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देवेगौड़ा से मिले केसीआर, तीसरे मोर्चे पर की चर्चा

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बेंगलुरू/हैदराबाद, 13 अप्रैल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को बेंगलुरू में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा से मुलाकात की और प्रस्तावित तीसरे मोर्चे पर चर्चा की।  तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख ने पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ विशेष विमान से बेंगलुरू पहुंच कर जनता दल (सेकुलर) नेता से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा की। इस दौरान बैठक में देवेगौड़ा के पुत्र और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और प्रसिद्ध अभिनेता प्रकाश राज भी मौजूद थे। केसीआर के नाम से लोकप्रिय चंद्रशेखर राव ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वे यहां देवेगौड़ा का आशीर्वाद लेने आए हैं और उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने के लिए अपना समर्थन दे दिया है। उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे का प्रस्ताव ओछी राजनीति के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में सार्थक बदलाव लाने के उद्देश्य लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि मोर्चे में किसान और देश के लोग होंगे। केसीआर ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा- दोनों ने लगभग 65 साल देश पर राज किया और वे बुरी तरह असफल रहे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मोर्चे का मुख्य एजेंडा 2019 से पहले बता दिया जाएगा और इससे सहमत होने वाला कोई भी दल मोर्चे में शामिल हो सकता है। प्रस्तावित मोर्चे के लिए केसीआर पिछले महीने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर चुके हैं।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन तथा अभिनेता प्रकाश राज भी अपना समर्थन केसीआर को दे चुके हैं। इसी दौरान केसीआर ने आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जनता दल (सेकुलर) को अपना समर्थन देने की घोषणा करते हुए कर्नाटक में रहने वाले तेलुगू भाषी लोगों से उन्हें वोट देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र या जहां भी पार्टी को जरूरत है, वे चुनाव प्रचार करने या अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद पर टीआरएस ने कहा कि इसके तथा अन्य राज्यों के बीच जल विवादों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की निष्क्रियता जिम्मेदार है। भारत के पास 30,000 टीएमसी अतिरिक्त पानी होने के बावजूद देश के कई हिस्सों में पेयजल और सिंचाई के लिए जल नहीं है।

बलात्कार कांड का आरोपी विधायक सेंगर गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कड़े रुख को देखते हुए उन्नाव के बहुचर्चित बलात्कार काण्ड के आरोप में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) विधायक कुलदीप सेंगर को 17 घंटे की पूछताछ के बाद आज गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने सेंगर को तड़के करीब पांच बजे लखनऊ स्थित उनके घर से हिरासत में लिया था। सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही थी। उन्हें उन्नाव भी ले गयी थी। न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीबीआई से कहा था कि हिरासत नहीं, आरोपी विधायक को गिरफ्तार करो। राज्य के प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने ‘यूनीवार्ता’ से सेंगर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी विधायक को हिरासत में लेने के बाद सीबीआई ने गहन पूछताछ की। पूछताछ के आधार पर रात करीब दस बजे उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, सेंगर तड़के पांच बजे से ही सीबीआई की हिरासत में था। सीबीआई की टीम उसे उन्नाव ले गयी। माखी थाने के पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की। सीबीआई ने पूछताछ के आधार पर सेंगर को गिरफ्तार कर लिया। सेंगर को कल अदालत में पेश किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कल ही इस मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द किया था। जांच मिलते ही सीबीआई हरकत में आ गई। रात तीन बजे सीबीआई की टीम के साथ स्थानीय पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई और तड़के पांच बजे सेंगर सीबीआई की हिरासत में था। विधायक ने सीबीआई टीम के साथ जाने में थोडा हीलाहवाली की लेकिन टीम के रुख को देखते हुए उन्होंने जाना ही मुनासिब समझा।

इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुये सेंगर को अविलंब गिरफ्तार करने के निर्देश दिये थे। मुख्य न्यायाधीश डी बी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आज यह आदेश दिया था। युगल पीठ ने कहा कि आरोपी की हिरासत पर्याप्त नहीं है, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। न्यायालय ने दो मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।  सीबीआई ने पीडित परिवार से भी पूछताछ की अौर उनका पक्ष जाना। न्यायालय ने कहा था कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं की है। उसे अविलंब गिरफ्तार किया जाये। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने पीठ काे बताया कि सीबीआई ने सुबह भाजपा विधायक को हिरासत में ले लिया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ सीबीआई अथवा अन्य जांच एजेंसियों को विधायक और अन्य आरोपियों को बगैर देरी किये गिरफ्तार करना चाहिये।” न्यायालय ने कल मामले की सुनवाई करते हुए पूछा था कि उत्तर प्रदेश सरकार भाजपा विधायक को कब गिरफ्तार करेगी। पीड़िता का आरोप है कि बांगरमऊ के विधायक ने पिछले साल 17 जून को उसके साथ बलात्कार किया था। उसके पिता को विधायक के भाई और समर्थकों ने मारा पीटा भी था, जिस कारण उनकी पिछले सोमवार को न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो गयी थी।

महाधिवक्ता ने पीठ को बताया कि 17 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री कार्यालय में एक आवेदन भेजा गया था। आवेदन में विधायक के विरुद्ध बलात्कार के आरोप लगाये गए थे। आवेदन को उचित कार्रवाई के लिए उन्नाव में संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया था। महाधिवक्ता की इस दलील पर पीठ ने सवाल किया कि इस मामले में और क्या किया गया, क्या अब तक कोई गिरफ्तारी की गई है। खंडपीठ और महाधिवक्ता के बीच इस मामले पर काफी लंबी बहस हुई। कई बार खंडपीठ का रुख काफी तल्खी वाला रहा। विधायक के खिलाफ 11 अप्रैल की रात बलात्कार और पास्को एक्ट सहित कई धाराओ में मुकदमें दर्ज किए गये थे। इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की गई। सीबीआई को बलात्कार के साथ ही पीड़िता के पिता की मृत्यु की जांच भी सौंपी गयी है। सीबीआई बलात्कार मामले में दर्ज रिपोर्ट के साथ ही तीन अप्रैल को दर्ज दो और मुकदमों की जांच भी करेगी। पुलिस के अनुसार बलात्कार की घटना गत वर्ष चार जून हो हुई थी लेकिन पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गये बयान में विधायक का जिक्र नहीं किया था, इसलिए विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी थी। यह मामला उस समय सुर्खियों में आ गया जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के पास पिछले सप्ताह आत्ममदाह का प्रयास किया था। इसके बाद आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही विधायक के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई।

एसआईटी के अलावा इस मामले की जांच जेल उपमहानिरीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट उन्नाव ने भी की थी। इन कमेटियों की जांच के आधार पर इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक कुंवर बहादुर सिंह सहित छह पुलिसकर्मी और दो डाक्टरों को निलम्बित कर दिया गया था। तीन डाक्टरों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। बलात्कार की घटना के बाद तीस जून 2017 को पीड़िता के चाचा उसे लेकर दिल्ली चले गये थे। इस सम्बंध में पहली रिपोर्ट पीड़िता ने 17 अगस्त 2017 को दर्ज करायी थी। पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया था कि मुकदमे की वापसी के लिए उसके भाई(पीड़िता के पिता) पर दबाव बनाया जा रहा था। मुकदमा वापस नहीं लेने के कारण उसके भाई को मारापीटा और फर्जी मुकदमों में जेल तक भिजवा दिया। उन्हें इतना मारा गया था कि जेल से अस्पताल लाने पर उनकी मृत्यु हो गयी थी। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल जाने से पहले और जेल में जाने के बाद पीड़िता के पिता की समुचित चिकित्सा नहीं की गयी इसलिए अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक और इमरजेंसी मेडिकल अफसर को निलम्बित कर दिया गया जबकि तीन अन्य डाक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। मामले के सुर्खियों में आने पर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना शुरु कर दी थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 11 अप्रैल के दौरे के समय भी यह मामला उठा था। पार्टी सूत्रों के अनुसार सरकार ने उसी समय तय कर लिया था कि मामले की जांच सीबीआई को दे दी जाये। उधर, सेंगर की गिरफ्तारी पर पीड़ित परिवार ने खुशी जाहिर की। पीड़िता ने कहा, “उसे खुशी है कि विधायक गिरफ्तार हुआ। यह सभी के सहयोग से ही संभव हुआ।”

एससी एसटी कानून को कमजोर नहीं होने देंगे : मोदी

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नयी दिल्ली 13 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम को लेकर कांग्रेस के आरोपों को भ्रमजाल करार देते हुए आज कहा कि सरकार इन समुदायों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है और इस कानून को कमजोर नहीं होने दिया जायेगा तथा आरक्षण पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जायेगी। श्री मोदी ने यहां राष्ट्रीय अंबेडकर स्मारक के उदघाटन के मौके पर कहा , “ मैं आज इस अवसर पर देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस कानून को हमारी सरकार ने ही सख्त किया है, उस पर प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा। ” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2015 में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए इस कानून को और सख्त बनाया। पहले इस कानून के दायरे में केवल 22 अपराध थे जिन्हें बढाकर 47 किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब उनकी सरकार ने इस कानून को संशोधित किया, तब आरोपियों को अग्रिम जमानत न देने का जो प्रावधान था, उसे यथावत रखा गया। पीड़ितों को मिलने वाली राशि भी उनकी ही सरकार ने बढ़ाई। इस कानून का कड़ाई से पालन हो, इसके लिए सरकार ने पहले की सरकार के मुकाबले दोगुने से ज्यादा राशि खर्च की है। कानून के माध्यम से सामाजिक संतुलन को स्थापित करने का भी निरंतर प्रयास किया गया है। कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि वह सिर्फ भ्रम फैला सकती है, इसकी एक तस्वीर गत 2 अप्रैल को देश देख चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी आरक्षण खत्म किए जाने की अफवाह फैलाती है तो कभी दलितों के अत्याचार से जुड़े कानून को खत्म किए जाने की अफवाह। भाई से भाई को लड़ाने में कांग्रेस कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।  कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी कभी नहीं चाहती थी और न आज चाहती है कि दलित और पिछड़े विकास की मुख्यधारा में आएं। जबकि हमारी सरकार, बाबा साहेब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग तक विकास का लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। श्री मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को भी कभी आगे नहीं बढने दिया और बाद में उनके योगदान को मिटाने का भी प्रयास किया।

राबड़ी देवी और लालू के माली समेत चार ने परिषद चुनाव के लिए नामांकन भरा

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पटना 13 अप्रैल(वार्ता) बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा उनके माली खुर्शीद मोहसिन समेत चार उम्मीदवारों ने आज नामांकन पत्र दाखिल किया ।  श्रीमती राबड़ी देवी के साथ राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, श्री यादव के आवास पर माली का काम करने वाले खुर्शीद मोहसिन और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने नामांकन पत्र दाखिल किया। विधान परिषद चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी सह विधान सभा के सचिव रामश्रेष्ठ राय ने बताया कि श्रीमती राबड़ी देवी,श्री पूर्वे और श्री मोहसिन ने राजद प्रत्याशी और श्री मांझी ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सेक्यूलर उम्मीदवार के तौर पर दो-दो सेट में नामांकन का पर्चा दाखिल किया । सूत्रों के अनुसार राजद की ओर से विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में श्री खुर्शीद मोहसिन श्री लालू प्रसाद यादव के घर पर जैविक खेती करने के साथ माली का भी काम करते थे । श्री यादव की व्यक्तिगत पसंद होने के कारण उन्हें विधान परिषद भेजा जा रहा है । श्री यादव ने इससे पहले ईंट-पत्थर तोड़ने की मज़दूरी करने वाली भगवतिया देवी को भी लोकसभा चुनाव में जीत दिलाकर संसद पहुंचाया था।

विशेष : अशिक्षित हलीमा मगर जानकारी शिक्षित सरपंच से ज्यादा

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हरियाणा के पुन्हाना ब्लाॅक की बिसरू पंचायत की पूर्व पंच 65 वर्षीय हलीमा यूं तो निरक्षर हैं किन्तु अपनी जानकारी के दम पर उन्होंने बहुतों के घुटने टिकवा दिए हैं। हलीमा ने 2010 के पंचायत चुनाव में वार्ड पंच का चुनाव लड़ा व जीत हासिल की थी। हलीमा की 20 वार्ड सदस्यांे की पंचायत में सात महिलाएं थीं। हलीमा पंचायत की बहुत ही सक्रिय सदस्य रही हैं। रोजमर्रा के खर्चों के लिए हलीमा खेतों में मजदूरी करती हैं। इसके अलावा दूसरों के लिए लकड़ी काटकर व उपले पाथकर भी वह कुछ पैसे कमा लेती हैं। हलीमा को वृध्दा पेंशन मिलती है। हलीमा के पति होमगार्ड की नौकरी से रिटायर हैं लिहाज़ा उन्हें भी पेंशन मिलती है। इस तरह इन सभी से होने वाली आमदनी से हलीमा के घर का खर्चा चलता है।  हलीमा के परिवार में कुल 11 सदस्य है। 

