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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 जून)

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देश को मिले 636 सैन्य अधिकारी
  • सलामी नेपाल के आर्मी कमांडेंट कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा ने ली

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देहरादून,14 जून (राजेन्द्र जोशी)। कड़ी चैकसी एवं सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को भारतीय सेैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड सम्पन्न हुई। इसकी सलामी नेपाल के आर्मी कमांडेंट कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा ने ली। अकेले उत्तराखंड से ही कुल 57 कैडिटों ने भारतीय सेना में कमीशन लिया। जबकि सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश के 121 के कैडिटों की रही। परेड होने से पूर्व जवानों के हौंसलों ने इस गौरवमयी माहौल को भी यादगार बना दिया। इस अवसर पर कैडिटों को संबोधित करते हुए कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा कहा कि भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है तथा इसका हिस्सा बनना खुद में ही एक बड़ा गौरव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सेना की चुनौतियां अत्याधिक बढ़ गई हंै जिससे निपटने के लिए एक सैनिक के अंदर नेतृत्व निर्णय लेने एवं नेतृत्व की असीम शक्ति होनी चाहिए। पिछले 10 दिनों से चल रही दीक्षांत परेड को लेकर तैयारियां शनिवार को सकुशल अपने मुकाम तक जा पहुंची। भारतीय सेना को भव्य परेड के बाद 636 सैनिक अधिकारी मिल गए जो अलग-अलग यूनिटों में अपनी कमान संभालेगें। वहीं 64 विदेशी जे.सी. ने भी सेना का हिस्सा बनकर देश की रक्षा का संकल्प लिया। कड़े सुरक्षा प्रबंधांे के बीच चैटवुड हाॅल के प्रागंण में आईएमए कैडिट के सधे हुए कदमों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी एवं अपनी सजगता एवं दृढ़ निश्चय से साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा मजबूत इरादों एवं हाथों में है। परेड सम्पन्न होने के बाद सेना में कमीशन लेने वाले कैडिट के कंधें पर उनके परिजनों ने सितारे सजाए तो वहां माहौल बेहद भावुकतापूर्ण हो गया। परेड पूरी होने के बाद पीपिंग सैरेमनी के नाम से जानी जाने वाली इस समारोह में कैडेटों को उनके परिजन सैन्य अफसर के तौर पर रैंक को दर्शाने वाले सितारे उनके कंधे पर लगाते है। शनिवार को सम्पन्न हुई पीओपी में 64 कैडेट विदेशी कैडिटों को भी यहां प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पूर्व दीक्षांत परेड को लेकर प्रशासन द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक चैबन्द नजर आई। देर रात तक पुलिस ने नगर के विभिन्न होटलों, ढांबो, आईएसबीटी सहित अन्य स्थलों में गहन चैकिंग की गयी। शनिवार सवेरे से ही आईएमए से गुजरने वाली चकराता मार्ग का यातायात डायवर्ट कर दिया गया था। 

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उत्तराखंड है तीसरे पायदान पर 
भारतीय सेना को अफसर देने में भले ही उत्तराखंड इस बार भी तीसरे स्थान पर है, लेकिन यदि जनसंख्या की दृष्टि से देखें तो उत्तराखंड सबसे ऊपर है। क्योंकि पहले और दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा है जो जनसंख्या की दृष्टि से उत्तराखंड से बड़े हैं। छोटे राज्य होने के बावजूद इस बार उत्तराखंड के 54 युवा सेना में अफसर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 64 विदेशी कैडेट्स भी पास आउट हुये। आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी) से पास आउट होने वाले बैच में जहां एक ओर कई बड़े राज्यों को पछाड़ कर उत्तराखंड टाॅप थ्री में शामिल है। वहीं, लंबे समय के बाद पंजाब के युवाओं की संख्या भी अकादमी में बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक से उत्तर प्रदेश और हरियाणा देश को सर्वाधिक सैन्य अफसर देने वाले राज्यों में शुमार हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के युवाओं का भी रुझान सेना के लिए बरकरार है। वहीं गुजरात प्रांत से केवल एक कैडिट ने शपथ ली। 

इन्हे मिला सम्मान 
स्वाॅर्ड आॅफ आॅनर- विष्णु पिताबंर 
गोल्ड मेडल- विशाल ढथ्या 
सिलवर मेडल- विकास कलकल
ब्रांज मेडल- सिद्धंात तिवारी 
सिलवर मेडल(टेक्निकल एंट्री स्कीम)-  अबील इब्राहिम
सिलवर मेडल(टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स)- ऋषिनाग सिंह  
बेस्ट विदेशी जेंटलमैन कैडिट - जिगनी डोरजी 
ब्रेस्ट कंपनी - साग्ररो कंपनी    -  

जिन्दगी है कौम की तू कौम पर लुटाए जा .....
देहरादून । कदम - कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिन्दगी है कौम की तू कौम पर लुटाए जा ..... यह शौर्य गीत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आई एन ए फौज के लिए उन्ही के कप्तान राम सिंह ने लिखा था, जो आज भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास आउट होने वाले हर उस सैन्य अधिकारी का प्रेरणा गीत बन चुका है जिससे प्रेरित होकर वह देश के लिए अपने प्राण तक देने से नही चूकता। देश की आन, बान और शान की रक्षा के लिए देश के 636 सपूत तैयार हैं जब की 64 विदेशी केडेट है . भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में कड़ा सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर ये जांबाज शनिवार को पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भरेंगे।  देशप्रेम किसी बाजार में नहीं बिकता और यह सबको मयस्सर भी नहीं है. यह पवित्र भावना जन्मती है संस्कारों से. आईएमए ने पिछले दिनों ऐसे ही लगभग सवा पांच सौ सैन्य अधिकारी राष्ट्रसेवा में समर्पित किए, जो वतन के लिए किसी भी समय मर-मिटने का जज्बा लेकर अपने घरों से निकले हैं,, उत्तराखंड की पावन धरती से प्रशिक्षण प्राप्त करके भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के ड्रिल स्क्वायर जोशीले कदमों की ताल, एक साथ उठते हाथ और गर्व से तना सीना, ये बताने के लिए काफी थे कि भारतीय सेना में शामिल हो रहे 700 जांबाजों के हाथ में देश की सरहदें महफूज रहेंगी। ऐतिहासिक भारतीय सैन्‍य अकादमी ने 14 जून को सफलता की एक और नई इबारत लिखी । इसके साथ ही इस संस्‍थान के नाम 55 हजार सैन्‍य अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का गौरव प्राप्‍त भी हुआ. आन, बान और शान की प्रतीक भारतीय सैन्य अकादमी पिछले साल 81 वर्ष की हो गई है । इंडियन मिलिट्री एकेडमी की स्थापना एक अक्‍टूबर 1932 को हुई थी। सेना में अधिकारी के रूप में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने से पहले इन कैडेटों ने ऐतिहासिक चेटवुड इमारत के सामने शानदार पासिंग आउट परेड की।.. सैन्य अधिकारी सेना की महान परंपरा  को आगे बढ़ाएं. मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में सुरक्षा का सवाल सभी राष्ट्रों के लिए सबसे अहम हो गया है, इसलिए सेना में शामिल हो रहे हर अधिकारी को इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए हर समय तैयार रहना होगा. भारतीय सैन्य अधिकारी सतत समर्पित भाव से उत्कृष्ट सेवाओं द्वारा अपनी विरासत की रक्षा करें. त्याग, बलिदान, समर्पण, देशभक्ति और साहस सेना के मूल्य एवं आदर्श हैं. नए सेनाधिकारी अपने साथियों एवं कनिष्ठों के लिभाए प्रेरणास्रोत बनें. हमेशा से ही सैन्य अकादमी सभी देशों के कैडिटों को प्रशिक्षित कर उन्हें एक समान ट्रेनिंग देती है और हर कैडिट को एक समान ट्रेनिंग देकर उसे मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करने को तैयार किया जाता है। निश्चित रूप से आज सेना का अफसर बनने वाले अधिकारियों को खतरनाक व चुनौतिपूर्ण रास्तों से गुजरकर देश की सेवा करनी होगी और जिस तरह देश के वीर सैनिकों ने सीमाओं पर अपने प्राणों की रक्षा किये बगैर देश की रक्षा की है ठीक उसी तरह नये सैन्य अफसर भी अपनी ड्यूटी को निभाएंगे।.. भारतीय सेना का अधिकारी होने का मतलब सिर्फ नौकरी करना नहीं होता बल्कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा लिये एक जांबाज सिपाही होना होता है युवाओं में यही जोश और जुनून पैदा करता है भारतीय सैन्य अकादमी आइएमए जिससे प्रशिक्षण प्राप्त कैडेट्स कई नाजुक मौकों पर दुश्मन के दांत खट्टे कर चुके हैं देश की रक्षा के लिये हथियार उठाना एक दुर्लभ सम्मान है तो भी एक योद्धा का काम किसी भी तरह आसान नहीं है। इसके लिये शारीरिक और नैतिक साहस, दक्षता, काम में प्रवीणता तथा नेतृृत्व करने की काबिलियत की जरूरत होती है। रेजीमेंट का नाम व निशान इसके सदस्यों से ही कायम रहता है। इसलिये अपनी यूनिट की सम्मान व इज्जत को ऊंचा बनाये रखने के लिये कठिन मेहनत करनी होगी। साथ ही जिन्हें नेतृत्व करने का मौका मिला है उनके सम्मान और इज्जत को भी कायम करना होगा.. इस दौरान परेड के समय हर कदम पर नये आयाम छूने व देश रक्षा का जज्बा लिये इन कैडेट्स के चेहरे की चमक यह एहसास करा रही थी कि भारत मजबूत हाथों व फौलादी इरादों वाले नवयुवकों की सरपरस्ती में पूरी तरह से सुरक्षित है।

राज्य सरकार ने छिड़का गैरसैण की जनता के जख्मों पर नमक: निशंक 

देहरादून, 14 जून। पूर्व मुख्यमंत्री व लोकसभा सांसद डा रमेश पोखरियाल निश्ंाक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गैरसेण में तीन दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित तो किया किन्तु इस दौरान वे गैरसैण को ही भूल गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गैरसैण के जख्मोें पर नमक छिड़का है, क्यांेकि राज्य सरकार की नियत में खोट है।  यदि ऐसा नहीं होता तो प्रदेश सरकार गैरसैण को लेकर गैरसैण से ही कोई घोषणा जरूर करती। उन्होंने कहा जिन पांच मार्गो को सरकार गैरसैण से जोड़ने की घोषणा करती है वे पांच मार्ग पहले से ही स्वीकृत है। वे आज यहां भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ त्रास्दी पर सबसे पहले मैने प्रधानमंत्री को भीषण त्रासदी के बारे में अवगत कराया था। वहीं भाजपा द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में सरकार की लापरवाही को लेकर हमने कई बार मुददा उठाया। लेकिन सरकार इस मामले में गंभीर नहीं थी। यहीं कारण है कि आज आपदा के एक साल होने के बाद भी गौरीकुड़ से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं के शव मिल रहे है। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों ने  अपने बच्चों की जान गवांकर श्रद्धालुओं की जान बचाई प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को सांतवना भी नहीं दी। उन्होंने बहुगुणा शासन काल बहुगुणा के उस बयान को भी गुमराह करने वाला बताया। जिसमें बहुगुणा ने कहा था कि अब वहां कोई भी श्रद्वांलु न जिंदा न मृत शेष है। उन्हेाने कहा कि जबकि स्थानिय लोगों ने सरकार को बता दिया था। उन्होंने कहा कि तुजुगीनारायण केदारनाथ मार्ग सहित उंचाई वाले पर्वतीय मार्ग क्षेत्र मे कई लोग भटकर अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि यदि स्थानीय लागों की मदद ली जाती और स्थानीय लोगों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी जाती तो कई लोगों की जान को बचाया जा सकात था। उन्होंने कहा कि बहुगुणा शासन के दौरान गुप्तकाशी से केदारनाथ तक र्कफ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी थी जिससे श्रद्धालुओं की जान गई। उन्हेांने मांग की कि तत्कालीन बहुगुणा शासन के लोगों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। जिन्होंने भूखे प्यासे श्रद्धालुओं को प्राण त्यागने पर मजबूर किया। गैरसैण मुद्दे पर उन्होनंे कहा 1989 में सबसे पहले गैरसैण को केन्द्र बिन्दु बनाने में भाजपा का ही प्रयास रहा है। उन्होंने कहा कि जब दो साल पहले विधानभवन का शिलान्यास किया गया तो इस समय उसी विधानसभा भवन में विधानसभा सत्र आयोजित किया जाना चाहिए था। आखिर सराकर को विधानभवन बनाने से किसने रोका था। उन्होंने राज्य सरकार पर प्रदेश की जनता और शहीदों की सपनों के साथ छल करने का भी आरोप लगाया। केन्द्रीय मंत्रीमंडल में उत्तराखंड को तरजीह न दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है जहां से सर्वाधिक मत भाजपा के पक्ष में पड़े , प्रधानमंत्री नेरश मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में उत्तराखंड राज्य है। यहीं कारण है कि प्रधानमंत्री  द्वारा अंतमंत्रीमंडलीय समूह (आईएमजी ) द्वारा राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में 100 किलोमीटर तक सड़क मार्ग के लिए अब वन मंत्रालय की स्वीकृति की जरूरत नही होगी। वहीं विकास कार्यो के लिए अब एक हैक्टेयर से पांच हेक्टेयेर के मध्य में भी वन्य भूमि के लिए केन्द्र से स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि यह हिमालयी राज्यों के लिए सबसे बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आपदा के दौरान राज्य के विषम भोगोलक परिस्थितियों को देखते हुए यह देश का पहला राज्य है जिसे केन्द्र सराकर ने आपदा राहत कार्यो सहित आकस्मित कारणों के लिए एमआई 17 हेलिकाॅप्टर दिया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला से चुनाव न लड़कर खुद ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि यह उनके समझ से परे है कि जब मेरे द्वारा डोईवाला सीट खाली किए जाने के बाद उन्हे यहां से चुनाव लड़ना चाहिए था। लेकिन वे घारचुला क्यों जा रहे है। यह वह नहीं समझ पा रहे है। 

गैरसैंण में की गई फिजूल खर्ची के लिए दोनों दल जिम्मेदार: यूकेडी

देहरादून,14 जून,(निस)। गैरसैंण सत्र के नाम पर करोड़ों रूपये की बर्बादी की आलोचना करते हुए उत्तराखण्ड क्रांति दल ने कहा है कि सत्र चलाये जाने से बढि़या तो यह होता कि बूंद-बूंद पानी और बेहतर सड़कों के लिए तरह रहे गैरसैंणवासियों को राहत पहुंचाई जाती। उत्तराखण्ड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि गैरसैंण पर आत्ममुग्ध कांग्रेस  और भाजपा ने एक भी प्रस्ताव न लाकर सिर्फ नौटंकी करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क, बिजली, पानी और चिकित्सा की दुर्दशा को नजरअंदाज करते हुए गैरसैंण में की गई फिजूल खर्ची के लिए दोनों दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। लखेड़ा ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा की मिलीजुली रणनीति के तहत ही गैरसैंण राजधानी के मुद्दे को उठाये बिना शराब कारोबार पर हंगामा कर  सत्र को समाप्त कर पहाड़ी जनता को गुमराह करने का काम किया गया है। लखेड़ा ने कहा कि 14 सालों तक राजधानी के मुद्दे को लटकाये रखना अब राज्य के हित में ठीक नहीं है। भाजपा-कांग्रेस को गैरसैंण का दुश्मन बताते हुए लखेड़ा ने कहा कि इनके विधायक कभी नहीं चाहते कि गैरसैंण उत्तराखण्ड की राजधानी बने। ऐन केन प्रकारेण देहरादून को राजधानी बनाने में तुले कांग्रेस-भाजपा को उत्तराखण्ड क्रांति दल गैरसैंण के नाम पर चैन से बैठने नहीं देगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान ही नहीं बल्कि उत्तराखण्ड क्रांति दल का मुख्य उद्देश्य है जिसके लिए उक्रांद अपना संघर्ष जारी रखेगा।

एक बार फिर चलेगा केदारनाथ क्षेत्र में शवों का तलाशी अभियान: मुख्यसचिव

देहरादून, 14 जून,(निस)। गौरीकुंड -केदारनाथ मार्ग पर लगातार मिल रहे कंकालों को देखते हुए राज्य सरकार को आखिरकार एक बार फिर शवों की तलाशी अभियान चलाना पड़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार गत वर्ष आपदा के दौरान सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पूरी घाटी में लापता हुए लोगों की तलाश के लिए एक सघन काम्बिंग अभियान दोबारा संचालित किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव को दिये हैं। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इस कार्य के लिए एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल को इस टास्क फोर्स का प्रभारी बनाया गया है। इस टास्क फोर्स में आईटीबीपी, स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों को शामिल किया गया है, जो अगले 20 दिनांे में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पूरी घाटी में आपदा के दौरान लापता हुए लोगों की तलाश के लिए एक सघन काम्बिंग अभियान संचालित करेंगे, और केदारनाथ यात्रा मार्ग के आस-पास के जंगलों में भी काम्बिंग अभियान चलायेंगे। इस अभियान को तत्काल शुरू करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभियान के दौरान इन क्षेत्रों में पाये जाने वाले शवों का विधि सम्वत दाह संस्कार इस टास्क फोर्स द्वारा कराया जायेगा। 

अब भी पटरी पर नही दून की यातायात व्यवस्था 

देहरादून, 14 जून,(निस)। दून की बदलती यातायात व्यवस्था को काबू में करने के लिए सीपीयूू पुलिस और यातायात संचालन के नाम पर केवल खानापूर्ति ही चल रही है। आम जनता उसे लेकर सोचने को मजबूर है कि आखिर वह जाए तो कहां जाए। बात की जाए मुख्य मार्गों की तो यहां तक यातायात बेहाल हालत में देखा जा रहा। साथ ही सिटी पेट्रोल यूनिट के जवान अधिकांशतया बिना हेलमेट वाले दुपहिया चालकों को ही घेरने की फिराक में तत्पर दिख रहे हैं। बेकाबू यातायात को काबू करने की तो जैसे इन्हें फिक्र ही नहीं। एक ओर तो पुलिस अधिकारी कह रहे कि सिटी पेट्रोल यूनिट नियमों को लेकर भेदभाव नहीं करेगी। वहीं दूसरी ओर ‘इस यूनिट’ को भी यातायात पुलिस की राह जाते सुना जा रहा। यहां दून में नियम का पालन न करने के लिए सबसे जरूरी है ऊंची पहुंच। यदि आपकी पहुंच ऊपरी स्तर तक है तो सडक पर कैसे भी निकलो आपको रोकने टोकने वाला कोई नहीं। दुपहिया चालकों में यातायात नियमों के पालन की कमियां निकाली जा रही हैं। सिटी पेट्रोल यूनिट के बारे में कहा जा रहा कि हेलमेट होने के बाद भी दुपहिया चालक को इसलिए चालान थमा दिया जा रहा कि उसने पैरों में जूतों की जगह हवाई चप्पल पहनी है, यातायात नियमों का हवाला देते हुए ऐसे चालकों का चालान काटा जा रहा। जबकि कहा तो यहां तक जा रहा कि पहचान वालों के सिर पर हेलमेट न होते हुए भी उसकी दुपहिया को देख आंखू मूंद ली जा रही। सहारनपुर चैक से लेकर राजपुर रोड के डायवर्जन तक जिस ओर देखिए इन दिनों बेतरतीब यातायात का जमावड़ा मिलेगा। चैराहों पर एक कोने में दो-दो के गु्रप में खड़े यातायात कर्मियों को मानों यातायात संचालन में कोई दिलचस्पी नहीं है। यातायात सूत्रों की माने तो सिटी पेट्रोल यूनिट के सड पर उतरने के बाद से ही यातायात पुलिस ने चालान का काम बंद कर दिया है। यातायात पुलिस फिलहाल मात्रा यातायात संचालक का काम देख रही है। दून की ये जो बिगड़ी यातायात का स्वरूप बना है कोई आजकल की बात नहीं है। राजधानी बनने के बाद से ही यहां वाहनों की संख्या तो बढ़ी मगर चालकों में यातायात नियमों का सेंस नहीं बढ़ा। आज भी दून चैक, प्रिंस चैक, एस्लेहाॅल तिराहा, कनक चैक, लैंसडोन चैक, बुद्धा पार्क चैक, कान्वेंट रोड चैक, आराघर चैक आदि पर यातायात बड़ी बेतरतीबी से चलता दिखा। एक या दो घण्टे की बात नहीं, बल्कि बदहाल यातायात का जो नजारा सुबह के समय दिखा, कुछ वैसा ही शाम को भी रहा। सभी जगह यातायात कर्मचारी किसी ‘बुत’ की भांति खड़े नजर आए। कुछ जगह एक ओर हरी बत्ती तो तीन ओर लाल बत्ती होने पर भी चालक अपने मुताबिक वाहन निकाल रहे थे। 

