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17 वस्तुओं और छह सेवाओं पर जीएसटी दर में कमी

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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने नये साल का तोहफा देते हुए आम आदमी के उपयोग की 17 वस्तुओं और छह सेवाओं पर जीएसटी दर में कमी करने का निर्णय लिया है जिससे सिनेमा देखना सस्ता होने के साथ ही 32 इंच तक के मॉनिटर एवं टेलीविजन, वाहनों के कुछ कलपुर्जे, लीथियम ऑयन वाले पॉवर बैंक, वीडियो गेम कंसोल आदि सस्ते हो जायेंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुयी जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक में ये निर्णय लिये। बाद में श्री जेटली ने बताया कि परिषद के इस निर्णय के बाद अब आम लोगों के उपयोग की एक मात्र सीमेंट ही 28 फीसदी दर की श्रेणी में है। अब 28 फीसदी दर में लक्जरी वस्तुयें, एयरकंडीशनर, डिशवॉसर के साथ ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाने वाली तम्बाकू जैसी वस्तुयें शामिल हैं। कुल मिलाकर इसमें 28 वस्तुयें हैं।  उन्होंने कहा कि आज की बैठक में कर कम करने के लिए गये निर्णय से 5500 करोड़ रुपये का राजस्व घट जायेगा। नयी दरें एक जनवरी से प्रभावित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वाहन कलपुर्जे और सीमेंट पर दर में 10 प्रतिशत की कमी किये जाने पर करीब 33 हजार करोड़ रुपये का राजस्व घटेगा। सीमेंट पर दर कम करने पर करीब 13 हजार करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। आगे जीएसटी राजस्व में बढ़ोतरी होने पर सीमेंट को भी 28 फीसदी स्लैब से बाहर करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बेसिक बचत खाता और जन-धन खातों के परिचालन को जीएसटी सेवा से अलग कर दिया गया है। इसके साथ ही मालवाहक वाहनों पर तीसरे पक्ष बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को भी 18 से कम कर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। 100 रुपये तक के सिनेमा टिकट पर जीएसटी को 18 से कम कर 12 प्रतिशत और 100 रुपये से अधिक के टिकट पर इसको 28 से कम कर 18 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही धार्मिक यात्रा वाली विशेष विमान सेवा पर भी जीएसटी दर 18 प्रतिशत से कम कर सामान्य विमानन सेवा के बराबर कर दिया गया है। अभी इकानोमी क्लास के लिए पांच प्रतिशत और बिजनेस क्लास के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। 

हेराल्ड मामले में हाईकोर्ट के आदेश का जवाब दें सोनिया,राहुल : भाजपा

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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को हेराल्ड हाउस को खाली करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का जवाब देना चाहिये।  भाजपा नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “श्री गांधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद आजकल हमसे राफेल सौदे के बारे में पूछते रहते हैं तो अब हम उनसे और श्रीमती गांधी से कहते हैं कि कृपया आप उच्च न्यायालय के इस आदेश का जवाब दें।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान और श्रीमती गांधी को देश को यह बताना होगा कि किस तरह सरकार की 50,000 करोड़ रुपये की संपत्ति गांधी परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को दी गयी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के इस अादेश से पता चलता है कि किस तरह इतनी कीमती सार्वजनिक संपत्ति का दुरूपयोग श्रीमती गांधी और श्री गांधी और उनके परिजनों की ओर से संचालित ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा था। उच्च न्यायालय ने इस गड़बड़ी का संज्ञान लिया है और इस पर अपनी टिप्पणी दी है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। यह संपत्ति कांग्रेस के समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने लीज के शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए नेशनल हेराल्ड के नये मालिक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 23 दिसंबर

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मध्य प्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, रामा में सी.बी.आर.एम. की बैठक का हुआ आयोजन।

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झाबुआ । आज विकासखण्ड रामा में आजीविका मिशन द्वारा स्वंय सहायता समूह की महिलाओं की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि एन.जे.जी.बी. की बैंक मैनेजर श्रीमति अनुराधा दत्त उपस्थित हुई। श्रीमति दत्त द्वारा समूह की महिलओं को समूह द्वारा लिए गए ऋण की वापसी हेतु कहा गया। साथ ही उपस्थित आजीविका मिशन की ब्लाॅक काॅर्डिनेटर आशा शर्मा द्वारा समूह की महिलाओं को बताया गया अभी कोई ऐसा आदेश नही आया है कि महिला स्वंय सहायता समूह द्वारा लिया गया ऋण माफ हो। अतः समस्त महिलाएं पूर्व में लिया गया ऋण वापस बैंक में जमा कर पुनः ऋण ले सकती है। बैठक में 28 ग्राम की ऋण वापसी समिति की लगभग 60 महिलाएं उपस्थित थी। इस अवसर पर आजीविका मिशन के पदाधिकारीगण मंजू डावर, धर्मेन्द्रसिंह चैगड, रेणु ठाकुर, दिनेश हटिला, मदन परमार, सीएलएफ के वित्तीय समन्वयक मोहन एवं राजू उपस्थित थे।

वनवासी आश्रम के बच्चों के बीच सत्यसाई सेवा समिति ने नारायण सेवा की दत्तपूर्णिमा के अवसर पर बच्चों को दी नैतिक षिक्षा

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झाबुआ । श्री सत्यसाई सेवा समिति झाबुआ द्वारा प्रतिमाह सेवा कार्यो के तहत गरीब बच्चों को भोजन के साथ ही मौमस के अनुसार मिठाईयो, नमकीन आदि का प्रदाय नारायण सेवा कार्यक्रम के तहत किया जाता है । शनिवार को श्री दत्त प्राकट्योत्सव एवं दत्त पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा गोपाल कालोनी स्थित वनवासी आश्रम के बीच जाकर उन्हे  सम्मानपूर्वक जलेबी, पोहे, समोसे, आलुबडे खिलवाये गये । समिति के सौभाग्यसिंह चैहान, राजेन्द्रकुमार सोनी, नगीनलाल पंवार, श्रीमती कृष्णा चैहान, श्रीमती ललीता सोनी, श्रीमती ज्योति सोनी, श्रीमती आज्ञा छाबडा आदि ने वनवासी आश्रम पहूंच कर बच्चों के बीच बाल विकास के तहत नैतिक शिक्षा के तहत कहानी कथन सुनायें । इस अवसर पर वनवासी आश्रम के अधीक्षक गणेश कुशवाह विशेष रूप  से उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा समिति के सेवा कार्यो में पूरी सहभागिता की गई । इस अवसर पर श्री चैहान ने बच्चों को भगवान दत्तात्रय के अवतरण की कहानी सुनाते हुए कहा कि मातृ शक्ति में वह ताकत होती है कि देवता भी उनके चरणों में नतमस्तक हो जाते है । श्री चैहान ने बताया कि वनवासी आश्रम के 3 दर्जन से  अधिक बच्चो ं द्वारा अनुशासनबद्ध होकर अपना अध्ययन कार्य किया जाता है तथा अधीक्षक श्री गणेश कुशवाह का सतत सेवा कार्यो में सहयोग मिलता रहा है।इस अवसर पर बच्चों ने सामूहिक सरस्वती वंदना भी प्रस्तुत की ।

अभाविप के विभाग संगठन मंत्री निलेष सोलंकी को बनाया गया परिषद् का प्रदेष मंत्री, 51वें प्रांतीय अधिवेषन में करेंगे पदभार ग्रहण

झाबुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् मध्य भारत् के प्रांत कार्यालय से चुनाव अधिकारी योगेष रघवुंषी से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभाविप के मध्य भारत का प्रांत अध्यक्ष डाॅ. दीपक पालिवाल एवं प्रांत मंत्री परिषद् के वर्तमान विभाग संगठन मंत्री निलेष सोलंकी को मनोनीत किया गया है। डाॅ. पालिवाल एवं श्री सोलंकी 27 से 30 दिसंबर तक अहमदाबाद में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अधिवेषन के दौरान ही होने वाले 51वें प्रांतीय सम्मेलन में पदभार ग्रहण करेंगे। श्री सोलंकी को प्रांत मंत्री बनाए जाने पर पूरे झाबुआ जिले में अभाविप पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है। डाॅ. दीपक पालिवाल निवासी भोपाल एवं निलेष सोलंकी हाल निवासी झाबुआ की नियुक्ति की सूचना 20 दिसंबर को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मध्य भारत प्रांत कार्यालय से चुनाव अधिकारी श्री रघुवंषी द्वारा की गई। श्री रघुवंषी ने बताया कि अभाविप देष का अग्रणी छात्र संगठन है। इस संगठन की महत्वपूर्ण मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष डाॅ. दीपक पालिवाल एवं प्रांत मंत्री की जवाबदारी निलेष सोलंकी को सौंपी जाती है। दोनो का कार्यकाल 1 वर्ष अर्थात वर्ष 2018-2019 तक रहेगा। यह घोषणा अभाविप मध्य भारत प्रांत कार्यालय भोपाल में की गई है। दोनो नवनियुक्ति पदाधिकारी 27 से 30 दिसंबर के बीच गुजरात के अहमदाबाद शहर में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेषन के दौरान ही आयोजित 51वें प्रांतीय अधिवेषन में अपना पदभार ग्रहण करेंगे।

संगठन में निरंतर सक्रियता को देखते हुए श्री सोलंकी को बनाया प्रांत मंत्री
साथ ही जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि निलेष सोलंकी, जो मूलतः आलीराजपुर जिले के निवासी तथा वर्तमान में झाबुआ जिले में निवासरत है, वह बीकाॅम तक पढ़े-लिखे होने के साथ वर्ष 2013 से वे विद्यार्थी परिषद् में सक्रिय होकर विभिन्न दायित्वों का पूरी सजगता के साथ निर्वहन कर रहे है। उनके द्वारा विषेषकर जनजाति छात्रों के बीच शैक्षणिक समस्याओं के समाधान हेतु चलाए गए आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया गया। श्री सोलंकी पूर्व में परिषद् के आलीराजपुर जिला संयोजक, पूर्णकालिक कार्यकर्ता, प्रदेष के सह-मंत्री के साथ विभाग संगठन मत्रंी जैसे महत्वपूर्ण पदों का निर्वहन कर चुके है। अब उन्हें मध्य भारत के प्रांत मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

किया गया भावभरा स्वागत
निलेष सोलंकी को प्रांत मंत्री पद से नवाजे जाने पर उनका पुष्पमाला पहनाकर भावभरा स्वागत अभाविप से जुड़े पदाधिकारियों में शक्तिसिंह देवड़ा, यष पंवार, पवन परमार, दर्षन कहार, प्रकाष पालिवाल, भारत गुर्जर, राजेष चैहान, सतीश लाखेरी आदि द्वारा किया गया। वहीं इस नियुक्ति पर अभाविप के पूरे जिले के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने हर्ष व्यक्त करते हुए श्री सोलंकी को शुभकामनाएं प्रेषित की है।

मदर-से के बच्चों को कुरआन-ख्वानी करवाकर गरम वस्त्र किए भेंट, हजरत दीदार शाह वली उर्स कमेटी ने किया आयोजन

