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झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 15 अप्रैल

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’यज्ञ थेरेपी से असाध्य रोगों का निदान संभव - विश्वामित्र
  • महिला पतंजलि योग शिविर का हुआ समापन                                

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झाबुआ । नगर के जैन नसिया में चल रहे पांच दिनी योग शिविर के रविवार को समापन के शुभ अवसर पर हरिद्वार से पधारे हुए आचार्य विश्वामित्र ने श्रममदम यज्ञ के माध्यम से लोगों के आरोग्यता के लिए आयुष्यकाम महायज्ञ का आयोजन किया गया । जिसमें विश्वामित्र ने बतलाया कि एक बूंद देसी गाय के घी से 10000 कैलोरी ऑक्सीजन निकलता है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि ऑक्सीजन के माध्यम से ही फेफड़ेा से पूरे शरीर में पहुंचा दिया जाता है, इसी के माध्यम से रक्त का संचार होता है अतः ऑक्सीजन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण विधा है । इसी प्रकार से सर्दी जुकाम दमा आदि के रोगों को भी हवन सामग्री जड़ी-बूटियों से अग्नि में डाल करके उसका गैस धुआ लिया जाता है, जिससे यह रोग नष्ट होते हैं । जिन व्यक्तियों को नजला जी मचलना आदि होता है, सूखे आम का पत्ता, पीपल का पत्ता और गुग्गल आदि सुगंधित पदार्थों से होम किया जाता है और उसके धुंए से उसका इलाज किया जाता है। इसी प्रकार से अनेक बीमारियों का जो अंदरूनी हमारे शरीर में व्याप्त है उन सब का यज्ञ थेरेपी से इलाज किया जाता है या केवल पूजा-पाठ ही नहीं अपितु इसकेे वैज्ञानिक कारण भी है। आज समूचे विश्व में पर्यावरण पोल्यूशन बढ़ते जा रहा है, जिसके कारण हमें खुले में श्वास लेना दुभर हो रहा है। प्रतिदिन बाथरूम में, चाय बनाने  से, मोटरसाइकिल से या अपने शरीर की गंदगी को बाहर निकालने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। अतः हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम साफ सफाई रखें अधिक से अधिक पेड़ लगाएं तथा नियमित रूप से यज्ञ करें और यज्ञ करने से वातावरण की शुद्धि होती है । संसार में ऐसी कोई फैक्टरी नहीं है जो वातावरण को शुद्ध कर सके। एकमात्र हवन यज्ञ ही ऐसा है क्योंकि नासा के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि यज्ञ से असंख्य कीटाणु एवं वायरस खत्म हो जाते हैं । भोपाल में गैस कांड में गैस रिसने से अनेकों लोग मर गए थे परंतु जिस घर में यज्ञ हो रहा था उस घर के सारे सदस्य जीवित है । अर्थात इससे सिद्ध होता है कि हवन यज्ञ हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। संसार में जितने भी राजे महाराजे हुए हैं वह सारे यज्ञ किया करते थे । यज्ञ से बहुत सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है’’ होता है सारे विश्व का कल्याण यज्ञ से जल्दी प्रसन्न होते हैं भगवान ’’ योग शिविर के पांचवे दिन रविवार को समापन के शुभ अवसर पर महिला पतंजलि योग समिति जिला झाबुआ कीे अध्यक्ष रुकमणी वर्मा, मधु जोशी, ज्योति जोशी, माया पवार, कृष्णा शेखावत सोनल कटकानी, जरीना अंसारी, भारती राठौर लता चैहान आशा आदि ने आयुष्यकाम महायज्ञ में आहुतियां प्रदान कर पुण्य के भागीदार एवं सात स्वास्थ्य लाभ लिए और सभी ने नियमित रूप से योग कक्षा में जाने की बात कही । पंतजलि महिला योग शिविर के अवसर पर विशेष अतिथि के रूप  में एडवोकेट दिनेष सक्सेना ने भी योगार्थियों को  हमारी दिन चर्या कैसी हो के बारे में विस्तार से बताते हुए शारीरिक शुद्धि, तनाव रहित शरीर एवं मन, खान-पान के सन्तुलित रहने, शरीर एवं अंगुलियों की मालिश शरीर के अंगो के संचरालन, दिल दिमाग को खुला रखने आदि के बारे में विस्तार से बताया । कार्यक्रम के अन्त में श्रीमती मधु शर्मा एवं रूकमणी वर्मा द्वारा योग प्रचारक विश्वामित्र का संस्था की ओर सम्मान करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया तथा नियमित रूप  से योग कक्षायें संचालित करने का भरोसा दिलाया । इस अवसर पर विश्वामित्र ने उपस्थितों को विभिन्न योग, प्राणायामक े अलावा एक्यूप्रेशर के टीप्स भी दिये ।

अभिव्यक्ति मंच 20 का हुआ आयोजन, जिला पुलिस के सौजन्य से यातायात गार्डन में सपन्न रंगारंग कार्यक्रम

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झाबुआ । पुलिस लाईन स्थित यातायात गार्डन में बच्चो की विभिन्न विधाओं की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। सरस्वती पूजन व दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के अतिथि श्रीमतीं निर्मला व्यास व श्रीमतीं उषा महेशचंद्र जैन ने किया । इस अवसर पर सरस्वती वंदना निहाली चैहान द्वारा प्रस्तुत की गई वहीं सोहिनी डावर समूह द्वारा गायत्री मंत्र की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। बडी संख्या में बच्चों द्वारा अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये । बडी संख्या में पालकों एवं दर्शकों ने इस रंगा रगा आयोजन का आनन्द उठाया । निर्णायक की भूमिका डॉक्टर सेलेक्सी वर्मा व डॉक्टर हार्दिक नायक मेघनगर ने निभाई कार्यक्रम में पुरस्कार मेडम उषा जैन की और से दिया गया। अनुकरणीय एवं बेहतरित प्रस्तुतियों के बाद बच्चो  को पुरस्कार का वितरण किया गया जिसमें प्रांशु पंचोली  प्रथम उर्वशी पँवार द्वितीय, एवं गौरी को तृतीय स्थान मिला। वही प्रोत्साहन पुरस्कार रवि मुजाल्दा आशी विश्वकर्मा एवं वेनवी भंडारी को मिला। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रकाश चैहान व विपुल पांचाल ने किया। बच्चों की प्रतिभाओं एवं उत्साहवर्धन को देखते हुए आगामी दिनों में भी ऐसे आयोजन सतत किये जावेगें । कार्यक्रम संयोजिक श्रीमती भारती सोनी ने बताया कि  आगामी कार्यक्रम के लिये अपने नाम का शीघ्र ही पंजीयन करवाये ताकि उन्हे मौका मिल सकें ।

माधोपुरा मुक्तिधाम के विकास को लेकर सर्व समाज की मुक्तिधाम पर हुई बैठक
  • सभी ने इस पुनित कार्य में सहयोगी एवं सहभागी बनने का लिया संकल्प
  • गणमान्यजनों ने दिये सुझाव, प्रतिमाह प्रथम रविवार को होगी बैठक

jhabua newsझाबुआ । नगर के सबसे बडे एव प्रमुख  माधोपुरा मुक्तिधाम के विकास एवं व्याप्त समस्याओं से मुक्ति दिलानें के लिये रविवार को प्रातः 8 बजे से माधोपुरा मुक्तिधाम पर मंथन बैठक का आयोजन नगर के सर्व समाजों के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया । इस बैठक मे माधोपुर मुक्तिधाम का कैसे विकास किया जावे तथा आगामी प्रस्तावित कामों को पूरा करने के लिये क्या कदम उठावे जाये इस पर गहन विचार मंथन किया गया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे ने आगन्तुक सर्वसमाज के प्रतिनिधियों, नगर के गणमान्यजनों  को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक मुक्तिधाम के विकास के लिये जो कुछ काम हुए हे वह सबके सामने है । इस मुक्तिधाम को ऐसा विकसित बनाना है  कि नगर के सबसे बडे एवं प्रमुख मुक्तिधाम को बाहरी व्यक्ति भी आकर देखते तो नगर के समाजों के समाजों का आईना साफ झलक सकें । उन्होने उपस्थित गणमान्यजनों से आव्हान किया कि इस पुनित कार्य में सभी पूरे मनोवेग के साथ जुडे एवं इसके विकास के लिये अपने सुझाव भी देवें । वरिष्ठ पत्रकार यशवंतसिंह पंवार ने  बैठक में मुक्तिधाम के विकास के लिये अभी तक कितना काम हुआ तथा आगे क्या काम प्रस्तावित है, के बारे में विस्तार से बताते बताते हुए  प्रस्ताव दिया कि यहां पर 3 सीसी रोड का निर्माण कराया जाना आवश्यक है, रिटर्निंग वाल निर्मा, पेवर्स लगाने के अलावा बडे पैमाने पर मुक्तिधाम पर वृक्षारोपण  करानाजरूरी है । वही मुक्तिधाम परिसर मे भगवान शिजी का मंदिर, एक सुंदर बगीचे का निर्माण , चैकीदार का आवास निर्माण, दसवें की क्रिया के लिये घाट के पास एक हाल का निर्माण, अनास नगदी का गहरीकरण का कार्य, स्टाप डेम की मरम्मत, बाउंडरीवाल की दुरूस्ती, मुख्य द्वार के गेट का निर्माण के साथ ही समतलीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है । कजस पर करीब 40 लाख के आसपास आर्थिक व्यय होने की संभावना है । श्री पंवार ने कहा कि शह र के मुक्तिधाम से ही यहां के लोगों की जागरूकता मालुम पडती है । इसलिये इस मुक्तिधाम को आयडियल बनाने के लिये जन सहयोग प्राप्त होना जरूरी है  । इस अवसर पर मुक्तिधाम के कायाकल्प के लिये दानदाताओं की सूची का वाचन बैंक अधिकारी सुशील सिसौदिया ने किया । जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित डा. विक्रांत भूरिया ने अपने सबांेधन मे कहा कि सांसद द्वारा लोकापयोगी कार्यो के लिये हमेशा सांसद निधि से राशि का प्रदाय किया जाता है। सकल व्यापारी संघ के मुक्तिधाम के लिये, राजवाडा चैक में मंच निर्माण के लिये सांसद महोदय ने मांग अनुसार राशि अपनी निधि से प्रदान की है । माधोपुरा मुक्तिधाम के लिये भी उनकी ओर से सांसद निधि से 5 लाख रूपयेे की राशि प्रदान की जावेगी । नारायणसिंह ठराकुर ने लोगो ं से  इस प्रकार के पावन कार्य से जुडे रहने का आवहन किया, वही अजय रामावत ने कहा कि मुक्तिधाम के विकास के लिये हर व्यक्ति को सहायता एवं प्रयास करना चाहिये । थोक उपभोक्ता भंडार के  पूर्व अध्यक्ष विजय नायर ने कहा  िकइस मुक्तिधाम को इतना अधिक सुंदर एवं अवलोकनीय बनाना चाहिये कि बाहर के लोग भी इसे देखने के लिये आवे । कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने मुक्तिधाम में भगवान की प्रतिमाये लगाने तथा गीजाी के श्लोक लिखवाने का सुझाव दिया । नगर भाजपा मंडल के अध्यक्ष बबलु सकलेचा ने स्टाप डेम के मरम्मत की प्रगति के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला ।राकेश परमार ने सुझाव दिया कि मासिक बैठक में हर व्यक्ति अपने साथ 2-2 नये लोगों को भी साथ लेकर आवे । इस अवसर पर मोहनलाल जोशी,ं दीपक व्यास, राजनारायण मिश्रा, महेन्द्र तिवारी, रवि शर्मा, जितेन्द्र शाह, मुकेश शर्मा, लक्ष्मीनारायण शाह, सहित कई वक्ताओ ं ने संकल्प दुहराते हुए कहा कि इस मुक्तिधाम को शत प्रतिशत विकसित करना है । मंथन बैठक मेें दो बाते विशेष रूप  से उभर कर आई जिसमें नगर के गणमान्यजन जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भेट कर मुक्तिधाम के विकास के लिये चर्चा कर कार्यवाही के लिये कदम उठावे । वही प्रतिमाह के प्रथम रविवार को प्रातः आठ बजे से माधोपुरा मुक्तिधाम पर नियमित बैठक आयोजित करने का सर्वानुमति से निर्णय लिया गया । मुक्तिधाम के विकास कार्यो के लिये नगर के काफी लोगों द्वारा सहयोग दिया जारहा है । रविवार को संपन्न बैठकमें ही करीब 7 लाख रूपये की रकम दिये जाने की घोषणा हुई । बैठक में  उदय बिलवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया पार्षद नरेन्द्र संघवी, संतोष कहार, शशिकात वरदिया, भगवतीलाल शाह, सहित नगर के सभी समाजों के प्रतिनिधि बडी संख्या में उपस्थित थे ।

