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SBI असोसिएट बैंकों को मिलाने की तैयारी कर रहा है

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देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपने पांच असोसिएट बैंकों को मिलाने के साथ बैंकिंग इंडस्ट्री में कंसॉलिडेशन की शुरुआत करेगा। बैंक का मानना है कि दो दशक पहले के चीन की तरह भारत जोरदार इकनॉमिक ग्रोथ के मुहाने पर है और ऐसे मोड़ पर वह इकॉनमी की फंडिंग करने की तैयारी कर रहा है।

असोसिएट बैंकों को मिलाने से एसबीआई का असेट बेस बढ़कर 21.90 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। एसबीआई के पास इस वक्त 15,143 शाखाएं हैं और असोसिएट बैंकों को मिलाने से इसमें 5,658 ब्रांचेज का इजाफा होगा। एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने  कहा, 'इसके लिए समय बेहद माकूल है। जब मैंने काम संभाला तो एसबीआई में ही कई दिक्कतें थीं। अगर किसी को कुछ करना हो तो पहले तो मदरशिप पर ध्यान देना होगा। मदरशिप की हालत बेहतर हो जाए तो आप दूसरे मोर्चों पर निगाह डाल सकते हैं।'

भट्टाचार्य ने पिछली सरकार के बनाए कई कानूनों में बदलाव की वकालत भी की, जिनमें लैंड ऐक्विजिशन ऐक्ट और कंपनीज ऐक्ट शामिल हैं। बैंकिंग सेक्टर के लिए 50 अरब डॉलर की नई पूंजी की जरूरत के एक अहम मुद्दे पर भट्टाचार्य ने कहा कि इस रकम की जरूरत पिछले पांच वर्षों से महसूस की जा रही है। इकॉनमी की हालत सुधरने के साथ इस सेक्टर की प्रॉफिटेबिलिटी बेहतर होगी और इससे कैपिटल में इजाफा होगा।

ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, भारतीय बैंकिंग उद्योग का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 185 अरब डॉलर है, जबकि चीन के सबसे बड़े बैंक आईसीबीसी की वैल्यू 217 अरब डॉलर। भट्टाचार्य ने कहा, 'दुनिया के टॉप 10 बैंकों में 3 चीन के हैं। इसकी वजह यह है कि चीन की इकॉनमी बढ़ी और उसे क्रेडिट देने के लिए बैंकों को भी कारोबार बढ़ाना पड़ा। ऐसा ही इंडिया में होगा, अगर इकॉनमी मजबूत हो। यहां बड़े बैंकों की जरूरत पड़ेगी। खुद अपना कारोबार बढ़ाकर ऐसा कर पाना बेहद मुश्किल है, लिहाजा दूसरे बैंकों को अपने साथ मिलाना ही संभवत: सबसे अच्छा तरीका है।'

स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर एसबीआई के असोसिएट बैंक हैं। इनको मिलाना एसबीआई के लिए आसान नहीं होगा। पिछले एक दशक में बड़ी कोशिश के बाद वह स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और स्टेट बैंक ऑफ इंदौर को ही मिला सका। हालांकि भट्टाचार्य ने कहा, 'अब हम एक जैसे टेक्नॉलजी प्लेटफॉर्म पर हैं। हमारी नीतियां भी लगभग समान हैं। सिर्फ एचआर प्रैक्टिस एक जैसी नहीं है। मेरा मानना है कि मर्जर में इसी पहलू से सबसे ज्यादा दिक्कत आती है।'


पाक, चीन के कब्जे वाली भारतीय भूमि वापस लाए मोदी : मुलायम

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mulayam in parliament
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को केंद्र सरकार से चीन और पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय हिस्से को वापस लाने की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत से संसद को अवगत कराएं। मुलायम ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा, "मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर आप चीन और पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद भारतीय हिस्से को वापस लाते हैं तो हम आपको समर्थन देंगे। आप कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाले) को कब भारत में शामिल कराएंगे? क्या नवाज शरीफ के दौरे के दौरान आपने उनसे इस पर चर्चा की।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख ने कहा, "प्रधानमंत्री को संसद को यह बताना चाहिए कि उन्होंने नवाज के साथ क्या बात की थी।"मुलायम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्वाचित सदस्यों पर घमंड दिखाने का आरोप लगाया और कहा, "हमने 1971 और 1984 का जनादेश देखा है। मत भूलिए कि 1977 और 1989 में क्या हुआ था।"

इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस ने 1971 में 353 सीटें जीती थी, और आपातकाल के बाद 1977 में यह आंकड़ा 189 पर सिमट गया था, इंदिरा को भी रायबरेली सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था।  इंदिरा की हत्या के बाद 1984 के चुनाव में कांग्रेस को राजीव गांधी के नेतृत्व में 414 सीटें मिली थीं, हालांकि, 1989 में वी.पी.सिंह के नेतृत्व में गैर कंग्रेसी गठबंधन सरकार बनी थी।  मुलायम ने कहा कि सरकार को मंहगाई कम करने और बेरोजगारी से निपटने के लिए समयबद्धता की बात करनी चाहिए।

अमेरिकी अदालत ने सोनिया के खिलाफ दर्ज याचिका खारिज की

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sonia gandhi
अमेरिका के ब्रुकलीन स्थित संघीय अदालत ने एक सिख संगठन की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने 1984 के सिख दंगा मामले में नेताओं को कथित रूप से संरक्षण देने पर सोनिया के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। जिला न्यायाधीश ब्रायन एम.कोगन ने सोमवार को एसएफजे की ओर से दायर याचिका को अधिकार क्षेत्र से बाहर होने और दावे को साबित करने में नाकाम रहने के आधार पर खारिज कर दिया। लेकिन न्यायाधीश ने सोनिया की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें एसएफजे को आगे किसी तरह की कानूनी कदम उठाने से रोकने की बात कही गई थी। 

उन्होंने कहा, "अभियोजन पक्ष के एलियन टार्ट स्टेच्युट (एटीएस) के अंतर्गत किए गए दावे को अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की वजह से खारिज किया जाता है, क्योंकि यह सर्वोच्च न्यायालय के कायोबेल वी.रॉयल डच पेट्रोलियम कॉर्पोरोशन को लेकर दिए गए फैसले के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित है।"

अमेरिका के संघीय कानून में एटीएस को 1789 में शामिल किया गया था, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन पर गैर अमेरिकी नागरिक को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया गया है। एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह ने कहा कि संस्था को कानूनी कदम उठाने से नहीं रोके जाने पर यह सोनिया के खिलाफ अमेरिकी अदालत में फिर याचिका दायर करेगा।

