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बिहार में इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दो दिवसीय टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। मुजफ्फरपुर में इंसेफ्लाइटिस से अब तक कम से कम 139 बच्चों की जान जा चुकी है। राजधानी पटना से लगभग 70 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड में अभियान की शुरुआत किए जाने के बाद हर्षवर्धन ने संवाददाताओं से कहा, "टीकाकरण अभियान प्रभावित क्षेत्र के बच्चों में शत प्रतिशत प्रतिरक्षण सुनिश्चत किए जाने के लिए शुरू किया गया है।"

उन्होंने कहा कि सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाना चाहिए, क्योंकि किसी भी बीमारी से बचाव का यह सबसे कारगर उपाय है। उन्होंने कहा, "बच्चों को सिर्फ इंसेफ्लाइटिस से ही नहीं सभी बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिरक्षण जरूरी है।"हर्षवर्धन ने यह भी कहा, "मुझे चिकित्सकों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने यहां बताया कि प्रभावित जिले के 92 प्रतिशत बच्चों टीकाकरण नहीं हुआ था। हमारा उद्देश्य बच्चों में शत प्रतिशत प्रतिरक्षण सुनिश्चित करना है।"

उन्होंने कहा कि रविवार रात दिल्ली वापस लौटने के बाद वह एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक योजनाएं बनाएंगे। हर्षवर्धन ने कहा, "मैंने मुजफ्फरपुर दौरे के दौरान चिकित्सकों और विशेषज्ञों से बात की है। इससे स्थिति को समझने में काफी मदद मिली है। 26 जून को अमेरिका यात्रा के दौरान मैं इस मुद्दे पर अटलांटा के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के विशेषज्ञों से भी बात करूंगा।"उन्होंने कहा, "इस बीमारी से होनी वाली मौत का कारण जानने के लिए गहराई से शोध करने की जरूरत है।"

यूपी संयुक्त प्री-मेडिकल का पर्चा लीक, परीक्षा रद्द, जांचे के आदेश

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गाजियाबाद में पर्चा लीक होने के कारण रविवार को होने वाली उत्तर प्रदेश संयुक्त प्री-मेडिकल परीक्षा (यूपीसीपीएमटी) रद्द कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि गाजियाबाद में पेपर लीक हो जाने के कारण सुबह नौ बजे से होने वाली यूपीसीपीएमटी रद्द कर दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीपीएमटी) का पर्चा लीक हो जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, ''मुख्यमंत्री ने पेपर लीक मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन को उच्चस्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।''मुख्यमंत्री ने परीक्षाओं की पवित्रता बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा है कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करते हुए सवाल किया है कि प्रश्नपत्रों के बक्शे किसके आदेश पर बैंको के सीसीटीवी रहित 'स्ट्रांग रूम'रखे गए थे, जबकि उन्हें सरकारी ट्रेजरी (कोषागार) के स्ट्रांग रूम में रखने का नियम है।

बाजपेयी ने यह भी मांग की है जब यह परीक्षा दोबारा कराई जाए तो परीक्षार्थियों के आने जाने और खाने रहने की व्यवस्था सरकार की तरफ से कराई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए रविवार को होने वाली परीक्षा में 1,09,292 परीक्षार्थी भाग लेने वाले थे। परीक्षा के रद्द होने के बाद की अगली तारीख का ऐलान किया गया है और अब यह परीक्षा 20 जुलाई को होगी।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (22 जून)

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हरीश रावत की अनुपस्थिति में किशोर की अग्निपरीक्षा

KISHOR UPADHYAYA
देहरादून, 22 जून (राजेन्द्र जोशी)।प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को अपने राजनीतिक कैरियर के महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा के पड़ाव पर अपने आका मुख्यमंत्री हरीश रावत की अनुपस्थिति काफी खल रही है। किशोर उपाध्याय को जहां अपने से बहुत अनुभवी नेताओं को मनाना भारी पड़ रहा है वहीं इस समय सीएम हरीश रावत का बीमारी की वजह से राजधानी से दूर होना भी मुश्किल खड़ा कर रहा है। 

बताते चले कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय को पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया है। किशोर कार्यवाहक अध्यक्ष यशपाल आर्य का स्थान लेंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी और उनके गुट के प्रमुख नेता माने जाने वाले किशोर उपाध्याय की नियुक्ति से प्रदेश कांग्रेस में भूचाल आया हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा गुट किशोर की नियुक्ति को पचा नहीं पा रहा है और देहरादून से दिल्ली तक उनका विरोध किया जा रहा है। 

बहुगुणा गुट द्वारा किशोर के विरोध का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका विरोध कर रहा बहुगुणा गुट कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के दरबार तक अपना विरोध जताने पहुंच गया जबकि उसे अच्छी तरह पता है कि किशोर की नियुक्ति स्वयं आलाकमान द्वारा हुई है। हालांकि उनकी बातों को सोनिया गांधी कितना तवज्जो देंगी ये तो पता नहीं लेकिन राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का सामना करने के लिए तैयार पार्टी और सरकार दोनों के लिए ये विरोध घातक हो सकता है। 

उधर किशोर उपाध्याय ने राजनीतिक नाजुकता को भांपते हुए बहुगुणा गुट समेत अन्य विरोधियों के घर पर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। अब उनकी ये कोशिश कितना सफल होती है ये आज शाम प्रदेश कार्यालय में उनके चार्ज लेने के दौरान उपस्थित कांग्रेस नेताओं की संख्या से पता चलेगा। बहुगुणा गुट के नजदीकी सूत्रों की माने तो वे लोग इस मामले में किसी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है इसलिए वे किशोर के पदभार ग्रहण के दौरान अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जता सकते है। 

किशोर उपाध्याय की ताजपोशी के साथ हरीश रावत गुट का संगठन और सरकार दोनो पर कब्जा हो गया है। उधर बहुगुणा के नजदीकी सूत्रों की माने तो विजय बहुगुणा अब विधायकी छोड़ संसद की राह पकड़ना चाहते है इसके लिए उनकी निगाह भाजपा के राज्यसभा सांसद भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर है। बहुगुणा गुट की विरोधी कवायद इसी सीट पर कब्जा जमाने की रणनीति मानी जा रही है। उधर कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और उत्तराखंड की कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी की निगाह है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी उनकी प्रत्याशा पर मुहर लगा चुका है। अब इस मामले पर कांग्रेस की अन्दरूनी कलह अपने चरम पर है। पार्टी के आम कार्यकर्ता इससे बहुत निराश है। इस समय जब मुख्यमंत्री को जनता के बीच रहकर इन मामलो पर डैमेज कंट्रोल करना चाहिए था तो वे मजबूरीवश दिल्ली के एम्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। 

बिहार : जब विदेश जाकर 2020 के बारे में राजगोपाल,पुष्पा और अनीस ने गहन मंथन किए

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p v rajgopal
पटना। आजकल यूरोपीय भ्रमण में एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल, एकता महिला मंच की अध्यक्ष पुष्पा सिंह और एकता परिषद के राष्ट्रीय संचालन समिति के सदस्य अनीस हैं। इनके साथ फ्रांस के जुलियस उर्फ मामा जी भी हैं। मेहमान और मेजबान मिलकर ऐतिहासिक सत्याग्रह जनांदोलन को सफल बनाने की कवायद में जुट हुए हैं। हालांकि 6 साल सत्याग्रह होने को बाकी है। फिर भी तैयारी करना जरूरी है। साल 2020 में 10 मिलियन लोगों को सड़क पर उतारने का प्रयास है। 

सर्वविदित है कि जन संगठन  एकता परिषद के संस्थापक और जाने-माने विख्यात गांधीवादी नेता पी.व्ही.राजगोपाल जी ने वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए गांवघर की ओर चलने का आह्वान किया है। सरकार महानगरों और शहरों के कथित विकास को ही विकास मानती हैं। जो गांवघर में ठहर गए हैं उनकी हालत सोचनीय और दर्दनीय है। आजादी के 66 साल के बाद भी दरकिनार रहकर ही पड़े हुए हैं। हालांकि सरकारी योजनाएं बनी है। मगर पहुंच के बाहर है। आज जरूरत है कि लोग गांवघर में जाकर ग्रामीण लोगों को संगठित करें और उनको योजनाओं के बारे में जानकारी दें और योजनाओं से लाभान्वित लेने के लिए आवाज बुलंद करवाएं। योजनाओं पर ग्रामीणों का अधिकार है। उसके लिए आवाज उठाने की जरूरत है। 

गांधीवादी नेता राजगोपाल जी के आह्वान पर लोग ‘चलो गांव की ओर’ कदम बढ़ाना शुरू कर दिए है। हालांकि लोग गांव जाते ही थे। मगर विशेष सोच लेकर चल पड़ रहे हैं। गांव की हो जमीन, गांव का भी हो लगान, गांव को सशक्त बनाना, गांव से पलायन बंद कर देना, गांव में रोजगार का सृजन करना, गांव के लोग खुद्दार बन सके, गांव के लोगों को छोटे-बड़े रोजगार उपलब्ध कराना आदि को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है।इसको लेकर देश-प्रदेश-विदेश में बैठकों की दौर शुरू है। इस समय स्वीट्जरलैंड में बैठक की जा रही हैं। वहां के लोगों से जनसर्म्पक करके 2020 को सफल बनाने में योगदान करने का आग्रह किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठके सकारात्मक ढंग से हो रही है। वंचित समुदाय की जंग में शामिल होने का आश्वासन दे रहे हैं। 

