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बिहार : प्रमंडल स्तरीय धरना देने से मांग पूरी नहीं तो राज्य स्तरीय धरना 26 जून को

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  • आगामी परीक्षा का वहिष्कार करने का मन तक बना डाला है आई.टी. आई. कर्मी

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पटना, 5 जून.आज तो अगड़ाई है और आगे शेष लड़ाई है.हां पांच सूत्री मांगों की पूर्ति करने को लेकर 5 जून को प्रमंडल स्तरीय धरना दिया गया. बिहार राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के महासचिव मचन्द कुमार सिन्हा ने बताया कि पांच सूत्री मांगों की पूर्ति को लेकर एक दिवसीय प्रमंडल स्तरीय धरना दिया गया. पटना प्रमंडल में आई.टी.आई.दीघा घाट में, मगध प्रमंडल के आई.टी. आई.गया में, मुंगेर प्रमंडल के आई. टी.आई.मुंगेर में, भागलपुर प्रमंडल के आई. टी. आई. भागलपुर में,कोसी प्रमंडल के आई. टी.आई.सुपौल में,  दरभंगा प्रमंडल के आई.टी.आई. दरभंगा में,तिरहुत प्रमंडल के आई. टी.आई. मुजफ्फरपुर में, सारण प्रमंडल के आई.टी.आई.मढ़ौरा में और पूर्णिया प्रमंडल के आई.टी. आई.कटिहार में धरना देकर वरीयता के आधार पर उप प्राचार्य के 50 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति, सहायक अधीक्षक को उप प्राचार्य में आमेलन, सभी संवर्ग के रिक्त पदों पर प्रोन्नति, सभी संवर्ग के कर्मियों को ए.सी.पी/एम.ए.सी.पी. का लाभ देने, अनुदेशकों को केंद्र सरकार के अनुरूप 4600 रू.ग्रेड वेतन देने एवं सभी आई.टी.आई.( महिला सहित) में प्रधान लिपिक /भंडारपाल/ग्रुप अनुदेशक का पद सृजित करना शामिल है.इन मांगों को पूर्ति करने का आग्रह किया है. धरना का नेतृत्व करने वालों में संघ के संघ के अध्यक्ष विनय कुमार, महासचिव प्रेमचन्द कुमार सिन्हा,संगठन मंत्री राजेश कुमार, संघर्ष के अध्यक्ष संजय कुमार ,संघर्ष के सचिव  अशोक कुमार चौधरी,       संघर्ष के कोषाध्यक्ष विजय कुमार सिंह,शाखा सचिव दीघाघाट,मनोज कुमार  यादव,शाखा सचिव आरा राजाराम भारती,शाखा सचिव कल्याण बिगहा (नालंदा), रमण कुमार ,शाखा सचिव बक्सर और सुनील कुमार ने किया.  धरनार्थियों को संबोधित करने वालों में गोपगुट के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, जिला सचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष सूर्यवंशी सिंह, संयुक्त सचिव छठ्टू लाल आदि थे.

बिहार : प्रत्येक शनिवार को हेलमेट डे के रूप में विशेष अभियान चलाने का निदेश

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 05 जून, जिला पदाधिकारी मधुबनी के द्वारा पत्र के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी,सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी,सभी थानाध्यक्ष,मधुबनी जिला को पत्र के माध्यम से प्रत्येक शनिवार को "हेलमेट डे"के रूप में विशेष अभियान चलाकर हेलमेट पहनने की जांच करने एवं इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। उन्होने पत्र के माध्यम से सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, द्वारा सड़क सुरक्षा पर गठित कमिटी द्वारा भी हेलमेट धारण करने की अनिवार्यता को लागू करने के संबंध में समीक्षा की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों में हेलमेट नहीं पहनने अथवा गुणवत्तापूर्ण हेलमेट नहीं पहनने के करण कई सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहन चालक/सवार की मृत्यु की घटनाएं हुई है। इसे रोके जाने हेतु यह अत्यावश्यक है कि दो पहिया चालक/सवारी गुणवत्तापूर्ण हेलमेट का व्यवहार करें। उन्होनें बताया है कि वर्णित तथ्यों के तहत् राज्य परिवहन आयुक्त, बिहार पटना के पत्र संख्या 3469 दिनांक 25.05.2018 के तहत् प्रत्येक शनिवार को "हेलमेट डे"के रूप में विशेष अभियान चलाकर हेलमेट पहनने की जाॅच की जाये एवं इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। इस संबंधी प्रतिवेदन प्रत्येक सप्ताह अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है, ताकि समेकित प्रतिवेदन परिवहन विभाग, बिहार, पटना को प्रेषित किया जा सके।

दो सौ रूपये के लिये बुजुर्ग पिता की हत्या

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बलिया, पांच जून, जिले के रसड़ा इलाके में महज दो सौ रुपये के विवाद को लेकर एक बेटे ने अपने बुजुर्ग पिता की कथित रूप से लाठी से प्रहार कर हत्या कर दी। अपर पुलिस अधीक्षक विक्रांत के अनुसार रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के रसड़ा नगर के श्रीनाथ बाबा चौराहा के समीप गौरीशंकर राजभर (68) का कल रात अपने बेटे त्रिलोकी से दो सौ रुपये को लेकर विवाद हुआ। इसी विवाद में त्रिलोकी ने अपने पिता पर कान के पास डंडे से प्रहार कर दिया, जिसमें उनकी मौत हो गयी। इस मामले में गौरीशंकर के दूसरे बेटे अर्जुन ने त्रिलोकी के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। घटना के बाद से त्रिलोकी फरार है। पुलिस गिरफ्तारी के लिये प्रयास कर रही है।

मधुबनी : अफवाह के कारण उग्र भीड़ से बचाने पर जनप्रतिनिधिगण हुए सम्मानित

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  • चोर गिरोह के सदस्य समझ पांच लोगों को मार-पीट एवं बंधक बनाने का किया गया प्रयास
  • नाहस उत्तर के पूर्व एवं वत्र्तमान मुखिया ने सूझबूझ से बचायी संदिग्धों की जान
  • जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने किया सम्मानित

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 05 जून, जिला पदाधिकारी,मधुबनी एवं श्री दीपक वरनवाल,पुलिस अधीक्षक,मधुबनी के द्वारा मंगलवार को समाहरणालय स्थित कक्ष में प्रेस सम्मेलन को संबोधित किया गया। जिसमें बताया गया कि बिस्फी प्रखंड के नाहस उत्तर पंचायत में सोमवार की संध्या चोर के अफवाह में कुछ लोगों को पकड़कर मार-पीट एवं बंधक बनाने का प्रयास किया जा रहा था। जिसके बाद नाहस उत्तर पंचायत के वत्र्तमान मुखिया श्री गंगानाथ झा, पूर्व मुखिया श्रीमती रेणु देवी द्वारा सभी आरोपित व्यक्तियों को अपने घर में छुपा कर बचाया गया। तत्पष्चात उग्र भीड़ द्वारा मुखिया के घर को भी घेर लिया गया। मुखिया द्वारा साहसिक कदम उठाते हुए पतौना ओ.पी. को फेान कर बुलाया गया। तत्पश्चात पुलिस द्वारा सभी को थाना ले आया गया। सभी संदिग्ध लोगों की पहचान जयनगर प्रखंड के देवधा थाना क्षेत्र के देवधा मध्य गांव निवासी है। ये सभी दिल्ली से आर रहे मो. शाहिद पे0 समशाद को खोजने नाहस पहंचे थे। मो. शाहिद मानसिक रूप से बीमार है, जो दिल्ली से अपने घर आ रहा था। सकरी में बस से उतरकर वह भटकते हुए नाहस गांव पहुंच गया। जहां लोगों ने उसके संदिग्ध गतिविधि को देखते हुए चोर समझ लिया, और उसकी पिटाई कर दी।  तत्पश्चात मो. शाहिद को खोजते हुए इरसाद, मो0 अब्दुल कलाम, मो.इरसाद, मो. जिलानी खोजते हुए एक संदिग्ध के पकड़े जाने की सूचना पर नाहस गांव पहुंचे। जहां उग्र ग्रामीणों द्वारा उक्त सभी लोगों को गिरोह का सदस्य मान लिया गया, और मार-पीट करने एवं बंधक बनाने का प्रयास किया गया।  तत्पश्चात नाहस उत्तर के मुखिया एवं श्री इंद्रदेव लाल कर्ण, पूर्व सरपंच,सिमरी पंचायत के द्वारा उक्त सभी को अपने घर में छुपा कर पुलिस को सूचना दी गयी। पुलिस को भी आक्रोशित लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। लेकिन उक्त तीनों जनप्रतिनिधियों के सूझ-बूझ एवं साहस से एक बड़ी अनहोनी की घटना को होने से बचा लिया गया। प्रेस सम्मेलन के पश्चात जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा माला पहना एवं मिथिला कैप भेंट कर श्री गंगानाथ झा एवं श्री इंद्रदेव लाल कर्ण को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा भी अंचल अधिकारी के द्वारा घटना से संबंधित प्रतिवेदन भेजने के पश्चात उक्त जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया जायेगा। उक्त मुखिया आपदा प्रबंधन विभाग से आपात स्थिति से निपटने संबंधी प्रशिक्षण के बाद मास्टर ट्रेनर भी है।

मधुबनी : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला पदाधिकारी ने किये पौधरोपण

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  • शहर के थाना मोड़ स्थित विद्यापति प्रतिमा परिसर में किया पौधरोपण

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 05 जून, श्री शीर्षत कपिल अशोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा मंगलवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शहर के थाना मोड़ स्थित विद्यापति टाॅवर परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए संकल्प लिया गया। इस अवसर पर श्री दुर्गानंद झा,अपर समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री जटाशंकर झा,कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद,मधुबनी समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।  इस अवसर पर जिला पदाधिकारी द्वारा एक आम का पौधा विद्यापति परिसर में लगाया गया। उन्होने कहा कि सभी लोगों को पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए,ताकि ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से बचा जा सकें।

झारखण्ड : 23 साल की निधि की शादी 27 जून को है

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  • शादी के 22 दिन पहले रक्तदान करने की इच्छा पूर्ण कर ली निधि, 14 महीने के थेलेसिमिया रोग से पीड़ित बच्चे की जिंदगी बचाई 

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धनबाद.धनबाद की बेटी को असंख्य बार धन्यवाद.आधुनिक युग में उसने समाज में जीने का मायने ही बदलकर रख दी.तड़क भड़क जिंदगी में भौतिक सुख भोगने की इच्छा नहीं रखी.यह कहा जाता है कि नारी जन्मजात रक्तहीनता के शिकार रहती हैं.इस कथन को किनारा करके  निधि झा ने रक्तदान कर खून न होने का  रोना रोने वालों को मार्गदर्शन करके रख दी है. यहां चर्चा है कि बदल रहा धनबाद,बदल रही युवा पीढ़ी की सोच. बदल रहा है धनबाद.युवा जागरूक होकर रक्तदान करने को आगे आ रहे हैं.ऐसा ही कुछ अनोखा नजारा सामने से देखने को मिला.धनबाद गोधर निवासी हैं कमलकांत झा. इनके 6 बच्चियां हैं.6 बहनों है निधि झा 5 वीं नंबर पर है.कुदरत ने संस्कारी बहनों को कोई भाई नहीं दिये.पिता कमलाकांत झा जी के स्वर्गवास होने के पूर्व ही निधि ने इंटर की पढ़ाई पूरी कर ली.उसके बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी. निधि झा की मुंह बोली भाई अंकित रजगढ़िया ने कहा कि उसकी शादी 27 जून 2018 को होने वाली है. निधि ने साफ तौर से कह रखी थीं कि शादी से पहले जरूर ही रक्तदान करेंगी. उसकी इच्छा पूरी हो गयी.23 साल की निधि झा की शादी मुकेश ठाकुर के साथ 27 जून 2018 को होने वाली है.वह विवाह के 22 दिन पूर्व ही रक्तदान करके महाकल्याण कर दी है.वह किसी की जीवन बचाने में सफल हो गयी. बता दें कि धनबाद पी.एम.सी.एच.में कुमारधुबी के 14 महीने के देव महतो भर्ती हैं. थेलेसिमिया नामर गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.उसका हिमोग्लोबिन मात्र 2.5 ग्राम हो गया था. रक्त समूह बी पॉजेटिव है.उसको तत्काल 100 एमएल ब्लड की जरूरत थी.  अंकित राजगढ़िया ने अपनी बहन निधि झा को बताया.वह बिना देर किए ही पी.एम.सी.एच. पहुंच गयीं.और निधि झा ने अपने शरीर के निधि से रक्त निकलवाकर रक्तदान कर दी.इस तरह मासूम बच्चे की जान बच गयी. आज दूसरी बार निधि ने रक्तदान किया है.वह कहती है मैंने शादी से पहले कुछ समाज के लिए नया करना चाहती थी. शादी से पहले में कुछ ऐसा संदेश देना चाहती, जिससे युवा जागरूक हो.तब उन्होंने रक्तदान करने का फैसला लिया. आज रक्तदान किया वह रक्तदान कर काफी खुश है शादी से पहले उसके रक्तदान का सपना पूरा हुआ।बच्चे को गोदी में उठाकर खुश हैं निधि झा.

बिहार : जनांदोलन को लेकर शिविर और सम्मेलन

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पटना. आवासीय भूमिहीनों का अधिकार संबंधित मसले समेत 11 सूत्री मांग को लेकर होने वाले जनांदोलन 2018 में महिलाओं की भागीदारी और उनके नेतृत्व चमकाने आ रही हैं एकता महिला मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष जिलकार हैरिज.उनके साथ मंच की संयोजिका श्रद्धा   कश्यप भी आ रही हैं. इस बात की जानकारी एकता महिला मंच,बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग ने बताया कि एकता महिला मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष जिलकार हैरिज, मंच की संयोजिका श्रद्धा, कश्यप, कस्तूरी पटेल व शोभा बहन तीन दिनों तक बिहार में रहेंगी. 

प्रशिक्षण
अर्पणा बैंक कॉलोनी फेज -2 राम जयपाल नगर में है प्रगति भवन. प्रगति भवन में दो दिवसीय युवा मुखिया महिला नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर होगा. 13 जून को 11 बजे से प्रारंभ होगा. 14 जून को शाम में समाप्त हो जाएगा. इसका संचालन एकता महिला मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष जिलकार हैरिज और मंच की संयोजिका श्रद्धा कश्यप करेंगी. शिविर की खैशियत यह है कि गांव की युवा मुखिया महिला घर से एक किलो चावल आंचल में रखकर लायेंगी.उसे जनांदोलन 2018 को समर्पित कर देगी.यह जनांदोलन पूर्णत जनाधारित है.गांवघर में प्रत्येक दिन खाना बनाने के पूर्व मुट्ठीभर चावल निकालकर संग्रह किया जा रहा है. 

