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पश्चिम विहार में राहगीरी डे कार्यक्रम का भव्य आयोजन

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नई दिल्ली। पश्चिम विहार में राहगीरी डे के चेयरमैन लोकेश मुंजाल के निर्देशन में दिल्ली पुलिस एवं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर राहगीरी नामक कार्यक्रम का आयोजन किया।  जिसमें क्षेत्र और दिल्ली के युवाओं,बुजुर्गों और बच्चों ने विभिन्न कार्यकर्मों में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम आयोजक राहगीरी डे के  चेयरमैन समाजसेवी लोकेश मुंजाल के निर्देशन में आयोजित किया गया। इस मौके पर राहगीरी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कार्यक्रम के पुरोधा लोकेश मुंजाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 5000 लोगों ने हिस्सा लिया जिनका एक मकसद था कि लोगों को स्वास्थ्य,रोप स्किपिंग खेल और सांस्कृतिक कला के साथ - साथ आत्मरक्षा और रोड सेफ्टी के बारे में जागरूक करना था। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि आज के कार्यक्रम में डांस धमाल,योगा,जुम्बा डांस एरोबिक्स,रोप स्किपिंग,साइकिलिंग आदि खेलों का आयोजन किया गया।  दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से रोड सेफ्टी,स्थानीय पुलिस के सहयोग से क्षेत्र की निगरानी आदि के बारे में जागरूक किया गया। लोकेश मुंजाल ने बताया कि सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि लोग शाम और दोपहर में व्यस्त होने के कारण  राहगीरी कार्यक्रम में भागीदार नहीं बन पाते, इसलिए यह राहगीरी कार्यक्रम हमने सुबह रखा जब लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं। हमारा मकसद था की इस जागरूकता बढ़ाने वाले राहगीरी कार्यक्रम में लोगों भागीदार बनने का अवसर मिल सके। कार्यक्रम की शुरुआत मधुर संगीत पर एरोविक्स जुंबा एक्सरसाइज से हुई। दर्शकों ने 10 मिनट तक व्यायाम किया। उसके बाद योग प्रशिक्षकों ने आसन व प्रणायाम कराए। उन्होंने इन्हें करने के तरीके भी सिखाए।उसके बाद फिर से एक्सरसाइज कराई गई।इस मौके पर रोप स्किपिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने महासचिव निर्देश शर्मा ने बच्चों और सभी आयु वर्ग के लोगों को रोप स्किपिंग करके कैसे स्वस्थ रहे उसके फायदे गिनवाये और रोप स्किपिंग करवाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर स्थानीय थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार,ट्रैफिक सर्किल इन्स्पेक्टर नरेंद्र कुमार चौहान,योग,जुम्बा,एरोबिक्स,रोप स्किपिंग के खिलाडी एवं स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।  

विशेष : हिंसा के बहाने मोदी बदनाम करने की साजिश?

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इन दिनों आर्थिक आधार पर मजबूत राज्य गुजरात से हजारों लोगों का पलायन हो रहा है। खासकर उत्तर भारतीय बिहार व मध्य प्रदेश के लोगों को मारा-पीटा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि गुजरात के साबरकांठा जिले में रेप का आरोप बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के एक मजदूर पर है। इसी बहाने हिंदी भाषी बिहार, यूपी और एमपी के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल यही है एक दोषी के चक्कर में पूरे उत्तर भारतीयों को क्यों डराया-धमकाया जा रहा है? कहीं गुजरात के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को काशी या यूं कहें यूपी, एमपी व बिहार में बदनाम करने की साजिश तो नहीं? ऐसा इसलिए, क्योंकि मारने-पिटने व धमकाने वाले कोई और नहीं बल्कि मोदी के खाटी विरोधी ठाकोर से सेना के कर्ताधर्ता कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ही है 

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फिरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे कथित हमलों और पलायन को लेकर जंग की सुगबुगाहट काशी में तेज हो गयी है। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत अन्य विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साध रही है। इन दलों के नेता खुलकर कहते फिर रहे है कि जब गुजरात के बेटे को काशी ही नहीं बल्कि पूरा उत्तर भारत अपना मानकर उन्हें पीएम बना दिया तो उसकी सजा काशी समेत पूरे उत्तर भारतीयों को गुजरात में क्यों दी जा रही है। साथ में चेताया भी जा रहा है कि अगर हम उत्तर भारतीयों को गुजरात से बेदखल किया गया तो मोदी को भी काशी या यूं कहें पूरे उत्तर भारत में घुसने नहीं दिया जायेगा। हालांकि विरोधी राजनीतिक दलों के इस एजेंडे का काशी के लोगों पर कोई  फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अब जब लोकसभा चुनाव 2019 सिर पर है तो हर हथकंडे अपनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। हालांकि गुजरात में पीटकर आएं शशी गुप्ता का कहना है कि गुजरात के स्थानीय लोगों के हमलों के डर से फैक्ट्रियों ने काम देने से इनकार कर दिया है। आज हजारों लोग रोजगार छोड़, जान की सुरक्षा के लिए घर वापस लौट रहे हैं। लोगों को महाराष्ट्र और असम में हुए हमलों की याद आ रही है। ठाकोर सेना समेत अन्य स्थानीय संगठन के लोग गैर-गुजरातियों को निशाना बना रहे हैं। पलायन करने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों में हमले का डर है। धमकी दी जा रही है कि ’’सुबह होने से पहले गुजरात छोड़ दो वर्ना मारा जाएगा।’’ इन सब के बीच सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों हमले हो रहे हैं और उन्हें क्यों गुजरात छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है? क्या मोदी को बदनाम करने के लिए गुजरात में हिंसा की आग भड़काई गयी? आखिर कौन लगा रहा है गुजरात माॅडल पर कलंक? गैर गुजरातियों के खिलाफ? राहुल के दुलारे अल्पेश ने क्यों लगाई गुजरात में आग? गुजरात की हिंसा व नफरत की आग पर राहुल मौन क्यों? इसका जवाब जनता जानना चाहती है। 

दरअसल, बिहार में रोजगार के संसाधन नहीं होने की वजह से हजारों लोग गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में जाते हैं। खासकर बाढ़ प्रभावित रहे कोसी क्षेत्र के अलावा मउ, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र आदि जिलों से मजदूरों का पलायन बड़ी संख्या में होता है। ये लोग छोटे-मोटे धंधे, ठेले, माल ढोने, सिक्योरिटी गार्ड और फैक्ट्रियों में काम करके अपना घर चलाते हैं। हालांकि सरकारी महकमों के पास यह पुख्ता जानकारी नहीं है कि कितने लोग हर साल रोजगार के लिए यूपी, बिहार छोड़ते हैं। लेकिन इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बिहार व यूपी से दिल्ली, मुंबई, गुजरात, पंजाब को रवाना होने वाली ट्रेनें फुल रहती है। आर्थिक विकास के नजरिये से कमजोर इन जिलों के मजदूर रोजी-रोटी की मजबूरी में कम पैसों पर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। फैक्ट्रियां भी आसानी से उन्हें रोजगार दे देती है। पंजाब और हरियाणा में फैक्ट्रियों में रोजगार के अलावा फसल की कटाई और बुआई के समय मजदूरों की भारी संख्या में जरूरत पड़ती है। इसके लिए यूपी बिहार से जाने वाले मजदूरों को आसानी से काम मिल जाते हैं। लेकिन समस्या उस समय खड़ी होती है जब स्थानीय लोगों में असुरक्षा का माहौल बनता है। उन्हें अपनी संस्कृति और संसाधन खोने का डर सताने लगता है। स्थानीय लोगों को मुकम्मल रोजगार न मिलने का डर रहता है। और इसे हवा देते हैं स्थानीय संगठन और नेता। सवाल उठता है कि जब संविधान देश के किसी भी कोने में, किसी भी शख्स को जाने, काम करने की इजाजत देता है तो फिर क्यों क्षेत्र के आधार पर उनपर हमले किये जाते हैं? उन्हें काम छोड़कर अपने राज्य की ओर लौटना पड़ता है? भद्दे कमेंट्स सुनने पड़ते हैं? इन सब का एक जवाब है क्षेत्रीय राजनीति। 

यह अलग बात है कि पुलिस दावा कर रही है बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश के लोगों पर हुए हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसा नहीं है कि पहली बार हिंदी भाषी प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले असम और महाराष्ट्र में भी बिहार के लोगों पर हमले हुए। 28 नवंबर को गुजरात के साबरकांठा में नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में बिहार के एक मजदूर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, रेप के आरोप में बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के एक मजदूर को घटना वाले दिन गिरफ्तार किया गया। पीड़ित नाबालिग ठाकोर समुदाय की है। इसी गिरफ्तारी के बाद स्थानीय संगठनों ने बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। कई जगहों पर धमकियां दी गई और हमले किये गए। डर से हजारों लोग गुजरात छोड़ चुके हैं। जबकि इस मामले में उपद्रव करने वालों में पुलिस ने साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और उत्तर भारतीयों को सुरक्षा भी दी है।

इसके बावजूद बिहार-यूपी के लोगों पर हुए हमले को लेकर पूर्व-उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, ’’यूपी, बिहार के लोगों को पीटने वालों गुजरात के लम्पट संघियों समझ लो, प्रधानमंत्री यूपी से चुनाव जीते हैं। मोदी जी, आप देश के प्रधानमंत्री हैं। इस मुद्दे पर आपकी चुप्पी ख़तरनाक है। आपके राज्य के लोग ग़ैर-गुजरातियो को पीटकर भगा रहे है। क्या यही है आपका सबका साथ, सबका विकास?’’ वो भी दिन लोगों को याद है जब 2008 को जब राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और अन्य संगठनों ने महाराष्ट्र खासकर मुंबई में बिहार और यूपी के लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। 19 अक्बटूर 2008 को रेलवे की परीक्षा में शामिल होने आए उत्तर भारतीय छात्रों के साथ एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर मारपीट की और उनके एडमिट कार्ड तक फाड़ डाले थे। हमले में चार छात्रों की मौत हो गई थी। तब एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, “बिहारियों ने मॉरीशस की पथरीली धरती से सोना निकाला और उसे अंग्रेजों के जुल्म से आजाद कराया और यही बिहारी महाराष्ट्र और गुजरात में समृद्धि लाए। 

