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भारतीय मुद्रा की मजबूती जारी

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मुम्बई 22 नवंबर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लुढ़कने और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के टूटने से गुरुवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में भारतीय मुद्रा लगातार सातवें दिन तेजी दर्ज करती हुई 77 पैसे की छलांग लगाकर करीब तीन माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी।  रुपया आज 77 पैसे की तेजी में 71 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से ऊपर 70.69 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बीते दिवस इसमें 21 पैसे की तेजी रही थी। इन सात दिनों में रुपया दो रुपये से अधिक चढा है। रुपया शुरूआती कारोबार से ही बढ़त में रहा। यह 34 पैसे की मजबूती के साथ 71.12 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। घरेलू शेयर बाजार के लुढ़कने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के दबाव में यह कारोबार के दौरा 71.19 रुपये प्रति डॉलर के दिवस के निचले स्तर तक लुढ़का। एफपीआई ने पूंजी बाजार से 68.43 करोड़ डॉलर की निकासी की। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा 67 सेंट की गिरावट में 62.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया जिससे समर्थन पाकर रुपया 70.68 रुपये प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर से होता हुआ गत दिवस की तुलना में 77 पैसे की तेज बढ़त में 29 अगस्त के बाद के उच्चतम स्तर 70.69 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

नेशनल हेराल्ड खाली कराने के मामले में फैसला सुरक्षित

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नयी दिल्ली 22 नवंबर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईटीओ के बहादुरशाह जफर मार्ग पर स्थित नेशनल हेराल्ड भवन ‘हेराल्ड हाउस’ की लीज खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला सुरक्षित रखे जाने से अभी भवन को खाली नहीं कराया जा सकेगा। इससे पहले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका 15 नवंबर को हुई सुनवाई में 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी। न्यायालय ने कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा था कि अगली तिथि तक यथास्थिति बनायी रखी जाये। इस पर केंद्र सरकार की तरफ से न्यायालय में हाजिर हुए महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया था कि हेराल्ड भवन को खाली नहीं कराया जायेगा।  एजेएल ने 12 नवंबर को याचिका दायर की थी जिसमें केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर को 56 वर्ष से आवंटित हेराल्ड भवन को 15 नवंबर तक खाली कराये जाने के आदेश को चुनौती दी गई थी। एजेएल ने सरकार के आदेश को राजनीति से प्रेरित और विपक्षी पार्टियों की असंतोष की आवाज को दबाना बताया था। सरकार ने हेराल्ड भवन को खाली कराये जाने के आदेश में कहा था कि इस परिसर में पिछले दस साल से कोई भी प्रेस काम नहीं कर रही है और लीज नियमों का उल्लंघन कर भवन का वाणज्यिक इस्तेमाल किया जा रहा है। एजेएल ने केंद्र के आरोप का खंडन किया था। उसका कहना था कि वित्तीय संकट के कारण कुछ समय से समाचारपत्र का प्रकाशन रुका रहा जबकि इससे पहले कई दशकों तक यहां से अखबार प्रकाशित होता रहा है । समाचारपत्र प्रकाशन बंद रहने के बावजूद अखबार और डिजिटल मीडिया का काम चलता रहा है। 

