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‘खून की जांच बता सकती है कि आप संतुलित आहार ले रहे हैं या नहीं’

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वाशिंगटन , 20 जून, वैज्ञानिकों का कहना है कि खून की एक साधारण जांच से यह पता करने में मदद मिल सकती है कि व्यक्ति संतुलित आहार ले रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संतुलित आहार के शरीर पर प्रभाव की सटीकता में सुधार में मदद कर सकती है। दरअसल , संतुलित आहारों के क्लीनिकल ट्रायल्स और उनका स्वास्थ्य पर असर अक्सर इस वजह से सही दिशा में नहीं बढ़ पाता कि प्रतिभागी बताए गए भोजन को सही तरीके से नहीं लेते हैं।  ‘ अमेरिकन जर्नल आफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन ’ में बताई गई प्रक्रिया संतुलित आहार का पालन करने के उद्देश्य और तरीके बता सकती है।  अमेरिका में ‘ जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ ’ के वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग किया। 

पटनायक ने मोदी से हाकी को भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित करने का आग्रह किया

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नयी दिल्ली , 20 जून, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाकी को भारत का आधिकारिक खेल के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया। हाकी को पहले ही अनिधिकृत रूप से भारत के राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिला है और ओड़िशा नवंबर में हाकी विश्व कप की मेजबानी करेगा।  पटनायक ने हाकी को आधिकारिक दर्जा देने के लिये मोदी से आग्रह किया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा , ‘‘ जैसा कि आप जानते हो अगला विश्व कप इस साल नवंबर में ओड़िशा में खेला जायेगा। तैयारियों की समीक्षा लेने के बाद मैं इस बात से हैरान रह गया कि जो खेल - हाकी - राष्ट्रीय खेल के रूप में लोकप्रिय है वो हमारे राष्ट्रीय खेल के रूप में अधिकृत ही नहीं है। ’’  पटनायक ने कहा , ‘‘ इसलिये मुझे पूरा भरोसा है कि आप हमारे देश के करोड़ों प्रशंसकों से सहमत होगे कि हाकी हमारे राष्ट्रीय खेल के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता का हकदार है। यह हमारे हाकी के उन महान खिलाड़ियों के लिये श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने हमारे देश को गौरवान्वित किया। ’’  हाकी ने देश केा आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक दिये हैं। 

मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रमण्यम वित्त मंत्रालय छोड़ेंगे, अमेरिका लौटेंगे

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नयी दिल्ली , 20 जून, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम वित्त मंत्रालय छोड़ रहे हैं और वह अपनी ‘ पारिवारिक प्रतिबद्धताओं ’ की वजह से अमेरिका लौट रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी।  सुब्रमण्यम को 16 अक्तूबर , 2014 को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। 2017 में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया था।  जेटली ने कहा , ‘‘ कुछ दिन पहले सुब्रमण्यम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुझसे बात की। उन्होंने बताया कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से अमेरिका लौटना चाहते हैं। उनके कारण व्यक्तिगत हैं , लेकिन उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मेरे पास उनसे सहमत होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। ’’  जेटली ने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल पूरा हुआ था। इसके बाद उन्होंने सुब्रमण्यम से कुछ समय और पद पर बने रहने का आग्रह किया था। जेटली ने कहा , ‘‘ यहां तक उन्होंने अभी मुझे बताया है कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं और मौजूदा नौकरी के बीच फंसे हुए हैं। यह उनकी अब तक की यह सबसे संतोषजनक नौकी है। ’’ जेटली का मई मध्य में गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। अभी वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार पीयूष गोयल के पास है। जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक प्रबंधन के लिए सुब्रमण्यम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा , ‘‘ व्यक्तिगत रूप से मुझे उनके व्यक्तित्व , ऊर्जा , बौद्धिक क्षमता और विचारों की कमी खलेगी। एक दिन में वह कई बार मेरे कमरे में आकर मुझे ‘ मिनिस्टर ’‘ कहकर बुलाते थे। कभी वह अच्छी खबर देले तो कभी दूसरे तरह का समाचार देने आते थे । निश्चित रूप से मुझे उनकी कमी खलेगी। मुझे विश्वास है कि वह कहीं भी होंगे वहां से अपनी सलाह या विश्लेषण भेजते रहेंगे। ’’ 

पेट्रोल, डीजल पर जीएसटी लगा तो ऊपर से कुछ वैट भी चिपक सकता है

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नयी दिल्ली , 20 जून, पेट्रोल व डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने की स्थिति में पर 28 प्रतिशत की उच्चतम दर के साथ साथ रा ज्यों की तरफ से कुछ स्थानीय बिक्रीकर या मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जा सकता है। इस विषय के साथ जनदीकी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।  अधिकारी ने कहा कि दोनों ईंधनों को जीएसटी के दायरे में लाने से पहले केंद्र को यह भी सोचना होगा कि क्या वह इन पर इन-पुट कर क्रेडिट (उत्पादन के साधन पर जमा कर) का लाभ न देने से हो रहे 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व लाभ को छोड़ने को तैयार है। पेट्रोल , डीजल , प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल को माल एवं सेवा कर व्यवस्था से बाहर रखने की वजह से इन पर इन पुट कर का क्रेडिट नहीं मिलता है। जीएसटी एक जुलाई , 2017 से लागू हुआ है।  जीएसटी के क्रियान्वयन से जुड़े इस अधिकारी ने कहा , ‘‘ दुनिया में कहीं भी पेट्रोल , डीजल पर शुद्ध जीएसटी नहीं लगता है। भारत में भी जीएसटी के साथ वैट लगाया जाएगा। ’’  उसने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करना राजनीतिक फैसला होगा और केंद्र और राज्यों को सामूहिक रूप से इस पर निर्णय करना होगा।  फिलहाल केंद्र की ओर से पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाया जाता है। इसके अलावा राज्यों द्वारा ईंधन पर वैट लगाया जाता है। इसमें सबसे कम दर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में है। वहां दोनों ईंधनों पर छह प्रतिशत का बिक्रीकर लगता है।  मुंबई में पेट्रोल पर सबसे अधिक 39.12 प्रतिशत का वैट लगाया जाता है। डीजल पर सबसे अधिक 26 प्रतिशत वैट तेलंगाना में लगता है। दिल्ली में पेट्रोल पर वैट की दर 27 प्रतिशत और डीजल पर 17.24 प्रतिशत है।  पेट्रोल पर कुल 45 से 50 प्रतिशत और डीजल पर 35 से 40 प्रतिशत का कर लगता है।  अधिकारी ने कहा कि जीएसटी के तहत किसी वस्तु या सेवा पर कुल कराधान उसी स्तर पर रखा जाता है , जो एक जुलाई , 2017 से पहले केंद्र और राज्य सरकार के शुल्कों को मिलाकर रहता था। इसके लिए किसी उत्पाद या सेवा को चार 5 ,12, 18 और 28 प्रतिशत के कर स्लैब में से किसी एक स्लैब में रखा जाता है। 

विश्वकप : क्रोएशिया के खिलाफ जीत के लिये मेस्सी से ही उम्मीद लगायेगी अर्जेंटीना

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निजनी नोवगोरोद , 20 जून, पिछले मैच में ड्रा से आहत अर्जेंटीना की टीम अपने कप्तान लियोनल मेस्सी की बदौलत कल यहां क्रोएशिया के खिलाफ ग्रुप विश्व कप के डी के अहम मुकाबले में जीत दर्ज करने का प्रयास करेगी। मेस्सी की शुरूआत हालांकि विश्व कप में अच्छी नहीं रही , वह पेनल्टी पर गोल करने से चूक गये थे जिससे अर्जेंटीना ने आइसलैंड से 1-1 से ड्रा खेला।  इस नतीजे से अर्जेंटीना के इस विश्व कप में चुनौती पेश करने की काबिलियत पर भी संशय बन गया है जबकि पिछली बार चार साल पहले ब्राजील में वह फाइनल में पहुंची थी।  अगर कल टीम को निराशाजनक परिणाम मिलता है तो टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो सकती है और यह 2002 विश्व कप की तरह ही होगा जिसमें उसे पहले दौर में ही बाहर होना पड़ा था।  महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने आइसलैंड के नतीजे को ‘ शर्मनाक ’ बताया था और कोच जोर्गे सैमपाओली केा चेताया था कि वह तरह के प्रदर्शन से अर्जेंटीना वापस नहीं जा पायेंगे। सबसे बड़ी निराशा मेस्सी के पेनल्टी शाट से चूकने के अलावा 11 शाट में असफल होने से हुई। विश्व कप में किसी खिलाड़ी द्वारा शाट में असफल होने के मामले में वह इटली के लुईगी रिवा (1970) के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गये हैं।  अर्जेंटीना के खिलाड़ी हालांकि बार्सिलोना के इस स्टार के समर्थक हैं। 