जीत का अहंकार नहीं आना चाहिए : विपक्ष

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विपक्षी दलों ने आज (बुधवार) कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इन चुनावों में जैसा समर्थन मिला है, वैसा समर्थन पिछले 30 साल में किसी दल को नहीं मिला, लेकिन इसके चलते उसे किसी तरह का अहंकार नहीं करना चाहिए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए वाईएसआर कांग्रेस के राजमोहन रेड्डी ने कहा कि नई सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाये और जनता को राहत प्रदान करे।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक परियोजनाएं रुकी पड़ी हैं, कई परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। सार्वजनिक निजी साझेदारी वाली परियोजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। विकास का पहिया रुका हुआ है। इसलिए समय की मांग है कि समानता के साथ विकास को आगे बढ़ाया जाए। राकांपा के तारिक अनवर ने कहा कि जनादेश भाजपा और राजग के पक्ष में आया है, हम इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन कल से सत्तापक्ष की ओर से जो बातें कही गई है, उसमें अहंकार की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए राजीव प्रताप रूडी ने जो बातें कहीं, वह अपेक्षित नहीं थीं, जबकि रामविलास पासवान कुछ समय पहले तक भाजपा के बारे में जो बातें कहते थे, उसके बारे में उनकी धारणा अचानक बदल गई।

अनवर ने कहा कि भाजपा ने जनता से 60 महीने मांगे थे। उसे 60 महीने मिल गए। पूर्ण बहुमत प्राप्त हो गया। अब कोई बहाना नहीं चल सकता। भाजपा और मंत्रियों के अच्छे दिन आ गए हैं। देश की जनता के अच्छे दिन कब आयेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा के लिए 282 सीट जीतने वाली भाजपा का इस सदन के लिए एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है।

सुषमा ने महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष से समर्थन मांगा

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sushma swaraj in parliament
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि 16वीं लोकसभा के दौरान लंबित पड़े महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया जाना चाहिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा, "कई पार्टियों ने महिला सशक्तिकरण की बात की है, लेकिन हमने गुजरात को महिला मुख्यमंत्री देकर इसकी दिशा में थोड़ा प्रयास किया है। हमारे मंत्रिमंडल में 25 फीसदी महिलाएं हैं और लोकसभा अध्यक्ष भी महिला हैं।"

संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने पर सभी सदस्यों से समर्थन करने की अपील करने के बाद सुषमा ने लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेते हुए कहा, "मैं आपसे अपील करती हूं कि जब हम महिला आरक्षण विधेयक पेश करें, तो आप समर्थन दें, जैसा कि आपके पेश करने पर हमने किया था।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार राज्य विधानसभा व संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले 15वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में भी महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हो पाया। इस विधेयक के अंतर्गत संसद व राज्य विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात है। 

लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग ही सेनाप्रमुख रहेंगे : जेटली

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arun jaitley in parliament
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की सेनाप्रमुख के रूप में नियुक्ति अंतिम निर्णय है और इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति न करने का आग्रह किया। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा द्वारा पूर्व सेनाप्रमुख व भाजपा मंत्री वी.के.सिंह के ट्विट का हवाला देते हुए इस मुद्दे को उठाए जाने व उनके इस्तीफे की मांग किए जाने पर जवाब देते हुए जेटली ने यह बात कही। जेटली ने राज्यसभा में कहा, "हमें सेना की नियुक्ति को राजनीति से दूर रखना चाहिए। जहां तक सरकार का सवाल है, सेनाप्रमुख की नियुक्ति अंतिम फैसला है।"

शर्मा ने सवालिया लहजे में कहा कि जब रक्षा मंत्री का प्रभार लेने के बाद जेटली नियुक्ति को अंतिम बता चुके हैं तो फिर पूर्व सेनाप्रमुख क्यों बार-बार बयान दे रहे हैं और ट्विट कर रहे हैं। शर्मा ने कहा, "वी.के.सिंह का लगातार ट्विट और बयान अस्वीकार्य और बेहद आपत्तिजनक है। वह सेना का मनोबल गिरा रहे हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए।"यह मसला कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह ने लोकसभा में उठाया, उन्होंने कहा कि वी.के.सिंह का बयान सेना के लिए अपमानजनक है। 

अमरिंदर ने कहा, "ट्विट में उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा बेहद अपमानजनक है। सरकार ने एक सेना अध्यक्ष का चुनाव किया है, उन्हें अपराधी और उनके अधीन काम करने वालों को डकैत कहना अपमानजनक है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर ध्यान देगी और वह मंत्री को बर्खास्त करेगी।"गौरतलब है कि वी.के.सिंह ने ट्विटर पर लिखा था, "अगर सेना की इकाई निर्दोषों को मारती है, लूटपाट करती है और संस्था के प्रमुख उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं, तो क्या उसे दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए? अपराधियों को क्या मुक्त छोड़ देना चाहिए।"

जनरल वी.के.सिंह ने लेफ्टिेनेंट सुहाग पर असम के खुफिया अभियान में संलिप्तता को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था। जनरल बिक्रम सिंह ने सेनाप्रमुख का पदभार मई 2012 में ग्रहण करने के बाद यह प्रतिबंध हटा दिया था। अब जनरल सुहाग, जनरल बिक्रम सिंह का स्थान लेंगे। रक्षा मंत्रालय ने महीने के प्रारंभ में लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने की पदोन्नति से जुड़ा हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि सुहाग पर अनुशासनात्मक प्रतिबंध लगाए जाने के लिए की गई कथित भूल पूर्वनियोजित और अवैध थी।

जेटली ने रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करने के फौरन बाद कहा था कि नए सेनाप्रमुख की नियुक्ति का फैसला अंतिम है और इसको लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री ने मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा है कि सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा भेजे जाने से पहले उन्हें क्यों नहीं दिखाया गया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (11 जून)

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भाजपाईयो को रास नही आ रही सत्ता-आपस में ही भिड़ रहें औंर ईधर कांग्रेस हो रही एकजुट ?
  • जिले की राजनैतिक एवं प्रषासनिक हलचल

