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रेलवे की हादसों को रोकने के लिए डिटेक्टर डिवाइस लगाने की योजना

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पटरियों से रेलगाड़ियों के उतरने से जुडे हादसों को रोकने के मकसद से भारतीय रेलवे ने डिटेक्टर डिवाइस लगाने की योजना बनाई है ताकि जानमाल के नुकसान को रोका जा सके। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के पटरियों से उतरने की स्थिति में समय रहते संकेत देने वाले डिवाइस को परीक्षण के तौर पर तीन राजधानी और दो शताब्दी रेलगाड़ियों में लगाया जाएगा व बाद में कुछ और रेलगाड़ियों में उस उपकरण को लगाया जाएगा।

जिन राजधानी और शताब्दी में यह उपकरण लगाया जाएगा उनके बारे में जल्द फैसला होगा। अधिकारी ने बताया कि अगर कोई डिब्बा पटरी से उतरता है तो कंपन का स्तर काफी बढ़ जाता है और कंपन बढ़ने का आभास इस उपकरण को होगा। इस स्थिति में यह उपकरण समय रहते बड़े हादसे को रोकने में मददगार हो साबित सकता है। अधिकारी ने कहा कि किसी डिब्बे के पटरी से उतरने का आभास करने के संदर्भ में इस डिटेक्टर की क्रिया का समय चालक अथवा गार्ड की प्रतिक्रिया के समय से कहीं ज्यादा तेज है।

किसी डिब्बे के पटरी से उतरने पर तत्काल यह डिवाइस ब्रेक लगाने का काम करता है जिससे आगे दूसरे डिब्बे पटरी से नहीं उतर पाते। ऐसे में जानमाल का बड़ा नुकसान नहीं होता।


झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (20 जुलाई)

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केन्द्र व राज्य सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर जिला कांग्रेस की बैठक 2

झाबुआ --- जिला कांग्रेस झाबुआ की अहम बैठक 24 जुलाई गुरूवार को पूर्वान्ह 11 बजे स्थानीय एमटू के सभाकक्ष में रखी गई है । जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार,महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री एवं हर्ष भटृ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में मुख्य रूप  से केन्द्र व राज्य सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों तथा किसानों को भेदभाव पूर्ण तरिके से मुआवजा वितरण की नीति के विरोध में तथा गा्रमीण तथा शहरी क्षेत्रों में बि जली पानी की समस्या,जिले मे सूखे की आशंका को देखते हुए उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार कर सरकार का ध्यानाकर्षण करने, जिले में हेण्ड पम्प लगवाने के लिये, पंचायत के अधिकारों को राज्य सरकार द्वारा कम करने,पंचायतों को पर्याप्त धनराशि आबंटित नही करने आदि को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आगामी 9 अगस्त से पूरे प्रदेश में व्यापम महाघोटाले के मुद्दे को लेकर जन आन्दोलन को चलाये जाने,एवं मुख्यमंत्री कुर्सी छोडो आन्दोलन की शुरूवात को लेकर चर्चा कर निर्णय लिये जावेगें । श्री पडियार के अनुसार इसके अतिरिक्त संगठन की मजबुती, जिले में खाद बीज की काला बाजारी एवं मानक स्तर का बीज नही मिलने आदि मुद्दों पर भी बैछक मे गहन चर्चा की जावेगी । इस बैठक को मुख्य रूप से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया माग्र दर्शन देगें । इस बैठक में  जिले के प्रादेशिक पदाधिकारी,जिला कांग्रेस के समस्त पदाधिकारी ,पूर्व विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण,ब्लाक कांग्रेस,शहर कांग्रेस,महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस,सेवादल,युवक कांग्रेस,एनएसयुआई एवं विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है ।श्री पडियार ने सभी से इस महत्वपूर्ण बैठक में शामील होने का आग्रह किया है ।

जग में गुरु से बड़ा कोई नही - आचार्य रवीन्द्रसूरि

jhabua news
राजगढ़ --- सामुहिक गुरूवंदन के पश्चात् शासनप्रभावक आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने आराधको को श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की अट्ठम तप आराधना (अट्ठम तप तेले) का प्रभाव व उसकी महिमा बताते हुऐ कहा कि ऊँ यं रं लं वां सः हंसः शंखेश्वर पाश्र्वनाथाय र्हृीं का 108 बार जाप करवाते हुऐ आचार्यश्री ने बताया की उक्त मंत्रोंचार के साथ श्री अरिहंत परमात्मा, श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की नवांगी पूजा आराधक के द्वारा की जाती है तो आराधक के घर में हमेशा लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है आचार्यश्री ने धर्मवाणी का श्रवण कराते हुऐ कहा कि तीर्थ भूमि पर 18 जूलाई से सिद्धितप तपस्या प्रारम्भ हुई है और आज से 275 आराधक श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के अट्ठम तप तेले की त्रिदिवसीय आराधना में शामिल हुऐ है सभी तीर्थंकर पूण्यशाली होते है इस चैबिसी में श्री पाश्र्वप्रभु ऐसे पहले तीर्थंकर हुऐ है जिनका नाम उनके जन्म से पहले ही आ गया था । कलयुग में श्री शंखेश्वर दादा का काफी प्रभाव है श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की प्रतिमा अट्ठमतप के प्रभाव से देवलोक से आयी है । एक आसन पर बैठकर निराहार रहकर संकल्प करके अट्ठमतप करने वाला आराधक देवताओं को भी अपने समक्ष उपस्थित होने को मजबूर कर देता है आराधक तप के प्रभाव से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है इतिहास साक्षी है कि श्रीकृष्ण ने श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की प्रतिमा के अभिषेक के जल को अपनी सेना पर छिडककर सेना को शक्ति प्रदान कर युद्ध में असुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त की और शंखपूर नगर बसा कर वहां पर श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की तब से दादा का प्रभाव व प्रताप आज भी विद्यमान है । स्थिर मन के साथ एकाग्र भावों से आराधक यदि अट्ठम तप की आराधना करता है तो श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु आराधक की सर्व मनोवांछित मनोकामनाऐं पूर्ण करते है । आचार्यश्री ने कहा बिना गुरुकृपा के प्रभु कृपा प्राप्त नही कर सकते है जीवन में कितने ही पाप करने वाला पापी धर्म आराधना से तिर सकता है परन्तु जीवन में गुरु द्रोही कभी नहीं जीत सकता है उसे हर स्थान पर तिरस्कार प्राप्त होता है गुरु से बड़ा कोई नहीं जिसे गुरुकृपा प्राप्त हो जाती है वह साधक जीवन में सब कुछ पा जाता है । आज श्री मोहनखेडा तीर्थ पर खाचरौद निवासी श्री सुभाषचंदजी, राजमलजी, धर्मचंदजी, माणकलालजी, हीरालालजी, प्रकाशजी, श्रेणीकजी, विरेन्द्रजी, ललितजी, अनिलजी, मन्नालालजी नागदा परिवार के 11 भाईयों के परिवार में श्री ऋषभकुमार सुभाषजी नागदा द्वारा 200 यात्रीयों का यात्रा संघ लाया गया । संघपति परिवार ने प्रभु एवं दादा गुरुदेव के मंदिर में पूजा - अर्चना कर आचार्य श्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. एवं मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. को सामुहिक गुरुवंदन कर आशीर्वाद लिया । संघपति परिवार का चातुर्मास समिति की और से अध्यक्ष श्री बाबुलाल जी वर्धन, बहुमान के लाभार्थी श्री दिलीप भण्डारी एवं श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट की और से महामंत्री श्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सुजानमल सेठ द्वारा बहुमान किया गया । संघपति परिवार ने चातुर्मास के अध्यक्ष श्री बाबुलाल वर्धन का बहुमान करते हुऐ तीर्थ में चल रहे धर्मशाला निर्माण में 1 कमरा बनाने की घोषणा की । दोपहर में दादा गुरुदेव के जीवन चरित्र पर संगीतमय कार्यक्रम भी संघपति परिवार द्वारा आयोजित किया गया । श्री मोहनखेडा तीर्थ पर दादा गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की पाट परम्परा के शासनप्रभावक सप्तम पटधर वर्तमान प.पू. गच्छााधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतप निश्रा में आज श्री भरतपूर नगर प्रवचन पाण्डाल में संगीतमय ’अरिहंत वंदनावली’ का रंगारंग भक्तिभावना पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया । पूरा कार्यक्रम युवा मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. की सानिध्यता में सम्पन्न हुआ । जिसमें इन्द्र - इन्द्राणी बनने का लाभ सुमेरमलजी राका परिवार द्वारा लिया गया । श्री मोहनखेडा तीर्थ पर यशस्वी चातुर्मास के दौरान 45 दिन की सिद्वितप आराधना चल रही है । आज से श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के अट्ठम तप की आराधना प्रारम्भ हुई उसमें 275 आराधक शामिल हुऐ । तीर्थ पर सांकली अट्ठम तपाराधना निरन्तर गतिमान है 

सट्टा खेलते हुए दो आरोपी रंगे हाथो गिरफतार 

झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि थाना कोतवाली झाबुआ की पुलिस टीम ने आरोपी लाला उर्फ आलोक पिता शांतिलाल पंवार, उम्र 28 वर्ष, निवासी झाबुआ को सट्टा खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से सटटा पर्ची, लीड-पेन, नगदी 490/- रू जप्त किये गये। आरोपी नारू पिता एहमद खा,ं उम्र 55 वर्ष, निवासी पिपलिया मण्डी मंदसौर को सट्टे खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से सटटा पर्ची, लीड-पेन, नगदी 750 रू0 जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 534,535/14, धारा 4-क धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

