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बिहार : पटना में पदयात्रियों के स्वागत की तैयारी पूरी, सभी जत्थे पहुंचे पटना.

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  • जनअधिकार महासम्मेलन की सफलता को लेकर चला प्रचार अभियान, नुक्कड़ सभाओं का आयोजन.

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पटना 30 अप्रैल 2018, भाकपा-माले द्वारा आयोजित भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ, लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ जनअधिकार पदयात्रा की तैयारी अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य अमर व पटना नगर के सचिव अभ्युदय ने कहा है कि आज शाम तक पदयात्रियों के सभी जत्थे पटना पहंुच गये हैं. जगह-जगह पदयात्रियों का भव्य स्वागत किया गया. खगौल में शाहाबाद से आने वाली पदयात्रा का स्वागत पार्टी महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने किया और उन्हें संबोधित भी किया.नालंदा-नवादा से चलने वाले जत्थे का स्वागत पटना सिटी के मालसलामी बाजार में शाम 5 बजे पटना सिटी के पार्टी सचिव नसीम अंसारी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने स्वागत किया. गया से चलने वाली यात्रा परसा पहुंच गई है. 1 मई को शाहाबाद वाला जत्था खगौल से मार्च करेगा, जिसका पटना शहर के विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया जाएगा. 9 बजे आशियाना लोकल कमिटी, अंबेदकर मुसहर विकास समिति और मुसहर विकास मंच जैसे दलित संगठनों के बैनर से आशियाना मोड़ पर पदयात्रियों का स्वागत होगा. 10 बजे हड़ताली मोड़़ पर ऐक्टू, महासंघ गोप गुट, महिलाएं व आम नागरिकों द्वारा पदयात्रियों का स्वागत होगा. रेडियो स्टेशन पर संस्कृतिकर्मी, लेखक, बुद्धिजीवी व पटना के नागरिक पदयात्रियों का स्वागत करेंगे.

दरभंगा से चलने वाली यात्रा का स्वागत 1 मई की सुबह गायघाट पर भाकपा-माले की पटना सिटी एरिया कमिटी द्वारा होगा. उसी जत्थे का स्वागत महेन्द्रू में भीम आर्मी व विभिन्न दलित छात्र संगठनों द्वारा तथा पटना विश्वविद्यालय में आइसा द्वारा होगा. पटना सिटी से एक साथ चलने वाली यात्रा का स्वागत 1 मई को चिरैयाटांड़ पुल पर इंकलाबी नौजवान सभा के साथियों द्वारा किया जाएगा. 11 बजे ही चिरैयाटांड़ पुल पर गया व बिहारशरीफ की पदयात्रा का सामूहिक रूप से स्वागत किया जाएगा. इंकलाबी नौजवान सभा के साथी यह स्वागत करेंगे.

महासम्मेलन की तैयारी पूरी
 इधर गांधीमैदान में आयोजित महासम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है. प्रचार के लिए शहर में आज नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया. आइसा नेता निशांत के नेतृत्व में कई स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन हुआ और कल के महासम्मेलन में भाग लेने की अपील की गई. आइसा के साथी गांधी मैदान मंच सजावट में लगे हुए हैं. माले नेताओं ने पटना शहर के नागरिकों से कल के महासम्मेलन को सफलबनाने की अपील कीहै.

जमशेदपुर : करनडीह में न्यायिक जागरूकता शिविर आयोजित

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर ,30 अप्रैल,2018,  पूर्वी सिंहभूम ज़िले के करनडीह प्रखंड पंचायत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से "  न्याय सबके लिए"की अवधारणा के साथ न्यायिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.मौके पर मुख्या अतिथि के रूप में मौजूद प्राधिकार के सचिव एस.एन.सिकदर ने लोगों से आग्रह किया कि छोटे मोठे मामले स्थानीय स्तर पर पंचायत में या आपसी तालमेल से निपटा लिए जाये.प्राधिकार के पदाधिकारियों ने विधिक सेवा के अंतर्गत मिलने वाली निशुल्क सेवाओं ,हक़, शिक्षा के अधिकार, डायन प्रथा अधिनियम २००१ के अंतर्गत मुआवजा मनरेगा आदि की जानकारी उपस्थित लोगों को दी गयीं. इस मौके पर अधिवक्ता राजीव कुमार,प्रकश मिश्रा ,शैलेन्द्र प्रसाद, मुखिया मोनिका हेम्ब्रम सनातन मंडल ,सुनीता मुर्मू,सुशीला साहू,पिंगवा प्रधान आदि उपस्थित थे.

जमशेदपुर : विद्यालय विलय का विरोध एक दिवसीय उपवास के साथ

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर, 30 अप्रैल, 2018,  जमशेदपुर के बागबेड़ा पंचायत अंतर्गत सी पी टोला मध्य विद्यालय का विलय राजेंद्र मध्य विद्यालय में किये जाने के विरोध में पंचायत समिति सदस्य और अभिभावकगण एक दिवसीय उपवास पर बैठ कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. जिला परिषद् सदस्य किशोर यादव ने हमारे संवाददाता को बताया कि सी पी टोला विद्यालय १९७८ से बागबेड़ा में संचालित हो रहा  है जिससे ६१ गरीब परिवारों के बच्चे भी पढ़ते हैं. अब स्कूल के अन्य स्कूल के साथ विलय से छात्र और अभिभावकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा,ऐसे में कई बच्चे स्कूल जाने से वंचित भी हो सकते हैं. उपवास पर बैठे लोगों ने कहा कि यदि जिला प्रशासन उनकी बातों को नहीं मानता  है तो वे लोग आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे.

जमशेदपुरियों ने जैम एट स्ट्रीट में किया धमाल

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर,30 अप्रैल,2018,  टाटा स्टील के जमशेदपुर वासियों को कुछ कुछ अंतराल के बाद मस्ती में झूमाने के उद्देश्य से एक बार फिर बिष्टुपुर मुख्या सड़क पर जैम एट स्ट्रीट का आयोजन किया गे जिसमे जमशेदपुरियों ने जम कर मस्ती की.इस दौरान प्रातः ५ बजे से ४ घंटे के लिए बिष्टुपुर मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया था. टाटा स्टील के शहर प्रबंधन हेतु गठित अनुषंगी इकाई जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि हम जमशेदपुर जैसे शहर में रह रहे हैं. समय के साथ खुद कोई बदले के लिए तैयार रखने के साथ ही इस तरह के आयोजन से लोगों को अपने अंदर छुपी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका भी मिलता है. टाटा स्टील के उपाध्यक्ष सुनील भास्करन,जुस्को कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स प्रमुख राजेश रंजन सहित जनसमुदाय ने साइक्लिंग ,डांडिया,रॉक बैंड,पेंटिंग,जुम्बा,योग, बैडमिंटन,आदि खेलों के साथ स्ट्रीट फ़ूड  का आनंद लिया.  कुछ हुड़दंगियों के रंग में भंग करने की मंशा को पुलिस ने बल प्रयोग कर कुचल दिया.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 30 अप्रैल

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जल की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में हो पर विचार विमर्श, जल संसद में दिए गए सुझाव

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जल संसद कार्यक्रम के तहत विदिशा जिले के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों पर आज जल संसद का आयोजन तीन चरणों में किया गया था जिसमें प्रातःकाल श्रमदान द्वितीय चरण में मंचीय कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण के उपायों पर गहन विचार विमर्श किए गए और अंतिम चरण में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के लाइव भाषण को कार्यक्रम स्थलों पर देखा व सुना गया है। इसके लिए बकायदा एलईडी के भी प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे।  जिला मुख्यालय पर जल संसद संबंधी कार्यक्रम बेतवा नदी के किनारे स्थित श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर परिसर में सोमवार को आयोजित किया गया था प्रथम चरण में नगरपालिका अध्यक्ष, कलेक्टर के अलावा अन्य अधिकारीगण, गणमान्य नागरिकों ने बेतवा नदी में श्रमदान किया। मंचीय कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नपा अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि पहले हम परिश्रम कर जितनी जल की आवश्यकता होती थी उतना ही भरकर उपयोग में लाते थे किन्तु अब बटन दबाआंे पानी मिलने लगा है अतः हम जल की महत्वता को कम प्रतिपादित करने लगे है यही कारण है कि अब जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जल की मात्रा बढाने के लिए हमें अनेक प्रकार के संरचनाओं के साथ-साथ पूर्व निर्मित संरचनाओं का जीर्णोद्वार करने की अति आवश्यकता है। उन्हांेने आने वाली पीढी को प्रचूर मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अभी से जल का सदुपयोग करते हुए अपव्ययता पर प्रतिबंध लगाने, जमीन के अन्दर अधिक से अधिक समाहित हो इसके लिए हर स्तर पर प्रयास करने होंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति ग्रीष्मकाल में निर्मित होने लगती है अनेक कंुआ, बाबडी सूख जाते है और हेण्ड पंपों से जल मिलना बंद हो जाता है। निश्चित ही इसके पीछे हम जमीन के अन्दर का पानी निकालने की कोशिश करते है किन्तु जमीन में अधिक से अधिक पानी जाए इसके लिए जन भागीदारी जन सहयोग से कार्यो की अति आवश्यकता है। उन्होंने नदियों के किनारे अधिक से अधिक पेड पौधे लगाए जाने पर बल देते हुए कहा कि पेडो से हरियाली, पर्यावरण, जल और औषधी एवं फलफूल सुगमता से प्राप्त होते है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरचनाओं के निर्माणो पर बल दिया।  कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि हम अभी भी चेत जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को प्रचूर मात्रा में जल की उपलब्धता विरासत मंे दे सकें। उन्होंने विद्यार्थी जीवन के संस्मरणों को रेखांकित करते हुए कहा कि जहां पहले नदी नालो की धार नही टूटती थी अब वे सूखे वीरान होते जा रहे है ऐसे समय हम सबका नैतिक दायित्व है कि हम सब जल प्रबंधन के प्रति सचेत होकर कार्ये को अंजाम दें। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि मानव सहित अन्य सभी जीवों एवं कृषि कार्यो के लिए को पूरे 12 महीने पानी की आवश्यकता पड़ती है किन्तु बरसात तीन-चार माह होती है शेष आठ माहों के लिए पानी संरक्षित कर रखने की जबावदारी हम सबकी है। इसके लिए अधिक से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है ताकि घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में ही रूक सकें। उन्होंने पुरानी जल संरचनाओं को पुनः जीवित करने पर बल दिया है। अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन क्यों आवश्यक पडे़ है कि और भी विचार करना अति आवश्यक है। उन्हांेने कहा कि जहां पहले सुगमता से चहुंओर जल प्राप्त हो जाता था किन्तु अब धीरे-धीरे जल स्तर की गिरावट होने से जल की कमी नजर आने लगी है ऐसे समय हम सबकों अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए अधिक से अधिक जल संरचनाओं के निर्माण कार्याे में सहभागिता करना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा अनेक स्तर पर जल संचय करने के लिए संरचनाआंे के निर्माण हेतु विभिन्न स्तर पर राशियां उपलब्ध कराई जाती है जिसका हम सदुपयोग कर आने वाली पीढ़ी को हम प्रचूर मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करा सकते है। उन्होंने खेती मंे सिंचाई के लिए टपक विधि का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया। इसी प्रकार घरों मंे भी जल का सदुपयोग कर हम जल संरक्षण के कार्य के सहभागी बन सकते है। एसएटीआई के संचालक श्री जेएस चैहान ने कहा कि हमें सबसे पहले अपनी सभी पुरानी जल संरचनाआंें का जीर्णोद्वार करना चाहिए ताकि उनकी बंद पुरानी झीरे पुनः चालू हो सकंे। इसके लिए जन अभियान अति आवश्यक है। समाजसेवी श्री अतुल शाह ने कहा कि बढ़ती आबादी के दबाब में हमने प्राचीन कुंओं एवं नदियों को डस्टबिन का रूप दे दिया है यही कारण है कि जहां पहले उनमें जल भरा रहता था वह कम होता जा रहा है। कार्यक्रम को श्री मनोज पांडे समेत अन्य ने भी सम्बोधित किया इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य नगारिकों ने भी जल संरक्षण से संबंधित अपने सुझाव रखें। कार्यक्रम का संचालन श्री अरविन्द श्रीवास्तव ने किया और आगंतुको के प्रति आभार जनपर सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा ने व्यक्त किया। जन अभियान परिषद के द्वारा आयोजित जल संसद कार्यक्रम की रूपरेखा और प्रस्तावना की जानकारी जिला समन्वयक श्रीमती पूजा बंधैया ने दी।  

उपार्जन कार्यो का जायजा

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जिले में जारी उपार्जन कार्यो का जायजा लेने हेतु राज्य सरकार द्वार नियुक्त विकास सह आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने आज विदिशा की कृषि मंडी, न्यू जादौन वेयर हाउस, करारिया एवं शमशाबाद मंडी में संचालित उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया है। विकास सह आयुक्त श्री मण्डलोई ने मंडियों में पहुंचकर एसएमएस, तुलाई करने वाले उपकरणों, वारदानों की बारिकी के साथ-साथ उपार्जन रिकार्ड का जायजा लिया और किसानों को आॅन लाइन भुगतान की जाने वाली राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा उनके द्वारा भ्रमण स्थलों पर मौजूद किसानों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याआंे को सुना है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, एसडीएम श्री रविशंकर राय, शमशाबाद एसडीएम श्री मकसूद अहमद खाॅन, काॅ-आपरेटिव बैक के सीईओ श्री विनय प्रकाश सिंह, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के श्री पीके चैकसे के अलावा सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी श्री विजय सलोदे, नान एवं मार्कफेड के अधिकारी भी साथ मौजूूद थे। 

