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जैन तीर्थ के अस्तित्व को अक्षुण्ण रखा जाएगा: सुदर्शन भगत

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नई दिल्ली, 26 सितम्बर 2018, जैन समाज के प्रमुख एवं पावन तीर्थ श्री सम्मेदशिखरजी की पवित्रता, धार्मिकता एवं ऐतिहासिकता को खंडित करने के झारखंड सरकार के हाल ही में जारी किये गये आदेश को रोकने के लिए जैन समाज का एक प्रतिनिधि मंडल आज जैन समाज के प्रख्यात संत एवं आदिवासी जननायक गणि राजेन्द्र विजयजी एवं धर्मयोगी योगभूषणजी महाराज के नेतृत्व में केन्द्रीय जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत से उनके निवास स्थान पर मिला। इस प्रतिनिधि मंडल मंे चारों ही जैन समाज के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे जिनमें मुख्यतः उड़ीसा भाजपा के महामंत्री श्री मुरली शर्मा, गुजरात के उद्यमी श्री विपुल पटेल, सुखी परिवार फाउंडेशन के संयोजक श्री ललित गर्ग, श्री मनोज बोरड, श्री जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ के श्री दीपक जैन, जयपुर की निगम पार्षद श्रीमती अनिता जैन, मयूर विहार भाजपा के कोषाध्यक्ष श्री सुबोध जैन, श्री सियाराम शरण जैन आदि हैं। प्रतिनिधि मंडल ने पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर पाश्र्वनाथ हिल पर मारंगबुरू मंदिर बनाये जाने एवं अन्य पर्यटन गतिविधियांे को शुरू करने के निर्णय पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। 

केन्द्रीय मंत्री श्री सुदर्शन भगत ने झारखंड राज्य के गिरडीह जिले के श्री सम्मेदशिखरजी तीर्थ यानी पाश्र्वनाथ हिल को जैनों का प्रमुख तीर्थस्थल होने के कारण उसकी पवित्रता एवं ऐतिहासिकता को अक्षुण्ण रखने का आश्वासन देते हुए कहा कि इस सिलसिले में वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास से लिये गये निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य करेंगे। उन्होंने कहा कि जैन समाज शांतिप्रिय समाज है और उसका राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान है। उनके आस्था से जुड़े इस पवित्र तीर्थ की गरिमा को अक्षुण्ण रखा जाएगा। गणि राजेन्द्र विजयजी ने झारखंड सरकार के निर्णय को लेकर संपूर्ण जैन समाज में व्याप्त असंतोष एवं आक्रोश की जानकारी देते हुए कहा कि श्री सम्मेदशिखरजी तीर्थ एवं पाश्र्वनाथ हिल जैनों का सर्वोच्च आस्था स्थल है जिसे जैनों के 24 तीर्थंकरों में से 20-20 तीर्थंकर भगवंतों की निर्वाण कल्याणक भूमि होने का गौरव प्राप्त है। आस्था के सर्वोच्च पाश्र्वनाथ हिल के कण-कण को सदियों से जैन समाज के लोग पवित्र मानते हैं और साथ ही साथ इसकी पूजा भी करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पाश्र्वनाथ पर्वत के संपूर्ण वातावरण तथा आसपास के संपूर्ण परिवेश की शुद्धता एवं पवित्रता को बरकरार रखने के लिए यह अनिवार्य है कि इस पवित्र स्थल पर किसी भी प्रकार की अधार्मिक/भौतिक अथवा व्यावसायिक प्रवृत्तियां नहीं होनी चाहिए एवं जैन यात्री एवं साधकों को आत्मसाधना के लिए अपने शास्त्रीय परंपरा एवं धार्मिक आस्था के अनुसार बाधारहित वातावरण मिलता रहना चाहिए जो कि उनका मूलभूत अधिकार है। गणि राजेन्द्र विजयजी ने पाश्र्वनाथ हिल के संपूर्ण परिवेश में रहने वाले आदिवासी एवं अन्य जाति के लोगों के कल्याण के लिए झारखंड सरकार एवं जैन समाज के सामूहिक सौजन्य से स्कूल एवं अस्पताल बनाये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस पवित्र भूमि पर मारंगबुरू का मंदिर बनाने के लिए तैयारियां चल रही है। किसी धर्म विशेष की धार्मिक आस्थाओं को आहत करके किसी अन्य धार्मिक आस्था को बल देने के लिए मंदिर का निर्माण कराना उचित नहीं है। यह सरकार के अधिकारों का दुरुपयोग साबित होगा। धर्मयोगी योगभूषण महाराज ने इस अवसर पर कहा कि जैन समाज अल्पसंख्यक है और इसी वजह से उनकी धार्मिक आस्था एवं उनके पवित्र तीर्थों के अस्तित्व एवं अस्मिता को अक्षुण्ण रखना सरकार का प्रमुख दायित्व है। लेकिन जैन समाज की धार्मिक आस्था को किसी दूसरी धार्मिक आस्था से दबाने, कुचलने, आहत करने का प्रयत्न किसी भी दृष्टि से औचित्यपूर्ण नहीं है।  इस अवसर पर धर्मयोगी योगभूषण महाराज ने अपनी नवप्रकाशित पुस्तक ‘मंत्र शक्ति जागरण’ श्री सुदर्शन भगत को भेंट की।

बिहार : मात्र: 6 दिनों के बाद जन आंदोलन 2018 शुरू

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  • ° आम चुनाव 2009 के पहले जनादेश 2007
  • ° आम चुनाव 2014 के पहले जन सत्याग्रह 2012
  • ° आम चुनाव 2019 के पहले  जन आंदोलन 2018

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पटना: ऐतिहासिक जन आंदोलन 2 अक्टूबर से शुरू होगा. तीसरी बार ग्वालियर मेजबानी करने को तैयार है. पहली बार 2007 में जनादेश 2007 सत्याग्रह किया गया.इसमें  25 हजार वंचित समुदाय हिस्सेदारी दिए. ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा किए. दूसरी बार 2012 में जन सत्याग्रह 2012 में सत्याग्रह किया गया. 80 हजार अधिक लोग चले.दिल्ली जाने के पहले ही आगरा में ही समझौता हो गयी.अब तीसरी बार 2018 में जन आंदोलन होने वाला है.25 हजार वंचित समुदाय तैयार हैं आंदोलन में कूदने को.

इन मांगों को लेकर जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा
> राष्ट्रीय भूमि प्राधिकार की स्थापना
>समस्त भूमिहीनों को भूमि का अधिकार
>वनभूमि पर काबिजों को मालिकाना हक
>ग्रामीण बेरोजगार उन्मूलन रोजगार नीति को कानून के दायरे में लाना
>सीमांत कृषक समर्थित कृषि नीति
>आदिवासी -दलित और वंचित समर्थित जन -अधिकार नीति
>किसान समर्थित उत्पादन आधारित मूल्य निर्धारित 
>महिला ,दलित व आदिवासियों के साथ विभिन्न सरकारी विभागों ,अधिकारियों ,कर्मचारियों विशेषकर वन विभाग और पुलिस के द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न की समाप्ति 
>भूमि सुधार की प्रक्रिया को सभी राज्यों में लागू करना
>कृषि योग्य भूमि का गैर कृषि कार्यों के लिए उपयोग पर पूर्ण पांबदी. 

पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ.रद्युवंश प्रसाद सिंह थे.प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह.राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति नहीं बना सकें.राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद तो बनाएं पर बैठक नहीं बुलाएं.

सत्ता में द्वितीय बार यूपीए सरकार
वर्ष 2009 आम चुनाव में फतह कर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह कुर्सी पर आसीन हुए.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश बने.अपने कार्यकाल में राज्य सरकारों को एडवाइजरी प्रेषित किया.भूमि संबंधी कार्य व मसले को सटलाने का सुझाव था.मगर अंतिम कार्य राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति नहीं बना सकें.

