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बैंगलोर : उपयोग वैद्यता समाप्ति के बाद भी बाज़ार में बिकते सामान

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आर्यावर्त डेस्क, बैंगलोर प्रतिनिधि, 8  नवंबर, 2018बाजार से विशेष कर मॉल में खरीददारी करते समय सावधानी बरतें. खाने पीने के सामन हों या कोई अन्य वास्तु ,ख़रीददते समय उत्पाद और समाप्ति तारीख जरूर देखें. देखिये यह पेड़ा 30 अक्टूबर 2018 को पैकेजिंग किया गया हैऔर इसे ८ दिनों के पहले उपयोग में लाया जा सकता है परन्तु आज दिनांक 7 नवंबर,2018 को 8 दिन पूरे होने के बावजूद बैंगलोर के एक मॉल में बिक्री के लिए उपलब्ध है. वैधता समाप्ति तारीख के बाद ख़रीदे गए उत्पाद के प्रयोग से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर  हो सकता है ,अतएव खरीददारी समझदारी से ही करें. विशेषकर खाद्य सामग्री की खरीददारी करते समय ज्यादा सावधान रहें.

विशेष : मेडिकल शिक्षा में नैतिक मूल्यों की सार्थक पहल

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देश में आज डाॅक्टर एवं अस्पताल लूट घंसौट, लापरवाही, भ्रष्टाचार, अनैतिकता एवं अमानवीयता में शुमार हो चुके है, आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते हंै कि अनियमितता एवं लापरवाही के कारण मरीज का इलाज ठीक ढंग से न होने पाने के कारण मरीज की मौत हो गयी या उससे गलत वसूली या लूटपाट की गयी। सरकारी अस्पतालों में जहां चिकित्सा सुविधाओं एवं दक्ष डाॅक्टरों का अभाव होता है, वहीं निजी अस्पतालों में आज के भगवान रूपी डॉक्टर जो मात्र अपनी पेशा के दौरान वसूली व लूटपाट ही जानते हैं। उनके लिये मरीजों का ठीक तरीके से देखभाल कर इलाज करना प्राथमिकता नहीं होती, उन पर धन वसूलने का नशा इस कदर हावी होती है कि वह उन्हें सच्चा सेवक के स्थान पर शैतान बना देता है। जो शर्मनाक ही नहीं बल्कि डॉक्टरी पेशा के लिए बहुत ही घृणित है। इन अमानवीयता एवं घृणा की बढ़ती स्थितियों पर नियंत्रण की अपेक्षा लगातार महसूस की जाती रही है, इस दिशा में एक सार्थक पहल हुई है कि एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में व्यापक परिवर्तन होने जा रहा है, जिसमें उन्हें चिकित्सा का तकनीकी ज्ञान देने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। वह स्वागतयोग्य है कि अगले सत्र से एमबीबीएस छात्र जिस परिवर्तित पाठ्यक्रम से परिचित होंगे उसमें उन्हें मरीजों के साथ सही तरह से पेश आने की शिक्षा दी जाएगी।  डाॅक्टर का पेशा एक विशिष्ट पेशा है। एक डाॅक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, इसलिये इसकी विशिष्टता और गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए। एक कुशल चिकित्सक वह है जो न केवल रोग की सही तरह पहचान कर प्रभावी उपचार करें, बल्कि रोगी को जल्द ठीक होने का भरोसा भी दिलाए। कई बार वह भरोसा, उपचार में रामबाण की तरह काम करता है। ऐसे में एमबीबीएस छात्रों के पाठ्यक्रम में डाॅक्टरों और मरीजों के रिश्ते को भी शामिल किया जाना उचित ही है। बदले हुए पाठ्यक्रमों में एमबीबीएस छात्रों को उपचार के दौरान रोगियों से प्रभावी संवाद के तौर-तरीकों से परिचित कराने के साथ ही उन्हें नैतिक शिक्षा का प्रभावी प्रशिक्षण दिया जायेगा। एक व्यक्ति डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, जज बनने से पहले अच्छा इंसान बने, तभी वह अपने पेशे के साथ न्याय कर सकते हैं।  

