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बिहार में एसएसबी जवान की गोली मारकर हत्या

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जमुई 18 सितंबर, बिहार के नक्सल प्रभावित जमुई जिले में सोमवार देर रात नक्सलियों ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए। पुलिस के अनुसार, हथियारबंद नक्सलियों का एक जत्था रात को पांडेयठिका गांव पहुंचा और सिकंदर यादव (35) को उसके घर से बुलाकर अपने साथ ले गए। घर से कुछ ही दूर ले जाने के बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और शव को सड़क पर छोड़ फरार हो गए। बरहट के थाना प्रभारी सुनील कुमार ने मंगलवार को बताया कि नक्सलियों की संख्या 20 से 25 बताई जा रही है। शव को पुलिस ने बरामद कर लिया है और नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। घटनास्थल से पुलिस ने एक पर्चा बरामद किया है, जिसमें नक्सलियों ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए मृतक जवान पर पुलिस मुखबिरी की आरोप लगाया है। मृतक मधुबनी के जयनगर में एसएसबी में तैनात था और 15 सितंबर को ही छुट्टी पर घर आया था।


एलओसी पर भारत, पाकिस्तान के जवानों के बीच भारी गोलीबारी

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जम्मू, 18 सितंबर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में मंगलवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत और पाकिस्तान के जवानों के बीच भारी गोलीबारी हुई। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने बीती रात लगभग एक बजे गुलपुर इलाके में भारतीय चौकियों पर अकारणवश गोलीबारी शुरू कर दी।सूत्रों ने बताया, "गोलीबारी तड़के 3.30 बजे तक जारी रही। हमारी तरफ से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।"

विशेष : हाईब्रिड बीज के चक्कर में थाली से गायब हुई देशी फसलें

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  • - संझेली के किसान पैक्स अध्यक्ष मो महबूब बताते हैं कि हाइब्रिड किस्मों में जिंक, डीएपी का दो बार इस्तेमाल करना पड़ता है, इससे खेतों की मृदा शक्ति पर असर पड़ रहा है
  • - एक ओर नकरात्मक पहलु यह है कि देशी किस्मों में किसानों को बाजार से बीज नहीं खरीदना पड़ता है
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पूर्णिया (कुमार गौरव) कम लागत और अधिक पैदावार के चक्कर में हाईब्रिड धान के बीजों का चलन तेजी से बढ़ा है। नगपुरिया, कनकजीरा, सीता सुंदरी, सेरा सादी व कलम दान जैसी धान की एक दर्जन से ज्यादा परंपरागत किस्में विलुप्त हो चुकी है। कुछ नाममात्र की बची है। जबकि ये किस्में थाली में खास स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर थी। इनमें शरीर को प्रतिरक्षण क्षमता प्रदान करने का नैसर्गिक गुण भी विद्यमान है। 

...सिर्फ नाम की बची हैं किस्में : 
बड़ी मंसुरिया, कतिका, घिलोनवा, मोदक, बंगलवा एवं सोनाचुर आदि उपजाने में खाद पानी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना पड़ता था। वहीं कुछ धान की किस्में मौसम के हिसाब से लगाई जाती हैं। सेलहा व साढ़ी को कम बारिश की आशंका पर किसान लगाते थे। इसके पौधों साठ दिन में तैयार हो जाते थे। इसके पौधे बेसरिया किसान अधिक बारिश होने की स्थिति में लगाते हैं। धान की इन पंरपरागत किस्मों को पुरखों ने मौसम के अनुकूल तैयार किया था।

...हाईब्रिड किस्मों से हुआ नुकसान :
कसबा प्रखंड के सबदलपुर किसान गंगा प्रसाद चौहान, पतलू साह, अयोध्या प्रसाद यादव, संजीव प्रसाद ने बताया कि धान की देशी किस्मों में पैदावार कम जरूर होती थी। लेकिन इसकी लागत काफी कम आती थी। किसान मानते हैं कि नई प्रजाति के धान के बीज से पैदावर में तीस फीसदी वृद्धि जरूर हुई है। संझेली के किसान पैक्स अध्यक्ष मो महबूब बताते हैं कि हाइब्रिड किस्मों में जिंक, डीएपी का दो बार इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे खेतों की मृदा शक्ति पर असर पड़ रहा है। एक ओर नकरात्मक पहलु यह है कि देशी किस्मों में किसानों को बाजार से बीज नहीं खरीदना पड़ता है। पैदावार में से ही पुष्ट दाने अगले साल बिचरा के लिए रख लिए जाते थे। जबकि हाइब्रिड बीजों का इस्तेमाल केवल एक बार ही हो सकता है। 

...क्या कहते हैं पदाधिकारी :
प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश मिश्र ने बताया कि देशी किस्मों में प्रकृति की आबोहवा से निपटने के नैसर्गिक गुण हैं। कई प्रजातियों को प्रजनक केंद्रों पर सुरक्षित रखा गया है। इन्हीं के सहारे नए बीजों का प्रजनन कराया जाता है।उन्नत बीजों से प्रति एकड़ पच्चीस क्विंटल से ज्यादा पैदावार हो रही है। वहीं देशी प्रजातियां 10-12 क्विंटल पैदावार देने में ही सक्षम थी।

बिहार : ...और अब डिजीलॉकर एप से सुरक्षित रहेगा ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी

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  • - इस व्यवस्था के अंतर्गत अब नागरिकों को चालक अनुज्ञप्ति व वाहन निबंधन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से साथ लेकर चलने की अावश्यकता नहीं होगी
  • - इसके विकल्प के तौर पर उनके द्वारा मोबाइल फोन के डिजीलॉकर एप के अंतर्गत उपलब्ध अभिलेखों की इलेक्ट्रॉनिक प्रति का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकेगा
  • - ठीक उसी तरह जिस तरह रेलयात्री ऑनलाइन बुक हुए टिकट को टीटीई को अपने मोबाइल से दिखाकर यात्रा करते हैं 