हलीमा के बारे में उनके गांव वालों की राय है कि वह किसी सरपंच से अधिक काम करती हैं। हलीमा एक स्थानीय संस्था के साथ जुड़ी हुई हैं। संस्था से जुड़ने के बाद उनकी समझ में काफी बदलाव आया और वह गांव के विभिन्न मुद्दों से जुड़कर काम करने लगीं। इस संयोग ने हलीमा का काफी सशक्तिकरण किया और उन्होंने गांव की पंचायत में पंच के तौर पर काम किया। हलीमा एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर गांव में अपनी पहचान बना चुकी थीं। इसलिए पंच के तौर पर बेशक उनके लिए पंचायत में काम करना इतना मुश्किल नहीं रहा क्योंकि उनके पास पहले से ही काम करने का अनुभव था। इस बारे में हलीमा कहती हैं कि ‘‘सभी पुरुष और सभी औरतें सभी जगह बात करने में सक्षम नहीं होते। मगर वह औरतें भी हैं जिनके पास बात करने की समझ और कहने का सलीका होता है, काम भी करा लेती हैं और स्थान भी बना लेती हैं।’’ शायद यही वजह है कि हलीमा की आज भी गांव समाज में एक पहचान है हालांकि वह पंचायत में किसी अधिकारिक स्थान से नहीं जुड़ी हैं। आज भी बिसरू में किसी को पंचायत से जुड़े किसी काम के बारे में कोई जानकारी लेनी होती हैं तो लोग हलीमा को ही याद करते हैं। गाँव में रहने वाली संगीता बताती हैं कि 18000-19000 हजार की आबादी वाली बिसरू पंचायत में केवल एक ही आंगनबाडी केंद्र थी। हलीमा के कार्यकाल में उनके प्रयासों से ही अब इस पंचायत में 11 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 

हलीमा ने अपनी पंचायत से भ्रष्टाचारी और कामचोर अधिकारियों का निकाला जाना सुनिश्चित किया। राशन डिपो की धांधली को रोका और यह तय किया कि लोगों को पूरा राशन मिले।  उन्होंने हरिजन बस्ती में पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए पानी की टंकी लगवाई। साथ ही गरीबों को 75 प्रतिशत की छूट वाली आनाज की टंकी सरकार से दिलवाई। हलीमा ने अपने कार्यकाल के दौरान एक अहम काम किया कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरपंच की मदद से 400 लोगों को 4600 रूपए की पहली किश्त दिलवाकर उनके घरों में शौचालय निर्माण का काम शुरू कराया। आज भी जब वो पंच नहीं है तब भी उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 25 लोगों को 12000/-रूपये की मदद दिलवायी कि वह अपने घरों में शौचालय का निर्माण शुरू कर सकें। 

बिसरू की ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी को हलीमा ने सुनिश्चित किया। आमतौर पर महिलाओं को ग्राम सभा में आने नहीं दिया जाता था। दूसरे महिलाओं को खुद भी इसमें अपना कोई फायदा नहीं दिखता था। हलीमा ने घर घर जाकर इन महिलाओं से और उनके परिवार वालों से बात की। ग्राम सभा की उपयोगिता के बारे में बताया और ग्राम सभा में महिलाओं की संख्या बढ़ाई। गांव मंे शौचालयों की ज़रूरत को लेकर हलीमा ने सर्वेक्षण किया है। बिसरू काफी बड़ी आबादी की पंचायत है और अभी भी खुले में शौच के अभिशाप से ग्रस्त है। हलीमा बताती हंै कि अभी 45 फीसदी निजी तथा दो-तीन सार्वजनिक शौचालय बनवाने की जरूरत है। गंाव की विलेज हेल्थ न्यूट्रीशन एण्ड सेनिटेशन कमेटी को मिलने वाली राशि बढा़कर 3000/- हो जाए इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास किये। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मध्याह्न भोजन योजना और आंगनबाड़ी से मिलने वाला भोजन स्वच्छ व अच्छा हो तथा गांव में वह सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाएं जो आवश्यक हैं। 

मेवात के अन्य इलाकों के समान ही बिसरू पंचायत में भी पानी की किल्लत है। इसके उपचार के लिए हलीमा ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में सभी को जागरूक किया, गांव से 50,000/- रूपये इकट्ठा किये तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार कराया। इससे गांव में पानी की किल्लत काफी हद तक कम हुई है। 40 बुज़ुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन दिलवाई। हलीमा ने एक वार्ड पंच के तौर पर पंचायत के विकास के लिए अनेक काम किए। 2015 के पंचायती राज चुनाव में हलीमा सरपंच के पद पर चुनाव लड़ना चाहती थीं मगर शैक्षिक योग्यता के नियम के चलते हलीमा पंचायत चुनाव में प्रतिभाग नहीं कर सकीं। हलीमा पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं। उनके लिए वह खुद इसका एक बड़ा उदाहरण है। हलीमा मानती हैं कि पंचायत में काम करने के लिए जानकारी, शिक्षा से ज्यादा जरूरी है। वह कहती हैं जानकारी का अभाव अपंगता है जिससे आदमी घर में लाचार होकर बैठ जाता है। जानकार व्यक्ति गांव मंे घूमकर लोगों के लिए काम करता है और शिक्षा जानकारी का आधार नहीं है। वास्तव में हलीमा को डर इस बात का है कि पंचायत चुनाव में शिक्षा की योग्यता की वजह से कुछ जानकार और अनुभवी लोग पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने से वंचित हो रहे हैं। हलीमा स्वयं इसका जीता जागता उदाहरण हैं। हलीमा शिक्षा के खिलाफ नहीं है मगर पंचायत चुनाव में शिक्षा को योग्यता बनाने के खिलाफ हैं। 





(मुफीद खान)

मधुबनी : इप्टा की मधुबनी इकाई मधेपुरा रवाना

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 14 अप्रैल, इप्टा की मधुबनी इकाई 13 अप्रैल एवं 14 अप्रैल को क्रमशः मधेपुरा में आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीण नाट्य महोत्सव-2018 एवं  पटना में आयोजित रंगभूमि नाट्य समारोह-2018 में अपनी प्रस्तुति देगी। यह एक राष्ट्रीय स्तर की समारोह है और इसमे मधुबनी इप्टा महाभारत एक्सटेंशन नाटक की प्रस्तुति दोनों जगह देगी। साथ ही कई जनसंवाद व जनगीतों में भी अपनी सहभागिता प्रदान करेगी। यह नाटक वागीश कुमार झा द्वारा लिखित है और अनिल मिश्रा द्वारा निर्देशित है। अपनी प्रस्तुति के लिए 15 सदस्यीय टीम शुक्रवार को मधेपुरा के लिए रवाना हो गयी और उसके बाद पटना के लिए शनिवार को रवाना होगी। टीम के उपाध्यक्ष चंदन मिश्रा, सचिव श्रीप्रसाद दास, अभिषेक आकाश, अर्जुन राय, पंचम, प्रभात, रंजीत, रौशन, साक्षी, अंशु, सपना, नैंसी, मिथिलेश सहित अन्य अपनी प्रस्तुति देंगे।

विशेष आलेख : हॉकिंग और हर्षबर्धन

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प्रख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के मौत के आसपास ही भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन होता है, जिसके उद्घाटन सत्र में हमारे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन स्टीफन हॉकिंग को याद करते हुये कहते हैं कि “हमने हाल ही में एक प्रख्यात वैज्ञानिक और ब्रह्माण्ड विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग को खो दिया है जो मानते थे कि वेदों में निहित सूत्र अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत से बेहतर थे.” अपने बहुचर्चित भाषण में उन्होंने दावा किया कि ‘हिंदुओं का हर रीतिरिवाज विज्ञान से घिरा है और हर आधुनिक भारतीय उपलब्धि, हमारे प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की देन है.’ निश्चित रूप से स्टीफन हॉकिंग को दी गयी यह सबसे खराब श्रद्धांजली रही होगी और अल्बर्ट आइंस्टाइन ने तो सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि  साइंसदानों के किसी जमावाड़े में उन्हें इस तरह के चुनौती मिल सकती है. हर्षवर्धन से जो कि एक मेडिकल डॉक्टर के रूप में प्रशिक्षित है, से इस जानकारी के स्रोत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल करने वालों को ही इसका स्रोत तलाशने का सुझाव दे डाला. जिसके बाद सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले झूठ और अफवाहों की पोल खोलने वाली वेबसाइट “ऑल्ट न्यूज़” द्वारा इसके बारे में खोजबीन की गयी जिससे पता चला कि डॉ. हर्षवर्धन द्वारा किया गया यह दावा नया नहीं है. इंटरनेट पर इस तरह के दावा करने वाले लेख काफी पहले से ही मौजूद हैं.  

दुर्भाग्य से डॉ. हर्षवर्धन इस तरह का दावा करने वाले एकलौते नहीं है. पिछले चार सालों से सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों के मुखश्री से इस तरह की विचारों का निकलना बहुत आम हो गया है जिसमें मंत्री, मुख्यमंत्री और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री  भी शामिल हैं. दरअसल हमारे मुल्क के निजाम में ऐसे लोग सत्ता पर काबिज हो चुके है जो विज्ञान को आस्था और इतिहास को गर्व का विषय मानते हैं. प्राचीन भारत की तथाकथित वैज्ञानिक उपलब्धियों पर उनका गहरा विश्वास है. अतीत की अपने उस महानता को वे पुनर्स्थापित करना चाहता हैं जिसे उनके अनुसार मुसलमान और अंग्रेज शासकों ने बीच में अवरोधित कर दिया था. आइंस्टीन से पहले हमारे ये रहनुमा डार्विन और न्यूटन के पीछे पड़े हुये थे. पिछले ही दिनों पूर्व आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में केंद्र में मंत्री सत्यपाल सिंह धडल्ले से यह दावा करते नजर आये थे कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत “वैज्ञानिक रूप से ग़लत है” और स्कूल व कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है. इसी तरह से राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने तो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत पर ही दावा जता दिया है. उनका विश्वास है कि “हम सब ने पढ़ा है कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने दिया था, लेकिन गहराई में जानने पर पता चलेगा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से एक हज़ार वर्ष पूर्व ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने दिया था.” लेकिन इन हवाई दावों की आधिकारिक शुरुआत तो एक तरह से 2014 में ही हो गयी थी जब एक निजी अस्पताल का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने मुतालबा किया था कि “विश्व को प्लास्टिक सर्जरी का कौशल भारत की देन है. दुनिया में सबसे पहले गणेश जी की प्लास्टिक सर्जरी हुई थी, जब उनके सिर की जगह हाथी का सिर लगा दिया गया था.”

आस्थाओं या धार्मिक पुस्तकों को विज्ञान साबित करने का सिलसिला बहुत पुराना है. इसमें कोई भी धर्म पीछे नहीं है. इससे पहले यहूदी, ईसाई और मुसलमान भी ठीक ऐसा ही प्रयास करते रहे हैं. पिछले सदियों में विज्ञान पर चर्च का बड़ा दबाव रहा है, एक ज़माने तक चर्च ताकत के बल पर यह मनवाता रहा कि पृथ्वी ही केंद्र में है और बाकी के गृह इसके इर्द-गिर्द घुमते हैं लेकिन जब गैलीलियो ने कहा कि पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है तो चर्च ने इसे ईश्वरीय मान्यताओं से छेडछाड माना और अपने इस “जुर्म” के लिये गैलीलियो को सारी उम्र कारावास में बितानी पड़ी. इसी तरह से इस्लामी अकीदे में विश्वास करने वाले लोग यह दावा करते हुये मिल जायेंगें कि सारा विज्ञान कुरान से ही निकला है और पश्चिमी के वैज्ञानिक तो केवल कुरान में वर्णित वैज्ञानिक तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं. विवादित इस्लामी धर्मोपदेशक जाकिर नायक की तो कुरआन और विज्ञान नाम की एक किताब है जिसमें वे स्थापित करने की कोशिश करते हैं कि आधुनिक विज्ञान के ज्यादातर सिद्धांतों की भविष्यवाणी तो कुरान द्वारा 1400 साल पहले से ही कर दी गयी थी, अपने इस किताब में वे यह दावा करते हैं है कि “बिग बैंग” जिससे ब्रह्माण्ड की रचना हुयी थी कि बात कुरआन में पहले से ही मौजूद है. विकास के डार्विन के सिद्धांत को लेकर जाकिर नायक और हमारे केंद्रीय सत्यपाल सिंह में अदभुत समानता है, दोनों ही इसे खारिज करते हुए महज एक परिकल्पना मानते हैं. 

