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बिहार : तेजप्रताप की सुरक्षा में चूक, हथियार लेकर हाथ मिलाने पहुंचा युवक

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हाजीपुर, 22 अगस्त, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव की सुरक्षा में बुधवार को तब बड़ी चूक दिखी जब एक व्यक्ति हथियार लेकर उनसे हाथ मिलाने पहुंच गया। पुलिस ने बाद में उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार, "यादव बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ के दौरे पर थे। वह लोगों से मिलते हुए महुआ जा रहे थे। इसी बीच, एक युवक उनसे पिस्तौल लेकर हाथ मिलाने पहुंचा गय। कार्यकर्ताओं की नजर उस व्यक्ति के हथियार पर पड़ी, तब उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।"पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटना के बारे में तेजप्रताप ने पत्रकारों से कहा, "इस राज्य में मंत्री और विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम व्यक्ति की बात करना ही बेकार है।"उन्होंने इस घटना के पीछे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साजिश बताया।

केरल के लिए विदेशी सहायता नहीं स्वीकार रहा भारत : थाईलैंड

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नई दिल्ली, 22 अगस्त, भारत में थाईलैंड के राजदूत चुटिंटॉर्न सैम गोंगसाकडी ने कहा है कि भारत ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए विदेशों से आर्थिक मदद लेने से इंकार कर दिया है। चुटिंटॉर्न ने मंगलवार को ट्वीट किया, "अफसोस के साथ अनौपचारिक रूप से स्वीकार किया गया कि बाढ़ प्रभावित केरल के लिए भारत सरकार विदेशी चंदे को स्वीकार नहीं कर रहा है। भारत के लोग, हम दिल से आपके साथ हैं।"इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केरल बाढ़ राहत के रूप में 700 करोड़ रुपये मदद की पेशकश की थी। यूएई में केरल के हजारों लोग रहते हैं। इसके अलावा मालदीव और कतर के भी केरल के लिए मदद करने का प्रस्ताव देने की खबरें आई थीं।

ईद की नमाज के मौके पर फारूक अब्दुल्ला पर जूते फेंके

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श्रीनगर, 22 अगस्त , जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ यहां बुधवार को एक दरगाह में ईद की नमाज के दौरान नारेबाजी की गई, उनके साथ धक्कामुक्की की गई और उन पर जूते तक फेंके गए। इमाम द्वारा हजरतबल दरगाह में ईद की नमाज शुरू कराए जाने से पहले ही अब्दुल्ला को अपने खिलाफ नारेबाजी का सामना करना पड़ा। कई युवाओं ने उन पर जूते फेंकने भी शुरू कर दिए। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जिसके चलते फारूक को मजबूरन नमाज स्थल से वापस लौटना पड़ा।

आशीष खेतान ने 'आप'छोड़ी

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नई दिल्ली, 22 अगस्त, आम आदमी पार्टी (आप) नेता आशीष खेतान ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की है। इससे पहले आप के एक अन्य वरिष्ठ नेता आशुतोष ने भी सप्ताह भर पहले पार्टी से इस्तीफा दिया था। आशीष ने फेसबुक पर पोस्ट किया, "इससे पहले इसी वर्ष मैंने परिजनों और करीबी मित्रों से सलाह लेकर और काफी सोच-समझ कर सक्रिय राजनीति से अलग होने का निर्णय लिया था। लेकिन, पार्टी और सरकार के विभिन्न परेशानियों में रहने के कारण मैं इसका ऐलान नहीं कर सका और इसकी औपचारिक घोषणा करने के लिए सही समय का इंतजार कर रहा था। मैंने पार्टी नेतृत्व को भी कई बार अपना निर्णय बताया था।"उन्होंने कहा कि पार्टी और सक्रिय राजनीति से अलग होने के उनके 'निजी निर्णय'को आप से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे पार्टी, इसके सदस्यों और कार्यकर्ताओं से भरपूर प्यार मिला है और इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा।"फेसबुक पर उनकी यह पोस्ट राजनीतिक हलकों में कई अनुमानों और उनके पार्टी छोड़ने की रिपोर्ट के बाद आई है। इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर अपने निर्णय की जानकारी दिए बिना अस्पष्ट जवाब दिए थे। खेतान के निर्णय पर पार्टी से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आशुतोष के मामले में मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। खेतान ने इससे पहले अप्रैल में व्यवसाय संबंधित वकालत करने के लिए दिल्ली वार्ता और विकास आयोग (डीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह वकालत करने के साथ-साथ लेखन की तरफ भी लौटना चाहते हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले खेतान पत्रकार थे। उन्होंने इन अफवाहों को भी गलत बताया कि उनके इस्तीफे का कोई भी संबंध लोकसभा चुनाव के टिकट से है। उन्होंने कहा, "पार्टी ने मुझसे आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था लेकिन मैंने विनम्रता से इसे नामंजूर कर दिया था। एक और चुनाव लड़ने से मैं राजनीति की दुनिया में और गहरे चला जाता जो कि अभी मैं नहीं चाहता।"खेतान ने कहा, "मैं पार्टी में अपने पूर्व सहकर्मियों का बहुत सम्मान करता हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"

बिहार के पूर्णियामें बैल के खिलाफ थाने में शिकायत, पुलिस जांच में जुटी

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पूर्णिया, 22 अगस्त,  बिहार के पूर्णिया जिले के श्रीनगर थाने में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति ने गांव के एक बैल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस भी अब इस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस के मुताबिक, आवेदन पत्र में कहा गया है कि श्रीनगर थाना क्षेत्र के सहबज्जा गांव में इन दिनों एक बैल का आतंक है। मंगलवार को बैल ने ग्रामीण धीरज कुमार यादव (22) को उठाकर कई बार पटक दिया। घटना में गंभीर रूप से जख्मी युवक बैल के खिलाफ आवेदन लेकर थाने पहुंच गया। श्रीनगर के थाना प्रभारी चंदन ठाकुर ने  बताया कि आवेदन में पीड़ित का आरोप है कि वह सुबह शौच के लिए खेत जा रहे था। इसी दौरान बैल ने पटक-पटककर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद युवक को बचाया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। आवेदन में आरोप लगाया गया है कि गांव के ही भरतलाल यादव और चमकलाल यादव ने एक 'बदमाश बैल'पालकर रखा है। यह बैल रस्सी से खुलते ही लोगों को पटकने-कुचलने लगता है। इस कारण गांव में बैल को लेकर दहशत का माहौल है। बैल का सबसे अधिक डर गांव के बच्चों के मन में है। बैल के दहशत का आलम है कि बच्चे भी अब घर से बाहर खेलने नहीं निकलते हैं। आरोप लगाया गया है कि बैल खेत में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचाता रहा है। थाना प्रभारी ठाकुर ने बताया कि बैल के मालिक को थाने बुलाया गया है और पुलिस जांच प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि घायल व्यक्ति को इलाज के लिए पूर्णिया के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी स्थिति सामान्य बनी हुई है। आवेदन में कहा गया है कि इस संबंध में बैल के मालिक से कई बार बैल को बांध कर रखने का अनुरोध किया गया लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। गांव में बैल को लेकर लोग आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस बैल को लेकर एक बार गांव में पंचायत भी बैठाई गई थी फिर भी इस समस्या का निदान नहीं निकल सका है। बहरहाल, अब मामला थाने पहुंच गया है। स्थानीय लोगों को अब आस जगी है कि इस गांव के लोगों को अब इस बैल की समस्या से निजात मिल सकेगा।

