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सांप्रदायिक हिंसा और पीट पीट कर जान लेने की घटना पर प्रधानमंत्री से जवाब मांगेंगे वाम दल

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नयी दिल्ली , 15 जुलाई, वामपंथी दल देश में पीट पीट कर जान लेने और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की योजना बना रहे हैं और वे इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के लिए भी दबाव बना सकते हैं।  आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही माकपा और भाकपा ने आरोप लगाया कि देश में पीट - पीटकर हत्या और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कई लोग मारे गये हैं और प्रधानमंत्री को संसद में बताना चाहिए कि उनकी सरकार आरएसएस - भाजपा की ‘ विभाजनकारी राजनीति ’ को नियंत्रित करने के लिए क्या कर रही है।  माकपा के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा , ‘‘ हम संसद के दोनों सदनों में देश में पीट पीट कर जान लेने और सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दों को उठाएंगे। ’’  उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भाजपा - संघ की ‘ विभाजनकारी नीतियों ’ और राजनीति का समर्थन कर रही है जो देश में हिंसा फैला रहे हैं और माकपा इस पर चर्चा की मांग करेगी। दलितों के खिलाफ अपराध और उन पर हमलों की बढ़ती घटनाओं के लिए संघ - भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराते हुए भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने कहा कि मोदी को बताना चाहिए कि अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति कानून को ‘ हल्का ’ क्यों किया गया और देश में इतनी बड़ी संख्या में दलित क्यों ‘ मारे जा रहे ’ हैं।  इसके अलावा वामदलों ने किसानों की खुदकुशी समेत देश में खेती पर संकट के विषय को भी संसद में उठाने का फैसला किया है।  वामदलों ने राष्ट्रीय महत्व के उन विषयों की सूची पहले ही जारी कर दी है जो वे संसद में उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विपक्षी दलों के साथ परामर्श के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।  वामपंथी नेताओं ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक 16 जुलाई को होगी और संसद में एकजुट होकर काम करने की रणनीति तैयार की जाएगी। 

शरीफ की बेटी ने जेल में बेहतर सुविधाएं लेने से इनकार किया

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इस्लामाबाद , 15 जुलाई, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने जेल में बेहतर सुविधाएं लेने से मना कर दिया है।  शरीफ (68) और मरियम (44) को एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में लंदन से लाहौर हवाईअड्डे पहुंचने के थोड़ी देर बाद हिरासत में ले लिया गया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था।  जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार से संबंधित इस मामले में शरीफ को 10 साल और मरियम को सात साल कैद की सजा सुनाई थी।  लाहौर हवाईअड्डे पर हिरासत में लिए जाने के बाद पिता - पुत्री दोनों को एक विशेष विमान से इस्लामाबाद ले जाया गया था। वहां से उन्हें सशस्त्र कर्मियों के पहरे में अलग - अलग वाहनों से अदियाला जेल ले जाया गया था।  संपन्न परिवार से संबंधित होने के कारण मरियम जेल में ‘ बी - श्रेणी ’ की सुविधाएं पाने की हकदार हैं जिनमें गद्दा , कुर्सी - मेज , पंखा , 21 इंच का टेलीविजन और एक अखबार जैसी चीजें खुद के खर्चे पर मिलती हैं।  हालांकि मरियम ने सुविधाएं लेने से इनकार कर दिया और इस संबंध में उनके हस्ताक्षर वाला पत्र मीडिया में व्यापक रूप से छाया हुआ है।  पत्र में लिखा है , ‘‘ जेल अधीक्षक ने नियमों के अनुरूप मुझे बेहतर सुविधाओं की पेशकश की , लेकिन मैंने खुद की इच्छा से सुविधाएं लेने से मना कर दिया। यह किसी के दबाव के बिना विशुद्ध रूप से मेरा फैसला है। ’’ 

हालांकि , उनके पिता शरीफ तथा पति मोहम्मद सफदर ने आवेदन किया और बी - श्रेणी की सुविधाएं हासिल कीं। पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते शरीफ ‘ ए - श्रेणी ’ की सुविधाएं पाने के हकदार हैं। सफदर पूर्व सैन्य अधिकारी और सांसद होने के नाते ‘ बी - श्रेणी ’ की सुविधाएं पाने के हकदार हैं।  इस बीच , शरीफ ने बीती रात अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उनसे मिलने वालों में उनकी बूढ़ी मां शमीम अख्तर , उनके भाई शाहबाज , मरियम की बेटी मेहरुन्निसा और शाहबाज के बेटे हमजा शाहबाज शामिल थे।  यह मुलाकात जेल अधीक्षक के कमरे में कराई गई और लगभग दो घंटे से अधिक समय तक चली।  अधिकारियों ने कहा कि सरकार की विशेष अनुमति के बाद यह बैठक कराई गई।  जेल अधिकारियों ने शरीफ के परिवार के लिए उनसे मुलाकात के वास्ते बृहस्पतिवार का दिन तय किया है। कैदियों से मुलाकात के लिए सामान्य दिन शुक्रवार का होता है। 

पुतिन से अहम सम्मेलन के लिए फिनलैंड पहुंचे ट्रंप

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हेलसिंकी , 15 जुलाई, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक बार फिर मिलने के लिए बेकरार हैं और फिनलैंड की राजधानी में आयोजित होने वाले द्विपक्षीय सम्मेलन में वह सिंगापुर के शानदार अनुभव को फिर से जीना चाहते हैं।  ट्रंप ने पिछले महीने सिंगापुर में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से ऐतिहासिक मुलाकात की थी।  दोनों राष्ट्रपति के विशाल राजनीतिक कद के कारण इस पूरे कार्यक्रम पर मीडिया की पैनी निगाहें हैं। 

धोनी की फिनिशिंग पर बार-बार सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण : कोहली

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लंदन, 15 जुलाई, कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बचाव किया जिन्हें लार्ड्स में दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की 86 रन की हार के दौरान 58 गेंद में 37 रन की पारी खेलने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। एक समय सीमित ओवरों के क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धोनी को पिछले कुछ वर्षों में दूसरे छोर पर शीर्ष क्रम के साथी की गैरमौजूदगी में दबाव वाले मैचों में जूझना पड़ा है। कल इंग्लैंड के 323 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए शीर्ष क्रम के ध्वस्त होने के बाद धोनी पर काफी जिम्मेदारी थी लेकिन वह तेज गति से रन बनाने में नाकाम रहे और भारत 50 ओवर में 236 रन पर ढेर हो गया। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने जब धोनी की पारी पर सवाल किया तो कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग तेजी से नतीजे पर पहुंच जाते हैं। जब वह अच्छा करता है तो लोग उसे अब तक का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर कहते हैं और जब चीजें सही नहीं होती तो लोग उसे निशाना बनाते हैं।’’  कोहली ने धोनी का बचाव करते हुए कहा, ‘‘हमारा विचार पारी में गहराई लाना है। उसके पास अनुभव है लेकिन कभी कभी चीजें आपके पक्ष में नहीं होती। हमें उस पर और सभी खिलाड़ियों की क्षमता पर पूरा विश्वास है।’’ 

विश्व कप : फ्रांस चैम्पियन, केन ने जीता गोल्डन बूट, कुर्टियोस को गोल्डन ग्लव्स

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मास्को, 15 जुलाई, रूस में खेले गए फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में इंग्लैंड को सेमीफाइनल तक पहुंचाने वाले कप्तान हैरी केन टूर्नामेंट में गोल्डन बूट का पुरस्कार जीतने में सफल रहे।  इस विश्व कप का खिताब फ्रांस के नाम रहा। फाइनल में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर खिताब जीता जो उसका दूसरा खिताब है। 1998 में उसने पहला खिताब जीता था। केन ने टूर्नामेंट के छह मैचों में छह गोल किए। केन 32 वर्षों में इंग्लैंड के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने गोल्डन बूट का पुरस्कार जीता है। इससे पहले इंग्लैंड के गेरी लिनेकर ने 1986 में छह गोल के साथ गोल्डन बूट अवार्ड जीता था। केन हालांकि इस पुरस्कार को पाने के लिए व्यक्तिगत रूप से यहां उपलब्ध नहीं थे क्योंकि वह दोपहर ही इंग्लैंड रवाना हो चुके थे। बेल्जियम के रोमेलु लुकाकू चार गोल के साथ दूसरे, मेजबान रूस के डेनिस चेरिशेव पांच मैचों में चार गोल के साथ तीसरे और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो चार मैचों में चार गोल के साथ चौथे नंबर पर रहे। विजेता फ्रांस के एंटोनियो ग्रीजमैन ने सात मैचों में चार गोल किए। फ्रांस के फारवर्ड 19 वर्ष के कीलियन एम्बाप्पे अपना पहला विश्व कप खेल रहे थे और उन्होंने सात मैचों में चार गोल किए। इस वहज से वह टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुने गए। बेल्जियम के गोलकीपर थिबाउट कुर्टियोस को शानदार गोलकीपिंग के लिए गोल्डन ग्लव्स का पुरस्कार दिया गया। उन्होंने इस विश्व कप में सबसे ज्यादा 27 बचाव किए जिसके कारण वह इस पुरस्कार के हकदार बने। बेल्जियम की टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। उसने इंग्लैंड को मात देकर तीसरा स्थान हासिल किया। मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर माने जाने वाले क्रोएशिया के लुका मोड्रिक को गोल्डन बॉल का पुरस्कार प्रदान किया गया। मोड्रिक ने टूर्नामेंट के सात मैचों में तीन गोल किए। पुरस्कार वितरण समारोह में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, फीफा के अध्यक्ष गियानी इन्फैंटिनो और क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर मौजूद रहीं।