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झाबुआ। स्थानीय मोलाना आजाद मार्ग स्थित गुलषने गरीब नवाज मदर-से पर 22 दिसंबर, शनिवार को सुबह हजरत दीदार शाह वली रे.अ. उर्स कमेटी झाबुआ द्वारा विषेष आयोजन किया गया। जिसमें मदर-से में उपस्थित सभी बच्चों ने सामूहिक रूप से कुरआन-ख्वानी करने के बाद सभी बच्चों को उर्स कमेटी की ओर से ठंड में पहन के लिए गरम वस्त्र प्रदान किए गए। उक्त आयोजन मोलाना शाने आलम सा., यूसूफ रजा सा., मुस्लिम पंचायत के सेकेट्री नुरूद्दीन शेख सा. की उपस्थिति में हुआ। जिसमें सर्वप्रथम सुबह 10 बजे मदर-से के सभी बच्चों ने सामूहिक रूप से कुरआन-ख्वानी की। बाद उन्हें उर्स कमेटी की ओर से सदर नीरजसिंह राठौर, सचिव जेनुद्दीन शेख, संरक्षक उमंग सक्सेना के साथ मुस्तफा खान, करीमुद्दीन शेख, निसार शेख, नासिर खान, सेफुउद्दीन शेख आदि द्वारा सभी बच्चों को ऊनी वस्त्रों में स्वेटर एवं टोपी वितरित की गई। करीब 70 बच्चों को ऊनी वस्त्र प्रदान कर उन्हें कड़ाके की ठंड में यह स्वेटर और टोपी पहनकर मदर-से में आकर षिक्षा ग्रहण करने हेतु प्रेरित किया गया। अंत में इस आयोजन में पधारे सभी मोलाना सा. एवं उर्स कमेटी के पदाधिकारी-सदस्यों के प्रति आभार मदर-से के संचालक मोलाना वली मोहम्मद सा. ने माना।

संकल्प ग्रुप ने ग्रामीण महिलाओं को ऊनी वस्त्र किए भेंट, महिलाओं ने ग्रुप के कार्य की सराहना की

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झाबुआ। शहर की सामाजिक संस्था संकल्प ग्रुप द्वारा शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में कड़कड़ाती ठंड से वृद्ध एवं असहाय महिलाओं को निजात दिलवाने के लिए ऊनी वस्त्र प्रदान किए गए। बाद ऐसी महिलाओं ने ग्रुप के इस कार्य की प्रसंषा की। ग्रुप संयोजक श्रीमती भारती सोनी के साथ सीमा चैहान, आषा अरोरा, शबनम कादरी, ज्योति त्रिवेदी, मंजु डामोर आदि ने शहर से करीब 8 किमी दूर ग्राम नवागांव पहुंचकर यहां निर्धन परिवार की वृद्ध महिलाओं को ठंड में ओढ़ने के लिए रजाई का वितरण किया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं को रजाई वितरित कर ग्रुप की महिलाओं ने स्वयं अपने हाथों से उन्हें ओढ़ाया गया। इस कार्य में नवागांव के प्रेमचंद फलिये की झुमाबाई, संपाबाई, बदी बाई आदि का विषेष सहयोग रहा। इस दौरान गांव के अन्य ग्रामीणजन भी उपस्थित थे। ग्रुप संयोजक श्रीमती सोनी ने बताया कि आगामी दिनों में अन्य ग्रामों में जाकर भी महिलाओं को ऊनी वस्त्र वितरण का कार्य जारी रखा जाएगा।

श्रीमद् भागवत कथा 26 दिसंबर से, राजपूत महिला क्लब की हुई बैठक

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झाबुआ। राजपूत महिला क्लब झाबुआ द्वारा आगामी दिनों में आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन 22 दिसंबर, शनिवार को दोपहर में किया गया। जिसकी अध्यक्षता क्लब अध्यक्ष सुश्री रूक्मणी वर्मा ने की। इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष सुश्री रूक्मणी वर्मा ने बताया कि क्लब की उपाध्यक्ष श्रीमती शोभा राठौर, मनोहरसिंह राठौर (वर्मा) एवं समस्त राठौर परिवार द्वारा झाबुआ के डीआरपी लाईन स्थित साई मंदिर पर भावगत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा 26 दिसंबर 2018 से 1 जनवरी 2019 तक प्रतिदिन दोपहर 12 से 3 बजे तक होगी। प्रथम दिन 26 दिसंबर को स्थानीय नेहरू मार्ग स्थित कालिका माता मंदिर से सुबह 9 बजे कलष यात्रा भी निकाली जाएगी। राजपूत महिला क्लब द्वारा राजपूत समाजजनों सहित शहर की धर्मप्रेमी जनता से निवेदन किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में कलष यात्रा में पधाकर एवं कथा का श्रवण कर धर्म लाभ ले।

ये थी उपस्थित
बैठक में राजपूत महिला क्लब की श्रीमती लता चैहान, हेमा परमार, राजेश्री परमार, साधना चैहान, सीमा गेहलोत, कमला सोलंकी, संतोष ठाकुर, अनिला बेस, अनिता पंवार, माधुरी तोमर, सुषीला गेहलोत, राखी सिसौदिया, साधना सोलंकी आदि उपस्थित थी।

आशा कार्यकर्तां रीना ने प्र¨त्साहन राशि बढने पर षासन को दिया धन्यवाद

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के द्वारा निर्णय लिये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आशा कार्यकर्ताअ¨ं क¨ प्रति माह 2000 रुपये की रूटीन प्र¨त्साहन राशि क¨ 01 अक्टूबर 2018 से एरियर्स सहित भुगतान करने के आदेश जारी किये हैं। ग्राम रामगढ निवासी आषा कार्यकर्ता श्रीमती रीना गामड ने चर्चा के दौरान बताया कि वह गांव के स्वास्थ्य केद्र पर स्वास्थ्य सेवाएं देती है। षासन द्वारा उनकी प्रोत्साहन राषि को 1 हजार से बढाकर 2 हजार रूपये कर दिया है। अब हम घर-घर जाकर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे और उन्हे समझाईष भी देंगे। षासन द्वारा प्रोत्साहन राषि बढाने पर रीना ने षासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया हैं

कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना अपना कार्यभार सीईओ जिला पंचायत को सौंपकर होषंगाबाद के लिये हुए रिलीव
समारोह आयोजित कर अधिकारी, कर्मचारियो ने कलेक्टर को दी भावभीनी विदाई
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झाबुआ । राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री आषीष सक्सेना की नवीन पद स्थापना होषंगाबाद जिले मे किये जाने के पष्चात उन्होने अपना कार्यभार सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे को सौंप दिया है। कलेक्टर श्री सक्सेना के झाबुआ जिले से होषंगाबाद जिले के लिये रिलीव होने पर सम्मान समारोह आयोजित कर अधिकारी, कर्मचारी एवं षासकीय सेवको ने उन्हे भावभीनी विदाई दी एवं सम्मान समारोह मे कलेक्टर श्री सक्सेना का जिले की संस्कृति के अनुसार ढोल मांदल बजाकर एवं भगोरिया नृत्य कर सम्मान किया गया। सम्मान समारोह मे सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने जिले के लिये कलेक्टर श्री सक्सेना के कुषल मार्गदर्षन की सराहना की। कलेक्टर श्री सक्सेना ने उनके मार्गदर्षन अनुसार अपेक्षित सहयोग के लिये अधिकारियो, कर्मचारियो एवं षासकीय सेवको के समर्पित सहयोग के लिये प्रषंसा की। उन्होने कहा कि जिले मे पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी अपना कार्य पूरी तन्मयता से करते है। उन्हे जो भी काम दे दिया जाये, जितना उन्हे आता है वह उससे अच्छा करने का प्रयास करते है। यह जिले मे पदस्थ अधिकारियो, कर्मचारियो एवं षासकीय सेवको की विषिष्ता है। कार्यक्रम मे वनमंडलाधिकारी अनिल कुमार षुक्ला, एडीएम श्री एसपीएस चैहान, एसडीएम पेटलावद श्री हर्षल पंचोली सहित षासकीय सेवक उपस्थित थे।

कार्यालय जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र का संचालन प्रषिक्षण सह उत्पादन कंेद्र मे किया जायेगा
        
झाबुआ । कार्यालय जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र झाबुआ का काॅलेज रोड स्थित पुराना कार्यालय भवन तोडकर इसी स्थान पर नवीन भवन निर्मित किया जा रहा है। नवीन कार्यालय भवन निर्माण होने तक उक्त कार्यालय स्थानांतरित होकर प्रषिक्षण सह उत्पादन कंेद्र  (टीसीपीसी) राजगढ नाका इंदौर-अहमदाबाद रोड झाबुआ परिसर मे दिनांक 17 दिसंबर 2018 से प्रारंभ हो चुका है। अतः अब इस कार्यालय के नाम से उक्त पते पर पत्र व्यवहार किया जावे।

लीज नवीनीकरण/नामंातरण के पट्टा विलेख ई-पंजीयन कराने हेतु श्री राणा नामांकित
        
झाबुआ । ई-पंजीयन अंतर्गत दस्तावेजो के पंजीयन हेतु आदेष मे संषोधन करते हुए झाबुआ नगर के लीज नवीनीकरण/नामंातरण के पट्टा विलेख ई-पंजीयन कराने हेतु कलेक्टर की ओर से श्री सुनील राणा सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ को नामांकित किया गया है।

क्रिसमस पर्व के दौरान जिले मे षांति तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये अनुविभागीय दंडाधिकारियो एवं कार्यपालिक दंडाधिकारियो की ड्यूटी आदेष जारी

झाबुआ । क्रिसमस पर्व के दौरान दिनांक 24 व 25 दिसम्बर को जिले मे षांति तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये श्री हर्षल पंचोली एसडीएम पेटलावद की संपूर्ण अनुभाग पेटलावद, श्री मोहनलाल मालवीय एसडीएम झाबुआ की संपूर्ण अनुभाग झाबुआ, श्री अनिल भाना एसडीएम झाबुआ की संपूर्ण थांदला, श्रीमती प्रिती संघवी अनुविभागीय दण्डाधिकारी मेघनगर की संपूर्ण अनुभाग मेघनगर, श्री राजेष सोरते नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी मेघनगर तथा श्री बी.एस. निनामा सषक्त नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी मेघनगर की तहसील मेघनगर एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी मेघनगर के निर्देषन मे, श्री भगवत सिंह भिलाला तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी झाबुआ तथा श्रीमती मधु नायक नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी झाबुआ की तहसील झाबुआ एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी झाबुआ के निर्देषन मे, श्री रविंद्र चैहान प्रभारी तहसीलदार रानापुर एवं श्री अजय चैहान नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी रानापुर की तहसील रानापुर एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी झाबुआ के निर्देषन मे, श्री गणपत सिंह डावर प्रभारी तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी थांदला, श्रीमती ललिता गडरिया नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी थंादला तथा श्री केषरसिंह हाडा सषक्त नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी थांदला की तहसील थांदला एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी थांदला के निर्देषन मे, श्री मुकेष कासिव तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पेटलावद, श्री जितेंद्र अलावा प्रभारी तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी पेटलावद, श्री गजराजसिंह सोलंकी नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पेटलावद, श्री धनजी गरवाल नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पेटलावद तथा श्री भूपंेद्र भिण्डे नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पेटलावद, की तहसील पेटलावद एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी पेटलावद के निर्देषन मे, श्री प्रवीण ओहरिया नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी रामा तथा श्री हर्षल बहरानी नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी रामा की तहसील रामा एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी पेटलावद के निर्देषन मे उक्त स्थलो पर ड्यूटी लगाई गई है। सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी क्षेत्रांतर्गत अपने-अपने दायित्व क्षेत्र मे सतत भ्रमण करेंगे तथा छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से लिया जाकर कानून एवं षांति व्यवस्था बनाये रखेंगे एवं समय-समय पर डी.एम. एवं एडीएम श्री एसपीएस चैहान को दूरभाष/मोबाइल पर तत्काल सूचित करेंगे।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना मे राषि बढाकर 51 हजार रूपये
किये जाने पर कमला बाई ने दिया षासन को धन्यवाद
झाबुआ । प्रदेश मे मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं मुख्यमंत्री निकाह योजना मे षासन द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार संषोधन किये गये है। जिसके अनुसार मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनांतर्गत राषि रूपये बढाकर 51 हजार रूपये कर दी गई है। इस राषि मे से सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन हेतु अधिकृत निकायो को रूपये 3 हजार, सामग्री की कीमत रूपये 5 हजार तथा षेष राषि रूपये 43 हजार कन्या के बचत बैंक खाते मे जमा कराई जायेगी। आदिवासी अंचलो मे जनजातियो मे प्रचलित विवाह प्रथा के अंतर्गत होने वाले विवाह चाहे सामूहिक हो या एकल हो, कन्या विवाह सहायता की राषि दी जायेगी। षासन द्वारा आयोजित सामूहिक कार्यक्रमो के अंतर्गत कन्या विवाह/निकाह सहायता की राषि का लाभ प्राप्त करने के लिये आय सीमा का बंधन भी समाप्त कर दिया गया है। चर्चा के दौरान झाबुआ जिले के ग्राम बरडिया निवासी श्रीमती कमला बाई मुणिया ने बताया कि गरीब आदिवासियो के लिये वैवाहिक आयोजन करना मुष्किल होता है। ऐसे मे योजना मे राषि बढाकर षासन ने बहुत अच्छा काम किया है। योजना की राषि बढने से परिवार के सभी बच्चो की षादी हेतु इसका लाभ मिलेगा। इसके लिये षासन का बहुत-बहुत धन्यवाद।

