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बिहार : छात्र हड़ताल का गहरा असर,

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  • आक्रोशित छात्रों ने पटना विश्वविद्यालय गेटतोड. कर्मचारियों शिक्षकों को बाहर निकाले .मगध विश्ववविद्यालय के कॉलेज में  भी प्रदर्शन व बंदी, अरविंद महिला में  प्रचार्या को बंधक बनाया!

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पटना 13 अप्रैल 2018, पटना विश्वविद्यालय में  9 अप्रैल को बर्बर लाठीचार्ज, सेना के अफसरों को कुलसचिव  बनाने, रिक्त स्थानों पर शिक्षक कर्मियों कि बहाली , एकेडमिक कैलेंडर लागू करने एंव परीक्षाफल कि गड़बड़ी को दूर करने की  मांग करने को लेकर बुलाये गए छात्रहड़ताल का पटना विश्वविद्यालय पर गहरा असर रहा. वहीं मगध विश्वविद्यालय के अरविन्द महिला कॉलेज में  छात्रों ने प्रचार्या को बंधक बना लिया. बी.डी कॉलेज एंव कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट एंव सायंस को भी बंद करवाया। एआईएसएफ,आइसा, जनअधिकार छात्र परिषद, छात्रजदयू, एन.एस.यू आई, छात्र राकंपा, एस.एफ.आई, ए.आई.डी.एस.ओ.,पीडीएसएफ, दिशा, के द्वारा आहुत राज्यव्यापी छात्र हड़ताल का गहरा असर रहा. प्रदर्शनकारी छात्रों ने परीक्षाओं को बंद से बाहर रखा था। आक्रोशित छात्रों ने पटना विश्वविद्यालय मुख्यालय गेट पर लगी जंजीर को तोड़ दिया और छात्रों के समर्थन में  कर्मचारी बाहर निकल गए और मुख्यालय में  चल रहे कामकाज को ठप्प किया.प्रदर्शनकारी छात्र लॉ कॉलेज से जूलूस की  शक्ल में  बाहर निकाले. सॉयंस कॉलेज , पटना कॉलेज, दरभंगा हाउस, वाणिज्य माहाविद्यालय में  चल रहे कक्षाओं को बंद करादिया.वहीं पटना ट्रेनिंग कॉलेज , मगध महिला कॉलेज व पटना आर्ट कॉलेज में  भी प्रदर्शन हुआ। मगध विश्वविद्यालय में  स्नातक द्वितीय खण्ड के परीक्षा में  व्यापक गड़बड़ी के खिलाफ अरविन्द महिला कॉलेज प्रचार्या पूनम चौधरी को बंधक बनाया तथा अरविन्द महिला गेट पर छात्रहड़ताल के समर्थन में  नारा लगाये. प्रचार्या ने 17 को छात्रों के  मसले को लेकर कुलपति समक्ष रखने का भरोसा दिया।

एआईएसएफ राज्यसचिव सुशील कुमार, आइसा राज्यअध्यक्ष  मोख्तार, पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ संयुक्त सचिव आजाद चाँद, छात्र जदयू के प्रदेश उपाअध्यक्ष शादाब  आलम, एन.एस यू आई के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभात चंद्रवंशी, एस.एफ.आई के प्रदेश अध्यक्ष दीपक वर्मा, जनअधिकार  छात्र परिषद के पी यू अध्यक्ष नीरज कुमार, एआईडीएसओ के निकोलाई शर्मा ने कहा कि 9 अप्रैल के बर्बर पुलिस दमन के खिलाफ छात्रों का गहरा आक्रोश है। फर्जी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर शपथ दिलवाया. पीयू  कुलपति यथाशीघ्र हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर कार्यवायी करे अन्यथा उग्र प्रदर्शन जारी रहेगा। पुरे मसले में  राज्य भवन हस्तक्षेप करे शीघ्र कार्यवायी न होने पर आक्रोश और बढ़ेगा. अरविन्द महिला कॉलेज के प्रदर्शन का नेतृत्व ए.आई.एस.एफ के राज्य उपाध्यक्ष सुशील उमाराज  व अरविन्द महिला कॉलेज की  नेत्री  सोनी कुमारी ने किया. वहीं कॉलेज ऑफ कॉमर्स में ए.आई.एस.एफ के राज्यसहसचिव रंजीत पंडित, राहुल कुमार, मीर सैफ, जनअधिकार  छात्र परिषद के विकास बॉक्सर, छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग कुमार ने किया, वहीं बी.डी कॉलेज को भी बंद करवाया.मगध महिला में  ए.आई.एस.एफ की  नेत्री  भाग्यभारती  , छात्र जदयू के संगीता शर्मा ने नेतृत्व किया। प्रदर्शन में  सुभाष पासवान, अभिषेक राज, रामजी यादव, शुभम फैज अख्तर, मनीष यादव, अंबूज पटेल, आकाश, मिन्हाज , कर्मवीर, आर्यन, सन्नी, राजहिमांशु, दीपक, भूषण सहित सैंकड़ों छात्र- छात्राएं  मौजूद थे।

