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विशेष -: मुक्ति :- आपस की बात

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क्या हम अपने अपूर्व तत्व, उसकी अनन्त शक्ति,अनन्त वीर्य, अनन्त शुद्धता, और अनन्त पूर्णता को जानने की कभी कोशिश करते हैं,क्या हमारे संतान इन तत्वों को जानने के लिए कार्य करें ऐसा हम चाहते हैं, हम सर्व शक्तिशाली,खुद को नेक और महान कार्य के लिए कभी प्रोत्साहित करते हैं,क्या हमारे अंदर संसार भ्रमण और उसके अनुभव का भाव जागृत होता है,क्या हम अपनी श्रेष्ठता पर विश्वास रख पाते हैं,क्या हम अपने अंदर उमड़ते सूर्य लोक,चंद्र लोक की सैर को रोक पाते हैं, क्या हम अपने अंदर भ्रांत धारणाओं और दग्ध नारकाग्नि को सहस्र गुण, आत्म श्रद्धा और विश्वास के धर्मतत्व से रोक पाते हैं,क्या हम अपने उपहास और उपेक्षा की परवाह किये वगैर सत्मार्ग के प्रचार को उत्सुक होते हैं,हम लोगों में कितने हैं जो सतकर्म के प्रति उत्सुक हैं, अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हमें ये समझ लेना चाहिए कि हमारा रक्त पानी जैसा हो गया है,मस्तिष्क मुर्दा और शरीर दुर्बल हो गया है और हमारे अंदर अनिष्टों का जड़ मजबूत हो रहा है,सदियों से हम अनेक प्रकार के सुधार, आदर्श आदि की बातें करते आ रहे हैं,किन्तु जब कर्म का समय आता है तो हम तो हम अपने स्वार्थ लिप्सा में खो जाते हैं,ज्ञान की कमी है ऐसा हम सोच भी नहीं सकते अतः इन अनर्थो का मूल कारण है कि हम दुर्बल हो जाते हैं,मन दुर्बल,शरीर दुर्बल,श्रद्धा दुर्बल, ब्यक्तित्व दुर्बल और सोच दुर्बल हो जाता है,और हमारे अंदर एक अत्याचारी का उदय हो जाता है जो सबकुछ चकनाचूर कर डालता है,हम स्वजनी हो जाते हैं,स्वजन हमारा बल हर लेते हैं,हमारा मेरुदंड झुक जाता है और हम पददलित हो जाते हैं,और अनेक भाग में बांटने लगते हैं ख़ुद को प्रशंशा का भाग,ऐश्वर्य का भाग,कार्य का भाग,जाति का भाग,चतुराई का भाग और यही भाग हमसे पाप करवाकर हमें पापी बना देता है अतः हमें इस विभक्ति से छुटकारा पाना होगा हत्या से कभी प्रशंसा नहीं मिलेगी ऐसा नहीं हो सकता, चोरी से सुकून नहीं खरीदा जा सकता इसलिए हमें अपने ज्ञान के प्रकाश को बढ़ाना होगा दुसरों के उन्नति का साधन एकत्र करना होगा,गरीबों में ज्ञान का विस्तार करना होगा,धनी लोगों को सही राह दिखाना होगा जैसे पौधे को बढ़ने के लिए जल,मिट्टी,वायु आदि पदार्थो की आवश्यकता होती है और वो अपने नियमानुसार ही उसको ग्रहण करता वैसे ही हम मनुष्यों को भी आवश्यकतानुसार ही प्रकृति का क्षरण करना होगा क्योंकि जीवन का श्रेष्ठ सौभाग्य यही है दुखी,कोढ़ी,बीमार,पागल ब्यक्ति की सेवा ही मुक्ति का सही मार्ग है और यही हमारे मुक्ति का सही माध्यम है,मेरे शब्द थोड़े अटपटे हैं किंतु मैं फिर दुहराता हूँ कि हमारा यही सौभाग्य है कि भिन्न-भिन्न रूपों में विराजमान जरूरत मंदो की सेवा करें और प्रभुत्व से किसी का कल्याण होगा ये धरना मन से निकाल दें हम मुक्त हो जाएंगे ।।



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अभिजीत कुमार "मुन्ना"
बेगूसराय 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 26 नवंबर

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भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ने मनाया संविधान दिवस विद्यार्थियों ने की नागरिकों से मतदान की अपील 

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सीहेार। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ने सोमवार को डॉ भीमराव अम्बेडर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास परिसर में संविधान दिवस मनाया। मोर्चा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में विद्यार्थियों के द्वारा संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अम्बेडर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मांगीलाल पैरवाल ने मोर्चा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की बाबा साहब ने वर्ष १९४९ में देश के सभी वर्गो की उन्नती को ध्यान में रखते हुए संविधान की रचना की थी। बाबा साहब के संविधान के आधार पर हीं देश में लोकतंत्र कायम है। जावर तहसील अध्यक्ष अंकित परिहार ने कहा की बाबा साहब का संविधान नहीं होता तो हम हमारे अधिकारों से वंचित होते। कार्यक्रम में भारतीय विद्यार्थी मोर्चा जिला मीडिया प्रभारी बलराम सिंह भदोरिया एवं विद्यार्थियों के द्वारा मतदान जागरूकता को लेकर नारे लगाए गए ।  देश एवं प्रदेश के मतदाताओं से शतप्रतिशत मतदान कराने की अपील कार्यक्रम के दौरान की गई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ईमरत लाल सूर्यवंशी, जसपाल गोयल, संतोष बामनिया, संतोष बढोदिया, कृपाल सिंह बकोरिया, राकेश रैकवार, निखिल मालवीय, भगवान सिंह मालवीय, राहुल मालवीय, संजय केशरिया, सुनील मालवीय, रविन्द्र सिंह बामनिया, कुलदीप मालवीय, दीपक मालवीय, सुनील मालवीय, राहुल कामले, राजकुमार बडोदिया, अरविंद सूर्यवंशी, रवि अहिरवार, राजेश अहिरवार, कुलदीप दंगोलिया, सोनू बकोरिया, अर्जुन धासू, कमल करमोदिया, आनंद धासू, अंकित मालवीय, देवेंद्र मालवीय,रवि मालवीय, ममता बाई सहित अन्य विद्यार्थीगण कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

