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कर्नाटक विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार समाप्त

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बेंगलुरु, 10 मई, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आरोप-प्रत्यारोप और आक्षेप से भरा प्रचार अभियान आज समाप्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित भाजपा एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए आज आखिरी दिन पूरा प्रयास किया। इस प्रचार अभियान के दौरान भ्रष्टाचार से लेकर संप्रदायवाद, राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की 70 लाख रुपये की हबलॉट घड़ी से लेकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा तक उठा। केंद्र की सत्ता में आने के बाद से सभी राज्यों में हुए चुनाव की तरह ही कर्नाटक में भी मोदी ने भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की बागडोर स्वयं संभाली जबकि भाजपा बी एस येदियुरप्पा को अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान संभाली। हालांकि फरवरी में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद मोदी लंबे समय तक चुनावी परिदृश्य से बाहर रहे लेकिन उन्होंने इस अहम दक्षिणी राज्य में जीत के इरादे से एक मई को धमाकेदार शुरुआत करते हुए कई रैलियों को संबोधित किया।  चुनाव प्रचार के दौरान मोदी जब कर्नाटक में रहे तो हर दिन कम से कम तीन रैलियों को संबोधित किया या ‘नमो ऐप्प’ के माध्यम से भाजपा के विभिन्न अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं से बात की। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एसडीपीआई द्वारा आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या किये जाने का मुद्दा उठाया। एसडीपीआई पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया द्वारा शुरू की गई एक कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी है। शाह ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए दो उम्मीदवार वास्तव में एसडीपीआई के सदस्य हैं। मोदी ने अपने प्रचार अभियान के पहले दिन एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया और कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती दी कि वह 15 मिनट तक किसी भी भाषा में कर्नाटक सरकार की उपलब्धियों के बारे में बोलें।  राहुल गांधी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में पलटवार किया और कहा, ‘‘मेरी मां एक इतालवी हैं। वह अपने जीवन के अधिकतर समय भारत में रहीं। मैंने जो भारतीय देखे हैं, वह उनसे कहीं अधिक भारतीय हैं।’’

विशेष आलेख : मां जन्मदात्री ही नहीं, जीवन निर्मात्री भी

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अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस सम्पूर्ण मातृ-शक्ति को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है, जिसे मदर्स डे, मातृ दिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें यह दिन सबके मन में विशेष स्थान लिये हुए है। पूरी जिंदगी भी समर्पित कर दी जाए तो मां के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता है। संतान के लालन-पालन के लिए हर दुख का सामना बिना किसी शिकायत के करने वाली मां के साथ बिताये दिन सभी के मन में आजीवन सुखद व मधुर स्मृति के रूप में सुरक्षित रहते हैं। भारतीय संस्कृति में मां के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा रही हैं, लेकिन आज आधुनिक दौर में जिस तरह से मदर्स डे मनाया जा रहा है, उसका इतिहास भारत में बहुत पुराना नहीं है। इसके बावजूद दो-तीन दशक से भी कम समय में भारत में मदर्स डे काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

मातृ दिवस-समाज में माताओं के प्रभाव व सम्मान का उत्सव है। मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। मां के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्दों में नहीं होती। मां नाम है संवेदना, भावना और अहसास का। मां के आगे सभी रिश्ते बौने पड़ जाते हैं। मातृत्व की छाया में मां न केवल अपने बच्चों को सहेजती है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उसका सहारा बन जाती है। समाज में मां के ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है, जिन्होंने अकेले ही अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाई। मातृ दिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। एक बच्चे की परवरिश करने में माताओं द्वारा सहन की जानें वालीं कठिनाइयों के लिये आभार व्यक्त करने के लिये यह दिन मनाया जाता है। कवि राॅबर्ट ब्राउनिंग ने मातृत्व को परिभाषित करते हुए कहा है- सभी प्रकार के प्रेम का आदि उद्गम स्थल मातृत्व है और प्रेम के सभी रूप इसी मातृत्व में समाहित हो जाते हैं। पे्रम एक मधुर, गहन, अपूर्व अनुभूति है, पर शिशु के प्रति मां का प्रेम एक स्वर्गीय अनुभूति है।

‘मां!’ यह वो अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम-रोम पुलकित हो उठता है, हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनोःमस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। ‘मां’ वो अमोघ मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता है। ‘मां’ की ममता और उसके आंचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। जिन्होंने आपको और आपके परिवार को आदर्श संस्कार दिए। उनके दिए गए संस्कार ही मेरी दृष्टि में आपकी मूल थाती है। जो हर मां की मूल पहचान होती है। हर संतान अपनी मां से ही संस्कार पाता है। लेकिन मेरी दृष्टि में संस्कार के साथ-साथ शक्ति भी मां ही देती है। इसलिए हमारे देश में मां को शक्ति का रूप माना गया है और वेदों में मां को सर्वप्रथम पूजनीय कहा गया है। श्रीमद् भगवद् पुराण में उल्लेख मिलता है कि माता की सेवा से मिला आशीष सात जन्मों के कष्टों व पापों को दूर करता है और उसकी भावनात्मक शक्ति संतान के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। 

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प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने मां की महिमा को उजागर करते हुए कहा है कि जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वो एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मां के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान थी। एक माँ हमारी भावनाओं के साथ कितनी खूबी से जुड़ी होती है, ये समझाने के लिए उपरोक्त पंक्तियां अपने आप में सम्पूर्ण हैं। अब्राहम लिंकन का मां के बारे में मार्मिक कथन है कि जो भी मैं हूँ, या होने की उम्मीद है, मैं उसके लिए अपने प्यारी माँ का कर्जदार हूँ। किसी औलाद के लिए ‘माँ’ शब्द का मतलब सिर्फ पुकारने या फिर संबोधित करने से ही नहीं होता बल्कि उसके लिए माँ शब्द में ही सारी दुनिया बसती है, दूसरी ओर संतान की खुशी और उसका सुख ही माँ के लिए उसका संसार होता है। क्या कभी आपने सोचा है कि ठोकर लगने पर या मुसीबत की घड़ी में माँ ही क्यों याद आती है क्योंकि वो माँ ही होती है जो हमें तब से जानती है जब हम अजन्में होते हैं। बचपन में हमारा रातों का जागना, जिस वजह से कई रातों तक माँ सो भी नहीं पाती थी। वह गिले में सोती और हमें सूखे में सुलाती। जितना माँ ने हमारे लिए किया है उतना कोई दूसरा कर ही नहीं सकता। जाहिर है माँ के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एक दिन नहीं बल्कि एक सदी, कई सदियां भी कम है।

‘मां’-इस लघु शब्द में प्रेम की विराटता/समग्रता निहित है। अणु-परमाणुओं को संघटित करके अनगिनत नक्षत्रों, लोक-लोकान्तरों, देव-दनुज-मनुज तथा कोटि-कोटि जीव प्रजातियों को मां ने ही जन्म दिया है। मां के अंदर प्रेम की पराकाष्ठा है या यूं कहें कि मां ही प्रेम की पराकाष्ठा है। प्रेम की यह चरमता केवल माताओं में ही नहीं, वरन् सभी मादा जीवों में देखने को मिलती है। अपने बच्चों के लिए भोजन न मिलने पर हवासिल (पेलिकन) नाम की जल-पक्षिनी अपना पेट चीर कर अपने बच्चों को अपना रक्त-मांस खिला-पिला देती है। कितनी दयनीय बात है कि देश ने स्त्री की शक्ति के रूप में अवधारणा दी, जिसने पुराणों के पृष्ठों में देवताओं को 4 या 8 हाथ दिये किन्तु देवियों को 108 हाथ दिये, उसी ने स्त्रियों को पुरुषों से नीचा स्थान दिया और उन्हें वेद पढ़ने के अधिकार से वंचित कर दिया और सबसे शोचनीय बात यह है कि उन्हें चारदिवारी में बंद कर दिया।’’‘मां’ को उसकी दैवी सम्मान दिलाना वर्तमान युग की सबसे बड़ी आवश्यकता में से एक है। मां प्राण है, मां शक्ति है, मां ऊर्जा है, मां प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है। मां केवल जन्मदात्री ही नहीं जीवन निर्मात्री भी है। मां धरती पर जीवन के विकास का आधार है। मां ने ही अपने हाथों से इस दुनिया का ताना-बाना बुना है। सभ्यता के विकास क्रम में आदिमकाल से लेकर आधुनिककाल तक इंसानों के आकार-प्रकार में, रहन-सहन में, सोच-विचार, मस्तिष्क में लगातार बदलाव हुए। लेकिन मातृत्व के भाव में बदलाव नहीं आया। उस आदिमयुग में भी मां, मां ही थी। तब भी वह अपने बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करती थीं। उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा करना सिखाती थी। आज के इस आधुनिक युग में भी मां वैसी ही है। मां नहीं बदली। विक्टर ह्यूगो ने मां की महिमा इन शब्दों में व्यक्त की है कि एक माँ की गोद कोमलता से बनी रहती है और बच्चे उसमें आराम से सोते हैं।

मां को धरती पर विधाता की प्रतिनिधि कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। सच तो यह है कि मां विधाता से कहीं कम नहीं है। क्योंकि मां ने ही इस दुनिया को सिरजा और पाला-पोशा है। कण-कण में व्याप्त परमात्मा किसी को नजर आये न आए मां हर किसी को हर जगह नजर आती है। कहीं अण्डे सेती, तो कहीं अपने शावक को, छोने को, बछड़े को, बच्चे को दुलारती हुई नजर आती है। मां एक भाव है मातृत्व का, प्रेम और वात्सल्य का, त्याग का और यही भाव उसे विधाता बनाता है। मां विधाता की रची इस दुनिया को फिर से, अपने ढंग से रचने वाली विधाता है। मां सपने बुनती है और यह दुनिया उसी के सपनों को जीती है और भोगती है। मां जीना सिखाती है। पहली किलकारी से लेकर आखिरी सांस तक मां अपनी संतान का साथ नहीं छोड़ती। मां पास रहे या न रहे मां का प्यार दुलार, मां के दिये संस्कार जीवन भर साथ रहते हैं। मां ही अपनी संतानों के भविष्य का निर्माण करती हैं। इसीलिए मां को प्रथम गुरु कहा गया है। स्टीव वंडर ने सही कहा है कि मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी अध्यापक थी, करुणा, प्रेम, निर्भयता की एक शिक्षक। अगर प्यार एक फुल के जितना मीठा है, तो मेरी माँ प्यार का मीठा फूल है।

प्रथम गुरु के रूप में अपनी संतानों के भविष्य निर्माण में मां की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। मां कभी लोरियों में, कभी झिड़कियों में, कभी प्यार से तो कभी दुलार से बालमन में भावी जीवन के बीज बोती है। इसलिए यह आवश्यक है कि मातृत्व के भाव पर नारी मन के किसी दूसरे भाव का असर न आए। जैसाकि आज कन्याभ्रूणों की हत्या का जो सिलसिला बढ़ रहा है, वह नारी-शोषण का आधुनिक वैज्ञानिक रूप हैं तथा उसके लिए मातृत्व ही जिम्मेदार है। महान् जैन आचार्य एवं अणुव्रत आन्दोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी की मातृ शक्ति को भारतीय संस्कृति से परिचित कराती हुई निम्न प्रेरणादायिनी पंक्तिया पठनीय ही नहीं, मननीय भी हैं- ‘‘भारतीय मां की ममता का एक रूप तो वह था, जब वह अपने विकलांग, विक्षिप्त और बीमार बच्चे का आखिरी सांस तक पालन करती थी। परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा की गई उसकी उपेक्षा से मां पूरी तरह से आहत हो जाती थी। वही भारतीय मां अपने अजन्मे, अबोल शिशु को अपनी सहमति से समाप्त करा देती है। क्यों? इसलिए नहीं कि वह विकलांग है, विक्षिप्त है, बीमार है पर इसलिए कि वह एक लड़की है। क्या उसकी ममता का स्रोत सूख गया है? कन्याभू्रणों की बढ़ती हुई हत्या एक ओर मनुष्य को नृशंस करार दे रही है, तो दूसरी ओर स्त्रियों की संख्या में भारी कमी मानविकी पर्यावरण में भारी असंतुलन उत्पन्न कर रही है।’’ अन्तर्राष्ट्रीय मातृ-दिवस को मनाते हुए मातृ-महिमा पर छा रहे ऐसे अनेक धुंधलों को मिटाना जरूरी है, तभी इस दिवस की सार्थकता है।


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(ललित गर्ग)
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आलेख : “सिंधिया” बनाम “नाथ” या ‘कमल-ज्योति’

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस भी चुनावी मोड़ में आ गयी है. चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं और आखिरकार प्रदेश कांग्रेस में करीब दो साल से टाला जा रहा बहुप्रतीक्षित बदलाव हो गया है. इसी के साथ ही ये पहेली भी हल हो गयी है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा कमलनाथ या सिंधिया? दरअसल कांग्रेस ने किसी एक चेहरे पर दांव ना खेलते हुये सामूहिक नेतृत्व के फार्मूले पर चलने का फैसला किया है. घोषणा हो चिकि है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से बुजुर्ग कमलनाथ संगठन का काम देखेंगे और युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास चुनाव प्रचार की कमान रहेगी. इसी के साथ ही बाला बच्चन, सुरेंद्र चौधरी, जीतू पटवारी और रामनिवास रावत  के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. पार्टी आलाकमान के इस कवायद को खेमों में बंटे कांग्रेसी क्षत्रपों को एकजुट करने के रूप में देखा जा रहा है. संतुलन साधने की इसी कोशिश के तहत किसी चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं किया गया है चुनाव के मुहाने पर खड़े इस सूबे में कांग्रेस संगठन पटरी से उतरा हुआ है, कार्यकर्ता सुस्त, बिखरे और भ्रमित हैं, ऐसे में क्या अंतिम समय में किया गया यह बदलाव क्या पार्टी को मध्यप्रदेश में शिवराज और भाजपा के सामने चुनौती पेश करने की ताकत मिल पाएगी या एकबार फिर उसे असमंजस्य और लेट-लतीफी का खमियाज भुगतना पड़ेगा? 

