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बिहार : बड़े पैमाने पर महुआ दारू बनाने का मामला सामने आया

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डी.एम.कुमार रवि के नेतृत्व में अतिक्रमण मुक्त पटना सफल, दीघा थाना के थाना प्रभारी का निलम्बन तय, विरोध करने वाले मंटू मांझी गिरफ्तार
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पटना: आज दीघा मुसहरी में चला पटना उच्च न्यायालय का हथौड़ा. हालांकि कल यहां पर हल्का-फुल्का अतिक्रमण हटाया गया.कल अतिक्रमण हटाने के दरम्यान ही चालाकी से स्थिति का जायजा लिया गया. इसके आलोक में आज शुक्रवार को जिला प्रशासन ने पूरी शक्ति दिखाई. भारी संख्या में पुलिस बंदोबस्ती की गई.अग्नि शमन दस्ता और टीयर गैस छोड़ने वाले दल तैयार थे.अतिक्रमण करने वाले विरोध व्यक्त नहीं.मंटू मांझी नामक एक व्यक्ति को हिरासत में लिया. खुद जिला समाहर्ता कुमार रवि ने मोर्चा संभाल लिया.इनके साथ पटना सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुहर्ष भगत,पटना सदर के उप समाहर्ता भूमि सुधार शशि शेखर, उप समाहर्ता भूमि सुधार, दानापुर आदि मौजूद रहे. इन अधिकारियों के निशाने पर दीघा थाना प्रभारी सचिदानंद सिंह आ गए हैं.इनकी निष्क्रयता से राजू साह नामक व्यक्ति शराब बनाकर बेंचना शुरू कर दिया .इसके अलावे जावा महुआ और गुड़ भी बेचने लगा. अधिकारियों ने कहा कि यहीं बड़ा सिर वाला व्यक्ति है.जो होशियारी से से धंधा जमा लिया है.कभी गिरफ्तार नहीं हुआ है.  अतिक्रमण मुक्त पटना अभियान के तहत लोगों को 26 अगस्त 2018 को दीघा-पटना रेलवे लाइन के किनारे रहने वालों को नोटिस थमायी गयी.इस नोटिस के आधार पर 28.08.2018 को लोग सी.ओ.,पटना सदर के पास जाकर गुहार लगाया.हुजूर विस्थापन के पूर्व पुनर्वास करा दें.यह आग्रह स्वीकार नहीं किया गया .बस सी.ओ. ने कहा कि जो उचित होगा सरकार सहायता करेगी.  16 दिनों के बाद 13.09.2018 को अतिक्रमण हटाने आ धमके. झोपड़ी  हटाने के दरम्यान जे.सी.बी. ने जमीन के नीचे खोंदने लगी.दर्जनों डिब्बों में महुआ और मीठा डाला गया.उसे बरामद कर नष्ट कर दिया गया. महुआ दारू राजू साह के ठिकाने से बरामद किया गया.सभी जगहों से प्राप्त सैकड़ों डिब्बा बरामद कर नष्ट कर दिया गया.

प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए बस सेवा शुरू होगी - मुख्यमंत्री रघुवर दास

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स्कूल मर्जर की स्थिति में कक्षा 6 के जिन बच्चों को विद्यालय जाने  में 2 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी होगी, सरकार उन्हें  साईकल देगी। अधिक दूरी होने पर गांव में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए बस सेवा शुरू होगी
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दुमका - रांची (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्कूल मर्जर की स्थिति में कक्षा 6 के जिन बच्चों को विद्यालय आने में 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी होगी उन्हें सरकार साईकल देगी। साथ ही अधिक दूरी होने पर गांव में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए बस सेवा शुरू होगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्कूलों में संसाधनों और आधारभूत संरचनाओं पर विशेष ध्यान दिया है। स्कूलों में बेंच-डेस्क पहुंचायी जा रही है, सभी स्कूलों में बिजली उपलब्ध कराने पर भी कार्य किया जा रहा है। श्री दास आज ज्यूडिशियल एकेडमी धुर्वा में ज्ञानसेतु व ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने ज्ञानसेतु के वर्क बुक का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं शिक्षा विभाग की मंत्री और सभी अधिकारियों को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं,  जिन्होंने नवाचार ज्ञान सेतु बनाने का काम किया है। मुझे पूर्ण विशवास है कि ज्ञान सेतु आने वाले समय में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने में मदद करेगा। ज्ञानसेतु, ई-विद्यावाहिनी एवं परिवहन व्यवस्था के माध्यम से विद्यालयों का पुनर्गठन होगा. साथ ही शिक्षा में गुणात्मक सुधार होगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन इस देश और राज्य का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। अगर हमें राज्य का विकास करना है तो हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कि राज्य का प्रत्येक नागरिक शिक्षित हो। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो,महिलाएं अधिकार संपन्न हों। स्वास्थ्य और पौष्टिकता में सुधार हो। जिस स्तर से  इन 4 सालों में राज्य में शिक्षा के प्रसार में काफी परिवर्तन आया है। हमें सबसे ज्यादा प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री दास ने  हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामएं देते हुए कहा कि हिंदी से राष्ट्रीयता की भावना आती है।  दुनिया में जितने भी विकसित देश हैं वो अपनी मातृ भाषा ही बोलते हैं।  आप कहीं भी चले जायें चीन, जर्मनी में भी लोगों को अंग्रेजी आते हुए भी वो अपनी मातृभाषा बोलते हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा है। इसका प्रयोग हमें प्राथमिक भाषा के रूप में करना चाहिए। हिंदी आज वैश्विक होती जा रही है उन्होंने कहा कि अभी मैं चीन गया था, वहां बीजिंग में एक यूनिवर्सिटी है जहां बोधगया का एक लड़का हिंदी का अध्यापक है। आजादी के इतने साल बाद भी हमारी गुलाम मानसिकता बरकरार है। अंग्रेज चले गये लेकिन अंग्रेजीयत छोड़ गये। इस गुलाम मानसिकता से हमें उबरना है। हिंदी को हमें 21 वीं सदी की भाषा बनाना है। ज्ञानसेतु व ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम : ई-विद्याा वाहिनी के तहत डिजिटल रूप में ऑनलाइन अनुश्रवण की व्यवस्था होगी. ई- विद्यावाहिनी कार्यक्रम सरकार के शिक्षा विभाग की महत्वकांक्षी योजना है. इसके माध्यम से अकादमिक एवं प्रशासनिक सूचकांकों पर राज्य के सभी विद्यालयों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. वहीं, ज्ञानसेतु कार्यक्रम कक्षा एक से कक्षा 9 में अध्ययनरत वैसे बच्चे जिनकी दक्षता कक्षानुसार नहीं है, उनके लिए अधिगम संवर्धन कार्यक्रम है. इससे बच्चों को लाभ मिलेगा. परिवहन की व्यवस्था योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में बड़े विद्यालय की अवधारणा हेतु परिवहन की व्यवस्था करना है, ताकि छात्र-छात्राएं सुगमतापूर्वक विद्यालय में पहुंच सकें. इन तीनों कार्यक्रम सीधे तौर पर शिक्षा में किए जाने वाले बड़े परिवर्तन को लेकर है. इन तीनों कार्यक्रमों से यह अपेक्षा की गई है कि न सिर्फ बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि होगी. बल्कि विद्यालयों के प्रति इनकी अभिरुचि एवं ऑनलाइन अनुश्रवण के माध्यम से आंकड़ों की सत्यता भी बढ़ेगी।

