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करुणानिधि का पार्थिव शरीर गोपालपुरम ले जाया जाएगा

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चेन्नई, 7 अगस्त, द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि का पार्थिव शरीर यहां के कावेरी अस्पताल से उनके गृह नगर गोपालापुरम ले जाया जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शन के लिए राजाजी हाल में रखा जाएगा। यह जानकारी द्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को दी। उन्होंने कहा, "योजना यही है कि हम अपने प्रिय नेता का पार्थिव शरीर उनके गोपालापुरम स्थित आवास ले जाएंगे। फिर वहां से इसे लोगों के दर्शनार्थ राजाजी हाल में रखा जाएगा।"योजना के मुताबिक, करुणानिधि का अंतिम संस्कार बुधवार को होगा। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके करुणानिधि का निधन मंगलवार शाम कावेरी अस्पताल में हो गया।

राहुल गांधी ने दुष्कर्म मामले में मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को देश में दुष्कर्म के मामले, खासकर बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया के आश्रय गृहों में दुष्कर्म के मामलों में प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर निशाना साधा और कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार ने देश को 3000 वर्ष पीछे धकेल दिया है। उन्होंने मोदी सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ'कार्यक्रम पर भी निशाना साधा और सवाल उठाया कि किससे बेटी को बचाया जाना चाहिए। राहुल ने उनकी पार्टी द्वारा आयोजित महिला अधिकार सम्मेलन में कहा, "उत्तर प्रदेश में, जब महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है, प्रधानमंत्री एक भी शब्द नहीं बोलते हैं।"उन्होंने कहा, "झारखंड में, वह जाते हैं और बुलेट ट्रेन, टॉयलेट, हवाईजहाज जैसे अन्य मुद्दे पर बोलते हैं, लेकिन वह वहां महिलाओं के बारे में एक पंक्ति नहीं बोलते। वह चुप्पी साध लेते हैं जब महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं या दुष्कर्म के मामले सामने आते हैं।"बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले में मोदी की चुप्पी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, "बिहार में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ। लेकिन उन्होंने घटना की निंदा के लिए एक शब्द नहीं बोला, जबकि उनकी पार्टी के सदस्य आरोपी को बचा रहे हैं।"उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में उनके विधायक दुष्कर्म का आरोपी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष एक शब्द नहीं बोलते।"कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह एक ट्रेंड बन गया है कि भारत की प्रत्येक महिला अपने घर से डर के साथ बाहर आती है। जब प्रधानमंत्री के समक्ष, यह कहा जाता है कि आपका देश महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है और आपकी सरकार महिलाओं को सुरक्षा दिलाने में असमर्थ है, वह एक भी शब्द नहीं बोलते।"वह पूरी दुनिया में जा सकते हैं और नेताओं को गले लगा सकते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि भारत में महिलाएं क्यों नहीं सुरक्षित हैं। वह भारत के बदलाव की बात करते हैं। वह कांग्रेस के 70 साल के शासन की बात करते हैं। वह सही हैं, क्योंकि बीते चार वर्षों में जो महिलाओं के साथ हुआ है, वह बीते 3000 वर्षो में नहीं हुआ था, 70 वर्ष को तो छोड़ ही दीजिए। राहुल ने कहा, "मोदी सरकार एक कार्यक्रम लेकर आई, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ'। हम यह नहीं समझ सके कि वे किससे बेटियों को बचाने की बात कर रहे हैं। हमें भाजपा के विधायकों से बेटियों को बचाना है।"

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को फटकारा

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी और एक बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म पर चिंता व्यक्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह चलाने के लिए गैर सरकारी संगठनों को धन देने के लिए करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग करने को लेकर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की खंडपीठ ने कहा, "लोग कर चुका रहे हैं। लोगों का पैसा इस तरह की गतिविधियों को वित्तपोषित करने में इस्तेमाल किया जा रहा है.. इन गैर सरकारी संगठनों को बिना जांच पड़ताल के पैसा दिया गया है।"बेंच ने इंटरनेट पर उपलब्ध 2016 के राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "क्या हो रहा है? लड़कियों का हर कहीं हर किसी के द्वारा दुष्कर्म किया जा रहा है।"आंकड़ों के अनुसार, 2016 में 38,947 दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अदालत ने कहा, मध्य प्रदेश में, लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए खुले तौर पर बेचा जा रहा है और उसके बाद दुष्कर्म की संख्या में उत्तर प्रदेश है। यौन दुर्व्यवहार के मामलों में शामिल एनजीओ को वित्त पोषित करने को लेकर बिहार सरकार को लताड़ते हुए शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि कैसे राज्य उन्हें बिना पड़ताल किए बिना धन उपलब्ध करा सकता है। 

