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आदिवासियों के मसीहा संतपुरुष : गणि राजेन्द्र विजय

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भारत की भूमि संतों एवं मनीषियों की भूमि रही है। उनका व्यक्तित्व एवं उनकी आध्यात्मिक यात्रा जन-जन के लिये सदा ही आकर्षण, प्रेरणा एवं जिज्ञासा का केन्द्र रही है। इन महापुरुषों ने धर्म के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी स्वर बुलंद किए। ऐसे ही विलक्षण एवं अलौकिक संतों में एक नाम है गणि राजेन्द्र विजयजी। वे आदिवासी जनजाति के होकर भी जैन संत है, और जैन संत होकर भी आदिवासी जनजीवन के मसीहा संतपुरुष है। इनदिनों वे गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में उनके अधिकारों के लिये संघर्षरत हैं। 19 मई 2018 को गणि  राजेन्द्र विजयजी अपने जीवन के 42 बसंत पूरे कर 44वें बसंत में प्रवेश कर रहे हैं। गणि राजेन्द्र विजय एक ऐसा व्यक्तित्व है जो आध्यात्मिक विकास और नैतिक उत्थान के प्रयत्न में तपकर और अधिक निखरा है। वे आदिवासी जनजीवन के उत्थान और उन्नयन के लिये लम्बे समय से प्रयासरत हैं और विशेषतः आदिवासी जनजीवन में शिक्षा की योजनाओं को लेकर जागरूक है, इसके लिये सर्वसुविधयुक्त करीब 12 करोड की लागत से जहां एकलव्य आवासीय माडल विद्यालय का निर्माण उनके प्रयत्नों से हुआ है, वहीं कन्या शिक्षा के लिये वे ब्राह्मी सुन्दरी कन्या छात्रावास का कुशलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। इसी आदिवासी अंचल में जहां जीवदया की दृष्टि से गौशाला का संचालित है तो चिकित्सा और सेवा के लिये चलयमान चिकित्सालय भी अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दे रहा है। अपने इन्हीं व्यापक उपक्रमों की सफलता के लिये वे कठोर साधना करते हैं और अपने शरीर को तपाते हैं। अपनी पदयात्राओं में आदिवासी के साथ-साथ आम लोगों में शिक्षा के साथ-साथ नशा मुक्ति एवं रूढ़ि उन्मूलन की अलख जगाते हैं। इन यात्राओं का उद्देश्य है शिक्षा एवं पढ़ने की रूचि जागृत करने के साथ-साथ आदिवासी जनजीवन के मन में अहिंसा, नैतिकता एवं मानवीय मूल्यों के प्रति आस्था जगाना है। हर आदमी अपने अन्दर झांके और अपना स्वयं का निरीक्षण करे। आज मानवता इसलिए खतरे में नहीं है कि अनैतिकता बढ़ रही है। अनैतिकता सदैव रही है- कभी कम और कभी ज्यादा। सबसे खतरे वाली बात यह है कि नैतिकता के प्रति आस्था नहीं रही।

 त्याग, साधना, सादगी, प्रबुद्धता एवं करुणा से ओतप्रोत आप आदिवासी जाति की अस्मिता की सुरक्षा के लिए तथा मानवीय मूल्यों को प्रतिष्ठापित करने के लिए सतत प्रयासरत हैं। मानो वे दांडी पकडे़ गुजरात के उभरते हुए ‘गांधी’ हैं। इसी आदिवासी माटी में 19 मई, 1974 को एक आदिवासी परिवार में जन्में गणि राजेन्द्र विजयजी मात्र ग्यारह वर्ष की अवस्था में जैन मुनि बन गये। बीस से अधिक पुस्तकें लिखने वाले इस संत के भीतर एक ज्वाला है, जो कभी अश्लीलता के खिलाफ आन्दोलन करती हुए दिखती है, तो कभी जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के प्रति मुखर हो जाती है। कभी जल, जमीन, जंगल के अस्तित्व के लिये मुखर हो जाती है। इस संत ने स्वस्थ एवं अहिंसक समाज निर्माण के लिये जिस तरह के प्रयत्न किये हैं, उनमें दिखावा नहीं है, प्रदर्शन नहीं है, प्रचार-प्रसार की भूख नहीं है, किसी सम्मान पाने की लालसा नहीं है, किन्हीं राजनेताओं को अपने मंचों पर बुलाकर अपने शक्ति के प्रदर्शन की अभीप्सा नहीं है। अपनी धून में यह संत आदर्श को स्थापित करने और आदिवासी समाज की शक्ल बदलने के लिये प्रयासरत है और इन प्रयासों के सुपरिणाम देखना हो तो कवांट, बलद, रंगपुर, बोडेली आदि-आदि आदिवासी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। इतना ही नहीं यह संत गृहस्थ जीवन को त्यागकर  गृहस्थ जीवन को सुखी बनाने के लिये  जुटा है, इनका मानना है कि व्यक्ति-व्यक्ति से जुड़कर ही स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र की कल्पना आकार ले सकती है। स्वस्थ व्यक्तियों के निर्माण की प्रयोगशाला है - परिवार। वे परिवार को सुदृढ़ बनाने के लिये ही सुखी परिवार अभियान लेकर सक्रिय है। उनका मानना है कि समाज में सुखी गृहस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए सहिष्णुता की बहुत जरूरत है, जिसकी आज बहुत कमी होती जा रही है। गणि राजेन्द्र विजयजी का मानना है कि इन्सान की पहचान उसके संस्कारों से बनती है। संस्कार उसके समूचे जीवन को व्याख्यायित करते हैं। संस्कार हमारी जीवनी शक्ति है, यह एक निरंतर जलने वाली ऐसी दीपशिखा है जो जीवन के अंधेरे मोड़ों पर भी प्रकाश की किरणें बिछा देती है। उच्च संस्कार ही मानव को महामानव बनाते हैं। सद्संस्कार उत्कृष्ट अमूल्य सम्पदा है जिसके आगे संसार की धन दौलत का कुछ भी मौल नहीं है। सद्संस्कार मनुष्य की अमूल्य धरोहर है, मनुष्य के पास यही एक ऐसा धन है जो व्यक्ति को इज्जत से जीना सिखाता है। 

गणि राजेन्द्र विजयजी बच्चों को कच्चे घड़े के समान मानते हैं। उनका कहना है उन्हें आप जैसे आकार में ढालेंगे वे उसी आकार में ढल जाएंगे। मां के उच्च संस्कार बच्चों के संस्कार निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि सबसे पहले परिवार संस्कारवान बने माता-पिता संस्कारवान बने, तभी बच्चे संस्कारवान चरित्रवान बनकर घर की, परिवार की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकेंगे। अगर बच्चे सत्पथ से भटक जाएंगे तो उनका जीवन अंधकार के उस गहन गर्त में चला जाएगा जहां से पुनः निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। बच्चों को संस्कारी बनाने की दृष्टि से गणि राजेन्द्र विजय विशेष प्रयास कर रहे हैं। भारत को आज सांस्कृतिक क्रांति का इंतजार है। यह कार्य सरकार तंत्र पर नहीं छोड़ा जा सकता है। सही शिक्षा और सही संस्कारों के निर्माण के द्वारा ही परिवार, समाज और राष्ट्र को वास्तविक अर्थों में स्वतंत्रा बनाया जा सकता है। इसी दृष्टि से हम सबकों गणि राजेन्द्र विजय के मिशन से जुडना चाहिए एवं एक स्वस्थ समाज निर्माण का वाहक बनना चाहिए। आओ हम सब एक उन्नत  एवं आदर्श आदिवासी समाज की नींव रखें जो सबके लिये प्रेरक बने। मेरी दृष्टि में गणि राजेन्द्र विजयजी के उपक्रम एवं प्रयास आदिवासी अंचल में एक रोशनी का अवतरण है, यह ऐसी रोशनी है जो हिंसा, आतंकवाद, नक्सलवाद, माओवाद जैसी समस्याओं का समाधान बन रही है। अक्सर हम राजनीति के माध्यम से इन समस्याओं का समाधन खोजते हैं, जबकि समाधान की अपेक्षा संकट गहराता हुआ प्रतीत होता है। क्योंकि राजनीतिक स्वार्थों के कारण इन उपेक्षित एवं अभावग्रस्त लोगों का शोषण ही होते हुए देखा गया है। गणि राजेन्द्र विजयजी के नेतृत्व में आदिवासी समाज कृतसंकल्प है रोशनी के साथ चलते हुए इस आदिवासी अंचल के जीवन को उन्नत बनाने एवं संपूर्ण मानवता को अभिप्रेरित करने के लिये। 
गणि राजेन्द्र विजयजी के आध्यात्मिक आभामंडल एवं कठोर तपचर्या का ही परिणाम है आदिवासी समाज का सशक्त होना। सर्वाधिक प्रसन्नता की बात है कि अहिंसक समाज निर्माण की आधारभूमि गणि राजेन्द्र विजयजी ने अपने आध्यात्मिक तेज से तैयार की है। अनेक बार उन्होंने खूनी संघर्ष को न केवल शांत किया, बल्कि अलग-अलग विरोधी गुटों को एक मंच पर ले आये। जबकि गुट व्यापक हिंसा एवं जनहानि के लिये तरह- तरह के हथियार लिये एक दूसरे को मारने के लिये उतावले रहते थे। हिंसा की व्यापक संभावनाओं से घिरे इस अंचल को अहिंसक बनाना एक क्रांति एवं चमत्कार ही कहा जायेगा। सचमुच आदिवासी लोगों को प्यार, करूणा, स्नेह एवं संबल की जरूरत है जो गणिजी जैसे संत एवं सुखी परिवार अभियान जैसे मानव कल्याणकारी उपक्रम से ही संभव है, सचमुच एक रोशनी का अवतरण हो रहा है, जो अन्य हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के लिये भी अनुकरणीय है। गणि राजेन्द्र विजयजी की विशेषता तो यही है कि उन्होंने आदिवासी उत्थान को अपने जीवन का संकल्प और तड़प बना लिया है। आदिवासी जन-जीवन में भी बहुत उजाले हैं, लेकिन इन उजालों को छीनने के प्रयास हुए हैं, हो रहे हैं और होते रहेंगे। आज बाहरी खतरों से ज्यादा भीतरी खतरे हैं। हिंसा और अलगाव की कई चुनौतियां हैं, जो समाधान चाहती है। पर गलत प्रश्न पर कभी भी सही उत्तर नहीं मिला करते। जब रोटी की जरूरत हो तो रोटी ही समाधान बनती है। रोटी के बिना आप किसी सिद्धान्त को ताकत का इंजेक्शन नहीं बना सकते। 



 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

आलेख : लोकतंत्र में हिंसा की संस्कृति के दाग

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भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसको सशक्त बनाने की बात सभी राजनैतिक दल करते हैं, सभी ऊंचे मूल्यों को स्थापित करने की, आदर्श की बातों के साथ आते हैं पर सत्ता प्राप्ति की होड़ में सभी एक ही संस्कृति-हिंसा एवं अराजकता की संस्कृति को अपना लेते हैं। मूल्यों की जगह कीमत की और मुद्दों की जगह मतों की राजनीति करने लगते हैं और इसके लिये सारे मूल्यों एवं मर्यादाओं को ताक पर रख देते हैं। ऐसा ही नजारा हाल के कर्नाटक के विधानसभा एवं पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों देखने को मिला है।  पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हिंसा का जो तांडव हुआ उससे न केवल भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को गहरा आघात लगा है, बल्कि आमजनता को भी भारी हैरानी हुई है। वहां बड़े स्तर पर हिंसा हुई जिसमें 14 लोग मारे गए, अनेक घायल हुए। मरने वालों में तृणमूल, वामपंथी और भाजपा के समर्थक शामिल हैं। वामपंथी नेता और उसकी पत्नी को तो जिन्दा जला दिया गया। मतदान के दौरान भी जमकर गुंडागर्दी हुई, बूथ लूटे गए, मतपत्र पानी में फैंके गए, मीडिया की गाड़ियों को तोड़ा गया। मतदान के दौरान हिंसा फैलाने की साजिश पहले से ही तैयार थी। इस बात का अन्दाजा प्रशासन को उसी वक्त लग जाना चाहिए था जब तृणमूल के बड़े नेता के घर से सैकड़ों बम बरामद किए गए थे। 

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पश्चिम बंगाल में 58 हजार पंचायती क्षेत्र हैं जिनमें से 38 हजार पर ही चुनाव कराया गया यानी 20 हजार पंचायतों में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए। इसका अर्थ यही है कि दूसरे राजनीतिक दलों ने चुनाव ही नहीं लड़ा। कितना डर रहा होगा, कितना आतंक रहा होगा वहां पर इन चुनावों को लेकर। यह सब जन प्रतिनिधित्व एवं अभिव्यक्ति की सर्वोच्च प्रक्रिया की गरिमा और महत्ता को समाप्त करने का प्रयास है। भारत की महानता उसकी विविधता में है। साम्प्रदायिकता एवं दलगत राजनीति का खेल, उसकी विविधता में एकता की पीठ में छुरा भोंकता है। जब हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं, विश्व के बहुत बड़े आर्थिक बाजार में बड़े भागीदार बनने जा रहे हैं, विश्व की एक शक्ति बनने की भूमिका तैयार करने जा रहे हैं, तब हमारे लोकतंत्र को जाति, धर्म व स्वार्थी राजनीति से बाहर निकलना चाहिए। ऐसा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण एवं विडम्बनापूर्ण ही कहा जायेगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि ममता बनर्जी ने पंचायत चुनावों में खून का खेल खेला ळे, अपनी सत्ता एवं अधिकारों का जमकर दुरुपयोग किया है। ऐसा नहीं है कि वहां चुनावों में हिंसा कोई पहली बार हुई है। इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के चाहे पंचायत चुनाव हो, चाहे विधानसभा के चुनाव हो या फिर लोकसभा के चुनाव हो, व्यापक हिंसा एवं अराजकता होती रही है, लेकिन जिस तरह पश्चिम बंगाल की वर्तमान सरकार ने गुंडागर्दी को संरक्षण दिया उसकी उम्मीद ममता बनर्जी से नहीं की जा सकती थी। क्योंकि यही ममता बनर्जी विपक्ष में रहते हुए वामपंथी शासन पर हिंसा करने के आरोप लगाते नहीं थकती थीं, अब वैसी ही हिंसा उनके शासन में भी हुई है। जो इन बुराइयों एवं हिंसा के खूनी खेल को लोकतांत्रिक व्यवस्था की कमजोरियां बताते हैं, वे भयंकर भ्रम में हैं। बुराई हमारे चरित्र में है इसलिए व्यवस्था बुरी है। हमारा रूपांतरण होगा तो व्यवस्था का तंत्र सुधरेगा, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा।