ऋण माफी के निर्णय नेे किसान भेरूलाल को किया कर्ज से चिंतामुक्त
        
झाबुआ । प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद का भार संभालने के बाद प्रदेश के किसानों के लिए लागू की गई अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में किसानों के रूपए 2 लाख तक की सीमा के 31 मार्च 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का निर्णय किसानों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा, ऐसा किसानो का कहना है। मप्र के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा किसानों के हित में ऋण माफी के निर्णय से लाभांवित झाबुआ जिले के ग्राम रूपगढ निवासी किसान बाबूलाल चोयल ने 2 लाख रूपये का ऋण माफ हो जाने पर षासन का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया। ऋण माफी के निर्णय से लाभंावित किसान भेरूलाल पाटीदार निवासी बावडी ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने से वे ऋण नही चुका पाये थे। षासन ने कर्ज माफ करके उनकी सारी चिंता दूर कर दी। षासन द्वारा ऋण माफ करने का निर्णय सराहनीय कदम है। मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा से उनके चेहरे की मुस्कान लौट आई।

रबी सीजन में किसानों को उर्वरकों की कमी न होने दें : मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ
         
झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने प्रदेश में रबी सीजन में किसानों द्वारा की जा रही बोनी और रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को उर्वरक की कमी न होने दें। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री श्री सदानंद गौड़ा से चर्चा कर यूरिया के रैक आवंटन में मध्यप्रदेश को प्राथमिकता दिये जाने का अनुरोध किया।
प्रदेश में इस वर्ष अक्टूबर से दिसम्बर माह तक पिछले वर्ष की तुलना में 36 हजार मीट्रिक टन यूरिया और 24 हजार मीट्रिक टन डीएपी का अधिक वितरण किसानों को किया गया है। प्रदेश में अब तक 7 लाख 18 हजार मीट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित किया गया है। किसानों को उनकी माँग के मुताबिक यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये केन्द्रीय रसायन मंत्रालय से लगातार बातचीत की जा रही है। रबी सीजन में किसानों द्वारा बुआई का कार्य निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूँ की बोनी की जा चुकी है। इस वर्ष प्रदेश में अन्य फसलों को मिलाकर 98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा बुआई का कार्य किया जा चुका है। विभाग के मैदानी अमले को किसानों से सतत सम्पर्क कर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

बिहार : गन्ना किसानों की मांग पर 27 दिसंबर को सड़क पर उतरेंगे किसान

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केंद्र व राज्य सरकार गन्ना किसानों को आत्महत्या की ओर ढकेल रही.चम्पारण, गोपालगंज, समस्तीपुर, सीतामढ़ी आदि जिलों में स्थिति गंभीर
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पटना 23 दिसंबर भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि केंद्र व बिहार सरकार गन्ना किसानों के साथ लगातार मजाक कर रही है. उनकी किसान विरोधी नीतियों की वजह से आज बिहार के गन्ना किसान आत्महत्या की तरफ मुखातिब हो रहे हैं. ब्याज के साथ भुगतान करने के हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद आज तक गन्ना किसानों का पिछले साल का भुगतान नहीं हो सका है. इस वर्ष भी डेढ़ माह चीनी मिलें चल चुकी हैं लेकिन न तो गन्ना किसानों के गन्ने का रेट निर्धारित किया गया है और न ही भुगतान किया गया है, जिसके कारण उनके सामने जीवन-मरण का सवाल उत्पन्न हो गया है. किसानों की रब्बी फसलों की बुआई, उनके बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह सब बाधित हंै. बिहार सरकार को न तो उच्च न्यायालय के फैसले की परवा है और न ही केन एक्ट. पहले से गरीब किसानों के लिए चले आ रहे ‘पुअर डे’ को भी खत्म कर दिया गया है. चीनी मिलें फर्जी किसान कोड बना रही हैं और पश्चिम चंपारण में गन्ना मंत्री के आदमी 310 रुपए के बदले किसानों का गन्ना 110 रु से लेकर 180 रु प्रति क्विन्टल दर पर लूटने में लगे हैं. पश्चिम चंपारण में चीनी मिलें मनमाने तरीके से गन्ना प्रभेदों को रिजेक्ट प्रभेद बता कर 35 रु प्रति क्विंटल कम पैसा देने की योजना पर अमल कर रही हैं. पहले से चली आ रही प्रति 100 क्विन्टल पर 5-6 क्विन्टल की घटतौली अब प्रति 100 क्विन्टल पर 10 क्विंन्टल तक बढ़ कर हो गयी है. किसानों की चैतरफा लूट हो रही है. गन्ना मंत्री चीनी मिल मालिकों के मंत्री बन गये हैं. ऐसे में गन्ना मंत्री बने रहने का हक वर्तमान गन्ना मंत्री खुर्शीद आलम को नहीं है. उन्हें अविलंब इस्तीफा दे देना चाहिए. भाकपा माले राज्य सचिव कामरेड कुणाल ने गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान और गन्ना मूल्य अविलंब निर्धारित करने की मांग की है. उन्होंने महंगाई और खेती में बढ़ती लागत के अनुसार गन्ना मूल्य कम से कम 400 रु प्रति क्विंटल करने की भी मांग की है. उन्होंने उपर्युक्त मांगों के लिए 27 दिसम्बर को प.चम्पारण में बंद और पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, समस्तीपुर, सीतामढ़ी जैसे गन्ना उत्पादन के जिलों में सड़क जाम-मार्च जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाने का आह्वान किया है.

बेगूसराय : दिनकर कलता भवन में "नाटक"नटुआ की सफलतम प्रस्तूति

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  • "द फैक्ट"द्वारा आयोजित 7 वाँ रंग ए माहौल के दूसरा दिन बिहार की विलुप्त हो रही लोक कला नाटक नेटुआ का हुआ सफल मंचन

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) 21 दिसम्बर से चल रहे बिहार का सबसे बड़ा नाट्य समारोह सातवां रंग-ए-माहौल के दूसरे दिन शनिवार की संध्या रतन वर्मा लिखित एवं युवा रंग अभिनेता सह निर्देशक दिलीप गुप्ता अभिनीत व निर्देशित नाटक नेटुआ की शानदार नाट्य प्रस्तुति जिला मुख्यालय के दिनकर कला भवन में किया गया। यह लोक नाटक रंगसंस्था साइक्लोरामा नई दिल्ली द्वार प्रस्तुत बिहार की विलुप्त हो रही लोक कला नटुआ नाच को परंपरागत नाट्य शैली से अभिभूत लोकगीत एवं संगीत के सुदंर प्रयोग से नाच विद्या के कलाकारों की पीड़ा को स्पष्टतः दिखाने का प्रयास किया गया। अर्थात नस्तक अपनी लोक कला को बचाने की जद्दोजहद और कलाकारों को समाज में आई परेशानी का सजीव चित्रण इस प्रदर्शन में बखूबी दिखाया गया।। इस नाटक में मुख्य पात्र नेटुआ  झमना की भूमिका में नाट्य निर्देशक दिलीप गुप्ता, विधा बाबू की भूमिका में राजेश बख्शी, सीतीया- हर्षिता गौतम, नारायण मिसिर- नरेन्द्र कुमार और मास्साब के किरदार में अविनाश तिवारी ने अपने प्रभावशाली अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया साथ ही अन्य पात्र ललित सिंह, राज तनवर, संदीप, अमित, जितेश शर्मा एवं निखिल द्विवेदी ने भी सशक्त अभिनय कर दर्शकों की खूब  वाह वाही लूटी।। वहीं प्रकाश परिकल्पना राहुल चौहान तथा संगीत मण्डली में जमील खान, सचिन, रवि, अमरजी रे, विक्रांत शर्मा, सुधांशु फिरदौस ने अपने कर्णप्रिय मधुर संगीत से नाटक को और भी जीवंत कर दिया। विदित हों की निर्देशक दिलीप गुप्ता हिमाचल कल्चर रिसर्च फोरम एंड थिएटर अकादमी, मंडी हिमाचल प्रदेश से पास आउट तथा श्री राम सेंटर रेपर्टरी कंपनी, नई दिल्ली में 2007-11 तक प्रॉफिशनल आर्टिस्ट के रूप में सफल व देश के विभिन्न हिस्सों में अपने कार्यों की सहभागिता दी है।

नाट्य मंचन के पूर्व आगत अतिथि आयोजक फैक्ट रंगमंडल के अध्यक्ष बी आर के सिंह राजू जी, संस्था उपाध्यक्ष पूर्व एम एल सी व जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय, संयोजक-संजय कुमार, उपमेयर राजीव रंजन, विकास विद्यालय के निदेशक राजकिशोर सिंह, डॉ० कमलेश सिंह एवं समाजसेवी रजनीकान्त पाठक के द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। उक्त मौके पर संस्था के उपाध्यक्ष भूमिपाल राय ने कहा कि यह नाट्य महोत्सव हर वर्ष की भांति हमारे पारम्परिक पर्व दीपावली, होली, दुर्गापूजा आदि की तरह हम रंगप्रेमियों का इंतज़ार रहता है कि हमारा नाट्य पर्व रंग-ए-माहौल हो। फेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण कुमार गुंजन ने बताया की जब भारतीय रंगमंच शक्तिशाली संस्थानों व राजनितिक पहुंच वाले हाथों में असुरक्षित हो जाय तो पुनः हमें अपनी ऊर्जा को संचित कर रंगमंच को जनता के बीच  लाना होगा।। हमारे द फैक्ट रंगमंडल द्वारा प्रतिवर्ष  आयोजित रंग ए माहौल को अब तक जैसा जनसमर्थन सहयोग और लोगों का प्यार मिला है वह दिखता है कि रंगमंच पर लोगों का विश्वास अब भी कायम है। रंगमंच के लिए जीनेवाले पूरी दुनिया के संघर्षशील कलाकरों को मैं सलाम करता हूँ और हम कलाकरों का हौसला आफजाई करने के लिए आप तमाम रंगप्रेमी दर्शकों का दिल से स्वागत करता हूँ। इस अवसर पर तमाम आमंत्रित अतिथियों को पुष्गुच्छ, अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह से ससम्मान सम्मानित किया गया। इस नाट्य समारोह को सफलता प्रदान करने में फेस्टिवल प्रबंधक चन्दन कुमार वत्स, युवा रंग अभिनेता अमरेश कुमार, रश्मि कुमारी, चन्दन कुमार, खुशबु, चन्दन कश्यप, दीपक, रविकान्त आदि कार्यकर्ताओं का महवपूर्ण योगदान काफ़ी सराहनीय रहा। कार्यक्रम में विनोदपूर्ण संचालन साहित्यप्रेमी युवा नाट्य निर्देशक व अभिनेता अभिजीत मुन्ना के द्वारा किया गया।

