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कानून की बुनियादी समझ हर नागरिक के लिए जरूरी : उप राष्ट्रपति

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर,  उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि कानून की बुनियादी समझ हर नागरिक के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि कानून सिर्फ वकीलों तक सीमित नहीं है। इसके हितधारकों में इजाफा हो रहा है क्योंकि सामान्य जीवन में भी कानून की जानकारी की जरूरत सबको होती है। उप राष्ट्रपति यहां सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स (एसआईएलएफ) और मेनन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एडवोकेसी ट्रेनिंग (एमआईएलएटी) के 10वें विधिक शिक्षक दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे। वेंकैया नायडू ने कहा कि विधिक शिक्षा के माध्यम से सामाजिक दर्शन और प्रतिबद्धता वाले वकील पैदा होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जिससे छात्रों में भारतीय संस्कृति और लोकाचार की गहरी समझ के साथ-साथ मित्रता की भावना, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की अहमियत और प्रासंगिकता की भावना भी पैदा हो। इस मौके पर देशभर के विधिक शिक्षकों और विधिक शिक्षण संस्थानों के लिए इस साल के अवार्ड की घोषणा की गई। उप राष्ट्रपति ने प्रोफेसर एन. आर. माधव मेनन को श्रेष्ठ विधिक शिक्षक सम्मान-2018 प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। महान्यायवादी के.के. वेणु गोपाल को एसआईएलएफ-एमआईएलएटी प्रोफेसर (न्यायमूर्ति) ए.बी.रोहतगी ज्यूरिस्ट अवार्ड 2018 प्रदान किया गया। भुवनेश्वर स्थित केआईआईटी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ को एसआईएलएफ-एमआईएलएटी लीगल एजुकेशन इनोवेशन अवार्ड 2018 प्रदान किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित लॉयड कॉलेज ऑफ लॉ को एसआईएलएफ-एमआईएएलटी इंस्टीट्यूशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2018 प्रदान किया गया। एसआईएनएफ-एमआईएलएटी अवार्ड फॉर बेस्ट लॉ स्टूडेंट 2018 बिहार के गया स्थित सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ की स्टूडेंट सान्या दरक्षन किश्वर और चेन्नई स्थित अंबेडकर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्टूडेंट भार्गवी कन्नन को प्रदान किया गया। श्रीेलंका की कोलंबो यूनिवर्सिटी के विधि विभाग, बांग्लादेश के ढाका स्थित एंपावरमेंट थ्रू लॉ ऑफ कॉमन पीपुल, नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ और भारत के एमिटी यूनिवर्सिट स्कूल ऑफ लॉ को एसआईएनएफ-एमआईएलएटी साउथ एशिया लीगल एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2018 प्रदान किया गया।

बेगूसराय : आपका बैंक आपके द्वार

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बेगूसराय (अरुण कुमार), आज 01 सितम्बर 2018 अपराह्न 3:15 मिंट पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पोस्ट ऑफिस को बैंक से जोड़ते हुए किया उद्घाटन।आज 01 सितम्बर को बेगूसराय के पोस्ट ऑफिस प्रधान कार्यालय समेत कई ब्रान्च कार्यालयों को आई पी पी बी यानी इण्डियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक का नामकरण करते हुए बैंकिंग से जोड़ दिया गया।आई पी पी बी की स्थापना भारत सरकार द्वारा स्वामित्व वाली शत प्रतिशत इक्विटी के साथ,डाक मंत्रालय,संचार मंत्रालय के तहत की गई है।इस मौके पर आए जिले के गणमान्य व्यकितयों और विधायकों के सम्मान में स्वागत गान प्रस्तूति किया गया।प्रस्तूति कि सुश्री दामिनी मिश्रा ने और इन्हें साथ दे रहे थे हारमोनियम पर साथ दे रहे थे प्रमोद जी,नाल वादक शम्भु जी,और खँजरी पर थे जाने माने एक्टर सह डायरेक्टर रामाश्रय श्रेय राज,दामिनी मिश्रा अपने आवाज से सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया।स्वागत गान के बाद मुख्य अतिथि श्री सुरेश शर्मा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।साथ में विशिष्ट अतिथियों में बेगूसराय के विधायक श्रीमती अमिता भूषण,नरेन्द्र सिंह उर्फ बोगो सिंह (विधायक मटिहानी) श्रीमती मंजू वर्मा (विधायक चेरिया बरियारपुर) नारायण यादव (बलिया)उपेन्द्र पासवान (बखरी) रामदेव राय (बछवाड़ा)वीरेन्द्र कुमार (तेघड़ा) उपेन्द्र प्रसाद सिंह (महापौर,बेगूसराय)राहुल कुमार जिलाधिकारी,आदित्य कुमार पुलिस अधीक्षक आदि गणमान्यों से सुशोभित मंच के उद्घोषक(मंच संचालन) प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा का काफी सराहनिय रहा।आई पी पी बी की विशेष जानकारी देते हुए वक्ताओं ने अपने अपने भाषण के दौरान विभिन्न पहलुओं पर इसके गुण विशेषणों पर अपना अपना विचार,मन्तव्य दिया। इसके बहुत सारे योजनायें इसमें शामिल है।इसका लाभ ग्रामीण नेटवर्क के साथ भारत के विशाल नेटवर्क और पहुँच के साथ1,30,000 एक्से पॉइंट  (डाकघर) जो ग्रामीण भारत में बैंक शाखाओं की संख्या लगभग 2.5 गुणा है।ग्रामीण शहरी और दूर दराज के क्षेत्रों में सहायता प्राप्त करवाने दरवाजे की बैंकिंग की पेशकश करने वाले 3,00,000+पोस्टमेन और ग्रामीण डाक सेवक (जी डी एस) की एक बड़ी कार्यबल आई पी पी बी बैंकिंग और भुगतान सरल बना देगा।आधार का उपयोग करके,यह मिनटों में पेपरलेस खाता खोला जाएगा और ग्राहकों को क्यूआर कार्ड और बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण की मदद से डिजिटल लेनदेन करने की अनुमति प्रदान करेगा। आई पी पी बी के लिए अंतिम सेवा भागीदार पोस्टमेन है।डाक विभाग (डी ओ पी) संप्रभु ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है,और इस तरह के संस्थानों के साथ साझेदारी आई पी पी बी अलग करेगा। इसके लाभार्थी होंगे:-वरिष्ठ नागरिक,विद्यार्थी,गृह निर्माता,किसान डी बी टी लाभार्थियों,ग्रामीण प्रभावकों किरण भंडार और छोटे व्यावसायिक आदि शामिल हैं।यह एक तरह से कैशलेश की निबों का जैसे श्री गणेश हुआ है,ऐसा प्रतीत होता लग रहा है।इस बैंकिंग का मायने ही कैशलेश इण्डिया का सपना पूरा करने जैसा ही प्रतीत ही रहा है,बाकी आगे क्या क्या ही सकता है यह तय आनेवालादिन ही तय करेगा।