 गंभीर अपराध में फरार नो आरोपियो की गिरफतारी पर ईनाम की घोषणा 

झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि आरोपी मुन्ना पिता सोमला मखोडिया भील निवासी मुण्डतका होकर थाना कल्याणपुरा के अप0क्र0 175/2012, धारा 457,380 भादवि में दिनांक 02.03.2012 से फरार है। फरार आरोपी मुन्ना को गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। आरोपी दुबला उर्फ दुबलिया पिता पारू भूरिया भील निवासी काछला का होकर थाना कल्याणपुरा के अप0क्र0 96/2013 धारा 395,397 भादवि में दिनांक 24.04.2013 से फरार है। फरार आरोपी दुबला उर्फ दुबलिया को गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 2000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। आरोपी 01. मानिया उर्फ मनिया पिता मल्लु बारिया निवासी रूनखेडा 02. कमलेश पिता बाबू भाबोर भील निवासी पिपलिया के होकर थाना कल्याणपुरा के अप0क्र0 15/2012 धारा 457,392,395,397,450 भादवि में दिनांक 19.01.2012 से फरार है। फरार आरोपी मनिया, कमलेश को गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 2000-2000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। आरोपी 01. कालु उर्फ भुन्दरिया पिता सकरिया भाबोर 02. जोगड़ा पिता पुंजा भाबोर 03. सुकिया पिता पंजा भाबोर 04. दुलेसिंग पिता रामु भाबोर भील निवासीगण खेडा के होकर थाना कल्याणपुरा के अप0क्र0 178/2012 धारा 363,327,294,506,34,344,377 भादवि में दिनांक 04.08.2012 से फरार है। फरार आरोपी भुन्दरिया, जोगडा, सुकिया, दुलेसिंग को गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना देने पर 1000-1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना प्रभारी कल्याणपुरा, के0एल0 बरकडे के मो0 नंबर 7049140213 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे। आरोपी पप्पु पिता वेलजी अड भील निवासी मुजाल का होकर थाना थांदला के अप0क्र0 152/14 धारा 436 भादवि में फरार है। फरार आरोपी पप्पु को जो भी व्यक्ति गिरफतार करेगा या करवायेगा या ऐसी सूचना देगा, जिसके आधार पर आरोपी की गिरफतारी संभव हो सके, ऐसे व्यक्ति को आरोपी की गिरफतारी की सूचना पर 1000/-रू0 से नगद पुरूस्कृत किया जावेगा। उक्त सूचना थाना प्रभारी थांदला, श्री जनकसिंह रावत के मो0 नंबर 7049140523 एवं कन्ट्रोल रूम झाबुआ के दूरभाष क्रमांक 07392-243169 पर सूचना देवे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जनता से यह अपील की है कि यदि उन्हें उपर्युक्त आरोपियों के बारे में जानकारी हो तो अवगत करावें। सूचना देने वाला का नाम गोपनीय रखा जावेगा।

जमीन विवाद मे हत्या 
  
झाबूआ---  फरियादिया बसंतीबाई पति शंकर भील, उम्र 30 वर्ष, निवासी कचनारिया ने बताया कि मडिया पिता कचरिया देवदा भील, उम्र 55 वर्ष निवासी कचनारिया अपने घर के बाहर बैठा था आरोपी अमरा पिता कालु भाबर भील, निवासी कचनारिया आया व जमीन विवाद को लेकर मडिया के साथ हाथ मुक्को से मारपीट की, बाद मडिया की मृत्यु हो गई। मर्ग क्रमांक 47/14 की जांच से प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 305/14, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वाहन दुर्घटना में मौत
    
झाबआ--फरियादी मंगलिया पिता रूमाल भूरिया, उम्र 40 वर्ष निवासी नेगडिया ने बताया कि जननी एक्सप्रेस-एमपी 45 टी-0569 के चालक ने तेज व लापरवाही पूर्वक अपने वाहन को चलाकर लाया व पप्पु पिता खुमसिंह भूरिया, उम्र 32 वर्ष निवासी बरखेडा की मो0सा0 को टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्र0 174/14, धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

धोखाधडी से पोस्ट आफीस के खाते मे नही डाले पेसे
    
झाबूआ---फरियादी हरीश पिता कन्हैयालाल सोनी, उम्र 39 वर्ष, निवासी पेटलावद ने बताया कि उसने पोस्ट आफिस में खाते खुलवाकर राशि 6,46,500/- रू0 दिये थे, जो आरोपी आशादेवी पति क्षैणिकलाल मोन्नत एवं अन्य 01 निवासी पेटलावद ने खाते में नही डालकर धोखाधडी की। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 304/14, धारा 420,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आवश्यक वस्तु अधिनियम मे नकली बिज बेचने का अपराध कायम 

झाबूआ--फरियादी दिनेश पिता नंदाजी सेन्चा, उम्र 54 वर्ष, निवासी पेटलावद ने बताया कि आरोपी नजमी टेªडर्स मुर्तजा पिता अली हुसैन बोहरा निवासी थांदला एवं अन्य 01 की दुकान से सोयाबीन बीज का सेंपल लिया गया था, जो प्रयोगशाला में अमानक स्तर का पाया गया। आवेदन जांच पर से कायमी कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 328/14, धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध वसूली का अपराध कायम

झाबूआ---फरियादी मुकेश पिता शंभुलाल, उम्र 36 वर्ष निवासी काकरिया ने बताया कि आरेापी मथियास पिता लालु भूरिया, उम्र 34 वर्ष निवासी मौजीपाडा ने उसका ट्रक रोककर ओव्हर लोड है, कहकर पैसे मांगे। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 537/14, धारा 384,341 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (20 जुलाई)

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मौसम विभाग की चेतावनी से सहमा प्रदेष,तराई हुई जलमग्न

uttrakhand flood
देहरादून, 20जुलाई,(निस)। पिछले साल दुनिया की भीषणतम प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना करने वाला उत्तराखंड एक बार फिर उसी तरह की कयामत की रात की आहट से सहम गया है। मौसम विभाग ने चारधाम यात्रा के रूट में आने वाले कई इलाकों में 24 घंटे के अंदर भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार कुमायूं सम्भाग की गौला व शारदा नदियों में जलस्तर बढ़ने से लोग खौफज़दा हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में भारी बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ नैनीताल और बागेश्वर में बीते तीन-चार  दिनों से भारी बारिश हो रही है। पहाड़ों का पानी नीचे आने के साथ ही वह तराई के इलाकों में जमकर तबाही मचा रहा है। वहीं केन्द्रीय जल आयोग के मानिटरिग केन्द्र जलस्तर बढ़ने की लगातार निगरानी कर रहा है। वहीं टिहरी बांध का जलस्तर 830 के मुकाबले 776 मीटर हो गया है टिहरी बांध से 8260 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। बारिश का पानी ऊधम सिंह नगर के शहरी इलाकों में घुस गया है, जिसके चलते बाजापुर शहर नदी में तब्दील हो गया नजर आ रहा है। रातोंरात आए इस पानी ने शहर में जमकर नुकसान किया है। लोगों का कहना है कि उन्होंने बाजापुर में बाढ़ का ये हाल पहले कभी नहीं देखा था। चंपावत नैनीताल और बागेश्वर में हो रही भारी बारिश का पानी पहाड़ों पर तबाही मचाने के बाद मैदानों पर कहर ढा रहा है। बीती देर रात पहाड़ों पर हुई बारिश का पानी रविवार सवेरे ऊधम सिंह नगर के बाजपुर शहर में घुस गया जिसके बाद पूरे शहर ने एक नदी का रूप ले लिया जिसके चलते लोगो को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। राज्य आपदा केंद्र के मुताबिक ऋषिकेश, केदारनाथ, अगस्त्यमुनि, फाटा व रामपुर में मलबा आने के कारण सड़कें बाधित हो गई हैं। चमोली जिले में बद्रीनाथ और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा भी रोक दी गई है। प्रशासन ने कहा कि मल्ला, लालढांग, भाटुकसौर और देवीधार पर ऋषिकेष गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। वहीं गेंवला, राणाचट्टी, बादिया और जंगलचट्टी पर ऋषिकेश-यमुनोत्री राजमार्ग अवरुद्ध है। राज्य मौसम केन्द्र के निदेषक डा. आनन्द षर्मा ने घोषणा की है कि आगामी 48 घंटो में नैनीताल, चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, हरिद्वार, अल्मोड़ा, बागेष्वर व पौड़ी जिलो में भारी वर्षा होगी। पौड़ी, नैनीताल अल्मोड़ा में कहीं कहीं बहुत भारी संभवतः 80 से 150 मिली तक वर्षा का अनुमान लगाया गया है। मौसम विभाग के इस अनुमान को देखते हुए राज्य सरकार ने जहां चारधाम यात्रा के स्थगन को एक और दिन आगे बढ़ा दिया है वहीं प्रदेष के सभी जिलाधिकारियों को इस बारे जरूरी चेतावनी जारी करने का भी आदेष दे दिया गया है। प्रदेष के अलग अलग हिस्सों में पिछले कई घंटो से चल रही भारी बारिष से होने वाले नुकसान की सूचना बराबर आ रही है। नैनीताल जिले के रामनगर में जहां दो लोग नदी के बहाव में बहने से बचा लिए गए वहीं कई स्थानों पर भारी नुकसान के समाचार है। पिछले साल की आपदा का मुख्य केन्द्र गढ़वाल संभाग था लेकिन इस बार के कहर  का प्रभाव गढ़वाल के साथ कुमाऊ मंडल में ज्यादा दिख रहा है। प्रदेष के लोग मौसम के मिजाज को देख कर सहमे हुए हंै। जबकि राज्य सरकार ने किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार होने का दावा किया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेष में मौसम जरूर खराब है लेकिन चारधाम यात्रा को जल्द ही फिर से शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेष के हालात खराब होने के बावजूद चारधाम यात्रा शुरू कराने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री हरीष रावत ने कहा कि भले ही आपदाग्रस्त क्षेत्रों के हालात खराब हैं लेकिन चारधाम यात्रा पर प्रदेष की तीस फीसदी आर्थिकी निर्भर करती है इसलिए इस यात्रा को शुरू करना सरकार के लिए जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही मौसम ठीक होगा और चारधाम यात्रा पुनः चलने लगेगी।

उत्तराखंड में 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव,मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