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नैतिक शिक्षा को शैक्षणिक स्तर के पाठ्यक्रम का हिस्सा होना बहुत जरूरी है। क्योंकि  आज के युग की एक बड़ी समस्या यही है कि भावी पीढ़ी शिक्षित तो हो रही है, लेकिन अपेक्षित संस्कारांे, नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों का उनमें नितांत अभाव होता है। समाज और राष्ट्र के हित के लिए वह आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य है कि स्कूली शिक्षा से लेकर पेशेवर शिक्षा तक, सब जगह नैतिक शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाए। शिक्षित होना तभी सार्थक है जब हमारे छात्र बेहतर नागरिक भी बनें। अन्यथा सारी व्यवस्थाएं, जिम्मेदारियां एवं राष्ट्रीय चरित्र धुंधला होता जायेगा, स्थितियां अनियंत्रित हो जायेगी। देखने में आ रहा है कि नियंत्रण से बाहर होती हमारी व्यवस्था हमारे लोक जीवन को अस्त-व्यस्त कर रही है। प्रमुख रूप से गलती डाॅक्टरों के शिक्षण-प्रशिक्षण में है।  कहीं, क्या कोई अनुशासन या नियंत्रण है? निरंतर मरीजों से लूटपाट एवं लापरवाही के मामले सामने आ रहा है, चिकित्सा का क्षेत्र सेवा का मिशन न होकर एक व्यवसाय हो गया है। डाॅक्टरों की गैरजिम्मेदारी के कारण अनेक मरीज अपने जीवन से हाथ धो बैठते हैं, कोई जिम्मेदारी नहीं लेता- कोई दंड नहीं पाता। भारत में मुर्गी चुराने की सजा छह महीने की है। पर एक मरीज के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए कोई दोषी नहीं, कोई सजा नहीं। चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ रहा इस तरह का अपराधीकरण अपने चरम बिन्दु पर है। वर्ष 2013 के एक शोध के मुताबिक दुनिया में हर साल करीब 4.3 करोड़ लोग असुरक्षित चिकित्सीय देखरेख के कारण दुर्घटना का शिकार होते हैं। रिपोर्ट में पहली बार ये पता लगाने की कोशिश की गई थी कि चिकित्सीय भूल के कारण हुई दुर्घटना में कितने साल की मानवीय जिंदगी का नुकसान होता है । सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से इतर निजी क्षेत्र ने अपना एक अहम स्थान बना लिया है। जिसने चिकित्सा की मूल भावना को ही धुंधला दिया है। निजी अस्पतालों की स्थिति तो बहुत डरावनी है, वहां  पैसे हड़पने के लिए लोगों को बीमारी के नाम पर डराया जाता है, उन्हें वो टेस्ट करने को कहा जाता है या फिर उन पर वो सर्जरी और ऑपरेशन किए जाते हैं जिसकी कोई जरूरत नहीं होती। साथ ही डॉक्टरी पेशे में कमीशन के चलन भी बहुत बढ़ते जा रहे हंै, यानि डॉक्टरों की दवा कंपनियों या डायग्नोस्टिक सेंटरों के बीच कमीशन को लेकर सांठगांठ। भारत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं खस्ताहाल होने के कारण निजी अस्पतालों का 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जा है। आरोप लग रहे हैं कि कानूनों के कमजोर क्रियान्वयन के कारण निजी अस्पतालों के जवाबदेही की भारी कमी है।

अपराधी केवल वे ही नहीं जिनके हाथ में ए.के.47 है। वे भी हैं जो चिकित्सा से जुड़ी आचार-संहिता को तोड़ रहे हैं या जिनके दिमागों में येन-केन-प्रकारेण धन कमाने की अपराध भावना है। आज डाक्टरी पेशा नियंत्रण से बाहर हो गया है। स्वार्थी  सोच वाले व्यक्ति नियंत्रण से बाहर हो गए हैं और सामान्य आदमी के लिए जीवन नियंत्रण से बाहर हो गया है। डाॅक्टर पैसे की संस्कृति यानी स्वर्ण मृग के पीछे भाग रहे हैं- चरित्र रूपी सीता पूर्णतः असुरक्षित है। आज हमारे पास कोई राम या हनुमान भी नहीं है। अनेक राष्ट्र-पुरुष हो गए हैं जिन्होंने चरित्र की रोशनी दी, चरित्र को स्वयं जीया, लेकिन भगवानरूपी डाॅक्टर अपने चरित्र एवं नैतिकता को दीवार पर लटकाकर स्वच्छंद है। इसलिये एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में नैतिक मूल्यों के प्रशिक्षण को आवश्यक समझा गया, क्योंकि बीते कुछ समय से मरीजों और उनके परिजनों की डाॅक्टरों एवं अस्पतालों से शिकायतें बढ़ी हैं। कई बार तो तीमारदारों और डाॅक्टरों में मारपीट की नौबत तक आ जाती है। इसी तरह मेडिकल काॅलेजों के परिसर अथवा उनके इर्द-गिर्द वैसे झगड़े भी खूब बढ़े हैं जिनमें एक पक्ष जुनियर डाॅक्टरों का होता है। इसके मूल में कहीं न कहीं सदाचरण का अभाव है तो इसे निराधार नहीं कहा जा सकता। 

