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पूर्वांचल के विकास को लेकर संजीदा हुए मोदी, रोडमैप तैयार

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  • दो दर्जन से अधिक बड़े डेवलपरों इंडस्टी लगाने के लिए जगह तलाशी 
  • कालीन, साड़ी, हैंडलूम, काष्ठ व खिलौना उद्योग सहित अन्य कुटीर उद्योगों की बदहाली दूर करने के वास्ते मास्टर प्लान तैयार 
  • टेक्सटाइल टूरिज्म के रुप में विकसित कर पर्यटकों को लुभाने की है योजना 
  • बुद्धिष्ट परिपथ वाराणसी-गोरखपुर सहित वाराणसी वाया जौनपुर-सुल्तानपुर व वाराणसी-गाजीपुर मार्ग को फोरलेन बनाने की मंजूरी 
  • सारनाथ व राजातालाब में बनेगा शिल्प म्यूजियम, मीरजापुर और विन्ध्य क्षेत्र में बनेगा नया टूरिस्ट सेंटर 
  • भदोही के ज्ञानपुर व गोपीगंज मेगा मार्ट, गाजीपुर को एग्रो बेस इंडस्टी व सर्विस टाउन के रुप में विकसित करने की है योजना 
  • सोनभद्र में विकसित होगा कलस्टर व विंडम फाॅल, टांडा फाॅल सहित अन्य वाटर फाॅलों का होगा सौंदर्यीकरण 
  • जौनपुर के शाहगंज क्षेत्र को बनया जायेगा बेहतर टाउन 

varanasi bunkar
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वांचल राज्य बनाने के मामले भले ही अभी कोई विचार नहीं कर पाएं, लेकिन इसके विकास को लेकर काफी संजीदा है। अपने वायदे के मुताबिक उन्होंने पूर्वांचल को हरा-भरा बनाने के साथ यहां के लोगों की रोजी-रोटी चलती रहे, इसके लिए विकास का रोडमैप तैयार कर दी है। योजना के मुताबिक दो दर्जन से अधिक बड़े डेवलपर पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में इंडस्टी लगाने के लिए जगह तलाश ली है। जबकि प्रशासनिक तंत्र भी प्रधानमंत्री के विकासरुपी रोडमैप को अंतिम रुप में देने में दिन-रात एक कर दिया है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से 20 लाख से भी अधिक लोगों की दो जून की रोटी मुहैया कराने वाले कालीन, साड़ी, हैंडलूम, काष्ठ व खिलौना उद्योग सहित अन्य कुटीर उद्योगों की बदहाली दूर करने के वास्ते मास्टर प्लान तैयार कर दी है। मानना है कि विदेशियों को बनारस के घाट, तीर्थस्थल, सारनाथ की बोध प्रतिमा व गंगा आरती ही नहीं पूरी दुनिया में हाथ से बनी बलबूटेदार कालीने व साडि़यां भी आकर्षित कर सकती है। इसीलिए टेक्सटाइल टूरिज्म के रुप में विकसित कर पर्यटकों को लुभाने के साथ ही अच्छा व्यापार करने की योजना है। 

मास्टर प्लान बनाने वाले अधिकारियों की मानें तो गाजीपुर को एग्रो बेस इंडस्टी व सर्विस टाउन, डाला, पिपरी, रेनूकोट, ओबरा, चोपन, शक्तिनगर, रिहंदनगर के इलाकों में नए इंडस्टियल कलस्टर के अलावा दर्जनभर वाटर फाॅल व प्राकृतिक सौंदर्यता वाले इलाकों को संसाधनयुक्त बनाने, भदोही में मेगा मार्ट व बनारस में हस्तकला उत्पाद केन्द्र की स्थापना कर वस्त्र पर्यटक केन्द्र तथा जौनपुर के शाहगंज क्षेत्र को बेहतर टाउन के रुप में विकसित करने की योजना है। बुद्धिष्ट परिपथ वाराणसी-गोरखपुर 208 किमी, वाराणसी वाया जौनपुर-सुल्तानपुर 146 किमी व वाराणसी-गाजीपुर 110 किमी मार्ग को फोरलेन बनाने की भी मंजूरी हो गई है। नए मास्टर प्लान में इंडस्टीज और टूरिज्म के लिए दर्जनभर कलस्टर विकसित करने के अलावा बढ़ती आबादी के लिए मूलभूत सुविधाओं को रखा गया है। पर्यटकों के लिए सुवेनेयर शाॅप यानी जहां यादगार सामान बिकते हो, और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टेड फैसिलिटेशन सेंटर भी स्थापित करने की योजना है। 

varanasi bunkar
मंदी सहित अन्य समस्याओं से जूझ रहे कालीन व साड़ी बुनकरों तथा कारोबारियों को उबारने के लिए काम शुरु हो गया है। शिल्प म्यूजियम के लिए सारनाथ व राजातालाब में जमीन खोजी गयी है। इसमें बुनकरों के कल्याण व हथकरघा क्षेत्र प्रोत्साहन के लिए व्यापार सुविधा केन्द्र व हैंडीक्रैफट म्यूजियम निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्राविधान है। इससे न सिर्फ गरीब बुनकर मजदूरों का पलायन रुकेगा, बल्कि वाराणसी व भदोही में मेगा कलस्टर की स्थापना से वस्त्र उद्योग को भी बढ़ा मिलेगा। व्यापार सुविधाकरण केन्द्र व शिल्प संग्राहालय की स्थापना अंगूलियों की जादू लगाने वाले इलाके के बुनकरों के लिए सरकार की बड़ी सौगात है। टेंड सेंटर का विकास इस तरीके से होगा कि बुनकरों को अपनी मेहनत का माल आधे-पौने दाम पर या फिर कई दिन की उधारी पर गद्दीदारों को देने से मुक्ति मिल जायेगी। टेड सेंटर में बुनकरों का माल विचैलियों की बजाए सीधे खरीदने की योजना है। इसके अलावा बनारस का लकड़ी खिलौना उद्योग जो बनारस के नक्शे से गायब हो चला है, को एकबार फिर म्यूजियम के रुप में विकसित करने की योजना है। जरी-जरदोजी, पाटरीज व पत्थर के आकर्षक दैनिक उपयोग की वस्तुएं-डाइंगरुम ेके सजावटी सामान, हैंडमेड वाॅल पेटिंग आदि काशी की कभी पहचान रही एक जगह नजर आयेगी। 

मीरजापुर और विन्ध्य क्षेत्र का संयुक्त मास्टर प्लान 2031 बनाया गया है। इसमें 15 वर्ग किमी क्षेत्र में कालीन इंडस्टी और विन्ध्य इलाके में नए टूरिस्ट सेंटर बनाया जाना है। भदोही के ज्ञानपुर व गोपीगंज इलाके को मिलाकर तैयार होने वाले मास्टर प्लान में 58 गांवों को शामिल किया गया है। इसके लिए फिजिकल सर्वे का काम शुरु होने के साथ ही सेटेलाइट मैपिंग नगर नियोजन विभाग को दिया गया है। गाजीपुर को एग्रो बेस इंडस्टी व सर्विस टाउन के रुप में विकसित करने के लिए 2875 हेक्टेयर के रायूलेटरी क्षेत्र में 32 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इसमें शहर के बाहरी इलाकों में सभी सुविधाओं से युक्त मंडी, पालिटेक्निक, इंजियनियरिंग-उच्च शिक्षा केन्द्र, स्टेडियम और ग्रीन बेल्ट का प्राविधान है। वाराणसी की ही तरह यहां भी गंगा किनारे के 200 मीटर क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा। डाला, पिपरी, रेनूकोट, ओबरा, चोपन, शक्तिनगर, रिहंदनगर के इलाकों में नए इंडस्टियल कलस्टर बनाने के मद्देनजर 3450 वर्ग किमी का दायरा लिया गया है। इसमें दर्जनभर वाटर फाॅल व प्राकृतिक सौंदर्यता वाले इलाकों में टूरिज्म बढ़ावा के मद्देनजर हर तरह की आधुनिक सुविधाएं मुहैया किया जाना है। जौनपुर में शाहगंज क्षेत्र को बेहतर टाउन के रुप में विकसित करने की योजना है। 

varanasi bunkarबुद्धिष्ट परिपथ वाराणसी-गोरखपुर 208 किमी मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए 3440 करोड़ रुपया स्वीकृत हो गया है। पीपीपी माफत्रॅडल के साथ पूरा खाका भी तैयार किया जा चुका है। इसके लिए मार्च 2015 तक भूमि अधिग्रहण का भी काम पूरा कर लिया जायेगा। वाराणसी वाया जौनपुर-सुल्तानपुर 146 किमी टूलेन रोड को फोरलेन में तब्दील करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना पर कुल 1975 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है। वाराणसी-गाजीपुर 110 किमी मार्ग को फोरलेन बनाने की भी मंजूरी हो गई है और 6 माह के भीतर काम शुरु हो जायेगा। मां गंगा की दशा व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 2037 करोड़ की जो धनराशि आवंटित की गयी है उससे बनारस, इलाहाबाद, कानपुर से हरिद्वार तक मां को गंगा का निर्मलीकरण करने का काम भी शुरु हो गया। काशी, कानपुर, इलाहाबाद सहित अन्य घाटों की सफाई के लिए भी 100 करोड़ खर्च करने की योजना है। 

इलाहाबाद से हंडिया-संतरविदासनगर भदोही-बनारस-पटना-कोलकाता होते हुए हल्दिया तक 1620 किमी जलमार्ग बनाकर पानी का जहाज चलाने की भी योजना है। इस योजना में यात्री के साथ-साथ मालवाहक जहाज भी चलेंगे। इसके लिए कुल 4200 करोड़ राशि का प्राविधान है और 6 साल के अंदर कार्य पूरा कर आवागमन शुरु करने की बात कहीं गयी है। जलमार्ग पर हर 30 किमी पर एक टर्मिनल व डैम भी बनाए जायेंगे। जिससे यात्री व व्यापारी अपनी यात्रा व माल अमूक स्थानों तक पहुंचा सकते है। माना जा रहा है कि इससे यात्रियों व व्यपारियों का समय तो बचेगा ही भाड़ा में भी काफी किफायत होगी। इतना हीं नहीं नमामि गंगे योजना का सर्वाधिक लाभ इलाहाबाद-बनारस के सहित पूरे पूर्वांचल का होगा। न सिर्फ टूरिज्म बढेगा बल्कि माल ढुलाई भी आसान हो जायेगा। बड़े जहाजों का आवागमन पश्चिम बंगाल से पटना के रास्ते तमाम पर्यटक स्थलों तक की पहुंच आसान हो जायेगा। रेल व सड़क मार्ग से आधे दाम पर माल की ढुलाई होगी। बड़े जहाज से एक बार में 1000 टन माल ढोया जा सकता है। बड़े प्लांट मशीनरी जलमार्ग से आसानी से पहुंचाएं जा सकते है। गंगा में हर वक्त पर्याप्त पानी तो होगी ही अविरल हिलोेरे मारती लहरें पर्यटकों को लुभाएगी। 
पूर्वांचल में एम्स की स्थापना से गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को काफी लाभ व सहूलियतें मिलेगी। उम्मीद है कि अब सहजे ही उनके किसी सगे-संबंधी की जान नहीं जायेंगी। क्योंकि यहां के अधिकांश अस्पताल सुविधाओं के अभाव में सिर्फ रेफर तक सिमित होकर रह गए है। किडनी टासंप्लांट, हार्ट अटैक, कार्डियक सर्जरी, न्यूरो, बाईपास सर्जरी, समेत विभिन्न गंभीर रोगों की सर्जरी के लिए एम्स भेजे जाने वाले दो दर्जन से अधिक मरीज खुद की सांसे भगवान की मर्जी पर छोड़ देने को विवश होते है। हैरानी होगी कि गंभीर रोगों से पीडि़तों के अलावा इसमें मरीज की संख्या होती है जिन्हें तत्काल इलाज की दरकार होती है। दुर्घटनाओं में गंभीर रुप से घायल दो दर्जन से अधिक मरीज पूर्वांचल के अस्पतालों में पहुंचते है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ देते है। जो बनारस तक किसी तरह पहुंच जाते है वहां भी चिकित्सकों की लापरवाही उन्हें नहीं बचा पाती। 

बनारस जब स्मार्ट सीटी बनेगा तो न सिर्फ व्यापार बढ़ेगा बल्कि काफी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। सारनाथ, गया व वाराणसी के बीच बौद्ध सर्किट बनने से भी काशी की महत्ता तो बढ़ेगी ही, महात्मा बुद्ध की जन्मभूमि और कर्मक्षेत्र रहे काशी व कुशीनगर में विश्वस्तरीय प्र्यटन सुविधाओं का संजाल स्थापित हो सकेगा। इन दोनों स्थानों के अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सारनाथ व कुशीनगर में सालाना करीब 7 लाख से भी अध्कि विदेशी पर्यटक अपनी आमद दर्ज कराते है। यह पर्यटक मुख्यरुप से श्रीलंका, जाना, कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर, ताइवान, चीन, सहित पूरे भारत के कोने-कोने से आते है। गांव-गांव में ई-क्रांति लाने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके तहत 500 करोड़ का प्राविधान बजट में किया गया है। 





---सुरेश गांधी---


बिहार : सूबे के सैकडों काॅलेजों में एआईएसएफ ने किया उग्र प्रदर्शन

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  • ‘छात्र माँग दिवस’ पर कैम्पसों में एक साथ आंदोलन
  • -23 जुलाई को विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर प्रदर्शन का ऐलान

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पटना। सूबे के सैकड़ों काॅलेजों में गुरूवार को एक साथ छात्र एआईएसएफ के राष्ट्रव्यापी आंदोलन पर शैक्षणिक सवालों को लेकर उग्र आंदोलन किया। संगठन के राष्ट्रीय परिषद ने देश में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता, छात्र संघ चुनाव कराने, शिक्षक कर्मियों की बहाली, उत्तरपुस्तिकाओं का पुर्नमूल्यांकन को लेकर आंदोलन की धोषणा की थी। संगठन के आह्वान पर गुरूवार को सूबे के काॅलेजों एआईएसएफ से जुड़े छात्रों ने मांगों को लेकर उग्र आंदोलन किया। कई जिलों में काॅलेज में प्रदर्शन के बाद स़कड जाम किया। एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष परवेज आलम व राज्य सचिव सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से यह जानकारी दी। पटना विवि पर प्रदर्शन के दौरान पीयू कुलपति के द्वारा सुनाए जा रहे फरमानों के खिलाफ छात्रों का आक्रोश फूटा। शिक्षा के निजीकरण बाजारीकरण के खिलाफ, समान स्कूल प्रणाली लागू करने, पाटलिपुत्र विवि बनाने, पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के अलावा स्थानीय सवालों को लेकर छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। कैम्पसों में जुलूस व सभा का आयोजन किया गया। 

पटना में एएन काॅलेज, बीडी काॅलेज, काॅलेज आॅफ काॅमर्स, पटना काॅलेज, साइंस काॅलेज, आॅर्टस काॅलेज, मगध महिला, बीएन काॅलेज व दरभंगा हाउस में प्रदर्शन किया गया। पटना के एएन काॅलेज व काॅलेज आॅफ काॅमर्स में आंदोलन का नेतृत्व पटना जिला सचिव आकाश गौरव ने किया। विभिन्न सभाओं में छात्र नेताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के बदाली को दूर नहीं करेगी तो संगठन आगे इससे भी उग्र आंदोलन करेगा। अगले कार्यक्रम की धोषणा करते हुए संगठन के राज्य सचिव सुशील कुमार ने का कि बिहार के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर चंद्रशेखर आजाद के जन्म दिवस के अवसर पर 23 जुलाई को एआईएसफ प्रदर्शन करेगा।

अच्छे दिन की जारी है मार, दिल्ली में महंगी हुई बिजली

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दिल्लीवासियों को अब बिजली के लिए ज्यादा खर्च करना होगा, क्योंकि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने गुरुवार को बिजली की दरों में इजाफा कर दिया है। डीईआरसी के अध्यक्ष पी.डी.सुधाकर ने कहा कि अब 200 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहले के 3.90 रुपये के बदले, अब प्रति यूनिट चार रुपये देने होंगे।

201-400 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहले के प्रति यूनिट 5.80 रुपये के बदले प्रति यूनिट 5.95 रुपये देने होंगे। 401-800 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहले के 6.80 रुपये के बदले अब प्रति यूनिट 7.30 रुपये देने होंगे।

801-1200 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पहले के 7.00 रुपये के बदले अब प्रति यूनिट 8.10 रुपये देने होंगे। 1200 यूनिट के बाद उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 8.75 रुपये का भुगतान करना होगा। 

गाजा : संघर्ष विराम के बीच मृतकों की संख्या 227 हुई

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इस्लामिक हमास मूवमेंट और फिलीस्तीनी चरमपंथी गिरोह संयुक्त राष्ट्र की अपील पर गुरुवार को इजरायल के साथ मानवीय आधार पर पांच घंटे के संघर्ष विराम के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन बावजूद इसके गाजा में इजरायली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या 227 हो गई है। संघर्ष विराम की वजह से तटीय इलाके में मानवीय सहायता शुरू की जाएगी। हमास मूवमेंट के प्रवक्ता सामी अबु जुहरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विभिन्न फिलीस्तीनी संगठनों और राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करने के बाद संयुक्त राष्ट्र के पांच घंटे के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार किया गया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हमास के एक पदाधिकारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर हमास और अन्य फिलीस्तीनी संगठन गुरुवार को पांच घंटे तक इजरायल पर रॉकेट हमला रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन इस दौरान यदि इजरायल की ओर से गाजा पर कोई हमला होता है तो इसका जवाब दिया जाएगा। इजरायल और हमास के बीच जारी लड़ाई के दौरान यह पहला संघर्ष विराम है। 

यह अस्थायी संघर्ष विराम तब संभव हुआ है जब फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और शीर्ष हमास नेता काहिरा में मिस्र की मध्यस्थता में स्थायी संघर्ष विराम के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।  संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के मध्य पूर्व राजदूत राबर्ट सेरी ने एक ईमेल प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि गाजा में संघर्ष विराम एक मानवीय मुद्दा है जिससे गाजा के लोगों की मदद की कोशिश की जा रही है।

सेरी ने कहा, "संघर्ष विराम को सफल होते देखना महत्वपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि संघर्ष विराम स्थायी होगा और सभी मानवीय मुद्दों और समस्याओं को जल्द सुलझा लिया जाएगा।"गाजा पट्टी में जैसे ही संघर्ष विराम प्रभाव में आया लोग अपने घरों से खरीददारी करने निकले और सड़कें वाहनों से भरी नजर आईं।  संघर्ष विराम से पहले इजरायली हवाई हमले में गुरुवार को पांच अन्य फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ कर 227 हो गई। 

त्रिपुरा : तिहरे हत्याकांड में संपादक को उम्रकैद

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त्रिपुरा की एक अदालत ने गुरुवार को एक अखबार के संपादक और मालिक सुशील चौधरी को एक साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह जानकारी सरकारी वकील ने दी। पश्चिम त्रिपुरा जिले के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृपांकुर चक्रबर्ती ने बांग्ला भाषा के दैनिक समाचारपत्र 'दैनिक गणदूत'के संपादक और मालिक 73 वर्षीय चौधरी पर 70,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद विशेष सरकारी वकील दिलीप सरकार ने संवाददाताओं को बताया कि 19 मई, 2013 में समाचारपत्र के तीन कर्मचारियों की हत्या के आरोप में चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत सोमवार को सुशील को दोषी करार दिया था।

न्यायाधीश ने अपने 434 पेज के फैसले में कहा, "यह दुर्लभतम मामला है। तीन लोगों की हत्या में चौधरी की मुख्य भूमिका थी और यह पूर्व नियोजित और चतुराई से की गई हत्या थी।"न्यायाधीश ने कहा, "दोषी की उम्र का ध्यान रखते हुए मौत की सजा की जगह आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है।"सरकारी वकील सरकार ने बताया, "हालांकि हमने चौधरी के लिए मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन हम न्यायालय के फैसले से खुश हैं।" सरकार ने बताया कि दोषी जिला न्यायालय के फैसले के खिलाफ 60 दिनों के अंदर उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर कर सकता है।

चौधरी को उनके कार्यालय के तीन कर्मचारियों की हत्या के कुछ हफ्तों बाद उनकी एक महिला कर्मचारी नियति घोष के साथ गिरफ्तार किया गया था। समाचार-पत्र कार्यालय के वाहन चालक बलराम घोष की पत्नी नियति बाद में मामले की सरकारी गवाह बन गई थीं, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। नियति और उसकी 13 साल की बेटी बलराम घोष की हत्या की चश्मदीद गवाह थी। परिवार समाचार पत्र कार्यालय की इमारत में ही रहता था।

नियति के पति बलराम घोष, समाचार पत्र के प्रबंधक और पूर्व बीएसएफ कर्मचारी रंजीत चौधरी और समाचार-पत्र के प्रूफ रीडर सुजीत भट्टाचार्जी की समाचार-पत्र के कार्यालय में हत्या कर दी गई थी। जांच अधिकारी मानस पॉल ने कहा कि इन हत्याओं के पीछे संपत्ति विवाद और अवैध संबंध मुख्य कारण थे। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान 41 गवाहों को पेश किया गया।  राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के साथ 80 से ज्यादा विदेश यात्राएं करने वाले चौधरी ने अपनी यात्राओं पर किताबें भी लिखी हैं।

भारतीय उच्चायोग को वैदिक-सईद मुलाकात की जानकारी नहीं

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hafiz vaidik
योग गुरु रामदेव के अभिन्न सहयोगी वेदप्रताप वैदिक की पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से हुई मुलाकात के बारे में पाकिस्तान स्थित उच्चायोग को कोई इल्म नहीं है। यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को दी। मंत्री ने लोकसभा को बताया कि पाकिस्तान स्थित उच्चायोग ने कहा है कि भारत में हंगामा का करण बन गई 'लाहौर मुलाकात'के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।