बिहार : जीवन के अंत समय तक मजदूरों की लड़ाई लड़ते रहे स्व लखन लाल झा

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रामगढ़ : संयुक्त बिहार में करीब पांच दशक व वर्तमान झारखंड बनने के बाद दो दशक तक कोयलांचल की धरती पर अपनी राजनीतिक रसूख व कद्दावर मजदूर नेता के तौर पर मशहूर स्व लखनलाल झा की आज जयंती है। मजदूरों के हक व हकूक की लड़ाई के लिए वे जीवन पर्यंत कोलियरी के पदाधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत जहां मजदूरों के हक की लड़ाई से की तो जीवन के अंत समय भी वे मजदूरों के साथ ही बने रहे। बता दें कि 24 दिसंबर 2017 को वे छत्तीसगढ़ के सिंहरौली स्टेशन पर चार मजदूरों काे उनका हक दिलाकर वापस लौट रहे थे और इसी क्रम में उनकी मृत्यु हो गई। वे अक्सर कहते रहे लोग अपनी जिंदगी तो जीते हैं लेकिन सच्चा इंसान वही है जो दूसरों के लिए लड़े और जीये। मूल रूप से उनका कार्य क्षेत्र आरा कोलियरी, कुजू व सारूबेरा रहा और जीवन पर्यंत राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (इंटक) के वरीय पद पर बने रहे। जब झारखंड राज्य का निर्माण नहीं हुआ था उस वक्त जगन्नाथ मिश्र की सरकार थी और 1989 में कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक के तौर पर उन्हें सहरसा भेजा गया था। जहां वे महीनों रहे और जनसेवा व राजनीतिक कार्यों में जुटे रहे। इससे पूर्व वे हजारीबाग के महामंत्री बनाए गए थे और लंबे समय तक वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे। हालांकि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने पद को कभी तरजीह नहीं दी लेकिन मजदरों के हक की लड़ाई में वे अग्रणी भूमिका निभाते रहे। यही कारण है कि उन्हें कोलियरी में अलग राजनीतिक कद प्राप्त था। जो कि उनके जीवन के अंत समय तक बना रहा। इसके अलावे सामाजिक कार्यों में भी वे दिलचस्पी लेते रहे और कई गरीब कन्याओं की शादी हो या फिर अन्य कार्य अपनी उपस्थिति दर्ज जरूर कराते रहे। जिस कारण सामाजिक व राजनीतिक तौर पर वे अपने जीवन के अंत समय तक अद्वितीय बने रहे और समाज के हर तबके में उन्हें उचित मान सम्मान प्राप्त हुआ। 

विशेष : ‘काशी के कोतवाल’ का ऐसा है रुतबा

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आला अफसर भी लगाते काल भैरव के दरबार में हाजिरी, मंगलवार धर्म संस्कृति के लिये प्रेषित
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इस देश में आस्था सिर चढ़कर बोलती है। शायद भारत भूमि दुनिया का एकमात्र ऐसा देश होगा जिसके धरती से जुड़ी रहस्य कथाए व बाते दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खिंचती है। अगर बात बनारस की हो तो भगवान शिव और काल भैरव का उल्लेख नहीं हो ऐसा शायद कम ही होता है। बनारस में ही काल भैरव का अति प्राचीन मंदिर है। जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां के बड़े से बड़े प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी इस क्षेत्र में जब पहली बार अपनी ड्यूटि पर तैनात होंते हैं तो काल भैरव के मंदिर में जरुर हाजिरी लगाते है। ऐसा यहां के लोगों ने बातचीत में बताया। लोगों द्वारा प्रदत्त जानकारी को माने तो ऐसा पुलिस थाना है जिसके कोतवाल बाबा काल भैरव हैं और यहां के अफसर ‘बाबा काल भैरव’ के तस्वीर के बगल में अपनी कुर्सी लगाकर बैठते है। बनारस यानी बाबा शिव की नगरी. गंगा के तट पर बसे इस शहर में हर साल लाखों करोड़ों लोग मुक्‍ति की कामना लेकर पहुंचते हैं। काशी के नाथ विश्‍वनाथ हैं जिनके दर्शन किए बिना कोई वापस नहीं जाना चाहता। ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के इस शहर में रहने के लिए बाबा काल भैरव की इजाजत लेना जरूरी है। वही इस शहर के प्रशासनिक अधिकारी हैं। इसीलिए उन्हें 'काशी का कोतवाल'कहा जाता है। बाबा काल भैरव का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर शहर के मैदागिन क्षेत्र में स्थित है। जनश्रुति व पुराणों व धर्मग्रंथो की माने तो कि ब्रह्मा ने पंचमुखी के एक मुख से शिव निंदा की थी। इससे नाराज काल भैरव ने ब्रह्मा का मुंह ही अपने नाख़ून से काट दिया था। काल भैरव के नाख़ून में ब्रह्मा के मुंह का अंश चिपका रह गया था, जो हट नहीं रहा था। भैरव ने परेशान होकर सारे लोकों की यात्रा कर ली, मगर ब्रह्म हत्या से मुक्ति नहीं मिली। तब भगवान विष्णु ने काल भैरव को काशी भेजा। यहां पहुंचकर उन्हें ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिली और उसके बाद वे यहीं स्थापित हो गए। वैसे अगर आप यहां जाये तो आपको काल भैरव की यहां जो मंदिर है यहां इन सभी बातों की जानकारी मिल सकती है। 




--जगदीश यादव--

वाराणसी : भोले की नगरी में ’क्रिसमस’ की धूम

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सेट थॉमस कालेज, शाहगंज में नन्हें मुनों ने मचाया धमाल होटल से लेकर चर्च तक हर तरफ जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल आॅन दी बेल...की गूंज 
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वाराणसी (सुरेश गांधी)। चारों तरफ सजी इमारतें, घरों में लगे बड़े-बड़े स्टॉर्स, बेकरी से आती केक और पेस्ट्री की खुशबू देखकर कोई भी समझ जाएगा कि क्रिसमस का आगाज हो चुका है। सभी चर्च भव्य तरीके से सजाए गए हैं। इस त्योहार की खास बात ये है कि इसे ईसाई धर्म के साथ अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं। यही वजह है कि होटल सेलेकर लाॅन तक भी क्रिसमस ट्री के साथ रंग बिरंगी झालरों से सजधज कर तैयार है। मसीही बंधु तो घरों को दुल्हन की तरह सजाएं है। होटलों में तो अभी से म्‍यूजिक मस्‍ती, प्री क्रिसमस फोम पार्टी, क्रिसमस ईव लेडीज नाइट, बीच क्रिसमस पार्टी तक के आयोजन शुरु हो चुके हैं।   विशप यूजिन जोसेफ ने बताया कि प्रभु ईश मसीह के जन्मदिन 25 दिसंबर को सभी चर्च में भव्य आयोजन किए जाएंगे। 24 की रात्रि में ही प्रार्थना सभा का आयोजन होगा। इसके लिए पूरे चर्च को भव्य रूप से सजाया गया है। उन्होंने बताया कि मानव जाति के प्रति प्रेम को दर्शाने वाला पर्व क्रिसमस सभी को संदेश देता है। तीन दिन का क्रिसमस मेला का आयोजन कैंटोमेंट स्थित मेरिज कथीड्रल में किया गया है। यह मेला 11 बजे से लेकर रात्रि के 9 तक चलेगा। इसमें कई अन्य आयोजन भी किए जाएंगे। कई चीजों का मजा ले सकते हैं। सेंट थॉमस इण्टर कालेज, शाहगंज जौनपुर में क्रिसमस फेस्टिबल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रयागराज के धर्मप्रान्त मुड़ीला डीह कादीपुर से आये फा. लेस्ली कुतिन्हा ने शिरकत की। इस दौरान बच्चों ने प्रभु यीशु के जन्म की झांकियां, नृत्य, कैरल गीत आदि प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा बच्चों को क्रिसमस की अग्रिम बधाई देते हुए मिठाईयां एवं टॉफिया भी बांटी गई। इस मौके पर बच्चों द्वारा प्रभु यीशु के जन्म दिवस पर संगीत की प्रस्तुती की गई। जिससे उपस्थित अतिथि एवं अभिभावक मंत्रमुग्ध हो गए तथा बच्चों की हौसला आफजाई के लिए जमकर तालियां बजाई। इस दौरान छात्र- छात्राओं को सम्बोधित करते हुए श्री कुतिन्हा ने कहा प्रभु यीशु दया व शांति प्रदान करने वाले है। आप जिस तरह से अपने घर व शरीर को साफ रखते हैं, उसी तरह अपने दिल को साफ रखें। उन्होंने प्रभु यीशु से जुड़ी कई बातों को विस्तार से बताया।  इसके पूर्व छात्र छात्राओं ने क्रिसमस गीत, प्यार का सागर हैं, झूमो नाचो खुशी से आज, सांता क्लॉज देखो आया, मसीह का जन्म आदि मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसमें स्तुति, महक, मुश्कान, नमिशा, आकाश, जॉनसन, अंकित, विलियम ने प्रमुख भूमिका निभाई। क्रिसमस सन्देश अध्यापक राजेश जैकब व संचालन साइमन पीटर, फा. सोनू ने किया। अंत मे कालेज के प्रधानाचार्य फादर एन्टोनी रोड्रिक्स ने सभी को अपना आर्शीवचन देते हुए कहा क्रिसमस मन से बुरे विचारों को दूर करने का एक अवसर है। क्योंकि प्रभु यीशु हमेशा समाज में उत्पन्न बुराईयों को खत्म करने के लिए संघर्षरत रहे और इसके लिए घुम-घुम कर लोगों को जागरुक करने का भी काम करते थे। इस अवसर पर समरजीत मसीह, साइमन पीटर, अनुराग सिंह, पवन अग्रहरि, राजेश गुप्ता, सतीश मसीह, पिसेन्ट ऐडवेड डेनिस, संजय अगस्टीन, शैलेंद्र मिश्रा आदि अध्यापक व छात्र छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

बेगूसराय : ग्रीनसाइक्लोथोन एक अभियान,पोलोथिन मुक्त हो सारा जहान।

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)  ग्रीनसाइक्लोथोन जन जागरूकता महायात्रा में जुटे युवा,स्कूली बच्चे,शिक्षाविद,प्रशासनिक अधिकारी आदि सहित भारी संख्या में नगर वासी।सबों के जुवाँ पर एक ही नारा सुनाई पड़ रही थी पोलिथिन हटाओ पर्यावरण बचाओ।ये सत्य है कि पॉलीथिन प्रदूषण अत्याधिक फैला रहा है।कारण यह जहाँ तहाँ इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है,जिसके वजह से नदी-नालों का जकाम होना,जलाने पर तीक्ष्ण धुआँ के साथ कार्बनडाय ऑक्साइड छोड़ता है।इससे वातावरण काफी प्रदूषित होता जा रहा है,समय पर वर्षा नहीं होना,ठंढी का ढेर से आना,अत्यधिक गर्मी पड़ना इन सबों का कारण एकमात्र प्रदूषण है।जैसा कि इस आयोजन के मुख्य अतिथि नगर ए०एस०पी० अभियान अमृतेश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह पॉलीथिन हमें कई तरहों से नुकसान पहुँचा रहा है इसलिये इसका बन्द होना अत्यावश्यक है।यह पेड़ पौधे को नुकशान पहुँचा रहा है,जनजीवन के लिये प्रदूषित वातावरण होने के कारण ऑक्सीजन का आभाव हो जाना और सबसे बड़ी बात उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पॉलीथिन को बनैने में एक खास प्रकार के केमिकलों का इस्तेमाल किया जाता है जिसके वजह से इस पॉलीथिन में रखे गए सामानों पड़ काजी गहरा असर आ जाता है खासकर अगर कोई भी गर्म वस्तु रखा जाय तो उसमें एक प्रकार का पॉइजन ,टॉक्सिंस आ जाता है जो कि कई बीमारियों को जन्म देने में सहायक होता है।