खंडपीठ ने बिहार सरकार से पूछा कि राज्य सरकार इन गैर सरकारी संगठनों को कब से धन उपलब्ध करा रहा था, तो '2014 से'बताया गया। अदालत ने कहा, "कम से कम 3-4 साल से बिहार सरकार उन्हें बिना उद्देश्य के पैसे दे रही है। क्या जांच पड़ताल करने का कानून नहीं है?"पटना के एक निवासी ने अदालत से मामले का संज्ञान लेने को पत्र लिखा था। उसके बाद अदालत ने खुद से पहल करते हुए मामले की निगरानी शुरू की है और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) इस मामले की जांच कर रही है। अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया पर यौन अपराधों की पीड़िताओं की किसी प्रकार की तस्वीर (ब्लर किया और चेहरा ढंका हुआ भी नहीं) पर प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने बिहार सरकार से आरोपियों में से एक की पत्नी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, जिसने दुष्कर्म पीड़िताओं के नाम अपने फेसबुक पेज पर साझा किए थे। अदालत ने सुझाव दिया कि एनजीओ संचालित आश्रय गृहों की उचित निगरानी दैनिक आधार पर की जानी चाहिए और मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया था कि मुजफ्फरपुर स्थित एनजीओ दुष्कर्म के आरोपों का सामना करने वाला अकेला नहीं था और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा सोशल ऑडिट रिपोर्ट ने बिहार में 15 ऐसे राज्य-वित्त पोषित संस्थानों पर गंभीर चिंता जताई थी। खंडपीठ को बताया गया था कि यौन शोषण के लिए 15 गैर सरकारी संगठनों में से नौ को चिन्हित किया गया है। बिहार सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि 15 गैर सरकारी संगठनों में से नौ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, और एक को छोड़कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अदालत को बताया गया था कि कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और उन पर कार्रवाई की जा रही है। 

जेएनयू में कुलपति के खिलाफ जनमत संग्रह

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार को निष्कासित करने के लिए विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने मंगलवार को जनमत संग्रह में भाग लिया। कुलपति का विरोध उनकी कथित पक्षपातपूर्ण नीतियों और परामर्श प्रक्रिया का पूरी तरह ध्वस्त होने के कारण किया जा रहा है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीयू) द्वारा किया जा रहा जनमत संग्रह मंगलवार सुबह 10.30 बजे शुरू होकर शाम छह बजे तक चला। जेएनयूटीए की अध्यक्ष सोनाझरिया मिंज ने बताया, "हमने परामर्श प्रक्रिया के पूरी तरह ठप होने के विरोध में यह जनमत संग्रह किया है। परामर्श प्रक्रिया के तहत शिक्षा परिषद में विभिन्न शैक्षिक निर्णय लिए जाते हैं। कोई राय नहीं मांगी है और मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई है। कुछ निर्णयों को बहुत सामान्य तरह से लिया गया है और इस बातचीत के आधार पर निर्णय लिया गया है।"उन्होंने कहा, "हमेशा से अपेक्षाकृत अधिक लोगों द्वारा निर्णय को स्वीकारने की परंपरा रही है। वह प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है।"मिंज ने प्राध्यापकों की पदोन्नति, वार्डनशिप के नवीनीकरण में भेदभाव, विश्वविद्यालय ग्रेडवार स्वायत्तता जैसे कई मुद्दों के कारण प्राध्यापकों को जनमत संग्रह कराना पड़ा। उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय के लगभग 580 शिक्षकों में से लगभग 200 शिक्षकों ने दोपहर तीन बजे तक मतदान किया।"

राकांपा की वंदना चव्हाण विपक्ष की संभावित राज्यसभा उपसभापति उम्मीदवार

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में विपक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद वंदना चव्हाण को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकता है। अंतिम निर्णय मंगलवार शाम लिया जा सकता है। चुनाव नौ अगस्त को होना है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल रहे एक नेता ने कहा, "उनके नाम पर काफी चर्चा हो रही है।"उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला लेने के लिए सभी दलों ने शाम को एक और बैठक करने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के उम्मीदवार पर समर्थन लेने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार के शिवसेना और बीजू जनता दल (बीजद) से मिलने की संभावना है। कांग्रेस नेताओं के भी नवीन पटनायक की पार्टी से बात करने की संभावना है। शिवसेना अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कई मुद्दों पर अलग रुख ले रही है। बैठक में आजाद और पवार के अतिरिक्त कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के डेरेक ओ ब्रायन, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती, द्रविण मुनेत्र कणगम से तिरुचि सिवा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से डी. राजा शामिल रहे। विपक्ष उनके अतिरिक्त तिरुचि सिवा को भी उम्मीदवार बना सकता है। इस चुनाव में मुकाबला काफी नजदीकी रहने की संभावना है, क्योंकि संख्या के हिसाब से विपक्ष भाजपा-नीत राजग से थोड़ा आगे है। बीजद, अन्ना द्रमुक, तेलंगाना राष्ट्र समिति और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों के विशेष परिस्थितियों में सरकार के समर्थन में जाने की संभावना होने के कारण इसका परिणाम इन दलों पर निर्भर है। विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन करने वाले संभावित दलों में कांग्रेस (50), टीएमसी (14), सपा (13), तेदेपा (6), माकपा (5), भाकपा (2), द्रमुक (4), राकांपा (4), आप (3), बसपा (4), राजद (5), पीडीपी (2), जद-एस (1), नामित (1), केरल कांग्रेस-मणि (1) और आईयूएमएल (1) हैं। राज्यसभा के सभापति एम. वेकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के उपसभापति के लिए नौ अगस्त को चुनाव की घोषणा की थी। यह चुनाव संसद के मॉनसून सत्र की समाप्ति से एक दिन पहले हो रहा है।

