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मधुबनी : सैकड़ो शिक्षकों ने दैनिक हिन्दुस्तान की प्रति दुसरे दिन भी जलाई

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) 26 दिसंबर, आज बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संजीव कुमार कामत की अध्यक्षता में सैकड़ो शिक्षकों ने दैनिक हिन्दुस्तान के कार्यालय प्रभारी के विरोध में शहर में प्रदर्शन किया गया और उसके बाद अखबार दफ्तर के समीप समाचारपत्र की प्रतियां जलाई गई. विज्ञप्ति के माध्यम से संघ अध्यक्ष ने कहा है कि अखबार का व्यवहार संघ के प्रति दुर्भावनापूर्ण है और जब संघ की बैठक सम्बंधित ख़बरों को ले प्रतिनिधि विज्ञप्ति लेकर कार्यालय गए तो उनके साथ गुर्व्यव्हार किया गया. अध्यक्ष ने कहा कि अपवाद को छोड़ दें तो अखबार का संघ के प्रति विद्वेषपूर्ण रवैया रहता है रो ख़बरें संघ विरोधी प्रकाशित कि जाती है. इस अवसर पर संघ के प्रधान सचिव अवधेश झा ने शिक्षकों से अखबार का बहिष्कार करने की अपील की और कहा कि विद्यालय में और विद्यालय परिवार के सदस्य इस अखबार को नहीं लेंगे और समाचार पत्र के खिलाफ मुहीम चलाएंगे, साथ ही हर सप्ताह अखबार की प्रति जलाएंगे, विरोध प्रदर्शन में संघ प्रवक्ता रंजन चौधरी, उपाध्यक्ष लीलाधर पासवान, सुरेश यादव, कार्यालय सचिव मनीष कुमार कर्ण, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद यादव सचिव प्रेमचंद प्रसाद, पिंकी कुमारी, सुरेन्द्र कुमार यादव, राजेन्द्र साफी, शंकर पासवान, संजय राम, विजय पंडित, कुमार पूजन, विजय शंकर चौधरी, सुनील पासवान, शिवनारायण मंडल, लालदेव मंडल, अमरेश दत्त सहित सैकड़ो शिक्षक शिक्षिका शामिल थे 

तीन तलाक पर गुरुवार को लोकसभा में होगी चर्चा

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने वाले विधेयक पर लोकसभा में गुरुवार को चर्चा होगी और इसे पारित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सदस्यों की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ह्विप जारी किया है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने आज यहाँ बताया कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 गुरुवार को लोकसभा में चर्चा के लिए लाया जाएगा। इसे देखते हुए भाजपा ने ह्विप जारी किया है। तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने के लिए सरकार पहले भी एक विधेयक ला चुकी है जो लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अटक गया है क्योंकि वहाँ सत्ता पक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है और विपक्ष विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्ति कर रहा था। सरकार ने विधेयक पारित कराने में हो रही देरी को देखते हुये इस साल सितंबर में विपक्ष के कुछ संशोधनों को स्वीकार कर एक अध्यादेश लेकर आयी थी जो अभी अस्तित्व में है। पुराने विधेयक अब भी राज्यसभा में लंबित है जबकि सरकार ने अध्यादेश के प्रारूप पर ही नया विधेयक लोकसभा में इसी सत्र में पेश किया है।  नये विधेयक में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है, लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद सुलह कराने और जमानत देने का अधिकार होगा। संशोधित विधेयक में किये गये बदलाव के अनुसार मुकदमे से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। पीड़िता, उससे खून का रिश्ता रखने वाले और विवाह से बने उसके संबंधी ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं। मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा। एक बार में तीन तलाक की पीड़ित महिला मुआवजे की भी हकदार होगी।  सरकार के सामने 01 जनवरी 2017 से तीन तलाक के करीब 430 मामले आये हैं जिनमें से 229 उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले और 201 फैसले के बाद के हैं। इनमें सबसे अधिक 120 मामले उत्तर प्रदेश से हैं।

सरकारी बैंकों में हड़ताल से कामकाज प्रभावित

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नयी दिल्ली 26 दिसंबर,सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैकों देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय किये जाने के विरोध में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के बुधवार को एक दिन की हड़ताल पर रहने से कामकाज प्रभावित हुआ।  नौ बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया था। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारियों ने भाग लिया। हालांकि इसमें निजी क्षेत्र के बैंक नहीं शामिल थे और उनमें सामान्य कामकाज हुआ।  यूनियन फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कंफेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक कर्मचारी संघ, नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक कर्मचारी और नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्क्स से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुये। हड़ताल की वजह से राजधानी दिल्ली में सभी सरकारी बैंकों में कामकाज नहीं हुआ और बैंक बंद रहे। 

दिल्ली की ज्योति फोगाट बनी बॉलीवुुुड मिस इंडिया 2018

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर,दिल्ली की ज्योति फोगाट जहां बॉलीवुड मिस इंडिया 2018 चुनी गयी है वहीं नोएडा के शय प्रणय सिंह बॉलीवुड मिस्टर इंडिया चुने गये हैं।  स्टूडियो 19 फिल्म्स द्वारा आयोजित बॉलीवुड मिस्टर एंड मिस इंडिया 2018 सीजन 2 के ग्रैंड फिनाले देश के 15 राज्यों और विदेशों के कुल मिलाकर 50 प्रतियोगियों ने भाग लिया जिसमें ज्योति फोगाट बॉलीवडु मिस इंडिया और यश प्रणय सिंह बाॅलीवुड मिस्टर इंडिया चुने गये। आयोजकों ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि इसके निर्णायकों में बॉलीवुड के सितारे गुलशन ग्रोवर, सना खान , महिमा चौधरी, सपना चौधरी और रजनीश दुग्गल शामिल थे। बॉलीवुड मिस्टर एंड मिस इंडिया 2018 ख़िताब जितने के लिए कंटेस्टेंट को पर्सनल पोर्टफोलियो ,ग्रुप डिस्कशन, फैशन राउंड में भाग लेना पड़ा। 