ज्ञातत्व है कि देश में भूमि अधिकार को लेकर जनांदोलन हुआ है। साल 2007 में 25 हजार की संख्या में और साल 2012 में 75 हजार लोग सत्याग्रह पदयात्रा किए। पांव-पांव चले। एक पहर भोजन किए। सड़क पर सो गए। सड़क ही आश्रय बन गया। इस बीच एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने यूरोपीय भ्रमण पर निकले साथियों को शुभकामनाएं दी है। अपने मकसद में सफल होकर लौंटे।



आलोक कुमार
बिहार 

यॉर्क यूनिवर्सिटी ने रतन टाटा को दिया डॉक्टरेट सम्मान

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ratan tata
कनाडा की विश्वप्रसिद्ध यॉर्क यूनिवर्सिटी ने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रतन टाटा को विधि में डाक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया है। टाटा को यह उपाधि नई खोजों और कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। टाटा को यह सम्मान इस सप्ताहांत यॉर्क यूनिवर्सिटी के 2014 के बसंतकालीन दीक्षांत समारोह के दौरान शुलिच स्कूल ऑफ बिजनेस में दिया जाना था, जिसके लिए वह टोरंटो पहुंचे हैं।

प्रोफेसर डर्क मैटन द्वारा पढ़े गए प्रशस्ति पत्र के अनुसार, टाटा के जीवन और करियर की सबसे खास बात यह रही है कि उन्होंने हमेशा से पारंपरिक ज्ञान से ऊपर उठकर काम किया है, अपने फैसलों पर भरोसा किया है और अपने दृष्टिकोण को वास्वतिकता में ढालने के लिए कड़ी मेहनत की है। 

मैटन ने टाटा का प्रसिद्ध वाक्य दोहराते हुए कहा, "मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता, बल्कि मैं निर्णय लेता हूं और उन्हें सही साबित करता हूं।"टाटा ने उपाधि स्वीकार करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि इस सम्मान के लिए मैं किस कदर आभारी हूं, जिसके लायक आपने मुझे समझा है।"

टाटा ने कहा, "मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि विश्वविद्यालय और बिजनेस स्कूल ने कई तरह के काम किए हैं। इन्होंने कनाडा से परे भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया में काम किए हैं, जहां आज हम रहते हैं।

त्रिपुरा में मलेरिया का प्रकोप, अब तक 41 की मौत

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त्रिपुरा में मलेरिया के प्रकोप से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है। मृतकों में 31 बच्चे शामिल हैं। यह जानकारी रविवार को एक अधिकारी ने यहां दी। 22,000 से अधिक लोग जनजातीय बहुल धलाई, गोमती, खोवाई, उत्तरी त्रिपुरा और दक्षिण त्रिपुरा जिले में मलेरिया से प्रभावित हैं। त्रिपुरा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बादल चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "महीने के पहले सप्ताह में 31 बच्चों सहित 41 लोगों की मौत हो गई और 22,000 से अधिक बीमार हो गए। 22,000 में से 3,215 के खून में मलेरिया की पुष्टि हुई है।" उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों को पांच जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि गैर आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 60 लोगों की मौत हुई है और 30,000 लोग बीमार हैं।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से अवधेश कुमार के नेतृत्व में मलेरिया विशेषज्ञ की टीम रविवार को स्थिति का जायजा लेने और राज्य सरकार को स्थिति से निबटने के सुझाव देने पहुंची है। चौधरी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालय इस सप्ताह चार सदस्यीय विशेषज्ञों की अतिरिक्त टीम भेजेगी। इसका नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक (मलेरिया) सत्यजीत सेन करेंगे। 

मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने शनिवार को चिकित्सकों, अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने मंत्रियों को मलेरिया प्रभावित इलाकों में पहुंचने और हालात सुधरने तक वहां मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। चौधरी ने कहा कि सभी चिकित्सकों, नर्सो और स्वास्थ्य कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। स्वास्थ्य अधिकारी और फील्ड वर्कर दूरवर्ती गांवों का दौरा कर मलेरिया प्रभावितों को सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

चिकित्सकों और मरीजों को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल लाने ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आशा के 26, आईसीडीएस के 13 और तीन मल्टीपरपस कर्मचारियों सहित 50 स्वास्थ्य कर्मचारियों को या तो निलंबित कर दिया गया है या लापरवाही बरतने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

स्‍नूपगेट मामले की जांच होगी बंद

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष 26 दिसंबर 2013 के आदेश को रद्द करने के लिए एक नोट पेश किया जायेगा जिसके तहत 2009 में गुजरात में एक युवती की निगरानी करने के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किये जाने की बात कही गई थी। गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पहले ही संकेत दे चुके हैं कि जांच आयोग गठित करने के राजनीति से प्रेरित निर्णय की राजग सरकार समीक्षा करेगी।

भाजपा ने इस संबंध में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के विवादास्पद पहल का जबर्दस्त विरोध किया था और मांग की थी कि जांच बंद की जानी चाहिए क्योंकि गुजरात सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिया हुआ है। तत्कालीन संप्रग सरकार के जांच कराने के निर्णय से राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था क्योंकि जासूसी प्रकरण से कथित तौर पर नरेन्द्र मोदी का नाम जोड़ा गया जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

आडवाणी जी केलिए राष्ट्रपति पद उचित : गडकरी

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाए जाने की वकालत की है. गडकरी ने कहा कि आडवाणी के कद को देखते हुए यह पद उचित है. भूतल परिवहन मंत्री ने कहा, 'आडवाणी जी डिप्टी पीएम रह चुके हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाया जाना ठीक नहीं होता. आडवाणी जी देश के राष्ट्रपति पद के काबिल हैं.'

गडकरी ने कहा, 'हम सभी आडवाणी जी का सम्मान करते हैं और हम चाहते हैं कि उन्हें उनके कद के मुताबिक पद दिया जाए.'पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी 75 साल से ऊपर के नेताओं को सरकार में शामिल नहीं करेगी. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को मंत्री नहीं बनाने का फैसला किया था, इस वजह से आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी.'


पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (22 जून)

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खाद्य सुरक्षा का लाभ दें हर गरीब को-खाद्य मंत्री श्री शाह
  • सभी श्रेणियों के पात्र परिवारों के नाम 27 जून तक जोडे-श्री शाह

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पन्ना 22 जून 14/सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में श्री विजय शाह मंत्री खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने खाद्य सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि हर गरीब को भरपेट भोजन मिले। इसलिए उसका नाम खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल होना आवश्यक है। हर गरीब को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें। इसमें बीपीएल सहित 25 श्रेणियों के परिवारों को अनिवार्य रूप से शामिल करें। पात्र परिवारों के नाम शामिल करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण का कार्य 9 जून से किया जा रहा है। पात्र परिवारों के नाम 27 जून तक अनिवार्य रूप से शामिल करें। मंत्री श्री शाह ने खाद्यान्न के वितरण, गेंहू उपार्जन तथा भण्डारण की समीक्षा की।  मंत्री ने कहा कि विशेष अभियान सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में चलाएं। इसमें कामकाजी महिलाओं, खेतीहर मजदूर, हम्माल, केशशिल्पी, हाथ ठेला तथा रिक्शा चलाने वालों के नाम अनिवार्य रूप से शामिल करें। इनका पूरा विवरण समग्र पोर्टल पर आॅनलाईन दर्ज कराए। विकलांग, परित्यकता महिलाएं, विधवा, घरेलु कामकाजी महिलाएं को भी योजना का लाभ दें। सरकार की मंशा है कि हर गरीब तक भरपूर अनाज पहुंचे। मंत्री श्री शाह ने कहा कि हालही में मुख्यमंत्री जी ने निराश्रित बच्चों को शाला भेजने के लिए अभियान शुरू किया है। शाला जाने योग्य सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से शाला भेजे। पन्नी बीनने वाले, दुकानों तथा होटलों में काम करने वाले एवं स्कूल जाने से वंचित प्रत्येक बच्चे को स्कूल में भर्ती कराकर शिक्षा का पूरा अवसर दें। निराश्रित बच्चों के लिए अलग से छात्रावास स्थापित करें। उन्होंने रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा प्रदान करने तथा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के माध्यम से इन्हें ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।  मंत्री श्री शाह ने गेंहू उपार्जन की समीक्षा करते हुए कहा कि उपार्जित गेंहू का ठीक से भण्डारण करें। उन्होंने प्रत्येक गोदाम की सतत निगरानी के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने बताया कि पात्र परिवारों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अब तक छूटे हुए 61 हजार 939 हितग्राहियों को इसमें शामिल किया गया है। शेष परिवारों को 25 जून तक सूची में शामिल कर आॅनलाईन जानकारी दर्ज कर दी जाएगी। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने खाद्यान्न वितरण की भी जानकारी दी। बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती स्वाती जैन ने विभागीय योजनाओं की प्रगति तथा खाद्य सुरक्षा योजना की जानकारी दी। बैठक में एसडीएम अशोक ओहरी, महा प्रबंधक सहकारी बैंक एस.के. पचैरी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधाकर सिंह तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (22 जून)

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स्कूल चलें हम अभियान के तहत मुख्यमंत्री 26 को टीकमगढ़ आयेंगे 
  • कलेक्टर ने सभी विभागों को तैयारी के दिये निर्देश 