खेद का विषय है कि हमारी शिक्षा केवल बौद्धिक विकास पर ध्यान देती है। हमारी शिक्षा शिक्षार्थी में बोध जाग्रत नहीं करती, वह जिज्ञासा नहीं जगाती जो स्वयं सत्य को खोजने के लिए प्रेरित करे और आत्मज्ञान की ओर ले जाये, सही शिक्षा वही हो सकती है जो शिक्षार्थी में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को विकसित कर सके। एमबीबीएस छात्रों को इस तरह से प्रशिक्षित करना नितांत जरूरी है। इसके लिये  धीरे-धीरे अब माहौल बना है और ऐसा लगता है कि पाठ्यक्रम में तब्दीली करके एक तरह की एक बड़ी भूल को सुधारने का प्रयत्न हो रहा है। जो भी हो, वह अच्छा है कि कुछ देर से सही, एमबीबीएस पाठ्यक्रम में बदलाव के बारे में सोचा गया और उसमें नई तकनीक के साथ ऐसे पाठ भी शामिल किए जा रहे हैं ताकि डाॅक्टर फैसले लेने की क्षमता से भी सक्षम हो सके। अपने नैतिक जिम्मेदारियों को भी समझ सके। मरीजों के साथ मानवीय व्यवहार करने की पात्रता विकसित कर सके। हर राष्ट्र की तरह हमारी उम्मीदें भी डाॅक्टर’ थी और हैं। पर अब तक तो उसने भी अपने आचरण से राष्ट्र को आशा और भरोसा नहीं बंधाया। वह भी अपसंस्कृति और अपराधीकरण की तरफ मुड़ गई। वे कुछ प्राप्त करने के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते हैं। संस्कृति और चरित्र के मूल्यों को उन्होंने समझा ही नहीं, न ही उन्हें समझाया गया। तब अनभिज्ञ यह डाॅक्टर वर्ग उनकी स्थापना के लिए कैसे संकल्पबद्ध हो सकता है। राष्ट्रीय जीवन की कुछ सम्पदाएं ऐसी हैं कि अगर उन्हें रोज नहीं संभाला जाए या रोज नया नहीं किया जाए तो वे खो जाती हैं। कुछ सम्पदाएं ऐसी हैं जो अगर पुरानी हो जाएं तो सड़ जाती हैं। कुछ सम्पदाएं ऐसी हैं कि अगर आप आश्वस्त हो जाएं कि वे आपके हाथ में हैं तो आपके हाथ रिक्त हो जाते हैं। इन्हें स्वयँ जीकर ही जीवित रखा जाता है। डाॅक्टरों एवं अस्पतालों को नैतिक बनने की जिम्मेदारी निभानी ही होगी, तभी वे चिकित्सा के पेशे को शिखर दें पाएंगे। 


(ललित गर्ग)
बी-380, प्रथम तल, 
निर्माण विहार, दिल्ली-110092
संपर्क :  22727486, 9811051133

मध्यप्रदेश : गोविंदपुरा से गौर की पुत्रवधु को टिकट

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भोपाल, 08 नवंबर, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से काफी जद्दोजहद के बीच आज जारी की गयी 32 प्रत्याशियों की तीसरी सूची में बहुचर्चित भोपाल की गोविंदपुरा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की पुत्रवधु श्रीमती कृष्णा गौर को प्रत्याशी बनाकर श्री गौर की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया है। इस सूची में वरिष्ठ पार्टी नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय को इंदौर तीन विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। इंदौर जिले के महू विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक श्री कैलाश विजयवर्गीय को टिकट नहीं दिया गया है। उनके स्थान पर महू से सुश्री ऊषा ठाकुर को टिकट दिया गया है। सुश्री ठाकुर इंदौर तीन से मौजूदा विधायक हैं। इंदौर तीन से इस बार श्री विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को टिकट दिया गया है, जो युवा हैं। इंदौर एक से श्री सुदर्शन गुप्ता और इंदौर दो से श्री रमेश मेंदौला को फिर से टिकट दिया गया है। श्री मेंदौला श्री विजयवर्गीय के काफी करीबी माने जाते हैं। इंदौर चार से विधायक मालिनी गौड़ और इंदौर पांच पर पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया पर फिर से पार्टी ने भरोसा जताया है। इंदौर जिले की राऊ सीट से पार्टी ने श्री मधु वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस के जीतू पटवारी ने विजय हासिल की थी। भोपाल की गोविंदपुरा सीट से वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर विधायक हैं। खबरों में बताया गया था कि पार्टी इस सीट से श्री गौर और उनकी पुत्रवधु श्रीमती कृष्णा गौर को टिकट नहीं देना चाहती थी। इस बात से श्री गौर काफी नाराज थे। उन्होंने काफी मनाया गया, लेकिन वे उन्हें स्वयं या उनकी बहू को टिकट देने की बात पर अड़े थे। पार्टी ने आखिरकार श्रीमती कृष्णा गौर को ही प्रत्याशी बना दिया। इसके अलावा होशंगाबाद जिले की सिवनीमालवा सीट को लेकर भी अभी जद्दोजहद जारी है। यहां से मौजूदा विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री सरताज सिंह टिकट के लिए अड़े हैं। जबकि पार्टी कोई नया प्रत्याशी चाहती है। अब भाजपा के सिवनीमालवा समेत छह स्थानों पर प्रत्याशी और शेष हैं।

नक्सलियों ने एनएमडीसी की बस को बनाया निशाना, चार की मौत

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दंतेवाड़ा, 08 नवंबर, छत्तसीगढ के दंतेवाडा जिले के आकाशनगर-बचेली मार्ग पर आज नक्सलियों ने नेशनल मिनेरल डेवेलोपमेंट कारपोरेशन (एनएमडीसी) की एक बस को निशाना बनाते हुए एक बारूरी सुरंग विस्फोट किया, जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक जवान सहित चार लोगों की मौत हो गयी। पुलिस सूत्रों के अनुसार एनएमडीसी की बस दोपहर आकाशनगर से बचेली सब्जी खरीदने के लिए आई थी। इसमें सीआईएसएफ के कुछ जवान भी सवार थे। सब्जी खरीदने के बाद बस आकाशनगर वापस आ रही थी, तभी रास्ते में आकाशनगर छह नंबर मोड पर नक्सलियों के बारूदी सुरंग विस्फोट किया, जिसने बस को अपनी चपेट में ले लिया। हमले में सीआईएसएफ का एक जवान तथा बस चालक, परिचालक और क्लीनर की मौत हो गयी। हमले में बस सवार दो अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें बचेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गयी है।