श्रद्धा एवं उत्साह के  साथ मनाई जायेगी, सकल बा्रह्मण समाज द्वारा भगवान परषुराम की जयंती पर निकाली जायेगी शोभायात्रा
  • नगर भ्रमण करेगें भगवान परषुराम

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झाबुआ,। बा्रह्मण समाज के आराध्य देव भगवान परषुराम जी की जयन्ती 18 अप्रैल बुधवार अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर धुम-धाम से मनाई जावेगी । इस भव्य समारोह को सफल बनाने हेतु आवष्यक तेैयारिया पूरी कर ली गई है । समाज के युवा संगठनों द्वारा पिछले कई वर्षो से इस समारोह को भव्य तरिके से मनाया जा रहा हैं, इस आयोजन को सफल बनाने के लिये  17 अप्रैल  मंगलवार सायं 4-00 बजे झाबुआ नगर में निवेदन यात्रा निकाली जावेगी । जिसका समापन गोपाल काॅलोनी स्थित गोपाल मन्दिर में होगा । साय 7ः00 बजे से  रात्रि 11ः00 बजे तक समाज की महिला इकाई द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत आध्यात्मिक भजन, नृत्य,एवं गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जावेगें । इस  समाज के इस कार्यक्रम में सहभागी होने के लिये मोबाईल नम्बर 9424062508 एवं 9406604082 पर समाज के सहभागीजन संपर्क कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिये पंजीयन कराया जासकता है मुख्य कार्यक्रम परषुराम जयंती पर 18 अप्रैल प्रातः 9ः00 बजे भगवान महादेव का अभिषेक एवं भगवान परषुराम की पुजा अर्चना कर महा आरती की जावेगी ।  शाम 4ः00 बजे समाजजन जगदीष मन्दिर पर एकत्रित होकर तथा वहां से भगवान परषुरामजी की भव्य शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए शाम  7ः00 बजे जगदीष मन्दिर पहूंचेगी जहां महा मंगल आरती के साथ यात्रा विश्राम लेगी । तद् पश्चात भगवान गणेषजी एवं भगवान परषुराम जी की महा-आरती का आयोजन किया जावेगा ।  इसके बाद सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा समाजजनों का सहभोज का आयोजन किया  जावेगा । समाज पदाधिकारियों द्वारा शनिवार की सायंकाल 5 बजे समाज के गणमान्य जनों को शामिल होने के लिये आमंत्रण पत्रिका का विमोचन भी किया गया है । समाज के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 दिवसीय आयोजनमे झाबुआ नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से भी सकल बा्रह्मण समाज के समाजजनों को आमंत्रित किया गया है । सभी समाजजन 17 एवं 18 अप्रेल को इस कार्यक्रम में सपरिवार पधाकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई है ।

कृषक समृद्वि कार्यक्रम का 16 अप्रैल को होगा सीधा प्रसारण

झाबुआ । आगामी 16 अप्रैल 18 को मुख्यमंत्रीजी के द्वारा शाजापुर में कृषक समृद्वि योजनांतर्गत रबी वर्ष 2016-17 (उपार्जन वर्ष 2017 ) के गेहूं उपार्जन करने वाले किसानों के सत्यापन किये हुये बैंक खातों में आरटीजीएस/ एनईएफटीएड से रू0 200/- प्रति क्विंटल राशि जमा की जाएगी । शाजापुर में आयोजित कार्यक्रम  का सीधा प्रसारण होगा । जिले के किसान मुख्यमंत्रीजी का उदबोधन सुन/देख पाये, इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर झाबुआ में जिला स्तर पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। झाबुआ जिले के जिन किसानो ने गत वर्ष रबी विपणन वर्ष 2016-17 मे गेहूं उपार्जित वर्ष 2017 में गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रो पर विक्रय किया है ऐसे कृषको को पात्रता अनुसार गेहूं पर प्रति क्विंटल रूपये 200/- के मान से कृषक प्रोत्साहन राशि पात्रतानुसार कृषको के बैंक खातो में जमा कर लाभ दिया जाएगा । किसी किसान के बैंक खाता, आई,एफ,एस,सी, कोड, मोबाइल नम्बर में त्रुटि होने की स्थिति में संबंधित उपार्जन केन्द्र पर बैंक पास बुक की छायाप्रति ले जाकर संम्र्पक कर सुधार करवायें । जिससे शासन द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बैंक खाते में जमा हो सकें ।

प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग 16 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर

झाबुआ । झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन 16 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर रहेगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री श्री सारंग 16 अप्रैल को प्रातः 10 बजे सर्किट हाउस झाबुआ पर जनप्रतिनिधयो से भेंट करेगे,दोपहर 12 बजे जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ मे आयोजित किसान सम्मेलन मे सहभागिता करेगे। उसके बाद अपरान्ह 3 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक लेगे। उसके बाद अपरान्ह 4ः30 बजे राणापुर पहुंचकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक षाखा के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेगे। उसके बाद अलिराजपुर जिले के लिए प्रस्थान करेगे।

हिन्दुस्तान मुसलमानों की नहीं, सेक्युलर हिन्दुओं की वजह से धर्मनिरपेक्ष : गौहर रज़ा

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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल, देश में हाल ही में राम नवमी और हनुमान जयंती के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की पृष्ठभूमि में जाने-माने शायर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.गौहर रज़ा का कहना है कि हिन्दुस्तान मुसलमानों की वजह से नहीं बल्कि हिन्दुओं की वजह से धर्मनिरपेक्ष मुल्क है और देश को बचाने के लिए अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए अल्पसंख्यकों को उनका साथ देना चाहिए। यहां डीपीएस में आयोजित जश्न-ए-बहार मुशायरे से इतर शायर, वैज्ञानिक और सामाजिक कार्याकर्ता डॉ.गौहर रज़ा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘इस देश में मुसलमान और दलित बड़ी ताकत हैं। दलित तो और भी बड़ी ताकत हैं। दोनों मिलकर देश को बदलने में अहम किरदार अदा कर सकते हैं।’’  रज़ा ने कहा, ‘‘हिन्दुस्तान मुसलमानों की वजह से धर्मनिरपेक्ष नहीं है। यह देश यहां के धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं की वजह से धर्मनिरपेक्ष है।’’  हाल ही में रामनवमी और हनुमान जयंती पर सांप्रदायिक हिंसा और मुस्लिम मौहल्लों से जुलूस निकाले जाने की पृष्ठभूमि में शायर ने कहा, ‘‘ सवाल राजनीतिक संस्कृति का है और वह इसे बदलने में लगी हुई है। मैं नहीं समझता कि हिंदूवादी ताकतें मुसलमानों या ईसाइयों से नफरत करती हैं लेकिन यह इनकी राजनीति है। जब धार्मिक नारे लगाए जाते हैं तो यह मजहबी नहीं सियासी हरकत है। इससे लड़ने की कोशिश भी सियासी होनी चाहिए। अगर इसे मजहबी रंग दिया गया तो इससे लड़ना मुमकिन नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान अकेले न खुद को बचा सकता है और न देश को बचा सकता है। उसे इन धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं का साथ देना चाहिए और इनके साथ मिलकर लड़ना चाहिए।’’ मुसलमानों को कथित तौर पर उकसाने की घटनाओं पर रज़ा ने कहा, ‘‘ मुसलमानों ने अब तक खुद पर काबू रखा है जो उम्मीद पैदा करता है।’’  उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ महात्मा गांधी ने हमें अहिंसा का रास्ता दिखाया है। मुसलमानों को धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं के साथ मिलकर अहिंसक तरीके से विरोध करना चाहिए। हो सकता है कि शुरू में दुश्वारियां आएं लेकिन आखिरकार जिस तरह से देश को आजादी मिली थी उसी तरह के नतीजे आएंगे।’’  देश के मौजूदा हालात पर रज़ा ने कहा, ‘‘ हमने देखा है गहरी दरारें देर तक ( राजनीतिक ) लाभ देती हैं। नफरत कभी एक कौम तक सीमित नहीं रहती। जब नफरत के पंख फैलने शुरू होते हैं तो यह पूरे समाज को अपनी जद में लेती है। हमने यह अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अन्य मुल्कों में देखा है। हमारी संस्थाओं का जिस तरह से राजनीतिकरण किया जा रहा है उसके नतीजे बहुत भयावह होंगे।’’

सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व सांसदों की पेंशन को बरकरार रखा

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नई दिल्ली 16 अप्रैल, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) लोक प्रहरी की याचिका को खारिज करते हुए पूर्व सांसदों के पेंशन को बरकरार रखने का फैसला सुनाया। एनजीओ ने पूर्व सांसदों को दी जाने वाली पेंशन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने याचिका के संबंध में कहा "यह याचिका खारिज की जाती है।"