बुजुर्गो ने अपने बेटे सन्नी को विजयश्री का आशिर्वाद दिया 
 गांवों में पहुंचे महाजन शहर में भी चाबी को जनता का भरपूर समर्थन  चाबी लेकर सड़कों पर निकली सैकड़ों महिलाएं, ग्रामीणों ने किया अपने नेता का भव्य स्वागत,
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सीहेार। जनता के द्वारा जनता के लिए चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी गौरव सन्नी महाजन को संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। सभी वर्गो में बीते दिनों से चुनाव चिंह चाबी लोकप्रिय बना हुआ है। वर्तमान नेताओं से परेशान क्षेत्र के किसान मजदूर युवा  व्यापारी नौकरी पैसा सहित हजारों मतदाताओं महिलाओं ने विकास के लिए केवल चाबी चुनाव चिंह के साथ चुनावी मैदान में उतरे श्री महाजन को अपना पूर्ण समर्थन देकर अपना प्रतिनिधि चुनने का मन बना लिया है। कार्यकर्ताओं ने मतदान के लिए मतदाताओं को पीले चावल भी बांटे। महाजन  ने माता बहनों और बुजूर्गो के चरण स्पर्श किए। बुजुर्गो ने अपने बेटे सन्नी को विजयश्री का आशिर्वाद दिया। विधानसभा सीहोर के निर्दलीय प्रत्याशी गौरव सन्नी महाजन ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को सैकड़ों समर्थकों और कार्याकर्ताओं के साथ शहर सहित गांवों में पहुंचकर घर घर दस्तक दी। ग्रामीणों और शहरी नागरिकों ने अपने नेता का साफा बांधकर फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। महाजन के समर्थन में श्रीमति सौभना महाजन के नेतृत्व में सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं और युवा साथियों ने भी शहर के गली मोहल्लों और गांवों में पहुंचकर सभी वर्गो के मतदाताओं से संपर्क किया। जनसंपर्क के दौरान नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए निर्दंलीय प्रत्याशी सन्नी गौरव महाजन ने कहा की लंबे समय से क्षेत्रवासियों को विजय श्री प्राप्त करने वाले जनप्रतिनिधियों ने कुछ नहीं दिया है, जिसके कारण सीहोर विधानसभा क्षेत्र में आम जनता परेशान है और अब आगामी 28 नवंबर को मतदाता क्षेत्र के विकास के लिए चाबी का बटन दबाकर मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।  महाजन ने कहा कि आप ही तो मेरी ताकत हो आपका सेवक आपके द्वार आया है। इस दौरान यहां पर मौजूद समर्थकों ने हाथ उठाकर चाबी का बटन दबाने और अपने नेता को जिताने का संकल्प लिया। कार्यकर्ताओं ने चुनाव चिंह चाबी को साथ लेकर जनसंपर्क किया। समर्थकों ने सन्नी महाजन के द्वारा बीते ३० सालों से की जार रहीं जनता की सेवा से जनता को अवगत कराया। शहर और गांवों में नागरिकों ने स्वयं आगे आकर चुनाव चिंह चाबी के प्रचार के लिए झंडे बेनर अपने दो व चार पहियां वाहनों घरों दुकानों ईमारतों पर लगाए । महाजन के समर्थन में निकाली गई रैलियों यात्राओं और जुलूसों में भी हजारों की संख्या में समर्थकों कार्यकर्ताओं ने शामिल होकर सभी कीर्तमान तोड़ दिए है। महाजन के साथ शहर सहित विधानसभा के सैकड़ों गांवों के समर्थकों ने दिन रात जनसंपर्क किया। 

मतदाता जागरुकता अभियान के दौरान 1 लाख 59 हजार अभिभावकों एवं पालकों ने किये हस्‍ताक्षर

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विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए  मतदाता जागरुकता अभियान (स्‍वीप) अन्‍तर्गत निरंतर प्रभावी एवं उपयोगी प्रयास किये जाए रहे हैं। अभी तक साइकिल रैली, सीहोर रन, वॉलपेंटिंग, रंगोली प्रतियोगिताएं, मतदाता जागरुकता क्विज, सीहोर टेलेंट एयरोमॉडलिंग द्वारा फ्लेग हलिंग, आमंत्रण एवं कागज पुष्‍प वर्षा जैसे आयोजन किये जा चुके हैं। इसी क्रम में स्‍कूल  शिक्षा विभाग द्वारा समस्‍त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों से उनके माता-पिता/अभिभावक/पालकों को द्वारा मतदान करने की सहमति प्रदान करते हुए हस्‍ताक्षर किये गये। कुल 1 लाख 59 हजार पत्र जिले के 1489 विद्यालयों से एकत्रित किये गये। इन पत्रों में कई पत्र अत्‍यधिक भावना पूर्ण एवं आकर्षक हैं। इन पत्रों को जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.पी.त्रिपाठी एवं डी.पी.सी. श्री अनिल श्रीवास्‍तव  द्वारा सोमवार को कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्‍तुत किये गये।

संविधान दिवस मनाया

26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया गया। कलेक्टर श्री तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा संविधान दिवस पर भारत संविधान उद्देशिका पढ़ी गई।

प्रेसवार्ता में कलेक्‍टर ने निर्वाचन संबंधी दिये निर्देश

विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान 28 नवंबर को मतदान दिवस को लेकर कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोडे़ द्वारा प्रेसवार्ता आयोजित की गई। प्रेसवार्ता में उपस्थित मीडियाकर्मियों को निर्वाचन के दौरान बरती जाने वाली सावधनियां एवं आचार संहिता के उल्‍लंघन के संबंध में निर्देश दिये गये।

मधुबनी : विभिन्न प्रपत्रों का निष्पादन 30 नवंबर तक करने का निर्वाचन पदाधिकारी ने दिया निदेश

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मधुबनी, 26,नवंबर, निर्वाचक सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2019 के अंतर्गत प्राप्त प्रपत्रों क्रमशः 6,6क,7,8,8क का निष्पादन 30 नवंबर 2018 तक हर हाल में कर लिये जाने का निदेश जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दिया गया है। उन्होंने सभी निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि इस कार्य में शिथिलता बरतनेवाले पदाधिकारियों पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेश के अनुरूप कार्रवाई की जायेगी। उप-निर्वाचन पदाधिकारी, मधुबनी ने बताया कि दिनांक 03-12-2018 को विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर दिव्यांग मतदाताओं के बीच निर्वाचन संबंधी जागरूकता के लिए खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा ।

मधुबनी : जिला पदाधिकारी ने कर्मियों को दिलाई नशामुक्ति की शपथ

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मधुबनी, 26 नवंबर, नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मंगलवार को जिला मुख्यालय में विभिन्न स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा नशा मुक्ति हेतु जागरूकता के उद्देश्य से रैली निकाली गयी।जिसमे शराब सहित सभी प्रकार के नशा का सेवन से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को बताया गया। तत्पश्चात जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक द्वारा समाहरणालय स्थित सभागार में कर्मियों को नशामुक्ति संबंधी संकल्प दिलाया गया। साथ ही सभी प्रकार के नशीले पदार्थो से दूर रहने की अपील किये। साथ ही नशा से दूर रहने एवं दूसरे लोगों को भी इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का शपथ दिलाया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि शराबबंदी एवं नशा मुक्ति अभियान से पूरे राज्य के वातावरण में सकारात्मक बदलाव हुआ है। सामाजिक वातावरण भी पहले से सुंदर बना है। घरेलू हिंसा, दुर्घटना सब में व्यापक कमी आई है। लोगों के रहन-सहन के स्तर में सुधार आया है एवं परिवारों में खुशहाली बढ़ी है । उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था के मामले में भी शराब बंदी के बाद से काफी सुधार हुए हैं। तत्पश्चात इस अवसर पर पटना से माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाले नशा मुक्ति कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया गया। लोगों ने मुख्यमंत्री के संदेश सुनें एवं नशा मुक्ति से संबंधित शपथ भी लिया।