नोटबंदी एक व्यक्ति निर्मित त्रासदी : स्टालिन

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चेन्नई, 08 नवंबर,  द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एवं तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना कहा कि नोटबंदी देश के लिए ‘एक व्यक्ति निर्मित त्रासदी’ थी।  श्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी की घोषणा किये जाने के दो साल पूरे होने पर ट्वीट किया, “लोगों के पैसे को अवैध घोषित कर उन्हें सड़क पर ले आया गया। देशवासी बैकों के बाहर लाइनों में खड़े रहे। इस दौरान कई लोगों की मौत हो गयी, लाखों लोगों की नौकरियां चली गयीं, छोटे उद्योग बंद हो गए और अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई।” उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति ने नोटबंदी की घोषणा कर देश के लोगों के लिए त्रासदी ला दी।” 

वार्नर, स्मिथ और बेनक्रॉफ्ट से हट सकता है बैन

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सिडनी, 08 नवंबर, क्रिकेट आस्ट्रेलिया(सीए) खिलाड़ी यूनियन की लगातार बढ़ती मांग के मद्देनज़र बॉल टेम्परिंग के आरोपों का सामना कर रहे क्रिकेटरों स्टीवन स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रहा है। सीए के मुख्य कार्यकारी केविन राॅबर्ट्स ने इसकी जानकारी दी है। आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स संघ(एसीए) की तरफ से लगातार तीनों खिलाड़ियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की जा रही है जिससे सीए पर दबाव बना है। राबर्ट्स ने कहा,“ हमें एसीए के दस्तावेज़ हाल ही में मिले हैं। इसे बोर्ड को संबोधित करके लिखा गया है और सीए इस पर विचार कर रहा है।” आस्ट्रेलियाई कप्तान और उपकप्तान वार्नर पर मार्च में केपटाउन टेस्ट के दौरान बॉल टेम्परिंग में शामिल होने के लिये एक एक वर्ष का बैन लगाया गया था जबकि बेनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा है। टीम के शीर्ष खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में आस्ट्रेलिया को हालिया सीरीज़ में नुकसान उठाना पड़ा है और टेस्ट टीम को टिम पेन की कप्तानी में अाखिरी तीन टेस्टों में दो में शिकस्त मिली है। वनडे टीम की कप्तानी आरोन फिंच के हाथों में है जिसे इंग्लैंड से 0-5 से व्हाइटवॉश सहित आखिरी सात मैचों में हार मिली है। पर्थ में दक्षिण अफ्रीका से भी आस्ट्रेलियाई टीम ओपनर मैच छह विकेट से गंवा बैठी। आस्ट्रेलियाई टीम की मौजूदा हालत को देखते हुये भी क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने भी प्रतिबंधित खिलाड़ियों की सजा खत्म करने की वकालत की है। सीए अधिकारी ने कहा,“हमारे लिये जरूरी है कि हम खिलाड़ियों का ध्यान रखें और उन्हें महसूस करायें कि वह आस्ट्रेलियाई क्रिकेट का हिस्सा हैं। हमें खिलाड़ियों की मांग की समीक्षा करनी होगी।” इससे पहले सीए ने हाई परफाॅर्मेंस प्रमुख पैट होवार्ड और प्रसारण प्रमुख बेन एमारफियो को लांगस्टॉफ रिव्यू के मद्देनज़र बर्खास्त कर दिया था।

आर्थिक नीतियों में विश्वसनीयता और पारदर्शिता बहाल करे सरकार : मनमोहन

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नई दिल्ली, 8 नवंबर, नरेंद्र मोदी सरकार पर 2016 में नोटबंदी करने को लेकर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को केंद्र से उसकी आर्थिक नीतियों में विश्वसनीयता व पारदर्शिता बहाल करने का आग्रह किया। पूर्व वित्त मंत्री ने वर्तमान राजग सरकार से आगे किसी प्रकार के अपरंपरागत, अल्पकालिक आर्थिक उपायों को स्वीकृति नहीं देने को भी कहा है, जो अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों में और अधिक अनिश्चितता का कारण बन सकता है। नोटबंदी को असफल और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सिंह ने एक बयान में कहा, "मोदी सरकार द्वारा 2016 में बिना सोच-समझकर उठाए गए दुर्भाग्यपूर्ण कदम नोटबंदी के आज दो साल पूरे हो गए हैं। इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में जो विध्वंस हुआ, उसके सबूत आज सभी के सामने हैं।"