दरअसल लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस में सांगठनिक फेरबदल की अफवाहें चल रही थीं और इसके लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे. कमलनाथ को सर्वमान्य चेहरा बनाने की कवायद काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी, 2016 में बाला बच्चन ने  कमलनाथ को पार्टी की कमान सौंपने की वकालत करते हुये कहा था कि “कमलनाथ बड़े नेता हैं अगर उन्हें कमान सौंपी जाती है तो राज्य में पार्टी को सौ फीसदी फायदा होगा”. दिग्विजय सिंह भी लगातार कमलनाथ का साथ देने का संकेत देते रहे हैं. वे हर तरह से दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रहे थे यहाँ तक कि कमलनाथ की बीजेपी में जाने की अफवाहें भी उड़ाई गयीं. स्थिति ये बन चुकी थी कि बीच में कमलनाथ द्वारा भोपाल के कोहेफिजा स्थित अपने बंगले कि रंग -रोगन और सफाई कराये जाने की खबरें भी आयीं. लेकिन इन सबके बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी मजबूत दावेदारी पेश करते रहे और अपना ज्यादा समय मध्यप्रदेश में बिताना शुरू कर दिया था. उन्होंने खुले तौर पर इस बात को भी कहना शुरू कर दिया था कि प्रदेश में कांग्रेस को सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट करना चाहिए. इस दौरान उनके समर्थकों के तरफ से “अबकी बार सिंधिया सरकार” जैसे नारे भी चलाये गये. मामला लगभग बराबरी का था लेकिन दिग्विजय सिंह द्वारा कमलनाथ को खुले समर्थन के बाद से स्थिति बदल गयी और कमलनाथ जो ये कहने की स्थिति में आ गये थे कि अगर पार्टी सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है तो इसमें उनका पूरा समर्थन होगा खुद कप्तान बना दिये गये. कमलनाथ को कमान मिलने के पीछे कई और फेक्टर भी मददगार साबित हुये हैं जैसे उनका अपना कोई गुट ना होना, पार्टी के लिये संसाधन जुटाने की उनकी क्षमता और सभी गुटों के साथ उनके सम्बन्ध खासकर दिग्विजय सिंह और सिंधिया के साथ उनके रिश्ते. 

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी लगातार तीन विधानसभा चुनाव हार चुकी है और 2014 के  लोकसभा चुनाव में तो उसे प्रदेश की कुल 29 सीटों में से मात्र दो सीटें ही मिलीं थीं, ऐसा माना जाता है कि पिछले चौदह सालों से मध्यप्रदेश में कांग्रेसी भाजपा से कम और आपस में ज़्यादा लड़ते रहे हैं. इस दौरान अगर कांग्रेस खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में पेश करने में नाकाम रही है तो इसके पीछे खुद कांग्रेस के नेता ही जिम्मेदार हैं क्योंकि चुनावों के दौरान कई गुटों  में विभाजित कांग्रेस के नेता भाजपा से ज्यादा एक दूसरे के खिलाफ संघर्ष करते हुए ही नजर आते रहे हैं. ऐसा लगता है पार्टी हाईकमान ने नयी टीम की घोषणा करके इसी स्थिति को तोड़ने की कोशिश की है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि करीब आधा दर्जन चेहरों के बीच कमलनाथ वो चेहरा हैं जिनके नेतृत्व को पार्टी के सभी क्षत्रप बेमन से ही सही लेकिन स्वीकार कर सकते हैं. शायद तभी खुद कमलनाथ ने भी कहा है कि “मेरे सभी के साथ अच्छे संबंध हैं मैं कांग्रेस का पहला ऐसा प्रदेश अध्यक्ष होउंगा जो पार्टी की एकजुटता के लिए चिंतित नहीं है”. अपने चार दशक लम्बे राजनीतिक कैरियर में ऐसा पहली बार होगा कि कमलनाथ मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका में होंगे. इससे पहले राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका किंगमेकर की रही है. उन्हें जमीनी नेता नहीं माना जाता है और उम्र भर उन्होंने ड्रायिंग रूम की राजनीति की हैं, इसके अलावा उन्हें कभी भी पूरे प्रदेश का नेता नहीं माना गया है, हमेशा से ही वे अपने आप को छिंदवाड़ा तक ही सीमित किये रहे हैं. लेकिन अपनी इस नयी भूमिका में उन्हें  जमीन से उखड़ी कांग्रेस को फिर पटरी पर लाने के लिए पूरे प्रदेश भर में गहन जनसंपर्क की जरूरत पड़ेगी और इसके लिये समय बहुत कम है. बहरहाल प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर उन्होंने कहा है कि “मैं प्रतिबद्धता, साहस और आपसी तालमेल के साथ बीजेपी और गैर-धर्मनिरपेक्ष ताकतों की हार सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ काम करूंगा.” 

इन सबके बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी और अरुण यादव की प्रतिक्रिया चौकाने वाली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय हैं और उनके पोस्ट भी लगातार आ रहे हैं लेकिन अपनी और कमलनाथ की नयी भूमिका के बारे में उनके तरफ से कोई पोस्ट देखने को नहीं मिली. इस मामले में उन्होंने ना तो किसी को बधाई दी ना आभार जताया और ना ही मीडिया में कोई बयान जारी किया. इसी तरह से अध्यक्ष पद से हटा दिए गए अरुण यादव ने अचानक चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करते हुये कहा है कि उनकी भूमिका एक कार्यकर्ता के रूप है और आगे भी रहेगी. लेकिन भाजपा के खेमे में कमलनाथ के नियुक्ति को लेकर दबी खुशी नजर आ रही है शिवराजसिंह चौहान ट्वीटर पर लिखा कि “मित्र श्री कमलनाथ जी को प्रदेश अध्यक्ष बनने पर हार्दिक शुभकामनाएँ.” दरअसल भाजपा यह मानकर चल रही थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होने वाले है और पिछले कुछ समय से वो मुख्य रूप से सिंधिया को ही निशाने पर ले रही थी. सिंधिया प्रदेश में पिछले साल से ही काफी सक्रिय रहें हैं, हाल में वह कोलारस और मुंगावली के उप चुनाव में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देते हुये दिखाई पड़े थे और शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूरी सत्ता और संगठन की ताकत लगा देने के बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. सिंधिया का अपना आकर्षण भी है, वे युवा है, अच्छे वक्ता है और उनमें मतदाताओं के साथ सीधे कनेक्ट करने की क्षमता है. बीच में सिंधिया ने संकल्प भी लिया था कि प्रदेश की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद ही वह माला पहनेंगे. 

इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कोई सीधी जिम्मेदारी नहीं दी गयी है लेकिन इससे मध्यप्रदेश की राजनीति में “दिग्गी फेक्टर” के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता है. कमलनाथ ने अपने लिये उनकी अहमियत को रेखांकित करते हुये कहा है कि “उन्हें राज्य में संगठन का सर्वाधिक ज्ञान है वह कांग्रेस की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे”. नयी टीम के ऐलान होने के साथ ही दिग्विजय सिंह ने भी 15 मई से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने का एलान कर दिया है. इस दौरान उनकी हर विधानसभा क्षेत्र में जाने की योजना है जहां वे जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके उन्हें चुनाव के लिये मुस्तैद करेंगें. हालांकि दिग्विजय सिंह पहले ही एलान कर चुके हैं कि वे सूबे की राजनीति में रेस से बाहर है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वे अपने बेटे को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं. दिग्विजय सिंह द्वारा सिंधिया के मुकाबले कमलनाथ को समर्थन देने के पीछे भी यही कारण है क्योंकि उन्हें पता है कि 71 साल के कमलनाथ के लिये सूबे की राजनीति में शायद यह आखिरी मौका है लेकिन सिंधिया के पास अभी काफी समय है और अगर एक बार सिंधिया खुद को प्रदेश की राजनीति में सर्वमान्य रूप से स्थापित करने में कामयाब हो गये तो फिर जयवर्धन सिंह के लिये अपना रास्ता बनाना आसान नहीं रह जायेगा. 

प्रदेश कांग्रेस के जो हालात हैं उस हिसाब से पार्टी के पास समय बहुत कम है लेकिन शुरुआत तो पार्टी के नेताओं को एक-दूसरे का भरोसा हासिल करके करना होगा खासकर सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच. भरोसा बहाल करने में कमलनाथ की बुनियादी भूमिका रहने वाली है मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उनका बयान आया है कि वे मुख्यमंत्री पद के ‘भूखे’ नहीं हैं और मध्यप्रदेश में उनके चयन का फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि वह सबको साथ लेकर चल सकते हैं. कोई कुछ भी कहे लेकिन शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस चेहरे को लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है जिसका उसे पूरे चुनाव अभियान के दौरान सामना करना पड़ेगा. अगर 2019 में कमल नहीं खिलता है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? कमलनाथ या सिंधिया? 



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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

व्यंग्य : वाह कोलकाता. आह कोलकाता .!!

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देश की संस्कारधानी कोलकाता पर गर्व करने लायक चीजों में शामिल है फुटपाथ पर मिलने वाला इसका बेहद सस्ता खाना। बचपन से यह आश्चर्यजनक अनुभव हासिल करने का सिलसिला अब भी बदस्तूर जारी है । देश के दूसरे महानगरों के विपरीत यहां आप चाय - पानी लायक पैसों में खिचड़ी से लेकर बिरियानी तक खा सकते हैं।  अपने शहर खड़गपुर  से 116 किलोमीटर पूर्व में स्थित कोलकाता जाने के लिए यूं तो दर्जनों मेल व एक्सप्रेस ट्रेन उपलब्ध है, लेकिन पता नहीं क्यों कोलकाता आने - जाने के लिए सवारी के तौर पर मुझे लोकल ट्रेनें ही अब तक पसंद है। शायद सुपर फास्ट ट्रेनों के बनिस्बत लोकल ट्रेनों में मुझे अधिक अपनापन महसूस होता है। हॉकरों का शोर - शराबा और सहयात्रियों की बतकही सुनते - सुनते मैं कब कोलकाता पहुंचा और कब वापस लौट भी आया पता ही नहीं चलता। जीवन संघर्ष के शुरूआती दौर में काम - काज के सिलसिले में अनेक बार कोलकाता की गलियों में भटका। युवावस्था तक पहुंचते - पहुंचते मुझे आखिर वह चीज मिल ही गई, जिसकी मुझे बेहद जरूरत थी ... नौकरी। मरने वाला कोई ... जिंदगी चाहता हो जैसे ... की तर्ज पर। लेकिन विडंबना कि कलमकार होने के नाते तनख्वाह इतनी कम कि क्या नहाए , क्या निचोड़े जैसी हालत। इसके चलते मैने कोलकाता में कमरा लेने के बजाय अपने शहर से रोज कोलकाता तक दैनिक यात्रा का विकल्प चुना और रुट के हजारों डेली पैसेंजरों में मैं भी शामिल हो गया।  लेकिन यहां कोलकाता ने बांहे फैला कर मेरा स्वागत किया। हावड़ा स्टेशन के बाहर तीन रुपये में चार रोटी के साथ थोड़ी सी सब्जी और प्याज - मिर्च का एक - एक टुकड़ा मिल जाता था। यही खाकर मैं नौकरी पर जाता था और लौटने पर फिर यही खाकर वापसी की ट्रेन पकड़ता था।

