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छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (15 जून)

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सुख, दुख में सरकार सभी के साथ है - गुड्डन पाठक
  • ग्राम भैरा में लगा जन समस्या निवारण शिविर

chhatarpur news
छतरपुर/भारतीय जनता पार्टी संगठन एवं सरकार जनता की आशाओं पर खरी उतरी। जिस विश्वास और भरोसे के साथ लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का जनादेश दिया। हम सभी लोग पूरे प्राणपण से उस भरोसे पर खरे उतरने की कौशिश में लगे है। पूरे सुःख, दुःख में सरकार प्रदेश की जनता के साथ है। बिजावर क्षेत्र के विधायक पुष्पेन्द्र नाथ गुड्डन पाठक ने ग्राम भैरा में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा। श्री पाठक ने मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि जानकारी के अभाव में जरूरत मंद व्यक्ति जनहितकारी योजना का लाभ लेने से बंचित न रह जाए। योजना का लाभ पात्र हितग्राही को पहुॅचाना शासकीय सेवा का हिस्सा होने के साथ-साथ पीढि़त मानवता की सेवा भी है उन्होनें कहा कि इस मामले में आध्यात्म भी कहता है कि अच्छा करने का परिणाम अच्छा मिलता है। उन्होनें लोगों को समझाइस देते हुए कहा कि पिछड़ेपन का सबसे मुख्य कारण अशिक्षा है और इसे दूर करने के लिए हमें चिन्ता करना है कि किसी भी परिवार का कोई भी बच्चा स्कूल जाने से बंचित न रहे। श्री पाठक ने भैरा गांव के यादव परिवार के सदस्य की आकाशीय बिजली से हुई मौत पर तुरन्त प्रशासन से राहत राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा अनेक जनसमस्या समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को उन्होनें मार्गदर्शन दिया। अनुविभागीय अधिकारी हरबंश शर्मा ने मौके पर विभिन्न योजनाओं को बताते हुए कहा कि लोग आगे आकर इन योजनाओं का लाभ लेकर अपना और अपने परिवार का विकास कर सकते है। किसी भी समस्या के लिए उन्होनंे संबंधित अधिकारियों या उनसे स्वयं मिलकर समाधान करने हेतु कहा। शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, राजस्व महिला बाल विकास आदि विभागों के अलावा भाजपा नेता मलखान ंिसह, नरेन्द्र मिश्रा, पुष्पेन्द्र सिंह, जुगल सचान सहित अनेक लोग इस अवसर पर मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पूछे गए सवाल-जवाब होंगे ऑनलाइन

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राज्य मुख्यालय पर कार्यरत पत्रकारों को विधानसभा की कार्यवाही का कवरेज सुगम बनाने के लिए राज्य में पहली बार विधानसभा में पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। प्रश्नोत्तरकाल समाप्त होने के बाद यह सामग्री उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। मालूम हो कि राजस्थान और केरल सहित देश की चार विधानसभाओं में यह व्यवस्था कुछ समय पूर्व लागू की जा चुकी है। यह व्यवस्था 19 जून से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में परीक्षण के तौर पर शुरू की जा रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति पिछले दो वर्षो से इसके लिए प्रयासरत थी और इस सम्बन्ध में विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय को लिखित प्रतिवेदन के साथ ही कई बार मौखिक रुप से भी आग्रह कर चुकी है। समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी और सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने इस उपलब्धि के लिए विधानसभा अध्यक्ष पाण्डेय एवं प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे से मिलकर धन्यवाद ज्ञापित किया है।

समिति के अध्यक्ष तिवारी ने बताया कि इस सत्र के दौरान सभी विभागों से सम्बन्धित विधानसभा सदस्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे। इस सत्र के दौरान विधानसभा सदस्य ऑनलाइन प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे लेकिन आगामी सत्र से यह व्यवस्था भी उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा के प्रमुख सचिव के मुताबिक अधिकृत वेबसाइट पर कुछ समय बाद वर्ष 1960 से लेकर अब तक की समस्त कार्यवाही का विवरण भी उपलब्ध होगा।

दिल्ली मेट्रो के पहले सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन

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दिल्ली मेट्रो के पहले सौर ऊर्जा संयंत्र का यहां रविवार को उद्घाटन किया गया। संयंत्र का उद्घाटन द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन पर हुआ। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन डीएमआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि इस संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली इस स्टेशन पर डीएमआरसी की बिजली जरूरतें पूरी करेगी। अधिकारी ने कहा, "छत के ऊपर स्थित यह बिजली संयंत्र जुलाई के अंत तक शुरू हो सकता है।"संयंत्र की क्षमता 500 किलोवाट है।

दिल्ली मेट्रो देश की पहली मेट्रो प्रणाली है, जिसने मेट्रो स्टेशन पर इस तरह का संयंत्र स्थापित किया है। अधिकारी ने कहा कि पिछले फरवरी महीने में डीएमआरसी और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के बीच संयंत्र स्थापित करने के संबंध में एक समझौता हुआ था। यह कंपनी सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने से जुड़ी हुई है।

हॉकी विश्व कप : नीदरलैंड्स को 6-1 से हराकर आस्ट्रेलिया बना चैम्पियन

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क्योसेरा स्टेडियम में रविवार को हुए एफआईएच हॉकी विश्व कप-2014 के फाइनल मुकाबले में मेजबान नीदरलैंड्स को 6-1 से करारी मात देकर आस्ट्रेलिया ने खिताबी जीत हासिल कर ली। आस्ट्रेलिया का यह तीसरा विश्व कप खिताब है। नीदरलैंड्स ने तेज शुरुआत करते हुए 14वें मिनट में गोल कर 1-0 की बढ़त बना ली, लेकिन इसके बाद आस्ट्रेलिया की तेज तर्रार टीम के आगे वे बेबस नजर आए और दूसरा गोल नहीं कर सके। नीदरलैंड्स के लिए यह गोल जेरोन हट्र्जबर्गर ने फील्ड गोल के जरिए किया।

