टीम गठित कर तीन दिनों के अंदर कार्य प्रारंभ कराये। बैठक में श्री सुरेन्द्र मिश्रा,सहायक निदेषक,हस्तषिल्प कला विभाग एवं वस़्त्र मंत्रालय,भारत सरकार, श्रीमती शोभा रानी,बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,विस्फी, श्री संगीत कुमार ठाकुर,श्री पंकज कुमार सिन्हा,बाल संरक्षण सांस्थनिक पदाधिकारी,मधुबनी, श्रीमती विनीता झा,श्री रेमंत कुमार मिश्रा समेत काफी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे।

जमशेदपुर : लीज नवीकरण सरकारी लॉलीपॉप : रामदास

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आर्यावर्त डेस्क ,जमशेदपुर ,4 अप्रैल,2018, झारखंड के मुख्य मंत्री रघुवर दास द्वारा जमशेदपुर के 86 बस्तियों को लीज नवीकरण किये जाने की घोषणा का झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध किया है. झामुमो द्वारा इस सन्दर्भ में बिरसानगर में आयोजित लीज नवीनीकरण विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए झामुमो के जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन ने इसे सरकारी लॉलीपॉप की संज्ञा दी. घाटशिला से झामुमो के पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने लीज नवीकरण को एक धोखा करार देते हुए कहा कि जमशेदपुर के 86 बस्तीवासियों को मालिकाना हक़ से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने लीज नवीकरण के नाम पर रघुबर दास द्वारा जमशेदपुर बस्तीवासियों को छले जाने की बात कही. सभा को झारखंड विकास मोर्चा के सचिव अभय सिंह,कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे ,पूर्व सांसद सुमन महतो आदि ने भी सम्बोधित किया.

जमशेदपुर : सरयू ने सुनी मानगो वासियों की समस्याएं

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर,4 अप्रैल,2018,  भाजपा महिला मोर्चा आजाद नगर द्वारा मानगो जवाहर नगर रोड न.६ में जन समस्याओं के समाधान हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने लोगों की समस्याएं सुनी और उनका जल्द से जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया.मंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को आश्वस्त किया कि वह किसी भी तरह की समस्याओं को लेकर सीधे उनसे, उनके प्रतिनिधि या फिर स्थानीय भाजपा  मंडल अध्यक्षों से मिलकर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करा सकते हैं,ताकि क्षेत्र की समस्याओं का त्वरित निष्पादन किया जा सके. इस अवसर पर आजाद नगर व मानगो के काफी संख्या में स्थानीय वासी मौजूद रहे।

मधुबनी : 7 निश्चय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित सभागार में 7 निष्चय के योजनाओं की समीक्षा की गयी। यथा हर-घर,नल-जल, नली-गली,स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, शौचालय निर्माण, हर-घर बिजली, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता, कुषल युवा कार्यक्रम आदि के कार्यो की समीक्षा की गयी।  बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी बेनीपट्टी एवं कार्यपालक पदाधिकारी,नगर पंचायत,घोघरडीहा के बिना सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण पूछने एवं एक दिन का वेतन स्थगित करने का निदेष दिया गया।  समीक्षा के दौरान डी.आर.सी.सी के तीनों निष्चयों की प्रगति अत्यंत ही असंतोषजनक पायी गयी। जिसके लिए प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. एवं सहायक प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 दिनों के अंदर कार्य में प्रगति लाने का निदेष दिया गया। जिला योजना पदाधिकारी,मधुबनी,श्रम अधीक्षक,मधुबनी,डी.पी.ओ.,षिक्षा(तीनों नोडल पदाधिकारी) को अपने स्तर से नियमित रूप से समीक्षा कर प्रगति लाने का निदेष दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निदेष दिया गया कि वे सभी प्रखंडों में 7 निष्चय की योजना यथा नली-गली,हर-घर नल-जल, शौचालय निर्माण, का नियमित रूप से अनुश्रवण कर कार्य में प्रगति लाना सुनिष्चित करेंगे। जिला पदाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी,मधुबनी को मधवापुर एवं जयनगर प्रखंड का भ्रमण कर 7 निष्चय के योजनाओं की समीक्षा करने का निदेष दिया।  बैठक में समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी की प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी एवं बाल विकास पदाधिकारी नियमित रूप से कार्यालय नहीं आती है। एवं क्षेत्र भ्रमण के नाम पर अनुपस्थित रहते है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया कि सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी/महिला पर्यवेक्षिका/प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी प्रखंड/अंचल कार्यालय में स्थापित बायोमैट्रिक मषीन में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। तत्पष्चात वे क्षेत्र भ्रमण पर जायेंगे। साथ ही प्रतिमाह वे अपना भ्रमण कार्यक्रम जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारी,जिला प्रोगाम पदाधिकारी(आई.सी.डी.एस.),जिला षिक्षा पदाधिकारी को अपने-अपने स्तर से समय-समय पर जांच कर अनुपालन सुनिष्चित कराने का निदेष दिया गया।

मधुबनी : सरकारी/निजी भवनों पर मधुबनी चित्रकला संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित प्रकोष्ठ में सरकारी/निजी भवनों पर मधुबनी पेंटिंग संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में समाहरणालय स्थित उपरी मंजिल पर मिथिला पेंटिंग के संदर्भ में कलाकारों एवं पदाधिकारियों से विचार-विमर्ष किया गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपरी मंजिल पर पुरूष कलाकारों द्वारा ही मधुबनी चित्रकला का कार्य किया जायेगा। जिला पदाधिकारी ने अनुश्रवण टीम के पदाधिकारियों को निदेष दिया कि चित्रकला थीम का चयन कर एवं कलाकारों की टीम गठित कर तीन दिनों के अंदर कार्य प्रारंभ कराये। बैठक में श्री सुरेन्द्र मिश्रा,सहायक निदेषक,हस्तषिल्प कला विभाग एवं वस़्त्र मंत्रालय,भारत सरकार, श्रीमती शोभा रानी,बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,विस्फी, श्री संगीत कुमार ठाकुर,श्री पंकज कुमार सिन्हा,बाल संरक्षण सांस्थनिक पदाधिकारी,मधुबनी, श्रीमती विनीता झा,श्री रेमंत कुमार मिश्रा समेत काफी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे।

जमशेदपुर : लीज नवीकरण सरकारी लॉलीपॉप : रामदास

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आर्यावर्त डेस्क ,जमशेदपुर ,4 अप्रैल,2018, झारखंड के मुख्य मंत्री रघुवर दास द्वारा जमशेदपुर के 86 बस्तियों को लीज नवीकरण किये जाने की घोषणा का झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध किया है. झामुमो द्वारा इस सन्दर्भ में बिरसानगर में आयोजित लीज नवीनीकरण विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए झामुमो के जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन ने इसे सरकारी लॉलीपॉप की संज्ञा दी. घाटशिला से झामुमो के पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने लीज नवीकरण को एक धोखा करार देते हुए कहा कि जमशेदपुर के 86 बस्तीवासियों को मालिकाना हक़ से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने लीज नवीकरण के नाम पर रघुबर दास द्वारा जमशेदपुर बस्तीवासियों को छले जाने की बात कही. सभा को झारखंड विकास मोर्चा के सचिव अभय सिंह,कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे ,पूर्व सांसद सुमन महतो आदि ने भी सम्बोधित किया.

