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शरीफ, मरियम को रावलपिंडी के अदियाला जेल में मुहैया करायी गयी ‘बी’ श्रेणी की सुविधा

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इस्लामाबाद , 14 जुलाई, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम ने रावलपिंडी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाली अदियाला जेल में पहली रात गुजारी । दोषी ठहराये गये दोनों वीआईपी को ‘ बी ’ श्रेणी की सुविधा मुहैया करायी गयी। इन दोनों को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।  मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अधकारियों ने शरीफ (68) और उनकी बेटी मरियम (44) को एवेनफील्ड संपत्ति मामले लंदन से लाहौर पहुंचने के तुरंत बाद हिरासत में ले लिया। वे अबू धाबी के रास्ते लाहौर पहुंचे थे। उन्हें एक विशेष विमान से इस्लामाबाद ले जाया गया और फिर पुलिस काफिले की सुरक्षा में अलग - अलग बख्तरबंद गाड़ियों में उन्हें अदियाला जेल ले जाया गया। द न्यूज ने खबर दी है कि नयी योजना के मुताबिक , अधिकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी बेटी को अदियाला जेल में रखने का निर्णय लिया जहां उन्हें ‘ बी ’ श्रेणी की सुविधा मुहैया करायी गयी। इस्लामाबाद प्रशासन द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक , तत्काल प्रभाव और अगले आदेश तक दोनों शख्सियत को रखने के लिए राजधानी में सिहाला पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के एक विश्राम घर को एक उप - जेल घोषित कर दिया है। हालांकि , जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अधिकारियों ने अब उन्हें अदियाला जेल में रखने का निर्णय लिया है।  आदियाला जेल में इस्लामाबाद मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में डॉक्टरों की एक टीम ने शरीफ और उनकी बेटी मरियम की मेडिकल जांच की और उन्हें फिट घोषित किया। 

योगी ने तो मोदी को भी धोखा दिया है : अखिलेश यादव

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लखनऊ, 14 जुलाई, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पूर्वाचल एक्सप्रेस वे के आधे-अधूरे शिलान्यास के आरोप को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने एक्सप्रेस वे के लिए तय मानकों के साथ समझौता कर जनता को धोखा देने का काम किया है। अखिलेश ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को भी धोखा देने का काम किया है। पार्टी कायार्लय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश ने कहा, "भाजपा सरकार ने एक्सप्रेस-वे के लिए तय मानकों को कम करके दाम कम बताने का धोखा जनता को दिया है।"पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का जो खाका समाजवादी सरकार ने तय किया था, उसमें बनारस, अयोध्या और गोरखपुर को भी जोड़ा जाना था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र को ही काट दिया और उन्हें पता भी नहीं चला।"उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने दावा किया था कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे की लागत को कम करके 1515 करोड़ रुपये बचाए हैं, साथ ही सपा सरकार पर भ्रष्टाचार करने के लिए टेंडर में जल्दबाजी करने का आरोप भी लगाया था। अखिलेश ने कहा, "केंद्र की भाजपा सरकार के चार साल और राज्य में योगी सरकार के एक साल में एक भी ऐसा काम नहीं हुआ, जिसका श्रेय भाजपा को जाता हो। यह सरकार समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है।"

छत से गिरने से हुई भास्कर सम्पादक कल्पेश याज्ञिक की मौत

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इंदौर, 14 जुलाई, देश के बड़े अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याज्ञिक की मौत हृदय गति रुकने से नहीं बल्कि छत से गिरने से हुई है। यह खुलासा पुलिस ने किया है। कल्पेश (55) की मौत गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात हुई थी।इंदौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरि नारायण चारी मिश्रा ने शनिवार को बताया,"कल्पेश की मौत इमारत की तीसरी मंजिल की छत से गिरने से हुई है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।"गौरतलब है कि शुक्रवार को आमजन से लेकर मीडिया में भी यही चर्चा रही कि कल्पेश की मौत हृदय गति के रुक जाने से हुई है लेकिन अब उनकी मौत का नया तथ्य सामने आया है। फिलहाल पता नहीं चल पाया है कि वह छत से कैसे गिर गए।

क्या कांग्रेस तीन तलाक जैसे मुद्दों का समर्थन करेगी : मोदी

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आजमगढ़(उत्तर प्रदेश), 14 जुलाई, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कांगेस को मुस्लिमों की पार्टी कहने वाले कथित बयान को याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बयान से 'आश्र्चय'नहीं हुआ था। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस तीन तलाक जैसे मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन करेगी। यहां पूर्वाचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "गत दो दिनों से मैं सुन रहा हूं कि एक नामदार नेता(राहुल गांधी) ने हाल ही मे कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है। मुझे इसपर आश्चर्य नहीं हुआ।"उन्होंने कहा, "यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी एकबार कहा था कि देश के संसाधनों पर मुस्लिमों का पहला अधिकार है। लेकिन मैं कांग्रेस के नामदार से पूछना चाहता हूं कि क्या यह पार्टी केवल मुस्लिम पुरुषों के लिए है? क्योंकि वे तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन नहीं करते।"

मुस्लिमों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने राहुल और कांग्रेस पर यह हमला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के कांग्रेस पर सांप्रदायिक आधार पर देश को बांटने का अरोप लगाने के एक दिन बाद किया है। सीतारमण ने कहा था कि ऐसा करके कांग्रेस 2019 लोकसभा चुनाव से पहले खतरनाक खेल खेल रही है। ऊर्दू दैनिक की रपट का हवाला देते हुए सीतारमण ने दावा किया था कि राहुल ने इस सप्ताह मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बैठक में कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी बताया था। सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों पर संसद को नहीं चलने देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वे संसद को चलने नहीं देते हैं। वे कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करते हैं।"

मोदी ने कहा, "पूर्वाचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को नई ऊचांइयों पर ले जाएगा। इस परियोजना पर 23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत लखनऊ और गाजीपुर के बीच पड़ने वाले सभी शहर इस बदलाव का गवाह बनेंगे।"प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश के बारे में समझ को बदला है। मोदी ने कहा, "योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में अपराध दर, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सक्षम है। उन्होंने राज्य के विकास में काफी योगदान दिया है।"उन्होंने कहा कि यहां राजमार्गो के अलावा जलमार्गो, वायुमार्गो के लिए भी काम किया जा रहा है।