ऑपरेटर 29 दिसंबर को नहीं करें ब्लैकआउट : ट्राई

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नयी दिल्ली 26 दिसंबर, दूरसंचार नियामक ट्राई ने केबल एवं डीटीएच ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उपभोक्ता जो चैनल अभी देख रहे हैं उसे 29 दिसंबर से बंद नहीं किया जाना चाहिए। ट्राई ने बुधवार को यहां कहा कि उपभोक्ता अभी जो चैनल देख रहे उसे 29 दिसंबर से बंद किये जाने की मीडिया में खबरें आ रही है। इसके मद्देनजर प्रसारकों/ डीपीओ/ एलसीओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ता जो चैनल अाज देख रहे हैं वे 29 दिसंबर से बंद नहीं होने चाहिए तोकि टीवी सेवा के लिए नये फ्रेमवर्क को अपनाये जाने के दौरान उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। उसने कहा कि ट्राई सभी उपभोक्ताओं के लिए विस्तृत माइग्रेशन प्लान तैयार कर रहा है जिसमें सभी उपभोक्ताआें को अपनी पसंद के टेलीविजन चैनल चयन करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा और सेवा प्रदाताओं को भी निर्धारित समय में इस नये नियामक फ्रेमवर्क को अपनाने में मदद मिलेगी। 

तीन साल में भारत में 20 हज़ार विदेशी छात्रों के दाखिले का लक्ष्य

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नयी दिल्ली, 26 दिसम्ब, भारत में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए शुरू हुई योजना ‘स्टडी इन इंडिया’ के तहत अब तीन सालों में 20 हज़ार विदेशी छात्रों के दाखिले का लक्ष्य रखा गया है।  मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारों को आज यहां यह जानकारी दी। इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक मात्र सार्वजनिक उपक्रम 'एडसिल'ने श्री जावेडकर को छह करोड़ रुपये का लाभांश पेश किया। इससे पहले वह पांच करोड़ रुपए का लाभांश पेश कर चुका है। इस तरह कुल 11 करोड़ रुपए का लाभांश उसने दिया जो अब तक का सर्वाधिक है। श्री जावडेकर ने बताया कि भारत में अध्ययन योजना के तहत कुल सौ श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों का चयन किया गया है और अब तक दो हज़ार छात्रों ने यहाँ विभिन्न संस्थानों में दाखिला लिया है। उन्होंने कहा कि पहले नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्र पढ़ने आते थे लेकिन अब भारत को विदेशी छात्रों के लिए शिक्षा का केंद्र बनाया जा रहा है। एडसिल हमारे मंत्रालय का एक मात्र सार्वजनिक उपक्रम है और यह योजना वही चलाती है। इसलिए सभी देशों के दूतावासों से सम्पर्क किया गया है और भारतीय दूतावासों के जरिये भी उसका प्रचार-प्रसार किया गया है। उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए अभी दक्षिण अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया के 34 देशों को केन्द्रित किया है। इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने श्री जावडेकर को केरल बाढ़ के लिए साढ़े पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि का भी चेक भेंट किया। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि केरल की बाढ़ के लिए उन्होंने अपने मंत्रालय के सभी संस्थानों को सहायता राशि भेजने का अनुरोध किया था और लाखों लोगों ने अपने पैसे सीधे भेज दिए। उन्होंने भी अपने एक माह का वेतन इसमें दिया था।

गिरावट से उबरा बाजार, सेंसेक्स 235 अंक चढ़ा

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मुंबई 26 दिसंबर, विदेशों से मिले नकारात्मक संकेतों से शुरुआती कारोबार में साढ़े चार सौ अंक से ज्यादा लुढ़कने वाला सेंसेक्स वित्त, बैंकिंग और दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में लिवाली के दम पर वापसी करता हुआ 234.51 अंक की बढ़त में 35,704.66 अंक पर बंद हुआ।  लगातार तीन कारोबारी दिवसों के बाद बाजार में रौनक लौटी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी आरंभिक दबाव के बाद 66.35 अंक की तेजी में 10,729.85 अंक पर रहा। हालाँकि, मंझोली और छोटी कंपनियों पर दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.01 प्रतिशत टूटकर 15,168.91 अंक पर और स्मॉलकैप 0.19 फीसदी लुढ़ककर 14,439.08 अंक पर बंद हुआ।  सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल के शेयर सवा चार प्रतिशत और एचडीएफसी के दो प्रतिशत चढ़े। एचडीएफसी बैंक में भी डेढ़ फीसदी से अधिक की तेजी रही। वहीं, सनफार्मा के शेयर पौने दो प्रतिशत और येस बैंक के डेढ़ प्रतिशत गिर गये। विदेशों में अधिकतर प्रमुख शेयर बाजार लाल निशान में रहे। इनके दबाव में सेंसेक्स 26.99 अंक फिसलकर 35,443.16 अंक पर खुला और पहले घंटे के कारोबार में ही साढ़े चार सौ अंक से ज्यादा टूटकर 35,010.82 अंक के दिवस के निचले स्तर तक उतर गया। बाद में जब बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में लिवाली शुरू हुई तो सेंसेक्स की गिरावट कम हुई और आखिरी डेढ़ घंटे में यह हरे निशान में रहा। इस दौरान इसका दिवस का उच्चतम स्तर 35,711.26 अंक रहा और यह 234.51 अंक यानी 0.66 अंक की बढ़त में 35,704.66 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की 30 में से 19 कंपनियों में बढ़त और 11 में गिरावट रही। बीएसई में कुल 2,715 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,476 के शेयरों में बिकवाली और 1,081 में लिवाली का जोर रहा। शेष 158 कंपनियों के शेयर दिन भर के उतार-चढ़ाव से होते हुये अंतत: अपरिवर्तित रहे।  निफ्टी 28.05 अंक टूटकर 10,635.45 अंक पर खुला। इसका ग्राफ भी कमोबेश सेंसेक्स जैसा ही रहा। कारोबार के दौरान 10,534.55 अंक के दिवस के निचले और 10,747.50 अंक के उच्चतम स्तर से होता हुआ यह गत दिवस के मुकाबले 66.35 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट में 10,729.85 अंक पर रहा। निफ्टी की 50 में से 36 कंपनियाँ हरे और शेष 14 लाल निशान में बंद हुईं। 