सीरिया पर हमले के विरोध में बगदाद में विरोध प्रदर्शन

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बगदाद 16 अप्रैल, सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व में संयुक्त हवाई हमलों के विरोध में बगदाद में शिया मौलवी मुख्तदा अल-सदर के अनुयायियों और कई नागरिक समाज कार्यकर्ताओं ने विरोध रैली निकाली। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यह प्रदर्शन रविवार को तहरीर चौक पर हुए, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। ये लोग इराक और सीरिया के झंडे लेकर सीरिया के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के इरादे से यहां जुटे थे। इस दौरान सीरिया पर बमबारी की निंदा की नारेबाजी भी की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैनर पकड़ रखे थे, जिन पर "नहीं, नहीं, अमेरिका"और "नहीं, नहीं साम्राज्यावदा"और "अमेरिका ने लोकतंत्र के नाम पर सीरियाई लोगों की हत्या की"जैसे नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडे भी जलाए। इस प्रदर्शन के आयोजक शेख हुसैन अल-सइदी ने सिन्हुआ को बताया, "मुख्तदा अल-सदर क आह्वान पर हमारे अनुयायियों और इराकी लोगों ने सीरिया पर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की इस संयुक्त कार्रवाई के विरोध में यह प्रदर्शन किया है।" सइदी ने कहा, "शनिवार तड़के सीरियाई शहरों पर हुई बमबारी गलत और घातक प्रहार है और यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।" इस प्रदर्शन में शामिल एक महिला प्रदर्शनकारी जबरा अल-तेइ ने सिन्हुआ को बताया, "सीरिया हमारा भाई है और वह अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के हमले का शिकार हुआ है लेकिन दुर्भाग्यवश वे भूल गए हैं कि इस हमले में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। हम सीरिया के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और तहरीर चौक पर सीरिया के खिलाफ इस हमले की निंदा करने के लिए खड़े हुए हैं।"

कठुआ दुष्कर्म मामला : सभी आरोपी अदालत के समक्ष पेश

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जम्मू 16 अप्रैल, जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आठों आरोपियों को कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया। इस मामले में सुनवाई सोमवार से शुरू हो गई है।कड़ी सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच हमले के मास्टरमाइंड सांजी राम सहित आठों आरोपियों को सीजेएम कठुआ ए.एस.लांगे के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने मामले की सुनवाई 28 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। पीड़ित बच्ची के पिता ने मामले की सुनवाई राज्य से बाहर करने के लिए याचिका सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पेश कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय इस मामले पर अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा। कठुआ अदालत के बाहर मौजूद पीड़ित बच्ची के संबंधियों ने लगभग तीन महीने तक इस जघन्य अपराध की रिपोर्टिग न करने के लिए मीडिया पर आरोप लगाया। गौरतलब है कि 10 जनवरी को बच्ची को हीरानगर के रसाना गांव से अगवा कर लिया था और उसे इसी क्षेत्र के एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था। बच्ची को लगातार नशीली दवाइयां दी गईं और उसे भूखा रखा गया। बच्चे के साथ कई बार सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई। बच्ची के शव को जंगल में फेंक दिया गया, जहां से 17 जनवरी को बच्ची का शव बरामद हुआ। 

कांग्रेस ने ओडिशा में तीन नए सचिव नियुक्त किए

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नई दिल्ली 15 अप्रैल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ओडिशा के लिए तीन नए एआईसीसी सचिव नियुक्त किए। ओडिशा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि रुद्र राजू, अनिल कुमार चौधरी और शेख मस्तान को सचिव नियुक्त किया गया है। ये तीनों पूर्व सासंद हैं, इसके अलावा आदित्य शर्मा को ओडिशा के लिए संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को ओडिशा का प्रभारी बनाए जाने के दो सप्ताह बाद यह नई नियुक्तियां हुई हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि शुभंकर सरकार ओडिशा के एआईसीसी सचिव का पद छोड़ देंगे।


आंध्र में विशेष दर्जे की मांग को लेकर बंद से आम जनजीवन प्रभावित

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अमरावती 16 अप्रैल, आंध्र प्रदेश में राज्य को विशेष दर्जे की मांग को लेकर आहूत बंद के प्रभाव से सोमवार को जनजीवन थम गया। दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें सभी 13 जिलों में सड़कों से नदारद रहीं। बंद का आह्वान प्रत्येका होडा साधना समिति ( विशेष दर्जे को लेकर लोगों का फोरम) ने किया है और इस बंद का समर्थन विपक्षी पार्टियां वाईएसआर कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां, कांग्रेस और जन सेना कर रही हैं। सत्तारूढ़ पार्टी तेलुगूदेशम (टीडीपी), जो विशेष दर्जे की मांग और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की मांग करती रही है, वह इस बंद में भाग नहीं ले रही है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं व कार्यकताओं ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया। ये लोग सुबह ही सड़कों पर उतर आएं और राज्य को विशेष दर्जा देने और आंध्र के विभाजन के समय किए गए अन्य वादों से मुकरने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कें अवरुद्ध कर दी और एपीएसआरटीसी डिपो से बसों को बाहर आने नहीं दिया। तीनों क्षेत्रों - उत्तर व दक्षिण तटीय आंध्र और रायलसीमा में बस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं।विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, विशाखापत्तनम और राज्य के अन्य शहरों में बस अड्डों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। कुछ जगहों पर पुलिस ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। साधना समिति के चलसानी श्रीनिवास ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार करने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है।

आलेख : सच है, कितना लाभकारी कितना उपयोगी

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दुनिया के लोग स्व-विवेक के बजाय औरों के थोपे गये विचारों के अनुरुप अपना जीवन संचालित करने का प्रयास करते हैं और यही उनकी दुख-तकलीफों का मुख्य कारण है। वे कभी इस बात की सच्चाई को जानने की कोशिश नहीं करते कि जिन्हें वे फॉलो कर रहे हैं अथवा फॉलो करते आ रहे हैं, उन्होंने जो कुछ कहा है, वह कितना सच है, कितना लाभकारी है, कितना उपयोगी है। दुनिया के अधिकांश लोग इसी भांति दूसरों के विचारों का बोझ ढोते-ढोते अपना पूरा जीवन गंवा देते हैं। जिस प्रकार मृग की नाभि में कस्तुरी होती है, लेकिन वह सारी दुनिया में उसे खोजता फिरता है, उसी भांति मनुष्य के मन के अंदर ही उसकी सुख, शांति, समृद्धि की कस्तुरी छुपी होती है, लेकिन वह उसे जीवन भर अल्ला-भगवान-गॉड, मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर अथवा किसी मौलवी, धर्मगुरु, पादरी के जरिये हासिल करने की वृथा कोशिश करता रहता है, इसीलिए उसका जीवन मृगतृष्णा बन जाता है, जो कभी तृप्त नहीं होता। रोटी खाने से आपकी भूख मिट सकती है, लेकिन आप अगर घास खाकर उसे तृप्त करना चाहेंगे तो वो भला कब तृप्त होने वाली है? दुनिया में लोग युगों से काफी कुछ कहते, लिखते, बताते आये हैं और हम उन्हें अंधों की तरह सच मानकर उनका पालन करते आये हैं, हमने कभी भी उसकी सच्चाई, उसकी उपयोगिता, उसकी असलियत जानने की कोशिश नहीं की।

हाल ही में असम के ग्वालपाड़ा जिले के बगुवान में रहने वाले एक परिवार ने मुझे वास्तु सलाह के लिए आमंत्रित किया था। मेरे कार्यक्रम के बारे में जानकर कवि, पत्रकार दीपक शर्मा ने मुझे फोन कर कहा कि उनका भी रविवार को सुबह मेरे सफर के बीच में पडऩे वाले बामुनीगांव में बिहू की मिटिंग में जाने का कार्यक्रम है। सो जब आप घर से निकलें तो मुझे फोन कर दें, मैं भी रामपुर से आपके साथ बामुनीगांव तक चलूंगा। इधर छयगांव से शुक्लेश्वर कलिता के भी मेरे साथ बगुवान जाने का कार्यक्रम तय था। दोनों को साथ लेकर जब मैं बामुनीगांव पहुंचा तो दीपक शर्मा ने ड्राईवर मोहन अली से कहा-'कृृष्ण, जरा गाड़ी रोक देना, मैं यहीं उतर जाता हूँ।'दीपक शर्मा की आदत है कि वे कभी किसी को 'प्रभू'कहकर संबोधित करते हैं तो कभी 'कृृष्ण'कहकर, कभी 'महोदय'कहकर संबोधित करते हैं तो कभी 'भैय्या'कहकर बुलाते हैं। जब उन्होंने ड्राईवर को कृृष्ण कहकर संबोधित करते हुए गाड़ी रोकने को कहा तो ड्राईवर ने गाड़ी रोक दी और दीपक शर्मा गाड़ी से उतर गये। हमारी गाड़ी कुछ दूर आगे चली ही थी कि शुक्लेश्वर कलिता ने ड्राईवर से कहा, 'कृृष्ण, जरा किसी सुनसान जगह पर गाड़ी रोक देना, मुझे लघुशंका करनी होगी।'ड्राइवर ने कुछ आगे एक सुनसान जगह देखकर गाड़ी रोक दी। लघुशंका के बाद हमारी यात्रा पुन: प्रारंभ हो गयी। गाड़ी में बातचीत का दौर भी चलता रहा। बीच-बीच में शुक्लेश्वर कलिता ड्राईवर को 'कृृष्ण'कहकर पुकारते रहे। न तो ड्राईवर ने और न मैंने ही उन्हें यह बताने की कोशिश की कि ड्राईवर का नाम कृृष्ण नहीं, बल्कि मोहन अली है और उन्होंने भी एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं कि ड्राईवर का असली नाम क्या है? शाम को हम जब वापस लौटे तो गाड़ी से उतरते वक्त भी शुक्लेश्वर कलिता ने ड्राईवर को 'कृृष्ण'कहकर ही उससे विदा ली।

किसी ने ड्राईवर को 'कृृष्ण'कहकर पुकारा और शुक्लेश्वर कलिता भी उसे दिन भर 'कृृष्ण'कहकर ही पुकारते रहे। उन्होंने उसका असली नाम जानने की एक बार भी कोशिश नहीं की। यही हाल मानव जाति का है। युगों से लोग अपने विचार दूसरों पर थोपते आये हैं और शुक्लेश्वर कलिता की तरह हम उन्हें जैसे का तैसा स्वीकारते और अपनाते आये हैं। हम कभी भी यह जानने की कोशिश नहीं करते या हमने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि उन विचारों में कितनी सच्चाई है, वे विचार उस काल में भले ही उपयोगी रहे हों, लेकिन हो सकता है कि आज के आधुनिक युग में उनकी कोई उपयोगिता न हो। जिसने इन विचारों को लिखा है उनकी नियत में कहीं, किसी प्रकार की खोट तो नहीं थी या फिर उन्होंने अपना उल्लु सीधा करने के लिए तो कहीं ये विचार दुनिया के लोगों के दिल ओ दिमाग पर नहीं थोपे थे आदि-आदि। किसी ने कहा भगवान ही असली सच्चाई है, तो किसी ने कहा नहीं दुनिया का असली मालिक तो अल्ला ही है। किसी ने कहा प्रभू यिशु की प्रार्थना करने से ही मुक्ति मिलती है तो किसी ने कहा नहीं, मंदिर-मस्जिद में पशुओं की बलि-कुर्बानी देने से ही स्वर्ग-मोक्ष या जहन्नुम नसीब होता है। लोग मौलवियों, पादरियों, धर्मगुरुओं को लोगों का शोषण करने, लड़कियों से बलात्कार करने, मार-पीट, हत्या, लूटपाट करने की घटनाओं में सम्मिलित होने के मामले सार्वजनिक होने अथवा विभिन्न अपराधों में उनके जेल जाने के बावजूद अंधों की तरह उन्हें अपना गुरु, अपना भगवान-अल्ला-गॉड मानते रहते हैं।

