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बिहार : स्वास्थ्य कर्मिंयों को सात-आठ माह से वेतन भुगतान नहीं

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स्वास्थ्य कर्मिंयों को सात-आठ माह से वेतन भुगतान नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वेतन भुगतान करा देने का आग्रह, जगह-जगह विरोध का स्वर मुखरित, धरना,प्रदर्शन,काला बिल्ला के साथ कार्य बहिष्कार जारी, यह तो अगराई है बाकी शेष लगाई है नारा गुंजने लगा

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पटना: बिहार की राजधानी पटना है. यहां पर जिले, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्यकर्मी कार्यरत हैं. नियमित वेतनादि भुगतान न होने से आंदोलन के मूड में है.

क्या सरकार स्वास्थ्यकर्मिंयों को वेतनादि देना ही भूल गयी ?
यह हम नहीं कह रहे है मगर हालात कहने को मजबूर किया है.ए.एन. एम.दीदी मनोरमा कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है.उसे एक साल से वेतनादि नहीं मिल रहा है.आप ही समझे वेतनभोगी परिवारों की मुसीबत.वेतन पर निर्भर,वेतन पर निर्भर बच्चे का दूध, वेतन पर निर्भर स्कूल की फीस,वेतन पर निर्भर बिजली का बिल,वेतन पर निर्भर बैंक का ऋण....आदि-आदि वेतन पर ही निर्भर है.अब तो बनिया भी उधार देने में हाथ खड़ा कर दिया है.समय पर बिजली और बैंक ऋण नहीं चुकाने पर भारी दण्ड देने को मजबूर हैं.दोनों से लगातार नोटिस मिल रहा है.

मजे की बात है स्वास्थ्य सचिव का कथन
बिहार सरकार के स्वास्थ्य सचिव  कहते हैं कि सरकार ने कर्मिंयो के वेतनमंद की राशि आवंटित कर दी है. सवाल उठता है आखिर वह आवंटित राशि कहां चली आकाश में या पाताल में. यह कटाक्ष करते हैं स्वास्थ्यकर्मी.उन कर्मिंयों का कहना है कि सचिव महोदय तो सत्य बोल रहे हैं कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंदों में 40 लाख रू.कन्या उत्थान के मद में आवंटित है.कर्मिंयों के हिस्से में एक पैसा नहीं आया है. 

हुजूर आपने आवंटित कर देते तो धरना- प्रदर्शन नहीं न करते 
मनोरमा कुमारी को 10 माह,संध्या कुमारी को 9 माह,वंदना कुमारी को 8 माह,रीता कुमारी को 7 माह से वेतन नहीं मिल रहा है.कमोवेश पटना जिले में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मिंयों की हालत दयनीय है.यह तो कारण स्पष्ट है कि उनको और उनके सहकर्मिंयों को सात-आठ माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है.

केवल पीएचसी का ही नहीं  अस्पताल कर्मियों को भी नहीं मिल रहा है वेतन
गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है. इसे लेकर आक्रोशित स्टाफ ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और जल्द से जल्द वेतन भुगतान की मांग की. गौरतलब है कि अस्पताल में स्थायी अधीक्षक नहीं होने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है और पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिल सका है. कर्मचारियों का यह भी कहना था कि अस्पताल को रेफरल अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद से दिक्कतें आ रही हैं.प्राप्त जानकारी के अनुसार विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, धनरूआ, बख्तियारपुर आदि पीएचसी कर्मियों को सात-माह से वेतन नहीं मिल रहा है.गुरू गोविंद सिंह अस्पताल कर्मियों ने प्रदर्शन किया.            धनरूआ में काला बिल्ला लगाकर धरना दिए.बख्तियारपुर और पालीगंज में कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.त्यौहारी मौसम को देखते हुए स्टाफ ने जितनी जल्दी संभव हो, वेतन भुगतान की मांग की है, अन्यथा हड़ताल की चेतावनी दी है. 

मध्यप्रदेश की कहानी : गुरिल्ला इमरजेंसी के दौर में मीडिया

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भारत में मीडिया की विश्वसनीयता लगातार गिरी है, 2018 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों की सूची में 2 अंक नीचे खिसकर 138वें पायदान पर आ गया है. कुछ महीनों पहल ही कोबरा पोस्ट द्वारा “ऑपरेशन 136” नाम से किये गये स्टिंग ऑपरेशन ने बहुत साफ़ तैर पर दिखा दिया है कि मीडिया सिर्फ दबाव में ही नहीं है बल्कि इसने अपने फर्ज का सौदा कर लिया है. आज मीडिया के सामने दोहरा संकट आन पड़ा है जिसमें “ऊपरी दबाव” और “पेशे से गद्दारी” दोनों शामिल हैं. दरअसल यह गुरिल्ला इमरजेंसी का दौर है जहां बिना घोषणा किये ही इमरजेंसी वाले काम किये जा रहे हैं, इस दौर में मीडिया ने अपने लिये एक नया नाम अर्जित किया है “गोदी मीडिया”,  ऐसा इसलिये की मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सरकार के एजेंडा को आगे बढ़ाने और उसके पक्ष के माहौल तैयार करने में खुद को समर्पित कर चूका है, अब वो सरकार से खुद सवाल पूछने के बजाये सवाल पूछने वाले विपक्ष और लोगों से ही कटघरे में खड़ा करने लगा है. विज्ञापन और ऊपरी दबाव के कॉकटेल ने खुद मीडिया को ही एक विज्ञापन बना दिया है. 

विज्ञापन की तो जैसे आंधी मची हुयी है पिछले दिनों केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन विभाग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि मोदी सरकार द्वारा 1 जून 2014 से 31 जनवरी 2018 के बीच 4343.26 करोड़ रुपये विज्ञापन खर्च पर ही खर्च किये जा चुके हैं. सूबा मध्यप्रदेश भी इन सबसे अछूता नहीं है अलबत्ता मीडिया मैनेज करने का सरकारी खेल यहां गुरिल्ला इमरजेंसी के दौर से बहुत पहले से ही चल रहा है मध्य प्रदेश में सत्ता और पत्रकारिता का अनैतिक गठजोड बहुत पुराना है जिसके लिये सत्ता में बैठे लोग मीडिया संस्थानों और कर्मियों को खुश करने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ते हैं इसके शुरुआत अर्जुनसिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में ही हो गयी थी जब उन्होंने मीडिया संस्थानों और पत्रकारों को जमीन व बंगले बांटने की शुरुआत की थी, अपने दौर में उन्होंने मीडिया घरानों को भोपाल की प्राईम लोकेशन में जमीनें आवंटित किये और पत्रकाओं को मकान,प्लाट और अन्य सरकारी सुविधाओं से खूब नवाजा गया. मौजूदा दौर में मध्यप्रदेश में सत्ता और मीडिया के गठजोड़ को दो घटनाओं से समझा जा सकता है पहली घटना अभी अगस्त महीने के पहले सप्ताह की है जिसमें मध्यप्रदेश के एक प्रमुख अखबार द्वारा एक चुनावी सर्वे प्रकाशित किया जाता है जिसमें मध्यप्रदेश में एकबार फिर भाजपा की सरकार को बनते हुये दिखाया गया, ठीक उसी समय नगरीय निकाय उपचुनाव के नतीजी भी आते हैं जिसमें कांग्रेस पार्टी 13 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज करती है जबकि भाजपा के खाते में 4 सीटें ही आती हैं. विरोधाभास भरे इस इत्तेफाक पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की दिलचस्प टिपण्णी सामने आती है “ये चुनाव नतीजे सर्वे नहीं जनता का फैसला है”. 