विशेष : दलित नहीं खुद के उत्थान चाहते है राजनेता

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हाल के दिनों में राजनेताओं के लिए ‘रामबाण‘ साबित हो रहे बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने को लेकर होड़ मची है। कल तक जो उनके विचारों को नहीं मानते थे, वे आज सत्ता की खातिर उनके समर्थकों से गलबहियां कर रहे हैं। पीएम मोदी 14 अप्रैल को अंबेडकर जंयती के मौके पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर से विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना- ‘आयुष्मान भारत मिशन‘ की शुरुआत करेंगे। हालांकि इसके पहले भी मायावती से लेकर कांग्रेसी नेताओं ने भी बाबा साहेब के नाम पर दर्जनों विकास योजनाएं चलाई है, लेकिन दो चार प्रतिशत को छोड़ दे तो आज भी दलितों का विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर कब तक नेता अंबेडकर के नाम पर राजनीतिक रोटी सेकते रहेंगे। या यूं कहे अंबेडकर एक आदर्श या बस एक ‘‘प्रतीक‘ है या नेताओं में लड़ाई विचारों की है या सबकुछ सिर्फ और सिर्फ उनके अनुयायियों के वोट लेने तक ही सीमित है? 
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फिरहाल, हो जो भी सच तो यही है कि महात्मा गांधी के बाद अगर सबसे कोई चर्चित व्यक्ति है तो वह संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ही है। हर राजनीतिक पर्टिया उनके विरासत एवं सिद्धांतों को हथियाने के लिए पूरी ताकत झोक रखी है। कोई उनकी जयंती मनाने की प्रतिस्पर्धा में जुटा है तो कोई उनके नाम पर नई नई योजनाओं की घोषणाएं करने की प्लानिंग की है। लेकिन अगर इन नेताओं की जन्मकुंडली पर नजर दौड़ाई जाएं तो सबके सब उनके विचारों व आदर्शो के विपरीत ही अपनी अपनी ढपली बजा रहे हैं। बाबा साहेब के निधन को 60 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन आज भी केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी से लेकर कांग्रेस जैसे सबसे पुराने तथा बीएसपी, आरपीआई जैसे क्षेत्रीय दलों ने तकरीबन हर चुनाव में लंबी लंबी योजनाओं की घोषणाएं तो की लेकिन दलित समाज का उतना उत्थान नहीं हो सका जिसकी वे हकदार थे। इसकी बड़ी वजह है राजनेताओं द्वारा अंबेडकर के आदर्शो व सिद्धांतों की लगातार उपेक्षा। ऐसा इसलिए क्योंकि अंबेडकर का मूल दर्शन भारत में जातिविहीन समाज की स्थापना करना था। लेकिन राजनेता भारत को जातियों के टुकड़ो टुकड़ों में बांटना ही अपनी महानता मानते हैं। वोट की खातिर जातियों को टुकड़ों टुकड़ों में बांटने का ही परिणाम है जगह जगह जातिय हिंसा। और यह हिंसा इतना भवायवह हो चुका है कि अब देश के अलग-अलग हिस्सों में भीम राव अंबेडकर की ही प्रतिमाएं तोड़ी जा रही है। मतलब साफ है चाहे मायावती हो या कोई और सबके सब सुविधानंसार अपने अपने तरीके से जाति का ही प्रयोग कर रहे है। चुनाव के समय जब उम्मींदवारों से प्रतिवेदन मंगाएं जाते है तो उसकी जाति ही प्रमुखता से देखी जाती है। नेता भी साक्षात्कार के समय उसके जाति को ही केन्द्र मानकर उम्मीदवारी का मुल्यांकन करते हैं। कहा जा सकता है जबतक जातिप्रथा की बयार बहती रहेगी वक्त वक्त पर देश की राष्ट्र विरोधी श क्तियां देश को आंदोलन की आग में झोकने से बाज नहीं आयेगी। 

बता दें, राजनीति में अगर सबसे ज्यादा अगर किसी ने जातियता का दंश झेला है तो वह 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के एक दलित परिवार में जन्मे अंबेडकर ही थे। असाधारण प्रतिभा के होने के बावजूद जिंदगी भर उन्हें अस्पृश्यता का ही सामना करना पड़ा। बचपन में स्कूल जाने से लेकर 1923 में जब वे विदेश से उच्च शिक्षा ग्रहण भारत लौटे तब भी उन्हें जातियता का ही जहर घूट घूट कर पीना पड़ा। तभी से बाबा साहेब ने दलितों को बराबरी का हक दिलाने को अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य बना लिया। उन्होंने कई किताबें लिखीं और हिंदू धर्म की कुरीतियों पर प्रहार किया। इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं भी घटीं जिसके चलते उन्हें ऊंची जातियों का तगड़ा विरोध झेलना पड़ा। लेकिन खुशी है कि देर से ही सही अब उनके सपनों के भारत को साकार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीड़ा उठाया है। मोदी लगातार अंबेडकर के नाम के साथ सकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। देशभर में दलितों को लेकर मचे राजनीतिक संग्राम के बीच मोदी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन गरीबों व दलितों की हितैषी साबित करने के लिए एक नई पहल करेंगे। अंबेडकर जयंती के दिन से सरकार इस साल के बजट में घोषित सबसे चर्चित स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत‘ की शुरुआत करेगी। कहा जा रहा है कि इस योजना से देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। इस योजना से कुल 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना का लाभ गरीबों और वंचितों को मिलने के दावे किए जा रहे हैं। योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़ों के आधार पर होगी। सूत्रों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह योजना बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 

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मोदी खुद समय समय पर जताते हैं कि डॉ अंबेडकर के योगदान व उनकी महानता की कांग्रेस राज में उपेक्षा ही हुई है। यहां तक कि मोदी देश के दूसरे सबसे प्रभावी दलित नेता जगजीवन राम की भी कांग्रेस द्वारा उपेक्षा करने का आरोप लगा चुके हैं। मोदी ने पिछले ही महीने 21 मार्च को नयी दिल्ली में बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का दिल्ली में आॅनलाइन शिलान्यास किया था। उस दौरान उन्होंने खुद को आंबेडकरभक्त बताया था और बाबा साहेब की तुलना मार्टिन लूथर किंग से की थी। मोदी ने इसी दिन 14 अप्रैल (यानी आज) एनडीए सरकार द्वारा आंबेडकर जयंती पर होने वाले भव्य कार्यक्रमों की रूपरेखा का एलान किया था। मोदी सरकार ने पिछले साल संसद में शीत सत्र के दौरान बाबा साहेब द्वारा रचित भारतीय संविधान पर चर्चा का आयोजन किया था, जिसमें बोलते हुए मोदी ने डॉ आंबेडकर की महानता का जिक्र करते हुए कहा था कि अपनी बात रखने के लिए भी उस महापुरुष का संदर्भ लेना होता है और सामने वाले की आलोचना के लिए उनके संदर्भ की ही जरूरत पड़ती है। यह अलग बात है कि हाल में दलितों के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार और बीजेपी की घेराबंदी कर रहा है। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एक्ट में बदलाव वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खासकर दलितों में मौजूदा सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। जिसका असर 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान भी देखने को मिला।

