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द कोरिया ने ट्रंप और किम के बीच बैठक को सराहा, ‘सदी की वार्ता’ बताया

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सोल , 12 जून, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की आज ऐतिहासिक शिखर वार्ता की दक्षिण कोरिया ने सराहना की और स्थानीय मीडिया ने इसे ‘ सदी की वार्ता ’’ करार दिया। सिंगापुर में ट्रंप और किम के हाथ मिलाने और गर्म जोशी से एक दूसरे का अभिवादन करने की तस्वीरें आने के बाद सोल ने इस पर उत्साही प्रतिक्रिया दी और प्योंगयांग के साथ एक नई शुरूआत की उम्मीद जताई।  दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई - इन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वार्ता कामयाब होगी और यह पूर्ण परमाणु निरस्त्रकरण और शांति लेकर आएगी तथा दोनों कोरियाई देशों के बीच और अमेरिका के साथ रिश्तों का एक नया दौर शुरू करेगी।  मून की किम के साथ बैठक ने सिंगापुर शिखर वार्ता का रास्ता तैयार किया था। वह राष्ट्रपति आवास ‘ ब्लू हाउस ’ में अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ शिखर वार्ता का सीधा प्रसारण देख रहे थे। उन्होंने मुस्कुरा कर इसकी सराहना की।  उनके दफ्तर ने कहा कि वार्ता के उत्साह में उन्हें रातभर नींद नहीं आई। 


मेस्सी की नजरें माराडोना के रिकार्ड पर

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नयी दिल्ली, 12 जून, रूस में 14 जून को फुटबाल के महासमर की शुरुआत के साथ ही विश्व कप में नये रिकार्ड के बनने और पुराने रिकार्डों के टूटने का सफर भी शुरू हो जाएगा। रूस के 11 शहरों के 12 स्थलों पर होने वाले विश्व कप के दौरान कई रिकार्ड दांव पर लगे होंगे और इसमें सबसे बड़ा आकर्षण अर्जेन्टीना के दिग्गज खिलाड़ी लियोनल मेस्सी होंगे जो विश्व कप में सर्वाधिक गोल करने वाले कप्तान बन सकते हैं। विश्व कप में कप्तान के रूप में सर्वाधिक गोल का रिकार्ड अर्जेन्टीना के महान खिलाड़ी और मेस्सी के पूर्व कोच डिएगो माराडोना के नाम दर्ज है जो राष्ट्रीय टीम की अगुआई करते हुए विश्व कप में छह गोल दाग चुके हैं। मेस्सी के पास रूस में इस रिकार्ड को तोड़ने का सुनहरा मौका होगा। उनके नाम पर विश्व कप में पांच गोल दर्ज हैं जिसमें से चार उन्होंने 2014 में ब्राजील में कप्तान के तौर किए थे। यह दिग्गज खिलाड़ी अगर रूस में दो और गोल करता है तो माराडोना की बराबरी कर लेगा जबकि तीन गोल के साथ वह इस रिकार्ड को तोड़े देंगे।  जर्मनी के स्टार थामस म्यूलर तीन विश्व कप में पांच या इससे अधिक गोल करने वाला पहला खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। म्यूलर के अलावा जर्मनी के हमवतन मिरोस्लाव क्लोसे और पेरू के तियोफिलो कुबिलास ही एक से अधिक विश्व कप में पांच या इससे अधिक गोल कर पाए हैं। क्लोसे 16 गोल के साथ विश्व कप में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं और म्यूलर उनसे छह गोल पीछे हैं। मिस्र के गोलकीपर और कप्तान एसाम अल हदारी अगर रूस में विश्व कप मुकाबले के लिए उतरते हैं तो वह विश्व कप में खेलने वाले सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी बन जाएंगे। हदारी की उम्र 45 साल और पांच महीने है जबकि पिछला रिकार्ड ब्राजील 2014 में कोलंबिया के फेरिड मोंड्रेगन ने बनाया था जो 43 साल और तीन दिन की उम्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने उतरे थे। 

विश्व कप में उम्रदराज खिलाड़ियों के अलावा उम्रदराज कोच भी अपनी टीमों को मार्गदर्शन कर रहे हैं और अगर प्री क्वार्टर फाइनल में उरूग्वे और पुर्तगाल की टीमें आमने सामने होती हैं तो इनके कोच क्रमश: आस्कर तबारेज और फर्नांडो सांतोस कुल उम्र के मामले में नया विश्व रिकार्ड बनाएंगे। उस समय इन दोनों कोचों की संयुक्त उम्र 135 साल और तीन महीने होगी और ये 133 साल और नौ महीने के मौजूदा रिकार्ड को तोड़ देंगे जो यूनान के ओटो रेहागेल और नाइजीरिया के लार्स लेगरबैक ने दक्षिण अफ्रीका में 2010 में बनाया था। राफा मार्कवेज भी मौजूदा टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं और वह भी अपना नाम इतिहास में दर्ज कराने के करीब हैं। मार्कवेज को अगर रूस में खेलने का मौका मिलता है तो वह पांच विश्व कप में खेलने वाले दुनिया के सिर्फ तीसरे और मैक्सिको के दूसरे खिलाड़ी बन जाएंगे। अब तक मैक्सिको के एंटोनियो कर्बाजल और जर्मनी के लोथार मथाउस ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। इटली के जियानलुइगी बुफोन भी पांच विश्व कप में टीम का हिस्सा थे लेकिन फ्रांस में 1998 में हुए विश्व कप में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था। मार्कवेज की नजरें एक और रिकार्ड पर होगी और इस रिकार्ड के लिए उनके साथ पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और आस्ट्रेलिया के टिम काहिल भी दावेदार होंगे। ये तीनों अगर रूस 2018 में गोल करते हैं तो चार विश्व कप में गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो जाएंगे। इससे पहले जर्मनी के युवे सीलर और क्लोस तथा ब्राजील के पेले ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। अब तक मारियो जगालो और फ्रेंज बैकेनबायर ही खिलाड़ी और कोच दोनों के रूप में विश्व कप जीतने में सफल रहे हैं लेकिन अगर फ्रांस रूस में खिताब जीतने में सफल रहा तो दिदिएर डेस्चैंप्स का नाम भी इस सूची में शामिल हो जाएगा। डेस्चैंप्स की अगुआई में 1998 में फ्रांस ने अपनी सरजमीं पर खिताब जीता था।

तीन तलाक पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को कल इफ्तार देंगे नकवी

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naqvi-iftar-to-womenनयी दिल्ली, 12 जून, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पीड़ित महिलाओं के लिए कल इफ्तार का आयोजन करेंगे जिसमें इन महिलाओं के अलावा उनके परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे।  नकवी के करीबी एक विश्वस्त सूत्र ने बताया, ‘‘कल मंत्री के आवास (7 सफदरजंग रोड) पर इफ्तार का आयोजन किया गया है। इस इफ्तार को मुख्य रूप से तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए रखा गया है। इसमें विभिन्न क्षेत्र में काम करने वाली मुस्लिम महिलाएं और तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के परिजन भी शामिल होंगे।’’  सूत्र ने बताया कि इस इफ्तार के लिए करीब सौ महिलाओं को आमंत्रित किया गया है जिनमें कई तीन तलाक पीडि़त महिलाएं भी शामिल हैं । वैसे, यह पहली बार है कि सरकार के किसी मंत्री या भाजपा के किसी नेता की तरफ से विशेष तौर पर मुस्लिम महिलाओं के लिए इफ्तार का आयोजन किया जा रहा है। मंत्री से जुड़े सूत्र ने कहा, ‘‘मेहरम के बिना हज पर जाने की इजाजत देने तथा बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक बच्चियों को छात्रवृत्ति देने सहित कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जो महिला सशक्तीकरण के लिए काफी अहम हैं। इसी क्रम में इस इफ्तार का आयोजन भी हो रहा है। इससे रमजान के पवित्र महीने में महिला सशक्तीकरण का एक बड़ा संदेश जाएगा।’’  सूत्र ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार में ‘सबका साथ सबका विकास’ की भावना के साथ समावेशी विकास हुआ है और इसमें महिलाओं का विकास भी शामिल है।’’  तीन तलाक के मुद्दे पर भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी मुखर रहे हैं। इसके खिलाफ सरकार एक विधेयक भी लाई है, हालांकि अभी इसको सिर्फ लोकसभा में ही पारित किया जा सका है। पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने तलाक-ए-बिद्दत को ‘असंवैधानिक’ और ‘गैरकानूनी’ करार दिया था।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय समिति के समक्ष पेश

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नयी दिल्ली , 12 जून, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज संसद की एक समिति के सामने पेश हुए जहां उन्हें बैंकों के वसूली में फंसे कर्ज के ऊंचे स्तर , बैंकों में धोखाधड़ी और नकदी संकट जैसे मुद्दों पर कुछ कड़े सवालों का सामना करना पड़ा।  पटेल ने समिति सदस्यों को आश्वासन है रिजर्व बैंक अपनी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रहा है। वित्त विषयक संसद की स्थायी समिति की बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि पटेल ने विश्वास व्यक्त किया है कि फंसे कर्ज यानी गैर - निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के संकट से पार पा लिया जाएगा।  कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति के कुछ सदस्यों ने पटेल से जानना चाहा कि एटीएम मशीनों हाल में पैसा की कमी क्यों आ गयी थी। कुछ सदस्यों ने पूछा कि बैंकिंग धोखाधड़ी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाऐ गए।  पटेल ने समिति से कहा कि बैंकिंग व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ‘‘ हमें विश्वास है कि हम इस संकट से निकल जाएंगे।’’  पटेल ने समिति को सूचित किया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून को लागू किए जाने के बाद एनपीए के मामले में हालात सुधरे हैं।  बैठक में सदस्यों ने विभिन्न सरकारी बैंकों की खस्ता हालत , फंसे कर्ज और पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर चिंता व्यक्त की । समिति के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने सोमवार को कहा था नोटबंदी के बाद कितना पैसा प्रणाली में वापस आया आरबीआई ने अब तक इसकी जानकारी नहीं दी है। और गवर्नर को इसके बारे में समिति को सूचित करना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि वह यह कल करेंगे।  समिति की पिछली बैठक में पटेल से ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के बारे में भी सवाल किए गए थे।

राजनिवास पर केजरीवाल-मंत्रियों का धरना दूसरी रात भी जारी

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नयी दिल्ली 12 जून, दिल्ली के नौकरशाहों पर कार्रवाई की मांग को लेकर राजनिवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों का धरना पिछले 30 घंटे से जारी है और मंगलवार की रात भी वे राजनिवास में डटे रहें। श्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “राजनिवास में हमारी दूसरी रात। हम यहां हैं क्योंकि हम दिल्ली से प्यार करते हैं और हमें इसकी चिंता है। हमने दिल्ली के लिए बहुत मेहनत की है। हम चाहते हैं कि दिल्ली में और सुधार हो। हम टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि कई बड़ी पहलों के रास्ते में बाधा डाली की जा रही है। आइए, उपराज्यपाल सर, हम अपनी प्रिय दिल्ली को और बेहतर बनायें और एक साथ मिलकर इस काम को अंजाम दें।”  श्री केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करने गये थे और अपनी तीन मांगों को लेकर राजनिवास में ही धरने पर बैठ गए। चारों ने रात राजनिवास के प्रतीक्षालय में ही गुजारी। मुख्यमंत्री का कहना है कि उपराज्यपाल जब तक हड़ताल जैसी स्थिति बनाने वाले नौकरशाहों पर कार्रवाई नहीं करेंगे, वे यहां से नहीं जायेंगे। श्री केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा “ मेरे प्यारे दिल्लीवासियों. सुप्रभात. संघर्ष जारी है।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा “सर यह पढ़िए. आप आईएएस अधिकारियों की हड़ताल का यह कहकर समर्थन कर रहे हैं कि वह काम पर है और हड़ताल पर नहीं है । वह क्या काम कर रहे हैं. आप उनके आचरण का कैसे बचाव कर सकते हैं।”

इस बीच श्री जैन ने उपराज्यपाल अनिल बैजल पर सरकार की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार से राजनिवास में अनशन शुरु कर दिया। श्री जैन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा “ एलजी साहब के अड़ियल रवैये की वजह से दिल्ली में अस्पताल, स्कूल, सीसीटीवी कैमरा और मोहल्ला क्लीनिक सारे काम रुक हुए हैं। इस कारण दुखी होकर मैं मंगलवार से अनशन पर बैठ रहा हूं।” उन्होंने कहा “ एलजी साहब से मेरी विनती है कि दिल्ली की जनता को तंग ना करें और उनके कामों में बाधा ना बने”।  श्री केजरीवाल ने अन्य ट्वीट कर कहा, “हम लोग कल शाम 5.30 बजे से एलजी हाउस में बैठे हैं। हमारी मुख्य मांगे हैं.. बाबुओं की हड़ताल को तुरंत खत्म किया जाये। राशन वाली फाइल को क्लियर किया जाये। मोहल्ला क्लीनिक, सरकारी स्कूलों में पुताई एवं अन्य काम रुके हुए हैं। उन्हें जल्दी शुरु करवाया जाये।” उपमुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा “ हमारे स्कूलों में रंगाई-पुताई का काम गर्मी की छुटि्टयों में होना था। इस बार आपके आईएसएस अधिकारियों की हड़ताल के चलते ये काम शुरु ही नहीं हुआ।” दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ करीब चार माह पहले मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट को लेकर सरकार और अधिकारियों में तनातनी चल रही हैं। यह मामला न्यायालय में भी चल रहा है।

मुख्यमंत्री आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उपराज्यपाल इस मामले में सही रवैया नहीं अपना रहे हैं। अधिकारियों के इस कदम की वजह से सरकार का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों के अकारण धरने पर बैठने को गलत बताया है। उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं और वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। श्री सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल से हमारे तीन आग्रह हैं.. नौकरशाहों की गैर कानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं क्योंकि सर्विस विभाग के मुखिया आप हैं। काम रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और राशन की दरवाजे पर वितरण की योजना को मंजूर करें।