स्ट्राइकर पाउलो डाईबाला ने कहा , ‘‘ हम सभी उसके साथ हैं , वह जानता है कि उसे किसी अन्य के अलावा हम सभी के समर्थन की जरूरत है। हम उसे हर क्षण मदद करने को तैयार हैं और निश्चित रूप से उसके साथ हैं। ’’ डिफेंडर क्रिस्टियन अनसाल्डी ने कहा कि आइसलैंड के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद मेस्सी का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा , ‘‘ हम जानते हैं कि मेस्सी हमारी टीम का प्रतिनिधित्व करता है और हमारे देश का। ’’ आइसलैंड के खिलाफ एक अंक के बावजूद अर्जेंटीना की टीम इस बात से प्रेरणा ले सकती है कि उसने 26 शाट लगाये और 72 प्रतिशत समय गेंद पर कब्जा रखा। सैमपाओली के इस मैच में कई बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं जिसमें युवा फारवर्ड क्रिस्टियन पावोन को एंजेल डि मारिया की जगह उतारना भी शामिल है। वहीं मिडफील्ड में पेरिस सेंट जर्मेन के गिजयोवानी लो सेल्सो और आक्रामक विकल्प मुहैया कर सकते हैं जो संभावित रूप से लुकास बिगलिया की जगह ही उतरेंगे। 

क्रोएशिया ने शुरूआती मैच में नाइजीरिया के खिलाफ 2-0 की जीत से अहम तीन अंक हासिल किये लेकिन वहां जश्न का माहौल नहीं है क्योंकि टीम मैदान के बाहर कई समस्याओ से जूझ रही है। हालांकि इन परेशानियों का प्रभाव टीम के प्रदर्शन पर नहीं दिखा और उम्मीद है कि कल उनकी टीम में कोई बदलाव नहीं होगा जिसमें मेस्सी के बार्सिलोना के साथी इवान राकिटिच शामिल हैं। टूर्नामेंट में आने से पहले कप्तान लुका मोदरिच पर भ्रष्टचार घोटाले में झूठी गवाही का आरोप लगा। स्ट्राइकर निकोला कालिनिच पीठ की चोट के कारण रूस से चले गये और कोच ज्लाटको डालिच का कहना है कि शुरूआती एकादश से बाहर किये जाने पर उन्होंने स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर उतरने से इनकार कर दिया था। टीमें विश्व कप में केवल एक बार 1998 में एक दूसरे से भिड़ी थी जिसमें अर्जेंटीना ने 1-0 से जीत दर्ज की थी और टीम ने गोल्डन बूट विजेता डेवर सुकर को स्कोर करने से रोक दिया था। 

किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए कृषि बजट किया गया दोगुना : मोदी

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नयी दिल्ली , 20 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के किसानों से संवाद करते हुए कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये करने समेत इस क्षेत्र में अपनी सरकार के अभूतपूर्व कार्यों का ब्योरा पेश किया।  मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है।  मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 600 से अधिक जिलों के किसानों से बातचीत करते हुए बुवाई से लेकर उत्पादों के बाजार में पहुंचने तक में किसानों की मदद के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को गिनाया। उन्होंने कहा कि सरकार सघन एवं संतुलित नीति के जरिये किसानों की आय बढ़ाने के लिए गुणवत्तायुक्त बीज , उर्वरक , पानी तथा बिजली आदि मुहैया कराने पर ध्यान दे रही है। मोदी ने कहा , ‘‘ हमने 2022 तक किसानों की बाय दोगुनी करने का निर्णय लिया है। जब मैं किसानों की आय दोगुनी करने की बात की तो , काफी सारे लोगों ने इसका मजाक उड़ाया और कहा कि यह तो संभव ही नहीं है , ऐसा होना बड़ा मुश्किल है। ऐसे लोगों ने निराशा का वातावरण बनाया । पर हमने निर्णय लिया क्योंकि मुझे किसानों पर पूरा भरोसा है। ’’ उन्होंने कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में चार बड़े कदम ‘ लागत खर्च में कटौती , फसलों की उचित कीमत , उत्पादों को खराब होने से बचाना तथा आय के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना ’ उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में किसानों को उनकी लागत के 150 प्रतिशत के समतुल्य कीमत दिलाने के लिए कदम उठाये गये हैं। 

उन्होंने कहा , ‘‘ पिछली सरकार के पांच साल में कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 1.21 करोड़ रुपये था। इसे 2014-19 के दौरान बढ़ाकर 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया , जो कि लगभग दोगुना है। इससे किसानों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता स्पष्ट दिखती है। ’’ मोदी ने कहा , ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि हमारे मेहनती किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाए। इसके लिए हम जहां भी जरूरत पड़े , समुचित मदद उपलब्ध करा रहे हैं। हमें देश के किसानों पर भरोसा है। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में न सिर्फ रिकार्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध , फल और सब्जियों का उत्पादन भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। दालों का उत्पादन औसतन 10.5 प्रतिशत बढ़ा है। मछली एवं दूध का उत्पादन क्रमश : 26 प्रतिशत और 24 प्रतिशत तथा अंडे का उत्पादन 25 प्रतिशत बढ़ा है। मोदी ने किसानों को बुवाई से लेकर उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की योजना की बात करते हुए कहा , ‘‘ हमारा प्रयास किसानों को कृषि के हर चरणों ‘ बुवाई , बुवाई के बाद तथा कटाई ’ में सहायता मुहैया कराना है। ’’ उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है जिससे उन्हें उनकी जमीन की उर्वरता की जानकारी हो सके तथा उनकों उर्वरकों के सही इस्तेमाल के बारे में सलाह दी जा सके। इसके बाद उन्हें कर्ज सुलभ कराया जा रहा है जिससे वे अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीम कोटिंग यूरिया ने उर्वरक की कालाबाजारी पर रोक सुनिश्चित की है और किसानों को बिना किसी दिक्कत के इसकी उपलब्धता होने लगी है। 

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई - नाम शुरू किया गया है जिससे बिचौलियों को दूर किया जा सका है। मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन , डेयरी , मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दे रही है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत करीब 100 परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं ताकि सभी खेतों तक पानी पहुंच सके। सरकार प्रति बूंद अधिक फसल को बढ़ावा देने तथा लागत में कमी लाने के लिए बूंद सिंचाई पर भी ध्यान दे रही है। मोदी ने कहा कि किसान फसलों में मूल्यवर्धन कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल में 500 से अधिक किसान उत्पादक संगठन बनाये गये हैं जिससे किसानों को कम लागत खर्च समेत बेहतर बिक्री में मदद मिली है। इन संगठनों को आयकर से भी छूट दी गयी है। नयी फसल बीमा योजना के बारे में बातें करते हुए उन्होंने कहा कि पुरानी योजना में किसानों को दावे पर पैसे नहीं मिल पा रहे थे। उन्होंने कहा , ‘‘ हमने प्रीमियम कम किया और बीमा सुरक्षा का दायरा विस्तृत किया। ’’ उन्होंने कहा कि इससे बीमा का दायरा 60-65 प्रतिशत बढ़ा है। मोदी ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में 12.5 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुहैया कराया है जिससे किसानों को उत्पादकता बढ़ाने तथा लागत खर्च कम करने में मदद मिली है। पूर्वोत्तर के किसानों के बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2013-14 के सात लाख हेक्टेयर की तुलना में 21 लाख हेक्टेयर जमीन को जैविक खेती के दायरे में लाया गया है। 

परमार्थ निकेतन की उत्कृष्ट पहल गंदा नाला हुआ स्वच्छ जल में तब्दील

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  • चन्देश्वर नाले की बदली तस्वीर, सीवर प्वाइन्ट बना सेल्फी प्वाइन्ट

