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झारखण्ड : चमत्कारी बर्तन के नाम पर करोड़ो की ठगी, पीए समेत पांच गिरफ्तार

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पाकुड़ 05 अप्रैल, झारखंड में चमत्कारी बर्तन (राइस पुलर) और नोट दुगुना करने का झांसा देकर करोड़ो रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर पुलिस ने पूर्व मंत्री के निजी सचिव समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गिरोह की ठगी के शिकार सेलुकश तिवारी की शिकायत पर विशेष टीम का गठन किया गया। इसके विशेष टीम ने पश्चिम बंगाल के अलावा पाकुड़ के ही एक ठिकाने कर सभी को गिरफ्तार कर लिया। छापेमारी में गिरोह के मुख्य सरगना जीवन चंद्र झा उर्फ सपन मुखर्जी उर्फ अमित गुहा को पश्चिम बंगाल के मालदा से, पार्थो सारथी पांडेय, मृणाल कांती पांडेय एवं ममता पांडेय को जिले के नगर थाना क्षेत्र के हाटपाड़ा से तथा मोहम्मद कलाम को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मुरारोई थाना क्षेत्र के घुसखोरा से गिरफ्तार किया गया है। श्री वर्णवाल ने बताया कि ठगी के इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि पहला शिकार जिस सेलुकश तिवारी को बनाया गया, उसी के मकान में तीन आरोपी पार्थो सारथी पांडेय, मृणाल कांती पांडेय एवं ममता पांडेय किराये पर रहते थे। 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किये गये सभी आरोपी राइस पुलर दिलाने के नाम पर जिले के छह से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाकर एक करोड़ से भी अधिक रुपये ठग लिये। ठगी गिरोह का मुख्य सरगना जीवन चंद्र झा उर्फ अमित गुहा भाषा बदल-बदल कर लोगो को अपना शिकार बनाता था। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता सेलुकश से 80 लाख एवं अन्य लोगो से कुल एक करोड़ 35 लाख रुपये की ठगी की गयी है। सभी आरोपियो के खिलाफ नगर थाने में एक मामला दर्ज किया गया है। श्री वर्णवाल ने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों के पास से चेकबुक, बैंक पासबुक, एटीएम एवं 10 मोबाइल बरामद किये गये है। गिरोह में शामिल सभी आरोपी झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल के कई लोगों को अबतक अपना शिकार बना चुके है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किये गये मोहम्मद कलाम ने पूछताछ के दौरान अपने को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री किरणमयी नंदा का निजी सचिव बताया है। गिरोह का मुख्य सरगना जीवन चंद्र झा दर्जनो भाषाओं का जानकार है। वह पहले फौज में नौकरी करता था और बीच में ही नौकरी छोड़कर ठगी गिरोह का संचालन करने लगा। 

शराबबंदी पर एक-दूसरे का हाथ पकड़ने वाले कर रहे अनैतिक राजनीति : नीतीश

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पटना, 05 अप्रैल (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हमलों पर आज इशारों-इशारों में पलटवार करते हुए कहा कि शराबबंदी के खिलाफ एक-दूसरे का हाथ पकड़ने वाले अब इस मुद्दे पर अनैतिक राजनीति कर रहे हैं। श्री कुमार ने यहां अधिवेशन भवन में प्रदेश में पूर्ण मद्य निषेध के दो वर्ष पूर्ण होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी को लेकर बनी मानव श्रृंखला में राज्य की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा शामिल हुआ था। इसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए थे जिसने दुनिया में एक इतिहास कायम किया।  मुख्यमंत्री ने कहा, “ मानव श्रृंखला में सभी जाति, धर्म एवं राजनीतिक दल के लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर शराबबंदी के पक्ष में अपना संकल्प व्यक्त किया था लेकिन आज कुछ लोग अनैतिक राजनीति कर रहे हैं। लोगों की चिंता नहीं कर रहे हैं। शराब पीने वालों, धंधा करने वालों, पिलाने वालों के खिलाफ कानून सख्ती से कार्रवाई करेगा क्योंकि शराबबंदी के पक्ष में पूर्ण जनमत है।” श्री कुमार ने कहा कि एक अप्रैल 2016 को राज्य में शराबबंदी लागू की गई थी जिसके प्रथम चरण में ग्रामीण इलाके में देशी एवं विदेशी शराब को बंद करने का निर्णय लिया गया था। शहरी इलाके में शराबबंदी का निर्णय दूसरे चरण में करने पर विचार किया गया था। प्रदेश में एक से चार अप्रैल के बीच शहरी इलाके में भी शराब की दुकानों को बंद करने के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद इससे उत्साहित होकर सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू करने का निर्णय किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के कारण लोग अपनी गाढ़ी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा इसमें लोग बर्बाद कर देते थे। घर का माहौल तनावपूर्ण रहता था। शराब पीने से लोगों का शारीरिक,मानसिक और आर्थिक नुकसान होता था। महिलाओं और बच्चों की स्थिति घर में काफी खराब रहती थी। महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी का निर्णय लिया गया। प्रदेश में शराबबंदी से नई सामाजिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। श्री कुमार ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी कुछ धंधेबाज इस काम में लिप्त हैं।महिलाओं से आग्रह है कि वे सतर्क रहें और शराब पीने वालों को समझाएं ताकि शराब से होने वाले नुकसान की नौबत नहीं आए। उन्होंने अवैध शराब की तस्करी करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि शराब का अवैध कारोबार करने वालों एवं इसका सेवन करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है और उसपर कार्रवाई हो रही है लेकिन इसको पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सामाजिक अभियान लगातार जारी रखना होगा।

मुख्यमंत्री ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ जारी अभियान के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 01 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2018 तक छह लाख 83 हजार 370 छापेमारी की गई। इसे लेकर एक लाख 05 हजार 954 अभियोजन दर्ज किए गए और एक लाख 27 हजार 489 लोगों की गिरफ्तारी की गई। इस दौरान 11 लाख 70 हजार 800 लीटर देशी शराब, 17 लाख 13 हजार 780 लीटर विदेशी शराब, दो लाख 93 हजार 819 लीटर चुलाई शराब एवं एक लाख 29 हजार 901 लीटर अवैध सुशब जब्त की गई। इसके बाद अभियान चलाकर बड़ी मात्रा में देशी और विदेशी शराब को नष्ट भी किया गया। श्री कुमार ने कहा कि जिस तरह कुछ लोगों ने यह हौवा खड़ा करने की कोशिश की है कि एक लाख लोग जेलों में बंद हैं जबकि सच्चाई यह है कि शराबबंदी के क्रम में 12 मार्च 2018 तक केवल 8123 लोग ही जेलों में बंद हैं। इनमें 801 लोग बिहार के बाहर के हैं। सभी वर्ग के लोग जो इस अवैध कार्य से जुड़े रहे हैं, वही जेल में हैं। उन्होंने शराबबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसका सबसे ज्यादा फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ गरीब वर्ग के लोगों को हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब चुलाई का धंधा करने वाले अधिकतर गरीब तबके से आते हैं। शराबबंदी के पहले दिन से ही अधिकारियों से कहा गया है कि ऐसे लोगों को समझा कर उनके लिए रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करिए। पूर्णिया जिले के एक गांव में लोगों को दो-दो गाय उपलब्ध करायी गयी ताकि वे अपनी जीविका चला सकें। श्री कुमार ने कहा कि कुछ ऐसे परिवार हैं जो शराब चुलाई के धंधे में अभी भी लिप्त हैं, जीविका के माध्यम से इस तरह के परिवारों को चिह्नित कर स्वयं सहायता समूह से उनको जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। जीविका के माध्यम से उनको वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक आठ लाख स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित करने का हमारा लक्ष्य है जिसके माध्यम से करीब सवा करोड़ परिवार जुड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मद्य निषेध लोक आसूचना केंद्र के लोकार्पण से शराबबंदी को एक नई ताकत दी गई है। हरेक गांव में बिजली के खंभे पर निशुल्क दूरभाष संख्या 1800 3456 268 15545 लिखा होगा। कोई भी व्यक्ति गड़बड़ी करने वाले की सूचना अपने मोबाइल से दे सकेगा। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। यह आसूचना केंद्र अभी दस घंटे काम करेगा लेकिन 15 अप्रैल से 24.7 कार्यरत रहेगा। श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश में विकास का काम द्रुत गति से चलता रहेगा, साथ-साथ समाज सुधार का काम भी जारी रहेगा। समाज सुधार के कामों से बिहार की तस्वीर बदल रही है। समाज में शांति, प्रेम एवं सदभाव बनी रहे, यह जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में कानून का राज कायम है और उनकी सरकार इससे कोई समझौता नहीं करेगी। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, ऊर्जा सह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार समेत अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। 

एससी-एसटी कानून को कमजोर नहीं कर सकते : सुशील कुमार मोदी

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पटना 05 अप्रैल, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि केवल दुरुपयोग के आधार पर अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) अत्याचार निवारण एक्ट को कमजोर नहीं किया जा सकता। श्री मोदी ने यहां पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम जयंती के मौके पर ‘टिकाऊ विकास के लक्ष्य’ शीर्षक विमर्श के उद्धाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की कुल आबादी में करीब 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों का विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है। एससी/एसटी के संविधान प्रदत्त आरक्षण को कोई छीन नहीं सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुरुपयोग के आधार पर एससी- एसटी अत्याचार निवारण एक्ट को कमजोर नहीं किया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 1979 में बने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण कानून में 01 जनवरी, 2016 को संशोधन कर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहले की तुलना में इसे ज्यादा मजबूत, प्रभावी और कठोर बनाया है। इस वर्ग से आने वाले किसी व्यक्ति का बाल मुड़वा कर घुमाने, मृत जानवर या मानव शव ढुलवाने, मानव मल उठवाने, इस वर्ग की महिला को देवदासी बनाने, महिला के कपड़े उतरवाने एवं चुनाव में नामांकन करने से रोकने को भारतीय दंड विधान की अनेक धाराओं को जोड़ते हुए इसे अपराध की श्रेणी में लाया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि एससी-एसटी से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत और अलग से लोक अभियोजक को तैनात कर चार्जशीट दाखिल होने के दो महीने के अंदर मुकदमे के निस्तारण का प्रावधान भी किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी एससी-एसटी के आरक्षण में जहां क्रीमी लेयर का विरोधी है, वहीं प्रोमोशन में आरक्षण की पक्षधर है। प्रोन्नति में आरक्षण के मामले को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखा गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक्ट को पूर्ववत प्रभावी बनाये रखने, प्रोन्नति में आरक्षण एवं यूजीसी के अन्तर्गत प्राध्यापकों की नियुक्ति के मामले में लम्बी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। भाजपा नेता ने कहा कि पंजाब में 32 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 25, पश्चिम बंगाल में 24 और उत्तर प्रदेश में 21 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है। यह समाज पिछड़ेपन के लिए खुद दोषी नहीं है बल्कि सदियों से इन्हें शिक्षा, सम्पति और सत्ता के अधिकार से वंचित रखा गया। इनका विकास किये बिना देश के टिकाऊ विकास के लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं है। 

बिहार में सरकार जीरो, चाचा नीतीश नीरो: तेजस्वी

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पटना 05 अप्रैल, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज कहा कि राज्य में गवर्नेंस (सरकार) नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है लेकिन चाचा (नीतीश) फिर भी नीरो बने हुए हैं।  श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिए श्री कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा,“सरकार जीरो, दंगाई हीरो हमार चाचा नीतीश नीरो”।  उल्लेखनीय है कि तेजस्वी ने बुधवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार नागपुर और दिल्ली से नियंत्रित हो रही है। 

सलमान की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार तक के लिए स्थगित

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जोधपुर 6 अप्रैल, जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी ने शुक्रवार को वर्ष 1998 के काला हिरण शिकार शिकार मामले में दोषी ठहराए गए बॉलीवुड स्टार सलमान खान की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार तक के लिए स्थगित कर दी है। सलमान के वकील महेश बोरा ने मीडिया से कहा कि अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। बोरा ने कहा, "सुनवाई को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।" अब सलमान को जोधपुर सेंट्रल जेल के बैरक नंबर एक में एक और रात (शुक्रवार की रात) बितानी होगी जहां वह गुरुवार को अदालत के फैसले के बाद रहे थे।

जम्मू एवं कश्मीर के लोगों का दिल जीत लेंगे मोदी : महबूबा

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जम्मू 6 अप्रैल, जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके राज्य के लोगों के विश्वास, दिल व दिमाग को जीत लेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थापना दिवस पर अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "भाजपा के स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई।" उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करती हूं कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत, जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के विश्वास, दिल को जीतकर क्षेत्र में नैतिक नेतृत्व को प्रदर्शित करेगा।" राज्य में पीडीपी व भाजपा गठबंधन की सरकार है।