विद्यालयों में मातृभाषा की शिक्षा अनिवार्य हो : उपराष्ट्रपति

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नई दिल्ली, 15 जुलाई, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को सभी राज्य सरकारों से विद्यालयों में मातृभाषा की शिक्षा को अनिवार्य बनाने की अपील की।  आंध्र शिक्षा सोसायटी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में यहां उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि भाषा से संस्कृति, मूल्य, नैतिकता और परंपरागत ज्ञान को मूर्त रूप प्रदान किया जाता है। उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में नायडू ने कहा, "कोई जितनी भी भाषा सीखना चाहे उतनी सीख सकता है, लेकिन उसे अपनी मातृभाषा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सभ्यता के व्यापक सांस्कृतिक पहलुओं को संरक्षित रखने के लिए भाषा की संरक्षा आवश्यक है।"उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र की संस्कृति उसकी सभ्यता, लोकाचार, ज्ञान, नैतिकता, रीति और सामाजिक कसौटी का परिचायक होती है और एक दूसरे की भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान से भारत की एकता और अखंडता को मजबूती मिलेगी। नायडू ने स्वतंत्रता सेनानी दुर्गाबाई देशमुख के कार्यो व उपलब्धियों की सराहना की। सोसायटी उनकी जयंती पर ही अपना स्थापना दिवस मनाती है। उन्होंने महिला शिक्षा के लिए पथप्रदर्शक कार्य किया। उन्होंने कहा, "वह स्वतंत्रता सेनानी, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाशास्त्री और राजनीतिज्ञ के रूप में सबके लिए प्रेरणा स्रोत थीं। उन्होंने अनेक अस्पताल, कॉलेज, नर्सिगहोम, और महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा केंद्र स्थापित करने में सक्रिय भूमिका निभाई।"नायडू ने कहा कि देशमुख ने कई समस्याओं को दूर करने के लिए महिलाओं की शिक्षा के महत्व को समझा।

झूठ बोलने में माहिर मोदी देश से माफी मागें : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 15 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठ बोलने में माहिर बताते हुए कांग्रेस ने रविवार को उनसे कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी कहने के लिए देश से माफी मांगने की मांग की।   कांग्रेस ने उनके लगाए आरोपों पर इसी सप्ताह शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में मोदी को इस मुद्दे पर चर्चा करने की चुनौती दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, "प्रधानमंत्री झूठ बोलने में माहिर हैं। वे इतिहास को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। वे वोट के जुगाड़ के लिए बेसब्र हैं और उनके पास दिखाने के लिए पिछले चार साल की कोई उपलब्धि नहीं है।"उन्होंने कहा, "कांग्रेस को किसी ऐसे व्यक्ति से राष्ट्रीयता का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, जिसकी पार्टी या संगठन ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया, बल्कि अंग्रेजों की मदद की।"पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नहीं, बल्कि पूरे देश का होता है। लेकिन मोदी यह भूल जाते हैं, वोट का जुगाड़ करने के लिए अपने पद की गरिमा को ताक पर रख देते हैं। शर्मा ने कहा, "कांग्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। उस पार्टी को मुस्लिम पार्टी बुलाना एक प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। उन्हें इतिहास का अल्पज्ञान है। उन्होंने खुद झूठा इतिहास रच लिया है।"उन्होंने कहा, "अपने बयानों से प्रधानमंत्री ने न केवल इतिहास का अपमान किया है, बल्कि भारत की उपलब्धियों को कम आंका है। उनकी बीमार मानसिकता देश के लिए चिंता का विषय है। उन्हें गलत बयान देने और झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।"कांग्रेस सांसद ने समूचे विपक्ष से पिछले मानसून सत्र की तरह इस सत्र को भी व्यवधान डालकर नष्ट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मोदी कांग्रेस की बात करने के बजाय 2014 के अपने वादों को याद करें और देश को बताएं कि चार साल में कितने वादे पूरे किए। उन्होंने कहा, "मोदी के पास संसद में अपने काम को लेकर चर्चा और बहस करने का साहस नहीं है। चाहे वह रोजगार का वादा हो या किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का, सारे वादे टूट गए हैं।"कांग्रेस को सिर्फ मुस्लिम पुरुषों का हितकारक बताने के मोदी के बयान पर शर्मा ने कहा, "मोदी कब से महिलाओं के रक्षक बन गए. जिस राज्य में वह बोल रहे थे, वहां प्रतिदिन दुष्कर्म हो रहे हैं। यहां तक कि कल जब वह भाषण दे रहे थे, एक महिला के साथ एक मंदिर में सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे जिंदा जला दिया गया। उन्होंने क्या कार्रवाई की? सिर्फ झांसे से देश नहीं चलता।"

भाजपा जल्द आम चुनाव करा सकती है : मायावती

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नई दिल्ली, 15 जुलाई, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जल्द ही आम चुनाव और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान के विधानसभा चुनाव एक साथ करा सकती है। मायावती ने एक बयान में कहा, "भाजपा जल्द चुनाव कराने को लालायित है और वह समय से पहले ही लोकसभा चुनाव करा सकती है।"मायावती ने कहा कि भाजपा ने जल्द चुनाव के लिए खुद को तैयार कर लिया है और अपनी रणनीति के तहत उसने जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। आम चुनाव 2019 के अप्रैल व मई महीने में होने हैं, जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभाओं के कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त होने हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा ने अब विकास के भ्रमित करने वाले एजेंडे को छोड़कर सांप्रदायिक और जातिवादी राग अलापना शुरू कर दिया है। उनके द्वारा हिंदू-मुस्लिम, श्मशान-कब्रिस्तान और फेक न्यूज को सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और मिर्जापुर में दिए गए भाषण पर कटाक्ष करते हुए मायावती ने इसे चुनाव अभियान का हिस्सा करार दिया। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं में देरी के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी ही इन अधूरी परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि वह 2014 से सत्ता में है। मायावती ने कहा कि कर्नाटक में सभी हथकंडे अपनाने के बावजूद सरकार न बना पाने से भाजपा हताशा से ग्रस्त है। उन्होंने केंद्र सरकार पर मंहगाई रोकने में विफल रहने, बेरोजगारी, भुखमरी और किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर निशाना साधा और पार्टी पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

विशेष आलेख : भारत विरोधी है महबूबा का बयान

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जम्मू कश्मीर की सत्ता जाते ही, महबूबा मुफ्ती के स्वर भी बदलने लगे हैं। उन्होंने अभी हाल ही में कहा है कि उनकी पार्टी को तोडऩे के प्रयास किए गए तो कश्मीर में 1990 जैसे हालात बन जाएंगे, इस बयान से ऐसा ही लगता है कि जैसे 1990 के हालात के लिए पीडीपी ही जिम्मेदार है, वह जानती है कि ऐसे हालात कैसे बनाए जाते हैं। मेहबूबा मुफ्ती का आतंकवादियों के प्रति उनका नरम रवैया किसी से छिपा नहीं रहा है। अब तो उन्होंने आतंकी पैदा करने की धमकी देकर अपने अंदर आतंकियों व पाकिस्तान के प्रति छिपे प्रेम को सरेआम उजागर कर दिया है। उन्होंने यह कहकर आतंकियों की पैरवी की है कि यदि उनकी पार्टी में तोडफ़ोड़ की गई तो सलाउद्दीन व यासिन मलिक जैसे आतंकवादी पैदा होंगे। आतंकी पैदा करने की बात करके महबूबा मुफ्ती देश को क्या संदेश देना चाहती हैं। महबूबा मुफ्ती को यह समझना चाहिए कि उनकी पार्टी के अंदर जो भी चल रहा है, वह उन्हीं के कर्मों का फल है। वह खुद तो अपना घर संभाल नहीं पा रही है और दूसरों पर इसका दोषारोपण मढ़ कर अपनी नाकामियों को छिपाने में लगी हुई है। पीडीपी की वास्तविकता यह है कि यह पार्टी केवल एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। इसमें आम कार्यकर्ताओं के बारे में सौतेला जैसा व्यवहार किया जाता है। चाहे पार्टी में कोई पद देने की बात हो या फिर सत्ता की मलाई खाने की बात हो, महबूबा ने दोनों में अपने परिवार के लोगों को महत्व दिया। ऐसे में पार्टी में बगावत होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसका भाजपा पर दोष मढऩा किसी भी दृष्टि से ठीक नहीं कहा जा सकता। इसी प्रकार जम्मू कश्मीर में दूसरी पार्टी नेशनल कांफें्रस की बात की जाए तो कमोवेश उसके हालात भी लगभग पीडीपी जैसे ही हैं, उसके नेता भी केवल अपने परिवार पर केन्द्रित करके पूरी पार्टी का संचालन करते दिखाई देते हैं। इन्होंने भी अपने बयानों के माध्यम से अलगाववदी नेताओं का समर्थन करने जैसे बयान दिए हैं। 

