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मधुबनी : 14 को होगा जिला संगीत संध्या कार्यक्रम का आयोजन

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मधुबनी 10, (आर्यावर्त डेस्क)  सितंबर 18,मधुबनी: कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार पटना तथा जिला प्रशासन, मधुबनी के तत्वावधान में स्थानीय टाउन हाॅल,मधुबनी में जिला संगीत कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 14.09.2018 (शुक्रवार) को संध्या 06ः00 बजे से 09ः00 बजे रात्रि तक किया जायेगा।  इस संबंध में श्री अजय कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त,मधुबनी ने बताया कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार पटना एवं जिला प्रषासन, मधुबनी के तत्वावधान में जिला संगीत संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने एवं उन्हेें प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से किया जा रहा है। कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों द्वारा मिथिलांचल में प्रसिद्ध गीत-संगीत तथा नृत्य की प्रस्तुित दी जायेगी।

बिहार : पटना में सड़कों पर उतरा वाम दलों का राज्यस्तरीय नेतृत्व.

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कहा - मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है.
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पटना 10 (आर्यावर्त डेस्क)  सितंबर 2018, पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस की कीमत में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, कमरतोड़ महंगाई, राफेल घोटाला, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का दमन और लोकतंत्र पर लगातार हमले के खिलाफ वाम दलों के अखिल भारतीय आम हड़ताल-बंद के तहत राजधानी पटना में 11 बजे रामगुलाम चैक गांधी मैदान के दक्षिणी गेट से विशाल जुलूस निकला. इस मार्च में भाकपा-माले, भाकपा, सीपीआईएम, एसयूसीआईसी, एआईएफबी और आरएसपी का राज्य नेतृत्व शामिल था. वाम दलों के नेताओं के अलावा हड़ताल-बंद के मार्च में छात्र-नौजवान संगठन के नेता-कार्यकर्ता, निर्माण मजदूर और बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न तबके के लोग शामिल थे. मुख्य नेताओं में माले के राज्य सचिव कुणाल व पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह व जानकी पासवान, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार व अरूण मिश्रा, एसयूसीआईसी के सूर्यंकर जितेन्द्र व साधना मिश्रा, एआईएफबी के अशोक कुमार व अन्य नेता शामिल थे. इन प्रमुख नेताओं के अलावा भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव, राजाराम, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे व राज्य सचिव शशि यादव, पटना नगर के सचिव अभ्युदय, ऐक्टू के नेता रणविजय कुमार, सीपीआई के राजश्री किरण, इरफान अहमद, अशोक कुमार, सीपीआईएम के गणेश शंकर सिंह, मनोज चंद्रवंशी आदि नेता तथा सैकड़ों की तादाद में वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता व समर्थक मार्च में शामिल थे. वहीं छात्र संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय से बंद का जुलूस निकाला. इसका नेतृत्व आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, पटना विश्वविद्यालय के संयोजक विकास यादव और एआईएसएफ के बिहार राज्य सचिव सुशील ने किया. गांधी मैदान से निकलकर जेपी गोलबंर, रेडियो स्टेशन होते हुए मार्च डाकबंगला चैराहा पहुंचा और चैरोहे को जाम कर वहां पर एक सभा आयोजित की गई. सभा की अध्यक्षता सभी वाम पार्टियों के राज्य सचिवों ने संयुक्त रूप से की. सभा को संबोधित करते हुए वाम नेताओं ने कहा कि आज का ऐतिहासिक भारत बंद बतला रहा है कि अब मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है. आज पूरे देश ने पेट्रोल व डीजल व रसोई गैस की कीमत में भारी बढ़ोतरी, रुपये के अवमूल्य और राफेल घोटाले के खिलाफ सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताया, फिर भी बेशर्म मोदी सरकार ने आज भी पेट्रो पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. यह असहनीय है और इसका पूरा खामियाजा मोदी सरकार को भुगतना होगा. वाम नेताओं ने कहा कि आज सड़कों पर उतरकर देश की जनता मोदी सरकार से हिसाब मांग रही है. लेकिन सरकार ने इस विषय पर चुप्पी साध रखी है. आज से साढ़े चार पहले यही नरेन्द्र मोदी पेट्रो पदार्थों की बढ़ी कीमतों पर बड़ी-बड़ी बातें करते थे लेकिन आज कह रहे हैंै कि पेट्रो पदार्थों की कीमत पर नियंत्रण स्थापित करना उसके वश में नही है. जाहिर है यह देश की जनता से गहरा विश्वासघात है. आज मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के दमन व लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ भी लोगों ने सड़क पर उतरकर अपना प्रतिराध जताया है और नरेन्द्र मोदी को यह संदेश भेजा है कि उनकी तानाशाही को देश की जनता अब बर्दाश्त नहीं करेगी.

डाकबंगला चैराहे पर प्रतिवाद सभा के उपरांत इनकम टैक्स, स्टेशन गोलबंर तक मार्च किया. भारत बंद का असर पूरे बिहार में
भारत बंद के दौरान आज भागलपुर में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क का मुख्य चैराहा जाम किया. औरंगाबाद के ओबरा में माले कार्यकर्ताओं ने भारत बंद को सफल बनाया. दरभंगा के बसतपुर के मधुबन में माले नेता हरि पासवान के नेतृत्व में चक्का जाम किया गया. बिरौल में हाटी कौठी पुल को भी जाम किय गया. कटिहार में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, जूही आलम और काजिम इरफानी के नेतृत्व में बंद का सफल बनाया गया. एन 107 आरएनए साह चैक पूर्णिया। अन्य दलों के लोग अलग- अलग लगभग सभी चैक चैराहों पर बस अड्डे पर मौजूद थे. भट्ठा बाजार व आरएनसाह चैक पर वाम दल. भारत बंद के समर्थन में आरा शहर में भाकपा माले के घर कार्यकर्ता जुलूस निकालकर आरा शहर बंद करा बंद में शामिल प्रमुख नेताओं में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य जिला सचिव जवाहर लाल सिंह यादव लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी राजू यादव, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, आरा नगर निगम के वार्ड पार्षद अधिवक्ता अमित कुमार बंटी, सत्य देव पासवान ,भाकपा माले नेता राजेंद्र यादव, राजनाथ राम, दिलराज प्रीतम, सुरेश पासवन आदि शामिल थे.
  
अभूतपूर्व हड़ताल-बंद के लिए माले ने दी बिहार की जनता को बधाई.
 भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज के भारत बंद को ऐतिहासिक बताया है और कहा है कि बंद के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ पनप रहे आक्रेाश की अभिव्यक्ति बतलाया है. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने आज के बंद को ऐतिहासिक बनाकर मोदी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. देश की जनता अब किसी भी सूरत में पेटो पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी बर्दाश्त नहीं करेगी. बढ़ी कीमतों को अविलंब वापस लेना होगा. साथ ही राफेल घोटाला और रुपये के अवमूल्यन का भी जवाब आज के बंद के जरिए देश की जनता ने मोदी सरकार से पूछा है. साथ ही, आज के बंद के जरिए देश की जनता ने देश के ताने-बाने को बिगाड़े जाने, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और लोकतंत्र के दमन के खिलाफ भी लोकतांत्रिक भारत की आकांक्षा का इजहार किया है. आज के बंद के दौरान पटना सहित राज्य के अधिकांश जिलों में बंद व्यापक रूप से सफल रहा. आरा, अरवल, जहााबाद, दरभंगा, सिवान, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, मोतिहारी, नालंदा, नवादा आदि जगहों पर सैकड़ों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे और मोदी सरकार को आगाह किया. उन्होंने बंद के दौरान नवादा में बंद समर्थकों की गिरफ्तारी व उनपर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है और कहा कि नीतीश कुमार दमनात्मक रूख से बाज आएं.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 सितंबर

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सोयाबीन फसल में वायरस की रोकथाम के लिए आवश्यक सलाह

उप संचालक कृषि सीहोर ने बताया कि जिले में वर्तमान में सोयाबीन फसल में पीला मौजेक वायरस का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। सफेद मक्खी रसचूसक से यह रोग तीव्रता के साथ फैलता है। जिसकी रोकथाम के लिये कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को आवश्यक सलाह दी गई है। किसान थायोमिथाक्सम 25 डब्ल्यू.पी. 100 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करे। एन्थ्रेकनोज एवं पॉड ब्लाईट के प्रभाव देखने में आ रहा है जिसके नियंत्रण के लिये थायोफिनाइट मिथाइल 1 किलो, हेक्टेयर, टेबूकोनाझोल 625 मिली., हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल़सल्फर 1 लीटर हेक्टेयर अथवा हेक्झाकोनाझोल 500 मिली., हेक्टेयर अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबिन 500 ग्रा., हेक्टेयर को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करे। कही-कही पर सोयाबीन की फसल में लाल मकड़ी का भी प्रकोप देखा गया है, जिसके नियंत्रण हेतु इथियान 1.5 ली. प्रति है. की दर से 500 ली. पानी के साथ छिडकाव करें। इसके साथ ही तम्बाखू की इल्ली एवं सफेट मक्खी का प्रभाव भी शुरू हो गया है इसके नियंत्रण के लिये थायोमिथाक्समलेम्बडा सायहेलोथ्रीन 125 मिली., हेक्टेयर अथवा बीटासायफ्लूथ्रिऩ इमिडाक्लोप्रीड 650 मिली., हेक्टेयर अथवा इन्डोक्साकार्ब 330 मिली., हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी के छिडकाव करें।

स्वीप प्लान हेतु बूथ लेविल प्रभारी नियुक्त

कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद इछावर ने स्वीप प्लान के लिए बूथ लेविल प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। आदेश जारी करते हुए उन्होंने बताया कि विधानसभा 2018 के मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरुकता अभियान के तहत प्रचार-प्रसार, मतदाताओं को जागरुक करने के लिए विभन्न प्रकार की गतिविधियां संचालिक की जाना है। जिसमें स्वीप प्लान 2018 हेतु बूथ लेविल प्रभारी नियुक्त किये गये हैं। समस्त कार्यों के प्रभारी ऋषिकांत यादव राजस्व उपनिरीक्षक होंगे।  बूथ लेविल प्रभारियों में मतदान केन्द्र क्रमांक 212 शा.बा.उ.उ.मा.वि उत्तर भाग भवन में श्री राजेन्द्र वर्मा, 213 शा.बा.उ.उ.मा.वि दक्षिण भाग भवन श्री तिलकराम वर्मा, 214 मा.शाला क्रमांक 1 में श्री राजेश बाहेती, 215 शा.प्राथमिक शाला कक्ष 1 उत्तर भाग में श्रीमती अर्चना त्रिवेदी, 216 नवीन माध्यमिक शाला भवन क्रमांक 1 श्री अजहर खां, 217 कम्युनिटी हॉल गंजीबड़ में श्री सुरेन्द्र मुकाती, 218 शा.क.मा.शाला मॉडल कलस्टर कक्ष में श्री अर्जुन सिंह परमार, 219 क.प्राथमिक शाला भवन में श्री अजय चौहान, 220 मा.शा.कमांक 3 में श्री त्रिलोक चंद पंवार, 221 मा.शा.कमांक 3 में श्री मनोज कलोदिया एवं केन्द्र क्रमांक 222 नवीन माध्यमिक शाला भवन में श्री राहुल सोनी को नियुक्त किया गया है। 