गोल्फर ज्योति रंधावा अवैध शिकार करने पर गिरफ्तार

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लखनऊ, 26 दिसंबर, अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय गोल्फर ज्योति रंधावा और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज़ महेश विराजदर को उत्तर प्रदेश के बहराइच में अवैध शिकार करने के आरोप में बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दुधवा टाइगर रिजर्व(डीटीआर) के निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि कटरनियाघाट स्थित मोतीपुर रेंज में रंधावा और महेश को आज गिरफ्तार किया गया।  उन्होंने बताया कि दोनों के पास से लाल रंग की इसुजु एसयूवी, .22 बोर की राइफल और वन्य जीव जंतुओं से जुड़े कुछ लेख भी बरामद हुये हैं। कटरनियाघाट के खंड वन विभाग अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। 46 साल के रंधावा देश के अनुभवी गोल्फरों में हैं और वर्ष 2004 से 2009 के बीच विश्व गोल्फ रैंकिंग में शीर्ष 100 खिलाड़ियों में शामिल रहे थे। वर्तमान में हालांकि उनकी रैंकिंग 1076 है। वह वर्ष 1994 में पेशेवर गोल्फ से जुड़े थे और एशियन टूर में शीर्ष पर रहे चुके हैं। वर्ष 2004 में जाॅनी वाकर क्लासिक में वह संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे थे जो उनका यूरोपियन टूर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी के रहने वाले रंधावा के पिता सेना में कार्यरत थे और यहां उनका एक फार्महाउस है। वह फिलहाल गुरूग्राम में रहते हैं।

राहुल गांधी की खनिकों को बचाने की अपील

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेघालय में कोयले की एक अवैध खदान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार बचाव अभियान में कोताही बरत रही है। श्री गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट कहा कि दो सप्ताह से कोयले की एक खदान में पानी भर जाने के कारण 15 खनिक फंसे हुए हैं जबकि प्रधानमंत्री बोगीबील पुल पर कैमरों के लिये पोज बना रहे हैं। श्री गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने खदान में भरे पानी को निकालने के लिये बड़े पंप देने से इंकार कर दिया है।  उन्हाेंने अपील करते हुए कहा, “ प्रधानमंत्री कृपया खनिकों को बचाईये।”  मेघालय के जयंतिया पहाड़ी पर कोयले की एक अवैध खदान में 13 दिसंबर से 15 लोग फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल का एक दस्ता बचाव अभियान में लगा हुआ है। इससे पूर्व कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरेजवाला ने आराेप लगाया है कि मोदी सरकार ने देरी से बचाव अभियान शुरू किया है। खदान में भरा तेजी से निकाला जाना चाहिए। 

ई-मार्केट प्लेस पर ‘एक्सक्लूजिव सेल’ बंद

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नयी दिल्ली 26 दिसंबर, सरकार ने देश के खुदरा बाजार को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए ‘ई-कॉमर्स विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति’ में भारी बदलाव करते हुये ई-काॅमर्स कंपनियों को किसी भी कंपनी के उत्पाद की विशेष बिक्री करने से प्रतिबंधित कर दिया है। औद्योगिक नीति एवं सवंर्धन विभाग ने बुधवार को यहाँ जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि ई-कॉमर्स की मार्केटप्लेस कंपनी किसी भी विक्रेता को अपने प्लेटफॉर्म पर विशेष बिक्री की अनुमति नहीं देगी। इसके अलावा उन्हें सभी उत्पाद विक्रेताओं से यथोचित दूरी बनाकर रखनी होगी तथा वे विक्रेताओं को लॉजिस्टिक, कैशबैक आदि जैसी सेवायें देने में किसी भी विक्रेता के साथ भेद-भाव का व्यवहार नहीं कर पायेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियों को प्रति वर्ष 30 सितंबर तक रिजर्व बैंक को पिछले वित्त वर्ष के दौरान नये दिशा-निर्देशों के पालन की जानकारी देनी होगी और अनुपालना का प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। नये नियम 01 फरवरी 2019 से प्रभावी होंगे।

विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को समान महत्व दे भाजपा: आरएसएस

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, देश के तीन हिंदी भाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के कारणों पर मंथन कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सुझाव दिया है कि वह विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को एक समान अहमियत दे।  संघ के मुख्यपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने हालिया विधानसभा चुनावों के परिणाम पर अपने संपादकीय में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी विकास संबंधी नीतियां निश्चित ही भाजपा के लिए वोट हासिल करने का जरिया रही हैं लेकिन मतदाताओं को बांधे रखने के लिए हिंदुत्व को भी समान महत्व देना होगा। संपादकीय में कहा गया है, “हिंदुत्व की विचारधारा तब अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब कांग्रेस हिन्दुत्व के रास्ते पर चलकर अपनी धर्मनिरपेक्ष और 'अल्पसंख्यक समर्थक'छवि को खत्म करने की कोशिश कर रही है।”  आर्गेनाइजर के मुताबिक भाजपा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि श्री मोदी के नेतृत्व में विकास और हिंदुत्व को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर कैसे प्रस्तुत करें।  चुनावों के दौरान ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की बढ़ती संख्या भारत जैसे लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। इन दिनों उम्मीदवार का प्रदर्शन और चुनावी परिणाम का कोई संबंध नजर नहीं आता बल्कि झूठे वादे, विभाजनकारी राजनीति और लुभावने तोहफे करने वालों को प्राथमिकता मिल रही है। यह अच्छा संकेत नहीं है। 