जम्मू कश्मीर में चुनाव के बाद जब पीडीपी के साथ भाजपा ने गठबंधन कर सरकार बनाई, तब महबूबा को भाजपा ने कश्मीर की जनता के हितों को ध्यान में रखकर उसका समर्थन किया, लेकिन महबूबा का रवैया नहीं बदला। महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी हिन्दुओंं को घाटी में बसाने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाए। भारतीय जनता पार्टी का कश्मीरी हिन्दुओं के बारे में प्रारंभ से ही यह उद्देश्य रहा है कि कैसे भी करके उनकी वापसी के बारे में सोचा जाए, लेकिन महबूबा शुरु से ही इस तिकड़म में लगी रहीं कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों का मुद्दा ही न उठ पाए। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में अलगाववादी आतंकियों के बढ़ते प्रभाव और उन्हें मिले राजनीतिक संरक्षण के चलते कश्मीरी हिन्दुओं को वहां से विस्थापित होना पड़ा। पूरा देश इस बात का गवाह है कि महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्रित्व वाले कार्यकाल में किस तरह से रमजान के दिनों में आंतकवादियों और पत्थरबाजों ने वहां तांडव किया। बेगुनाह लोगों का कत्ल किया गया, पत्रकारों की हत्या हुई। इसे या तो राज्य सरकार की नाकामी कहा जा सकता है या आतंकियों को ऐसा करने के लिए राजनीतिक संरक्षण माना जा सकता है। यह बात सही है कि महबूबा की सरकार ने आतंकियों के विरोध में वैसे कदम नहीं उठाए जैसे उठाने चाहिए। यानी उनकी सरकार का आतंकियों के बारे में हमेशा नरम रवैया ही रहा। अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन नहीं करना ही सरकार की बहुत बड़ी विफलता ही था, ऐसे में भाजपा ने समर्थन वापस लिया तो यह कदम न्याय संगत ही कहा जाना चाहिए। लेकिन अब महबूबा ने अपना असली रुप दिखा दिया है, उनका भाजपा के प्रति दोस्ताना रवैया कम, आतंकियों के प्रति उदारता ज्यादा दिखाई। इससे जम्मू कश्मीर के हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।

उधर, केंद्र सरकार ने विकास के लिए जो पैकेज दिए उसे भी जम्मू कश्मीर की जनता की भलाई के लिए नहीं लगाया गया। वह केवल आतंकियों को सुरक्षित करने वाले एजेंडा पर ही काम करती हुई दिखाई दे रही थीं। कश्मीर में सेना पर हमला करने वाले पत्थरबाजों को बच्चा कहकर उन्हें माफ  किया गया। एक तरह से कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। अब कह सकते हैं कि जब से वहां राज्यपाल शासन लागू हुआ है तब से हालातों में सुधार हैं। सारे पत्थरबाज किसी गुफा में छिप गए हैं। खूंखार आतंकवादी मारे जा रहे हैं। कई आतंकवादी जंगलों में छिप गए हैं। ऐसे में जिन राजनीतिक दलों का आतंकियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा है, उन्हें अब दर्द तो होगा ही। अब आतंकियों को किसी भी प्रकार का सरकारी संरक्षण नहीं मिल रहा, इसलिए महबूबा ने और आतंकी पैदा करने की बात कही है। कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद अब जब कश्मीर में शांति व्यवस्था कायम होने लगी है, आतंकवादियों का सफाया हो रहा है और इस सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान भी घबराया हुआ है, तब ऐसे में महबूबा मुफ्ती का बयान निश्चित ही जम्मू कश्मीर के वातावरण में जहर घोलने जैसा है। उनके इस बयान से जाहिर होता है कि वह जम्मू कश्मीर में शांति नहीं चाहती है। वे जिस सलाहुद्दीन व यासीन मलिक जैसे आतंकियों के पैदा करने की धमकी दे रही हैं, उनका इतिहास किसी से छिपा नहीं है। इन दोनों ने ही अलग अलग आतंकवादी संगठन बनाकर देश को नुकसान ही पहुंचाया। सैयद सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना है। उसने 1990 में अपना नाम यूसुफ शाह से बदलकर सैयद सलाहुद्दीन कर लिया था। सलाहुद्दीन ने 1987 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। उसी के बाद से उसने हाथों में बंदूक थाम ली। वहीं, यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख है। वह कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत करता रहा है। कश्मीर में शांति से रहने वालों का खून बहाने में इन दोनों ने ही कोई कसर नहीं छोड़ी। अब तो सलाहुद्दीन को अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी भी घोषित किया जा चुका है।

पीडीपी में जिस प्रकार के बगावत के सुर बढ़ रहे हैं, उसके मूल में महबूबा की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। यह विद्रोही स्वर सरकार जाने के बाद से सुनाई दे रहे हैं, ऐसी बात नहीं है, लेकिन महबूबा पार्टी के घमासान को जिस प्रकार से मोड़ देने का प्रयास कर रही हैं, उससे ऐसा ही लगता है कि वर्तमान में वह बौखला रही हैं। हम जानते हैं कि जब भाजपा के साथ यहां सरकार थी, तब भी पीडीपी में बगावत के सुर सुनाई देते रहे हैं। अलबत्ता अब इतना जरूर हुआ कि भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद पीडीपी के असंतुष्ट विधायक खुल कर महबूबा के खिलाफ आ गए हैं और महबूबा इसका ठीकरा वह भाजपा पर फोड़कर अपना दामन बचाना चाहती हैं।






सुरेश हिन्दुस्थानी
लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9425101815, 9770015780
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