विदिशा से शामिल होगें हजारों कार्यकर्ता

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विदिषाः मध्यप्रदेष कंाग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलनाथ जी के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में विदिषा से हजारों कार्यकर्ता शामिल होगें। आज रामद्वारा स्थित गेस्ट हाऊस में मध्यप्रदेष कांग्रेस द्वारा प्रभारी बनाए गए अब्दुल रहमान फारूकी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तैयारियों को लेकर बैठक की। बैठक में पूर्व सांसद प्रतापभानू शर्मा, जिला कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ. मेहताबसिंह यादव, पूर्व प्रदेष सचिव शषांक भार्गव, पूर्व नपा उपाध्यक्ष बसंत जैन ने भी विचार व्यक्त किए। बैठक में तय किया गया विदिषा के सभी कांग्रेस कार्यकर्ता प्रातः 8ः30 बजे एकत्रित होकर काफिले के साथ भोपाल रवाना होगें। भोपाल में रोषनपुरा चैराह के समीप बाढगंगा चैराहे पर सम्पूर्ण विदिषा जिले के कार्यकर्ता सामूहिक रूप से प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी एवं वरिष्ठ नेताओं का स्वागत करेंगे।  बैठक में देवेन्द्रसिंह राठौर, रमेष तिवारी, अजय दांतरे, आनंदप्रतापसिंह, अजय कटारे, मोहरसिंह रघुवंषी, डाॅ. शैलेन्द्र कटारिया, अनुज लोधी, ब्रजेन्द्र परमार, अषरफ खान, राजकुमार डिडोत, बंटी सक्सैना, दीपक दुबे, साबन चैबे, सरूण गुप्ता, सुमित शर्मा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहें। 

राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर ठेकेदार कंपनी का लायसेंस निरस्त करवाने की मांग की।

विदिषाः विगत 27 अप्रैल को विदिषा में निर्माणाधीन मेडिकल काॅलेज की ठेकेदार कंपनी यूनिवर्सल कस्ट्रक्षन एण्ड इंजीनियरिंग लि. की लापरवाही से झारखंड के प्रवासी मजदूर राकेषसिंह की तीसरी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई थी। घटना के बाद कंपनी लीपापोती का प्रयास कर रही है। अभी तक मृतक के परिवार को कंपनी की ओर से किसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की गई है। आज जिला असंगठित कामगार कांग्रेस की ओर से राज्यपाल महोदय के नाम जिला प्रषासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि ठेकेदार कंपनी की ओर से मृतक मजदूर के परिवार को 15 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।  लपरवाही से मजदूर की मौत की दोषी कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए।  यूनिवर्सल कंस्ट्रक्षन एण्ड इंजीनियरिंग लि. कंपनी लगातार श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही है। कंपनी का लायसेंस तुरंत निरस्त किया जाए।  लगातार 3 मजदूरों की मौत की जिम्मेदार यूनिवर्सल कंस्ट्रक्षन एण्ड इंजीनियरिंग लि. कंपनी का अनुबंध निरस्त कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जाए।  जिला कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. मेहताबसिंह यादव, शषांक भार्गव, बसंत जैन, अजय कटारे ने ज्ञापन सौंपते  हुए मांग की है कि जिला प्रषासन विधिवत रूप से जाॅच दल का गठन कर घटना की जाॅच करवाएॅ।  इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेन्द्र राठौर, अब्दुल रहमान फारूकी, रमेष तिवारी, मोहरसिंह रघुवंषी, अनुज लोधी, बंटी सक्सैना, ओ.पी. सोनी, मनोज कुषवाह, राजकुमार डीडोत, गोविन्द भार्गव, साबन चैबे, दीपक दुबे, भानू दरबार, सरूण गुप्ता, अमन दीक्षित, सुमित शर्मा, दिनेष विष्वकर्मा, प्रकाष पारासर हैप्पी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 30 अप्रैल

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भाजपा को  मजबुती दिलाने के लिये घर घर तक प्रदेष एवं केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पहूंचाना है- भगतसिंह कुषवाह
  • भाजपा पिछडा वर्ग मोर्चे की जिला स्तरीय बैठक को प्रदेशाध्यक्ष ने किया संबोधित

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झाबुआ । भारतीय जना पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता उर्जा एवं उत्साह से परिपूर्ण रहता है। भारतीष्य जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी दल है । 1951 से 2017 तक जनसंघ से भाजपा तक की  लम्बी यात्रा में भारतीय जनता पार्टी क े प्रत्येक कार्यकर्ता ने जो काम को आगे बढाया है और केन्द्र एवं प्रदेश मे भाजापा की सरकारे गठित होने के बाद जो तेजी से विकास हुआ है इससे देशवासियों के दिलो दिमाग में इसके प्रति जो  विश्वास की भावना पैदा हुई है  वह सभी कार्यकर्ताओं की कडी मेहनत एवं कठोर परिश्रम का प्रतिफल है। आज देश के 29 में से 20 प्रांतों में भाजपा की सरकारे है। ऐसी स्थिति में भाजपा के पिछडा वर्ग मोर्चे की भूमिका एवं जिम्मेवारी और अधिक बढ गई है ।  हम लोगों को काम करने का मौका मिला है और जनजन की सेवा एवं देश के विकास के लिये हम सभी सार्थक भूमिका निभा रहे हैै । झाबुआ जिले में एक माह की अवधि में ही पिछडा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुकेश मेेहता की कडी महनत के चलते जिले के सभी मंडलों का गठन होना एक अनुकरणीय पहल है। पिछडा मोर्चा में 92 जातियों का समावेश होकर देश मे 52 प्रतिशत इस वर्ग के लोग है ।और हमे अपने कार्यो, व्यवहार एवं आचरण से लोगों  के दिलों को जीतना है तथा भाजपा के प्रति लोगों के विश्वास को और अधिक पुख्ता करना है । झाबुआ जिले 18 मंडलों में चाहे हम इस अंचल में संख्या में कम हो किन्तु हमारी पहूंच जनजन तक होने से ह मे  पूरी मुश्तेदी से काम करके विधानसभा चुनाव एवं लोक सभा चुनावों में बुथ स्तर तक 5-5 कार्यकर्ताओ ं की टोली बना कर काम करके भाजपा को  मजबुती दिलाने के लिये घर घर तक प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पहूंचाना है तथा  इस बार के चुनाव काफी महत्व होने से आधा चुनाव तो हमे मैदान पर तथा आधा चुनाव मोबाईल पर लडना है। अर्थात सोश्यल मीडिया का सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में उपयोग मे लाकर आम लोगो ं के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है । उक्त उदबोधन भारतीय जनता पार्टी निपछडा मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष  भगवतसिंह कुशवाह ने मेघनगर में आयोजित जिला स्तरीय मोर्चा पदाधिकारियों, मंडल अध्यक्षो, महामंत्रीगणों की बैठक में मुख्य अतिथि के  रूप  में सबोधित करते हुए कहीं । भाजपा पिछडा वर्ग मोर्चे के जिला स्तरीय बैठक मे ं प्रदेशाध्यक्ष भगतसिंह कुश्वा हके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष मांगीलाल रेडवा, प्रदेश मंत्री श्रीमती संगीता सोनी, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे,जिला अध्यक्ष मुकेश मेहता, सह संभाग प्रभारी लक्ष्मीनाीरायण साहूं,, जिला प्रभारी नरेन्द्रसिंह राठौर, जिला कार्यकारिणी सदस्यएवं जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी, रामसिंह मेरावत , कमलेश गुर्जर, रोहित बैरागी,  विक्की प्रजापति, रवीन्द्र नायक, राजेश पांचाल, निलेश सोनी, प्रवीण दांतला सहित जिले के सभी मंडलों के मोर्चा अध्यक्ष एवं महामंत्रीगण बडी संख्या में उपस्थित थे । पण्डित दीनदयाल उपाध्याय एवं डा0 श्यामाप्रसाद मुकर्जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शेैलेष दुबे ने अपने संबोधन मे प्रदेशाध्यक्ष भगतसिंह कुश्वा हके जिले के प्रथम आगमन पर जिला भाजपा की ओर स्वागत करते हुए पिछडा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष मुकेश मेहता की प्रखर भूमिका एवं पार्टी के लिये किये जारहे कार्यो की प्रसंशा करते हुए कार्यकारीणी मे श्रेष्ठतम लोगों के चयन करने का जिक्र करते हुए पिछडा वर्ग के  लोगों की समाज मे भूमिका एवं उनकी समाज मे पैठ का जिक्र करते हुए हर वर्ग को विश्वास के साथ अपनी बात को वजनदार रूप  से मनवाने की ताकत वाला बताया । इस अवसर पर लक्ष्मीनारायण साहूं ने भी पिछडावर्ग मोर्चे की समाज मे सकारात्मक भूमिका का जिक्र किया । प्रदेश उपाध्यक्ष मांगीलाल रेडवा ने भाजपा के उर्जावान कार्यकर्ताओं का जिक्र करते हुए भाजपा को जीतनाने में उनकी जिम्मवारी का जिक्र करते हुए कहा कि 52 प्रतिशत मतदाता देशभर में पिछडा वर्ग के है औ र मोदी जी एवं शिवराजजी की योजनाओं को लेकर उनके बीच जाकर हमें फिर से केन्द्र एवं प्रदेश में सरकार बनाने में अपनी मेहनत करना होगी ।  प्रदेश मंत्री श्रीमती संगीता सोनी ने अपने उदबोधन में विश्वास दिलाया कि झाबुआ जिले मे पिछडा वर्ग मोर्चा हर बुघ तक अपनी टोलियों के माध्यम से जनज न तक सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करके विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव में प्रचण्ड मतों से जीत दर्ज करायेगी । उन्होने कहा कि 92 जातिया पिछडा वर्ग मोर्चे में शामील हे और सभी को एकात्म भाव से विश्वास अर्जित करने के लिये हम सतत काम करेगें । पिछडा वर्ग मोर्चे के जिलाध्यक्ष मुकेश महेता ने अपने स्वागत भाषण में जिले में मोर्चे के गठन तथा सभी 18 मंडलों में  गठन की विस्तार से जानकारी देते हुए जिले की 375 पंचायतों के हर बुथ तक अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से पहूंचने का संकल्प व्ष्यक्त करते हुए आगामी चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत दर्ज कराने का भरोसा दिलाया । कार्यक्रम का सफल संचाल राजेश सोनी ने किया तािा आभार प्रदर्शन महामंत्री रवीन्द्र नायक ने माना ।

क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया ने मुख्‍यमंत्री के झाबुआ दौरे में आने पर चुनावों के समय किए वादों की याद दिलाई

झाबुआ । प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चैहान झाबुआ जिले के दौरे पर आ रहे हैं। झाबुआ जिले की जनता उनका कई समय से इंतजार कर रही थी कि चुनाव के समय उन्‍होंने जो वादे एवं घोषणाएं की थी उनका क्‍या हुआ ? सांसद एवं पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि मुख्‍यमंत्री पेटलावद विधायक को जोबट विधायक के यहां शादी का कार्यक्रम नहीं होता तो शायद ही वे झाबुआ जिले के दौरे पर इस समय आते। खेर कैसे भी आए, ताबड़तोड़ विवाह समारोह में शामिल होना था तो उन्‍होंने छोटे-मोटे सरकारी कार्यक्रम बनाकर उसे अपने शाषकीय दौरे के रूप में यह दौरा बनाया। सांसद भूरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्‍यमंत्री से उनके झाबुआ आगमन के दौरान आज से पांच सवालों की शुरूआत की है - सर्वप्रथम तो मुख्‍यमंत्री झाबुआ जिले में आवें तथा यहां के आदिवासी छात्र-छात्राओं से माफी मांग कर कहे कि शासनध्प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते सत्र बीत जाने के पश्‍चात् भी आपको वादे के अनुसार साईकिल नहीं दे पाए हैं, उसके लिए हम आपसे क्षमा मांगते हैं। रतलाम-झाबुआ में आपने 1300 करोड़ रूपये की घोषणाएं की थी उनका क्‍या हुआ। आपने घोषणां की थी कि तीन साल के भीतर ही माही का पानी थांदला विधानसभा क्षेत्र को मिलने लगेगा, किंतु आज दिनांक तक थांदला विधानसभा के ग्रामीणों को पानी नहीं मिला। वास्‍तविकता तो यह है कि थांदला विधानसभा तो दूर माही डेम के आस-पास के ग्रामीण भी माही के पानी से व‍ंछित है। झाबुआ जिले में तीन साल गुजरने के बाद भी इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन बनकर तैयार नहीं हुआ, क्‍यों ? आपने घोषणा की थी कि पूर्व सांसद स्‍व. दिलीप सिंह भूरिया के नाम से मॉडल विद्दालय बनेगा परंतु वह कहां बन रहा है एवं कब तक बनेगा कही भी शाषकीय स्‍तर पर इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। मेघनगर और राणापुर महाविद्दालय को प्रारंभ किए जाने के बाद भी आज दिनांक तक न तो सरकारी भवन उपलब्‍ध है और ना ही विद्दार्थीयों के लिए प्रोफेसर। ऐसे महाविद्दालय खोलने का क्‍या लाभ?  