2014 में पूर्ण बहुमत से एनडीए सत्तासीन
बहुप्रचारित और बहुआयामी नरेंद्र भाई मोदी प्रधानमंत्री बने.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर है.उनको जन आंदोलन 2018 झेलना है.वहीं एनडीए सरकार की उपलब्धि गिनाना है.मुरैना में आमसभा रख दी गयी.वहीं पर आरपार की जंग होगी.फोटो में दाहिनी और डॉ.रद्युवंश प्रसाद सिंह और बायीं ओर जयराम रमेश हैं.दोनों सत्ता से बाहर होने पर पटना में मिले थे.ऊपर में नरेंद्र सिंह तोमर हैं.इनको 6 सूत्री मांग पूर्ण करने की जिम्मेवारी है. इस बाबत एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी का कहना है कि प्रथम और द्वितीय आंदोलनों की मांग को लद्यु बना दिया है.हां एकता परिषद व सम्मान विचार वाले जन संगठनों ने 6 सूत्री मांग रखेंगे है. जो इस प्रकार है राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो.

बेगूसराय : जमीनी विवाद और दुर्गा पूजा को लेकर जिलाधिकारी के नेतृत्व में विशेष बैठक।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) जिला समाहरणालय के कारगिल विजय भवन में भूमि विवाद और अगामी दशहरा पूजा को लेकर हुई समीक्षात्मक बैठक। जिलाधिकारी राहुल कुमार ने दिया सख्त निर्देश,अब प्रत्येक शनिवार को थानाध्यक्ष और सीओ मिलकर जनता दरबार थाना में लगाकर जमीनी विवाद के मामलों का करेगे निष्पादन,नहीं तो होगी शख़्त कारवाई। दुर्गा पूजा में इस बार पूजा समिति के द्वारा डीजे और अश्लील गीत बजाए जाने पर रहेगी पूर्ण पाबंदी। बैठक में जिलाधिकारी राहुल कुमार के द्वारा जिले के सभी थाना के थाना अध्यक्ष और ओपी अध्यक्ष के अलावे सीओ को शख्त निर्देश दिया गया कि प्रत्येक शनिवार को थाना परिसर में ही अब जनता दरबार लगाकर जमीनी विवाद के मामलों का आवश्यक रूप से निष्पादन करें,नहीं तो होगी कार्रवाई। 

जिला अधिकारी का मानना है कि जिले में जमीनी विवाद को लेकर ही अधिक अपराधिक मामले सामने देखने को मिल रहे हैं।इसलिए आवश्यक रूप से जमीनी विवाद के मामलों को अब थाना में ही सीओ और थानाध्यक्ष मिलकर अपने क्षेत्र से संबंधित जमीनी विवाद मामलों को सुनकर निपटारा करेंगे। इस मामले की समीक्षा 2 सप्ताह में संबंधित अनुमंडल के एसडीएम और एसडीपीओ मिलकर समीक्षा करेंगे  और उसके बाद मासिक रूप से स्वयं समीक्षा जिलाधिकारी और एसपी मिलकर करेंगे ।डीएम राहुल कुमार ने बताया कि थाना परिसर में  थानाध्यक्ष के द्वारा निपटाए गए 15 सितंबर से लेकर 22 सितंबर के बीच जमीनी विवाद के मामलों का गहण समीक्षा बैठक में किया गया और कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया । इसके अलावे जिलाधिकारी राहुल कुमार ने 15 दिन पहले हीे प्रेम,भाईचारा और आपसी सद्भावना का महान पर्व दुर्गा पूजा से संबंधित विधि व्यवस्था संधारण एवं शांति कायम करने के लिए अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर कई आवश्यक दिशा निर्देश सभी अधिकारियों को दिए । जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा समिति के द्वारा पूजा पंडाल में डीजे और अश्लील गीत बजाने पर पूर्ण रूप से रहेगी पाबंदी।अगर कहीं से इसकी जानकारी मिलती है तो उस पूजा समिति के लोगों के ऊपर होगी कार्रवाई।इस बार दुर्गा पूजा समिति के लोगों को संबंधित एसडीपीओ के यहाँ से नया लाइसेंस दुर्गा पूजा करने के लिए लेना पड़ेगा तथा एसडीएम के यहाँ से लाउडस्पीकर बजाने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा समिति वालों को जिला प्रशासन के द्वारा लाइसेंस देने के पूर्व जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए गाइड लाइन का  पालन सभी दुर्गा पूजा समिति के लोगो को आवश्यक रुप से करना अनिवार्य होगा । दुर्गा पूजा पंडाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अग्निशमन रखना, साथ ही बिजली विभाग से बिजली का कनेक्शन लेना पड़ेगा।

शहर में दुर्गा पूजा को लेकर शहर के अंदर परिवहन प्रवेश तथा गाड़ी पार्किंग के लिए शीघ्र जगह को चिन्हित कर उसी स्थानों पर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग भी व्यवस्था करायी जाएगी।जिलाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि 2 अक्टूबर तक अपने जिला में शहर से लेकर सुदूर देहात तक के गाँव को पूर्ण रूप से ओडीएफ बनाने के लिए जिले के सभी अधिकारी मिलकर दिन रात लगे हुए हैं।फिलहाल 93% लगभग यह जिला ओडीएफ मंगलवार तक हो चुक है। इस बैठक में जिलाधिकारी राहुल कुमार,एसपी आदित्य कुमार,एडीएम ओम प्रकाश प्रसाद के अलावे सभी एसडीएम,एसडीपीओ,सीओ,वीडीओ,सिविल सर्जन,अग्निशमन के पदाधिकारी,जिला शिक्षा पदाधिकारी,उत्पाद अधीक्षक के अलावे सदर अनुमंडल के डीसीएलआर व डीएम के ओएसडी सच्चिदानंद सुमन भी बैठक में उपस्थित थे।

एक अन्य रिपोर्टिंग प्राप्त सूचना के आलोक में:- बीते दिन डिस्टिक कोर्ट के अंदर लोडेड हथियार के साथ पकड़े गए तीन बदमाशों को लेकर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीवान अब्दुल अजीज खां ,डीएम राहुल कुमार और एसपी आदित्य कुमार के साथ कोर्ट परिसर में विधि व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए बैठक कर गहन समीक्षा की गई। इसकी जानकारी देते हुए राहुल कुमार ने बताया की कोर्ट के अंदर प्रवेश करने वाले सभी लोगों पर गेट पर तैनात पुलिस,कर्मी पूर्ण रूप से पैनी नजर रखेंगे,साथ ही शक होने पर उनका गहन जांच करके ही कोर्ट परिसर के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गाड़ी पार्किंग के लिए नगर निगम के अधिकारियों को हमने निर्देश दिया है कि कोर्ट में आने वाले लोगों के गाड़ियों की पार्किंग सुनिश्चित करायें। कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिसकर्मी के द्वारा मेटल डिटेक्टर से जांच करने के बाद ही कोर्ट प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाएगी।यह उय्यरदायित्व उपस्थित डियूटी पर तैनात पुलिसकर्मीयों की होगी। 

सम्पादकीय : लाचार डिप्टी सीएम,बेबस तंत्र

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विजय सिंह ,आर्यावर्त डेस्क, 26 सितम्बर,2018,खरी खोटी कुर्सी चाहिए पर कुर्सी की जिम्मेदारी,कुर्सी की ताकत नहीं मालूम. बिहार उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने गया में सार्वजनिक रूप से बिहार के अपराधियों से हाथ जोड़कर पितृ पक्ष तक अपराध नहीं करने की अपील की है. हद हो गयी .राज्य की जनता को सुरक्षित वातावरण देने की "नैतिक"जिम्मेदारी सँभालने वाला उप मुख्यमंत्री यदि अपराधियों से यह कहे कि १५ दिन अपराध न करो,बाकि तो आप सुनते नहीं हैं , अव्वल दर्जे की बेशर्मी है. इससे ज्यादा घृणित बयान किसी जिम्मेदारी के पद पर बैठे व्यक्ति की और क्या हो सकती है ,जो अपनी जिम्मेदारी तो दूर पद की गरिमा और ताकत भी न जानता हो. कहाँ बिहारवासियों ने इन्हें भविष्य के सुनहरे सपनों के लिए चुना था ,कहाँ यह लाचार उप मुख्यमंत्री अपनी ही दशा पर आंसू बहाने को बेबस दिख रहा है. जाहिर है उप मुख्यमंत्री ने पूरे तंत्र को अपराधियों के समक्ष बेबस कर दिया है.घुटने न सिर्फ  उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने टेके वरन पूरी व्यवस्था को अपराधियों के सामने उन्होंने एड़ी रगड़ने पर मजबूर कर दिया है.इतना मजबूर तो शायद पुलिस का कोई आम सिपाही भी न हो जितना उपमुख्यमंत्री दिख रहे हैं. भाषण देते समय ,अपराधियों से विनती करते समय चेहरे पर "दीनता"स्पष्ट नजर आ रही थी. कुर्सी और वोट बैंक ने ऐसे नेताओं को बेबस बना दिया है. सोचिये आम जन तो आम जन, अपराधियों से लड़ने वाले राज्य के ईमानदार पुलिस सिपाहियों के जज्बात को कितनी ठेस लगी होगी जिन पर अपराध पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी है ,जो विभिन्न परिस्थितियों में अपराधियों से लड़ते है. सुशील मोदी का यह बयान राजनीति में अपराधियों के बढ़ते "प्रभुत्व"का "नायब"उदाहरण कहा जा सकता है. इसे बेशर्मी कहें,लाचारी कहें,कूटनीति कहें,समर्पण कहें,कुंठा कहें, सुशासन कहें या अपराध का राज कहें,यह मैं बिहारवासियों के विवेक पर छोड़ता हूँ.