विपक्ष ने पूछा कि क्या वैदिक सरकारी दूत बनकर पाकिस्तान गए थे? मंत्री ने कहा कि उन्होंने सुना है कि वैदिक ने कुछ समाचार चैनलों से कहा है कि उच्चायोग को मुलाकात के बारे में जानकारी थी। इसके बाद हमने उच्चायोग से रिपोर्ट तलब की थी। उन्होंने कहा, "मैं फिर पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगी कि सरकार का वैदिक की यात्रा या उनकी हाफिज सईद से मुलाकात से कोई लेना-देना नहीं है।"

फीफा रैंकिंग : विश्व खिताब के साथ शीर्ष पर पहुंचा जर्मनी

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चौथी बार विश्व चैम्पियन बनने के साथ जर्मनी ने फीफा रैंकिंग में भी शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। जर्मनी में बीते रविवार को ब्राजील में सम्पन्न विश्व कप के खिताबी मुकाबले में अर्जेटीना को 1-0 से हराया। इससे पहले फीफा रैंकिंग में शीर्ष स्थान स्पेन के पास था लेकिन अब यह यूरोपीयन चैम्पियन टीम आठवें स्थान पर खिसक गई है।

जर्मन टीम 20 साल में पहली बार फीफा रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची है। अर्जेटीना की टीम पांचवें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के हाथों हारने वाली नीदरलैंड्स टीम तीसरे क्रम पर है। यह टीम विश्व कप में भी तीसरे क्रम पर रही।

वरीयता क्रम में कोलम्बिया चौथे स्थान पर है जबकि बेल्जियम पांचवें और उरुग्वे छठे स्थान पर है। ब्राजील की टीम सातवें स्थान पर खिसक गई है।  स्पेन आठवें, स्विट्जरलैंड नौवें और फ्रांस दसवें क्रम पर है। इंग्लैंड और इटली को शीर्ष-10 में स्थान नहीं मिल सका है। ये दोनों टीमें विश्व कप के पहले दौर में ही बाहर हो गई थीं। एशियाई टीमों में जापान 45वें क्रम पर है। ब्रालीज में खराब प्रदर्शन के बावजूद जापान एशिया का शीर्ष वरीय टीम है।

दिल्ली मेट्रो में गड़बड़ी, खुले रहे दरवाजे

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दिल्ली मेट्रो में गुरुवार को यात्रियों से भरी चलती मेट्रो रेल के एक तरफ के दरवाजे खुले रह गए। रेल के चालक को निलंबित कर दिया गया है। जहांगीर पुरी से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन मेट्रो गुरुवार सुबह 9.40 बजे जब अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन से चली तो प्लेटफार्म पर खुला दरवाजा खुला ही रह गया। इस गलती का पता तब चला जब मेट्रो दो मिनट बाद घिटोरिनी स्टेशन पहुंची।

राहत की बात यह रही कि डिब्बे में सवार यात्रियों में हड़कंप नहीं मचा और वे समझदारी से खुले दरवाजे से दूर हट गए। कुछ एक यात्रियों ने अपने मोबाइल कैमरे से पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी बना ली। हुड्डा सिटी सेंटर (हरियाणा) से जहांगीर पुरी की ओर चलने वाली येलो लाइन मेट्रो मार्ग में अर्जनगढ़ हरियाणा का अंतिम स्टेशन है, जबकि घिटोरिनी दिल्ली का प्रारंभिक मेट्रो स्टेशन है।

दिल्ली मेट्रो ने स्वीकार किया है कि शुरुआती जांच के मुताबिक यह चालक की गलती है और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। मेट्रो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि उस मेट्रो रेल में कितने यात्री सवार थे, क्योंकि दुर्घटना सुबह के समय हुई जब मेट्रो में लोगों की काफी भीड़ होती है। दिल्ली मेट्रो के आठ डब्बे वाली रेल के हर डब्बे में अमूमन 100-150 यात्री होते हैं।

घटना से आक्रोशित यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो को दोषी बताया। सप्ताह के छह दिन येलो लाइन में यात्रा करने वाले शौभिक मुखर्जी ने कहा, "यह बहुत बड़ी गलती है और इससे दिल्ली मेट्रो के लापरवाह रवैये का पता चलता है।"दिसंबर 2002 में दिल्ली मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत के बाद इस तरह की पहली दुर्घटना सामने आई है, जो दिल्ली मेट्रो के 'सुविधाजनक एवं सुरक्षित'होने के दावे को गलत साबित करती है।

दिल्ली मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट में यह जानकारी दी गई है कि मेट्रो रेल के दरवाजे स्वत: संचालित होते हैं और दरवाजों के ठीक से बंद हुए बिना रेल गति नहीं पकड़ सकती। इसमें कहा गया है, "यदि चलती रेल में दुर्घटनावश दरवाजे खुल जाएं तो रेल की ऑटोमेटिक प्रणाली द्वारा ब्रेक लगने से रेल रुक जाएगी।"दिल्ली मेट्रो में हर रोज लगभग 23 लाख लोग यात्रा करते हैं।

बिहार : महिला की निवस्त्र पिटाई, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

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बिहार के जहानाबाद जिले के नगर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात एक महिला को निर्वस्त्र कर उसकी पिटाई कर दी गई। घटना के प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं। बिहार के जहानाबाद में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जहानाबाद के नगर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात एक महिला के साथ न केवल मारपीट की गई, बल्कि उसे निर्वस्त्र भी किया गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पीड़िता को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। 

पुलिस के मुताबिक, रात लगभग डेढ़ बजे के आसपास निजामुद्दीन गांव के अलगना मोड़ के पास अज्ञात लोगों ने 40 वर्षीया संगीता देवी के घर में घुसकर तोड़फोड़ की और उसे खींचते हुए घर से बाहर ले आए। इसके बाद संगीता को निर्वस्त्र कर उसकी जमकर पिटाई गई। इस दौरान महिला के पड़ोसी इस बर्बर कारवाई को देखते रहे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। 

नगर थाना प्रभारी नागेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़िता पर गया जिले के दो युवकों के अपहरण का आरोप है। इस कारण आक्रोशित लोगों ने महिला के घर पर धावा बोल दिया। कड़ी मशक्कत के बाद महिला को लोगों को चंगुल से बचाया गया। उन्होंने बताया कि महिला को तुरंत स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया, जहां से उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थनांतरित कर दिया गया है। 

जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।  मामले को लेकर बिहार विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। बिहार में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि बिहार में 'जंगल राज'लौट आया है। महिलाओं का चीरहरण हो रहा है और हर दिन व्यवसायियों की हत्या हो रही है। इधर, मुख्यमंत्री मांझी ने पूरे मामले में कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। मांझी ने पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 जुलाई)

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उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत के कहर की दस्तक,48 घंटो से लगातार जारी है बारिश
  • पहाड़ो में महाआपदा की आहट,हाई अलर्ट घोषित यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया

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चमोली/रूद्रप्रयाग/देहरादून,17 जुलाई,(निस)। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में एक बार फिर से मौसम ने कहर बरपाया है। पिछले लगभग 48 घंटो से जारी बरसात ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। चमोली,रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलो में स्थित नदियां अपने उफान पर है। उधर कुमाऊं मंडल के जिलो अल्मोड़ा,नैनीताल,पिथौरागढ़ में भी नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी की सूचना है। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में एक बार फिर से मौसम ने कहर बरपाया है। पिछले लगभग 48 घंटो से जारी बरसात ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। चमोली,रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलो में स्थित नदियां अपने उफान पर है। उधर कुमाऊं मंडल के जिलो अल्मोड़ा,नैनीताल,पिथौरागढ़ में भी नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी की सूचना है। सरकार ने मौसम विभाग के 16 और 17 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए पहले ही आपदा प्रबंधन विभाग और एसडीआरएफ(स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स) को अलर्ट रहने का आदेश दे दिया था। इस बारे में बताते हुए राज्य की केबिनेट मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश पाठक ने बताया कि मौसम के कहर को देखते हुए सरकार ने अपनी सारी तैयारियां पहले ही कर ली थी। सरकार किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने को तैयार है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित जिलो में पहले ही अलर्ट घोषित कर दिया था। चारधाम यात्रा क्षेत्र में पहुंचे सभी यात्रियांे को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है।  प्रशासन को कहा गया है कि जो जहां है उसी वही रोक दिया ना तो किसी को उपर जाने दिया जाए और ना ही किसी को नीचे आने दिया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसा आपदा के अलर्ट को देखते हुए किया गया है। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र जोशी ने बताया कि मौसम खराब हो रहा है इसे देखते हुए सभी संबंधित विभाग को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए  तैयार रहने को कह दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले 48 घंटे से बारिश लगातार हो रही है उससे खतरे की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश में बरसात का कहर जारी है। पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार नुकसान की सूचनाए आ रही है।

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भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से केदारनाथ समेत चारधाम यात्रा को रोक दिया गया है। भूस्खलन से विभिन्न जगहों पर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। जानकारी के अनुसार गंगोत्री में बाबा रामदेव भी फंस गए हैं उनके साथ करीब चार सौ बच्चे भी हैं। हालांकि बाबा रामदेव के करीबी सूत्रों ने उनके साथ बच्चों के होने से इंकार किया है। टेलीफोनिक बातचीत में बाबा के काफिले में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि बाबा के साथ बच्चे नहीं बल्कि उनके शिष्य है जो वयस्क है। उधर राज्य सरकार ने गंगोत्री नेशनल पार्क के निदेशक से शासन की रोक के बाद बाबा रामदेव को आगे जाने के मामले में रिपोर्ट मांगी है। वहीं जिला प्रशासन ने कहा कि बाबा स्वंय गौमुख की ओर गये हैं जबकि राज्य के डीजीपी ने एक बयान में कहा कि यदि बाबा के साथ के लोगों को कोई जानमाल की क्षति होती है तो उसके जिम्मेदार बाबा स्वयं होंगे। उत्तराखंड सरकार ने तत्काल प्रभाव से गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा पर रोक लगाते हुए लोगों को चेतावनी दी है कि वो गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा पर फिलहाल ना जाएं और जो लोग गए हैं, वो वापस लौट आएं। जो लोग लौटने में असमर्थ हैं, वो आसपास ही कहीं सुरक्षित ठिकाना तलाश लें और रास्ते में न रहें। उधर डीएम रूद्रप्रयाग डा. राघव लंगर ने केदारनाथ यात्रा को 18 जुलाई तक स्थगित करने का आदेश दिया है। प्रदेश के गढ़वाल और कुमाऊं संभाग में मंगलवार से लगातार हो रही बरसात ने वर्ष 2013 के महाआपदा की याद दिला दी है। बताते चलंे कि उत्तरकाशी जिले में मंगलवार देर रात से भारी बारिश हो रही है। भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे नालूपाणी, बड़ेथी, नेताला, नलूणा व बिशनपुर में बाधित है। यमुनोत्री हाईवे फेड़ी के नजदीक भूस्खलन से बंद है। दोनों हाईवे बंद होने से सैकड़ों यात्री, कांवडि़ए व स्थानीय लोग विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं। यमुना नदी में उफान से खरादी में टूरिस्ट टैंट बह गए हैं। असी गंगा में जेसीबी बह गई है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया। केदारनाथ, लिनचोली, गौरीकुंड में भी यात्रियों को आने-जाने पर रोक है। केदारनाथ व अन्य यात्रा पड़ाव पर करीब दो सौ यात्री मौजूद हैं। सोनप्रयाग में मोटर पुल का एक हिस्सा धंस गया है। बारिश से बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद है। गौरीकुंड हाईवे विजयनगर व फाटा में बंद है। इस बीच, केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली के नजदीक मलबा आ गया। मलबा हटाने का काम जारी है। कालीमठ को जोड़ने वाला अस्थाई पुल बह गया है। डीएम ने जिले में १६ से १८ तक सभी विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है। चमोली जिले में भारी बारिश से बदरीनाथ हाइवे लामबगड़ व पागलनाला में बंद है। हाइवे खोलने के लिए बीआरओ बारिश बंद होने का इंतजार कर रहा है।

राज्य में खनन माफियाओं व सरकार के बीच घालमेल!

  • माफियाओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज न जाना सरकार की मंशा पर सवाल: भाजपा

देहरादून,17 जुलाईः (राजेन्द्र जोशी)  राज्य में अवैध खनन को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है वहीं मुख्यमंत्री ने भी इससे कड़ाई सेे निबटने के निर्देश दिये हैं। इस बीच उत्तराखण्ड में अवैध खनन के काले कारोबार में लंबे समय से सरकार व माफियाओं के बीच घालमेल का आरोप लगता आ रहा है लेकिन सरकार खनन माफियाओं पर नकेल लगाने के दावे तो कर रही है जबकि कई बार इनमें गैंगवार होने के बावजूद व वन विभाग के डीएफओं पर खनन माफिया के पिस्तौल तानने के बाद भी खनन माफियाओं के खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं किया जाना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। वहीं अब भाजपा प्रदेश नेताओं ने अवैध खनन को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलना शुरू कर दिया है जिसको लेकर सरकार दावा कर रही है कि हरिद्वार में अवैध खनन पूरी तरह से बंद है। सरकार के दावे साबित कर रहे हैं कि वह खनन माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित है। उल्लेखनीय है कि चार दिन पूर्व ही सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने चंद विधायकों के साथ मिलकर दिल्ली में कांग्रेस नेत्री अंबिका सोनी से मिले और कहा कि प्रदेश में चंद मंत्री, विधायक, राजनेता व कुछ अफसर अवैध खनन का खुला कारोबार कर राज्य के राजस्व का नुकसान कराने में लगे हुए हैं तथा खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह अवैध खनन करने के दौरान हथियारों से लैस होकर नदियों में जाते हैं। पिछले ढाई वर्षो से राज्य में ंखनन माफिया आये दिन नदियों से अवैध खनन करने का बड़ा काला कारोबार करने में लगे हुए हैं लेकिन सरकार उनकी गिरेबान तक पंहुचने के लिए कभी भी आगे आती हुयी दिखाई नहीं दी। वहीं जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में कांग्रेस के ही नेताओं ने अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के नाम से खनन के पट्टे अलाट करवा दिये थे, चर्चा है कि तत्कालीन समय में कांग्रेस के प्र्रदेश प्रभारी चैधरी विरेन्द्र सिंह पर भी आरोप था कि उन्होने अपने किसी खास को विकासनगर के पास खनन के लिए बहुगुणा का प्रयोग किया था। अवैध खनन की गूंज जब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के कानों में गूंजी थी तो सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए माइनिंग विजिलेंस सेल का गठन कर उसकी कमान डीआईजी संजय गुंजियाल के हाथों में सौंप दी थी। मुठ्ठी भर कर्मचारियों के दम पर सरकार ने अवैध खनन पर नकेल लगाने की उन्होने कोशिश तो की लेकिन खनन के इस खेल में जब उन्हे पता चला कि यहां तो सभी नेता इसमें डूबे हुए हैं तो वे भी इससे किनारा कर गये। हालांकि मुठ्ठी भर टीम के बल पर संजय गुंजयाल ने कुमांयू व गढ़वाल में अवैध खनन करने वाले बड़े -बड़े दिग्गजों के चेहतों की नाक मंे नकेल डालकर उन पर करोड़ों रूपये का जुर्माना लगाया जिससे राज्य के कई सफेद पोशों की आंख में माइनिंग विजिलेंस सेल तेजी के साथ खटकने लगी और वह इस सेल का खत्म कराने की दिशा सरकार में ही लाबिंग शुरू कर डाली। खनन माफियाओं की नाक में नकेल डालने वाली माईनिंग विजिलेंस सेल का मनोबल बढ़ाने के बजाय सरकार ने उसे ही गुर्राना शुरू कर दिया। राज्य में सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकार में अवैध खनन को रोकने के लिए इच्छा शक्ति हो तो एक दिन में ही पूरे प्रदेश के अन्दर अवैध खनन करने वाले माफियाओं की नाक में नकेल डाली जा सकती है लेकिन भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि राज्य में हो रहे अवैध खनन के काले कारोबार में खनन माफियाओं व सरकार के बीच घालमेल चल रहा है जिसके चलते सरकार जानबूझकर खनन माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए आगे नहीं आना चाहती। सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकार व खनन माफियाओं के बीच घालमेल नहीं है तो क्यों सरकार में अधिकांश जिलों में प्रशासन व पुलिस महकमें के हाथ बांध रखे है ंकि वह खनन माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं करेंगें। उत्तराखण्ड के गलियारों में यह चर्चायें काफी तेज हो रखी हैं कि सरकार के ही कई लोगों के लिए राज्य में अवैध खनन सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बना हुआ है और सरकार सब कुछ जानते हुए भी खनन माफियाओं को सिर्फ बयानबाजी के लिए हुंकारने में लगी हुयी है जिससे सरकार की मंशा साफ नजर आ रही है कि वह खनन माफियाओं पर घालमेल के चलते अपनी कृपा बनाये रखना चाहती है। हैरानी वाली बात यह है कि अगर सरकार का एक कैबिनेट मंत्री ही अपनी सरकार की पोल खोल रहा है कि राज्य में सरकार की शह पर खनन माफिया राज्य की संपदा को दिन रात लूटने में लगे हुए हैं और सरकार दिखावे के लिए भी खनन माफियाओं के  खिलाफ कुछ भी बोलने से कतराती आ रही है। उत्तराखण्ड के कई बड़े जिलों में आये दिन खनन माफियाओं का सिंडीकेट नदियों से हर दिन करोड़ों रूपये का अवैध खनन करने में लगा हुआ है सुबह से रात तक नदियों में बड़े बड़े ट्रक पौकलेंड व जेसीबी मशीनों के साथ उतर जाते हैं लेकिन वहां के जिला व पुलिस प्रशासन को अवैध खनन करने वाले दिखायी नहीं देरहे जो कि उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है। उत्तराखण्ड में सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकार में अवैध खनन को रोकने के लिए इच्छा शक्ति होती तो वह खनन माफियाओं के खिलाफ अपराधिक मुकदमें दर्ज करवाकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पंहुचा देती जिससे कि खनन माफियाओं में साफ संकेत चला जाता कि अगर उन्होंने खनन करने की सोची तो उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। कितनी विचित्र बात है कि जिस हरिद्वार जनपद में माइनिंग विजिलेंस सेल ने कुछ दिनों के भीतर दर्जनों पौकलैंड व जेसीबी मशीनों के साथ साथ कई स्टोन क्रेशरों में अवैध खनन का मार्ग एकत्र करने वालों पर कार्यवाही की वह कार्यवाही सरकार को क्यों नजर नहीं आयी यह काफी हैरान करने वाली बात है और अब सरकार दावा कर रही है कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने जो रिपोर्ट भेजी है उसके अनुसार हरिद्वार जिले में अवैध खनन पूरी तरहसे बंद है। सरकार का यह दावा सिर्फ झूठ का पुलिंदा नजर आ रहा है क्योंकि हरिद्वार के कई इलाकों में चंद राजनेताओं के इशारे पर जिस तरह से खनन माफिया अपने काले कारोबार को अंजाम देने में लगे हुए हैं वह किसी से छिपा नहीं है सरकार का हरिद्वार में अवैध खनन को लेकर दिया गया बयान भाजपा नेताओं के गले नहीं उतर रहा है और उनका साफ आरोप है कि अवैध खनन के काले कारोबार में सरकार व खनन माफियाओं के बीच बड़ा घालमेल है।

उजड़े गांवों को प्रवासियों के माध्यम से बसाएगी उत्तरांचल उत्थान परिषद- डाॅ हरीश रौतेला

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। उत्तरांचल उत्थान परिषद प्रवासी उत्तराखण्डियों के माध्यम से प्रदेश के उजड़े गांवों को आबाद करने की योजना बना रही है। इसके लिए संगठन द्वारा छह गांवों का चयन किया गया है। जहां ग्राम देवता के मंदिर में ग्रामोत्सव के माध्यम से प्रवासी उत्तराखण्डियों को अपनी जड़ो ंसे जोड़ा जाएगा । इस कार्य के लिए उत्तरांचल उत्तथान परिषद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दोनों प्रयासरत है। इसी सन्दर्भ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लक्ष्मी नारायण मंदिर चमन बिहार में आयोहित इस कार्यक्रम में वृक्षरोपण भी कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस उत्तरांचल प्रांत के प्रांत प्रचारक डाॅ हरीश रौतेला तथा संचालक के रूप में महेन्द्र सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम में रामप्रकाश पैन्यूली के अलावा के.एन नौटियाल, जी. आर. चडढा़, सुरेन्द्र मित्तल सहित दर्जनों वरिष्ठ लोग उपस्थित थे। इसी अवसर पर श्री चडढा़ की कृति ‘‘खिलते फूल’’ का विमोचन डाॅ. हरीश ने किया। डाॅ. हरीश ने हरेला पर्व की चर्चा करते हुए कहा कि यह पर्व उत्तराखण्ड का सांस्कृतिक पर्व है जिसके माध्यम से हम प्रकृति को सजाने संवारने का काम करते है। उन्होंने यह भी कहा कि जून माह में काफी गर्मी होती है ऐसे में वृक्षारोपण अभियान चालाये जाने से वृक्षों की जीवित रहने की संभावनाएं कम हो जाती है जबकि हरेला पर्व के समय गर्मी कम हो जाती है और निरंतर बरसात के कारण पेड़ों और पौधे को पनपने का मौका मिलता है जिससे प्रकृति हरी भरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के महत्व को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस पर्व को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाएगंा । इसी अभियान के तहत अगले वर्ष एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। प्रांत प्रचारक डाॅ. हरीश ने संघ से जुड़े संघटनों तथा स्वयंसेवी संगठनों से आग्रह किया कि हरेला जैसे प्रकृति से जुड़े पर्व को आंदोलन के रूप में ले। आज की मांग है कि हम अधिकाधिक रूप में पेड़ लगाकर प्रकृति को हराभरा बनाए। उन्होंने इस अवसर पर वैज्ञानिक अवधारणाएं भी प्रस्तृत की तथा कहा कि उत्तरांचल में 5 जून के वजाए हरैला पर्व को पर्यावरण दिवस के रूप में प्रस्तृत किया जाए जो काफी प्रभावित साबित हो सकता है। कार्यक्रम में उत्तरांचल उत्तथान परिषद के संगठन मंत्री रामप्रकाश पैन्यूली ने संगठन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरांचल उत्तथान परिषद प्रवासी उत्तराखण्डियों के माध्यम से वीरान गांवों की आबाद करने की योजना बना रहा है। इसके प्रथम कड़ी के रूप में पूरे प्रदेश के छह गांवों में प्रवासियों के माध्यम से ग्राम देवता के मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को भावनात्मक रूप से गांवों से जोड़ा जा रहा है। इसके पीडे उददेश्य यह है कि पहाड़ के उजड़े गांव पुनः बसे तथा प्रवासी के साथ- साथ यहां रहने वाले सभी उत्तराखण्डी अपने गांवों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े। इसीलिये प्रवासी पंचायत के माध्यम से लोगों को जोड़ने की कवायद जारी है। जिन गांवों में इस बार आयोजन किया गया तथा प्रवासियों को जोड़ा गया उनमे मुंसी गांव तथा माख्टी चकराता क्षेत्र, नारायण बगड़ चमोली, चाई गांव पौड़ी, भिगुन गांव टिहरी तथा ऋषिधार, घुत्तु टिहरी गढ़वाल शामिल है। श्री पैन्यूली ने कहा कि प्रांत प्रचारक डाॅ़ हरीश के निर्देशन पर अगले बार हरेला पर्व पर एक लाख वृक्षों का  रोपण किये जाने का  लक्ष्य रखा गया है जिसका लाभ पूरी मानवता को मिलेगा।