सम्मेलन
एक दिवसीय महिला भूमि अधिकार सम्मेलन का आयोजन पटना के ए. एन. सिन्हा संस्थान में 15 जून को होगा.11 बजे सम्मेलन शुरू होगा.यह सब कवायद जनांदोलन 2018 को लेकर है.2007 में जनादेश और 2012 में जन सत्याग्रह पदयात्रा को सम्मान देकर यू.पी.ए. सरकार ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू करने का प्रयास करते-करते सरकार बदल गयी.अभी एन.डी.ए. सरकार सत्तासीन है. 2 अक्टूबर 2018 से पलवल (हरियाणा) से पदयात्रा सत्याग्रह शुरु होगा. गेंद मोदी सरकार के पास है.जल्द से जल्द राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू कर दें.इस तरह का प्रस्ताव केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में लम्बित है. इन्हीं सब बिंदुओं पर सम्मेलन में चर्चा होगी. 

दुमका : प्लास्टिक प्रदुषण वर्तमान समय की सबसे चुनौती : कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा

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  • एसकेएमयू दुमका में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सेमिनार

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर  सिदो कान्हू मुर्मू विवि के कॉन्फ्रेंस हॉल में  ‘’से नो टू पोलीथीन एंड सेव एनवायरनमेंट ‘’ विषय पर 5 जून 2018 को एक सेमिनार का आयोजन किया गया। विवि के  कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में  आयोजित इस सेमिनार में डी सी दुमका मुकेश कुमार मुख्य अतिथि थे। छात्राओं के  कुलगीत व स्वागत गान से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।  सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अथिति मुकेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। अथितियों का स्वागत अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ गौरव गांगुली ने किया। विषय प्रवेश डॉ संजय सिन्हा ने किया।  श्री सिन्हा ने कहा कि चार पी - ‘पोवर्टी, पॉपुलेशन, पोलुशन व  प्लास्टिक’ विश्व के लिए आज की  सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। मुख्य अतिथि मुकेश कुमार ने छात्रों से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने को कहा।  इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने को कहा। उन्होंने कहा की जल का एक - एक बूंद  महत्वपूर्ण है। उन्होंने घटते जलस्तर और विलुप्त होते पेड़-पौधों व जीव-जंतुओं पर भी चिन्ता जताई। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि विवि का ईको टास्क फोर्स इस दिशा मे कार्य करेगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन मे कुलपति प्रो सिन्हा ने कहा कि   प्रदुषण खास कर प्लास्टिक प्रदुषण पर वर्तमान समय की सबसे पेचिदगी वाली चुनौती है। उन्होंने कहा कि  प्लास्टिक  प्रदूषण  जीव-जंतुओं के लिए तो हानिकारक है ही मानव समुदाय के लिए भी विनाश का एक बड़ा कारण है।  पूरे विश्व के लिए यह खतरनाक है। लोगों को  जागरूक कर इसमें कमी लायी जा सकती है।  उन्होंने कहा कि विवि का ईको टास्क फोर्स इस दिशा मे काम करेगा। प्रति कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि 1972 से   पर्यावरण बचाने का कार्य तेजी से चल रहा है।  हर साल एक नए विषय पर लोगों  को जागरूक बनाया जा रहा है। उन्होंने पेड़-पौधों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।  इस मौके पर डॉ गगन ठाकुर, डॉ बी के ठाकुर, डॉ पी के वर्मा, डॉ निलेश कुमार, डॉ टी पी सिंह ने भी अपने-अपने  विचार रखे। उपरोक्त के अलावा बाबर, स्मृति, वर्षा, नेहा, अमित, परवेज, सोलोमन, राजेश, आदि ने भी अपने - अपने  विचार रखे। कार्यक्रम के अंत मे कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने मुख्य अथिति मुकेश कुमार को अंग वस्त्र, स्मृति  चिन्ह एवं एक पौधा भेंट  कर सम्मानित किया।  धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डी एन सिंह ने किया।  प्रो अंजुला मुर्मू ने मंच संचालित किया। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 05 जून

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मुख्यमंत्री 7 जून को सीहोर जिले के विभिन्न ग्रामों में करेंगे जनसंवाद 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार 07 जून,2018 को सीहोर जिले के विभिन्न ग्रामों में भ्रमण पर रहेंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार 07 जून,2018 को दोपहर 2 बजे हेलीकाप्टर द्वारा अमरवाड़ा से प्रस्थान कर 2:50 बजे जिले की नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम संसली में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे साथ ही जनसंवाद करेंगे। तत्पश्चात 3:45 बजे ग्राम ससली से प्रस्थान कर 4:00 बजे बुधनी तहसील के ग्राम बकतरा पहुचेंगे जहां स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेते हुए जनसंवाद करेंगे। सायं 6:00 बजे हेलीकाप्टर द्वारा ग्राम बकतरा से प्रस्थान कर 6:15 बजे रेहटी तहसील के ग्राम बायां में स्थनीय कार्यक्रम में शामिल होकर जनसंवाद करेंगे। तत्पश्चात सायं 7 बजे कार द्वारा ग्राम बायां से प्रस्थान कर 7:10 बजे ग्राम खानपुरा में जनसंवाद करेंगे। 8:15 बजे ग्राम खानपुरा से प्रस्थान कर 9:45 बजे सीएम हाउस भोपाल पहुचेंगे।

पर्यावरण दिवस पर जन चेतना रैली निकालकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश 

जिला प्रषासन की पहल पर मंगलवार 5 जून 2018 को विष्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कोतवाली चैराहे से जनचेतना रैली निकाली गई। जिसका शुभारंभ कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे ने हरी झंडी दिखाकर किया। रैली में बडी संख्या में स्कूली छात्र एवं छात्राओं, जनमानस एवं शासकीय सेवकों ने भाग लिया! रैली में साईकिल पर सवार छात्रों ने साईकिल चलाकर पर्यावरण का संदेश दिया!  रैली नगर के प्रमुख मार्गों से पर्यावरण संदेश देते हुए बाल विहार मैदान पर पहुंची! कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावारण का संतुलन बिगडनें से आज आमजन का जीना कठिन होता जा रहा है! पेडो की अंधाधुंध कटाई और बढते उद्योग और बढती आबादी के कारण मौसम में गर्मी अधिक बढ रही है! इसका मुख्य कारण वायुमंडल में कार्बनडाई आॅक्साइड गैस की अधिकता है! पेडों से हमें आॅक्सीजन प्राप्त होती है, हमें पेडों को काटने से बचाना, साथ ही पाॅलीथीन के उपयोग को भी रोकना है! इस अवसर पर कलेक्टर श्री पिथोड ने पाॅलीथीन का उपयोग रोकने की शपथ भी दिलाई और इससे पर्यावरण में मंे होने वाले दुष्परिणामों की भी जानकारी दी! कार्यक्रम का संचालन प्रदीप नागिया एवं आभार प्रदर्शन डीईओ श्री एस.पी.त्रिपाठी ने किया! 

सीहोर कृषि बाजार मोबाईल एप पर भी पौधारोपण हेतु पंजीयन
कलेक्टर श्री पिथोडे ने विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा कि जिले में वृक्षारोपण हेतु इच्छुक लोग सीहोर कृषि बाजार मोबाईल एप पर भी अपना पंजीयन कर सकते हैं! इसमें स्थान और पौधों की संख्या का उल्लेख भी करना होगा! प्रशासन सुविधा प्रदाता की भूमिका में रहेगा ताकि आधिकाधिक पौधारोपण हो सके! उल्लेखनीय है कि 5 फरवरी को किसान और उपभोक्ता के हितों में संवर्धन हेतु कलेक्टर ने यह नवाचार किया था! इसी तरह के नवाचार पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान जिले के दौ युवाओं श्री आयुष राय तथा श्री धीरज राय से आज सुबह वार्तालाप भी करेंगे!

आवासीय स्कूल में हुआ निबंध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
 पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला प्रषासन की ओर से षासकीय आवासीय खेलकूद संस्था सीहोर में प्रातः 11ः00 बजे से निबंध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है । जिसमें छात्र-छात्राओं के जूनियर और सीनियर वर्ग की निबंध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई! प्रतियोगिता में पर्यावरण पर आधारित निबंध एवं चित्रकारी की गई! तत्पश्चात निर्णायक मंडल द्वारा परिणामों की घोषणा की गई! प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 5000 रू,द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 3000 रू एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 2000 रू तथा 1000-1000 हजार रूपये के दो सांत्वना पुरूस्कार को विश्व योग दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा!

कलेक्टर ने मलेरिया जन जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
  • अंतर विभागीय कार्यशाला में दिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में जनजागरुकता के निर्देश 
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मलेरिया माह 2018 के अंतर्गत जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति श्री तरूण कुमार पिथोडे़ ने मलेरिया जनजागरूकता रथ को कलेक्ट्रेट कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर  आज कलेक्टर ने अंतरविभागीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा संवेदनशील क्षेत्रों मेें विशेष जनजागरूकता अभियान संचालित कर मलेरिया नियंत्रण किया जाए। बैठक में एडीएम श्री चतुर्वेदी,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. डीआर अहिरवार, सिविल सर्जन डाॅ.ए.ए.कुरैशी,जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे, एसडीएम सीहोर श्री राजकुमार खत्री, शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग,वन विभाग, सहकारिता विभाग सहित अन्य विभागों के  आला अधिकारी अंतरविभागीय बैठक में उपस्थित थे।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डीआर अहिरवार ने बताया कि मलेरिया माह के अंतर्गत जनजागरूकता रथ जिले के उन ग्रामों में भ्रमण करेगा जहां मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के अधिकतर मामले पूर्व मंे सामने आए थे। ऐसे गांवों को चिन्हित कर वहां विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस हेतु कलेक्टर महोदय के निर्देश पर समस्त बीएमओ तथा मैदानी अमले को मलेरिया माह के अंतर्गत जिले के प्रत्येक गांव में जनजागरूकता बैठकें आयोजित करने तथा सर्वे कर रक्त पट्टिका बनवाने के निर्देश दिए गए है। अंतरविभागीय बैठक में कलेक्टर महोदय के समक्ष मलेरिया उन्मूलन की सूक्ष्म कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि जनजागरूकता रथ के माध्यम से  मलेरिया उन्मूलन से संबंधित दवाएं,जनजागरूकता प्रचार सामग्री पोस्टर,पाम्पलेट आदि भी ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कल्याण, योजना के तहत आवेदन आंमत्रित 

सहायक संचालक जिला हाथकरघा कार्यालय ने बताया कि कुटीर एवं ग्रामोद्धोग विभाग के घटक हाथकरघा संचालनालय मप्र तथा माटीकला बोर्ड अन्तर्गत जिले में संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत वर्ष 2018-19 के लिए आवेदन पत्र एम.पी.ऑनलाईन के माध्यम से आंमत्रित किए गए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में हाथकरघा संचालय की योजनाओं के तहत कुल 91 तथा मप्र माटीकला बार्ड की योजनाओं के तहत 21 हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है। वर्ष 2018-19 के लिए उपरोक्त योजनाओं के तहत विभिन्न बैंकों को के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया पौषण प्रबंधन पर प्रशिक्षण

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सी.आर.डी.ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनिया जिला- सीहोर द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ताआंे हेतु एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम ’’विषय: षिषु व गर्भवती महिलाओं में पौषिणक प्रबन्धन’’ पर आयोजित किया गया। प्रषिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य षिषुओं एवं गर्भवती महिलाओं में पोषण प्रबन्धन के प्रति जागरूकता लाना। कार्यक्रम में श्री संदीप टोडवाल, प्रमुख व वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला - सीहोर द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र एक परिचय एवं षिषुओं व गर्भवती महिलाओं में पोषण का महत्व, कार्यक्रम के उद्देष्य पर प्रकाष डाला। कार्यक्रम में कु. कुसुम सुखवाल कार्यक्रम सहायिका, (गृह विज्ञान) कृषि विज्ञान केन्द्र, सीहोर ने पोषण क्या है ? विस्तार से जानकारी देते हुए आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को इससे होने वाले लाभ व षिषुओं, गर्भवती महिलाओं में पोषण प्रबन्धन ठीक से न होने पर होने वाले विकार आदि पर विस्तार से जानकारी दी।  आपने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को अवगत कराया कि पौषिणक तत्वों की कमी होने पर होने वाले रोग व उनका प्रबन्धन हेतु आवष्यक प्रबन्धन आदि पर चर्चा की। पोषण में गृह वाटिका का महत्व पर विस्तार से चर्चा कर केन्द्र में उपलब्ध षिषुओं व गर्भवती महिलाओं में पोषण प्रबन्धन पर फिल्म शो भी दिखाई। कार्यक्रम में कुॅ. कुसुम सुखवाल ने प्रतिभागियों को अवगत कराया कि षिषुओं व गर्भवती महिलाओं के पोषण प्रबन्धन हेतु स्थानीय स्तर पर पाये जाने वाले भोज्य पदार्थाें से भी पोषण प्रबन्धन किया जा सकता है, जिसपर पौवर प्वाइंट के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पाये जाने वाले भोज्य पदार्थ एवं उनकी उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी दी गयी। प्रषिक्षण कार्यक्रम के दौरान श्री विकास बालियान, प्रक्षेत्र प्रबन्धक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला - सीहोर द्वारा प्रतिभागियों (आंगनवाडी कार्यक्रर्ता) को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया। भ्रमण के दौरान केन्द्र पर रोपित सहजन/मुनगा/सुरजना की पोषण प्रबन्धन में उपयोगिता, उसका महत्व आदि पर विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में विकासखण्ड ईछावर से 30 आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से अपनी सहभागिता सुनिष्चित की।

रोजगार मेले का आयोजन

जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि सीहोर जिला रोजगार कार्यालय सीहोर के माध्यम से बेरोजगारों के लिए रोजगार मेले का आयोजन 6 जून 2018 को जनपद पंचायत नसरुल्लागंज, 7 जून 2018 को जनपद पंचायत बकतरा एवं 8 जून 2018 को आईटीआई शाहंगज में प्रात: 10:00 बजे से किया जाएगा। जिसमें विभिन्न कंपनियों द्वारा विभिन्न पदों पर आवेदकों का चयन किया जाएगा। अत: इच्छुक आवेदक अपने समस्त प्रमाण पत्रों सहित उपस्थित होंए। अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नंबर 6260632579 पर संपर्क कर सकते हैं। 

