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जुकरबर्ग ने अमेरिकी संसद में माफी मांगी, कहा बड़ी जिम्मेदारी ध्यान में नहीं थी

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वाशिंगटन , 10 अप्रैल, फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( सीईओ ) मार्क जुकरबर्ग ने कैंब्रिज एनालिटिका डाटा लीक कांड में व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेते हुए अमेरिकी संसद से माफी मांगी है। उन्होंने फेस बुक के 8.7 करोड़ प्रयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं को दुरुपयोग और हेराफारी के लिए प्रयोग करने से बचाने का ‘ पर्याप्त ध्यान नहीं रख पाने ’ के लिए खेद जताया है।  संसद की किसी समिति के समक्ष पहली बार पेश होने से पहले कल जारी बयान में जुकरबर्ग ने अपने सोशल नेटवर्क पर लोगों के निजी डेटा को सुरक्षित न रख पाने की विफलता की जिम्मेदारी ली।  प्रतिनिधि सभा की समिति की ओर से जारी जुकरबर्ग के बयान में कहा गया है , ‘‘ हमने अपने दायित्व का पर्याप्त व्यापक ध्यान नहीं दिया , यह एक बड़ी गलती थी। यह मेरी गलती थी। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। ’’  जुकरबर्ग ने कहा , ‘‘ मैंने फेसबुक शुरू किया , मैं उसे चलाता हूं और जो भी हुआ उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। ’’  जुकरबर्ग ने कहा , ‘‘ अब यह साफ हो चुका है कि इन माध्यमों का इस्तेमाल नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया , और हम अधिक कुछ नहीं कर पाए। इसका इस्तेमाल फर्जी खबरों , चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप और अशांति फैलाने वाले भाषणों के लिए किया गया। ’’  जुकरबर्ग (33) इस समय अपने जीवनकाल का सबसे बड़ा कारोबारी संकट झेल रहे हैं। वह आज बाद में सीनेटरों के समक्ष पेश हों।  कांग्रेसी समिति की ओर से जुकरबर्ग के बयान में कहा गया है कि मैं बहुत अधिक आशावादी हूं। मैं यह अनुमान लगाने में विफल रहा कि ऐसा प्लेटफार्म जिसका इस्तेमाल दो अरब लोग कर रहे हैं , उसका दुरुपयोग हो सकता है। उसके जरिये गड़बड़ी की जा सकती है। जुकरबर्ग कल सीनेटर बिल नेल्सन और अन्य सांसदों से मिले थे।  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनके प्रचार अभियान से जुड़ी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर गोपनीय रूप से 8.7 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी जुटाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद जुकरबर्ग की कंपनी विवादों के घेरे में है।  पिछले सप्ताह जुकरबर्ग ने यह स्वीकार किया था कि 8.7 करोड़ लोगों की व्यक्तिगत जानकारियों को अनुचित तरीके से ब्रिटेन की राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किया गया। पहले यह आंकड़ा पांच करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया था।  जुकरबर्ग ने फेसबुक की सह स्थापना 2004 में थी। नेल्सन ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को कैंब्रिज एनालिटिका को घेरने और उससे अलग से बैठक में सवाल करने को कहा है। 

हीना भारत की झोली में निशानेबाजी का तीसरा स्वर्ण डाला

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गोल्ड कोस्ट, 10 अप्रैल, हीना सिद्धू ने राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में नये राष्ट्रमंडल रिकार्ड के साथ पीला तमगा जीतकर निशानेबाजी में भारत को तीसरा स्वर्ण दिलाया । हीना का फाइनल स्कोर 38 रहा जिनमें से दो सीरिज में उसने परफेक्ट पांच का स्कोर किया । आस्ट्रेलिया की एलेना गालियाबोविच दूसरे स्थान पर रही । कांस्य पदक मलेशिया की आलिया अजाहरी को मिला ।  हीना ने इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल में भी रजत पदक जीता था जिसमें मनु भाकर को स्वर्ण पदक मिला था । महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल में किसी बड़े टूर्नामेंट में हीना का यह पहला स्वर्ण है । उसने कहा ,‘‘ मैं थक हुई हूं । आज के प्रदर्शन के बारे में यही मेरा कहना है ।’’  भारत की अन्नु राज सिंह दूसरे एलिमिनेशन के बाद बाहर हो गई । उसका फाइनल स्कोर 15 रहा ।  सिद्धू शानदार फार्म में थी जो क्वालीफाइंग दौर के बाद 579 स्कोर करके तीसरे स्थान पर रही । नसों से जुड़ी समस्या के कारण हालांकि उसे ट्रिगर दबाने में दिक्कत हो रही थी ।  उसने कहा ,‘‘ मेरी तर्जनी में लगातार दिक्कत थी लेकिन आज ज्यादा महसूस नहीं हुई । 10 मीटर एयर पिस्टल के दौरान बहुत परेशानी हो रही थी । मैं इसके लिये फिजियोथेरेपी करा रही थी लेकिन आज मैने फिजियो को बिल्कुल मना कर दिया और शुक्र है कि मैने ऐसा किया ।’’  हीना के पति और भारतीय निशानेबाजी टीम के मैनेजर रौनक पंडित उसके साथ खड़े थे । हीना से जब पूछा गया कि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कैसे कर पाती है तो उसने अपने पति की ओर रूख किया ।  पंडित ने कहा ,‘‘आप भले ही ओलंपिक खेलें या प्रादेशिक चैम्पियनशिप , प्रक्रिया समान रहती है । यदि कोई खिलाड़ी उसका पालन करता है तो नतीजे खुद ब खुद आते हैं ।’’ 

इससे पहले गत रजत पदक विजेता गगन नारंग पुरूषों के 50 मीटर राइफल प्रोन में सातवें और पहली बार इन खेलों में उतरे चैन सिंह चौथे स्थान पर रहे ।  पिछले रजत पदक विजेता गगन नारंग 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में 50 मीटर राइफल प्रोन में सातवें स्थान पर रहे जबकि पहली बार इन खेलों में उतरे चैन सिंह कांस्य पदक से चूककर चौथे स्थान पर रहे ।  क्वालीफाइंग दौर में तीसरे स्थान पर रहे नारंग का स्कोर 619 . 4 रहा और वह बाहर होने वाले दूसरे निशानेबाज रहे । पहली सीरिज के बाद वह संयुक्त दूसरे स्थान पर थे लेकिन इसके बाद हवा बहने लगी और उनके निशाने सधे हुए नहीं लगे । उनका फाइनल स्कोर 142 . 3 रहा । इन खेलों में सिर्फ एक स्पर्धा में उतरे 34 बरस के नारंग अपने कैरियर में पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों से पदक के बिना लौटेंगे । वह अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में आठ स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीते हैं । दूसरी ओर चैन सिंह दूसरे एलिमिनेशन चरण में निशाने चूक गए । वह 204 . 8 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहे ।क्वालीफाइंग दौर में वह 614 . 2 के स्कोर के साथ छठे स्थान पर थे । स्वर्ण पदक वेल्श के डेविड फेल्प्स ने जीता जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों का रिकार्ड बनाते हुए 248 . 8 स्कोर किया । रजत पदक स्काटलैंड के नील र्स्टटन ने जीता जिन्होंने 247 . 7 स्कोर किया । इंग्लैंड के कीनिथ पार ने कांस्य पदक जीता ।