चुनाव कहीं भी हो और किसी भी स्तर के हो, उनका शांतिपूर्ण और निष्पक्ष होना जरूरी है। बिना किसी भय या दबाव के होना भी जरूरी है। ऐसा नहीं होना कानून-व्यवस्था की विफलता तो है ही, उसके लिये उस प्रांत का सर्वोच्च नेतृत्व भी जिम्मेदार है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव कराने वाला सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। पहले तो तृणमूल ने ऐसा आतंक मचाया कि दूसरे दलों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने ही नहीं दिया गया। उन्हें रास्ते में ही रोककर डराया-धमकाया गया। इस तरह की त्रासद एवं विडम्बनापूर्ण स्थितियों का बनना लोकतंत्र की हत्या ही माना जायेगा। क्योंकि इन चुनावों का या किसी भी चुनाव का संबंध ”लोकजीवन“ से होता है। संस्कृति, परम्पराएं, विरासत, व्यक्ति, विचार, लोकाचरण से लोक जीवन बनता है और लोकजीवन अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति से ही लोकतंत्र स्थापित करता है, जहां लोक का शासन, लोक द्वारा, लोक के लिए शुद्ध तंत्र का स्वरूप बनता है। लोकजीवन के इस मौलिक अधिकार को बाधित करना या इसके लिये उस पर अत्याचार करना, गंभीर चिन्ता का विषय है। चुनावों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरूआत मानी जाती है, पर आज चुनाव लोकतंत्र का मखौल बन चुके हैं। चुनावों में वे तरीके अपनाएं जाते हैं जो लोकतंत्र के मूलभूत आदर्शों के प्रतिकूल पड़ते हैं। इन स्थितियों से गुरजते हुए, विश्व का अव्वल दर्जे का कहलाने वाला भारतीय लोकतंत्र आज अराजकता के चैराहे पर है। जहां से जाने वाला कोई भी रास्ता निष्कंटक नहीं दिखाई देता। इसे चैराहे पर खडे़ करने का दोष जितना जनता का है उससे कई गुना अधिक राजनैतिक दलों व नेताओं का है जिन्होंने निजी व दलों के स्वार्थों की पूर्ति को माध्यम बनाकर इसे बहुत कमजोर कर दिया है। आज ये दल, ये लोग इसे दलदल से निकालने की क्षमता खो बैठे हैं। जब एक अकेले व्यक्ति का जीवन भी मूल्यों के बिना नहीं बन सकता, तब एक राष्ट्र मूल्यहीनता में कैसे शक्तिशाली बन सकता है? अनुशासन के बिना एक परिवार एक दिन भी व्यवस्थित और संगठित नहीं रह सकता तब संगठित देश की कल्पना अनुशासन के बिना कैसे की जा सकती है?

चैतीस प्रतिशत सीटों पर तृणमूल का विरोध करने की हिम्मत किसी भी दल ने नहीं दिखाई। क्या यह लोकतंत्र है? इससे तो लोकतंत्र का कमजोर एवं डरा हुआ चरित्र ही सामने आया है। विरोधी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट और कोलकाता हाईकोर्ट के सामने भी आया था। दोनों ने पंचायती चुनावों पर असंतोष प्रकट किया था और चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई थी। जिस अव्यवस्था, छीना-झपटी व हिंसा की बड़े पैमाने की कल्पना थी वैसा और उससे अधिक घटित हुआ, जो लोकतंत्र पर एक बदनुमा दाग की तरह लग गया है।”जैसा चलता है-- चलने दो“ की नेताओं की मानसिकता और कमजोर नीति ने जनता की तकलीफें बढ़ाई हैं। ऐसे सोच वाले व्यक्तियांे को अपना राष्ट्र नहीं दिखता। उन्हें विश्व कैसे दिखेगा। चुनावों की प्रक्रिया को राजनैतिक दलों ने अपने स्तर पर भी कीचड़ भरा कर दिया है। राजनीतिक दल लोक कल्याण की सोचेंगे या स्वकल्याण की? हैरानी होती है एक तृणमूल नेता का बयान पढ़कर जिन्होंने इस हिंसा को सामान्य बताया है और पुराने आंकड़े देकर तृणमूल की सरकार को क्लीनचिट देने की कोशिश की है। पंचायत चुनाव में बैलेट पर बुलेट को हावी होने दिया गया। हिंसा की भयावह तस्वीरें पूरे देश के सामने आ चुकी हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि चुनावों में हिंसा का इतिहास ही रहा है। हिंसा की संस्कृति भारत के लोकतंत्र की जड़ों में गहरी पैठती जा रही है। ऐसे में जनादेश कैसा होगा, यह पहले से ही सर्वविदित हो जाता है। जब तक राजनीतिक दल बाहुबलियों और असामाजिक तत्वों को अपने से अलग नहीं करते तब तक लोगों का खून बहता ही रहेगा। बिना विचारों के दर्शन और शब्दों का जाल बुने यही कहना है कि लोकतंत्र के इस सुन्दर नाजुक वृक्ष को अहिंसा की माटी, नैतिकता का पानी और अनुशासन की आॅक्सीजन चाहिए। अगर ठीक चले तो लोकतंत्र से बेहतर कोई प्रणाली नहीं और ठीक न चले तो इससे बदतर कोई प्रणाली नहीं।


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(ललित गर्ग)
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विशेष आलेख : वाराणसी हादसे से उपजे सवाल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में जिस तरह निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गाड़ियों के रेले पर जा गिरा, वह कई स्तरों पर लापरवाही एवं कोताही का संकेत देता है। यह कैसा विकास है? यह कैसी विकास की मानसिकता है, जिसमें लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। लोग कई महीनों से चिल्ला रहे थे कि पुल हिल रहा है लेकिन अधिकारियों और राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब लोगों की जान चली गई तो सरकार ने तुरन्त मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया। क्या इस फ्लाईओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार की बू नहीं आ रही है? पुल निर्माण में तेजी और लापरवाही से इतना भीषण हादसा हुआ कि देखने वालों की रूह कांप उठी। इस प्रकार विकास के नाम पर घटित हो रहे हादसों की शृंखला, अमानवीय कृत्य अनेक सवाल पैदा कर रहे हैं। कुछ सवाल लाशों के साथ सो जाते हैं। कुछ घायलों के साथ घायल हुए पड़े रहते हैं। कुछ समय को मालूम है, जो भविष्य में उद्घाटित होंगे। इसके पीछे किसकी लापरवाही है, किस तरह का भ्रष्टाचार है? आज करोड़ों देशवासियों के दिल और दिमाग में इस तरह के सवाल उठ रहे हंै।

वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन के पास कई महीने से बन रहे इस ओवरब्रिज का भारी-भरकम गार्डर क्रेन का संतुलन बिगड़ जाने से गिरा और उसने 18 लोगों की जान ले ली, अनेक घायल हुए। ओवरब्रिज के नीचे तो पहले से ही जाम लगा हुआ था। गार्डर गिरने के बाद तो चीखो-पुकार मच गई। गार्डर इतना भारी था कि गाड़ियां ही पिचक गईं और लोगों ने भीतर ही कराहते-कराहते दम तोड़ दिया। लापरवाही की हद देखिये कि हादसा स्थल पर भीड़ प्रबन्धन का इंतजाम न होने से चिकित्सा कर्मियों को राहत कार्य में दिक्कत हुई। हर बार इस तरह की दुर्घटनाओं के बाद सबक सीखने की बात भी कही जाती है, पर अनुभव यही बताता है कि हमने कोई सबक नहीं सीखा है। अकेले उत्तर प्रदेश में पिछले 10 वर्षों के भीतर करीब पांच ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि इनसे आसानी से बचा जा सकता था। क्या हो गया है हमारे देश के निर्माताओं को? क्या हो गया है हमारे विकास के सिपहसलाहकारों को? पिछले लम्बे दौर से विकास के नाम पर होने वाले हादसें एवं दुर्घटनाएं रूप बदल-बदल कर अपना करतब दिखाती है- विनाश और निर्दोष लोगों की जाने लेकर। निर्दोषों को इस तरह से मरना सरकारों पर ही नहीं, सरकार की विकास नीतियों एवं उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करता है। क्योंकि इस तरह जब कोई निर्दोष जब मरते हैं तब पूरा देश घायल होता है। कैसी विडम्बना है, कैसी त्रासदी है कि कभी पुल गिर जाता है, कभी पुरानी इमारतें गिर जाती हैं, कभी तूफान से मकान ढह जाते हैं, कभी गुड्डों में गिर कर इंसान दम तोड़ देता है और लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जाता है। यह तो प्रकृति का नियम है- जो संसार में आया है, उसे एक दिन तो जाना ही है। हादसे तो रोजाना ही होते हैं लेकिन दुःख इस बात का है कि मानवीय चूक या लापरवाही से हादसे में लोगों की मौत हो जाती है। वाराणसी की यह घटना चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है सत्ता-कुर्सी के चारों तरफ चक्कर लगाने वालों से, हमारी खोजी एजेन्सियों से, हमारी सुरक्षा व्यवस्था से, हमारी यातायात व्यवस्था संभालने वालों से, हमारे विकास को आकार देने वालों से कि वक्त आ गया है अब जिम्मेदारी से और ईमानदारी से राष्ट्र को संभालें।
कोलकता में भी ऐसे ही भीड़भरे बाजार में ब्रिज गिरा था और अनेक निर्दोष लोगों की जाने गयी थी। अब वाराणसी में भी वैसा ही हादसा- इस तरह इन हादसों का लगातार होते जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन द्वारा ठेकेदारों से कराए जा रहे इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता तो संदेह के घेरे में है ही, यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि इतने बड़े निर्माणाधीन ढांचे के नीचे पड़ने वाली सड़क पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित क्यों नहीं की जा सकी? कब तक विकास कुर्बानी मांगता रहेगा? वैसे हमारे देश में विकास के नाम पर लोगों को उजाड़ दिया जाता है और वर्षों तक उनके पुनर्वास के बारे में सोचा नहीं जाता। आज किसान मर रहे हैं, छात्र मर रहे हैं, संवेदनाएं मर रही हैं, जिज्ञासाएं मर रही हैं। कब तक हम संवेदनहीन होते इस विकास के नाम पर निर्दोष लोगों की मौतों को सहते रहेंगे? इन हादसों के लिये जिम्मेदार खूनी हाथों को खोजना होगा अन्यथा खूनी हाथों में फिर खुजली आने लगेगी। हमें इस काम में पूरी शक्ति और कौशल लगाना होगा। आदमखोरों की मांद तक जाना होगा। अन्यथा हमारी विकास में जुटी एजेंसियों की काबिलीयत पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा कि कोई दो-चार व्यक्ति कभी भी पूरे देश की शांति और जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकते हैं, विकास को कलंकित कर सकते है। कोई हमारा उद्योग, व्यापार ठप्प कर सकता है। कोई हमारी शासन प्रणाली को गूंगी बना सकता है।
 
हर बार की तरह इस बार भी हादसे के बाद राज्य सरकार ने सहायता राशि और मुआवजे की घोषणा में काफी तत्परता दिखाई। जांच समिति गठित करके उसे 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को भी कहा। लेकिन प्रश्न है कि तमाम चेतावनियों के बावजूद सरकार की नींद हादसों से पहले क्यों नहीं टूटी? शहरों के प्रबंधन में आम तौर पर जो गड़बड़ियां होती हैं, और बनारस जैसे शहर में भी जो गड़बड़ियां हैं, उस तरफ सरकार का ध्यान क्यों नहीं जाता? वाराणसी बहुत पुराना ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक शहर है। किसी भी पारंपरिक शहर की तरह यहां संकरी गलियां और पतली सड़कें ही देखने को मिलती हैं। फ्लाईओवर और चैड़ी सड़कें इसकी पहचान का हिस्सा नहीं हैं। बढ़ती आबादी की नागरिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनारस के विकास को विस्तार देना ही होगा, लेकिन यह काम शहर के मिजाज और बनावट को समझ कर ही किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र हो जाने के कारण यहां 2019 को टारगेट बनाकर विकास की कुछ ज्यादा ही हड़बड़ी देखी जा रही है। इस क्रम में गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों की कितनी अनदेखी हो रही है, शहर के आम लोगों को इसके चलते रोजाना कितनी कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है, इन सवालों पर ज्यादा गंभीरता से सोचने की जरूरत है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस हादसे से कुछ सबक ले सके तो यह बनारस के लिए सुकून की बात होगी। इस हादसे का सबक दूसरे प्रांतों को भी लेना चाहिए। पर यह ज्यादा जरूरी है कि जो घटना हुई है इसका विकराल रूप कई संकेत दे रहा है, उसको समझना है। कई सवाल खड़े कर रहा है, जिसका उत्तर देना है। इसने नागरिकों के संविधान प्रदत्त जीने के अधिकार पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया। यह विकास से जुड़ा बड़ा षड़यंत्र है इसलिए इसका फैलाव भी बड़ा हो सकता है। सभी राजनैतिक दल अपनी-अपनी कुर्सियों को पकडे़ बैठे हैं या बैठने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन्हें नहीं मालूम कि इन कुर्सियों के नीचे क्या है। हमें सावधानी बरतनी होगी। हम ऐसी दुर्घटनाओं में अपनी जान इस तरह नहीं गंवा सकते, जो मामूली-सी सावधानी से सुरक्षित हो सकती हैं। पर सवाल अब भी वही है कि क्या हम इसके लिए तैयार हैं? क्या हम वाराणसी हादसे से सचमुच सबक सीखेंगे?