स्वास्थ्य विभाग की सलाह - बुखार होने पर तुरंत इलाज कराएं

बुखार के साथ-साथ यदि तेज सिरदर्द, आंखों के आसपास व  मांसपेशियों में दर्द तथा शरीर पर चकते बनना आदि लक्षणों में से दो या दो से अधिक लक्षण दिखाई देने पर कोई व्यक्ति डेंगू का मरीज हो सकता है। कभी-कभी रोगी को होने वाला सामान्य बुखार भी डेंगू हो सकता है। इसलिए डेंगू होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। इन लक्षणों के साथ-साथ मसूड़ों अथवा आंखों से रक्त स्त्राव अथवा रक्त में प्लेटलेट्स का कम होना आदि गंभीर प्रकार के डेंगू बुखार के सूचक हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिए। इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल निकटतम शासकीय चिकित्सालय में संपर्क करें और बीमारी का समय पर इलाज कराएं। इसके साथ-साथ डेंगू से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतें, घर में पानी के बर्तन ढंककर रखें, सप्ताह में एक बार पानी के कंटेनर को अवश्य खाली करें, पैराथ्रम नामक दवा को कैरोसीन में मिलाकर आसपास छिड़काव करें, पूरी बांह के कपड़े पहनें तथा शरीर को ढंककर रखें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, घरों के आस-पास पानी इकठ्ठा न होने दें, पानी इकठ्ठा होने पर कैरोसीन अथवा जला हुआ तेल डालें। 

नशामुक्त ग्राम पंचायत को मिलेगा एक लाख रुपये का पुरस्कार

प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिये शासन द्वारा जिले की एक नशामुक्त ग्राम पंचायत को एक लाख रूपये का पुरस्कार दिये जाने की योजना प्रारंभ की गई है। जिसके तहत ग्राम सभा की बैठक के माध्यम से प्रस्ताव पारित कर ग्राम पंचायत को नशामुक्त बनाने के प्रयास किये जायेंगे। जिला स्तर पर गठित चयन समिति नशामुक्ति की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एक ग्राम पंचायत को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र दिये जाने के लिए चयन करेगी।  

श्रमिकों के बच्चों के लिए शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता योजना
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर
प्रदेश में बीड़ी, चूना पत्थर और डोलामाइट, लौह-मैगनीज, अयस्क खदान में कार्यरत श्रमिकों के बच्चों से शैक्षणिक वर्ष 2018-19 के लिए “शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता योजना” में गणवेश तथा छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। कक्षा एक से 10 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर है। कक्षा 11 वीं से आगे तक अध्ययनरत छात्र-छात्राएँ 31 अक्टूबर 2018 तक छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र छात्र-छात्राएँ नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल http://scholarships.gov.in/helpdesk.nsp/gov.in पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर ही आवेदन करने एवं पात्रता की जानकारी उपलब्ध है।  

राष्ट्रीय पोषण माह पर कार्यशाला का आयोजन

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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत 01 से 30 सितम्बर 2018 तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है जिसके प्रचार प्रसार हेतु जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन सहायक संचालक श्रीमती गौतमी गोलाईत की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में जिले के समस्त पत्रकार उपस्थित थे। संभागीय समन्वयक न्यूट्रिशन इन्टरनेशनल श्री संजय कटारे द्वारा मीडियाकर्मियों को पोषण माह अंतर्गत की जा रही गतिविधियों के संबंध मे प्रस्तुतिकरण दिया गया। राष्ट्रीय पोषण मिशन का आयोजन जिला पंचायत विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, स्कूल षिक्षा विभाग जनजातिय कार्य विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन विभाग, मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जनसंपर्क विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विभागों के समन्वय द्वारा किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण माह के प्रत्येक दिन आंगनवाडी स्तर, सेक्टर स्तर, परियोजना स्तर एवं जिला स्तर पर अलग-अलग पोषण जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में योजना के सफल क्रियान्वयन एवं जनजागरूकता में पत्रकारों की भूमिका के विषय पर चर्चा की गई।

मिशन अंत्योदय अन्तर्गत समन्वय समिति की जिला स्तरीय बैठक संपन्न 
कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को दिए आवश्यक निर्देश
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कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मिशन अंत्योदय अन्तर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री पिथोड़े ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, मतस्य, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य एवं कृषि विभाग प्रमुखों को अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्य मिशन अंत्योदय के अन्तर्गत कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को हर 15 दिन में पेयजल की गुणवत्ता नमूने के आधार पर जांच करने, खाद्य विभाग को उज्जवला योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाने, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को स्वरोजरोजगार योजनाओं की जानकारी बेरोजगारों तक पहुंचाने एवं प्रशिक्षण के लिए, सामाजिक न्याय विभाग को पात्र व्यक्तियों की पेंशन सुनिश्चत करने आदि के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा सहित संबंधित विभागों के विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

सहकारिता के माध्यम से हर हाथ को काम :— श्रीमती उषा सक्सेना

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सीहोर । जिला सहकारी संघ मर्यादित सीहोर द्वारा प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संस्था गुलखेड़ी एवं निवारिया के सहयोग से महिला सहकारी संगोष्ठी— गुलखेड़ी, निवारिया में श्रीमती उषा सक्सेना अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोर के मुख्य आतिथ्य में श्री धरमसिंह वर्मा अध्यक्ष जिला सहकारी संघ मर्यादित सीहोर की अध्यक्षता में श्रीमती अरूणा हर्षे पूर्व व्याख्याता, श्रीमती सरोज ठाकुर पूर्व पाषर्द एवं महामंत्री भाजपा जिला सीहोर के विशेष आतिथ्य में आयोजित की गई । कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया । तत्पश्चात् अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं द्वारा पुष्पमालाओं द्वारा,  तेजसिंह ठाकुर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला संघ, रामसिंह वर्मा पर्यवेक्षक  सी. सी. बी., नरेन्द्र सिंह ठाकुर सचिव दुग्ध, प्रभुलाल जी गौर संस्था प्रबंधक, प्रतीम सिंह ठाकुर दुग्ध संस्था निवारिया द्वारा पुष्पगुच्छ से स्वागत किया । श्रीमती उषा सक्सेना मुख्य अतिथि द्वारा कहाकि सहकारिता ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां संस्था के प्रत्येक सदस्य को बराबर काम दिया जाता है सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं दुग्ध व्यवसाय में काम कर रही है और इसके अतिरिक्त भी ग्रामीण क्षेत्र में दुसरी सहकारी समिति का गठन भी कर सकते हैं । सिलाई—कड़ाई , पापड़ मजदूर वर्ग की समिति का गठन कर सकते हैं । सहकारिता से जो भी जुड़ता है उसे काम मिलता है समान अधिकार रहते हैं आर्थिक रूप से मजबूती आती है अन्त में उपस्थित सभी महिलाओं एवं पुरूषों से एक—एक पेड़ लगाने पर जोर दिया तथा ग्राम गुलखेड़ी एवं निवारिया में पौधारोपण किया । श्री धरमसिंह वर्मा द्वारा अध्यक्षता करते हुए कहाकि सहकारिता का अर्थ ही मिलजुल कर कार्य करना है सहकारिता हमें एकता से रहना सिखाती है। ''बिन सहकार नहीं उद्धार''यह सहकारिता का नारा है इसी प्रकार ''बिन संस्कार नहीं सहकार''दूसरा नारा है । संस्कार के बिना सहकारिता हो ही नहीं सकती । सहकारिता के सात सिद्धांत में पांचवा सिद्धांत सहकारी शिक्षा, प्रशिक्षण और सूचना का है। हम उसी सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं आपको सहकारिता की भावना से अवगत कराना ही हमारा उद्देश्य है। श्रीमती सरोज ठाकुर, श्रीमती अरूणा हर्षे विशेष अतिथि एवं श्री तेजसिंह ठाकुर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सम्बोधित किया ।

बेगूसराय : एआईएसएफ के युवा छात्रों ने क्रिकेट खेलकर किया भारत बन्द का समर्थन।

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साथ में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी सड़कों पर बैठक करते हुए किया सड़कों का चक्का जाम।
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बेगूसराय (अरुण कुमार), महंगाई में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ भारत बंद के समर्थन में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के कार्यकर्ताओं ने एनएच 31 पर क्रिकेट खेला जिसमें एक तरफ एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष सजग सिंह ने कप्तानी किया तथा दूसरी तरफ जयंत कुमार ने किया। सजग सिंह की कप्तानी में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने टास जीत कर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। प्रदेश उपाध्यक्ष अमीन हमजा एवं सजग सिंह ने बल्लेबाजी करते हुए 6 ओवर में 75 रन बनाया और जयंत कुमार को हरा दिया। क्रिकेट के बाद एक सभा का आयोजन किया गया जिसे संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमीन हमजा ने कहा की वर्तमान सरकार में महंगाई इतना आसमान छू लिया है की आम आम आम की जिंदगी जीना हराम हो गया है। गरीब का पेट भरना मुश्किल हो गया है। किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। पूंजीपति की गोद में बैठकर केंद्र सरकार महंगाई बढ़ा कर पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचा रहा है और गरीबों को जीना मुहाल कर दिया है। जिला अध्यक्ष सजग सिंह ने कहा कि राफेल विमान घोटाला का सीबीआई जांच हो एवं पेट्रोल डीजल के अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए आज की बंदी का समर्थन हमारा संगठन पूरे देश भर में अपने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत भारत बंद का समर्थन कर रहा है। राज्य कार्यकारिणी सदस्य अमित कुमार ने कहा कि देशभर में वर्तमान सरकार चुनाव से पहले बड़े बड़े वादे किए थे की बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा और उसके बिल्कुल विपरीत आज बेरोजगारों की लंबी फौज हमारे देश के अंदर लग गई है। हमारा संगठन इस भारत बंद के माध्यम से यह मांग करता है कि बेरोजगारों को या तो रोजगार दे या उसे बेरोजगारी भत्ता दे। जिला उपाध्यक्ष शंभू देवा ने कहा कि वर्तमान सरकार को देश की जनता से कोई मतलब नहीं है। सरकार पूंजीपतियों को खुश करने के लिए देश की गरीब जनता को आत्महत्या और मरने के लिए छोड़ दिया है। इसी के खिलाफ आज भारत बैंड में हमारे साथ जिले देश के तमाम संगठनों का समर्थन संयुक्त रुप से प्राप्त है।*वहीं दूसरी तरफ पूर्व कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह अधिवक्ता शांति स्वामी, सार्जन सिंह आदि कई कार्यकर्ताओं ने बैठक में शामिल हो बन्द को सफल बनाने के लीये अपनी सहभागिता दर्ज करायी*।*इधर कालीस्थान चौक पर nsui के रवि कुमार ने अपने पूरे टीम के साथ भारत बन्द में शांतिपूर्ण माहौल कायम करते हुए बन्दी को सफल बनाने में सफल रहे*।**भारत बंद का समर्थन करने के दौरान हो रहे क्रिकेट में ताइक्वांडो के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कैसर रेहान, नगर सह सचिव गौरव कुमार, शाहरुख खान, मिंटू सिंह, टाइगर खान, हाशमी रोज, अरशद, दीपक कुमार, ताजुद्दीन, प्रीतम कुमार गोलू, रवि भूषण, गुड्डू कुमार, प्रिंस कुमार, उपमहापौर राजीव रंजन भी समर्थन में शामिल हुए। 