चंदा कोचर के देवर से लगातार दूसरे दिन पूछताछ जारी

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मुंबई 6 अप्रैल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साल 2012 में वीडियोकान समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण देने के मामले में निजी बैंक समूह आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर के देवर राजीव कोचर से लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी पूछताछ की। सीबीआई के बांद्रा स्थित कार्यालय में राजीव कोचर से शुक्रवार सुबह से पूछताछ जारी है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई राजीव की सिंगापुर स्थित कंपनी 'एविस्ता एडवाइजरी'के आईसीआईसीआई से कथित संबंधों के बारे में उनसे पूछताछ कर रही है। बैंक ने हालांकि एविस्ता से कभी भी किसी भी प्रकार का संबंध होने से इंकार किया है। सीबीआई ने इस मामले में गुरुवार को राजीव कोचर से लगभग पांच घंटे पूछताछ की। राजीव को गुरुवार पूर्वाह्न लगभग 11 बजे मुंबई हवाईअड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उस समय रोक लिया था, जब वह सिंगापुर रवाना होने वाले थे। इसके बाद, उन्हें सीबीआई को सुपूर्द कर दिया गया, जो वीडियोकान के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और राजीव के भाई दीपक कोचर के खिलाफ पूछताछ के लिए राजीव को बांद्रा स्थित कार्यालय ले आई। सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर तथा वीडियोकान समूह के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ बैंक संघों के सदस्य के तौर पर आईसीआईसीआई द्वारा 2012 में वीडियोकोन को ऋण जारी करने में किसी अनियमितता की जांच के लिए प्राथमिक जांच दर्ज की थी। मामले से संबंधित सवालों का सामना कर रहीं चंद्रा कोचर का नाम प्राथमिक जांच में नहीं है। वीडियोकान समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत होने के बाद समूह द्वारा एक कंपनी को 64 करोड़ रुपये का ऋण देने की खबरों के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। ये रुपये भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले बैंकों के संघ द्वारा वीडियोकान को मिले 40,000 करोड़ रुपये में से दिए गए थे।

लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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नई दिल्ली 6 अप्रैल, लोकसभा शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र आज समाप्त हो चुका है जिसका आधा भाग हंगामे की भेंट चढ़ गया।सदन जैसे ही शुरू हुआ अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के सांसद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के समक्ष खड़े होकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए विरोध करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, जिससे की विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पेश किया जा सके। लेकिन, सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।


गुटेरेस ने कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताई

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संयुक्त राष्ट्र, 6 अप्रैल संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर की स्थिति पर अपनी चिंता और नागरिकों की रक्षा के लिए अपने आह्वान को दोहराया।संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में गुरुवार को कहा, "महासचिव ने इस स्थिति में अपनी चिंता व्यक्त की है और वह इसे जारी रखेंगे।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमने इस सप्ताह के प्रारंभ में इस मुद्दे पर बात कर सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा की जरूरत के बारे में याद दिलाया था।" उन्होंने कहा कि अगर सदस्य देशों के बीच में किसी मुद्दे पर मतभेद हैं तो उन मतभेदों को पाटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अच्छे विभाग उपलब्ध हैं, लेकिन वे केवल तभी काम कर पाएंगे, जब दोनों पक्ष इसके लिए तैयार हों और इसके लिए पूरी तरह से खुले हों। इस टिप्पणी के दौरान हालांकि वह विशेष तौर पर कश्मीर के मुद्दे पर बात नहीं कर रहे थे। भारत का तथ्य है कि पाकिस्तान के साथ उसके विवाद द्विपक्षीय मुद्दे हैं, जिन्हें तीसरे पक्ष की भागीदारी के बिना उनके द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर सुलझाया जाना आवश्यक है। नई दिल्ली का मानना है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते में पाकिस्तान ने इस बात को स्वीकार किया है। जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच संघर्ष के दौरान चार नागरिकों की मौत हो जाने के बाद इस सप्ताह कश्मीर में अस्थिरता की स्थिति है। वहीं, मंगलवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलीबारी में एक भारतीय जवान शहीद हो गया और एक लेफ्टिनेंट सहित चार सैनिक घायल हो गए थे।

आलेख : भगवान महावीर हैं सार्वभौम धर्म के प्रणेता

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सदियों पहले महावीर जनमे। वे जन्म से महावीर नहीं थे। उन्होंने जीवन भर अनगिनत संघर्षों को झेला, कष्टों को सहा, दुख में से सुख खोजा और गहन तप एवं साधना के बल पर सत्य तक पहुंचे, इसलिये वे हमारे लिए आदर्शों की ऊंची मीनार बन गये। उन्होंने समझ दी कि महानता कभी भौतिक पदार्थों, सुख-सुविधाओं, संकीर्ण सोच एवं स्वार्थी मनोवृत्ति से नहीं प्राप्त की जा सकती उसके लिए सच्चाई को बटोरना होता है, नैतिकता के पथ पर चलना होता है और अहिंसा की जीवन शैली अपनानी होती है। महावीर जयन्ती मनाने हुए हम केवल महावीर को पूजे ही नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को जीने के लिये संकल्पित हो। भगवान महावीर की मूल शिक्षा है- ‘अहिंसा’। सबसे पहले ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का प्रयोग हिन्दुओं का ही नहीं बल्कि समस्त मानव जाति के पावन ग्रंथ ‘महाभारत’ के अनुशासन पर्व में किया गया था। लेकिन इसको अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलवायी भगवान महावीर ने। भगवान महावीर ने अपनी वाणी से और अपने स्वयं के जीवन से इसे वह प्रतिष्ठा दिलाई कि अहिंसा के साथ भगवान महावीर का नाम ऐसा जुड़ गया कि दोनों को अलग कर ही नहीं सकते। अहिंसा का सीधा-साधा अर्थ करें तो वह होगा कि व्यावहारिक जीवन में हम किसी को कष्ट नहीं पहुंचाएं, किसी प्राणी को अपने स्वार्थ के लिए दुःख न दें। ‘आत्मानः प्रतिकूलानि परेषाम् न समाचरेत्’’ इस भावना के अनुसार दूसरे व्यक्तियों से ऐसा व्यवहार करें जैसा कि हम उनसे अपने लिए अपेक्षा करते हैं। इतना ही नहीं सभी जीव-जन्तुओं के प्रति अर्थात् पूरे प्राणी मात्र के प्रति अहिंसा की भावना रखकर किसी प्राणी की अपने स्वार्थ व जीभ के स्वाद आदि के लिए हत्या न तो करें और न ही करवाएं और हत्या से उत्पन्न वस्तुओं का भी उपभोग नहीं करें। 

एक बार महावीर और उनका शिष्य गोशालक एक घने जंगल में विचरण कर रहे थे। जैसे ही दोनों एक पौधे के पास से गुजर रहे थे। शिष्य से दुश्मन बन चुके गोशालक ने महावीर से कहा, यह पौधा देखिए, क्या सोचते हैं आप, इसमें फूल लगेंगे या नहीं लगेंगे? महावीर आंख बंद करके उस पौधे के पास खड़े हो गए, और कुछ देर बाद आंखें खोलते हुए उन्होंने कहा, फूल लगेंगे। गोशालक ने महावीर का कहा सत्य न हो, इसलिये तत्काल पौधे को उखाड़ कर फेंक दिया, और जोर-जोर से हंसने लगा। महावीर उसे देखकर मुस्कराए। सात दिन बाद दोनों उसी रास्ते से लौट रहे थे। जैसे ही दोनों उस जगह पहुंचे, जहां गोशालक ने पौधा उखाड़ा था, उन्होंने देखा कि वह पौधा खड़ा है। इस बीच तेज वर्षा हुई थी, उसकी जड़ों को वापस जमीन ने पकड़ लिया, इसलिए वह पौधा खड़ा हो गया था। महावीर फिर आंख बंद करके उसके पास खड़े हो गए। पौधे को खड़ा देखकर गोशालक बहुत परेशान हुआ। गोशालक की उस पौधे को दोबारा उखाड़ फेंकने की हिम्मत न पड़ी। महावीर हंसते हुए आगे बढ़े। गोशालक ने इस बार हंसी का कारण जानने के लिए उनसे पूछा, आपने क्या देखा कि मैं फिर उसे उखाड़ फेंकूगा या नहीं? तब महावीर ने कहा, यह सोचना व्यर्थ है। अनिवार्य यह है कि यह पौधा अभी जीना चाहता है, इसमें जीने की ऊर्जा है, और जिजीविषा है। तुम इसे दूबारा उखाड़ फेंक सकते हो या नहीं-यह तुम पर निर्भर है। लेकिन पौधा जीना चाहता है, यह महत्वपूर्ण है। तुम पौधे से कमजोर सिद्ध हुए और हार गए। और जीवन हमेशा ही जीतता है। जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए जरूरी है, आशावादी रहना।

महावीर का संपूर्ण जीवन स्व और पर के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है। लाखों-लाखों लोगों को उन्होंने अपने आलोक से आलोकित किया है। उनके मन में  संपूर्ण प्राणिमात्र के प्रति सहअस्तित्व  की भावना थी। आज मनुष्य जिन समस्याओं से और जिन जटिल परिस्थितियों से घिरा हुआ है उन सबका समाधान महावीर के दर्शन और सिद्धांतों में समाहित है। जरूरी है कि हम महावीर ने जो उपदेश दिये उन्हें जीवन और आचरण में उतारें। हर व्यक्ति महावीर बनने की तैयारी करे, तभी समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। महावीर वही व्यक्ति बन सकता है जो लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पित हो, जिसमें कष्टों को सहने की क्षमता हो। जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी समता एवं संतुलन स्थापित रख सके, जो मौन की साधना और शरीर को तपाने के लिए तत्पर हो। जो पुरुषार्थ के द्वारा न केवल अपना भाग्य बदलना जानता हो, बल्कि संपूर्ण मानवता के उज्ज्वल भविष्य की मनोकामना रखता हो। भगवान महावीर का संपूर्ण जीवन तप और ध्यान की पराकाष्ठा है इसलिए वह स्वतः प्रेरणादायी है। उनके उपदेश जीवनस्पर्शी हैं जिनमें जीवन की समस्याओं का समाधान निहित है। वे चिन्मय दीपक हैं, जो अज्ञान रूपी अंधकार को हरता है। वे सचमुच प्रकाश के तेजस्वी पंुज और सार्वभौम धर्म के प्रणेता हैं। वे इस सृष्टि के मानव-मन के दुःख-विमोचक हैं। पदार्थ के अभाव से उत्पन्न दुःख को सद्भाव से मिटाया जा सकता है, श्रम से मिटाया जा सकता है किंतु पदार्थ की आसक्ति से उत्पन्न दुख को कैसे मिटाया जाए? इसके लिए महावीर के दर्शन की अत्यंत उपादेयता है। 




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

लोकसभा : वाईएसआर कांग्रेस के सभी 5 सांसदों का इस्तीफा

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नई दिल्ली 6 अप्रैल, लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन वाईएसआर कांग्रस के सभी पांच सांसदों ने अपने इस्तीफे अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सौंप दिए। उन्होंने यह कदम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के विरोध में उठाया है। पार्टी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कराने पर वे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भी खफा थे। मेकापति राजामोहन रेड्डी, वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, वारा प्रसादराव वेलागपल्ली, मिधुन रेड्डी और वाई.एस. अविनाश रेड्डी ने गुरुवार को इस्तीफा देने की घोषणा की। सभी सांसद अब नई दिल्ली स्थित आंध्र भवन में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई.एस. जगमोहन रेड्डी ने प्रतिद्वंद्वी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को भी ऐसा करने की चुनौती दी। जगमोहन ने ट्वीट किया, "हमने जो कहा था, कर दिखाया। हमारी पार्टी के सांसदों ने आज (शुक्रवार) अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मैं आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की जायज मांग के संबंध में चंद्रबाबू नायडू को भी उनके सांसदों से इस्तीफा दिलवाकर प्रदेश की जनता के साथ खड़े होने की चुनौती देता हूं।"

बिहार : तेजप्रताप पिता लालू से आशीर्वाद लेने दिल्ली गए

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पटना 6 अप्रैल, बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के प्रमुख और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव अपनी शादी तय होते ही पिता से आशीर्वाद लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली रवाना हो गए। राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप की शादी पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की पुत्री ऐश्वर्या राय से तय होने की खबर गुरुवार को ही सार्वजनिक हुई थी। दिल्ली रवाना होने के पूर्व पटना हवाईअड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं दिल्ली अपने पिता से आशीर्वाद लेने के लिए जा रहा हूं।" उन्होंने पत्रकारों की ओर इशारा करते हुए कहा, "सबको मेरी शादी की जल्दबाजी थी, अब शादी तो तय हो गई। शादी किस्मत की बात होती है, किसकी शादी कहां और किससे होगी, पहले से कोई नहीं जानता।" उन्होंने कहा, "हमारे परिवार की परंपरा रही है कि माता-पिता ही शादी तय करते हैं। उनकी पसंद ही हमारी पसंद है।" विवाह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाया जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "शादी-विवाह में राजनीति नहीं होती है। नीतीश चाचा और मोदीजी, सभी को बुलाएंगे।" तेजप्रताप के पिता इन दिनों चर्चित चारा घोटाले के मामले में सजा काट रहे हैं। रांची की एक जेल में सजा काट रहे लालू की तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स भेजा गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।तेजप्रताप की दुल्हन बनने जा रहीं ऐश्वर्या राय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पौत्री और परसा विधानसभा क्षेत्र से राजद के विधायक चंद्रिका राय की बड़ी पुत्री हैं। एक राजद नेता के मुताबिक, तेजप्रताप और ऐश्वर्या की सगाई पटना के होटल मौर्या में 18 अप्रैल को होगी। राजद विधायक एवं पूर्व मंत्री चंद्रिका राय ने भी शुक्रवार को शादी तय होने की पुष्टि कर दी है।

विशेष आलेख : क्या उज्ज्वला योजना अपने मकसद में कामयाब हो पायी है ?