बेगुसराय : रेलवे 40 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर स्किम को हटाएगी,ट्रेन टिकिट होगी सस्ता।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) भारतीय रेलवे ट्रेन से यात्रा करने वालों को बड़ा तोहफा दे सकता है। रेलवे 40 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर स्कीम (डायनामिक फेयर) को हटाने की योजाना बना रही है।यात्री रेलवे के ज्यादा किराए के कारण एयरलाइंस का रुख कर रहे थे इसलिए रेलवे ने ये फैसला किया है। टीओआई के मुताबिक इसके चलते करीब 1 तिहाई प्रीमियम ट्रेनों का किराया कम हो जाएगा। अभी कई बार डायनामिक फेयर के कारण राजधानी जैसी ट्रनों का किराया फ्लाइट के किराए से महंगा हो जाता है। इस कारण यात्री फ्लाइट की टिकट बुक करवा लेते हैं। फ्लेक्सी फेयर स्कीम में जैसे-जैसे टिकट बुक होती है उसका किराया बढ़ता जाता है। इसमें 10 फीसदी टिकट होने के बाद 10 फीसदी किराया बढ़ता है। IRCTC से बुकिंग पर भी ये स्कीम लागू होती है। यही नहीं रेलवे बची हुई 102 ट्रेन के टिकट पर आखिरी समय में बुकिंग पर 50 फीसदी डिस्काउंट भी देगा। यात्रा से 4 दिन पहले सीटें बचती हैं तो ये डिस्काउंट मिलेगा। जिन ट्रेनों में 60 फीसदी से कम बुकिंग होती हैं उनमें डिस्काउंट का सिस्टम लगाया जाएगा। इसके तहत 20 फीसदी डिस्काउंट मिलेगा।  रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम 9 सितंबर 2016 से 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतों ट्रेनों में लागू की गई थी। राजधानी और दुरंतो पूरी तरह से एसी ट्रेन हैं जबकि दुरंतो ट्रेन में एसी और नॉन एसी दोनों तरह के कोच हैं। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि 'हमारा फोकस है कि रेल यात्रियों के साथ रेलवे को भी फायदा हो। इसके पीछे रेल यात्रियों की दिक्कतों को सुलझाना भी विचार था। ये नई पॉलिसी तैयार है और सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है।अब आगे क्या होता है ये तो उन आला अफसरों और रेल मंत्रालय की बात है,ये बातें सिर्फ सांत्वना के लिये कही गई या इसे अमली जामा भी पहनाया जाएगा ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।

बिहार : 16 महादलितों को लाल कार्ड के तहत जमीन मिली पर कब्जा नहीं, आक्रोश

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कुर्सेला: इस प्रखंड के उत्तरी मुरादपुर पंचायत में बल्थी महेशपुर मुसहरी टोला.इस टोला में रहती हैं मुस्मात द्योली देवी.मंत्रीमंडल सचिवालय द्वारा जारी आदेश में कुर्सेला प्रखंड कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की सदस्या हैं मुस्मात द्योली देवी.इसके अलावे बिहार प्रदेश जनता दल (यू) की प्रखंड अध्यक्ष भी हैं.  मुस्मात द्योली देवी कहती हैं कि मेरा नाम मु.द्योली देवी है.लिखने में भूलकर भोली देवी कर दिया है.मेरा पति का नाम कैलाश ऋषि हैं.उनका निधन हो गया है.करीब 30 साल हो गया है.10 साल से लक्ष्मीबाई सुरक्षा पेंशन पा रहे हैं.दो लड़के साथ रहते हैं.रोजगार नहीं रहने के कारण  विजय ऋषि और शिव नारायण ऋषि पंजाब पलायन कर जाते हैं. बिहार प्रदेश जनता दल (यू) की प्रखंड अध्यक्ष मु. द्योली देवी कहती हैं कि उत्तरी मुरादपुर पंचायत के बल्थी महेशपुर में 100 घर है. जनसंख्या करीब 388 है.सरकारी योजना के तहत 61 घर 14 हजार में और 30 घर 20 हजार में बना है.40 हजार वाला घर नहीं बना है.2 लोगों का घर 70 हजार में बना है. उन्होंने कहा कि दक्षिणी मुरादपुर पंचायत के गोबराही  दियारा के उत्तर में लाल कार्ड के तहत 16 महादलितों को सवा एकड़ जमीन दी गयी.मगर जमीन पर कब्जा नहीं है. गीटो ऋषि,पोपाली ऋषि,गणपति ऋषि,जगन्नाथ ऋषि,दशरथ ऋषि,विदेशी ऋषि,भूदेव ऋषि, बालेश्वर ऋषि,मदन ऋषि आदि जमीन कब्जा की आश में परलोक सिधार गए.अब उनके पुत्र जमीन पर कब्जा हासिल करने को लेकर कार्यशील हैं. बल्थी महेशपुर में आवासहीनों को जमीन देने,शौचालय निर्माण, निर्मित जलापूर्ति केंद्र को चालू कर पेयजल उपलब्ध कराने,रोजगार उपलब्ध करवाने आदि की मांग की गयी है.यहां के जर्जर घरों को निर्माण करने का आग्रह किया गया है. 

आजमगढ़ में आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त

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आजमगढ़ (उप्र), 14 सितंबर, जिला अधिकारी कार्यालय के सामने स्थित मेहता पार्क में स्थापित डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को शुक्रवार को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया। इस घटना पर उपजे जनाक्रोश के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में क्षतिग्रस्त प्रतिमा की मरम्मत कराई। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है।  पुलिस ने बताया कि डीएम कार्यालय के सामने मेहता पार्क में शुक्रवार को दिन में रोज की तरह चहल पहल थी । इसी दौरान दोपहर बाद किसी की नजर अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त की गई आम्बेडकर की प्रतिमा पर पड़ी । धीरे-धीरे मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई ।  पुलिस के अनुसार प्रतिमा तोड़े जाने की खबर पाते ही प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया। एसपी सिटी कमलेश बहादुर और सीओ सिटी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। आनन-फानन में कारीगर बुलाकर प्रतिमा की मरम्मत कराई गई। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।पुलिस अधीक्षक नगर कमलेश बहादुर का कहना है कि मामले की जांच कराकर चिन्हित किए गए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

पीएचडी गाइड पर यौन उत्पीड़न का आरोप, निलंबित

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राजकोट (गुजरात), 14 सितंबर, गुजरात के राजकोट में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय (एसयू) में डॉक्टरेट की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। कुलपति निलांबरी दवे ने कहा कि एसयू संघ की बैठक के बाद प्रोफेसर के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी। प्रोफेसर विश्वविद्यालय के जीव-विज्ञान विभाग से संबद्ध था। कुलपति ने बताया कि प्रोफेसर के मार्गदर्शन में डॉक्टरेट कर रही छात्रा ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया और यह धमकी दी कि अगर उसने उसके साथ सहयोग नहीं किया तो वह उसकी पीएचडी पूरी नहीं होने देगा। दवे ने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है। विश्वविद्यालय और यहां के शिक्षकों में छात्रों का विश्वास बनाये रखने के लिये संघ के सदस्यों ने बैठक की और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया।’’  उन्होंने बताया कि प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ता महिला ने संवाददाताओं को बताया कि उसने पुलिस से भी संपर्क करने का फैसला किया है। हालांकि अबतक इस संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है।

भाजपा ने बंगाल में रखा 25 लोकसभा सीट, 2021 के विधानसभा चुनाव में विजयी होने का लक्ष्य

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कोलकाता, 14 सितंबर, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने 2019 में आम चुनाव में 25 लोकसभा सीट जीतने और 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वाम दलों और कांग्रेस को पछाड़कर पश्चिम बंगाल में पहले ही मुख्य विपक्षी दल बन चुकी है। घोष ने यहां पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कहा, ‘‘राज्य में लोग ममता बनर्जी की जनविरोधी नीतियों से अप्रसन्न हैं और वे विकल्प की ओर देख रहे हैं, जो हम उपलब्ध कराएंगे।’’  पार्टी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बैठक में आगामी आम चुनाव में राजनीतिक विरोधियों से लड़ने की रणनीति पर चर्चा की गई और जमीनी स्तर से लेकर विभिन्न स्तरों पर पार्टी की संगठनात्मक शक्ति का आकलन किया गया तथा इसे मजबूत करने पर जोर दिया गया। घोष ने कहा, ‘‘हम 2019 के आम चुनाव को बंगाल में सेमी फाइनल के रूप में ले रहे हैं। हमारा लक्ष्य राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत दर्ज करना है। राज्य में 2021 का विधानसभा चुनाव हमारा फाइनल होगा। हमें ममता बनर्जी सरकार को हराकर राज्य में हर हाल में जीत दर्ज कर सत्तारूढ़ होना चाहिए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘राज्य की राजनीति में हमारे उभार से चिंतित सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हमसे लड़ने के लिए शायद कांग्रेस से हाथ मिला लेगी, लेकिन इससे भी उन्हें मदद नहीं मिलेगी।’’ 