सेरेना को हरा केर्बर ने जीता विबंलडन खिताब

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लंदन, 14 जुलाई, वर्ल्ड नंबर-10 जर्मनी की एंजेलिके केर्बर ने शनिवार को अमेरिका की सेरेना विलियम्स को 24वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने से महरूम कर दिया। केर्बर ने साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विबंलडन के महिला एकल वर्ग के फाइनल में सेरेना को हरा दिया। केर्बर ने 23 ग्रैंड स्लैम और सात बार की विबंलडन विजेता सेरेना को महज एक घंटे पांच मिनट तक चले मैच में सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से खिताबी शिकस्त दी। यह केर्बर का तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। उन्होंने 2016 में सेरेना को ही हराकर आस्ट्रेलियन ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था। इसी साल वह अमेरिकी ओपन जीतने में भी सफल रही थीं। केर्बर कुल चौथी बार किसी भी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची हैं जिसमें से तीन बार वह जीत हासिल करने में सफल रही हैं। सेरेना इससे पहले भी केर्बर के सामने इस टूर्नामेंट के फाइनल में भिड़ चुकी हैं। दोनों के बीच 2016 में विंबलडन का फाइनल खेला गया था जहां सेरेना ने जीत हासिल की थी। केर्बर ने हालांकि सेरेना को इस बार जीतने नहीं दिया और अपनी उस हार का हिसाब बराबर किया। सेरेना 10वीं बार विंबलडन का फाइनल खेल रही थीं। उनके हिस्से कुल सात विंबलडन खिताब हैं। सेरेना ने आखिरी बार 2016 में यह ग्रैंड स्लैम जीता था। 2017 में गर्भवती होने के कारण वह कोर्ट पर नहीं उतरी थीं। केर्बर ने उन्हें आठवें विबंलडन खिताब से वंचित कर दिया। 

सबसे अमीर महिलाओं में शुमार काइली जेनर फोर्ब्स के कवर पर नजर आईं

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लॉस एंजेलिस, 13 जुलाई, टेलीविजन पर्सनैलिटी, मॉडल व उद्यमी काइली जेनर दुनिया की सबसे कम उम्र की अमीर महिलाओं में से एक बनने का गौरव हासिल करने के बाद अब फोर्ब्स के कवर पेज पर नजर आई हैं। 'ईऑनलाइन डॉट कॉम'की रिपोर्ट में बताया गया कि जेनर ने फरवरी 2016 काइलीकॉस्मेटिक्स की स्थापना की थी। उसकी कंपनी ने 63 करोड़ डॉलर का राजस्व अर्जित किया है। 20 वर्षीय मॉडल ने 90 करोड़ डॉलर की संपत्ति अर्जित करने में कामयाबी हासिल की है। यह पहली बार है कि जेनर को फोर्ब्स की सूची में शामिल किया गया है। फोर्ब्स साल 2014 से यह सूची जारी कर रही है। फोर्ब्स के साथ एक साक्षात्कार में जेनर ने कहा कि वे हमेशा सौदर्य प्रसाधनों के प्रति आकर्षित थी, हालांकि इस क्षेत्र में उन्हें खुद से कुछ करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने कहा, "जब मैं छठी कक्षा में थी, मैं बैंगनी रंग की आईशैडो लगाया करती थी। मेकअप से मुझे और अधिक आत्मविश्वास महसूस होता था।"

शायद मैं अलौकिक शैली में श्रेष्ठता हासिल करूं : दीपिका कक्कड़

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मुंबई, 14 जुलाई, अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ को लगातर अलौकिक थ्रिलर शैली में काम मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उनका कहना है कि वह शायद इसमें श्रेष्ठता हासिल कर सकती हैं। दीपिका 'सुसराल सिमर का'में दिखाई दी थीं, जिसमें मुख्य किरदार श्राप के बाद एक मक्खी में तब्दील हो जाता है। वह स्टार प्लस के अलौकिक थ्रिलर 'कयामत की रात'में भी दिखाई दे रही हैं। उनसे जब पूछा गया कि इस शैली में रखे जाने से उन्हें डर नहीं लगता, इसके जवाब में दीपिका ने बताया, "तो क्या? ठीक है, शायद मैं इसमें श्रेष्ठता हासिल कर सकती हूं। शायद मैं इसमें अच्छा कर सकती हूं और दर्शक, निर्माता व निर्देशक मुझे करते हुए देखना पसंद करते हैं। शायद यह मेरा मजबूत हिस्सा हो सकता है। ठीक है इसमें कोई गलती नहीं है।"छोटे पर्दे पर कल्पना थ्रिलर प्रतिगामी के रूप में देखा जाता है जिसके बारे में बात करते हुए दीपिका ने कहा, "जब आप 'गेम ऑफ थ्रोन्स'देखते हो तो आपको कल्पना थ्रिलर या अलौकिकता जैसा कोई अनुभव महसूस नहीं होता। इसमें भी वही महसूस होता है। इसलिए जब भारत में इसे दिखाया जाता है.तो मुझे लगता है कि बहुत से लोगों को यह स्वीकार करने की जरूरत है कि हां, हमारे शो भी अच्छे हो सकते हैं, इन्हें देखने का प्रयास करें।"दीपिका को आशा है कि 'कयामत की रात'को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।

विशेष आलेख : गोल्डन गर्ल की गोल्डन जीत से महका भारत

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देश का एक भी व्यक्ति अगर दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ने की ठान ले तो वह शिखर पर पहुंच सकता है। विश्व को बौना बना सकता है। पूरे देश के निवासियों का सिर ऊंचा कर सकता है। भारत की नई ‘उड़नपरी’ 18 वर्षीय असमिया एथलीट हिमा दास ने ऐसा ही करके दिखाया है, उसने अपनी शानदार उपलब्धि से भारतीय ऐथलेटिक्स में एक नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। जब इस गोल्डन गर्ल की अनूठी एवं विलक्षण गोल्डन जीत की खबर अखबारों में शीर्ष में छपी तो सबको लगा कि शब्द उन पृष्ठों से बाहर निकलकर नाच रहे हैं। फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में आयोजित आईएएएफ वल्र्ड अंडर-20 ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। देश की अस्मिता पर नित-नये लगने वाले दागों एवं छाई विपरीत स्थितियों की धुंध को चीरते हिमा के जज्बे ने ऐसे उजाले को फैलाया है कि हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। उसने एक ऐसी रोशनी को अवतरित किया है जिससे देशवासियों को प्रसन्नता का प्रकाश मिला हंै। फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में उसने स्वर्णिम इतिहास रच दिया है। उससे देश का गौरव बढ़ा है। 