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मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के कांजा गावं की निवासी मंजूबाई का प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिला गैस कनेक्शन धूल खा रहा है.कनेक्शन लेने के बाद उन्होंने दूसरी बार सिलेंडर नहीं भरवाई है. अब उनके घर के एक कोने पर पड़ा सिलेंडर सामान रखने के काम आता है और घर का खाना पहले की तरह धुएं के चूल्हे पर बनने लगा है. यह अकेले मंजूबाई की कहानी नहीं है.देश भर में उज्ज्वला योजना के ज्यादातर लाभार्थी गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर भरवाना मुश्किल साबित हो रहा है. केंद्र सरकार भले ही निशुल्क गैस कनेक्शन के अपने आंकड़ों को दिखाकर पीठ थपथपा ले लेकिन जमीनी हकीकत तो यही है कि इनमें से बड़ी संख्या में परिवार धुंए की चूल्हे की तरफ वापस लौटने को मजबूर हुये है. अखबारों में प्रकाशित समाचार के अनुसार मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में 36 हजार 15 महिलाओं को कनेक्शन मिले थे  लेकिन इसमें से 75 प्रतिशत कनेक्शनधारियों ने दूसरी बार भी सिलेंडर नहीं लिया. पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से तो हितग्राहियों द्वारा मोदी सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना के तहत दिये गये रसोई गैस कनेक्शन और कार्ड को बेचने की खबरें आयीं हैं. बिलासपुर जिले के मरवाही तहसील के कई गावों के गरीब आदिवासी परिवार सिलेंडर खत्म होने के बाद रीफिलिंग नहीं करा पाते हैं और कई लोग तो गैस कनेक्शन को पांच-पांच सौ स्र्पए में बेच दे रहे हैं. खुद छत्तीसगढ़ सरकार मान रही है कि वहां उज्ज्वला योजना के 39 फीसदी हितग्राही ही दोबारा अपने सिलेंडर को रिफिल कराते हैं. उपरोक्त स्थितयाँ मोदी सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना को लेकर किये जा रहे दावों पर सवालिया निशान हैं. 

क्या उज्ज्वला योजना उतनी कामयाब हुई है जितनी बताई जा रही है या फिर हमें गुमराह किया जा रहा है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 8 फरवरी को किये गये अपने प्रेस कांफ्रेंस में इस योजना का भरपूर बखान किया है, उनके अनुसार उज्ज्वला योजना के तहत अब तक तीन करोड़ 36 लाख परिवारों को रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं, उन्होंने यह भी दावा किया है कि योजना शुरू किए जाने के एक साल के भीतर कनेक्शन लेने वाले दो करोड़ लाभार्थिंयों में से 80 प्रतिशत ने इसे रिफिल भी कराया है और रिफिल कराने का औसत प्रति परिवार 4.07 सिलेंडर सालाना है. इसमें कोई शक नहीं है कि उज्ज्वला योजना के शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में गैस कनेक्शन बांटे गए हैं लेकिन सवाल इसके दोबारा रिफिल कराने और व्यवहार परिवर्तन का है. यह मान लेना सही नहीं है कि बीपीएल परिवार गैस भरवाने के लिए एक मुश्त आठ सौ रुपए का इंतजाम कर लेंगें.

घरों में भोजन पकाने के लिए ठोस ईंधन इस्तेमाल से प्रदूषण फैलाने वाले महीन कण (फाइन पार्टिकल) निकलते हैं जोकि हवा में पाए जाने वाले सामान्य कणों की तुलना में काफी छोटे और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. इसका महिलाओं और बच्चों से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. 2014 में जारी यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार अपने लोगों को खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन न उपलब्ध करा पाने वाले देशों की सूची में भारत शीर्ष पर है और यहां की दो-तिहाई आबादी खाना बनाने के लिए कार्बन उत्पन्न करने वाले ईंधन और गोबर से तैयार होने वाले ईंधन का इस्तेमाल करती है जिसकी वजह से इन परिवारों की महिलाओं और बच्चों के सेहत को गंभीर असर पड़ता है. सितंबर, 2015 को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री पीयूष गोयल द्वारा ‘स्वच्छ पाक ऊर्जा और विद्युत तक पहुँच राज्यों का सर्वेक्षण’ रिपोर्ट जारी किया गया था इस सर्वेक्षण में 6 राज्यों (बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) के 51 जिलों के 714 गांवों के 8500 परिवार शामिल किये गये थे. रिपोर्ट के अनुसार इन राज्यों में 78% ग्रामीण आबादी भोजन पकाने के लिए पारंपरिक बायोमास ईंधन का उपयोग करती है और केवल 14% ग्रामीण परिवार ही भोजन पकाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करते हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए लकड़ी और उपले जैसे प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के उपयोग में कमी लाने और एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मई 2016 में “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना”  की शुरुआत की गयी थी जिसके तहत तीन सालों में गऱीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की पांच करोड़ महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था जिससे उन्हें जानलेवा धुंए से राहत दिलाया जा सके. इस साल केंद्र सरकार ने लक्ष्य को बढ़ाते हुये 3 करोड़ और लोगों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन देने का ऐलान किया है जिसके लिये 2020 का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए पहले आवंटित किए गए आठ हजार करोड़ रुपए के अलावा 4,800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजटीय प्रावधान भी किया गया है साथ ही योजना का विस्तार करते हुए इसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और अंत्योदय अन्न योजना के सभी लाभार्थियों, जंगलों और द्वीपों में रहने वालों तथा पूर्वोत्तर के चाय बगानों में काम करने वाले सभी परिवारों को भी शामिल किया गया है. यह महिला केन्द्रित योजना है जिसके तहत परिवार की महिला मुखिया के नाम से गैस कनेक्शन दिया जाता है. इसके लिये 1600 रुपये की सब्सिडी दी जाती है, जबकि गैस चूल्हा, पाईप खरीदने और पहला रीफिल कराने के लिये किस्तों में पैसा चुकाने की सुविधा दी जाती है. 

दरअसल इस योजना को लेकर केंद्र सरकार हड़बड़ी में दिखाई पड़ती है. उसका पूरा जोर गैस कनेक्शन देने और प्रचार-प्रसार पर है, इस बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है कि बांटे गये गैस कनेक्शनों का जमीनी स्तर पर उपयोग कितना हो रहा है. हालांकि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री पीयूष गोयल यह दावा जरूर कर रहे हैं कि 80 प्रतिशत परिवारों ने एलपीजी कनेक्शन लेने के बाद उसे दोबारा भरवाया है लेकिन उनके इस दावे पर गंभीर सवालिया निशान है. आंकड़े बताते हैं नये गैस कनेक्शन 16.23 प्रतिशत की दर से बढ़ी है लेकिन गैस सिलेंडर का उपयोग दर 9.83 प्रतिशत ही है जो योजना शुरू होने से पहले की दर से भी कम है, इसका मतलब है कि योजना के लागू होने के बाद गैस कनेक्शन तो बढ़े हैं लेकिन गैस सिलेंडर उपयोग करने वालों की संख्या उस तेज़ी से नहीं बढ़ रही है. हड़बड़ी में योजना लागू करने का विपरीत असर दिखाई पड़ने लगा है. दरअसल उज्ज्वला योजना लागू करने से पहले केंद्र सरकार ने गैस की जगह परम्परागत ईंधन का उपयोग के कारणों का पता लगाने के लिये क्रिसिल से एक सर्वे कराया था जिसमें 86 प्रतिशत लोगों ने बताया था कि वे गैस कनेक्शन महंगा होने की वजह से इसका प्रयोग नहीं करते हैं जबकि 83 प्रतिशत लोगों ने सिलेंडर महंगा होना भी कारण बताया था, इस सर्वे में सिलेंडर मिलने के लिए लगने वाला लम्बा समय और दूरी भी एक प्रमुख बाधा के रूप में सामने आई थी. लेकिन सरकार ने योजना लागू करते समय कनेक्शन वाली समस्या को छोड़ अन्य किसी पर ध्यान नहीं दिया है, उलटे सिलेंडर पहले के मुकाबले और ज़्यादा महंगा कर दिया गया है. इसी तरह से जल्दी सिलेंडर डिलीवरी को लेकर होने वाली झंझटों पर भी ध्यान ही नहीं दिया गया. सरकार ने गैस कनेक्शन महंगा होने की समस्या की तरफ ध्यान दिया था और इसका असर साफ़ दिखाई पड़ रहा है. बड़ी संख्या में लोगों की एलपीजी कनेक्शन लेने की बाधा दूर हुयी है लेकिन क्रिसिल द्वारा बताई गयी अन्य बाधायें ज्यों की त्यों बनी हुयी हैं. लोगों को कनेक्शन मिले हैं लेकिन इनके उपयोग का सवाल बना हुआ है.

मौजूदा चुनौती उज्ज्वला स्कीम के तहत मिले गैस सिलेंडर रिफिल की है, गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति इस दिशा में सबसे बड़ी बाधा है. रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन रोज 32 रुपये से कम (960 रुपये महीना) और शहरी क्षेत्रों में रोजाना 47 रुपये (1410 रुपये महीना) से कम खर्च करने वाले परिवारों को गरीबी रेखा के नीचे माना गया है. ऐसे में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार किस हिसाब से सिलेंडर भरवाने में सक्षम होंगे. इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है. कुछ नयी बाधायें भी सामने आई हैं जैसे गैस चूल्हा, सिलेंडर में भरी गैस और नली के लिये हितग्राहियों को करीब 1800 रुपए चुकाने पड़ते हैं जिसे मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर गैस सिलेंडर पर सब्सिडी से ही वसूला जा रहा है जिससे उन्हें गैस सिलेंडर और महंगा पड़ रहा है. जाहिर है सिर्फ मुफ्त में गैस सिलेंडर देने से काम नहीं चलने वाला है इससे सरकार अपनी वाह वाही कर लेगी लेकिन इससे मूल मकसद हल नही होगा. अगर महिलाओं को चूल्हे के धुंए से वाकई में निजात दिलाना है तो समस्या के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा. सिलेंडर बांटने के साथ ही इसके इस्तेमाल में आने वाली बाधाओं को भी प्राथमिकता से दूर करना होगा. 