मधुबनी : मधवापुर की 'निर्भया'की दर्दनाक दास्‍तां

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मधवापुर/मधुबनी, 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्‍ली की सड़कों पर चलती बस में 'निर्भया'के साथ जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दर्दनाक था. जो दिल्‍ली की 'निर्भया'के साथ घटा उससे कुछ कम-ज्‍यादा तो नहीं, लेकिन कमोबेश उतना ही वीभत्‍स मामला हरियाणा में रोहतक की 'निर्भया'के साथ भी हुआ.जो दर्द दिल्‍ली की 'निर्भया'ने सहा, उतना ही दर्द रोहतक की 'निर्भया'के हिस्‍से में भी आया. दोनों ही मौत से जिंदगी की जंग हार गई. मधवापुर की 'निर्भया'की दास्‍तां भी कुछ कम दर्दनाक नहीं है.बहरहाल मौत से जिन्दगी की जंग तो मधवापुर की"निर्भया''जीत गयी,लेकिन जिन्दगी मौत से भी बदतर हो गयी है.जिन्दगी के तमाम रंग बदरंग हो गए हैं.वक्त का कोई भी मरहम शायद ही कभी बचपन में मिले उन जख्मों को भर सकेगा,जो जिस्म के भेड़ियों ने मधवापुर की मासूम "निर्भया''को दिया है. 25 नवम्बर की मनहूस काली रात की परछांई से इस बदनशीब की जिन्दगी कभी बाहर नहीं निकल सकेगी.आंखों से बहते आंसू दरिंदगी की सारी सच्चाई बता रहे हैं. 25 नवम्बर,2018 की रात मधवापुर के करहुंआघाट से मेला देख कर अपनी सहेली के साथ घर लौट रही थी.बगल के गांव के दो मनचले युवकों ने दोनों को अगवा कर बगल के बगीचे में ले गया.जहां से एक तो किसी तरह बलात्कारियों के चंगुल से भाग गयी, जबकि दूसरी को दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बना उसे कई गहरे जख्म दे डाले.दरिंदों ने बर्बरतापूर्ण तरीके से न सिर्फ 12 वर्षीया मासूम की आबरू के चीथड़े-चीथड़े कर डाले बल्कि उसके  कोमल बदन पर कभी न भरने वाले जख्म की ऐसी निशानी छोड़ दी,जो ता-उम्र नासूर बन कर उसकी जिन्दगी में रिसती रहेगी.बदन पर कई जगहों पर गहरे जख्म हैं.नीचे के होंठ पूरी तरह काट दिए गए हैं.होठों के कटे टुकड़े हैवानियत की सारी कहानी बता रहे हैं. इस मामले में मधवापुर पुलिस ने काफी तत्तपरता दिखाते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.  इस गैंगरेप ने जहां एक ओर दिल्‍ली की 'निर्भया'की यादें ताजा कर दीं. वहीं लड़कियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.आखिर,कैसे बचेगी बेटी और कैसे बचेगी उसकी आबरू? इसका जवाब पूरे देश की बेटी मांग रही है. एक आरोपी को पुलिस ने फौरन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.आरोपी ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है. जख्मी हालत में मासूम पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.जहां मौत से तो जंग जीत गयी पर बड़ा सवाल यह है कि जिस्म के इन भेड़ियों से यहां की "निर्भया''आखिर कब तक जंग लड़ती रहेगी?



---दीपक कुमार---

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 26 नवंबर

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कलेक्टर ने होटल और धर्मशालाओं का औचक निरीक्षण किया

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कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम ंिसंह ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन अनुसार जिले में चुनावी प्रचार-प्रसार के मद्देनजर सभा, जुलूसों सहित अन्य पर 48 घंटे पूर्व प्रतिबंध लगाए जाने के फलस्वरूप आज शाम साढे सात बजे जिला मुख्यालय की होटलों और धर्मशालाओं का औचक निरीक्षण किया।  कलेक्टर श्री सिंह ने होटल संचालकों से कहा कि उनके यहां रूकने वाले हर व्यक्ति की जानकारी नजदीक के थाने में देना सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों परलिक्षित होती  है तो अविलम्ब अवगत कराएं। निरीक्षण के दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संदीप अस्थाना भी साथ मौजूद थे। 

निर्वाचन सामग्री का वितरण आज

विदिशा जिले की पांचो विधानसभाओं में 28 नवम्बर को मतदान प्रक्रिया सम्पादित होगी। इसके लिए विधानसभावार नियुक्त किए गए निर्वाचनकर्मियों के लिए निर्वाचन संबंधी सामग्री का वितरण 27 नवम्बर की प्रातः सात बजे से विधानसभावार नियत स्थलों पर किया जाएगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 144 विदिशा तथा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 148 शमशाबाद के मतदान दलों को निर्वाचन संबंधी सामग्री का वितरण एसएटीआई डिग्री काॅलेज विदिशा के प्रागंण में किया जाएगा। जबकि 145 बासौदा विधानसभा क्षेत्र के मतदान दलों के लिए एसजीएस काॅलेज गंजबासौदा में तथा 146 कुरवाई के मतदान दलों हेतु शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कुरवाई में तथा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 147 सिरोंज के मतदान दलों को निर्वाचन संबंधी सामग्री का वितरण कार्य पाॅलिटेक्कि काॅलेज सिरोंज के प्रागंण से किया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने मतदान दलों को निर्वाचन संबंधी सामग्री शीघ्र प्राप्त हो इसके लिए पुख्ता प्रबंध विधानसभावार सुनिश्चित कराए है ताकि अल्पअवधि मतदान दलों का सामग्री प्राप्त हो जाए। उन्होंने मतदान दलों के सदस्यों से कहा है कि निर्वाचन संबंधी अति महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो इसके लिए पूर्ण सतर्कता और सावधानी बरते। उन्होंने प्राप्त निर्वाचन सामग्री के मिलान हेतु  उपलब्ध कराई जाने वाली सूची के अनुसार मिलान कर, क्रास चेकिंग करने के उपरांत संबंधित वाहन से मतदान केन्द्र की ओर रवाना हो। 

डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थियों ने बालहठ जिद की अपने अभिभावकांे से मतदान हेतु

मतदाता जागरूकता अभियान के तहत जिले में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए नवाचार के तहत बालहठ जिद कार्यक्रम के तहत स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा अपने अभिभावकों को पत्र लेखन के माध्यम से मतदान में सहभागिता की सहमति लिखित में ली गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले के 1722 शासकीय, अशासकीय, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के एक लाख 57 हजार 329 विद्यार्थियों के द्वारा बालहठ जिद है, मतदान की कार्यक्रम में सहभागिता निभाई है।