मधुबनी : भाकपा माले का मधुबनी में चक्का जाम, रेल रहा बाधित

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मधुबनी (आर्यावर्त  डेस्क) 10 सितम्बर, पेट्रोल,डीजल,रसोई गैस के मूल्यों में हूई बेतहाशा मूल्य बृद्धी,राफेल बिमान घोटाला एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे दमन के खिलाफ में भाकपा (माले )कार्यकर्ताओं ने मधुबनी रेलवे स्टेशन पर जयनगर -समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन को एक घंटा तक रोके रखा।इसके बाद मधुबनी रेलवे स्टेशन परिसर से जुलूस निकाला।जो शहर के मुख्य मार्ग पर मार्च करते हुए,जिला समाहरणालय के समक्ष उतरी गेट के पास सड़क जाम कर बैठ गये। जिसका नेतृत्व माले के जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण,अनिल कुमार सिंह,अरुण कामत,प्रेम कुमार झा,बिशंम्भर कामत,शंकर पासवान,सोमन पासवान,आइसा नेता प्रमोद कामत,इनौस नेता गोपाल यादव कर रहे थे। माले द्धारा किये गये जाम स्थल पर ही राजद एवं कांग्रेस के लोग आये औऱ वही संयुक्त सभा की शुरुआत माले जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण की अध्यक्षता में शुरुआत हुआ।सभा को माले नेताओं के अलावा राजद बिधायक समीर महासेठ,राजद के जिला अध्यक्ष राम बहादुर यादव,कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शीतलाम्बर झा,अमानुल्लाह खांन वगैरह ने संम्बोधित किया।

विशेष आलेख : केवल ”भारत बंद“ समाधान नहीं है

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पेट्रोल और डीजल के बढ़ते मूल्यों को लेकर आम जनता परेशान है, उसका दम-खम सांसें भरने लगा है, जीवन दुश्वार हो गया है और इन स्थितियों को लेकर राजनीतिक दलों यानी विपक्षी दलों का सक्रिय होना स्वाभाविक ही है। जब पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बावजूद केंद्र सरकार कोई कदम उठाती नहीं दिख रही हो तो विपक्ष का हमलावर होना भी समझ आता है, लेकिन इस हमले का स्वरूप भारत बंद की शक्ल में ही क्यों हो? विपक्षी दल और खासकर कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि इस तरह भारत बंद करने से उसे या फिर आम जनता को क्या हासिल होने वाला है?  केवल ”भारत बंद“ से जनता की सहानुभूति पाने का रास्ता अनेक प्रश्नों को खड़ा कर रहा है। बंद और हड़ताल जैसे तरीके लोकतंत्र में आजादी के बाद से इस्तेमाल होते रहे हैं लेकिन प्रश्न है कि क्या यही तरीका अपनी बात को रखने का सही तरीका है? अपनी-अपनी पार्टी के परचम के सामने हाथ उठाकर सिद्धांतों के प्रति वफादारी दिखाने वाले हाथ इन तरीकों को उपयोग में लेते हुए कितने नीचे उतर आते हैं। ऐसे अविश्वसनीय तौर-तरीके किसी भी तरह से जायज नहीं माने जा सकते हैं। जनता के हित की बात करते हुए ऐसा लगता है जनता को ठगने के ही यह हथकंडें हैं। 

चुनाव की सरगर्मियों के बीच विपक्षी दलों के द्वारा इन तथाकथित विरोध प्रदर्शन के ऐसे आरोपों के माध्यम से जनता की सहानुभूति हासिल करना सस्ती राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है। क्या जब संप्रग सरकार के समय एक बार पेट्रोल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गए थे तब ऐसा ही किया जा रहा था? भारत बंद के लिए लामबंद कांग्रेस और अन्य दल इस पर प्रकाश डाल सकें तो बेहतर होगा कि सरकार को आम जनता को राहत देने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए? विरोध प्रदर्शन के साथ समस्या के समाधान का कोई रास्ता भी प्रस्तुत किया जाये तो उचित होगा। अन्यथा भारत बंद से फायदा क्या होगा? इससे किसे लाभ हुआ और किसे नुकसान? यह तमाम प्रश्न आम लोगों के सामने हैं। इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बंद व हड़ताल सिर्फ आम लोगों के लिए ही परेशानी खड़ी नहीं करते, बल्कि विकास के लिए भी बाधा खड़ी करते हैं। बावजूद उसके राजनीतिक पार्टियां एवं विभिन्न संगठन सरकार पर दबाव बनाने के लिए अक्सर ही इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस की कीमत बढ़ने से लोग पहले ही परेशान हैं। उस पर बंद व हड़ताल जख्म पर नमक डालने जैसा है। 

विपक्षी दल यह सोचते हैं कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि लोगों के हित में आवाज उठाए। आम जनता की परेशानियों की चिन्ता करना अच्छी बात है लेकिन विडम्बनापूर्ण सच्चाई यह है कि उनकी चिंता में आम आदमी की परेशानी कहीं नहीं होती। आज तक बन्द या हड़ताल से क्या किसी भी वस्तु की कीमत कम हुई है? नहीं। इसके बावजूद हड़ताल व बंद होता ही है। कुल मिलाकर बढ़े हुई दर की वसूली आम लोगों से की जाती है। उस पर हड़ताल और बंद की परेशानी अतिरिक्त है। इससे क्या सरकार पर दबाव बन जाएगा और तेल की कीमत कम हो जाएगी? ऐसा नहीं है कि कीमत बढ़ने का विरोध नहीं होना चाहिए। विरोध हो, पर बंद और हड़ताल कर नहीं। लोग बंद और हड़ताल की संस्कृति से ऊब चुके हैं। उसके लिए जरूरी है कि हड़ताल की संस्कृति हमेशा के लिए समाप्त करने पर सामूहिक सहमति बने। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को चाहिए कि वह हड़ताल व बंद का रास्ता त्याग कर विरोध जताने का दूसरा रास्ता अख्तियार करें। क्यों नहीं हम जापान जैसी स्थिति पैदा करते? वहां के नेताओं वाली मानसिकता क्यों नहीं अपनाते? जापान में एक बार कल-कारखानों के कर्मचारियों ने अपनी मांग की पूर्ति के लिए विरोध किया था। उस दिन सभी कर्मचारी कारखाने पहुंचे और विरोध में इतना अधिक उत्पादन कर दिया कि मालिकों की हालत खराब हो गई। आम लोग भी हड़ताल नहीं चाहते। ऐसे में राजनीतिक दलों को चाहिए कि वह जनमत को देख कर हड़ताल व बंद जैसा विकास बाधक रास्ता न चुने। बल्कि सृजनात्मक आंदोलन हो, ताकि लोगों का भला हो सके।

यदि विपक्षी दल यह चाह रहे हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए जाने वाले करों में कमी करे तो फिर राज्य सरकारों को भी इसमें भागीदार बनना होगा। क्या वे इसके लिए तैयार हैं? यदि हां तो फिर क्या कारण है कि अभी तक विपक्ष शासित किसी भी राज्य और यहां तक कि कर्नाटक अथवा पंजाब ने पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें घटाने का काम नहीं किया है? आखिर वे पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें घटाकर जनता को राहत देने के साथ ही केंद्र सरकार के समक्ष कोई नजीर पेश क्यों नहीं कर रहे हैं? जबकि ऐसा उदाहरण भाजपा शासित राजस्थान की सरकार ने 4 प्रतिशत वेट कम करने की घोषणा से कर दिखाया है। संभवतः केन्द्र सरकार एवं अन्य भाजपा शासित राज्यों की सरकारें भी ऐसे ही कदम उठा लें। लेकिन वह सब भारत बंद की निष्पत्ति नहीं कहलाई जा सकती।
यह सत्य है कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय कारणों से हो रही है। यह भी सही है कि कच्चे तेल के मूल्यों में वृद्धि ईरान, वेनेजुएला और तुर्की के संकटग्रस्त होने के कारण हो रही है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि भारत सरकार पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य बढ़ते हुए देखती रहे। उसे यह आभास होना चाहिए कि महंगा पेट्रोल और डीजल आम जनता को परेशानी में डालने के साथ ही महंगाई के सिर उठाने का जरिया बन रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने का सीधा असर आम-आदमी की थाली पर पड़ता है। गरीबांे के साथ यह क्रूर मजाक है। महंगाई बढ़ने का कारण बनता है पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी होना। इससे मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोगों की हालत तबाही जैसी हो जाती है, वे अपनी परेशानी का दुखड़ा किसके सामने रोए? बार-बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाना सरकार की नियत में खोट को ही दर्शाता है, इस तरह की सरकार की नीति बिल्कुल गलत है, शुद्ध बेईमानी है। इस तरह की नीतियों से जनता का भरोसा टूटता है और यह भरोसा टूटना सरकार की विफलता को जाहिर करता है। लेकिन यह सब होते हुए भी भारत बन्द उसका समाधान किसी भी सूरत में नहीं हो सकता।

नरेन्द्र मोदी सरकार समस्या की गंभीरता को समझती है, इसमें कोई शंका नहीं है। लेकिन उसे समस्या के समाधान के लिये भी आगे आना होगा। इन विकराल होती स्थितियों में सरकार को ही कोई कठोर कदम उठाने होंगे। ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सके। इस मामले में कुछ दक्षिण एशियाई देशों का उदाहरण हमारे सामने है, जहां पेट्रोल-डीजल के दाम एक सुनिश्चित दायरे में रहते हैं, भले ही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसके भाव ऊपर-नीचे होते रहे एवं मुद्रा विनिमय की स्थितियों में भी उतार-चढ़ाव चलता रहे। वहां की सरकारें पेट्रोल-डीजल के दामों को बांधे रखती है। इस प्रक्रिया से भले ही सरकार की राजस्व धनराशि घटती-बढ़ती रहे, लेकिन आम जनजीवन इनसे अप्रभावित रहता है। मोदी सरकार को भी ऐसी ही स्थितियों को लागू करने की जरूरत है, ताकि आम-जन एवं उपभोक्ताओं को मुसीबत के कहर से बचाया जा सके। महंगाई की मार से बचाने का उपाय सरकार को ही करना होगा और वही सरकार सफल है जो इन आपाद स्थितियों से जनजीवन को प्रभावित नहीं होने देती।