दूसरी घटना पेड न्यूज़ के एक बहुचर्चित मामले से जुडी है जिसमें 2008 चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रमुख नेता और मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर पेड न्यूज के आरोप लगे थे जिसके बाद मामले की तहकीकात के लिये गठित जाँच कमेटी ने अपनी जांच में पाया था कि उस दौरान नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में प्रकाशित 48 लेख में से 42 पेड न्यूज के दायरे में आते हैं. हालांकि बाद में सम्बंधित अखबारों के यह कहने के बाद कि उन्होंने अपनी मर्जी से यह खबरें प्रकाशित की थी दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें रहत मिल चुकी है. मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष पद संभालने के बाद राकेश सिंह द्वारा मीडिया लेकर की गयी एक विवादित टिपण्णी वायरल हई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि "कवरेज तो हमें तब मिलेगा जब मीडिया को कुछ (पैसे का इशारा करते हुए) मिलेगा”. दरअसल राकेश सिंह मध्यप्रदेश में एक अनकहा सच बोला था जो मध्यप्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार मीडिया को लेकर करती आयी है. पिछले 15 सालों में मीडिया को नियंत्रित करने और उसे मोहमाया में फंसाने का इस सरकार ने हर संभव प्रयास किया है. शिवराजसिंह चौहान ने अपने लम्बे शासनकाल के दौरान अपनी घोषणाओं और विज्ञापनबाजी के लिये खासे चर्चित रहे हैं उन्होंने खुद और अपनी सरकार के इमेज बिल्डिंग के लिये पानी की तरह पैसा बहाया है कमलनाथ का आरोप है कि “शिवराज सिंह चौहान 30 में से 25 दिन मध्य प्रदेश के अखबारों में अपनी फोटो छपवाते है और हर महीने 300 करोड़ रूपए खर्च करते है"माना जाता है कि अपने विज्ञापन के दम पर ही शिवराज सरकार ‘व्यापम और उस जैसे कई अन्य मामलों में लीपापोती में कामयाब रही है. इधर चुनाव नजदीक होने की वजह से इन दिनों विज्ञापनबाजी का यह सिलसिला और बढ़ गया है इसका हालिया उदाहरण इस साल 26 अप्रैल को देखने मिला जब प्रदेश के एक प्रमुख अखबार नई दुनिया ने अपने 24 पृष्ठ में 23 पृष्ठों पर मध्य प्रदेश के विज्ञापन प्रकाशित किये थे इन विज्ञापनों में शिवराज सरकार की उपलब्धियों के दावे और योजनाओं का प्रचार था. हद तो यह है कि उस दिन अखबार का संपादकीय पेज भी विज्ञापननुमा था जिस पर स्थानीय सम्पादक द्वारा ‘देश को गति देती मध्य प्रदेश की योजनाएं’ नाम से लिखा गया लेख छपा था. 

कर्ज में डूबे मध्यप्रदेश का जनसंपर्क विभाग विज्ञापन बांटने में अग्रणीय है. विज्ञापन पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किये गये खर्च आंख खोल देने वाले हैं. इस साल मार्च महीने में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये सवाल पर जनसंपर्क विभाग के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पिछले पांच साल में केवल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को ही करीब तीन अरब रुपए से अधिक के विज्ञापन दे चुकी है . बाद में इसपर जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अधूरी जानकारी दी गयी है उन्होंने उन संस्थानों की सूची भी मांगी थी, जिन्हें विज्ञापन जारी किए गए हैं, मगर वह सूची उपलब्ध नहीं कराई गई. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विज्ञापन पर हुये खर्चे को छुपाने के और भी मामले हैं जिसमें एक 2016 में सिंहस्थ का मामला है. मुख्यमंत्री की फोटो के साथ सिंहस्थ के विज्ञापन पर करोड़ों रूपये खर्च किये गये हैं ये विज्ञापन केवल पूरे देशभर में ही नहीं किये गये है बताया जाता है मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अमरीका में इसके प्रचार-प्रसार पर करीब कि 180 करोड़ खर्च किये गये हैं. लेकिन सूचना के अधिकार कानून और विधान सभा में इस बारे में बार-बार पूछे जाने पर भी शिवराज सरकार द्वारा अभी तक इसका जवाब नहीं दिया गया है कि उसने सिंहस्थ के बहाने अपनी ब्रांडिंग पर कितनी राशि खर्च की है. 

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की 11 दिसम्बरर 2016 से 15 मई 2017 के बीच करीब पांच महीने चलने वाली ‘नमामि देवि नर्मदे’ सेवा यात्रा के दौरान इसके प्रचार-प्रसार को लेकर जो खर्च किये गये हैं उसके बारे में शिवराज सरकार द्वारा विधान सभा में जानकारी दी गयी है जिसके अनुसार नमामि देवि नर्मदे’ सेवा यात्रा के दौरान विज्ञापन करीब 33 करोड़ रुपये की राशि ख्रर्च किये गये है हालांकि इससे नर्मदा को क्या फायदा हुआ है यह शोध का विषय हो सकता है.  व्यापम घोटाला शिवराज सरकार पर सबसे बड़ा दाग है, अंग्रेजी पत्रिका द कारवां द्वारा अपने जून 2016 के अंक में एक स्टोरी प्रकाशित की गयी थी जिसमें बहुत विस्तार से बताया गया था कि किस तरह से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा व्यापम पर पर्दा डालने के लिये अधिकारियों और पत्रकारों को फायदा पहुंचाया गया था. इसी सन्दर्भ में पिछले दिनों जब मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ये कहा था कि “भाजपा ने मीडिया को साध रखा है, व्यापमं घोटाला सबसे बड़ी कलंकित करने वाली घटना है और इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हैं लकिन लेकिन मीडिया इस संबंध में पांच लाइन भी नहीं छापता है”  इसपर वहां मौजूद पत्रकार बुरा मान गये लेकिन दीपक बावरिया के इस आरोप को सिरे से खारिज भी नहीं किया जा सकता है. व्यापम घोटाले की कवरेज के दौरान आजतक जैसे न्यूज चैनल से जुड़े पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध मौत का मामला भी नहीं सुलझा है और उनकी मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. 

व्यापम की तरह मध्यप्रदेश में “विज्ञापन घोटाला” भी हो चुका है इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया था जिसमें बताया गया था कि कैसे मध्य प्रदेश में 4 साल के दौरान 244 फर्जी वेबसाइटों को 14 करोड़ रूपए के सरकारी विज्ञापन दे दिए गये इनमें से ज्यादातर वेबसाइट पत्रकारों और उनके रिश्तेदारों की ओर से संचालित की जा रही थीं, कई वेबसाइट ऐसे पाए गये जो रजिस्टर्ड तो अलग-अलग नाम से थे लेकिन उन सबमें सामग्री एक ही तरह की थी.  विज्ञापन के साथ दबाव भी आता है अगर अखबार या पोर्टल मध्यप्रदेश सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करता है तो इसका असर उसे मिलने वाले विज्ञापन और अन्य सुविधाओं पर पड़ता है. भोपाल में मीडिया गलियारे में आपको यह खुसुर-पुसुर सुनने को मिल जाएगा कि सत्ता की तरफ से मीडिया को यह अपरोक्ष निर्देश है कि सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाना बनाने वाली खबरों से बचें.  इसी तरह से पत्रकारों पर हमलों के मामले में भी मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है, केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, दूसरे राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में पिछले 2 सालों में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं. मध्यप्रदेश चुनाव के रडार पर आ चूका है इस दौरान मीडिया को काबू करने की कोशिशें दोतरफा और तेज होंगीं.



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जावेद अनीस 
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संयुक्त राष्ट्र : सुषमा स्वराज ने व्यापार, निवेश पर 9 वैश्विक नेताओं से चर्चा की

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संयुक्त राष्ट्र 25 सितंबर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने व्यापार, निवेश और सहयोग बढ़ाने को लेकर नौ वैश्विक नेताओं से चर्चा की। इसके साथ ही सुषमा ने नेल्सन मंडेलन पीस समिट को भी संबोधित किया। सुषमा ने सोमवार को सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आहूत नशारोधी वार्ता में हिस्सा लिया, जहां वह पहली कतार में बैठी दिखाई दीं। भारत उन 129 देशों में शामिल हैं, जिन्होंने नशाखोरी से निपटने के लिए ट्रंप द्वारा तैयार मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि हालांकि, यह औपचारिक बैठक नहीं थी, सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र पहुंचने पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का अभिवादन किया। सुषमा स्वराज ने आस्ट्रेलिया, स्पेन, इक्वाडोर, कोलंबिया, मंगोलिया, नेपाल, मोरक्को, लिचेंस्टीन के विदेश मंत्रियों और विदेशी मामलों के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) के उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोघेरिनी से मुलाकात की। इन बैठकों के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, वे मुद्दे उन देशों के साथ संबंधों पर निर्भर रहे। इस बीच विदेश सचिव विजय गोखले ने 'कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस बिल्िंडग मीजर्स इन एशिया' (सीआईसीए) की विशेष बैठक में हिस्सा लिया। सीआईसीए 26 देशों का एक समूह है, जो एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीस पेन के साथ सुषमा की मुलाकात पर रवीश ने ट्वीट कर कहा, "रणनीतिक साझेदारी तेजी से आगे बढ़ रही है।" नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार के साथ मुलाकात पर रवीश ने ट्वीट कर कहा, "द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया गया।" इक्वाडोर के विदेश मंत्री वालेंसिया अमोरस के साथ सुषमा की बैठक पर रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, "निवेश, व्यापार, फार्मा, खनन, पेट्रोलियम और क्षमता निर्माण पर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अच्छी वार्ता हुई।" लैटिन अमेरिका के कोलंबिया के विदेश मंत्री के साथ सुषमा की बैठक में व्यापार, निवेश, फार्मा, खनन, पेट्रोलियम और क्षमता निर्माण पर चर्चा हुई। स्पेन के विदेश मंत्री जोसेफ बोरेल के साथ सुषमा स्वराज ने निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, वाटर ट्रीटमेंट, पर्यटन क्षेत्रों में संबंधों को प्रगाढ़ करने पर चर्चा की। रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, "मोघेरिनी और सुषमा के बीच व्यापार और निवेश संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई और दोनों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।" सुषमा स्वराज ने मंगोलिया के विदेश मंत्री दमदीन त्सोग्बातर से भी मुलाकात की। संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है।