भारत ने तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 203 रन से हराया

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नाटिंघम, 22 अगस्त, भारत ने तीसरे क्रिकेट टेस्ट में पांचवें और अंतिम दिन आज यहां इंग्लैंड को 203 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में अपनी उम्मीदों को जीवंत रखा। भारत को मैच के पांचवें और अंतिम दिन जीत के लिए सिर्फ एक विकेट की दकरार थी और मेहमान टीम ने आज सिर्फ 2.5 ओवर में जीत की औपचारिकता पूरी की। इंग्लैंड की टीम भारत के 521 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 317 रन पर ढेर हो गई। भारत की टीम भी श्रृंखला में 1-2 से पीछे है लेकिन इस जीत से उसने एजबस्टन में दिल तोड़ने वाली हार और लार्ड्स में बेहद लचर प्रदर्शन की कुछ हद तक भरपाई की। इंग्लैंड के अंतिम विकेट आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के खाते में गया जिन्होंने जेम्स एंडरसन (11) को अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच कराया। भारतीय टीम के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि उसने लगभग पूरे मैच के दौरान दबदबा बनाए रखा और विराट कोहली के नेतृत्व में उपमहाद्वीप के बाहर एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाजों लोकेश राहुल और शिखर धवन ने दोनों पारियों में ठोस बल्लेबाजी की। तेज गेंदबाजों इशांत शर्मा (32 रन पर दो विकेट और 70 रन पर दो विकेट), मोहम्मद शमी (56 रन पर एक विकेट और 78 रन पर एक विकेट) ने सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की जबकि जसप्रीत बुमराह (37 रन पर दो विकेट और 85 रन पर पांच विकेट) और हार्दिक पंड्या (28 रन पर पांच विकेट और 22 रन पर एक विकेट) ने मैच में क्रमश: सात और छह विकेट हासिल किए। पंड्या ने दूसरी पारी में नाबाद अर्धशतक भी जड़ा।

उप कप्तान अजिंक्य रहाणे (पहली पारी में 81) और टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा (दूसरी पारी में 72 रन) भी उम्दा पारियां खेलने में सफल रहे। भारत ने स्लिप कैचिंग में भी बेहतर प्रदर्शन किया जिसमें राहुल ने सात कैच लपके। ऋषभ पंत ने क्रीज पर बिताए समय के दौरान दिखाया कि आखिर क्यों उन्हें इतना प्रतिभावान माना जाता है। पंत को भले की अपनी विकेटकीपिंग पर काम करने की जरूरत है लेकिन पहली पारी में उनके पांच विकेट ने दर्शाया कि नियमित टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के फिट होने पर टीम में वापसी करना बेहद आसान भी नहीं होगा। कप्तान विराट कोहली की बेहतरीन फार्म इस टेस्ट में भी जारी रही जो अब तक दोनों टीमों में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं। तीसरे टेस्ट में 97 और 103 रन की पारी की बदौलत श्रृंखला में अब उनके नाम पर 440 रन दर्ज हैं। उन्होंने तीसरे टेस्ट की तरह पहले टेस्ट में भी 200 रन बनाए थे। छह पारियों में दो शतक और दो अर्धशतक के साथ कोहली ने सुनिश्चित किया है कि फिलहाल दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कौन है इसे लेकर कोई बहस नहीं हो। श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में जानी बेयरस्टा 206 रन के साथ दूसरे नंबर पर हैं जबकि पहले टेस्ट शतक जड़ने के बाद जोस बटलर 170 रन के साथ तीसरे स्थान पर हैं। पंड्या 160 रन के साथ भारत के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज हैं लेकिन पहले दो टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद यहां बल्लेबाजों का बेहतर प्रदर्शन भारत के लिए सकारात्मक संदेश है।

प्रधानमंत्री ने प्रदेश भाजपा अध्यक्षों को सौंपा अस्थि कलश

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नयी दिल्ली, 22 अगस्त, भाजपा आज से पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकाल रही है । अशोक रोड स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश सौंपा।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में वाजपेयी की अस्थियों के 36 कलश 29 राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के भाजपा अध्यक्षों को सौंपे गए ।  पार्टी कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में संगठन मंत्री रामलाल समेत कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के नेता भी मौजूद थे । इसमें वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य एवं परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे ।  इस कार्यक्रम के तहत भाजपा के सभी प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में वाजपेयी की अस्थियों का कलश लेकर जाएंगे । हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी । पूर्व प्रधानमंत्री की इस कलश यात्रा के लिए प्रदेशों की राजधानियों, जिलों और तालुकों में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया कि भाजपा ने देश के सभी राज्यों में, दिवंगत अटल जी की 'अस्थि कलश यात्रा'निकालने का निश्चय किया है ताकि सभी देशवासी अपने लोकप्रिय नेता को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर सकें। इसके अंतर्गत आज भाजपा के सभी प्रदेश अध्यक्षों को अटल जी के अस्थि कलश प्रदेश की नदियों में प्रवाहित करने के लिए सौंपे गए । गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में आज भाजपा के सभी प्रदेश अध्यक्षों को वाजपेयी के अस्थि कलश सौंपे गए। ये अस्थि कलश सभी प्रदेशों में ले जाये जा रहे हैं। अटलजी की स्मृतियाँ हम सबके हृदय में सदैव ताज़ा रहेंगी।

भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी का हर सिपाही एवं देश का हर नागरिक कालजयी व्यक्तित्व वाजपेयी जी को सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता है। इस क्रम में पार्टी ने देश के सभी राज्यों में दिवंगत वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकालने का निश्चय किया है ताकि राष्ट्र अपने महान सपूत को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर सके। पार्टी कार्यक्रम के अनुसार, अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा देश के सभी राज्यों में निकाली जायेगी और राज्य की सभी पवित्र नदियों में पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियाँ विसर्जित की जायेगी। वाजपेयी की अस्थियां देश की 100 से अधिक नदियों में प्रवाहित की जायेगी । उल्लेखनीय है कि 19 अगस्त को हरिद्वार (उत्तराखंड) में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकाली गई थी। इसके बाद हर की पौड़ी में गंगा में वाजपेयी की अस्थियां प्रवाहित की गई थीं। इस दौरान वाजपेयी के परिजनों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इससे पहले इंदिरा गाँधी इनडोर स्टेडियम के के डी जाधव सभागार में वाजपेयी की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश के सभी राजनातिक दलों और सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के वरिष्ठ सदस्यों ने वाजपेयी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किये थे । 

बिहार : सीबीआई आॅफिसर को बीच में हटाकर सरकार ने संदेहों को और बढ़ावा दिया: वाम दल

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हाइकोर्ट इस पर संज्ञान ले, आखिर सीबीआई एसपी को महज 20 दिनों में क्यों हटाया गया?
cbi-creates-doubt-in-shelterhome-caseपटना 2 अगस्त 2018, वाम दलों ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी जेपी मिश्रा को महज 20 दिनों में हटाने की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि इसके जरिए सरकार ने संदेहों को और बढ़ावा दिया है. वाम दल सरकार से जानना चाहते हैं कि आखिर वे कौन सी वजहें थीं जिसकी वजह से सीबीआई एसपी को इतना जल्दी हटाना पड़ा? भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव अवधेश कुमार, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, एसयूसीआई (सी) के राज्य सचिव अरूण कुमार सिंह, आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर और फारवर्ड ब्लाॅक के अशोक कुमार ने संयुक्त बयान जारी करके सीबीआई एसपी को हटाने के संबंध में सरकार से यह प्रश्न पूछा है. उन्होंने यह भी पूछा कि जब जांच पटना उच्च न्यायालय के निर्देशन में चल रहा है, तब सीबीआई एसपी को हटाने के पहले पटना उच्च न्यायालय से अनुमति ली गई या नहीं? वाम नेताओं ने कहा कि बिहार की जनता के लंबे आंदोलनों के उपरांत मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की सीबीआई जांच आरंभ हुई. इस संस्थागत यौन उत्पीड़न के तार सत्ता के शीर्ष तक पहंुचने का अंदेशा पहले से ही लगाया जाता रहा है.  सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह सबकुछ राज्य सरकार के संरक्षण में हुआ है. नीतीश कुमार के ही पास लंबे समय से सूचना व जनसंपर्क का विभाग है जिसके जरिए नकली अखबारों को करोड़ों का विज्ञापन दिया गया. इसी के जरिए ब्रजेश ठाकुर की लूट व दरिंदगी का साम्राज्य खड़ा हुआ. नीतीश-मोदी के एनजीओ माॅडल के तहत ही तमाम एनजीओ की फंडिंग होतेे रही है, जिसने अनाथ बच्चे-बच्चियों-महिलाओं की सेवा-सुरक्षा के बदले पूरे तंत्र को लूट, यातना और सेक्स रैकेट का अमानवीय व घृणित खेल बना दिया. ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार व सुशील मोदी भी शक के दायरे में हैं. सीबीआई एसपी को अचानक हटाने से यह शक और मजबूत हो रहा है. वाम नेताओं ने कहा कि चूंकि यह जांच पटना उच्च न्यायालय के निर्देशन में चल रहा है. इसलिए माननीय उच्च न्यायालय से आग्रह है कि सीबीआई एसपी को हटाने के सवाल पर वह स्वतः संज्ञान ले और जांच में पारदार्शिता बरकरार रखने की गारंटी करे.