आस्था और प्रश्न के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है जबकि विज्ञान की शुरुआत ही सवाल पूछने से होती है. गैलिलियो की मौत और न्यूटन के पैदाइश के 300 साल बाद जन्म लेने वाले स्टीफ़न हाकिंन का शुमार हमारे सदी के महानतम वैज्ञानिकों में होता है. स्टीफ़न हाकिंन 8 जनवरी 1942 में लंदन में पैदा हुए थे. जब वो 13 साल के थे तो आइन्स्टाइन ने इस दुनिया से बिदा लिया था और अपने पीछे हाकिंन को छोड़ गए. स्टीफ़न हाकिंन ने अपनी पूरी ज़िन्दगी ब्रह्माण्ड को समझने और सवालों के उत्तर खोजने की कोशिश में लगा दिया, वो एक जन वैज्ञानिक और स्वप्नद्रष्टा थे जो अनंत ब्रम्हांड के गुणरहस्यों को हमें बहुत ही आम भाषा में समझाते थे. स्टीफ़न हाकिंन के पहले ब्रम्हांड के बारे में इंसान का नजरिया कुछ और था लेकिन हाकिंन के बाद आज मानव समाज ब्रम्हांड को ज्यादा बेहतर तरीके से समझता है. हाकिंन की खोज से पहले हम समझते थे कि हम एक ब्रम्हांड में रहते हैं, लेकिन हाकिंन ने बताया कि हम बहुब्रम्हांड में रहते हैं जो की लगातार फैल रही है. वे इस नतीजे पर पहुंचें थे कि समय की शुरुवात बिग बैंग के साथ ही हुई थी और इसको बनाने में ईश्वर का कोई रोल नहीं है. 

लेकिन उनके रास्ते में रुकावटें भी कम नहीं थीं. 1962 में डाक्टरों द्वारा उन्हें बताया गया कि वो एक ऐसे लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं जिसमें उनका शरीर धीरे धीरे काम करना बंद कर देगा और उनकी जिंदगी महज कुछ वर्षों की ही बची है. इसके बावजूद भी हॉकिंग ने किसी भी कमजोरी को अपने पर हावी नहीं होने दिया और वे इन तमाम रुकावटों को मात देते हुये 76 साल तक जीवित रहे. हालाकिं बीमारी के बाद आने वाले कई सालों तक वे विलचेयर पर सीमित हो कर रह गए थे जहाँ वे ना कुछ सुन सकते थे, ना बोल सकते थे और ना ही अपने हाथ-पैरों को हरकत दे सकते थे, लेकिन इन सबके बावजूद उनका दिमाग अनंत ब्रम्हांड की सैर करता था वे अपने दायें गाल को थोडा सा हिला कर लोगों को ब्रम्हांड की सैर करा देते थे. हमारे बीच वे एकलौते इंसान थे जो अपनी पलकों से बोलते थे और पूरी दुनिया उन्हें सुनती थी. स्टीफन हॉकिंग को उनके जीवटता के लिये भी याद किया जाएगा उन्होंने दुनियाभर के मायूस लोगों में विश्वास पैदा करने काम किया है. अपने एक भाषण में उन्होंने कहा था कि “अगर मैं अपनी इस शारीरिक असमर्थता के बावजूद कामयाब हो सकता हूँ, मेडिकल साइंस को शिकस्त दे सकता हूँ, मौत का रास्ता रोक सकता हूँ तो आप लोग जिनके सारे अंग सलामत हैं, जो चल सकतें हैं, दोनों हाथों से काम कर सकते हैं, खा-पी सकते हैं, हँस सकते हैं और अपने तमाम विचारों को दूसरे लोगों तक पंहुचा सकते हैं भला वो मायूस क्यों हैं”. 

गैलीलियो से लेकर हॉकिंग तक ने अपनी खोजों से दुनिया से अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने का काम किया है वरना हम तो अभी तक यही मानते रहते कि पृथ्वी चपटी है, स्थिर है और ब्रह्माण्ड के केंद्र में है जिसकी सूरज परिक्रमा करता है, सूरज एक झरने में डूब जाता है और फिर सुबह वहीँ से निकल आता है, चंद्रमा की अपनी रोशन है, सात आसमान हैं और बादलों में पानी आसमान से इकट्ठा होता है. हॉकिंग अब हमारे बीच नहीं है और हम अनगिनत हर्षबर्धनों, सत्यपाल सिंहों और जाकिर नायकों के बीच फंसे हुये हैं जो बहुत हास्यास्पद और शर्मनाक तरीके से ज्ञान और तर्क का माखौल उड़ाते हैं और ऐसे दावे करते हैं जिन्हें साबित नहीं किया जा सकता. दुर्भाग्य से उनके इन उटपटांग दावों पर आम समाज तो दूर हमारे वैज्ञानिक समुदाय की तरफ से भी कोई प्रतिरोध की आवाज सुनाई नहीं पड़ती है. किसी भी देश या समाज का यह रवैया कि उसकी धार्मिक पुस्तक या मान्यतायें सर्वतत्व का सिद्धांत (थ्योरी ऑफ एवरीथिंग) हैं और इनमें ही भूत, वर्तमान और भविष्य का सारा ज्ञान और विज्ञान निहित है, बहुत ही आत्मघाती है. धार्मिक पुस्तकें और मान्यताओं का सम्बन्ध आध्यात्म से होता है और उन्हें इसी रूप में ही ग्रहण करना चाहिए.



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जावेद अनीस 
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जन्म दिन पर रूद्राक्ष के 75 पौधे सप्रेम भेट से गदगद सुमित्रा महाजन

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उत्तराखंड. भारतीय लोकसभा की अध्यक्ष  सुमित्रा महाजन जी के  75 वें जन्म दिवस पर पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने आशीर्वाद स्वरूप  रुद्राक्ष का पौधा दिया  एवं परमार्थ ऋषिकुमारों ने रुद्राक्ष के 75 पौधे भेट किये । परमार्थ निकेतन में भारत की लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जी का 75 वां जन्म दिवस परमार्थ निकेतन की विश्व प्रसिद्ध दिव्य गंगा आरती में मनाया गया परमार्थ के  परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज जी ने रुद्राक्ष की माला एवं पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रुद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप दिया  साथ  ही पूज्य स्वामी जी ने कहा लोकसभा की अध्यक्ष  सुमित्रा महाजन जी के 75 वे जन्मदिवस पर सम्मान वन में 75 रुद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे |  लोकसभा की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन जी ने अपने संबोघन में कहा की गंगा तट में जो मेरा जन्मदिन मनाया गया वो मेरा अब तक का सब से अच्छा जन्मदिन है, जन्मदिन मनाने का जो तरीका पूज्य स्वामी जी ने बताया है । वो सच में बहुत ही अद्भुत है,और मैं सब को यही कहूंगी कि अपना जन्मदिन  वृक्षारोपण कर के मनाये।

बिहार : और बीडीओ ने कर दी है पंचायत ओडीएफ

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  • मामला जांचोपरांत कार्रवाई करने को बनता ही है

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मुरादपुर. कटिहार जिले में है प्रखंड कुर्सेला. इस प्रखंड में है पंचायत उत्तरी मुरादपुर. इस पंचायत की वार्ड न.8 की वार्ड सदस्य हैं तेतरी देवी. वार्ड सदस्य तेतरी देवी कहती कि बीडीओ साहब ने कागज पर उत्तरी मुरादपुर ग्राम पंचायत को ओडीपी घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वार्ड न.8 में संचालित स्कूल में औचक  निरीक्षण किया. एससी उत्क्रमित मध्य विघालय, गांव बल्थी, महेशपुर टोला में स्थित है. उनका कहना है कि जब एससी उत्क्रमित मध्य विधालय के स्कूली बच्चों से पूछे कि कितने बच्चों के घरों में शौचालय नहीं है? अब तक कितने बच्चों ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित क्रमश: स्वच्छ भारत मिशन व लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से 12 हजार रू.की प्रोत्साहन राशि लेकर शौचालय निर्माण करवाये हैं? उपस्थित 75 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि हमलोग के परिजनों ने प्रोत्साहन की राशि से शौचालय नहीं बनवाये हैं. हमलोग साथ-साथ खुले में जाकर शौच करते हैं.इस तरह कागज में ओडीएफ घोषित करने की ढोल की पोल वार्ड सदस्य तेतरी देवी ने खोलकर रख दी. वह इतने से संतुष्ट नहीं हुईं.स्कूल के बगल में महादलित मुसहर समुदाय की बस्ती है.400 से अधिक घर है.किसी के पास शौचालय नहीं है.यहां के यदु ऋषि के प्रयास से बैठक की गयी. तब बताया गया कि हमलोग खुले में जाकर मैदान करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार भी बीडीओ द्वारा आननफानन में ओडीएफ कर देने की कार्रवाई से वाकिफ है.बीडीओ ने वार्ड सदस्य व मुखिया को विश्वास में लेकर हस्ताक्षर कराकर कागजी शेर बन गया है.अब धरती पर गीदड़ बनाने का समय आ गया है. इस स्कूल के हेड मास्टर हैं  मो. इसलाम.स्कूल की व्यवस्था दुरूस्त है. पेयजल व शौचालय है. मगर बिजली रानी दर्शन नहीं देती है.मिड डे मील रेग्गुलर है.एमडीएम में शिकायत नहीं है.

बिहार : बाबा साहब के साथ काँग्रेस के मधुर संबंधों पर टीका टिप्पणी बर्दाश्त नहीं

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पटना.बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि बीजेपी, आरएसएस की विचारधारा हमेशा से दलित विरोधी रही है। बाबा साहब आम्बेडकर को पूरे संघर्ष काल में आरएसएस परेशान ही करती रही , आज नकली स्वांग कर लोगों को ठगने की हास्यास्पद कोशिश में जुट गए हैं। बाबा साहब पूरे जीवन काँग्रेस की विचारधारा से प्रभावित रहे। नेहरू मन्त्रिमण्डल में कानून मंत्री रहे, संविधान सभा मे ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बना काँग्रेस ने उनकी प्रतिभा को सम्मान दिया। भारत के वित्त अयोग  के संस्थापक सह अध्यक्ष भी रहे। बाबा साहब हमेशा काँग्रेस के समर्थन से ही राज्यसभा की शोभा बढाये। बाबा साहब महान कानूनविद के साथ, विद्वान अर्थशास्त्री भी थे। बाबा साहब के नकली और नए भक्त भाजपा, संघ या अन्यों के पास कोई भी आदर्श महापुरुष नेता नहीं है, सब दलित समाज को ठगने की राजनीति में जुटे हैं। काँग्रेस के नेताओं को पूजना भाजपा की मजबूरी भी है।  बाबा साहब और काँग्रेस के मधुर सम्बन्धों पर टीका टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है। बाबा साहब की वैचारिक थाती को काँग्रेस से अलग कोई कर ही नहीं सकता।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 14 अप्रैल

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बाबा साहब के सपनों को साकार करने में हम सबकी  महती भूमिका-राज्यमंत्री श्री मीणा