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पूर्णिया (कुमार गौरव)परिवहन विभाग की नई पहल रंग ला रही है। आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई दिल्ली ने डिजीलॉकर एप को लांच किया है। इस एप के माध्यम से आम नागरिकों के द्वारा अपने ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी को आवश्यकतानुसार सुरक्षित रखे जाने व उसके उपयोग के लिए निर्णय लिया जाना आसान हो गया है। इससे आम नागरिों को समय की बचत के साथ प्रासंगिक अभिलेखों की प्रमाणिकता सुनश्चित होगी व अनावश्यक परेशानी को कम करना अासान हो जाएगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत अब नागरिकों को चालक अनुज्ञप्ति व वाहन निबंधन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से साथ लेकर चलने की अावश्यकता नहीं होगी। इसके विकल्प के तौर पर उनके द्वारा मोबाइल फोन के डिजीलॉकर एप के अंतर्गत उपलब्ध अभिलेखों की इलेक्ट्रॉनिक प्रति का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकेगा। ठीक उसी तरह जिस तरह रेलयात्री ऑनलाइन बुक हुए टिकट को टीटीई को अपने मोबाइल से दिखाकर यात्रा करते हैं। 

...नेशनल रजिस्टर से है इंटीग्रेट : 
केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अधिसूचना संख्या जीएसआर 711 ई के माध्यम से एक डिजीलॉकर प्राधिकार का गठन किया गया है। जिसके तहत विकसित डिजीटल प्लेटफॉर्म के अंतर्गत मूल रूप से निर्गत प्रमाण पत्र व अन्य अभिलेखों का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप संग्रहित किया गया है। इसे नागरिकों के आधार नंबर के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस डिजीटल प्लेटफॉर्म के अंतर्गत वर्तमान में नागरिकों को निर्गत चालक अनुज्ञप्ति मसलन डीएल व वाहन निबंधन प्रमाण पत्र यानी आरसी की सुविधा उपलब्ध है जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा नेशनल रजिस्टर से इंटीग्रेटेड है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 के अंतर्गत डिजीलॉकर में उपलब्ध ये अभिलेख व प्रमाण पत्र मूल अभिलेख और प्रमाण पत्र के समरूप समझा जाएगा। बशर्ते कि वह लिंक आधारित या डाटाबेस से निर्गत प्राधिकार द्वारा निर्गत हो यानी यह व्यवस्था मात्र सरकारी तौर पर जारी किए गए अभिलेखों पर ही मान्य होगी न कि अपलोडेड डॉक्यूमेंट पर। बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय व इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित डिजीलॉकर के साथ संबद्ध है। जिससे नागरिक अपना डीएल व अारसी अपने आधार नंबर के माध्यम से डाउनलोड कर उपयोग कर सकते हैं। 

...क्या है डिजीलॉकर एप की लांचिंग का उद्देश्य : 
- नागरिकों का डीएल व आरसी इलेक्ट्रॉनिक मोड में सुरक्षित रखना 
- स्थल पर यातायात चालान निर्गमन के समय प्रदर्शित करना 
- नागरिकों को सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवा की सुविधा उपलब्ध कराना 

...डिजीलॉकर एप को कैसे लाएं इस्तेमाल में : 
- इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा विकसित डिजीलॉकर एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है जिसे डाउनलोड किया जा सकता है 
- यूजर नेम व पासवर्ड बनाए जाने के लिए मोबाइल नंबर को अपने आधार नंबर से लिंक करना होगा व वन टाइम पासवर्ड के इस्तेमाल से यूजर नेम व पासवर्ड बनाया जा सकता है 
- डिजीलॉकर एप के लिए बनाए गए यूजर नेम व पासवर्ड के माध्यम से एप में लॉग इन किया जाएगा 
- डिजीलॉकर एप के अंतर्गत डॉक्यूमेंट सेक्शन का चयन करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहभागी नाम का चयन किया जाएगा 
- डीएल एवं आरसी को डॉक्यूमेंट सेक्शन से पूर्ण विवरणी अंकित करते हुए डाउनलोड किया जाएगा जो इश्यूड डॉक्यूमेंट सेक्शन के अंतर्गत सुरक्षित होगा और उसे कहीं भी आॅनलाइन देखा जा सकता है। बता दें कि यह सुविधा सिर्फ डिजीलॉकर एप में इश्यूड डॉक्यूमेंट के लिए मान्य होगी अपलाडेड डॉक्यूमेंट्स के लिए मान्य नहीं होगी। 

...बेहद उपयोगी एप है : 
डिजीलॉकर एप के माध्यम से अब वाहन के कागजात व डीएल को सुरक्षित रखना आसान हो गया है। इसे डाउनलोड कर लोग इस्तेमाल में जरूर लाएं ताकि ऑनलाइन कहीं भी और किसी भी वक्त इसका इस्तेमाल हो सके। अब हमें साथ में डीएल या फिर आरसी रखने की कोई जरूरत नहीं होगी। बस इस एप को अपलोड कर इसमें सारे डॉक्यूमेंट को सुरक्षित रखकर चेकिंग के दौरान दिखा सकते हैं।  : विकास कुमार, डीटीओ, पूर्णिया। 

बिहार : मीडिया में ओबीसी हस्तक्षेप : हम मुर्दे की नहीं, मुद्दे की बात करते हैं

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‘वीरेंद्र यादव न्यूंज’ के तत्वावधान में आयोजित ओबीसी पत्रकारों की कार्यशाला को लेकर बहस तेज होती जा रही है। कुछ लोगों की शिकायत है कि यह मीडिया में जातिवाद का जहर फैलाने की साजिश है। पत्रकारों को जाति में बांटने का प्रयास है। इस तरह की शिकायत करने वाले सभी जातीय वर्ग से जुड़े हुए हैं। हम उनकी शिकायत या चिंता का सम्मान करते हैं। उनकी चिंता जायज भी हो सकती है या नाजायज भी।

हमने अपनी जिदंगी का आधा हिस्सा तो अखबार या चैनलों के कार्यालय, पार्टियों के कार्यालय और राजनीतिक बहसबाजी में ही गुजार दिया। मीडिया हाउस के डेस्क से लेकर रिपोर्टिंग तक को करीब से देखा है। मीडिया की छोटी गुमटी से लेकर बड़ी हवेली तक में लंबे समय तक काम किया है। हमने उन परिस्थिति का भी सामना करना पड़ा है, जब इंटरव्यू लेने वाले एचआर को हमें यह कहना पड़ा था कि जरूरत पड़ी तो आपको भी पीट सकता हूं। हुआ यूं कि एक अखबार के लिए इंटरव्यू देने गया था। उन्होंने पूछा आप क्यां कर सकते हैं। हमने कहा कि खबर लिख सकते हैं, खबर ला सकते है, पेज बना सकते हैं। लेकिन उनका और, और, और लंबा होता जा रहा था। आखिर में हमें कहना पड़ा कि जरूरत पड़ने पर किसी को पीट भी सकते हैं और आपको भी।