जैसे :- 
उच्च रक्तचाप,किडनी फेल,लिबर की बीमारी गैस आदि बनना और भी ना जाने कई प्रकार की बीमारियों का जनक है यह पॉलीथिन।इस पॉलीथिन बन्द करो जागरूकता अभियान में सबसे बुजुर्ग हम सबके चहेते नगर निगम महापौर श्री उपेन्द्र प्रसाद सिंह भी ने साइकिल चलाते हुए हम युवाओं के साथ गाँधी स्टेडियम से निकलकर कर्पूरी स्थान चौक होते हुए रतनपुर गाँधी शिक्षण संस्थान होते हुए हेमरा चौक,कालीस्थान के रास्ते बेगूसराय का पर्यटक स्थल विष्णुपुर नौलखा मन्दिर के प्रांगण तक तकरीबन 08 किलोमीटर की दूरी करते हुए आए।इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे काम करने का अंदाज ही अलग है अभी तक हमने 500 मुख्य मुख्य केंद्र बिंदुओं फोकस कर काम किया है,आगे भी हमारी योजना है कि हम बेगूसराय को हरित बेगूसराय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे,इसके साथ ही पॉलीथिन के बारे में भी इन्होंने बन्द करने की बात को सराहा और बेगूसराय के लिये जहाँ जाम लगने के कारण भी प्रदूषण फैलने की बातों पर जोर देते हुए कहा कि हम फ्लाई ओभर की बात कर रहे हैं हमारे इजना में फ्लाई ओभर भी है जल्द से जल्द फ्लाई ओभर पर भी हमलोग काम शुरू करेंगे।इस आयोजन के लिये आये हुए सभी अतिथि एक स्वर में यु०पी०एस० इंटरएनमेन्ट के संस्थापक,पत्रकार प्रभाकर कुमार राय की काफी सराहना की।प्रभाकर कुमार राय की ही सोच थी ग्रीनसाइक्लोथोन और यह ग्रीनसाइक्लोथोन विगत 2014 से लागातर इस आयोजन को करते हुए आज पॉलीथिन बन्द करो अभियान को भी सफालता की ओर ले जाने में यश प्राप्त करेंगे।इस आयोजन में मुख्य रूप से भाग लेनेवाले तो पूरे नगर वासी ही हैं किन्तु लानेवालो में मुख्य रूप से प्रभाकर कुमार राय के साथ साथ ग्रीनसाइक्लोथोन के अध्यक्ष और चमथा कॉलेज के प्राचार्य श्री अशोक कुमार अमर,मुख्य अतिथि एएसपी अभियान अमृयेश कुमार,भाईट कॉम्प्यूटर लोहिया नगर के संजय कुमार, कल्याणकेन्द्र कॉम्प्यूटर संस्थान के श्री वी०एन०ठाकुर,वार्ड पार्षद पूनम कुमारी,विकाशे विद्यालय से राज किशोर सिंह,शुभम कुमार,एनएसयूआई से रवि कुमार,रामजानकी पिल्मस से मैथिली फीचर फिल्म  लव यू दुल्हिन के निर्माता रजनीकान्त पाठक,राजीव श्रीवास्तव,नगर आयुक्त मो०हामिद साहब,डीटीओ राजीव कुमार श्रीवास्तव,डॉ० हरेराम,डॉ० गीतिका जिन्होंने 09 वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों के लिये टीकाकरण की बात भी बताई जो कि सरकार के तरफ से जारी आदेशानुसार है इस टीकाकरण से खसरा और रूबेला आदि जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है।इस आयोजन के मुख्य रूप से मंच संचालन का कार्य स्वयं प्रभाकर कुमार राय और बेगूसराय के दिनकर के रुप में जाने,जानेवाले कवि प्रफुल्ल चंद्र मिश्रा ने सबों के दिल पर गहरा छाप छोड़ा।

बिहार : प्रभा बचत समूह की अध्यक्ष है रजिया देवी

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कुर्सेला,23 दिसम्बरा।कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड में है दक्षिणी ग्राम पंचायत।इस पंचायत में है बल्थी महेशपुर मुसहरी।यहां पर  150 परिवार हैं। बिहार सरकार पदाधिकारियों द्वारा इंदिरा आवास योजना द्वारा मकान बनाया गया है। 14 हजार रूपये लागत से 61 और 20 हजार रूपये से 25 मकान बना है।जो अब जर्जर हो चला है।कुछ माह पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा किया था कि अगर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जर्जर मकान का जीर्णोद्धार नहीं किया तो राज्य सरकार मकान निर्माण कराएगी. इस मुसहरी और प्रखंड में रहने वाले दलित महिलाओं के लिए स्वरोजगार की व्यवस्था हो: यहां के बेरोजगार लोगों ने बिहार सरकार से मांग की हैं कि स्वरोजगार की व्यवस्था हो.कौशल विकास कार्यक्रम से प्रशिक्षण करने लायक पढ़े नहीं हैं। ऐसे दलित महिलाओं को स्वरोजगार कर खुद्दार बन सकें.इस ओर सरकार व्यवस्था कर दें. आजीविका की राह में  आने वाले बाधा को दूर करने के सिलसिले  में प्रभा बचत समूह बनाया: यहां पर सभी 100 परिवारों के पास बकरी है.जो शादी,मरनी,बीमारी आदि में मोलजोल कर बकरी बेच देते हैं.आईजीएसएसएस के सहयोग से गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता ने महिलाओं की बैठक में कहा कि किसी तरह के आयोजनों में मोलजोल कर बकरी न बेचे बल्कि बकरी तौल कर ही बेचे.जो बकरी खरीदने वाले तराजू लेकर आएंगे.इसके लिए खुद की अनिवार्यता कम करने के लिए बचत समूह बनाए.राशि बचत करें.प्रभा बचत समूह निर्माण किए.छोटे लाल ऋषि की पत्नी रजिया देवी अध्यक्ष हैं. कारू ऋषि की शकुनिया देवी सचिव और  बुद्धन ऋषि की पत्नी     जयमाला देवी  कोषाध्यक्ष है.फिलवक्त छह सदस्य हैं.

विशेष : जो खुशियां बांटे, वही ‘सांता’

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हर त्योहार अपने साथ खुशियों की सौगात लाता है, क्रिसमस भी उनसे अलग नहीं है। क्रिसमस के बारे में सोचते ही ध्यान में आते है सांता क्लाॅज... । वहीं सांता क्लाॅज जो अपने थैले में सबके लिए उपहार भरकर लाते है, जिनके साथ ही आती है चेहरे पर खुशियों की सौगात। यह सांता हर कोई हो सकता है माता-पिता भी, शिक्षक, गुरुजन या और कोई भी। बस, संदेश एक ही है सबको खुशियां बांटना..., जी भरकर, झोली भरकर... ।  
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जी हां, बच्चों के अत्यंत प्यारे एशिया माइनर (तुर्की) के लाल- सफेद वस्त्रधारी बिशप निकोलस से सांता क्लॉज की परंपरा शुरू हुई। ऐसी मान्यता है कि वे 24 दिसंबर की रात सोते बच्चों के लिए चुपचाप कुछ उपहार छोड़ जाते है। डच लोग निकोलस को ‘सिन्टरक्लास’ कहते है। यही ‘सांता क्लॉज’ हो गया। एक मोटा सा हंसमुख आदमी, जिसकी दाढ़ी झक सफेद होती है। सफेद काॅलर और कफ वाले लाल कोट पर लेदर की ब्लैक बेल्ट और बूट पहने सांता से आज दुनिया का कोई बच्चा नावाकिफ नहीं। सांता को इस रुप में पाॅपुलर करने में कार्टूनिस्ट थाॅमस नाॅस्ट का खास योगदान है। मान्यता है सांता क्लाॅज अपने रजिस्टर में अच्छे-बुरे बच्चों की दो सूचियां तैयार करता है। अच्छे बच्चों को चाॅकलेट, केक, कैंडी आदि मिलते हैं तो बुरे बच्चों को कोयले। फिरहाल, धारणाएं कुछ भी हो लेकिन बच्चों के मन में सांता का जो उत्साह रहता है उसे बनाएं रखना हर अभिभावक का फर्ज है। कहा जा सकता है क्रिसमस उत्सव के साथ बच्चों को नेक संदेश देने का बहाना है। बच्चों के साथ मिलकर क्रिसमस ट्री तैयार करें, केक बनाएं... और हां चुपके से किसी मोजे में रखकर उनके सिरहाने चाॅकलेट, कैंडी भी एक रात पहले जरुर रखे। बस इस तरह के बेहतर प्रयास करके आप खुशियों को अपनी झोली में भर सकते हैं।  समाज के किसी एक भी वंचित अलाभान्वित, मायुस, बेघर, अनाथ बच्चों के लिए सांता बनने की एक छोटी सी कोशिश कितना सुकून देगी, समझा जा सकता है। जरुरी नहीं कि चाॅकलेट ही दें, किसी के स्कूल की फीस, किसी मासूम के इलाज का जिम्मा, किसी को नए वस्त्र तो किसी को पढ़ने के लिए कापी-किताब। नहीं खर्च कर सकते तो भी दे सकते है अपना किमती वक्त में से किसी को पढ़ाकर किसी की सेवा करके या और सहयोगपूर्ण कार्य करके। मतलब साफ है आज आध्यात्मिक तथा सार्थक क्रिसमस की आवश्यकता है, जिसमें हर शिशु में यीशु दिखे। यीशु का शिशु बनना हर मानव में ईशमयता की गरिमा देखने का संदेश है। क्रिसमस ऐसा समय है जब हम गरीबों, बेघर, निराश्रित, अनाथ, शरणार्थियों और अन्य कमजोर लोगों के प्रति अपना प्यार व चिंता प्रदर्शित कर सकते हैं। ईश्वर ने खुद को विनम्र किया, खुद को रिक्त कर दिया, एक गरीब, असहाय बच्चे का रूप लिया, जो एक गोशाले में जन्मे क्योंकि उन्हें मनुष्यों के बीच पैदा होने की जगह नहीं मिल सकी। वह शरणार्थी बने। क्रिसमस के पुण्यकाल में  दुनिया भर में गरीबों और बेघर लोगों की देखभाल करने और उनके साथ साझा करने की भावना नजर आती है। क्रिसमस की यह भावना पूरे मानव समाज पर हमेशा बनी रहे। कहा जा सकता है मानव इतिहास की एक अनमोल और पवित्र घटना है यीशु का जन्म।  वैसे भी मानव की निःस्वार्थ सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा-पूजा है। ‘तुमने मेरे इन भाई-बहनों में से किसी एक के लिए, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, जो कुछ किया, वह तुमने मेरे लिए ही किया‘। हर ईसाई पर्व में मिस्सा (प्रभु भोज) होती है। मिस्सा को अंग्रेजी में ‘मास’ कहा जाता है। ख्रीस्त के नाम से अर्पित मिस्सा को ‘क्राइस्टमास’ कहा गया। यही बाद में ‘क्रिसमस’ हो गया। ईश्वर मनुष्यों को खोजते हैं और इंसान ईश्वर को खोजता है। यही हर धर्म का सार है-ईश्वर की खोज, अमरत्व की तलाश, दुनिया के सभी प्रकार के उत्पीड़न, दुखों व बुराइयों से मुक्ति की खोज  मसीही विश्वास के अनुसार इस शाश्वत खोज के कारण परमेश्वर व मनुष्यों का मिलन यीशु में हुआ है। हम उन्हें बचाने वाला और उद्धारकर्ता कहते हैं। क्रिसमस ईश्वर के अवतार लेने का उत्सव है। ईश्वर बेथलेहम की एक गोशाला में बच्चे के रूप में जन्म लेते हैं। यह मानव इतिहास की एक अनमोल व पवित्र घटना है। इस दुनिया को ईश्वर ने बनाया और वह इस दुनिया में, पूरी सृष्टि में मौजूद हैं, इसलिए यह पूरी दुनिया, पूरी सृष्टि पवित्र है। हम मनुष्यों का इस सृष्टि की हर वस्तु के साथ एक प्राकृतिक व पवित्र बंधन है। इसलिए पर्यावरण, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि व ध्वनि की हर तरह के प्रदूषण, गिरावट और विनाश से सुरक्षा व संरक्षण की जिम्मेवारी हमारी है.। पूरी मानव जाति का अस्तित्व सृष्टि के साथ हमारे संबंधों के प्रति हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर है। हमें यह बड़ी जिम्मेवारी मिली है।  हमारा देश बहुभाषी, बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक और एक बहुलतावादी समाज है। यह परस्पर प्रेम व सम्मान की अपेक्षा करता है। बेहतर समझ, बेहतर स्वीकृति, अधिक सहिष्णुता, अधिक विश्वास और गहन मैत्रीपूर्ण रिश्तों की मांग करता है। यीशु का पूरा शिक्षण व प्रचार विभिन्न धर्मों व संस्कृतियों के सभी लोगों के बीच न्याय, शांति, सामंजस्य, समानता और भाईचारे के बुनियादी संदेश पर आधारित है। 