और अब हालत यह है कि इन्हीं लोगों के साथ बेहरमी का सुलूक किया जा रहा है।“ 90 के दौर में बिहार के लोगों ने पूर्वोत्तर की ओर भी रुख किया। लेकिन वहां भी वे एंटी बिहारी मूवमेंट के शिकार बने। 1979 के बाद असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में बिहार के लोगों के अलावा बांग्लादेशी, बंगाली और मारवाड़ी को निशाना बनाया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़े स्तर पर हुई हिंसा में 2000 और 2003 में बिहार के 200 लोगों की मौत हुई। अग्रवादी संगठन उल्फा ने भी बिहार के लोगों को निशाना बनाया। स्थानीय लोगों में यह दहशत फैलाया गया कि बिहार के लोगों की बढ़ती संख्या की वजह से संस्कृति और भाषा खत्म हो जाएगी। हालिया समय की बात करें तो राजस्थान के कोटा में भी एंटी बिहारी मूवमेंट को हवा देने की कोशिश की गई। कोटा में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए काफी संख्या में बिहार के छात्र रहते हैं। छात्रों के खिलाफ स्थानीय नेताओं ने कहा था, ’’बिहार के छात्र शहर के माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें शहर से निकाला जाना चाहिए।’’ 

बहरहाल, गैर-गुजरातियों पर हमला करने का आरोप ’ठाकोर सेना’ पर है। बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने स्थानीय लोगों को हमले के लिए उकसाया। सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप, फेसबुक का सहारा लेकर गैर-गुजरातियों के खिलाफ स्थानीय लोगों को भड़काया गया। इसका असर गांधीनगर, अहमदाबाद, साबरकांठा, पाटन और मेहसाणा में देखने को मिला। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करते हुए धमकी भरे अंदाज में कहा है कि उन्हें याद रखना चाहिए कि एक दिन उन्हें भी वाराणसी जाना है। ये याद रखना ...वाराणसी के लोगों ने उन्हें गले लगाया और पीएम बनाया था। उनके इस धमकी की गूंज अब बनारस में भी सुनाई देने लगी है। इस पूरे मामले पर अब राजनीति भी हो रही है। बीते एक हफ्ते से गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोगों में इस कदर डर है कि कामगार गुजरात छोड़कर घर लौटने लगे हैं। बिहार, यूपी और एमपी आने वाली ट्रेन और बसें भरी हुई हैं। हर जगह डर और खौफ का माहौल है। सोशल मीडिया पर भी खुले तौर पर उत्तर भारतीयों को गुजरात छोड़ने की धमकी दी जा रही है। जौनपुर निवासी गंगाराम बताते हैं कि, “मैं अहमदाबाद में काम कर रहा हूं। रात को करीब 25 से 30 बाइक सवार लोग आए और मुझे पीटा, गालियां दी। वो नारे लगा रहे थे कि यूपी वालों को मार डालो। मैंने किसी तरह एक दुकान में छिपकर जान बचाई।“ कुबेरनगर में रह रहे रघुदास ने भी उसके साथियों पर हुए हमले का जिक्र करते हुए बताया कि, “पास की बस्तियों से रात के समय गाड़ियों पर कुछ लोग सड़कों पर निकलते हैं और गुजराती में पहचान पूछते हैं। यदि आपने उन्हें हिंदी में जवाब दिया तो पिटाई शुरु कर देते हैं। चांदलोडिया इलाके में भी इसी तरह की घटना कुछ दिन पहले सामने आई थी। यहां 23 वर्षीय ऑटोरिक्शा ड्राइवर केदारनाथ जो मूल रूप से यूपी के सुलतानपुर का रहने वाला है। उसने पुलिस को बताया कि करीब 25 लोगों ने चांदलोडिया पुल पर उस पर हमला कर दिया। उसने बताया कि नारे लगाते हुए भीड़ सब्जी के ठेले पलट रही थी और लोगों पर हमला कर रही थी। जब केदार ने भागने की कोशिश की तो उसे रोका गया, उसके रिक्शे की विंडशील्ड तोड़ दी गई और उसे पीटा गया। 




सुरेश गांधी 

विशेष आलेख : पांच राज्यों में कांग्रेस की ही अग्निपरीक्षा है

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चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखें घोषित कर दीं, लेकिन एक हद तक मिजोरम और राजस्थान को छोड़ दें तो कहीं भी यह साफ नहीं है कि लड़ाई का स्वरूप क्या होगा? फिर भी ये चुनाव केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं, इन्हीं चुनावों के परिणाम से आगामी आम चुनाव की तस्वीर भी काफी-कुछ स्पष्ट होने वाली है। क्योंकि ये चुनाव अगले आम चुनाव का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इन चुनावों को एक तरह से अगले आम चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम इन पांच विधानसभा चुनावों में तीन प्रमुख प्रांत हैं, जिनमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने लगातार पिछले चुनाव जीते हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान 14 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं और छत्तीसगढ़ में डा. रमन सिंह लगातार 2003 से मुख्यमंत्री हैं। इन पांच राज्यों में से सिर्फ मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद बने तेलंगाना में दूसरी बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। मिजोरम में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट की अगुआई वाले मिजोरम डेमोक्रैटिक अलायंस के बीच है जबकि राजस्थान में सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच होनी है। राजस्थान में श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वहां उन्हें कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। 

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनावों को सबसे ज्यादा दिलचस्पी से देखा जाएगा, दोनों ही प्रांतों में भाजपा को कांटे की टक्कर झेलनी पड़ सकती है। छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है जब बीजेपी और कांग्रेस के अलावा कोई तीसरा पक्ष भी मैदान में है। अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस ने बीएसपी से गठबंधन किया है। यह पार्टी पहली बार ही विधानसभा चुनाव का सामना कर रही है, इसलिए इसके वास्तविक प्रभाव के बारे में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। बीएसपी की ताकत यहां सीमित ही है, लेकिन उसकी बातचीत पहले कांग्रेस से चल रही थी। इन दोनों पार्टियों का साथ आना कांग्रेस के लिए झटका तो है, पर यह गठबंधन चुनाव नतीजों को किस हद तक प्रभावित करेगा, इस बारे में फिलहाल अटकलें ही लगाई जा सकती हैं। इन पांचों ही राज्यों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सकती है, लेकिन सशक्त केन्द्रीय नेतृत्व के अभाव में मतदाता कौनसी करवट लेगा, कहा नहीं जा सकता। कांग्रेस भाजपा शासित राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता विरोधी रुझान का फायदा उठाने की पुरजोर कोशिश में है। अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस अगर इन तीनों बड़े राज्यों में कामयाब होती है तो वह भाजपा की अजेय छवि पर गहरा प्रहार होगा। इन तीनों राज्यों में भाजपा को कांग्रेस से गंभीर चुनौती मिलने के आसार दिख रहे हैं। यही वजह है कि इन चुनावों को 2019 के चुनावी महासमर का सेमीफाईनल माना रहा है।

इन पांचों ही राज्यों में अपने अलग-अलग चुनावी मुद्दे हैं लेकिन इन मुद्दों में अब केन्द्रीय मुद्दे भी जगह बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में लोगों की राय अलग-अलग रहती आई है। ऐसा जनता पार्टी की सरकार के समय, इन्दिरा गांधी के शासनकाल में और राजीव गांधी शासनकाल में देखने को मिल चुका है। लेकिन इस बार एक तरफ बिजली, पानी, सड़क, महंगाई, बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों के साथ-साथ रुपए की गिरती कीमत, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, अर्थव्यवस्था की धीमी गति, साम्प्रदायिक-धार्मिकता के मुद्दे भी अहम हो चुके हैं। राज्यस्तरीय घोटालों के मुद्दे भी अहम बन रहे हैं। राजनीतिक दलों की चादर इतनी मैली है कि लोगों ने उसका रंग ही काला मान लिया है। अगर कहीं कोई एक प्रतिशत ईमानदारी दिखती है तो आश्चर्य होता है कि यह कौन है? पर हल्दी की एक गांठ लेकर थोक व्यापार नहीं किया जा सकता है। भ्रष्टाचार, राजनीतिक अपराधीकरण क्यों नहीं सशक्त चुनावी मुद्दे बनते? इस बार के विधानसभा चुनावों में देखने को मिल रहा है कि राजनीतिक दल धार्मिक प्रतीकों का सहारा भी पहले की तुलना में कहीं अधिक लेने लगे हैं। शायद भाजपा को शिकस्त देने के लिये हिन्दुत्व का मुद्दा भी प्रमुखता से उछल रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कभी शिवभक्त, कभी नर्मदा भक्त के रूप में पेश किया जा रहा है। राहुल गांधी राज्यस्तरीय मुद्दों को अपने भाषणों में बहुत कम छूते हैं बल्कि उनका सारा जोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करने का रहता है। एक तरह से ये चुनाव नरेन्द्र मोदी को पछड़ाने की ही सारी जद्दोजहद दिखाई दे रहे हैं। यह विडम्बना ही है कि हर दल एक बड़ी रेखा को मिटाने की बात तो करता है, लेकिन एक बड़ी रेखा खींचने का प्रयास कोई नहीं कर रहा है। 

भाजपा अपनी अजेय छवि को बरकरार रखने के लिए पूरा प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही केंद्रित रखने की योजना बना रहा है। सत्ता विरोधी लहर से निबटने के लिए इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किनारे ही रखा जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस अपनी और अपने अध्यक्ष राहुल गांधी की स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिये हरसंभव प्रयास करती हुई दिख रही है। कांग्रेस के लिये यह अग्निपरीक्षा का दौर है कि वह इन चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती है। अगर कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती है तो अगले लोकसभा चुनावों में महागठबंधन की दिशा तय होगी और तभी नरेन्द्र मोदी रूपी किले को ध्वस्त करने की बात सोची जा सकती है। नरेन्द्र मोदी एक करिश्मा है और वह आज भी बरकरार है, जब तक प्रधानमंत्री की छवि को प्रभावित नहीं किया जाता तब तक भाजपा को हराने की बात सोचना ही नासमझी होगी। अनेक विरोधी आंधियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत छवि पर कोई आंच नहीं आई है बल्कि देशवासी उन पर पूरा भरोसा कर रहे हैं। कांग्रेस के जीतने की स्थिति में राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ेगी और क्षेत्रीय दलों का दबाव कम होगा। लेकिन यह दिवास्वप्न जैसा प्रतीत हो रहा है।