हिमा विश्व स्तर पर ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतनेवाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले भारत के किसी भी महिला या पुरुष खिलाड़ी ने जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड नहीं जीता है। इस तरह हिमा की उपलब्धि उन तमाम ऐथलीटों पर भारी है, जिनके नाम दशकों से दोहराकर हम थोड़ा-बहुत संतोष करते रहे हैं, फिर चाहे वह फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह हों या पीटी उषा। इस शानदार उपलब्धि पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है। मोदी ने कहा, ‘देश के लिए यह बेहद खुशी और गर्व की बात है कि एक किसान की बेटी ने विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप की 400 मीटर रिले में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा है। हिमा की यह उपलब्धि आने वाले समय में देश के अन्य एथलीटों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।’ इस जीत ने अनेक मिथकों एवं धारणाओं को तोड़ा है। अब हम कह सकते हैं कि भारतीयों में भी वह मादा एवं क्षमता है कि वे विश्वस्तरीय ऐथलेटिक्स में अपना परचम फहरा सकते हंै। अब तक तो हम ओलिंपिक हो या ऐसी ही अन्य विश्वस्तरीय प्रतियोगिताएं, अंतिम दौर में पहुंचकर ही खुशी मनाते रहे हैं। लेकिन अब जीत का सेहरा भी हम अपने सिर पर बांधने में सक्षम हो गये हैं, और इसके लिये हिमा को सलाम।

यूं तो भारतीय ओलिंपिक संघ की स्थापना 1923 में हुई, लेकिन मानव जाति की शारीरिक सीमाओं की कसौटी समझे जानेवाले इस क्षेत्र में पहली उल्लेखनीय उपलब्धि 1960 के रोम ओलिंपिक में मिली, जब मिल्खा सिंह ने 400 मीटर दौड़ में चैथे स्थान पर रहकर कीर्तिमान बनाया, जो इस स्पर्धा में 38 वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ भारतीय समय बना रहा। चार वर्ष बाद टोक्यो में गुरबचन सिंह रंधावा 110 मीटर बाधा दौड़ में पांचवें स्थान पर रहे। 1976 में मांट्रियल में श्रीराम सिंह 800 मीटर दौड़ के अंतिम दौर में पहुंचे, जबकि शिवनाथ सिंह मैराथन में 11वें स्थान पर रहे। 1980 में मॉस्को में पीटी उषा का आगमन हुआ जो 1984 के लॉस एंजिल्स ओलिंपिक में महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में चैथे स्थान पर रहीं। एशियाई खेलों में कुछ ऐथलीटिक स्वर्ण जरूर हमारे हाथ लगे। 1951 में प्रथम एशियाई खेलों में लेवी पिंटो ने 100 व 200 मीटर, दोनों दौड़ें जीतीं। मनीला में दूसरे एशियाई खेलों में सरवन सिंह ने 110 मीटर बाधा दौड़ जीती। 1958 में टोक्यो में मिल्खा सिंह ने अपने पदार्पण के साथ ही 200 व 400 मीटर में विजय प्राप्त की। 1970 में बैंकाक में कमलजीत संधू 400 मीटर स्पर्धा में पहला स्थान प्राप्त कर ऐथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। थाईलैंड में 1978 में गीता जुत्शी ने 800 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 

किसी अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स ट्रैक पर भारतीय एथलीट के हाथों में तिरंगा और चेहरे पर विजयी मुस्कान, इस तस्वीर का इंतजार लंबे वक्त से हर हिंदुस्तानी कर रहा था। खेतों में काम करने वाली हिमा ने यह अनिर्वचनीय खुशी दी है। इस खुशी के लिये हिमा के कोच निपुण भी बधाई के पात्र है। क्योंकि निपुण को ही हिमा की इस सफलता का श्रेय जाता है। उन्होंने ही हिमा के माता-पिता से बातचीत की और उन्हें कहा कि हिमा के गुवाहाटी में रहने का खर्च वे खुद उठायेंगे, बस आप उसे बाहर जाने की मंजूरी दें। इसके बाद वे हिमा को बाहर भेजने के लिए तैयार हो गए। इस तरह हिमा की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। उसे अच्छे जूते भी नसीब नहीं थे। छोटे-से गांव ढिंग में रहने वाली हिमा 6 बच्चों में सबसे छोटी है। लड़कों के साथ खेतों में फुटबाॅल खेलने वाली हिमा ने वह कर दिखाया, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। फुटबॉल में खूब दौड़ना पड़ता था, इसी वजह से हिमा का स्टैमिना अच्छा बनता रहा, जिस वजह से वह ट्रैक पर भी बेहतर करने में कामयाब रहीं। 

हमारे देश में ऐथलेटिक्स को लेकर कभी भी उत्साहपूर्ण वातावरण नहीं बन पाया। प्रतिभावान खिलाड़ियों को औसत दर्जे की ट्रेनिंग के साथ शुरुआत करनी पड़ी। खेल संघ को मिलनेवाली राशि का सही इस्तेमाल भी नहीं होता था। खेलों के साथ हो रही इन विडम्बनापूर्ण स्थितियों से हमें जल्दी उबरना होगा और इसकी पहली आजमाइश 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में हिमा दास के साथ ही करनी होगी। क्योंकि उसने अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का लौहा मनवाया है, उसने कठोर श्रम किया, बहुत कड़वे घूट पीये हंै तभी वह सफलता की सिरमौर बनी हैं। वरना यहां तक पहुंचते-पहुंचते कईयों के घुटने घिस जाते हैं। एक बूंद अमृत पीने के लिए समुद्र पीना पड़ता है। पदक बहुतों को मिलते हैं पर सही खिलाड़ी को सही पदक मिलना खुशी देता है। यह देखने में कोरा एक पदक हंै पर इसकी नींव में लम्बा संघर्ष और दृढ़ संकल्प का मजबूत आधार छिपा है। राष्ट्रीयता की भावना एवं अपने देश के लिये कुछ अनूठा और विलक्षण करने के भाव ने ही अन्तर्राष्ट्रीय ऐथलेटिक्स में भारत की साख को बढ़ाया है। ऐथलेटिक्स की यह उपलब्धि दरअसल हिमा की उपलब्धि है, युवाओं की आंखों में तैर रहे भारत को अव्वल बनाने के सपने की जीत है। हिमा ने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करके अपना रास्ता बनाया। दरअसल समाज में खेल को लेकर धारणा बदल रही है। सरकार भी जागरूक हुई है। कई नई अकादमियां खुलीं हैं जिनका युवाओं को फायदा मिल रहा है। खेलों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों में और गति लाने की जरूरत है। खेलों के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर देशभर में फैलाना होगा। नौकरशाही संबंधी बाधाएं दूर करनी होंगी, वास्तविक खिलाड़ियों के साथ होने वाले भेदभाव को रोकना होगा, खेल में राजनीति की घुसपैठ पर भी काबू पाना होगा, तभी एशियाई खेलों और ओलिंपिक में भी हमें झोली भरकर मेडल मिल सकेंगे।