सरकार की ओर से किसी समस्या के कारणों को रेखांकित करना भर पर्याप्त नहीं और ऐसे बयानों का तो कोई मतलब ही नहीं कि भारत जैसा बड़ा देश बिना सोचे-समझे एक झटके में कोई कदम नहीं उठा सकता। अगर सरकार पेट्रोल और डीजल की खपत कम करने के उपाय कर रही है तो यह अच्छी बात है, लेकिन उसे यह पता होना चाहिए कि ऐसे उपाय रातों-रात अमल में नहीं लाए जा सकते। माना कि डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत ने सरकार के विकल्प सीमित कर दिए हैं, लेकिन वह इसकी अनदेखी नहीं कर सकती कि अगर पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि का सिलसिला थमा नहीं तो महंगाई बेलगाम हो सकती है और चुनावी माहौल में यह उसके लिए कहीं बड़ा संकट होगा। मोदी सरकार को उसके लिए एक सादा, साफ और सच्चा समाधान प्रस्तुत करना ही होगा। तभी हम उस कहावत को बदल सकेंगे ”इन डेमोक्रेसी गुड पीपुल आर गवरनेड बाई बैड पीपुल“ कि लोकतंत्र में अच्छे आदमियों पर बुरे आदमी राज्य करते हैं।



(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : बिहार में बंद का व्यापक असर, केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

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बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष सड़क पर, कटिहार में टेम्पों चला पर बस नदारद, बेतिया में बंद सफल
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पटना  (आर्यावर्त डेस्क) 10 सितम्बर : पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के विरोध में विपक्ष के आह्वान पर भारत बंद बुलाया गया. बिहार में भी इसका व्यापक असर देखने को मिला. कांग्रेस के इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सहित महागठबंधन के सभी दलों का समर्थन मिला. सुबह नौ बजे से तीन बजे तक विपक्ष का भारत बंद सफल रहा. बंद को लेकर राजधानी पटना में दो हजार जवानों की तैनाती की गई. राजधानी में 94 जगहों पर विशेष मजिस्ट्रेट तैनात किए गए. बंद से होने वाली परेशानी को लेकर हेल्पलाइन जारी की गई. बंद को सफल बनाने में बस और ऑटो चालक भी शामिल रहे पर बस नहीं चली. बंद से इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा गया .आरजेडी कार्यकर्ताओं ने पटना सिटी के बड़ी पहाड़ी मोड़ स्थित पटना मसौढ़ी रोड पर आगजनी कर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और हंगामा किया. इस दौरान केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. विपक्ष ने सरकार को जनविरोधी करार दिया है. साथ ही कहा कि जनता को महंगाई की आग में झोंक रही है सरकार.

बिहार के विभिन्न हिस्सों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला. बंद समर्थक जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सड़क और रेलमार्ग को बाधित किया जा रहा है. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है. विपक्ष के बंद से आम जनता को भी काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है. खगड़िया बस स्टैंड के समीप NH-31 को जाम कर आवागमन को बघित कर दिया गया, जिससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई. वहीं, जाप पार्टी के कार्यकर्त्ता के द्वारा शहर में घूम-घूमकर बाजार को बंद कराया गया. शहर की तमाम दुकानों को बंद करा दिया गया है और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाया जा रहे हैं. भारत बंद के दौरान सैकड़ों की संख्या में महागठबंधन के कार्यकर्ता आरा रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने आरा स्टेशन के डाउन लाइन पर आरा-पटना पैसेंजर ट्रेन को रोक कर रेलवे का परिचालन बाधित कर दिया. इस मौके पर पुकिसकर्मी भी काफी बेबस नजर आए. सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने एहतियातन ज्यादातर स्कूलों को पहले ही बंद करा दिया था. बता दें कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के मूल्यों में हो रही लगातार वृद्धि के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने आज भारत बंद का आह्वान किया है, जिसमें बिहार में महागठबंधन के सभी दलों ने समर्थन किया है. बंद का असर सुबह से ही सड़कों पर देखने को मिला. बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पेट्रोल, डीजल और गैस के दामों में लोगों को राहत देने का मांग की है.

विशेष : संत विनोबा भावे ने शुरू किया था भूदान आन्दोलन

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1 1 सितम्बर को विनोबा जी के जन्म जयंती पर विशेष
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महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। आचार्य विनोबा भावे हमारे ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ हैं, जिनकी जन्म जयन्ती 11 सितम्बर को मनाई जाती है। वे अपने समय के सूर्य थे। रोशनी उनके साथ चलती थी। वे संतों की उत्कृष्ट पराकाष्ठा थे, भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। वे भारत में भूदान तथा सर्वोदय आन्दोलन प्रणेता के रूप में सुपरिचित थे। वे भगवद्गीता से प्रेरित जनसरोकार वाले जननेता थे, उपदेष्टा थे, जिनका हर संवाद सन्देश बन गया है।

विनोबा भावे ने गाँधीजी के साथ देश के स्वाधीनता संग्राम में बहुत काम किया। उनकी आध्यात्मिक चेतना समाज और व्यक्ति से जुड़ी थी। इसी कारण सन्त स्वभाव के बावजूद उनमें राजनैतिक सक्रियता भी थी। उन्होंने सामाजिक अन्याय तथा धार्मिक विषमता का मुकाबला करने के लिए देश की जनता को स्वयंसेवी होने का आह्वान किया। उनके आध्यात्मिक विकास में उनकी माँ रुक्मिणी देवी का गहरा प्रभाव था। उन्होंने इसी प्रभाव में महाराष्ट्र के सभी सन्त तथा दार्शनिकों को पढ़ा था। उनकी गणित में विशेष रुचि थी। उन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है। आज भी कुछ लोग यही कहते हैं। मगर यह उनके चरित्र का एकांगी और एकतरफा विश्लेषण है। वे गांधीजी के ‘आध्यात्मिक उत्तराधिकारी’ से बहुत आगे, स्वतंत्र सोच के स्वामी थे। मुख्य बात यह है कि गांधीजी के प्रखर प्रभामंडल के आगे उनके व्यक्तित्व का स्वतंत्र मूल्यांकन हो ही नहीं पाया। सचमुच! वह कर्मवीर कर्म करते-करते कृतकाम हो गया। पर हमारे सामने प्रश्न है कि हम कैसे मापें उस आकाश को, कैसे बांधें उस समंदर को, कैसे गिने बरसात की बूंदों को? विनोबा की रचनात्मक, सृजनात्मक एवं समाज-निर्माण की उपलब्धियां इतनी ज्यादा हैं कि उनके आकलन में गणित का हर फार्मूला छोटा पड़ जाता है।
वर्ष 1916 में विनोबा भावे अपनी इन्टरमीडियेट की परीक्षा देने मुम्बई जा रहे थे। रास्ते में ही उनका मन बदला और वे बनारस की ओर चल पड़े। उनके मन में अनश्वर ज्ञान तथा अनादि ब्रह्म को जानने की अदम्य इच्छा जागी। बनारस में उन्होंने संस्कृत के पौराणिक ग्रन्थों का गहन अध्ययन किया। दरअसल इस घटना ने उनके जीवन की धारा बदल दी। इस समय के भाल पर दो महापुरुषों के एक-दूसरे के आकर्षण का संयोग अंकित था- एक ओर विनोबा संन्यास की साध में, सत्यान्वेषण की ललक लिए काशी की गलियों में, घाटों पर भटक रहे थे। वहीं दूसरी ओर एक और जिज्ञासु भारत को जानने, उसके हृदयप्रदेश की धड़कनों को पहचानने, उससे आत्मीयता भरा रिश्ता कायम करने के लिए भारत-भ्रमण पर निकला हुआ था। वह कुछ ही महीने पहले दक्षिण अफ्रीका से बेशुमार ख्याति बटोरकर लौटा था। आगे उसकी योजना भारतीय राजनीति में दखल देने की थी। उस साधक का नाम था- मोहनदास करमचंद गांधी।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में विनोबा भावे ने गाँधीजी का प्रवचन सुना। वह उनसे इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने गाँधीजी को पत्र लिखा। कुछ पत्राचार के बाद गाँधीजी ने विनोबा भावे को अहमदाबाद के कोचराब आश्रम में मिलने के लिए बुलाया। 7 जून 1916 को विनोबा भावे गाँधीजी से मिले। इस भेंट ने विनोबा भावे को इतना प्रभावित किया कि उनका गाँधीजी से अटूट बंधन जुड़ गया। वह गाँधीजी के आश्रम में उनके सभी काम जैसे पठन-पाठन, चरखा कताई तथा जन-सेवा आदि करने लगे। 1921 में विनोबा ने गाँधीजी के निर्देश पर वर्धा आश्रम के संचालन का काम संभाला। उसी दौरान एक मराठी मासिक पत्र ‘महाराष्ट्र धर्म’ के नाम से प्रकाशित करना शुरू किया, जिसमें विनोबाजी के उपनिषदों पर लिखे निबन्ध छपे। साथ ही इनका जुड़ाव गाँधीजी के रचनात्मक कार्यों, जैसे खादी, ग्रामोद्योग, नई शिक्षा तथा स्वच्छता आदि की तरफ गहरा होता गया। वे महात्मा गाँधी द्वारा पहले एकल सत्याग्रही के रूप में चुने गए और गाँधीजी ने उन्हें ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन में भी साथ लिया। पवनार आश्रम में आने के बाद वही उनका स्थायी मुख्यालय बन गया। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद विनोबा भावे ने समाज सुधार के आंदोलन की शुरुआत की। इस क्रम में भूदान तथा सर्वोदय आन्दोलन बहुत प्रभावी रहे। उनका मानना था कि भारतीय समाज के पूर्ण परिवर्तन के लिए ‘अहिंसक क्रांति’ छेड़ने की आवश्यकता है। इसके लिये वे आचार्य तुलसी और उनके अणुव्रत आन्दोलन को उपयोगी मानते थे और उन्हें अपना पूरा समर्थन प्रदत्त किया। विनोबा भावे की संवेदना ने पूरी मानवता को करुणा से भिगोया था। नेतृत्व वही सफल होता है जो सबको साथ लेकर, सबका अपना होकर चले। उनका नेतृत्व कद ऊंचा इसलिये उठ गया, क्योंकि उन्होंने अपना वात्सल्य, प्रेम, विश्वास और सौहार्द सब में बांटा। उपलब्धियों में सबको सहभागी माना। अपने साथियों एवं कार्यकर्ताओं का दर्द-बांटना उनकी सर्वोपरि प्राथमिकता थी। सन् 1959 में वे पदयात्रा करते हुए अजमेर आये, उन्हें ज्ञात हुआ कि उनकी एक कार्यकर्ता सत्यभामा गर्ग कैंसर से पीड़ित हैं और जीवन-मृत्यु के बीच संघर्षरत हैं, तो वे उनसे मिलने इमली मौहल्ला की संकरी गलियों में गये, तीसरी मंजिल तक चढ़ कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। संभवतः यह विनोबा जैसा व्यक्तित्व ही कर सकता है।

