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भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अदालतों में मामलों के साथ ही हो अनुशासनात्मक कार्रवाई : सीवीसी

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नयी दिल्ली, तीन सितम्बर, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कहा है कि भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के साथ ही आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। आयोग ने कुछ अनुशासनात्मक मामलों की जांच पड़ताल के दौरान यह गौर किया कि विभागों या संगठनों की ओर से अभियोजन की कार्यवाही और विभागीय कार्रवाई साथ साथ चलाया जाना इस आधार पर अनावश्यक रूप से विलंबित किया जाता है कि मामला अदालत में लंबित है। आयोग ने बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य केंद्रीय सरकारी संगठनों को हाल में जारी निर्देश में कहा, ‘‘अनुशासनात्मक मामलों को अंतिम रूप देने में ऐसा रूख गंभीर चिंता का विषय हैं और साथ ही यह सही रूख नहीं है।’’ सीवीसी ने कहा कि किसी भी संगठन के अनुशासनात्मक प्राधिकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपराधिक सुनवायी का सामना कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ साथ साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाए। सीवीसी ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आपराधिक और विभागीय कार्रवाई साथ साथ करने में कोई रोक नहीं है। उसने कहा कि सक्षम प्राधिकार द्वारा इस बारे में राय उसी समय बनायी जानी चाहिए जब अभियोजन के लिए मंजूरी के अनुरोध पर विचार किया जाता है। सीवीसी ने कहा, ‘‘आयोग सभी संबंधित प्रशासनिक प्राधिकारियों को सलाह देता है कि ऐसे मामलों जिनमें आपराधिक अभियोजन के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करना उचित है, अनुशासनात्कक कार्रवाई साथ ही में शुरू की जानी चाहिए।’’ 

तबादला से बचने, देरी करने पर रेलवे के अधिकारियों को गंवानी पड़ेगी वरिष्ठता

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नयी दिल्ली, तीन सितंबर,रेलवे बोर्ड ने संकेत दिया है कि पदोन्नति होने पर तबादले के आदेश से बचने या टालमटोल करने वाले अधिकारियों को अपनी वरिष्ठता गंवानी पड़ेगी। बोर्ड की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, ऐसी तरकीबें अपनाने वालों को कम से कम एक साल के लिए पदोन्नति से रोक दिया जाएगा। रेलवे द्वारा 2015 में जारी व्यापक तबादला नीति में कहा गया है कि कंट्रोलिंग अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि तबादला वाले अधिकारी को अधिकतम एक महीने में मुक्त कर दिया जाए। हालांकि, बोर्ड ने कहा है कि पदोन्नति होने पर एक जोन या यूनिट से दूसरी जगह स्थानांतरित होने वाले अधिकारी कई बार निर्धारित समय सीमा के भीतर आदेश की तामील करने में नाकाम रहते हैं। बोर्ड ने कहा, ‘‘वे तय अवधि के भीतर आदेश का पालन नहीं करते हैं और कुछ-कुछ वजह बताकर देरी करने या इससे बचने की कोशिश करते रहते हैं।’’  इससे न केवल उस रेलवे यूनिट/जोन को प्रशासनिक दिक्कतें होती हैं जहां तबादले का आदेश जारी होने के बावजूद अधिकारी बना रहता है, बल्कि उस जगह भी परेशानी होती है जहां अधिकारी का तबादला किया जाता है। बोर्ड ने 29 अगस्त के आदेश में कहा है कि अपने स्थानांतरण या पदोन्नति आदेश की तामील नहीं करने की बढ़ती प्रवृति को देखते हुए यह फैसला किया गया है। बोर्ड ने कहा है, ‘‘अगर कोई अधिकारी निर्धारित अवधि के भीतर अपने तबादला सह पदोन्नति का पालन नहीं करता है तो इसे पदोन्नति से मना करना माना जाएगा और अधिकारी को कम से कम एक साल के लिए ऐसी पदोन्नति से रोका जा सकता है।’’ सूत्रों ने बताया कि रेलवे का यह आदेश ऐसे वक्त आया है जब कठिन और असुविधाजनक पोस्टिंग से अधिकारियों के कतराने या उससे बचने की तरकीब अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

एकसाथ चुनाव कराने के लिए EVM खरीदने के लिए 4,555 करोड़ रुपये की जरूरत होगी : विधि आयोग

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नयी दिल्ली, तीन सितम्बर, विधि आयोग ने कहा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आगामी चुनाव एक साथ कराये जाने के लिए नये ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों को खरीदने के लिए 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी। एक साथ चुनाव कराये जाने पर पिछले सप्ताह जारी अपनी प्रारूप रिपोर्ट में विधि आयोग ने चुनाव आयोग (ईसी) के हवाले से बताया कि 2019 आम चुनावों के लिए लगभग 10,60,000 मतदान केन्द्र बनाये जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘ईसी ने सूचित किया है कि यदि एक साथ चुनाव कराये जाते हैं तो अब तक लगभग 12.9 लाख मतपत्र इकाइयों, 9.4 लाख नियंत्रण इकाइयों और लगभग 12.3 लाख वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की कमी है।’’  इसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) जिसमें एक नियंत्रण इकाई (सीयू), एक मतपत्र इकाई (बीयू) और एक वीवीपैट है जिसकी लागत लगभग 33,200 रुपये है। प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘ईसी ने सूचित किया है कि आगामी चुनाव एक साथ कराये जाने से ईवीएम की खरीद पर लगभग 4,555 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।’’  विधि आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीन 15 साल तक काम कर सकती है और इसी को ध्यान में रखकर 2024 में दूसरी बार एक साथ चुनाव कराये जाने के लिए 1751.17 करोड़ रुपये और 2029 में तीसरी बार एक साथ चुनाव कराये जाने के लिए ईवीएम मशीनों की खरीद पर 2017.93 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसमें कहा गया है,‘‘इसलिए 2034 में प्रस्तावित एक साथ चुनाव के लिए नए ईवीएम की खरीद के लिए 13,981.58 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।’’  रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाते हैं तो प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए अतिरिक्त ईवीएम और अतिरिक्त चुनाव सामग्री के अलावा कोई अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं होगा। प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है अतिरिक्त ईवीएम के मद्देनजर बड़ी संख्या में मतदान केन्द्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत हो सकती है।