 विपक्ष के गठबंधन में कांग्रेस की भागीदारी कितनी होगी, इसका अनुमान भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हो जाएगा। अगर कांग्रेस कमजोर साबित हुई तो उसे क्षेत्रीय दलों के आगे अपनी शर्ते मनवाने में दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को आज जैसा केन्द्रीय नेतृत्व चाहिए, वह उसे नहीं मिल पा रहा है, शायद यही कारण है कि जनता चाहकर भी उसे स्वीकार नहीं कर पा रही है। ‘वंश परंपरा की सत्ता’ से लड़कर मुक्त हुई जनता इतनी जल्दी उसे कैसे भूल सकती है? कुछ मायनों में यह अच्छा है कि राजनीति में वंश की परंपरा का महत्व घटता जा रहा है, अस्वीकार किया जा रहा है। इससे कुछ लोगों को दिक्कत होगी जो परिवार की भूमिका को भुनाना चाहते हैं। लेकिन लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा ही होगा। जनता अब जान गई है कि राजा अब किसी के पेट से नहीं, ‘मतपेटी’ से निकलता है।

 नरेन्द्र मोदी अपने या भाजपा के पक्ष में जिस तरह के तथ्य प्रस्तुत करते हैं, उनका जबाव न कांग्रेस के पास है और न अन्य दलों के पास। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, वे नामदार है, हम कामदार हैं। उनका मकसद एक परिवार का कल्याण है, हमारा लक्ष्य राष्ट्र निर्माण है। बीजेपी विरोधी दलों की कमजोरी पर नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत पर चलती है। यह विश्वास, यह दृढ़ता एवं यह दिशा भाजपा के सामने खड़े किये जा रहे धुंधलकों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। भले ही भारतीय राजनीति का इतिहास रहा है कि आम चुनावों में कोई एक पार्टी जीतकर सत्तारूढ़ हो जाती है लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में विपक्ष की सरकारें बनती रही हैं। इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा, भविष्य के गर्भ में हैं। 



(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
 9811051133

मधुबनी : मतदाता जागरूकता अभियान के हस्ताक्षर अभियान का डीएम ने किया शुभारंभ

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मधुबनी 08,अक्टूबर, जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह-जिला पदाधिकारी,मधुबनी द्वारा स्थानीय नगर भवन,मधुबनी में आयोजित जिला युवा उत्सव समारोह कार्यक्रम में जिला निर्वाचन कार्यालय,मधुबनी द्वारा लोगों में मतदाता जागरूकता लाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ जिला निर्वाचन पदाधिकारी,मधुबनी द्वारा हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों एवं काफी संख्या में गणमान्य लोगों द्वारा हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया गया। तथा सुगम मतदान के संबंध में निर्वाचन कार्यालय के कर्मियों से लोगों द्वारा जानकारी ली गयी। 

मधुबनी : स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार-2018 हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 08,अक्टूबर, जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा सोमवार को शहर स्थित होटल क्लाउड 9,मधुबनी में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार-2018 हेतु जिला स्तरीय कार्यषाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर श्री राम कुमार,जिला षिक्षा पदाधिकारी,मधुबनी, श्री जयप्रकाष रंजन,सहायक अभियंता,बिहार षिक्षा परियोजना, श्री दुर्गानंद प्रसाद यादव,जिला एम.आई.एस.समन्वयक, श्री अमित कुमार, रिंकी कुमार,पी.एच.आई.ए. के प्रतिनिधि एवं सभी प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी तथा बी.आर.सी एवं सी.आर.सी एवं सभी कनीय अभियंता समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी विद्यालयों का स्वच्छ होना आवष्यक है। इस हेतु विभाग द्वारा स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार-2018 कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसमें सभी विद्यालयों का निबंधन किया जायेगा। जिसके बाद जल,षौचालय,साबुन से हाथ धुलाई,संचालन एवं रख-रखाव, व्यवहार परिवत्र्तन और क्षमतावर्द्धन पांचों श्रेणी से संबंधित प्रष्न का जबाब आॅनलाईन सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक देंगे। तत्पष्चात राज्य स्तरीय वाह्य एजेंसी द्वारा विभागीय मानक के अनुरूप गुप्त रूप से विद्यालयों की जांच की जायेगी। आॅनलाईन एवं भौतिक सत्यापन के आधार पर संबंधित विद्यालय को अंक दिया जायेगा। अंक के आधार पर जिला/राज्य एवं देष स्तर पर विद्यालयों का स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार-2018 के लिए चयन किया जायेगा। तत्पष्चात संबंधित विद्यालयों को पुरस्कृत किया जायेगा।

मधुबनी : जिला युवा उत्सव का जिला पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 08,अक्टूबर,: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार तथा जिला प्रषासन,मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय युवा उत्सव 2018 का उद्घाटन श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा सोमवार को नगर भवन,मधुबनी में किया गया। इस अवसर पर श्री अयज कुमार सिंह,उप विकास आयुक्त,मधुबनी, श्री राम कुमार,जिला षिक्षा पदाधिकारी,मधुबनी, श्री रविषंकर,जिला योजना पदाधिकारी,मधुबनी, श्री सुजीत कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी, श्री विकाष कुमार,उप-निर्वाचन पदाधिकारी,मधुबनी, श्री विनोद कुमार पंकज,वरीय उप समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री अरविंद कुमार झा,वरीय उप समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री बुद्धप्रकाष,डी.सी.एल.आर,सदर मधुबनी समेत अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि मधुबनी के भी कलाकार राष्ट्रीय स्तर पर अवष्य पहुंचेंगे। सभी कलाकारों को विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी आवष्यक है। सभी कलाकारों के नियमित अभ्यास करते रहने से सफलता अवष्य मिलेगी। नियमित अभ्यास से संबंधित कला की गुणवत्ता में बेहतर निखार आता है। हर व्यक्ति में क्षमता है। जरूरत है,कड़ी मेहनत और नियमित अभ्यास की। प्रत्येक दिन संबंधित कला के क्षेत्र में 08-10 घंटे मेहनत करने से सफलता अवष्य मिलेंगी। नियमित अभ्यास से ही चैंपियन बनता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मधुबनी से भी कला के विभिन्न आयामों में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर मधुबनी के युवा अपना परचम लहरायेंगे,और मधुबनी का मान बढ़ाऐंगे। कार्यक्रम में युवाओं द्वारा शास़्त्रीय गायन,षास़्त्रीय एकल नृत्य एवं समूह नृत्य,सुगम संगीत,आषु भाषण,वाद्य वादन,फोटीग्राफी प्रतियोगिता एवं पेंटिंग प्रतियोगिता,नाटक लोकगीत एवं लोकनृत्य भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें युवाओं द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन किया गया। सभी विधाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वालें को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भेजा जायेगा। तथा सभी प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालें को जिला प्रषासन के द्वारा प्रषस्ति पत्र दिया जायेगा।

झारखंड की बेटी बिहार में बढ़चढ़ कर कार्य कर रही हैं

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एकता महिला मंच, बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग सम्मानित  
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ग्वालियर:मध्य प्रदेश में है ग्वालियर.यहां से एकता परिषद व सम्मान विचारधाराओं के संगठनों ने जनांदोलन 2018 शुरू किया.इस अवसर पर  केरल से मध्य प्रदेश तक 12 राज्य का 45 दिनों तक महिला भूमि संवाद यात्रा में शामिल होने वाली  चार वीरांगना को ग्वालियर में सम्मानित किया गया.इसमें झारखंडी में जन्म लेने व बिहार में कार्य करने वाली मंजू डूंगडूंग के साथ श्रद्धा कश्यप,कस्तूरी पटेल व शोभा थे. मालूम रहे कि 16 अगस्त को केरल प्रदेश के तिरूवनंतपुरूम से शुरू की गई संवाद यात्रा45 दिनों में 12 राज्यों में संवाद यात्रा कर ग्वालियर पहुंचे थे. एकता महिला मंच,बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग ने कहा कि महिलाओं के किसान एवं भूमि अधिकारों संबंधित समस्याओं को राष्ट्रीय क्षितिज पर लाने का प्रयास है.भारत में हमलोग यानी 75 प्रतिशत महिलाएं कृषि की गतिविधियों में हिस्सेदार हैं.यह उल्लेखनीय है कि भारत में कृषि महिलाओं की सहभागिता के बिना असंभव है.महिलाएं औसतन पुरूषों से लगभग 1500 घंटे सालाना किसानी करने के साथ-साथ पशु पालन,सब्जी की खेती,चारे का संग्रहण एवं घरेलु पोल्ट्री में भी अहम भूमिका निभाती हैं. बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग ने कहा कि महिला किसान भू-यात्रा 16अगस्त को केरल प्रदेश के तिरूवनंतपुरूम से शुरू होगी.12 राज्य यथा केरल,तमिलनाडु ,कनार्टक, आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़,बिहार, उत्तर प्रदेश,राजस्थान व मध्य प्रदेश. संपति में महिलाओं के हिस्सेदारी के लिए.महिलाओं को कृषक का दर्जा दिलाने के लिए.महिलाओं को आवास और वन भूमि का अधिकार मिले.मालिकाना हक के कागजों पर महिलाओं के भी नाम हो.सामुदायिक जमीन पर महिलाओं के उपयोग के लिए उपलब्ध हो.महिलाओं को कृषि एवं अन्य ऋण मिले.मंडी पंचायत एवं उत्पादक संस्थाओं में महिलाओं को सदस्यता मिले.समस्त शासकीय एवं अर्धशासकीय योजनाओं में महिलाओं की समान भागीदारी हो. श्रद्धा कश्यप, मंजू डुंगडुंग,कस्तूरी पटेल,शोभा तिवारी,कोमल आदि यात्रा की वीरांगना हैं और संचालन कर रही हैं. 