‘यातायात डियूटी पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि नेता को सड़क पर खड़ी कार हटाने को कहा तो उसका तबादला पहाड़ में कर दिया गया। यह एक दिन की घटना नहीं है ऐसा होना आम बात है। किसे बोलें और किसे न बोलें, पेशोपेस बनी रहती है। नियम तोडने वाले जिस किसी को कहो तो वह पफोन निकालकर बात करने को कहता है। यदि किसी पहुंच वाले की कार-बाइक को रोक ली तो सीध पहाड़ तबादला तय समझो। ऐसे में चुप भली। तीन दिन से जाम लग रहे चैराहों पर तैनात यातायात कर्मचारियों से की बातचीत। 

29058 ग्राम पंचायत, 1006 ग्राम प्रधान, 171 क्षेत्र पंचायत व 03 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित 

देहरादून, 14 जून (निस)।  राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन ने बताया कि प्रदेश के 12 जनपदों में (जनपद हरिद्वार को छोडकर) तीन चरणों कें सम्पादित होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 29058 सदस्य ग्राम पंचायत, 1006 ग्राम प्रधान, 171 सदस्य क्षेत्र पंचायत,  एवं 03 सदस्य जिला पंचायत के पदों पर निर्विरोध निर्वाचित हो गये हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 212 निर्विरोध ग्राम प्रधान अल्मोडा जनपद तथा सबसे कम 08 निर्विरोध ग्राम प्रधान जनपद ऊधमसिंहनगर में सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए हैं। जनपदवार निर्विरोध ग्राम प्रधान की संख्या इस प्रकार है, चम्पावत-21, नैनीताल-50, बागेष्वर,-43, पिथौरागढ-82, उत्तरकाषी-99 चमोली-58, रूद्रप्रयाग-33, पौडी-101, टिहरी-183, देहरादून-116। उन्होनें बताया कि आगामी 18 जून, 21 जून एवं 24 जून को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सदस्य ग्राम पंचायत के पदो ंके लिए 11 हजार 4 सौ 26 प्रत्याषी, प्रधान के पदों हेतु 22 हजार 91 प्रत्याषी, सदस्य क्षेत्र पंचायत के लिए 11 हजार 8 सौ 74 प्रत्याषी तथा सदस्य जिला पंचायत के 3 सौ 86 पदों हेतु 2 हजार 3 सौ 8 प्रत्याषी मैदान में रह गये हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया है कि निर्विरोध निर्वाचन सौहार्द एवं एकता का प्रतीक है। इससे विकास को एक दिषा मिलेगी तथा आस-पास के लोगों में एक मत होेकर क्षेत्र का विकास करने की भावना को बल मिलेगा। उन्होने यह भी बताया कि षासन द्वारा मतदान दिवस में संबंधित विकास खण्डों के क्षेत्र में आने वाले षासकीय, अषासकीय कार्यालयों, षौक्षणिक संस्थानों, अर्द्ध-निकायों, वाणिज्यिक प्रतिश्ठानों में कार्यरत कार्मिकों, कारीगरों, मजदूरों को अपना मताधिकार का प्रयोग करने हेतु 18 जून, 21 जून एवं 24 जून को सार्वजनिक अवकाष घोशित किया गया है ताकि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। उन्होनें बताया कि मतदान प्रातः 07 बजे से सांय 05 बजे तक चलेगा। 

एम्स में कई जांच के बाद डाक्टरों ने बताया , मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सामान्य 

देहरादून, 14 जून (निस)। बीते दिन हवाई यात्रा के दौरान दिल्ली में  गर्दन मे आई चोट के चलते उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री  हरीश रावत को एम्स में भर्ती कराया गया था। शनिवार कोे सिटी स्कैन, ई.एम.आर. आई. जाॅच की गयी। इसमें कोई खतरे की बात नहीं बताया गयी हैं। मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सामान्य है। चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को एक-दो  दिनों के लिये आराम की सलाह दी है। मुख्यमंत्री एम्स से एक-दो दिन में डाक्टरों की सलाह पर डिस्चार्ज कर दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि चिन्ता की कोई बात नहीं है वें एक-दो दिन में देहरादून पहुंच जायेंगे। उन्होंने सभी शुभचिन्तकों से अनावश्यक परेशान होकर दिल्ली ना आने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि वे शीघ्र ही देहरादून में सभी से भेट करेंगे। 

एफएल-2 मामलाः यदि घोटाला नही ंतो क्यों बदले गए शासनादेश: अजय भट्ट
  • सीमान्त क्षेत्रों में फाॅरेस्ट क्लीयरेंस की बाधा समाप्त करने पर जताया पीएम का आभार

देहरादून, 14 जून (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा सीमांत क्षेत्र में फारेस्ट क्लीयरेंस की बाधा खत्म किये जाने के फैसले पर अत्यधिक हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जो कार्य दशकों से नहीं हो पाया था  मोदी  ने 20 दिन के भीतर करने का जो अदम्य साहस दिखाया वह काबिले तारीफ है इससे सबसे अधिक किसी राज्य को फायदा होगा तो वह उत्तराखण्ड प्रदेश को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में सड़कों के निर्माण में सबसे अधिक वन भूमि की बाधा आती थी इससे प्रदेश विकास के मामले में दशकों पीछे जाने को मजबूर हुआ क्योंकि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की आधी से अधिक समस्यायें मात्र सड़कों की हैं जो केवल वन भूमि के कारण रूकी पड़ी हुई हैं किन्तु केन्द्र सरकार के स्वागतयोग्य फैसले ने बहुत बड़ी आशायें प्रदेश को दे दी हैं इससे प्रदेश का चहुमंुखी विकास होगा।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गैरसैंण मामले पर विपक्ष को दोष देने के बयान पर कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की कथनी और करनी में अत्यधिक अन्तर है और वे जितनी सफाई से यहाॅ की जनता को बेवकूफ बनाना चाहते हैं इतनी आसानी से प्रदेश की जनता उनके बहकावे में आने वाली नही है क्योंकि यदि गैरसैंण के मामले में सरकार की नीयत साफ होती तो 14 जनवरी 2013 को गैरसैंण में विधानभवन के शिलान्यास के दिन जब मैंने मंच से सर्वप्रथम गैंरसैंण को जिला और फिर राजधानी बनाने की घोषणा सरकार से करने का अनुरोध किया तो सरकार वहाॅ पर मात्र उस समय भी हवाई सैर सपाटा कर लौट आयी थी। अजय भट्ट ने कहा कि वर्तमान विधान सभा सत्र के दौरान हमने सर्वप्रथम सदन के भीतर सरकार से गैरसैंण में जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ न कर अपनी वास्तविक भावना स्पष्ट करने का अनुरोध किया था और पूरे विपक्ष ने एक आवाज में सरकार से कहा था कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन अथवा स्थाई राजधानी शीघ्र घोषित करे तो सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली थी। हमने पूर्व में ही कह दिया था कि सरकार गैरसैंण में मात्र पिकनिक मानाने जा रही है जिस पर करोड़ों रूपये का व्यय भार जनता के कन्धों पर डाला जा रहा है। उन्होंने  कहा कि जब जनता ने भी सरकार की वास्तविकता जान ली कि सरकार गैरसैंण में मात्र अपने सियासी फायदे के लिए आ रही है तो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा विपक्ष पर आरोप लगाया जा रहा है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे और उनकी पूरी सरकार इतनी पाक साफ थी तो क्यों नहीं काम रोको प्रस्ताव पर एफ0एल0-2 जैसे गम्भीर विषय पर चर्चा करायी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी पोल खुलने की डर से चर्चा नहीं कराई क्योंकि एफ0एल0-2 में करोड़ों रूपये का लेन-देन सरकार ने किया है। यदि सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति थी तो उन्होंने स्वयं ही गैरसैंण के मामले में सदन के भीतर अपनी नीयत क्यों स्पष्ट नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार ने एफ0एल0-2 में शराब माफियाओं के साथ मिलकर बड़ी मात्रा में घोटाला किया है यदि ऐसा नहीं है तो आखिर एक व्यक्ति के हाथों में ये कारोबार देने के लिए मुख्यमंत्री  के दिशा-निर्देष पर दो-दो बार एक ही प्रकार का क्यों शासनादेश निकालना पड़ा ? उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में ही फोटो व विडियो प्रमाण सहित साबित कर दिया था कि केदारघाटी आज भी शवों से पटी पड़ी है। मन्दिर परिसर के चारों ओर होटलों, मकानों व धर्मशालाओं में पूरी तरह लाशें बिछी थी। उन्होंने कहा कि मैंने  28 अक्टूबर 2013 को ही केदारनाथ और जंगलचट्टी के भ्रमण के बाद वहाॅ पर शव होने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने कह दिया था कि मन्दिर परिसर से लेकर जंगल चट्टी तक के जंगलों में चारों ओर मानव शव पड़े हुए है और पूरी केदारघाटी को तत्काल सेना के हवाले कर दिया जाय तो सरकार की ओर से बयान आये कि नेता प्रतिपक्ष झूठ बोल रहे हैं और लोगों में भ्रम फैला रहे हैं किन्तु आज मीडिया के लोगों द्वारा भी इस बात की प्रमाण सहित पुष्टि किये जाने के बाद यह साबित हो गया है कि इस सरकार ने झूठ बोलकर पूरे देश को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया को विपक्ष को दोष देने के बजाय जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद करना चाहिए और अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। अजय भट्ट ने कहा कि यदि सरकार इस्तीफा नहीं देती है तो ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए क्योंकि केदारनाथ के बारे में झूठ बोलकर सरकार ने पूरे देशवासियों को अन्धकार में रखा है। उन्होंने कहा कि जब मीडिया के लोग वहाॅ शव दिखा रहे हैं तो वहाॅ उन्हीं स्थानों पर जाकर उनका दाह संस्कार किये जाने की बात कह रहे हैं जब मीडिया और हमें वहाॅ पर शवों के ढ़ेर दिखाई दे रहे हैं तो सरकार को क्यों आज तक वहाॅ पर शव नहीं दिखाई दिये ? 

वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी 

लोहाघाट, 14 जून (निस)। सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत संचालित जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। जिले में ऐेसे 65 विद्यालय हैं, जहां करीब 250 शिक्षक कार्यरत हैं। जल्द वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रमेश देव ने कहा कि शिक्षकों को वक्त पर वेतन नहीं मिलने से आर्थिक दुश्वारी आ रही है। शीघ्र वेतन नहीं मिलने पर एक जुलाई को मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। जिलाध्यक्ष देव ने छात्र-छात्राओं को पुस्तकों के वितरण में भी देरी पर नाराजगी जताई। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों की व्यवस्थाओं को सुधारने का दावा कर रही है। दूसरी ओर अभी तक आठवीं में बच्चों को सामाजिक विषय, गणित, संस्कृत, प्रेरक प्रसंग, कक्षा सात में सामाजिक विषय, पर्यावरण कक्षा छह में हमारा धरती हमारा समाज जैसे महत्वपूर्ण विषयो की किताबें आज तक नहीं पहुंच पाई हैं। उधर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक केएस रावत का कहना है कि परियोजना से धन उपलब्ध न होने के कारण वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

70 लोग बुखार की चपेट में 

बागेश्वर, 14 जून (निस)। कमेड़ीदेवी के झांकरा गांव में बुखार के कारण लगभग सत्तर लोग बीमार हैं। सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया और रोगियों को दवाइयां वितरित की। एक दंपति को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। झांकरा के पूर्व प्रधान गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से झांकरा और इसके तोकों में लोगों को बुखार, सिर दर्द, गले के दर्द और बदन दर्द की शिकायत हो रही थी। लोग घरों पर ही दवाइयां ले रहे थे। इस बीच रोग नियंत्रण में नहीं आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई।  कांडा स्वास्थ्य केंद्र से डा सीएस टोलिया, बागेश्वर से फार्मेसिस्ट डीएस देवली, स्वास्थ्य निरीक्षक एनसी लोहनी, पुष्पा जोशी आदि गांव में पहुंचे। सभी रोगियों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद उन्हें दवाइयों का वितरण किया गया। गिरीश जोशी ने बताया कि रोगियों में तकरीब २५ बच्चे भी हैं। मोहन राम और उनकी पत्नी चनरा देवी को इलाज के लिए पहले ही अस्पताल भेजा दिया गया था। मधुली देवी, धनुली देवी, खिमुली देवी, रमुली देवी, कंचनाख् दिनेश, सरोज, पंकज सहित तमाम लोगों का घरों में ही उपचार चल रहा है।

कांग्रेसियों ने एसपी सिटी से की धमकी देने की शिकायत

देहरादून, 14 जून (निस)। कांग्रेस के महानगर उपाध्यक्ष व उनकी पत्नी के साथ अभद्रता व जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले को लेकर कांग्रेसियों ने शनिवार को एसपी सिटी से मुलाकात की और आरोपी के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग की। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एसपी सिटी नवनीत सिंह भुल्लर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अवगत कराया कि बीती शाम करीब सात बजे कैलाशपुरी स्ट्रीट नंबर 11 राजेन्द्रर नगर के समीप रमेश नैथानी नाम केे व्यक्ति ने महानगर उपाध्यक्ष दीप बोरा को न केवल अपशब्द कहे बल्कि गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। उनका आरोप था कि उक्त व्यक्ति आपराधिक प्रवृति का है और कई बार जेल भी जा चुका है। यही नही उसने आसपास के क्षेत्र में अराजकता का माहोल बना रखा है। जिसके चलते लोग उसके खिलाफ पुलिस से शिकायत करने से भी डरते है। प्रतिनिधिमण्डल में कांग्रेस नेता मोहन जोशी, गंगा क्षेत्री, दीपा चैहान आदि शामिल थे।

आपदा पिडितों को अब तक नहीं मिला सहारा: रावत 

देहरादून, 14 जून (निस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 16 जून आने वाली है आपदा का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। उन्होने कहा कि न जाने कितने हजारों घरों के दिये बुझ गये थे। उस दिन कईयों के आंखों के आंसु पोंछने होगे किन्तु सरकार को उनके प्रति न तो हमदर्दी है न ही पीड़ा है आज भी जगह-जगह कंकाल पड़े हुए दिख रहे हैं। बेसहाराओं को आज तक कोई सहारा नही दिया गया है स्थायी निवास नही है, पुनर्वास की कोई व्यवस्था नही है, वहीं यात्रियों को सड़कों की बदहाली का सामना करना पड़ रहा है न ही बिजली और पानी की उचित व्यवस्था है रैन बसेरा नही है लेकिन सरकार ढोंग रचती रही की सब कुछ ठीक है। लेकिन आज जो सत्य पुलिस व प्रसाशन के द्वारा सामने लाया जा रहा है उससे लगता है कि सरकार आपदा के कार्यों में पूरी तरह से असफल है। करोड़ों-करोड़ों रूपये का आपदा के नाम पर वारा न्यार किया गया। हताहत आत्माओं के कफन को भी बख्सा नही। निश्चित है कि इस सरकार का पाप का घड़ा फूटने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि आपदा के लिये केन्द्र सरकार से दिये गये लगभग साढे छः सौ करोड़ रूपये तथा भिन्न-भिन्न माध्यमों से एकत्रित हुए लगभग साढे चार सौ करोड़ जो आपदा पिडि़तों की सहायता के लिये एकत्रित हुए धन का सरकार हिसाब बताये की किस-किस यह खर्च हुआ है क्योकि आज जमीनी कुछ दिख ही नही रहा है। आज भी परिस्थिति जस की तस हैं प्रदेश सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करे। यदि प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी नही करती तो भारतीय जनता पार्टी इस पर केन्द्र सरकार से जांच की मांग करेगी क्योंकि आपदा पिडि़तो की सहायता हेतु धन केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था।

नदारद कार्मिको के खिलाफ होगी कार्यवाही

देहरादून, 14 जून (निस)। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014 को निष्पक्ष एवं निर्विघन रूप से सम्पादित करने के लिए आज नगर निगम हाल देहरादून में तिसरे दिन निर्वाचन कार्य हेतु नियुक्त किये गये पीठासीन अधिकारियों एवं प्रथम मतदान कार्मिकों को तीन पालियों में 336 कार्मिको प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 84 पीठासीन अधिकारियों एवं 252 मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण मुहैया कराया गया। आज दिये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 57 कार्मिक तीनों पालियों में अनुपस्थित पाये गये जिसमें पीठासीन अधिकारी 16 एवं प्रथम मतदान अधिकारी 13, मतदान अधिकारी द्वितीय 15 तथा मतदान अधिकारी चतुर्थ 13 अनुपस्थित पाये गये। अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व/प्रभारी अधिकारी कार्मिक प्रताप शाह ने कहा कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो कार्मिक अनुपस्थित पाये गये है उन्हे 24 घन्टे का समय दिया जा रहा है यदि कल सांय तक उन्होने अपनी योगदान आख्या निर्वाचन कर्यालय को नही दी तो उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी उन्होने यह भी अवगत करया है कल के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे 54 कार्मिकों में से  31 कार्मिकों जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है कल तक उनके द्वारा अपनी योगदान आख्या न देने पर उनके खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कर दी जायेगी। उन्होने अवगत कराया है कि 1 जनवरी 2014 को जिन मतदाजाओं की उम्र 18 वर्ष पूरे हो गये है ऐसे मतदाताओं को निर्वाचन नामावली में शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि मतदाता के पहचान के लिए 25 के अभिलेखों से पहचान की जा सकती है। उन्होने यह भी कहा कि चकराता व कालसी को छोड कर बाकि विकास खण्डों में महिला प्रथम मतदान अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर प्रशिक्षण दे रहे मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.पी.खाली ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी सही तरह से लें तथा सभी अधिकारी उवं कार्मिक अपने गणतब्य के लिए प्रस्थान करने से पूर्व अपनी निर्वाचन सामग्री को ठीक तरह से जांच लें ताकि निर्वाचन प्र्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई परेशानी न होने पायें। उन्होने यह भी कहा कि पिछले लोक सभा निर्वाचन में अमिट स्याही अभी मीटी नही होगी तथा आयोग के निर्देशों के अनुपालन में इस पंचायत चुनाव में बायें हाथ की मध्यमा अगुली में अमिट स्याही का निशान लगाया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रथम मतदान अधिकारी अमिट स्याही व मतदाता सूची के अधिकारी होगें तथा द्वितीय मतदान अधिकारी ग्राम प्रधान व सदस्या ग्राम पंचायत के बैलेट पेपर के अधिकारी होगें तथा तृतीय मतदान अधिकारी सदस्य जिला पंचायत एवं सदस्य क्षेत्र पंचायत के बैलेट पेपर के अधिकारी होगें तथा चतुर्थ मतदान अधिकारी दोनों बैलेट बाक्स के अधिकारी होगें जिनका कार्य होगा कि मतदाता द्वारा उन्हे दिये गये बैलेट पपेर सम्बन्धित बैलेट बाक्स में डाल रहा कि नही यह जिम्मेदारी मतदान अधिकारी चतुर्थ की होगी। इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी व मास्टर टेनर मो मुस्तफा खान के कहा कि यह पंचायत चुनाव काफी कठिन चुनाव है जिसमें चार प्रकार के पदो ंके लिए निर्वाचन होना है सभी अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें की जो निर्वाचन सूची उन्हे दी गई है वह उन्ही के पोलिगं बूथ हो इस बात का विशेष ध्यान रखने की आश्यकता है। मास्टर टेनर व खण्ड शिक्षा अधिकारी यूडी. गोस्वामी ने सभी अधिकारियों मतदान को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस समय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन का समय प्रातः 7 बजे से सांय 5 बजे तक किया गया है।इस अवसर पर, पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ उपस्थित थे।

बरेली-कासगंज के बीच रेलगाड़ी संचालन अक्टूबर से: जिंदल 
  • सफाई व सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने के दिये निर्देश