हालांकि, सरकार दलितों के विरोध के बाद बैकफुट पर आ गई है और उसने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। दूसरी तरफ यूपी जैसे बीजेपी शासित राज्य में भीम राव अंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़ने की घटनाएं भी विपक्ष को बीजेपी को घेरने का मौका दे रही हैं। इतना ही नहीं बीजेपी के अपने सांसद और केंद्र सरकार में सहयोगी दल और उनके दलित नेता भी कानून में बदलाव और आरक्षण जैसे मुद्दों पर बहस के दौरान मोदी सरकार से दूर खड़े नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और मोदी सरकार दलितों के गुस्से को शांत करने का हर मुमकिन प्रयास करते नजर आ रहे हैं। फिलहाल सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना के बजाय ‘आयुष्मान भारत‘ के तहत घोषित वेलनेस सेंटर पर अपना ध्यान लगाया है। बजट में ‘आयुष्मान भारत‘ योजना के तहत यह घोषणा भी की गई थी की सरकार 2022 तक पूरे देश में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर की स्थापना करेगी जो सबको अपने घर के करीब मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में पहला कदम होगा। योजना को लॉन्च करने के लिए देश के सबसे पिछड़े और गरीब जिलों में से एक छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का चुनाव किया गया है। मोदी इस जिले में जाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे। गौर करने की बात यह भी है कि इसी साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। देशभर में सबसे पिछड़े 115 ऐसे जिले चुने गए हैं जो विकास के मामले में देश के बाकी हिस्सों से काफी पीछे छूट गए हैं। 




(सुरेश गांधी)

दुमका : मतदाताओं से समर्थन की मांग

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  • नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से प्रदेश प्रवक्ता-सह-चुनाव प्रभारी प्रवीण प्रभाकर ने अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी के लिये मतदाताओं से समर्थन की मांग की

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दलीय आधार पर हो रहे निकाय चुनाव में नगर परिषद्, दुमका में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद भाजपा प्रत्याशी अमिता रक्षित व गरीब दास के समर्थन में प्रदेश प्रवक्ता-सह-चुनाव प्रभारी प्रवीण प्रभाकर ने दिन शुक्रवार को नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से मतदाताओं का समर्थन मांगा। जनसंपर्क अभियान में प्रदेश प्रवक्ता-सह-चुनाव प्रभारी श्री प्रभाकर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ही दुमका का विकास कर सकती है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संताल परगना के विकास पर विशेष फोकस किया है। दुमका को उपराजधानी के रूप में सुसज्जित करने व इसकी पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश प्रवक्ता-सह-चुनाव प्रभारी श्री प्रभाकर के साथ जिलाध्यक्ष निवास मंडल, जवाहर मिश्रा, दिनेश दत्ता, मनोज साह, अजय पाठक, रामानंद मिश्रा, निरोज बैरा, अमित रक्षित, भोली गुप्ता, रोहित तिवारी, पिंटू साह, जयंतो साह इत्यादि मौजूद थे। श्री प्रभाकर ने कहा कि होल्डिंग टैक्स के मामले में राज्य सरकार जन भावनाओं के अनुरूप  निर्णय लेगी। चुनाव के पूर्व ही दुमका समेत कई नगर निकायों ने सरकार को होल्डिंग टैक्स में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था। राज्य सरकार अपने स्तर पर सर्वे करवा कर नई दरें तय करेगी। गंगापुल का निर्माण भी शीघ्र शुरू होगा। श्री प्रभाकर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दुमका को रेल देने का वायदा किया था, जिसे भाजपा ने पूरा कर दिखाया। अब दुमका को हावड़ा, पटना और दिल्ली से जोड़ने के लिए पहल की जाएगी। दुमका और रांची के बीच हवाई सेवा भी शुरू करने की योजना है। श्री प्रभाकर ने कहा कि दुमका नगर में आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए भाजपा सरकार कृतसंकल्प है। दुमका में सड़क, बिजली और पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। मालूम हो, नगर पालिका आम चुनाव 2018 के दो महीनें पहले ही काॅग्रेसी कार्यकर्ता अमिता रक्षित ने भाजपा में सदस्यता ग्रहण कर अध्यक्ष पद प्रत्याशी के लिये दलीय आधार पर पार्टी से टिकट प्राप्त किया था। इससे भाजपा की अंदरुनी राजनीति गरमा गई। वर्षों से भाजपा का झंडा ढो रही ममता साह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तिफा देते हुए निर्दलिय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ने का मन बना लिया। रौनियार वैश्य समुदाय ने भी भाजपा नेतृत्व के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करते हुए ममता साह को पूण समर्थन देने का फैसला कर लिया। तीसरी मर्तबा अध्यक्ष पद की चुनाव लड़ रही निर्दलिय प्रत्याशी श्वेता झा को इन दोनों ही प्रत्याशियों की आपसी कलह का लाभ मिलता प्रतीत हो रहा है। यह दिगर बात हे कि आने वाले समय में कौन किसे मात देता है। अध्यक्ष पद की हैट्रिक दौड़ में क्या अमिता रक्षित अपना पुराना वजुद बचा कर रख पाती है या फिर श्वेता झा ? स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ रही ममता साह भाजपा प्रत्याशी अमिता रक्षित के गले की हड़डी बन चुकी है। राजनीति दांव-पेंच में वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम 20 अप्रैल को सार्वजनिक होगा। 16 अप्रैल को मतदान होना है। मतदाताओं की ओर टकटकी लगाए तमाम अध्यक्ष पद उम्मीदवारों की असली परीक्षा 16 अप्रैल को ही संपन्न हो जाएगा। 