मोदी लहर अब उतार पर : स्वामी अग्निवेश

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बिलासपुर 12 जून, सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि मोदी सरकार की लहर का भ्रम चार साल बाद अब जुमलेबाजी की वजह से उतरने लगा है और इस सरकार के नाम पौने नौ लाख करोड़ के एनपीए सरकार की विफलता उदाहरण है। स्वामी अग्निवेश ने केन्द्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र से मिलने वाले तीन हजार करोड़ की बंदरबांट के लिए नक्सली समस्या का हल नहीं हो रहा है और बातचीत से हल निकालने कोई तैयार नहीं है। निजी प्रवास पर मंगलवार को बिलासपुर पहुंचे स्वामी अग्रिवेश ने संवाददाताओं से कहा कि जुमलेबाजी की वजह से सारे वादे धरे रह गए। उन्होंने कहा कि देश में बड़ा परिवर्तन आने वाला है। किसान और गरीब मेहनतकश खुश नहीं है। मोदी जी ने गरीबों के जीरो बैलेंस पर 32 करोड़ बैंक खाते खुलवा दिए। उनका पैसा भी बड़े उद्योगपति कर्जा लेकर डकार गए।  उन्होंने कहा कि नतीजा यह हुआ कि सरकार की चार साल में उपलब्धि के रूप में आठ लाख 41 करोड़ के एनपीए की विफलता जुड़ गई। भाजपा से जुड़ा व्यापारी वर्ग नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से रो रहा है। बिल्डिंग और रीयल स्टेट ठप पड़ा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से कोई खुश नहीं है और 2019 में इसलिए बड़े परिवर्तन का आगाज होने वाला है। ध्रुवीकरण की साम्प्रदायिक राजनीति का अंत होने वाला है। खुद हिन्दू समाज इसे पसंद नहीं कर रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अपनी सीट और एक के बाद एक दो उपचुनाव इसीलिए हारे हैं। देश में परिवर्तन के लिए विपक्ष की एकजुटता और संयुक्त घोषणा पत्र पर जोर देते हुए कहा कि वादे पूरे करने विश्वास दिलाना होगा।

सरकार के लिए सोशल मीडिया दो धारी तलवार के समान : योगी

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लखनऊ,12 जून, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के लिए सोशल मीडिया दो धारी तलवार के समान है,लेकिन प्रदेश के बेरोजगारों के लिए विपक्ष के आरोपों का जबाब देने के लिए एक बड़ा हथियार भी है।  श्री योगी ने मंगलवार को यहां सोशल मीडिया हब का उद्घाटन करते हुए कहा कि वर्तमान में सूचना प्रोद्यौगिकी का समय है और सोशल मीडिया सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रति जनता में जागरूकता लाने के लिए बड़े औजार के रूप में काम करता है। उन्होंने कहा कि कभी कभी यह सरकार के सामने बड़ी समस्या भी पैदा कर देता है जब सोशल मीडिया में कुछ उलटा चल जाता है।  उन्होंने कहा कि विपक्ष की नकारात्क सोच का जबाब देने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग भ्रष्ट कारनामों को उजागर करने एवं कुछ समस्याओं के निदान के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को प्रत्येक जिले में ऐसी प्रणाली विकसित करनी चाहिए जिससे दिन प्रतिदिन की उपलब्धियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सकें।  उन्होंने कहा कि जनता हमें पांच साल के लिए चुनती है और हम क्या कर रहे हैं वह यह अच्छी तरह से जानती है।  यदि हमने उनकी जरूरतो को पूरा नहीं किया तो वह हमें अगली बार रास्ता दिखा देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब से गरीब व्यक्ति के पास स्मार्ट फोन है और सोशल मीडिया सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाने के लिए एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के दौरान विभिन्न जिलों में देखने मे आया कि लोग सोचते है कि ग्राम प्रधान उनके लिए घर एवं शौचालय बनवाएंगा जबकि यह केन्द्र एवं सरकार की योजना है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया इस वास्तविकता से लोगों को अवगत करा सकता है। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं सूचना मंत्री निलकंठ तिवारी ने भी संबोधित किया। इस दो दिवसीय सोशल मीडिया कार्यशाल में 336 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।

झारखंड में मैट्रिक का परिणाम जारी, 59.48 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण

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रांची 12 जून,  झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने आज इस वर्ष हुई मैट्रिक (10वीं) परीक्षा के परिणाम जारी कर दिये, जिसमें 59.48 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुये। मैट्रिक परीक्षा परिणाम में सबसे अधिक हजारीबाग जिले के विद्यार्थी उत्तीर्ण हुये हैं। रांची दूसरे और पूर्वी सिंहभूम जिला तीसरे स्थान पर रहा। वहीं, लातेहार जिले के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। पिछले साल की तुलना इस वर्ष वहां के मैट्रिक परिणाम में आठ प्रतिशत की कमी आई है। झारखंड में इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में कुल 428389 विद्यार्थी शामिल हुये, जिनमें से 254830 छात्र-छात्राएं पास हो पाये हैं। वहीं वर्ष 2017 में मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुये कुल 463311 विद्यार्थियों में से 67.83 प्रतिशत अर्थात 314287 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुये थे। मैट्रिक परीक्षा 2018 में शामिल हुये कुल 428389 विद्यार्थियों में से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या 128956 (61.79 प्रतिशत) और छात्राओं की संख्या 125878 (57.29 प्रतिशत) रही। इस वर्ष 101020 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से, 118046 द्वितीय श्रेणी से और 35764 तृतीय श्रेणी से पास हुये। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा 08 मार्च से 21 मार्च तक हुई थी।

रिम्स में बर्दाश्त नहीं की जाएगी अनुशासनहीनता : रघुवर दास

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रांची 12 जून, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज चेतावनी देते हुये कहा कि राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में किसी भी कीमत पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री दास ने यहां रिम्स एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि रिम्स सेवा स्थल है, जहां लोग स्वयं एवं परिजनों के बेहतर इलाज कराने की उम्मीद से आते हैं। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में रिम्स में हड़ताल के दौरान किसी मरीज की मौत हुई तो हड़ताल में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतयेक व्यक्ति को ईमानदारीपूर्वक अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करना होगा। साथ ही चिकित्सकों की जिम्मेवारी होगी कि वे मरीजों का बेहतर इलाज करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के प्रबंधन कार्य को संपन्न कराने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी और प्रत्येक व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाएगी। श्री दास ने रिम्स परिसर में पुलिस पोस्ट बनाने का निर्देश देते हुये कहा कि यह पोस्ट अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए जवाबदेह होंगे। साथ ही दुर्घटना के मामलों की सूचना संबंधित थाने को देंगे। उन्होंने 200 सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारियों को बहाल करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में मरीजों एवं उनके परिजनों की जबर्दस्त भीड़ होती है जबकि निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ उनके परिवार के केवल एक सदस्य को साथ रहने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा मरीजों से मिलने आने वालों के लिए भी समय निर्धारित होता है। ऐसी ही व्यवस्था रिम्स में भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस कार्य के लिए उत्तरदायी कर्मचारी यदि अपना काम ठीक से नहीं करते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खाश्त कर दिया जाएगा। श्री दास ने रिम्स परिसर के अंदर चल रहे डाइगनोसिस सेंटर और पैथोलॉजी को बंद कराने का आदेश देते हुये कहा कि अस्पताल के अंदर किसी भी कीमत पर बिचौलियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सकों को निजी क्लिनिक चलाने की अनुमति नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि अस्पताल में पेइंग वार्ड और ट्रॉमा सेंटर का कार्य जितनी जल्दी हो पूरा कर लिया जाये और जरूरत के अनुसार और इस काम में और लोगों को लगाया जाये। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए कैंपस प्लेसमेंट किया जाएगा। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डी. के. तिवारी समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पुलों का एप्रोच सुनिश्चित किया जाये : नीतीश कुमार

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bridge-approach-should-final-first-nitish-kumarपटना 12 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज निर्देश देते हुये कहा कि जो भी पुल पहले बने हैं उनका एप्रोच सुनिश्चित किया जाये। श्री कुमार को यहां पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने विभाग से संबंधित प्रस्तुतीकरण दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो पहले भी पुल बने हैं, उनका एप्रोच सुनिश्चित किया जाए। नए बनाए जाने वाले पुलों के लिए भी एप्रोच निश्चित रुप से हो। उन्होंने कहा कि पांच घंटे में राज्य के किसी कोने से राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाये।  मुख्यमंत्री ने बिहटा-सरमेरा राष्ट्रीय राजमार्ग पथ को बिहटा हवाईअड्डे से कनेक्ट करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने पटना-बक्सर के राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रगति की भी जानकारी ली।  विभाग की प्रस्तुतिकरण में वामपंथ, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। मुख्यमंत्री सड़क निर्माण योजना एवं मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के नये स्वरूप के संबंध में भी जानकारी दी गयी। 

मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के संबंध में यह महसूस किया गया कि जिन-जिन स्थानों पर पुल का निर्माण किया जायेगा, इसका आकलन जिला संचालन समिति द्वारा किया जायेगा। इसके बाद पुल निर्माण निगम द्वारा उसकी फिजिवलिटी का अध्ययन किया जायेगा और समेकित सूची के आधार पर चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा। चार माह में इसे तैयार करने का निर्देष दिया गया है। पटना-गया फोर लेन के लिए मीठापुर से महुली के बीच एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जायेगा। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग-30 के ऊपर से पार करेगा। इससे दक्षिण बिहार के आवागमन में सहुलियत होगी। इसे बिहटा-सरमेरा पथ से भी जोड़ा जायेगा। इसकी योजना लागत एक हजार करोड़ रुपये है। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।

इस मौके पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव सह मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, सचिव व्यय, वित्त विभाग राहुल सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष सचिव अनुपम कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जीतेंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

विपक्ष का महागठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद : येचुरी

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लखनऊ, 12 जून, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को दावा किया कि 2019 के लोेकसभा चुनाव के बाद की परिस्थितियों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनेगा। इसलिये विपक्ष को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है।  श्री येचुरी ने पत्रकारों से कहा, “ आगामी आमचुनाव में क्षेत्रीय दलों की बडी भूमिका होगी और ये दल गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। क्षेत्रीय समस्यायों को लेकर हर राज्य का फार्मूला अलग हो सकता है। हालांकि भाजपा के खिलाफ चुनाव परिणाम आने के बाद सभी दलों को एक मंच में आना होगा और यहीं महागठबंधन का कारक बनेगा।” उन्होंने कहा, “ जहां तक विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का मामला है, इसकी अभी कोई जरूरत नही है। 2004 में भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था जबकि विपक्ष ने ऐसे किसी प्रत्याशी की घोषणा नही की थी मगर चुनाव के बाद कांग्रेस के मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने और वह देश के मजबूत प्रधानमंत्रियों में से एक थे।” पार्टी नेताओं के साथ कार्यक्रम और रणनीति पर चर्चा के बाद श्री येचुरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह समय विपक्षी एकता को मजबूत करने का है। लोग खुले दिलोदिमाग से भाजपा के खिलाफ विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में आगे आने लगे हैे। जनता कतई नही चाहती कि श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी दोबारा मिले।  उन्होंने दावा किया कि वामदल इस अहम चुनाव के लिये विपक्षी एकता को मजबूत करने में बडी भूमिका निभायेंगे। यह मुहिम शुरू हो चुकी है जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। कर्नाटक सरकार का गठन विपक्षी एकता का परिचायक है। विपक्षी दल भाजपा का सफाया करने के लिये कटिबद्ध है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का पतन निश्चित है।  वाम नेता ने आरोप लगाया कि चार साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने देश का बेडा गर्क कर दिया है। बेरोजगारी बढी है। बदहाली के शिकार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार आर्थिक मोर्चे पर फेल हो चुकी है। सरकार की गलत नीतियों के चलते लोगों का बैंकिग प्रणाली से भरोसा उठ गया है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमते आसमान छू रही हैं।

विशेष आलेख : स्व-प्रेरणा की मिसालों से बनता समाज

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कहते हैं कि जिसके सिर पर कुछ कर गुजरने का जुनून सवार होता है तो फिर वो हर मुश्किल हालात का सामना करते हुए अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेता है। ऐसे लोग अपने किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होते बल्कि वो आत्मनिर्भर होकर अपने सभी कामों को अंजाम देते हैं और दुनिया के सामने एक अनोखी मिसाल पेश करते हैं। जुनून, स्वप्रेरणा, श्रमदान और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करनेवाला एक ऐसा ही अनूठा उदाहरण छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मात्र पच्चीस किलोमीटर दूर आमदी नाम के एक गांव में लोगों द्वारा खुद तालाब बना लेने का है। यह गांव हर साल गर्मी में पानी के लिए तरस जाता था। लेकिन विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली राज्य सरकार ने कोई सुध नहीं ली। भले ही ऐसे संकल्प मामूली हो, लेकिन इतना तय है कि गंभीरता से इन्हें निभाने पर ये कोई न कोई उपहार जरूर देते हैं, एक मिसाल कायम करते हैं। चाहे तालाब बनाने, सड़कें बना लेने, कुएं खोदने, पुल बना देने, स्कूल चलाने जैसे तमाम काम हैं जो लोगों ने अपनी ओर से पहल करते हुए पूरे किए हैं।

आमदी तो राजधानी के एकदम करीब गांव है, जब वहां के लोगों की जरूरतों पर सरकार आंखें मंूदे हैं तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूरदराज के गांवों में जन-सुविधाओं का क्या हाल होगा। आमदी गांव के लोग लंबे समय से सरकार से तालाब बानाने की मांग कर रहे थे। लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही इस काम को अंजाम देने का संकल्प किया और जुट गए। मई, 2016 से चार एकड़ इलाके में तालाब बनाने का काम शुरू हुआ था। गांव के सारे लोगों ने श्रमदान किया। ऐसी ही और भी मिसालें हंै। आबिद सुरती ने भी पानी बचाने की दृष्टि से एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। वे फादर आॅप इंडियन काॅमिक्स कहलाते हैं। वे चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैं- सेव एवरी ड्राॅप और ड्राॅपडेड, हर बूंद बचाओ या मारे जाओ। आजकल प्लम्बर साथ में लेकर घूमते हुए वे लोगों के नल ठीक करने में जुटे हैं। मुम्बई के इस फरिश्ता ने नलों से टपकने वाली बूंदों को बचाकर जल संरक्षण का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।   आप कुछ करना चाहते हैं तो हजार रास्ते हैं या यूं कहिए रास्ते अपने आप बनते जाते हैं। उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के एक गांव में आदिवासियों ने चट्टाने काट कर साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली थी। आजादी के पैंसठ साल बाद इस गांव में प्राथमिक विद्यालय तो खुल गया था, लेकिन आने-जाने के लिए रास्ता नहीं था। छात्रों और शिक्षकों की समस्या को देखते हुए ही गांव वालों ने खुद ही सड़क बनाने का बीड़ा उठाया और दो साल से भी कम समय में रास्ता बन गया। महाराजगंज जिले में डेढ़ हजार से ज्यादा आबादी वाले एक गांव में ग्राम प्रधान ने बिना सरकारी मदद के हर घर में शौचालय बनवा दिए। अमूमन जेल किसी भी बंदी के लिए यातना गृह से कम नहीं होती, लेकिन हरिद्वार में एक कारागार ऐसा भी है जो बंदियों के लिए किसी तपस्थली से कम नहीं। यहां चलाए जा रहे कार्यक्रम निश्चित रूप से बंदी सुधार व पुनर्वास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। साक्षरता कार्यक्रम का ही नतीजा है कि आज यहां निरक्षर बंदी भी हस्ताक्षर करने में सक्षम हो गए हैं। 