कलेक्टर का सख्त रवैया-दो बीएलओ निलंबित, निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: कलेक्टर

कलेक्टर  श्री तरुण कुमार पिथोडे ने सोमवार 4 जून को दो बीएलओ सर्वश्री विनेश कुमार सेन मतदान केंद्र क्र.176नसरुल्लागंज तथा महेंद्र सिंह चौहान 175 सीहोर को कार्य मे लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है।उल्लेखनीय है कि कलेक्टर  द्वारा प्रति सोमवार रेण्डमली चयनित पाँच बीएलओ के कार्य तथा प्रगति की समीक्षा  की जाती है। ये दोनों बीएलओ बिना सूचना अनुपस्थित रहे जिससे समीक्षा नहीं  की जा सकी।  कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य  मे लापरवाही कतई बरदाश्त नहीं की जाएगी।  उक्त दोनों बीएलओ का निलंबन काल में मुख्यालय संबंधित बीईओ कार्यालय रहेगा और इन्हें नियमानुसार  निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। 

अवैध उत्खनन और परिवहन कार्यवाही कलेक्टर ने दिए कठोर कार्यवाही के निर्देश

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कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देश पर 5 जून को एसडीएम नसरुल्लागंज तथा पुलिस के अमले ने कार्यवाही करते हुए नीलकंठ घाट पर 7 ट्रेक्टर मय ट्राली के और 2 ट्राली अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन करते हुए जप्त किए। सभी ड्राइवर ट्रेक्टर छोड़ कर भाग खड़े हुए। अतिरिक्त ड्राईवर की व्यवस्था कर सभी वाहनों को थाना नसरुल्लागंज में लेकर खड़ा किया गया। सभी वाहन मालिकों के विरुद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाया जा रहा है ।साथ ही बगैर रॉयल्टी के परिवहन करते वाहन राजसात किये जाने की कार्यवाही भी कलेक्टर ( खनिज शाखा) को प्रतिवेदित की जाएगी । मौके पर जेसीबी से बड़ा गड़डा खोदा गया है। जिससे भविष्य मे घाट खराब कर ट्रेक्टर नहीं निकल पाएं ।

पटावारी पद पर चयनित अभ्यार्थियों का सत्यापन तथा  काउंसलिंग 23 जून को 

आयुक्त भू-अभिलेख एवं म.प्र.ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1116/10-परीक्षा/2018 14 जून 2018 के निर्देशानुसार पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 के माध्यम से चयनित अभयार्थियों का सत्यापन तथा काउंसिलिंग 23 जून को सुबह 10 बजे से शास.महिला पॉलीटेक्निक महाविद्धालय में किया जाएगा। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 05 जून

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वृक्षारोपण कार्यक्रम

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आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चलो आज कुछ अच्छा करते हैं ग्रुप के सदस्यों द्वारा बेतवा नदी किनारे स्थित श्री कृष्ण गौशाला के परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया इसमें 20 सेतु के पौधे लगाए गए तथा ग्रुप के 20 सदस्यों द्वारा एक-एक पौधे को संरक्षित एवं देखभाल करने का वहीं पर संकल्प लिया गया चलो आज कुछ अच्छा करते हैं ग्रुप लगातार इस तरह के वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजन कर्ता आ रहा है एवं लगातार विदिशा की जनता को जागरुक करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी निरंतर चलाए जाते जा रहे हैं इसी तारतम्य में आज भी यही कार्यक्रम रखा गया था जिसमें ग्रुप के 20 सदस्य मौजूद थे इसी के साथ ही ग्रुप विदिशा वासियों से यह निवेदन करता है कि सभी कम से कम साल में एक पौधा अवश्य लगाएं एवं उनको पाले और बड़ा करें

भगवत कथा 

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विदिशा- पुरुषोत्तम मास के पावन अवसर पर राजीवनगर स्थित बालाजी एवेन्यू विदिशा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक गौवत्स पं- अंकितकृष्ण वटुकजी महाराज ने  भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मनोरम व्याख्यान सुनाकर लोगों को भरपूर आनंदित किया। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य भगवान के प्रति समर्पित हो जाता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा में गौवत्स पं- अंकितकृष्ण वटुकजी महाराज ने कृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी, पूतना मोक्ष, काली निग्रह, चीरहरण व गोवर्धन पूजा की कथा सुनाकर लोगों को परम सुख प्राप्त कराया। उन्होंने पूतना मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस द्वारा भेजी गई पूतना नाम की राक्षसी को भगवान श्री कृष्ण ने स्तनपान करते करते ही प्राण पखेरू हो गए और उसको मोक्ष दिया। कहा कि भगवान अपने ग्वाल बालों के साथ माखन चोरी करते, जिसकी शिकायत सुन सुनकर माता यशोदा उन्हें सजा देती थी किंतु हर बार वह कोई न कोई चमत्कार कर उन्हें आश्चर्यचकित करते रहते थे। गौवत्स पं- अंकितकृष्ण वटुकजी महाराज ने एक बार एक गोपिका ने भगवान को माखन चोरी करते रंगे हाथों पकड़ लिया और हाथ पकड़े पकड़े मां यशोदा के पास ले आई। माता यशोदा से चोरी की शिकायत की लेकिन उसने देखा कि भगवान का हाथ नहीं अपने पति का हाथ पकड़कर लाई है तो वह शर्म से बेहाल हो गई और मैया यशोदा ने कहा कि मेरे लल्ला पर बेवजह में झूठा आरोप लगाती हो। कृष्ण की बाल लीलाओं को सुनकर पंडाल में खचाखच भरी भीड़ ने भरपूर लुफ्त उठाया। गोवर्धन पूजा की कथा सुनाते हुए उन्होंने भगवान इंद्र के अभिमान को चूर किया। कथा की पूर्णाहूति 7 जून गुरूवार को होंगी। आयोजक परिवार ने सभी नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की।

जनसुनवाई में 215 आवेदन प्राप्त हुए, मौके पर 198 आवेदनों का निराकरण

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के मार्गदर्शन में आहूत जनसुनवाई कार्यक्रम में 215 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। जिला पंचायत सीईओ डाॅ पंकज जैन, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीए श्री रविशंकर राय समेत अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा मौके पर 198 आवेदनों का निराकरण किया गया है। शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा मंे कार्यवाही कर निराकरण की जानकारी बेवपोर्टल पर अंकित करने के भी निर्देश अपर कलेक्टर द्वारा दिए गए है। आज हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकांश आवेदन आवास दिलाए जाने, वनाधिकार तहत पट्टे दिलाए जाने, सीमांकन कराए जाने, इलाज हेतु आर्थिक सहायता मुहैया कराए जाने के प्राप्त हुए थे। संबंधितों को मापदण्डों से अवगत कराया गया और सुपात्रों को शीघ्र लाभांवित कराए जाने का आश्वासन दिया गया है। नदीपुरा के आवेदक श्री रामकिशन ने निःशक्तता पेंशन दिलाए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था जिसका मौके पर परीक्षण कराकर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही की गई। ग्राम बमूरिया के आवेदक श्री भागचंद साहू ने सीमांकन कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदक को अवगत कराया गया कि आरआई द्वारा सीमांकन संबंधी कार्य शीघ्र सम्पादित कराया जाएगा। ग्राम वरवटपुरा के आवेदक श्री संतोष ने बताया कि उनका मकान आग लगने से जल गया है। प्रार्थी ने आर्थिक सहायता मुुहैया कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदक को अवगत कराया गया कि नायब तहसीलदार शीघ्र कार्यवाही कर आरबीसी के प्रावधनों के तहत आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराई जाएगी। ग्राम सियारी के आवेदक श्री हरिसिंह ने सूखा राहत की राशि अब तक प्राप्त नही होने से अवगत कराया। प्रकरण की जांच करने हेतु गंजबासौदा तहसीलदार को अधिकृत किया गया है। गल्लामंडी विदिशा की आवेदिका रेखा ने बताया कि स्वरोजगार योजना के तहत ऋण मंजूर हुआ है किन्तु यूको बैंक द्वारा राशि नही दी जा रही है। प्रकरण की जांच कर आवेदिका को वित्त पोषण कार्यवाही कराए जाने हेतु लीड बैंक आफीसर को अधिकृत किया गया है। 

कहानी सच्ची है : समूह ने जीविका उपार्जन और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्वि की

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आजीविका मिशन के माध्यम से गठित होने वाले स्व-सहायता समूहों में शामिल महिलाओं के लिए जीविका उपार्जन के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्वि के प्रतीक साबित हो रहे है। जिला मुख्यालय से दूरस्थ मोहम्मदगढ़ की फेमिदा बी स्वसहायता समूह से लाभंावित हुई है और उनके जीवन में आशातीत परिवर्तन आया है। आर्थिक रूप से कमजोर फेमिदा बी को आर्थिक सबलता मिली है।  सुमन स्व-सहायता समूह के नाम से गठित महिलाओं के इस समूह मंे कुल 13 सदस्य है उक्त समूह वर्ष 2015 से क्रियाशील है। समूह के द्वारा ग्राम में आटा चक्की, मुर्गीपालन, बेल्डिंग मशीन, सिलाई मशीन इत्यादि गतिविधियो के माध्यम से समूह के सदस्य आर्थिक उपार्जन कर रहे है। समूह की सदस्य फेमिदा बी बताती है कि शुरू-शुरू में बडा अटपटा लगता था किन्तु अब धीरे-धीरे समूह की महत्वता समझ में आई है। मेरे द्वारा समूह से 45 हजार रूपए का ऋण लेकर सिलाई मशीन का कार्य करना शुरू किया गया था। जिससे आमदनी शुरू हुई और घर परिवार में आर्थिक समृद्विता की शुरूआत हुई है धीरे-धीरे गांव वालो का भी शासकीय योजनाओं के प्रति रूझान बढने लगा।  ग्रामीण समुदाय में मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा दिए गए रोजगार से फेमिदा बी और उनका परिवार आर्थिक कठिनाईयों से उभरने लगा है। क्षेत्र में स्वंय फेमिदा बी के साथ-साथ उनके पारिवारिक सदस्यों का प्रभाव सामाजिक स्तर पर बडा है। पांचवीं पास फेमिदा बी कहती है कि आय बढने से परिवार का भरण पोषण अच्छी तरह हो रहा है वही बच्चों को शिक्षा प्राप्ति हेतु विदिशा जिला मुख्यालय भेज रही हूं। व्यापारियों के चुंगल से समूह ने बचाया है आज मासिक आमदनी आठ हजार से नौ हजार रूपए हो रही है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 05 जून

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भाजपा की प्रचंड विजय के लिये सभी कार्यकर्ताओं को जुटना होगा, प्रदेष एवं केन्द्र सरकार की योजनाओं की घर-घर तक जानकारी देवे

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी ही देश की एक मात्र ऐसा राजनैतिक पार्टी है  जिसने सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय की भावना से देश के हर वर्ग के उत्थान के साथ ही देश के समग्र विकास एवं उत्थान के लिये केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तथा प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के नेतृत्व में काम किया है और आगे भी काम करती रहेगी । इस आदिवासी अंचल में भारतीय जनता पार्टी ने हर क्षेत्र में लोगों को लाभान्वित करने के लिये काम किया है, कृषि का क्षेत्र हो या शिक्षा का क्षेत्र, छात्र छात्राओं के हितार्थ कई योजनायें लागू करके शिक्षा के स्तर को बढाया है । स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में   गा्रम गा्रम तक सुलभ स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई है । किसानों के हित में कई योजनायें लागू करके खेती को लाभ का प्रकल्प बनाया है। कांग्रेस सरकार के राज में बिजली, पानी,सडक आदि की जो समस्यायें स्थाई रूप  से  विद्यमान थी उसे दूर करके आज पूरे जिले में सडकों का जाल बिछा दिया गया, बिजली चैबीसों घंटे मिलने से किसानों को सुविधा हुई है। शून्य प्रतिशत की दर पर किसानों को कर्जा मिल रहा है। जबकि कांग्रेस के राज मे 18 प्रतिशत व्याज देना पडता था । भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को गाव गांव फलिये फलिये तक भाजपा की कल्याणकारी जन हितैषी योजनाओं की जानकारी पहूंचा कर कांग्रेस द्वारा किये जारहे दुष्प्रचार का जवाब देना होगा । प्रदेश में पहली बार असंगठित कामगारों के लिये जो योजना लागू हुई है जिससे अभी तक 3 लाख 66 हजार असंगठित मजदूरों को लाभान्वित किया गया है। आगामी चुनाव में प्रत्येक कार्यकर्ता को बुथ स्तर तक योजनाबद्ध तरिके से काम करके भाजपा को प्रचण्ड विजय दिलाने के लिये काम करना होगा । उक्त विचार जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने मंगलवार को जिला भाजपा कार्यालय में झाबुआ गा्रमीण भाजपा मंडल की कामकाजी बैठक में पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही । इस अवसर पर गा्रमीण मंडल प्रभारी विश्वास सोनी ने भी अपने उदबोधन में कहा कि भाजपा में पद का नही कार्यकर्ता का सबसे अधिक महत्व होता है । कार्यकर्ता के कारण ही केन्द्र से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक भाजपा की प्रचंड जीत दर्ज हुई है । और हमे आगामी चुनावों को देखते हुए इसी तरह  मेहनत करना होगी तथा फिर से प्रदेश में शिवराजसिंह चैहान के नेतृत्व में सरकार बनाना है। कामकाजी बैठक में श्री सेठिया एवं श्री सोनी ने मंडल के कार्यो की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश भी दिये । इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया ने कहा कि पूरे मंडल में गा्रमीण जनता में भाजपा के कार्यो का सकारात्मक संदेश गया है और हम एकजूट होकर इस बार भी चुनाव मे जीत दर्ज करावेगें । बैठक मे मंडी उपाध्यक्ष बहादूर हटिला, भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष मांगीलाल भूरिया, मंडल महामंत्री दिनेश मेवाड, धन्ना डामोर, मेजिया कटारा, लाला गुण्डिया, किशोर खडिया, सुरभान गुण्डिया, शरमा भूरिया सहित बडी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

जजा मोर्चा प्रदेषाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह पटेल की प्रेस वार्ता आज, प्रदेष एवं केन्द्र सरकार की किसान हितैशी योजनाओं की देगें जानकारी