इसीलिये सर्वोदय में विनोबा भावे सबके उदय की बात करते थे। उनकी इस सोच में वे लोग भी शामिल थे, जो निर्धन, विपन्न, अभावग्रस्त तथा अशिक्षित थे। उन लोगों के लिए विनोबाजी ने भूदान आन्दोलन शुरू किया। उन्होंने दान में भूमि माँगना शुरू किया ताकि निर्धन-विपन्न लोगों के लिए भूमि की व्यवस्था की जा सके। विनोबाजी कर्मप्रधान व्यक्ति थे इसलिए गीता उनका आदर्श थी। उन्होंने अपने प्रवचनों में गीता का सार बेहद सरल शब्दों में जन-जन तक पहुँचाया ताकि उनका आध्यात्मिक उदय हो सके। 1970 में उन्होंने यह घोषणा की कि अब वह स्थायी रूप से केवल पवनार में रहेंगे। 25 दिसम्बर 1974 से 25 दिसम्बर 1975 तक उन्होंने एक वर्ष का मौन व्रत रखा। महात्मा गाँधी के गहन अनुयायी होने के कारण वह कांग्रेस पार्टी के निर्विवाद समर्थक थे। 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी ने लोकतन्त्र तथा संविधान को परे करते हुए आपातकाल लगाया, तब भी विनोबाजी ने इन्दिरा गाँधी तथा कांग्रेस का समर्थन किया। वह समय विनोबा भावे के मौन व्रत का था तब भी उन्होंने एक स्लेट पर लिखकर अपना सन्देश दिया था कि ‘आपातकाल अनुशासन पर्व है’ इस बात को लेकर वह विवाद से घिर गए थे और उनकी आध्यात्मिकता तथा जन-सरोकार को संशय से देखा जाने लगा था।

विनोबा धार्मिक संस्कारों में पाखंड के विरोधी थे। मां के निधन के समय उनका अपने पिता और भाइयों से मतभेद हुआ। नतीजा यह कि जिस मां को वे सबसे अधिक चाहते थे, जो उनकी आध्यात्मिक गुरु थीं, उनके अंतिम संस्कार से वे दूर ही रहे। मां को उन्होंने भीगी आंखों से मौन विदाई दी। लेकिन पिता के निधन के समय उन्होंने वेदों के निर्देश कि ‘मिट्टी पर मिट्टी का ही अधिकार है’ का पालन करते हुए उनकी देह को अग्नि-समर्पित करने के बजाय, मिट्टी में दबाने पर जोर दिया। विनोबा भावे धर्म-दर्शन के मामले में समर्पण और स्वीकार्य-भाव रखते थे। उन्हें जब भी अवसर मिला धर्म-ग्रंथों की व्याख्या उन्होंने लीक से हटकर की। चाहे वह ‘गीता प्रवचन’ हों या संत तुकाराम के अभंगों पर लिखी गई पुस्तक ‘संतप्रसाद’। इससे उनमें पर्याप्त मौलिकता और सहजता परिलक्षित होती है। यह कार्य वही कर सकता था जो किसी के भी बौद्धिक प्रभामंडल से मुक्त हो। एक बात यह भी है कि महात्मा गांधी के सान्निध्य में आने से पहले ही विनोबा आध्यात्मिक ऊंचाई प्राप्त कर चुके थे। संत ज्ञानेश्वर एवं संत तुकाराम उनके आदर्श थे। आश्रम में आने के बाद भी वे अध्ययन-चिंतन के लिए नियमित समय निकालते थे।

भूदान आन्दोलन संत विनोबा भावे द्वारा सन् 1951 में आरम्भ किया गया स्वैच्छिक भूमि सुधार आन्दोलन था। उनकी कोशिश थी कि भूमि का पुनर्वितरण सिर्फ सरकारी कानूनों के जरिए नहीं हो, बल्कि एक आंदोलन के माध्यम से जन-भागीदारी से इसकी सफल कोशिश की जाए। गांधीवादी विचारों पर चलते हुए वह रचनात्मक कार्यों और ट्रस्टीशिप जैसे विचारों को प्रयोग में लाये। आंदोलन के शुरुआती दिनों में विनोबा ने तेलंगाना क्षेत्र के करीब 200 गांवों की पदयात्रा की थी और उन्हें दान में 12,200 एकड़ भूमि मिली। इसके बाद आंदोलन उत्तर भारत में फैला। बिहार और उत्तर प्रदेश में इसका गहरा असर देखा गया था। मार्च 1956 तक दान के रूप में 40 लाख एकड़ से भी अधिक जमीन मिल चुकी थी। 1955 तक आते-आते आंदोलन ने एक नया रूप धारण किया। इसे ‘ग्रामदान’ के रूप में पहचाना गया। इसका अर्थ था ‘सारी भूमि गोपाल की’। ग्रामदान वाले गांवों की सारी भूमि सामूहिक स्वामित्व की मानी गई, जिस पर सबों का बराबर का अधिकार था। इसकी शुरुआत उड़ीसा से हुई और इसे काफी सफलता मिली। 1960 तक देश में 4,500 से अधिक ग्रामदान गांव हो चुके थे। इनमें 1946 गांव उड़ीसा के थे, जबकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था। वहां 603 ग्रामदान गांव थे। कहा जाता है कि ग्रामदान वाले विचार उन्हीं स्थानों पर सफल हुए जहां वर्ग भेद उभरे नहीं थे। वह इलाका आदिवासियों का ही था।

विनोबा भावे ने सर्वोदय समाज की स्थापना की। यह रचनात्मक कार्यकर्ताओं का अखिल भारतीय संघ था। इसका उद्देश्य अहिंसात्मक तरीके से देश में सामाजिक परिवर्तन लाना था। उनकी जन-चेतना का उदाहरण उनका भूदान कार्यक्रम सामने लाता है। इस कार्यक्रम में वे पदयात्री की तरह गाँव-गाँव घूमे और इन्होंने लोगों से भूमिखण्ड दान करने की याचना की, ताकि उसे कुछ भूमिहीनों को देकर उनका जीवन सुधारा जा सके। उनका यह आह्वान जितना प्रभावी रहा, वह विस्मित करता है। विनोबा भावे की जन नेतृत्व क्षमता का अंदाज इसी घटना से लगता है कि इन्होंने चम्बल के डाकुओं को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया और वह विनोबाजी से प्रभावित होकर वह आत्म-समर्पण के लिए तैयार हो गए। विनोबा भावे को सामुदायिक नेतृत्व के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय रेमन मैगसाय पुरस्कार मिला था। विनोबा भावे नवंबर 1982 में गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और उन्होंने जैन धर्म के संलेखना- संथारा के रूप में भोजन और दवा का त्याग कर इच्छापूर्वक मृत्यु का वरण करने का निर्णय किया। उनका 15 नवंबर 1982 को निधन हो गया। उन्हें 1983 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। जन्म जयन्ती पर उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तो इसी बात में है कि हम विनोबा को भौतिक चमत्कारों से तौलने का मन और माहौल न बनायें। उनके जीवन का तो एक-एक कर्म स्वयं पूजा है, मन्दिर और आरती है। कोई उन्हें जीकर देखे तो सही, आचरण स्वयं चमत्कार बन जायेगा।


--ललित गर्ग--

दुमका :विपक्षियों द्वारा दुमका बंद शांतिपूर्ण रहा, चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी मौजूद

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) रसोई गैस, पेट्रोल दूध, दाल, खाद्यान सामग्रियों व दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली अन्य वस्तुओं सहित व डाॅलर की तुलना में भारतीय मुद्रा की दयनीय स्थिति के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों के भारत बंद का मिला-जुला असर उप राजधानी दुमका में भी देखने को मिलां। दिन सोमवार को प्रमुख विपक्षी दल काॅग्रेस, झामुमों, राजद सहित झाविमांे, सीपीएम व अन्य दलों के प्रतिनिधियों को संयुक्त रुप से शहर के चैक-चैराहों पर शांतिपूर्ण तरीके से बंद की अपील करते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया तथा भाजपा सरकार पर अपना-अपना आक्रोश प्रकट किया। झामुमों नेता विजय सिंह, सुभाष सिंह, रवि यादव, काॅग्रेस की ओर से श्यामल सिंह, मनोज अम्बष्ट, अरबी खातुन, राजद की ओर  से अमरेन्द्र यादव व अन्य कार्यकर्ता, सीपीएम की ओर से एहतेशाम अहमद, अखिलेश झा, सुभाष हाँसदा, झाविमों की ओर से अंजुला मुर्मू, विनोद शर्मा, धर्मेन्द्र सिंह बिट्टू, व अन्य ने बंद का नेतृत्व किया। इस अवसर पर सुबह से ही दुधानी टावर चैक, डीसी चैक, दुमका-पाकुड़ पथ व अन्य स्थानों पर भारी वाहनों सहित यातायात वाहनों, चारपहिया वाहनों को चलने नहीं दिया। प्रदर्शनकारियांे का कहना था कि महंगाई के खिलाफ आम जनता का यह आक्रोश भाजपा सरकार को चैन से बैठने नहीं देगा। बीजेपी शासन में महंगाई डायनासोर की तरह फैलता जा रहा है। तालीबानी सरकार राज्य में अस्थिरता बनाए रखना चाहती है। आज पेट्रोल की कीमत काफी बढ़ चुकी है। किसानों को  कहीं से राहत नहीं मिल रही है। दूघ, दाल से लेकर अन्य दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की कीमतें आसमान छू रही है। 101 डाॅलर प्रति बैरल पेट्रोल से उसकी कीमत घटकर 70 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है फिर भी इस देश में 80 से 90 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत हो चुकी है।  प्रतिदिन पेट्रोल की कीमत में आग लग रही है। दिन सोमवार को भारतबंद के दौरान उप राजधानी दुमका के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 315 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया जिन्हें कैप जेल में रखा गया था। प्राप्त समाचार के अनुसार दुमका नगर में 100, हंसडीहा थाना क्षेत्र में 43, सरैयाहाट में 18, रानेश्वर में 16, जामा में 12, जरमुण्डी में 15, दुमका मुफस्सिल थाना में 4, गोपीकान्दर में 22 व रामगढ़ में 85 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। बंद समर्थकों के उपद्रव से निबटने के लिये जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार दिशा-निर्देश जारी था। 