लोग कहते हैं कि हम आधुनिक हैं, हम उच्च शिक्षित हैं, हम प्रगतिशील हैं, हम विवेकवान हैं, लेकिन क्या वाकई हम वैसे हैं, जैसा कि खुद को कहते या समझते हैं। कोई यह नहीं कहता कि असल में हम अंधे हैं, क्योंकि हम अपने नहीं बल्कि दूसरों के विचारों पर चलते हैं, हम उन्हीं विचारों को सच मानते आये हैं अथवा आज भी मान रहे हैं, जैसा कि हमें युगों से समझाया जाता रहा है। चूंकि हमारे पास विवेक की आंख नहीं है, इसलिए हम अंधे नहीं तो क्या हैं? लेकिन क्या हम सिर्फ अंधे ही हैं? जी नहीं, हम अंधे ही नहीं बल्कि लंगड़े भी हैं क्योंकि हमें खुद पर भरोसा नहीं और हम अपने मन की शक्ति के बजाय किसी भगवान-अल्ला-गॉड अथवा किसी धर्मगुरु, मौलवी, पादरी की बैशाखी के भरोसे अपनी जीवन नैय्या को पार लगाने में विश्वास अथवा रुचि रखते हैं। प्रकृृति ने हमारे मन में असीम शक्ति प्रदान की है, लेकिन जीवन भर हम अपनी शक्ति, अपनी बाजुओं पर भरोसा करने के बजाय दूसरों की बाजुओं, बैशाखियों के भरोसे चलते हैं, इसलिए हम अंधे ही नहीं हम लंगड़े भी हैं, विकलांग भी हैं।



---राजकुमार झांझरी---
संपादक, 'आगमन' (मासिक पत्रिका)
अध्यक्ष, रि-बिल्ड नॉर्थ इस्ट, गुवाहाटी

बिहार : अवसर को भूनाकर बढ़ता चला गया राहुल बेनेडिक्ट

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बेतिया. पश्चिमी चम्पारण में है बेतिया क्रिश्चियन क्वाटर्स. ईसाई का गढ़ रहा है बेतिया. यहां लोगों को शिक्षित करने की व्यवस्था ईसाई मिशनरियों ने कर रखा है. के.आर.हाई स्कूल और संत तरेसा हाई स्कूल है.हां, मिशनरियों ने किशोरियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था में शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे हैं. इसके कारण आसानी से सरकारी टीचर बन जाती हैं.वहीं किशोरो को लिए व्यवस्था नहीं की गयी है. खैर, पारिवारिक माहौल में ही पढ़ना और शिक्षित होना था. पिता बेनेडिक्ट अंथौनी व माता पूनम बेनेडिक्ट गुरूजी घर में ही थे. पिता मिशन स्कूल में और माता सरकारी टीचर. इसी माहौल में ढलकर राहुल ने हाई स्कूल फतह कर लिया. उच्च शिक्षा पटना में जाकर पूर्ण किये.यहां के संत जेवियर कॉलेज से बी.कॉम   करने बाद बेतिया राहुल बेनेडिक्ट आ गये. बेतिया डायोस्सियन सोशल सर्विस सोसायटी (बीडीएसएसएस) नामक एनजीओ में 1साल कार्य किये. अकॉउंटेट पद पर थे. इसके बाद एनजीओ की नौकरी छोड़ दिये. 2016 में राहुल विश्व विख्यात    एक्सआईएसएस, राँची में नामांकन  एमबीए में करा लिया.दो साल की डिग्री कोर्स है. इस बीच नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन में जाकर इंटर्नर्शीप किये.देखते ही देखते राहुल बेनेडिक्ट एमबीए उर्तीण हो गये. डिग्री व उपाधि वितरण समारोह में एक्सआईएसएस के निदेशक फादर    एलेक्स एक्का के करकमलों से डिग्री प्राप्त किए.   बता दे कि एक्सआईएसएस का क्रेज है कि कम्पनी और बैंक वाले मेघावी डिग्रीधारियों को प्लेसमेंट के माध्यम से हाथों-हाथ उठा लेते हैं. बेतिया निवासी राहुल को बैंक वाले चयन कर लिये. हर्ष की बात है कि उनको 23 अप्रैल से उत्कर्ष स्मॉल फाइनांस बैंक में अस्सिंटेट मैनेजर के पद पर कार्यभार ग्रहण करना है. इसके वाराणसी स्थित मुख्यालय में जाकर  ट्रेनिंग लेंगे.

विशेष आलेख : गोल्ड कोस्ट में भारत की चमक

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देश पर छाई विपरीत स्थितियों की धुंध को चीरते कॉमनवेल्थ गेम्स से आती रोशनी एवं भारतीय खिलाड़ियों के जज्बे ने ऐसे उजाले को फैलाया है कि हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। वहां से आ रही रोशनी के टुकड़े देशवासियों को प्रसन्नता का प्रकाश दे रहे हंै। संदेश दे रहे हैं कि देश का एक भी व्यक्ति अगर दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ने की ठान ले तो वह शिखर पर पहुंच सकता है। विश्व को बौना बना सकता है। पूरे देश के निवासियों का सिर ऊंचा कर सकता है। इन दिनों अखबारों के पहले पन्ने के शीर्ष में छप रहे समाचारों से सबको लगा कि  ईक्कीसवें राष्ट्रमंडल खेलों में, कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारे खिलाड़ियों ने जिस तरह से पदक जीते हैं, जो शारदार प्रदर्शन किया है, उससे देश का गौरव बढ़ा है। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा। भारत ने इन खेलों में 26 गोल्ड मेडल समेत कुल 66 (20 सिल्वर, 20 ब्रॉन्ज) पदक जीते। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेस्म में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है। गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा। यहां भारत ने 15 खेलों में हिस्सा लिया और 9 में मेडल जीते। बता दें कि भारत ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे। हमने इस बार ग्लास्गो से ज्यादा स्वर्ण पदक बटोरे लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की। ऐसे मुकाबलों में भी, जिसमें भारत का हाथ तंग माना जाता रहा है, हमने मेडल जीते और जिनमें पदक नहीं मिल सके उनमें कड़ी चुनौती पेश की। जैसे जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने कमाल किया। वह कॉमनवेल्थ गेम्स में जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। बीस वर्षीय नीरज ने पहले ही थ्रो में क्वालीफाईंग आंकड़े को छूकर फाइनल में जगह पक्की कर ली थी।

 नीरज चोपड़ा हो या टेबल टेनिस की मनिका बत्रा, मोहम्मद अनस हो या शूटर मनु भाकर इन और अन्य खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का लौहा मनवाया है, सभी ने कठोर श्रम किया, बहुत कड़वे घूट पीया है तभी वे सफलता के सिरमौर बने हैं। वरना यहां तक पहुंचते-पहुंचते कईयों के घुटने घिस जाते हैं। एक बूंद अमृत पीने के लिए समुद्र पीना पड़ता है। पदक बहुतों को मिलते हैं पर सही खिलाड़ी को सही पदक मिलना खुशी देता है। यह देखने में ये कोरे पदक हंै पर इनकी नींव में लम्बा संघर्ष और दृढ़ संकल्प का मजबूत आधार छिपा है। राष्ट्रीयता की भावना एवं अपने देश के लिये कुछ अनूठा और विलक्षण करने के भाव ने ही अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में भारत की साख को बढ़ाया है। मोहम्मद अनस 400 मीटर दौड़ में भले ही ब्रॉन्ज से चूक गए पर उन्होंने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने 45.31 सेकंड का समय निकाला और इस तरह एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। हिमा दास 400 मीटर दौड़ के फाइनल तक पहुंचीं। इसी तरह और ऐथलीटों ने अच्छा प्रदर्शन कर यह आशा जगाई है कि भारत को जल्दी ही ऐथलेटिक्स में पदक मिलने लगेंगे। वैसे पूर्व भारतीय महिला ऐथलीट पीटी उषा का मानना है कि भारत ओलिंपिक 2024 में जरूर ऐथलेटिक्स में पदक हासिल करेगा। टेबल टेनिस जैसे खेल में भारत ने अपना दमखम दिखाया है। मनिका बत्रा ने टेबल टेनिस के अलग-अलग इवेंट में चार पदक जीतकर इतिहास रचा। कॉमनवेल्थ खेलों में ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं। 22 साल की मनिका ने न सिर्फ टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स में गोल्ड जीता, बल्कि महिलाओं की टीम इवेंट में गोल्ड, महिला डबल्स मुकाबले में सिल्वर और मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यानी उनकी झोली में दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल आया। हॉकी में भले ही निराशा हाथ लगी हो।

भारत के लिए शूटिंग इवेंट काफी अच्छा रहा। शूटिंग में इस बार भारतीय निशानेबाजों ने 7 गोल्ड समेत कुल 16 मेडल जीते। अनीश भानवाला, मेहुली घोष और मनु भाकर जैसे युवा निशानेबाजों के अलावा हीना सिद्धू, जीतू राय और तेजस्विनी सावंत जैसी अनुभवी निशानेबाजों ने भी भारत के लिए पदक जीते। रेसलिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने निराश नहीं किया और भारत ने 5 गोल्ड, तीन सिल्वर और चार ब्रॉन्ज समेत कुल 12 मेडल अपने नाम किए। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, सुमित जैसे पहलवानों ने अपने-अपने भारवर्ग में भारत को पदक दिलाए। बैडमिंटन में भारत ने कुल 6 पदक जीते। भारत ने मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता व साथ ही महिला एकल में भी साइना नेहवाल ने हमवतन पीवी सिंधु को हराकर सोना अपने नाम किया। पुरुष एकल मुकाबले में भारत के किदांबी श्रीकांत को फाइनल में ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मलयेशिया के ली चेंग वेई से हार का सामना करना पड़ा। मीराबाई चानू, संजीता चानू ने वेटलिफ्टिंग में भारत को गोल्ड दिलाया। इसके अलावा पूनम यादव ने भी भारत के लिए सोने का तमगा हासिल किया। बॉक्सिंग में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते। मैरी कॉम ने गोल्ड जीतकर दिखा गया कि उम्र प्रतिभा की मोहताज नहीं होती। 