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टीकमगढ़, 22 जून 2014। कलेक्टर डाॅ0 सुदाम खाडे ने बताया है कि ’’स्कूल चलें हम’’ अभियान के तहत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 26 जून को टीकमगढ़ आयेंगे। उन्होंने आज सभी विभागों को इस हेतु तैयारी के विस्तृत निर्देश दिये तथा अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की। डाॅ0 खाडे ने बताया कि स्कूल चलें हम अभियान से जन-जन को जोड़ने और शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूल में दर्ज कराने हेतु मुख्यमंत्री श्री चैहान पूरे प्रदेश में भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्च¨ं क¨ स्कूल¨ं में अपनापन-सा लगे इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिये। बच्चे शिक्षक¨ं से शिक्षा के साथ उनका नैतिक ज्ञान भी अपनाते हैं। बच्च¨ं के लिए शिक्षक एक आदर्श के रूप में रहता है। शिक्षक¨ं का यह प्रयास ह¨ना चाहिए कि विद्यार्थी स्कूली शिक्षा बीच में ही छ¨ड़कर न जायें। इसके लिए शिक्षक¨ं क¨ रुचिपूर्वक बच्च¨ं क¨ शिक्षा का ज्ञान देना चाहिये। डाॅ0 खाडे ने कहा कि स्कूल चलें हम अभियान में हर विभाग अपनी भागीवारी निभायें। उन्होंने कहा कि बच्च¨ं क¨ स्कूल जाने की तैयारी करवाने के साथ ही आँगनवाड़ी केन्द्र से शिक्षा प्राप्त करने वाला हर बच्चा स्कूल में प्रवेश पाये, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताअ¨ं की है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक कारण¨ं से शिक्षा से वंचित रह जाने वाली बालिकाअ¨ं पर विशेष ध्यान दिया जाये। ऐसी बालिकाअ¨ं के परिवार क¨ इस बात के लिये तैयार करें कि उन्हें स्कूल भेजें। उन्होंने कहा कि हर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के प्रत्येक पढ़ने वाले बच्चे क¨ स्कूल में प्रवेश दिलाने के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएँ। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री शिवपाल सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री पी.डी.भानिया, श्री एसएन ब्रह्मेर्, इ. ई. डब्लू.आर.डी. श्री एल.जे.एस. चैरसिया, आर. ई. एस. श्री जे.पी. रोहित, पी.डब्लू.डी. श्री किशन वर्मा, पी.एच.ई, जिला शिक्षा अधिकारी डा.ॅ आर एन नीखरा, जिला आयुष अधिकारी श्री एस. के त्रिपाठी, सहायक संचालक उद्यान  श्री एस के कुशवाहा, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री राजीव सिह, उप पंजीयक श्री बी.पी. रावत, जिला प्रबंधक लोक सेवा गारंटी श्री के आर. झा., जिला खाद्य अधिकारी श्री बी. एल. शर्मा, पी.ओ.डूडा श्री पी.के. जैन, एस. डी. ओ. वन डाॅ ज.े पी. रावत एवं संबधित अधिकारी उपस्थित रहे।

समस्या निवारण कैंप 17 जुलाई को 

टीकमगढ़, 22 जून 2014। म.प्र.पू.क्षे.विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) टीकमगढ़ वृत्त ने बताया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को सूचिता किया गया है, कि यदि उन्हें विद्युत बिल से संबंधित कोई समस्या हो तो वे अपने संबंधित सहायक/कनिष्ठ अभियंता वितरण केंद्र से कार्यालयीन समय में संपर्क कर समस्या का समाधान करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि संबंधित उपभोक्ता समस्या के निराकरण से संतुष्ट नहीं है तो वे 17 जुलाई 2014 को दोपहर 12 बजे से अपराह्न 3 बजे तक उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के शिविर जो म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी के कैम्पिंग हाऊस झांसी रोड, सिविल लाइन, टीकमगढ़ में लगाया जाना प्रस्तावित है, में उपस्थित होकर निराकरण हेतु अपील/समस्या प्रस्तुत कर सकते हैं।

जिला सैनिक बोर्ड की बैठक आज 

टीकमगढ़, 22 जून 2014। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया है कि जिला सैनिक बोर्ड की बैठक कलेक्टर टीकमगढ़ की अध्यक्षता में 23 जून 2014 को दोपहर 12 बजे से कलेक्टर कार्यालय में संपन्न होगी। सभी संबंधितों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित समय पर अद्यतन जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित रहें ।

स्वरोजगार स्थापना हेतु आवेदन आमंत्रित, अंतिम तिथि आज 

टीकमगढ़, 22 जून 2014। कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसीय सहकारी विकास समिति मर्या. टीकमगढ़ ने बताया है कि अनुसूचित जाति वर्ग को स्वरोजगार स्थापित करने के लिये विभाग द्वारा अंत्योदय स्वरोजगार योजनांतर्गत पात्रताधारी आवेदकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते है। इसी हेतु आवेदक अनूसूचित जाति वर्ग का हो, जिले का निवासी हो तथा आवेदक की वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में 51 हजार पांच सौ रूपये एवं ग्रामीण क्षेत्र में 40 हजार पांच सौ रूपये वार्षिक से अधिक न हो अथवा गरीबी रेखा का प्रमाण पत्र हो। आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो तथा पूर्व से किसी बैंक से शासकीय योजना में ऋण अनुदासन प्राप्त न किया हो/डिफाल्टर न हो। योजनांर्तगत आवेदक आवेदन पर कार्यालय से प्राप्त कर आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशनकार्ड एवं परिचय पत्र संलग्न कर दिनांक 23.7.2014 तक जमा कर सकते हैं।

महाविद्यालय में आॅन लाईन प्रवेश की अंतिम तिथि आज 

टीकमगढ़, 22 जून 2014। प्राचार्य शासकीय स्तातकोत्तर महाविद्यालय ने बताया है कि  मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शासकीय उत्कृष्ट स्नातकोत्तर महाविद्यालय, टीकमगढ़ में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के प्रथम सेमेस्टर में आॅन लाईन प्रवेश की प्रक्रिया दिनांक 21 मई 2014 से आरंभ हो चुकी है । बी.ए., बी.काॅम. एवं बी.एस.सी. प्रथम सेमेस्टर एवं एम.ए., एम.एस.सी. एवं एम.काॅम. प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों को आॅन लाईन पंजीयन कराना अनिवार्य है । स्नातक कक्षाओं में आॅन लाईन पंजीयन 20 जून 2014 तक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं मे आॅन लाईन पंजीयन दिनांक 25 मई 2014 से 23 जून 2014 तक होगा । विद्यार्थियों की सुविधा हेतु महाविद्यालय में हेल्प सेन्टर खोला गया है, जिसमें प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी दस रूपये शुल्क जमा कर अपना पंजीयन करवा सकते है । पंजीयन नहीं करवाने पर प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। महाविद्यालय के हेल्प सेन्टर में पंजीयन प्रातः 11.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक किया जायेगा। पंजीयन पश्चात महाविद्याल में सत्यापन करवाना होगा । सत्यापन कार्य विभिन्न संकायों हेतु गठित समिति के सदस्य प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक टैगोर भवन में करेंगे। प्रवेश के इच्छुक प्रत्येक विद्यार्थी को पंजीयन उपरांत महाविद्यालय से सत्यापन करवाकर वेरिफिकेशन स्लिप प्राप्त करना अनिवार्य है। सत्यापन न होने की स्थिति में प्रवेश की पात्रता नहीं होगी ।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (22 जून)

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ऐथेलेटिक स्पर्धा में गोल्ड मेडल प्राप्त कर किया देष का नाम रोषन 

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झाबुआ----जिले के पेटलावद तेहसील के ग्राम मोटापाला में 25 मार्च 2001 रामनवमी के दिन पेदा हुऐ हर्शवर्धन सिंह राठौर पिता दुर्गा दास सिंह राठौर और दादा सुरेंद्र सिंह राठौर मोटापाला इस होनहार बालक ने गुजरात के भुवन्स स्कूल बडोदा मे अध्ययन करते हुए 17 वर्श की उम्र में अपने परिवार अपने जिले और अपने गांव के साथ गुजरात एवं देष का नाम रोषन करते हुए ऐथेलेटिक स्पर्धा में देष की और से खेलते हुए साउथ एषियन गेम्स स्पर्धा में भूटान में ऐथेलेटिक स्पर्धा में 17 वर्श की उम्र में गोल्ड मेंडल 2014 में प्राप्त कर देष का नाम रोषन करते हुए उक्त स्पर्धा में जित हासिल की है। इसके पुर्व हर्षवर्धन सिंह राठौर मोटापाला ने भूवन्स स्कूल बडोदा गुजरात में पढते हुए ऐथेलेटिक्स स्टेट लेवल में गुजरात गोल्ड मेडल 2013 में फिर नेषनल लेवल स्पर्धा में रोहतक हरियाणा सिल्वर मेडल 2014 में प्राप्त कर अपने विधालय एवं प्रांत का नाम रोषन किया। हर्शवर्धन ने हमारे प्रतिनिधि को सोजन्य भेट में बताया की भारत देष की और से नवम्बर माह में होने वाली थाईलेण्ड में अंतराश्टीय ऐथेलेटिक स्पर्धा में देष की और से भाग लेने जाउंगा हर्शवर्धन की इस षांदार उपलब्धी पर जहा उनका परिवार अपने आप को गोरांवित मेहसुस कर रहा है वही झाबुंआ जिले के पेटलावद तेहसील के छोटे से गांव में जन्मे मोटापाला का प्रत्येक नागरिक खुषी जाहिर करता हुआ नजर आता है। हर्शवर्धन सिंह की इस षानदार उपलब्धी पर उनसे जुडे षुभ चिंतको एवं हितेशीओं ने उन्हे आत्मीक बधाई देते हुए विष्वस्तर पर ऐथेलेटिक्स स्पर्धा में सफलता प्राप्त करते हुए उज्वल भविश्य की कामना की।