न्यायमूर्ति जोसेफ ने सर्वोच्च न्यायालाय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत शरण व न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इन न्यायाधीशों ने सरकार द्वारा अधिसूचित वरिष्ठता क्रम के आधार पर शपथ ली। शपथ ग्रहण करने वाले न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति जोसेफ सबसे जूनियर हैं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने शीर्ष अदालत में एक समारोह में तीनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। अदालत के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सोमवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा से मिलकर सरकार के न्यायमूर्ति जोसेफ को शपथ ग्रहण में तीसरे स्थान पर रखे जाने पर अपनी नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि न्यायमूर्ति जोसेफ को तीनों में वरिष्ठ होना चाहिए, क्योंकि उनके नाम की सिफारिश शीर्ष अदालत के लिए सबसे पहले की गई थी, इसके बाद सरकार ने आपत्ति जाहिर की थी। न्यायमूर्ति जोसेफ ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अपने फैसले में 2016 में राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को रद्द कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले को कायम रखा था। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों की वरिष्ठता अखिल भारतीय आधार पर है और सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश पर नहीं। न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की संस्तुति 10 जनवरी को कर दी गई थी। सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम को विचार के लिए लौटाए जाने के बाद उनकी नाम की सिफारिश दोबारा 17 जुलाई को की गई। कॉलेजियम ने जोसेफ को सबसे अधिक योग्य एवं सक्षम न्यायाधीश बताया था। तीन नए न्यायाधीशों के शामिल होने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 28 हो गई है। यह सर्वोच्च न्यायालय के लिए स्वीकृत 31 न्यायाधीशों की संख्या से तीन कम है। यह पहली बार है कि सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में तीन महिला न्यायाधीश हैं। इसमें न्यायमूर्ति आर.भानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा व न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शामिल हैं। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी सर्वोच्च न्यायालय की सातवीं महिला न्यायाधीश हैं। सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति फातिमा बीवी, इसके बाद न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति रंजना देसाई, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा हैं।

नागरिकों की दोषमुक्त सूची बनाएं NRC समन्वयक : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) के समन्वयक प्रतीक हजेला को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें मीडिया को साक्षात्कार देने के स्थान पर अपना ध्यान त्रुटि रहित एनआरसी की सूची बनाने में केंद्रित करना चाहिए। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने हजेला और भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (आरजीसीसी) शैलेश को 'भविष्य में सावधानी'बरतने की सलाह दी। हजेला ने मीडिया में बयान दिया था कि एआरसी मसौदे से बाहर रह गए शिकायतकर्ताओं की सुनवाई के दौरान नागरिकता के किसी भी वैध दस्तावेज को स्वीकार किया जाएगा। एक राष्ट्रीय दैनिक को हजेला द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, "क्या आपके पास इस तरह के बयान देने का अधिकार है? इसकी कोई अनिवार्यता थी? आपका दायित्व मसौदे को तैयार करना और अंतिम एनआरसी तैयार करना है।"अदालत ने हजेला से कहा कि वह अदालत के एक अधिकारी हैं और उन्हें एनआरसी के बारे में मीडिया में बयान नहीं देना चाहिए था। पीठ ने कहा, "यह आपके और आरजीसीसी की तरफ से बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। आपका काम अंतिम एनआरसी बनाना है। आपका काम प्रेस में जाकर किसी को इस बारे में बताना नहीं है।"अदालत ने आरजीसीसी शैलेश को भी याद दिलाते हुए कहा कि इससे पहले भी एनआरसी तैयार करने के विषय में उन्हें चेतावनी दी गई है।

कांग्रेस आरएसएस से लड़ने को प्रतिबद्ध : राहुल गाँधी

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी 'नर-उग्रराष्ट्रवादी'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके राजनीतिक मोर्चे भाजपा के खिलाफ विचाराधारा की लड़ाई लड़ने के लिए अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ काम कर रही है। आरएसएस-भाजपा को राहुल ने पुरुषवादी मानसिकता वाले संगठन करार दिया। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा यहां के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा और इसके मूल संगठन की विचारधारा इतनी पुरुषवादी है कि इसमें महिलाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। यही वजह है कि आरएसएस की किसी शाखा में आप एक भी महिला को नहीं देखेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में ऐसा कोई भी संगठन, अल्पसंख्यक समुदाय नहीं है, जिसपर भाजपा शासन में हमला न हुआ हो। राहुल ने कहा कि कांग्रेस सभी संस्थानों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भाजपा व आरएसएस से विचारधारा के स्तर पर लड़ने के लिए पार्टी सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम कर रही है। राहुल ने कहा कि वह पार्टी में हर स्तर पर महिलाओं के लिए विशेष स्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें कांग्रेस में पुरुषों के बराबर अधिकार मिले। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "आरएसएस और भाजपा देश को ऐसे दृष्टिकोण नहीं दे सकते। वे लोग आरएसएस में कभी भी महिलाओं को शामिल होने की अनुमति नहीं देंगे..इनका पूरी तरह से पुरुषों का उग्र राष्ट्रवादी संगठन है, जहां महिलाओं को जगह नहीं दी जाती।"

