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पुलवामा में तीन आतंकवादी ढेर, जवान शहीद, सात प्रदर्शनकारी भी मरे

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श्रीनगर ,15 दिसंबर,जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के सिरनो गांव में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये और एक जवान शहीद हो गया। इसी दौरान सुरक्षा बलों के अभियान को बाधित कर रहे उग्र प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में सात लोग भी मारे गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने सुबह पुलवामा के सिरनो गांव में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों ने बाहर निकलने के सभी रास्तों को बंद कर दिया। सुरक्षाबलों के जवान तलाशी अभियान के दौरान जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से उन पर अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और काफी देर तक चली इस मुठभेड में तीन आतंकवादी मारे गए। इस अभियान में दो जवान घायल हो गए थे जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक जवान ने दम तोड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू होने के तुरंत बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये जिनमें अधिकतर युवा थे। प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों के अभियान को बाधित करने के लिए नारे लगाते हुए मुठभेड़ स्थल की और बढ़ने लगे। प्रदर्शनकारियों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस के जवानों ने पहले लाठी चार्ज किया। इस पर भी प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ना जारी रखा तो सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े लेकिन वे जब भी नहीं माने तो सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की जिसमें अनके प्रदर्शनकारी घायल हो गये। इन सभी को अस्पताल ले जाया गया जहां सात प्रदर्शनकारियों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल में दम तोड़ने वाले प्रदर्शनकारियों की पहचान पुलवामा के अशमिंदर निवासी आमिर अहमद पल्ला, करीमाबाद निवासी आबिद हुसैन, मोंघामा निवासी शाहबाज अली, बेल्लो निवासी सुहैल अहमद, परीगाम निवासी लियाकत अहमद और परिछो निवासी मुर्तजा के रूप में की गयी है। इसके अलावा एक अन्य प्रदर्शनकारी तौफिल अहमद को एसएमएचएस रैफर किया गया जहां रास्ते में उसकी मौत हो गई। इस बीच प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पुलवामा में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को स्थगित कर दिया है। सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा में मुठभेड़ स्थल के पास स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़पों में सात प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और एक सैनिक के शहीद होने का उल्लेख करते हुए कहा कि मुठभेड़ स्थल के पास आये दिन होने वाले विरोध-प्रदर्शनों से समुचित तरीके से निपटने के उपाय क्यों नहीं किये जाते हैं। श्री अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा, “कश्मीर में एक और खून-खराबे वाला सप्ताहांत। छह प्रदर्शनकारी मारे गये, एक जवान शहीद हो गया। मुठभेड़ स्थल पर झड़पों में कई लोगों के घायल होने की भी रिपोर्ट है। कितना भयानक दिन है।” जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई में नागरिकों के मारे जाने की घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि किसी प्रकार की जांच मारे गये लोगों को वापिस नहीं जा सकती है।

छत्तीसगढ में मुख्यमंत्री का फैसला कल

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नयी दिल्ली, 15 दिसम्बर, छत्तीसगढ के अगले मुख्यमंत्री का फैसला रविवार को राजधानी रायपुर में विधायक दल की बैठक के बाद होगा।  कांग्रेस के छत्तीसगढ के प्रभारी पी एल पुनिया ने शनिवार को यहां पत्रकारों के सवालों पर कहा कि राज्य में संसदीय दल का नेता कौन होगा, इस बारे में रविवार को दोपहर 12 बजे आयोजित विधायक दल की बैठक में फैसला हो जाएगा। बैठक के बाद तय हो जाएगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने कहा कि बैठक के बाद कल शाम को ही राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम है। सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश और राजस्थान का मामला सुलझने के बाद शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही छत्तीसगढ के मसले पर चर्चा का दौर जारी रहा। बैठक में छत्तीसगढ के प्रभारी श्री पुनिया के अलावा पार्टी के छत्तीसगढ के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

राफेल फैसले में तथ्यात्मक सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केन्द्र

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नयी दिल्ली, 15 दिसम्बर, राफेल लड़ाकू विमान सौदे से संबंधित फैसले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) तथा संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के संदर्भ को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच केन्द्र सरकार ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर इसमें तथ्यात्मक सुधार का अनुरोध किया।  रक्षा मंत्रालय में उप सचिव सुशील कुमार ने केंद्र सरकार की आेर से याचिका दायर करके फैसले के पैरा 25 की उन दो पंक्तियों में ‘तथ्यात्मक सुधार’ की मांग की है, जिसमें कैग रिपोर्ट और पीएसी का संदर्भ आया है।  याचिका में कहा गया है कि कैग रिपोर्ट और पीएसी से जुड़े सीलबंद दस्तावेज को लेकर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है और उसमें तत्काल सुधार की जरूरत है।  गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गत शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था, “कैग के साथ कीमत के ब्योरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया।” केंद्र सरकार ने याचिका में कहा है कि उसने सीलबंद लिफाफे में जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया था, उनमें कैग रिपोर्ट और पीएसी से संबंधित जानकारी में इस्तेमाल किये गये शब्दों के स्थान पर फैसले में अलग शब्द इस्तेमाल किये गये हैं, जिससे उसका अर्थ ही बदल गया है।  सरकार ने संबंधित फैसले की इस गड़बड़ी को यथाशीघ्र दूर करने का आग्रह किया है।  फैसले में कहा गया है कि न्यायालय के सामने रखे गए साक्ष्य से पता चलता है कि केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमान पर मूल्य के विवरणों का संसद में खुलासा नहीं किया, लेकिन कैग के सामने इसे उजागर किया गया और पीएसी ने कैग की रिपोर्ट पर गौर भी किया। हालांकि, फैसले के बाद कांग्रेस नेता और पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा कि उनके सामने इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं आयी थी। इसके बाद सियासी घमासान तेज हो गया। 

सरकार बताए, राफेल पर न्यायालय में क्यों दिए गलत तथ्य : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 15 दिसम्बर , कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने राफेल सौदे को लेकर उच्चतम न्यायालय के समक्ष गलत तथ्य पेश किए हैं और शीर्ष अदालत को गुमराह किया है इसलिए मोदी सरकार को इसकी वजह बतानी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी राफेल पर उच्चतम न्यायायल के फैसले के लिए अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन वह यह नहीं बता रही है कि जिस नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का उसने न्यायालय में हवाला दिया और न्यायालय ने जिसके आधार पर फैसला दिया है वह रिपोर्ट न संसद में पेश हुई और ना ही वह लोक लेखा समिति(पीएसी) के पास आयी है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के समक्ष जो तथ्य पेश किए गए हैं उसने उसी आधार पर फैसला दिया है। न्यायालय इस मामले में पीएसी की टिप्पणियों और आपत्तियों को नहीं देख सकता है। न्यायालय को जानकारी दी गयी है कि विमानों की कीमत का जिक्र संसद में पेश कैग की रिपोर्ट और पीएसी के पास है और उसी आधार पर शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया है। न्यायालय को यह तो नहीं बताया गया था कि उसे गुमराह किया जा रहा है इसलिए उसके सामने जो जानकारी दी गयी उसने उसी के आधार पर फैसला दिया। प्रवक्ता ने कहा कि अगर न्यायालय के समक्ष गलत तथ्य रखे गए हैं तो शीर्ष अदालत को गुमराह करने वाली बात है और सरकार को बताना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों किया और विधि अधिकारियों ने किस आधार पर यह गलत सूचना अदालत को दी है।  उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी न्यायालय के फैसले का सम्मान करती है लेकिन सरकार ने न्यायालय के समक्ष जो गलत तथ्य पेश किए हैं उसकी निंदा करती है।