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जावेद अनीस 
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आलेख : पति सरपंच बन रहे महिला सशक्तिकरण में बाधा

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यह कहानी है प्रमिला सिंह की। प्रमिला सिंह सूरजपुर ज़िले के ब्लाक सूरजपुर के लटोरी ग्राम पंचायत की सरपंच हैं। सरपंच के तौर पर यह उनका दूसरा कार्यकाल है। प्रमिला का परिवार राजनैतिक पृष्ठभूमि में रहा है। लटोरी पंचायत की सीट कभी ओपेन रही कभी महिला सीट रही। प्रमिला सिंह पहली बार 2004-05 के पंचायत चुनाव में सरपंच चुनी गईं थीं। 2010 के चुनाव में प्रमिला के पति निथलेश सिंह के भाई ने सरपंच के पद पर चुनाव लड़ा था मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2015 के पंचायत चुनाव में सीट महिला आरक्षित होने पर प्रमिला सिंह इस सीट से फिर उम्मीदवार बनीं और जीत हासिल की। यह दूसरी बात है कि दो सत्रों में सरपंच रहने के बाद भी उनको एक सरपंच के तौर पर काम करने का अधिकार नहीं है। पंचायत का सारा काम परिवार के पुरुषों अथवा उनके पति के द्वारा ही किया जाता है। प्रमिला सिंह ने प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से पांचवी तक की शिक्षा हासिल की हैै जबकि उनके पति आठवीं पास हैं और सरकारी नौकरी में कार्यरत हंै। वह अपने काम के साथ ही पंचायत के काम भी देखते हंै।प्रमिला एक घरेलू महिला रही हैं। बाहर की दुनिया से उनके सरोकार कम ही रहे हैं। वह स्वयं भी सरपंच की भूमिका में खुद को फिट नहीं मानती हैं लेकिन महिला सीट होने के नाते उनको सरपंच बनने का अवसर मिला। फिर भी सरपंच की ज़िम्मेदारियों और कामों के बारे में न तो उनका कोई क्षमता संवर्द्धन किया गया और न ही उन्हें काम करने और निर्णय लेने का अवसर दिया गया। प्रमिला के परिवार ने बताया कि सरपंचों के प्रशिक्षण का कोई विधान नहीं है। हां, प्रमिला पंचायत की बैठकों में नियमित रूप से हिस्सा लेती हैं। अधिकारियों से मिलने के लिए भी प्रमिला को अपने पति की मदद लेनी पड़़़ती है क्योंकि उनके पति व परिवार का मानना है कि वह कम पढ़ी होने के कारण वह न तो पंचायत के काम कर पाएंगी और न ही कहीं बात कर पाएंगी। लटोरी पंचायत में शुक्रवार को बाज़ार लगता है उसी दिन पंचायत की बैठक भी होती है। हालांकि प्रमिला दूसरी बार सरपंच हैं पर पितृसत्ता के शिकंजे को तोड़ना उनके लिए मुश्किल ही रहा है। मोटे तौर पर उनको बाहरी लोगों से बात करने की भी इजाज़त नहीं है। प्रमिला के पति कमलेश सिंह का मानना है कि पंचायत के कामों के लिए शिक्षित होने से ज़्यादा ज़रूरी है गांव की ज़रूरतों और उसके लिए उठाये जाने वाले कदमों की समझ होना। उन्होंने बताया कि ‘‘पंचायत में 20 वार्ड पंच हैं, उनमें कुछ पढ़े लिखे भी हैं। लेकिन कोई भी पंचायत के कामों के बारे में सलाह-मशविरा नहीं देता। जाहिर है उनके पास सोच और समझ ही नहीं है तभी तो वह बता नहीं पाते।’’
             
प्रमिला से बातचीत के दौरान यह देखा गया कि उनके पति व परिवार के पुरुष उनको बात करने का मौका ही नहीं दे रहे थे। उनके पति का कहना था कि ‘‘उनकी पत्नी एकदम निरक्षर है और उनको किसी काम की समझ नहीं है। लटोरी पंचायत की सीट महिला सीट हो गयी इसलिए उन्हें अपनी पत्नी को चुनाव में खड़ा करके सरपंच बनाना पड़ा।’’ प्रमिला के कार्यकाल में पंचायत के विकास के लिए किए गए कामों का ब्यौरा भी उनके पति ने ही दिया। पंचायत में एक व्यवसाय परिसर के साथ-साथ 300 मीटर लंबी सीसी रोड बनायी गयी। नरेगा के तहत पंचायत में पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण कराया गया है। अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि गिनाते हुए सरपंच पति कमलेश सिंह कहते हैं कि-‘‘यहां नागरिकों की सुविधा के लिए ग्राम पंचायत लटोरी को ज़िला सरगुजा के राजस्व अनुभाग में शामिल करने का प्रस्ताव हमारे ज़रिए दिया गया है। इससे लोगों को राजकीय कामों के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़ेगा। अभी हमंे तहसील से जुड़े कामों के लिए सूरजपुर ब्लाॅक जाना पड़ता है जो यहां से तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी पर है।’’ इसके अलावा सामुदायिक भवन का निर्माण पूर्व सरपंच के कार्यकाल में नहीं हो पाया था जो मौजूदा सरपंच के कार्यकाल में संभव हो सका। पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के साथ-साथ चार आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण सरपंच पति की देख रेख में हुआ। प्रमिला सिंह के पहले कार्यकाल के दौरान पंचायत में मीडिल स्कूल का निर्माण हुआ था। प्रमिला सिंह के काम काज के बारे में गांव की एक स्थानीय निवासी देवंती देवी अपनी राय रखते हुए कहती हैं कि-‘‘सरपंच सभाओं में तो आती जाती है लेकिन पंचायत में सारा कामकाज उनके पति ही देखते हैं।’’ 
            
एक ओर सरपंच प्रमिला सिंह के पति कमलेश सिंह का यह कहना है कि पंचायती राज चुनाव में शिक्षा का होना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना सोच का होना ज़रूरी है। इसलिए वह पंचायती चुनाव में शैक्षिक योग्यता के नियम के बिल्कुल खिलाफ हैं। इसके विपरीत उनकी पत्नी दो बार सरपंच का चुनाव जीत चुकी हैं। मगर पितृसत्तात्मक परंपरा के चलते वह सिर्फ नाम की सरपंच बनकर रह गयी हैं। लटोरी की सरपंच प्रमिला सिंह इस बात का उदाहरण हैं कि नई नीतियांे के स्थान पर तो अभी महिलाओं को उनके पंचायत में सक्रिय तौर काम करने का अधिकार दिलाने की ज़रूरत है। नई नीतियां तो उनके सशक्तिकरण की ओर बढ़े कदमों को वापस घरों में कैद कर लेंगी। प्रमिला जो अभी महिला सीट के कारण सरपंच बनीं हैं, भले ही उनके पति उनको काम करने का मौका नहीं दे रहे हैं, शैक्षिक योग्यता की सीमा बढ़ने से प्रमिला का घर से बाहर निकल कर बैठकों में बैठने का यह मौका भी छिन जाएगा जिससे यह उम्मीद बंधी है कि वह कभी सशक्त हो सकें और शासन के काम काज में भाग लेकर महिलाओं को बराबरी के स्तर पर ला सकें।   



(गौहर आसिफ)

विशेष : हनुमत दरबार में बही सुरो की गंगा

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संकटमोचन संगीत समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज हो चुका है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंच को सुशोभित करने वाले प्रसिद्ध गायक एवं भजन सम्राट अनुप जलोटा ने अपनी जादुई आवाज में ऐसी तान बिखेरी कि लोग झूमने लगे। एक के बाद एक भजन सुनाकर उन्होंने सुधीय रसिकों को भक्ति संगीत में सराबोर कर दिया। भक्तिरस में पगे रसों में डूबकर रसिक मदहोश हो गए। तो काशी के युवा गायक पंडित गणोश प्रसाद मिश्र ने अपनी गायकी से महफिल में चार चांद लगा दिया। वहीं दिल्ली के धीरेंद्र तिवारी का कथक बेमिसाल रहा। कार्यक्रम समापन में लोक कोकिला पद्यमश्री मालिनी अवस्थी ने अपनी सुरों की ऐसी जादू बिखेरी कि श्रोता भक्ति की सागर में पूरे दिन डूबकियां लगाते रहे 
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जी हां, भक्ति और संस्कृति के प्रति आसक्ति जगाने के लिए देश-दुनिया में ख्यात संकट मोचन दरबार में छह दिवसीय संगीत समारोह का आगाज हो चुका है। समारोह में पूरी रात एक से एक ख्याति नाम कलाकारों ने अपनी हाजिरी लगाई। सुधि अंदाज में उनकी प्रस्तुति से सम्पूर्ण वातावरण में भक्ति की गरमाहट दौड़ गई। श्रोताओं पर उनका ऐसा जादू चला कि रात के आठ बजे से शुरु कार्यक्रम सुबह कब हो गई पता नहीं चला। संगीत समारोह के 88 वें संस्करण की पहली प्रस्तुति में कामाख्या पीठ के कलाकारों ने सोनल मानसिंह के निर्देशन में भगवान शिव के गरल पान की कथा को भावाभिव्यक्ति दी। दूसरे चरण में नागनथैया के प्रसंग को नृत्य में अभिव्यक्ति दी गई। इन दो चरणों के बाद सोनल मानसिंह मंच पर आसीन हुईं। उन्होंने हनुमानाष्टकम पर नृत्य से संकटमोचन को भाव-पुष्प अर्पित किया। शिव पुराण की कथा के समुद्र मंथन प्रसंग में देवाधिदेव महादेव का नीलकंठ स्वरूप सजाया और अनूठे उत्सव का श्रीगणोश किया। इस प्रस्तुति में ओडिसी का पारंपरिक स्वरूप तो दिखा ही, उसे आकर्षक प्रभावी बनाने के लिए कई नवीन विधाओं का समावेश भी किया गया। सोनल मानसिंह और उनके शिष्यों की विविधतापूर्ण प्रस्तुति से दर्शक खूब आनंदित हुए। पीएम की स्वच्छता दूत सोनल मान सिंह ने कालिय दमन की झांकी सजा कर नदियों की निर्मलता के साथ ही स्वच्छ भारत का संदेश दिया। ‘को नहि जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो..’ पर भाव नृत्य किया। अपनी संस्था कामाख्या कला पीठ के बैनर तले प्रस्तुति दी। 

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इसके बाद पद्मश्री अनूप जलोटा ने मंच संभाला और अपने चिरपरिचित भजन ‘ऐसी लागी लगन..’ से निहाल कर डाला। ‘अच्युतम केशवं राम नारायणम..’ से भक्ति रस बरसाया। ‘मेरे मन में राम, तन में राम, रोम रोम में राम..’ और ‘श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा नाम..’ आदि भजनों से हनुमत दरबार को अयोध्या तो वृंदावन की तरह भी सजाया। बीच-बीच में अपने साथी संगतकारों के साथ हंसी-ठिठोली कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन-भजन से भजनों की दुनिया में अपनी बादशाहत कायम करने वाले अनूप जलोटा का श्रोताओं पर ऐसा जादू चला कि रात के डेढ़ घंटे कब बीत गए पता नहीं चला। इससे पहले सिर्फ काशी घूमने आए ख्यात पाश्र्व गायक सोनू निगम ने भी प्रभु चरणों में हाजिरी लगाई। दर्शन पूजन के बाद मंच पर जाने का लोभ संवरण नहीं कर सके। सोनल मानसिंह की प्रस्तुति के उपरांत मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने अनूप जलोटा और सोनू निगम का एक साथ मंच पर सम्मान किया। इस अवसर पर सोनू निगम श्रोताओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि यह मंच जिस स्तर के कलाकारों का है, मैं उनके जैसा बिल्कुल नहीं हूं। मेरी औकात नहीं है कि मैं इस मंच पर कुछ गा सकूं। मगर संकटमोचन भगवान की इच्छा हुई है, मैं यहां तक आ गया हूं तो आप श्रोताओं से अनुरोध करता हूं कि आप तालियां बजाएं और मैं एक दो पंक्ति आपकी तालियों की थाप पर गुनगुना दूंगा। इसके बाद श्रोताओं ने ताली देनी शुरू की और सोनू निगम ने गाना शुरू किया-हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी, हर पल यहां, जी भर जियो। चंद पंक्तियां गुनगुनाने के बाद जब वह मंच से जाने लगे तो मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने उनसे यह वचन लिया कि अगले वर्ष वह संगीत समारोह में एक दिन के लिए अवश्य आएंगे।

दूसरी प्रस्तुति के रूप में दिल्ली घराने के कलाकार धीरेंद्र तिवारी का चैंकाने वाला प्रयोग ध्रुपद अंग की गायकी पर कथक नृत्य की प्रस्तुति थी। दिल्ली घराने की बारीकियों के तहत उठान परन, तिहाई, टुकड़ा और रेला की प्रस्तुति की। फिर उन्होंने जयपुर घराने के कथक की बारीकियों के साथ पखावज अंग की परनों को बखूबी प्रदर्शित किया। भजन-परम कृपा स्वरूप- में भगवान राम द्वारा भक्तों पर की गई कृपा का प्रदर्शन किया। भजन-‘परम कृपा स्वरूप..’ में भक्तों पर प्रभु श्रीराम की कृपा का प्रदर्शन किया। द्रुत तीन ताल में प्रस्तुति से विराम दिया। तीसरी प्रस्तुति में काशी के युवा गायक पंडित गणेश मिश्र ने राग जोग में आलापचारी के साथ गायन की शुरुआत के बाद उन्होंने ठुमरी- राजा जी हमरो घूंघट पट खोलो सुनाकर भाव विभोर कर दिया। गणेश मिश्र ने अपने पिता पंडित महादेव मिश्र का प्रिय दादरा-डगर बिच कैसे चलूं मैं, रोके कन्हैया सुनाकर समां बांध दिया। इसके अलावा देर रात में ख्यात वायलिन वादक डा. सुब्रमणियम, बांसुरी वादक पं. रोनू मजूमदार, गायक पं. रतन मोहन शर्मा ने अपनी प्रस्तुति दी। और जब अंत में मालिनी अवस्थी की बारी आई तो मंच पर उनके कदम पड़ते ही श्रोताओं की तालियों से माहौल गड़गड़ा उठा है। वहां मौजूद प्रशंसकों की तालियां तभी थमी जब उन्होंने उनकी फरमाइस पूरी की। संकटमोचन मंदिर परिसर में संगीत समारोह के मौके पर कला दीर्घा सजाई गई। इसमें हनुमत प्रभु के साथ ही महादेव के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजाई गई। इसका ख्यात पाश्र्व गायक सोनू निगम ने उद्घाटन किया। कलाकारों की तैयार की गई कृतियों पर आधारित यह दीर्घा भगवान हनुमान जी को समर्पित है। दीर्घा में भगवान हनुमान के सामाजिक सरोकारों से जुड़ी मुद्राओं को देखते हुए रह-रहकर उनके मुंह से वाह-वाह निकल रहा था। 