स्वदेशी गश्ती जहाज ‘विजया’ तट रक्षक की सेवा में शामिल

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चेन्नई, 14 सितंबर,भारतीय तट रक्षक ने शुक्रवार को उन्नत नेविगेशन और संचार उपकरण से सुसज्जित स्वदेशी गश्ती जहाज 'विजया'को सेवा में शामिल किया। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 98 मीटर लंबे इस जहाज को विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गहन जांच के लिए ओडिशा के पारादीप में तैनात किया जाएगा। सुरक्षा सचिव संजय मित्रा और तट रक्षक महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने ‘विजया’ को सेवा में शामिल किए जाने के लिए आयोजित समारोह में हिस्सा लिया। उसने कहा, ‘‘गश्ती नौका के सेवा में शामिल होने से सामान्य रूप से पूर्वी समुद्र तटों की हमारी विशाल तटरेखा और विशेष रूप से ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के समुद्री राज्यों की समुद्री सुरक्षा को बेहतर करेगी।’’  यह समुद्र में तेल फैलने से रोकने के लिए सीमित प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में सक्षम है और आग नियंत्रण प्रणाली के साथ 30 मिमी की बंदूक से लैस है। कमांडेंट हरेंद्र जीत सिंह इस जहाज का नेतृत्व करेंगे और इस पर 12 अधिकारी और 91 अन्य व्यक्ति तैनात होंगे। इसे दो इंजन वाला एक हेलिकॉप्टर और चार उच्च गति वाली नौकाओं सहित बोर्डिंग, खोज एवं बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त संचालन के लिए दो नौकाएं ले जाने में सक्षम बनाया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय तट रक्षक में अभी 137 नौकाएं और 62 विमान है। वहीं विभिन्न भारतीय शिपयार्डों में 61 नौकाओं पर विभिन्न स्तर पर काम चल रहा है।

बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद से भारत के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने का क्षरण हो रहा

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वॉशिंगटन, 14 सितंबर.अमेरिका की एक संसदीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल के दशकों में भारत में हिंदू राष्ट्रवाद एक उभरता राजनीतिक बल है जिससे यहां के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने का ‘‘क्षरण’’ हो रहा है। इसमें चेतावनी दी गई कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म देश में ‘‘ बहुसंख्यक वर्ग की हिंसा’’ की बढ़ती घटनाओं को ‘‘ प्रत्यक्ष और परोक्ष’’ दोनों प्रकार की मंजूरी देते हैं। कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कथित धर्म-प्रेरित दमन और हिंसा के विशिष्ट क्षेत्रों का जिक्र किया है। इसमें राज्य स्तरीय धर्मांतरण निरोधी कानून, गोरक्षा के लिए कानून हाथ में लेना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कथित हमले और गैर सरकारी संगठनों के अभियानों को भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं के लिए हानिकारक माना गया है। सीआरएस रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है और न ही यह सांसदों के विचारों की अभिव्यक्ति करती है। इस तरह की रिपोर्ट स्वतंत्र विशेषज्ञ तैयार करते हैं ताकि सांसद इन पर गौर कर सकें और उचित फैसले ले सकें। रिपोर्ट का शीर्षक है ‘‘ इंडिया : रिलिजियस फ्रीडम ईशुज ’’। इसमें कहा गया है, ‘‘ संविधान द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता की स्पष्ट रूप से रक्षा की गई है। भारत की आबादी में हिंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है। बीते दशकों में हिंदू राष्ट्रवाद उभरता राजनीतिक बल है और यह कई मायनों में भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है तथा देश की धार्मिक स्वतंत्रता पर नए हमलों की वजह बन रहा है।’’  यह रिपोर्ट 30 अगस्त की है और इसकी प्रति पीटीआई को गुरुवार को प्राप्त हुई है। यह रिपोर्ट टू प्लस टू वार्ता से पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के लिए तैयार की गई थी। कई सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से कहा था कि इस वार्ता के दौरान वह भारतीय नेताओं के समक्ष धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएं।

अमित शाह शनिवार को तेलंगाना में चुनावी बिगुल फूकेंगे

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हैदराबाद, 14 सितम्बर,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को महबूबनगर में एक जनसभा को संबोधित करने के साथ ही तेलंगाना में अपनी पार्टी के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इसकी जानकारी दी। शाह अपने एक दिवसीय दौरे पर शनिवार को तेलंगाना पहुंचेंगे, जहां वह राज्य के भाजपा नेताओं को चुनावी रणनीति और चुनावी घोषणापत्र पर निर्देश देंगे। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. लक्ष्मण के अनुसार, शाह विभिन्न समूहों के साथ बैठक करेंगे। वह शहर के पुराने इलाके में एक मंदिर भी जाएंगे। भाजपा प्रमुख शीर्ष नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे जिसमें वह आगामी चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। शाह इसके बाद महबूबनगर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। लक्ष्मण ने कहा कि शाह 10 दिन बाद फिर तेलंगाना दौरे पर आएंगे और करीमनगर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य में समय पूर्व चुनाव कराने के लिए छह सितम्बर को विधानसभा भंग कर दी थी। भंग की गई 119 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पांच सदस्य थे।

प्रधानमंत्री ने भगोड़े कारोबारियों पर निशाना साधा

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इंदौर,14 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां दाऊदी बोहरा समुदाय के अशरा मुबारक कार्यक्रम में इशारों-इशारों में नीरव मोदी, विजय माल्या और ललित मोदी सहित अन्य भगोड़े कारोबारियों पर निशाना साधा और कहा कि कुछ कारोबारियों ने छल को ही कारोबार बना लिया, लेकिन देश में कारोबार नियमों के मुताबिक ही होगा। इंदौर की सैफी मस्जिद में धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के व्यापार करने के कौशल की सराहना करते हुए कहा, "दाऊदी बोहरा समाज ने अपनी ईमानदारी, नियम सम्मत कार्य और अनुशासन में रहते हुए व्यापार को किस तरह आगे बढ़ाया जाता है, इस मामले में आदर्श स्थापित किया है। यह समाज जहां-जहां बसा, इन्हीं मूल्यों के आधार पर अपनी अलग पहचान बनाई।"मोदी ने आगे कहा, "कारोबारी और व्यापारी इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं, इसलिए ऐसे कारोबारियों को जितना संभव हो, प्रोत्साहन दिया जाए, और सरकार ऐसा कर रही है। यह हमारी प्राथमिकता है।"कारोबार की आड़ में चूना लगाकर देश से भाग गए कारोबारियों के नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने कहा, "यह भी सच है कि पांचों उंगलियां एक समान नहीं होती हैं। हमारे बीच ऐसे लोग भी हैं, जो छल को ही कारोबार मानते हैं। बीते चार वर्षो में सरकार यह स्पष्ट संदेश देने में सफल हुई है कि, जो भी हो, नियमों के दायरे में हो। सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से ईमानदार कारोबारियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।"मोदी ने आगे कहा, "दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु के सहयोग से गुजरात में जल संकट और कुपोषण को घटाने में सफलता पाई थी। यह समाज ऐसा है, जो किसी को भूखे नहीं सोने देता। इतना ही नहीं, बोहरा समाज ने 11,000 आवासों का निर्माण कर गरीबों को उपलब्ध कराए हैं, यह प्रशंसनीय कार्य है।"मोदी ने कहा, "दाऊदी बोहरा समाज स्वास्थ्य, स्वच्छता के लिए विशेष तौर पर काम करता है। सरकार भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना और सबको आवास योजना पर काम कर रही है। सरकार और समाज का काम एक ही दिशा में है।"इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और धर्मगुरु सैयदना ने अपने विचार रखे और देश की तरक्की में अपना सहयोग देने की अपील की। प्रधानमंत्री ने लगभग 31 मिनट बोहरा समाज के लोगों को संबोधित किया और सैयदना परिवार से अपने संबंधों का जिक्र किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से इंदौर पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। उनका स्वागत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य लोगों ने किया। इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, "प्रधाानमंत्री के प्रवास के मद्देनजर सुरक्षा-व्यवस्था चाकचौबंद की गई है। पुलिस बल की तैनाती के साथ ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। इसके अलावा शहर के लोगों को परेशानी न हो, इसे ध्यान में रखकर मार्ग में बदलाव भी किया गया।"सैयदना दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें धर्मगुरु हैं। वह तीन साल बाद भारत प्रवास पर हैं, और 12 सितंबर से यहां उनके धार्मिक प्रवचन चल रहे हैं। सैयदना पहली बार इंदौर आए हैं। इससे पहले वह सूरत में आए थे। सैयदना के पिता अपने जीवनकाल में दो बार इंदौर आए थे।

विशेष आलेख : "दलित"जब संशोधन में अपमानजनक तो उसके नाम सियासत क्यों?