हॉकी विश्व कप : हालैंड और बेल्जियम के बीच होगी खिताबी जंग

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भुवनेश्वर, 15 दिसम्बर, हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला हालैंड और बेल्जियम के बीच खेला जायेगा। भुवनेश्वर में खेले गये पहले सेमीफाइनल में ओलम्पिक रजत विजेता बेल्जियम ने तूफानी अंदाज में इंग्लैंड को 6-0 से रौंदकर फाइनल में जगह बनायी जबकि विश्व रैंकिंग में चाैथे नम्बर की टीम हालैंड ने सांस रोक देने वाले मुकाबले में पेनाल्टी शूटआउट के जरिये आस्ट्रेलिया को 3-4 से धाराशायी कर खिताबी मुकाबले के लिये शंखनाद किया।  हालैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुये नौवें और 20वें मिनट में गोल दागे जबकि आस्ट्रेलिया ने दूसरे हाफ में जबरदस्त वापसी करते हुये मैच को 2-2 पर खत्म किया। बाद में पेनाल्टी शूटआउट में हालैंड ने विश्व की नम्बर एक टीम और दो बार की चैंपियन आस्ट्रेलिया को हार के लिये विवश कर दिया।  हालैंड ने मैच के शुरू से ही आक्रामक शैली का मुजाहिरा किया और उसे इसका फायदा भी मिला जब नौवें मिनट में 11 नम्बर की जर्सी में स्क्रूमन ग्लेन में गोल दाग कर अपनी टीम को 1-0 से बढ़त दिला दी जबकि मैच के 20वें मिनट में हालैंड को दूसरी सफलता मिली जब सेवे वान ने शानदार गोल कर आस्ट्रेलिया को चौंका दिया। पहले हाफ में हालैंड को चार और आस्ट्रेलिया को दो पेनाल्टी कार्नर मिले थे मगर कंगारू मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे। दूसरे हाफ में आस्ट्रेलिया ने पलटवार करते हुये तेज तर्राक खेल का प्रदर्शन किया और 45वें मिनट में टिम हावर्ड ने गोल दाग कर मैच को रोमांचक मोड़ पर ला दिया। मैच के आखिरी लम्हों में हावर्ड ने एक और गोल कर मैच को अतिरिक्त समय के लिये जाने पर मजबूर कर दिया।  इससे पहले एलेक्सेंडर हेंड्रिक्स के दो गोलों के सहारे ओलम्पिक रजत विजेता बेल्जियम ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को पहले सेमीफाइनल में शनिवार को 6-0 से रौंद कर हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया। बेल्जियम ने पहली बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनायीं है जबकि इंग्लैंड को लगातार तीसरी बार सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। बेल्जियम ने चार गोल तो मात्र 11 मिनट के अंतराल में दागे। विश्व की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम ने आठवें मिनट में ही टॉम बून के मैदानी गोल से बढ़त बना ली। साइमन गोगनार्ड ने 19 वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर बेल्जियम को 2-0 से आगे कर दिया। सेड्रिक चार्लियर ने 42 वें मिनट में तीसरा, हेंड्रिक्स ने 45 वें मिनट में चौथा और 50 वें मिनट में पांचवां तथा सेबेस्टियन डोकियर 53 वें मिनट में छठा गोल कर इंग्लैंड को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।

मधुबनी : संस्कृति के साथ धरोहर और साहित्य के उत्सव की उलटी गिनती शुरू

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मधुबनी (रजनीश के झा) 15 दिसंबर, CSTC के द्वारा मधुबनी जिले में आयोजित होने जा रहा मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है.  जानकारी हो कि CSTS द्वारा इस कार्यक्रम की जब से रूप रेखा का निर्धारण हुआ जिले नहीं सम्पूर्ण मिथिलांचल में एक उत्सवोंमुखी उल्लास का माहौल था, आयोजन के दिन की आती नजदीकियों से साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा, पत्रकारिता के साथ साथ तमाम क्षेत्र से जुड़े लोगों में जिज्ञासा और उत्साह महसूस   किया जा सकता है. लिटरेचर फेस्टिवल जिले के राजनगर में 19 दिसंबर से 21 दिसंबर को  मनाया जाएगा, जिसकी तैयारी जोरों से चल रही है. इस कार्यक्रम में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसमें देश विदेश के विश्व स्तरीय विद्वानों के साथ साथ कला संस्कृति को सहेजने वाली हमारी ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को भी नारी सशक्तिकरण के आइकोन के रूप में सामने लाया जाएगा !

CSTS की श्रीमती सविता झा खान  ने कहा कि मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर को सचेतन को समेटने तथा समृद्ध साहित्य कला के उत्साह का उतसव साबित होगी। इसकी परिकल्पना विरासत, स्थानीयता और वैश्विक को एक सूत्र में बांधने का है। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचय कराना एवं विस्थापन को रोकना है। इस फेस्टिवल का विषय क्षेत्र मिथिला के विशिष्ट अतीत और भविष्य का रेखांकन है। उन्होंने कहा कि राजनगर कभी मिथिला के सांस्कृतिक धरोहर का केन्द्र हुआ करता था। जिस कारण यहां लोककला, इतिहास, साहित्य और संस्कृति, बौद्धिक, दर्शन आदि धरोहरों का संरक्षण एवं नई पीढ़ी को इस अतीत से अवगत कराना आवश्यक है। इस फेस्टिवल में तंत्र शक्ति परंपरा, मैथिली भाषा साहित्य, उद्योग, जल संसाधन, कुटीर उद्योग, हस्तकला, मिथिला चित्रकला, भोजन-विन्यास, स्थापत्य, जीवन शेली, मैथिली रंगमंच, ध्रुपद संगीत, फोटोग्राफी आदि विषयों पर पैनल डिस्कशन, वार्ता, प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के विद्वानों का समागम होगा। मिथला पर बहुभाषीय पुस्तक अहिवात का भी लोकार्पण किया जाएगा। इस फेस्टीवल का उद्घाटन पद्मश्री बौआ देवी करेंगी। तीन दिवसीय इस महोत्सव में प्रतिदिन मैथिली कवि गोष्ठी, मिथिला पें¨टग पर कार्यशाला, बाल रंगमंच शिविर, फोटोग्राफी, मैथिली गीतनाद प्रतियोगिता, अरिपन, हस्तकरघा, भारतीय पुरातत्व व मैथिली साहित्य प्रदर्शनी, गांधी कवि गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, पुस्तक मेला का भी आयोजन किया जाएगा।

पत्रकारों को राजनगर कालेज के प्राचार्य डॉ. हीरानंद आचार्य, अमित आनंद, कैलाश भारद्वाज ने भी संबोधित किया.