सिंह ने कहा, "नोटबंदी ने हर व्यक्ति पर प्रभाव डाला। इसमें हर उम्र, लिंग, धर्म, समुदाय और क्षेत्र के लोग शामिल थे।"उन्होंने कहा, "मैं सरकार से आर्थिक नीतियों में निश्चितता बहाल करने का आग्रह करता हूं। आज यह याद करने का दिन है कि कैसे एक आर्थिक विपदा ने लंबे समय के लिए राष्ट्र को प्रभावित किया और यह समझने की जरूरत है कि आर्थिक नीतियों को परिपक्वता व सोच विचार के साथ संभाला जाना चाहिए।"उन्होंने यह भी कहा कि दो साल बाद भी अर्थव्यवस्था नोटबंदी के झटके से उबर नहीं सकी है। मनमोहन ने कहा, "अक्सर कहा जाता है कि समय सबकुछ ठीक कर देता है। लेकिन दुर्भाग्यवश नोटबंदी के मामले में इसके जख्म और निशान वक्त से साथ और हरे होते जा रहे हैं।"उन्होंने कहा, "देश के मझोले और छोटे कारोबार अब भी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाए हैं।"उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम ने रोजगार पर सीधा प्रभाव डाला क्योंकि अर्थव्यवस्था पहले से ही युवाओं के लिए नए रोजगार उपलब्ध कराने में संघर्ष कर रही थी। मनमोहन ने कहा, "हमें अभी भी नोटबंदी के पूर्ण प्रभाव को समझना और उसका अनुभव करना है। रुपये के घटते मूल्य व बढ़ती तेल कीमतों के साथ व्यापक अर्थव्यवस्था अब विपरीत परिस्थितियां से जूझने वाली हैं।"उन्होंने कहा, "इसलिए सावधानी बरतते हुए आगे कोई भी अपरंपरागत और अल्पकालिक उपाय नहीं किया जाना चाहिए, जो अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों में और अधिक अनिश्चितता का कारण बन सकती है।"

पाकिस्तान : आसिया बीबी जेल से रिहा

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इस्लामाबाद, 8 नवंबर, ईशनिंदा के आरोपों से बरी पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी को जेल से रिहा कर दिया गया है। उनके वकील ने यह जानकारी दी। निचली अदालत और उच्च न्यायालय ने आसिया बीबी को दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी जहां उनके पक्ष में फैसला आया। इस दौरान वह आठ साल तक जेल में रहीं। बीबीसी की बुधवार की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ रिपोर्ट में कहा जा है कि आसिया बीबी एक विमान में सवार हुई थी लेकिन उनकी जगह अभी ज्ञात नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था और सरकार ने कहा कि वह आसिया को पाकिस्तान छोड़ने से रोकेगी। आसिया के पति का कहना है कि वे खतरे में है और शरण की मांग कर रहे हैं। उनके वकील सैफ मलूक ने कहा कि आसिया बीबी को मुल्तान शहर की जेल से रिहा किया गया। आसिया बीबी को आसिया नूरीन के नाम से भी जाना जाता है। वह पांच बच्चों की मां हैं। कई देशों ने उन्हें शरण देने की पेशकश की है। आसिया को पड़ोसी से झगड़े के दौरान पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए 2010 में दोषी ठहराया गया था। पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनों के समाप्त करने के लिए उपायों पर सहमत होने के बाद आसिया को विदेश जाने से रोकने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी।

नोटबंदी घोटाला केंद्र का देश के साथ धोखा : ममता

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कोलकाता, 8 नवंबर,नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नोटबंदी 'घोटाले'के जरिए राष्ट्र के साथ धोखा करने को लेकर निशाना साधा। नोटबंदी के दिन को काला दिवस करार देते हुए बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, "सरकार ने इस बड़े नोटबंदी घोटाले से हमारे देश के साथ धोखा किया है। इसने अर्थव्यवस्था और लाखों जिंदगियों को तबाह कर दिया। जिन लोगों ने ऐसा किया है लोग उन्हें दंडित करेंगे।"केंद्र ने 8 नवंबर, 2016 को रात आठ बजे अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध की घोषणा की थी, जिसे सभी लोग हैरान रह गए थे। बनर्जी ने कहा, "नोटबंदी आपदा की आज 'डार्कडे'दूसरी वर्षगांठ है। जिस क्षण इसकी घोषणा हुई तब भी मैंने ऐसा ही कहा था। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, आम लोग और विशेषज्ञ अब सभी सहमत हैं।"

बिहार में नक्सलियों ने पुलिस चौकीदार की गोली मारकर हत्या की

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गया, 8 नवंबर, बिहार में नक्सल प्रभावित गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात नक्सलियों ने एक पुलिस चौकीदार की गोली मारकर हत्या कर दी और शव को सड़क के किनारे फेंक फरार हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि रेंगनिया गांव निवासी और आमस थाना में पुलिस चौकीदार के रूप में कार्यरत राजेश्वर पासवान (45) रात में अपने घर में सोए हुए थे, तभी सशस्त्र नक्सलियों ने उनके घर में धावा बोल दिया और उन्हें उठाकर ले गए। इसके बाद नक्सलियों ने गांव से बाहर एक नहर के समीप उनकी गोली मारकर हत्या कर दी और शव को वहीं फेंककर चले गए। सुबह ग्रामीणों ने शव देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी। आमस के थाना प्रभारी चंद्र प्रकाश सिंह ने आईएएनएस से कहा कि घटनास्थल से पुलिस ने एक हस्तलिखित नक्सली पर्चा बरामद किया है, जिसमें चौकीदार पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए घटना को अंजाम देने की चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है व पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।