शगुन गार्डन में आज मनाया जावेगा डा. मुकर्जी का बलिदान दिवस 

झाबुआ --- जिला भाजपा अध्यचक्ष शेैलेष दुबे ने बताया कि आज 23 जून सोमवार को  जिला भाजपा द्वारा भाजपा के पितृ पुरूष डाॅ. श्यामाप्रसाद मुकर्जी के बलिदान दिवस पर उनके जीवन वृत पर व्याख्यान का आयोजन प्रातः 11 बजे से स्थानीय शगुन गार्डन पर आरयोजित किया गया है । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने बताया  िकइस कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप  में प्रदेश भाजपा की ओर से अंजु माखिजा डा0 मुकर्जी के जीवन पर प्रकाश डालेगी और व्याख्यान के माध्यम से वर्तमान परिवेश में उनके बताये सन्देशों की सामयिकता पर विस्तार से जानकारी देंगी । कार्यक्रम में जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे,  सांसद दिलीपसिंह भूरिया, संगठन मंत्री मोहन गिरी,जिले के विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, निर्मला भूरिया, भाजपा महामंत्री प्रवीण सुराणा,डामोर, मनोहर सेठिया, पुरूषोत्तम प्रजापति, प्रदेश प्रतिनिधि दौलत भावसार विशेष रूपसे  मार्गदर्शन देगें । कार्यक्रम में जिले के सभी मंडल अध्यक्ष, जिला स्तरीय पदाधिकारीगण, मंडल अध्यक्ष एवं पदाधिकारी सहित पार्टी के मोर्चा प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष एवं जिला संयोजक सहित जिले भर के भाजपा कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामील होगें । श्री दुबे ने सभी भाजपाईयों से अपील की है कि वे डा0 श्यामा प्रसाद मुकर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामील होकर कार्यक्रम को सफल बनावें ।

जिला भाजपा अजजा मोर्चे की विशेष बैठक 24 जून को 

झाबुआ--- भाजपा जिला अजजा मोर्चे के जिलाध्यक्ष श्यामता ताहेड से प्राप्त जानकारी के अनुसार कल 24 जून मंगलवार को प्रातः 11 बजे  जिला भाजपा कार्यालय गैस गोडाउन झाबुआ पर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जन जाति मोर्चे की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया है जिसमें जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, निर्मला भूरिया, कलसिंह भाबर विशेष रूप से उपस्थित रह कर मार्गदर्शन देगें । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी के अनुसार इस विशेष बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार विमर्श कर निर्ण्रय लिया जावेगा । बैठक में अजजा मोर्चे के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं मंडल अध्यक्षों , महामंत्रियों पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप  से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है ।

अलग अलग चोरी तिन कि घटनाओ मेे हजारो का गया 
    
झाबूआ---फरियादी राजेन्द्र पिता भूरसिंह खराड़ी उम्र 27 वर्ष निवासी रातीमाली ने बताया कि अज्ञात आरोपी उसकी मा0ेसा0 क्र0 एमपी 45 एमई 0977, जो कि घर के गलियारे से रखी थी, चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवली झाबुआ में अपराध क्रमांक 451/14, धारा 379 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।फरियादिया श्रीमती रोमा पति देवकी नंदन अग्रवाल, उम्र 42 वर्ष, निवासी झाबुआ ने बताया कि वह भोपाल गई थी, अज्ञात बदमाष घर का ताला तोडकर घर में घुसकर अलमारी में रखे 15000 रूपये नगदी व सोने के जेवर, लेपटाॅप आदि सामान चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 452/14 धारा 452,380 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। फरियादी निलेष पिता राजेन्द्र, उम्र 38 वर्ष, निवासी पेटलावद ने बताया कि अज्ञात बदमाष अलमारी में रखा लैपटाप तथा 300/- रू0 नगदी चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 250/14, धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण कर किया बलात्कार 

झाबूआ--- फरियादी जोसफ पिता लूणा डामोर निवासी बरखेडा ने बताया कि पीडि़ता गांव में शादी देखने गई थी, वापस घर जा रही थी कि रोड पर आरोपी राकेष औरत बनाने की नीयत से पकडकर आरोपी मदन के घर ले गया व बलात्कार करता रहा तथा जान से मारने की धमकी देता रहा। प्रकरण में आरोपी राकेष पिता पारसिंह, अरूण पिता पारसिंह मखोडिया, मदन पिता विजिया, निवासी मोखड़ा के विरूद्ध थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 154/14, धारा 363,366,376(3)368,34 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।

दहेज के लिए मारपिट कर जान मारने कि धमकी 
    
झाबूआ---फरियादिया श्रीमती सुनिता पति मुकेष उम्र 32 वर्ष निवासी झाडकी टोडी ने बताया कि आरोपी दितासिंह, मुकेष,  शांतिबाई निवासीगण झाडकी टोडी, मोती सिंह , चंदा ,राजेष, ललिता, मांगीलाल निवासीगण फत्ताटोडी ने उसको अपने पिता के घर से दहेज में पांच लाख रूपये मांग कर प्रताडित कर मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 116/14, धारा 498-ए,323,34,506 भादवि 3/4 दहेज अधिनियम का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।  

रात्रि प्रच्छन्न का प्रकरण कायम

झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि कि वह घर के अंदर सो रही थी कि आरोपी फरिया पिता मानसिंह गुण्डिया भील निवासी गवसर, घर में घुसकर उसके पलंग पर बैठ गया। पति के देखने पर आरोपी को पकड लिया, बाद में छोड दिया गया। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 213/14, धारा 456 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।

डॉ. हर्षवर्धन ने किया इंसेफलाइटिस से प्रभावित गांवों का दौरा

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को पटना और मुजफ्फरपुर में इंसेफलाइटिस से प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने केन्द्र सरकार की ओर से अनेक उपायों की घोषणा की। डॉ. हर्षवर्धन ने पटना में एम्स का भी दौरा किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव लव वर्मा और अधिकारियों के एक दल सहित डॉ. हर्षवर्धन 20 जून से बिहार के दौरे पर हैं। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य बीमारी से प्रभावित राज्य की स्थिति का मौके पर जाकर जायजा लेना था, जहां इंसेफलाइटिस से होने वाली बीमारियों ने बच्चों की रुग्णता और मृत्यु दर को बुरी तरह प्रभावित किया है। 

मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय में शनिवार देर रात तक जारी एक बैठक में राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने दूसरे दौर के स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधारों से राज्य में हुई प्रगति से डॉ. हर्षवर्धन को अवगत कराया। बैठक में बिहार के स्वास्थ्यमंत्री, संसद सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि कालाजार, खसरा, फिलारियासिस और कुष्ट रोग का आगामी वर्षो में समूचे देश से खात्मा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि कोई भी बच्चा रोगों के बचाव से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर और जननी मृत्यु दर में भारी कमी लाना लक्ष्य होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि एसके मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए 100 बिस्तर की गहन चिकित्सा यूनिट खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि निकटवर्ती जिलों में बाल चिकित्सा के लिए 10 बिस्तर की गहन चिकित्सा यूनिटें स्थापित की जाएंगी। एसके अस्पताल को सुपर स्पेशिलिटि अस्पताल का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गया, भागलपुर, बेतिया, पावापुरी और नालंदा में पांच वीरोलोजीकल डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। डॉ. हर्षवर्धन ने निवारक चिकित्सा पर बल देने का आग्रह किया। 

अपनी यात्रा के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य के मुख्यमंत्री के साथ व्यापक विचार विमर्श किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका मंत्रालय माताओं और शिशुओं को बीमारियों और मौत से बचाने के लिए हरसंभव उपाय करेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भी स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए किए गए अनेक उपायों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार पटना में एम्स के विस्तार के लिए 50 से 100 एकड़ तक अतिरिक्त भूमि देने के प्रति वचनबद्ध है। 

डॉ. हर्षवर्धन ने पटना में एम्स का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर, 2014 को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 

बढ़ेगी गैस की कीमत, मोदी ने की 2 मंत्रियों से मंत्रणा

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gas price hike
रेल किराये और भाड़े में भारी वृद्धि का झटका देने के बाद केंद्र की नई सरकार देश की जनता को एक और कड़वा डोज देने की तैयारी में जुट गई है। घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की नई कीमत पर संभावित महत्वपूर्ण घोषणा की कवायद के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने तीन दिनों के भीतर दूसरी बार प्रधान से मिले। यह जानकारी सूत्रों ने दी। रविवार की मुलाकात में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल रहे, मंत्रणा काफी देर तक चली।

एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि नई सरकार इस बात की संभावना तलाशने में जुटी है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने को लेकर पूर्व सरकार द्वारा मंजूर रंगराजन फार्मूले को लागू करने में कुछ संशोधन किया जा सकता है या नहीं। पिछली सरकार ने अप्रैल में रिलायंस उद्योग से पुरानी कीमत 4.2 डॉलर प्रति इकाई पर आपूर्ति करने को कहा था। इस कीमत की अवधि 31 मार्च को ही पार हो चुकी थी और नई कीमत अब 1 जुलाई से लागू होनी है। देश के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र से रिलायंस ही गैस की आपूर्ति करती है। नाम जाहिर न करने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि नई दरों की घोषणा संभवत: इसी सप्ताह की जा सकती है।

चुनाव अयोग ने सरकार से नई दरों की घोषणा चुनाव होने तक टालने का आदेश दिया था। उस समय संभवत: गैस की मौजूदा कीमत दुगनी की जा चुकी थी। रंगराजन फार्मूला में गैस की कीमत भारत में आयातित तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) पर औसत खर्च और अमेरिका एवं ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय हब में मौजूदा दरों के साथ ही जापान में आयातित गैस के मूल्य को देखते हुए करने की सिफारिश की थी। सत्ताधारी भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सत्ता में आने पर वह गैस के दाम के मुद्दे का समाधान निकालेगी।