मध्यप्रदेश : बिशप थोमस की अंतिम संस्कार का मिस्सा संत पौल्स चर्च में 11 बजे से

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मिस्सा पूजा के पश्चात  बिशप हाऊस स्थित कब्रिस्तान में दफन होगा
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ग्वालियर,16 दिसम्बर।सी. बी. सी. आई. का जेनरल सेक्रेडरी  हैं थिओडोर मस्करेनहास। उनका कहना है कि ग्वालियर धर्मप्रांत के बिशप थोमसथेन्नाट  का सड़क हादसे  में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 18 दिसम्बर को 11 बजे से होगा।

कार पलटने से ग्वालियर के बिशप:
बिशप (ईसाई धर्माध्यक्ष) की दर्दनाक मौत हो गई। घटना शुक्रवार-शनिवार की रात की है। हादसा पोहरी तहसील के परीक्षा गांव के पास हुआ है। बिशप अैर उनके साथी श्योपुर के एक स्कूल के वार्षिक समारोह में शामिल होकर वापस ग्वालियर लौट रहे थे।

17 वां स्थापना दिवस अंतिम जश्न साबित:
श्योपुर के पाली रोड स्थित सेंट पायस स्कूल में शुक्रवार को 17वां स्थापना दिवस मनाया गया। इसी में ग्वालियर के विशप डॉ. थॉमस थेन्नाट बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उनके साथ ग्वालियर के पूर्व विशप डॉ. जोसेफ भी श्योपुर आए थे। रात 11 बजे के करीब वह श्योपुर से ग्वालियर के लिए रवाना हुए। बताया गया है कि, पोहरी के पास परीक्षा गांव के मोड़ पर कोहरे के कारण उनकी गाड़ी असंतुलित होकर पलट गई। हादसे में बिशप डॉ. थोमस की मौके पर ही मौत हो गई जबकि, पूर्व बिशप डॉ. जोसेफ सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पोहरी से ग्वालियर रेफर कर दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही श्योपुर सेंट पायस स्कूल के प्रिंसीपल डॉ. डायनिसियस आरबी व शिवपुरी के मिशनरी स्कूल के पदाधिकारी भी रात में ही पोहरी पहुंच गए। यह घटना पोहरी थाने की जद में हुई है लेकिन, पुलिस ने शनिवार की देर रात तक कोई प्रकरण इस मामले में दर्ज नहीं किया। पोहरी थाना प्रभारी का कहना है कि इस मामले में घायल या अन्य किसी ने कोई शिकायत नहीं की इसलिए, प्रकरण नहीं बनाया।

हिंदी में दिए भाषण, मुस्कराते हुए निकले श्योपुर से
बताया गया है बिशप डॉ. थोमस करीब एक साल पहले ही नागपुर से ग्वालियर आए हैं। उन्हें अंग्रेजी सहित करीब आठ भाषाओं का ज्ञान था लेकिन, हिंदी बोलने में वह अटक जाते थे। शुक्रवार को जब उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि सेंट पायस स्कूल में अपना उदबोधन दिया तो हिंदी में ही बोले। स्कूल के पदाधिकारी व शिक्षक उन्हें पूर्व से जानते थे और बिशप के मुंह से शुद्घ हिंदी के शब्द सुनकर सभी चकित से रह गए। उनके हिंदी भाषणों ने आयोजन को खुशनुमा बना दिया। कार्यक्रम के बाद जब बिशप डॉ. थोमस व डॉ. जोसेफ ग्वालियर रवाना हो रहे थे तब सेंट पायस स्कूल के पूरे स्टाफ के सिर पर हाथ रखकर आशीष दिया और मुस्कराते हुए ग्वालियर के लिए रवाना हुए। स्कूल में खुशी के माहौल के बीच ही सड़क हादसे की दुखद खबर आ गई जिसने सभी को सन्न कर दिया। शनिवार को स्कूल का अवकाश रहा।

दुमका : प्रथम मर्तबा तीन लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन दुमका में सफलता पूर्वक संपन्न

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) भारती अस्पताल,  दुमका में प्रथम बार तीन लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन दो लेप्रोस्कोपिक एपेन डेक्टोमी व एक  लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेनोमी ऑपरेशन किया गया।  तीनों मरीज गंभीर रूप से बीमार थे तथा ऑपरेशन भी  उनका काफी जटिल था। एक मरीज के  पीपली में मवाद पथरिया पाया गया।  तीनों ऑपरेशन सफल रहा। भारती हॉस्पिटल में पश्चिम बंगाल से बड़े-बड़े डॉक्टर का आगमन हुआ है।  सभी विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा चिकित्सा किया जा रहा है। अब दुमका के रोगियों को  बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।  बाहर के हॉस्पिटल से कम खर्च पर भारती हॉस्पिटल दुमका में इलाज तथा अत्या धुनिक मशीन से ऑपरेशन किया जाएगा। इससे दुमका के लोगों को काफी फायदा भी होगा तथा परेशानी भी कम होगी। भारती हॉस्पिटल के एमडी अमिता रक्षित ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा लेप्रोस्कोपिक एण्ड जेनरल सर्जन डॉ राहुल सिंह की देखरेख में सभी तीन अॉपरेशन सफलता पूर्वक किया गया। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस मशीनों व उपकरणों से यहां सर्जरी शुरू किया गया है। डॉ डी एन महापात्रा, डॉ रवीश सिन्हा व अन्य डॉक्टरों की सेवाएं लगातार ली जा रही है। 

दुमका : धरना पर बैठे पारा शिक्षक कंचन की ठंड से मौत, मंत्री को बताया मौत की वजह

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अपनी मांगों के समर्थन में 25 नवम्बर से सूबे की मंत्री व दुमका की विधायक डाॅ0 लुईस मराण्डी के आवास के सामने धरना पर बैठे आन्दोलनकारी पारा शिक्षकों में एक सदस्य कंचन कुमार दास की ठंड लग जाने से दिन रविवार को मौत हो गई। जिले के रामगढ़ प्रखण्ड अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिनाडंगाल में कार्यरत मृतक पारा शिक्षक की मौत के बाद पारा शिक्षकों का आक्रोश अचानक फूट पड़ा। संगठन के लोगों ने मंत्री डा0 लुईस मराण्डी के विरुद्ध पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का नारा लगाया। मालूम हो मंत्री के आवास के समीप टेंट लगाकर पारा शिक्षकों का संगठन अपनी मागों के समर्थन में पिछले 20 दिनों से धरना पर बैठा हुआ था। आंदोलनकारी पारा शिक्षकों ने कहा धरना पर बैठे पारा शिक्षक कंचन कुमार दास भीतर से कुछ तकलीफ महसूस कर रहा था। वह घर जाना चाहता था किन्तु किसी कारणवश घर न जाकर टेंट में ही सो गया। आंदोलनकारी पारा शिक्षकों में कुछ ने सुबह-सुबह जब उसे उठाना चाहा तो उसका शरीर शांत व ठंडा पड़ चुका था। आनन-फानन में साथी पारा शिक्षकों ने अस्पताल ले जाकर इलाज करवाना चाहता, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक डाॅ0 दिलीप कुमार भगत के अनुसार मृत अवस्था में ही पारा शिक्षक को अस्पताल लाया गया था, वह पहले ही मर चुका था। पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद प्रशासनिक दृष्टिकोण से मंत्री के आवास पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, वहीं  मृतक पारा शिक्षक कंचन कुमार दास के पार्थिव शरीर के साथ यज्ञ मैदान में आंदोलन कारी पारा शिक्षकों ने मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी व मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरुद्ध नारेबाजी की और हत्यारिन मंत्री के विरुद्ध एफआईआर की मांग की। संघ की ओर से बतौर मुआवजा 25 लाख रुपये व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। इधर मंत्री डाॅ. लुईस मराण्डी ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में वे उनके साथ हैं। हरसंभव उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री राज्य से बाहर हैं उनके वापस लौटने पर शीघ्र ही इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा। पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस दुमका में विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। झामुमों के जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह, रेड क्राॅस सोसायटी के चेयरमेन व संवदेक अजय कुामर झा उर्फ मिक्की झा, काॅग्रेस की ओर से प्रो मनोज अम्बष्ट, झाविमों की ओर से धर्मेन्द्र सिंह  उर्फ बिट्टू सिंह व अन्य लोग मौजूद थे। मृतक के प्रति सबों ने अपनी-अपनी संवेदनाएँ प्रकट की। इन नेताओं को यज्ञ मैदान में भी देखा गया। पारा शिक्षकों की न्यााय संग तमांगों का वे सभी समर्थन कर रहे थे। इधर झामुमों की जामा विस क्षेत्र की विधायक सीता सोरेन ने कहा कि सरकार की तानाशाही नीतियों की वजह से ही इस तरह की घटना घटित हुई। उन्होंने कहा झारखण्ड की रघुवर सरकार को इस घटना की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए। विधानसभा में भी इस मामले को रखा जाएगा। सूबे की रघुवर सरकार को गरीब पारा शिक्षकों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। यह सरकार विदेश भ्रमण पर हमेशा रहती है। पोस्टमार्टम हाउस, दुमका से पाराशिक्षकों का संगठन मृत साथी को अपने साथ ले जाना चाहते थे। मंत्री के आावास के समीप शव के साथ प्रदर्शन करना चाहते थे जिसे एसडीओ दुमका राकेश कुमार ठाकुर ने समझा-बुझाकर शांत किया। दो घंटे तक शव को ले जाने की रस्साकस्सी चलती रही। एसडीपीओ नैताथी व कई पुलिस इंस्पेक्टरों सहित थानेदारों व पुलिस बल से पोस्टमार्टम हाउस पटा रहा। पारा शिक्षक संध की ओर से शव को ओपने ले जाने की कवायद थी किन्तु शांति-व्यवस्था भंग की स्थिति  को देखते हुए एसडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण तरीके से शोक मनाने की आजादी प्रदान की। मालूम हो एक पारा शिक्षक पिछले कई दिनों से ट्रेसलेस है जिसका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