कला दीर्घा में डेढ़ सौ से अधिक कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। इस दीर्घा में सजे चित्रों को बनाने वाले कलाकारों में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। कलाकार रुचिका मेहरोत्र को बीएचयू में कामर्शियल आर्ट में स्वर्ण पदक बनाने से अधिक खुशी हनुमान का चित्र बनाने में हुई। उन्होंने कहा कि हनुमान जी अपने आप में एक विशिष्ट चरित्र हैं। उनके चरित्र को रंगों में अभिव्यक्त करना किसी चुनौती से कम नहीं है। दिव्यांग चित्रकार पूनम राय यदुवंशी ने कहा कि हनुमान जी का चित्र तैयार करते समय मेरा मुख्य फोकस उनकी आंखों पर था। मेरी कोशिश थी कि मैं हनुमान की आंखों में वह श्रद्धा-भक्ति उभार सकूं जो भगवान राम के प्रति उनके हृदय में सदैव सदैव निवास करती है। संकटमोचन भगवान के चरणों में अपनी कला निवेदित करना मुझ जैसे छोटे कलाकार के लिए विशेष सौभाग्य की बात है। सामने घाट की मानती शर्मा ने कहा कि घर- बच्चों की जिम्मेदारी संभालते हुए 48 घंटे के अंदर यह चित्र बना पाना मेरे जैसे साधारण कलाकार के लिए संभव नहीं था पर हनुमान जी के आशीर्वाद से यह संभव हो गया। चितईपुर की युवा चित्रकार डॉ शारदा सिंह ने कहा कि इस वर्ष मैंने हनुमान जी के तपस्वी स्वरूप को अपने चित्र में उकेरा है। मैं विगत पांच वर्षों से लगातार इस कला दीर्घा का हिस्सा हूं। 

भजन सम्राट अनूप जलोटा का मानना है कि भारतीय संगीत की तुलना फिल्मी गानों से नहीं की जा सकती। यहां संगीतकार तपस्वी कहलाता है और वह अपनी संगीत तपस्या से ही दर्शनीय हो जाता है, जैसै पं. जसराज, भीमसेन जोशी, हरिप्रसाद चैरसिया, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पं. रविशंकर। उन्होंने पीएम द्वारा शुरू स्वच्छ भारत मिशन का तात्पर्य बताया। कहा कि हम हर दृष्टि से स्वच्छ हों, चाहे शिक्षा हो, आसपास की स्वच्छता हो या ह्रदय की सफाई, यह सब स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा है। वे जल्द ही स्वच्छता से संबंधित गीत को स्वर देंगे जो एक-दो माह में रेडियो और टेलीविजन पर प्रसारित होगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्दी ही भजन गायकों का संकट दूर होगा। उन्होंने कहा कि वह कुछ कलाकारों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उनका प्रशिक्षण जल्द ही पूरा होने वाला है। कुछ ऐसे नए भजन गायक समाज के सामने आएंगे जो भजन गायकी की तस्वीर एक बार फिर बदल देंगे। भजन नए और पुराने नहीं हो सकते। भजनों को हमेशा भक्ति भाव से देखा जाता है। हर बार गायन के दौरान वे अपना प्रभाव छोड़ते हैं। 




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(सुरेश गांधी)

बिहार : 23 अप्रैल से 1 मई तक ‘भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ’ जनाधिकार यात्रा.

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  • राज्य के पांच केंद्रों से निकलेगी यात्रा, 1 मई को पटना में होगा जनाधिकार सम्मेलन.
  • चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन पर 14 अप्रैल को बेतिया में भूमि अधिकार सभा का आयोजन, माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य होंगे शामिल.
  • 2 अप्रैल के भारत बंद में दसियों हजार लोगों पर फर्जी मुकदमे के खिलाफ 7 अप्रैल को राज्यव्यापी प्रतिवाद.

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पटना 6 अप्रैल 2018, भाकपा-माले का 10 वां महाधिवेशन पिछले मार्च महीने में पंजाब के मानसा में संपन्न हुआ. 5 अप्रैल को पार्टी की बिहार राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक पटना स्थित राज्य कार्यालय में संपन्न हुई. जिसमें कई आंदोलनात्मक कार्यक्रम लिए गए हैं. 1. 23 अप्रैल-1 मई तक ‘भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ’ जनाधिकार यात्रा: राज्य के पांच स्थानों से 23 अप्रैल से ‘भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ’ जनाधिकार यात्रा निकाली जाएगी. पहली यात्रा शाहाबाद जोन के विक्रमंगज से निकलेगी, जिसकी प्रत्यक्ष अगुवाई पार्टी महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य करेंगे. आरा होते हुए यह यात्रा 1 मई को पटना पहुंचेगी. दूसरी यात्रा गया से निकलेगी जो जहानाबाद, मसौढ़ी होते हुए पटना पहुंचेगी. तीसरी यात्रा बिहारशरीफ से निकलकर हिलसा, फतुहा होते हुए पटना पहुंचेगी. चैथी यात्रा मुजफ्फरपुर से निकलकर वैशाली होते पटना पहंुचेगी. पांचवी यात्रा खगड़िया-बेगूसराय में निकलेगी. 1 मई को पटना में ‘भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ’ जनाधिकार सम्मेलन होगा. इस एक सप्ताह की यात्रा के दौरान हर टीम में दसियों हजार मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान आदि शामिल होंगे. दंगा नहीं - जीने का अधिकार चाहिए, भूमि व आवास का अधिकार चाहिए जैसे नारे यात्रा के प्रमुख नारे होंगे. इसके अलावा छात्र-नौजवानों से जुड़े शिक्षा व रोजगार के सवाल, स्कीम वर्करों की स्थायी नौकरी, भोजन का अधिकार जैसे अन्य मुद्दे भी शामिल रहेंगे.

2. 14 अप्रैल को बेतिया में भूमि अधिकार सभा: चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन के अवसर पर 14 अप्रैल को बेतिया में भूमि अधिकार सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्य वक्ता के बतौर माले महासचिव भाग लेंगे. यह कार्यक्रम मुख्यतः चंपारण सत्याग्रह के नाम पर भाजपा-जदयू सरकार द्वारा जनता से किए विश्वासघात के खिलाफ होगा. मोदी और नीतीश कुमार चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का ढोंग पूरे जोर-शोर से कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर दलित-गरीबों को भूमि देने के बदले जमीन से लगातार उजाड़ा जा रहा है. चंपारण में आज भी अंग्रेजी राज का कानून चल रहा है. अंग्रेजों के समय में बेतिया राज की जमींदारी ‘‘कोर्ट आॅफ वार्डस’’ के अधीन थी, जो आज तक चली आ रही है. बिहार सरकार कह रही है कि उस जमीन को अधिग्रहित करने का अधिकार बिहार सरकार को नहीं है, इसलिए जमीन पर जो गरीब बसे हैं, उन्हें जमीन खाली करनी होगी. गरीबों को अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है. शहर के परिधि की बस्तियां को उजाड़कर सरकार उन्हें खाली कर दरअसल लैंड बैंक बनाना चाहती है. जबकि बेतिया राज की महज 10-20 प्रतिशत जमीन पर ही गरीबों का कब्जा है. शेष 80 प्रतिशत जमीन या तो चीनी मिलों, जमींदारों, बड़े भूस्वामियों के कब्जे में है. इस अवैध कब्जे पर सरकार एक शब्द नहीं बोलती. ठीक उसी प्रकार भूदान की जमीन की आज सरकार उलटी व्याख्या कर रही है. यहां पर गरीबों को जमीन से बेदखल करने के लिए सरकार कह रही है कि जमींदारों को तो जमीन दान करने का अधिकार ही नहीं था. इसलिए भूदान की जमीन गरीबों की बसावट असंवैधानिक है. बेतिया राज की तीस एकड़ जमीन पर केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने भी कब्जा जमा रखा है. 10 अप्रैल को जिस दिन मोदी चंपारण आ रहे हैं, भाकपा-माले विश्वासघात दिवस मनाएगी.

3. एससी-एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ भारत बंद के दौरान दसियों हजार आंदोलनकारियों पर किए गए फर्जी मुकदमों की अविलंब वापसी, खगड़िया के माले जिला सचिव अरूण कुमार दास सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हमलों व हत्या की घटनाओं का स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को दंडित करने तथा एससी-एसटी कानून में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वापस न लेने की स्थिति में संसद से अध्यादेश पारित कर कानून की पुनबर्हाली की मांग पर 7 अप्रैल को राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन किया जाएगा. 4. 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर के जन्म दिवस पर छह वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर जिला मुख्यालयों पर ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ दिवस का आयोजन किया जाएगा. बिहार में हाल के दिनों में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात की घटनाओं में जबरदस्त वृद्धि हुई है और प्रशासन लगभग मूकदर्शक बना रहा है. साथ ही दलित अधिकार पर भी हमले बढ़े हैं. इन सवालों को 14 अप्रैल के कार्यक्रम में उठाया जाएगा.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 06 अप्रैल

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विधायक द्वारा नीति आयोग के मुद्दो की समीक्षा

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विदिशा जिला नीति आयोग के मापदण्डो पर पिछड़ने के फलस्वरूप उन कारणों को दूर करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। अब विकासखण्ड स्तर पर समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जा रहा है और खण्ड स्तरीय अमले को मापदण्डो से अवगत कराकर शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने आज विदिशा जनपद पंचायत के सभागार कक्ष में बैठक आहूत कर नीति आयोग के पैरामीटर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग के पिछड़ने के कारणों को जाना और उन्हें दूर करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने पर बल दिया गया है। विधायक श्री कल्याण सिंह ने कहा कि ग्राम स्तर पर माॅनिटरिंग की व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त की जाए। साथ ही साथ पोर्टल पर समय सीमा में जानकारी अंकित की जाए ताकि पिछडेपन के दाग से जिला विमुक्त हो सकें। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री रविशंकर राय ने खण्ड स्तरीय अमले को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सतत भ्रमण करने के उपरांत आॅन लाइन जानकारियां अपलोड नही करने के परिणामस्वरूप जिला पिछड़े जिले की श्रेणी में शामिल है। उन्होंने खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से दी जाने वाली सेवाएं संबंधितों को समय पर दे और पोर्टल पर अपलोड करने की नवीन व्यवस्थाएं क्रियान्वित करें ताकि आॅन लाइन समुचित जानकारियां प्रदर्शित हो। बैठक में खण्ड स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। 

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन मामले मंें विदिशा आठवें स्थान पर

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के मार्गदर्शन में जिले में असंगठित श्रमिको का पंजीयन कार्य सतत जारी है। आज दिनांक छह अपै्रल तक तीन लाख 93 हजार 243 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन कर आॅन लाइन पोर्टल पर दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। इस कार्य में मोबाइल एप से 71 हजार 607 ने भी पंजीयन कराया है जो कुल पंजीयन में शामिल है। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन मामले में विदिशा जिला प्रदेश में आठवे स्थान पर है।जिले में जनपदवार पंजीयन किए गए श्रमिकों की जानकारी इस प्रकार से है। बासौदा 65347, विदिशा 58073, सिरोंज 51573, लटेरी 49456, नटेरन 44360, ग्यारसपुर 42809, कुरवाई 42143, तथा नगरपालिका निकाय क्षेत्र विदिशा 13655 गंजबासौदा 9414, लटेरी 5487, सिरेांज 5232, कुरवाई 3048 तथा शमशाबाद में 2656 असंगठित मजदूरों का पंजीयन कार्य पूर्ण हो चुका है।

प्रशिक्षण दस को

विदिशा जिले को आईएफआईएमएस परियोजना अंतर्गत पेंशन माॅडयूलर की पायलेट टेस्टिंग का शुभांरभ विदिशा जिले से हो रहा है कि जानकारी देते हुए कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने बताया कि जिले के समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों, कोषालय स्टाॅप, जिला पेंशन कार्यालय का स्टाॅप एवं जिला स्तरीय तकनीकी दल को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा आहरण संवितरण अधिकारियों के लिए जारी पत्र मंे उल्लेख है कि कलेक्टेªट के सभाकक्ष में नौ अपै्रल को टीएल बैठक के पश्चात् दोपहर डेढ़ बजे से आहरण संवितरण अधिकारियांे को प्रशिक्षित किया जाएगा। दस अपै्रल को कम्प्यूटर में दक्ष एवं कार्य से संबंधित कर्मचारियों को पाॅलियों में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है जारी कार्यक्रम के अनुसार नियत तिथि एवं समय पर संबंधितों को प्रशिक्षण में शामिल होने के निर्देश जारी किए गए है।