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भगवा वस्त्र पहने कुदाल-फावड़े की मदद से नदी में से गाद निकालते हुए 45 वर्षीय संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल को देखकर अनायास ही मन में भागीरथ नामक उस महामुनि की याद कौंध जाती है जो अपनी साधना के बल पर स्वर्गलोक से गंगा उतार लाए थे। इन संत महापुरुष ने गुरू नानक देवजी के जीवन से जुड़ी गंगा के समान पवित्र नदी काली बेई को एक प्रकार से पुनर्जन्म दिया है। 160 किलोमीटर के प्रवाह मार्ग में गांवों व नगरों के गंदे पानी, आसपास के खेतों में कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग, कीचड़ और जंगली घासफूस के कारण गंदा नाला बन चुकी यह नदी आज एक कमंडलधारी कर्मयोगी संत के संकल्प से सुजलाम्-सुफलाम्, रमणीय सरिता बन चुकी है।  हेलन किलर की ‘द स्टोरी ऑफ माय लाइफ’ चर्चित किताब का नाम तो आपने सुना होगा। किलर अमेरिकी लेखिका, राजनीतिक कार्यकर्ता और कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन महिला थीं। उनकी तरह के हौसले और जज्बे से मेल खाती है रूद्रारम के धर्मेंद्र की जीवनी, जो दृष्टिहीन होने के बावजूद बिना सरकारी सहायता के अपना रोजगार स्थापित करने में सफल रहे। 

साल 2009 बैच के आईएएस ऑफिसर आर्मस्ट्रॉन्ग पेम एक ऐसे शख्स हैं जो ना सिर्फ अपनी कर्मठता के लिए जाने जाते हैं बल्कि देखते ही देखते उनके जुनून ने उन्हें चमत्कारी पुरुष भी बना दिया। पेम आईएएस बने और मणिपुर के टूसेम जिले में एसडीएम के पद पर उन्हें नियुक्त किया गया।  इस जगह पर लोगों को ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं नहीं मिलती थीं। इसलिए आर्मस्ट्रॉन्ग ने इस समस्या को दूर करने के बारे में सोचा और उन्होंने ठान लिया कि चाहे सरकार की मदद मिले या नहीं वो सड़क बनावकर ही रहेंगे। अपने संकल्प के बल पर उन्होंने 100 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का सराहनीय काम किया है।  गलत मूल्य शीघ्र हावी हो जाते हैं। अच्छे मूल्यों की स्थापना के लिए उन्हें जीना पड़ता है। वे बातों से स्थापित नहीं होते। ऐसा हर युग में होता रहा है, पर हर युग में कोई ‘सुपरमैन’ भी पैदा होता रहता है। सुपरमैन अब केवल चलचित्रों व कार्टूनों की पुस्तकों में ही रह गये हैं, असली जीवन में नहीं, ऐसी बात नहीं है। आज भी ऐसे रोशनी के टूकडे यत्र-तत्र बिखरे हैं।

जरूरत के साथ अगर मन में जज्बा हो और सामूहिक प्रयास हो तो बिना सरकार के मदद के भी लोग रास्ते निकाल लेते हैं। सुविधाओं से वंचित ऐसे लोग उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो सरकारी मदद की बाट जोहते रह जाते हैं। लोगों के ऐसे सफल प्रयास सरकारों के नाकारेपन, भ्रष्टाचार, लापारवाही और जनता के प्रति उपेक्षा की ओर भी इशारा करते हैं। लेकिन जागरूकता और जनभागीदारी के ऐसे छोटे-छोटे सामूहिक प्रयास बड़े-बड़े काम कर डालते हैं, जो सरकारों की जिम्मेदारी है। श्रमदान और स्व-प्रेरणा की ऐसी मिसालों ने यह तो साबित किया है कि जहां चाह वहां राह। सीतापुर जिले में सोन नदी पर पुल नहीं था। गांव वालों ने खुद ही अस्थायी पुल बना डाला। ऐसे में सरकार और प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में आती है।  आजकल राजनीति एवं सत्ता के इर्द-गिर्द एक प्रवृत्ति चल पड़ी है, मुद्दों की। कौन-सा मुद्दा जनहित का है, उन्हें कोई मतलब नहीं। कौन-सा स्वहित का है, उससे मतलब है। और दूसरी हवा जो चल पड़ी है, लाॅबी बनाने की, ग्रुप बनाने की। इसमें न संविधान आड़े आता है, न सिद्धांत क्योंकि ”सम विचार“ इतना खुला शब्द है कि उसके भीतर सब कुछ छिप जाता है। छोटी से छोटी संस्था व व्यवस्था में लाॅबी का रोग लग गया है। जो शक्ति संस्था व समाज के हित में लगनी चाहिए, वह गलत दिशा में लग जाती है। सिद्धांत और व्यवस्था के आधारभूत मूल्यों को मटियामेट कर सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक स्तर पर कीमत वसूलने की कोशिश करते हैं। सत्य को ढका जाता है या नंगा किया जाता है पर स्वीकारा नहीं जाता। और जो सत्य के दीपक को पीछे रखते हैं वे मार्ग में अपनी ही छाया डालते हैं।

समाज को विनम्र करने का हथियार मुद्दे या लाॅबी नहीं, पद या शोभा नहीं, ईमानदारी है, जिजीविषा है, संकल्प है। और यह सब प्राप्त करने के लिए इनके साथ सौदा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह भी एक सच्चाई है कि राष्ट्र, सरकार, समाज, संस्था व संविधान ईमानदारी, जिजीविषा एवं संकल्प से चलते हैं, न कि झूठे दिखावे, आश्वासन एवं वायदों से। दायित्व और उसकी ईमानदारी से निर्वाह करने की अनभिज्ञता संसार में जितनी क्रूर है, उतनी क्रूर मृत्यु भी नहीं होती। हमारे कर्णधार पद की श्रेष्ठता और दायित्व की ईमानदारी को व्यक्तिगत अहम् से ऊपर समझने की प्रवृत्ति को विकसित कर मर्यादित व्यवहार करना सीखें। बहुत से लोग काफी समय तक दवा के स्थान पर बीमारी ढोना पसन्द करते हैं पर क्या वे जीते जी नष्ट नहीं हो जाते? खीर को ठण्डा करके खाने की बात समझ में आती है पर बासी होने तक ठण्डी करने का क्या अर्थ रह जाता है? हमें लोगों के विश्वास का उपभोक्ता नहीं अपितु संरक्षक बनना चाहिए।


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(ललित गर्ग)
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सामयिक : मध्यप्रदेश के लिये अमित शाह का नया गेम प्लान

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पिछले साल अगस्त महीने में जब भोपाल आये थे तो उन्होंने ऐलान किया था कि 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से शिवराज सिंह चौहान चेहरा होगें और उनके अलावा किसी दूसरे नाम पर विचार नहीं किया जाएगा. मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक चुनाव होने वाले हैं लेकिन अब लगता है कि इसको लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति बदल डाली है. बीते 4 मई को जब अमित शाह भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कुछ घंटों के लिये आये थे तो इस बार उनका सुर बदला हुआ था जिसमें उन्होंने साफतौर पर कहा है कि मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव के लिये पार्टी की तरफ से कोई चेहरा नहीं होगा और इसे संगठन के दम पर लड़ा जाएगा. जिसका साफ मतलब है कि इस बार शिवराजसिंह को भाजपा की तरफ से चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया जाएगा. बाद में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी अमित शाह के इसी बात को दोहराते कहा कि ‘मप्र में भाजपा का कोई चुनावी चेहरा नहीं होगा, संगठन चुनाव लड़ेगा.’ जबकि ये वही शिवराज हैं जिनके नाम पर भाजपा साल 2009 और 2013 का चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुकी है. 

दरअसल पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश में गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री बदलने की खबरें आती रहती हैं. पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान खुद शिवराजसिंह ने “मेरी कुर्सी खाली है, जो चाहे वह बैठ सकता है” कहकर सनसनी मचा दिया था जिसके कई मायने निकाले गये. दिल्ली से आते ही शिवराज का “कुर्सी खाली है” वाला बयान देना और भोपाल आकर अमित शाह का यह कहना कि इस बार विधानसभा चुनाव संगठन के दम पर लड़ा जाएगा बहुत कुछ संकेत देते हैं. इस बीच ऐसी अफवाहें भी चल रही हैं कि चुनाव से पहले भाजपा नेतृत्व द्वारा मध्यप्रदेश में भी उपमुख्यमंत्री का फार्मूला अपनाया जा सकता है जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व देते हुये सत्ता संतुलन साधा जा सके. दरसल मध्यप्रदेश में संघ और आईबी के आंतरिक सर्वे इस बात की तरफ इशारा कर रहे है कि इस बार शिवराज और उनकी सरकार के खिलाफ असंतोष है और नयी टीम बनकर कांग्रेस जिस तरह से कमर कस रही है उससे भी कड़ी टक्कर मिलना तय है. 

एक दूसरा कारण यह है कि अमित शाह व मोदी की भाजपा में शिवराजसिंह चौहान उन चुनिन्दा बचे नेताओं में से एक हैं जिनकी अपनी खुद की जमीन है और जो पूरी तरह से अपने पैरों पर खड़े हैं. एक तरह से मध्यप्रदेश शिवराज का माडल है, अब अगर यहां भाजपा उनके नाम से चुनाव लड़कर तीसरी बार भी सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है तो फिर उनकी स्थिति पार्टी में अनगद के पैर की तरह हो जायेगी और वे चुनौती देने की स्थिति में आ सकते हैं. राजनीति अनिश्चताओं का खेल है अगर भविष्य में मोदी/अमितशाह के लिये पार्टी के भीतर कोई विपरीत स्थिति बनती है तो फिर शिवराजसिंह बड़े आसानी से एक विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आ सकते हैं. आज भी मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह भाजपा के लिए पर्याय बने हुये हैं और यहाँ हर चीज पर उनकी छाप है. हर हार या जीत उन्हीं के खाते में दर्ज होती है इसलिए अगर इस बार शिवराज सिंह चौहान को चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया जाता है तो फिर मोदी और अमित शाह के लिए यहां रास्ता खुल जायेगा और एक तरह से मध्यप्रदेश में भी उनका पूरा नियंत्रण हो जायेगा.

4 मई को भोपाल में प्रदेश भर से आये कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये अमित शाह ने जो बातें कही थी उससे मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनके गेम प्लान का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है. पहली बात जो साफ़ तौर पर उभर कर सामने आ रही है वो ये है कि इस बार चुनाव के दौरान शिवराज को फ्री हैण्ड नहीं मिलने वाला है और इस पर असली नियंत्रण अमित शाह का रहेगा, उन्हीं के बनाये गये रणनीति के आधार पर भाजपा चुनाव लड़ेगी. दूसरे शब्दों में कहें कि इस बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस का मुकाबला शिवराज से नहीं मोदी और अमित शाह से होगा और सिंधिया या कमलनाथ की जगह राहुल गांधी को सामने आने के लिये उकसाया जायेगा जिससे मामला मोदी बनाम राहुल का बन सके यह एक मास्टर प्लान है जिसमें इस एक तीर से दो शिकार किये किये जायेंगें, पहला तो यह कि एक ही चेहरे से उपजे ऊब से ध्यान हटाया जा सकेगा और दूसरा बहुत ही निर्बाध तरीके से शिवराज से उनकी जमीन छीन ली जायेगी. दूसरा गेमप्लान माइक्रो लेवल बूथ मैनेजमेंट का है जिसमें अमित शाह को महारत हासिल है. इस बार मध्यप्रदेश में भाजपा बूथ स्तर पर सबसे ज्यादा ध्यान देने जा रही है. मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन बहुत मजबूत है. भाजपा दावा करती है कि यहां उसके 65 लाख सक्रिय सदस्य है, योजना इन्हें ही सक्रिय करने की है जिसके तहत कर्नाटक के तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी बूथ स्तर पर अर्द्ध पन्ना प्रमुख (हाफ पेज प्रभारी) नियुक्ति करने की योजना है. इस फार्मूले के तहत मतदाता सूची के प्रत्येक आधे पन्ने में जितने वोटर आते हैं उनसे हाफ पेज को संपर्क में रहना होता है और इनमें से भी खास उन मतदातों पर फोकस करना होता है जो भाजपा के परम्परागत वोटर नहीं हैं. मध्यप्रदेश में करीब 65200 पोलिंग बूथ हैं इस हिसाब से 35 लाख हाफ पेज प्रभारियों की जरूरत पड़ेगी. 