खाने का जुगाड़ हुआ तो मेरी दूसरी चिंता चाय को लेकर हुई। क्योंकि मुझे थोड़ी - थोड़ी देर पर चाय पीने की आदत है। लेकिन कोलकाता ने मेरी इस समस्या का भी चुटकियों में हल निकाल दिया। लोकल ट्रेनों में आठ आने का भाड़ भर चाय तो कई साल बाद तक मिलता रहा। कोलकाता की गलियों में भी मैने आठ आने यानी पचास पैसे में आधी प्याली चाय कई दिनों तक पी। कालचक्र के साथ बहुत कुछ बदलता रहा। लेकिन कोलकाता का उदार चेहरा जस का तस। जीवन में अच्छे दिनों का अनुभव होने पर भी मैने कोलकाता का बेहद सस्ता खाना खाया। चंद पैसों में मनपसंद मिठाई भी। मेरी पसंदीदा चाय तो कोलकाता की सड़कों पर कदम - कदम पर बहुतायत से मिलती रही है। अब भी पांच रुपये में तृप्ति मिलने लायक चाय भाड़ में पीने को मिल जाती है। जिसका कोलकाता जाने पर मैं खूब आनंद लेता हूं। यहां के बेहद सस्ते खान - पान को लेकर मेरे मन में अनेक बार सवाल उठे।  इतने विशाल शहर में कैसे कम पैसे में इतना अच्छा खान - पान मिल जाता है। साधारणत: मेरी इस शंका का स्वाभाविक जवाब यही मिला कि फुटपाथ पर अत्यधिक बिक्री से दुकानदारों को कम पैसे में अच्छा - खासा मुनाफा मिल जाता है।  लिहाजा उन्हें कम पैसे में चीजें बेचने में कठिनाई नहीं होती। लेकिन हाल के मांस के साथ मृत पशुओं के सड़े मांस मिला कर बेचे  जाने की घटना ने मेरे विश्वास को गहरा धक्का पहुंचाया है। सोच कर भी हैरानी होती है कि कोई पैसे कमाने के लिए ऐसा कर सकता है। पड़ताल का दायरा बढ़ने के साथ ही अब तो इस रैकेट के तार आस - पास कस्बों तक जा पहुंचे हैं। ताजे मांस में मृत पशुओं के सड़े मांस मिला कर करोड़ों कमाने वालों की कारस्तानी यह कि उन्होंने चिड़ियाखाना में जानवारों को दिये जाने वाले जुठा मांस भी लोगों की थाली में परोसना शुरू कर दिया । ऐसी घटनाएं कोलकाता के चिर - परिचित छवि के  बिल्कुल विपरीत है। मांस गिरोह ने कोलकाता को जानने और प्यार करने वालों के विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है। उन्हें उनके किए की सजा मिलने ही चाहिए। इस विडंबना पर मन में बस यही टीस उभरती है... वाह कोलकाता ... आह कोलकाता।

इस पर चंद पंक्तियां मन से  निकल पड़ी।

खाते हैं सड़े मांस शौक से
ताजे फल खाने को तैयार नहीं
शराब बिकती गली - गली मगर
दूध पीने को कोई तैयार नहीं
जख्म देने वाली चीजें मंजूर है मगर
कड़वी दवा पीने को कोई तैयार नहीं





तारकेश कुमार ओझा
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) मेदिनीपुर 
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

बिहार : द्यर में प्रार्थना करना भी है मुश्किल, बाइज्जत जेल से मुक्त हो परिहार परिवार

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पटना.सूबे में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय दहशत में हैं. यह जानकर जरुर ही सेक्युलर छवि वाले सी. एम. नीतीश कुमार हैरान और परेशान हो जाएंगे कि द्यर के अंदर प्रार्थना करने वाले ईसाई दम्पति को रुपसपुर थाना की खाकी वर्दीधारी पुलिस गिरफ्तार कर जबरन धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप गढ़कर  जेल भेज दी. बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता, लोक परिषद के रूपेश, पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता निशा,छात्र संगठन के सुशील कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता इश्तियाक मिलकर जांच टीम बनायी.इन लोगों का कहना है कि बिहार की राजधानी अभी तक धार्मिक और साम्प्रदायिक आग से बची हुई है,पर इस आग को लहराने की पूरी तैयारी की जा रही है.गत दिनों पटना में भी धर्म के नाम पर जहर द्योलने की कोशिश हुई.इस कोशिश में एकबार फिर आर. एस. एस.और विश्व हिंदू परिषद का नाम आ रहा है.यह काम काफी बारीकी से किया जा रहा है.इस बार उनके निशाने पर एक ईसाई परिवार है.जांच दल के सदस्यों का कहना है कि यह द्यटना 29 अप्रैल को साढ़े दस बजे की है. जिसमें एक ईसाई परिवार को पुलिस ने  धर्म परिवर्तन के नाम पर गिरफ्तार किया.पुलिस द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. केस न.169/18 को देखने से स्पष्ट होता है कि बिना जांच-परख के पुलिस ने किसी दबाव में आकर आनन-फानन में ईसाई  दम्पति को गिरफ्तार किया है.उन पर आईपीसी धारा 153 ए,295 ए,298,505,508 तथा 120 बी के तहत रुपसपुर थाना में एफ. आई. आर. लॉज किया गया है.पुलिस के पास ना तो गिरफ्तारी के वारंट थे ना ही उच्चतम न्यायालय के एक महत्वपूर्ण फैसले और सी.आर.पी.सी.में किए गये संशोधन के अनुसार अगर किसी केस के धारा के अंतर्गत सात साल से कम की सजा का प्रावधान है तो पुलिस स्वत: गिरफ्तार नहीं कर सकती.उन शर्तों का पालन नहीं किया गया.

इस संदर्भ में मंगलवार को बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता, लोक परिषद के रूपेश और छात्र संगठन के सुशील कुमार ने प्रेस सम्मेलन  में कहा कि टीम के सदस्य रुपसपुर गए और वहां रहने वाले लोगों से मुलाकात की. टीम के लोग ईसाई परिवार से भी मिले जिनपर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है.रूपसपुर द्यनी आबादी वाला मुहल्ला है.जहां हिंदुओं की मिली-जुली आबादी है.आबादी का एक हिस्सा दलितों का है.हिंदू बहुल इस इलाके में मात्र एक परिवार ईसाई है.जो पिछले सात सालों से यहां रह रहा है.सुभाष कुमार परियार ईसाई हैं.उनके पूर्वज नेपाल में रहते हैं.बाद में वे बिहार आकर बस गए.बी.एम.पी.में सब इंस्पेक्टर की नौकरी करते हैं सुभाष कुमार परियार.उनकी धर्मपत्नी दुर्गा परिहार प्रेरणा फाउंडेशन नामक एक ट्रस्ट चलाती हैं.जिसके तहत महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है. द्यटना के दिन 29 अप्रैल को साढ़े दस बजे के आस-पास सुभाष कुमार परिवार,दुर्गा परिहार और रजनी प्रधान  द्यर के अंदर प्रार्थना कर रहे थे.आस-पास के दूसरे लोग भी शामिल थे.उसी समय आर. एस. एस.और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग द्यर में घुस आये और हंगामा करने लगे.यह सब करते हुए मार-पीट पर शुरू कर दी कि यहां पर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है.जबकि लोग प्रार्थना में भक्तिपूर्ण ढंग से स्वेच्छा से शामिल होने आये थे तो मुखर होकर विध्न डालने वालों का  विरोध करने लगे,विरोध करने से विद्यटनकारी वापस चले गए.मगर कुछ ही देर बाद पुलिस को लेकर आ धमके.गौरतलब है कि पुलिस बिना किसी वारंट के ही सुभाष कुमार परियार ,उनकी पत्नी दुर्गा परियार  व उनकी बहन रजनी प्रधान को गिरफ्तार कर लिया.दोनों महिलाओं को गिरफ्तारी के समय कोई महिला पुलिस  साथ में नहीं थीं. पुलिस इस तरह से क्रूरता के साथ पेश आयी कि रजनी प्रधान की गोद में पांच साल का बच्चा से अलग कर दिया.विरोध करने पर रजनी की पीटाई पुलिस वालों ने कर दी.गिरफ्तारी के बाद ही सुभाष कुमार परियार को बी.एम.पी. के सब इंस्पेक्टर पद से निलम्बित कर दिया गया.

रूपेश ने बताया कि जांच टीम के सदस्यों ने सोमवार को एडीजी (कानून और व्यवस्था) आलोक राज से मुलाकात कर परिस्थितियों की जांच करने का आग्रह किया था जिसके कारण पारियार परिवार के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी हुई। उनकी गिरफ्तारी के बाद, सुभाष को दानापुर उप-मंडल जेल और दुर्गा और रजनी को बेउर केंद्रीय जेल भेजा गया था। बी.एम.पी.कार्यरत  सुभाष कुमार को भी नौकरी से निलंबित कर दिया गया है। आलोक राज ने कहा कि सोमवार को इस घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद मैंने इस मामले पर डीजीपी के एस द्विवेदी के साथ चर्चा की। डीजीपी ने केंद्रीय श्रेणी डीआईजी राजेश कुमार से मामले की जांच की निगरानी करने के लिए कहा है। सोमवार को ही त्वरित प्रभाव से एक पत्र भी जारी किया गया था, एडीजी (कानून और व्यवस्था) राज ने कहा। सुभाष कुमार परियार और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी रुपसपुर पुलिस स्टेशन में दीपक सिंह द्वारा दर्ज की गई है, जो द्यटना स्थल रूकनपुरा से काफी दूरी  आशियाना नगर इलाके में रहते हैं। दीपक विश्व हिंदू परिषत से जुड़ा हुआ है। उन्होंने गवाह के रूप में निधिता राणा, मुकेश सिंह, अविनाश कुमार और शिवम कुमार के नामों को एफआईआर में में वर्णित किया है.

सुभाष कुमार परियार के पड़ोसियों ने  बताया कि उन्होंने कभी भी बीएमपी जवान या उनके परिवार के सदस्यों को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का  प्रयास ही नहीं किया गया.यहां न सूना गया और न ही देखा। पारियार परिवार पिछले सात सालों से रुपसपुर थानार्न्तगत रुकनपुरा में रहते हैं। सुभाष की बेटी ने बताया कि  मेरे पिता के रिश्तेदारों में से एक भीम सिंह ने परिवार में नफरत की बुनियाद डाली.सूत्रधार की भूमिका में नागेश के साथ साजिश रची गयी। कहा जा रहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप कांड की साजिश में रूपसपुर थाना भी शामिल हो गये.इनके द्वारा अत्यंत ही  गोपनीय ढंग से अंजाम दिया है. इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को  नहीं दी.वहीं रुपसपुर थाने की पुलिसकर्मी को देख लिजिए. जबरन धर्म परिवर्तन का झूठा आरोप लगाकर दानापुर अनुमंडल कारा में सुभाष कुमार परियार को बंदी बनाया.आदर्श कारा बेऊर में दुर्गा परियार और रजनी प्रधान बंद हैं.बाहर में रहने वाले परिवार को तंग करने की तरीका है.

बिहार : बच्चों और महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ शांति मार्च

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पटना. शेखपुरा में है इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान.आधुनिक नर्सिंग की जनक हैं फ्लोरेंस नाइटिंगल.इनका जन्मदिन 12 मई को है. अभाव से जूझती नाइटिंगल ने एक हाथ में लालटेन लेकर पीड़ितों की सेवा करती थीं.आज का माहौल बदल गया है.परिस्थियां बदल गयी है. अब तो मानव सेवा करने वाली नर्सेंज  सामाजिक इश्यु को उठाने लगी हैं.महिलाओं व बच्चों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ समाज में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हाथ में लालटेन थामने के बदले हाथों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ  नारा लिखित  प्ले कार्ड को लेकर चल रहीं थीं. शांति मार्च का शुभारंभ संस्थान के डीन डॉक्टर एस.के.शाही द्वारा किया गया.मार्च में ए.एन.एस.सिस्टर नुपूर सिंह, इंचार्ज एम.डी.आर.अनिभा डे, पैन एण्ड पैलिएटिव की इंचार्ज सिस्टर सुजाता पास्कल के अलावे अन्य नर्सिंग इंचार्ज, नर्सेंज,कर्मचारीगण एवं चिकित्सकों ने हिस्सा लिये. जी हां आई. जी. आई. एम. एस. संस्थान में कार्यरत नर्सेंज शांति मार्च निकाला. मार्च इंदिरा गाँधी  स्मारक से शुरू होकर संस्थान के मुख्य द्वार तक जाने के बाद पुन:  इंदिरा गाँधी स्मारक पास आकर मार्च समाप्त हो गया.