ट्रंप ने सेशंस को अटॉर्नी जनरल पद से हटाया

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वाशिंगटन, 8 नवंबर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यावधि चुनाव के एक दिन बाद अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस को पद से हटा दिया है। ट्रंप ने रूसी जांच का समर्थन करने के लिए सेशंस को बाहर का रास्ता दिखाया है और एक ऐसे शख्स का चुनाव किया है, जिसने जांच के बारे में प्रतिकूल रूख अपनाया था। सेशंस ने बुधवार को व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली को लिखे एक पत्र में कहा, "आपके अनुरोध पर मैं अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं।"ट्रंप ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "हम अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद देते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।"ट्रंप रूसी जांच से खुद को बचाने के बाद बार-बार अपने शीर्ष कानून प्रवर्तन अधिकारी की आलोचना करते रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि सेशंस के चीफ ऑफ स्टाफ मैथ्यू व्हिटेकर अस्थायी रूप से उनकी जगह लेंगे। व्हिटेकर रूसी जांच को लेकर लगातार हमलावर और उसके आलोचक रहे थे। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि न्याय विभाग के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस के चीफ ऑफ स्टाफ मैथ्यू व्हिटेकर अमेरिका के हमारे नए कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल बनने जा रहे हैं।"ट्रंप ने कहा कि स्थायी नियुक्ति के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी।

बिहार : लोकगायक छैला बिहारी के घर के बाहर गोलीबारी

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खगड़िया, 8 नवंबर, बिहार के खगड़िया जिले के पौरा सहायक थाना क्षेत्र में बुधवार की रात लोकगायक छैला बिहारी के घर पर गोलीबारी और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना से पूरा परिवार दहशत में है। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना के समय भोजपुरी गायक छैला बिहारी घर पर नहीं थे। पौरा सहायक थाना के प्रभारी महेशलाल ने गुरुवार को बताया कि गायक के भाई सुशील बिहारी द्वारा लिखित बयान में कहा गया है कि बुधवार की देर रात करीब डेढ़ दर्जन हथियार बंद बदमाशों ने घर के बाहर गोलीबारी की तथा लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एक खोखा (खाली गोली) व मोबाइल बरामद हुआ है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। छैला बिहारी का आरोप है कि प्रखंड में चलाई जा रही एक योजना में अनियमितता को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायत की थी, आशंका है कि बदले की भावना के कारण दहशत के लिए ऐसी घटना को अंजाम दिया गया।

काम से ब्रेक लेना भी जरूरी : ऋचा चड्डा

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मुबई, 8 नवंबर, अपनी आगामी फिल्म 'शकीला'की शूटिंग में व्यस्त अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का कहना है कि काम से ब्रेक लेना भी जरूरी होता है। अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध रहते हुए ऋचा इस साल दिवाली पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ नहीं रह पाईं। ऋचा ने कहा, "इन तारीखों का फैसला तो कोई माह पहले ही हो गया था। मैं मानती हूं कि काम से ब्रेक लेना भी जरूरी है क्योंकि मेरे ये कुछ माह काफी व्यस्त रहे हैं। एक टीम के तौर पर हम इस फिल्म की शूटिंग को समय पर पूरा करना चाहते हैं ताकि फिल्म रिलीज की तारीख के लिए तैयार रह सके। मैं खुश हूं कि मैंने दिवाली फिल्म की शूटिंग सेट पर बिताई।"अभिनेत्री ऋचा को निर्देशक इंद्रजीत लंकेश की आगामी फिल्म 'शकीला'में 1990 के दशक में दक्षिण भारतीय फिल्म जगत की लोकप्रिय अभिनेत्री शकीला की भूमिका में देखा जाएगा, जो अब भी फिल्म जगत में काम कर रही हैं।

नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था में आयी नकदी : जेटली

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नयी दिल्ली, 08 नवम्बर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार द्वारा दो वर्ष पूर्व की गयी नोटबंदी काे पूरी तरह सही ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि इसका उद्देश्य नकदी को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाना तथा नकदी रखने वालों को कर व्यवस्था में शामिल करना था और इसमें सफलता मिली है । श्री जेटली ने नोटबंदी के दो वर्ष पूरे होने पर एक लेख में नोटबंदी के आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा , “ नोटबंदी की एक बे-तर्क आलोचना यह है कि लगभग पूरी नकदी बैंकों में जमा हो गयी है। नोटबंदी का उद्देश्य नकदी की जब्ती नहीं था। नोटबंदी का उद्देश्य था कैश को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल कराना और कैशधारकों को टैक्स सिस्टम में लाना ।” उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित बनाने की दिशा में सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं उनमें नोटबंदी एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत नकदी के वर्चस्व वाली अर्थव्यवस्था थी। नकद लेन-देन में, लेने वाले और देने वाले का पता नहीं लगाया जा सकता। इसमें बैंकिग प्रणाली की भूमिका पीछे छूट जाती है और साथ ही कर प्रणाली भी बिगड़ती है। नोटबंदी ने नकदी धारकों को पूरी नकदी बैंकों में जमा करने पर मजबूर किया। बैकों में नकदी जमा होने और यह पता चलने से कि यह किसने जमा की , 17.42 लाख संदिग्ध खाता धारकों की पहचान हुयी । उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा। बैकों में ज्यादा धन जमा होने से उनकी ऋण देनी की क्षमता में भी सुधार हुआ। आगे निवेश के लिए इस धन को म्यूचुअल फंड में बदल दिया गया। ये कैश भी औपचारिक प्रणाली का हिस्सा बन गया।