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ईश्वर हमारे बीच बालक बनकर इसलिए आये, ताकि स्वार्थ, पूर्वाग्रहों, बंधनों, असहिष्णुता और हर तरह के शोषण से मुक्ति का संदेश दें। क्रिसमस की इस भावना को दुनिया भर में फैलनें दें, विशेषकर हमारे देश में। इससे मित्रता और सहभागिता के बंधन सशक्त होंगे और सबमें एक बड़े परिवार का हिस्सा होने की भावना आयेगी। क्रिसमस के समय जब लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, वे इस बात को रेखांकित करते हैं कि ईश्वर ने हमें अपने पुत्र के रूप में अपना सबसे बड़ा उपहार दिया है। सांता क्लॉज की अवधारणा है कि वह बच्चों को चकित करते हुए उपहार देते हैं, उन्हें खुश करते हैं।  अब हमारे मानव स्वभाव में इन कुवृत्तियों का किसी न किसी मात्रा में बोलबाला बना रहता है-  ईष्र्या-द्वेष, लोभ- लालच, अहंकार, क्रोध, वासना, भोग-विलास और आलस्य। जिस अदन बारी में पाप व मृत्यु ने प्रवेश किया, वहीं प्रथम सुसमाचार की भी घोषणा हुई- सांप का वंश स्त्री के वंश की एड़ी काटेगा, किंतु एक दिन नारी का वंश सांप का सिर कुचल देगा। यह उद्धार कार्य पतित मानव स्वभाव से ग्रसित किसी मनुष्य से संभव नहीं था। दूसरी ओर पतित मानव स्वभाव को मर्यादित करने के लिए तथा विलुप्त जीवन लक्ष्य को फिर से वापस पानेे के लिए एक उन्नत मानव स्वभावधारी मनुष्य की ही जरूरत थी। अतः इसी ईश्वरीय प्रतिज्ञा के तहत समय पूरा होने पर अनादि शब्द ने कुंवारी मरियम से जन्म लिया। मानव की खोयी हुई मर्यादा को मर्यादित करने और मनुष्य की पहुंच से परे अनंत जीवन की पुनः प्राप्ति के लिए वह मानव बना। उसने चरनी से ले क्रूस-मरण तक पाप के सात दुष्परिणामों को अपने ऊपर लेकर सांप का सिर कुचल डाला। मानव बनकर उसने हर युग के प्रत्येक व्यक्ति से तादात्म्य स्थापित किया है, चाहे वह किसी भी राष्ट्र, जाति, धर्म, वर्ग या अवस्था का क्यों न हो। उसके मानव बनने से यह सिद्ध हो गया है कि मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में अति मूल्यवान प्राणी है। 

चरनी 
क्रिसमस की चरनी बनाने का प्रचलन  कला के रूप में चैथी सदी से शुरू हुआ। मसीही अपनी दीवारों, पत्थरों व मिस्सा के परिधानों पर चरनी की पेंटिंग करते थे। क्रिसमस के धर्मानुष्ठान में प्रयुक्त लैटिन भाषा को आम जनता नहीं समझती थी इसलिए असीसी के संत फ्रांसिस ने इटली के ग्रास्सियो नामक शहर में 1223 ई. में यीशु के जन्म को जीवंत चरनी का रूप दिया। उन्होंने ईसा मसीह के जन्म को भक्तिमय ढंग से दर्शाने के लिए मनुष्य, जानवर, भेड़ और अन्य जानवरों को रख कर कर जीवंत चरनी बनायी। 

जर्मनी से हुई क्रिसमस ट्री की शुरुआत
ब्रितानी तथा केल्ट जातियों में चिरहरित वृक्ष अर्चना की परंपरा थी। इसे उन्होंने क्रिसमसोत्सव में भी शामिल किया। बाद में 15वीं सदी में  क्रिसमस ट्री की शुरुआत जर्मनी में हुई। इसे घर के बाहर अदन वाटिका के रूप में सजाया जाता था और पेड़ पर सेव के फल लगाये जाते थे। बाद में इस पेड़ को आनेवाले मुक्तिदाता का प्रतीक मानकर घर के अंदर लगाया जाने लगा और उस पर यीशु की उपस्थिति के प्रतीक होस्तिया (मिस्सा में प्रयुक्त रोटी) को चिपकाया जाता था। बाद में होस्तिया की जगह तारे, घंटी, स्वर्गदूत व फूल इत्यादि लगाये जाने गये। ये सभी ईश्वर की उपस्थिति के प्रतीक है। 

कैरोल की परंपरा
इटली में गोलाकार लोकनृत्य को कैरोल कहा जाता था। वहीं क्रिसमस कैरोल की परंपरा 14वीं सदी में हुई। कैरोल के साथ- साथ मसीह के जन्म की घटनाओं पर नाटक का मंचन भी होता था। मेक्सिको व लैटिन अमेरिकी देशों में कैरोल का स्वरूप अलग हैै। जोसेफ और मरियम की व्यथा को आत्मसात करने के लिए हर संध्या बच्चे व युवा जोसेफ और गर्भवती मरियम बनकर भक्ति गीत गाते हुए घर- घर जाकर लास पोसादस (आश्रय) की खोज करते है। घर के अंदर बैठे लोग गाते हुए आश्रय देने में अपनी असमर्थता जाहिर करते है। अंतिम परिवार उनके लिए दरवाजा खोलता और उन्हें आश्रय व भोजन देता है। यह क्रम क्रिसमस के नौ दिन पूर्व से चलता  है। 



---सुरेश गांधी---

बिहार : आदिवासी मुंडा आज भी फटेहाली जिंदगी जीने को बाध्य

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कुर्सेला।कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड में है पूर्वी मुरादपुर ग्राम पंचायत। इस पंचायत में है बसुहार मजदिया मुंडा टोला। यहां पर आदिवासी मुंडा140 साल से रहते हैं। देखते ही देखते यहां पर तीन पुश्त गुजार दिए। आज भी फटेहाली जिंदगी जीने को बाध्य हैं। इसके आलोक में बिहार सरकार ने वर्ष 1986-87 में 6 और 2004 में 5 लोगों को लाल कार्ड की जमीन दी थी। बिहार सरकार ने बाजाप्ता आदिवासियों को जमीन बन्दोबस्ती का परवाना दिए। पर दुर्भाग्य से आजतक लाल कार्ड की जमीन पर आदिवासियों ने पैर रखे नहीं और दबंग कब्जा कर कुंडली मार बैठे हैं। 

वर्ष 1986-87 में 6 आदिवासी मुंडा को बिहार सरकार ने परवाना दिएःआदिवासी मुंडा लोगों का कहना है कि 140 साल पहले अंग्रेजों ने अविभाजित झारखंड से फैक्ट्री और खेती में काम करवाने के लिए लाए थे। कुछ लोग देवीपुर स्थित नील की फैक्ट्री में तो कुछ लोग नील की खेती करने में लगाए गए। अंग्रेजों के कार्यकाल में आदिवासयिों की जिंदगी में सुधार नहीं आया। तो आजादी के बाद सरकार सुधि लेनी शुरू की। देर से ही सही प्रेमलाल मुंडा पिता स्व. कालेश्वर मुंडा, स्व.लालजी मुंडा पिता स्व. धनेश्वर मुंडा, गुलाबी मुंडा पिता स्व.धनेश्वर मुंडा,मुक्ति मुंडा पिता स्व. श्रवण मुंडा,हरिनंदन मुंडा पिता स्व.सहदेव मुंडा और राम चरित्र मुंडा को लाल कार्ड की जमीन मिली। जमीन पर पैर जमाने के पहले ही प्रेमलाल मुंडा धरती पर से उठ गए। उसी तरह लालजी मुंडा स्वर्ग सिधार गए। उनकी विधवा सोहनी देवी हैं। 

जमीन बन्दोबस्तीः बिहार सरकार के राजस्व विभाग,जिला कटिहार के द्वारा जमीन बन्दोबस्ती कर परवाना दिया गया। गजट संख्या-3 दिनांक 03.01.85। भूधारी का नाम श्री ताले मंडल। न्यायालय राजस्व अनुमंडल पदाधिकारी,कटिहार ग्राम बसुहार थाना कोढ़ा थाना नम्बर-286 जिला कटिहार। वाद संख्या और वर्ष 30 86-87।रैयत का नाम कालेश्वर मुंडा पिता भादो मुंडा सा.बसुहार खाता संख्या-526 खेसरा संख्या-1828 रकवा 0Ú 50 डी.। प्रति एकड़ प्रत्येक किस्म की जमीन का लगान दर 5 Ú (पांच रू0) प्रत्येक किस्म की जमीन की कुल लगान 2.50 रू0। उप समाहर्ता प्रभारी भूमि सुधार 4.4.1987।

मालगुजारी रसीद कटवाने जाने पर फटकार कर भगा देते हैं बड़ा बाबूःजी हां, एक ओर राज्य सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही हैं वहीं स्वेच्छा से मालगुजारी देने जाने वाले लोगों को फटकार कर भगा देते हैं अंचल कार्यालय के बड़ा बाबू। खुद आवेदन भी स्वीकार नहीं करते हैं और न ही लोक सेवाओं के अधिकार कानून के तहत स्वीकार करने देते हैं। यह हाल कुर्सेला अंचल कार्यालय का है। जो कटिहार जिले के अन्तर्गत आता है।

बेगूसराय : देश में महिला और छात्रायें सुरक्षित नहीं

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संजलि को जिंदा जलाने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई तो छात्राएं करेंगी उग्र आंदोलन।
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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य). बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का दंभ भरने वाले सरकार में बेटी और महिलाएं बिल्कुल असुरक्षित हैं। मोदी सरकार को बेटी और महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान की कोई परवाह नहीं। उपर्युक्त बातें आगरा में छात्रा संजलि को जिंदा जलाए जाने के बाद छात्राओं द्वारा आयोजित प्रतिरोध सभा के दौरान छात्राओं को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अमीन हमजा ने कहा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में लगातार महिलाओं की शिक्षा सुरक्षा और सम्मान पर हमले हो रहे हैं। सरकार उसकी सुरक्षा करने में बिल्कुल विफल है। जिला उपाध्यक्ष शमा परवीन ने कहा की सरकार महिलाओं ,छात्राओं का सम्मान विरोधी है। आगामी लोकसभा चुनाव में छात्राओं और महिलाओं को एकत्रित होकर सरकार के इस महिला विरोधी रवैया के खिलाफ अपनी एकता को जाहिर करने की जरूरत है। प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता करते हुए महिला कॉलेज की छात्र संघ अध्यक्ष आकांक्षा भारद्वाज ने कहा कि छात्राओं के लिए देश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है जिस वजह से रोज ब रोज छात्राओं के साथ अप्रिय घटना घटती रहती है, आज देश के अंदर छात्राएं घर से निकलना नहीं चाहती है और अपने आप को बिल्कुल असुरक्षित महसूस कर रही है।  ज्ञात हो कि अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन जिला कार्यालय से दर्जनों की संख्या में छात्राओं का एक जत्था प्रतिरोध मार्च के रूप में संजलि को न्याय दो, संजलि को जिंदा जलाने वाले को फांसी दो, देश के महिलाओं, छात्राओं की शिक्षा सुरक्षा की गारंटी करनी होगी, छात्राओं के प्रति लापरवाह नरेंद्र मोदी होश में आओ इत्यादि गगनभेदी नारे लगाते हुए हाथ में तख्ती और झंडा लेकर तायबा प्रवीण के नेतृत्व में छात्राओं का जत्था मार्केट का भ्रमण करते हुए जीडी कॉलेज गेट पहुंचा। वहां पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा में छात्र नेताओं के अलावा विश्वविद्यालय प्रतिनिधि निक्की कुमारी, आरती कुमारी, साफिया परवीन, नगमा परवीन, रौनक परवीन, ज्योति कुमारी सहित दर्जनों छात्राएं उपस्थित थीं। 