राम माधव ने अब्दुल्ला पर अपनी टिप्पणी वापस ली

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव एवं जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तीखी प्रतिक्रिया को देखते हुए अपनी यह टिप्पणी आज वापस ले ली कि नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार पाकिस्तान के इशारे पर किया है। भाजपा नेता ने कल आरोप लगाया था कि नेशनल कांफ्रेंस तथा पीडीपी ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव का बहिष्कार ‘सीमा पार से मिले निर्देशों’ पर किया था।  श्री अब्दुल्ला ने श्रीनगर में आज संवाददाता सम्मेलन में श्री माधव के इस बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि भाजपा नेता ने नेशनल कांफ्रेंस के हजारों कार्यकर्ताओं को अपमानित किया है। उन्होंने श्री माधव को चुनौती दी थी कि वह अपने आरोप साबित करें अन्यथ माफी मांगे। नेशनल कांफ्रेंस के नेता की कड़ी आपत्ति के बाद श्री माधव ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली। उन्होंने ट्वीट कर कहा “आपने किसी बाहरी दबाव से इनकार किया है यह देखते हुए मैं अपनी टिप्पणी वापस लेता हूं लेकिन अब आपने यह साबित किया है कि पीडीपी और नेशनल काफ्रेंस के बीच वास्तव में प्रेम था। उन्होंने कहा कि श्री अब्दुल्ला की देशभक्ति पर उन्हें संदेह नहीं है लेकिन नेशनल कांफ्रेंस तथा पीडीपी के बीच अचानक जो प्रेम उमड़ा है और जिस तरह से दोनों दलों ने राज्य में सरकार के गठन को लेकर जल्दबाजी दिखायी है उससे कई तरह के संदेह पैदा होते हैं और उस पर राजनीतिक टिप्पणियां भी लाजमी हैं।  उन्होंने ट्वीट किया “मैं राम माधव जी को अपने आरोप साबित करने की चुनौती देता हूँ। रॉ, एनआईए तथा आईबी आपके नियंत्रण में हैं, (सीबीआई भी आपका तोता है)। साहस जुटाए और तथ्यों को जनता के सामने लाइए। इस आरोप को साबित करें अन्यथा इसके लिए क्षमा मांगे। बोलो और भागो की राजनीति मत कीजिए।”

मैरीकॉम फाइनल में, छठे स्वर्ण से एक पंच दूर

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर,भारत की सुपर मुक्केबाज़ एमसी मैरीकॉम ने अपना विस्फोटक प्रदर्शन जारी रखते हुये उत्तर कोरिया की हियांग मी किम को गुरूवार को 5-0 से पीटकर आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 45-48 किग्रा लाइट फ्लाई वेट वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर लिया। सुपर मॉम मैरी ने यह मुकाबला 29-28, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 से जीता। मैरी का फाइनल में शनिवार को यूक्रेन की हाना ओखोता से मुकाबला होगा। पांच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मैरी अब अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण पदक से एक पंच दूर रह गयी हैं।  विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की ब्रांड एम्बेसेडर पहले ही अपना सातवां विश्व चैंपियनशिप पदक सुनिश्चित कर रिकार्ड बुक में जगह बना चुकी हैं। 

कांग्रेस की जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराने की मांग

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर,कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के लिए जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा “जम्मू कश्मीर की जनता के लिए केंद्र का शासन यानी भारतीय जनता पार्टी का शासन’ ठीक नहीं है। वहां लोकतंत्र की बहाली आवश्यक है और इसके लिए वहां जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने जरूरी हैं।” श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ बेमेल गठबंधन कर सरकार चलाने का प्रयास किया था लेकिन समय से पहले इस बेमेल सरकार का अंत हो गया जो स्वाभाविक था। उसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया वह यह जनता के हित में नहीं है। एक प्रश्न के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक राज्यपाल के रूप में कम और भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में ज्यादा भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने किसी दल को सरकार बनाने के लिए समर्थन का पत्र नहीं दिया था।  गौरतलब है कि पीडीपी तथा नेशनल कांफ्रेंस ने बुधवार को राज्य में सरकार बनाने का मिलकर प्रयास किया था लेकिन इससे पहले ही राज्यपाल ने विधानसभा को भंग कर दिया।

राजनीति को रसातल में ले जा रहे हैं अमित शाह : गहलोत

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जोधपुर ,22 नवंबर, कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के वोट मांगने वाले 'विरोधी दल 'के नेताओं के गिरेबान पकड़ने संबंधी बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वह देश की राजनीति को रसातल में ले जा रहे हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यहां यूनीवार्ता के साथ विशेष बातचीत में कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष का जनता से यह कहना कि वोट मांगने वाले (विरोधी दल के) नेताओं का गिरेबान पकड़ो और उनसे पूछो कि आप इतने दिन कहाँ थे? आपने क्या किया? यह जनता को भड़काने वाला बयान है। पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार श्री गहलोत ने कहा कि वह श्री शाह के इस बयान की घोर निंदा करते हैं। इस तरह के बयान दे श्री शाह देश की राजनीति को रसातल में ले जा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अभी मोदी और शाह दो ही चेहरे देश को चला रहे हैं और लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ रही हैं। उल्लेखनीय है कि श्री शाह ने बुधवार को अपने राजस्थान दौरे के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था।