नोटबंदी तुगलकी फरमान, खामियाजा भुगत रही हैं जनता : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 08 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी को ‘तुगलकी फरमान’ करार देते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि इसका कोई घोषित मकसद पूरा नहीं हुआ है और आम जनता इसका खामियाजा अभी तक भुगत रही है।  कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी को आज दो वर्ष पूरे हो गये लेकिन इसके घाेषित उद्देश्यों में से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। काला धन खत्म करने के उद्देश्य के साथ 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट आठ नवंबर 2016 को श्री मोदी ने बंद करने की घोषणा की। यह एक तरह का तानाशाही फैसला था जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल और भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड को कथित ‘हिरासत’ में रख दिया गया। नोटबंदी के निर्णय को ‘तुगलकी फरमान’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसे लागू करते समय आम जनता की तकलीफों और जमीनी हकीकत को ध्यान में नहीं रखा गया। अचानक लिये गये इस फैसले से करोड़ों लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और एक सौ से ज्यादा लोग मारे गए। करोड़ों लोगों का राेजगार खत्म हो गया और लाखों बेटियों की शादियां टूट गयीं। हजारों मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल गयी और उनका असमय निधन हो गया।  श्री शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार नोटबंदी को ‘अच्छा काम’ करार देते हुए इसे सफल बता रहे हैं लेकिन यह ‘बुरा काम’ था। भाजपा को इसे स्वीकार करना चाहिए और श्री मोदी को इसका अफसोस करना चाहिए। नोटबंदी के निर्णय से आम जनता और देश को अपमान झेलना पड़ा। 

लोकसभा महासचिव का कार्यकाल एक साल बढ़ा

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नयी दिल्ली, आठ नवंबर, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की पहली महिला महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश कैडर की 1982 बैच की सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी स्नेहलता श्रीवास्तव को पिछले साल इस पद पर नियुक्त किया गया था और उनका दर्जा कैबिनेट सचिव का था। उनका कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा होने वाला था। लोकसभा सचिवालय की एक अधिसूचना के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ने स्नेहलता श्रीवास्तव का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है जो एक दिसंबर 2018 से 30 नवंबर 2019 तक के लिए होगा। उनका दर्जा कैबिनेट सचिव का होगा। स्नेहलता श्रीवास्तव को 35 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है और उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उन्होंने विधि एवं न्याय मंत्रालय में सचिव और वित्त मंत्रालय में विशेष/अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार में भी प्रधान सचिव सहित कई वरिष्ठ पदों पर काम किया है।

न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर खूब हुई आतिशबाजी

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दिल्ली-एनसीआर में पसरी धुंध की चादर
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नयी दिल्ली, आठ नवंबर, दीपावली के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली में इस साल हवा की सबसे खराब गुणवत्ता दर्ज की गई। बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’’ (सीवियर प्लस एमरजेंसी) श्रेणी में प्रवेश कर गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।  उच्चतम न्यायालय के आदेश का घोर उल्लंघन करते हुए कई शहरों में लोगों ने कम से कम रात 12 बजे तक आतिशबाजी की, जबकि शीर्ष न्यायालय ने पटाखे जलाने के लिए रात 10 बजे तक की समयसीमा तय कर रखी थी। नई दिल्ली में कई घंटे तक पटाखों की तेज आवाज सुनाई देती रही। मुंबई, कोलकाता, जयपुर एवं अन्य प्रमुख शहरों में भी न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होते देखा गया। केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, पटाखों से पैदा हुए धुएं सहित अन्य कारणों से दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 तक चला गया जो ‘‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’’ श्रेणी में आता है।  अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी के कारण समूची राष्ट्रीय राजधानी में धुएं की मोटी परत पढ़ गई है और दृश्यता में काफी कमी आ गई है। ‘सफर’ ने चेताया था कि यदि पिछले साल की तुलना में कम नुकसानदेह पटाखे भी जलाए गए तब भी हवा की गुणवत्ता अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहेगी। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’ माना जाता है, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘काफी खराब’ और 401 और 500 के बीच इसे ‘अत्यंत गंभीर’ माना जाता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 574 है। बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद तड़के दो बजे यह सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया और शाम तक यह इसी श्रेणी में बना रहेगा। ‘सफर’ की ओर से जारी परामर्श के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में होने का मतलब है कि ऐसी हवा में ज्यादा समय तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है। यह हवा उनके शरीर के अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। उच्चतम न्यायालय ने दीपावली एवं अन्य त्योहारों के दिन सिर्फ रात आठ बजे से रात 10 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति दी है। न्यायालय ने सिर्फ ‘‘हरित पटाखों’’ के निर्माण और बिक्री की इजाजत दी है, क्योंकि इसमें कम रोशनी, कम आवाज और कम नुकसानदेह रसायन निकलते हैं। न्यायालय के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी कुछ जगहों पर इसका उल्लंघन होते देखा गया। इन जगहों पर तय समयसीमा के पहले और बाद में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी हुई। दिल्ली-एनसीआर में मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, आईपी एक्सटेंशन, द्वारका और नोएडा सेक्टर-78 ऐसे इलाकों में शामिल रहे जहां उच्चतम न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन हुआ। पुलिस ने आदेश का उल्लंघन होने की बात कबूली और कहा है कि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे उल्लंघनों पर लगाम लगाने के लिए लगातार गश्त कर रहे हैं।