अमित शाह का तीसरा गेमप्लान दिग्विजय सिंह के भूत को वापस लाकर शिवराज सरकार की नाकामियों पर परदा डालने का है. जिसके तहत भाजपा के 15 साल के शासनकाल के मुकाबले  2003 तक के 'दिग्विजय शासन काल'को सामने रखकर चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाई जायेगी. कार्यकर्ता सम्मलेन के दौरान अमित शाह भाजपा के कार्यकर्ता को यह निर्देश दे चुके है कि वे गांव-गांव जाकर 2003 से पहले दिग्विजय काल” के समय राज्य की स्थितियों और आज की स्थितियों का तुलनात्मक ब्यौरा दें. कार्यकर्ता सम्मलेन के दौरान 2003 और 2018 के तुलनात्मक विकास का ब्यौरा देने वाली प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी और अब चुनाव के दौरान जारी होने वाले प्रचार सामग्रियों में भी भाजपा द्वारा अपने 15 साल की उपलब्धियों के साथ 'दिग्विजय शासन काल'की तुलना पेश की जायेगी. दरअसल अपने उपलब्धियों को बताने के बजाये खुद को विपक्ष में पेश करते हुये विपक्ष पर ही सवाल उठाना उसकी खामियों को गिनना मोदी और अमित शाह का पुराना नुस्खा है जिसे वे गुजरात के समय से ही सफलतापूर्वक उपयोग लाते रहे हैं.शायद कांग्रेस को भी भाजपा के इस गेमप्लान का अंदाजा हो गया है इसलिये नर्मदा यात्रा से वापस लौटने के बाद दिग्विजय सिंह ने जो राजनीतिक यात्रा शुरू करने का ऐलान किया था उसे रद्द कर दिया गया है. इस सम्बन्ध में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि “मैं विधानसभा वार यात्रा निकालने वाला था लेकिन अब मैं जिलों में बैठकें और चर्चा करूंगा.” जाहिर है मध्यप्रदेश को चौथी बार फतह करने के लिये भाजपा की तरफ से अमित शाह का ताजा गेमप्लान तैयार है जिसे भेद पाना कांग्रेस के लिये आसान नहीं होगा.


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जावेद अनीस 
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विशेष : भारतीय इतिहास का गुंजायमान चरित्र महाराणा प्रताप सिंह

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भारतीय इतिहास में राजपूताने का प्रारम्भ से ही गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राज्य के इतिहास में वीरता, त्याग, बलिदान तथा स्वतन्त्रता प्रेम का एक अद्भुत समन्वय दिखायी देता है। मध्यकाल में यहां के शासकों तथा जनता के द्वारा अपनी स्वाधीनता की रक्षा के लिए मुसलमान सुल्तानों के विरुद्ध किये गये संघर्ष इतिहास में अद्वितीय माने जाते हैं। यहां के रणबाकुरों ने देश, जाति तथा स्वाधीनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने में कभी संकोच नहीं किया। उनके इस त्याग पर संपूर्ण भारत को गर्व रहा है। वीर रस रूचिरा इस भूमि में राजपूतों के छोटे-बड़े अनेक राज्य रहे, जिन्होंने भारतीय इतिहास के अनेक उज्जवल अध्यायों की रचना की। इन्हीं राज्यों में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान रहा है, जिसमें इतिहास के गौरव वप्पारावल, खुमाण प्रथम, महाराणा हम्मीर, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा तथा भारतीय इतिहास के गुंजायमान चरित्र चरितनायक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जैसे इतिहास निर्माता महान् वीरों ने जन्म लिया। इसी वीर भूमि पर जन्म लेने वाले मेवाड़ मुकुटमणि महाराणा प्रताप का नाम लेते ही अनायास ही देशप्रेम, त्याग, बलिदान, संघर्ष आदि गुणों के प्रतीक तथा भारतवासियों के लिए श्रद्धा तथा अभिमान का विषय बन चुके मुगल साम्राज्य की सत्ता को चुनौती देने वाले वीरता के ओज से परिपूर्ण एक अप्रतिम वीर योद्धा का बिम्ब हमारे मस्तिष्क में मूर्त रूप धारण कर नाच उठता है और उनके द्वारा विपरीत व विषम परिस्थितियों में भी स्वतंत्रता हेतु किये गये संघर्ष की शौर्यगाथा मनोमस्तिष्क में गुंजायमान हो उठती है। मेवाड़ नरेश होते हुए भी उनके जीवन का अधिकांश भाग वनों और पर्वतों में इधर-उधर भटकते तथा मुगलों से सतत संघर्ष करते हुए व्यतीत हुआ। अपनी अदम्य इच्छा शक्ति और अपूर्व रण कौशल से अन्ततः वे मेवाड़ को स्वाधीन कराने में समर्थ हुए। भौतिक सुख-लाभों की उपेक्षा करते हुए मातृभूमि की स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए उनके द्वारा किये गये अनवरत संघर्ष इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। सदैव अपने एवम अपने परिवार से उपर प्रजा को मान देने वाले महाराणा प्रताप एक ऐसे राजपूत थे जिसकी वीरता को अकबर भी नमन, सलाम करता था । महाराणा प्रताप युद्ध कौशल में तो निपुण थे ही, वे एक भावुक एवं धर्म परायण मनुष्य भी थे। उनके इन्ही गुणों के कारण भारत सरकार के द्वारा महराणा प्रताप के नाम से डाक टिकट जारी किया गया परन्तु सम्पूर्ण विश्व सहित भारत के इतिहासकारों के द्वारा उन्हें इतिहास में समुचित सम्मान नहीं दिया गया और आज भी वे इतिहास में उचित स्थान प्राप्ति हेतु संघर्षरत्त नजर आते हैं। 

इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर महाराणा प्रताप सिंह (बैशाख शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1549–29 जनवरी 1597) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उन्होंने कई वर्षों तक मुगल बादशाह अकबर के साथ संघर्ष किया और मुगलो को कई बार युद्ध में भी हराया। उनका जन्म बैशाख शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1549 को राजस्थान के कुम्भलगढ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कँवर के घर हुआ था। उनकी माता को जैवन्ताबाई अथवा जयवन्ता के  नाम से भी इतिहास में जाना जाता है, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुन्दा में हुआ। उनकी सबसे पहली गुरु उनकी माता जयवंता बाई थी । अजबदे पुनवार प्रताप की पहली पत्नी थी तथा अमर सिंह और भगवान दास इनसे दो पुत्र थे। इसके अतिरिक्त इनकी 11 पत्नियाँ और भी थी।  और उनसे प्रताप के कुल 17 पुत्र एवं 5 पुत्रियाँ थी । महाराणा प्रताप के संतानों में अमर सिंह सबसे बड़े थे और वे अजबदे के पुत्र थे। महाराणा प्रताप के साथ अमर सिंह ने शासन संभाला था।

मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। उनकी इस प्रवृति से सबको यह अंदेशा था कि बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष अवश्य बनेंगे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने के बजाय खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी। महारानी जयवन्ता के अतिरिक्त राणा उदय सिंह की और भी पत्नियाँ थी जिनमे रानी धीरबाई उदय सिंह की सबसे प्रिय पत्नी थी। रानी धीरबाई की मंशा थी कि उनका पुत्र जगमाल राणा उदय सिंह का उत्तराधिकारी बने। इसके अलावा राणा उदय सिंह के दो पुत्र शक्ति सिंह और सागर सिंह भी थे। इनमे भी राणा उदय सिंह के बाद राजगद्दी सँभालने की इच्छा बलवती हो रही थी लेकिन प्रजा और राणा उदयसिंह  दोनों ही प्रताप को ही योग्य उत्तराधिकारी के तौर पर मानते थे ।  इस कारण ये तीनों भाई प्रताप से घृणा करते थे। और इसी घृणा का लाभ उठाकर मुग़लों ने चित्तोड़ पर अपना विजय पताका फहराया था। इसके साथ ही कई राजपूत राजाओं ने अकबर के आगे घुटने टेक दिए थे और उसकी अधीनता स्वीकार की जिसके कारण राजपुताना की शक्ति भी मुगलों को मिल गई । जिसका प्रताप ने अंतिम सांस तक डटकर मुकाबला किया लेकिन राणा उदय सिंह और प्रताप ने मुगलों की अधीनता कभी भी स्वीकार नहीं की। आपसी फूट एवं पारिवारिक मतभेद के कारण राणा उदय सिंह एवं  प्रताप चितौड़ का किला हार गए थे लेकिन अपनी प्रजा की भलाई के लिए वे दोनों किले से बाहर निकल जाते हैं, और प्रजा को बाहर से संरक्षण प्रदान करते रहते हैं। पूरा परिवार एवं प्रजा अरावली की तरफ उदयपुर चला जाता हैं । अपनी मेहनत और लगन से प्रताप उदयपुर को वापस समृद्ध बनाते हैं और प्रजा को संरक्षण प्रदान करते हैं। 

इतिहासकारों के अनुसार यद्यपि राजपूताना के कई राजा प्रताप के खिलाफ थे और अकबर से डर के कारण अथवा राजा बनने की लालसा से कई राजपूतों ने स्वयं ही अकबर से हाथ मिला लिया था। और इसी तरह अकबर राणा उदय सिंह को भी अपने अधीन करना चाहते थे। लेकिन उदयसिंह इसके लिए तैयार नहीं थे। अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिये चार शान्ति दूतों को क्रमश: जलाल खान कोरची को सितम्बर 1572 , मानसिंह को 1573, भगवान दास को सितम्बर–अक्टूबर 1573 तथा टोडरमल को दिसम्बर 1573 को भेजा। लाख प्रयास के बावजूद महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। इस पर अकबर ने राजा मान सिंह को अपने ध्वज तले सेना का सेनापति बनाया इसके अलावा टोडरमल, राजा भगवान दास सभी को अपने साथ मिलाकर 1576 में प्रताप और राणा उदय सिंह के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। इतिहासकारों के अनुसार 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में 20,000 राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के 80,000 की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को झाला मानसिंह ने आपने प्राण दे कर बचाया ओर महाराणा को युद्ध भूमि छोड़ने के लिए बोला। शक्ति सिंह ने आपना अशव दे कर महाराणा को बचाया। प्रिय अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें 17,000 लोग मारे गएँ। मेवाड़ को जीतने के लिये अकबर ने सभी प्रयास किये। महाराणा की हालत दिन-प्रतिदिन चिंतित हुई जा रही थी । 25,000 राजपूतों को बारह साल तक चले उतना अनुदान देकर भामा शाह भी अमर हुआ। यह युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में मेवाड तथा मुगलों के मध्य हुआ था। इस युद्ध में मेवाड की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लडने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे -हकीम खाँ सूरी। इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मानसिंह तथा आसफ खाँ ने किया। इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन करते हुए अब्दुल कादिर बदायूनीं ने लिखा है कि इस युद्ध को आसफ खाँ ने अप्रत्यक्ष रूप से जेहाद की संज्ञा दी। इस युद्ध में बींदा के झालामान ने अपने प्राणों का बलिदान करके महाराणा प्रताप के जीवन की रक्षा की।वहीं ग्वालियर नरेश राजा रामशाह तोमर भी अपने तीन पुत्रों कुँवर शालीवाहन, कुँवर भवानी सिंह , कुँवर प्रताप सिंह और पौत्र बलभद्र सिंह एवं सैंकडों वीर तोमर राजपूत योद्धाओं समेत चिरनिद्रा में सो गया । इतिहासकारों के अनुसार इस युद्ध में कोई विजय नहीं हुआ। पर देखा जाए तो इस युद्ध में महाराणा प्रताप सिंह विजय हुए अकबर के विशाल सेना के सामने मुट्ठीभर राजपूत कितने देर तक टिक पाते पर ऐसा  कुछ नहीं हुआ और यह युद्ध कई दिन चला और राजपूतों ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिया थे ओर सबसे बड़ी बात यह है कि युद्ध आमने- सामने लड़ा गया था। महाराणा की सेना ने मुगल सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था ओर मुगल सेना भागने लग गयी थी। मेवाड़ के गहन वनों में निवास कर कृषि और पशुपालन का व्यवसाय करते हुए भी समरभूमि में अपनी वीरता का सुन्दर परिचय देने वाले भीलों ने महाराणा प्रताप के साथ मुगलों के युद्धों में प्रताप की जिन विषम परिस्थितियों में सहायता की उनका यह कार्य इतिहास में वीरता, स्वामीभक्ति, नि:स्वार्थता जैसे गुणों का अद्वितीय उदाहरण है।

दरअसल ई.पू. 1579 से 1585 तक पूर्व उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार और गुजरात के मुग़ल अधिकृत प्रदेशो में विद्रोह होने लगे थे और प्रताप भी एक के बाद एक गढ़ जीतते जा रहे थे अतः परिणामस्वरूप अकबर उस विद्रोह को दबाने मे उलझा रहा और मेवाड़ पर से मुगलो का दबाव कम हो गया । इस बात का लाभ उठाकर महाराणा ने ई.पू. 1585 में मेवाड़ मुक्ति प्रयत्नों को ओर भी तेज कर लिया । महाराणा की सेना ने मुगल चौकियां पर आक्रमण शरु कर दिए और तुरंत ही उदयपूर समेत 36 महत्वपूर्ण स्थान पर फिर से महाराणा का अधिकार स्थापित हो गया। महाराणा प्रताप ने जिस समय सिंहासन ग्रहण किया , उस समय जितने मेवाड़ की भूमि पर उनका अधिकार था , पूर्ण रूप से उतने ही भू भाग पर अब उनकी सत्ता फिर से स्थापित हो गई थी । बारह वर्ष के संघर्ष के बाद भी अकबर उसमें कोई परिवर्तन न कर सका । और इस तरह महाराणा प्रताप समय की लंबी अवधि के संघर्ष के बाद मेवाड़ को मुक्त करने मे सफल रहे और ये समय मेवाड़ के लिए एक स्वर्ण युग साबित हुआ । मेवाड़ पे लगा हुआ अकबर ग्रहण का अंत ई.पू. 1585 में हुआ । उसके बाद महाराणा प्रताप उनके राज्य की सुख-सुविधा मे जुट गए , परंतु दुर्भाग्य से उसके ग्यारह वर्ष के बाद ही 19 जनवरी 1597 में अपनी नई राजधानी चावंड मे उनकी मृत्यु हो गई और एक सच्चे राजपूत, शूरवीर, देशभक्त, योद्धा, मातृभूमि के रखवाले के रूप में महाराणा प्रताप दुनिया में सदैव के लिए अमर हो गए। महाराणा प्रताप सिंह के डर से अकबर अपनी राजधानी लाहौर लेकर चला गया और महाराणा के स्वर्ग सिधारने के बाद अगरा ले आया। महाराणा प्रताप के स्वर्गावसान का समाचार सुन अकबर रहस्यमय तरीके से मौन हो गया और उसकी आँख में आंसू आ गए।


liveaaryaavart dot com

अशोक “प्रवृद्ध”
करमटोली , गुमला नगर पञ्चायत ,गुमला 
पत्रालय व जिला – गुमला (झारखण्ड)