विशेष : विश्व इतिहास का अनूठा महानायक

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दुनिया में अनेक महापुरुषों की स्मृति को क्षीण होते हुए देखा है, लेकिन नेल्सन मंडेला इसके अपवाद है। उनके जीवित रहते समय जितना उनको सम्मान प्राप्त हुआ, उससे कहीं अधिक उनकी मृत्यु के बाद उन्हें समूची दुनिया ने आदर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रति जितनी उत्सुकता बढ़ी है, वह उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर एक महानायक एवं रंगभेद विरोधी संघर्ष के सूत्रधार के रूप में उनकी छवि को निर्मित करता है। हर एक महापुरुष इतिहास की निर्मिति होता है। उसे उसके समाज में ही व्यक्तित्व प्राप्त होता है, किन्तु महापुरुष की यह विशेषता होती है कि वह जिस तरह इतिहास की निर्मिति होता है, ठीक उसी तरह अपने समय का निर्माता भी होता है। वे सम्पूर्ण दुनिया की मानव जाति को अपनी परिधि में लाने वाले राजनीतिक आन्दोलन के जननायक थे। उनके योगदान का एक लम्बा इतिहास है। वैश्विक स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन करना है तो मंडेला के क्रांतिकारी दर्शन को सामने रखना होगा।  
दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता” मानते थे। उन्हें “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक”, ”राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के रूप में देखा जाता था। 2004 में जोहनसबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदी बाकह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है। नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया। मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। नेल्सन मंडेला का मानना था कि दृढ़ता, जिद्द और विश्वास से हम अपने हर सपने को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं तो आप किसी भी चीज पर काबू पा सकते हैं। वे यह भी कहते थे कि अगर आप अपने काम के लिए समर्पित और उत्साही हैं तो सफलता आपके कदम चूमेगी। इन्हीं विचारों के आधार पर उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति के हित में आलोक फैलाया। वे आदर्शों एवं मानवता की पराकाष्ठा थे। नेल्सन मंडेला लम्बे संघर्षों की निष्पत्ति थे। उन्होंने कहा कि मेरी सफलता को देखकर कोई राय मत बनाइए। आप देखिए कि मैं कितनी बार गिरा हूं और फिर दोबारा कैसे अपने पैरों पर खड़ा हुआ हूं। मुसीबतें किसी को तोड़ती हैं तो किसी को मजबूत भी बनाती हैं। कोई भी कुल्हाड़ी इतनी तेज नहीं होती कि वो लगातार प्रयास करने वाले के हौसले को तोड़ सके।
महात्मा गांधी ने रंगभेद के खिलाफ अगर अपना संघर्ष दक्षिण अफ्रीका में शुरू किया, तो नेल्सन मंडेला ने उसी जमीन पर गांधी की विरासत को आगे बढ़ाया। भारत का जितना गहरा रिश्ता दक्षिण अफ्रीका से है, उतना ही नेल्सन मंडेला से भी। मंडेला इस दुनिया में एक युग के तौर पर जाने जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका का इतिहास उनके पहले और उनके बाद के काल के तौर पर तय किया जाएगा। वे किसी सरहद में बंधने वाले शख्स नहीं थे। उन्होंने दुनिया की लोकचेतना को जगाया। यही कारण है कि उन्हें भारत सरकार ने ‘भारत रत्न’ प्रदत्त किया तो बाद में उन्हें पाकिस्तान का सबसे बड़ा सम्मान ‘निशाने पाकिस्तान’ भी मिला। मंडेला भारत के भी थे, पाकिस्तान के भी। वे चीन और अमेरिका के भी थे। पूरी दुनिया के थे। नेल्सन मंडेला ने बीसवीं सदी में एक राष्ट्रनायक के रूप में अपना किरदार निभाया। एक तरह से सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों की बागडोर इस महारथी के हाथ में रही। राजतंत्र, उपनिवेशवाद और लोकतंत्र के संधिकाल वाली इस सदी में अपने देश का परचम थामे इस राजनेता ने विश्व इतिहास की इबारत अपने हाथों से लिखी। उन्होंने अपने देश को एक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दक्षिण अफ्रीका की प्रिटोरिया सरकार का शासनकाल मानव सभ्यता के इतिहास में ‘चमड़ी के रंग’ और नस्ल के आधार पर मानव द्वारा मानव पर किए गए अत्याचारों का सबसे काला अध्याय है। वह दुनिया की एकमात्र ऐसी सरकार थी, जिसने जातीय पृथक्करण एवं रंगभेद पर आधारित लिखित कानून बना रखा था। वहां के 75 प्रतिशत मूल अश्वेत अपनी ही जमीन पर बेगाने हो गए और बाहर से आए 15 प्रतिशत गोरी चमड़ी वाले 87 प्रतिशत भू-भाग के मालिक थे, उन पर शासन करते, अत्याचार करते थे। इन विकट एवं बर्बर स्थितियों में नेल्सन मंडेला ने खून का घूंट पीकर, ड्राइवर, दरबान और भृत्य के रूप में निर्वासित जीवन जीकर और जेल में क्रूर यातनाएं सहकर भी दक्षिण अफ्रीका को बीसवीं सदी के अंतिम मोड़ पर आजाद करवा ही दिया। समंदर के किनारे और किताब के पन्ने तक गोरों ने अपने लिए सुरक्षित करा रखे थे। वहां केवल अफ्रीका के अश्वेतों पर नहीं बल्कि अन्य देशों के लोगों पर भी रंग के आधार पर जुल्म किए जाते थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है गांधीजी, जिनका सामान वहां ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया और घोड़ा-गाड़ी पर बैठने के लिए चढ़ने के दौरान उन पर चाबुक बरसाए गए। जब सारी दुनिया के लोग आजादी की सांस ले रहे थे, तब भी बीसवीं सदी के अंतिम पड़ाव तक दक्षिण अफ्रीका इन काले अंधेरों में क्रंदन कर रहा था। नेल्सन मंडेला ने बर्बरता और अत्याचार के स्याह घेरे को तोड़ने का कालजयी और पराक्रमी कार्य किया। जिस प्रकार अन्य लोगों के योगदान के बावजूद भारत की आजादी की लड़ाई के आदर्श नायक गांधीजी हैं, उसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका की आजादी के महानायक और मसीहा हैं नेल्सन मंडेला। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और उसकी यूथ लीग के माध्यम से गोरी सरकार के खिलाफ संघर्ष का जो मंत्र उन्होंने फूंका, वो प्राणशक्ति अफ्रीका के लोगों में आजादी मिलने तक कायम रही। 5 अगस्त 1962 को गिरफ्तार होने के बाद 64 में बहुचर्चित ‘रिवोनिया’ मुकदमे में उन्हें आजन्म कैद की सजा सुनाई गई। साढ़े सत्ताईस साल का कारावास भी उनके बुलंद इरादों और संकल्पशक्ति को कैद न कर सका बल्कि उनके आत्मबल ने लोहे की सलाखों को भी पिघला दिया। जेल की चहारदीवारी के भीतर जैसे-जैसे मंडेला की उम्र बूढ़ी होती गई, लेकिन उनके इरादे और दक्षिण अफ्रीका का स्वतंत्रता आंदोलन जवान होता गया। जेल के भीतर और बाहर वे जननायक बने रहे।
नेल्सन मंडेला को अफ्रीका का गाँधी कहा जाता है, देश में हो रहे अश्वेतों के प्रति भेदभाव को देखते हुए नेल्सन मंडेला ने अहिंसा का मार्ग अपनाया, वे महात्मा गांधी और अब्राहम लिंकन को प्रेरणास्त्रोत मानते थे और उन्ही के बताये अहिंसा के मार्ग पर चलकर उन्होंने देश में रंग के आधार पर हो रहे भेदभाव को समाप्त किया और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने। उन्होंने सभी समस्यों को खत्म करने के लिए राजनीति का मार्ग अपनाया, उन्होंने कई लोगों को न्याय दिलाया, कई आन्दोलन किये और कई बार जेल भी गए, लेकिन वे राजनीति से पीछे नहीं हटे। अफ्रीका के गाँधी कहे जाने वाले नेल्सन मंडेला का जन्म ट्रांस्की के म्वेजो गाँव में 18 जुलाई 1918 को हुआ था। उनकी माता का नाम नेक्यूफी नोसकेनी था, जो एक मेथोडिस्ट थीं और पिता का नाम गेडला हेनरी मंडेला था, जो म्वेजो कस्बे के सरदार (प्रधान) थे। नेल्सन मंडेला ने अपनी प्रारंभिक पढाई क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से की, और उसके बाद की पढ़ाई मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से की। 1940 में नेल्सन मंडेला ने अपनी स्नातक की शिक्षा हेल्डटाउन कॉलेज में पूरी कर ली थी। नेल्सन ने आजादी की लड़ाई में अपना सौ फीसद योगदान दिया। उन्होंने जब सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया तो लोग समझने लगे कि नेल्सन अब रिटायर हो गए हैं, लेकिन वे खुद ऐसा नहीं मानते थे। वे अब ज्यादा सक्रिय हो गये, उन्होंने कहा था-मैंने एक सपना देखा है, सबके लिए शांति हो, काम हो, रोटी हो, पानी और नमक हो। जहां हम सबकी आत्मा, शरीर और मस्तिष्क को समझ सके और एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकें। ऐसी दुनिया बनाने के लिए अभी मीलों चलना बाकी है। हमें अभी चलना है, चलते रहना है। नेल्सन मंडेला 10 मई 1994 को दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 साल के लिए रॉबेन द्वीप के कारागार में डाल दिया गया, जहां उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा। वर्ष 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। आज के तीव्रता से बदलते समय में, हमें उन्हें तीव्रता से सामने रखकर दुनिया की रचना करनी चाहिए। यदि हमें सचमुच आदर्श समाज की रचना करनी है तो मंडेला के बताये मार्ग पर आगे बढ़ना ही होगा।



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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, डीएवी
 स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