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी  अनुसुचित जन जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह पटेल द्वारा प्रदेष में किसान आन्दोलन को लेकर  भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति एवं प्रदेष एवं केन्द्र सरकार द्वारा किसान हितैशी कार्यो एवं योजनाओं आदि को लेकर आज 6 जून बुधवार को स्थानीय सर्कीट हाउस पर दोपहर 3 बजे से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया है । जिसमें श्री पटेल द्वारा विस्तार से भाजपा सरकार के पक्ष को प्रस्तुत किया जावेगा । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया, प्रदेष भाजपा कार्यसमिति के सदस्य षैलेश दुबे, अजजा मोर्चे के जिला अध्यक्ष षैलेन्द्र सोलंकी, विधायक षांतिलाल बिलवाल विषेश रूप से उपस्थित रहेगें । भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने नगर की समस्त इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के जिला ब्यूरों प्रमुख, संवाददाताओं, कैमरामेनो को उक्त प्रेस वार्ता में सहभागी होने का अनुरोध किया है।

वार्ड क्र. 1 में उद्योग विभाग के पीछे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहवासियों ने कलेक्टर को जनसुनवाई मंे दिया आवेदन
  • कई बार आवेदन देने के बाद भी षिकायत का निराकरण नहीं होने पर पार्षद समस्याओं के निराकरण की पहल करेंगे

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झाबुआ। शहर के वार्ड क्र. 1 में काॅलेज मार्ग पर उद्योग विभाग के पीछे रहने वाले रहवासी इन दिनों बिजली, क्षतिग्रस्त नाली एवं कच्चे रोड़ के चलते अत्यधिक परेषान है। रहवासियों का कहना है कि उनके द्वारा कई बार जनसुनवाई में आवेदन देने के बाद भी ना तो जिला प्रषासन और ना ही नगरपालिका द्वारा ध्यान दिए जाने से वे इस मंगलवार को पुनः जनसुनवाई में आवेदन देने पहुंचे। वार्ड पार्षद से मिलने पर उन्होंने समस्या के निराकरण का उचित आष्वासन दिया है। उद्योग विभाग के पीछे रहने वाले रहवासी कसनाबाई मेड़ा, रमसु रावत, पुष्पलता दास ने बताया कि उनके द्वारा वार्ड क्र. 1 में उद्य़ोग विभाग के कच्चे रोड़ को लेकर अब तक तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत एवं श्रीमती अरूणा गुप्ता को कई बार जनसुनवाई में आवेदन देने के साथ ही वर्तमान कलेक्टर आषीष सक्सेना को दो-तीन बार जनसुनवाई में आवेदन दिया गया, लेकिन उक्त मार्ग में पक्का रोड़ नहीं बन रहा है। कच्चे रोड़ के कारण रहवासियों को पैदल चलने के साथ दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ता है। बारिष में समस्या विकलराल रूप ले लेती है।

नपा अध्यक्ष को भी षिकायत की
रहवासियांे ने बताया कि उनके द्वारा इसकी षिकायत नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नू डोडियार को करने के साथ ही पूर्व पार्षद को भी की थी, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं हो पाया। इस मंगलवार को उन्होंने जनसुनवाई ले रहीं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जुमना भिड़े को अपनी षिकायत दर्ज करवाई।

पार्षद ने कार्रवाई का दिया उचित आष्वासन
इस संबंध में इस क्षेत्र मंे रहने वाले रहवासी जब वार्ड पार्षद पपीष पानेरी से मिले तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा नगपालिका से इस मार्ग में नवीन नाली के लिए स्वीकृति ले ली है, जिसका कार्य अतिषीघ्र आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही बिजली पोल लगाने हेतु नपा के इंजिनियर से उनकी चर्चा हो चुकी है। मार्ग के रहवासियों की मुख्य समस्या कच्ची सड़क की है, तो इसके लिए भी वे आगामी दिनों में नगरपालिका में होने वाली बैठक में प्रस्ताव रखकर कार्य के लिए स्वीकृति के लिए प्रयास करेंगे। यदि सड़क निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति मिल जाती है, तो कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

जनसुनवाई में सुनी गई समस्याएॅ

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झाबुआ । आज 05 जून को शासन के निर्देशानुसार जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे एवं विभागीय अधिकारियों ने लिये। आवेदन प्राप्त कर संबंधित कार्यालय प्रमुखो को निराकरण के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये। आवेदनो को आॅनलाईन साफ्टवेयर में दर्ज किया गया। ग्राम देवगढ तहसील थांदला के ग्रामीणो ने नाले पर हो रहे तालाब निर्माण कार्य पर रोक लगवाने के लिए आवेदन दिया। वेलसिंह पिता मंगू निवासी बोचका तहसील रामा ने कपिलधारा कूप निर्माण की षेष राषि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। इन्दरसिंह पिता हिटू निवासी सदावा ने काबिज वन भूमि का पट्टा प्रदाय करवाने के लिए आवेदन दिया। ग्राम पिपलिया के बिल्ली फलिया एवं ग्राम बलोला के डाबर फलिया के ग्रामीणों ने पेयजल व्यवस्था के लिए आवेदन दिया। श्रीमती चंदू पति लालजी निवासी धामंदा ने सेल्समैन द्वारा अनाज नही दिये जाने की षिकायत की एवं उचित मूल्य की दुकान से अनाज दिलवाने के लिए आवेदन दिया।

झाबुआ जिले के 10 विद्यार्थियों का एन.ई.ई.टी. परीक्षा मे हुआ चयन
       
झाबुआ  । झाबुआ जिले के 10 विद्यार्थियों का चयन एन.ई.ई.टी. परीक्षा मे हुआ है। जिनको मेरिट क्रम मे एमबीबीएस, बी.डी.एस, बी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस. पाठ्यक्रम मे डाॅक्टर की पढाई के लिए प्रवेष दिया जाएगा।

इनका हुआ चयन
उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय झाबुआ से प्रियंका गाडरिया एवं राहुल अजनार, कन्या उ.मा.वि. झाबुआ से रविना बारिया, कन्या उ.मा.विद्यालय पिटोल से गीता बवेरिया एवं रेणुका गुण्डिया, कन्या उ.मा.विद्यालय मेघनगर से नम्रता हरवाल, उ.मा.विद्यालय नौगांवा से सुनीता देवल एवं दिनेष मावी, उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय पेटलावद से सलोनी डामर एवं कन्या उच्चतर मा. विद्यालय रामा से लीला भूरिया, बा.उ.मा.वि. पारा से राहुल खपेड, उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय रानापुर से कमलेष डावर, उ.मा.वि. कुन्दनपुर से वर्षा परमार का चयन डाॅक्टर बनने के लिए हुआ है। कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, सहायक आयुक्त श्री गणेष भाबर ने सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को जिले, विभाग एवं विद्यालय का नाम गौरवान्वित करने पर बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की हैं।

जिले के प्रभारी मंत्री श्री सारंग चार दिवसीय भ्रमण पर थांदला, पेटलावद एवं झाबुआ में करेंगे रात्रि विश्राम
जिला अंत्योदय समिति की बैठक लेंगे
       
झाबुआ । श्री विष्वास सारंग राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मध्यप्रदेष षासन एवं झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री जिले में 6 जून से 9 जून तक चार दिवसीय भ्रमण पर रहेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री श्री सारंग 6 जून को अपरान्ह 4 बजे भोपाल से प्रस्थान कर रात्रि 9 बजे थांदला पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 7 जून को ग्राम मदरानी मे तेंदूपत्ता संग्राहको के सम्मेलन मे प्रातः 11.30 बजे आमजन को सम्बोधित करेंगे। उसके बाद अपरान्ह 2 बजे ग्राम उमरादरा में जन कल्याण विकास यात्रा मे भाग लेंगे। उसके बाद पेटलावद पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 8 जून को प्रातः 11 बजे से प्रधानमंत्री आवास का अवलोकन करने के बाद आजीविका भवन का षिलान्यास करेंगे एवं बरवेट रोड पेटलावद मे महिला सम्मेलन मे सहभागिता करेंगे। उसके बाद सिंगेष्वर मे सामुदायिक भवन का भूमिपूजन करेंगे। अपरान्ह 3 बजे रामा मे उचित मूल्य की दुकान का षुभारंभ करने के बाद ग्राम पंचायत लोहारिया एवं बलवन मे उचित मूल्य की दुकान का षुभारंभ करेंगे। उसके बाद झाबुआ मुख्यालय पहुंचकर रात्रि विश्राम करेगे। षनिवार 9 जून को प्रातः 10 बजे कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष मे जिला स्तरीय अंत्योदय समिति की बैठक लंेगे एवं मुख्यमंत्री मजदूर कल्याण कार्यषाला मे सहभागिता करने के बाद भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।

लहसुन प्याज खरीदी का भुगतान आरटीजीएस एवं नेफ्ट से होगा किसान के बैंक खाते मे
       
झाबुआ । भावांतर योजनांतर्गत लहसुन एवं प्याज के विक्रय के लिए पंजीकृत किसानो द्वारा क्रेता व्यापारी को विक्रय किये गये लहसुन/प्याज के विक्रय मूल्य का 50 प्रतिषत या रुपये 10 हजार जो भी कम हो का क्रेता व्यापारी द्वारा आरटीजीएस अथवा एनईएफटी के माध्यम से किसान के बैंक खाते मे भुगतान किया जाना अनिवार्य है। उक्त निर्देष राज्य षासन द्वारा जारी कर मण्डी संचालको को पालन सुनिष्चित करने के लिए निर्देष दिये गये है। जिले मे पालन सुनिष्चित करने के लिए कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने संबंधित अधिकारियो को निर्देषित किया हैं।

प्रधानमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानंत्री आवास, योजना के हितग्राहियो से किया संवाद
       
झाबुआ । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियो से संवाद किया। झाबुआ के एनआईसी कक्ष के वीडियो कॅंान्फ्रेंस कक्ष मे कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे सहित प्रधानमंत्री आवास योजाना के हितग्राही उपस्थित थे।

पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 के लिए काउंसलिंग 23 जून को
       
झाबुआ । पटवारी भर्ती परीक्षा-2017 मे चयनित अभ्यर्थियो के दस्तावेज सत्यापन पर माननीय हाइकोर्ट के द्वारा लगाई गई रोक हटा ली गई है। अतः दस्तावेज सत्यापन और काउंसलिंग की नई तिथि 23 जून 2018 निर्धारित की गई है। षेष कार्यवाहियां पूर्व मे जारी निर्देषानुसार ही की जायेगी।

दस्तक अभियान के प्रथम चरण हेतु कार्यषाला सम्पन्न
       
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झाबुआ । दिनांक 04 जून 2018 को जिला पंचायत सभागृह मे वर्ष 2018-19 के अंतर्गत होने वाले “दस्तक अभियान“ के प्रथम चरण हेतु जिलास्तरीय दस्तक कार्ययोजना एवं मीडिया कार्यषाला का आयोजन किया गया। डाॅ राहुल गणावा, जिला टीकाकरण अधिकारी के द्वारा बताया गया कि दिनांक 14 जून 2018 से 31 जुलाई 2018 तक जिले मे दस्तक अभियान का आयोजन किया जायेगा। इस अवधि मे दस्तक अभियान हेतु गठित दल प्रत्येक घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चो को स्वास्थ्य सेवाये प्रदान करेंगे। दस्तक अभियान के अंतर्गत 0 से 5 वर्ष के उम्र के बच्चो मे कुपोषण की पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान रेफरल एवं प्रबंधन, दस्त रोग नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक कर उपयोग एवं समझाईष ,गंभीर एनिमिया की सक्रिय स्क्रिनिंग एवं प्रबंधन, बच्चो मे विटामिन “ए“ का अनुपुरण, जन्मजात विकृतियों की पहचान, आंषिक टीकाकृत व छूटे हुए बच्चो का टीकाकरण, षिषु एवं बाल आहारपूर्ति व्यवहार को बढावा, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चो की स्क्रीनिग तथा फाॅलोअप को प्रोत्साहन, बाल मृत्यु की जानकारी आदि कार्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ द्वारा किये जायेंगे। जिले मे 0 से 5 वर्ष के उम्र के बच्चो को सेवाये देने हेतु अनुमानित 153449 बच्चो का लक्ष्य रखा गया है। जिले के 240 उप स्वा केन्द्रो मे 813 ग्रामो मे सेवाये प्रदान करने हेतु 251 दस्तक दलो एवं षहरी क्षेत्रों मे 20 दस्तक दलो का गठन किया गया है। समस्त जानकारी आनलाईन साॅफ्टवेयर के माध्यम से इंद्राज कर संकलित की जायेगी। कार्यषाला मे आर आर खन्ना जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सुभाष कुमार बिन्झारे जिला आरबीएसके समन्वयक, धीरज गुप्ता, डीसीएम, स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा जिले के मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिये संकल्पित होकर कार्य करें प्रदेशवासी
  • मुख्यमंत्री श्री चैहान का विश्व पर्यावरण दिवस पर आव्हान

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर नागरिकों से प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिये संकल्पित होकर कार्य करने का आव्हान किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त बनाने की मुहिम शुरु की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि पर्यावरण के लिये प्लास्टिक सर्वाधिक हानिकारक पदार्थ है। यह पृथ्वी का शत्रु है। धरती पर प्लास्टिक कचरे की मोटी होती परत मनुष्यों, पशुओं, जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों, हवा, पानी सबके लिये खतरा बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन प्लास्टिक के खतरों से निपटने के लिये प्रतिबद्ध है। प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिये प्रत्येक नागरिक को जागरुक होने की जरूरत है। श्री चैहान ने नागरिकों का आव्हान किया है कि वे प्रदेश को प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त बनाने में भरपूर योगदान दें। सरकार के प्रयासों में सहयोग प्रदान करें।

फ्लैट बिल योजना में हितग्राही भरेंगे वास्तविक बिजली बिल
  • मुख्यमंत्री श्री चैहान ने की ऊर्जा विभाग की प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि फ्लैट बिजली बिल योजना के हितग्राहियों का सरल और सुविधापूर्ण तरीके से व्यापक स्तर पर पंजीयन किया जाये। विद्युत वितरण केन्द्रों के साथ ही बड़े हाट और बाजार आदि सार्वजनिक स्थलों में शिविर लगाकर पंजीयन करवाया जाये। श्री चैहान आज मंत्रालय में ऊर्जा विभाग की घरेलू बिल सरल समाधान और सरल बिजली बिल योजनाओं के प्रस्तावित प्रारूप की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि फ्लैट रेट योजना में पंजीकृत श्रमिकों को वास्तविक मासिक बिल का भुगतान करना हो, जो अधिकतम 200 रूपये तक होगा। यदि किसी का मासिक बिजली बिल 150 रूपये आता है, तो उसे बिल की वास्तविक राशि 150 रूपये ही जमा करनी होगी। इस व्यवस्था का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।