jhabua map
झाबुआ---- कहने वाले कहते हैं कि सत्ता हर किसी को रास नही आती औंर जब सत्ता रास नही आती हैं तो वह सिर चढ़कर बोलती हैं। ऐसा ही कुछ नजारा इन दिनो जिला मुख्यालय पर औंर जिले में सत्तासीन भाजपाईओ के अंदर देखने को मिल रहा हैं। सत्ता के चलतें जो विकृतियां कांग्रेस के अंदर 60 साल के एक लंबे अंतराल के बाद आई वे सारी बुराईयां भाजपा की 10 साल की सत्ता के चलतें जिले के भाजपाईयों में प्रवेष कर गई हैं। सत्ता के नषे में चूर भाजपाई आपस में ही भिड़ते हुए नजर आ रहे, जिले में एक अघोशित नेता जो अपने आपको बहुत बड़ा साहकारी नेता मानता हैं, को लेकर भाजपा संगठन से जुड़े एक समर्पित दाढ़ी वाले कार्यकर्ता ने विगत दिवस एक साहकारी संस्था में जाकर जमकर सहकारी नेता की लू उतारने का प्रयास किया। जब दाढ़ी वाला नेता साहकारी नेता की लू उतार रहा था तब सहकारी नेता वहां से गायब था। यदि समर्पित दाढ़ी वाले नेता की उपस्थिति में घटनास्थल पर साहकारी नेता आ जाता तो षायद बात तु-तु, मैं-मैं से पहुचकर हाथापाई की प्रबल संभावनाएं थी। भगवान का खैर मानो की उक्त सहकारिता नेता उस समय वहां नही पहुचा अन्यथा औंर ज्यादा जग हंसाई होती ? तो दूसरी ओर सत्ता का नषा वास्तव में असली नषे से भी ज्यादा होता हैं औंर इसका असर भाजपाईयांे के अंदर अब देखने को मिला हैं, कि सत्ते के नषे में चूर अब अधिकांष भाजपाई असली नषे के व्यवसाय में जुड़ते हुए नजर आ रहें। उनको ऐसा लग रहा हैं कि सत्ता एवं संगठन के बल से इस  नषा व्यवसाय से जुड़ने पर रातोरात करोड़पति, अरबपति बन जायेंगे, किंतु ये यह भूल जाते हैं कि यह भाजपा संगठन हैं जिस तरह वह कार्यकर्ता को सिर पर चढ़ाती हैं वेैसे वह उन्हे नीचे भी उतारती हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण हमारे सामने हैं। पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष पवेसिंह पारगी को जिस कदर भाजपा संगठन ने सिरमौर बनाया था औंर जिस तरह उन्होने गलत राह पकड़कर भाजपा संगठन से  उपर मानने का जो अपने अंदर गरूर पाल लिया था, उसके चलते जो उनका हश्र में हुआ हैं सर्वविदित हैं। कहने वाले यह भी कहते हैं कि संगठन के कुछ सूत्र धार बने हुए वर्तमान मुखियाओ ने अपनी ही लाबी से जतुड़े अपने ही समर्थको को जब यह सिख दी कि तुम नषे के व्यवसाय से दूर रहों,इससे संगठन औंर भाजपा सरकार की बदनामी हो सकती हैं। जिस व्यक्तिम को यह सिख दी जा रही थी उसने भी पलटवार करते हुए सिख देने वाले संगइन के सूत्रधारो को कहा कि पहले अपनो चेहरा आयने में देखकर आओ कि हम क्या कर रहे हैं। बात एक ही लाबी के समर्थको की यसही नही समाप्त हो रही हैं।  उसी लाबी के कुछ समर्थको ने अपने आपको प्रादेषिक नेतृत्व के सामने पाक साफ अपना दामन दिखाने के लिए प्रादेषिक नेता से लगाकर सत्ता के मुखिया तक आगे चलकर यह पैगाम पहुचाया दिया कि जिले के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के नातेदार, रिष्तेदार समर्थक कांग्रेस की तर्ज पर षराबमाफियाओ की तर्ज पर दौड़ते हुए नजर आ रहे  औंर इस कारोबार में पुलिस का भी सहयोग ले रहें ? खैर एक ही लाबी से जुड़े ये कार्यकर्ता जिस प्रकार यादवी संघर्श आपस में कर रहे हैं, जिसके चलते राजनैतिक समीक्षको का मानना हैं कि की उक्त समर्थक गुट में कभी भी लंबी दरार पड़ सकती हैं औंर इस दरार के चलतें ये अलग-अलग हो सकते हैं तो राजनीतिक समीक्षको का यह भी मानना हैं कि यह नूरा लड़ाई लड़कर अपने ही दल के अपने प्रतिद्वंद्वी गुट को उपर तक षिकायत करने का मौका न देकर प्रादेषिक नेतृत्व में अपना ही वर्चस्व बरकरार रखने की रणनीति मात्र हैं। भाजपाईयों के सामने विधानसभा, लोकसभा चुनाव के पश्चात् एक बार औंर राजनीतिक चुनौति पर खरा उतरने की चुनौति पेष हो गई हैं। झाबुआ जिले की दो विधानसभाओ में पेटलावद और झाबुआ का जिला पंचायत सदस्यो के हो रहे उपचुनावो में सबसे बड़ी चुनौति भाजपा के लिए यह हैं कि यह दोनो सींटे भाजपा के कब्जे वाली रही हैं औंर भाजपा का कब्जा इन सींटो पर बरकरार रखना उनके लिए बड़ी चुनौति। तो दूसरी ओर कांग्रेस हर स्तर पर दोनो सींटो पर भाजपा से यें सींटे छिनकर अपना वजूद सिद्ध करने की जुगत में नजर में आ रही हैं। राजनैतिक समीक्षको का मानना हैं कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जिले की 3 विधानसभा सींटो में से 2 पर थांदला एवं पेटलावद में भाजपा ने कागे्रस प्रत्याषी से बढ़ते प्राप्त की थी। किंतु जिला मुख्यालय की विधानसभा क्षैत्र झाबुआ में कांग्रेस ने बढ़ते बढ़ाते हुए साढे़ सात हजार की लीड लेते हुए भाजपा को पीछे छोड़ दिया था औंर जिन क्षैत्रो में भाजपा कांग्रेस से पिछड़ी हैं, वह अधिकांष क्षैत्र जिला पंचायत के सदस्य के उप चुनाव में हो रहा हैं उस चुनाव क्षैत्र मे ही आता हैं, इसलिए कांग्रेस की चुनौति को भी हल्के-फुल्के में नही लेना चाहिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के पश्चात् जहां कांग्रेस नीचे से उपर तक एकजुटता का प्रदर्षन कर अपना प्रदर्षन कर रही हैं। इस बड़ी पराजय के बाद राजनैतिक समीक्षको का मानना हैं कि कांग्रेस के जिला स्तरीय नेतृत्व में परिवर्तन होगा औंर इस परिवर्तन की हलचल कांग्रेस के अंदर चल भी रही हैं। कांग्रेस सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार 15-20 के अंतराल में जिला कांग्रेस में नये अध्यक्ष के रूप  में झाबुआ के पूर्व कांग्रेस विधायक जेवियर  मेड़ा की ताजपोषी हो सकती हैं। औंर इस प्रकार की चर्चा कांग्रेसजनो में भी नीचे से उपर तक चल रही हैं। यदि ऐसा हो जाता हैं तो वर्तमान कांग्रेस के छत्रपो के लिए बहुत बड़ा झटका माना जायेगा ? लोकसभा में बड़ी पराजय के बाद कांग्रेस के छत्रप पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने पुनः धरती पर चलना सिख लिया हैं। अब वे संसदीय क्षेत्र ेक कांग्रेस जनो के आंदोलनो एवं कार्यक्रमो में पहुचकर भाजपा सरकार के खिलाफ ज्ञापन देते हुए नजर आ रहें।

बिहार के लखीसराय में मिनी बस-ट्रक में टक्कर, 12 की मौत

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बिहार के लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र में बुधवार को एक मिनी बस और ट्रक के बीच टक्कर में 12 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 10 घायल हो गए। घायलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पुलिस के अनुसार दोपहर यात्रियों से भरी एक मिनी बस जमुई जिले के सिकंदरा क्षेत्र से शेखपुरा जा रही थी तभी महथरप गांव के समीप विपरीत दिशा से आ रही एक ट्रक से टकरा गई। इस घटना में बस पर सवार आठ यात्रियों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई है जबकि कम से कम 20 लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल जमुई के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान चार लोगों की मौत हो गई। 