घायलों को नियमानुसार आर्थिक सहायता मिलेगी

विदिशा तहसील के ग्राम अहमदपुर में अचानक तेंदूआ के हमले से घायल हुए व्यक्तियों के इलाज का तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। वन संरक्षक श्री रविन्द्र सक्सेना ने बताया कि वनो आर्थिक सहायता नियमानुसार घायलों के इलाज, स्थायी, अस्थायी अपंगता पर आर्थिक सहायता राशि पीड़ितों को मुहैया कराई जाएगी। श्री सक्सेना ने बताया कि तेंदूआ यूकेलिप्टस के पेड पर चढ़ा हुआ है जिस पर नजर रखी जा रही है। तेंदूआ को सुरक्षित पकड़ने के लिए भोपाल की स्पेशल रेस्क्यू टीम भी अहमदपुर में तैनात हो गई है। एसडीएम श्री रविशंकर राय ने बताया कि अहमदपुर में तेंदूआ के हमले से चार व्यक्ति श्री अमोल सिंह कुशवाह, श्री हुकुम सिंह कुशवाह, श्री प्रेम सिंह कुशवाह और श्री भल्लू वैष्णव घायलों में शामिल है। श्री राय ने बताया कि चारो व्यक्ति आंशिक रूप से घायल होने के कारण उन सभी का इलाज प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र अहमदपुर में किया गया है।

स्कूलोें के समय में परिवर्तन

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जिले में अत्यधिक गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए जिले में संचालित होने वाली समस्त शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त सीबीएसई संस्थाओं मंे शैक्षणिक सत्र के समय में परिवर्तन के आदेश जारी कर दिए है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि सीबीएसई संस्थाओं में अध्ययनरत कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों हेतु शाला संचालन के समय में परिवर्तन किया गया है तदानुसार अब उक्त समस्त शालाएं एक ही पाॅली मंे प्रातः आठ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील रहेगा तथा ग्रीष्मावकाश प्रारंभ होने के पूर्व तक मान्य होगा। इस अवधि में आयोजित परीक्षाओं का समय पूर्वानुसार यथावत् रहेगा। जिला शिक्षा अधिकारी  श्री नेमा ने समस्त संस्थाओं को सचेत करते हुए निर्देशित किया है कि वे कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का पालन करना सुनिश्चित करें उनके द्वारा बीआरसी को भी पत्र प्रेषित किए गए है और उन्हें आदेश का पालन सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया गया है।   

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 06 अप्रैल

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भारत माता की सेवा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और समर्पण का प्रकल्प है भाजपा - मनोहर सेठिया
  • भारतीय जनता पार्टी ने उत्साह के साथ समारोह पूर्व मनाया भाजपा का स्थापना दिवस

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झाबुआ । भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के लिये 6 अप्रेल का दिन कोई सामान्य दिन नहीं है। इस दिन हमारे मन में एक अत्यंत खास बात अंकित हुई थी। इस दिन भारत की राजनीति का हमेशा के लिए कायापलट हुआ था। आज से 36 वर्ष पूर्व 6 अप्रेल को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी।भारतीय जनता पार्टी की विशिष्टता के बारे में कहा जावें तो शब्द भी कम पड़ जाएंगे। मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए लाखों निस्वार्थ कार्यकर्ताओं ने सेवा, त्याग और देशभक्ति की भावना से उनका जीवन समर्पित कर दिया था। इन लोगों के खून-पसीने से भारतीय जनता पार्टी का उदय सम्भव हुआ है। यह किसी एक व्यक्ति या परिवार की बात नहीं बल्कि भारत माता की सेवा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और समर्पण की बात है और इसी से आज भी भाजपा मजबूती से आगे बढ़ रही है। भारत को वैश्विक नेतृत्व के शिखर पर ले जाने के मकसद से देशभर में एक विजन और एक मिशन से काम करने वाले तमाम नेताओं, साथियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि आज के निराशावादी और अनिश्चितता के माहौल में अगर कोई पार्टी महात्मा गांधी के सुराज्य के सपने को साकार करने में सक्षम हो या कोई पार्टी स्वामी विवेकानन्द के भारत को जगदगुरु बनाने के सपने को साकार करने में सक्षम है तो वह भाजपा ही है। पूरे देश के कोने कोने तक आज भाजपा जनज न की आस्था, विश्वास का केन्द्र बन चुकी है  और पार्टी का परचम पूरे देश में सतत लहराता जारहा है । भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है कि भाजपा तेजी के साथ जन आकांक्षाओं को पूरा करने में आगे बढ रही है।- उक्त उदबोधन शुक्रवार को स्थानीय राजगढ नाका स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर भाजपा नगर मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में माल्यार्पण कर भाजपा के स्थापना दिवस को मनाने के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने उपस्थित उत्साही भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए । इसके पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी भाजपा के स्थापना दिवस के बारे मे बताया कि कांग्रेस मुक्त भारत का जो सपना हमारे नेताओं का है वह पूरा होता दिखाई देने लगा है । भाजपा की स्थापना को  36 वर्ष की अवधि हो चुकी है और विश्व स्तरीय पार्टी के रूप  में प्रतिस्थापित हो गई है। नगर मंडल झाबुआ के भाजपा स्थापना दिवस के अवसर पर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के अवसर पर जिला भाजपाध्यक्ष मनेाहर सेठिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, ओ पी राय,प्रवीण सुराणा मंडल अध्यक्ष बबलु सकलेचा, विजय नायर, कल्याणसिंह डामोर, सोमसिंह सोलंकी, अजय सोनी, पर्वतसिंह मकवाना, श्रीमती बंसती बारिया, निर्मला अजनार, मुकेश अजनार, राजेन्द्र सोनी, सौरभ जायसवाल, भूपेश सिंगोड, ईरशाद कुर्रेशी, सईदुल्लाखान, संजय शाह, हरबन डामोर, लक्ष्मणसिंह गामड,नाना राठौर, महेन्द्र भूरिया, अुकंर पाठक, जुनेद कुरेशी अशोक त्रिवेदी, जितेन्द्र पांचाल, पण्डित महेन्द्र तिवारी, छितूसिंह मेडा, पूर्वेंश कटारिया सहित बडी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जयकारों के साथ पूरे वातावरण को भाजपामय कर दिया । इस अवसर पर मिठाईया खिलाकर ख्ुाशियों का इजहार किया गया।

भाजपा जिला अध्यक्ष के  कार्यालय का अटल कांपलेक्स में हुआ शुभारंभ
  • प्रतिदिन  4 घण्टे जनता के लिये उपलब्ध रहेगें श्री सेठिया

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झाबुआ । भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर राजगढ नाका स्थित अटल कांपलेक्स के दूसरे तल पर शुक्रवार को वरिष्ठ समाजसेवी मीठालाल शाह के करकमलों से फीता काट कर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया के कार्यालय का शुभारंभ किया गया । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया, शैलेष दुबे, विजय नायर, प्रवीण सुराणा,धनसिंह बारिया,पर्वतसिंह मकवाना  बसंती बारिया ईरशादकुरेशी भूपेश सिंगाड सहित बडी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे । नवीन कार्यालय के शुभारंभ पर श्री सेठिया को बधाइ्रया दी गई । इस अवसर पर उन्होने कहा कि राजगढ नाका स्थित कांपलेक्स में भाजपा अध्यक्ष का कार्यालय शुरू हो जाने से ग्रामीण एवं शहरी लोगों की समस्याओं के निराकरण में तेजी आवेगी वही प्रति दिन कम से कम 4 घण्टे वे स्वयं कार्यालय में उपस्थित रहेगें तथा अपने दायित्वों का निर्वाह करेगें । 

असंगठित मजदूर कल्याण योजना में विधायक एवं जिला भाजपाध्यक्ष ने किये पंजीयन 

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झाबुआ । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा असंगठित रूप  से  प्रदेश भर में जीवन यापन करने वाले श्रमिकों एवं दहाडी मजदूरों को शासन की योजनानुसार लाभान्वित करने तथा उनका जीवनस्तर उपर उठाने के लिये प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना में पंजीयन का कार्य शुरू किया गया है । शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया द्वारा राजगढ नाका पर काउंटर लगा कर ऐसे असंगठित मजदूरों का पंजीयन विजय नायर,  कल्याणसिंह डामोर,धनसिंह बारिया, बसंती बारिया, प्रवीण सुराणा, बबलु सकलेचा पर्वतसिंह मकवाना, लक्ष्मणसिंह गामड, महेन्द्र तिवारी,राजेन्द्र सोनी, मुकेश अजनार,भूपेश सिंगाड सहित बडी संख्या में उपस्थित भाजपा पदाधिकारियो की उपस्थिति में किया गया तथा डेढ दर्जन अधिक असंगठित मजदूरों का पंजीयन किया गया । श्री सेठिया एवं  विधायक श्री बिलवाल ने इस योजना को श्रमिको के हितार्थ एक बडा कदम बताया ।

पूरा मैदान लोगों की भीड़ से रहा खचाखच, आज होगे सेमीफायनल एवं फायनल मुकाबले
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झाबुआ। सकल व्यापारी संघ द्वारा आयोजित व्यापारी प्रीमीयर लीग (वीपीएल-2) को निरंतर अपार सफलता मिल रहीं है और उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर प्रतिदिन रोमांचक मैचों को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे है। उत्कृष्ट विद्यालय मैदान लोगों की भीड़ से खचाखच हो रहा है। दूधिया रोषनी में होने वाले मैचों का सुंदर नजारा देखते ही बन रहा है। मैंचों का लाईव प्रसारण भी लोग आयोजनस्थल पर बड़ी स्क्रीन के माध्यम से देख रहे है। क्रिकेट प्रतियोगिता के चैथे दिन कुल 5 मैच हुए। शनिवार की रात्रि में दो सेमीफायनल एवं एक फायनल मैच खेला जाएगा। इसके साथ ही तृतीय स्थान के लिए भी मैच आयोजित होंगे। यह जानकारी देते हुए सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष एवं वीपीएल के सूत्रधार नीरजसिंह राठौर ने बताया कि वीपीएल करने का उद्देष्य व्यापारियों का स्वस्थ रखना है एवं उनमें खेल के प्रति रूझान बढ़ाना है, इसी को लेकर इस आयोजन को भव्य स्तर पर किया जा रहा है। वीपीएल का आनंद लेने के लिए पूरे शहर हीं नहीं अपितु जिले से भी लोग पहुंच रहे है और मैदान पर होने वाले रोमांचक मैचों का लुत्फ उठा रहे हैं। इसमें हर वर्ग, समाज, सामाजिक, राजनैतिक एवं धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी षिरकत कर मैचों का आनंद ले रहे है।

5 मैच हुए
सकल व्यापारी संघ सचिव कमलेष पटेल एवं कोषाध्यक्ष राजेष शाह ने बताया कि प्रतियोगिता के चैथे दिन कुल 5 मैच खेले गए। पहला मैच अक्षा रायडर्स एवं सिलेक्षन ब्लास्टर का हुआ। जिसमें अक्षा रायडर्स विजेता रहा। दूसरा मैच विमल केसरी एवं फुटवीट फायटर्स के मध्य खेला गया। जिसमें विमल केसरी की टीीम ने शानदार जीत हासिल की। तीसरा मैच सत्कार सुपर कींग और अंबिका ब्लास्ट का हुआ, जो काफी रोमांचक रहा। अंतिम ओव्हर में सत्कार सुपर कींग की टीम ने जीत हासिल की। चैथा मैच स्पोटर्स जोन एवं राज रायडर्स के बीच हुआ। जिसमें स्पोटर्स जोन की टीम विजेता रहीं। अंतिम मैच नाकोड़ा रायल्स और आम्रपाली इलेवन के मध्य हुआ। जिसमें नाकोड़ा रायल्स ने विजयी प्राप्त की। मैेंचो के बाद मेन आॅफ द मैच का पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

यह रहे अतिथि
वीपीएल के चैथे दिन अतिथि के रूप में आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर, सेवा प्रकल्प के परामर्षदाता सुधीर कुषवाह, रोटरी क्लब अध्यक्ष उमंग सक्सेना, आगामी सचिव हिमांषु त्रिवेदी, रोटरी क्लब आजाद के अजय रामावत, संजय कांठी, सकल व्यापारी संघ के परामर्षदाता भरत बाबेल, मुकेष जैन ‘नाकोड़ा’, वरिष्ठ पत्रकारों में सचिन बैरागी, मुकुल सक्सेना, एनयूके पिल्लई, प्रवीण सोनी, दौलत गोलानी, अमित यादव, शरद पारिक, जावेद शेख आदि उपस्थित थे। जिनके द्वारा सभी रोमांचक मैचों का आनंद लिया गया तथा इस अवसर पर वीपीएल के संबंध में अपने प्रेरणादायी विचार भी व्यक्त किए गए और इस आयोजन को व्यापारियों के हितार्थ ऐतिहासिक आयोजन बताया। सभी अतिथियों का स्वागत वीपीएल के प्रायोजक विषाल कटकानी ने किया। आयोजन को सफल संचालन व्यापारी संघ के सह-सचिव पंकज जैन मोगरा द्वारा किया जा रहा है।