हमारे देश में खेलों को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। जब हम विश्व गुरु बनने जा रहे हैं तो उसमें खेलों की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। क्योंकि खेलों में ही वह सामथ्र्य है कि वह देश के सोये स्वाभिमान को जगा देता है, क्योंकि जब भी कोई अर्जुन धनुष उठाता है, निशाना बांधता है तो करोड़ों के मन में एक संकल्प, एक एकाग्रता का भाव जाग उठता है और कई अर्जुन पैदा होते हैं। फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में अनूठा प्रदर्शन करने वाली हिमा भी आज माप बन गयी हैं और जो माप बन जाता है वह मनुष्य के उत्थान और प्रगति की श्रेष्ठ स्थिति है। यह अनुकरणीय है। जो भी कोई मूल्य स्थापित करता है, जो भी कोई पात्रता पैदा करता है, जो भी कोई सृजन करता है, तो वह देश का गौरव बढ़ाता है, जो गीतों मंे गाया जाता है, उसे सलाम। हिमा शिखर पर पहुंची है तो उस शिखर को छूने के प्रयास रुके नहीं। ऊंचा उठने के लिए असीम विस्तार है।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

आलेख : विवादित बयान इत्तेफाक या साज़िश

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वैसे तो शशि थरूर और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। अपने आचरण और बयानों से वे विवादों को लगातार आमन्त्रित करते आएँ हैं। चाहे जुलाई 2009 में भारत पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और युसुफ रजा गिलानी के बीच हुई बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य को बस कागज का एक टुकड़ा जिसका कोई खास महत्व नहीं है, कहने वाला बयान हो। चाहे इसी साल सितंबर में उनके अपने अधिकारिक निवास की जगह एक फाइव स्टार होटल जिसका खर्च करीब 40000 रुपये प्रतिदिन हो, में रहने का विवाद हो। चाहे जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही हो और सरकारी खर्च में कटौती करने के उद्देश्य से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पार्टी नेताओं से फ्लाइट की इकोनोमी कलास में सफर करने की अपील पर व्यंग्य करते हुए इसे कैटल कलास यानी भेड़ बकरियों की क्लास कहना हो। चाहे गाँधी जयंती की छुट्टी का विरोध करना हो। चाहे प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करना हो। चाहे संसद न चलने देने के कांग्रेस के रुख़ से असहमति रखना हो। चाहे पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत हो। या फिर पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ अफेयर की खबरें हों। या फिर सबसे ताजा "हिन्दू पाकिस्तान"के बयान वाला विवाद हो।

लेकिन इस बयान पर बात करने से पहले हमारे लिए यह जानना भी जरूरी है कि पिछले साल इन्होंने अपनी किताब  इन्ग्लोरियस एम्पायर के सिलसिले में ब्रिटेन के टीवी चैनलों को दिए अपने इंटरव्यू से लाखों लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन की समृद्धि में भारत जैसे उपनिवेशों की लूट का बहुत बड़ा योगदान है। जाहिर है उनके इस बयान से इनकी यह पुस्तक लोगों में चर्चा का विषय बनी। और अब हाल ही में इन्होंने "वाय आई ऐम ए हिन्दू"यानी मैं हिन्दू क्यों हूँ इस विषय पर एक पुस्तक लिखी है जिसमें उन्होंने संघ और बीजेपी के हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा पर निशाना साधा है। आइए अब इनके ताजा बयान या फिर विवाद पर बात करते हैं। शशि थरूर का कहना है कि अगर बीजेपी दोबारा लोकसभा चुनाव जीतती है तो भारत  "हिन्दू पाकिस्तान"बन जाएगा।  अल्पसंख्यकों को मिलने वाली "बराबरी"खत्म कर दी जाएगी। वो संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को तहस नहस करके एक नया संविधान लिखेंगे जो कि हिन्दू राष्ट्र के सिद्धांतों पर आधारित होगा। उन्होंने आगे कहा कि यह वो भारत नहीं होगा जिसके लिए महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद और बाकी स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया था। अगर किताब का विषय और इनका यह ताजा बयान महज इत्तेफाक है, तो यह वाकई एक बेहद खूबसूरत इत्तेफाक है। और अगर यह सुनन्दा पुष्कर की मौत के चार साल बाद दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्ज शीट का परिणाम है तो दुरभाग्यजनक है।

खैर जैसा कि होता आया है, कांग्रेस ने थरूर के इस बयान से तत्काल ही किनारा कर लिया। कांग्रेस की स्थिति तो आज ऐसी है कि गैरों में कहाँ दम था, हमें तो अपनों ने लूटा,हमारी कश्ती वहाँ डूबी जहाँ पानी कम था। पहले मणिशंकर अय्यर और अब शशिथरूर। इसलिए उसके पास इन नेताओं और उनके बयानों से खुद को किनारे करने के अलावा कोई चारा बचता भी नहीं है। क्योंकि आज  कांग्रेस की डूबती नैया पर सवार ये नेता खुद को और अपनी पहचान को बचाने में इस प्रकार की बयानबाजी करके जहाँ कांग्रेस के लिए नई नई मुश्किलें खड़ी कर देते हैं वहीं भाजपा के दोनों हाथों में लड्डू थमा देते हैं। रही थरूर के हिन्दू पाकिस्तान के बयान की बात तो यह जो नई शब्दावली इन्होंने गढ़ी है उसकी नींव ही कमजोर है। क्योंकि जिस शब्द में  "हिन्दू"शब्द जुड़ जाता है वो स्वयं ही बन्धन मुक्त हो जाता है। न तो उसे किसी सीमा में बाँधा जा सकता है न किसी एक विचार में । क्योंकि हिन्दू होना हमें यह आजादी देता है कि हम ईश्वर को मानें या ना मानें फिर भी हम हिन्दू हो सकते हैं, हम मूर्ति पूजा करें या न करें फिर भी हम हिन्दू हो सकते हैं, हम ईश्वर को किसी भी रूप में देखें या फिर न भी देखें फिर भी हम हिन्दू हो सकते हैं हम मन्दिर जाएं या न जाएं फिर भी हम हिन्दू हो सकते हैं। हम व्रत उपवास करें या ना करें फिर भी हम हिन्दू हो सकते हैं। हम सिख हो कर भी हिन्दू हैं हम जैन होकर भी हिन्दू हैं।