बाढ़ से विस्थापितो की मदद हेतु राहत सामग्री रवाना

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बदायूं (आर्यावर्त डेस्क) आज लोक निर्माण परिवार सामाजिक,सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति जनपद बदायूँ के तत्वाधान में केरल में आयी भीषण बाढ़ से विस्थापितो की मदद हेतु राहत सामग्री के रुप में 16 गत्ते बिस्कुट के पैकेट इंजिनियर प्रमोद कुमार अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग बदायँू द्वारा कार्यालय परिसर से रवाना किये गये जो लोक निर्माण परिवार के सदस्यो के द्वारा कलैक्ट्रेट में अपर जिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त करा दिये गये। इस अवसर पर इंजिनियर प्रमोद कुमार ने कहा कि केरल में आयी बाढ़ वास्तव में बहुत की भीषण है कितने लोग घर से बेघर हो गये है। ऐसी स्थिति में सभी को मानवीयता के नाते जैसा भी हो सहयोग करना चाहिए। लोक निर्माण परिवार समिति का यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। राहत सामग्री में सत्यपाल सिंह ठेकेदार,हिफजुर रहमान ठेकेदार,निशात हैदर,मिनिस्ट्रीरियल एसोसियेशन के जिला सचिव राजीव सिंह राठौर,अविनाश वर्मा,हरीश बजाज,टिंकू पटेल,प्रदीप गुप्ता,विजय सक्सेना,प्रमोद शाक्य,नन्हेलाल,संजीव कुमार,देवेन्द्र उर्फ बब्लू,मुकेश सक्सेना,रामनिवास,आसिम खाँ,कुलदीप शर्मा,भगवान देवी आदि का विशेष सहयोग रहा। अन्त मेे संयोजक मानव कुमार शर्मा ने राहत में सहयोग हेतु सभी का आभार व्यक्त किया।

मधुबनी : ओडीएफ से संबंधित समीक्षा बैठक का आयोजन

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मधुबनी, 23,अगस्त 18,, जिला पदाधिकारी,मधुबनी की अध्यक्षता में गुरूवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में ओडीएफ से संबंधित समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री अजय कुमार सिंह,उप विकास आयुक्त,मधुबनी,श्री कुमार गौरव,सहायक समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री ब्रज बिहारी भगत,निदेषक,डी.आर.डी.ए.मधुबनी, मो.सोयेब, जिला पंचायती राज पदाधिकारी,मधुबनी,श्री विनोद कुमार पंकज,वरीय उपसमाहत्र्ता,मधुबनी,श्री संजीव कमार,जिला समन्वयक,एल.एस.बी.ए.,मधुबनी समेत सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं इंदिरा आवास पर्यवेक्षक उपस्थित थे। बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा जिले के जियो टैग एवं खाता अद्यतन वाले लगभग 42,130 लाभुकों को चार दिनों के अंदर राषि के भुगतान का निदेष दिया। साथ ही 31 अगस्त तक कुलआही को 60 प्रतिषत,लौकही को 65 प्रतिषत,बाबूबरही को 60 प्रतिषत,राजनगर को 50 प्रतिषत तथा पंडौल को 50 प्रतिषत,मधेपुर को 50 प्रतिषत अगस्त माह के अंत तक ओडीएफ कार्य को पूर्ण करने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया कि जिस वार्ड में 50 प्रतिषत तक शौचालय आच्छादित हो गया है,वहां शीघ्र भुगतान करें,ताकि अन्य लोग भी शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहित हो सके। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को क्षेत्रभ्रमण कर शौचालय निर्माण हेतु लोगों को प्रेरित करने का निदेष दिया। उन्होेंने सभी पदाधिकारियों को लोगों को शौचालय के उपयोग से होने वाले लाभ को भी अवगत कराने को कहा गया।

बिहार : मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कांड के खिलाफ मार्च

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मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रो.संजय कुमार पर हुए जानलेवा हमले के खिलाफ 25 अगस्त को *मोतिहारी मार्च* करेंगे  छात्र, आज जनशक्ति भवन में हुई प्रेस वार्ता बिहार के कई जिलों से छात्र पहुंचेंगे मोतिहारी
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पटना, 23 अगस्त 2018, आज जन शक्ति प्रेस में छात्र-संगठनों का संयुक्त संवादाता सम्मेलन किया गया जिसमे 25 अगस्त को *मोतिहारी मार्च*की विस्तृत जानकारी दी गयी. आज के संवाददाता सम्मेलन में AISF AISA छात्र-राजद छात्र- NCP CYSS AIDSO SFI LJD JSD NSUI छात्र-हम द्वारा  आयोजित किया गया। संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त रूप से छात्र -नेताओं ने कहा कि मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रो.संजय कुमार पर भाजपा- आरएसएस के गुंडों के द्वारा जानलेवा हमले के खिलाफ 25 अगस्त को पूरे बिहार के छात्र मोतिहारी जाकर मार्च करेंगे ज्ञात हो प्रो. संजय कुमार पर सुनुयोजित तरीके से जानलेवा हमला करवाया गया ताकि मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कुलपति के खिलाफ उनके द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन को दबाया जा सके आज पूरे देश मे भाजपा- आरएसएस विरोध की हर आवाज को भय का माहौल बनाकर समाप्त कर देना चाहती है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जो हमारा संविधान हमे देता है उसे आज समाप्त कर देना चाहती है। आगे छात्र नेताओं ने कहा कि बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने भाजपा -आरएसएस गुंडों को खुला समर्थन दे रखा है यह कितना आश्चर्यजनक है कि प्रो. संजय पर हमले के सात घंटे बाद FIR होता है तब जबकि लोग सड़क जाम करते है जबकि प्रो.संजय के एक फर्जी मुकदमा भी दायर किया गया है भाजपा कोटे से पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार प्रो. संजय पर हुए हमले को जायज ठहराते है लेकिन नीतीश कुमार के मुँह से एक शब्द इस मामले में नही निकलता है। छात्र-नेताओं ने एक स्वर में कहा कि प्रो.संजय कुमार पर हमला करने वालों को अविलंब गिरफ्तार किया जाय एवं प्रो. संजय कुमार पर हुए फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए साथ ही साथ मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति को अविलंब बर्खास्त किया जाए। आज के संवाददाता सम्मेलन में AISA के राज्य अध्यक्ष मोख्तार राज्य सचिव शिवप्रकाश विकास AISF के राज्य सचिव सुशील कुमार  सुशील उमाराज जनमेजय छात्र-राजद के प्रदेश प्रवक्ता गौरव हेला विजय यादव, छात्र- NCP  के प्रदेश अध्यक्ष अमित सरावगी JSD के अमित दयाल आदि मौजूद थे