मधुबनी : 7 निश्चय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित सभागार में 7 निश्चय के योजनाओं की समीक्षा की गयी। यथा हर-घर,नल-जल, नली-गली,स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, शौचालय निर्माण, हर-घर बिजली, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता, कुषल युवा कार्यक्रम आदि के कार्यो की समीक्षा की गयी।  बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी बेनीपट्टी एवं कार्यपालक पदाधिकारी,नगर पंचायत,घोघरडीहा के बिना सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण पूछने एवं एक दिन का वेतन स्थगित करने का निदेष दिया गया।  समीक्षा के दौरान डी.आर.सी.सी के तीनों निष्चयों की प्रगति अत्यंत ही असंतोषजनक पायी गयी। जिसके लिए प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. एवं सहायक प्रबंधक,डी.आर.सी.सी. को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 दिनों के अंदर कार्य में प्रगति लाने का निदेष दिया गया। जिला योजना पदाधिकारी,मधुबनी,श्रम अधीक्षक,मधुबनी,डी.पी.ओ.,षिक्षा(तीनों नोडल पदाधिकारी) को अपने स्तर से नियमित रूप से समीक्षा कर प्रगति लाने का निदेष दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निदेष दिया गया कि वे सभी प्रखंडों में 7 निष्चय की योजना यथा नली-गली,हर-घर नल-जल, शौचालय निर्माण, का नियमित रूप से अनुश्रवण कर कार्य में प्रगति लाना सुनिष्चित करेंगे। जिला पदाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी,मधुबनी को मधवापुर एवं जयनगर प्रखंड का भ्रमण कर 7 निष्चय के योजनाओं की समीक्षा करने का निदेष दिया। बैठक में समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी की प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी एवं बाल विकास पदाधिकारी नियमित रूप से कार्यालय नहीं आती है। एवं क्षेत्र भ्रमण के नाम पर अनुपस्थित रहते है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया कि सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी/महिला पर्यवेक्षिका/प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी प्रखंड/अंचल कार्यालय में स्थापित बायोमैट्रिक मषीन में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। तत्पष्चात वे क्षेत्र भ्रमण पर जायेंगे। साथ ही प्रतिमाह वे अपना भ्रमण कार्यक्रम जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारी,जिला प्रोगाम पदाधिकारी(आई.सी.डी.एस.),जिला षिक्षा पदाधिकारी को अपने-अपने स्तर से समय-समय पर जांच कर अनुपालन सुनिष्चित कराने का निदेष दिया गया।

मधुबनी : जिला पदाधिकारी ने किया स्थापना शाखा का औचक निरीक्षक

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मधुबनी, 04, (आर्यावर्त डेस्क) अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी के द्वारा बुधवार को समाहरणालय स्थित स्थापना शाखा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में लाॅगबुक का संधारण सही ढ़ंग से नहीं पाया गया। कार्यालय में साफ-सफाई की कमी पायी गयी। जिला पदाधिकारी के द्वारा कार्यालय का रंग-रोगन कराने का निदेष दिया गया। कार्यालय में प्रधान लिपिक का कार्य संतोषप्रद नहीं पाया गया। सभी लिपिकों को लाॅग बुक का संधारण सही ढं़ग से करने,लंबित पत्रों की सूची बनाने एवं प्राप्त होनेवाले सभी पत्रों को प्राप्ति पंजी में दर्ज करने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा स्थापना उप-समाहत्र्ता,मधुबनी को एक सप्ताह के अंदर कार्यालय का विस्तृत निरीक्षण करने का निदेष दिया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 04 अप्रैल

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तेजी के साथ जमीनी स्तर तक पहूंच कर भाजपा के आधार को अधिक से अधिक मजबुत- रंजना बघंेल
  • भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय बैठक में किसान सम्मान यात्रा एवं स्थापना दिवस के आयोजन की बनी रूपरेखा ।

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन बुधवार को  जिला मुख्यालय पर आयोजित किया गया । जिले के सभी 17 मंडलों के कार्यो की समीक्षा को लेकर हुई इस कामकाजी बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती रंजना बघेल, संभागीय संगठन से मुकेश राजावाज, जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, विधायक कलसिंह भाबर, विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे, सीसीबी अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया, प्रवीण सुराणा, किसान सम्मान यात्रा जिला प्रभारी फकीरचंद राठौर, किशोर शाह, कन्हैयालाल सिसौदिया, विनोद भंडारी, गंेदालाल बामनका, थावरसिंह भूरिया, राजू डामोर, भानू भूरिया, सुरेन्द्रसिंह मोटापाला, मूलचंद बामनिया, छगन प्रजापत, कन्हैयालाल सिसौदिया, आरती भानपुरिया सहित जिले भर के मोर्चा के जिला एवं मंडल पदाधिकारी, सहित सभी मंडलों के अध्यक्ष, महामंत्री एवं किसान सम्मान यात्रा के प्रभारी आदि उपस्थित थे । अतिथियों द्वारा पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर समीक्षा बैठक प्रारंभ हुई । प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती रंजना बघेल ने अपने संबोधन में भाजपा के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता एवं मोर्चा पदाधिकारियों से आव्हान किया कि हमे अब तेजी के साथ जमीनी स्तर तक पहूंच कर भाजपा के आधार को अधिक से अधिक मजबुत करने के लिये काम करना है। श्रीमती बघेल ने प्रत्येक भाजपा मंडल के कार्यो की मंडलवार समीक्षा करते हुए व्यापक निर्देश दिये । किसान सम्मान यात्रा को लेकर की गई जिले भर की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान हितैषी योजनाओं एवं कार्यक्रम कों जमीनी स्तर 5तक पहूंचा कर लोगों को लाभान्वित कराने मे हमे अपनी भूमिका निभाना है । उन्होने 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस पर भी गा्रम पंचायत एवं गा्रम वार बृहद आयोजन करने का आव्हान किया । जिला स्तरीय बैठक में संभागीय संगठन के पदाधिकारी मुकेश राजावत बताया कि 5 अप्रेल से प्रत्येक गा्रम पंचायत तक किसान सम्मान यात्रा के आयोजन के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि उक्त यात्रा उत्तरप्रदेश के मथुरा से प्रारंभ होकर 2 अप्रेल को प्रदेश मे प्रवेश करके  हर गा्रम पंचायत तक इन ग्यारह दिनों में पहूंच कर किसानों के सम्मान का कार्य करेगी तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान एवं प्रधानमत्रंी नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू की गई किसन हितेषी योजनाओं का लाभ लेने वाले किसानों का स्वागत किया जावेगा । उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के हित मे नगदी भुगतान कर उनके बेंक खातों में राशि जमा करने का कार्य किया है । इस साल गेहू का समर्थन मूल्य 265 रूपये के मान से भुगतान किया जारहा है जिससे किसानों की आर्थिक बेहतरी के लिये काम किया है । हमे किसानों को को जाकर इस योजना के लाभ के बारे में बताना नैतिक दायित्व बन गया है । किसान सम्मान यात्रा पूरी भाजपा का कार्यक्रम है । उन्होने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा श्रामिक कल्याण के अन्तर्गत असंगठित मजदूरों के पंजीयन के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते हुए इससे ऐसे श्रामिका को बिजली बिल, बीमा, शिक्षा आदि के लाभ के लिये किये जारहे पंजीयन के बारे में विस्तार से बताया ।। श्री राजावत ने 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस को गा्रम पं.चायत एवं गा्रम स्तर आयोजित किये जाने के बारे में भी विस्तार से मार्गदर्शन दिया ।श्री राजवात ने जिले के सभी मंडलों के कार्यो की समीक्षा करते हुए आगामी दिनो में अविराम कार्य करने का आव्हान किया । जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने स्वागत भाषण देते हुए उनके कार्यकाल की प्रथम जिला स्तरीय बैठक होने का जिक्र करते हुए संगठन के निर्देशानुसार किसान सम्मान यात्रा एवं 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस के आयोजन के बारे में की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा  िकइस जिले में दोनो ही कार्यक्रम वृहद पैमाने पर आयोजित करके लोगों में शासन की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में घर घर तक जानकारी दी जावेगी । बैठक का विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, निर्मला भूरिया ने भी संबोधित करते हुए जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 2-2 किसान सम्मान यात्रा आयोजन के बारे में बताते हुए जनता का भरपूर आशीर्वाद मिलने का जिक्र किया । कार्यक्रम के प्रारंभ में शैलेष दुबे ने सभी अतिथियों का परिचय दिया । कार्यक्रम का संचालक प्रवीण सुराणा ने किया । बैठक मे बडी संख्या में महिला पदाधिकारीगण सुनीता वसावा, सुनीता भूरिया, माया सोलंकी सुनता अजनार सहित बडी संख्या में सहभागी हुई । 