मानसूनी बारिश व बाढ़ की वजह से अब तक 1400 से ज्यादा लोगों की गई जान

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नयी दिल्ली, तीन सितंबर,इस वर्ष मानसून के मौसम में अब तक 10 राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 1400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इनमें केरल में जान गंवाने वाले 488 लोग शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र (एनईआरसी) के मुताबिक, केरल में बारिश और बाढ़ की वजह से 488 लोगों की मौत हो गई और राज्य के 14 जिलों में करीब 54.11 लाख लोग प्रभावित हुये। केरल में यह पिछली एक सदी की सबसे खराब स्थिति थी। राज्य भर में बाढ़ से लगभग 14.52 लाख लोग विस्थापित हुए और वे राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस दक्षिणी राज्य में 57,024 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई। एनईआरसी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 254, पश्चिम बंगाल में 210, कर्नाटक में 170, महाराष्ट्र में 139, गुजरात में 52, असम में 50, उत्तराखंड में 37, ओडिशा में 29 और नगालैंड में 11 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान इन राज्यों में 43 लोग लापता हो गये। केरल में 15, उत्तर प्रदेश में 14, पश्चिम बंगाल में पांच, उत्तराखंड में छह और कर्नाटक में तीन लोग लापता हो गये, जबकि इन 10 राज्यों में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 386 लोग घायल हो गये। ओडिशा में 30 जिले, महाराष्ट्र में 26 जिले, असम में 25, उत्तर प्रदेश में 23, पश्चिम बंगाल में 23, केरल में 14, उत्तराखंड में 13, कर्नाटक में 11, नगालैंड में 11 और गुजरात में 10 जिले बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुये। असम में, करीब 11.47 लाख लोग बारिश और बाढ़ की चपेट में आये, जबकि राज्य की 27,964 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गयी। वहीं पश्चिम बंगाल में बारिश और बाढ़ से 2.28 लाख लोग प्रभावित हुए और राज्य की 48,552 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गईं। उत्तर प्रदेश में, बाढ़ से करीब 3.42 लाख लोग प्रभावित हुए और 50,873 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। कर्नाटक में लगभग 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुये और राज्य के 3,521 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई।

नोटबंदी को लेकर ‘व्यापक जनजागरुकता अभियान’ शुरू करेगी युवा कांग्रेस

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नयी दिल्ली, तीन सितंबर, नोटबंदी के आधिकारिक आंकड़े को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रही कांग्रेस की युवा इकाई अब इस मुद्दे पर ‘व्यापक जनजागरुकता अभियान’ शुरू करने जा रही है जिसका मकसद लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं को नोटबंदी से हुए ‘नुकसान’ के बारे में अवगत कराना है। भारतीय युवा कांग्रेस इस अभियान के तहत जगह जगह सम्मेलन और संगोष्ठी करने के साथ ही ऑनलाइन मुहिम भी शुरू करेगी। युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा, ‘‘नोटबंदी बहुत बड़ा घोटाला है और आरबीआई के आंकड़े सामने आने के बाद यह बात साबित हो गई है। देश के युवाओं को यह पता होना चाहिए कि भाजपा नीत सरकार के इस कदम से देश को 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘युवा कांग्रेस इसको लेकर व्यापक जनजागरुकता अभियान शुरू करेगी। इसके तहत देश भर में सम्मेलन और संगोष्ठी का आयोजन होगा। इसके अलावा हम सोशल मीडिया के माध्यम से भी युवाओं को नोटबंदी के नुकसान के बारे में बताएंगे।’’ श्रीनिवास ने कहा, ‘‘हमारा यह अभियान लोकसभा चुनाव तक चलेगा।’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार हमले बोल रही है। गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15-20 ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट’ को फायदा पहुंचाने के लिए नोटबंदी की थी।

अल्जाइमर के इलाज में कारगर हो सकती है लीवर की बीमारी की दवा

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लंदन, तीन सितंबर, दशकों तक लीवर की बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होती रही दवा, अल्जाइमर के कारण क्षतिग्रस्त हुई कोशिकाओं को फिर से दुरुस्त करने में मदद कर सकती हैं। एक नए अध्ययन में ऐसा दावा किया गया है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ शेफफील्ड के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अर्सोडीऑक्सिकोलिक एसिड (यूडीसीए) माइटोकोंड्रिया की शिथिलता में सुधार लाता है जिसे अल्जाइमर बीमारी के दोनों प्रकारों का मुख्य कारक माना जाता है। माइटोकोंड्रिया तंत्रिका कोशिकाओं के जीवित रहने एवं मरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह कोशिकाओं की बैटरी के तौर पर काम करते हुए उपापचय ऊर्जा के साथ-साथ कोशिकाओं के समाप्त होने के मार्गों को भी नियमित करता है।  अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि अल्जाइमर बीमारी में कोशिकाओं के कई प्रकार में माइटोकोंड्रिया विषमताएं देखी गईं। अल्जाइमर से पीड़ित लोगों की कई विभिन्न कोशिकाओं में ऊर्जा के परिवर्तन होते हुए देखे गए।  यूनिवर्सिटी ऑफ शेफफील्ड के वरिष्ठ शोधार्थी हीथर मोर्टिब्वॉज ने कहा, “अल्जाइमर के वास्तविक मरीज के ऊतकों में पहली बार इस अध्ययन ने दिखाया है कि यूडीसीए एसिड दवा कोशिकाओं की बैटरी कहे जाने वाले माइटोकोंड्रिया के प्रदर्शन को बढ़ा सकती है।” यह अध्ययन जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। 