बेगूसराय : सपादलक्ष पार्थिवेश्वर पूजन,अभिषेक नवावृति सप्तशती पाठादि सहित हवनादि कार्य सम्पन्न।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) विगत कई वर्षों से लागातार सवा लाख पार्थिव पूजन,अभिषेक आदि के बाद हवन एवं तदुपरान्त जिला स्तर पर गणमान्य व्यक्तियों,नगरवासियों आदि में प्रसाद वितरण का कार्य करते आ रहे विधान पार्षद,सत्तारुढ दल के उपमुख्य सचेतक,भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री रजनीश कुमार के द्वारा सिंघौल स्थित अपने हर्ष गार्डन में अन्य वर्षों की भाँति इस वर्ष भी आज दिनांक 23 अगस्त 2018 श्रावण शुक्लपक्ष द्वादशी शुभ तिथि में सवा लाख पार्थिवेश्वर पूजन सवा लाख महामृत्युञ्जय जाप आदि के पूर्व,विष्णु,कलश स्थापना,सूर्यादि पंचदेवता,नावग्रहादि देवता,पंचपाल,क्षेत्रपाल,वसोरधारा अष्टमातृका,षोडश मातृका,चतुःषष्ठी योगिनी, दुर्गा,दासमहाविद्याओं के साथ ही पार्थिवेश्वर पूजन अभिषेकादि कार्य सम्पन्न किया जा रहा था।इस मौके पर नगर के मुख्य गणमान्य अतिथियों ने पूजनोत्सव में पधार कर इस आध्यात्मिक पुण्य कार्य के भागी बनें। इस पार्थिवेश्वर पूजन में नगर के चुनिन्दे 108 वैदिक कर्मकांडियों के द्वारा पूजनोत्सव कार्य सम्पन्न हुआ। सभी वैदिक कर्मकांडियों सहित व्रती रजनीश कुमार सपरिवार उपवास में रहे,पण्डितों के लिये इच्छानुकूल मेवा मिष्ठान,दुग्धादि का पूर्ण व्यवस्था किया था।आगन्तुक अतिथियों के लिये भी चाय पानी और अल्पाहार का समुचित व्यवश्था किया गया था।पूजनोत्सव कार्य प्रातः 8 बजे से लागातार चल रही है।अभी संध्या के 8:30 बज रहे हैं,अभिषेक शुक्ल आयुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से मङ्गलाचरण,स्वस्ति वाचन के साथ शुरु हुआ जो कि नयूज़ लिखने तक अभिषेक सम्पन्नता की ओर है।इसके बाद हवन तदुपरान्त प्रसाद वितरण आदि के साथ कार्यक्रम के समाप्ति शिव महिम्न स्तोत्रादि से होना सुनिश्चित है।

बिहार : सबको 'जय जगत'कहकर मान बढ़ाने वाले विनोबा भावे दु:खित हो जाते

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  • सेवा प्रदान करने की आपत्तिरहित 30 जून और आपत्ति प्राप्त होने की 18 अगस्त की अवधि खत्म,परिणाम शून्य
  • 36 साल से परेशान हैं महादलित मुसहर

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समेली,(डूमर). बिहार के नौकरशाह है बेलगाम.यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उनकी कार्यशैली बोल रहा है. जिला भूदान यज्ञ कार्यालय,कटिहार के कार्यालय मंत्री ने पत्रांक -17/ 13-83 दिनांक 06.07.2013 के माध्यम से अंचलाधिकारी,समेली को कार्यालय से पत्र अग्रसारित किया.पत्र का विषय है भूदान  नामानान्तरण करने के संबंध में.पत्र लेखन का प्रभाव पांच साल के बाद भी नहीं पड़ा.

कितने सी.ओ.वर्ष 2013 से वर्ष 2018 तक आए और चले गए
जिला भूदान यज्ञ कार्यालय,कटिहार के कार्यालय मंत्री ने पत्र में लिखा है कि मौजा बकियाडीह थाना नं.259 अंचल समेली जिला -कटिहार के अन्तर्गत पूर्व में ही भूदान भूमि वितरित की गई है,जिसमें से दो आदाताओं का पूर्ण विवरणी विहित प्रपत्र -10 पर अंकित नामानान्तरण हेतु भेजा गया है.प्रदत्त भूमि का दाता महाराज दरभंगा ग्राम दरभंगा है,जिसका केस नं.1882 तिथि 29.06.60 है.यह निवेदन किया गया कि बिहार भूदान यज्ञ अधिनियम 1954 की धारा 18 एवं 19 के तहत विहित प्रपत्र-10 में वर्णित आदाओं के नाम आवंटित 60 डिसमिल भूमि का भूदान का भूदान नामानान्तरण  कर रसीद काटते हुए कार्यालय मंत्री को सूचित करें.वर्ष 2013 से वर्ष 2018 तक समेली अंचल के अंचल पदाधिकारी आए और चले गए.परंतु महादलित मुसहर समुदाय के दो आदाओं का    भूदान नामानान्तरण नहीं किया सका.

और महादलित हिम्मत नहीं हारे
वर्ष 2013 में जिला भूदान यज्ञ कार्यालय,कटिहार ने समेली के अंचल  पदाधिकारी को पत्र लिखा है.इसका सार्थक परिणाम सामने नहीं आने पर महादलित हिम्मत नहीं हारे.सी.एम.नीतीश कुमार का अस्त्र लोक सेवाओं का अधिकार का उपयोग किए.गांव/टोला/मोहल्ला:बकिया, पंचायत/वार्ड: डूमर,थाना:फलका,अंचल:समेली, अनुमंडल: कटिहार और जिला: कटिहार के झपटलाल ऋषि पिता खुबलाल ऋषि और जहरू ऋषि पिता लखपति ऋषि ने अलग-अलग नाम से दाखिल खारिज का आवेदन निष्पादन करने के लिए लोक सेवक अंचल अधिकारी को 08.06.2018 को दिए.वाद संख्या:M/00282/ 2018 है.सेवा प्रदान करने की समय अवधि:18 कार्यदिवस (आपत्तिरहित) /60 (आपत्ति प्राप्त होने पर). जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की ही तरह लोक सेवाओं का अधिकार भी हश्र होने लगा है.      सेवा प्रदान करने की आपत्तिरहित  अवधि 30 जून और आपत्ति प्राप्त होने की 18 अगस्त की भी अवधि खत्म होने के बाद भी परिणाम शून्य ही निकला. 31.06.1982 में बिहार भूदान यज्ञ कमिटी द्वारा प्रमाण-पत्र मिला है.36 साल से भूदान नामानान्तरण कराने के लिए मैराथन दौड़ लगा रहे हैं.

बिहार : इनर व्हील ऑफ बेतिया की मैंग्जिन में स्थान पाने में कामयाब मेरी आडलीन

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बेतिया (आर्यावर्त डेस्क) पश्चिम चम्पारण जिले में चखनी, रामनगर, लोरिया, नरकटियागंज, चुहड़ी, दुसैया और बेतिया में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय का गढ़ है.इसमें चुहड़ी पल्ली भी विख्यात है.कई लोग फादर-सिस्टर भी बने हैं.बिशप भी बने हैं.विख्यात मिशनरी स्कूल है और टीचर ट्रेनिंग सेंटर भी है.युवतियां ट्रेनिंग लेकर सरकारी जॉब में सरलता से चली जाती हैं.यह सब मिशनरी देन नहीं है बल्कि मेहनत के बल पर मुकाम पाती हैं.इनमें एक हैं मेरी आडलीन.जो  इनर व्हील क्लब ऑफ बेतिया की पत्रिका में लेख लिखकर वाहवाही लूट रही हैं. जी हां,मेरी आडलीन.इन्हें आम से खास लोग मेरी आडलीन के रूप में जानते हैं.मगर इससे ऊपर से ऊपर के लोग नीतू सिंह के रूप से जानते और पहचानते हैं.वह चुहड़ी पल्ली की रहने वाली हैं. मेरी आडलीन एक सरकारी टीचर हैं.जो आदर्श शिक्षिका के रूप में पहचानी जाती हैं.नीतू सिंह धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं. जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर स्वच्छता सेनानी सम्मान से सम्मानित भी किया है.वेलडन मेरी आडलीन वेलकम नीतू सिंह कहकर सिसिल साह ने बधाई दी है.अच्छा लगता है जब कोई ईसाई समाज के लिए कार्य करता है.