राहुल ने कहा, "भाजपा हमारे देश को बर्बाद कर रही है, हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को नुकसान पहुंचा रही है। देश में ऐसा कोई भी संस्थान नहीं है, जिस पर हमला न किया गया हो।"उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यक, दलित, महिलाएं और जनजातीय, सभी के ऊपर हमला किया जा रहा है। इनकी रक्षा करना हमारा दायित्व है और हम पीछे नहीं हटेंगे। हम भाजपा को हराएंगे।"कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "मैं महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए, आपके लिए विशेष जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं, लेकिन यह आपको मुफ्त में नहीं मिलेगा। आपको अपनी जगह पाने के लिए इसे कमाना होगा। आपको पुरुषों के साथ मुकाबला करना होगा..आपको नीति निर्माण के बारे में और चुनाव लड़ने के बारे में सीखना होगा।"राहुल ने आगे कहा कि वह लिंग (जेंडर) से इतर ज्यादा सक्षम उम्मीदवार चुनेंगे, लेकिन जब उन्हें बराबर के क्षमतावान पुरुष और महिलाओं में से एक को चुनना होगा, तो वह महिला को चुनेंगे-चाहे वह पार्टी के आंतरिक संरचना में हो या चुनाव का टिकट देने के मामले में हो।

बिहार : पटना जंक्शन पर दीवार गिरने से यात्री की मौत, सहायक अभियंता निलंबित

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पटना, 7 अगस्त, बिहार के पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर एक शौचालय की दीवार गिर गई, जिसमें दबकर एक यात्री की मौत हो गई। इस मामले में एक सहायक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, वैशाली जिले के विदुपुर के रहने वाले वीर बहादुर सिंह (70) मंगलवार को पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर द्वितीय श्रेणी के यात्री प्रतीक्षालय में ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान वह शौचालय गए, तभी उन पर एक दीवार गिर गई, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए। पटना रेल थाना के पुलिस निरीक्षक रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में वीर बहादुर सिंह को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतक वैशाली जिले में विशुनपुर के रहने वाले थे, जो कुछ साल पहले बिहार पुलिस से सेवानिवृत्त हुए थे। दानापुर रेल मंडल के सूचना जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि यात्री प्रतीक्षालय में शौचालय की मरम्मत का कार्य जारी था और वह शौचालय के बंद होने और उसकी मरम्मत का कार्य जारी होने का बोर्ड उसके समीप की दीवार पर लगा दिया था, जिससे उस शौचालय में कोई प्रवेश नहीं करे। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को 15 हजार रुपये मुआवजा राशि दी जाएगी। संजय ने कहा कि इस मामले में कार्य में लगे सहायक अभियंता अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

शादी के लिए पैरोल मांगने की अबू सलेम की याचिका खारिज

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मुंबई, 7 अगस्त, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जेल में बंद गैंगस्टर अबू सलेम की 45 दिनों की पैरोल मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सलेम ने ठाणे की अपनी प्रेमिका से निकाह करने के लिए 45 दिनों की पैरोल मांगी थी। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश वी.के. ताहिलरमानी और न्यायमूर्ति एम.एस. सोनक की एक खंडपीठ ने जेल नियमों के आधार पर अनुरोध को खारिज कर दिया। जेल नियमों के मुताबिक आतंकवाद के आरोपों के तहत दोषी फरलो और पैरोल के योग्य नहीं होते हैं। फिलहाल रायगढ़ के तालोजा जेल में बंद सलेम ने कोंकाण जिला आयुक्त (केडीसी) द्वारा मार्च में सुरक्षा आधार पर पैरोल का आवेदन खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। केडीसी इस मामले में सक्षम प्राधिकारी है। सलेम ने अपनी वकील फरहाना शाह के माध्यम से उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि कोंकाण जिला आयुक्त ने उसकी पैरोल को बिना किसी वजह के खारिज कर दिया था। सलेम का निकाह पहले पांच मई को निर्धारित था। अबू सलेम को साल 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट में उसकी भूमिका के लिए दोषी करार दिया गया है। सलेम का कहना है कि उसने ठाणे जिले के मुंबरा शहर की निवासी कौसर बहार उर्फ हेना से निकाह कर लिया था। वह 2014 में एक मामले में लखनऊ अदालत में पेशी के लिए जा रहा था जब उसने रास्ते में फोन पर यह निकाह किया था। अब वह अपने विवाह को औपचारिक रूप देना चाहता है और रजिस्ट्रार आफिस में इसे पंजीकृत कराना चाहता है, इसलिए उसे पैरोल चाहिए।

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में बड़े अफसरों को बचा रहे हैं नीतीश : तेजस्वी

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पटना, 7 अगस्त, बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियां के साथ यौनाचार के मामले में विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े अधिकारियों को बचा रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी ने ट्वीट किया, "मुख्यमंत्री व्यवस्था में खामी होने की बात करते हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि आखिर व्यवस्था देखने का काम किसका है और वह किस लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।"उन्होंने कहा, "नीतीश जी, आप सब दोष दूसरों पर मढ़ते हैं। छोटे कर्मचारियों को फंसाते हैं। बड़े अधिकारियों को बचाते हैं क्योंकि उन्हें नहीं बचाया तो वो आपकी सारी पोल खोल देंगे।"एक निजी संस्था द्वारा किए गए सर्वेक्षण में मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में दुष्कर्म की बात सामने आई थी। इस मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद विपक्ष की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी। सीबीआई जांच की निगरानी पटना उच्च न्यायालय कर रहा है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी सुधार या आश्रय गृहों का संचालन निजी संस्थाओं के बजाए सरकार द्वारा करने का भी फैसला लिया है।