दुमका : कालाजार मुक्ति के लिए डीडीटी छिडकाव का बना माईक्रोप्लान

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री के निदेश पर संथाल परगना के सभी  जिलों  को कालाजार मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य समिति ने डीडीटी छिडकाव का माईक्रों प्लान तैयार किया है, जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों के गाॅवों में डीडीटी का छिडकाव किया जाना हैं। जिसका टीम गठन कर प्रखंडों में छिडकाव कार्य शुरू कर दिया है। इस कार्यक्रम में 11 मई दिन शुक्रवार को  बरहेट प्रखंड के सरजम घुटु उप स्वास्थ्य केन्द्र के सरजमघुटु , बुद्धुडीह, खुटौना गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व सुनील कुमार किस्कू, सतिष प्रसाद , विनोद कुमार व सहिया जोबाना टुडू , सिलवती किस्कु , मंझन कितिका शामिल है।  इसी  दिन उधवा प्रखंड के पलासगाछी उप स्वास्थ्य केन्द्र के फरिदटोला डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व आशिष  कुमार , चुण्डाकी टुडू , मेनका कुमारी , छाया मंडल शामिल है। पतना  प्रखंड के मझला डीह उप स्वास्थ्य केन्द्र के मझलाडीह, आमडंडा पहाड, बडा तेगडा , छोटा तेगडा, महुआटांड गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व कांत पाण्डे, विटिका हाॅसदा , मुरारी प्रसाद , प्रदीप कुमार, एकराम मंराडी , सहिया मरियम हेम्ब्रम , मनिसा मालतो, अमोदी मालतो, चंडी पहाडिन शामिल है। राजमहल प्ररखड के नारायणपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र के सियाल टोली, बेंगडुबी , बाबूटोला में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा  जिसका नेतृत्व मुरारी रविदास, मनवारा बीबी शामिल है।  मंडरों प्रखंड के केंदुआ उप स्वास्थ्य केन्द्र के छोटा केंदुआ , इटहरी , टिटी बहियार गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व नवरत्न चंद्रा, अनिल कुमार, जिंनला मंडल शामिल है। बरहरवा प्रखंड के चोलिया उप स्वास्थ्य केन्द्र के मुगलपाडा  गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व बलराम मंडल , साहिया उसा देवी शामिल है। तालझारी  प्रखंड के बालापोखर उप स्वास्थ्य केन्द्र के चपाल उपरटोला ,बालापोखर , अंगुठिया , छोटा तालबन्ना  गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व विनय कुमार, अशरफ अलि, मो0 जफर आलम , राजकिशोर प्रसाद  सहिया मालती तिग्गा शामिल है।  हरिणचरा  उप स्वास्थ्य केन्द्र के डुमरिया, हरिणचरा गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा। जिसका नेतृत्व मो0 जहाॅगीर, संजय हरिजन, लिलि मुर्मू शामिल है। इसी दिन साहेबगंज सदर प्रखंड के सकरीगली करारा उप स्वास्थ्य केन्द्र के रामपुर दियारा गाॅव में डीडीटी का छिडकाव किया जाएगा, जिसका नेतृत्व अरूण रजक , मो0 मकसूद आलम साहिया मुन्नी किरण देवी करेगी।

बिहार : शिक्षा मंत्री का किया घेराव, परीक्षा फल गड़बड़ी से छात्र छात्राओं का फूटा गुस्सा

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  • शिक्षा मंत्री ने वार्ता के लिए कल बुलाया।

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पटना,11 मई, 2018:- आज अरविंद महिला कॉलेज में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सूबे के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा को छात्र छात्राओं का कोपभाजन बनना पड़ा।कार्यक्रम समाप्त कर मंत्री सीढ़ियों से उतर ही रहे थे कि  आक्रोशित छात्र छात्राओं ने कॉलेज परिसर में ही उन्हें घेर कर नारेबाजी करने लगे।परीक्षाफल गड़बड़ी पर चुप्पी तोड़ो,शिक्षा मंत्री जवाब दो,छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करो,सभी छात्राओं एवं एससी एसटी के छात्रों का पीजी तक निःशुल्क शिक्षा के राज्यसरकार के आदेश का पालन कराओ,शैक्षणिक सत्र नियमित करो आदि नारे लगाए।  आक्रोशित छात्र छात्राओं से घिरे शिक्षा मंत्री भी छात्र छात्राओं के साथ नारे लगाने लगे और शांत हो अपनी बात कहने की अपील किया।एआईएसएफ के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा जिसमें मगध विश्वविद्यालय  स्नातक द्वितीय खंड व वोकेशनल की उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर परीक्षाफल में सुधार,सभी छात्राओं एवं एससी एसटी के छात्रों को पीजी तक निःशुल्क शिक्षा सुनिश्चित कराने तथा इस मद में कॉलेजो को हुए आर्थिक क्षति की भरपाई,स्नातक प्रथम खंड सत्र 2017-18 के विद्यार्थियों का पंजीयन कराने,स्नातकोत्तर सेमेस्टर 4 की परीक्षा तिथि घोषित करने,पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना के साथ पूर्णतः विकसित कर सभी कार्य यहीं से संचालित करने,शैक्षणिक सत्र नियमित करने की मांगो का ज्ञापन शिक्षा मंत्री की सौंपा गया।  शिक्षा मंत्री ने कल 12 मई को 9 बजे अपने आवास पर आंदोलनकारी छात्र छात्राओं के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया है।वार्ता के बाद शिक्षा मंत्री मगध विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश देंगे। इस दौरान एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार,जिला सचिव सुशील उमाराज,राज्यपरिषद सदस्य बिट्टु कुमार,सोनी कुमारी, कोमल कुमारी,जैकरीन,शिखा प्रकाश,मीसा भारती,अक्षय कुमार,शिवानी प्रिया,स्वाति कुमारी,मधु कुमारी,रानी कुमारी,नीलू कुमारी,सोनम कुमारी,रूबी कुमारी सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं शामिल थे।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 11 मई

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नसरूल्लागंज मे 316 जोडों का विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना मे सम्पन्न
  • मुख्यमंत्री की अगुवाई मे निकली बारात, पूरा नगर सजा दुल्हन की तरह शहरवासियों ने किया जगह-जगह स्वागत

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सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील मुख्यालय पर शुक्रवार 11 मई को सांयकाल मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजनांतर्गत 300 जोडों का विवाह तथा 16 जोडों का निकाह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ। इनमे 2 दिव्यांग तथा तीन कल्याणी भी सम्मिलित थे। कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोडे की पहल पर 35पात्र वर-वधुओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ भी दिया गया ताकि सुखी गृहस्थ जीवन आरंभ कर सकें। मुख्यमंत्री की अगुवाई मे कृषि उपज मण्डी प्रांगण से भव्य बारात प्रारंभ होकर विवाह स्थल दशहरा मैदान पहुंची। पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया गया था ,नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर बारात का स्वागत किया। मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों ने विवाह स्थल पर सभी दूल्हों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।मंगलाष्टक के साथ वरमाला का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री ने सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हुए कहा कि एक नयी पहल भी कर रहें हैं आर्थिक कल्याण योजना मे 35 पात्र वर-वधुओं को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने नवदम्पत्तियों को कहा किअपने कुल का नाम रोशन करना और स्नेह से रहना। उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बेटी है तो कल है,मुख्यमंत्री ने सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी। वनविकास निगमाध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद ने अपने संबोधन मे कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश मे बेटी को वरदान बना दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे 27 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी हैं तथा लगभग 18 लाख कन्याओं का विवाह सम्पन्न हो चुका है। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ठाकुर रामपाल सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, श्री सुनील माहेश्वरी,श्रीमती अनीता राजेश लखेरा,श्रीमती उर्मिला मरेठा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोडे, एसपी श्री सिद्धार्थ बहुगुणा सहित अन्य शासकीय सेवक तथा हजारों की संख्या मे घराती-बाराती उपस्थित थे।

पूरे प्रदेश मे विकास की गंगा बहाने का प्रयास निरंतर जारी है : मुख्यमंत्री 
  • ग्राम बीजला मे जनसंवाद सम्पन्न

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार 11 मई को सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम बीजला पहुंचे और यहाँ आयोजित जनसंवाद मे कहा कि पूरे प्रदेश मे विकास की गंगा बहाने का प्रयास निरंतर जारी है। समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं निर्मित कर कुशल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए असंगठित क्षेत्र श्रमिक पंजीयन की जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए की गरीबों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण अभियान है अत: पूरी गंभीरता से किया जाए। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के किसी भी गाँव मे इस कार्य का औचक निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बेटियों को मान देने, स्वच्छता तथा अधिकाधिक पौधारोपण को प्रोत्साहित किया । कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री ठाकुर रामपालसिंह, वन विकास निगमाध्क्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन अध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथौड़े, डीआईजी श्री के.बी. शर्मा, एसपी श्री सिध्दार्थ बहुगुणा सहित अन्य शासकीय सेवक तथा बड़ी संख्या मे  ग्रामीण उपस्थित थे।

फोटो निर्वाचक नामावली का  व्दितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचक नामावलियों के व्दितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2018 का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इस सिलसिले में उप जिला निर्वाचन अधिकारी सीहोर व्दारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी नसरूल्लागंज एवं समस्त तहसीलदार एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियो को निर्देशित किया गया है कि वे भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 1 जनवरी, 2018 की अर्हता तिथि के अनुसार पंजीयन से शेष रहित मतदाताओं के नाम जोडने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित करे। प्राप्त कार्यक्रमानुसार मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन 31 जुलाई,2018 को किया जाएगा एवं इसी दिवस से समस्त बीएलओ व्दारा अपने अपने मतदान केन्द्रों पर उपस्थित रहकर 21 अगस्त,2018 तक दावे आपत्ति प्राप्त करने की कार्यवाही करेंगे। प्राप्त आवेदनों का निराकरण 20 सितम्बर,2018 के पूर्व किया जाना है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 27 सितम्बर, 2018 को किया जाएगा। 

लंबित पेंशन प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश 

जिला पेंशन अधिकारी सीहोर ने बताया कि कार्यालय कमिश्नर भोपाल संभाग भोपाल व्दारा जिला सीहोर अंतर्गत विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी चाही गई है। इस सिलसिले में जिले के समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी शीध्र ही जिला पेंशन अधिकारी को प्रेषित करे ताकि निर्धारित समय सीमा में जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित की जा सके।  

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 11 मई

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इस वर्ष पंजीयन शुल्क में वृद्वि नहीं

जिले में अचल सम्पत्तियों के नवीन पंजीयन दरों के शुल्क में कोई वृृद्वि नही की गई है का निर्णय आज कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आयोजित समिति की बैठक में लिया गया। कलेक्टर चेम्बर में हुई उक्त बैठक में विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, वन संरक्षक श्री एससी गुप्ता, एसडीएम श्री रविशंकर राय, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री श्री मिथलेश पांडे तथा वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री पवन कुमार और विभागीय अन्य अधिकारी मौजूद थे। वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री पवन कुमार ने बताया कि विदिशा जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अचल सम्पत्तियों की पंजीयन दरों (रजिस्ट्री) में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नही किया गया है। ऐसे मजरा टोला जो नवीन राजस्व ग्राम घोषित किए गए है। उन सब पर समीपवर्ती ग्रामों के पंजीयन शुल्क दरें मान्य की गई है।