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शब्द आईने की नजर में "दलित" 
एसटीएससी  एक्ट को लेकर देश में  मचे  सियासी घमासान ने एक नई राजनीति बहस को जन्म दे दिया है।इस बहस में सवाल उठ  रहे हैं कि जब "दलित "और "हररिजन"शब्द कानूनी तौर पर प्रतिबंधित हैं तो उनके नाम पर विशेषाधिकार क्यों?क्या राजनीतिक फायदे के लिये इनके तुस्टीकरण का खेल खेला जा रहा और एट्रोसिटी एक्ट भी उसी का एक पार्ट है। इतिहास  में जाएं तो भारतीय समाज में वे जातियां जो हिन्दू  वर्ण व्यवस्था से बाहर थी जिन्हें अवर्ण माना गया।अवर्ण वर्ग में वो  जातियां रखीं गयीं  जो कई कुरीतियो की शिकार   और उनका रहन सहन  उच्च वर्गों को पसंद नही था। दलित की संज्ञा दी गई है और इसी वर्ग के व्दारा अपनी स्थिति के सुधार हेतु किए गए सामूहिक प्रयास को ही दलित आंदोलन खा जाता हैं। दलित एक मराठी शब्द है धरती एवं टूटे हुए खण्ड  और इसको सबसे पहले महाराष्ट्र में दलित पेंथर्स प्रचलन में लाया गया जिसका मतलब साफ है कि अनुसूचित जाति की जनता। बसपा व्दारा किए गए प्रयासों ने जरूर दलितों के उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया लेकिन ये तमाम आयाम माकूल अभी भी नही है।बसपा के पास दलितों के लिए विचार है कार्यकम है लेकिन गरीबो के लिए नही

सुप्रीम कोर्ट की ओर से sc/st- एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के बाद सोशल मीडिया पर छेड़ी गई मुहिम अब सड़क पर उतर कर असली रंग दिखा रही है।पता नही इस रंग का असर सही है या गलत लेकिन इसने अवरोध शुरू कर दिया हे पूरे देश के माहौल पर देखने को मिल रहा है।दलित शब्द को लेकर जो एडवाईजरी बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट के व्दारा साफ कहा गया है कि दलित शब्द से सबको बचना चाहिए। और एडवाईजरी में तो शब्द सही है sc/st एक्ट में जो धारा है जिसमे प्रतिबंधित शब्द बोलने भर से मुकदमा लिख दिया जाता है, और वंही अगर बात की जाए तो जब दलित वर्ग से कोई किसी योजना के लिए आवेदन करता या प्राथना पत्र में sc/st के लोग प्रतिबंधित शब्दो को लिख देते हैं तो कोई परेशानी  नही । यंहा विरोधाभास इसलिए की कोई दूसरा प्रतिबनधित शब्द बोले तो गाली और खुद अपने लिए इन्ही शब्दों का इस्तेमाल करे तो गाली क्यों नही फिर?  गांधी जी भी खुद इस विचारधारा से सहमत नही थे इसलिए उन्होंने हरिजन शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया ताकी किसी की भी भवनाएं आहत न हो। सुप्रीम कोर्ट को संविधान का गार्जियन माना गया है । सुप्रिम कोर्ट ने यदि कोई फैसला लिया है तो गम्भीर सोच विचार के बाद फैसला लिया। और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को नए फलक पर देखने की जरूरत है और इस फैसले को देश के प्रत्येक नागरिक को  भी समझना होगा। तब कंही जाकर हम और आप इस मसले की गम्भीरता को समझ पाएंगे बेहतर तो ये ही होगा की इस मसले को राजनीती के चश्मे से न देखा जाए।

सर्वोच्च अदालत ने जो फैसला दिया उसने भी कई मुकदमो की मोनेटरिंग के बाद ही दिया , क्योंकि जितने भी मुकदमे आते हैं उनमें से 25 प्रतिशत  मुकदमे ही सही पाए जाते हैं। कोर्ट ने भी देखा है कि  fir और चार्जशीट का क्या हश्र होता है । अमूमन देखा गया है कि मुकदमा ट्रायल में ही खत्म हो जाता है या पैसों के लेंन देन के चलते उस मुकदमे की कोर्ट पुहचने से पहले ही इतिश्री हो जाती है। बात यंही खत्म नही होती दीगर हाल आपको यव भी बताते चले  की sc/st एक्ट की धारा 4 में भी विरोधाभास है जो विवेचकों  में भी विभेद उतपन्न करती है। विवेचना में st/sc के विवेचक से  कोई त्रुटि हो जाए तो माफ़ी है और यदि गैर sc/st से यदि गलती होती है तो सजा का प्रावधान। अक्सर अनुदान और पेशबंदी में के लिए sc/st एक्ट का इस्तेमाल    बतौर हथियार किया जाता है।

देश की सरकारें कोशिश कर रही है चीज़ो में सुधार की लेकिन ये साहस तो सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है और सरकार को रास्ता दिखा सकता है और वक्त वक्त पे सुप्रीम कोर ने अपना डंडा चलाया भी है। आंदोलन चाहे दलित करे या स्वर्ण करे दोनों का ही तरीका गलत है आंदोलन से समस्याओं का कोई समाधान नही होता लेकिन व्यवधान जरूर उतपन्न हो जाता है। सरकार को चाहिए की दलितों और स्वर्णों दोनों को एक साथ संगोष्टी के लिए बुलाया जाए और मसले का हल निकाला जाए। और साथ ही ये भी ज्ञात रहे इस पुरे मसले पर सबसे ज्यादा नफा जो देख रहा है वो दलित एलिट क्लास देख रहा है और होता भी उसी को हे  और इसी एलिट क्लास ने दलित शब्द का सबसे ज्यादा फायदा उठाया है और ये ही एलिट क्लास नही चाहता की दलित शब्द को हटाया जाए। हो भी ये ही रहा है कि नीचे वाले हो हल्ला कर रहें है और फायदा उठाकर ये ही एलिट क्लास मलाई खा रहा है ये क्लास चाहता ही नही की नीचे वालो का विकास हो।  सतना में सोहावल जनपद पंचायत के सीईओ राजीव तिवारी ने अपने मातहत मातहत समग्र स्वच्छता अभियान के प्रभारी विष्णु बागरी को विभागीय  कामकाज  मे लपरवाही  पर फटकार लगाई तो उसने अजाक थाने में शिकायत दर्ज करा दी कि वो उसे जातिगत द्वेषवश मानसिक रूप से परेशान कर रहे और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सकते हैं।तिवारी पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके खिलाफ एसटीएससी एक्ट का केस दर्ज कर दिया जाए और वो अब कलेक्टर ,एसपी के चक्कर लगा रहे हैं।