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड उत्पल कुमार सिंह, राजीव रंजन महानिदेशक एनएमसीजी, श्री प्रवीण कुमार परियोजना निदेशक, संदीप कुमार तकनीकि निदेशक करेंगे उद्घाटन देश के हर नाले की बदलेगी तस्वीर, हर सीवर प्वाइन्ट बनेगा सेल्फी प्वाइन्ट-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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ऋषिकेश, 20 जून। अनेक वर्षो से बह रहा चन्दे्रश्वर नाला एक इतिहास समेटे हुये था लेकिन आज उस इतिहास को बदल दिया गया। अपने अन्दर गन्दगी समेटे यह नाला निरन्तर गंगा में ंप्रवाहित हो रहा था आज से नाले के प्रदूषित जल को स्वच्छ जल में परिवर्तित किया जायेगा।  नीदरलैण्ड, डच तकनीक पर आधारित जल शुद्धिकरण संयत्र का उद्घाटन परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी, उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड उत्पल कुमार सिंह, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव अरविन्द आयांकी जी, राजीव रंजन महानिदेशक एनएमसीजी, श्री प्रवीण कुमार, परियोजना निदेशक, संदीप कुमार तकनीकि निदेशक, भारत में कोस्टारिका के राजदूत मारियला क्रूज और अन्य गणमान्य अतिथियों ने किया। 
आज के कार्यक्रम हेतु उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गड़करी जी, आवास और शहरी विकास केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह जी और नगर विकास मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार श्री सुरेश खन्ना जी ने अपनी शुभकामनायें व बधाई संदेश प्रेषित कर इस प्रोजेक्ट को अपने यहां शुरू करने हेतु उत्सुकता दिखायी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक जी, मुख्य सचिव और प्रशासन का आभार प्रकट किया उन्होने शीघ्र ही चन्द्रेश्वर नाले पर कार्य आरम्भ किया आज उसे मूर्त रूप प्रदान किया। स्वामी जी ने कहा कि यह प्रयोग सफल रहा तो हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो ’’देश के हर नाले की बदलेगी किस्मत और हर सीवर प्वाइन्ट बनेगा सेल्फी प्वाइन्ट।’ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने इस उत्कृष्ट पहल के लिये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की भूरि-भूरि प्रशन्सा की साथ ही उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि स्वामी जी ऐसे आध्यात्मिक व्यक्तित्व है जो सकारात्मक विचारों के साथ पूरे प्रदेश, देश और विश्व की तस्वीर बदलने का जज्बा रखते है। आज का यह कार्यक्रम उसी का छोटा से उदाहरण है। उन्होने कहा कि प्रदेश की प्रगति में उनका बहुत बड़ा योगदान है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने गंगा एक्शन परिवार के प्रमुख सदस्य एवं इनजियो के प्रमुख रजनीश मेहरा जी का धन्यवाद देते हुये रूद्राक्ष का पौधा भेेेंट किया। रजनीश मेहरा जी ने आगे भी स्वामी जी के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की ताकि देश के हर नाले की तस्वीर बदली जा सकती है। जल शुद्धिकरण संयत्र के उद्घाटन समारोह में भारत में कोस्टारिका के राजदूत मारियला क्रूज, श्री दीप शर्मा जी, अनेक स्थानीय नेता, पत्रकार बन्धु, गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन से सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी, नरेन्द्र बिष्ट, चिली, इक्वाडोर, कोलंबिया, पेरू, अमेरिका, नार्वे, इंग्लैण्ड एवं विश्व के अनेक देशों से आयी कन्याओं ने नदियों का वेश धारण कर नदियों एवं माता पृथ्वी को स्वच्छ रखने का संदेश दिया।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और माननीय मुख्यमंत्री जी ने श्री विकास दहिया जी को रूद्राक्ष का पौधा देकर सम्मानित किया।

बाबूजी स्मृति खादी अलंकार समारोह में केरल की संस्था सम्मानित

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जौरा,(मध्य प्रदेश).कर्मयोगी स्व.श्री गिरिधर लाल गुप्ता (बाबू) की स्मृति में शुरूआत बाबूजी स्मृति खादी अलंकार समारोह 2018 में केरल के गांधी सेंटर फोर रूरल डेंवलपमेंट नामक गैर सरकारी संस्था को सम्मानित किया गया. स्थानीय महात्मा गांधी सेवा आश्रम में केरल में है त्रिवेंद्रम है.यहां पर गांधी सेंटर फोर रूरल डेंवलपमेंट नामक गैर सरकारी संस्था कार्यालय है. इसका डायरेक्टर हैं जैकब पुलिक्कल. इनके नेतृत्व में 1998 से शानदार ढंग से स्वदेशी आंदोलन चल रहा है. इनके शानदार कार्य के आलोक में सम्मानित किया गया.बतौर डायरेक्टर के एवज में प्रबंध कमिटी के सदस्य विन्नी राज ने सम्मान प्राप्त किया.21 हजार रू.शॉल और स्मृति पत्र दिया गया. मौके पर डॉ.रनसिंह परमार ने कहा कि बाबूजी खादी को शिखर पर पहुंचाने का कार्य किया है.प्रखर गांधीवादी पी.व्ही.राजगोपाल ने कहा कि यह प्रथम अलंकार समारोह है.केरल की संस्था ने कार्यकुशलता के बल पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को खदेड़ने में सफल हो गयी है.साबून, छाता आदि निर्माण किया जाता है.उनके द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है. तीसरी सरकार को मजबूती प्रदान करने की कवायद करने वाले चंद्रशेखर प्राण ने कहा कि दिल्ली में प्रथम सरकार और राज्य में द्वितीय सरकार ने गांवघर की तीसरी सरकार अप्रभावशाली बनाकर रख दिया है. इस अवसर पर गांधी शांति प्रतिष्ठान के युवा मामले को देखनहार रमेशचंद्र शर्मा, बसवराज पाटिल,डॉ.महेश गुप्ता,प्रदीप प्रियदर्शी, जिल कर हैरिस,अनीश, अनिल, श्यामनंदन सिंह, दुलारचंद राम आदि लोग उपस्थित थे.

मोदी सरकार के वित्तीय विशेषज्ञ उब चुके हैं : सुरजेवाला

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नई दिल्ली, 20 जून, कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर तंस कसते हुए कहा कि वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ सरकार के भारी आर्थिक कुप्रबंधन से उब चुके हैं। कांग्रेस की यह टिप्पणी मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रह्मण्यम के पद छोड़ने के फैसले के संदर्भ में की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, "मोदी सरकार के वित्तीय विशेषज्ञ भारी आर्थिक कुप्रबंधन, उत्साहीन आर्थिक सुधार और वित्तीय अव्यवस्था से उब चुके हैं। नीति आयोग से अरविंद पनगढ़िया और आरबीआई के गवर्नर पद से रघुराम राजन के हटने के बाद सीईए अरविंद सुब्रह्मण्यम का इस्तीफा आना कोई हैरानी की बात नहीं है।"केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट में बुधवार को कहा कि अरविंद सुब्रह्मण्यम का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा, क्योंकि वह अपनी पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के कारण अमेरिका वापस जाना चाहते हैं। सुब्रह्मण्यम ने 16 अक्टूबर, 2014 को तीन साल के लिए बतौर सीईए काम शुरू किया था। जेटली ने कहा कि तीन साल की कार्यावधि की समाप्ति के बाद उन्होंने सुब्रह्मण्यम से कुछ और समय तक पद पर बने रहने का आग्रह किया था।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी 3000 करोड़ के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार

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पुणे, 20 जून, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष व प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) रवींद्र पी. मराठे को 3,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी बुधवार को एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि रवींद्र पी. मराठे ने फर्जी तरीके से पुणे के डीएसके समूह को 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया था। ईओडब्ल्यू ने बैंक के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र के. गुप्ता, अहमदाबाद से जोनल प्रबंधक नित्यानंद देशपांडे और जयपुर से पूर्व सीएमडी सुशील महनोत को भी गिरफ्तार किया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र का मुख्यालय पुणे में है और यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में शुमार है। पुलिस ने बताया कि डीएस कुलकर्णी समूह के दो अधिकारी चार्टर्ड अकाउंटेट सुनील घटपांडे और उपाध्यक्ष (इंजीनियिरिंग) राजीव नेवास्कर को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। मराठे को फर्जी कंपनियों को कर्ज की भारी रकम मंजूर करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। जांचकर्ताओं के अनुसार, बैंक के कार्यकारी अधिकारियों ने ने डीएसके समूह की मिलीभगत से फजीवाड़े को अंजाम दिया और कर्ज के रूप में बैंक से पैसे निकाले। गिरफ्तार सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के विभिन्न प्रावधानों और धोखाधड़ी, ठगी, आपराधिक साजिश और विश्वासघात की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुणे स्थित समूह के मालिक डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती को 4,000 निवेशकों से 1,150 करोड़ रुपये की ठगी करने और करीब 2,900 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज के फर्जीवाड़े के आरोप में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।