फलों एंव सब्जियों की हो मार्केटिंग: हरक 

देहरादून, 17 जुलाई (निस)।  डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि कृषकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले जिसके लिए फलों एवं सब्जियों की मार्केटिंग की जानी चाहिए।  प्रदेश में सेब के उत्पादन को बढावा एवं प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने विभाग के 5 व्यक्तियों की कमेटी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि उक्त कमेटी हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों तथा बगीचों का निरीक्षण कर  एक माह में सरकार को अपनी रिर्पोट देगी, कि किस प्रकार अपने प्रदेश में भी जहाॅं सेब का उत्पादन होता है और अधिक मात्रा मे अच्छी किस्म का उत्पादन हो तथा नवयुवकों को भी इस व्यवसाय से जोड़ा जा सके। प्रदेश के कृषि विपणन व उद्यान मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने गुरूवार को विधान सभा स्थित कक्ष में उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। बैठक में उन्होंने उद्यान विभाग के अन्य सैक्टरों जिसमें चाय, जड़ी-बूटी, रेशम, भेषज विकास की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के सेब उत्पादकों को उनकी फसल की कोई क्षति न हो इसके लिए उन्होंने पैकिंग का सामान शीघ्रता-शीघ्र 50 प्रतिशत अनुदान पर समय से देने के निर्देश उद्यान विभाग के निदेशक को दिये। बैठक में उन्होंने निर्णय लिया कि नर्सरी में जो फलों के पौधे तैयार किये जा रहे हैं। विगत चार वर्षों से उनके मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसके लिए  उन्होंने निदेशक उद्यान को निर्देश दिये कि नर्सरी में फलदार पौधे की कीमतें बढ़ाने के लिए कमेटी का गठन करते हुए पौधों की दरें बढ़ाई जाय तथा उक्त कमेटी की बैठक प्रतिवर्ष हो जिसमें दरों को भी रिव्यू किया जाय। बैठक में उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश में फलोत्पादन को बढावा देने के लिए 25 लाख फलदार पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं, कि खाली पड़ी हुई रिक्त भूमि पर विशेष अभियान चलाकर फलोत्पादन के पौधे रोपित करवाये जाय। कृषकों के अनुपयोगी हो चुके पुराने बागानों के जीर्णोद्धार/नये वृक्षारोपण को आर्कषक बनाये जाने हेतु कुल रू0 50000 प्रति है0 कृषकों को सहायता दिये जाने का निर्णय लिया गया जिसमें भारत सरकार से अनुमन्य सहायता के अतिरिक्त रू0 30000 प्रति है0 की राजसहायता राज्य योजना के अन्तर्गत नई योजना के माध्यम से बजट प्राविधान हुआ है। वर्ष 2014-15 में 500 है0 बागानों के जीर्णोद्धार किया जाये  इस हेतु अनुपूरक में नई माॅग के माध्यम से रू0 80.00 लाख बजट का प्राविधान रखा जाए। बैठक में उन्होंने चाय बागान की समीक्षा करते हुए कहा कि चाय बागानों को उभारने के लिऐ सरकार लगातार कार्य कर रही है। जिससे चाय बागानों को बढावा मिले इसके लिए प्रति वर्ष 11 करोड़ रू0 व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश की चाय की गुणवत्ता को राष्ट्रीय बाजार में भी स्वीकार किया गया है। इस दिशा मंे सरकार कार्यरत है। इसके लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर उनके द्वारा बल दिया गया, बैठक में मंत्री जी द्वारा जड़ी-बूटी शोध संस्थान के विषय में भी जानकारी देते हुए कहा कि शोध एवं अनुसंधान के लिए भी कार्य किया जा रहा है इस संस्थान में शोध का कार्य प्रारम्भ होगा। जो यहाॅ के नवयुवकों को शोध के साथ-साथ नये रोजगार के अवसर भी सृजन करेगा। बैठक में प्रमुख सचिव उद्यान डाॅं रणवीर सिंह, सचिव उद्यान देवेन्द्र पालीवाल, आरसी शर्मा अपर सचिव उद्यान, निदेशक उद्यान डाॅ0 आई0ए0खान, के0आर0 जोशी निदेशक चाय नियंत्रण बोर्ड, हयात राम आर्य निदेशक एचआरडीआई, सहित सेब उत्पादक डी0पी0उनियाल तथा नर्सरी उत्पादक एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

लूटा ट्रक बरामद, एक गिरफ्तार

काशीपुर, 17 जुलाई (निस)। फतेहगंज पश्चिमी इलाके के एक ढाबे के पास से लूटा गया काशीपुर का ट्रक बहेड़ी में बरामद हो गया है। पुलिस ने ट्रक का चेचिस नंबर बदल रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। रामनगर रोड स्थित शिवनगर कालोनी निवासी अर्पित अग्रवाल का ट्रक चार जुलाई को सरिया लेकर फतेहगंज (बरेली) के लिए गया था। सरिया उन्हें के सिंह ट्रेडर्स में उतरनी थी। ट्रक चालक बिजनौर निवासी इबजान और क्लीनर सुनील रास्ते में एक ढाबे पर खाना खा रहे थे। इसी बीच बदमाशों ने दोनों को बांध कर डाल दिया और ट्रक लूटकर फ रार हो गये थे। रिपोर्ट फ तेहगंज थाने में पांच जुलाई को दर्ज कराई गई थी। एक सूचना के आधार पर पुलिस ने बहेड़ी में दबिश दे ग्राम सरकस निवासी इकरार को ट्रक का चेचिस नंबर बदलते गिरफ्तार कर लिया। इकरार ने बताया कि ट्रक को यहां शेरगढ़ निवासी आसिफ  व ग्राम मौहम्मदपुर निवासी बदरूल उर्फ  कल्लू निवासी लेकर आये थे। पुलिस वांिछत बदमाशों की धरपकड़ में जुटी है।

रेलवे व लोनिवि मिलकर बनाए नक्शा: एसडीएम

काशीपुर, 17 जुलाई (निस)। उपजिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में लोनिवि और रेलवे इंजीनियरों की बैठक हुई। बैठक में श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में रेल लाइन पर फ्लाई ओवर बनाने के लिए लोनिवि ने जो नक्शा और प्रस्ताव बनाया था। रेलवे ने उसे रद्द कर दिया है। एसडीएम ने कहा कि अब रेलवे और लोनिवि इंजीनियर मिलजुल कर नक्शा बनाएं और जनता के हित में प्रस्ताव बनाएं। श्रीवास्तव ने कहा कि एनएच.74 पर बस अड्डे के पास स्थित रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर बनाया जाना चाहिए। इसके निर्माण में सरकारए रेलवे या जनता किसी की संपत्ति आड़े नहीं आएगी। एसडीएम ने दोनों विभागों के इंजीनियरों को 18 जुलाई को बैठक कर प्रस्तावित फ्लाई ओवर का स्थलीय निरीक्षण करने, कंसलटेंसी कंपनी के अधिकारियों को भी बुलाकर नक्शा तैयार कर प्रस्ताव रेलवे को भेजने का निर्देश दिया। एसडीएम ने कहा कि रेल इंजन के शंटिंग से बार-बार लंबे समय तक जाम लग जाता है। लिहाजा रेलवे इंजन की शंटिंग दूसरे ओर करने का प्रयास करें। बैठक में रेलवे के इंजीनियर आरएस सोलंकी, लोनिवि के अधिशासी अभियंता गिरीश विश्वकर्मा, एई एमसी पांडे, जेई वीएस जनी थे।

कारावास के साथ लगाया जुर्माना

काशीपुर, 17 जुलाई (निस)। चेक बाउंस होने पर अदालत ने एक व्यक्ति को एक माह की सश्रम कारावास और एक लाख 30 हजार प्रतिकर की राशि से दंडित किया है। पुराना आवास विकास कालोनी निवासी नवीन कुमार निवासी ने विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट जयपाल सिंह की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि लक्ष्मण सिंह निवासी गोपीपुरा उसका पुराना परिचित है। उसने लक्ष्मण सिंह को बिना ब्याज के एक लाख 20 हजार रुपया उधार दिया था। परंतु जब उसने लक्ष्मण सिंह से रुपए मांगे तो लक्ष्मण सिंह ने उसे उधार दी गई धनराशी का एक बैंक का चेक दे दिया। उसने जब चेक भुगतान के लिए बैंक में जमा किया तो बैंक ने चेक बाउंस कर लौटा दिया है। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनी। वादी के वकील अमरीश अग्रवाल तथा पवन वर्मा ने दलीलें पेश की। साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद अदालत ने लक्ष्मण सिंह को एक माह का साश्रम कारावास तथा 1 लाख 30 हजार प्रतिकर की राशि के दंड से दंडित किया।

15 के बाद नहीं रखी जा सकेगी थैलियां

काशीपुर, 17 जुलाई (निस)। मुख्य नगर अधिकारी एसडीएम डा. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि 15 अगस्त के बाद किसी को भी पॉलीथिन की थैलियां रखने, बेचने और उसमें सामान देने की अनुमति नहीं होगी। जिस भी दुकानदार के पास थैली मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। नगर निगम कार्यालय में मेयर ऊषा चैधरी की अध्यक्षता में नगर निगम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों, व्यापारी नेताओं व ठेली.फड़ एसोसिएशन के नेताओं की बुलाई गई बैठक में मुख्य नगर अधिकारी डाण् श्रीवास्तव ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में 15 अगस्त से पॉलीथिन की थैलियों पर रोक लगाई गई है। 40 माइक्रोन से नीचे की पन्नी की थैलियां बेचना प्रतिबंधित होगा। 16 अगस्त से जिसके पास पॉलीथिन की थैलियां पाई गई उसके खिलाफ  कार्रवाई होगी। डा. श्रीवास्तव ने कहा कि 15 अगस्त से पहले पॉलीथिन उन्मूलन रैलियों और प्रचार.प्रसार का आयोजन किया जाएगा। बैठक में तहसीलदार सीएस बिष्ट,सहायक नगर अधिकारी नरेंद्र कुमारए नगर स्वास्थ्य अधिकारी तपन शर्मा, एसडीओ केपीएस राठौर, निगम कार्यालय अधीक्षक विकास शर्मा, संजय कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी असलम खान, सहायक अभियंता मनोज कुमार, कर अधीक्षक संजय कुमार, नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव सेतिया मौजूद थे।

शिक्षकों ने की मुलाकात

काशीपुर, 17 जुलाई (निस)।  श्री गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एसडीएम डा. आशीष श्रीवास्तव से मिले। श्रीगुरूनानक सीनियर सेकेण्डरी सकूल से निकाले गए शिक्षक उपजिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव से मिले। उन्होंने एसडीएम को अवगत कराया कि प्रबंधन ने हठधर्मिता का परिचय देते हुए 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल से निकाल दिया। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन सीबीएसई के मानकों का अनुपालन नही कर रहा है। प्रबंधन द्वारा किसी शिक्षक को न तो नियुक्ति पत्र दिया गया है और न ही नियमितिकरण का पत्र। शिक्षक कुलविन्दर को छह बिन्दुओं पर सूचना प्रबंधन द्वारा छह माह बाद भी उपलब्ध नही कराई गई है। एसडीएम डा. आशीष श्रीवास्तव के आदेश पर श्री गुरुनानक सीनियर सेकेंड्री स्कूल के हड़ताली शिक्षकों व स्कूल प्रबंधकों की तहसीलदार चतुर सिंह बिष्ट की मध्यस्थता में उनके कार्यालय में वार्ता हुई। वार्ता में हड़ताली शिक्षकों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगें रखीं। इस पर तहसीलदार ने खंड शिक्षाधिकारी हीरा लाल गौतम को उक्त मांगों के संबंध में कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक के सदस्य व हड़ताली शिक्षक मौजूद थे।

हरेला पर्व में लगाये धाद ने कई पेड़ 

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। नौजवान युवाओं के सामाजिक संगठन ‘‘युवा धाद’’ ने राज्य की पहाड़ी संस्कृति के प्राचीन प्र्रकृति पर्व ‘हरेला’  जीजीआईसी, अजबपुर के छात्रा-छात्राओं के बीच मनाया। इस दौरान  ‘हरेला पर्व’ की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया तथा इसके बाद ‘हरियाली बचाओ हरियाली बढ़ाओ’ मार्च का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति  मेयर विनोद चमोली ने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया। उन्होंने अपने द्वारा लगाए वृक्ष की अगले हरेले तक देखभाल करने का संकल्प भी लिया। उन्होंने कहा कि ‘फोटो में पेड़ लगाते हुए दिखाई देने वाले अक्सर उस पेड़ की सुध नहीं लेते ऐसे में धाद संस्था के युवाओं की यह पहल अनुकरणीय तथा सराहनीय है। वह न सिर्फ पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं बल्कि संकल्प पत्र भरवा कर उस पेड़ की देखभाल भी सुनिश्चित करवा रहे हैं। बढ़ते शहरीकरण के चलते हमारा हरित आवरण  ग्रीन कवर  तेजी से घट रहा है। ऐसे समय में पेड़ लगाकर आवश्यक हरियाली को बनाए रखने की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। इसलिए शहर के नागरिकों से भी मेरा अनुरोध है कि युवाओं द्वारा शुरू की गई इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनें और हरेला पर्व के मौके पर पेड़ लगा कर प्रकृति से जुड़ें’। उन्होंने ‘हरियाली जागरूकता मार्च’ को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। यह मार्च जीजीआईसी अजबपुर से प्रारम्भ हो कर पूर्व माध्यमिक विद्यालय, राजीव नगर तक गया।  युवा धाद की अध्यक्ष अर्चना ग्वाड़ी ने बताया कि ‘युवा धाद’ द्वारा छेड़ी गई ’हरियाली बचाओ, हरियाली बढ़ाओ’ की यह मुहिम समाप्त नहीं होगी बल्कि यह अगले एक माह तक यानी 17 अगस्त तक लगातार जारी रहेगी। इस पूरे महीने हमारी टीम विभिन्न शिक्षण संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं, कर्मचारी यूनियनों तथा अन्य सामाजिक समूहों को संपर्क करेगी। उन्हें पेड़ लगाने के लिए तथा पर्यावरण के संरक्षण व संवद्र्वन हेतु प्रेरित करेगी। हम दिखावे के लिए पेड़ लगाने की औपचारिकता करने के सख्त विरोधी हैं। कार्यक्रम में युवा धाद कार्यकर्ता अपूर्व आनन्द, डीसी नौटियाल, लिली धस्माना, किरन खण्डूरी, साधना बहुगुणा, प्रधानाचार्य जीजीआईसी अजबपुर शंशाक ग्वाड़ी, विवेक रावत, ममता, सुशील, तोताराम धस्माना, संतोष डिमरी, नीलम,  प्रभा वर्मा, प्रमोद पाण्डे, डी.सी. नौटियाल, रवीन्द्र नेगी, तन्मय मंमगाई, प्रषस्त भारत नौटियाल तथा जीजीआईसी अजबपुर व जूनियर हाईस्कूल राजीवनगर के छात्रा-छात्राओं व अध्यापकों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।

दून मंे लगातार जारी है धोखाधड़ी के मामले

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। दून में चोरियों का सिलसिला तो जारी ही है। लेकिन अब ठगी के मामलें भी प्रकाश में आ रहें है। बता दे कि एक ऐसा ही मामला पटेलनगर थाना क्षेत्रा के अंतर्गत देखा गया। जिसमें पीएनबी की एक महिला ग्राहक को एक अज्ञात युवक ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर हजारों रूपयों की ठगी कर ली। मामलें मंे पीडि़त ने आरोपी के खिलाफ 420 के आरोप मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं पुलिस मामलें की पड़ताल कर रहीं है। बता दे कि माध्ुारी नेगी निवासी ग्राम चन्द्रबदनी खुलसा मोहब्बेवाला थाना पटेलनगर का पीएनबी शाखा शिमला बाईपास में खाता है। एक दिन अचानक करीब 11 बजें एक व्यक्ति का उन्हें 8051526184 नम्बर से फोन आया। जिसने खुद को पीएनबी अध्किारी बताया। इसके बाद उसने महिला को यह कहते हुए एटीएम संबंध् िसभी जानकारियां मांग की उनका वपिर्फकेशन करना है। नहीं तो उनका एटीएम खाता बंद हो जाएगा। इसके बाद महिला ने व्यक्ति को एटीएम संबंध् िसभी जानकारी दे दी। इसके बाद उसने उसी दिन पिफर दो बजें भी काॅल किया। इसके बाद महिला को फोन पर मैसेज आया की उसके एटीएम खाते से करीब 38,000 रूपयें निकाल लिये गये हैं। मैसेज पढ़ते ही महिला ने जानकारी लेने के लिए बैंक का रूख किया। जहां से पता चला की किसी ने उसके खाते से रूपयें निकाल लिये है। महिला समझ चुकी थी की उसको ठगी का शिकार बनाया गया है। महिला ने तुरंत इसकी सूचना पटेल नगर पुलिस का दी। जहां उसने पुलिस को सारी आप बीती सुनाई। पुलिस ने पीडि़त महिला की शिकायत पर अज्ञात ठग के खिलापफ 402 सहित संलिप्त धराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ठग की तलाश कर रहीं है।

पहाड़ो मंे शुरू की जानी चाहिए चकबंदी: रावत

देेहरादून, 17 जुलाई (निस)। उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ले क (अप्रा) गंगा सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में विशेषकर पहाडी क्षेत्रांे में चकबंदी लागू करने की आवश्यकता है और इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए सरकार को उचित कार्यवाही करने की जरूरत है। यहां तिलक रोड स्थित संगठन के कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए रावत ने कहा कि पहाडी क्षेत्रों में चकबदंी लागू करने से प्रदेश में स्वरोजगार के अवसर लोगों को प्राप्त हो तथा पलायन को रोकने में मदद मिले साथ ही लोग अपने चकों में नाना प्रकार की खेती कर सकते है जैसे की सब्जी, बागवानी, जडी बूटी आदि। उनका कहना है कि एकेश्वर ग्राम समूह पेयजल योजना जो कि पटोटी एकेश्वर श्रीकोटखाल तक प्रस्तावित है इस योजना में लगभग 42 गांव लाभान्वित होंगे, यह योजना शासन से स्वीकृत है, भूमिया डांडा पंपिग योजना भी शासन से स्वीकृत है और नवसृजित चैबटटाखाल तहसील भवनों का निर्माण शीघ्र किया जाना चाहिए, ग्राम लटिबों दल्ब्यों के लिए सडक निर्माण किया जाये और उक्त ग्राम के लिए शासन से पहले ही सडक स्वीकृत थी उदघाटन एवं सर्वे भी हुआ किन्तु किन्ही कारणों द्वारा विभाग में सड़क का काम अधर में लटका दिया गया है यह कार्य शीघ्र पूरा करवाया जाये। उनका कहना है कि चांदकोट में एकमात्रा महाविद्यालय चैबटटाखाल में एमए रेगुलर की कक्षायें संचालित कराये जाने की जरूरत है और सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करने का कार्य करना चाहिए, नौगांवखाल सरकार अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं है और इस अस्पताल में चिकित्सक उपलब्ध कराया जाये। उनका कहना है कि प्रदेश में तीन विधानसभाओं में उपचुनाव में संगठन की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने चर्चा की है और निर्णय लिया है इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को समर्थन दिये जाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि 16वीं लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड प्रेम के भाषणों पर विश्वास कर प्रदेश से पांचों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों को सांसद बनाया और सरकार बनने के बाद यहां के सांसदों को मंत्रिमंडल में तवज्जों नहीं दी गई और राज्य की लगातार उपेक्षा की है, इतना ही नहीं की मोदी सरकार ने राज्य के साथ विश्वासघात किया है, जिसका जवाब उपचुनाव में दिया जायेगा। उनका कहना है कि धरचूला, सोमेश्वर व डोईवाला में कांग्रेस प्रत्याशियों को संगठन ने समर्थन दिया है और कहा कि तीनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की ऐतिहासिक जीत होगी। वार्ता में मंशाराम मलियाल, डी आर ठाकुर, श्रीचन्द सिंह रावत, बी बी थापा, प्रीतम सिंह पंवार, जसबीर राणा, आर सी बलूनी, नीलम वैश्य आदि मौजूद थे।