लखीसराय के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सभी घायलों का इलाज जमुई के सदर अस्पताल में कराया जा रहा है, जहां चार की हालत अभी भी चिन्ताजनक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मिनी बस में करीब 20-25 लोग सवार थे। हलसी थाना पुलिस राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटना के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंच गई और सभी घायलों को जमुई सदर अस्पताल भेजा गया। घटना के बाद ट्रक चालक फरार बताया जा रहा है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले तेज करेगी

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terror attack in pakistan
पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई हमले में तेजी लाने का बुधवार को निर्णय लिया। डॉन ऑनलाइन की रपट के अनुसार, सेना प्रमुख राहील शरीफ ने रावलपिंडी स्थित जनरल हेडक्वोर्टर्स में फॉर्मेशन कमांडर्स की बुधवार को एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देश में आतंकवादियों को ढूंढ़ा जाएगा और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए सेना ने खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने का संकल्प लिया। अर्धवार्षिक इस बैठक में सभी कॉर्प्स कमांडरों और फॉर्मेशन कमांडरों ने हिस्सा लिया। 

BSNL का अनलिमिटेड डेटा प्लान लांच

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सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने आज उत्तर क्षेत्र के पोस्टपेड ग्राहकों के लिए दो अनलिमिटेड डेटा प्लान आज शुरू किए। कंपनी के बयान में कहा गया है कि इन प्लान को देश भर में पेश किया जाएगा।

फिलहाल ये प्लान हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचलप्रदेश, राजस्थान तथा जम्मू कश्मीर में उसके जीएसएम मोबाइल पोस्टपेड ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।

इन प्लान में ग्राहक को 240 व 340 रपये मासिक के शुल्क पर अनलिमिटेड डेटा इस्तेमाल की अनुमति होगी। हालांकि इन पैक में एक जीबी तथा 2जीबी डेटा इस्तेमाल के बाद स्पीड 80 केबीपीएस रह जाएगी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (11 जून)

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बैंकर्स हितग्राहीमूलक योजनाओं में 20 तक वित्त पोषण करें-कलेक्टर
  • अब नो-डयूज की जगह शपथ पत्र मान्य 

कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा की अध्यक्षता में आज डीएलसीसी की बैठक सम्पन्न हुई। उन्होंने बैंकर्स प्रतिनिधियों से कहा कि जिन हितग्राहीमूलक योजनाओं में स्वीकृृतियां प्रदान की गई है। उन प्रकरणों में 20 जून तक वित्त पोषण कराना सुनिश्चित करें। तय अवधि में वित्त पोषण नही करने वाले बैंकर्सो के खिलाफ कठोर कार्यवाहीयुक्त पत्र उनके रीजनल कार्यालय को पे्रषित किया जायेगा। जिसमें इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख होगा कि अमूक बैंक द्वारा हितग्राहीमूलक योजना के प्रकरण में स्वीकृृति देने के उपरांत भी वित्त पोषण करने में कोताही बरती जा रही है वही हितग्राहियों को बार-बार बैंक बुलाकर एवं उसे परेशान कर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के हितग्राहियों का शोषण किया जा रहा है। जो कतिपय उचित नही है।कलेक्टर श्री ओझा ने बैंकर्स प्रतिनिधियों से कहा कि वे मानवीय दृृष्टिकोण अपनाते हुए शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं के अधिक से अधिक प्रकरणों में वित्त पोषण करें। खासकर मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के वित्त पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि जिन प्रकरणों में वसूली संबंधी आरआरसी जारी हुई है उन प्रकरणों के संबंध में स्थानीय तहसीलदार से सम्पर्क कर वसूली कार्यो को सम्पादित कराएं। लीड़ बैंक आफीसर श्री उमेश गुप्ता ने इस अवसर पर बैंकर्स प्रतिनिधियों को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा कि बैंक द्वारा जिन प्रकरणांे स्वीकृृति प्रदाय की गई है उन प्रकरणों में वित्त पोषण करना अनिवार्य है ऐसे प्रकरण जिनमें स्वीकृृति के पूर्व आवश्यक कार्यवाही की जानी है तो उसकी अविलम्ब पूर्ति कराई जाए। उन्होंने आरबीआई के जारी दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए समय सीमा में वित्त पोषण नही कराने वाले बैंकर्सो के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। 

शपथ पत्र मान्य
बैठक मेें आरबीआई के नवीन दिशा निर्देशों की भी जानकारी दी गई जिसके तहत अब हितग्राहियों को विभिन्न बैंको से नो-डयूज लेने की आवश्यकता नही है। हितग्राहियों द्वारा दिया जाने वाला शपथ पत्र मान्य किया गया है। अतः बैंकर्स नो-डयूज की जगह शपथ पत्र को मान्य करते हुए योजना अंतर्गत हितग्राहियों को वित्त पोषण करें। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह, नाबार्ड बैंक के प्रतिनिधि के अलावा विभिन्न बैंको के प्रतिनिधिगण और विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

मानोरा मेला की तैयारियों का जायजा

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मानोरा मेला की तैयारियों के परिपेक्ष्य में आज बुधवार को कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। मानोरा में सम्पन्न हुई इस बैठक में बासौदा विधायक श्री निशंक जैन, ग्यारसपुर जनपद अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा के अलावा पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, ग्यारसपुर एसडीएम श्री मनोज कुमार वर्मा, जनपद सीईओ सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि मानोरा मेला में शामिल होने वाले श्रद्धालुगणों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े इसके लिए पूर्व में ही तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। उन्होंने मंदिर परिसर में आवागमन सुव्यवस्थित रूप से जारी रहे इसके लिए श्रद्वालुओं के आने और जाने के मार्ग अलग-अलग पूर्व वर्षो की भांति करने के निर्देश दिए।कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि ग्रीष्मकाल को ध्यानगत रखते हुए श्रद्वालुओं के लिए पेयजल आपूर्ति हेतु जगह-जगह व्यवस्थाएं की जाए। उन्होंने क्षेत्र के सभी हेण्डपंप क्रियाशील रहे के प्रबंध सुनिश्चित करने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। मेला समिति की मांग पर कलेक्टर श्री ओझा ने बस स्टेण्ड के समीप नवीन हेण्ड पंप खनन कराने की मांग की। इसी प्र्रकार मेला परिसर में तीनो दिन साफ सफाई बेहतर रहे के लिए कर्मचारियों की ड््यूटी पाॅलियों में लगाई जाए। कलेक्टर श्री ओझा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि मेला परिसर में विशेष स्वास्थ्य उपचार केम्प लगाया जाए के अलावा एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएं। उन्होंने मानोरा को जोड़ने वाली सड़के समयवाधि में ठीक कराने के निर्देश संबंधित विभागांे के अधिकारियों को दिए। इसी प्रकार उन्होंने मेला परिसर में बिजली की सतत आपूर्ति बनी रहे के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश ऊर्जा विभाग के अधिकारी को दिए।पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने मेला अवधि में बरती जाने वाली सुरक्षा को ध्यानगत रखते हुए किए जाने वाले प्रबंधों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश संबंधितों को दिए। उन्होंने कहा कि मेला अवधि में आने वाले श्रद्धालुओं को यातायात में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए। ग्यारसपुर तरफ से आने वाले श्रद्धालुगणों के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था उसी तरफ की जाए इसी प्रकार विदिशा की तरफ से आने वाले वाहनों की पार्किंग व्यवस्था के लिए चिन्हित किए गए स्थलों पर ही की जाए। उन्होंने मेला परिसर में बनाई जाने वाली अस्थायी पुलिस चैकी के समीप ही फायर बिग्रेड रखवाने की निर्देश भी दिए। 