हम अपने मुद्दे पर वापस आते हैं। हमारा यह आयोजन किसी के खिलाफ नहीं है और न जातिवाद का जहर फैलाने का मकसद है। मीडिया में कोई जातिवाद है ही नहीं। किसी भी हाउस का चपरासी से लेकर ‘महासंपादक’ तक सभी मालिक के नौकर होते हैं। समाज या बाजार चपरासी से लेकर संपादक तक को उसके काम से नहीं,‍ बल्कि अखबार या चैनल के नाम से पहचानता है। इसमें जाति कहीं नहीं आती है। अखबार या मीडिया हाउसों में जातिवाद के नाम पर जो दिखता है या सुनायी पड़ता है, वह नौकरी देने या लेने वाले, सीनियर या जूनियर, बहाली या छंटनी, वफादारी या गद्दारी के नाम पर होने वाला व्यवहार है, जिसे जरूरत के हिसाब से जाति के आवरण में लपेट दिया जाता है।
      
‘वीरेंद्र यादव न्यपजू’ का मकसद ओबीसी पत्रकारों के साथ खबरों के सामाजिक सरोकार पर‍ विमर्श करना है। राजधानी पटना से लेकर प्रखंड मुख्यालयों तक कार्यरत पत्रकारों के अनुभव साझा करने का प्रयास है। खबरों के सामाजिक परिप्रेक्ष्य और सामाजिक दायित्व को बताने का प्रयास करना है। वीरेंद्र यादव न्यूज का मुद्दा रहा है- खबरों का सामाजिक सरोकार। इस सरोकार पर व्यापक फलक में हम बहस करना चाहते हैं। हम मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं, जो अपने मुद्दों पर मुर्दा बने हुए हैं, वे न हमारा विषय है और न टारगेट। अत: हम अपने शुभेच्छुओं से आग्रह करेंगे कि वे हमारे प्रयास को सकारात्मक परिप्रेक्ष्य में देंखे। इसमें नकारात्मकता तलाशने की कोशिश अस्वाभाविक नहीं है और हम उसका भी सम्मान करते हैं। धन्यवाद।

वैश्विक कारकों के कारण शेयर बाजार, रुपया गिर रहा : जेटली

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नई दिल्ली 17 सितम्बर, देश की मुद्रा रुपया पिछले कई दिनों से डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है, वहीं, सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। जबकि सप्ताहांत पर ही सरकार ने गिरावट थामने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की थी। वित्तमंत्री अरुण जेटली का कहना है कि अमेरिका-चीन के बीच छिड़े व्यापार युद्ध और तेल उत्पादन में गिरावट जैसे वैश्विक कारकों के कारण ऐसा हो रहा है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "ये गिरावट वैश्विक कारकों के कारण हुए हैं। वैश्विक स्तर पर कम से कम तीन ऐसी चीजें हो रही हैं, जिसका असर हम पर पड़ रहा है।" जेटली ने कहा, "पहला तेल उत्पादन में गिरावट हो रहा है, जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा, "दूसरा व्यापार युद्ध छिड़ गया है और हम नहीं जानते कि कब यह समाप्त होगा। बेशक इसका असर हमारे क्षेत्र की प्रमुख मुद्राओं (चीन समेत) पर पड़ रहा है।" उन्होंने कहा कि इन दो कारकों के साथ अमेरिका के आंतरिक आर्थिक फैसलों के असर से डॉलर मजबूत हो रहा है। वित्तमंत्री ने कहा, "..इस सुबह भी डॉलर में जबरदस्त मजबूती आई, जिसका असर क्षेत्र की मुद्राओं पर पड़ा।" सोमवार को सेंसेक्स में 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 140 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं, रुपया गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 72.51 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि इसके पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 71.86 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।




मदन मोहन झा बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त

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नयी दिल्ली, 18 सितंबर,  कांग्रेस ने मदन मोहन झा को अपनी बिहार इकाई का अध्यक्ष और डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया है। पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झा और सिंह की नियुक्ति की। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किये गए हैं। अशोक कुमार, कौकब कादरी, समीर कुमार सिंह और श्याम सुंदर (धीरज) को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 23 सदस्यीय कार्य समिति और 19 सदस्यीय सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है।

उत्तर प्रदेश : केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट, सात लोगों की मौत

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बिजनौर, 18 सितंबर,उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिला स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को हुए विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गयी, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने इस संबंध में फैक्ट्री के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि मोहित पेट्रो केमिकल फैक्ट्री के एक टैंक में विस्फोट हुआ था। घटना के बाद सोमवार को छह मजदूरों के शव बरामद किए गये थे, जबकि गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से लापता मजदूर अभयराम का भी शव बरामद कर लिया गया है। सिंह ने कहा कि यह लापरवाही का मामला है। इस सिलसिले में फैक्ट्री के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को कृषक बीमा और कर्मचारी योजना के तहत 12-12 लाख रुपये की (कुल 24 लाख रुपये) अनुग्रह राशि दी जाएगी। 


किम जोंग से मिलने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति प्योंगयांग पहुंचे

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प्योंगयांग, 18 सितंबर, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन मंगलवार को उत्तर कोरिया पहुंच गए। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने मून का स्वागत किया। समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, इससे पहले दोनों नेताओं ने 26 मई को कोरिया सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में मुलाकात की थी। जैसे ही मून का विमान प्योंगयांग के सुनान अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा। किम जोंग और उनकी पत्नी री सोल हवाईअड्डे के टर्मिनल से बाहर निकले और उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं की पहली आधिकारिक बैठक दोपहर के भोजन के बाद होगी। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण पर गतिरोध के बीच मून का यह प्योंगयांग दौरा हो रहा है। मून जे इन का कहना है कि वह अफनी इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान परमाणु निरस्त्रीकरण पर मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा। मून ने मंगलवार को उत्तर कोरिया से रवाना होने से पहले कहा था, "मेरी उत्तर कोरिया यात्रा का बहुत महत्व है, इससे अमेरिका, उत्तर कोरिया वार्ता दोबारा बहाल हो सकती है।"मई 2017 में मून के पद संभालने के बाद से मून, किम की यह तीसरी मुलाकात है। दोनों इससे पहले इस साल 27 अप्रैल और 26 मई को भी मिल चुके हैं।