निशानेबाजी में पिछले दिनों युवाओं की एक नई खेप सामने आई है जिसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना जलवा बिखेरा है। गोल्ड कोस्ट में उसका दमखम साफ नजर आया। कुश्ती, बॉक्सिंग और बैडमिंटन में भारत की स्थिति मजबूत रही है। इसलिए आशा के अनुरूप ही इसमें मेडल मिले। कॉमनवेल्थ की उपलब्धि दरअसल युवाओं की उपलब्धि है, युवाओं की आंखों में तैर रहे भारत को अव्वल बनाने के सपने की जीत है। भारतीय दल में युवाओं का दबदबा था। शूटिंग में गोल्ड जीतने वाले अनीश भानवाला मात्र 15 साल के हैं। शूटर मनु भाकर 16 की हैं। 16 से 20 की उम्र के कई खिलाड़ी हैं। खिलाड़ियों में कई महिलाएं हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करके अपना रास्ता बनाया। दरअसल समाज में खेल को लेकर धारणा बदल रही है। सरकार भी जागरूक हुई है। कई नई अकादमियां खुलीं हैं जिनका युवाओं को फायदा मिल रहा है। खेलों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों में और गति लाने की जरूरत है। खेलों के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर देशभर में फैलाना होगा। नौकरशाही संबंधी बाधाएं दूर करनी होंगी, वास्तविक खिलाड़ियों के साथ होने वाले भेदभाव को रोकना होगा, खेल में राजनीति की घुसपैठ पर भी रोकना होगा, तभी एशियाई खेलों और ओलिंपिक में भी हमें झोली भरकर मेडल मिल सकेंगे।

हमारे देश में खेलों को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। जब हम विश्व गुरु बनने जा रहे हैं तो उसमें खेलों की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। क्योंकि खेलों में ही वह सामथ्र्य है कि वह देश के सोये स्वाभिमान को जगा देता है, क्योंकि जब भी कोई अर्जुन धनुष उठाता है, निशाना बांधता है तो करोड़ों के मन में एक संकल्प, एक एकाग्रता का भाव जाग उठता है और कई अर्जुन पैदा होते हैं। अपने देश में हर बल्ला उठाने वाला अपने को सचिन तेंदूलकर समझता है, हर बाॅल पकड़ने वाला अपने को कपिल समझता है। हाॅकी की स्टिक पकड़ने वाला हर खिलाड़ी अपने को ध्यानचंद, हर टेनिस का रेकेट पकड़ने वाला अपने को रामानाथन कृष्णन समझता है। और भी कई नाम हैं, मिल्खा सिंह, पी.टी. उषा, प्रकाश पादुकोन, गीत सेठी, जो माप बन गये हैं खेलों की ऊंचाई के। कॉमनवेल्थ गेम्स में अनूठा प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ी भी आज माप बन गये हैं और जो माप बन जाता है वह मनुष्य के उत्थान और प्रगति की श्रेष्ठ स्थिति है। यह अनुकरणीय है। जो भी कोई मूल्य स्थापित करता है, जो भी कोई पात्रता पैदा करता है, जो भी कोई सृजन करता है, जो देश का गौरव बढ़ाता है, जो गीतों मंे गाया जाता है, उसे सलाम। 



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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

हेमंत तिवारी तीसरी बार चुने गए पत्रकारों के अध्यक्ष

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लखनऊ (सुरेश गांधी)।उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव में हेमंत तिवारी को एक बार फिर अध्यक्ष चुन लिया गया है। हेमंत तिवारी को कुल 285 वोट मिले है। इस तरह उन्होंने जीत की ‘हैट्रिक‘ लगाई है। वे लगातार तीन बार से इस पद पर चुने जा रहे है। जबकि इस पद के लिए प्रत्याशियों में नीरज श्रीवास्तव को 91, राजीव कुमार श्रीवास्तव को 66, आलोक पांडेय को 36, मनमोहन को 38, प्रभात रंजन दीन को 16 मत हासिल हुए है। बता दें, उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पदाधिकारियों का कार्यकाल दो वर्ष का होता है। चुनावी मैदान में  कुल 92 प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया। समिति के  उपाध्यक्ष के दो पदों के लिए अजय श्रीवास्तव को चुना गया, जिन्हें 149 वोट मिले, आकाश शेखर शर्मा 124 मतों मिले। इस तरह दोनों विजय हुए। सचिव पद के विजेता 140 मतों के साथ शिवशरण सिंह रहे, जबकि अन्य प्रत्याशियों में अविनाश चन्द्र मिश्रा को 112, आलोक पांडेय को 107, शबी हैदर को 95, भारत सिंह को 93 मत हासिल हुए। संयुक्त सचिव को दो पदों की विजेता तमन्ना फरीदी भी रहीं, जिन्हें 241 वोट मिले, श्रीधर अग्निहोत्री 185 मतों के साथ विजय रहे। वहीं कोषाध्यक्ष के पदं के लिए जफर इरशाद को चुना गया, जिन्हें 159 वोट मिले। जबकि इस पद के लिए अमितेश कुमार श्रीवास्तव को 150 वोट मिले। इसके अतिरिक्त 8 सदस्य भी निर्वाचित हुए है जिनमें अभिषेक रंजन (193), संजोग वाल्टर170), सुरेश यादव(168), अलाउद्दीन (167), अंकित श्रीवास्तव(165), दया बिष्ट(142), हरीश कंडपाल(138) और अनिल सैनी(120) शामिल  हैं। गौरतलब है कि सदस्य पद के लिए अभ्युदय अवस्थी को 118 वोट मिले थे, पर उनके 9 पद निरस्त होने के चलते ये गिनती 109 ही रह गई और वे हार गए। 

बाल देखरेख एवं विकास के मुददों पर दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश फोर्सेस एव ंसेव दी चिल्डृेन के संयुक्त तत्वावधान में बालदेखरेख एवं विकास के मुददों पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन पारिजात गेस्ट हाउस  इन्दिरा नगर लखनऊ  किया गया। कार्यकम के पहले दिन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सेव द चिल्ड्ेन राज्य प्रतिनिधि सुरजीत चटर्जी ने बताया कि प्रारंभिक शिशुकाल से जीवन के पहले छह वर्षों का बोध होता है। यह सबसे महत्वपूर्ण दौर के तौर पर जाना जाता है, जब विकास काफी तेजी से होता है और आजीवन संचयी ज्ञान और मानवीय विकास की बुनियाद रखी जाती है। इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि प्राथमिक वर्षों में मस्तिष्क का जो विकास होता है, वह ऐसा रास्ता है, जो आजीवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, व्यवहार और शिक्षा पर असर डालता है। उन्होने बताया कि 2011 की जनगडना के अनुसार भारत में 0-6 वर्ष के आयुवर्ग के लगभग 15 करोड़ 87 लाख शिशु हैं प्राथमिक बाल्यावस्था देखरेख और शिक्षा (ईसीसीई) आजीवन शिक्षा और विकास के लिए अपरिहार्य बुनियाद है, जिसका शिक्षा के प्राथमिक चरण की सफलता पर गहरा असर पड़ता है। इसी वजह से यह जरूरी हो जाता है कि ईसीसीई को प्राथमिकता दैं और मांग के अनुरूप संसाधन मुहैया कराकर पर्याप्त तौर पर निवेश करें। इस लिए यह काफी महत्वपूर्ण विषय है इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सेवा की सुजन जी ने कहा कि आज के परिवेश में महिलाओं एवं बच्चों को की स्थिति को ध्याान में रखते हुए काम करने की  आवश्यकता पर बल देते हुए कह कि सभी छोटे बच्चेा के लिए प्रारमिक बाल देख रेख एवं पूरे दिन के लिए मुुुफत एवं गुणवत्तापूर्ण व समेकित प्रारम्भिक देखरेख की आवश्यकता पर चर्चा की । कार्यक्रम के दौरान  एलाइन्स  फार चाइल्डकेयर की देविका जी ने कहा कि उत्तर भारत के राज्यों में छः साल से कम उम्र के बच्चों का अधिकार संरक्षण शाला पूर्व शिक्षा एवं गुणवत्ता पूर्ण देखभाल पर केन्द्रित कर सरकार की नीतियाॅं जमीनी हकीकत, गैप्स, चुनौतियाॅं एवं साझा पहल के मुद्दों पर कार्यशाला का आयेाजन किया जा रहा है फोर्सेस के उद्भव राष्ट्रीय स्तर पर उ0प्र0 में और इसकी जरूरतों के साथ-साथ उ0प्र0 में सरकार  द्वारा 6 वर्ष के नीचे के बच्चों के लि विभिन्न योजनाओं को सदन के समक्ष रखा प्रतिभागियांे ने दिल्ली, उ0प्र0, उत्तराखण्ड, गुजरात आदि विभिन्न राज्यों में बच्चों के स्वास्थ्य, अधिकार संरक्षण् एवं देखभाल पर चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की और छोटे बच्चों के लिए पूर्णकालिक (डे केयर सेण्टर) के साथ-साथ आई0सी0डी0एस0 के साथ ही शाला पूर्व शिक्षण को लागू करने एवं दुर्गम परिस्थिति में फॅसे बच्चों को देखभाल एवं सेवाओं की पहुॅंख् की माॅंग उठाई।वी0एच0एन0सी0 को सक्रिय किये जाना, समुदाय एवं सेवा प्रदाताआंे के साथ जेण्डर एवं अन्य आधार पर भेदभाव को भी मुद्दे के रूप में सदन ने चिहिन्त किया। निपसिड के उपनिदेशक डा0 एम0 ए0खान ने सरकार द्वारा चलयी जा रही कार्यक्रम तथा क्रच की आश्यकता पर बल दिया उन्होने बताया कि छोटे बच्चों के लिए फोर्सेस द्वारा की जा रही प्रयास में आगनवाडी केन्दो के लिए बेसिक सुविधाओं को को बेहत प्रयास की आश्यकता है। इन माॅंगों एवं गैप्स तथा चुनौतियों के मध्य नजर साझी रणनीति पर चचायें की गई। प्रतिभागियों में उ0प्र0 फोर्सेस के विश्वम्भर भाई, शिशुपाल,प्रीति राय अर के वर्मा,कृष्णाख् वीके रायथानेश्वर,जेे0पी0 शार्मा,वी पी चाण्डेय, डा0वीएस सिंह सहित उत्त्र प्रदेश सहित दिल्ली के कुल 40 प्रतिभागियो सदस्यों ने अपने विचार साझा किये। कार्यशाला में विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता संयुक्त रूप से एलाइन्स  फार चाइल्डकेयर सुश्री देविका जी, राष्ट्रीय फोर्सेस के बासंती रामन, सेवा गुजरात की सुसान  सेव दी चिल्ड्रेन, भारत (लखनऊ) के सुरोजीत चटर्जी, आई0सी0डी0एस0 यूनियन सुश्री वीना गुप्ता,ए संचालन उ0प्र0 फोर्सेस के संयोजक श्री रामायण जी ने किया।