दुमका : काव्य पुस्तक ’’मंदार रहस्य’’, का लोकार्पण

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विष्णुपुराण, भागवतपुराण, मत्स्यपुराण, वामणपुराण, वराहपुराण, बाल्मीकी रामायण, इत्यादि का वर्षों गहण अध्ययण कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी शशिधर मंडल द्वारा लिखी गई पुस्तक (काव्य खंड) ’’मंदार रहस्य’’ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व डीडीसी लोहरदगा शशिधर मंडल की पुस्तक ’’मंदार रहस्य’’,का सूचना भवन, दुमका में लोकार्पण
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सूचना भवन, दुमका में दिन सोमवार को कवि शशिधर मंडल (भाप्रसे) उप विकास आयुक्त लोहरदगा द्वारा रचित काव्य पुस्तक ’’मंदार रहस्य’’, का इतिहासकारों, पदाधिकारियों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों द्वारा सामूहिक रूप से लोकार्पण किया गया। प्रयास फाउण्डेशन फाॅर टोटल डेवलपमेंट के बैनर तले आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि रूप में मौजूद इतिहासकार डाॅ0 सुरेन्द्र झा ने अपने वक्तव्य में आरोप लगाया कि अंग क्षेत्र सहित पूरे पूर्वी भारत के इतिहास को विभिन्न विद्वानों ने तोड़-मरोड़ कर मिटाने का प्रयास किया है। यहाँ के साक्ष्यों को सामने लाना देवासुर संग्राम की तरह कठिन कार्य है। इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों को उन्होंने असुर की संज्ञा दी।  डाॅ0 झा ने दावा किया कि अंग क्षेत्र के आदि राजा पृथु, वेन और मनु थे। उन्होंने कहा कि प्रचीनतम सभ्यता से सम्बन्धित यहाँ छिपे प्राचीनतम पुरातात्त्विक साक्ष्यों को हाल ही में पं0 अनूप कुमार वाजपेयी ने विश्व की प्राचीनतम सभ्यता नामक पुस्तक के माध्यम से सामने लाने का कार्य किया, वहीं दूसरी ओर लेखक शशिधर मंडल ने धर्मग्रथों के आधार पर अंग क्षेत्र के इतिहास को मंदार रहस्य नामक काव्य पुस्तक के माध्यम से आज सामने लाने का कार्य किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदार के आस-पास उत्खनन के माध्यम से इस क्षेत्र के पुरातात्त्विक साक्ष्यों को मिटाने का कार्य किया जा रहा है। वहाँ हो रहे उत्खनन को अविलंब बंद कराने की माँग उन्होंने बिहार एवं केन्द्र सरकार से की। समारोह में अपने वक्तव्य के दौरान पुरातत्त्ववेत्ता पं0 अनूप कुमार वाजपेयी ने आरोप लगाया कि पिछले सौ वर्षों में ऐसी बहुत सी पुस्तकें लिखी गयी जिन्होंने अंग क्षेत्र और यहाँ की पहाड़ी पर झूठ की चादरें चढ़ा दी। उन्होंने कहा कि सत्य हरिशचन्द्र के समय में गंगा नदी नहीं थी, परन्तु भारतेंदु हरिशचन्द्र ने सत्य हरिशचन्द्र नाटक के माध्यम से उनके समय में गंगा छवि का वर्णन कर लोगों को गलत इतिहास की जानकारी दी। उस नाटक को पीढ़ी-दर-पीढ़ी विद्यार्थी पढ़ते आये। श्रीमद्भागवत और वामन पुराण के आधार पर उन्होंने बताया कि गज और ग्राह के संग्राम की प्राचीन कथा त्रिकूट पर्वत की तराई की है। वह त्रिकूट पर्वत संताल परगना में है। बावजूद इसके अनेक लेखकों ने उस संग्राम को दूसरी-तीसरी जगह दिखा दिया। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों से निचोड़कर काव्यात्मक पुस्तक के माध्यम से शशिधर मंडल ने मंदार सहित अंग क्षेत्र की ढेर सारी प्रमाणिक बातों को रखा है। उनके द्वारा भविष्यवाणी की गयी कि मंदार रहस्य पुस्तक भविष्य में उसके लेखक को राष्ट्रिय सम्मान अवश्य दिलायेगी। समारोह में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह कवि शिवनारायण यादव ने मंदार रहस्य के लेखक के सम्मान में कविता पाठ करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि प्राचीन 16 जदपदों में अंग का स्थान पहले पायदान पर है। प्राचीनकाल से ही लोक गीतों, लोक कहावतों और लोक कहानियों में यह उल्लेख है कि सभ्यता का अभ्युदय पूर्वी क्षेत्र में हुआ। ऐसे में सभ्यता का अभ्युदय निश्चित रूप से अंग क्षेत्र में ही हुआ था। अब समय आ गया है कि संसार के लोंगों की दृष्टि इस ओर जाये। अनुमंडल अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए भी शशिधर मंडल ने जो सृजनात्मक कार्य किया है वह प्रेरणादायक है। उन्होंने भविष्य में भी इस प्रकार के रचनाओं की आशा की। फतेहपुर (जामताड़ा) से आये शिक्षाविद् चन्द्रशेखर यादव ने कहा कि अंग क्षेत्र में जो भी पुरातात्त्विक साक्ष्य हैं उन्हें सुरक्षित रखना आज के समय में एक कठिन चुनौती है जिस ओर जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। समारोह के अंत में अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रयास फाउण्डेशन के सचिव मधुर कुमार सिंह ने कहा कि उनकी संस्था द्वारा 2018 में लोकार्पित यह तीसरी पुस्तक है। आगे भी यदि कोई शोध पुस्तक प्रकाशित होगी तो उनकी संस्था लोकार्पण कराने को तैयार है चूँकि शिक्षा जगत को आगे बढ़ाने का संकल्प उन्होंने लिया है। समारोह के अंत में सबों ने ध्वनि मत से यह पारित किया कि मंदार पर्वत के आस-पास हो रहे उत्खनन के कारण पुरावशेषों को बचाने के लिये हाँक लगायी जायेगी। इस पर मधुर कुमार सिंह ने कहा कि उनकी संस्था की ओर से बिहार और केन्द्र सरकार को लिखा जायेगा। समारोह को तसर विभाग के सहायक परियोजना निदेशक सुधीर कुमार, सेवानिवृत्त अधिकारी अरूण कुमार सिन्हा, बी0एन0 सिंह, पत्रकार अमरेन्द्र सुमन, पं0 चन्द्रशेखर मिश्र आदि ने भी संबोधित किया, जिसमें पणन सचिव राजीव रंजन, प्रो0 अनहद लाल, गोपाल प्रसाद साह, प्रदीप कुमार मंडल, प्रेम कुमार वाजपेयी, चकाई (जमुई) से आये शिक्षाविद् प्रियदर्शी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मंच संचालन जनमत शोध संस्थान के सचिव अशोक कुमार सिंह ने किया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 16 जुलाई

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मुख्यमंत्री आज सीहोर जिले के प्रवास पर

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार 17 जुलाई,2018 को जिले के प्रवास पर रहेंगे। जारी दौरा कार्यक्रमानुसार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार 17 जुलाई,2018 को प्रात:11:35 बजे हेलीकाप्टर द्वारा भोपाल से प्रस्थान कर 11:55 बजे जिले की आष्टा तहसील पहुंचेंगे। जहां विकास पर्व (सिंचाई) एवं फसल बीमा योजना राशि वितरण कार्यक्रम में भाग लेंगे। तत्पश्चात 2:10 बजे हेलीकाप्टर द्वारा भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 151122 कृषक लाभांवित होंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार 17 जुलाई,2018 को सीहोर जिले के आष्टा तहसील मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 18 फरवरी 2016 से लागू है। योजनांतर्गत जिले में अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसलों पर बीमित 151122 लाभांवित कृषकों को दावा राशि का प्रदाय किया जाएगा। खरीफ वर्ष 2017 हेतु जिले में सीहोर तहसील के अन्तर्गत 29626 कृषकों को 104.28 करोड़ रूपये, श्यामपुर तहसील में 26515 कृषकों को 105.04 करोड़ रूपये, आष्टा तहसील में 29841 कृषकों को 92.50 करोड़ रूपये, जावर तहसील में 12996 कृषकों को 60.67 करोड़ रूपये, इछावर तहसील में 18779 कृषकों को 65.15 करोड़ रूपये, बुदनी तहसील में 1023 कृषकों को 0.6 करोड़ रूपये, नसरुल्लागंज तहसील में 23658 कृषकों को 48.45 करोड़ रूपये, रेहटी तहसील में 8684 कृषकों को 6.16 करोड़ रूपये प्रदाय किए जाएंगे। इस प्रकार सीहोर जिले में कुल 151122 बीमित कृषकों को 482.33 करोड़ का बीमा दावा राशि का वितरण किया जाएगा। गत वर्ष खरीफ 2016 में 43861 लाभांवित कृषकों को 59.29 करोड़ का बीमा दावा राशि का वितरण किया गया था। 

नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना का भूमि पूजन आज, सीहोर जिले में एक लाख हेक्टेयर में होगी माईक्रो सिंचाई

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नर्मदा मालवा लिंक संकल्प के महत्वपूर्ण चरण के रूप में नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना का निर्माण आरंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री सीहोर जिले की इस महत्वाकांक्षी माईक्रो सिंचाई योजना का भूमिपूजन 17 जुलाई को दोपहर 12 बजे तहसील मुख्यालय आष्टा में वृहद किसान समागम में करेंगे। ज्ञात हो कि वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ने मालवांचल की गंभीर होती जल समस्या के स्थाई समाधान के लिए नर्मदा जल को मालवांचल की क्षिप्रा, गंभीर, पार्वती और कालीसिंध नदी कछारों में प्राविहत करने का संकल्प व्यक्त किया था। नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक योजना की सफलता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई। नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना तेजी से पूर्णत: की और अग्रसर है। अब इस अभियान के अगले चरण के रूप में नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना प्रथम और दूसरे चरण का निर्माण आरंभ किया जा रहा है।  इस परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण के अन्तर्गत इंदिरा सागर जलाशय से 32.04 क्यूमेक्स जल लगभग 295 मीटर ऊंचाई तक उद़वहन किया जाएगा। प्रथम पम्पिंग स्टेशन का निर्माण ग्राम धरमपुरी तहसील कन्नोद के पास होगा। इस पम्पिंग स्टेशन से जल अन्य तीन स्थानों पर निर्मित पम्पिंग स्टेशनों के माध्यम से ग्राम सिंगारचोली तहसील आष्टा में निर्मित जंक्शन स्ट्रक्चर में डाला जाएगा। इस स्थान से जल खेतों तक पहुंचेगा। योजना से सीहोर जिले की आष्टा, जावर तथा इछावर तहसील के 187 गांवों का 1 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। जल उदवहन के लिए अनुमानित 144 मेगावाट बिजली खपत होगी। नर्मदा पार्वती लिंक प्रथम एवं द्वितीय चरण की अनुमानित लागत रु 3415 करोड़ 30 लाख है।  इस योजना की विशेषता यह है कि किसानों को प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर चक तक पाईप लाईन द्वारा 20 मीटर दाबयुक्त जल उपलब्ध होगा। इससे किसान माईक्रो सिंचाई का लाभ ले सकेंगे। योजना से सीहोर जिले के उन गांवों/खेतों को सिंचाई का लाभ मिलने लगेगा जो भौगोलिक रूप से ऊंचाई पर बसे होने के कारण नहर सिंचाई से वंचित है। 