बेगूसराय : दो नाटकों का सफलतापूर्वक हुआ मंचन

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*सातवां रंग-ए-माहौल के अंतिम दिन दो नाटकों का हुआ मंचन...*
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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) द फैक्ट आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी, बेगुसराय द्वारा आयोजित सातवाँ रंग ए माहौल के अंतिम दिन दो नाटक, सर्वप्रथम फैक्ट रंगमंडल की प्रस्तुति प्लेटफॉर्म शो *नाटक-शहर हमारा अपराध नगर हो गया है* स्वयं फेस्टिवल डायरेक्टर प्रवीण कु० गुंजन लिखित, परिकल्पित व निर्देशित था। इस प्लेटफॉर्म शो का उद्घाटन जनकवि दीनानाथ सुमित्र और द फैक्ट रंगमंडल के उपाध्यक्ष अमित कुमार के द्वारा नगाड़ा बजाकर किया गया। यह नाटक मुक्ताकाश मंच पर प्रस्तुत हास्य तथा व्यंग्य से भरपूर विगत दिनों बेगुसराय जिले में दिन- प्रतिदिन बढ़ते आपराधिक घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन व शासक वर्ग पर करारा प्रहार किया है। जिसमें कलाकारों ने दिखाया कि पुलिस प्रशासन का ध्यान शराब पर है, राजनीतिक दल एमपी एमएलए चुपचाप बैठे हैं। न्यायालय से अपराधी सबूतों के अभाव में रिहा हो जाता है, न्यायालय में देरी होती है। पुलिस पर राजनेता का दबाव रहता है। इस समय लड़कियां ही नहीं हर लोग असुरक्षित और सहमे हुए हैं। नाटक में कुश्ती के माध्यम से आम आदमी और अपराधी के बीच करारा मुकाबला भी दिखाया गया हालांकि आम आदमी अपने मनोबल पर जीत हासिल कर लेता है। अंत में गीत - इस बस्ती को क्या हो गया, जाने मस्ती को क्या हो गया..के साथ शो का समापन होता है कुल मिलाकर यह नाटक वर्तमान समय की समस्याओं को बड़े ही शिद्दत के साथ बयां करती है। नाटक में मुख्य कलाकार चन्दन कुमार वत्स, चन्दन कुमार, संदीप कुमार, रश्मि कुमारी,खुशबू कुमारी, अभिजीत, कमलेश कुमार, बलराम, मो. रहमान और अमरेश कुमार अमन ने अपने सशक्त अभिनय दर्शकों का दिल जीता। नाटक में संगीत संयोजन अमरेश, रविकान्त, संतोष कुमार राही और दीपक का था।।

तत्पश्चात प्रेक्षागृह में निर्माण कला मंच, पटना की प्रस्तुति पुरे बिहार रंगमंच का गौरव व मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक #गुरुदेव संजय उपाध्याय सर निर्देशित व परिकल्पित तथा गीता श्री की मूल उपन्यास व श्री योगेश त्रिपाठी द्वारा नाट्य रूपांतरित *नाटक हसीनावाद* के मंचन में दर्शकों ने खूब आनंद लिया। नाटक हसीना बाद आत्म पहचान खोजने में संघर्षरत एक स्त्री की कहानी है, एक कलाकार की कहानी है, राजसत्ता पर कला और लोक के विजय की कहानी है। एक बीती और खोई हुई दुनिया से निकल कर दूसरी नृत्य, गीत, संगीत के लोक और संस्कृति की तेजी से लुप्त होती हुई दुनिया से अपने जुनून में खुद जीकर जिंदा करने की कहानी है।  नाटक में कुल पैंतीस कलाकारों में मुख्यपात्र गोलमी की भूमिका में मेघना पांचाल ने अपने अभिनय और नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ठाकुर सजावल सिंह की भूमिका में विवेक कुमार, सुंदरी- शारदा सिंह, सगुन महतों-पप्पू ठाकुर,  रामबालक सिंह के किरदार में समीर कुमार एवं अन्य पात्र राहुल कु० राज, मो० जहाँगीर, रूबी खातुन, कुमार उदय सिंह, अभिषेक कुमार, श्वेता सुमन, मुकेश कु० राहुल, मो० जफ़र आलम आदि कलाकरों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को काफ़ी प्रभावित किया।  नाटक में प्रकाश परिकल्पना व संचालन विजेंद्र कु० टॉक, जय कु० भारती, ध्वनि राजीव रॉय, गीत - संध्या पाठक, रंग परिकल्पना-महेश सूफ़ी तथा विशेष सहयोग राजीव राय, विनय राज, जितेन्द्र कु० जीतू, तथा मुकेश कुमार राहुल का था। नाट्य मंचन से पूर्व आमंत्रित मुख्य अतिथि सदस्य सह मुख्य सचेतक व बिहार विधान परिषद रजनीश कुमार, एवं द फैक्ट रंगमंडल के पदाधिकारियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम शुरू किया गया। मुख्य अतिथि को संस्था के महासचिव अशोक कु० सिंह अमर ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह से ससम्मान किया। नाट्य प्रस्तुति की समाप्ति के पश्चात् फैक्ट रंगमंडल के तमाम कलाकारों और सहयोगियों को मुख्य अतिथि बिहार विधान परिषद रजनीश कुमार, गुरु संजय उपाध्याय सर के द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित इस सातवें रंग ए माहौल 2018 का समापन किया गया।कार्यक्रम का विधिवत संचालन अभिजीत कुमार मुन्ना ने किया। इस राष्ट्रीय नाट्य समारोह में विशेष सहयोग कर युवा रंग अभिनेता अमरेश कुमार, अवध कु० ठाकुर, देवानंद कुमार, पंकज कुमार सिन्हा, विकास कुमार तथा चन्दन कु० कश्यप ने कार्यक्रम को सफलता प्रदान किए।

बिहार : नीतीश से आवासीय भूमि अधिकार कानून बनाने की मांग

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‘वनाधिकार कानून-2006 और पंचायत विस्तार उपबन्ध अधिनियम-1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि सुधार संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालय गठित हो ‘
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पटना,27 दिसम्बर।आजादी के सात दशक के बाद भी काफी संख्या में है आवासीय और खेतीहर भूमिहीन। इसमें महादलित मुसहर समुदाय की संख्या अधिक हैं। सूबे की सरकार की चाहत है कि आवासीय और खेतिहर भूमिहीन परिवारों को जमीन दें। मगर मनमौजी नौकरशाहों के चलते ही सरकार की चाहत पूर्ण नहीं हो पा रही है। इनके नकारात्मक रवैया के कारण लोग सड़क, आहर-पइन,नहर,मुर्दाघट्टी के किनारे किसी तरह से झोपड़ी बनाकर रहने को बाध्य हैं।