मधुबनी : आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 13 अप्रैल : श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय स्थित कक्ष में आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री अषोक कुमार त्रिपाठी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी,मधुबनी, श्री सुनील कुमार सिंह,अनुमंडल पदाधिकारी,सदर मधुबनी, श्री मुकेष रंजन,अनुमंडल पदाधिकारी,बेनीपट्टी, श्री शंकर शरण ओमी,अनुमंडल पदाधिकारी,जयनगर समेत सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारीगण उपस्थित थे। जिला पदाधिकारी द्वारा बैठक में नया राषन कार्ड निर्गत किये जाने की समीक्षा की गयी। उन्होंने आर.टी.पी.एस. काउंटर से प्राप्त आवेदनों को जांचोपरांत एक पक्ष के अंदर निष्पादन की कार्रवाई करने का निदेष दिया। साथ ही अपात्र लाभुकों की पहचान एवं उनका राषन कार्ड रद्द करने की भी समीक्षा की गयी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी को अपात्र लाभुकों के राषन कार्ड को अभियान चलाकर रद्द करने की कार्रवाई करने का निदेष दिया गया। अंत्योदय के आॅनलाईन लाभुक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा(एन.एफ.एस.ए.) अंतर्गत डाटा में चिन्हित करने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा राषन कार्ड के आधार सीडिंग हेतु आर.सी.-1 एवं आर.सी.-2 के छुटे हुए व्यक्तियों का आधार कार्ड प्राप्त कर एक पक्ष के भीतर आॅनलाईन इंट्री कराने का निदेष दिया गया। सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को प्रत्येक माह के अंत तक(लगभग 30 तारीख) सभी लाभुकों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिष्चित कराने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा आवष्यक वस्तु अधिनियम के तहत छापेमारी,दर्ज प्राथमिकी,जब्त की गई सामग्री एवं अधिग्रहण से संबंधी मामलों की समीक्षा की गयी। तथा एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन भेजने का निदेष दिया गया। उन्होंने जन वितरण प्रणाली दुकानों का निरीक्षण/रद्द/दर्ज प्राथमिकी/निलंबन से संबंधित तथा माननीय उच्च न्यायालय से संबंधित वाद के निष्पादन एवं विधान सभा/विधान परिषद/निवेदन/आष्वासन के निष्पादन की समीक्षा की गयी एवं एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन भेजने का निदेष दिया गया। प्रत्येक माह के 30 तारीख(माह के अंत तक) तक सभी लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निदेष दिया गया। 

दरभंगा : वाम छात्र संगठनों ने मिथिला विवि में की तालाबंदी

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दरभंगा  (आर्यावर्त डेस्क) 13 अप्रैल :पटना विश्वविद्यालय में शपथ ग्रहण के समय हुए लाठी चार्ज के विरोध में राज्यव्यापी अभियान के तहत वाम से जुड़े छात्र संगठनों ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और कार्यालयों में ताला बंदी कर दी. जिसके कारण विश्वविद्यालय का कार्य बाधित रहा. छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के स्वपोशित संस्थान, दूरस्थ शिक्षा निर्देशालय ने भी तालाबंदी कर दी और जो कर्मी अंदर थे, वे अंदर ही बंद रहे. आंदोलन के दौरान छात्र संगठनों ने राज्य सरकार पर तानासाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया. वहीं छात्रों पर दर्ज मामले वापस लेने के साथ-साथ पटना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रास बिहारी सिंह को गर्खास्त कर पटना विश्वविद्यालय में नये छात्रसंघ चुनाव कराने की घोषणा करें. आंदोलन के कारण कार्यालय के भीतर पहुंचे अधिकारी और कर्मी घंटों बंधक बने रहे. छात्रगण भोगेन्द्र झा चौक पर जुटे और वहां से जुलुस के सक्ल में विश्वविद्यालय पहुंचे और विभागों में तालाबंदी कर दी. छात्रों का नेतृत्व आइसा के संदीप कुमार चौधरी और एआइएसएफ के शरद कुमार सिंह रहे थे. वहीं कार्यक्रम में एआईडीएसओ के राज्य उपाध्यक्ष लाल कुमार की अध्यक्षता में छात्रों की सभा हुई. कार्यक्रम में प्रिन्स कुमार कर्ण, विशाल माझी, विजय कुमार मंडल, अवनीश कुमार, जयप्रकाश झा, आकीब नजर, अफजल अली, गणेश कुमार, राजा कुमार, रौशन कुमार मुखिया, सुजित कुमार पासवान, जितेन्द्र कुमार साह, राहुल राज, पंकज पासवान, मयंक कुमार यादव, ललित कुमार झा, मो. अब्दुल और राजेश कुमार पासवान आदि शामिल थे.

मधुबनी : ऑस्ट्रेलिया एवं भारतीय ग्रामीण परिवेश

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क), 10 घंटे की हवाई यात्रा फिर ट्रेन के 15 घंटे और फिर सड़क मार्ग के 6 घंटे कुल मिलाकर ऐसी यात्रा जिसमे आपको पता होता है की जो सामान्य जीवन शैली आपकी है उससे विपरीत जीवन शैली को आप 15 दिनों के लिए जीने वाले हैं, सोचिये कितना रोमांचक होता होगा ये अनुभव .... मधुबनी के सौराठ गाँव में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलोजी सिडनी – UTS के 12 छात्रों का समूह प्रोफेसर नैथन विल्सायर, कैथरीन वाल्स एवं लॉरा विल्सायर के नेतृत्व में ग्रामीण परिवेश को समझने और इसे जीने के लिए आये l इस टीम में मुख्यतः सभी छात्र-छात्राएं मेडिकल क्षेत्र से सम्बंधित थे l 15 दिन का प्रवास पहले से बने हुए कार्यक्रम पर आधारित थी, इन पन्द्रह दिनों में ग्रामीण चिकित्सा,आय-उपार्जन के तरीके,संस्कृति,मिथिला पेंटिंग एवं महिलाओं के जीवनशैली को  रोजगारपरक बनाने के उपायों पर सबसे अलग-अलग बैठक करके समझने का प्रयास किया जाता है एवं अंतिम दिन जिन विषयों पर बीते दिनों मे चर्चा की गयी होती है उन विषयों पर सभी छात्र मिलकर विभिन्न योजनायें बनाकर ग्रामीणों से सलाह लेकर उसे कार्यान्वित करने के लिए दृष्टि फाउंडेशन को अग्रसारित करते हैं l इस वर्ष महिलाओं के जीवनशैली को  रोजगारपरक बनाने हेतु कई कुटीर उद्योग पर विचार किया गया जिसे आने वाले दिनों मे कार्यान्वित किया जायेगा l इस प्रकार के कार्यक्रम कंही न कंही भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के मधुर संबंधों को दर्शाता है l इस कार्यक्रम का सञ्चालन दृष्टि के जोनल हेड ग्रुप कैप्टेन इंदुभूषण ठाकुर एवं बिहार के स्टेट हेड राजीव रंजन दास ने किया l 