जेईई मेन्स में डेढ़ लाख तक रैंक वालों को मिलेगा मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ
  • अब 12वीं में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भी होंगे लाभान्वित

झाबुआ । राज्य शासन द्वारा विद्यार्थियों के हित में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन किया गया है। अब जेईई मेन्स परीक्षा में एक लाख 50 हजार तक रैंक में आने वाले विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। पहले 50 हजार तक रैंक वाले विद्यार्थियों को ही इसका लाभ मिलता था। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं की परीक्षा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक और सीबीएसई, आईएससीएसआई की 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा। इंजीनियरिंग-शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की फीस शासन द्वारा दी जायेगी। प्रायवेट कॉलेज को देय शुल्क डेढ़ लाख रुपये तक अथवा वास्तविक रूप से देय शुल्क, जो कम हो, शासन द्वारा दी जायेगी। यदि किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में अलग से प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जाता है और छात्र जेईई मेन्स में एक लाख 50 हजार तक की रैंक में आता है, तो उसे भी पात्रता होगी। मेडिकल-जिन विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा “नीट“ के आधार पर केन्द्र या राज्य शासन के मेडिकल कॉलेज और प्रदेश में स्थित प्रायवेट मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है, तो उनकी फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी। भारत शासन के ऐसे संस्थान, जो स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर प्रवेश देते हैं, को भी योजना में शामिल किया गया है। शासकीय मेडिकल कॉलेज में शिक्षित डॉक्टर दो वर्ष तक राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने का अनुबंध करेंगे और इस आशय का 10 लाख रुपये का बॉण्ड भरेंगे। प्रायवेट कॉलेज में यह अवधि 5 वर्ष तथा बॉण्ड की राशि 25 लाख रुपये होगी। लॉ-क्लेट अथवा स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्‍ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों की फीस राज्य शासन द्वारा दी जायेगी। भारत सरकार के समस्त विश्वविद्यालयों, संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम, इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स (मास्टर डिग्री के साथ बेचलर डिग्री भी सम्मिलित है) के विद्यार्थियों को देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। राज्य शासन के सभी शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों को योजना में शामिल किया गया है। विद्यार्थी के पिता/पालक की आय 6 लाख रुपये से कम होना चाहिये, लेकिन ऐसे विद्यार्थी, जिनके पिता/पालक की वार्षिक आय 6 लाख तक है तथा वे बीपीएल कार्डधारी, अनुसूचित-जाति या अनुसूचित-जनजाति वर्ग के विद्यार्थी हैं तथा उपरोक्त उल्लेखित शर्तों के कारण योजना में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, को विशेष प्रकरण मानते हुए इनके संबंध में विभाग, समन्वय में सक्षम अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर उन्हें योजना में सम्मिलित कर सकेगा। योजना में स्नातक स्तर के लिये विभिन्न संस्थाओं को देय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क एवं कॉशन मनी को छोड़कर) जो विनियामक समिति अथवा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार, राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है, का ही भुगतान किया जायेगा। योजना में लाभ पाने वाले विद्यार्थियों को प्रवेशित संस्था के नियमानुसार पाठ्यक्रम को समय-सीमा में पूरा करना जरूरी होगा अन्यथा यह लाभ बंद कर दिया जायेगा। शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क संस्था के खाते में दी जायेगी, जबकि निजी संस्थाओं के‍विद्यार्थियों को देय शुल्क विद्यार्थी के खाते में दी जायेगी। विद्यार्थी द्वारा राज्य या केन्द्र शासन की किसी अन्य योजना से सहायता प्राप्त होने की स्थिति में वह अंतर की राशि प्राप्त कर सकेगा। ऐसे विद्यार्थी, जिनके पास आधार नम्बर नहीं हैं, उनको 3 माह के अंदर आधार नम्बर देना होगा। लाभार्थी विद्यार्थी एवं उनका परिवार स्वेच्छा से शिक्षा पूरी होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित फण्ड में उनके जैसे अन्य छात्रों की मदद के लिये योजना में दी गई राशि इच्छानुसार जमा कर सकेंगे।

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जुड़ीं मध्यप्रदेश की 58 कृषि उपज मण्डियाँ
       
झाबुआ । राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है। यह कृषि उपजों के लिये एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने का सशक्त माध्यम है। कृषि उपज मण्डी से संबंधित सभी सूचनाओं और सेवाओं के लिये यह ई-नाम पोर्टल सिंगल विण्डो सेवा प्रदान कर रहा है। इस पोर्टल में उपज के आगमन और कीमतों तथा उपज को खरीदने और बेचने के व्यापारिक प्रस्तावों के प्रावधान को शामिल किया गया है। प्रदेश में ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अभी तक 58 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में ई-नाम पोर्टल की शुरूआत भोपाल की पण्डित लक्ष्मीनारायण शर्मा कृषि उपज मण्डी करोंद से की गई। योजना के पहले चरण में प्रदेश की 19 चयनित कृषि उपज मण्डियों को इस पोर्टल से जोड़ा गया। ई-नाम पोर्टल से जुड़ी कृषि उपज मण्डियों में 6 जिन्सों पर ऑनलाईन ट्रेडिंग की जा रही है। योजना के दूसरे चरण में 30 और तीसरे चरण में 8 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में शामिल किया गया है। अब तक प्रदेश की 58 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही, 13 कपास मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ने का कार्य तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में अब तक करीब 12 लाख किसानों से 19 हजार लायसेंस धारी व्यापारियों ने ई-प्लेटफार्म के माध्यम से करीब 49 लाख क्विंटल कृषि जिन्सों का व्यापार किया है। प्रदेश में ई-नाम पोर्टल की सभी 58 मण्डियों में कृषि उपज के गुणवत्ता परीक्षण के लिये वृहद एसेइंग एण्ड ग्रेडिंग लैब स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। ई-नाम पोर्टल में देश के 18 राज्यों में मध्यप्रदेश की स्थिति गेट एन्ट्री और एसेइंग में प्रथम तथा बिड क्रिएशन और सेल ऐग्रीमेंट में तृतीय रही है। ज्ञातव्य है‍कि देश में अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना की शुरूआत की थी। इसका मकसद किसानों को उनकी उपज का राष्ट्रीय स्तर पर सही दाम दिलवाना है।

मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन योजना में बीपीएल का बंधन आवश्यक नहीं, पांच सौ रूपए प्रतिमाह तक मिलेगी पेंशन

झाबुआ । प्रदेश में निवासरत विधवा महिलाओं (कल्याणी) को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने व जीवन निर्वाह हेतु प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन योजना प्रारंभ की गई है। योजनांतर्गत 18 वर्ष से 79 वर्ष आयु की कल्याणी को प्रतिमाह 300 रूपए एवं 80 वर्ष से अधिक आयु होने पर प्रतिमाह 500 रूपए पेंशन का प्रावधान है। योजना का लाभ लेने के लिए कल्याणी को प्रदेश का मूल निवासी, न्यूनतम 18 वर्ष या इससे अधिक आयु, आयकर दाता न हो, शासकीय कर्मचारी, अधिकारी न हो, कल्याणी परिवार पेंशन अथवा अन्य कोई पेंशन योजना का लाभ प्राप्त न कर रही हो, ऐसी महिलाएं लाभ लेने की पात्र होंगी। योजना में बीपीएल का बंधन आवश्यक नहीं है। योजना का लाभ लेने के लिए मूल निवासी का प्रमाण पत्र, पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र, समग्र आईडी, आयु प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की छायाप्रति, आयकरदाता न होने का स्व घोषित प्रमाण पत्र एवं परिवार पेंशन प्राप्त नहीं की जा रही इस आशय का स्व घोषित प्रमाण पत्र आवश्यक दस्तावेज होंगे।

आवेदन की प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्र में
आवेदिका द्वारा निर्धारित प्रारूप में योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय अथवा ग्राम पंचायत में जमा किया जाएगा। आवेदिका द्वारा समग्र पेंशन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। ऑफलाइन पूर्ण आवेदन करने पर आवेदिका को कार्यालय द्वारा पावती दी जाएगी। ऑफलाइन प्राप्त आवेदनों को ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत द्वारा समग्र पेंशन पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन प्राप्त आवेदनों में जनपद पंचायत या ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच की जाएगी। जांच उपरांत दस्तावेज सही पाए जाने पर नियमानुसार पेंशन प्रकरण स्वीकृत किया जाएगा एवं सिंगल क्लिक के माध्यम से उक्त माह से प्रतिमाह कल्याणी के बैंक बचत खाते में सीधे राशि जमा की जाएगी।

शहरी क्षेत्र में
शहरी क्षेत्र की आवेदिका को आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कार्यालय अथवा वार्ड कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदिका द्वारा समग्र पेंशन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। ऑफलाइन पूर्ण आवेदन करने पर आवेदिका को कार्यालय द्वारा पावती दी जाएगी। ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन प्राप्त आवेदनों में जनपद पंचायत या ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच की जाएगी। ऑफलाइन प्राप्त आवेदनों को मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कार्यालय अथवा वार्ड कार्यालय द्वारा समग्र पेंशन पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। जांच उपरांत दस्तावेज सही पाए जाने पर नियमानुसार पेंशन प्रकरण स्वीकृत किया जाएगा एवं सिंगल क्लिक के माध्यम से उक्त माह से प्रतिमाह कल्याणी के बैंक बचत खाते में सीधे राशि जमा की जाएगी।

मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल वंचितों के हक में अभिनव पहल
       
झाबुआ । मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल) का मुख्य उद्देश्य राज्य के असंगठित गरीब मजदूरों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ प्रदान करना है। यह योजना समाज के हर वर्ग, गरीब और मजदूर के लिए है। यह योजना गरीबों की जिन्दगी में नया सवेरा लायेगी । असंगठित श्रमिकों के लिए हर साल 10 लाख मकान बनाकर दिये जायेंगे और प्रदेश में 4 साल में साढ़े 37 लाख मकान बनाकर गरीबों को उपलब्ध कराए जायेंगे। हर गरीब को आवास के लिए जमीन का पट्टा दिया जायेगा । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मंशा है कि मध्य प्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बगैर आवासीय जमीन के नहीं रहेगा ।

योजना में शामिल श्रमिक
खेतों में मजदूरी करने वाले, गृहकर्मी, स्ट्रीट हॉकर्स, मछली पकड़ने वाले श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, स्थायी ईंट निर्माता, दुकानदार, गोदामों, परिवहन, हथकरघा, बिजली के सामान, डाइंग-पिं्रटिंग, सिलाई-बुनाई-कढ़ाई, लकड़ी के सामान, चमड़े के सामान और जूते बनाने वाले और पटाखे बनाने वाले, ऑटो रिक्शा चालकों, आटा, तेल, दालों, चावल और पोहा मिलों, लकड़ी के मजदूर, बर्तन, कारीगरों, चैकीदार, सुतार और मजदूर असंगठित श्रमिक वर्ग में शामिल हैं ।

पंजीकरण की प्रक्रिया
जिले में ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में वार्ड प्रभारी या नगर पालिका, नगर पंचायत द्वारा कैम्प लगाकर पंजीयन का कार्य किया जा रहा है, पंजीयन पूर्णतः निःशुल्क है । श्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं कि यदि कोई व्यक्ति या मध्यस्थ किसी से पंजीयन कराने हेतु राशि की मांग करता है तो उसे कोई राशि प्रदान न करें । स्वयं ही समग्र आई.डी. क्रमांक, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर तथा अपना फोटो ले जाकर अपना पंजीयन कराएं तथा शासन की योजना का लाभ प्राप्त करें ।

योजना की पात्रता
आवेदक एक श्रमिक होना चाहिए । किसी भी प्रकार की सरकार या अनुबंध सेवा में नहीं होना चाहिए । करदाता नहीं होना चाहिए ।  ऐसे किसान जिनके पास ढ़ाई एकड़ से कम कृषि भूमि हो ।

योजना के हित लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के घर का लाभ, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निरूशुल्क गैस कनेक्शन, निःशुल्क चिकित्सा उपचार, बच्चों को मुफ्त शिक्षा, निःशुल्क प्रशिक्षण एवं मृत्यु में राहत सहायता ।

असंगठित श्रमिक कल्याण समिति
प्रदेश के असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण के लिए अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है ।  समिति में 5 सदस्य नामांकित किए गए हैं ।  यह समिति विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों के समन्वय और पर्यवेक्षण का कार्य करेगी ।

चरण पादुका योजना
चरण पादुका योजना के तहत तेन्दूपत्ता तोड़ने वाले भाइयों को जूते, बहनों को चप्पल और साड़ी के साथ सभी को पानी की कुप्पी दी गई है ।  योजना की शुरूआत स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सीधी जिले में तेन्दूपत्ता श्रमिकों को चप्पल पहनाकर की ।

तेन्दूपत्ता संग्रहण दर वृद्धि
सरकार ने तेन्दूपत्ता के लिए 1200 रूपये प्रति बोरे की जगह 2000 रूपये प्रति बोरा देने का निर्णय लिया।महुए का फूल, अचार की गुठली, ये वनोपज हैं, इनका ठीक दाम मिलना चाहिए।14 अप्रैल से 30 रूपये प्रति बोरा महुए का फूल खरीदना शुरू कर दिया है।अचार की गुठली 100 रूपये किलो खरीदी जा रही है।  इस बार 207 करोड़ रूपये बोनस बांटा गया है।

संबल योजना के हितग्राहियों की पात्रता एक अप्रैल से लागू
       
झाबुआ । मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना (संबल) में पंजीयन करवाने वाले हितग्राही विगत एक अप्रैल 2018 से हित-लाभ प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे। योजना में पंजीकृत हितग्राही अन्य योजनाओं के लाभों से वंचित नहीं होंगे। उन्हें अन्य योजनाओं के लाभ पूर्ववत मिलेंगे। पात्र आवेदकों को पंजीयन सत्यापन के अभाव में आर्थिक सहायता से वंचित नहीं किया जायेगा।