उत्तर प्रदेश : नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म

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गोंडा (उत्तर प्रदेश), 18 सितंबर,  जिले में नाबालिग बालिका का सोमवार की रात अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के सिलसिले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने मंगलवार को बताया कि थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में कल रात किसी अज्ञात व्यक्ति ने आठ वर्षीया बालिका को सोते समय घर से उठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। सिंह ने बताया कि बालिका की चीख सुनकर जब आसपास के लोग वहां पहुंचे तो आरोपी बच्ची को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो कानून के तहत मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बच्ची को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर त्वरित कार्रवाई के लिए प्रभारी निरीक्षक को निर्देश दिया है। बालिका को बेहतर चिकित्सा के लिये लखनऊ भेजा गया है।

कौशल भारत अभियान के दूत बने वरूण और अनुष्का

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मुंबई, 18 सितंबर,  बॉलीवुड कलाकार वरूण धवन और अनुष्का शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कौशल भारत अभियान के दूत बने हैं। अब वह इस अभियान का प्रचार करेंगे। कलाकारों की आगामी फिल्म ‘सुई धागा- मेड इन इंडिया’ भारत के उद्यमियों और प्रतिभाशाली कार्यबल की कहानी है। इसमें वरूण दर्जी की भूमिका में हैं और अनुष्का उनकी पत्नी बनी हैं। पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस मंत्री और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘ अपनी अनोखी फिल्म ‘ सुई धागा- मेड इन इंडिया’ के जरिए वरूण धवन और अनुष्का शर्मा यहां के कलाकारों तथा शिल्पकार समुदाय के असाधारण रूप से कुशल तथा प्रतिभाशाली लोगों की ओर ध्यान खींच रहे हैं।’’  वरूण ने कहा, ‘‘ हमारे यहां के शिल्पकारों, कलाकारों तथा इस तरह का काम करने वाले रचनात्मक लोगों को समर्थन, आर्थिक मदद, प्रशिक्षण, कौशल तथा संगठित करने के लक्ष्य में प्रधानमंत्री ने अविश्वसनीय और वास्तविक दूरदृष्टि दिखाई है।’’  अनुष्का ने कहा कि कौशल भारत अभियान देश के प्रतिभाशाली कार्यबल को समर्थन देने और उनका समावेश करने की सरकार की प्रतिबद्धता का सूचक है।

सुनील ने दिलाया भारत को स्वर्ण पदक

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नई दिल्ली, 18 सितंबर, भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने दक्षिण कोरिया के चुंग्जू शहर में समाप्त हुए 13वें विश्व फायरफाइटर गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। सुनील ने यह स्वर्ण पदक पुरुषों की 86 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में हासिल किया। इस टूर्नामेंट का समापन चुंग्जू शहर में 17 सितंबर को हुआ। यह नौ सितंबर से आयोजित हुआ था। इसमें सुनील ने फाइनल में ईरान के मुहम्मद अमद को 7-4 के स्कोर से मात देकर सोने पर कब्जा जमाया और भारत को गौरवान्वित किया। सुनील पहली बार इन खेलों में हिस्सा लेने गए थे और अपनी पहली ही कोशिश में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर नई उपलब्धि हासिल की। भारत ने भी एक टीम के रूप में इन खेलों में पहली बार हिस्सा लिया था। इससे पहले भारतीय खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जाते थे। भारत इन खेलों में सातवें स्थान पर रहा। भारत ने इस टूर्नामेंच में कुल 14 स्वर्ण, 16 रजत और 18 कांस्य पदक जीते। इसमें 75 देशों के 7,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और 75 टीमों ने इसमें शिरकत की।


वाराणसी : काशी से पीएम मोदी का चुनावी शंखनाद

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  • कहा, पूर्वी भारत का गेटवे बनेगा काशी, दिखने लगा है बदलाव 
  • नई काशी, नए भारत के निर्माण में आगे बढ़कर दें अपना योगदान 
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वाराणसी (सुरेश गांधी)।जन्मदिन मनाने काशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काशीवासियों ने हैप्पी बर्थडे मोदी... मोदी... मोदी... नारों के बीच पूरे जश्न से मनाया। जवाब में मंगलवार को मोदी ने भी काशीवासियों को अपने जन्मदिन का रिटर्न गिफ्ट दिया। इस मौके पर बीएचयू में आयोजित जनसभा के दौरान काशीवासियों को मोदी ने 557 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी। यह अलग बात है कि काशी में पीएम मोदी मौजूदगी, जन्मदिन मनाने व बदले में काशी को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का रिटर्न गिफ्ट के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है मोदी का काशीवासियों संग जन्मदिन मनाना तो एक बहाना है, मकसद इसके जरिए पूरे पूर्वांचल या यूं कहे यूपी को साधना है। क्योंकि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है और यूपी को जीतने के लिए पूर्वांचल को जीतना जरूरी है। फिरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी भाषा में कर न सिर्फ काशीवासियों का दिल जीता, बल्कि ’हर हर महादेव’ का उद्घोष कर उन्हें अपना मालिक और हाईकमान बताकर तय कर दिया कि वे ही आपके सच्चे सेवक है। पिछले चार सालों में काशी में जो दिख रहा है, वो मेरे काम की छोटी झलक है। मेरी मंशा है कि काशी पूर्वी भरत का गेटवे बनें। वे चाहते है ’जो विदेशी काशी आएं, वो जहां जाएं काशी की तारीफ करते नजर आएं।’ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमरे काशी का लोगन हमरा के एतना प्यार देलन की मन गदगद हो जाला। बार-बार काशी आवे के मन करैला। ’आप लोगों ने भले ही मुझे पीएम बनाया हो, लेकिन मैं पहले यहां का सांसद हूं। आप मेरे मालिक हैं, मेरे हाईकमान हैं। इसलिए मेरा दायित्‍व है कि मैं अपने कामों का हिसाब आपको दूं। मैं आप सभी को धन्‍यवाद देता हूं।’ इस नए काशी, नए भारत के निर्माण में आप सभी अपना योगदान दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने जीवन के एक और साल की शुरुआत में बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद के साथ कर रहा हूं। विकास सिर्फ अब वाराणसी में ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी हो रहा है। हम लोग वाराणसी को उसकी पहचान के साथ आधुनिक विकास से जोड़ रहे हैं। पिछले चार साल में यहां पर काफी काम हुआ है, आज ये अंतर दिख रहा है। पहले काशी को भोले के भरोसे छोड़ दिया गया था। यहां सांसद बनने से पहले बिजली के लटकते तारों को देखकर सोचता था इससे कब मुक्ति मिलेगी। देखिए आज शहर के एक बड़े हिस्‍से से बिजली के लटकते तार गायब है। अब वाराणसी को विकास की नई दिशा दी जा रही है। मोदी ने कहा, मैंने ठाना था कि काशी का चैतरफा विकास करना है, परिणाम सामने है। कहा, वाराणसी ही नहीं, पास के क्षेत्रों को हर पल बिजली मिलने वाली है। एक और बिजली केंद्र के साथ लो वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिलेगा। वाराणसी को पूर्वी भारत के रूप में विकसित करने का प्रयास हो रहा है। इसके तहत वाराणसी वल्र्ड क्लास की सुविधा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। आज काशी की सड़कों पर रात में भी मां गंगा का प्रवाह सा दिखता है। एलईडी बल्बों से रोशनी तो दिखती है, बिजली के बिल में भी कमी आई है। 