भारत ऐसी ट्रेन जिसे अक्षम चालक बर्बादी की ओर ले जा रहा है : राहुल गांधी

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नई दिल्ली, 7 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला और कहा कि उनके चार वर्षो के शासनकाल के बाद, भारत एक 'ऐसी ट्रेन जैसा हो गया है, जिसे एक निरंकुश, अक्षम और अहंकारी चालक बर्बादी की ओर ले जा रहा है।'राहुल ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि जब से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता में आया है, 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सभी संस्थानों पर प्रणालीगत तरीके से हमला कर रहा है और उसे बर्बाद कर रहा है।'उन्होंने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि बीते चार वर्षो में अक्षमता के चलते अर्थव्यवस्था के गिरने के बीच भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। राहुल ने याद करते हुए कहा कि 2014 से पहले मोदी कैसे कहा करते थे कि भारत आजादी के बाद एक धीमी 'यात्री ट्रेन'बन गया है और वह कहा करते थे कि कैसे उनके नेतृत्व में देश एक चमकदार और बढ़िया 'चमत्कारी ट्रेन'बन जाएगा जो 'अच्छे दिन'की ओर जाएगा। राहुल ने कहा, "मोदी के शासन के चार वर्षो बाद, दुर्भाग्यवश, भारत एक ऐसी ट्रेन की तरह बन गया है, जिसे एक निरंकुश, अक्षम और अहंकारी चालक बर्बादी की ओर ले जा रहा है। जिसे उन यात्रियों के बारे में कोई चिंता नहीं है, जिसके लिए वह जिम्मेदार है।"कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "भारत के लोग बदलाव की मांग कर रहे हैं। लोग आपकी उस चमत्कारिक ट्रेन को लेकर बेवकूफ नहीं बनेंगे जो एक दुर्घटना की ओर जा रही है।"

उन्होंने कहा कि लोग मोदी सरकार को हटाने के लिए कांग्रेस और इसकी सहयोगी पार्टियों की ओर देख रहे हैं। लोग उनके बदले ऐसी सरकार लाना चाहते हैं जो उनकी समस्याओं को समझे और गरीबी, बेरोजगारी, असमानता को हटाए। उन्होंने कहा, "दूसरे शब्दों में, हमारे ऊपर इस ऐतिहासिक संघर्ष को जीतने की जिम्मेदारी है जिसमें लोकतंत्र व सामाजिक न्याय का सामना निरंकुशता व सामाजिक महंतशाही (सोशल हाइरार्की) से है।"राहुल ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि घृणा, विभाजन और हिंसा की ताकत जोकि संविधान को चोट पहुंचा रही है, उसे दोबारा सत्ता में आने से रोका जाए। हमें भारतीय किसानों और युवाओं की आंखों में उनके सम्मानपूर्ण जीवन और अच्छी आय की उम्मीद को फिर से जिंदा करना होगा। हमें उन साधारण परिवारों को राहत पहुंचानी होगी जो घरेलू ऋणों और जरूरी सामानों की बढ़ी हुई कीमतों के दोहरे बोझ के तले दब गए हैं। हमें भारत में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।"राहुल ने कहा, "आरएसएस और भाजपा सत्ता में आए। हमने हमारे सभी संस्थानों पर एक प्रणालीगत हमला होते देखा। आधुनिक भारत में, ये संस्थान लोकतंत्र के मंदिर कहे गए और आज आरएसएस इनमें से सभी को बर्बाद करना चाह रहा है।"कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "2014 में, मोदी ने दावा किया था कि अगर वह चुने जाएंगे तो वह युवाओं को प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरियां देंगे, किसानों की आय बढ़ाएंगे, व्यापार में वृद्धि और समृद्धि आएगी। स्विस बैंकों से कालाधन वापस आएगा। सभी भारतीयों के खाते में 15 लाख रुपये दिए जाएंगे, पेट्रोल की कीमत कम होगी, महिलाओं को सुरक्षा और दलितों को न्याय मिलेगा।"उन्होंने कहा, "सबको छोड़िए, नई नौकरियों के सृजन की सच्चाई यह है कि मौजूदा नौकरियां भी गायब हो रही हैं..जुलाई 2017 और अप्रैल 2018 के बीच बेरोजगारी दर दोगुनी हो गई है, जहां पिछले वित्तीय वर्ष में नौकरियों की संख्या में भी कमी आई है। बेरोजगारी दर जुलाई 2017 के 3.39 से बढ़कर मार्च 2018 में लगभग दोगुनी होकर 6.23 प्रतिशत हो गई है और इसके बढ़ने की आशंका है।"

नीतीश ने राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के लिए TRS का समर्थन मांगा

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हैदराबाद, 7 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री व जद (यू) नेता नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपने पार्टी के सांसद हरिवंश के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से समर्थन मांगा। नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के उम्मीदवार हैं। नीतीश कुमार ने टीआरएस के अध्यक्ष व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को टेलीफोन किया और उन्हें सूचित किया कि हरिवंश भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने टीआरएस प्रमुख से हरिवंश सिंह को समर्थन देने का आग्रह किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, राव ने नीतीश कुमार से कहा कि वह पार्टी नेताओं से परामर्श के बाद फैसला लेंगे। राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा।