अनुशासन की बात करने को इन दिनों ‘निरंकुशता’ करार दिया जाता है : मोदी

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नयी दिल्ली, दो सितंबर,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था में अनुशासन के महत्व को प्राथमिक बताते हुये कहा है कि इन दिनों अनुशासन को ‘‘निरंकुशता’’ करार दिया जाता है।  मोदी ने रविवार को उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू की पुस्तक ‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड’ के विमोचन समारोह में उपराष्ट्रपति की अनुशासनप्रिय कार्यशैली का जिक्र करते हुये कहा कि दायित्वों की पूर्ति में सफलता के लिये नियमबद्ध कार्यप्रणाली अनिवार्य है। व्यवस्था और व्यक्ति, दोनों के लिये यह गुण लाभप्रद होता है।  नायडू ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में एक वर्ष के अपने कार्यकाल के अनुभवों का सचित्र संकलन ‘कॉफी टेबल बुक’ के रूप में किया है।  पुस्तक का विमोचन करने के बाद मोदी ने कहा ‘‘वैंकेया जी अनुशासन के प्रति बहुत आग्रही हैं और हमारे देश की स्थिति ऐसी है कि अनुशासन को अलोकतांत्रिक कह देना आजकल सरल हो गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘अगर कोई अनुशासन का जरा सा भी आग्रह करे तो उसे निरंकुश बता दिया जाता है। लोग इसे कुछ नाम देने के लिये शब्दकोष खोलकर बैठ जाते हैं।’’  प्रधानमंत्री ने कहा कि वैंकेया जी की यह पुस्तक बतौर उपराष्ट्रपति उनके अनुभवों का संकलन तो है ही, साथ में इसके माध्यम से उन्होंने इसके माध्यम से एक साल में किये गये अपने काम का हिसाब देश के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि नायडू ने उपराष्ट्रपति की संस्था को नया रूप देने का खाका भी इस पुस्तक में खींचा है। जिसकी झलक इसमें साफ दिखती है।

उल्लेखनीय है कि नायडू ने 245 पृष्ठ की इस पुस्तक में पिछले एक साल के अपने अनुभवों को साझा किया है। इसमें 465 तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुये उन्होंने पिछले एक साल में देश के 27 राज्यों की यात्रा, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के दौरे, विभिन्न सम्मेलन और समारोहों से जुड़े अपने अनुभव पेश किये हैं।  मोदी ने नायडू को स्वभाव से किसान बताते हुये कहा कि उनके चिंतन में हमेशा देश के गांव, किसान और कृषि की बात समाहित होती है। उन्होंने कहा कि इसका सटीक उदाहरण नायडू द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के गठन के समय अपने लिये ग्रामीण विकास मंत्रालय देने की इच्छा व्यक्त करना था।  मोदी ने कहा ‘‘यद्यपि अटल जी वैंकेया जी की प्रतिभा को देखते हुये उन्हें कोई अन्य अहम मंत्रालय देना चाहते थे लेकिन इसकी भनक लगने पर वैंकेया जी ने खुद अटल जी के पास जाकर अपने दिल की इच्छा व्यक्त कर दी।’’ उन्होंने कहा कि गांवों को शहरों से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सूत्रपात का श्रेय वैंकेया जी को जाता है।  इस दौरान नायडू ने भी कृषि को सतत विकास की प्रक्रिया से जोड़ने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि मौजूदा सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। नायडू ने महात्मा गांधी के ‘गांव की ओर लौटने’ के आह्वान का जिक्र करते हुये कहा कि ग्रामीण अंचल की मजबूती के बिना भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत अधूरी है।  नायडू ने भारतीय दर्शन में वसुधैव कुटुंबकम को आधार सूत्र बताते हुये कहा कि समाज में धर्म, जाति या किसी भी आधार पर भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने देश की विकासयात्रा में महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के समुदायों सहित सभी वर्गों की भूमिका को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।  इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी नायडू को विलक्षण प्रतिभा का धनी बताते हुये कहा कि उनकी यह पुस्तक सही मायने में देश और समाज के प्रति उनकी सोच का आइना है। इसलिये वह इसे कॉफी टेबल बुक के बजाय ‘सोच टेबल बुल’ कहना पसंद करेंगी। इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एच डी देवगौड़ा और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे।

लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू होगा : डॉ रामविलास वेदांति