मालिक गैरमजरूआ एवं आम गैरमजरूआ जमीन पर रहते हैंः  दो-तीन पुश्त से मालिक गैरमजरूआ एवं आम गैरमजरूआ भूमि पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते आ रहे हैं। सरकार के द्वारा ऐसे लोगों को वास भूमि का पर्चा/परवाना नहीं निर्गत करने से मौका मिलते ही सड़क चैाड़ीकरण के नाम पर अथवा अन्य कार्य का बयान देकर उजार दिया जाता हैं। जानकारी के अनुसार अगर किसी को वास भूमि का पर्चा मिला है। तो दुर्भाग्य से सरकार के दरबारी रिकाॅड में नामोल्लेख नहीं है। अगर सरकार के द्वारा वास भूमि के लिए पर्चा /परवाना दे भी दिया गया है। कई गांवों में दस से बीस साल के बाद भी पर्चाधारियों का कब्जा नहीं है। ऐसे लोगों के द्वारा जन संगठन एकता परिषद,बिहार के कार्यालय में आकर आवेदन देते हैं और भूमि अधिकार दिलवाने की मांग करते हैं। इस जन संगठन के द्वारा बारम्बार प्रखंड सह अंचल कार्यालय में जाकर आवेदन दिया जाता है। इनके अधिकार के लिए गांधी,विनोदा,जयप्रकाश आदि के पदचिन्हों पर चलकर अंहिसात्मक आंदोलन करते हैं। उन लोगों के द्वारा धरना-प्रदर्शन करने के बावजूद भी केवल नौकरशाहों के द्वारा आश्वासन ही दिया जाता है। इसके अलावे कुछ भी नहीं मिल पाता है। इस तरह के रवैये से आवासीय और खेतिहर भूमिहीन निराश और हताश हैं और तो और आक्रोशित भी हैं। 

इंदिरा आवास योजना से मकान बनाः कुछ नसीब वाले महादलित मुसहर समुदाय के लोग होते हैं जिनको मालिक गैरमजरूआ एवं आम गैरमजरूआ भूमि दिया गया है। इस भूमि पर ठीकेदारों के द्वारा 1980 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम और 1983 में गा्रमीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम से मकान बनाया गया है। इंदिरा आवास योजना से मकान बनया गया है। इन निर्मित मकानों के रखरखाव नहीं होने के कारण मकान जर्जर हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता हैं नरेश मांझी। उनका कहना है कि दानापुर में अनुमंडल में चार प्रखंड है। दानापुर, मनेर, बिहटा और नौबतपुर। दानापुर प्रखंड में करीब 35 मुसहरी है। दानापुर प्रखंड के कौथवा, शिवचक, उसरी, शिकारपुर, जमसौत, नरगद्दा, सिकंदरपुर, बबकरपुर, आसोपुर, बोम्बे बगीचा, चुलाईचक, जलालपुर, केला बगान, बाटा, नासरीगंज आदि जगहों पर जो जर्जर हो गया है। छत और दीवार गिर चुकी है। इन मकानों का जीर्णोंद्धार करने की जरूरत है। वर्ष 2019 और 2020 में चुनावी मुद्दा बनने की संभावना है। 

एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शीः एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि हमलोगों ने जन आंदोलन 2018 में ग्वालियर से मुरैना तक सत्याग्रह पदयात्रा किए हैं। वहां 6 सूत्री मांग को लेकर सत्याग्रह किए। राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय भूमि नीति की घोषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार के द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और भारत सरकार के द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना, वनाधिकार कानून-2006 और पंचायत विस्तार उपबन्ध अधिनियम-1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि सुधार संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीष कुमार से आग्रह है कि यथाषीघ्र आवासीय भूमि अधिकार कानून की घोषणा कर क्रियान्वयन करें। वनाधिकार कानून-2006 और पंचायत विस्तार उपबन्ध अधिनियम-1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि सुधार संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालय गठित हो, कृषक हकदारी कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय भूमि नीति की घोषणा व क्रियान्वयन।

आलोक कुमार

नया आंध्र हाईकोर्ट एक जनवरी से अमरावती में

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नयी दिल्ली, 26 दिसम्बर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आंध्र प्रदेश के लिए अलग उच्च न्यायालय के गठन संबंधी आदेश पर बुधवार को हस्ताक्षर कर दिया, पृथक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अमरावती में एक जनवरी 2019 से अस्तित्व में आ जायेगा। आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद से दोनों उच्च न्यायालयों का कार्य संयुक्त रूप से हैदराबाद से चल रहा था।  नये उच्च न्यायालय के अस्तित्व में आ जाने के बाद देश में उच्च न्यायालयों की संख्या बढ़कर 25 हो जायेगी।  विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन नये उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होंगे। फिलहाल वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। नये उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अलावा 15 अन्य न्यायाधीश होंगे।

अनन्या और तारा के साथ जोड़ी जमाएंगे टाइगर श्रॉफ

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मुंबई 26 दिसंबर, बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्राफ अपनी आने वाली फिल्म में अनन्या पांडे और तारा सुतारिया के साथ जोड़ी जमाने जा रहे हैं। टाइगर ,पुनीत मल्होत्रा की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर'के सीक्वल में अनन्या पांडे और तारा सुतारिया के साथ नजर आएंगे। इस फिल्म के साथ दोनों को-ऐक्टर्स डेब्यू कर रही हैं। टाइगर ने कहा ,“वे शानदार और महान को-एक्टर्स हैं। जिस तरह से वे काम करती हैं, ऐसा लगता है कि वे वर्षों से ये ही करती आई हैं। इसके अलावा पुनीत सर यंग हैं। उन्हें पता है कि कहानी कैसे बतायी जाती है और इससे अभिनेता का काम आसान हो जाता है।” टाइगर फिल्म बागी के तीसरे पार्ट में काम करने के लिए तैयार हैं। टाइगर ने कहा ,“मुझे पता है ये एक बड़ी जिम्मेदारी है और मुझसे काफी उम्मीदें भी हैं। अच्छी स्क्रिप्ट के लिए टीम रात-दिन काम कर रही है, क्योंकि हमें फिल्म को और बेहतर बनाना है।” टाइगर ,ऋतिक को अपना आइडल मानते हैं और उनके साथ फिल्म करना उनका सपना रहा है, जो अब पूरा हो रहा है। टाइगर ने कहा ,“ये मेरी चैलेंजिंग फिल्मों में से एक है। एक ही फिल्म में ऋतिक सर को अपने सामने काम करता देखना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। वह मेरे हीरो हैं, जिनको मैंने हमेशा सराहा है।”