लालकुआं,  14 जून (निस)। मण्डल रेल प्रबन्धक चन्द्र मोहन जिंदल ने कहा कि बरेली से कासगंज के बीच आमान परिवर्तन का कार्य अंतिम चरण में है। अक्टूबर माह से इस मार्ग पर बड़ी रेलगाड़ी का संचालन शुरू हो जायेगा। जिसके बाद लालकुआं से कई बड़े महानगरो को रेल सेवा शुरू कर दी जायेगी। श्री जिन्दल ने लालकुआं क्षेत्र की सफाई व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए इसे और दुरूस्त करने को कहा। श्री जिंदल शनिवार की प्रातः बरेली से आने वाली यात्री रेलगाड़ी से लालकुआं रेलवे स्टेशन पहुॅचे यहां पहुॅचते ही उन्होंने पूरे स्टेशन का निरीक्षण कर प्लेट फार्म में सफाई व स्टेशन से निकलने वाले खुले मार्गाें का अवलोकन किया तथा स्टेशन परिसर को कवडऱ् करने के अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये। इसके अलावा मण्डल रेल प्रबन्धक ने प्लेटफार्मों, बुकिंग कार्यालय के साथ - साथ तमाम यार्डों का बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने कन्ट्रोल रूम मंे जाकर रेलगाडि़यों के आवागमन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। बाद में स्टेशन अधीक्षक के कक्ष में स्थानीय रेल अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लालकुअंा स्टेशन को बृहद रूप प्रदान करने के लिए सभी कर्मचारियों को तत्परता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने स्टेशन से हो रहे टिकट वितरण व सामान की बुकिंग पर रेल अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मण्डल मुख्यालय द्वारा समय -समय पर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व सफाई व्यवस्था का अभियान चलाकर जायजा लिया जाता है। इसी के तहत 15 दिन का उक्त अभियान चलाया गया है। श्री जिन्दल ने कहा कि लालकुअंा स्टेशन रेल विभाग के नजरिये से अत्यंत महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां से गुड्स का कारोबार तो नहीं है। परन्तु यात्रियों की संख्या ठीकठाक है। काठगोदाम व हल्द्वानी स्टेशन में ढलान अधिक होने के कारण मरम्मत का अधिकतर कार्य लालकुअंा में ही होगा जिसके लिए यहां पिट लाईन का निमार्ण किया जा रहा है अब तक गाडि़यों व कोचों की मरम्मत का कार्य रामनगर व काठगोदाम मंे होता था अब लालकुआं में जल्द पिट लाईन तैयार हो जायेगी। उन्होंने लम्बी दूरी की रेलगाडि़यों को भी लालकुआं से ही चलाने के मामले में बताया कि कासगंज व बरेली के बीच आमान परिवर्तन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। कछला पुल पर कुछ निर्माण शेष बचा है इसके अलावा भी छिटपुट कार्य अगस्त माह तक पूर्ण हो जायेंगे। सितम्बर में सीआरएस परीक्षण पूर्ण हो जाने के बाद अक्टूबर से उक्त मार्ग में बड़ी रेलगाडि़यों का संचालन शुरू हो जायेगा । श्री जिदंल ने कहा कि अगस्त माह तक बरेली जक्संन को सिटी से जोड़ दिया जायेगा। जिसके लिए उनकी रेल के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता व बैठकें हो चुकी है। बरेली जक्सन से जुड़ने के बाद लालकुआं से अन्य बड़े स्टेशनों को और आसानी से रेलगाडि़यों का संचालन किया जा सकता है। इस अवसर पर एसके टोको, एके पाण्डे, शोमेस कुमार, आशीष भाटिया, विपिन सक्सेना, राहुल गुसाई, नानक चन्द्र, मुनीराज सिंह,  आलोक कुमार, मोहन राम, ए के मिश्रा, एन के अम्बिकेश, जवाहर राम, एनएस फिरमाल व आर बी शुक्ला मुख्य रूप से मौजूद थे। इसके बाद वह रेलगाड़ी द्वारा काठगोदाम को रवाना हो गये। 

मोबाईल टाॅवर को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष

हरिद्वार, 14 जून (निस)। ऋषिकुल नई बस्ती के मकान पर लग रहे मोबाईल टाॅवर को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष है। टाॅवर से निकलने वाली किरणांे से उनके स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ने को लेकर वह काफी चिंतित है। जिसको लेकर क्षेत्रवासियांे ने हरिद्वार विकास प्राधिकरण सहित नगर मजिस्टेªट को एक ज्ञापन देकर टाॅवर हटाने की मांग है। बताया जा रहा है कि गत दिनांे हविप्रा का एक अधिकारी मौके का जायजा लेने के लिए पहुंचा। आरोप है कि मकान स्वामी के बेटे कथित पत्रकार ने ना केवल अधिकारी के साथ अभद्रता की बल्कि उसको झूठे मामले में फंसाने की भी धमकी दे डाली। इस मामले को लेकर भी स्थानीय लोगों में भारी रोष है। टाॅवर ने क्षेत्रवासियांे की रातों की नींद व दिन का चैन उडा दिया है। उनका कहना है कि टाॅवर को हटवाने के लिए उनको किसी भी स्तर तक आन्दोलन पर जाने पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगे। बताते चले कि ऋषिकुल नई बस्ती स्थित एक मकान की छत पर एक टाॅवर लगाने की प्रक्रिया जब से चली तभी से वहां के क्षेत्रवासियांे में बेचेनी भी देखी जा रही है। टाॅवर का निर्माण जैसे-जैस पूर्ण की ओर है। वैसे-वैसे क्षेत्रवासियों की धड़कने तेज हो गयी। क्षेत्रवासियांे ने चेतावनी दी है कि अगर टाॅवर नहीं हटा तो वह अन्दोलन के लिए मजबूर होगें। 

कार में बंद मिला लापता भाजपा नेता का शव, हत्या की आशंका, पुलिस जांच में जुटी

किच्छा, 14 जून (निस)। संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए भाजपा नेता राकेश रस्तौगी का शनिवार को बहेड़ी क्षेत्र में कार में बंद शव मिलने से सनसनी फैल गयी। भाजपा नेता की मौत को लेकर हत्या की आशंकायें जताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक सुनहरी मस्जिद किच्छा निवासी भाजपा नेता राकेश रस्तोगी पुत्र राधेश्याम रस्तोगी का रूद्रपुर रोड स्थित शिशु मंदिर के समीप कार्यालय है। शुक्रवार दोपहर करीब 11बजे उन्होंने अपने कार्यालय के कर्मचारी को कहा कि वह पचपेड़ा जा रहे हैं और सायं तक वापस आ जायेंगे। रस्तोगी अपनी सेंट्रो कार संख्या यूके-06पी/8575 से रवाना हो गये और जब वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने उनकी खोजबीन की तो उनका मोबाइल मिलाया लेकिन उनका मोबाइल आॅफ जा रहा था। राकेश रस्तोगी के पिता राधेश्याम रस्तोगी ने उनकी गुमशुदगी की तहरीर रात्रि को ही पुलिस को दे दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी। शनिवार को प्रातः बहेड़ी के समीप गांव मंडनपुर में उनकी कार पायी गयी। जब सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि राकेश रस्तोगी का शव कार की अगली और पिछली सीटों के बीच पड़ा हुआ थ और अगली सीट से उनका शव ढका हुआ था और कार के चारों दरवाजे लाॅक थे। सूचना मिलने पर बहेड़ी पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गये और फिंगर प्रिंट टीम को मौके पर बुला लिया गया। रस्तोगी की हत्या का समाचार मिलते ही किच्छा में सनसनी फैल गयी और दर्जनों लोगों का उनके आवास पर जमावड़ा लग गया। रस्तोगी की मौत का समाचार पाते ही उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। भाजपा नेता की मौत को लेकर हत्या की आशंका जताई जा रही है माना जा रहा है कि अज्ञात लोगों ने हत्या करने के बाद शव को कार में बंद कर दिया और फरार हो गये।

बाजार में फिर हटा अतिक्रमण

रूद्रपुर, 14 जून (निस)। शहर की सफाई व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने के मकसद से दूसरे दिन भी नाले नालियों के ऊपर किये गये अतिक्रमण पर जेसीबी मशीन गरजीं। जिलाधिकारी डा. पंकज पांडे के आदेशों के उपरान्त मुख्य नगर अधिकारी दीप्ति आर वैश्य के नेतृत्व में टीम सिब्बल सिनेमा रोड पहुंची जहां जेसीबी मशीन के जरिये नालियों के ऊपर बने पक्के स्लैबों को ध्वस्त कर दिया गया जहां मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ लग गयी और ज्यादातर व्यापारी प्रशासन की इस कार्यवाही से प्रसन्न नजर आये। उनका कहना था कि बरसात में नालियां चोक हो जाने के कारण गंदा पानी दुकानों में घुस आता है जिस कारण खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन नालियों की सफाई के लिए प्रशासन द्वारा चलाया गया यह अभियान सराहनीय है। एमएनए दीप्ति ने कहा कि बरसात से पूर्व शहर के समस्त नाले नालियों के ऊपर बनाये गये अतिक्रमण को ध्वस्त किया जायेगा ताकि पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू हो सके। उन्होंने बताया कि यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। सिब्बल सिनेमा के बाद टीम गुड़मंडी और विध्वानी मार्केट गयी जहां से भी नालियों के ऊपर बने पक्के निर्माण को जेसीबी के जरिये ध्वस्त किया गया। इस दौरान एसडीएम इला गिरी, सीओ राजीव मोहन, एसएसआई विक्रम राठौर, आवास विकास चैकी इंचार्ज केजी मठपाल सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स व नगर निगम कर्मी मौजूद थे।

घर के ताले तोड़कर नगदी और जेवरात उड़ाये

रूद्रपुर, 14 जून (निस)। अज्ञात चोरों ने गृहस्वामी की गैरमौजूदगी में घर का ताला तोड़ अलमारी से सोने के जेवरात व हजारों की नकदी चोरी कर ली। परिजनों ने वापस लौटकर जब अलमारी खुली पायी तो उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। गृहस्वामी ने घटना की तहरीर पुलिस को दे दी है। फाजलपुर महरौला स्थित लोक विहार कालोनी निवासी कन्हईलाल पुत्र श्रीनिवास विगत दिवस परिजनों के साथ बाहर गये हुए थे। गत देर सायं जब वह घर वापस लौटे तो घर का ताला खुला हुआ था। जब उन्होंने भीतर जाकर देखा तो सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था और अलमारी भी खुली हुई थी। अलमारी से जेवरात व हजारों की नकदी भी नदारद पायी गयी। कन्हईलाल ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर एसएसआई विक्रम राठौर व रम्पुरा चैकी प्रभारी अशोक धनकड़ पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने कमरे का निरीक्षण कर कन्हईलाल से मामले की विस्तार से जानकारी ली। कन्हई ने घटना की तहरीर पुलिस को सौंप दी है।

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

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कृषि मंत्री 16 जून को बालाघाट, सिवनी एवं छिंदवाड़ा में करेंगें स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ
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म.प्र. शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन आगामी 16 जून को बालाघाट में स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ करेंगें। मंत्री श्री बिसेन 16 जून को प्रात: 10 बजे शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बालाघाट में आयोजित कार्यक्रम में इस अभियान का शुभारंभ करेंगें और इस अवसर पर शाला के नवप्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत करेंगें और उन्हें नि:शुल्क पुस्तकों का वितरण करेंगें। मंत्री श्री बिसेन 16 जून को प्रात: 11.30 बजे बालाघाट से सिवनी के लिए प्रस्थान करेंगें और वहां पर दोपहर 12.30 बजे स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ करेंगें। सिवनी में आयोजित स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वे दोपहर 2 बजे छिंदवाड़ा के लिए रवाना होंगें और अपरान्ह 3 बजे छिंदवाड़ा में स्कूल चले हम अभियान का शुभारंभ करेंगें। छिंदवाड़ा में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वे नागपुर होते हुए भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगें। 

नगरीय निकाय कटंगी, वारासिवनी एवं बालाघाट के वार्डों के आरक्षण की तिथि निर्धारित
  • 17 एवं 18 जून को होगा वार्डों का आरक्षण

कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने नगर पालिका आम निर्वाचन 2014 के लिए जिले के नगरीय निकाय कटंगी, वारासिवनी एवं बालाघाट के वार्डों का अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए आरक्षण करने की तिथि निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही सम्पन्न कराने के लिए संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को विहीत प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। वार्डों के आरक्षण के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगामी 17 जून को प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री मेहताब सिंह की मौजूदगी में नगर परिषद कार्यालय कटंगी के सभाकक्ष मे नगर पंचायत कटंगी के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार 17 जून को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री कामेश्वर चौबे की मौजूदगी में नगर परिषद कार्यालय वारासिवनी के सभाकक्ष मे नगर पालिका वारासिवनी के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही की जायेगी। नगर पालिका बालाघाट के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही 18 जून को नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दोपहर 12 बजे से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री सुमनलता माहोर की मौजूदगी में सम्पन्न कराई जायेगी। 

16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर प्रतिबंध मछलियों का क्रय-विक्रय एवं परिवहन करने पर होगी एक साल की जेल
वर्षा काल मछलियों का प्रजनन काल होता है। वर्षा ऋतु के दौरान मछलियां प्रजनन करती है और अंडे देती है। जिससे मछलियों की संख्या में ईजाफा होता है और मछलियों का प्रचुर उत्पादन प्राप्त होता है। मछलियों के प्रजनन काल में मत्स्याखेट करने से मत्स्य उत्पादन पर बुरा असर होता है। इससे मछुवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो सकता है। इन्ही तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने मछलियों के प्रजनन काल 16 जून से 15 अगस्त,2014 तक के लिए जिले में मत्स्याखेट, मत्स्य परिवहन एवं मछलियों के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर श्री किरण गोपाल ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदारों एवं थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे 16 जून से 15 अगस्त 2014 तक मत्स्याखेट, मछलियों के परिवहन एवं क्रय विकय पर लगाये गये प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करायें। प्रतिबंधित अवधि में जिले में जहां कही पर भी मछलियां बेचते हुए पायी जाये तो तत्काल जब्ती की कार्यवाही करें। जिले के मछुआरों से भी कहा गया है कि वे मछलियों के प्रजनन काल में मत्स्याखेट न करें। प्रतिबंधित अवधि में प्रतिबंधित जलाशयों/जलक्षेत्रों में अवैधानिक मत्स्याखेट अथवा मछली का परिवहन या क्रय-विक्रय करते पाये जाने पर दोषी व्यक्ति पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा अथवा एक साल की जेल की सजा से दंडित किया जायेगा अथवा जेल और जुर्माना दोनों से दण्डित किया जायेगा।

स्कूल चले हम अभियान, कचनारी में कबीरपंथी समुदाय ने निकाली जागरूकता रैली
स्कूल चले हम अभियान के अतर्गत ग्राम पंचायत कचनारी में जिला परियोजना समन्वयक श्री विनय राहंगडाले जी की गरिमामयी उपस्थिति में  एवं ग्राम के कबीर पंथ / समुदाय के लोगों द्वारा ग्राम में रैली निकालकर बच्चों को शिक्षा एवं शाला से जोड़ने के लिये पहल की गई। रैली में मा.शा. कचनारी के प्रधान पाठक श्री एन.एल जोशी, जनशिक्षक रमेश डोंगरे, के.जी.बी.वी. अधिक्षिका श्रीमति सरिता डहरवाल, सहायक वार्डन श्रीमति मीना सूर्यवंशी, श्री झाडूलाल सहारे, श्री फिकर महंत, हारमोनियम वादक श्री बंशी सादेश्वर, जंगलू कॉवरे, एवं बच्चों ने भाग लिया। ग्रामीणजनों के द्वारा गाने बजाने के साथ रैली का आयोजन किया गया। रैली में ग्रामीण महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इस दौरान  नारे लगाये गये एवं साउंड सिस्टम के उपयोग से जन जाग्रति लाने का प्रयास किया गया। कबीर समुदाय के लोग एक स्थान पर एकत्रित हुये जहॉ जनशिक्षक रमेश डोंगरे द्वारा प्रवेश उत्सव की जानकारी दी गई एवं इस दिन शाला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम- स्कूल चलें हम का ध्वजारोहण, तिलक लगाकर बच्चे एवं अभिभावक का अभिनंदन करने, आमपत्तों का तोरण लगाने, ग्राम के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने, बच्चों को शत-प्रतिशत शाला में उपस्थिति एवं पुस्तक वितरण करने आदि की जानकारी दी गई। इसी तारतम्य में गत 12 जून 2014 को संकुल प्राचार्य श्री डी.एस. उइके की उपस्थिति में रात्रिकालिन चौपाल लगाकर शिक्षा के प्रति लोगों को जोड़ने, उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया गया एवं बताया गया कि प्रत्येक बच्चा शाला में दर्ज हो, उसकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो। मोटिवेटर्स को भी संबोधित किया गया एवं उन्हें इस कार्य को करने के लिये उत्साहित किया गया। रात्रिकालिन चौपाल की अध्यक्षता  गॉव की महिला सरपंच श्रीमति झाडूदारिन मेरावी ने किया, इस अवसर पर  बलवन कॉवरे सचिव ग्राम पंचायत कचनारी, रोजगार सहायक श्री हंसू गेडाम, स. अध्यापक श्री अमर सिंह धुर्वे, इन्द्रकुमार मरकाम एवं साक्षर भारत के प्रेरकगण एवं नव पंजीकृत प्रेरक भी शामिल हुये।

खंडवा (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

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आओ बनाए अपना मध्यप्रदेश सम्मेलन के अंतर्गत 19 जून, को खण्डवा आएगें सीएम 
  • कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने कार्य विभाजन करने के साथ ही कि समीक्षा

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खण्डवा (14 जून,2014)  - आओ बनाए अपना मध्यप्रदेश सम्मेलन एवं स्कूल चलें हम अभियान में शामिल होने के लिए 19 जून, को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का खण्डवा आने कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री महोदय के आगमन को लेकर कलेक्टोरेट सभागृह में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने सभी संबंधित अधिकारियों के मध्य कार्यविभाजन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा कि आओं बनाए मध्यप्रदेश सम्मलेन में सभी वर्गो कि उपस्थिति सुनिश्चित हो। साथ ही सभी विभागों द्वारा आयोजन स्थल पर विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाए। बैठक में कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने कार्यपालन यंत्री , लोक निर्माण विभाग को जहा वेरिकेटिंग के निर्देश दिए वही नगर निगम आयुक्त को साफ-सफाई एवं पार्किंग कि व्यवस्था करने के आदेश दिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किसी भी विभाग के कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है। अतः आप अपनी तैयारी पूर्ण रखें। साथ ही 19 जून, के कार्यक्रम में समस्त अधिकारी उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। 

पंचायत चुनाव/उप चुनाव वाले क्षेत्र में 16 जून क¨ अवकाश

खण्डवा (14 जून,2014)  - राज्य शासन ने त्रि-स्तरीय पंचायत के आम/उप निर्वाचन, 2013-14 (उत्तरादर््ध) में मतदान के दिन 16 जून क¨ विभिन्न जिले के संबंधित क्षेत्र में सामान्य अवकाश घ¨षित किया है। इस दिन संबंधित क्षेत्र में निग¨शिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत सार्वजनिक अवकाश भी घ¨षित किया गया है। 

आकाशवाणी में आयुक्त, राज्य निर्वाचन आय¨ग श्री परशुराम की परिचर्चा 16 एवं 23 जून क¨