बेगूसराय : शराब से लदी ट्रक,बोलेरो और बाइक के साथ 16 हजार नकदी की जब्ती

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)बलिया थाना पुलिसकर्मियों को बीती रात एक बड़ी सफालता मिली।गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने शराब से लदी एक ट्रक को लिया अपने कब्जे में।कब्जे में ली हुई शराब की कीमत लगभग 50 लाख से भी ऊपर आँकी जा रही है।ट्रक से उतारने पर ज्ञात हुआ कि शराब के कार्टूनों की संख्या 372 पाया जिसमें लगभग 3148 लीटर शराब होने की संभावना है।पुलिस गाड़ी को देखतव ही ट्रक ड्राइवर और इससे संलिप्त अपराधी गाड़ी छोड़कर फरार होने में सफल रहा।पुलिस शराब से लदी ट्रक के साथ,एक बोलेरो, दो मोटर बाइक और 16,300 रुपये भी बरामद किया। बलिया थाना रविवार को प्रेस वार्ता में पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए डी एस पी अंजनी कुमार ने बताया कि जिला एस पी अवकाश कुमार के निर्देशानुसार बीती रात मकासुदनपुर थाना क्षेत्र में गुप्त रुप से एक ट्रक में शराब ले जाने की सूचना के आधार पर बलिया थाना इन्स्पेक्टर सुनील कुमार के साथ छापेमारी की कारवाई की गई।साथ में सब इन्स्पेक्टर बिपीन सिंह, ए एस आई मोहम्मद इकबाल खान शामिल थे। उन्होंने कहा कि पुलिस गाड़ी को देखते ही ट्रक,बोलेरो और मोटर बाइक सवार अपनी अपनी गाड़ी छोड़ फरार हो गए।ट्रक का नम्बर UD14/7919 है,बोलेरो गाड़ी नम्बर BR9म/8217 है।जबकि उसी स्थान पर खड़ी दो मोटर बाइक पर से भी दो कार्टून शराब जप्त किया गया है।मोटर बाइक का नम्बर है BR34/3717 बलिया डी एस पी ने बताया कि बरामद शराब कुल 372 कार्टून है।आगे बताया कि सभी तस्कर घटना स्थल से फरार हो तो गया है किन्तु बहुत जल्द उसकी पहचान भी ही जाएगी और वो सलाखों के पीछे होगा।उन्होंने बताया कि ट्रक पर शराब के कार्टून को फ्रिज का खोला एवं कपड़ा का 15-20 बंडल बना कर छुपाया गया था।अंजनी कुमार ने बताया कि इसी मकसुदनपुर दियारा के पुलिया के नीचे से एक ट्रक शराब बरामद किया गया था।जिसमें जिसमे से 186 कार्टून शराब बरामद हुआ था।  अब आगे यह सोचनीय मुद्दा आ खड़ा ही गया है कि जिन जिन स्थानों से शराब ट्रक में लोड पाया जाता है,तो शायद उसी जगह पर आसपास कहीं से शराब आता होगा और अपराधियों का सरगना भी वहीं कहीं आसपास का होगा या फिर वहीं का कोई गरीब भी पैसों के लालच में अपराधियों को साथ देने लग गया हो,हो सकताहै।होने को तो कुछ भी हो सकताआ है मगर पुलिस प्रशासन इसपर क्या कर सकती है ये देखना मायने रखता है।

विशेष आलेख : युवाओं को सचेत करने की जरुरत

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आईपीसी व आईटी एक्ट की सुसंगत धाराओं के दुरुपयोग व सायबर  अपराध के दुष्परिणामों पर 
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सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर जैसे-जैसे हमारी उपस्थिति विश्वस्तर पर महत्वपूर्ण होती जा रही है, हमारा व्यक्तिगत आचरण उतना ही निम्नस्तरीय होता जा रहा है। छोटे-छोटे स्वार्थ की खातिर लोग घर-परिवार, सगे-संबंधी, अपना-पराया भूलते जा रहे हैं। जिसे जहाँ मौका मिल रहा, दूसरों को ठगने, लूटने व उनके शोषण से बाज नहीं आ रहे। कोई संस्कार नहीं। कोई विचार नहीं। कोई सैद्धान्तिक मिजाज नहीं। कहीं कोई अपने ही परिवार को गुमराह कर उन्हें लूट रहा है तो कहीं कोई पड़ोसियों को। गिरोह बनाकर कहीं लोग किसी समाज को लूट रहे तो कहीं-कहीं देश को ही दाव लगाया जा रहा है। कोई मानवता, कोई दार्शनिकता, कोई भाईचारा नहीं। हर एक को ऐश-मौज की जिन्दगी चाहिए। वह भी बिना किसी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक योग्यता के। बस हाथ में दो-एक मोबाइल हो, इसी अनुपात में लैपटॉप, दस-बीस सीम व दो-चार इन्टरनेट का तेजी से काम कर रहे सर्वर वाला स्थान। मात्र दो-चार, दस-बीस हजार की पूँजी में करोड़पति-अरबपति बनने का स्वप्न हर किसी की आँखों पर सहजता से दिखायी दे रहा। खासकर युवाओं में यह दुर्गुण तेजी से फैलता जा रहा है। कम उम्र बच्चे मोबाइल के सहारे एक ही रात में अरबपति बनने का ख्वाब रख रहे हैं। पाई-पाई जोड़कर चाहे कोई अपनी बेटी के व्याह के लिये बैंक में पैसा जमा कर रखा हो या फिर कोई अपने पुत्र-पुत्री, माँ-बाप, सगे-संबंधियों  के असाध्य रोगों के इलाज के लिये। भविष्य में दो जून रोटी के लिये किसी ने बैंक में पैसे जमा कर रखे हों या फिर नौकरी-धंधा, कल-कारखानों के लिये। मजदूरों के भुगतान के लिये कहीं बैंक में पैसा रखा गया हो या फिर बची-खुची पूँजी के सहारे लोग अपनी-अपनी घर-गृहस्थी चलाने के लिये पैसे जमा कर रखे हों। हर कोई आज भयभीत है। पता नहीं कौन, कहाँ और कब सायबर ठगी का शिकार हो जाए। सायबर ठगों से पूरी कायनात भयभीत दिख रही इन दिनों। मोबाइल फोन पर कहीं कोई अपना एटीएम नम्बर देकर ठगा जा रहा है तो कोई आधार कार्ड संख्या देकर। कहीं कोई खाता संख्या देकर ठगा जा रहा है तो कहीं कोई इन चीजों को शेयर किये बिना। बड़ी होशियारी से बैंक का एकाउण्टेंट कहकर कोई किसी को ठग रहा है तो कहीं ग्राहकों से एटीएम हेडक्वार्टर के इम्प्लाई का हवाला देकर ठग रहा। स्थिति काफी विकट होती जा रही है। छोटे-छोटे बच्चे पूरी होशियारी के साथ सायबर अपराध की ओर तेजी से आकर्षित होते जा रहे। किसी का भी जमा रकम किसी दूसरे के खाते में ट्रान्सफर कर उसे उड़ा लिया जा रहा। कई-कई लोग बिना किसी अपराध के पुलिस के हत्थे चढ़ रहे। उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके खाते में पैसे कहाँ से आ रहे। खाते में थोड़ी देर के लिये पैसे तो आते हैं फिर अचानक उसी तरह दूसरे-तीसरे में ट्रान्सफर हो जा रहे पैसे। सायबर ठगों से इतर कई निर्दोष इन दिनों बन रहे बलि का बकरा।

पश्चिमी सिंहभूम (झारखण्ड) के सोनुवा थाना क्षेत्र के ग्राम सोनापोस निवासी काजल (सम्प्रति बावनबीघा, कास्टर टाउन, देवघर में निवास) एक दवा कम्पनी में बतौर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव कार्यरत है। तीन-सवा तीन सौ किमी दूर देवघर में नौकरी कर शांतिपूर्वक वह परिवार का जीविकोपार्जन चला रहा था। उसे क्या पता कि उसके वेतन खाते में जमा सारी जमापूँजी अचानक गायब हो जाऐगी ? अपने बैंक खाते से जब वह रकम निकालने गया तो उसके होश उड़ गए। उसके वेतन खाते से 1, 62, 050 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी। आनन-फानन में पीड़ित मेडिकल रिप्रजेंटेटिव काजल सायबर थाना पहुँच गया। थाने में अवैध रुप से पैसे उड़ाने की लिखित शिकायत उसने दर्ज करायी। पीड़ित ने भी कहा कि अपने एटीएम व पासवर्ड उसने किसी के साथ अब तक शेयर नही किये, बावजूद उसके बैंक खाते से मोटी राशि की अवैध निकासी कर ली गई। पीड़ित का सैलेरी एकाउण्ट एसबीआई चैमियर्स रोड चेन्नई में है। 12 सितम्बर 18 को वह अपने एकाउंट से पैसा निकालने गया। इनसफिसिऐंट बैलेंस उसके खाते में बताया गया। पासबुक अद्यतन कराया तो पता चला 23 अगस्त को चार अलग-अलग मर्तबा उसके खाते से 74, 000 हजार रुपये की निकासी कर ली। दो मर्तबा किसी किशोरी सिंह के एकाउंट से 43, 050 रुपये ट्रांसफर कर लिया गया। 2 सितम्बर 18 को दो मर्तबा 36, 500 रुपये, 5 सितम्बर को 500 रुपये व 10 सितम्बर को 8, 000 हजार रुपये की निकासी कर ली गईं। इसी तरह भागलपुर के सेवानिवृत्त डीईओ फूल बाबू चौधरी की दो बेटियों के खाते से सायबर ठगों ने 10. 28 लाख रुपये उड़ा लिये। 21 अगस्त को जोगसर (भागलपुर) ओपी में सायबर ठगों के विरुद्ध पीड़ित पक्ष ने लिखित शिकायत दर्ज करायी। भागलपुर के एस एस पी आशीष भारती ने सायबर सेल प्रभारी अजीत कुमार व जोगसर थाना प्रभारी राजनंदन कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले के उद्भेदन की जिम्मेवारी सौंपी। भागलपुर व जोगसर थाने की पुलिस ने देवघर व जसीडीह (झारखण्ड) में लगातार छापेमारी कर 3 सायबर ठगों जसीडीह न्यू टेंपों स्टैंड निवासी अगम वर्णवाल (पिता सूर्य नारायण वर्णवाल) बमबम बाबा ब्रहम्चारी पथ, देवघर व साहिबगंज जिलान्तर्गत हाजीपुर भीठा निवासी (सम्प्रति भुरभुरा, देवघर में निवास) दीपक साह (पिता उपेन्द्र प्र0 साह) व सिंटू कुमार वर्णवाल (पिता शंभु वर्णवाल) ग्राम मटिया (लक्ष्मीपुर) जमुई को गिरफतार कर लिया। एस एस पी भागलपुर आशीष भारती ने कहा गिरफतार दीपक का भाई मनीष गिरोह का संचालन करता था। घोरमारा (मोहनपुर) देवघर स्थित अपने ससुराल में ही सायबर ठगी की ट्रेनिंग उसने ली थी। फिर उसने एक गैंग बनाया। गैंग मे उसने सगे भाई दीपक सहित अन्य को शामिल कर लिया। पीड़ित फूल बाबू चौधरी के खाते से उड़ाया गया पैसा देवघर के अलग-अलग बैंकों से निकाला गया था। भागलपुर पुलिस ने अभियुक्तों से 1. 26 लाख रुपया नकद, 5 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 2 बैंक खाता व 2 चेकबुक बरामद किया। झारखण्ड, बिहार, बंगाल, हरियाणा, एमपी, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, राजस्थान व गुजरात के सैकड़ों लोग सायबर ठगी के अब तक शिकार हो चुके हैं।