रोजगार मेले का आयोजन 20 जुलाई को सीहोर में

जिला रोजगार अधिकारी सीहोर ने बताया कि जिला प्रशासन एवं रोजगार कार्यालय के तत्वाधान में 20 जुलाई,18 को महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज सीहोर में प्रात: 10 बजे से 4 बजे तक रोजगार पंचायत, रोजगार मेले का आयोजन किया जावेगा जिसमें विभिन्न कम्पनियों द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी तथा विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के स्वरोजगार संबंधी प्रकरणों को विभागों के माध्यम से तैयार किए जा सकेंगे। तथा विभिन्न प्रकार के कंपनी, विभागों द्वारा रोजगार, स्वरोजगार से रोजगारउन्मुखी, स्वरोजगारउनमुखी योजनाओं में प्रशिक्षण दिलाकर भवष्यि लक्ष्यी नियुक्तियां तथा स्वरोगार प्रकरणों पर प्रशिक्षणोपरांज ऋण प्रकरण तैयार किए जाकर बेराजगारी से मुक्ति दिलाने के प्रयास किए जा सकेंगे। जिला रोजगार कार्यालय द्वारा गठित कैरियर काउंसलर, विषय विशेषज्ञों की गठित टीम हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तैयारी के लिए युवक-युवतियों के शैक्षणिक योग्यता के अनुसार टिप्स दी जा सकेगी। जो कि युवक-युवतियों को लाभांवित किए जाने के उ़ददेश्य से की जा सकेगी।  

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी एवं स्वरोजगार योजनाओं हेतु आवेदन 4 अगस्त तक

जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र सीहोर द्वारा स्वरोजगार मूलक योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित की जा रही हैं, जिले के आवेदक, आवेदिकाओं से एम.पी.ऑन लाईन कियोस्क के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। ऐसे आवेदक, आवेदिकाएं जो उक्त योजनाओं के तहत स्वयं का रोजगार स्थापित करने हेतु ऋण लेना चाहते हैं, वे 4 अगस्त 2018 तक अनिवार्य रूप से आवेदन करें, लक्ष्यानुरूप पर्याप्त संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर एमपी ऑनलाईन के माध्यम से संचालित पोर्टल बंद किया जा सकता है। आवेदक समय अवधि के पूर्व आवेदन करें। नियमानुसार ऑनलाईन प्राप्त आवेदन जिला चयन समिति से अनुशंसा उपरांत ऑनलाईन ही बैंकों की और प्रेषत किए जा हैं, जिनके आवेदन बैंक प्रेषित हो चुके हैं वे 4 अगस्त 2018 तक स्वीकृत वितरित कराएं। 

अंतर्राष्ट्रीय युवा कौशल्य विकास दिवस समारोह 

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आईटीसी सुनेहरा कल एवं प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन कार्यक्रम के संयुक्त संचालित इलेक्ट्रिकल एवं हेल्थकेयर कौशल्य विकास प्रशिक्षण केंद्र (पेस), सीहोर पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय युवा कौशल्य विकास दिवस के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के जिला प्रबंधक श्री संदीप सोनी एवं जिला रोजगार अधिकारी श्री श्यामकुमार धुर्वे उपस्तिथ थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा सरस्वतीजी की प्रतिमा पर दीपप्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया गया जिसके पश्चात मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का स्वागत तुलसी के पौधो से किया गया | मुख्य अतिथियो द्वारा कार्यक्रम में उपस्तिथ सभी छात्र-छात्राओ एवं अतिथिगण  का संबोधन एवं मार्गदर्शन किया गया | मुख्य अतिथियो द्वारा आईटीसी द्वारा संचालित सुनेहरा कल (कौशल्य विकास) कार्यक्रम की सराहना की एवं शासन द्वारा चलाये जा रही योजना कौशल्य विकास एवं स्वरोजगार ऋण के बारे में प्रकाश डाला एवं मुख्य अतिथियो द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किये हुये छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। मुख्य अतिथियो ने छात्र एवं छात्राओ द्वारा तैयार की गई प्रदर्शनी का निरिक्षण भी किया गया। कार्यक्रम में अन्य विशेष अतिथि प्राध्यापक श्री एच. एस. मंडलोई (पी जी कालेज, सीहोर) श्री संजय ओक (सीहोर आईटीसी मॉल इन्चार्ज) एवं श्री सुधीर वैध (स्टेट हेड प्रथम) उपस्तिथ थे। कार्यक्रम के अंत में श्री सुधीर वैध द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया एवं संस्था की जानकारी देते हुये बताया कि प्रशिक्षण संस्था द्वारा वर्ष 2016 से अभी तक 1193 छात्र एवं छात्राओ को ट्रेनिंग देकर उनमें से 913 छात्र एवं छात्राओं को रोजगार उपलब्ध कराया है कार्यक्रम में लगभग 200 से 250 लोग उपस्तिथि थे। 

कबीर के कार्टुन से नाराज हुए कबीरपंथी, राष्ट्रपति के नाम दिया कलेक्टर को ज्ञापन 

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सीहोर। राष्ट्रस्तरीय समाचार पत्र में प्रकाशित व्यंग कथा में संत कबीरदास को नशेलची बताने और उनका कार्टून बनाकर गुरू के अपमान को लेकर सोमवार को कबीरपंथियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम संबंधित पर कार्रवाहीं के लिए ज्ञापन दिया।  कलेक्ट्रेट पहुंचे कबीरपंथियों ने राष्ट्रपति से संबोधित ज्ञापन में कहा कि लेख में सार्वजनिक तौर पर कबीर साहब को मोहरा बना कर अशलीलता फैलाई गई है। कबीरपंथी हजारों बुजुर्गो का अपमान किया है। कबीर साहब का भददा मजाक उड़ाया गया है कबीरपंथियों को चरसी,व्यसनी, व्यभिचारी तक बताया गया है। जिस से हजारों कबीरपंथियों की आत्म आहत हुई हे। कबीरपंथी आत्माराम, मोतीदास, मून्नालाल मालवीय, दयाराम सागर, भरतदास, मनोहरदास, बनपदास, इंदर सिंह, प्रेमदास, किशौर, सोमनाथ, बाबूलालदास, जगन्नाथ,  हरिसिंह परमार, शंकरलाल, महेंद्रदास आदि ने संबंधित पर सख्त कार्रवाहीं करने की मांग की हे। 

कीटनाशक दवाई ने मचाई खेतों में तबाही, सैकड़ों एकड़ में सोयाबीन फसल हुई खराब 
  • दवाई बेचने वाला दोराहा का दुकानदार हुआ फरार,  कीटनाशक के डब्बे और खराब हुई फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, मुआवजा नहीं मिला तो आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे किसान 

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सीहेार। सोयाबीन के पौधों में लगे कीटों को खत्म करने और फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए श्यामपुर क्षेत्र के ग्राम बैरागढ़, छतरी, सिराड़ी, इमलिया के सैकड़ों किसानों ने मोरगन नामक कीटनाशक दवाई का छिड़काव खेतों में पहुंचकर किया । दुसरे दिन खेतों पर पहुंचे किसानों के पैरो तले जमीन ही खिसक गई। सैकडों एकड़ में फेली सोयाबीन की फसल मुरझा कर जल गई। हैरान परेशान किसान दोराहा बस स्टेड स्थित मुबारक ट्रेडर्स कीटनाशक विक्रेता मोहम्मद हारून पुत्र अब्दुल हमीद की दुकान पर जली हुई फसल लेकर पहुंचे और दुकानदार से हर्जाना मांगा। दो दिनों तक दुकानदार किसानों को कंपनी से नुकसान का पैसा दिलाने का भरोशा दिलाता रहा।  आक्रोशित सैकड़ों किसान दुकान पर पहुंचे सोमवार सुबह दुकान और घर में ताला डालकर मोहम्मद हारून फरार हो गया। रविवार को ग्राम इमलिया सिराड़ी नातराखेड़ी के किसानों ने थाना दोराहा पहुंचकर दुकानदार मोहम्मद हारून के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग का शिकायीपत्र दिया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाहीं नहीं की। सोमवार दोपहर में हाथों में सैकड़ों किसान हाथों में खराब हुई सोयाबीन की फसल और फसल तबाहा करने वाला कीटनाशक गोरगन लेकर पहुंचे किसानों का कहना था कि कर्ज लेकर सोयाबीन की फसल की बोवनी थी अमानक कीटनाशक ने फसल को तबाहा कर दिया है। खेतों में अब सोयाबीन की फसल केवल कचरा बनकर रह गई। किसानों ने प्रशासन से पर्याप्त मुआवजा राशि देने और संबंधित कीटनाशक को प्रतिबंधित करने की मांग ग्राम छतरी के सरंपच संग्राम सिंह, चंदन सिंह, जमील खां, करन सिंह, परमानंद, जसरथ सिंह, कृष्ण सिंह, आबिद खां, अचल सिंह, गौरेलाल, सिराड़ी के विजय सिंह, अतरबी, हफीज खां, जाकिर खां, विश्राम सिंह, मोहन विश्वकर्मा, अली मोहम्मद, रहिम खां, राजकुमार दांगी, हिदेश, रघुवीर सिंह दांगी, सम्मू खां, सहित अन्य किसानों ने की है। 