राम दरबार रंगगुरा में धूमधाम से मनाई गई भैरव पूर्णिमा
  • वयोवृद्ध पंडित विष्णुपूरी गोस्वामी का किया गया सम्मान

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झाबुआ। शहर के समीपस्थ ग्राम रंगपुरा में स्थित अति प्राचीन श्री पंचदेव राम दरबार मंदिर में सोमवार को भैरव पूर्णिमा भक्ति भावपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर लाभार्थी महेष राठौर परिवार द्वारा भैरवजी की प्रतिमा पर सुंदर एवं आकर्षक चोला चढ़ाया गया। पश्चात् दोपहर 12.39 शुभ मुर्हुत में भैरवजी की पूजन एवं एवं आरती संपन्न हुई। साथ ही राम दरबार मंदिर में पिछले 60 वर्षों से सेवा देने वाले वयोवृद्ध पं. विष्णुपूरी गोस्वामी का समिति द्वारा आत्मीयपूर्ण सम्मान किया गया। उक्त जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी ने बताया कि मंदिर समिति के नवगठन के पश्चात् समिति द्वारा प्रथम आयोजन में भैरव पूर्णिमा धूमधाम से मनाए जाने का निर्णय लिया गया था। तद्नुसार सोमवार को दोपहर शुभ मुर्हुत में 12.39 बजे भैरवजी की प्रतिमा पर सुंदर चोला अर्पण करने के पश्चात् भैरूजी को पुष्प, नैवेद्य़ एवं फल अर्पित किए गए। साथ ही समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी द्वारा सामूहिक रूप से 108 बार भैरव नाम स्मरण मंत्र का जाप किया गया। इइसके पश्चात् उपस्थित सभी सदस्यों ने भैरवजी की आरती की। इस अवसर पर भैरवजी के प्रसिद्ध नेवै़़़द्य चूरमा का प्रसादी के रूप में उपस्थित सभी सदस्यों एवं ग्रामवासियों को वितरण किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम के लाभार्थी समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी थे। 

वयोवृद्ध पूजारी का किया सम्मान
भैरव पूर्णिमा के शुभ अवसर पर समिति द्वारा मंदिर पिछले 60 वर्षों से निरंतर सेवा दे रहे वयोवृद्ध पंडित विष्णुपूरी गोस्वामी का आत्मीय भाव से सम्मान किया गया। इस अवसर पर पं. गोस्वामी को तिलक लगाकर श्रीफल भेंट करते हुए शाल ओढ़ाकर उनके दिर्घायु होने की कामना की गई। समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने श्री गोस्वामी के सम्मान में कहा कि हमारे के लिए यह गौरव का विषय है कि पिछले 60 वर्षों से पंडितजी निरंतर इस मंदिर की सेवा करते आ रहे है एवं व्यवस्थाओं का दायित्व संभाल रहे है, इसी के चलते आज तक यह मंदिर सुरक्षित एवं व्यवस्थित है। इस अवसर पर आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर, सुधीर कुषवाह, समिति के उपाध्यक्ष राजेष तिवारी, श्रीमती अर्चना राठौर ने भी श्री गोस्वामीजी की सेवाओं का सम्मान करते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन की कामना की।

ये थे उपस्थित
कार्यक्रम में समिति के संरक्षक मनीष व्यास, प्रतापसिंह सिक्का, परामर्षदाता जीतसिंह भूरिया, मोहन जोषी, उपाध्यक्ष मगनलाल राठौर, सचिव रघुवीरसिंह खतेड़िया, सह-सचिव अमितसिंह जादौन, लखन नामदेव, संगठन मंत्री विजय वसुनिया, जवाहरसिंह राठौर, राकेष पोतदार, जवाहर त्रिवेदी सहित राठौड़ समाज की महिलाएं एवं ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पं. जयेन्द्र बैरागी ने किया एवं आभार वरिष्ठ सदस्य रणछोड़लाल राठौर ने माना।

लब्धि पूर्णिमा (वैषाख सुदी पूर्णिमा) के उपलक्ष में श्री देवझिरी जैन तीर्थ पर मनाया गया दो दिवसीय महोत्सव
  • पपू आचार्य श्री सुयष सूरीष्वरजी मसा की निश्रा में हुए सभी धार्मिक कार्यक्रम
  • श्री माणिभद्र वीर हवन पूजन के साथ श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर आंगी अर्पण की गई 

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झाबुआ। लब्धि पूर्णिमा (वैषाख सुदी पूर्णिमा) पर श्री देवझिरी जैन तीर्थ पर 29 एवं 30 अप्रेल को दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन परम् पूज्य आचार्य श्री सुयष सूरीष्वरजी मसा की पावन निश्रा में किए गए। सभी धार्मिक कार्यक्रम श्री आदिनाथ माणिभद्र पारमार्थिक ट्रस्ट देवझिरी द्वारा आयोजित किए गए। यह जानकारी देते हुए श्री संघ के वरिष्ठ बाबुलाल कोठारी ने बताया कि 29 अप्रेल को सुबह 5.30 बजे भक्तामर स्त्रोत का मंगल पाठ, 7.30 बजे नवकारसी राजेषभाई हसमुखभाई शाह दाहौद (गुजरात) द्वारा, 8.30 बजे आचार्य श्रीजी का मंगल प्रवेष हुआ एवं उन्होंनेे मांगलिक फरमाई गई। 11.30 बजे स्वामी भक्ति का आयोजन राजेषभाई हसमुख शाह दाहौद (गुजरात) की ओर से, हुआ। दोपहर 1.30 बजे श्री आदिनाथ पंच कल्याणक पूजन श्री आदिनाथ राजेन्द्र संगीत मंडल के ओएल जैन द्वारा संपन्न करवाई गई। जिसके लाभार्थी बाबुलाल कोठारी परिवार थे। शाम 5 बजे स्वामी भक्ति का आयोजन स्व. सुजानमल एवं श्रीमती चंदाबाई कटारिया की स्मृति में प्रदीप जैन परिवार रानापुर द्वारा किया गया।

श्री नवपद पूजन का हुआ आयोजन
इसी प्रकार 30 अप्रेल को वैषाख सुदी लब्धि पूर्णिमा पर प्रातः 5.30 बजे भक्तामर स्त्रोत का मंगल पाठ, 7 बजे अभिषेक एवं पूजन, 7.15 बजे नवरकारसी लाभार्थी नयनेषभाई जसवंतभाई शाह दाहौद (गुजरात) की ओर से, 8 बजे स्नात्र पूजन लाभार्थी अषोककुमार, तेजकरण, सर्वज्ञ, ईषानजी जैन परिवार, 9 बजे परम् पूज्य आचार्य श्री सुयष सूरीष्वरजी मसा ने मंगल प्रवचन दिए। 10 बजे श्री नवपद पूजन श्री आदिनाथ राजेन्द्र संगीत मंडल के ओएल जैन द्वारा संपन्न करवाई गई। जिसका लाभ मधुकर, निषान शाह परिवार एवं अंकित कटारिया परिवार रहा। 11 बजे स्वामी वात्सल्य लाभार्थी स्व. अनोखीलाल मेहता एवं स्व. श्रीमती निर्मलाजी मेहता की स्मृति में निर्मलकुमार, राजेन्द्रकुमार, मनोजकुमार, प्रतीक, हर्ष, दर्ष एवं मेहता परिवार झाबुआ की ओर से रखा गया।

श्री माणिभद्र वीर हवन पूजन हुई
दोपहर 12 बजे से श्री माणिभद्र वीर हवन पूजन हुई, यह पूजन विधिकारक हर्षदभाई जैन इंदौर द्वारा विधि-विधानपूर्वक संपन्न करवाई जाएगी। 12.39 बजे कुंभ स्थाना, दीपक स्थापना एवं हवन आहूतियां लाभार्थी श्री माणिभद्र वीर भक्ति मंडल मुंबई की ओर की गई। बाद हवन पूर्णाहूति एवं आरती का आयोजन हुआ। इसके पश्चात्  शाम 5 बजे पुनः स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ। धार्मिक आयोजन में नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार, नाथुलाल मिस्त्री, प्रकाष रांका, विजय पांडे, हर्ष भट्ट, नामदेव आचार्य, गोपाल शर्मा, शंकरसिंह भूरिया, तेरसिंह भूरिया आदि ने पहुंचकर लाभ प्राप्त किया। 

आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर अंगरचना अर्पण की गई
दोपहर में आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर चांदी की अंगरचना निर्मल मेहता परिवार द्वारा अर्पण की गई। सभी धार्मिक कार्यक्रमों को सफल बनाने में ट्रस्ट मंडल के निर्मल मेहता, बाबुलाल कोठारी, ललिल सकलेचा रानापुर, भावेष कटारिया इंदौर, नयनेषभाई दाहौद, राजेषभाई शाह दाहौद, महेन्द्रभाई एवं पोपटभाई मुंबई, मनोज मेहता, प्रतीक मेहता, हर्ष मेहता आदि का सराहनीय सहयोग रहा। इसके अलावा सभी आयोजनों में शहर के नागरिकों ने भी सहभागिता की।

गोकुल महोत्सव 2018 : षिविरों में किया जा रहा पषुओं का निःषुल्क उपचार एवं टीकाकरण

झाबुआ । पषु पालन विभाग द्वारा 27 मार्च से 10 मई 2018 तक गोकुल महोत्सव 2018 का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत जिले के समस्त ग्रामों में निःषुल्क पषु चिकित्सा षिविरों का आयोजन किया जाकर पषु उपचार, संक्रामक रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण, बधियाकरण, बांझ पषु उपचार, कृत्रिम गर्भाधान, औषधि वितरण, पषु बीमा, दुधारू पषुओं का पंजीयन, विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उक्त षिविरों के आयोजन हेतु गठित  पषु चिकित्सक दल द्वारा कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही प्रचार रथ के द्वारा एलईडी टी.वी. के माध्यम से ग्रामीणों को पषु पालन विभाग अन्तर्गत संचालित शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। उप संचालक पषुपालन श्री डामोर ने पषुपालकों से अपील की है कि ग्रामों में आयोजित षिविरों में पषुओं का निःषुल्क उपचार एवं टीकाकरण करवाएं।

आयुष्मान योजना में वंचित वर्ग के परिवार को प्रतिवर्ष मिलेगा 5 लाख
  • रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच ......कलेक्टर
  • ग्राम सभा मे कलेक्टर ने दी जानकारी

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झाबुआ । आगामी 15 अगस्त, 2018 से मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आयुष्मान भारत योजना प्रारंभ की जा रही है। कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने आज   ग्राम ढेकलबडी मे आयोजित विशेष ग्रामसभा में बताया कि आयुषमान भारत योजना में वंचित वर्ग के ग्रामीण व शहरी परिवारों को प्रति वर्ष 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए हितग्राही परिवार से कोई प्रिमियम नहीं लिया जायेगा। इस योजना का क्रियान्वयन बीमा कंपनियों के माध्यम से किया जायेगा। इस योजना में प्रति परिवार अनुमानित प्रिमियम एक हजार रुपये से 1200  रुपये होगा। जिसमें राज्य सरकार का 40 प्रतिशत एवं केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत अंशदान होगा। इस योजना में वंचित श्रेणी के अंतर्गत ऐसे परिवार जो एक कमरे के कच्चे मकान में निवास करते है, परिवार जिसमें 16 से 59 वर्ष का व्यस्क सदस्य नहीं है, परिवार की मुखिया महिला है, जिसमें 16 से 59 वर्ष का पुरूष सदस्य नहीं है, दिव्यांग  सदस्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवार, भूमिहीन परिवार जिनका आय का स्त्रोत मजदूरी से प्राप्‍त होता है, उन्हें शामिल किया गया है। कुछ परिवार स्वतः इस योजना में शामिल होंगें, जिनमें बिना पक्की छत मकान वाले, भीख पर आश्रित निर्धन, सिर पर मैला ढोने वाले परिवार, विशेष जनजाति समूह एवं बंधुआ मजदूर शामिल है। इस योजना में व्यवसाय के आधार पर शहरी क्षेत्र के परिवारों को शामिल किया गया है। जिसमें कचरा बीनने वाले, भिखारी, घरेलू कामगार, फेरीवाले, मोची, निर्माण मजदूर, नलकार, मकान बनाने वाला, पुताई करने वालस, वेल्डिंग करने वाला मजदूर, कुली, सुरक्षकर्मी, स्वरोजगारकर्मी, शिल्पकार, हस्तशिल्पकर्मी, रिक्शा चालक, दर्जी, परिवहनकर्मी,  विद्युतकर्मी, मिस्त्री, संयोजनकर्मी, मरम्मत कर्मी, धोबी, चैकीदार को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत पात्र वंचित श्रेणी के प्रत्‍येक परिवार को 5.00 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा कवच उपलब्‍ध कराया जायेगा। यह स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा कवच निजी एवं शासकीय अधिमान्‍य अस्‍पतालों के माध्‍यम से उपलब्‍ध कराया जायेगा। योजना के तहत विभिन्‍न मेडिकल प्रोसिजर्स के लिये पैकेज निर्धारित किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के चिन्हांकित वंचित परिवारों का घर-घर जाकर सर्वे का कार्य 01 से 07 मई 2018 के बीच किया जायेगा। परिवारों को चिन्हित करने एवं उनके सत्यापन कार्य में ग्राम पंचायत के सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनवाडी कार्यकर्त्ता एवं स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों की सेवायें ली जायेंगी। ग्रामसभा में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ चैहान सहित ग्रामीण जन उपस्थित थे।

बामनसेमलिया मे ग्राम स्वराज दिवस का आयोजन किया गया

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झाबुआ । ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत विगत 28 अप्रेैल 2018 को ग्राम स्वराज दिवस के रूप में ग्राम पंचायत बामनसेमलिया में जिलास्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत ली जाने वाली गतिविधियॅा आयोजित की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत जनपद पंचायत झाबुआ के 06 ग्राम पंचायतों परवट, बामनसेमलिया, गडवाडा, बलवन, जुलवानिया, उमरी इसी प्रकार जनपद पंचायत पेटलावद की 21 व जनपद पंचायत रामा की 03 व मेघनगर की 02 ग्राम पंचायतांे तथा राणापुर की 02 ग्राम पंचायत व थांदला की 02 ग्राम पंचायतों षत.प्रतिषत आवास निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये जाने पर उक्त सभी जनपद पंचायतों के सरपंच व सचिव , रोजगार सहायक एवं कर्मचारियो जिसमें पीसीओ, एडीईओ व ब्लाॅक समन्वयक जनपद पंचायत झाबुआ को प्रषस्ति पत्र मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत झाबुआ द्वारा प्रदाय किये गये।

जल संसद का हुआ आयोजन

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झाबुआ । जिले मे जल संसदश्ग्राम दुलाखेडी में विकासखंड पेटलावद मे श्गंगामाता नदी पर आयोजित की गई।जल संसद मे 77 पंचायत और 150 ग्रामो के लोगो की भागीदारी रही। जिन्होने नदी संरक्षण के महाभियान में आहुति डाली। नदी संरक्षण अभियान के दौरान नदियों को समाज के सहयोग से गहरीकरण और संरक्षण के कार्यो को जनभागीदारी से करने का संकल्प लिया गया।