आज होंगे सेमीफायनल एवं फायनल मैच
व्यापारी संघ के अमित जैन ने बताया कि शनिवार को टीमों के बीच दो सेमीफायनल एवं एक फायनल मैच खेला जाएगा। इसके साथ तृतीय स्थान के ंलिए भी मैच होगा। पश्चात् प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रहनेे वाली टीमों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। प्रथम पुरस्कार 31 हजार रू., द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रू. एवं तृतीयन पुरस्कार 11 हजार रू एवं ट्राफी रखी गई है।

द्वारिका, तिरूपति एवं रामेष्वरम जायेगी मुख्यमंत्री तीर्थदर्षन यात्रा
  • पांच वर्ष के बाद पुनः ले सकते है तीर्थदर्षन यात्रा का लाभ ।

झाबुआ । मध्यप्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रतनसिंह राठौर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की महत्वांकाक्षी तीर्थ दर्शन योजना में झाबुआ जिले के लिये माह मई में तीन तीर्थदर्शन यात्रायें प्रस्तावित की गई है । तदनुसार 12 मई से 17 मई तक द्वारिका यात्रा आयोजित होगी जिसके आवेदन प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 21 अप्र्रेल है । इस यात्रा मे जिले से 88 यात्रियों का चयन होगा । 19 मई से 24 मई तक 50 तीर्थ यात्रियों के लियेरामेश्वर यात्रा प्रस्तावित है जिसके लिये आवेदन करने की अन्तिम तिथि 2 मई रहेगी ।  इसी तरह 27 मई से 1 जून तक 102 यात्रियों के लिये तिरूपति यात्रा प्रस्तावित है  जिसके आवेदन करने की अन्तिम तिथि 11 मई है। श्री राठौर ने बताया कि तिरूपति यात्रा मेघनगर रेल्वे स्टेशन से प्रस्थान करेगी एव ंद्वारिका एवं रामेश्वरम यात्रा के लिये ट्रेन रतलाम से रवाना होगी । शाासन के निर्देशानुसार 1 अप्रेल 2018 से मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का क्रियान्वयन आन-लाईन साफ्टवेअर के माध्यम ये किया गया है । जिला स्तर पर एक दिवसीय प्रशिखण कार्यक्रम आयोजित कर यूजर आई पासवर्ड उपलब्ध करा दिये जावेगें । साफ् वेअर के विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी  आदि के लियेयात्रीगण जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एनआईसी झाबुआ  अतुल जैन मोबाईल 9899267504 एवं पंबंधक ई- गवर्नेंस सोसायटी झाबुआ डीएस मीना मोबाईल नम्बर 7509129772 से संपर्क कर सकते है ।  मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के उपरोक्त तिथियों के आवेदन साफ्ट वेअर में समय सीमा में प्रविष्ठि किये जावेगें । श्री राठौर ने बताया कि यात्री केवल एक ही बार यात्रा के लिये पात्र है किन्तु जिन यात्रियों को इस योजनान्तर्ग यात्रा किये 5 वर्ष हो चुके है उन्हे एक बार उक्त प्रस्तावित यात्रा करने का अवसर दिया जावेगा । इसके लिये पेंशनर एसोसिएशन मुख्यमंत्री का आभारी है । आवेदनपत्र जिला पेंशनर कार्यालय थांदला गेट से दोपहर 3 बजे से सायं 5 बजे तक निशुल्क प्राप्त किये जासकते है ।

जीर्णोद्धार के टेंडर जारी होने पर कलेक्टर को धन्यवाद ज्ञापित किया
  • मंदिर परिसर के विकास में पूरा सहयोग देने का दिया आष्वासन

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झाबुआ। समीपस्थ अति प्राचीन श्री पंचदेव राम मंदिर रंगपुरा के जीर्णोद्धार हेतु पिछले 10 वर्षों से मंदिर समिति के सदस्य लगातार प्रयत्नषील रहे। पिछले कई बार मंदिर के मरम्मत एवं निर्माण की राषि स्वीकृत हुई, परन्तु उचित एजेंसी के अभाव में उक्त राषि हर वर्ष लेप्स होती गई, इस वर्ष कलेक्टर आषीष सक्सेना के प्रयासों से मप्र शासन द्वारा 19 लाख 2 हजार रू. की राषि स्वीकृत होकर सीधी मप्र हाऊसिंग बोर्ड को आवंटित कर दी गई तथा हाऊसिंग बोर्ड ने मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु टेंडर विज्ञप्ति प्रकाषित कर दी गई। जिसके अनुसार 16 अप्रेल तक टेंडर भरे जाएंगे एवं 19 अप्रेल को टेंडर खोले जाएंगे। इसके पश्चात् मंदिर की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। कलेक्टर आषीष सक्सेना द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेकर मंदिर के विकास के जो प्रयास किए गए, उसके लिए शुक्रवार को दोपहर 3 बजे मंदिर समिति के पदाधिकारी अध्यक्ष यषवंत भंडारी के नेतृत्व में कलेक्टर श्री सक्सेना से मिले तथा उनके द्वारा दिए गए सहयोग के लिए कलेक्टर को एक धन्यवाद पत्र प्रेषित किया तथा भविष्य में भी आवष्यक मार्गदर्षन एवं सहयोग देने का निवेदन किया।

प्रषासन देगा पूरा सहयोग
इस अवसर पर कलेक्टर श्री सक्सेना ने समिति के सदस्यों को कहा कि जिला प्रषासन पूरे जिले के सभी अति प्राचीन एवं पौराणिक महत्व के मंदिरों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के लिए सत्त प्रयासरत है और इसी क्रम में जिले के तीन प्राचीन मंदिरों के लिए 40 लाख से अधिक की राषि शासन द्वारा आवंटित की गई है। जिसमें रंगपुरा के प्राचीन राम मंदिर के लिए भी शासन द्वारा राषि प्राप्त हुई। प्रषासन का यह प्रयास रहेगा कि मंदिर के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य अतिषीघ्र प्रारंभ हो और साथ ही मंदिर परिसर के विकास के लिए जिला प्रषासन सदैव सहयोग देता रहेगा।

ग्राम सभा को दिए पूजारी नियुक्ति के अधिकार
रंगपुरा मंदिर के पूजारी की नियुक्ति के संबंध में जिलाधीष ने बताया कि मप्र शासन के धार्मिक न्यास एवं एवं धर्मस्व विभाग द्वारा प्रेषित पत्र में यह स्पष्ट निर्देषित किया गया है कि शासन द्वारा संधारित मंदिरों के पूजारी की नियुक्ति के लिए संबंधित क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को अधिकृत किया गया है। आपने यह भी बताया कि ऐसी नियुक्ति के आदेष के विरूद्ध प्रथम अपील कलेक्टर के समक्ष एवं द्वितीय अपील संभागीय आयुक्त के समक्ष की जा सकेगी।

ये थे उपस्थित
कलेक्टर श्री सक्सेना केा धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए समिति के पूजारी एवं परामर्षदाता पं. विष्णुपूरी गोस्वामी, राजेष नागर, सुधीर कुषवाह, उपाध्यक्ष राजेष तिवारी (षिवसेना), मगनलाल राठौड़, सचिव रघुवीरसिंह खतेड़िया, सह-सचिव अमितसिंह जादौन (यादव), वरिष्ठ सदस्य जेएल केलवा, मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी, रिंकू रूनवाल, हरिष यादव, अमृतपुरी गोस्वामी आदि पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।

झाबुआ जिले की 375 में से 227 पंचायतों में बेटो की तुलना में बेटियां ज्यादा

झाबुआ । लिंगानुपात सुधारने के मामले में झाबुआ जिला बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया हैद्य जिले के लगभग दो तिहाई गावों में दो वर्षो में 5 साल तक के बच्चों में बेटियों की संख्या बेटों के मुकाबले ज्यादा मिली है द्य जिले की कुल 375 ग्राम पंचायतो में से 227 में लड़किया लड़को की तुलना में अधिक है द्य इन 227 ग्राम पंचायतों को सरकार की योजना के तहत एक दृएक  लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा द्य पुरस्कार राशि का उपयोग बेटियों के कल्याण की योजनाओं में किया जाएगाद्य  2021 की जनगणना में इसके और बेहतर होने की संभावना है द्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक योजना शुरू की थी द्य इसके तहत जिन ग्राम पंचायतो में पांच साल तक की बेटियों की संख्या बेटों के मुकाबले ज्यादा होगी, उन्हें सम्मान स्वरूप एक-एक लाख का पुरस्कार दिया जाएगा द्य इसके तहत कलेक्टर आशीष सक्सेना ने इन गांवों का विवरण भोपाल भेजा है द्य 2016 और 2017 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर के बीच शुन्य से पांच साल तक के बच्चो की जानकारी ली गई द्य ये जानकारी आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के बीच जुटाई गई।

परम्परा में ही बेटियों का संरक्षण
झाबुआ जिले  के  आदिवासी  समाज में  बेटे-बेटियों में अंतर नहीं किया जाता द्य कन्या भ्रूण हत्या के प्रकरण भी सुनने में नहीं आते द्य वधु मूल्य लेने की परम्परा है द्य इसलिए बेटी का जन्म अच्छा माना जाता है ।

प्राथमिक मिडिल स्कूलों के खेल शिक्षको का प्रशिक्षण प्रारंभ

झाबुआ । जिले के समस्त विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ खेल को भी अनिवार्य करने का प्रथम प्रयास प्रारम्भ,हो गया हे द्य जिले के 2551 प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल के शिक्षकों को खेलो का बेसिक प्रशिक्षण 3 विकासखंडो पेटलावद, रानापुर, एवं झाबुआ में 03 अप्रैल से प्रारम्भ हुआ द्य दिनांक 3 से 23 अप्रैल तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में प्रत्येक विद्यालय से 2 शिक्षको खेलो का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है द्य पेटलावद में 74, रानापुर में 77 और झाबुआ में 60 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।

निरूशक्तजनों का चुनावी प्रकिया में जुड़ाव के संबंध में बैठक 10 अप्रैल को

झाबुआ । निरूशक्तजनों की चुनाव प्रकिया में भागीदारी विषय पर राष्ट्रीय परामर्श के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला स्तर पर 10 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष झाबुआ में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जाएगाद्य

तारमिस्त्री परीक्षा जुलाई -2018 में होगी, आवेदन 30 अप्रैल तक आमंत्रित

झाबुआ । रतलाम केंद्र पर माह जुलाई- 2018 में होने वाली तारमिस्त्री परीक्षा में प्रवेश के लिए इच्छुक उम्मीदवार अपने आवेदन पत्र 30 अप्रैल तक कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते है द्य इसके लिए विस्तृत जानकारी एवं आवेदन पत्र मय सह पत्र कार्यपालन यंत्री (विद्युत सुरक्षा) एवं संभागीय विद्युत निरीक्षक म.प्र. शासन, रतलाम कार्यालय से कार्यालयीन समय में व्यक्तिगत रूप से अथवा स्वयं के पते वाला लिफाफा डाक टिकिट लगाकर प्रेषित कर प्राप्त किये जा सकते हैद्य तारमिस्त्री परीक्षा के आवेदकों को विद्युत कार्य संबंधी दो वर्ष का व्यावहारिक अनुभव आवश्यक है जो की उनसे विद्युत ठेकेदारों के यह प्रशिक्षु के रूप में पंजीकृत होकर अथवा सिनेमा,उच्चदाब,विद्युत अधिष्ठानो  या ऐसे निम्न दाब अधिष्ठान संस्थान जिसके पास फेक्ट्री एक्ट के अंतर्गत लायसेंस हो कार्य कर प्राप्त किया जाना चाहिएद्य उम्मीदवार जो 20 वर्ष की आयु से अधिक हो आवेदन कर सकते है द्य व्यावहारिक अनुभव के संबंध में स्व घोषणा पत्र निर्धारित प्रपत्र में होना आवश्यक है।

जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर 7 अप्रैल को

झाबुआ । जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर ग्राम पंचायत आम्बा पिथनपुर विकासखंड रामा में 7 अप्रैल को आयोजित किया जाएगाद्य शिविर में अधिकारी उपस्थित होकर शासकीय योजनाओ की जानकारी देंगे एवं प्राप्त आवेदनो का निराकरण करेंगे ।