10 जून को सभी विकासखण्डों में होंगे किसान सम्मेलन- कलेक्टर
       
झाबुआ । कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने उप संचालक कृषि , सहायक आयुक्त सहकारिता , मण्डी सचिव को निर्देशित किया है कि 10 जून को आयोजित सम्मेलन में  रबी विपणन वर्ष 2018-19 के गेहूं, चना, मसूर और सरसों उत्पादक किसानों के बैंक खातों में आरटीजीएस एनईएफटी से प्रोत्साहन राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इस हेतु व्यापक प्रचार प्रसार के साथ साथ समस्त तैयारियां पूरी करे। कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 10 जून को जबलपुर में कृषक समृद्धि योजनांतर्गत किसान महा-सम्मेलन में रबी विपणन वर्ष 2018-19 के गेहूँ, चना, मसूर और सरसों उत्पादक किसानों के बैंक खातों में आरटीजीएस/एनएफटी से प्रोत्साहन राशि सीधे ट्रांसफर करेंगे। इसी दिन प्रदेश के सभी विकासखण्डों के साथ साथ जिले के झाबुआ, मेघनगर, थांदला, रानापुर, रामा, पेटलावद विकासखण्ड मुख्यालयों पर किसान सम्मेलन आयोजित होंगे। सम्मेलन में प्रातः11 बजे से दोपहर एक बजे तक कृषक संगोष्ठियां भी आयोजित की जायेंगी। संगोष्ठियों में कृषि वैज्ञानिक किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों से अवगत करायेंगे। जबलपुर में हो रहे किसान महा-सम्मेलन का प्रदेश में न्यूज चैनल्स के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जायेगा। विकासखण्ड स्तर पर होने वाले सम्मेलनों में किसान एल.ई.डी. टी.बी. के माध्यम से मुख्यमंत्री का संदेश सुन सकेंगे। सम्मेलन में किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड, फसल-चक्र में परिवर्तन, नवीन उन्नत बीज, अंतवर्ती फसल, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा, खेतों की मेड़ों पर वृक्षारोपण, जैविक खेती के साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कस्टम हायरिंग और कस्टम प्रोसेसिंग, पशुपालन, मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना के साथ मुख्यमंत्री कृषक युवा उद्यमी योजना की विस्तृत जानकारी भी दी जायेगी। सम्मेलन स्थल पर कृषि उपलब्धि और कृषि की आधुनिक तकनीकी पर केन्द्रित प्रदर्शनी लगाई जायेगी। कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने इस संबंध मे सर्व संबंधित अधिकारियों से कहा है कि अधिकाधिक कृषकों को आमंत्रित करते हुए समस्त तैयारियां पूरी करें ।

 मतदाता सूची के षुद्धीकरण हेतु अभियान चलाए
       
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झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आषीष सक्सेना ने कहा है कि किसी भी निर्वाचन की शुद्धता एवं निष्पक्षता बनाये रखने के लिए मतदाता सूची का शुद्धीकरण होना अति आवश्यक है । उन्होने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओ का होना आवश्यक है । कलेक्टर ने निर्वाचन संबंधी की बैठक मे समस्त नोडल अधिकारियो से कहा है कि भ्रमण के दौरान गांव के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ साथ सभी वर्ग के बुजुर्गो को बुलाकर समक्ष में मतदाता सूची का वाचन करे। इस दौरान यदि किसी की मृत्यु हो गई हो या गांव छोडकर काफी लंबे अर्से से बाहर रहता हो, या किसी का नाम या फोटो गलत हो तो प्राप्त शिकायतो के आधार पर उनके नाम हटाने की कार्यवाही करें ताकि त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार कराई जा सके। कलेक्टर ने कहा है कि 15 मई से 15 जून तक समस्त बीएलओ डोर टू डोर , घर घर जाकर मतदाता सूची का मिलान करेंगे। यदि इस दौरान इपिक में दूसरे की फोटो लगी पाई जाए तो उसे अनिवार्य रूप से सुधारे वहीं एक ही इपिक नंबर से कई कार्ड बने हो तो उनका भी सुधार करवाए। जिन मकानों में बहुत से मतदाताओ के नाम जुडे हो तो उनका वेरीफिकेशन कराए। कलेक्टर ने कहा कि रेण्डम विधि से तहसीलदार, एसडीएम, अपर कलेक्टर भी मतदान केंद्रो मे जाकर फोटोयुक्त मतदाता सूची की जांच करेंगे। यदि गडबढी पाई गई तो संबंधित बीएलओ के खिलाफ कडी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

व्यापारी के साथ लूट की घटना के चार आरोपी गिरफतार, 6 मोबाईल एवं पर्स किया गया बरामद

झाबुआ। 22 मई की रात्रि साढ़े 8 बजे झकनावदा चैकी अंतर्गत आने वाले ग्राम बोलासा रोड़ पर एक व्यापारी को सिर पर लट्ठ मारकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना मं संलिप्त चार आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफतार कर लिया गया है। जिसमें दो युवक एवं दो नाबालिग शामिल है। आरोपियों के कब्जें से लूटे गए कुल 6 मोबाईल एवं पैसो से भरा पर्स बरामद किया गया है। मंगलवार को दोपहर 12 बजे स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकारवार्ता में पुलिस अधीक्षक महेषचन्द्र जैन ने लूट की घटना का पर्दाफाष करते हुए बताया कि 22 मई की रात्रि साढ़े 8 बजे मुकेष पिता सुजानमल कोठारी निवासी झकनावदा, जो 5 नए जीओ कंपनी कंपनी के मोबाईल खरीदकर ला रहे थे। उनके साथ बोलासा रोड़ पर अज्ञात बदमाषों ने पीछे से सिर पर लट्ठा मारकर उन्हें घायल करने के साथ बेहोष कर दिया था। बाद उनसे 5 नए मोबाईल लूटने के साथ ही एक उनका स्वयं का मोबाईल तथा पैसों से भरा पर्स चोरी कर फरार हो गए। घटना के बाद श्री कोठारी का प्राथमिक उपचार झकनावदा होने के पश्चात् इंदौर में उपचार चला। लूट का अपराध पंजीबद्ध कियाघटना के तुरंत बाद झकनावदा चैकी पर लूट की घटना में अपराध पंजीबद्ध किया। इस बीच 30 मई को श्री कोठारी के स्वस्थ होने के बाद पुलिस द्वारा उनसे घटना के संबंध में पूछताछ की गई। जिसमें श्री कोठारी ने बताया कि उन्होंने पेटलावद से मोबाईल खरीदने के बाद वह पुनः अपने गांव झकनादा के लिए निकले। रास्ते में पीछे से अज्ञात बदमाषों ने सिर पर लट्ठ मारने से वह बेहोष हो गए। इसके बाद की उन्हें जानकारी नहीं है।टीम गठित कर पकड़ा गया पुलिस अधीक्षक श्री जैन ने बताया कि इसके बाद पेटलावद एसडीओपी आरआर अवास्या के नेतृत्व में झकनावदा चैकी प्रभारी केएस चैहान एवं अन्य पुलिसकर्मियों टीम बनाई गई। जिन्हें मुखबिर से यह सूचना मिली कि पेटलावद के नजदीक ही ग्राम में एक युवक जीओ कंपनी का नया मोबाईल बेचने आया है, इस पर पुलिस द्वारा दबिष देकर युवक को गिरफतार किया गया एवं उससे सघनता से पूछताछ की गई।चार आरोपियों ने मिलकर दिया घटना को अंजामपूछताछ में युवक समुस पिता मड़िया गामड़ निवासी आमलीपाड़ा ने बताया कि उसने अपने साथी राकेष पिता कैलाष मेड़ा निवासी आमलीपाड़ा एवं अन्य दो नाबालिग लड़कों के साथ मिलकर श्री कोठारी के साथ लूट की घटना दिया था। बाद पुलिस द्वारा इन तीन आरोपियों को भी गिरफतार किया गया। जिसमें से दो बालिग युवकों को पुलिस द्वारा मंगलवार को पत्रकारवार्ता में पेष किया गया। एसपी श्री जैन के अनुसार चारों आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेष कर रिमांड पर लेकर उनसे अन्य मामलों में भी पूछताछ की जाएगी।

भोपाल मध्य प्रदेश की बेटी ने राष्ट्रीय स्तर पर गौरव बढ़ाया।

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भोपाल  -मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ , अभियान को वखूबी श्रीमती स्वाति तिवारी एबं द वीक राष्ट्रीय पत्रिका के ब्यूरो चीफ बरिष्ठ पत्रकार श्री दीपक तिवारी 4 इमली भोपाल ने अपनी बेटी शब्दिता तिवारी को भारतीय संस्कृति और संस्कारो के साथ -साथ दिल्ली पब्लिक स्कूल [DPS]नीलबाग भोपाल में अध्ययन कराया। गत दिवस सी बी एस ई बारहवीं की परीक्षा में 98 . 6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर मध्य प्रदेश का नाम गौरव के साथ स्थापित किया।  यह बेटी मध्य प्रदेश सरकार की उस योजना को साबित कर मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अभियान की नजीर बन गई।   भोपाल मध्य प्रदेश की बेटीशब्दिता तिवारी नेप्रदेश में पहला और राष्ट्रीय स्तर पर सातवां स्थान प्राप्त कर गौरव बढ़ाया। श्री दीपक तिवारी की दो पुत्रिया है जिसमे कुमारी शब्दिता बड़ी बेटी है। आज अकेले ब्राह्मण समाज या सम्मान्य वर्ग के लिए नहीं मध्य प्रदेश के सभी बेटिओ के नाम को रोशन करने वाली कुमारी शब्दिता तिवारी को प्रदेश के अभी जाति ,वर्ग के नागरिको की बधाइयां मिल रही है।  

सात जून तक मुंबई पहुंच सकता है मानसून

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मुंबई , पांच जून,  दक्षिण पश्चिम मानसून के मुंबई , गोवा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सात जून तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा , ‘‘ अगले 48 घंटों के हमारे पूर्वानुमान के अनुसार मानसून दक्षिणी कोंकण , गोवा और मुंबई में सात जून को पहुंच सकता है , जहां से वह महाराष्ट्र के उत्तरी भागों की ओर आगे बढ़ेगा। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ मानसून की शुरुआत के बाद इन इलाकों में अगले 24 घंटों में भयंकर बारिश होने की आशंका है। ’’ अधिकारी ने कहा कि मछुआरों के लिए अरब सागर में ज्यादा आगे नहीं जाने के संदर्भ में भी चेतावनी जारी कर दी जाएगी। पिछले कुछ दिनों से महानगर में मानसून पूर्व बारिश जारी है। बारिश संबंधी घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है। 

नीतीश ने तेजस्वी यादव पर किया परोक्ष वार

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nitish-attack-tejaswiपटना , पांच जून, राजद नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष वार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि अपने परिवार की वजह से राजनीति में आये युवा नेता ‘ धन पाने ’ के लिए जल्द पद हासिल करना चाहते हैं।  उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम लिये बिना राजनीतिक शख्सियतों द्वारा सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल करने की भी आलोचना की।  बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा , ‘‘ उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि उनका क्या रूख है , किंतु वे बड़ी बड़ी बात करते हैं। ’’ तेजस्वी अक्सर सोशल मीडिया पर नीतीश पर हमला बोलते हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ राजनीति में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। छात्र रहने के दौरान हमने अनुभव हासिल किया था तथा मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि युवा पीढ़ी राजनीति में रूचि ले रही है। ’’  उन्होंने कहा ,‘‘ किंतु आसपास देखने पर हमें ऐसे बहुत से युवा नेता दिखते हैं जो अपने परिवारों के कारण राजनीति में अपनी हैसियत बनाये हुए हैं। (वे) बुनियादी तौर पर धन बनाने के लिए पद हासिल करना चाहते हैं , जबकि हमारे समय में ऐसी बात नहीं थी। ’’  राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के 28 वर्षीय छोटे पुत्र तेजस्वी यादव नीतीश को अक्सर ‘‘ चाचा ’’ कहकर संबोधित करते हैं। 

तोगड़िया 24 जून को नये संगठन की शुरुआत करेंगे

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अहमदाबाद , पांच जून, विश्व हिंदू परिषद् के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने आज कहा कि वह दिल्ली में 24 जनू को नये ‘‘ धार्मिक एवं सामाजिक ’’ संगठन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने देश में चल रहे किसान प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की।  हिंदुत्ववादी नेता ने इस वर्ष अप्रैल में विहिप के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। संगठन में विहिप के अध्यक्ष पद के लिए उनके उम्मीदवार राघव रेड्डी के हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वी एस कोकजे से हारने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था। भविष्य की योजनाओं पर तोगड़िया ने कहा कि वह नये हिंदू आंदोलन की शुरुआत करेंगे। तोगड़िया ने कहा , ‘‘ हम 24 जून को दिल्ली में नया आंदोलन , हिंदू आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। उस दिन हम नये संगठन के नाम और एजेंडा की घोषणा करेंगे। इंडोर स्टेडियम में होने वाले सम्मेलन में देश भर से हमारे प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। ’’ उन्होंने कहा कि दो राज्यों में छोड़कर सभी राज्यों में उन्होंने नये संगठन की आधारशिला रख दी है। तोगड़िया ने इस बारे में अधिक ब्यौरा देने से इंकार कर दिया।