मधुबनी : वाहनों की बिक्री आम निलामी के माध्यम से

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 10,   बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम,2016 के अधीन दर्ज उत्पाद वादों में माननीय समाहत्र्ता,मधुबनी के न्यायालय में पारित आदेष के आलोक में मधुबनी सीमा के अंतर्गत राज्यसात वाहनों की बिक्री आम निलामी के माध्यम से की जानी है। इस निमित्त न्यायालय, समाहत्र्ता, मधुबनी से प्राप्त आदेष के आलोक में वाहनों की आम निलामी दिनांक 20.09.2018 को उत्पाद कार्यालय,मधुबनी में 11ः00 बजे पूर्वाहन से की जायेगी। जिसमें मोटर साईकिल-50, आल्टो 800 कार-01, मारूति कार-01,साईकिल रिक्सा-01, बोलेरो-01,मैक्स पिकअप भान-01, महिन्द्रा मैक्सिमो-01, टाटा मैजिक-01, स्कूटी-2 वाहनों की बिक्री आम निलामी के माध्यम से की जानी है। रहिका थाना में दिनांक 27.09.2018 को 11ः00 बजे पूर्वाहन वाहनों की बिक्रीआम निलामी से की जायेगी। जिसमें तीन मोटर साईकिल तथा एक स्कूटी की बिक्री आम निलामी के माध्यम से की जायेगी। वहीं नगर थाना,मधुबनी में दिनांक 25.09.2018 को 11ः00 बजे पूर्वाहन से वाहनों की बिक्री आम निलामी के माध्यम से की जायेगी। जिसमें मैकिसको भान-1,मोटर साईकिल-3, तथा सुमो विक्टा-1 है। निलामी में भाग लेनेवाले इच्छुक व्यक्तियों को अग्रधन के रूप में संबंधित वाहन के न्यूनतम निर्धारित मूल्य का 10 प्रतिषत (कांडिका-7)े के अनुसार नगद/बैंक ड्राफ्ट के रूप में समाहत्र्ता मधुबनी के नाम से नीलामी से पूर्व जमा करना होगा राषि लौटा दिया जायेगा तथा सफल व्यक्ति का अग्रधन की राषि को नीलामी की तय राषि में समायोजित कर ली जायेगी। नीलामी में उच्चतम बोली लगाने वाले क्रेता के साथ उसी स्थिति में नीलामी अंतिम रूप से स्वीकार की जाएगी, जब वह राषि न्यूनतम निर्धारित राषि के समतुल्य या अधिक हो। तथा सफल बोली दाता को उच्चतम बोली की राषि का 50 प्रतिषत नीलामी स्थल पर ही नगद/डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से जमा नहीं होगा। तथा षेष राषि नीलामी के सात दिनों के अंदर जमा करना होगा। इस अवधि में षेष राषि जमा नहीं किये जाने की स्थिति में बोली दाता के द्वारा पूर्व में जमा की गयी 50 फीसदी राषि को जप्त करते हुए वाहन की नये सिरे से नीलामी की जायेगी। सफल बोली दाता द्वारा उच्चतम बोली राषि का 50 फीसदी तत्काल जमा नहीं किये जाने की स्थिति में बोली दाता के द्वारा पूर्व में जमा की गई अग्रधन राषि को जप्त करते हुए पुनः वाहन की नये सिरे से नीलामी की जायेगी तथा बोली दात को ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा। नीलामी में बोली दाता पैन कार्ड, आधार  कार्ड के साथ स्वयं उपस्थित रहेंगे। एवं वाहन जहां है और जिस स्थिति में है उसी स्थिति और स्थान से उक्त वाहन विमुक्त किया जायेगा।  नीलामी समिति सफल क्रेता के नाम से वाहन के निबंधन कराने के निमित नीलामी प्रमाण-पत्र/विक्रय पत्र निर्गत करेगी। नीलामी किये गये वाहन को अपने नाम से निबंधित कराने की जिम्मेवारी संबंधित क्रेता की होगी। तथा नीलामी में सफल क्रेता के नियमानुकूल सभी करों का भुगतान करना होगा। नीलामी में भाग लेने वाले इच्छूक क्रेता नीलामी की तिथि से पूर्व किसी भी कार्य दिवस को राज्यसात वाहनों को अभिरक्षा स्थल पर जा कर देख सकते है। अधिक जानकारी हेतु रहिका थाना से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। बोली दाता स्वयं वाहन को अवलोकन कर बोली लगायेंगे। बाद में वाहन की स्थिति के संबंध में किसी भी प्रकार का दावा मान्य नहीं होगा। एवं वाहन नीलामी समिति के पास नीलामी की प्रक्रिया को किसी भी वक्त रद्द करने का अधिकार सुरिक्षत रहेगा। किसी भी  प्रकार का विधिक मामला स्थानीय न्यायालय क्षेत्र के अधीन लागू होगा।

बिहार : भारत बंद के दौरान हुई गोलीबारी, युवक घायल

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बंद कांग्रेसियों व महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को बुस्टर डॉज साबित होगा, उत्तर बिहार में बंद का खासा असर


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मुजफ्फरपुर (आर्यावर्त डेस्क) 10 सितम्बर। । विपक्षी दलों के भारत बंद का उत्तर बिहार में व्यापक प्रभाव देखने को मिला। शहर में जहां बंद के दौरान गोलीबारी में एक युवक घायल हो गया। वहीं रास्ता रोके जाने के कारण एक मरीज ने दम तोड़ दिया। पश्चिम चंपारण के बगहा से मारपीट की सूचना मिली है। बंद समर्थकों ने समस्तीपुर में डीएमयू व दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति व कमलागंगा इंटर सिटी के परिचालन को बाधित किया। मधुबनी में शहीद एक्सप्रेस व सीतामढ़ी में दरभंगा जाने वाली सवारी गाड़ी को भी रोका गया। शहर के अहियापुर स्थित रामू ठाकुर गली में गोलीबारी की घटना हुई । इसमें एक युवक घायल हो गया है। घटना को लेकर अहियापुर में तनाव है। पुलिस घटना की जाच कर रही। जख्मी युवक प्रकाश चौधरी (20) दरभंगा बिशनपुर पटोरी का रहने वाला है। वह एक रिश्तेदार के यहा श्राद्ध कर्म में भाग लेने अहियापुर आया था। वहीं बंद के दौरान जाम में फंसकर एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। बताया गया कि बोचहा बाजितपुर के लक्ष्मण ठाकुर (55) को घरवाले ऑटो से मेडिकल ले जा रहे थे। पहले भुतही चौक पर उनको घेरा गया। यहा से किसी तरह बंद समर्थकों को समझाकर आगे बढ़े। मगर, गरहा चौक पर बंद समर्थकों ने ऑटो में सवार लोगों को रास्ता देने के बजाय पीटा। इस कारण लक्ष्मण ठाकुर की मौत हो गई। यह जानकारी मृतक के भतीजा मनोज ठाकुर ने दी। इससे पहले बंद को लेकर आज सुबह से काग्रेस, राजद, वामदल समेत सभी विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। शहर से लेकर गाव तक सड़कों पर परिचालन बंद कर दिया। दुकानें भी नहीं खुलीं। कुछ खुलीं भी तो उसे जबरदस्ती बंद करा दिया गया। सुबह साढ़े नौ बजे के बाद ट्रेनों को भी रोका गया। वहीं, मधुबनी में भारत बंद का रेल व सड़क परिवहन पर व्यापक असर दिखा। रेल सेवा पूरी तरह अस्त-व्यस्त रही। बस सहित अन्य वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रही। जयनगर-दरभंगा रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर कई ट्रेनों को रोक कर रखा गया। हालाकि बाजार अन्य दिनों की तरह खुले रहे। सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों में वीरानगी रही। भाड़े के छोटे वाहनों का परिचालन ठप रहने से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। दूसरी ओर, समस्तीपुर में काग्रेस के साथ महागठबंधन के नेता सड़क पर उतरे । शहर के ओवरब्रिज चौराहा, मथुरापुर घाट आदि इलाके में दुकानें बंद रही। दरभंगा-समस्तीपुर और पटना पथ पर बड़ी वाहन नहीं चला। लेकिन दोपहिया व रिक्शा का परिचालन जारी रहा। राजद काग्रेस भाकपा माले के नेता अलग-अलग टोली में निकल कर जगह-जगह बंद कराएं।

आपस में भिड़े कार्यकर्ता
भारत बंद के दौरान पश्चिम चंपारण के रामनगर में काग्रेस के दो अलग अलग गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। मारपीट में दो कार्यकर्ता घायल हुए हैं। घायल कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भी कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। एक-दूसरे के साथ मारपीट पर उतारू थे। सूचना पर पुलिस निरीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में पुलिस पहुंची लेकिन हंगामा शात नहीं हुआ। आखिरकार पुलिस को लाठियां भाजनी पड़ी। तब जाकर दोनों गुटों के कार्यकर्ता के बीच का मामला शांत हुआ। इधर बेतिया में भी बेताहसा पेट्रोल -डीजल की मंहगाई को लेकर भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला।  बंद कुछ इस तरह कदर दिखा जिसमें बेतिया विधायक मदन मोहन तिवारी, विनय कुमार यादव, मो.ऐजाज,अमीर अख्तर, गोडेन अन्तुनी ठाकुर, अमित कुमार  दास, रंजीत कुमार पटेल, ईरसाद मियाँ, पप्पू मियाँ, नारेन्द शर्मा, और महा गठबंधन  के साथियों के साथ मिलकर  बेतिया बंद करवाया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 10 सितंबर

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व्हीव्हीपैट की कार्यप्रणाली से हर मतदाता अवगत हों-कलेक्टर श्री सिंह
  • प्रदर्शन पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश  

