मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता ) जिला पदाधिकारी, मधुबनी की अध्यक्षता में दिनांक-23.01.2019 को जिला बाल संरक्षण समिति (डी0सी0पी0सी) एवं जिला बाल सलाहकार परिषद के बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में श्री अंशुल अग्रवाल,अनुमंडल पदाधिकारी,झंझारपुर,डाॅ0 रश्मि वर्मा,जिला प्रोग्राम पदाािधकारी, मधुबनी, सुश्री कामिनीबाला,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी,सदर मधुबनी, मो0 शकील,जिला प्रोग्राम पदाधिकारी,स्थापना(शिक्षा),श्री सुजीत कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी,मधुबनी, सिविल सर्जन,मधुबनी, श्रीमती निर्मला,निदेशक,चाईल्डलाईन, श्री अभिषेक चंद्रा,सुश्री रिंकू कुमारी, श्री बासुकी नाथ टीम मेंबर,चाईल्ड लाईन के अन्य सदस्य तथा बाल सहालकार परिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति,मधुबनी द्वारा किशोर न्याय परिषद के कार्यो के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं हुए। प्रधान सदस्य किशोर न्याय परिषद के द्वारा सूचना दी गयी कि न्यायालय कार्य में व्यस्त हैं। बैठक में किशोर न्याय परिषद में दो अन्य सदस्य भी अनुपस्थित रहे जिस कारण किषोर न्याय परिषद के कार्यों की समीक्षा नहीं हो पायी। उन्होंनें निदेश दिया कि दोनों सदस्य के बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण पृच्छा कर विभाग को सूचित करें। तत्पश्चात बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष/सदस्य के द्वारा बताया गया कि विषिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का भवन/कमरा बच्चों के हित में नहीं है। उनके द्वारा बताया गया कि विषिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में अभी 7 बच्चें है जिसमें से 4 बच्चे विधिक मुक्त किये जा चुके हैं दो बच्चों के विज्ञापन हेतु आदेश पारित किया जा चुका है एवं अन्य 01 बच्चें को उनके रिश्तेदार को सौंपने की प्रक्रिया की जा रही है। जिला पदाधिकारी द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई, मधुबनी को विषिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के नये भवन के चयन हेतु निदेशित किया गया। बालिका गृह, मधुबनी के कार्यों की समीक्षा के क्रम में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा बताया गया कि बालिका गृह की संचालिका के द्वारा गृह चलाने में असमर्थता जाहिर करते हुये निदेशालय को भी पत्र के माध्यम से सूचना दी जा चुकी है। जिला पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के द्वारा निर्णय लिया गया कि अविलंब समाज कल्याण निदेशालय,बिहार, पटना को पत्र के माध्यम से बालिका गृह, मधुबनी को बंद करने हेतु सूचित करे।
चाइल्डलाइन के कार्यो की समीक्षा के क्रम में चाइल्डलाइन मधुबनी की निदेशिका के द्वारा बच्चों से संबंधित मुददे के समाधान हेतु जिला बाल सलाहकार परिषद, मधुबनी के गठन हेतु कहा गया साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी गठन कि अधिसूचना भी दी गयी। जिला पदाधिकारी के आदेश से जिला बाल सलाहकार परिषद, मधुबनी का गठन किया गया एवं इसकी बैठक जिला बाल संरक्षण समिति के साथ ही त्रैमासिक होने हेतु निदेश दिया गया साथ ही जिला बाल सरंक्षण इकाई एवं चाइल्डलाइन के कार्यकर्ता को परिचय पत्र अविलंब जिला प्रशासन से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। परवरिश योजना के समीक्षा के क्रम में पाया गया की जिले में कुल-1229 लाभुक है, जिनके अनुदान राशि का भुगतान माह जनवरी-2018 तक किया गया है। इसी क्रम में चाइल्डलाइन कार्यकर्ता के द्वारा कहा गया कि जयनगर में अनाथ बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र नहीं रहने के कारण परवरिस योजना का लाभ अनुमंडलाधिकारी द्वारा विशेष रूचि नहीं लेने का मामला उठाया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी,मधुबनी को निदेश दिया गया कि वे सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के माध्यम से सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं से उनके क्षेत्र के अनाथ बच्चों की सूची ले और उनसे प्रमाण पत्र ले कि उनके क्षेत्र में अनाथ बच्चों की संख्या यहीं है। जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय/पंचायत स्तरीय/वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन एवं बैठकों के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कतिपय प्रखंडों/पंचायतों/वार्डों में ही उक्त समिति का गठन किया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेषित किया गया की अविलंब जिलें के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन/बैठक हेतु सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पत्र द्वारा 10 दिनों के अन्दर बैठक/गठन कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।
जिला पदाधिकारी द्वारा जिले में मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के कार्यान्वयन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया सभी प्रमुख निजी विद्यालयों से बी0पी0एल0 में नामाकिंत 25 प्रतिशत बच्चों की सूची 10 दिनों के अन्दर उपलब्ध कराने हेतु पत्र दें। सूची उपलब्ध नहीं कराने वाले विद्यालयों को पंजीकरण निरस्त करने हेतु पत्र लिखे एवं शिक्षक-अभिभावक समिति को भी इसकी सूचना उपलब्ध करायें। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेशित किया कि एम0डी0एम प्रभारी को अविलंब बदले एवं का चक्रानुक्रम भी समय से करें। श्रम अधीक्षक के अनुपस्थित के कारण बाल श्रम के रोक-थाम एवं बाल श्रम से विमुक्त बच्चों के पुनर्वासन हेतु समीक्षा नहीं हो पायी। जिले में श्रम विभाग द्वारा धावा दल का गठन नहीं किया गया है एवं कार्य भी संतोषप्रद नहीं है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि अविलंब ही जिले में धावा दल का गठन किया जाए जो नियमित रूप से चिन्हित स्थलों पर भ्रमण करते रहे। सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्य की शिथिलता की वजह से वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने हेतु आदेश दिया। डी0एस0पी0 (मुख्यालय) के नहीं रहने के कारण अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी थानों में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी का मनोनयन कर दिया गया है, जो अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि नगर थाना, मधुबनी जाकर अभी चाइल्ड फ्रेंडली काॅर्नर चयन करेगें। जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि चयनित की सूचना सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचित करे। चाइल्डलाइन मधुबनी के निदेशक के द्वारा कहा गया कि पंडौल प्रखंड अंतर्गत बहुत सारे मानसिक बच्चे है जिसकी दिव्यांग प्रमाण-पत्र हेतु दरभंगा मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल, दरभंगा जाने के उपरांत भी नहीं बन पा रहा है जिसके कारण लाभ से वंचित हो रहे है। जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा सिविल सर्जन, मधुबनी को निदेशित किया गया। तथा दरभंगा मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल, दरभंगा से बातकर सप्ताह में एक दिन वहाँ से मनोचिकित्सक को बुलाये जाने का निदेश दिया गया।