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भारत रत्न बाबा साहेब डाॅ बीआर अम्बेडकर की 127वीं जयंती के अवसर पर एक दिवसीय सद्भावना शिविर का आयोजन जिला मुख्यालय पर किया गया था। जिला मुख्यालय पर आज एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में सद्भावना शिविर को सम्बोधित करते हुए उद्यानिकी राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा कि बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर के द्वारा संविधान के माध्यम से जो एकजुटता देश को दी है उसे हम सब बनाए रखें। उनके सपनों को साकार करने में हर भारतीय की महती भूमिका है।  राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के उत्थान एवं चहुंमुखी विकास के लिए जो-जो नवाचार किया गया है का अनुसरण एवं उपयोग अन्य राज्यों के द्वारा भी किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्धेश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। आज विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया है जिसका मुख्य उद्वेश्य ग्राम स्वराज अभियान के  क्रियान्वयन को गति देना है।  राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अम्बेडकर जी की जन्म भूमि महू को तीर्थ स्थल का रूप दिया है। राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि शिक्षा को बढावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष पहल की जा रही है खासकर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के विद्यार्थी शिक्षावान हो उनके लिए विशेष योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि गरीब दीनदुखियों खासकर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उत्थान हेतु मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा विशेष प्रयास प्रदेश में किए जा रहे है इन वर्गो में शिक्षा का बेहतर प्रचार-प्रसार हो और युवाजन शिक्षावान बनें। साथ ही साथ स्वरोजगार एवं रोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से सबल हो के प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर जी ने जो सपना देखा था उसे पूरा करने में हम सबकी महती भूमिका है खासकर गांव शहर के ऐसे व्यक्ति जिन्हंे वाजिब में शासन की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। उन तक पहुंचाने मंे यदि हम योगदान देते है तो इससे अच्छा उदाहरण कोई नही हो सकता है। बासौदा विधायक श्री निशंक जैन ने समाजों को पिछड़ने में सबसे महत्वपूर्ण कारण अशिक्षित होना बताया। उन्होंने कहा कि भारत रत्न डाॅ बीआर अम्बेडकर ने सबसे पहले शिक्षा पर जोर दिया ताकि पिछडे वर्ग के लोग शिक्षित होकर अपने अच्छे बुरे की पहचान जान सकें।विधायक श्री जैन ने समाज सबसे पहले नशामुक्त हो इसके लिए हम सबकों जनजागृति के माध्यम से परिणाममूलक प्रयास करने होंगे। उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाआंे को और अधिक सहज व सरल बनाने के लिए स्थानीय बोली में योजनाओं के फ्लैक्स, पेम्पलेट सारगर्भित रूप से प्रकाशित कराने पर बल दिया ताकि आमजन बोलचाल की भाषा में सुगमता से योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि बाबा साहब डाॅ बीआर अम्बेडकर के बताए गए मार्ग पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि देें। उनका पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा किन्तु उन्होंने राष्ट्रभक्त की भावना को कभी नही छोड़ा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने उनके सपनो को साकार करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि डाॅ भीमराव अम्बेडकर दूरदृष्टा थे उन्होंने समाजों में एकरूपता लाने के लिए जो मंत्र बताए थे वो भी आज कारगर है। उन्होंने महिलाआंे के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए अनेक कार्य किए है जिसमें प्रसूति सहायता से लेकर वैवाहिक उम्र भी शामिल है। उनके लिए हमारी सच्ची श्रद्वांजलि यही है कि हम उनके बताए गए मार्ग पर चलकर समाज, गांव और जिले के साथ-साथ प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें। उन्होंने अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए शिक्षारूपी दामन को पकड़ने की बात कही है जो आज अतिआवश्यक है। कार्यक्रम को पुलिस अधीक्षक श्री सम्पत उपाध्याय, एसएटीआई के संचालक श्री जेएस चैहान ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के दौरान एसएटीआई के प्रोफेसर श्री एसएस गोलिया ने डा भीमराव अम्बेडकर के व्यक्तित्व, जीवन परिचय पर प्रकाश डाला।

लाइव प्रसारण
भारत रत्न डाॅ बीआर अम्बेडकर की जयंती पर छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर में आयोहित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए और उनके भाषण का लाइव प्रसारण विदिशा के एसएटीआई, कैलाश सत्यार्थी सभागृह में भी देखा और सुना गया है। 

हितग्राही लाभांवित
कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों द्वारा मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत चार निःशक्त हितग्राहियों लेपटाॅप प्रदाय किए वही ग्राम मढीचैबीसा के दिव्यांग श्री हरलाल कोरी को ट्राय साइकिल प्रदाय की गई। 

सहभोज
आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से आयोजित सदभावना शिविर कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों ने स्कूली विद्यार्थियों और स्वंयसेवी संगठनों के अलावा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के स्वसहायता समूहों के सदस्यों के साथ बैठकर सहभोज भी एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में किया। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री गुड्डीबाई लालाराम अहिरवार समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं श्री सुभाष बोहत और जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय समेत अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व गणमान्य नागरिक एवं पत्रकार मौजूद थे।
कहानी सच्ची है : हरलाल की मनोकामनाएं पूरी की योजनाआंे ने

दिव्यांग श्री हरलाल कोरी ने अपने आपको असहाय ना मानते हुए संघर्ष से जीवन में जो परिवर्तन लाने का सोचा था वह शासकीय योजना ने पूरा किया है। योजनाओं से लाभांवित होने के उपरांत हितग्र्राही हरलाल आज विदिशा जिला मुख्यालय पर आयोजित सदभावना शिविर में शामिल हुए और योजनाओं से जीवन में आए परिवर्तन की जानकारी उन्होंने राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा को दी और लाभांवित होने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। विदिशा जिले के ग्यारसपुर जनपद पंचायत के ग्राम मढीचैबीसा के रहने वाले दिव्यांग श्री हरलाल कोरी पैरो से अशक्त होने के कारण आने-जाने में असमर्थ होने के कारण अपने आप से कुठिंत हो रहे थे ऐेसे समय ग्राम के सचिव ने उन्हें ट्रायसायकिल सामाजिक न्याय विभाग से दिलवाने मंें कारगर पहल की। दिव्यांग हरलाल को ट्रायसाइकिल मिलने के बाद स्वंय का रोजगार संचालित करने का मन बनाया। आठवीं पास हरलाल का यह काम मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ने पूरा किया है। हितग्राही हरलाल कोरी का कहना है कि निःशक्तता को स्वरोजगार में आडे़ हाथ नही आने दिया। मेरे हौंसला को देखते हुए एसबीआई की शाखा द्वारा मुझे मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत किराना व्यवसाय संचालन हेतु मुझे पचास हजार का लोन दिया। जिससे गांव में ही मेरे द्वारा व्यवसाय का संचालन किया जाने लगा। हर रोज मुझे दो सौ से ढाई सौ रूपए की सामग्री बिकने से 70 से 80 रूपए का मुनाफा होने लगा था मेरे द्वारा बैंक की नियमित किश्त भरी जा रही है। हितग्राही हरलाल कोरी सदभावना शिविर में पुनः ट्रायसायकिल प्राप्ति के उद्वेश्य से आए थे और उनकी मनोकामना पूरी हुई। राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा के द्वारा उन्हें ट्रायसाइकिल प्रदाय की गई। ट्रायसाइकिल मिलने के बाद हितग्राही हरलाल कोरी ने प्रसन्नचित मुद्रा में दोनो हाथ जोड़कर धन्यवाद ज्ञापित किया है। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 14 अप्रैल

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डाॅ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने का लिया गया संकल्प
  • अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउसिंल द्वारा डाॅ. अंबडेकर की 127वीं जयंती मनाई गई

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झाबुआ। अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल की जिला इकाई द्वारा भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती डीआरपी लाईन स्थित डाॅ. अंबेडकर पाक्र्र पर मनाई गई। इस अवसर पर अतिथि के रूप में जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी यषवंत भंडारी, संकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर, जय भीम जागृति समिति के अध्यक्ष एमएल फुलपगारे, सचिव बेनेडिक्ट डामोर थे। अध्यक्षता काउंसिल के जिलाध्यक्ष रामप्रसाद वर्मा ने की। इस अवसर पर सभी ने डाॅ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात् सामूहिक संकल्प लिया कि हम सभी भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखेंगे तथा भारतीय संविधान का पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पालन करेंगे। उक्त कार्यक्रम में प्रषासनिक अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए। सर्वप्रथम डाॅ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण अतिथियों के साथ जिला उपभोक्ता हितैषी मंच के जिलाध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी, आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के परामर्षदाता सुधीर कुषवाह, अजाक्स के जिलाध्यक्ष सोमसिंह भूरिया, बचपन बचाओ आंदोलन के उमेष गुर्जर के साथ प्रषासनिक अमले में नगरपालिका सीएमओ एमएस निगवाल, जिला नाजिर अषोक चैहान, सामाजिक न्याय विभाग से गजेन्द्रसिंह पंवार आदि द्वारा किया गया। पश्चात् डाॅ. अंबेडकर के चरणों में पुष्प अर्पित किए। सभी ने सामूहिक रूप में बाबा साहेब अमर रहे .... के जयघोष लगाए।

सभी ने संकल्प दोहराया
इसके पश्चात् जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने उपस्थित सभीजनों को 4 सूत्रीय संकल्प दिलवाया। जिसमें भारत रत्न डाॅ. भीमरावत अंबेडकर साहब की अध्यक्षता में बने भारतीय संविधान का पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से पालन करने, भारत देष की एकता और अखंडता को कभी खंडित नहीं करने, देष में सांप्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता के लिए सदैव प्रयासरत रहने एवं आपस में एक-दूसरे के प्रति पूरा सम्मान करने तथा अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार के सिद्धांतों एवं उद्देष्यों के अनुरूप हर देषवासी के मानव अधिकारों के प्रति सदैव संघर्षरत रहने एवं समाज की अंतिम पंक्ति में ख़ड़े हर नागरिक को पूरा सहयोग एवं समर्थन का संकल्प सभी ने सामूहिक रूप से दोहराया।

मेहुल राठौर का जन्मदिवस मनाया गया
14 अप्रेल को ही सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर के सुपुत्र मेहुल राठौर का जन्मदिवस होने पर बालक का जन्मदिवस भी इस दौरान मनाया गया। सभी के बीच मेहुल ने केक काटा और सभी का मुह मीठा करवाया। बाद उपस्थित अतिथियों ने मेहुल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उसका डाॅ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर जन्मदिवस होने पर छोटा भीम के नाम से संबोधित किया। इस दौरान उपस्थित हुए कलेक्टर आशीष सक्सेना, पुलिस अधीक्षक महेषचन्द्र जैन, जिला पंचायत सीईओ जमुना भिड़े के चरण स्पर्ष कर मेहुल ने आषीर्वाद प्राप्त किया। उक्त वरिष्ठ अधिकारियों ने मेहुल के उज्जवल भविष्य की कामना की। समस्त कार्यक्रम का संचालन आजाद साहित्य परिषद् के जिला सचिव शरत शास्त्री ने किया एवं अंत में सभी के प्रति आभार काउंसिल के जिला सचिव दौलत गोलानी ने माना।

प्रदेष सरकार की जन हितैषी योजनाओं का गा्रमीणजन लाभ लेवे- विधायक बिलवाल
  • गा्रम जुलवानिया में वन अधिकार अधिनियम के तहत विधायक ने 53 हितगा्रहियो को पट्ो का वितरण किया   

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झाबुआ । भारत रत्न बाबा साहब आम्बेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर शनिवार को गा्रम पंचायत जुलवानिया में वन अधिकार अधिनियम के तहत गा्रम पंचायत जुलवानिया, ढेबरबडी, तलावली, गेहलरछोटी, मे वन अधिकार के तहत जमीन के पट्टो  के वितरण आयोजन के तहत विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं कलेक्टर आशीष सक्सेना के कर कमलों से के कुल 53 हितगा्रहियो को पटृे का वितरण समारोह पूर्वक किया गया । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा वनो की जमीन जिन पर किसानों द्वारा खेती आदि की जारही है के पट्टे दिये जाने के नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार ने गा्रमीणों के लिये ढेरो योजनाओं को लागू करके सबके बेहतरी के लिये काम किया है । उन्होने  कहा कि सरकार की जनोन्मुखी योजनाओं का लाभ उठा कर सुखी एवं समृद्ध प्रदे श बनाने के लिये सहभागी हो । श्री बिलवाल ने किसानों के लिये लागू की गई योजनाओं की भी विस्तार से जानकारी दी तथा विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया । उक्त कार्यक्रम में श्रीमती जमना भिण्डे, मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ, श्रीत्रिवेद्वी उप संचालक कृषि झाबुआ, पी.सी.वर्मा मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत झाबुआ, मेगजी अमलियार जिला पंचायत सदस्य झाबुआ, रामचन्द्र भाभर, सुरेश चैहान मण्डल अध्यक्ष कल्याणपुरा, जितेन्द्र (टुई) पंवार ,गा्रम पंचायत जुलवानिया सरपंच,लोहारिया सरपंच,नवापाडा भण्डारिया सरपंच,ढेबर सरपंच,बिजलपुर सरपंच,तलावली सरपंच गा्रम के तडवी एवं गा्रमीण जनो की उपस्थिति में पटृो का वितरण किया गया  ।

सामाजिक समरसता के प्रण्ेाता रहे बाबा साहब आम्बेडकर- विधायक शांतिलाल बिलवाल
  • भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब की जयंती उत्साह के साथ मनाई 