नरेंद्र मोदी मेरे राम हैं : जशोदाबेन

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अहमदाबाद, 20 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परित्यक्ता पत्नी जशोदाबेन ने बुधवार को मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के गुजरात के एक प्रमुख दैनिक में मोदी को अविवाहित बताने के बयान पर आश्चर्य जाहिर किया। जशोदाबेन ने अपने भाई के मोबाइल फोन से बनाए गए एक वीडियो में कहा है, "मैं आनंदीबेन द्वारा प्रेस से नरेंद्र भाई का विवाह नहीं होने की बात कहने से हैरान हूं। उन्होंने खुद लोकसभा चुनाव के दौरान 2004 में अपने दस्तावेज दाखिल करते हुए इसे अपनी घोषणा में शामिल किया है कि वह विवाहित हैं और उसमें मेरे नाम का उल्लेख किया है।"जशोदाबेन ने कहा, "एक सुशिक्षित महिला (गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन) द्वारा एक शिक्षक (जशोदाबेन) के बारे में इस तरह बोलना बहुत ही अशोभनीय है। सिर्फ इतना ही नहीं उनके आचरण ने भारत के प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल किया है। वह मेरे लिए बहुत ही सम्माननीय है, वह मेरे राम हैं।"उत्तर गुजरात के अपने गृहनगर ऊंझा से बातचीत में जशोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने इस बात की पुष्टि की कि वीडियो में जशोदाबेन बात कर रही हैं। उन्होंने कहा, "जब आनंदीबेन का बयान सोशल मीडिया पर आया तो हमे विश्वास नहीं हुआ.. लेकिन यह 19 जून को प्रमुख अखबार दिव्य भास्कर में आया। अब यह गलत नहीं हो सकता।"उन्होंने कहा, "इसी वजह से हमने इसका उत्तर देने का फैसला किया। हमने अपने घर के मोबाइल फोन से एक लिखित बयान जशोदाबेन के द्वारा पढ़ा जाता रिकॉर्ड किया।"

भांग का सेवन वैध बनाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना कनाडा

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ओटावा, 20 जून, कनाडाई संसद ने मादक पदार्थ भांग (मारिजुआना) के सेवन को देशभर में वैध कर दिया है। इसके साथ ही कनाडा मारिजुआना के सेवन को वैधता देने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है।   बीबीसी के अनुसार, कैनबिस विधेयक ने मंगलवार को अपने अंतिम अवरोध को पार कर सीनेट में 52-29 मत से पारित हो गया। विधेयक में मादक पदार्थ को उगाने, वितरण और बेचने की प्रक्रिया पर नियंत्रण रखा जाएगा और संचालित किया जाएगा। कनाडाई नागरिक इस सितंबर में कैनबिस (भांग) को वैध रूप से खरीद सकेंगे और उसका सेवन कर सकेंगे। इससे पहले दिसंबर 2013 में उरुग्वे भांग की बिक्री और इसके सेवन को वैध करने वाला पहला देश बना था, जबकि अमेरिका के नौ राज्यों और डिस्ट्रिक ऑफ कोलंबिया में भांग का सेवन वैध है। अमेरिका के 30 राज्यों में चिकित्सा उद्दश्यों के लिए भांग का उपयोग वैध है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो ने विधेयक की प्रशंसा की और कनाडा के उपयोग पर ध्यान देते हुए कहा, "हमारे बच्चों को भांग मिलना आसान नहीं है। इसे हमने अब बदल दिया है। भांग को वैध करने की हमारी योजना को आज सीनेट में मंजूरी मिल गई।"विधेयक के औपचारिक रूप से पारित होने के बाद वयस्क सार्वजनिक स्थानों पर 30 ग्राम तक भांग ले जा सकेंगे और बांट सकेंगे। इसके अलावा वे अपने घर पर चार पौधे तक लगा सकेंगे।

गोल्ड अवार्ड्स में टीवी सितारों ने लगाया ग्लैमर का तड़का

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मुंबई, 20 जून,  गोल्ड अवार्ड्स के 11वें संस्करण में मनोरंज उद्योग के कई सितारे शामिल हुए। इस समारोह में टीवी हस्तियां खूबसूरत व ग्लैमरस ड्रेस में नजर आईं। समारोह में राखी सावंत, पति विक्रांत सिंह संग अर्शी खान, संजीदा शेख, आरती छाबड़िया, रिद्धिमा पंडित, शक्ति अरोड़ा, शांतनु माहेश्वरी, निया शर्मा, देबिना बनर्जी, भारती सिंह के साथ हर्ष लिंबचिया, जिज्ञासा सिंह, भूमिका गुरुंग, सिद्धार्थ सागर, दृष्टि धामी, दिव्यांका त्रिपाठी, अदा खान, पंखुड़ी अवस्थी संग गौतम रोडे, प्रिंस नरुला और युविका चौधरी, बरखा सेनगुप्ता और इंद्रनील सेनगुप्ता, हिना खान, सुरभि चंदना जैसी हस्तियां शरीक हुईं। समारोह में अर्जुन बिजलानी, काम्या पंजाबी, मौनी रॉय, मोहित मलिक, करणवीर बोहरा, क्रिस्टल डिसूजा, सुरभि ज्योति, गुरमीत चौधरी, करिश्मा तन्ना, जेनिफर विंगेट, विवियन डिसेना, अनीता हसनंदानी, ईशा सिंह, अदनान खान, एली अवराम, हेली शाह, दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम जैसे सितारे भी कार्पेट पर जलवे बिखेरते नजर आए।

आलिया की 'राजी'ने दुनियाभर में कमाए 200 करोड़ रुपये

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मुंबई, 20 जून, आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म 'राजी'ने दुनियाभर में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। फिल्म के सह निर्माता करण जौहर ने इसकी घोषणा की। करण ने बुधवार को अपने ट्विटर खाते पर यह सूचना साझा की। उन्होंने कहा, "अ प्राउड फिल्म। दुनियाभर में कमाए 207 करोड़ रुपये।"आईएएनएस के पास एक बयान के मुताबिक, मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने भारत में अपने पहले सप्ताहांत में 32.94 करोड़ रुपये कमाए थे। इस फिल्म को जी स्टूडियोज द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वितरित किया गया था। फिल्म को 42 देशों में 450 स्क्रीन पर रिलीज किया गया था। हरिंदन सिक्का की किताब 'कॉलिंग सहमत'पर आधारित 'राजी'की कहानी एक युवा कश्मीरी लड़की के इर्दगिर्द घूमती है, जिसकी शादी एक पाकिस्तानी सेना के अधिकारी से होती है और उसके बाद वह जासूस बन जाती है। यह फिल्म भारत में 11 मई को रिलीज हुई थी।

कमल हासन ने राहुल गांधी से मुलाकात की

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नई दिल्ली, 20 जून, अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। हासन ने हाल ही में अपनी नई पार्टी मक्कल निधि मैयम की स्थापना की है। उन्होंने राहुल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, "हमने राजनीति पर चर्चा की, लेकिन जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा नहीं।"यह पूछे जाने पर कि बैठक में तमिलनाडु में उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई? कमल ने कहा, "हमने इस बारे में चर्चा नहीं की।"राहुल ने इस बैठक के बारे में ट्वीट किया, "दिल्ली में आज कमल हासन के साथ बैठक का आनंद लिया। हमने तमिलनाडु में राजनीतिक स्थिति के अलावा दोनों पार्टियों से संबंधित बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की।"इससे पहले दिन में कमल ने अपनी पार्टी के पंजीकरण को लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी और विश्वास जताया कि यह प्रक्रिया सात-10 दिनों में पूरी हो जाएगी।