देहरादून,20 जुलाई, (राजेन्द्र जोशी)।उत्तराखंड में सोमवार को तीन विधानसभा सीटों पर उपुचनाव होने जा रहा है। इस चुनाव का परिणाम जहां राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री का राजनीतिक भविष्य तय करेगा वहीं उनकी जमीनी पकड़ को साबित करेगा। इस चुनाव के परिणाम से जहां अल्पमत में चल रही कांग्रेस सरकार को मजबूती मिलेगी वहीं लोकसभा चुनाव में करारी मात खाई पार्टी के कार्यकर्ताओं के टूटे मनोबल को फिर से ऊंचा करेगा। बताते चले कि उत्तराखंड की डोईवाला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रहे डा. रमेश पोखरियाल निशंक और सोमेश्वर विधानसभा से भाजपा विधायक रहे अजय टम्टा जहां लोकसभा के लिए निर्वाचित हो गए वहीं धारचूला से कांग्रेस विधायक रहे हरीश धामी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए अपनी सीट इस्तीफा देकर खाली की है। डोईवाला सीट पर भाजपा के पूर्व मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और कांग्रेस के पूर्व मंत्री हीरासिंह बिष्ट के बीच सीधा मुकाबला है जबकि सोमेश्वर सीट पर भाजपा की ओर से जिलापंचायत अध्यक्ष मोहनराम आर्य और कांग्रेस की ओर से रेखा आर्य मैदान में है । चुनावी मुकाबला भी इन दोनो लोगो के ही बीच है। धारचूला सीट पर कांग्रेस के टिकट पर स्वयं मुख्यमंत्री हरीश रावत ताल ठोक रहे है जबकि भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लंबे समय तक एक ब्लाॅक के प्रमुख रहे  और पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले बीडी जोशी को मैदान में उतारा है। दोनो ही दलो के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बना है लेकिन दोनो ही दल अपनी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुनाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को समर्थन दिया था लेकिन उनकी सरकार के कार्यो से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है इससे स्पष्ट है कि उपचुनाव में कांग्रेस तीनो सीटो पर जीतने जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परंपरा है कि उपचुनाव में प्रायः केन्द्रीय नेता प्रचार में नहीं आते लेकिन जिस तरह से भाजपा ने स्मृति ईरानी को सभा के लिए बुलाया और अन्य नेताओं को बुलाने का प्रयास किया उससे उसकी घबराहट का राज खुल गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता इस चुनाव में कांग्रेस को ही अपना समर्थन देगी। उधर भाजपा नेता त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री के दावे को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सत्ता के बल पर चुनाव जीतने के मंसूबे पाले है लेकिन जनता नरेन्द्र मोदी की नीतियों को पसंद कर रही है और लोकसभा चुनाव की तरह ही इस उपचुनाव में भी भाजपा को ही जिताएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें ढैंचा बीज घोटाले जैसे बेबुनियाद मामले में बदनाम करने की कोशिश की है लेकिन चुनाव में जनता इसका जवाब देगी। हरिद्वार से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भाजपा तीनो सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि दो सीटें तो पहले ही भाजपा के पास थी उन पर पार्टी प्रत्याशी जीतेंगे ही धारचूला सीट भी मोदी प्रभाव के चलते पार्टी के खाते में जाएगी। बताते चले कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद होने वाला यह पहला चुनाव है। इस चुनाव का परिणाम राज्य में मोदी इफेक्ट के स्तर का पैमाना भी बनेगा। इन सीटों को लेकर पार्टी की गंभीरता इससे जाहिर हो जाती है कि अभी अभी पार्टी में शामिल आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक रहे शिव प्रकाश को चुनाव क्षेत्रों का दौरा करना पड़ा। माना जा रहा है कि उनका ये दौरा पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हुआ था और उन्होंने दिल्ली जा कर चुनाव में पार्टी की स्थिति पर रिपोर्ट भी सौंपी है। ज्ञातव्य है कि 21 जुलाई को प्रदेश की तीनो सीटो पर मतदान होगा और 25 जुलाई को मतगणना होगी।

सिरोहबगड़ में बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध, पहाड़ी काटकर तैयार किया जा रहा है मार्ग

देहरादून, 20 जुलाई (निस)। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग-श्रीनगर के मध्य स्थित सिरोहबगड़ नासूर बनता जा रहा है। रविवार दिन भर राजमार्ग अवरुद्ध रहा। सोमवार दोपहर तक राजमार्ग खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। राजमार्ग से मलबा हटाने के लिए मंगाई गई पोकलैंड मशीन भी खराब हो गई है। उसको ठीक करने के लिए मैकेनिक बुला दिए गए हैं। दरअसल, भारी बारिश के कारण सिरोहबगड़ में अस्सी प्रतिशत राजमार्ग वाॅश आउट हो गया है। यहां पर बीआरओ पहाड़ी काटकर रास्ता तैयार कर रहा है। पिछले पांच दिनों से सिरोहबगड़ में बार राजमार्ग बाधित हो रहा है। रविवार को सुबह से सांय तक राजमार्ग अवरुद्ध रहा। ऐसे में रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। देहरादून और श्रीनगर जाने वाले और वहां से रुद्रप्रयाग की ओर आ रहे लोगोें को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि वैकल्पिक मार्ग खांकरा-खेड़ाखाल-डुंगरीपंथ मोटरमार्ग पौड़ी जिले की सीमा में बंद है। ऐसे में लोग वाया खिर्सू होते हुए पौड़ी-श्रीनगर पहुंच रहे हैं। यह मार्ग बेहद संकरा है और जगह-जगह मार्ग पर गड्डे पड़े हुए हैं। सिरोहबगड़ में मार्ग खोलने के लिए मंगाई गई पोकलैंड मशीनें खराब हो गई हैं। पुलिस ने खांकरा पुल से आगे वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। वाहनों को खांकरा-खेड़ाखाल के रास्ते भेजा जा रहा है। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डाॅ राघव लंगर ने बताया कि सिरोहबगड़ में काफी मलबा राजमार्ग पर आया है। सड़क दिखाई नहीं दे रही है। बीआरओ को ब्लास्टिंग कर राजमार्ग खोलने के लिए कहा गया है। सोमवार सुबह तक राजमार्ग खोलने की पूरी कोशिश की जाएगी। वहीं केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिल्ली, चन्द्रापुरी, बांसबाड़ा में अवरुद्ध रहा। बीआरओ और लोक निर्माण विभाग ने दोपहर तक राजमार्ग से मलबा हटा दिया। मार्ग पर फिलहाल छोटे वाहन ही दौड़ रहे हैं। अभी भी मार्ग पर पत्थर गिर रहे हैं।

23 जुलाई तक नहीं होगी केदारनाथ यात्रा, हेलीकाॅप्टर से यात्रियों को पहुंचाया गुप्तकाशी

देहरादून/रुद्रप्रयाग, 20 जुलाई (निस)। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने तीन दिन और केदारनाथ की यात्रा पर रोक लगा दी है। यानि 23 जुलाई तक तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पाएंगे। प्रशासन ने साफ कहा है कि यात्री मौसम की जानकारी पर नजर बनाए रखे। मौसम साफ होने पर ही यात्रा का प्लान बनाएं। जब तक मौसम साफ नहीं हो जाता, तब तक यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। फिलहाल केदारनाथ में तेज बारिश की खबर है। पिछले चार दिनों से मौसम खराब होने के कारण केदारनाथ के लिए हेलीकाॅप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे थे। आज मौसम हल्का साफ होने पर हेलीकाॅप्टर से केदारनाथ और लिनचोली में खाद्यान्न, डीजल और मिट्टी तेल समेत अन्य जरुरी सामान पहुंचाया गया। लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकाॅप्टर के जरिए सब्जी और माचिस नहीं पहुंचाई जा सकी। हेलीकाॅप्टर ने तीन शटल ही कर पाया। जिसमें दो बार हेलीकाॅप्टर केदारनाथ और एक बार लिनचोली में उतरा। चैथे शटल में हेलीकाॅप्टर के जरिए सब्जी धाम में पहुंचाई जा रही थी, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकाप्टर गौरीकुंड से वापस लौट आया। केदारनाथ से गौरीकुंड तक अधिकारी, कर्मचारी, मजदूरों को मिलाकर 1500 से अधिक लोग मौजूद हैं। वहीं गौरीकुंड पैदल मार्ग से तीन वृद्ध यात्रियों को हेलीकाॅप्टर से नारायणकोटी पहुंचाया गया। हजरतगंज लखनऊ निवासी 62 वर्षीय राधेश्याम अपनी पत्नी 60 वर्षीय उमा और 70 वर्षीय पुजारी सालिक राम के साथ केदारनाथ की यात्रा पर आए थे। पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के कारण वे लिनचोली में ही फंसे थे। मौसम साफ होने पर तीनों यात्री शनिवार को एसडीआरएफ और एसटीएफ के जवानों की मदद से जंगलचट्ी पहुंचे। जंगलचट्ी से यात्री गौरीकुंड पहुंचे। यहां से हेलीकाॅप्टर में यात्रियों को नारायणकोटी पहुंचाया गया। इनमें से एक यात्री सालिक राम के पैर में चोट लग गई थी। जिससे उसके पैर में घाव बन गए।

मॉल के बाहर लोगों ने किया हंगामा 

देहरादून, 20 जुलाई (निस)। सड़क पर सीवर का पानी खुला छोड़ने को लेकर पैसिफिक मॉल के बाहर स्थानीय लोगों ने  हंगामा किया जिसके कारण सैकड़ों लोग मॉल में फंस गए। हंगामें की सूचना मिलने के काफी देर बाद प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पंहुची तथा लोेगों को शंात कराने का प्रयास किया लेकिन लोगों का गुस्सा इतना भड़का हुआ था कि उन्होने माॅल के दोनो गेट काफी देर तक बंद रखे और खूब  हंगामा किया।  रविवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे जौहरी रोड के लोगों ने मॉल द्वारा  सड़क पर सीवर का  पानी खुला छोड़ने को लेकर मॉल के बाहर हंगामा कर दिया।  इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मॉल के बाहर पहुंचे और पैसिफिक मॉल की मैनेजमेंट ऑथौरिटी के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मॉल के दोनों  के गेट बंद कर दिए। न ही मॉल से लोगों को बाहर आने दिया गया और न ही अंदर जाने  दिया गया। रविवार होने से मॉल में काफी संख्या में लोग मौजूद थे। मौके पर प्रशासन और पुलिस की  टीम भी पहुंची। लेकिन स्थानीय लोगों ने काफी देर तक मॉल के गेट बंद रखे और खूब  हंगामा किया। प्रदर्शन करने वाले लोगों ने बताया गया कि वह काफी दिनों से मॉल की इस मनमानी से परेशान हैं। जिसको लेकर कई बार प्रबंधन के समक्ष इस बात को लेकर एतराज भी जताया गया लेकिन माॅल प्रबंधन की मनमानी चलती रही। आज उनके सब्र का बांध टूट गया।