30 करोड़ डालर सहायता नहीं बल्कि पाकिस्तान का ही पैसा है : कुरैशी

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इस्लामाबाद, तीन सितम्बर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका द्वारा 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोके जाने पर कहा है कि यह धनराशि पाकिस्तान की है जो उसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खर्च की थी और यह राशि उसे वापस मिलनी चाहिए। पेंटागन ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के चलते पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता को रोकेगा। कुरैशी ने कहा कि इस मामले को पांच सितम्बर को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की देश की यात्रा के दौरान उठाया जायेगा। अमेरिका के निर्णय की घोषणा के बाद रविवार को जल्दबाजी में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुरैशी ने कहा,‘‘30 करोड़ डॉलर न तो सहायता है और न ही सहयोग। पाकिस्तान ने यह राशि अपने संसाधनों से आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खर्च की है... लेकिन अब वे इसे वापस देने के इच्छुक नहीं है।’’  उन्होंने कहा,‘‘यह हमारा पैसा है जो हमने खर्च किया है और वे (अमेरिका) केवल इसकी प्रतिपूर्ति कर रहे थे।’’ इससे पूर्व उन्होंने बीबीसी उर्दू से कहा कि सैद्धांतिक रूप से अमेरिका को पाकिस्तान को यह धनराशि वापस करनी चाहिए क्योंकि शांति और स्थिरता का माहौल बनाने और आतंकवाद को पराजित करने के उद्देश्य से इसे खर्च किया गया है। उन्होंने कहा,‘‘हम बैठेंगे और उनके (पोम्पिओ) के साथ इस पर चर्चा करेंगे। हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का प्रयास करेंगे। हम उन्हें सुनेंगे और उनके समक्ष अपने रूख को रखेंगे।’’  धनराशि रोके जाने पर पाकिस्तान के विकल्पों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका से बात करेगा क्योंकि पाकिस्तान पहले ही यह धनराशि खर्च कर चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पोम्पिओ की आगामी यात्रा का स्वागत करता है क्योंकि इससे एक दूसरे के नजरिये को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच विश्वास में कमी आई है लेकिन सरकार संबंधों को सुधारना और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली चाहती है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार मौजूदा तनाव या अमेरिका द्वारा धनराशि रोके जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने वर्तमान तनाव के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इमरान खान की नयी सरकार पाकिस्तान के हितों को ध्यान में रखकर सभी फैसले लेगी।

नासा ने कार्बन डाइऑक्साइड को उपयोगी तत्वों में बदलने के लिए मांगे सुझाव

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वाशिंगटन, तीन सितम्बर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक प्रतियोगिता शुरू की है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड को उपयोगी तत्वों में बदलने के लिए नवीन उपाय सुझाने के लिए कहा गया है जिससे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह का अध्ययन करने में मदद मिल सके। नासा ने एक बयान में कहा कि जब अंतरिक्ष यात्री मंगल ग्रह का अध्ययन शुरू करेंगे तो उन्हें स्थानीय संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगी। कार्बन डाइऑक्साइड ऐसा संसाधन है जो मंगल ग्रह के वातावरण के भीतर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नासा का नया ‘सीओ2 कंवर्जन चैलेंज’ एक जन प्रतियोगिता है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड को उपयोगी तत्व में बदलने के नवीन उपाय मांगे जाएंगे। नासा ने कहा कि ऐसी तकनीकों से हमें मंगल ग्रह पर स्थानीय और उसके मूल संसाधनों का इस्तेमाल कर अन्य पदार्थ बनाने में मदद मिलेगी और जिसका इस्तेमाल पृथ्वी पर भी किया जा सकेगा। नासा प्रतियोगता के नतीजे अगले साल अप्रैल में घोषित करेगी जिसमें पांच टीमों में से प्रत्येक को 50,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे। 

सेंसेक्स में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट, 333 अंक टूटा

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मुंबई, तीन सितंबर,बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को अपनी शुरुआती बढ़त को गंवा कर उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 333 अंक टूट गया। यह लगातार चौथा कारोबारी सत्र रहा जबकि सेंसेक्स में गिरावट आई। एफएमसीजी, रीयल्टी, बिजली और बैंक शेयरों में बिकवाली तथा रुपये के एक और रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने से बाजार की धारणा प्रभावित हुई। इसके अलावा कमजोर वैश्विक संकेतों से भी बाजार प्रभावित हुआ। सोमवार को कारोबार के दौरान रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 71.10 प्रति डॉलर पर आ गया। इससे वृहद आर्थिक मोर्चे पर चिंता बढ़ी है। इसके अलावा अगस्त में लगातार दूसरे महीने देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं।  हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावरग्रिड, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, ओएनजीसी, टीसीएस, एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, इन्फोसिस, एलएंडटी और टाटा मोटर्स के शेयरों में 4.58 प्रतिशत तक की गिरावट आई। बैंकों...एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, यस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर 2.69 प्रतिशत टूटे। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 289 अंक की छलांग के साथ 38,934.35 अंक के उच्चस्तर पर पहुंच गया था। लेकिन कारोबार के दूसरे पहर में चले बिकवाली के सिलसिले से सेंसेक्स नीचे आया। एक समय यह 38,270.01 अंक के निचले स्तर तक आ गया। अगस्त महीने में विनिर्माण पीएमआई में सुस्ती की वजह से बाजार नीचे आया। अंत में सेंसेक्स 332.55 अंक या 0.86 प्रतिशत के नुकसान से 38,312.52 अंक पर बंद हुआ। इससे पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 251.56 अंक टूटा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 98.15 अंक या 0.84 प्रतिशत के नुकसान से 11,582.35 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 11,567.40 से 11,751.80 अंक के दायरे में रहा। दो अगस्त से सेंसेक्स और निफ्टी में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन सेंसेक्स 356.46 अंक और निफ्टी 101.50 अंक टूटा था। इस बीच, शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 212.81 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 171.92 करोड़ रुपये की लिवाली की। 