विशेष : जब अहीर शराफत दिखाता है तो ऐसी ही ‘लूट’ ली जाती है पुस्‍तक

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हमारी पुस्‍तक ‘संभावनाओं के सोपान’ की एक कॉपी आज सरेआम ‘लूट’ ली गयी। लूटने वाले भी अपने ही विधान सभा क्षेत्र यानी ओबरा के हैं। दाउदनगर अनुमंडल के अतीत और वर्तमान पर वर्षों काम करने वाले उपेंद्र कश्‍यप से आज पटना में अति पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्‍य प्रमोद चंद्रवंशी के आवास पर मुलाकात हुई। उन्‍होंने पुस्‍तक लेकर प्रमोद जी के आवास पर बुलाया। हमें तो लगा कि एक ‘कस्‍टमर’ मिल गये, यहां तो उल्‍टा ही हुआ। हमने उन्‍हें पुस्‍तक दी और उन्‍होंने पुस्‍तक अपने ‘तरकस’ में डाल ली। मेरे सामने देखने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं था। हम बात कर रहे थे पुस्‍तक की। विधान सभा के बजट सत्र के दौरान 75 से अधिक पुस्‍तक हमने बेची थी। उसके बाद से पुस्‍तक बेचने का क्रम जारी है। पत्रकार से बनिया बनने तक की यात्रा। आज बनिया के हाथों ही ‘लूट’ गये। सत्र के दौरान सिर्फ मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को ही नि:शुल्क किताब भेंट की थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव को भी पुस्‍तक भेंट करना चाहता था, लेकिन उन्‍होंने नकद भुगतान कर दिया। एक वक्‍त ऐसा भी आया जब एक पूर्व मंत्री ने 2100 की पुस्तक के बदले दस हजार का चेक थमा दिये। एक पूर्व सांसद के बदले उनके पुत्र बाद में पैसे पहुंचा गये। ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ के सहयोग के रूप हमने दस रुपये की आर्थिक मदद भी स्‍वीकार की है।

हम वापस उपेंद्र कश्‍यप और प्रमोद चंद्रवशी पर आते हैं। उपेंद्र औरंगाबाद जिले के दाउदनगर में पिछले 25 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। 2015 में उन्‍होंने एक पुस्‍तक लिखी थी- श्रमण संस्‍कृति का वाहक-दाउदनगर। दाउदनगर और आसपास के इलाकों पर आधारित उन्‍होंने दो खंडों में संदर्भ ग्रंथ ‘उत्‍कर्ष’ के नाम से प्रकाशित किया है। दाउदनगर का जिउतिया प्रमुख त्‍योहार है, उसकी लोकप्रियता बढ़ाने में उन्‍होंने बड़ी भूमिका निभायी है। जबकि प्रमोद चंद्रवंशी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। दो बार उन्‍होंने ओबरा से विधान सभा का चुनाव लड़ा और दोनों बार उनका तीर (जदयू का चुनाव चिह्न) लक्ष्‍य नहीं भेद पाया। कई वर्षों तक वे अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्‍य भी रहे। उपेंद्र कश्‍यप किसी काम से पटना आये थे। प्रमोद चंद्रवंशी के आवास पर ही मुलाकात हुई। इस दौरान काराकाट लोकसभा और ओबरा विधान सभा चुनाव को लेकर चर्चा भी हुई। लेकिन आमतौर पर जैसा हमारी सक्रियता को लेकर सवाल उठाया जाता है- चुनाव लड़ना है क्‍या। हम बस इतना ही कह पाये कि मुखिया का चुनाव में हार कर रिकार्ड बना लिये हैं, आगे शौक नहीं है। यह अलग बात है कि चुनाव अनुभव पर आधारित पुस्‍तक भी तैयार है।



---वीरेंद्र यादव---

बिहार : फादर लौरेंस पास्कल ने छह वर्षों तक विकर जनरल और तक साढ़े चार साल तक प्रशासक रहे

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  • फादर से बिशप नहीं बनने का मलाल सबको हैं: जेम्स माइकल
  • रोम में रहने वाले पोप नियुक्त करते हैं बिशप

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बेतिया,(पश्चिमी चम्पारण).  जबतक बेतिया पल्ली में पल्ली पुरोहित रहे,तबतक फादर लौरेंस पास्कल कारनामा करते रहे.पल्ली पुरोहित रहे.कई बार विख्यात स्कूलों के प्राचार्य रहें.विकर जनरल और प्रशासक रहे. ईसायत इतिहास में है कि विकर जनरल और प्रशासक को प्रोन्नत कर बिशप बना दिया जाता है.मगर फादर की ढलती उम्र के कारण बिशप के लायक होने के बावजूद बिशप नहीं बन सके. रोम में रहने वाले पोप के द्वारा बिशप नियुक्त होते हैं.दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि रहते हैं जो बिशप योग्य नामों पर मुहर लगाकर पोप के पास अग्रसारित कर देते हैं. यहां के निवासी जेम्स माइकल कहते हैं बिशप नहीं बनने का मलाल सबको है. बेतिया पल्ली के पूर्व पल्ली पुरोहित फादर लौरेंस पास्कल ने हिंदी में एम.ए. व एम. एड किये हैं .उनका पुरोहिताभिषेक 1980 में हुआ. उन्होंने 20 साल की दो मैराथन पारी खेली.पटना धर्मप्रांत में 20 साल और बेतिया धर्मप्रांत में 20 साल व्यत्तित किये. पटना संत जेवियर हाई स्कूल और आरा कैथोलिक हाई स्कूल के प्राचार्य रहे.1998 से 2007 तक बेतिया के संत जेवियर्स के प्राचार्य रहे. 7 जुलाई 2007 से 29 अप्रैल 2018 तक बेतिया के पल्ली के पुरोहित थे. इसी अवधि में फादर लौरेन्स के विकर जनरल छह साल तक और बिशप विक्टर के स्थानान्तरण होने के बाद साढ़े चार साल तक प्रशासक रहे. मगर बिशप नहीं बन सके. बेतिया पल्ली में रहने वाले बुद्धिजीवियों का कहना है कि येसु समाजी फादर लौरेंस पास्कल  महान प्रशासकों में एक थे.अनुशासन प्रिय व ईमानदार छवि वाले हस्ती थे.यह कहा जा सकता है कि बेतिया के सर्वाधिक सफल पल्ली पुरोहितों में से एक थे. वर्तमान गिरजाघर का कायाकल्प करने का श्रेय फादर को ही जाता है. चुप्पी, संडे क्लास, क्रिसमस मिलन आदि की शुरूआत की.बिशप पीटर सेवास्टीयन गोबियस का सफलतापूर्वक समारोह करवाये. जिसमें बेतिया के सभी पल्लीवासियों को आमंत्रित किया. जिसका शानदार आयोजन व जायका इंडिया आज भी याद किया जाता है. कब्रिस्तान का रखरखाव तथा उघार संघ का चुनाव महत्वपूर्ण है. अभी फादर दीघा स्थित एक्सटीटीआई में आराम फरमा रहे हैं. 

विशेष आलेख : स्वर्णिम मध्यप्रदेश की पोलखोल

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के लोग यह दावा करते नहीं थकते हैं कि मध्यप्रदेश तरक्की की राह पर चलते हुए बीमारू राज्य के तमगे को काफी पीछे छोड़ चूका है, स्वर्णिम मध्यप्रदेश के दावों, विकास दर के आंकड़ों, सबसे ज्यादा कृषि कर्मण अवार्ड के मेडल और बेहिसाब विज्ञापन के सहारे ये माहौल बनाने की कोशिश की जाती है कि मध्यप्रदेश ने बड़ी तेजी से तरक्की की है. यहां तक कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार 'आनंद मंत्रालय'खोलने वाली पहली सरकार भी बन चुकी है. लेकिन जमीनी हालत देखें तो प्रदेश की बड़ी आबादी आनंद में नहीं है, आंकड़े इस बात की चुगली करते हैं कि तथाकथित मध्यप्रदेश माडल के दावे खोखले हैं. जमीनी हालात बता रहे हैं कि तमाम आंकड़ेबाजी और दावों के बावजूद मध्यप्रदेश “बीमारु प्रदेश” के तमगे से बहुत आगे नहीं बढ़ सका है. पिछले दिनों  नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मध्यप्रदेश को पिछड़ा प्रदेश कहके इसी बात की पुष्टि की है. हालांकि बाद में उन्हें इसको लेकर सफाई भी पेश करनी पड़ी. लेकिन तब तक इसे विपक्षी कांग्रेस ने लपक लिया था. नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुये उनकी सरकार को पैसा, प्रचार, प्रपंच और पाखंड की सरकार बताया और उनसे झूठ बोलने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगने को कहा.  इससे पहले नीति आयोग ने पिछले साल अक्टूबर में देश के जिन 201 सबसे पिछड़े जिलों की सूची जारी की थी उसमें मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर था. इस सूची में मध्यप्रदेश के 18 जिले शामिल है जो कुपोषण, भुखमरी, बाल व मातृ मृत्यु की ऊँची दरों, बेरोज़गारी, बदलहाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर देश के बदतर जिलों में शामिल हैं, ये 18 जिले आदिवासी बहुल जिले हैं. 