दो सौ मीटर के दायरे के बाहर स्थापित होगे उम्मीदवार के निर्वाचन बूथ
रिटर्निंग आफीसर को सूचना देना जरूरी, स्थानीय निकायों से भी लेनी होगी भूमि के उपयोग की अनुमति
विधानसभा निर्वाचन के तहत मतदान के दिन मतदाताओं को गैर सरकारी पहचान पर्चियां बांटने के लिए उम्मीदवारों को अपने निर्वाचन बूथ मतदान केन्द्रों के दो सौ मीटर के दायरे के बाहर ही स्थापित करने की अनुमति होगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग के अपने निर्देशों में स्पष्ट किया है कि मतदान दिवस पर उम्मीदवार अपने ऐजेन्टों और कार्यकर्ताओं के लिए मतदान केन्द्र से दो सौ मीटर की दूरी के बाहर मतदाताओं को गैर सरकारी पहचान पर्चियां बांटने के लिए एक छतरी अथवा त्रिपाल के नीचे केवल एक मेज तथा दो कुर्सी रख सकते हैं ताकि वे अपना सिर धूप या वर्षा से बचा सकें। ऐसी मेच के आसपास भीड़ इकटठीं नहीं होगी। आयोग ने मतदान के दिन कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर उम्मीदवारों के निर्वाचन बूथो की स्थापना के लिए दिशा निर्देश भी दिए हैै। इन दिश निर्देशों में कहा गया है कि मतदान केन्द्र के दो सौ मीटर की भीतर कोई बूथ स्थापित नहीं किया जाएगा। एक ही परिसर में एक से अधिक मतदान केन्द्र होने की स्थिति मंे भी ऐसे परिसरों से दो सौ मीटर की दूरी पर मतदान केन्द्रों के लिए एक उम्मीदवार का एक ही बूथ बनाया जाएगा। निर्वाचन आयोग के मुताबिक ऐेसे बूथों पर केवल दो कुर्सियांे और एक मेच ही रखी जाएगी। ऐसे बूथों पर कनात नहीं लगाई जा सकेगी। केवल धूप या वर्षा से बचने के लिए एक छतरी या त्रिपाल का टुकडा लगाया जा सकेगा। आयोग ने कहा है कि गैर सरकारी मतदाता पहचान पर्चियां बांटने के लिए ऐसे बूथ बनवाने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को लिखित रूप में रिटर्निंग आफीसर को उन मतदान केन्द्रों के नाम और क्रम संख्या बतानी होगी जहां बूथ स्थापित करवाए जाने है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्वाचन बूथ स्थापित करवाने से पहले उम्मीदवार को स्थानीय कानून के अधीन भूमि के उपयोग के लिए सरकारी प्राधिकरणों अथवा नगर निगमों, नगरपालिकाओं, जिला परिषदांें, शहरी क्षेत्र समितियों, पंचायत समितियों आदि की लिखित अनुमति भी लेनी होगी। बूथ प्रबंधकों को मांगे जाने पर इस प्रकार की लिखित अनुमति पुलिस अथवा निर्वाचन प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत भी करनी होगी। उम्मीदवारें द्वारा इन निर्वाचन बूथों का इस्तेमाल केवल गैर सरकारी पहचान पर्चियां जारी करने के एकमात्र प्रयोजन के लिए किया जा सकेगा। ये गैर सरकारी पहचान पर्चियां भी केवल आयोग के आदेशानुसार ही मुद्रित कराई जाएगी। जिन पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक अथवा राजनैतिक दल का नाम नहीं होना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि किसी भी स्थिति में ऐसे बूथों पर भीड़ इकट्ठी होने की अनुमति नहीं होने दी जाएगी। ना ही ऐसे व्यक्ति को आने की अनुमति दी जाएगी जो पहले ही मतदान कर चुका हो। आयोग ने यह भी कहा है कि बूथों पर बैठे व्यक्ति मतदान केन्द्रों पर जाने वाले मतदाताओं के रास्ते में किसी तरह की रूकावट नहीं डालेंगे अथवा दूसरे उम्मीदवारों के बूथों पर जाने से उन्हें नहीं रोकेंगें मतदाताओं को स्वंय उनकी इच्छानुसार मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार रूकावट भी निर्वाचन बूथों में बैठे कार्यकर्ता नहीं डाल सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि इन निर्देशों का उल्लघंन अत्यधिक गंभीरता से लिया जाएगा और ऐेसे उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार अभ्यर्थी और उनके अभिकर्ताओं के विरूद्व कानून के अधीन कड़ी कार्यवाही की जाएगी तथा बूथों को हटा दिया जाएगा। आयोग ने चुनावी व्यवस्था में लगे शासकीय अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि यदि वे आयोग के निर्देशों का उल्लघंन पाए जाने पर तत्काल कार्यवाही करने में असफल रहते हैं तो इनके खिलाफ भी दाण्डिक कार्यवाही की जाएगी और उन्हें अनुशासनिक कार्यवाही का भागी भी बनना होगा।

मतदान समाप्ति तक मदिरा दुकाने बंद रहेगी

विधानसभा निर्वाचन 28 नवम्बर को होने वाले मतदान को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम ंिसंह ने 26 नवम्बर की सांय पांच बजे से मतदान समाप्ति तक सम्पूर्ण दिवसों के लिए शुष्क दिवस घोषित करने का आदेश जारी किया है। आदेश के परिपालन में आबकारी विभाग के द्वारा कार्यवाही की गई है। अतः सोमवार की सायं पांच बजे से बुधवार 28 नवम्बर को मतदान समाप्ति तक जिले में संचालित सभी देशी विदेशी मदिरा दुकानो से मदिरा का विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। इस अवधि में होटल, रेस्टोरेन्ट, क्लब और ऐसे अन्य क्षेत्र जिन प्रतिष्ठानों में मदिरा बेचने एवं परोसने का कार्य किया जाता है उन क्षेत्रों में भी प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी व्यक्ति को मदिरा बेचने एवं परोसने की अनुमति नही होगी। उक्त अवधि में उत्पादन इकाईयों में भी निर्यात एवं परिवहन पूर्ण रूप से बंद रहेगा। 

चुनावी शोरगुल प्रतिबंधित, केवल घर-घर जाकर दी जा सकेगी दस्तक

विधानसभा निर्वाचन का चुनावी शोरगुल मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व अर्थात सोमवार 26 नवम्बर की शाम पांच बजे से आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रतिबंधित किया जाता है। इस अवधि में अभ्यर्थीगण या राजनैतिक दल अपने चुनावी प्रचार के लिए ना तो जुलूस एवं आमसभाएं आयोजित कर सकेंगें और ना ही लाउड स्पीकर का उपयोग कर सकेंगे। इन 48 घंटो के दौरान उम्मीदवार केवल घर-घर जाकर ही मतदाताओं से संपर्क कर सकेंगे। 

बल्क में एसएमएस भेजने पर रोक
निर्वाचन आयोग ने मतदान समाप्ति की अवधि के 48 घंटे पूर्व यानि 26 नवम्बर की शाम पांच बजे से मोबाइल पर थोक में भेजे जाने वाले राजनैतिक एसएमएस और वायस मैसेज सोशल मीडिया पोस्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया है।

सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाना चाहिए : मोहन भागवत

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नागपुर, 26 नवंबर,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय की प्राथमिकता सूची में राम मंदिर नहीं है तो केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। श्री भागवत ने कल ‘जन हुंकार’ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि जहां मस्जिद थी वहां पहले मंदिर था, इसलिए उच्चतम न्यायालय को इस मामले में तेजी से निर्णय लेना चाहिए। उच्चतम न्यायालय राम मंदिर मामले को प्राथमिकता नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी का अर्थ है न्याय नहीं देना। यदि उच्चतम न्यायालय समय के अभाव या जनता की भावनाओं को नहीं समझ पाने के कारण मंदिर के मामले को प्राथमिकता नहीं दे पा रहा है तो सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाए। उन्होंने आम जनता से सरकार पर अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का भी आग्रह किया।