रिश्वत लेने के आरोप में आयकर आयुक्त गिरफ्तार

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नयी दिल्ली , 13, अप्रैल, गुवाहाटी में तैनात आयकर विभाग के एक आयुक्त को सीबीआई ने एक मुखौटा कंपनी के मामले में एक कारोबारी से 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में आज गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारी श्वेताभ सुमन ने मुखौटा कंपनी के एक मामले में एक कारोबारी के आयकर आकलन में उसके पक्ष में आदेश देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत की मांग की थी।  एक बिचौलिए से रिश्वत की राशि बरामद की गई। वहीं गुवाहाटी , जोरहाट , शिलांग , नोएडा और दिल्ली में इस अधिकारी से जुड़े परिसरों की तलाशी ली गई।  सीबीआई ने इस संबंध में गुवाहाटी के आयकर विभाग ( लेखा - परीक्षा ) के अधिकारी प्रताप दास को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा रिश्वत की राशि को पहुंचाने वाले प्रांजोल सरमाह और वकील तथा आयकर कंसल्टेंट रमेश गोयनका को भी गिरफ्तार किया है।  सीबीआई प्रवक्त अभिषेक दयाल ने बताया कि यह आरोप लगाया गया है कि साल 2017-18 के दौरान गुवाहाटी के आयकर आयुक्त ( लेखापरीक्षा ), सुमन ... ने आयकर अधिकारी ( लेखापरीक्षा ) और अन्य दो आरोपियों के साथ मिलकर मुखौटा कंपनी के निदेशक को लाभ पहुंचाने के लिए साजिश रची।  प्रवक्ता ने बताया कि सुमन ने अवैध तरीके से खुद और आरोपी दास के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने की कोशिश की।  दयाल ने बताया कि करीब 40 लाख रुपये की राशि जो कथित तौर पर आरोपी आयकर अधिकारी हासिल करने वाले थे , वह भी एक आरोपी और बिचौलिये से बरामद कर ली गई। 

भाजपा शासनकाल में अभूतपूर्व विकास हुआ: सीपी सिंह

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रांची, 13 अप्रैल,झारखंड  के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने आज दावा किया कि भाजपा के शासनकाल में राज्य में अभूतपूर्व विकास हुआ है। सिंह ने नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह दावा किया। सिंह ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में अभूतपूर्व विकास हुआ है।  उन्होंने कहा कि राज्य के सभी शहरों में सामुदायिक भवन, सांस्कृतिक परिसर, मार्केट, घाटों एवं तालाबों का सौंदर्यीकरण आदि का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी वर्गों का ख्याल रखा। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगियों को भी जमशेदपुर में विशेष आवास बनाकर बसाया गया। रांची में फुटपाथ दुकानदारों के लिए सुपर मार्केट का निर्माण हो रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर तंज कसते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने फुटपाथ दुकानदारों के लिए सुपर मार्केट बनाने का वादा किया था लेकिन झोपड़ी मार्केट भी नहीं बन पायी।

कठुआ, उन्नाव बलात्कार मामले में बेटियों को न्याय मिलेगा : मोदी

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल,जम्मू  कश्मीर के कठुआ और उत्तरप्रदेश के उन्नाव में बलात्कार की घटनाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि ऐसी घटनाएं निश्चित तौर पर सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है और इन मामलों में कोई भी अपराधी नहीं बचेगा, न्याय होकर रहेगा । मोदी ने कहा, ‘‘जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखीं हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं। पिछले दो दिनो से जो घटनाये चर्चा में है वह निश्चित रूप से किसी भी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इसके लिए शर्मसार है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी बेटियों को न्याय मिलेगा।’’ दिल्ली के अलीपुर में डा. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के उद्घाटन के दौरान मोदी ने कहा, ‘‘ देश के किसी भी राज्य में, किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी वारदातें हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूँ की कोई अपराधी बचेगा नहीं, न्याय होगा और पूरा होगा। कोई अपराधी नहीं बचेगा। ’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने उत्तरप्रदेश और जम्मू कश्मीर में बलात्कार की इन घटनाओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। कल रात इंडिया गेट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इन घटनाओं के खिलाफ कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाला था जिसमें प्रियंका गांधी भी शामिल हुई थी । बहरहाल, मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे समाज की इस आंतरिक बुराई को खत्म करने का काम, हम सभी को मिलकर करना होगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने तो लाल किले से बोलने का साहस किया था कि देर से आने पर लड़की से नहीं, लड़कों से पूछो कि इतनी देर कहां थे क्योंकि जो ऐसे जघन्य अपराध करता है, वह किसी न किसी का बेटा होता है । उन्होंने कहा, ‘‘हमें पारिवारिक व्यवस्था, सामाजिक मूल्यों से लेकर न्याय व्यवस्था तक, सभी को इसके लिए मजबूत करना होगा, तभी हम बाबा साहेब के सपनों का भारत बना पाएंगे, न्यू इंडिया बना पाएंगे । ’’  उत्तर प्रदेश के उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा के एक विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं ।

अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति से हटे नहीं हैं : योगी

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लखनऊ, 13 अप्रैल, उन्नाव बलात्कार मामले में चुप्पी तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर 'जीरो टालरेंस'की नीति से हटी नहीं है । मामले के भाजपा विधायक आरोपी हैं। योगी ने चित्रकूट में संवाददाताओं से कहा कि जैसे ही नौ अप्रैल को प्रकरण सरकार के संज्ञान में आया, हमने तत्काल एसआईटी (विशेष जांच दल) बनायी और कार्रवाई शुरू की। एसआईटी की रिपोर्ट में जो पुलिसकर्मी और डाक्टर दोषी पाये गये, उन्हें निलंबित किया गया। उन्होंने कहा कि हमने मामला सीबीआई को सौंपा है। हमारी सरकार शुरुआत से ही अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर 'जीरो टालरेंस' (जरा भी बर्दाश्त नहीं करना) की नीति पर चल रही है । हम इस नीति को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। योगी ने कहा कि हम अपराधियों से सख्ती से निपटते हैं चाहे वह कितना ही बड़ा या प्रभावशाली क्यों ना हो। राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है। सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गयी। सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है। आरोपी विधायक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका है । विधायक की गिरफ्तारी में विलंब का आरोप लगा रहे विपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बलात्कार के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति का बचाव किया था । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कैंडिल मार्च पर सिंह ने कहा कि जो लोग कैंडल मार्च कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि तंदूर कांड उनकी ही सरकार के समय (जुलाई 1995) हुआ था ।