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कलेक्टर श्री केव्ही सिंह ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा के दौरान निर्वाचन पूर्व तैयारियों की भी प्रकोष्ठवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले की पांचो विधानसभाओं के मतदान केन्द्रों पर व्हीव्हीपैट की कार्यप्रणाली से मतदाताओं को अवगत कराने का कार्य क्रियान्वित है। उन्होंने जिन मतदान केन्द्रों पर व्हीव्हीपैट मशीनों का प्रदर्शन किया जाना है के शेड््यूल अनुसार उन मतदान केन्द्रों पर हर संभव प्रदर्शन पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाना सुनिश्चित हों। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ऐसे मतदान केन्द्र जहंा पर व्हीव्हीपैट की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया जाना है उन मतदान केन्द्रों पर कम से कम एक सौ मतदाता के समक्ष प्रदर्शन हो इससे अधिक मतदाता मतदान केन्द्रों पर उपस्थित हो इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार पर बल देेने की बात उन्होंने कही है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि निर्वाचन के दौरान समय सीमा में सभी प्रकोष्ठों के कार्यो का सम्पादन हो प्रकोष्ठों के नोड्ल अधिकारी के द्वारा अधीनस्थों को सुव्यवस्थित रूप से प्रशिक्षित किया जाए इसके लिए  प्रशिक्षण शेड्यूल तैयार करने के निर्देश उनके द्वारा दिए गए है। व्हीव्हीपैट के प्रदर्शन, स्वीप गतिविधियां, एमसीसी और एमसीएमसी के तहत क्रियान्वित गतिविधियों एवं कार्यप्रणाली की रूपरेखा से अवगत होते हुए संबंधितों को प्रकोष्ठों की जानकारियां मौखिक याद रहें। कलेक्टर श्री सिंह ने सम्पत्ति विरूपण के तहत अभी से कार्यवाहियां करने के निर्देश देते हुए कहा कि आयोग की मंशा के अनुरूप सम्पत्ति विरूपण की कार्यवाही पूर्व से सुनिश्चित की जाए। सम्पत्ति विरूपण के तहत गठित दस्तें के संबंध में विधानसभावार की गई कार्यवाहियों की जानकारियां संकलित कर आयोग को समय सीमा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है।  कलेक्टर श्री सिंह ने विधानसभा क्षेत्रों में आमसभा आयोजन हेतु स्थलों का चिन्हांकन कर अनुमति देेने की कार्यवाही पहले आएं पहले पाएं की तर्ज पर क्रियान्वित करने हेतु पृथक से प्रकोष्ठों का गठन रिटर्निंग आफीसर स्तर पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।  टीएल बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई।  कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ डाॅ पंकज जैन, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री चंद्रप्रताप गोहल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संदीप अष्ठाना, डिप्टी कलेेक्टर श्रीमती आरती यादव के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

आकांक्षी जिला कार्यक्रम का शुभांरभ आज

नीति आयोग द्वारा विदिशा जिले को आकांक्षी जिले के रूप में चयनित किया गया है। जिले के विकास में लुपिन फाउण्डेशन जिला प्रशासन के साथ सहभागी बनेगा का करार नीति आयोग एवं लुपिन फाउण्डेशन के मध्य हुआ है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम का करार अनुसार शुभारंभ कार्यक्रम 11 सितम्बर को आयोजित किया गया है। कलेक्टर श्री केव्ही सिंह के मुख्य आतिथ्य मेें आयोजित उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत सीईओ डाॅ पंकज जैन करेंगे। शुभांरभ कार्यक्रम मंगलवार की दोपहर एक बजे से जालोरी गार्डन में आयोजित किया गया है के आश्य की जानकारी लुपिन ह्यूमन वेलफेयर एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के द्वारा उपलब्ध कराई गई है। 

ईव्हीएम प्रकोष्ठ का प्रभार डिप्टी कलेक्टर श्री लोकेन्द्र सिंह को

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केव्ही ंिसह ने विधानसभा सामान्य निर्वाचन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रूप से सम्पादित कराने हेतु पूर्व के जारी आदेश में संशोधन करते हुए ईव्हीएम प्रकोष्ठ, चुनाव सामग्री व्यवस्था एवं वितरण, मतदान उपरांत सामग्री प्राप्ति एवं मतगणना का दायित्व संबंधी कार्य डिप्टी कलेक्टर श्री लोकेन्द्र सिंह सरल को सौंपने के आदेश जारी कर दिए है।

मिशन इन्द्रधनुष का शुभांरभ

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मिशन इन्द्रधनुष (ईजीएसए) का तृतीय चरण का आज शुभांरभ जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में किया गया। मेडीकल काॅलेज के डीन डाॅ पाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ शशि ठाकुर, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डाॅ संजय खरे, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, आईएमए के प्रसिडेंट एवं अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों ने शून्य से दो वर्ष तक के सभी बच्चों को दवा पिला कर शुभांरभ किया।

नाबालिग सौतेली बेटी से बलात्कार

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गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) 10 सितंबर, गाजियाबाद में एक व्यक्ति के अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है। पुलिस उपाधीक्षक राकेश मिश्रा ने बताया कि मजदूर के तौर पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने उस वक्त लड़की पर हमला किया जब उसकी मां घर पर नहीं थी। उन्होंने बताया कि लड़की ने जब चिल्लाने की कोशिश की तो आरोपी ने उसे मारने की धमकी भी दी। उन्होंने बताया कि घबराई लड़की ने अपनी मां के घर आने पर उसे घटना की जानकारी दी और उसने तुरंत ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपी फरार है। मिश्रा ने बताया कि लड़की को चिकित्सीय जांच के लिए भेज दिया गया है। व्यक्ति के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

पड़ोसी देशों के नेताओं का संबंध पड़ोसियों जैसा होना चाहिए : मोदी

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं का पड़ोसियों जैसा संबंध होना चाहिए, जो किसी प्रोटोकॉल से बंधे नहीं होते हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांग्लादेश में तीन आधारभूत परियोजनाओं का संयुक्त रूप से शुभारंभ करते हुए यह टिप्पणी की।  इन तीनों परियोजनाओं का मोदी, उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके बांग्लादेशी समकक्ष भी इस मौके पर उपस्थित थे।  ये परियोजनाएं मौजूदा भरमार (बांग्लादेश) - बहरामपुर (भारत) अंतरसंपर्क के जरिए भारत से बांग्लादेश को 500 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, अखौरा - अगरतला रेल लिंक और बांग्लादेश रेलवे के कुलौरा - शाहबाजपुर खंड के पुनरूद्धार की हैं। मोदी ने याद किया कि उन्होंने काठमांडो में बिमस्टेक, शांति निकेतन और लंदन में राष्ट्रमंडल सम्मेलन सहित हाल के वर्षों में हसीना से कई बार मुलाकात की है।  उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं का पड़ोसियों जैसा संबंध होना चाहिए, बातचीत करना और अक्सर यात्रा करने का, प्रोटोकॉल में पड़े बिना। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बीच अक्सर होने वाली बातचीत में निकटता जाहिर है।  मोदी ने 1965 से पहले के समय की तरह दोनों देशों के बीच संपर्क बहाल करने के हसीना की दूरदृष्टि को याद किया।  उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि पिछले कुछ बरसों में इस लक्ष्य के प्रति क्रमिक प्रगति हुई है।  उन्होंने यह भी कहा कि परियोजनाओं का वीडियो लिंक के जरिए शुभारंभ किया जाता है और फिर ये वीआईपी यात्राओं की टाइमिंग में नहीं फंसती हैं।  मोदी ने कहा, ‘‘आज, हमने अपने ऊर्जा संपर्क को बढ़ाया और अपने रेल संपर्क को बढ़ाने के लिए दो परियोजनाएं शुरू की।’’  उन्होंने याद किया कि 2015 में उनकी बांग्लादेश यात्रा के दौरान यह फैसला किया गया था कि भारत बांग्लादेश को 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति करेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच ट्रांसमिशन संपर्क का इस्तेमाल करते हुए इसे किया जा रहा है। उन्होंने इस काम को पूरा करने में मदद करने के लिए ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया।  उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरी हो जाने पर अब भारत से बांग्लादेश को 1. 16 गीगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है। मेगावाट से गीगावाट के बीच यह उछाल दोनों देशों के बीच संबंधों में एक ‘‘स्वर्णिम युग’’ का संकेत है।  मोदी ने कहा कि अखौरा - अगरतला रेल लिंक दोनों देशों के बीच सीमा के आर - पार एक और संपर्क प्रणाली मुहैया करेगा।

भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति का अहम हिस्सा है श्रीलंका: राष्ट्रपति कोविंद

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति का एक खास और अहम हिस्सा है।  श्रीलंका से आए एक संसदीय शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का विकास और दक्षिण एशियाई क्षेत्र की समृद्धि एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।  श्रीलंकाई संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या की अगुवाई वाले शिष्टमंडल ने यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की।  कोविंद ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक, ‘‘इसमें श्रीलंका के विकास और प्रगति की भी जबर्दस्त संभावनाएं हैं। भारत के विशाल बाजार से श्रीलंका को भी फायदा मिल सकता है। भारत के लिए श्रीलंका इसकी ‘पड़ोस पहले’ नीति का खास और अहम हिस्सा है।’’  कोविंद ने कहा कि श्रीलंका के साथ ठोस विकासात्मक साझेदारी होना भारत के लिए सम्मान की बात है।  उन्होंने कहा, ‘‘यह शिक्षा, संस्कृति, कौशल विकास, आजीविका सहायता एवं स्वच्छता सहित सभी क्षेत्रों में है।’’ 


मुलायम का आशीर्वाद हमारे साथ है : शिवपाल यादव

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, समाजवादी पार्टी (सपा) में हाशिये पर रहने के बाद हाल में समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का गठन करने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि उन्हें ‘नेताजी’ यानी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि सपा में मुलायम और अपने साथ हुए ‘‘अपमान’’ के बाद उन्हें मजबूरन अलग पार्टी बनानी पड़ी। अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी पार्टी की तैयारियों पर शिवपाल ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम समान विचारधारा वाली छोटी पार्टियों के साथ मिलकर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हम समाजवादी और सेक्यूलर मूल्यों के साथ चुनाव में उतरेंगे और सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।’’  यह पूछे जाने पर कि क्या सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का समर्थन उन्हें प्राप्त है, इस पर पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘जी हां, ‘नेताजी’ का आशीर्वाद हमारे साथ है।’’  शिवपाल से जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में पहले से कई बड़ी पार्टियां होने के कारण सेक्यूलर मोर्चा चुनावी रेस में अपनी जगह कैसे मजबूत करेगा, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई को किसी गठबंधन या पार्टी विशेष के संदर्भ में मत देखें। अगर आपकी बात मानें तो ऐसे में तो भारत में सिर्फ दो दल होने चाहिए।’’  चुनाव नजदीक आते-आते आप किसी अन्य पार्टी में विलय तो नहीं कर लेंगे, इस सवाल पर शिवपाल ने कहा, ‘‘नहीं, इसका तो सवाल ही नहीं उठता। अगर हमें किसी अन्य दल में जाना होता तो न हमारे पास प्रस्तावों की कमी थी और न ही अवसरों की।’’  क्या इस अलगाव का फायदा किसी तीसरे पक्ष को मिलेगा, इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने कहा, ‘‘सपा को एकजुट रखने के लिए मैं जो कुछ कर सकता था, मैंने किया। सपा अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है। लाखों प्रतिबद्ध मेहनती समाजवादी कार्यकर्ताओं को अपमानित एवं उपेक्षित किया गया। नेताजी का और हमारा भी समय-समय पर अपमान किया गया। सपा को उसकी मूल विचारधारा की ओर लौटाने के मेरे सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक तीसरे पक्ष को लाभ का सवाल है, हम इस पर नहीं सोच रहे। सोचना भी नहीं चाहिए। मुझे सिर्फ इतना पता है कि आज उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे सशक्त विकल्प और पक्ष सेक्युलर मोर्चा है और हम उसे जनता के बीच लेकर जा रहे हैं।’’  शिवपाल ने कहा कि सेक्यूलर मोर्चा के गठन का निर्णय बहुत सोच-समझकर, सभी सेक्यूलर समाजवादी विचारधारा के अनुभवी लोगों से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी मूल विचारधारा एवं सिद्धांतों से भटकी सपा में रहकर सिद्धांतों से समझौता करना अब संभव नहीं है।