मध्यप्रदेश, मिजोरम में थमा शोर, राजस्थान, तेलंगाना में पकड़ेगा जोर

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नयी दिल्ली, 26 नवंबर, मध्यप्रदेश और मिज़ोरम के विधानसभा चुनावाें के लिए आज शाम प्रचार थम गया और इसी के साथ प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने तेलंगाना एवं राजस्थान का रुख कर लिया जहां कल से चुनावी प्रचार और ज़ोर पकड़ने जा रहा है।  पांच राज्यों के चुनावी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान 12 एवं 20 नवंबर को हो चुका है जबकि मध्यप्रदेश और मिज़ोरम में 28 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। राजस्थान और तेलंगाना में सात दिसंबर को मतदान होगा। इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार पांच दिसंबर की शाम पांच बजे थमेगा। पांचों राज्यों के लिए मतगणना 11 दिसंबर को होगी।  एक चरण में मतदान के लिए जाने वाले तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 जबकि राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं। मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों और मिजोरम की कुल 40 सीटों के लिए भी एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा। मध्यप्रदेश में बीते 15 साल से भारतीय जनता पार्टी का शासन है जबकि मिजोरम में 10 साल से कांग्रेस का राज है। मध्यप्रदेश में 13 साल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा और मिजोरम में वयोवृद्ध लाल थनहवला की साख दांव पर लगी है।  मध्यप्रदेश में सोमवार को प्रचार के अंतिम दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने धार जिले में मनावर बाइपास रोड और कुक्षी में जनसभाओं को संबोधित किया। बाद में उन्होंने इंदौर में चिकमगलूर चौक से कृष्णापुरा छत्री तक एक रोड शो भी किया। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जबलपुर में रविवार को अंतिम रैली की। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, उमा भारती, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, सांसद हेमा मालिनी आदि ने चुनावी रैलियों ने संबोधित किया। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद सबसे ज़्यादा मांग ज्योतिरादित्य सिंधिया की रही जो पार्टी की प्रचार अभियान समिति के प्रमुख हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस नेता राज बब्बर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रचार किया। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने भी अपने अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया। उल्लेखनीय है कि सपा एवं बसपा का मध्यप्रदेश में 10 से लेकर 25 सीटों पर असर है। पिछले चुनावों में ये पार्टियां पहले या दूसरे नंबर पर रहीं हैं। इस चुनाव के शीर्ष प्रचारक प्रधानमंत्री श्री मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष श्री गांधी अब राजस्थान का रुख कर चुके हैं। श्री मोदी की आज डूंगरपुर और कोटा में रैली हैं जबकि श्री गांधी ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के साथ अपना अभियान शुरू कर दिया है। 

राष्ट्रमंडल खेलों में खेला जा सकता है महिला टी-20 क्रिकेट

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लंदन, 26 नवम्बर, इंग्लैंड के बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिला ट्वंटी-20 क्रिकेट खेला जा सकता है। वेस्ट इंडीज में महिला ट्वंटी-20 विश्व कप समाप्त होने के एक दिन बाद अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पुष्टि की है कि उसने 2022 में बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए बोली दी है। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा कि इस कदम से नए प्रशंसकों और महिलाओं को क्रिकेट में लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “ हम चाहते हैं कि क्रिकेट राष्ट्रमंडल खेलों में खेला जाए इससे युवा लडकियां इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित होंगी।” आईसीसी ने यह बोली ईसीबी के सहयोग से दी है। दुनिया की प्रमुख महिला क्रिकेटरों इंग्लैंड की कप्तान हीथर नाईट और विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग ने इस पहल का स्वागत किया है। भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “यह एक बेहतरीन प्रस्ताव है और इससे दर्शकों की संख्या बढेगी। मुझे खुशी है कि हमें और मैच खेलने का मौका मिलेगा।”

पाकिस्तान 26/11 के दोषियों को सजा दिलाये : भारत

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नयी दिल्ली 26 नवंबर, भारत ने 26 नवंबर 2008 में मुंबई हमले की दसवीं बरसी पर आज पाकिस्तान काे एक बार फिर आह्वान किया कि वह दोहरे मापदंड को छोड़ कर 15 देशों के 166 नागरिकों की जान लेने वाले मुंबई के आतंकवादी हमले के दोषियों को न्याय के शिकंजे में लाये।  विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान में इस बात पर गहरी निराशा जाहिर की कि 15 देशों के 166 नागरिकों की जान लेने वाले मुंबई के आतंकवादी हमले का मामला अभी तक तार्किक परिणति तक नहीं पहुंच सका है। पाकिस्तान इस हमले के दोषियों को न्याय के शिंकजे तक लाने में कोई संजीदगी नहीं दिखा रहा है। 26/11 के षड़यंत्रकारी पाकिस्तान की सड़कों पर निर्भय होकर घूम रहे हैं।  बयान में कहा कि 26 नवंबर के आतंकवादी हमले की साजिश पाकिस्तान की धरती से रची गयी और वहीं से इसे निर्देशित किया गया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने इसी वर्ष स्वीकार भी किया है कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की धरती से भेजा गया था।  बयान में कहा गया, “हम एक बार फिर पाकिस्तान की सरकार का आह्वान करते हैं कि वह दोहरे मापदंड छोड़े और इस जघन्य हमले के दोषियों को तत्परता से न्याय के कठघरे में लाये। यह केवल मासूम पीड़ितों के परिवारों के प्रति पाकिस्तान की जवाबदेही का ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय दायित्व का भी मामला है।” बयान में अमेरिका के बयान का भी स्वागत किया गया जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रति दायित्वों के अनुपालन करते हुए लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगियों सहित इस अत्याचार के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू करने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया कि भारत सरकार इस हमले में हताहत हुए लोगों एवं शहीदों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी।

पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को होम वर्क खत्म, बस्ते का बोझ कम

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नयी दिल्ली, 26 नवम्बर, पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को होम वर्क से मुक्ति मिल गयी है और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए उनके स्कूली बस्ते का बोझ भी कम कर दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की और से सोमवार को जारी एक परिपत्र में सभी राज्यों को यह निर्देश दिया गया है। परिपत्र के अनुसार पहली और दूसरी क्लास के छात्रों को अब होम वर्क नहीं दिया जायेगा। इसके अलावा उनके स्कूली बस्ते का बोझ अधिकतम डेढ़ किलो होगा इस तरह उनके बस्ते को बोझ भी कम के दिया गया है। तीसरी से पांचवीं तक के कक्षाओं के छात्रों के लिए दो से तीन किलो, छठी से सातवीं तक के लिए चार किलो आठवीं से नवीं तक के किये साधे चार किलो और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए पांच किलो ग्राम वज़न तक स्कूली बस्ते लाने की अनुमति दी गयी है। इस तरह स्कूल उन्हें अतिरिक्त पुस्तकें और पाठ्य सामग्री लाने का निर्देश नहीं दी सकते हैं। मंत्रालय ने पहली और दूसरी क्लास के छात्रों को केवल गणित और भाषा पढ़ाने की अनुमति दी है जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को गणित भाषा और सामान्य विज्ञान को ही पढ़ाने का निर्देश दिया है। जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) द्वारा मान्यता दी गयी है। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वह इस दिशा में गाइडलाइन तैयार करे और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करें। गौरतलब है कि कई सालों से स्कूली बस्ते का वजन कम करने की मांग की जा रही थी क्योंकि स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने के लिए स्कूली बस्ते को भारी कर रहे थे और होमवर्क से छोटे बच्चे और उनके अभिभावक भी परेशान थे।