नीदरलैंड्स यह बढ़त सिर्फ छह मिनट तक कायम रख सका। मैच के 20वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर क्रिस सिरिएलो ने आस्ट्रेलिया को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद आस्ट्रेलियाई टीम ने आक्रमण को तेज करते हुए नीदरलैंड्स पर दनादन गोलों की जैसे वर्षा कर दी। क्लेरान गोवर्स ने 24वें मिनट में फील्ड गोल के जरिए आस्ट्रेलिया को 2-1 की बढ़त दिला दी, जिसे ग्लेन टर्नर ने 37वें मिनट में 3-1 कर दिया।

आस्ट्रेलिया के लिए पहला गोल करने वाले सिरिएलो ने इसके बाद 47वें और 53वें मिनट में लगातार दो और गोल किए तथा आस्ट्रेलिया की बढ़त को 5-1 तक पहुंचा दिया। सिरिएलो ने यह दोनों गोल भी पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए किए। मैच का आखिरी गोल जेमी डावर ने 64वें मिनट में किया। यह एक फील्ड गोल था।

आस्ट्रेलिया विश्व कप के इतिहास में खिताब का बचाव करने वाली तीसरी टीम बन गई। इससे पहले पाकिस्तान 1982 में तथा जर्मनी 2006 में खिताब का बचाव करने में कामयाब रहे थे। आस्ट्रेलिया सर्वाधिक विश्व कप जीतने के मामले में नीदरलैंड्स के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गया। विश्व कप में सर्वाधिक चार बार खिताबी जीत का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम है।

फेसबुक की दोस्ती, मुंगेर से बरेली आई 10वीं की छात्रा

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सोशल साइट्स के खतरनाक पहलू कभी किसी की जिन्दगी पर कितना भारी पड़ सकते हैं, इसका खुलासा जनपद में एक ताजा प्रकरण में हुआ है। फेसबुक पर हुई दोस्ती दसवीं की एक छात्रा को मुंगेर से बरेली तक खींच लाई। घरवालों से नाराज होकर अपने पुरुष मित्र के पास पहुंची इस छात्रा की किस्मत अच्छी थी कि युवक ने स्टेशन पर लड़की के पहुंचने पर उसके परिवारवालों को फोन पर सूचना दे दी, जिसके बाद लड़की को परिजनों के सुपुर्द किया गया, वरना छात्रा के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। 

शहर के एक कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र की फेसबुक पर मुंगेर के प्रतिष्ठित स्कूल की इस छात्रा से दोस्ती हो गई थी। जानकारी के अनुसार लड़की पढ़ने में बहुत अच्छी है और इसी कारण पिता ने उसे एक एंड्रायड फोन दे दिया ताकि वह इंटरनेट से जरूरी जानकारियां जुटाती रहे। 

करीब छह महीने पहले जब लड़की नौवीं कक्षा में थी तो उसने एक नाम पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। लड़कियों जैसा यह नाम बरेली के छात्र का था। मगर छात्र की फोटो नहीं लगी होने के कारण लड़की उसे समझ नहीं पाई थी। इसके बाद जब दोनों का परिचय हुआ तो हकीकत सामने आई लेकिन दोनों की दोस्ती चलती रही। इस बीच लड़की के लगातार फोन पर व्यस्त रहने के कारण जब उसकी मां ने उसे डांटा तो लड़की ने नाराज होकर लड़के को फेसबुक पर ही मैसेज भेज दिया कि वह घर छोड़ कर उसके पास आ रही है। 

युवक ने हामी भर दी तो छात्रा कुछ पैसे व दो बैग में सामान लेकर सियालदाह एक्सप्रेस से बनारस पहुंच गई। इसके बाद भटकते हुए वह गोरखपुर जा पहुंची। जहां से युवक के बताने पर बनारस हरिद्वार एक्सप्रेस पकड़कर वह शनिवार को बरेली जंक्शन पर उतर गई। इसके बाद युवक प्लेटफार्म पर दोस्तों के साथ छात्रा से मिलने तो आया, लेकिन उसे अपने साथ ले जाने से इंकार कर दिया और समझदारी भरा कदम उठाते हुए फोन पर उसके परिवारवालों को सूचना दे दी। 

छात्रा के परिजनों के रेलवे में होने के कारण उन्होंने उसकी जानकारी मिलते ही नरमू के मंडल यंत्री बसंत चतुर्वेदी को दी, जिसके बाद उन्होंने छात्रा को सुपुर्दगी में लेकर परिजनों से उसकी फोन पर बात कराई। इसके बाद छात्रा को काशीपुर से आए उसके चाचा के साथ भेज दिया गया। वहीं पूरे प्रकरण को लड़की की नादानी मानकर लड़के को छोड़ दिया गया।

कांग्रेस के अच्छे काम लोगों तक पहुंच ही नहीं पाए : नकवी

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mukhtar abbas naqvi
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस के नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व और दृष्टि की कमी है, जो उसे हानि पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इतने खराब हालात होने के बावजूद वह चिंतन नहीं कर पा रहे हैं कि यह सब कैसे हो गया। नकवी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुद्दे केवल महंगाई, बेरोजगारी आदि नहीं हैं। मुद्दा यह है कि कांग्रेस अवाम से जुड़ नहीं पाई। उदाहरण के रूप में मुसलमानों को पेश किया जा सकता है। वे भाजपा को वोट नहीं दिया करते थे, कांग्रेस के स्वाभाविक वोटर थे, लेकिन वह भी उससे छिटक गए। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस न तो उनसे कनेक्ट कर पाई न ही समस्या को समझ पाई।