अब समाधान आॅनलाईन 1 मई को

झाबुआ । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोैहान की अध्यक्षता में समाधान आॅनलाईन कार्यक्रम 1 मई को सायं 4.00 बजे से आयोजित किया जायेगा। कलेक्टर आशीष सक्सेना ने सभी जिला  अधिकारियों को विभागीय जानाकरी के साथ कलेक्टरेट परिसर स्थित सभा कक्ष में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिये है।

अब्बु को प्रधानमंत्री आवास योजना मे मिला पक्का मकान

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झाबुआ ।  मजदूरी कर परिवार का गुजारा चलाने वाले अब्बु पिता नरसिह एक कमरे के मिटटी व खपरैेल की छत वाले मकान में रहते थे मजदूरी कर वे जैसे तैसे परिवार का भरण पोषण कर पाते थे। ऐसे में उनके लिए पक्का मकान बनाने का सोचना मंुगेरी लाल के सपने जैसा था। लेकिन उनके इस सपने को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ने हकीकत बना दिया है और एक कमरे के मिट्टी व खपरैेल की छत वाले मकान में रहने वाला अब्बु पिता नरसिह अब सीमेंट कांक्रीट की छत वाले मकान का मालिक बन गया है। झाबुआ जिले के राणापुर विकास खण्ड के ग्राम समोई के निवासी अब्बु को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में पक्का आवास बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। शासन से अनुदान मे मिली राशि से उसने ने अपना पक्का मकान बना लिया। अब वह अपने परिवार के साथ सीमेंट कांक्रीट के पक्के मकान में रहते है। चर्चा के दौरान अब्बु ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास का लाभ नही मिलता तो वे अपना पक्का मकान नही बना पाते और उन्हें मिट्टी के कच्चे मकान में रहने से जहरीले जानवर के काटने बारिस में छत टपकने, मकान के कभी भी गिरने का डर समाया रहता। छत टपकने से बरसात का मौेसम बहुत ही कष्टदायक होता था। प्रधानमंत्री आवास योजना ने मदद कर उसकी सारी समस्या ही हल कर दी है अब जहरीले जानवरो के काटने, छत टपकने और मकान गिरने की कोई चिंता नही है।

पुलिस ने किया किसान कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन
 
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झाबुआ । पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन के निर्देश पर दिनांक 29.04.2018 को झाबुआ मण्डी परिसर में किसान कनेक्ट कार्यक्रम रखा गया। सैकड़ो की संख्या में उपस्थित किसानों को साईबर से सबंधित अपराधों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को समझाईश दी गई कि मण्डी तथा व्यापारी से लेन-देन करते समय एक ही मोबाईल नंबर को रजिस्टर करवायें। कोई भी व्यक्ति आपको फोन पर मोबाइल टाॅवर, वेयर हाउस, सोलर प्लांट आदि लगवाने का लालच देकर आपके साथ धोखाधड़ी कर सकता है, इससे आप बचे। ए.टी.एम. कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता, पासबुक की जानकारी किसी को ना दे। कम समय में रकम दुगुना तिगुना करने का लालच देने वाली चिटफंड कंपनियों में पेसा न लगावें। आपके धन को डिपाजिट या निवेश के बदले अत्यधिक लाभ का लालच देकर ठगी करने वालों/नकली इन्वेस्टमेंट कंपनियों से सावधान रहने की समझाईश दी गई। पेंपलेट बाटें गये। किसान कनेक्ट कार्यक्रम को एस.डी.ओ.पी. झाबुआ, श्री आर.सी. भाकर, थाना प्रभारी कोतवाली, उनि नवीन पाठक, उनि अंजली श्रीवास्तव, साइबर टीम में आर. 455 शोभाराम, आर.98 मंगलेश एवं मण्डी सचीव लक्ष्मण सिंह द्वारा कार्यक्रम संचालित किया गया।

बिहार : आयुष्मान भारत का कार्यक्रम में 458 कार्ड बना

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  • नदवा हाई स्कूल में उत्साह देखने लायक

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धनरूआ (पटना). पटना जिले के धनरूआ प्रखंड में है नदवा ग्राम पंचायत.इस पंचायत के मुखिया शंकर कुमार की अध्यक्षता में ग्राम सभा की  गयी. जिसमें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत संबंधित ग्रामीणों ने तथा आशा कार्यकर्ता, एएनएम ,सेविका, आंगनवाड़ी, वार्ड सदस्य ,विकास मित्र, पंचायत सचिव, इंद्रिरा  आवास योजना के सहायक के साथ में नदवा मुखिया शंकर कुमार की उपस्थिति में 458 आयुष्मान भारत के कार्ड वितरित किया गया. उपस्थित लोगों ने कि एक परिवार को 5  लाख रू.का चिकित्सा संभव हो सकेगा.राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से भी चिकित्सा करवाने की व्यवस्था 30 हजार रु.की थी.उसका हश्र लोगों ने देखा है. खुदा न करें कि आयुष्मान का हाल भी वैसा ही हो जाए?

बिहार : किसान परेशान

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डूमर. काले मंडराते बादलों से किसान भयभीत हो रहे हैं.पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश हुई है.इस बारिश से किसानों को भरपूर नुकशान हो रहा है.जिनके पास मकई को ढंकने की व्यवस्था नहीं है उनका मकई का दाना को सड़ने का आसार बढ़ गया है. हरि मंडल नामक किसान का कहना है कि मकई काटने के बाद मकई के दानों को धूप में  सूखने के लिए रखते हैं. इस समय मक्का  1120 रू.किंवटल बिक रहा है. बरसात होने से मसला गंभीर हो गयी है.जिनके पास मक्का ढंकने का साधन है,तब भी जमीन से पानी पसीजकर दाना खराब कर दे रहा है.वहीं जिसके पास ढंकने का साधन नहीं है,उसका भगवान ही रक्षक है. मक्का का रंग सफेद हो जाने की कम हो जाती है.वहीं सड़ जाने की संभावना अधिक हो जाती है.

भारत में विभिन्न धर्मो के बीच कोई भेद नहीं होता है : प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत में विभिन्न धर्मो के बीच कोई भेद नहीं होता है और हमारा किसी देश या विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है।  मोदी ने कहा, ‘‘ भारत का किसी देश या उसकी विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है । हमने धर्मो के बीच किसी तरह का विभेद करने का कभी कोई प्रयास नहीं किया । ’’  प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखंड के बाद अनेक वजहों से हमारे यहां अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य उस तरीके से नहीं हुआ, जैसे होना चाहिए था लेकिन उनकी सरकार भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिये व्यापक दृष्टि के साथ काम कर रही है।  बुद्ध जयंती-2018 के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ बौद्ध सर्किट के लिए सरकार 360 करोड़ रुपए से ज्यादा स्वीकृत कर चुकी है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात में बौद्ध स्थलों का और विकास किया जा रहा है ।’’  उन्होंने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि 2500 वर्ष बाद भी भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमारे बीच हैं । निश्चित तौर पर हमारे पहले जो लोग थे, इसमें उनकी बड़ी भूमिका रही है। यह हमसे पहले वाली पीढ़ियों का योगदान था कि आज हम बुद्ध पूर्णिमा पर इस तरह के कार्यक्रम कर पा रहे हैं ।

समारोह में उपस्थित लोगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अब आने वाला मानव इतिहास आपकी सक्रिय भूमिका का इंतजार कर रहा है । मैं चाहता हूं कि आज जब आप यहां से जाएं, तो मन में इस विचार के साथ जाएं कि 2022 में, जब हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मना रहा होगा, तब तक ऐसे कौन से 5 या 10 संकल्प होंगे, जिन्हें आप पूरा करना चाहेंगे । ’’ उन्होंने कहा कि सरकार भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिए एक बृहद विजन पर भी काम कर रही है ।  महात्मा बुद्ध के संदेश के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि समय की मांग है कि संकट से अगर विश्व को बचाने के लिए, बुद्ध का करुणा, प्रेम का संदेश काम आता है तो बुद्ध को मानने वाली सभी शक्तियां को सक्रिय होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने भी कहा था कि उनके बताये हुए रास्ते पर संगठित होकर चलने से ही सामर्थ्य प्राप्त होगा । उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध कहते थे कि किसी के दुख को देखकर दुखी होने से ज्यादा बेहतर है कि उस व्यक्ति को उसके दुख को दूर करने के लिए तैयार करो, उसे सशक्त करो।

मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे प्रसन्नता हैं कि हमारी सरकार करुणा और सेवाभाव के उसी रास्ते पर चल रही हैं जिस रास्ते को भगवान बुद्ध ने हमें दिखाया था ।’’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी । प्रधानमंत्री ने कहा " 21 वीं सदी में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं अत्यधिक प्रासंगिक हैं। उनका जीवन समाज से पीड़ा की समाप्ति एवं अन्याय दूर करने के लिए समर्पित था । उनकी दया भावना से वह लाखों लोगों के प्रिय बन गए । सभी को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं ।"संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संगठन (आईबीसी) के सहयोग से शुभ 'बुद्ध जयंती-2018'आयोजित किया गया है जिसमें बौद्ध परंपरा के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है ।

जहानाबाद में किशोरी के साथ छेड़छाड़ का वीडियो वायरल, चार गिरफ्तार

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minor-molestation-viral-jahanabad-biharपटना, 30 अप्रैल, बिहार के जहानाबाद जिले में किशोरी के साथ छेडखानी से संबंधित वायरल हुए वीडियो के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को धर दबोचा है और पांच अन्य की ​गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है। पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खान ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि जहानाबाद जिले में 28 अप्रैल की देर रात पुलिस को वायरल हुए वीडियो के बारे में सूचना मिली । वीडियो में 7-8 लडके एक किशोरी के साथ छेडखानी कर रहे हैं । उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए वीडियो में नजर आयी मोटरसाइकिल का पता लगाया जो जहाना बाद का है । जहानाबाद जिला पुलिस अधीक्षक ने 29 अप्रैल को मोटरसाइकिल बरामद कर उसके मालिक का पता लगाया गया । खान ने बताया कि इस संबंध में जहानाबाद नगर थाने में भादंवि की धारा 376 एवं 511, पोक्सो अधिनियम की धारा 8 तथा आईटी अधिनियम की धारा 66 बी के तहत मामला दर्ज कराया गया। उन्होंने बताया कि जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक और पटना के अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष कार्यदल :एसआईटी: का गठन किया गया । खान ने बताया कि एसआईटी ने जहानाबाद के अलावा गया और पटना जिलों में छापेमारी की । अधिकारी ने बताया कि पुलिस आज घटना में संलिप्त चार लडकों को गिरफ्तार कर लिया । ये सभी जहानाबाद जिले के काको थाना के बेलावर पुलिस चौकी अंतर्गत भरथुआ गांव के रहने वाले हैं । उनकी पहचान अमर कुमार :18:, दीपक कुमार :18:, सुनील कुमार :18: तथा एक अन्य किशोर के रूप में हुई है ।  उन्होंने दावा किया कि इसी गांव के एक सडक पर इस घटना को अंजाम दिया गया था । अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार चार लडकों में दो के चेहरे वीडियो में मिल गए हैं जबकि दो अन्य वे हैं जिन्होंने वीडियो बनाया था । खान ने बताया कि इन सभी से पूछताछ जारी है और उन्होंने 4-5 अन्य लडकों के इसमें शामिल रहने की बात स्वीकारी है । उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है और उम्मीद है वे जल्दी पकड़े जायेंगे । उन्होंने बताया कि अमर के पास से वीडियो शूट किये जाने वाले मोबाइल फोन की भी बरामदगी कर ली गयी है । खान ने बताया कि पीड़िता के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है ।

विशेष : नियम हैं मगर वह बाधा नहीं हैं

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कर्नाटक का मैसूर ज़िला। मैसूर जिले के सरगुरु तालुका की बी. मताकेरे हेडी पंचायत से 57 वर्षीया वसंथाम्मा ने 2015 में पहली बार पंचायत का चुनाव लड़ा।  2015 के पंचायत चुनाव में बी. मताकेरे हेडी पंचायत में सदस्य की सीट अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित थी। वसंथाम्मा अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेट्टा कुरुबा जाति में आती हंै। वसंथाम्मा केवल कक्षा चार तक ही पढ़ी लिखी है । वसंथाम्मा चुनाव जीतकर बी. मताकेरे हेडी पंचायत के 24 सदस्यों में से एक सदस्य बनी। इन 24 सदस्यों में से 12 पुरुष और 12 ही महिलाएं सदस्य हैं। वसंथाम्मा के पति चिरुमारा खेती का काम करते है और उनका बेटा गुदस्वामी गाड़ी चालने का काम करता हैं। वसंथाम्मा के परिवार में इस समय अभी कुल सात सदस्य हैं जिसमें उनका पति, बेटा बहु और उनके तीन बच्चें शामिल है। वसंथाम्मा के परिवार की वार्षिक आय तकरीबन 2 लाख रूपए तक हो जाती है जिससे उनके परिवार का खर्चा चलता है। वसंथाम्मा को सरकार से पंचायत सदस्य होने के नाते मानदेय के रूप में 500 तक मिलते हैं।
          
कम पढ़े लिखे होने के बाद भी 2015 में पंचायत सदस्य बनने के बाद वसंथाम्मा ने अपने गाँव के लिए विकास के कई काम कराए हैं। वह अपने गाँव के वार्ड नंबर 2 में अपने प्रयासों से तकरीबन 80 प्रतिशत शौचालय बनवा चुकी हैं। साथ ही गांव के तकरीबन हर गरीब परिवार को घर के लिए जमीन दिलवा चुकी है। भविष्य में वह अपने गाँव में आदिवासी क्षेत्र का विकास करना चाहती है। उनके मुताबिक आदिवासी क्षेत्र में अभी भी मूलभूत जरूरतों की कमी है जिसके लिए वह काम करना चाहती है। गांव के आदिवासियों को पानी लेने के लिए अभी भी बहुत दूर जाना पड़ता है और अभी भी उनके वार्ड के 20 प्रतिशत लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं जिसकी वजह से गांव में गन्दगी फैलती है और कई तरह की बीमारियां पनपती हैं।
           