क्योंकि हमें बताया गया है कि एक महाज्ञानी पंडित भी रावण बन सकता है और एक डाकू भी रामायण लिख सकता है। क्योंकि हमें बताया गया है कि जन्म नहीं कर्म महान होता है। इसलिए इस देश के हर आदमी की पहचान उसके देशहित या देशविरोधी कर्मों से ही होगी किसी अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक परिवार में जन्म लेने से नहीं। इस देश की मिट्टी में, हवा में, पानी में वो बात है, इस देश के हर शख्स में वो जज्बात हैं कि किसी भी सूरत में यह देश हिन्दू पाकिस्तान बन ही नहीं सकता यह हर हाल में हिन्दू हिन्दुस्तान था, है और हमेशा ही रहेगा। शायद इसीलिए "यूनान मिस्र व रोमा सब मिट गए जहाँ से कुछ बात ऐसी है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।"



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--डाँ नीलम महेंद्र--

बिहार : बिशप घोषणा के एक साल 20 जुलाई को

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बेतिया। बेतिया धर्मप्रांत के बिशप की घोषणा 22 जुलाई 2017 को रोम में रहने वाले संत पापा फ्राँसिस के द्वारा की गयी। कुछ ही दिनों के बाद 22 जुलाई आ जाएगा। ईसाई धर्मी बेतिया धर्मप्रांत का बिशप पीटर सेबास्टीन गोबियस काे बधाई देंगे। बताते चले कि उनकी जन्म 8 फरवरी 1955 को मैंगलोर के होसाबेट्टु, होस्पेट में हुआ था। हाई स्कूल की शिक्षा के बाद भागलपुर धर्मप्रांतीय पुरोहित बनने के लिए उन्होंने भागलपूर के संत जोन रीजिनल माईनर सेमिनरी में प्रवेश किया।  उन्होंने सन् 1975 में राँची के संत अल्बर्ट कॉलेज और 1975 से 1978 तक पश्चिम बंगाल के बार्रेकपोर स्थित मोर्निंग स्टार कॉलेज में दर्शनशास्त्र की पढाई की तथा 1979 से 1983 तक राँची के संत अल्बर्ट कॉलेज में ईशशास्त्र की पढ़ाई की। 9 दिसम्बर 1983 को भागलपुर धर्मप्रांतीय पुरोहित के रुप में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। उन्होंने सहायक पल्ली परोहित के रुप में दामूरहाट पल्ली में एक वर्ष की सेवा प्रदान की उसके बाद पल्ली परोहित के रुप में दामूरहाट पल्ली को 1984 से 1988 तक अपनी सेवा दी। 1988 से 1997 तक महेशमुंडा पल्ली में पल्ली पुरोहित और 2009 से लेकर 2017 तक संत क्लारा पल्ली, दाकाइता के पल्ली पुरोहित के रुप में अपनी सेवा दी और 2013 से 2017 तक वे भागलपुर धर्मप्रांत के विकर जेनरल का पद भार संभाला। पटना महाधर्मप्रांत के क्षेत्र से बाहर हुए बेतिया धर्मप्रांत को सन् 1998 में घोषित किया। जिसका क्षेत्र 10,689 वर्ग किलोमीटर है इस धर्मप्रांत में 14,594,534 निवासियों की आबादी है, जिनमें से 5996 काथलिक हैं। धर्मप्रांत में 13 पल्लियां हैं जिनमें 55 पुरोहित (19 धर्मप्रांतीय और 36 धर्मसंधी), 43 धर्म बंधुगण, 133 धर्मबहनें और 15 मेजर सेमीनरी में अध्ययन कर रहे हैं। 27 जून 1998 को विक्टर हेनरी ठाकुर बेतिया धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्यक्ष नियुक्त हुए थे। 13 जुलाई 2013 को बेतिया से धर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर का स्थानांतरण रायपुर में हुआ और वहाँ वे रायपुर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बनें। 13 जुलाई 2013 से बेतिया धर्मप्रात में धर्माध्यक्ष का पद खाली था। बेतिया धर्मप्रांत के प्रशासक के रूप में फादर लौरेंस पास्काल को पद स्थापित कर दिया गया था।अभी फादर लौरेंस पास्कल आराम फरमा रहे हैं। जोसेफ माइकल, मेल्विन डेविड ,तारा क्लेमेंट, वाइलेट जैकब,शिशिर राज,सौरव मैथ्यू, बेनेदिक्ट अंथौनी, स्टेला दीपक, जेनिफर अगस्टीन, प्रकाश अगस्टीन,प्रभा फ्रेंकी, रिचर्ड फ्रांसिस,विजय अंथौनी,सिस्टर रीना (सेक्रेट हार्ट),जेरोम, अनिल सिरिल, धीरज पौल,जेम्स माइकल,अनिल डिक्रुस,आलबर्ट माइकल और प्रकाश टेगौर.

बिहार :सिवान के डी.एम.महेंद्र कुमार मां पर गौरवान्वित महसूस करते हैं

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  • झाड़ू लगाने वाली मां के रिटायरमेंट फंक्शन में पहुंचे कलेक्टर, डॉक्टर, और इंजीनियर 
  • झारखंड के रामगढ़ के रजरप्पा टाउनशिप में पिछले 30 साल से झाड़ू लगाती थीं सुमित्रा देवी

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सिवान। इस जिले के डी.एम.बोले कि मां सुमित्रा देवी बहुत ही प्यारी हैं. सुमित्रा के छोटे बेटे हैं सिवान के डीएम महेंद्र कुमार। मां के विदाई समारोह में सभी को बहुत भावुकता के साथ संबोधित किया। कहा कि कभी विपरीत हालात से हार नहीं मानना चाहिए। झाड़ू लगाने वाली मां के रिटायरमेंट फंक्शन में पहुंचे कलेक्टर, डॉक्टर, और इंजीनियर बेटों को देख लोग हुए दंग।झारखंड के रामगढ़ के रजरप्पा टाउनशिप में पिछले 30 साल से झाडू़ लगाने वालीं सुमित्रा देवी का सोमवार को आखिरी दिन रहा। मौका विदाई समारोह का आया तो अचानक से एक नीली बत्ती लगी कार और पीछे दो अन्य बड़ी-बड़ी कारें समारोह हॉल के पास पहुंची। नीली बत्ती लगी कार से बिहार में सिवान के डीएम महेंद्र कुमार, पीछे की कार से रेलवे के चीफ इंजीनियर विरेंद्र कुमार और तीसरी कार से चिकित्सक धीरेंद्र कुमार एक साथ उतरे और समारोह स्थल पर पहुंचे। अपने तीनों अफसर बेटों को एक साथ देख सफाईकर्मी मां सुमित्रा देवी की आंखों से खुशी के आंसू निर्झर बहने लगे। 