गंगा की स्वच्छता को स्पर्श गंगा अभियान की जरूरत

देहरादून, 20 जुलाई (निस)। स्पर्श गंगा अभियान उत्तराखण्ड का एक तरह से जनअभियान है। इस अभिनव पहल से राज्य के समस्त शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ पर्यावरण से शिक्षाविदों,समाज सेविंयों व अन्य जन सरोकारी संगठनों को जोड़ा गया है। लाखों छात्र-छात्राएं व अन्य स्फूर्त जन इस अभियान में मिशनरी भाव से जुड़ें है। इस अभियान की एक खासियत यह है कि यह अभियान पूरे प्रदेश में गाॅव-गाॅव जन जागरण के साथ वंहा की जल धाराओं को प्रदूषण मुक्त करने में लगा है। यानी शुरूआत उन मूल जल धाराओं से की गयी है,जो अन्तत गंगा के प्रदूषण का प्रमुख कारण बनती है। यह बात गांधी रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करतें हुए मैती आन्दोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत नें कही। उन्होने कहा कि स्पर्श गंगा का अभिप्राय ही है, वे तमाम गाड़-गधेरे व जल धाराएं जो गंगा को स्पर्श कर उसमें समाहित होती है। इस अभियान के तहत इन समस्त जल धाराओं को प्रदूषण मुक्त रखने का बीड़ा उठाया गया है। इसी उद्देश्य से वर्ष 2008 में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विवि की राष्टीय सेवा योजना सलाहकार समिति ने स्पर्श गंगा कार्यकाल को अंगीकृत कर स्पर्श गंगा अभियान का रूप दिया। इसकी कमान विवि के प्रोफेसर प्रभाकर पी बडोनी को सौंपी गई जो बाद में स्पर्श गंगा बोर्ड के ओएसडी/सदस्य सचिव भी रहे। उन्होने कहा कि आज जब केन्द्र सरकार ने गंगा सफाई अभियान के लिए एक अलग मंत्रालय गठित कर लिया है,तो स्पर्श गंगा बोर्ड की अभिनव पहल को देखते हुए उसे भी अपने इस गंगा सफाई अभियान में इसके अनुभवों व उद्दश्यों का लाभ उठाना चाहिए और इसे इस योजना का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। गंगा सफाई को लेकर प्रोफेसर बडोनी कहते है कि आज गंगा की सफाई से ज्यादा संस्कार की आवश्यकता है। वे कहते है कि आज जरूरत इस अभियान को उस तर्ज पर करने की है,जो स्पर्श गंगा अभियान पिछले 6 सालों से राज्य में कर रही है।

भ्रष्टाचार, घोटालों से पूरा नही हो रहा ऊर्जा प्रदेश का सपना: जुगरान

देहरादून, 20 जुलाई (निस)। भाजपा नेेेता एंव आंदोलनकारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगरान ने कहा कि राज्य निर्माण संघर्ष के दौरान उत्तराखण्ड वासियो का ये सपना था कि उत्तराखण्ड उर्जा प्रदेश बने, लेकिन राज्य गठन के बाद भ्रष्टाचार, घोटालों और अनियमित्ताओं के चलतें यह सपना पूरा नही हो पा रहा है। दागी अधिकारियों के कारण उर्जा विभाग लगातार घाटे में जा रहा है। रविवार को त्यागी रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जुगरान ने कहा कि राज्य के अंदर 35से 40 हजार मेगावाट विधुत उत्पादन की क्षमता थी, लेकिन भारी भ्रष्टाचार, घोटालों और अनियमितताओं केे चलतें हम लक्ष्य से कोसों दूर चलें गए। उन्होने कहा कि उर्जा के तीनो निगमों भ्रष्टाचार,घोटालों और अनियमितताओं में ही उलझकर रह गए। जिसका ताजा मामला यूपीसीएल के एमडी एसएस यादव की नियूक्ति से जुड़ा है। यंहा यह भी विचारणीय है कि एसएस यादव के रिटायरमेंट में दो वर्ष शेष है जबकि ओपी दीक्षित के पांच वर्ष ऐसे में यादव को किस दबाव में दो विभाग का जिम्मा सौंपा जा रहा है। इसी तरह चयन समिति द्वारा एमडी यूपीसीएल के पद हेतु नामों की संस्तुति की गई, जबकि उक्त कमेटी द्वारा उसी समय पिटकुल के निदेशक परिचालन एंव परियोजना के लिए सम्पन्न कराये गए साक्षात्कार में केवल एक ही नाम निदेशक परिचालन राजेन्द्र शर्मा व परियोजना श्रवण कुमार की संस्तुति की गई। जिसमें संदेह हो रहा है। उन्होने कहा कि सवाल यह उठ रहा है कि इस नियुक्ति से राज्य एंव निगमों को क्या हासिल हुआ। यादव स्वयं पिटकुल के कार्यकाल के दौरान दोहरे लाभ लेने के दोषी पाए गए है। वे राजकीय कोष में गबन करते रहे जब मामला उछला तो उन्होने दस लाख रूपये पिटकुल के खातें में जमा करा दिए,किन्तु इससे वे दोषमुक्त तो नही हो सकतें। जुगरान ने गबन मामलें की उच्च स्तरिय जांच की मांग की है।

विस की तीनों सीटे जीतेंगी कांग्रेस: उपाध्याय

देहरादून, 20 जुलाई (निस)। कांग्रेस में किसी भी तरह की गुटबाजी से साफ इंकार करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने दावा किया कि उत्तराखंड की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भारी मतों के साथ अपनी जीत को सुनिश्चित करेंगे। विदित हो कि उत्तराखंड की तीन विधानसभा सीटों डोईवाला, सोमेश्वर व धारचूला में कल (आज) उपचुनाव होना है। यह उपचुनाव मुख्यमंत्री व धारचूला से प्रत्याशी हरीश रावत के साथ ही प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार के भविष्य का भी फैसला करेगा। मतदान से एक दिन पूर्व चुनाव को लेकर हुई आज खबर से हुई वार्ता के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने तीनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के भारी मतों के साथ विजयी होने का दावा किया। उनका साफ कहना था कि उत्तराखंड को विकास की दिशा में आगे ले जाने की दिशा में जहां मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किया, वहीं जनता भी विकास की गति को तेज करने के लिए सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी को ही विजयी बनायेगी। इस दौरान उन्होंने पार्टी के अंदर किसी भी तरह की गुटबाजी होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के तमाम नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी को विजयी बनाने की दिशा में अपनी ओर से हर सम्भव प्रयास किया है। इस दौरान उन्होंने भाजपा व भाजपा प्रत्याशी को जमकर आड़े हाथो लिया।

क्रिकेट प्रशासन के क्षेत्र में उतरने को तैयार गांगुली

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saurav ganguli
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अब क्रिकेट के प्रशासनिक क्षेत्र में उतरने को तैयार हैं। वेबसाइट क्रिकइंफो के अनुसार, अगले सप्ताह बंगाल क्रिकेट (सीएबी) संघ के सलाना बैठक में होने वाले चुनाव में उनका निर्विरोध रूप से संयुक्त सचिव चुना जाना तय है। यह पहला अवसर है जब गांगुली क्रिकेट के संचालन व्यवस्था में अपना कदम रखने जा रहे हैं।

बंगाल क्रिकेट संघ में चुनाव 27 जुलाई को होने वाला है। इसके लिए नामांकन भरने का अंतिम दिन रविवार (20 जुलाई) था। सीएबी के कोषाध्यक्ष ने पुष्टि की है कि संयुक्त सचिव के दो पदों के लिए केवल सौरव गागुंली और सुबीर गांगुली ने नामांकन भरा है।

भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने 2008 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। बीसीसीआई और आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया वर्तमान में सीएबी के अध्यक्ष हैं। अगले सप्ताह होने वाले चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष और सात अन्य पदाधिकारी निर्विरोध चुने जाएंगे।

चीन के नए नक्शों में अरुणाचल को अपना हिस्सा बताया

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भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए ईमानदार कोशिश के वादे कर रहा चीन अपनी सेनाओं के लिए तैयार नए नक्शे से भारत की चिंता बढ़ा दी है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने सैनिकों के लिए तैयार डेढ़ करोड़ से अधिक 'युद्ध नक्शों'में अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। साथ ही अक्साई चिन समेत वास्तविक नियंत्रण रेखा के विवादस्पद हिस्सों को भी अपनी जमीन बताया है। तीस साल बाद चीन द्वारा अपनी सेनाओं को दिए जा रहे ताजा नक्शों को लेकर सतर्क भारतीय खेमा इस मामले को बीजिंग के साथ उठाने की तैयारी कर रहा है।

महत्वपूर्ण है कि चीन का यह कदम अपने क्षेत्रीय दावों पर जोर देने की कवायद है। सैन्य और कूटनीतिक सूत्र मानते हैं कि चीन के इस कदम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसे चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान लगातार उठाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि भारत यह कई बार स्पष्ट कर चुका है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है। वहीं भारतीय खेमा पहले भी नक्शों को लेकर अरुणाचल पर चीन के दावों को खारिज करता रहा है।

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल कहते हैं कि नक्शे पर अपने दावों को लेकर नए चीनी पैंतरे को समझने की जरूरत है। यह नहीं भूलना चाहिए कि जापान के साथ व्यापक कारोबारी रिश्तों के बावजूद समुद्री द्वीपों को लेकर हुए विवाद में चीन ने कोई मुरव्वत नहीं दिखाई। लिहाजा यह ध्यान रखना होगा कि भारत के साथ गहरे आर्थिक रिश्तों के बावजूद चीन अपने क्षेत्रीय दावों पर कड़ा रुख अपना सकता है। सिब्बल कहते हैं कि पिछली सरकार ने सीमा पर चीनी घुसपैठ की घटनाओं को छोटा कर दिखाने की चूक की। नई सरकार को इससे बचना चाहिए।

चीन ने 30 साल बाद अपने नक्शों को जीयोसेंट्रिक कोऑर्डिनेट सिस्टम से अपडेट किया है। चीनी सेना के मुख्यालय के मुताबिक यह कवायद सभी सैनिकों तक एक-समान नक्शा पहुंचाने की है। लांझाओ मिलिट्री एरिया कमांड द्वारा तैयार इन नक्शों को अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों तक पहुंचाया जा रहा है। इस कमांड ने नौ जुलाई तक अपने कागज पर छपे डेढ़ करोड़ से अधिक प्रतियां वितरित कर दी। गौरतलब है कि चीन ने इन नक्शों को अभी सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन, बताया जाता है कि इनमें भारत के अरुणाचल प्रदेश व दक्षिण चीन सागर में स्थित कई द्वीपों को चीनी भू-भाग का हिस्सा बताया गया है। गौरतलब है कि बीते एक साल के दौरान चीनी घुसपैठ के कई मामले सामने आए हैं। दोनों देशों के बीच नए सीमा रक्षा समझौते के बावजूद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मामलों में कोई कमी नहीं आई है।

केजरीवाल जंग से मिलेंगे सोमवार को

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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मिलेंगे और दिल्ली विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। आप के एक नेता ने बताया, "अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से सोमवार को मुलाकात का समय लिया है, ताकि भाजपा को दिल्ली में सरकार बनाने से रोका जा सके।"