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मोदी ने कहा कि स्वच्छता के मामले में भी काशी ने परिवर्तन देखा है, आज यहां के घाटों, सड़कों और गलियों में स्वच्छता स्थाई बनती जा रही है। कैंट स्टेशन हो, मडुआडीह हो या फिर सिटी स्टेशन, सभी पर विकास के कार्यों को गति दी गई है, उन्हें आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है। रेल से काशी आने वालों को रेलवे स्टेशन पर आते नई काशी के दर्शन हो जाते हैं। इलाहाबाद-छपरा के रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। आधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेनों ने भी लोगों का ध्यान खींचा है। आज काशी में न सिर्फ आना जाना आसान हो रहा है। बल्कि इसका सौंदर्य भी निखर रहा है। घाटों पर अब गंदगी नहीं रोशनी स्वागत करती है। पर्यटन से परिवर्तन का अभियान लगातार जारी है। मोदी ने अखिलेश सरकार की चुटकी लेते हुए कहा कि हमने काशी में रिंग रोड के काम को शुरू किया, लेकिन पहले वाली सरकार ने इसे दबा कर रखा था। उन्हें चिंता थी कि अगर ये काम हुआ तो मोदी का जयकार होगा, लेकिन योगी जी की सरकार बनते ही ये काम तेज हो गया है। सड़कों को चैड़ा किया जा रहा है, जो शहर के अंदर और शहर के बाहर विकसित की जा रही हैं। कहा, आपने मुझे पीएम बनाया है लेकिन बतौर सांसद अपने काम की रिपोर्ट देना मेरा दायित्व है। क्योंकि आप मेरे मालिक और हाईकमान हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हवाई जहाज से वाराणसी आने वाले लोगों में बढ़ोतरी हो रही है। चार साल पहले यहां पर 8 लाख लोग आते थे, लेकिन अब 21 लाख लोग हवाई जहाज से काशी में आते हैं। आज जब सोशल मीडिया पर लोग वाराणसी कैंट स्टेशन की तस्वीर पोस्ट करते हैं तो मुझे बड़ी खुशी होती है। काशी को इलाहाबाद और छपरा से जोड़ने वाले ट्रैक को डबल किया जा रहा है। अब गंगा में नाव के साथ-साथ क्रूज़ भी चलाया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि पर्यटकों को काशी में कोई परेशानी ना हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। सारनाथ में आज लाइट एंड साउंड का काम किया गया है। अब दूसरे देशों के नेताओं का स्वागत भी काशी में हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में दुनिया भर में बसे भारतीय का कुंभ काशी में लगेगा। पूरी दुनिया में बसे हिंदुस्तानी यहां आएंगे। बता दें कि अगले साल होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन वाराणसी में किया जाएगा। इसके लिए तैयारियों जोरों पर हैं। 

गंगा सफाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां गंगा की सफाई के लिए गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक काम चल रहा है। इसके लिए 21 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है। वाराणसी में भी गंगा सफाई से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को जितना अपनी पुरातन संस्कृति और सभ्यता पर गर्व है उतना ही भविष्य की तकनीक के प्रति हमारा आकर्षण है। पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी को पूर्वी भारत का सबसे बड़ा मेडिकल सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए निजी क्षेत्र की मदद भी ली जा रही है। काशी में कैंसर का नया अस्‍पताल बनाया जा रहा है। बीएचयू में अटल इंक्‍यूबेशन सेंटर की शुरुआत की गई। उन्‍होंने कहा कि आज बिजली से जुड़ी पांच परियोजनाएं शुरू कीं। शहर की गंदगी गंगा में ना गिरे, इसके लिए कोशिश की जा रही है। योगी जी और उनकी पूरी टीम को आयुष्‍मान भारत योजना के लिए बधाई देता हूं। योगी की देखरेख में आज करोड़ों रुपये की सड़क परियोजनाएं चल रही हैं। आज अटल इंक्‍यूवेशन सेंटर, ऑप्‍थोमोलॉजी संस्‍थान और वेद विज्ञान केंद्र, शहरी इलेक्ट्रिकल काम (बिजली) ओल्ड काशी, 33 इन टू 11 केवी बिजली सब स्टेशन बेटावर, नागेपुर ग्राम पेयजल योजना, 33 इन टू 11 बिजली सब स्टेशन कुरुसातो निर्माण, 3722 मजरों (मोहल्लों, गांव, कस्बों) में बिजलीकरण कार्य, हनी मिशन के तहत 500 मधुमक्खी बॉक्स परियोजनाओं की शुरुआत की गयी है। 