दुमका : शिवगंगा में महा आरती का आयोजन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) वाराणसी व  हरिद्वार की  तर्ज पर फौजदारी बाबा बासुकीनाथ महादेव की पवित्र स्थान पर दिन गुरुवार (27 अगस्त 2018) की संध्या महा आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  वैदिक  मंत्रोचारण से पूरा बासुकिनाथ गूंजता रहा।  महाआरती के लाइव कवरेज के साथ-साथ रूट लाइन पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण को लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को महाआरती दिखाने की व्यवस्था की गई थी। शिवगंगा के तट व मुख्य मंदिर के आस-पास भव्य सजावट की व्यवस्था की गई थी । शिवगंगा के चारों तरफ  लाईटिंग की पूरी व्यवस्था की थी। पूरा शिवगंगा तट मानो दुधिया रोशनी में नहाया हुआ था।  श्रावणी मेला के 27 वें दिन  संध्या 6.30 बजे महा आरती की शुरुआत हुई। इस महा आरती को भव्य बनाने के लिए दुमका डीसी  मुकेश कुमार के साथ  जिला प्रशासन की पूरी  टीम उपस्थित थी । शिवगंगा में होनेवाले   महा आरती को लेकर एनडीआरएफ की टीम भी   शिवगंगा तट पर डटी हुई थी। डीपीआरओ  सैयद राशिद अख्तर भी  शिवगंगा के पास तैनात सूचना सहायता कर्मियों के  संपर्क में  थे।  वहां की गतिविधियों व सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण में  टीम के साथ अपने कर्तव्य क्षेत्र में वे भी डटे हुए थे।  सोशल मीडिया के माध्यम से  शिवगंगा तट पर महा आरती का लाईव कवरेज जारी था।


विशेष : बिना स्वस्थ पर्यावरण के जन-स्वास्थ्य मुमकिन नहीं

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पर्यावरण के निरंतर पतन से जन स्वास्थ्य को भी चिंताजनक क्षति पहुँच रही है। डॉ ईश्वर गिलाडा जो पर्यावरण और श्वास-सम्बंधी रोगों पर हो रहे 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन (नेसकॉन 2018) के सह-अध्यक्ष हैं ने कहा कि यदि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के लक्ष्य पूरे करने हैं तो पर्यावरण और श्वास सम्बंधी रोगों में अंतर-सम्बंध को समझना ज़रूरी है. भारत सरकार ने न सिर्फ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के लक्ष्य पूरे करने का वादा किया है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य भी पूरे करने के लिए वह वचनबद्ध है। डॉ ईश्वर गिलाडा ने कहा कि 193 देशों के प्रमुख नेत्रित्व, सितम्बर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में “सतत समाज” के विषय पर बहस और चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इसी दौरान टीबी समापन और ग़ैर-संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठकें होंगी। यदि सतत समाज के सपने को पूरा करना है तो यह नज़र-अन्दाज़ नहीं किया जा सकता कि पर्यावरण असंतुलन कितनी भीषणता से जन स्वास्थ्य को कुप्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य कार्यक्रम जो सफलता प्राप्त करते हैं वह सब प्राकृतिक विपदा के चलते पलट सकती है।

केरल बाढ़ त्रासदी हमें चेतावनी देती है
उदाहरण के लिए केरल में आयी बाढ़ त्रासदी हमें चेतावनी देती है कि कैसे प्राकृतिक विपदाएँ सामाजिक विकास और जन स्वास्थ्य को ध्वस्त कर सकती हैं। भारत के अन्य राज्य की तुलना में केरल राज्य विभिन्न मानव विकास संकेतक पर प्रशंसा का पात्र रहा है परंतु प्राकृतिक विपदाएँ इन सामाजिक विकास पर प्रगति को उलट सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि समय से पर्याप्त आकस्मक क़दम नहीं उठाए गए तो संक्रामक रोग फैल सकते हैं। डॉ गिलाडा ने सीएनएस (सिटीज़न न्यूज़ सर्विस) से कहा कि यह अत्यंत ज़रूरी है कि यह सुनिश्चित हो कि पर्यावरण संरक्षण और जन स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों में सामंजस्य और कुशल तालमेल हो।

फिल्म अभिनेता अनिल कपूर हैं स्वस्थ फेफड़े के 'एम्बेसेडर'
फ़िल्म अभिनेता अनिल कपूर को 2016 में इसी पर्यावरण और श्वास सम्बंधी रोगों के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वस्थ फेफड़े के लिए 'एम्बेसेडर'बनाया गया था। कुछ महीने बाद ही 25 सितम्बर 2017 को पहला वैश्विक फेफड़े दिवस (वर्ल्ड लंग डे) मनाया गया क्योंकि स्वस्थ फेफड़े जीवन के लिए आवश्यक हैं। द्वितीय वैश्विक फेफड़े दिवस 25 सितम्बर 2018 को है और विश्व हृदय रोग दिवस 29 सितम्बर को।

विशिष्ठ पर्यावरण मित्र पुरस्कार
पर्यावरण और श्वास सम्बंधी रोगों पर 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन के सह-अध्यक्ष डॉ सलिल बेंद्रे ने बताया कि इस अधिवेशन में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऐम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया करेंगे। इसी अधिवेशन में विशिष्ठ पर्यावरण मित्र पुरस्कार दिए जाएँगे - पुरस्कृत सम्मानित लोग इस प्रकार हैं: श्री एमएन देशमुख, वरिष्ठ अधिवक्ता; श्री कैज़र ख़ालिद, पुलिस महानिरीक्षक मुंबई; डॉ एस उत्तरे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र मेडिकल काउन्सिल; और डॉ संजय अरोरा, निदेशक, सब-अर्बन डायग्नोस्टिक्स। इस नेसकॉन 2018 अधिवेशन में भारत सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उप-महानिदेशक डॉ केएस सचदेवा जो केंद्रीय टीबी डिविज़न के भी प्रमुख हैं; चंडीगढ़ के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डी बेहेरा; कानपुर के प्रख्यात चिकित्सक डॉ एसके कटियार और लखनऊ के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ राजेंद्र प्रसाद का मुख्य व्याख्यान होगा।

दवा प्रतिरोधक टीबी पर एक श्वेत पत्र जारी
नेसकॉन 2018 के सह-अध्यक्ष डॉ सलिल बेंद्रे ने कहा कि इस राष्ट्रीय अधिवेशन में दवा प्रतिरोधक टीबी पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा। दवा प्रतिरोधकता एक गम्भीर जन-स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए चेतावनी है. यह अत्यंत चिंता का विषय है कि दवा प्रतिरोधक टीबी के नए रोगियों की संख्या में गिरावट नहीं आ रही है। हर दवा प्रतिरोधक टीबी का नया रोगी या तो कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणाली का प्रतिबिम्ब है या असफल संक्रमण नियंत्रण का।

प्रोफेसर (डॉ) केसी मोहंती को श्रद्धांजलि
भारत के प्रख्यात श्वास सम्बन्धी रोगों के विशेषज्ञ और एनवायरनमेंटल मेडिकल एसोसिएशन के प्रेरणा-स्तम्भ, स्वर्गीय प्रोफेसर डायरेक्टर (डॉ) केसी मोहंती, न सिर्फ टीबी या अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों के लिए राष्ट्रीय अभियान के लिए चिन्हित हुए, बल्कि श्वास सम्बन्धी रोगों को पर्यावरण स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता से जोड़ कर उन्होंने विशिष्ठ कीर्तिमान स्थापित किये. उन्होंने चिकित्सकों की अनेक पीढ़ियों को प्रोत्साहित किया, मार्गनिर्देशन किया और श्वास सम्बन्धी रोगों और पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व को प्रभावकारी ढंग से अंकित किया. उनकी मृत्यु से चंद माह पहले ही उनके एक साक्षात्कार में उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया था कि कैसे चिकित्सकों की 3-4 पीढियां उनसे प्रेरित हो कर पर्यावरण और फेफड़े स्वास्थ्य पर समर्पण के साथ कार्यरत हैं. प्रोफेसर डायरेक्टर (डॉ) केसी मोहंती की इस धरोहर को पर्यावरण और श्वास सम्बन्धी रोगों पर 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन जीवित रखेगा और इसी आशय से यह अधिवेशन आयोजित हो रहा है. पर्यावरण और श्वास सम्बन्धी रोगों पर 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन ने भारत के प्रधान मंत्री और अन्य 190+ देशों के प्रमुखों से अपील की कि वह अगले माह, संयुक्त राष्ट्र महासभा और उच्च स्तरीय बैठकों में, पर्यावरण संरक्षण और श्वास सम्बन्धी रोगों के नियंत्रण के लिए ठोस नीतियां बनायें, और प्रभावकारी कदम उठायें.