इस साल दिसम्बर में भाजपा को सूबे की सत्ता में आये हुए पंद्रह साल पूरे हो जायेंगें. इससे पहले नवंबर में शिवराज सिंह चौहान भी बतौर मुख्यमंत्री अपने 13  साल पूरे कर लेंगें. जाहिर है ये एक बड़ा अरसा है ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि इतने लम्बे समय तक सत्ता में रहने के बाद सूबे की स्थिति में क्या सुधार हुए हैं ? 
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जनता को लुभाने वाली घोषणाओं के लिए भी खासे मशहूर हैं. इसकी वजह से उन्हें घोषणावीर मुख्यमंत्री भी कहा जाता है. हालांकि एक दशक का अनुभव बताता है कि इनमें से ज्यादातर घोषणायें जमीन पर उतरती हुई दिखाई नहीं पड़ती हैं. मई 2010 में मध्यप्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज ने मध्यप्रदेश के सर्वांगीण और समावेशी विकास के लिये  70 सूत्रीय संकल्प प्रस्‍तुत किया था जिसमें प्रदेश में खेती को लाभ का धंधा बनाने, मूलभूत सेवाओं के विस्तार के साथ अधोसंरचना का निरंतर सुदृढ़ीकरण करने, निवेश का अनुकूल वातावरण निर्मित करने, सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करने,  सुदृढ़ सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था स्थापित करने जैसे बिंदु शामिल थे. आज इस संकल्प को आठ साल पूरे हो चुके हैं लेकिन ये वादों की पोटली बनकर ही रखे हुये  हैं. दावा किया जाता है कि मध्यप्रदेश का जीडीपी 10 प्रतिशत से ऊपर है लेकिन सूबे की माली हालत देखें तो मध्यप्रदेश सरकार पर वर्ष 2001-02 में 23934 करोड़ रूपए का क़र्ज़ था. जो अब बढ़कर 118984 करोड़ रूपए हो गया है. राज्य की अधिकांश जनता आज भी खेती पर ही निर्भर हैं. गैर कृषि क्षेत्र में मप्र की विकास दर 6.7 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 8 से ऊपर है जाहिर है सूबे की औद्योगिक विकास की गति धीमी है और इसके  लिए जरूरत के अनुसार अधोसंरचना नहीं बनायीं जा सकी है. इसी तरह से सांख्यिकी मंत्रालय की हालिया आंकड़े बताते हैं कि सूबे की प्रति व्यक्ति आय अभी भी राष्ट्रीय औसत से आधी है और इसके बढ़ने की रफ्तार बहुत धीमी है. मध्य प्रदेश में पिछले 10 सालों में सूबे में करीब 11 लाख गरीब बढ़े हैं और यहां गरीबी का अनुपात 31.65 प्रतिशत है  है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 21.92 प्रतिशत है. 

शिवराज सिंह चौहान दावा करना नहीं भूलते कि उनकी सरकार ने खेती को फायदे का धंधा बना दिया है और इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार लगातार पांच वर्षों से कृषि कर्मण का मेडल हासिल करती आ रही है लेकिन राज्य में किसानों के आत्महत्याओं के आंकड़े परेशान केने वाले हैं. इस साल मार्च में केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लोकसभा में जो जानकारी दी  गयी है उसके अनुसार 2013 के बाद से मध्यप्रदेश में लगातार किसानों की खुदकुशी के मामले बढ़ हैं, साल 2013 में 1090, 2014 में 1198, 2015 में 1290 और 2016 में 1321 किसानों ने आत्महत्या की है. अगर हम मध्यप्रदेश की मानव विकास सूचकांकों को देखें तो आंकड़े शर्मिंदा करने वाले हैं. कुछ साल पहले एम.डी.जी. की रिपोर्ट आयी थी जिसके अनुसार मानव विकास सूचकांकों में प्रदेश के पिछड़े होने का प्रमुख कारण सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र की लगातार की गयी अनदेखी है. राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में कम निवेश करती है, रिपोर्ट के अनुसार म.प्र सामाजिक क्षेत्रों में अपने बजट का 39 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च करता है जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 42 प्रतिशत है. शायद यही वजह है कि आज भी मध्यप्रदेश शिशु मृत्यु दर में पहले और कुपोषण में दूसरे नंबर पर बना हुआ है. इसके लिये तमाम योजनाओं, कार्यक्रमों और पानी की तरह पैसा खर्च करने के बावजूद स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है. कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश लम्बे समय से बदनामी का दंश झेल रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 (2015-16) के अनुसार राज्य में 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और ताजा स्थिति ये है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुपोषण की वजहों से हर रोज अपनी जान गवाने वाले बच्चों की औसत संख्या 92 हो गई है जबकि 2016 में यह आंकड़ा 74 ही था. 

शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्यप्रदेश लगातार एक दशक से अधिक समय से पूरे देश में पहले स्थान पर बना हुआ है. एनुअल हेल्थ सर्वे 2014 के अनुसार शिशु मृत्यु दर में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है जहाँ 1000 नवजातों में से 52 अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाते हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर आधा यानी 26 ही है. प्रदेश के ग्रामिण क्षेत्रों में स्थिति ओर चिंताजनक है जहाँ शिशु मृत्यु दर 57 है. मध्यप्रदेश में 5 साल से कम उम्र के 58 प्रतिशत लड़कों और 43 प्रतिशत लड़कियों की लम्बाई औसत से कम है, इसी तरह से 49.2 फीसदी लड़कों और 30 प्रतिशत लड़कियों का वजन भी औसत से कम है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के अनुसार 5 साल से कम उम्र के हर 100 बच्चों में से लगभग 40 बच्चों का विकास ठीक से नही हो पाता है, इसी तरह से 5 साल से कम उम्र के लगभग 60 प्रतिशत बच्चे खून की कमी के शिकार हैं और केवल 55 प्रतिशत बच्चों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पाता है. महिलाओं की बात करें तो प्रदेश में केवल 16.2 प्रतिशत महिलाओं को प्रसव पूर्ण देखरेख मिल पाती है. जिसकी वजह से यहां हर एक लाख गर्भवती महिलाओं में से 221 को प्रसव के वक्त जान से हाथ धोना पड़ता है. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 167 है यहाँ उपरोक्त स्थितियों का मुख्य कारण बड़ी संख्या में डाक्टरों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं का जर्जर होना है जैसे म.प्र. में कुल 334  बाल रोग विशेषज्ञ होने चाहिए जबकि वर्तमान में केवल 85  ही पदस्थ हैं. दरअसल कुपोषण की जड़ें गरीबी,  बीमारी,  भूखमरी और जीवन के बुनियादी जरूरतों के अभाव में है. अभाव और भूखमरी की मार सबसे ज्यादा बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ती है. आवश्यक भोजन नही मिलने की वजह से बड़ों का शरीर तो फिर भी कम प्रभावित होता है लेकिन बच्चों पर इसका असर तुरंत पड़ता है, जिसका प्रभाव लम्बे समय तक रहता है, गर्भवती महिलाओं को जरुरी पोषण नही मिल पाने के कारण उनके बच्चे तय मानक से कम वजन के होते ही है साथ ही जन्म के बाद अभाव और गरीबी उन्हें भरपेट भोजन भी नसीब नही होने देती है, नतीजा कुपोषण होता है जिसकी मार या तो दुखद रुप से जान ही ले लेती है या इसका असर ताजिंदगी दिखता है.