मोदी ने वाराणसी को पूर्वी भारत के गेट-वे के रूप में विकसित करने की अपनी योजना के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने अपने करीब 48 मिनट के संबोधन में सियासी बातों से पूरी तरह परहेज किया। मोदी ने कहा, पिछले चार साल ने कई देशों के नेताओं का काशी ने स्वागत किया है। इन नेताओं ने काशी के आतिथ्य को सराहा है। काशी में नए वर्ष की शुरूआत पर दुनियाभर की नजरें होंगी। दुनियाभर में बसे भारतीयों का कुंभ काशी में लगने वाला है। इसके लिए सरकार अपने स्‍तर पर काम कर रही है। लेकिन जनसहयोग जरूरी होगा। एक-एक काशीवासी को आगे आना होगा। हर नुक्कड-गली पर काशी का रस और रंग नजर आना चाहिए। प्रवासी भारतीय दिवस में आए लोग ऐसा अनुभव करके जाएं तो दुनिया में हमेशा के लिए काशी के ट्रेंड सेटर बन जाए। सांसद के रूप में जिन गांवों को विशेष रूप से विकसित करने का जिम्मा मेरे पास है, उनमें से एक नागेपुर गांव के लिए आज पानी के एक बड़े प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया है। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देने का काम चार सालों में तेज हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भावनात्मक रिश्ता है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ प्रदेश को इतना दिया है, जितनी कल्पना नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश के अंदर के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 72 हजार मजरों का विद्युतीकरण कराया गया। जिन्हें बिजली सुलभ नहीं मिल पाती है, उन्हें सौभाग्य योजना के अंतर्गत निःशुल्क बिजली मिल रही है। मोदी जी के नेतृत्व में बिना किसी भेदभाव के योजनाओं को लागू किया जा रहा है। चार वर्ष के दौरान काशी की जनता विकास की प्रक्रिया को लगातार देखा तथा महसूस किया है। पीएम के प्रयास से काशी में योजनाएं आगे बढी हैं।

विशेष : मतदाता को मुखर होना होगा

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भारतीय राजनीति की अनेक विसंगतियों एवं विषमता में एक बड़ी विसंगति यह है कि राजनेताओं सुविधानुसार अपनी ही परिभाषा गढ़ता रहा है। अपने स्वार्थ हेतु, प्रतिष्ठा हेतु, आंकड़ों की ओट में नेतृत्व झूठा श्रेय लेता रहा और भीड़ आरती उतारती रही। भारतीय लोकतंत्र की इस बड़ी विसंगति के कारण मतदाता या आम जनता बार-बार ठगी जाती रही है और उसे गुमराह किया जाता रहा है। यही कारण है कि न तो राजनेता का चरित्र बन सका, न जनता का और न ही राष्ट्र का चरित्र बन सका। भारतीय राजनीति में अनेक राजनेता झूठ-फरेब, धोखाधड़ी का पर्याय बने हैं। इन स्थितियों से लोकतंत्र को निजात दिलाना होगा, अन्यथा वह कमजोर होता रहेगा। 

राजनेताओं के तमाम आदर्शवाद के दावे खोखले एवं बेबुनियाद साबित हुए है। पहले राजा रानी के पेट से पैदा होता था और अब ”मत पेटी“ से पैदा होता है। सभी अपने घोषणा-पत्रों एवं लुभावने वादों में जनता को जितना ठग सकते हैं, ठगते हैं।  जनता को पांच वर्षों में अमीर बना देंगे, हर हाथ को काम मिलेगा, सभी के लिए मकान होंगे, सड़कें, स्कूल-अस्पताल होंगे, बिजली और पानी होगा। जनता मीठे स्वप्न लेती रहती है। कितने ही चुनाव वादें लिये जा चुके हैं पर यह दुनिया का आठवां आश्चर्य है कि कोई भी लक्ष्य अपनी समग्रता के साथ प्राप्त नहीं हुआ। जनता को गुमराह करने का सिलसिला निरन्तर जारी है। एक बार फिर गुमराह करने का बाजार गर्म होने वाला है। 2019 के आम चुनाव से पहले अंतरराष्ट्रीय मार्केट रिसर्च एजेंसी इप्सॉस ने इस संबंध में एक रोचक सर्वेक्षण किया, जिसमें शामिल 56 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि राजनेता आमजनता को अपनी बातों से भरमा लेते हैं। इस सर्वेक्षण को भारतीय जनमानस की प्रामाणिक राय भले न माना जाए, पर इसने राजनीति में उभर रहे एक संकट की ओर जरूर संकेत किया है। जाहिर है, अब हर राजनेता अपनी बात लुभावने तरीके से कहना चाहता है। इसमें कुछ लोग जिम्मेदार हैं तो उससे कई गुना ज्यादा गैरजिम्मेदारी है। इससे आम आदमी दुविधा में पड़ जाता है कि वह किसे सही माने और किसे गलत। कई बार वे तथ्यों की जांच नहीं कर पाते और राजनेताओं के झांसे में आ जाते हैं। भारत में अभी इस क्षेत्र में गलाकाट होड़ देखने को मिल रही है। पहले जहां मुद्दों पर सीधी बात होती थी, वहां अब सारा जोर दावे करने और सपने दिखाने पर है। नेतागण अपने तात्कालिक हित साधने के लिए कई ऐसी बातें कर देते हैं, जिनका कोई सिर-पैर नहीं होता। यह दिशाभ्रम भले ही आज उन्हें फायदा पहुंचा रहा हो, लेकिन अंततः इससे लोकतंत्र कमजोर ही होता है। नेतृत्व की पुरानी परिभाषा थी, ”सबको साथ लेकर चलना, कथनी-करनी की समानता, निर्णय लेने की क्षमता, समस्या का सही समाधान, लोगांे का विश्वास, दूरदर्शिता, कल्पनाशीलता और सृजनशीलता।“ इन शब्दों को किताबों में डालकर अलमारियों में रख दिया गया है। नेतृत्व का आदर्श न पक्ष में है और न प्रतिपक्ष में। एक युग था जब सम्राट, राजा-महाराजा अपने राज्य और प्रजा की रक्षा अपनी बाजुओं की ताकत से लड़कर करते थे और इस कत्र्तव्य एवं आदर्श के लिए प्राण तक न्यौछावर कर देते थे। आज नारों और नोटों से लड़ाई लड़ी जा रही है, चुनाव लड़े जा रहे हैं- सत्ता प्राप्ति के लिए। जो जितना लुभावना नारा दे सके, जो जितना धन व्यय कर सके, वही आज जनता को भरमा सकता है।