बहुरेगे वनविश्राम भवनों के दिन 

देहरादून, 17 जुलाई (निस)।  वन विभाग उत्तराखण्ड की ईकोटूरिज्ंम विंग नेे वन क्षेत्रों में भ्रमण हेतु आने-वाले पर्यटकों व आगन्तुकों को वन विश्राम भवनो में बेहतर सेवायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छटा राज्य स्तरीय कुक प्रशिक्षण कार्यक्रम, होटल प्रबन्धन संस्थान, देहरादून में 27 जून से 17 जुलाई चला। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन विश्राम भवनों में कार्यरत स्टाफ व ग्रामीण पर्यटन से जुड़ी सस्थाओं के कार्मिको ने भाग लिया। प्रदेश के  खेल, वन, एवं जीव, विधी एवं न्याय मंत्री उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल द्वारा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिये गये। अपने उद्बोधन में वन मंत्री द्वारा कहा गया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रतिभागियों में अधिक स्वच्छता एवं कुशलता से स्वास्थ्यप्रद खाना बनाने व उसे बेहतर ढंग से परोसने की कला विकसित हो सकेगी। साथ ही प्रतिभागी आने वाले आगुन्तको एवं पर्यटको के साथ बेहतर संवाद की कला स्थापित कर सकने में सक्षम होंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पाॅच प्रतिभागियों को माननीय मंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार हल्द्वानी वन प्रभाग के हरि सिंह को प्रदान किया गया। द्वितीय व तृतीय पुरस्कार   बलवन्त सिंह, विलेज वेज, कैम्प सूपी व प्रकाश सिंह जोशी विलेज वेज, कैम्प दलाड़ को दिया गया। प्रमुख वन संरक्षक, उŸाराखण्ड ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से वन विश्राम भवनों में टरनेट मैनपावर बढ़ेगी तथा प्रतिभागियों के व्यक्तित्व का विकास होगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा इस कार्यक्रम से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जिन स्थानों पर पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त स्टाॅफ नियुक्त हैं उन स्थानों से पर्यटकों से अच्छा फीडबैक प्राप्त हुआ है तथा पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं में सुधार हुआ है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से कुल 47 प्रतिभागियों लाभान्वित हुए, जिसमें 44 पुरूष प्रतिभागी के साथ 3 महिला प्रतिभागी भी सम्मिलित है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न वन विश्राम भवनों से सम्बन्धित 29 वन कर्मी व ग्रामीण पर्यटन से सम्बन्धित 18 कार्मिको द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। यह पहला अवसर है जब कुक प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला प्रतिभागियों द्वारा भी भाग लिया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी, झिरना, खिनानौली, सुल्तान, मुण्डियापानी, हल्द्वूपड़ाव, लोहाचैड़ वन विश्राम भवन व कालागढ़ प्रशिक्षण केन्द्र और विभिन्न वन प्रभागों के रसियाबड, बरहनी, अगस्तमुनि, रनसाली, चूनाखान, धुमाकोट, डांडा, थराली, रामनगर, सतपुली, रामपुर मण्डी, कालसी, मुण्डाली व कैम्पटी वन  विश्राम  भवनों  के अटैन्डैन्ट्स ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त ग्रामीण पर्यटन परियोजनाओं में विलेज वेज के दलाड़, गोनाप, रसाल, सूपी, साकरी व धूर गांव के 8 प्रतिभागियों, आजीविका के लामगढ़ व सूपी कैम्प से 4 प्रतिभागियों, क्यारी के कैम्प हौर्नबिल, कोसी वैली रिट्रीट सोमेष्वर व वनघट के कैम्प मरचूला से एक-एक तथा पंगोठ के कैम्प शिवास से 2 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। प्रशिक्षण में ग्राम सूपी से आजीविका की 2 महिलाओं व सोमेश्वर से विलेज वेज की 1 महिला ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया। अब तक वन विभाग की ईकोटूरिज्म विंग द्वारा आई0एच0एम0 के सहयोग से 6 राज्य स्तरीय कुक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पादित किये गये है जिसमें कुल 160 प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ही होटल मैनेजमेंट संस्थान, देहरादून द्वारा भारत सरकार की केन्द्र पोषित स्किल सर्टीफिकेशन प्रोग्राम कार्यक्रम के अन्तर्गत दक्ष एवं अप्रशिक्षित कामगारांे को होटल से सम्बन्धित फुड प्रोडक्सन एण्ड एफ एण्ड सर्विस में एक सप्ताह का प्रशिक्षण साथ-साथ ही प्रदान किया गया। जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को होटल मैनेजमेन्ट एण्ड केटरिंग टैक्नोलाजी संस्थान, नोएडा एवं होटल प्रबन्धन संस्थान देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण पत्र के साथ-साथ 1200 रूपये की निर्धारित धनराशि प्रदान की गयी।

किशोरी का अपहरण करने वाला गिरफ्त में

देहरादून, 17 जुलाई (निस)।  लगता है कि दून पुलिस बिना दबाव के कोई काम नहीं करती। बजरंग दल नेे प्रदर्शन कर पुलिस को गत 22 दिनों से अपहृत किशोरी को ढूंढने का अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी को दबोच अपहृत किशोरी को उसके पंजे से मुक्त करा दिया। गौरतलब है कि 27 मई को नेहरू काॅलोनी थाना क्षेत्र के अजबपुर कलां से एक 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण 44 वर्षीय जानसठ निवासी मौहम्मद अकरम द्वारा किया गया था।  जिसकी रिपोर्ट किशोरी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई थी। गत 22 दिन से लापता किशोरी का कोई  अता-पता नहीं चलने पर बजरंग दल ने जुलूस निकाल नेहरू कालोनी थाने का घेराव कर 48 घण्टों में पुलिस को आरोपी को पकड़ कर किशोरी को सकुशल वापस लाने की मांग की थी। बताते चलें कि अपहृत किशोरी 14 जून को नेहरू कालोनी थाने पहुंची और बताया कि अकरम उसे अपहरण कर पहले दिल्ली फिर रतलाम ले गया था जहां उसने उसके साथ दुराचार किया। इसके बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 में किशोरी के बयान दर्ज कराये थे। जिसमें किशोरी ने मौहम्मद अकरम एवं उसके आधा दर्जन साथियों पर उसे जानसठ में बलपूर्वक कैद कर यातना देने का भी आरोप लगाया था। इस दौरान दस दिन के भीतर ही 24 जून को किशोरी को मौहम्मद अकरम फिर उसके घर के पास से उठा कर ले गया। जिसके बाद काफी हो-हल्ला भी हुआ था। अब पुलिस ने मेरठ से आरोपी मौ. अकरम को गिरप्त में लेकर अपहृत किशारी को बरामद कर लिया है। अकरम पहले से शादीशुदा है।

समीक्षा अधिकारियों ने किया प्रदर्शन

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। पदोन्नति सहित अपनी विभिन्न मांगो को लेकर उत्तराखंड सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ से जुड़े सदस्यों ने गुरूवार को प्रदर्शन कर सचिवालय परिसर में सांकेतिक मौन जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संघ से जुड़े सदस्य यहां सचिवालय परिसर में एकत्र हुए। यहां उन्होंने अपनी मांगो के समर्थन में प्रदर्शन करने के साथ ही सांकेतिक मौन जुलूस निकाला। इससे पूर्व आहूत सभा में वक्ताओं ने कहा कि संघ अपनी मांगो को लेकर पिछले लम्बे समय से उठा रहा है, लेकिन आज तक भी उनका समाधान नहीं हो पाया है, जिससे समीक्षा अधिकारियों में रोष बना हुआ है। उनका कहना था कि आश्वासनों के  अलावा कोई कार्य न होने के कारण ही संघ को आंदोलन करने पर विवश होना पड़ा है। इस दौरान उन्होंने कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए लंबित 16 अतिरिक्त अनुभागों का सृजन करने, समीक्षा अधिकारियों के रिक्त पदों पर कार्यरत सहायक समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवावधि में आवश्यक शिथिलता, छूट प्रदान करने के लिए सहायक समीक्षा अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ अनुमन्य करने की मांग को जोरदार ढंग से उठाया। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य मांगो को भी जोरदार ढंग से रखा। उन्होंने साफ कहा कि उनकी मांगो के पूरा होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष जेपी मैखुरी व महासचिव दीपक जोशी के अलावा सतीश चन्द्र सती, ममता आर्य, संदीप कुमार, दुर्गा प्रसाद चंदोला, रियासत अली, शैलजा सिंह, अनिल थपलियाल, मनोज हल्दिया आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

मारपीट के आरोपी को किया कोर्ट ने बरी

रुद्रप्रयाग, 17 जुलाई (निस)। कर्मचारी के साथ मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोपी एक व्यक्ति को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पिछले वर्ष सितम्बर माह में पटवारी क्षेत्र घिमतोली के क्यूड़ी गांव निवासी जीप चालक नरेन्द्र सिंह फस्र्वाण ने एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की। पीडि़त व्यक्ति के रिपोर्ट दर्ज कराने पर श्री फस्र्वाण ने राजस्व पुलिस चैकी में सरकारी कार्याें में व्यवधान और मारपीट की। इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से विनोद खंडूड़ी और व्यार सिंह नेगी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभियोजन ने घटना की स्पष्ट जानकारी न्यायालय में नहीं रखी है। मामले की विवेचक ने विवेचना को विधितः सम्पादित नहीं किया है। अभियोजन का पूरा मामला संदिग्ध है। दोनों पक्षों की दलील और बहस सुनने के बाद न्यायालय में आरोपी नरेन्द्र को धारा 332, 353, 504, 506 (2) में दोषमुक्त कर दिया।

प्रयोगशाला सहायकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

रुद्रप्रयाग, 17 जुलाई (निस)। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत उपनल में कार्यरत प्रयोगशाला सहायकों ने फरवरी माह के बाद वेतन न मिलने पर आक्रोश जताया है। प्रयोगशाला सहायकों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उनके सम्मुख आर्थिक संकट गहरा गया है। इस संबंध में कई बार विभागीय उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। प्रयोगशाला सहायक संघ के जिलाध्यक्ष गंभीर सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रयोगशाला सहायकों को पिछले चार माह से वेतन न मिलने के कारण उनको भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होनंे कहा कि प्रयोगशाला सहायकों में प्रदेश सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। अगर प्रयोगशाला सहायकों को शीघ्र वेतन नहीं मिलता है तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा। जिला महामंत्री अमित बहुगुणा ने कार्मिकों के विभागीय समायोजन, महगाईं भत्ता व वेतन विसंगति की मांग पर शीघ्र प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मिलने की बात कही और कहा कि यदि सरकार कार्मिकों से जुड़े महत्वपूर्ण मुददों का निपटारा शीघ्र नहीं करती है तो कार्मिक शीघ्र ही उग्र आंदोलन के लिये बाध्य हो जाएंगे। जिला कोषाध्यक्ष जीतराम, बहादुर सिंह, अनिल जाखी, मनोज सेमवाल, सतीश भटट, महेश पुरोहित, रितु नेगी, पुष्पा नेगी, मनोज फस्र्वाण, प्रभुदयाल भंडारी, अजीत नेगी, कालीचरण रावत, दीपक कठैत, लक्ष्मण, प्रवीण घिल्डियाल, राजवीर, ललिता राणा, राहुल सिंह, अशोक बिष्ट सहित अन्य प्रयोगशाला सहायकों ने शीघ्र वेतन देने की मांग की है।

दो माह से वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने जताया आक्रोश

रुद्रप्रयाग, 17 जुलाई (निस)। बद्री-केदार मंदिर समिति में तैनात सीजनल दैनिक कर्मचारियों की समयावधि कम करने, वेतन में कटौती किये जाने और कर्मचारियों को तैनाती के बाद वेतन न मिलने से कर्मचारियों के सम्मुख आजीविका का संकट गहरा गया है। विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे कर्मचारियों द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाये जाने से मंदिर समिति की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। विदित हो कि केदारनाथ, गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, गुप्तकाशी, विद्यापीठ, कालीमठ, सेमी, कालीशिला, ऊखीमठ, मदमहेश्वर, मक्कूमठ व तुंगनाथ में कपाट खुलने के बाद मंदिर समिति द्वारा दैनिक कर्मचारियों की नियुक्ति छह माह के लिये की जाती है। कर्मचारियों की माने तो मंदिर समिति द्वारा कर्मचारियों को तीन माह का समय बीतने के बाद हटाने की रणनीति बनाई जा रही है। साथ ही पूर्व में दैनिक कर्मचारियों को एक माह का वेतन 6520 रूपये दिया जाता था। इस बार मंदिर समिति उनके वेतन से प्रतिमाह पांच सौ रूपाये कटौती करने जा रही है। दैनिक कर्मचारियों का कहना है कि चार मई को केदारनाथ, पांच तुंगनाथ व 21 मई को मदमहेश्वर के कपाट खुलते ही केदारनाथ अधिष्ठान के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर दैनिक कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी दैनिक कर्मचारियों को वेतन न नहीं मिल पाया है। जिस कारण कर्मचारियों के सम्मुख आजीविका का संकट बना हुआ है। दैनिक कर्मचारियों का कहना है कि यदि मंदिर समिति द्वारा कर्मचारियों की तैनाती व वेतन में कटौती की गई तो उन्हें आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा।

गौंडार, रांसी गांव एवं मदमहेश्वर धाम जुड़ेगा संचार सेवा से

रुद्रप्रयाग, 17 जुलाई (निस)। विकासखण्ड ऊखीमठ की सीमांत ग्राम पंचायत रांसी व गौंडार के ग्रामीणों के लिये खुशबरी। आजादी के छह दशक बाद दोनों गांवों के ग्रामीणों के साथ-साथ द्वितीय केदार मदमहेश्वर जाने वाले तीर्थयात्री संचार सुविधा से जुड़ पाएंगे। विदित हो कि सीमांत ग्राम पंचायत गौंडार, रांसी एवं मदमहेश्वर धाम में फैली समस्याओं को राष्ट्रीय सहारा द्वारा समय-समय पर प्रमुखता से उजागर किया। जिस पर अमल करते हुए रांसी गांव के नव निर्वाचित प्रधान रूप सिंह नेगी ने रांसी व गौंडार के मध्य मोबाइल टाॅवर लगाने के लिये एक निजी कंपनी से मांग की। मांग पर अमल करते हुए निजी कंपनी आरएम विमलेश कुमार सिंह ने रांसी से आगे अखतोली पहुंचकर मोबाइल टाॅवर लगाने के लिये सर्वे किया और ग्रामीणों को तीन माह के अंतर्गत मोबाइल टाॅवर लगाने का आश्वासन दिया। यदि अखतोली में निजी कंपनी का मोबाइल टाॅवर लगता है तो रांसी, गौंडार सहित द्वितीय केदारनाथ मदमहेश्वर यात्रा के अहम पड़ाव वनातोली, खटारा, नानो, मैखंबा, कूनचटटी व मदमहेश्वर धाम संचार सेवा से जुड़ पाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता शिव सिंह रावत, सुबोध रावत, पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार, वीरेन्द्र पंवार ने राष्ट्रीय सहारा, प्रधान रूप सिंह नेगी व निजी कंपनी का आभा व्यक्त किया है।

अधिकारी पारदर्शिता से करें दायित्वों का निर्वहन

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। 23-डोईवाला विधान सभा उपनिर्वाचन 2014 को निष्पक्ष एवं निर्विघन रूप से सम्पादित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक ओम प्रकाश बकोरिया एंव जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी चन्द्रेश कुमार की उपस्थिति में निर्वाचन हेतु तैनात किये गये माईक्रो ओबजरवर को कलक्ट्रेट सभागार में प्रशिक्षण मुहैया कराया गया। इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग से नियुक्त प्रेक्षक ओम प्रकाश बकोरिया ने उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में सभी को अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठा एवं ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ करना है। उन्होने कहा कि निर्वाचन में किसी प्रकार से कोई गलती नही होनी चाहिए तथा उन्हे जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसको अच्छी तरह से समझ लें ताकि निर्वाचन के समय किसी प्रकार की कोई समस्या न होने पाये। उन्होने कहा कि यदि किसी प्रकार की कोई समस्या एवं परेशानी होती है तो इसके लिए आर.ओ. एवं उच्च अधिकारियों को सूचित करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये है कि निर्वाचन के सम्बन्ध में जो भी सूचना सम्बन्धित को दी जानी है उसे समय उपलब्ध करा दें। इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि माईक्रोओबजरवर को जो दायित्व एवं जिम्मेइारी दी गई है उसका निर्वहन ईमानदारी के साथ करें तथा किसी के दबाव में कार्य न करें। उन्होने निर्देश दिये है कि सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान दिवस के एक दिन पूर्व अनिवार्य रूप से पहुंच जायंे। उन्होने यह भी निर्देश दिये है कि निर्वाचन से सम्बन्धित जो प्रपत्र उनके द्वारा भरे जाने है उन्हे ठीक तरह से भरे तथा जो सूचना सम्बन्धित अधिकारियों को उपलब्ध करानी हे उसे समय से उपलब्ध कराई जाय। बैठक में उप जिलानिर्वाचन अधिकारी सोनिका, अपर जिलाधिकारी वित एव राजस्व प्रताप शाह प्रशिक्षु आई.ए.एस. वन्दना, मास्टर टेªनर/ जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम. खान, व मास्टर टेªनर खण्ड शिक्षा अधिकारी यूडी. गोस्वामी सहित सभी माईक्रो ओबजरवर उर्पिस्थत थे।

परिवर्तन के लिए त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मांगे वोट 

डोईवाला, 17 जुलाई (निस)। डोईवाला विधान सभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी व पार्टी के राष्ट्रीय सचिव त्रिवेंन्द्र सिंह रावत ने परिवर्तन के लिए उनकी पार्टी केा वोट देने की अपील की है। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान श्री रावत ने गुरूवार को बालावाला, नत्थुवावाला, शमशेरगढ़ आदि क्षेत्रों का सघन भ्रमण किया और चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा यह उप चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं हैं। यह उप चुनाव प्रदेश की दशा व दिशा को बदलने वाले हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार के कुशासन व भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है और वह इस भ्रष्ट सरकार से मुक्ति चाहती है। लिहाजा, जनता परिवर्तन के लिए भाजपा केा वोट करें। उन्हांेने कहा कि काॅग्रेस का रवैया कभी भी उत्तराखण्ड के प्रति सकारात्मक नहीं रहा। काॅग्रेस पार्टी ने अलग राज्य के गठन का विरोध किया था। राज्य आन्दोलन के दौरान काॅग्रेस नेताओं ने बयान दिया कि अलग राज्य उनकी लाश पर बनेगा। यही नहीं जिस मुलायम सिंह यादव की ने उत्तराखंडियों पर जुल्म ढाये, उस सराकार को काॅग्रेस का समर्थन प्राप्त था। सभाओं में उन्होंने विधायक व मंत्री रहने के दौरान किये गए कार्यों की चर्चा भी की और वादा किया कि क्षेत्र के लोगों ने यदि उन्हें फिर से अपना आर्शीवाद व समर्थन दिया तो वह जनता की सेवा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोडे़गें। श्री रावत के समर्थन में गुरूवार को डोईवाला में स्कूटर रैली भी निकाली गयी। रैली में युवाओं ने बडी़ भारी तादात में हिस्सा लिया।

मौसम की चेतावनी देखते हुये एसडीआरएफ तैनात

देहरादून, 17 जुलाई (निस)। मौसम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य मंे भारी वर्षा के सम्बन्ध में जारी किए गये अलर्ट को देखते हुए एसडीआरएफ की टीमें अत्याधुनिक संसाधनों के साथ केदारनाथ, लिनचैली, भीमबली, गौरीकुण्ड, लामबगड़, हर्शिल देहरादून व हरिद्वार में अलर्ट अवस्था में तैनात है। मार्ग अवरू़द्ध, भूस्खलन आदि की परिस्थिति में जनहानि को रोकने के लिये एसडीआरएफ अत्याधुनिक उपकरणों के साथ सदैव तत्पर है। गुरूवार को 17 जुलाई  को एसडीआरएफ द्वारा करीब 130 तीर्थ यात्रियों को सकुषल केदारनाथ से गौरीकुण्ड पहुंचाया जा चुका है तथा गंगोत्री में फसे तीर्थयात्रियों को रैस्क्यू करने हेतु एसडीआरएफ की टीम हर्शिल से गंगोत्री हेतु रवाना कर दी गई है जो वहां राहत एवं बचाव कार्य में अपना योगदान देगी।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (17 जुलाई)

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हरित वृद्धि नीतियां अपनाने पर बल