आरक्षित कोष सुझाव के लिए बिमल जालान की अध्यता में बनी समिति

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मुंबई, 26 दिसंबर, भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने लिए आरक्षित कोष के उचित आकार बारे में सुझाव देने के लिए पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यता में छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।  आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव राकेश मोहन को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति इस बारे में सुझाव देगी कि केंद्रीय बैंक के आरक्षित कोष का आकार क्या होना चाहिए और उसे सरकार को कितना लाभांश देना चाहिए।  रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि विशेषज्ञ समिति अपनी पहली बैठक से 90 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। समिति को इस बारे में वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने वाले व्यवहार का अध्ययन करने और यह सिफारिश देने को कहा गया है कि क्या केंद्रीय बैंक के पास आरक्षित कोष और ‘बफर’ पूंजी आवश्यकता से अधिक है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल तथा सरकार के बीच केंद्रीय बैंक के पास पड़े अतिरिक्त कोष को लेकर मतभेद थे। रिजर्व बैंक के पास उसके पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में ऐसी 9.6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी दिखायी गयी है। वित्त मंत्रालय का विचार है कि रिजर्व बैंक अपनी कुल संपत्ति के 28 प्रतिशत के बराबर बफर पूंजी रखे हुए है जो वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा रखे जाने वाली आरक्षित पूंजी की तुलना में बहुत ऊंचा है। इस बारे में वैश्विक नियम 14 प्रतिशत का है।  रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 19 नवंबर की बैठक में इस बारे में सुझाव देने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया था। हालांकि, इस समिति के स्वरूप की घोषणा नहीं की जा सकी थी क्योंकि दोनों पक्षों में राकेश मोहन की भूमिका को लेकर मतभेद थे। 

हाल में गवर्नर पद से इस्तीफा देने वाले उर्जित पटेल ने मोहन की नियुक्ति के प्रस्ताव का विरोध किया था। पटेल ने 10 दिसंबर को गवर्नर पद से इस्तीफा दिया। एक दिन बादर आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकान्त दास को रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया।  समिति में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन भी रखे गए हैं। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि समिति के अन्य सदस्यों में भरत दोषी और सुधीर मांकड़ भी शामिल हैं। दोनों केंद्रीय बैंक के केंद्रीय बोर्ड के सदस्य हैं। यह विशेषज्ञ समिति रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विभिन्न प्रावधानों, आरक्षित कोष और बफर की जरूरत और उसके उचित होने के बारे में स्थिति की समीक्षा करेगी।  इसके अलावा समिति वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ वैश्विक व्यवहार की भी समीक्षा करेगी।  समिति एक उचित लाभ वितरण नीति के बारे में भी प्रस्ताव देगी। इसमें रिजर्व बैंक के समक्ष आने वाली सभी स्थितियों पर गौर किया जाएगा। मसलन जरूरत से अधिक प्रावधान रखने की स्थिति।  केंद्रीय बैंक ने समिति से यह भी सुझाव देने को कहा है कि रिजर्व बैंक के जोखिम के प्रावधान का उचित स्तर क्या होना चाहिए।  इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसी महीने कहा था कि उसे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से कोष की जरूरत नहीं है। 

व्यापारियों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम कड़े करने का स्वागत किया

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उत्पादों की बिक्री से संबंधित नियमों को कड़ा करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, कैट ने इसके साथ ही ई-कॉमर्स नीति लाने तथा क्षेत्र की निगरानी के लिए नियामक बनाने की भी मांग की है।  कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘हमारे लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बाद यह एक बड़ी उपलब्धि है। यदि इसे उचित तरीके से क्रियान्वित किया गया तो ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गड़बड़ी, बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य तथा भारी छूट आदि पर लगाम लग सकेगी।’’  सरकार ने बुधवार को इस दिशा में कई कदम उठाते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों पर ऐसी कंपनियों के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी जिसमें उनकी इक्विटी हिस्सेदारी या प्रबंधन नियंत्रण है। इसके साथ ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर उत्पादों की विशिष्ट बिक्री के लिए करार करने पर भी प्रतिबंध लगाया है।  खंडेलवाल ने कहा कि ये उपाय पिछली तारीख यानी एक अप्रैल, 2018 से लागू होने चाहिए।

दिल्ली में जुटे मीडिया चौपाली, जनहित एवं राष्ट्रहित में पत्रकारिता चुनौतियां विषय पर हुआ विचार-मंथन