कलेक्टर द्वारा तैयारियों की समीक्षा

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 18 मई को बासौदा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आयोजन के मद्देनजर की जाने वाली तैयारियों की बिन्दुवार समीक्षा की। कलेक्टर श्री सुचारी ने बताया कि आयोजन स्थल पर मुख्यमंत्री जी द्वारा दस करोड़ से अधिक लागत के निर्माण कार्यो का शिलान्यास, लोकार्पण किया जाएगा। इसके अलावा हितग्र्राहीमूलक योजनाआंे से लाभांवित होने वाले हितग्राहियों को सामाग्री प्रदाय की जाएगी।  कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में वन संरक्षक श्री एससी गुप्ता ने बताया कि 15 हजार से अधिक हितग्राहियों को तेंदूपत्ता संग्रह बोनस की राशि दो करोड़ 62 लाख प्रदाय की जाएगी। हितग्राहियों को चरणपादुका, पानी की बाॅटल और अन्य सामग्री प्रदाय की जाएगी। इसी प्रकार हितग्राहीमूलक योजनाकों को क्रियान्वित कराने वाले विभागों के माध्यम से मौके पर हितग्राहियों को लाभांवित कराया जाएगा जिसमें डूडा द्वारा पचास को ई रिक्शा, पिछडा वर्ग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं के तहत तीन हितग्राहियो को टेªक्टर, अन्त्यावसायी के माध्यम से दो हितग्राहियों को एलपीजी बल्क टेंकर, आजीविका मिशन के द्वारा डेढ करोड़ की राशि स्वसहायता समूहों को तथा 313 हितग्राहियों को लाड़ली लक्ष्मी, मत्स्य पालन दो समितियों को अनुदान राशि एवं चार पंचायतो को पट्टे, इसके अलावा श्रम विभाग द्वारा असंगठित श्रमिकों के तहत पंजीकृत हितग्राहियों को मौके पर लाभांवित कराया जाएगा। इसी प्रकार खाद्य विभाग के माध्यम से आठ हजार हितग्राही लाभांवित होंगे।  कलेक्टर श्री सुचारी ने आयोजन स्थल आईटीआई परिसर में विभिन्न विभागों के द्वारा लगाए जाने वाले स्टाॅलों, हितग्राहियों को बैठने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति के अलावा अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार विमर्श किया गया है। ततसंबंध में सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए है।

छात्रावासों के पांच बच्चों का जेईई एडवांस हेतु चयन

आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित आवासीय छात्रावासों में रह रहे अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। इस वर्ष जेईई मैन्स में छात्रावासों के पांच विद्यार्थियों का चयन हुआ है जो जेईई एडवंास की तैयारी के लिए ज्ञानोदय विद्यालय लहारपुर कटारा हिल्स भोपाल जाने से पहले विद्यार्थियों ने कलेक्टर से सौजन्य भेंट की। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने चयनित विद्यार्थियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि कोचिंग में अच्छी तैयारी करें ताकि पांचो बच्चों का चयन देश की प्रख्यात आईआईटी में हो। उन्होंने अध्यापन के कार्यो मंे किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो अविलम्ब जानकारी में लाने की बात कही है। कलेक्टर श्री सुचारी ने पांचो विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामनाएं की है। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक श्री नरेन्द्र अवस्थी ने बताया कि विदिशा विकासखण्ड के पांचो विद्यार्थी विभागीय छात्रावासों में रहकर तैयारी कर रहे थे जिसमें कुमारी पूजा अहिरवार एमएलबी कन्या विद्यालय विदिशा, हिरदेश अहिरवार हायर सेकेण्डरी विद्यालय बरईपुरा, मोहन बाबू अहिरवार उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा, रवि अहिरवार हायर सेकेण्डरी विद्यालय बरईपुरा और हेमन्त अहिरवार उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा में अध्ययनरत है। 

राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत शिविरों का आयोजन

मैन्युअल स्केंवेजर्स के राष्ट्रीय सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत वीडियो कांफ्रेसिंग में दिए गए निर्णयों के परिपालन में विदिशा की सभी जनपदों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है कि जानकारी देते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक श्री नरेन्द्र अवस्थी ने बताया कि 24 मई तक शिविर सम्पन्न होंगे। अब तक विदिशा एवं बासौदा में ततसंबंधी शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। शिविरों में मैन्युअल स्केेंवेजर्स की पहचान की जाएगी तथा सफाई कर्मचारी आंदोजन जो स्वच्छता कर्मचारियों के उत्थान हेतु काम करने वाले गैर सहकारी संगठनों के जिला समन्वयक श्री बृजलाल अहिरवार को भी शिविरों में आमंत्रित किया गया है। इस माह की 14 तारीख को कुरवाई में तथा 17 को सिरोंज और लटेरी का संयुक्त एवं 21 को नटेरन में तथा 24 मई को ग्यारसपुर में ततसंबंधी शिविर का आयोजन किया गया है।

मंडलम एवं सेक्टर अध्यक्षों की नियुक्ति

विदिषाः म.प्र. कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय कमलनाथ जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव श्री दीपक बाबरिया जी की सहमति से नवसृजन मध्यप्रदेष 2018 के तहत् विदिषा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ब्लाक कांग्रेस कमेटी विदिषा शहर, विदिषा ग्रामीण एवं गुलाबगंज के मंडलम एवं सेक्टर अध्यक्षों की सूची जारी की है। सभी नियुक्तियों की सूचना जिला कांग्रेस कमेटी विदिषा द्वारा दी गई । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 11 मई

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भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हर मोर्च पर मुंह तोड जवाब दिया जावेगा - सांसद भूरिया

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झाबुआ । प्रदेश एवं केन्द्र में  बैठी भाजपा सरकार लोक कल्याण की दिशा में असफल रही है । यही कारण हैं, कि इन दोनो सरकारों का जनाधार समय-समय पर कम होता जा रहा है । कंेन्द्रीय तथा मध्यप्रदेश के मंत्रीयों द्वारा अर्नगल या झुठा प्रचार-प्रसार कर  आम लोगों को भ्रमित किया जा रहा हैं।  उक्त आरोप लगाते हुए क्षेत्रिय सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहां कि  हाल ही में प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री बालकृष्ण पाटीदार जो बडवानी के अतिरिक्त मेरे संसदीय जिले अलिराजपुर के प्रभारी मंत्री भी हैं, के इस व्यक्तव्य पर कि किसान तो आत्म हत्या करते रहते हैं, जैसा गैर जिम्मेदारान व्यक्तत्व जारी कर न केवल किसानों को वरन गरीब हाल में अपना भरण पोषण कर रहे किसानों के प्रति उक्त मंत्री के साथ-साथ प्रदेश की भाजपा सरकार भी किसानों हितों की बात एक झुठ का पुलिंदा हैं ।  श्री भुरिया ने कहां कि  भाजपा सरकार ने  किसान संद्य के बैनर तले उन किसानों को  लाभान्वित किया जो भाजपा का राग अलापते सुनाई देते हैं । देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल  बहादूर शास्त्री जी ने  जय जवान, जय किसान का नारा देकर  अपने इस नारे को सार्थक करने की दिशा में अनेकों जन हितेशी योजनाऐं क्रियान्वयन की जिसके कारण न केवल सेना में अपीतु किसानों में भी एक आत्म विश्वास जाग्रत हुआ । आज भाजपा सरकार ने किसान संद्य को संरक्षण देकर देश के दुसरे किसानों को अपने हाल पर छोड दिया हैं, यही कारण् हैं, कि देश एवं प्रदेश में किसानों की आत्म हत्याऐं निरन्तर बडती जा रही हैं, भारतीय जनता पार्टी की इस सरकार के शासनकाल में लाख किसान आत्म हत्याओं का शिकार होकर काल के गाल में समा गये है । किसानों को मिलने वाले ऋण एवं अनुदान की रेबडी भाजपा के लोगों द्वारा बाटी जा रहीं हैं । सचिवालय से जिले में कार्यरत कृषि विभाग के मातहद अधिकारी कर्मचारी भाजपा की  रिती-नीति से  परेशान हैं, तो दुसरी और सहकारी समितियों तथा सहकारी बैंक प्रबंधन की अव्यवस्थाओं से आये दिन किसान परेशान होते हुए दिखाई दे रहें हैं । रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में भी केन्द्र एवं भाजपा शासित राज्य शासन में असुरक्षा की भावना दिन-प्रतिदिन बडती चली जा रहीं हैं । बैतुल के समीप रक्षा जैसे संसाधनों का परिवहन रेल द्वारा किये जाने में भी लापरवाही बरती जा रहीं हैं । यही कारण हैं, कि  हाल ही में बैतुल रेल मार्ग पर बैंगलोर से फेजाबाद जा रहीं मालगाडी में सेना के 04 बडे ट्रक में भ्रषण आग से जल के खाक हो गये । वहीं केन्द्र की भाजपा सरकार की गलत नीतियों का परिणाम जम्मु कश्मीर में सुरक्षा बलों को खामयाजा उठाना पड रहा हैं । भाजपा के कुशासन से  किसनों एवं सैनिकों कर्मचारियों व आम लोगों में जन आक्रोश दिन प्रतिदिन बडता जा रहा हैं । बडती हुए मंहगाई एवं  आम जन जीवन त्रृस्त हो गया हैं, वहीं महिला सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया हैं, आये दिन हत्या, बलात्कार,चोरी, डकैती जैसी वारदात भाजपा शासित राज्यों की पहचान बन गई हैं । मध्यप्रदेश भी इससे अछुता नहीं हैं, और ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का यह बयान कि भाजपा मध्यप्रदेश में अंगद के पैर की तरह जम गया हैं, यह भाजपा का सिर चढकर बोलने वाला घमंन्ड हैं, जिसकों आगामी विधानसभा चुनावों में प्रदेश की जनता निस्तों-नाबुद कर देगी । भाजपा की कथन और करनी को देश व मध्यप्रदेश की जनता पूर्ण रूपेण समझ गई हैं, व अब इनके किसी भी प्रलोभनों में फसने वाली नहीं हैं ।  श्री भूरिया ने कहां कि अब प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक जुट हैं । भाजपा को हर मोर्च पर मुंह तोड जवाब दिया जावेगा ।

जैन सोष्यल ग्रुप द्वारा निःषुल्क प्रदर्षनी का आयोजन 12 एवं 13 को
  • अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार विरेन्द्र मेहरा द्वारा अद्भुत रांगोली का किया जाएगा प्रदर्षन

झाबुआ। जैन सोष्यल ग्रुप झाबुआ द्वारा शहर में पहली बार 3डी आर्ट मोस्टर-रांगोली भव्य प्रदर्षनी एवं प्रषिक्षण षिविर का आयोजन स्थानीय शांति निकेतन भारत रेस्टोरेंट के सभा गृह में किया जा रहा है। निःषुल्क प्रदर्षनी 12 एवं 13 को लगेगी। जिसमें अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार विरेन्द्र मेहरा ‘बिट्टू’ द्वारा अद्भुत एवं अनोखे तरीके से रांगोली बनाने का प्रदर्षन किया जाएगा। बाद प्रषिक्षण षिविर 14 से 20 मई तक चलेंगे। यह जानकारी देते हुए सुनिता बाबेल एवं विधि बाबेल ने बताया कि 12 एवं 13 मई को प्रर्षनी का समय दोपहर 11 से रात्रि 8 बजे तक रहेगा। इस दौरान अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार विरेन्द्र मेहरा, जो ब्रष, पेंसिल एवं केनवास के बिना रांगोली में जान डालते है। उनकी विषेषता यह है कि वह पानी के अंदर एवं पानी की सतह पर भी रांगोली बनाकर दिखाते है। उनकी कला का प्रदर्षन होगा। प्रदर्षनी में सभी को आमंत्रित किया गया है। बाद प्रषिक्षिण षिविर 14 से 20 मई तक प्रातः 8 से रात्रि 7 बजे तक किया जाएगा। षिविर हेतु सुनिता बाबेल एवं विधि बाबेल से संपर्क किया जा सकता है। यह षिविर आजीविका का माध्यम बनने के साथ सभी समाज के लोगों के लिए है।

झाबुआ ने मुझे संयम ग्रहण करने की प्रेरणा दी -ः तपस्वी मुनिराज आदर्ष रत्न सागरजी
  • मुनिराज आदि ठाणा-5 की आगवानी कर शहर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा

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झाबुआ। झाबुआ की भूमि बहुत ही पुण्य एवं उर्वरा भूमि है। इसी शहर से मुझे दीक्षा लेने की प्रेरणा प्राप्त हुई थी और मैने जीवन में सर्वप्रथम जूते-चप्पल पहनने का त्याग इसी तपोभूमि से किया था। मेरे परम् पूज्य गुरूदेव आचार्य नवरत्न सागर सूरीष्वरजी मसा के चरणों में सेवा करके मैने अपने जीवन को धन्य बनाया और आज उन्हीं के दिव्य आषीष एवं कृपा दृष्टि से श्री संघों में जिन शासन की ध्वजा को लहराने का प्रयास कर रहा हूॅ। उक्त उद्गार स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय के समीप श्री राजेन्द्र सूरी त्रिस्तुतिक पोषध शाला में शुक्रवार को दोपहर साढ़े 10 बजे आयोजित आध्यात्म योगी तपस्वी मुनिराज आदर्ष रत्न सागरजी मसा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहींे। इस अवसर पर युवा प्रवचनकार मुनिराज अक्षत रत्न विजयजी मसा ने धर्म सभा में कहा कि देव, गुरू और धर्म में गुरू का महत्व सर्वाधिक है। गुरू देव और धर्म को जोड़ने का मार्ग बताता है। बिना गुरू के सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है। मुनिराज ने आगे बताया कि दुख में हर व्यक्ति परमात्मा को याद करता है, परन्तु वह व्यक्ति जो सुख हो या दुख हो, प्रतिदिन परमात्मा के प्रति पूर्णतः समर्पित भाव से ईष्वर द्वारा बताए गए मार्ग पर चलता है, तो वह सुख-दुख, राग-द्वेष, अच्छी-बुरी परिस्थिति से उठकर अपना जीवन व्यतीत करता है, जो मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ जीवन होता है।