रजत पदक विजेता अंजुम और अपूर्वी ने ओलंपिक कोटा हासिल किए

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चांगवोन, तीन सितंबर, अंजुम मोदगिल और अपूर्वी चंदेला सोमवार को यहां आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप की महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में क्रमश: रजत पदक और चौथे स्थान पर रहते हुए 2020 ओलंपिक के लिए कोटा हासिल करने वाली शुरुआती भारतीय निशानेबाजी बनीं। अंजुम कोरिया की हाना इम (251 .1) से पीछे दूसरे स्थान पर रही। कोरिया की ही युनहिया जुंग (228 .0) ने कांस्य पदक हासिल किया। चौबीस साल की अंजुम ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 248 .4 अंक के साथ रजत पदक जीतकर इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत की सीनियर टीम का खाता खोला। अपूर्वी 207 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही लेकिन कोटा हासिल करने में सफल रही क्योंकि एक देश इस प्रतियोगिता से दो ओलंपिक कोटा हासिल कर सकता है। आईएसएसएफ का यह शीर्ष टूर्नामेंट बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तोक्यो खेलों की पहली ओलंपिक कोटा प्रतियोगिता है जिसमें 15 स्पर्धाओं में 60 स्थान दांव पर लगे हुए हैं। इससे पहले क्वालीफिकेशन में अंजुम और अपूर्वी क्रमश: चौथे और छठे स्थान पर रहे। इन दोनों निशानेबाजों ने कोटा हासिल किए हैं लेकिन पूर्व निर्धारित नीति के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ चयन करेगा कि कौन इन स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा जो ओलंपिक से पहले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और चयन ट्रायल के कुल स्कोर आधारित होगा। पुरुष 10 मीटर राइफल स्पर्धा में एशियाई खेलों के पदक विजेता दीपक कुमार फाइनल में छठे स्थान पर रहे जिसमें रूस और क्रोएशिया का दबदबा रहा। भारत ने रविवार को जूनियर स्पर्धाओं में दो पदक जीते थे। जूनियर वर्ग में कोटा उपलब्ध नहीं है।

आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में कोहली शीर्ष पर बरकरार

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दुबई, तीन सितंबर,भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी की टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने तीन पायदान ऊपर चढ़ते हुए गेंदबाजों की रैंकिंग में शीर्ष 20 में वापसी की है।  कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में 46 और 58 रन की पारी के बाद करियर में सर्वाधिक 937 रेटिंग अंक हासिल किए।  रेटिंग अंक के लिहाज से कोहली अब तक सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों की सूची में 11वें स्थान पर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट श्रृंखला में कोहली अब तक 544 रन बना चुके हैं। चेतेश्वर पुजारा टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं और भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। जहां टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में शमी 19वें स्थान पर हैं तो वहीं इशांत शर्मा 25वें स्थान पर हैं। जसप्रीत बुमराह करियर में सर्वाधिक 487 अंक हासिल कर गेंदबाजों की रैंकिंग में 37वें स्थान पर काबिज हैं। दूसरी तरफ चौथे टेस्ट में 78 और 46 रन की पारी खेलने वाले इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी सैम कुरेन बल्लेबाजों की रैंकिंग में 29 स्थान ऊपर चढ़ते हुए 43वां स्थान हासिल किया जबकि गेंदबाजों की सूची में 11 स्थान ऊपर चढ़ते हुए 55वें पायदान पर आ गए। वह हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में 27 स्थान ऊपर चढ़ते हुए 15वें पायदान पर हैं। प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए स्पिनर मोइन अली मैच में अपने नौ विकेट की बदौलत तीन पायदान ऊपर चढ़ते हुए गेंदबाजों की रैंकिंग में 33वें स्थान पर पहुंच गए। टेस्ट मैच की दो पारियों में क्रमश: पांच और चार विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर मोईन ने 66 अंक हासिल किए और उनके रेटिंग अंक 543 हो गए। वह हरफनमौला खिलाड़ियों की रैंकिंग में भी एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए सातवें स्थान पर पहुंच गए। जोस बटलर भी 15 स्थान ऊपर चढ़ते हुए बल्लेबाजों की सूची में करियर के सर्वश्रेष्ठ 32वें पायदान पर पहुंच गए। ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने भी तीन स्थान ऊपर चढ़ते हुए टेस्ट बल्लेबाजों की सूची में 29वां स्थान हासिल किया। वहीं सलामी बल्लेबाज कीटोन जेनिंग्स चार पायदान ऊपर चढ़ते हुए सूची में 86वें स्थान पर आ गए।

महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की

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कोटा (राजस्थान), तीन सितंबर, राजस्थान के बूंदी जिले के नैनवा शहर में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति (40) की कथित रूप से हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। नैनवा पुलिस थाना के प्रभारी लखन लाल मीणा ने कहा कि मृतक की पहचान शहर के किसान कॉलोनी के रहने वाले रामभरोसे के तौर पर हुई है। उसका शव पास के जंगली इलाके में एक कुंए से बरामद हुई थी। मामले में जांच के बाद नैनवा पुलिस ने सोमवार को मृतक की पत्नी फुलेंताबाई (32) और उसके प्रेमी चंद्र प्रकाश चौधरी (35) को हत्या एवं रामभरोसे के शव को कुंए में ठिकाने लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया।

बेगूसराय : टॉलीवुड मेगा स्टार अपने "सनकी दरोगा"टीम के साथ बेगूसराय गाँधी स्टेडियम में खेला कबड्डी।