खण्डवा (14 जून,2014)  - आकाशवाणी द्वारा प्रसारित कार्यक्रम “अपना गाँव-अपना राज” में आयुक्त राज्य निर्वाचन आय¨ग श्री आर. परशुराम के साथ परिचर्चा का प्रसारण 16 एवं 23 जून, 2014 क¨ सुना जा सकता है। यह कार्यक्रम द¨न¨ं दिन शाम 6 से 6.15 बजे के बीच प्रसारित किया जायेगा। कार्यक्रम आकाशवाणी के भ¨पाल, इंद©र, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी एवं शहड¨ल रेडिय¨ स्टेशन से प्रसारित किया जायेगा। इस परिचर्चा में आगामी ग्राम, जनपद अ©र जिला पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया, मतदाता सूची में नाम ज¨ड़े जाने अ©र ईवीएम के उपय¨ग के संबंध में बात-चीत की गई है। आगामी पंचायत चुनाव में लगभग 3 लाख 61 हजार 550 पंच, 22 हजार 851 सरपंच, 6,757 जनपद सदस्य एवं 854 जिला पंचायत सदस्य के साथ ही 313 जनपद अध्यक्ष अ©र 51 जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव ह¨गा। 
क्रमांक/75/2014/964/वर्मा
एन.सी.सी. कैडेट की भत्ता राशि द¨गुनी हुई
खण्डवा (14 जून,2014)  - राज्य सरकार ने एन.सी.सी.कैडेट के प्रशिक्षण की अवधि में प्रदाय किये जाने वाले जलपान भत्ते की म©जूदा राशि 6 रुपये प्रति परेड से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति परेड कर दी है। यह म©जूदा राशि से द¨गुनी है।
सरकार की यह पहल स्कूल एवं काॅलेज के छात्र¨ं क¨ एन.सी.सी के सदस्य बनने के लिये प्र¨त्साहित करेगी ज¨ देश का वर्दीधारी छात्र¨ं का एक बड़ा संगठन है।
क्रमांक/76/2014/965/वर्मा
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता भी स्कूल चलें हम अभियान से जुड़ें
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने लिखा पत्र 
खण्डवा (14 जून,2014)  - महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने प्रदेश की 90 हजार से अधिक आँगनवाड़ी कार्यकर्ताअ¨ं से कहा कि वे स्कूल चलें हम अभियान से जुड़कर प्रत्येक बच्चे क¨ प्रवेश दिलाने की मुख्यमंत्री की मंशा क¨ पूरा करें। श्रीमती सिंह ने इस आशय का एक पत्र सभी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता क¨ लिखा है।
श्रीमती माया सिंह ने पत्र में कहा है कि शिक्षा का जीवन में बहुत महत्व है। शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के सपन¨ं क¨ नये पंख देती हैं अ©र जीवन में विकास के नये द्वार ख¨लती है। इसी भावना से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह च©हान ने स्कूल चलें हम अभियान क¨ सवर्¨च्च प्राथमिकता देते हुए उसे सफल बनाने का संकल्प लिया है।
महिला-बाल विकास मंत्री ने कहा कि बच्च¨ं क¨ स्कूल जाने की तैयारी करवाने के साथ ही आँगनवाड़ी केन्द्र से शिक्षा प्राप्त करने वाला हर बच्चा स्कूल में प्रवेश पाये, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताअ¨ं की है। श्रीमती माया सिंह ने कहा कि पारिवारिक कारण¨ं से शिक्षा से वंचित रह जाने वाली बालिकाअ¨ं पर विशेष ध्यान दिया जाये। ऐसी बालिकाअ¨ं के परिवार क¨ इस बात के लिये तैयार करें कि उन्हें स्कूल भेजें। श्रीमती माया सिंह ने कहा कि हर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के प्रत्येक पढ़ने वाले बच्चे क¨ स्कूल में प्रवेश दिलाने के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएँ। 
क्रमांक/77/2014/966/वर्मा
विभागीय पद¨न्नति समिति की बैठक नियमित रूप से करें
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश
खण्डवा (14 जून,2014)  - सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुख, विभागाध्यक्ष तथा निय¨क्ताअ¨ं क¨ पुनरूनिर्देशित किया है कि  विभागीय पद¨न्नति समिति की बैठक नियमित रूप से समय पर की जायें। मध्यप्रदेश ल¨क सेवा (पद¨न्नति) नियम में प्रतिवर्ष पद¨न्नति समिति की बैठकें किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा भी सामान्य प्रशासन विभाग ने द¨ बार परिपत्र जारी कर विभागीय पद¨न्नति समिति की बैठक वर्ष में द¨ बार माह जनवरी-फरवरी अ©र दूसरी बैठक माह अगस्त-सितम्बर तक अनिवार्य रूप से किये जाने के निर्देश दिये हैं।
निर्देशानुसार जिन पद¨ं, संवगर्¨ं की पद¨न्नति समिति की बैठक विभागीय, विभागाध्यक्ष या निय¨क्ता स्तर पर किया जाना है, उनका विभागीय स्तर पर एक कार्यक्रम बनाकर 15 जुलाई, 2014 तक अनिवार्य रूप से बैठक की जाये। कार्यवाही की एकजाई जानकारी विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सामान्य प्रशासन विभाग क¨ सचिव या उससे उच्च स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर से 30 सितम्बर 2014 तक अनिवार्य रूप से भेजें। इसके बाद विभाग¨ं से प्राप्त जानकारी की समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा की जायेगी। निर्देश¨ं का पालन न करने, समय पर जानकारी न भेजने या अधूरी जानकारी भेजने के लिए संबंधित विभाग के विभाग प्रमुख जिम्मेदार ह¨ंगे। 
आगामी वषर्¨ं में भी समय-सीमा में पद¨न्नति समिति की बैठक नियमित रूप से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समस्त विभाग इसी प्रकार की समीक्षा कर एक चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार करें। मध्यप्रदेश ल¨क सेवा आय¨ग द्वारा भी सभी विभाग¨ं के लिए प्रतिवर्ष जनवरी माह में एक चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार कर समस्त विभाग क¨ सूचित किया जायेगा। समस्त विभाग प्रस्ताव तैयार कर ल¨क सेवा आय¨ग क¨ प्रेषित करेंगे।
 इस प्रकार सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश¨ं का पालन करते हुए नियमित रूप से समय पर पद¨न्नति समिति की बैठक की जाये। प्रत्येक विभाग पालन प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप¨ं में वर्ष में द¨ बार प्रथम 30 अप्रैल अ©र द्वितीय 30 सितम्बर तक सामान्य प्रशासन विभाग क¨ प्रेषित करें।
 निर्देश¨ं के बाद भी अनेक स्तर पर यह ध्यान में लाया गया है कि कई विभाग¨ं में नियमित रूप से प्रतिवर्ष पद¨न्नति समिति की बैठकें नहीं की जाती। कई विभाग¨ं द्वारा ल¨क सेवा आय¨ग क¨ द¨-तीन वषर्¨ं के पद¨न्नति के प्रस्ताव एक साथ भेजे जाते हैं। इसके अलावा कतिपय विभाग वर्ष के अंतिम महीन¨ं में यह बैठकें करते हैं। विभाग¨ं द्वारा पद¨न्नति समिति की बैठक नियमित रूप से नहीं किये जाने के कारण शासकीय सेवक¨ं क¨ समय पर पद¨न्नति का लाभ नहीं मिलता अ©र शासकीय सेवक पद¨न्नति के लाभ से वंचित ह¨कर सेवानिवृत्त ह¨ जाते हैं। इसके फलस्वरूप न्यायालयीन प्रकरण निर्मित ह¨ने की भी पूर्ण संभावना बन रही है। वर्ष के अंत में समिति की बैठकें ह¨ने से 31 दिसम्बर तक पद¨न्नति आदेश जारी नहीं ह¨ पाते अ©र शासकीय सेवक की एक वर्ष की वरिष्ठता प्रभावित ह¨ती है।
क्रमांक/78/2014/967/वर्मा


छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

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खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता पर्ची का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करें   

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छतरपुर/14 जून/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने समस्त जनपद पंचायतों के सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देशित करते हुये कहा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आगामी 27 जून को विकासखण्ड स्तर पर पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जायेगा। अतः पात्रता पर्ची के शत-प्रतिशत वितरण हेतु स्थानीय निकायों के सीईओ एवं सीएमओ घोषणा पत्र प्राप्ति के उपरांत 18 जून तक अनिवार्य रूप से समग्र पोर्टल पर जानकारी प्रविष्ट कराने सहित अन्य आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। कार्य की गंभीरता को ध्यान में रखकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्य में लगे हुये समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्य पूर्ण होने तक सार्वजनिक अवकाश के दिन भी कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य सम्पादन के निर्देश दिये गये हैं। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत किये जा रहे कार्य के पर्यवेक्षण एवं निगरानी के लिये विकासखण्डवार अधिकारियों की नियुक्ति की है। जिसके तहत जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी ए बी खरे 9425145310 को लवकुशनगर एवं बारीगढ़, परियोजना अधिकारी पीयूष मिश्रा 9755727540 को नौगांव एवं राजनगर, नितिन दुबे 9425383433 को बक्सवाहा एवं बड़ामलहरा, जिला परियोजना समन्वयक सुनील मुझाल्डा 8349472846 को बिजावर तथा सहायक परियोजना अधिकारी सुरेन्द्र खटीक 9424911449 को छतरपुर विकासखण्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उक्त अधिकारी 15 जून तक स्थानीय निकायों द्वारा नियत प्रपत्र पर तैयार की जा रही एक्सेल शीट को सीडी में संकलित कर जिला कार्यालय में उपलब्ध कराने हेतु जिम्मेदार रहेंगे।     

बंधक श्रम सतर्कता समिति गठित

छतरपुर/14 जून/राज्य शासन के निर्देशानुसार बंधित श्रम पद्धति अधिनियम 1976 की धारा 13-1 के तहत जिला एवं अनुविभाग स्तर पर बंधक श्रम सतर्कता समिति का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर पदेन अध्यक्ष रहेंगे। इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक अथवा प्रतिनिधि, सीईओ जिला पंचायत, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक सदस्य के रूप में समिति में शामिल रहेंगे, श्रम पदाधिकारी सदस्य-सचिव के रूप में शामिल किये गये हैं। अनुविभाग स्तर पर गठित समिति में संबंधित एसडीएम को पदेन अध्यक्ष बनाया गया है। सतर्कता समिति के सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का रहेगा। 

पद्म पुरष्कार के लिये आवेदन आमंत्रित

छतरपुर/14 जून/भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में पद्म पुरष्कार प्रदान किये जाने हेतु आवेदन मंगाये गये हैं। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिला कलेक्टर से जिले के पुरष्कार संबंधी प्रस्ताव अनुशंसा सहित 19 अगस्त 2014 तक मांगे गये हैं। जिले में पुरष्कार प्रस्ताव के संबंध में जानकारी निरंक होने पर भी लिखित में अवगत कराना होगा।   

त्रि-स्तरीय पंचायतों के रिक्त पद पर उप निर्वाचन कल सम्पन्न होगा

छतरपुर/14 जून/पंचायतों के उप निर्वाचन 2013-14 के तहत जिले में जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य के एक-एक पद पर तथा सरपंच के एक पद पर 16 जून को प्रातः 8 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक मतदान कराया जायेगा। मतदान जिला पंचायत छतरपुर के अंतर्गत निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 2-गौरिहार में जिपं सदस्य पद के लिये एवं जनपद पंचायत बड़ामलहरा के अंतर्गत निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 22 सूरजपुरा खुर्द में जनपद पंचायत सदस्य पद के लिये होना है। इसी तरह जनपद पंचायत लवकुशनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत अक्टौंहा में रिक्त सरपंच पद के लिये उप निर्वाचन कराया जायेगा। मतदान पश्चात संबंधित मतदान केंद्रों पर ही मतगणना का कार्य सम्पन्न कराया जायेगा। मतगणना देर रात तक चलने की संभावना के दृष्टिगत विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। 

जोनल एवं सेक्टर अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने उप निर्वाचन के सुचारू रूप से संपादन के उद्देश्य से जोनल एवं सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की है। जिसके तहत सीईओ जनपद पंचायत लवकुशनगर डी एस राणा 9893803768, उप संचालक कृषि इंद्रजीत सिंह बघेल 9425600107, नगर पालिका छतरपुर के उप यंत्री आलोक जायसवाल 9425144174 एवं आरईएस विभाग लवकुशनगर के एसडीओ एस पी जाटव 9926675607 को जिपं सदस्य के उप निर्वाचन हेतु जोनल अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह जनपद पंचायत बड़ामलहरा के तहत निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 22 में सदस्य के पद पर उप निर्वाचन के लिये आरईएस बड़ामलहरा के एसडीओ एस के अग्रवाल 9617369857 एवं लवकुषनगर जनपद पंचायत के अक्टौंहा ग्राम पंचायत में सरपंच के पद पर उप निर्वाचन के लिये महिला बाल विकास अधिकारी भरत सिंह राजपूत 9425880555 को जोनल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जोनल अधिकारियों की उपस्थिति में मतदान दलों की रवानगी संबंधित तहसील कार्यालय से 15 जून को प्रातः 10 बजे होगी। मतदान एवं मतगणना प्रक्रिया सुचारू रूप से संपादित कराने के लिये जिन सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है। उनमें जिपं सदस्य के उप निर्वाचन के लिये नायब तहसीलदार चंदला चंद्र कुमार ताम्रकार 9770648044, गौरिहार तहसीलदार अशोक सक्सेना 9827620543 एवं लवकुशनगर नायब तहसीलदार जाहर सिंह ठाकुर 9993474875 को तथा जनपद सदस्य एवं सरपंच पद के उप निर्वाचन हेतु क्रमशः नायब तहसीलदार बड़ामलहरा अभिनव शर्मा 9424601452 एवं लवकुशनगर तहसीलदार आर एन त्रिपाठी 9425641414 को नियुक्त किया गया है। 

परामर्शदात्री समिति की बैठक 27 को

छतरपुर/14 जून/जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक का आयोजन 27 जून को सायं 4 बजे से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया है। बैठक में शामिल होने वाले संबंधित अधिकारियों को विगत बैठक की कार्यवाही विवरण का पालन प्रतिवेदन एवं आयोजित की गई बैठकों का पालन प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर भेजने सहित प्रतिनिधि को बैठक में न भेजने के लिये निर्देशित किया गया है।

जनहित कारी योजनाओं से पात्र हितग्राही वंचित न हो -गुडड्न पाठक 

  • कन्या पैर पूजन के साथ, आगन वाड़ी भवन का किया लोकार्पण

छतरपुर/ प्रदेश की सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गाे के लोगो को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए अनेको जनहितकारी योजनायें चलाई है। हम सभी को इस वात की चिन्ता करनी है कि कोई भी पात्र हितग्राही योजनाओं के लाभ लेने  से वंचित न रहे। विजावर क्षेत्र के विधायक पुष्पेन्द्र नाथ गुडड्न पाठक ने ग्राम सादंनी में एन.टी.पी.सी. द्वारा निर्मित अंागन वाड़ी केन्द्र भवन का लोकार्पण करते हुये कहा। उन्होंने इस मौके पर कन्याओं के पैर पूजन करते लोगों से स्कूल चले हम नारे को प्रत्येक घर तक पहुचाने की अपील करते हुए कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहें। शिक्षा को विकास की प्रमुख आवश्यकता बताते हुये श्री पाठक ने विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर महिला वाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का आयोजन किया गया। अनुविभागीय अधिकारी हरवशं शर्मा ने भी इस अवशर पर शासन की योजनाओं के बारे में बताते हुये लाभ लेने की अपील की अनेक समस्याओं का समाधान भी इस मौके पर किया गया। एन.टी.पी.सी. के अधिकारियों ने भी अपने द्वारा के विकास के संबंध में प्रस्तावित योजनाओं को बताते हुये सभी को सहयोग करने की अपील की। भाजपा नेता मलखान सिंह, नरेन्द्र मिश्रा, पुष्पेद्र सिंह सहित अनेक भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ता एवं अनेक प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे है।

बरेठी पहुंचे विधायक
क्षेत्रीय विधायक पुष्पेन्द्र नाथ गुड्डन पाठक ग्राम बरेठी में  आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में पहुचें। अनुविभागीय आधिकारी हरवशं शर्मा, तहसीलदार, एन.टी.पी.सी. के अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा मूलतः कोई भी समस्या ऐसी नहीं हे। जिसका समाधान सभंव न हो, शीघ्र प्रशासन, कम्पनी और ग्रामीणों के बीच बेहतर तालमेल बनाने का प्रयास किया जायेगा, जिससे शीघ्र ही एन.टी.पी.सी. का काम शुरू किया जा सके। ग्रामीणों को समझाईस देते हुऐ श्री पाठक ने कहा की किसी भी के साथ अन्याय में वे उसक ेसाथ खडे़ है पर बिना किसी बाजिव कारण के कम्पनी को काम न करने देना स्वयं अपने क्षेत्र के विकास में अवरोध खड़े करने जैसा है। उन्होने कहा कि एन.टी.पी.सी. कोई विदेशी ईस्ट इंिण्डया कम्पनी नही है जो हमारे ऊपर शासन जमा लेगी। यह कम्पनी हमारे क्षेत्र के विकास में अगुवाई करेगी ऐसा हमें पूरा विश्वास है। ग्रामीणों की मागं पर उन्होनें मुआवजा विसंगति के संबंध में मुख्यमंत्री महोदय् से चर्चा करने का आस्वासन दिया। 

तेलुगू अभिनेत्री तेलंगाना शकुंतला का निधन

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तेलुगू सिनेमा की मशहूर अदाकारा तेलंगाना शकुंतला का यहां शनिवार को निधन हो गया। वह 63 साल की थीं। नारायण हृदयालय अस्पताल के एक सूत्र ने बताया, "आधीरात को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें सुबह 2.30 बजे के आसपास अस्पताल में लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।" साल 1981 में तेलुगू फिल्म 'मां भूमि'से अभिनय की शुरुआत करने वाली शकुंतला ने 74 फिल्मों में अभिनय किया। इस साल की शुरुआत में प्रदर्शित हुई हास्य फिल्म 'पांडावुलु पांडावुलु तुम्मेदा'उनकी आखिरी फिल्म थी।

हास्य और खलनायक किरदारों के लिए मशहूर शकुंतला मूलरूप से मराठी थीं। 'अहा ना पेलांटा', 'गुलाबी', 'भद्राचलम', 'नुव्वु नेनु'और 'बेंदु अप्पाराव आरएमपी'को उनकी बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है। उन्होंने 'धूल'और 'माचक कालाइया'जैसी तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया था।

अंतिम दर्शन के लिए शकुंलता का शव एपी फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ले जाया जाएगा, जहां एक बजे से लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को ही अलवल में 2.30 बजे के आसपास होगा। शकुंतला के परिवार में उनका एक बेटा और एक बेटी है।

बेहतर वित्तीय सेहत के लिए कड़े फैसलों की दरकार : नरेंद्र मोदी

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत के वित्तीय सेहत के लिए कड़े और कड़वे फैसले लेने का समय आ गया है। पणजी के बाहरी इलाके में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "देश को बेहतर वित्तीय स्वास्थ्य की ओर ले जाने के लिए हमें कड़े और कड़वे फैसले लेने होंगे।"

करीब 8000 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोदी के इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे पहली बार राज्य के दौरे पर आए थे और किसी सार्वजनिक समारोह में हिस्सा ले रहे थे। मोदी ने कहा, "कड़े फैसले, कड़वी औषधि और वित्तीय समझदारी इस घड़ी देश के लिए आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि आप मेरा साथ देंगे।"

मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें पूर्व सरकार से विरासत में एक दिवालिया और जर्जर देश मिला है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में कुछ भी नहीं छोड़ा गया है और अब चीजों को दुरुस्त करने का भार उनकी सरकार पर आन पड़ा है।

बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के लिए नीतीश जिम्मेदार : सुशील कुमार मोदी

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sushil kumar modi
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के लिए खुद नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। मुजफ्फरपुर में इंसेफलाइटिस से पीड़ित बच्चों का हालचाल जानने पहुंचे मोदी ने कहा कि भाजपा सही समय पर बिहार विधानसभा का चुनाव चाहती है। उन्होंने कहा कि नीतीश अपने विधायकों को विधानसभा भंग करवाने की चेतावनी दे रहे हैं। 

बिहार में राज्यसभा उपचुनाव के लिए भाजपा पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सरकार बचाने के लिए खुद गलत तरीके अपनाते रहे हैं। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने भी नीतीश पर बिहार की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता के लिए 17 वर्षो तक भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं थी। उन्होंने कहा कि नीतीश अब अवसरवाद की राजनीति कर रहे हैं और उनके बयानों से अब लाज भी लजा जाती है। 

इसके पूर्व नीतीश कुमार ने भाजपा पर राज्यसभा चुनाव के जरिए बिहार सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

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जन जन मंे जागे विश्वास, संयम से व्यक्तित्व विकास, अणुव्रत संकल्प यात्रा का झाबुआ मंे प्रवेश

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झाबुआ ---- अणुव्रत संकल्प यात्रा झाबुआ का प्रवेश हुआ। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज ने संकल्प यात्रा की अगुवानी कर यात्रा को रैली का रूप दिया। रैली ठीक 8 बजे बस स्टेण्ड झाबुआ से प्रारम्भ हुई जो नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई आजाद चैक मंे धर्म सभा मंे दब्दील हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ने की विशेष अतिथि क्षेत्र के सांसद दिलीप सिंह भूरिया व विधायक शांतिलाल बिलवाल थे। स्वागत हेतु मंच तेरापंथ समाज के अध्यक्ष श्री ताराचन्द्रजी गादिया थे। सानिध्य आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या समणी शारदा प्रज्ञाजी व समणी रत्नप्रज्ञाजी से प्राप्त हुआ। रैली मंे श्लोगन लगाये गये वे काफी भावनात्मक थे। जैसे 1. जन जन मंे जागे विश्वास, संयम से व्यक्तित्व विकास, 2. इंसान पहले इंसान, फिर हिन्दू व मुस्लमान, 3. अणुव्रतो का यह संदेश नशामुक्त हो सारा देश आदि कार्यक्रम की शुरूआत जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महिला मण्डल ने मंगलाचरण से की। इसके बाद विदुषी शिष्या समणी शारदा प्रज्ञाजी ने अणुव्रत संकल्प यात्रा क्यों निकाली इसका क्या उद्देश्य के बारे मंे प्रकाश डाला। आपने बताया कि आचार्य    श्री तुलसी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य मंे यह यात्रा निकाली गई जो पूरे एक वर्ष तक विभिन्न क्षेत्रो मंे चल रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य आचार्य श्री तुलसी के अवदानो, आयामो व विचारो को जन-जन तक पहुंचाना व उसे स्वीकार हेतु प्रयास करना। आपने दो प्रकार की उपासना पद्धति बताई। एक तो मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे उपासना स्थलो पर जाना व अपने गुरूओं के गुणगान करना, पूजा पाठ करना आदि। दूसरी उपासना पद्धति अपने आराधक देव द्वारा बताई गई विचारो को अपने आचरण मंे लाना व वैसा ही आचरण करना। आपने मिलावटी पदार्थ विक्रय पर कटाक्ष किया व बताया कि अपने छोटे से लाभ के लिए इंसान मिलावटी वस्तुओं का विक्रय कर दूसरे के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों पर विस्तृत जानकारी दी। जिसमंे मुख्यतः हिंसा नशा मुक्ति पर विशेष जोर दिया गया। चूंकि सभी समस्या की जड नशा है। नशे मंे इंसान जानवर बन जाता है और जानवर जैसी हरकत करता है। खुद का नुकसान करता है और परिवार को भी आर्थिक दृष्टि से नुकसान पहुंचाता है। जिससे परिवार भी अशांति का जीवन जीता है। अणुव्रतो के 11 नियमों में से इन नियमों पर जोर दिया गया 1. व्यसन मुक्त जीवन जीने हेतु प्रेरित किया 2. पानी, बिजली आदि का अपव्यय नहीं करूंगा 3. पर्यावरण की समस्या हेतु जागरूक रहूंगा। अणुव्रत के 11 नियम के पालन हेतु प्रेरित किया व एक अच्छा जीवन जीने की कला के लिए प्रोत्साहित किया। अतः सभा मंे 11 नियम को स्वेच्छा से पालन हेतु फार्म भरवाये गये। अणुव्रत व नैतिकता पर गीत के माध्यम से 2 बालिका कृतिका गादिया व एंजल गादिया ने सुन्दर प्रस्तुती दी। सभा को दोनों मुख्य अतिथि ने भी संबोधित किया। नगरपालिका अध्यक्ष ने अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों का पालन करने हेतु पत्रक भरवाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ श्रावक श्री मंगलालजी गादिया ने किया।