बिहार : छात्रा खुशबू की रहस्यमय मौत की सी.बी.आई. जांच की मांग

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21 दिसंबर को पूरे बिहार में आइसा द्वारा होगा राज्य व्यापी विरोधआइसा- ऐपवा की एक जांच टीम कल यानी 17 दिसंबर को खुशबू के परिजनों से मिलने जाएगी जहानाबादआई.जी.आई. एम.एस.की नर्सिंग प्राचार्य और दोषी शिक्षकों को निलंबित करो- आइसा , ऐपवा, पीएमएसयू अनशन पर बैठी छात्राओं पर लाठीचार्ज के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करो- आइसा , ऐपवा
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पटना (आर्यावर्त संवाददाता) 16 दिसंबर ,2018। आज आई.जी.आई.एम.एस. नर्सिंग  कॉलेज की छात्रा खुशबू की रहस्यमय मौत को लेकर आइसा ऐपवा और पीएमएसयू के जरिये संवाददाता सम्मेलन किया गया।संवाददाता सम्मेलन में नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं भी हुई शामिल। संवाददाता सम्मेलन में बात रखते हुए नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने कहा कि 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे के करीब खुशबू को क्लास को-ऑर्डिनेटर के जरिये प्रिंसिपल आफिस जाने को कहा जाता है, खुशबू के वहां जाने पर उससे उसका मोबाइल फ़ोन जब्त कर लिया जाता है। उसके बाद लगभग 45 मिनट तक न जाने प्रिंसिपल ऑफिस में उसके साथ क्या होता है? क्या बातें कही जाती है? खुशबू प्रिंसिपल ऑफिस से रोती हुई अपने हॉस्टल पहुंचती हैं जहाँ उसकी मुलाकात अपनी सहपाठियों से होती हैं। दोस्तों द्वारा पूछे जाने पर खुशबू ने रोते हुए ये बताया कि उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया है ।
उसके बाद खुशबू अपने कमरे चली जाती है , 10 मिनट के बाद छात्राओं को आशंका होती हैं तो वह कमरे का गेट खोलवाना चाहती हैं लेकिन अंदर से कोई आवाज नही आती है।  इसके बाद इस बात की सूचना होस्टल वार्डन एवं शिक्षकों को छात्राएं देती हैं लेकिन तुरंत कमरे के दरवाजे को नही तोड़ा जाता है उसमे भी काफी समय निकाल जाता है। उसके बाद जब कमरे के दरवाजे को तोड़ कर अंदर जाया जाता है तो खुशबू पंखे से लटकी पायी जाती है। उसके बाद हॉस्टल में तीन गाड़ियों के रहते हुए एम्बुलेंस बुलाने कहा जाता है और एम्बुलेंस के आने में हो रही देरी के बावजूद भी हॉस्टल के गाड़ी से उसे अस्पताल नही ले जाया जाता है। खुशबू के कमरे से उसके दोस्तों को शुरुआत में किसी प्रकार की कोई सुसाइड नोट नहीं मिलती है, परंतु आधे घंटे तक जब लड़कियां खुशबू को अस्पताल पहुंचाने में लग जाती है तब उस कमरे में एक सुसाइड नोट लिख कर रख दिया जाता है जिसके हैंडराइटिंग खुशबू के हैंडराइटिंग से बिल्कुल नहीं मिलती। उस सुसाइड नोट में शादीशुदा खुशबू के द्वारा ना अपने पति ना बच्चे की कोई बात कहती है बस आखरी में अपने पिता को सॉरी कहती है कि मैं कुछ नहीं कर पाई। सरकार द्वारा एक जांच कमेटी बनाई जाती है पर वह जांच कमेटी बी.एस.सी. नर्सिंग की एक छात्रा से कोई बयान नहीं लेती है और 7 दिन में देने वाली रिपोर्ट को 14 दिनों तक नहीं देती है।  प्राचार्य समेत शिक्षकों को छुट्टी दे दी जाती है ताकि वह घर पर बैठकर अपने बचने की कोशिश में लग जाए अनशन पर बैठी छात्राओं को पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बरता से मारा पीटा जाता है। वहीं संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि काॅलेज की चतुर्थ वर्ष में पढ़ने वाली एक नर्सिंग छात्रा ने बताया कि खुशबू प्रथम वर्ष की छात्रा थी और दलित समाज से आती थी। उसे हमेशा काॅलेज प्रशासन प्रताड़ित करता था और भद्दे-भद्दे कमेंट पास करता था। प्राचार्य के अलावा कुछेक शिक्षक भी इस प्रताड़ना में शामिल थे। जिस दिन खुशबू ने आत्महत्या की उसको प्राचार्य ने अपने चैंबर में बुलाया था। वहां उसे क्या बोला गया हमलोगों को पता नहीं लेकिन चैंबर से निकलने के तत्काल पश्चात उसने अपने कमरे में आकर कमरा बंद कर वह फांसी के फंदे से लटक पड़ी फिर भी उसे बचाया जा सकता था लेकिन काॅलेज प्रशासन उसे बचाने के लिए तनिक भी सक्रिय नहीं दिखा।  कमरे का ताला तोड़ने के लिए परमिशन लेटर लिखवाया गया, जिसमें तकरीबन दस मिनट का समय लगा। किसी टीचर ने अपनी गाड़ी नहीं दी,  एंबुलेस बुलवाना पड़ा जिसमें काफी वक्त लग गया।जबकि हर टीचर के पास अपनी गाड़ी थी।.छात्राओं को फांसी लगाए खुशबू के पास पहुंचने नहीं दिया गया, लाश को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ने उतारा.  बाद में छत्राओं ने उसे आईसीयू ले गयीं लेकिन वहां पहुंचते-पहुंचते बहुत समय लग चुका था और उसकी मृत्यु हो चुकी थी. खुशबू के कमरे में जब लड़कियां दाखिल हुईं तो उन्हें किसी प्रकार सुसाइड नोट नहीं दिखा जबकि बगल में टेबल व कुर्सी थी. आधे घंटे में टीवी पर उसका सुसाइड नोट ब्रेकिंग न्यूज के बतौर चलने लगा, जिसमें उसने अपने पापा को लिखा था कि – साॅरी पापा, मैं कुछ नहीं कर पाई. जबकि खुशबू विवाहित थी और एक बच्चा भी था. नर्सिंग छात्राएं इस सुसाइड नोट को सवालिया नजर से देखती हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है कि खुश्बू अपने नोट में अपने बच्चे व पति का जिक्र न करे. उनका मानना है कि नोट बाद में लिखा गया और उसका मूल नोट गायब कर दिया गया. सुसाइड नोट उसके अक्षरों में भी नहीं है.