भारतीय जनता पार्टी आज  जन जन की आस्था, विष्वास का प्रकल्प बन चुकी है- मनेाहर सेठिया
  • पत्रकार वार्ता में किसान सम्मानयात्रा एवं स्थापना दिवस के आयोजन की दी जानकारी

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झाबुआ । बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन शगुन गार्डन में किया गया । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवान, शैलेष दुबे, थावरसिंह , भानू भूरिया, प्रवीण सुराणा उपस्थित थे । मीडिया को संबोधित करते हुए श्री सेठिया ने कहा कि 5 अर्पे्रल से 15 अप्रेल तक पूरे जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में किसान सम्मान यात्रा का समारोह पूर्वक आयोजन शुरू होगा । प्रत्येक विधानसभा क्षे त्र मे 2-2 रथ किसानों के सम्मान को लेकर गा्रम पंचायत एवं गा्रम स्तर तक भ्रमण करेगें तथा यात्रा रात्री विश्राम गा्रम अंचलों में करेगी तथा गा्रमीण किसानों को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं, भावान्तर योजना, समर्थन मूल्य से मिलने वाले लाभ आदि के बारे में जनजागृति पैदा करेगी । श्री सेठियाने बताया कि किसानों के आराध्य भगवान बलराम के जन्म स्थल मथुरा से यात्रा प्रारंभ होकर प्रदेश के मूरैना में प्रवेश की है । जिसमें बलरामजी की जन्म भूमि का जल, माटी एवं फल लाया गया है । प्रदेश को पांच पाचं बार कृषि कर्मण पुरस्कार किसानों के कारण ही मिला है और प्रदेश सरकार ने किसानों के हितार्थ कई लाभकारी कदम उठाये है । उन्होने 6 अप्रेल को  भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर जिले के सभी मंडलों में गा्रम पंचायत एवं गा्रम स्तर तक स्थापना दिवस के आयोजन के बारे में पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की । उन्होने कहा कि 6 अप्रेल 1980 को भाजपा की स्थापना की गई थी तब से आज तक यह पार्टी जनजन की आस्था, विश्वास का प्रकल्प बन चुकी है ।श्री सेठिया ने  कहा कि जिले के प्रत्येक मतदान केन्द्र पर भी स्थापना दिवस के आयोजन होगें । श्री सेठिया ने कहा कि किसान सम्मान यात्रा के दौरा प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कारण किसानी लाभ का धंदा बनी है । और इससे लाभान्वित हुए किसानों का सम्मान किया जावेगां । श्री सेठिया ने किसानों के बिजली बिल के बारे में पुछे गये प्रश्नो के बारे में भी प्रदेश सरकार की समाधान योजना के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम के प्रारंभ में शैलेष दुबे ने सभी मीडिया साथियों का स्वागत किष्या । आभार प्रदर्शन प्रवीण सुराणा ने माना ।

व्यापारी प्रीमियर लीग-2 का दूसरे दिन सैकड़ों की संख्या में लोगों ने लिया आनंद
  • नपा अध्यक्ष एवं पार्षद तथा वरिष्ठ व्यापारियों ने की षिरकत

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झाबुआ। सकल व्यापारी संघ झाबुआ के तत्वावधान में स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर आयोजित व्यापारी प्रीमियर लीग (वीपीएल-2) रात्रिकालीन टेनिस बाॅल क्रिकेट प्रतियोगिता में की गई चाॅक-चैबंद व्यवस्था देखकर हर कोई गदगद हो रहा है। इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे देखने के लिए महिलाएं भी बड़ी संख्या में आ रहीं है। साथ ही एसआर केबल नेटवर्क पर 84 नंबर चेनल पर इसका साीधा प्रसारण किया जा रहा है। फेसबुक लाईव के माध्यम से देष व दुनिया में बैठे झाबुआ के सैकड़ों लोग इस आयोजन का लुत्फ उठा रहे है। मंगलवार को उत्कृष्ट मैदान पर वीपीएल कार्यक्रम को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में क्रिकेट प्रेमी उपस्थित थे

ये थे अतिथि
वीपीएल-2 के दूसरे दिन अतिथि के रूप में नगरपालिका झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार, पार्षद मालू डोडियार, नूरजहां, नरेन्द्र राठौरिया, संतोष कहार, उषा विवेक येवले, अविनाष डोडियार, वरिष्ठ व्यापारियों मे रमेष डोषी, शरद कांठेड़, विषाल कटकानी, जेनुद्दीन शेख, मुकेष बैरागी उपस्थित थे। जिनके द्वारा मंच पर बैठकर शानदार मैचों का लुत्फ उठाया गया। आयोजनस्थल पर एलईडी के माध्यम से मैचों का पूरा लाईव प्रसारण लोगों को साफ-साफ दिखाई दे रहा है। मैदान चारो ओर से सुंदर होर्डिंग्सों से पटा सुषोभित हो रहा है।

दूसरे दिन भी हुए 5 मैच
स्पर्धा के दूसरे दिन भी 5 मैच हुए। जिसमें प्रथम मैच में अंबिका ब्लास्ट ने विमल केसरी को बड़े अंतर से हराकर फतह हासिल की। विनीत तिवारी मेन आॅफ द मैच रहे। दूसरा मैच स्वस्तिक इलेवन और आम्रपाली के बीच खेला गया। जिसमें आम्रपाली 8 विकेट से विजय रहीं। तीसरा मैच अमन इंडिया एवं नाकोड़ा रायल्स के मध्य हुआ। जिसमें नाकोड़ा रायल्स विजयी रहीं। विजय बुंदेला को मैन आफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। चैथा मैच अक्षा रायडर एवं स्पोर्टस जोन के बीच खोला गया, जो काफी रोमांचक रहा। स्पोटर्स जोन ने यह मैच मात्र 3 रनों से जीता। शाहिद मैन आॅफ द मैच घोषित किए गए। अंतिम मैच में केषव लायंस ने महिन्द्रा ट्रेक्टर्स को जीत के लिए 101 रन का लक्ष्य दिया। जिसे महिन्द्रा ट्रेक्टर्स ने 6 ओवर में ही पूरा कर लिया। अभिषेक को मेन आफ द मैच का पुरस्कार प्रदान किया गया।

अ.ज./अजजा एक्ट को लेकर भारत बंद के दौरान भडकी हिंसा में मारे गये बेगुनाह व्यक्तियों के प्रति जिला कांग्रेस द्वारा किया गया मौन धरना एवं दी गई श्रद्धांजली