वसंथाम्मा ने अपने गाँव में अम्बेडकर आवासीय स्कूल और आश्रम स्कूल में छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई है। गाँव के स्कूल में मरम्मत का काम करवाया है। वसंथाम्मा खुद एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य है जिसमें तकरीबन 15 से 20 महिलाएं शामिल है। स्वयं सहायता समूह की कोई भी महिला ज़रूरत पड़ने पर समूह से आर्थिक मदद ले सकती हैं। इस पर समूह की महिला को कोई ब्याज भी देना नहीं पड़ता है। इस काम में वसंथाम्मा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।   वसंथाम्मा महिलाओं को इस समूह में जोड़ने और उनके बीच समन्वय बिठाने का कार्य करती रहती हैं। 
          
वसंथाम्मा अपनी पंचायत के विकास कार्य के बीच कोई रोड़ा नहीं आने देना चाहतीं। इसीलिए वह समय समय पर अपनी पंचायत में अन्य पंचायत सदस्यों के साथ हर बैठक में भाग लेती हैं ताकि वह पंचायत की समस्याओं से रूबरू हो सकें । वसंथाम्मा की इन्हीं सब खूबियों की वजह से उनकी पंचायत में सब उनको खूब पसंद भी करते हैं और उनका समर्थन भी करते है। पंचायत मीटिंग में सभी लोग बहुमत से कोई भी निर्णय लेते हैं।। वसंथाम्मा अपनी पंचायत क्षेत्र में चल रहे कार्यों का स्वयं जाकर जायजा लेती हैं। अभी भी वसंथाम्मा को अपने क्षेत्र में और भी विकास कार्यों की जरूरत महसूस होती है। वसंथाम्मा भविष्य में अपने वार्ड को शौचमुक्त बनाने के लिए प्रतिबध्द हैं। इसके लिए वह अपने वार्ड के हर घर में शौचालय बनवाना चाहती हैं। साथ ही साथ वह ज़रूरतमंदों को ज़मीन उपलब्ध कराकर उनके सर पर छत का साया देखना चाहती हैं।  
            
वसंथाम्मा कहतीं है कि पहले वह चुनाव में भाग नहीं लेना चाहती थीं, मगर गाँव और स्वयं सहायता समूह के लोगों के कहने पर उन्होंने चुनाव में हिस्सा लिया। उनके परिवार ने भी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया।  नामांकन फार्म भरने में उनके बेटे ने उनकी मदद की और सभी जरुरी दस्तावेज लाकर दिए। नामांकन भरते समय उन्होंने हाउस टैक्स, पानी का टैक्स, जाति प्रमाण पत्र आदि जमा करवाए थे। नामांकन फार्म भरने में उनके बेटे ने उनकी मदद  ज़रूर की थी मगर कम शिक्षित होने के बाद भी वसंथाम्मा को फार्म भरने में किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। वह कहती हैं कि यदि आपके घर में कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति हो तो उसकी मदद से आप कोई भी फार्म भर सकते हैं। लिहाज़ आवेदन फार्म भरने के काम में उनका कम पढ़ा लिखा होना भी उनके लिए बाधा नहीं बना। परिवार का यह सहयोग और हौसलाआफजाई ही था कि वह कम पढ़ी लिखी होने के बाद भी पंचायत चुनाव में खड़ी हो पाई अन्यथा वह चुनाव में भाग ही नहीं ले पातीं। 
           
कर्नाटक में पंचायत चुनावों में भाग लेने के लिए कुछ विशिष्ट शर्तें नहीं हैं। वसंथाम्मा और उनकी जैसी अनेक महिलाओं के शासन में भाग लेने का रास्ता खुला हुआ है। 50 प्रतिशत के आरक्षण के बाद महिलाओं को स्थानीय शासन में आने से राज्य में कोई नहीं रोक सकता और वसंथाम्मा इसकी मिसाल हैं। वह कहतीं हैं कि कर्नाटक पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के लिए जो नियम हैं वह इतने कठोर नहीं थे, जिनकी वजह से उनको या उन जैसी कम पढ़ी लिखी किसी महिला को कोई दिक्कत आई हो। वसंथाम्मा बताती है कि पंचायत चुनाव में भाग लेने लिए उनको केवल यह बताना था कि वह कितनी पढ़ी लिखी हैं, शिक्षा के लिए कोई प्रमाण पत्र भी नहीं देना पड़ा। इसके अलावा उनके यह बताना था कि क्या वह शौचालय का उपयोग अपने घर में करती है या नहीं, और यदि नहीं करती तो उनको केवल एक अंडरटेकिंग देनी पड़ती है जिसमें उनको यह बताना होता कि चुनाव जीतने के एक साल के भीतर वह अपने घर शौचालय का निर्माण करा लेंगे । चुनाव के समय जो भी दस्तावेज उम्मीदवारों से मांगे गए वह सभी आसानी से मिल जाने वाले दस्तावेज थे। इसी वजह से उनको लगता है कि वह इतनी आसानी से नामांकन पत्र भर पाई। वह कहती हैं कि यदि सरकार पंचायत चुनाव के लिए यह निर्धारित कर देती कि चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को एक तय क्लास तक पास होना अनिवार्य है तो वह कदापि चुनाव नहीं लड़ पातीं।






(शिवालिंगा)

न्यायसंगत आरक्षण व्यवस्था को अपनाने पर विचार

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  • क्रूर पूंजीवादी व्यवस्था क्रीमी लेयर के बजाय अधिक न्यायसंगत आरक्षण व्यवस्था को अपनाने पर विचार किया जाना समय की मांग है।-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
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आज श्रम दिवस है। संगठित तथा असंगठित श्रमिक हमेशा से शोषित होते रहे हैं। वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में सेवारत लोक सेवक भी श्रमिकों की भांति शोषण के शिकार हैं। इसके बावजूद भी सरकारी सेवाओं में नियुक्ति पाने के लिये हर एक युवा सपने देखता रहता है। मगर कुछ समुदायों द्वारा मीडिया के मार्फत सुनियोजित रूप से यह दुष्प्रचारित किया जाता है कि आरक्षण के चलते योग्य युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति नहीं मिल पा रही हैं। वहीं दूसरी ओर आरक्षित वर्गों के पिछड़े जाति-समुदायों के गरीब परिवारों के युवाओं में भी इस बात को लेकर आक्रोश बढता जा रहा है कि उनको, उनके ही वर्ग के आगे बढ चुके लोगों के कारण शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने तथा सरकारी नौकरी पाने में मुश्किलातों का सामना करना पड़ रहा है। यहां यह तथ्य समझने योग्य है कि संविधान के प्रावधानों के तहत सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े ऐसे नागरिकों के वर्गों को, जिनका प्रशासनिक सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, उनके पक्ष में नियुक्ति या पदों को आरक्षित किया जा सकता है। इसी को आम बोलचाल में आरक्षण कहा जाता है। जिसके चलते तुलनात्मक रूप से मेरिट में कम अंक पाने वाले वंचित वर्गों के अभ्यर्थियों को प्रशासनिक सेवाओं में चयनित कर लिया जाता है। यह एक संवैधानिक पक्ष है।

जबकि दूसरा व्यावहारिक पक्ष यह है कि उक्त आरक्षित पदों पर चयनित होकर आरक्षण का लाभ उठा चुके उच्च पदस्थ, उच्च पदों से सेवानिवृत, सुविधा सम्पन्न एवं धनाढ्य लोगों की संतानें ही वर्तमान में अधिकतर आरक्षित पदों पर नियुक्ति पा रही हैं। जिसके पक्ष में कोई आधिकारिक आंकड़े तो नहीं हैं, लेकिन लोक अवधारणा इस विचार की पुष्टि करती है। इस वजह से आरक्षित वर्गों में शामिल पिछड़े समुदायों के नागरिकों और कम शिक्षित लोगों का मत है कि उनकी संतानों को आरक्षित पदों पर नियुक्ति पाने के अवसर लगभग समाप्त हो चुके हैं। इस स्थिति के कारण आरक्षित वर्गों के पिछड़े परिवारों/समुदायों के युवाओं में लगातार आक्रोश बढता जा रहा है। विशेषकर इस कारण भी क्योंकि प्रतिनिधित्व के नाम पर आरक्षित पदों पर नियुक्ति पाने वाले आरक्षित वर्गों के अधिकतर उच्च पदस्थ लोक सेवक अकसर अपने वर्गों या अपने वर्गों के लोगों के उत्थान के बजाय अपने निजी ​या पारिवारिक विकास पर ही ध्यान देते रहे हैं।


इसी स्थिति को आधार बनाकर कुछ आरक्षण विरोधी समुदाय एवं आरक्षित वर्गों के ऐसे लोग जो प्रतिनिधित्व की संवैधानिक अवधारणा को ठीक से नहीं समझते हैं-क्रीमीलेयर की असंवैधानिक मांग का समर्थन करते देखे जा सकते हैं। जिसको मेरे जैसे संविधानवादी लोग उचित नहीं मानते हैं। अत: अभी तक इस मांग को सफलता नहीं मिल सकी है। दूसरी ओर अजा एवं अजजा वर्गों में क्रीमी लेयर हो या नहीं? इस विषय को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनेकों बार नकारे जाने के बाद भी वर्तमान आरक्षण विरोधी भाजपा के सत्तारूढ होने के बाद अजा एवं अजजा वर्गों में क्रीमी लेयर हो या नहीं विषय पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है। जिसको संघ सहित सभी कट्टर हिंदुवादी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। दबे मन से आरक्षित वर्गों के पिछड़े/वंचित परिवारों/समुदायों के युवाओं का भी इस को समर्थन मिल रहा है। इन हालातों में मुझे ऐसा लगता है कि अजा एवं अजजा वर्गों के युवाओं में व्याप्त असंतोष के चलते न्यायपालिक के मार्फत क्रीमी लेयर लागू किये जाने की आशंका को निरस्त करने के बजाय, असंतोष के कारणों पर समय रहते वंचित वर्गों को खुलकर समाधानकारी विचार करने की जरूरत है और इस असंतोष को दबाने के बजाय, जिसे दबाना असंभव है, युवाओं की समस्याओं तथा भावनाओं को समझकर उचित एवं न्यायसंगत समाधान निकाला जाये। क्योंकि क्रीमी लेयर जैसी क्रूर पूंजीवादी आरक्षण व्यवस्था के लागू होने के संकट से बचने के लिये कोई अन्य न्यायसंगत संवैधानिक तथा अजा एवं अजजा वर्गों के हितों को अधिक संरक्षण प्रदान करने वाली आरक्षण व्यवस्था को अपनाने पर विचार किया जाना समय की मांग है।


इस विषय में मेरी दृष्टि में एक संवैधानिक समाधान है, जिसका खुलासा आक्रोशित एवं व्यथित अनुभव कर रहे आरक्षित वर्ग के युवाओं की उपस्थिति में उचित समय पर सार्वजनिक रूप से किया जायेगा। लेकिन मैं यह उचित समझता हूं कि इससे पहले इस विषय पर सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श, चिंतन और तर्क-वितर्क होना बहुत जरूरी है।




-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', 
राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल
संपर्क : 9875066111

विशेष : कानून नहीं है श्रीदेवी के रास्ते की बाधा

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यह कहानी है धारवाड़ जिले के धारवाड़ तालुका में बसे बेलुरु ग्राम पंचायत की श्रीदेवी भिमप्पा तलवाड़ा की। श्रीदेवी बेलुरु पंचायत में पंचायत सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभा रही हैं । श्रीदेवी दोनों ही बार इस पंचायत में सदस्य पद पर अनुसूचित जनजाति महिला की आरक्षित सीट पर चुन कर आई। पांचवीं कक्षा पास श्रीदेवी फिलहाल अभी वार्ड नंबर पांच की सदस्य हैं। श्रीदेवी के परिवार में कुल चार सदस्य हैं। परिवार की आय मुख्य साधन खेती-बाड़ी है जिससे सालाना तकरीबन दो लाख रूपये की आमदनी हो जाती हैं। बेलुरु ग्राम पंचायत की जनसंख्या  लगभग 4000 की जिसमें तकरीबन 1800 महिलाएं हैं । याल्लाप्पा कडली इस पंचायत के अध्यक्ष हैं। पंचायत में 8 पुरूष और 8 महिला सदस्य हैं। बेलुरु ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव हेगकारी और नेरलकाट्टी हैं।

श्रीदेवी पहली बार पंचायत सदस्य नहीं बनी हैं। वह इससे पहले  2010 में भी पंचायत सदस्य के पद पर रह चुकी हैं। श्रीदेवी ने अपने पहले कार्यकाल में गाँव के विकास के लिए काफी अच्छा काम किया था इसीलिए गाँव वालों ने उनको दूसरी बार फिर समर्थन देकर पंचायत सदस्य बनाया। दो बार ग्राम पंचायत का चुनाव जीतने के बाद श्रीदेवी की पंचायत के कामों को लेकर गहरी समझ हो चुकी है । श्रीदेवी के मुताबिक 2015 में बेलुरु पंचायत की सीट अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित थी।  इसी के चलते श्रीदेवी ने दोबारा पंचायत चुनाव में जाने का मन बनाया। श्रीदेवी ने बताया कि चूंकि कर्नाटक में पंचायत चुनाव में किसी भी प्रकार का शिक्षा का नियम नहीं था इसी वजह से मुझे चुनाव में जाने का मौका मिल पाया। अपने पहले कार्यकाल के दौरान श्रीदेवी ने पंचायत के विकास के लिए काफी काम किया और उसको दूसरे कार्यकाल में भी जारी रखा। इसी कारण श्रीदेवी गांव में काफी लोकप्रिय हुईं। 