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जयपुर, दो सितंबर,श्री राम जन्म भूमि अयोध्या न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रामविलास वेदांति महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अगले साल आम चुनावों से पहले शुरू होने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए हिन्दू और मुसलमानों को एक होना पड़ेगा। 'मिशन मोदी अगेन पीएम'अभियान के सिलसिले में यहां आए पूर्व सांसद वेदांति ने भाषा से कहा, ’‘इस्लाम को हिंदुओं से खतरा नहीं है इसीलिए विश्व के मुसलमान भारत के साथ समझौता करके, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द चाहते हैं।’ वेदांति के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी तरह आगे बढ़ते रहे तो वह दिन दूर नहीं है जब अयोध्या में मंदिर बनना शुरू होगा। उन्होंने इस मामले में आध्यात्मिक गुरू श्री श्रीरविशंकर की भूमिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘श्री श्री रविशंकर कौन होते है समझौता करवाने वाले.. संघर्ष हमने किया, श्रीश्री कहां से आ गये।’’  उन्होंने कहा ‘‘एनजीओ चलाने वाले इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।’’  वेदांति ने कहा कि शिया समुदाय ने लिखकर दे दिया है कि वह मस्जिद लखनऊ में बनाना चाहते हैं। इसके लिये हम तैयार हैं। मस्जिद या तो अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर शाहनवा में बन सकती है और या फिर लखनऊ के शिया बहुल क्षेत्र में बन सकती है।

शरिया अदालतों के गठन को उच्चतम न्यायालय में दी गयी चुनौती

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नयी दिल्ली, दो सितंबर, निकाह, तलाक और अन्य मामलों पर फैसले के लिए शरिया अदालतों के गठन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करने वाली एक मुस्लिम महिला की नयी याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने विचार किया है।  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने याचिका दायर करने वाली जिकरा से कहा कि मुसलमानों में व्याप्त बहुविवाह और निकाह-हलाला के मामले में चल रही सुनवाई में पक्षकार बनने के लिए वह नये सिरे से अर्जी दायर करे। पिछले वर्ष सुन्नी मुसलमानों में व्याप्त फौरी तीन-तलाक की पुरानी परंपरा को खत्म करने का फैसला सुनाने वाले न्यायालय ने समुदाय में व्याप्त बहु-विवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 26 मार्च को पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया था। मुसलमानों में व्याप्त बहु-विवाह की प्रथा एक पुरूष को चार महिलाओं के साथ विवाह का हक देती है। वहीं, निकाह हलाला में यदि एक पुरूष अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद उससे पुन:विवाह करना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में महिला को पहले किसी अन्य पुरूष के साथ विवाह कर, पत्नी की भांति यौन संबंध स्थापित करने होंगे। फिर दूसरे पति से तलाक लेने के बाद इद्दत की अवधि गुजारने के बाद ही वह अपने पहले पति से विवाह कर सकेगी। उत्तर प्रदेश की रहने वाली 21 वर्षीय जिकरा दो बच्चों की मां हैं। न्यायालय में उनकी ओर से अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय पेश हुए थे। जिकरा ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया है कि धारा 498ए के तहत तीन-तलाक को क्रूरता जबकि ‘निकाह हलाला’, ‘निकाह मुताह’ और ‘निकाह मिस्यार’ को धारा 375 के तहत बलात्कार घोषित किया जाये। उसकी अर्जी में कहा गया है कि बहु-विवाह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत अपराध है। जबकि भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ निकाह-हलाला और बहु-विवाह की अनुमति देता है। जिकरा ने अपनी अर्जी में तीन तलाक, निकाह हलाला और अन्य कानूनों तथा परंपराओं के हाथों अपनी प्रताड़ना की बात कही है। महिला को दो बार तलाक का सामना करना पड़ा और अपने ही पति से निकाह करने के लिए निकाह-हलाला से गुजरना पड़ा।

निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान निजी सुरक्षा गार्ड के हवाले नहीं होगी ईवीएम वीवीपैट

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नयी दिल्ली, दो सितंबर,चुनाव आयोग ने विधानसभा अथवा लोकसभा के चुनाव में निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के भंडारण केन्द्रों की सुरक्षा में सिर्फ और सिर्फ सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा है।  आयोग ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्चाचन अधिकारियों को जारी निर्देश में स्पष्ट किया है कि मशीनों के भंडारण केन्द्र की सुरक्षा में कहीं भी निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्ड, यहां तक कि सिविल डिफेंस, गैर पुलिस सेवा के सुरक्षा कर्मियों और वॉलेंटियर आदि की तैनाती बिल्कुल नहीं की जाये। उल्लेखनीय है कि आयोग ने चुनाव से पहले मशीनों की प्रारंभिक चरण की जांच (एफएलसी) और सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को लेकर गत वर्ष 30 अगस्त को जारी विस्तृत दिशानिर्देशों में इस स्पष्टीकरण को शामिल करते हुये गत 29 अगस्त को यह आदेश जारी किया है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पिछले आदेश में मशीनों के भंडारण केन्द्र (वेयर हाउस) और स्ट्रॉंग रूम (जिस कमरे में मशीनें रखी गयी हैं) में राज्य सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की हर पल निगरानी सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी। लेकिन ताजा आदेश में निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षागार्ड अथवा सिविल डिफेंस आदि के गार्ड की तैनाती नहीं करने का स्पष्टीकरण जोड़ कर आयोग ने साफ कर दिया है कि इस काम में किसी भी परिस्थिति में सिर्फ सशस्त्र पुलिस बल के जवान ही तैनात होंगे।  उन्होंने बताया कि इससे पहले भी ईवीएम वीवीपैट की सुरक्षा में सशस्त्र पुलिस बलों को ही तैनात किया जाता रहा है। इस बारे में किसी भी प्रकार के भ्रम की गुंजाइश नहीं रहे, इसके लिये ताजा निर्देश में यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है। हालांकि इस आदेश में आयोग ने यह छूट जरूर दी है कि नियमित पुलिस बल के जवानों की तैनाती नहीं हो सकने जैसी अपवाद की स्थिति में होमगार्ड के जवानों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव तथा अगले साल लोकसभा के संभावित चुनाव के मद्देनजर आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने की कवायद शुरु कर दी है। आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भंडारगृहों में वीवीपैट युक्त ईवीएम की 24 घंटे पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करते हुये एफएलसी से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक हर पल सीसीटीवी कैमरों से रिकॉर्डिंग करते हुये निगरानी करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं। पूरी प्रक्रिया में सशस्त्र पुलिस बल की कम से कम एक टुकड़ी से लेकर एक प्लाटून तक जवानों की तैनाती की जानी चाहिये। 