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झाबुआ । भारत रत्न बाबा भीमराव आम्बेडकर ऐसी महान विभूति रहे है जिन्होने दलितो शोषितों एवं समाज के कमजोर तबके के लोगों को समाज मे बराबरी का दर्जा दिलाने के लिये अपनी अहम भूमिका का निर्वाह किया । बाबा साहब को संविधान पीठ का अध्यक्ष बनाया गया था और उन्होने विभिन्न देशों के संविधानों का बारिकी से अध्ययन करके हमारे देश को एक ऐसा लचिला संविधान दिया जिससे भारत विश्व के प्रजातात्रिंक देशों में अग्रणी माना जाता है । बाबा साहब ने आजीवन समाज के ऐसे पीडित समाज के लिये कार्य किया ।सामाजिक समरसता से परिपूर्ण संविधान को देश मे लागू करके देश के प्रजातंत्र को जो सौगात दी है वह उल्लेखनीय है। भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र एवं प्रदेश में सरकार आने के बाद ही बाबा साहब आम्बेडकर को राष्ट्रव्यापी सम्मान मिले इसके लिये पांच स्मारकों का निर्माण करवाया । कांग्रेस केवल बाबा साहब के नाम पर राजनीति करने के अलावा उसने बाबा साहब के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिये कुछ भी नही किया ।बाबा साहब की जन्म भूमि महू में भाजपा सरकार ने ने ही एक तीर्थवत वृहद स्मारक का निर्माण करवा कर बाबा साहब को जो सम्मान दिया वह कांग्रेस की सरकार ने कभी नही दिया था । उक्त विचार भारतीय जनता पार्टी द्वारा बाबा साहब आम्बेडकर की 127 वी जन्म जयंती पर स्थानीय आम्बेडकर पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं नमन के कार्यक्रम के अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने व्यक्त किये । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने भी बाबा साहब के 127 वी जयंती के अवसर पर उन्हे स्मरण करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर ने  दलितो, शोषितो, एवं अनुसूचित जाति एवं जन जाति के हितार्थ संविधान में जो प्रावधान किये थे उन्हे हमारी केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार एवं प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार लागू करके उन्हे सम्मान दे रही है । इस अवसर पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने भी अपने सबांेधन में उनके जीवनवृत पर विस्तार से जानकारी देते हुए बाबा साहब को स्मरण किया । इस अवसर पर प्रेम सतोगिया ने बाबा साहब पर कविता का पाठ किया । आम्बेडकर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में विधायक शांतिलाल बिलवाल, जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया, कल्याणसिंह डामोर, पूर्व जिलाध्यक्ष दौलत भावसार, बबलु सकलेचा, विजय नायर, लक्ष्मणसिंह गामड, भूपेश सिंगोड,धनसिंह बारिया, हरू भूरिया मंडल अध्यक्ष गा्रमीण, इरशाद कुर्रेशी, लाला गुण्डिया, राजेन्द्र कुमार सोनी, सौरभ जायसवाल, श्रीमती निर्मला अजनार, रमीला, लक्ष्मीबेन, पार्षद अजय सोनी, ओपी राय,नाना राठौर,राकेश शर्मा अंकुर पाठक मुकेश बुन्देला, शैलेन्द्र सोलंकी, शांतिलाल पालीवाल, अरविंद गुण्डिया, राजा ठाकुर, सहित बडी संख्या में भाजपाईयों ने बाबा साहब को नमन कर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की । कार्यक्रम का संचालन मंडल अध्यक्ष बबलु सकलेचा ने किया एवं आभार कीर्तिश भावसार ने माना ।

स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
  • दीन दयाल प्रतिमा पर हुआ किसान सम्मान यात्रा का समापन

झाबुआ । बाबा साहब भीमराम आम्बेडकर की 127 जन्म जयंती के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल के नेतृत्व में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने मेघनगर नाका स्थित स्वर्गीय सांसद दिलीपसिंह भूरिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे नमन किया । भाजपा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक शांतिलाल बिलवाल, जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया, कल्याणसिंह डामोर, पूर्व जिलाध्यक्ष दौलत भावसार, बबलु सकलेचा, विजय नायर, लक्ष्मणसिंह गामड, भूपेश सिंगोड,धनसिंह बारिया, हरू भूरिया मंडल अध्यक्ष गा्रमीण, इरशाद कुर्रेशी, लाला गुण्डिया, राजेन्द्र कुमार सोनी, सौरभ जायसवाल, श्रीमती निर्मला अजनार, रमीला, लक्ष्मीबेन, पार्षद अजय सोनी, ओपी राय,नाना राठौर,राकेश शर्मा अंकुर पाठक  मुकेश बुन्देला,यशवंत भंडारी, शैलेन्द्र सोलंकी, शांतिलाल पालीवाल, अरविंद गुण्डिया, राजा ठाकुर, सहित बडी संख्या में भाजपाईयों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे पुष्पांजलि अर्पित की । इस अवसर पर जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया ने स्वर्गीय भूरिया को आदिवासी वर्ग का मसिहा निरूपित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज एवं पिछडे एवं दलितों के उत्थान के लिये भूरियाजी ने आजीवन अपनी भूमिका निभाई तथा संविधान में सशोधन करके आदिवासी एवं पिछडे तबकों के लिये कानून में प्रावधान करवाये । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी अपने सबोधन में दिलीपसिंह भूरिया को आदिवासी समाज का राष्ट्रीय नेता बताते हुए उन्हे बाबा साहब आम्बेडकर की तरह ही आदिवासी समाज के हित संरक्षणकर्ता के रूप् में बताते हुए सामाजिक समरसता को स्थापित करने वाला बताया । पाचंवी एवं छटवी अनुसूकची एवं पैसा कानून को दिलीपसिंह भूरिया की देन बताते हुए श्री बिलवाल ने उन्हे स्मरण करते हुए भावाजंलि अर्पित की ।

किसान सम्मान यात्रा निकली तथा हुआ समापन
स्वर्गीय भूरिया की प्रतिमा स्थल से करीब 50 बाईकों के साथ नगर मंडल की किसान सम्मान यात्रा निकली जो उदयपुरिया, मेन रोड, बस स्टेंड, थांदला गेट,मेन मार्केट, राजवाडा होते हुए मौजीपाडा होकर गोपााल कालोनी होते हुए  राजगढ नाका स्थित दीनदयाल प्रतिमा पर पहूंची जहां भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया , विधायक शांतिलाल बिलवाल सहित बडी संख्या में भाजपा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । इस अवसर पर किसान सम्मान यात्रा के समापन अवसर जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया ने  शिवराजसिंह सरकार की किसान हितैषी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का पूरे जिले में घर घर तक सन्देश पहूंचाने में निभाई गई भूमिका का जिक्र किया ।उन्होने चुनावी वर्ष होने से कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि वे  सतत गा्रमीण अंचलों में भ्रमण करके किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते रहे तथा योजना का लाभ गा्रमीणजनों को दिलानें में अपनी भूमिका का निर्वाह करें । इस अवसर पर यात्रा प्रभारी विजय नायर ने भी अपने संबोधन में किसान सम्मान यात्रा की उपलब्धियों एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये परिश्रम के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।

योग षिविर के चैथे दिन भी योगाभ्यासियों ने योग के गुर ग्रहण किये
  • योग गुरू खुजेमा बोहरा ने एरोबिक्स के माध्यम से करवाया व्यायाम
  • योग प्रचारक विष्वामित्र ने दिये योग एवं प्रणायाम के टिप्स

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झाबुआ । नगर के नसियाजी में महिला पतंजलि योग समिति के द्वारा पंच दिवसीय योग शिविर योगपीठ हरिद्वार से प्रचारक विश्वामित्र योगाचार्य के द्वारा षनिवार सुबह 5-30 बजे से लेकर 7 बजे तक योग शिविर का आयोजन किया गया जिसमें उन्होनेे बताया कि योग से शरीर और आत्मा का विकास होता है क्योंकि आज वर्तमान युग में भागमभाग की इस दौर में व्यक्ति अपने आत्मा के विकास के लिए प्रयास नहीं करता योग एक ऐसी विधा है जिससे व्यक्ति का व्यक्तित्व का विकास होता है क्योंकि हम शरीर को नित प्रतिदिन भोजन के रूप में कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन एवं मिनरल्स प्रदान करते हैं। परंतु आत्मा के विकास के लिए हम कुछ नहीं कर पाते हैं जिसके कारण आज समूचे विश्व में नैतिक मूल्यों का ह्रास होते जा रहा है हमारी आत्मा बहुत ही कमजोर होती जा रही है। व्यक्ति स्वयं अपने आप में खिन्नता व कमजोरी का एहसास करता है जिसके कारण डिप्रेशन माइग्रेन व अपने आप में कमजोरी महसूस करता है । योग के माध्यम से हम अपने आत्मा की शक्ति को बढ़ा सकते हैं अपनी आत्मा में छुपी हुई शक्ति को जागृत कर सकते हैं आत्मा के साथ-साथ शरीर की भी शुद्धि योग से हो जाती है। मेडिटेशन एक ऐसी पद्धति है जो समस्त प्रकार के व्याधियों को एवं मानसिक तनाव को दूर करने में कारगर साबित होता है सूक्ष्म व्यायाम एवं प्राणायाम के माध्यम से छुपे हुए गुप्त रोगों को भी दूर किया जा सकता है आज समूचे विश्व में योग की लहर दौड़ रही है जिसके कारण स्वामी रामदेव जी महाराज एवं उनके अनुयायियों के माध्यम से योग का प्रचार प्रसार तेजी हो रहा है । सिर्फ एक घंटा निकाल कर अपने अपने शरीर का आयाम मन मस्तिष्क का व्यायाम बहुत जरूरी है । शिविर में महिला पतंजलि समिति की अध्यक्ष कुमारी रुक्मणी वर्मा, नीलम जैन भावना टेलर श्रीमती कृष्णा देवी श्रीमती देवकन्या साधना चैहान राजेश सोनी आदि ने दीप प्रज्वलित कर आज के शिविर का शुभारंभ किए। इस शिविर का समापन आज रविवार को आयुष काम महायज्ञ के साथ किया जाएगा जिसमें महिला पतंजलि योग समिति की समस्त पदाधिकारी गण उपस्थित होकर यज्ञ में आहुतियां प्रदान कर संगठन को तथा योग भारतीय संस्कृति को जनमानस तक पहुंचाने का संकल्प लेंगे।  चैथे दिन आयोजित योग षिविर में विष्वामित्र द्वारायोग व प्राणायाम के गुर बताते हुए विशेष रूप से घुटने का दर्द और कमर का दर्द का इलाज योग व प्राणायाम से बतलाया गया जिस में लेट कर के किए जाने वाले आसन मर्कटासन चक्रिका आसन,पवनमुक्तासन, सलभासन एवं अनेक प्रकार के रोगानुसार आसनों को बतलाया गया, क्योंकि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कमर दर्द और घुटने का दर्द से माताएं बहने एवं बुजुर्ग अगर पीड़ित है उनसे विष्वामित्र द्वारा नियमित अभ्यास करने की सलाह भी दी गई । षिविर में पादासन, वक्रासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन लोकासन, वज्रासन, अर्द्धहलासन, कटी चक्रासन, के अलावा 12 योगिंग जोगिंग का अभ्यास करवाया वही प्राणायम में भस़्ित्रका, अनुलोम विलोम, कपालभांति,  भा्रमरी, उदविद, गुंजन, प्रणव, वृक्षासन आदि का अभ्यास करवाया । इस अवसर पर उन्होने योग की महत्ता बताते हुए कहा कि योग से आत्मा एव षरीर को उर्जा एवं षक्ति मिलती है तथा जीवन मे सुस्कांरो को ग्रहण करने की षक्ति प्राप्त होती है । प्रत्येक व्यक्ति को कठिन श्रम करने से कभी भी परहेज नही करना चाहिये, यदि षरीर थक जायेगा तो निन्द्रा अच्छी आयेगी और नव उर्जा का संचार होगा । षिविर के चैरे थे दिन योग गुरू खुजेमा बोहरा ने एरोबिक्स के 12 व्यायामो को उपस्थित जनों को करवाते हुए कहा कि संगीत के साथ एरोबिक्स जो योग का ही एक स्वरूप है के  माध्यम से प्रसन्न चित्त होकरक्रियाये करने से कई बीमारिया जड से ही समाप्त हो जाती है । पंतजलि महिला योग समिति प्रमुख रूकमणी वर्मा ने बताया कि पिछले चार दिनों से चल रहे इस षिविर का लाभ नगर के महिलायें बडी संख्या में ले रही है तथा उन्होने सतत एवं नियमित रूप  से योगाक्लासेस में आने का संकल्प लिया है। जैन नसिया से विष्वामित्र के नेतृत्व में योग रैली का आयोजन भी किया गया जिसमें योग भगावे रोग के नारों के साथ जनजागृति पैदा की गई । रैली का समापन राजवाडा चैक पर किया गया । रविवार को योग षिविर का अन्तिम दिन होकर इसमें नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने  की अपील समिति की मधु जोषी ने की है ।