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बिहार : ऑपरेशन विश्वास के तहत पुलिस महकम्मा को बड़ी कामयाबी

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  • दूध क्रेन से शराब की आपूर्ति


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पटना. वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में सी.एम.नीतीश कुमार की शराबबंदी की पोल खुल खुल गयी. दूध के व्यवसाय करने वाले लोग शराब का व्यवसाय करने लगे.आलमगंज थाने की पुलिस ने जाल बिछाकर आलमगंज से दूध क्रेन में शराब विक्रेता को धड़धबौचा.वीयर के नाम पर शराब परोसा जा रहा है.

बिहार : कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ 18 मई को राज्यव्यापी प्रतिवाद: माले

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 17 मई 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि भाजपा द्वारा जनादेश की लूट और लोकतंत्र की हत्या का खेल लगातार जारी है. गोवा, बिहार, मणिपुर और मेघालय के बाद इस बार कर्नाटक में यह खेल खेला गया, जहां एक बार फिर से लोकतंत्र को मजाक बना दिया गया. नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में चले रहे इस खेल को निर्णायक तौर पर परास्त किए बिना भारत में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में चुनाव परिणाम के बाद जो हुआ वह लोकतंत्र, संविधान और न्यायपालिका को शर्मसार करने वाला है. वहां के राज्यपाल पूरी तरह भाजपा-आरएसएस के दबाव में हैं और सारी संवैधानिक प्रक्रियाओं को किनारा कर भाजपा के लिए रास्ता बना रहे हैं. जाहिर है भाजपा को भारी खरीद-फरोख्त करने की छूट मिल गई है. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि कर्नाटक में भाजपा ने 104 सीटें 36 प्रतिशत मत लाकर जीती है, जबकि कांग्रेस 38 प्रतिशत मत लाकर भी महज 78 सीट जीत पाई. कर्नाटक चुनाव में वीवीपीएटी और ईवीएम के बीच गैप के भी मामले प्रकाश में सामने आए हैं. इसलिए आज ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग के साथ-साथ समानुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग भी उठायी जानी चाहिए. उन्होंने अंत में कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ 18 मई को हमारी पार्टी पूरे बिहार में राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन करेगी.

केवल डयूटी नहीं, गरीबी से निजात दिलाने के लिए कर्तव्यों का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करें : रघुवर दास

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  • फ्लैगशिप योजनाओं की झारखण्ड मंत्रालय में समीक्षा

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रांची-दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दक्षिणी छोटानागपुर प्रमण्डल के जिलों की फ्लैगशिप योजनाओं की झारखण्ड मंत्रालय में समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जिलाधिकारियों से  कहा कि केवल डयूटी नहीं, आत्मसंतुष्टि के लिए समाज को गरीबी से निजात दिलाने  व कर्तव्यों  के  उत्कृष्ट उदाहरण  के लिए काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड बदल रहा है और मुझे विश्वास है कि तत्पर और प्रतिबद्ध प्रयास से झारखण्ड देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा। आदिवासी विकास समिति /ग्राम विकास समिति गांवों की तकदीर बदलेगी :- मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी विकास समिति / ग्राम विकास समिति जन सहभागिता को विकास से जोड़ते हुए गरीबी दूर करेगी और गांवों के विकास की नई तकदीर लिखेगी। 5 लाख रू  तक के विकास योजनाओं का पैसा सीधे इन समितियों को मिलेगा। गांव वाले मिल कर अपनी प्राथमिकता के अनुसार योजना का चयन कर उसे पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जनशक्ति में ही सरकार की शक्ति निहित है। अपना गांव अपना कार्य जमीन पर उतरेगा।  राज्य की सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिलेगा स्मार्ट फोन :- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा जिसमें वे बच्चों के सभी आंकड़े अपडेट करेंगे। सभी सीडीपीओ की यह जवाबदेही होगी कि वे उन्हें स्मार्ट फोन के उपयोग से आंकड़े अपडेट करने के लिए प्रशिक्षित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आठ जिलों में रेडीटूईट बनाने का पलान्ट लगाया जाएगा। जनवरी 2019 से कार्य प्रारम्भ होगा तथा प्लांट से आंगनबाड़ी केन्द्रों तक रेडी टू ईट का परिवहन भी सखीमण्डल के माध्यमों से ही किया जाएगा। 

महिलाएं ही इन कम्पनियों की मालिक होंगी तथा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में यह मील का पत्थर होगा।  24 मई से 7 जून तक जल संग्रहण पखवाड़ा और इस दौरान 1000 तालाब का निर्माण पूरा होगा  :- मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मई को जल संग्रहण दिवस मनाया जाएगा। इसी  दिन से पूरे राज्य में 1000 तालाब की खुदाई शुरू होगी। 7 जून तक इसका निर्माण पूरा हो जाना चाहिए। सभी तालाबों की सूची पब्लिक डोमेन में उपलब्ध रहेगी। उपायुक्त मापी एवं पर्यवेक्षण का विशेष ध्यान रखें। पीलर अथवा अन्य  माध्यम से इसकी गहराई तथा सभी मापदण्ड को एहतियात और निगरानी के साथ निर्माण को पूरा करें। इससे जल संग्रहण को बढ़ावा मिलेगा। एसपीरेशनल जिलों के प्रभारी सचिव भी इसकी निगरानी करेंगे। दक्षिणी छोटानागपुर के पांचों जिलों में 251 पर्कुलेशन टैंक गांवों में आदिवासी विकास समिति/ग्राम विकास समिति के माध्यम से बनाए जाएंगे। माॅडल स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दें :  मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि शिक्षा के द्वारा गरीबी दूर होगी। इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में 89 माॅडल स्कूल बनाए गए हैं, जिनमें डीसी जरूरत के हिसाब से घंटी आधारित शिक्षक की बहाली करें। किसी भी कीमत पर पढ़ाई की दृष्टि से इन विद्यालयों को गुणवत्ता उत्कृष्ट हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों के पुनर्गठन के बाद शिक्षकों को नए विद्यालयों में पदस्थापित करें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे पुराने पाठ्यपुस्तकों विद्यालय को वापस करेंगे उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कस्तुरबा विद्यालयों में गलत नामांकन न हो। गलत नामांकन को चिन्हित कर उन्हें रद्द करें। कहा कि कस्तुरबा से पास होने वाली प्रतिभाशाली लड़कियों को राज्य के बेहतरीन महाविद्यालयों जैसे इंजीनियरिंग व  मेडिकल संस्थानों में शिक्षा के योग्य बनाया जाए तथा जो आगे नहीं पढ़ सकती उन्हें कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए तैयार करें। 

बाल विवाह रोकने वाले पंचायतों को सम्मान और प्रोत्साहन/यक्ष्मा का होगा उन्मूलन :  मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि महिलाओं व  बच्चियों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रहेगा। बाल विवाह हर हाल में न हो। बाल विवाह रोकने वाले पंचायतों को सम्मान और प्रोत्साहन दोनों मिलेगा। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि यह दुख की बात है कि राज्य में 6 प्रतिशत मृत्यु गर्भपात से होती है। कम उम्र में विवाह इसका कारण है। बेटी बचाव और बेटी पढ़ाओ का जागरूकता अभियान पूरे राज्य में चलता रहना चाहिए। यक्ष्मा के रोगी की पहचान करने और अस्पताल तक लाने वाले को 500 रू0 दिए जाने का प्रावधान है। यक्ष्मा रोग और उसके प्रसार पर पूरी तरह रोक लगाए जाने की जरूरत है। 108 मोबाईल चिकित्सा वैन चालकों को सलाम :  मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्त्रोत से प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात है कि काॅल आते ही चार मिनट के अंदर 108 मोबाईल चिकित्सा वैन मरीजों तक पहुंच जाती है। दिन रात बेहतर काम करने वाले इन चालकों को बधाई और सलाम। मुख्यमंत्री ने कहा जो अच्छा कार्य करे उसका सम्मान हो, जो शासन पर बोझ बन गए ऐसे अधिकारी कर्मी कोई भी हों उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए। हर  हाल में रौशन होंगे सभी घर-सभी गांव : मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से यह स्पष्ट कहा कि वे अपने लगातार निगरानी से सौभाग्य योजना की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि यह हमारा संकल्प है कि इस वर्ष के अंत तक हर हाल में सभी घर सभी गांव रौशन हो। विद्युतीकरण कार्य में कोई भी बाधा आए उसे दूर करें।  गरीब बेघर न रहे : 

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री  आवास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस प्रमण्डल के लिए निर्धारित लगभग 34, 000 के विरूद्ध अब तक 26, 000 घर बन चुके हैं। ग्रामीणों को यह पता रहे कि उनका नाम प्रतीक्षा सूची में कहां है। दीवाल लेखन के माध्यम से प्रतीक्षा सूची प्रदर्शित करें। गुमला, खूंटी, रांची जल्द हो ओडीएफ : मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहरदगा व सिमडेगा ओडीएफ हो चुके हैं।  जल्द ही गुमला, खूंटी,  रांची भी ओडीएफ के लक्ष्य को पूरा करें। इस वर्ष महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छता के उदेश्यों को पूरा करते हुए पूरा राज्य ओडीएफ होना चाहिए। 15 नवम्बर 2018 तक पूरे राज्य के उज्जवला लाभुकों का केवाईसी पूरा करें : मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जवला और उज्जवला प्लस के सभी लाभुकों का केवाईसी 15 नवम्बर 2018 तक पूरा करें। उन्होंने कहा कि पीडीएस डीलर को इस काम में लक्ष्य देते हुए आवंटित करें।  बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से कहा कि वे प्रतिदिन किसी एक योजना की समीक्षा करें। संवेदनशील होकर योजनाबद्ध तरीके से मिशन मोड में काम करें। अच्छी सरकार वह होती है जो कम से कम हुक्म दे। उपायुक्तों ने अपनी समस्याएं भी सरकार के सामने रखी जिसका समाधान और दिशा निर्देश तत्समय बैठक में दिया गया। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त अमित खरे, अपर मुख्य सचिव वित्त सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ.सुनील कुमार वर्णवाल सहित विभागों के प्रधान सचिव, सचिव तथा रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला एवं लोहरदगा के उपायुक्त उपस्थित थे।

मधुबनी : दिव्यांगों की समस्याओं के लिए चलंत न्यायालय का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 17 मई, : स्थानीय टाउन हाॅल में गुरूवार को दिव्यांगों की समस्याओं के लिए चलंत न्यायालय (मोबाईल कोर्ट) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री षिवाजी कुमार,राज्य आयुक्त,निःषक्तता,बिहार,पटना, श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी, डाॅ. शंभू कुमार रजक, अपर आयुक्त,निःषक्तता,बिहार,पटना एवं अन्य पदाधिकारियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस  कार्यक्रम का आयोजन बिहार में पहली बार मधुबनी में किया गया। है।  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि दिव्यांगजन किसी से भी कम नहीं है। उनमें एक विषिष्टा भी होती है, वे एक अंग से दिव्यांग होते है, तो उनका दूसरा अंग काफी बेहतर काम करता है। जैसे पैर से अपंग है,तो वे हाथ के सहारे आगे बढ़ने में सक्षम होते है। चलंत न्यायालय का उद्देष्य दिव्यांगों के सभी प्रकार के परेषानियों को एक ही जगह दूर करना है। ऐसे चलंत न्यायालय का आयोजन होने से दिव्यांगों को काफी सहुलियत होगी और उन्हंे अपनी समस्याओं के निदान का मौका मिलेगा।  जिला पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और शनिवार को कार्यालय प्रारंभ काल(10 बजे) में ही समाहरणालय के निचले तल में दिव्यांगजनों की समस्याओं को वे सुनेंगे। उनकी अनुपस्थिति(क्षेत्र भ्रमण) में सहायक निदेषक,सामाजिक सुरक्षा के द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जायेगा। एवं उनके आने के बाद वे फिर स्वयं दिव्यांगजनों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करंेगे। उन्होने कहा कि दिव्यांगजनों एवं बृद्धों को समाहरणालय के उपरी तल पर जाने में काफी कठिनाई होती है। उनके लिए लिफ्ट की व्यवस्था करने हेतु प्रस्ताव बनाकर भेजा जायेगा। उन्होने कहा कि बिहार सरकार द्वारा 7 निष्चय के तहत विभिन्न विकासात्मक कार्य किये जाते है। आठवां निष्चय दिव्यांगजनों से संबंधित हो सकेगा। उन्होने कहा कि वे मूकबधिरों के लिए शीघ्र ही इंटरप्रेन्योर की व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे।