प्रधानमंत्री ने 129 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजनाओं की नींव रखी

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नयी दिल्ली 22 नवंबर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 129 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजनाओं की आज आधारशिला रखी तथा कहा कि सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था के सभी आयामों पर ध्यान दे रही है।  श्री मोदी ने यहाँ विज्ञान भवन से डिजिटल माध्यम से एक साथ इन परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद कहा “हमारे शहरों ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ कैसे मजबूत कदम उठाया है, यह उसकी भव्य तस्वीर है। सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था के सभी आयामों पर ध्यान दे रही है। देश में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एलएनजी टर्मिनलों की संख्या बढ़ाने, राष्ट्रीय गैस ग्रिड और शहरी गैस वितरण नेटवर्क पर एक साथ काम किया जा रहा है।” इन परियोजनाओं का आवंटन शहरी गैस वितरण के नवें चरण की बोली प्रक्रिया के तहत किया गया था।  उन्होंने कहा कि जब शहर में गैस पहुँचती है, तो वह एक नयी पारिस्थितिकी का निर्माण करती है। उस शहर में गैस आधारित उद्योगों की स्थापना की संभावना बढ़ती है। पाइप के जरिये सीधे लोगों के घरों में पहुँचने वाली गैस, लोगों का जीवन आसान बनाती है। पाइप बिछाने के काम में हजारों युवाओं को रोजगार मिलता है।

विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायतों के बाद भंग की विधानसभा : मलिक

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जम्मू 22 नवंबर, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त होने तथा उन्हें धमकाये जाने की शिकायतें मिल रही थीं जिसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग कर दी। श्री मलिक ने यहां राज भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ मुझे पिछले 15 दिनों से विधायकों की खरीद-फरोख्त  होने और विधायकों को धमकी दिये जाने की शिकायतें मिल रही हैं।” उन्होंने कहा, “ सुश्री महबूबा मुफ्ती ने खुद शिकायत की कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। दूसरी पार्टी ने कहा कि पैसे के वितरण की योजना है। इसलिए मैं इसे होने की इजाजत नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा, “ मैं नियुक्ति के दिन से राज्यपाल के रूप में कह रहा हूं कि मैं राज्य में दल-बदल और खरीद- फरोख्त के तहत गठित किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हूं।”  उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि चुनाव कराये जाएं और चुनी गयी पार्टी का राज्य पर शासन हो।” नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस का नाम लिये बगैर राज्यपाल ने कहा, “ये वे शक्तियां हैं जो राज्य में जमीनी स्तर का लोकतंत्र नहीं चाहती हैं।” उन्होंने कहा, “ खुद को असहाय महसूस करने तथा यह देखते हुए कि स्थिति उनके हाथों से निकल रही है और उनके अनुसार कुछ भी नहीं हो रहा है तो उन्होंने ‘अपवित्र’ गठबंधन की पहल शुरू की। ” राज्यपाल ने कहा, “मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा भंग करने का कदम उठाया है।” बुधवार को राजभवन में किसी भी फैक्स को स्वीकार नहीं करने के सुश्री मुफ्ती के आरोपों के जवाब में श्री मलिक ने कहा, “ ईद की वजह से मेरा कार्यालय बंद कर दिया गया था, इसलिए मुझे सुश्री महबूबा मुफ्ती से कोई संदेश नहीं मिला। वह एक दिन पहले मुझसे संपर्क कर सकती थीं। छुट्टी के दिन कोई भी फ़ैक्स मशीन के बगल में बैठा नहीं था।” राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग करने का बुधवार की रात को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि राज्यपाल कई स्रोतों से उपलब्ध सामग्री तथा जानकारियों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।

ईवीएम की जगह मतपत्रों से चुनाव कराने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, उच्चतम न्यायालय ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह मतपत्रों के इस्तेमाल से संबंधित याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईवीएम की बजाय मतपत्रों के इस्तेमाल संबंधी जनहित याचिका सुनवाई के योग्य नहीं बताकर खारिज कर दी। गैर सरकारी संगठन ‘न्याय भूमि’ ने याचिका दायर करके चुनाव आयोग को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह मतपत्रों के जरिये मतदान कराने का निर्देश देने की अपील की थी। शीर्ष न्यायालय ने न्याय भूमि की इन दलीलों से सहमति नहीं जतायी कि ईवीएम का दुरूपयोग हो सकता है और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया था, ‘हर प्रणाली और मशीन का उपयोग तथा दुरूपयोग दोनों हो सकता है। आशंकाएं सभी जगह होंगी।’