चिदंबरम ने की मोदी की आलोचना, राजग शासनकाल में डूबे कर्ज की मांगी जानकारी

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नयी दिल्ली, दो सितंबर, संप्रग शासनकाल में दिए गए कर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को पूछा कि राजग सरकार को यह बताना चाहिए कि उनके समय में दिए गए कितने ऋण डूब गए।  कांग्रेस नेता ने इस संबंध में कई ट्वीट किए।  उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'मई 2014 के बाद कितना कर्ज दिया गया और उनमें से कितनी राशि डूब (नॉन पर्फोर्मिंग एसेट्स) गई।  चिदंबरम ने कहा कि यह सवाल संसद में पूछा गया लेकिन अब तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है।  शनिवार को प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को एनपीए के लिये जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि 12 बड़े डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इन पर 1.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और उन्हें 2014 से पहले यह कर्ज दिया गया था।  मोदी ने कहा था कि 27 अन्य बड़े डिफॉल्टरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उनपर तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये का बकाया है।  चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब कहते हैं कि संप्रग सरकार के समय दिए गए कर्ज डूब गए, इस बात को अगर सही मान भी लिया जाए तो उनमें से कितने कर्जों का मौजूदा राजग सरकार के कार्यकाल में नवीकरण किया गया और उनमें से कितने को रॉल ओवर (वित्तीय करारनामे की शर्तों पर पुन: समझौता करना) (मतलब एवरग्रीनिंग) किया गया।’’  पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'उन कर्जों को वापस क्यों नहीं लिया गया? उन कर्जों को एवरग्रीन क्यों किया गया।'  एवरग्रीन ऋण ऐसा कर्ज होता है जिसमें एक खास अवधि के भीतर मूलधन का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। 

विशेष : एक सोच,जो मनुष्य को दार्शनिक बनाता है। डॉ•नलिनी रंजन

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बेगूसराय (अरुण कुमार) कृष्ण का व्यक्तित्व विराट,बहु-आयामी, अद्भुत है।सम्पूर्ण मानव जाति के लिए आदर्श और अनुकरणीय है। उनका शैशव-काल,उनकी कैशोर्यवस्था, उनका यौवन, पूर्ण-पुरुषत्व, प्रौढ़ावस्था,यहाँ तक कि उनका बृद्ध-काल भी अलौकिक और लालित्य-पूर्ण है। उनका बचपन सूरदास की सरस कविताओं में जीवंत है, वे माखन चोर हैं, हमउम्र बालकों के साथ अनेक चित्ताकर्षक क्रीड़ाएं, माता से रूठना,मनाना,जिद करना,अनेक बहाना,ओर उनके बाल सुलभ तर्क देना, कितना आकर्षक है। उनका कैशोर्य उनका नवयौवन,जयदेव के गीत-गोविन्दम में आज भी साकार हो उठता है।लगता है ये सब आज की घटना हो। या यों कहें, मेरी चाहत ,कृष्ण रूपी पात्र के रूप में जँह-तह लीला कर रही हों।उनकी लीलाओं को याद करते करते हम अपने आपको कृष्ण में विलीन कर देते हैं, बचपन से नव यौवन, में परिवर्तित होती मित्राणि राधा और उनकी सहेलियों को छेड़ना, उनके साथ चुहलवाजी करना, कंकरिया मार घड़े फोड़ देना,उनके वस्त्र छुपा देना, उनकी शिकायत पर, मार खाना ये उनकी बालापन से किशोरावस्था तक के काल की चित-भावन,मनोरम लीलाएँ मानो आज भी वृद्धावस्था को प्राप्त मनुजों में भी मानो जवानी का उमंग भर देता है। अभीतक उन्हें लिंग-भेद का ज्ञान नहीं है,वे राधा को अपनी शैशव-काल का ही मित्र मानते हैं, उन्हें विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण तो हो रहा है पर,पुरुष-स्त्री के बीच का स्वाभाविक प्रेम का मर्म नहीं मालूम। साधारण लोग उनकी उच्छऋंखला मानते हैं,पर यह उस अवस्था का स्वाभाविक दर्शन (फिलॉसफी) है। यौवन में कृष्ण का राधा से परिपकत्व सात्विक प्रेम आज भी अमर और आकर्षक है। इस उम्र में उनका प्रेम कभी मर्यादा नहीं लांघता है।एक दूजे के लिए प्राण त्याग सकते हैं,पर शारीरिक संबंध नहीं बनाते। धन्य है,उनके आदर्श प्रेम की सीख! वह निश्छल,वासनारहित प्रेम करते हैं,जिसमें चाहत है,समर्पण है,त्याग है,पर रत्तीभर भी वासना नहीं है। प्रेम को विवाह में परिवर्तन करने की रुचि नहीं है।यह दो आत्माओं का प्रेम है,शरीर का सहज आकर्षण नहीं।इसीलिए राधा और कृष्णा का यह प्रेम,अमर है,अलौकिक  है,आदर्श है।

आज भी अनुकरणीय है,कल भी अनुकरणीय रहेगा।
उनका पूर्ण पुरुषत्व उनके सामाजिक एवं गार्हस्थ्य जीवन का आदर्श है। सत्य और मित्र की भूमिका महाभारत का सार है,वहीं बहन की रक्षा में (द्रोपती) की विषम परिस्थिति में चीर-हरण से बचाव में उनकी भूमिका आज भी हर मन को मगन कर देता है। भाई-बहन के पावन संबंध का उत्कृष्ठ उदाहरण है। प्रौढ़ावस्था में उनका ज्ञान के अजस्त्र प्रबाह,"गीता"है। पांच हज़ार वर्ष पूर्व का ज्ञान आज के इलेक्ट्रॉनिक युग मे भी कितना सार्थक एवम सत्य है; अपरिमित और अपरिमेय है।हे माधव आपसे ज्यादा कौन समझ सकता है? विस्व इस विराट पुरुष के अलौकिक ज्ञान से अविभूत है। ऐसे आदर्श पुरुष की मृत्यु नहीं हो सकती,किन्तु विधि के विधान खंडित न हो, उनकी दैहिक मृत्यु होती है। इतने बड़े विराट पुरुष का पुनर्निमाण भी हम सब की अहम लालसा है। ऐसे सम्पूर्ण मानवीय और दैवीय-गुण से परिपूर्ण एक अलौकिक विराट आदर्श पुरुष का आज जन्म दिन है। इस महान अवसर पर आपको शुभकामना देता हूँ कि उनके जीवन के हर क्रिया-कलाप से सीख लें,कृष्ण के आदर्श को आत्मसात करें।रक्षक बनें भक्षक नहीं।