तत्पष्चात आयुक्त, निःषक्तता के द्वारा बताया गया कि दिव्यांगजन अपने विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निदान हेतु 24 घंटे टाॅल फ्री नंबर 8448385590 पर संपर्क कर सकते है। उन्हे अपना नाम,पता एवं मोबाईल नंबर बताना होगा। तत्पष्चात राज्य स्तरीय पदाधिकारी उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए मधुबनी जिला माॅडल जिला बनेगा। यही से चलंत न्यायालय की शुरूआत की गयी है। यह कार्यक्रम प्रत्येक जिले में चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी दिव्यांगजन आधार कार्ड बनवा लें। इससे उन्हें विभिन्न प्रकार के सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। कार्यक्रम में लगभग 750 दिव्यांगजन शामिल हुए। जिसमें लगभग 350 दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। साथ ही अन्य लोगों के दिव्यांग पेंषन, इंदिरा आवास से संबंधित मामलों की सुनवाई की गयी। साथ ही ट्राईसाईकिल के लिए आये दिव्यांगजनों से भी आवेदन लिया गया। एवं कहा गया कि जो दिव्यांगन इस चलंत न्यायालय में शामिल नहीं हो सके है,वे अपने प्रखंड कार्यालय में अपने आवेदन, आधार कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति और आवास प्रमाण पत्र प्रखंड में जमा करेंगे। सभी प्रखंडों से डिमांड सूची आने पर क्रय कर उन्हें ट्राईसाईकिल दी जायेगी। साथ ही प्रत्येक शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय,मधुबनी में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाता है। एवं प्रखंड में भी बनाया जाता है। इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों के समस्याओं के निदान हेतु विभिन्न विभागों का स्टाॅल लगाया गया,जहां से आॅन-स्पाॅट मामले का निदान किया गया। इस कार्यक्रम में ही बिहार में पहली बार थैलिसीमीया के दिव्यांग आदित्य कुमार को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया गया।  इस अवसर पर श्री समीर कुमार महासेठ,माननीय विधायक,मधुबनी श्री कुमार सत्यकाम, सहायक निदेषक,सामाजिक सुरक्षा,मधुबनी, श्री विनोद कुमार,प्रभारी जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी,मधुबनी समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

मधुबनी : दिव्यांगता विषय एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन

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  • सभी प्रखंडों   की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में सभी पदाधिकारियों के साथ दिव्यांगता विषय एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। 

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 17 मई, बैठक में राज्य आयुक्त, निःषक्तता के द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की व्यापक जानकारी सभी उपस्थित पदाधिकारियों को दी गयी। समीक्षा के दौरान उन्होने बताया कि कुल 21 प्रकार की दिव्यांगता होती है। उन्होने कहा कि दिव्यांगों को सही तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है। मधुबनी बस स्टैंड पर दिव्यांगों के लिए सही तरीके का रैम्स भी नहीं बना है। उन्होने जिला परिवहन पदाधिकारी को निदेष दिया कि इस कार्य को 15 दिनांे के अंदर पूरा कराया जाये। साथ ही मधुबनी जिले में चलने वाली बसों में दिव्यांगों के लिए विषेष सीट आरक्षित कराने का भी निदेष दिया। राज्य आयुक्त द्वारा सिविल सर्जन को निदेष दिया गया कि विषेष रूचि लेकर दिव्यांग प्रमाणीकरण का कार्य पूरा करें। डाॅ शंभू कुमार रजक,अपर आयुक्त ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगों के लिए संचालित सभी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिषत मिलना चाहिए। उन्होने उपस्थित पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री निःषक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना को प्रचारित करते हुए इसे सफल बनाने का निदेष दिया। श्री दुर्गानंद झा,अपर समाहत्र्ता,मधुबनी के द्वारा सभी पदाधिकारियों को ओर से बताया गया कि दिव्यांग संबंधी सभी कार्य जिले में संपन्न किये जाएंगे। तत्पष्चात राज्य आयुक्त द्वारा बाल संरक्षण कार्यालय में विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं के संचालकों से दिव्यांगजन एवं अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्ष किया गया। इस अवसर पर श्री कुमार सत्यकाम,सहायक निदेषक,सामाजिक सुरक्षा कोषांग,मधुबनी श्री सुजीत कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी, मो0 अतीकुद्दीन, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी,मधुबनी,श्री संगीत कुमार ठाकुर, बाल संरक्षण गैर संस्थानिक पदाधिकारी,मधुबनी समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

गरीबों से जुड़ी योजनाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं :-मुख्यमंत्री

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  • बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रंबधकों, उप महाप्रबंधकों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश

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रांची - दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  गरीबों से जुड़ी योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। लेकिन बैंकों से पूरी तरह से सहयोग नहीं मिल रहा है। राशि जमा होने के बाद भी लाभुकों को पूरी राशि नहीं मिल पा रही है। यह उचित नहीं है। इस तरह की कोताही को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। लोगों को दौड़ाने की सूचना नहीं मिलनी चाहिए। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। वे झारखंड मंत्रालय में सभी बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रंबधकों, उप महाप्रबंधकों के साथ बैठक बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। कहीं-कहीं लाभुक के खाते में किस्त की राशि आने के बाद भी उन्हें पूरी राशि नहीं दी जा रही है। इससे आवास निर्माण काम धीमा हो जा रहा है। इसे पीछे बैंकों में राशि की कम उपलब्धता को बताया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जब लाभुक  आये, तो तत्काल उसे पूरी राशि दी जायेगी, ताकि वह तेजी से आवास बनवा सके। इसी प्रकार आधार सिडिंग के मामले में मुख्यालय व जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी को लगायें, जो वहीं से बैठकर खातों को आधार से जोड़े। जिन खातों में परेशानी आयेगी, उन्हीं खातों को शाखा में भेजा जाये। बीडीओ द्वारा प्रमाणित करने पर आधार सिडिंग में आनाकानी नहीं की जानी चाहिए। बैंक सखी मंडलों को तबज्जो दें। उसकी मदद से बैंक के काफी काम हो सकते हैं। हर पंचायत भवन या सुरक्षा बलों के कार्यालय में बैंक एटीएम खोलें, ताकि हर किसी को राशि निकालने के लिए बैंक के चक्कर न काटने पड़े। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि के लाभुकों को भी दौड़ाने की सूचना मिलती रहती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। थोड़ा संवेदनशील बनें। गरीबों असहाय लोगों को बार-बार न दौड़ायें। इससे सरकार की छवि भी खराब होती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां बैंक सहयोग नहीं कर रहे हैं, वहां कड़ाई करें। लोगों को मुख्यमंत्री जन संवाद 181 पर शिकायत करने के लिए कहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सखी मंडल को लोन देने में कंजूसी न करें। इनके छोटे-छोटे लोन होते हैं। ये समय से राशि भी लौटाती हैं। लोन मिलने से वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी। मुद्रा लोन में भी डिफॉल्टर काफी कम हैं। ये भी स्वरोजगार के लिए है। इसे भी बढ़ावा दें। हर किसी को संदेह की दृष्टि से न देखें। कुछ गलत लोगों के कारण ज्यादातर लोगों को लोन से वंचित न करें। बैंक की मदद से बेरोजगारी की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने विल फुल डिफॉल्टर की सूची बैंकर्स से देने को कहा, ताकि उपायुक्त को इसे भेजकर बैंकों के ऋण वसूली में मदद की जा सके।  बैठक में विकास आयुक्त अमित खरे, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ.सुनील कुमार वर्णवाल, विभिन्न जिलों के उपायुक्त तथा बैंकों के राज्यस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।    

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 17 मई

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पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र / पुत्रियों को कक्षा 6वीं, 7वीं, 8वीं एवं 11वीं में प्रवेश दिलाने हेतु परीक्षा का आयोजन 20 मई को 

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श्रम पदाधिकारी सीहोर ने बताया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र / पुत्रियों के सर्वागीण विकास को ध्यान में रखकर म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल (म.प्र.श्रम विभाग) व्दारा प्रदेश के चार महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमोदय आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे है। श्रमोदाय विद्यालय भोपाल का शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19 में कक्षा 6वीं, 7वीं, 8वीं एवं 11वीं में प्रवेश परीक्षा 20 मई,2018 को आयोजित की गई है, जिसके प्रवेश पत्र 10 मई,2018 से श्रम विभाग के पोर्टल  http://shramodavvidvalay.mp.gov.in/admitcard.aspn एवं www.mpsos.nic.in से डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है अथवा इन्हें श्रम पदाधिकारी कार्यालय कलेक्टर परिसर कक्ष क्रमांक 142, 143 से भी प्राप्त कर सकते हैं। परिस्थिति वश यदि किसी परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र उपलब्ध नहीं हो पाता है और ऐसे परीक्षार्थी के आवेदन ऑनलाईन किये जाने की पावती उपलब्ध है तो वह पावती के साथ परीक्षा केन्द्र पर पहचान पत्र के साथ उपस्थित हो सकता है। परीक्षा केन्द्र पर परीक्षक व्दारा संतुष्ट होने पर परीक्षार्थी को प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने दिया जाएगा। 

अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों के निराकरण के निर्देश 

जिला प्रशासन व्दारा जिले में अनुकंपा नियुक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभागों से स्वीकृत / भरे / रिक्त पदों की जानकारी चाही गई है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे व्दारा जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखों निर्देशित किया गया है कि वे अपने विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रोस्टर अनुसार स्वीकृत / भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी मय रोस्टर की प्रमाणित छायाप्रति में 3 दिवस में अनिवार्य रूप से कलेक्ट्रेट कार्यालय भिजवाना सुनिश्चित करें। 

टोल नाका पर अधिमान्य पत्रकारों को छूट

मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 31 जनवरी 2014 में प्रकाशित राजपत्र में जनसंपर्क विभाग व्दारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों के वाहनों को मध्ययप्रदेश सड़क विकास निगम के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर बने टोल नाकों पर पथकर भुगतान से छूट प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि शासन के नियमानुसार अधिमान्य पत्रकारों को कई टोल नाकों पर टोल टैक्स में छूट नहीं दी जा रही है।  राज्य शासन द्वारा 31 जनवरी 2014 को प्रकाशित राजपत्र के भाग-1 के पृष्ठ क्रमांक-450 की कण्डिका क्रमांक-11 की उप कण्डिका-9 में अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को टोल नाकों पर टोल टैक्स में छूट प्रदान की गई है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 17 मई

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जिलेभर के  1345 किसानों को किसान यात्रा में सम्मान किया गया
  • भाजपा किसान मोर्चे की समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन

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झाबुआ । प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के निर्देशानुसार 5 अप्रेल 15 अप्रेल तक निकाली गई किसान सम्मान यात्रा के तहत झाबुआ जिले में भी भाजपा किसान मोर्चे की अगुआई में जिले की सभी ग्राम पंचायतों में निकाली गई किसान सम्मान यात्रा का गा्रमीण अंचलों में व्यापक स्वागत हुआ तथा गा्रमीणजनों ने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ ं की जानकारी प्राप्त की । 5 से  15 अप्रेल तक निकाली गई जिले भर की गा्रम पंचायतों में किसान सम्मान यात्रा को लेकर प्रदेश के प्रत्येक जिले में 17 मई को समीक्षा करने के निर्देश के परिपालन में जिला भाजपा कार्यालय पर किसान मोर्चे के जिला अध्यक्ष छगनलाल जायसवाल एवं जिला प्रभारी फकीरचंद राठौर की उपस्थिति मे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे एवं भाजपा कार्यालय मंत्री महेन्द्र तिवारी द्वारा जिले की तीनों विधानसभाओं के 17 भाजपा मंडलों की विस्तृत जानकारी छाया चित्रों सहित प्राप्त की । समीक्षा बैठक में विधानसभावार किसान सम्मान यात्रा की समीक्षा के दौरान जिले के 1345 किसानों को यात्रा के दौरान सम्मानित किया गया । जिले भर में किसान यात्रा के दौरान पांच रथ किसान मोर्चे के बैनर तले गा्रम गा्रम में जाकर प्रचार-प्रसार कर सरकार की योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक मिले इसके लिये वातावरण बनाया गया । यात्रा के दौरान सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ भावांतर योजना, किसान कल्याण की सभी योजनाओं का साहित्य, पेंपलेट आदि का वितरण किया गया वही केलेण्डरों के वितरण के साथ ही किसान कल्याण के क्षेत्र में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । समीक्षा बैठक के दौरान किसान मोर्चे के मंडलों द्वारा यात्रा में शामील हुए विशिष्ठ जनों, सरपंच, पंच, जन प्रतिनिधि, तडवियों एवं गणमान्यजनों की सूची भी समीक्षा बैठक के दौरान प्रस्तुत की गई । 5 से 15 अप्रेल तक चली किसान सम्मान यात्रा में जिले भर मे 5 स्थानो से यात्राऐं प्रारंभ होकर इसके माध्यम से विधानसभा क्षेत्र पेटलावद के रायपुरिया मंडल में 28, पेटलावद गा्रमीण मंडल में 32 किसान यात्राओं का आयोजन प्रभारी रमेश भाई गुर्जर के मार्गदर्शन में, थांदला विधानसभ में थांदला गा्रमीण की 46 गा्रम पंचायतों, मदरानी मंडल की 34 गा्रम पंचायतों, नौगांवा मंडल की 27 गा्रम पंचायतों में प्रभारी गणराज आचार्य एवं पुरूषोत्तम प्रजापति के मार्गदर्शन में तथा झाबुआ विधानसभा में प्रभारी प्रवीण सुराणा एवं बहादूर हटिला के मार्गदर्शन में गा्रमी मंडल झाबुआ की 25 गा्रम पंचायतों, कल्याणपुरा मंडल की 27 गा्रम पंचायतों, कुंदनपुर की 23 पंचायतों एवं रानापुर गा्रमीण की 24 गा्रम पंचायतों में कुल 214  गा्रम पंचायतों में गांव गांव तक किसान सम्मान यात्रायें सफलता पूर्वक आयोजित की गई जिसमें हजारों की संख्या में किसानों ने भी सहभागिता की । समीक्षा बैठक में संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे ने कहा कि किसानों के हित में किसान मोर्चे द्वारा आयोजित किसान सम्मान यात्रा की सफलता के लिये सभी के द्वारा पूरे मनोयोग के साथ कठोर परिश्रम करके सफलत बनाया है इसके लिये वे बधाई के पात्र है । श्री दुबे ने जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के विधायक शांतिलाल बिलवाल झाबुआ, कलसिंह भाबर, थांदला एवं सुश्री निर्मला भूरिया का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इनका मार्गदर्शन एवं भरपुर सहयोग मिलने के कारण किसान सम्मान यात्रा ने सफलता के कीर्तिमान को स्थापित किया है । समीक्षा बैठक में किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष छगनलाल जायसवाल, यात्रा प्रभारी फकीरचन्द राठौर, अनोखीलाल प्रजापत, हरिराम पाटीदार, खुमानसिंह, मीठिया राठौर, लालिया परमार, सब्बू भूरिया, पण्डित महेन्द्र तिवारी, परमानन्द पाटीदार, विजिया भाबर, रमेश गुर्जर सहित जिले भर के मोर्चे के मंडल अध्यक्ष एवं महामंत्रीगणों ने भाग लिया ।