बेटों को अपने आला अफसर से मिलवाते हुए सुमित्रा बोलीं साहब-मैं तो पूरी जिंदगी झाड़ू लगाती रही मगर मैने अपने तीनों बेटों को साहब बना दिया। यह मिलिए मेरे छोटे बेटे महेंद्र से, जो सिवान में कलेक्टर हो गया। और यह मेरा बेटा विरेंद्र इंजीनियर है तो धीरेंद्र डॉक्टर साहब। जब सुमित्रा ने बारी-बारी से अपने तीनों अफसर बेटों का सबसे परिचय कराया तो उनके बॉस सहित समारोह में मौजूद लोग दंग रह गए। आंखें फटी की फटी रह गई कि एक सफाईकर्मी महिला के तीन अफसर बेटे…! डीएम-डॉक्टर और इंजीनियर…!! वहीं सहकर्मियों को सुमित्रा देवी पर गर्व महूसस हो रहा था कि वे एक ऐसी महिला संग काम कर रहे थे जिसके तीनों बेटे इतने ऊंचे पदों पर हैं। सिवान के डीएम महेंद्र कुमार (नीली शर्ट में) बगल बैठी अपनी सफाईकर्मी मां के विदाई समारोह में बेटे बोले-मां के संघर्ष की बदौलत वे बने अफसर। डीएम, डॉक्टर और इंजीनियर बेटों ने विदाई समारोह में अपनी सफाईकर्मी मां सुमित्रा देवी की मेहनत और संघर्ष की कहानी से सभी को बारी-बारी से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि मां ने झाड़ू लगाकर भी उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई। जिसकी वजह से आज वे अधिकारी बनकर जिंदगी में सफल रहे। उन्हें बहुत खुशी है कि जिस नौकरी के दम पर उनकी मां ने उन्हें पढ़ाया-लिखाया, आज सब अपनी मां की विदाई समारोह में साथ-साथ हैं। सुमित्रा देवी ने भी अपनी तीन दशक की सेवा को याद करते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि झाड़ू लगाने का पेशा होने के बाद भी उन्होंने अपने बेटों को साहब बनाने का सपना आंखों में संजोया था। आखिरकार भगवान की कृपा और बेटों की मेहनत से वह सपना सच हो गया। भले ही बेटे अधिकारी हो गए मगर उन्होंने अपनी झाड़ू लगाने की नौकरी इसलिए नहीं छोड़ी कि इसी छोटी नौकरी की कमाई से उनके बेटे पढ़-लिखकर आगे बढ़ सके। आज उनके बेटे उन्हें गर्व का अहसास करा रहे हैं।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 15 जुलाई

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मिशन इन्द्रधनुष का प्रथम चरण आज से

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ई ग्राम स्वराज अभियान के तहत जिले में मिशन इन्द्रधनुष का प्रथम चरण 16 जुलाई से शुरू होगा जो 26 जुलाई तक क्रियान्वित किया जाएगा। मिशन इन्द्रधनुष का जिला स्तरीय शुभांरभ कार्यक्रम 16 जुलाई की प्रातः 10 बजे से जिला चिकित्सालय में आयोजित किया गया गया है। मिशन के उद्वेश्यों की प्राप्ति हेतु स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जिले को एसपिरेशनल डिस्ट्रिक घोषित करने उपरांत जिले के चिन्हित 308 ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन ग्रामों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, सौभाग्य योजना, उज्जवला स्कीम, जनधन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना एवं मिशन इन्दधनुष द्वारा अपेक्षित लक्ष्य प्राप्त किए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। ग्राम स्वराज अभियान अंतर्गत सबका साथ सबका विकास के नाम से संचालित सामाजिक समरसता एवं गरीब परिवारों में जागरूकता लाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। टीकाकरण से छूटे शून्य से दो वर्ष आयु तक के बच्चों तथा गर्भवती माताओं को हेडकाउंट पश्चात चिन्हित कर सम्पूर्ण टीकाकृत करने का लक्ष्य अभियान अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा। 

मिशन इन्द्रधनुष क्या है 
मिशन इन्द्रधनुष क्या है कि अवधारणा से जन-जन को अवगत कराया गया है और उन्हें बतलाया गया कि मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण से वंचित बच्चों को 12 बीमारियांें के बचाव हेतु टीकाकृत करने का सुनहरा अवसर है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ये सभी वैक्सीन सरकार चिकित्सा, संस्थानों पर निःशुल्क उपलब्ध कराए जा चुके है। वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित व उत्तम गुणवत्ता की है प्रशिक्षित एएनएम द्वारा दी जाती है। अभियान का क्रियान्वयन तीन चरणों में किया जाएगा। 

जिले में अब तक 269.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज 

जिले की तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रों पर शनिवार को दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि आज रविवार को जिले में 2.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस प्रकार जिले में अब तक कुल 269.2 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। वही इस अवधि में पिछले वर्ष 328.7 मिमी औसत वर्षा हुई थी। रविवार को तहसीलवार दर्ज की गई वर्षा की जानकारी तदानुसार विदिशा में 4.3 मिमी, कुरवाई में 2.4 मिमी, सिरोंज में 13 मिमी, लटेरी, ग्यारसपु, गुलाबगंज में क्रमशः एक-एक मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा बासौदा और नटेरन में वर्षा नगण्य रही है।

शिविर का आयोजन

दिनाँक 15 जुलाई को सेवा भारती भवन श्रीकृष्ण कालोनी विदिशा में मुख, नाक,कान,गला कैंसर एवं थायराइड से सबंधित शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें एप्पल हॉस्पिटल के डॉ नितिन तोमर द्वारा 22 मरीजों की जांच की गई ,जिसमें 5 मरीज कैंसर के एवं 5 मरीज थायराइड के पाए गए जिन्हें उपचार व ऑपरेशन की सलाह दी गई। इस शिविर में डॉ प्रकाश पीतलिया, धर्म नारायण चतुर्वेदी,बी डी मंत्री, शिखर चंद जैन ने सहयोग दिया। उक्त जानकारी सेवा भारती के सचिव राजीव भार्गव ने दी।

बिहार : पल्ली परिषद के सदस्यों का गिरजाघर में स्वागत

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  • बेतिया पल्ली परिषद के पार्षदों द्वारा अध्यक्ष और सचिव का चुनाव 22 जुलाई को कुल 23 पार्षदों में 9 महिलाएं भी मनोनीत 