उन्होंने संप्रग सरकार के कामकाज का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के राज में अच्छे काम नहीं हुए। लेकिन वह लोगों तक पहुंच ही नहीं पाए। भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि नीति बना देना, उस पर पैसे बहा देना अलग चीज है और वह लाभ लोगों तक पहुंचे यह अलग। उन्होंने कहा कि सरकार अपना इकबाल समाप्त कर चुकी थी। नीति बनती थी, लेकिन सत्ता के इर्द गिर्द बैठे लोगों के बीच ही बंदरबाट होकर समाप्त हो जाती थी। अवाम उन नीतियों से अछूते ही रहे। यही कारण है कि वे अपने को ठगा ठगा सा महसूस कर रहे थे।

सरोज को हराने भाजपा नेताओं ने की थी पैसे की पेशकश : अजीत जोगी

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि दुर्ग लोकसभा सीट पर सरोज पांडे को हराने के लिए भाजपा नेताओं ने उनसे मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने इसके लिए पैसे की पेशकश भी की थी। जोगी का यह बयान उस समय आया है जब सरोज की हार पर भाजपा में कानाफूसी हो रही है।

सूबे की 11 लोकसभा सीटों में से केवल दुर्ग में भाजपा की हार हुई है। शेष 10 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीतें हैं। सात सीटों पर तो जीत का अंतर लाख वोटों का है। नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद दुर्ग में सरोज पांडे की हार पर जोगी का कहना है कि कांग्रेस से ज्यादा गुटबाजी भाजपा में है। सरोज पांडे को उनकी ही पार्टी के लोग जीतने नहीं देना चाहते थे। चुनाव के दौरान कुछ भाजपा नेता उनके संपर्क में आए, उन्होंने सरोज पांडे को हराने के लिए पैसे देने की बात भी कही। 

जोगी ने कहा कि भितरघात केवल कांग्रेस में नहीं हुआ, भाजपा में भी जमकर भितरघात हुआ। कई जगह इसका असर दिखा। दुर्ग में यह ज्यादा नजर आया। जोगी के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार की समीक्षा करे। भाजपा ने एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। एक सीट हार गए, इसलिए गुटबाजी कहना गलत है। बल्कि एकता थी इसलिए हम 10 सीटें जीते। कांग्रेस खुद पिछले तीन चुनाव से एक ही सीट जीत रही है। बहरहाल अब जोगी के इस बयान के बाद भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के भीतर भी हलचल मचने के आसार हैं।

इंसेफलाइटिस से बिहार में लीची की बिक्री प्रभावित

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litchi trade bihar
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में घातक वायरस की पहचान के लिए शाही लीची के नमूने विशेषज्ञों द्वारा इक्कट्ठे किए जाने की खबर से तीन दिनों में इस फल के व्यवसाय पर असर पड़ा है। इस वायरस ने अब तक 70 से अधिक बच्चों की जान ले ली है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का शाही लीची से संबंध होने की खबर से इसकी बिक्री और निर्यात में कमी आई है, जिससे शाही लीची के निर्यातक और व्यापारी चिंतित नजर आ रहे हैं।

लिचिका इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक के.पी.ठाकुर ने शनिवार को बताया, "एईएस के इस मीठे और रसीले फल से संबंध होने की खबर आने के बाद से हमने लीची की बिक्री में गत तीन दिनों में करीब 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।"ठाकुर ने कहा कि उनकी कंपनी मुजफ्फरपुर से देश के दक्षिणी हिस्से में लीची की आपूर्ति करती है। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि एईएस के डर से थोक विक्रेताओं ने इसकी मांग कम कर दी है।"

लीची व्यापारी आर.के. केडिया ने कहा कि देशभर के निर्यातकों ने मुजफ्फरपुर में एईएस के वायरस के लीची में पाए जाने की खबर से इसकी मांग कम कर दी है। ठाकुर के विपरीत केडिया को इसमें लीची उत्पादकों के खिलाफ षड्यंत्र नजर आता है। दक्षिणी राज्यों में आम का स्वाद लीची के मुकाबले अच्छा नहीं होता है। 

उन्होंने कहा, "मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लोग लीची खाना पसंद करते हैं। इसलिए आम उत्पादकों ने लीची को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा है।"कई दशकों से लीची का निर्यात कर रही चांदी राम एंड सन्स के हरेश प्रसंदानी ने कहा कि एईएस के लीची से जुड़े होने की खबर ने हाल के दिनों में मांग को बुरी तरह प्रभावित किया है। 

सप्ताह की शुरुआत में राजेंद्र मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे प्रभात कुमार सिन्हा ने प्रभावित इलाके के बाग से वायरस की जांच करने के लिए लीची के नमूने इक्कट्ठे किए थे। यह कदम एईएस से बच्चों की मौत पर हो रहे हंगामे को देखते हुए उठाए गए हैं।

मुलायम ने अखिलेश सरकार के मंत्रियों की ली क्लास

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mulayam singh
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को अखिलेश सरकार के मंत्रियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने सभी मंत्रियों से पूछा कि आखिर क्या वजह रही, जिससे सपा को लोकसभा चुनाव में इतनी करारी हार मिली? प्रदेश पार्टी कार्यालय से नजदीक सपा मुखिया के घर पर बंद कमरे में हुई इस बैठक में मंत्रियों को उपचुनाव में सरकार की छवि सुधारने के लिए उन्हें कुछ अलग ढंग से काम करने का लक्ष्य दिया गया है। यहां खास बात यह है कि शनिवार से ही चल रहे मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के कयासों को सपा ने तो खारिज कर दिया लेकिन बैठक से बाहर निकले मंत्रियो के हाव भाव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे।

सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को मंत्रियों की आपात बैठक क्या बुलाई, अखिलेश सरकार के वजीरों की बेचैनी बढ़ गई। एक-दो मंत्री तो शनिवार को ही अपने क्षेत्रों में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शिरकत के लिए निकले थे। वे रास्ते से ही वापस लौट लिए। सपा मुखिया के घर पर बैठक में शामिल होने के लिए सुबह नौ बजे ही सभी मंत्री पहुंच गए थे। वहीं बंद कमरे के अंदर हो रही बैठक जब पांच घंटे बाद समाप्त हुई तो बाहर निकलते आजम खान को छोड़ किसी भी मंत्री ने बोलने की हिम्मत नहीं की। 

सूबे के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा, "लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आज समीक्षा बैठक की जा रही थी। उन्होंने बताया कि बैठक में मंत्रियांे को उपचुनावों में किस तरह से सरकार की छवि सुधारने के लिए काम करना है इस बारे में उन्हें कुछ अलग ढंग से काम करने का लक्ष्य दिया गया है ताकि जीत हासिल हो सके।"आजम के बयान ने कल से ही चल रहे मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को तो खारिज कर दिया लेकिन बैठक से बाहर निकले मंत्रियों के हाव भाव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। ऐसे में बंद कमरे की सच्चाई क्या थी इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बदले तेवरों के बीच सरकार के कुछ मंत्रियों में भारी फेरबदल की उम्मीद जताई जा रही थी और शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ हुई बैठक के बाद इन चचरओ को और बल मिला था लेकिन आजम ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। दरअसल, अचानक बुलाई गई समाजवादी पार्टी की इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई। 

इस बैठक में सपा मुखिया का जोर इस बात पर रहा कि चुनाव में करारी हार के बाद जनता को सरकार और संगठन के बेहतर काम के जरिये ही संदेश दिया जाए। सभी मंत्री कुछ ऐसा काम करें जिससे लोगों में सकारात्मक संदेश जाए। हालांकि सत्ता के गलियारों में यह चर्चा भी जरूर हो रही है कि मुख्यमंत्री इसकी शुरूआत कर चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में तमाम चर्चाएं भी हुई जिनमें सभी विभागों में कुछ सख्त कदम उठाए जाएं, नई योजनाओं या नए कामों की शुरूआत की जाए। उन्हें समय सीमा के भीतर काम करने का लक्ष्य दिया जाए। सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंत्री आकस्मिक दौरे करें। वे संगठन के साथ विवाद, गुटबंदी और फजीहत करने वाले बयानों से दूर रहें।

बाबा ने की विदेश महिला से छेड़छाड़, गिरफ्तार

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baba try to rape foreigner in varanasi
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में एक फ्रांसीसी महिला के साथ एक बाबा ने छेड़छाड़ की। विदेश महिला ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फ्रांस की रहने वाली महिला दो सप्ताह पहले वाराणसी घूमने के लिए आई थी। महिला का आरोप है कि मानमंदिर घाट पर रहने वाले बाबा अंसल शर्मा से रुद्राभिषेक की पूजा करवाई। 

इसके बाद आशीर्वाद देने के बहाने बाबा ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। पीड़ित महिला किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागी और इस मामले में उसने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी बाबा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसको गिरफ्तार कर लिया है।

लालू का तंज : आग लगने के बाद कुआं खोद रहे हैं नीतीश

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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के उपचुनाव में जेडीयू को समर्थन देने के मुद्दे पर विचार करेंगे। आगामी 19 जून को प्रदेश में राज्यसभा के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। इसके लिए जेडीयू उम्मीदवारों को समर्थन देने के लिए नीतीश कुमार ने आरजेडी से गुहार लगाई है। जवाब में आरजेडी सुप्रीमो ने कहा है कि वह पार्टी विधायकों से विचार-विमर्श करेंगे।

राज्यसभा उपचुनाव में जदयू उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए उन्हें फोन पर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि इस बारे में वह कोई भी निर्णय अपनी पार्टी विधायकों की बैठक में चर्चा के बाद ही लेंगे। आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि जेडीयू के घर में उन्हीं के लोगों की वजह से आग लगी है। नीतीश की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि उस आग को बुझाने के लिए दमकल की तलाश में लोगों ने उनसे अपील की है। इस पर वह अपने विधायकों और साथियों से सलाह लेकर निर्णय लेंगे।

लालू ने कहा कि यह सच है और सर्वविदित है, इसलिए वह अपने सभी साथियों से विचार विमर्श कर इस बारे में निर्णय लेंगे। राजद सुप्रीमो ने कहा कि उनकी चिंता अभी प्रदेश में एईएस से बीमार पड़ रहे बच्चों की है। यहां के डॉक्टरों को इस रोग के बारे में पता नहीं लगने से वे एईएस से पीड़ित बच्चों का सही इलाज नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों को इलाज के लिए विमान से दिल्ली ले जाया जाना चाहिए।

मोदी ने भूटान में संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान में हैं। आज भूटान में संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत की मजबूती से दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ को फायदा होगा और क्षेत्र में खुशहाली आएगी। मोदी ने कहा कि भारत में चुनावों में सत्ता बदली है, लेकिन शासन बदलने से दरवाजे बंद नहीं हो जाते और हमने दिल के दरवाजे खोल रखे हैं।

मोदी ने आगे कहा कि पड़ोसी शक्तिशाली होगा तो पड़ोसी देशों को भी फायदा होगा भारत और भूटान के संबंध संस्कृति के कारण हैं। मोदी ने भूटान के लोकतंत्र और राज परिवार की सराहना करते हुए कहा कि भूटान लोकतंत्र का बेहतरीन उदाहरण है और देश के लोगों का लोकतंत्र में भरोसा बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में भूटान ने लोकतंत्र की प्रत्येक मर्यादा निभाई है और राज परिवार ने आधुनिक विकास का साथ दिया है। मोदी ने भूटान के विकास मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि भूटान प्रकृति की गोद में बसता है और उसने पर्यावरण का ध्यान रखा है और आधुनिकता की ओर कदम बढाए हैं।

मोदी के खिलाफ कॉलेज मैगजीन में छपी अपमानजनक बातें, 9 छात्र गिरफ्तार

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रविवार को पुलिस ने 9 छात्रों को गिरफ्तार किया, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज मैगजीन में छपे क्रॉसवर्ड पजल में संकेत के तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य राजनीतिक हस्तियों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. अन्य हस्तियों में केरल के सीएम ओमान चांडी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस एमपी शशि थरूर और आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी शामिल हैं.