इस फार्मूले का कई तरफ से विरोध हुआ है, क्योंकि इससे बिजली महंगी हो जाएगी और यूरिया का खर्च, सीएनजी की दर और पाइप से आपूर्ति होने वाली रसोई गैस के दाम बढ़ जाएंगे। लेकिन उद्योग जगत के संगठन सीआईआई ने सरकार को गैस के दाम पर लिए गए फैसले को लागू करने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पीछे हटने पर तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश पर बुरा असर पड़ेगा।

इराक में अमेरिकी हस्तक्षेप का ईरान ने किया विरोध

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ayatollah khomeini
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खमैनी ने रविवार को कहा कि इराक में किसी भी प्रकार के अमेरिकी हस्तक्षेप का उनका देश पुरजोर विरोध करता है। संवाद एजेंसी इरना के मुताबिक ईरान के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों की एक बैठक में खमैनी ने कहा, "ईरान का मानना है कि इराक की सरकार के साथ ही साथ धार्मिक नेता और जनता ही उपद्रव का खात्मा कर सकते हैं।"

इराक में मौजूदा मानवीय संकट पैदा करने के लिए पश्चिमी मुल्कों को दोषी ठहराते हुए सर्वोच्च नेता ने कहा कि पश्चिम की प्रभुत्ववादी ताकतें खास तौर से अमेरिका हठी तत्वों के एक गिरोह की नादान और पूर्वाग्रह को थोपने की कोशिश में जुटा है। अप्रैल में इराक में हुए संसदीय चुनाव जिसमें मौजूदा प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी को बहुमत हासिल हुआ है की ओर इशारा करते हुए खमैनी ने कहा, "इराक की मौजूदा स्थिति से अमेरिका खुश नहीं है। क्योंकि अमेरिका इराक पर दबदबा बनाए रखना चाहता है और अपने एजेंटों के सहारे देश पर शासन करना चाहता है।"

इराक में चल रहे संघर्ष को धार्मिक लड़ाई के रूप में पेश करने वाले अमेरिकी अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए खमैनी ने कहा, "इराक में जो कुछ हो रहा है वह शिया-सुन्नी की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह प्रभुत्ववादी प्रणाली द्वारा सद्दाम शासन के अवशेषों को मुख्य कारक के रूप में इस्तेमाल करने की इच्छा का नतीजा है और इसी करण इराक में हिंसा बढ़ी है और देश की क्षेत्रीय अखंडता खतरे में पड़ गई है।"

खमैनी ने कहा, "इराक में विवाद मुख्य रूप से इराक की आजादी चाहने वालों और इराक को अमेरिकी खेमे में देखने का समर्थन करने वालों के बीच है। अमेरिका एवं अन्य का इराक में हस्तक्षेप का ईरान विरोध करता है और इसे कतई मंजूरी नहीं देगा।"

विशेष आलेख : विकास में भी झलकता भौगोलिक हाशिया

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भारत के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र म¨दी ने अपनी कार्यनीती तय करते हुए भारत क¨ ‘‘ब्रैंड इंडिया’’ बनाने के लिए पांच टी क¨ लक्ष्य किया है जिनमें से एक टूरिज्म यानि की पर्यटन है। क्या नरेंद्र म¨दी का यह संकल्प उन जगह¨ं तक पहुंच पाएगा ज¨ जगह पर्यटन के विकास की असीमित असंभावनाए लिए ह¨ने के बावजूद स्थानीय प्रशासन, राज्य एवं केंद्र द¨न¨ं ही सरकार¨ं की बेरुखी का शिकार हैं। ऐसी ही एक जगह है जम्मू कश्मीर राज्य में कारगिल जिले के मुख्य शहर से लगभग 75 किल¨मीटर दूर स्थित गांव गरख¨ण। प्राकृतिक सुंदरता के मामले में यह गांव देश के सबसे धनी गांव¨ं में से एक ह¨गा। सड़क के एक तरफ बलखाती हुई इंडस नदी अ©र एक तरफ शानदार खूबानी के पेड़¨ं से भरी चट्टानें। चाहे मनम¨हक सुंदरता ह¨ या फिर आयर्¨ं की वंशावली, चाहे यहां की रंग-बिंरगी संस्कृति अ©र ल¨कदंतियां ह¨ या फिर अखर¨ट या खुबानी की बहुतायत। कारगिल की खूबसूरती की महक कहीं भी इतनी नहीं जितनी कि वह गरख¨ण की घाटी में है। इस सड़क पर हाथ लहराते सुंदर चेहरे। लेकिन इस सुंदरता में छिपा दाग हमारे सामने तब आता है जब हम इस गांव की वास्तविक परिस्थितिय¨ं से वाकिफ ह¨ते हैं।
        
1999 में हुए युद्ध के बाद से कारगिल क¨ जितनी ख्याति अ©र तरक्की मिली उसका एक अंश भी उसकी सीमाअ¨ं पर बसे गांव¨ं क¨ नहीं मिला। अपनी मूलभूत आवश्यकताअ¨ं के लिए तरसता ग¨रख¨ण गांव ऐसे गांव¨ं का एक उदाहरण है। स्वास्थ्य सेवाअ¨ं से लेकर यातायात के साधन¨ं अ©र शिक्षा सभी का स्तर ग¨रख¨ण में अत्यंत ही दयनीय है। 1999 के युद्ध में बनी अपनी नई तस्वीर की बद©लत कारगिल सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने वाल¨ं की सूची में उपर पहुंच गया। सामाजिक कल्याण की य¨जनाएं अ©र नीतियां केंद्र अ©र राज्य सरकार¨ं के दामन से छन-छन कर कारगिल की झ¨ली में आने लगी, नीति निर्धारक अधिक च©कस ल¨ग¨ं के प्रति अधिक संवेदनशील ह¨ गए, समितियां स्थापित की गईं इन सबके बाद कारगिल के ल¨ग¨ं के पास शिकायत की क¨ई वजह नहीं रह गई। अ©र जबकि पूरा कारगिल शहर अपने इस नए रूप क¨ निहार-निहार कर मुग्ध ह¨ रहा था वहीं ग¨रख¨ण जैसे गांव अभी भी पिछड़ेपन अ©र अभाव के अंधकार में डूबे हुए हैं। ग¨रख¨ण के पूर्व सरपंच मिशकिन ज्येरिंग ज¨ अब कारगिल के काउंसलर हैं अपने ल¨ग¨ं की र¨ज-ब-र¨ज की कठिनाईय¨ं क¨ याद करके सरकार अ©र ल¨ग¨ं की बेपरवाह रवैये पर आक्र¨श व्यक्त करते हैं।
        
आज जहां पूरा कारगिल शहर शिक्षा के बढ़ते अवसर¨ं का फायदा उठा रहा है वहीं ग¨रख¨ण की शिक्षा प्रणाली शिक्षक¨ं के अभाव से ग्रस्त है। अ©र ज¨ शिक्षक नियुक्त भी हैं वे स्कूल से ज्यादा गांव के बाहर दिखते हैं। यलद¨दा नामक गांव के बच्च¨ं क¨ र¨ज 15 मील का सफर करके गलख¨ण आना पड़ता है क्य¨ंकि उनके अपने गांव में प्राथमिक स्तर की शिक्षा भी उपलब्ध नहीं हैं। अ©र इसक¨ अ©र ज्यादा कठिन बना देती है वहां कि अत्यधिक खराब यातायात व्यवस्था। यातायात की सुविधा न ह¨ने की वजह से यहां के ग्रामीण¨ं क¨ या त¨ निजि वाहन¨ं पर निर्भर रहना पड़ता है या फिर सेना के जवान¨ं के भर¨से रहना पड़ता है। यातायात की यह अव्यवस्था स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिकताअ¨ं के द©रान सबसे भारी पड़ती हैं। गर्भवती महिलाअ¨ं अ©र मरीज¨ं क¨ घट¨ं का सफर तय करके डाॅक्टर के पास जाना पड़़ता है क्य¨ंकि इन गांव¨ं के स्वास्थ्य केंद्र या त¨ ज्यादातर बंद रहते हैं या फिर इनके पास देने के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं ह¨तीं। बाल एवं महिला कल्याण कार्यक्रम यहां पर दुखद रूप से असफल हुए हैं। शुद्ध भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्त ह¨े वाली आंगनवाड़ी अ©र स्वास्थ्य कार्यकर्ताअ¨ं क¨ अपने गांव वाल¨ं की श¨चनीय स्थिति से क¨ई मतलब नहीं ह¨ता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारिय¨ं से लगातार गायब रहती हैं अ©र पूर्व स्कूल शिक्षण अ©र महिला एवं बाल देख-रेख जैसे महत्वपूर्ण कार्य की पूरी तरह से अनदेखी की जाती है। सरकार द्वारा दिया जाने वाला मध्यान्ह भ¨जन कभी भी लाभार्थिय¨ं तक नहीं पहुंचता है अ©र न ही इसके प्रति किसी की जवाबदारी है। ‘‘उच्च अधिकारिय¨ं की तरफ से क¨ई दबाव नहीं है’’ यह कहना है मिश्किन ज्येरिंग का जिन्ह¨ंने बहुत बार हिल काउंसिल में शिकायत करने की क¨शिश की लेकिन उसके बदले उन्हें जवाब में सिर्फ आल¨चनाएं ही मिलीं। इन वजह¨ं से इस गांव की ज्यादातर महिलाअ¨ं क¨ उनके लिए आने वाली य¨जनाअ¨ं अ©र नीतिय¨ं का लाभ नहीं मिल पाता। ये महिलाएं अपनी इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए नियुक्त अधिकारिय¨ं क¨ द¨षी बताती हैं। ये महिलाएं बताती हैं कि उन्ह¨ंने बहुत बार द©र¨ं पर आए अधिकारिय¨ं से मदद मांगी, लेकिन उन्हें कभी भी किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली। साल¨ं से उन्हें ख¨खले वायद¨ं के अलावा कुछ नहीं मिला है।
        