भाजपा विधायक दुष्कर्म काण्ड : सीबीआई जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल, सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को एक याचिक दायर कर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक व अन्य द्वारा एक युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) द्वारा जांच कराने की मांग की गई है।   अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने अपनी याचिका में 3 करोड़ रुपये के मुआवजे तथा पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है। शर्मा ने कहा कि इस मामले को सीबीआई के पास जांच के लिए भेजा जाना चाहिए, ताकि सही निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने कहा, "हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत राज्य की सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर पुलिस द्वारा अत्याचार का एक स्पष्ट मामला है। यह मामला अब यूपी पुलिस के खिलाफ है और यूपी पुलिस खुद के खिलाफ जांच नहीं कर सकती।"इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म के आरोपों और लड़की के पिता की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। पुलिस ने माखी थाना गृह अधिकारी और पांच हवलदार सहित छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है, और सेंगर के भाई अतुल सिंह व उसके चार सहयोगियों - बाऊ, विनीत, शैलू और सोनू को गिरफ्तार किया है। पीड़िता ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी। वह सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रही थी। बाद में रविवार को पीड़िता के पिता को पुलिस ने उठा लिया और कथित तौर पर अतुल सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा उनकी पिटाई की गई, जिससे पीड़िता के पिता की पुलिस स्टेशन में मौत हो गई। इस घटना ने राज्य में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्ताधारी दल को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच का भी आदेश दिया है। 

महाराष्ट्र में किसान ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में मोदी का नाम

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यवतमाल, 10 अप्रैल, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को असहज करने वाले एक बड़े घटनाक्रम में एक किसान ने अपने खेत में जहर खाकर जान दे दी।  किसान ने सुसाइड नोट में अपने इस कदम के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। किसान के पास से हाथ से लिखा सुसाइड नोट मिला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों के नाम हैं और अपने इस घातक कदम के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने परिवार के लिए किसान ने मदद मांगी है। यवतमाल जिले के राजुरवाड़ी गांव के 50 वर्षीय किसान की पहचान शंकर भाऊराव चायरे के रूप में हुई है। यह जिला देश में कृषि संकट की सर्वाधिक मार सह रहे जिलों में से एक है। खुदकुशी के 12 घंटे बाद तक उनके परिवार ने वसंतराव नाईक मेडिकल कालेज अस्पताल के शवगृह से अंतिम संस्कार के लिए उनका शव लेने से मना कर दिया। परिजनों की मांग है कि या तो प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलने आएं और उनकी समस्याओं को समझें या फिर शव सौंपने से पहले राज्य सरकार उन्हें पूरा मुआवजा सौंपे। घटनाक्रम से हतप्रभ, वसंतराव नाईक शेति स्वावलंबन मिशन (एसएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा कि वह बुधवार सुबह पीड़ित परिवार से मिलेंगे। तिवारी ने आईएएनएस से कहा, "हम परिवार को एक लाख रुपये की तुरंत राहत देंगे। चायरे के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटियां (एक शादीशुदा) और एक बेटा है। हम उनकी जिम्मेदारी लेंगे और उन्हें शिक्षा दिलाएंगे और अगर वे पहले से शिक्षित हैं तो रोजगार मुहैया कराएंगे।"

कहा जा रहा है कि चायरे ने सुबह के समय अपने खेत में एक पेड़ से लटककर जान देने की कोशिश की, लेकिन रस्सी टूट गई। इसके बाद उन्होंने जहर खा लिया और अचेत हो गए। लोग उन्हें गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने नाजुक हालत के कारण उन्हें यवतमाल ले जाने को कहा। उन्हें वहां एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी तब तक मौत हो चुकी थी। पुलिस को चायरे का हाथ से लिखा दो पृष्ठों का मुड़ा-तुड़ा सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने लिखा है कि कैसे उन्होंने सरकारी अधिकारियों, सांसदों, विधायकों, मंत्रियों से मदद मांगी थी, लेकिन उनकी उपेक्षा की गई। उन्होंने लिखा है कि उनके पास नौ एकड़ खेत है। कपास की खेती के लिए उन्होंने सहकारी समिति से 90 हजार रुपये और निजी स्तर पर तीन लाख रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन, रोग के कारण फसल नष्ट हो गई और कर्ज चुकाना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, "मेरे ऊपर बहुत बड़ा कर्ज का बोझ है। इसलिए मैं खुदकुशी कर रहा हूं। नरेंद्र मोदी सरकार इसके लिए जिम्मेदार है।"वीएनएसएसएम के किशोर तिवारी ने कहा कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के घोर लापरवाह रुख के कारण जून 2017 में घोषित की गई कर्ज माफी योजना का लाभ आज तक कई पात्र लोगों को नहीं मिल सका है।

बिहार : सीबीआई ने तेजस्वी यादव से की पूछताछ

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पटना, 10 अप्रैल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।   केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम ने रेल होटल आवंटन में अनियमितता के मामले में मंगलवार को लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पहुंच कर पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई की टीम ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की टीम दोपहर में राबड़ी आवास पहुंची और वहां तेजस्वी यादव से रेल होटल आवंटन घोटाला मामले से जुड़े कई सवाल पूछे। दस दौरान घर में राबड़ी देवी भी मौजूद थीं। राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बताया कि सीबीआई की टीम चार घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने इस पूछताछ को बदले की कार्रवाई बताया। राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आए और आते ही लालू के परिवार को परेशान करने के लिए छापेमारी कराना कहां तक सही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "घर में लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप की शादी की तैयारी चल रही है, लालू प्रसाद का स्वास्थ्य खराब है, वो अस्पताल में हैं। ऐसे में सीबीआई की इस तरह का कार्रवाई ठीक है क्या?"इधर, राजद के इस आरोप पर जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि सीबीआई अपने हिसाब से जांच में जुटी है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। सीबीआई ने पिछले साल जुलाई महीने में लालू, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी के रांची और पुरी में स्थित दो होटलों के ठेके 2006 में एक निजी कंपनी को दिलवाने में कथित अनियिमिताओं के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। उस समय लालू रेलमंत्री थे। 

स्वच्छता मिशन और भ्रष्टाचार की लड़ाई, केंद्र व बिहार साथ-साथ : मोदी

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मोतिहारी (बिहार), 10 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि स्वच्छता का मिशन हो, काला धन या भ्रष्टाचार की लड़ाई या फिर आमजन की सुविधाओं की बात हो, केंद्र सरकार और नीतीश सरकार साथ चल रही है। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी की इस कर्मभूमि पर 100 साल पुराने इतिहास को फिर से दोहराया जा रहा है। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह'कार्यक्रम में करीब 20 हजार स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चंपारण की धरती ने 100 साल पहले एक ऐसा ही आंदोलन देखा था, जिसमें देश के विभिन्न जगहों से आए लोग गांधी के साथ चल दिए थे। आज देश और दुनिया एकबार फिर इस धरती से स्वच्छता आंदोलन की शुरुआत हुई है। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी भाषा में करते हुए इस क्षेत्र को नमन किया। उन्होंने कहा कि इसी धरती ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी और देश का बापू बना दिया। मोदी ने विभिन्न राज्यों से आए स्वच्छाग्रहियों से कहा कि इनमें आज भी गांधी के विचार, उनके अंश जिंदा हैं, तभी तो वे विभिन्न जगहों से आकर यहां बिहार की गलियों में घूम-घूमकर लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं।