मेरे खिलाफ आरोप निरर्थक, निराधार : शशि थरूर

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नयी दिल्ली , पांच जून, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली की एक अदालत द्वारा अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में खुद को सम्मन जारी किए जाने के तुरंत बाद कहा कि उनके खिलाफ आरोप ‘‘ निरर्थक और निराधार ’’ हैं तथा ये दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि वे इनका जोरदार ढंग से सामना करना जारी रखेंगे।  थरूर ने एक बयान में कहा कि उनका दृढ़ विश्पास है कि अंतत : न्यायिक प्रणाली के जरिए सच सामने आएगा।  उन्होंने कहा , ‘‘ मैं अपनी स्थिति दोहराना चाहूंगा कि आरोप निरर्थक और निराधार हैं तथा ये दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित हैं। ’’  कांग्रेस नेता ने कहा , ‘‘ मैं आरोपों का जोरदार ढंग से सामना करना जारी रखूंगा। मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि अंतत : न्यायिक प्रणाली के जरिए सच सामने आएगा। ’’  उन्होंने हालांकि आगे कुछ और कहने से इनकार किया तथा मीडिया से आग्रह किया कि वह उनके और उनके परिवार की निजता के अधिकार का सम्मान करे क्योंकि मामला विचाराधीन है।  थरूर ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सुनवाई की अगली तारीख तक टिप्पणी नहीं करेंगे।  कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के इर्द - गिर्द की परिस्थितियों के संबंध में पटियाला हाउस अदालत द्वारा सुने जा रहे मामले में घटनाक्रमों पर ध्यान दिया है।  उन्होंने कहा कि उन्होंने शुरू से ही जांच टीम के साथ पूरा सहयोग किया है।  थरूर की यह टिप्पणी दिल्ली की अदालत द्वारा उन्हें सात जुलाई को तलब किए जाने के तुरंत बाद आई।  अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने तथा क्रूरता करने के थरूर के कथित अपराधों पर संज्ञान लिया।  न्यायाधीश ने कहा , ‘‘ मैंने अभियोजक को सुना है। मैंने आरोपपत्र और इसके साथ दायर दस्तावेजों का अध्ययन किया है और इन्हें देखा है। पुलिस रिपोर्ट (आरोपपत्र) के आधार पर मैं डॉ . शशि थरूर द्वारा दिवंगत सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने और उस पर क्रूरता करने के अपराध पर संज्ञान लेता हूं। ’’  अदालत ने कहा , ‘‘ थरूर के खिलाफ भादंसं की धारा 306 और 498 ए के तहत आने वाले अपराधों में मामले पर आगे बढ़ने के पर्याप्त आधार मौजूद हैं। ’’  दिल्ली पुलिस ने 14 मई को आरोप लगाया था कि तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद थरूर ने सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाया। इसने अदालत से कहा कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।  सुनंदा 17 जनवरी 2014 की रात एक लग्जरी होटल के कमरे में मृत मिली थीं। 

सैनिकों से जूते और कपड़े खरीदने के लिए कह रही है सरकार: राहुल गांधी

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नयी दिल्ली, पांच जून, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘खोखले नारों’ का आरोप लगाया और दावा किया कि सैनिकों से अपने कपड़े और जूते खुद खरीदने के लिए कहा जा रहा है। गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर आरोप लगाया कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सिर्फ ‘खोखले नारे’ और ‘निरर्थक विशेषण’ का निर्माण हो रहा है, जबकि सैनिकों से कहा जा रहा है कि वे अपने कपड़े और जूते खुद खरीदें। गांधी ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि सेना ने सरकारी आयुध कारखानों से आपूर्ति में कटौती का फैसला किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि सेना के इस कदम के बाद सैनिकों को आम बाजारों से अपनी वर्दी, अन्य कपड़े और जूते खरीदने के लिए खुद के पैसे खर्च करने होंगे।

विशेष आलेख : बस्तों का बोझ कम करने का सराहनीय उपक्रम

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burden-on-kids-school-bagशिक्षा के निजीकरण के दौर में बस्ते का बोझ हल्का करने की बात एक सपना बन कर रह गयी, बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने के प्रयास निरर्थक होते नजर आने लगे एवं बच्चों का बचपन लुप्त होने लगा, ऐसे जटिल हालात में सरकार ने स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का जो फैसला किया है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम जटिल है और सरकार इसे घटाकर आधा करने वाली है। निश्चित ही नरेन्द्र मोदी सरकार की अनेक उपलब्धियों में यह एक बड़ी उपलब्धि होगी, जिसमें बच्चों को उनका बचपन लौटाने का उपक्रम किया जा रहा है। पाठ्यक्रम के भारी भरकम बोझ से बच्चों का मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है, इससे बच्चों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक तो बच्चों पर पढ़ाई का अतिरिक्त बोझ बढ़ा और जो व्यावहारिक ज्ञान बच्चों को विद्यालयों में मिलना चाहिए था, उसका दायरा लगातार सिमटता गया। बस्तों के बढ़े बोझ तले बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। आज बच्चे अपने बचपन को ढूंढ रहे हैं। किताबों से भरे बस्ते बेचारे मासूम बच्चे अपने कंधों पर ढो रहे हैं। हंसने-खेलने की उम्र में बच्चों की पीठ पर किताबों, कापियों का इतना बोझ लादना क्या इन मासूमों पर अत्याचार नहीं है? इस भारी-भरकम पाठ्यक्रम को लादे बच्चें बीमार रहने लगे, तनाव के शिकार होने लगे। तनाव है तो उद्दण्डता भी होगी, आक्रामक भी बनेंगे, इस बढ़ती आक्रामकता को हमने पिछले दिनों देखा है, किस तरह से साथी बच्चे की हत्या कर दी गयी, किस तरह प्राचार्य पर गोली चला दी गयी।

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शिक्षा पद्धति की इस बड़ी विसंगति को दूर करने का सराहनीय उपक्रम किया है, इसके लिये उनके योगदान सदैव स्मरणीय रहेंगे। उन्होंने शिक्षा पद्धति को व्यावहारिक बनाने की दृष्टि से और भी कदम उठाये हैं। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को कैबिनेट के सामने इस माह के अंत में पेश किया जाएगा, साथ ही जुलाई में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में संशोधन के आशय वाला बिल भी संसद के समक्ष रखा जाएगा। इस संशोधन में बच्चों को 5वीं और 8वीं में फेल न करने का फैसला पलटने की बात है। इसके तहत राज्यों को इन कक्षाओं की परीक्षा अपने तरीके से लेने का अधिकार दिया जाएगा। जावड़ेकर के अनुसार, सरकार छोटे बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए भी एक विधेयक ला रही है, जिसमें स्कूलों द्वारा बच्चों को होमवर्क न देने का प्रावधान भी होगा। मद्रास हाईकोर्ट ने 30 मई को एक अंतरिम आदेश में केंद्र से कहा था कि वह राज्य सरकारों को निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली-दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं। 

सरकार ने संभवतः पहली बार यह बात स्वीकार की है कि बच्चों को तनावमुक्त बनाये रखना शिक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उसने यह भी स्वीकार किया है कि एनसीआरटीई का पाठ्यक्रम जटिल है। देश के ज्यादातर स्कूलों में यही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। पिछले कुछ समय से विभिन्न सरकारों की यह प्रवृत्ति हो चली है कि वे शिक्षा में बदलाव के नाम पर पाठ्यक्रम को संतुलित करने की बजाय उसमें कुछ नया जोड़ देती हैं। इस तरह पाठ्यक्रम बढ़ता चला गया। कई शिक्षाविदों ने इस पर सवाल उठाया और कहा कि कम उम्र में बहुत ज्यादा चीजों की जानकारी देने की कोशिश में बच्चे कुछ नया नहीं सीख पा रहे, उलटे पाठ्यक्रम का बोझ उन्हें रटन विद्या में दक्ष बना रहा है। यही नहीं, इस दबाव ने बच्चों में कई तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा की हैं, वह कुंठित हो रहा है, तनाव का शिकार बन रहा है। एकदम छोटे बच्चों को होमवर्क के झंझटों से मुक्त करना जरूरी है। पहले तो स्कूलों का तनावभरा परिवेश, आठों कलांशें पढ़ने से बच्चे थक जाते हैं और ऊपर से उनको भारी होमवर्क दे दिया जाता है। जो स्कूल जितना अधिक होमवर्क देता है, वह स्कूल उतना ही बड़ा माना जाता है। इस तरह होमवर्क कुल मिलाकर एक कर्मकांड का रूप ले चुका है, जिसका विकल्प ढूंढना जरूरी है। कच्ची उम्र में पढ़ाई का दबाव औसत मेधा और भिन्न रुचियों वाले बच्चों को कुंठित बनाता है। उन्हें फेल करने की व्यवस्था वापस लानी है, तो उनको दबाव से बचाने के रास्ते भी ढूंढने होंगे। जैसे, 14 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम से अधिक व्यावहारिक ज्ञान दिया जाना ज्यादा उपयोगी है, उनमें कौशल विकास के प्रस्ताव को ज्यादा गंभीरता से लिया जाना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। तोतारटंत के बजाय बच्चों में कुछ सीखने की सहज प्रवृत्ति पैदा हो, इसी में उनके साथ-साथ देश की भी भलाई है, इसी में शिक्षा पद्धति की भी परिपूर्णता है।

लगभग पांच दशक पहले छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों पर इतना बोझ नहीं था। मसलन पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक बच्चों के लिए तीन-चार किताबें और कापियां ही पर्याप्त होती थीं। इतना ही नहीं, हर कक्षा के लिए स्तर के हिसाब से पहाड़े तथा गणित के प्रश्न होते थे। इसके साथ-साथ व्यवहार गणित, लाभ-हानि, ब्याज व समीकरण के प्रश्न होते थे, लेकिन आज पाठ्यक्रम में व्यावहारिक पाठ्यक्रम के ज्ञान व शिक्षा से भी बच्चों को वंचित होना पड़ रहा है। कहना न होगा कि बस्तों के बढ़े बोझ तले बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 12 साल की आयु के बच्चों को भारी स्कूली बस्तों की वजह से पीठ दर्द का खतरा पैदा हो गया है। पहली कक्षा में ही बच्चों को छह पाठ्य पुस्तकें व छह नोट बुक्स दी जाती हैं। मतलब पांचवीं कक्षा तक के बस्तों का बोझ करीब आठ किलो हो जाता है। बच्चों के बस्ते और भारी भरकम पाठ्यक्रम हैं। इससे बच्चों को पीठ, घुटने व रीढ़ पर असर पड़ रहा है। आजकल बहुत सारे बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं। बस्तों के बढ़े बोझ से निजी स्कूलों के बच्चे खेलना भी भूल रहे हैं। घर से भारी बस्ते का बोझ और स्कूल से होम वर्क की अधिकता से शिशु दिमाग का विकास बाधित हो रहा है। निजी स्कूलों के बस्तों का बोझ तो बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे ज्ञानवृद्धि का कोई कारण नहीं, बल्कि व्यावसायिक रुचि ही प्रमुख है। 

कान्वेंट स्कूलों में छोटी कक्षा के मासूमों को दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के बराबर होमवर्क दिया जा रहा है जिससे देर रात्रि तक इन छात्रों को सिर उठाने की फुर्सत नहीं होती, खेलना किसने देखा। बच्चे स्कूल से घर आकर न तो कुछ वक्त फुर्सत के निकाल पाते हैं और न ही खेलों के लिए उचित समय मिल पा रहा है। बढ़ी स्पर्धा के दौर में सरकारी स्कूलों को छोड़कर अभिभावक अपने नौनिहालों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए निजी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान ने इस दिशा में प्रयास किए, परंतु उनके अनुपालन का कार्य केवल सैद्धांतिक स्तर तक सीमित रहा, इसको व्यावहारिक रूप नहीं मिल पाया। लम्बे दौर से कुछ ऐसे उपाय किये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिससे ये मासूम बस्ते के बोझ से मुक्त हो सकें और उनका स्वाभाविक विकास हो। इस दृष्टि से केन्द्र सरकार की पहल से कुछ धुंधलका छंटने की संभावनाएं बनी है। परीक्षा का समय हो या अध्यापक का व्यवहार, घरेलू समस्या हो या आर्थिक समस्या-तनावमुक्त परिवेश बहुत आवश्यक है। लेकिन बच्चों को तनावमुक्त परिवेश देने में शिक्षा को व्यवसाय बनाने वाले लोगों ने कहर बरपाया है। निश्चय ही कुछ स्वार्थी तत्त्व इन बच्चें रूपी महकते पुष्पों पर भी अत्याचार करने से बाज नहीं आते। उनका उद्देश्य हर कक्षा में अधिक से अधिक पुस्तकें लगवाना रहता है, जिससे वे पुस्तक-विक्रेताओं और दुकानदारों से कमीशन लेकर अपनी जेब गर्म कर सकें। दूसरी बात जो ध्यान में देनी है, वह यह है कि कक्षा के बंद कमरे में पाठ रटवाने के स्थान पर उन्हें रोचक ढंग से पढ़ाया जाए। विद्यालयों में दी जा रही शिक्षा पुस्तकों के भार से दबी है। इस बोझ को कम करने की काफी चर्चा और सुझाव आते रहे, परंतु वे क्रियात्मक रूप से कुछ अधिक सफल नहीं हो पाए। बच्चों के दिमाग में शब्दों को भरना नहीं चाहिए, बल्कि उनके मस्तिष्क में शब्दों को निकलवाना चाहिए। वे अच्छी तरह से शब्दों को समझें, रटें नहीं। बच्चों को व्यावहारिक विद्या सिखलाई जानी चाहिए, ताकि उनके विचार शक्ति में इजाफा हो। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा पद्धति की विसंगतियों को दूर करने के लिये केवल कानून ही नहीं बनाये, बल्कि उन्हें पूरी ईमानदारी से लागू भी करें, तभी भारत का बचपन मुस्कुराता हुआ एक सशक्त पीढ़ी के रूप में नयी दिशाओं को उद्घाटित कर सकेंगा।


liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण को समर्पित श्री रामकथा समापन समारोह

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पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर संकल्प कराया ’हर कथा हो हरित कथा’, जंगल उगाये जीवन बचाये, पेड़ लगाये पीढ़ियाँ बचायें’’-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, काष्र्णि पीठाधीश्वर  श्री स्वामी गुरूशरणानन्द जी महाराज, सालासर बालाजी राजस्थान से नेमि नारायण जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने पर्यावरण को समर्पित श्री रामकथा के समापन समारोह में की शिरकत, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर योगगुरू रामदेव जी महाराज ने श्री राम कथा प्रेमियों को लाइव वीडियो संदेश के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया तथा योग एवं वृक्षारोपण के लिये प्रेरित किया*, भारतीय संस्कृति है पर्यावरण संरक्षण की संस्कृति

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ऋषिकेश, 5 जून। परमार्थ निकेतन में ’माँ गंगा के तट पर पर्यावरण संरक्षण एवं पतित पावनी माँ गंगा को समर्पित ’श्री राम कथा’ का विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर समापन हुआ। इस अवसर पर काष्र्णि पीठाधीश्वर, स्वामी गुरूशरणानन्द जी महाराज, सालासर बालाजी जी नेमि नारायण एवं भजन गायक प्रकाश जी माली ने कथा में सहभाग किया। माँ गंगा के तट पर श्री राम कथा की रसधारा संत मुरलीधर जी महाराज के मुखारबिन्द से  24 मई से निरन्तर प्रवाहित हो रही थी। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की प्रेरणा एवं सरंक्षण में आयोजित श्री मानस कथा में अनेक पूज्य संतों एवं राजनीतिक दिग्गजों ने सहभाग किया। विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि अब ’’जय गंगे के साथ-साथ जैविक गंगे का उद्घोष हो, हर-हर गंगे के साथ हो हर्बल गंगे, हर बल गंगे, हर पल गंगे, हर हर गंगे को आत्मसात करें। माँ गंगा और देश की अन्य नदियों के प्रति समर्पण ही सबसे बड़ा तर्पण है। स्वामी जी महाराज ने कहा ’’माँ के गर्भ से लेकर मरघट तक मनुष्य के पूरे जीवन काल में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है। अपने जीवन में चिंतन करें और आज गंगा के तट  से संकल्प लेकर जाये की अब तक प्रकृति और पर्यावरण से लिया अब वृक्षारोपण कर कुछ कर्ज चुकाने का समय है, तभी हमारा और हमारी भावी पीढ़ियांे का जीवन सुरक्षित रह सकता है। उन्होने कहा जब बाहरी पर्यावरण स्वच्छ होगा तभी भीतर का वातावरण भी स्वस्थ्य होगा आईये इस हेतु मिलकर प्रयास करे जंगल उगाये जीवन बचाये, पेड़ लगाये पीढ़ी बचाये।’’