बॉबी रमाकांत, सीएनएस (सिटीज़न न्यूज़ सर्विस)
(विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) महानिदेशक से 2008 में पुरुस्कृत बॉबी रमाकांत स्वास्थ्य और सतत विकास से जुड़े मुद्दों पर लिखते रहे हैं और सीएनएस (सिटीज़न न्यूज़ सर्विस) के नीति निदेशक हैं. उनको ट्विटर पर फॉलो करें @bobbyramakant/ @CNS_Health या वेबसाइट पर पढ़ें www.citizen-news.org)

दुमका : संपूर्ण श्री राम कथा के सातवें दिन किष्किंधा कांड पर व्याख्यान।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  महा प्रतापी  बाली व अनुज सुग्रीव के बीच एक बड़ी  गलतफहमी थी जो शनै:शनै: भयंकर शत्रुता में तब्दील  हो गई।  गलतफहमी के  शिकार  अंतत: महा प्रतापी  बाली को प्रभु श्री राम के हाथों ही मोक्ष की प्राप्ति हुई।  श्री रामकथा समिति  (शिव पहाड़)  दुमका के तत्वावधान में आयोजित संगीतमय नौ दिवसीय संपूर्ण श्री राम कथा के सातवें दिन  किष्किंधा कांड प्रसंग पर व्याख्यान के क्रम में  प्रवचन कर्ता राजकुमार हिम्मतसिंहका ने अपनी बातें रखी।   किष्किंधा कांड की कथा सुनाते हुए  प्रवचन कर्ता श्री हिम्मतसिंहका  ने कहा कि  वर्तमान समय में तो संपूर्ण विश्व ही गलतफहमी का शिकार है।  व्यक्ति  विशेष का  आपसी मसला हो या फिर  परिवार, समाज, ,राज्य या देश का। गलतफहमी के मूल में संवादहीनता व आपसी विश्वास की कमी मुख्य कारण है। कथा के क्रम में प्रवचनकर्ता  राजकुमार  हिम्मतसिंहका ने कहा कि श्री राम ने अपने श्री मुख से सच्चे मित्रों के लक्षण बताए हैं। आज सच्चे मित्रों का सर्वत्र अभाव नजर आता है।  एक भी सच्चा मित्र मिल जाने से जीवन का बोझ आधा कम  हो जाता है।  बाहर सच्चा मित्र  खोजें, उससे पहले सच्चे मित्रों के गुणों को अपने में धारण करें ।  कथा के क्रम में आगे कहा कि हमारा  असली शत्रु तो हमारे भीतर बैठा काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार  जो बगैर  श्री राम की कृपा के दूर नहीं होता।  हम तो इतना ही कह सकते हैं कि ऐसा जीवन हम जियें जिससे श्रीराम की अधिकाधिक कृपा हम पर हो ।  कल की कथा में सुंदरकांड व लंका कांड पर बातें होंगी। । हारमोनियम पर प्रसिद्ध संगीतकार कुबेर झा व तबला पर  नंदन झा कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं ।  बिजली आपूर्ति विभाग के छोटू जी, कुर्सी टेंट विभाग- के पारस जी व ध्वनि विस्तारक यंत्र को प्रताप जी संभाल रहे हैं। 

आलेख : रक्षाबंधन पर बहनें खुश तो बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा!

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रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधना पारंपरिक रुप में भले ही भाई की ओर से बहन की रक्षा करने का प्रतीक हो, लेकिन यह शायद ही किसी को पता हो कि अगर बहनें इस दिन मेहरबान हो गयी तो भाई हो जायेगा मालामाल। घर में न सिर्फ खुशियां ही खुशियां होंगी, बल्कि धन-धान्य होने के साथ मिलेगा मां लक्ष्मी का आर्शीवाद। यह सब होगा भाई द्वारा बहनों की मनपसंद उपहारों को भेंट करने से। इस बार 26 अगस्त को श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। खास यह है कि इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए लोगों के पास रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का भरपूर समय होगा। नहीं रहेगा भद्रा का साया। सावन माह की पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त, शनिवार को शाम 03ः16 से शुरू हो जाएगी। जिसका समापन 26 अगस्त, रविवार को शाम 05ः25 पर होगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: सुबह 05ः59 से शाम 17ः25 तक है 

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यह सच है कि विकास और आधुनिकता की चकाचैंध में सबसे ज्यादा असर अगर किसी पर डाला है तो वे हमारे रिश्ते ही हैं। इंटरनेट, तकनीक, एक्सपोजर और बढ़ती महत्वाकांक्षाएं ये तमाम ऐसे पहलू है जिन्होंने इंसान की सोच को बदलाव की ओर उन्मुख किया है। लेकिन भाई और बहन का एक ऐसा पवित्र रिश्ता हैं, जिसे अब भी बदलती जीवन शैली छू तक नहीं सकी है। परंपरागत तरीके से भाई-बहन का प्रेम भरा ये रिश्ता निभाई जा रही है। उन्हीं परंपराओं में से एक है रक्षाबंधन, जो भाई और बहन के प्रेम का दिवस होता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उससे खुद की सुरक्षा का भरोसा पाती है। बहन अपने भाई को सबसे ज्यादा प्रेम करती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन बहनें भाईयों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान होती है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बहनें सात समुन्दर पार से भी भाई को रक्षा बांधने चली आती है। बहनों की इस खुशी में अगर उनके मनपसंद उपहार भाईयों द्वारा दी जाएं तो वे बड़ी सहजता से देती है धन-धान्य होने का आर्शीवाद। वैसे भी हिन्दू धर्म में स्त्रियों का मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। लगभग हर घर में मां लक्ष्मी मां, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में वास करती हैं। अगर घर की महिलाएं खुश रहती हैं तो घर में धन-दौलत की कभी कमी नहीं होती है। इससे बड़ी बात और क्या होगी कि जो बहन और बेटियां दुसरे घर की अमानत हो गयी है, लेकिन रक्षाबंधन के दिन जरुर भाई की कलाई पर राखी बांधने जरुर पहुंचती हैं। बहन के राखी बांधने के बाद भाई उसे तोहफा देता है। मनु स्मृति में स्वयं मनु ने बताया है कि ऐसी तीन चीजें हैं जिन्हें घर की महिलाओं को देने से घर में खुशहाली आती है। यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः। माता लक्ष्मी को घर का साफ और स्वच्छ माहौल बहुत ज्यादा पसंद होता है। जिस घर के पुरुष और महिलाएं दोनों साफ-सुथरे से रहते हैं और अच्छे वस्त्र धारण करते हैं, मां लक्ष्मी उनसे काफी प्रसन्न रहती हैं। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन आप अपनी बहन को सुन्दर वस्त्र तोहफे के रूप में दें। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें जीवन में दरिद्रता का मुख देखना पड़ता है।  गहनों को भी मां लक्ष्मी का प्रतिरूप माना जाता है। जिस घर की महिलाएं सुन्दर गहनों से सजती-संवरती हैं, वहां मां लक्ष्मी का बसेरा हमेशा बना रहता है। घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। जब भी कोई विशेष त्योहार हो उस मौके पर पुरुषों को घर की महिलाओं को तोहफे में सुन्दर गहने देने चाहिए। सभी तोहफों से बढ़कर मीठी वाणी होती है। जिस घर के पुरुष महिलाओं को सम्मान देते हैं और उनसे अच्छे से बात करते हैं, उस घर पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। जिस घर की स्त्रियां चिंतित होती हैं, उस घर की तरक्की रुक जाती है। जहां महिलाएं खुश रहती हैं वहां दिन दूनी रात चैगुनी तरक्की होती है।