स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो नीति आयोग द्वारा हेल्थी स्टेट्स प्रोग्रेसिवट इंडिया नाम से जारी की गयी रिपोर्ट में मध्यप्रदेश को 17वें स्थान मिला है और इस मैले में उसे 100 में से मात्र 40.09 अंक मिले है, रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के अस्पतालों में कुल जरूरत की अपेक्षा 58.34 प्रतिशत डॉक्टर ही हैं. इसी तरह से बालिका शिशु जन्मदर में भी भारी गिरावट हुयी है रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 2014-15 में प्रति हजार लड़कों पर 927 थी, जो 2015-16 में  घटकर 919 रह गई. यह स्थिति तब है जब यहां लाडली लक्ष्मी जैसी बहु प्रचारित योजनायें चलाई जा रही हैं.  शिक्षा की बात करें तो पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से चार प्रतिशत कम है और सूबे की चालीस प्रतिशत महिलायें तो अभी भी असाक्षर हैं. 2017 के आखिरी महीनों में जारी की गयी आरटीआई पर कैग की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के स्कूल छोड़ने के मामले में मध्य प्रदेश का देश में चौथा स्थान है, रिपोर्ट में बताया है कि सत्र 2013 से 2016 के बीच स्कूलों में बच्चों के दाखिले में सात से दस लाख की गिरावट पाई गई है. इसी तरह से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में में करीब 30 हजार शिक्षकों के पद खाली है जिसका असर बच्चों की शिक्षा पर देखने को मिल रहा है और यहां पढ़ने वाले बच्चों  की संख्या बड़ी तेजी से घट रही है. मध्यप्रदेश की  लगभग 21 प्रतिशत जनसँख्या आदिवासी है और इस बदहाली का असर भी उन्हीं पर सबसे ज्यादा है. दिनांक 11 मई 2018 को दैनिक समाचार पत्र पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार पिछले करीब डेढ़ दशक (2003-04 से 2018-19 ) के बीच अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के विकास के नाम पर 2215.07 अरब रूपये खर्च कर चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी उनकी बड़ी आबादी भुखमरी,कुपोषण,गरीबी,बीमारी और जीवन जीने के बुनियादी सुविधाओं से महरूम है .   

मध्यप्रदेश में कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में श्योपूर (55 प्रतिशत),बड़वानी (55 प्रतिशत), (52.7 प्रतिशत), मुरैना (52.2 प्रतिशत) और गुना में (51.2 प्रतिशत) जैसे आदिवासी बहुल जिले शामिल हैं. गरीबी इसका मूल कारण है, जिसकी वजह से उनके आहार में पोषक तत्व ना के बराबर होती है. आंकड़ों की बात करें तो भारत सरकार द्वारा जारी ‘‘रिर्पोट आफ द हाई लेबल कमेटी आन सोशियो इकोनामिक, हैल्थ एंड एजुकेशनल स्टेटस आफ ट्राइबल कम्यूनिटी 2014”  के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर आदिवसी समुदाय में शिशु मृत्यु दर 88  है जबकि मध्यप्रदेश में यह दर 113 है, इसी तरह से राष्ट्रीय स्तर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 129 है वही प्रदेश में यह दर 175 है. दरअसल आदिवासी समाज पर ही आधुनिक विकास की मार सबसे ज्यादा पड़ती है. वे लगातार अपने परम्परागत संसाधनों से दूर होते गए हैं. देश के अन्य भागों की तरह मध्यप्रदेश के आदिवासी भी अपने इलाके में आ रही भीमकाय विकास परियोजनाओं, बड़े बांधों और वन्य-प्राणी अभ्यारण्यों की रिजर्वों की वजह से व्यापक रूप से विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर हुए हैं और लगातार गरीबी व भूख के दलदल में फंसते गये हैं.  सूबे में दलित समुदाय की स्थिति क्या है इसको एक हालिया घटना से समझा जा सकता है बीते 16 अप्रैल को उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाले महिदपुर तहसील के एसडीएम ने सभी पंचायतों को आदेश जारी किया था कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी दलित परिवार के यहां  होने वाली शादी की सूचना कम से कम तीन दिन पहले नज़दीकी पुलिस थाने को दें जिससे बारात के दौरान पुलिस सुरक्षा का इंतज़ाम किया जा सके. हालांकि बाद में विरोध को देखते हुये जिला कलेक्टर द्वारा एसडीएम के इस आदेश को निरस्त कर दिया गया. लेकिन उपरोक्त घटना बताती है कि मध्यप्रदेश में दलितों को अपने ही परिवार में शादी जैसे मौकों पर भी पुलिस प्रोटेक्शन की जरूरत है. मानव विकास और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सूबे की यह बदरंग तस्वीर बताती है कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश के दावे कितने हवाई हैं. इन सब के बीच बेशर्मी का आलम ये है कि शिवराजसिंह की सरकार खुद अपने विज्ञापन पर पानी की तरह पैसा बहा रही है. बीते 26 अप्रैल तो हद ही हो गयी जब एक अखबार के 24 पन्नों में से 23 पन्नों पर सरकार बाहदुर ने अपनी योजनाओ, उपलब्धियों का बखान  करते विज्ञापन छपवा डाले. इन में एक सम्पादकीय नुमा विज्ञापन भी था जिसे अखबार के स्थानीय संपादक द्वारा लिखा  गया था और इसका शीर्षक था “देश को गति देती मध्य प्रदेश की योजनाएं”. मध्यप्रदेश की दुर्गति को देखते हुये  कोई भी देश को इस “गति” तक नहीं पहुचाना चाहेगा. 
 


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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

जनता की भलाई के लिए हमने वो सब किया जिसके लिए हमें चुना था : शिवचरण गोयल

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नई दिल्ली।(अशोक कुमार निर्भय) मोतीनगर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक शिवचरण गोयल ने अपने पंजाबी बाग कार्यालय में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान कराये गए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। रिपोर्ट कार्ड का विमोचन करते हुए विधायक शिवचरण गोयल ने कहा कि मेरे क्षेत्र में लगभग सभी समस्याएं समाप्त हो गई है और कुछ एक रह गयी हैं उनपर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में बना आचार्य भिक्षु अस्पताल दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ अस्पताल बन गया है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यभार संभालने के बाद हमने सबसे पहले उन कार्यों को चुना जो वर्षों से पिछली सरकारों की नाकामी के चलते नहीं हो रहे थे जबकि जनता की मांग थी की उन्हें राहत प्रदान की जाये ऐसे में बारात घर बना कर क्षेत्रवासियों को समर्पित किया गया। सबको स्वच्छ पीने का पानी मिले इसके लिए आर ओ पानी का प्लांट लगाया गया। 16 करोड़ ी लागत से बिजली के तारों और ट्रांसफार्मरों को बदल कर उनकी क्षमता बढ़ा कर 1000 किलोवाट कर दी गयी आज क्षेत्र में बिजली की कोई समस्या नहीं है। सबसे बड़ा काम हमने मोतीनगर नाले में दवाइयों का छिड़काव कराकर सफाई करवाई जिससे क्षेत्र मच्छरों से मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने  वर्ल्डक्लास का स्किल सेंटर बनाकर रोजगार के अवसर प्रदान किये हैं। अम्बेडकर विश्वविधालय की स्थापना और स्कूलों में कमरों और व्यवस्थाओं को बढाकर हमने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। कर्मपुरा से जखीरा को जाम मुक्त कराया और अतिक्रमण हटाकर रोड को चौड़ा करने काम हमारी 36 महीनों की बड़ी उपलब्धि है। स्वच्छता को आगे बढ़ाते हुए हमने 1000 सीटों के शौचालय का निर्माण कराकर जनता को समर्पित किया है। मोतीनगर विधानसभा में 100 करोड़ की लागत से सड़कों,गलियों और नालियों को बनाकर पानी भराव की समस्या से क्षेत्रवासियों को निजात दिलायी है।  फुट ओवर ब्रिज,स्ट्रीट लाईट,हैलोजन लाईट लगवायी हैं ताकि प्रकाश व्यवस्था अच्छी हो और क्राइम कम हो सके।उन्होंने कहा कि रमारोड पर जलभराव की समस्या से जनता को निजात दिलाकर हमने अपने घोषणा पत्र को पूरा किया है। विधायक शिवचरण के कहा कि अभी भी बहुत कुछ करना है जिसके लिए मैं खुद जनता से सीधे संवाद करके सुझाव ले रहा हूँ।उन्होंने जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सब कार्य जनता के आपार विश्वास और प्रेरणा के बिना संभव नहीं थे मुझे जनता ने प्यार और सहयोग दिया है जिसके चलते मैं जनता का आभारी हूँ और विश्वास दिलाता हूँ की आगे भी विकास कार्य निरंतर चलते रहेंगे। उन्होंने कहा की आम आदमी पार्टी को कदम कदम पर रोका गया किन्तु जनता की भलाई के लिए हमने वो सब किया जिसके लिए हमें चुना था। इस मौके पर आम आदमी पार्टी वार्ड -101 के अध्यक्ष अमरजीत सोढ़ी,वरिष्ठ नेता श्रीमती रीटा शर्मा समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