सायबर ठगी के मामले में कुख्यात जामताड़ा जिला का प्रखण्ड जामताड़ा, नारायणपुर व करमाटांड़ के बाद देवघर जिला का मोहनपुर प्रखण्ड दूसरे पायदान पर आ पहुँचा है। इस प्रखण्ड के दर्जनों गाँव के सैकड़ों युवक सायबर ठगी को अपना मुख्य पेशा बना चुके हैं। बिना किसी प्रशासनिक भय के सायबर ठगी को अंजाम दे रहे इन युवाओं से जिले के लोग तो भयभीत हैं हीं, दूसरे-तीसरे जिलों सहित झारखण्ड के पड़ोसी राज्यों के लोग भी भयभीत नजर आ रहे। सबसे सुरक्षित बैंकों से बिना किसी हुज्जत के जब पैसे उड़ा लिये जाते हों तो फिर लोग अपनी गाढ़ी कमाई रखें तो कहाँ रखें ? मोहनपुर (देवघर) थाना क्षेत्र के घोरमारा, मोरने, जतपुर, बांक, लतासारे, सिमरजोर, बांझी, बसडीहा, सनबदिया, डुमरिया, खरगडीहा, कोठिया जनाकी, बाराकोला, चितरपोका, मोहना, कनाली, बरदेहिया, चकरमा इत्यादि गाँवों में सायबर ठगों ने अपना आशियाना बना लिया है। उपरोक्त तमाम गाँवों में स्थित सायबर ठगों का पता व उनकी संपत्ति से संबंधित जानकारियाँ पुलिस ने जुटा रखी है। मोहनपुर थाना प्रभारी दीपक कुमार के अनुसार सभी सायबर ठगों का प्रोफाईल तैयार किया जा चुका है जिन्हें कभी भी दबोचा जा सकता है। मोहनपुर थाना क्षेत्र के दर्जनों गाँव में तकरीबन चार सौ सायबर ठग इन दिनों कार्य कर रहे हैं। सायबर सेल पुलिस ने धोरमारा के सुरनदेव, कुलील, लालू, विवेक, बांक के कमल शिशोर, जगतपुर के चंदन, लतासरे के कटला, बसडीहा के पिंकल, कोठिया जनाकी के गुड्डू व मंगरु के बारे में जानकारी मांगी है। सायबर ठगी पर लगातार काम कर रहे सायबर थानों के लिये ऐसे अपराधी अबूझ पहेली बनते जा रहे। कहीं-कहीं पुलिस का संरक्षण भी उन्हें प्राप्त हो रहा। कई-कई सायबर ठगां के बारे में पुख्ता जानकारी के बाद भी पुलिस उनके गिरेबां तक नहीं पहुँच पा रही। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को भी आम जनता का कोपभाजन बनना पड़ रहा। सायबर ठगी में शामिल अपराधियों को घर-परिवार, गाँव का सहयोग भी प्राप्त हो रहा। पुलिस भी कहीं-कहीं खुद को असहाय महसूस कर रही। एण्ड्रायड मोबाइल की उपयोगिता के मद्देनजर केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा जहाँ एक ओर विभिन्न संचार-प्रसार माध्यमों से लोगों को जागरुक करने का कार्य किया जा रहा वहीं सायबर ठगां से बचने की पुख्ता जानकारी उन्हें नहीं दी जा रही। मोबाइल के माध्यम से बैंकों द्वारा दिए जा रहे मैसेज में एटीएम पिन कोड, आधार संख्या व पैन कार्ड नम्बर किसी से शेयर न करने के संदेश तो दिये जा रहे किन्तु इस तरह का कोई शिविर नहीं लगाया जा रहा जो गाँव-गाँव तक जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को संदेश दे सके। आई पी सी व आई टी एक्ट की विभिन्न धाराओं के दुरुपयोग व सायबर अपराध के दुष्परिणामों पर युवाओं को सचेत करने की जरुरत है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ ऐसे अपराधों की ओर प्रवृत्त होने से बच सकें।




अमरेन्द्र सुमन

उप्र : रायबरेली में न्यू फरक्का एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 4 मरे

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रायबरेली 10 अक्टूबर, उत्तर प्रदेश के रायबरेली में न्यू फरक्का एक्सप्रेस के इंजन समेत पांच डिब्बे बुधवार को पटरी से उतर गए। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के मालदा से नई दिल्ली आ रही थी। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "न्यू फरक्का एक्सप्रेस के पांच डिब्बे और इंजन सुबह लगभग 6.05 बजे राय बरेली में हरचंदपुर के पास पटरी से उतर गए।" इस घटना में 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पतालों में ले जाया गया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी घटनास्थल का मुआयना करेंगे।

बिहार : कुछ खास प्रस्तुति पेश करने में शांति एकता समिति

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पटना: कुछ खास प्रस्तुति पेश करने में है शांति एकता समिति। इसके द्वारा कुर्जी मोड़ के समीप श्री दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन है।गुड़गांव का शीतला मंदिर का स्वरूप पंडाल निर्माण कर पेश किया जा रहा है। बाहरी दृश्य तो नयना विराम होगा ही वहीं अंदर में केसरी मूर्ति स्टोर के मूर्तिकार चिंटू केसरी भी मूर्तियों को बनाने में कई वर्षों का अनुभव झोंक रहे हैं।कुल मिलाकर शांति एकता समिति ने अंदर व बाहर के दृश्य को यादगार बनाने में  कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राजधानी पटना में दिखेगा गुड़गांव का शीतला मंदिर का दृश्य। जी हो, इस बार आपको हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान जाने की जरूरत नहीं है।आपके लिए शांति एकता समिति ने कुर्जी मोड़ के निकट ही भव्य गुड़गांव का शीतला मंदिर का दर्शन करवाने की व्यवस्था श्री दुर्गा समिति ने कर रखी है। आप सपरिवार आए। सगुना मोड़,दानापुर की एक कम्पनी ने हु-ब-हू मंदिर का स्वरूप देने में लग गया है। कम्पनी के बीरजू राजे, पिंटू राजे,दिलीप राजे, राजन राजे, सीताराम राजे और भीम राजे दस दिनों से मंदिर का स्वरूप देने में लगे हैं।

बेगूसराय : सामान्य शिक्षा प्रणाली को लेकर ए आई एस एफ का राष्ट्रव्यापी मार्च।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं शिक्षा की स्थिति बद से भी बद्दतर होती जा रही है। देश के गरीबों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश कर शिक्षा को निजी हाथों में बेचने की कोशिश में वर्तमान सरकार लगातार सत्ता के इशारे पर देश के विश्वविद्यालयों में अपने गुंडों के द्वारा उपद्रव और अराजकता फैलाया जा रहा है। इसी के खिलाफ में और देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू हो की मांगों को लेकर आज देशभर में हमारा संगठन प्रोटेस्ट कर रहा है। उक्त बातें संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अमीन हमजा ने बेगूसराय जिला परिषद द्वारा निकाले गए राष्ट्रव्यापी "समान शिक्षा प्रणाली"लागू करने की मांग की बातों को रखते हुए मार्च के दौरान छात्रों को संबोधित कर कहा कि सरकार देश को बेहतर शिक्षा देने में पूरी तरह विफल है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के जिला अध्यक्ष सजग सिंह ने कहा कि इस राष्ट्र व्यापी कार्यक्रम के माध्यम से हमारा संगठन येे मांग करता है कि देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू हो,जितने भी सरकारी स्कूल हैं,उन स्कूलों में बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की जाए जिससे गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा पा सके,महाविद्यालययों में विषय कार शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली हो,लगातार निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा पढ़ाई के नाम पर लाखों लाख का छात्रों का दोहन शोषण पर रोक लगे, निजी शिक्षण संस्थानों को बंद कर सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था शुरू किया जाए,के सवालों से हमारा संगठन लगातार लड़ाई लड़ने का काम करेगा।जिला सचिव किशोर कुमार एवं उपाध्यक्ष शंभू देवा ने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत बिहारियों को गुजरात से मार पीट कर भगा देश में अराजकता का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहा है। 2019 के चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार को डर है की छात्र नौजवानों से किए गए वादे में विफल होने के कारण छात्र नौजवान और जनता उसे नकार देगी इस वजह से विभिन्न राज्यों में क्षेत्रवाद की स्थिति पैदा कर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश किया जा रहा है। इससे पहले ए आई एस एफ के छात्रों का क्रांतिकारी जत्था पटेल चौक स्थित जिला कार्यालय से जुलूस की शक्ल में अपने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू करो,राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान-सबको शिक्षा एक समान,कुकुरमुत्ता की तरह फैल गए निजी शिक्षण संस्थानों पर रोक लगाओ,गुजरात में बिहारियों पर हमला क्यों? नरेंद्र मोदी जवाब दो,शिक्षा पर जो खर्चा हो-बजट का दसवां हिस्सा हो।देश में क्षेत्रवाद के नाम पर अराजकता की स्थिति फैलाना नरेंद्र मोदी बंद करो इत्यादि गगनभेदी नारों के साथ मार्केट का भ्रमण करते हुए बजरंग चौक के रास्ते हर हर महादेव चौक पर पहुंचा।हर हर महादेव चौक पर पहुंचते ही छात्रों का जुलूस सभा में तब्दील हो गया। जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सजग सिंह कर रहे थे।मौके पर ताइक्वांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कैसर  रेहान,नगर अध्यक्ष मोहम्मद ताजुद्दीन,उपाध्यक्ष गौरव कुमार एवं सह सचिव शाहरुख, शादाब खुर्शीद, मुकेश कुमार,आरजू खान,विपुल चौधरी,मोहम्मद आदिल,अमन कुमार,सदरे आलम खान, गुलफराज, अभिनव कुमार,रौशन कुमार इत्यादि शामिल थे।

बेगूसराय : विजय कारगिल भवन में हुई बैठक।

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दुर्गा पूजा में लगनेवाले मेले को मद्देनजर रखते हुए शांति पूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए 
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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)आज हो गया कलश स्थापन।अब 17,18 को दुर्गा पूजा में लगने वाला मेला सौहार्दपूर्ण वातावरण में बीते इसको लेकर मुंगेर आयुक्त पंकज कुमार पाल तथा डीआईजी जितेंद्र मिश्रा की अध्य्क्षता में शांति-समिति की बैठक कारगिल भवन में आयोजित की गई।जहाँ पार्टी कार्यकर्ता,समाजसेवी, बुद्धिजीवियों ने अपनी-अपनी बातों को जिला प्रशासन के बीच रखी।वहीं बैठक में दिए गए समय से विलंब होने का हवाला देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह,जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय,लोजपा जिलाध्यक्ष प्रेम पासवान,अनिल अंजान,अशोक कुमार सिंह अमर आदि बैठक से पहले ही चले गए।मौके पर जिलाधिकारी राहुल कुमार, पुलिस कप्तान अवकाश कुमार,ए डी एम ओमप्रकाश प्रसाद,सिविल सर्जन शर्मा,जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव श्रीवास्तव, नगर निगम मेयर उपेंद्र प्रसाद सिंह, नगर आयुक्त अब्दुल हमीद,कांग्रेस जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह,डॉ नलनी रंजन,मोहम्द अहसन,कुमार साहब, दिलीप कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य व्यक्त और बुद्शीजीवी जन उपस्थित थे।