पिछले पांच साल¨ं से समाज कल्याण विभाग से अपना हक (वृद्धा/विधवा पेंशन) लेने का प्रयास कर रही  दारचिक्स (गरख¨ण से 5 किमी दूर स्थित एक गांव) की 63 वर्षीय वृद्धा ताशी पाम¨ कहती हैं ‘‘ये मंत्री/पर्यटक आते हैं हमारे बच्च¨ं क¨ नाचता गाता देखते हैं अ©र चले जाते हैं।’’ उन्नत संस्कृति अ©र फड़कती हुई ल¨कदंतिय¨ं के बावजदू यहां के निवासी अपरिहार्य सेवाअ¨ं के लिए तरसते हैं। प्रकृति अ©र उनके पुरख¨ं ने जितना आदर्श रूप दिया है, हमारी सरकारें उसके मुकाबले उनक¨ मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पाई हैं। देखते हैं कि ये नई सरकार किस हद इन हाशिए पर टिके ल¨ग¨ं क¨ मुख्यधारा में शामिल कर पाती है। 



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गज़ाला शबनम
(चरखा फीचर्स)

आलेख : बेपटरी हुआ मोदी के अच्छे दिन

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रेल किराया जो 14 फीसदी बढ़ा है, उसे कुछ कम किया जा सकता था। अचानक से किराए में इतनी ज्यादा वृधि ठीक नहीं है। माल भाड़ा साढ़े 6 फीसदी का बढ़ोत्तरी का असर खाद्य पदार्थो और अन्य चीजों पर पड़ेगा, जिससे पहले से ही बढ़ी महंगाई और ज्यादा हो जायेगी। इतनी अधिक बढ़ोत्तरी के पीछे सरकार का तर्क है कि यह फैसला यूपीए सरकार के वक्त ही ले लिया गया था, लेकिन आचार संहिता के चलते लागू नहीं हो सका था। इसलिए इसे अब लागू किया जा रहा है। नई सरकार को यह सोचना चाहिए था कि रेल भाड़ा नहीं बढ़ाना आपके नियंत्रण में है तो इससे चाहिए, अगर कोई गलत फैसला पिछली सरकार ने लिया है तो उसे बदलना ही नई सरकार का काम है। अब जब रेलवे बजट कुछ ही दिन में आने वाला था, ऐसे में जल्दबाजी में किराया बढ़ाना समझ से परे है। अगर एनडीए सरकार को किराए बढ़ाना ही था तो वह बजट में बढ़ा सकती थी। यूपीए जब सत्ता में थी तो यही एनडीए किराया बढ़ने पर विरोध करती थी। नीतियों पर सवाल खड़ा करते थे। अब जब एनडीए सरकार में है तो फिर वे ऐसा क्यों कर रहे है। खबर है कि बजट बाद एलपीजी गैस सिलेंडर में 10 हर माह 10 रुपये का इजाफा होगा। अब बीते लोकसभा चुनाव में मोदी ने जनता को कई हसीन सपने दिखाएं। जनता ने भी उनके वादों पर भरोसा कर अपना मत उन्हें दिया। अब जब वे सत्ता में है तो ऐसे फैसलों से जनता में निराशा होगी। 

अच्छे दिनों के नाम पर जनादेश हासिल करने वाली सरकार ने लोगों के अरमानों को तोड़ना शुरु कर दिया है। अच्छे दिन शुरु होने के बजाएं महंगे दिन शुरु हो गए है। महंगाई के इस दौर में रेल यात्री किराए में 14 फीसदी बढ़ोत्तरी कर लोगों की बजट गड़बड़ा दी है। माल भाड़ा में साढ़े 6 फीसदी बढ़ने पर भविष्य में इससे प्रतिदिन इस्तेमाल की जाने वाली कई चीजों की कीमतों पर भी डालेगा, जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। बिजली की कीमतें पहले ही बढ़ा दी गई है। आलू व कुछ अन्य सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थो के भाव बढ़ने से महंगाई दर 9-10 फीसदी तक पहुंच गई है। लगता है अब प्याज काट-काट कर बेचे जायेंगे और आंसू तक भी नहीं आयेंगे। गरीब वर्ग के हितों की रक्षा करने के दावे फुस्स हो गए। निर्यातपरक ईकाईयों को अन्य देशों की तुलना में लागत को लेकर अधिक जुझना पड़ेगा। जबकि रोजाना सफर करने वाले को दोुगुनी जेब ढिली करनी पड़ेगी। वैसे भी इराक संकट के चलते तेल कीमतों में वृधि अलग कहर ढाएंगी। तुर्रा यह है कि किराए बढ़ाने का फैसला यूपीए सरकार का रहा, जिसे आचार संहिता लागू होने की वजह से लागू नहीं किया गया। लेकिन अच्छे दिनों के वादे पर जिस जनता ने एनडीए को सत्ता दिलाई उसे निराशा हुई है। हाल के समय में अब तक की यह सबसे बड़ी वृधि है। 

रेल मंत्री सदानंद गौड़ा की किराया बढ़ाने की घोषणा का यात्रियों पर दोहरा असर पड़ेगा। एक ओर तो उन्हें 14 फीसदी बढ़ा किराया देना होगा, वहीं राॅउंड आॅफ प्रणाली उन पर और बोझ बढ़ायेगी। इसके तहत जनरल दर्जे के यात्रियों को 6,7,8 व 9 रुपये किराए वाले स्टेशनों के लिए पूरे 10 रुपये देने पड़ेंगे। किराया 11 या उससे ज्यादा हुआ तो 15 रुपये वसूले जायेंगे। यही हाल आगे के किराए में भी होगा। इन हालातों में एसी, स्लीपर के साथ ही जनरल क्लास के यात्रियों पर अधिक बोझ पड़ेगा। इसके अलावा माल भाड़ा बढ़ने से रेलवे को फायदा हो न हो, आम लोगों की जेबें जरुर खाली होंगी। भाड़ा बढ़ने के चलते तमाम ऐसी जीजें महंगी होगी जो रेलवे से भेंजी-मगांई जाती है। कारोबारियों की मानें तो सीमेंट, दाल, चावल  हो या अन्य जीचें, कीमतों में 10-15 रुपये की वृधि होगी। जबकि इलेक्टानिक्स, कंप्यूटर, स्कूटर या अन्य सामानें व मोटर पार्ट्स, खाद्य सामाग्रियों सहित ज्यादातर वस्तुओं पर महंगाई का असर पड़ना तय है। 

रेलमंत्री ने मालभाड़े की न्यूनतम बुकिंग 100 किमी से बढ़ाकर 125 किमी कर दी है। इससे कम दूरी के लिए माल भेजने वाले व्यापारियों पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। लो रेटेड यानी एलआर की संख्या 4 से घटाकर 3 कर दी गई है। वहीं इसका खामियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ेगा। दरअसल, टेनों के किराया बढ़ने का असर तो सिर्फ यात्रा करने वालों पर पड़ेगा, मगर माल भाड़ा बढ़ने का असर सब पर पड़ेगा। अभी तक 100 किमी की दूरी के लिए एलआर-3 श्रेणी के तहत साढ़े 75 रुपये प्रति टन देने पड़ते थे, अब 125 किमी तक इस वर्ग से माल भेजने पर उन्हें साढ़े 90 रुपये प्रति टन का भुगतान करना पड़ेगा। जबकि एलआर-2 वर्ग पर अब प्रति टन साढ़े 17 रुपये, एलआर-1 वर्ग पर साढ़े 25 रुपये व क्लास 100 में माल भेजने पर सवा 21 रुपये प्रति टन अधिक खर्च आयेगा। इससे व्यापारी जब अधिक खर्च कर माल मंगाएगा तो उसकी भरपाई ग्राहकों से ही करेगा। सीमेंट, खाद-बीज, स्टील, लोहा, कोयला आदि की कीमतें बढ़ेगी। इतना ही नहीं परोक्ष उपायों के तहत रेलवे नए-नए घटकों के तहत यात्रियों से किराए के उपर शुल्क भी वसूलता है। उदाहरण के लिए आरक्षण शुल्क व सुपरफासट चार्ज की मदों के तहत प्रति टिकट 30 से 135 रुपये तक की वसूली की जाती है। जबकि राजधानी, दुरंतो व शताब्दी को छोड़ ज्यादातर टेनों की रफतार 50 किमी भी नहीं है। इसके अलावा खान-पान शुल्क व सर्विस टैक्स अलग से लिया जाता है। यह जानते हुए भी कि प्रतीक्षा सूची के 90 फीसदी लोगों को आरक्षण नहीं मिलेगा, वह वेटलिस्ट टिकटें बेचता रहता है। 

वैसे भी अन्य रोजमर्रा की जरुरतों वाले चीजों के दाम लगातार बढत्र रहे है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक महंगाई दर क्रमशः 8-10 फीसदी तक रही है। खाद्य वस्तुओं व ईधन के महंगा होने से महंगाई में वृधि चिंता का विषय है। औद्योगिक उत्पादन को गति देने के लिए बढ़ती महंगाई को काबू करना जरुरी है। क्योंकि इसके अधिक होने से ब्याज दरों का स्तर भी उंचा रहा है। इससे उद्योग जगत के लिए ूपजी लागत बढ़ेगी। इसलिए विकास दर को पटरी पर लाने के लिए खाद्य महंगाई को काबू करने पर सरकार को जोर देना चाहिए। खाद्य महंगाई पर काबू पाने के लिए माॅडल कृषि उत्पाद मार्केटिंग कमेटी कानून को लागू करना चाहिए। उन्नत आपूर्ति श्रृखंला बनानी चाहिए। कृषि में निवेष बढ़ाने के अलावा और खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को प्रोत्साहित करना चाहिए। सरकार का यह कदम देश की निम्न व मध्यम वर्गीय जनता के साथ मजाक है। एक तरफ महंगाई आसमान छू रही है दूसरी ओर रेल किराया माल भाड़ा बढ़ाकर सरकार आग में घी डालने का काम कर रही है। इस बढ़ोत्तरी से देश की अर्थव्यवस्था डावाडोल हो जायेगी। उत्पादों के दाम कम होने के बजाएं बढ़ जायेंगे। सरकार से ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी। सरकार ने महंगाई पर लगाम कसने आने दावे अच्छे दिन वाले है, को बजट से पूर्व ही खोखला साबित कर दिया है। 