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। ततसंबंधी कार्यक्रम विदिशा जनपद पंचायत के सभागार कक्ष में दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है। उक्त कार्यक्रम में बाल श्रम को रोकने के लिए कानून में किए गए प्रावधानों की भी जानकारी न्यायाधीशगणों द्वारा दी जायेगी।

जमीनी विवादों के निराकरण की पहल

कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा के द्वारा जमीनी संबंधी प्राप्त शिकायतों के समाधान हेतु प्रत्येक बुधवार को राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर विवादों का हल किया जा रहा है। आज विदिशा तहसीलदार और थाना देहात प्रभारी ने संयुक्त रूप से कार्यवाही कर बाढ़ वाले गणेश मंदिर एवं हनुमान मंदिर के समीप और मार्ग के किनारे हुए भूमि संबंधी विवादों का निराकरण किया गया और अतिक्रमणकारियों को पृृथक किया गया।

संभागीय आवासीय विद्यालय में दाखिला हेतु परीक्षा 22 को, आवेदन 19 जून तक आमंत्रित

शासकीय संभागीय आवासीय विद्यालय कटारा हिल्स भोपाल में कक्षा छंटवी के रिक्त तीन स्थानों के प्रवेश हेतु परीक्षा 22 जून रविवार को 11 बजे से संभागीय आवासीय परिसर भोपाल में आयोजित की गई है। उक्त परीक्षा में प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्राएं आवेदन पत्र आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक कार्यालय से प्राप्त कर 19 जून तक जमा कर सकते है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (11 जून)

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लोकनृत्य के साथ हुआ सत्र अनिष्चितकाल के लिए स्थगित

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देहरादून, 11 जून (राजेन्द्र जोषी)। गैरसैण में चल रहे विधानसभा के ग्रीष्मकालीन सत्र में सदन की कार्यवाही बुधवार को विपक्ष की हंगामे की भेंट चढ़ी। विपक्ष ने शराब नीति पर सदन में हंगामा किया। उन्होंने सरकार पर एफएल टू में अनियिमितता बरतने का आरोप लगाया। दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। लेकिन हंगामा शांत नहीं होने पर  विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। गैरसैंण में विधानसभा का पहली बार सत्र आयोजित किया गया था। इस एतिहासिक सत्र से भले ही पहाड़ को कोई बड़ा लाभ नहीं मिला हो लेकिन सत्र के दौरान विपक्ष का पूराने अंदाज ओर पुराने मुददों पर हंगामा करना यहां भी रूका नहीं। पहले दिन आपदा और दूसरे और आखिरी दिन शराब नीति पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सदन में हंगामा बोला। सत्र शुरू होते ही भाजपा ने शराब नीति पर नियम ३१० के तहत चर्चा कराने की मांग की। लेकिन मांग स्वीकार नहीं होने से भाजपा ने जमकर हंगामा काटा। हंगामेे के चलते समय से पहले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित की। सत्र समापन के दौरान अस्थाई विधानभवन के बाहर पारम्परिक लोकनृत्य का आयोजन किया गया। गैरसैंण के विधानसभा सत्र के अंतिम दिन लोकनृत्य के साथ समपान हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री, स्पीकर और सत्ता पक्ष के विधायक मौजूद थे। वहीं मुख्यमंत्री गैरसैंण के लिए कई घोषणांए की। गैरसैंण को सभी सड़कों से जोड़े जाने की घोषणा की गई। वहीं मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि गैरसैंण में आयोजित सत्र एतिहासिक रहा है। गैरसैंण में एक स्टेडियम बनाने की भी घोषणा की गई। गैरसैंण में आहुत हुए सत्र पर सभी प्रदेशवासियों की नजर लगी हुई थी। वह इसलिए भी थी कि इस सत्र को पहाड़ के विकास से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन ऐसा कुछ नजर नही आया। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बात भी हवा में फुस्स हो गई। गैरसैंण में सत्र तो आयोजित हुआ लेकिन यहां से पहाड़ के विकास के लिए कोई खास बात नहीं निकली। विपक्ष ने भी पहाड़ विकास से ज्यादा शराब नीति पर अपना हल्ला जारी रहा। हैरानी की बात यह रही कि गैरसैंण में सत्र आयोजन को फिजूल खर्ची बताने वाली भाजपा ने पहाड़ के विकास के लिए गैरसैंण में कोई मुददा नहीं उठाया।


विश्व कप से पहले सुलझा ली जाएंगी समस्याएं : माराडोना

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दिग्गज फुटबाल खिलाड़ी अर्जेटीना के डिएगो माराडोना को पूरा विश्वास है कि ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ फीफा विश्व कप से पहले साओ पाउलो में चल रही बंद जैसी समस्याओं को सुलझा लेंगी। समाचार एजेंसी ईएफई ने माराडोना के हवाले से कहा, "ब्राजील विश्व कप अभी शुरू नहीं हुआ है। रोसेफ के सामने हड़ताल जैसी कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें वह समय रहते सुलझा लेंगी।"

ब्राजील में गुरुवार से शुरू हो रहे फीफा विश्व कप-2014 का पहला मैच साओ पाउलो में ब्राजील और क्रोएशिया के बीच खेला जाएगा। दूसरी ओर पिछले पांच दिनों से साओ पाउलो में मेट्रो रेलमार्ग पर चल रहे आंशिक हड़ताल के कारण यातायात जाम और सड़क दुर्घटनाओं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

साओ पाउलो में बस चालकों एवं टिकट कंडक्टरों ने भी पिछले सप्ताह इसी तरह के हड़ताल का आयोजन किया था। गौरतलब है कि साओ पाउलो में विश्व कप के छह मैच होने हैं।

भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या का खुलासा

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उत्तर प्रदेश के नोएडा जनपद में भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने सुंदर भाटी गैंग के शूटर अन्नी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से हत्या में प्रयुक्त असलहा भी बरामद किया है। जानकारी के अनुसार नोएडा के दादरी इलाके में चंद रोज पहले भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या बदमाश सुंदर भाटी गैग के शूटर बुलंदशहर निवासी अन्नी ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। 