श्रीदेवी ने जब पहली बार चुनाव  में प्रतिभाग किया तो वह थोड़ी असहज और डरी हुई थीं। उनको लगता था कि वह कम पढ़ी लिखी हैं और उन्होंने इससे पहले कभी भी पंचायत का काम काज नहीं किया था। उनको इस बात का डर था कि वह पंचायत की जिम्मेदारियों कैसे निभाएंगी ? मगर चुनाव जीतने के बाद उन्होंने स्ट्रीट लाइट जैसी कई सुविधाएं दीं, गरीबों के लिए घर और किसानों के लिए भी सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मुहैया कराई। चनाव जीतने के बाद उन्होंने लगातार प्रभावी ढंग से काम किया और आज भी कर रही हैं। जहाँ हम पंचायत स्तर पर अधिकतर पुरुषों के दखलंदाजी और महिलाओं पर उनके अत्याचार के किस्से सुनते है उसके विपरीत बेलुरु पंचायत में श्रीदेवी को ऐसी कोई दिक्कत नहीं हुई। श्रीदेवी कहतीं है कि उनको काम करने को लेकर गाँव वालों और अपने पुरुष सहयोगियों की तरफ से कभी भी कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी । 

जब दूसरी बार श्रीदेवी जीतकर आई तो उनके वार्ड नंबर पांच में गांव वालों के सामने आने वाली मुख्य समस्याएं सड़क और पानी की थीं।  इन समस्याओं का समाधान के लिए श्रीदेवी ने पंचायत विकास अधिकारी और जिला पंचायत दफ्तर के चक्कर काटकर अपने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उनका निपटारा करा दिया। श्रीदेवी इस बात की भी शुक्रगुजार हैं कि उनकी विपक्षी पार्टी भी उनके लिए कभी कोई समस्या उत्पन्न नहीं करती। वह बताती है कि गाँव में कोई भी उनके या अन्य महिलाओं के बारे में बुरी बात नहीं करता और न ही कोई कभी उनके काम के तरीके की आलोचना करता है। श्रीदेवी लगातार ग्राम के विकास के लिए बैठकों का आयोजन करती रहती हैं और वह खुद सभी बैठक में वह मौजूद होती हैं ।

इन बैठकों में पंचायत के सभी सदस्य गाँव की विभिन्न  समस्याओं पर चर्चा करते हैं और प्रत्येक काम के लिए अनुमानित लागत के अनुसार आवश्यक राशि का फैसला करते हैं। वह बताती है कि केवल पंचायत सदस्य ही कार्य के लिए जाते हैं। उनके मुताबिक उनके पंचायत में यह बहुत ही खास बात हैं कि पंचायत मीटिंग में किसी भी महिला पंचायत सदस्य के परिवार का कोई पुरुष न तो उनके साथ होता है न ही उनका प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि पंचायत मीटिंग में परिवार के सदस्यों के आने पर सख्त मनाही है। वह बताती है कि यह नियम बनाने से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि पंचायत के सभी सदस्य और अध्यक्ष अपनी बातों को खुल कर करते हैं और उसमें उनके परिवार की दखलंदाजी नहीं रहती। साथ ही इस फैसले की वजह से उनकी पंचायत बेलूर का विकास भी हो रहा है। इसके अलावा महिलाओं की प्रगति भी हो रही हैं जिसकी वजह से महिलाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ रही हैं। वह अगले तालुका चुनाव में भी प्रतिभाग करने का मन रखती है और उनको पूरा विश्वास है कि वह तालुका के चुनाव में भी जीत हासिल कर गाँव के लोगों के लिए काम करेंगी । 

श्रीदेवी यह सपना देख सकती हैं कि वह तालुका पंचायत चुनाव में जा पायें और चुनाव में खड़ी हो, फिर बेशक वह पांचवीं कक्षा ही पास क्यों न हो? श्रीदेवी ही क्यों, श्रीदेवी जैसी कई अन्य महिलाएं भी यह सपना संजो सकती है। कर्नाटक पंचायती राज कानून 1993 के मुताबिक पंचायत चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को चुनाव नामांकन के समय न तो अपने शैक्षिक योग्यता का कोई प्रमाण पत्र देना होता है और न ही घर में शौचालय का होना जरुरी था। यह बात अलग है कि उम्मीदवार के घर यदि शौचालय नहीं है तो उसको शपथ पत्र देना होता हैं कि चुनाव जीतने के एक साल बाद वह अपने घर में शौचालय बनवा लेगा। यदि वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसका पद निरस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा कर्नाटक में दो बच्चों वाला कानून भी नहीं है जिसकी वजह से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती है और जिसकी वह चुनाव लड़ने से वंचित हो जाती हैं ।





(अन्नापूर्णा)

विशेष आलेख : सिमी विचाराधीन कैदियों से साथ उत्पीड़न पर एनएचआरसी की रिपोर्ट

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में भोपाल की सेंट्रल जेल में कथित रूप से  सिमी से जुड़े विचाराधीन कैदियों से साथ उत्पीड़न की शिकायतों को सही पाया है और इसके लिये जेल स्टाफ के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की अनुशंसा की है. दरअसल पिछले साल 2017 में भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी से सम्बंधित मामलों में आरोपी 21 विचारधीन कैदियों के परिवार वालों ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से शिकायत की थी कि जेल स्टाफ द्वारा कैदियों का शारीरिक और मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है जिसके बाद आयोग द्वारा इस मामले की जांच करके रिपोर्ट तैयार की गयी है.  दरअसल 31 अक्टूबर 2016 की रात एनकाउंटर में आठ विचाराधीन कैदियों के मारे जाने के बाद वर्तमान में भोपाल सेंट्रल जेल में 21 कैदी बचे हैं जिन पर प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य होने का आरोप है. एनकाउंटर होने के बाद से इन कैदियों के परिवार वाले लगातार यह शिकायत कर रहे हैं कि इन्हें जेल में शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है. परिजनों ने आरोप लगाया था कि इस सम्बन्ध में न्यायलय के समक्ष शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उत्पीड़न की स्थिति में कोई सुधार हुआ. 

बाद में परिजनों द्वारा इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से की गयी जिसमें  कहा गया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री,मंत्रियों समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा सार्वजनिक मंचों से पुलिस के हाथों मारे गए आठ बंदियों की मौत को उचित ठहराया गया और जेल में बंद इन विचाराधीन कैदियों को आतंकवादी बताया गया (जबकि वे सजायाफ्ता नहीं बल्कि विचाराधीन कैदी हैं) जिसके कारण परिजनों को उनके एनकाउंटर का डर सताता रहता है. परिजनों का आरोप था कि जेल ब्रेक की घटना के बाद कैदियों को जेल प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके साथ गंभीर रूप से मारपीट की जाती है, उन्हें पेट भर भोजन नहीं दिया जाता और नहाने-धोने व पीने के पर्याप्त पानी नहीं दी जाती है. उन्हें एकांत परिधि (solitary confinement) में रखा जा रहा है और परिजनों को और उनसे ठीक से मिलने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें अपने धर्म के खिलाफ नारे लगाने को मजबूर किया जा रहा है. परिजनों के शिकायत के बाद इस मामले में संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा टीम भेजकर इन आरोपों की जांच कराई गयी, इस सम्बन्ध में आयोग की टीम ने दो बार जून और दिसंबर 2017 में भोपाल सेंट्रल जेल का दौरा करके विचाराधीन कैदियों के बयान दर्ज किया था और कैदियों के परिजनों, उनके अधिवक्ताओं, जेल के अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की थी.

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट और अनुशंसाओं को मध्यप्रदेश सरकार को पहले ही सौप दी थी और अब यह सावर्जनिक रूप से भी उपलब्ध है. जांच रिपोर्ट में आयोग ने परिजनों ज्यादातर शिकायतों को सही पाया है और इसमें शामिल अधिकारीयों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की शिफारिश की है . 

रिपोर्ट के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं .
नियमों का उलंघन करते हुये कैदियों को 5’X8’ के सेल में एकांत कारावास में रखा गया जहाँ पंखे नहीं है और वहां गर्मी और उमस है. कैदियों को दिन में कुछ मिनटों के लिये ही सेल से बाहर निकाला जाता है इसकी वजह से ये कैदी कई तरह के मानसिक विकारों के शिकार हो चुके है. जबकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश है कि विचाराधीन कैदियों को किसी भी परिस्थिति में भी एकांत कारावास में नहीं रखा जा सकता है. कैदियों को जेल के स्टाफ द्वारा बुरी तरह पीटा जाता है. कैदियों ने आयोग के जांच दल को बताया कि उन्हें रबर की पट्टियों, आटा चक्की के बेल्ट और लाठियों से मारा जाता है. कई कैदियों के शरीर पर चोट के निशान पाये गये हैं. इस संबंध में जेल स्टाफ जांच दल को कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाया. जेल स्टाफ कैदियों के प्रति धार्मिक द्वेष की मानसिकता रखते हैं, कैदियों को अपने धर्म के खिलाफ नारे लगाने को मजबूर किया जाता है और इनकार करने पर पिटाई की जाती है. नियमों के अनुसार विचाराधीन कैदियों को हफ्ते में दो बार 20 मिनट के मुलाकात की इजाजत है लेकिन यहाँ यह पाया गया कि कैदियों के परिवारजनों को 15 दिनों में सिर्फ एक बार पांच मिनट के लिये मिलने दिया जा रहा है और इसमें भी खुलकर बात नहीं करने दी जाती है. आयोग ने अपने जांच रिपोर्ट में कैदियों के उत्पीड़न में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल जेल कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की अनुशंसा भी की है साथ ही रिपोर्ट में कैदियों द्वारा लगाए आरोपों की जांच उच्च स्तर पर कराने की सिफारिश भी की गई है।

दरअसल हमारे देश में किसी अंडरट्रायल कैदी को आतंकवादी बता देना बहुत आम है अगर मामला अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से जुड़ा हो तो आरोपों के सिद्ध होने से पहले ही फैसला सुनाने की होड़ लग जाती है. पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहाँ मुस्लिम नौजवान कई सालों तक जेल की “सजा” काटने के बाद निर्दोष साबित हुए है लेकिन इस दौरान उन्हें आतंकी ही बताया जाता रहा. भोपाल जेल महानिदेशक ने आयोग के रिपोर्ट को नकारते हुये इसे एकतरफा बताया है. लेकिन राष्ट्रीय मानव अधिकार की यह रिपोर्ट हमारे जेल व्यवस्था और दुसरे समुदाय के कैदियों के प्रति हमारे नजरिये को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है जिसपर गंभीरता से विचार केने की जरूरत है.


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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

आलेख : एक गांव, एक कानून और 60 लोग

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गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 198 किलोमीटर दूर है भावनगर। भावनगर के शिहोर तालुका में एक गाँव है लाजपत नगर (बदला हुआ नाम)। इस कहानी के बाद भावनगर शायद इस बात के लिए भी जाना जाये कि इस गांव के 30 परिवार के लोग कभी भी पंचायत चुनावों में भागीदारी नहीं कर पायेंगे। इस गांव में 30 परिवार यानी 30 जोड़े यानी 60 लोग ऐसे होंगे जो दो बच्चे के नियम की वजह से पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते। ज्ञातव्य है कि पंचायती राज के राज्य स्तरीय नियमों में एक नियम है कि पंचायती राज चुनावों में वही प्रतिभाग कर सकता है जिसकी केवल दो संतानें हों। यदि किसी को 2005 फरवरी महीने के बाद तीसरी संतान है तो वह पंचायती राज चुनाच में भाग नहीं ले सकता। शिहोर के लाजपत नगर में इस नियम ने 30 परिवार यानी 30 जोड़े यानी 60 लोगों को पंचायत राज चुनाव में भाग लेने से वंचित कर दिया है।  ज्योति और योगेश बदला हुआ नाम ऐसे ही जोड़ों में से एक हैं जो पंचायती राज के इस नियम के शिकार हुए हैं। ज्योति और योगेश के तीन बच्चे हैं और वह लाजपतनगर ग्राम पंचायत में रहते हैं। ज्योति कक्षा 7 तक पढ़ी हैं और योगेश की शिक्षा कक्षा 5 तक है। दोनों का ताल्लुक अन्य पिछड़ा जाति से है। योगेश स्वच्छ ‘‘भारत मिशन प्रोग्राम’’ में शौचालय बनाने का काम करते हैं और उनके परिवार की सालाना आय लगभग 48000 है। ज्योति संयुक्त परिवार में रहती हैं। परिवार में पति बच्चों व माता पिता को मिलाकर कुल 7 सदस्य हैं। 
       
ज्योति और योगेश का विवाह 2001 में हुआ था। ज्योति की पहली संतान 2002 में हुई। ज्योति तीसरा बच्चा नहीं चाहती थी ज्योति पर बेटे को जन्म देने का दबाब था। ज्योति की पहली दो संताने बेटियां थीं और परिवार को बेटा चाहिए था। परिवार नियोजन में ज्योति की एक न चली और ज्योति को न चाहते हुए भी तीसरी संतान को जन्म देना पड़ा। ज्योति तीसरी संतान का जन्म 2006 में हुआ। ज्योति कहती है, इसमें मेरा क्या दोष, मुझे तो परिवार के हिसाब से ही चलना पड़ता है। लाजपत नगर पंचायत में ज्योति अकेली महिला नहीं हैं, जिनको तीसरी संतान को जन्म देने को विवश होना पड़ा। इसके बहुत सारे कारण हैं और कई मामलों में तो महिलाओं से पूछा ही नहीं जाता कि वह क्या चाहती हैं? ज्योति बताती हैं कि परिवार में औरतों से कब पूछा जाता है कि वह अपने परिवार के बारे में कैसे सोचती है, उन्हें तो बस आदेश का पालन करना होता है। ज्योति कहती हैं कि परिवार नियोजन में जब महिलाओं की कोई भूमिका नहीं होती तो उन्हें दो बच्चों के नियम के तहत क्यों रखा जा रहा है? महिलाओं का इसमें क्या दोष है, उन्हें दो बच्चों के नियम से आज़ादी मिलनी चाहिए।  