आप नेता ने कहा कि पार्टी किसी भी परिस्थिति में दिल्ली में नए सिरे से चुनाव के लिए तैयार है।  केजरीवाल ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। केजरीवाल ने दिल्ली में अल्पमत सरकार बनाई थी।

गाजा में संघर्ष-विराम टूटा, ताजा हमलों में 40 मारे गए

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गाजा पट्टी में रविवार को निर्धारित दो घंटे के अस्थायी संघर्ष-विराम में से एक घंटा भी पूरा नहीं हुआ कि इजरायल ने फिर गोलाबारी शुरू कर दी। इजरायल ने कहा कि गोलाबारी हमास के हमले जारी रखने के जवाब में की जा रही है। तुर्की के प्रधानमंत्री रीसेप तैय्यप एडरेगन ने कहा है कि इजरायली सरकार 'बर्बरता में हिटलर को भी मात दे गई है।'इजरायल की ओर से रविवार तड़के की गई गोलाबारी में कम से कम 40 फिलिस्तीनी मारे गए और 400 से अधिक घायल हो गए। गुरुवार रात से शुरू हुई जमीनी कार्रवाई में मृतकों की यह अब तक की सर्वाधिक संख्या है।

इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने एक बयान में कहा, "हमास ने एक बार फिर संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया, इजरायली सेना उसका जवाब दे रही है।"दूसरी ओर, हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया है कि उसने चिकित्सा दलों पर बमबारी की। हमास का यह बयान उसके ट्विटर अकाउंट पर दर्ज है।  इसके पहले अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस कमेटी (आईसीआरसी) के अनुरोध पर इजरायल दो घंटे के मानवीय संघर्ष-विराम के लिए राजी हो गया था। आईसीआरसी ने संघर्ष-विराम का यह अनुरोध मृतकों और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए किया था। संघर्ष-विराम की अवधि रविवार अपराह्न् 1.30 बजे शुरू होकर 3.30 बजे तक चलनी थी।

आईसीआरसी ने पूर्वी गाजा शहर में पड़ोस के शेजाया में मारे गए लोगों और घायलों को निकालने के लिए रविवार को हमास और इजरायल के समक्ष संघर्ष-विराम का प्रस्ताव रखा था। हमास ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गाजा के शिफा अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास इजरायली बमबारी में मारे गए लोगों के 40 शव आए हैं। इजरायली बमबारी गाजा के पूर्व में पड़ोसी शुजैया में की गई।

हमास आंदोलन ने कहा है कि शुजैया में जो कुछ हुआ, वह एक युद्ध अपराध है। गाजा में गुरुवार से इजरायल ने जमीनी हमला शुरू किया है। इजरायल के अभियान में अभी तक कम से कम 390 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 3000 से ज्यादा घायल हुए हैं। उधर तुर्की के प्रधानमंत्री रीसेप तैय्यप एडरेगन ने गाजा पर इजरायल के जमीनी हमले की निंदा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि इजरायली सरकार 'बर्बरता में हिटलर को भी मात दे गई है।'यह बयान ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित हुआ है।

अखबार 'द इंडिपेंडेंट'के मुताबिक, एडरेगन ने काला सागर के तटवर्ती शहर ओर्डू में आयोजित एक राजनीतिक रैली में कहा, "इजरायलियों के पास न तो विचार है, सम्मान है और न ही आत्मसम्मान है। जो लोग हिटलर की रात दिन निंदा करते नहीं थकते उन्होंने हिटलर की बर्बरता को भी मात दे दी है।"एडरेगन गाजा पट्टी पर इजरायल के अभियान के धुर विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि इजरायली रक्षा बलों की कार्रवाई 'असंतुलित'है और इससे तुर्की-इजरायल संबंध पटरी से उतर जाएगा। फ्रांस ने शनिवार को गाजा में इजरायल और इस्लामवादी हमास आंदोलन के बीच संघर्ष विराम का आह्वान किया है। गाजा पट्टी में जारी हिंसा में निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। 

फ्रांसीसी विदेश मंत्री लॉरेंट फैबियस ने जार्डन के विदेश मंत्री नासर जुदेह के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में दोनों पक्षों के बीच तत्काल संघर्ष-विराम का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनका देश और यूरोपीय संघ स्थायी संघर्ष विराम तक पहुंचने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में उनकी यात्रा का मकसद जारी हिंसा की समाप्ति है ताकि नागरिकों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि इस समय प्राथमिकता संघर्ष-विराम पह पहुंचना है। इस बीच जार्डन के विदेश मंत्री ने इजरायल के हवाई हमले की निंदा करते हुए कहा कि गाजा पट्टी पर बढ़ती आक्रामकता मध्यपूर्व में हिंसा को बढ़ाएगी। 

अनाज उठाव नहीं कर पा रही बिहार सरकार : रामविलास

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केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार को कहा कि बिहार में जितना रैक अनाज उठाव के लिए आया है उतना अनाज उठाव भी नहीं कर सकी है। पासवान ने पटना में पत्रकारों से कहा कि पिछले 11 तारीख के बाद बिहार में अनाज उठाव के लिए आए 26 रैक में राज्य सरकार 6़ 4 रैक अनाज का ही उठाव कर सकी है। 

उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि बिहार सरकार को दो लाख चालीस हजार टन अनाज का उठाव करना था पर उसने एक लाख नौ हजार टन अनाज का ही उठाव किया। उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि बिहार ने अनाज उठाव के लिए समुचित परिवहन की व्यवस्था तक नहीं की है। उन्होंने कहा कि अनाज का समय पर उठाव नहीं होने के कारण उनके विभाग को रेल मंत्रालय को माल भाड़ा के रूप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ रहा है। 

उन्होंने कहा कि बिहार में लाभार्थियों की पहचान और भंडारण की व्यवस्था किए बिना ही खाद्य सुरक्षा कानून को मार्च में लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कम दाम पर अधिक अनाज पाने की मंशा से इसे जल्दबाजी में लागू कर दिया। 

काम करने वाले के लिए 1 वर्ष कम नहीं होता : जीतन राम मांझी

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jitan ram manhji
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा कि बेहतर प्रदर्शन और काम करने वाले के लिए एक वर्ष का समय कम नहीं होता है। उन्होंने इसके लिए 16वीं सदी में बिहार से उभरे अफगान शासक शेरशाह सूरी का उदाहरण दिया जिन्हें आज भी अपने अल्प कार्यकाल के दौरान किए गए जनोपयोगी विकास और उल्लेखनीय सुधारों के लिए जाना जाता है। एक कार्यक्रम में यहां मांझी ने अगले वर्ष 2015 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को लक्ष्य कर कहा, "एक वर्ष का समय मेरे लिए काम करने और एक यादगार मुख्यमंत्री के रूप में खुद को साबित के लिहाज से कम नहीं है।"

मांझी ने कहा कि मुगलों को पराजित करने वाले शेरशाह सूरी का देश पर कम समय के लिए ही शासन रहा, लेकिन उन्होंने विकास और शासन को अपना एजेंडा बनाया था। उन्होंने कहा, "शेरशाह को आज भी हम सभी विकास के काम के लिए याद करते हैं।"मांझी (68) मई में नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद नए मुख्यमंत्री बने। लोकसभा चुनाव जनता दल-युनाइटेड की पराजय के बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया था। कुछ वर्ष पहले नीतीश कुमार ने भी कहा था कि उन्होंने शेरशाह सूरी से प्रेरणा ग्रहण की है।

शेरशाह सूरी (1472-1545) शेर खान के नाम से जाने जाते थे। मुगलों को परास्त कर वे देश के शासक बने और शेरशाह कहलाए। उनका शासनकाल हालांकि अत्यंत कम समय (1539 से 1545) के लिए ही रहा फिर भी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उनके कई काम लोगों के दिलो दिगाम पर अमिट छाप की तरह अंकित है और इतिहास में सम्मानित जगह दर्ज है। पेशावर से कलकत्ता (अब कोलकाता) तक आज का ग्रैंड ट्रंक रोड उनकी देन है। इसके अलावा भारत में प्रारंभिक डाक व्यवस्था सहित कर प्रणाली में सुधारों के लिए जाना जाता है।

मणिपुर के 30 साल के युवक की दिल्ली में पीट-पीटकर हत्या

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दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में बीती रात करीब ढाई बजे मणिपुर के एक युवक की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। 30 साल के शालोनी नाम के इस युवक की हत्या का शक कोटला के ही लोगों पर है।

शालोनी बीपीओ में काम करता था और वह मुनिरका में रहता था। रविवार को वह अपने दोस्त से मिलने कोटला मुबारकपुर आया था, जब वह रात को मुनिरका लौट रहा था तभी एक ऑल्टो कार से छह−सात लोग बाहर निकले और उसे पीटना शुरू कर दिया, जिससे शालोनी बुरी तरह घायल हो गया।

गंभीर हालत में उसे एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस आरोपियों तलाश कर रही है।

आलेख : स्त्री का अपमान नहीं हमारा नपुंसकत्व उजागर

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शक्ति उपासना की धरती पर कहीं छेड़छाड़, कहीं बलात्कार और कहीं गैंग रेप की घटनाएँ। स्त्री का शील सुरक्षित नहीं है, उसका स्वतंत्र भ्रमण बाधित हो गया है, वह कहीं आ-जा नहीं सकती। स्त्री के वजूद पर चौतरफा हमलों का यह कैसा माहौल हम देख रहे हैं। एक माँ, बहन, बेटी, नानी-दादी, चाची, मामी आदि रूपों में स्त्री का वैविध्यपूर्ण दर्शन ही अपने आप में कितना सुकूनदायी और कोमल अहसास कराने वाला है।

स्त्री जिससे झरता है ममत्व, वात्सल्य, जिससे सदैव उमड़ता रहा है प्रेम का वो सागर जिसका न ओर-छोर है, न कोई आदि-अंत। स्त्री अपने गांव की बहन-बेटी कही जाती है, पूरे गांव की जिम्मेदारी है उसके स्त्रीत्व, शील और लज्जा की सुरक्षा करना, उसकी हिफाजत करना, चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति और संप्रदाय की क्यों न हो।

स्त्री गांव और शहर की शक्ति है जिनमें सभी में शक्ति का वो अंश विद्यमान होता है जो सृष्टि में सृजन और पालन का काम करता है। हम ऎसे तो नहीं थे कभी। बौद्धिक दिवालियेपन और हैवानियत की सारी हदों को पार करते हुए हमने स्त्री के साथ जो कुछ करना शुरू कर दिया है वह अपने आपमें मानवता के लिए शर्मनाक और निंदनीय ही नहीं बल्कि हम सभी के लिए कलंक है।