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शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) । द एनर्जी एण्ड रिसोरसिज इंस्टीच्यूट (टेरी) के महा निदेशक डा. आर.के. पचौरी ने कहा कि भारतीय आर्थिकी को विकास की समावेशी हरित वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए विकल्पों के आकलन के लिए एक अध्ययन किया जाएगा। डा. पचौरी आज यहां ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीच्यूट (जीजीजीआई) तथा टेरी द्वारा हिमाचल प्रदेश पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीक विभाग के सहयोग से हिमाचल में हरित वृद्धि एवं विकास विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. पचौरी ने कहा कि इस परियोजना के तहत प्रस्तावित गतिविधियां भारतीय संविधान की संघीय प्रकृति के अनुरूप कार्यान्वित की जाएंगी। हमारे देश में वृहद आर्थिक निर्देश एवं नीतियां राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप तय की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रयास के तहत हिमाचल तथा पंजाब राज्यों को केंद्र में रखकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जा रही नीतियों को परखा जाएगा। उन्होंने कहा कि गणना योग्य सामान्य संतुलन-बाजार आवंटन फ्रेमवर्क (सीजीई-एमएकेएएल) के माध्यम से राष्ट्रीय नीतियां संस्तुत की जाएंगी। इस अध्ययन के तहत राज्य स्तर पर जल, फसल चक्र एवं भूमि उपयोग तथा वानिकी जैसे विषयों के साथ-साथ पर्यावरण बदलाव तकनीक आर्थिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में विकल्पों की जांच की जाएगी। हरित वृद्धि नीतियों के लिए राज्य स्तर की नीतियों को समझने के लिए केस स्ट्डी विकसित की जाएगी। अध्ययन में विश्लेषणात्मक क्रियाओं के साथ-साथ हितधारकों के साथ विचार-विमर्श भी किया जाएगा। डॉ. पचौरी ने कहा कि अध्ययन के तहत पर्यावरण एवं विकास को एक धरातल पर रखने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। भारत के पास समूचे विश्व की 2.4 प्रतिशत भूमि है, जबकि विश्व की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत भारत में है। उन्होंने कहा कि लगभग एक दशक तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रही है। इस दर की हमें कीमत भी चुकानी पड़ी है। हालांकि इस वृद्धि दर से हमें अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं किन्तु इसकी हानि हमारे पर्यावरण को उठानी पड़ी है। इस कारण वायु तथा जल प्रदूषण जैसे मुद्दों से हमें जुझना पड़ रहा है। डॉ. पचौरी ने कहा कि विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार पर्यावरण क्षरण से भारत को प्रतिवर्ष 80 बिलियन अमरीकी डालर की क्षति हो रही है, जोकि हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 5.7 प्रतिशत है। कई दशकों तक प्राकृतिक संसाधनों के अवैज्ञानिक दोहन के कारण रेगिस्तान में वृद्धि हुई है और समूचे उपद्वीप में जलस्रोतों में प्रदूषण हुआ है। इससे उन लाखों लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जो प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य है कि हिमाचल में हरित औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि इस पहाड़ी राज्य में मौसम में बदलाव के प्रकिूल प्रभाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बहुतायत में वन हैं। गत वर्ष उत्तराखण्ड में  हुई आपदाओं की संख्या में आने वाले समय में वृद्धि होगीं उन्होंने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने पर बल देते हुए कहा कि हिमाचल में सौर तथा जल ऊर्जा जैसे विकल्पों का दोहन किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा ने कहा कि हिमाचल में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों से समूचे उत्तर भारत को आर्थिक रूप से बहुमूल्य पर्यावरण सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। हिमाचल में पांच प्रमुख नदियां हैं, जो हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के 200 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश में उपलब्ध स्वच्छ जल विद्युत उत्तरी क्षेत्र में ऊर्जा की कमी से निपटने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जलागम क्षेत्र ग्रीन हाउस गैसों के कार्बन सिंक में महत्वपूर्ण हैं। श्री मित्रा ने कहा कि हिमाचल हरित वृद्धि एवं सतत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के वैज्ञानिक दोहन के लिए अनेक नवीन प्रयास किए हैं। वर्ष 2013 में प्रदेश ने पर्यावरण वृहद योजना एवं मौसम में बदलाव पर व्यापक राज्य नीति एवं कार्य योजना अपनाई। मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण बदलाव के खतरों को कम कर समावेशी हरित वृद्धि को बढ़ावा देना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आर्थिक वृद्धि, सतत ऊर्जा, एकिकृत जलागम प्रबंधन, सतत औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की दिशा में महत्वाकांक्षी कार्य किया जाएगा। प्रधान सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीक श्री तरूण श्रीधर ने इस अवसर पर कहा कि सतत विकास के लिए हरित वृद्धि हालिया अवधारणा है। पश्चिमी विकसित देश और तेल उत्पादन करने वाले देश पर्यावरण क्षरण की कीमत पर विकसित बने हैं। उन्होंने कहा कि हरित वृद्धि अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सतत पर्यटन नीति तैयार की है। टेरी के सदस्य डॉ. प्रदीप्तो घोष और श्री एस. विजय कुमार, डीईएसटी के निदेशक डॉ. एस.एस. नेगी तथा जीजीजीआई के भारत के प्रमुख श्री सिद्धार्थन बाला ने हिमाचल में हरित वृद्धि एवं विकास पर नीतिगत विचार-विमर्श किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, विभागाध्यक्ष, डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय ठाकुर, राज्य सरकार के वरिष्ठ  अधिकारी, टेरी तथा जीजीजीआई के प्रतिनिधियों ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया और अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

खाद्य व पेय पदार्थ विक्रेता लाईसैंस व पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    जिला शिमला के सभी खाद्य व पेय पदार्थ विक्रेताओ, ढाबा, होटल मालिकों को लाईसैंस बनवाने व पंजीकरण करवाने की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । यह जानकारी देते हुए आज जिला स्वास्थ्य अधिकारी शिमला डा. भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2016 के सुदृढीकरण एवं सरलीकरण के मध्यनजर  जिला के सभी खाद्य व पेय पदार्थो के विक्रेता व दुकानदार, ढाबा अथवा होटल मालिकों को दिनांक 4 अगस्त तक अपने लाईसैंस का पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें । उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को खंड चिकित्सा अधिकारी नेरवा कार्यालय परिसर में आयोजित शिविर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमती वीरेंद्रा चौहान ने इस अधिनियम के बारे में जानकारी दी । उन्होंने बाजार का औचक निरीक्षण कर गले-सडे व दुषित खाद्य एवं पेय पदार्थो को नष्ट भी करवाया। उन्होंने सम्बन्धित खाद्य व पेय पदार्थ विक्रेताओं को चेतावनी दी तथा जिन दुकानदारों ने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है उन्हें शीघ्र पंजीकरण करवाने को कहा ।  उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को सिविल अस्पताल ठियोग, 21 जुलाई को खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय कुमारसैन, 23 जुलाई  को खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय रामपुर, 25 जुलाई को कोटखाई जबकि 28 जुलाई को नागरिक चिकित्सालय रोहडू में शिविर आयोजित किए जायेंगें ।

ठाकुर सिंह भरमौरी तथा केवल सिंह पठानिया की सोनिया गांधी से भेंट

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी तथा वन विभाग के उपाध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानिया ने आज नई दिल्ली में श्रीमती सोनिया गांधी से भेंट कर प्रदेश के वन विभाग की उपलब्धियों बारे अवगत करवाया। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। श्री भरमौरी ने प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी तथा अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश में रोहतांग सुरंग 4.5 किलोमीटर बन कर तैयार हो चुकी है तथा होली-चामुंडा, पांगी से तीसा सुरंग का सर्वे हो गया है जिनके बनने से प्रदेश के लोगों को काफी फायदा होगा तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वन मंत्री ने श्रीमती सोनिया गांधी को बताया कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में सरकार बेहतर कार्य कर रही है तथा हिमाचल प्रदेश में स्थिर सरकार है। उन्होंने श्रीमती सोनिया गांधी को जनजातीय क्षेत्र में आने का न्यौता दिया जिसे श्रीमती सोनिया गांधी ने स्वीकार किया तथा कहा कि माह सितम्बर-अक्तूबर में दौरा जरूर करेगी।    

एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली पर कार्यशाला आयोजित

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) । प्रदेश के जिला कोषाधिकारियों एवं कोषाधिकारियों के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली पर 14 जुलाई से 16 जुलाई तक एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शिमला में किया गया।प्रधान सचिव, वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी ने कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर कहा कि जिला कोषाधिकारियों एवं कोषाधिकारियों को वित्तीय प्रबन्धन को लेकर अधिक सुचारू रूप से कार्य करना चाहिए। इसके लिए उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सरकारी कोष से गलत निकासी पर पूर्ण अंकुश लगाने के निर्देश दिए, जिससे सरकारी धन का उपयोग उसी मद् में किया जा सकेगा, जिसके लिए धनराशि जारी की गई है। उन्होंने सभी जिला कोषों को हर प्रकार की अदायगी ऑन लाईन सुनिश्चित बनाने तथा बिल प्रक्रिया एवं बिल का प्रेषण ऑन लाईन करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिले की वित्तीय शक्तियों का नियंत्रण मुख्यत: जिला कोषाधिकारियों के पास होता है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत उन्हें मितव्यता के साथ-साथ सभी औपचारिकताओं की पूर्ण रूप से जांच सुनिश्चित बनानी चाहिए ताकि धन का दुरूपयोग न हो। कार्यशाला के समापन अवसर पर विशेष सचिव, वित्त एवं निदेशक कोष श्री के.आर. भारती ने कहा कि जिला कोषाधिकारी एवं कोषाधिकारी प्रदेश के वित्तीय प्रबन्धन में अहम् भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे प्रदेश भर से आए समस्त अधिकारियों से कार्यप्रणाली में तकनीक के पूर्ण उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली की दिशा में कारगर सिद्ध होगी।
  
सेब माल भाडा बाजार भाव पर ही किया तय- मल्होत्रा  

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    उपायुक्त शिमला श्री दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि सेब ढुलाई के माल भाड़े का निर्धारण जिला प्रशासन द्वारा प्रचलित बाजार भाव के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने कहा कि चालू बाजार भाव के तहत निर्धारित व आवर्ती मुल्यों का आंकलन कर इन दरों का निर्धारण किया गया है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष डीजल की दरों में हुई 6 रू 75 पैसे प्रति लीटर, वाहन के कल पुर्जो अथवा टायरों की खरीद में इस वर्ष 12 प्रतिशत व चालकों एवं परिचालकों के वेतन में वृद्धि के अतिरिक्त मंहगाई व सामान्य मूल्य वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इन दरों को निधार्रित किया गया है ।  उन्होंने कहा कि ट्रक ऑप्रेटर माल परिवहन का अहम हिस्सा है और सेब भाड़े में वृद्धि उनकी पुरानी मांग रही है जिसे देखते हुए ये दरें तय की गई है । उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वर्षा के मौसम में वाहन के रखरखाव पर अधिक खर्चे के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है । उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में 30 प्रतिशत व 2011 में 20 प्रतिशत सेब ढुलाई भाडे में वृद्धि की गई थी ।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया सुन्नी अस्पताल का निरीक्षण

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    स्वास्थ्य, राजस्व एवं विधि मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने आज शिमला जिला के सुन्नी में सिविल अस्पताल के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया । उन्होंने अधिकारियों को भवन का निर्माण कार्य नवम्बर, 2014 के अंतिम सप्ताह तक पूरा करने के निर्देश दिए ।  उन्होंने कहा कि इस भवन का निर्माण अत्याधुनिक प्री-फेव-टैक्नालॉजी से किया जा रहा है और इस पर लगभग 6.78 करोड रूपये खर्च किए जा रहे हैं । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान 428 चिकित्सक नियुक्त किए हैं । सरकार का यह लक्ष्य है कि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक नियुक्त किया जाए । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बचनबद्ध है और इस दिशा में हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं ।कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि सिविल अस्पताल सुन्नी में बच्चों का विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किया जाएगा और इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल सुन्नी के भवन में चार दीवारी लगाई जाएगी । स्वास्थ्य मंत्री ने तहसील कार्यालय सुन्नी का निरीक्षण भी किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन पटवार कार्यालयों में पटवारी के पद रिक्त हैं उनमें शीघ्र ही पटवारियों की नियुक्ति की जायेगी ।उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों के लिए पुनष्चर्या कोर्स भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि विभाग की कार्यशैली में और अधिक दक्षता लाई जा सके ।   इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने बसंतपुर में जनप्रतिनिधियों और आम लोगों से बैठक की और जनसमयाएं सुनी । नव ज्योति महिलामंडल तरौर की मांग पर उन्होंनेमहिला मंडल भवन के लिए धन मुहैया करवाने का आश्वासन दिया । उन्होंने लोगो को प्रदेश की विभिन्न जनकल्याणकारी नीतियो से भी अवगत करवाया ।   इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव श्री मनसा राम, अध्यक्षा बी.डी.सी.श्रीमती रक्षा भंडारी, प्रधान ग्राम पंचायत बसंतपुर श्री रणबहादुर सिंह, प्रवक्ता ब्लॉक कांग्रेस श्री कपिल गुप्ता, अध्यक्ष सुन्नी व्यापार मंडल श्री प्रदीप शर्मा, उप दंडाधिकारी, शिमला (ग्रामीण)श्री जी.सी.नेगी व क्षेत्र के गणमान्य लोग एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे । 

बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन 2900 स्कूली बच्चों ने उठाया आनंद

शिमला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    शिमला बाल फिल्मोत्सव के तीसरे व चौथे दिन 37 स्कूलों के लगभग 2900 बच्चों नेे विभिन्न सिनेमा हॉलों में दिखाई जा रही फिल्मों का आनंद लिया । उपायुक्त शिमला श्री दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि मौसम की खराबी के बावजूद भी बच्चों का उत्साह फिल्म देखने के प्रति बना हुआ है। उन्होंने बताया कि कल रिट्ज, शाही व गेयटी थियेटर में हाई स्कूल कृष्णानगर, जाखू, कैथू, अनाडेल, प्राथमिक पाठशाला शिवनगर, गवई (2), कनलोग, न्यू शिमला, अनाडेल, बी.सी.एस., लक्कड़ बाजार, रूलदू भटठा व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फागली, संजौली, छोटा शिमला ने फिल्मों का आनंद लिया।     आज प्राथमिक स्कूल विकासनगर, खलीनी, नवबहार, राजकीय माध्यमिक पाठशाला, पंजोग, चैड़ी, पंजोग, राजकीय उच्च पाठशाला, खलीनी, आनंदपुर, मूलबरी तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजोैली, बालूगंज, ब्योलिया, कोटी, क्यारकोटी, रझाणा के छात्र व छात्राओं ने बाल फिल्मों से खूब मनोरंजन किया।   श्री मल्होत्रा ने बताया कि बाल फिल्मोत्सव का उद्देश्य बच्चों में चलचित्रों के माध्यम से शिक्षाप्रद मनोरंजन प्रदान करना है ताकि उनके जीवन में नैतिकता को बढावा मिले। उन्होंने कहा कि बाल फिल्मों के माध्यम से उनमें वे संस्कार डाले जा सकते हैं जिससे वे कर्तव्यनिष्ठ, आदर्श नागरिक बनकर देश व समाज के प्रति अपने दायित्व को पूर्ण निष्ठा से निबाहें ।

कौशल विकास भत्ता कर रहा युवाओं के सपने साकार

धर्मशाला, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी कौशल विकास भत्ता योजना आशा की नई किरण बन कर उभरी है। नगरोटा बंगवा की बवली, शाहपुर के विकास शर्मा व शारीरिक रूप से अक्षम कांगड़ा के सुखदेव और बैजनाथ की प्रीति ने कभी सोचा नहीं था कि कभी वे मुफलिसी के कारण किसी अच्छे संस्थान में प्रशिक्षण लेकर अपने सपनों को साकार कर पायेंगे। कौशल विकास भत्ता मिलने से अब वे अच्छे संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर नए सपने बुन रहे हैं। उन्हीं की भांति कांगड़ा जिला के 8,852 युवा और शारीरिक रूप से अक्षम 13 युवा अब विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर नए सपनों को साकार करने की दिशा में कौशल विकास भत्ते को  अहम मान रहे हैं। सरकार द्वारा  कौशल विकास भत्ता प्रदान करने के लिए कांगड़ा जिला को दो करोड़ रूपये का बजट आंवटित किया गया है जिसमें से अब तक 1.53 करोड़ रूपये 8865 लाभार्थियों को आंवटित किये जा चुके है। सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिमाह 1000 रुपये तथा शारीरिक रूप से अक्षम को 1500 रुपये उपलब्ध करवाए जाते हैं। कांगड़ा जिला में विभिन्न रोजगार केन्द्रों में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या 2,28,692 है। जिसमें सबसे ज्यादा क्षेत्रीय रोजगार केन्द्र धर्मशाला में 60633, बैजनाथ 11203, पालमपुर 30033, लम्बागांव 9446, नुरपुर 29367, इन्दौरा 7001, फतेहपुर 8963, ज्वाली 19345, देहरा 37243, नगरोटा सुरियां 6310, कस्वा कोटला 4557 तथा बड़ोह में 4591 दर्ज हैं। इन्हें दक्ष बनाने के लिए और अपना रोजगार शुरू करने के लिए सरकार ने महत्वकांक्षी कौशल विकास भत्ता स्कीम शुरू की है। कौशल विकास भत्ते में कुछ निजी संस्थानों द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा उपायुक्त की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो प्राईवेट संस्थानों की जांच कर प्रदेश सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करने पर भत्ते के लिए पंजीकृत करती है। जिला कांगड़ा में इस समय 21 सरकारी संस्थान तथा 71 प्राइवेट संस्थान कौशल विकास के लिए पंजीकृत हैं। इनमें आईटीआई शाहपुर, नूरपुर, बैजनाथ, पालमपुर, दाड़ी (धर्मशाला), बडोह, ज्वाली, गढ़-जमूला, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान कांगड़ा सरकारी क्षेत्र में है। इसके अतिरिक्त प्राइवेट संस्थान रैनबो आईटीआई नगरोटा बगवॉ, निरवॉ पॉलटैकनीक इंदौरा, रैनिस आईटीआई नगरोटा बगवॉ, हिमालयन आईटीआई लम्बागांव, घनापट्टी में बन्ने दी हट्टी, निट ढलियारा तहसील देहरा, निट धर्मशाला शामिल है।जिनमें युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं। कौशल विकास भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रपत्र किसी भी रोजगार अधिकारी कार्यालय से नि:शुल्क लिये जा सकते हैं। इसके अलावा आवेदन प्रपत्र वैबसाईटसे भी डाऊनलोड किए जा सकते हैं। आवेदक को भत्ता प्राप्त करने के लिये निर्धारित प्रपत्र पर अपना आवेदन संबंधित रोजगार कार्यालय में अपेक्षित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। आवेदक कौशल विकास भत्ता 24 माह की सीमा में एक से ज्यादा प्रशिक्षणों के लिए प्राप्त किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जिसने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से एक वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, किसी अन्य संस्थान से छ: माह के प्रशिक्षण लेने पर वह भत्ता प्राप्त करने का पात्र है। कौशल विकास भत्ता प्राप्त करने के लिये प्रार्थी को अपने आवेदन-पत्र के साथ अपना पासपोर्ट साईज फोटो, रोजगार पंजीकरण की फोटोप्रति, कार्यकारी दंडाधिकारी द्वारा जारी किया गया पारिवारिक आय के प्रमाण-पत्र की प्रति, हिमाचली प्रमाण-पत्र, कौशल प्रशिक्षण हेतु किसी संस्थान में प्रवेश के प्रमाण की प्रति, दसवीं की अंकतालिका की प्रति और बेरोजगारी का स्वयं सत्यापित प्रपत्र प्रस्तुत करना होता है।

ठोस तरल कूडा कचरा प्रबंधन के लिए सुजानपुर की नौ पंचायतें चयनित  
  • प्रत्येक घर में सोकपिट बनाने का प्लान, उपायुक्त ने की समीक्षा
  • प्रत्येक पंचायत से दो-दो बेरोजगारों को दिया जाएगा निशुल्क प्रशिक्षण

हमीरपुर, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  हमीरपुर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन पर विशेष बल दिया जाएगा इस के लिए सुजानपुर विकास खंड में ठोस तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन के तहत प्रारंभिक तौर पर नौ पंचायतों के प्रत्येक घर में सोकपिट तैयार करने का प्लान तैयार किया गया है, जिसमें बनाल, टीहरा, पटलांदर, चलोह, दसरियाणा, डेरा, जंगल, स्पाहल तथ लंबरी पंचायतें शामिल की जाएंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को भी सुंदर तथा स्वच्छ बनाया जा सके।  यह जानकारी उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने वीरवार को सुजानपुर में ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्यों को पंचायत स्तर पर सुचारू रूप से कार्यान्वित किया जाए तथा प्रत्येक कार्य में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर विशेष बल देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्यान्वयन में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा कार्यों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए नियमित तौर पर आनलाइन सूचना देना भी सुनिश्चित किया गया है ताकि विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके।    उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि स्किल डिवल्पमेंट के तहत मनरेगा के मजदूरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके अतिरिक्त कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, वेल्डर इत्यादि के क्षेत्रों में भी निशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी।      उन्होंने युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि स्किल डिवल्पमेंट के तहत किसी भी क्षेत्र में निशुल्क ट्रेनिंग लेने के इच्छुक युवा अपने नाम पंचायत कार्यालय या विकास खंड अधिकारी कार्यालय में भेजें ताकि ट्रेनिंग का शेड्यूल तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि सुजानपुर ब्लाक के बेरोजगारों के लिए इलैक्ट्रानिक्स की ट्रेनिंग दी जाएगी तथा प्रत्येक पंचायत से दो दो पात्र लोगों के नाम विकास खंड कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पंचायतों में स्वच्छता अभियान पर विशेष बल दिया जाए तथा सामुदायिक शौचालयों इत्यादि का उचित रखरखाव भी सुनिश्चित करें। इससे पहले उपनिदेशक डीआरडीए राकेश शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सुजानपुर ब्लाक में पहली तिमाही के दौरान मनरेगा कार्यों पर पच्चीस लाख की राशि व्यय की जा चुकी है। बीडीओ रेखा देवी ने पंचायत स्तर पर हुए विकास कार्यों के बारे में अवगत करवाया गया। इस अवसर पर उद्यान विकास अधिकारी गोपाल चौहान सहित पंचायत प्रधान, पंचायत सचिव तथा तकनीकी सहायक उपस्थित थे।

पहल:  पंचायत प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों के बीच सीधा संवाद
  • विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए उपायुक्त ने उठाया कदम

हमीरपुर, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  हमीरपुर जिला में ग्रामीण विकास विभाग की पंचायत स्तर पर चल रहे विभिन्न कार्यों का पहली मर्तबा ब्लाक स्तर पर समीक्षा की जा रही है इसमें खास बात यह है कि इन बैठकों में जहां पंचायत सचिवों, पंचायत सहायकों तथा तकनीकी सहायकों की उपस्थित अनिवार्य की गई है वहीं पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी सीधे तौर पर प्रशासन के साथ संवाद का मौका दिया जा रहा है। यह बैठकें सिलसिलेवार उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही हैं जिसका शुभारंभ टौणी देवी ब्लाक से 25 जून को किया गया था इसके पश्चात 27 जून को हमीरपुर ब्लाक की बैठक आयोजित की जा चुकी है। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर का कहना है कि ब्लाक स्तर पर आयोजित की जा रही बैठकों में विकास कार्यों के कार्यान्वयन बारे जहां पंचायत प्रतिनिधियों से सही फीडबैक मिलती है वहीं सरकारी कर्मचारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने का प्रयास भी किया जा रहा है ताकि विकास कार्यों में तेजी आ सके। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने हमीरपुर जिला में मनरेगा के तहत बेहतर कार्य करने वाली पंचायतों को एक-एक लाख रूपये का नगद पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय भी लिया गया है ताकि पंचायतों को विकास कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसके साथ ही पंचायतों में बेहतर कार्य करने वाले रोजगार सेवकों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।   