सरपंच के लिए शिक्षा ताकत है : ज्योति काले

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यह कहानी है ज्योति काले की है। ज्योति काले महाराष्ट्र के पूना ज़िले के इंदापुर तहसील की जाचक वस्ती पंचायत की सरपंच हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार जाचकवस्ती की कुल आबादी 1261 हैं जिसमें महिलाओं की कुल आबादी 574 है। जातक बस्ती की साक्षरता दर 73.67 प्रतिशत है जबकि महिला साक्षरता दर 66.03 प्रतिशत है। ज्योति पिछड़ी जाति केे गरीब परिवार से है। परिवार में कुल चार सदस्य हंै। परिवार की आय का मुख्य साधन कृषि है। ज्योति काले के परिवार के पास तकरीबन एक बीघा ज़मीन है व पिता कृषि मज़दूर हंै। इस तरह खेती व मज़दूरी से ज्योति काले के परिवार को 15-20 हज़ार रूपयो की आमदनी हो जाती है। ज्योति की आयु केवल 29 साल है और वह ग्राम पंचायत में नेतृत्व की भूमिका में हैं। ज्योति काले ने एमए तक शिक्षा ग्रहण की है और वह बीएड प्रशिक्षित हैं। सरपंच बनने से पहले वह एक स्थानीय विद्यालय में शिक्षिका के तौर पर काम करती थीं। उनका सपना प्रशासनिक सेवाओं में जाने का है और वह उसकी तैयारी भी कर रही हैं। साथ ही ग्राम पंचायत में सरपंच की ज़िम्मेदारियां भी संभाल रही हैं। 2015 के पंचायत चुनावों में जाचक बस्ती की सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित थी। उस समय ज्योति गांव में सबसे अधिक शिक्षित थीं। गांव के लोगों ने उन्हें चुनाव मंे प्रतिभाग करने के लिए दबाव डाला। उन्हें विश्वास था कि शिक्षित ज्योति गांव के विकास के लिए बेहतर काम कर सकती हैं। तभी ज्योति ने पंचायत के चुनावों में प्रतिभागिता की। इस बारे में ज्योति काले कहती हैं कि-‘‘मेरे पास न पैसे थे और न ही कोई राजनैतिक ताक़त, केवल शिक्षित होना ही मेरे चुनाव जीतने का मुख्य कारण बना।’’ 

ज्योति शिक्षित हैं इसलिए पंचायत के काम काज समझना उनके लिए बहुुुत चुनौतीपूर्ण नहीं रहा क्योंकि प्रशासनिक कार्यों को समझने के लिए वह लगातार पढ़ती रहती है। साथ ही ग्राम सचिव देवकाते ने भी उन्हें पंचायत के कार्यों को समझाने में उनकी मदद की। सरकारी आॅफिसों में अधिकारियों से पंचायत विकास के अनुदान, योजनाओं को समझने और प्राप्त करने में भी उन्हें तुलनात्मक रूप से अधिक बेहतर रवैया ही मिलता है और जहां वह अटकती हैं वहां अपनी जानकारी से कामों का होना सुनिश्चित करती हैं। ज्योति के लिए सभाओं में महिलाओं की सहभागिता एक बड़ी चुनौती थी। जब भी वह सभा बुलाती थीं तो महिलाएं उसमें भाग नहीं लेती थीं। ज्योति ने महिलाओं से बात करनी शुरू की और उन्हें प्रोत्साहित और जागरूक किया। उन्होंने महिलाओं को बताया कि वह पंचायत के विकास में महत्चपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। धीरे धीरे महिलाओं ने बैठकों में आना शुरू किया, और अपनी बात रखनी शुरू की।  ज्योति को अपना काफी समय पंचायत में देना पड़ता है। ‘क्या होता यदि वो विवाहित होतीं’ के प्रश्न पर ज्योति काले कहती हैं कि-‘‘हां, विवाहित महिलाओं की ज़िम्मेदारियां अधिक होती हैं और उन्हें घर और काम दोनों को संभालना पड़ता है। इस दृष्टि से मुझे अभी थोड़ा राहत है और इसीलिए मैं अपने काम और पढ़ाई पर फोकस कर पाती हूं।’’ ‘शिक्षा से ताकत आती है और कामों को समझ कर निर्णय करने की क्षमता भी। शायद इसीलिए मैं पंचायत के कामों के बारे में आत्मनिर्भर हूं। मुझे हर चीज़ की समझ है और सोच समझकर मैं खुद ही निर्णय लेती हूूं।’’

इसी वजह से ज्योति काले पंचायत चुनाव में निश्चित शिक्षा मानकों के पक्ष में भी हैं। वह कहती हैं,‘ मैं इस बात से सहमत हूं कि पंचायत में प्रतिभाग करने के लिए एक निश्चित स्तर पर शिक्षित होना ज़रूरी है। वह ताकत है।’’ अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान ज्योति ने पंचायत के विकास के लिए काफी काम किए हैं जिसकी एक लंबी फेहरिस्त है। उन्होंने पंचायत में पानी की निकासी के लिए सीवर लाइन के निर्माण के साथ नालियों की मरम्मत करवायी। पंचायत को खुले से शौचमुक्त बनाना उनकी एक बड़ी उपलब्धि रही है। इस समय ज्योति काले पंचायत के प्राईमरी स्कूल को डिजिटल बनाने के काम में लगी हुई हैं।  पंचायत के काम काज के दस्तावेज़ों पर उन्होंने डिजिटल सिग्नेचर शुरू कर दिये हैं। ई-टेंडर के जरिये वह पंचायत के काम बांटती हैं और भुगतान आॅनलाइन करवाती हैं। ज्योति कहती हैं कि वह यह सब इसलिए कर सकी हैं क्योंकि वह शिक्षित हैं। यदि वह शिक्षित न होतीं तो शायद इनमें से बहुत सी तकनीकी बातें और सुविधाएं उनको पता भी नहीं होतीं या वह दूसरों पर निर्भर रहतीं। विकास कार्यों में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए वह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाती हैं।  किन्तु जिस समाज में हम रहते हैं उसमें कोई भी काम अवरोध शून्य नहीं है, खासकर महिलाओं के लिए। यह एक सामान्य धारणा है कि बिना चारित्रिक पतन के कोई भी स्त्री आगे नहीं बढ सकती। हालांकि ज्योति बहुत हिम्मती हैं और इस पर भी हंस ही देती हैं कि लोग उनके पीछे उनके चरित्र पर प्र्रश्न उठाते हैं , खासकर जब वह गांव से बाहर जाती हैं या पंचायत का कोई बड़ा काम कर देती हैं। पर वह हताश नहीं होतीं। वह कहती हैं कि- ‘‘मेरे माता-पिता को मुझ पर विश्वास है और वही मेरे लिए काफी है। किसी भी स्त्री के लिए आगे जाने का रास्ता शायद इन लांछनों से होकर ही जाता है। मुझे कोई दिक्कत नहीं होती, लोगों को जो कहना हो कहें।’’

ज्योति का मानना है कि आरक्षण महिलाओं को आगे आने के लिए बड़ा अवसर हैं। इसने बहुत सी महिलाओं को मुख्यधारा में आने में मदद की है। महिलाओं को इसका फायदा उठाना चाहिए और अधिक से अधिक प्रतिभागिता करनी चाहिए जिससे इस नीति का उद्देश्य सफल हो सके। वह अपना ही उदाहरण देती हैं कि ‘अगर जाचक बस्ती की सीट महिला सीट नहीं होती तो वह भी सरपंच नहीं बन सकती थीं। अवसर और शिक्षा से आज वह यहां हैं।’  अगले पंचायत चुनावों में ज्योति सरपंच का चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं है। ज्योति का मानना है कि उनके लिए तो रास्ते और भी हैं। पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ अब दूसरी महिलाओं को उठाना चाहिए जिससे उनका सशक्तिकरण हो सके। सरपंच के पद पर उम्मीदवार बनने के लिए ज्योति के पास सारी योग्यताएं थीं। उन्हें सरपंच पद के लिए आवेदन फार्म के साथ मांगे गए सारे योग्यता नियमों के प्रमाण देने पड़े थे। आपराधिक रिकार्ड की पुष्टि के लिए ज्योति को चरित्र प्रमाण पत्र पुलिस स्टेशन से लेना पड़ा था। इसके अलावा घर में शौचालय सुचारू रूप से काम कर रहा है, यह भी ज्योति काले को आवेदन फार्म के साथ लिखकर देना पड़ा था। शिक्षा के प्रमाण पत्र भी ज्योति काले ने आवेदन फार्म के साथ जमा किए थे।  जाचक बस्ती में ही पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव की उम्मीदवार एक महिला ने शौचालय न होते हुए भी घर पर शौचालय होने का दावा किया था और नामांकन फार्म भरा। ज्योति उनका नाम नहीं लेना चाहतीं मगर कहती हैं कि इस तरह के प्रयास गलत हैं और इसीलिए ज्योति ने उस महिला के चुनाव लड़ने का विरोध किया था। महाराष्ट्र में वही व्यक्ति पंचायत का चुनाव लड़ सकता है जो शौचालय का इस्तेमाल करता हो। अगर किसी व्यक्ति के घर शौचालय नहीं है और वह दूसरे का शौचालय इस्तेमाल करता है तो वह भी पंचायत का चुनाव में प्रतिभाग कर सकता है। इसी आधार पर उसे चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी गई।

महिला सरपंचों से बातचीत की श्रृंखला में ज्योति पहली महिला सरपंच हैं जिन्होंने अपना नामांकन फाॅर्म खुद भरा पर अपने नामांकन के प्रमाण पत्रों को लेने ज्योति अकेले नहीं जा पायीं। उसमें उन्हें अपने भाई और पिता की मदद लेनी पड़ी। हालांकि वह पर्याप्त शिक्षित हैं पर फिर भी वह आश्वस्त नहीं थीं कि वह यह प्रमाण पत्र आसानी से पा सकती हैं। वह इस सारी कवायद को याद करके कहती हैं, ‘‘यह आसान काम नहीं है। इसमें बहुत समय लगता है और बहुत सघन प्रक्रिया है। फिर कम पढ़े लिखे लोगों को तो और भी चुनौतियां आती हैं क्योंकि सिस्टम इन लोगों के साथ अच्छे से पेश नहीं आता है। ’’  पंचायती राज चुनावों में जो राज्य की ओर से पात्रता की तमाम शर्तें लगायी गयी हैं, ज्योति उन्हें ठीक मानती हैं। उनका कहना है कि अवसर तो आपको नई पंचायती राज नीति ने दिया ही है और अब उसके अनुकूल बन मुख्यधारा में आना हमारा काम है। शिक्षा को वह इसमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व मानती हैं क्योंकि इसी शिक्षा ने उनको इस पद पर आने का मौका दिया और यही शिक्षा अन्य महिलाओं को भी ताकत दे सकती है कि वह मुख्यधारा में अपनी भूमिका को अच्छे से निभा सकें और शोषण मुक्त हो सकें। 





(युवराज जाधव)

जमशेदपुर : एटीएम खाली,परेशान जनता

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर ,24 अप्रैल,2018,झारखण्ड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर में  पिछले कुछ दिनों से अधिकतर बैंकों के एटीएम खाली जा रहे हैं.दिन भर लोग पैसे निकलने के लिए इधर से उधर भटकते परेशान देखे जा सकते हैं. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक के भी ज्यादातर एटीएम से पैसे की निकासी नहीं हो पा रही थी. बताया गया कि शहर के बैंकों में करेंसी की आपूर्ति नहीं हो पायी है और स्थिति सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा. बैंक प्रबंधक इस विषय पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे.लोगों को एटीएम से रुपयों की निकासी नहीं हो पाने की वजह से जरुरत के सामन खरीदने में भी परेशानी हो रही है.