मोदी ने बिहार की धरती को रास्ता दिखाने की धरती बताते हुए कहा कि सौ साल में भारत की तीन कसौटियों के समय बिहार ने देश को रास्ता दिखाया। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब बिहार ने मोहन दास करमंचद गांधी को बापू बना दिया था। जब जमीन की बात आई तब आचार्य विनोबा भावे ने 'भूदान आंदोलन'की शुरुआत कर देश को रास्ता दिखाया। इसके बाद जब देश के लोकतंत्र पर संकट आया तो इसी धरती के लाल जयप्रकाश नारारायण ने लोकतंत्र को बचा लिया था।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने करीब छह हजार छह सौ करोड़ रुपये लागत की योजनाओं का शिलान्यास और कुछ का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं कहीं न कहीं स्वच्छता से जुड़ी हुई हैं। आज की ये परियोजनाएं केंद्र सरकार के उस विजन का परिणाम है, जिसमें पूरे भारत का विकास निहित है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों को देखते हुए इन इलाकों में हाईवे, रेलवे, वाटरवे इन सभी का विकास तेज गति से हो रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री के पटना पहुंचने पर पटना हवाईअड्डे पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और राज्य के मंत्रियों ने उनका स्वागत किया।

गुर्दा मैच न करने के कारण जेटली का गुर्दा प्रत्यारोपण रद्द

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गुर्दा प्रत्यारोपण रद्द कर दिया गया है, क्योंकि दाता का अंग मैच नहीं कर पाया। जेटली गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए एम्स में तीन दिनों से सोमवार तक भर्ती रहे। अस्पताल के एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध के साथ मंगलवार को कहा, "दाता का गुर्दा जेटली के साथ मैच नहीं किया, जिसके कारण ऑपरेशन नहीं किया जा सका।"उन्होंने कहा, "वह नए दाता के साथ संभवत: एक हफ्ते बाद अस्पताल वापस आ सकते हैं।"जेटली को एम्स के कार्डियो-न्यूरो टॉवर में शुक्रवार को भर्ती कराया गया था। उन्हें दाता व खुद उनके बीच गुर्दा प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा के लिए कागजी कार्यवाही पूरा करने के बाद भर्ती किया गया था। दाता की पहचान उजागर नहीं की गई थी।

खड़गे ने लोकपाल बैठक का आमंत्रण फिर ठुकराया

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक के लिए केंद्र सरकार के 'विशेष आमंत्रण'को गुमराह करने वाला बताकर मंगलवार को एक बार फिर ठुकरा दिया।  लोकपाल और लोकायुक्त में 'विशेष आमंत्रण'के किसी प्रावधान के न होने का हवाला देते हुए खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र में कहा कि भागीदारी या मतदान के अधिकार के बिना बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है। खड़गे ने लिखा, "मुझे एक 'विशेष आमंत्रित'के तौर पर आमंत्रण, जिसमें भागीदारी, विचार दर्ज कराने और मतदान का अधिकार न हो, वह विपक्ष के विचारों गंभीर भागीदारी चाहने के बदले देश और देश की जनता को गुमराह करने वाला है।"उन्होंने लिखा, "देश की जनता को जानना चाहिए कि लोकपाल चयन समिति में लोकपाल अधिनियम की धारा 4(1) के तहत लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को शामिल करने के लिए लोकपाल अधिनियम में संशोधन न कर सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में साढ़े चार साल बरबाद कर दिए हैं।"खड़गे अधिनियम में संशोधन कर लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के एक नेता को चयन समिति में सदस्य बनाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान लोकपाल अधिनियम के तहत लोकसभा में विपक्ष का नेता लोकपाल चयन समिति का सदस्य बन सकता है। हालांकि वर्तमान लोकसभा में किसी भी राजनीतिक दल के पास कुल लोकसभा सीटों की 10 फीसदी सीटें नहीं हैं, जिसके कारण लोकपाल चयन समिति में उसका प्रतिनिधि सदस्य नहीं बन सकता। लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पास 48 सीटें हैं। इस मुद्दे पर खड़गे ने प्रधानमंत्री को दूसरी बार पत्र लिखा है। इससे पहले उन्होंने 28 फरवरी को भी मोदी को पत्र लिखा था।

सीबीआई ने रेलवे टेंडर अनियमितता मामले में राबड़ी से की पूछताछ

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पटना 10 अप्रैल, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज रेलवे टेंडर में अनियमितता बरतने के मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी से करीब चार घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां बताया कि ब्यूरो की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर गई और श्रीमती राबड़ी देवी से अकेले में करीब चार घंटे तक रेलवे टेंडर अनियमितता मामले में पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में श्रीमती राबड़ी देवी से कई सवाल किये गये जिसमें से वह अधिकांश का जवाब नहीं दे सकीं।  सूत्रों ने बताया कि श्रीमती राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई ने कोई छापा नहीं मारा है। उनके आवास पर कोई तलाशी भी नहीं हुई है। सिर्फ श्रीमती राबड़ी देवी से पूछताछ की गयी है।  सीबीआई की टीम जब श्रीमती राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही थी उस समय श्री यादव के छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी आवास परिसर में ही मौजूद थे। इसके कारण शुरुआती खबर में सूचना मिली थी कि सीबीआई ने श्री तेजस्वी यादव से ही पूछताछ की है। श्री लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री पद पर रहने के दौरान रेलवे टेंडर में अनियमितता बरते जाने के मामले में श्री यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव को भी सीबीआई ने अभियुक्त बनाया है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद श्रीमती राबडी देवी से सीबीआई की यह पहली पूछताछ है। इससे पहले सीबीआई पिछले साल अक्टूबर में श्री तेजस्वी यादव और श्री लालू प्रसाद यादव से दिल्ली में पूछताछ कर चुकी है।

उल्लेखनीय है कि श्री लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के झारखंड की राजधानी रांची और ओडिशा के पुरी स्थित दो होटलों के रखरखाव एवं विकास के लिए निकाले गये टेंडर में अनियमितता बरतने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने 05 जुलाई 2017 को श्री यादव, श्रीमती राबड़ी देवी और श्री तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज की थी। इसके महज दो दिन बाद 07 जुलाई को सीबीआई ने श्रीमती राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर छापेमारी की थी । इस मामले में श्री लालू यादव पर आरोप है कि उनके रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सुजाता होटल के मालिक कोचर बंधुओं को रांची और पुरी के होटल लीज पर दे दिया था। इसके एवज में कोचर बंधुओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को पटना के सगुना मोड़ में तीन एकड़ जमीन दी थी, जिस पर राजद अध्यक्ष श्री यादव के परिवार का शॉपिंग मॉल बन रहा था। बाद में इस जमीन को लारा प्रोजेक्ट्स को हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके निदेशक मंडल में उनके परिवार के सदस्य हैं। इस बीच राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सीबीआई पूछताछ की कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे पूर्वाग्रह से ग्रसित कार्रवाई बताया और कहा कि लालू परिवार पुत्र की शादी की तैयारी में व्यस्त है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दुर्भावना से सीबीआई के जरिये उनके घर पर छापेमारी करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि आखिर लोग कितना नीचे उतर सकते हैं यह इसी को दर्शाता है। राजनीतिक विरोध के कारण शुभ काम में विघ्न डाला जा रहा है।  श्री तिवारी ने कहा कि यह संयोग है या और कुछ, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों जब बिहार में एक साथ हैं तब केन्द्र सरकार का ‘तोता’ सीबीआई छापेमारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जान लें यह दाव उनके लिए उल्टा पड़ने वाला है। उन्होंने कहा,“वे जितना दमन करेंगे, हम उतना ही मज़बूत होंगे।” 