जम्मू एवं कश्मीर मुठभेड़ : सोपोर में शैक्षणिक संस्थान बंद

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श्रीनगर 25 सितंबर, जम्मू एवं कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। पुलिस ने कहा कि यह मुठभेड़ तुज्जर क्षेत्र के नोपोरा गांव में हुई। क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष ऑपरेशन समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) ने नोपोरा में तलाशी अभियान शुरू किया। पुलिस ने कहा कि क्षेत्र की घेरेबंदी के बाद छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी। पुलिस ने कहा, "गोलीबारी थम गई है लेकिन तलाशी अभियान जारी है।"

खिलाड़ी देश का गौरव हैं : अमिताभ बच्चन

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मुंबई, 25 सितंबर, अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कहा है कि खिलाड़ी देश का गौरव होते हैं और उनका सम्मान करने से पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा होता है। ‘‘ कौन बनेगा करोड़पति ’’ कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे 75 वर्षीय बच्चन ने ट्विटर पर राष्ट्रीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों के साथ अपनी तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, ‘‘ ‘केबीसी कर्मवीर’ एपीसोड पर भारतीय हॉकी टीम का सम्मान करते हुए। उनके समर्पण, देश के लिए उन्होंने जो प्रयास किये उसकी तुलना नहीं की जा सकती... जब हम अपने खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं, हम देश का सम्मान करते हैं। वे देश का गौरव हैं। वे तिरंगा का मान-सम्मान हैं।’’  उन्होंने अपने ब्लॉग पर भी खिलाड़ियों की प्रशंसा की। बच्चन ने लोगों से कहा कि वे ओड़िशा में नवंबर में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए टीम को शुभकामनाएं दें।

आनुवंशिक होती है समलैंगिकता: वैज्ञानिक

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नयी दिल्ली, 25 सितंबर, क्या समलैंगिकता अंतत: विलुप्त हो जाएगी?  नए साक्ष्य से संकेत मिलते हैं कि समलैंगिक व्यवहार मुख्यत: आनुवांशिक प्रभावों से नियंत्रित होते हैं और समलैंगिक लोग विपरीतलिंगियों की तुलना में काफी कम प्रजनन करते हैं। ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिक इस सवाल पर मंथन कर रहे हैं। पर्यावरणीय कारक समलिंगी शारीरिक लक्षणों की अभिव्यक्ति में भूमिका निभाते हैं जबकि वैज्ञानिकों का कहना है कि उनका प्रभाव इतना ज्यादा नहीं है कि कोई विपरीतलिंगी जीव समलैंगिक हो जाए। वैज्ञानिक भी इस बात पर बहस कर रहे हैं कि ऐसा व्यवहार कैसे ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकास के सिद्धांत के साथ फिट बैठता है। इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ पडोवा में विकास मनोविज्ञान की प्रोफेसर आंद्रिया कैम्पेरियो सियानी ने बताया, ‘‘डार्विन के सिद्धांत का विरोधाभास कहता है कि प्रजनन को बढ़ावा नहीं देने वाली जीन को बनाए रखना असंभव है, जैसा कि समलैंगिकता में होता है। चूंकि समलैंगिक विपरीत लिंगियों की तुलना में बहुत कम प्रजनन करते हैं, इसलिए इस प्रवृति को बढ़ावा देने वाली जीन तेजी से विलुप्त हो जानी चाहिए।’’  सियानी ने इस सवाल का जवाब देने के लिए काफी शोध किया है कि समलैंगिक मानव आबादी से विलुप्त क्यों नहीं हुए।  उनका कहना है कि इस विरोधाभास ने लंबे समय तक आनुवंशिक परिकल्पना को छोड़ रखा था और इससे ‘‘संकेत मिलते हैं कि समलैंगिक किसी पाप और दुर्व्यवहार के कारण ऐसा बर्ताव करते हैं जिसे थेरेपी के जरिए खत्म किया जा सकता है।’’  वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में ऐसे साक्ष्य सामने आए हैं कि समलैंगिकता ऐसा व्यवहार है जो जैविक या आनुवंशिक प्रभावों के कारण पैदा होती है।  बेंगलूर के जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर अडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) में विकास जीव-विज्ञान में पीएचडी शोधार्थी मनस्वी सारंगी ने कहा, ‘‘विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने की पूर्ववृत्ति का मकसद प्रजनन और आने वाली पीढ़ियों में जीन को भेजना है। बहरहाल, समलैंगिक व्यवहार काफी व्यापक है और नया नहीं है।’’  सारंगी ने कहा, ‘‘समलैंगिक व्यवहार दिखाने वाली विभिन्न प्रजातियों पर किए गए कई अध्ययन दिखाए गए हैं ताकि जीवों को विकासात्मक लाभ दिए जा सकें।’’  जेएनसीएएसआर के एवोल्यूशनरी एंड ऑर्गेनिज्मल बायोलॉजी यूनिट की असोसिएट प्रोफेसर टी एन सी विद्या के मुताबिक, समलैंगिक पुरुषों में जीन के कुछ प्रकार बहुत सामान्य हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मैं जानती हूं, यह साफ नहीं है कि समलैंगिकता किस हद तक एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाने वाली है।’’  विद्या ने कहा, ‘‘समलैंगिकता को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रकार के जीन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं कि नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें प्रजनन का मौका मिलता है कि नहीं। यदि वे खुद प्रजनन नहीं भी करते हैं तो जीन के वे प्रकार दूसरी पीढ़ियों में जा सकते हैं, बशर्ते उनके तरह की जीन से लैस उनके रिश्तेदार प्रजनन करें।’’  वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि समलैंगिक व्यवहार सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं है बल्कि 500 से ज्यादा गैर-मानव जातियों में भी यह पाया गया है। इनमें चिम्पैंजी और पेंग्विन भी शामिल हैं। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में अपने फैसले में समलैंगिक वयस्कों द्वारा आपसी सहमति से बनाए गए समलिंगी यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया। न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया गया है।

राहुल गांधी 'झूठ का शहंशाह' : सिद्धार्थनाथ सिंह

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लखनऊ, 25 सितंबर, राफेल करार को लेकर कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गयी 'चोरों का सरदार'वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए आज राहुल को 'झूठ का शहंशाह'बताया। सिंह ने यहां संवाददाताओं को सवालों के जवाब में कहा, 'राहुल गांधी शाहजादा के नाम से जाने जाते थे। अब वह झूठों के शहंशाह बन चुके हैं।' उन्होंने कहा, 'राहुल भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं ... सौ दफा एक झूठ बोलो तो वह सच हो जाता है।' यह पूछे जाने पर कि राहुल की टिप्पणी का आगामी लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा क्या, सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता सिंह ने कहा कि राहुल बतायें कि दसाल्ट कंपनी के साथ रिलायंस ने 2012 में करार किया था या नहीं। जब इस बात को और स्पष्ट करने को कहा गया तो सिंह ने कहा कि 2012 करार पर आरोप लगाने वाला ही जवाब दे तो अच्छा है। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी को चोरों का सरदार बताया था। उन्होंने राफेल विवाद पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया और मोदी को चोरों का सरदार (इंडियाज कमांडर इन थीफ) बताया था।