जिला जेल पर कार्यक्रम
अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों को जन-जन तक पहुचाने हेतु जिला जेल झाबुआ पर भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला जेल झाबुआ मंे श्रमणीजी ने कैदियो को सम्बोधित करते हुए समणीजी ने बताया कि नशा से हमंे कितने नुकसान है। नशा करने से हम व परिवार पूरी तरह से दुखी रहता है। नशा मंे छोटी-छोटी बातो पर झगडा होने पर बहुत बडी सजा भुगतना पडती है। हमारी आमदनी का काफी हिस्सा नशाखोरी मंे बर्बाद हो जाता है। जिसके कारण परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पडता है। अतः समणीजी ने व्यसन मुक्त जीवन जीने के लिए सभी कैदियो को संकल्पित किया। नशे की गलती के कारण कैदी से ज्यादा उसका परिवार दुखी व तंगी मंे रहता है। समणीजी ने यह भी बताया कि जेल एक पवित्र जगह है। जेल मंे ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और जेल मंे ही रहकर आपको नशा स्वतः ही छोडना पडता है। जिससे नशे जैसी बूरी आदत से जब तक जेल मंे है दूर रहते है और जेल से बाहर आने के बाद उसी नशाखोरी के वातावरण मंे नशा करने लग जाते है। इसलिए समणीजी ने स्वेच्छा से नशा न करने के लिए उद्बोधन द्वारा प्रेरित कर संकल्प पत्र भरने के लिए प्रोत्साहित किया। अंत मंे जेलर द्वारा आभार प्रदर्शन करते हुए कैदियो को नसीहत दी कि जो संकल्प आपने समणीजी की मौजूदगी मंे लिये उसे निभाये और एक अच्छा जीवन जीने का प्रयास करें।

प्रताड़ना, आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का  मामला दर्ज

झाबूआ---आरोपी भगतसिंह पिता रीछु चैंगड, उम्र 32 वर्ष निवासी दौलतपुरा उसकी पत्नी    वेलबाई पति भगतसिंह को रात-दिन चरित्र शंका को लेकर मारपीट करता था, जिससे तंग आकर उसकी पत्नी वेलबाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मर्ग क्र. 50/14 की जांच पर से कायमी कर विवेचना में लिया गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्रमांक 50/2014 की जाॅंच पर से अपराध क्रमांक 430/14, धारा 498-ए, 306 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फांसी लगा कर कि आत्महत्या

झाबूआ---फरियादी अनिल पिता दाविद जाति गणावा उम्र 32 वर्ष निवासी नवापाडा धन्ना ने बताया कि उसके भाई मरियास पिता दाविद उम्र 40 वर्ष निवासी नवापाडा धन्ना ने बबुल के पेड पर फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 15/14, धारा 174 जाफौ का कायम कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध कायम

झाबूआ--फरियादी मोहन पिता लालु भाभर उम्र 51 वर्ष निवासी उदयपुरिया ने बताया कि उसकी लडकी उर्मिला, उम्र साढे 17 वर्ष अपने घर से अपनी बुआ के यहां ग्राम खेडा जाने का कहकर निकली थी, जो घर वापस नही आई। कोई अज्ञात आरोपी ने उसका अपहरण कर लिया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 431/14, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फादर कसमीर डामोर की सिल्वर जुबिली मनाई

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झाबुआ---मेघनगर से 7 किमी दूर ग्रामी सजेली मालजी सात में फादर कसमीर डामोर की रजत जयंति समारोह धूमधाम व उत्साहपूर्वक मनाया गया। रजत जयंति समारोह के मुख्य अतिथि बिषप डाॅ. देवप्रसाद गणावा ने कहा कि पुरोहितों के ब्रहमचर्य व्रत के 25 वर्श पूर्ण होने पर समारोह मनाया जाना चाहिये, जिन्होंने सांसरिक मोह माया को छोड ईष्वर जीवन जीते हुए मानव की सेवा करने का संकल्प लिया हो प्रोत्साहन दिया जाना उचित है। उन्होंने फादर कासमीर डामोर के ब्रहमचर्य व्रत धारण कर अनेक उपलब्धियंा प्राप्त करने पर उनकी प्रषंसा की और दोनों डायसिस झााबुआ एवं उदयपुर की और से षुभकामनाएं व्यक्त की। मुख्य प्रवचक फादर सिल्वेस्टर मेडा ने सिल्वर जुबिली मना रहे फादर कसमीर डामोर के 25 वर्शो का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि समय अपनी गति से चलता रहता है समय नही बदलता लेकिन इंसान व उसके कार्य बदल जाते है। आज हम 25 वर्शो के वरदानों के लिये ईष्वर को कृतज्ञता प्रकट कर उन्हें धन्यवाद देने इस समारोह में सम्मिलित हुए है। बडी धामनी चर्च के संचालक फादर जोर्ज भूरिया व बीएसएनएन के वरिश्ठ लेखापाल अम्ब्रोज खडिया ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह में अभिनंदन पत्र का वाचन दोनात सिंगाडिया ने किया। रजत जयंति समारोह मना रहे फादर कसमीर डामोर ने कहा कि जितनी उपलब्धियां मुझे मिली है या प्राप्त की है यह कैसे संभव हो पाया मेरी समझ से परे हैं किन्तु मैं यही समझता हूं कि यह एक ईष्वरीय वरदान है। जुबिली समारोह में काॅलेज के मित्र फादर विन्सेन्ट टोपनों, फादर रायपन तथा थांदला चर्च के संचालक फादर बसील भूरिया, इंदौर के जाॅन वाखला, जीवन ज्योति हाॅस्पिटल के अजीत कटारा, प्रगति संस्था के फादर अंतोन कटारा, जोर्ड कचुमुरी ने भाग लिया। संगीत दल में राजू कटारा, आनंद मेडा व उसके साथियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विजय डामर ने व आभार प्रकाष डामोर ने माना। उक्त जानकारी कैथोलिक डायसिस झाबुआ के मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने दी।

बेकरार हूं सीबीआई को रामकहानी बताने के लिए : कुणाल घोष

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तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद और शारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी कुणाल घोष ने शनिवार को कहा कि वे सीबीआई की पूछताछ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। करोड़ों रुपये के शारदा घोटाले की जांच अब सीबीआई के हाथों में है। घोटाले से जुड़े कई मामलों में आरोपों का सामना कर रहे कुणाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ली है। घोष बार-बार अपने कुछ पार्टी सहयोगियों के इस घोटाले में फंसे होने की दलील देते चले आ रहे हैं।

अदालत ले जाने के दौरान घोष ने कहा, "जब सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ले ली, तब मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर पुलिस क्यों मुझे प्रताड़ित करती चली जा रही है? मेरे खिलाफ रोज-ब-रोज मामले लाद रही है। सीबीआई सोमवार से औपचारिक रूप से अपनी जांच शुरू करेगी और मैं अपनी कहानी बताने के लिए बेकरार हूं।"

प्रधानमंत्री अपने पहली विदेश यात्रा पर भूटान पहुंचे

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26 मई को प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी आज अपने पहले विदेश दौरे पर भूटान पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री का ये दौरा दो दिन का होगा। मोदी की भूटान यात्रा को पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पीएम के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश सचिव सुजाता सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद हैं।

मोदी भूटान नरेश जिग्मे खेसर वांग्चुक, प्रधानमंत्री शेरिंग टॉबगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देश आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने आपसी कारोबार बढ़ाने और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में साझेदारी पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भूटान की नेशनल एसेंबली और नेशनल काउंसिल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। आपको बता दें कि जब मोदी वहां की संसद को संबोधित करेंगे तो कोई ताली नहीं बजेगी। भूटान में ऐसी मान्यता है कि ताली बुरी आत्माओं को भगाने के लिए बजाई जाती है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर भूटान में भी जबरदस्त तैयारियां की गई हैं। जगह-जगह सड़कों मोदी के स्वागत में बड़े बड़े पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इससे पहले भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टॉबगे 26 मई को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले विदेश दौरे को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने देर रात ट्वीट किया कि भूटान दौरे को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं, वहां भूटान नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री के साथ कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। भूटान और भारत के बीच एक खास रिश्ता है जो समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है। इसीलिए पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान मेरी स्वाभाविक पसंद था। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टॉबगे ने उम्मीद जताई की नरेंद्र मोदी का ये दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होगा।

प्रधानमंत्री ने कड़े फैसले लेने का संकेत दिया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की वित्तीय हालात को सुधारने के लिए एक दो साल तक 'कड़े फैसले'की जरूरत के प्रति आगाह किया है। उन्होंने आज कहा कि हो सकता है कि इस तरह के फैसले कुछ वर्गों को अच्छे नहीं लगें पर ये फैसले शुद्ध रूप से देश के हित में लिए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था के प्रबंध के पिछली सरकार के तौर तरीके की कड़ी आलोचना भी की।

मोदी ने यहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'अगले एक दो वर्षों में कड़े फैसले और कड़े उपायों की जरूरत है ताकि देश में वित्तीय अनुशासन आ सके। इससे देश का विश्वास बहाल और मजबूत होगा।'करीब तीन सप्ताह पहले सत्ता संभालने के बाद यह पहला अवसर है, जब मोदी ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के काम काज पर तीखे हमले किए। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने देश की बागडोर ऐसे समय में संभाली है, जबकि पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा है। वे सब खाली करके गए हैं। देश का वित्तीय स्वास्थ्य रसातल में चला गया है।'उन्होंने यह भी कहा कि थोड़े समय में उनकी सरकार के कुछ फैसले हो सकता सबको अच्छे न लगें।

मोदी ने कहा, 'मुझे अच्छी तरह से मालूम है कि मेरे फैसलों से उस असीम प्यार पर चोट लग सकती है जो देश ने मुझे दिया है। लेकिन मेरे देशवासी ऐसा समझेंगे कि इन फैसलों से वित्तीय हालात दुरुस्त होंगी और उसके बाद मैं उस प्यार को फिर हासिल कर लूंगा।'प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि अगर कठोर कदम नहीं उठाए गए तो वित्तीय स्थिति नहीं सुधरेगी। ऐसे में वह हर कदम उठाये जाने चाहिए, जिसकी हमें जरूरत है। मोदी ने कहा, 'हम मोदी और भाजपा की गुणगान करके देश का भला नहीं कर सकते। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि मोदी का गुणगान करने से हालत सुधरेगी। हमें वित्तीय हालात सुधारने के लिए कड़े फैसले करने की जरूरत है।'इसके थोड़ी ही देर बाद मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर एक लघु संदेश में कहा, 'राष्ट्रीय हित में कड़े फैसलों का समय आ गया है। हम जो भी फैसला करेंगे, वे शुद्ध रूप से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।'

नारायण मूर्ति दूसरी बार सेवा निवृत्त होंगे

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इंफोसिस के चेयरमैन एन.आर.नारायण मूर्ति तीन साल में दूसरी बार शनिवार को कंपनी को अलविदा कहने जा रहे हैं। कंपनी की स्थापना उन्होंने चार अन्य इंजीनियर साथियों के साथ 1981 में की थी। कंपनी में दोबारा नई ऊर्जा भरने के लिए इससे जुड़ने के एक साल बाद शनिवार को वह शीर्ष प्रबंधक का पद छोड़ रहे हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी की 8.3 अरब डॉलर की इस कंपनी से मूर्ति इसके नियमों के तहत 65 साल का होने के बाद अगस्त 2011 में सेवामुक्त हो गए थे, लेकिन कंपनी ने एक जून, 2013 को फिर अगले पांच सालों के लिए उन्हें चेयरमैन बनाया था। लेकिन मुख्य कार्यकारी के पद के लिए पहली बार कंपनी से बाहर के व्यक्ति प्रसिद्ध टेक्नोक्रैट विशाल सिक्का की चकित करने वाली नियुक्ति मूर्ति के इस्तीफे की वजह बनी है। उन्होंने पांच साल की अवधि पूरी होने से पहले ही पदत्याग का मन बना लिया।

मूर्ति ने कंपनी की 33वीं वार्षिक बैठक से पूर्व कहा कि मैं अपनी वापसी के एक साल बाद पदत्याग करने का फैसला नए प्रबंधन को जिम्मेदारियों के सरल हस्तांतरण के लिए किया है और इंफोसिस को भविष्य में प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारतीय ब्रांड का अगुआ बनाने के लिए सिक्का को खुली छूट देता हूं। मूर्ति ने कर्मचारियों, ग्राहकों, निवेशकों व शेयरधारकों से अपने विदाई भाषण में कहा कि बेहद कम लोगों को कंपनी का लाभ बढ़ाने के लिए दोबारा, वह भी सेवानिवृत्ति के बाद काम करने का अवसर मिलता है।  

शक्तिकांत दास बने राजस्व सचिव

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केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्तासीन होने के तीन हफ्ते बाद वित्त मंत्रालय में आज भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1980 बैच के अधिकारी शक्तिकांत दास को राजस्व सविच के पद पर नियुक्त किया गया। वह राजीव टकरू का स्थान लेंगे।

शीर्ष अधिकारी ने बताया कि 57 वर्षीय दास वर्तमान में उर्वरक सचिव है। वह सोमवार या मंगलवार को अपना पद ग्रहण कर सकते हैं। 59 वर्षीय राजीव टकरू को पूर्वोत्तर क्षेत्र विभाग (डीओएनईआर) पद पर नियुक्त किया गया है। दास 26 दिसंबर से उर्वरक सचिव पद पर कार्यरत थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे।

उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के तीन सप्ताह बाद वित्त मंत्रालय के शीर्ष पदों पर यह पहला बदलाव है। वित्त मंत्रालय इस समय नरेन्द्र मोदी सरकार का पहला बजट तैयार कर रहा है। यहां अरविन्द मायाराम वित्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनके अलावा बार पी वट्टल व्यय सचिव, रवि माथुर विनिवेश सचिव और जी एस संधू वित्तीय सेवा सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।

दास दिल्ली के सेंट स्टीफेन कालेज से परास्नातक हैं। उनके पास केन्द्र एवं राज्य स्तर पर वित्त एवं संबंधित मामलों में कार्य करने का 12 वर्ष का अनुभव है। इसके अलावा उनके पास ढांचागत क्षेत्र एवं इससे जुड़े मामलों में कार्य करने का 11 वर्ष का अनुभव है।

फादर्स-डे : माता-पिता को अपने नहीं, उन्हीं के नजरिये से समझें।

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15 जून को आधुनिक पाीढी का फादर्स-डे अर्थात् पितृदिवस है। बहुत सारी दुकानें पिताओं को दिये जाने वाले रंग-बिरंगे सुन्दर तथा आकार्षक कार्ड्स से सजी हुई हैं। दुकानों पर पिता की पसीने की कमाई से खरीदे गये ब्राण्डेड चमचमाते कपड़ों में सजे-धजे युवक-युवतियां अपने पिता को एक कागज का रंगीन टुकड़ा (कार्ड) खरीद कर पितृभक्त बेटा या बेटी होने का प्रमाण देने या अपने पिता को ये अहसास करवाने को कि हॉं उनको अभी भी याद है कि उनका एक पिता भी है, कार्ड खरीदने में अपने बॉय फ्रेण्ड या गर्ल फ्रेण्ड या दोस्तों के साथ मशगूल दिखाई देते हैं।

पहला दृश्य : बुढ्ढे लोग फादर्स डे की इम्पार्टेंस क्या जानें?
लड़की का बॉय फ्रेण्ड, श्रुति तुम भी पागल हो अपने खड़ूस पिता के लिये इतना मंहगा कार्ड सिलेक्ट कर रही हो?
श्रुति, देखो बंटी कम से कम आज तो मेरे फादर को कुछ मत बोलो। माना कि मेरे फादर थोड़े कंजूस हैं, मगर तुम्हारी श्रुति को उन्होंने ही तो तुम्हारे लिये इतना बड़ा किया है।
बंटी, ठीक है जल्दी करो कोई सस्ता सा कार्ड खरीद लो वैसे भी बुढ्ढे लोग फादर्स डे की इम्पार्टेंस क्या जानें?
दूसरा दृश्य : तुम्हारे डैड ने नयी बाइक दिला दी तो फादर्स डे के कार्ड की कीमत मैं दूंगी।
मोहित, प्रीति जरा मेरी मदद करो आज फादर्स डे है, कोई ऐसा सुन्दर सा कार्ड छांटने में मेरी मदद करो, जिसे देखकर मेरे डैड खुश हो जायें और मुझे नयी बाइक के लिये रुपये दे दें।
प्रीति, फिर तो मजा आ जायेगा। यदि तुम्हारे डैड ने नयी बाइक दिला दी तो फादर्स डे के कार्ड की कीमत मैं दूंगी।
तीसरा दृश्य : जब तक कर्जा अदा ना कर दूं मेरा बीस लाख का मकान आपके यहां गिरवी रहेगा।
सेठ जी मेरे बेटे का डॉक्टरी की पढाई के लिये एडमीशन करवाना है, जिसके लिये मेरे मकान को गिरवी रख लो, मगर मुझे हर महिने बेटे को भेजने के लिये जरूरी रकम देते रहना। मैं सूद सहित आपके कर्जे की पाई-पाई अदा कर दूंगा। जब तक कर्जा अदा ना कर दूं मेरा बीस लाख का मकान आपके यहां गिरवी रहेगा।
चौथा दृश्य : मैं भी इस बार नये कपड़े नहीं बनवाऊंगा, लेकिन बच्चों को जरूर अच्छे स्कूल में पढने डालेंगे।
पत्नी, देखोजी अपने बच्चे स्कूल जाने लायक हो गये हैं। इनको किसी ठीक से स्कूल में पढाने के लिये जुगाड़ करो।
पति, मेरे पास इतने रुपये कहां हैं, मुश्किल से पांच-छ: हजार रुपये कमा पाता हूं। डेढ हजार तो मकान किराये में ही चले जाते हैं। बाकी से घर का खर्चा ही मुश्किल से चलता है।
पत्नी, कोई बात नहीं मैं झाड़ू-पौछा किया करूंगी, लेकिन बच्चों को जरूर अच्छे से स्कूल में पढाना है। हम तो नहीं पढ सके मगर बच्चों के लिये हम कुछ भी करेंगे।
पति, ठीक है तू ऐसा कहती है तो मैं भी इस बार नये कपड़े नहीं बनवाऊंगा, लेकिन बच्चों को जरूर अच्छे स्कूल में पढने डालेंगे।
तीन सौ पैंसठ दिन कुछ भी करें, मगर एक दिन अपने कर्त्तव्यों की औपचारिकता पूरी करके अपराधबोध से मुक्ति पायी जा सके : यद्यपि भारत जैसे देश में माता-पिता दिवस की कभी कोई परम्परा नहीं रही। भारत में माता और पिता द्वारा अपनी सन्तानों के लिये तथा सन्तानों द्वारा अपने माता-पिता के लिये किये गये त्याग और बलिदान के ऐसे-ऐसे उदाहरण मौजूद हैं, जो संसार में अन्यत्र कहीं भी नहीं मिल सकेंगे। लेकिन अब ये सब इतिहास की बातें या आज की पीढी की नजर में खोखली बातें हो चुकी हैं। आज की पीढी का गुरू तो गूगल है और सलाहकार उनके मित्र-साथी। जिनमें से अधिकतर पश्‍चिम की सभ्यता से प्रभावित और प्रेरित हैं। इसीलिये आज के दौर में माता-पिता दिवस, मित्र दिवस, आदि अनेक नये-नये दिवस ईजाद कर लिये गये हैं। जिससे कि तीन सौ पैंसठ दिन कुछ भी करें, मगर एक दिन अपने कर्त्तव्यों की औपचारिकता पूरी करके अपराधबोध से मुक्ति पायी जा सके। हॉं हमारे देश में मातृ-ॠण और पितृ-ॠण को चुकाने की परम्परा अवश्य शुरू से रही है।

बिन माँ के बच्चे मॉं के आलिगंन को तरसते-तड़पते और सब के बीच भी सबसे कोसों दूर नजर आते हैं : मातृ-ॠण को तो आज तक कोई चुका ही नहीं पाया और किसी भी शास्त्र में मातृ-ॠण से उॠण होने का कोई उपाय नहीं है। हॉं ये जरूर कहा गया है कि मातृ-सेवा, मातृ ॠण से कुछ सीमा तक उॠण होने का एक सुगम मार्ग है। माता तो वो दिव्य शक्ति, वो अनौखी मूरत होती है जो बच्चों के लिये सब कुछ होती है। फिर भी बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जो अपनी मॉं को नहीं समझ पाते हैं। बहुतों को माता का आलिगंन, प्रेमभरा स्पर्श और मॉं का आशीष कैसा होता है, ज्ञात ही नहीं होता। उनके होश संभालने से पहले ही मॉं जुदा हो चुकी होती हैं। बहुत सारे बच्चे मेरे बच्चों जैसे होते हैं, जिनकी मॉं अपना निश्छल प्यार लुटाकर अधबीच में ही दुनिया से विदा हो चुकी होती हैं। ऐसे में बच्चे गुमसुम, सहमे-सहमे, भर्राये गले से चाहकर भी जी भरकर रो नहीं सकने वाले, अविकसित पुष्प जैसे, अधखिले यौवन की दहलीज पर मॉं के आलिगंन को तरसते-तड़पते और सब के बीच भी सबसे कोसों दूर नजर आते हैं।  

बिना पत्नी के योगदान के कोई पिता अपने बच्चों की नजर में एक सफल पिता नहीं बन सकता : जब बच्चों के सिर से मॉं का साया छिन जाता है तो ऐसे बच्चों के पिता की जिम्मेदारी कई गुना बढ जाती है, मगर अकसर पिता अपने आप को कदम-कदम पर नि:सहाय पाते हैं। बच्चे जो अपनी मॉं के सामने अपनी हर छोटी बड़ी उलझन या मन की व्यथा या गुथ्थी को सहजता खोल कर रख देते थे, वही बिन मॉं के बच्चे अपने पिता के सामने अपने दर्द, जरूरत या अपने मन की उलझनों को खोलकर बताना तो दूर, दिनोंदिनों अधिक और अधिक उलझते जाते हैं। एक पिता कितना ही प्रयास करे वो कभी मॉं नहीं बन सकता। बच्चों की मॉं छिन जाने के बाद एक पिता बेशक दोहरे कर्त्तव्यों का निर्वाह करने का प्रयास करे, मगर वह हर कदम पर खुद को असफल ही पता है। न वह पिता रह पाता है और न हीं वह बच्चों की मॉं के अभाव को कम कर पाता है। सच तो यह है कि एक पिता को पिता बनाने में भी उसकी पत्नी का अहम योगदान होता है। बिना पत्नी के योगदान के कोई पिता अपने बच्चों की नजर में एक सफल पिता नहीं बन सकता। उसे पितृत्व का निर्वाह करने के लिये हर कदम पर पत्नी के सहारे की अनिवार्यता होती है। ऐसे में बिना पत्नी के मॉं बनना तो बहुत दूर एक पिता बने रहना भी केवल चुनौती ही नहीं, बल्कि असम्भव हो जाता है!