स्त्री को स्त्री से भी ज्यादा हीन मानकर उसे सिर्फ और सिर्फ वस्तु मान कर जो कुछ घटनाएं हो रही हैं उसने असुरों को भी पीछे छोड़ दिया है। स्त्री को समझने की बुद्धि नहीं रखने वाले लोग भी अपनी मर्यादाओं और सामाजिक अनुशासन का परिपालन करते हैं और उसे सम्मान देते हैं। एक हम हैं जो इक्कीसवीं सदी में उड़ान भरने और सभ्य होने का दावा कर रहे हैं और हरकतें ऎसी कर रहे हैं जो कि कबीले भी नहीं करते होंगे।

हमने सारी पराकाष्ठाएं पार कर दी हैं, उन सारी हदों को तोड़ दिया है जो हमें मनुष्य के रूप में  बाँधे रखा करती थीं। स्त्री अपने भीतर अनन्त संभावनाओं को आकार देने वाला वह विराट शक्तिपुंज है जिसे समझने की जो कोशिश करता है वह उसकी सारी खूबियों को जान लेता है, उसका प्रेम और स्नेह प्राप्त कर लेता है और इसी के सहारे शक्ति के उस परम शक्तिमान स्रोत को प्राप्त कर लेता है जो शिवत्व की पूर्णता के लिए अभीप्सित होता है।

स्त्री को भोग्या समझने वाले लोग उनमें से हैं जो स्त्री के हजारवें अंश को भी नहीं समझ पाएं हैं, जबकि स्त्री के भीतर समाहित विराट शक्तितत्व में सृष्टि, पालन और संहार तक की वे सारी क्षमताएं मौजूद हैं जो पिण्ड से लेकर ब्रह्माण्ड तक में महापरिवर्तन की सारी संभावनाओं को आकार दे सकती हैं। स्त्री को कोमल शरीर का ढाँचा मात्र समझने वाले लोग न अपनी माँ-बहन के हो सकते हैं और न ही किसी और के। ऎसे पापात्माओं को जन्म देने वाली माँ की आत्मा तो पछताती ही होगी, इनके पितरों को भी अपने आप पर ग्लानि होती होगी कि आखिर क्यों उन्हीं का वंश बदनामी के कारनामे कर रहा है।

किसी भी स्त्री को प्रताड़ित करना, हाथ उठाना, लज्जा भंग करना, बलात्कार करना आदि नराधमों के सिवा कोई नहीं कर सकता। अपने आपको पुरुष कहलाने वाले लोगों का यह काहे का पौरूष, जिसमें स्त्री को जमीन मानकर साम्राज्यवादी हथियारों और दबावों के बल पर चाहे जो कर लें, और इससे भी अधिक घृणा की बात ये कि उसे मौत के घाट उतारकर उसके लहू से अपने दंभ की कालिख भरी इबारत लिख दें। शर्म, घृणा और दुर्भाग्य के इन नापाक कतरों को धोने के लिए सागर का जल भी कम पड़े।

स्त्री की संरक्षा, उसकी आबरू का सम्मान समाज का धर्म और फर्ज है और जो समाज यह नहीं कर सकता उसे जीने का कोई हक नहीं होना चाहिए। नरपिशाचों के हौंसले आज इसलिए इतने बुलंद हैं क्योंकि समाज प्राणहीन और नपुंसक बना हुआ चुपचाप सब देख रहा है। स्त्री की इज्जत लूटी जाती है और हम सभी लोग मजमा लगाकर सब कुछ देखते रहते हैं, इससे भी अधिक घोर बेशर्मी की हद ये कि स्त्री की लज्जा बचाने के लिए आगे आने की बजाय मोबाइल के कैमरे से फोटो खींच कर सोशल साईट्स पर डालकर अपने आपके सबसे पहले होने का नीचता भरा दंभ प्रकट करने में हमें अपार प्रसन्नता का अनुभव होता है।

स्त्री का शील भंग एक स्त्री का नहीं, पूरे समाज का लज्जा भंग है, पूरे समाज के साथ बलात्कार है। लानत है हम लोगों को जो चुपचाप देखते रह जाते हैं और बलात्कारी पिशाच अपने इलाके में स्त्री का अस्तित्व ही समाप्त कर देते हैं।  हम काहे के पुरुष हैं जो स्त्री की रक्षा नहीं कर सकें, केवल प्रजननशक्ति के बूते अपने आपको पुरुष मानने का भ्रम रखते हों तो यह बात साफ हो जानी चाहिए कि जानवरों में यह ताकत हमसे कई गुना ज्यादा है, न उन्हें किसी दवाई की जरूरत होती है, न तेलमर्दन और वाजीकरण के नुस्खों की, न कुछ और करने की।

जिन-जिन इलाकों में स्त्री के साथ हादसे होते हैं उन सभी जगह के समाज को सार्वजनिक तौर पर नपुसंक घोषित किया जाकर  उस गांव-शहर के प्रवेश मार्ग पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए जाने चाहिए कि हम सब नाकारा, नपुंसक और अधमरे हैं और हम स्त्री की रक्षा नहीं कर सकते।

उन क्षेत्रों में लड़कियों की शादी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि जहाँ के पुरुष अपने गांव की स्त्री की रक्षा नहीं कर सकते, वे बहूओं की रक्षा कैसे कर पाएंगे। स्त्री के भीतर समाहित असीम धैर्य और सहनशीलता की और अधिक परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए।

जब समाज नाकारा होकर बैठा रहता है तब स्त्री के भीतर का शक्तितत्व जागृत हो उठता है और जब एक बार शक्ति का जागरण हो जाता है तब भीषण ताण्डव शुरू हो जाता है और इसे रोकना मुश्किल होगा। स्त्री और पृथ्वी पर अत्याचार, अनाचार और पाप बढ़ जाते हैं तब स्त्री के शक्तितत्व का जागरण होने में कोई देरी नहीं होती।

जो घटनाएं हम देख-सुन रहे हैं, चीरहरण से लेकर जो कुछ हो रहा है सब महापाप ही महापाप है और तिस पर भी धृतराष्ट्रों, दुःशासन, दुर्योधनों से लेकर आचार्यों, महारथियों और धर्माचार्यों की चुप्पी और वीर्यहीन व्यवहार ने अब शक्ति तत्व को उद्वेलित कर ही दिया है। हम सब का वजूद जाने कहाँ मर गया है, हम सारे मरे या अधमरे क्यों हो गए हैं, हम सभी को जाने क्यों अजगर सूंघ गए हैं।
       
संहार का शंखनाद हो जाए, इससे पहले का वक्त है यह, संभलने का मौका है, थोड़ी भी मानवता शेष है तो संभल जाएं वरना शक्ति का संहार चक्र ऎसा चलेगा कि कोई नहीं बचने वाला। न पापी और बलात्कारी बचने वाले हैं, न मौन होकर देखने वाले नालायक महारथी। तब सारे अस्त्र-शस्त्र पिघल जाएंगे, ये मालाएं और कमण्डल आंधियों में उड़ जाएंगे और कुर्सियों से लेकर सिंहासन सहित सारे के सारे न जाने कहाँ होंगे कोई नहीं जानता। चेतावनी भरी आकाशवाणी हो चुकी है, अब चुनौती शक्ति के प्रहार से बचने की है, संभलने का वक्त चला गया।




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---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

लखनउ निर्भयाकांड में आखिर किसे बचा रही पुलिस

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  • अकेला सख्श कैसे महिला को मार डाला 
  • हेलमेट वाले अंजान व्यक्ति के साथ कैसे बाइक पर चली गयी महिला 
  • सच से परे है पुलिसिया खुलासा 

तीन दिन पहले लखनउ के मोहनलालगंज के प्राथमिक स्कूल में गैंगरेप के बाद नृशंस हत्या की पुलिस द्वारा सुलझाई गयी गुत्थी नागरिकों के गले के नीचे नहीं उतर रही। पुलिस ने जिस थ्योरी का सहारा लिया है उसमें वह खुद उलझती नजर आ रही है। लखनउ ही नहीं पूरे सूबे को दहला देने वाली इस जघंय निर्भयाकांड में आखिर किसे बचाना चाह रही है पुलिस, यह सवाल हर शख्स को अंदर ही कुरेद रहा है। जांच करने मौके पर पहुंची समाजसेविका नूतन ठाकुर व आशिष अवस्थी सहित आम जनमानस भी पुलिस के इस हरकत से सोच में पड़ गयी है। लोग जानना चाहते है कि अकेला सख्श कैसे महिला को मार डाला। हेलमेट वाले अंजान व्यक्ति के साथ कैसे महिला बाइक पर चली गयी। आखि रवह राजू है कौन जिसके एक फोन पर वह घर से निकल गयी। ये तमाम सवाल पुलिस के इस खुलासे पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए काफी है। 

पुलिस ने इस मामले में वारदात की रात रामसेवक और मृतका के फोनों की सर्विंलांस लोकोशन एक जगह पाई है। पुलिस ने रामसेवक को इस घटना का मुख्य अभियुक्त बनाकर गिरफ्तार किया है। उसके शरीर पर हाथापाई के दौरान लगे नाखूनों की खरोंचे मिलीं हैं। लेकिन ऊपर बताई थ्योरी में उठे सवालों का जबाव पुलिस खुद ही नहीं दे पा रही है। न तो पुलिस ने उस राजीव की पहचान सार्वजनिक की है जिसके नाम पर मृतका मोहनलालगंज तक चली गई थी? अगर मृतका राजीव को करीब से जानती थी तो उसने बाइक पर बैठने के बाद भी नहीं भांप पाई कि वह गलत व्यक्ति के साथ है। और न ही पुलिस के पास इस सवाल का जबाव नहीं है कि अकेला एक व्यक्ति डेढ़ इंच की चाभी से मृतका के निजी अंगों पर अकेले इतने प्रहार कैसे कर सकता है? 