सलमान खान मेरे असली हीरो : वारिना हुसैन

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मुंबई, 26 सितंबर, अभिनेत्री वारिना हुसैन ने कहा है कि ‘लवयात्री’ से करियर की शुरुआत होना सपना सच होने जैसा है और यह मौका देने के लिए वह सलमान खान की शुक्रगुजार रहेंगी। अफगानिस्तान की वारिना रोमांटिक ड्रामा ‘लवयात्री’ से बॉलीवुड में सफर शुरू करने जा रही हैं। वह नवोदित अभिनेता आयुष शर्मा के साथ नजर आएंगी जो सलमान खान के जीजा है। इस फिल्म के निर्देशन अभिराज मीनावाला हैं।  काबुल में जन्मी वारिना सात साल पहले भारत आई थी और यहां उन्होंने मॉडलिंग शुरु की थी।  ‘लवयात्री’ पांच अक्तूबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी।

राहुल गांधी जीत का सपना देखना बंद करें : अमित शाह

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जयपुर, 26 सितम्बर, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आगामी चुनाव में जीत का सपना देखना बंद करें और अब ऐसी स्थिति आ गई है कि कांग्रेस पार्टी को दूरबीन लेकर ढूंढ़ना पडे़गा। शाह ने बुधवार को धानक्या में बूथ कार्यकार्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी दिन में सपने देखना बंद करें। उनको सपना देखने का अधिकार है, लेकिन पीछे की पृष्ठभूमि तो देखो। 2014 से जब से केन्द्र में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी, उसके बाद जितने भी चुनाव आये हैं, उनका इतिहास उठाकर देखो। महाराष्ट्र, कश्मीर, हरियाणा, झारखंड, असम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, नगालैंड सब जगह कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस पार्टी को दूरबीन लेकर ढूंढ़ना पडे़, देश में ऐसी स्थिति हो गई है। उन्होंने दोहराया कि राजस्थान में भाजपा अंगद का पांव है जिसे कोई हिला नहीं सकता। कांग्रेस के नेतृत्व में न देश सलामत रह सकता है, न राजस्थान सलामत रह सकता है।

शाह ने विश्वास जताया कि पांचों राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा पार्टी जीतने वाली है और 2019 में भी फिर से प्रचंड बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की एक मजबूत सरकार बनने वाली है। उन्होंने राजस्थान में सरकारों के बदलने की परंपरा बदलने का आह्वान करते हुए कहा कि राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की सरकार बनने का खेल बंद करना होगा। राजस्थान पर एक ताना है कि यहां एक बार कांग्रेस की सरकार आती है और एक बार भाजपा की। इस ताने को समाप्त करना होगा और भाजपा को एक बार फिर सत्ता में लाना होगा। उन्होंने कहा कि देश की राह बूथ कार्यकर्ता स्तर से निकलती है। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। शाह ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, ‘'आप हमारे साढे़ चार साल का क्या हिसाब मांग रहे हो, देश की जनता आपकी चार पीढ़ी का हिसाब मांग रही है। आपके जो मैनेजर हैं, वे आपको बताते भी नहीं हैं कि आप हिसाब मांगने की स्थिति में नहीं हो।’’  उन्होंने कहा कि जब केन्द्र और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो तब राजस्थान को केवल एक लाख नौ हजार करोड़ रुपये मिले थे। 2014 में जब यहां वसुंधरा राजे की सरकार बनी और केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी तो राजस्थान को दो लाख 63 हजार 580 करोड़ रुपये मिले। राजस्थान की जनता पर यह उपकार नहीं, यह राजस्थान की जनता का अधिकार है। शाह ने राहुल गांधी से कहा, ‘‘आप हमारा हिसाब किताब बाद में मांगें, तनिक यहां तय तो कर दो कि यहां का सेनापति कौन है, किसके नेतृत्व में प्रदेश का चुनाव लड़ना चाहते हैं।’’ सम्मेलन को वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी ने भी संबोधित किया।  इससे पूर्व शाह ने यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक का उद्धाटन किया।

न्यायालय ने आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया।  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है। संविधान पीठ ने आधार योजना संबंधी कानून और इसे वित्त विधेयक के रूप में पारित कराने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इस मामले में तीन अलग अलग फैसले सुनाये गये। पहला निर्णय संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने न्यायमूर्ति सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला पढ़ा। न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि जितनी जल्दी संभव हो आंकड़ों/सूचनाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत रक्षा प्रणाली विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि आधार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के आरोप संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन पर आधारित हैं, जिनके कारण राष्ट्र शासकीय निगरानी वाले राज्य में बदल जायेगा। न्यायालय ने कहा कि आधार के लिए यूआईडीएआई ने न्यूनतम जनांकीकीय और बायोमिट्रिक आंकड़े एकत्र किये हैं। साथ ही आधार योजना के सत्यापन के लिए पर्याप्त रक्षा प्रणाली है। पीठ ने कहा कि आधार समाज के वंचित तबके को सशक्त बनाता है और उन्हें पहचान देता है। पीठ ने निजी कंपनियों को आधार के आंकड़े एकत्र करने की अनुमति देने वाले आधार कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि सीबीएसई, नीट, यूजीसी आधार को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं और स्कूलों में दाखिले के लिए भी यह अनिवार्य नहीं है। पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अवैध आव्रजकों को आधार नंबर नहीं दे। न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, किसी भी बच्चे को आधार नंबर नहीं होने के कारण लाभ/सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने लोकसभा में आधार विधेयक को धन वियेयक के रूप में पारित करने को बरकरार रखा और कहा कि आधार कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन करता हो। इस निर्णय के अनुसार आधार कार्ड/नंबर को बैंक खाते से लिंक/जोड़ना अनिवार्य नहीं है। इसी तरह टेलीकॉम सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं को अपने फोन से आधार नंबर को लिंक कराने के लिये नहीं कह सकते। पीठ ने कहा कि आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार अनिवार्य है। संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति धनन्जय चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल थे और इस दोनों न्यायाधीशों ने अपने फैसले अलग-अलग लिखे हैं।

आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर पीटा

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मुंबई, 26 सितंबर,  महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में चार लोगों द्वारा 35 वर्षीय एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर उसे और उसके पति को पीटने की घटना सामने आयी है। दंपति की बकरियां इन चारों में से एक के खेत में घुस गई थी। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना 12 सितंबर को भानगांव में हुई। मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। घटना की वीडियो, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें चार लोग पारधी समुदाय की महिला और उसके पति को डंडे से पीटते नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंपति और उनके बच्चे बकरियों को चरा रहे थे जब वह आरोपियों में से एक जयसिंह वागस्कर के खेत में घुस गईं। जयसिंह वागस्कर मराठा समुदाय से ताल्लुक रखता है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर अधिकारी ने बताया कि गुस्साए वागस्कर ने अपने दो रिश्तेदारों और एक साथी के साथ परिवार को पकड़ लिया और कथित तौर पर महिला को उसके पति और बच्चों के सामने निर्वस्त्र किया। इसके बाद अरोपियों ने दंपति को डंडे से पीटा। दंपति की पिटाई के दौरान आरोपियों ने महिला को गलत तरीके से छुआ भी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने दंपति को जाति संबंधी ताने भी मारे। उन्होंने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल फोन पर घटना रिकार्ड कर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया था। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर 14 सितंबर को आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 354, 324,504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 26 सितंबर

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कलेक्टर ने किया पीठासीन अधिकारियों के प्रशिक्षण का निरीक्षण