मधुबनी : दिसम्बर माह से जयनगर-जनकपुर के बीच ट्रेन का परिचालन

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जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 16 जुलाई,  : भारत से नेपाल को जोड़ने वाली रेल लाइन पर इस साल के अन्त से चलेगी. दो जोड़ी डीएमयू ट्रेन यह जानकारी इरकॉन के जीएम ने दी. इरकॉन के द्वारा अक्टूबर मे जयनगर से जनकपुर भाया कुर्था तक रेल लाइन का कार्य पूरा हो जायेगा. उसके बाद पटरियो पर मालगाड़ी चलाकर ट्रायल किया जायेगा. फिर बाद मे सबकुछ ठीक-ठाक रहा, तो डीएमयू ट्रेन का परिचालन 15 कि.मी. की रफ़्तार से यात्री परिचालन किया जायेगा. बाद में ट्रेन की रफ़्तार बढ़ाया भी जा सकता है. साथ ही नेपाली ट्रेन का परिचालन भारत के ही रेल एजेंसी राइट्स एवं कोंकण करेंगी एवं नेपाल के कर्मचारियों को ट्रेन चलाने से लेकर रेल के पूरे मैनेजमेंट का प्रशिक्षण भी देगी. ज्ञात हो कि जयनगर से जनकपुर भाया बिजलपुरा तक रेल लाइन चालू करना था, मगर नेपाल सरकार ने अभी तक कुर्था स्टेशन के आगे जमीन नहीं आवंटन नहीं करने के कारण बिजलपुरा तक रेल लाइन का कार्य नहीं हो सका है. बहरहाल जो भी हो नेपाल भारत को जोड़ने वाली इस ट्रेन का इंतजार दोनों देश की जनता को है.

भारत, ईरान ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

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नई दिल्ली, 16 जुलाई, विदेश सचिव विजय गोखले और ईरानी उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरघची के बीच सोमवार को यहां हुई प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बैठक के दौरान भारत और ईरान ने आर्थिक सहयोग मजबूत करने और संपर्क बढ़ाने पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने इस साल फरवरी में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के भारत दौरे के दौरान लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा की। खासतौर से दोनों पक्षों ने संपर्क बढ़ाने और व्यापार एवं आर्थिक मसलों के साथ-साथ एक-दूसरे देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहयोग को मजबूती प्रदान करने के मसलों पर चर्चा की। रूहानी के दौरे के दौरान दोनों देशों ने रणनीतिक चाबाहार बंदरगाह के संबंध में संकल्प समेत नौ समझौतों पर हस्ताक्षर कर व्यापक संबंध स्थापित किए थे। विदेश मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि संयुक्त व्यापक कार्य-योजना को लेकर उत्पन्न मसलों का समाधान करने के लिए विभिन्न पक्षों द्वारा किए गए प्रयासों समेत दोनों पक्षों ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसी साल अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 में ईरान, यूरोपीय संघ और जर्मनी सहित संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्यों के बीच किए गए परमाणु करार से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि भारत ने स्पष्ट कहा कि वह देश विशेष के प्रतिबंध को नहीं मानता है। ईरान भारत को दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्ति करने वाला देश है, जो रोजाना 4.25 लाख बैरल तेल भारत को देता है। ईरान के तेल और गैस उद्योग में सबसे बड़े विदेशी निवेशकर्ताओं में भारत शुमार है। भारत ईरान और अफगानिस्तान संयुक्त रूप से ईरान के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित चाबाहार बंदरगाह का विकास कर रहे हैं।

आईएमएफ ने भारत का विकास दर अनुमान घटाया

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संयुक्त राष्ट्र, 16 जुलाई, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सेामवार को भारत का आर्थिक विकास दर अनुमान चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया।   हालांकि भारत अब भी दुनिया की सबसे तीव्र विकास दर वाली अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) के ताजा आकलन में इस साल अप्रैल में 0.1 फीसदी और पूरे 2019 में 0.3 फीसदी की कटौती की गई है। आईएमएफ के अनुसार, तेल की ऊंची कीमतें और सख्त मौद्रिक नीति इस कटौती की मुख्य वजहें हैं। आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के निदेशक मौरी ऑब्स्टफेल्ड ने कहा कि आपूर्ति बाधित होने और भूराजनीतिक दबाव से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भारत जैसे आयातकों को नुकसान पहुंचा है। आईएमएफ के मुख्यालय वाशिंगटन में ताजा आकलन जारी करते हुए उन्होंने कहा, "हमने वैश्विक आर्थिक विकास दर इस साल और अगले साल के लिए 3.9 फीसदी पर जारी रखा है, लेकिन अनुमान है कि बदतर नतीजों का जोखिम निकटवर्ती अवधि में भी बढ़ गया है।"आईएमएफ ने चीन की आर्थिक विकास दर इस साल 6.6 फीसदी और अगले साल 6.4 फीसदी पर स्थिर रखा है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार, अमेरिका में आर्थिक विकास दर 2018 में 2.9 फीसदी और अगले साल 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है।

बदल गया है मोदी के हाथ घुमाने का अंदाज : अखिलेश यादव

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लखनऊ, 16 जुलाई, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए यहां सोमवार को कहा कि 'सपा और बसपा के साथ आ जाने से प्रधानमंत्री हाथ घुमाने अंदाज बदल गया है। आजकल मैं उनका भाषण नहीं सुनता, बल्कि हाथ चलाने का तरीका देखता हूं।' (21:52)  उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव से पहले सपा व बसपा का तालमेल होने के बाद प्रधानमंत्री जी आजकल अपना हाथ कैसे घुमा रहे हैं, यह तो देखने लायक है। मोदी टेलीप्रॉम्पटर लगाकर रटा-रटाया भाषण पढ़ते हैं। अगली बार मैं भी इसकी मदद से कई भाषाओं में भाषण दूंगा।"अखिलेश ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय में इलाहाबाद से चलकर लखनऊ पहुंची 'समाजवादी दलित चेतना साइकिल रैली'का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने मोदी और भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, "प्रधानमंत्री तो लगातार हमारे सभी काम का शिलान्यास कर रहे हैं। उन लोगों ने कुछ काम किया ही नहीं तो नया क्या करेंगे। भाजपा कितने भी फीते काट ले सड़क हमारी ही है।"पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "बीजेपी के लोग बड़े विश्वास से झूठ बोलते हैं। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे को छोटा करके कह रहे हैं कि पैसे बचा लिए। भाजपा ने बलिया को काटा है, हमारी सरकार आएगी तो हम बलिया को भी जोड़ेंगे।" 

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग अगर साइकिल चलाएंगे और जनता के बीच प्रचार करेंगे तो गुमराह करने वाले कुछ नहीं कर पाएंगे। साइकिल चलाना आसान काम नहीं है। लंबी दूरी तय करने के लिए साइकिल की सवारी और मुश्किल है, पर समाजवादी साइकिल चलना अच्छे से जानते हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा वाले तो चुनाव प्रचार पर निकले हैं, प्रधानमंत्री जी खुद प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी हमें बता दें कि कब चुनाव है उनको तो पता ही होगा।"  अखिलेश ने कहा, "प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि कांग्रेस मुस्लिम की पार्टी है। मैं कहता हूं कि पार्टी भारतवासी की होती है, न कि किसी धर्म की। प्रधानमंत्री अपनी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने जो वादे पूरे नहीं किए, उससे ध्यान भटकाने के लिए अनाप-शनाप बोले जा रहे हैं। देश के लोग लोग आज भी अपने बैंक खाते में 15 लाख रुपये का इंतजार कर रहे हैं।"फीफा वल्र्डकप की बात करते हुए उन्होंने कहा कि फुटबॉल में एक छोटा देश भी फाइनल खेल रहा था। इतना बड़ा सपना देखा, पर हमारी टीम क्यों नहीं थी। भाजपा का किसी भी ओर ध्यान नहीं है, वह किसी का विकास नहीं करती, सिर्फ विकास की बात करती है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या पर योगी सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा, "कानून व्यवस्था भाजपा के हाथ से बाहर हो गई है। जेल में हत्याएं हो रही हैं। पुलिस के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। जनता चुनाव की तारीख का इंतजार कर रही है, ताकि भाजपा को जवाब दे।"

भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक पर राहुल के इरादे पर सवाल उठाए

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नई दिल्ली, 16 जुलाई, भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को उनके मुस्लिमों को लेकर दिए बयान से ध्यान भटकाने वाला प्रयास बताया।  एक उर्दू दैनिक के मुताबिक, राहुल ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बैठक में कांग्रेस को मुस्लिमों  की पार्टी बताया था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "उन्होंने आज यह मुद्दा क्यों उठाया? यह उनके द्वारा दिए गए बयान से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास है..यह कांग्रेस को दोहरा रवैया है।"जावड़ेकर ने कांग्रेस प्रमुख से यह जानने की इच्छा जताई कि क्या वह उन पार्टियों से समर्थन सुनिश्चित करेंगे, जिन्होंने पहले इस विधेयक का विरोध किया था। जावेड़कर ने कहा, "कांग्रेस ने उन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिनने इस विधेयक का विरोध किया था। क्या वे गठबंधन से बाहर निकलेंगे? क्या वे उन पार्टियों को समर्थन के लिए पत्र लिखेंगे, जिन्होंने विधेयक का विरोध किया था।"उन्होंने हालांकि समाजवादी पार्टी या राष्ट्रीय जनता दल का नाम नहीं लिया, जिनके साथ कांग्रेस का क्रमश: उत्तर प्रदेश और बिहार में गठबंधन है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए समर्थन मांगा था, जिसके तुरंत बाद भाजपा नेता ने उनके बयान पर पलटवार किया। राहुल ने दावा किया कि भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में इस वादे को प्रमुखता से शामिल किया था, लेकिन पार्टी अब इसपर दोहरा रवैया अपना रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान राज्यसभा द्वारा मार्च 2010 में पारित यह विधेयक लोकसभा में गत आठ वर्षो से एक के बाद एक बहाने की वजह से अटका पड़ा हुआ है। राहुल ने कहा कि विधेयक में देश के शासन में परिवर्तन करने की क्षमता है। इसमें और अधिक देरी करने से यह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पारित नहीं हो पाएगा। मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 10 अगस्त को समाप्त होगा।

मोदी ने ममता पर निशाना साधा

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मिदनापुर(पश्चिम बंगाल), 16 जुलाई, ममता बनर्जी नीत पश्चिम बंगाल सरकार पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उनपर 'सभी पुराने सिंडिकेट(गिरोह)'के साथ सांठ-गांठ करने, दलित राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या कराने और लोकतंत्र, भारतीय संविधान या चुनावी प्रक्रिया में कोई विश्वास नहीं रखने का आरोप लगाया। मोदी ने यहां एक रैली में कहा कि 'राज्य कुछ महीनों के भीतर ही सभी अपराधों और भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाएगा और यह केवल एक अवसर की बात है।'मोदी ने लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं से 'सिंडिकेट की नींव'हिलाने के लिए त्रिपुरा की तरह 'बहादुरी से और एकसाथ'सोचने के लिए कहा। भाजपा ने त्रिपुरा में 25 वर्षो से शासन कर रहे वामपंथी सरकार को सत्ता से हटाकर अपनी सरकार बनाई थी। मोदी ने कहा, "जिस तरह त्रिुपरा के सिंडिकेट को तोड़ा गया था। इसे पश्चिम बंगाल में भी दोहराया जा सकता है। इस ऐतिहासिक धरती पर किया गया संकल्प कभी बेकार नहीं होगा।"

उन्होंने 'मोदी-मोदी'के नारे के बीच कहा, "जो लोकतंत्र का समर्थन नहीं करते हैं, चुनाव प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं, संविधान को नहीं मानते हैं, ऐसी सरकार जिसे उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय फटकार लगाती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।"मोदी ने कहा, "बंगाल के लोगों ने लोकतंत्र की मदद से वाम मोर्चे के प्रताड़ना से खुद को बचाया है। तब इसमें समय लगा था। अब बंगाल कुछ महीनों में खुद को एकबार फिर गलत कार्यो और अपराधों से मुक्त कर सकता है। बंगाल अपने अवसर का इंतजार कर रहा है। बंगाल के लोग अपने अवसर का इंतजार कर रहे हैं।"उन्होंने कहा, "बंगाल के लोगों ने उनलोगों के असली चेहरे देख लिए हैं, जो 'मां, माटी, मानुष'की बात करते हैं। लोग जानते हैं कि बीते आठ वर्षो में उन्होंने क्या किया है और उनके सिंडिकेट के बारे में भी जानते हैं।"

मोदी ने किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यहां किसानों के लाभ को हथियाने, राजनीतिक विपक्ष की हत्या की साजिश रचने, गरीबों को प्रताड़ित करने और सत्ता पर काबिज रहने के लिए अपने वोट बैंक को बनाए रखने वाले सिंडिकेट मौजूद हैं।"हालिया पंचायत चुनाव में हिंसा और हत्या की ओर इशारा करते हुए मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सत्तारूढ़ पार्टी के हमले का मजबूती से सामना करने के लिए सराहना की और कहा कि भाजपा द्वारा यहां कई सीटें जीतना सुनहरे भविष्य की ओर इशारा है। मोदी ने कहा, "मैं राज्य के पंचायत चुनाव में हिंसा और हमले के बावजूद भाजपा का समर्थन करने वाले लोगों के सामने अपना सिर झुकाता हूं। एक के बाद एक पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। कई दलित बेटों को उनके पिता से छीन लिया गया।"

बॉलीवुड निर्माता यौन प्रताड़ना पर रपट सौंपें : मेनका

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नई दिल्ली, 16 जुलाई,  केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को बॉलीवुड की निर्माण कंपनियों को उनके द्वारा गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को मिलने वाली यौन शोषण की शिकायतों की रपट सौपने के निर्देश दिए।  गांधी ने ट्वीट किया, "एक जिम्मेदार कर्मी के तौर पर सभी लोग कानून का पालन करने के लिए बाध्य हैं। मैं बॉलीवुड की सभी निर्माण कंपनियों को ऐसा करने तथा उनके द्वारा गठित आंतरिक शिकायत समिति में दर्ज शिकायतों की रपट सौंपने का आग्रह करती हूं।"गांधी ने पिछले साल 24 प्रमुख फिल्म निर्माण कंपनियों को भारत के 2013 के यौन शोषण अधिनियम का पालन करते हुए उन्हें याद दिलाया था कि भारतीय कानून के अंतर्गत वे सभी कर्मियों को सुरक्षित और समावेशी कामकाजी वातावरण प्रदान करने के लिए नैतिक और कानूनी रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, "यह जानना उत्साहित करने वाला है कि बॉलीवुड की सात निर्माण कंपनियों ने मेरे आग्रह को पहले ही स्वीकार कर लिया है और वे कार्यस्थल पर यौन शोषण अधिनियम से जुड़ गई हैं।"पिछले साल कई अभिनेत्रियों द्वारा हॉलीवुड फिल्म निर्माता हार्वे वींस्टीन पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद शुरू हुए'हैश मी टू'अभियान के बाद यह कदम उठाया गया था।

पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह के लिए कांग्रेस को कोसा

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पणजी, 16 जुलाई, अविश्वास व नकारात्मकता फैलाने के लिए विपक्ष की निदा करते हुए पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि क्या कांग्रेस तब सर्जिकल स्ट्राइक पर विश्वास करती, जब सेना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने साथ इस मिशन पर ले जाती। आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के हिस्से के तौर पर पर्रिकर ने कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा, "मैं सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीतिक तरीके से नहीं बोल रहा हूं। विपक्षी पार्टियां क्या दावा करती हैं। उन्होंने स्ट्राइक नहीं किया था। इनकी नकारात्मकता को देखिए। क्या मुझे आपको (विपक्षी) साथ ले जाना चाहिए था। मुझे सेना से कहना चाहिए था कि राहुल गांधी को साथ ले जाएं और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दें।"पर्रिकर ने कहा, "सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सबसे बड़ी बात गोपनीयता है। सिर्फ हम चार जानते थे। प्रधानमंत्री, मैं, सेना प्रमुख और सैन्य संचालन महानिदेशक। हम चारों दिल्ली में थे और कोर कमांडर व सेना के कामांडर व जिन्होंने इसे क्रियान्वित किया वे श्रीनगर में थे।"पूर्व रक्षामंत्री ने कहा, "हमें इसके लिए शीघ्र तैयारी करनी पड़ी, क्योंकि इन चीजों को मौके पर नहीं किया जा सकता है।"पूर्व रक्षामंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने व सकारात्मक माहौल बनाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी मां का किसी भी घटना के लिए व्यापक तैयारी करने का ज्ञान उन कारकों में से एक था, जिसने उन्हें प्रेरित किया और उनका रक्षा मंत्रालय वास्तविक स्ट्राइक से पहले पूरी तरह से तैयार था।
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