सच तो यह है कि शुरआती दौर में लखनऊ में हुए दर्दनाक हादसे का खुलासा पहली दृष्टि में ही फर्जी लग रहा है एक ऐसा अनजान राजीव नाम का शख्स जिसे मृत महिला कभी नहीं मिली उसके कहने पर रात दस बजे महिला घर से निकलती है . जो शख्स कभी नहीं मिला वो हेलमेट लगाया था . महिला ने उसका चेहरा देखने की भी जरुरत महसूस नहीं की . उसने मोटर साइकिल पर बैठने को कहा और इतनी रात को वो बिना उसका चेहरा देखे बैठ गई . कई किलोमीटर दूर जाकर एक सुनसान स्कूल में हेलमेट उतारने पर महिला ने देखा अरे यह तो गार्ड रामसेवक है . राजीव नाम का शख्स कही दुनिया में ही नहीं है ..तीखे सवाल पूछने पर मैडम सुतापा नवनीत सिकेरा की तरफ माइक बढ़ाती है और सिकेरा एसएसपी प्रवीण कुमार की तरफ . सिकेरा इस तरह की कई फर्जी कहानी बनाने में पहले भी माहिर रहे है .दो दिन से पुलिस रामसेवक जिसे पुलिस हत्यारा मान रही है अपनी हिरासत में लिए हुए है और उससे अभी तक मृतका का मोबाइल और वो हथियार बरामद नहीं कर पाई जिससे महिला की हत्या की गई थी. यह असली कहानी से ज्यादा फ़िल्मी कहानी लगती है .




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---सुरेश गांधी---

विशेष आलेख : हर रोज हजारों बलात्कार इज्जत की चादर में लपेट कर दफना दिए जाते हैं!

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हमारे देश में स्त्रियों के साथ बलात्कार तो रोज होते हैं, एकाध नहीं हजारों की संख्या में किये जाते हैं, लेकिन कुछ एक बलात्कार की घटनाएं किन्हीं अपरिहार्य कारणों और हालातों में सार्वजनिक हो जाती हैं। जिनके मीडिया के मार्फ़त सामने आ जाने पर औरतों, मर्दोँ और मीडिया द्वारा वहशी बलात्कारी मर्दों को गाली देने और सरकार को कोसने का सिलसिला शुरू हो जाता है। लेकिन हमारा अनुभव साक्षी है की इन बातों से न तो कुछ हासिल हुआ, न हो रहा और न होगा। क्योंकि हम इस रोग को ठीक करने के बारे में  ईमानदारी से विचार ही नहीं करना चाहते!

यदि साहस करके कड़वा सच कहा जाये तो सबसे गंभीर और सोचने वाली बात ये है कि हम बलात्कार को हजारों सालों से पोषित करते रहे हैं।  अत: हमें बलात्कार के प्रसंग में तकनीकी तौर पर नहीं, बल्कि निरपेक्ष भाव से बिना पूर्वाग्रह के एक पुरुष, पति या शासक बनकर नहीं, बल्कि एक पिता, एक माता, एक भाई और सबसे बढ़कर एक मानव बनकर विचार करना होगा कि किन-किन कारणों से आदिकाल से हम एक स्त्री को बलात्कार और मर्द की भोग की वस्तु मात्र ही मानते रहे हैं और खुद स्त्री को भी इसी सोच की पैदा करते रहे हैं या वो पैदा होती रही या ऐसी बनाई जाती रही है। हमें जानना होगा कि हमारी सोच और हमारे अवचेतन मन को रुग्ण करने वाले वे कौनसे ऐसे कारण हैं, जो आज भी बदस्तूर और सरेआम जारी हैं! जिन्हे देश की बहुसंख्यक आबादी न मात्र मानती ही है, बल्कि उन्हें सार्वजनिक रूप से महिमा मंडित भी करती रहती है।

जब तक बलात्कार की इस मूल जड़ को सामूहिक रूप से नहीं काटा जायेगा, हम सभी कभी न कभी एक दूसरे की बहन-बेटियों को अपनी दमित और कुत्सित कामनाओं का यों ही शिकार बनाते रहेंगे और फिर सोशल मीडिया सहित हम सर्वत्र, हर मंच से गरियाते रहने का निरर्थक नाटक भी करते रहेंगे। 

यदि हम में सच कहने की हिम्मत है तो हम सच कहें और देश की आधी आबादी को गुलाम मानने, गुलाम बनाये रखने, उसको बलात्कार तथा भोग की वस्तु मात्र बनी रहने देने और नारी को गुलाम समझने की शिक्षा देने वाले हमारे कथित धर्म ग्रंथों, कथित सांस्कृतिक संस्कारों और कथित सामाजिक (कु) शिक्षाओं के वाहकों को हमें साहस पूर्वक ध्वस्त करना होगा। क्या हम ऐसा करने को तैयार हैं? शायद नहीं!

अभी तक तो ऐसा करने की कोई टिमटिमाती आशा की किरण भी नहीं दिख रही। लेकिन जिस दिन हम ऐसा कर पाये उसके बाद भी हमें हजारों साल पुरानी इस बीमारी के खात्में का अगले कोई पचास सौ साल बाद कुछ सांकेतिक असर दिखेगा। अन्यथा तो नाटक करते रहें कुछ नहीं होने वाला। ये धर्म और संस्कृति जनित मानसिक बीमारी सख्त कानून बनाने या मर्दों या केंद्र सरकार या राज्य सरकारों को कोसने या गाली देने से नहीं मिटने वाली!

यदि हममें हिम्मत है तो इस दिशा में चिंगारी जलाएं करें, अन्यथा घड़ियाली आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा। बलात्कार की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे बलात्कार के कड़वे सच का संकेत मात्र हैं। सच तो ये है की हर रोज हजारों बलात्कार इज्जत की चादर में लपेट कर दफना दिए जाते हैं!




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डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

संपर्क : 09875066111, 
ईमेल : nacbmail@gmail.com, 

विशेष आलेख : शिक्षा की बदहाल होती व्यवस्था

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शिक्षा हासिल करना सभी का मूलभूत अधिकार है। लेकिन आज भी बहुत से बच्चे अपने इस मूलभूत अधिकार से वंचित हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम,2009 के लागू ह¨ जाने के बाद भी देश के सरकारी विद्यालय¨ं अ©र उसमें मिलने वाली शिक्षा की गुणवŸाा की दशा श¨चनीय है। देष के ग्रामीण क्षेत्रों में त¨  स्थिति अ©र भी दयनीय है। अगर जम्मू एवं कष्मीर के सरहदी इलाकों की बात की जाए तो हालात और भी बदतर नजर आते हैं। जम्मू प्रांत का सरहदी जि़ला पुंछ षिक्षा की दृश्टि से आज भी काफी पिछड़ा हुआ है। खनेतर गांव जोकि पुंछ हेडक्र्वाटर से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है षिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करने के लिए काफी है। इसकी जीती जागती मिसाल है खनेतर का हाईस्कूल । इस स्कूल के बारे में गांव के स्थानीय निवासी मोहम्मद अज़ीज चैहान (55) का कहना है कि 1986 में इस स्कूल को हाईस्कूल का दर्जा दिया गया था। 28 साल गुज़र जाने के बाद भी स्कूल की हालत खस्ताहाल ही है। स्कूल में दी जाने भी षिक्षा की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। गौरतलब है कि 2012 में खनेतर गांव को आदर्श गांव का दर्जा दिया गया था। जिसके तहत यहां सभी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाना था। यहां की जनता ने आदर्श गांव की खुषी में काफी सारे विकास के सपने अपनी आंखों में संजोए थे। मगर अफसोस उनके यह सपने आज तक सपने ही बने हुए हैं। 
         
तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के बावजूद भी यहां के लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़कर लिखकर गांव और देष का नाम रोषन करें। मगर षिक्षा का उचित बंदोबस्त न होने की वजह से माता-पिता के साथ उनके बच्चों के सपने भी तार तार हो रहे हैं। गांव में षिक्षा की बदहाली का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खनेतर हाईस्कूल की बिल्डिंग में ग्यारह कमरे हैं जिसमें एक कमरे में कार्यालय, एक में स्टाफ या लैब, एक में लाइब्रेरी, एक में प्रयोगषाला और एक में बावर्चीखाना है जबकि बाकी के छह कमरों में कक्षा 10 तक की कक्षाएं लगती हैं। स्कूल में नवीं के तीन और दसवीं के दो सेक्षन हैं। यह सोचने का विशय है कि 13 कक्षाओं का संचालन 6 कमरों में कैसे होता होगा? इन्हीं हालातों में यहां के बच्चे गर्मी, सर्दी और बरसात के दिनों में षिक्षा ग्रहण करते हैं। इस बारे में स्कूल में पढ़ने वाली 10 वीं कक्षा की छात्रा निकहत बुखारी का कहना है कि नवीं कक्षा के तीन सैक्षन हैं और दसवीं कक्षा के दो। पहली से छठी तक की कक्षाएं बाहर बरामदे में लगती हैं। इसी बारे में  स्कूल के दसवी कक्षा के छात्र एजाज अहमद बताते हैं कि कक्षाएं बरामदे में लगने से बच्चों को सर्दी और बरसात के दिनों में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे हालात¨ं में जहां पर किसी सामान्य इंसान द्वारा एक दिन काट पाना मुश्किल ह¨गा हमारे देश के न©-निहाल शिक्षा ग्रहण करने जैसा महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। वह शिक्षा ज¨ उनके अ©र इस देश के भविष्य का निर्माण करेगी।
              
इस स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल बनाने की मांग काफी लंबे अर्से से हो रही है लेकिन राजनेताओं के ज़रिए अभी तक इस मांग को पूरा नहीं किया गया है। लेकिन जब चुनाव का दौर आता है तो राजनेताओं के ज़रिए जनता की भावनाओं से खेलते हुए यह एलान किया जाता है कि खनेतर हाईस्कूल को हायर सेंकेडरी का दर्जा दे दिया जाएगा । लेकिन हकीकत बिल्कुल इसके उलट है। हाईस्कूल खनेतर में 13 कक्षाएं 6 कमरों में चलती हैं तो क्या ऐसे में स्कूल की बिल्डिंग इसके हायर सेकेंडरी होने की इजाजत देती है। सवाल यह पैदा होता है कि हर बार चुनाव का वक्त नज़दीक आते ही राजनेता जनता से झूठे वादे क्यों करते हैं? खनेतर हाईस्कूल में ही जब इस वक्त बच्चों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है तो इसको हायर सेकेंडरी का दर्जा दिलवाने का झूठा वादा राजनेता क्यों करते हैं, समझ से परे है? खनेतर हाईस्कूल को हायर सेकेन्डरी का दर्जा दिए जाने के बारे में 2003 में इसी स्कूल से सेवानिवृत्त होने वाले पूर्व प्रधानाध्यापक सैय्यद षौकत हुसैन षाह कहते हैं कि खनेतर तहसील हवेली का सबसे बड़ा गांव है। तहसील हवेली में उस वक्त ग्रामीण स्तर पर कोई स्कूल नहीं था फिर भी समय गुज़रने के साथ इस स्कूल को हायर सेकेंडरी का दर्जा अभी तक नहीं दिया गया है। चुनाव का वक्त नज़दीक आने पर तमाम राजनेता आते हैं और वह जनता से झूठे वादे करके चले जाते हैं। वह आगे कहते हैं कि खनेतर की जनता ने इस बार निर्णय किया है कि वह विधानसभा चुनाव में उसी उम्मीदवार को वोट देगी जो खनेतर हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी का दर्जा दिलाएगा। इसी स्कूल से दसवीं पास करने वाली नजमा बुखारी का कहना है कि खनेतर हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी का दर्जा न मिलने की वजह से बच्चों को आगे की पढ़ाई करने के लिए पुंछ या फिर चंडक जाना पड़ता है। खनेतर से पुंछ जाने में बच्चों को गाडि़यों में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। पुंछ हाईस्कूल में खनेतर के छात्र-छात्रओं को एडमिषन न के बराबर मिलता है जिसकी वजह से खासतौर से लड़कियों की पढ़ाई बीच में छूट जाती है।  खनेतर की जनता सरकार से अपील करते हुए कहती कि जल्द से जल्द खनेतर हाईस्कूल की बिल्डिंग के निर्माण का काम पूरा करने के साथ इसको हायर सेकेंडरी का दर्जा भी दिया जाए ताकि यहां के आगे की पढ़ाई हासिल कर अपना भविश्य संवार सकें। खनेतर में कुल तीन पंचायते हैं और यह क्षेत्र  चुनाव में हवेली तहसील हवेली के उम्मीदवार की जीत में एक अहम रोल अदा करता है। बावजूद इसके इस क्षेत्र  से जनप्रतिनिधियों की इतनी बेरूखी समझ से परे है। यहां की जनता सरकार से अपील करते हुए कहती है कि क्या खनेतर क्षेत्र  हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं, अगर है तो अब तक हम मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों हैं ?