जैन सोष्यल ग्रुप मैत्री का शपथ विधि कार्यक्रम एंव अवार्ड समारोह

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झाबुआ। 12 अप्रेल को जैन सोष्यल ग्रुप मैत्री की शपथ विधि कार्यक्रम एंव अवार्ड समारोह स्थानीय शहनाई गार्डन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर सर्वसम्मति से चुने गए अध्यक्ष दिनेष रुनवाल एंव सचिव संचित बाबेल ने अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के साथ शपथ ग्रहण की। सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों को सत्र 2018-19 की शपथ इंदौर रीजन के चेयर पर्सन ललीत जैन, सचिव हेमा वोहरा, सह सचिव प्रतीक मेहता, फाउंडर अघ्यक्ष मनोज बाबेल एवं ब्लड डोनेषन इंदौर रिजन के नीरज गादिया तथा जय भंडारी, पूर्व अध्यक्ष संजय गाॅधी एंव ग्रुप के मेन अध्यक्ष राजेन्द्र संधवी आदि की उपस्थिति में संपन्न हुई। उक्त कार्यक्रम राॅयल वेडिंग थीम पर आधारित था, जहां प्राईस के लिए बेस्ट वेडिंग फिमेल में सोनाली जैन और नेहा घोड़ावत, बेस्ट मेल में पंकज कोठारी और चिराग जैन, बेस्ट कपल में शर्मिला विषाल कोठारी एंव श्रद्वा संदीप जैन ओर बेस्ट फेमिली डांस अप में पीयुष निक्कीजी जैन परिवार ने बाजी मारी। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में लंक्की दुल्हा दुल्हन का चयन लक्की ड्रा से किया। जिसके विजेता आशीष रेखा श्रीमाली रहे  साथ ही प्रतियोगिता शादी के साईड इफेक्ट एक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें जज की भूमिका मेंी उमग सक्सेना अघ्यक्ष रोटरी क्लब एंव मनीज  त्रिवेदी वाईस प्रिसिंपल आॅफ सेन्ट्रल स्कूल थे । ग्रुप के दंपति एवं अतिथियों का स्वागत महावीर जैन एवं धर्मेष मोटा द्वारा किया गया। इस अवसर पर 10 नए दंपतियों को ग्रुप का सदस्य बनाया गया।

ये रहे विजेता
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सिंगल में रचना भंडारी, कपल में गौरव नेहा जैन एंवं ग्रप में गौरव सोनाली एंव रवि सीमाजी जैन रहे। उक्त कार्यक्रम में बच्चो ने भी बेडिग ड्रेस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें वन्या जैन, स्वरा कोठारी और दित्य कोठारी को पुरुस्कार मिला। शपथ विधि कार्यक्रम का संचालन गु्रप पीआरओ स्वीटी कांकरिया एंव निधी रुनवाल ने किया। साथ ही ग्रुप में वर्षभर शादी की सालगिरह पर दी जाने वाले मोमेंटो का अनावरण किया गया एवं ग्रुप द्वारा बच्चों का लिटील चेंप आॅफ ग्रुप मैत्री के रुप में सम्मान कर उत्साह बढाया गया। जिसमें कु्रतज्ञ गादिया, प्रग्या कटकानी, आदित्य श्रीमाल, मनन रुनवाल, अल्भया जैन, समकित कोठारी, दर्षन संधवी आदि सम्मिलित हुए।

डाॅ. अम्बेडकर की जयंती पर हुए कार्यक्रम

झाबुआ । डाॅ.भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर जिलेभर मे कार्यक्रम आयोजित किये गये। स्थानीय अम्बेडकर पार्क झाबुआ में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्जवलन किया गया। जिला मुखालय पर कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, पुलिस अधिक्षक महेशचंद जैन,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे,एवं जनप्रतिनिधियो शासकीय सेवको द्वारा बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।

प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग 16 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर

झाबुआ । झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन 16 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर रहेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री श्री सारंग 16 अप्रैल को प्रातः 10 बजे सर्किट हाउस झाबुआ पर जनप्रतिनिधयो से भेंट करेगे,दोपहर 12 बजे जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ मे आयोजित किसान सम्मेलन मे सहभागिता करेगे। उसके बाद अपरान्ह 3 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक लेगे। उसके बाद अपरान्ह 4ः30 बजे राणापुर पहुंचकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक षाखा के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेगे। उसके बाद अलिराजपुर जिले के लिए प्रस्थान करेगे।

ग्राम पंचायत¨ं में हुआ ग्राम सभा का आयोजन, गांव के विकास पर की गई चर्चा

झाबुआ । ग्राम पंचायत¨ं में आज 14 अप्रैल क¨ ग्राम-सभाअ¨ं का आय¨जन किया गया। ग्राम सभाअ¨ं में प्रधानमंत्री आवास य¨जना (ग्रामीण) की प्रतीक्षा सूची क¨ अपग्रेड़ करने, निर्माणधीन आवास¨ं क¨ शीघ्र पूरा कराने तथा पंचायत में चलाए जा रहे निर्माण कायर्¨ं की प्रगति की समीक्षा की गई। ग्राम सभाअ¨ं में पंच परमेश्वर य¨जना अंतर्गत उपलब्ध राशि तथा प्रस्तावित कायर्¨ं के नवीन दिशा-निर्देश¨ं तथा एप से सदस्य¨ं क¨ अवगत कराया गया। ग्राम क¨ खुले में श©ंच मुक्त घ¨षित करने की रणनीति तथा अवधि का निर्धारण किया गया। खुले में श©च मुक्त घ¨षित ह¨ चुके ग्राम¨ं क¨ ष्कचड़ा मुक्त-कीचड़ मुक्तष् ग्राम के रूप में विकसित करने के लिये रणनीति निर्धारित की गई। ग्राम सभा में अनिवार्य कर¨ं के करा-र¨पण एवं वसूली की जानकारी दी गई। ग्राम पंचायत अंतर्गत विद्यालय¨ं में मध्यान्ह भ¨जन वितरण अ©र आंगनवाड़िय¨ं में बच्च¨ं के प¨षण आहार की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। आय¨जित ग्राम सभाअ¨ं में स्व-सहायता समूह¨ं की स्वच्छता मिशन के अंतर्गत खुला श©च मुक्त (अ¨डीएफ) तथा ठ¨स एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) में भागीदारी सुनिश्चित की गई। ग्राम संगठन द्वारा किये गये कायर्¨ं की जानकारी ग्राम सभा में बताई गई। विभिन्न पेंशन य¨जनाअ¨ं के तहत लाभ वितरण तथा मद्यपान, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट एवं अन्य नशीले मादक द्रव्य¨ं तथा पदाथर्¨ं के दुष्परिणाम¨ं तथा ष्मद्य निषेधष् हेतु स्वस्थ्य वातावरण निर्माण जैसे विषय¨ं पर ग्राम सभाअ¨ं में  चर्चा की गई। ग्राम पंचायत जुलवानिया बडा मे आयोजित कार्यक्रम मेे इस अवसर पर सामाजिक समरसता पर चर्चा की गई। कार्यक्रम मे विधायक श्री षांतिलाल बिलवाल , कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने बाबा साहब अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके जीवन पर प्रकाश डालकर सभी को समसरता का भाव रखने को कहां। साथ ही बच्चो की पढाई के लिए हर व्यक्ति को प्रयास करने के लिए कहा।  बाबा साहब अम्बेडकर के विचार शिक्षा से ही समाज का सर्वांगीण विकास संभव पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा के बिना व्यक्ति उस तरह से है जैसे एक आॅख कें बिना संसार को देखना। जिस वर्ग के लोग विकास में अधिक ऊचाई पर हो वह अपने नीचे के लोगो को उपर लाने का निरंतर प्रयास करे। जिससे सामाजिक समरसता को बढावा मिलेगा। सामाजिक कुरीतियो दहेज दापा बाल विवाह पर अंकुष लगाने के लिए ग्रामीणो को समझाईष दी गई।कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे द्वारा बाबा साहब के व्यक्तित्व एवं के कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। हर पिडित व्यक्ति की आवाज को हम सुने एवं उसे न्याय दिलाने के लिये कृत संकल्पित रहे। उन्होने बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके संघर्ष से भरे जीवन की कहानी सभी को बताई। जिले की अन्य ग्राम पंचायतो में भी बाबा साहब अम्बेडकर जयंती के अवसर पर कायक्रर्म आयोजित किये गये। ग्राम सभा मे हितग्राहियो को वनाधिकार के पटटो का वितरण किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री मेघजीअमलियार ,उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी ,जनपद सीईओ पीसी वर्मा सहित जिला अधिकारी एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।

29 ग्राम पंचायत¨ं के सचिवो के वेतन आहरण पर लगी रोक
  • गांव मे स्वच्छता मिषन एवं विकास कार्य मे कोताही बरतने पर कलेक्टर ने की कार्यवाही

झाबुआ । स्वच्छता मिशन के अंतर्गत जिले को समयसीमा मे खुला श©च मुक्त (अ¨डीएफ) किया जाना है। इस हेतु विगत 13 अप्रैल को कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने जनपद पंचायत राणापुर मे ग्राम पंचायतो द्वारा किये गये कायर्¨ं की समीक्षा की। स्वच्छता मिशन के अंतर्गत अत्यंत कम प्रगति एवं 150 से अधिकष्षौचालय विहीन घरो की संख्या वाली ग्राम पंचायत दौतड, खेडा अंधारवाड, भूतबयडा, रेतालुंजा, भाण्डाखेडा, उबेराव, मोहनपुरा भुरखा, बागईबडी, गलती, भूरीमाटी, पुवाला, वागलावाट मोहनिया, कांकरदाबडा, सरदारपुरा, पाडलवा, डाबतलाई, सनौड, छागोला, लम्बेला, कालापान, माण्डलीनाथु, अंधारवड, बन, माछलियाझिर, नागनखेडी रत्ना, मोरडुण्डिया, कंजवानी खास, समोई, मातासुला के सचिव /प्रभारी सचिवो का माह अप्रैल 2018 का वेतन/मानदेय आहरण पर कलेक्टर के आदेष पर सीईओ जिला पंचायत ने तत्काल रोक लगा दी है। आगामी 10 मई तक ग्राम पंचायतो को खुले मे श©च मुक्त (अ¨डीएफ) नही करने पर पंचायत पदाधिकारियो के विरूद्व अनुषासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

बिहार : संख्याओं में अल्पसंख्यक

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पटना. लोकतंत्र में चार मजबूत स्तंभ है. कार्यपालिका,  न्यायपालिका,   विधायिका और पत्रकारिता. सर्वविदित है कि इन चारों  क्षेत्रों में संख्याओं की हिसाब से अल्पसंख्यक हैं ईसाई समुदाय . संविधान में उल्लेखित है कि लोक सभा,राज्य सभा,विधान सभा और विधान परिषद में एंग्लो इंडियन समुदाय से एक व्यक्ति का मनोनित होंगे.जो बिहार और झारखंड के बाद 2000 के बाद बिहार विधान में किसी को मनोनीत नहीं किया जा रहा है.इसके पीछे भी संख्या ही है. संविधान में समता का अधिकार दिया गया है.  स्वैच्छा से धर्म अंगिकार करने का अधिकार है. मुस्लिम व ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले दलितों को एससी आरक्षण से महरूम कर दिया जाता है.पिछड़ी जाति में आ जाते हैं.विधायिका में संख्या कम होने के कारण कानून में परिवर्तन नहीं कर पाते हैं. संपूर्ण  ज्वलंत  मुद्दों  को ध्यान में रखकर अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के सचिव एस.के.लौरेंस ने     देशभर में बी.जे.पी. के ईसाई मंत्री, प्रतिनिधि, ईसाई नेतागण, सदस्यगण तथा बी.जे.पी. के प्रसंशक चंद धर्मगुरु जी,कृपया यह बताने का कष्ट करें कि दिनांक 13 अप्रैल 2018 के दिन बी.जे.पी. के वरिष्ठ नेता तथा देश के कानून मंत्री माननीय श्री रवि शंकर प्रसाद जी द्वारा दलित आरक्षण पर दिए गए उपरोक्त वक्तव्य पर  क्या राय रखते हैं ?