16 मई को महामांगलिक का आयोजन होगा
अक्षत रत्न श्रीजी ने कहा कि आचार्य नवरत्न सागरजी मसा ने पिछले 4 वर्षों पूर्व झाबुआ में महामांगलिक फरमाई थी, तभी से आयोजक परिवार के सभी सदस्य यहां महामांगलिक करने की विनती कर रहे थे और आज यह शुभ योग आया है कि आगामी 16 मई को आध्यात्म योगी तपस्वी मुनिराज जिनको नवरत्न सागरजी मसा की तप-जप क्रिया विरासत में प्राप्त हुई है, उनके मुखारविन्द से महामांगलिक श्रवण करने का लाभ झाबुआ के नागरिकों एवं बाहर से आए श्री संध को प्राप्त होगा।

प्रतिदिन होेंगे प्रवचन
धर्मसभा का संचालन करते हुए श्री भंडारी ने बताया कि झाबुआ नगर के अहोभाग्य से मालव भूषण तप सम्राट आचार्य श्री नवरत्न सागरजी मसा के सुषिष्य आध्यात्म योगी आदर्ष रत्न सागरजी मसा, अक्षतरत्न सागरजी आदि ठाणा-5 का शहर में भव्य मंगल प्रवेष हुआ है। पूज्य मुनिराज 15 मई तक प्रतिदिन प्रातः 9 से 10 बजे तक मंगल प्रवचन देंगे। साथ ही दोपहर एवं रात्रि में भी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन पूज्य मुनि श्रीजी की पावन निश्रा में होंगे। धर्मसभा मंे गुरूवंदन की विधि समाज के वरिष्ठ अषोक कटारिया ने संपन्न करवाई वहीं मुनि श्री आदर्ष रत्न सागरजी मसा ने धर्मसभा के प्रारंभ में मांगलिक फरमाई।

महावीर बाग पर की गई आगवानी
मुनिराज आदर्ष रत्न सागरजी आदि ठाणा-5 का मंगल प्रवेष शुक्रवार को सुबह साढ़े 7 बजे स्थानीय दिलीप गेट स्थित महावीर बाग पर हुआ। यहां मुनि श्रीजी की आगवानी नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार, पीजी काॅलेज जनभागीदारी समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी, श्री संघ सचिव भरत बाबेल, पार्षद नरेन्द्र संघवी, डाॅ. प्रदीप संघवी, जैन सोष्यल ग्रुप के मनोज बाबेल, संतोष प्रधान, भारतीय जैन संगठना के जिलाध्यक्ष अषोक संघवी, संघ के संरक्षक बाबुलाल संघवी, कांतिलाल बाबेल, बाबुलाल कोठारी, मनोहरलाल भंडारी, संजय मेहता, अरविन्द लोढ़ा, नवरत्न परिवार के अर्पित चैधरी, तेरापंथ समाज से ताराचन्द गादिया, स्थानकवासी श्री संघ से विकास कटारिया के साथ लाभार्थी परिवार श्रीमती सुभ्रदा, शंषाक, आरजू संघवी, राजेन्द्र, विपुल, पियूष  जैन, प्रदीप कटारिया, पारस, केयूर आदि द्वारा की गई एवं मुनिराज आदि ठाणा के दर्षन वंदन किए गए। पश्चात् आयोजक परिवारों की ओर से महावीर बाग पर नवकारसी का आयोजन हुआ।

भव्य शोभायात्रा निकाली गई
श्री संघ के युवा रिंकू रूनवाल ने बताया कि सुबह साढ़े 9 बजे महावीर बाग से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। जिसमें आगे बैंड-बाजों पर धार्मिक गीतों की प्रस्तुति दी जा रहीं थी। एक जैसी वेषभूषा में महिला परिषद्, हेमेन्द्र सूरी महिला मंडल एवं तेरापंथ महिला मंडल की श्राविकाएं अपने सिर पर मंगल कलष लेकर चली। आचार्य नवरत्न सागर सूरीष्वरजी मसा के चित्र के समक्ष जगह-जगह समाजजनों एवं गुरूभक्तों द्वारा गहूली की गई। इसके पीछे मुनिराज आदि ठाणा के साथ बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरूष, युवा एवं बच्चें शामिल हुए।

इन मार्गों से निकला सामैया
यह शोभायात्रा शहर के चेतन्य मार्ग, विजय स्तंभ तिराहा, जिला चिकित्सालय मार्ग, फव्वारा चैक, मेन बाजार, थांदला गेट, बाबेल चैराहा, आजाद चैक, नेहरू मार्ग, राजवाड़ा चैक, लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए बावन जिनालय पहुंची। यहां श्री संघ उपाध्यक्ष यषवंत भंडारी, सचिव भरत बाबेल, सह-सचिव अनिल रूनवाल, वरिष्ठ संरक्षक सोहनलाल कोठारी, डाॅ. प्रदीप संघवी, संजय कांठी आदि समाज के प्रमुखजनों ने गहूली कर मसा श्रीजी को अक्षत से वदारकर बावन जिनालय में पधारने की विनती की। साधर्मी भक्ति की व्यवस्था ओएल जैन द्वारा की गई। अंत में प्रभावना पियूष एवं विपुल जैन परिवार की ओर से वितरित की गई।

नृत्य, संगीत, नाटक, चित्रकला में बच्चे हो रहे दक्ष
  • साज रंग संस्था द्वारा विभिन्न विद्याओं का दिया जा रहा निरंतर प्रषिक्षण

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झाबुआ। जिले की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था साज रंग झाबुआ द्वारा नित नए आयाम रचे जा रहे है। इसी क्रम में उक्त संस्था द्वारा स्थानीय थांदला गेट स्थित एकलव्य संस्कृति भवन में रंग संस्कार षिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें छोटे-छोटे बालक-बालिकाएं भरपूर रूचि लेते हुए विभिन्न वि़द्याओं का प्रषिक्षण प्राप्त कर रहे है। यह जानकारी देते हुए संस्था के कार्यकारिणी अध्यक्ष कमलेष पटेल, सचिव दर्षन शुक्ला एवं धर्मेन्द्र मालवीय ने बताया कि षिविर में करीब 100 से अधिक प्रतिभागियों को नृत्य, नाटक, चित्रकला एवं संगीत में दक्ष करने का प्रयास संस्था द्वारा किया जा रहा है। संस्था का यह 25वां अभूतपूर्व आयोजन है। प्रतिदिन बच्चें सुबह जल्दी उठकर एवं तैयार होकर तथा अपने हाथों में पानी की बोतले लेकर अपने अभिभावकों के साथ संस्था की ओर रूख करते है तथा यहां कार्यालय पहुंचकर एकाग्रचित होकर, पूरी लगनता के साथ इन विद्याओं को सीखते है। विद्याओं को सीखने में उनमें अत्यधिक रूचि दिखाई पड़ रहीं है।

ये दे रहे प्रषिक्षण
यह षिविर 7 मई से शुभारंभ पश्चात् प्रारंभ हो चुका है, जो 22 मई तक अनवरत चलेगा। इस दौरान बच्चें प्रतिदिन सुबह 8.30 से 10 बजे विद्याओं में दक्ष हो रहे है। उन्हें प्रषिक्षण संस्था के वरिष्ठ रंगकर्मी भरत व्यास, शैलेन्द्रसिंह राठौर, मुकेष बुंदेला, यग्नेष मालवीय सहित अन्य कलाकारों द्वारा दिया जा रहा है। षिविर की सफलता के लिए संस्था के परामर्षदाता यषवंत भंडारी, मनीष व्यास, उमंग सक्सेना, नीरजसिंह राठौर आदि ने अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की है। षिविर के समापन पर सभी प्रतिभागियों को रोटरी क्लब की ओर से प्रमाण-पत्र एवं मोमेंटों प्रदान किए जाएंगे।

वृद्धावस्था व सामाजिक पेंशन के लिए एक दिन में जुडेगा नाम , लोक सेवा केंद्र पर जमा होंगे आवेदन

 झाबुआ । यदि आप वृद्धावस्था पेंशन या फिर सामाजिक सुरक्षा में नाम जुडवाने के लिए परेशान हो रहे है तो अब कहीं भटकने की जरुरत नही है। सीधे अपने नजदीकी लोकसेवा केंद्र जाकर आवेदन करिए और सभी जरुरी दस्तावेज जमा कर दीजिए। पात्रता हुई तो एक दिन में ही नाम जुड जाएगा। पात्रता नही होने के कारण नाम नही जोडा जा रहा है जो इसका पूरा कारण भी लोक सेवा केंद्र द्वारा आवेदक को बताया जाएगा। इसके अलावा यदि नाम महीने की 22 तारीख के पहले जुड जाता है तो अगले माह से पेंशन भी खाते में आना शुरु हो जाएगी। यह सुविधा समाधान एक दिन तत्काल सेवा के तहत मिलेगीं इसके लिए कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने नगर पालिका और नगर परिषद के सीएमओे और सभी जनपद सीईओ को आदेश जारी कर दिए है। समाधान एक दिन तत्काल सेवा में यह प्रावधान भी है कि यदि एक दिन के भीतर आवेदन का निराकरण नही किया जाता है तो प्राधिकृत अधिकारी पर अर्थदंड एवं अन्य कार्यवाही की जा सकती है। समाधान एक दिन तत्काल सेवा में अन्य मामलों को लेकर जिले में अब तक चार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की भी जा चुकी है।

दस्तावेजों के आधार पर ये होंगे आवेदन के लिए पात्र
वृद्धावस्था पेंशन के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु होने के साथ ही बीपीएल सूची में नाम होना चाहिए। इसके अलावा फोटो, जन्म, निवास प्रमाण पत्र, समग्र आईडी आदि आवेदन के साथ जमा करना होंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्ध, 18 से 59 वर्ष के ऐसे दिव्यांग जिनकी निशक्तता 40 प्रतिशत से अधिक हो, 18 से 39 वर्ष की विधवा महिला जो बीपीएल कार्डधारी हो, 18 से 59 वर्ष की परित्यक्तता बीपीएल कार्डधारी महिला एवं 6 से 18 वर्ष के निशक्त जिनकी निशक्तता 40 प्रतिशत से अधिक एवं बीपीएल सूची में नाम हो।

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण 15 जून तक

झाबुआ । जिले में खेल एवं खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिये ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर 1 मई से 15 जून 2018 तक जिले में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किये जायेंगे। विकासखण्ड झाबुआ में वाॅलीबाल का शिविर रातीतलाई झाबुआ में, बैडमिंटन बहुउद्देशीय खेल परिसर झाबुआ में सायं 5 से 7 बजे तक , कुश्ती जय बजरंग व्यायाम शाला झाबुआ , टेबलटेनिस गोपाल मंदिर परिसर झाबुआ, फुटबाॅल उत्कृष्ट विद्यालय मैदान झाबुआ, कराते ( महिलाओं की आत्मरक्षा हेतु ) बहुउद्देशीय खेल परिसर झाबुआ में, तीरंदाजी बहुउद्देशीय खेल परिसर झाबुआ में, हैण्डबाल रातीतलाई झाबुआ, विकासखंड रानापुर में खो-खो , कबड्डी उत्कृष्ट विद्यालय रानापुर, कराते उत्कृष्ट विद्यालय रानापुर, विकासखंड थांदला में वाॅलीबाल उत्कृष्ट विद्यालय थांदला, टेबल टेनिस उत्कृष्ट विद्यालय थांदला, बैडमिंटन उत्कृष्ट विद्यालय थांदला, कराते बैडमिंटन हाॅल थांदला, कबड्डी माध्यमिक विद्यालय परवलिया में, रामा विकासखंड में कबड्डी उत्कृष्ट विद्यालय रामा, कराते, उत्कृष्ट/कन्या विद्यालय रामा, विकासखंड मेघनगर में कबड्डी खो-खो उत्कृष्ट विघालय मेघनगर में, फुटबाॅल सेंट अरनाल्र्ड स्कूल मेघनगर में, बास्केटबाॅल, सेंट अरनाल्र्ड स्कूल मेघनगर  कराते उत्कृष्ट विद्यालय मेघनगर एथेलेटिक्स, कबड्डी माध्यमिक विद्यालय डुण्डका विकासखंड, पेटलावद में हैण्डबाॅल उत्कृष्ट विद्यालय में, पेटलावद में, कराते सफलता ऐकेडमी पेटलावद में, कबड्डी शासकीय माॅडल स्कूल पेटलावद में, वाॅलीबाल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरवेट, कबड्डी शासकीय हाईस्कूल रेवली, खो-खो शासकीय हाइ्र्रस्कूल कालीघाटी, कबड्डी शासकीय  माध्यमिक विद्यालय करवड, कबड्डी शासकीय हाईस्कूल बोलासा, खो-खो शासकीय हाईस्कूल रायपुरिया में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जायेंगे।

जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर 14 मई को

झाबुआ । जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर ग्राम पंचायत भूतबयडा जनपद पंचायत राणापुर में 14 मई 2018 सोमवार को आयोजित किया जायेगा। शिविर में अधिकारी उपस्थित होकर शासकीय योजनाओं की जानकारी देगें एवं प्राप्त आवेदनों का निराकरण करेगेे।

राजस्थान  के मुदित से होगी वसूली की कार्यवाही
  
झाबुआ । अभिषेक तिवारी, अतिरिक्त तहसीलदार एवं जिला आबकारी अधिकारी जिला झाबुआ द्वारा बताया गया कि श्री मुदित पिता विपिनचंद अग्रवाल निवासी सुनदानी जिला बाॅसवाडा पर झाबुआ जिले की देशी विदेशी मदिरा दुकान समूह की राशि 37175071 रूपये बकाया है। शासन की बकाया राशि की वसूली हेतु श्री मुदित को सूचित किया जाता है कि वह सात दिवस की अवधि मे बकाया राशि जमा करे। अन्यथा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

स्वरोजगार एवं कौशल मेले में युवाओ का पंजीयन किया गया
  • युवा स्वरोजगार स्थापित कर रोजगार दाता बने

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झाबुआ । स्वरोजगार, रोजगार एवं कौशल पंचायत 2018 का आयोजन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार माह जुलाई 2018 में आयोजित किया जाना हैं।इस हेतु युवाओं का चयन करने के लिए झाबुआ जिले में जनपद पंचायतवार रोजगार/स्वरोजगार एवं कौशल मेलों का आयोजन किया जावेगा। स्वरोजगार, रोजगार एवं कौशल (आई.टी.आई.प्रशिक्षण) हेतु इच्छुक हितग्राहियों का पंजीयन किया जावेगा।  आज 11 मई को उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामा में स्वरोजगार एवं कौशल मेले का आयोजन किया गया। मेले मे रोजगार हेतु इच्छुक युवाओ का पंजीयन किया गया। पंजीकृत युवाओं को पात्रता अनुसार रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की जाएगी। मेले मे उपस्थित जनपद अध्यक्ष राधूसिंह भुरिया  ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार बेंरोजगारो को स्वरोजगार से जोडने के लिए प्रयासरत है, आप भी शासन की स्वरोजगार योजनाओं में ऋण सुविधा का लाभ लेकर स्वयं का रोजगार स्थापित करे एवं क्षंेत्र के अन्य बेरोजगारो को भी रोजगार उपलब्ध करवाये। मेले मे महाप्रबंधक उद्योग श्री इश्किया, सहित जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक एवं बडी संख्या मे युवा उपस्थित थे।

अगला स्वरोजगार मेला 14 मई को पेटलावद में,
अगला स्वरोजगार मेला 14 मई को पेटलावद में आयोजित होगा। उसके बाद बुधवार 17 मई को आई.टी.आई. झाबुआ में, बुधवार 23 मई को जनपद पंचायत ,राणापुर में, शनिवार 26 मई को आई.टी.आई. मेघनगर में मेले आयोजित कर युवाओं का पंजीयन किया जाएगा।

भवन किराये पर लेने हेतु निविदा आमंत्रित
  
झाबुआ ।  राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत किशनपुरी क्षेत्र इन्दौर रोड झाबुआ में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किराये के भवन में स्थापित किया जाना है। भवन के निर्धारित मापदंड कार्यालय के सूचना पटल पर देखे जा सकते है। भवन हेतु प्रतिमाह किराया राजस्व विभाग के निर्धारण अनुसार प्रदाय किया जायेगा। इच्छुक भवन मालिक सादे पेपर पर सील बंद लिफाफे मे आवेदन 25 मई 2018 तक सीएमएचओ कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन के साथ भवन संबंधित आवश्यक दस्तावेज, लम्बाई एवं चैडाई क्षेत्रफल एवं लोकेशन संबंधित दस्तावेज अनिवार्य रुप से संलग्न करे। प्राप्त आवेदनों में से भवन का चयन गठित समिति द्वारा स्थल पर पहुंच निरीक्षण उपरांत किया जायेगा।

हजार वार्षिक कमाने वाली कानू अब कमा रही 2 लाख

झाबुआ । जिले के ग्राम सुतरेटी मे रहने वाली कानू तथा उसका पति लालू दोनो खेती करके अपने 4 बच्चों तथा अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। खेती से उन्हे लगभग 50,000 रुपये वार्षिक आय प्राप्त होती थी जिससे केवल उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो पाती थी। बच्चो की पढाई, शादी ब्याह आदि के खर्चों के लिए साहूकारों तथा बनियों से दस प्रतिशत की दर पर ऋण लेना पडता था, जिस कारण वो कर्ज में डूबते जा रहे थे।  इसके पश्चात् म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्राम सुतरेटी में 12 समूह बनाये गये जिसमें से एक समूह से कानू को भी जोडा गया उस समूह का नाम महिलाओं ने लक्ष्मी आजीविका महिला बचत समूह रखा तथा इस समूह की अध्यक्ष कानु को बनाया गया। समूह से जुडने के बाद कानु ने कुल तीन बार में 45,000 का बडा ऋण लिया जिसमे से उन्होने अपने खेत मे सब्जी का उत्पादन प्रारंभ किया साथ ही समूह से ऋण लेकर भैंस खरीदी, कानू आज थांदला जाकर सब्जी एवं दूध बेचने का व्यवसाय कर रही है जिसमें वह प्रतिदिन 400 से 500 रुपये की सब्जी बेच देती है। साथ ही उसके पति दुग्ध विक्रय का कार्य सुबह-शाम थांदला जाकर कर रहे हैं और वह प्रतिदिन 10 लीटर दूध बेचते है और अब तक का उन्होने अपने समूह से 45,000 रुपये उधार लिया तथा ब्याज समेत वापस भी कर दिया है। वर्तमान में कानू के परिवार की आमदनी लगभग 2,80,000 रु. वार्षिक हो रही है। कानू से बात करने पर वह कहती है कि “अगर मै समूह से नही जुडी होती तो कभी इतना आगे नही बढ पाई होती।“ 

पटना : पटना विश्वविद्यालय DSW से मिला छात्रों का प्रतिनिधि मंडल

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  • कुलपति के नाम पत्र सौंपा , सोमवार को कुलपति से होगी वार्ता ।

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) पटना विश्वविद्यालय छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष प्रो. एन के झा से छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल मिला. प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति के नाम एक पत्र भी सौंपा. प्रतिनिधि मंडल ने छुट्टी के बाद लौटे कुलपति से वार्ता का समय भी मांगा. पत्र में  पूसु संयुक्त सचिव आजाद चाँद एंव काॅउसिलर अभिषेक राज पर दर्ज प्राथमिकी 198/18 को वापस कर सपथ ग्रहण करवाने , गलत तरीके से निर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पद से हटा कर कानूनी व अनुशासनात्मक कार्यवायी करने , PAT परीक्षा में  उत्रीण सेल्पफाईनांस मोड के अभ्यर्थीयों के पी.एच.डी कराने में  आ रही बाधाओं को दूर करने , वाणिज्य महाविद्यालय में सेल्फफाईनांस मोड में  बी.काॅम की  पढाई सुर करने के बजाये रेगुलर मोड में  हीं सीटो को दो गुणा करने तथा सभी काॅलेजों  में  सीट बढाने और नये सत्र में  बी.एड एंव एल. एल. बी पाठयक्रमों नामांकन में  आ रही परेशानीयों को दूर करने कि मांग की. गौरतलब है कि वीमेंस स्टडी, एमजेएमसी, आरडी, एमबीए, आदि पाठयक्रों  में  PAT परीक्षा लेने के बाबजूद पी.एम.ओ एंव यूजीसी के पत्र की वजह से पी.एच. डी करवाने पर ग्रहण लगा गया है. डी.एस.डब्लू नें प्रतिनिधि के बातों को सुनी और पत्र लेकर कुलपति से बात करने गये। कुलपति ने इन मांगों पर कार्यवायी कि जानकारी देकर सोमवार को विस्तार पूर्वक बातचीत के लिए प्रतिनिधि मंडल को वार्ता का समय दिया. प्रतिनिधि मंडल में  एआईएसएफ के राज्यसचिव सुशील कुमार, छात्र राजद विश्वविद्यालय अध्यक्ष राहुल राय, एआईडीएसओ के निकोलाई शर्मा, अाईसा  के राज्यअध्यक्ष मोख्तार, छात्र जदयु के शदाब, प्रभात यादव आदि मौजुद थे.

दुमका : झाविमों आदिवासी मोर्चा का जिलास्तरीय सम्मेलन 26 मई को

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन)झारखंड विकास मोर्चा के केन्द्रीय कार्य समिति सदस्य पिन्टु अग्रवाल ने  बताया कि झारखंड विकास मोर्चा केन्द्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी तीन दिवसीय दौरे पर 13 मई  को दुमका पहुंचेंगे। श्री    मरांडी इस दिन दुमका में आदिवासी बहुउद्देश्य उत्थान सहकारी समिति के तत्वावधान में आयोजित   कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसी दिन दोपहर  1 बजे दुमका परिसदन  में झाविमों  दुमका प्रखंड  की बैठक में सम्बोधित करेगे । 14 मई झाविमों  रामगढ़ प्रखंड की बैठक में 11 बजे से तथा जामा प्रखंड की बैठक में दोपहर दो  बजे दोनों बैठक को  सम्बोधित करेगे । 15 मई को मसलिया व रानेशवर प्रखंड में श्री मरांडी बैठक को संबोधित करेंगे।  26 मई को झाविमों आदिवासी मोर्चा के दुमका जिला में  होने वाले सम्मेलन की तैयारी की समीक्षा होगी।  उक्त सम्मेलन में दुमका के 206 पंचायत से आदिवासी मोर्चा के कार्यकर्ता भाग लेंगे ।केन्द्रीय कार्य समिति सदस्य झाविमो पिन्टु अग्रवाल ने उपरोक्त की जानकारी दी। 

दुमका : उपायुक्त ने पदभार ग्रहण कर जिले के विकास में लगे ग्रहण को हटाया।

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  • डॉ लुईस मरांडी,समाज कल्याण मंत्री। बासुकी अगरबत्ती इंटरनेशनल ब्रांड बनेगा। जिला प्रशासन महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर कार्य करेगा।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) इंडोर स्टेडियम दुमका में बासुकी अगरबत्ती ब्रांड की लांचिंग समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी व   सांसद निशिकांत दुबे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया । आजीविका महिला मंडल (SHG) के द्वारा इस अगरबत्ती को बनाया जाएगा । बासुकी अगरबत्ती मंदिर में अर्पित पुष्प एवं बेलपत्र से निर्मित होगा।  महिला सशक्तिकरण की दिशा में जिला प्रशासन की यह जबरदस्त पहल है । महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर  समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका जिला के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है । खुशी की बात है कि जिला प्रशासन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य निरंतर रूप से कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की पूरी टीम की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी। जिला प्रशासन द्वारा निरंतर जिले में नए-नए कार्य किये जा रहे हैं।  उन्होंने कहा  सरकार भी महिला को सशक्त करने के लिए कृतसंकल्पित है।  सरकार की विभिन्न योजनाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में कारगर साबित हो रही है । राज्य सरकार छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देकर लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही है । उन्होंने कहा कि दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने जिस दिन से जिले में उपायुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया है इस जिले में लगे विकास का ग्रहण खत्म हो चुका है । महिलाओं से कहा कि आप को अपने ऊपर गर्व होना चाहिए  सरकार ने आपके हाथ में हुनर देखकर आप को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया है। अब आपके हाथ में हुनर है और हुनरमंद को कोई भी दबा नहीं सकता । उन्होंने कहा कि सरकार ने गांव के लोगों, महिलाओं को कौशल विकास से जोड़कर एक नया हुनर देने का कार्य किया है । गांव का विकास तथा गांव की महिलाएं जब तक सशक्त नहीं होंगी तब तक हमारा राज्य और हमारा देश सशक्त नहीं हो सकता । सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है । पिछले कुछ वर्षों से  सरकार द्वारा विकास की एक नई लंबी लकीर खींची गई है । लोगों को सरकार द्वारा किया गया कार्य दिखने लगा है । सरकार गरीब की चिंता करती है ।राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर विकास की गति को तेज करने का कार्य किया है । उन्होंने कहा कि सांसद श्री निशिकांत दुबे द्वारा भी दुमका  के विकास के लिए निरंतर मदद की गई है और मुझे विश्वास है आगे भी इनके द्वारा हमें सहयोग मिलता रहेगा ।