छात्राओं के विरोध के बावजूद डेड बाॅडी को जबरदस्ती निकाल दिया गया और उसका पोस्टमार्टम कर दिया गया. आज तक किसी को पता नहीं है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है? नर्सिंग छात्रा सवाल करती हैं कि एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राचार्य पर मुकदमा दर्ज किया गया है, इस एक्ट के तहत 24 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी होनी चाहिए लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? बहुत ही यह जायज सवाल है. बहरहाल, 13 दिसंबर को अनिश्चितकालीन उपवास और  आइसा के आंदोलन के दबाव में डीन से छात्राओं की वार्ता हुई. छात्राओं ने डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि न केवल खुश्बू बल्कि हम सब लड़कियां परेशान हैं. प्राचार्य से जब कोई लड़की छुट्टी मांगती है तो कहती हैं कि तुम प्रेग्नेंट हो कि छुट्टी चाहिए. लुसी मैडम के अनुसार यदि कोई लड़की एटीम जाने के लिए, हाॅस्पीटल जाने के लिए आज्ञा लेने जाती है तो टीचर कहती हैं कि तुमलोगों को तो कोई कामधाम है नहीं, बाहर जाकर लड़कों से मिलती हो और पेट फुलाकर आती हो. इसी प्रकार के कथनों से खुशबू बहुत प्रताड़ित हुई थी. दलित होने की वजह से उसे यह बार-बार सुनना पड़ता था. डीन ने कहा कि प्राचार्य और अन्य आरोपियों पर कार्रवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि उसपर ऊपर से एक इनक्वायरी कमिटी बैठ चुकी है. लेकन छात्राएं प्राचार्य के निलंबन की मांग पर अड़ी रहीं. 14 दिसंबर को जांच पूरी होने तक प्राचार्य व अन्य दो शिक्षकों के काॅलेज आने पर प्रतिबंध लगने की खबर अखबारों में छपी. लेकिन मामला जिस प्रकार का है, उसमें सीबीआई जांच से नीचे की बात ही नहीं बनती. छात्राओं का आंदोलन चलते रहा लेकिन 14 दिसंबर की रात्रि में प्रशासन ने छात्राओं का बर्बरता से दमन किया.
 छात्राओं के कंबल छीन लिए गए और आइसा नेता रामजी यादव सहित कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. प्राचार्या को छुट्टी पर भेजने की घोषणा की गई है. निश्चय ही छात्राओं ने एक स्तर की लड़ाई जीत ली है लेकिन खुशबू कांड के मामले में न तो स्वास्थ्य सचिव द्वारा बनाई गई जांच समिति ने छात्राओं का बयान लिया है न पुलिस ने कोई बयान लिया. आंदोलन के दबाव में 15 दिसंबर की दोपहर में पुलिस बयान दर्ज करने के लिए तैयार हुई. लेकिन, एक दलित छात्रा और डेढ़ साल के बच्चे की मां खुशबू की मौत की जांच के नाम पर बनी कमिटी क्या कर रही है यह बताने के लिए न तो स्वास्थ्य सचिव उपलब्ध हैं न स्वास्थ्य मंत्री. दोनों अमेरिका यात्रा पर बताये जा रहे हैं. बिहार में सांस्थानिक हत्याएं हो रही हैं और मंत्री टूर पर हैं. वहीं संबोधित करते हुए आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार ने कहा कि अकादमिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं और खासकर दलित व वंचित वर्ग से आने वाले छात्र-छात्राओं की प्रताड़ना का सिलसिला तनिक भी कम नहीं हो रहा है. हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या ने देश के कैंपसों के अंदर जातिगत उत्पीड़न की कलई खोल दी थी, लेकिन बिहार के कैंपसों की बात की जाए तो यहां की स्थिति कहीं ज्यादा भयावह है. डीका बलात्कार-हत्या कांड में हम सबने देखा और महसूस किया कि भाजपा-जदयू राज में बिहार के कैंपस शिक्षा के केंद्र नहीं बल्कि यौन उत्पीड़न के केंद्र बने हुए हैं. शेल्टर गृह मामले ने तो इस सड़ांध को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है जहां बच्चे-बच्चियों का न केवल लंबे समय से यौन शोषण होता रहा, बल्कि उनकी तस्करी तक की रिपोर्टं मिलीं है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार सरकार को कई बार फटकार लगाया जा चुका है, लेकिन महिलाओं-छात्राओं के खिलाफ जारी हिंसा में किसी भी प्रकार की कमी न हीं आ रही है. सबसे हालिया प्रकरण राजधानी पटना के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान आईजीआईएमएस का है, जहां ठीक रोहित वेमुला और डीका की तर्ज पर जहानाबाद की दलित समुदाय से आने वाली नर्सिंग छात्रा खुश्बू कुमारी की संदेहास्पद मौत का मामला उजागर हुआ है. मामले को रफा-दफा करने की भरपूर कोशिशें हुईं लेकिन नर्सिंग छात्राओं के जबरदस्त आंदोलन ने प्रशासन को बैकफुट पर भेजने के लिए मजबूर किया है। छात्राओं का कहना है कि प्राचार्य कक्ष से निकलने के तत्काल बाद खुश्बू ने अपने कमरे में जाकर आत्महत्या की, इसका मतलब है कि प्राचार्य कक्ष में उसे बहुत जबरदस्त तरीके से प्रताड़ित किया गया, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। इस संस्थागत हत्या के खिलाफ नर्सिंग छात्राएं पहले दिन से ही आंदोलित हैं और खुशबू की रहस्यमय मौत की सीबीआई जांच व न्याय की मांग कर रही है उनके समर्थन में पटना के नागरिकों ने विशाल कैंडल मार्च भी निकाला. 12 दिसंबर से नर्सिंग छात्राएं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गईं। आइसा और ऐपवा ने उनके आंदोलन का सक्रिय समर्थन  दियाॅॆि   प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि सुशासन बाबू सिर्फ बेटी बचाओ और बेटी पढाओ एवं दलित उत्थान की का झूठा नारा देती है ,नीतीश कुमार को चुप्पी तोड़नी चाहिए।