महिला सषक्तिकरण की दिषा में उज्ज्वला योजना से महिलाओं के चेहरों पर छाई खुषी-षांतिलाल बिलवाल
  • केन्द्र एवं प्रदेष सरकार की योजनाओं से सभी वर्गो का हुआ उत्थान- मनोहर सेठिया
  • दोंतड मे 70 हितगा्रहियों को उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्षन का निषुल्क वितरण हुआ

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झाबुआ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहािसक कदम उठाते हुए पूरे  देश की 6 करोड से अधिक गरीब महिलाओं को  परम्परागत लकडी कंडो से जलने वाले चुल्हों से  निजात दिला कर उज्ज्वला योजना प्रारंभ करके सभी को निशुल्क रसोई गैस के सिलेंडर, चुल्हे एवं कनेक्शन देकर महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ ही वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने का कदम उठाया है । केन्द्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने हर वर्ग के विकास एवं उत्थान के लिये सैकडो योजनायें लागू करके विकास के नये आयाम खोले है । उज्ज्वला योजना में जिले की हजारों महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन दिये जाने के कारण वे सहजता से अपना काम कर पा रही है और उनके चेहरों पर अब खुशिया दिखाई देने लगी है । उक्त उदबोधन मुख्य अतिथि विधायक शांतिलाल बिलवाल ने गुरूवार को गा्रम दोंतड में  गवसर, भूत बयडा, थुवादरा, गलती, धामनीनाना, टांडी, डाबतलाई गा्रमों की करीब 70 महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन वितरण के अवसर पर आयोजित समारोह मे गा्रमीणो एवं महिलाओं को संबोधित करते हुए कही । गा्रम दोंतड में आयोजित उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन वितरण समाराहे के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया विशेष अतिथि के रूप  में उपस्थित थे । इइ अवसर पर श्री सेठिया ने अपने संबोधन में कहा जिले में गा्रमीण अंचलों में माताओ- बहिनों को लकडी एवं कण्डे जला कर अपने परिवार का भोजन अभी तक तैयार करना पडता था । किन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्ज्वला योजना प्रारंभ करके माताओं बहिनों को धुंए एवं लकडी के जलने से होने वाले नेत्रो की जलन के अलावा खांसी, अस्थमा जैसे रोगो ं से भी गैस कनेक्शन मिल जाने के बाद छूटकारा मिल सकेगा । उन्होने केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश एवं इस आदिवासी अंचल के गरीबों, गा्रमीणों, किसानों, मजदूरों को काफी राहत मिली है। उन्होने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी । गैस कनेक्शन वितरण के अवसर पर मथियास भूरिया, सवेसिंह,जनपद अध्यक्ष माना बाई अजनार सहित बडी संख्या में गा्रमीणजन एवं महिलायें उपस्थित थे ।

गोल्डन अवार्ड बुक विजेता आचार्य रत्न सुदंर सूरीष्वरजी मसा के त्रि-दिवसीय भव्य प्रवचन माला की आमंत्रण पत्रिका का किया गया विमोचन

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झाबुआ। महामहिम राष्ट्रपतिजी द्वारा पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित, दि गोल्डन अवार्ड बुक विेजता, सरस्वती लब्धिप्रसाद ओजस्वी वक्ता पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय रत्न सुंदर सूरीष्वरजी मसा द्वारा झाबुआ में आगामी 22, 23 एवं 24 मई को स्थानीय पैलेस गार्डन पर प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक प्रवचन माला में अलग-अलग विषयों पर प्रवचन दिए जाएंगे। उक्त भव्य आयोजन की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन अर्हत ध्यान योगी तपस्वी मुनिराज श्री आदर्ष रत्न सागरजी मसा के सानिध्य मे सकल जैन श्री संघ के पदाधिकारियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा किया गया। आमंत्रण पत्रिका के विमोचन से पूर्व पूज्य मुनिराज श्री आदर्ष रत्न सागरजी मसा द्वारा श्री नवकार महामंत्र के स्मरण के साथ आदि-व्याधि निवारक प्रभु श्री पाष्र्वनाथजी की स्तुति एवं उव्वस्हगरम स्त्रोत का उद्घोषण अपने मुखारविन्द से किया गया। पश्चात पत्रिका पर वाक्षेप किया। कार्यक्रम संयोजक एवं श्री संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यषंवत भंडारी ने पत्रिका की चंदन, पुष्प, धूप, अक्षत आदि से पूजन विधि करवाई तथा मंत्रोच्चार के माध्यम से आयोजन को सफल बनाने की प्रार्थना की। इस अवसर पर सभी संघों के प्रमुख मंदिरों एवं धर्म स्थानों की पत्रिकाएं लिखी गई तथा संघों के अध्यक्षों को अपने संघ में निमंत्रण देने हेतु पत्रिकाओं का वितरण भी किया गया।

धर्म की दलाली करे
इस अवसर पर मुनिराज ने कहा कि झाबुआ का यह परम् सौभाग्य है कि इतने उच्च कोटी के सरल, स्वभावी संत यहां पधार रहे है। आप सकल जैन श्री संघ के सभी सदस्यों के साथ झाबुआ शहर के सभी धर्मप्रेमियों को पूज्य आचार्य श्री के प्रवचनों का अवष्य लाभ उठाना चाहिए। आपने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में अर्थ की प्राप्ति के लिए कई प्रकार की दलाली करता है, इसी तरह धर्म की प्राप्ति के लिए अपने ईष्ट परिवारजनों एवं ईष्ट मित्रों का प्रवचन माला में प्रवचन श्रवण करने हेतु पधारने का आमंत्रण देकर धर्म की दलाली अवष्य करे।

ये थे उपस्थित
इस अवसर पर स्थानकवासी श्री संघ के अध्यक्ष प्रदीप रूनवाल, तेरापंथ महासभा के राजेन्द्र चैधरी एवं कैलाषचन्द्र श्रीमाल, दिगंबर जैन समाज से षिरिष भानुलाल शाह, आयोजन समिति के संजय कांठी, सुभाष कोठारी, भरत बाबेल, अनिल रूनवाल, हंसमुखलाल शाह ‘गट्टूभाई’ के साथ षिविर आयोजन समिति के संयोजक संजय मेहता, वरिष्ठ सदस्य हस्तीमल संघवी, प्रकाष कटारिया, देवेन्द्र सेठिया, देेवेन्द्र शाह, पप्पू वागरेचा, रिंकू रूनवाल, धर्मेन्द्र कोठारी सहित बड़ी संख्या में श्राविकाएं उपस्थित थी।

पद््म विभूषित आचार्य श्री रत्न सुंदर सूरीष्वरजी को मप्र सरकार ने राजकीय अतिथि का सम्मान दिया

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झाबुआ। महामहिम राष्ट्रपतिजी से पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित, राजप्रतिबोधक, देष के प्रख्यात संत आचार्य श्रीमद् विजय रत्न सुंदर सूरीष्वरजी मसा को मप्र सरकार ने प्रदेष का राजकीय अतिथि का सम्मान दिया है। उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक यषवंत भंडारी ने बताया कि मप्र शासन के पत्र क्रमांक एफ-13,290,पीएमएस-2018 द्वारा प्रदेष के उप सचिव एवं प्रदेष प्रोटोकाॅल आॅफिसर संजयकुमार ने       जारी किए गए आदेष द्वारा पूजनीय संत को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है। पूज्य श्री को राजकीय अतिथि से सम्मानित करने पर उनके त्रि-दिवसीय आयोजन समिति के सदस्य भरत बाबेल, संजय कांठी, हंसमुख लाल शाह ‘गट्टूभाई’, प्रमोद भंडारी, अनिल रूनवाल, मुकेष जैन ‘नाकोड़ा;, अषोक संघवी, मनोहर मोदी के साथ सकल जैन श्री संघ के प्रदीप रूनवाल, राजेन्द्र चैधरी, भानुलाल शाह, रमेषचन्द्र डोषी, सुभाष कोठारी, संजय मेहता, राजेन्द्र संघवी, दिनेष रूनवाल, अमित मेहता, प्रकाष कटारिया, निर्मल मेहता, भानुलाल शाह, मनोहरलाल भंडारी सहित सकल जैन श्री संघ के सभी सदस्यों ने प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान, प्रभारी मंत्री विष्वास सारंग एवं मप्र सरकार का आभार माना।

बहादुर सागर तालाब की अतिषीघ्र सफाई हेतु पार्षद ने नपा सीएमओ को लिखा पत्र
  • सफाई टीम लगाए जाने की मांग

झाबुआ। शहर के बहादुर सागर तालाब (बड़ा तालाब) की अतिषीघ्र सफाई करवाए जाने हेतु इस संबंध में वार्ड क्र. 1 के पार्षद पपीष पानेरी ने नगरपालिका झाबुआ के सीएमओ एमएस निगवाल को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। वर्तमान में तालाब पूरी तरह से जलकुंभियों एवं कमल फूल की पत्तियों से पट चुका है। नपा सीएमओ के नाम दिए गए पत्र में वार्ड पार्षद श्री पानेरी ने बताया कि वर्तमान में झाबुआ का बहादुर सागर तालाब (बड़ा तालाब) अत्यधिक दुर्दषा का षिकार हो गया है। तालाब में भारी मात्रा में जलकुंभियों के साथ कमल फूल की पत्तीयां जमा होने से इसका सौंदर्यीकरण खत्म हो गया है। इसके साथ ही तालाब में कूड़ा-कचरा भी काफी मात्रा में एकत्रित होने से पानी बदबू मार रहा है। यदि समय रहते इसकी सफाई नहीं करवाई गई, तो आने वाले समय में तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

सफाई टीम लगाए जाने की मांग
दिए गए पत्र में वार्ड पार्षद द्वारा आगे बताया गया कि पूर्व में उनकी पहल पर नपा द्वारा यहां सफाई टीम लगवाई गई थी, लेकिन बाद में शहर में अन्य सफाई कार्यों के चलते सफाई कामगार कम कर दिए जाने से परेषानी आ रहीं है, इसलिए मांग की कि इस तालाब की पूर्णतः सफाई हेतु यहां बड़ी संख्या में सफाई कामगारों को तैनात किया जाए एवं वे टीम बनाकर मुहीम चलाकर इस तालाब की संपूर्ण सफाई करे, जिससे ही तालाब का पानी पूरी तरह से साफ एवं स्वच्छ होकर गंदगी से मुक्ति मिल सके। फोटो -5- इस तरह बहादुर सागर तालाब के पानी में भारी मात्रा में जमा हो गई जलकुंभियां एवं कमल फूल पत्तीयां।

ग्रामोफोन ऐप के पास है किसानों के हर सवाल के जवाब
  • मिस काॅल करें टोल फ्री नंबर 18001236566 पर और जानिये अपनी कृषि संबन्ध्ाित समस्याओं का हल