थ्रिसूर के पुलिस कमिश्नर पी प्रकाश ने बताया कि सभी छात्रों को आईपीसी की धारा 153 के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह धारा दंगा भड़काने के इरादे से किए गए षड्यंत्र रचने पर लगाई जाती है. गिरफ्तार किए गए छात्र गुरुवयूर के श्री कृष्णा कॉलेज के छात्र हैं, और सीपीएम की स्टूडेंट विंग 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया'के सदस्य हैं. छात्र संपादक विबिन राज, सब-एडिटर पीके शिहाब, संपादक सदस्य वीए आशिक, यूएस सजील, लेनिन विष्णु, साहिल, गिरीश, ऐल्विन के बेनी, केएस सनूप और एनपी सजीब को मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के लिए अरेस्ट किया गया था. बाद में इन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया.

पुलिस ने बताया कि बाकी 3 आरोपी, चीफ एडिटर और कॉलेज प्रिंसिपल डी जयप्रसाद, स्टाफ एडिटर संतोष और अडवाइजरी बोर्ड मेंबर पीजी सुबिंदास की गिरफ्तारी भी जल्द ही हो सकती है. नेम नाम की इस कॉलेज मैगजीन में मोदी के उपनाम नामों को क्रॉसवर्ड के क्लू के रूप में इस्तेमाल किया गया था जो कि इंग्लिश में इस प्रकार था NAyeente MOn (s.. of a b....).हालांकि एडिटोरिअल टीम के एक सदस्या पी सनूप का कहना है कि इन शब्दों का प्रयोग किसी को बेइज्जत करने के इरादे से नहीं किया गया था. वहीं कॉलेज प्रिंसिपल जयप्रसाद का कहना था कि इस विवादास्पद क्रॉसवर्ड को उनकी और उनके स्टाफ एडिटर की जानकारी के बगैर फाइनल किया गया, और उन्होंने इसके लिए कोई परमिशन नहीं दी थी. पुलिस कमिश्नर भी प्रिंसिपल की बात से सहमत होते दिखे. उन्होंने कहा, यह मामला एबीवीपी और केएसयू ने दर्ज कराया है. आरोपी छात्रों के खिलाफ पक्के सबूत भी हैं, पर अभी तक हमारे पास इस मामले में प्रिंसिपल की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है. मामले में प्रिंसिपल की भूमिका की जांच की जा रही है.

कॉलेज मैगजीन को लेकर कंट्रोवर्सी होने का यह इस तरह का दूसरा मामला है. पिछले मंगलवार को ही थ्रिसूर पुलिस ने 5 छात्रों और 'लित्सोनिग'के एडिटर को गिरफ्तार किया था. कुनामकुलम की इस कॉलेज मैगजीन में मोदी का नाम हिटलर, ओसामा बिन लादेन और वीरप्पन के साथ 'हॉल ऑफ शेम'में शामिल किया गया था.

तेदेपा नेता टी प्रभाकर राव का निधन

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आंध्रप्रदेश के नंदीगामा विधानसभा सीट से तेदेपा के विधायक टी. प्रभाकर राव का कल देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 62 साल के थे। कृष्णा जिले के नंदीगामा स्थित एक निजी अस्पताल में राव ने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। 

तेदेपा नेता वर्ष 2009 में पहली बार नंदीगामा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। हाल ही में संपन्न चुनाव में राव फिर इसी सीट से जीते थे। रविवार को वह आंध्र प्रदेश के कृषि मंत्री डी उमा महेश्वर राव के साथ पुलीचिंताला कृषि परियोजना स्थल गए और वहां चल रहे काम का जायजा लिया था। वापसी के बाद रात में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, कृषि मंत्री और अन्य राजनीतिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राव का अंतिम संस्कार शाम को उनके पैतृक गांव परिताला में किया जाएगा।

बढ़ सकते हैं प्याज की कीमत

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प्याज की कीमत बढ़ सकती है. नासिक मंडी में प्याज की खरीद बिक्री आज से व्यापापरियों ने बंद कर दी है. ऐसा मजदूरों कीमजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर किया गया है.

यहां पर मजदूरों की मांग है कि लोडिंग-अनलोडिंग प्रति 100 किलो का रेट है. 2 रूपये 5 पैसे से बढ़ाकर 3 रूपये 16 पैसे किया जाए. साथ ही तौलने की कीमत भी  2 रूपये 86 पैसे से बढ़ाकर 3 रूपये 68 पैसे करने की मांग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि नासिक में भारत की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। यहां आने वाली देश के बड़े हिस्से में सप्लाई की जाती है। यहां से सप्लाई रुकने पर प्याज की किल्लत हो सकती है और दाम बढ़ सकते हैं।

बाबरी मस्जिद प्रकरण के बाद कांग्रेस ने अपना जनाधार खोया: बेनी

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पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा है कि बाबरी मस्जिद प्रकरण के बाद कांग्रेस अपना जनाधार खो चुकी है. इस दौरान दलित बसपा की तरफ और ब्राह्मण भाजपा की तरफ चले गए. इसके अलावा यूपीए सरकार में हुए सौ से लेकर हजार करोड़ तक के घोटलों ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ाई. पूरे देश में और कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार विरोधी लहर थी, जिसका मोदी ने खूब फायदा उठाया.