इस अवसर पर गोड्डा के सांसद श्री निशिकांत दुबे ने कहा कि दुमका जिला में बने मयूराक्षी सिल्क को अब किसी पहचान की जरूरत नही है । उन्होंने कहा कि दुमका जिला जिस तरह से विकास की एक नई किताब लिख रहा है इसके लिए जिला प्रशासन की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है ।उन्होंने कहा कि विकास अगर सच में देखना है तो लोगों को दुमका आना चाहिए । सरकार द्वारा हर क्षेत्र में निरंतर कार्य किए जा रहे । संथाल परगना के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा कि दुमका जिला के विकास के लिए मेरे द्वारा भी कई कार्य किए गए हैं और मैं निरंतर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करता रहूंगा । उन्होंने उपायुक्त मुकेश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि विकास की एक नई लकीर खींचने का कार्य उपायुक्त ने किया है । जब तक महिलाओं को सशक्त नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास सही मायने में नहीं हो सकता। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर के ही विकास की बात की जा सकती है । बहुत जल्द दुमका को और भी कई तोहफे मिलने जा रहे हैं ।रेल का तोहफा भी दुमका को बहुत जल्द मिलेगा विभाग इस क्षेत्र पर लगातार कार्य कर रहा है । उन्होंने कहा कि ईसीएल के जीएम का हेड क्वार्टर दुमका में ही बनेगा ताकि दुमका का सर्वांगीण विकास और भी बेहतर ढंग से हो सके । इसी सत्र में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू होगी ।  नेतरहाट की तर्ज पर स्कूल खोलने का कार्य किया जाएगा । उन्होंने कहा कि बासुकी अगरबत्ती से महिलाओं को जोड़कर जिला प्रशासन ने राज्य के समक्ष एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है । श्रावणी मेले के दौरान यह प्रयोग यहां की महिलाओं को एक बेहतर आमदनी का स्रोत प्रदान करेगा । मुझे विश्वास है बासुकी अगरबत्ती इंटरनेशनल लेवल का ब्रांड बनेगा ।

इस अवसर पर दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि सरकार का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है । जब तक महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होंगी तब तक सही मायने में विकास नहीं हो सकता । जिला प्रशासन निरंतर महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है ।सेंट्रल सिल्क बोर्ड द्वारा 200 अटल मशीन बहुत जल्द प्रशासन को मुहैया करा दिया जाएगा जिस पर मयूराक्षी सिल्क का कार्य और भी तेजी से किया जा सकेगा । महिलाओं को आर्थिक रूप से संबल बनाकर ही विकास की बात की जा सकती है उन्होंने कहा कि बासुकी अगरबत्ती से 300 परिवारों को लाभ पहुंचेगा साथ ही यह प्रयोग पलायन रोकने के लिए भी कारगर साबित होगा । जिला प्रशासन महिलाओं को उनके घर पर ही सशक्त करने का कार्य कर रही है । बाली फुटवेअर से 2500 महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । पिंक आर्मी की पूरी टीम बाली फुटवेअर बनाकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाने का कार्य कर रही है इनके साथ ब्लू आर्मी की टीम बासुकी अगरबत्ती निर्माण का कार्य करेंगी । उन्होंने कहा कि यह सामूहिक प्रयास सरकार के सपनों को पूरा करने का है । श्रावणी मेला के द्वारा बासुकी अगरबत्ती की मांग को पूरा करने के लिए अभी से ही कार्य किये जा रहे हैं । आने वाले समय में सेनेटरी नैपकिन भी यहां की महिलाएं बनाएंगी इस दिशा में भी जिला प्रशासन ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है । इस अवसर पर उप विकास आयुक्त शशि रंजन ने अपने  स्वागत संबोधन में कहा कि बासुकी अगरबत्ती महज एक शुरूआत है । इसे सिर्फ जरमुंडी तक सीमित नही रखा जाएगा । बासुकी अगरबत्ती बहुत जल्द पूरे राज्य में ही नहीं देश पर अपनी सफलता प्राप्त करेगा । जिला प्रशासन की यह पहल महिला को सशक्त करने की दिशा में एक जबरदस्त  प्रयास है ।

जनकपुर-अयोध्या बस सेवा को प्रधानमंत्री ने दिखाई हरी झंडी

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janakpur-ayodhya-bus-service-green-flagमधुबनी/जयनगर (आर्यावर्त डेस्क) 11 मई  : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर विशेष विमान से आज जनकपुर हवाईअड्डा पर उतड़े. उनका स्वागत नेपाल के प्रदेश मुख्यमंत्री लालबाबू राउत एवं रक्षा मंत्री प्रदीप झवाली ने मिथिला संस्कृति के अनुसार किया. वहां से प्रधानमंत्री मां जानकी मंदिर गये. जहां उनका स्वागत नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी ओली ने किया. पहली बार ऐसा हुआ कि मोदी ने अपने नेपाल यात्रा की शुरूआत राजधानी-काठमांडू से न करके मां सीता की जन्मस्थली जनकपुर से की. उन्होंने जानकी मंदिर में विशेष अतिथी के रूप में पूजा-अर्चना भी की. उन्होंने कीर्तन में भाग लेकर मंजीरा भी बजाया. प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के साथ मिलकर जनकपुर-अयोध्या बस सेवा को भी हरी झंडी दिखाई. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल का सम्वन्ध त्रेता युग से है. बाद में बारबीघा मैदान में नागरिक अभिनंदन समारोह में प्रधानमंत्री ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारत-नेपाल के रिश्तों की मजबूती पर जोर दिया. उन्होंने यहां 'जय सिया राम'कहकर अपने भाषण की शुरूआत की. प्रधानमंत्री का 121 किलो का फूल-माला पहनाकर किया गया.

जनकपुर गूंजा मोदी-मोदी के नारों से

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जनकपुर (आर्यावर्त डेस्क) 11 मई  : नेपाल के जनकपुर में शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा को सुनने के लिए सुबह से ही लोगों भी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी. सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किया गया था. रणभूमि मैदान के सभी गेट पर नेपाली पुलिस सघन जांच कर अंदर जाने दे रही थी. महिलाये हो या बच्चे, बूढ़े हो या जवान सभी का उत्साह देखते ही बनते थे. अहले सुबह से ही पांच किलोमीटर से पैदल चलकर लोग रणभूमि मैदान पहुंचे थे. चूंकि सुरक्षा को लेकर जनकपुर शहर से पहले ही चारो तरफ के मार्गो से वाहनों की प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. यहां तक बाइक सवार को भी शहर के अंदर नही जाने दिया जा रहा था. धलकेवर से आयी महिला रामसखी देवी ने बताया कि वे मोदी को देखने कल ही यहां आ गयी थी. सुबह ही तैयार होकर बच्चे के साथ रणभूमि मैदान पहुंच गयी थी. मोदी को देखने व सुनने को बेताब थी. काफी खुश लग रही थी. कपिलेश्वर गांव से आई रामतोड़िया देवी ने बताया कि वे घर से सबेहे ही भाषण सुनने मैदान के लिए निकल गयी थी. मैदान में आकर वे प्रशन्न थी. लखौरी गांव से आये राम सुखित थापा ने कहा कि इंडिया के पीएम का भाषण सुनने को वे बेताब हैं. पहले टीवी पर भाषण सुनते थे. आज प्रत्यक्ष सुनने का मौका मिला. जनकपुर में कड़ी धूप रहने के बाद भी लोग मैदान में भाषण सुनने के लिए डटे हुए थे. शरीर गर्मी से पसीना निकल रहा था. बावजूद लोग भाषण गौर से सुन रहे थे. गर्मी व धूप के प्रवाह किये बिना भीड़ ने मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे. लोगो का जोश देखते ही बन रहा था.

दरभंगा : बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में फुल शर्ट और जूता पहनने पर रोक

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 11 मई :  : बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा दरभंगा में 13 मर्ई को आयोजित की जाएगी. इसके लिए 19 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं. कदाचारमुक्त परीक्षा को लेकर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने संयुक्त आदेश निर्गत किया है. आदेश के तहत परीक्षार्थी चप्पल एवं हाफ शर्ट पहनकर ही परीक्षा में भाग ले सकेंगे. जो परीक्षार्थी फुल शर्ट और जूता पहनकर आएंगे, तो उन्हें परीक्षा केन्द्र व परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. संयुक्त आदेश में केन्द्राधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वे परीक्षा केन्द्र के मुख्य द्वारा को छोड़कर सभी अन्य गेट को बंद कर दें. 150 अभ्यर्थियों पर 1 पदाधिकारी को आॅबजर्बर के रूप में प्रतिनियुक्त की गई है. वहीं जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता मोबीन अली अंसारी और वरीय उपसमाहर्ता सुमन कुमार को सहायक जोनल कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. वहीं 13 मई को धारा 144 लगाने का आदेश दिया गया है. स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन हेतु जिला को छ: जोन में विभक्त कर गस्ती दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. वहीं अनुमंडल पदाधिकारी सदर राकेश कुमार गुप्ता एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार को विधि व्यवस्था का सम्पूर्ण प्रभारी बनाया गया है. वहीं परीक्षा केन्द्र पर जैमर के अतिरिक्त अभ्यार्थियों के पहचान हेतु बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था की गई है.

दरभंगा : दो वाहन की टक्कर में एक की मौत तीन घायल

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 11 मई  : सदर थाना क्षेत्र के दोनार-सोनकी रोड में धोईघाट के निकट बीती देर रात एक कार को अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी. इस दुर्घटना में एक की मौत मौके पर ही हो गई और तीन अन्य घायल हो गये. दरभंगा-बेनीपुर मुख्य पथ पर हुए दुर्घटना में एक घायल का ईलाज एक स्थानीय अस्पताल में चल रहा है. वहीं दो को पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. दुर्घटना के संबंध में बताया जाता है कि दो वाहनों की तेज टक्कर हुई जिसकी आवाज दूर तक सुनाई दी. कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने कार से शराब की बोतल बरामद की है. मृतक की पहचान सुधांशु कुमार के रूप में हुई है.

सुषमा स्वराज ने आंग सान सू की से मुलाकात की

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नेपेडा, 11 मई, भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की और द्विपक्षीय हितों के मुद्दे पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, "दोनों नेताओं के बीच चर्चा विभिन्न क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही।"विदेशमंत्री सुषमा स्वराज यहां गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं और म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंत से उन्होंने मुलाकात की। यह दौरा भारत और म्यांमार के बीच चल रही उच्चस्तरीय बातचीत का हिस्सा है। भारत म्यांमार का एक महत्वपूर्ण विकास सहायता साझेदार है और म्यांमार में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। इसमें म्यांमार में सिट्वी बंदरगाह से मिजोरम को जोड़ने वाली एक परिवहन परियोजना, म्यांमार और भारत व थाईलैंड को जोड़ने वाले एक त्रिपक्षीय राजमार्ग संपर्क और रि-टिडिम मार्ग शामिल हैं।

महाभियोग मामले में याचिका वापस लेना सही निर्णय : सिंघवी

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नई दिल्ली, 11 मई, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को उनकी पार्टी द्वारा वापस लेने के निर्णय की सराहना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "सर्वोच्च न्यायालय में कांग्रेस सांसदों के साथ महाभियोग मामले को आगे नहीं बढ़ाने का कांग्रेस का फैसला अच्छा और बुद्धिमत्ता भरा है।"अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए गठित संवैधानिक पीठ के बारे में दिए प्रशासनिक आदेश की जानकारी देने से मना करने के बाद आठ मई को कांग्रेस के दो सांसदों ने वेंकैया नायडू द्वारा न्यायमूर्ति मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस को खारिज करने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका वापस ले ली थी। राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी याज्ञनिक ने सर्वोच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि नायडू द्वारा महाभियोग प्रस्ताव को खारिज करना राजनीति से प्रेरित था।
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