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झाबुआ । सूचना प्रौद्योगिकी ने दुनिया में बहुत कुछ बदल दिया हैं। मोबाइल फोन के माध्यम से हर क्षेत्र में सुविधाओं का अम्बार लग गया है। लेकिन, अभी तक किसानों की खेती संबंधी समस्याओं को इस माध्यम से हल किए जाने का कोई सही और दूरदर्शी प्रयास नहीं हुआ। इस दिशा में एक सटीक प्रयास है, सिर्फ किसानों के लिए बनाया गया हैं मोबाइल ऐप ग्रामोफोन। ये ऐप किसानों के साथ काम करके उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहा है, ताकि वे अपने पूरे फसल चक्र के दौरान कृषि संबंधी समस्याओं से तत्काल निजात पा सकें और साथ ही उन्हें विशेषज्ञों की सही सलाह मिल सके। इस ऐप का सबसे सशक्त पक्ष है इसका उपयोग! कंपनी के पास एक टोल फ्री नंबर (18001236566) है, जिस पर किसान अपने मोबाइल फोन से मिस कॉल दे सकता है, फिर किसान के मोबाइल नंबर पर ग्रामोफोन के कृषि विशेषज्ञ कॉल करके किसान से बात करके उसकी समस्याओं, जिज्ञासाओं को हल करते हैं और उसे कृषि संबंधी सही सलाह देते हैं। किसानों को कृषि से जुड़े सही उत्पादों (दवाइयाँ और कीटनाशक) की भी सलाह दी जाती है, ताकि वे अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकें। ग्रामोफोन ऐप पर ये सुविधा भी उपलब्ध है कि किसान कॉल सेंटर या ग्रामोफोन ऐप के माध्यम से भी अपनी जरूरतों का ऑर्डर दे सकता है। ऐप पर उपलब्ध सामुदायिक सुविधा पर किसान विशेषज्ञों और सह-किसानों से संपर्क कर सकते हैं। यह सुविधा किसानों को सीधे विशेषज्ञों से बात करने और खेती को नुकसान पहुंचाने वाले कीट और बीमारियों की समस्याओं को हल करने में भी सक्षम है। ग्रामोफोन ऐप का कांसेप्ट आईआईटी से प्रशिक्षित इंजीनियरों निशांत वत्स, तोसीफ खान, हर्षित गुप्ता और आशीष सिंह को आया था। इन्होने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए भी किया है। इस सभी ने मिलकर जून 2016 में उन्होंने इसकी शुरुआत की। इन्होंने कृषि के क्षेत्र में गहराई से काम किया है और ये समझते हैं कि प्रौद्योगिकी के जरिए जमीन का संयोजन कर किसान उत्पादकता में कैसे सुधार ला सकता है! सामान्यतः किसान अपनी समस्याओं के हल के लिए हमेशा ही परेशान रहता है। क्योंकि, उसके आसपास ऐसा कोई नहीं होता जो किसानों के खेती संबंधी सवालों के सही जवाब दे सके। ग्रामोफोन ऐप किसानों की सभी समस्याओं का एकमात्र हल। है। खेती से जुड़े किसानों के सवाल दरअसल कुछ ऐसे होते हैं! फसल संबंधी समस्याओं के बारे में विशेषज्ञों से बात कैसे हो सकती है? कौनसा कीटनाशक, कितने डोज में उसकी फसल की रक्षा करेगा? फसल के पोषण की सही जानकारी कहाँ से मिलेगी? मुझे अपनी जमीन से ज्यादा पैदावार कैसे मिल सकती है? अच्छी किस्म के बीज, दवाइयाँ, कीटनाशक सही कीमत पर कहाँ से मिलेंगे? क्या उसे दवाइयों और कीटनाशकों की खरीद का पक्का बिल मिलेगा? क्या बाजार जाए बिना उसे कृषि संबंधी दवाईयाँ, कीटनाशक उपलब्ध हो सकते हैं? मंडी के भाव और मौसम की सही जानकारी उसे कौन देगा? ग्रामोफोन के पास इन सारे सवालों के जवाब हर वक्त मौजूद होते हैं।

गाईड लाइन वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रस्ताव पर 21 मई तक सुझाव आमंत्रित
    
झाबुआ । संपत्ति की गाईड लाईन निर्धारण के लिए गठित जिला मूल्यांकन समिति, झाबुआ की बैठक आज 17 मई 2018 को कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जिले की उप जिला मूल्यांकन समितियों के द्वारा प्रेषित प्रस्तावों को अध्ययन एवं विचार विमर्श उपरान्त उचित मानते हुए स्वीकार किया गया। उक्त प्रस्तावों पर यदि आमजन अपना कोई भी सुझाव देना चाहते है तो उक्त प्रस्तावों का अवलोकन जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों, जिला पंजीयक कार्यालय एवं जिलाधीश कार्यालय के सूचना पटल पर करने के पश्चात् दिनांक 21.05.2018 तक अपने सुझाव दे सकते है।

झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल 31 मई तक विकास यात्रा करेंगे

झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र झाबुआ के विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल 31 मई तक विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में विकास यात्रा करेंगे। इस दौरान वे पंचायतों में स्वीकृत कार्यो के भूमि पूजन/लोकार्पण/शिलान्यास करेंगे। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओ की जानकारी भी आमजन को देंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 18 मई को गोपालपुरा हवाई पट्टी, मिण्डल, कुण्डला एवं मसुरिया मे ,19 मई को काकरादराखुर्द, गेहलर छोटी खेडी, बावडीबडी, कालाखूंट में, 20 मई को माण्डलीबडी, पिटोलबडी, भीमफलिया, ढेकल छोटी, भोयरा क्षेत्र में, 21 मई को मोहनपुरा में, 22 मई को कल्याणपुरा में, 23 मई को संदला में, 24 मई को भगोर में, 25 मई को ढेबर, 26 मई को अंतरवेलिया,27 मई को कोटडा,  28 मई को आमली फलिया, 29 मई को बामनसेमलिया, 30 मई को उमरियावज्रंत्री एवं 31 मई को गडवाडा ग्राम पंचायत मे विकास यात्रा निकालेंगे।

टी.एल. मीटिंग अब सोमवार को

झाबुआ । जिले में कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली टी.एल. बैठक अब सोमवार को हुआ करेगी। आगामी टी.एल. बैठक 21 मई सोमवार को प्रातः 10.30 बजे से कलेक्टोरेट सभाकाक्ष मे होगी। बैठक में समयावधि पत्र, सी.एम. हेल्पलाइन, जनसुनवाई, मुख्यमंत्री जी के भ्रमण के दौरान प्राप्त आवेदन पत्र, निर्वाचन कार्य, इत्यादि की समीक्षा की जाएगी। विभागों प्रमुखों को जानकारी के साथ बैठक मे उपस्थित रहने हेतु निर्देशित किया गया है।

सोमवार को अपरान्ह 4 बजे होगी राजस्व अधिकारियों की बैठक
झाबुआ । राजस्व अधिकारियों की बैठक प्रत्येक सोमवार को अपरान्ह 4.30 बजे से होगी, जिसमे राजस्व एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा की जावेगी। बैठक मे राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। उसके बाद प्रत्येक सोमवार को सायंकाल 5 बजे जघन्य सनसनीखेज अपराधों से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी।

मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए बीएलओ 20 जून तक करेगे डोर-टू-डोर सर्वे

झाबुआ । फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य 20 जून तक किया जाना है। इसके लिए संबंधित बीएलओ द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा। बीएलओ द्वारा कार्य का निरीक्षण करने एवं मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन कार्य सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने नियुक्त झोनल अधिकारी को आदेशित किया है।  नियत अवधि में डोर-टू-डोर कार्यक्रम संपन्न नही करने वाले बीएलओ के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

लोकसेवा केंद्र हेतु वाहन के लिए निविदा आमंत्रित

झाबुआ । जिले मे लोक सेवा केंद्र के कार्यो के सुचारु संपादन हेतु बोलेरो वाहन के लिए निविदा 28 मई सायं 3 बजे तक लोक सेवा प्रबंधन विभाग झाबुआ मे ंआमंत्रित की गई है। अधिक जानकारी के लिए लोक सेवा प्रबंधन विभाग की वेबसाईट ूूूण्उचमकपेजतपबजण्हवअण्पद एवं ूूूण्रींइनंण्दपबण्पद पर लाॅग इन करें।

स्वरोजगार एवं कौशल मेले में युवाओ का पंजीयन किया गया, युवा स्वरोजगार स्थापित कर रोजगार दाता बने

झाबुआ । स्वरोजगार, रोजगार एवं कौशल पंचायत 2018 का आयोजन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार माह जुलाई 2018 में आयोजित किया जाना हैं।इस हेतु युवाओं का चयन करने के लिए झाबुआ जिले में जनपद पंचायतवार रोजगार/स्वरोजगार एवं कौशल मेलों का आयोजन किया जा रहा है। स्वरोजगार, रोजगार एवं कौशल (आई.टी.आई.प्रशिक्षण) हेतु इच्छुक हितग्राहियों का पंजीयन किया जा रहा है। आज 17 मई को आईआईटी झाबुआ में स्वरोजगार एवं कौशल मेले का आयोजन किया गया। मेले मे रोजगार हेतु इच्छुक युवाओ का पंजीयन किया गया। पंजीकृत युवाओं को पात्रता अनुसार रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की जाएगी। मेले मे उपस्थित विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार बेंरोजगारो को स्वरोजगार से जोडने के लिए प्रयासरत है, आप भी शासन की स्वरोजगार योजनाओं में ऋण सुविधा का लाभ लेकर स्वयं का रोजगार स्थापित करे एवं क्षंेत्र के अन्य बेरोजगारो को भी रोजगार उपलब्ध करवाये। मेले मे प्राचार्य आईटीआई श्रीमती सावित्री भिडे, सहित जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक एवं बडी संख्या मे युवा उपस्थित थे।

अगला स्वरोजगार मेला 23 मई को राणापुर में,
अगला स्वरोजगार मेला 23 मई को राणापुर में आयोजित होगा। उसके बाद शनिवार 26 मई को आई.टी.आई. मेघनगर में मेला आयोजित कर युवाओं का पंजीयन किया जाएगा।

“दस्तक अभियान“ का प्रथम चरण (माह जून-जुलाई 2018) में

झाबुआ । दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन 14 जून 2018 से 31 जुलाई 2018 तक किया जाना है। अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं एकीकृत बाल विकास सेवाओं के संयुक्त दल (ए.एन.एम.,आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता) द्वारा 5 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों वाले परिवारो के घर पर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओ की दस्तक दी जायेगी एवं इस उम्र के बच्चों मे प्रायः पाई जाने वाली बीमारियों की सक्रिय पहचान सुनिश्चित की जायेगी। दस्तक अभियान का उद्देश्य है कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों मे प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर सक्रिय पहचान द्वारा त्वरित प्रबंधन ताकि बाल मृत्यु दर में वांछित कमी लाई जा सके। अभियान के दौरान समुदाय में बीमार नवजातो और बच्चो की पहचान की जायेगी। प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों मे शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चो मे बाल्यकालीन दस्त रोग के नियंत्रण हेतु ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी समझाईश व प्रत्येक घर में ओ.आर.एस. पहुंचाना, 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों मे गंभीर एनिमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, बच्चों मे ंदिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान की जायेगी। 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चो को विटामिन ए अनुपूरण, गृहभेंट के दौरान आंशिक रुप से टीकाकृत व छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी ली जायेगी। समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति व्यवहार को बढावा देने के लिए समझाईश दी जायेगी। एस.एन.सी.यू. एवं एन.आर.सी. से छुट्टी प्राप्त बच्चों मे बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फाॅलोअप को प्रोत्साहन, बाल मृत्यु (विगत 6 माह मे) की जानकारी एकत्रित की जायेगी।

वर्चुअल क्लास के माध्यम से कैरियर काउन्सलिंग प्रारंभ
  • 21 मई को मुख्यमंत्री करेंगे सम्बोधित

झाबुआ । माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12 वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 14 मई 2018 को घोषित किये गये है। कक्षा 12 वीं की परीक्षा मे 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के मार्गदर्शन हेतु कैरियर काउन्सलिंग के लिए मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है। कैरियर काउन्सलिंग की योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री जी माॅडल स्कूल भोपाल मे आयोजित कार्यक्रम मे करेंगे। 21 मई को मुख्यमंत्रीजी द्वारा वर्चुअल क्लास को दूरदर्शन के माध्यम से संबोधित किया जायेगा।इस कार्यक्रम मे वे प्रदेश के  समस्त 313 विकासखंड मुख्यालयों पर कक्षा 12 वीं में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की वर्चूअल क्लास को दूरदर्शन एवं अन्य माध्यम से संबोधित करेंगे। विकासखंड मुख्यालय पर उपस्थित मेधावी विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी देंगे अर्थात उनसे सीधा संवाद स्थापित करेंगे। जिले मे 16 मई से प्रतिदिन वर्चुअल क्लास प्रातः 11.00 से 12.00(एक घण्टे) की अवधि मे संचालित हो रही हैं। वर्चुअल क्लास 21 मई 2018 तक निरंतर संचालित रहेगी।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पेंशनरो ने दी दुआ

झाबुआ । पेंशनरो के सम्मेलन मे सेवानिवृत्त हुए पेंशनरो को कंेद्र के समान पेंशन में 2.57 प्रतिशत वृद्धि देते हुए पेंशन का लाभ देने की घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने की  एवं पेंशनरों को सरकारी अस्पताल के अतिरिक्त निजी अस्पतालों में भी ईलाज की सुविधा दिये जाने एवं पेंशनरों की अन्य समस्याओ के निराकरण के लिए पेंशनर बोर्ड गठित किये जाने की घोषणा से जिले के पेंशनर हर्षित है । जिला चिकित्सालय झाबुआ  से सेवानिवृत्त हुए श्री राजेन्द्र सोनी ने कहा कि मुख्यमंत्रीजी द्वारा 2.57 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा किये जाने से पेंशनरो को आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही पेंशनरों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी मुख्यमंत्री जी द्वारा पूरी की गई है। जिला पेंशनर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रतनसिंह राठौर ने पेंशनरो को एरियर की राशि भी एक मुश्त भुगतान करने तथा मेडीकल भत्ता 1,000 रुपये प्रतिमाह के मान से दिये जाने पर मुख्यमंत्रीजी का आभार माना है।