अभिनेता हमेशा अकेला होता है : शाहिद कपूर

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मुंबई, दो सितंबर, अभिनेता शाहिद कपूर ने कहा कि लोकप्रियता, ग्लैमर और प्रशंसा जैसी बातें सपनों में अच्छी लगती हैं लेकिन अभिनेता हमेशा अकेला होता है जो भावनाओं को व्यक्त करने की तलाश में रहता है।  37 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि अकेले होने पर अपनी भावनात्मकता से खुद को मजबूत बनाते हैं जो एक कलाकार के तौर पर उन्हें समृद्ध करती है।  शाहिद ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘बतौर कलाकार आप हमेशा अकेले होते हैं। आप हर वक्त सुर्खियों में रहते हैं, और लोग उसी तौर पर देखते हैं। मेरा मानना है कि जब भी कुछ भावनात्मक होता है, तो वह प्रदर्शन में दिखाई देता है।’’  उन्होंने अकेलेपन के अहसास को अपने दिल के बेहद करीब बताया और कहा कि इस वक्त अपने प्रति बेहद ईमानदार होता हूं और मुमकिन है कि अंदर से बदल रहा होता हूं।  उन्होंने कहा कि अभिनेता क्या करता है, क्या कहता है। इसलिए अंदर जितना होता है उतना ही बाहर दिखाना होता है। उन्होंने इन सब को संभालना सीखा है और उनका मानना है कि लंबे कॅरियर के लिए यह बेहद जरूरी होता है। अन्यथा यह एक बेहद अजीब काम है। आप लगातार यहां ऊपर नीचे होते हैं। इसलिए अच्छी स्थान की तलाश में रहते हैं।  शाहिद ने कहा कि यदि बेहतर करना चाहते हैं तो बतौर कलाकार आपका ‘स्वार्थी’ होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब अपने कॅरियर को देखता हूं तो महसूस करता हूं कि मैंने कई बेहद खराब फिल्में की हैं और कई बेहद अच्छी फिल्में की हैं।’’ 

समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण बैंकाक के जलमग्न होने का खतरा !

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बैंकाक, दो सितंबर, जलवायु परिवर्तन पर बातचीत की मेजबानी के लिए तैयार बैंकाक खुद को पर्यावरण संकट से बचाने के लिए जूझ रहा है। गौरतलब है कि मौसम से जुड़ी एक गंभीर चेतावनी में कहा गया है कि यह शहर महज एक दशक में आंशिक रूप से पानी में डूब जाएगा। थाईलैंड की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी के लिए मंगलवार से बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। तापमान बढ़ने, मौसम के असामान्य पैटर्न के समय के साथ और बदतर होने की आशंका जतायी गयी है। इससे सरकारों पर 2015 की पेरिस जलवायु संधि को अमली जामा पहनाने का दबाव और बढ़ गया है। एक समय में दलदली जमीन पर बसा बैंकाक समुद्र स्तर से महज डेढ़ मीटर यानी पांच फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसी वजह से समुद्र का जल स्तर बढ़ने से इस शहर को सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है। इसके अलावा जकार्ता और मनीला जैसे दक्षिण एशियाई शहरों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ग्रीनपीस के तारा बुआकामसरी ने कहा, “विश्व बैंक की रपट के मुताबिक भारी बारिश, मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण 2030 तक बैंकाक का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। वर्तमान में राजधानी हर वर्ष एक से दो सेंटीमीटर डूब रहा है और निकट भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा है।” थाईलैंड की खाड़ी के निकट के समुद्र चार मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से ऊपर उठ रहे हैं।

पाकिस्तान को मिलने वाले 30 करोड़ डॉलर पर पुन:विचार चाहता है पेंटागन

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वाशिंगटन, दो सितंबर, पेंटागन ने अमेरिकी संसद से अनुरोध किया है कि वह कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार करे क्योंकि पाकिस्तान दक्षिण एशिया रणनीति के तहत ठोस कार्रवाई करने में असफल रह रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता ने  बताया कि दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार किया गया है। रक्षा विभाग ने जून/जुलाई, 2018 में इसपर प्राथमिकता से विचार किया क्योंकि 30 सितंबर, 2018 को इस निधि के प्रयोग की अवधि समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही रक्षा विभाग अभी तक कोलिजन सपोर्ट फंड के रूप में पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार कर चुका है। इस निधि पर पुन:विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने यह प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। एक सवाल के जवाब में फकनर ने कहा, यह कोई नया फैसला या नयी घोषणा नहीं है।

मिस्र के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर शिकंजा कसने वाले कानून को मंजूरी दी