कोई भी पिता अपने बच्चों को जिन्दीभर की कमाई को खर्च करके भी ऐसा तौहफा खरीदकर नहीं दे सकता जो उनकी मॉं का स्थान ले सके : हॉं मैंने अपनी पत्नी के देहावसान के बाद कदम-कदम पर इस बात को अवश्य अनुभव और महसूस किया है कि बच्चों की दृष्टि में माता के बिना घर केवल मकान है और पत्नी के बिना, पति का जीवन वीरान है। सबसे बड़ी बात ये कि कोई भी पिता अपने बच्चों को जिन्दीभर की कमाई को खर्च करके भी ऐसा तौहफा खरीदकर नहीं दे सकता जो उनकी मॉं का स्थान ले सके। मैं यह भी खुले हृदय से स्वीकार करता हूँ कि बहुत कम पति-पत्नी इस बात को जानते हैं कि वे अपने जीवन-साथी को उसकी अच्छाईयों और कमियों के साथ हृदय से स्वीकार करके पूर्णता से आपस में प्यार करें तो वे अपने बच्चों को अपनी जिन्दगी का सबसे अमूल्य तौहफा दे सकते हैं। ऐसा करने के बाद बच्चों के दिल में माता-पिता के प्रति कभी न समाप्त होने वाला अपनत्व का झरना सदैव स्वत: ही फूटता रहता है।

जो पुत्र अपने माता-पिता की सेवा, आदर-सम्मान के साथ नहीं करता, वह चाहे जो भी हो नरक को प्राप्त होगा : जहॉं तक पितृ ॠण की बात है तो श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान भागवत मर्मज्ञ गोस्वामी गोविंद बाबा मथुरावासी ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुत्र अपने माता-पिता के ॠण से कभी उॠण नहीं हो सकता। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता से यही कहा है। जो पुत्र अपने माता-पिता की सेवा, आदर-सम्मान के साथ नहीं करता, वह चाहे जो भी हो नरक को प्राप्त होगा।

पितृ-ॠण तीसरा ॠण, पिता को दूसरे गुरु का दर्जा : जहां तक भारतीय धर्म-संस्कृति की बात करें तो पितृ-ॠण को सन्तान पर, विशेषकर पुत्रों पर तीसरा ॠण बताया गया है। कहा गया है पितृ हमें सुयोग्य बनाते हैं। हम भी भावी सन्तान को सुयोग्य बनावें। भावी पीढ़ी के उचित निर्माण के लिए ध्यान न दिया जायेगा, तो भविष्य अन्धकारमय बनेगा। यही नहीं पितृ का अर्थ गुरु भी कहा गया है। पिता को सन्तान का माता के बाद दूसरे गुरु का दर्जा प्राप्त है।

पितृ ॠण शीर्षक से मैंने श्री राजेश्‍वर नामक एक लेखक की एक कविता पढी थी, जिसका उल्लेख किये बिना फादर्स डे की यह चर्चा अधूरी ही रहेगी। श्री राजेश्‍वर जी लिखते हैं कि- 
कैसे उतारेगे पितृॠण, यह समझ में ना आये!
कहां ढूंढे उन्हें हम, जिन्होंने जीवन के पहले पाठ पढ़ाये?
जब तक वो थे, ना कर सके मन की बात!
आज वो दूर हैं, तो ढूंढ रहे हैं दिन रात!!
हाथ पकड़ कर जिन्होंने हमें था चलना सिखाया!
आज नहीं रही है, हमारे उपर उनकी छत्रछाया!!
कितना कुछ कहना सुनना था, सब रह गयी अधूरी बात!
अब तो केवल सपनों में, होती है मुलाकात!!
जीवन भर संघर्ष करके, दिया हमे सुख सुविधा आराम!
अपने सपनों में खोये रहे हम, आ ना सके आपके काम!!
ईश्‍वर से है यही प्रार्थना, कर ले वो आपका उद्धार!
आपके चरणों की सेवा, का अवसर मिले मुझे बार बार!!
हर जनम में मिले बाबूजी, केवल आपका साथ!
पथ प्रदर्शक बन के पिता, आप फिर थामना मेरा हाथ!!
आपकी तपस्या व साधना, नहीं हो सकती है नश्‍वर!
अमर करेगा इस नाम को देकर पितृॠण राजेश्‍वर!!
चाहे आप पर कितना ही नाराज हो लें, मगर वे रोते हैं-अकेले में अपने बच्चों के लिये और बिना बच्चों के माता-पिता पंखहीन पक्षी होते हैं। बच्चे माता-पिता की आस, आवाज, तमन्ना, सांस और विश्‍वास होते हैं।बच्चे माता-पिता के बगीचे के फूल होते हैं। भला ऐसे में बच्चों के बिना कोई माता या पिता कैसे खुश या सहजता से जिन्दा भी रह सकता है? : अन्त में उन सभी को जो अपने-अपने माता-पिता से स्नेह करते हैं, करना चाहते हैं या किसी कारण से अपने स्नेह को व्यक्त नहीं कर पाते हैं। उनको मेरी यही है राय-माता-पिता चाहे गुस्से में कितना भी कड़वा बोलें, चाहे आप पर कितना ही नाराज हो लें, मगर वे रोते हैं-अकेले में अपने बच्चों के लिये और बिना बच्चों के माता-पिता पंखहीन पक्षी होते हैं। बच्चे माता-पिता की आस, आवाज, तमन्ना, सांस और विश्‍वास होते हैं। बच्चे माता-पिता के बगीचे के फूल होते हैं। भला ऐसे में बच्चों के बिना कोई माता या पिता कैसे खुश या सहजता से जिन्दा भी रह सकता है? सच में यही है माता-पिता का सम्मान कि उनको अपने नहीं, उन्हीं के नजरिये से समझें।

अन्त में आज के दौर के पिता-पुत्र के रिश्तों की हकीकत एक बुजर्ग के के लफ्जों में : 
‘‘एक जमाना था, जब हमारे पिता हमें अपनी गलती बताये बिना हमारे गालों पर तड़ातड़ थप्पड़ जड़ दिया करते थे। हम खूब रो लेने के बाद अपने पिता के सामने बिना अपना अपराध जाने हाथ जोड़कर माफी मांग लेते थे। पिता फिर भी गुस्से में नजर आते थे। हॉं रात को मॉं बताती थी कि बेटा तुमको पीटने के बाद तुम्हारे बाबूजी खूब रोये थे। जबकि आज हालात ये है कि बेटा बिना कोई कारण बताये अपने पिता को खूब खरी-खोटी सुना जाता है और अपनी पत्नी के साथ घूमने निकल जाता है। शाम को पिता अपने बेटे के समक्ष नतमस्तक होकर बिना अपना गुनाह जाने माफी मांगता है, लेकिन बेटा पिता से कुछ बोले बिना उठकर पत्नी और बच्चों के साथ जा बैठता है। लेकिन पौता ये सब देख रहा है और सूद सहित अनुभव की पूंजी एकत्रित कर रहा है।’’




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डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ 

विशेष : भ्रष्टाचारियों को बचाने को प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार!

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तथाकथित प्रचलित कमीशन रूपी रिश्‍वत के विभाजन की प्रक्रिया के अनुसार कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं को ठेकेदारों द्वारा कमीशन सीधे नगद भुगतान किया जाता है, जबकि सभी कार्यपालक अभियन्ताओं द्वारा अपने-अपने अधीन के निर्माण कार्यों को कराने वाले कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं से संग्रहित करके समस्त कमीशन को समय-सयम पर मुख्य अभियन्ता को पहुँचाया जाता रहता है। मुख्य अभियन्ता अपना हिस्सा काटने के बाद शेष राशि को अपने विभाग के विभागाध्यक्ष/ एमडी/सीएमडी/सचिव (ये सभी सामान्यत: आईएएस ही होते हैं) को पहुँचाते हैं। जिसमें से सभी अपना हिस्सा रखने के बाद निर्धारित राशि विभाग के मंत्री को पार्टी फण्ड के नाम पर भेंट कर दी जाती है। इस प्रकार सवा सौ करोड़ रुपये के कार्य में से पच्चीस करोड़ रुपये का विभाजन तो बिना किसी व्यवधान के आसानी से कमीशन के रूप में चलता रहता है। ठेकेदार को भी इसे अदा करने में कोई दिक्कत नहीं आती है। क्योंकि उसे कार्य केवल सौ करोड़ का ही करना होता है और पच्चीस करोड़ का कमीशन भुगतान करने की अलिखित शर्त पर ही कार्य मिलता है। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है, जबकि आमतौर पर कुछ अति लालची/चालाक मुख्य अभियन्ता या विभाग प्रमुख, मंत्री के नाम पर सवा सौ करोड़ के कार्य में से पच्चीस करोड़ के बजाय चालीस-पचास करोड़ रुपये की राशि को कमीशन के रूप में प्राप्त करने के लिये नीचे के अभियन्ताओं पर दबाव बनाते हैं।


राजस्थान सरकार ने राज्य के दो दर्जन से अधिक भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों अर्थात जनता के नौकरों अर्थात् लोक सेवकों पर जनहित को दरकिनाकर करते हुए दरियादिली दिखायी है। ये सभी लोक सेवक किसी न किसी गैर कानूनी कार्य या गलत कार्य को करते हुए या जनहित को नुकसान पहुँचाते हुए या राज्य के खजाने या जनता को लूटते हुए रिश्‍वत लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे। जिन्हें बाकायदा गिरफ्तार भी किया गया और ये जेल में भी बन्द रहे थे। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कड़ी मेहनत करके इन सभी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाकर मामले को अदालत में प्रस्तुत करके इन्हें दोषी सिद्ध करने का सराहनीय साहस दिखाने का बीड़ा उठाया, लेकिन भय, भूख और भ्रष्टाचार को समाप्त करके राम राज्य की स्थापना करने को प्रतिबद्ध भाजपा की राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को कह दिया है कि सरकार की नजर में इन लोक सेवकों ने कोई गलत काम नहीं किया। अत: इनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

आये दिन इस प्रकार के वाकये केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि हर राज्य में और हर पार्टी की सरकार द्वारा अंजाम दिये जाते रहते रहते हैं। आम जनता समाचार-पत्रों में इस प्रकार के समाचार पढ कर अपना सिर नौचने के अलावा कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन कहीं न कहीं मन में यह सवाल जरूर उठता है कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिये इस प्रकार के मनामने निर्णय क्यों लिये जाते हैं? सरकार भ्रष्ट लोक सेवकों को क्यों बचाती रहती है या भ्रष्टाचारियों को क्यों संरक्षण प्रदान करती है? करोड़ों देशवासियों के मन में कौंधते इसी प्रकार के सवालों का यहॉं पर उत्तर तलाशने का प्रयास किया गया है।

तथाकथित रूप से सर्वविदित तथ्य यह है कि सरकारी महकमे में नीचे से ऊपर तक हर एक कार्य के निष्पादन में अफसरों की भागीदारी होती है। आजादी के पूर्व से चली आयी इस अलिखित तथाकथित परम्परा का निर्वाह बहुत ईमानदारी से किया जाता है। जनहित का कार्य गुणवत्ता और ईमानदारी के साथ पूरा हो या न हो लेकिन कमीशन रूपी रिश्‍वत का विभाजन पूर्ण ईमानदारी से अवश्य किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताई या लेट लतीफी बर्दाश्त नहीं की जाती है। 

इस तथाकथित बेईमानी की ईमानदार प्रक्रिया को समझने के लिये हम किसी भी सरकार के किसी भी इंजीनियरिंग विभाग के एक उदाहरण से आसानी से समझ सकते हैं। माना कि किसी सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कोई निर्माण कार्य करवाना है तो उस कार्य का अनुमानित लागत का प्रपत्र, जिसे एस्टीमेट कहा जाता है, उस क्षेत्र के कनिष्ठ अभियन्ता द्वारा बनाकर सहायक अभियन्ता, कार्यपालक अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता और मुख्य अभियन्ता के मार्फत एमडी/सीएमडी/विभागाध्यक्ष या सचिव या मंत्री के समक्ष अनुमोदन हेतु पेश किया जाता है।

तथाकथित प्रचलित सामान्य प्रक्रिया के अनुसार यदि सौ करोड़ का निर्माण कार्य करवाना है तो कनिष्ठ अभियन्ता से सवा सौ करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनवाकर प्रस्तुत करवाया जाता है। इस पच्चीस करोड़ की राशि का निर्धारित प्रतिशत में नीचे से ऊपर तक प्रत्येक कार्य प्राप्त करने वाले ठेकेदार के द्वारा कार्य के प्रत्येक चरण के पूर्ण होने पर सीधे या निम्न स्तर के अभियन्ताओं के मार्फत नगद भुगतान किया जाता है।

तथाकथित प्रचलित कमीशन रूपी रिश्‍वत के विभाजन की प्रक्रिया के अनुसार कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं को ठेकेदारों द्वारा कमीशन सीधे नगद भुगतान किया जाता है, जबकि सभी कार्यपालक अभियन्ताओं द्वारा अपने-अपने अधीन के निर्माण कार्यों को कराने वाले कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं से संग्रहित करके समस्त कमीशन को समय-सयम पर मुख्य अभियन्ता को पहुँचाया जाता रहता है। मुख्य अभियन्ता अपना हिस्सा काटने के बाद शेष राशि को अपने विभाग के विभागाध्यक्ष/ एमडी/सीएमडी/सचिव (ये सभी सामान्यत: आईएएस ही होते हैं) को पहुँचाते हैं। जिसमें से सभी अपना हिस्सा रखने के बाद निर्धारित राशि विभाग के मंत्री को पार्टी फण्ड के नाम पर भेंट कर दी जाती है। इस प्रकार सवा सौ करोड़ रुपये के कार्य में से पच्चीस करोड़ रुपये का विभाजन तो बिना किसी व्यवधान के आसानी से कमीशन के रूप में चलता रहता है। ठेकेदार को भी इसे अदा करने में कोई दिक्कत नहीं आती है। क्योंकि उसे कार्य केवल सौ करोड़ का ही करना होता है और पच्चीस करोड़ का कमीशन भुगतान करने की अलिखित शर्त पर ही कार्य मिलता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्या तब उत्पन्न होती है, जबकि आमतौर पर कुछ अति लालची/चालाक मुख्य अभियन्ता या विभाग प्रमुख, मंत्री के नाम पर सवा सौ करोड़ के कार्य में से पच्चीस करोड़ के बजाय चालीस-पचास करोड़ रुपये की राशि को कमीशन के रूप में प्राप्त करने के लिये नीचे के अभियन्ताओं पर दबाव बनाते हैं। जिसकी उगाही नहीं करने पर उनकी नौकरी जाने का खतरा बना रहता है। साथ ही इस मनमानी वसूली करने पर ठेकेदार भी कार्य की गुणवत्ता को गिरा देता है, फिर भी कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं को अपनी नौकरी को दाव पर लगाकर यह प्रमाणित करना होता है कि ठेकेदार द्वारा निर्धारित मापदण्डों और शर्तों के अनुसार ही निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। यदि वे ऐसा नहीं लिखें तो ठेकेदार को भुगतान नहीं हो सकता और भुगतान नहीं होगा तो किसी को कमीशन का एक पैसा भी नहीं मिलेगा। ऐसे में कुछ कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं द्वारा ऐसा प्रमाण-पत्र जारी करने से पूर्व ठेकेदार पर निर्धारित रीति से सही काम करने का दबाव बनाया जाता है। लेकिन ऐसे हालातों में निर्धारित मापदण्डों और शर्तों के अनुसार सही काम करवाने के बाद ठेकेदार द्वारा अधिक कमीशन देने में आनाकानी की जाती है। जबकि ऊपर से अत्यन्त दबाव होता है जो कनिष्ठ व सहायक अभियन्ताओं के मार्फत ठेकेदार तक जाता है। ऐसे में ठेकेदार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से सम्पर्क साधकर सम्बन्धित कनिष्ठ या सहायक अभियन्ता को रंगे हाथों कमीशन रूपी रिश्‍वत को लेते गिरफ्तार करवा देते हैं। अखबारों में रिश्‍वत लेने की खबरें छपती हैं। पकड़े गये अभियन्ता का सामाजिक मानसम्मान सब कुछ ध्वस्त हो जाता है।

इसके बावजूद भी बहुत कम ऐसे अभियन्ता या रिश्‍वतखोर लोक सेवक होते हैं, जिनको सजा मिलती है। कारण कि पकड़े गये अभियन्ता या रिश्‍वतखोर लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सरकार द्वारा दी जाती है। सरकार का मतलब एमडी/सीएमडी/सचिव/मंत्री जो अधिकतर मामलों में ऐसी स्वीकृति नहीं देते हैं, क्योंकि उनको धन एकट्ठा करने के कारण ही तो अभियन्ता या रिश्‍वतखोर लोक सेवकों को पकड़ा जाता है। लेकिन कभी-कभी इसमें भी व्यवधान आ जाता है। कमीशन मांगने वाले और अभियोजन चलाने की स्वीकृति देने वाले अधिकारी बदल जाते हैं। ऐसे में आपसी सामंजस्य बिगड़ जाता है या मामले को मीडिया में उठवा दिया जाता है और कभी-कभी अभियोजन चलाने की स्वीकृति मिल भी जाती है। फिर भी अदालत से दो फीसदी से अधिक मामलों में सजा नहीं मिलती है। क्योंकि मामले को कोर्ट के समक्ष सिद्ध करने की जिम्मेदारी जिन लोक सेवकों के ऊपर होती है, उनके साथ आरोपियो द्वारा आसानी से सामंजस्य बिठा लिया जाता है।  

बताया यह भी जाता है कि जब भी नयी सरकार या नये मंत्री या नये विभागाध्यक्ष पदस्थ होते हैं, आमतौर पर भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गये लोक सेवकों से मोटी रकम वसूल करके उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति देने से किसी न किसी बहाने इनकार कर देते हैं और ऐसे लोक सेवकों को माल कमाने के लिये मलाईदार पदों पर पदस्थ करके उन्हें उपकृत कर देते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो या भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिये कार्य करने वाली सरकारी एजेंसियों का हतोत्साहित होना स्वाभाविक है। कभी-कभी इसका परिणाम ये होतो है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो या भ्रष्टाचार उन्मूलन ऐजेंसी द्वारा रिश्‍वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर खुद ही सौदा कर लिया जाता है और आरोपियों को छोड़ दिया जाता है।

अच्छे दिनों के सपने दिखाने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की राजस्थान सरकार लोकसभा चुनावों के बाद असली रंग में आ चुकी है और अपने पिछले कार्य काल की ही भांति मनमानी और अफसरों की तानाशाही प्रारम्भ हो चुकी है। यही कारण था कि पिछली बार भाजपा और कॉंग्रेस का पतन हुआ था, लेकिन सत्ता में आते ही जनहित सहित सब कुछ भुलाकर राजनेता और अफसरशाही का अटूट भ्रष्ट गठजोड़ केवल और केवल माल कमाने में मशगूल हो जाता है।




डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
मोबाईल : -098750661111
-लेखक 1993 से देश भर में सेवारत-"भ्रष्टाचार एवं अत्याचार 
अन्वेषण संस्थान" (बास) का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। 