आत्माराम ने शासकीय लोन एवं प्रशिक्षण लेकर अपनी आय को किया तीन गुना

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झाबुआ । हुनर रखने वाले हुनरबाजों को यदि प्रशिक्षण और आर्थिक मदद मिल जाये तो वे अपने काम को और ज्यादा अच्छे से करते है और स्वयं के साथ-साथ अन्य जरुरतमंद लोगो के लिए भी रोजगार दाता बनते हैं। झाबुआ जिले के थांदला मे रहने वाले आत्माराम शर्मा 10वीं कक्षा तक पढाई करने के बाद फर्नीचर व्यवसाय से जुडे। आसपास जहां भी काम मिलता वे करते फिर भी महीने में 5-6 हजार रुपये ही कमा पाते थे। एवं तकनीकी ज्ञान एवं आर्थिक तंगी की वजह से वे चाहते हुए भी अपने कारोबार को आगे नही बढा पा रहे थे। फिर उन्होने बैंक आॅफ बडौदा प्रशिक्षण संस्थान झाबुआ से प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं 10 लाख रु. बैंेक आॅफ बडौदा से ऋण लेकर आरामशीन लगाई एवं काम करना शुरु किया। फिर विकास की ऐसी रफ्तार पकडी कि आसपास के लोगो के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये ंआज मासिक आमदनी औसत 15-18 हजार रुपये है। चर्चा के दौरान आत्माराम ने बताया कि पहले वे किराये के घर मे रहते थे और जैसे तैसे घर का खर्च बडी मुश्किल से चला पाते थे। जबसे उन्होने ऋण लेकर आरामशीन का काम शुरु किया, उनकी जिन्दगी बदल गई। आय बढकर तीन गुना हो गई। प्राप्त आमदनी से उन्होने स्वयं का घर बना लिया है एवं फर्नीचर व्यवसाय के लिए दुकान का निर्माण भी कर लिया है। उनके दो बच्चे है, दोनो को उन्होने 12 वीं कक्षा तक की पढाई करवाई। एक बच्चा वर्तमान मे काॅलेज मे अध्ययनरत है और आज वे दो अन्य व्यक्तियो को भी अपनी आरामशीन पर रोजगार उपलब्ध करवा पाते है। उन्होने इसके लिए शासन की योजना को विकास वाहिनी माना है।

दुमका प्रीमियर लीग का उद्घाटन

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दुमका (आर्यावर्त डेस्क) 17 मई, जिला क्रिकेट संघ, दुमका के तत्वावधान में दुमका प्रीमियर लीग का उदघाटन  नगर परिषद्  अध्यक्ष  स्वेता झा, पूर्व अध्यक्ष अमिता रक्षित, बी किस्कु (पूर्व फूटबॉल खिलाड़ी) जिला क्रिकेट संघ के सचिव ललित पाठक ,जिला खेलकूद संग के सचिव उमाशंकर चौबे ,वार्ड नंबर 15 के सीमा देवी,  कुणाल दास, अमित रक्षित उमेश राउत, अजय पाठक, पप्पू यादव, रोहित तिवारी ,राम मंडल, उज्ज्वल दास, जितेंदर शर्मा, राजकुमार ,संजय तिवारी,  गोविंद तिवारी, रंजीत मिश्र। मौके पर उद्धघाटन समाहरोह में अमित आनंद, संजय सुरीन, अंपायर : विनय यादव और मिट्ठू यादव। स्कोरर :- चंचल राउत। कमेंटेटर :-मोहम्मद, वसीम अख्तर। आज का मैच दुमका प्रीमियर लीग 20-20 का पहला मैच :- दुमका रेड बुल्स बनाम दुमका ब्लू स्टार के बीच खेला गया जिसमें टॉस जीत कर दुमका ब्लू स्टार ने छेत्ररक्षण करने का निर्णय लिया और पहले बैटिंग करते हुए दुमका रेड बुल्स ने कुल 20 ओवरों के मैच में 16.3 ओवर में 10 विकेट पर 120 रन बना सके ।दुमका बुल्स की तरफ से बल्लेबाजी करते हुए बलराम सिंह ने 38 रन्स ,राजेश गुप्ता  31 रन्स एवं अंकुश राउत ने 19 रन्स का योगदान दिया।  दुमका ब्लू स्टारस की और से गेंदबाजी करते हुए  आशीष ने 04 विकेट , मोहित सिंह ने 04 विकेट ,आनंद तिवारी ने 01 विकेट एबं प्रिंस  सिन्हा ने 01 विकेट लिया।लक्ष्य का पीछा करते हुए दुमका ब्लू स्टार्स  ने  16.2 ओवर्स में 10 विकेट्स पर 102 रन्स ही बना सकी ।और इस तरह dumka ब्लू स्टार्स की टीम ने यह मैच को 18 रन्स हार गई।  दुमका ब्लू स्टार्स की और से बल्लेबाजी करते हुए आनंद तिवारी  26 रन्स , आशीष ने 21 रन्स ,सत्यम दुबे 15 रन्स एवं मोहित सिंह ने 10 रनों का योगदान दिया।दुमका रेड बुल्स की और से गेंदबाजी करते हुए अंकुश राउत ने 04 विकेट्स ,रवि ठाकुर ने 03 विकेट्स ,सूरज पाठक ,राजेश गुप्ता और गुफरान ने 01-01 विकेट लिया।दुमका रेड बुल्स ने दुमका ब्लू स्टार्स को 18 रन्स से पराजित किया।मैन ऑफ़ द मैच :- अंकुश राउत ( दुमका रेड बुल्स )  कल का मैच सुबह 7 बजे दुमका हीटर्स  बनाम दुमका स्ट्राइकर्स के बीच खेला जाएगा।दोपहर का मैच 2 बजे दुमका रियल  Fighters बनाम दुमका  इनिंग्स स्टार्स के बीच खेला जायेगा।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 मई

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मुख्यमंत्री जी आज बासौदा आएंगे

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 18 मई शुक्रवार को बासौदा में आयोजित तेंदूपत्ता संग्राहकों एवं श्रमिक सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री जी का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार 18 मई को बैतूल जिले से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2.25 बजे बासौदा आएंगे और यहां आईटीआई परिसर में आयोजित पूर्व उल्लेखित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री जी सायं चार बजे हेलीकाप्टर द्वारा गंजबासौदा से प्रस्थान कर सायं 4.25 बजे भोपाल पहुंचेगे।

प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह का दौरा कार्यक्रम

गृह एवं परिवहन मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह 18 मई को बासौदा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रभारी मंत्री का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार 18 मई शुक्रवार की दोपहर 12 बजे सागर से गंजबासौदा के लिए प्रस्थान कर दोपहर दो बजे गंजबासौदा आएंगे और मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रभारी मंत्री सायं साढे चार बजे गंजबासौदा से सागर के लिए रवाना होंगे।

राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष का दौरा कार्यक्रम

मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री महेश कोरी भी बासौदा में 18 मई को आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। अध्यक्ष श्री कोरी 18 मई को साढे दस बजे गढाकोटा से बासौदा के लिए प्रस्थान करेंगे और बासौदा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत गढाकोटा के लिए प्रस्थान करेंगे।

असंगठित मजदूरों एवं तेंदूपत्ता संग्राहको का सम्मेलन आज बासौदा में

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान तथा केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत बासौदा में 18 मई शुक्रवार को आयोजित असंगठित मजदूरों एवं तेंदूपत्ता संग्राहको को लाभांवित कराने के उद्वेश्य से आयोजित सम्मेलन में शामिल होंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गृह एवं परिवहन मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर, उद्यानिकी राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा होंगे तथा विशेष अतिथि सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक सर्वश्री कल्याण सिंह ठाकुर, श्री वीर सिंह पंवार, श्री गोवर्धन उपाध्याय, श्री निशंक जैन के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी मौजूद होंगे। असंगठित मजदूरों एवं तेंदूपत्ता संग्राहको का सम्मेलन तथा राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत जीवन सहायक उपकरण वितरण संबंधी समारोह बासौदा के एसएटीआई परिसर में शुक्रवार की दोपहर डेढ़ बजे से आयोजित किय गया है आयोजन के संबंध में प्रभारी कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर दस करोड़ से अधिक के कुल सात कार्यो का मुख्यमंत्री जी समेत अन्य के द्वारा लोकार्पण, शिलान्यास किया जाएगा। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों में से 12 हजार 879 हितग्राहियो को 5.54 करोड की राशि से लाभांवित किया जाएगा।  राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत देश का यह सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। जिसमें चार हजार छह सौ वृद्वजनों को योजना के तहत लाभांवित किया जाएगा। जिसमें 4274 को श्रवण यंत्र, 2935 को छड़ियां, 2060को चश्में, 1373 को व्हीलचेयर, 833 को तिपाया छड़ी, 672 को कृत्रिम बत्तीसी सेट, 215 को वाकर, 42 को क्रचेज सहित कुल 38051 सहायक उपकरण जो लगभग तीन करोड़ पांच लाख की राशि के वितरित किए जाएंगे।  तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन परिश्रमिक (बोनस) एवं सहायक उपकरण का वितरण किया जाएगा कि जानकारी देते हुए वन मण्डलाधिकारी श्री एचसी गुप्ता ने बताया कि 13 समितियों एवं 290 फड के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण एवं अन्य वनोपज का कार्य जिले में किया जा रहा है। 23106 संग्राहक परिवारो को 262.18 लाख बोनस राशि कार्यक्रम के माध्यम से प्रदाय की जाएगी इसके अलावा 45749 हितग्राहियों को पानी की बोतल जो 86.96 लाख तथा 22643 महिला हितग्राहियों को साड़ियां जिनकी कीमत 60.68 लाख है से लाभंावित किया जाएगा। आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना, उपार्जन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तथा सौभाग्य योजना और राजस्व अभियान के तहत लाभांवित होने वाले हजारो हितग्राहियों को मौके पर लाभांवित किया जाएगा। 

लोकार्पण-शिलान्यास 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान एवं अन्य अतिथियों के द्वारा आयोजन स्थल पर 3413 लाख की लागत से पूर्ण कराई गई लटेरी में पाॅलिटेक्निक काॅलेज छात्रावास भवन, आवास गृह, बाउण्ड्रीवाल का लोकार्पण, किया जाएगा। इसके अलावा छह ऐसे निर्माण कार्य जो क्रमशः दस-दस करोड़ से अधिक की लागत के है का शिलान्यास किया जाएगा। उनमें आनंदपुर से पगरानी पहुंच मार्ग की स्वीकृत लागत 1216.44 लाख, रूसल्ली दामा से बरवाई व्हाया बरेज कस्बाताल मार्ग की स्वीकृत लागत 2405.23 लाख, भैंरोखेडी से अहमदपुर व्हाया पालक ठर्र मार्ग की स्वीकृत लागत 1639.94 लाख, पमारिया, ढाडोन से गोलना व्हाया आमखेडा सूखा, सतपाडा हाट मार्ग की लागत 1658.77 लाख, एनएच 86 (कालापाठा) से हैदरगढ़ मार्ग निर्माण पुल सहित स्वीकृत लागत 1211.54 लाख तथा त्योंदा पठारी रोड़ से सैरवासा मोड खैरोदा मार्ग निर्माण पुलिया सहित की स्वीकृत लागत 1110.24 लाख है का शिलान्यास सम्पन्न होगा। इस प्रकार छह निर्माण कार्य जिनका भूमिपूजन शिलान्यास किया जाएगा कि कुल लागत 9242.16 लाख है।

तैयारियां पूर्ण 

बासौदा के आईटीआई प्रागंण के परिसर में शुक्रवार को आयोजित होेने वाले असंगठित मजदूरों एवं तेंदूपत्ता संग्राहकों का सम्मेलन एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत प्रदाय किए जाने वाले जीवन सहायक उपकरणों के वितरण समारोह और निर्माण कार्यो के लोकार्पण, शिलान्यास कार्यक्रम के मद्देनजर की जाने वाली तमाम व्यवस्थाएं पूर्ण की गई है।  गुरूवार की सायंकाल को भोपाल संभाग के उपायुक्त राजस्व श्री आरके मिश्रा प्रभारी कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर समेत अन्य ने आयोजन स्थल के मद्देनजर की जाने वाली तमाम व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया जिसमें बैठक व्यवस्था, हेलीपेड, स्टाॅल, हितग्राहियों को लाभांवित करने हेतु रखी जाने वाली सामग्री समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए की गई अंतिम तैयारियों का जायजा लिया।

छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन आज

आयुक्त पुरातत्व श्री अनुपम राजन के निर्देशो के परिपालन में विश्व संग्राहालय दिवस 18 मई की प्रातः साढे नौ बजे से विदिशा जिला संग्रहालय में भारतीय चित्रकला एवं कृष्ण कथा पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर के द्वारा प्रातः साढे नौ बजे किया जाएगा।

राजनीतिक : भाजपा की सरकार, कांग्रेस का नाटक

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सरकार बनाने के लिए उठे राजनीतिक तूफान के बीच आखिरकार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। लेकिन सरकार बनने के बाद यह तूफान थम गया हो, ऐसा अभी नहीं लग रहा। कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर बहुमत के आंकड़ों के साथ अभी भी अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं। कर्नाटक में जहां एक तरफ येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, वहीं कांग्रेस के विधायक बंगलुरु में गांधी प्रतिमा के समक्ष शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। इस शक्ति प्रदर्शन में तीसरे नंबर पर रहने वाली जनता दल सेक्युलर के नेता भी पहुंचे थे। कांग्रेस के प्रदर्शन से एक बार फिर यह सिद्ध हो गया कि वह केवल अपनी जिद को ही पूरा करना चाहती है। कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है, इस आरोप का भाजपा ने भी उसी के अंदाज में जवाब दिया है।
सन् 1982 में हरियाणा में सरकार बनने की घटना को याद करें तो कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ जाता है। हुआ कुछ यूं कि चौधरी देवीलाल बहुमत का समर्थन पत्र लेकर राजभवन में राज्यपाल के बुलावे का इंतजार कर रहे थे, देवीलाल के पास बहुमत की संख्या होने के बाद भी 35 सदस्यों वाली कांग्रेस के भजनलाल को राजभवन के एक कमरे में मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी। अब कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या की बात कर रहे हैं, तो यह क्या था। वास्तव में कांग्रेस ने जैसा बोया है, वैसा ही काट रही है।