विश्वसनीयता वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में सबसे बड़ा प्रश्न बनती जा रही है। निरंतर विश्वसनीयता खोते राजनेता आज धूल में मिलती अपनी छवि के लिए स्वयं ही जिम्मेदार हैं। सत्तालोलुपता और धूप-छांव की तरह निरंतर बदलते चरित्र के लिए आखिर और कौन जिम्मेदार हो सकता है? भारतीय राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह तो हमेशा ही लगते रहे हैं, संभवतः ऐसी परिस्थितियों के लिए आम जनता भी कम जिम्मेदार नहीं है। विकसित देशों में वहां के नागरिकों का सामना भी ऐसी स्थितियों से होता रहा है, लेकिन वे अपने विवेक से फैसला करते हैं कि किस चीज को सही मानकर उपयोग में लाना उनके लिए ठीक रहेगा। लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में, जहां शिक्षा और जागरूकता का स्तर एक-सा नहीं है, लोग खबरों और सूचनाओं के अनेक विकल्पों के बीच दुविधा में पड़ जाते हैं और राजनेताओं के झांसे में आ जाते हैं। वर्षों की राजनीति के बाद भी लगभग सभी राजनेता और राजनीतिक दल अपना एक स्थायी चरित्र, नीति विकसित करने में न केवल असफल रहे बल्कि सत्ता में बने रहने अथवा सत्ता के नजदीक रहने के लिए हमेशा ही बिन पेंदे के लोटे बने रहे।

तथाकथित राजनेता धुआँधार चुनाव प्रचार करते हुए अपने भाषणों में आमजनता को ठगने, लुभाने एवं गुमराह करने की कला का लोहा मनवाते रहे हैं। उन्होंने अपने भाषणों में केवल और केवल चुनाव जीतना ही अपना लक्ष्य रखा और अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सारे नियम, कायदे, कानून और नैतिकता इत्यादि को भी दाँव पर लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। यूँ तो राजनेताओं की कथनी व करनी में अंतर का भारतीय राजनीति में लम्बा इतिहास रहा है, देश में राजनेताओं की ऐसी छवि बनना वाकई में लोकतंत्र का दुःखद पहलू है। आज राजनेताओं की कथनी व करनी में अंतर होना भारतीय राजनीति का स्थायी चरित्र व स्याह पहलू बन गया है। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में वर्ष 2014 के चुनावों में राजनेताओं के झूठे वायदों व चालबाजियों का सिलसिला निश्चित ही काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। लोकतंत्र में इन स्थितियों पर नियंत्रण की जरूरत है, इसके लिये वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले इसके लिये जागरूकता का माहौल निर्मित किया जाना चाहिए। 

भारतीय राजनीति में झूठ-फरेब, धोखाधड़ी के बल पर सत्ता हासिल करने की स्थितियों का बने रहना चिन्ताजनक हैं। झूठी घोषणाएँ एवं आम जनता को गुमराह करने की त्रासद स्थितियां भारतीय लोकतंत्र के चरित्र को धुंधलाते हैं। राजनेता चाहे पक्ष के हो या विपक्ष के- चुनाव के समय नियम-कायदों की परवाह किए बिना नैतिकता को ताक पर रखकर कोई भी चुनावी वादा कर देने के लिए कुख्यात हैं, चुनाव के दौरान किए गए इनके चुनावी वादों का तो कोई हिसाब भी नहीं रख सकता और इनकी कार्यप्रणाली से उन वादों का शायद दूर-दूर तक कोई तालमेल भी नहीं होता।  इस बड़ी विसंगति से लोकतंत्र को मुक्त करने के लिये मतदाताओं को ही जागरूक होना होगा। राजनेताओं के इस कथनी व करनी में अंतर को पहचानना भारतीय आमजन को सीखना ही होगा तभी राजनेता अपनी करनी को गंभीरता से लेंगे व अपनी कथनी व करनी में भेद रखने से परहेज करेंगे। जब तक राजनेता साम-दाम-दंड-भेद से येन-केन-प्रकारेण सत्ता पर कब्जा कर लेने को ही अपना अंतिम ध्येय मानते रहेंगे तब तक राजनीति में सुधार की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अंततः जनता ही सर्वोपरि है, उसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पहले अपने विवेक एवं समझ को विकसित करना होगा और राजनेताओं के कथनी व करनी के अंतर पर पैनी निगाह रखते हुए सच्चाई की पहचान करना सीखना ही होगा, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा, तभी देश भी विकास कर सकेगा और जनता का जीवन उन्नत हो सकेगा।



(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
फोनः 22727486, 9811051133

विमान से 2.80 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद

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चेन्नई, 18 सितंबर, चेन्नई हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने दिल्ली जाने वाले एक विमान से 2.80 करोड़ रुपये मूल्य का सोना मंगलवार को बरामद किया। यह सोना प्लास्टिक के एक बैग में सीट के नीचे रखा था।  हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि 2.80 करोड़ रुपये मूल्य का सोना प्लास्टिक के एक बैग में रखा हुआ था और उसे राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने सीट के नीचे से बरामद किया।  उन्होंने बताया कि राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारी विशेष रूप से मिली जानकारी पर काम कर रहे थे। इस संबंध में जांच जारी है।  इस विमान का संचालन एक राष्ट्रीय विमानन कंपनी करती है और यह विमान सिंगापुर से आया था। 


कांग्रेस का बिहार में ब्राह्मण कार्ड "मदन मोहन झा"को बिहार की कमान

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नयी दिल्ली, 18 सितंबर,  कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को बिहार की नयी प्रदेश कमेटी का गठन करते हुए मदन मोहन झा को अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके साथ ही अखिलेश प्रसाद सिंह को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है। पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झा और सिंह की नियुक्ति की। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किये गए हैं। अशोक कुमार, कौकब कादरी, समीर कुमार सिंह और श्याम सुंदर (धीरज) को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 23 सदस्यीय कार्य समिति और 19 सदस्यीय सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है। बिहार कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और विधान परिषद के सदस्य भी हैं। बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद अशोक चौधरी को पद से हटाये जाने के बाद से खाली था। इसके बाद से कोकब कादरी कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे।  एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत करने वाले झा युवा कांग्रेस में महासचिव बने। बाद में वह बिहार कांग्रेस में महासचिव नियुक्त किये गए। 1985 से 1995 तक विधानसभा के सदस्य रहे। मई 2014 से बिहार विधान परिषद में कांग्रेस कोटे से सदस्य हैं। दरभंगा जिले के निवासी झा के पिता नागेंद्र झा बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री रहे। स्वयं मदन मोहन झा नीतीश सरकार में महागठबंधन के दौर में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे हैं।  