बताया जाता है कि विजय की हत्या रंगदारी के चलते की गयी थी। फिलहाल पुलिस पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने उनके पास से घटना में प्रयुक्त असलहे भी बरामद किये हैं। वहीं पुलिस ने विजय पंडित की हत्या में सपा नेता नरेन्द्र भाटी की अभी तक कोई भूमिका न होने की बात भी कही है।

हर हाल में पूरा करेंगे अभिभाषण के वादे : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि नई सरकार लोगों की उम्मीदों पर खड़ा उतरेगी और किए गए वादों को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। मोदी ने नेताओं से दुष्कर्म जैसी घटना पर बयानबाजी और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण देने से बचने का आग्रह किया। मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चाओं का लोकसभा में उत्तर दे रहे थे। लोकसभा में अपने पहले संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के माध्यम से वादों की जो रूपरेखा प्रस्तुत की गई है उसे पूरा करने में उनकी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के समय के अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उस समय राज्य भर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा था। उन्होंने कहा, "यह माना जा रहा था कि लोगों को संदेह होगा..लेकिन मैं इस सदन को भरोसा दिलाता हूं कि जो रास्ता राष्ट्रपति ने दिखाया है उसे पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"उन्होंने कहा, "हमारे लिए राष्ट्रपति का संबोधन परंपरा का हिस्सा है..लेकिन दिव्य संबोधन जैसे शब्द और उसे पूरा करना हमारा उद्यम होगा और यही हमें प्रेरणा भी देगा।"उन्होंने गरीबी हटाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि गरीब के बेटे आंसू पीकर सो जाएं यह हालत बदलनी चाहिए। 

शहर की ओर हो रहे पलायन को रोकने को मोदी ने कहा कि अगर गांव के जीवन में हम बदलाव ला सकें, तो किसी को अपना गांव छोड़ने का मन नहीं करेगा। क्या गांव के अंदर हम उद्योगों का जाल खड़ा नहीं कर सकते? उन्होंने सवाल किया कि हम सदियों से कहते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान और गांवों का देश हैं। यह नारे तो अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या हम अपने गांवों के जीवन को बदल पाए हैं? गरीब को गरीबी से बाहर लाना हमारी प्राथमिकता है।

मोदी ने कहा कि 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराना एक आंदोलन होना चाहिए और हर किसी को इसके लिए काम करना चाहिए। "इसे 10-12 साल का कार्यक्रम बनाना होगा। इसे जन आंदोलन बनना होगा। आजादी के 75वें साल पर हम देश के महान नायकों को याद करेंगे और सभी को मकान देंगे।"

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत के हर परिवार के पास पक्का घर होगा, जिसमें बिजली और शौचालय की सुविधा होगी।  मोदी ने भारत को 'स्कैम इंडिया'से 'स्किल्ड इंडिया'बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार युवाओं में उद्यमशीलता को विकसित करने की तरफ ध्यान देगी। 

मोदी ने कहा, "हमारे देश ने घोटाले वाले भारत से चर्चा पाई है। हमें इसे कौशलयुक्त भारत में बदलना है। विश्व में मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है। हमारा पड़ोसी चीन बुजुर्ग हो रहा है और हम युवा हो रहे हैं। हमारी प्राथमिकता युवाओं में कौशल विकास करना होना चाहिए।"मोदी ने समस्त पूर्वोत्तर भारत को 'जैविक राज्य'राज्य के रूप में विकसित करना चाहिए, ताकि यह क्षेत्र समृद्ध हो और भारत का जैविक उत्पादों के वैश्विक बाजार पर कब्जा हो सके। सिक्किम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह जल्द ही जैविक राज्य बन जाएगा। अगर यह लक्ष्य हासिल हो जाता है, तो यह पर्वतीय क्षेत्र के लोगों का जीवन बदल देगा। 

"सिक्किम कम जनसंख्या वाला छोटा सा राज्य है, लेकिन यह देश का पहला जैविक राज्य बनने की राह पर है। यह देश के लिए गर्व की बात है।" उन्होंने कहा, "आज के दौर में दुनिया में जैविक उत्पादों की भारी मांग है। विश्व जनसंख्या का बड़ा हिस्सा आज समग्र स्वास्थ्य में दिलचस्पी ले रहा है और ऐसे जैविक उत्पादों के लिए कोई भी कीमत देने को तैयार है।"

"जब सिक्किम जैसा एक छोटा सा राज्य ऐसा कर सकता है, तो पूरे पूर्वोत्तर का विकास जैविक राज्य के रूप में क्यों नहीं हो सकता? वैश्विक बाजार पर कब्जे के लिए भारत सरकार सहायता करेगी।"

मोदी से दागी भाजपा सांसदों पर कार्रवाई की मांग

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कांग्रेस कमेटी के सचिव और मुंबई के पूर्व सांसद संजय निरुपम ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने चुनाव पूर्व के वादे पर अमल करने का आग्रह किया है। मोदी ने आपराधिक रिकार्ड वाले भाजपा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था। प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के अंश को उद्धृत करते हुए निरुपम ने कहा, "मोदी ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान कहा था कि भारत में राजनीति का अपराधीकरण एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने एक समाधान भी दिया था कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सभी सांसदों के शपथ पत्र सर्वोच्च न्यायालय को सौंपेंगे और उनसे एक ऐसा तंत्र विकसित करने का आग्रह करेंगे ताकि उनके खिलाफ मामलों की त्वरित सुनवाई हो।"

निरुपम ने उल्लेख किया कि 16वीं लोकसभा में भाजपा के 280 निर्वाचित सांसदों में से 97 के खिलाफ गंभीर आरोप वाले मुकदमे लंबित हैं। इनमें 63 के खिलाफ तो हत्या, अपहरण और अन्य आरोप हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के छह सांसद आपराधिक रिकार्ड वाले हैं इनमें चार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। निरुपम ने आग्रह किया है, "अन्य पार्टियों के सांसदों के खिलाफ भी आपराधिक रिकार्ड हैं, लेकिन पवित्रता की शुरुआत पहले अपने घर से ही होनी चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इन 97 सांसदों के घोषित शपथ पत्र को सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पास अग्रसारित किया जाए।"

उन्होंने उल्लेख किया कि मोदी ने कहा था, "नई सरकार बनने के बाद मैं सर्वोच्च न्यायालय से सांसदों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई एक वर्ष के भीतर पूरी करने का आग्रह करूंगा। जो निर्दोष साबित होंगे वे संसद में रहेंगे और जो दोषी पाए जाएंगे वे जेल जाएंगे।"उन्होंने मोदी को ऐसे मामलों की निगरानी करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में एक अधिकारी की नियुक्ति का आग्रह किया।