बुधवार की रात्रि में जैसे ही राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, वैसे ही कांग्रेस सरकार बनाने की जंग जीतने के लिए उतावली होती हुई दिखाई दी। उसने रात्रि में ही सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, उसके बाद सुबह तक यह सबके सामने आ गया कि शपथ ग्रहण पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई जा सकती। कांग्रेस के नेताओं को यह अच्छी तरह से मालूम है कि राज्यपाल के विवेकाधिकार को किसी भी प्रकार से चुनौती नहीं दी जा सकती, राज्यपाल को यह संविधान सम्मत अधिकार है। हां यह जरुर है कि पहले राज्यपाल को सबसे बड़े दल को ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए, बाद में वह बहुमत सिद्ध नहीं कर पाती तब अन्य विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस ने यह कैसे सोच लिया कि यह लोकतंत्र की हत्या है। अगर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के पास बहुमत लायक विधायकों की संख्या है तो निश्चित ही भाजपा बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएगी और फिर राज्यपाल को इस गठबंधन को अवसर देना ही पड़ेगा। ऐसे में कांग्रेस के पास अब भी विकल्प की गुंजाइश है, इसलिए अब कांग्रेस को प्रतीक्षा करनी ही चाहिए, क्योंकि राज्यपाल ने सबसे बड़े दल के रुप में जीतकर आई भाजपा को सरकार बनाने का अवसर दिया है। जो एक प्रकार से ठीक कदम ही है।

वैसे यहां यह कहना समीचीन ही होगा कि कांग्रेस सरकार बनाने के लिए जिद कर रही है। अगर राज्यपाल ने सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है और येदियुरप्पा को शपथ दिला दी है तो यह उनका संवैधानिक अधिकार है। इस मामले में किंतु परंतु का सवाल ही नहीं है और न ही इस मामले को गोवा और बिहार से जोड़कर देखा जा सकता है। कांग्रेस इस मामले में बिलकुल वैसा ही करती हुई दिखाई दे रही है, जैसे रजत और कांस्य पदक पाने वाले खिलाड़ी पहले स्थान पर रहने वाले का स्वर्ण पदक छीनकर यह प्रयास करें कि इस पर उनका अधिकार है। कौन नहीं जानता कि कांग्रेस कर्नाटक में तीसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास कर रही है। तीसरे नंबर पर रहने का मतलब करारी हार। यह बात भी सही है कि तीसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी जनता की पहली पसंद कभी नहीं बन सकती, लेकिन कांग्रेस उसे पहली पसंद बनाने की जिद कर रही है। क्या इसे लोकतंत्र कहा जा सकता है। यह बात भी सही है कि आज कांग्रेस जिस सिद्धांतों की बात कर रही है, कभी उन सिद्धांतों को कांग्रेस ने चकनाचूर किया है। इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को स्मरण कीजिए, यहां संविधान ही नहीं, पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपहरण किया गया। इसके अलावा बहुमत होने के बाद भी देश की कई राज्य सरकारों को अपदस्थ किया। आज कांग्रेस के समक्ष जैसे को तैसा मिला वाली स्थिति बन रही है, ऐसे में अब उन्हें लोकतंत्र याद आ रहा है। जबकि उस समय देश के विरोधी दलों ने कांगे्रस के इस अनैतिक कार्य का जबरदस्त विरोध किया था, लेकिन कांग्रेस ने किसी की भी नहीं सुनी। सरकार का विरोध करने वालों को जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ीं। हालांकि देश की राजनीति में ऐसा भी हुआ है कि दो राजनीतिक दलों की संख्या बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर लेती है तो उसे भी सरकार बनाने का अवसर मिल सकता है, लेकिन यह राज्यपाल का विवेकाधिकार है कि वह किसको सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं।

कर्नाटक को लेकर ऐसा लगता है कि कांग्रेस के मन में भावी संकल्पनाओं के प्रति एक भय पैदा हुआ है, वह यह कि जिस प्रकार से राहुल गांधी के पार्टी प्रमुख रहते हुए कांग्रेस पार्टी देश से विलोपित होती जा रही है, कहीं वैसा ही तमगा कर्नाटक में भी न लग जाए। क्योंकि कांग्रेस के पास यही एक बड़ा राज्य था, जिसमें उसकी सत्ता थी। शेष तो सभी छोटे राज्य ही थे। कर्नाटक में कांग्रेस की नाकामी को छुपाने के प्रयास में ही इतना बड़ा नाटक कर रही है। यह बात सही है कि जब कर्नाटक विधानसभा के परिणाम आए थे, तब सोशल मीडिया पर कांग्रेस को करारी हार में प्रचारित किया गया था। अपनी करारी हार को मीठी हार में बदलने के लिए ही जनता दल सेक्युलर से कांग्रेस ने हाथ मिलाया है। वास्तविकता यही है कि जनता दल सेक्युलर के नेता कांग्रेस को कतई पसंद नहीं करते। कांग्रेस ने देवेगौड़ा के साथ क्या किया, इस बात को सभी जानते हैं। दूसरी सबसे प्रमुख बात यह भी है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया लम्बे समय तक कांग्रेस के विरोध की राजनीति करते रहे, इसलिए प्रदेश के जमीनी कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे स्वर कांग्रेस में भी कई बार उठे हैं, और अंदरुनी तौर पर अभी भी उठ रहे हैं। भले ही खुलकर कोई नहीं बोल रहा, लेकिन सत्यता यही है कि जनता दल सेक्युलर को जिस प्रकार से समर्थन दिया है, उससे कांग्रेस के बड़े नेता भी खफा हैं।

अब आगे कांग्रेस क्या करेगी, अपने विधायकों को टूटने से बचाएगी या फिर ऐसे ही लोकतंत्र की हत्या करने की बात करती रहेगी। कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय में तो चली गई है, लेकिन अगर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय कांग्रेस के विरोध में आएगा तो क्या कांग्रेस इसे स्वीकार करेगी। हालांकि कांग्रेस के चरित्र को देखते हुए इस बात की संभावना कम ही है कि वह अपने विरोध में निर्णय आने पर मान जाएगी, क्योंकि अब तो वह न्यायिक संस्थाओं पर भी खुलकर सवाल उठा रही है। ऐसे में लगता है कि कांग्रेस को देश में अब किसी पर भी विश्वास नहीं रहा। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को इस पर सुनवाई होगी। अब देखना यह होगा कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्या कहता है।



सुरेश हिन्दुस्थानी, पत्रकार
लश्कर ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
मोबाइल-09770015780
(लेखक वरिष्ठ स्तंभ लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

दरभंगा : दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करेंगे पद्मभूषण डॉ. पाठक

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दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 17 मई  :ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है. जिसका उद्घाटन पद्मभूषण डॉ. बिन्देश्वर पाठक करेंगे. विभाग के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने आज यहां बताया कि यूजीसी द्वारा प्रायोजित यह सेमिनार विभाग और महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर द्वारा आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में आलेख हिन्दी, अंग्रेजी और मैथिली में भी स्वीकृत किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा होगी. साथ ही महिला सशक्तिकरण में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के योगदान को भी पैनल में शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो. योगेन्द्र सिंह भाग लेंगे. वहीं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग के विद्वान प्रो. ए.के. पांडेय, काशी हिन्दू विश्वविद्यापीठ, वाराणसी के प्रो. अशोक कौल, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रो. चन्द्रशेखर सिंह, प्रो. बी.के. लाल, सुरेश कुमार पूर्वे, प्रो. देवनाथ पाठक, डॉ. अनिल कुमार सिंह, प्रो. बीरेन्द्र कुमार भी शामिल होंगे.

दुमका : 545 पहाड़िया लाभुकों को उपलब्ध कराया खाद्यान्न

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  • पीटीजी डाकिया योजना के तहत 545 पहाड़िया लाभुकों को उपलब्ध कराया खाद्यान्न 

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न ग्रामों में 545 पहाड़िया लाभुकों को विगत 3 माह से पीटीजी डाकिया योजना के तहत खाद्यान्न न मिलने की सूचना पर संज्ञान लेते हुए निदेशक एनईपी विनय कुमार सिंकू की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया। निदेशक एनईपी विनय कुमार सिंकू एवं कार्यपालक दण्डाधिकारी सह जिला नजारत उप समाहर्ता डाॅ0 सुदेश कुमार द्वारा रामगढ़ प्रखंड जाकर लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। उपायुक्त ने कहा कि पीटीजी डाकिया योजना पहाड़िया समुदाय के लोगों को खाद्यान्न उनके घर तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही है। अगर कोई भी व्यक्ति द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता बरती जाती है तो उक्त व्यक्ति के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी, साथ ही उन्होंने संबंधित टीम को निदेश दिया कि उक्त मामले की जांच करते हुए संबंधित अधिकारी की चिन्हितीकरण कर अविलम्ब उनसे स्पष्टिकरण मांगा जाय।   

येदियुरप्पा ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

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बेंगलुरू, 17 मई, भाजपा के विधायक दल के नेता बी.एस.येदियुरप्पा ने गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सुबह नौ बजे राजभवन में येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। येदियुरप्पा (75) ने भाजपा के केंद्रीय और राज्य के नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों के बीच कन्नड़ भाषा में शपथ ली। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने संबंधी कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की संयुक्त रिट याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण मामले के अंतिम नतीजे के अधीन है और इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को 10.30 बजे होगी। न्यायाधीश ए.के.सीकरी के नेतृत्व में पीठ ने उस पत्र को पेश करने को कहा, जिसे येदियुरप्पा ने बुधवार को राज्यपाल को लिखते हुए उन्हें सूचित किया था कि कर्नाटक में भाजपा के विधायक दल के नेता के रूप में उनका चुनाव किया गया है। येदियुरप्पा आठवीं बार शिकारीपुरा से चुनाव जीते हैं। उन्होंने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। वह पहली बार अक्टूबर 2007 में जेडीएस-भाजपागठबंधन सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उनकी सरकार लगभग एक महीना ही टिक पाई। परिणामस्वरूप राज्य में नवंबर से अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया और मई 2008 में मध्यावधि चुनाव हुए। मई 2008 चुनाव में वह दोबारा मुख्यमंत्री बने।

भारतीय न्यायपालिका की हालत पाकिस्तान की न्यायपालिका जैसी : राहुल गांधी

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रायपुर, 17 मई, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय संविधान पर 'गंभीर हमला'किया जा रहा है और देश की न्यायपालिका की मौजूदा हालत पाकिस्तान की न्यायपालिका जैसी है। राहुल ने यहां जन स्वराज सम्मेलन में कहा, "प्राय: लोग न्याय के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाते हैं। लेकिन 70 वर्षो में पहली बार हमने देखा कि न्यायाधीश लोगों के सामने आकर यह कह रहे हैं कि उन्हें धमकाया जा रहा है और काम नहीं करने दिया जा रहा है।"उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजें सामान्य तौर पर तानाशाही (डिक्टेटरशिप) में होती है। उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संवाददाता सम्मेलन की ओर इशारा करते हुए कहा, "ऐसा पाकिस्तान और अफ्रीका में होता है। लेकिन भारत में 70 वर्षो में पहली बार ऐसा हुआ।"

शपथ ग्रहण के खिलाफ कांग्रेस व जेडीएस का प्रदर्शन

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बेंगलुरू, 17 मई , कांग्रेस व जनता दल (सेक्युलर) के नेताओं ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बी. एस. येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और इसे असंवैधानिक बताया। चुनाव बाद बने कांग्रेस व जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा राजभवन में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने के बाद विधानमंडल भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, "संवैधानिक रूप से हमें (जेडीएस और कांग्रेस को) सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि हमारे पास विधानसभा में बहुमत है।"परमेश्वर ने कहा, "राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित करने का निर्णय संविधान के खिलाफ है।"विरोध प्रदर्शन करने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस और जेडीएस के कई नव निर्वाचित विधायक शामिल थे। सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि येदियुरप्पा को पहले सदन में बहुमत साबित करने वाली सूची प्रस्तुत करने की जरूरत है। जेडीएस सुप्रीमो एच.डी. देवेगौड़ा भी प्रदर्शन में शामिल हुए जहां पार्टी के राज्य अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी ने 'लोकतंत्र के विध्वंस के लिए'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला बोला। कुमारस्वामी ने कहा, "मोदी सरकार विपक्षी दलों को निशाना बनाकर लोकतंत्र का विध्वंस करना चाहती है। जब जेडीएस और कांग्रेस के पास बहुमत है, तो हमें राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित क्यों नहीं किया गया।"वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि राज्यपाल द्वारा येदियुरप्पा को सदन में 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया गया है जो 'केवल विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए है।'उन्होंने कहा, "राज्यपाल द्वारा भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन देना उसे सिर्फ खरीद-फरोख्त की इजाजत देना है। यदि भाजपा के पास बहुमत है तो दो दिन इसे साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश में जुटी है।"

कर्नाटक प्रकरण लोकसभा चुनावों का अभ्यास : यशवंत सिन्हा

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नई दिल्ली, 17 मई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने कर्नाटक में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रमों को गुरुवार को लोकसभा चुनावों का अभ्यास करार दिया। पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "कर्नाटक में आज जो हो रहा है वह एक अभ्यास है, जिसे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में दोहराया जाएगा।"सिन्हा ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि उन्हें भाजपा के साथ नाता तोड़ने की खुशी है। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मैंने उस पार्टी का साथ छोड़ दिया, जो कर्नाटक में लोकतंत्र को नष्ट करने का बेशर्मी भरा प्रयास कर रही है। यदि वह अगले साल लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर भी ऐसा ही करेगी। कृपया मेरी चेतावनी पर ध्यान दें।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करने वाले सिन्हा ने पिछले महीने भाजपा को अलविदा कह दिया था।


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