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बेगूसराय (अरुण कुमार)  आज दिनांक 03 सितम्बर 2018 रोज सोमवार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर अपने भोजपुरी फ़िल्म "सनकी दरोगा"के प्रमोशन (प्रचार-प्रसार) एवं डॉक्टर धीरज कुमार का क्लिनिक (के टी एम) धृति जीवन अस्पताल का उद्घाटन करने पहुँचे बेगसराय।(के टी एम) धृति जीवन अस्पताल का उद्घाटनोंपरान्त सीधा अपने साथी कलताकारों के साथ गाँधी स्टेडियम बेगूसराय पहुँचे,जहाँ उन्होंने अपने टीम के साथ बेगूसराय के खिलाड़ियों के साथ कबड्डी खेलने मैदान में उतरे।इससे पहले वहाँ जमीं भीड़ों का अभिवादन किया,हर हर महादेव और जय श्रीराम का नारा लगाया और अपने फल्मों के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए फ़िल्म देखने की अपील किया।साथ आये फ़िल्म की अभिनेत्री अंजना सिंह ने अपने फ़िल्म की गाना गुनगुनाया,फिर कुछ हिन्दी,अंग्रेजी और भोजपुरी भाषाओं में अपने फ़िल्म "सनकी दरोगा"देखने के लिये प्रेरित किया।कॉमेडियन मनोज टाईगर,और विलेन पप्पू यादव भी अपने फल्मों के बारे में बताते हुए कबड्डी खेलने उतरे मैदान में।स्पोर्ट्स के जिलास्तरीय सचिव श्यामनन्दन सिंह उर्फ पन्ना लाल और कलाकार टीम के कप्तान रविकिशन ने एक 10 का सिक्का उछलकर टॉस जीता और बेगूसराय युवा कबड्डी टीम की ओर धावा बोलते हुए कबड्डी गए।कबड्डी बड़ा ही आनन्द दायक चल ही रही थी कि पब्लिक डिमांड को देखते हुए अभिनेत्री अंजना सिंह भी मैदान में उतर गई कबड्डी खेलने।बस फिर क्या था बेगूसराय के युवाओं का दिमाग ही फिर गया।अभिनेत्री अंजना सिंह के साथ छेड़छाड़ शुरु हो गया भीड़ पर मौजूद पुलिस बल का भी एक नया चली नतीजन रविकिशन को पूरे टीम के साथ मैदान छोड़कर भागने के अलावा और कोई रास्ता नही था।इस बात से छुब्ध हुये आयोजक सर्वेश कश्यप और संयोजक राजेन्द्र दास।साथ ही बलमा रंगरसिया और महालंठ के नायक सुधीर कुमार भी कलाकारिओं के तरफ से कबड्डी खेल रहे थे उनका भी मन उदास हुआ।साथ में थे शार्ट फ़िल्म के बाल कलाकार क्रिश और उनके पिता मुकेश कुमार।स्टेडियम तो काफी भीड़ों भरी थी मगर पोखरिया के युवा और पुलिसकर्मियों का अल्पसंख्यक होने के कारण सारा मजा किरकिरा हो गया।इस बात से क्रिकेट संघ एवं भाजपा के कार्यकर्ता मृत्युंजय वीरेश भी काफी मर्माहत हुए।अगर ऐसा ही रवैया रहा तो बेगूसराय आने से आनेवाले दिनों में कोई भी अच्छे कलताकर आने से कताराएँगे।

मोदी के मित्र अदाणी के कोयला घोटाले की निष्पक्ष जांच हो : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर, कांग्रेस ने मित्र पूंजीवाद के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधते हुए सोमवार को अदाणी समूह के खिलाफ कथित कोयला घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि ऊंचे भाव पर कोयला आयात में कथित 29,000 करोड़ रुपये का घोटाला होने के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से की जानी चाहिए। पिछले दिनों अदाणी समूह ने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जारी सभी लेटर्स रोगेटरी (एलआर) को रद्द करवाने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस ने इस मसले को लेकर सीधा प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के उद्योगपति दोस्त गौतम अदाणी के इसमें शामिल होने के कारण वे चुप हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, "जेटली हर मसले पर ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन इसपर चुप हैं। उनको इस पर भी एक ब्लॉग लिखना चाहिए। उनके पास कार्रवाई करने की कोई शक्ति नहीं है।"इससे पहले सिंगापुर की एक अदालत ने कोयला आयात से संबंधित कागजात पेश करने पर रोक की मांग करते हुए दायर अदाणी ग्लोबल की याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद समूह ने 28 अगस्त को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया। डीआरआई का आरोप है कि कंपनियों ने विदेशों में पैसे की हेराफरी करने और उच्च बिजली शुल्क मुआवजा पाने के लिए इंडोनेशिया से आयातित कोयले का दाम बढ़ा दिया। रमेश ने कहा, "अक्टूबर 2014 में डीआरआई ने कोयला आयात में बड़े घोटाले की घोषणा की और कोयला आयात का बिल बढ़ाकर ज्यादा करने की जांच शुरू की गई। 31 मार्च, 2016 में डीआरआई ने एक नया बयान दिया कि इस घोटाले में 40 कंपनियां शामिल हैं। इसमें 29,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।"वकील प्रशांत भूषण द्वारा संचालित एक एनजीओ ने सितंबर 2017 में दिल्ली उच्च न्यायाल में एक जनहित याचिका दायर की थी और मामले की एसआईटी से जांच करवाने की मांग की थी। मेश ने कहा, "नौ मार्च, 2018 को डीआरआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमे में कहा कि एसआईटी से जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह 40 कंपनियों की जांच कर रहा है, जिसमें चार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।"उन्होंने आगे बताया कि जिन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था, वे गौतम अदाणी, अनिल अंबानी और एस्सार ग्रुप की कंपनियां हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, "हमारे देश में 70 फीसदी कोयले का आयात अदाणी ग्रुप की कंपनियों द्वारा किया जाता है।"रमेश ने कहा, "अदाणी ग्रुप ने सिंगापुर की अदालत में याचिका दायर करके गुहार लगाई कि इस मसले पर सिंगापुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जो दस्तावेज हैं, वह भारत सरकार को नहीं दिया जाए।"राजस्व सचिव हसमुख अधिया (अब वित्त सचिव) ने एसबीआई की चेयरमैन अरुं धति भट्टाचार्य को 20 मई, 2016 को पत्र लिखा था कि वे दस्तावेज डीआरआई को दिया जाए, ताकि जांच पूरी हो सके। कांग्रेस नेता ने कहा, "चार दिन बाद उन्होंने अधिया को जवाब दिया कि दस्तावेज नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह सिंगापुर के कानून के विरुद्ध है।"