उन्होंने कहा कि मोदी की संघ में अच्छी ट्रेनिंग हुई है, इसीलिए झूठ को भी सही बताने में वह कामयाब रहे. गौरतलब है कि जबसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी बर्खास्त कर निर्मल खत्री को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है, तब से नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बेनी प्रसाद वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है.

सपा में शामिल होने की अटकलों पर बेनी ने कहा कि मेरी लाश तिरंगे में जलेगी, मैं जीते जी समाजवादी पार्टी में नहीं जाऊंगा. न ही मेरा बेटा राकेश वर्मा सपा में जा रहा है. यह किसी राजनीतिक षडयंत्र के तहत खबर चलवाई गई है कि राकेश सपा में शामिल होकर मंत्रिमंडल में शामिल होगा. जो इज्जत सोनिया और राहुल ने दी है, वह तीस साल मुलायम के साथ रहने के बाद भी नहीं मिली.

गरीबों के आशियाने की योजना जनरुम पर गाज गिरने की आशंका

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केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से कहा है कि पूर्व की संप्रग सरकार के कार्यकाल में मंजूर गरीबों के लिए आवास की परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है तो उसमें कटौती की जाए। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ध्वजवाहक योजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम-जनरुम) के तहत दिल्ली सरकार को 30 जून 2015 तक कम लागत वाले मकान की 16 परियोजनाएं पूरी करनी थी। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि लेकिन अभी तक केवल छह ही पूरी हो पाई हैं। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 3,244 करोड़ रुपये है। लागत की 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जानी है।

दिल्ली के मुख्य सचिव एस. के. सक्सेना को मिले पत्र की प्रति में आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (एचयूपीए) ने राज्य सरकार से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है।एचयूपीए की सचिव अनिता अग्निहोत्री के हस्ताक्षर वाले पत्र में सरकार को यह भी निर्देश दिया गया है कि 'अब तक शुरू नहीं होने वाली आवासीय इकाइयों की कटौती का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जा सकता है।'

दिल्ली सरकार के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, "इस काम को 2012 तक ही पूरा किया जाना था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका है। संप्रग सरकार ने परियोजना की तारीख 30 जून 2015 तक बढ़ा दी। अब हमें इसे पूरा करना है।"वर्ष 2005 में लागू की गई योजना जेएनएनयूआरएम के पहले चरण को 2012 में पूरा हो जाना था। 50 प्रतिशत परियोजनाओं के पूरा नहीं होने की दशा में उसे मार्च 2014 तक बढ़ाया गया। नव निर्वाचित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने यह साफ किया है कि वह जेएनएनयूआरएम जारी नहीं रखेगी। संप्रग सरकार ने जेएनएनयूआरएम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 68 हजार फ्लैट के निर्माण को मंजूरी दी थी। इनका निर्माण दिल्ली के बाहरी इलाके में किया जाना था।

उत्तर प्रदेश में बदमाशों ने दो पुलिसवालों को मारा

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फिरोजाबाद में रुपये लूटकर भाग रहे बदमाशों ने पीछा करने पर दो पुलिसवालों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उन्हें वहीं मौत की नींद सुला दिया और मौके से फरार हो गए। झांसी में दबंगों ने एक दलित परिवार के दो युवकों को आग के हवाले कर दिया। एक की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरी की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

फिरोजाबाद में दो पुलिसवालों की हत्या पर जमकर बवाल हुआ। इस वारदात के विरोध में मृतकों के परिजन सड़क पर उतर गए और बसों में तोड़फोड़ की। गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। मृतकों के परिजनों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। फिरोजाबाद के रामगढ़ थाने के इलाके में एक युवक से 6 हजार रुपये लूटकर भाग रहे छह बदमाशों को गश्त कर रहे दो सिपाहियों ने रोकने की कोशिश की। बदमाशों ने सिपाहियों पर फायरिंग कर दी। एक सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई, दूसरे सिपाही ने आगरा ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। बदमाश दोनों सिपाहियों पर गोलियां बरसाकर आराम से निकल भागे। पुलिस उन्हें पकड़ भी नहीं पाई। इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए इलाके की कॉम्बिंग कर रही है।

आलेख : बिना पूछे कुछ न बताएँ

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बात आध्यात्मिक हो या सांसारिक, हर प्रकार के कर्म में भीतरी और बाहरी सुझावों, निर्देशों, मार्गनिर्देशन से लेकर राय, सुझाव, हिदायत, सलाह आदि का वजूद हर युग में रहा है और युगों तक रहेगा। इस मामले में कई तरह के मनोविज्ञान काम करते हैं। जो जैसा कर रहा है उसे करने दें, अभ्यास करते हुए अपने आप सब कुछ ज्ञान हो ही जाएगा। 
       
आमतौर पर यह देखा जाता है कि इंसान जिज्ञासु  प्रवृत्ति का होता है और ऎसे में अच्छा या बुरा वह तब तक स्वीकार नहीं करता जब तक उन हालातों से खुद रूबरू न हो जाए। कुछ लोग अपने कामों में ही इतने व्यस्त और तल्लीन रहते हैं कि उन्हें एक समय बाद अपने आप यह समझ आ ही जाती है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा।
ऎसे लोगों में कुछ तो दूसरों की बातों को मानते हैं और कुछ दूसरों की बातों पर कान तक नहीं धरते। इन सभी के अलावा आदमियों की एक तीसरी प्रजाति आजकल खूब पसरने लगी है और वह है राय देने वालों की। ये लोग हर क्षेत्र, हर माध्यम और हर विधा में भारी मात्रा में मौजूद हैं और वे इसी फिराक में रहते हैं कि औरों को किस तरह कोई न कोई राय देते रहें। इनकी राय सकारात्मक ही हो यह भी जरूरी नहीं है, ये लोग नकारात्मक से लेकर हर प्रकार की राय दे सकते हैं।
अपने आपको सिद्ध, त्रिकालज्ञ और भविष्यवक्ता होने के साथ ही दुनिया की हर चीज और हर विषय में विद्वान और हुनरमंद मानने वाले ये लोग आजकल सर्वत्र बहुतायत में विचरण करते हुए पाए जाते हैं। ये जहाँ कहीं होंगे, जाएंगे या परिभ्रमण करेंगे, वहाँ बिना माँगे अपनी विद्वत्ता, विलक्षण मेधा-प्रज्ञा और हुनरों का लोहा मनवाने के लिए कुछ न कुछ बात ऎसी कह ही देंगे जिससे सामने वालों का संबंध हो