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काहिरा, दो सितंबर,  मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इंटरनेट पर शिकंजा कसने के लक्ष्य से एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है जिसके तहत अधिकारी सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों पर नजर रख सकेंगे। इस कानून को देश की संसद ने जुलाई में ही मंजूरी दे दी थी। इसके तहत देश के सुप्रीम काउंसिल फॉर मीडिया रेगुलेशन को यह अधिकार होगा कि वह सोशल मीडिया, वेबसाइट या ब्लॉग पर 5,000 से ज्यादा फॉलोवर्स वाले लोगों पर नजर रख सके। कल जारी राजपत्र में कहा गया है कि ‘फर्जी खबरें प्रकाशित या प्रसारित करने या कानून का उल्लंघन करने, हिंसा भड़काने या घृणा फैलाने वाली सूचनाओं का प्रसारण करने वाले लोगों के अकाउंट को निलंबित करने का अधिकार परिषद के पास होगा। नया कानून इंटरनेट पर शिकंजा कसने के उपायों की श्रृंखला में से एक है। इस कानून पर मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि इसका उद्देश्य ऑनलाइन अभिव्यक्ति की आजादी को कम करना है क्योंकि इंटरनेट सीसी के शासन को लेकर सार्वजनिक बहस के लिए उपलब्ध अंतिम मंचों में से एक है।

हम चौथा टेस्ट जीत सकते है : बटलर

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साउथम्पटन, दो सितंबर, भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अर्धशतकीय पारी खेल इंग्लैंड को मुश्किल हालात से उबारने वाले बल्लेबाज जोस बटलर ने कहा कि उनकी टीम का पलड़ा भारी है और वे मैच जीत सकते हैं। कप्तान जो रूट (48 रन) के रन आउट होने के बाद टीम मुश्किल में थी। इस समय इंग्लैंड के 122 रन पर पांच विकेट गिर गये थे और उनकी बढ़त 100 रन से भी कम थी लेकिन बटलर ने 69 रन की पारी से टीम को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया। बटलर की पारी के कारण टीम तीसरे दिन स्टंप्स तक आठ विकेट पर 260 रन बना लिये। उन्होंने बेन स्टोक्स (110 गेंद में 30 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 56 रन और सैम कुरेन (67 बाल में नाबाद 37 रन) के साथ सातवें विकेट लिए 55 रन की साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। शनिवार को तीसरे दिन के खेल के बाद उन्होंने कहा, ‘‘ हां, निश्चित तौर पर (हम जीत सकते हैं)। आपने देखा होगा कि पिच टूट रही है। दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए ऑफ स्टंप के बाहर पिच काफी खुरदुरी है जिसका फायदा मोईन अली और आदिल रशीद को होगा। हमने देखा है कि तेज गेंदबाजों को भी असमान उछाल मिल रहा है।’’  स्टोक्स के साथ साझेदारी के बारे में पूछे जाने पर बटलर ने कहा, ‘‘ हमने विभिन्न प्रारूपों के अलग-अलग स्थितियों में कई बार एकसाथ बल्लेबाजी की हैं इससे हमें एक दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का मौका मिला है। वह बायें हाथ से बल्लेबाजी करता है और मैं दाएं हाथ से, हम एक दूसरे को स्ट्राइक देने की कोशिश करते हैं ताकि गेंदबाजों को बार-बार लाइन एवं लेंथ बदलनी पड़े। ’’ 

बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस से आया सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

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नयी दिल्ली, दो सितंबर,देश में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने के मामले में मॉरीशस शीर्ष पर रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 में देश को कुल 37.36 अरब डॉलर का एफडीआई मिला। इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 36.31 अरब डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में मॉरीशस के बाद दूसरा स्थान सिंगापुर का रहा है। 2017-18 में मॉरीशस से 13.41 अरब डॉलर और सिंगापुर से 9.27 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा क्रमश: 13.38 अरब डॉलर और 6.52 अरब डॉलर था। हालांकि, नीदरलैंड से किए जाने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई। 2017-18 में यह 2.67 अरब डॉलर रहा जबकि 2016-17 में यह 3.23 अरब डॉलर था। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 के आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई घटा है। यह 7.06 अरब डॉलर रहा जबकि 2016-17 में यह 11.97 अरब डॉलर था। हालांकि संचार सेवाओं में एफडीआई इस दौरान बढ़ा है। इस क्षेत्र में 2017-18 में एफडीआई निवेश 8.8 अरब डॉलर रहा जो 2016-17 में 5.8 अरब डॉलर था। इसी तरह खुदरा एवं थोक कारोबार क्षेत्र में भी एफडीआई बढ़कर 4.47 अरब डॉलर हो गया जो 2016-17 में 2.77 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन अवधि में वित्तीय सेवा क्षेत्र में एफडीआई निवेश बढ़कर 4.07 अरब डॉलर हो गया जो 2016-17 में 3.73 अरब डॉलर था। इस बारे में एसोचैम का कहना है, ‘‘2017-18 में देश को मिले कुल 37.36 अरब डॉलर के एफडीआई का 50% से ज्यादा हिस्सा इन क्षेत्रों को मिला है। यह अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्रों में निवेश को लेकर दुनिया भर की रुचि को बताता है। इसमें ई-वाणिज्य, वित्तीय तकनीक इत्यादि शामिल हैं।’’ 

पूर्व JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार बेगूसराय से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे

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पटना, दो सितंबर, जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बेगूसराय से भाकपा के उम्मीदवार के तौर पर महागठबंधन :राजद, कांग्रेस, हम और राकांप: के सहयोग से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने बताया कि उनकी पार्टी सहित सभी वामदल चाहते हैं कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस जैसे अन्य दल भी चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें । राजद प्रमुख लालू प्रसाद के भी इस संबंध में अपनी सहमति दिए जाने की चर्चा के बारे में सत्यनारायण ने कहा कि पूर्व में उनसे हुई वार्ता के दौरान वह एक सीट कन्हैया कुमार के लिए छोड़ देने को लेकर राजी थे । उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने अगले आम चुनाव में बिहार में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय हमख्याल दलों के साथ वार्ता के बाद लिया जाएगा। जिन छह सीटों पर भाकपा अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है, उनमें बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी, खगड़िया, गया और बांका शामिल हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कन्हैया कुमार ने बेगूसराय से चुनाव लड़ने को लेकर अपनी सहमति दी है तो सत्यनारायण ने कहा कि इसके लिए वह राजी हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कन्हैया बेगूसराय से भाकपा के उम्मीदवार होंगे पर महागठबंधन के घटक दलों राजद, कांग्रेस, हम सेक्युलर और राकांपा तथा अन्य वामदल का उन्हें समर्थन प्राप्त होगा । कन्हैया बेगूसराय जिला के बरौनी प्रखंड अंतर्गत बिहट पंचायत के मूल निवासी हैं जबकि उनकी मां एक आंगनवाड़ी सेविका तथा उनके पिता एक छोटे किसान हैं। कभी वामपंथियों का गढ माने जाने वाले बेगूसराय से वर्तमान में सांसद भाजपा के वरिष्ठ नेता भोला सिंह हैं । 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार तनवीर हसन दूसरे तथा भाकपा उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह, जदयू के समर्थन से तीसरे स्थान पर रहे थे ।