जीडीपी का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना चाहते हैं मोदी : राजनाथ

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नयी दिल्ली , 13 अप्रैल, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य सकल घरेलु उत्पाद ( जीडीपी ) में स्वास्थ्य सेवाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने की है। सर गंगा राम अस्पताल के स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की लक्ष्य प्राप्त करने में सरकार निजी क्षेत्र को ‘ रणनीतिक साझेदार ’ मानती है।  उन्होंने कहा , ‘‘125 करोड़ आबादी वाले देश में सभी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना आसान नहीं है। कई चुनौतियां हैं , जिनसे हमें निपटना है .... बात जब सरकारी खर्च की आती है तो , जीडीपी में स्वास्थ्य क्षेत्र की हिस्सेदारी 1.6 प्रतिशत है। ’’  उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन , मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री इसके बारे में सोचते हैं। और प्रधानमंत्री का लक्ष्य जीडीपी में स्वास्थ्य क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने की है। और इसके लिए खर्च किया जा सकता है। ’’  मंत्री ने सर गंगा राम और उनके विरासत की प्रशंसा करते हुए कहा कि 1947 में विभाजन के बावजूद योगदानों के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में उन्हें समान तरीके से याद किया जाता है।  डॉक्टरों , नर्सों और ढाचागत जरूरतों की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार इन क्षेत्रों में ‘‘ निवेश को बढ़ावा देना चाहती है। ’’  उन्होंने कहा , ‘‘ यदि हम भारत में मौजूदा हालात को देखें तो , एक हजार की आबादी पर 0.6 डॉक्टर और 0.8 नर्सें हैं। जबकि 1000 मरीजों पर महज 1.5 बिस्तर हैं। वैश्विक स्तर पर भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। ’’  गृह मंत्री ने अस्पताल परिसर में 11 मंजिला कार पार्किंग का उद्घाटन किया और रेडियोथेरेपी तथा ओपीडी ब्लॉक की आधारशिला रखी। 

श्रीदेवी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के पुरस्कार

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नयी दिल्ली , 13 अप्रैल, राष्ट्रीय फिल्मों के निर्णायक मंडल ने अभिनेता विनोद खन्ना को दादा साहेब फाल्के और अभिनेत्री श्रीदेवी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार देने की घोषणा की। दोनों ही कलाकारों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा। निर्णायक मंडल के प्रमुख शेखर कपूर ने बताया कि असमी फिल्म ‘ विजय रॉकस्टार्स ’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और मलयाली फिल्म ‘ भयानकम ’ के लिए जयराज को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया जाएगा।  बंगाली फिल्म ‘ नगर कीर्तन ’ में शानदार अभिनय के लिए रिद्धी सेन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया है।  ‘ न्यूटन ’ को साल के सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म के लिए चुना गया है। वहीं एस एस राजमौली की ‘ बाहुबली : द कनक्लुजन ’ को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार दिया जाएगा। खन्ना का पिछले साल 27 अप्रैल को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।  वहीं इस साल 25 फरवरी को श्रीदेवी (54) के निधन से पूरे देश सकते में आ गया था। 

भाजपा की महिला नेता तानाशाह के डर से मौन हैं : सुष्मिता

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नयी दिल्ली , 13 अप्रैल, कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों पर “ तानाशाह के डर के कारण ” मौन हैं।  अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पार्टी की प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा कि भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने यह टिप्पणी करके कि दोनों घटनाओं को “ चुनिंदा ” तरीके से उठाया जा रहा है , “ राष्ट्र को अपमानित ” किया है।  सुष्मिता ने कहा कि अपराध करने वाला व्यक्ति इस तरह का जुर्म करने से पहले महिला से उसका धर्म नहीं पूछता है।  उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कल आधी रात को निकाले गए कैंडल मार्च का मकसद भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मुद्दे को उठाना था और यह सिर्फ कठुआ और उन्नाव मामले तक सीमित नहीं था। उन्होंने कहा , “ यह शर्म की बात है कि भाजपा की महिला सांसद तानाशाह के डर के कारण चुप हैं। ”  लेखी के बयान पर सुष्मिता ने कहा , “ मैं उनके बयान की निंदा करती हूं। उनका यह बयान इस राष्ट्र और इसकी महिलाओं के लिए शर्म की बात है। ” 

मामले आवंटित करने के सीजेआई के अधिकार पर सुनवाई को न्यायालय तैयार

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय वर्तमान रोस्टर व्यवस्था और मामले आवंटित करने के भारत के प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। अदालत ने साथ ही कहा कि ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ के रूप में सीजेआई की स्थिति पर कोई ‘‘संदेह’’ नहीं हो सकता। प्रथमदृष्टया अदालत पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण से सहमत नहीं थी जिन्होंने जनहित याचिका दायर की है कि पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम को मामले आवंटित करने का कार्य सौंपा जाना चाहिए और इसने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को मामले में अदालत का सहयोग करने के लिए कहा। उच्चतम न्यायालय ने चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा 12 जनवरी के संवाददाता सम्मेलन का मुद्दा उठाने पर भी आपत्ति जताई।  वर्तमान रोस्टर व्यवस्था और मामलों को आवंटित करने के सीजेआई की शक्तियों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह संवाददाता सम्मेलन के मुद्दे को लेकर चिंतित नहीं है। पीठ ने भूषण का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से कहा, ‘‘हम इसमें नहीं पड़ने जा रहे हैं। हम कई कारणों से और स्पष्ट कारणों से इसको लेकर चिंतित नहीं हैं। यह सब मत कहिए। इसे यहां मत उठाइए।’’  दवे ने कहा, ‘‘आपके चार सहकर्मियों ने व्यवस्था की विफलता को सार्वजनिक रूप से उजागर किया था’’, जिसके बाद पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने जब उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया कि ‘‘मास्टर ऑफ रोस्टर’’ सीजेआई हैं तो दवे ने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में पारित फैसला उनके पक्ष में था। दवे ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने दो हफ्ते तक सीजेआई का पद संभाला और व्यावसायिक मामलों को खुद की पीठ में सूचीबद्ध कर उन मामलों में राहत दे दी। उन्होंने कहा कि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उच्चतम न्यायालय को उनके कई फैसलों को पलटना पड़ा था। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वे संस्था के बारे में चिंतित हैं और वे यहां स्थायी नहीं हैं। इस पर न्यायमूर्ति सिकरी ने कहा, ‘‘हम सेवानिवृत्त हो जाएंगे लेकिन आप तो स्थायी हैं।’’  शांति भूषण ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि ‘‘मास्टर ऑफ रोस्टर’’ दिशाहीन और बेलगाम ताकतवर नहीं हो सकता और सीजेआई मनमाने तरीके से कुछ न्यायाधीशों की पीठ को नहीं चुन सकते या किसी खास न्यायाधीश को मामले नहीं दे सकते।