सबसे बड़े लोकतंत्र में राजनीति का अपराधीकरण चिंता का विषय : उच्चतम न्यायालय

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नयी दिल्ली, 25 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक फैसले में कहा कि चुनाव लड़ने से पहले प्रत्येक उम्मीदवार को अपना आपराधिक रिकॉर्ड निर्वाचन आयोग के समक्ष घोषित करना होगा। साथ ही न्यायालय ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में राजनीति का अपराधीकरण चिंता का विषय है। न्यायालय ने कहा कि किसी मामले में जानकारी प्राप्त होने के बाद उस पर फैसला लेना लोकतंत्र की नींव है। उसने विधायिका से कहा कि वह राजनीति से अपराधीकरण को समाप्त करने के लिए कानून बनाने पर विचार करे। शीर्ष अदालत ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं, विधायिका में उनके प्रवेश और कानून बनाने में उनकी भागीदारी को रोकने के लिए कानून बनाने की जरूरत है। न्यायालय ने कहा कि भ्रष्टाचार और राजनीति का अपराधीकरण भारतीय लोकतंत्र की नींव को खोखला कर रहा है। संसद को इस महामारी से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों का रिकॉर्ड जानने का पूरा अधिकार है। पीठ ने कहा कि उम्मीदवारों को निर्वाचन आयोग को एक फॉर्म भर कर देना होगा जिसमें उनका आपराधिक रिकॉर्ड और आपराधिक इतिहास ‘‘बड़े बड़े अक्षरों’’ में दर्ज होगा। न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया। पीठ ने सभी राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने उम्मीदवारों के संबंध में सभी सूचनाएं अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। न्यायालय ने कहा कि उम्मीदवार अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में राजनीतिक दलों को पूरी सूचना दें। संविधान पीठ ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से गहन प्रचार किया जाना चाहिए। अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की इस दलील पर कि अदालत को अधिकारों के विभाजन के संदर्भ में लक्ष्मण रेखा पार नहीं करना चाहिए, पीठ ने संज्ञान लेते हुए कहा कि गंभीर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने के लिए वह विधायिका के कार्य क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है। हालांकि, पीठ ने कहा कि देश को ऐसे कानून का बेसब्री से इंतजार है और विधायिका को इस समस्या से निपटने के लिए कानून बनाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेनी चाहिए। आपराधिक मामलों में मुकदमों का सामना कर रहे जनप्रतिनिधियों को आरोप तय होने के स्तर पर चुनाव लड़ने के अधिकार से प्रतिबंधित करना चाहिए या नहीं इस सवाल को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने आज यह फैसला दिया। मौजूदा कानून के तहत किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्धी होने के बाद ही जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत किसी जनप्रतिनिधि या उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है। पीठ ने इस संबंध में 28 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में गिरावट

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मुंबई 25 सितंबर, रुपये में कमजोरी और कच्ते तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रुख है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10 बजे 25.20 अंकों की गिरावट के साथ 36,295.75 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 11.00 अंकों की कमजोरी के साथ 10,956.40 पर कारोबार करते देखे गए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 45.23 अंकों की मजबूती के साथ 36,350.25 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.55 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 10,969.95 पर खुला।

कश्मीर : सोपोर में दो आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर 25 सितम्बर, जम्मू एवं कश्मीर के सोपोर जिले में सुरक्षाबलों के साथ गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "वे लोग तुज्जर क्षेत्र के नोपोरा में मारे गए। क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।" दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू होने के बाद अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया। क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष ऑपरेशन समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) ने नोपोरा में तलाशी अभियान शुरू किया। क्षेत्र में दबिश बढ़ाने के बाद छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिसके बाद दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई।

विशेष आलेख : तभी भारत आयुष्मान बन सकेगा!

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आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की धरती रांची से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आयुष्मान भारत’ के नाम से जिस आरोग्य योजना को शुरु किया है, वह निश्चय ही दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। 50 करोड़ लोगों को पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा देने वाली यह दुनिया की अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना है।  यह एक महत्वाकांक्षी एवं अनूठी योजना है, अनूठी इसलिये है कि दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है, जहां करोड़ों लोगों को पांच लाख रु. तक का इलाज हर साल मुफ्त में कराने की सुविधा मिले। आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ इस योजना के अन्तर्गत आपके घर के पास ही उत्तम इलाज की सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है, इसके लिये देशभर में डेढ़ लाख वैलनेस सैंटर तैयार करने का सरकार का लक्ष्य है। इस योजना का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आधार कार्ड एक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, सरकार ने इसे अनिवार्य नहीं किया है। इस योजना के लिये भाजपा सरकार और उसके स्वास्थ्य मंत्री बधाई के पात्र हैं। लेकिन असली सवाल यह है कि यह लोक-कल्याणकारी योजना कई अन्य अभियानों की तरह सिर्फ नारेबाजी बनकर न रह जाए। प्रश्न यह भी है कि क्या भारत में 50 करोड़ लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त डाॅक्टर और अस्पताल हैं? क्या बीमा राशि पांच लाख में कैंसर जैसी खर्चीली बीमारियों का भी ईलाज संभव है? प्रश्न यह भी है कि यह योजना कोरी राजनीति लाभ का जरिया बनती है या धरातल पर भी वास्तविक रूप में साकार होती है? हम स्वर्ग को जमीन पर नहीं उतार सकते, पर बुराइयों से तो लड़ अवश्य सकते हैं, यह लोकभावना जागे, तभी भारत आयुष्मान बनेगा।

आयुष्मान भारत  के लिये 2011 के सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना में गरीब के तौर पर चिह्नित किए गए सभी लोगों को पात्र माना गया है। मतलब अगर कोई शख्स 2011 के बाद गरीब हुआ है, तो वह कवर से वंचित हो जाएगा। बीमा कवर के लिए उम्र, परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है। एनएचए ने 14,000 आरोग्य मित्रों को अस्पतालों में तैनात किया है। इनके पास मरीजों की पहचान सत्यापित करने और उन्हें इलाज में मदद करने का काम है। पूछताछ और समाधान के लिए भी मरीज इन लोगों से संपर्क कर सकेंगे।

29 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के 445 जिले के लोगों को योजना का लाभ मिलेगा। हैरानी की बात तो यह है कि दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना इस योजना को अपने यहां लागू नहीं कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल ने भी अभी तक इस योजना पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इन राज्यों ने कहा है कि इससे मिलती-जुलती योजना उनके राज्य में पहले से ही चल रही है। कुछ का कहना है कि यह योजना एक सफेद हाथी है। कुछ का मानना है कि वे इससे बेहतर योजना खुद के भरोसे चला सकते हैं। समझ में नहीं आता कि भारत के गैर-भाजपाई राज्यों ने इसे स्वीकार क्यों नहीं किया। यदि यह अभियान सफल हो जाए याने देश में शिक्षा और स्वास्थ्य ठीक हो जाए तो भारत को महाशक्ति बनने से कौन रोक सकता है? साफ दिख रहा है कि इस योजना को लेकर जिस तरह की स्थितियां देखने को मिल रही है, उसका कारण राजनीतिक है। लेकिन एक अच्छी एवं जनोपयोगी योजना को इसलिये नहीं स्वीकारना कि वह भाजपा सरकार की योजना है, संभवतः जनता के हितों को नकारने के बराबर है। जनता की भलाई को राजनीतिक नजरिये से देखना दुर्भाग्यपूर्ण एवं विडम्बनापूर्ण है। 

सचाई यह है कि अगर यह योजना वास्तविक रूप में आकार लेती है तो इससे देश के स्वास्थ्य के सम्मुख खड़ी चुनौतियां कम होगी, देश का स्वास्थ्य सुधरेगा। ऐसी योजनाएं केन्द्र सरकार लागू करती है तो वे किसी पार्टी की योजना न होकर देश के कल्याण की योजना होती है। मोदी सरकार ने निश्चित ही गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने वाली या बीमारी के कारण गरीब बनने वाले लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। उनकी इस आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य खासकर निम्न और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को महंगे मेडिकल बिल से निजात दिलाना है। इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियों को रखा गया है। नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों के ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों के 2.33 परिवारों को शामिल किया गया है। अनुमान के मुताबकि इस योजना के तहत अब देश के करीब 10 हजार अस्पतालों में ढाई लाख से ज्यादा बेड गरीबों के लिए रिजर्व हो जाएंगे।

‘आयुष्मान भारत’ योजना का जन-जन तक सुगमता एवं सरलता से पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अगर आप योजना में शामिल हैं और इसका लाभ लेना चाहते हैं यह बहुत आसान है। आपको योजना में शामिल अस्पताल के आयुष्मान मित्र या आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क से संपर्क करना होगा। वहां आपको पहचान पत्र जैसे दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड की जरूरत पड़ेगी। ध्यान रहे आधार कार्ड की कोई अनिवार्यता नहीं है. इलाज के लिए आपको एक पैसे भी नहीं देना होगा। इस योजना में शामिल करीब दस हजार अस्पतालों में 13 सौ से ज्यादा बीमारियों और इससे संबंधित पैकेज को इलाज में शामिल किया गया है। जिसमें कैंसर की सर्जरी, हार्ट की बाइपास सर्जरी, आंख-दांत का ऑपरेशन, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी तमाम चीजें शामिल हैं। 