बिजली कंपनियों का बचाव कर रहे हैं मोदी : केजरीवाल

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दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके के निवासी और कांग्रेस विधायक जयकिशन ने बुधवार को मौजूदा बिजली संकट पर प्रदर्शन किया, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर बिजली कंपनियों का बचाव करने का आरोप लगाया। इस इलाके के निवासी प्रतिदिन 10-12 घंटे की बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। इलाके के एक निवासी ने कहा, "हमने कभी भी इतने लंबे समय तक बिजली कटौती नहीं देखी, जो कि 10-12 घंटे तक कट रही है, जिससे पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। हमारे बच्चे उनकी परीक्षा की तैयारी करने में सक्षम नहीं हैं।" सुल्तानपुर माज्रा से विधायक जयकिशन बुधवार को अनशन पर बैठ गए। 

जयकिशन ने बताया, "हम बिजली की गंभीर कटौती का सामना कर रहे हैं, इसलिए मैंने धरने पर बैठने का निश्चिय किया। मैं पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मुलाकात के बाद अपने अगले कदम पर फैसला करूंगा।"इस बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर बिजली संकट पर मुलाकात के लिए समय मांगा है। बिजली कंपनियों पर ठीक ढंग से काम न करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "हालांकि, ऐसा लग रहा है कि सरकार कंपनियों की जवाबदेही तय करने से बच रही है और वहीं ऐसा लग रहा है कि सरकार इन कंपनियों का बचाव करने की कोशिश कर रही है।"

आप संयोजक ने एक समझौते का हवाला देते हुए मोदी से कंपनियों की जवाबदेही कड़ाई से तय करने के लिए कहा, जिसके तहत कंपनियां अपने उपकरणों व नेटवर्क के रखरखाव करने के लिए जिम्मेदार हैं, ताकि लोगों को निर्बाध बिजली की आपूर्ति हो सके। 30 मई को आंधी की वजह से दिल्ली में बिजली आपूर्ति की लाइनों को क्षति पहुंची थी, जिसकी वजह से शहर को भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी में तापमान आठ जून को 62 साल के उच्चस्तर पर 47.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। 

केजरीवाल ने मोदी से बिजली की दरों में 30 फीसदी की कटौती करने की भी मांग की है, जिसका वादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। उन्होंने कहा, "अब, दिल्ली में अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार का शासन है और हम इस तरफ आपका ध्यान खींचना चाहेंगे कि दिसंबर के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बिजली की कीमतों में 30 फीसदी की कटौती का वादा किया था।"

आप नेता ने कहा, "मैं आप के सभी विधायकों के साथ सभी मुद्दों को सामने रखने के लिए आपसे मिलना चाहता हूं। अगर आप अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच मुझे 10 मिनट का समय दे देंगे, तो मैं आपका बेहद आभारी रहूंगा।"

बेदाग संसद की जरूरत : नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों को दागी सदस्यों से मुक्ति दिलाने की जरूरत है और सांसदों के खिलाफ सभी मामलों में फैसला एक वर्ष के भीतर आना चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मोदी ने कहा, "हमें दोनों सदनों को बेदाग बनाने की जरूरत है। कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर है। न्यायिक तंत्र को उनके मामलों की सुनवाई त्वरित करनी चाहिए और एक वर्ष के भीतर फैसला आना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "कई सदस्यों के खिलाफ राजनीतिक कारणों से मामले दर्ज हैं। जो दागी हैं उन्हें जाना चाहिए और जो निर्दोष हैं उन्हें बेदाग साबित किया जाना चाहिए। हमें दुनिया से यह बताने की जरूरत है कि हमारी संसद में कोई दागदार नहीं है।"उन्होंने कहा, "एकबार यह हो जाए तो राजनीतिक दल दागी नेताओं को नामित करने से पहले सोचने पर मजबूर होंगी। लोकसभा की सफाई के बाद हमे राज्य विधानसभाओं और उसके बाद निगमों को साफ करना होगा।"

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स और नेशनल इलेक्शन वाच के मुताबिक मौजूदा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्यों के 541 के शपथ पत्र का विश्लेषण के आधार पाया गया है कि इसके 186 सदस्यों (34 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की जानकारी घोषित की है। इनमें से 112 गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी हैं।

आलेख : अँधे हैं अँधे रहेंगे

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अंधा होना अपने आपमें कुदरत का भयंकर अभिशाप है। इसकी व्यथा वे ही जान सकते हैं जिनकी आँखें नहीं है अथवा आँखों की रोशनी गायब हो चुकी है और अब अपनी आँखों से संसार को देखना शायद ही संभव हो पाए।

अंधेपन के मामले में प्रतिशत काम करता है। कुछ लोग शत-प्रतिशत अंधे हैं, कुछ कम-ज्यादा। कुछ के लिए बिना चश्मों के अंधापन ही रहता है, कुछ लोग चश्मों के बावजूद अंधत्व के शिकार बने रहते हैं और काफी सारे ऎसे हैं जो चश्मों की सहायता से अपने अंधत्व को दूर कर पाने का अहसास कर लिया करते हैं। कुछ ऎसे हैं जिनकी आँखें भी हैं, रोशनी भी है लेकिन जानबूझकर अंधे ही बने हुए हैं और अंधे ही बने रहना चाहते हैं। ये लोग ‘अंधेरा कायम रहे’ वाले संप्रदाय से हैं।

यों देखा जाए तो रोशनी वाले वे ही लोग हैं जो बिना चश्मों की सहायता से सारे काम कर लिया करते हैं और उन्हें चश्मों की जरूरत नहीं है। इन सारी स्थितियों के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है बल्कि हम ही उत्तरदायी हैं जिन्होंने ऎसे-ऎसे आत्मघाती कदम उठा रखें हैं कि जिससे हमारी रोशनी को लंबे समय तक बरकरार रखे रखना अब मुश्किल ही हो गया है। 

उसका एक कारण तो यह है कि हमारी दिनचर्या का संतुलन गड़बड़ा गया है। आँखों का सीधा संबंध सूर्य से है और जितनी देर तक सूर्य रहता है उतने ही घण्टे हमारी आँखों का ओज-तेज बना रहता है।

यह पूरी प्रक्रिया सौर ऊर्जा की ही तरह है जहाँ जितना अधिक सूर्य का सान्निध्य होगा उतनी अधिक ऊर्जा का संग्रहण होता रहेगा। और निर्धारित घण्टों से ज्यादा यदि उपयोग ले लिया तो फिर ये ऊर्जा भी जवाब दे जाएगी। हमारे साथ लगभग इसी प्रकार की स्थितियां हैं।

पहले लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ही काम किया करते थे इसलिए उन्हें दिन भर सूर्य की रश्मियों से अपनी आँखों के लिए ऊर्जा मिलती रहती थी और दिन ढलने के बाद लोग उन कामों में ज्यादा माथापच्ची नहीं करते थे जिनमें आँखों और बुद्धि को कोई ज्यादा जोर देना पड़े।

जल्दी सोने और जल्दी जगने की आदत से सूर्य और रोशनी का सीधा संबंध था और इस कारण कुछ दशकों पहले तक हमारी आँखों की रोशनी बरकरार थी।  अब हम पर  मशीन की तरह काम करते हुए कम समय में अधिक से अधिक पैसा बनाने का भूत सवार है और इस कारण जीवनचर्या रात्रि की ओर ज्यादा घूम गई है। हमने स्वेच्छा से निशाचरी को अपना लिया है। यह भूत हमारे शरीर और आनंद से ऊपर है जिसके लिए हमने अपने सारे संतुलनों को पछाड़ दिया है।