‘भारत बंद’ से घबराई भाजपा ‘हेराल्ड’ मामले पर झूठ का पुलिंदा पेश कर रही है : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को नेशनल हेराल्ड से संबंधित मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की याचिकाओं को खारिज करने के बाद भाजपा के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने दावा कि ‘भारत बंद’ की वजह से भाजपा घबराई हुई इसलिए वह ‘झूठ का पुलिंदा’ पेश कर रही है।  पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ बदले की भावना ये काम कर रही है।  कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मोदी सरकार और भाजपा को एक झूठ को छिपाने के लिए 100 झूठ बोलने पड़ रहे हैं। एक षड्यंत्र को छिपाने के लिए 100 षड्यंत्र करने पड़ रहे हैं। लगता है कि षड्यंत्र करना और झूठ का पुलिंदा परोसना भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बन गया है।’’  उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भारत बंद के कामयाब होने की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह घबराए हुए हैं। जब उन्हें पेट्रोल-डीजल पर जवाब देना नहीं बना तो उन्होंने देर शाम एक मूर्खतापूर्ण संवाददाता सम्मेलन करवा दिया।’’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘अब प्रधानमंत्री और भाजपा का एकमात्र लक्ष्य कांग्रेस नेतृत्व और खासकर राहुल गांधी जी से बदला लेना है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेतृत्व को आयकर नोटिस दिया गया जिसमें कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जुड़े अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘नवजीवन’ जब कर्मचारियों को 1980 और 1990 के दशक पैसे नहीं दे पा रहे थे और तब 10 साल की अवधि में कांग्रेस ने अखबारों को 90 करोड़ रुपये का कर्जा दिया। नेशनल हेराल्ड और नवजीवन कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।’’  कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मोदी सरकार का आयकर विभाग आठ साल बाद कह रहा है कि वो 90 करोड़ रुपये का कर्ज कांग्रेस नेतृत्व की आय होगी। यह पहली बार हो रहा है कि किसी कंपनी पर कर्ज हो तो यह उसके शेयरधरकों की आय बन जाएगी। ऐसा तो किसी देश के कानून में नहीं है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘अगर मान भी लिया जाए कि यह आय है तो फिर मोदी जी की सरकर 90 करोड़ रुपये पर 357 करोड़ रुपये का कर क्यों मांग कर रही है। यह कितना मूर्खतापूर्ण है।’’  सुरजेवाला ने कहा, ‘‘अदालत ने सिर्फ इतना कहा है कि आप आयकर विभाग के पास अपनी रखिए और वो नहीं सुनते हैं तो फिर हमारे पास आइए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी अगर आपको राहुल गांधी जी से लड़ना है तो सामने से लड़िए। हम डरने वाले नहीं है। नेशनल हेराल्ड और नवजीवन लिखना बंद नहीं करेंगे। हम मामले का सामना करेंगे।’’  दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की वो याचिकाए खारिज कर दीं जिनमें उन्होंने 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी। इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर भारत बंद का आह्वान किया क्योंकि उसे पता था कि आज ही के दिन ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में सुनवाई का नतीजा आने वाला है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर हैं । उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि अदालत ने सोनिया और राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है। 

विपक्ष के ‘भारत बंद’ में कुछ जगह हिंसा

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस नीत विपक्ष के आह्वान पर आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान सोमवार को हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं और मुख्य रूप से बिहार, केरल, कर्नाटक, असम और ओडिशा में जनजीवन प्रभावित हुआ।  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य पार्टी नेताओं ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक प्रदर्शन रैली में मोदी सरकार पर निशाना साधा। बंद से प्रभावित राज्यों में कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे जबकि सड़कों से वाहन नदारद रहे। बंद कांग्रेस, उसके सहयोगी देशों तथा वामदलों सहित 21 विपक्षी दलों ने आहूत किया था। राज्यों की राजधानी से मिली खबरों के अनुसार, कई राज्यों में बंद को जबरन लागू कराने का प्रयास करने वाले कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लिया गया। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने दावा किया कि बंद सफल रहा लेकिन सत्तारूढ भाजपा ने दावा किया कि यह ‘फ्लॉप’ रहा। बिहार में बड़े पैमाने पर आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं और रेल तथा सड़क यातायात बाधित किया गया। पुराने पटना शहर इलाके में रेल पटरियों पर टायर जलाए गए जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। भाजपा ने बिहार के जहानाबाद में अस्पताल ले जाते वक्त दो साल की बच्ची की मौत के लिए बंद समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस आरोप से इंकार किया कि बच्ची को लेकर जा रही एंबुलेंस को प्रदर्शनकारियों ने रोका था। केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बंद को ‘‘चुनावी स्टंट’’ करार दिया जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी राम कृपाल यादव ने दावा किया कि बंद ‘‘फ्लॉप’’ रहा। राष्ट्रीय राजधानी में बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला क्योंकि कार्यालय, स्कूल और कालेज सामान्य रूप से खुले रहे तथा सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही। माकपा प्रमुख सीताराम येचुरी सहित वामदल नेताओं ने संसद मार्ग थाने में गिरफ्तारी दी। केरल, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बंद के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ लेकिन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में कुल मिलाकर जनजीवन सामान्य रहा। वामदलों ने केरल और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस तथा अन्य दलों द्वारा बुलाए गए सुबह नौ से अपराह्न तीन बजे तक के बंद के बजाय 12 घंटे का बंद आयोजित किया।

केरल में बंद से जनजीवन प्रभावित रहा। सार्वजनिक एवं निजी परिवहन बसें और आटोरिक्शा सड़कों पर नजर नहीं आए। दिल्ली में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में घृणा फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी विपक्षी दलों से देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को ‘‘बचाने’’ के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। भाजपा ने पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बढोत्तरी का बचाव किया और इसके लिए वैश्विक कारकों को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर बंद के दौरान हिंसा पर उतरने का आरोप लगाया क्योंकि जनता ने इसका समर्थन नहीं किया। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्कूल वाहनों सहित बसों को निशाना बनाया और रेल यातायात बाधित किया। कुछ जगहों पर पेट्रोल पंपों को भी निशाना बनाया गया। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ और गुजरात में कई स्थानों पर स्कूल, कालेज और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। ओडिशा में, कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बंद लागू करने के लिए रेल की पटरियों पर अवरोध पैदा किया गया जिससे कई स्थानों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। कम से कम दस ट्रेनें रद्द की गई हैं। कर्नाटक में जनजीवन बाधित रहा जहां कांग्रेस-जेडी एस गठबंधन सरकार चला रहा है। बेंगलुरू की सड़कें सुनसान रहीं और सरकारी बसें, निजी टैक्सी और ज्यादातर आटोरिक्शा सड़कों से दूर रहे। कारोबारी प्रतिष्ठान, दुकानें, मॉल, कुछ निजी कंपनियां बंद रहीं। मेंगलुरू में खुली रहीं दुकानों और होटलों पर पथराव की खबरें हैं। पश्चिम बंगाल में लगभग सभी दुकानें, कालेज और कार्यालय खुले रहे और परीक्षाएं भी तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित हुईं।  तमिलनाडु में जनजीवन कुल मिला कर सामान्य रहा। हालांकि ट्रेड यूनियनों से जुड़े आटोरिक्शा सड़कों से दूर रहे।  अरुणाचल प्रदेश में बंद की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में सभी दुकानें, बैंक समेत कारोबारी प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान बंद रहे तथा निजी गाड़ियां सड़कों से नदारद रही। उत्तर प्रदेश में बंद का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला और ज्यादातर दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे। कांग्रेस शासित मिजोरम में भी दुकानें, कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान खुले रहे और इन पर बंद का कोई असर नहीं हुआ।

सरी छमाही में धीमी पड़ सकती है आर्थिक वृद्धि : यूबीएस रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, सुस्त पड़ती वैश्विक वृद्धि, कच्चे तेल के ऊंचे दाम और कठिन वित्तीय स्थिति के चलते चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि की दर धीमी पड़ सकती है। वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हालांकि, आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत के साथ मजबूत रही है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी यूबीएस ने अपनी एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई है। यूबीएस के मुताबिक वर्ष की दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वास्तविक वृद्धि 7 से 7.3 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है। जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत के उच्चस्तर पर दर्ज की गई। यूबीएस सिक्युरिटीज की भारत में अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन और रणनीतिकार रोहित अरोड़ा ने अपने एक शोध पत्र में कहा है, ‘‘हमें आने वाले समय में प्रतिकूल स्थिति नजर आ रही है। वित्तीय स्थिति कठिन होने के साथ साथ कच्चे तेल के ऊंचे दाम, सुस्त पड़ती वैश्विक वृद्धि, निजी क्षेत्र में अभी भी कमजोर चल रहे पूंजी व्यय और साथ ही कंपनियों के पुराने मामले जैसे कि ऊंचा रिण और कमजोर हिसाब किताब का आर्थिक वृ्द्धि पर असर पड़ना स्वाभाविक है।’’ आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जून की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की ऊंची दर से बढ़ी है। इसमें विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का बेहतर योगदान रहा है।  यूबीएस की रिपोर्ट में मौद्रिक नीति के मोर्चे पर कहा गया है कि तेल मूल्यों और व्यापार युद्ध जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच रिजर्व बैंक आने वाले कुछ महीनों में यथास्थिति रख सकता है।  रिपोर्ट में दोनों तरह की स्थिति के बारे में कहा गया है कि एक स्थिति यह है कि वैश्विक वृद्धि कमजोर पड़ती है, उपभोक्ता जिंस के दाम गिरते हैं आरबीआई यथास्थिति रख सकता है, वहीं दूसरी स्थिति जब भारत पर तेल के बढ़ते दाम, पूंजी की निकासी, लोक लुभावन खर्च बढ़ने और राजनीतिक अनिश्चितता से जब वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता बढ़ती हो तो वर्ष की बाकी अवधि में आधा प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है। 

सेंसेक्स 468 अंक टूटा, निवेशकों की पूंजी 1.96 लाख करोड़ रुपये घटी

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नयी दिल्ली, 10 सितंबर, बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को एक प्रतिशत से अधिक टूट गया, जिससे निवेशकों की पूंजी 1.96 लाख करोड़ रुपये घट गई।  बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 467.65 अंक या 1.22 प्रतिशत के नुकसान से 37,922.17 अंक पर आ गया। यह इसका तीन सप्ताह का निचला स्तर है।  सेंसेक्स में भारी गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 1,96,130.84 करोड़ रुपये घटकर 1,55,43,657 करोड़ रुपये पर आ गया।  जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका चीन व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका से बाजार का भरोसा डिगा है। इस आशंका में बाजार टूट गए। 

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