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झाबुआ ।  माननीय  उच्चतम न्यायालय के अ.ज./अजजा एक्ट को  लेकर दिनांक  02 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान समुचे देष एवं प्रदेष में उग्र आन्दोलन हुआ जिसमें प्रदेष में हिसा का वातावरण निर्मित हुआ और प्रदेष में आठ बेगुनाह व्यक्तियों की मौते हुई तथा कई शहरों में प्रदेष सरकार को कफयू लगाना पडा  क्योंंिक माननीय  उच्चतम न्यायालय अ.ज./अजजा एक्ट में परिपे्रक्ष्य में दिये गये दिषा निर्देषों के संदर्भ में न ही केन्द्र सरकार द्वारा और न ही राज्य की सरकारों द्वारा कोई पुर्नर याचिका माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर की गई हैंे । प्रदेष सरकार को  खुफिया तंत्र (पुलिस) द्वारा  भारत बंद की घोषणा की  जानकारी होने के बावजूद भी  किसी तरह की  सुरक्षा के मापदण्ड एवं  सावधानी सरकार व प्रदेष सरकार द्वारा नहीं बरती गई  । जिसके परिणाम स्वरूप पूरे देष व प्रदेष में हिंसा व संर्घष की स्थिति निर्मित हुई । प्रदेष  कांग्रेस के निर्देष अनुसार आज झाबुआ जिला मुख्यालय में स्थानीय बस स्टेण्ड के समीप जनपद पंचायत के सामने कांग्रेस जनों द्वारा पूर्वहनः 11ः30 से दोपहर  1ः30 बजे तक महात्मा गाॅंधीजी की प्रतिमा के समक्ष मौन धरना दिया   गया तथा प्रदेष में भडकी हिंसाक स्थिति और मारे गये  आठ निर्दोष व्यक्तियों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाऐं व्यक्ति करते हुए  दो मिनिट का मौन रखकर  भावभीनी श्रद्धांजली दी गई । इस मौन धरना आन्दौलन पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूरे प्रदेष में अराजकता की स्थिति एवं हुए दंगों के संबंध में  न्यायिक जाॅच करने तथा सरकार द्वारा  आठ बैगुनाह व्यक्तियों की मृत्यू के लिये उनके परिवार के आश्रितों को  शासकीय नौकरी व कम से कम 10-10 लाख रूपये का मुआवजा दिलाये जाने  एवं प्रदेष की  बिगडती हुई कानून व्यवस्था में सुधार कराने के लिये  उचित कदम उठाये जाने के लिये  प्रदेष कांग्रेस कमेटी म.प्र.भोपाल व प्रेस, मिडिया के माध्यम से  प्रदेष के राज्यपाल एवं देष के राष्ट्रपति को अवगत करवाने की बात कही है । इस अवसर पर विषेष रूप से  जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, ए.आई.सी.सी. प्रतिनिधि डाॅ विक्रांत भूरिया, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, वालसिंह मेडा, वीरसिंह भूरिया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेष डोषी जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष रूपसिंह डामोर, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद डामोर, गेंदलाल डामोर, कैलाष डामोर, जिला कांग्रेस प्रवक्ता, आचार्य नामदेव, हर्ष भट्ट, साबिर फिटवेल, नगर पालिका अध्यक्ष मनुबेन डोडियार, उपाध्यक्ष रोषनी डोडियार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मानसिंह मेडा, आषिष भूरिया, यामिन शेख, शहर कार्यवाहक अध्यक्ष गौरव सक्सेना,कालूसिंह नलवाया, श्रीमती उषा येवले, शायरा बानो, शंकर भूरिया, कांग्रेस नेता अकमालसिंह डामोर, कानाभाई गुण्डिया, राजेष डामोर, विनय भाबर, मनीष बघेल, सुधीर भाभर, वसीम सयैद, आनन्द चैहान, चतरसिंह डामोर, गोपाल गुजराती, पिटर वाखला, वरसिंह माली, धुलिया परमार,तोलसिंह नलवाया, अमरा डामोर, तोलिया भाबोर, अनसिंह भुरिया, पानसिंह तडवी, शंकर डामोर, कालू भाबोर, रणजी गणावा, रानू वसूनिया, प्रषांत बामनिया, रषीद कुरैषी, सुमेरसिंह सिंगाडिया, दिव्येष अमलियार, हेमेन्द्र कटारा, अविनाष डोडियार, भूरजी, मगनसिंह, गुमाभाई, धूमाभाई, तौलसिंह भाई, कमलेष खडकुई, आदि बडी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी  एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

पंचदेव राम दरबार समिति रंगपुरा के श्री भंडारी अध्यक्ष एवं खतेड़िया सचिव निर्विरोध मनोनीत
  • बैठक में अन्य पदाधिकारियों का भी हुआ मनोनयन

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झाबुआ। शहर के समीपस्थ ग्राम रंगपुरा में स्थित अति प्राचीन श्री राम दरबार पंच देव मंदिर समिति के पदाधिकारियों का निर्वाचन निर्विरोध संपन्न हुआ। जिसमें यषवंत भंडारी को अध्यक्ष एवं सचिव रघवुरीसिंह खतेड़िया को मनोनीत किया गया। अन्य पदाधिकारियों में बाबुलाल अग्रवाल एवं मनीष व्यास को संरक्षक, संजय जैन, रणछोड़लाल राठौड़ एवं राजेष नागर को परामर्षदाता बनाया गया। उक्त जानकारी देते हुए मंदिर के पूजारी पं. विष्णुपूरी गोस्वामी ने बताया कि आज से 124 वर्षों पूर्व झाबुआ दरबार के बड़े दीवान कविष्वरजी ने अपनी निजी भूमि पर स्वयं के व्यय से श्री राम दरबार सहित पांच देव षिव शंकर, हनुमानजी, शनिदेव तथा भेरव देवजी के मंदिर का निर्माण करवाया था। वर्षों तक कविष्वर परिवार ने इन मंदिरों का संचालन एवं देखभाल की। पिछले 10 वर्षों से कविष्वर परिवार ने मंदिर की व्यवस्था एवं देखभाल करने में असमर्थता व्यक्त कर एक संचालन समिति बनाने का निर्णय लिया। तद्नुसार इस मंदिर की प्रथम संचालन समिति बनाई गई। जिसमें बाबुलाल अग्रवाल को अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। पिछले 10 वर्षों में श्री अग्रवाल द्वारा मंदिर के संचालन में सराहनीय सहयोग दिया गया। पिछले दिनों श्री अग्रवाल ने व्यक्तिगण कारणों से अध्यक्ष पद पर नए अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु आग्रह किया था। पश्चात् मंगलवार शाम 5 बजे एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें नवीन समिति का गठन सर्वानुमति से किया गया। सर्वप्रथम निवृतमान अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने नए अध्यक्ष हेतु यषवंत भंडारी का नाम प्रस्तावित किया। जिसका समर्थन मनीष व्यास ने किया। उपस्थित सभी सदस्यों ने श्री भंडारी के समर्थन में अपनी सहमति व्यक्त करते हुए श्री भंडारी को निर्विरोध अध्यक्ष मनोनीत करने की घोषणा की। श्री भंडारी ने अपने मनोनयन के पश्चात् अन्य पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की।

अन्य पदाधिकारियों में ये शामिल
समिति में उपाध्यक्ष पद पर मगनलाल राठौड़, राजेष तिवारी, सचिव रघुवीरसिंह खतेड़िया, सह-सचिव अमितसिंह जादौन (यादव) एवं लखनसिंह नामदेव, कोषाध्यक्ष महेष राठौड़, संगठन मंत्री विजय वसुनिया, मीडिया प्रभारी रिंकू रूनवाल, कार्यकारिणी सदस्यों में जीतसिंह भूरिया, अषोक सिंगार, सुधीर कुषवाह, पंवार टेलर, अमृतपूरी, मोहन जोषी, जय नंदवाल, जवाहरसिंह राठौर आदि को शामिल किया गया।

वर्षभर में 9 कार्यक्रम करना तय किया गया
निर्वाचन के पश्चात् पं. विष्णुपूरी की सहमति से उपस्थित सदस्यों द्वारा वर्षभर में 9 कार्यक्रम के आयोजन करने की सहमति प्रदान कर उनके आयोजकों की घोषणा की। जिसके अनुसार राम नवमी के आयोजन के लाभार्थी बाबुलाल अग्रवाल, हनुमान जयंती का आयोजन राजेष तिवारी एवं षिवसेना परिवार, भैरव पूर्णिमा का आयोजन यषवंत भंडारी एवं महेष राठौड़ तथा राठौड़ समाज, शनि जयंती का आयोजन मनीष व्यास, श्रावण माह के सोमवार पर रघुवीरसिंह खतेड़िया एवं लखनसिंह नामदेव, जन्माष्टमी के आयोजन के लिए अमितसिंह जादौन (यादव), दीपावली के लिए रिंकू रूनवाल एवं स्थापना पर आयोजन के लिए संजय जैन ने अपनी ओर से आयोजन करने की सहमति दी।