स्वच्छता अभियान से विकास को मिलेगी गति : नीतीश

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मोतिहारी 10 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वच्छता अभियान को जरूरी बताते हुये आज कहा कि इससे देश के विकास को और गति मिलेगी। श्री कुमार ने यहां गांधी मैदान में चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के समापन समारोह में ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ अभियान के तहत देशभर से आये स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करते हुये कहा कि इस तरह का स्वच्छता अभियान जरूरी है और इससे देश के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने आजादी के बाद देश में स्वच्छता की दिशा में ठीक से काम नहीं होने पर चिंता प्रकट करते हुये कहा कि इस दौरान स्वच्छता पर ठीक से अमल नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चंपारण के लोगों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूक बनाया। वह स्वच्छता पर जोर देते थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी के बाद यदि किसी ने स्वच्छता का मुद्दा उठाया तो वह समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया थे। उन्होंने 50 के दशक में ही कहा था कि यदि देश में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण हो जाए तो वह तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का विरोध करना छोड़ देंगे।

श्री कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार को ओडीएफ की दिशा में ले जाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश को ओडीएफ बनाने के लिए एक अभियान चलाया है। साथ ही हर घर में नल का जल, बिजली एवं पक्की गली-नाली उपलब्ध कराने के लिए भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि पीने का स्वच्छ पानी और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।  मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वच्छता के साथ-साथ हमें एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। प्रेम और सद्भाव के साथ ही देश आगे बढ़ सकता है, तनाव और टकराव से नहीं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य सरकार लोगों को खुले में शौच से मुक्त करेगी। जिस गरीब के पास शौचालय नहीं है, उनके लिए कई शौचालय एक साथ बनाने की हमारी योजना है। बिहार में शौचालय निर्माण के बाद प्रत्येक परिवार को शौचालय की एक चाबी दे दी जाती हैं। वहीं, शौचालय बनाने के लिए सरकार 8000 रुपये देती है और केंद्र से चार हजार रुपये मिलते हैं।”

श्री कुमार ने कहा, “गांधी जी के बिहार आगमन का आज 101वां साल है। हमारा संकल्प है कि हम घर-घर तक गांधी जी के विचारों को पहुंचाएंगे। गांधी जी का कथावाचन प्रत्येक स्कूल में कराया जाएगा। कथा संग्रह का काम पूरा कर लिया गया है। उनके विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराना है।” उन्होंने कहा कि यदि 10 से 15 प्रतिशत लोगों ने भी गांधी जी के विचारों को अपना लिया तो समाज और देश बदल जायेगा तथा हिंसा से छुटकारा मिल जाएगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, एस. एस. अहलुवालिया, बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि, वरीय पदाधिकारी, विशिष्ट अतिथि, स्वच्छता अभियान से जुड़े स्वच्छाग्रही एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

बिहार : देश को मिला सबसे शक्तिशाली विद्युत रेलइंजन

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मधेपुरा (बिहार) 10 अप्रैल, देश में अब 6000 टन सामान लेकर मालगाड़ी 120 किलाेमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से फर्राटे से हवा से बात करेगी तथा सुरक्षित अपना रास्ता तय करेगी जिससे पहले की तुलना में आधे से भी कम समय में सामान अपने गंतव्य तक पहुंच सकेगा ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के सहयोग से यहां स्थापित मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कारखाने को राष्ट्र को समर्पित किया । इसके साथ ही 12000 हार्सपावर के पहले ‘डब्ल्यूएजी 12’ इलेक्ट्रिक इंजन को रवाना किया। यह इंजन निर्माणाधीन समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) में चलेगा। इतने शक्तिशाली इंजन विश्व के कम ही देशों के पास हैं। श्री मोदी ने बाद में मोतिहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कारखाने के प्रथम चरण का आज लोकार्पण किया गया है। ये कारखाना दो कारणों से अहम है। एक तो ये मेक इन इंडिया का उत्तम उदाहरण है, और दूसरा, ये इस क्षेत्र में रोजगार का भी बड़ा माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा, “इस प्रोजेक्ट को 2007 में मंजूरी दी गई थी। मंजूरी के बाद आठ साल तक इसकी फाइलों में पावर नहीं आ पाई। तीन साल पहले राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने इस पर काम शुरू करवाया और अब पहला चरण पूरा भी कर दिया है।”

फ्रांस की एलस्टोम और भारतीय रेल के सहयोग से इस कारखाने की स्थापना की गयी है। इसमें एलस्टोम की 76 प्रतिशत और भारतीय रेल की 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है । इस इंजन से देश में माल ढुलायी में क्रांतिकारी बदलाव आने की आशा की जा रही है। करार के मुताबिक इस कारखाने में पांच इंजनों को असेम्बल किया जाएगा और 795 इंजनों का निर्माण किया जाएगा। अभी तक भारतीय रेलवे के पास सबसे शक्तिशाली 6000 हाॅर्स पावर वाला रेल इंजन डब्ल्यूएजी-9 है जो करीब साढ़े तीन हजार टन तक वजन की मालगाड़ी को तेज़गति से ले जा सकता है।  पहला इंजन निर्धारित समय इस वर्ष फरवरी में तैयार हो गया था। इस पहले इंजन का परीक्षण और रखरखाव उत्तर प्रदेश के सहारनपुर डिपो में होगा। इसका दूसरा इंजन अगले वर्ष निकलेगा। 

रेलवे पिछले साल ही मालगाड़ियों की गति बढ़ाने की तैयारी शुरु कर दी थी। रेलवे ने सिद्धांतिक तौर पर तय किया है कि वह मालगाड़ी को भी 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलाएगा ताकि जल्द से जल्द सामान पहुंचाने के लिए सड़क परिवहन व्यवस्था को टक्कर दी जा सके।  मालगाड़ियों के डिब्बों को भी नए सिरे से डिजाइन किया जाने पर भी सभी तैयारी कर ली गयी थी ताकि उन्हें भी 100 किलोमीटर की स्पीड पर चलाया जा सके। रेलवे का आकलन है कि अगले कुछ साल में उसके पास इतना ट्रैक होगा कि वह कुछ मार्ग पर मालगाड़ियों को भी एक सौ किमी की स्पीड पर चला सकेगा।

रेलवे अभी खाली मालगाड़ी को 75 और सामान से लदी हुई मालगाड़ी को 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलाता है। हालांकि, रेल लाइन पर भीड़भाड़ की वजह से फिलहाल मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 25 किलोमीटर प्रतिघंटा ही है। इस वजह से भी रेलवे को मालढुलाई के मामले में रोड ट्रांसपोर्ट सेक्टर से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है। एलस्टोम के भारत और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक एलेन स्पोहर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मधेपुरा स्थित संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया जाना और पहले इंजन को हरी झंडी दिखाना उनके लिए गौरव की बात है । उनकी कम्पनी भारतीय रेल के साथ मिलकर काम करने से अपने को गौरवान्ति महसूस कर रही है । उन्होंने कहा कि इस कारखानें की स्थापना से बिहार और इस क्षेत्र का औद्योगिक विकास हो सकेगा ।