विपक्ष का उम्मीदवार कांग्रेस चुनेगी, बैठक में किया गया अधिकृत

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नयी दिल्ली, सात अगस्त, भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाने वाले विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार चुनने के लिए आज कांग्रेस को अधिकृत कर दिया। दरअसल  ज्यादातर दल अपना उम्मीदवार उतारने के इच्छुक नहीं थे, इसलिए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को उम्मीदवार चुनने के लिए सर्वसम्मति से अधिकृत कर दिया गया। आज तीसरे दौर की बैठक के बाद विपक्ष के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘यद्यपि राकांपा की वंदना चव्हाण के नाम पर चर्चा की गई, लेकिन राकांपा अपना उम्मीदवार उतारने की इच्छुक नहीं थी। किसी अन्य दल ने भी अपना उम्मीदवार उतारने की बात नहीं कही, इसलिए उम्मीदवार चुनने के वास्ते कांग्रेस को अधिकृत किया गया। सभी विपक्षी दल कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।’’  इससे पहले ज्यादातर दलों ने वंदना चव्हाण के नाम पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। चव्हाण का नाम बसपा नेता सतीश मिश्र ने प्रस्तावित किया था और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसका समर्थन किया था। इस प्रस्ताव को कांग्रेस सहित प्रत्येक विपक्षी दल का समर्थन मिला। राज्यसभा में 50 सीट रखने वाली सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने शुरू में महसूस किया था कि इसके उम्मीदवार को तेदेपा जैसे कुछ दलों की ओर से कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। तेदेपा ने इस मुद्दे पर विपक्षी खेमे के साथ जाने का फैसला किया है। विपक्षी नेता के अनुसार तेदेपा बाद में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार चुने जाने पर सहमत हो गई। वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के अनुसार बैठक के दौरान उन्होंने महसूस किया कि महाराष्ट्र से राकांपा के किसी उम्मीदवार को राजग की घटक शिवसेना का समर्थन मिल जाएगा। विपक्षी दल बीजद के भी संपर्क में हैं जिसने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। विपक्षी नेता के अनुसार विपक्षी दलों ने जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजग उम्मीदवार के लिए बीजद का समर्थन मांगने के वास्ते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात किए जाने के मुद्दे पर भी आज की बैठक में चर्चा की। राजग ने राज्यसभा के उपसभापित पद के लिए नौ अगस्त को होने वाले चुनाव में जदयू के हरिवंश नारायण सिंह को मैदान में उतारा है। वर्तमान में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमे अपने उम्मीदवार के जिताने के वास्ते संख्या बल जुटाने की कोशिशों में लगे हैं।

करुणानिधि को दफनाने की जगह को लेकर विवाद पैदा हुआ

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चेन्नई, सात अगस्त, तमिलनाडु सरकार ने आज विपक्षी द्रमुक को उसके दिवंगत नेता पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया और उसे इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की। सरकार के इस कदम पर विवाद पैदा हो गया है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी। स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। अतएव सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है। कुछ खबरों में कहा गया है कि सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह देने को अनिच्छुक है क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे। पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किये गये थे और वहीं उनके स्मारक बनाए गए। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे। करुणानिधि के पूर्ववर्ती अन्नादुरई का जब निधन हुआ था, तब वह मुख्यमंत्री थे। द्रमुक कार्यकर्ताओं ने तत्काल ही प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए जगह की मांग की।

बिहार : मंजू वर्मा का इस्तीफा जनांदोलनों के दवाब में. असली गुनहगारों को बचाने की जारी है कोशिश: माले

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पटना 8 अगस्त, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में लगातार चले आंदोलनों के दवाब में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा है लेकिन शेल्टर होम मामले की जैसी भयावहता अब जाहिर हो रही है उसमें यह बेहद अपर्याप्त व देरी से उठाया गया कदम है. इस बर्बर व अमानवीय सत्ता संरक्षित यौन उत्पीड़न के तार सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं तक पहुंच रहे हैं. स्वाधार गृह मामले में केंद्र की सरकार भी कटघरे में है. ऐसी स्थिति में हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे की मांग करते हैं. इनके इस्तीफे के बिना मामले की सही जांच नहीं हो सकती है. ये लोग मंजू वर्मा के इस्तीफे के जरिए अब अपने को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश-मोदी के इस्तीफे के सवाल पर हम और जोरदार आंदोलन में उतरेंगे, न्याय की लड़ाई जारी रहेगी.

ऐपवा ने भी की नीतीश-मोदी के इस्तीेफे की मांग
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव और राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे ने भी कहा है कि मामला जितना आगे बढ़ चुका है, उसमें नीतीश कुमार व सुशील मोदी को अपने पद से अविलंब इस्तीफा देना होगा, मंजू वर्मा का इस्तीफा एक छोटा कदम है.