पं. विष्णपुरी को महंत की उपाधि से करेंगे अलंकृत
इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने सर्वानुमति से यह निर्णय लिया कि पिछले 60 वर्षों से इस मंदिर में निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले पं. विष्णुपरी गोस्वामी की सेवाओं का सम्मान करते हुए उन्हें आगामी भैरव पूर्णिमा के अवसर पर शहर के सभी सामाजिक संस्थाओं एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में महंत पद से विभूषित कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। साथ ही समिति ने यह निर्णय लिया कि मंदिर की व्यवस्था का सचंालन निरंतर श्री गोस्वामी एवं उनके परिवारजनों द्वारा ही किया जाएगा। बैठक का संचालन श्री खतेड़िया ने किया एवं आभार मनीष व्यास ने माना।

सकल व्यापारी संघ की अनुमति के बिना अब शहर बंद नहीं होगा, बनाई जाएगी 11 सदस्यीय कमेटी

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झाबुआ। किसी भी प्रकार के मुद्दों को लेकर बार-बार शहर बंद होने से जहां व्यापार व्यवसाय पर तो विपरित असर पड़ता हीं है वहीं आमजनों को भी काफी दिक्कते आती है। जिसे ध्यान में रखते हुए सकल व्यापारी संघ ने एक विषेष बैठक का आयोजन पैलेस गार्डन पर कर इस अवसर पर कठोर कदम उठाते हुए निर्णय लिया है कि आगामी दिनों में यदि कोई भी संस्था शहर बंद करवाती है तो उसे एक-दो दिन पूर्व सकल व्यापारी संघ से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने की स्थिति में व्यापारी बंद को समर्थन नहीं देंगेे।

व्यापारियों में रहती थी असमंजस की स्थिति
सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर एवं सचिव कमलेष पटेल ने बताया कि शहर बंद कराने जैसी व्यवस्थाओं को सुधारने हेतु सकल व्यापारी संघ ने सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्णय लिया है। कई बार व्यापारियेां में ही असमंजस्य की स्थिति निर्मित हो जाती थी कि बंद के दौरान दुकाने बंद रखी जाए या नहीं।

11 सदस्यीय कमेटी लेगी निर्णय
इसके लिए बकायदा वरिष्ठ व्यापारियों की एक 11 सदस्यीय कमेेटी बनाई जा रहीं है, जो बंद के विषय पर सकल व्यापारी संघ की ओर से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहेगी। प्रवीण रूनवाल एवं अषोक सकलेचा ने बताया कि बंद के दिन शहर केवल दोपहर 12 बजे तक ही बंद किया जाएगा। जिससे बंद के आयोजकों एवं आमजन को किसी तरह की तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ेगा। संगठन ने तय किया कि जो 11 व्यापारी इस कमेटी में रहेंगे, उनका निर्णय सभी को मान्य करना होगा। व्यापारी संघ की इस पहल से आने वाले समय में शहर बंद को लेकर व्यापारियों में होने वाली असमंजस की स्थिति से भी निजात मिल सकेगी।

इन्होंने भी रखे विचार
बैठक में व्यापारी संघ के वरिष्ठ कैलाषचन्द्र श्रीमाल, प्रेमप्रकाष कोठारी, संजय शाह, लालाभाई हरिष शाह, विकास शाह, अमित जैन, अजय पंवार, योगेष सोनी, अब्दुल रहीम अब्बू दादा, राजेन्द्र मेहता आदि व्यापारियों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। अंत में आए सभी व्यापारियों के प्रति आभार सचिव कमलेष पटेल ने माना।

मध्यप्रदेष सरकार की रोजगार विरोधी नितियों से त्रस्त हुआ प्रदेष का युवा:- डाॅ विक्रांत भूरिया

झाबुआ, । मध्यप्रदेष की सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ती आयु 60 वर्ष से बडाकर  62 वर्ष करने के आदेष पर कटाक्ष करते हुए प्रदेष के हौनहार बैरोजगार युवाओं में मायुसी छा गई है । सरकार के इस कदम से बैरोगार युवा अपने आप को असहाय महसूस कर रहें हैं । सरकार के इस कदम से  प्रदेष के युवाओं को नौकरी देने के अपने वादे से स्वयं सरकार से मुकर गई है एवं अपने वादों की धज्जीयां उडा रहीं हैं एक ओर केन्द्र की सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रहीं हैं वहीं प्रदेष की सरकार के इस कदम से युवा का एक ओर अवसर भी छीन लिया गया हैं । उक्त आरोप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं युवा नेता डाॅ विक्रांत भूरिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से लगाते हुए कहाॅं हैं, कि  एक ओर तो देष के प्रधानमंत्री हर साल युवाओं को 1 करोड नोकरीयां दिये जाने हेतु घोषणा करते हैं, उस अनुमान से  पिछले 4 वर्षो के शासन काल में प्रधानमंत्री की घोषणानुसार 4 करोड युवाओं को नौकरीयों उपलब्ध जानी थी, लेकिन इसके विपरीत  30 लाख युवाओं को ही नौकरी व रोजगार उपलब्ध करवाये जा सके हैं, युवाओं के साथ इससे बडा मजाक क्या हो सकता हैं । वही दुसरी ओर प्रदेष सरकार के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान द्वारा लिये गये रोजगार विरोधी कदम से प्रदेष के युवाओं को अंधेरी गली में धकेल दिया गया है । सरकार के इस कदम से युवाओं में गहरी निराषा व्याप्त हो गई है । एक और तो मध्यप्रदेष सरकार  बैकलाग के लगभग 1.50 लाख पदों को भरने हेतु कोई प्रयास नहीं कर रहीं हैं, जिससे की अनुसूचित जाति /जनजाति के युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें । वहीं दुसरी ओर सरकार द्वारा सेवा निवृत्ती आयु 60 वर्ष से  62 वर्ष कर दिये जाने के फलस्वरूप करीब 10 लाख युवाओं के रोजगार के अवसर लगभग 2 वर्षो हेतु आगे बड गये हैं, क्योंकि पद रिक्त नहीं होंगे तो रोजगार कहां से मिलेगें ।  इससे स्पष्ठ हैं, कि  भारतीय जनता पार्टी की सरकार की कथनी ओर करनी में अत्याधिक विरोधाभास हैं, जिसका खामियाजा प्रदेष के युवाओं के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को उठाना पडता हैं, व परिवार के सदस्यों को रोजगार के अभाव मेें तिल तिल जी कर खुन के आॅसु पीने पर मजबूर होना पड रहा हैं, कई युवाओं के भविष्य पर प्रष्न चिन्ह इस घोषणा के बाद से लग गई हैं । प्रदेश के युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए हर उस बैरोगार युवाओं व उनके परिवारजनों को सत्वना देते हुए डाॅ विक्रांत भूरिया ने कहां की प्रदेष सरकार की युवा विरोधी नीतियों का कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध किया करती हैं व प्रदेष के बेरोगार युवाओं के साथ खडे होकर कांग्रेस पार्टी युवाओं की इस लडाई में उनके साथ हैं व युवाओं के हित में पार्टी अपने स्तर से उचित कदम उठायेगी तथा आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार के अवसर दिये जाने के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ शामिल करेगी । डाॅ विक्रांत भूरिया ने चेतावनी देते हुए कहां कि  प्रदेष के युवाओं के प्रति लिये गये निर्णय के लिये प्रदेष का हर बैरोजगार युवा व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 2018 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को मुह तोड जवाब देकर जड से उखड फैकेगी  ।