'आर्थिक अव्यवस्था'के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार : आप

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर, आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को 'आर्थिक स्थिति के बिगड़ने के लिए'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 'अर्थव्यवस्था की हालत कभी भी इतनी अव्यवस्थित नहीं हुई थी।'दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने एक बयान में कहा, "पिछले कुछ समय से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को या तो यह नहीं पता नहीं चल रहा है कि क्या करना है या फिर उसे इस बात से कोई मतलब ही नहीं है कि वह आम आदमी पर कैसा बोझ डाल रहा है।"आप ने कहा कि पेट्रोल व डीजल के मूल्य अबतक के सबसे उपरी स्तर पर पहुंच गए और रुपया ऐतिहासिक रूप से अपने निचले स्तर पर पहुंच गया। आप ने कहा, "मोदी की अगुवाई में पूरी तरह से अक्षम सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों व रुपये में गिरावट की समस्या को सुलझाने में विफल रही।"बयान के अनुसार, "केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था के स्तर पर जबरदस्त लापरवाही दिखाई है। देश का वित्त मंत्रालय दो उच्च रैंक के मंत्रियों के बीच के सत्ता संघर्ष में फंस गया है।"पार्टी ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान निकालने का आग्रह किया। बयान के अनुसार, "इस देश के लोग उनलोगों को हराने के अवसर का इंतजार कर रहे हैं, जिन्होंने आम आदमी को अपनी प्राथमिकता में सबसे नीचे स्थान दिया है। अगर स्थिति इसी तरह खराब होती रही तो भाजपा को 2019 में निश्चित ही हार का सामना करना पड़ेगा।"

सर्वोच्च न्यायालय में अगले 19 दिनों में लिए जाएंगे अहम फैसले

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के सर्वोच्च न्यायालय के अगले प्रधान न्यायाधीश बनने की अटकलों के बीच अदातल के अगले 19 कार्यदिवस में आधार, अयोध्या विवाद मामला, साबरीमाला मंदिर में रजस्वला महिलाओं के प्रवेश पर रोक का मामला, व्यभिचार कानून में भेदभाव का मामला और एससी/एसटी के लिए प्रोन्नति में आरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले सुनाए जाएंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण आदेश राजनेताओं के आपराधिक मामले में आ सकता है जिसमें यह तय होगा कि आपराधिक मामलों में राजनेता को किस स्तर पर चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जाएगा। इस फैसले से आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेताओं को दूर रखकर विधायिका को स्वच्छ बनाया जाएगा। इन सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है। प्रधान न्यायाधीश मिश्रा का सर्वोच्च न्यायालय में अंतिम कार्यदिवस एक अक्टूबर 2018 होगा क्योंकि वह दो अक्टूबर 2018 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इस दिन महात्मा गांधी की जयंती होने के कारण अवकाश है। इन 19 दिनों में दाउदी बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना की परंपरा को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई पूरी होगी। इसके साथ ही, पारसी महिला से संबंधित मामले पर भी सुनवाई पूरी होगी जिसमें यह तय होगा कि क्या गैर-पारसी से शादी करने पर पिता के अंतिम संस्कार समेत समुदाय के धार्मिक गतिविधियों में महिला को वंचित किया जाना चाहिए। बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना करने की पंरपरा पर केंद्र सरकार ने कहा है कि यह शारीरिक पूर्णता भंग करने वाला कृत्य है जोकि निजता और सम्मान के अधिकार का हिस्सा है। अयोध्या मामले में सवाल यह है कि 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी या इससे बड़ी पीठ। मुस्लिम वादियों की ओर से दलील दी गई है कि सुनवाई बड़ी पीठ द्वारा की जानी चाहिए।

बिहार में नाबालिग लड़की का सिर मुंडवाया, निर्वस्त्र किया

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अररिया, 3 सितंबर,बिहार में अररिया जिले के जोकीहाट थाना क्षेत्र में एक बात का बदला लेने के लिए एक नाबालिग लड़की का सिर मुंडाया गया, उसके बाद उसे निर्वस्त्र कर दिया गया। पुलिस मुख्यालय ने सभी आरोपियों पर तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस मामले में छह लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता की एक सहेली की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। सहेली के पति को किसी तरह पता चल गया कि उसकी पत्नी ने किसी कारणवश विवाह से पहले जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इस घटना की सत्यता जांचने के लिए उसने पत्नी की सहेली को फोन किया। उसने इसकी पुष्टि कर दी। दो दिन पूर्व जब पीड़िता की सहेली का पति अपने ससुराल आया तो उसने इस बात की चर्चा अपने ससुरालियों से की। वे लोग आक्रोशित हो गए और उस घटना की पुष्टि करने वाली लड़की से बदला लेने की ठान ली। अररिया महिला थाना की प्रभारी मीरा कुमारी ने सोमवार को बताया कि सच बताने वाली लड़की से बदला लेने के लिए उसके सहेली के पति ने अन्य लोगों के साथ मिलकर पीड़िता को अपने घर बुलवाया और उसे पकड़कर उसका सिर मुंडवा दिया और उसे निर्वस्त्र कर दिया। लड़की किसी तरह जान बचाकर वहां से निकली और जोर-जोर से चिल्लाने लगी, जिससे आसपास के लोग जुट गए। लोग जुटे, तब उसकी जान बची। मीरा कुमारी ने बताया कि पीड़िता के बयान पर महिला थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जिसमें छह लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद से ही सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस़ क़े सिंघल ने कहा कि पीड़िता का बयान दर्ज किया जा रहा है। पूरे मामले की विस्तृत जानकारी पुलिस मुख्यालय द्वारा ली गई है। अररिया पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि इस मामले में जो भी दोषी है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