आजीवन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे अपदस्थ प्रधानमंत्री शरीफ

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इस्लामाबाद, 12 अप्रैल,पाकिस्ता न के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आजीवन चुनाव लड़ने पर आज रोक लग गई जब उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि संविधान के तहत किसी जन प्रतिनिधि की अयोग्यता स्थायी है। इसके साथ ही तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ का राजनीतिक करियर हमेशा के लिए खत्म हो गया। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने संविधान के तहत किसी जन प्रतिनिधि की अयोग्यता की अवधि का निर्धारण करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वसम्मति से अपना फैसला सुनाया।  अदालत संविधान के अनुच्छेद 62 (1)(एफ) पर विचार कर रही थी जिसमें सिर्फ इतना कहा गया है कि किसी जन प्रतिनिधि को विशेष परिस्थितियों में अयोग्य ठहराया जा सकता है, लेकिन अयोग्यता की अवधि नहीं बताई गई है। अनुच्छेद 62 में किसी संसद सदस्य के लिये ‘सादिक और अमीन’ :ईमानदार और न्याय परायण: होने की पूर्व शर्त रखी गई है। गौरतलब है कि इसी अनुच्छेद के तहत 68 वर्षीय शरीफ को 28 जुलाई, 2017 को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराया गया था।  शरीफ को एक और झटका देते हुए अदालत ने कहा कि अयोग्य ठहराया गया कोई भी व्यक्ति किसी राजनीतिक दल का प्रमुख नहीं बन सकता है। इसके बाद उन्हें सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष की कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी।  आज के अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देश के संवैधानिक प्रावधानों के तहत अयोग्य ठहराया गया व्यक्ति फिर से सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकता। इस ऐतिहासिक फैसले से तीन बार के प्रधानमंत्री का राजनीतिक भविष्य हमेशा के लिए खत्म हो गया। 

गौरतलब है कि पिछले साल 15 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ ने इसी प्रावधान के तहत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता जहांगीर तरीन को अयोग्य ठहराया था।  न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल के फैसले में कहा गया है कि भविष्य में किसी भी सांसद या लोक सेवक को अगर अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्य ठहराया जाता है तो उन पर यह प्रतिबंध स्थायी होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और ना ही संसद के सदस्य बन सकेंगे। पीठ ने अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्यता की मियाद को चुनौती देने वाली 17 अर्जियों पर 14 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  शरीफ ने जनवरी में पीठ के समक्ष एक लिखित बयान में कहा था कि अनुच्छेद 62 के तहत वर्तमान कार्यकाल के लिए ही अयोग्य ठहराया जा सकता है ना कि आजीवन के लिए। अदालत ने सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति की अयोग्यता की मियाद को तय करने के लिए सभी 17 याचिकाओं को एकसाथ मिला दिया था। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री मर्रियम औरंगजेब ने फैसले को ‘मजाक’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ भी ऐसा ही मजाक हुआ है और पाकिस्तान के सभी 17 प्रधानमंत्रियों का यही हश्र हुआ है।’’  मर्रियम ने कहा कि बार-बार पाकिस्तान के निर्वाचित नेताओं को अपमानजनक तरीके से हटाया जाता रहा है।  उन्होंने कहा, ‘‘शरीफ के खिलाफ पहले फैसला तय कर लिया गया था उसके बाद सुनवाई की गयी।’’  पंजाब के शेर के नाम से प्रसिद्ध शरीफ रिकॉर्ड तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने लेकिन कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

तालिबान, हक्कानी की पाकिस्तान में हैं सुरक्षित पनाहगाह : पेंटागन

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वाशिंगटन,13 अप्रैल, अमेरिका के सेना प्रमुख ने कहा है कि तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क की पाकिस्तान की सीमा में सुरक्षित पनाहगाह हैं और अगर पाकिस्तान अपनी जमीन पर इसी तरह आतंकवाद को प्रश्रय देता रहा तो अफगानिस्तान में आंतकवाद पर लगाम लगाना मुश्किल होगा। अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क ए मिली ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों को यह जानकारी दी।  जनरल मिली ने कहा, ‘‘ऐसे किसी आतंकवाद को मिटाना बहुत मुश्किल है जिसकी किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाहगाह हो। इस समय तालिबान, हक्कानी तथा तथा अन्य संगठन ऐसा ही कर रहे हैं।वास्तव में इनके पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने हैं। पाकिस्तान को समाधान का हिस्सा बनना होगा।’’  सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आंतकवाद को समाप्त करने के लिए आंतकवाद के खतरे को कम करना होगा जिसे आंतरिक सुरक्षा बल नियमित रूप से कर सकते हैं। जनरल मिली ने कहा, ‘‘यह करने के लिए आप को अनिवार्य रूप से कई काम करने होंगे। आपने पाकिस्तान का जिक्र किया। यह अहम है। यह जरूरी है कि पाकिस्तान समाधान का हिस्सा है।यह क्षेत्रीय समाधान है। यह पाकिस्तान को शामिल करने वाली क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा है।  मेलजोल के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा अफगानिस्तान सरकार विपक्षी गुटों के साथ मिल कर एक तरह की राजनीतिक सुलह करने की अब सही दिशा पर चल रही है। और अमेरिका इस प्रयास का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सैनिकों की मौजूदगी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है। 