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यक्रम में जीवा को आमंत्रित किया

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  • * संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा मानव अधिकार के परिपेक्ष्य में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित दृष्टिकोण पर विशेष चर्चा
  • * संयुक्त राष्ट्र आयोग के जनसंख्या और विकास 2018 के  51 वें सत्र में एक साइड इवेंट- स्थायी शहरों, मानव गतिशीलता और अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन
  • * जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी को किया आमंत्रित
  • * यूएन एफ पी ए, वर्ल्ड काउन्सिल आॅफ चर्चेज, ए सी  टी एलायंस, जस्टीशिया ई टी पैक्स, इस्लाॅमिक  रिलीफ यूएस ए और के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित

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ऋषिकेश, 14 अप्रैल। परमार्थ निकेतन, संगठन (जीवा) की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा मानव अधिकार के परिपेक्ष्य में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित दृष्टिकोण पर आधारित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में ट्यूनीशिया, कोस्टारिका, केन्या, मोजाम्बिक, बोत्सवाना, अंगेला, जाम्बिया, स्वीडन, वियतनाम, सियरा लियोन, बांग्लादेश, थाईलैण्ड, उरग्वे, चिली आदि देशों के प्रतिनिधि, धर्म आधारित समुदायों के प्रतिनिधि एवं अन्तर्राष्ट्रीय योजनाबद्ध पितृत्व महासंघ   (आई पी पी  एफ) के प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में यान्त्रिक उपागम के इतर मानव अधिकारों के परिपेक्ष्य से सेक्सुअल एवं प्रजननपूर्ण स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित उपाय पर विशेष चर्चा सम्पन्न हुई। जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र संघ के 51 वें सत्र में अतिरिक्त कार्यक्रम सतत रूप से सुरक्षित नगरों, मानव गतिशीलता एवं अतंर्राष्ट्रीय प्रवासन पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेक्सुअल एवं प्रजननपूर्ण स्वास्थ्य के अधिकारों से युक्त प्रावधानों वाले एजेण्डा को बल प्रदान करने हेतु धर्मगुरूओं एवं धर्म आधारित संगठनों को एक मंच पर लाना है। युद्ध, प्राकृतिक आपदा एवं अन्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान सेक्सुअल एवं प्रजननयुक्त स्वास्थ्य सम्बन्धी जरूरतों को नजरअंदाज किया जा सकता है। प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में गर्भवती महिलायें अपने जीवन के लिये संकटपूर्ण जटिलताओं का जोखिम उठाती हैं तथा वे परिवार नियोजन से वंचित हो सकती है तथा अवांछित रूप से गर्भ धारण कर सकती हैं। महिलायें एवं युवावर्ग यौन हिंसा, शोषण एवं एच आई वी के संक्रमण का शिकार हो सकती हैं। अतः धर्म आधारित संगठन, एफ बी ओ यथा धार्मिक संस्थायें एवं धर्म से प्रेरित गैर सरकारी संगठन आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सहभाग कर अपने विचार व्यक्त किये।

जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महसचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, सेक्सुअल एवं प्रजननपूर्ण स्वास्थ्य का सम्बन्ध केवल गर्भपात, परिवार नियोजन व एल जी बी टी के अधिकारों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह महिलाओं के अन्दर निहित मानवता को एक सूत्र में गूंथने वाला है। यह गरिमा के साथ जीने के अधिकार से जुड़ा है। सुरक्षित शौच करने का अधिकार; शुद्ध जल ग्रहण करने का अधिकार; मासिक धर्म के दौरान स्वच्छ रहने के अधिकार को प्रकट करता है। पक्षपातपूर्ण गर्भपात के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि यह मामला धार्मिक नहीं है। धर्मगुरू यह नहीं कहते कि लड़के-लड़कियों से बेहतर होते हैं। यह मामला वास्तव में आर्थिक संकट से उत्पन्न होता है जहां लड़कों को सम्पत्ति और लड़कियों को जिम्मेदारी समझा जाता है। इसका समाधान यही है कि सभी संगठन, संस्थायें एवं सरकारी संस्थायें मिलकर गरीबी का निस्तारण करें। उन्होंने न केवल नारी बल्कि धरती की रक्षा की भी बात कहीं।’  संयुक्त राष्ट्र संघ के आकड़ों के अनुसार 2040 तक अनेक शरणार्थी जल की कमी व जलवायु परिवर्तन के कारण होंगे। जब लोग पलायन के लिये मजबूर होते है तो सबसे ज्यादा महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यही कारण है कि हम महिलाओं के अधिकारों के लिये मिलकर कार्य कर रहे हैं।   डाॅ डैनियल लेगटके, जर्मन आयोग आॅफ जस्टिस एंड पीस ने कहा, ’मानव संसाधन के सार्वभौम घोषणा की प्रथा के अनुरूप यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को समझना आवश्यक है।’  संयुक्त राष्ट्र संघ की ईकाई यूएनएफपीए द्वारा आयोजित कार्यक्रम है जो महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा हैं। इस कार्यक्रम में डाॅ रमीज एलकाबारो, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यक्रम के निदेशक, अलाना आर्मिटेज, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया के लिये संयुक्त राष्ट्र जनसंख्य निधि के क्षेत्रीय निदेशक, डाॅ अजीजा करम, धर्म और विकास संयुक्त राष्ट्र इंटर एजेंसी टास्क फोर्स के प्रमुख, डाॅ डैनियल लेगटके, न्यायमूर्ति और शान्ति के जर्मन आयोग मानवाधिकार कार्यालय, बिशप स्टीफन काजिम्बा, युगांडा हेन्द्रिका ओकडो, विश्व वाईडब्ल्यूसीए ग्लोबल मैनेजन फाॅर सेक्स एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड राइट्स, डाॅ लिडिया मावानी, धर्मशास्त्र के निदेशक, मोनिका विलार्ड, संयुक्त धर्म पहल की संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि एवं अन्य विशिष्ट गण उपस्थित थे।

मधुबनी : जेडीयू व्यवसायीक प्रकोष्ठ की बैठक का हुआ आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 14 अप्रैल, जेडीयू व्यवसायीक प्रकोष्ठ की बैठक 13 अप्रैल को प्रोग्रेसिव कैम्पस में हुई बैठक की अध्यक्षता टिंकू कसेरा ने किया बैठक को संबोधित करते है प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक पंसारी ने कहा कि बिहार के विकाश से सबसे ज्यादा अगर कोई लाभन्वित हुआ है तो वो व्यवसायी वर्ग है सड़क हो या विद्यालय उसके निर्माण का सामान किसी व्यवसायी के यहाँ से ही गया अपराध पर लगाम से लोगो मे खरीदारी की और व्यपारी में व्यपार की तेजी आई आज मधुबनी जैसे छोटे सहर में भी बड़े  बड़े शोरूम बन रहे है  बैठक को विनय सिंह कुशवाहा अजित सिंह  मुन्ना ठाकुर अशोक चौरशिया राजीव रंजन धर्मेन्द्र साह शम्भू गुप्ता गुलाब गुप्ता गौरीशंकर नायक रामनारायण चौधरी हनुमान साह शंकर साह भोला साह कैलाश महतो डॉ रामशंकर महतो संतोष साह रंजीत पासवान आदि उपस्थित थे

समाज को "समर"की नहीं, "समरसता"की जरूरत : राष्ट्रपति

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महू (मध्यप्रदेश), 14 अप्रैल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संविधान निर्माता डॉ. बीआर आम्बेडकर की जयंती पर आज उनकी जन्मस्थली पहुंचने वाले देश के पहले राष्ट्रपति बन गये। महू पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने नागरिकों को "विभाजनकारी ताकतों"के प्रति आगाह करते हुए ‘‘सामाजिक समसरता’’ पर जोर दिया और कहा कि भारतीय समाज को ‘‘समर की नहीं, बल्कि समरसता’’ की जरूरत है। राष्ट्रपति महू में प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित 127 वीं आम्बेडकर जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। महू आम्बेडकर की जन्मस्थली है। कोविन्द ने कहा, "देश में मुझसे पहले 13 राष्ट्रपति हुए हैं। मुझे पता चला है कि मैं आम्बेडकर जयन्ती पर संविधान निर्माता की जन्मस्थली पहुँचने वाला पहला राष्ट्रपति हूँ।"  राष्ट्रपति ने महू के काली पल्टन इलाके में आम्बेडकर जन्मस्थली पर 10 साल पहले प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गये स्मारक में संविधान निर्माता के सामने श्रद्धा से शीश नवाया। इसके साथ ही, दलित समुदाय के लोगों के साथ भोजन किया। उन्होंने देश भर से आये हजारों आम्बेडकर अनुयायियों की मौजूदगी में कहा, "मुझे राष्ट्रपति के रूप में उस संविधान की रक्षा का दायित्व मिला है, जिसके प्रमुख निर्माता बाबा साहेब आम्बेडकर थे। अगर मैं राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी जन्मस्थली पर माथा नहीं टेकता, तो मुझे अपने अंतर्मन में ग्लानि होती।" 

राष्ट्रपति ने भारतीयता के सम्बंध में आम्बेडकर के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि सभी नागरिकों को विभाजनकारी तत्वों की बातों पर ध्यान नहीं देते हुए देशहित को सबसे ऊपर रखना चाहिए और हमेशा खुद को केवल भारतीय मानना चाहिए। उन्होंने कहा, "समभाव यानी बराबरी के भाव और ममभाव यानी अपनेपन के भाव को जोड़ने से समरसता का भाव पैदा होता है। समाज को आज समर (युद्ध) की नहीं, बल्कि समरसता की जरूरत है... अहिंसा और शान्ति की जरूरत है।"  राष्ट्रपति ने कहा, "मैं सभी देशवासियों, विशेषकर युवाओं से अपील करता हूं कि वे आम्बेडकर के बताये शांति, सौहार्द और भाईचारे के रास्ते पर चलें और एकजुट होकर उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें।"  कोविन्द ने कहा, "आम्बेडकर ने संविधान सभा में दिये अपने अंतिम भाषण में कहा था कि अब हमारे पास विरोध व्यक्त करने के संवैधानिक तरीके मौजूद हैं। इसलिए हमें अराजकता से बचना चाहिए।"  उन्होंने कहा, "हमारा देश लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के आधार पर चलता है। आज जरूरत है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से गुजरते हुए हम अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं और भले एवं बुरे की पहचान के प्रति हमेशा जागरूक रहें।"  कोविन्द ने देश के प्रति आम्बेडकर के महती योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजातियों, पिछड़ों, वंचितों, श्रमिकों और महिलाओं के हितों के लिए हमेशा अहिंसक संघर्ष किया। वह संवाद के जरिये विभिन्न विषयों पर सहमति बनाते थे।

राष्ट्रपति ने "जय भीम, जय हिंद"का नारा लगाते हुए कहा, "जय भीम का मतलब है - डॉ. आम्बेडकर की जय... उनकी विरासत, आदर्शों और उनके द्वारा देश को दिये गये संविधान की जय।"  राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि आम्बेडकर के निर्मित संविधान से मिले अलग-अलग अधिकारों के कारण देश के सभी समुदायों के नागरिक गरिमापूर्ण जीवन जी सकते हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आम्बेडकर ने रिजर्व बैंक की स्थापना और कुछ बड़ी सिंचाई तथा बिजली परियोजनाओं की शुरुआत में अहम भूमिका निभाते हुए आधुनिक भारत की नींव रखी। मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने आम्बेडकर जयंती समारोह की अध्यक्षता की। इस सालाना कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले स्वास्थ्य केंद्र का किया उद्घाटन

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जांगला ( बीजापुर ), 14 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने बस्तर इंटरनेट योजना के पहले चरण का भी शुभारंभ किया जिसके तहत आदिवासी क्षेत्र के सात जिलों में फाइबर ऑप्टिक्स केबल के 40,000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को बिछाया जाएगा।  ये जिले बीजापुर , नारायणपुर , बस्तर , कांकेर , कोंडागांव , सुकमा और दंतेवाड़ा हैं।  मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो आदिवासी जिले बीजापुर आए हैं। उन्होंने गुदुम और भानुप्रतापपुर के बीच एक नई रेल लाइन और एक यात्री ट्रेन का भी उद्घाटन किया जिससे उत्तर बस्तर क्षेत्र रेलवे के मानचित्र पर आ गया है।  प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का छत्तीसगढ़ का यह चौथा दौरा है। छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वह मई 2015 में दंतेवाड़ा , फरवरी 2016 में नया रायपुर और राजनंदगांव तथा नवंबर 2016 में नया रायपुर आए थे।  मोदी ने सात जिलों में बैंक की शाखाओं का भी उद्घाटन किया और भारत बीपीओ प्रोमोशन योजना के तहत विकसित ग्रामीण बीपीओ केंद्र का भी निरीक्षण किया। बस्तर इंटरनेट योजना द्वारा बीपीओ केंद्र को इंटरनेट मुहैया कराया जाता है।  उन्होंने 1,700 करोड़ रुपये की सड़क और पुल परियोजनाओं की भी नींव रखीं।  प्रधानमंत्री संविधान निर्माता डा़ बी आर आंबेडकर की जयंती के मौके पर राज्य का दौरा कर रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता की जबकि स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा मुख्य अतिथि रहे।  आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार का मकसद वर्ष 2022 तक 1.5 लाख स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र खोलना है जहां रक्त चाप , मधुमेह , कैंसर और वृद्धावस्था जनित रोगों समेत कई बीमारियों का इलाज किया जाएगा।  इस योजना के तहत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना ( एनएचपीएस ) की व्यापक रूपरेखा तैयार की है और लाभार्थियों की पहचान करने के मापदंड तय करने का काम चल रहा है। 