वृक्ष को भी बांधती है राखी 
सदियों से चली आ रही रीति के मुताबिक, बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहा जाता है। हालांकि आजकल इसका प्रचलन नही है। राखी सिर्फ बहन अपने भाई को ही नहीं बल्कि वो किसी खास दोस्त को भी राखी बांधती है जिसे वो अपना भाई जैसा समझती है और तो और रक्षाबंधन के दिन पत्नी अपने पति को और शिष्य अपने गुरु को भी राखी बांधते है। 

पौराणिक मान्यताएं 
रक्षाबंधन का इतिहास काफी पुराना है, जो सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है। असल में रक्षाबंधन की परंपरा उन बहनों ने डाली थी जो सगी नहीं थीं, भले ही उन बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो, लेकिन उसकी बदौलत आज भी इस त्योहार की मान्यता बरकरार है। इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत 6 हजार साल पहले माना जाता है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं का है। मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था, तब चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख हुमायूं को राखी भेजी थी। तब हुमायू ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था। इतिहास का एक दूसरा उदाहरण कृष्ण और द्रोपदी को माना जाता है। कृष्ण भगवान ने राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान कृष्ण के बाएं हाथ की उंगली से खून बह रहा था, इसे देखकर द्रोपदी बेहद दुखी हुईं और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की उंगली में बांध दी, जिससे उनका खून बहना बंद हो गया। कहा जाता है तभी से कृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन स्वीकार कर लिया था। सालों के बाद जब पांडव द्रोपदी को जुए में हार गए थे और भरी सभा में उनका चीरहरण हो रहा था, तब कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी। भविष्यपुराण के मुताबिक राखी ना केवल भाई बहनों के प्रेम और स्नेह का त्योहार है बल्कि यह पति-पत्नी के संबंध और उनके सुहाग से जुड़ा हुआ पर्व भी है। सतयुग में वृत्रासुर नाम का एक असुर हुआ जिसने देवताओं के पराजित करके स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। इसे वरदान था कि उस पर उस समय तक बने किसी भी अस्त्र-शस्त्र का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए इंद्र बार-बार युद्ध में हार जा रहे थे। देवताओं की विजय के लिए महर्षि दधिचि ने अपना शरीर त्याग दिया और उनकी हड्डियों से अस्त्र-शस्त्र बनाए गए। इन्हीं से इंद्र का अस्त्र वज्र भी बनाया गया। देवराज इंद्र इस अस्त्र को लेकर युद्ध के लिए जाने लगे तो पहले अपने गुरु बृहस्पति के पहुंचे और कहा कि मैं वृत्रासुर से अंतिम बार युद्ध करने जा रहा हूं। इस युद्ध में मैं विजयी होऊंगा या वीरगति को प्राप्त होकर ही लौटूंगा। देवराज इंद्र की पत्नी शची अपने पति की बातों को सुनकर चिंतित हो गई और अपने तपोबल से अभिमंत्रित करके एक रक्षासूत्र देवराज इंद्र की कलाई में बांध दी। जिस दिन इंद्राणी शची ने देवराज की कलाई में रक्षासूत्र बांधा था उस दिन श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि थी। इस सूत्र को बांधकर देवराज इंद्र जब युद्ध के मैदान में उतरे तो उनका साहस और बल अद्भुत दिख रहा था। देवराज इंद्र ने वृत्रासुर का वध कर दिया और फिर से स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। यह कहानी इस बात की ओर संकेत करती है कि पति और सुहाग की रक्षा के लिए श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन पत्नी को भी पति की कलाई में रक्षासूत्र बांधना चाहिए। एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, रक्षाबंधन समुद्र के देवता वरूण की पूजा करने के लिए भी मनाया जाता है। आमतौर पर मछुआरें वरूण देवता को नारियल का प्रसाद और राखी अर्पित करके ये त्योहार मनाते है। इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है। कहते हैं एलेक्जेंडर जब पंजाब के राजा पुरुषोत्तम से हार गया था तब अपने पति की रक्षा के लिए एलेक्जेंडर की पत्नी रूख्साना ने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुनते हुए राजा पुरुषोत्तम को राखी बांधी और उन्होंने भी रूख्साना को बहन के रुप में स्वीकार किया। 

दुनिया के सारे संबंध ‘मोह के धागे‘ से हैं जुड़े
यशराज बैनर की फिल्म ‘दम लगा के हईशा‘ का एक गीत है, ‘ये मोह-मोह के धागे।‘ बड़ा प्यारा गीत है। इसे नायक-नायिका नहीं गाते, यह नेपथ्य में बजता है। पर है यह रुमानियत से संबंधित गीत। मगर मोह शब्द सिर्फ इतने में ही सीमित नहीं है। दुनिया के सारे संबंध मोह के धागे से ही जुड़े हैं। मोह के अर्थ भी तो कई हैं और प्रकार भी कई। मोह के कुछ प्रकारों को निरर्थक मोह में गिना जाता है तो कुछ प्रकारों को सार्थक मोह में। मसलन किसी भी वस्तु, व्यक्ति या स्थिति से मोह की अति, मोह में उससे चिपके रहना, उसे सांस लेने का अवसर न देना, अनुपयोगी वस्तुओं का संग्रह इत्यादि नकारात्मक व निरर्थक मोह की श्रेणी में आते हैं। दूसरी ओर सार्थक और जरूरी किस्म का मोह तो जीने का आकर्षण होता है, यह न हो तो व्यक्ति निर्जीव दीवार के समान हो जाए। इस प्रकार के मोह में हर प्रकार का लगाव, प्यार, स्नेह, ममता और अपनापन आता है। मोह का यह धागा दिखाई नहीं देता, बस महसूस होता है। इसकी सुगंध स्वार्गिक होती है। वह मोह जिसे अपनापन कहते हैं, इंसान के भावनात्मक जीवन के लिए ऑक्सीजन होता है, यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मोह में जाने क्या होता है कि वो आपमें जीने की ललक बनाए रखता है। मोह न हो तो जीवन रेगिस्तान हो जाए। यह वह मोह है जो गोंद नहीं, रुई का शुभ्र-श्वेत फाहा होता है जिस पर, जिससे आप प्यार करते हैं उसी का रंग चढ़ता जाता है। 




--सुरेश गांधी--

2022 तक झारखंड में 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य : रघुवर दास

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दुमका - रांची (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में बिना बिजली के रह रहे 38 लाख परिवारों में से 19 लाख परिवारों तक पिछले चार साल में बिजली पहुंचा दी गयी है। बाकी बचे घरों में दिसंबर  2018 तक बिजली पहुंचा दी जायेगी । बिजली आने के साथ ही लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार आयेगा। 2022 तक झारखंड में 4 हजार  मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य की जरूरत की पूर्ति के साथ ही दूसरे राज्यों को भी झारखंड रोशन करेगा। इसके लिए आधारभूत संरचना सुदृढ़ करने का काम चल रहा है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स, इंडिया की 64 वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने उपरोक्त बातें कही।  मुख्यमंत्री ने कहा कि भरपूर संभावनाओं के बाद भी झारखंड में आधारभूत संरचना पर ठीक से काम नहीं होने के कारण बिजली के  क्षेत्र में हम पीछे हैं। पिछले चार सालों में संरचना सुधारने पर काफी काम किया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए पतरातू  थर्मल पावर और एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम तैयार किया गया है। यहां 2022 तक 800-800 मेगावाट के पांच यूनिट लगाये जायेंगे। इसमें उत्पादित 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को मिलेगी। तेनुघाट का विस्तार किया जा रहा है। राज्य में संचरण के लिए ग्रीड व लाईन अपर्याप्त थे। आनेवाले दो साल में ग्रीड की संख्या चार गुणा हो जायेगी। संथाल परगना और डालटनगंट-लातेहार सेंट्रल झारखंड से जुड़ गया है। यहां पावर ग्रिड से कनेक्टिविटी हो गयी है। वितरण के क्षेत्र में भी काफी काम हो रहा है। सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोग के सहयोग से टैरिफ आर्डर सरलीकृत किया गया है। अब सरकार ग्रांट ने देकर सीधे उपभोक्ताओं को बिजली की दर में सब्सिडी प्रदान कर रही है। निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए शहरों में अंडर ग्राउंड केबलिंग की जा रही है। पावर सब स्टेशन की संख्या बढ़ायी जा रही है। नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। राज्य मे पहले एटी एंड सी लॉस 40 प्रतिशत था, जिसे घटाकर 30 प्रतिशत पर लाया गया है। इसे 15 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है। सौर ऊर्जा को सरकार प्राथमिकता दे रही है। नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन में भी रांची शहर का चयन हुआ है। इसका कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। बैठक में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग व फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स के अध्यक्ष पी के पुजारी, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद, गुजरात के अध्यक्ष आनंद कुमार, फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स के सचिव सनोज कुमा झा समेत अन्य राज्य के नियामक आयोग के अध्यक्ष व अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।   