योजना जितनी लुभावनी है उतनी ही उसके सम्मुख चुनौतियां भी है। अब जबकि देश में स्वास्थ्य सेवाओं का बूरा हाल है, बिना रिश्वत के मरीजों की देखभाल नहीं होती, हमारे अस्पताल गांवों से इतने दूर हैं कि ग्रामीण मरीजों के पास उन अस्पतालों और डाॅक्टरों तक पहुंचने के लिए ही पैसे नहीं होते। पंचसितारा नुमा अस्पतालों में इलाज गरीबों के लिये संभव नहीं है। ऐसी विषम एवं त्रासद स्थितिया के बीच सरकार ने गरीबों, वंचितों एवं अभावग्रस्तों को लाभ पहुंचाने वाली कोई योजना शुरु की है तो उसके विरोध का औचित्य समझ से बाहर है। योजना को लेकर कोई दुविधा या गतिरोध है तो बातचीत से उसे सुलझाना चाहिए। सरकार को इस योजना से जुड़ी बाधाओं को सबसे पहले दूर करना चाहिए। सबसे पहले देश के हर जिले में बड़े-बड़े अस्पताल खोलने चाहिए और हर डाॅक्टरी पास करनेवाले छात्र को अनिवार्य रूप से गांवों के अस्पतालों में सेवा के लिए भेजना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि दुनिया की यह सबसे बड़ी लोक-कल्याणकारी योजना भारत में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का जरिया बन जाए। डाॅक्टरी के धंधे में जितनी ठगी होती है, किसी और धंधे में नहीं होती। अतः सरकार को गैर-सरकारी डाॅक्टरों और अस्पतालों को कड़े नियंत्रण में रखना होगा। 

‘आयुष्मान भारत’ आरोग्य योजना निश्चित ही दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है लेकिन इसको सफलतापूर्वक लागू करने एवं इसके क्रियान्वयन में अनेक गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों को कम करने के लिए इम्पैक्ट गुरु क्राउडफंडिंग के माध्यम से सहयोग के लिए तत्पर हुआ है। क्राउडफंडिंग इस योजना को अधिक उपयोगी एवं प्रासंगिक बना सकता है। भारत में मध्यम वर्ग एवं गरीबी रेखा वाली पृष्ठभूमि के मरीजों की स्थितियां गंभीर एवं असाध्य बनी हुई है, जिनके सम्मुख कैंसर, डायलिसिस, समयपूर्व शिशु देखभाल जैसे दीर्घकालिक उपचारों के लिए आर्थिक संसाधनों का अभाव है। स्वास्थ्य बीमा की यह राशि मुद्रास्फीति को देखते हुए स्वास्थ्य की देखभाल पर आनेवाली लागत से काफी अधिक होगी। यह घोषित बीमा राशि इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है कि इस राशि में कई निजी अस्पताल अपनी परिचालन लागत भी नहीं निकाल पायेंगे। अतः वे अपनी सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदत्त करने में असमर्थ होंगे। भले ही आपके पास राष्ट्रीय बीमा योजना होगी फिर भी लोग वास्तव में महत्वपूर्ण बीमारियों के मामलों में बीमाकृत होने के बावजूद उसकी अपर्याप्त बीमाकृत राशि के कारण इलाज नहीं करा पायेंगे। भारत का निजी हेल्थकेयर खर्च सालाना 90 अरब डॉलर है। इनमें से केवल एक तिहाई बीमा द्वारा कवर किया गया है, और 60 अरब डॉलर शेष राशि मित्रों और परिवार के भरोसे पर ही निर्भर है। जिसके लिए 10 प्रतिशत यानी 6 अरब डाॅलर का योगदान मेडिकल क्राउडफंडिंग मार्केट के द्वारा उपलब्ध हो सकता है। देश के स्वास्थ्य एवं आयुष्मान भारत के लिये इम्पैक्ट गुरु डाॅट काॅम की सेवाओं को लेने में भी क्या हर्ज है? सरकार की एक अच्छी योजना को लागू करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिये सभी को सहयोगी बनना चाहिए, न कि विरोधी। बहुत सारे लोग जितनी मेहनत से नर्क में जीते हैं, उससे आधे में वे स्वर्ग में जी सकते हैं। यही आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य है, यही है मोदी का प्रयास और यही है भाजपा सरकार का प्रयोजन।


(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
ः 22727486, 9811051133

बेगूसराय : विहिप के कार्यकर्ता (बजरंगदल) समाज सुधार की ओर उठाया कदम।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) विश्व हिंदू परिषद के युवकों का आयाम बजरंग दल का 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक युवा संस्कार सप्ताह शुरू हुआ। इस दौरान देश भर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं के द्वारा सभी जिले प्रखंडों में रोड पर चल रहे यात्रियों से निवेदन किया जा रहा है कि कृपया करके ट्रैफिक नियम नहीं तोड़ें,शराब और ड्रग्स का सेवन नहीं करने का संकल्प दिलाया जा रहा है।इस निमित्त आज बेगूसराय प्रखंड के रामराजपुर चौक(रमजानपुर चौक) पर बजरंग दल प्रखंड संयोजक पंकज सिंह और राहुल के नेतृत्व में दो दर्जन विहिप बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने लगभग सौ से ज्यादा यात्रियों को रोककर सीट बेल्ट बांधने हेलमेट लगाने शराब और ड्रग्स का सेवन नहीं करने का निवेदन किया।और जिन लोगों ने ट्रैफिक नियम तोड़ा उनको पुष्प देकर के हाथजोड निवेदन किया कि कृपया करके ट्रैफिक नियम नहीं तोड़े।जिनलोगों ने सीट बेल्ट नहीं बांधा था या हेलमेट को बाइक पर टांगकर रखा था,उन्हें निवेदन कर सीट बेल्ट लगवाया गया और हेलमेट पहनवाया गया। बजरंग दल विभाग संयोजक शुभम भारद्वाज और जिला मंत्री विकास भारती ने कहा कि बजरंग दल का ध्येय वाकई सेवा सुरक्षा संस्कार के लिये ही है युवाओं को संस्कारित करने हेतु यह एक बड़ा अभियान है जिस देश भर में चलाया जा रहा है ।देश भर में युवाओं का एक बड़ा तबका अपना जीवन नशे के वजह से समाप्त कर रहा है।देशभर में बाइक और कार एक्सीडेंट में हजारों लाखों युवाओं का असमय निधन हो जाता है।अगर देश के सभी नागरिक उक्त बातों पर ध्यान दे दें तो सड़क हादसों में काफी कमी आने की संभाना बनेगी।कार्यक्रम के दौरान रोशन,विवेक,चंदन,कुंदन,छोटू ,बम बम, पल्लव, के साथ दर्जनों बजरंगी मौजूद रहे। राहगीरों ने बताया कि बजरंगदल का यह अभियान युवकों को जागृत करने व संस्कारीत करने में महती भूमिका निभाएगी।

बिहार : माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य पटना पहंुचे

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दूरस्थ इलाकों से आज ही जत्थे पटना की ओर रवाना
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पटना 25 सितंबर 2018 27 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘‘भाजपा भगाओ, लोकतंत्र बचाओ’’ रैली में शामिल होने के लिए माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य आज पटना पहुंच गए हैं. 26 सितंबर की सुबह तक पार्टी के वरिष्ठ नेता व पोलित ब्यूरो सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य, चर्चित महिला नेत्री कविता कृष्णन, जेएनयूएसयू के छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी, उत्तरप्रदेश से काॅमरेड रामजी राय व काॅमरेड सलीम, झारखंड से जनार्दन प्रसाद, गीता मंडल, मनोज भक्त, विनोद सिंह आदि नेता पटना पहुंच जाएंगे. चंपारण, मधुबनी और किशनगंज-पूर्णिया आदि दूरस्थ इलाकों से आज ही रैली में शामिल होने के लिए गरीबों का जत्था पटना की ओर रवाना हो चुका है. जत्थे में सैकड़ों की तादाद में दलित-गरीब, महिलायें व अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं. 26 सितंबर की शाम से गांधी मैदान के अंदर रैली की जनता प्रवेश करने लगेगी. उनके लिए गांधी मैदान के भीतर ही पंडाल बनाए गए हैं. गांधी मैदान में साज-सज्जा का काम भी आरंभ हो गया है. पटना शहर को भी झंडे-बैनर से सजाया गया है. रैली में शामिल होने वाली जनता के लिए यथासंभव उपाय किए जा रहे हैं. पटना में चला प्रचार: 27 सितंबर की रैली के सिलसिले में आज पूरे शहर में प्रचार अभियान चला और जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं का आयोजन हुआ. इसका नेतृत्व आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार व अन्य नेताओं ने किया.