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कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा जिले की बुधनी तहसील के उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पीठासीन अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री पिथोड़े द्वारा पीठासीन अधिकारियों को ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपेट मशीन के संबंध में दिशा निर्देश दिये।

आज निकलेगी मतदाता जागरुकता रैली
  • “सेल्फी विद वोटर“ कार्यक्रम के द्वारा किया जायेगा मतदाताओं को जागरूक

मतदाता जागरूगकता अभियान के अंतर्गत सभी वर्गो के मतदाताओं को समावेशी, सुगम, विश्वसनीय एवं नैतिक मतदान के लिये प्रेरित करने हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा आगामी सप्ताह में विभिन्न कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया गया है। मतदाता जागरूकता अभियान के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के "आईकन" (माडल) मतदाताओं को जागरुक करने के लिये आज प्रात: 10 बजे आवासीय खेलकूद संस्थान से रैली निकालेंगे, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुये बाल विहार मैदान पहुंचेगी। जहां पर रैली में उपस्थित सभी लोगों को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा मतदान करने की शपथ दिलाई जायेगी। जारी कार्यक्रम के अनुसार जिले के प्रत्येक स्कूल एवं कॉलेज में केम्पस एम्वेसेडर नियुक्त किये जायेंगे जो 27 सिंतबर को मतदाताओं के बीच जाकर सेल्फी विद वोटर कार्यक्रम के द्वारा मतदाताओं  के साथ फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। 01 अक्टूबर को अंतर राष्ट्रीय वृद्वजन दिवस के अवसर पर जिले की सभी जनपद पंचायतों में वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान कर अधिक से अधिक मतदान हेतु प्रेरित किया जायेगा। 02 अक्टूबर गांधी जयंति पर शराब बंदी एवं मतदान विषय पर वॉल पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। वॉल पेंटिग प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक नागरिक आवासीय विद्यालय सीहोर में अपना नामांकन करा सकते है। 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत मनाया जन्मदिवस

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बालिकाओं को जन्म लेने, शिक्षा लेने, सुरक्षित रहने, और जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अधिकार मिले इसी उद्देश्य के साथ भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना देश के समस्त जिलों में लागू की गई है। बेटी बचाओं बेटी पढाओं शिशु लिंगानुपात (सीएसआर) सुधार के लिये एक महत्वपूर्ण पहल है। 

एक अपराधी जिला बदर

जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा एक आदतन अपराधी को छह माह के लिए तत्काल प्रभाव से जिला बदर कर दिया है कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन से पूर्णत: संतुष्ट होकर मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 के अन्तर्गत शेरा उर्फ शेरसिंह पिता भगवत सिंह भील निवासी काहिरी जदीद हाल मुकाम शुगर फैक्ट्री चौराहा थाना कोतवाली जिला सीहोर को छह माह के लिए सीहोर एवं सीमावर्ती जिले भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास, शाजापुर एवं राजगढ़ जिलों की राजस्व सीमाओं से निष्कासित किया है।

एमपी ऑनलाईन द्वारा संचालित स्वरोजगार योजना अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम

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कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार बैंक ऑफ इंडिया आरसेटी प्रशिक्षण कक्ष में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के संचालन में एमपी ऑनलाईन प्रक्रिया के संबंध में जिले के बैंक एवं जिला समन्वयकों, बैंक शाखा प्रबंधकों, बैंक प्रतिनिधियों को पंकज मिश्रा द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र ने बताया कि एमपी ऑनलाईन द्वारा संचालित स्वरोजगार योजना अन्तर्गत आवेदन प्राप्ति से लेकर बैंक प्रेषित करने के लिये टीएफसी के निर्णय अनुसार तथा बैंक द्वारा ऋण वितरण, मार्जिनमनी क्लेम करने, ब्याज अनुदान क्लेम करने सहित अन्य क्लेम करने के बारे में बैंकर्स के प्रश्नों तथा समस्याओं को प्राजेक्टर के माध्यम से अवगत कराया जाकर निराकरण किया गया। प्रशिक्षण के दौरान महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्री राजेश अग्रवाल द्वारा सभी बैंक शाखा प्रबंधकों से अपील की गई कि वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक सभी स्वीकृत, वितरित प्रकरणों में मार्जिनमनी अनुदान एवं ब्याज अनुदान नोडल बैंक से आवश्यक रूप से क्लेम प्राप्त कर हितग्राहियों के ऋण खाते में समायोजन करना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडसांईड बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक आदि बैंकर्स एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन 1 अक्टूबर को

सामाजिक न्या एवं नि:शक्तजन कल्याण उप संचालक सीहोर ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 1 अक्टूबर 2018 को जनपद पंचायत सीहोर के सभाकक्ष में किया जायेगा। जनपद पंचायत सीहोर तथा नगरपालिका के वृद्धजन जिनकी आयु 100 वर्ष से अधिक है कार्यक्रम के दौरान शतायु सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। 

2 अक्टूबर से “मद्य निषेध सप्ताह”

गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर “मद्य निषेध सप्ताह“ के रूप में मनाया जाएगा। सप्ताह के दौरान वृहद जनजागृति कार्यक्रमों का निर्धारण किया जाकर जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक इस दिवस का आयोजन कर शहरी एवं ग्रामीण जनता को मद्यपान एवं मादक पदार्थों के सेवन की बुराईयों से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे नशा सेवन करना छोड़ सकें तथा अपने क्षेत्र में नशाबंदी के पक्ष में वातावरण निर्मित कर सकें। सेमीनार, वर्कशाप, रैली, प्रदर्शनी, वाद-विवाद, निबंध, पोस्टर प्रतियोगिताएं एवं नाटक, गीत, नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सभाएं आयोजित कर जन-जन को नशामुक्ति हेतु प्रेरित किया जाएगा।

जब किसानों ने भाजपा नेता को गिनाई योजनाएं , जीवन बदलने की सुनाई दास्तान 

  • विधानसभा में आपका सेवक आपके द्वार यात्रा की मची है धूम 

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सीहोर। विधानसभा क्षेत्र के नाईहेड़ी गांव में किसानोंं ने भाजपा नेता सन्नी महाजन को प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित जनहितैशी योजनाएं गिना दी। यही नहीं विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों ने जीवन बदल ने की दास्तान भी श्री महाजन को सुनाई। जनता को प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है यहीं कारण है की भाजपा नेता सन्नी महाजन को गांवों में व्यापक समर्थन मिल रहा है। जनसंवाद यात्रा सनखेड़ा, बदर कासमी, दौलतपुरा पहुची जहाँ पर श्री महाजन के द्वारा किसानों से मुलाकात की गई। किसानों ने श्री महाजन का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। किसानों ने महाजन को प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं से अवगत कराया। किसानों ने श्री महाजन को स्थानीय समस्याएं भी बताई। भाजपा नेता महाजन ने किसानों को समस्याओं के शीघ्र निराकरण कराने का आश्वासन दिया। जनसंवाद यात्रा में सेवा यादव, राजेश राय, आशोक गोतम,  विनोद यादव, दिनेश  चावड़ा, लोकेश सोनी, सुधीर सोनी, देवेन्द्र सेंगर,, कमलेश महेश्वरी, नीतिन उपाध्याय, रवि यादव, नीरज परमार, जहीद खान, अजहर मसूंरी, अशोक मेवाडा, विक्की भावसार, सन्नी यादव, संजय यादव, संजय मेवाडा, राहुल खरे, सागर सोनी, जीतू मालवीय,जालम सिंह गुर्जर वाबूलाल मेवाडा,मुकेश मेवाडा,पप्पू मेवाडा,देवेन्द्र मेवाडा, धर्मेन्द्र नामदेव, अनिल गुप्ता, गुलाब मेवाडा, विनोद मेवाडा, रोहित शर्मा, हेमसिंह मेवाडा, विनोद मालवीय, धर्मेन्द्र वर्मा, सुरेन्द्र मेवाडा, प्रमोद मेवाडा, सोहन वर्मा, अर्जुन मेवाडा, सुरेश भारती, शेलू यादव, अभिलाश शर्मा, दीपक राठौर, दीपक नामदेव, धर्मेन्द्र परमार, धर्मेन्द्र नामदेव,प्रमोद खत्री, सन्नी गौतम, सुमीत भावसार, लऊ चावड़ा, राजा गौतम, नाना खत्री सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।