बिहार : एक कॉल पर ही रक्त दानवीर पहुंच जाते हैं

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  • महाकल्याण करने दानवीर द्वारा एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते रहते हैं

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पटना. मंगलवार को रक्त दानवीर सुमन सौरभ और अरविंद भाई पी.एम.सी.एच.पहुँचे.वहां पहुंचकर दोनों रक्त दानवीर खास मुद्दे पर काफी देर से मंथन कर रहे थे.बातचीत की दौर में देखा गया कि काफी देर से एक बालक मैराथन दौड़ लगा रहा है.भाग दौड़ करने वाला बालक का नाम विकास कुमार (उम्र 16 साल) है.अपनी माँ रेखा देवी को पी.एम.सी.एच.में भरती किया था.उसकी मां का ऑपरेशन होने वाला है.वह बेसुध होकर पी.एम.सी.एच. में इधर-उधर दौड़ भाग कर रहा है. हां और जब वह थकहार गया तो हमलोगों के पास आया. वह हाथ में एक रजिस्टर थामकर लेकर आया और बोला कि भैया लोग इसमें क्या लिखा है ? जरा देखिए तो!  हमलोगों ने देखा कि वह  कॉल बुक था.उक्त कॉल बुक के अनुसार मरीज (रेखा देवी) को एक यूनिट ब्लड देना था.वह भी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से.जैसा कि सर्वविदित है कि यदि डॉक्टर साहब  कॉल बुक पर ब्डल देने के लिए लिखकर देते है तो उक्त मरीज को बगैर डोनर के ही एक यूनिट रक्त उपलब्ध कराना अनिवार्य है बल्ड बैंक को. पर अखंड भ्रष्टाचार में डुबकी लगाने वाले  पी.एम.सी.एच. ब्लड बैंक के कर्मचारी ने उस बच्चे को बारम्बार डांटकर भगा रहे थे.यहां पर कहीं से ब्लड डोनर दो तब जाकर ब्लड मिलेगा. इस कॉल बुक में लिख देने से कुछ नहीं होता है.इस ओर हमलोग बता दें कि जबतक बालक हमलोगों के पास आया तो हमलोगों ने भी अपने स्तर से काफी प्रयास कर दिया कि उसे कॉल बुक के अनुसार ही रक्त उपलब्ध हो जाए. पर वह किसी कारण से सफल नहीं हो पा रहा था.रक्त दानवीर होने के बावजूद भी हमलोगों को पी.एम.सी.एच. के भ्रष्ट प्रबंधन के सामने झुकना पड़ा.न चाहकर भी  हमलोग ने मजबूरी में उस गरीब बच्चे पर ही दनादन प्रश्न दागना शुरू कर दिये.उससे पूछा गया कि परिवार के लोगों से ब्लड डोनेट क्यों नहीं  करवाते हो?तो वह बालक बोला कि मेरे पास कोई नहीं है. सिर्फ माँ है और पापा और कोई नहीं हैं. इतना कहकर बालक खुद को रोक नहीं पाया और फूट-फूट कर रोने लगा. जब पूछा गया कि तुम क्यों  रो  रहे हो तो उसने कहा सब बोलता है कि गरीब के लिए सरकारी हॉस्पिटल होता है, पर गरीब के लिए कोई नहीं है. सब झूठ बोलते हैं....हमलोगों ने उस बच्चे को चुप कराया और पूछा तुम्‍हारे पापा क्यों नहीं दे रहे ब्लड. तो उसने बोला पापा को बीमारी है और माँ दूसरे के घर काम करती है...मेरी चचेरी बहन यहाँ नर्स है पर हम गरीब हैं ना इसलिए हमको कोई मदद नहीं करता... भैया बचा लीजिए ना माँ को. यह उस बच्चे की बात है. हमलोगों को अंदर से झकझोर दिया तो अरविंद भाई ने कहा कि तुम्‍हारी जरूरत पूरी हो जाएगी और वहां एक साथी की मदद से हमारे रक्तवीर सहयोगी साथी दीपक भाई ने रक्तदान किया.उसके बाद एक यूनिट और जरूरत हुई जिसे  हमारे मित्र रक्तवीर साथी रणवीर पटेल भाई ने  रात्रि 10:00 के आस -पास आये. उनके पास डोनर कार्ड है.खुद ही पी.एम.सी.एच.पहुँच कर ब्लड उपलब्ध कराया.इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम ही है.

नन्ही अनुष्का को ब्ल्ड मिला
अभी अभी डॉ रहमान सर के सौजन्य से पटना में बीए पार्ट वन की तैयारी कर रहे रोहतास के 18 वर्षीय कैसर रजा ने हाजीपुर की तीन साल की नन्ही अनुष्का शर्मा के लिए काफी कम मिलने वाला O नेगेटिव ब्ल्ड डोनेट  किया है. पहली बार रक्तदान करने के तुरंत बाद डॉ रहमान सर के शिष्य  कैसर रजा ने कहा - ना हम धर्म देखते है न हम जात देखते है हम तो रक्तदानी है, हम इंसानियत के नाते  जरूरतमंद का जान देखते है....!! विशेष सहयोग मुकेश भैया । मैं आप सभी का दिल से नमन करता हूँ

बिहार : बाबू वीर कुंवर सिंह का बलिदान प्रेरणादायक : राम प्रसाद राऊत

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 24 अप्रैल,   पटना के गर्दनीबाग में बिहार ग्राम रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रसाद  राऊत जी के अध्यक्षता में धरना स्थल पर ही एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया आज 62 वें दिन भी ग्राम रक्षा दल की मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन जारी रहा धरना स्थल पर ही 160वां विजयोत्सव के शुभ अवसर पर बिहार ग्राम रक्षा  दल बैनर तले संगोष्ठी का आयोजन कर बाबू वीर कुंवर सिंह के जीवनी पर वक्ताओं ने प्रकाश डालें संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रसाद राऊत ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह का बलिदान प्रेरणादायक है 80 वर्ष के उम्र में भी अदम्य साहस था अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ  अंत तक  संघर्ष करते रहे और देशभर में लॉन्ग मार्च किया हम सभी लोग संकल्प लेकर उनकी ख्याति को पूरे भारतवर्ष में फैलाएंगे दुर्भाग्य है कि बाबू वीर कुंवर सिंह को जो स्थान पूरे देश में जो मिलना चाहिए था वह अब तक नहीं मिल सका है 1857की क्रांति में बाबू वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों को पूरी तरह से परास्त कर दिया था प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह थे वह समय क्रांति नहीं होती तो 1947 में हमें आजादी नहीं मिलती 80 साल की उम्र में भी अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके वह ऐसे वीर योद्धा थे जगदीशपुर के किले पर झंडा फहराया और देश की आजादी के लिए निकल पड़े लड़ते-लड़ते देश के लिए बलिदान हो गए देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाले वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्री राउत ने कहा बाबू वीर कुंवर सिंह ने समाज के हर तबके को साथ लेकर विजय हासिल की थी आज युवा पीढ़ी को सीख लेनी चाहिए एक ऐसी हस्ती जिन्होंने अंग्रेजी सेना को तीन तीन बार पराजित किया था उन्होंने वीरता समरसता व मानवता का मिसाल भी काम किया था वह व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे  बिहार प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि 18 57 के सिपाही विद्रोह के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के सामाजिक समरसता के संदेशों को आत्मसात करते हुए समाज में आपसी प्रेम सद्भाव और भाईचारा का माहौल हर हाल में बिहार   वासियों को बनाए रखने की भी अपील की,ग्राम रक्षा दल के द्वारा 62 वा दिन से चल रहे आन्दोलन समर्थन करते हुए अविलम्ब उचित मांगो को पूरा करने का भी सरकार से आग्रह किये,इस   संगोष्ठी को श्री भगवान प्रभाकर, देवेन्द्र सिंह यादव, गिरधारी सिंह, धर्मवीर यादव,सपा नेता  मीडिया प्रभारी रामसागर राय प्रदेश के महामंत्री रवि रंजन प्रसाद प्रदेश के सचिव रामप्रसाद पंडित गणेश मिश्रा लक्ष्मी नारायण सिंह सुरेंद्र प्रसाद यादव मनोज कुमार ठाकुर जिला उपाध्यक्ष संजय यादव जिला सचिव लाल बाबू यादव अमरदीप कुमार झा शत्रुधन सदा अनिल पासवान मंजीत  साहू अमित कुमार देव चंद्र प्रसाद संजय पासवान तेजी  लाल यादव सत्यनारायण शर्मा नवीन पांडे ललन कुमार मिश्रा बुआ यादव उपस्थित होकर अपना विचार व्यक्त करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए

बिहार : पोलो मैदान दरभंगा से करेंगे पदयात्रियों को करेंगे पटना के लिए दीपंकर विदा

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  • कहा - पदयात्रा को लेकर बिहार की जनता में उत्साह.

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पटना 24 अप्रैल 2018, भाकपा-माले के राज्यव्यापी भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ जनअधिकार पदयात्रा राज्य के विभिन्न हिस्सों में आरंभ हो गयी है. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल और केंद्रीय कमिटी के सदस्य काॅ. संतोष सहर आज 24 अप्रैल की शाम दरभंगा रवाना हो चुके हैं. 25 अप्रैल की सुबह दरभंगा के पोलो मैदान से नेतागण पदयात्रियों को पटना के लिए विदा करेंगे. पांचों पदयात्राओं में यह सबसे लंबी पदयात्रा होगी. दरभंगा रवाना होने से पहले पटना में माले महासचिव ने कहा कि आज आजादी की दूसरी जंग की जरूरत है. एक ओर सत्तासीन संघ-भाजपा के नेतृत्व में लोकतंत्र, न्याय व संविधान विरोधी ताकतें खड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर मजदूर-किसानों, दलित-अल्पसंख्यकों, महिलाओं व छात्र-नौजवानों समेत पूरा देश खड़ा है. उन्होंने कहा कि भगत सिंह और अंबेडकर दो ऐसे प्रकाश स्तम्भ हैं, जिनकी रोशनी में हमें नए लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष व आजाद भारत के लिए एक नई लड़नी होगी. बाबा साहेब ने स्वतंत्रता, बराबरी व भाईचारा की बुनियाद पर जिस संविधान को रचा था, संघ परिवार उसे नष्ट कर मनुस्मृति को भारत का संविधान बनाना चाहता है. बिहार में भी आज इन दंगाइयों की मंशा साफ-साफ दिख रही है. इसलिए हमने भाजपा भगओ - बिहार बचाओ का नारा दिया है. दरभंगा से निकलने वाली पदयात्रा में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा भी शामिल रहेंगे. मुजफ्फरपुर, वैशाली होते हुए यह यात्रा अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई की सुबह पटना के गांधी मैदान पहुंचेगी. यह पदयात्रा 160 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 6 दिनों में पटना में पहुंचेगी. पदयात्रा में बड़ी संख्या में दलित, अकलियत, महिलायें और कमजोर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. पार्टी दायरे के बाहर कई संगठन, बुद्धिजीवी, डाॅक्टर, प्रोफेसर, वकील सहित विभिन्न तबके के लोग भी पदयात्रा में शामिल होंगे.