अध्यात्म जगत की विशिष्ट विभूतियों का संगम एवं एक दिव्य मुलाकात

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पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और पूज्य श्री श्री रविशंकर जी की हुई वार्ता, हम ही समस्या; हम ही समाधान तथा हम सब मिलकर निकाल सकते है इसका समाधान, आर्ट आॅफ शेयरिंग ही आगे चलकर आर्ट आॅफ केयरिंग बनेगा आज समाज को इसकी आवश्यकता-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी

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22 नवम्बर, ऋषिकेश/बैंगलोर।परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी की भेंटवार्ता आर्ट आॅफ लिविंग के प्रमुख केन्द्र, बैंगलोर में हुई। अध्यात्म जगत की दोनों विशिष्ट विभूतियों ने गंगा, यमुना, पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक विषयों पर चर्चा की।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि गंगा और यमुना हिमालय से निकली नदियां है जिनके जन में भारत की संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम् का संगीत, ऋषियों के मंत्रों एवं शास्त्रों का ज्ञान एवं हिमालय की औषधियों का अमृत  समाहित है। उन्होने कहा कि गंगा के जल में सुनने, ग्रहण करने और बांटने की अपार शक्ति है; गंगा भारत की सृमद्धि और शान्ति का आधार है। गंगा भारत की जीवन रेखा है, वह जीवंत रहेगी तो भारत की संस्कृति भी जीवंत बनी रहेगी। स्वामी जी महाराज ने बताया कि आर्ट आॅफ लिविंग के केन्द्र से आर्ट आॅफ शेयरिंग (साझा करना) की शुरूआत हुुुई। हम सभी मिलकर समाज के लिये; एक दूसरे के लिये और पूरे विश्व के लिये शेयर कर सकते है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय सभी शक्तियों एवं संस्थाओं को एक साथ लाकर जल, पर्यावरण, नदियों और समाज के लिये मिलकर कार्य करने का है। उन्होने कहा कि मुझे लगता है आर्ट आॅफ शेयरिंग ही आगे चलकर आर्ट आॅफ केयरिंग बनेगा आज समाज को इसकी आवश्यकता है।  परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग फेस्टीवल के सहभाग हेतु आमंत्रित किया तथा प्रयाग कुम्भ मेला में कुम्भ के दौरान होने वाले जल, जंगल, जमीन, जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण जैसी अनेक समस्याओं का उत्तर भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व खोज रहा है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि इन समस्याओं का कारण हम है तो समाधान भी हम ही है ’’हम है समाधान’’ इसलिये हम है समाधान शीर्षक पर कुम्भ में सम्मेलन करने की आवश्यकता है जिसमें सभी विद्वान अपने विचार व्यक्त कर सके तथा एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया जा सके। उन्होने कहा कि हम ही समस्या; हम ही समाधान तथा हम सब मिलकर इसका समाधान भी निकाल सकते है। स्वामी जी ने बताया कि वर्तमान समय में विश्व स्तर के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू मिलकर विभिन्न गंभीर सामाजिक मुद्दों यथा महिलाओं, बच्चों, पर्यावरण, पृथ्वी, प्रकृति तथा आने वाली पीढ़ियों के सुखद भविष्य के लिये चिंतित है उस पर विशेष चर्चा हुई। आदरणीय श्री श्री रविशंकर जी के दिव्य आश्रम, उनकी दिव्यता, भव्यता, आध्यात्मिकता और पूरे वातावरण को देखकर स्वामी जी महाराज ने कहा कि यहां का बहुत मनमोहक, दिव्य और सुरम्य वातावरण है यहां आकर किसी का भी हृदय परिवर्तन हो सकता है। आज की यह भेंटवार्ता बहुत सफल रही जो हमेशा यादगार रहेगी।