पत्रकार 29 सितंबर तक जमा कर सकते हैं प्राधिकार पत्र व फोटो 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी परिपत्रानुसार आगामी विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए पत्रकार, मीडियाकर्मी प्राधिकार पत्र व चार पासपोर्ट फोटो (अंतिम तिथि) 29 सितंबर 2018 शाम 5:00 बजे तक जिला जनसंपर्क कार्यालय में जमा कर सकते हैं।

सीएम की घोषणा को पलीता लगा रहे है अफसर बेलदार समाज के लोगों से मांगा जा रहा है रिकार्ड 
सौ से अधिक फार्म एसडीएम कार्यालय में अटके जिले का पूरा बेलदार समाज है प्रशासन से नाराज 
सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेलदार महापंचायत में बेलदार समाज के लोगों को तत्काल जाति प्रमाण पत्र तैयार कर देने की घोषणा कर अफसरों को निर्देश दिए थे लेकिन जिले के अफसर सीएम के निर्देश मानने को तैयार नहीं है। खामियाजा बेलदार समाज को भुगतना पड़ रहा है। बेलदार समाज के लोग बीते दो माह से जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे है। एसडीएम कार्यालय में सौ से अधिक जाति प्रमाण पत्रों से संबंधित फार्मो की अनदेखी की जा रहीं है। इधर जाति संबंधि प्रमाण पत्र नहीं होने से बेलदार समाज के बच्चों को स्कूलों कालेजों में छत्रवृति नहीं मिल रहीं है। अनेक शासकीय योजनाओं से भी जाति प्रमाण नहीं होने से समाज के परिवार वंचित है। लुनिया मोहल्ले में निवासरत संजय बेलदार ने बताया की मजदूरी छोड़कर जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे है। बेलदार बबलू ने बताया की सीएम के द्वारा 24 जुलाई को  मुख्यमंत्री निवास प्रांगण भोपाल में आयोजित महा सम्मेलन में कहा गया था की बेलदार समाज को जाति प्रमाण पत्र के लिए 1950 के रिकार्ड की जरूरत नहीं है। शिविर लगाकर जाति प्रमाण बेलदार समाज को बनाकर दिए जाएंगे लेकिन अफसर सीएम की घोषणा के विपरीत कार्य कर रहे है। जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से जिले का बेलदार समाज हैरान परेशान है। इधर अफसरोंं की मनमानी के कारण सीएम की छबि पर भी असर हो रहा है। बेलदार समाज के राहुल, मीरा बाई, सोहन बेलदार, अभय बेलदार, विनोद कौशल, बच्चन कौशल, राजू बेलदार, चंद्र प्रकाश बेलदार, जितेंद्र बेलदार, प्रेमनारायण बेलदार, ज्ञान सिंह, अनार सिंह  सहित अन्य समाजजनों ने प्रशासन से जाति प्रमाण पत्र देने और सीएम की घोषणा को पूरा करने की मांग की है। 

बेगूसराय : तीन दिवसीय उपवास के साथ होगा जितिया महाव्रत का अनुष्ठान।

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नहाए खाए के साथ 01 अक्टूबर से तीन दिवसीय जितिया का पर्व होगा शुरू।
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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य),जितिया का पर्व की शुरुआत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के नहाए खाए के साथ नौवी तिथि के पारण तक होती है। अगले माह मंगलवार यानी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि अष्टमी 02 अक्टूबर को महिलाएं वंश वृद्धि और सन्तानों की लम्बी आयु के लिए जितिया व्रत रखेंगे।सनातन धर्म मानने वालों में इस पर्व का बड़ा महत्व है।व्रत के दौरान व्रती महिलाएं 24 घंटे तक अन्न - जल ग्रहण नहीं करेंगी।व्रत का पारण 03 अक्टूबर नौवी तिथि को करेंगी। 02 अक्टूबर यानी मंगलवार दिन अष्टमी तिथि को जितिया व्रती महिलाएं दिनभर भूखी रहकर कुश के जीमूत वाहन व मिट्टी गोबर से सियारिन व चुल्होरिन की प्रतिमा बनाकर जीमूतवाहन की पूजा करेंगी। फल फूल और नैवेद्य चढ़ाए जाएंगे।इसके बाद सभी व्रती महिलाएं एक साथ एकत्रित होकर  जिमूतवाहन की कथा सुनेंगे।बुधवार यानी 03 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद महिलायें पारण कर व्रत को समाप्त करेंगी।

जितिया पर्व में स्नान भोजन की विशेषता:-
इस पर्व में मछली व मरुआ की रोटी खाने की परंपरा पूर्व से ही चलती आ रही है। जितिया व्रत की मान्यताओं के अनुसार सप्तमी तिथि यानी 01 अक्टूबर को महाव्रत से एक दिन पहले सभी व्रती महिलाओं के द्वारा मरुआ की रोटी और नोनी की साग खाने की परंपरा है।ऐसा कहा जाता है कि मरुआ का फसल और नोनी का साग ऊसर बाली जमीन पर अक्सर अधिकाधिक ऊपजती है। आशय यह है कि उनके सन्तानों के जीवन में आई विपरीत परिस्थिति में भी रक्षा होती रहेती है।जबकि मिथिलांचल के इलाके में मरुआ की रोटी के साथ मछली खाने की विशेष परंपरा रही है।जो शाकाहारी महिलाएं व्रती होती हैं।वह मछली की जगह मरुआ की रोटी और नोनी का साग उपयोग में लाती हैं।इस बार पितर पूजा से होगी व्रत की शुरुआत। पितृपक्ष में शुरू होने के कारण इसवार 01 अक्टूबर को स्नान भजन के साथ इस पर्व की शुरुआत होगी।चूँकि इस बार जितिया का पर्व पितृ पक्ष में पड़ रहा है।इसलिए सभी व्रती महिलाएं स्नान करने के बाद अपने अपने पितरों की पूजा कर व्रत का संकल्प लेंगी।व्रति स्नान करने के बाद भोजन ग्रहण करेंगी और पितरों की पूजा करेंगे। पितरों को चूड़ा अर्पित करने की परंपरा रही है।कहीं -कहीं चुरा दही दोनों अर्पित किया जाता है।

दुमका : हार्डकोर माओवादी सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर दा व सनातन बास्की उर्फ ताला दा को फाँसी