बिहार : 22 जून को राजधानी पटना में ऐपवा का विशाल प्रदर्शन

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  • पटना उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान लेकर बिहार के सभी बालिका गृहों की जांच करायें

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पटना. बहुत ही अच्छा नारा लगता है 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ'. ऐसे नारों के उलट कारनामा का पर्दाफाश हो जाता है. खुलेआम सरकारी संरक्षण में रहने वाली लड़कियों के साथ हो रहा है बलात्कार और यौन शोषण की खबर सामने आ जाती है.सरकार लिपापोती करने में जुट जाती है आज बुधवार को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने प्रेसवार्ता कर मुजफ्फरपुर बालिका संरक्षण गृह  की घटना पर बिहार सरकार के रवैये पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा है कि नीतीश सरकार भी अपने सहयोगी भाजपा सरकारों की तरह काम कर रही है. जिस प्रकार उ.प्र.  के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने उन्नाव की पीड़िता के बदले बलात्कारी भाजपा विधायक को बचाने की कोशिश की, कठुआ में धर्म के नाम पर बलात्कारियों  के पक्ष में तिरंगा लेकर जुलूस निकाला उसी तरह बिहार में आज बालिका गृह कांड के अपराधियों को बचाने की कोशिश हो रही है.  इन गृहों में अनाथ लड़कियों को आश्रय  देने के बदले उनका बलात्कार और यौन शोषण का कारोबार चल रहा है और इस पर सरकार का रवैया सिर्फ संवेदनहीनता का मामला नहीं है बल्कि इस संगठित अपराध में शामिल अपराधियों की पर्दादारी की जा रही है. इस घटना की पीड़ित लड़कियों का बयान सामने आने के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री  चुप हैं और 15 दिन बीत जाने के बाद भी संरक्षण गृह के संचालक और स्टाफ के अतिरिक्त किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं हुई है.ऐपवा के एक जांच दल ने विगत 8 जून को बालिका गृह जाकर जांच पड़ताल की. फिलहाल इस गृह को सील कर दिया गया है.यह गृह 2012 से चल रहा है.गृह संचालक ब्रजेश ठाकुर के परिवार की महिलाओं के अनुसार यहां 47 लड़कियां रह रही थीं.4000 स्कावयर फीट के इस गृह में 7 महिला स्टाफ थीं जो अब जेल में हैं. उनके अनुसार डायरेक्टर सुनील कुमार लड़कियों और पैसे की मांग करते थे उनकी मांग पूरी न होने के कारण उन्होंने अपने रिटायरमेंट से एक दिन पहले एफ.आई.आर.दर्ज कराया. ऐपवा ने सवाल उठाया है कि डायरेक्टर सुनील कुमार और संरक्षण गृह का नियमित दौरा करने वाले कल्याण पदाधिकारी रवि रोशन के खिलाफ कोई कार्रवाई या गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई है? न्यायालय की देखरेख में संरक्षण गृह रहते हैं.लेकिन वहां की स्थिति से न्यायालय को अवगत क्यों नहीं करवाया गया? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाल संरक्षण समिति के उपाध्यक्ष ने कहा है कि फरवरी महीने में टी.आई.एस.एस.ने बिहार के बालिका गृहों का ऑडिट रिपोर्ट को किन अधिकारियों ने दबा कर रखा? सीएम इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? ऐपवा ने ऐलान कर दिया कि राजधानी पटना में 22 जून को विशाल प्रदर्शन करेंगी.वहीं पटना उच्च न्यायालय से अपील की है कि स्वत: संज्ञान लेकर बिहार के सभी बालिका गृहों की जांच करायें. ऐपवा नेत्री मीना तिवारी,सरोज चौबे और शशि यादव ने प्रेसवार्ता को संबोधित की. 

बिहार : इंटरमीडिएट रिजल्ट पर संग्राम आज पाँचवे दिन भी जारी

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ए.आई,एस.एफ के बैनर तले सड़क पर उतरे छात्र; छात्रों ने किया इंटरमीडिएट काउंसिल के सामने बुद्धमार्ग सड़क जाम; लगभग 3 दर्जन छात्रों ने दी गिरफ्तारी, सचिव से पुन: मिला ए.आई.एस.एफ का प्रतिनिधि मंडल.
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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 13 जून, ज्ञात हो कि जब से इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी हुआ है लगातार छात्र सड़क पर आंदोलित हैं. किसी की  मार्क्सीट सादा है तो किसी उपस्थित छात्रों को भी अनुपस्थित कर दिया गया है.छात्रों की  समस्या को देखते हुए, ए.आई.एस.एफ आठ जून से लगातार समस्या के निदान के लिए सड़क पर छात्रों के साथ डटा  हुआ है. पहले 9 तारिख  और फिर 11 तारिख  को ए.आई.एस.एफ का प्रतिनिधि मंडल मिला लेकिन कोई ठोस कार्यवायी नहीं कि गयी जिससे क्षुब्ध छात्र आज पुन: सड़क पर उतरे . बुद्धमार्ग को पहले जाम किया फिस लगभग 3 दर्जन छात्रों ने गिरफ्तारी भी दिया। छात्र  मांग कर रहे थे कि सरकार और बोर्ड यदि पाक साफ है तो सभी काॅपियों को वेबसाईट पर अपडेट करे , स्क्रुटनी के जगह वह काॅपियों को अपडेट करने के लिए   छात्रों से शुल्क ले लेकिन करे. मांग को न मानते देख छात्रों का जत्था बुद्धमार्ग को लगभग 30 मिनट तक जाम किया. इस दौरान आवागमन ठप्प पर गया. उग्र छात्रों को पुलिस गिरफ्तार कर कोतवाली थाना ले गयी जहाँ छात्रों को लगभग 2.30 घन्टे बैठाये  रहा. बाद में  जब छात्र यहाँ भी नारेबाजी पर उतर आये तो मामले को बिगड़ते देख पुन: एक बार बोर्ड सचिव से वार्ता करवायी गयी. बोर्ड सचिव छात्र नेताओं को संतुष्ट करने की  कोशिश करते हुए यह बताया कि बोर्ड की  बेवसाईट  फंक्सनल  हो गया है। ऑफलाईन  और आनलाइन मिलाकर कुल जमा 1705 जे.ई.ई तथा 4229 अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में  उत्तीर्ण छात्रों के आवेदन आये हैं. इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पहले ठीक करने कि कोशिश कि जा रही है. 15048 आवेदन त्रुटि के निपटारा के लिए आये हैं ये वह आवेदन हैं जिनके माक्सीट सादा या अपूर्ण हैं। 4000... से शुरू होने वाले क्रमांक इंप्रुवमेंट के हैं इनमें  पिछले साल और इस साल दोनों मिलाकर जिसमें ज्यादा अंक आया है उसी का अंक चढ़ाया गया है.

प्रतिनिधि मंडल ने सवालिये  लहजे में  कहा कि यदि इतने इतने आवेदन त्रुटिपूर्ण हैं तो यह बोर्ड पर सवाल खड़ा है कि कैसी एजेंसियों को यह कार्यभार सौंपा गया है. साथ हीं यह मांग किया की  दोषी शिक्षक और पदाधिकारियों पर बोर्ड अविलंब कार्यवायी  करे. एक बार पुन: नीतिगत फैसला बताते हुए बोर्ड सचिव ने कॉपियों  को बेवसाईट  पर अपडेट करने की  बात को टालने की  कोशिश कि जिसपर प्रतिनिधि मंडल अरे रहे और बोर्ड सचिव ने टालने की  कोशिश कि और बोर्ड अध्यक्ष से वार्ता का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में  ए.आई.एस.एफ के पटना जिला सचिव जन्मेजय कुमार, अध्यक्ष अक्षय कुमार , पटना विश्वविद्यालय काउंसिलर अभिषेक राज, जिला सह सचिव अनुष्का आर्या,छोटे लाल कुमार, विनय कुमार चौधरी,अमन कुमार, अमित कुमार,विनय कुमार शामिल थे. गिरफ्तार छात्रों में  अभिमन्यु मिश्र, मनीष सिंह, विकास यादव , श्री मौर्य कुमार, आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।  ए.आई.एस.एफ ने शनिवार से पहले बोर्ड अध्यक्ष से वार्ता नहीं करवाने और काॅपियों को वेबसाईट पर अपडेट नहीं करने के शर्त में राज्य भर के छात्रों से उग्र आंदोलन के लिए आगे आने का आह्वान किया है तथा कल से सभी जिला में  ए.आई.एस.एफ से जुड़े छात्र इंटरमीडियेट रिज्लट में अन्याय झेल रहे छात्रों को संगठित कर जन आंदोलन कि तैयारी में  जूट जायेंगे. उग्र आंदोलन में  किसी भी तरह के विधि व्यवस्था बीगड़ती  है तो इसके लिए पुरी तौर पर राज्यसकार जिम्मेदार होगा।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जून

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चना, मसूर एवं सरसों के टोकनधारी कृषकों से समर्थन मूल्य,  पर उप का क्रय गुरूवार तक

जिले के आॅन लाइन पंजीकृत टोकनधारी किसानों से चना, मसूर और सरसो फसल का समर्थन मूल्य पर क्रय करने की तिथि किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप सचिव द्वारा बढाए जाने का आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने बताया कि विदिशा जिले के पंजीकृत आॅन लाइन टोकनधारी किसानों से 14 जून की शाम पांच बजे तक पूर्व उल्लेखित फसलों का क्रय उपार्जन केन्द्र जो कृषि उपज मंडियों में बनाए गए है में किया जाएगा। कलेक्टर श्री सुचारी ने बताया कि टोकनधारी किसानों से बुधवार अर्थात 13 जून से रबी फसलों का समर्थन मूल्य पर क्रय करने का कार्य जारी है। उन्होंने टोकनधारी किसानों से अपील की है कि शीघ्रतिशीघ्र पंजीकृत समिति से संबंद्व कृषि उपज मंडी में कृषक अपनी पंजीकृत फसलांे का विक्रय 14 जून गुरूवार की सायं पांच बजे तक कर सकते है। प्राईस सपोर्ट स्कीम गाइड लाइन की समस्त शर्तो एवं प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा उपार्जन कार्यो को क्रियान्वित करने वालो के लिए जारी किए है। 

मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल) के तहत, एक ही दिन में हजारों हितग्राही लाभांवित हुए

vidisha news
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों के पंजीयन तथा हितलाभ वितरण हेतु जिले के सभी विकासखण्डों पर एक दिवसीय सम्मेलनों का आयोजन  बुधवार की प्रातः 11 बजे से किया गया था। खण्ड स्तरीय उक्त सम्मेलनों में असंगठित श्रमिकों के साथ-साथ अन्य योजनाओं से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को मौके पर अतिथियों द्वारा सामग्री, स्वीकृति पत्र, राशियों के चेक प्रदाय किए गए है। जिले के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के भाषण का लाइव प्रसारण देखा व सुना गया है। उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा े नटेरन विकासखण्ड मुख्यालय की शासकीय कन्या माध्यमिक शाला प्रागंण में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने हर वर्ग को ध्यानगत रखते हुए योजनाएं बनाई है जिनका लाभ लेकर वर्ग विशेष हितग्राहियों के जीवन में अमूलचूल परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने किसानों और गरीबों के लिए जो योजनाएं संचालित कराई वे अन्य किसी राज्य में नही हो रही है। किसानो की आमदनी दुगनी हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। जिनका लाभ लेकर किसान दिन-प्रतिदिन प्रगतित्वतर होते जा रहे है। प्रदेश में किसानों को जहां पहले जीरो प्रतिशत ब्याज पर राशि दी जा रही थी अब वही मूलधन में से दस प्रतिशत कम राशि जमा कराई जा रही है। प्रदेश में सिंचित रकवा एवं बिजली का उत्पादन बढा है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है ठीक ऐेेसे ही कमजोर तबके वर्ग के हितग्राही खासकर मजदूरों के लिए अभिनव तुल्य योजनाओं का संचालन प्रदेश में किया जा रहा है। श्रमिक वर्गाे के बच्चों की शिक्षा दीक्षा बेहतर ढंग से हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए गए है वही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ दिलाया जा रहा है साथ ही साथ श्रमिक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाजनों को स्वरोजगार सुगमता से मिलें इसके लिए विशेष योजनाओं का सूत्रपात प्रदेश में किया गया है। गरीबों, श्रमिकों के लिए सस्ती दर पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। उद्यानिकी राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कार्यक्रम स्थल पर ग्राम सेऊ मंे दो, नटेरन में चार तथा ग्राम मरखेडा में दो नवनिर्मित आंगनबाडी भवनों का लोकार्पण किया प्रत्येक भवन की लागत क्रमशः सात लाख 80 हजार रूपए है। ग्राम सेऊ में पांच लाख 25 हजार की लागत से नवनिर्मित दुकान का, ग्राम खाईखेडा में 15 लाख की लागत से बनाया गया स्टाॅप डेम सह पुलिया का तथा ग्राम फूफेर में चार लाख की लागत से निर्माण कराया गया ई-कक्ष का लोकार्पण किया है। वही प्रत्येक ग्राम पंचायत में 14 लाख 48 हजार की लागत से बनने वाले पंचायत भवन का शिलान्यास किया जिसमें ग्राम पंचायत सांगुल, घोघरा, घटवाय शामिल है। इसके अलावा 15 लाख की लागत से ग्राम आमखेडाकालू में स्टाॅप डेम का, ग्राम बैरखेडी किरार में 12 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का का शिलान्यास किया है।

हितग्राही लाभांवित
उद्यानिकी मंत्री श्री मीणा ने मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के तहत आठ हितग्राहियों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि के तथा कल्याणी पेंशन के आठ हितग्राहियों को, पांच हितग्राहियों को आवासीय पट्टे के प्रमाण पत्र, छह हितग्राहियों को साइकिले, पांच को वयोश्री योजना के तहत श्रवण यंत्र, छह हितग्राहियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत नवीन गैस कनेक्शन, पांच हितग्राहियों को प्रसूति सहायता योजना के चेक प्रदाय किए है। कार्यक्रम स्थल पर कक्षा सातवीं में अध्ययनरत छात्रा अन्नू, मुस्कान, सुषमा, कल्पना को पाठ्यपुस्तकों के अलावा ग्राम सेऊ, कस्बाखेडी, अमरपुरा, की महिला स्वसहायता समूहों को आजीविका मिशन के तहत समूह ऋण की राशि के चेक कृषि विभाग के माध्यम से प्रदाय किए जाने वाले उपकरणों, चार हितग्राहियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीन हितग्राहियों को प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत स्वीकृत की गई राशि के चेक प्रदाय किए गए है। आयोजन स्थल पर विभिन्न विभागों के द्वारा योजनाआंे पर आधारित छाया चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी वही आमजनो को योजनाओं पर आधारित साहित्य का निःशुल्क वितरण किया गया है विभागों के स्टाॅलों का राज्यमंत्री श्री मीणा के अलावा अन्य अतिथियों द्वारा अवलोकन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार केम्प का भी आयोजन किया गया था जिसमें 105 मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रोगोपचार दवाईयां निःशुल्क प्रदाय की गई थी।कार्यक्रम स्थल पर जनप्रतिनिधियों के अलावा गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन, हितग्राहियों के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