शासन के तीनों अंगों के बीच सामंजस्य जरूरी : महाजन

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नयी दिल्ली 26 नवम्बर, लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए शासन के तीनों अंगों - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका - के बीच सामंजस्य होना चाहिये। श्रीमती महाजन ने संविधान दिवस के अवसर पर यहाँ विज्ञान भवन में “संवैधानिक अपेक्षाओं के आलोक में देश की उपलब्धियों का आलोचनात्मक विश्लेषण” विषय पर उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुये विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सामंजस्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये तीनों अंग लोकतन्त्र के स्तम्भ हैं। इनके एक-दूसरे को सुदृढ़ बनाने से लोगों का तीव्र विकास सुनिश्चित होता है जिससे देश के समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण होता है। नीती आयोग द्वारा चिह्नित पिछड़े आकांक्षी जिलों की विशेष विकासात्मक आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुये उन्होंने नीति निर्माताओं से तीव्र विकास सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय कार्यनीति बनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि असीम ऊर्जा से सम्पन्न युवा राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान बनाने के पश्चात् हमने देश का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब भी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है और भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में उभरा है। उन्होंने संविधान निर्माताओं डॉ. बी.आर. अंबेडकर, डॉ. राजेद्र प्रसाद (प्रथम राष्ट्रपति), पंडित जवाहर लाल नेहरू (प्रथम प्रधानमंत्री), सरदार वल्लभ भाई पटेल (प्रथम उप प्रधानमंत्री) और डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं का स्मरण करते हुये कहा कि संविधान सभा के सदस्य देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते थे। वे अत्यंत अनुभवी, दूरदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों से सरोकार रखते थे। उन्होंने इस बात का स्मरण किया कि डॉ. प्रसाद ने कहा था कि यदि निर्वाचित व्यक्ति सक्षम, चरित्रवान तथा सत्यनिष्ठा वाले होंगे, तो वे संविधान की मूल भावना का समुचित कार्यान्वन करेंगे। 

श्रीमती महाजन ने इस बात पर भी जोर दिया कि संविधान की प्रस्तावना “हम, भारत के लोग...” शब्दों से शुरू होती है और विकास प्रक्रिया में व्यक्तिवाद के स्थान पर सामूहिक कल्याण के महत्व पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्ष के दौरान, संविधान ने अपने सुदृढ़ नैतिक आधार के साथ देश में सामाजिक सौहार्द सुनिश्चित किया है। छूआछूत की प्रथा समाप्त कर दी गई है और महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि‍ क्षेत्रों में संसद द्वारा बनाये गये प्रगतिशील कानूनों और सरकार द्वारा उनके कार्यान्वयन से भारी सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने चेताया कि इन उपलब्धियों से पूर्णतः संतुष्ट होना सही नहीं होगा क्योंकि अब भी सुधार और विकास की अत्यधिक संभावना है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद में अध्यक्षीय शोध कदम (अशोक) की शुरुआत देश में विकासपरक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ परस्पर संवाद हेतु सांसदों को एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहा है।

स्वच्छ हवा नहीं मिलना सामाजिक अन्याय : कोविंद

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नयी दिल्ली, 26 नवम्बर, दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या के विकराल रूप लेने के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी भी सामाजिक न्याय के दायरे में आता है और इनका नहीं मिलना सामाजिक न्याय में कमी को इंगित करता है।  राष्ट्रपति ने देश के संविधान को लागू करने के दिन 26 नवम्बर 1949 की वर्षगांठ के मौके पर साेमवार को यहां उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि संविधान में संभवत: सबसे महत्‍वपूर्ण शब्‍द न्‍याय है। न्‍याय एक शब्‍द है लेकिन यह एक जटिल और स्‍वतंत्रता प्रदान करने वाली अभिव्‍यक्‍ति है। न्‍याय, हमारे संविधान और राष्‍ट्र निर्माण प्रक्रिया का साधन और साध्‍य है। न्‍याय को समाज के विकास, बदलती मान्‍यताओं , जीवन शैली और प्रौद्योगिकी के व्‍यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए। सामाजिक न्‍याय राष्‍ट्र निर्माण का एक महत्‍वपूर्ण विचार है। सरलतम शब्‍दों में यह समाज के असंतुलन को समाप्‍त करने पर केन्‍द्रित है। सामाजिक न्‍याय का अर्थ समान अवसर प्रदान करना भी है। न्‍याय की यह मान्‍यता 1949 में मान्‍य थी और यह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि देश में सामाजिक न्‍याय की धारणा का दायरा बढ़ाते हुए इसमें आधुनिक समाज के स्वच्छ हवा, कम प्रदूषित शहर ,कस्बे, नदियां, नहरें , साफ-सफाई , हरा-भरा और पर्यावरण के अनुकूल विकास जैसे मानदंडों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ये सभी सामाजिक न्याय की रूपरेखा के तहत जलवायु और पर्यावरणीय न्याय से संबंधित हैं। यदि एक बच्चा वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा से ग्रसित है तो यह सामाजिक न्याय प्रदान करने में कमी मानी जायेगी। 

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल से न्याय की धारणा भी प्रभावित हुई है। इससे न्याय का दायरा तो बढ़ता है लेकिन यह अपने साथ चुनौती भी लेकर आयी है। प्रौद्योगिकी आधारित न्याय को आर्थिक न्याय के उपसमूह के रूप में देखा जाना चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि नवोन्‍मेष ने समाज के वंचित वर्गों को लाभ पहुंचाया है और आधार तथा प्रौद्योगिकी से जुड़ा प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण इसका उदाहरण है। इससे कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्‍टाचार तथा चोरी (लीकेज) में कमी आई है। श्री कोविंद ने कहा कि नवोन्‍मेष और प्रौद्योगिकी से फायदा हुआ है लेकिन इसने निजता को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उदाहरण के लिए लोक कल्‍याण के कार्यों में आंकड़ों के उपयोग के मामले में उनकी गोपनीयता बनाये रखने की दुविधा है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्‍पर्धी अनिवार्यताओं के बीच न्‍याय के प्रतिस्‍पर्धी विचार हैं और 21वीं सदी में ऐसे मुद्दों का सामना करना पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि संविधान अनुच्छेदों तथा नियमों/उपनियमों का संग्रह मात्र नहीं है बल्कि स्‍वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है। इसका स्‍थान सर्वोच्‍च है, यह सभी नागरिकों के लिए प्रेरणादायी और सजीव दस्‍तावेज है। समाज के लिए यह एक आदर्श है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि डॉ भीम राव अम्‍बेडकर और संविधान परिषद में उनके सहयोगियों ने उदारवादी रुख अपनाते हुए संविधान में संशोधन का लचीला रवैया अपनाया और इसमें विभिन्‍न विचारधाराओं का समावेश किया। स्‍वतंत्रता, न्‍याय, भाईचारा,निष्‍पक्षता तथा समानता की धारणा को विस्‍तार देने के लिए संविधान निर्माताओं ने आने वाली पीढ़ियों की बुद्धिमत्‍ता पर भरोसा जताया। उन्‍हें विश्‍वास था कि आने वाली पीढ़ियां न सिर्फ संविधान का संशोधन करेगी बल्‍कि वह बदलते समय के अनुसार इसकी पुनर्व्‍याख्‍या भी करेंगी।  राष्‍ट्रपति ने कहा कि नागरिक ही संविधान के अंतिम संरक्षक हैं, उनमें ही इसकी सम्‍प्रभुता समाहित है और नागरिकों के नाम पर ही संविधान को अंगीकृत किया गया है। संविधान नागरिक को सशक्‍त बनाता है साथ ही नागरिक भी संविधान का पालन कर अौर इसे संरक्षित कर अपने शब्‍दों तथा कार्यों से इसे अधिक सार्थक बनाकर सशक्‍त बनाते हैं।