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पाकुड़ एस पी अमरजीत बलिहार व 5 पुलिसकर्मियों की घात लगाकर हत्या के मामले में चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुमका तौफीकुल हसन की विशेष अदालत ने दी सजा। 
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) पाकुड़ एस पी अमरजीत बलिहार सहित कुल 6 पुलिस कर्मियों की घात लगाकर की गई हत्या के एक मामले में चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुमका तौफीकुल हसन की विशेष अदालत ने दिन बुधवार को सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर दा व सनातन बास्की उर्फ ताला दा को फांसी की सजा सुनाई। चाक-चैबंद सुरक्षा-व्यवस्था व पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी में सुबह से ही दुमका सिविल कोर्ट परिसर व आजू-बाजू लोगों का हूजूम साफ देखा जा सकता था। कोर्ट परिसर में मुकदमा लड़ने वाले मुवक्क्लिों को कतारबद्ध अन्दर प्रवेश करने की इजाजत दी गई थी। मालूम हो, 02 जुलाई 2013 को डीआईजी दुमका प्रक्षेत्र, प्रिया दूबे की मीटिंग से वापस पाकुड़ लौट रहे एस पी  अमरजीत बलिहार व  5 अन्य पुलिस कर्मियों की हत्या दुमका-पाकुड़ मार्ग पर दुमका से तकरीबन 25-27 किमी की दूरी पर काठीकुण्ड थानान्तर्गत जमुनिया पुल के समीप कर दी गई थी। भादवि की धारा 307, 396, 302 व आम्र्स एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई। इस घटना को जघन्य अपराध बताते हुए अदालत ने कहा कि एक आईपीएस व 5 पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल अभियुक्तों को बाहर छोड़ना समाज के लिए घातक है। अन्य मामलों में अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा व अर्थदंड की सजा मुकर्रर की।  इस कांड में बतौर अभियुक्त गिरफ्तार अन्य 5 आरोपियो को अदालत ने  6 सितंबर को ही साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। पाकुड़ एस पी अमरजीत बलिहार व 5 पुलिस कर्मियों की हत्या से संबंधि तमामले में तकरीबन 31 गवाहों का बयान लिया गया था। भादवि की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 379, 302, 427, 27 शस्त्र अधिनियम व 17 सीएलए के तहत सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर दा, व सनातन वास्की उर्फ ताला दा, दाउद, जोसेफ व 25 से 30 अज्ञात के खिलाफ कांड सं. 55/13 के तहत काठीकुंड थाने में मामला दर्ज था। सात अभियुक्तों का ट्रायल चलाया गया जिनमें सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर दा, वकील हेम्ब्रम, मारबेल मुर्मू,-1, मारबेल मुर्मू-2, सत्तन बेसरा, सनातन बास्की उर्फ ताला दा शामिल हैं। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजा खान व  के एन गोस्वामी ने अदालत से फाँसी की सजा प्राप्त अभियुक्तों के समर्थन में न्यूनतम सजा का दरख्वास्त किया था। अभियोजन की ओर से इस कांड को रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर बतलाया गया।  अभियोजन पक्ष ने फाँसी की सजा को न्यायोचित बताया। जब एक आइपीएस अधिकारी की हत्या हो सकती है तो फिर आम आदमी की सुरक्षा कैसे होगी ? अदालत ने इसे गंभीरता से लिया। पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार के काफिले पर घात लगाये नक्सलियों ने ए के 47, इंसास रायफल व ए एस एल आर से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी परिणामस्वरुप एसपी अमरजीत बलिहार के अलावे 5 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। हार्डकोर माओवादी के नक्सली हमले में शहीद पुलिस जवान मनोज हेम्ब्रम (गुहियाजोरी, दुमका) राजीव कुमार शर्मा व संतोष मंडल (साहेबगंज) अशोक कुमार श्रीवास्तव (बक्सर बिहार) व चंदन थापा (कटिहार, बिहार) के रहने वाले थे। एसपी सहित कुल 6 जवानों की हत्या के बाद नक्सली  दो ए के 47 रायफल, चार इंसास रायफल, दो पिस्टल व  647 कारतूस भी लूटकर अपने साथ ले गए थे। वर्ष 2003 बैच के आइपीएस अधिकारी अमरजीत बलिहार झारखंड आम्र्ड पुलिस के कमांडेंट रह चुके थे। नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़े-बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक संपन्न करने वाले एस पी हार्डकोर माओवादियों के टारगेट लिस्ट में थे। पाकुड़ में उनकी पोसिं्टग के बाद नक्सलियों ने उनकी हत्या के लिये जाल बिछाना शुरु कर दिया था। 14 अक्‍टूबर 1960 को जन्‍मे अमरजीत बलिहार ने वर्ष 1983 में एमए की डिग्री हासिल की थी। वर्ष 1986 में  बीपीएससी का इंतहान पास किया था। स्व0 बलिहार की पहली पोस्टिंग बतौर डीएसपी जहानाबाद में हुई थी। मुंगेर, खूंटी, जहानाबाद, पटना, राजगीर, हवेली खडग़पुर, लातेहार, चक्रधरपुर व रांची में स्व0 बलिहार ने काम किया। बाद में जैप-1 में स्व0 बलिहार डिप्टी कमांडेंट बनाए गए। मई 2013 में स्व. बलिहार को पाकुड़ का एसपी बनाया गया। चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुमका की अदालत के फैसले से क्षुब्ध सुखलाल मुर्मू उर्फ प्रवीर की पत्नी नमिता राय ने हाइकोर्ट, रांची  जाने की बात कही। नमिता ने कहा न्यायालय पर उसे पूर्ण विश्वास था, इस फैसले के बाद उसका विश्वास टूट गया। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 26 सितंबर

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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा  सुनवाई 28 को

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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा जिला स्तर पर की जा रही मानव अधिकार हनन से संबंधित मामलों की सुनवाई की श्रृंखला में अगली सुनवाई 28 सितम्बर की सर्किट हाऊस विदिशा में प्रातः 11 बजे से की जायेगी। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन, आयोग के सदस्यद्वय माननीय श्री मनोहर ममतानी एवं श्री सरबजीत सिंह जी 28 सितम्बर को विदिशा के सर्किट हाउस में प्रातः 11 बजे से आयोग से संबंधित प्रकरणों एवं नए आवेदन पत्रों पर सुनवाई करेगें। आयोग अध्यक्ष एवं सदस्यों का प्राप्त दौरा भ्रमण कार्यक्रम अनुसार 8 सितम्बर की सुबह नौ बजे भोपाल से कार द्वारा प्रस्थान कर सुबह 10.30 बजे विदिशा आएंगे और प्रातः 11 बजे से विदिशा के सर्किट हाउस में आयोग से संबंधित प्रकरणें की सुनवाई करेंगे। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण दोपहर तीन बजे विदिशा से भोपाल प्रस्थान करेंगें। 

बेतिया में स्थिति शांतिपूर्ण, ईसाई समुदाय के 11 जगहों पर दंडाधिकारी तैनात

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उच्च  प्रशासकीय अधिकारियों की पैनी नजर स्थिति पर
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बेतिया:संत अलोसियुस मध्य विद्यालय में छत का प्लास्टर गिर जाने के बाद वैभव राज की असामयिक मौत के बाद जिला प्रशासन पूर्णत: मुस्तैद है.उसमें नागरिकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है.वहीं कुछ छुटभैया नेता  अखवारों में नाम छपवाने और फोटू  खिंचवाने के मूड में आ गए हैं. ऐसे लोग द्यड़ियालु आंसू टपकाने पीड़ितों के घर आवाजाही करके       झूठा सांत्वना देने लगे हैं.पीड़ितों से मिलकर बाजार बंद करवाने की कोशिश करने लगे हैं. पब्लिक सब जानती है कि तर्ज पर पब्लिक ने इनके उम्मीदों पर पानी फेर दें रहे है.इसके चलते इनकी राजनीतिक मंशा को जोर का झटका धीरे से लगने लगा है. इन तथाकथित नेताओं के सामने जरूर ही दुकानों का शटर गिरा देते हैं उनके जाते ही   बंद शटर को उठा लेते हैं.

यह खेल दिनभर चलता रहा. इससे साफ दृष्टिगोचर होता है कि उनके बहकावे में लोग पड़ना नहीं चाहते हैं.अमन चाहते हैं तो जिला प्रशासन भी पूर्णत: सचेत है किसी तरह की अप्रिय घटना न हो.इसके आलोक में प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध कर रखा है.बेतिया के प्रत्येक चर्च को सुरक्षा प्रदान कर दी गयी है.  हर वक्त गिरजाघर में मुस्तैद है. यह जरूर है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. केंद्र व राज्य सरकार के कार्यकर्ता प्रयासरत हैं.कुछ डरते भी हैं कि कुछ करने से विश्वभर में गलत मैसेज जाएगा. खैर बाकी स्थिति बेतिया में सामान्य है.आदत से मजबूर लोगों में से कुछ लोगों के द्वारा सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं.वहां पर लोगों को बरगलाकर  सोशल मीडिया में मामले को तूल देने की कोशिश की जा रही है. इस घटना से सभी लोगों को दुख हुआ है मृतक तथा घायलों के साथ सब की हमदर्दी है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार वालों को धीरज दे तथा राजनीति करने वालों के बहकावे में ना आयें. इस बीच जिला प्रशासन ने 11 जगहों को संवेदनशील घोषित कर दंडाधिकारी तैनाथ कर दिया है.यह स्थान है. मुख्य चर्च, बेतिया, संत तेरेसा चर्च, बेतिया,बिशप हाउस, सुप्रिया सिनेमा रोड, बेतिया,माता मरियम का ग्रोटो,हजमा टोला,कमलनाथ नगर,माता मरियम का ग्रोटो,बानुछापर,फकिराना चर्च , बानूछापर,पादरी दुसैया चर्च, बानुछापर, के.आर.स्कूल, बेतिया,चुहड़ी चर्च,चुहड़ी,चनपटिया चर्च , चनपटिया और गहिरी चर्च,नौतन.