निर्वाचन कार्यो में लापरवाही बरतने वाले निलंबित

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल सुचारी ने मतदाता सूची में मल्टीपल एन्ट्री कार्यो के साथ-साथ निर्वाचन संबंधी अन्य कार्यो में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल सुचारी के द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 144 विदिशा के मतदान केन्द्र क्रमांक 206 में पदस्थ बीएलओ श्रीमती आशा गुप्ता द्वारा मतदाता सूची एवं मतदाता मल्टीपल इन्ट्री की जांच रिपोर्ट नियत प्रारूप, समयावधि में प्रेषित नही करने के फलस्वरूप श्रीमती गुप्ता के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। उक्त अवधि में श्रीमती गुप्ता का मुख्यालय तहसील कार्यालय विदिशा नियत किया गया है। इसी प्रकार निर्वाचन संबंधी बैठक की सूचना प्राप्ति के उपरांत भी बैठक में अनुपस्थित रहने पर निर्वाचन कार्यो की प्रति अनुशासनहीनता एवं घोर लापरवाही प्रदर्शित होने पर विदिशा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्रमांक 77,78,79,92,93,94 एवं 95 के सुपरवाईजर रघुवीर सिंह मीणा के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबित अवधि में मीणा का मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय विदिशा नियत किया गया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 145 बासौदा के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पालन प्रतिवेदन पर निर्वाचन कार्यो में लापरवाही उदासीनता बरतने पर मतदान केन्द्र क्रमांक 50 के बीएलओ रामनिवास आमखरे को तथा बीएलओ नीरेन्द्र डे के खिलाफ भी निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलबित उक्त दोनो कर्मचारियों का मुख्यालय बासौदा तहसील कार्यालय नियत किया गया है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जून

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गरीबों को संबल प्रदान करने वाली है संबल योजना- मनोहर सेठिया
  • इस योजना से गरीबों की दिषा एवं दषा में उल्लेखनीय बदलाव आया- शांतिलाल बिलवाल,
  • सवा 56 लाख संबल योजना में तथा4 लाख प्रसूति योजनान्तर्गत वितरित किये ।

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झाबुआ । मुख्यमंत्री की गरीबों के उत्थान की महत्वकांक्षी योजना असंगठित श्रमिको के हितार्थ संबल योजना के क्रियान्वयन से समाज के नीचले तबके के गरीबों के जीवन में एक आशा की किरण जागृत हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री का संकल्प है कि कोइ्र भी गरीब, आदिवासी,मजदूर, महिला ऐसी नही हो जो सरकार की योजना के लाभो से वंचित रहे । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की असंगठित मजदूरों  के लिये लागू की गई योजना से जिले भर के हजारों ऐसे परिवार लाभान्वित हो रहे है जिन्हे समाज में या अन्य किस स्तर से कोई सहरा नही था। यह योजना संबल बनचुकी है। 18 से 60 वर्ष तक की आयु वर्ग को कोई भी व्यक्ति इस योजना में पंजीयन करा कर लाभान्वित हो सकता है। गा्रमीण अंचलों में आंगनवाडी कार्यकर्ता इस बारे में जानकारी हांसील करके पात्रताधारियों के पंजीयन करने में मदद भी कर रही है । भाजपा की प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय हितगा्रहीमूलक योजना का लाभ हजारों बच्चों को मिला है।संबल योजना में स्वाभाविक मौत होने पर 2 लाख की राशि तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है । वही अन्तेष्टी के लिये भी गा्रम पंचायत के माध्यम से 5 हजार का नगद भुगतान तत्काल किया जाता है ।ऐसे पंजीकृतों को माह जुलाई से बिजली के बिलों में भी बडी रियायत दी गई है तथा कितना भी बिजली का बिल आया है , आयोजित शिविर में जाकर बिजली बिल माफ होकर सिर्फ 200 रुपये प्रतिमाह के मान से ही लगेगा ।सरकार कृषि क्षेत्र में भी कृषि औजारों पर 30 प्रतिशत अनुदान दे रही है । संबल योजना देश की पहली गरीब कल्याण की योजना है जिसका लाभ उठाना चाहिये । उक्त उदबोधन विधायक शांतिलाल बिलवाल ने बुधवार को जनपद पंचायत झाबुआ द्वारा  असंगठित श्रमिको के लियष्े मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के क्रियान्वयन हेतु असंगठित श्रामिकों के हितलाभ वितरण कार्यक्रम में उपस्थित जनों को मुख्य अतिथि के रूप  में भीली भाषा में संबोधित करते हुए कहीं । जनपद पंचायत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक शांतिलाल बिलवाल, विशेष अतिथि जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया 56 लाख 25 हजार की राशि संबल योजना में तथा प्रसूति सहायता योजना में 3 लाख 77 हजार 600 रुपये की राशि महिलाओ को वितरण करने तथा उज्जवला योजनान्तर्गत निशुल्क गैस कनेक्शन वितरण के किया गया इस अवसर पर प्रदेश स्वच्छता अभियान के प्रदेश प्रभारी कल्याणसिंह डामोर, मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा एवं हरू भुूरिया, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जमुना भिडे, जनपद सीईओ पीसी वर्मा, आदि की उपस्थित रहे । महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ ही शुरू हुए कार्यक्रम में बडी संख्या मे हितगा्रही एवं शासकीय अमला मौजूद था । जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने अपने प्रभावी उदबोधन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि संबल योजना में जो सबसे गरीब है  तथा असंगठित मजदूर की श्रेणी में आता के लिये यह योजना भाग्यांेदय करने वाली योजना है ।सरकार की इस योजना से उसे व परिवार को जो संबल मिला है उससे गरीबों के चेहरों मे फिर से मुस्काल झलकने लगी है । उन्होने बताया कि इस योजना में जो आयकार दाता नही हो, जिसके पास ढाई एकड से अधिक जमीन नही हो था जो सरकारी नौकरी नही करता हो, को योजना का पंजीयन होने पर लाभ मिलना शुरू हो जाता है । किसी भी माता के गर्भवती होने पर 4 हजार तथा प्रसूति होने पर 12 हजार की राशि उसके पोष्टिक आहार आदि के लिये स्वयं सह ायता समुह से अनुबध अनुसार मिलती है। श्री सेठिया ने अस्पताल मे निशुल्क उपचार एवं गंभीर बीमारी होने पर बडे अस्पतालों के उपचार का व्यय सरकार द्वारा उठाये जाने,के बारे में विस्तार से बताते है महिला सशक्तिकरण की दिशा मे स्वयं सहायता समुह के माध्यम से योजनाओं के संचालन होने तथा  उचित मूल्य की दुकाने अब महिलाओं द्वारा भी संचालित किये जाने के बारे मे ंसरकारी योजना की जानकारी दी । किसानों के लिये सरकार द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की जानकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस के राज में किसानों से 18 प्रतिशत तक व्याज वसूला जाता था । अब किसानों को सहजता से यूरिया,खाद बीज उपलब्ध हो रहा है । भावांतर योजना में किसानों को 265 प्रति क्विंटल के मान से 900 करोड की रकम के भुगतान का जिक्र करते हुए श्री सेठिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रत्येक घर में बिजली पहूंचाने की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 तक प्रत्येक परिवार को इसका लाभ मिलेगा ।उन्होने बिजली बिलों को लेकर जुलाई माह में बिजली विभाग द्वारा आयोजित शिविर में बिजली के बिल ले जाकर कम करवाने तथा 200 प्रतिमाह के मान से बिजली बिलों के बारे में विस्तार से बताया । इस अवसर पर प्रदेश स्वच्छता अभियान प्रभार कल्याणसिंह डामोर ने भी संबल योजना को गरीबों को तकदीर एवं तस्वीर बदलने वाला बताया । जिला पंचायत सीईओे श्रीमती जमुना भिडे ने भी संबल योजना को प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी कल्याणकारी योजना बताते हुए कहा कि जिले में 3 लाख 88 हजार लोगों का पंजीयन एवं सत्यापन किया जाचुका है । उन्होने कहा कि जिले में हमे  28 हजार पक्के मकान बनाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है । उन्होने संबल योजना का लाभ लेने के लिये पंचायतो में अपने नाम जुडवाने एवं पंजीयन कराने का आव्हान किया । उन्होने जानकारी दी कि जिले में 1433 स्वयं सहायता समुह चल रहे है जो अनुकरणीय कार्य कर रहे है इसमें 20 हजार से अधिक महिलायें जुडी हुई है। आजीविका मिशन  की श्रीमती तेजवानी ने बताया कि स्वयं सहायता समुह के कारण जिले में 2100 महिलायें लखपति बन चुकी है एवं 3500 से अधिक महिलाये समुह के माध्यम से प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूप्ये अर्जित कर रही है । जिला खाद्य विभाग के श्री डूडवे ने भी उज्जवला योजना में 1 लाख 23 हजार गैस कनेक्शन दिये जाने के लक्ष्य के विरुद्ध 54 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाने की जानकारी दी । बीएमओ कल्याणपुरा डा डावर ने भी स्वास्थ्य विभागीय योजनाओं की जानकारी दी । कार्यक्रम का संचालन जनपद सीईओ श्री वर्मा ने किया ।

भाजपा महिला मोर्चा  झाबुआ की जिला बैठक’
  • ’भारतीय जनता पार्टी की 20000 नारी शक्ति का महा सम्मेलन जून में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान करेंगे शिरकत’

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की कामकाजी बैठक झाबुआ के रतनपुरा भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर आयोजित की गई उक्त बैठक में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा आर्य की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई उक्त बैठक  में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री मनोहर सेठिया महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री  बसंती धनसिंह बारिया के नेतृत्व में प्रारंभ हुई । बैठक में सर्वप्रथम पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात पधारी अतिथि का सभी पदाधिकारियों ने पुष्प माला से स्वागत किया एवं 18 मंडलों के प्रभारी एवं प्रत्येक बूथ पर पांच पांच महिलाओं के गठन की चर्चा की साथ ही आगामी चुनाव को लेकर महिला मोर्चा की क्या भूमिका रहेगी इस पर भी विस्तृत में चर्चा की गई। मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिलों में मुख्यमंत्री का सम्मान महिला मोर्चा द्वारा किया जाना है इसी तारतम्य में झाबुआ जिले जून माह में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का बेटियों के उचित न्याय दिलवाने व मध्यप्रदेश में सुशासन चलाने हेतु अवसर प्राप्त हुआ है। सम्मान समारोह में जिले की लगभग 20000 से अधिक महिला एक जगह एकत्रित होकर मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का सम्मान करेगी उक्त बैठक में भाजपा महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सारिका राठौर झाबुआ सुनीता टेलर रानापूर जिला महामंत्री राधा वसुनिया रानापूर जिला मंत्री सुनीता राठौड़ रानापूर, रामकन्या मखोड बामनिया, सायरा खान झाबुआ, अर्चना शर्मा मेघनगर, झाबुआ मण्डल अध्यक्ष  बसंती बारिया,झाबुआ मण्डल महामंत्री ओम श्री सेन्गर, रानापूर मण्डल अध्यक्ष ज्योति जोशी ,रानापूर मण्डल महामंत्री  निम्मी, पेटलावद नगर मण्डल अध्यक्ष शादानी यादव,पेटलावद नगर मण्डल महामंत्री ,कल्याणपुरा मण्डल अध्यक्ष गोराबाई मालीवाड, पारा मण्डल अध्यक्ष  किरण ,मेघनगर मण्डल अध्यक्ष नेहा, मेघनगर मण्डल महामंत्री रेखा शर्मा ,जिला संयोजक आईटी सेल जिगीसा गेहलोद उपस्थित रहे बैठक का संचालन अर्चना शर्मा ने किया आभार ज्योति जोशी ने माना।

पर्वतसिंह मकवाना जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष नियुक्त

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया एवं प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे की अनुसंशा तथा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग के अनुमोदन पर प्रदेश सरकार के योजना आथिर्क एवं सांख्यकी विभाग के सचिव द्वारा अशासकीय संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय एवं शासन की कल्याणकारी योजनाओं में अशासकीय  संस्थाओं की सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी रहे पर्वतसिंह मकवाना को जन अभियान परिषद झाबुआ का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया । जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शैलेष दुबे, कमलेश दांतला, प्रवीण सुराणा, सोमसिंह सोलंकी, पण्डित महेन्द्र तिवारी आदि ने श्री मकवाना को शासन आदेश की प्रति समारोह पूर्वक प्रदान की तथा उन्हे बधाईया दी गई । श्री मकवाना ने कहा कि वे जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष पद पर प्रभारी मंत्री के निर्देशानुसार समस्त दायित्वों का निर्वाह करेगें तथा सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा सकारात्मक भागीदारी के लिये अपनी भूमिका का निर्वाह करेगें । समिति के अध्यक्ष प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग रहेगी तथा सचिव कलेक्टर झाबुआ को बनाया गया है। विभिन्न जिला अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया गया है तथा अशासकीय सदस्यों में राजेन्द्र उपाध्याय एवं संजय कहार को शामील किया गया है।