काफी लोग इनकी मानते हैं और इनके कहने पर ही चलते हैं और समय-समय पर अपनी विचारधारा तथा काम-काज और व्यवहार से लेकर दूसरी सारी आदतों को बदल-बदल का आजमाते रहते हैं, और जिंदगी भर पेण्डुलम बने रहते हैं।

आजकल इंसान अपने स्वकर्म और स्वधर्म के प्रति ईमानदारी से जिम्मेदार हो न होकर दूसरों को उपदेश और सलाह देने के मामले में सबसे आगे ही आगे रहने लगा है। ज्ञान और अनुभवों का कितना ही बड़ा खजाना अपने पास क्यों न हो, इसका दूसरों के लिए तब तक कोई उपयोग नहीं हो सकता जब तक कि सामने वाला हमसे कुछ जानने की जिज्ञासा प्रकट न करे।

तंत्र-मंत्र और अध्यात्म में तो इसे वर्जित ही माना गया है कि बिना पूछे किसी को न तो राय दें और न ही उसके लिए कुछ उपाय करें, चाहे वह कितने ही संकट या आपदा में क्यों न हो। परा विद्याओं का प्रभाव तभी शुरू होता है जबकि सामने वाला हमसे इस बारे में मदद मांगे। इसके बिना मंत्र, तंत्र, यंत्र और उपदेशों या ऊर्जाओं से भरे शब्दों का कोई असर सामने नहीं आ पाता है।

बात घरों, दफ्तरों से लेकर समाज के किसी भी क्षेत्र की हो, बिन मांगे सलाह देने वाले हर तरफ भरपूर मात्रा में हैं और इनकी जिंदगी का एक ही मकसद होकर रह गया है, और वह है सलाह देना। मानें या न मानें यह सामने वालों की मर्जी पर निर्भर है लेकिन इनका काम सलाह देना ही रह गया है और इसे वे समाजसेवा के तौर पर ही लेते हैं।

समुदाय और क्षेत्र में खूब सारे लोग इसी धंधे में लगे हुए अपने आपका वजूद दर्शा रहे हैं। इनके लिए न हुनर की सीमा है, न विषयों की, दुनिया-जहान का हर विषय इनका अपना होता है और ये किसी भी विषय पर अपनी बेबाक राय दे सकते हैं। राय और उपदेश प्रदाताओं की एक खासियत यह भी होती है कि ये खुद कुछ भी नहीं करते, ये चाहते हैं कि वे निर्देशक या मार्गदर्शक की भूमिका में रहें, और उनके सोचे हुए काम दूसरे लोग करें।
यही कारण है कि आज समाज में काम करने वालाें के मुकाबले बातूनी और रायचन्दों की बाढ़ आयी हुई है। जो गगरियां बेमौके छलकने लगती हैं वे कभी पूरी भरी हुई नहीं होती हैं। जो लोग अपने विषयों में वास्तविक विद्वान और निष्णात होते हैं वे अपने हर काम के प्रति गंभीर होते हैं और इनके कार्य तथा व्यवहार से कभी नहीं झलकता कि ये लोग विद्वत्ता और हुनर में बेमिसाल हैं। ये लोग कहीं भी अपनी विद्वत्ता का बखान नहीं करते, न किसी को राय देते हैं।  इस किस्म के लोग राय देने और समझाईश के लिए भी सामने वालों की पात्रता पहले देखते हैं और पात्रता की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही दूसरों को कोई बात कहते हैं और वह भी पूछे जाने पर।

हमारा इतिहास साक्षी रहा है कि शिष्य ही कण्टकाकीर्ण मार्ग को तय करते हुए, दुर्गम रास्तों से होते हुए गुरुओं के दर पर पहुंचे हैं और वहाँ पहुंच कर भी तभी ज्ञान या मार्ग मिल पाया, जब वे गुरु द्वारा ली गई परीक्षा में खरे उतरे, इसके बिना उनका कोई ठिकाना नहीं।

आजकल गुरुओं, सिद्धों, साधकों , महागुरुओं और गुरुघण्टालों की जानें कितनी रेवड़ें निकल पड़ी हैं शिष्यों के दर पर, अपना वजूद कायम करने, शिष्यों की भीड़ बढ़ाने।  इसके बावजूद हम पिछड़ते ही जा रहे हैं, भारतीय संस्कृति और मूल्यों में कोई इजाफा नहीं हो रहा बल्कि समस्याओं से घिरते जा रहे हैं।

इन सभी हालातों से समाज को उबारने का एकमात्र उपाय यही है कि लोग सलाह देने से बाज आएं और उस समय का सदुपयोग किसी अच्छे रचनात्मक काम में करें, खुद परिश्रम करें और बदलाव लाने में अपने हाथ-पाँव हिलाएँ, संचित करते रहने में ही न लगे रहें बल्कि समाज के लिए खर्च करें और अपने कार्यों को अनुकरणीय बनाएं, इससे बड़ा और कोई प्रेरक तत्व संसार में न हुआ है, न होगा।