बेगूसराय : जिला जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक मंझौल में हुई सम्पन्न।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) कल दिनांक 25।09।2018 को मंझौल 01 पंचायत जनता दल यूनाइटेड कि बैठक बढकुरवा में हुईं जिसकी अध्यक्षता पंचायत अध्यक्ष दशरथ महतो ने किया।बैठक में मुख्य अतिथि पूर्व बिधान पार्षद सह बेगूसराय जिला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष भूमिपाल राय ने कहा कि माननीय बिहार के मुख्यमंत्री सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार अपने कार्यों के प्रति समर्पित हैं और यही कारण है कि बिहार के जनता अपने दिलों में बसायें हुए हैं माननीय मुख्यमंत्री अपने कार्य के प्रति संकल्पित हैं और उनका न्याय के साथ विकास ही मुख्य ऐजेनडा हैं जो सभी धर्मों को समान अधिकार होना चाहिये और उनके (बिहार सरकार)इस पर  कार्य करती रहेगी।बैठक को संबोधित करते हुए चेरिया बरियारपूर प़खंड जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष मो जियाउल्लाह ने कहा कि नीतीश  कुमार जब से बिहार में सत्ता पे काबिज हुए हैं बिहार के रोनक ही बदल दियें हैं।चाहे जो भी क्षेत्र का मामला हो शिक्षा से लेकर स्वास्थ,सड़क,या कोई भी योजना बनायें हैं जो पुरा का पुरा लाभ आम जनता तक पहुंचाने का काम किया है।आज के समय में भी लड़कियों को मुफ्त पी,जी तक का शिक्षा देने का काम नितिश कुमार ने ही किया है।युवाओं को रोज़गार चाहिये इसके लिए कौशल विकास योजना का भी शुभारंभ किया और उससे लाभ लेकर युवा अपना रोजगार पा सके।स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड छात्रों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना चलाये।बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से कहा कि बेगूसराय लोकसभा चुनाव में स्थानीय प्रत्याशी होना चाहिए।बैठक में जिला महासचिव मुकेश राय,बिनीत पासवान,रंजन पासवान,बाबू साहेब, वकील महतो,जागवली महतो,सागर महतो,मकसूद अंसारी,एवं पंचायत कार्यकारिणी के साथ साथ पंचायत सदस्यों की भी उपस्थित गरिमामयी रही।

अलीगढ़ मुठभेड़ कांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग

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अलीगढ़, 26 सितम्बर, अलीगढ़ के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी बृजेन्द्र सिंह ने बुधवार को हरदुआगंज क्षेत्र में पिछले सप्ताह दो ‘इनामी बदमाशों’ के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पिछले गुरुवार को अलीगढ़ में अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों को पुलिस मुठभेड़ के नाम पर मार डाला गया। यह प्रदेश को ‘अव्यवस्थित करने और देश में साम्प्रदायिक धु्रवीकरण करने की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश या सीबीआई से जांच करायी जाए। इस सिलसिले में सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिये। इस मामले से जुड़ी सभी कड़ियों, जिनमें हाल के महीनों में अतरौली के आसपास मंदिरों के तीन पुजारियों समेत छह लोगों की हत्या भी शामिल है, की बारीकी से जांच की जानी चाहिये। मालूम हो कि गत 20 सितम्बर को हरदुआगंज थाना क्षेत्र के मछुआ गांव के पास पुलिस ने मुस्तकीम तथा नौशाद नामक इनामी बदमाशों को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने दावा किया था कि दोनों अपराधियों ने मरने से पहले अपने बयान में इस महीने के शुरू में हुई दो साधुओं की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। दूसरी ओर, मुठभेड़ में मारे गए नौशाद की मां शाहीन का कहना था कि उसका बेटा पेशे से मजदूर था और पुलिस ने नौशाद तथा उसके बहनोई मुस्तकीम को पिछले रविवार को अतरौली क्षेत्र में अनेक तमाशबीनों के सामने जबरन उठा लिया था और मुठभेड़ के नाम पर दोनों को मार डाला। वे दोनों बेकुसूर थे।

न्यायालय ने अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति दी

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर, उच्चतम न्यायालय अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण और उसकी वीडियो रिकार्डिंग के लिये बुधवार को सहमत हो गया और उसने टिप्पणी की, ‘‘कीटाणुओं के नाश के लिये सूरज की रोशनी बेहतरीन है।’’  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वह जनता के अधिकारों में संतुलन बनाने और वादकारियों की गरिमा की रक्षा के लिये शीघ्र ही आवश्यक नियम तैयार करेगी। पीठ ने कहा, ‘‘कीटाणुओं के नाश के लिये सूरज की रोशनी बेहतरीन है।’’  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति खानविलकर ने इस संबंध में एक फैसला सुनाया जबकि न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ ने सहमति व्यक्त करते हुये अलग फैसला सुनाया।  पीठ ने कहा कि अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण ‘‘जनता का जानने का अधिकार’’ पूर होगा और यह न्यायिक कार्यवाही में पहले से अधिक पारदर्शिता लायेगा। शीर्ष अदालत ने न्यायिक कार्यवाही के सीधे प्रसारण और इसकी वीडियो रिकार्डिंग के लिये कानून की छात्रा स्नेहिल त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह तथा गैर सरकारी संगठन ‘सेन्टर फार अकाउण्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेन्ज’ की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। 

डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है आधार :उच्चतम न्यायालय

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि हिंदी शब्द ‘आधार’ का उपयोग अब इसके शब्दकोश वाले अर्थ के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि सभी लोग इसे व्यक्ति की पहचान वाले उस पत्र से पहले जोड़ कर देखते हैं जो एक तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आधार हर घर में पहचान बन गया है और ‘जंगल की आग’ की तरह यह प्रसारित हुआ है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को केंद्र की फ्लैगशिप आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध बताया। न्यायालय ने कहा, ‘‘सर्वश्रेष्ठ होने से अच्छा अनूठा होना है क्योंकि सर्वश्रेष्ठ होने से आप पहले नंबर पर आ जाते हैं लेकिन अनूठे होने से आप इकलौते हो जाते हैं।’’  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि ‘आधार’ को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ‘विशिष्ट पहचान’ कहता है। प्राधिकरण दावा करता है कि यह न केवल किसी व्यक्ति की पहचान का पुख्ता तरीका है बल्कि एक ऐसा उपकरण है जहां कोई व्यक्ति अन्य किसी दस्तावेज के बिना कोई लेनदेन कर सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘आधार पिछले कुछ साल में न केवल भारत में बल्कि अन्य कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सबसे अधिक चर्चा वाला शब्द बन गया है। हिंदी शब्दकोश में मौजूद इस शब्द का महत्व दोयम हो गया है। आज कोई ‘आधार’ शब्द बोलेगा तो उसका अर्थ सुनने वाला इसके शब्दकोश में अंकित अर्थ से नहीं लगाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय ‘आधार’ शब्द का उल्लेख करने से ही कोई व्यक्ति उस कार्ड के बारे में सोचेगा जो किसी को पहचान के लिए दिया जाता है।’’  शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘आधार’ डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतीक बन गया है और उसने आम आदमी के लिए कई रास्ते खोले हैं।

बेगूसराय : स्काउट और गाइड की बैठक में निर्णय, विद्यालयों में चलाया जाएगा प्रशिक्षण शिविर।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) आज दिनांक:-26 सितंबर 2018 को भारत स्काउट और गाइड,बेगूसराय के पदाधिकारियों की बैठक जिला आयुक्त (अध्यक्ष) श्री शशी शेखर राय की अध्यक्षता में वीणा नर्सिंग होम पर आयोजित की गई।बैठक में जिला आयुक्त गाइड वीणा देवी,जिला सचिव रणधीर कुमार,जिला संगठन आयुक्त हरिकांत चौधरी,कोषाध्यक्ष विश्वजीत कुमार,जिला मुख्य प्रशिक्षक मनोज कुमार मिश्रा, प्रशिक्षक अभिनव कुमार राय, हीरालाल यादव, सुमित कुमार, सिकंदर राय,सदस्य रंजू कुमारी,राघवेंद्र कुमार, उज्जवल कुमार,तथा पूनम कुमारी मौजूद थे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की बेगूसराय जिले के मध्य/माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सक्रिय रूप से प्रशिक्षक जाकर बच्चों को स्काउटिंग और गाइडिंग की ट्रेनिंग प्रदान करेंगे विद्यालय के शिक्षकों के लिए बेसिक स्काउट/गाइड तथा एडवांस स्काउट/गाइड की ट्रेनिंग कराने का निर्णय लिया गया। जिला में संगठन आयुक्त गाइड (महिला) तथा योग प्रशिक्षक की नियुक्ति हेतु राज्य कार्यालय से पत्राचार करने का निर्णय लिया गया। बेगूसराय में जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन नवम्बर में कराने का निर्णय लिया गया। जिले के विद्यालयों में बैंड की खरीद हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय के माध्यम से विद्यालय को पत्राचार करने का निर्णय लिया गया। संगठन की मजबूती हेतु बैठक में अनुमंडल संयोजक नियुक्त किए गए हैं इसमें बेगूसराय अनुमंडल उतरी क्षेत्र के राघवेंद्र कुमार,बेगूसराय अनुमंडल दक्षिणी क्षेत्र के उज्जवल कुमार,तेघरा अनुमंडल के ज्योति कुमार, बलिया अनुमंडल के बिश्वजीत कुमार, बखरी अनुमंडल के मोहम्मद जियाउल्लाह रहमानी,तथा मंझौल अनुमंडल के मोहम्मद शाहिद इकबाल प्रमुख हैं।