रसेल के 11 छक्कों पर भारी पड़े बिलिंग्स, चेन्नई जीता

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चेन्नई, 10 अप्रैल, वेस्ट इंडीज के आंद्रे रसेल की 11 छक्कों से सजी नाबाद 88 रनों की तूफानी पारी पर सैम बिलिंग्स 56 का अर्धशतक भारी पड़ गया जिसकी बदौलत चेन्नई सुपरकिंग्स ने कोलकाता नाईट राइडर्स को मंगलवार रात रोमांचक मुकाबले में पांच विकेट से हराकर आईपीएल 11 में लगातार दूसरी जीत दर्ज की। कोलकाता ने छह विकेट पर 202 का मजबूत स्कोर बनाया जबकि चेन्नई ने 19.5 ओवर में पांच विकेट पर 205 रन बनाकर मैच जीत लिया। रवींद्र जडेजा ने पांचवीं गेंद पर विजयी छक्का मारा। शेन वाटसन ने 19 गेंदों पर तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 42 और अंबाटी रायुडू ने 26 गेंदों पर तीन चौकों और दो छक्कों के सहारे 39 रन की तेज तर्रार पारियां खेलीं। दोनों ने पहले विकेट के लिए मात्र 5.5 ओवर में 75 रन जोड़े। इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद चेन्नई की रन गति धीमी पड़ गयी। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 28 गेंदों में 25 रन बनाये लेकिन बिलिंग्स ने 23 गेंदों में दो चौके और पांच छक्के उड़ाते हुए चेन्नई को जीत की दहलीज पर ला दिया। जडेजा ने नाबाद 11 और ड्वेन ब्रावो ने पांच गेंदों में नाबाद 11 रन बनाकर चेन्नई को रोमांचक जीत दिला दी।

इससे पहले रसेल ने मात्र 36 गेंदों की अपनी आतिशी पारी में मात्र एक चौका और 11 जबरदस्त छक्के लगाए। उन्होंने पारी की आखिरी गेंद पर छक्का मार कर कोलकाता को 200 के पार पहुंचा दिया। कोलकाता की टीम 10 ओवर में अपने पांच विकेट मत्र 89 रन पर गंवा कर गहरे संकट में फंसी हुई थी लेकिन उसके बाद रसेल ने अंतिम 10 ओवरों में मैच का नक्शा ही बदल डाला। कोलकाता ने आखिरी 10 ओवर में 113 रन बटोर डाले। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे रसेल ने कप्तान दिनेश कार्तिक 26 के साथ छठे विकेट के लिए 76 रन और टॉम करेन के साथ सातवें विकेट की साझेदारी में मात्र 14 गेंदों में अविजित 37 रन जोड़ डाले और इस साझेदारी में करेन का योगदान मात्र दो रन था। सुनील नारायण 12, क्रिस लिन 22, रोबिन उथप्पा 29, नितीश राणा 16 और रिंकू सिंह दो रन बनाकर आउट हुए। शेन वाटसन ने 39 रन पर दो विकेट लिए जबकि हरभजन सिंह, रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर को एक एक विकेट मिला। रसेल ने सबसे ज्यादा पिटाई अपने देश के ड्वेन ब्रावो की की जिनके तीन ओवर में 50 रन पड़े। 

कर्नाटक चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं : कांग्रेस

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नयी दिल्ली 10 अप्रैल, कांग्रेस ने आज स्पष्ट किया कि पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की कोई सूची जारी नहीं की है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के कर्नाटक महासचिव के सी वेणुगोपाल ने यहां एक बयान में कहा कि सोशल मीडिया पर पार्टी उम्मीदवारों के नामों की सूची संबंधी फर्जी प्रेस रिलीज प्रसारित किया गया है। उन्होंने कहा, “ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह फर्जी प्रेस रिलीज है और इसे कांग्रेस ने जारी नहीं किया है। उम्मीदवारों की सूची को लेकर चयन समिति की बैठकें चल रही है। ” श्री वेणुगोपाल ने कहा , “ चुनाव उम्मीदवारों की कोई भी सूची पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद ही जारी की जायेगी और अभी तक केंद्रीय समिति की कोई बैठक नहीं हुई है।

‘कावेरी विवाद निपटारे के लिए सरकार जल्द योजना लायेगी’

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नयी दिल्ली, 10 अप्रैल, केंद्रीय जल संसाधन एवं गंगा पुनरुद्धार राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि सरकार कावेरी जल विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए जल्द ही एक योजना बना रही है। श्री मेघवाल ने आज यह जानकारी ऐसे समय दी है जब पिछले सप्ताह संसद का बजट सत्र समाप्त हुआ है, जिसमें अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर प्रत्येक दिन जबर्दस्त हंगामा किया, जिससे सदन सुचारू रूप से नहीं चल सका। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी के बीच जल विवाद को निपटाने के लिए सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप यह योजना बनाने का निर्णय लिया है अौर इसे मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जायेगा। इसके बाद ही उच्चतम न्यायालय में सरकार इसे प्रस्तुत करेगी।  गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि इस जल विवाद को सुलझाने के लिए एक बोर्ड का गठन करे और उसके जरिये इस समस्या का समाधान हो। न्यायालय ने इस योजना को प्रस्तुत करने के लिए सरकार को तीन मई तक का समय दिया है।  श्री मेघवाल ने बताया कि उन्होंने जल विवाद से जुड़े राज्यों के मुख्य सचिवों और जल संसाधन सचिवों से बातचीत की है और सरकार द्वारा अदालत में पेश की जाने वाली योजना के बारे में उनसे उनकी राय ली है। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड के गठन के बारे में सदस्यों के चयन को लेकर सरकार सम्बद्ध राज्यों से विचार विमर्श करेगी।  गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गत 16 फरवरी को कावेरी नदी जल विवाद मामले में फैसला सुनाया था और केंद्र को छह सप्ताह के भीतर एक जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था। इसकी अवधि समाप्त होने के बाद तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया है। अन्य राज्यों ने भी अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