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बेतिया. अभी जहां पर ईसाई लोग रहते हैं उक्त क्षेत्र को बेतिया पल्ली कहते हैं. बेतिया पल्ली में पल्ली पुरोहित रहते हैं. इस समय प्रधान पल्ली फादर सुशील साह हैं. कुर्जी पटना से आने के बाद कई दिनों से पल्ली परिषद संगठित करने की प्रक्रिया शुरू किये थे. इस प्रक्रिया के तहत नामांकन करने के लिए अपील कर रहे थे, मगर कोई लोग आगे नहीं आ रहे थे.अंतत: कुछ लोग नामांकन दाखिल किये.नामांकन दाखिल करने की तिथि व नामांकन वापस लेने की तिथि खत्म होने पर  उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया.वहीं संत विंसेंट डी पौल सोसायटी, बेतिया पैरिश यूथ और महिला संघ के अध्यक्षों को मनोनीत किया गया. सभी पार्षदों का नाम है जोसेफ माइकल, मेल्विन डेविड ,तारा क्लेमेंट, वाइलेट जैकब,शिशिर राज,सौरव मैथ्यू, बेनेदिक्ट अंथौनी, स्टेला दीपक, जेनिफर अगस्टीन, प्रकाश अगस्टीन,प्रभा फ्रेंकी,  मिसेज मेरियन,रिचर्ड फ्रांसिस,विजय अंथौनी,सिस्टर रीना (सेक्रेट हार्ट),जेरोम, अंथौनी सिरिल, धीरज पौल,जेम्स माइकल,अनिल डिक्रुस,आलबर्ट वाल्टर,प्रकाश टेगौर और फादर सुशील साह.

मधुबनी : शराब के साथ दो कारोबारी गिरफ्तार

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जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 15 जुलाई,  : जीआरपी देवधा पुलिस ने अलग-अलग जगहों से 210 बोतल शराब के साथ दो कारोबारी को पकड़ा. जीआरपी ने धुरियान पेसेंजर गाड़ी के पिछली बोगी से कार्टन में रखे 30 बोतल नेपाली शराब के साथ एक कारोबारी को पकड़ा. जीआरपी थानेदार ने बताया गिरफ्तार शराब कारोबारी सकरी थाना क्षेत्र के कन्हौली निवासी राजू साह है. जिसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. देवधा पुलिस ने त्रिमुहानी के निकट इंडो नेपाल बॉडर से बाइक पर लादकर लाये जा रहे 180 शराब के साथ एक कारोबारी को पकड़ा. थानाध्यक्ष राजकिशोर कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अकौन्हा निवासी मो. फुलहसन का पुत्र मो. नसुरूद्दीन है. जिसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार शराब कारोबारी से जप्त बाइक चोरी का बताया गया है. इधर जयनगर पुलिस ने दो बाइक पर लदे शराब के एक खेप को पकड़ा. खबर लिखे जाने तक शराब की गिनती नही हुयी थी. हालांकि पुलिस को देखते शराब कारोबारी फरार होने में सफल हो गया.

मधुबनी : स्टेशन पर महीनों से बन्द है सार्वजनिक शौचालय

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जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 15 जुलाई,  : भारत नेपाल सिमा पर स्थित जयनगर रैलवे स्टेशन पर दो महीना से बन्द है. एक मात्र स्थित सर्वजनिक शौचालय जिस कारण यात्रियों को भारी कठनाईयो का सामना करना पर रहा है. खासकर महिला यात्रियों को मजबूरी मे खुले में जाना पर रहा हे जहा सरकार हर घर शौचालय पर जोर दे रही है. लोगो को जागरूक कर रही हे इस पर करोड़ो रुपया खर्च कर स्वछता अभियान चला रही है. वही दूसरी ओर जयनगर स्टेशन पर बाहेर से आये यात्रियों को मजबूरी में खुले जाना पर रहता हे जिससे जहाँ गंदगी बढ़ रही है. वही यात्रियों को जान माल के सुरक्षा का डर लगा रहता हे इस समन्ध में डीसीएम समस्तीपुर बीरेंद्र कुमार ने बताया कि शौचालय के पूर्ब ठेकेदार को लापरवाही के कारण हटा दिया है. नया टेंडर हो गया है. आने वाले दो दिन के अन्दर शौचालय को चालू कर लिया जायेगा.

घड़ियाली आंसू बहाने वालों से पूछें कि सिंचाई परियोजनाएं अधूरी क्यों छोड़ीं : मोदी

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मिर्जापुर, 15 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर जनता की उपेक्षा करने और समय पर विकास परियोजनाओं को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले, अपने कार्यकाल में सिंचाई परियोजनाओं को अधूरी छोड़ने का कारण बताएं। मिर्जापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने आज 40 साल पुरानी महत्वाकांक्षी बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करने के बाद कहा ‘‘इस परियोजना का खाका 40 साल पहले 1978 में खींचा गया था। लेकिन काम शुरू होते होते 20 साल निकल गए। कई सरकारें आईं-गईं लेकिन इस परियोजना पर सिर्फ बातें वायदे हुए।'  प्रधानमंत्री ने कहा कि बाणसागर परियोजना 300 करोड़ रुपए में पूरी हो सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यह 3500 करोड़ रूपये में पूरी हुई। ‘‘ घड़ियाली आंसू बहाने वालों से आपको पूछना चाहिए कि देश में अधूरी पड़ी ऐसी ही कई योजनाएं उन्हें नजर क्यों नहीं आईं। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं को पूरा क्यों नहीं किया। सिर्फ बाणगंगा का मामला नहीं है। देश के हर राज्य में ऐसी कई योजनाएं अटकी पड़ी हैं।'  मोदी ने कहा, "बाणसागर परियोजना से सिर्फ मिर्जापुर ही नही बल्कि इलाहाबाद समेत इस पूरे क्षेत्र की डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलने जा रही है। जो लाभ अब आपको मिलने वाला है वह आपको दो दशक पहले मिल जाता, अगर यह परियोजना समय पर पूरी हो जाती। लेकिन पिछली सरकारों ने यहां के किसानों की चिंता नहीं की।’’

मिर्जापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने आज 40 साल पुरानी महत्वाकांक्षी बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करने के साथ ही कुछ अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया ।  उन्होंने लोगों से मां विंध्यवासिनी का हवाला देकर वायदा लिया कि वह पानी की एक एक बूंद की रक्षा करेंगे ताकि इस पानी का फायदा अधिक से अधिक किसानों को मिल सकें।  मोदी ने कहा, "विंध्य पर्वत और भागीरथी के बीच बसा यह क्षेत्र सदियों से अपार संभावनाओं का केंद्र रहा है। मार्च में जब मैं यहां सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने आया था तब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मेरे साथ आए थे। हमारा स्वागत विंध्यवासिनी माता की चुनरी के साथ किया गया था। इस स्वागत से अभिभूत मैक्रों ने मां के बारे में जानना चाहा। जब मैंने उन्हें मां के बारे में बताया तो वह बहुत खुश हुए थे।' 

