- मेयर ने कहा कि पूर्व के कार्यकाल में विभा कुमारी के द्वारा अपने दो वर्षों के कार्यकाल में महज छह बार ही बोर्ड की बैठक की गई- तीन माह के कार्यकाल में अविश्वास प्रस्ताव व त्योहारी मौसम के कारण नहीं हो सकी बोर्ड की बैठक
कुमार गौरव । पूर्णिया : नगर निगम में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। इसी क्रम में मेयर सविता देवी ने कहा कि अपने कुकृत्यों का ठिकरा पूर्व मेयर विभा कुमारी अब उनके माथे फोड़ने का प्रयास कर रही हैं। मेयर ने कहा कि पूर्व के कार्यकाल में विभा कुमारी के द्वारा अपने दो वर्षों के कार्यकाल में महज छह बार ही बोर्ड की बैठक की गई। राजनीतिक कारणों से उनकी मंशा है कि अब वर्तमान मेयर भी उन्हीें के नक्शेकदम पर चले लेकिन जिस वायदे के साथ वे सत्तासीन हुईं हैं उस पर वे शत प्रतिशत खड़ी उतरेंगी। विपक्षियों के द्वारा उनके कार्य में बाधा उत्पन्न करने से वे विचलित नहीं होने वाली हैं। उन्होंने कहा कि डिप्टी मेयर के द्वारा अध्यपेक्षा बैठक बुलाने का आवेदन आया है। जबकि सच्चाई यही है कि पूर्व मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव के लिए 28 जुलाई को बैठक निर्धारित हुई थी और तत्कालीन मेयर पदच्यूत हो गई। इसके बाद 10 अगस्त को मेयर चुनने की तारीख तय की गई। इसके बाद उनका चयन 24 अगस्त को हुआ। यानी 28 जुलाई से 24 अगस्त तक मेयर की कुर्सी खाली रही। उनके मेयर चुने जाने के एक सप्ताह के अंदर सशक्त स्थाई समिति का गठन किए जाने के बाद 19 सितंबर को शपथ ग्रहण किया गया। इसके ठीक 26 दिनों के बाद डिप्टी मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसका चुनाव 05 नवंबर को किया गया। इसी बीच पर्व त्योहार आ जाने से निगम का कार्य बाधित रहा। मेयर ने कहा कि तमाम हकीकत जानने के बाद भी विपक्षियों के द्वारा राजनीतिक कारणों से निगम बोर्ड बैठक को लेकर हायतौबा मचाई जा रही है और अध्यपेक्षा बैठक का आवेदन दिया गया। जबकि बोर्ड बैठक की तिथि 28 नवंबर को तय की गई है।
...डिप्टी मेयर को विकास कार्य नागवार गुजर रहा है :
मेयर ने कहा कि यह सब डिप्टी मेयर को नागवार गुजर रहा है और नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 48 (2) का हवाला देते हुए अपने आवेदन में कहा गया है कि अध्यपेक्षा की बैठक के लिए हस्ताक्षर करने वालों द्वारा प्रस्ताव का चयन किया जाता है। जबकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि डिप्टी मेयर को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 27 (4) के द्वारा विषय के चयन का अधिकार मेयर को है और धारा 49 में स्थगित बैठक को बुलाने के लिए पूर्व में निर्गत प्रस्ताव को नहीं बदले जाने का प्रावधान है। साथ ही 25 (4) के प्रस्ताव को बदले नहीं जाने का प्रावधान है। मेयर ने कहा कि अध्यपेक्षा बैठक के लिए दिए गए आवेदन में आठ माह से शहर की बुनियादी समस्या मसलन पुल पुलिया, नाला, सड़क, साफ सफाई के नहीं होने का जिक्र किया गया है। जबकि मेरा सिर्फ तीन माह का कार्यकाल हुआ है। इससे पूर्व वर्तमान डिप्टी मेयर बतौर मेयर थी और इस दौरान हो रहे विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है।
...नगर विकास विभाग से हुआ है इकरारनामा :
वहीं दूसरी ओर ईईएसएल कंपनी द्वारा एलईडी लाइट लगाए जाने का इकरारनामा नगर विकास विभाग के द्वारा किया गया है और छह माह में कुल 15 हजार लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। कोई भी कंपनी एक माह में 46 वार्ड में लाइट कैसे लगा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सभी पार्षद शहर के विकास के लिए तैयार हो तो मैं हर कदम पर उनके साथ चलूंगी। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षदों को मुझसे व्यक्तिगत कष्ट हो सकता है लेकिन सभी बैर भाव को भूलकर शहर के विकास के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य के लिए सिर्फ तीन माह ही बचे हैं और उसके बाद चुनावी कारणों से आचार संहिता लागू हो जाएगा। जिसके बाद विकास कार्यों पर मुहर लगना मुमकिन नहीं हो पाएगा। ऐसे में सभी पार्षदों को एकजुट होकर शहर के विकास के बारे में सोचना पड़ेगा तब जाकर ही मंजिल तय की जा सकती है।
...राजनीतिक विद्वेष की भावना न रखें मेयर :
शहर के विकास में सभी पार्षद एकजुट हैं लेकिन यदि यह विकास राजनीतिक विद्वेष की भावना से परे होना चाहिए। जहां तक बात बोर्ड बैठक व आचार संहिता की है तो इसका चुनाव से कोई सरोकार नहीं है। : विभा कुमार, डिप्टी मेयर, नगर निगम पूर्णिया।