नोटबंदी के घाव गहरे होते जा रहे हैं : मनमोहन

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नयी दिल्ली, आठ नवंबर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने के मौके पर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर प्रहार किया और कहा कि अर्थव्यवस्था की "तबाही'वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है तथा इसके घाव गहरे होते जा रहे हैं। सिंह ने एक बयान में यह भी कहा कि मोदी सरकार को अब ऐसा कोई आर्थिक कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में त्रुटिपूर्ण ढंग से और सही तरीके से विचार किये बिना नोटबंदी का कदम उठाया था। आज उसके दो साल पूरे हो गए। नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जो कहर बरपा, वह अब सबके सामने है। नोटबंदी ने हर व्यक्ति को प्रभावित किया, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पेशे या संप्रदाय का हो।’’  सिंह ने कहा, ‘‘अक्सर कहा जाता है कि वक्त सभी जख्मों को भर देता है लेकिन नोटबंदी के जख्म-दिन-ब दिन और गहरे होते जा रहे हैं।’’  उन्होंने कहा कि देश के मझोले और छोटे कारोबार अब भी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ नोटबंदी से जीडीपी में गिरावट आई, उसके और भी असर देखे जा रहे हैं। छोटे और मंझोले कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं जिसे नोटबंदी ने पूरी तरह से तोड़ दिया। अर्थव्यवस्था लगातार जूझती दिखाई पड़ रही है जिसका बुरा असर रोजगार पर पड़ रहा है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। बुनियादी ढांचे के लिए दिए जाने वाले कर्ज और बैंकों की गैर-वित्तीय सेवाओं पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी के कारण रुपए का स्तर गिरा है जिससे वृहद आर्थिक आंकड़े भी प्रभावित हुए हैं।’’  गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थाी जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे।

साक्षरता परीक्षा में अव्वल आने वाली 96 साल की परदादी को मिला लैपटॉप

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तिरुवनंतपुरम, आठ नवंबर,केरल में साक्षरता परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक लेकर शीर्ष स्थान हासिल करने वाली 96 साल की दादी कार्त्यायनी अम्मा को केरल सरकार ने उपहार के तौर पर एक लैपटॉप दिया है। कुछ ही दिन पहले कार्त्यायनी अम्मा ने कम्प्यूटर सीखने की इच्छा जतायी थी। सरकार द्वारा संचालित केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की प्रमुख पहल ‘अक्षरालक्ष्यम’ कार्यक्रम में अम्मा न केवल सबसे उम्रदराज प्रतिभागी थीं बल्कि उन्होंने 100 में से 98 नंबर लाकर शीर्ष स्थान भी हासिल किया। इस उपलब्धि के लिये सराहना के तौर पर राज्य के शिक्षा मंत्री सी. रवीन्द्रनाथ ने बुधवार को अलपुझा जिले के चेप्पड़ गांव में अम्मा के घर जाकर उन्हें एक नया लैपटॉप दिया। केरल के पारंपरिक परिधान साड़ी पहने हुए अम्मा ने मंत्री से यह उपहार लिया। इस दौरान उनके चेहरे पर चिरपरिचित मनमोहक मुस्कान थी। केरल के शिक्षा मंत्री खुद एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं। पहले जब उनसे पूछा गया था कि क्या वह कंप्यूटर सीखना चाहती हैं, तब उनका जवाब था ‘‘अगर मिलेगा, तो जरूरी सीखूंगी।’’  जब मंत्री ने सरकार की ओर से अम्मा को लैपटॉप भेंट किया तो अम्मा के चेहरे पर हैरत और खुशी दोनों के भाव थे। मंत्री ने ही उन्हें लैपटॉप के की.बोर्ड पर बताया कि उन्हें की दबाने के बाद स्क्रीन पर अक्षर नजर आएंगे। 

छत्तीसगढ़ : दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी

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रायपुर 9 नवंबर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को रायपुर पहुंचे। राहुल गांधी का स्वागत कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने युवाओं के उत्साह देखते हुए सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए उनके साथ सेल्फी ली। इसी तरह राहुल गांधी की पहली सभा पखांजुर में हुई। वह दोपहर बाद खैरागढ़ में आमसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे डोंगरगढ़ में आमसभा को संबोधित करेंगे। वह डोंगरगढ़ में घोषणा पत्र जारी करेंगे। राहुल गांधी शाम 5 बजे राजनांदगांव में रोड शो करेंगे। यह रोड शो गुरुनानक चौक से मानव मंदिर चौक, सिनेमा लाइन, भारत माता चौक से गुजरेगा। वह गंज चौक में आमसभा को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी राजनांदगांव में रात्रि विश्राम करेंगे। राहुल 10 नवंबर को दोपहर 12 बजे चारामा में आमसभा को संबोधित करेंगे। वह दोपहर बाद कोंडागांव में आमसभा को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी चार बजे के करीब जगदलपुर में बूथ कार्यकतार्ओं के साथ बैठक करेंगे और शाम 5 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

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