अगली पीढ़़ी को स्वच्छ वातावरण सौंपना हमारी जिम्मेदारी : सुमित्रा महाजन

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our-responsibility-to-entrust-a-clean-environment-to-the-next-generation-mahajanइंदौर, 10 अप्रैल, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि अगली पीढ़ी को विरासत के रूप में स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु और स्वच्छ भूमि सौंपना हमारी जिम्मेदारी है। श्रीमती महाजन ने आज इंदौर में भारत सरकार, जापान सरकार, संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र, मध्यप्रदेश सरकार, इंदौर नगर निगम और सी आई आई के संयोजन में आयोजित एशिया और प्रशांत क्षेत्र की आठवीं थ्री-आर फोरम की तीन दिवसीय बैठक के उद्घाटन के अवसर पर यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने शहरीकरण और आधुनिकीकरण विकास के लिए भूमि, जल और वायु को प्रदूषण और अत्यधिक दोहन से बचाने पर भी ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में उत्सर्जित हो रहे कचरे का निपटान करने के लक्ष्य को हम थ्री-आर यानि रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के मंत्र को अपनाकर प्राप्त कर सकते हैं, जो प्रकृति से जितना लिया, उससे ज्यादा लौटाने के धर्म का पालन करने की हमारी संस्कृति और जैव विविधता के सरंक्षण की अवधारणा पर आधारित है। श्रीमती महाजन ने कहा कि रिड्यूस का अर्थ अपना लालच, दोहन की रफ़्तार और जरूरतें कम करने से लगाया जाना चाहिए, रियूज का तात्पर्य प्राकृतिक संसाधनों के पुनः इस्तेमाल से है, जैसे पेयजल के पाइप के अलावा इस्तेमाल किये हुए पानी के पुनः इस्तेमाल के लिए भी एक पाइप लाइन होना चाहिए। श्रीमती महाजन ने इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए समाज और सरकार के साझा प्रयासों का उदहारण देते हुए कहा कि घर, मोहल्ले, नगर, शहर. प्रदेश और देश को स्वच्छ बनाने के लिए जनता की सहभागिता और सहयोग जरूरी है।  लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कचरा ऊर्जा उत्पादन, खाद निर्माण, सड़क निर्माण का बेहतर साधन है। हम कचरे को कचरा धन मानकर रिसाइक्लिंग करके बहुत से कामों में ले सकते है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि थ्री-आर फोरम की तीन दिवसीय बैठक में अपशिष्ट प्रबंधन के सामाजिक, आर्थिक, और अन्य पहलुओं पर सार्थक तथा उपयोगी चर्चा होगी।

चेलमेश्वर ने फिर की कॉलेजियम में पारदर्शिता की वकालत

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नयी दिल्ली, 10 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर ने एक बार फिर कॉलेजियम व्यवस्था में ज्यादा पारदर्शिता लाने की वकालत करते हुए कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के प्रदर्शन के बजाय उनके प्रति आम धारणाओं पर ध्यान दिया जाता है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ‘अप्वाइंटमेंट ऑफ जजेज टू द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया : ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी एंड इनडिपेन्डेंस’ किताब के विमोचन के अवसर पर सोमवार देर शाम आयोजित एक चर्चा के दौरान कहा कि कॉलेजियम की बैठकों में किसी नाम पर विचार करते वक्त आकलन की प्रकृति थोड़ी ज्यादा पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने ‘द इंडियन हायर ज्यूडिशरी: इश्यूज एंड प्रोस्पेक्ट्स’ विषयक पैनल चर्चा में कहा कि चयन प्रक्रिया में शामिल प्राधिकारों को आगे आने वाली समस्याओं को खत्म करने के लिए और अधिक पारदर्शिता के वास्ते प्रयास करना चाहिए।  न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठाते हुए बदलाव की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि किसी स्थानीय न्यायालय को इसलिए उस राज्य के उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया जाता है, क्योंकि वह स्थानीय मसलों से प्रभावित होगा। उन्होंने कहा, “अगर यही आधार है, तो मुख्यमंत्रियों के भी तबादले होने चाहिए।” न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के नेतृत्व में ही शीर्ष अदालत के तीन अन्य न्यायाधीश गत वर्ष दिसम्बर में एक प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तरीके और अन्य न्यायाधीशों को आवंटित किये जाने वाले न्यायिक कार्यों अर्थात् रोस्टर व्यवस्था पर सवाल खड़े किये थे।

विशेष आलेख : राजनीति की शिकार राजबाला का संघर्ष

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हरियाणा में मेवात के शाहपुर पंचायत की सरपंच हैं राजबाला। राजबाला आशा कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 2015 के चुनावों में सरपंच के पद पर चुनाव लड़ा व जीता हासिल की। राजबाला के पति इस दुनिया में नहीं हैं। इस कारण परिवार के चार सदस्यों के पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।  राजबाला सरपंच के अलावा एक आशा कार्यकर्ता के तौर पर भी काम करती हैं जिससे उनके परिवार का खर्चा चलता है। राजबाला के परिवार की मासिक आय 11 हज़ार रूपये महीना है। शाहपुर पंचायत में तीन गाँव हैं- शाहपुर, खेड़ा कला, और बदोपुर। पंचायत की कुल आबादी लगभग 1300 से 1400 के बीच हैं।
                    
राजबाला को सरपंच बनने के दो बरस बाद आठवीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र के आरोप में बर्खास्त कर दिया। यह आरोप उन पर उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बीरमती ने लगाया था। राजबाला छह महीने बर्खास्त रहीं और इस बीच उन्होंने न्याय के लिए अदालत में लड़ाई लड़ी और विजयी हुईं। अपने इस 2 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने गांव के विकास के लिए अनेक काम किये। ग्राम पंचायत शाहपुर के तीनों गांवों खेड़ा कला, बदोपुर और शाहपुर में पक्के रास्ते बनवाए। ग्वालों के गांव में पानी की समस्या को सुलझाया और हैंडपंप और नल लगवाए, तालाब खुदवाया। विधवाओं और विकलांगों के लिए पेंशन बंधवाई। महिलाओं में घूंघट के खिलाफ अभियान चलाया। गांव में दी जा रही गलत वृद्धावस्था पेंशन को बंद करवाया? गांव में बालिकाओं व उनके अभिभावकों को प्रेरित करके गांव के स्कूल में दाखि़ला कराया।

चुनाव के बाद राजबाला पंचायत में समुदाय के फायदों के लिए काम कर रही थीं। इसी बीच गांव में उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बीरमती ने उन पर उनके आठवीं कक्षा के प्रमाण पत्र को झूठा बताते हुए उनको सरपंच पद से हटवा दिया। मामले की जांच किये बगैर उनको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंच गयी। उन्होंने किसी तरह अपने को बचाया और अगले दिन थाने पहुंचीं। राजबाला ने अपने स्कूल और डीओ आफिस से अपनी शिक्षा का प्रमाण पत्र निकलवाया और कोर्ट में अपनी बेगुनाही साबित की। राजबाला कहती हैं कि उनके साथ यह सब पंचायत के राजनैतिक समीकरणों के अलावा स्थानीय राशन डिपो के खिलाफ गड़बड़ियों पर एक्शन लेने की वजह से हुआ है। कोर्ट के निर्णय के बाद राजबाला को उनका चार्ज वापस मिल गया है। इस केस के चलते पंचायत का काम छह माह तक प्रभावित रहा और विकास कार्य रूक गए। राजबाला भी राजनैतिक समीकरणों और पितृसत्तात्मक व्यवस्था के षडयंत्र की शिकार हुई हैं। लेकिन अपने जुझारूपन और बहादुरी से उन्होंने अपने सम्मान और स्थान को वापस पाया है। राजबाला के भविष्य की योजनाओं में पंचायत में 12वीं कक्षा का स्कूल, लड़कियों के लिए सिलाई सेंटर और स्वास्थ्य केन्द्र खुलवाने की प्रमुखता है। 
                      