वर्षा से आईपीएच की 15 स्कीमें प्रभावित

हमीरपुर, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  जिला में गत 24 घण्टों में हुई वर्षा के कारण सिंचाई एवं स्वास्थ्य विभाग, हमीरपुर मण्डल की 38.10 लाख की 15 योजनाएं प्रभावित हुईं। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने दी।  उन्होंने बताया कि तहसील भोरंज के गांव यानवी के श्यामू राम  सपुत्र कालू राम के कच्चे मकान को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचने से 80 हजार रूपये की क्षति पहुंची है।

एग्रोमेट्रोलॉजी और फार्म पॉवर मशीनरी के अध्यापकों के साक्षात्कार 30 जुलाई को

हमीरपुर, 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विज्ञान, नेरी संस्थान में एग्रोमेट्रोलॉजी और फार्म पॉवर मशीनरी विषयों में स्नातक कक्षाओं के शिक्षण में अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड और अनुभव रखने वाले अध्यापकों के साक्षात्कार 30 जुलाई को प्रात: 10:30 बजे निर्धारित किये गये हैं। यह जानकारी निदेशक, जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विज्ञान, नेरी संस्थान ने दी। उन्होंने बताया कि यह पद व्याख्यान आधार पर 600 रूपये प्रति घण्टा ओर अधिकतम 1200 रूपये प्रति दिन के आधार पर हैं। उन्होंने इच्छुक अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि निर्दिष्ट योग्यता रखने वाले उम्मीदवार संस्थान में निर्धारित समय पर साक्षात्कार समिति के समक्ष मूल दस्तावेजों सहित उपस्थित होंं, साक्षात्कार के लिये अलग से कोई भी बुलावा-पत्र नहीं भेजा जाएगा और न ही साक्षात्कार में भाग लेने बालों को टीए/डीए देय होगा। उम्मीदवार  नेट/सैट उत्तीर्ण होना जरूरी है। एग्रोमेट्रोलॉजी विषय में उम्मीदवार एम.एस सी एग्रोमेट्रोलॉजी /पर्यावरण प्रबन्धन अवश्य होना चाहिए लेकिन सम्बन्धित विषय में पीएचडी वांछनीय है तथा फार्म पॉवर विषय में उम्मीदवार एम.टैक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग/ खेत विद्युत मशीनरी  में विशेषज्ञता के साथ मकैनिकल इंजीनियरिंग होना अनिवार्य है लेकिन लेकिन सम्बन्धित विषय में पीएचडी वांछनीय है। 

प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम में मौके पर निपटाई जनता की समस्याएं, सीएम रिलीफ फंड के तहत 1.21 लाख के चैक वितरित 

ऊना, , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  आज गगरेट विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दौलतपुर चौक में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह परिसर में जिला स्तरीय प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रशासनिक अमले ने मौके पर ही लोगों की समस्याओं का निपटारा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीसी अभिषेक जैन ने की जबकि गगरेट के विधायक व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव राकेश कालिया विशेष रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में 122 शिकायतें व समस्याएं प्रस्तुत हुईं, जिनमें 100 से अधिक शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया गया और अन्य शिकायतें त्वरित कार्यवाही के लिए सम्बन्धित विभागों को सौंप दी गईं। ज्यादातर समस्याएं पेयजल, जल निकासी, डंगे लगाने, सामाजिक सुरक्षा पैंशन और राजस्व मामलों से सम्बन्धित थीं। इस कार्यक्रम में मौके पर ही तीन इंतकाल किये गये, 7 प्रमाण-पत्र व दो किसान पास बुकें जारी की गईं। कार्यक्रम में डीसी अभिषेक जैन व विधायक राकेश कालिया ने 7 पात्र लोगों को एक लाख 21 हजार 300 रूपये के चैक प्रदान किये, जिनमें सीएम रिलीफ फंड के तहत 3 लोगों को उपचार के लिए एक लाख 15 हजार रूपये की राशि के चैक शामिल हैं। पृथीपुर निवासी रघुवीर सिंह को उपचार के लिए सीएम रिलीफ फंड से 50 हजार, भद्रकाली के तिलक राज को 40 हजार और अम्बोटा के वीरेन्द्र सिंह को 25 रूपये के चैक प्रदान किये गये। इसी कार्यक्रम में डीसी अभिषेक जैन ने भद्रकाली निवासी आशा कुमारी को उनके कैंसर ग्रस्त पति कुलदीप चन्द के उपचार के लिए चिन्तपुर्णी मन्दिर न्यास की ओर से 30 हजार रूपये की राशि मंजूर की। डीसी ने रास्तों, डंगों व चारदीवारियों के निर्माण के लिए भी करीब साढ़े तीन लाख रूपये की राशि मंजूर की। इनमें जोह के मनोहर लाल को रास्ते व रिटेनिंग वॉल के लिए 35 हजार, जोह के ही सतपाल को रास्ते व डंगे के लिए 30 हजार, मावा कोहलां के पंचायत भवन की चारदीवारी के लिए 50 हजार और दियोली में डिस्पैंसरी की चारदीवारी के लिए एक लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अलावा ऐसे ही अन्य मामलों के लिए भी डीसी ने मौके पर ही राशि स्वीकृत की। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में गगरेट के विधायक व एआईसीसी के सचिव राकेश कालिया ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए कृत्संकल्प है और प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचकर मौके पर ही उनकी समस्याएं सुनना व उन्हें न्याय प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनता को पारदर्शी व जबावदेह प्रशासन उपलब्ध करवाया जा रहा है और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आम आदमी की शिकायतों पर फौरन कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से ऐसा ही कार्यक्रम गगरेट में भी आयोजित करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में एडीएम राजेश कुमार, एसडीएम अम्ब, सीएमओ डॉ. जीआर कौशल, डीएफओ आरके डोगरा, एक्सियन बाढ़ नियंत्रण हरिन्दर भारद्वाज, जिला राजस्व अधिकारी, जिला खनन अधिकारी सहित सभी विभागों के अधिकारी, गगरेट ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन बलवन्त परमार, युवा कांग्रेस नेता संजय पुर्जा, देवी सिंह व अनिल डढवाल भी उपस्थित थे। दौलतपुर चौक में पहली बार आयोजित प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम के प्रति लोगों में काफी उत्साह देखा गया और दूरदराज के गंावों के लोग अपनी समस्याएं लेकर आए थे।   

मुकेश अग्निहोत्री रविवार को कांगढ़ में 

ऊना, , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री रविवार 20 जुलाई को  प्रात: 11 बजे कांगढ़ में पयर्टन विभाग के सुविधा केन्द्र का शिलान्यास करेंगे। यह जानकारी एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां दी। प्रवक्ता ने बताया कि उद्योग मंत्री 23 जुलाई को 11 बजे नगनोली पुल का शिलान्यास करेंगे और 24 जुलाई को हरोली विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकासात्मक कार्यों व योजनाओं का निरीक्षण व समीक्षा करेंगे। उद्योग मंत्री 25 व 26 जुलाई को मुयमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के ऊना व हरोली प्रवास के दौरान साथ रहेंगे और 28 जुलाई को वह 11 बजे पोलियां में वन विभाग के विश्राम गृह का लाकापर्ण , 29 जुलाई को 11 बजे बाथू में वर्षा शालिका व 3 बजे बाथड़ी में वर्षाशालिका का लोकापर्ण करेंगे। 

मकान बनाने के लिए 113 परिवारों को दिया अनुदान
  • कुल्लू जिला में इस वित वर्ष में खर्च किए जा चुके हैं 86 लाख

कुल्लू  , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  हिमाचल प्रदेश सरकार समाज के कमजोर वर्गों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को विशेष प्राथमिकता दे रही है, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए योजना परिव्यय का 30 प्रतिशत आवंटित् कर इस क्षेत्र को प्रमुखता दी गई है। वर्तमान सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 450 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिमाह किया है। सामाजिक सुरक्षा पैंशन योजना के अंतर्गत सभी 10,369 लंबित प्रार्थना पत्रों को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदेश में 2,92,921 पात्र विधवाओं, वृृद्धों, विकलांगजनों को यह पैंशन दी जा रही है। इन वर्गों के लोगों को अन्य कल्याणकारी योजनाओं से भी लाभान्वित किया जा रहा है। कुल्लू जिला में इस वित वर्ष में अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों के लिए गृह निर्माण अनुदान योजना के तहत अभी तक 86 लाख रूपये खर्च किए जा चुके हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए इस वित वर्ष में 77.25 लाख का बजट आवंटित किया गया है। इसमें से अभी तक 76.50 लाख की धनराशि खर्च कर दी गई है। जिले में इस वित वर्ष में अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए 103 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। जिला कल्याण अधिकारी प्रताप नेगी ने बताया कि इनमें से 100 मकानों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि पात्र परिवारों को मकान निर्माण के लिए कुल 75000 रूपये की धनराशि दी जाती है। मकान की मरम्मत के लिए भी 25000 रूपये की धनराशि का प्रावधान किया जा सकता है। इस वित वर्ष में ओबीसी वर्ग के चार परिवारों को भी गृह निर्माण के लिए अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया था तथा इसके लिए तीन लाख का बजट रखा गया था। यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए भी 7.50 लाख का बजट था और इससे 10 परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य था। जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि इस वर्ग के नौ परिवारों को गृह निर्माण के लिए 6.75 लाख का अनुदान दिया जा चुका है। प्रताप नेगी ने बताया कि गृृह निर्माण अनुदान योजना में अधिक से अधिक गरीब परिवारों को लाभान्वित करने के उद््देश्य से प्रदेश सरकार ने अब इसके लिए अधिकतम आय सीमा बढ़ाकर 35000 रूपये कर दी है। आय सीमा में बढ़ोतरी होने के कारण अब अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस प्रकार कुल्लू जिला में गृह अनुदान योजना से गरीब परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। 
    
रामलाल ठाकुर करेंगे 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा

कुल्लू  , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  हिमाचल प्रदेश राज्य योजना विकास एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम समीक्षा समिति के अध्यक्ष रामलाल ठाकुर 19 जुलाई को बचत भवन कुल्लू में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे। यह बैठक सुबह 11 बजे आरंभ होगी। उपायुक्त राकेश कंवर ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने विभागों से संबंधित योजनाओं के विस्तृत ब्यौरे के साथ इस बैठक में भाग लेने के निर्देश दिए हैं।

जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

कुल्लू  , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।    भारी बारिश की आशंका को देखते हुए कुल्लू जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। जिलाधीश राकेश कंवर ने बताया कि भारी बारिश के कारण जिले के नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। उन्होंने जिलावासियों व बाहर से आने वाले पर्यटकों से अपील की है कि वे खराब मौसम में नदी-नालों के नजदीक न जाएं। जिलाधीश ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को भी आगाह करते हुए उनसे सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की है।   राकेश कंवर ने विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं या अन्य निर्माण कार्यों में लगी कंपनियों के अधिकारियों व ठेकेदारों को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने कामगारों को सुरक्षित स्थानों की ओर स्थानांतरित कर दें। उपायुक्त ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभी अधिकारियों को किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

आईओसी की डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित

कुल्लू  , 17 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रसिद्ध तेल कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड कुल्लू जिला में दो रिटेल आउटलैट और एक किसान सेवा केंद्र खोलने जा रही है। कंपनी ने इन आउटलैट्स व केंद्र के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के सीनियर डिविजनल रिटेल सेल्स मैनेजर ने बताया कि कुल्लू बाईपास रोड यानि लैफट बैंक और बबेली में एक-एक रिटेल आउटलैट खोला जाना है। इन दोनों की डीलरशिप के लिए 30 जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। कारपोरेशन कुल्लू जिला के ही गांव काईस में किसान सेवा केंद्र भी खोलने जा रही है। रिटेल सेल्स मैनेजर ने बताया कि किसान सेवा केंद्र की डीलरशिप के लिए 28 जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां कॉपोरेशन की वैबसाइट आईओसीएल.कॉम से डाउनलोड की जा सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए आईओसी के मंडलीय कार्यालय शिमला के दूरभाष नंबर 0177-2625362 पर भी संपर्क किया जा सकता है।  

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (17 जुलाई)

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मामला स्कूलो मे विशयवार अध्यापको कि कमी का, स्कूलो के विशय विशेशज्ञ अध्यापक भटक रहे हे गाॅवो मे जनशिक्षक बनाने से बडी हे समस्या
                
पारा---क्षेत्र के हाई स्कूल व हायर सैकेन्ड्री स्कूलो विगत तिन चार वर्शो से विशय वार शिक्षको कि कमी के कारण स्कूलो का वार्शिक परीक्षा का परिणाम साल दर साल कम आ रहा हे।जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के विधार्थी व उनके परिजनो का क्षेत्र के शासकिय स्कूलो से मोह भंग होता जा रहा हे। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश बच्चे अच्छे शिक्षण के लिए शहरो कि तरफ उत्कृश्ट स्कूल या निजि स्कूलो की ओर आकृशित हो रहे हे वही गरिब व मध्यम वर्गीय परिवार के लोग जो कि इन स्कूलो का खर्च उठाने मे सक्षम नही हे वो असूविधाओ के बिच पढने को मजबूर हे। 
स्ंाकूल व्यवस्था ने बिगाडा ढर्रा---राज्य शासन ने जिले मे स्कूलो कि मानिटरींग के लिए संकूल व्यवस्था लागू कर रखी हे जिसके चलते संकूल क्षेत्र के स्कूलो कि मांनिटरीग के लिए स्कूलो के  अध्यापको को जनशिक्षक बनाकर  मानिटरींग कार्य सोप रखा हे प्रत्येक संकूल मे करिब 30-35 स्कूल आते हे हर संकूल मे दो  जनशिक्षक बनाए गए हे। जनशिक्षक बनाए गए लगभग सभी  अध्यापक किसी न किसी विशय के विशेशज्ञ हे जो कि प्रति दिन क्षेत्र के स्कूलो की जानकारी एकत्रित कर संकूल प्रभारी को देते हे ऐसे मे ये अध्यापक स्कूलो कि मानिटरींग के चक्कर मे इधर उधर भटकते रहते हे व अपनी शिक्षण संस्थाओ मे समय नही दे पाते हे जिससे स्कूलो का वार्शिक परिणाम प्रभावित हो रहा हे व इसी कारण स्कूलो विशय विशेशज्ञ अध्यापको कि अधोशित रूप से कमी हे।
पारा मे स्कूलो के ये हे हालात---पारा मे कन्या हायर सेकेन्ड्री व बालक हायर सेकैन्ड्री दो संकूल हे दोनो संकूल मे तिन जनशिक्षक हे। दोनो ही स्कूलो मे विज्ञान व गणित विशय पढने कि सूविधा हे पर अघोशीत रूप से इन दोनो ही स्कूलो मे गणित व विज्ञान के भोतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान, जिव विज्ञान व गणित विशय के अघ्यापको की कमी हे।उक्त दोनो ही स्कूलो के गणित व विज्ञान विशय के अध्यापक शासन के आदेश से जन शिक्षक बनकर ग्रामीण क्षेत्र की खाक छानने को मजबूर हे। इन स्कूलो मे विज्ञान विशयो मे पढने वाले बच्चो का भविश्य खराब हो रहा हे।
ये हे दोनो स्कूलो मे विज्ञान समूह के बच्चो स्थिति--- कन्या हायर सेकेन्ड्री स्कूल मे कक्षा 9 वी मे173 व कक्षा 10वी मे 170 बच्चे विज्ञान व गणित विशय लेकर पढ रहे हे वही कक्षा 11वी मे 80 व  कक्षा12 वी मे 76 बच्चे जिव विज्ञान लेकर अध्ययन कर रहे हे।यहा पर गणित विशय पढने कि सूविधा शूरू सेही उपलब्ध नही हे जब की इस स्कूल मे गणितव विज्ञान विशय को पढाने वाले अध्यापक गण मोजूद हे। बालक हायर सेकेन्ड्री स्कूल मे कक्षा 9वी मे149 व कक्षा 10 मे 144 बच्चे गणित व विज्ञान विशय के साथ पढ रहे हे वही कक्षा 11 वी मे 46 कक्षा 12 वी 78 मे बच्चे जिव विज्ञान विशय लेकर पढ रहे हे जबकी इस स्कूल मे विज्ञान के साथ गणित विशय भी बच्चो के लिए उपलब्ध हे पर विडम्बना यह हे कि गणित विशय के शिक्षक के अभाव मे यहा एक भी बच्चे को गणित विशय मे प्रवेश नही दिया गया।वही यहा के कूछ बच्चे गणित विशय के लिए झाबआ के रातितलाई स्कूल मे प्रवेश लेने गए तो उन्हे यह कह कर लोटा दीया कि वही पर गणित के अध्यापक की व्यवस्था करदी जावेगी।वही एग्रीकल्चर विशय मे कक्षा 11 वी मे 71 व 12 मे 18 छात्र हे जब की इस विशय मे भी एग्रीकल्चर का एक भी अध्यापक नही हें कूल मिला कर बालक हायर सेकेन्ड्री स्कूल मे 12 पद विशयवार अध्यापको के रिक्त हें। ऐसे अभाव मे स्कूलो का परिक्षा परिणाम आखीर सूधरे तो केसे सूधरे।
अधिकारीयो द्वारा कि जारही अनदेखी---शिक्षा कि गूणवत्ता मे सूधार लाने के लिए शासन चाहे लाख प्रयास करे पर स्थानीय अधिकारी उसमे पलीता लगाने मे कोई कसर नही छोडते।स्थानिय अधिकारी जहा कर्मचारी उपलब्ध हे वहा उनसे कार्य लेना नही चाहते ओर जहा नही हे वहा उपलब्ध नही करवाते अधिकारीयो द्वारा कि जारही इस अनदेखी के चलते जहा परिक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा हे वही ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलो मे बच्चो का भविशय खराब हो रहा हे।
ये कहना हे इनका--शिक्षको कि कमी पूरी करने के लिए अतिथी शिक्षक रखने के आदेश आगए हें।कन्या स्कूल मे विज्ञान व गणित के जो शिक्षक जनशिक्षक बनाए गए हे वो प्रशासन का आउटलूक हे।

जैसा खाओेगें अन्न वैसा हो जायेगा मन: आचार्य रवीन्द्रसूरि

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राजगढ़-- मोहनखेडा सामुहिक गुरूवंदन के पश्चात् शासनप्रभावक आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने आराधको को प्रेरक उद्बोधन देते हुआ कहा कि ध्यान हमेशा भूखे पेट ही किया जाता है जीवन में अन्न से बड़ा कोई नशा नहीं होता है । नशा जीवन के लिये बहुत जरुरी है और बिना नशे के धर्म भी नही कर सकते थे हम जो अन्न खा रहे है उसमें भी पेट भरने के बाद बहुत नशा चढ़ता है हम अन्न को उपकार के भाव से ग्रहण करें । प्रभु ने कहा है ’परस्परग्रहों जीवाणाम’ बिना अन्न के हम जीवित नहीं रह सकते । उपवास भले ही हम 100 दिन के कर ले परन्तु अन्न की गर्मी आत्मा व शरीर के लिये आवश्यक है । जब हमें पेट भर खाना मिलता है तब हम झूठा छोड़ते है मानव को जीवित रहने के लिये मात्र 2 मुठ्ठी अनाज, हाथी को मण, चीटी को कण की आवश्यकता होती है । भोजन को श्रृद्धा और भावों के साथ ग्रहण करें । माॅं के हाथों से दिया हुआ भोजन अमृतमय होता है । बदलते परिवेश में हमारे परिवारों में नौकर एवं नौकरानीयों ने स्थान ले लिया है यहा घरों में पैसों का आगमन हो चूका है हम धर्म से दूर होते जा रहे है अमृतमय भोजन से हम दूर हो चूके है ’जैसा खाओेगें अन्न वैसा हो जायेगा मन’ ’जैसा पियोगे पानी वैसी हो जायेगी वाणी’ यदि जीवन में झूठा पानी पिया तो वाणी शुद्ध कहां रहेगी । नौकरों के बीच में पला हुआ बच्चा संस्कार युक्त बनकर भविष्य में आपका मान सम्मान करेगा यह कल्पना करना कहा तक उचित है इसी कारण हमारे परिवार पतन की और जा रहे है हमारे समाज के संगठन बिखरते जा रहे है परिवार इकाईयों में विभाजित होता जा रहा है इसका मुख्य कारण हमारा आहार ही अशुद्ध है इसी वजह से हम विनयवान नहीं बन पा रहे है हम खेत में धतुरे के बीज बो रहे है और गुलाब के फुलों की प्राप्ति की आशा करते है । जब परिवार की ही व्यवस्था सही नही है तो धर्म के अच्छे संस्कार परिवार में कहा से आयेगे । सुख और दुःख मिटाने के लिये व्यक्ति उपवास करता है जब पेट खाली रहेगा तो व्यक्ति का ध्यान पेट की और एकाग्र हो जायेगा जब पेट भरा हुआ रहेगा व्यक्ति के मन में अच्छे बूरे विचारों का आवागमन शुरु हो जायेगा । मन को यंत्र वत्त बनाने के लिये आत्मा की आवाज सुनने के लिये पेट को खाली रखा जायेगा तो व्यक्ति सिर्फ पेट की आवाज ही सुनेगा । मन एवं तन को जोड़ कर व्यक्ति जीवन में उच्च कोटि के कर्म कर सकता है । संकल्पवान व्यक्ति देवताओं के सिंहासन भी हिला देता है देवता भी ऐसे संकल्पवान व्यक्ति से खतरा महसूस करते है इस लिये देवता भी मनुष्य को उसके संकल्प तक पहुंचने में अडचन पैदा कर देते है । मुनि श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने ’धर्मबिन्दु शास्त्र’ के प्रारम्भ भूमिका में मंगलाचरण पर व्याख्या करते हुऐ कहा कि जीवन में किसी भी शुभ कार्य करने से पहले मंगलाचरण का बड़ा महत्व माना गया है जिससे शुभ कार्य में अमंगल का कोई स्थान नहीं होने की स्थिति बने । इस सागर रुपी शास्त्र में शब्द कोष के गागर रुपी सागर भरा हुआ है । आचार्यश्री ने 1444 ग्रंथों की रचना पश्चाताप एवं प्रतिज्ञा के तोर पर की थी । श्री मोहनखेडा तीर्थ पर दादा गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसुरीश्वरजी म. सा. की पाट परम्परा के शासनप्रभावक सप्तम पटधर वर्तमान प.पू. गच्छााधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतप निश्रा में यशस्वी चातुर्मास प्रारम्भ हो चुका है। श्री मोहनख्.ोडा तीर्थ में 1 हजार सें अधिक आराधक आराधना कर रहे है। श्री मोहनखेडा तीर्थ पर चातुमार्स के दौरान 20 जुलाई से श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के अट्ठम तप की आराधना, आज से 45 दिन की सिद्वितप आराधना प्रारम्भ । यहा पर नियमित रूप सें जय तलेटी की यात्रा, भक्तामर पाठ, गुरू चालीसा, चैत्यवंदन, देववंदन, गुरूवंदन, प्रवचन, सामायिक, प्रतिक्रमण, पुजा, अर्जना आदि क्रिया समता के भावो के साथ चल रही है। 18 जुलाई की जय तलेटी यात्रा के संघपती बनने का लाभ श्री गणेशमलजी चुन्नीलालजी पावा वालो ने लिया । तीर्थ पर सांकली अट्ठम तपाराधना निरन्तर गतिमान है 