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अनीस-उल-हक़
(चरखा फीचर्स)

हादसे की जांच से पहले निष्कर्ष पर न पहुंचें : पुतिन

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Vladimir Putin
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मलेशियाई विमान हादसे की जांच पड़ताल पूरी होने तक सभी पक्षों से जल्दबाजी में निष्कर्ष पर न पहुंचने और राजनीतिक बयानबाजी से बचने की अपील की है। क्रेमलिन प्रेस सेवा की ओर जारी बयान से रविवार को यह जानकारी सामने आई। 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बयान में कहा गया है, "रूस ने इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) की जांच में मदद जारी रखने की अपनी वचनबद्धता दर्शाई है। जांच पूरी होने तक जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचने और राजनीतिक बयानबाजी से बचना महत्वपूर्ण है।"

पुतिन ने यूक्रेन में जारी संकट के मुद्दे पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से रविवार रात चर्चा की। दोनों नेताओं ने यथासंभव अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के साथ समस्या के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।

रूस के राष्ट्रपति ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी फोन पर बातीचीत की, जिस दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि यूक्रेन संकट में शामिल सभी पक्ष विमान हादसे की जांच का माहौल तैयार करने और घटनास्थल पर मौजूद विशेषज्ञों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करे। 

गौरतलब है कि मलेशियाई विमान गुरुवार को रूसी सीमा के नजदीक पूर्वी यूक्रेन में दुर्घटनाग्रस्त हो कर गिर गया था, जिसमें 298 यात्रियों की मौत हो गई थी। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि इस विमान को रॉकेट हमले से गिराया गया। 

राज्यसभा में गाजा मुद्दे पर चर्चा शुरू

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राज्यसभा में सोमवार को गाजा पट्टी के मौजूदा संकट पर चर्चा शुरू हुई। इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई थी। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गाजा पट्टी पर सभी तरफ से हमले हो रहे हैं। उन्होंने पूछा, क्या भारत की विदेश नीति में बदलाव हो गया है? 

उन्होंने कहा, "यह दुनिया का एक छोटा हिस्सा है और इस पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं। क्या भारत की विदेश नीति बदल गई है? जो नीति जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के समय में थी, क्या वह बदल गई है?"आजाद ने कहा कि भारत में विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का आधा हिस्सा पश्चिमी एशिया से आता है। हमें हमले की निंदा करनी चाहिए और प्रस्ताव पारित करनी चाहिए।

इस मुद्दे को पिछले बुधवार को राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल किया गया था, लेकिन सरकार के यह कहे जाने पर कि वह इस पर चर्चा नहीं चाहती है, यह टल गया था।  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा के सभापति एम.हामिद अंसारी को पत्र लिख कर इस पर चर्चा न कराने का अनुरोध किया था। हालांकि, सभापति ने उनका अनुरोध नहीं स्वीकारा। केंद्र सरकार फिर सोमवार को इस पर चर्चा कराने के लिए तैयार हुई। 

दिल्ली में मणिपुरी युवक की पीट कर हत्या

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मणिपुर के 29 वर्षीय युवक को पांच-छह लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने सोमवार को बताया कि दक्षिण दिल्ली के मुनिरका में रहने वाले शालोनी का कोटला मुबारकपुर इलाके में कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद कथित तौर पर उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई। घटना तड़के करीब 2.30 बजे की है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी एक सफेद रंग की कार में कोटला मुबारकपुर इलाके में गुरुद्वारा रोड के पास बिग एप्पल नाम की दुकान पर आए थे। शालोनी के साथ झगड़ा होने के बाद उन्होंने उसे बुरी तरह पीटा दिया। शालोनी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।

शालोनी का शव पोटमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उसके परिजनों के दिल्ली पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिसके लिए एक मेडिकल टीम गठित की गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त रॉबिन हिबू ने कहा, "पुलिस को तड़के लगभग 2.30 बजे झगड़े की सूचना मिली। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची, तो वहां पीड़ित युवक को अचेत अवस्था में पाया। उसे पीसीआर वैन में एम्स ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।"

उन्होंने बताया, "घटना के बाबत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना के हर पहलू की जांच की जाएगी, क्योंकि मामला त्वरित उत्तेजना का नहीं लगता है।" शालोनी एक बीपीओ कंपनी में काम करता था और घटना के समय वह कार्यालय से घर लौट रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "शालोनी के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स की जांच कराई जा रही है। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है।" पुलिस ने घटनास्थल के पास स्थित दुकान के बाहर लगे एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी जब्त की है। इससे पहले जनवरी महीने में इसी तरह की एक अन्य घटना में अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले 19 वर्षीय छात्र नीडो तानिया की मौत हुई थी।

केजरीवाल ने जंग से विधानसभा भंग करने की मांग की

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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से कहा कि दिल्ली विधानसभा भंग करने में हो रहे विलंब से विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशें बढ़ रही हैं। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, "मैंने उन्हें बताया कि विधानसभा भंग करने में विलंब से खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिल रहा है।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस दावे पर कि वह सरकार बनाने की स्थिति में है, केजरीवाल ने जानना चाहा कि दिल्ली में किस फार्मूले के तहत सरकार बन सकती है। केजरीवाल ने कहा कि जंग ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। 

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जंग से मुलाकात ऐसे समय में की है, जब एक दिन पहले भाजपा ने कहा था कि वह दिल्ली में सरकार बनाना चाहती है और चुनाव के लिए भी तैयार है। केजरीवाल ने अपने सभी अन्य 26 विधायकों के साथ जंग से मुलाकात की। आप ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें जीती थीं, लेकिन एक विधायक विनोद कुमार बिन्नी को बाद में पार्टी से निकाल दिया गया था। केजरीवाल भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह विपक्षी विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जंग के साथ उनकी बातचीत अच्छी रही है। 

उन्होंने कहा, "उपराज्यपाल से मुलाकात की। बातचीत अच्छी रही। वह अब भाजपा को बातचीत के लिए बुलाएंगे। अगर भाजपा दावा करती है कि वह सरकार बना सकती है, तो उपराज्यपाल उनसे संख्या दिखाने के लिए कहेंगे।"केजरीवाल ने कहा, "हमने उपराज्यपाल के सामने सभी विधायकों को पेश किया और उन्हें बताया कि ये कहीं नहीं जा रहे।"केजरीवाल ने यह भी जानना चाहा है कि भाजपा आखिर नए सिरे से चुनाव कराने को उत्सुक क्यों नहीं नजर आती।  आप के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "आप के विधायक किसी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे।"

उल्लेखनीय है कि जनलोकपाल विधेयक विधानसभा में पारित न हो पाने की स्थिति में केजरीवाल ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास अब 28 सदस्य हैं, इसके तीन सदस्य मई में हुए आम चुनाव में निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंच गए हैं।

बिहार : अपहरण की आरोपी महिला पीएमसीएच से महिला गायब

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बिहार के जहानाबाद में पुलिस के सामने भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर पिटी गई महिला पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई है। महिला पर दो युवकों के अपहरण और हत्या का आरोप है। पटना के पीरबहोर थाना प्रभारी नेसार अहमद ने सोमवार को संगीत देवी के गायब होने की पुष्टि करते हुए बताया कि शुरुआत में उसका उपचार आपातकालीन कक्ष में चल रहा था, लेकिन रविवार को ही उसे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। वह सुबह में रहस्यमीय ढंग से गायब हो गई। महिला की तलाश की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि जहानाबाद के निजामुद्दीन गांव के अलगना मोड़ के समीप 40 वर्षीय संगीता के घर बुधवार रात अज्ञात लोग घुस गए और घर में तोड़फोड़ की, उसे खींचते हुए बाहर ले आए और निर्वस्त्र कर उसकी पिटाई की। इस दौरान उसके एक साथी की भी पिटाई की गई। दोनों का इलाज पीएमसीएच में चल रहा था। 

संगीता पर दो युवकों के अपहरण का आरोप है। बाद में इन दोनों युवकों का शव पटना से बरामद किया गया। माना जा रहा है कि इसी आरोप के कारण नाराज भीड़ ने महिला पर हमला किया था।बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने युवकों की हत्या और महिला पर हुए हमले की जांच तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

न्यायपालिक में भ्रष्टाचार पर राज्यसभा में हंगामा

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न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते हुए एआईएडीएमके के सदस्य इस मुद्दे को लेकर हंगामा करने लगे। सभापति हामिद अंसारी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। सभापति ने यह भी कहा कि कुछ सदस्य नियमों के विरुद्ध जाकर हंगामा कर रहे हैं, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है।

गौरतलब है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू ने रविवार को न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए तमिलनाडु में एक जिला न्यायाधीश की नियुक्ति का मामला उठाया था। काटजू ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि न्यायाधीश को तमिलनाडु में एक प्रभावी राजनेता से समर्थन हासिल है और न्यायाधीश ने एक बार एक उन्हें जमानत भी दी थी।
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