ठीक इसी तरह का मामला यूपी के गोंडा का है जहां झंझरी क्षेत्र के मगहर के सरकारी स्कूल की प्रधान अध्यापक निशी श्रीवास्तव ने अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में बताया है कि विद्यालय की एक दलित शिक्षिका के विदयालय कभी आती है कभी नहीं।इस पर अनुपस्थिति दर्शाने और समय से आने को कहने पर वो एसटीएससी एक्ट में फंसा देने की धमकी देती है।यही नही उसके द्वारा हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी देकर अपमानित भी किया जाता है।निशी इस कदर डरी हुई हैं कि उन्होंने अधिकारियों को अपनी व्यथा बताते हुए इस्तीफे तक की पेशकश कर डाली है।एमपी के सतना यूपी के गोंडा की ये कहानी है तो यूपी के लखीमपुर खीरी में तो एक निजी अस्पताल के तीन डॉक्टरों पर तो डिलीवरी के बाद नवजात की मौत पर एट्रोसिटी एक्ट का मुकदमा दर्ज भी हो गया।मामला भगवतीपुरा शहर का है जहां एक दलित परिवार की महिला को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था और नवजात की मौत होने पर महिला के परिजनों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करा दी कि महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया था लेकिन डॉक्टरों ने उसके इलाज के नाम उनसे बीस हजार रुपये ऐंठ लिए।महिला के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने अस्पताल के तीन चिकित्सकों राजेश यादव ,अमित पांडेय और दिव्या तिवारी पर एसटीएससी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। और इस आंदोलन की आंच पूरे देश में देखी जा रही है कंही माननीयों पर  पथराव के अलावा उन पर जूता  भी फेंक जा रहा है

दरअसल किसी मुहिम के जोर पकड़ने के लिए जो भी बुनियादी तत्व चाहिए वो इस समर्थित मुहिम में मौजूद हैं। नाराजगी आरक्षण से कहीं ज्यादा एससी-एसटी एक्ट पर विचारधारा के रवैये को लेकर है। गौर करने वाली बात ये है कि एससी-एसटी एक्ट के दुष्प्रभावों से प्रभावित होने वालों में केवल सवर्ण ही नहीं बल्कि पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक भी शामिल हैं। अल्पसंख्यक तो खैर वोट बैंक को तहस-नहस होता देखकर किनारे खड़े होकर मजा लूट रहे हैं। पिछड़ा वर्ग चूंकि खुद आरक्षण का लाभार्थी है, लिहाजा वो फिलहाल तटस्थता के भाव के साथ घटनाक्रम का साक्षी बना हुआ है। अब रह गया के परंपरागत मतदाता के ठप्पे वाला सवर्ण वर्ग, जो फिलहाल नाराजगी के जरिए दुसरो का लोटा डुबोने को आमादा है। 

वाकई सरकारो के लिए एक तरफ कुआँ एक तरफ खाई वाली स्थिति है फंस । ये मकड़जाल खुद उसने बुना है। सवर्ण वर्ग तो आरक्षण को लोकतंत्र की अनिवार्य बुराई मानकर अपनी नियती से समझौता कर चुका था। लेकिन एससी-एसटी एक्ट पर  सरकार के रुख ने सवर्ण बिरादरी में जो बेचैनी की चिंगारी सुलगाई थी वो अब नाराजगी की फूंक पाकर शोला बन चुकी है। 

ये सही है कि सवर्णों के आक्रोश को इस मुकाम तक पहुंचाने में  कुछ विचारधारा का प्रायोजित विरोध काफी हद तक जिम्मेदार है। लेकिन सवाल उठता है कि ये मौका आखिर दिया किसने? एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आखिर उड़ता तीर लेने की जरूरत क्या थी? कोढ़ के ऊपर खाज ये कि एक्ट में शामिल अपराधों की सूची को 22 से बढ़ाकर 47 कर दिया जिस वजह से स्थिति हाथ से निकलती जा रही है और आक्रोश बढ़ता जा रहा है ये वो समर्थक वर्ग था जिसने नोटबंदी और जीएसटी के कथित दुष्प्रभावों को देशहित में जरूरी माना  मुंह फुलाए फूफाओं के मान-मनौव्वल की कोशिश भी जारी है। 

कुल मिलाकर सरकारों के लिए इस आंदोलन या मुहिम से निबटना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तीन महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये चुनौती किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। और हो भी क्यों नहीं, आखिर इन प्रदेशों के नतीजों से ही तो लोकसभा का राजपथ प्रशस्त होना है। सरकारें ये भी ये याद रखे कि अटल जी ने 'फील गुड'की गलतफहमी में सरकार गंवाई थी,तो कहीं सवर्णों के 'फील बैड'का शिकार या सरकार  ना हो जाएं।

बात बेहद साफ है यदि इतनी आरक्षण पर बहस छिड़ी हुई है और आरक्षण के आईने में स्नर्र्षआत्मक भेदभाव को तनिक इस लिहाज से भी देखा जा सकता है यदि किसी महिला के जुड़वाँ बच्चे हुए एक सुपोषित है और दूसरा कुपोषित तो माँ अपने कुपोषित बच्चे को उस मात्रा में ही स्तनपान कराएगी जिससे उसका कुपोषण खत्म हो लेकिन इसका ये कतई अर्थ न निकल जाए की सुपोषित बच्चे को नजरअंदाज कर दिया जाए




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विनीत सिंह 
डिप्टी एस. पी
उत्तर प्रदेश पुलिस

स्वयंसेवक बनती जा रही है नौकरशाही, माल्या प्रकरण है सरकार की विफलता: पुण्य प्रसून वाजपेयी

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पं. कमलापति त्रिपाठी पुरस्कार से नवाजे गए पुण्य प्रसून वाजपेयी 
कबीर चैरा स्थित नागरी नाटक मंडली सभागार में धूमधाम से मनायी गयी पंडितजी की जयंती  
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वाराणसी (सुरेश गांधी)।पंडित कमलापति त्रिपाठी की 113वीं जयंती शुक्रवार को कबीर चैरा स्थित नागरी नाटक मंडली सभागार में धूमधाम से मनायी गयी। इस मौके पर आयोजित ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार‘ समारोह में पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन वाराणसी की ओर से टीवी न्यूज चैनल एंकर पूण्य प्रशून बाजपेयी को सम्मानित किया गया। उन्हें एक लाख रुपये का चेक और स्मृति चिन्ह भी दिया गया। इसके अलावा पंडित राजेशपति त्रिपाठी जी द्वारा लिखे ग्रंथ ‘पंडित कमलापति त्रिपाठी: बहुयामी व्यक्तित्व लघु पुस्तिका’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन और पं कमलापति त्रिपाठी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं समापन राष्ट्रगान से हुआ।  

इस मौके पर पूण्य प्रशून बाजपेयी ने कहा कि वाजपेयी ने कहा कि तथ्यों के साथ सच परोसना ही पत्रकारिता है। कहा कि आज तकनीक के विस्तार को पत्रकारिता समझा जा रहा है लेकिन यह एक माध्यम है, पत्रकारिता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज देश के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। तकनीकि की ताकत के सहारे बढ़े कारपोरेट पूंजीवाद ने राजनीति, सत्ता संस्थानों और मीडिया ही नहीं देश के संवौधानिक लोकतंत्र पर जिस तरह शिकंजा कसता जा रहा है, वह इस दौर की सबसे गंभीर चुनौती है। हालात यहां तक पहुंच गए है कि आज नौकरशाही स्वयंसेवक बनती जा रही है और स्वयंसेवक मीडिया और विपक्ष सुविधाभोगी कार्यशैली के बीच कुंठित है। आज 70 साल बाद भी हम तनाव में जी रहे हैं, यह चिंताजनक है। साल 1970 तक भारत चाइना से चार गुना उत्पादन करता था, आज चाइना हर क्षेत्र में भारत से पांच गुना उत्पादन कर रहा है। इससे साफ है कि उत्पादन में हम ढ़हती अर्थव्यवस्था को अंजाम तक नहीं पहुंचा पा रहे। भारत की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चली है। 