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी हुये लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

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गंगा के पुनरूद्धार हेतु पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया,  सबका साथ-सबका विकास’ ही है भारतीय संस्कृति-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी,  संसद से संसार के लिये सोेचे भारत ही मेरी कर्मभूमि है और भारत ही मेरी धर्मभूमि - साध्वी भगवती ज सरस्वतीजी,  भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एंव निशा फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में गंगा संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को किया पुरस्कृत
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ऋषिकेश, 8 अगस्त। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एंव निशा फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में संसद भवन एनेक्स नई दिल्ली में आयोजित समारोह में गंगा संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज को ’लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ पुरस्कृत किया गया।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के पुनरूद्धार के लिये अनेक देशी-विदेशी वैज्ञानिकों, पूज्य संतों, विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं, प्रतिष्ठत संस्थाओं, नागरिक समुदाय, स्कूल-कालेज के छात्र-छात्राओं के प्रेरित किया तथा पूरे संसार में इस हेतु अलख जगाया है इस हेतु उन्होने अनेक जन जागरण अभियान चलाया है जिसके अद्भुत परिणाम भी प्राप्त हो रहे है।  संसद भवन नई दिल्ली में आयोजित समारोह के प्रमुख अतिथि हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी जी,  मानव संसाधन विकास, गंगा पुनरूद्धार एवं जल संसाधन राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह जी, निशा फाउण्डेशन की चेयरमैन डाॅ प्रियंका प्रकाश, सचिव सी पी वी ओ आई ए, विदेश मंत्रालय भारत सरकार श्री ज्ञानेश्वर मुले एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं अन्य अतिथियों की उपस्थिति में स्वामी जी महाराज को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की मेजबानी संसद सदस्य लोकसभा श्री बीरेन्द्र कुमार चैधरी जी ने किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि देश के पास श्रेष्ठ विचारों और श्रेष्ठ संस्कारों को आगे बढ़ाने वाली सरकार है जिसका नेतृत्व यशस्वी, तपस्वी कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कर रहे है। हमारी इस दिव्य संस्कृति के यह नारा ’सबका साथ-सबका विकास’ जो वर्तमान सरकार ने दिये यही तो हमारी संस्कृति है। उन्होने कहा कि जिस संसद में हम बैठे है वह संसद जहां ऋषियों ने समता, समरसता और सद्भाव का संदेश दिया वहीं इस संसद का भी उद्देश्य है। इस देश की संसद ने जो संविधान दिया है वह संविधान ही इस देश का समाधान है; वह संविधान ही इस देश की आत्मा है इसलिये संसद में बैठकर इस देश की गौरवमयी परम्परा को आगे बढ़ाये तथा इस गौरवमयी परम्परा के अनुरूप जीवन जिये। साथ ही उन्होने कहा कि आज का यह संदेश की कोई भी एक-दूसरे को भेदभाव-ऊँचनीच व छोटे-बड़े की दृष्टि से न देखे। 
 *मानव, मानव एक समान*
 *सबके भीतर है भगवान।*

इसलिये भेदभाव, ऊँचनीच व छोटे-बडे की दीवारों को तोड़ते हुये एक-दूसरे का सम्मान करना सीखे; एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना सीखे। हमारे बीच मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद कभी न हो। संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मुझे विश्व के अनेक देशों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ परन्तु जब मैं भारत आयी तब भारत को देखते ही मुझे लगा की भारत ही मेरी कर्मभूमि है और भारत ही मेरी धर्मभूमि है। उन्होने कहा कि भारतीय संसद से मेरी प्रार्थना है कि अपने जो भारतीय मूल्य है, भारत की संस्कृति है वह के केवल भारत के लिये ही नहीं बल्कि पूरे संसार के लिये है इसलिये आईये संसद से संसार के लिये सोेचे। प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी जी, ने कहा कि भारतीय संस्कृति समता की संस्कृति है। यह पूरे समाज के लिये सोचने वाली संस्कृति है; भारतीय संस्कृति दिव्य संस्कृति है। मानव संसाधन विकास, गंगा पुनरूद्धार एवं जल संसाधन राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह जी ने कहा कि गर्व करो हम भारतीय है । हमें भारतीय विचार पद्धति के माध्यम से सदियों पहले हमें जो हमारे ऋषिमुनियों ने दिया है उससे हम गौरवान्वित हो। उन्होने कहा कि आज की हमारी शिक्षा पद्धति को प्रयोग हम केवल नौकरी के लिये ही नहीं करे बल्कि उसे अपने जीवन का अंग भी बनाये।

अभिनेत्री प्रियंका प्रकाश ने कहा कि मैने फिल्म जगत में अनेक वर्षो तक काम किया है लेकिन मुझे वहां जो संतोष प्राप्त होना चाहिये था वह नहीं हुआ। माॅडलिग और कई फिल्मों में काम करने के बाद मुझे लगा कि मुझे ऐसे कामों से जुड़ना चाहिये जिससे मुझे आत्म संतोष मिले, तो मैं सेवा के कामों में जुट गयी। साथ ही मैने फुटबाल की टीम के लिये, माननीय सांसदों और अभिनेता-अभिनेत्रियों के बीच काम करना शुरू किया इससे मुझे संतोष और सफलता प्राप्त हुयी। मैं, आज के इस कार्यक्रम में आकर अपने को गोरवान्वित महसूस कर रही हूँ। मैं इसी तरह सेवा के भाव को आगे बढ़ाये रखुंगी और सेवा करती रहुंगी। सचिव सी पी वी ओ आई ए, विदेश मंत्रालय भारत सरकार श्री ज्ञानेश्वर मुले जी ने कहा कि हमारे देश की परम्परा अद्भुत है; महान है आईये हम उस परम्परा के अनुसार आगे बढ़े और आगे बढ़ाये। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सांसद श्री दलजीत सिंह मल्ला जी द्वारा संसद के लम्बे समय के अनुभव पर आधारित पुस्तक के लिये सभी ने उनको साधुवाद दिया जो प्रकाशित होने वाली है। इस आयोजन को आयोजित करने हेतु श्री प्रकाश जी को सभी ने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य विभूतियां उपस्थित थी।