सिंबल को वास्तु सम्मत बनाये बिना नहीं सुधरने वाली रुपये की सेहत

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गुवाहाटी : 10 अक्टूबर :अमेरिकन डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये के तेजी से हो रहे अवमूल्यन से समूचे देश में चिंता का माहौल है तथा रुपये का अवमूल्यन रोकने की दिशा में भारत सरकार की सारी कोशिशें टांय-टांय-फिस्स होती नजर आ रही हैं। रुपये के सिंबल में वास्तु दोष के चलते रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है तथा सिंबल को वास्तु सम्मत बनाये बिना रुपये की सेहत में सुधार की उम्मीद नहीं। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वास्तु विशेषज्ञ राजकुमार झांझरी ने आज गुवाहाटी प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय के विचार व्यक्त किये। मालूम हो कि पूर्वोत्तर में वास्तु के जरिये लोगों का जीवन सुधारने में लगे श्री झांझरी ने अब तक 16,000 परिवारों को नि:शुल्क वास्तु सलाह दी है। गुवाहाटी प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री झांझरी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जब भारत के प्रधानमंत्री थे, तब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह कहकर उन पर कटाक्ष किया करते थे कि गिरता रुपया जल्द ही उनकी उम्र को पार कर जायेगा। लेकिन अब चूंकि नरेन्द्र मोदी खुद भारत के प्रधानमंत्री हैं और रुपया उनकी उम्र 68 साल को पार कर 74 तक पहुंच चुका है, तब उनकी सरकार रुपये का अवमूल्यन रोकने में पूरी तरह व्यर्थ साबित हो चुकी है। दरअसल भारत के राजनीतिक नेता रुपये के साथ गिर रही भारत की साख को बचाने के बजाय एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने के गंदे खेल में ही व्यस्त हैं, जो वाकई चिंता का विषय है। सोचने की बात है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1966 के भारी सूखे, 1975 की आपातस्थिति, 1997 के एशियाई वित्तीय संकट, 2007-08 की वैश्विक वित्तीय मंदी आदि सरीखी गंभीर परिस्थितियों के बावजूद रुपये का इतना अवमूल्यन नहीं हुआ था, जितना आज सामान्य हालातों में हो रहा है। 

श्री झांझरी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 2010 में रुपये का नया प्रतीक जारी करने के बाद से ही रुपये का तेजी से अवमूल्यन हो रहा है। हमने सन् 2012 में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व उनकी सरकार के वित्तमंत्री श्री प्रणब मुखर्जी तथा श्री नरेन्द्र मोदी को भी प्रधानमंत्री बनने के बाद पत्र लिखकर इस बात की चेतावनी दी थी कि रुपये के प्रतीक में वास्तु संबंधी भयंकर दोष है, जो रुपये के अवमूल्यन के साथ ही देश की अर्थनीति को नुकशान पहुँचायेगा, और यह भविष्यवाणी पूरी तरह सत्य साबित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि न तो डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने और न ही श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने रुपये के प्रतीक में वास्तु संबंधी दोष को दूर करने के संदर्भ में कोई कदम उठाया, जिसका परिणाम आज डॉलर की तुलना में रुपया ऐतिहासिक गिरावट के साथ 74 के रेकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है।'

तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए श्री झांझरी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को इस पत्र के जरिये सूचित किया था कि हिंदी के 'रÓ में बीच में एक लाईन डालकर इस प्रकार रुपये का प्रतीक बनाया गया है, जो उसका गला काटता प्रतीत होता है। वास्तु के नजरिये से यह भयंकर दोष है क्योंकि वास्तु के अनुसार घर के उत्तर-पूर्व के कोने में वास्तु पुरुष का सिर होता है। कोई भी व्यक्ति अगर उत्तर-पूर्व को काटकर गृह निर्माण करता है तो वास्तु उस परिवार को तबाह कर देता है। रुपये के नये प्रतीक में भी 'रÓ का गला काट दिया गया है, जो उसके पतन का संकेत देता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार और बात-बात में वास्तु की महिमा का बखान करने वाले वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी रुपये के प्रतीक में संशोधन हेतु कोई कदम नहीं उठाया, जिसका परिणाम रोज गिर रहा रुपया आज 74 के आंकड़े को पार कर चुका है।

उल्लेखनीय है कि 2012 में जब श्री झांझरी ने डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था, तब डॉलर के मुकाबले रुपया 44 के स्तर पर था, जो विगत सिर्फ 6 सालों में 30 रुपया गिरकर 74 तक पहुंच चुका है। देश की आजादी के बाद रुपये के प्रतीक को जारी करने के पूर्व 65 सालों में सिर्फ 44 रुपये ही गिरा था, जबकि रुपये के प्रतीक को लागू करने के बाद से सिर्फ 8 सालों में 30 रुपये गिर चुका है। सोचने की बात है कि जबकि देश में युद्ध, आतंकवाद, दंगे-फसाद अथवा किसी प्रकार की भयंकर प्राकृृतिक आपदा भी नहीं है, जिसके चलते रुपये का इतना भारी अवमूल्यन हो। ऐसे में सरकार को तत्काल रुपये के प्रतीक में वास्तु सम्मत सुधार करने हेतु गंभीरतापूर्वक कदम उठाने होंगे, वर्ना डॉ. मनमोहन सिंह तथा श्री नरेन्द्र मोदी की उम्र पार कर चुका रुपया 'सेंचुरी'भी मार जाये तो कोई बड़ी बात नहीं।

बेगूसराय : कामना पुरणी बीहट की बड़की दुर्गा माँ मंदिर

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जो सिद्धपीठ स्थान के रुप में जानी और मानी जाती हैं।
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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)मंदिर के दरबार में हाजिरी लगाने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरा करती है माँ। बेगूसराय सिद्ध पीठ की बड़की दुर्गा अस्थान बीहट।बेगूसराय बीहट के गुरुदासपुर टोला में है सिद्ध पीठ यहाँ पर एक दुर्गा का मंदिर है।जहाँ माँ दुर्गा का मंदिर पूरे जिला में सबसे ऊँचा दुर्गा मंदिर है।यह मंदिर 11 मंजिला का 185 फीट ऊंचा है।इस मंदिर का निर्माण जन  सहयोग से करोड़ों रुपए की लागत से बनाया जा रहा है।दुर्गा मंदिर को नए सिरे से नव निर्माण का कार्य 14 फरवरी 2009 से प्रारंभ हुआ था।जो अभी तक मंदिर का जीर्णोद्धार का काम लगातार चल रहा है।बीहट गाँव  निवासी गुरदासपुर टोला के सुरेंद्र सिंह उर्फ शुरो सिंंह  कहते हैं कि यहाँ हजारों वर्षों से माँ दुर्गा की पूजा अर्चना चलते आ रहा हैं। पहले यहाँ झोपड़ी में ही पूजा अर्चना किया जाता था। उसके बाद मिट्टी का मंदिर बना। 1959 में जब गंगा के पानी का बाढ़ यहाँ पर आया तो उसमें मिट्टी का बना मंदिर पानी में गिर गया।उसके बाद इस गांव के स्वर्गीय भुवनेश्वर सिंह और स्वर्गीय राम प्रताप सिंह की पत्नी स्वर्गीय सावित्री देवी ने मिलकर दुर्गा मंदिर का निर्माण ईटा से बन वाया। उसके बाद पूरे बीहट गाँव व अन्य गांव के लोगों के जन सहयोग से माता दुर्गा के भव्य मंदिर के नव निर्माण का कार्य फिलहाल अभी भी चल रहा है। इस मंदिर के प्रधान पुजारी बीहट गांव के पंकज कुमार सिंह उर्फ फलाहारी बाबा कहते हैं कि जब से इस मंदिर का नव निर्माण का कार्य शुरू हुआ है तब से मैं माँ भगवती की सेवा लगातार पिछले 12 वर्षों से करते हुए आ रहा हूँ। फलाहारी बाबा दोनों शाम फल खाकर ही रहते हैं।कभी अपने पैर में चप्पल भी नहीं पहनते हैं।एक बार की आँखों देखाहाल है कि मंदिर प्रांगण में एक विषधर गेहुंमन सांप कहीं से आ गया था।सभी ग्रामीण लोग मिलकर उस साँप को मारना चाह रहे थे ।लेकिन उस सांप को बचाने के लिए फलाहारी बाबा ने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि कोई सांप को नहीं मारे।मैं इसे अपने हाथों से पकड़ कर कहीं दूसरे जगह पर जाकर इसे छोड़ देता हूं। इसी क्रम में फलाहारी बाबा उस विषधर साँप के मुँह को अपने दाहिने हाथ से पकड़े और उस विषधर साँप ने उन्हें डस लिया। सांप के डसने के बाद वह दुर्गा माता जी के मंदिर के स्थान में आए और भगवती के चरणों में गिर गए और कहा या तो माँ मुझे मार के ले चलो या तो मुझे बचा लो।गांव के सभी लोग समझ गए कि अब फलाहारी बाबा को मरने से कोई बचा नहीं सकता है।लेकिन दुर्गा माता की महिमा देखिये उनकी असीम कृपा से उनको  बाल बांका तक भी नहीं हुआ।अंत में फलाहारी बाबा को सभी लोगों ने मिलकर सुशील नगर स्थित एलेक्सिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया।जहां डॉ शशिभूषण सिह के द्वारा फलाहारी बाबा के शरीर का जब जांच किया गया,तो उनके शरीर में साँप का विष नहीं था।अंत में डॉक्टर ने एक टीटभेक  की सुई लगाकर उन्हें घर जाने के लिए कहा।यह है साक्षात यहाँ के मंदिर स्थित माँ की कृपा।इस स्थान म़े ऐसे सैकड़ों लोग मंदिर में दरबार लगाने के लिए सालों भर आते रहते हैं।जिन्हें पुत्र रत्न धन की प्राप्ति,सरकारी नौकरी के अलावे शरीर में कोई अन्य रोगों से निजात पाने के लिए भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना मंदिर के प्रांगण में करने आते हैं।जहां उनकी सारी मनोकामनाएं माँ दुर्गा की कृपा से पूर्ण होते हैं।इस मंदिर के प्रांगण में माँ दुर्गा का निशा पूजा होने के बाद मध्य रात्रि में ही आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट खोल दिया जाता है।विजयादशमी के दिन दिन के 3:00 से 4:00 बजे अपराह्न में माँ की प्रतिमा को विसर्जन के लिए मंदिर से उठा लिया जाता है। माँ दुर्गा के विसर्जन करने में पूरे गांव के बूढ़े,बच्चे,जवान तथा महिलाएं शामिल होती हैं।विजयादशमी के मध्य रात्रि बाद पूरे गांव घुमाते हुए सिमरिया धाम के गंगा तट पर माँ दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है।फलाहारी बाबा पंकज कुमार बेगूसराय जिला वासियों से एक बार अनुरोध करते हैं कि अवश्य बीहट स्थित सिद्धपीठ माँ दुर्गा स्थान में दर्शन करने के लिए विजयादशमी के अंदर जरूर भक्त श्रद्धालु गण यहाँ पहुंचे ,यहाँ माँ की असीम कृपा बरसाती है श्रद्धालुओं पर। 