श्री बाजपेयी ने कहा कि प्रशासनिक सिस्टम गड़बड़ हो गया है। इस चरमराती व्यवस्था में आपकों ही तय करना है हम जिंदा है या मुर्दा लाश बनकर जी रहे हैं। बनारस में गंगा स्वच्छ हुई या नहीं आप से बेहतर भला कौन जान सकता है, लेकिन इतना तो तय है कि मोदी ने बनारस की ज्ञान पर ब्रेक लगा दिया है। हायर एजेुकेशन का बजट 46 हजार करोड़ है, लेकिन यह खर्च कहा हो रहा है इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। पहले की तुलना में भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या भी घटी है। कहा जा सकता है सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। दिल्ली में ढाई हजार पत्रकार बेरोजगार होकर नेताओं की प्रोफाइल सोशल मीडिया के लिए बना रहे है। यह जानते हुए कि नेता भ्रष्ट है। हमारी जरुरत है कि जब थाने में पुलिस वाला बैठा हो तो वह हमारी रपट लिखें, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। न्यूज चैनलों का हाल यह है कि वे 2000 करोड़ के कारोबार नहीं, बल्कि उनकी निगाह 30,000 करोड़ पर लगी है, जिसे वे विज्ञापन के जरिए हासिल कर रहे हैं। हाल यह है कि अब तो चैनल वाले ही विज्ञापन बनाकर पैसा कमा रहे है। कल तक यह छिपकर होता था अब अलानिया सबकुछ हो रहा है। कहा, आज हम लुभावने नारों के दलदल में फंसते जा रहे हैं। अयोध्या के नाम पर ठगी हो रही है। श्री बाजपेयी ने पंडित जी को याद करते हुए बताया कि नेहरु भी उनके मुरीद थे। उन्होंने पं. नेहरू के विरुद्ध हिन्दी के पक्ष में मतदान किया था। 

पूर्व सांसद राजेश मिश्र ने युवाओं को समाज की बेहतरी के लिए उनके आदर्शो को अपनाने की सलाह दी। पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश चैबे ने महाविद्वालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को पंडित जी के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कहीं। प्रोफेसर सतीश राय ने कहा कि पं कमलापति त्रिपाठी एक सिद्धान्तनिष्ठ राजनेता और मूल रूप से निर्भीक, स्वतंत्र एवं ईमानदार पत्रकार और सम्पादक थे। उनमें मानवीय संवेदना और सिद्धान्तनिष्ठा की दृढ़ता निहित थी। वह एक उसूलपसन्द इन्सान थे। जिन्होने राजनीतिक प्रशासक के रूप में बुनियादी सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया। वह गांधी की परम्परा के पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे जिसने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी संघर्षों की मिसाल कायम की। पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी ने लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा परिवार 90 साल से कांग्रेस से जुड़ा है। धर्मनिरपेक्षता का झंडा हम ऐसे ही बुलंद रखेंगे। पंडित जी कृतिजीवि पत्रकार थे। पंडित जी राष्ट्र सेवा और पत्रकारिता के वक्ति उपज थे। बता दें, पं.कमलापति त्रिपाठी जयंती समारोह का साढ़े चार दशक पुराना परम्परागत कार्यक्रम है। इसे हर साल आयोजित किया जाता है। पं. कमलापति त्रिपाठी फाउण्डेशन द्वारा आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में निर्भीक एवं स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रतिमानों को राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से अलंकृत किया जाता है। इस मौके पर राजेशपति त्रिपाठी के अलावा पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, सीनियर लीडर अजय राय, कांग्रेस सचिव राणा गोस्वामी, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश चैब, ललितेश त्रिपाठी, डा क्षेमेन्द्र त्रिपाठी, प्रो एमएम वर्मा, विजय शंकर पांडेय, काशी पत्रकार संघ अध्यक्ष सुभाष सिंह, अत्रि भरद्वाज, राजबहादुर, शालिनी यादव, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केशरी व गौरव कपूर ने भी पंडित जी के जीवन को अनुकरण्ीय बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनए विश्व विद्यालय के प्रोफेसर रमेश दीक्षित व संचालन सतीश राय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन बैजनाथ सिंह ने किया। 

मधुबनी : 104 योगिया-पदमा के बीच स्थित धौड़ी नदी पर बना ड्राभर्सन बहा

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लदनियाॅ (मधुबनी) (आर्यावर्त डेस्क) ।प्रखंड के जयनगर-लदनियाॅ एन एच 104 योगिया-पदमा के बीच स्थित धौड़ी नदी पर बना ड्राभर्सन बह जाने के कारण लोगों को हो रही है परेशानी ।ज्ञातव्य हो कि नेपाल जलग्रहन झेत्र में हो रहीं भारी वारिस एंव प्रखंड झेत्र में हो रहीं रूक रूक कर वारिस के कारण धौड़ी नदी सहित सभी छोटी छोटी नदी नाला में पानी का वहाउ तेज होने के कारण एक ओर जहाँ धौड़ी नदी पर बना ड्राभर्सन बह गया है, वही पी डब्लू डी पदमा-छपकी सड़क दोनवारी , मोतनाजे में सड़क से पानी बह रहा है, पथलगाढ़ा, जानकीनगर गांव में भी गांव के बीचों बीच काफी पानी बह रहा है ।लोग काफी दहस्त में है क्यों कि वर्षा रूक रूक कर हो ही रहा है ।माननीय मंत्री श्री कपिल देव कामत के गांव मोतनाजे में सड़क से पानी बहने के कारण सड़क टूट गया है ।आवागमन बाधित हो गया था ।जिसे पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव ,पंचायत के मुखिया राहुल कुमार मंडल ने ईट टुकड़ा डालकर चालू किया है ।बार बार बाढ़ की समस्या से परेशान लोगों को शिकायत के बाद भी स्थाई समाधान नहीं मिल पा रहा है ।लोगों के खेती योग्य भूमि में गाढ़, बालू से पट जाने के कारण फसल की नुकसान भी सहना पड़ता है ।यहां के नेता एंव अधिकारी मैन धारण कर चुपचाप बर्बादी का मंज़र देख रहा है ।पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दिया है ।

बेगूसराय : मुख्यमंत्री के किये कार्यों को जन जन के दरवाजे तक पहुँचायेंगे परमहंस कुमार।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) जनतादल यू की पूरी टीम माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये गये बिकास कार्यो को हर दरबाजे तक दस्तक देकर पहुँचने की पहल करेगी - परमहंस कुमार  बेगूसराय जिला जनतादल यू प्रखंड अध्यक्ष ,प्रकोष्ट अध्यक्ष ,प्रखंड संगठन प्रभारी ,महादलित / दलित प्रकोष्ठ की संयुक्त समीक्षा बैठक जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय की अध्यक्षता में हुई ।इस समीक्षा बैठक में राज्य पार्टी के मुख्यालय प्रभारी परमहंस कुमार , जिला संगठन प्रभारी दुर्गेश राय ,पूर्व बिधान पार्षद रूदल राय ,नगर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार जिबु की उपस्थिति में संगठन की संयुक्त समीक्षा बैठक हुई । जिसमें पार्टी की पंचायत कमिटि की हो रही बैठकों को विस्तार से चर्चा की गई तथा निर्णय किया गया कि पार्टी के सभी सदस्य अपने प्रखंड के पंचायतो में होने बाले बैठक में अवश्य भाग लेंगे ।बैठक में सहमति बनी की पार्टी के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में माह में एकबार प्रकोष्ट के जिलाध्यक्ष अबश्य बैठक करेंगे , जिसमे पार्टी एवं प्रकोष्ठों के द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम की जानकारी एक दूसरे को देंगे तथा हो रहे कार्यक्रम में सहयोग करेंगे ।बैठक में पार्टी द्वारा हो रही पंचायत कमिटि की बैठक की समीक्षा की गई एवं पंचायत प्रभारी को निर्देश दिया गया कि अपने पंचायत में पड़ने बाले बूथों की अबिलम्ब पांच सदस्यीय बूथ कमिटि बनाएंगे ।

बैठक की दूसरी पाली में अनुसूचित जाति के जिला कार्यकारिणी महादलित प्रकोष्ठ, दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ,प्रखंड के अध्यक्ष एवं प्रमुख साथियो कीबैठक हुई । जिसमें प्रखंडवार ,टोला जनसंपर्क टीम का गठन किया गया ।उक्त टीम प्रदेश के नीतीश सरकार द्वारा उपरोक्त वर्गो के लिए किए गए कार्यो को हर दरवाजे तक दस्तक देकर पहुंचने की दिशा में सकारात्मक पहल करेगी । इस समीक्षा बैठक में उपस्थित हुए सभी प्रखंड अध्यक्ष ,प्रकोष्ट अध्यक्ष ,प्रखंड संगठन प्रभारी , प्रवक्ता अरुण महतो ,रामसुन्दर कुशवाहा ,मुकेश राय ,रामराज महतो , रामप्रवेश सिंह ,युवाध्यक्ष विकास कुशवाहा ,ब्यबसायिक अध्यक्ष मुकेश जैन ,युवा महासचिव अनिल पटेल ,प्रवीण कुमार ,अरविन्द पटेल ,  संजीव कुमार ,रामनंदन पासवान ,उमेश सदा ,विनोद मल्लिक , अरविन्द पासवान ,गजानंद राय ,अबध शर्मा , शम्भू पासवान ,सरवर आजाद , कुंदन कुमार पिंटू ,उमाकान्त यादव सहित सभी कार्यकर्ता मौजूद थे ।