संविधान बचाना सबसे बड़ी चुनौती : विपक्ष

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नयी दिल्ली 26 नवंबर, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं को एक सोच के तहत कमजोर कर संविधान को बदलने की साजिश कर रही है और इसके कारण देश के समक्ष संविधान बचाने की सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है। ये विचार कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा लोकतांत्रिक जनता दल के नेताओं ने सोमवार को यहां संविधान दिवस पर कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग द्वारा आयोजित ‘संविधान सम्मान समारोह’ में व्यक्त किए। समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डी राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव, कांग्रेस महासचिव हरीश रावत, वरिष्ठ नेता भक्तचरण दास, के राजू, अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख जतिन राउत, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, जतिन प्रसाद तथा नदीम जावेद सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया। समारोह को संबोधित करते हुए श्री राजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार नहीं चला रही है बल्कि संविधान को कमजोर कर इसे बदलने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह के काम कर रही है उसके कारण देश आज सबसे बड़े चुनौतीपूर्ण और कठिन दौर से गुजर रहा है। सत्ता उन लोगों के हाथों में है जो आरंभ से ही हिंदू राष्ट्र की बात कर संविधान को बदलने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो चुनौती पैदा की गयी है उससे कांग्रेस के साथ ही सभी विपक्षी दलों को मिलकर लड़ना है। देश को बचाना है तो इसके लिए भाजपा को हटाना होगा। संविधान को बचाना है तो मोदी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर इन चुनौतियों से निटपने के लिए तैयार है।

छब्बीस-ग्यारह के हमलावरों को बख्शा नहीं जायेगा : मोदी

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भीलवाड़ा 26 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुम्बई में हुए छब्बीस-ग्यारह के हमलावरों को बख्शा नहीं जायेगा। श्री मोदी चुनाव प्रचार के अपने दूसरे दिन आज यहां आयोजित जनसभा में कहा कि मुम्बई हमले की घटना को आज दस साल हो गए। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा “हम मौके की तलाश में हैं, छब्बीस-ग्यारह के हमलावरों को छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब दिल्ली रिमोट कंट्रोल से चलता था, तब महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार थी उस समय मुंबई में आतंकवादियों ने हमला कर हमारे देश के लोगों एवं जवानों को गोलियों से भून दिया था। आज हमने आतंकवाद के खिलाफ ऐसी लड़ाई लड़ी है कि आतंवादियों को कश्मीर की धरती से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने से पहले देश में विभिन्न जगहों पर आतंकवादी घटनाये होती थी।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंचायत के चुनाव चल रहे हैं और आतंकवादी लोगों को धमका रहे हैं कि वोट डालने वालों की उंगली काट दी जायेगी, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जायेगा लेकिन कश्मीर में तीन चरण के चुनाव सम्पन्न हो गये और वहां 70-75 प्रतिशत मतदान हो रहा हैं। एेसे ही छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी नक्सलवादियों ने धमकी दी थी लेकिन वहां भी इतना मतदान हुआ हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ताकत लड़ती है तब आतंकवादियों से लोहा लिया जाता हैं। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं हैं।  उन्होंने कहा कि मुम्बई हमले के समय राजस्थान में चुनाव अभियान चल रहा था और इस घटना की आलोचना होती थी तो कांग्रेस के राजदरबारी उछल पड़ते थे। वे इस पर राजनीति कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि दस साल पहले हुई इस घटना से पूरी दुनिया हिल गई थी और कांग्रेस उसमें से चुनाव जीतने का खेल खेल रही थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश भक्ति के पाठ पढ़ा रही थी वहीं हमारी सरकार आने के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों का हिसाब चुकता कर दिया। उन्होंने कहा कि दुश्मन को उसके घर में जाकर मारा गया और हर हिन्दुस्तानी को गर्व हुआ था। ऐसे सयम में कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया। वीडियो दिखाओं सर्जिकल स्ट्राइक हुआ या नहीं। उस समय कांग्रेस को देश भक्ति याद नहीं आई। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को जवाब देना होगा।

उन्होंने कहा कि माओवादी और नक्सलवादी निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार देते हैं। अभी इनके हमले में भरतपुर का नौजवान शहीद हो गया। जिन नक्सलियों ने भरतपुर के जवान की पीठ पर वार किया उन्हीं नक्सलियों को कांग्रेस के नेता क्रांतिकारी होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा “मैंने कहा था कि मैं परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखूंगा। मेरी मेहनत में आपको कोई कमी नजर आती है, दिन-रात काम करता हूं या नहीं, आपने कभी सुना कि मैंने छुट्टी ली, कभी सुना है कि मैं यहां टहलने चला गया। कभी सुना कि मैं सात दिन खो गया, मैं मेरा हिसाब दे रहा हूं।” उन्होंने कहा कि विपक्ष मेरे काम का हिसाब मांगता है। आपके यहां उनके नेता आ जाएं तो उनसे पूछ लेना कि देश की आजादी को साठ साल हो गए, क्या किया। उन्होंने कहा कि साठ साल बाद उन्हें मौका मिला और साठ साल तक नामदार की पीढ़ी से सवाल पूछने की हिम्मत किसी ने नहीं की। लेकिन मुझमें हिम्मत है। जबाब देना होगा। उन्होंने कहा कि मोदी हिसाब भी मांगता है और हिसाब देता भी है। पल-पल और पाई-पाई का हिसाब देता है।

मोदी कर रहे हैं लोगों का अपमान : राहुल

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पोकरण 26 नवम्बर, कांग्रेस के राष्ट्रीयय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह देश में उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले कुछ विकास नहीं हुआ कहकर देश की जनता का अपमान कर रहे हैं। श्री राहुल आज सीमांत जैसलमेर जिले के पोकरण में आयोजित चुनावी सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री मोदी को मुगालता है कि देश में उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले कुछ नहीं हुआ। उन्होंने देश किसी एक व्यक्ति या किसी राजनीतिक पार्टी के दम पर यहां तक नहीं पहुंचा हैं। सभी की मेहनत के दम पर देश इस मुकाम पर पहुंचा है जबकि प्रधानमंत्री की सोच यह है कि उनसे पहले किसी ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्री मोदी देश को आगे बढ़ाने के लिए लोगों के बहाए खून-पसीने का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने काला धन के खिलाफ लड़ाई के नाम पर आम जनता की जेब से पैसा निकाल कर अपने चहेते कुछ उद्योगपतियों को दे दिया। श्री मोदी कहते थे कि मैं चौकीदार बनूंगा, लेकिन जनता का पैसा लेकर कई लोग देश छोड़कर भाग निकले। प्रधानमंत्री यह कभी नहीं कहते कि उन्हें गिरफ्तार कर लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश के कुछ उद्यमियों के साढ़े तीन लाख करोड़ का ऋण माफ कर दिया गया। यदि इसमें से कुछ हिस्सा युवाओं को रोजगार शुरू करने के लिए दिया जाता तो देश आगे बढ़ने के साथ बेरोजगार युवाओं को काम मिल जाता। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा और किसानों को उनकी उपज के पूरे दाम दिये जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