भगवान परशुराम जयन्ती दिनांक 18 अप्रैल को धुम-धाम से मनाई जावेगी 

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झाबुआ । ब्राम्हण समाज के आराध्य देव भगवान परषुराम जी की जयन्ती दिनांक 18 अप्रैल 2018 बुधवार को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर धुम-धाम से मनाई जावेगी । इस भव्य समारोह को सफल बनाने हेतु मंगलवार 03 अप्रैल की रात्रि 8ः00 बजे से सर्व ब्राम्हण समाज की एक विषेष बैठक का आयोजन स्थानीय काॅलेज रोड स्थित जगदीष मन्दिर परिसर में बैठक कर रूपरेखा बनाई गई । ग्यात्वय हैं, कि समाज के युवा संगठनों द्वारा पिछले कई वर्षो से इस समारोह को भव्य तरीके से मनाया जा रहा हैं, इस आयोजन का सफल बनाने के लिये  उपस्थित गणमान्यों से  सुझाव आमंत्रित किये गये तथा सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि दिनांक  17 अप्रैल 2018 मंगलवार साय 5ः00 बजे झाबुआ नगर में निवेदन यात्रा निकाली जावेगी । जिसका समापन गोपाल काॅलोनी स्थित गोपाल मन्दिर में होगा । साय 7ः00 बजे से  रात्रि 11ः00 बजे तक समाज की महिला इकाई द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जावेगें तथा दिनांक  18 अप्रैल प्रातः 9ः00 बजे महादेव का अभिषक एवं भगवान परषुराम की पुजा अर्चना कर महा आरती की जावेगी ।  शाम 4ः00 बजे समाजजन जगदीष मन्दिर पर एकत्रित होकर तथा वहां से भगवान परषुरामजी की भव्य शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए शाम  7ः00 बजे जगदीष मन्दिर पहूंच कर विश्राम लेगी । तद् पश्चात भगवान गणेषजी एवं भगवान परषुराम जी की महा-आरती का आयोजन किया जावेगा । इसके बाद सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा समाजजनों का सहभोज का आयोजन किया     जावेगा । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिंष्ठ समाजसेवी डाॅ के.के.त्रिवेदी ने की  । कार्यक्रम का संचालन करते हुए पंडित अष्विनी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 08 अप्रैल की रात्रि 7ः30 बजे स्थानीय जगदीष मन्दिर पर एक विषेष बैठक रखी गई हैं, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम स्वरूप दिया जावेगा । समाजजनों को दायित्व सौपे जावेगें । बैठक में सभी का आभार हर्ष भट्ट ने माना । इस अवसर पर राजेन्द्र जोषी, महेष पांण्डे, राजेन्द्र शर्मा, महेष बैरागी, श्यामसुन्दर शर्मा, ओमप्रकाष शर्मा, जनार्दन शुक्ला, पपीष पानेरी, श्रीमती रेखा अष्विनी शर्मा, कुमारी मेघा सोत्रिय, प्रकाष त्रिवेदी, आषिष चर्तुवेदी, जेमिनी शुक्ला, मोहित पुरोहित, शषिकांन्त शर्मा, गोपाल त्रिवेदी, राजेष तिवारी, अतुल शर्मा, अजय बैरागी, राजेष पंडिया, प्रदिप पंडिया, राजकुमार देवल, मनोहर भट्ट, सुनिल शर्मा, मयंक त्रिवेदी, दर्षन शुक्ला, सहित आदि सर्व ब्राम्हण समाज के सदस्य मोजूद थें । 

मार्च माह में सेवानिवृत हुए शासकीय, सेवको को समारोह पूर्वक दी गई विदाई

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झाबुआ । जिले में पेंषन प्रकरणो के त्वरित निराकरण के लिए कलेक्टर के मार्गदर्शन में षासकीय सेवा से सेवानिवृत होने वाले षासकीय सेवको को समारोह पूर्वक समस्त भुगतानो को करने के लिए आज कलेक्टर कार्यालय में मार्च 2018 में सेवानिवृत्त हुए जिले के षासकीय सेवको को समस्त स्वत्वों का भुगतान कर सम्मान पूर्वक विदाई दी गई।

सेवानिवृत्त षासकीय सेवको को सम्मानित किया गया
कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में सेवानिवृत्त हुए षासकीय सेवको को आज डिप्टी कलेक्टर प्रीति संघवी एवं जिला कोषालय अधिकारी श्री चैहान द्वारा साल श्रीफल एवं पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में सभी षासकीय सेवको को स्वत्वों के भुगतान संबंधी आदेष दिये गये। इस अवसर पर एटीओ श्री दिनेश पारगी, पेंषनर्स एसोसिएषन के सदस्य एवं सेवानिवृत्त होने वाले षासकीय सेवक उपस्थित थे। समारोह का आयोजन जिला प्रषासन द्वारा किया गया। संचालन मोहिनी गिदवानी ने किया। समारोह में अधिकारियों एवं सेवानिवृत्त हो रहे षासकीय सेवको ने अपने अनुभव बाॅटे एवं आभार प्रर्दशन कोषालय अधिकारी श्री चैहान ने किया।

ये हुवे सेवानिवृत्त
श्री हरिप्रसाद श्रीवास्तव प्राचार्य, श्री प्रेमसिंह देवदा सहायक शिक्षक, श्री कोदरसिंह परमार प्रधान .पाठक, सुश्री मंजुला अरोडा उ0श्रे0शि0, श्री बसन्तसिंह परमार उ0श्रे0शि0, श्री मधुलता शर्मा सहायक शिक्षक, श्री बसतिया नायक भृत्य आदिवासी विकास विभाग एवं श्री मानसिंह स्वीपर स्वास्थ्य विभाग आज शासकीय सेवा से निवृत्त हुवे।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम में सेवा में विलंब करने पर बीएमओ थांदला पर 6 हजार 500 जुर्माना अधिरोपित

झाबुआ । शासन द्वारा लोकसेवा गांरटी अधिनियम के तहत चिन्हित सेवाएॅ आवेदक को समयसीमा में उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। समय सीमा में सेवा उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में पदाभित अधिकारी पर 250 रूपये प्रतिदिन की दर से अर्थदण्ड अधिरोपित कर संबंधित आवेदक को भुगतान करने का प्रावधान भी अधिनियम में किया गया है। बीएमओ थांदला द्वारा 27 आवेदको को सेवा देने में एक दिवस का विलंब किये जाने से 6 हजार 500 रूपये का अर्थदण्ड कलेक्टर झाबुआ श्री आशीष सक्सेना द्वारा अधिरोपित कर संबंधित 27 आवेदको में प्रत्येक को 250 रूपये प्रदाय करने हेतु आदेशित किया गया है।

किसान वर्षा की संभावना को देखते हुए खलिहान, मे रखी फसल को वर्षा से बचाने के उपाय करे

झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी 5 दिवसों में वर्षा की संभावना को देखते हुए खलिहान मे रखी पककर तैयार फसल को वर्षा से बचाने के उपाय करे। ग्रीष्मकालीन मूंग, भिण्डी व कददूवर्गीय सब्जियों की खेती हेतु आदान की व्यवस्था करे व रबी की फसल कटते ही खेत तैयार कर बुआई करे। खलिहान को बिजली के खंभे या तार के नीचे न बनाए आग लगने का खतरा रहता है। गहाई के दौरान सावधानी बरते हाथ कटने का खतरा रहता है। गेहूॅ का बीज बनाने हेतु बिजातीय पौधे को खेत से उखाडकर अलग करे। गेहूॅ एवं चने की पककर तैयार फसल की कटाई समय पर कर धूप में सुखाकर गहाई करे। बीज की बुआई से 2.0 ग्राम थायाम प्लस 1.0 ग्राम कार्बेण्डाजिम प्रति किलों बीज से उपचारित कर फिर राइजोबियम कल्चर एवं पीएसबी कल्चर 5.0-5.0 ग्राम से उपचारित कर बुआई। करें आम में फुदका माहो तथा भभूतिया रोग के नियंत्रण हेतु कार्बोरिल चूर्ण 2 ग्राम तथा 3 ग्राम सल्फेक्स प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करे। नीबू की गमोसिस एवं एन्थेकनोज बीमारी की रोकथाम हेतु ब्लाइटाॅक्स या फाइटोलाॅन दवा 2.5 ग्राम/ली का छिडकाव करे।  रसचूसक कीट के नियंत्रण के लिये इमिडाक्लोप्रिड या थायोमिथाक्सिम दवा 0.35-0.45 ग्राम/ली. की दर से छिडकाव करे। टमाटर, भिण्डी,मिर्च, बैगन आदि में प्ररोह एवं फलछेदक इल्ली की रोकथाम के लिए ट्रायजोफास दवा 2.0 मिली/ली का छिडकाव करे। भिण्डी, बैगन एवं हरी मटर, मेथी, पालक, मूली एवं हरी मिर्च की समय पर तुडाई कर ग्रेडिंग कर बाजार में बेचे। शीतकालीन सब्जियों जैसे टमाटर गोभी, पत्तागोभी, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च, ग्वारफली, शिमला मिर्च, अगेती आलू की सतत निगरानी करे। सब्जी हेतु हरी मटर, मेथी, पालक, मूली गाजर, प्याज आदि की समय पर सिंचाई कर अनुशंसित उर्वरक की मात्रा दे। ग्रीष्मकालीन सब्जियों एवं टमाटर, मिर्च, बैगन गोभी आदि का खेत में पौधरोपण करे एवं रोपित पौध की समय पर की सिंचाई करे। अदरक की परिपक्व फसल की सिंचाई रोक दे व समय पर प्रकंद की खुदाई करे। लहसुन की पककर तैयार फसल की समय पर सिंचाई रोक दे व समय पर खुदाई करे। पशु को कृमिनाशक दवा खिलाए। पशुओं को एच.एस.एफ.एम.डी, व बी क्यू बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण कराए।

मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग की बैठक 5 अप्रैल को

झाबुआ । मध्यप्रदेश शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग का गठन किया गया है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा खाद्य आयोग में अध्यक्ष सहित 6 सदस्यों को नियुक्त किया गया है। राज्य खाद्य आयोग की जिला स्तरीय बैठक 5 अप्रैल को कलेक्टर कार्यालय झाबुआ के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से आयोजित की जाएगी। बेैठक में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मातृत्व कल्याण योजना एवं मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा तथा मूल्यांकन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों को और सुचारू रूप से संचालित करने के लिये राज्य शासन तथा स्थानीय निकायों को सलाह भी दी जायेगी। आयोग के कार्यक्षेत्र में उपरोक्त चारों कार्यक्रमांे कें संबंध में स्वप्रेरणा से अथवा प्राप्त शिकायतो की जांच करने एवं योजनाओं के बेहतर ढंग से संचालन के लिये राज्य शासन तथा स्थानीय निकायों को सलाह देना भी शामिल है। राज्य खाद्य आयोग द्वारा उपरोक्त चारो कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को अधिक सुदृढ करने के बारे में अधिकारियो एवं जनप्रतिनिधियों के विचार जानने एवं सुझाव प्राप्त करने हेतु 5 अप्रैल 2018 को प्रातः 11.00 बजे बैठक आयेाजित की गई है। बैठक में सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष सहित कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं बच्चों के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुडे अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए निर्देश दिये गये है। अगले दिन 6 अप्रैल को प्रातः 9 बजे से जिले की शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्र में संचालित योजनाओं का विभागीय अधिकारियों के साथ आयोग के सदस्यों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

सफलता की कहानी : किराये का आॅटो चलाने वाला फिरोज स्वयं का आॅटो खरीदकर कमा रहा 200-300 रूपये रोज

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झाबुआ । प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अपने उददेश्य के अनुरूप गरीब व बेरोजगार युवाओ को विकास की मुख्यधारा से जोडने का काम कर रही है। आर्थिक तंगी की वजह से किराये से लेकर आॅटो चलाकर गुजारा करने वाले आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के श्री फिरोज मुहम्मद पिता अबरार निवासी जवाहर मार्ग झाबुआ को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ने आॅटो का मालिक बना दिया। आॅटो के संचालन से प्रतिदिन 200 से 300 रूपये आय होती है। फिरोज को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए 1.40 लाख रूपये ऋण मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत स्वीकृत हुआ। जिससे उन्होने स्वयं का अॅाटो खरीदकर चलाना शुरू कर दिया और विकास की रफतार पकड ली। चर्चा के दौरान के दौरान फिरोज मोहम्मद बताया कि उन्हेे मंुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एक लाख 40 हजार रूपये ऋण स्वीक््रत हुआ जिससे उन्होने स्वयं का आटो खरीदा जिससे औसत 300-400 रूपये प्रतिदिन आय हो जाती है । पहले वह किराये का आटो चलाते थे । जिससे औसत 100-150 रूपये आय होती थी। स्वयं का रोजगार स्थापित कर आॅटो का मालिक बनाने मे सहयोग करने के लिए शासन एवं मुख्यमंत्रीजी का बहुत बहुत धन्यवाद ।

दुमका : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों के साथ बैठक की।

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सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास हेतु पहुंच पथ दुरुस्त करें।  नक्सल एवं उग्रवाद को समाप्त करने के लिए गांव में रोजगार का सृजन करें। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए गांव के ही पढ़े लिखे युवक एवं युवतियों को रोजगार से जोड़े--रघुवर दास  
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रांची-दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लातेहार जिले के बेतला क्षेत्र के विकास को लेकर जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। श्री दास ने अधिकारियों को निदेश दिया कि ग्रामीणों से राय लेकर ही गांव के विकास की योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि राज्य में गरीबी खत्म करने हेतु लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना जरूरी है। अधिकारी गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर जानकारी प्राप्त करें की गांव के विकास में सबसे अधिक क्या जरूरी है। श्री दास ने अधिकारियों को निदेश दिया कि ऐसे सभी क्षेत्रों का चयन करें जहां अबतक पहुंच पथ नहीं है साथ ही सुदूरवर्ती क्षेत्रों को पहुंच पथ से जोड़ने के लिए कार्य योजना बनाकर सड़क एवं पुल पुलिया निर्माण करवायें। उन्होंने कहा कि जिले में सुदूर गांवों तक पहुंच पथ नहीं होने के कारण विकास बाधित होता है। 
                       
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है लेकिन सभी के आय में बढ़ोतरी किया जा सकता है। उन्होंने ग्रामिणों को गांव एवं ग्रामीणों के विकास हेतु सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जा रही है जैसे ग्रामीणों को स्वरोजागर से जोड़ने के लिए पहुंच पथ का निर्माण, मुर्गी, बकरी पालन, चेकडैम, तालाब, मछली पालन समेत अन्य योजनाओं से जोड़ने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री  दास ने अधिकारियों को निदेशित किया कि नक्सल एवं उग्रवाद को समाप्त करने के लिए गांव में रोजगार का सृजन करें। बैठक के दौरान अधिकारियों के द्वारा बूढ़ा पहाड़ में जमे नक्सलियों की समाप्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान में आने वाली समस्या को लेकर चर्चा की गई। 

मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए सड़क निर्माण करने, ग्रामीणों को छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहुंच पथ नहीं होने से ही अधिकारी गांव में नहीं पहुंच पाते जिससे ग्रामीणों से अधिकारियों की संवादहीनता बनी रहती है और वे सरकारी योजना से वंचित रह जाते हैं। मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ समेत अन्य क्षेत्रों में भी पहुंच पथ निर्माण करवाने का निर्देश दिया। साथ ही इस कार्य में पुलिस प्रशासन से भी सहयोग लेने की बात कही।   मुख्यमंत्री श्री दास ने अधिकारियों से कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए गांव के ही पढ़े लिखे युवक एवं युवतियों रोजगार से जोड़े। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालय, उप स्वास्थ्य केन्द्र समेत अन्य सरकारी संस्थान जहां कर्मियों की कमी हो वैसे स्थान में गांव के ही पढ़े लिखे लोगों को बहाल कर नौकरी से जोड़ा जाय ताकि गांव  के लोगों का विकास भी हो साथ ही युवक एवं युवतियों को रोजगार भी मिल जाए।