विमान में मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाने पर महिला गिरफ्तार

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तूथूकुडी (तमिलनाडु), 3 सितम्बर, एक महिला को यहां सोमवार को मोदी सरकार के खिलाफ विमान में नारे लगाने के मामले में विमान से उतरने के बाद गिरफ्तार किया गया। महिला ने तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन की उपस्थिति में विमान में 'फासिस्ट'मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे। बताया जा रहा है कि कनाडा में रिसर्च कर रही सोफिया (25) अपने घर वापस आ रही थी और सुंदरराजन के सीट के पीछे बैठी थी। वह अचानक अपने सीट से उठी और भाजपा तथा केंद्र की 'फासीवादी'सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगी। विमान के यहां उतरने के बाद भाजपा नेता ने छात्रा के साथ बहस की। उन्होंने पुलिस के समक्ष मामला दर्ज कराया, जिसके बाद छात्रा को गिरफ्तार कर लिया। सुंदरराजन ने बाद में मीडिया को बताया कि छात्रा जिस तरह से प्रदर्शन कर रही थी, उससे लगा जैसे वह अपने जीवन के लिए खतरा मान रही थी। भाजपा नेता ने कहा, "वह एक आम इनसान नहीं है। उसके प्रदर्शन के पीछे जरूर किसी संगठन का हाथ है, जिसकी जांच होनी चाहिए।"माकपा, भाकपा और पीएमके ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है और महिला की तत्काल रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि घटना सिर्फ यह बता रही है कि केंद्र सरकार के खिलाफ युवाओं में गुस्सा है। पार्टियों ने कहा कि सुंदरराजन को मामले में 'तिकड़म'करने के बजाए परिपक्व तरीके से संभालना चाहिए था।

अस्पताल में कुत्ते से परेशान लालू पर जद (यू) का कटाक्ष

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पटना, 3 सितंबर, चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद रांची के एक अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, और उन्हें वहां कुत्ते और मच्छर से डरने की खबर है। इसपर बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) ने तंज कसा है। जद (यू) ने कहा कि राजद के शासनकाल में भी बिहार की जनता बहुत डरी हुई थी। 'बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से हो गए'। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद इस वक्त रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं। लालू के करीबी और राजद के विधायक भोला यादव ने रविवार को कहा कि लालू प्रसाद अस्पताल में कुत्तों से ही परेशान हो गए। उन्होंने शिकायत की है कि कुत्तों के भौंकने की वजह से रात में उनकी नींद बार-बार टूट जाती है। उन्होंने रिम्स के नए बने पेइंग वार्ड में खुद को शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मच्छर भी हैं, जिससे उन्हें डेंगू का भय बना रहता है। इस खबर के मीडिया में आने के बाद जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सोमवार को तंज कसते हुए ट्वीट किया, "अब देखिए। अभी तक तो अदालत से ही बाहर रहने का गुहार लगा रहे थ़े, अब 'कुत्ता'और 'मच्छर'से भी डर लगने लगा। महोदय, आपके राज में बिहार की जनता भी बहुत डरी हुई थी। कहावत है न 'बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए।"उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह लालू की जमानत बढ़ाए जाने की याचिका ठुकरा दिए जाने के बाद उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में उन्हें इलाज के लिए रिम्स भेज दिया गया।

विशेष आलेख : अर्थव्यवस्था की सुनहरी होती तस्वीर

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भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसकी विकास गति ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। कृषि क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन एवं विनिर्माण के कारण चालु वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है जबकि इसी तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही है। अब हमारा देश सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश हो गया है। भारत अब इंग्लैण्ड को पीछे छोड़ कर बहुत जल्दी ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। यह वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार के लिये शुभ एवं श्रेयस्कर होने के साथ-साथ एक अच्छी खबर है। 

अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के हमारे आजाद भारत के संकल्प को मंजिल तक पहुंचाने में अब तक की सभी सरकारें नाकाम रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुत अपेक्षाएं रही हैं, वे एवं उनकी सरकार आर्थिक संतुलन स्थापित करने में कामयाब हो रही है, विश्व में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, यह देखने और सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन जीएसटी एवं नोटबंदी के घावों से उबरना अभी बाकी है। जनता आर्थिक परेशानियों से जूझ रही है, अमीर एव गरीब की खाई बढ़ती जा रही है, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते हर चीज महंगी होेती जा रही है, रुपये की कीमत भी लगातार गिर रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है, व्यापार ठप्प है। उद्योगों में बैंकिग ऋणों की गति बहुत दिनों से ठप्प है। इन विरोधाभासी एवं विसंगतिपूर्ण स्थितियों की दृष्टि से मोदी एवं उनकी सरकार की नीतियां सन्देहास्पद ही कही जायेगी। क्योंकि उन्होंने जो दिशा पकड़ी वह भी ऐसे विकास का प्रारूप है जिसमें अमीर अधिक अमीर ही होता जायेगा? भले गरीबी को कुछ स्तर पर संतुलित कर लिया जाये। मोदी सरकार भी अपनी जिम्मेदारी पर गरीब से गरीब व्यक्ति को आर्थिक स्तर पर ऊपर उठने की कोई पुख्ता योजना प्रस्तुत नहीं कर पाई है। किसी गरीब को गैस सिलैण्डर दे देने से या उनके घर तक सड़क या बिजली पहुंचा देने से एक सन्तुलित आदर्श समाज की रचना नहीं होगी। 