बेशक रेल मंत्रालय ने इस बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव यूपीए सरकार के कार्यकाल में तैयार कर लिया था और उस सरकार ने शायद चला-चली की बेला में इसे लागू भी इसलिए नहीं किया कि इसका अपजश नई सरकार भोगें। फिर भी नई सरकार के पास बदनामी के इस ठिकरे से बचने के पूरे अवसर थे, लेकिन इसका फायदा वह नहीं उठा पाई। उल्टे रेल मंत्रालय व रेल बोर्ड ने कदम-कदम पर भ्रष्टाचार व निकम्मेपन के लिए मशहूर भारतीय रेल का सारा पाप मोदी सरकार के मार्फत देश और तमाम रेल यात्रियों पर डाल दिया। इसमें न तो उसने अमीर-गरीब का भेद किया और न ही गरीब के काम आने वाले वस्तुओं का। रेल मंत्रालय जानता है  िकइस क्षेत्र में उसका एकाधिकार है इसलिए यात्रियों की मजबूरी है कि वे उसी में सफर करेंगे। बैठकर, खड़े-खड़े या लटककर। वह यह भी जानता है कि देश लंबे समय तक उसके पास को नहीं झेल पायेगा। देर-सबेर अन्य क्षेत्रों की तरह रेल भी निजी हाथों में जायेगी। वह भी भारी-भरकम राशि लगाने वाली विदेशी कंपनियों के। और वे सबसे पहले मुनाफा देखेंगे, इसलिए यह बढ़ोत्तरी हो गई। जहां तक सरकार का सवाल है कम से कम वह अभी तो जब देश की जनता उससे अच्छे दिनों की उम्मीद कर रही है इससे बच सकती थी। वह कह सकती थी कि नई सरकार अभी रेलवे की कामकाज का अध्ययन करेगी। सीएजी से उसके खाते और गड़बडि़यां दिखवाएगी।देखेगी कि घाटा क्यों है। और क्या किराया बढ़ाएं बिना रेलवे के भ्रष्टाचार को कम करके पूरा नहीं किया जा सकता। यदि रेलवे को रेल लाइन विस्तार और सुविधाओं के लिए धनराशि चाहिए थी तो उस पर भी वह राज्यों धन लेने सहित अन्य विकल्पों पर बात कर सकती थी। ऐसा करने के बजाएं एनडीए सरकार निकम्मे तंत्र और पिछली सरकार के छोड़े जाल में आ गई। ऐसे में मोदी के अच्छे दिनों की मजाक उ़ना स्वाभाविक है। मोदी चाहे तो 25 जून को लागू होने से पहले इस अफसरशाही फैसले को बदल सकते है। 

देर से लिया गया सही फैसला 
हालांकि रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पूरी दुनिया से रेल किराया कम है। देश में आज भी यात्रा करने के लिए सबसे सस्ता साधन रेल को ही माना गया है। मौजूदा समय में रेलवे को पैसेंजर सब्सिडी के चलते 26 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। रेलवे में सुधार के लिए उसके पास वृत्तिय स्रोतों की कमी है। इस साल के अंत तक यह घाटा 25-30 हजार करोड़ पहुंचने की आशंका थी। ऐसे में यात्री और माल भाड़ा किराया बढ़ाना जरुरी हो गया था। रेलवे को नए प्रोजक्ट्स के लिए पैसे की काफी कमी थी। रेलवे की कई ऐसी योजनाएं थी जो बजट नहीं होने की वजह से या तो पूरी या शुरु नहीं हो सकी। फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। रेलवे को तकनीक से जोड़ने की बात तो हमेशा होती है लेकिन तकनीक पर खर्च होने वाला पैसा कहां से आयेगा। विदेशो में रेल हादसे कम होते है क्योंकि वहां नए जमाने की तकनीक रेलवे को हर कदम पर मदद करती है। भारत में ऐसे तकनीक को लाने के लिए काफी बजट की जरुरत होगी। ऐसे में रेल किराए को बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। जाड़े के दिनों में टेनें घंटों लेट हो जाती है जिससे रेलवे को करोड़ों को नुकसान होता है। हमें ऐसी तकनीक लानी होगी जिससे इस घाटे को कम किया जा सके। किराए में बढ़ोत्तरी की वजह से इस साल रेलवे को कम से कम 11 हजार करोड़ का फायदा होगा। ऐसा नहीं है कि यह फायदा रेलवे अपने पास रख लेता है। रेलवे इस पैसे का इस्तेमाल यात्रियों की सुविधा पर ही खर्च करता है। हालांकि यह किराया यूपीए सरकार में ही बढ़ने वाला था लेकिन चुनावों को देखते हुए इसे टाल दिया गया। अब जब नयी सरकार केन्द्र में आई है, ऐसे में किराया बढ़ाने के फैसले को लागू किया गया है। पिछले कई सालों से देश में लगातार ईधन के दाम बढ़ रहे है ऐसे में रेलवे को चलाने के लिए यह जरुरी हो गया था कि जल्द ही कड़े फैसले लिए जाय। रेलवे अपने बजट का लगभग 24 प्रतिशत ईधन पर खर्च करता है। पिछले 10 सालों में पटरियों पर टेनों की संख्या तो बढ़ती चली गयी लेकिन किराया वहीं रहा। 






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(सुरेश गांधी)

बिहार : आज से जापानी इंसेफ्लाइटिस का विशेष टीकाकरण अभियान शुरू

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पटना। आज से दो दिवसीय जापानी इंसेफ्लाइटिस का विशेष टीकाकरण अभियान शुरू हुआ।  मुजफ्फरपुर जिले में प्रसार इंसेफ्लाइटिस बीमारी का खौफ के साये में अभियान सफल रहा। काफी संख्या में 9 माह से 15 साल के बच्चे अपनी मां,दादी और पिता जी के साथ आए। ए.एन.एम.दीदी ने जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइं) का 0.5 एमएल का टीका दिया। यह अभियान कल सोमवार को भी चलेगा।

मालूम हो कि सूबे के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र में टीकाकरण अभियान चलता है। जन्म लेने के एक माह के अंदर बच्चे को बीसीजी का टीका दिया जाता है। इसके बाद डेढ़ माह के होने पर बच्चे को डीपीटी और पोलियो की खुराक दी जाती है। जो द्वितीय ढाई महीने पर और तृतीय साढ़े तीन पर पर डीपीटी और पोलियो की खुराक दी जाती है। 6 माह होने के बाद बच्चे को विटामिन ‘ए’ की खुराक दी जाती है। जब बच्चा 9 माह का हो जाता है,तब मिजल्स और जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका पड़ता है। बाये हाथ जेइं और दाये हाथ में मिजल्स दिया जाता है। इसके बाद 16 से 24 माह पर जेइं के और मिजल्स के द्वितीय टीका मिलता है। उसी समय बच्चे को डीपीटी और पोलियो का बुस्टर डोज दिया जाता है। 

मुजफ्फरपुर जिले में प्रसार इंसेफ्लाइटिस बीमारी के आलोक में सरकार ने जापानी इंसेफ्लाइटिस का विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इस समय सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने महादलित मुसहर समुदाय को लक्ष्य समूह के रूप में मान रही है। इस लिए महादलित टोलों में ‘टीकाकरण केन्द्र’बनाया गया है। कुछ ही जानकारी देने पर लोग उत्साहित होकर जेइं का टीका दिलवा रहे हैं। 

एक मोमबती जलायें-बच्चों से प्यार जतायें- आर्य कुमार रोड, मछुआ टोली में रहने वाले समाज सेवी विजय कुमार और सगुना मोड़, दानापुर में रहने अधिवक्ता पवन कुमार ने कहा कि बिहार के लिए इंसेफ्लाइटिस अभिशाप बनता चला जा रहा है। 1994 से आजतक हजारों मां की गोद सुनी हो गयी है। इस ओर केन्द्र और राज्य सरकार निःसहाय बन गयी है। स्वास्थ्य विभाग खामोश ही है। सरकार वादे से ही काम चला रही है। आखिर 20 साल में रोग को नियंत्रित नहीं कर पाना तो जाहिर ही करता है निकम्मापन। इससे बढ़कर शर्मनाक साबूत और क्या हो सकता है। असामयिक मौत के गाल में समाने वाले बच्चों के अभिभावकों को मुआवजा देने की मांग की गयी है। 5 लाख रू. देने की मांग की गयी है। सैकड़ों की संख्या में लोग मोमबर्ती जुलूस निकाले। डाक बंगला चैराहा से चलकर कारगिल चैक तक पहुंचे। इसके बाद बच्चों को श्रद्धांजलि दी गयी । जो सरकारी उदासीनता की बलि बेदी पर चढ़ गए। 




आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : अंतिम सांस खींच रही मशीन को ‘हुमाद’ देकर बचाने का प्रयास