देशभर में 539 बाल गृह बंद हुए : डब्ल्यूसीडी

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, बिहार में यौन उत्पीड़न के मामलों के उजागर होने की पृष्ठभूमि में देश के बालगृहों की जांच के दौरान अनियमितताएं सामने आने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देशभर में कुल 539 बाल गृहों (सीसीआई) को बंद कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में 377 बालगृहों को बंद किया गया, जो सभी राज्यों और केन्द्र प्रशासित राज्यों में सर्वाधिक है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 78 और तेलंगाना में 32 बालगृह बंद किये गये हैं। बिहार के एक आश्रय गृह में 34 नाबालिग बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना सामने आने के बाद मंत्रालय ने अगस्त में राज्यों को अपने सभी बालगृहों की जांच के निर्देश दिये थे। इसने संबंधित इलाकों के जिलाधीशों को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट जमा करने को कहा था। महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि करीब 539 बालगृह नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं या पंजीकृत नहीं हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें उन संस्थानों को बंद करना पड़ा, जिन्होंने बच्चों को रहने के लिये वांछित बेहतर माहौल उपलब्ध नहीं कराया, या उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया अथवा गैर पंजीकृत थे।’’ अधिकारी ने बताया कि उन बाल गृहों में रह रहे बच्चों को सुरक्षित अन्य बाल गृहों में भेज दिया गया है। केन्द्रीय बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इससे पहले विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसियों (एसएए)और बाल गृहों की नियमित निगरानी के लिये राज्य एवं जिला स्तर पर बाल कल्याण समितियों की स्थापना का अनुरोध किया था।

आईआईएम-आई के अगले निदेशक होंगे हिमांशु राय

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इंदौर, 22 नवंबर,आईआईएम लखनऊ में मानव संसाधन प्रबंधन के प्रोफेसर हिमांशु राय को इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-आई) का अगला निदेशक नियुक्त किया गया है। आईआईएम-आई की ओर से बृहस्पतिवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि संस्थान के संचालक मंडल ने अगले निदेशक के रूप में राय के नाम पर मुहर लगायी है। राय आईआईएम-आई के वर्तमान निदेशक ऋषिकेश टी. कृष्णन की जगह लेंगे। निदेशक के रूप में कृष्णन का पांच वर्षीय कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। कृष्णन ने आईआईएम-आई के अगले निदेशक के रूप में राय की नियुक्ति पर कहा, "राय को आईआईएम-आई के संचालक मंडल ने कठिन चयन प्रक्रिया के तहत चुना है। मुझे उम्मीद है कि वह संस्थान को नयी ऊंचाइयों पर ले जायेंगे।"  विज्ञप्ति के मुताबिक राय आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र रहे हैं। वह वर्ष 2006 से आईआईएम लखनऊ में स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। वह अलग-अलग कॉर्पोरेट और प्रबंधन संस्थानों को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 

सीलिंग मुद्दे पर भाजपा लाए अध्यादेश : केजरीवाल

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर,मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीलिंग के मुद्दे पर भाजपा को अपना ‘‘तमाशा’’ बंद करना चाहिए और यथास्थिति बनाए रखने तथा लाखों लोगों को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल अध्यादेश लाना चाहिए। उनकी टिप्पणी, गत सितंबर में परिसरों पर लगाई गई नगर निकाय की सील को तोड़ने के मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय द्वारा अवमानना कार्यवाही बंद किए जाने के बाद आई। शीर्ष अदालत ने हालांकि अदालत के आदेश पर बनी समिति पर गलत आरोप लगाने को लेकर दिल्ली भाजपा प्रमुख की निन्दा की और कहा कि इससे पता चलता है कि ‘‘वह कितना नीचे गिर सकते हैं।’’ केजरीवाल ने ट्वीट किया कि भाजपा को सीलिंग के मुद्दे पर तमाशा बंद करना चाहिए और यथास्थिति बनाए रखने तथा लाखों लोगों को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल अध्यादेश लाना चाहिए। 

हवा की गति बढ़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बृहस्पतिवार को हल्का सा सुधार देखा गया और वह ‘खराब’ श्रेणी में आ गई। अधिकारियों ने बताया कि हवा की गति तेज होने के बाद यह सुधार हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 282 दर्ज किया गया जो खराब की श्रेणी में आता है।  डेटा के मुताबिक, दिल्ली के 11 इलाकों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई जबकि 24 स्थानों पर यह ‘खराब’ श्रेणी में थी। इसमें कहा गया है कि हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 135 और पीएम 10 का स्तर 273 दर्ज किया गया।  भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, हवा की गति बढ़ने के कारण वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार देखा गया।  वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम और सामान्य’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले हफ्ते से बहुत खराब की श्रेणी में बनी हुई थी और बुधवार को कुछ इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर दर्ज किया गया था।