मधुबनी : मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत पंचायतवार आवेदन की अंतिम तिथि 22 अक्टूबर

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मधुबनी 25,सितंबर, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन के विकास एवं वहां रहने वालें लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही ऐसे क्षत्रों में रोजगार के सृजन एवं इनके विकास को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरूआत की गयी है। इस संबंध में श्री सुजीत कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी, मधुबनी ने बताया कि इस योजना के तहत 4 सीट से लेकर 10 सीट तक के नये सवारी वाहनों को योग्य माना जायेगा। जिसका परिचालन पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक किया जायेगा। इस योजना के अधीन प्रत्येक पंचायत के लिए 05 योग्य वाहनों की खरीददारी की जानी है। जिसमें तीन अनुसूचित जाति/जनजाति तथा दो अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लाभुकों को इस योजना के तहत लाभ दिया जाना है। इस योजना के तहत लाभुकों को अनुदान की राषि वाहन के खरीद मूल्य के 50 प्रतिषत तक अथवा अधिकतम एक लाख रूपये तक की राषि दी जायेगी। वाहन के खरीद मूल्य से अभिप्राय है-वाहन का एक्स-षोरूम मूल्य,तृतीय पक्ष बीमा, एवं वाहन टैक्स तीनों को जोड़कर कुल राषि।  उन्होंने बताया कि वाहन को 05 वर्ष तक बिना अुनुमंडल पदाधिकारी की लिखित स्वीकृति के बिक्री नहीं किया जायेगा। वाहन परिवारिक उत्तराधिकार के तहत हस्तांतरित हो सकेगा। यदि वाहन की खरीद किसी वित्तीय संस्थान से ऋण लेकर किया गया है,तो अनुदान की राषि का उपयोग आवेदक द्वारा ऋण के भुगतान में ही किया जायेगा। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोग ही इस योजना का लाभ उठा सकते है। इसके लिए लाभुक की उम्र,आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए एवं उसके पास कम-से-कम हल्के मोटरयान के चालन का लाईसेंस होना चाहिए। लाभुक को सरकारी सेवा में नियोजित नहीं होना चाहिए एवं उसके पास पूर्व से कोई व्यावसायिक वाहन नहीं होना चाहिए। किसी पंचायत के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए लाभुक को संबंधित पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस योजना हेतु आवेदकों को आवेदन की प्रक्रिया आॅनलाईन करनी पड़ेगी। इसके लिए उन्हें परिवहन विभाग की वेवसाईट पर आवेदन की प्रक्रिया आॅनलाईन करनी पड़ेगी। योजना के तहत पंचायत वार आवेदन की तिथि 27.09.18 से 22.10.18 तक है। साथ ही प्रखंड स्तर पर वरीयता सूची का निर्माण 23.10.18 से 31.10.18 तक तथा प्रखंड स्तरीय समिति की बैठक एवं अनुषंसा का प्रेषण 01.11.18 से 06.11.18, अनुमंडल स्तरीय समिति की बैठक 08.11.18 से 16.11.18 चयन सूची का प्रकाषन 19.11.18,आपत्ति आमंत्रण 19.11.18 से 28.11.18 तक,आपत्ति निराकरण 29.11.18 से 30.11.18 तक एवं अंतिम चयनित सूची का प्रकाषन 01.12.2018,प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा चयनित लाभुकों को चयन पत्र का तामिला 03.12.18 से 05.12.18 तक वाहन खरीद हेतु चयनित लाभुकों से अनुदान प्राप्ति हेतु राषि का आवेदन प्राप्त करना 10.12.18 से लगातार किया जायेगा। अनुदान की राषि आर.टी.जी.एस के माध्यम से लाभुक के खाते में आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के अंदर भुगतान की जायेगी। आॅनलाईन प्राप्त आवेदनों के आधार पर लाभुकों के चयन हेतु द्विस्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी अध्यक्ष,प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव, तथा ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक को सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। प्रखंड कल्याण पदाधिकारी का पद रिक्त रहने पर ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक सदस्य सचिव के कार्य का निर्वहन करेंगे। आवेदनों की पंचायतवार बनायी गयी वरीयता सूची इस समिति के समक्ष विचारार्थ रखी जायेगी। लाभुकों की योग्यता के आधार पर वरीयता सूची का परीक्षण समिति के द्वारा किया जायेगा एवं उसे विचारोपरांत अनुषंसा के साथ अंतिम चयन हेतु अनमंडल स्तरीय समिति को भेजा जायेगा। इस योजना की अंतिम स्वीकृति के लिए अनुमंडल स्तरीय समिति का गठन भी किया जायेगा। जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी अध्यक्ष तथा अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव तथा कार्यपालक दंडाधिकारी सदस्य,एवं मोटरयान निरीक्षक विषेष आमंत्रित सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। 

मधुबनी : जिला प्रशासन मधुबनी की मेहनत लाया रंग, बैंगलोर से मुक्त हुए 19 युवक

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सभी मुक्त कराये गये लोगों को जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया चेक,परिजनों से मिलकर भावुक हुए युवक
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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 25  सितम्बर,  : जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा मंगलवार को आदर्श नगर स्थित बाल गृह में बैंगलोर से मुक्त कराये गये युवकों को उनके परिजनों को सौंपा गया।  इस अवसर पर डाॅ.रश्मि वर्मा,सहायक निदेशक,बाल संरक्षण ईकाई,मधुबनी, ताजुद्दीन खान,जिला बाल संरक्षण ईकाई पदाधिकारी, रामनगर(बैंगलोर),श्री विनय कुमार,प्रभारी, श्रम अधीक्षक,मधुबनी,श्री नागेन्द्र, आउटरिच वर्कर,जिला बाल संरक्षण ईकाई, रामनगर,कंठाराजू, श्रीमती वीणा चैधरी,महिला परामर्षी,महिला हेल्पलाईन,मधुबनी, अख्तर हुसैन,सामाजिक कार्यकत्र्ता समेत अन्य लोग उपस्थित थे। इस संबंध बताया गया कि दरभंगा जिला निवासी मो. इरसाद(बिचैलिया) द्वारा बरदेपुर पुरसौलिया,प्रखंड-कलुआही के छह लोगों तथा सोहपुर,प्रखंड बासोपट्टी के 3, मुजफ्फरपुर समेत कुल 19 लोगों को नौकरी का झांसा देकर बैंगलोर ले जाया गया। वहां सभी युवकों को प्लास्टिक फैक्ट्री में चुने हुए कचड़े से दाना बनवाने कार्य कराया जाता था। सभी युवकों को दो-चार की संख्या में एक स्थान पर रखा जाता था। संबंधित कंपनी से पैसा इरसाद लेता था,और मजदूरों को पैसा नहीं देता था,तथा मारपीट भी करता था। तथा घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था। इरसाद की यातना से तंग आकर पुरसौलिया निवासी संतोष कुमार किसी प्रकार भागकर अपने घर पंहुचा एवं परिजनों को अपने सहित अन्य युवकों को बंधक बनाये जाने की जानकारी दी गयी। परिजनों द्वारा आस-पास के ग्रामीण एवं अख्तर हुसैन,सामाजिक कार्यकत्र्ता को इस संबंध में जानकारी दी गयी। सभी लोगों के द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई,मधुबनी में संतोष के द्वारा इस संबंध में आवेदन दी गयी। साथ ही जिला पदाधिकारी,मधुबनी एवं पुलिस अधीक्षक,मधुबनी को भी इस संबंध में आवेदन दिया गया।

जिला पदाधिकारी,मधुबनी के निर्देश पर सहायक निदेशक,बाल संरक्षण इकाई मधुबनी द्वारा इस आशय की जानकारी पत्र द्वारा बैंगलोर स्थित सभी बाल संरक्षण कार्यालय को दी गयी। साथ ही सामाजिक कार्यकत्र्ता एवं परिजनों को बैंगलोर में सभी प्रशासनिक सहयोग का भरोसा दिया गया एवं पता तथा संपर्क संख्या उपलब्ध कराया गया। साथ ही बाल संरक्षण कार्यालय,बैंगलोर को इस संबंध में सहयोग करने को भी कहा गया। तत्पश्चात जिला बाल संरक्षण ईकाई,रामनगर(बैंगलोर) एवं बाल कल्याण समिति प्रशासनिक सहयोग से दिनांक 31.08.18 को बंधक बनाये गये लोगों को छापा मारकर 19 लोगों को मुक्त कराया गया। मुक्त कराये गये लोगों की जांच सभी संबंधित विभागों द्वारा की गयी। सभी मुक्त कराये गये लोगों को कर्नाटक सरकार द्वारा प्रति युवक 17,000 हजार रूपये का चेक दिया गया। जिसे जिला पदाधिकारी द्वारा जांचोपरांत सभी युवकों के परिजनों को सौंपा गया।  इस संबंध में जिला पदाधिकारी,मधुबनी द्वारा बताया गया कि आवेदन प्राप्त होने पर इस संबंध में सहायक निदेशक,बाल संरक्षण ईकाई,मधुबनी को त्वरित कार्रवाई हेतु निदेश दिया गया। जिसके आलोक में बंगलौर स्थित बाल संरक्षण कार्यालय से सहयोग प्राप्त कर इन सभी युवकों का रेस्क्यू किया जा सका। इस संबंध में उन्होंने अख्तर हुसैन,सामाजिक कार्यकत्र्ता, के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अख्तर के प्रयास से ही उक्त सभी बंधक बने लोगों का रेस्क्यू किया जा सका है। उन्होंने कहा कि अख्तर हुसैन को इस सभी लोगों को मुक्त कराने में अपना सहयोग देने के लिए प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। साथ ही ताजेउद्दीन खान,बाल संरक्षण ईकाई पदाधिकारी,रामनगर(बैंगलोर) के भी ससमय आवश्यक सहयोग करने एवं इन युवकों को उनके घर तक सकुषल पहुंचाने हेतु विभाग, को तथा कर्नाटक सरकार को भी प्रशंसा पत्र भेजा जायेगा।