श्री गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की वसुंधरा सरकार के शासन में भी प्रदेश बदहाल है, भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी स्कूल-कॉलेज एवं अस्पतालों के हाल खराब है लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विकास का झूठा प्रचार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ललित मोदी ने मुख्यमंत्री के बेटे को पैसे दिए लेकिन कोई जांच नहीं की गई । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने चहेतों को साढ़े छह सौ खाने आवंटित कर दी। जनता की कमाई के दम पर गौरव यात्रा के नाम पर राजनीतिक यात्रा निकाली गई।  श्री गांधी ने वादा करते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने पर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय शुरू की गई मुफ्त दवा योजना को व्यापक स्तर पर शुरू किया जाएगा तथा स्कूल-कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों पर ध्यान दिया जायेगा ताकि आम जनता के बच्चे वहां बेहतर पढ़ाई कर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों की स्थिति को भी सुधारा जाएगा।  उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चुनाव के समय बोलने में संयम बरतने की अपील भी की।

मोदी को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतना चाहिए : मनमोहन

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नई दिल्ली, 26 नवंबर, राजनीतिक संवाद के स्तर में आई गिरावट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने परवर्ती नरेंद्र मोदी से सोमवार को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतने की अपील की। मनीष तिवारी की किताब 'फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स'के विमोचन के दौरान सिंह से जब राजनेताओं की भाषा के स्तर में आई गिरावट पर उनकी राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि वह संयम बरतें जो प्रधानमंत्री की तरह हो। प्रधानमंत्री जब उन राज्यों में जाते हैं जहां भाजपा का शासन नहीं है तब उनका दायित्व होता है कि वह उस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें जिसका अब आमतौर पर व्यवहार हो रहा है।"सिंह ने कहा कि उन्होंने और कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने कभी उस तरह का भेदभाव नहीं किया जिस तरह का व्यवहार मोदी रोज कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने भाजपा शासित राज्यों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया। (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह खुद इस बात का सत्यापन कर सकते हैं। हमने वह सम्मान दिया जिसके वह अधिकारी थे।"उन्होंने मोदी से मिसाल कायम करने की अपील की। सिंह ने कहा, "वह सभी भारतवासियों के प्रधानमंत्री हैं। उनका आचरण अवश्य योग्य होना चाहिए और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके दायित्व के अनुरूप होना चाहिए।"

सीबीआई को चिदंबरम पर मुकदमा चलाने की मंजूरी

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नई दिल्ली, 26 नवंबर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति ले ली है। जांच एजेंसी ने हालांकि मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी पाने के लिए और समय मांगा है। विशेष अदालत पूर्व मंत्री व उनके बेटे की अग्रिम जमानत याचिका और आरोपपत्र पर संज्ञान लेने को लेकर सुनवाई कर रही है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिता और बेटे की जमानत याचिका का विरोध किया। विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने इस बीच चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा 18 दिसंबर तक बढ़ा दी है। सीबीआई और ईडी मिलकर यह जांच कर रहे हैं कि साल 2006 में किस प्रकार कथित रूप से कार्ति चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी हासिल की, इस दौरान उनके पिता केंद्रीय वित्तमंत्री थे।

जन धन, उज्जवला योजनाओं में घोटालों पर से भविष्य में उठेगा परदा : ममता

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कोलकाता, 26 नवंबरयह दावा करते हुए कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और रिजर्व बैंक आफ इंडिया के विवादों के कारण भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के घोटाले सामने आ गए हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि भविष्य में केंद्र सरकार के और गलत कामों पर परदा हटेगा। बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र सरकार की योजनाओं में घोटाले हो रहे हैं, जिसमें वित्तीय सेवाओं की किफायती पहुंच के लक्ष्य के साथ शुरू की गई 'प्रधानमंत्री जन धन योजना'और एलपीडी सब्सिडी देनेवाली 'प्रधानमंत्री उज्जवला योजना'शामिल है। बनर्जी ने झारग्राम जिले में एक जनसभा में कहा, "वे (केंद्र) लोगों का पैसा लूटने में व्यस्त हैं और हर संभव तरीके से उसमें घोटाला कर रहे हैं। आज सीबीआई और आरबीआई के विवाद के कारण इनके घोटाले सामने आ गए हैं। आने वाले दिनों में जन-धन खातों और एलपीजी सब्सिडी के मामलों में भी ऐसे ही घोटाले सामने आएंगे।"उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का सारा विकास राज्य सरकार ने किया है, लेकिन कुछ पार्टियां यहां आकर पैसा और शराब बांट रही है और लोगों को वोट करने को कह रही है। ममता ने परोक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर आपको जरूरत है तो आप वे पैसे रख लेना, लेकिन उन्हें वोट मत देना। याद रखें, जो पैसे वे बांट रहे हैं, वे उनके नहीं है, यह आम आदमी का पैसा है।"

एनडीएमसी ने बनाए स्तनपान की सुविधाओं वाले 2 शौचालय

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नई दिल्ली, 26 नवंबर, नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायलय को दी गई सूचना में कहा है कि उसने स्तनपान की सुविधाओं वाले दो शौचालयों का निर्माण किया है।  एनडीएमसी ने मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ को इसकी जानकारी दी। इन शौचालयों में से एक का निर्माण संसद मार्ग पर और दूसरे शौचालय का निर्माण कनॉट प्लेस में किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश मेनन और न्यायमूर्ति राव की पीठ नौ माह की शिशु अवयान की मां नेहा रस्तोगी और वकील अनिमेश रस्तोगी की अपील की सुनवाई कर रही थी, जिसमें देश में माताओं के लिए स्तनपान कराने के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई थी। इस मामले को आगे की सुनवाई 13 फरवरी, 2019 को होगी। याचिकाकर्ता ने कहा, "सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान सुविधाओं की कमी के कारण महिला अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर महिलाओं का शोषण हो रहा है और सार्वजनिक रूप से उनका मजाक बनाया जा रहा है।"उन्होंने कहा, "सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान एक चर्चा का मुद्दा बन जाता है, जब महिलाएं यात्रा के दौरान अपने शिशुओं को स्तनपान कराती हैं। युवा महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बच्चों को स्तनपान कराने में अब भी असहजता महसूस होती है।"एनडीएमसी ने अदालत से कहा कि वह इस सामाजिक मसले का समर्थन करती है और इसके संदर्भ में उनके विभाग ने सर्वेक्षण किए और पार्क, बस स्टैंड और सामुदायिक हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर शिशु आहार सुविधा प्रदान करने की व्यवहार्यता आकलन के मामले पर चर्चा भी की।
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