राजबाला पंचायत चुनाव में प्रतिभाग करने में शिक्षा के मानक को लेकर बहुत संतुष्ट नहीं हैं। वह कहती हैं कि महिलाओं की शिक्षा के लिए बहुत सारी स्थितियां जिम्मेदार हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता के नियम का खामियाज़ा पंचायत चुनाव में इच्छुक बहुत सी महिला उम्मीदवारों के आगे बाधा बना है। लिहाज़ा पंचायत में चुनाव शैक्षिक योग्यता के नियम की वजह से बहुत सी चुनाव लड़ने के इच्छुक महिलाएं चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकीं। काफी मामलों में पंचायत का चुनाव जीतने के बाद काफी लोगों ने इस कानून का फायदा उठाते हुए चुने हुए महिला प्रतिनिधियों को प्रताड़ित करने के लिए भी इसका दुरूपयोंग किया ताकि वह अपना पद छोड़ दे। राजबाला इसका जीता जागता उदाहरण हैं। राजबाला कहती हैं कि शिक्षित होना एक मजबूती है मगर सब कुछ शिक्षा ही नहीं है। पंचायत के कामों के लिए राजबाला की नज़र में समझ और इच्छा होना भी ज़रूरी है। 




(मुफीद खान)

बिहार : नालंदा जिले की रिंकु कुमारी भी सम्मानित

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पटना. परमार्थ निकेतन के संचालक हैं परम सम्मानित स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज.उन्होंने सभी धर्मों के धर्मगुरूओं के साथ मिलकर ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस 'जीवा'. बता दें कि जीवा ने जल व स्वच्छता को मुद्दा बनाकर कार्य शुरू किया. एक  भव्य ट्रक को पोस्टरों से सजाया. जल व स्वच्छता पर कार्यशील धर्मगुरूओं का पोस्टर लगाया गया. इसे 'वॉश ऑन व्हील 'कहा जाता है. वॉश ऑन व्हील के जरिये पटना जिले के दीघा घाट में भगवान शंकर, गंगा मइया और सरस्वती माता की मुख्य भूमिका से निर्मित कठपुतली खेल दिखायी गयी.इसके बाद पटना जिले के मोकामा, नालंदा जिले के हरनौत,राजगीर , बिंद और चण्डी प्रखंडों  के सभी पंचायतों में खुले में शौच नहीं करने का संदेश व कठपुतली की खेल दिखायी गयी. इसके बाद आज मोतिहारी में 'वॉश ऑन व्हील'का सफल प्रदर्शन किया गया. कलाकारों में राकेश रोशन, रामस्वरूप मांझी,संदीप कुमार, अरविंद कुमार राज,मुकेश कुमार व धनंजय कुमार थे. मोतिहारी के आयोजकों ने जीवा से डॉ. साकेत को स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया.  इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्याग्रह से स्वच्छाग्रही सम्मान से रिंकु कुमारी को सम्मानित किया गया.नालंदा जिले के रहने वाली रिंकु कुमारी को शॉल और स्मृति-चिन्ह के साथ 51 हजार रू.दिया गया. 

मधुबनी : मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा भूख हड़ताल शुरू किया गया !

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 11 अप्रैल, आज दिनांक 11 अप्रैल को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्रों ने केंद्रीय विद्यालय के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू किया भूख हड़ताल को संबोधित करते हुए मधुबनी जिला अध्यक्ष शशि अजय झा ने कहा कि बिहार के बड़े जिलों में से एक दरभंगा प्रमंडल के विभाजन के बाद मधुबनी जिला के हिस्से में आज तक केंद्रीय विद्यालय का न होना बड़े दुर्भाग्य की बात है जिससे मधुबनी जिला का शिक्षा चौपट हो चुकी है ! वहीं प्रिये रंजन ने कहा कि देश का 37वां सबसे बड़ा जिला बिहार का जनसँख्या के हिसाब से तीसरा क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा बड़ा जिला होने के बावजूद केंद्रीय विद्यालय के नाम पर अब तक कुछ नही है जबकि सीमांकन के आधार पर यहां दो केंद्रीय विद्यालय होना चाहिए विगत दो वर्षों से मिथिला स्टूडेंट यूनियन लगातार सरकारी अधिकारियों से वार्ता करती रही है लेकिन सरकारी उदासीनता को देखते हुए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का निर्णय लिया है कि जबतक हमारी मांगे मानी नही जाएगी तबतक हम लोग आंदोलनरत रहेंगे ! प्रवक्ता विजय श्री टुन्ना ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय का मुद्दा छात्रों से जुड़ा है और इसको लेकर के विगत कई वर्षों से Msu  सँघर्ष करती आ रही है आज छात्रों की उपलब्धता को देखते हुए एक बार फिर Msu ने आंदोलन का रुख किया है जो इस बार भूख हड़ताल के रूप में है ! जबतक केंद्रीय विद्यालय की जमीन अधिग्रहण एंव जगह का नाम सार्वजनिक करें ! कालेज प्रभारी मयंक विश्वाश ने कहा कि आज मधुबनी को केंद्रीय विद्यालय की सख्त जरूरत है और वो सरकार देने में नाकाम हो रही है अब इस दिशा में Msu ने निर्णय किया है कि जबतक हमारी मांगो को नही माना तो ऐसे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी ! जिला प्रधान सचिव ने कहा कि मिथिला स्टूडेंट यूनियन पिछले तीन सालों से लगातार मधुबनी में केंद्रीय विद्यालय के लिए संघर्षरत है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के तरफ से कोई भी कदम नही उठाया जा रहा है और केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उपेक्षा अब बर्दास्त योग्य नही है इसीलिए जिला टीम Msu द्वारा आज से भूख हड़ताल शुरू किया है ! भूख हड़ताल कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर अध्यक्ष विजय घनश्याम ने किया और भूख हड़ताल पर बैठे सेनानी को माला पहनाकर हौसला अफजाई किया ! भूख हड़ताल में शामिल सेनानी सुमित सिंह नीतीश मिश्रा शुभकान्त झा राहुल चौधरी सुजीत यादव सचिन झा मनोहर झा उपस्थित थे !

विशेष आलेख : सत्ता की तड़प और विरोधी दलों की राजनीति

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भारतीय राजनीति कब किस समय कौन सी करवट बैठेगी, यह कोई भी विशेषज्ञ अनुमान नहीं लगा सकता। अगर इसका अनुमान लगाएगा भी तो संभव है कि उसका यह अनुमान भी पूरी तरह से गलत प्रमाणित हो जाए। हमारे देश में लम्बे समय तक सत्ता पक्ष की राजनीति करने वालों राजनेताओं के लिए यह समय वास्तव में ही अवसान काल को ही इंगित कर रहा है, अवसान इसलिए, क्योंकि उनके पास अपने स्वयं के शासनकाल की कोई उपलब्धि नहीं है। अगर उनका शासन करने का तरीका सही होता तो संभवत: उन्हें इस प्रकार की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। कांग्रेस आज भले ही अपनी गलतियों को वर्तमान सरकार पर थोपने का काम करे, परंतु इस बात को कांग्रेस भी जानती है कि वह केन्द्र सरकार का विरोध न करे तो उसके पास राजनीति करने के लिए कुछ भी नहीं है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद देश में सबसे ज्यादा शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी की इतनी दयनीय स्थिति क्यों बनी, इसका अध्ययन किया जाए तो यही सामने आता है कि इस स्थिति के लिए कांग्रेस के नेता ही जिम्मेदार हैं। कांग्रेस ने प्रारंभ से ही विविधता में एकता के सूत्र को स्थापित करने वाली परंपरा पर राजनीतिक प्रहार किया, एक प्रकार से कहा जाए तो कांग्रेस ने विविधता को छिन्न भिन्न करने की राजनीतिक चाल खेली। यही चाल वह आज भी खेलती हुई दिखाई दे रही है। समाज में विभाजन की खाई को पैदा करने वाले राजनीतिक दल भले ही इस नीति पर चलकर शासन करते रहे, लेकिन देश की जो तस्वीर बनी, वह बहुत ही कमजोर चित्र को दर्शा रही है।