बिहार : अब लाल कार्ड से जमीन मिलने वालों का चेहरा होने लगा है लाल

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कुर्सेला।इस प्रखंड के पूर्वी मुरादपुर ग्राम पंचायत में है बसुहार मजदिया। आदिवासी मुंडा अविभाजित झारखंड में रहते थे। कोई 140 साल से बिहार में रहते हैं। यहां पर तीन पुश्त गुजर गया। इनकी माली हालत खराब है। इसके आलोक में बिहार सरकार ने 2004 में 6 आदिवासी मुंडा को लाल कार्ड के माध्यम से जमीन बन्दोबस्ती का परवाना दिया। मगर इन आदिवासी मुंडा लोगों के दखल-कब्जा में जमीन नहीं है। बारम्बार दखल दिलाने का आग्रह अंचल पदाधिकारी से किया जाता है। अंचल पदाधिकारी और कर्मचारी बहाना बनाने में विश्वास करते हैं। इसी के कारण 14 साल के बाद भी जमीन का कागज पकड़कर निराश होकर लोग बैठ गए हैं। इनमें एक शख्स है जो हार मानने को तैयार नहीं हैं वह वंदा उप मुखिया दिनेश मुंडा हैं। 

अंचल पदाधिकारी के नाम आवेदन लिखाः जिला कटिहार,थाना कुर्सेला, ग्राम बसुहार मजदिया में रहने वाले स्व. बीरो मुंडा के पुत्र हैं दिनेश मुंडा। अंचल पदाधिकारी के नाम आवेदन में लिखे हैं कि मैं दिनेश मुंडा हूं। अनुसूचित जन जाति (आदिवासी) हूं। मुझे पूर्व में सन् 2004 ई. में लाल कार्ड की जमीन प्राप्त हुई है,लेकिन आजतक मेरे दखल-कब्जा में नहीं है और न आजतक मालगुजारी रसीद कटा है।अतः श्रीमान से निवेदन है कि मेरे नाम से मालगुजारी रसीद कटवाने तथा दखल-कब्जा दिलाने की कृपा की जाय ताकि मैं अपना जीवन-व्यापन कर सकूं। इसके लिए मैं श्रीमान् का अभारी बना रहूंगा। पर अंचल पदाधिकारी ध्यान ही नहीं देते हैं। 5 आदिवासी मुंडा को जमीन बन्दोबस्ती जमीन का परवाना मिलाः बिहार सरकार के राजस्व विभाग,जिला कटिहार के द्वारा जमीन बन्दोबस्ती कर परवाना दिया गया। भूधारी का नाम श्री कैलाश महतो पिता सुखदेव महतो,मजदिया, गजट संख्या- साधारण 2 कटिहार दिनांक 01.07.2004। संख्या-330 दिनांक 01.07.2004। न्यायालय राजस्व पदाधिकारी,कटिहार ग्राम जरलाही थाना कुर्सेला थाना नम्बर-288 जिला कटिहार। वाद संख्या और वर्ष 10 04-05।रैयत का नाम दिनेश मुंडा पत्नी का जाया देवी पे0 स्व. बीरो मुंडा सा. मजदिया। खाता संख्या-987 खेसरा संख्या-2166 रकवा एकड़ में 0.23, 2125 0.80 2922 1.03। प्रति एकड़ प्रत्येक किस्म की जमीन का लगान दर 6-00। अलग से सतीश मुंडा पिता जमुना मुंडा, स्व. उमानंदा मुंडा पिता स्व. सहदेव मुंडा,मनोहर मुंडा पिता गुलाबी मुंडा और कांतलाल मुंडा पिता स्व. कंगाली मुंडा को भी जमीन बन्दोबस्ती का परवाना मिला है। दिनेश मरांडी कहते हैं कि मेरी पत्नी का नाम जयंति देवी है। यहां पर जाया देवी लिख दिया गया है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 दिसंबर

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विशाल वाहन रैली लहराए हजारों भगवा ध्वज  गूंजा रामलल्ला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे 
धमज़्सभा में हिन्दूहित के लिए गरजे संत महात्मा 
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सीहोर। देश में हिन्दू जहां भी घटा वह पर देश बंटा है,विदेशी शक्तियां हिन्दूस्तान में घुसकर हीं हिन्दू हित को चोट पहुंचा रहीं है। हिन्दू समाज पर सैकड़ों सालों से हमला जारी है पर हिन्दू कभी समाप्त नहीं हुआ। षडय़ंत्रकारियों ने कई हिन्दू संतों और हिन्दूहितैशी राजनेताओं को भी यातनाएं दी है पर रामलल्ला हम आएंगे और सनातन धमिज़्यों के साथ अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निमाज़्ण करेंगे उक्त बात रविवार को आवासीय खेलकूद मैदान में आयोजित धमज़्सभा को संबोधित करते हुए संत श्रीनारायण दासजी, हरिराम दासजी, उद्धव दासजी ने कहीं। धमज़्सभा को मध्य भारत प्रांत क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिनेश उपाध्याय प्रांत गौरक्षा प्रमुख अजीत शुक्ला, प्रांत पदाधिकारी राजेंद्र टांक जिलाध्यक्ष सुनील शमाज़् उपाध्यक्ष जगदीश जी कुशवाहा जिला मंत्री राकेश विश्वकमाज़् जिला संयोजक विवेक राठौर जिला कोषाध्यक्ष पंडित मोहित राम पाठक सहमंत्री कमलेश  कुंकादा गोरक्षा प्रमुख जितेंद्र नारोलिया ने भी संबोधित कर हजारों विहिप बजरंग दल कायज़्कताओज़्ं को एकता और संगठन शक्ति बनाए रखने का संदेश दिया। 

आवासीय मैदान से भव्य विशाल वाहन रैली का शुभारंभ संतों और विहिप बजरंगदल पदाधिकारियों के द्वारा श्री राम दरबार की विधिवत पूजा अचज़्ना की गई। वाहन रैली भोपाल नाका से इंग्लिशपुरा रोड, कोतवाली चौराहा, पान चौराहा बड़ा बाजार, लीसा टाकिज चौराहा से शहर के प्रमुख मागोज़् से होते हुए वापस कायज़्क्रम स्थल आवासीय खेलकूद मैदान में पहुंची यह पर वाहन रैली का समापन किया गया। वाहन रैली में सम्मिलित हजारों कायज़्कताओज़्ं का  अनेक स्थानों पर नागरिकों के द्वारा फूलों की वषाज़् कर भव्य स्वागत किया गया। 
विशाल धमज़्सभा और वाहन रैली में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल राजू  मीणा अखाड़ा प्रमुख अनिरुद्ध प्रताप सिंह चौहान  सहसंयोजक हेमसिंह  ठाकुर विद्याथीज़् प्रमुख सुरेश दांगी दुगाज़् वाहिनी अलका कुशवाह नगर अध्यक्ष आलेख राज राठौर नगर मंत्री यगेश सेब नगर संयोजक आशीष  कुशवाहा शेरगढ़ प्रखंड अध्यक्ष महेश मंत्री कमल,  उपाध्यक्ष राम सिंह, रेवा शंकर जाट गणेश  जाट राम सिंह, आशीष सिसोदिया, मोहन भाटी, मंगलेश वमाज़्,अजय,धनराज  राजेंद्र सहित जिले भर के हजारों कायज़्कताज़् गण शामिल रहे। 

प्रदेश में खाती समाज की है महत्वपूणज़् भूमिका-जिलाध्यक्ष  
युवाओं को पहुंचाएंगे तरक्की के शिखर पर  खाती युवा संगठन की जिला बैठक आयोजित 
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सीहोर। खाती समाज किसी पहचान का मोहताज नहीं है खाती समाज प्रदेश में महत्वपूणज़् स्थान रखता है समाज के युवाओं को शिक्षित बनाना और दुव्यज़्श्रों से मुक्त रखना हीं मुख्य उद्देश्य है उक्त बात नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश खाती ने कहीं।  खाती युवा संगठन की जिला बैठक रविवार को लीसा टाकिज मैदान पर आयोजित कीह गई। सावज़्सहमति से सदस्यों ने युवा समाजसेवी ओमप्रकाश खाती को संगठन का सीहेार जिलाध्यक्ष चुना। बैठक में सामाजिक उत्थान को लेकर चचाज़् की गई। संगठन ने नवनियुक्त जिलाध्यक्ष का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। समाज के युवाओं को दुव्यज़्श्रों से दूर रखने  और कुरीतियों को छोडऩे के लिए जागरूक करने का संकल्प सदस्यों ने लिया।  बैठक में दुगाज़् प्रसाद खाती,लीला किशन खाती,रघुनाथ खाती,,हरिचरण खाती,विजेन्द्र खाती , बाबूलाल खाती, जगदीश खाती,रामप्रकाश खाती, जितेंद्र खाती,अनार सिंह खाती, सोनू खाती  ,मोहन खाती,  ठाकुर प्रसाद खाती , अमर सिंह,खाती, बाबूलाल पटवारी, आकाश खाती, कैलाश खाती,अक्की खाती ,बन्टी खाती  ,शिशूपाल खाती,रमेश खाती, अमरित लाल खाती, शोहन खाती, ,राजू खाती ,गोलू खाती, मोहन खाती सहित  जिले भर से पहुंचे संगठन के सदस्य और सामाजिक बंधू मौजूद थे।  

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 दिसंबर

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(सफलता की कहानी) : वृद्वाश्रम के निराश्रितों ने भी मतदान में निभाई सहभागिता 

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विधानसभा निर्वाचन के मतदान में सभी मतदान करें की अवधारणा से मतदाताओं को अवगत कराने हेतु हर संभव प्रयास विदिशा जिले में किए गए है। मतदान तिथि 28 दिसम्बर को जहां नव युवा मतदाताओं ने मतदान के प्रति उत्साह था ठीक वैसा ही उत्साह श्री हरिवृद्वाश्रम में रह रहे दिव्यांग निराश्रित वृद्वजनों मंे देखने को मिला। आश्रम के संचालक ने अपने स्वंय के वाहन में दिव्यांगजनों को बैठाकर होमगार्ड कार्यालय में स्थापित मतदान केन्द्र क्रमांक 214 पर मतदान हेतु लाया गया। 84 वर्षीय वायोवृद्व श्रीमती कस्तूरी बाई जैन जो पैरो से लाचार है और पिछले छह साल से आश्रम में रह रही है। उनके द्वारा मतदान हेतु जो उत्साह देखा गया वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। पैरो से लाचार कस्तूरीबाई ने प्रण कर रखा है कि मतदान जरूर कर करेंगे। इसी जिद के आगे आश्रम के संचालक ने अपने वाहन मंे उन्हें बैठाकर मतदान केन्द्र तक लाएं और अपने दोनो हाथो से मतदान केन्द्र की सीढ़िया चढें और सहायक की मदद से मतदान करने के उपरांत चर्चा मेें उन्होंने बताया कि लगभग 11 चुनाव में अब तक मतदान कर चुकी हूं। उन्होंने प्रजातंत्र के लिए मतदान को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पहली बार हम दिव्यांगजनों के लिए जो सुविधाएं निर्वाचन आयोग के द्वारा दी गई है इससे पहले कभी नही मिली है। मैं जीते जी हर बार मतदान करूंगी और ऐसी ही कामना में दूसरों से करती हूं।  विदिशा नगर के लक्ष्मीबाई धर्मशाला मतदान केन्द्र पर 81 वर्षीय सेवानिवृत्त अभियांत्रिकी व्याख्याता दिव्यांग श्री शिवनारायण अग्रवाल ने अपने पुत्र श्री धीरज अग्रवाल के साथ व्हीलचेयर से पहुंचकर मतदान का जज्बा दिखाया। उन्होंने कहा कि संविधान के द्वारा जो मतदान का जो अधिकार मिला है उसका हम सबकों सदुपयोग करते हुए प्रजातंत्र राष्ट्र निर्माण के कदम में सहभागी बने रहें। क्रमांक 72/अहरवाल