कम्प्यूटर संचालन के लिए आवेदन आमंत्रित

झाबुआ --- प्राचार्य शा.महाविद्यालय थांदला ने बताया कि शासकीय महाविद्यालय थांदला जिला झाबुआ में 01 पूर्णतः अस्थाई कम्प्यूटर संचालक की आवश्यकता है। किसी भी विषय में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ 1 वर्ष की कम्प्यूटर डिग्री अनिवार्य है। अनुभव के अंक पृथक से दिये जायेगे। अतः समाचार प्रकाशन तिथि से 15 दिवस के अन्दर इस महाविद्यालय में आवेदक अपने आवेदन प्रस्तुत करे। पारिश्रमिक कलेक्टर दर के अनुसार दिया जावेगा।

6 वर्ष के कमलेश को हद्ृय सर्जरी के लिए 90 हजार की सहायता स्वीकृत

झाबुआ ----राज्य बीमारी सहायता निधि मुख्यमंत्री बाल हद्य योजना अन्तर्गत बीमारी उपचार हेतु कमलेश पिता रामचन्द्र मैडा उम्र 06 वर्ष वा.क्र.08 फडवास पेटलावद जिला झाबुआ द्वारा उपचार के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। आवेदक बी.पी.एल. ए.पी.एल श्रेणी में आता है मुख्य मंत्री बाल हदृय सहायता निधि अन्तर्गत आॅपरेशन उपचार के लिए संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें इन्दौर संभाग इन्दौर की अनुमति उपरान्त संचालक भोपाल मेमोरियल अस्पताल एण्ड रिसर्व सेन्टर रायसेन बाई रोड करोन्द चैराहा भोपाल को कमलेश के दिल के छेद की सर्जरी आॅपरेशन के लिए 90 हजार रूपये जारी कर दिये गये है।

कलेक्टर ने कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिये निर्देश
  • संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ ----कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज 17 जुलाई को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय संयुक्त परामर्श दात्री समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने की। बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी जिला अधिकारी यह सुचिश्चत करे कि सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 की पदोन्नति समय पर की जाये। कर्मचारियों के आवासीय भूखण्डों का विकास कर कर्मचारियों को 30 अक्टूबर तक भूखण्ड आवंटित करे। आवासीय कांलोनी मंे पीएचई विभाग टंकी जल्द से जल्द बनवाये। जिन शासकीय सेवको के पास अपने स्वयं के आवास है, वे शासकीय आवास गृह रिक्त करे ताकि जिन्हें आवश्यकता है, उन्हें दिये जा सके। सभी जिला अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि कर्मचारियों से संबंधित कोई सरक्यूलर आता है, तो संघ के पदाधिकारी को तुरंत उपलब्घ करवाये। सभी शासकीय सेवको को वेतन पर्ची प्रतिमाह देना सुनिश्चित करे। सभी जिला अधिकारी कर्मचारियों की पदक्रम सूची नियमानुसार प्रतिवर्ष जारी करे। सिविल सर्जन स्वास्थ्य सेवकों की एवं सभी विभागीय अधिकारी अपने शासकीय सेवको की सेवा पुस्तिका में सभी प्रविष्टियां करवाये एवं सेवा पुस्तिका की द्वितीय प्रति कर्मचारी को उपलब्ध करवाये। एनआरएचएम में कार्यरत संविदा कर्मचारी निर्धारित अवधि में अनुबंध निष्पादित करे, सीएमएचओ समय-सीमा में अनुबंध नहीं भरने वाले संविदाकर्मी को सेवा से बाहर कर दे या उससे अनुबंध करवाये। मैदानी वनकर्मियों को जो वर्दी दी जा जाना है, उसकी राशि संबंधित कर्मचारी के बैंक खातें में डाली जाये। सभी विभाग अपनी विभागीय परामर्श दात्री समिति की बैठक जुलाई माह में कर कार्यवाही विवरण कलेक्टर कार्यालय को उपलब्घ करवाये। कर्मचारी संघ जिला स्तरीय अधिकारी को अपने प्रतिनिधि का नाम दे ताकि विभागीय जिला अधिकारी बैठक आयोजित कर सके। जिला अधिकारी द्वारा शासकीय सेवक जिन्हें वर्दी दी जाना है, उन्हें वर्दी प्रदाय करने के लिए निर्धारित राशि उनके खातें में अंतरित की जाये एवं कंट्रोलिंग अधिकारी संबंधित कर्मचारी से यह लिखित में ले कि उसने वर्दी खरीद ली है एवं वह कार्यालय में धारण करेगा। कलेक्टर कार्यालय परिसर में एसबी आई की बैंक शाखा पुनः खोलने का प्रस्ताव संगठनो ने रखा। जल संसाधन विभाग एवं आरईएस विभाग शासकीय सेवकों के यात्रा देयको का भुगतान तुरंत करना सुनिश्चित करे। समिति की बैठक निर्धारित अवधि में हो एवं बैठक के 15 दिवस पूर्व संगठनों से एजेन्डा मंगवाने के लिए सूचना दी जाये। निर्वाचन कार्य में लगे जिन कर्मचारियों अधिकारियों को विधानसभा एवं लोकसभा का मानदेय नहीं दिया गया है। उन्हें निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मानदेय देने के लिए उप जिला निर्वाचन अधिकारी को कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया। शासकीय आवासों की मरम्मत करवाने के लिए पीडब्ल्यू डी विभाग को निर्देशित किया। बैठक में विभिन्न कर्मचारियों संगठनों के प्रतिनिधि एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जमीन पर अवैध कब्जा करने पर अपराध पंजीबद्व 

झाबूआ---फरियादी कीर्तिसिंह पिता स्व0 जीतसिंह ठाकुर, उम्र 57 वर्ष, निवासी बोरी ने बताया कि आरोपी पिंजु पिता नजरू भूरिया, निवासी रातीमाली ने उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर सीमेण्ट के खम्बे गाड़ दिये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 529/2014, धारा 447 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

गंभीर अपराध में फरार 11 आरोपियो की गिरफतारी पर नगद ईनाम की उदघोषणा 

झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि आरोपी कैलाश पिता मेसु वसुनिया भील निवासी झायडाका होकर थाना कल्याणपुरा के अप0क्र0 135/14 धारा 363,366 भादवि में दिनांक 14.5.14 से फरार है। फरार आरोपी कैलाश को गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना प्रभारी कल्याणपुरा, के0एल0 बरकडे के मो0 नंबर 7049140213 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे। आरोपी संतोष पिता कमल सेन, मनीष पिता बसंतीलाल अरोडा, श्रीमती कोमल पति कमल सेन निवासीगण एकता कालोनी अलीराजपुर हाल मुकाम भाभरा के होकर थाना अजाक झाबुआ के अप0क्र0 02/14 धारा 366,376,506,34 भादवि एवं 3(2)5 अजा/जजा (अत्या.निवा.) में दिनांक 23.10.2013 से फरार है। फरार आरोपी मनीष, श्रीमती कोमल को जो भी व्यक्ति गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 1000-1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना अजाक झाबुआ, श्रीमती लक्ष्मी सैतिया के मो0 नंबर 9630722617 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे। आरोपी राकेश पिता फरू डामोर भील निवासी दिलीप गेट झाबुआ का होकर थाना रानापुर के अप0क्र0 147/14 धारा 363 भादवि में दिनांक 12.5.14 से फरार है। फरार आरोपी राकेश को जो भी व्यक्ति गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना पर 1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। आरोपी दीपक पिता सुरेश जाति पिप्लोन्दा कनाडी निवासी इंदरा नगर भोपाल का होकर थाना रानापुर के अप0क्र0 144/14 धारा 363 भादवि में दिनांक 09.5.14 से फरार है। फरार आरोपी दीपक को जो भी व्यक्ति गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना प्रभारी रानापुर, श्री त्रिलोकचंद्र पंवार के मो0 नंबर 9479994520 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे।  आरोपी 1. नवलसिंह पिता अनसिंह निवासी रोटला, 2. पप्पू पिता बसू भूरिया, निवासी बडी गोला 03. तारसिंह पिता जयराम वाखडा, निवासी माछलिया 4. रमेश पिता धन्ना भील निवासी माछलिया 05. बदरू पिता प्रताप भील निवासी माछलिया के होकर थाना कोतवाली झाबुआ के अप0क्र0 536/13 धारा 395 भादवि में दिनांक 05.10.13 से फरार है। फरार आरोपियो को जो भी व्यक्ति गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 2000-2000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ आर0सी0 भाकर के मो0 नंबर 7049140507, 9752255506 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जनता से यह अपील की है कि यदि उन्हें उपर्युक्त आरोपियों के बारे में जानकारी हो तो अवगत करावें। सूचना देने वाला का नाम गोपनीय रखा जावेगा।    

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (17 जुलाई)

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जिला योजना समिति एवं रोगी कल्याण समिति की बैठक शनिवार को

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राजस्व एवं पुर्नवास मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक 19 जुलाई शनिवार को आयोजित की गई है। यह बैठक जिला पंचायत के सभागार कक्ष में दोपहर डेढ़ बजे से प्रारंभ होगी। कलेक्टर एवं समिति के सचिव श्री एमबी ओझा ने बताया कि बैठक में किसान कल्याण एवं कृृषि विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की योजनाओं की समीक्षा की जायेगी। कलेक्टर श्री ओझा ने बताया है कि जिला योजना समिति की बैठक उपरांत जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक आहूत की गई है।

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक 21 को

कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में समिति की बैठक 21 जुलाई को आयोजित की गई है। यह बैठक कलेक्टेªट सभाकक्ष में टीएल बैठक के उपरांत दोपहर 12.30 बजे से प्रारंभ होगी।

वाहनो में निर्धारित संख्या से अधिक बच्चे ना बैठाएं

जिला परिवहन अधिकारी श्री राजेश गुप्ता ने स्कूली बच्चांे को लाने ले जाने के कार्य मतें संलग्न वाहनो के स्वामित्वों से कहा है कि वे अपने वाहनो में निर्धारित संख्या से अधिक बच्चों को ना बैठाएं साथ ही वाहन की परमिट, फिटनेस आदि प्राप्त करें। ऐसा नही करने वालो के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।स्कूल संचालकों से भी उन्होंने आग्रह किया कि वे स्कूली विद्यार्थियों को लेकर आने वाले वाहनो की समय-समय पर जांच पड़ताल करें और वाहन चालकों एवं स्वामियों को परिवहन विभाग के दिशा निर्देशों से अवगत कराएं। इसी प्रकार की अपील परिवहन अधिकारी के द्वारा बच्चों के अभिभावकों से की गई है। परिवहन अधिकारी ने वाहन चालको से न्यायालयीन गाइड लाइन का अनुपालन करने की भी अपेक्षा व्यक्त की है। 

रेडियम पट््टी लगवाए
जिला परिवहन अधिकारी ने जिलेे के सभी टेªक्टर ट्राली, डम्पर मालिकों, स्वामियों से कहा है कि वे टेªक्टर ट्रालियों का पंजीयन अनिवार्य कराए साथ ही साथ वाहन के पीछे लाल एवं दोनो साईड में पीली परावर्तक रेडियम पट््टी लगवाना सुनिश्चित करें। जिससे दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को रोका जा सकें। उन्होंने ट्रालियों के निर्माण कार्यो से संबंधित आयरन वक्र्स वालो से भी नियमानुसार व्यवसाय प्रमाण पत्र प्राप्त कर ही ट्रालियों का वितरण करने की समझाईंश दी है। लाल, पीली परावर्तक रेडियम पट््टी जिन टेªक्टर ट्राली एवं डम्पर में लगी नही पाई जायेगी तो उनके खिलाफ परिवहन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी। 

मुख्यमंत्री कृृषक जीवन कल्याण योजना के एक प्रकरण में राशि जारी

मुख्यमंत्री कृृषक जीवन कल्याण योजना के एक प्रकरण में कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने कुल एक लाख दो हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी कर दी है। जारी आदेश में उल्लेख है कि कुरवाई तहसील के ग्राम ग्वारी के श्री अशोक पुत्र श्री रामसिंह कटियार की मृृत्यु कृृषि कार्यो के दौरान हो जाने के कारण आवेदिका मृृतक की पत्नि श्रीमती अनिता बाई कटियार को एक लाख रूपए की एवं अन्त्येष्टि अनुदान दो हजार रूपए इसी प्रकार कुल एक लाख दो हजार की आर्थिक सहायता जारी की गई है।

जिले में अब तक 207.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज, एक दिन मेें 13.5 मिमी औसत वर्षा हुई

जिले में इस साल अब तक 207.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। पिछले साल उक्त अवधि मेें 637.5 मिमी औसत वर्षा हुई थी। तहसीलों में स्थित वर्षामापी यंत्रो पर दर्ज की गई वर्षा की जानकारी इस प्रकार से है। विदिशा में 226.8 मिमी, बासौदा में 276.6 मिमी, कुरवाई में 173.6 मिमी, सिरोंज में 130.7 मिमी, लटेरी में 134 मिमी, ग्यारसपुर में 233 मिमी, गुलाबगंज में 291 मिमी और नटेरन तहसील में 193 मिमी वर्षा दर्ज की गई हैै। गुरूवार की प्रातः आठ बजे तक तहसीलवार दर्ज की गई वर्षा तदानुसार विदिशा मेें 7 मिमी, बासौदा में 50.2 मिमी, कुरवाई में 5 मिमी, सिरोंज में 10.2 मिमी, लटेरी में 3 मिमी, ग्यारसपुर में 9 मिमी, गुलाबगंज में 11 मिमी और नटेरन में 13 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

स्वामी अग्निवेश आतंकवादी हैं : शंकराचार्य

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ज्योतिष पीठ एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को आतंकवादी कहा है। आर्यसमाजी अग्निवेश ने साईं बाबा विवाद में शंकराचार्य के खिलाफ बयान दिया था। संभवत: इसी की प्रतिक्रिया में शंकराचार्य ने उन्हें 'आतंकवादियों से मिला हुआ'और 'आतंकवादी'बताया है। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बुधवार की शाम पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा, "स्वामी अग्निवेश के अब छत्तीसगढ़ आने पर यहां के मुख्यमंत्री भी उससे नहीं मिलते हैं, और उसके विषय में अब जनता की भी स्पष्ट राय बनने लगी है।"


उन्होंने कहा, "अग्निवेश माफी मांगें। शंकराचार्य को उन्होंने दुकानदार कैसे कहा? वह तुच्छ आदमी हैं। फिर भी धर्म संगठन उनका विरोध कर उन्हें प्रसिद्ध न करे।"

गाजा में हमले में 234 मरे, इजरायल का हमला फिर शुरू

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gaza attack
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हमास-इजरायल के बीच पांच घंटे के लिए लागू अस्थायी संघर्ष विराम की समाप्ति के बाद इजरायल ने गाजा शहर पर फिर से हमले शुरू कर दिए। तटीय एन्क्लेवों पर इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या 234 हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी अशरफ अल-केद्रा ने कहा कि हवाई हमलों में एक ही परिवार के तीन बच्चे मारे गए हैं। मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए पांच घंटे के संघर्ष विराम के समाप्त होने के साथ ही हवाई हमले शुरू हो गए।

इससे पहले संघर्ष विराम के पहले दो घंटों दौरान गुरुवार दोपहर में दक्षिणी इजरायल के इशकोल क्षेत्र काउंसिल इलाके में कम से कम तीन रॉकेट दागे गए। यह जानकारी इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, तीनों रॉकेट खेले में आकर गिरा और उससे कोई नुकसान नहीं हुआ। बुधवार को इजरायल गुरुवार को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अस्थायी संघर्ष विराम लागू करने पर सहमत हुआ ताकि भारी बमबारी से तबाह गाजा पट्टी के एन्क्लेवों तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके।

मानवीय सहायता मुहैया कराने का अनुरोध संयुक्त राष्ट्र के मध्य पूर्व के विशेष समन्वयक रॉबर्ट सेरी ने किया था। बुधवार दोपह को इजरायली हवाई हमलों में बीच पर चार फिलिस्तीनी बच्चे मारे गए थे जिसके बाद यह अनुरोध किया गया। आईडीएफ ने दावा किया है कि इजरायली बमबर्सकों ने गलती से बच्चों को आतंकवादी समझ लिया था। उसने कहा है कि इस घटना की जांच की जा रही है।

गाजा में चिकित्साकर्मियों के मुताबिक मंगलवार को इजरायल की ओर से आपरेशन प्रोटेक्टिव एज अभियान नाम से हवाई हमले शुरू करने से अब तक 234 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। इस दौरान गाजा के 1,678 नागरिक घायल भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि इजरायल के हमलों में हताहत होने वालों में 80 प्रतिशत नागरिक हैं। इजरायल में गाजा सीमा के समीप एक नागरिक मारा गया और पांच लोग मामूली रूप से जख्मी हुए हैं। गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ 1200 मोर्टार और रॉकेट दागे जा चुके हैं।

अस्थायी संघर्ष विराम लागू होने से पहले एक रॉकेट बैरेज गाजा से सेंट्रल इजरायल की ओर दागा गया, जबकि दो रॉकेट को विफल कर दिया गया और एक रॉकेट उत्तरी केंद्रीय मैदान में खुले में फटा। इसमें किसी के घायल होने की भी सूचना नहीं है। गुरुवार सवेरे इजरायली सुरक्षा बलों ने 13 फिलिस्तीनी आतंकवादियों की घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया। ये आतंकवादी सुरंग के जरिए दक्षिणी इजरायली कम्युनिटी सुफा में हमले के लिए घुसपैठ कर रहे थे। गुरुवार की सुबह में संघर्ष विराम लागू होने से पूर्व भी इजरायली वायुसेना ने गाजा पट्टी पर बमों की वर्षा की।

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम समझौते पर बातचीत जारी है और इसके लिए फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इजरायल के प्रतिनिधि काहिरा में बैठक कर रहे हैं। इजरायल ने रॉकेट हमले रोकने की मांग की है तो हमास ने सात वर्षो से एन्क्लेव पर लगी रोक को खत्म करने और दक्षिणी गाजा पट्टी में मिस्र की सीमा से सटे रफह क्रासिंग को खोलने की मांग की है।

आलेख : साफ कहें, सुखी रहें

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कहावत है साफ कहना और सुखी रहना। लेकिन आजकल इसका उलटा हो गया है। साफ-साफ नहीं कहकर घुमा-फिरा कर कहना, पहेलियों की तरह उलझनें बनाए रखना और ऎसा कुछ करना कि अपने मुँह से साफ-साफ कहना भी नहीं पड़े और सामने वाला या तो समझ जाए अथवा नासमझ बना रहकर गुत्थियां सुलझाने के भंवरजाल में फंस कर तनावों को अपना सहचर बना ले।
       
जो लोग हृदय की भाषा समझते हैं उनकी वाणी हृदय से ही निकलती है और उसमें मिलावट नहीं होती। ऎसे लोग वास्तव में साफ कहने और सुखी रहने को जीवन के मूल मंत्र के रूप में स्वीकारते हैं। लेकिन ऎसे लोग होते बहुत कम हैं जो सुखी और मस्त जीवन जीते हैं।
       
अधिकांश लोग तो बहुरूपियों सी जिंदगी जीते हैं। उनकी कथनी, करनी और समस्त प्रकार के व्यवहार में आडम्बर और भरपूर दिखावा बना रहता है। वे जो कुछ बोलते हैं वह उनके दिमाग में विद्यमान लोभ-लालच की छलनियों से निकल कर ही बाहर आता है और उसमें नाम मात्र की शुद्धता भी नहीं होती। जो कुछ होता है वह सामने वाले को या तो भ्रमित करने के लिए होता है अथवा प्रभावित करने या कि औरों को दिखाने भर के लिए।
       