न्यायालय का तरक्की में आरक्षण पर अपने फैसले को बड़ी पीठ को भेजने से इनकार

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण के बारे में संविधान पीठ का नागराज मामले में 2006 का फैसला सात सदस्यों की संविधान पीठ को भेजने से बुधवार को इंकार कर दिया। नागराज प्रकरण में 2006 के फैसले अनुसूचित जातियों (एससी) एवं अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण देने के लिए शर्तें तय की गई थीं।  न्यायालय ने कहा कि 2006 के फैसले को सात सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही संविधान पीठ ने केंद्र सरकार का यह अनुरोध भी ठुकरा दिया कि एससी/एसटी को आरक्षण दिए जाने में उनकी कुल आबादी पर विचार किया जाए।  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से यह फैसला सुनाया।  पीठ ने यह भी कहा कि एससी-एसटी कर्मचारियों को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारों को एससी-एसटी के पिछड़ेपन पर उनकी संख्या बताने वाला आंकड़ा इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थे। पीठ ने 2006 के अपने फैसले में तय की गई उन दो शर्तों पर टिप्पणी नहीं की जो तरक्की में एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता और प्रशासनिक दक्षता को नकारात्मक तौर पर प्रभावित नहीं करने से जुड़े थे। न्यायालय ने यह फैसला उन याचिकाओं पर सुनाया जिसमें नागराज प्रकरण में संविधान पीठ के 2006 के फैसले को फिर से विचार के लिये सात सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपा जाये। नागराज प्रकरण में संविधान पीठ ने एससी-एसटी कर्मचारियों को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण का लाभ दिए जाने के लिए शर्तें तय की थीं।

इस मामले में केंद्र सहित विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने 30 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  नागराज मामले में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2006 के फैसले कहा था कि एससी-एसटी समुदायों के लोगों को नौकरियों में तरक्की में आरक्षण दिए जाने से पहले राज्य सरकारें एससी-एसटी के पिछड़ेपन पर उनकी संख्या बताने वाले आंकड़े, सरकारी नौकरियों में उनके अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के बारे में तथ्य और समग्र प्रशासनिक दक्षता पर जानकारी मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं।  केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने विभिन्न आधारों पर इस फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। इसमें एक आधार यह था कि एससी-एसटी समुदायों के लोगों को पिछड़ा माना जाता है और जाति को लेकर उनकी स्थिति पर विचार करते हुए उन्हें नौकरियों में तरक्की में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा था कि एम नागराज मामले में एससी-एसटी कर्मचारियों को तरक्की में आरक्षण का लाभ दिए जाने में गैर-जरूरी शर्तें लगाई गई थीं। इसलिए केंद्र ने इस पर फिर से विचार करने के लिए इसे बड़ी पीठ के पास भेजने का अनुरोध किया था। केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने एससी-एसटी कर्मचारियों को तरक्की में आरक्षण दिए जाने के पक्ष में दलीलें देते हुए कहा कि पिछड़ेपन की धारणा उनके पक्ष में है। उन्होंने कहा था कि एससी-एसटी समुदाय लंबे समय से जातिगत भेदभाव का सामना कर रहा है और इस तथ्य के बाद भी जाति का कलंक उनसे जुड़ा हुआ है कि इस समुदाय के कुछ लोग अच्छी स्थिति में पहुंचे हैं। 

‘सरकार से सरकार’ के बीच हुआ था राफेल करार, तब मैं राष्ट्रपति नहीं था: मैक्रों

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संयुक्त राष्ट्र, 26 सितंबर, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था और भारत एवं फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर जब अरबों डॉलर का यह करार हुआ, उस वक्त वह सत्ता में नहीं थे।  संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर एक प्रेस कांफ्रेंस में मैक्रों से पूछा गया था कि क्या भारत सरकार ने किसी वक्त फ्रांस सरकार या फ्रांस की दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी दसाल्ट से कहा था कि उन्हें राफेल करार के लिए भारतीय साझेदार के तौर पर रिलायंस को चुनना है। भारत ने करीब 58,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पिछले साल सितंबर में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौते पर दस्तखत किए थे। इससे करीब डेढ़ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान इस प्रस्ताव की घोषणा की थी। इन विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है।  पिछले साल मई में फ्रांस के राष्ट्रपति बने मैक्रों ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया, ‘‘मैं बहुत साफ-साफ कहूंगा। यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और मैं सिर्फ उस बात की तरफ इशारा करना चाहूंगा जो पिछले दिनों प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने बहुत स्पष्ट तौर पर कही।’’  मैक्रों ने राफेल करार पर विवाद पैदा होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मुझे और कोई टिप्पणी नहीं करनी। मैं उस वक्त पद पर नहीं था और मैं जानता हूं कि हमारे नियम बहुत स्पष्ट हैं।’’  फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और ‘‘यह अनुबंध एक व्यापक ढांचे का हिस्सा है जो भारत एवं फ्रांस के बीच सैन्य एवं रक्षा गठबंधन है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह सिर्फ औद्योगिक संबंध नहीं बल्कि एक रणनीतिक गठबंधन है। मैं बस उस तरफ ध्यान दिलाना चाहूंगा जो पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा है।’’ 

राफेल करार के मुद्दे पर भारत में बड़ा विवाद पैदा हो चुका है। यह विवाद फ्रांस की मीडिया में आई उस खबर के बाद पैदा हुआ जिसमें पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल करार में भारतीय कंपनी का चयन नई दिल्ली के इशारे पर किया गया था।  ओलांद ने ‘मीडियापार्ट’ नाम की एक फ्रांसीसी खबरिया वेबसाइट से कहा था कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल करार में फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट के भारतीय साझेदार के तौर पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव दिया था और इसमें फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।  भारत में विपक्षी पार्टियों ने ओलांद के इस बयान के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा और उस पर करार में भारी अनियमितता करने का आरोप लगाया। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एयरोस्पेस क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं होने के बाद भी रिलायंस डिफेंस को साझेदार चुनकर अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया।  कांग्रेस ने राफेल विमान की दरों सहित करार के कई पहलुओं पर सवाल उठाए हैं। उसने मोदी सरकार पर ‘साठगांठ वाले पूंजीवाद’ को बढ़ावा देने, सरकारी कोषागार को नुकसान पहुंचाने और राष्ट्रहित एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगाए हैं।  मीडिया रिपोर्ट में ओलांद के हवाले से कहा गया था, ‘‘भारत सरकार ने इस सेवा समूह का प्रस्ताव किया था और दसाल्ट ने (अनिल) अंबानी समूह के साथ बातचीत की। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वह वार्ताकार लिया जो हमें दिया गया।’’  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की खरीद का ऐलान किया था। करार पर अंतिम मुहर 23 सितंबर 2016 को लगी थी। फ्रांस सरकार ने कहा है कि वह भारतीय औद्योगिक साझेदारों के चयन में किसी तरह से शामिल नहीं थी। अपने बयान में दसाल्ट एविएशन ने कहा कि 36 राफेल विमानों की आपूर्ति का अनुबंध सरकार से सरकार के बीच हुआ समझौता था। कंपनी ने कहा, ‘‘इसमें एक अलग अनुबंध का प्रावधान है जिसमें दसाल्ट एविएशन ने खरीद के कुल मूल्य की 50 फीसदी राशि भारत में मुआवजा निवेश (ऑफसेट) पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।’’  कंपनी ने यह भी कहा कि रिलायंस के साथ उसकी साझेदारी से फरवरी 2017 में दसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (ड्राल) संयुक्त उपक्रम का गठन हुआ था। 
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