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जनहित से इतर हो रही पत्रकारिता को कमजोर करने एवं राष्ट्रवादी पत्रकारिता को पुनर्स्थापित करने पर दिया गया जोरबेहतर एवं सकारात्मक कंटेट प्रोवाइडरों के लिए राजस्व मॉडल पर सरकार विचार करें2019 में प्रयागराज में मीडिया चौपाल एवं भोपाल में होगा मीडिया महोत्सव फैंस, स्पंदन, एनयूजे (आई), इस्वा एवं स्वस्थ भारत (न्यास) के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन
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नई दिल्ली 12 दिसंबर , मीडिया के बदलते स्वरूप एवं पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियों को लेकर दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मीडिया चौपालियों ने आज गहन विचार-मंथन किया। 'जनहित एवं देशहित में पत्रकारिता की चुनौतियां'विषय पर आयोजित परिसंवाद में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में जनहित एवं देशहित में पत्रकारिता करने की बजाय देश एवं राष्ट्र को अहित करने वाली पत्रकारिता की जा रही है। वक्ताओं ने इस बात को रेखांकित किया न्यूज रूम मैं बैठकर देश-विरोधी या जनविरोधी एजेंडा सेट किए जा रहे हैं, उससे सावधान रहने के साथ-साथ मुखालफत करने की भी जरूरत है। फैंस, स्पंदन, एनयूजे (आई), इस्वा एवं स्वस्थ भारत (न्यास) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस परिसंवाद को शुरू करते हुए वरिष्ठ पत्रकार उदय माहुरकर ने मीडिया घरानों द्वारा जनहित से इतर नैरेटिव सेट करने की चलन को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि आज भी न्यूज रूम में या संपादकीय टीम की बैठक में जनहित एवं राष्ट्रहित से इतर की कहानियों पर ज्यादा जोर रहता है। नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्षों में राष्ट्रवादी पत्रकारों को तो और मुखर और तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। इसका मतलब यह हुआ कि अभी राष्ट्र एवं जनहित में सोचने एवं लिखने वाले पत्रकार विगत् कई दशकों में कम्यूनिस्ट पत्रकारों या भ्रमकारों द्वारा फैलाएं गए भ्रम से निकल नहीं पाए हैं। पॉर्न साइटों के दुष्परिणामों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि देश में चल रही तमाम तरह की पॉर्न कंटेंट को बंद करे। चीन एवं सिंगापुर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ये देश जब जनहित में इन साइटों को बंद कर सकते हैं तो भारत सरकार को क्यों नहीं करना चाहिए? 
इस चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि राष्ट्रवादी पत्रकारिता में कोई वाद नहीं है, यह निर्विवाद है। उन्होंने इस बात को जोर देकर कहा कि मीडिया की साख में सुराख है। उनका इशारा उन कथित नव-पत्रकारों की ओर था जो मीडिया की मूल-भूत कायदे कानून को जाने बिना माइक एवं की-बोर्ड पकड़ रहे हैं। साथ ही श्री शंकर ने उन नव-पत्रकारों एवं वेब-पोर्टल चलाने वालों का पक्ष भी रखा जो सकारात्मक रिपोर्टिंग कर रहे हैं, जिनकी रपट तथ्यपरक हैं और समाज के लिए उनकी खबर उपयोगी हैं। उनका कहना था कि जो लोग बेहतर काम कर रहे हैं क्या उनके लिए सरकार के पास कोई राजस्व मॉडल है। उन्हें सपोर्ट किए जाने की जरूरत है। वेब-पोर्टल के संपादकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी समझना जरूरी है कि पोर्टल का सर्वर किसके पास है? उसका स्वामित्व किसका है! उनका इशारा साइबर थ्रेट की ओर था। उदय शंकर माहुरकर की चिंताओं को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्र की पत्रकारिता करनी है तो हमें अपने राष्ट्र के इतिहास को समझना भी होगा। उसे भारतीय दृष्टि से पढ़ना भी होगा। जब  हमारे पास तथ्य होंगे तो हम गलत नैरेटिव सेट करने वालों का जवाब ठीक से दे पाएंगे। 
इस अवसर पर निस्केयर के निदेशक मनोज पटेरिया ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि खबर लिखते समय उसमें छूपे वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उभारने की जरूरत है। इससे उस खबर की मारक क्षमता एवं ग्राह्यता दोनों बढ़ेगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पोखरण क्षेत्र में शूटिंग रेंज में कई बार बच्चे कारतूस चुनते समय घायल हो जाते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि इस क्षेत्र में अर्ध-जिंदा कारतूस भी है। उन्होंने सेहत के क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक खोजों की तथ्यात्मक रिपोर्टिंग के साथ-साथ सेहत से संबंधित जो भ्रम है अथवा लूट है उसकी रिपोर्टिंग किए जाने पर भी बल दिया। हिन्दू रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाए जाने का मसला उठाते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुओं की जो भी परंपराएं हैं उसके पीछे एक विज्ञान छूपा हुआ है, उसे तथ्यों के साथ उजागर किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के महामंत्री गोलोक बिहारी राय ने मीडिया चौपालियों को प्रयाग राज के कुंभ में आयोजित होने जा रहे सुरक्षा कुंभ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। 27 दिसंबर को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हो रहे 'राष्ट्रीय सुरक्षा-एक दृष्टि'विषय पर मंथन कार्यक्रम की जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला सिर्फ सरकार तक सीमित नहीं है। इस मसले को देश का आम आदमी कैसे देखता है और उसकी इसमें कैसे सहभागिता सुनिश्चित होगी इन विषयों को इस मंथन में रेखांकित करने का प्रयास किया जाएगा। 
इसके पूर्व मीडिया चौपालियों की बैठक हुई, जिसमें अगला मीडिया चौपाल प्रयागराज एवं मीडिया महोत्सव भोपाल में किए जाने पर सहमति बनी। इस अवसर पर स्वस्थ भारत (न्यास) द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान को और आगे बढ़ाने पर बातचीत हुई और मीडिया चौपाल के सभी सदस्यों ने एक स्वर में इस अभियान को सपोर्ट करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के महासचिव वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, दिल्ली जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार अशोक अग्रोही, विस्फोट डॉट कॉम के संपादक संजय तिवारी, स्वस्थ भारत डॉट इन के संपादक आशुतोष कुमार सिंह, सूर्या टीवी के विशेष संवाददाता अमिताभ भूषण, पत्रकार केशक कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार झा, मेहेरबान  राठौर, नेहा बग्गा, अंकुर विजयर्गीय, श्रीराम शर्मा, नीरज चौधरी, लोकेश राठौर, कात्यायनी चतुर्वेदी, राहुल संपाल, संभू राज शिंदे, सिद्धार्थ झा, ऐश्वर्या  सिंह, मुनीशंकर पांडेय, विशाल तिवारी, संतोष कुमार सिंह, डॉ. वर्णिका शर्मा, प्रियंका सिंह, धीप्रज्ञ द्विवेदी, मनिशंकर कुमार, एम.ए.निशांत, अंबूज भारद्वाज, विरेन्द्र चौधरी एवं प्रदीप श्रीवास्तव सहित सैकड़ों पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंच संचालन टीवी पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी एवं आयोजन समन्वय अनिल सौमित्र ने किया। 