विशेष : आपदा का एक साल: बारिश को देख आज भी सिहर जाते हैं केदार घाटी के लोग

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  • सब कुछ पहले जैसा लेकिन हर जगह मातम ही मातम 


kedarnath flood after an year
एक साल हो गए इस बीभत्स त्रासदी के लेकिन सब पहले जैसा लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी से जूझती केदारघाटी 16-17 जून 2013 की आपदा के एक साल बाद भी हल्की से बारिश तक से सिहर उठती है। आपदा के एक साल बाद भी बरसात की बूंदों को देखकर केदार घाटी के लिए यह तय करना मुश्किल है कि यह बूंदे जीवनदायिनी हैं या मौत जलजला। कारण एक साल में भी केदारघाटी को यह विश्वास नहीं है कि वे पहाड़ों की गोद में सुरक्षित हैं। उनके जेहन में आज भी यह बात उनके जेहन में रह -रह कर कांैधती है कि अगर शिव का तीसरा नेत्र खुला तो तबाही का फिर वही मंजर सामने हो सकता है। बचाव और राहत वाले उतने ही लाचार दिख सकते हैं जितना कि एक साल पहले दिखाई दिए थे। जान बचाने से लेकर जान लेने तक के वही किस्से सामने आ सकते हैं। लेकिन वे फिर उसी शिव के भरोसे वहां रहने को मजबूर हैं जिसके तीसरे नेत्र की तबाही ने उनका सब कुछ पिछले साल लील लिया था, उन्हे सरकारों पर तो तनिक भी भरोसा नहीं लेकिन उसी भगवान भोले पर विश्वास है कि वे ही उनके जीवन में खुशियां दे सकते हैं।  

हर तरफ लापरवाही ही लापरवाही का मंजर
kedarnath flood after an year
16-17 जून, 2013 के बाद बहुगुणा शासनकाल में आपदा से निपटने के जितने वादे हुए वे धरातल पर नहीं उतरे। न खतरे की पूर्व चेतावनी का तंत्र ही सही तरीके से विकसित हो पाया। न यह साफ है कि मानसून में पहाड़ किस-किस तरह के खतरे की जद में आ सकता है। न नदियों के बाढ़ क्षेत्र, नदी नालों के किनारे से लोग हटे और न ही यह आकलन हो पाया कि नदियां, नाले अगर विकराल हो जाएं तो कितना नुकसान हो सकता है। न इस बात की पड़ताल हुई कि आपदा के लिहाज से कौन-कौन से गांव, शहर खतरे की जद में हैं। न वैकल्पिक सड़क मार्ग बन पाए और न ही पुल-पुलिया। न नदियों का मलवा हट पाया और न ही बाढ़ नियंत्रण के काम पूरे हो पाए हैं।

एक साल बाद भी मंदाकिनी और अलकनंदा के पानी की तरह रिस रहे हैं जख्म
  • नहीं बन पाया ग्लेशियर, झीलों की निगरानी का तंत्र

हालांकि आपदा के तुरंत बाद से ही सबक सीखने की बात बहुत हुई। पर धरातल पर कुछ नहीं। न प्रदेश का आपदा प्रबंधन तंत्र डाप्लर रडार लगा पाया। न ग्लेशियर झीलों की निगरानी का तंत्र विकसित हो पाया। न संचार की विश्वसनीय व्यवस्था विकसित हो पाई। आपदा प्रबंधन की अधिकतर योजनाएं कागजों पर हैं और वक्त आने पर उनका कितना उपयोग हो पाएगा यह भी साफ नहीं है। आपदा प्रबंधन तंत्र संविदा अधिकारियों के भरोसे हैं। इन अधिकारियों की मुसीबत यह है कि जिला स्तर पर ये पुलिस और अन्य महकमों के संपर्क में कम ही हैं। अगर फिर आपदा आई, मौसम फिर खराब रहा, लगातार तेज बरसात रही तो। एक बार फिर पहाड़ की सांसों को थामने वाली सड़कों का बुरा हाल तय है। कारण सिरोबगड़ से लेकर पिछली आपदा के दौरान नए बने करीब 192 भूस्खलन क्षेत्र फिर से सक्रिय हो सकते हैं। भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट नही हुआ। पिछली आपदा में आपदाग्रसित गांवों की संख्या दोगुनी हो गई थी।

आपदा पुर्नवास कार्य फाइलों में होकर रह गए कैद
फिर वही हालात बने तो ऐसे गांवों की संख्या 271 से और अधिक हो जाये। एक भी अति संवेदनशील गांव इस एक साल में शिफ्ट नहीं हो पाया। पुनर्वास फाइलों में कैद है। आपदा के एक साल बाद राहत और बचाव के क्या हाल हैं। एसडीआरएफ की दो कंपनी केदारनाथ रूट पर तैनात हैं। नेहरु पर्वतारोहण संस्थान सक्रिय है। पिछले साल पुलिस और बचाव दल शुरू के तीन दिन तक सड़क और संपर्क मार्गों के टूटने के कारण आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच ही नहीं पाए थे। सेना ने हैलीकाप्टर की मदद से राहत और बचाव का अभियान चलाया था। ठीक यही स्थिति इस बार भी सामने दिख रही है। इतना साफ दिख रहा है कि फिर आपदा आई तो प्रदेश सरकार के पास सेना से मदद मांगने के अलावा कोई और चारा नही होगा। इस एक साल में एक बार भी ऐसी कोई मॉक ड्रिल नही हुई जिससे यह पता लगता कि आपदा को लेकर संबंधित विभाग और अन्य ऐजेंसियां कितनी तत्पर हैं पर पिछली आपदा के कारण लोग अपने स्तर पर सतर्क हैं और सरकारी मशीनरी भी यह जान चुकी है कि हालात किस हद तक विकट हो सकते हैं। लिहाजा तत्परता में थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है पर इससे हालात बदल जाएंगे यह कहना मुश्किल है। चार धाम यात्रा को लेकर इस बार इतनी भीड़ नही है पर पहाड़ों में बसे लोगों के सर पर तलवार तो लटकी ही हुई है।

कई सवाल अभी खड़े हैं जिनका जवाब नहीं किसी के पास
उत्तराखंड त्रासदी की भयानक तस्वीरें एक बार फिर आंखों के सामने आ गईं। तबाही की चपेट में आए लोगों का भारी संख्या में नरकंकाल एक बार फिर मिले हैं। अभी तक बर्फ जमी होने के कारण वहां कुछ भी नहीं दिख रहा था। उत्तराखंड में जंगलचट्टी इलाके में बर्फ पिघलने के बाद केदारनाथ हादसे के शिकार लोगों के नरकंकाल और शव फिर से मिलने लगे। आसपास रह रहे लोगों का दावा है कि जंगलचट्टी इलाके में सौ से ज्यादा नरकंकाल हो सकते हैं। नरकंकाल ऊपरी इलाकों में मिले। नरकंकाल देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंकाल ऐसे लोगों का है जिनकी जान भूख और प्यास से गई है। सरकारी सूची के अनुसार केदारनाथ हादसे में मारे गए लोगों की संख्या 3782 थी। उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल केदारनाथ हादसे के शिकार सभी शवों का अंतिम संस्कार करने का दावा किया था। वैसे सरकार ने मृतकों की संख्या बढ़ने की बात कही थी। नरकंकालों के मिलने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि शवों को तलाशने और उनके अंतिम संस्कार में कोताही बरती गई? सबसे बड़ा सवाल...केदारनाथ हादसे के शिकार लोगों के जो आंकड़े उत्तराखंड सरकार ने दिए थे, वो भी गलत थे? केदारनाथ हादसे के शिकार लोगों के नरकंकाल मिलने से उत्तराखंड की राजनीति गरमाई। उत्तराखंड बीजेपी ने केदारनाथ के आसपास फैले मलबे में सैकड़ों नरकंकाल के होने का दावा किया।

अभी तक नहीं बनी पुनर्वास और मुआवजे की नीति
16-17 जून 2013 की भीषण आपदा को एक वर्ष पूरा हो गया, मुआवजा बांटने, पुनर्वास का कार्य अभी भी अधूरा है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों के पैदल मार्ग, मोटर मार्ग कहीं खुले भी हैं तो जर्जर स्थिति में हैं। इन मार्गों को बंद होने के लिये पहली बरसात का इंतजार है। आपदाग्रस्त इलाकों में अभी भी पैदल और मोटर मार्ग बंद पड़े हैं। गांवों में बिजली, पानी की व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी हैं आपदा के जख्म हरे हैं और आपदा के बाद उठे सवाल आज भी जवाब मांग रहे हैं। चारधाम यात्रा, कैलाश यात्रा को शुरू करने से यह नहीं झुठलाया जा सकता है कि अभी भी उत्तराखंड का आपदाग्रस्त इलाका सामान्य स्थिति में नहीं आ पाया है। दुख की बात यह है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की आपदा की त्रासदी की चर्चाऐं हुई लेकिन सरकार ने अभी तक पुनर्वास और मुआवजे की नीति तक नहीं बनायी। 
  
धूल चाटने को मजबूर हैं मुआवजे की 12 हजार से अधिक फाइलें 
आपदा के एक साल बाद आज भी सरकार के पास आपदा के बाद होने वाले राहत, मुआवजे और पुनर्वास के लिये कोई रूट मैप तैयार नहीं है। विश्वबैंक तथा कुछ राज्यांे तथा केन्द्र सरकार की भारी भरकम सहायता के बाद सरकार ने मुआवजे की राशि कुछ बढ़ा दी लेकिन सरकार पुनर्वास पर एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी। उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों की तहसीलों में नुकसान से प्राप्त होेने वाले मुआवजे की 12 हजार से अधिक फाइलें धूल चाट रही हैं। अभी तक सरकार राहत, मुआवजा बांटने का कार्य भी पूरा नहीं कर पायी है। 

आपदा राहत फंड से हुआ हैलीकाप्टरों का करोड़ों रूपये का भुगतान
सरकार की इस धीमी गति के कारण आपदा प्रभावितों का धैर्य अब जवाब देने लगा हैं। धर-बार खो चुके आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिये विश्वबैंक द्वारा प्राप्त पांच लाख रूपये की राशि की कुछ किस्तें थमाकर सरकार अपनी पीठ खुद ही थपथपा रही है। उत्तराखंड की सरकार ने आपदा राहत फंड से हैलीकाप्टरों का करोड़ों रूपये का भुगतान कर दिया। जबकि उस समय राज्य के अपर मुख्य सचिव ने कहा था कि आपदा राहत कार्यों में लगाये गये हैलीकाप्टरों को सरकार को केवल ईंधन देना है लेकिन इनको एक मोटी राशि का भुगतान किया जाना चर्चा का विषय बना हुबा है। 

आखिर कौन है केदारघाटी का गुनहगार
  • पूर्वमुख्यमंत्री बहुगुणा और अपरमुख्य सचिव पर चले गैरइरादतन हत्या का मामलाः निशंक 

केदारघाटी की त्रासदी के एक साल बाद भी इस भयानक हादसे में मारे गए लोगांे के शवांे का नरकंकालो के तौर पर मिलना इस राज्य की सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा के लिये न सिर्फ शर्म की बात है बल्कि इसके मुंह पर करारा तमाचा भी है क्योकि आपदा के दौरान अपनों को खो चुके परिजन लगातार अपनों के लिये पिछले एक साल से भटक रहे थे लेकिन यहां की सरकार और अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा लगातार यही कहते रहे कि केदारघाटी में कोई शव नहीं इसीलिए हमको तीर्थयात्रियों को खोजने का काम बंद करना पड़ा है। लेकिन एक साल बाद अब जो देखने को मिल रहा है उसकी वजह से देश ही नहीं विदेशो में भी उत्तराखंड की छवि को बट्टा लग गया है। अब यहाँ सवाल ये पैदा होता है कि आपदा राहत और आपदा प्रभवितो के नाम पर जो सात सौ करोड़ से अधिक खर्च किया गया आखिर वो किधर गया इसका जवाब तो सरकार व अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को देना होगा और साथ ही ये भी बताना होगा की केदारघाटी का गुनहगार कौन है और इतनी बड़ी गलती जिसको माफ नहीं किया जा सकता क्योंकि केदार में आपदा राहत कार्यों का जिम्मा इसी ने खुद उठाया था अब उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है। लगातार मिल रहे कंकालों के बाद हजारों तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय लोगों की हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डा. रमेंश पोखरियाल निशंक का। 

क्या हुआ था जून, 2013 में
  • - एक जून को मानसून के सक्रिय होने का ऐलान हुआ था। 15 दिन में मानसून केदारनाथ क्षेत्र तक पहुंच गया था।
  • - मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के कारण केदारनाथ और आसपास के क्षेत्र में जून 15 से लेकर 17 तक करीब 345 मिमी तक बरसात हुई। विशेषज्ञों की नजर में यह कुछ-कुछ बादल फटने जैसा था।
  • - 16 जून की रात भारी बरसात के कारण केदारनाथ में पानी का सैलाब आया।
  • - 17 जून सुबह केदारनाथ में ऊंचाई पर स्थिति गांधी सरोवर या चैराबारी झील टूट गई। इस झील में पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं था। भारी बरसात, फरवरी में जमकर हुई बर्फबारी के कारण लबालब भरी झील फट गई और पानी का सैलाब मलवे के साथ केदारनाथ, रामबाड़ा को बहा ले गया। इस सैलाब का असर रुद्रप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक देखने को मिला।





(राजेन्द्र जोशी)
देहरादून 


पाकिस्तान में हवाई हमले में 100 आतंकवादी मारे गए

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पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर कबायली इलाके उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं और उनके आठ अड्डों को ध्वस्त कर दिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, स्थानीय चैनल डॉन में प्रसारित समाचार में दिखाया गया कि कराची हवाईअड्डे का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा उज्बेक आतंकवादी संगठन का सदस्य अबु रहमान इस अभियान में मारा गया। 

सेना के एफ-16 लड़ाकू विमान ने शनिवार आधी रात के बाद 2.30 बजे उत्तरी वजीरिस्तान के बोया और दत्ता खेल तेहसिल में उज्बेक आतंकवादियों के आठ अड्डों पर हमला किया। इस अभियान से पहले शनिवार शाम पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को इलाका छोड़ने की चेतावनी दी थी। उनसे कहा गया था या तो आत्मसमर्पण करें या फिर इलाका छोड़ दें। 

रविवार को किया गया हमला कराची हवाईअड्डे पर हुए हमले के बदले के रूप में देखा जा रहा है। हवाईअड्डे हमले में 10 आतंकवादियों सहित 40 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान तालिबान और अलकायदा से जुड़े उज्बेक संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। 

गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब की विचारधारा के साथ जुड़े पत्रकार -संतोष गंगेले

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ganesh shankar vidyarthi press club bhopal
भोपाल -मध्य प्रदेश के अंदर 8 से 10 पत्रकारों के संगठन सक्रियता के साथ काम कर रहे है तथा पत्रकारों से बार्षिक चंदा के जरिये राशि बसूली भी की जा रही है , जब किसी पत्रकार की मदद की बात आती है तो पत्रकार संगठन चुप्पी साध जाते है ,लेकिन किसी पत्रकार पर हमला होता है या किसी पत्रकार की हत्या हो जाती है तो ऐसे संगठन शोक सभा करके या निंदा प्रस्ताव पारित करने के बाद दो से तीन काँलम का समाचार बना कर प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर स्थान प्राप्त करने की आशा करते है।    इसके विपरीत  गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब का गठन ब्यक्तिगत स्वार्थो एबं आर्थिक लाभ का त्याग के साथ समाज सेवा ,समर्पण भाव, मानवसेवा ,पत्रकारों की समस्याओ के निराकरण , उन्हें मंच पर सम्मान देने , प्रतिभाओ को निखारने ,भारतीय संस्कृति को बचाने को लेकर    गणेश शंकर विधार्थी के जीवन का अध्यन करने के बाद ही गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति की स्थापना की गई है। प्रदेश का इतिहासिक आयोजन जीरापुर राजगढ़ में हुआ जो संगठन के लिए नजीर बनकर विकास होगा।

गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति के प्रांतीय संस्थापक अध्यक्ष संतोष गंगेले स्वंम एक सामाजिक, समाज सुधारक मानवता के पुजारी है।  इनका जन्म 11 दिसम्बर  बर्ष 1956 में एक गरीब किसान परिवार में छतरपुर जिला की तहसील नौगाव से लगे ग्राम बीरपुरा में हुआ।  बिषम परिस्थिओ में संघर्ष करते हुए परिवार का संचालन करते हुए, स्वंम शिक्षा बी ए फ़ाइनल करते हुए भाई राजेन्द्र गंगेले को अधिबक्ता ,सुरेश को लेखक बनाया।  बर्ष 1981 से छतरपुर से प्रिंट मिडिया में जुड़ने के बाद प्रदेश के साथ साथ अन्य राज्यों के समाचार पत्रों में लिखा।  तेज लेखनी के कारण अनेको मुकदमो से गुजरे।  मध्य प्रदेश आंचलिक पत्रकार संघ ,श्रमजीवी पत्रकार संघो में काम किया ,समय के अनुसार जो सम्मान नगर /कस्बाई / ग्रामीण पत्रकरो  को को मिलना चाहिए था न मिलने पर   गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति का गठन किया। 

गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति के प्रांतीय संस्थापक अध्यक्ष संतोष गंगेले ने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित करते हुए बर्ष 2007 से बच्चो में ऊर्जा भरने का काम किया , अनेक पत्रकार सम्मलेन कराने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानिओ का हर साल सम्मान करते आ रहे है।  सामाजिक प्रतिभाओ की खोज कर उन्हें सम्मान प्रदान करते है।  समाज हिट के लिए अपनी आय का 10 से 15 प्रतिशत धन समाज सेवा में खर्च कर समाज को जागरूक करते आ रहे है।
                             
गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति के प्रांतीय संस्थापक अध्यक्ष संतोष गंगेले ने मध्य प्रदेश की ऐसे ऊर्जावान, सक्रिय ,मानव सेवा को समर्पित ईमानदार पत्रकारों से अनुरोध किया है , वही  गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय समिति में जुड़ कर कार्य करे।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (15 जून)

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मुख्यमंत्री ने केदारनाथ त्रासदी पर जताया दुःख, बचाव व रात कार्यो का सरकार ने किया खुलासा