राफेल घोटाले पर मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं : सिब्बल

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इंदौर, दो सितंबर,विवादास्पद राफेल सौदे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि फ्रांस के साथ 36 लड़ाकू विमानों के सौदे के इस कथित घोटाले को लेकर भारत सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राफेल सौदा बहुत बड़ा घोटाला है जिसका मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। यह सौदा विमान खरीदी के तय प्रावधानों को नजरअंदाज करते हुए किया गया। इस सौदे से पहले विदेश मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय तक को भरोसे में नहीं लिया गया।"  पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि तत्कालीन संप्रग सरकार के शासन के समय उचित मोल-भाव के बाद वर्ष 2012 में किये गये अनुबंध के मुताबिक एक राफेल विमान का खरीद मूल्य 560 करोड़ रुपये तय किया गया था। लेकिन मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा राजग सरकार ने सत्ता में आने के बाद यह अनुबंध रद्द कर दिया और वर्ष 2016 में नये अनुबंध के तहत एक राफेल विमान के बदले 1,600 करोड़ रुपये की कीमत चुकाने का सौदा किया। उन्होंने कहा, "हम राफेल विमानों के निर्माण में प्रयुक्त तकनीकी की जानकारी नहीं मांग रहे हैं। हम सरकार से बस इस बात का खुलासा चाहते हैं कि वर्ष 2012 के मुकाबले लगभग तीन गुना मूल्य पर इन विमानों का सौदा किस आधार पर किया गया।"  सिब्बल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मांग दोहरायी कि राफेद सौदा मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करायी जानी चाहिये। उन्होंने एक सवाल पर संकेत दिये कि कांग्रेस राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा फिलहाल नहीं खटखटायेगी। वरिष्ठ विधिवेत्ता ने कहा, "जब तक हमें इस मामले में जरूरी दस्तावेज नहीं मिल जाते, तब तक हम अदालत नहीं जा सकते।"  विवादास्पद राफेल सौदे के जवाब में कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार के समय सामने आये बोफोर्स घोटाले का मुद्दा गर्म किये जाने पर उन्होंने भाजपा नेताओं को "झूठों के सरदार"करार देते हुए कहा, "क्या बोफोर्स मामले में आज तक कुछ हुआ? अदालत ने लोगों को इस मामले में बरी कर दिया। लेकिन हम देखेंगे कि वर्ष 2019 के बाद ये लोग (भाजपा नेता) राफेल सौदा मामले में किस तरह आरोपों से मुक्त होते हैं।"वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के उद्योगपति दामाद रॉबर्ट वड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर गुरुग्राम में जमीन सौदों में कथित घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस संबंध में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा, "हमें पहले से पता था कि जैसे-जैसे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होगी, वैसे-वैसे ऐसे मामले बढ़ते जायेंगे।" 

सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को लगायी फटकार. कहा शीर्ष अदालत ‘पिकनिक की जगह’ नहीं

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नयी दिल्ली, दो सितंबर, एक याचिका के लंबित होने की बात कहकर अदालत को ‘गुमराह करने के लिए’ आयकर विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत ‘पिकनिक की जगह’ नहीं है और उससे इस तरह का बर्ताव नहीं किया जा सकता।  न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने विभाग पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि वह इस बात से ‘हैरान’ है कि आयकर आयुक्त के जरिए केंद्र ने मामले को इतने हल्के में लिया है।  पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आयकर विभाग ने 596 दिनों की देरी के बाद याचिका दायर की और विलंब के लिए विभाग की ओर ‘अपर्याप्त और अविश्वसनीय’ दलीलें दी गईं।  इस पीठ में न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी शामिल थे। न्यायालय ने विभाग के वकील को कहा, “ऐसा मत कीजिए। उच्चतम न्यायालय पिकनिक की जगह नहीं है। क्या आप इस तरह से भारत के उच्चतम न्यायालय से बर्ताव करते हैं।”  पीठ ने कहा, “आप उच्चतम न्यायालय से इस तरह से पेश नहीं आ सकते।”  शीर्ष अदालत ने कहा कि गाजियाबाद के आयकर आयुक्त की ओर से दायर एक याचिका में विभाग ने कहा कि 2012 में दी गयी एक उसी तरह की अर्जी अब भी अदालत में लंबित है।  पीठ ने कहा कि विभाग जिस मामले को लंबित बता रहा है, उसका फैसला सितंबर 2012 में ही कर दिया गया था।न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा, “दूसरे शब्दों में कहें तो याचिकाकर्ताओं ने अदालत के समक्ष बिल्कुल गुमराह करने वाला बयान दिया है। हम हैरान हैं कि आयकर आयुक्त के जरिए भारत सरकार ने मामले को इतने हल्के में लिया।”  पीठ ने विभाग को चार हफ्ते के भीतर उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति के समक्ष 10 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि रुपये का इस्तेमाल किशोर न्याय से जुड़े मुद्दों के लिए किया जाएगा।