अखिल भारतीय विधार्थी परिशद मध्यभारत प्रांत का अभ्यास वर्ग सम्पन्न।

झाबुआ । अखिल भारतीय विधार्थी परिशद का मध्यप्रांत अभ्यास वर्ग 8 जुन से 11 जुन तक षाजापुर जिले मे आयोजित था। जिसमे मध्यप्रांत के अलग अलग जिलो से विधार्थीयो ने भाग लिया। जानकारी देते हुए जिला मिडीया प्रमुख चिराग नाहर ने बताया की झाबुआ जिले से इसका नेत्रत्व निलेष जी सोलंकी ने किया। इसका आयोजन षाजापुर स्तिथ सरस्वती विघा मंदिर पर किया गया। जिसमे 250 से अधिक छाात्रो ने भाग लिया वर्ग मे प्रस्तावित सत्र,सैद्वांतिक भुमिका,कार्यकर्ता व विकास, एक ईकाई व परिसर कार्य,छात्रसंघ चुनाव,अ.भा.वि.प. मुल सिद्वांत पर भाशण व वर्तमान मे सामाजिक परिस्तिथी पर भाशण आदि सत्र के दौरान हुए। वर्ग मे विशेश रूप से राश्ट्रीय सहसंगठन मंत्री श्री निवास व प्रफुल्ल जी आकांत मध्यभारत क्षैत्र के क्षैत्रीय संगठन मंत्री चेतस जी सुखाडीया,प्रांत संगठन मं़त्री राकेष जी पटेल, प्रांत अध्यक्ष डाक्टर दिपक जी पालिवाल,प्रांत मंत्री बंटी जी चैहान उपस्तिथ थे। अंतिम दिन सभी जिलो की नई कार्यकारणी की घोशणा की गई। जिसकी घोशणा प्रांत अध्यक्ष दिपक पालिवाल ने की जिसमे झाबुआ जिले से श्रीमती सीमा त्रिवेदी को पुनः धार विभाग प्रमुख एंव मानसीह बारिया को जिला संयोजक एंव यष पंवार को जिला सहसंयोजक , भारत गुर्जर को जिला एस.एफ.डी.प्रमुख,ज्योति भदाले को जिला छात्रा प्रमुख, रवि राजपुत को जिला सोषल मिडीया प्रमुख बनाया गया। इस नियुक्ती पर जिला मिडीया प्रमुख चिराग नाहर ,पवन परमार कालेज ईकाई अध्यक्ष, प्रांत कार्य कारणी सदस्य विपीन गंगराडे,पुजा सिंगाड, प्रांजल षर्मा, कापसिग भुरिया, बुहरान, जयंत, प्रताप कटारा कालुसिंग भुरीया, आदि कार्यकर्ताओ ने हर्श व्यक्त किया।

मन को संतुलित करने के लिए राजयोग एवं तन की तंदुरूस्ती के लिए करवाया जा रहा सहज योग
  • ब्रह्रााकुमारिज संस्था द्वारा अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में मनाया जा रहा योग महोत्सव

झाबुआ। शहर के समीपस्थ ग्राम गोपालपुरा स्थित श्री प्रजापिता ब्रहा्राकुमारिज ईष्वरीय विष्वविद्यालय के केंद्र पर अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में योग महोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रतिदिन प्रातः ब्रहा्राकुमारिज भाई-बहनों को मानसिक के साथ शारीरिक योग करवाकर स्वस्थ मन के साथ शरीर को भी स्वस्थ बनाने के प्रयास किए जा रहे है। यह जानकारी देते हुए ब्रहा्राकुमारिज संस्था की बीके ज्योति दीदी एवं जयंती दीदी ने बताया कि 21 मई से योग महोत्सव की शुरूआत हुई है। जिसके तहत कंेद्र पर प्रतिदिन सुबह 7 से 8 बजे शारीरिक योग संस्था से जुड़े सिद्धार्थभाई एवं ममता बहन द्वारा करवाया जा रहा है। योग के तहत अलग-अलग क्रियाएं करवाई जा रहीं है। बाद मन की शांति के लिए मेडिटेषन (राजयोग)ं बीके ज्योति दीदी एवं जयंती दीदी करवा रहीं है। 21 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्र पर योग का विषेष आयोजन होगा। वहीं महोत्सव का समापन 24 जून को होगा।

प्रतिष्ठित योग प्रषिक्षक करवाएंगे प्राणायाम एवं आसन
14 जून को सुबह शहर से आने वाले भाई-बहनों को झाबुआ की प्रतिष्ठित योग प्रषिक्षिका एवं पतंजलि योग समिति की जिला प्रभारी रूक्मणी वर्मा एवं शासकीय माध्यमिक विद्यालय तलावली के प्रधानध्यापक तथा योग प्रषिक्षक जितेन्द्रसिंह सोलंकी द्वारा केंद्र पर आकर योग के तहत कठिन से कठिन प्राणायाम एवं आसन करवाएं जाएंगे। यह कार्यक्रम सुबह 7 से 8.30 बजे तक चलेगा। इस दौरान मेडीटेषन भी किया जाएगा। इस अवसर पर अतिथि के रूप में विधायक शांतिलाल बिलवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया, भाजपा के प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य शैलेष दुबे के अलावा गायत्री शक्तिपीठ झाबुआ की श्रीमती नलिनी बैरागी एवं अन्यजन उपस्थित रहेंगे।

असंगठित श्रमिको के लिए वरदान है संबल योजना- विधायक
  • झाबुआ मे असंगठित श्रमिको को किया गया हितलाभ का वितरण

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झाबुआ । आज झाबुआ जिले मे जनपद एवं नगर पंचायत मुख्यालय पर जिले के पंजीकृत असंगठित श्रमिको को हितलाभ का वितरण करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम मे प्रसुति सहायता, अनुग्रह योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, पट्टे वितरण, उज्जवला गैस कनेक्षन, साडी, पानी की कुप्पी, चरण पादुका इत्यादि का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक श्री षांतिलाल बिलवाल ने कहा कि आज इस कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री जी की पहल पर पंजीकृत किये गये गरीब मजदूरो को 1 अप्रैल 2018 से पात्रतनुसार हितलाभ का वितरण किया जा रहा है। करोडो का हितलाभ गरीब मजदूरो को मिलना मुख्यमंत्री जी की ही संवेदनषीलता का परिचायक है। मुख्यमंत्री जी ने गरीबो की छोटी छोटी जरुरत एवं दर्द को समझा तथा यह संबल योजना प्रारंभ की। संबल योजना मे गरीबो की हर जरुरत के अनुसार राहत प्रदान की गई है। प्रसुति के समय मजदूर महिला का घर आसानी से चलता रहे एवं वह बच्चे की देखभाल ठीक से कर पाये इसके लिये 12 हजार एवं गर्भावस्था के दौरान वह ठीक से भोजन कर पाये इसके लिए 4 हजार रुपये इस योजना  मे दिये जाते है। आज झाबुआ जिले मे 418 महिला हितग्राहियो को जिले मे 51 लाख 66 हजार का लाभ दिया गया। इस योजना मे लाभ देने मे झाबुआ जिला प्रदेष मे तीसरे स्थान पर है। इसके लिये जिले की टीम को बहुत बहुत बधाई, योजना मे पंजीकृत मजदूर की सामान्य मृत्यु परप परिजन को दो लाख रुपये एवं दुर्घटना मे मृत्यु पर 4 लाख रुपये एवं अंत्येष्टि सहायता राषि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। पंजीकृत मजदूर अब कितनी भी बिजली जलाये उसे मासिक 200 रुपये ही बिजली का बिल भरना होगा। बच्चो की पूरी षिक्षा का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। बेटी के विवाह के लिए भी सहायता राषि प्रदान की जायेगी। कार्यक्रम को अन्य जनप्रतिनिधियो ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम मे सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, जनपद सीईओ श्री वर्मा सहित जनप्रतिनिधि, षासकीय सेवक एवं बडी संख्या मे मजदूर उपस्थित थे।

सी.एम. का लाईव प्रसारण हुआ
टिमरनी मे आयोजित संबल योजना कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान के संबोधन को जिले के मजदूरोे एवं आमजन ने एलईडी स्क्रीन पर लाईव सुना एवं देखा। : रामा, रानापुर, थांदला एवं पेटलावद मे भी हुआ आयोजन
     
असंगठित श्रमिको को हितलाभ का वितरण करने के लिये झाबुआ सहित रामा, रानापुर, थांदला एवं पेटलावद मे भी कार्यक्रम का आयोजन कर मजदूरो को हितलाभ का वितरण किया गया। रामा मे विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, जनपद अध्यक्ष राधू सिंह भूरिया सहित जनप्रतिनिधो ने हितलाभ का वितरण किया। पेटलावद मे कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना की उपस्थिति मे जनप्रतिनिधो ने मजदूरो को हितलाभ का वितरण किया।

प्रदेश में 15 जून से स्कूल चलें हम अभियान का दूसरा चरण
       
झाबुआ । प्रदेश में स्कूल चलें हम अभियान का दूसरा चरण 15 जून से प्रारंभ किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला कलेक्टर्स, जिला पंचायत¨ं के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अ©र मुख्य नगरपालिका अधिकारिय¨ं क¨ अभियान के सफल क्रियान्वयन के संबंध में विस्तुत निर्देश जारी किये हैं। निर्देश¨ं मे कहा गया है कि कक्षा एक से कक्षा 11वीं तक ऐसे छात्र¨ं की पहचान की जाए, जिनका शालाअ¨ं में अप्रैल माह में प्रवेश नहीं ह¨ पाया है। इसके साथ ही, सामुदायिक सहय¨ग से शाला से बाहर तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्च¨ं क¨ शिक्षा की मुख्य धारा में ज¨ड़ने के लिये रणनीति तैयार की जाये। प्रत्येक जिले में शिक्षा सत्र 2016-17 के नामांकन के आधार पर वर्ष 2017-18 में नामांकन में गिरावट वाली संस्थाअ¨ं की सूची के आधार पर समीक्षा की जाये। प्रदेश में कक्षा एक से 12 तक की करीब एक लाख 23 हजार सरकारी शाला है। जिला कलेक्टर्स से कहा गया है कि 15 जून क¨ अनिवार्य रूप से प्रत्येक सरकारी विद्यालय में शाला प्रबंधन अ©र विकास समिति की बैठक के साथ विशेष बालसभा का आय¨जन किया जाये। इन सभाअ¨ं में बच्च¨ं की नियमित उपस्थिति, दक्षता उन्नयन अ©र पाठ्य-पुस्तक¨ं के वितरण के संबंध में अनिवार्य रूप से चर्चा की जाये। प्रत्येक सरकारी विद्यालय में 18 जून क¨ महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के म©के पर देश के जवान¨ं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये विशेष कार्यक्रम आय¨जित किये जायें। इस दिन प्रत्येक शासकीय विद्यालय में भारतीय सेना अ©र सीमा सुरक्षा बल के जवान¨ं तथा सेवानिवृत्त सैन्य कर्मिय¨ं क¨ विद्यालय में आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया जाये। स्कूल चले अभियान के दूसरे चरण में 20 जून क¨ प्रत्येक शासकीय विद्यालय में उन पूर्व छात्र¨ं क¨ विशेष रूप से आमंत्रित किया जाये, ज¨ समाज में सक्रिय रहकर राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे है। ऐसे व्यक्तिय¨ं अ©र छात्र¨ं के साथ परस्पर संवाद कायम करवाया जाये, जिससे स्कूल के छात्र प्र¨त्साहित ह¨ सकें। दिनांक 22 जून क¨ पालक सम्मेलन का आय¨जन प्रत्येक सरकारी विद्यालय में सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। इस सम्मेलन में विद्यार्थिय¨ं के माता-पिता क¨ आमंत्रित किया जाये। सम्मेलन में ऐसे वाॅलेंटियर्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है, ज¨ स्कूल शिक्षा विभाग के मिल बांचे कार्यक्रम, प्रणाम पाठशाला अ©र अन्य गतिविधिय¨ं में सक्रिय रूप से जुड़कर सहय¨ग करते हैं। जिला कलेक्टर्स से 15 से 30 जून तक जिले के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में कम से कम एक कालखण्ड में खेल-कूद, साहित्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के आय¨जन करने के लिये कहा गया है। निर्देश में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक सरकारी शाला भवन अ©र छात्रावास में सफाई के लिये विशेष अभियान चलाया जाये। इनमें सामुदायिक सहभागिता भी सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही प्रदेश में पन्नी बीनने वाले, बेघर, अनाथ बच्च¨ं के लिये संचालित सरकारी छात्रावास¨ं में बच्च¨ं का शत्-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। 

समग्र शिक्षा प¨र्टल अ©र एम शिक्षा मित्र
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की एम शिक्षा मित्र प¨र्टल पर उपस्थिति दर्ज करायी जायेगी। शिक्षण सत्र 2018-19 में समग्र शिक्षा प¨र्टल में नामांकन, प्र¨फाइल अपडेशन का कार्य 20 जून तक पूरा किया जायेगा। विभाग की पाठ्य-पुस्तक, छात्रवृत्ति अ©र साईकिल वितरण य¨जनाअ¨ं में सामग्री का शत्-प्रतिशत वितरण कर स्कूल शिक्षा विभाग के प¨र्टल पर उसकी प्रविष्टि की जायेगी।

मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई तक बढी
       
झाबुआ । प्राथमिक कृषि साख समितियों के डिफाल्टर कृषक सदस्यों के बकाया कालातीत ऋणों के निपटारे हेतु राज्य षासन द्वारा मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना लागू की गई है। इस योजना में भाग लेने के लिए अंतिम तिथि 15 जून 2018 नियत की गई थी। अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ ले सके इसलिए अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई 2018 कर दी गई है। प्राथमिक कृषि साख समितियों के जिन डिफाल्टर किसानों द्वारा 12 फरवरी 2018 से 06 अप्रैल 2018 की अवधि में समाधान योजना लागू किए जाने की प्रत्याशा में बकाया मूलधन जमा किया है, उन्हें भी इस योजना का नियमानुसार लाभ दिया जाएगा।

मतदाता सूची त्रुटि रहित हो-कलेक्टर
       
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झाबुआ । कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना ने आज पेटलावद मे बीएलओ, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियो की बैठक लेकर निर्देषित किया कि डोर-टू-डोर सर्वे करे। मतदाता सूची को त्रुटि रहित करे। घर घर जाकर मतदाता की वर्तमान स्थिति के अनुसार सूची का षुद्धिकरण करे। जो मतदाता अन्यत्र स्थानांतरित हो गये उनके नाम हटाये, इपिक कार्ड मे फोटो की जगह गलत नाम लिखा हो, तो उसे ठीक करे। एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह हो तो एक जगह से हटाये। मृत मतदाताओ के नाम सूची से हटाये। नवीन मतदाताओ के नाम जोडकर उनका फोटो भी सही स्थान पर चस्पा करे। बैठक मे एसडीएम पेटलावद श्री हर्षल पंचोली सहित बीएलओ उपस्थित थे।