मधुबनी : आयुक्त के द्वारा किया गया विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण

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समाहरणालय स्थित सभागार में बैठक आयोजित 
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मधुबनी: श्री मयंक बरबड़े,प्रेक्षक-सह-आयुक्त, दरभंगा,प्रमंडल दरभंगा के द्वारा बुधवार को विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। इस क्रम में रहिका प्रखंड के मध्य विद्यालय,डगरभिट्टी स्थित मतदान केन्द्र सं. 105 का निरीक्षण किया गया। बी.एल.ओ. श्री नरेष राय द्वारा बताया गया कि प्रपत्र सं. 06 में अबतक 16 तथा 07 में 06 जमा किये जाने की जानकारी दी गयी। पुनः मतदान केन्द्र सं. 78, प्राथमिक विद्यालय,गंगासागर का निरीक्षण किया गया। बी.एल.ओ. श्री हरिओम कुमार द्वारा बताया गया कि प्रपत्र 06 में 14 तथा 07 में 01 प्रपत्र जमा किया गया है।  तत्पष्चात प्रेक्षक-सह-आयुक्त,दरभंगा,प्रमंडल दरभंगा के द्वारा समाहरणालय परिसर,मधुबनी में मतदाता जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। पुनः आयुक्त महोदय की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आयुक्त द्वारा मतदाता सूची के विषेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम अभियान के प्रगति एवं अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी। आयुक्त द्वारा मृतक मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से विलोपित करने हेतु आवष्यक कार्रवाई का निदेष दिया गया। तथा बी.एल.ओ को पंचायत सचिव एवं आंगनवाड़ी सेविका से समन्वय बनाकर मृतक की सूची प्राप्त करने का निदेष दिया गया,और मृत मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से विलोपित करने का निदेष दिया गया। ताकि मतदान के प्रतिषत को बढ़ाया जा सकें। उन्होंने सभी वैसे दिव्यांग/युवक-युवती का नाम मतदाता सूची में जोड़ने का निदेष दिया,जो 18 वर्ष के आयु के हो चुके है। उन्होने विषेषकर शत-प्रतिषत सभी दिव्यांगजनों का नाम मतदाता सूची में जोड़ने हेतु निदेष दिया। उन्होंने आगामी 28 अक्टूबर 2018 को विषेष अभियान दिवस के अवसर पर सभी बी.एल.ओ. को सभी आवष्यक प्रपत्रों के साथ अपने-अपने मतदान केन्द्रों पर उपस्थित रहने एवं मतदाताओं से दावा/आपत्ति प्राप्त करने का निदेष दिया। उन्होंने सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को प्रत्येक बी.एल.ओ. द्वारा किये जा रहे कार्यो की दैनिक समीक्षा करने का भी निदेष दिया। बैठक में श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला निर्वाचन-सह-जिला पदाधिकारी,मधुबनी, श्री दुर्गानंद झा,अपर समाहत्र्ता,मधुबनी, श्री अजय कुमार सिंह,उप विकास आयुक्त,मधुबनी, श्री सुनील कुमार सिंह,अनुमंडल पदाधिकारी,सदर मधुबनी, श्री विकाष कुमार,उप-निर्वाचन पदाधिकारी,मधुबनी समेत सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

सांसद सुशील गुप्ता ने किया महाराजा अग्रसेन जयंती पर महाराजा अग्रसेन कॉलेज प्रतिमा का अनावरण

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नई दिल्ली। महाराजा अग्रसेन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय वसुंधरा एन्क्लेव में महाराजा अग्रसेन जयंती के उपलक्ष्य में महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा का अनावरण किया गया। अनावरण राज्य सभा सांसद एवं महाराजा अग्रसेन चैरिटेबल अस्पताल पंजाबी बाग के अध्यक्ष डॉ.सुशील गुप्ता के करकमलों द्वारा किया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह में कॉलेज गवर्निग बॉडी के चेयरमैन सिद्धार्थ वर्मा,प्रधानाचार्य डॉ.सुनील सौंधी कोषाध्यक्ष एवं  अमित मिश्रा ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर मुख्य अतिथि डॉ. सुशील गुप्ता एवं प्रतिमा के निर्माण में सहयोगी महाराजा अग्रसेन अस्पताल के संरक्षक गजानन्द सांवडिया,उपाध्यक्ष सुभाष गुप्ता, अमृत लाल सिंगला, नरेश कुमार अग्रवाल,महामंत्री प्रेम गर्ग,नरेश गोयल,कोषाध्यक्ष सुन्दर लाल गोयल,कंट्रोल बोर्ड सदस्य अशोक कुमार गोयल,साहब चंद सिंघल,मेघराज गोयल,विनोद कुमार गुप्ता,दरवेश बंसल कार्यक्रम के सूत्रधार नरेश गुप्ता,डॉ रुपेश कुमार गुप्ता का स्वागत अभिनन्दन किया। प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. सुशील गुप्ता ने उपस्थित जनसमूह एवं विद्यार्थियों से महाराजा अग्रसेन के आदर्शों पर चलकर समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा की वैश्य समाज देश के धर्म,सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश को बचाने के लिए हमेशा अग्रणी रहा है। डॉ.गुप्ता ने कहा कि महाराजा अग्रसेन ने सभी जाति, समाज के उत्थान का कार्य किया। उन्होंने मानवता वाद की स्थापना कर भाईचारा का संदेश दिया जो अग्रवाल वैश्य समाज के लिए गर्व की बात है। हम सभी को उनके आदर्श को अपने जीवन में आत्मसात कर समाज हित में कार्य करते रहना चाहिये उन्होंने  कहा कि अग्रोहा नरेश अग्रसेन जी महाराज ने अपने राज्य में बसने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए राज्य की जनता से एक ईट, एक सिक्का का सहयोग कर उसे बसाने, व्यापार करने की व्यवस्था कर सामाजिक समरसता, मूल्यों को ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा श्रोत है। इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इस मौके पर  कॉलेज गवर्निग बॉडी के चेयरमैन सिद्धार्थ वर्मा ने राज्य सभा सांसद डॉ.सुशील गुप्ता एवं उनकी कार्यकारिणी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमारे कॉलेज में यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ी को एक ईंट- एक रुपया के सिद्धांत के माध्यम से समाज को एकजुट करके सामाजिक समरसता और जीवन के प्रगति पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। कार्यक्रम के समापन पर प्राचार्य डॉ.सुनील सौंधी सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। 

मधुबनी : आयुक्त की अध्यक्षता में राजस्व की समीक्षा बैठक आयोजित

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.......पंडौल अंचल के 19 लोगों के बीच आयुक्त द्वारा किया गया पर्चा का वितरण
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मधुबनी: श्री मयंक बरबड़े,आयुक्त, दरभंगा,प्रमंडल दरभंगा की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा आॅनलाईन दाखिल-खारिज के संबंध में आयुक्त महोदय को जानकारी दी गयी। जिसमें उन्होंने बताया कि दिनांक 01.04.18 से जिले के सभी अंचलों में आॅनलाईन दाखिल-खारिज की कार्रवाई की जा रही है। जिसकें तहत आवेदक दाखिल-खारिज के लिए स्वयं आॅनलाईन आवेदन कर सकते है। तथा अंचल के एल.आर.सी. काउंटर पर भी अपना आवेदन दाखिल-खारिज के लिए जमा कर सकते है।  आॅनलाईन प्रक्रिया में किसी प्रकार के फर्जीवाड़ा नहीं कर सकता है। आवेदक को आवेदन की अद्यतन जानकारी मोबाईल पर मैसेज के माध्यम से मिलती रहेंगी। आवेदक स्वयं भी अपने आवेदन की अद्यतन जानकारी आॅनलाईन चेक कर सकते है। तत्पष्चात आयुक्त द्वारा पंडौल अंचल के 19 पर्चाधारियों के बीच पर्चा का वितरण किया गया। जिसमें श्री कृत लाल यादव,श्री पंकज कुमार यादव, श्रीमती रेणु देवी, श्रीमती अमेरिका देवी,श्री शंकर पासवान,श्री विलास राम,श्री लखन राम सभी को लगभग पंाच डिसमिल जमीन का पर्चा अद्यतन लगान रसीद के साथ दिया गया। पर्चा पाकर पर्चाधारियों में काफी खुषी देखी गयी।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 10 अक्टूबर

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शासकीय राशि के गबन में दो पंचायत सचिव निलंबित

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरूण कुमार विश्वकर्मा द्वारा कड़ी कार्यवाही करते हुये शासकीय राशि के गबन एवं वित्तीय अनियमित्ता के आरोपों के चलते दो पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। ग्राम पंचायत कादराबाद के वकील खॉं और ग्राम पंचायत बनेटा के शिवनारायण मीणा को निलंबित किया गया है। शासकीय राशि के दुरुपयोग के चलते वसूली में ग्राम पंचायत अकोला के पूर्व सचिव श्री संजय दुबे से 66 हजार 5 सौ, ग्राम पंचायत उदयपुर जागीर की पूर्व सरपंच श्रीमती राजल बाई एवं पूर्व सचिव श्री राधेश्याम से 1 लाख 51 हजार 6 सौ 80, ग्राम पंचायत शंभुखेड़ी के रोजगार सहायक श्री शैलेन्द्र गुर्जर व सचिव श्री दिलीप सिंह से 46 हजार 2 सौ 84 और ग्राम पंचायत बीलपान की सरपंच श्रीमती मानकुंवर बाई व सचिव श्री जीवन सिंह से 1 लाख 76 हजार 8 सौ 70 रुपये की राशि वसूल की गई। 