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पटना।राजधानी में तीन जगहों पर विघुत शव दाह गृह है। वह है बांसघाट, गुलबीघाट और खाजेकला। पटना नगर निगम के द्वारा बांसघाट में दो और शेष जगहों पर एक मशीन लगायी गयी है। बांसघाट में 20 साल पहले विघुत शव दाह गृह का निर्माण किया गया। कहने को बांसघाट में 2 मशीन लगायी गयी है। वास्तव में एक ही मशीन से काम निकाला गया। तब समझा जा सकता है कि चालू मशीन पर कितना दबाव पड़ता होगा। बेहतर ढंग से रखरखाव नहीं होने के कारण मशीन अंतिम सांस खींच रही है। इसे बचाने के लिए ‘हुमाद’ दिया जाता है। 

पंचतत्व में विलिन करने वाली मशीन की तरफ ‘पंच’ की नजर नहींः पटना नगर निगम के क्षेत्र में विघुत शव दाह गृह है। राजधानी के तीन विघुत शव दाह गृह को जीर्णोद्धार करने के लिए 2 करोड़ रू. दिए गए है। मजे की बात है कि पटना नगर निगम के द्वारा 50 हजार रू. में मिलने वाले एलिमेंट की एक सेट खरीद नहीं की जा रही है। एक सेट में 12 एलिमेंट रहता है। फिलवक्त बांसघाट में 12 एलिमेंट में 3 एलिमेंट से काम चलाया जा रहा है। 9 एलिमेंट परलोक सिधार चुका है। इस ओर पटना नगर निगम के ‘पंचों’ और अधिकारियों का ध्यान भंग ही नहीं हो रहा है। 

अंतिम सांस खींच रही मशीन को ‘हुमाद’ देकर बचाने का प्रयासः मात्रः 3 एलिमेंट से शव जलाया जा रहा है। जब 12 एलिमेंट कार्यरत था, तो 30 मिनट में शव राख हो जाता था। 9 एलिमेंट खराब हो जाने के कारण मशीन में ‘हुमाद’ डाला जाता है। 5 किलोग्राम ‘हुमाद’ और 3 एलिमेंट की शक्ति से 45 मिनट में शव जल पा रहा है। बताते चले कि विघुत शव दाह गृह से शव जलाने के लिए बतौर 300 रू. शुल्क लिया जाता है। अब परिजनों की जेब से 200 रू. व्यय करवाकर 5 किलोग्राम ‘हुमाद’ खरीदवाया जाता है। शव रखने के लिए लकड़ी का फेम 100 रू. में खरीदा जाता है। इस तरह 6 सौ रू. खर्च करना पड़ रहा है। 

तीन शिफ्ट में चलने वाले विघुत शव दाह गृह में दो ही आॅपरेटरः हमलोग 3 आॅपरेटर थे। 8 घंटे का शिफ्ट था। एक आॅपरेटर के अवकाश ग्रहण करने के बाद आॅपरेटर को बहाल ही नहीं किया गया। दो ही आॅपरेटर से तीन शिफ्ट का कार्य लिया जाता है। उसी में बीमारी और विभिन्न तरह की छुट्टी भी शामिल है। अन्य व्यक्ति को भेजकर कार्य नहीं करवाया जाता है। एक ही व्यक्ति के तरह-तरह का कार्य करवाया जाता है। जान जोखिम में है। चिमनी खराब होने के कारण धूंआ विघुत शव दाह गृह में ही पसर जाता है। उसी धूंआ को ग्रहण करना पड़ता है। आजकल 25 से 30 शव जलाया जाता है। बरसात के समय 100 लोगों को जलाया जाता है। दीघा,दानापुर आदि जगहों के लोग भी शव को जलाने लाते हैं। जबतक गंगा किनारे जगह रहती है। तब अपने स्थल पर शव को जला लेते हैं। आॅपरेटर को मिलने वाले सुरक्षात्मक कवच नहीं है। एक बार देने के बाद अधिकारी विश्राम करने लगे हैं। 

मशीन खराब होने के बाद ‘डोम राजाओं’ को चांदीः मशीन खराब हो जाने के बाद लावारिश शव को ‘डोम राजाओं ’ के हाथ में सौंप दिया जाता है। डीएम के पास से लावारिश शव को जलाने के लिए 3 सौ रू. विमुक्त किया जाता है। इस राशि को लेकर ‘डोम राजाओं’के द्वारा गाड़ी के टायर और अन्य चुने लकडि़यों से जला दिया जाता है। अर्द्ध जले शरीर को नाले में फेंक दिया जाता है। लावारिश लाश को लावारिश कुत्तों का निवाला हो जाता है। साधारण लोगों को शव जलाने में 7 हजार रू. में लकड़ी और 500 रू. में ट्रैक्टर वालों को भाड़ा देकर गंगा किनारे लिया जाता है। मुखाग्नि देने वाले ‘डोम राजाओं ’ को एक से तीन सौ रू. देना पड़ता है। तब जाकर परिजन को पंचतत्व में विलिन कर पाते हैं। अब आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। ऐसा न हो कि विघुत शव दाह गृह ठप पड़ जाए।



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : दीघा पुल से लेकर एम्स तक नहर और सड़क के किनारे रहने वालों पर सरकारी जुल्म

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पटना। गांव से पलायन करके आने वाले। नहर और सड़क के किनारे बना लिए आशियाना। कई  दशक से गरीब लोग रहते हैं। कल्याणकारी सरकार ने कल्याण और विकास का द्वार खोल दिया। और गरीबों की न्यूनतम जरूरते पूरी कर दी। वोट डालने के लिए परिचय पत्र बना दिए। बीपीएल में शामिल करके खाघान्न मुहैया कर दिया। बच्चों को पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र और राजकीय मध्य विघालय खोल दिए। अब एक ही झटके में आसमान से नीचे गिरा दिया। तिनका-तिनका जोड़कर आशियाना बनाने वाले लोग खुद ही अपने हाथों से आशियाना को ढाहने के लिए मजबूर हो रहे हैं। 

यह हाल दीघा पुल से लेकर एम्स तक है। गरीब लोग नहर और सड़क के किनारे रहते हैं। कोई झोपड़ी निर्माण किए हैं। तो कोई ईंट की दीवार और खप्परैल मकान बनाए हैं। सबका एक ही इलाज हो रहा है। इस गरमी के दिनों में और बरसात के मौसम में घर से बेदखल किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा ऐलान कर दिया गया है कि आप निर्मित घर को हटा दें। अगर आप खुद ही नहीं हटाते हैं तो जेसीबी मशीन से घर ढाह दिया जाएगा। इस ऐलान के आलोक में खुद ही घर के समान हटाना शुरू कर दिए हैं। 

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बताते चले कि पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा गंगा नदी पर रेल सह सड़क सेतु का निर्माण करवाया जा रहा है। किसी भी हाल में अप्रैल 2015 तक रेल सह सड़क सेतु को निर्माण कर देना है। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर जानकारी दी है। नियत समय में सेतु का निर्माण हो। उसके लिए 600 करोड़ रू. की मांग कर दी है। प्रधानमंत्री ने भरपूर सहयोग देने का वादा कर दिए हैं। लगभग गंगा नदी में निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है। अभी सिर्फ 5 पायों को जोड़ना बाकी है। उसी तरह एम्स से लेकर सड़क मार्ग के लिए पुल निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। इसका मतलब रेल और सड़क कार्य परवान पर है। निर्माण कार्य में बाधा डालने वाले लोगों को हटाया जा रहा है। अभी दीघा पुल के दक्षिण तरह कुछ झोपडि़यां सीना तानकर खड़ी है। उसको भी कुछ दिनों के बाद हटा दिया जाएगा। तब निर्माण कार्य में व्यवधान नहीं पड़ेगा। 

मगर सरकार ने निर्माण कार्य में व्यवधान पड़ने वाले लोगों की झोपडि़यों को जरूर हटा दिया है। मगर व्यवधान डालने वाले लोगों को विस्थापन के पहले पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। सरकार के पास योजना है। सरकार को कार्यशक्ति का प्रभाव है। मांझी सरकार को चाहिए कि दीघा पुल से लेकर एम्स तक नहर और सड़क के किनारे अधिकांश मुसहर समुदाय के लोग ही रहते हैं। जो आवासीय भूमिहीन हैं। अगर सरकार चाहे तो सभी की पहचान आवासीय भूमिहीनों में करके 10 डिसमिल जमीन दे दें। महादलित मुख्यमंत्री को खुद ही संज्ञान लेने की जरूरत है। नौकरशाहों के सहारे चलने में मुसहर समुदाय का अहित निश्चित है। 

हुजूर, आपके पास तो खुद मुसहर समुदाय के हित करने वाले पुराने साथी लोग हैं। आप पुराने साथियों से मशविरा करके मुसहर समुदाय को आगे कल्याण और विकास कार्य से जोड़ने का प्रयास करना ही चाहिए। 



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार के सहरसा में छात्र की मौत को लेकर हंगामा, आगजनी

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बिहार के सहरसा जिले में सोमवार को रास्ते पर गिरे हुए एक उच्च शक्ति वाले बिजली तार (हाई टेंशन वायर) की चपेट में आने से एक छात्र की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित छात्रों ने बिजली पावर ग्रिड में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। लोगों ने सुपौल पैसेंजर ट्रेन के इंजन को भी जला डाला। पुलिस के अनुसार, सुपौल का रहने वाला नौवीं कक्षा का छात्र सूरज कुमार सहरसा में रहकर पढ़ाई करता था। सूरज सुबह ट्यूशन पढ़ने जा रहा था, जब रास्ते में गिरे हाई टेंशन वायर की चपेट में आ गया और करंट लगने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। 

आक्रोशित छात्र बिजली विभाग की लापरवाही को घटना का कारण बताते हुए हंगामा करने लगे और पावर ग्रिड पर हमला बोल दिया। गुस्साए छात्रों ने पावर ग्रिड में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर भी छात्रों ने पथराव किया। गुस्साए छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर खड़ी सुपौल पैसेंजर ट्रेन में भी आग लगा दी। 

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है, जबकि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। 
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