संवाद : बिहार-यूपी के युवाओं उनको उनके हाल पर छोड़ दो।

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#कमलनाथ_प्रसंग (1)

प्रिये बिहार-यूपी के भाइयों,

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तुम लोग इस वक्त गुस्से में हो! गुस्सा का कारण भी मुझे मालूम है। आजकल एक राज्य के मुख्यमंत्री ने तुमको झकझोर दिया है। तुम्हारे प्रतिभा को झकझोर दिया है। लेकिन अपने गुस्से को शांत कर ठंडे दिमाग से बैठ जाओ। एक दार्शनिक ने कहा है, "क्रोध मूर्खता से प्रारंभ होकर पश्चाताप पर खत्म होती है।"  इसलिए शांत हो जाओ। पूर्ण रुप से। 

अक्सर ऐसा होता है कि कोई शख्स जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनता है, तो वो अपने राज्य के जनता के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना चाहता है। लेकिन उसे ये नहीं पता होता है कि देश और राज्य भावनाओं से नहीं चलता है। भावनात्मकता का ही उदाहरण हाल ही में कमलनाथ के द्वारा दिया गया एक बयान है। जिसमें उन्होंने कहा है, बिहार यूपी के लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा। सिर्फ एमपी वालों को रोजगार देंगे (इस बयान को आप अपने भी तरह पढ़ सकते हैं)

दोस्तों, दस साल पहले भी मध्यप्रदेश के एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तरह का एक बयान सतना सर्किट हाउस में दिया था। जिस पर आजके सत्ताधारी दल आज के विपक्ष की तरह विरोध किया था। विरोध और प्रतिरोध का काम राजनीति दलों का है। जो वो कर रहे हैं। इससे न एमपी के जनता को मतलब है और न ही बिहार-यूपी के।

कमलनाथ के तरह ही शिवराज के बयान से क्या बदला? बिहार यूपी छोड़ दीजिए। क्या एमपी के जनता को ही रोजगार मिला? नहीं क्योंकि एनसीआरबी का आंकड़ा कहता है कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी के कारण रोज 2 युवा आत्महत्या करता है। एक और सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 सालों में मध्यप्रदेश में बेरोजगारी 10 लाख से बढ़कर 24 लाख हो चुका है। आखिर जो सरकार अपने ही युवाओं को नौकरी देने में असफल रही वो आपको नौकरी क्या देगा? मध्यप्रदेश पर आज भी 2 लाख करोड़ का कर्ज है जिसको चुकाने में ही दस साल से अधिक का समय लग सकता है। जिस सरकार के पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं वो आपको रोजगार कहां से देगा?

कमलनाथ को उनके अपने ही हालत में छोड़ दीजिए। उन्हें बोलिए कि पांच साल में आप अपने ही युवाओं को रोजगार देकर देख लीजिए। कम से कम एक राज्य से तो बेरोजगारी हटेगा। हम बिहार यूपी के हैं अपना रोजगार कहीं भी ले लेंगे। पांच साल बाद कमलनाथ को उसके अपने ही बयान पर पूछा जाएगा। जब अपने ही युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएंगे तो वे खुद ही पूछेंगे, बता कमलनाथ तेरी रज़ा क्या थी?
आप सबको शुभकामनाएं सहित।


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आपका (बिहार का एक युवा)
अविनीश कुमार
भारतीय जनसंचार संस्थान (नई दिल्ली)

विशेष : आंबेडकर एक प्रगतिशील विचार.....

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आंबेडकर का स्मरण आते ही हमारे जेहन में दो चीजें घर कर जाती है।उनमें पहला है संविधान व आरक्षण और दूसरा है नीला रंग जिसे तथाकथित आंबेडकरवादियों के द्वारा प्रतीक स्वरुप इस्तेमाल किया जा रहा है।उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव के विरुध संघर्ष में खपा दिया। जिस समय भारतीय समाज श्रमिको,किसानों,और महिलाओं के हितों का दमन कर रहा था।आंबेडकर इन सब के बीच आशा की किरण बनकर उभरे।और उस समय आंबेडकर ने श्रमिको,किसानों,और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। आज समकालीन राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में नीला रंग आंबेडकरवाद का प्रतीर चिन्ह बन चुका है।यह नीला रंग आंबेडकर का बेहद प्रिय रंग था।वह इस रंग को समानता का प्रतीक मानते थे।उनका मानना था कि आकाश का रंग भी नीला होता है और यह नीला रंग हमारे सोच की व्यापका को दर्शाता है।वह कभी वैचारिक संकीर्णता की राजनीति में नहीं फंसे।हमेशा अपनी सोच को प्रगतिशील रखा।उनके पूरे जीवनकाल का यही रंग था।आज के दौर में अशोकचक्र वाला नीला झंडा आंबेडकरवादियों का प्रतीक चिन्ह बन चुका है। यह अशोक चक्र उनके उनके प्रगतिशील सोच और समाज के प्रति उनकी दूर-दृष्टि को दिखाता है।आंबेडकर किसी भी समाज की प्रगति का मुल्यांकन करने का आधार महिलाओं की उस समाज में क्या स्थिती है?इस पैमाने को मानते थे।उनका मानना था कि दुनिया में आधी आबादी महिलाओं की है।दुनिया की कोई भी शक्ति इनके मुल अधिकारों से इन्हें वंचित नहीं कर सकती।इसलिए जब तक महिलाओं का समुचित विकास नहीं होता कोई भी समाज समुचित विकास नहीं कर सकता। आंबेडकर की विचारधारा से प्रभावित लोग एक दूसरे का अभिवादन जय भीम बोलकर करते हैं।इसका अर्थ है कि आंबेडकर की जय हो। आंबेडकर की विचारधारा की जय हो। उन्होंने समाज के दबे-कुचले,वंचितों-शोषितों को साफ संदेश दिया-शिक्षित बनो,संघटित हो और संघर्ष करो.....




--अविनाश झा--

दरभंगा : दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी को लेकर MSU की बैठक

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दरभंगा (आर्यावर्त संवादताता) मिथिला स्टूडेंट यूनियन की आज दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी को लेकर बैठक हुई जिसमें 24 दिसंबर को होने वाले शिल्यानास के विषयों पर चर्चा किया गया संगठन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अविनाश भारद्वाज ने कहा कि जब चुनाव सर पर है तो यह एयरपोर्ट खुलने की घोषणा जनता के साथ दिग्भ्रमित करने वाला कदम है ! सरकार बताये की पिछले चार सालों में एयरपोर्ट क्यूं नही खुला चीनी मिल सूत मिल का कब शिल्यानास होगा जबकि यह सरकार के एजेंडे में शामिल थी सरकार यह बताएं कि उदघाटन कब होगी यह जनता को ठगने वाली बात है कि दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी 2019 से शुरू हो जाएगा वहीं जिला प्रधान सचिव विजय घनश्याम ने कहा कि सरकार पहले एम्स IIT पार्क की शिल्यानास करें सरकार पहले भी रांटी में रेडियो स्टेशन के लिए शिल्यानास कर चुकी है मगर क्या रेडियो स्टेशन चालू हुआ मिथिला स्टूडेंट यूनियन पिछले तीन सालों से दरभंगा एयरपोर्ट एम्स IIT पार्क चीनी मिल पर सँघर्ष कर रही है मिथिला की जनता शिल्यानास नही उदघाटन का समय जानना चाहती है और सरकार को बताना चाहिए कि यह एयरपोर्ट से विमान कब उड़ान भरेगा नही तो मिथिला स्टूडेंट यूनियन सरकार से सवाल करती रहेगी ! आज इस बैठक में MSU के सभी पदाधिकारियों की मौजूदगी रही !

मधुबनी : टाउन क्रिकेट क्लब मधुबनी नारायण पट्टी को हराकर सेमीफाइनल में

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मधुबनी जिला क्रिकेट लीग का चौथा क्वाटर फाइनल  मैच 
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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) मधुबनी जिला के कलुआहि क्षेत्र अंतर्गत मधेपुर पंचायत के बेलाही गांव के उच्च विद्यालय मैदान में बिहार क्रिकेट संघ से सम्बध मधुबनी जिला क्रिकेट  संघ लीग का चौथा क्वाटर फाइनल टी सी सी मधुबनी और एन पी सी नारायनपट्टी के बीच खेला गया। ।टॉस जीतकर नारायनपटी पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय कप्तान रामानन्द ने लिया । नारायपटी के दस विकेट 20  ओवर में  75 रन   पर  बना कर आल आउट हो गये। नारायनपत्ति   के तरफ से  सुमन आर्यन  ने 21 रन , योगेश 15 रन बनाये। मधुबानी  टीम से  गेंदबाजी में रिपुञ्जय, अंसुमंन  और प्रेम प्रियंक  ने  3-3विकेट लीया। दुसरे पारी मे मधुबनी    टीम ने पीछा करते हुए पहला विकेट 2.2 ओवर में  12  रन पर, दूसरा विकेट 7वे   ओवर में  34   रन पर,तीसरा विकेट  11 ओवर में   57  रन पर,चौथा विकेट    था 11 ओवर में   57   रन पर गिरा । धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करते हुए रितिक राजेश ने नाबाद 39  रन बनाए और  मधुबनी टी सी सी  ने अपना जगह सेमीफाइनल में सुरक्षित कर लिया  गेंदबाजी में नारायनपत्ति   टीम  के  रामबालक    ने 6.3  ओवर में 28   रन देकर 4 विकेट लीया । मैन ऑफ दी मैच  टी सी सी मधुबनई टीम के रिपुञ्जय मिश्रा   को मिला। मैन ऑफ दी मैच आयोजन कर्त्ता मुखिया अजय कुमार झा , आशीष ठाकुर एबं  संघ के उपाध्याक्ष अशोक कुमार यादव   द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया। टी सी सी मधुबनी  टीम ने अपना जगह सेमीफाइनल में सुरक्षित कर लिया। अंपायर   प्रकाश पांडेय और सुरेंद्र नारायन सिंह निर्णायक थे। मैच का आखों देखा हाल मैथिली में मुन्ना भारती और हिन्दी  रामानंद तिवारी और पंकज झा,अंग्रेजी में संतोष झा  सुना रहे थे। ऑन लाईन स्कोरिंग वसंत विहारी द्वारा किया गया।मौके पर सचिब कालीचरन,कन्वेनर नवीन गुप्ता,चुनु जी,  शिक्षक कलाधर झा,समिति सुरीमोहन झा , राघव,भवेश झा,ललित कुमार झा, आकाश झा,सहयोगी के साथ शैकरों कि संख्या में दर्शक उपस्थिति थे।आयोजन समिति( मुखिया अजय कुमार झा) ने सुचना दी कि कल से दो दिवसीये सेमीफाइनल खेला जाएगा। जो दिनांक 24 दिसम्बर से 27 दिसंबर तक लगातार खेला जाएगा।कल का मैच टी सी सी मधुबनी वनाम टी सी सी ब्लू मधुबनी के बीच खेला जायेगा। 
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