ज्योति 2016 के पंचायत चुनावों में सरपंच के पद के लिए चुनाव में भागीदारी करना चाहती थीं किन्तु दो बच्चों के कानून की वजह से वह चुनाव में भाग नहीं ले पाई । 2016 के चुनाव में लाजपत नगर पंचायत की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। ज्योति की सास भी फिलहाल इसी पंचायत में एक पंच के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रही हैं। वह भी 2016 में चुनकर आई हैं पर ज्योति के लिए दो बच्चों के नियम की वजह से इस अवसर के दरवाजे बंद हो गए। ज्योति मायूस होकर कहती हैं कि पंचायत चुनाव में अक्सर ऐसी महिलाएं चुनकर आती हैं जो चुनाव और पंचायत जैसी चीजों से दूर रहना चाहती हैं। कई बार ऐसे भी लोग पंचायत में चुन कर आते हैं जिनको काम की जानकारी तक नहीं होती पर पंचायत के लिए कुछ काम करना चाहते हैं, मगर इन नियमों में बंधकर वह चुनाव में भाग ही नहीं ले पाते हैं। योगेश इसी में अपनी बात जोड़ते हैं कि किसी नए और अनिच्छुक व्यक्ति को जब तक पंचायत का काम काज करने के तरीके समझ में आते हैं तब तक दो-ढ़ाई साल निकल गए होते हैं और इस कारण गांव में विकास के काम अटके रहते हैं। योगेश ने बताया कि इस गांव में वह अकेले ही इस नियम से बंधे नहीं बैठे हैं बल्कि 60 ऐसे लोग हैं जिनके 2 से अधिक बच्चें हैं जो चुनाव लड़ने के बारे में सोचते हैं मगर दो बच्चों के नियम के चलते वह चुनाव नहीं लड़ सकते।  
        
ज्योति कहतीं हैं कि यदि वह सरपंच बन पाती तो वह सबसे पहले अपने गाँव के लिए मीठे पानी की लाईन लेकर आतीं। मेरे गाँव से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी की मीठे पानी की पाईप लाईन जा रही है। मैं वहां से अपने गाँव के लिए लाईन लाना चाहती हूँ ताकि लोगों को पीने का पानी मिल सके। दूसरे मेरे गाँव में तकरीबन 350 परिवार वाल्मीकि और देविपूजक जाति के रहते हैं जो बेघर हैं। उनके मुताबिक 1989 के बाद उनके गाँव में किसी को भी इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत जमीन आवंटित नहीं हुई है। मैं सरपंच बनकर इस समुदाय के सर पर छत का साया देखना चाहती थीं। ज्योति गांव में आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केन्द्र लाने के लिए भी काम करना चाहती हैं। मगर दो बच्चों के नियम की योग्यता ने ज्योति के सपनों पर पानी फेर दिया। कमला बेन अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका की ग्राम पंचायत गाणोल की रहने वाली हैं। कमला के परिवार में पति व तीन बच्चों को मिलाकर कुल पांच सदस्य हैं। कमला जब 2009 में पहली बार सरपंच बनी तो सरपंच बनने के लिए उनके पति कन्नू भाई ने उनको प्रेरित किया। इसी साल उनके पति ने भी पंच पद का चुनाव जीता। चुनाव जीतने के 6 महीने के भीतर ही उन दोनों पर दो से अधिक बच्चें होने का आरोप लगा कर बर्खास्त किया गया। एक साल तक वह दोनों अपने पद से बर्खास्त रहे।  
           
कमला और उसके पति पर यह मामला कई महीनों तक चलता रहा। कमला ने बताया कि उनका यह मामला जिला पंचायत में ही चल रहा था। कमला ने अपनी सच्चाई का सबूत देने के लिए अपने दोनों बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र दिए। साथ ही उनको उनके स्कूल से भी लिखवा कर देना पड़ा कि उनके केवल दो ही बच्चे हैं। कमला बताती हैं कि उन पर गलत आरोप लगाए गए थे। दरअसल उनके दो ही बच्चे हैं। तीसरा बच्चा उनकी बड़ी बहन का है। वास्तव में बड़ी बहन की मौत के बाद कमला का उनके पति से ही विवाह हो गया था तो इस तरह कमला की दो ही संतानें थीं जबकि उनके पति की तीन। इस केस में वह 3 साल तक उलझी रहीं। कमला केस जीत गईं मगर उनके पति को अपने पद से हाथ धोना पड़ा। इस दौरान पंचायत का काम-काज बहुत ज़्यादा प्रभावित हुआ। कमला बताती हैं कि तलहटी के कहने पर ही प्रतिद्वन्द्वी ने उन पर यह आरोप लगाया था। इसकी वजह यह थी कि कमला ने खुली सीट से चुनावा जीता था और वह अनुसूचित जाति से थीं। इस नियम के सहारे स्थानीय राजनीति कर पंचायत के काम काज को प्रभावित किया गया और उन्हें मानसिक यंत्रणा से गुजरना पड़ा।   




(गीता)

जमशेदपुर : दक्षता से ही प्रगति संभव- आशीष माथुर

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आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर , 1 मई,2018, पहली मई ,श्रमिक दिवस के अवसर पर जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर ने कहा कि आज के सन्दर्भ में दक्षता से ही तरक्की का रास्ता खुलेगा और समय के साथ श्रमिक साथियों को अपनी कुशलता में निरंतर बढ़ोत्तरी करते रहना चाहिए. कुशल दक्ष कामगार ही आज चाहे कारखाने में हों या बहार किसी अन्य कार्य में,सफलता हासिल कर सकता है. उन्होंने श्रमिकों से कुशलता के साथ एकजुटता का भी आह्वान किया.

अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर श्रमिक सम्मान समारोह का आयोजन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन), अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर  दिन मंगलवार को इन्डोर स्टेडियम, दुमका में श्रमिक सम्मान समारोह के अवसर पर  समाज कल्याण मंत्री डाॅ0 लुईस मरांडी ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही सेफ्टी किट योजना, श्रमिक औजार किट योजना, साईकिल योजना, प्रसुति सहायता योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, पेंशन योजना, पारिवारिक पेंशन योजना, झारखण्ड निर्माण श्रमिक मृत्यु/दुर्घटना सहायाता योजना, विवाह सहायता योजना, आम आदमी बीमा योजना एवं मेधावी पुत्र/पुत्री छात्रवृत्ति योजना का लाभ सभी श्रमिकों को तभी मिल पायेगा जब इसका बृहद प्रचार प्रसार होगा। उन्होंने विभाग के पदाधिकारियों को यह निदेश दिया कि प्रखंड स्तर पर विभिन्न मजदूर एवं कामगार संगठनों के सहयोग से श्रमिकों के बीच सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। प्रचार प्रसार के माध्यम से श्रमिकों को जागरूक करें ताकि विभिन्न योजनायें धरातल पर उतारी जा सके। उन्होंने मीडिया कर्मियों से भी अपने स्तर पर श्रमिकों को जागरूक करने की अपील की। उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं से संबंधित विभागीय प्रक्रियाओं को सुनियोजित करने का निदेश दिया ताकि आसानी से लाभुकों को उनका लाभ प्राप्त हो सके। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि झारखण्ड सरकार तीन साल के अन्दर 10 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन कराने में सफल रही है। श्रमिकों को उनके लाभ की राशि बैंक खाते के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है अतः सभी निबंधित श्रमिकों को बैंकों में खाता खुलना आवश्यक है। जिला प्रशासन कैम्प लगाकर निबंधित श्रमिकों का खाता खुलवाने का प्रयास करेगी। 

इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री डाॅ0 लुईस मरांडी द्वारा बाले मरांडी, रामप्रसाद तुरी, सुखी हांसदा को शाॅल देखकर सम्मानित किया गया। दुलड़ सोरेन को झारखण्ड निर्माण श्रमिक मृत्यु/दुर्घटना सहायाता योजना के तहत एक लाख रुपया का चेक, बबिता कुमारी (माता-मुनी देवी) को निर्माण श्रमिक के मेधावी पुत्र/पुत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत दस हजार का चेक एवं रामप्रसाद तुरी को निर्माण श्रामिक के लिए साईकिल सहायता योजना के तहत तीन हजार पांच सौ रुपया का चेक दिया गया।  इस अवसर पर दुमका के उप विकास आयुक्त शशि रंजन ने कहा कि किसी भी उद्योग की सफलता, पूंजी, कच्चा माल एवं श्रम पर आधारित होती है। श्रम एवं पूंजी में हमेशा टकराव होता रहा है। इन्ही टकराओं के फलस्वरूप कई अलग अलग देषों का निर्माण हुआ है। पूंजीवादी अर्थ व्यवस्था के विरूद्ध 19वीं शताब्दी में कई आन्दोलन हुए जिसके फलस्वरूप श्रम सुधारों की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। उन्होंने न्यूनतम मजदूरी का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी जानकारी सभी मजदूरों को होनी चाहिए। न्यूनतम मजदूरी नहीं दिये जाने की स्थिति में श्रम विभाग इसपर कार्रवाई करते हुए श्रमिकों को उनका उचित हक दिलवाती है। श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार की कई लाभकारी योजनायें संचालित हैं। श्रमिक कल्याण के लिए चिकित्सा, दुर्घटना/जीवन बीमा, छात्रवृत्ति, पेंशन एवं गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत सारे अधिनियम हैं जिसकी जानकारी श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को प्रखंड एवं ग्राम स्तर पर दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रम विभाग के पदाधिकारी वृहद पैमाने पर कैम्प लगाकर श्रमिकों को उनका लाभ उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि आपके लिए जो बेहतर हो सकता है उसके लिए सरकार एवं प्रशासन कार्य कर रही है। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर आप प्रशासन से सम्पर्क कर सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आप निबंधन अवश्य करा लें। उन्होेने राष्ट्र के निर्माण में श्रमिकों के भागीदारी को नमन करते हुए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की बधाई दी।

इस अवसर पर नगर परिषद की अध्यक्षा श्वेता झा ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि नगर परिषद के स्तर पर आप सभी श्रमिकों के लिए हरसंभव सहायता का प्रयास करूँगी। किसी भी कार्य के लिए आप हमसे सीधा सम्पर्क स्थापित करें। मैं आपके हरसंभव मदद की कोशिश करूँगी। इस अवसर पर प्रदीप कुमार मेहता, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गोपीकान्दर ने अपने संबोधन के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया। मुकेश नारायण, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दुमका ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं जीवानन्द यादव ने मंच संचालन किया।

बिहार : सिवान सांसद पर रेप दुष्कर्मी को बचाने का आरोप

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बिहार के सीवान जिले के सांसद ओमप्रकाश यादव लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं। हाल ही में उन पर रेप मामले में दुष्कर्मी को बचाने का आरोप लगा। यह आरोप सीवान के नौतन थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव की पीड़िता लड़की के पिता ने लगाया। लेकिन इस मामले में सोमवार को सांसद ने सफाई देते हुए दावा किया कि जो शख्स आरोप लगा रहा है, वह लड़की के पिता नहीं हैं।  लड़की के पिता ने अपने आधार कार्ड, राशन कार्ड और लड़की के मार्कशीट तक दिखाई है। इसमें लड़की के हर जरुरी दस्तावजे में उस शख्स की नाम और तस्वीर थी जिसको सांसद पिता मानने से इंकार कर रहे हैं। टाउन आजतक ने दावा किया कि लड़की के पिता ने अपने और पीड़िता के राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य जरुरी दस्तावेज की कॉपी दी है। हमारे पास इन दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध है। 

यह है मामला  : दरअसल, सीवान के नौतन थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में बीते दिनों एक 13 साल की लड़की से दुष्‍कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में अमन सिंह नामक लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया गया है। लेकिन लड़के की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

सांसद पर क्‍या है आरोप : वहीं इस मामले में सीवान के सांसद ओमप्रकाश यादव पर बलात्‍कारी अमन सिंह को बचाने का आरोप लगा है। आरोप है कि सांसद के दबाव में पुलिस लड़के को बचा रही है और सुस्‍ती से काम कर रही है।

सोमवार को सांसद क्या बोले थे : सीवान के सांसद ने सोमवार को मीडिया के सामने दावा किया था कि जो शख्स दुष्कर्मी को बचाने का आरोप लगा रहा है वो लड़की के पिता हैं ही नहीं।

पुलिस क्या कर रही : मामले में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन 8 दिन बाद भी अब तक रेप का आरोपी गिरफ्त में नहीं आया है। लड़की के पिता का आरोप है कि उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। यही नहीं, लड़की के पिता ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में ​आत्मदाह की भी धमकी दे डाली।

दुमका : संथाली फिल्म अर्जुन का प्रीमियर संपन्न

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अमर चित्र मंदिर दुमका में संथाली फिल्म अर्जुन का प्रीमियर किया गया | इस अवसर पर फिल्म केे  हीरो पियूष आर्या, हीरोइन रश्मिका हेम्ब्रम ,सहायक निर्देशक अनुरुद्ध तिवारी व  फिल्म के अन्य कलाकार   शामिल हुए |  फिल्म अर्जुन के हीरो  व गोड्डा  निवासी  पियूष आर्या  के अनुसार  फिल्म की शूटिंग गोड्डा,  ,मुंबई व  नेपाल में संपन्न  हुई है।  मुंबई की फ़िल्मी नगरी से जुड़े होने का अनुभव व  लाभ इस फिल्म निर्माण में देखनेे को मिला है | फिल्म अर्जुन का पिक्चराइजेसन बहुत ही व्यवसायिक तरीके से किया गया |इसलिए बड़े फिल्मो की तरह ही इसके सीन और एक्सन है | फिल्म के संगीत और गाने में उन्होंने खुद ही गाये  है |फिल्म के प्रीमियर पर दर्शको के भीड़ से वे काफी खुश नजर आये | हीरोइन रश्मिका फिल्म के थीम के बारे में बताया की फिल्म महिला के शोषण पर बनी है जिसमे नायिका अपने संघर्षो से समाज के सामने अपने को सही साबित करती है और इस काम में  फिल्म का नायक उन्हें सहयोग करता है |अर्जुन के प्रीमियर को देखने के लिए काफी संख्या में आदिवासी दर्शक उमड पड़े | इस दर्शको में काफी संख्या में युवा थे जिनका कहना था की दुमका आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहाँ संथाली भाषा की फिल्म नहीं आती है | संथाली फिल्म अर्जुन देखकर खुशी व्यक्त करते हुए दर्शक सुषिमिता सोरेन ने कहा की अच्छी संथाली फिल्मे यहाँ के पिछडे इलाको के आदिवासियों को एक नई राह दिखाने का काम करेगी | उनका कहना था की सरकार को संथाली फिल्म को प्रोत्साहन देने का काम करे ताकि ऐसी फिल्म अधिक से अधिक बने |

भाजपा को भगाने के लिए लाल झंडे और माले की ताकत वाला मोर्चा चाहिए : दीपंकर

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  • मजदूर दिवस पर भारी बारिश के बीच पटना के गांधी मैदान में माले का जनअधिकार महासम्मेलन.
  • वाम दलों के प्रतिनिधि भी हुए शामिल. विभिन्न तबकाई संगठनों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन को किया संबोधित.
  • 5 मई को गांव स्तर पर कार्ल माक्र्स की जयंती मनाने का लिया गया आह्वान.