बिना मांगे या पूछे न राय  दें, न औरों के कर्म के बारे में टिप्पणी करें। जो लोग जो कुछ कर रहे हैं करने दें, एक समय बाद वह घड़ी आ ही जाएगी जब सत्य का भान होगा। असली ज्ञान वही है जो इंसान के कर्मयोग की यात्रा में प्रत्यक्ष सामने आए। सलाह देने की बजाय कर्म को अनुकरणीय बनाना आज की पहली आवश्यकता है जिसके लिए किसी प्रचार या आत्मप्रशंसा की कोई जरूरत कभी नहीं होती।





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---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
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बिहार : सूबे के अधिकारी आश्वासन देते और दबंग जमीन पर कब्जा करके परिणाम देते

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दानापुर। सूबे के अधिकारी आश्वासन देते और दबंग जमीन पर कब्जा करके लेते हैं। कुछ इसी तरह हुआ। राजधानी से सटे दानापुर प्रखंड का मामला है। यहां से पदभार संभालने के बाद तेजतर्रार अफसर बाद में सूबे की बागडौर संभालते है। ऐसे ही अधिकारियों को वर्तमान ‘मांझी’ सरकार ने इधर से उधर करके शासकीय कार्य को अंजाम तक पहुंचाने वाला बनाए हैं। वर्तमान सरकार के खेवनहार बने सरकारी अधिकारी को चुनौती मिली है कि 26 सालों से फंसी नाव को बाहर निकाली है। अब देखना है कि खेवनहार अधिकारी सफल होते अथवा नाकामयाब होते हैं! हुजूर, अभी हमलोगों के एक हाथ में परवाना/पर्चा है। तो दूसरे हाथ में जमीन दे दें।

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क्या है माजराः पटना जिले के दानापुर अंचल के जलालपुर ग्राम में 17 महादलित मुसहर समुदाय को एकड़ 0.02 डिसमिल गैरमजरूआ मालिक की जमीन बन्दोबस्ती केस न0 13 वर्ष 1987.88 के तहत की गयी। जिला कार्यालय, पटना, राजस्व शाखा के द्वारा औपबंधिक परवाना दिया गया है। महादलित मुसहर समुदाय के लोग निर्गत परवाना के आलोक में ग्राम जलालपुर, थाना न0 22,खाता न0 149,खेसरा न0 274,291 और एराजी 0.02 डिसमिल पर जाकर कब्जा करना चाहा। जब महादलित दिन में झोपड़ी बनाकर रात में अन्य ठिकाने पर रहने गये तो जलालपुर के दबंगों ने झोपड़ी में आग लगाकर आंतक का माहौल बना दिये कि जो कोई भी इस जमीन पर रहने आएगा उसे मौत के घाट उतार देंगे। इनका अत्याचार बढ़ गया। जब कभी भी महादलित उक्त जमीन से गुजरते तो दबंग बांस लेकर खदेड़कर ही दम लेते। इससे हम लोग आज भी सहमे हैं। इसके बाद भी महादलित मालगुजारी दे रहे हैं।

दानापुर प्रखंड के अंचलाधिकारी 27 फरवरी को आश्वासन दिएःएकता परिषद के बैनर तले दानापुर अनुमंडल के आवासहीनों की रैली 27 फरवरी,2013 को निकाली गयी। मुख्यमार्ग से गुजरकर प्रखंड कार्यालय में गयी। उस समय लोगों के बीच सीओ कुमार कुंदन लाल आए। जमकर आश्वासन दिए। आश्वासन को साबित करने के लिए अभिमन्यु नगर भी गए। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी, मरच्छिया देवी, रामचन्द्र मांझी आदि उपस्थित थे। भरोसा दिलाया कि आप लोगों की समस्या का समाधान कर देंगे। एक बार नहीं दो बार गए। कह गए कि जलजमाव खत्म होने के बाद पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलवा देंगे। ऐसा लग रहा था कि सीओ साहब जरूर ही महादलितों के पक्ष में कारगर कदम उठाएंगे। आखिरकार महीने दो महीने के बाद गड्ढे का पानी सूख गया। इस बीच चुनाव कार्य में व्यस्त हो गए। इसी बहाने सीओ साहब अपने दिए गए वादे से मुकरने लगे। उनकी सुस्ती को देकर दबंग चुस्ती से अपने मकान के आगे बड़ा-चढ़ाकर चहारदीवारी खड़ा कर दिए।जब इतने से संतुष्ट नहीं हुए तो ईंट से राह भी बना लिए। इस अवैध कार्य करने वाले महानुभाव से प्रोत्साहित होकर लोभी लोग खेती भी करने पर उतारू है। हुजूर, अब भी ध्यान नहीं देंगे तो महादलितों की जमीन मिट्टी के भाव में चले जाएगा। जत्तन से कागजात रखे हैं। अब कागजात पीलापन भी हो गया है। बस किसी तरह से कागजात को बचाया रखा जा रहा है। 

मुसहर समुदाय के लोग अनुमंडलाधिकारी महोदय पर आशा लगाएं बैठे हैंःजब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बनेः पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में महादलितों को पर्चा मिला। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीष कुमार के कार्यकाल में पर्चाधारियों ने रैली निकालकर जमीन पर कब्जा दिलवाने की मांग की। अब सहजातीय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आगमन पर मुसहर समुदाय सक्रिय हुए हैं। अब देखना है कि वर्तमान ‘मांझी’ सरकार के जमाने में खेवनहार बने सरकारी अधिकारी 26 सालों से फंस गयी नाव को निकालने में सफल हो पाते है! हुजूर एक हाथ में परवाना/पर्चा है। दूसरे हाथ में जमीन भी दे दें।
    



आलोक कुमार
बिहार 
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