आदर्श नगर स्थित बाल गृह में सभी युवकों के परिजन काफी समय बाद अपनों से मिलकर काफी प्रसन्न थे तथा भावुक भी हुए। सभी के परिजन एवं मुक्त कराये गये युवक जिला प्रशासन,मधुबनी एवं बैंगलोर से आये टीम के सदस्यों को धन्यवाद दे रहें थे। तत्पश्चात जिला पदाधिकारी द्वारा बाल गृह का के रसोईघर का निरीक्षण किया गया। एवं खाने की गुणवत्ता की जांच हेतु स्वयं बनाये हुए भोजन का स्वाद चखा भी गया। एवं बाल गृह संचालक को भोजन को और सुस्वादु बनाने हेतु निदेश दिया गया।

बिहार : संत इग्नासियुस मिशन स्कूल छत से प्लास्टर का मलवा गिरने से एक की मौत, 8 घायल

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बेतिया: बेतिया चर्च रोड पर है संत इग्नासियुस मध्य स्कूल.इसे मिशन स्कूल भी कहा जाता है.आज यहां कोहराम मच गया. क्लास 1A की छत का एक हिस्से का प्लास्टर का मलवा गिर गया. इस तरह के प्रत्याशित हादसे में एक बच्चे की मौत हो गयी और आठ बच्चे घायल हैं.घायलों को एमजेके हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.राजगुरू चौक के पास रहने वाला वैभव राज गंभीर रुप से घायल है परंतु खतरे से बाहर है.इस बीच सीएम नीतीश कुमार हादसे पर दु:ख व्यक्त किया है.

 परिजन हर दिन की तरह तैयार करके लाडलों को स्कूल भेजे थे
अपने लाडलों को परिजन तैयार करके मिशन स्कूल भेजे थे.उनको क्या मालूम था कि सरकारी योजना के द्वारा निर्मित भवन की तरह मिशनरी भवन है जो बड़े हादसों का गवाह बन जाएगा.स्कूल असेम्बली के बाद बच्चे क्लास रूम में गए पढ़ रहे थे.सब कुछ सामान्य था.कुछ समय के बाद अचानक क्लास रूम 1A में धराम की आवाज हुई.उक्त क्लास के एक हिस्से से प्लास्टर का मलवा गिरा.उस हिस्से में बैठे बच्चे चपेट में आ गए.इसमें एक की मौत हो गयी और 8 से अधिक बच्चे घायल हो गए.इन बच्चों का इलाज एमजेके हॉस्पिटल में चल रहा है.

डी.एम. और एस.एस.पी.पहुंचे स्कूल
हादसे की खबर सुनते ही जिले डी.एम. व एस.एस.पी.स्कूल पहुंचे. आक्रोशित परिजनों व अन्य लोगों को समझाकर शांत करने में सफल हो गये.वहीं प्रशासन ने वज्र वाहन भी तैनात रखा.कुछ ही समय के बाद व्रज वाहन की पुलिसकर्मियों की सहायता लेनी पड़ गयी.सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने वालों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.तब जाकर  सड़क पर वाहन सामान्य ढंग से चले.

जांच के द्येरे में मिशन स्कूल
बिहार नगरपालिका अधिनियम के सुंगत प्रावधानों के अंतर्गत बेतिया शहरी क्षेत्र में अवस्थित सभी सरकारी /गैर सरकारी विद्यालयों के भवनों को ठीक होने/कंडेम होने एवं उनकी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति के निरीक्षण हेतु समिति गठन किया गया है. इस समिति के अध्यक्ष कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद,बेतिया होंगे.समिति के चार सदस्य होंगे.ये हैं कार्यपालक अभियंता ,भवन प्रमंडल,बेतिया, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य  विभाग,बेतिया, कार्यपालक अभियंता ,पथ प्रमंडल,बेतिया व सहायक अभियंता,भवन प्रमंडल,बेतिया. जिला पदाधिकारी ने समिति को निदेश दिया है कि बेतिया नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत अवस्थित सभी सरकारी /गैर सरकारी विद्यालयों के भवनों की गहनता पूर्वक जांच करेंगे.विशेषकर मिशन मध्य विद्यालय,बेतिया के भवन की तकनीकी पक्षों के दृष्टिगत  गहन जांच सुनिश्चित करेंगे.यदि किसी भी भवन की स्थिति परित्यक्त योग्य हो तो उसे तत्क्षण बंद करते हुए निरीक्षण प्रतिवेदन समर्पित करना सुनिश्चत करेंगे.निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने तक मिशन मध्य विद्यालय,बेतिया में पठन- पाठन का कार्य पूर्णत: स्थगित रहेगा.यह आज 25.09.18 को ज्ञापांक 1622 से जारी किया गया है.

महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप आचरण व शुचिता से नए भारत का निर्माण होगा-- रघुवर दास

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129 कैदियों में  से 65 कैदी अनुसूचित जनजाति के, 13 कैदी 60 वर्ष से अधिक उम्र के व  दो महिला कैदी को रिहा करने पर दी गई मंजूरी 
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप आचरण और शुचिता से नए भारत का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखंड मंत्रालय में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में आज यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवता के नाते जेलों में बंद वैसे कैदी जिनका आचरण अच्छा है या उम्र ज्यादा हो गयी है, उन्हें छोड़ा जाये।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने ज्यादा से जेल में शुचिता पूर्ण जीवन जी रहे कैदियों को छोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जिन कैदियों को छोड़ने पर फैसला हो गया है, उन्हें अच्छा और नया जीवन  शुरू करने के लिए प्रेरित करें। उन्हें सुधरने का एक मौका दें मुख्य मंत्री ने झारखंड मंत्रालय में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में कहा कि कई बार आवेश में आकर कोई किसी घटना को अंजाम दे देता है, *यदि जेल में सजा के दौरान उसे अपने अपराध का बोध है तथा उनका आचरण व्यवहार अच्छा हो गया है तो सजा का मूल उद्देश्य भी पूरा हो जाता है।  ऐसे आचरण वाले 14 साल से ज्यादा समय तक जेलों में बंद कैदियों को प्राथमिकता दें। महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती वर्ष पर ऐसे कैदियों को छोड़ने की जरूरत है। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जंयती के दिन इसका फैसला किया गया है। पंडित दीनदयाल भी एकात्म मानववाद के समर्थक थे। उन्होंने अंत्योदय का मंत्र दिया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जेलों में बंद ज्यादातर लोग गरीब व अशिक्षित हैं, जिन्हें बेल लेने या मुकदमा करने का पूरा ज्ञान नहीं है। झारखंड में आदिवासी, अनुसूचित जाति समाज के लोग अशिक्षा के कारण सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में ही बंद है।* कई तो ऐसे छोटे-छोटे जुर्म में बंद हैं, जिनकी सजा भी नहीं होती है। सजा होती भी है, तो उसकी कुल अवधि से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। वैसे कैदियों की एक सूची बनाकर एक माह में सौंपे। सरकार अपना वकील देकर उन्हें रिहा करायेगी। बैठक में कुल 137 मामले आये। इसमें पांच को निरस्त व तीन को स्थगित रखा गया।  129 कैदियों जिसमें से 65 कैदी अनुसूचित जनजाति के, 13 कैदी 60 वर्ष से अधिक उम्र के और दो महिला कैदी को रिहा करने पर मंजूरी दी गई।  इस वित्तीय वर्ष में यह राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की दूसरी बैठक थी। *अप्रैल में हुई पहली बैठक में 221 कैदियों को रिहा करने की मंजूरी दी गई थी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जेलों में नियमित रूप से छापामारी करने और वहां सूचना तंत्र मजबूत करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि *संगठित अपराध और अपराधियों पर विशेष नजर रखें।* किसी बड़ी वारदात की सबसे सूचना जेल में बंद बड़े अपराधियों तक आती है। उनपर नजर रखने से मामलों के उदभेदन में तेजी आयेगी। बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव  एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजीपी  डीके पांडेय, कारा महानिरीक्षक  वीरेंद्र भूषण, सहायक कारा महानिरीक्षक  दीपक कुमार विद्यार्थी समेत पर्षद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

बिहार : कुर्जी कब्रिस्तान के मसले पर सकारात्मक पहल होने पर आमरण अनशन स्थगित

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पटना: बी.जे.पी.अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री हैं राजन क्लेमेंट साह.कुर्जी कब्रिस्तान की चहारदीवारी कराने में साह का योगदान है. इस चहारदीवारी को निर्माण करने वाले ठेकेदार को राशि मिलने में व्यवधान पड़ने से जनहित में राजन ने 27 सितम्बर से आमरण अनशन करने की द्योषणा की थी.समय के अंतराल में सकारात्मक पहल होते देख राजन ने आमरण अनशन को स्थगित कर दिया है.