आरटीई के तहत प्रायवेट स्कूलो मे प्रवेष हेतु पंजीयन जारी
          
झाबुआ । षिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अनिवार्य एवं निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अनुसार ैज्ए ैब्ए ठच्स् समस्त एवं अन्य वंचित समूह के बच्चों का समस्त प्रायवेट संस्थाओ में 25 प्रतिषत आरक्षित सीटों पर निःशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है कोई भी पात्र आवेदक स्वयं या जनपद शिक्षा केन्द्र से या अपने नजदीक की प्रायवेट शाला से संपर्क कर अपने बच्चों को शाला में दर्ज करवाए एवं शासन की महत्वपूर्ण योजना का लाभ ले एवं अपने परिचितों को भी बताए आपके प्रयास से गरीब वर्ग के बच्चों का भी प्रायवेट संस्था में प्रवेश हो सकेगा ।

स©भाग्य य¨जना में बिजली कनेक्शन की संख्या 16 लाख के ऊपर पहुँची
  • 14 जिल¨ं में हुआ स© फीसदी विद्युतीकरण

झाबुआ । मध्यप्रदेश में सहज बिजली हर घर य¨जना स©भाग्य में अब-तक बिजली कनेक्शन की संख्या 16 लाख के ऊपर पहुँच चुकी है। य¨जना में 16 लाख 5 हजार 838 घर¨ं क¨ बिजली कनेक्शन देकर र©शन किया जा चुका है। य¨जना में शेष बचे घर¨ं क¨ अक्टूबर माह तक विद्युतीकृत करने का लक्ष्य है। केन्द्र अ©र राज्य सरकार की प्रभावी पहल पर ऐसे सभी घर¨ं में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिनमें वषर्¨ं से बिजली कनेक्शन नहीं थे। इसके लिए क्रियान्वित की जा रही स©भाग्य य¨जना बेहतर साबित ह¨ रही है। प्रदेश की तीन¨ं विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तीव्र गति से समुचित प्रयास कर ऐसे सभी अंधेरे में डूबे घर¨ं क¨ बिजली कनेक्शन सहजता अ©र सरलता से उपलब्ध कराकर उन्हें र©शन किया जा रहा है। राज्य के 14 जिल¨ं इंद©र, मंदस©र, नीमच, आगर-मालवा, देवास, खण्डवा, उज्जैन, अश¨कनगर, हरदा, रतलाम, शाजापुर, भ¨पाल, सीह¨र एवं धार में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा कर घर¨ं क¨ र©शन कर दिया गया है। स©भाग्य य¨जना में अन्य 5 जिले अगले कुछ दिन¨ं में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा करने वाले हैं। इनमें ह¨शंगाबाद 98 प्रतिशत, झाबुआ 97 प्रतिशत, ग्वालियर 96 प्रतिशत, दतिया 94 प्रतिशत एवं अलीराजपुर 94 प्रतिशत लक्ष्य के साथ आगे हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क¨ क्षेत्र के 20 जिल¨ं के कनेक्शन विहीन घर¨ं क¨ बिजली से ज¨ड़ने का लक्ष्य दिया गया है। कंपनी ने अब तक 5 लाख 63 हजार 378 घर¨ं क¨ बिजली कनेक्शन से ज¨ड़ा है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने क्षेत्र के बिजली कनेक्शन विहीन घर¨ं के विद्युतीकरण के लक्ष्य के विरूद्ध 6 लाख 56  हजार 142 घर¨ं क¨ र¨शन किया है। इसी प्रकार पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली कनेक्शन विहीन घर¨ं क¨ बिजली सुविधा मुहैया करवाने के लक्ष्य के विरुद्ध 3 लाख 86 हजार 318 घर¨ं में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं।

पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भ¨गिय¨ं अ©र परिवार पेंशन भ¨गिय¨ं की पेंशन का पुनरीक्षण
  • वित्त विभाग ने जारी किये निर्देश

झाबुआ ।  राज्य शासन ने एक जनवरी 2016 के पूर्व के शासकीय पेंशनर अ©र परिवार पेंशनर क¨ देय पेंशन के पुनरीक्षण का निर्णय लिया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने आज निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि पेंशन अ©र परिवार पेंशन का पुनरीक्षण विद्यमान मूल पेंशन क¨ 2.57 के गुणक से गुणा करके तथा इस प्रकार से प्राप्त राशि क¨ आगामी रुपये में पूर्णाकिंत कर किया जायेगा। इस गणना में विद्यमान मूल पेंशन अ©र परिवार पेंशन में मँहगाई राहत क¨ शामिल नहीं किया जायेगा। यह पुनरीक्षण एक अप्रैल 2018 से प्रभावशील ह¨गा। पेंशन अ©र परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि 7750 रुपये प्रति माह ह¨गी। वृद्ध पेंशनर अ©र परिवार पेंशनर¨ं के लिए निर्धारित पेंशन की वर्तमान व्यवस्था यथावत लागू रहेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अथवा स्वशासी संस्थान में स्थाई संविलियन के बाद राज्य शासन से अलग से पेंशन एवं परिवार पेंशन प्राप्त ह¨ने की स्थिति में पुनरीक्षण के संबंध में भी निर्देश दिये गये हैं। निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवक द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरण अ©र स्वशासी संस्थान में स्थायी संविलियन पर शत-प्रतिशत पेंशन क¨ समर्पित करते हुए, एकमुश्त राशि प्राप्त कर ली गई है, तथा उसके पेंशन के 1/3 हिस्से का लाभ प्राप्त हुआ है त¨ ऐसे मामले में पुनरीक्षण के संबंध में अलग से निर्णय लिये जायेंगे। पुनरीक्षित परिवार पेंशन का भुगतान अप्रैल 2018 की पेंशन ज¨ मई माह में भुगतान की जायेगी, उसमें किये जाने के लिए कहा गया है। पुनरीक्षित पेंशन पर सातवें वेतनमान में स्वीकृत मँहगाई राहत दी जायेगी। मँहगाई राहत के आदेश बाद में जारी किये जायेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की भुगतान शाखा द्वारा पुनरीक्षित की गई पेंशन अ©र परिवार पेंशन के 10 प्रतिशत प्रकरण¨ं का टेस्ट/आॅडिट संभागीय अ©र जिला पेंशन अधिकारी द्वारा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। वित्त विभाग के निर्देश राज्य शासन के समस्त विभागाध्यक्ष, संभागीय कमिश्नर अ©र कलेक्टर्स क¨ जारी किये गये है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को
       
झाबुआ । चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को वृहद् पैमाने पर सामूहिक योग प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु नोडल अधिकारी बनाया गया है। योग प्रदर्शन कार्यक्रम में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के छात्रों के अलावा योग संस्थानों, एनसीसी, एनएसएस, पुलिसकर्मियों, शासकीय सेवकों, जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। योग कार्यक्रम के लिए प्रातः 7 से 8 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा सामूहिक योग कार्यक्रम के दौरान किए जाने वाले योगासनों के बारे में एक कॉमन प्रोटोकॉल निर्धारित करते हुए इस बारे में बुकलेट व फिल्म तैयार की गई है। इसे वेबसाइट ूूू.पदकपंदउमकपबपदम.दपब.पद पर अपलोड किया गया है। यहां से इसे डाउनलोड किया जा सकता है। 

परिवहन विभाग की कार्यवाही 70 हजार रुपये राजस्व की प्राप्ति
       
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झाबुआ । जिला परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोड वाहनो के खिलाफ मंगलवार को कार्यवाही की गई। इसके अंतर्गत दो जीपो को जप्त कर पारा चैकी मे रखा गया। इनसे लगभग तीस हजार राजस्व कर तथा षमनषुल्क के रुप मे प्राप्त होगा। इनके अलावा दो टूरिस्ट बसो पर कार्यवाही कर तीस हजार रुपये षमनषुल्क एवं डम्पर से सात हजार रुपये षमनषुल्क वसूला गया। टैक्स बकाया बसो की जप्ती हेतु भी अभियान जारी है। साथ ही झाबुआ बस स्टैण्ड पर नवीनतम अधिसूचना अनुसार ही यात्री किराया लेने हेतु बस परिचालको को निर्देषित किया गया। साथ ही दिव्यांगो को किराये मे 50 प्रतिषत छूट सूचित करने हेतु ताकीद किया गया। इस प्रकार इस कार्यवाही से लगभग 70 हजार रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी। कार्यवाही मे जिला परिवहन अधिकारी राजेष गुप्ता के अलावा विभाग के महेन्द्र पारया एवं आरक्षक देवेन्द्र तिवारी षामिल थे।

बिहार : 5 दिवसीय गो रूर्बन शिविर का समापन

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  • शहर की युवतियों ने बैगा आदिवासी की समस्या को हल करने का किया वादा.

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) 13 जून, एकता परिषद और अंश हैप्पीनेस सोसायटी द्वारा आयोजित "गो रूर्बन फॉर वीमेन"पांच दिवसीय शिविर के समापन के अवसर पर शिविर के दौरान उभर कर आए मुद्दों को लेकर गांव वासियों से शहर की युवतियों ने सीधा संवाद किया। इस संवाद में भोपाल यूनियन बैंक से आयी प्रतिभागी सीमा बजाज ने अपने गांव भ्रमण के दौरान बैंक के द्वारा किए जा रहे अवैध कामो के बारे में बताया जिसमे प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य बैंक संबंधित लेनदेन में बैंक कर्मचारियों द्वारा 30 से 40 प्रतिशत तक पैसा काटे जाने की जानकारी मिली।  बेंगलुरु से आयीं एम ए डेवेलपमेंट छात्रा प्रेरणा केतवास ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया जिसमें रंजरा गांव के 18 परिवारों को मिले पट्टे पर कलेक्टर ने हस्ताक्षर नहीं किया है। बैगा आदिवासियों के लिए अधिकार पत्र उनके जीवन के लिए एक मत्वपूर्ण दस्तावेज है इतने मत्त्वपूर्ण दस्तावेज को प्रशासनिक अधिकारियों ने एक कागज के टुकड़े के बराबर भी महत्व नहीं दिया।  इसके अलावा और भी गंभीर मुद्दे निकल कर आये जैसे आधार कार्ड में अनियामितता, बिना कनेक्शन बिजली बिल थोपा जाना, मनरेगा और भी कई मुद्दों के बारे में चर्चा की। इन मुद्दों को लेकर प्रशासन के साथ सभी स्तरों पर सम्वाद कर विशेष ध्यानाकर्षण की पहल करने का वादा गो रूर्बन कैम्प की महिला प्ररिभागियों ने किया।  शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने गांव का भ्रमण कर के बैगा आदिवासियों की संस्कृति जान ने के साथ साथ उनकी समस्याओं का भी अध्ययन किया, इसके अलावा श्रमदान के तहत रोज तीन घंटे गांव के हैंडपंपों के पास की गन्दगी की सफाई की। साथ ही रंजरा माध्यमिक विद्यालय को पेण्ट कर के सजाया गया। गो रूर्बन शिविरार्थियों ने 13 जून को सुबह रंजरा से मिली हुई सीखों को अपने जीवन में उतारने के बारे में चिंतन किया और कम संसाधनों में भी खुशहाल जिंदगी जीने का मंत्र को इस शिविर की सफलता माना।

सिसोदिया ने भी एलजी के दफ्तर में भूख हड़ताल शुरू की

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नयी दिल्ली , 13 मई, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में आज से बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी। एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।  अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस तरह से दूसरी रात भी उपराज्यपाल के कार्यालय में बिताई।  आप सरकार की मांगों में यह भी शामिल है कि उपराज्यपाल आईएएस अधिकारियों को उनकी ‘हड़ताल’ समाप्त करने का निर्देश दें और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने चार महीने से काम को ‘अवरुद्ध’ कर रखा है।  केजरीवाल ने आज सुबह उपराज्यपाल के दफ्तर से ट्वीट किया कि यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय की हरी झंडी के बिना क्या आईएएस अधिकारियों का काम पर लौटना संभव है ?  उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा , ‘‘ क्या मोदी सरकार दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों को बरबाद करने के लिए आईएएस अधिकारियों का इस्तेमाल एक औजार के तौर पर नहीं कर रही है ?’’  उन्होंने कहा कि दिल्ली के विकास में ‘ रूकावटों ’ को हटाने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।  सिसोदिया ने भी टि्वटर पर कहा कि वह भी उपराज्यपाल दफ्तर में बेमियादी भूख हड़ताल में जैन के साथ शामिल हो गए हैं।  केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगी सोमवार शाम छह बजे से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने की शुरूआत से ही सक्रिय हैं। 

सिसोदिया ने ट्वीट किया , ‘‘ दिल्ली की जनता को उसका हक दिलाने और उसके रुके हुए काम कराने के लिए आज से मैं भी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ रहा हूं। सत्येंद्र जैन का अनशन भी कल से जारी है। ’’ केजरीवाल ने कल एक वीडियो जारी किया था और कहा था कि मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने पर बैठने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था क्योंकि अनिल बैजल कई बार अनुरोध करने के बावजूद दिल्ली सरकार की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे थे।  सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल के दफ्तर में रात गुजारी हों।  दिल्ली प्रदेश भाजपा ने धरने की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘ लोकतंत्र का मजाक ’ है।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कल टि्वटर पर कहा था , ‘‘ लोकतंत्र का मजाक बना रहे हैं। कोई काम नहीं हो रहा है सिर्फ ड्रामा हो रहा है। ’’  बहरहाल , आप ने कहा है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी और मांगे माने जाने तक वह झुकेंगे नहीं।  आप सरकार के मुताबिक , अधिकारी मंत्रियों के साथ बैठक नहीं कर रहे हैं और उनके फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं जिससे लोगों के लिए सरकार का काम प्रभावित हो रहा है।  उसने कहा कि 19-20 फरवरी की दरमियानी रात को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के बाद अधिकारी ‘ आंशिक हड़ताल ’ पर चले गए थे।  वीडियो संदेश में केजरीवाल ने कहा कि वह और उनके मंत्री 23 फरवरी से उपराज्यपाल से मांग कर रहे हैं कि वह आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने के निर्देश दें लेकिन बैजल उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। 
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