गांधी की विरासत को गले से लगाने वाली कांग्रेस आज उन्ही के सिद्धांतों से भटकती हुई दिखाई दे रही है। गांधी जी ने कहा था कि मैं एक ऐसे भारत का निर्माण करुंगा, जिसमें कहीं भी ऊंचनीच का भाव नहीं हो, साम्प्रदायिकता का अभाव हो, गौहत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध हो और शराब बंदी हो। लेकिन आज हम क्या देखते हैं कांग्रेस ने गांधी के सिद्धांतों को निर्मूल साबित कर दिया। आज की कांगे्रस ने समाज को वर्गों में बांटकर राजनीति की, इससे समाज में ऊंचनीच का भाव पैदा हुआ, इसी प्रकार गौहत्या का खेल कांग्रेस खुलेआम रुप से खेलती हुई दिखाई दे रही है। केरल में जो कुछ हुआ वह हमने प्रत्यक्ष रुप से देखा। हालांकि बाद में भले ही कांग्रेस ने गौहत्या करने वाले कांग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया, लेकिन क्या वे अपने आपको कांग्रेस से बाहर का मानते हैं? सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस दिखावे की राजनीति करती है, मन में कुछ और ही चल रहा होता है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को तो कई बार उपहास का पात्र बनते हुए पूरे भारत वर्ष ने देखा है, लेकिन अब कांग्रेस भी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उपहास का पात्र बनती जा रही है। समाज की नजरों से बहुत दूर जा चुकी कांग्रेस अपने आपको जनहितैषी साबित करने के लिए दम खम से प्रयास कर रही है, लेकिन यह दिखावे की राजनीति ही उसकी पोल खोलने का काम भी कर रही है। इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस के नेता जो दिखाते हैं, सत्यता उससे बहुत दूर है। अभी हाल ही में कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली के राजघाट पर उपवास की राजनीति की, वह भी ऐसे स्थान पर जहां के वातावरण में महात्मा गांधी के विचार प्रवाहित हैं। उपवास महात्मा गांधी के लिए एक सात्विक प्रक्रिया का हिस्सा है। इस स्थान पर कांग्रेस के नेताओं ने खूब पेट भरकर उपवास की राजनीति करके देश के साथ बहुत बड़ा मजाक किया है। इससे देश में यही संदेश गया है कि कांग्रेस के नेताओं को उपवास का वास्तविक मतलब भी नहीं पता है। सोशल मीडिया पर जारी हुई एक पोस्ट से तो यही लग रहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने छोले बटूरे खाकर उपवास की राजनीति की। कांगे्रस भले ही अपने आपको अच्छा दिखाने का प्रयास कर रही हो, लेकिन उसके अंदर की भावना सामने आ ही जाती है, इससे कांग्रेस की पोल भी सामने आ जाती है।

इसी प्रकार हम यह भी जानते हैं कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की सारी सीमाओं को तोड़ते हुए यहां तक कह दिया कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। कांगे्रस की यह राजनीति सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली नहीं तो और क्या कही जाएगी? इसी प्रकार कांग्रेस के शासन काल में भगवान राम द्वारा बनाए गए रामसेतु को तोड़ने का भरसक प्रयास किया, सरकार की ओर से न्यायालय में दिए गए शपथ पत्र में कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि भगवान राम एक काल्पनिक पात्र हैं, वे तो पैदा ही नहीं हुए थे। इस प्रकार की सोच रखने वाली कांग्रेस को भारत विरोधी कहना न्याय संगत ही कहा जाएगा। देश से लगातार सिमटती जा रही कांगे्रस के बारे में यही कहना समुचित होगा कि आज वह छटपटा रही है। सत्ता प्राप्त करने के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है, लेकिन उनके यह प्रयत्न सकारात्मक न होकर नकारात्मक ही कहे जाएंगे। अब कांग्रेस ने एक ऐसी राजनीति की है जो आग में घी डालने जैसा ही कहा जाएगा। कांग्रेस के शासनकाल में उपेक्षा के दंश को भोगने वाले समाज को शेष समाज से अलग करने की राजनीति की जा रही है। कांग्रेस ने जितने वर्षों तक देश में शासन किया, उतने वर्षों में अगर ईमानदारी से इस समाज को आगे लाने का काम किया होता तो आज समाज में असमानता नहीं होती। इसके विपरीत वर्तमान नरेन्द्र मोदी की सरकार ने प्रारंभ से ही कहा है कि उनकी सरकार सबका साथ सबका विकास की अवधारणा पर काम करने वाली सरकार है। उनकी सरकार में किसी का भी तुष्टिकरण नहीं किया जाएगा। ऐसा हो भी रहा है। लेकिन विरोधी पक्ष के राजनीतिक दल केवल इसलिए ही मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि केन्द्र सरकार अगर सबका विकास कर देगी तो फिर राजनीति कैसे होगी? विरोधी दल के नेता केवल इतना ही सोचकर वर्तमान केन्द्र सरकार को घेर रहे हैं, जबकि यह कमजोरी पूरी तरह से पहले की सरकारों की देन है। ऐसी राजनीति करना ठीक नहीं है।

देश में कांग्रेस की नीति पर चलने के लिए अन्य राजनीतिक दल भी आतुर दिखाई दे रहे हैं। उसमें बहुजन समाज पार्टी की मायावती तो धनवान होने के बाद भी अपने आपको वंचित समाज का हितैषी मानने का दिखावा कर रही हैं। उन्होंने साफ कहा है कि भाजपा आग से खेल रही है। उनके बयान के अनुसार वह आग लगाने वाले कौन हैं, जिनसे भाजपा खेल रही है। हम जानते हैं कि जिन लोगों ने भारत बंद किया, वह मोदी सरकार के विरोध में ही था, उनको यह अवश्य ही जानना होगा कि कानून के दुरुपयोग को रोकने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय का है, फिर मायावती केन्द्र सरकार पर आरोप क्यों लगा रही हैं। क्या वे देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही हैं। जबकि अपने मुख्यमंत्री काल में मायावती ने स्वयं ही कहा था कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है, जिसे रोका जाना चाहिए, अब रोकने की कवायद हो रही है तो वे विरोध में खड़ी दिखाई दे रही हैं। इससे यह भी साबित होता है कि मायावती समय के अनुसार ही राजनीति करती हैं, इसमें कोई सिद्धांत नहीं है। विरोधी दलों के लिए सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि उन्हें वर्तमान सरकार में कोई खामी दिखाई नहीं दे रही, इसलिए स्वयं मुद्दे खड़ा करके केन्द्र सरकार पर आरोपित करने की राजनीति ही की जा रही है। ऐसी राजनीति देश के स्वास्थ्य के लिए कतई ठीक नहीं कही जा सकती, ऐसी राजनीति से बचना ही चाहिए।




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सुरेश हिन्दुस्थानी, पत्रकार
लश्कर ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
मोबाइल-09770015780
(लेखक वरिष्ठ स्तंभ लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)
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