स्वर्ण पदक जीतने के बाद अनीश को सता रही है गणित की चिंता

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गोल्ड कोस्ट, 13 अप्रैल, जब वह शूटिंग रेंज के अंदर होता है तो उसका आत्मविश्वास किसी मंझे हुए खिलाड़ी जैसा रहता है लेकिन जैसे ही अनीश भानवाला रेंज से बाहर निकलता है तो एक 15 साल के किशोर की तरह उसे भी गणित के पेपर की चिंता सताने लग जाती है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के सबसे कम उम्र के स्वर्ण पदक विजेता की अभी यही स्थिति है।  हरियाणा के इस युवा ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इस दौरान खेलों का नया रिकार्ड भी बनाया। अब उनके पास रिकार्ड स्वर्ण पदक है लेकिन अब वह एक और परीक्षा को लेकर चिंतित हैं।  अनीश ने कहा, ‘‘मुझे भारत पहुंचने के तुरंत बाद दसवीं की परीक्षा देनी है। उसमें हिन्दी, सामाजिक विज्ञान और गणित के पेपर होने हैं। मैं गणित को लेकर थोड़ा चिंतित हूं। मैंने उसकी खास तैयारी नहीं की है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब लगातार तीन दिन तक उस पर ध्यान देना होगा। ’’  सीबीएसई ने अनीश के लिये अलग से परीक्षा की व्यवस्था की है। अनीश मैक्सिको आईएसएसएफ विश्व कप और सिडनी में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप का हिस्सा थे और इसके बाद उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना पड़ा।  उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि उन्होंने (सीबीएसई) ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया उस पर मैं खरा उतरा। यह अच्छा लग रहा है। उन्होंने मेरे लिये बहुत बड़ा फैसला किया। ’’  अनीश ने कहा, ‘‘मुझे पदक की पूरी उम्मीद थी क्योंकि अन्य टूर्नामेंटों में भी मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था। नाम बदलते रहे लेकिन मैंने वही परिणाम हासिल किये।’’  सोनीपत के गोहाना कसांडी गांव में जन्में अनीश का पहला प्यार निशानेबाजी नहीं है। उन्होंने 2013 में अंडर-12 माडर्न पैंटाथलन विश्व चैंपियनशिप और 2015 में एशियाई पैंटाथलन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था।  पैंटाथलन में निशानेबाजी, तैराकी, तलवारबाजी, घुड़सवारी और क्रास कंट्री दौड़ शामिल होती है। आखिर में इनमें से अनीश से निशानेबाजी को अपनाया।  उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रेंज में मजा आता है। अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव में मैं बेहतर परिणाम हासिल करता हूं। यहां क्वालीफिकेशन में मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और मैं उसकी भरपायी फाइनल में करने के लिये प्रतिबद्ध था। मैं वास्तव में दबाव का पूरा आनंद उठाता हूं। ’’

दुष्कर्म की घटनाओं पर मोदी का मौन अस्वीकार्य : राहुल गांधी

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नई दिल्ली, 13 अप्रैल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मौन 'अस्वीकार्य'है।  उन्होंने मोदी को चुप्पी तोड़ने के लिए उकसाया। उन्होंने इन प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों पर दुष्कर्मियों को बचाने का आरोप लगाया। राहुल ने अपने एक ट्वीट में कहा, "श्रीमान प्रधानमंत्री आपकी खामोशी स्वीकार्य नहीं है। महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा को लेकर आप क्या सोचते हैं? राज्य की ओर दुष्कर्म के आरोपियों और हत्यारों को क्यों बचाया जा रहा है? भारत को आपके बोलने का इंतजार है।"इससे पहले एक और ट्वीट में उन्होंने मोदी सरकार की 'नींद'के विरोध में दिल्ली में आधीरात के दौरान किए गए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों का आभार जताया और पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग की। राहुल ने कहा, "इंसाफ के लिए संघर्ष करने और बालिकाओं और महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा का विरोध करने के लिए हजारों पुरुष व महिलाएं आगे आए।"विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोगों की तस्वीर संलग्न करते हुए उन्होंने कहा, "मैं आप सबको आपकी मदद के लिए धन्यवाद देता हूं। यह बेकार नहीं जाएगा।"राहुल की अगुवाई में गुरुवार रात हुए प्रदर्शन में उनकी बहन प्रियंका वाड्रा और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। प्रदर्शन के दौरान राहुल ने महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ती हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे। आज महिलाएं अपने घरों से बाहर असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कहीं बच्ची और महिला के साथ दुष्कर्म होता है और उनकी हत्या की जाती है। हम चाहते हैं कि सरकार को संकल्प लेना चाहिए कि देश में महिलाएं सुरक्षित महसूस करें।"

कठुआ दुष्कर्म में भाजपा के 2 मंत्रियों का इस्तीफा

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जम्मू, 13 अप्रैल, कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या करने के मामले के आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में शामिल होने वाले भाजपा के दो मंत्रियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।  घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफे की मांग करने के बाद दोनों मंत्रियों -चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा- ने राज्य भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा को सौंप दिया। पिछले महीने हिंदू एकता मंच द्वारा आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी सात लोगों के समर्थन में कठुआ के हीरानगर इलाके में आयोजित एक रैली में दोनों मंत्रियों ने हिस्सा लिया था। यद्यपि दोनों मंत्रियों ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, लेकिन दोनों के खिलाफ जनता में काफी आक्रोश था। गंगा के पास उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, और लाल सिंह के पास वन विभाग था। महबूबा ने पीडीपी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शनिवार को श्रीनगर में एक बैठक बुलाई है, जिसमें कठुआ दुष्कर्म व हत्या मामले में और कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था के मौजूदा हालात में भावी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

कठुआ दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने पर मीडिया संस्थानों को नोटिस

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नई दिल्ली, 13 अप्रैल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले की आठ साल की लड़की की पहचान उजागर करने को लेकर विभिन्न मीडिया संस्थानों को नोटिस जारी किया।   लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य कानून का उल्लंघन है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 228-ए के तहत दंडनीय है। अदालत ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), दिल्ली महिला आयोग व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दी। पीड़ित का शव कठुआ के रासना जंगल से 17 जनवरी को बरामद हुआ था। पीड़िता जंगली इलाके में घोड़ों को चराने के दौरान लापता हो गई थी। उसे एक मंदिर के अंदर बंधक बनाकर रखा गया और नशीली दवाएं देकर बार-बार दुष्कर्म किया गया और हत्या कर दी गई।
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