मुख्यमंत्री  ने जिले के अधिकारियों को महिलाओं के स्वरोजगार के लिए जोहार योजना से जोड़ने की बात कही। उन्होंने बताया कि जोहार योजना से जुड़कर महिलायें मुर्गी पालन कर अंडा का उत्पादन करेंगी जिसकी खरीदारी कर नजदीक के ही स्कूल, पुलिस कैंप में सप्लाई करवायें ताकि महिलाओं को कोई परेशानी न आए। बैठक में डीआइजी श्री विपूल शुक्ला, उपायुक्त श्री राजीव कुमार, एसपी श्री प्रशांत आनंद, उप विकास आयुक्त श्री अनिल कुमार सिंह, वन विभाग के क्षेत्र निदेशक श्री एमपी सिंह, डीएफओ श्री अनिल कुमार मिश्रा, डीआरडीए निदेशक श्री संजय भगत, सीआरपीएफ के कमांडेंट, जिला योजना पदाधिकारी श्री निर्मल झा समेत अन्य प्रशासनिक, पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

मधुबनी : जिला पदाधिकारी ने दिया शिक्षक पर कार्रवाई का निर्देश

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : जिला पदाधिकारी मधुबनी द्वारा उप विकास आयुक्त,मधुबनी को बुधवार को डी.आर.डी.ए. के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान कोषांग कार्यालय में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने,हंगामा करने,संचिका को फंेक देने,कार्यालय में तोड़-फोड़ की धमकी देने की मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन एवं अपना मंतव्य देने का निदेष दिया गया। साथ ही जिला षिक्षा पदाधिकारी,मधुबनी को उक्त षिक्षक पर कड़ी कारवाई करने का निदेष दिया गया। जिला समन्वयक,जिला जल एवं स्वच्छता समिति,मधुबनी के द्वारा जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया कि बुधवार को स्थानीय डी.आर.डी.ए. स्थित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान कोषांग कार्यालय में मुरली आजाद सहनी,षिक्षक,प्राथमिक विद्यालय पाठक,टोल,सतलखा,रहिका के द्वारा हंगामा एवं अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाया गया। एैसा प्रतीत हो रहा था कि इन्होने नषा का सेवन किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पदाधिकारी ने उपविकास आयुक्त,मधुबनी को मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन एवं अपना मंतव्य देने का निदेष दिया गया। साथ ही जिला षिक्षा पदाधिकारी,मधुबनी को उक्त षिक्षक पर कड़ी कार्रवाई करने का निदेष दिया गया।

मधुबनी : जिला स्तरीय टीम ने किया आंगनवाड़ी केन्द्रों का सघन निरीक्षण

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मधुबनी, (आर्यावर्त डेस्क) 04, अप्रैल, 18 : श्री विनोद कुमार पंकज,प्रभारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी,मधुबनी(आई.सी.डी.एस.) के नेतृत्व में बुधवार को जिला स्तरीय टीम द्वारा लखनौर प्रखंड के विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। जिसमें कई केन्द्रों पर केन्द्र संचालन संतोषजनक पायी गयी तो कई केन्द्रों पर स्थिति असंतोषनक पायी गयी। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि आंगनवाडी केन्द्रों पर अनियमितता की षिकायतें मिल रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए बुधवार को सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं दर्जनों महिला पर्यवेक्षिकाओं को लखनौर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में केन्द्र पर औचक निरीक्षण की कारवाई की गयी एवं सघन जांच किया गया। जिसमें बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,हरलाखी के द्वारा कैथिनियां पंचायत के केन्द्र सं99 का निरीक्षण किया गया। जहां 20 बच्चे पाये गये,मात्र दो बच्चे पोषाक में थे,अन्य बच्चे बिना पोषाक के थे।  केन्द्र सं0 18 पर मात्र 8 बच्चे पाये गये,केन्द्र पर निरीक्षण पंजी नहीं पाया गया, साफ-सफाई भी संतोषप्रद नहीं था। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,हरलाखी द्वारा इनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी साथ ही चयनमुक्ति हेतु अनुषंसा की गयी। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,जयनगर द्वारा तमुरिया पंचायत के केन्द्र सं.125 का निरीक्षण किया गया। यहां 22 बच्चे उपस्थित थे। केन्द्र सं. 94 पर 28 बच्चे,केन्द्र सं.124 पर 12 बच्चे पाये गये। केन्द्र सं. 89 पर 15 बच्चे पाये गये, 8 पोषाक में थे,पंजी अद्यतन नहीं था। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,जयनगर द्वारा लापरवाही वरतने वाली आंगवाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के विरूद्ध कारवाई की अनुषंसा की गयी।  बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,लदनियां के द्वारा दीप पूर्वी पंचायत के केन्द्र सं.111 का निरीक्षण किया गया। केन्द्र पर 38 बच्चे उपस्थित थे। केन्द्र सं.68 पर 30 बच्चे उपस्थित थे। केन्द्र सं. 154 पर 30 बच्चे उपस्थित थे। तथा पंजी अद्यतन नहीं था। केन्द्र सं.112 पर खिचड़ी में सब्जी नहीं बन रहा था, सेविका द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। केन्द्र पर 17 बच्चे उपस्थित पाये गये। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की अनुषंसा की गयी। केन्द्र सं. 109 पर भी 17,105 पर 24 बच्चे उपस्थित पाये गये। सभी पोषाक में थे। केन्द्र सं 146 पर 18 बच्चे उपस्थित पाये गये तथा पंजी उपलब्ध नहीं था। सेविका/सहायिका पोषाक में उपस्थित थी।  बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,अंधराठाढ़ी द्वारा लौफा पंचायत के केन्द्र सं.44 पर निरीक्षण के क्रम में 18 बच्चे पाये गये इनके विरूद्ध भी कार्रवाई की अनुषंसा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा की गयी। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,रहिका के द्वारा कछुवी पंचायत के केन्द्र सं. 86 पर निरीक्षण के क्रम में 35 बच्चे पाये गये,कार्य संतोषप्रद्र पाया गया। केन्द्र सं. 87 पर 26 बच्चे पाये गये, केन्द्र सं. 122 पर 12 बच्चे उपस्थित पाये गये। उन्होने भी लापरवाह सेविकाओं पर कार्रवाई की अनुषंसा की है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,बेनीपट्टी के द्वारा लखनौर पष्चिमी पंचायत का निरीक्षण किया गया। जिसमें केन्द्र सं.31 में 30 बच्चे उपस्थित पाये गये। बलिया पंचायत के केन्द्र सं. 40 में 34, 42 में 20 बच्चे उपस्थित पाये गये। पंजी केन्द्र पर उपलब्ध नहीं था। केन्द्र सं. 140 पर 13 बच्चे उपस्थित पाये गये। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण की मांग की गयी एवं चयनमुक्ति की अनुषंसा की गयी। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने कहा कि रैंडमली सभी प्रखंडों के आंगनवाड़ी केन्द्रों की जांच की जायेगी। जिसमें केन्द्र पर अनियमितता एवं लापरवाही बरतने वाले सेविका/सहायिकाओं पर कारवाई की जायेगी। उन्होने निदेष दिया कि सभी सेविका/सहायिका ड्रेस कोड का पालन करें, साथ ही महिला पर्यवेक्षिकाओं को अपने-अपने सेक्टर के केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिषत सुनिष्चित करने का निदेष दिया गया।
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