स्वतंत्र निदेशक बनने के लिए देनी होगी परीक्षा, सरकार कर रही है तैयार

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नयी दिल्ली, दो सितंबर,सरकार ऐसे लोगों के लिए परीक्षा की तैयारी कर रही है जो किसी कंपनी में स्वतंत्र निदेशक बनना चाहते हैं। कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री पी पी चौधरी ने कहा कि इसके पीछे मकसद कंपनियों के कामकाज के संचालन में सुधार लाना है। हालांकि, कंपनी कानून, 2013 के तहत कामकाज का बेहतर संचालन सुनिश्चित करने को काफी कड़े प्रावधान हैं। लेकिन हाल के समय में कई कंपनियों में गड़बड़ी को लेकर स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका जांच के घेरे में है।  ऐसे समय जबकि सरकार कंपनियों के कामकाज में अपनी भूमिका कम करने का प्रयास कर रही है, स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है।  चौधरी ने कहा कि सरकार कामकाज के संचालन को लेकर चीजों को दुरुस्त करने को प्रतिबद्ध है। कंपनियों के कामकाज में स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को मजबूत करना इसी दिशा में एक प्रयास है। चौधरी ने कहा कि किसी कंपनी के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक बनने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। उनके लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स या परीक्षा पर भी विचार किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस पर काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला लेने से पहले अंशधारकों से विचार विमर्श किया जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव ऐसे नए लोगों के लिए जो निदेशक बनना चाहते हैं। पहले से जो लोग स्वतंत्र निदेशक के पद पर हैं उनके लिए यह यह परीक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वतंत्र निदेशकों के लिए अनुकूलन कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। 

धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव किसी भी राष्ट्रवादी के लिये स्वीकार्य नहीं : नायडू

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नयी दिल्ली, दो सितंबर, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारतीय संस्कृति को विश्व संस्कृति बताते हुये कहा है कि सभी के कल्याण और सुख की कामना करने वाली संस्कृति में धर्म, जाति और लिंग या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किसी भी राष्ट्रवादी के लिये स्वीकार्य नहीं है। नायडू ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में एक साल के कार्यकाल के अनुभवों पर आधारित अपनी पुस्तक ‘‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड’’ के विमोचन समारोह में कहा ‘‘भारतीय संस्कृति विश्व की परम उत्कृष्ट संस्कृति है। इसको कायम रखना चाहिये।’’ उन्होंने कहा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ भारतीय दर्शन की आत्मा है और इसमें सबका ख्याल रखने का संदेश निहित है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एच डी देवगौड़ा, वित्त मंत्री अरूण जेटली और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा के साथ नायडू द्वारा संकलित सचित्र पुस्तक का विमोचन किया। नायडू ने देश की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की जरूरत पर बल देते हुये कहा ‘‘भारत माता की जय के उद्घोष का आशय जाति और पंथ को परे रखते हुये देश के सवा सौ करोड़ लोगों की जय की कामना करना है।’’  सामाजिक भेदभाव को इसके विरुद्ध बताते हुये उपराष्ट्रपति ने कहा ‘‘धर्म के आधार पर, जाति के आधार पर या लिंग के आधार पर, किसी भी तरह का भेदभाव किसी भी राष्ट्रवादी के लिये स्वीकार्य नहीं है। हममें से प्रत्येक की यही भावना होनी चाहिये और मुझे आशा है कि हम सब इसी दिशा में आगे बढेंगे, जिससे देश भी तेज गति से आगे बढ़ सके।’’  इस दौरान नायडू ने संसदीय प्रणाली में उच्च सदन के महत्व का उल्लेख करते हुये कहा कि इसका विस्तार संसद से राज्यों तक होना चाहिये। नायडू ने कहा ‘‘सभी राज्यों की विधानसभाओं में उच्च सदन की जरूरत को देखते हुये एक राष्ट्रीय नीति बनाने पर फैसला करने का यह सही समय है।’’ 

वाराणसी : क्रूज से कर सकेंगे वाराणसी के घाटों की सैर

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वाराणसी दो सितंबर, वाराणसी आने वाले पर्यटक अब आलीशान क्रूज पर सवार होकर गंगा के घाटों और भव्य गंगा आरती का नजारा ले सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज वाराणसी में क्रूज का उदघाटन कर दिया है।  मुख्‍यमंत्री योगी ने खिड़किया घाट पर मंत्रोच्चार के बीच अलकनंदा क्रूज का रिबन काटकर शुभारंभ किया। मुख्‍यमंत्री ने इस क्रूज में बैठकर खिड़किया घाट से भैंसासुर घाट तक का सफर भी किया। इसके बाद अब इस क्रूज को आम जनता के लिये खोल दिया गया है। सोमवार से सैलानी अब इस पर सफर कर गंगा आरती का आनंद उठा सकेंगे।  स्टार्टअप इंडिया के तहत नार्डिक क्रूजलाइन अस्सी घाट से पंचगंगा घाट के बीच डबल डेकर क्रूज का संचालन करेगी। खास बात यह है कि पार्टी, बिजनेस मीटिंग, शादी-विवाह यहां तक कि रुद्राभिषेक जैसे आध्यात्मिक आयोजन भी इसमें कराए जाएंगे। क्रूज का विधिवत उद्घाटन 15 अगस्‍त को ही हो गया था, लेकिन इसके शुभारंभ के लिये मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की राह देखी जा रही थी। इससे पूर्व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने खिड़किया घाट स्‍थित प्राचीन गोवर्द्धन धाम मंदिर में दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए हुए हैं। योगी आदित्यनाथ ने आज सांसद आदर्श गांव डोमरी में चौपाल भी लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद देश को विकास, सुशासन और सुरक्षा का माहौल दिया है।  योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साढ़े चार वर्ष के शासन में देश में करोड़ों गरीबों को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय उपलब्ध कराया गया है। जिन गरीबों के पास छत नहीं थी, उन गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन गरीबों के पास बिजली कनेक्शन नहीं थे उनके गांव में बिजली पहुंचाने का कार्य और उन्हें बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य सौभाग्य योजना के अंतर्गत नि:शुल्क किया जा रहा है। 
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