दुमका: प्रशिक्षण-सह-सिलाई सेंटर का डीसी ने किया उद्घाटन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) शिकारीपाड़ा प्रखंड के पंचायत सचिवालय मुड़ायाम पहुंचकर डीसी दुमका मुकेश कुमार ने दिन रविवार को  प्रशिक्षण-सह-सिलाई सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दुमका के डीसी श्री कुमार ने कहा कि 25 दिसंबर 2017 को बालीजोर को एक आदर्श गांव बनाने का संकल्प  लिया गया  था,  लेकिन उस समय बाली फुटवेयर की कल्पना भी नहीं की गई थी। उन्होंने कहा  कोई भी गांव तभी आदर्श गांव बन सकता है जब वहां के लोगों  को रोजगार की दिक्कत न हो। आर्थिक रूप से  लोग  सशक्त बनें और महिलाओं को उनके घर के आस-पास ही रोजगार मिल सके। जब तक आप सशक्त नहीं होंगे तब तक जिला प्रशासन का सपना सही मायने में पूरा नहीं होगा। जिला प्रशासन द्वारा बाली फुटवेयर की शुरुआत की इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया था।  उन्होंने कहा  हड़िया बेचने वाली महिलाओं के लिए आपके गांव की सारा हादसा एक उदाहरण है,  जिन्होंने अपनी झोपड़ी के नीचे से हड़िया बेचने का  सामान  हटाकर चप्पल बनाने का सामान लगाया है। सिर्फ सरकार के सोचने से कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता।  सरकार और जिला प्रशासन के सपनों को पूरा करने में आमजनों का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारी स्कूल के बच्चों को जो चप्पल दिए जाते हैं वे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाएंगी  और उन चप्पलों को सरकार खरीद कर बच्चों को देगी। उन्होंने कहा कि यहां के प्रखंड की टीम का योगदान बालीजोर को आदर्श गांव बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण है। तहेदिल से प्रखंड  टीम को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि देवघर, दुमका के कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियां बालीजोर की महिलाओं द्वारा निर्मित चप्पल पहन रही हैं। मुझे विश्वास है आने वाले दिनों में  सभी घरों तक बालीजोर की महिलाओं द्वारा निर्मित चप्पल पहुंचेंगे। निश्चित रूप से इससे आप आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। आपके द्वारा निर्मित चप्पल  राज्यपाल,  मुख्यमंत्री व बड़े-बड़े लोग पहनते हैं। ये आपकी ताकत है। अब आप सभी के सहयोग से आस पास के गाँव मे हड़िया नहीं फुटवियर का निर्माण किया जाएगा। यह एक सकारात्मक बदलाव है और इसके लिए नारी शक्ति बधाई के पात्र हैं। आप सभी पूरी ईमानदारी से कार्य करें। खूब मेहनत करें,  आपकी मेहनत रंग ला रही है और आगे भी लाएगी। बाली हेड क्वार्टर का भी निर्माण किया जा रहा है। यह पहला प्रयोग है जहां प्रशिक्षण के साथ उत्पादन भी किया जा रहा है। आज बाली फुटवियर की चर्चा हर जगह हो रही है। लोग आपकी प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सगुन शुतम के माध्यम से भी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।   महिलाओं को स्टीचिंग का प्रशिक्षण देकर उनसे  स्कूल ड्रेस सिलाई का कार्य कराया जा रहा है। 20 दिसम्बर को नारगंज के सगुन शुतम केंद्र का उदघाटन किया जायेग। बासुकी अगरबत्ती, मयूराक्षी सिल्क सगुन शुतम या बाली फुटवियर इन सभी के माध्यम से महिलाओं को उनके घर के आस पास ही रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। बहुत जल्द आपके द्वारा निर्मित सामग्रियों को दूसरे देशों में भेजा जाएगा। इस अवसर पर डीसी  ने महिलाओं के बीच  कंबल व बाली फुटवेयर का वितरण किया। डीसी नेे  इस दौरान बाली हेडक्वार्टर के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया।  निर्माण कार्य को जल्द-जल्द पूरा करने को कहा। इस अवसर प्रशिक्षु आईएएस शशि  प्रकाश , जिला योजना पदाधिकारी अरुण कुमार द्विवेदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत के मुखिया के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

दुमका : पी.के.लाल मेमोरियल टी- 20 क्रिकेट टूर्नामेंट 2019

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नहीं बन सकी अन्तिम 16 टीमों पर सहमति, अगली बैठक में होगा अंतिम रुप से विचार
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दुमका (आर्यावर्त संवाददाता) नगर पर्षद, दुमका  के उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल की अध्यक्षता में  गांधी मैदान में चली मैराथन  बैठक के बाद भी 15 जनवरी  19 से आरंभ होने वाले पी के लाल मेमोरियल टी- 20 क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने वाली अंतिम 16 टीमों के चयन पर सहमति नहीं बन सकी। आयोजन समिति के सदस्यों के बीच कोलकाता, दिल्ली, धनबाद रेलवे, दानापुर रेलवे, मेकॉन रांची, हरियाणा, पंजाब, नोएडा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उड़ीसा, पटना, दुमका, भागलपुर, मुजफ्फरपुर व  देवघर की टीमों के भाग लेने पर गम्भीरता से विचार किया गया। बैठक में श्रीलंका, बांग्लादेश व  नेपाल की अंतरराष्ट्रीय टीमों को भी प्रतियोगिता में खेलाने पर विमर्श किया गया परंतु नेपाल को छोड़कर शेष टीमों को वीजा मिलने में आ रही समस्या के कारण फिलहाल उन टीमों के भाग लेने पर संशय बना हुआ है। अगले हफ्ते होने वाली बैठक में अंतिम रूप से 16 टीमों पर सहमति बना ली जाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रतियोगिता में होने वाले सारे मैचों की अंपायरिंग दुमका के बाहर के मान्यता प्राप्त अंपायर ही करेंगे जबकि प्रत्येक मैच में तीसरे अंपायर की भूमिका दुमका के स्थानीय वरिष्ठ खिलाड़ी ही निभाएंगे। बैठक में नगर परिषद के उपाध्यक्ष सह आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार लाल, मैदान समिति के कुणाल दास राहुल, मनोज कुमार घोष, वंशीधर पंडित, जिला क्रिकेट संघ के सचिव ललित पाठक,  जटाशंकर झा, बादल चटर्जी, वंदना श्रीवास्तव, दिलीप भुवानिया, मनोज साहू, कल्याण लायक, कालीचरण राम, सुकांता पाल, तनवीर, अरविंद कुमार, महेश राम चंद्रवंशी, ललित सिंह, जगदीश पासवान, राज किशोर गुप्ता, संदीप कुमार जय, अशोक कुमार राउत, गोविंदा तिवारी आदि मौजूद थे।

सुप्रीम कोर्ट राफेल पर फैसला वापस ले, सरकार को अवमानना का नोटिस दे : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर, कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान मामले में सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर संशोधन याचिका को देश की सर्वोच्च अदालत एवं संसद का अपमान करार दिया है और उच्चतम न्यायालय से अपने फैसले को वापस लेने और सरकार को अवमानना का नोटिस देने का आग्रह किया है। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि दो दिन से राफेल पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को लेकर चर्चा हो रही है। कांग्रेस का मानना है कि इसमें विरोधाभास है। उसने हमेशा कहा है कि अदालत इस विषय के लिए सही मंच नहीं है। केवल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ही सही ढंग से जांच कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस बीच कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं कि सरकार ने विमानों के मूल्य निर्धारण को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा जांच करके रिपोर्ट को संसद में और फिर संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) को देने और पीएसी की रिपोर्ट के अंश संसद को देने की बात सरासर गलत है। न सीएजी की रिपोर्ट आयी, न पीएसी ने रिपोर्ट संसद को दी। सरकार ने संशोधन याचिका में यह कहा कि अदालत काे अंग्रेजी का व्याकरण नहीं आता है। श्री शर्मा ने कहा कि कल सरकार द्वारा अदालत में संशोधन याचिका दाखिल करने से साफ हो गया है कि सरकार ने अदालत की अवमानना की है और अपमान किया है और अब उस पर जश्न मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। इन परिस्थितियों को देखते हुए उच्चतम न्यायालय को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए और सरकार को अवमानना का नोटिस देना चाहिए। संसद की अवमानना के लिए भी सरकार के विरुद्ध समुचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सरकार संदेह के घेरे में है। यह न केवल सर्वोच्च अदालत बल्कि संसद को गुमराह करने संबंधी गंभीर अवमानना का मामला है। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जवाबदेही बनती है और देश की जनता उनके मुंह से इसका जवाब सुनना चाहती है।  कांग्रेस नेता ने कहा कि शुरुआत से ही इस सरकार में प्रधानमंत्री श्री मोदी के कामकाज तीन स्तंभों पर आधारित रहे हैं। झूठ बोलना, दुर्भावना रखना और कांग्रेस को कोसना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से उन्हें कोई अपेक्षा नहीं है कि वह सच बोलेंगे। 

आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार आया : राजनाथ

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नयी दिल्ली 16 दिसम्बर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार के प्रयासों से पिछले चार वर्षों के दौरान आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार आया है।  श्री सिंह यहां एक विजय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर अब केवल 12 ही रह गई है जबकि उत्तर पूर्व में व्याप्त अराजकता में 80 प्रतिशत तक सुधार आया है। पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले युद्ध विराम उल्लंघनों का प्रभावी तरीके से प्रत्युत्तर देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को पूरी स्वतंत्रता दी गई है।  गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक हमारे युवाओं के बीच राष्ट्रीय गौरव की भावना उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान एवं भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की बहादुरी का स्मरण करते हुए उन्होंने दुख जताया कि आज के युवाओं के आदर्श क्रिकेट खिलाड़ी और फिल्म सितारे हैं, लेकिन परमवीर चक्र विजेताओं का नाम पूछने पर उन्हें एक का भी नाम स्मरण नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि चन्द्र शेखर आजाद और भगत सिंह जैसे शहीद सभी आवेशपूर्ण राष्ट्रवाद से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि आज समाज को पूर्व सैनिकों के साथ खड़ा होना होगा। नागरिकों के बीच व्यक्तिगत सम्मान और राष्ट्र की अखण्डता को संरक्षित करने के लिए एक कार्य योजना बनाए जाने की आवश्यकता है।  उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने 1971 में सिद्ध कर दिया कि उनमें इतिहास को फिर से लिखने तथा मानचित्रों को फिर से बनाने की क्षमता है।  इस अवसर पर गृह मंत्री ने शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया और वेटरेंस इंडिया एसोसिएशन की पहली त्रिमासिक पत्रिका का अनावरण किया। श्री सिंह ने शहीदों के कल्याण के लिए संगठन की समग्र निधि को अपने एक महीने का वेतन देने की घोषणा की।

कर्नाटक चीनी मिल के बॉयलर में विस्फोट से छह मरे

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बेंगलुरु,16 दिसंबर, कर्नाटक के चामराजनगर जिले में मंदिर का प्रसाद खाने से 13 लोगों की हुई मौत के हादसे को लोग भुला भी नहीं पाये थे कि राज्य के बगलकोट जिले के कुलाली गांव स्थित चीनी मिल में रविवार को बॉयलर में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये।  पुलिस ने बताया कि राज्य के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक मुर्गेश निरानी की उक्त चीनी मिल के बॉयलर में विस्फोट से यह हादसा हुआ। हादसे के कारण का पता नहीं चल सका है।  श्री निरानी ने बॉयलर इकाई में विस्फोट से यह हादसा होने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि विस्फोट चीनी मिल के डिस्टलरी संयंत्र के कचड़ा प्रबंधन संयंत्र में हुआ।  पुलिस ने इस हादसे में मरने वालों की संख्या में वृद्धि होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि इसके कारण तीन मंजिली इमारत ध्वस्त हो गयी। अग्निशमन विभाग के कर्मी क्रेनों और भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं।  मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं।  विपक्ष के नेता एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येद्दियुरप्पा ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने श्री निरानी से मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने की बात की है। 

सुरक्षाकर्मियों को मिले आधुनिक तकनीक का ज्ञान, परिवार को बेहतर सुविधाएं : नायडू

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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सुरक्षा के वर्तमान वातावरण में सुरक्षाकर्मियों के लिए आधुनिक तकनीकी ज्ञान एवं सतत प्रशिक्षण को अपरिहार्य बताया है और दुर्गम स्थानों पर तैनात जवानों, अधिकारियों और उनके परिवारों की सुविधाओं में संतोषजनक सुधार किये जाने की जरूरत पर बल दिया है। श्री नायडू ने गुरुग्राम के कादरपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की अकादमी में अधिकारियों के 50वें बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। श्री नायडू ने कहा, “आज कल के सुरक्षा माहौल में, सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक पर आधारित निगरानी, सुरक्षा उपकरण और शस्त्र उपलब्ध कराये जाने चाहिए तथा उसके लिए सतत प्रशिक्षण होना चाहिए।” उन्होंने सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने केन्द्रीय बलों के आधुनिकीकरण के लिए आवंटन बढ़ाया है। इस आवंटन का कारगर उपयोग हो और बल अपने अधिकारियों जवानों को नयी तकनीक उपलब्ध करायें उसमें प्रशिक्षित करे। देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में सीआरपीएफ का योगदान सर्वविदित है। वे सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी ही थे जिन्होंने आतंकवादियों को मारकर संसद भवन और सांसदों की रक्षा की। उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्‍वतंत्रता के पश्‍चात देश के एकीकरण से लेकर उत्तर पूर्व के अलगाववाद और पंजाब के उग्रवाद को समाप्‍त करने में सीआरपीएफ ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी बल ने जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकवाद तथा नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बनाए रखने में तथा आम नागरिकों और युवाओं के साथ शांति और सौहार्द स्‍थापित करने में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि इस बल का एक सराहनीय मानवीय चेहरा है। नागरिकों की सहायता के लिए चलाया रहा बल का सिविक एक्शन प्रोग्राम समाज में पुलिस बल के कार्यों की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए यह उत्तम प्रयास है। राष्‍ट्र के विभिन्‍न हिस्‍सों में सीआरपीएफ को जहां भी तैनात किया गया है, इसने सामान्‍य जनमानस का भरोसा और विश्‍वास जीता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीआरपीएफ ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति सेना के तौर पर कोसोवो और लाइबेरिया में शांति स्‍थापना में अपना योगदान दिया है। दुर्गम स्थानों पर तैनात सुरक्षाबलों की स्थिति सुधारने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “ मैं यह भी अपेक्षा करूंगा कि सरकार और बल का शीर्ष नेतृत्व दुरूह, दुर्गम स्थानों पर तैनात हमारे सुरक्षा कर्मियों के लिए सुविधाओं में सतत सुधार करे। आवश्यक हो तो इसके लिए डीआरडीओ जैसे रक्षा शोध संस्थानों से सहायता लें। बल  का नेतृत्व, हमारे सुरक्षा कर्मियों के परिजनों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं के लिए विशेष प्रयास करे।” हाल के वर्षों में सीआरपीएफ से अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों द्वारा स्वत: सेवा निवृत्ति या त्यागपत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा कि बल के शीर्षस्थ नेतृत्व को इस विषय पर गंभीर चिंतन करना चाहिए। आशा है कि सरकार बल में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने और रिक्त स्थानों को शीघ्र भरने का प्रयास करेगी। उप राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को 1971 के भारत-पाक युद्ध का स्मरण कराते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा,“ देश के इतिहास में 16 दिसंबर एक महत्वपूर्ण तिथि है। आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेना की वीरता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। आज आप भी राष्ट्र निष्ठा और कर्तव्यनिष्ठा की उसी गौरवशाली परंपरा में सम्मिलित हो रहे हैं।” उन्होंने सीआरपीएफ में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की प्रशंसा करते हुए दीक्षांत परेड में भाग लेने वाली चार महिला अधिकारियों को विशेष बधाई दी।