बेगूसराय : प्रसाद खाने से सौ से अधिक बच्चे बीमार

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बेगूसराय, 18 सितम्बर,  बिहार में बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड पताही गांव में मंगलवार की देर रात विश्वकर्मा पूजा का विषाक्त प्रसाद खाने से 100 से ज्यादा बच्चें उल्टी एवं दस्त होने से गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। खोदावंदपुर प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) प्रभारी डॉ अनिल प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि 30 बच्चों को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया है जबकि शेष अन्य बच्चों का रोसड़ा और हसनपुर आदि स्थानों पर निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने घटिया खाद्य तेल का इस्तेमाल होने के कारण प्रसाद के विषाक्त होने की आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि सभी बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर हैं।

राफेल सौदे पर रोक के लिये याचिका पर 10 अक्तूबर को होगी सुनवाई

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नयी दिल्ली, 18 सितंबर,  उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये भारत और फ्रांस के बीच समझौते के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई दस अक्तूबर के लिये स्थगित कर दी। इस याचिका में राफेल लड़ाकू विमानों के लिये 23 सितंबर, 2016 को हुये समझौते पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।  न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 अक्तूबर के लिये उस वक्त स्थगित कर दी जब याचिकाकर्ता अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने इसके लिये अनुरोध करते हुये कहा कि वह कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना चाहते हैं।  पीठ ने कहा, ‘‘ आपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए स्थगन का अनुरोध करने वाला पत्र दिया था। अब आप कह रहे हैं कि आप अतिरिक्त दस्तावेज पेश करना चाहते हैं। हम सिर्फ मामले को 10 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर रहे हैं।’’  शर्मा ने याचिका में फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान समझौते में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में एक प्राथमिकी दर्ज करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व रक्षा मंत्री (अब गोवा के मुख्यमंत्री) मनोहर पर्रिकर, कारोबारी अनिल अंबानी और फ्रांस की हथियार बनाने वाली कंपनी डसाल्ट पर मुकदमा चलाने तथा रकम वसूल करने का अनुरोध किया गया है। राफेल सौदे की स्वतंत्र जांच और इसकी कीमत का संसद में खुलासा करने का अनुरोध करते हुये ऐसी ही एक अन्य याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला ने इस साल मार्च में न्यायालय में दायर की थी। कांग्रेस नेता ने इस याचिका में केन्द्र को निर्देश देकर यह पूछने का अनुरोध किया था कि केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से इसकी मंजूरी क्यों नहीं ली गयी। भारतीय वायु सेना ने 126 लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव अगस्त 2007 में रखा था और इसके लिये निविदा आमंत्रित की गयी थी। इसके बाद विभिन्न विमान निर्माता कंपनियों को इसके लिये बोली लगाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने का निमंत्रण दिया था। 

स्कूल परिसर में नाबालिग छात्रा से गैंगरेप, नौ लोग गिरफ्तार

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देहरादून (उत्तराखंड), 18 सितंबर,  जिले के सहसपुर क्षेत्र में एक निजी आवासीय विद्यालय परिसर में चार छात्रों द्वारा एक नाबालिग छात्रा से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किए जाने के मामले में पुलिस ने आरोपी छात्रों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि एक महीने पहले हुई यह घटना सामने आने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्रों, एक आया और स्कूल प्रबंधन के कर्मचारियों सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि 10वीं और 12 वीं में पढने वाले चारों आरोपी छात्र भी नाबालिग हैं। उनकी उम्र 16—18 साल के बीच बतायी जा रही है। पुलिस ने इस संबंध में स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रधानाचार्य जितेन्द्र शर्मा, स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा, उनकी पत्नी तनु मल्होत्रा और स्कूल की आया मंजू को गिरफ्तार किया है। सोलह वर्षीय पीड़िता दसवीं की छात्रा है। उसके गर्भवती होने की बात पता चलने पर उसी बोर्डिंग स्कूल में पढने वाली उसकी बड़ी बहन ने अपने एक रिश्तेदार को इस बारे में बताया जिन्होंने पुलिस में शिकायत की। पुलिस को प्राप्त शिकायत के मुताबिक यह घटना पिछले माह 14 अगस्त की है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार, गत 14 अगस्त को पीड़िता का एक सहपाठी उसे छात्रावास के पीछे यह कहकर बुलाकर ले गया कि वहां उसे एक श़िक्षक बुला रहे हैं । जब वह वहां पहुंची तो एक अन्य सहपाठी तथा दो अन्य सीनियर छात्र पहले से वहां पहले से मौजूद थे । ये लोग उसे जबरदस्ती झाड़ियों में ले गये और उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया । छात्रा की बड़ी बहन ने छात्रावास की आया से लेकर स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों तक को घटना के बारे में बताया। लेकिन सभी ने उसे मुंह बंद रखने को कहा और इसकी शिकायत करने पर स्कूल से निकाल देने की धमकी तक दी। कुछ दिन पहले तबियत बिगड़ने पर स्कूल प्रबंधन उसे एक निजी अस्पताल ले गया जहां उसके गर्भवती होने का पता चला । यह भी आरोप है कि प्रबंधन ने बालिका का गर्भपात कराने का भी प्रयास किया लेकिन इसी बीच पीड़िता की बहन ने देहरादून में रह रहे अपने एक रिश्तेदार को जानकारी दे दी । 

माकन ने इस्तीफा नहीं दिया, चिकित्सा जांच के लिए विदेश गए : चाको

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नयी दिल्ली, 18 सितंबर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के इस्तीफे की खबरों को खारिज करते हुए कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ने मंगलवार को कहा कि माकन ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह विदेश से चिकित्सा जांच कराकर लौटने के बाद कामकाज जारी रखेंगे। चाको ने बताया, ‘‘माकन ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने चिकित्सा जांच के लिए विदेश जाने के बाद संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुझे सूचित किया है। वह 22 सितंबर को स्वदेश लौट आएंगे।’’  उधर, दिल्ली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इस्तीफे की अफवाह उन लोगों ने फैलाई है जो पार्टी के हितैषी नहीं है। दिल्ली कांग्रेस माकन के नेतृत्व में पूरी मेहनत कर रही है और निगम चुनाव एवं कुछ अन्य उप चुनावों में इसका नतीजा देखने को मिला था।’’  उन्होंने कहा, ‘‘अजय माकन की पीठ में कुछ दिक्कत है और वह इसका उपचार करा रहे हैं। वह इसकी जांच के लिए विदेश गए हैं।’’ 
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