न्युमोकोकल कान्ज्युगेट वेक्सीन जिले में उपलब्ध होगा

झाबुआ । आज 07 अप्रैल 2018 को न्युमोकोकल कान्ज्युगेट वैक्सीन का शुभारंभ सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है द्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.एस. चैहान ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लीये निरूशुल्क यह टिका जिले के सम्पूर्ण शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध होगाद्य निमोनिया बीमारी से बचाव के लिए यह टिका ढेड़ माह की उम्र से नो माह की उम्र तक के बच्चो को तीन बार लगाया जाएगा द्य जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राहुल गणावा के द्वारा बताया गया की न्युमोकोकल कान्ज्युगेट निमोनिया के बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया दिमागी बुखार सेप्सिस कण का इन्फेक्शन से बचाव में सहायक हैद्य इस टिके को लगाने के पश्चात् नवजात शिशुओ की मृत्यु में कमी आएगी द्य टिके को लांच करने से पूर्व सभी विकासखंड स्तर पर महिला स्वास्थ्यकर्ता, सुपरवाईजर  का प्रशिक्षण दिया जा चूका है द्य मेडिकल आफिसर एवं काल्ड चेन हैंडलर को जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया एवं वेक्सिन का रख रखाव एवं उपयोग संबंधी जानकारी दी गयी द्य इस सम्बन्ध में आशा कार्यकर्ता व् आशा सहयोगिनी को भी विकासखंड   स्तर पर सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया द्य इस तरह पूरी तेयारी के साथ टिके का शुभारम्भ 07 अप्रैल विशव स्वास्थ्य दिवस को किया जावेगाद्य सभी प्रथम डोस वाले बच्चो लो निमोनिया का टिका दिया जाएगा ।

खाद्य आयोग सदस्य ने मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा लिया

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झाबुआ । जिले के भ्रमण पर आई खाद्य आयोग की सदस्य श्रीमति स्नेहलता उपाध्याय ने आज नवागांव एवं रंगपुरा के मिडिल स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्र फुटिया का निरिक्षण कर  मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी के संचालन की व्यवस्थाओ का जायजा लिया द्य भ्रमण के दौरान उनके साथ जिला सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े’, आपूर्ति अधिकारी श्री त्यागी ,डीपीसी श्री प्रजापति, महिला बाल विकास अधिकारी श्री अजय चैहान, वर्षा चैहान सहित शासकीय सेवक उपस्थित थे द्य आयोग की सदस्य श्रीमती उपाध्याय  ने विकलांग पुनर्वास केंद्र झाबुआ का निरिक्षण कर व्यवस्थाओ को देखा एवं व्यवस्थित संचालन के लिए विकलांग पुनर्वास केंद्र  के स्टाफ एवं जिला प्रशासन की सराहना भी की ।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 06 अप्रैल

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शासन की योजना मे लिया डीजल पंप खेती बनी लाभ का धंधा

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सीहोर जिले की बुधनी तहसील के ग्राम जोनतला मे लगभग दस एकड़ भूमि के कृषक श्री भगवानदास बताते हैं कि मेरे पास पूर्व में सिंचाई के लिए डीजल पंप नही था जिसकी वजह से में एक ही फसल ले पाता था। मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण मैं बाजार से पंप क्रय नही कर पाता था। मुझे कृषि विभाग से विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई तथा डीजल पंप पाँच हार्सपावर अनुदान पर क्रय किया जिससें मुझे 10,000/- रूपये अनुदान प्राप्त हुआ जिसकी वजह से में अब वर्ष में दो फसल लेता हूँ खरीफ में मेरे द्वारा धान पूसा बासमती की फसल ली जिससे मुझे भरपूर लाभ मिला तथा रबी में मैंने गेंहूँ की फसल लगाई तथा इंजन से सिंचाई की तथा विपरीत मौसम में भी भरपूर गेंहूँ की उपज प्राप्त की। जिससे मेरी आर्थिक स्थिति सुधरा एवं मुझे भरपूर लाभ मिला। में अन्य कृषकों से भी आग्रह करता हूँ कि वे शासन की इस योजना का लाभ उठाएं और कृषि को लाभ का धंधा बनाएं।

कार्यों की प्रगति की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश 

जिला पंचायत सीहोर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत किये गये कार्यों की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री जी व्दारा 9 अप्रैल,2018 को की जाना संभावित है। इस सिलसिले में जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभाग अंतर्गत चिन्हित गतिविधियों की प्रगति की जानकारी अविलंब जिला पंचायत कार्यालय सीहोर को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 

एनआईओएस डिलेड के प्रशिक्षणार्थियों 8 अप्रैल को डाइट सीहोर में उपस्थित रहे

डाइट सीहोर के प्राचार्य ने बताया कि संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से प्राप्त निर्देशानुसार भारत सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय व्दारा डिप्लोमा इन एलेमेन्ट्री एजूकेशन के प्रशिक्षणार्थियों के आवेदनों के सत्यापन हेतु 22 से 28 फरवरी,2018 के मध्य एक और अवसर प्रदान किया था। उक्त अभ्यार्थियों की संपर्क कक्षाएं डाइट सीहोर में संचालित है। ऐसे समस्त अभ्यर्थी जिन्होंने उक्त अवधि में वेरिफिकेशन करवाया है, वे अनिवार्य रूप से रविवार 8 अप्रैल,2018 को प्रात: 11 बजे डाइट सीहोर में उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। 

फरार आरोपी पर नगद पुरस्कार की उद्घोषणा

पुलिस अधीक्षक श्री सिद्वार्थ बहुगुणा ने उद्घोषणा जारी की है कि जो व्यक्ति थाना रेहटी के अज्ञात फरार आरोपी की गिरफ्तारी में सहायक होगा, या गिरफ्तार करायेगा अथवा ऐसी उर्पयुक्त सूचना देगा जिससे आरोपी को गिरफ्तारी संभव हो सकेगी उसे प्रति आरोपी तीन हजार रूपये का नगद पुरस्कार से पुरूस्कृत किया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम सर्वथा गोपनीय रखा जाएगा। उक्त पुरस्कार वितरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला सीहोर का निर्णय अंतिम होगा। अपहृता कुमारी ज्याति पुत्री सुमेरसिंह उम्र 16 साल निवासी मातापुर बोरी थाना रेहटी की दस्तयाबी के अथक प्रयास किये जा रहे है। अभी तक आरोपियों का कोई पता नहीं चल सका है। आरोपी की गिरफ्तारी हेतु जनसहयोग की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा द्वारा जारी उद्घोषणा अनुसार थाना रेहटी के अज्ञात फरार आरोपी पर 363, अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। 

उपाध्यक्ष श्री अहिरवार 7 अप्रैल को सीहोर आएंगे

म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) श्री भुजबलसिंह अहिरवार 7 अप्रैल, 2018 को प्रात: 10.30 बजे नजीराबाद से प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे सर्किट हाउस सीहोर पहुंचेंगे जहां वे विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे। वे 8 अप्रैल,2018 को प्रात: 10.30 बजे सीहोर से भोपाल हेतु प्रस्थान करेंगे। 

दुमका : नगर परिषद् उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी के रूप में विनोद लाल लोगों की पहली पसंद।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर पर्षद चुनाव में आप का रुझान जानना चाहता हूँ,  माता जी  क्या लग रहा है ? उपाध्यक्ष  किसे बनाना चाहिए  ?  कई प्रत्याशी अपना-अपना  भाग्य आजमा रहे  ?   ई चुनाव-फुनाव कि होय छे हमें नै जानिछिये बाबू। इहो नय जानेछिये कि के-के लड़ेछे। एकेगो नाम जानेछियॅ विनोद लाल के। बड़ी अच्छा आदमी छे। ओकर दरवाजा पर जे जाय छे बेचारा सभेके मान-सम्मान रखे छे। ओकरे नाम लै छे आदमी सब। ओकरा छोड़ के भला आदमी कहाँ देखेछिये केकरो। मसोमात, गरीब, मालूम, औरत-मरद रहै चाहे रिक्शा, ठेला, टमटम वाला। आज तक ओकर मुँहॅ से एगो खराब शब्द नै निकललॅ छे। शादी-बियाह हो, परव-त्योहार, चाहे पूजा-पाठ अपन दरवज्जा से केकरो खाली हाथ नय लौटेले छे। कुछु हो जाए विनोद लाल के छोड़ के केकरो वोट नय देबे। उहे विनोद लाल छै ने जेकर चुनाव चिन्ह छे डीजल पम्प मशीन छाप ? हाँ, वे ही विनोद लाल जी हैं जिनका चुनाव चिन्ह है डीजल पम्प मशीन छाप। आपके घर में वोट डालने वाले कुल कितने सदस्य हैं ? हमें छियौ, हमरॅ मालिक छौं, दूगो बेटा छे, दुयो के कनियान छॅ। मोटा-मोटी सोंचॅ ने छः आदमी छिये। आपके मुहल्ले के अन्य लोगों का रुझान किस ओर है ? सब एके बात बोले छे, विनोद लाल। डंगाल पाड़ा मुहल्ला हो या फिर रसीकपुर। एलआईसी काॅलोनी हो या फिर पोखरा चौक।  हर तरफ नगर पर्षद उपाध्यक्ष पद के लिये लोग डीजल पम्प मशीन छाप पर बटन दबाने को तत्पर दिख रहे। इस कतार में खड़े अन्य लोगों में शीर्ष पर एक ही व्यक्ति का नाम है और वे हैं विनोद लाल, मतदाताओं की ओर से जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक। 

लोग मानते हैं  शिष्ट आचरण, गरीब-गुरुवों की मदद करने वाला, दीन-दुखियों की समस्याओं से उन्हें  उबारने वाला कोई है तो वह  है विनोद लाल।  ग्रांट स्टेट में एक बुजुर्ग ने नाम न  छापने की शर्त पर कहा देखिये नगर पर्षद से कोई खास लेना-देना  है नहीं, किन्तु हरेक वर्ष खूटा बांध में छठ पूजा की जो  व्यवस्था रहती है,  छठव्रतियों की आत्मा को तृप्त कर जाती है।  पर्व के दौरान पूरा घाट स्वच्छ व पवित्र रहता है।  विनोद लाल का व्यक्तित्व,  परिश्रम, आर्थिक सहायता और दरियादिली। महादेव उन्हें खुश और आबाद रखें।   पोखरा चौक में एक चाय की दूकान पर खड़ा हूँ। नगर पर्षद चुनाव को लेकर गर्म चर्चाएँ चल रही है। कोई अध्यक्ष पद की चर्चा कर रहा है, तो कोई उपाध्यक्ष पद की। कुछ लोग वार्ड पार्षदों के लिये खड़े प्रत्याशियों में कौन बेहतर  है की चर्चा में शामिल है तो कोई  शहर में मुद्दों को लेकर।  चाय दुकानदार सबकी बातें सुन रहा है। इतनी गर्म चर्चा किसकी चल रही है, चाय दूकानदार से पूछता हूँ। कई दिनों से देश-दुनिया की खबरों से अलग लोग दुमका नगर पर्षद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों की चर्चा में ही मग्न हैं। 

अध्यक्ष पद किसके हिस्से में जाएगा ? 

देखिये मुकाबला चारपाई और कमल के बीच ही है। फलों से भरी टोकरी को भी कम नहीं आँकिये। बनिया गोलबंद होता जा रहा है। झाड़कर सब वोट डाल देगा तो फिर खेल रोमांचक ही हो जाएगा। कमल पूरा जोर आजमाईश कर रहा है। 

और चारपाई .......???

 इस बार नहीं तो  फिर कभी नहीं।  चारपाई अभी तक कमल पर भारी है।  ठीक है यह तो हुई बात अध्यक्ष पद को लेकर। उपाध्यक्ष पद के लिये माहौल किसके समर्थन व किसके विरुद्ध है ? उपाध्यक्ष पद के लिये तो विनोद लाल के बाद दूसरा कोइ्र्र विकल्प ही सामने नहीं है। पढ़ा-लिखा, तेज-तर्रार आदमी है। 

नगर पर्षद में उसका जो रिपुटेशन है और किसी का है क्या, दूकान दार उल्टा सवाल मुझसे ही पूछता है ?  

देखिए आदमी जितना चाहे खड़ा हो जाए। विनोद लाल नम्बर वन पर रहेगा। हम नहीं कहते हैं। चाय पीने वाले सैकड़ों लोग प्रतिदिन उसी की चर्चा करते हैं। अब आप ही अनुमान लगा लीजिए कौन रेस में आगे है और कौन पीछे। गरीब दास......? देखिए लड़ने के लिये सब लड़ता है। किसी को पैसा है तो दिल नहीं। कोई वोटर को गुमराह कर वोट लेना चाहता है तो कोई पूरी उम्र चमचागिरी कर अपना उल्लू साधना चाहता है। किसकी मुसीबत में कौन, कब और कहाँ काम आता है देखना चह चाहिए। मेरे ख्याल से तो विनोद लाल के अलावे उपाध्यक्ष पद का कोई बेहतर विकल्प है ही नहीं। 

दो भांड़ चाय में दूकानदार एक भांड़ चाय की ही कीमत लेता है,  और दूसरे भांड़ की............?
चाय दूकानदार हंसता है और इशारे में ही पैसे रख लेने की बात कहता है। फिर आउँगा कहकर मैंने भी   रास्ता नापना शुरु कर दिया।  
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