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देश के भीतर आम आदमी के जीवन में तकलीफें एवं परेशानियां बढ़ी है। हमने सरकार के भरोसे शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य की बुनियादी व्यवस्था छोड़ी थी, लेकिन अब तक की सभी सरकारें इस मोर्चे पर असफल रही है, और इन दोनों बुनियादी क्षेत्रों का जमकर व्यावसायीकरण हुआ है। निजी क्षेत्र ने इन क्षेत्रों में अपना आतंक फैला रखा है। सरकार के भरोसे सौंपे गये इस दायित्व के पीछे भावना यही थी कि शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में उसकी भागीदारी से आम जनता को उचित शिक्षा मिलेगी और स्वास्थ्य के लिये मूलभूत सुविधाओं से वह महरुम नहीं रहना पडे़गा। गरीब से गरीब आदमी का बच्चा भी अपने व्यक्तित्व का विकास करके अपने भाग्य का विधाता बन सकेगा। आजादी के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यम से देश के विकास की जो आर्थिक-सामाजिक संतुलन की आधारशिला रखी गई, वह सात दशक तक पहुंचते-पहुंचते ही चरमरा गयी। आज सरकारें व्यावसायिक कोरपोरेट घराने बनते जा रहे हैं। उनका मुख्य लक्ष्य जनता की सेवा न होकर लाभ-हानि हो गया है। देश में सेवा एवं बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लक्ष्य को हाशिये पर डाल दिया गया है और येन-केन-प्रकारेण धन कमाना ही सबसे बड़ा लक्ष्य बनता जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों हुआ ? क्या इस प्रवृत्ति के बीज हमारी आजादी के लक्ष्य से जुड़े संकल्पों में रहे हैं या यह विश्व बाजार के दबाव का नतीजा है? इस तरह की मानसिकता राष्ट्र को कहां ले जाएगी? ये कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं, जिनपर मंथन जरूरी है। यह मंथन एवं इन इन समस्याओं का समाधान के लिये जिस तरह का नेतृत्व एवं योजना अपेक्षित है, उसके लिये नरेन्द्र मोदी सरकार की एक मात्र विकल्प है। आर्थिक जगत के विशेषज्ञों का भी मानना है कि रुपये की गिरती कीमत और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बावजूद यदि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास की ओर अग्रसर होते हुए विश्व की चुनिन्दा शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने जा रही है तो इसका श्रेय निश्चित रूप नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार, उनके सरंचनात्मक सुधार एवं लागू किये गये नीतिगत निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन को जाता है, संभावनाएं की जा रही है कि आगामी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर की गति और बढ़ेगी। 

हम अर्थव्यवस्था की गुलाबी होती तस्वीर से खुश हो ले, लेकिन हमें ऐसी संतुलित एवं आम आदमी के विकास से जुड़ी बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा। जिसने विकास की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है। विदेशी निवेश के लुभावने एवं चकाचैंधभरे आह्वान में लगा कि रोजगार बढ़ेगा, गरीबी दूर होगी और सार्वजनिक क्षेत्र की जो कम्पनियां घाटे में चल रही हैं वे निजी भागीदारी से मुनाफा कमाने वाली मशीनों में तब्दील हो जायेंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। घाटे के नाम पर सरकारों ने उन सरकारी मशीनों को बन्द ही कर दिया, जो आम जनता की सेवा के लिये गठित की गयी थी। सरकारों ने विकास के नाम पर जनता पर अनचाहा भार ही नहीं लादा बल्कि अपनी लाभ एवं लोभ की मानसिकता को भी थोपा है। विकास के नाम पर पनप रहा नया नजरिया न केवल घातक है बल्कि मानव अस्तित्व पर खतरे का एक गंभीर संकेत भी है। क्योंकि साम्राज्यवाद की पीठ पर सवार पूंजीवाद ने जहां एक ओर अमीरी को बढ़ाया है तो वहीं दूसरी ओर गरीबी भी बढ़ती गई है। यह अमीरी और गरीबी का फासला कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है जिसके परिणामों के रूप में हम आतंकवाद को, सांप्रदायिकता को, प्रांतीयता? नक्सलवाद को, माओवाद को देख सकते हैं, जिनकी निष्पत्तियां समाज में हिंसा, नफरत, द्वेष, लोभ, गलाकाट प्रतिस्पर्धा, रिश्ते में दरारें आदि के रूप में देख सकते हैं। सर्वाधिक प्रभाव पर्यावरणीय असंतुलन एवं प्रदूषण के रूप में उभरा है। चंद हाथों में सिमटी समृद्धि की वजह से बड़े और तथाकथित संपन्न लोग ही नहीं बल्कि देश का एक बड़ा तबका मानवीयता से शून्य अपसंस्कृति का शिकार हो गया है। भारत का युवक यानी स्टार्टअप वालमार्ट, अमेजन जैसी विदेशी कम्पनियों के सामने कैसे टिकेगा? जिनके लिये भारत के व्यापार को हथियाने एवं भोली-भली जनता को प्रलोभन देने के लिये पांच-दस हजार करोड का नुकसान उठाना साधारण बात है। इन विदेशी कम्पनियों से पहले हमारे नव उद्यमियों एवं व्यापारियों का सामना किसी रिलायंस, टाटा या अडानी से भी है जिन्होंने हर छोटे-मोटे व्यापार पर अपना कब्जा कर रखा है और वे गांवों-कस्बों तक पहुंच गये हैं। कैसे घर-घर में व्यापार या उद्योग स्थापित होंगे, कैसे बेरोजगारी दूर होगी और कैसे सरकारी निर्भरता को कम किया जायेगा- यह अहम मुद्दा कब राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बनेगा? हर नागरिक को अपने अस्तित्व एवं अस्मिता के लिये जागना होगा। भले हमारे पास कार, कोठी और कुर्सी न हो लेकिन आत्मनिर्भरता एवं स्वावलम्बन जैसे चारित्रिक गुणों की काबिलियत अवश्य हो क्योंकि इसी काबिलियत के बल पर हम अपने आपको महाशक्तिशाली बना सकेगे अन्यथा हमारे देश के शासक जिस रास्ते पर हमें ले जा रहे हैं वह आगे चलकर अंधी खाई की ओर मुड़ने वाली हैं। उन स्थितियों में जीडीपी की वृद्धि दर भी एक छलावा ही साबित न हो जाये?




(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133
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