न्यायालय ने मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही बंद की

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कानून हाथ में लेने के लिये मनोज तिवारी की आलोचना की
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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी। न्यायालय ने अदालत द्वारा गठित समिति पर ओछा आरोप लगाने के लिये तिवारी की आलोचना करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि वह ‘‘कितना नीचे जा सकते हैं।’’ तिवारी ने सितंबर में यहां एक परिसर से नगर निकाय की सील को तोड़ दिया था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत उनके आचरण की वजह से ‘काफी दुखी’ है क्योंकि वह निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और उसने कानून अपने हाथ में लेने के उनके कृत्य की निंदा की। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि ‘‘गलत राजनीतिक प्रचार के लिये कोई जगह नहीं है’’ और ‘‘इस तरह के आचरण की निंदा की जानी चाहिये।’’ शीर्ष अदालत ने 19 सितंबर को दिल्ली भाजपा प्रमुख और पूर्वोत्तर दिल्ली के सांसद तिवारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था। न्यायालय ने निगरानी समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद यह नोटिस जारी किया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भाजपा नेता ने परिसर की सील को तोड़ा। तिवारी के खिलाफ ईडीएमसी ने पूर्वोत्तर दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में कथित तौर पर एक परिसर की सील तोड़ने के लिये प्राथमिकी दर्ज कराई थी।  न्यायालय ने 30 अक्टूबर को मामले में दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। उस दौरान तिवारी ने शीर्ष अदालत द्वारा गठित निगरानी समिति पर ‘दिल्ली के लोगों को आतंकित करने’ का आरोप लगाया था। समिति ने हालांकि दावा किया था कि वह न्यायालय को ‘राजनीतिक रणभूमि’ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

असंभव होता स्थिर सरकार बनाना : सत्यपाल मलिक

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जम्मू, 22 नवंबर,जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि ‘‘बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त’’ चल रही थी और ‘‘विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं’’ वाले दलों के लिए स्थिर सरकार बनाना असंभव होता। मलिक ने कहा कि उन्होंने राज्य के हित और इसके संविधान के अनुरूप यह फैसला लिया। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि वह केन्द्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो उन्हें (भाजपा, पीपुल्स कांफ्रेंस) सरकार बनाने के लिए बुलाया जाता। राज्यपाल ने कहा कि जो अदालत जाना चाहते हैं, वे जा सकते हैं। मलिक ने यहां राजभवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले 15 से 20 दिन में, मुझे बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की खबरें मिलती रही हैं। विधायकों को धमकाया जा रहा है और पर्दे के पीछे से कई तरह के सौदे चल रहे हैं।’’  उन्होंने दावा किया, ‘‘महबूबा (मुफ्ती) जी ने एक सप्ताह पहले मुझसे कहा कि उनके विधायकों को एनआईए के जरिये धमकाया जा रहा है। एक अन्य पक्ष ने कहा कि विधायकों को भारी धन देकर लुभाया जा रहा है। खरीद-फरोख्त 20 दिन पहले शुरू हुई थी।’’ राज्यपाल ने कहा, ‘‘अगर मैंने किसी पक्ष को (सरकार बनाने का) अवसर दिया होता तो यह और दिक्कतें पैदा करता। राजनीति की मूल्य व्यवस्था को नुकसान पहुंचता जैसा कि बाकी राज्यों में देखा जा रहा है। मैं ऐसा नहीं होने दे सकता था।’’ 