सलकनपुर-गोपालपुर मार्ग वायां-नसरुल्लागंज पर भी भारी वाहनों के आवागमन पर लगाई रोक

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा नवरात्रि में जिले की रेहटी तहसील के सलकनपुर में आयोजित मेले में जन सामान्य के हित एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुये सलकनपुर-गोपालपुर मार्ग वाया-नसरुल्लागंज भी भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है। इस मार्ग पर खनिज वाहनों एवं समस्त भारी ट्रक व डंपरों के आवागमन पर 10 से 21 अक्टूबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। 

अल्पसंख्यक प्रीमेट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 

अल्पसंख्यक प्रीमेट्रिक छात्रवृति योजना वर्ष 2018-19 के लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर कर दी गई है। सहायक संचालक पिछड़ावर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण ने जानकारी देते हुये बताया कि नवीन एवं नवीनीकरण प्रकरणों के विद्यार्थी 15 अक्टूबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक प्रीमेट्रिक छात्रवृति योजना भारत सरकार कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा संचालित की जा रही है। 

अतिसंवेदनशील एवं संवदेनशील मतदान केन्द्रों का हुआ चयन

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कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार आगामी चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय एवं निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी 158-इछावर द्वारा अतिसंवेदनशील एवं संवेदनशील मतदान केन्द्रों का चयन कर लिया गया है। जिसमें अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या 02 तथा संवेदनशील मतदान केन्द्रों की कुल संख्या 54 है। अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों में हेदरगंज थाना मंडी एवं अमलाहा थाना आष्टा शामिल हैं। इसी प्रकार संवेदनशील मतदान केन्द्रों में देवली, धनखेड़ी, मूंडलाकला, मनाखेड़ा, डेंडी, सोण्डा, संग्रामपुर, महोड़िया, रफीकगंज, गुड़भेला, सतपीपलिया, कालापहाड़, धामनखेड़ा, बमूलिया, बड़नगर, शेरपुर, तकीपुर, लसुड़िया परिहार, कुलासखुर्द, उलझावन, पाटनी, खारी, नरसिंहखेड़ा, धामंदा में चार, बिशनखेड़ी, गोलूखेड़ी, कांकरखेड़ा, कुड़ी, ढाबलामाता, नादान, बोरदीकला, ब्रिजिशनगर, ढाबलाराय, खजूरिया घेंघी, दोलतपुर, उमरखाल, रामनगर, गाजीखेड़ी, कचनारिया, खामखेड़ा, सागौनी, बिलकिसगंज में दो, खामलिया, मुगीसपुर, नयापुरा, आंवलीखेड़ा शामिल हैं। 

जल उपयोगिता समिति की जिला स्तरीय बैठक आज  

कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक का आयोजन 11 अक्टूबर 2018 को दोपहर 12:30 बजे कार्यालय कार्यपालन यंत्री, जल संधासन संभाग में किया जायेगा। कार्यपालन यंत्री एवं सचिव, जिला जल स्तरीय जल उपयोगिता समिति सीहोर ने जानकारी देते हुये बताया कि बैठक में जलाशयों में उपलब्ध जल भंडारण क्षमता पर चर्चा, वर्ष 2018-19 में हुई वास्तविक सिंचाई एवं वर्ष 2018-19 रबी फसल के सिंचाई लक्ष्यों का निर्धारण, पेयजल हेतु जल का आरक्षण आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी।   

धर्म एवं जाति के नाम वोट मांगने वालों पर होगी कार्यवाही 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के आदेशानुसार आगामी विधानसभा निर्वाचन में धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारियों व निर्वाचक रजिकट्रीकरण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यदि कोई भी अभ्यर्थी या राजनैतिक दल या उसकी तरफ से धर्म, जाति आदि के नाम पर वोट मांगने की कोई भी गतिविधि की जायेगी तो यह निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता के प्रावधानों के तहत उल्लंघन माना जायेगा।

निर्वाचन के दौरान शिकायतों के लिये डिस्ट्रिक्ट कांटेक्ट सेंटर स्थापित
07562-222988, 226470 पर दर्ज करा सकेंगे शिकायतें    
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान प्राप्त होने वाली निर्वाचन संबंधी शिकायतों पर कार्यवाही करने के लिये जिला स्तर पर "डिस्ट्रिक्ट कांटेक्ट सेंटर"स्थापित किया गया है। यह सेंटर जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित किया गया है। जिसका नंबर 07562-222988 है।  इसी प्रकार अधीक्षक भू-अभिलेख के कक्ष में "कंट्रोल रूम"स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम के नंबर 07562-226470 पर भी आमजन अपनी निर्वाचन संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।  "डिस्ट्रिक्ट कांटेक्ट सेंटर"व "कंट्रोल रूम"के टेलीफोन सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे कार्यरत् रहेंगे। 

निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर सहायक आपूर्ति अधिकारी निलंबित 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर सहायक आपूर्ति अधिकारी अब्दुल शरीफ खान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वारा सौंपे गए कार्य को करने से इंकार करने व निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने के कारण इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने एमसीएमसी कक्ष का किया अवलोकन

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए गये मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के कक्ष का अवलोकन किया। समिति द्वारा यहां इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर प्रसारित हो रही सामग्रियों के प्रसारण पर नजर रखी जायेगी। साथ ही प्रिंट मीडिया द्वारा प्रचारित होने वाली पेड न्यूज पर भी समिति निगरानी करेगी। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि निगरानी करने वाले अमले की ड्यूटी बारी-बारी से लगाई जाये। निर्वाचन में प्रचार- प्रसार की दृष्टि से एमसीएमसी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस कक्ष का आयोग द्वारा निर्धारित प्रेक्षक भी समय-समय पर अवलोकन करेंगे। इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेहताब सिंह गुर्जर भी उपस्थित थे। 

राजनैतिक दलों की बैठक में निर्वाचन व्यय की मदों की दर का निर्धारण 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभिन्न राजनैतिक दलों की बैठक ली। बैठक में व्यय समिति के नोडल जिला पेंशन अधिकारी श्रीमती आरती शर्मा व जिला कोषालय अधिकारी श्री अमन पस्तोर ने विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की सहमति से निर्वाचन व्यय की मदों की दर निर्धारित की।  बैठक के दौरान कलेक्टर ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों व शासकीय अधिकारियों से आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिये कहा है। आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए हम सब निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव करवाने में सफल होंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से कहा, हमें बताएं कि राफेल पर कैसे फैसला किया

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर,राफेल करार के मुद्दे पर जारी राजनीतिक विवाद के बीच उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मोदी सरकार से कहा कि वह फ्रांस सरकार के साथ हुए राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया का विवरण सीलबंद लिफाफे में 29 अक्टूबर तक पेश करे। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उसे इसकी कीमत और तकनीकी विवरण के बारे में जानकारी नहीं चाहिए। इस बीच, सरकार ने राफेल करार के मुद्दे पर दायर जनहित याचिकाएं खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि वे ‘‘राजनीतिक याचिकाएं’’ हैं। दो याचिकाओं में दी गई दलीलों को ‘‘अपर्याप्त’’ करार देते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह केन्द्र को औपचारिक नोटिस जारी नहीं कर रही है क्योंकि उसने दो वकीलों द्वारा अलग-अलग दायर जनहित याचिकाओं में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर विचार नहीं किया है। न्यायालय इस मामले में अब 31 अक्टूबर को आगे विचार करेगा। शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के बीच मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह करार पर ऐतराज जताने वाले नौकरशाहों को ‘‘दंडित’’ करके और ‘‘मदद करने वाले अधिकारियों’’ को इनाम देकर राफेल समझौते की प्रक्रिया में ‘‘जोड़तोड़’’ कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दशॉ एविएशन से राफेल विमान खरीदने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को सही ठहराने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के निर्णय के बारे में पूछा है। यह बहुत ही आसान है.. (कि) प्रधानमंत्री ने फैसला किया।’’  उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री के निर्णय को सही ठहराने की प्रक्रिया का अभी पता लगाया जा रहा है। परंतु काम आरंभ हो चुका है।’’  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसी संदर्भ में रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) आज रात फ्रांस के लिए रवाना हो रही हैं।’’ सीतारमण फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रही हैं। इस यात्रा की शुरुआत कल से होगी।  राहुल ने राजस्थान के बीकानेर में अपनी रैली में एक बार फिर राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और केंद्र सरकार पर देश के 10-15 बड़े उद्योगपतियों के लिए ही काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने इस आरोप को दोहराया कि राफेल करार से जुड़े ऑफसेट अनुबंध से अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया।  उन्होंने पहले भी धौलपुर, भरतपुर और दौसा जिलों में ऐसे ही आरोप लगाए थे। मोदी सरकार और रिलायंस ने राहुल के आरोपों को नकारा है। बहरहाल, इस मामले पर सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने केन्द्र से पूछा कि यदि वह राफेल लड़ाकू विमानों के तकनीकी विवरण और कीमतों के बगैर ही निर्णय लेने की प्रक्रिया का विवरण मांगे तो क्या होगा। केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस सौदे का विवरण राष्ट्रहित और रक्षा सामान खरीद की प्रक्रिया में शामिल दूसरे मुद्दों के मद्देनजर किसी को भी दिखाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि राफेल सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और ऐसे मुद्दों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है। केन्द्र ने इन जनहित याचिकाओं का विरोध करते हुये उन्हें खारिज करने का अनुरोध किया और कहा कि सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई हैं। न्यायालय राफेल विमान सौदे को लेकर दायर कई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में राफेल सौदे के ब्योरे और संप्रग और राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान सौदे की तुलनात्मक कीमतों का विवरण सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस बीच, कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संबंध में दायर अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है। अधिवक्ता विनीत ढांडा ने अपनी याचिका में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिये 58,000 करोड़ रूपए के भारत और फ्रांस की कंपनी दशॉ एविएशन के बीच हुये समझौते को लेकर हाल ही में उठे विवाद पर विराम लगाने के लिये न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी एक याचिका दायर कर राफेल सौदे पर रोक लगाने और भारत तथा फ्रांस सरकार के बीच हुआ समझौता रद्द करने का अनुरोध किया है। उन्होंने याचिका में कहा है कि यह सौदा ‘भ्रष्टाचार का नतीजा’ है और संसद ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। इसके अलावा, आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी एक याचिका शीर्ष अदालत में दायर कर रखी है जिसमें इस सौदे की न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
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