विराट का 25वां शतक, मैच हुआ रोमांचक

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पर्थ, 16 दिसम्बर, कप्तान विराट कोहली (123) के रिकॉर्ड 25वें शतक की बदौलत भारत ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को अपनी पहली पारी में 283 रन बनाये जबकि मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में स्टंप्स तक चार विकेट पर 132 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 175 रन पहुंचा दी है। मैच अब बेहद रोमांचक हो चला है और दोनों टीमों के पास जीत हासिल करने के मौके बने हुए हैं। भारत ने दूसरी पारी में कुछ आधे अधूरे मौके छोड़े वरना भारत की स्थिति ज्यादा मजबूत हो सकती थी। तीसरे दिन का खेल निर्धारित समय से तीन ओवर पहले समाप्त हुआ। दूसरे टेस्ट का तीसरा दिन पूरी तरह भारतीय कप्तान विराट के 25 वें शतक और उन्हें आउट करने वाले विवादास्पद कैच के नाम रहा। विराट ने 257 गेंदों पर 13 चौकों और एक छक्के की मदद से 123 रन बनाये जो उनका 25वां टेस्ट शतक था। विराट ने सबसे तेज 25 शतक पूरे करने के मामले में हमवतन सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया है और इस मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। विराट ने 127 पारियों में 25 शतक पूरे किये जबकि सचिन ने इसके लिए 130 पारियां खेली थीं। ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने 68 पारियों में 25 शतक पूरे किये थे। 

‘फेठई’ चक्रवाती तूफान के उग्र होने की संभावना

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नयी दिल्ली 16 दिसम्बर, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में चक्रवाती तूफान ‘फेठई’ पिछले छह घंटे के दौरान 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्‍तर-उत्‍तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है । इसके अगले 24 घंटों के दौरान बेहद तेज होकर उग्र चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की संभावना है।  पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार 17 दिसम्‍बर की दोपहर में इसके उत्‍तर- उत्‍तरपश्चिम की ओर बढ़ने और मछलीपट्टनम तथा काकीनाडा के बीच आंध्र प्रदेश के समुद्र तट को पार करने की काफी संभावना है। स्थिति के देखते हुए 16 एवं 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने की गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित किया गया है । मछुआरों को 17 दिसम्बर तक बंगाल की खाड़ी एवं आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, उत्तर-तमिलनाडु एवं पुड्डुचेरी तटों के दक्षिण-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य में न जाने की सलाह दी गई है । मछुआरों को 17 दिसम्बर को ओडिशा के दक्षिणी तटों के समीप न जाने की भी सलाह दी गई है।  इस दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर बेहद भारी यानी 20 सेंटीमीटर तक वर्षा होने की संभावना है। 16 दिसम्बर को उत्तरी तमिलनाडु के सटे हुए जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर सामान्य वर्षा की उम्मीद है। सत्तरह दिसम्‍बर को ओडिशा के अधिकांश स्थानों पर वर्षा तथा छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा एवं 16 व 17 दिसम्बर को दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है। 17 दिसम्बर को झारखण्ड में कई स्थानों पर वर्षा तथा छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने की उम्मीद है। इस दौरान पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा और छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने की उम्मीद है ।

मोदी मंत्रियों समेत गंगा में डुबकी लगा करें प्रायश्चित : कांग्रेस

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नयी दिल्ली,16 दिसंबर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर झूठ बोलने का अारोप लगाते हुए आज कहा कि श्री मोदी को अपने मंत्रिमंडल समेत संगम के तट पर पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर प्रायश्चित करना चाहिए।  राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने श्री मोदी पर हमला बोला। श्री तिवारी ने राफेल मामले में श्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें लगता था कि रक्षा सौदों में काफी ‘मालपानी’ मिलता है तभी उन्होंने राफेल का सौदा इसी नीयत के कारण इस प्रकार से किया। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के अंदर नेहरू गांधी परिवार के प्रति जहर भरा हुआ है। इसीलिए वह गांधी परिवार पर हमलावर है। श्री तिवारी ने श्री मोदी के रायबरेली दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अमेठी और रायबरेली से छीना ज़्यादा है और दिया बहुत कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीमती सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्वीकृत हुआ और उसका निर्माण भी शुरू हो गया था लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में काम ठप्प पड़ा है। कई साल से चल रहे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान को बंद कर दिया गया। अमेठी में मेगा फूड पार्क पर कोई प्रगति नहीं है। सिटी रिसोर्स सेंटर का कुछ नहीं हुआ। होटल मैनेजमेंट संस्थान, रिंगरोड आदि का कुछ पता नहीं। मिंट पार्क, स्पाइस पार्क, ओवरब्रिज, इंदिरा गांधी महिला विश्वविद्यालय, लालगंज में रेलवे के कारखाने आदि परियोजनाओं को मोदी सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।  उन्होंने कहा कि रायबरेली की जनता ने श्री मोदी के भाषण को आज नकार दिया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी रायबरेली से प्रयागराज में गंगा यमुना के पवित्र संगम त्रिवेणी के तट पर गये हैं और संगम पर जाने वाला कोई ना कोई संकल्प अवश्य लेता है। उन्हें संकल्प लेना चाहिए कि वह अब से झूठ नहीं बोलेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि श्री मोदी झूठ बोलकर कुंभ में जा रहे हैं जबकि धार्मिक कार्य के लिए जाते समय शुद्ध अंत:करण से जाना चाहिए, ना कि झूठ बोल कर। उनका कुंभ जाना बेकार है। इसे प्रभु समझ चुके हैं। उनसे सच बोलने की अपेक्षा करना बेकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा विज्ञापन एवं प्रचार पर 4297 करोड़ रुपए खर्च करके प्रचार के मामले में तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पीछे छोड़ चुकी है। भाजपा कालेधन का कुबेर है। इनके कार्यों को देखकर ही तीन राज्यों में जनता ने इनसे विमुख हो गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनवरी और फरवरी में दो -दो हजार करोड़ रुपए का प्रचार का बजट बनाया है।  उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार शायद दुनिया के किसी देश में कभी नहीं बनी होगी जिसमें उच्चतम न्यायालय को भी झूठ बोलकर अपमानित किया है। 

न्यायपालिका की प्रतिष्ठा पार करने में कांग्रेस हर हद पार कर जाती है : मोदी

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प्रयागराज,16 दिसम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा पार करने में कांग्रेस हर हद पार कर जाती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रविवार को यहां झूंसी के अंदावा में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रयागराज को न्याय का मंदिर भी कहा जाता है। बीते कुछ समय से एक बार फिर न्यायपािलका पर दबाब का खेल शुरू हुआ है, उसके लिए देश और युवा पीढी को सतर्क किया जाना बहुत आवश्यक हैै। उन्होंने कहा, “देश पर सबसे ज्यादा समय शासन करने वाली पार्टी ने हमेशा ही खुद को न्यायपालिका यहां तक की देश से भी अपने आप को ऊपर माना है। देश की हर संस्था को यहां तक की हर संवैधानिक संस्था को इस पार्टी (कांग्रेस) ने बर्बाद कर दिया। उसके इशारों पर नहीं चलने, उसके इसारों पर झुकने को तैयार नहीं हुई, इसी मानमानी की वजह से हमारे देश की न्याय प्रणाली को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया। इसका सिर्फ एक कारण था कि न्याय पालिका उन संस्थाओं में से एक ही है जो इस पार्टी से डट कर निरंकुश तरीकों के खिलाफ खड़ी रहती है। ” राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार को क्लीन चिट मिलने के बाद भी कांग्रेस के मोदी सरकार को निशाने पर लेने के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा बर्बाद करने के लिए कांग्रेस सिर्फ बल का ही इस्तेमाल नहीं करती है, बल्कि वह छल, कपट, प्रपंच,धूर्तता की हर हद पार कर जाती है।
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