दुमका : 25 सितंबर 2018 को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सिमडेगा ग्रिड सब-स्टेशन एवं संबंधित संचरण लाइन के निर्माण हेतु पूर्व में स्वीकृत मूल परियोजना राशि रुपए 90.77 करोड़ को बढ़ाकर प्रथम पुनरीक्षित परियोजना राशि रुपए 123.69 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति एवं एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट उपबंध राशि रुपए 1011 करोड़ के विरूद्ध रुपए 32.92 करोड़ (बत्तीस करोड बावनबे लाख) विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई।  राज्य स्कीम स्थापना व्यय मुख्यशीर्ष 2040 - बिक्री व्यापार आदि पर कर, लघुशीर्ष 101- संग्रहण प्रभार, उपशीर्ष 02- जिला प्रभार के अंतर्गत इकाई 86-वापसी मद में 25,00,00,000 ₹ (पच्चीस करोड़ ₹) मात्र का झारखंड आकस्मिकता निधि (जेसीएफ) से बजटीय उपबंध करने हेतु स्वीकृति दी गई। गोड्डा जिला के मेहरामा एवं महागामा प्रखंड में बिहार राज्य के साथ संयुक्त अंतरराज्यीय योजना बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर योजना के झारखंड राज्य में पड़ने वाले भाग के कार्यो हेतु प्रदत्त ₹10031.89 लाख ( एक सौ करोड़ इकतीस लाख नवासी हजार ₹) की प्रशासनिक स्वीकृति में इस योजना को ए.आई.बी.पी. में शामिल करने की  पूर्व अनुमति की शर्त को विलोपित करने की स्वीकृति दी गई।  झारनेट परियोजना का विगत 09 वर्षों के संचालन के उपरांत वित्तीय नियमावली 235 को शिथिल करते हुए 245 के आलोक में नॉमिनेशन के आधार पर वर्तमान के  इकरारनामा, दर एवं शर्तों के अधीन सेवा प्रदाता M/S UTL  एवं (Third Party Auditing  Agency,  M/s WIPRO)  को दिनांक 01.04.2018 से 31. 12.2018 तक अथवा झारनेट 2.0 के लिए निविदा द्वारा चयनित नए ऑपरेटर के पूर्णत: क्रियाशील होने तक, जो भी पहले हो, सेवा अनुमानित व्यय राशि 1689.17 लाख (सोलह करोड़ नवासी लाख  सत्तरह हजार रुपए के साथ विस्तारित करने की स्वीकृति दी गई।  झारखंड राज्य में गिफ्ट मिल की योजना का क्रियान्वयन के लिए वित्तीय नियमावली के नियम 235 को नियम 245 से शिथिल करते हुए झारखंड मिल्क फेडरेशन को अभिकर्ता मनोनीत किए जाने की स्वीकृति दी गई। पथ निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों में यूटिलिटी शिफ्टिंग (बिजली एवं पेयजल एवं स्वच्छता इत्यादि इत्यादि से संबंधित) के कार्यों के प्रक्रिया में संशोधन की स्वीकृति दी गई। भूमि के न्यूनतम मूल्य निर्धारण से संबंधित बिहार स्टांप (लिखत का न्यून मूल्यांकन निवारण) (अंगीकृत) नियमावली,1995 झारखंड मुद्रांक लिखत का न्यून मूल्यांकन नियमावली, 2009 एवं 2012 में संशोधन की स्वीकृति दी गई। बोकारो जिला अंतर्गत अंचल नावाडीह के विभिन्न मौजा 71109 लो 75 एकड़ गैर मजरूआ खास किस्म जंगल भूमि 15,86,84,399/-  रुपए मात्र मेसर्स हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा भुगतान के आधार पर डुमरी कोल माइंस परियोजना में उपयोजित होने वाले वन भूमि के विरुद्ध क्षति पूरक  वन रोपण हेतु वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड के पक्ष में सशुल्क स्थाई हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई* Companies Act, 2013 के अंतर्गत Jharkhand Innovation Lab  का निर्माण/ गठन हेतु Draft Articles of Association (AoA) एवं Memorandum Of Association (MoA) की स्वीकृति दी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में Non-profit/ Charitable/Spiritual Organisation  को शैक्षणिक/ स्वास्थ्य कार्यों से संबंधित संस्थान खोलने हेतु रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराने हेतु नीति निर्धारण की स्वीकृति दी गई।  झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन नियमावली, 2018 के गठन की स्वीकृति दी गई।  झारखंड दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1953 में संशोधन की स्वीकृति दी गई। 

राफेल पर मोदी ने कहा, उछाली जा रही है कीचड़

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भोपाल/ नयी दिल्ली, 25 सितंबर, राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस द्वारा निजी हमले बढ़ाये जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस सरकार पर कीचड़ उछाल रही है क्योंकि उसे विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के मुकाबले यह आसान लगता है।  मोदी ने भोपाल के जंबूरी मैदान में भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ रैली को संबोधित करते हुए भले ही राफेल सौदे का नाम नहीं लिया पर उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार के रूप में देखी जा रही है। भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 58 हजार करोड़ रूपये का फ्रांस से सौदा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह (कांग्रेस) कीचड़ इसलिए उछाल रही है क्योंकि उसे यह आसान लगता है... वह पहले भी छींटाकशी करते रहे हैं। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आप हमारे ऊपर जितना कीचड़ फेंकोगे, कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) उतना ही खिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस पार्टी हिन्दुस्तान में गठबंधन करने में सफल नहीं हो रही है। यदि गठबंधन सहयोगी मिल भी जायें तो गठबंधन सफल नहीं होगा। इसलिए (कांग्रेस द्वारा) भारत के बाहर समर्थन ढूंढा जा रहा है।’’ उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के चौकीदार होने का दावा किया था। ‘‘किंतु उन्होंने 30 हजार करोड़ रूपये अंबानी की जेब में डाल दिये।’’ उन्होंने दावा किया कि राफेल सौदे के बारे और तथ्य जल्द ही सामने आएंगे। राहुल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'अभी तो शुरूआत है, राफेल सौदे के बारे में और तथ्य सामने आयेंगे, विजय माल्या के बारे में भी जानकारी सामने आएगी, जल्द ही सच्चाई आपके सामने होगी और आपको निर्णय लेना ।' 

कांग्रेस सरकार पर राफेल सौदे में अनिल अम्बानी की रिलायंस डिफेंस लि. को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाती रही है। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अब यह समझ में आने लगा है कि इस सरकार के कार्यकाल में लोकपाल क्यों नहीं बनाया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ अब पता चला कि लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हुई। लोकपाल होता तो सारी सच्चाई सामने आ जाती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आप अच्छे दिन भूल जाओ और सच्चे दिन लाओ। सच्चाई बता दो कि क्यों आपने ये किया, किस वजह से ये किया, क्या मानसिकता थी? ’’ 

राफेल विमान सौदे में कांग्रेस के तीखे हमलों का सामना कर रही भाजपा ने मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि इस सौदे में विपक्षी पार्टी को कमीशन खाने को नहीं मिला, इसीलिए वह छटपटा रही है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि 2016 में राफेल सौदे के कागजात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा राबर्ट वाड्रा के कथित मित्र संजय भंडारी के घर से छापे के दौरान मिले थे। पात्रा ने सवाल किया कि ये संवेदनशील कागज़ वहाँ तक कैसे पहुंचे ?  राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पात्रा ने कहा, "देश को लूटने वाले, देश में डाका डालने वाले और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले आज प्रधानमंत्री पर सवाल कर रहे हैं ।"  पात्रा ने आरोप लगाया, ‘‘ राफेल विमान खरीद में कांग्रेस पार्टी को कमीशन खाने को नहीं मिला इसीलिए कांग्रेस पार्टी छटपटा रही है।’’ 
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