उन्माद-उत्पात की राजनीति के खिलाफ आमजन की रोजी-रोटी के सवाल, शिक्षा-रोजगार के प्रश्न को लेकर यह पदयात्रा निकल रही है. पदयात्रा ने नारा दिया है -  भूमि और आवास चाहिए, दंगामुक्त बिहार चाहिए; उन्माद-उत्पात की राजनीति को ध्वस्त करो - अमन-भाईचार बुलंद करो. पोलो मैदान से निकलकर यात्रा लहेरियासराय टावर, ओझौल, तारालाही, केलवागाछी, डीहरामपुर, बसतवार होतु हऐ आगे बढ़ेगी. वहीं विक्रमगंज से भी कल सुबह 25 अप्रैल को यात्रा आरंभ होगी. कैमूर जिले और रोहतास के विभिन्न प्रखंडों के पदयात्री पदयात्रा करते हुए आज शाम विक्रमगंज पहुंच चुके हैं. कल सुबह सारी दिशाओं से आने वाले पदयात्री एक साथ विक्रमगंज से आरा की ओर बढ़ेंगे. पदयात्रा का नेतृत्व पार्टी के पूर्व विधायक व रोहतास जिला के सचिव काॅ. अरूण सिंह, भोजपुर के जिला सचिव व केंद्रीय कमिटी के सदस्य काॅ. जवाहर लाल सिंह, युवा नेता काॅ. मनोज मंजिल, राजू यादव आदि कर रहे हैं. अरवल से जहानाबाद और फिर पटना की ओर प्रस्थान करने वाली पदयात्रा की तैयारी भी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. पदयात्रा को लेकर गांव-गांव में बैठकें आयोजित की गईं. यह पदयात्रा बाथे से निकलकर अरवल, भदासी, इमामगंज, अतौलह होते हुए जहानबाद पहंुचेगी. पदयात्रियों का हौसला बढ़ाने के लिए जगह-जगह स्वागत समिति का गठन किया गया है. पदयात्री अपने साथ झोला, सत्तू, गिलास आदि साथ में रखे हुए हैं. पदयात्रा में शामिल लोगों के प्राथमिक इलाज के लिए मेडिकल टीमों का भी गठन किया गया है.

बिहार : छात्रों का गुस्सा पफूटा, मगध् विवि कुलपति का पुतला,

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  • राष्ट्रकवि दिनकर जी के प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित कर 27 अप्रैल को न्याय के लिए राजभवन मार्च का लिया संकल्प।

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पटना:- मगध् विवि स्नात्तक द्वितीय खण्ड एवं वोकेशनल परीक्षापफल गड़बड़ी और शौक्षणिक सत्रा निमित करने को लेकर आज आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स पफेडरेशन  के छात्रों ने मगध् विवि के कुलपति कमर अहसन का पुतला पफुका । दिनकर गोलम्बर पर आक्रोशित छात्रों ने मगध् विवि प्रशासन के खिलापफ नारे लगाये। राष्ट्रकवि रामधरी सिंह दिनकर की पुण्य तीथि पर छात्रो ने राष्ट्रकवि की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। पुतला दहन व पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रामधरी सिंह दिनकर के प्रतिमा के समक्ष संकल्प सभा आयोजित किया गया।  सभा को संबोध्ति करते हुए एआईएसएपफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि स्नात्तक द्वितीय खण्ड व वोकेशनल कोर्स में जितने बरे पैमाने पर गड़बड़ी हुई उसको देखते हुए जब तक उत्तर पुस्तिकाओं का पुर्नमूल्यांकन नहीं होता तब तक न्याय नहीं होगा। पूरे मामले में अबिलम्ब राजभवन को हस्तक्षेप की मांग करते हुए सभी छात्रा संगठनों को एक जुट होकर एक मंच पर आकर छात्रों को न्याय दिलाने की अपील की। 27 अप्रैल को हजारों की संख्या में राजभवन मार्च में शामिल होने का संकल्प दिलाया गया। एúआईúएसúएपफú के पटना विúविú के अध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि हर बार गड़बड़ीया करना और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना मगध् विúविú प्रशासन की नियति है। संगठित गिरोह द्वारा छात्रों से पैसा उगाही करने का अंदेशा जारी करते हुए पूरे मशले पर शासन प्रशासन तमाशाबीन बना रहता है। एúआईúएसúएपफú के राज्य सहसचिव रंजित कुमार पंडित ने कहा कि विúविú प्रशासन का यह रवैया ठिक नहीं है और विद्यार्थियों का भविष्य अंध्कारमय होते जा रहा है। एúआईúएसúएपफú विúविú के तमाम छात्रा-छात्राओं को 27 अप्रैल को राजभवन मार्च में शामिल होने का खुला निमंत्राण दिया। सभा की अध्यक्षता जिला सचिव सुशील उमा राज ने किया। इस दौरान संकल्प सभा को एúआईúएसúएपफú के राजकार्य करणी महेश कुमार, जिला सचिव मंडल सदस्य राहुल कुमार, सोनी कुमारी, मीषा भारती, गौतम कुमार, अनुज कुमार, शिवानी प्रिया, किरण कुमारी, सुरज कुमार, कोमल कुमारी, स्वेता कुमारी, अभय आदित्य, दिपक आनंद, मध्ु कुमारी, डौली कुमारी, खुशबु कुमारी, चंदन कुमार ने भी सभा को संबोध्ति किया व दर्जनों छात्रा उपस्थित रहें। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अप्रैल

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मुख्यमंत्री श्री चौहान आज ग्राम चकल्दी आएंगे

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प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार 25 अप्रैल, 2018 को रेहटी तहसील के ग्राम चकल्दी आएंगे और यहां स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 25 अप्रैल को दोपहर 12.05 बजे होशंगाबाद जिले के ग्राम कीरतपुर से हैलीकाप्टर व्दारा प्रस्थान कर दोपहर 12.25 बजे ग्राम चकल्दी पहुंचेंगे तथा यहां स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। वे दोपहर 2.10 बजे हैलीकाप्टर व्दारा ग्राम चकल्दी से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।

अध्यक्ष श्री कोरी आज ग्राम चकल्दी आएंगे

मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) श्री महेश कोरी बुधवार 25 अप्रैल,2018 को रेहटी तहसील के ग्राम चकल्दी आएंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार अध्यक्ष श्री महेश कोरी 25 अप्रैल को प्रात: 9.30 बजे ग्राम चकल्दी पहुंचेंगे तथा यहा आयोजित तेन्दूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन में और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वे सायं 6 बजे ग्राम चकल्दी से कार द्वारा सागर के लिए प्रस्थान करेंगे। 

दो फरार आरोपियों पर नगद पुरस्कार की उद्घोषणा

पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ बहुगुणा ने उद्घोषणा जारी की है कि जो व्यक्ति थाना बिलकिसगंज के दो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में सहायक होगा, या गिरफ्तार करायेगा अथवा ऐसी उर्पयुक्त सूचना देगा जिससे आरोपी को गिरफ्तारी संभव हो सकेगी उसे प्रति आरोपी तीन - तीन हजार का नगद पुरस्कार से पुरूस्कृत किया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम सर्वथा गोपनीय रखा जाएगा। उक्त पुरस्कार वितरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला सीहोर का निर्णय अंतिम होगा। अभी तक आरोपियों का कोई पता नहीं चल सका है। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु जनसहयोग की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा द्वारा जारी उद्घोषणा अनुसार एक माया बारेला वल्द सीलदार बारेला उम्र 20 वर्ष निवासी दिवानिया जिला बडवानी की गिरफ्तारी एवं अपहृता कुमारी कविता पुत्री सायाराम उर्फ सायसिंह बारेला वल्द लट्टीरामबारेला उम्र 14 साल निवासी खामखेडा थाना बिलकिसगंज की दस्तयाबी तथा दूसरा अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी पर जिस पर अपहृता कुमारी रीना पुत्री रतनसिंह कोरकू उम्र करीब 17 वर्ष निवासी सेवनिया परिहार थाना बिलकिसगंज की दस्तयाबी के अथक प्रयास किये जा रहे हैं। इन दोनों फरार आरोपियों पर थाना बिलकिसगंज में धारा 363 के तहत मामले दर्ज हैं। 

मध्यप्रदेश के कैबिनेट ऊर्जा मंत्री पारस जैन को नवकार सेवा रत्न की उपाधि

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  • कैबिनेट मंत्री पारस जैन को नवकार सेवा रत्न से अलंकृत करने पहुचे लुनिया

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इंदौर : नवकार उपाधि अलंकरण वर्ष 2018 के द्वितीय सत्र प्रशासनिक सम्मान का प्रारंभ करते हुए नवकार उपाधि अलंकरण आयोजक विनायक अशोक लुनिया अपने आयोजन समिति सचिव सचिन कासलीवाल के साथ रविवार को मध्य प्रदेश के कैबिनेट ऊर्जा मंत्री पारस जैन को नवकार सेवारत्न उपाधि से अलंकृत करने मंत्री जैन के उज्जैन स्थित निवास पर पहुच कर सम्मान भेंट किया। उक्त सम्मान प्राप्त करते हुए मंत्री श्री जैन ने कहा हम जैन धर्म के अनुयायी है और सेवा ही मेरा कर्म है। जब तक मुझे अवसर मिलता रहेगा में सेवा में लिप्त रहूंगा। आयोजक श्री लुनिया ने बताया कि उक्त सम्मान गौरक्षक समाज सेवी स्व. अशोक लुनिया के ओरथं पुण्य तिथि पर किया जा रहा है जिस दौरान 90 जैन संतों सहित 4 मुख्य मंत्री 8 मंत्री एवं 30 समाज सेवियों सहित 10 सामाजिक संस्थानों को अलंकृत किया जा रहा है। आयोजन सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि सम्मान भेंट करने नवकार उपाधि अलंकरण आयोजक विनायके लुनिया कोलकाता से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा के दौरे पर है जहां 4 राज्यों के मुख्य मंत्रियों को नवकार महारत्न की उपाधि से अलंकृत करेंगे वहीं उक्त राज्यों में जैन समाज के 8 मंत्रीगणों को नवकार सेवारत्न सम्मान से अलंकृत कर रहे है जिस श्रेणी में बाबा महांकाल एवं जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर की तप भूमि उज्जैन नगर से मंत्री श्री जैन को सम्मानित कर द्वितीय सत्र का शुभारंभ किया। मंत्री श्री जैन को उपाधि अलंकरण करने श्री लुनिया के साथ सचिन कासलीवाल, सुदीप मेहता, शिवपुरी से चरणजीत आदी समिति सदस्य मौजूद थे।
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