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1 मई 2018, पटना, विगत 23 अप्रैल से बिहार के पांच बिन्दुओं से भाकपा-माले के आह्वान पर निकली भाजपा-भगाओ, बिहार बचाओ जनअधिकार पदयात्रा का जत्था जैसे ही पटना के गांधी मैदान में प्रवेश किया, भारी बारिश की शुरूआत हो गई. एक सप्ताह से कड़ी धूप और कई तरह के संकटों को झेलते हुए पटना पहुंचे पदयात्रियों को एक बार फिर से बारिश के संकट का सामना करना पड़ा. सबने पिछली चुनौतियों की तरह इसे भी बखूबी झेला और जब तक बारिश होते रही, भाजपा भगाओ, बिहार बचाओ और लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ के नारे के साथ गांधी मैदान को गुंजायमान करते रहे. जनकवियों ने अपने गीतों के जरिए बारिश का कोई असर नहीं होने दिया गया. 12 बजे से महासम्मेलन की कार्रवाई आरंभ हुई और फिर वह अपराह्न 3 बजे तक चलते रही. महासम्मेलन में गांव-गांव से आए दलित-गरीबों, महिलाओं, अकलियत समुदाय के लोगों के अलावा अन्य दूसरे संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. रसोइया संघ, आशाकर्मी, इंसाफ मंच, आॅल इंडिया बेदारी कारवां, जमैतुल राइन, भीम आर्मी आदि संगठनों के प्रतिनिधियों ने महासम्मेलन में शामिल होकर पदयात्रियों का अभिनंदन किया और उनके संघर्षों के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की.

महासम्मेलन की शुरूआत में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने पार्टी की बिहार राज्य कमिटी की ओर से तमाम जत्थों का क्रांतिकारी अभिनंदन किया और जनअधिकार पदयात्रा व महासम्मेलन के परिप्रेक्ष्य को रखा. पदयात्रा में शामिल खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद, ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव आरएन ठाकुर, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, बिहार राज्य वि़द्यालय रसोइया संघ की सरोज चैबे, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की शशि यादव केंद्रीय कमिटी के सदस्य नईमुद्दीन अंसारी, खेग्रामस के बिहार राज्य सचिव गोपाल रविदास, अरापत्रित कर्मचारी महासंघ, गोपगुट के रामबली प्रसाद, केंद्रीय कमिटी सदस्य  वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, प्रोफेसर अरविंद डे शामिल थे. उसके पश्चात माले के वरिष्ठ नेताओं, वाम दलों के प्रतिनिधियों, पदयात्रा में शामिल अन्य नेताओं द्वारा मंच ग्रहण किया गया. मजदूर दिवस के अवसर पर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. हिरावल के साथियों द्वारा शहीद गीत और क्रांतिकारी शायर फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम मेहनतकश जगवालों से...’ के गायन के साथ सभा की शुरूआत हुई.

महासम्मेलन के मुख्य वक्ता भाकपा-माले के महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य थे. उन्होंने सबसे पहले पदयात्रियों का पार्टी की केंद्रीय कमिटी की ओर से तमाम संकटों को झेलते हुए कई किलोमीटर की तय करके पटना आने वाले पदयात्रियों का गर्मजोशी से अभिनंदन किया. कहा कि इस पदयात्रा में अपनी मांगों के साथ 10-12 साल के बच्चे भी शामिल हैं. उनकी अपनी मांगें हैं. उनके स्कूल में बेंच नहीं है, पढ़ाई नहीं होती है. उसी प्रकार से रसोइया, बालू मजदूर, निर्माण मजदूर, किसान आदि तबका भी अपने-अपने मुद्दों के साथ इस महासम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. इन सभी तबकों के संघर्षों को हमारी पार्टी सलाम करती है. संबोधित करते हुए माले महासचिव ने कहा कि भाजपा भगाओ-बिहार बचाओ का नारा केवल हमारी पार्टी अथवा इस पदयात्रा का नारा नहीं है, बल्कि यह आज के समय की मांग है. देश और विभिन्न राज्यों की सत्ता में बैठकर भाजपा जो कर रही है, उसकी मिसाल नहीं मिलती. किसानों की जमीन छीन रही है. चंपारण सत्याग्रह के सौ साल हुए, सरकार ने खूब जश्न मनाया, लेकिन बेतिया राज की जमीन आज भी जमींदारों-चीनी मिल मालिकों के कब्जे में है. आजादी के 70 साल बाद भी राजा-महाराजा व अंग्रेजों का कानून चल रहा है. आज भी तय नहीं हो पाया कि चंपारण की जमीन वहां के गरीबों की जमीन है.  

पिछले साल की जुलाई महीने से अबतक बेरोजगारी की दर दुगुनी हो गई है. उसमें गुणात्मक वृद्धि हुई है. दूसरी ओर प्रधानमंत्री पकौड़ा बेचने के लिए कहते हैं. त्रिपुरा के उनके नए मुख्यमंत्री पान बेचने को कह रहे हैं. लेकिन जब नौजवान पकौड़ा अथवा पान की दुकान लगाने जाते हैं, तो पुलिस उन्हें भगा देती है. कहती है यहां स्मार्ट सिटी बनेगी. आज उस लाल किले को डालमिया के हाथों 25 करोड़ में बेच दिया गया, जो हमारे देश की आजादी का प्रतीक है. डालमिया कोई पूंजीपति नहीं है बल्कि उसी ग्रुप का आदमी है. वे विश्व हिंदु परिषद के आदमी हैं और बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपी हैं. बिहार के लोग इस डालमिया को अच्छे से जानते हैं. यह वही डालमिया है जिसने बिहार को बर्बादी के रास्ते ढकेल दिया. इसलिए भाजपा को न केवल सत्ता से बेदखल करने बल्कि उसकी नफरत, उन्माद-उत्पात की राजनीति को पूरी तरह से उखाड़ फेंकना होगा. भाजपा ऐसी पार्टी है जो चुनाव हारकर भी सता हथिया लेती है. बिहार में चुनाव हारने के बाद भी उसने चोर दरवाजे से सत्ता हथिया ली. इसलिए जहां भी चुनाव हो, भाजपा को खदेड़ बाहर करना व उसे सत्ता से बेदखल करना आज हम सबका प्रमुख कार्यभार है. 

उन्होंने कहा कि आज भी महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान की गारंटी नहीं हो पाई है यह बेहद शर्मनाक है कि कठुआ में 8 वर्ष की बच्ची के बलात्कारी-हत्यारे को भाजपा बचाने में लगी है और उनके लिए तिरंगा यात्रा निकाल रही है. यह तिरंगे का भी अपमान है. इसलिए इस पार्टी का नाम हमने बलात्कारी जानलेवा पार्टी रखा है. जब पूरे देश में कठुआ की घटना और बलात्कारियों के पक्ष में तिरंगा मार्च करने का विरोध किया, तो भाजपा ने दो मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाया. लेकिन कल फिर एक बार फिर एक ऐसे विधायक को मंत्री बना दिया गया जो उस जुलूस में शामिल थे. इस पार्टी में ऐसे ही लोग मिलंगे, जो बलात्कारियों के पक्ष में खड़े दिखेंगे.

दलित उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि इसका गलत उपयोग हो रहा है. लेकिन राजस्थान से खबर आ रही है कि एक दलित को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया गया. दलितों को मूंछ नहीं रखने पर प्रताड़ित किया जा रहा है. आरक्षण पर तरह-तरह की उलटी दलीलें दी जा रही हैं. लेकिन हम कहना चाहते हैं कि आरक्षण कोई भीख नहीं, बल्कि हमारा संवैधानिक अधिकार है. भाजपा एससी-एसटी कानून में संशोधन का समर्थन करती है, लेकिन मध्यप्रदेश में पुलिस की नौकरी में दलितों के शरीर पर एससी-एसटी लिख दिया गया. जब 2 अप्रैल को एससी-एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ भारत बंद हुआ, तो हमने देखा कि यह सरकार आंदोलनकारियों को तरह-तरह से प्रताड़ित करने में लग गई है. हत्यारों-दंगाइयों को जेल से रिहा किया जा रहा है. सही फैसला देने वाले जजों की हत्या हो रही है. कोई गवाह नहीं बच पाएगा. इन लोगों ने न्यायपालिका को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है. आदित्यनाथ पर जो मुकदमे हैं, भाजपा नेताओं पर बलात्कार के मुकदमे हैं, उसको खत्म करने के आदेश दे दिए गए हैं. यदि ऐसे लोग देश की सत्ता में बने रहेंगे, तो संविधान, कानून, इंसानियत, आजादी का कोई मतलब नहीं रह जाता. 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वामपंथ की गलती का सवाल उठाते हैं. उस चुनाव में बिहार की जनता भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था. उसी से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन हमने देखा कि कुछ ही दिन में वे भाजपा के साथ जा मिले और आज बिहार में भाजपा की सत्ता चल रही है, जिसके सामने नीतीश कुमार ने पूरी तरह आत्मसमर्पण कर दिया है. यदि इसी नाम पर मेहनतकशों-दलितों-गरीबों का वोट नीतीश कुमार को दिलवा दिया जाता, तो आज वामपंथ का क्या होता? वामपंथ का वोट हमारे पास ही है. 2015 का मोर्चा नकली मोर्चा था. नीतीश कुमार सत्ता के भूखे हैं. कभी जयप्रकाश तो कभी लोहिया का नाम लेते हैं, लेकिन भाजपा की गोद में सरेंडर कर गए हैं. ऐसा कोई मोर्चा नहीं बन सकता जिसमें लाल झंडा न शामिल हो. बिहार के मजदूर-किसान, अकलियत, मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान इस मोर्चा का निर्माण करेंगे और भाजपा के साथ कदम-कदम पर लड़ेगे. वामपंथ की असली पहचान खेतों व खलिहानों में गरीबों, नौजवानों-किसानों के संघर्षों की है. 

5 मई 2018 को महान विचारक कार्ल माक्र्स के जन्म के दो सौल पूरे हो रहे हैं. भाजपा-आरएसएस विदेशी होने के नाम पर माक्र्स व लेनिन के विचारों पर हमेशा हमले करती रही है. पिछले दिनों त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने की घटना इसकी बानगी है. लेकिन सिर्फ लेनिन ही नहीं अंबेडकर और पेरियार की मूर्तियां भी तोड़ी जा रही हैं. इसलिए मामला विचारधारा के देशी-विदेशी होने का नहीं है, बल्कि संघ-भाजपा द्वारा समाज और लोकतंत्र का विनाश का है. सामाजिक बदलाव और बराबरी के संघर्ष में माक्र्स के महान विचार हमारे जरूरी हथियार हैं. 

संघ - भाजपा भगत सिंह की जगह सावरकर, गांधी की जगह गोडसे, अंबेकदर को हटाकर गोलवलकर को लाना चाहते हैं. कुंवर सिंह का विजयोत्सव मना रहे हैं, लेकिन आजादी के आंदोलन के प्रतीक लाल किला को गिरवी रख दिया है. महासम्मेलन को माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य के अलावा खेग्रामस के महासचिव काॅ. धीरेन्द्र झा, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव काॅ. राजाराम सिंह, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, एसयूसीआईसी के राज्य सचिव मंडल सदस्य सूर्यकर जितेन्द्र, आरएसपी के महेश नारायण सिंह, अखिल हिंद फारवर्ड ब्लाक के राज्य सचिव टीएन आजाद, केंद्रीय कमिटी के सदस्य मनोज मंजिल, आइसा के महासचिव संदीप सौरभ आदि नेताओं ने संबोधित किया. पदयात्रा में शामिल नेताओं ने अपने वक्तव्य के दौरान अपने अनुभवों को भी महासम्मेलन में साझा किया.

झलकियां: 
जनअधिकार पदयात्रा के दौरान पटना में विभिन्न स्थानों पर हुआ स्वागत: आज पटना के विभिन्न मार्गों से पदयात्रायें गांधी मैदान पहुंची. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल और अन्य नेतागण हड़ताली मोड़ से ही पदयात्रा में शामिल हुए.  10 बजे हड़ताली मोड़़ पर ऐक्टू, महासंघ गोप गुट, महिलाएं व आम नागरिकों द्वारा पदयात्रियों का स्वागत किया गया. रेडियो स्टेशन पर संस्कृतिकर्मी, लेखक, बुद्धिजीवी व पटना के नागरिक पदयात्रियों का स्वागत हुआ.दरभंगा से चलने वाली यात्रा का स्वागत 1 मई की सुबह गायघाट पर भाकपा-माले की पटना सिटी एरिया कमिटी द्वारा किया यगा. उसी जत्थे का स्वागत महेन्द्रू में भीम आर्मी व विभिन्न दलित छात्र संगठनों द्वारा किया गया. पटना विश्वविद्यालय में आइसा द्वारा पदयात्रियों का स्वागत किया गया. 11 बजे चिरैयाटांड़ पुल पर गया व बिहारशरीफ की पदयात्रा का सामूहिक रूप से स्वागत किया गया.
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