harish rawat
देहरादून, 15 जून, (निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विगत वर्ष प्रदेश में आयी आपदा में मृत एवं लापता हुए लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की है। मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा जारी अपने संदेश में कहा गया है कि उत्तराखण्ड में आयी आपदा हम सभी के लिए एक दुखद घटना थी, जिससे हम सभी आहत है। इस महाप्रलय आपदा ने प्रदेश की आर्थिक एवं ढांचागत विकास की कमर तोड़ दी है, जिससे हमारी सरकार उबरने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस आपदा से निपटने में अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किये है, राहत एवं बचाव कार्य संचालित कर बड़ी संख्या में लोगों की जान को बचाया गया है। इस आपदा से स्थानीय लोगों के जानमाल की क्षति हुई है, उसकी भरपाई कोई नही कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में राज्य सरकार ने केन्द्र के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किये। केन्द्र से राज्य को पुनर्निर्माण के लिए जो धनराशि मिली है, उसका उपयोग ठोस कार्ययोजना तैयार कर किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मृत व लापता व्यक्तियों के परिवारों को रूपये 05 लाख, अपंग व्यक्तियों को रूपये दो लाख, घायल व्यक्तियों को रूपयें 30 हजार तथा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवनों को रुपये दो लाख की अनुग्रह धनराशि दी गई है। भूमि की क्षति पर रुपये 08 हजार प्रंति नाली की दर से अनुग्रह धनराशि दी गई है। गाय,भैस, बछिया जैसी दुधारू पशुओं की मृत्यु पर रुपये 20 हजार अनुग्रह धनराशि दी गई है। बकरी एवं भेड की मृत्यु पर रुपये 03 हजार प्रति पशु की दर से अनुग्रह धनराशि दी गई है। गधे की मृत्यु पर रुपये 25 हजार तथा आपदा में मारे गये घोडे एवं खच्चर की मृत्यु पर रुपये 50 हजार प्रति पशु की अनुग्रह धनराशि दी गई है। प्राकृतिक आपदा से गन्ने की फसल को भी अतिरिक्त राहत सहायता प्रदान की गई है। आपदा में क्षतिग्रस्त ढाबे एवं अन्य दुकानों को रुपये 50 हजार से 01 लाख रुपये तक की सहायता राशि अनुमन्य की गई है। क्षतिग्रस्त होटलों को रुपये दो लाख की क्षति पर लागत का शत-प्रतिशत तथा रुपये 20 लाख तक की लागत पर रुपये 6.40 लाख की सहायता राशि दी गई है। रुपये 20 लाख से अधिक की लागत की क्षति पर वास्तविक क्षति का 10 प्रतिशत अनुग्रह राशि दी गई है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कक्षा 12 तक अध्ययनरत शिक्षार्थियों को रुपये 500 तथा उच्च व तकनीकी संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को रुपये 1000 की धनराशि दी गई है।  राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के पालन-पोषण का व्यय भार वहन किया जा रहा हैै। आपदा प्रभावित परिवारो के बिजली के बिल एवं जलकर को मार्च 2015 तक माफ कर दिया गया हैै। आपदा प्रभावित व्यक्तियों के सहकारी बैंक से लिये गये ऋ़णों को 02 वर्ष के लिये स्थगित किया गया है तथा राष्ट्रीयकृत बैकों द्वारा दिये गये ऋणों की किश्तों को भी 01 वर्ष के लिये स्थगित कर दिया गया है। आपदा से बेघर परिवारों को स्वयं का आवासीय भवन उपलब्ध होने तक रुपये  03 हजार प्रतिमाह की धनराशि किराये के आवास के लिये दी जा रही है। सरकार द्वारा जहां निजी भूमि पर स्थित सम्पत्तियों को राहत सहायता दी जा चुकी है, उसी के क्रम में सरकारी भूमि पर स्थित निजी व व्यवसायिक सम्पत्तियों की क्षति पर राहत सहायता अनुमन्य कर दी गई है। तिलवाडा से श्री केदारनाथ धाम तक स्थित विभिन्न प्रकार की व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को हुई क्षति के सम्बन्ध में उनके द्वारा किये गये स्वमूल्यांकन के आधार पर मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि तथा वीर चन्द्र सिंह गढवाली योजना से  अनुदान दिया गया है। कंडी व पालकी के क्षतिग्रस्त होने पर उनके 10 हजार रुपये प्रति पालकी एवं अधिकतम 10 पालकियों की क्षति पर राहत सहायता देने का निर्णय। पालकी ढोने वाले तथा घोडे व खच्चर के साथ चलने वाले मजदूरोे को भी रुपये 10 हजार की धनराशि दी गयी है। आपदा में विभिन्न स्थानों पर नदियों में बह गये व फंसे रह गये वाहनों के स्वामियों को रुपये 50 हजार, वाहन चालको को रुपये 50 हजार, परिचालको रुपये 40 हजार की धनराशि दी गयी है। कन्याओं के विवाह के लिये रुपये 01 लाख की सावधि जमा (एफ डी) प्रदान की गयी है, जो विवाह के समय ही भुगतान होगी। आपदा से क्षतिग्रस्त लगभग 2500 आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 02 लाख रुपये की अहेतुक सहायता के अतिरिक्त रुपये 05 लाख का प्रति आवास हेतु अनुदान इस प्रकार प्रति आवास हेतु रुपये 07 लाख का अनुदान दिया गया है। 200 से अधिक एकल ग्राम पेयजल योजना हेतु 35 करोड रुपये स्वीकृत किये गये है। 216 करोड रुपये की लागत से आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त ग्रामीण पेयजल योजनाओं के पुनर्निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। 879.50 करोड रुपये के बाढ सुरक्षा कार्य स्वीकृत किये गये है। लगभग 6553 किमी. लम्बाई के ग्रामीण एवं अन्य जनपद मार्गों के निर्माण व पुनर्निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। लगभग 2183 कि.मी. लम्बाई के राज्यीय राजमार्ग एवं मुख्य जनपद मार्गों के निर्माण व पुनर्निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। आपदा से प्रभावित 4377 गांवों व बसावटों में विद्युत आपूर्ति से बाधित वर्तमान तक 4350 गांवों व बसावटों में विद्युत आपूर्ति सुचारू की गई है। तीर्थ यात्रा में आने वाले यात्रियों के पंजीकरण हेतु बायोमैट्रिक पंजीकरण की सुविधा प्रारंभ की गई है। चारधाम यात्रा मार्ग में यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एस.डी.आर.एफ.) की तैनाती की गई है। आपदा की स्थिति में तत्काल कार्यवाही एवं यात्रियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर 52 हैलीपैड़ों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सफल प्रयासों से ही सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा को शुरू कराया जा सका है। चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिक का मुख्य आधार है। अभी तक लगभग 3 लाख श्रद्धालु व पर्यटक चारधाम यात्रा पर आये है। राज्य सरकार अपने संकल्प के लिए आपदा पुनर्निर्माण के कार्यों में युद्ध स्तर पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे मुद्दे पर अनावश्यक राजनीति से बचा जाना चाहिए और यदि हमारे सम्मानित विपक्ष अथवा किसी अन्य संगठन के पास भी कोई महत्वपूर्ण सुझाव जानकारी, अनुभव है, तो हम उसका लाभ उठाना चाहेंगे। महज आलोचना करके इस राज्य के भविष्य को बनाना संभव नही है। 

फरीदाबाद से ऋषिकेश घूमने आया युवक गंगा में डूबा 

देहरादून,15 जून,(निस)। फरीदाबाद से तीर्थनगरी ऋषिकेश घूमने आए तीन युवकों में से एक युवक  वीरभद्र मार्ग स्थित आस्थापथ के निकट गंगा मे डूबकी लगाते समय अचानक गंगा मे बह गया। घटना से सदमा में आए युवक के दोस्तों ने पुलिस को डूबने की सूचना दी। जिस पर पुलिस ने रेस्क्यू अभियान भी चलाया परन्तु सफलता हाथ नहीं लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार फरीदाबाद का कैलाशचन्द पुत्र राजकंवर निवासी परवली खैरीकलां अपने दोस्तों के साथ ऋषिकेश घूमने आया था। तीनों दोस्त  गर्मी के चलते गंगा जी में गौरी शंकर मन्दिर के पास नहाने लगे। जिसमे से दो तो बाहर निकल आए परन्तु कैलाश नहीं निकला । उसके दोस्तो ने बताया कि वह गहरे पानी में डुबकी लगा रहा था जिसे उसके दोस्तों ने पानी के अन्दर जाने से मना किया परन्तु वह नहीं माना और बार बार वह डुबकी लगाता रहा इस बीच जब वह तेज धारा मंे बहने लगा तो उसे बचाने का भी प्रयास किया गया लेकिन वह पानी के अन्दर समा गया। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाकर युवक की खोज की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पुलिस ने कैलाश के गंगा में डुबने की सूचना उसके चाचा श्रीचन्द शर्मा को दी। वह ऋषिकेश पहुंच गये हैं।उन्होने बताया  कि कैलाश अपने दोस्तो के साथ ऋषिकेश घुमने आया था। पुलिस के अनुसार कैलास केा ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है लेकिन पानी ठण्डा होने के कारण लाश के तीन दिन बाद उपर आने की संभावना है।

खण्डूरी ने आपदा राहत कार्यों पर लगाया सवालिया निशान 

देहरादून,15 जून (निस)।  उत्तराखण्ड के गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से0नि0) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम द्वारा गत वर्ष आयी भीषण आपदा के एक साल पूरे होने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा आपदाग्रस्त क्षेत्रों के पुनर्निमाण के लिए केन्द्र सरकार एवं अन्य संस्थाओं द्वारा दिये गये अरबों रुपये में किये गये कामों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए दोबारा बरसात के मौसम के शुरू होने पर आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रह रहे लोगों के प्रति गंभीर चिन्ता प्रकट की है। गढ़वाल सांसद रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के पास भीषण त्रासदी से प्रभावित हुए लोगों का आंकड़ा भी सही नहीं है, पुनर्वास की उचित व्यवस्था भी अभी राज्य सरकार की तरफ से धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रही। श्री केदारनाथ मन्दिर के आसपास अब तक सफाई का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है तथा क्षेत्र में एक साल बाद भी नर कंकालों का मिलना जारी है जोकि एक गंभीर विषय है। नदी किनारे बसे लोगों के मकानों एवं दुकानों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार कहीं भी गंभीर नजर नहीं आ रही है, राज्य सरकार को सर्वे कराकर जहां जहां दुबारा नदियों के जल स्तर बढ़ने का अंदेशा था वहां पर तट बन्द बनाये जाने चाहिए थे। सभी धामों की सड़क व्यवस्था जीर्ण शीर्ण हो चुकी है। बी.आर.ओ. के द्वारा बार- बार धनराशि मांगने के बावजूद कांगे्रस की सरकार द्वारा माह फरवरी, 2014 में कुछ धन उपलब्ध कराया गया। एक साल बीत जाने के बाद भी करोंड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी राज्य सरकार सड़क, आपदा से प्रभावित लोगों का पुनर्वास भी नहीं करा पायी। मीडिया द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों की दुव्र्यवस्था एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार की नाकामी को राष्ट्रीय स्तर पर दिखाये जाने के कारण देशभर से श्रद्धालु उत्तराखण्ड चार धाम यात्रा पर  आने के लिए डर रहे हैं। जोकि हमारे प्रदेश के लिए एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

किशोर के प्रदेश अध्यक्ष बनने से होगा संगठन में ऊर्जा का संचारःशिल्पी

देहरादून,15 जून (निस)। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शिल्पी अरोड़ा ने रविवार को कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय से उनके आवास पर भेंट कर बधाई दी। इस अवसर पर दोनंांे नेताओं के बीच संगठन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कांग्रेस प्रवक्ता शिल्पी अरोड़ा ने बताया कि श्री उपाध्याय के प्रदेश अध्यक्ष बनने से संगठन में ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि श्री हरीश रावत और श्री यशपाल आर्य द्वारा जिस प्रकार से प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए संगठन को नई दिशा दी थी, उसी काम को श्री उपाध्याय और आगे बढ़ायेंगे। श्री आर्य जी के कार्यकाल में कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में आयी। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रदेश के विकास के लिए अहम निर्णय लिये गये है। श्री उपाध्याय जी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से सरकार और संगठन को मजबूती मिलेगी। सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर सरकार द्वारा संचालित विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचायेंगे। 

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (15 जून)

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गौवंश की सेवा सबसे बडा धर्म - मंत्री सुश्री मेहदेले
  • मंत्री सुश्री मेहदेले ने किया गौ सदन में गोदाम का लोकार्पण

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पन्ना 15 जून 14/शासन द्वारा अनुदान प्राप्त विद्या सागर गौसेवा समिति ने पवई में निराश्रित और वृद्ध गायों की सेवा के लिए गौ सदन का निर्माण किया है। इसमें 20 लाख रूपये की लागत से निर्मित भूसा गोदाम का मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले पशुपालन, उद्यानकी, ग्रामोद्योग, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, विधि एवं विधायी कार्य ने लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गोसेवा मानव का सबसे बडा धर्म है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। इससे अमृत समान दूध, खेतों के लिए खाद का काम करने वाला गोबर तथा हल के लिए बेल प्राप्त होते हैं। इसीलिए प्राचीनकाल से ही गाय को माता की तरह सम्मान दिया गया है।सुश्री मेहदेले ने कहा कि गो सदन में बीमार तथा बेसहारा गायों की सेवा करने के साथ इसे आधुनिक बनाएं। प्रत्येक किसान अनिवार्य रूप से गोपालन करें। गायों के साथ-साथ उनके बछडो और बेलों की भी सेवा करना आवश्यक है। गोपालन की परम्परा यदि समाप्त हो गई तो खेती पर इसका विपरित प्रभाव पडेगा। आने वाली पीढी को भी मानव समाज में गाय के महत्व से परिचित कराना आवश्यक है। समारोह में सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री संजय नगायच ने कहा कि विद्या सागर गौ सेवा समिति ने लगातार कई वर्षो से गायो की सेवा करके अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसमें दो हजार से अधिक बेसहारा एवं वृद्ध गायों को आश्रय प्राप्त हो रहा है। गोसदन के विकास के लिए समिति से सराहनीय प्रयास किए हैं। श्री पुष्पेन्द्र लटौरिया ने गौसदन में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। विद्या सागर गौसेवा समिति के अध्यक्ष श्री ज्ञानचन्द्र जैन ने गौ सदन की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। समारोह में श्री जयप्रकाश चतुर्वेदी, श्री आशुतोष मेहदेले, एसडीएम पवई एम.एस. मरावी, उप संचालक पशुपालन आर.पी. गहरवार, कार्यपालन यंत्री पीएचई पी.के. वर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा अधिकारी एवं बडी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। इसके पूर्व मंत्री पद ग्रहण करने के बाद पहली बार पवई आगमन पर सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले का स्थान-स्थान पर भव्य स्वागत किया गया। 

जिला योजना समिति की बैठक अब 20 जून को

पन्ना 15 जून 14/जिला योजना समिति की बैठक 17 जून प्रस्तावित बैठक में अपरिहार्य कारणों से परिवर्तन किया गया है। अब यह बैठक 20 जून को शाम 4.30 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित की जा रही है। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ0 गोरीशंकर शेजवार मंत्री वन, जैव विविधता, जैव प्रोद्योगिकी विभाग करेंगे। बैठक में गत बैठक के निर्णयों के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा, बीआरजीएफ की वर्ष 2014-15 की वार्षिक कार्ययोजना तथा जिला बाल संरक्षण के बजट का अनुमोदन किया जाएगा। कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने सभी संबंधित अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की प्रगति की अद्यतन जानकारी तथा गत बैठक में लिए गए निर्णय के पालन प्रतिवेदन के साथ बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला योजना समिति के सभी सदस्यों से बैठक मंे उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। 

पत्रकारों की कलम से मिलती है देश को दिशा-सुश्री मेहदेले

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पन्ना 15 जून 14/पत्रकार कल्याण परिषद द्वारा दो दिवसीय प्रान्तीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले पशुपालन, उद्यानकी, ग्रामोद्योग, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, विधि एवं विधायी कार्य ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारों की कलम से देश और प्रदेश को दिशा मिलती है। पत्रकारों की कलम में बहुत ताकत होती है। वेद और पुराणों के समय से पत्रकारिता की जा रही है। उन्होंने नारद मुनि को प्रथम पत्रकार निरूपित करते हुए कहा कि नारद जी निर्भय होकर जनहित की बात कहते थे। पत्रकार भी उसी परम्परा का निर्वाह कर रहे है। इसी लिए समाज में पत्रकारो का विशिष्ट स्थान है। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्य करने तथा निडर होकर अपनी बात कहकर पत्रकारों का सम्मान होता है। पत्रकार चिंतनशील बनें। ज्ञान के सागर में गोते लगाकर समाचार रूपी रत्न समाज को प्रदान करें। वर्तमान का युग मीडिया का युग है। कुछ दिन पूर्व सम्पन्न लोक सभा चुनाव में प्रत्येक व्यक्ति को मीडिया की ताकत का अहसास हुआ। पत्रकार सकारात्मक और विकास की ओर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जिले में पत्रकार भवन निर्माण के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी। समारोह में सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री संजय नगायच ने कहा कि पत्रकारिता मिशन जेसा कार्य है। वर्तमान समय में प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया के माध्यम से हर जानकारी आमजनता तक पहुंच रही है। पत्रकार विकास में सहयोग करने के साथ सकारात्मक आलोचना करें। समारोह में श्री सतानन्द गौतम ने कहा कि पत्रकारिता सच्चाई का दपर्ण है। जौखिम उठाकर भी पत्रकार सच को उजागर करते हैं। शासन की नीतियों और कार्यक्रमों की कमियों की ओर सभी पत्रकार ध्यान आकर्षित करते हैं। समारोह में विधायक गुनौर श्री महेन्द्र बागरी, कलेक्टर आर.के. मिश्रा, पत्रकार कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष वेदान्ती त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती शारदा पाठक, प्राचार्य छत्रसाल महाविद्यालय डाॅ. टी.आर. नायक, ने भी सम्बोधित किया। समारोह में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। समारोह में मण्डी अध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय, नगर पंचायत अमानगंज अध्यक्ष श्रीमती अंजू मौर्य, पत्रकार कल्याण परिषद के पदाधिकारीगण तथा पत्रकार उपस्थित रहे। 
सभी शालाओं में आज होगा प्रवेश उत्सव

पन्ना 15 जून 14/स्कूल चले हम अभियान के तहत जिले की सभी शालाओं में 16 जून को प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक कक्षा में पात्र विद्यार्थियों का प्रवेश कराने के साथ उनका विद्यालय में समारोहपूर्वक स्वागत किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 16 जून से सभी शालाओं का नियमित संचालन प्रारंभ करें। शालाओं में 16 जून को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों तथा आमजनता की भागीदारी के साथ प्रवेश उत्सव का आयोजन करें। प्रवेश के समय ही प्रत्येक विद्यार्थी को निःशुल्क किताबे प्रदान करें। पात्र विद्यार्थियों को गणवेश की राशि भी प्रवेश के समय ही प्रदान करें। जिला, विकासखण्ड तथा ग्राम स्तर पर संचालित सभी प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में प्रवेश उत्सव का अनिवार्य रूप आयोजन करें। सभी शिक्षक अपनी नियमित उपस्थिति शालाओं में दर्ज कराकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का भी नियमित वितरण सुनिश्चित करें। उन्होंने आमजनता से भी शाला जाने योग्य प्रत्येक बच्चे का शाला में प्रवेश कराने में सहयोग की अपील की।

पत्रकार संघ के अध्यक्ष बने शिव कुमार त्रिपाठी

  • पत्रकार कल्याण परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में की गयी घोषणा
  • स्न पत्रकारों की समस्या निराकरण में करेंगे पहल.

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पन्ना जिले में इलेक्ट्रानिक मीडिया की शुरूआत करने वाले वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार त्रिपाठी को पत्रकार कल्याण परिषद मध्य प्रदेश के प्रांतीय अधिवेशन में पन्ना जिले का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय से पोस्ट ग्रेजुएट शिव कुमार त्रिपाठी ने पन्ना जिले में 2003 से सहारा समय मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ न्यूज चैनल से जिले की पत्रकारिता की शुरुआत की थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश के कई समाचार पत्रों में काम कर चुके और संपादक रहे श्री त्रिपाठी आजतक जैसे प्रतिष्ठित न्यूज चैनल में एग्जिट पोल का काम कर चुके हैं। 1996 से पत्रकारिता कर रहे शिव कुमार त्रिपाठी जिले की कई गम्भीर समस्याओं एवं विकास के मुद्दों को अपनी लेखनी के माध्यम से उजागर करते रहे हैं। पत्रकार कल्याण परिषद का कार्य तहसील और ग्राम स्तर तक पहुंचे और पन्ना जिले के पत्रकारों की समस्याओं का तत्परता से निवारण के लिए शिव कुमार त्रिपाठी को पत्रकार कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष वेदांती त्रिपाठी ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की है। जैसे ही श्री त्रिपाठी के अध्यक्ष पद की घोषणा की गयी मौजूद सभी पत्रकारों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया और मंच से श्री त्रिपाठी का सम्मान किया गया। शिवकुमार त्रिपाठी ने कहा कि पन्ना एक ऐसा जिला है जहां पत्रकारों की बहुत कम समस्याएं हैं और हर जिलों की अपेक्षा पन्ना के पत्रकार बहुत मेहनती, सहनशील हैं और अपने कत्र्तव्य को बखुबी निभाते हैं और पन्ना ही एक ऐसा जिला है जहां पत्रकारों के बीच कभी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। लेकिन इसके बावजूद पत्रकारिता एक कठिन चुनौती है और पत्रकारिता के माध्यम से अपना जीविकोपार्जन चलाना बहुत कठिन चुनौतीपूर्ण है। ऐसी स्थिति में कई बार लोग पत्रकारिता के गिरते स्तर की बात करने लगते हैं। शिवकुमार त्रिपाठी ने कहा कि जब देश को आजाद कराना था तब पत्रकारिता मिशन के रूप में थी, लेकिन आजादी के बाद आज भी लोग पत्रकारिता से मिशन की अपेक्षायें करते हैं, लेकिन यह कभी नहीं सोचते कि पत्रकारिता का प्रोफेशन अपनाने वाले लोगों का परिवार किस तरीके से संचालित होता है और अगर समाज के लोग इन बातों को सोचें तो पत्रकारिता का कभी स्तर नहीं गिर सकता। मीडिया संस्थानों द्वारा मैदानी स्तर पर काम करने वाले लोगों का शोषण किसी से छुपा नहीं है। इसके बावजूद पत्रकार समाज के सजग प्रहरी के रूप में काम करते हैं और लोगों को आईना दिखाने का काम करते हैं। मेरी कोशिश रहेगी कि पत्रकार समाचारों के माध्यम से समाज को आईना दिखायें, सच सामने लाएं और जो भी मीडियाकर्मियों की समस्याएं रहेंगी, सबसे पहले आकर उनका निराकरण कराने की पहल करूंगा और मुझे उम्मीद है कि जिले के पत्रकार साथी अच्छी प्रखर पत्रकारिता के माध्यम से जिले की समस्याएं एवं शोषण की बातों को उजागर करेंगे और मैं हमेशा उनके साथ रहूंगा। अध्यक्ष बनाये जाने के बाद शिव कुमार त्रिपाठी को दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ मनीष मिश्रा, डायमंड सिटी के प्रधान संपादक श्रीकांत दीक्षित, पत्रकार कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष वेदांती त्रिपाठी, अरुण शुक्ला, नईम खान, कृष्णकांत शर्मा, संजय तिवारी मंटू, जगदीश नामदेव, पूर्व अध्यक्ष राकेश शर्मा, सुनील अवस्थी, वी.एन. जोशी, मेहबूब अली, अमित खरे, एलएन चिरोलया, सतीष जायसवाल, मनोज रावत, संतोष तिवारी, अर्चना पयासी, रामबिहारी गोस्वामी, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र लोधी, अमानगंज के चंपत राय तिवारी, पवई से संतोष जैन, विकास सेन, बिनोद जैन सिमरिया, संतोष त्रिवेदी मोहन्द्रा, रामचंद्र जैन देवेन्द्रनगर, आरपी विश्वकर्मा देवेन्द्रनगर, रामप्रकाश लखेरा, विजय सुहाने अमानगंज, राजदीप गोस्वामी, आदि पत्रकारों-अधिकारियों एवं स्थानीय समाज सेवियों ने श्री त्रिपाठी को बधाई दी है। साथ ही पन्ना होम नेटवर्क के योगेन्द्र सिंह परमार और कुमकुम टाकीज के स्टाफ के साथ पुष्पेन्द्र सिंह ने भी बधाई दी है।
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