मधुबनी : राष्ट्रीय न्यास के तहत गठित लोकल लेबल कमिटि की बैठक का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 15, सितंबर 18,जिला पदाधिकारी,मधुबनी की अध्यक्षता में शनिवार को लोकल लेबल कमिटि(नेषनल ट्रस्ट) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डाॅ रष्मि वर्मा,सहायक निदेषक,सामाजिक सुरक्षा,मधुबनी, श्री अमरनाथ झा, सिविल सर्जन,मधुबनी, श्री मनोज चैधरी,(दिव्यांग सदस्य), श्री रामकृष्ण मिश्र(गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि), श्री ब्रजेष कुमार श्रीवास्तव,अधिवक्ता समेत अन्य सदस्यगण उपस्थित थे। बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा लोकल लेबल कमिटि के सदस्यों सेे सरकार के प्रावधान एवं उद्देष्यों पर विचार-विमर्ष किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी सदस्यों को बताया गया कि राष्ट्रीय न्यास के तहत मानसिक दिव्यांगता अर्थात स्वपरायणता,प्रमस्तिष्क अंगघात,मानसिक मंदता से ग्रसित व्यक्तियों के कल्याण के लिए प्रत्येक जिले में लोकल लेवल कमिटि का गठन किया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा लोकल लेवल कमिटि के नाम से एक बैंक खाता खोलने का निदेष दिया गया। तथा स्वयंसेवी संस्था को राष्ट्रीय न्यास के तहत निबंधन कराने भी निदेष दिया। उन्होनें ’निरामया’ योजना के तहत एक लाख रूपये तक की बीमा सुविधा उपलब्ध होने के संबंध में पूर्ण जानकारी दी गयी। साथ ही सदस्यों को निरामया योजना के अंतर्गत मानसिक दिव्यांग व्यक्तियों को बीमा कराने हेतु प्रेरित भी किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को मानसिक दिव्यांगों का सर्वे कराकर सूची देने हेतु पत्र भेजने का निदेष दिया गया। सिविल सर्जन,मधुबनी द्वारा बताया गया कि मानसिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जिले में मनोचिकित्सक नहीं है। जिला पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में विभाग से वात्र्ता कर निराकरण करने का निदेष दिया गया।

बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक

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पटना, 15 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक जानकी पासवान की अध्यक्षता में कल दिनांक 14.09.2018 को यहां केदार भवन में हुई। बैठक में पार्टी के सभी सचिवों ने भी भाग लिया। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के॰ नारायणा भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में मुख्य रूप से 25 अक्टूबर की पटना में प्रस्तावित रैली की समीक्षा की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सभी जिलों में रैली की तैयारी जोर-षोर से हो रही है। रैली को लेकर पार्टी सदस्यों और आम जनता में जो उत्साह देखा जा रहा है उससे पता चलता है कि पटना रैली में दो लाख से भी ज्यादा लोग भाग लेंगे। रैली के संदेष को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जमीनी स्तर पर गाँव-गाँव में पदयात्रा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पदयात्रा कार्यक्रम 10 सितम्बर से शुरू हुआ और वह 21 सितम्बर तक चलेगा। पदयात्रा के दौरान पार्टी सदस्यों की टोलियाँ गाँवे और मोहल्लों से लोगों के दरवाजे-दरवाजे जा रही है। पदयात्री लोगों की समस्याओं को नोट कर रहे हैं और उनके बीच पर्चा बांटकर रैली में आने की लोगों से अपील कर रहे हैं। पार्टी के राज्य कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘‘भाजपा हराओ, देष बचाओ’’ विराट रैली के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के वास्ते राज्य भर में 23 सितम्बर से जन जागरण अभियान चलाया जायगा। जन जागरण अभियान को दृष्टि में रखकर सम्पूर्ण बिहार को आठ जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में एक जन जागरण अभियान दल जीप से भ्रमण करेगा। प्रत्येक अभियान दल में कम से कम राज्य के तीन नेता रहेंगे। अभियान दल के नेता अपने भ्रमण के क्रम में जगह-जगह सभाओं को संबोधित करेंगे। अभियान दल का पहला जत्था बेतिया से 23 सितम्बर को 10 बजे दिन में प्रस्थान करेगा। दो दिन पष्चिम चंपारण, दो दिन पूर्वी चंपारण, एक दिन षिवहर और दो दिन सीतामढ़ी जिले में भ्रमण करते हुए 29 सितम्बर को संध्या छह बजे मुजफ्फरपुर जिला में प्रवेष करेगा। दो दिन मुजफ्फरपुर जिला में अभियान करेगा। दो दिन मुजफ्फरपुर जिला में अभियान का कार्यक्रम चलाकर 1 अक्टूबर को समाप्त हो जायगा। दूसरा जत्था 23 सितम्बर को गोपालगंज जिला में राजापट्टी कोठी से 11 बजे दिन में प्रस्थान करेगा। गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों में भ्रमण एवं सभा को संबोधित करते हुए 29 सितम्बर को वैषाली जिला में प्रवेष करेगा। दो दिन वैषाली जिला में भ्रमण के बाद 1 अक्टूबर को अभियान दल पटना वापस हो जायगा। उसी तरह तीसरा अभियान दल 23 सितम्बर को मधुबनी से प्रस्थान करेगा। मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, जिलों का भ्रमण करते हुए अभियान दल 1 अक्टूबर खगड़िया, बेगूसराय जिला में प्रवेष करेगा। वहां दो दिनों तक भ्रमण करने के बाद अभियान समाप्त हो जायगा। चैथा अभियान दल 23 सितम्बर को सुपौल से चलेगा जो सहरसा, मधेपुरा, और भागलपुर होते हुए 29 सितम्बर को बांका पहुँचेगा। दो दिन वहां भ्रमण के बाद 1 अक्टूबर को समाप्त हो जायगा। पाँचवां अभियान दल 23 सितम्बर को अररिया से चलेगा और पूर्णियां, किषनगंज,कटिहार, जिलांे का भ्रमण कर 29 सितम्बर को समाप्त हो जायगा। छठा अभियान दल 23 सितम्बर को औरंगाबाद से चलेगा और गया, नालंदा, जहानाबाद और अरवल जिलों का भ्रमण के बाद अरवल जिला में 30 सितम्बर को समाप्त हो जायगा। इसी तरह सातवाँ अभियान दल रोहतास के डालमियानगर से 23 सितम्बर को चलेगा और सासाराम, भभुआ, बक्सर, भोजपुर होते हुए 27 सितम्बर को पटना जिला में प्रवेष करेगा। दो दिनों तक पटना जिला में भ्रमण के बाद 29 सितम्बर को समाप्त हो जायगा। आठवाँ और अंतिम जत्था 23 सितम्बर को मुंगेर से चलेगा और जमूई, नवादा, शेखपुरा जिलों का भ्रमण करते हुए 30 सितम्बर को लखीसराय जिले में प्रवेष करेगा वहां दो दिनों के भ्रमण के बाद समाप्त हो जायगा। पार्टी के राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा हराओ, देष बचाओं विराट रैली में आने वाले लोगों के ठहरने, पेजयल और शौचालय की व्यवस्था, चिकित्सा की व्यवस्था, पटना शहर की सजावट, रैली की सुरक्षा, पटना रेलवे स्टेषन और हाजीपुर स्टेषन पर सहायता केन्द्र आदि कामों को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए पार्टी नेताओं की अलग अलग 14 कमिटियाँ बनायी गई है। उन्होंने दावा किया कि इस रैली में दो लाख से ज्यादा लोग भाग लेंगे।