श्री राम कथा के समापन अवसर पर संत श्री मुरलीधर जी महाराज ने भक्तों एवं श्रद्धालुओं से आह्वान किया, कथा के माध्यम से प्रतिदिन अखाडों के पूज्य महन्त एवं संतों के उद्बोधन को श्रवण किया उसे आत्मसात कर कथा के याद में कम से कम 11 पौधों का रोपण अवश्य करे यही कथा की पूर्णाहुति और फलश्रुति है। स्वामी गुरूशरणानन्द जी महाराज ने कहा, ’ईश्वर को पाने के लिये मन की निर्मलता एवं तन की स्वच्छता आवश्यकता होती है। आप सभी  माँ गंगा के तट पर आयोजित कथा से प्राप्त दिव्य ऊर्जा कोे श्रेष्ठ कार्यो में लगाये यही कथा का सार है और यही परमात्मा, प्रकृति और पर्यावरण के  लिये उत्तम भेंट है।’’  श्री राम कथा के समापन समारोह के पश्चात पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा काष्र्णि पीठाधीश्वर स्वामी गुरूशरणानन्द जी महाराज को भेंट किया तत्पश्चात  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी वेदविद्यानन्द सरस्वती जी महाराज साध्वी भगवती सरस्वती जी, तथा पश्चिम से आई नदियों का स्वरूप धारण की कन्यायें और दक्षिण भारत से आई वेद की विद्वान ऋषिन्याओं एवं सभी विशिष्ट अतिथियों ने स्वच्छ जल की उपलब्धता हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की। इस अवसर पर हजारों की सख्या में उपस्थित भक्त परमार्थ परिवार से सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, लक्की सिंह, नरेन्द्र बिष्ट, भगत सिंह,  राजेश दीक्षित एवं देशी विदेशी भक्तगण उपस्थित थे। स्वामी जी महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया सभी ने दोनों हाथ उठाकर संकल्प किया। 

बिरसा मुंडा पुण्यतिथि : बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं

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भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे क आदिवासी नेता और लोकनायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती ही नहीं दी बल्कि उसे सांसत में डाल दिया। उन्होंने आदिवासी लोगों को अपने मूल पारंपरिक आदिवासी धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति एवं परम्परा को जीवंत रखने की प्रेरणा दी। आज आदिवासी समाज का जो अस्तित्व एवं अस्मिता बची हुई है तो उनमें उनका ही योगदान है। बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर 15 नवंबर 1875 को रांची जिले के उलिहतु गाँव में जन्मे बिरसा मुंडा ने साहस एवं पराक्रम की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य का इतिहास रचा। उन्होंने हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म का बारीकी से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से तो भ्रमित है ही हिन्दू धर्म को भी ठीक से न तो समझ पा रहा है, न ग्रहण कर पा रहा है। मुंडा रीति रिवाज के अनुसार उनका नाम बृहस्पतिवार के हिसाब से बिरसा रखा गया था। उनका परिवार रोजगार की तलाश में उनके जन्म के बाद उलिहतु से कुरुमब्दा आकर बस गया। जहां वो खेतो में काम करके अपना जीवन चलाते थे। उनके पिता, चाचा, ताऊ सभी ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। बिरसा के पिता सुगना मुंडा जर्मन धर्म प्रचारकों के सहयोगी थे। बिरसा का बचपन अपने घर में, ननिहाल में और मौसी की ससुराल में भेड-बकरियों को चराते हुए बीता। जंगल में भेड़ चराते वक्त समय व्यतीत करने के लिए बाँसुरी बजाया करते थे और लगातार बाँसुरी बजाने से वे उसमें सिद्धहस्त हो गये थे। उन्होंने कद्दू से एक-एक तार वाला वादक यंत्र तुइला बनाया था जिसे भी वो बजाया करते थे। उनके जीवन के कुछ रोमांचक पल अखारा गाँव में बीते थे। बाद में उन्होंने कुछ दिन तक चाईबासा के जर्मन मिशन स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। परन्तु स्कूलों में उनकी आदिवासी संस्कृति का जो उपहास किया जाता था, वह बिरसा को सहन नहीं हुआ। इस पर उन्होंने भी पादरियों का और उनके धर्म का भी मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। फिर क्या था। ईसाई धर्म प्रचारकों ने उन्हें स्कूल से निकाल दिया। 

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बिरसा के जीवन में एक नया मोड़ आया। उनका स्वामी आनन्द पाण्डे से सम्पर्क हो गया और उन्हें हिन्दू धर्म तथा महाभारत के पात्रों का परिचय मिला। यह कहा जाता है कि 1895 में कुछ ऐसी आलौकिक घटनाएँ घटीं, जिनके कारण लोग बिरसा को भगवान का अवतार मानने लगे। लोगों में यह विश्वास दृढ़ हो गया कि बिरसा के स्पर्श मात्र से ही रोग दूर हो जाते हैं। वर्तमान भारत में रांची और सिंहभूमि के आदिवासी बिरसा मुंडा को अब ‘बिरसा भगवान’ कहकर याद करते हैं। मुंडा आदिवासियों को अंग्रेजों के दमन के विरुद्ध खड़ा करके बिरसा मुंडा ने यह सम्मान अर्जित किया था। 19वीं सदी में बिरसा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक मुख्य कड़ी साबित हुए थे। जन-सामान्य का बिरसा में काफी दृढ़ विश्वास हो चुका था, इससे बिरसा को अपने प्रभाव में वृद्धि करने में मदद मिली। लोग उनकी बातें सुनने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र होने लगे। बिरसा ने पुराने रूढ़ियों, आडम्बरों एवं अंधविश्वासों का खंडन किया। लोगों को हिंसा और मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। उनकी बातों का प्रभाव यह पड़ा कि ईसाई धर्म स्वीकार करने वालों की संख्या तेजी से घटने लगी और जो मुंडा ईसाई बन गये थे, वे फिर से अपने पुराने धर्म में लौटने लगे। उन्होंने न केवल आदिवासी संस्कृति  को बल्कि भारतीय संस्कृति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 

बिरसा मुंडा ने किसानों का शोषण करने वाले जमींदारों के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा भी लोगों को दी। उनका संघर्ष एक ऐसी व्यवस्था से था, जो किसानी समाज के मूल्यों और नैतिकताओं का विरोधी था। जो किसानी समाज को लूट कर अपने व्यापारिक और औद्योगिक पूंजी का विस्तार करना चाहता था। उनकी इस क्रांतिकारी सोच को देखकर ब्रिटिश सरकार भयभीत हो गयी और उसने उन्हें लोगों की भीड़ जमा करने से रोका। बिरसा का कहना था कि मैं तो अपनी जाति को अपना धर्म सिखा रहा हूँ। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयत्न किया, लेकिन गांव वालों ने उन्हें छुड़ा लिया। शीघ्र ही वे फिर गिरफ्तार करके दो वर्ष के लिए हजारीबाग जेल में डाल दिये गये। बाद में उन्हें इस चेतावनी के साथ छोड़ा गया कि वे कोई प्रचार नहीं करेंगे। परन्तु बिरसा कहाँ मानने वाले थे। छूटने के बाद उन्होंने अपने अनुयायियों के दो दल बनाए। एक दल मुंडा धर्म का प्रचार करने लगा और दूसरा राजनीतिक कार्य करने लगा। नए युवक भी भर्ती किये गए। इस पर सरकार ने फिर उनकी गिरफ्तारी का वारंट निकाला, किन्तु बिरसा मुंडा पकड़ में नहीं आये। इस बार का आन्दोलन बलपूर्वक सत्ता पर अधिकार के उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ा। यूरोपीय अधिकारियों और पादरियों को हटाकर उनके स्थान पर बिरसा के नेतृत्व में नये राज्य की स्थापना का निश्चय किया गया।

बिरसा मुंडा ने महसूस किया कि आचरण के धरातल पर आदिवासी समाज अंधविश्वासों की आंधियों में तिनके-सा उड़ रहा है तथा आस्था के मामले में भटका हुआ है। यह भी अनुभव किया कि सामाजिक कुरीतियों एवं आडम्बरों के कोहरे ने आदिवासी समाज को ज्ञान के प्रकाश से वंचित कर दिया है। वे जानते थे कि आदिवासी समाज में शिक्षा का अभाव है, गरीबी है, अंधविश्वास है। बलि प्रथा पर भरोसा है, हड़िया कमजोरी है, मांस-मछली पसंद करते हैं। समाज बंटा है, जल्दी ही तथाकथित लोगों के झांसे में आ जाते हैं। धर्म के बिंदु पर आदिवासी कभी मिशनरियों के प्रलोभन में आ जाते हैं, तो कभी ढकोसलों को ही ईश्वर मान लेते हैं। इन समस्याओं के समाधान के बिना आदिवासी समाज का भला नहीं हो सकता इसलिए उन्होंने एक बेहतर लोकनायक और समाज सुधारक की भूमिका अदा की। अंग्रेजों और शोषकों के खिलाफ संघर्ष भी जारी रखा। उन्हें पता था कि बिना धर्म के सबको साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा। इसलिए बिरसा ने सभी धर्मों की अच्छाइयों से कुछ न कुछ निकाला और अपने अनुयायियों को उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया। 

जनवरी 1900 डोमबाड़ी पहाड़ी पर एक और संघर्ष हुआ था जिसमें बहुत से औरतें और बच्चे मारे गये थे। उस जगह बिरसा अपनी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। बाद में बिरसा के कुछ शिष्यों की गिरफ्तारियां भी हुईं। अन्त में स्वयं बिरसा भी 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर में गिरफ्तार कर लिये गये। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझा। इसलिये जेल में अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण 9 जून 1900 को बिरसा की मृत्यु हो गई। लेकिन लोक गीतों और जातीय साहित्य में बिरसा मुंडा आज भी जीवित हैं। बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल सहित समूचे देश के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुण्डा को भगवान की तरह पूजा जाता है। जिस समय महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी सरकार के खिलाफ लोगों को एकजुट कर रहे थे, लगभग उसी समय भारत में बिरसा मुंडा अंग्रेजों-शोषकों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ चुके थे। गांधी से लगभग छह साल छोटे बिरसा मुंडा का जीवन सिर्फ 25 साल का रहा। उनका संघर्ष काल भी सिर्फ पांच साल का रहा। लेकिन इसी अवधि में उन्होंने अंग्रेजों-शोषकों के खिलाफ जो संघर्ष किया, जिस बिरसावाद को जन्म दिया, उसने बिरसा को अमर कर दिया। आज झारखंड की जो स्थिति है, आदिवासी समाज की समस्याएं हैं, उसे बिरसा ने सौ-सवा सौ साल पहले भांप लिया था। यह बताता है कि बिरसा कितने दूरदर्शी थे। इसलिए उन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है। आजादी के बाद हमने बिरसा मुंडा की शहादत को तो याद रखा, लेकिन हम उनके मूल्यों, आदर्शों एवं प्रेरणाओं से दूर होते गये। हमारी सत्ताएं उसी व्यवस्था की पोषक होती गयीं, जिनके विरुद्ध उन्होंने लड़ाई लड़ी। 

आज भी देश की कुल आबादी का लगभग ग्यारह प्रतिशत आदिवासी है। आजादी के सात दशकों के बीत जाने के बाद भी भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले आदिवासी आज भी उपेक्षित है। आर्थिक जरूरतों की वजह से आदिवासी जनजातियों के एक वर्ग को शहरों का रुख करना पड़ा है। विस्थापन और पलायन ने आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज और संस्कार को बहुत हद तक प्रभावित किया है, इससे पर्यावरण एवं प्रकृति भी खतरे में जा रही है। गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी के चलते आज का विस्थापित आदिवासी समाज, खासतौर पर उसकी नई पीढ़ी, अपनी संस्कृति से लगातार दूर होती जा रही है। आधुनिक शहरी संस्कृति के संपर्क ने आदिवासी युवाओं को एक ऐसे दोराहे पर खड़ा कर दिया है, जहां वे न तो अपनी संस्कृति बचा पा रहे हैं और न ही पूरी तरह मुख्यधारा में ही शामिल हो पा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अक्सर आदिवासी उत्थान और उन्नयन की चर्चाएं करते हैं और वे इस समुदाय के विकास के लिए तत्पर भी हैं। क्योंकि वे समझते हैं कि आदिवासियों का हित केवल आदिवासी समुदाय का हित नहीं है प्रत्युतः सम्पूर्ण देश, पर्यावरण व समाज के कल्याण का मुद्दा है जिस पर व्यवस्था से जुड़े तथा स्वतन्त्र नागरिकों को बहुत गम्भीरता से सोचना चाहिए। आदिवासी समुदाय के हितों के लिये बिरसा मुंडा ने एक क्रांति घटित की, आज आदिवासी संत गणि राजेन्द्र विजयजी भी बिरसा मुंडा के पदचिन्हों पर चलते हुए आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार दिलाने के लिये तत्पर है, आन्दोलनरत है। 

आज की वैश्विक दुनिया में पूंजीवादी समाज सभी प्राकृतिक स्रोतों पर कब्जा कर लेना चाहता है। अब यह साम्राज्यवादी स्वरूप ग्रहण कर नव-उपनिवेश को जन्म दे रहा है और इसका सबसे बड़ा खतरा आदिवासी समाज पर ही मंडरा रहा है। ऐसे में बिरसा मुंडा की शहादत को याद करते हुए उनकी शिक्षाओं एवं आदर्शों को अपनाने की एवं उन्हें जीवंत करने की जरूरत है। इसी से एक सम्पूर्ण आदिवासी समाज को भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिये तत्पर किया जा सकेगा।




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(ललित गर्ग)
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