उन्होंने कहा कि ‘‘विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं’’ वाले दलों के लिए स्थिर सरकार बनाना असंभव होता। मलिक ने कहा, ‘‘अगर (राज्य में) अस्थिर सरकार बनती तो यह स्थिति बदल जाती। एक अवसरवादी सरकार इस प्रक्रिया का नतीजा होती। हम एक संवेदनशील राज्य में अस्थिरता कभी नहीं चाहते।’’ उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस के बीच टकराव होता और इससे दिक्कतें पैदा होतीं। मलिक ने कहा कि राज्य में आज जो स्थिरता है वह सैन्य बलों की मेहनत के कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कोई निजी हित नहीं है और मेरे लिए राज्य का हित सर्वोपरि है। इसके लिए, मैंने जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुसार कदम उठाया और विधानसभा भंग की। यह मेरी बुद्धिमत्ता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ कदम था और मैंने भेदभाव नहीं किया है।‘’  राज्यपाल ने कहा कि जब वह राज्य में आए थे तो उन्होंने यह रुख स्पष्ट किया था कि वह पर्दे के पीछे से किसी सौदे या दल-बदल में संलिप्त नहीं होंगे और धमकियों के आधार पर सरकार का गठन नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि चुनाव हों और निर्वाचित सरकार बने। उन्होंने इस दावे को लेकर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस पर निशाना साधा कि उन्होंने राज्यपाल से कहा था कि उनके पास बहुमत है जबकि उन्हें इसके कोई सबूत नहीं दिये गये। मलिक ने कहा कि कोई सूची नहीं दी गई और विधायकों की कोई परेड नहीं हुई।

उन्होंने दावा किया कि सरकार बनाने का प्रयास उन शक्तियों का था जो राज्य में चुनाव नहीं चाहतीं। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें अब खुश होना चाहिए कि विधानसभा भंग हो चुकी है और वे यही चाहते थे। मलिक ने कहा कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों पर फैसला करेगा। राजभवन में फैक्स मशीन के काम नहीं करने को लेकर उन्होंने कहा कि बुधवार को ईद थी। सरकार बनाने का दावा पेश करने के पीडीपी के पत्र के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन पत्र राज्यपाल के कार्यालय को प्राप्त नहीं होने के पीछे फैक्स नहीं मिलना वजह बताई गई थी। उन्होंने कहा कि नेकां के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती दोनों को यह पता होना चाहिए कि उस दिन कार्यालय बंद रहते हैं।  राज्यपाल ने बुधवार की रात अचानक राज्य विधानसभा भंग कर दी थी। इससे कुछ ही घंटे पहले पीडीपी ने नेकां और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। पीडीपी के दावे के बाद दो सदस्यीय पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने भी भाजपा और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था।

संतरे का रस, फल, सब्जियां स्मरण शक्ति के क्षय को रोक सकते हैं

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बोस्टन, 22 नवंबर, पत्तेदार हरी, गहरे नारंगी रंग की या लाल सब्जियां, छोटे गूदेदार फल (बेरी फल) तथा संतरे के रस का सेवन करने से स्मरण शक्ति के क्षय के जोखिम को कम किया जा सकता है, खासकर पुरूषों में। यह शोध न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में औसत आयु 51 वर्ष के 27,842 पुरूष शामिल हुए। वह सभी सेहतमंद और पेशेवर लोग थे। उन्होंने एक प्रश्नावली भरी जिसमें पूछा गया था कि वह प्रतिदिन कितने फल और सब्जियां खाते हैं। यह शोध 20 वर्ष तक चला। जिन व्यक्तियों ने सब्जियों का सेवन सबसे ज्यादा किया, उनकी सोचने-समझने की क्षमता क्षीण होने की आशंका में 34 फीसदी की कमी देखी गई। नियमित तौर पर संतरे का रस पीने वाले लोगों में यह आंकड़ा 47 फीसदी था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने बीस साल तक फल और सब्जियों का भरपूर सेवन किया उन्हें सोचने समझने तथा स्मरण शक्ति से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका भी कम रही।