जिन लोगों के लिए रात्रि के काम विहित हैं उनकी बात छोड़ भी दें तो दिनचर्या का ग्लोब रात की ओर अनावश्यक रूप से ज्यादा ही घूम चुका है। हममें से अधिकांश लोग बिना बात के रात को देर तक जगते हैं और इस वजह से सवेरा होने के बाद भी देर तक सोते रहते हैं।

इस कारण से हमारी रोशनी का पुनर्भरण नहीं हो पा रहा है क्योंकि हम सूर्य का बहुत ही कम घण्टों का सान्निध्य पा रहे हैं और इसमें भी सूरज की रोशनी से दूर एयरकण्डीशण्ड कमरों में कैद होकर दिन गुजार देने वालों की संख्या भी कोई कम नहीं है।

इस वजह से प्रकृति के पंच तत्वों का दैनिक पुनर्भरण तक भी अपेक्षित मात्रा में नहीं हो पा रहा है और नाश्ते की तरह दवाइयों का सेवन करने को हम विवश हैं।  रात को देर तक जगने और सवेरे सूरज निकलने के बाद देर तक सोते रहने की आदत के कारण हमारा शरीर भी बीमारियों का सुरक्षित घर होता जा रहा है।

इसी प्रकार आजकल वाहनों में फ्लड़ लाईट, फोगिंग लाईट और जाने कैसी-कैसी हैड़ लाईटस का जमाना आ गया है। हर कोई चाहता है कि उसके वाहन की हैडलाईट ऎसी हो कि सामने वालों की आँखें चुँधिया जाएं और कुछ दिखे ही नहीं। 

आपराधिक और फैशनी दोनों प्रकार के वाहनधारियों के लिए यह आज का सबसे बड़ा शौक हो गया है।  एक जमाना था जब वाहनों की हैडलाईट पर ऊपर की तरफ एक चौथाई चन्द्रकार काला किया जाता था ताकि सीधी रोशनी सामने से आने वाले वाहनों के चालक और बैठे लोगों की आँखों पर न जाए। इसकी काट के रूप में डीपर आ गए लेकिन हम सारे के सारे लोग इतने अनुशासनहीन और नालायक हैं कि डीपर देते ही नहीं।

यही कारण है कि तेज रोशनी किसी घातक और मारक रोशनी की तरह लगती है और दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही चला जा रहा है। इस तेज और मारक रोशनी का दूसरा प्रभाव यह पड़ रहा है कि वाहनचालकों की आँखें समय से पहले ही नाकारा होने लगी हैं।

हम भी इन वाहनचालकों में ही शुमार हैं जिनके पास दुपहिया से लेकर किसम-किसम के वाहन हैं और रात्रि में वाहन चलाते हुए हम सभी यह अनुभव करते ही हैं कि तेज रोशनी नुकसान करती है।

बात हमारी ही नहीं पूरे देश की है जहाँ करोड़ों लोग वाहन चलाते हैं और उन्हें हर क्षण इस मारक रोशनी को अनचाहे ही सहन करना पड़ रहा है। इससे सीधा नुकसान हमारे देश का हो रहा है जहाँ अरबों आँखों का भविष्य अंधकार से घिरता जा रहा है। 

इसके लिए हम सभी को चाहिए कि किसी के भरोसे नहीं रहें। जो हमारी आँखों के लिए अच्छा नहीं है, हमारी रोशनी छीन लेता है, दुर्घटनाएं करा देता है, उस कारक को समाप्त करें। हम सभी अपने नागरिक दायित्वों को अच्छी तरह समझें और यह प्रण लें कि हमारे वाहनों पर तेज रोशनी नहीं लगाएंगे जिससे कि सामने वालों की आँखें चुंधिया जाएं और दुर्घटनाएं घटित हो जाएं।

हमें यह भी चाहिए कि खुद इस बात की पहल करें कि अपने वाहनों की हैडलाईट पर काली पट्टी लगाएं ताकि हमारे देश की आँखें सुरक्षित रहकर सुनहरे भविष्य और प्रगतिशील भारत के सुनहरे रंगों को अपनी आँखों से देख सकें।

हमारी स्थिति आजकल यह हो गई है कि दूसरे की आँखों को फोड़ देने में भी हमें सुकून मिलता है। और यही कारण है कि इस छोटी सी लेकिन करोड़ों लोगों के जीवन से जुड़ी इस त्रासदी के प्रति भी हम बेपरवाह बने हुए हैं।

आईये देश की आँखों को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने का बीड़ा उठायें। अभी कुछ कर पाएं तो ठीक है वरना जान लें कि अपनी आँखों का कोई भविष्य नहीं है। नेत्रदान के नारों, अंधत्व निवारण की बातों से भी बढ़कर है यह सामाजिक सरोकार।




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---डॉ. दीपक आचार्य---
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मूर्ति देंगे इस्तीफा, सिक्का होंगे इंफोसिस के नए सीईओ

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Vishal Sikka
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की देश की अग्रणी कंपनी इंफोसिस के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्का होंगे। वह एक अगस्त को पदभार ग्रहण करेंगे। वहीं, इंफोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से 14 जून को इस्तीफा देंगे। कंपनी के शीर्ष पदों में बदलाव की घोषणा गुरुवार को कंपनी की ओर से जारी एक बयान में की गई है। यह घोषणा ऐसे में हुई है, जबकि दो दिन बाद ही शनिवार को कंपनी का 33वां वार्षिक महासम्मेलन होने जा रहा है। बयान के मुताबिक, इंफोसिस के उपाध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन भी 14 जून को अपने पद से इस्तीफा देंगे, ताकि नए लोगों को कंपनी का नेतृत्व सौंपा जा सके।

जर्मनी की सॉफ्टवेयर कंपनी एसएपी के पूर्व कार्यकारी 47 वर्षीय सिक्का 14 जून को कंपनी के निदेशक मंडल में पूर्णकालिक निदेशक के रूप में भी शामिल किए जाएंगे।बयान में कहा गया है, "इंफोसिस निदेशक मंडल को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि विशाल सिक्का का चयन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक पद के लिए किया गया है।"

निदेशक मंडल ने कंपनी के अध्यक्ष एवं निदेशक यू.बी. प्रवीण राव को भी मुख्य ऑपरेटिंग अधिकारी के रूप में पदोन्नत कर दिया है। उनकी यह पदोन्नति 14 जून से प्रभावी होगी। बयान के मुताबिक, "इंफोसिस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से मूर्ति और कार्यकारी उपाध्यक्ष के पद से गोपालकृष्णन अपनी इच्छा से इस्तीफे देने जा रहे हैं। वे हालांकि गैर-कार्यकारी अध्यक्ष तथा गैर-कार्यकारी उपाध्यक्ष के रूप में 10 अक्टूबर तक निदेशक मंडल में शामिल रहेंगे।"
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