मधुबनी : वाहनों की जांच प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार,बुधवार एवं शुक्रवार को

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 08,अगस्त, जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा वाहन चालक अनुज्ञप्ति निर्गमन हेतु वाहन चालक की जांच/सिम्बाॅलिक जांच तथा वाहनों के निबंधन एवं दुरूस्ती प्रमाण-पत्र निर्गमन हेतु वाहनों की जांच हेतु स्टेडियम,मधुबनी में कराने हेतु पुर्नचिन्हित किया गया है। श्री सुजीत कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा बताया गया है कि वाहन चालक अनुज्ञप्ति निर्गमन हेतु वाहन चालक क्षमता की जांच/सिम्बाॅलिक जांच तथा वाहनों के निबंधन एवं दुरूस्ती प्रमाण-पत्र निर्गमन हेतु वाहनों की जांच प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार,बुधवार एवं शुक्रवार को (सुबह 8ः00 बजे से 11ः00 बजे पूर्वाह्न तक) स्टेडियम परिसर,मधुबनी में कार्यदिवस को किया जायेगा।  

मधुबनी : डीएम ने राजनगर के सिमरी का किया औचक निरिक्षण

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 08,अगस्त,  18, मधुबनी: जिलाधिकारी, मधुबनी ने राजनगर प्रखंड के सिमरी पंचायत में चल रहे ओ0 डी0 एफ0 कार्यक्रम का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पंचायत के विभिन्न घरों में जाकर बन रहे शौचालयों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया और आवस्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने सिमरी पंचायत के सभी तेरह वार्डों में चल रहे कार्य की विन्दुवार समीक्षा की। मुखिया ग्राम पंचायत राज सिमरी श्री धीरेंद्र पासवान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस पर हम गुलामी से आजादी का जश्न मनाते हैं वैसे ही आप सभी पंचायत वासी इसे खुले में शौच मुक्ति के दिवस के रूप में मनाइए। आप सभी देख पा रहे हैं कि पूरा प्रशासनिक तंत्र आपकी दशा सुधारने में लगा है पर इससे क्या एस0 डी0 ओ0 साहब या बी0 डी0 ओ0 साहब को फायदा लाभ होने वाला है। लोहिया स्वच्छ बिहार के तहत ओ0 डी0 एफ0 तो एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में सड़क, बिजली, कला केंद्र, घर घर नल का जल और नाली की सुविधाएं आने वाली हैं और यह सब आप लोगों के संकल्प से संभव हो पाएगा। इसलिए समन्वयित प्रयास शुरू कीजिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्यवाही करने के भी निदेश दिए और उस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने को कहा जहां प्रगति अभी भी धीमी है। मौके पर उनके साथ प्रशिक्षु आई0 ए0 एस0 सह सहायक समाहर्ता, मधुबनी श्री कुमार गौरव, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, श्री सुनील कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, राजनगर, श्री आशुतोष कुमार के साथ साथ स्वच्छता कार्यक्रम से जुड़े तमाम पदाधिकारी मौजूद थे। 

मधुबनी : उनहत्तरवां वन महोत्सव मनाया

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 08,अगस्त, राजनगर प्रखंड के अंतर्गत राज पैलेस में अवस्थित 18वीं सशस्त्र वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के प्रांगण में  पर्यावरण एवं वन विभाग, मिथिला वन प्रमंडल, दरभंगा के तत्वावधान में उनहत्तरवां वन महोत्सव  मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए  श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी मधुबनी ने एस0 एस0 बी0 के शानदार और सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की और वन महोत्सव के आयोजन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि केवल पेड़ लगा देने भर से हमारा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता बल्कि उसके विकास के लिए जतन करने पड़ेंगे। इस वर्ष मधुबनी जिले में एक लाख नौ सौ पेड़ लगाने का लक्ष्य है। इसके लिए हरित मधुबनी- निक मधुबनी की मुहिम चलाई जाएगी। उन्होंने अपने वक्तव्य में समाज और पेड़ों के बीच संबंधों के बारे में तो बताया ही साथ ही कहा कि पेड़ों से अनेक छोटे बड़े जीवों के आसरे जुड़े हुए हैं अतः पशु अधिकारों के नजरिये से भी पेड़ों की सुरक्षा होनी चाहिए। अब द्वितीय हरित क्रांति बिहार से होगी और इसमें पेड़ पौधों के संरक्षण पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अजय कुमार, कमांडेंट, 18वीं सशस्त्र वाहिनी, सीमा सुरक्षा बल, राजनगर के साथ साथ प्रशिक्षु आई0 ए0 एस0 सह सहायक समाहर्ता, मधुबनी, श्री कुमार गौरव, श्री सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, मधुबनी, श्री आशुतोष कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, राजनगर एवं संयोजक के रूप में पी0 के0 सिन्हा, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, मधुबनी एवं वन विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री राम कुमार झा , वन प्रमंडल पदाधिकारी, दरभंगा भी मौजूद थे।
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