बेगूसराय : देशरत्न अटल बिहारी वाजपेयी सह सैनिकों को समर्पित,भारद्वज गुरुकुल का भव्य आयोजन।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) दिनांक 20 अगस्त के जगह दिनांक 23 अगस्त को मनाया गया जवाहर भारद्वाज की जन्मतिथि।कारण जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान सात दिनों का राष्ट्रीय शोक रहा।जवाहर भारद्वाज इस राष्ट्रीय शोक में अपना जन्मदिन भला कैसे मनाते।

समस्या की चर्चा कम, समाधान का प्रयास ज़्यादा
बुज़ुर्गों के प्रति घटते सम्मान एवं दुर्व्यवहार की स्थिति भयावह हो गयी है।सरकार को सख्त कानून का सहारा लेना पड़ रहा है ।यह एक सामाजिक समस्या है और इसका समाधान भी समाज को ढूंढना है।विद्यालय समाज की समस्याओं को दूर करने का एक कारगर उपाय है।बचपन में बोये गए अच्छे संस्कार के बीज बड़ा होने पर सुखद परिणाम देते हैं।इसी ध्येय को ध्यान में रखकर कल 23 अगस्त 2018 को विद्यालय परिसर में एक भव्य कार्यक्रम 'संस्कार दिवस'का आयोजन किया गया।अंग्रेज़ी में इसे फाउंडर्स डे का नाम दिया गया।भारद्वाज गुरुकुल के प्राचार्य (शिव प्रकाश भारद्वज)के पिता और भारद्वाज गुरुकुल के चेयरमैन सह संस्थापक श्री जवाहर लाल भारद्वाज 20 अगस्त 2018 को 68 वर्ष के हो गए।विद्यालय के ऑडिटोरियम में बैठे सभी दादा,दादी के साथ-साथ नाना एवं नानी ने केक काटकर जन्मदिन मनाया।संदेश साफ है कि हर परिवार एवं संगठन के संस्थापक को भरपूर प्यार और सम्मान मिलना चाहिए।पूर्व में उनके द्वारा किये गए सद प्रयासों का नतीजा हमारा आज है।ऐसे प्रयासों से उनके जीवन में ऊर्जा का संचार होता है और वो अपने अनुभवों को हमें मुफ्त में देते हैं,और आगे बढ़ने में मदद करते हैं।बुज़ुर्गों का मार्गदर्शन,युवाओं के ऊर्जा के साथ सोने पर सुहागा का काम करता है। यह कार्यक्रम भारत रत्न ही नहीं हृदय रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एवं सैनिकों को समर्पित था।सैनिकों की ज़िंदगी पर आधारित नाटक'फौजी'की प्रस्तुति की गई।यह नाटक श्री हृषिकेश कुमार द्वारा निर्देशित था।इस नाटक के मार्मिक दृश्य ने दर्शकों के आँखों में आंसू ला दिए।विभिन्न वर्गों के बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।बेटियों के भ्रूण हत्या के खिलाफ प्रस्तुत किये गए कार्यक्रम के तथ्यों ने सबों को झकझोर कर रख दिया।देशप्रेम और देशभक्ति से ओत प्रोत विभिन्न गीत एवं नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा। पिछले वर्ष यह कार्यक्रम किसानों को समर्पित था।उससे पहले बेटियों को समर्पित था।प्राचार्य शिवप्रकाश ने कहा कि,मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि परिवार के बुज़ुर्गों के डांट को अगर हम बर्दाश्त करना सीख जाएं तो जीवन में उजाला ही उजाला है।मेरी पत्नी और मैं तो अक्सर अपने पिता का आज भी डांट सुनता हूँ।कोशिश करता हूँ,जवाब न दूं।इसका असर यह हुआ है कि हमारे अंदर धैर्य की वृद्धि हो रही है।अपने माँ, बाबूजी और बुज़ुर्गों को आसपास खुश देखकर अत्यंत संतुष्टि मिलती है।सबों से निवेदन है  बड़ों के ख़ज़ाने को यूँ ही बर्बाद न करें।परिवार के बच्चों के लिए वो एक चलता फिरता विद्यालय हैं। इस कार्यक्रम में एक वर्तमान व दो पूर्व सैनिकों को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।बी आर डी ए व्ही की प्राचार्या एवं पूर्व Iभारतीय वायु सेना की मिस अंजलि को वयोवृद्ध  डॉ• सच्चिदानन्द सिंह ने सम्मानित किया।पूर्व सैनिक मुकुल कुमार को श्री जवाहर लाल भारद्वाज जी ने एवं सेना में हवलदार श्रवण कुमार जी को शिव प्रकाश भारद्वाज ने सम्मानित किया।सैकड़ों की संख्या में मौजूद दर्शकों ने विभिन्न क्षेत्र में 2017-18 सेशन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया । अपने संबोधन में श्री लल्लू बाबू ने सामाजिक समरसता पर अपनी बात रखी और भारतीय संस्कारों में इसे बहुत महत्वपूर्ण बताया। साईकल यात्रा एक विचार के स्नेही सदस्यों ने जन्मदिन पर एक पौधा देकर पिछले चार वर्षों से चलाए जा रहे पर्यावरण चेतना के कार्यक्रम को बल दिया। महात्मा गाँधी जी को चम्पारण लाने एवं देश की आज़ादी में अहम योगदान देने वाले पंडित राजकुमार शुक्ल की (जन्म) जयंती 23 अगस्त को याद करते हुए श्री राजीव कुमार जी ने उनके जीवन और सद्कर्मों पर प्रकाश डाला। बच्चों को आशीर्वाद देने आए गणमान्यों में श्री अभिषेक कुमार,चेयरमैन-सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल श्री नवल किशोर झा,निदेशक-देशरत्न विद्यालय, श्री संजय कुमार-निदेशक-बाइट कंप्यूटर,जनकवि श्री दीनानाथ सुमित्र, चर्चित कवि प्रफुल्ल चन्द्र मिश्र,डॉ शैलेन्द्र लाल,डॉ रंजन चौधरी, डॉ मृत्युंजय कुमार,श्री संजय कुमार,श्री ओम प्रकाश भारद्वाज,श्री मुकेश कुमार ,श्री दिनकर भारद्वाज,श्री ओम प्रकाश ,श्री बी आर के सिंह,श्री अमरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ लल्लू बाबू,श्री शम्भू कुमार,श्री सुरेंद्र चौधरी,श्री अमिय कश्यप ,श्री मुकेश प्रियदर्शी ,श्री मधुकर,श्री राजेश कुमार के साथ साथ सैकड़ों लोग मौजूद थे। मंच संचालन स्वयं भारद्वाज गुरुकुल के प्राचार्य शिव प्रकाश भारद्वज ने किया जिससे आयोजन शिक्षाप्रद जानकारियों से ओत-प्रोत रहा।
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