दरभंगा : बाबा साहेब ने जागरण का फूंका था मंत्र : कुलपति

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 14 अप्रैल : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेदकर की 127वीं जयंती की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विचारों को आत्मसात करके ही बाबा साहेब के विचारों से फायदा उठाया जा सकता है. समानता, स्वतंत्रता तभी फलीभूत होगी जब विकास की किरण समाज के निचले तबके तक आएगी. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अम्बेदकर ने जागरण का मंत्र फूंका था, जो समानता के लिए आवश्यक है. समारोह के मुख्य अतिथि ए.एन. सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. डी.एम. दिवाकर ने कहा कि आज के दौर में बाबा साहेब अम्बेदकर सबसे अधिक प्रासंगिक हो गए हैं. उन्होंने 1927 में ही छोटे जात की समस्या उठाई थी, जो आज विकराल रूप में उपस्थित है. अम्बेदकर ने शिक्षा, संगठन और संघर्ष की वकालत की थी. जिसकी प्रासंगिकता आज सबसे अधिक है. अब रोजगारी का आंकड़ा पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार अब बेरोजगारों के सर्वेक्षण का काम बंद कर चुकी है. एक ओर अट्टालिका की ऊंचाइयां हैं, तो दूसरी तरफ किसानों, मजदूरों की कठिन जीवन-स्थितियां. इसलिए अम्बेदकर के विचारों की प्रासंगिकता बेहद अहम है. डॉ. दिवाकर ने जोर देकर कहा कि अम्बेदकर विचारों से गहरे स्तरों पर लोकतांत्रिक थे. उन्होंने संघात्मक राष्ट्र की बात की. एकात्मक राष्ट्र के सिद्धांत का खंडन किया. समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. कर्मानंद आर्य ने कहा कि यह समय विरुद्धों का समय है. जिसमें डॉ. अम्बेदकर की प्रासंगिकता सर्वाधिक है. अम्बेदकर को केवल दलितों का मसीहा मानना गलत है. वस्तुत: वे राष्ट्र-नेता और पीड़ित मानवता के महानायक थे. समता, न्याय और बंधुता के विचार से ही अम्बेदकर के सपनों का भारत बन सकता है. वे समता को मूल्य के रूप में देखते थे और उसमें शिक्षा की स्थिति की महत्ता को प्रकट करते थे. इस अवसर पर आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ. अम्बेदकर के विचारों की प्रासंगिकता विषयक निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. शोधप्रज्ञ संवर्ग में उमेश कुमार शर्मा ने प्रथम, शंकर कुमार एवं ज्वाला चंद्र चौधरी ने द्वितीय तथा प्रियंका कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. स्नातकोत्तर संवर्ग में सियाराम मुखिया ने प्रथम, विमल कुमार महतो ने द्वितीय तथा नाहिद परवीन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. विजेताओं में उमेश कुमार शर्मा, शंकर कुमार एवं ज्वालाचंद्र चौधरी ने मंच से बाबा साहेब की प्रासंगिकता पर प्रकाश भी डाला. विषय-प्रवेश सीसीडीसी डॉ. मुनेश्वर यादव ने किया. प्रतिकुलपति डॉ. जय गोपाल ने निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया. इस बार के कार्यक्रम की खासियत रही कि छात्र-छात्राओं को मंच दिया गया. संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र-छात्राओं ने गीत- संगीत का रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कुलसचिव मुस्तफा कमाल अंसारी ने आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कार्यक्रम का संचालन किया. बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं कुलगीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. मिथिला की परंपरा के अनुरूप मंचासीन मान्य विद्वानों का पाग, चादर और पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया. मुख्य समारोह के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह, प्रतिकुलपति डॉ. जय गोपाल, कुलसचिव मुस्तफा कमाल अंसारी समेत तमाम अधिकारियों ने परिसर स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर की प्रतिमा समेत तमाम प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विनोद बैठा और डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने सफाई कार्यक्रम चलाया.

जमशेदपुर : नगर निकाय चुनाव कल ,पुलिस बल मुस्तैद

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आर्यावर्त डेस्क, जमशेदपुर, 14 अप्रैल, 2018, झारखण्ड राज्य में सोमवार १६ अप्रैल को होने वाले नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने के लिए पुलिस विभाग ने भी जिला प्रशासन के साथ कमर कस ली है. पूरे झारखंड में पर्याप्त संख्या में मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती को अंतिम रूप दिया जा रहा है.पूर्वी सिंहभूम से भी राज्य के विभिन्न ज़िलों में लगभग 3000 जवानों को चुनाव कार्य हेतु रवाना किया गया है. बताया जाता है कि चुनाव आयोग के साथ साथ राज्य सरकार भी निकाय  चुनाव में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश पुलिस प्रशासन को दिया है.

विशेष आलेख : बिन पंची और सरपंची केला देवी की महिला उत्थान सेवा

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हरियाणा के सबसे पिछड़े जिलों में से एक जिला नूह मेवात है, जहाँ पर 80 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय से है। नूह मेवात के पुन्हाना ब्लाक की ग्राम पंचायत रायपुर में केला देवी रहती हैं। आयु के 42 वसंत देख चुकी केला देवी पंचायत के किसी अधिकारिक पद से नहीं जुड़ी हैं पर वह रायपुर ग्राम पंचायत में अपने दम पर महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करती हैं। राजस्थान के भरतपुर जिले के जूरहेडी गांव से केला देवी ने पांचवीं तक की शिक्षा हासिल की है। विवाह के बाद से वह रायपुर में रहती हैं। अनुसूचित समुदाय के सात सदस्यों वालेे उनके परिवार की आय का साधन दैनिक मजदूरी है। वह खुद लोगों के यहां मजदूरी करती हैं और उनके पति राज मिस्त्री का काम करते हैं। परिवार की मासिक आय लगभग 4000-5000 रूप्या है। केलादेवी अपने सभी बच्चों को शिक्षा दे रही हैं ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें तथा अपने गांव देश के लिए कुछ काम कर सकें। केला देवी घूंघट नहीं करतीं। नूह और पुन्हाना में वह खेल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं और विजयी भी हुई थीं। परिवार के बुज़ुर्गों को यह बात अच्छी नहीं लगी थी। केला ने इस बात का विरोध किया कि महिलाओं की प्रतिभा को आगे बढ़ने से क्यों रोका जाए? केला अपनी बेटियों को भी खेल कूद में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के लिये कहतीं हैं । 

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केला देवी अपने काम, अपनी बेबाकी और बेधड़क अंदाज की वजह से गाँव में अपनी एक अलग ही पहचान बना चुकी हैं। पिछले 10 बरसों से केला देवी गाँव में न सिर्फ औरतों की बेहतरी के लिए बल्कि नाबालिग बच्चियों की शादियों के खिलाफ और लड़कियों की शिक्षा के लिए कार्य कर रही हैं। गाँव के सरपंच इकबाल का कहना है कि केला देवी एक कमाल की महिला हैं। उनको अपना काम करने के लिए किसी सहारे की जरुरत नहीं, वह जिस काम को शुरू करना चाहती हैं उसे अपने बल पर करती हैं। सत्र 2010 में जब पंचायत में कुछ पंचायत सदस्य की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं तो केला देवी ने पंच पद के लिए चुनाव मंे प्रतिभाग किया था पर जातीय समीकरणों की वजह से वह चयनित नहीं हुई। लेकिन वह फिर भी महिलाओं के लिए तथा अन्य मुद्दों पर लगातार काम कर रही हैं। उनके 3500 की आबादी वाले गाँव के लिए केवल एक ही राशन डिपो हैं, और उसमें भी गाँव वालों को राशन छह महीने में एक बार ही मिलता था, जिसको लेकर केला देवी ने आवाज उठाई और राशन मिलने की प्रक्रिया को तेज किया। रायपुर के निवासियों के मुताबिक आज उनको कम से कम हर दूसरे महीने राशन मिल जाता हैं । 

नाबालिग बच्चियों की शादी रोकने के लिए केला देवी ने अपने गाँव में महिलाओं से बात की, गाँव वालों के साथ मिलकर गाँव में रैली भी निकाली और रैली में उन्होंने सभी को जल्दी शादी से होने वाले नुकसानों के बारे में भी अवगत कराया। यह कैला देवी के ही प्रयास हैं जिसकी वजह से रायपुर गाँव में नाबालिग शादियों में कमी आयी है। केला देवी इस समस्या को जड़ से खत्म करना चाहती हैं  इन दिनों केला देवी फिलहाल गाँव के सरपंच के साथ मिलकर स्कूल में अध्यापकों की कमी को पूरा करवाने की दिशा में काम कर रही हैं । रायपुर गाँव में 8 वीं तक का ही स्कूल है, जिसके लिए केला देवी ने सरपंच से मिलकर गांव के स्कूल को कक्षा 12 तक करवाने की पहल की। केला देवी गांव में लोगों को मिलने वाले लाभ पर नज़र रखती हैं। यदि कहीं किसी व्यवस्था में कोई गड़बड़ होती है तो वह तुरन्त उस पर काम करती हैं। गाँव की आंगनबाड़ी में काम नहीं होता था। केला देवी ने उसकी शिकायत करके आंगनबाड़ी को गाँव के स्कूल में ही शिफ्ट करा दिया, अब आंगनबाड़ी में काम होता है। स्कूल के प्रधानाचार्य व अध्यापक समय समय पर आंगनबाड़ी के कामों का जायज़ा लेते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आंगनबाड़ी के सब काम ठीक से होते रहें। रायपुर गांव में मुस्लिम आबादी अधिक हैं और उनके गाँव में अनुसूचित जाति और मुस्लिम परिवारों में लड़कियों की शिक्षा का स्तर बहुत ही कम है, जिसके लिए वह लगातार घर घर जाकर उनके परिवार वालों से बात कर रही हैं ताकि वह अपनी बच्चियों को स्कूल भेजने लगे । 
      
मध्य प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि आरक्षण के कारण भारत माता पिछड़ी हुई है। कल उनके प्रधानमंत्री आरक्षण की वकालत कर रहे थे।
पिछले चुनावों में कैला देवी एक बार फिर से पंचायत में पंच पद के लिए चुनावों में प्रतिभाग करना चाहती थीं किन्तु नई सरकारी नियमावली के कारण वह चुनाव में प्रतिभाग नहीं कर पायीं। रायपुर पंचायत में यह परम्परा है कि गाँव के लोग निर्विरोध अपना प्रतिनिधि चुन लेते हैं जिससे गाँव का सौहार्द बना रहता है । इस परम्परा को पिछले साल भी बरकरार रखा गया था और गाँव के लोगों ने पहले केला देवी का नाम पंच पद के लिए प्रस्तावित किया था, किन्तु उनके पास पांचवीं पास होने का प्रमाण-पत्र नहीं था इसलिए केला देवी पंच के पद के लिए उपयुक्त नहीं रहीं। उन्होंने अपनी देवरानी का नाम पंचायत सदस्य के तौर पर दिया जिसको गाँव वालों ने सम्मान देते हुए मान लिया और उनकी देवरानी गाँव के चार महिला पंचों में से एक पंच बन गयीं । केला देवी कहती हैं कि सरकारी व्यवस्था को इससे कोई मतलब नहीं कि मैं पढ़ लिख सकती हूँ या नहीं उनको तो इसके लिए मेरे पढ़े लिखे होने का प्रमाण चाहिए। उनका प्रश्न है कि क्या यह कानून केवल पंचायत स्तर के लिए ही है या विधान सभा और संसद के लिए भी यही नियम लागू है। वह कहती हैं कि नियम सबके लिए बराबर होने चाहिए। केला देवी मानती हैं कि बिजली चोरी रोकने के लिए बिल पूरा जमा करवाना और अपराधियों को रोकने के लिए थाने से प्रमाण पत्र मांगना तो ठीक शर्ते हैं, मगर पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता की शर्त ठीक नहीं है। इसकी वजह से काफी महिलाएं चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति वैसे कोई बहुत अच्छी नहीं है। बेटियों की शिक्षा में बहुत सी अड़चने आती हैं। वह बताती हैं कि उनके पड़ोस में ही एक बच्ची की माँ गुजर जाने के बाद उसके पिता ने बच्ची का स्कूल छुडवा दिया, और बच्ची दसवीं से आगे नहीं पढ़ सकी। मजबूरी या परिस्थितिवश ऐसा कई बार होता हैं कि लड़की पढ़ ही न पाए, लेकिन उसका असर पूरी जिंदगी में तरह तरह से उसके सामने आता है और उसकी भूमिका कई क्षेत्रों से कटती जाती है। कैला देवी इसका जीता जागता उदाहरण हैं जो शैक्षिक योग्यता न होने के चलते पंच के चुनाव के लिए नहीं जा सकीं। राज्य में कैला देवी जैसी महिलाओं की एक बड़ी तादाद है जो शैक्षिक योग्यता न होने के चलते पंचायत चुनाव में प्रतिभाग करने से वंचित रह गयीं। कैला देवी के मुताबिक सरकार को पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता के नियम पर पुर्नविचार करने की ज़रूरत है।







(मुफीद खान)
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