बेगूसराय : इन्सानों का अन्तिम लक्ष्य क्या होना चाहिये।

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बेगूसराय (अरुण कुमार), बेगूसराय के दो दिवसीय कार्यक्रम के दरम्यान आज राइडर राकेश की साइकिल पहुँची बरौनी। जहाँ स्थानीय संस्थान द डेस्टिनेशन में फ्रीडम फ़ॉर जेंडर विषय पर परस्पर संबाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राकेश ने छात्र-छात्राओं एवम स्थानीय बुद्धिजीवियों से उपर्युक्त विषय पर संवाद किया।"भ्रूण हत्या"आजकल जैसा कि देखने और सुनने को मिल रहा है कि गर्भवती महिला के परिवार वालों को लड़कन के लिये आए दिन प्रताड़ित कर गर्भ में यदि लड़की होती है तो उसका गर्भपात काराय दिया जाता है,तथा कथित डॉ• से मेल मिलाप करके जब कि सरकारी घोषणा के के अनुसार गर्भपात करना या करवाना जुर्म है।इसके लिये सजा का भी प्रावधान है ऐसा कानून अपराध करार दिया गया है फिर भी यह अपराध हो ही रहा है।आवश्यकता है ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने की।"दहेज"दहेज भी आज समाज के लिये अभिशाप ही साबित हो रहा है।आज दहेज के नाम पर कई तो गरीबी की हालात में आत्महत्या तक कर लेती हैं कहीं तो स्वयं कुवाँरी कन्यायें तो कहीं कुवाँरी कन्याओं के पिता जो अपने बच्चियों के शादी के लिये मोती रकम नहीं जुटा पाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।और ऊपर से ऐसी गरीब लड़कियों पर समाज के तरफ से छींटाकशी करना,उलाहना देना,ज्यादा उम्र हो जाने पर बदचलन तक कह देना अपने ही समाज के बेटियों को।बाकी कुछ को जैसे तैसे पैरवी पैगाम या हाथ पैर जोड़कर किसी तरह विवाह कर भी दिया जाता है सामर्थ्य के अनुसार तो ऐसे बेटियों को ससुराल वाले जला देते हैं या फिर जलाने पर मजबूर कर देते हैं इस तरफ भी सरकार के साथ साथ समाज को भी शख़्त और ठोस निर्णय लेकर आगे बढ़ना होगा जिससेके इस कलंकित प्रथा का जड़ से उन्मूलन हो सके। ये सारी बातें इंगित करती है महिला उत्पीड़न की तरफ।साथ ही अन्य सामाजिक उत्थान की बातों पर चर्चा करते हुए आग्रह किया कि दहेज वाली शादी का समाज में बहिष्कार किया जाय। समारोह का शुभारंभ राइडर राकेश, संस्था के निदेशक अभिजीत कुमार, नितेश कुमार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर अविनाश शास्त्री, विनीत, मिलिंदर, बबलू, अभिषेक, पूजा, मोना, प्रेरणा, लक्ष्मी, आदि मौजूद थे।

बेगूसराय : सौहार्द पुर मुहर्रम मनाने को लेकर प्रशासनिक बैठक कर दिया गया दिशा निर्देश।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) बेगूसराय-मुहर्रम पर्व सौहार्दपूर्ण मनाने को लेकर जिलाधिकारी राहुल कुमार तथा पुलिस कप्तान आदित्य कुमार की अध्यक्षता में कारगिल विजय भवन में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई।जहाँ जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।आगे आपको बताते चलें कि ये मुहर्रम का त्योहार मोमिनों के लिये खुशी की नहीं बल्कि मातम का त्योहार है।इस्लामी मज़हबों के अनुसार यह मुहर्रम का महीना पाक महीना माना जाता है।इस्लामी कैलेण्डर हिजरी के अनुसार मोहर्रम साल का पहिले महीने के नाम से जाना और माना जाता है।इस्लाम के चार सबसे पाक महीनों में से एक है यह मुहर्रम का महीना।दिन,तिथि आदि के अनुसार इसके भी तारीख बदलते रहते हैं।जैसे कि इस वर्ष 2018 में मुहर्रम का महीना 12 सितम्बर से शुरू हो रहा है,इस महीने में भी इस्लाम को माननेवाले रोजा रखते हैं,मगर ये रोजा रमजान की तरह रोज रखने वाले नहीं हैं अंतिम के एक/दो रोजा रख लें तो भी कोई बात नहीं।12 सितम्बर से शुरू होनेवाला मुहर्रम 21 या 22 सितम्बर को मनाया जाएगा विओ भी खुशियों की तरह नहीं मातमों कि तरह।आइये जाने की इसे मातम के रुप में क्यों मनाया जाता है।इस मुहर्रम को आशूरा कहते है आशूरा का मतलब ही मातम होता है जो कि 22 सितम्बर को मनाया जाएगा।देखते हैं कि यह त्योहार मातम का कैसे हुआ।दरअसल में आशूर के दिन,जो कि महीने के दसवें दिन मनाया जाता है यह दसवें दिन इस्लामिक इतिहास का सबसे निन्दनीय दिनों में से एक है।आशूर के दिन (मोहर्रम के 10 तारीख को) कर्बला के मैदान में हज़रत सल्लल्लाहो वसल्लम के नवासे हज़रत इमाम हुसैन और उनके बेटे को शहीद कर दिया गया था।इसीलिये इस पाक महीने के दसवें तारीख को मातम के रुप में मनाते आ रहे हैं। मौके पर ए डी एम ओमप्रकाश प्रसाद,ए एस पी मिथलेश कुमार,डी सी एल आर सचितानंद सुमन,सदर अनुमंडलाधिकारी संजीव कुमार चौधरी,लोजपा जिलाध्यक्ष प्रेम पासवान,जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय,दिलीप सिन्हा, उपमेयर राजीव रंजन सहित अन्य उपस्थित थे।

मधुबनी : SC-ST(अत्याचार निवारण) सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन

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मधुबनी  (आर्यावर्त डेस्क) 15, सितंबर 18,मधुबनी: , जिला पदाधिकारी,मधुबनी की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय स्थित कक्ष में जिला स्तरीय अनु. जाति एवं अनु. जनजाति(अत्याचार निवारण) सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री राजेष वर्मा,जिला कल्याण पदाधिकारी-सह-सदस्य सचिव, श्री नागेन्द्र पासवान,अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी,फुलपरास, श्री सपन कुमार सिंह,विषेष लोक अभियोजक, मधुबनी, श्री कैलास राम, श्री संजय राम, श्री रामबाबू राम एवं पुलिस उपाधीक्षक,मुख्यालय समेत अन्य सदस्यगण उपस्थित थे। बैठक में श्री संजय राम,सदस्य द्वारा बताया गया कि पीड़ितों द्वारा शपथ पत्र दिया जाये, कि वे मुआवजा मिलने के उपरांत सुलहनामा नहीं करेंगे। एैसा शपथ पत्र प्राप्त होने के उपरांत ही पीड़ित को मुआवजा राषि का भुगतान किया जाये। साथ ही शपथ पत्र प्राप्त होने के उपरांत अगली बैठक में मुआवजा हेतु विचार किया जाये। जिला पदाधिकारी एवं अन्य सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।  श्री सपन कुमार सिंह,विषेष लोक अभियोजक द्वारा बताया गया कि अब तक किसी भी वाद का निष्पादन नहीं हो पाया है। वाद का निष्पादन नहीं होने पर जिला पदाधिकारी द्वारा विषेष लोक अभियोजक को लंबित वादों का निष्पादन अविलंब कराने का निदेष दिया गया।  बैठक में बताया गया कि पुलिस अधीक्षक,मधुबनी से मुआवजा हेतु प्राप्त अनुषंसा 20 तथा 04 पंेषनधारी पर होने वाला व्यय 14,55,000 है। पुलिस अधीक्षक, मधुबनी के द्वारा विभिन्न पत्रों से मुआवजा हेतु प्राप्त अनुषंसित मामलों की संख्या-20 है,जिसमें लज्जा भंग से संबंधि तमामले-01, अनु.जाति से संबंधित अन्य मामले-19 तथा कुल मामलों की संख्या-20 है। 
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