अदालतों के पक्षपात करने वाले दावे के साथ प्रधान न्यायाधीश से उलझे ट्रंप

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वाशिंगटन, 22 नवंबर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के साथ एक असाधारण विवाद में उलझ गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि न्यायपालिका के कुछ हिस्सों में उनकी नीतियों को लेकर चौंकाने वाले ढंग से पक्षपात किया जाता है।  ट्रंप ने बुधवार को नाइंथ सर्किट के कोर्ट ऑफ अपील्स पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि इसके फैसले, “हमारे देश को असुरक्षित बना रहे हैं। बेहद खतरनाक और अविवेकपूर्ण।”  इससे पहले बमुश्किल ही कभी कोई राजनीतिक बयान देने वाले प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने ट्रंप द्वारा अदालतों की आलोचना की निंदा करते हुए कहा कि न्यायपालिका ‘‘स्वतंत्र” है। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपतियों द्वारा नियुक्त न्यायाधीश मौजूदा व्हाइट हाउस के खिलाफ काम करते हैं, ट्रंप की इस शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉबर्ट्स ने एजेंसी से कहा, “हमारे पास ओबामा न्यायाधीश या ट्रंप न्यायाधीश, बुश या क्लिंटन के न्यायाधीश नहीं हैं।” प्रधान न्यायाधीश ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “हमारे पास समर्पित न्यायाधीशों का असाधारण समूह है जो अपने समक्ष पेश होने वाले प्रत्येक के साथ बराबरी से न्याय करने का भरसक प्रयास करते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘इस स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए हम सबको शुक्रगुजार रहना चाहिए।”  फ्लोरिडा में छुट्टी बिता रहे ट्रंप ने ट्विटर पर पलटवार किया।  उन्होंने लिखा, ‘‘माफ कीजिएगा प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स लेकिन आपके पास निश्चित तौर पर ‘ओबामा न्यायाधीश’ हैं और वे उन लोगों से बहुत अलग नजरिया रखते हैं जिनके पास हमारे देश की सुरक्षा का प्रभार है।” 

अगले साल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में होगी नौकरियों की बहार

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर, अगले साल यानी 2019 में करीब चार वर्ष के अंतराल के बाद विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्तियां बढ़ेंगी। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी, वाहन, यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध होंगे।  ‘इंडिया स्किल रिपोर्ट‘ में कहा गया है कि अगले साल के लिए करीब 64 प्रतिशत नियोक्ताओं का रुख नियुक्तियों को लेकर सकारात्मक है। 20 प्रतिशत का कहना है कि वे अगले साल भी 2018 के बराबर नियुक्तियां करेंगे। बहुत थोड़ी संख्या में नियोक्ता मानते हैं कि वे अगले साल कम संख्या में नौकरियां देंगे।  रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी वर्ष में नयी नौकरियों देने की इच्छा दोगुना से अधिक यानी 15 प्रतिशत हो गई है। 2017 में यह इच्छा मात्र सात प्रतिशत थी।  रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल नयी नियुक्तियों का स्तर हालांकि 2010-11 के बराबर नहीं पहुंच पाएगा लेकिन यह पिछले दो-तीन साल की तुलना में अच्छा रहेगा।  पीपलस्ट्रॉन्ग के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी पंकज बंसल ने कहा, ‘‘समीक्षाधीन साल के लिए नौकरियों देने की इच्छा बढ़ी है जो अच्छी बात है। विशेष रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नयी नौकरियां बढ़ेंगी।’’  राष्ट्रव्यापी स्तर पर किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि रोजगारन्मुखता के मामले में शीर्ष तीन राज्य आंध्र प्रदेश, पश्चिम और दिल्ली हैं। इंडिया स्किल रिपोर्ट, 2019 एचआर समाधान और एचआर प्रौद्योगिकी कंपनी पीपलस्ट्रॉन्ग, वैश्विक प्रतिभा आकलन कंपनी व्हीबॉक्स ने भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ संयुक्त रूप से तैयार की है। इसमें यूएनडीबी, एआईसीटीई तथा एआईयू की भी भागीदारी है। 

मात्र माकपा के पास है आंतरिक शिकायत समिति

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नई दिल्ली, 22 नवंबर,केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) गठित करने को कहा था, लेकिन सिर्फ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ही ऐसा किया है। मंत्रालय के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोधी अधिनियम के तहत आईसीसी के गठन की प्रगति पर किसी तरह की जानकारी प्रदान करने में नाकाम रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, "माकपा के अलावा न ही राज्य और न ही राजनीतिक दल ने आईसीसी पर हमें कोई जवाब दिया है। हमने फिलहाल अगला कदम तय नहीं किया है।"भारत में इस समय सात राष्ट्रीय, 59 प्रदेश स्तर और दो हजार से अधिक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियां हैं। बता दें कि पिछले माह मी-टू आंदोलन के मद्देनजर भी मेनका गांधी ने सभी राजनीतिक पार्टियों से यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए आईसीसी गठित करने का आग्रह किया था।
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