दुमका : श्रावणी मेला महोत्सव 2018 से संबंधित सारी तैयारियां समय पूर्ण की जाय - डीसी मुकेश कुमार

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दुमका डीसी  मुकेश कुमार की अध्यक्षता में  राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2018 से संबंधित बैठक बासुकीनाथ धाम के प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई। इस अवसर पर  डीसी ने संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि मंदिर परिसर में अधिष्ठापित सभी एयर कंडीशनर की रिपेयरिंग की जाए और इसकी देख रेख के लिए 24 घंटे मैन पावर रिक्रूट किये  जाएं ताकि मेला के दौरान किसी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि बेहतर ढंग से पूरे मंदिर परिसर की साफ सफाई की जाए। श्रावणी मेला के दौरान प्रतिदिन हजारों हजार की संख्या में श्रद्धालु बाबा पर जल अर्पण करने आते हैं इस दौरान उन्हें स्वच्छता के प्रति एक अच्छा संदेश मिले । मंदिर परिसर मेे ग्रेनाइट टाइल्स लगाने का कार्य चल रहा है जिसे जल्द से जल्द पूरा करने का उन्होंने निदेश दिया । उन्होंने कहा कि वक्त को ध्यान में रखते हुए कार्य में तेजी लाये। मेला प्रारम्भ होने से पूर्व सभी कार्य पूरा हो जाये इसे सुनिश्चित करें । विद्युतीकरण, रंग रोगन का कार्य भी तीव्र गति से किया जाए ।  डीसी ने निर्देश दिया कि कांवरिया रूट में पेंटिंग लगाई जाए ताकि रुट लाइन का बेहतर दिखे। जलार्पण काउंटर में लगे स्क्रीन के ऊपर कवर लगाया जाए ताकि जलार्पन के दौरान जल पड़ने पर खराब न हो। उन्होंने कहा कि कम से कम दो जगहों पर वाटर एटीएम लगाया जाए ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल की समस्या न हो।  सिक्का निर्माण  कार्य में तेजी लाने का निर्देश संबंधित अधिकारी को दिया । डीसी श्री  कुमार ने कोषागार में पड़ी मंदिर की सामग्री से संबंधित विभाग को पत्र लिखकर मंदिर को वापस करने का अनुरोध किया ताकि इसे कन्वर्ट कर उसका उपयोग किया जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि सभी कर्मियों के लिए आई कार्ड बनाया जाये ताकि मेला के दौरान उनकी पहचान सार्वजनिक रहे । स्पाइरल लाइटिंग सरडीहा तक लगायी जायेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निदेश दिया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा में स्थानीय गोताखोरों की टीम पूरे मेले अवधि में प्रतिनियुक्त रहे। साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी शिवगंगा मेंउपस्थित रहे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसे ध्यान में रखते हुए बेहतर ढंग से बैरिकेडिंग की जायेगी। उन्होंने कहा कि पूरे रुट लाइन में इंद्र वर्षा की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष  20 बेड का एयर कंडीशनर हॉस्पिटल 1 महीने के लिए नंदी चैक के पास बनाया जायेगा। जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी,  साथ ही सभी अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र पूर्व वर्ष की भांति  रहेंगे। उन्होंने स्वास्थ विभाग को निर्देश दिया कि डॉक्टर्स ,एंबुलेंस ,नर्सिंग स्टाफ को मोबीलाईज करें । अतिरिक्त एंबुलेंस की आवश्यकता है तो दूसरे जिलों से एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करें।  उन्होंने कहा कि इस बार कुल 8 अस्थाई थाने बनाये जाएंगे जो सिंगल विण्डो सिस्टम के तर्ज पर कार्य करेगा । यहाँ आकर कोई भी पेयजल , बिजली इत्यादि की शिकायत कर सकते हैं । सभी विभाग के प्रतिनिधि यहां उपस्थित रहेंगे जो शिकायत मिलते ही उसका त्वरित समाधान करेंगे ।संबंधित अधिकारी को निदेश दिया कि शिव गंगा की सफाई 15 जुलाई तक हर हाल में कराया जाये । उन्होंने निदेश दिया कि प्रशासनिक भवन एवम अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में भगवान शिव की अलग-अलग मुद्राओं में पेंटिंग कराये । *एक एम्बुलेंस 24×7 बासुकीनाथ मंदिर में हमेशा उपलब्ध रहेगा ताकि किसी भी आपात स्थिति से आसानी से निबटा जा सके । उन्होंने कहा कि कोई भी श्रद्धालु अगर मंदिर की बेहतरी एवम सौंदर्यीकरण के लिए दान देना चाहते हैं तो वे आगे आयें उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया एवम प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा । डीसी ने  कहा कि इस वर्ष श्रावणी मेला में अर्घा सिस्टम के माध्यम से श्रद्धालु  सोमवार एवं मंगलवार को जलार्पण करेंगे तथा भीड़ को देखते हुए अवष्यकता पड़ने पर अर्घा सिस्टम बुधवार को भी लागू रहेगा 
। इससे प्रशासनिक तौर पर भी भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा तथा श्रद्धालु भी बेहतर ढंग से जलार्पण कर सकेंगे । उन्होंने संबंधित अधिकारी को निदेश दिया कि सभी नालियों को बेहतर ढंग से ढके । मंदिर के पूरे परिसर में प्रॉपर लाइटिंग हो । *पूरे रुट लाइन में बेहतर रौशनी की व्यवस्था की जाए । उन्होंने बिजली विभाग को निर्देश दिया श्रावणी मेला का दौरान निर्बाध विद्युत संचालन हो इसे सुनिश्चित करें । 30 दिन तक नॉन स्टॉप बिजली सप्लाई हर हाल में हो इसे ध्यान रखा जाए । उन्होंने इस संदर्भ में बिजली विभाग को प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। श्रावणी मेला के दौरान यातायात की समस्या न हो इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने ट्राफिक से निपटने के लिए  एडिशनल कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया । यह टीम पूरे क्षेत्र का ब्लूप्रिंट तैयार कर पार्किंग की समस्या को खत्म करेगी । उन्होंने संबंधित अधिकारी को निदेश दिया कि श्रावणी मेला से पूर्व यात्री पड़ाव की साफ सफाई बेहतर ढंग से की जाए । साथ ही रंगरोगण भी कराया जाए । उन्होंने कहा कि दुकानदारों से साफ सफाई रखने के लिए कहा जाये तथा दुकानदारों को अग्नि शमन यंत्र लगाने के लिए प्रेरित करें। इस वर्ष पर्यटन विभाग के द्वारा वासुकिनाथ में 1000 श्रद्धालुओं के आवसन के लिए टेन्ट सिटी का निर्माण किया जायेगा। जिला प्रशासन के द्वारा अतिरिक्त 250 बेड का टेन्ट सिटी का निर्माण किया जायेगा साथ ही पुलिस के जवानों के आवसन हेतु भी अलग से 250 बेड का टेन्ट सिटी बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा भी हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के आवसन के लिए आवसन केन्द्र तथा बेहतरीन मीडिया सेन्टर का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यहाँ आने वाले श्रद्धालु यहाँ की व्यवस्थाओं की चर्चा यहाँ से जाने के बाद करें इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन मेला को पूर्व के वर्ष से और भी भव्य बनाने का कार्य करेगा।  इस अवसर पर विधायक बादल पत्रलेख, पूर्व सांसद अभय कान्त प्रसाद, उप विकास आयुक्त वरुण रंजन, परियोजना निदेषक षिषिर कुमार, अपर समाहर्ता इंदू गुप्ता, नगर पंचायत अध्यक्षा पूनम देवी, उपाध्यक्ष अमित साह, धर्मरक्षिणी सभा के प्रतिनिधि, जिला के वरीय पदाधिकारी, एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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