मंदिरों से पैदा नहीं होगा रोजगार : सैम पित्रोदा

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गांधीनगर , 15 जुलाई, प्रौद्योगिकीविद् सैम पित्रोदा ने आज यहॉं एक विश्वविद्यालय में छात्रों से कहा कि भविष्य में धर्म से नौकरियां उत्पन्न नहीं होंगी , केवल विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा।  उन्होंने यह भी कहा कि जब रोजगार के बारे में बात की जाती है तो इसे राजनीतिक रंग दे दिया जाता है और ‘‘ इसमें वास्तविकता कम , शब्दाडंबर ज्यादा होता है। ’’  पित्रोदा ने कहा , ‘‘ जब मैं इस देश में मंदिर , धर्म , ईश्वर , जाति के बारे में सभी चर्चाओं को सुनता हॅूं तो तब मैं भारत के बारे में चिंता करता हॅूं। भविष्य में मंदिरों से रोजगार उत्पन्न नहीं होगा। केवल विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा। ’’  उन्होंने कहा कि हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र में विज्ञान पर बहुत कम चर्चा होती है।  पित्रोदा ने कहा , ‘‘ जब भी कोई रोजगार के बारे में बात करता है तो हमेशा इसमें राजनीतिक रंग होता है। वास्तविकता बहुत कम और शब्दाडंबर ज्यादा होता है। ’’  पित्रोदा यहॉं कर्णावती विश्वविद्यालय में ‘ युवा संसद ’ में बोल रहे थे।  उन्होंने आरोप लगाया कि देश के युवाओं को लोगों को , खासकर राजनीतिक नेताओं द्वारा गुमराह किया जा रहा है , बेकार की चीजों पर बात की जा रही है जिससे वे गलत रास्ते पर जा रहे हैं। 

भारत, पाक अगले माह रूस में आतंकवाद रोधी एससीओ अभ्यास में हिस्सा लेंगे

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नयी दिल्ली , 15 जुलाई, भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अगले महीने रूस में आयोजित होने वाले व्यापक आतंकवाद रोधी अभ्यास में हिस्सा लेंगी। शंघाई सहयोग संग‍ठन द्वारा आयोजित इस अभ्यास का लक्ष्य आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है।  आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत के करीब 200 थल सैनिक और वायु सैनिक रूस के चेल्याबिंस्क शहर में 20-29 अगस्त के बीच आयोजित होने वाले अभ्यास में हिस्सा लेंगे।  भारत और पाकिस्तान के अलावा इस अभ्यास में रूस , चीन, किर्गीस्तान, कजाखस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित सभी सदस्य राष्ट्र हिस्सा लेंगे। चीन के चिंगदाओ शहर में एससीओ के वार्षिक सम्मेलन के तीन महीने बाद ‘पीस मिशन’ का आयोजन किया जाएगा। सालाना सम्मेलन में आतंकवाद, कट्टरपंथ और अलगाववाद के खतरों से निपटने के लिए सदस्य देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया गया था। 

गरीब रथ में मिलने वाले बेडरोल के महंगा होने से ट्रेन के टिकट के दाम बढ़ना तय

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नयी दिल्ली , 15 जुलाई, आम आदमी के लिये सस्ते किराये की सुविधा के साथ शुरू की गई वातानुकूलित ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस के टिकट के दाम में ही बेडरोल का दाम जल्द ही जोड़ा जा सकता है। रेलवे एक दशक पहले तय हुए बेडरोल के 25 रूपये के किराये को भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है जिससे किराये में खासी बढ़ोतरी हो सकती है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि कपड़े के रखरखाव की लागत में तीव्र बढ़ावा होने से यह समीक्षा दूसरी ट्रेनों में भी लागू हो सकती है। गरीब रथ ट्रेनों की तरह दूसरी ट्रेनों में भी बेडरोल की कीमतों में एक दशक में कोई इजाफा नहीं हुआ है।  उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के कार्यालय से एक नोट आने के बाद यह विचार किया जा रहा है। इस नोट में पूछा गया था कि गरीब रथ में किराये का पुनरीक्षण क्यों नहीं किया गया और अनुशंसा की कि बेडरोल की लागत को ट्रेन के किराये में शामिल किया जाए। 

लोकसभा अध्यक्ष को उम्मीद, अगली लोकसभा में संसद के नए भवन के निर्माण प्रस्ताव पर अमल होगा

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नयी दिल्ली, 15 जुलाई , लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जताई है कि अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा ।  सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘ संसद के नए भवन के निर्माण के विषय पर शहरी विकास मंत्रालय के साथ दो बैठक हुई हैं । हमने नए भवन के लिए कुछ वैकल्पिक स्थलों के बारे में भी सुझाव दिया है। ’’  उन्होंने कहा कि अब तो चुनावी वर्ष में प्रवेश कर गए हैं। लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है । ‘‘ उम्मीद करते हैं कि अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा । ’’  लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आवश्यकताओं के अनुरूप वर्तमान संसद भवन छोटा पड़ रहा है । सदस्यों ने भी कहा है कि उन्हें बैठने में दिक्कत होती है, लेकिन इस भवन में सीटों की संख्या नहीं बढ़ा सकते ।  उन्होंने कहा कि अगली जनगणना के बाद अगर सदस्यों की संख्या बढ़ाने का विषय आया, तो इस पर अमल में समस्या आयेगी ।  सुमित्रा महाजन ने कहा कि संसद भवन 100 साल पुराना हो चुका है, इसकी मरम्मत कराने में भी डर लगता है । हालांकि रखरखाव और मरम्मत के काफी कार्य हुए हैं ।  अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नौ दिसंबर 2015 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखा था ।  उन्होंने लिखा था कि वर्तमान भवन ग्रेड 1 हेरिटेज बिल्डिंग है और यह पुराना हो रहा है । मरम्मत में बाधाएं आने के साथ ही स्टाफ के काम में भी दिक्कत आने लगी है । इसके चलते नए भवन की जरूरत महसूस की जा रही है ।  संसद भवन के लिए स्थान भी सुझाए गए हैं। इनमें से एक वर्तमान संसद परिसर में ही प्लॉट नंबर 118 है। हालांकि यहां नए भवन के निर्माण पर कुछ सुविधाओं और सेवाओं को स्थानांतरित करना पड़ेगा। दूसरा स्थान राजपथ के दूसरी ओर है। संसद भवन का निर्माण वर्ष 1921 में शुरू हुआ था। निर्माण पूरा होने के बाद यहां वर्ष 1927 से कामकाज शुरू हुआ। उस समय सुरक्षाकर्मियों, कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों की संख्या तथा संसदीय गतिविधियां सीमित थीं, लेकिन समय के साथ इनमें इजाफा हुआ है।
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