हालांकि यह भी पूर्ण सत्य है कि हृदय से निकल कर दिमाग के गलियारों से फिल्टर होकर होंठों से बाहर निकलने वाले बोल में उतनी ताकत नहीं होती जितनी हृदय से सीधे बाहर आने वाले शब्दों या वाक्यों की। किसी भी तत्व की सांद्रता और परिपूर्ण प्रभाव तभी सामने आ सकता है जबकि वह विशुद्ध हो, इसमें तनिक सी भी मिलावट हो जाने पर उसका अपना मौलिक स्वभाव नष्ट हो जाता है और ऎसे में ये शब्द खोखले और बेदम ही होते हैं।
       
यही कारण है कि आज लोगों के भाषणों और उपदेशों का सामने वालों पर कहीं कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। चाहे कितने लच्छेदार भाषण हों, मगर उनमें सत्य और यथार्थ की सांद्रता का घनत्व बिल्कुल शून्य होता है इसलिए प्राणहीन शब्दों का कोई असर सामने नहीं आ सकता।
       
उन्हीं लोगों की वाणी अपना प्रभाव डालती है जो धर्म, सत्य और न्याय संगत हो, कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं हो तथा जो कुछ कहा जा रहा है उसका उद्देश्य पवित्र हो। हमारी वाणी का प्रभाव तभी पड़ता है जबकि हमारे कर्म उसके अनुकूल हों तथा झूठ का लेशमात्र भी समावेश न हो। जहाँ तनिक सा भी झूठ मिला होगा, बोलने का लक्ष्य दूषित होगा, वहाँ वाणी अपना पूरा प्रभाव खो देगी। यह वह स्थिति होती हे जिसमें हमारे भाषण या उपदेशों को सिर्फ चिल्लाने की परिभाषा तक ही सिमट कर रखा जा सकता है, इस वाणी के प्रकटीकरण का न औरों को लाभ मिलता है, न हमें संतोष। उल्टा हमें अपराध बोध जरूर हो सकता है। हममें से काफी लोग मिथ्या बोलने के इतने आदी हो चुके हैं कि हमें अब अपराध बोध कभी नहीं होता क्योंकि यह अब हमारी जीवनचर्या का अनिवार्य हिस्सा हो गया है।
       
जितना प्रभाव सीधे साधे और स्पष्ट शब्दों में अभिव्यक्ति का होता है उतना घुमावदार अभिव्यक्ति का नहीं। घुमा-फिरा कर बातें करना और परोसना वाग विलास और विद्वत्ता का दंभ भरने के लिहाज से लाभकारी भले हो सकता है, सम्प्रेषण क्षमता के मामले में यह पूरी तरह निरर्थक ही साबित होता है।
       
वाणी का सीधा संबंध व्यक्ति की शुचिता और मन से है। जो इंसान जितना अधिक पाक-साफ होगा, वह उतने ही नपे-तुले शब्दों में सीधी और साफ-साफ बात करता है, सपाटबयानी और निर्भीकता, मौलिकता तथा प्रवाहमयता उसकी वाणी को इतना अधिक शक्तिशाली बना डालते हैं कि सामने वाला कम शब्दों में सारी बात समझ भी लेता है और उस पर गंभीर चिंतन भी करने लगता है।
       
ये शब्द इतने धारदार और ताकतवर होते हैं कि सामने वाले के मन-मस्तिष्क में हमेशा कौंधते रहते हैं। ऎसे स्पष्टवादी और निर्भीक लोग अपने जीवन और व्यवहार में भी उतने ही पवित्र और स्पष्ट होते हैं जितना कथनी में। इसके ठीक उलट जो लोग केवल बोलने के लिए ही बोलना चाहते हैं या चाहे जहाँ बोलने की बीमारी से ग्रस्त हैं, उनकी वाणी न विशुद्ध होती है, न प्रवाही तेवर वाली। क्योंकि ये लोग बोलने से पहले अपने विचारों को दिमागी गलियारों की सैर कराते रहते हैं और स्वार्थ का तड़का लगाकर ही बोलते हैं। इससे इनके शब्दों का मूल भाव नष्ट हो जाता है और सिर्फ वाग् विलास और दूसरों को भरमाने या प्रभावित करने का ही मकसद काम करता है।
       
ये दिगर बात है कि ताकत खो चुके, प्रदूषित और स्वार्थ भरे शब्द अपनी ऊर्जा को पहले ही खो देते हैं जब मस्तिष्क मेें इनकी लाभ-हानि का अरणी मंथन होता है। इन स्वार्थी और मक्कार लोगों का जीवन भी स्वार्थजन्य जटिलताओं भरा होता है। इनका पूरा व्यक्तित्व जलेबी की तरह होता है। ऎसे लोगों को समझ पाना कठिन जरूर है लेकिन समझदार लोग इनकी वाणी में छिपे अदृश्य कारणों को समझने में कामयाब रहते हैं। 
       
इस श्रेणी में आने वाले तकरीबन सारे ही लोग चाशनी छाप मिठास लिए हुए होते हैंं और मौका देखकर अपनी बात कहने तथा मनवाने के लिए तमाम जतन करने वाले होते हैं। व्यक्तित्व और व्यवहार में शुचिता रखने वाले लोग ऎसे चाशनी छाप बातूनियों और वक्ताओं के दिल और दिमाग को पूरा स्कैन कर इन्हें अच्छी तरह भाँप लेते हैं लेकिन आम लोग इनके बहकावे में आकर ऎसे लोगों के अंधानुचर बन भेड़ का स्वभाव पाल लिया करते हैं और इन्हें महान मानकर खुद को महानता की राह दिलाने के लिए इनके पीछे-पीछे चलने वाली रेवड़ का हिस्सा हो जाते हैं।
       
साफ-साफ बयानी करने वाले लोग जिन बातों को दो-चार शब्दों के कह डालते हैं, उन्हीं बातों को हजार शब्दों में व्यक्त करने के बावजूद भी ये घुमावदार लोग अच्छी तरह समझा नहीं पाते हैं। अभिव्यक्ति के लिए शब्दों की संख्या की बजाय शब्दों की शुचिता, नीयत का साफ होना और शब्द का घनत्व एवं सांद्रता ही मायने रखती हैं। इसलिए जो कुछ कहें, जिसके बारे में कहें, सब कुछ पारदर्शी स्वभाव और मन की पवित्रता अपनाते हुए साफ-साफ कहें। अन्यथा चबा-चबा कर बातें करने वाले, लच्छेदार भाषणों से भरमाने वाले और चाशनी से भी अधिक मिठास भरे वक्ताओं की अभिव्यक्ति टाईमपास और चिल्लाहट के सिवा कुछ असर नहीं छोड़ती।





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---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

बिहार : चुनाव के मद्देनजर अति पिछड़ों व पासवान को भी 3 डिसमिल जमीन देने का मोहरा फेंका

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  • सरकार आवासहीन महादलितों को 3 डिसमिल जमीन नहीं दे सकी!

bihar mahadalit
गया। पूर्व मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने जदयू और भाजपा गठबंधन समय में 21 दलित जातियों को मिलाकर राज्य महादलित आयोग बनाया था। 22 दलित जातियों में से एकमात्रः पासवान जाति को महादलित आयोग में शामिल करने लायक नहीं समझा। केवल पासवान जाति को छोड़कर 21 दलित जातियों को 3 डिसमिल जमीन की सुविधा दी गयी। जो आवासहीन थे। इन आवासहीनों को जमीन नहीं दी गयी। अब टाइम बाउण्ड चीफ मिनिस्ट्रर ने साल 2015 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर अति पिछड़ों व पासवान को भी 3 डिसमिल जमीन देने का मोहरा फेंक दिया है। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक मेें स्वीकृति दी गयी। 

पूर्व मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने राज्य महादलित आयोग में 21 दलित जातियों को शामिल किया था। बाजाता बिहार सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा महादलित के रूप में पहचानी गई। अनुसूचित जातियों की फेहरिश्त नम्बर 3267 दिनांक 3.6.2008 है। इसके तहत बंतार, बौरी, भोगता, भुईया, या भूमजीज, चैपाल, धोबी,डोम या धनगर,घासी,हलालखोर, हरि,मेहतर या भंगी, कंजर, कुरियर, लालबेगी, डबगर, मुसहर, नट, पान या सवासी,पासी,रजवार,तुरी और चमार जाति के लोग शामिल हैं।

एकता परिषद बिहार के संचालन समिति की सदस्या मंजू डूंगडूंग ने कहा कि समाज के किनारे रह जाने वाली जाति को ही राज्य महादलित आयोग में शामिल किया गया था। मगर राजनीति रोटी सेंकने के धीरे-धीरे अन्य दलित जातियों को भी शामिल किया गया। सरकार दबाव में आकर सबसे अंत में 21 वें नम्बर पर चमार जाति को भी शामिल कर लिया। केवल आयोग के द्वार पासवान जाति के लिए बंद कर दिया गया। सरकार आवासहीन महादलितों को 3 डिसमिल जमीन नहीं दे सकी! अब चुनाव के मद्देनजर अति पिछड़ों व पासवान को भी 3 डिसमिल जमीन देने का मोहरा फेंक दी है। अगर जमीन नहीं रहेगी तो सरकार जमीन खरीदकर देगी। 

इधर महादलित आयोग में रहकर भी मुसहर समुदाय के लोग घुटन महसूस करने लगे। जिस उद्देश्य से महादलित आयोग बनाया गया। वह उद्देश्य पूर्ण होते नहीं दिखा। यहां तक राज्य महादलित आयोग के प्रथम अध्यक्ष विश्वानाथ ऋषि ने पूर्व मुख्य मंत्री को अनुशंषा भेजे थे। अनुशंषा लालफीताशाही के शिकार हो गयी। अब उदय मांझी, महादलित आयोग के अध्यक्ष हैं। अब अध्यक्ष श्री मांझी भी मुख्य मंत्री श्री मांझी को अनुशंषा भेजने वाले हैं। बहरहाल महादलित आयोग से मुसहर समुदाय के लोग और नेतृत्व करने वालों ने मुसहर समुदाय को अनुसूचित जाति की श्रेणी से निकालकर अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने की मांग करने लगे हैं। उनका मानना है कि अनुसूचित जाति में रहकर विकास और कल्याण नहीं हो पा रहा है। इसके आलोक में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल कर दिया जाए। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी ने मुसहर समुदाय को आश्वासन दिए है कि इनकी मांग को सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। अगर जरूरी हुआ तो केन्द्र सरकार से पत्राचार भी किया जा सकता है। 




आलोक कुमार  
बिहार 

बिहार में मानसून की बेरूखी, सुखाड़ की आशंका

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drought in bihar
बिहार में मौसम की बेरूखी के कारण किसानों को अब जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं स्थिति ऐसी आ गई है कि दो-चार दिनों में अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो परेशानी और बढ़ सकती है। वैसे सरकार ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को पटवन पर डीजल में सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। बिहार के 38 जिलों में से 27 जिलों में औसतन 24 से 71 प्रतिशत सामान्य से कम बारिश हुई है। ऐसे में इन जिलों में सुखाड़ की स्थिति बनने लगी है। वैसे पूरे बिहार में गुरुवार तक सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।

कृषि विभाग के उप निदेशक शैलेष कुमार के मुताबिक, "अभी राज्य में सूखे के हालात नहीं हैं। यदि सामान्य से 19 प्रतिशत कम बरसात होती है, तो सूखे की स्थिति आती है। कृषि विभाग हालात पर नजर रखे हुए है।"इधर, मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो अब तक बिहार के 70 प्रतिशत जिलों में सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। बक्सर में सामान्य से 73 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। 

इस बीच सरकार ने सूखे से निपटने के लिए किसानों को पटवन के लिए डीजल में सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि डीजल सब्सिडी का वितरण शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। किसानों को बिचड़ा बचाने के लिए एक पटवन, धान और मक्का की तीन सिंचाई के लिए 250 रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया जाएगा। इधर, बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलाधिकारी से बात कर सूखे की स्थिति से निपटने की तैयारी की समीक्षा करेंगे। 

स्विस खाताधारकों पर कर कार्रवाई : जेटली

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arun jaitley in parliament
स्विस बैंक के खाताधारकों के विरुद्ध कर की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में दी। बजट पर चल रही चर्चा के बीच भाजपा सदस्य अनुराग ठाकुर के सवाल पर जेटली ने कहा, "कर की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।" उन्होंने कहा, "विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले को देख रहा है।"

जेटली ने कहा कि मीडिया में एक अलग सूची की चर्चा थी। जब हमने स्विस अधिकारियों से अलग सूची के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "कोई अलग सूची नहीं है।"उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और काले धन के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।"मंत्री ने कहा कि सरकार स्विस अधिकारियों से चर्चा की प्रक्रिया में है।

विशेष आलेख : सरहद पर दम तोड़ती चिकित्सा सुविधाएं

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जहां एक ओर केंद्र में नई सरकार का कब्ज़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर जम्मू एवं कष्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारीयां ज़ोरों षोरों से जारी हैं। यह तो आने वाला वक्त ही समय ही बताएगा कि केंद्र की तरह यहां भी सत्ता परिवर्तन होता है या फिर राज्य की मौजूदा सरकार ही दोबारा सत्ता ग्रहण करेगाी। लेकिन इस बार यह कहते हुए कोई भी झिझक महसूस नहीं होनी चाहिए कि जिस तरह से देष की जनता को वर्तमान केंद्र सरकार ने बेवकूफ बनाया षायद ही इससे पहले ऐसा नहीं हुआ था। इस बार का चुनाव सिर्फ महंगाई को मुद्दा बनाकर लड़ा गया था, बेचारी जनता कांग्रेस से परेषान थी, इसलिए आंख बंद करके मोदी की झोली में चली गई, मगर जाते ही एहसास हुआ कि यह काल कोठरी तो पहले से भी ज़्यादा खतरनाक है। नई सरकार के पद ग्रहण के बाद खाद पदार्थों की महंगाई में लगातार इज़ाफा होता जा रहा है और जनता सिर्फ बेबस होकर तमाषा देख रही हैै। हालांकि सरकार अपनी बातों से जनता को यह समझाने की कोषिष ज़रूर कर रही है कि कुछ सख्त फैसले आने वाले अच्छे दिनों की दावत दे रहे हैं। फ्रांस से हथियार खरीदने और सरहद की सुरक्षा पर पैसे खर्च की बातें ज़रूर की जा रही है। लेकिन सरहद पर आबाद लोगों के स्वास्थ्य, षिक्षा, रोज़गार जैसी बुनियादी सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या इन हथियारों से सिर्फ सरहद की रखवाली की जाएगी या यहां सरहद पर बसने वालों के के स्वास्थ्य व षिक्षा के अलावा दूसरी बुनियादी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। यह वह सवाल है जो सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों की ज़बान पर आम है। संभव है कि इसका कोई उपयुक्त जबाब सरकार के पास न हो। सीमावर्ती क्षेत्र आज भी तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
          
जम्मू प्रांत के पुंछ जि़ले में वैसे तो समस्याओं की भरमार है लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या चिकित्सा का न होना है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सब सेंटरों की कुल तादाद 1907 है जबकि 3044 की ज़रूरत है यानी 1137 केन्द्रों की कमी है। कम्युनिटी हैल्थ सेंटर की तादाद 84 है हालांकि ज़रूरत 114 की है। सब सेंटर में महिला स्वास्थ्य श्रमिकों की तादाद 3941 है जबकि पुरूशों की तादाद 541 है। प्राईमरी हैल्थ सेंटर में डाक्टरों की तादाद 845 है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अलग अलग विषेशज्ञों की तादाद 173 है। जबकि फार्मासिस्ट  की कुल तादाद 705 है। अलग अलग तरह की जांच करने वालों की तादाद 680 है। पीएचसी और वीएचसी में नर्सिंग स्टाफ की तादाद 867 है। उल्लिखित आंकड़ों में कहीं भी अस्पतालों की इमारतों का जि़क्र नहीं है और न ही इनकी संख्या बताई गई है। लिहाज़ा मैं पाठकों के अलावा सरकार और स्वास्थ्य विभाग के सामने अपने अनुभव की रोषनी में अस्पतालों की इमारतों का जि़क्र करूंगा। ताकि यह अनुभव किया जा सके कि यहां की जनता उल्लिखित सुविधाओं से किस कद्र फायदा ले पा रही है। सरहदी जि़ला पुंछ जोकि फैन्स से घिरा हुआ है। यहां पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सा केंद्र कायम किए गए हैं जो सब सेंटर, डिस्पेंसरी, प्राईमरी हैल्थ सेंटर की षक्ल में हैं। इनमें से कई चिकित्सा केन्द्रों पर 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है केई ऐसी सुविधा से वंचित हैं। इसकी ताज़ा मिसाल है मगनाड़ प्राईमरी हैल्थ सेंटर जो इस सुविधा से वंचित हैं। सरकार की ओर से जो चिकित्सा बनाए गए हैं उनमें से कुछ चिकित्सा लोगों के घरों में चल रहे हैं जबकि कुछ स्थानों पर चिकित्सा केन्द्र के लिए सरकारी इमारत बना दी गई है लेकिन उनमें अभी सब सेंटर कायम नहीं किया गया है। इसकी मिसाल है सलोतरी सब सेंटर जिसके लिए इमारत बनायी गयी है। लेकिन ज़मीन के मालिक ने पूरा मुआवज़ा न मिलने की वजह से सेंटर को इमारत में नहीं रखने दिया। यह इमारत खाली पड़े रहने की वजह से दिन ब दिन बदहाली का षिकार होती जा रही है। गांव सलोतरी के स्थानीय निवासी अब्दुल करीम कहते हैं कि इमारत में रात को कुत्ते और गीदड़ आकर बैठते हैं क्योंकि इमारत के दरवाज़े टूट चुके हैं। गांव के एक और स्थानीय निवासी अब्दुल रषीद ने बताया कि हम अपनी मांगे लेकर कई बार आला अधिकारियों के पास गए लेकिन हम गरीबों की कोई नहीं सुनता है। हमें अब समझ में नहीं आता है कि हम अपनी किसको सुनाएं। सलोतरी सब सेंटर अब किराए की एक दुकान में चलता है। जब सेंटर के डाक्टरों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमें छोटी सी दुकान में काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है। खासतौर से गर्मी के दिनों यहां बैठा नहीं जाता। इस तरह कई चिकित्सा केन्द्र तो इससे भी ज़्यादा बदतर हालत में चल रहे हैं। 
            
जि़ला पुंछ के सिटी हेडक्र्वाटर से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर खनेतर स्थित है। खनेतर को 26 मार्च 2012 को माॅडल विलेज का दर्जा दिया गया था। इसको माॅडल विलेज का दर्जा मिले हुए दो साल से भी ज़्यादा का अर्सा गुज़र चुका है। इस दौरान कई राजनेताओं ने यहां का दौरा किया जिसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अली मोहम्मद सागर, खेल मंत्री ताज मोहीउद्दीन, पूर्व सांसद मदन लाल षर्मा, सड़क एवं भवन निर्माण मंत्री अब्दुल मजीद वानी षामिल हैं। तकरीबन 15000 की आबादी वाले खनेतर में तीन पंचायतें हैं जिन्हें दूपरीयां, किल्सां और दिलेरा के नाम से जाना जाता है। हर एक पंचायत में दस वार्ड हैं। इस क्षेत्र में सरकार की ओर से चार चिकित्सा केंद्र कायम किए गए हैं जिनमें से एक खनेतर हाईस्कूल के निकट एक प्राईवेट घर में है। इस चिकित्सा केंद्र के लिए सरकार की ओर से कोई इमारत नहीं बनाई गई है। दूसरा दूपरीयां और तीसरा दिलेरा के नाम से जाना जाता है। इन दोनों सब सेंटरों के लिए भी सरकार की ओर से कोई इमारत नहीं दी गई है। यह भी दूसरे सब सेंटरों की तरह एक दुकान में चल रहे हैं। पीएचसी मगनाड़ से मिली जानकारी के अनुसार हर एक सब सेंटर में चार कर्मचारी होते हैं लेकिन खनेतर सब सेंटर पर सिर्फ तीन कर्मचारी हैं यानी यहां पर सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं है। सफाई का काम डाक्टर को किसी दूसरे से करवाना पड़ता है। इसी के साथ किल्सां पंचायत के दस वार्डों में एक बड़ी आबादी गुज़र बसर कर रही है। इस पंचायत में कोई भी सब सेंटर नहीं है। सब सेंटर न होने की वजह से जनता को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ता है। इस पंचायत में जब भी कोई बीमार होता है तो उसे तकरीबन दो किलोमीटर का पैदल यात्रा करके टांडा बस स्टैंड तक जाना पड़ता है। फिर वह टांडा बस स्टैंड पहुंचकर किसी प्राइवेट दवाखाने से दवाई खरीदता है। अगर बीमारी बड़ी होती है तो मजबूरन पुंछ षहर जाना पड़ता है। 
          
खनेतर की जनता के लिए अगर सरकार अपने कीमती खज़ाने से एक पीएचसी दे दे तो काफी हद तक यहां के लोगों की परेषानियों का हल हो सकता है। इस तरह गांव दर्रा दूलिया का सब सेंटर भी एक गांव में आबाद है। इसके लिए भी अभी तक सरकारी इमारत का इंतेज़ाम नहीं हो सका है। चिकित्सा की बुनियादी सुविधा न होने की वजह से इन सेंटरों पर डाक्टरों और मरीज़ों को काफी परेषनियों का सामना करना पड़ता है। इसके विपरीत सब सेंटर भेंज एक आलीषान इमारत में आबाद है। इसमें काफी अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं। इस सेंटर में पांच कर्मचारी और दो आषा कार्यकर्ता काम करती हैं। यहां की जनता सरकार से अपील करते हुए कहती है कि दूसरे सब सेंटरों पर ऐसी सुविधा क्यों नहीं है? साफ है कि सरहदी इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की हालत बहुत ही दयनीय स्थिति में है। जिन सब सेंटरों की इमारत नहीं है उनकी इमारत का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। साथ ही जहां पर सब सेंटर हैं उन्हें और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जाए तभी सरहद पर चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था बेहतर हो सकती है। 




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बशारत हुसैन शाह बुखारी
(चरखा फीचर्स)
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