रिपोर्टः डॉ. प्रवीण झा, अंकुर विजवर्गीय के साथ आशुतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली

दरभंगा : ल॰ना॰मि॰विश्वविद्यालय डिजिटलाईजेसन प्रक्रिया में सूबे में सबसे आगे ।

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) 26 दिसंबर, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सूबे का पहला विश्वविद्यालय होगा जो विश्वविद्यालय प्रबंधन सूचना प्रणाली (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम ) जैसी महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने जा रही है ।राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के तत्वावधान में गत 4 अगस्त 2018 को सभी विश्वविद्यालयों को डिजिटाईज करने के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम पर एक कार्यशाला आयोजित किया था।सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों  या उनके प्रतिनिधि ,नैक से “ए” ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य  उसमें सम्मिलित हुए थे ।विकास पदाधिकारी डॉक्टर के॰के॰साहू , सी॰एम॰विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रेम कुमार प्रसाद एवं आई॰क्यू॰ए॰सी॰ कोर्डिनेटर प्रोफ़ेसर रतन कुमार चौधरी को माननीय कुलपति ने उक्त बैठक में  इस विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने हेतु अधिकृत किया था ।विश्वविद्यालयों की अलग अलग आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कुलपतियों की माँग पर महामहिम कुलाधिपति ने सभी विश्वविद्यालयों को इस कार्य हेतु अपने स्तर से वीडर तय करने का निर्देश दिया ।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र कुमार सिंह ने इस कार्य को प्राथमिकता से लिया तथा गत नवम्बर माह में चार समाचारपत्रों, हिंदुस्तान , हिन्दुस्तान टाईम्स, डेक्कन हेराल्ड तथा राष्ट्रीय सहारा में निविदा आमंत्रित करने हेतु विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया ।कई बीडरों ने इस हेतु निविदा भी दिया है । गत 18 दिसंबर को प्री-बीड भी हुआ जिसमें कई कम्पनी ने अपना पक्ष भी रखा। अब विश्वविद्यालय किसी वीडर को इस कार्य को सौंपने से पहले सभी विभागों से जनवरी के प्रथम सप्ताह में पूर्व विडींग इंट्रैक्शन कराने का निर्णय लिया है ।22 दिसम्बर 2018 को हुई पदाधिकारियों की बैठक में कुलपति प्रो॰सिंह ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि दो जनवरी के बाद सभी सेवा साधक विभाग अपनी अपनी ज़रूरतों तथा नियम परिनियमानुसार कार्य योजना बनाकर वीडर  से इंटरेक्ट करेंगे।यू॰एम॰आई॰एस॰विश्वविद्यालय में छात्रों कानामांकन ,पंजीकरण ,परीक्षा ,वेतन,पेंशन,नियुक्ति ,प्रोन्नति ,फलप्रद क्लास रूम टीचिंग ,शैक्षिक गतिविधियॉं,प्रशासनिक एवं शैक्षणिक सुधार आदि पर केंद्रित होगा। राज भवन नें सभी विश्वविद्यालयों को 15 जनवरी 2019 तक इस कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि अगले शैक्षिक सत्र से यह लागू हो जाए । विश्वविद्यालय स्तर पर इस कार्य के मॉनिटरिंग का दायित्व कुलपति प्रो॰ सिंह ने प्रतिकुलपति प्रो॰जय गोपाल की देख रेख में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय तथा विकास पदाधिकारी डॉक्टर के के साहू को दिया है। डॉक्टर साहू ने बताया कि राज भवन द्वारा समय सीमा के अंदर इसे पूरा करने हेतु विश्वविद्यालय कृत संकल्पित है तथा बिहार में सबसे पहले इस विश्वविद्यालय में यह सिस्टम पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगा।

'मणिकर्णिका'देखने के बाद आलोचकों को मुंह बंद हो जाएगा : कंगना

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मुंबई, 26 दिसम्बर, आगामी फिल्म 'मणिकर्णिका - द क्वीन ऑफ झांसी'की रिलीज के लिए तैयार अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि फिल्म देखने के बाद आलोचकों का मुहं बंद हो जाएगा। कंगना ने मंगलवार को मुंबई में अंकिता लोखंडे के साथ अपनी फैशन डिजाइनर दोस्त नीता लुल्ला की क्रिसमस सेलिब्रेशन पार्टी के मौके पर मीडिया से बातचीत की। अपने आलोचकों के बारे में बात करते हुए, कंगना ने कहा, "मुझे लगता है कि जो लोग मेरे या मेरी फिल्म के बारे में अच्छी बातें नहीं कर रहे हैं, उनका फिल्म देखने के बाद मुंह बंद हो जाएगा और जो लोग अच्छी बातें कह रहे हैं, वो चुप नहीं होंगे कि फिल्म उन्हें कैसी लगी।"कंगना ने आगामी फिल्म 'मणिकर्णिका - द क्वीन ऑफ झांसी'में मुख्य भूमिका निभाने के अलावा निर्देशन का भी काम किया है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। सकारात्मक प्रतिक्रिया के बारे में कंगना ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक टीम के काम का परिणाम है। शुरू में, मुझे यह मुश्किल लगा लेकिन फिर, मुझे लगा कि मैं एक कलाकार और एक निर्देशक के रूप में फिल्म के साथ न्याय कर सकती हूं।"उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भगवान दयालु हैं और मैं दोनों भूमिकाएं करके खुश हूं। हम फिल्म की रिलीज के लिए बहुत उत्साहित हैं। इसे दर्शकों के सामने पेश करने का इंतजार नहीं कर सकते।"फिल्म के लेखकों से मिले समर्थन के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा: "फिल्म के दौरान लेखकों ने अच्छा समर्थन किया है। मिस्टर विजेंद्र प्रसाद मेरी अगली फिल्म भी लिख रहे हैं।"अगली फिल्म की शैली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह प्रेम कहानी है, लेकिन किसी इंसान के साथ नहीं।"'मणिकर्णिका - द क्वीन ऑफ झांसी' 25 जनवरी, 2019 को रिलीज होगी।
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